कारवार ितभा - Konkan Railway

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1 कारवार ितभा ई पका आठवां अंक

Transcript of कारवार ितभा - Konkan Railway

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कारवार ितभाई प काआठवा अक

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प का प रवार

म य सर क ी सजय ग ा अ य एव बध िनदशक क कण रलव

परामश ी द पक पाठ म य राजभाषा अिधकार

ी बी बी िनकम ीय रल बधक कारवार

माग दश क

ी एम जी पाल व र ीय राजभाषा अिधकार ी दश न ठाकोर सहायक यातायात बधक

सपादकसतीश एकनाथ धर हद अनवादक

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अ य एव बध िनदशक जी का सदशयह हष का वषय ह क क कण रलव क कारवार क वा ष क ई-

प का lsquoकारवार ितभाrsquo क आठव अक का काशन कया जा रहा हइसक काशन म सहयोग दान करन वाल रचनाकार लखक एवरलकिम य को मर ओर स हा द क बधाईlsquoकारवार ितभाrsquo का काशन वगत सात वष स कया जा रहा ह

इस प का न राजभाषा हद काया वयन क म अपनी उ लखनीयपहचान बनाई ह इसन न िसफ कािम क क बीच सश सवाद सत क भिमका िनभायी ह वरन पाठक क बीच मानवीय सवदनाओ को जागतकरन का मह वपण काय कया हमरा मानना ह क ढ़ िन य होकर सभी क सहयोग स िनधा रत

ल य क साथ कोई काय कया जाए तो सफलता अव य ा होती हइसी म म मर अप ा ह क क कण रलव जस तरह स रलव क हर म लगातार क ित मान बना रह ह उसी तरह राजभाषा क म भीलगातार क ित मान बनाती रहमरा व ास ह क क कण रलव क सभी अिधकार और कम चार

राजभाषा चार- सार एव उसक काया वयन क ज मदार को ईमानदार स िनभात हए िनरतर उ च तर क यास क मा यम स ऊची स ऊचीउड़ान भर गमझ आशा ह क आप सभी सधी पाठक को lsquoकारवार ितभाrsquo का आठवाअक बहद पसद आएगा म अपनी शभकामनाओ क साथ lsquoकारवार ितभाrsquo प का क िनरतर काशन और उ जवल भ व य क सखदकामना करता ह

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ीय रल बधक क कलम स हद आज व भाषा क प म ित त ह ससार म सबस अिधकबोली और समझी जानवाली भाषाओ म हद का दसरा थान ह इसभाषा क वकास और चार क िलए सदा य शील रहना हमारा कत यह हद भाषा हमार पहचान का तीक ह और यह भाषा भारतीयस कित क भी पहचान ह यह पहचान अ मता का िनमाण करती हऔर अ मतावान समाज और रा अ य क तलना म अिधक गितऔर वकास करत ह य भाषा क ारा मन य न कवल एक-दसर क वचार ह नह जानलत वरन उसक सहायता स उनक नय वचार भी उ प न होत ह कसी वषय को सोचत समय हम एक कार का मानिसक सभाषण करतह जसस हमार वचार आग चलकर भाषा क प म कट होत ह कारवार क ई हद प का ldquo कारवार ितभा rdquo क 8 व अक कोअिधक आकष क और स िचपण बनान क िलए सबिधक किम य कोहा द क ध यवाद दता ह आशा करता ह क इस प का क रचनाय लख ानव क और पसद ह ग

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अन म णका

1 ईमानदार - एक जीवन शली2 सबस श और व ान स मत भाषा ह ह द 3 सपक भाषा क प म हद 4 वदश म हद क चार- सार क थित5 राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक 6 हद का व तार और वकास7 तकनीक मा यम म हद 8 राजभाषा पखवाडा9 भाषा- क वता

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ईमानदार ndash एक जीवन शली

ईमानदार पर जीवन भर बहत सी मह वपण भिमका िनभाती ह जसखली आख स आसानी स बहत प प स दखा जा सकता ह समाजक लोग ारा ईमानदार कहा जाना उस य क िलए सबस अ छाप रपरक ह यह उस य क ारा जीवन म कमाई हई वा त वकस प ह जो कभी भी ख म नह होती ह आजकल समाज म ईमानदार क कमी लोग क बीच अ तर का सबस बड़ा कारण ह यहअिभभावक -ब च और व ािथ य -िश क क बीच उिचत पार प रकस पक क अभाव क कारण ह ईमानदार कोई व त नह ह जस खर दाया बचा जा सक इस धीर-धीर ब च म एक अ छ आदत क प म वकिसत करन क िलए कल और घर सबस अ छ थान ह घर और कल व थान ह जहा एक ब चा नितकता को सीखता ह इस कारिश ा णाली म ब च को नितकता क कर ब रखन क िलए कछआव यक रणनीित होनी चा हए ब च को उनक बचपन स ह घर और कल म अिभभावक और िश क क मदद स ईमानदार होन क िलएउिचत तरह स िनद श दन चा हए कसी भी दश क यवा उस दश कभ व य होत ह इसिलए उ ह नितक च र को वकिसत करन क िलएबहतर अवसर दन चा हए ता क व दश का बहतर तर क स नत व करसक ईमानदार मन य क सम याओ का स चा समाधान ह आजकलकवल ईमानदार लोग क स या म कमी होन क कारण समाज म यक जगह ाचार और बहत सी सम याए ह इस तज और ितयोगी वातावरण म लोग नितक म य को भल गए ह सभी चीज को ाकितक तर क स चलन दन क िलए इस बात पर पन व चार करनाबहत आव यक ह क समाज म ईमानदार को वापस कस लाया जाएlsquoईमानदार एक सव नीितrsquo ह यह कहावत तो हमन सनी ह होगी औरइस सव नीित को अगर हम अपनी जीवनशली बना ल तो फर कहनाह या हमारा जीवन ध य हो सकता ह ईमानदार एक गण ह नह ब क एक आचरण ह अगर हमार जीवनशली ईमानदार य ह तो

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हमार चार तरफ का वातावरण सकारा मक ह बनगाईमानदार व ास का दसरा पया य ह अगर हम अपन जीवन म ईमानदार ह तो हम पर लोग सहज प स व ास कर ग बईमानी सकाय करन स जीवन म एक अपराध बोध रहता ह जो जदगी भर हमारापीछा नह छोड़ता और हमार मन को नकारा मकता स भर दता ह यनकारा मकता का प रणाम जीवन म कभी ना कभी भोगना ह पड़ता हय द हम ईमानदार स रह ग तो हमार अदर कोई भी अपराध बोध नह रहगा और हम सकारा मक होकर सोच ग यह सकारा मकता हमार सफलता का माग श त करगीईमानदार को अगर हम अपनी जीवनशली बना ल तो यह हमार जीवनम अनक प स मदद कर सकती ह यह जीवन म हम अ छ और उ चगण वाल िम को िमलान म मदद करती ह ईमानदार लोग म हमारा व ास कायम करती ह जसस हम समाज म मान-स मान और ित ा ा होती ह ईमानदार हमार अदर एक आ म व ास का िनमा ण करतीह जसस हम और अिधक ढ़ता स अपन ल य क ओर अ सर होत ह ईमानदार हमार अदर लोक क याण क भावना का वकास करती ह औरहमार अदर म एव दया उ प न करती ह य क जो य ईमानदार हवह कभी कसी का अ हत नह सोच सकता वह सदव दसर का हत ह करगा ईमानदार हमार आ म सत का भी एक मह वपण उपाय हअगर हम ईमानदार स अपना जीवन यतीत कर तो हमार जीवन म शाित और सत होगीहाला क आज क यग म ईमानदार स रहना बड़ा ह क ठन ह ल कनईमानदार स रहना असभव नह श म हम इसक पालन म काफ क ठनाइया हो सकती ह ल कन धीर-धीर हमार ईमानदार स रहन क व वकिसत हो जाएगी तो हम ईमानदार स चलन म क ठनाई नह ब क आनद आएगा इसिलय ईमानदार एक गण ह नह ब क एकजीवनशली ह

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सामा जक और आिथ क स तलन को बनान क िलए लोग को ईमानदार क म य को समझना होगा लोग क ारा ईमानदार का अनसरण करनाबहत आव यक ह य क यह आधिनक समय क अिनवाय आव यकताबन गई ह यह एक अ छ आदत ह जो एक य को क ठनप र थितय को सलझान और सभालन म पया स म बनाती ह

(दामोदर नाईक)वय क सिचव कारवार

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सबस श और व ान स मत भाषा ह ह द

ह द आज भारत म ह नह ब क व क वराट फलक पर अपनअ त व को आकार द रह ह आज ह द व भाषा क प म मा यता ा करन क ओर अ सर ह अब तक भारत और भारत कबाहर सात व ह द स मलन आयो जत हो चक ह वत मान म आिथ क उदार करण क यग म बहरा ीय दश क कपिनय नअपन दश (अम रका टन ास जम नी चीन आ द) क शासक परदबाव बढ़ाना श कर दया ह ता क वहा ह द भाषा का चार- सारतजी स बढ़ और ह द जानन वाल एिशयाई दश व अपना यापारउनक भाषा म सगमता स कर सक अतरा ीय तर पर ह द क गित य द इसी कार होती रह तो वह दन दर नह जब ह द सय रा सघ म एक अिधका रक भाषा का प हािसल कर लगी वत मान म मातभा षय क स या क कोण स व क भाषाओ म मदा रन[चीनी] भाषा क बाद ह द का दसरा थान हचीनी भाषा क बोलनवाल क स या ह द भाषा क बोलन वाल स अिधक ह पर तमदा रन भाषा का योग ह द क तलना म सीिमत ह और अ ज़ीभाषा का योग ह द क अप ा अिधक ह क त ह द कमातभा षय क स या अ ज़ी भा षय स अिधक हआज व क तर पर यह िस हो चका ह क ह द भाषा अपनी िल पऔर व या मकता (उ चारण) क िलहाज स सबस श और व ानस मत भाषा ह हमार यहा एक अ र स एक ह विन िनकलती ह औरएक बद (अन वार) का भी अपना मह व हदसर भाषाओ म यहव ािनकता नह पाई जाती अतरा ीय तर पर ा भाषा अ ज़ी को ह दख वहा एक ह विन क िलए कतनी तरह क अ र उपयोग म लाएजात ह जस ई क विन क िलए ee (see) i (sin) ea (tea) ey (key) eo

(people) इतन अ र ह क एक ब च क िलए उ ह याद रखना म कलह इसी तरह क क उ चारण क िलए तो कभी c (ca) तो कभी k(king) ch का उ चारण कसी श द म क होता ह तो कसी म च ऐस

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स कड़ उदाहरण आ य क बात ह क ऐसी अिनयिमत और अ यव थतम कल अ जी हमार ब च चार साल क उ म सीख जात ह ब कअब तो वदश म भी हद तानी ब च न पिल स म व तर पर रकॉड कायम कए ह जब क इ ल ड म कली िश काए भी अ ज़ी क सह पिल स िलख नह पातीहमार यह अ जी भाषा क धरधर ब च कॉलज म पहचकर भी ह द म मा ाओ और ह ज क गलितया करत ह और उ ह सह ह द नह आती जब क ह द सीखना दसर अ य भाषाओ क मकाबल कह यादाआसान ह ऐस म ह द क उप ा और उसक रा भाषा न बन पान ककारण का व रत और ग भीरता पव क अ ययन कर समा कर ह द को ह द तान क म तक पर सजाना होगावब व ापन िसनमा औरबाजार क म हद क माग जस तजी स बढ़ ह वसी कसी औरभाषा म नह व क लगभग 150 व व ालय तथा सकड़ छोट-बड़क म व व ालय तर स लकर शोध तर तक हद कअ ययन-अ यापन क यव था हई ह वदश म 35 स अिधकप -प काए लगभग िनयिमत प स हद म कािशत हो रह ह यएईम हम एफ-एम ह द र डयो सारण सवा ह इसी कार बीबीसीजम नी क डायच वल जापान क एनएचक व ड और चीन क चाइनार डयो इटरनशनल क हद सवा वशष प स उ लखनीय ह वदश म चालीस स अिधक दश क 600 स अिधक व व ालय और कल म ह द पढ़ाई जा रह ह व क मानिच म ास का एक वशष थान ह ास क प रस शहरम सौरबन व व ालय म 3 वष क पा य म क अलावा पीएचड किलए शोध क भी यव था ह lsquorsquoप रस क ा य भाषाओ एव स यताओक रा ीय स थानrsquorsquo म हद म 2 वष का स ट फकट कोस 3 साल का ड लोमा 4 साल म उ च ड लोमा 5 साल और 6 साल क उ चअ ययन क िश ण क भी यव था ह

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जापान जापान क टो यो और ओसाका व व ालय म हद का छहवष य कोस ह इसक अलावा अ य व व ालय एव कॉलज म हद वक पक वषय क प म तीय एव ततीय भाषा क प म पढ़ाई जातीह सन 1992 क कर ब जापान का एक हद कॉलर काफ समय तकभारत म रहन क उपरात िशकागो गया और वहा पर हद का एक वहतप तकालय दखकर उस जापानी व ान न भारत म अपन एक िम ोफ़सर को प िलखा था क यहा क हद प तकालय को दखकर द ली व व ालय क प तकालय को शिम दा होना पड़गा तो ऐसी ह हमार रा भाषा हद कनाडा कनाडा क यिनविस ट आफ टश कोल बया म हद का 2 वष का पा य म ह मॉ यल व व ालय म ारिभक तर पर औरअटावा शहर म बन मकल हद हाई कल म 1971 स सभी क ाओ म और टोरटो शहर क कछ कल म भी हद पढ़ाई जाती हसय रा य अम रका सय रा य अम रका क 30 व व ालय म उ च इटरमी डएट एव ारिभक तर पर एक वषय क प म पढ़ाईजाती ह सय रा य अम रका म यन व व ालय म 1815 स ह ह द क यव था ह 1875 म कलाग न ह द भाषा का याकरणतयार कया थाअमर का स ह द जगत कािशत होती ह किलफोिन याकोल बया व कॉ सन पनिसलविनया वज िनया ट सास वािशगटनऔर िशकागो आ द व व ालय म हद का भाषा क त अ यन होताहनाव नाव क ओसलो व व ालय म मा टर ड ी क िलए हद कापठन-पाठन कया जाता ह तथा कछ अ य शहर म भी ाथिमक तरक कल म हद पढ़ाई जाती ह वीडन क काटहोम व व ालय म हद का आधारभत पा य म पढ़ाया जाता ह उ पसला व व ालय म हद पढ़ाई जाती हद ण अ का द ण अ का क यिनविस ट आफ डरबन म [डरबनशहर] म नातक और नातको र ड ी क िलए ह द पठान क

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यव था ह 50 व ालय म रा भाषा चार सिमित वधा क पर ाओक िलए हद पढ़ाई जाती हजम नी जम नी क ह बो ट व व ालय बिल न थत व व ालयबिल न थत ह लीप जग व व ालय मा ट नलथर व व ालय बान व व ालय हाईडलबग व व ालय और ह बग व व ालय म िनयिमत प स हद पढ़ाई जाती ह यहा क अ य कई व व ालय म भी हद पढ़ाई जाती ह

स स म मा को थत lsquorsquo ा य अ ययन स थानrsquorsquo और पतरबग थत lsquorsquo ा य भाषा स थानrsquorsquo म 1920 स हद पढ़ाई जा रह ह ला दवो तोक टट यिनविस ट म भी हद पढ़ाई जाती ह

व ज़रल ड व ज़रल ड म लवसान और य रख क व व ालय म हद क ारिभक पा य म पढ़ाय जात ह

ऑ िलया ऑ िलया क कनबरा थत व व ालय म नातक तरपर ऐ छक वषय क प म हद का अ ययन होता ह ला ोव मोनाशतथा वीसल ड क व ापीठ म भी हद पढ़ाई जाती ह अ य दशो जसडनमाक पोल ड चक गणरा य हगर द ण को रया म सको यबाब जयम ऑ या फनल ड रोमािनया ोिशयागणरा य मगोिलयाउ ब क तान तजा क तान तक थाईल ड र यिनयम अज ट ना सऊद अर बया ओमान बहर न मलिशया ताइवान िसगापर क या कवतइराक ईरान तजािनया जा बया बहर न बो सवाना और इडोनिशया क कल म हद का अ यापन होता हदश पा क तान क कराची लाहौर व व ालय तथा इ लामाबाद क कल ऑफ मॉडन ल वजस म स ट फकट और ड लोमा तर पर हद पढ़ाई जाती ह ीलका म ड ी कोस तक हद पढ़ाई जाती ह हमारपड़ोसी नपाल क भवन व व ालय म नातको र और पीएचड तकक हद स वधा ह बा लादश म हद का 4 वष य कोस ह भटान क 8 कल तथा बमा क म दर धम शालाओ व गर सरकार कल म हद

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पढ़ाई जाती ह तो यह ह हमार पड़ोसी दश म हद क थित कछऐस भी दश ह जहा बड़ स या म भारतीय रहत ह और वहा भाषा कसाथ साथ भारतीय स कत को भी आग बढ़ा रह ह वहा हद म प प काए भी िनकलती ह जस मार शस फजी सर नाम गयाना िनदाद और टोबगो हद का भ व य उ वल ह अगर हद क वकास म कोई बाधा ह तो वय हम भारतीय जो अ जी का मोह नह छोड़ पात हम वय हद क उप ा करत ह हमार घर म हमार ह मा उप त ह और दसर क मा अ जी को हम मा-मा कहकर िच लात ह जो हम मौसी जसा भीभाव नह दती कसी व ान न कहा था कndash lsquoअगर कसी को गलामबनाना ह तो पहल उसक भाषा व स कित को न कर दोrsquo वह खदगलाम हो जाएगा वह अ ज न कया हमार भाषा व स कत को वकत कर दया वह जात-जात अपना काम कर चक थ अ जी अपनापर पसार चक थी और आज अ जी क या थित ह सब जानत ह सबस यादा अ वासी भारतीय का हद क वकास म योगदान ह हमारदश म म यवग य प रवार क लोग अपन ब च को अ जी मा यम सपढ़ात ह हद मा यम स पढ़ान म खद को ह न महसस करत ह इसम भारत सरकार क कमजोर ह हर सरकार काया लय म यादातर काय अ जी म ह कए जात ह जहा भी नौकर क िलए जाइय पहला सवालयह होता ह- अ जी आती ह क नह अगर नह तो समझो नौकर नह िमलगी इसिलए हद वाल क मन म ह न भावना घर कर गईआज हर गर ब-अमीर आदमी अपन ब च को का व ट कल म भजनाचाहता ह यह कारण ह क आजाद क 70 साल बाद भी हद रा भाषानह बन पाई इस मामल म हम चीन स सबक लन क ज रत ह जोअपनीरा भाषा क ित क टब ह अ ज न जस अ जी को अतरा ीयभाषा बनाया उसी तरह अगर हम हद का योग खलकर हर जगह कर पढ़-पढ़ाए हद क ित समप ण रणा ल और द फर वह दन दरनह जब दिनया वाल हद क पीछ भाग ग और हद एक था पतअतरा ीय भाषा होगी ज रत ह तो अपनी रा भाषा क ित ढ़िन यी

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होना म होना ह द को लकर िनराश नह होना और उ साह होना

(द पक ताबोसकर)किन अिभयता

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सपक भाषा क प म हद भाषा क सामा य प रभाषा म यह कहा जा चका ह क lsquoभाषा मन य क वचार- विनमय और भाव क अिभ य का साधन हrsquo स पक भाषाका आशय जनभाषा ह कसी का सामा य य चिलत शली म जो भाषा बोलता ह वह जनभाषा ह दसर श द म वशष क सपक भाषा ह जनभाषा ह इसिलए ज र नह क जनभाषा श सा ह यक प वाली ह हो या वह याकरण क िनयम स बधी होस पक भाषा या जनभाषा वह भाषा होती ह जो कसी दश या दशक ऐस लोग क बीच पार प रक वचार- विनमय क मा यम का कामकर जो एक दसर क भाषा नह जानत दसर श द म विभ नभाषा-भाषी वग क बीच स परषण क िलए जस भाषा का योग कयाजाता ह वह स पक भाषा कहलाती ह इस कार lsquoस पक भाषाrsquo क सामा य प रभाषा होगी lsquoएक भाषा-भाषी जस भाषा क मा यम स कसी दसर भाषा क बोलन वाल क साथ स पक था पत कर सक उसस पक भाषा या जनभाषा (Link Language) कहत ह rsquo बकौल डॉपरनचद टडन lsquoस पक भाषा स ता पय उस भाषा स ह जो समाज क विभ न वग या िनवािसय क बीच स पक क काम आती ह इस स िभ न-िभ न बोली बोलन वाल अनक वग क बीच ह द एक स पक भाषा ह और अ य कई भारतीय म िभ न-िभ न भाषाए बोलन वाल क बीच भी स पक भाषा हrsquo डॉ मह िसह राणा न स पक भाषा कोइन श द म प रभा षत कया ह lsquoपर पर अबोधग य भाषा या भाषाओक उप थित क कारण जस स वधाजनक विश भाषा क मा यम सदो य दो रा य कोई रा य और क तथा दो दश स पक था पतकर पात ह उस भाषा वशष को स पक भाषा या स पक साधक भाषा(Contact Language or Interlink Language) कहा जा सकता हrsquo भारतएक बहभाषी दश ह और बहभाषा-भाषी दश म स पक भाषा का वशषमह व ह अनकता म एकता हमार अनपम पर परा रह ह वा तव म सा कितक स सारा भारत सदव एक ह रहा ह हमार इस वशाल

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दश म जहा अलग-अलग रा य म िभ न-िभ न भाषाए बोली जाती ह और जहालोग क र ित-र वाज खान-पान पहनाव और रहन-सहन तकम िभ नता हो वहा स पक भाषा ह एक ऐसी कड़ ह जो एक छोर सदसर छोर क लोग को जोड़न और उ ह एक दसर क समीप लान काकाम करती ह-

डॉ भोलानाथ न स पक भाषा क योग को तीन तर पर वभा जत कया ह एक तो वह भाषा जो एक रा य (जस महारा या असम) सदसर रा य (जस बगाल या असम) क राजक य प - यवहार म कामआए दसर वह भाषा जो क और रा य क बीच प - यवहार कामा यम हो और तीसर वह भाषा जसका योग एक दश का य दसर दश क य स अपन िनजी काम म कर आजाद क लड़ाई लड़त समय हमार यह कामना थी क वत रा क अपनी एकरा भाषा होगी जसस दश एकता क स म सदा क िलए जड़ा रहगामहा मा गाधी लोकमा य ितलक नताजी सभाषच बोस आ द सभीमहाप ष न एक मत स इसका समथ न कया य क ह द हमारसामा जक सा कितक धािम क आ दोलन क ह नह अ पत रा ीयचतना एव वाधीनता आ दोलन क अिभ य क भाषा भी रह हभारत म lsquo ह द rsquo बहत पहल स पक भाषा क प म रह ह औरइसीिलए यह बहत पहल स lsquoरा भाषाrsquo कहलाती ह य क ह द क साव दिशकता स पण भारत क सामा जक व प का ितफल हभारत क वशालता क अन प ह रा भाषा वकिसत हई ह जसस उ रद ण पव और प म कह भी होन वाल मल - चाह वह याग म कभहो अथवा अजमर शर फ क दरगाह हो या विभ न दश क हमार सा कितक एकता क आधार तभ तीथ थल ह - सभी थान परआदान- दान क भाषा क प म ह द का ह अिधकतर योग होता हइस कार इन सा कितक पर पराओ स ह द ह साव दिशक भाषा क प म लोक य ह वशषकर द ण और उ र क सा कितक स ब ध क ढ़ खला क प म ह द ह सश भाषा बनी ह द का

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व तत ह स पक भाषा ह द का आयाम जनभाषा ह द सबस यापक और लोक य ह जसका सार ीय तथा रा ीय तर सबढ़कर भारतीय उपमहा प तक ह िश त अध िश त अिश त तीन वग क लोग पर पर बातचीत आ द क िलए और इस कार मौ खकमा यम म जनभाषा ह द का यवहार करत ह भारत क िल व ाकाल वज आव वाइडर क यिनकशन पन इ डयन ल वज अ तर ादिशकभाषा लोकभाषा भारत- यापी भाषा अ खल भारतीय भाषा- य नामlsquoजनभाषाrsquo ह द क िलए य होत ह हमार दश क बहभा षकता क ढाच म ह द क विभ न भौगोिलक औरसामा जक क अित र भाषा- यवहार क म भी स पक िस का ऐसा काय िन पा दत कर रह ह जसका न कवल कोई वक पनह अ पत जो ह द क व वध भिमकाओ को सम ता क साथिन पत करन म भी समथ ह ह द न पछल हजार वष म वचार- विनमय का जो उ रदािय विनभाया ह वह एक अनठा उदाहरण ह कछ लोग क यह धारणा ह क ह द पहल lsquoरा भाषाrsquo कहलाती थी बाद म इस lsquoस पक भाषाrsquo कहाजान लगा और अब इस lsquoराजभाषाrsquo बना दन स इसका सीिमत होगया ह व तत यह उनका म ह जसा क पहल उ लख कया जाचका ह क ह द स दय स स पक भाषा और रा भाषा एक साथ रह हऔर आज भी ह भारत क स वधान सभा ारा 14 िसत बर 1949 कोइस राजभाषा क प म वीकार कर लन स उसक योग का और व तत हआ ह जस बगला तिमल तलग क नड़ मलयालम आ द को मश बगाल तिमलनाड कना टक करल आ द क राजभाषा बनाया गयाह ऐसा होन स या उन भाषाओ का मह व कम हो गया ह िन यह नह ब क इसस उन सभी भाषाओ का उ रदािय व और योग पहल स अिधक बढ़ गया ह जहा पहल कवल पर पर बोलचाल म कामआती थी या उसम सा ह य क रचना होती थी वह अब शासिनककाय भी हो रह ह यह थित ह द क भी ह इस कार ह द

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स पक और रा भाषा तो ह ह राजभाषा बनाकर इस अित र स मान दान कया गया ह इस सग म डॉ सरश कमार का कथन बहत ह ासिगक ह lsquo ह द को कवल स पक भाषा क प म दखना भलहोगी ह द आधिनक भारतीय भाषाओ क उ व काल स म यदश किनवािसय क सामा जक स परषण तथा सा ह यक-सा कितक अिभ य क भाषा रह ह और अब भी ह भाषा-स पक क बदली हईप र थितय म (जो पहल फ़ारसी-तक -अरबी तथा बाद म म य प सअ जी क साथ स पक क फल व प वकिसत हई) तथा वत भारतीयगणरा य म सभी भारतीय भाषाओ को अपन-अपन भौगोिलक म यावसाियक और सा कितक यवहार क अिभ य क िलए योग म लान क िनण य क बाद ह द का स पक भाषा काय गण औरप रमाण क स इतना वकिसत हो गया ह क उसक स ब ध म िच तन तथा अनवत काय एक स ा तक और यावहा रक आव यकताबन गए ह rsquo वा तव म भाषा स पक क थित ह कसी स पक भाषाक उ व और वकास को रत करती ह या एक स ित त भाषा कस पक काय को सप करती ह ह द क साथ दोन थितय कास ब ध ह आ त रक तर पर ह द अपनी बोिलय क यवहारकता ओक बीच स पक क थापना करती रह ह और अब भी कर रह ह तथाबा तर पर वह अ य भारतीय भाषा भाषी समदाय क म य एकमा स पक भाषा क प म उभर आई ह जसक अब व वध आयाम वकिसत हो चक ह कल िमलाकर ह द का वत मान गौरवपण हउसक भिमका आज भी सामा य-जन को जोड़न म सभी भाषाओ क अप ा सबस अिधक कारगर ह

( या पोकल) हद अनवादक बलापर

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वदश म हद क चार- सार क थितसतोष ह करना हो तो यह बात कम नह क ह द व क तीस सअिधक दश म पढ़ -पढ़ाई जाती ह लगभग 100 व व ालय म उसकिलए अ यापन क खल हए ह अकल अमर का म लगभग 20 क म उसक अ ययन अ यापन क यव था ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड जस दश म भारत मल क िनवािसय क उ लखनीय स याहोन क कारण वहा ह द वतः स नह चा रत होता ह व क यक मख दश म हमार दतावास ह जनस राजनीितक सदभ क अित र यह भी आशा क जाती ह क व ह द क चार सार क ओर भी यान द ग और अपन भारत क सामा जक स कित और भारत क रा भाषा ह द का ितिनिध समझ ग पर य द यह िच उतना ह सचहोता जतना रगीन लग रहा ह तो सतोष करन म कोई बराई न थी वदश म ह द क मह व चार एव सार क थित न सब जगहएक सी ह न ऐसा होना सभव ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड म ह द क िलए वहा क जनता क एक बड़ भाग म जो आदर और म हवह यरोप या अम रका क दश म कस िमल सकता हघ इसिलए वदश म ह द क थित चार सार क सम याओ क भी व वध प हउनक समाधान भी व वध प म खोजन ह ग वदश म ह द क थित चार तथा सार को लकर दो िभ न य स वचार करनाहोगा एक ह जो सरकार त स जड़ ह दसर ह जसका सबधजन जीवन म ह पहल सरकार त क स वदश म ह द क थित का जायजा िलया जाएपहल अपन सरकार त क स जहा तक त यगत थित ह हमारदतावास स च अथ म न तो भारत क सामािसक स कित क सवाहकबन पाए ह नह भारत क रा भाषा क ितिनिध उनक िलएअिधका रय का जो चनाव होता ह उसम भी इस को अिनवाय तः क म नह रखा जाता घर म ह जब ह द का मामला राजनीित क पचड़म उलझ गया हो तो हमार दतावास पर उसक छाया न हो यह हो भी

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कस सकता हघ सामा यतः उन दश म जहा क भारतवशीय लोग क स या अ छ ख़ासी ह और वहा ह द और भारतीय स कित क िलएललक भरा अनराग ह ऐस ह ितिनिधय और अिधका रय का चयनहोता रहा हजो भारतीय स कित और ह द क अनयायी ह उदाहरण किलए मॉ रशस म डॉ भगवतशरण उपा याय जस लोग को भजा जानाइसी कोण का प रचायक था कत यरोपीय अमर का तथा अरब दश क िलए ितिनिध भजन हए इन बात क ओर यान रखना अप तनह माना जाता रहा प रणाम यह रहा ह क इन म हमार दतावासप मी रग म रग ह द का नाम भी यदा कदा ासिगक प म लतहए ह द क चार सार स सव था िनःसग रह ह कह कोई अपवादभल िमल जाए अतः इस को ट क दतावास म सामा यतः ह द क ित ा या चार सार का वा त वक प उभर ह नह पाया हो हा सजस कितपय सा वाद दश म भारत स उसक अपनी भाषा को अ जीस वर यता दए जान क अप ा क गइ तो वहा क हमार दतावास नअव य इस ओर जाग क रहन क आव यकता समझी बात अब फरिशिथल पड़ गई ह और अिधकाशतः काय यापार अ जी क मा यम सह होता ह ह द क मा यम स नह कह कह ह द क अनवाद साथम लगाए जा रह ह पर सीिमत प म ह

हमार दतावास जन दश म ह उनक सरकार क साथकाय - यवहार म ह द का उपयोग कर - यह थित क पना स काफ़ दरक ह ायः यह थित ह क हमार दश स जान वाल भारतीय लोग को अपन दतावास स सपक करन क िलए अ जी का ह उपयोग करनापड़ता ह इन लोग म भी ऐस लोग क स या भी अिधक नह होतीजो ह द म काम लन म गौरव अनभव करत ह पर कछ लोग ऐस भीहोत ह ज ह अ जी अ छ तरह नह आती व अपन दतावास स य द ह द क मा यम स सपक सहायता चाह तो उ ह क ठनाई ह होती हअब इस पहल पर वचार कया जाए क वदश क व वध सरकार क ओर स ह द क ित कसा रवया ह और कन सदभ म ह द क या

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थित ह जहा तक सरकार का भारतीय दतावास या भारत क साथसीध सपक म ह द क योग क बात ह उ ह इस बात क अिनवाय आव यकता तीत ह नह होती उनका काम अिधकाशतः ह द स नह अ जी स चलता ह जो दश अ जी भावी नह ह और अपनी भाषा परबल दत ह व म यतः अपनी भाषा का साथ म अ जी का यदा कदा ह द क अनवाद क साथ योग करत ह ह द अनवाद का योगबहत ह सीिमत मा ा म क हए नग य होता ह हा कछ मामल म ह द अनवाद साथ म लगान का ितबध ह उन सदभ म उस लगा दया जाता हभारत क वत होत ह बड़ बड़ दश न भी य अनभव कया था क व क इस बड़ भभाग स सपक करन क िलए उ ह ह द क आव यकता होगी भारतीय स वधान म यव था क गई थी क 15 वष म ह द अ जी का थान ल लगी अतः उ ह भी यह आभास हआ था क इस दश स िनकट सपक बनान क िलए उ ह ह द क ओर आनापड़गा फलतः विभ न मख दश क सरकार न अपन व व ालय म ह द क अ ययन अ यापन क यव था और स वधा क ओर यान दया अपन छा को छा व य दान कर ह द पढ़न क िलए भारतभी भजा यहा स भी अ यापक बलाए गए या यह िसलिसला कछ नकछ अब भी जार ह पर वह ललक नह रह उ ह साफ दखाई द रहाह क भारत म वह थित क पना स भी दर पीछ धकली जा चक ह जसम ह द एकमा दश क रा भाषा और सपक भाषा बनगी जबअ जी यहा थायी प स जमती दखाई द रह हो तो कोई रा अपनयवक क म और अपन पस को ह द क िलए या यय करगा सीधासवाल उपयोिगता का ह

पर सरकार सदभ स हटकर मह वपण एव वकिसत रा म ह द क उपयोिगता कछ अ य य स भी ह भारत क वत होन स पहलस ह अनक रा इस दश क स कित और स यता को समझना चाहतरह ह वत ता पव क कारण कछ और थ अब कछ और ह यह बाद

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दसर ह पर व क जनस या क एक बड़ भाग को समझन क कोिशश वकिसत रा न कर यह आज क सदभ म सव था असभव हआज क राजनीित सीध सरकार क बीच भी चलती ह सरकार औरजनता क बीच स भी चलती ह म सह सबध राजनीितक सबध किलए ह नह लड़न क िलए भी दसर दश क भाषा सीखन क आव यकता ह इसका उदाहरण ह द क सदभ म चीन का हभारत-चीन य क समय यह सामन आया था क चीन न अपन अनकसिनक को एक आव यक मा ा म ह द का िश ण दया हआ था तोअपन अपन वाथ अथ को यान म रखकर विभ न वकिसत रा अपन यहा ह द क पठन पाठन क यव था करत ह कछ भारत कोसमझन क िलए कछ भारत स उपयोगी सदभ क िलए कछ भारत स म क िलए

जन वदशी व व ालय म ह द अ ययन-अ यापन क यव थाए ह उनक आिथ क यव था भल ह उन दश क सरकार क ओर स होती हो पर अनकानक वदशी ह द व ान ह द और भारतीयस कित क अनराग म इतन रम गए ह क उ ह न अपनी जीवनचया कोह ह द क ित सम प त कर िलया ह उनम इतना स चा और गहरा ह द अनराग ह क य ह द का काम ह नह करत ब क जब जब ह द इस दश म बढ़ती ह उनम स नता होती ह जब जब ह द पीछधकली जाती ह उ ह पीड़ा होती ह ह द क इन अनरागी वदशी व ान क ित यह दश कत ह ऊपर क चिच त थित अरब रा म नह दखाई दती उनका झकाव आव यकता क मा ा क अन प उद क ओर हआ ह ह द क ओर नह पर इसका लाभ इस दश क उन लोग को भी बराबर िमलता ह जो इन रा म यापार नौकर या अ यसदभ स गए ह उद व पतः ह द स दर होकर भी बहत दर नह जापाती अतः िल खत प म चाह न सह बोलचाल क तर पर उसकालाभ ह द उद दोन क लोग को वहा समान प स िमलता ह तीसरवग म व दश आत ह जहा भारत क मल िनवासी बड़ स या म बस हएह जस मा रशस फजी सर नाम िनडाड आ द इन दश म ह द जो

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राजक य आ य सीिमत प म ह ा ह अपनी जनस या क आधारपर भारतीय जतना ितिनिध व अपन दश क सरकार म ल पात ह उसी अनपात म य ह द को उठान क बात कर पात ह अबराजनीितक जोड़ तोड़ म भारतविशय क यह श भी बखर जाती ह तो ह द को कसी ऊचाई तक उठा ल जाना वहा भी सभव नह ह सरकार त इन दश म नीच क तर पर ह द िश ा क यव था करता हउ च िश ा और राजक य योग क िलए ह द को हण कए जान काअभी सवाल ह पदा नह हआइस कार शासक य तर पर वदश म ह द क जो भी यव था ह उसका अिधकाश हर दश क अपनी अपनीनजर क उपयोिगता क कारण ह उसम भारत सरकार और भारतीयदतावास का योगदान बहत ह सीिमत ह हा मा रशस फजी आ द दश म भारतीय शासन और दतावास क ह द ो साहन वषयक योगदानको अव य यान रखना होगा

यहा इस बात का ववचन भी आव यक ह क शासक य मा यम स ह द क अ यापक और व ािथ य का जो आदान दान होता हउसक या थित ह घ विभ न दश कछ अ य अ यापक कछ व ािथ य अपन यय पर ह द िसखवान क िलए भारत भजत ह कछ व ाथ भारत क छातव य पर विनमय योजनाओ क भीतर भी आतह ऐस ह द अ यताओ का ह द िश ण अिधकाशतः िश ा क क य ह द स थान क मा यम स दया जाता ह कछ को कितपय व व ालय म आव टत कर दया जाता ह कछ दश कछ िन तअविध क िलए भारत स ह द अ यापक का चयन करक आम तकरत ह और अपन यहा ह द िश ण क यव था करात ह भज जानवाल ह द अ यापको क चयन क याए शासक य त स गजरतीहई ऐसी बन ग ह क जो लोग जात ह उनम मशनर प रटषबहत कम और वदश जान का चास पान क ललक अिधक काम करतीह सह मताओ क लाग का चयन आज वस ह क ठन हो गया हअब रह उन लोग क बात जो ह द सीखन भारत आत ह इनम स जो व व ालय स भज जात ह उनम सह िश ा इसिलए नह पहच पाती

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क व व ालय म ह द को आधिनक व ािनक णािलय स तीयभाषा क प म पढ़ान क प ितय का सह वकास नह हआ औरक य ह द स थान इसिलए सह उ रदािय व का वहन नह कर पाता क वह िश ण िश ण णाली क आभासी व ािनकता म उलझ गयाह पर जो भी ह यह एक मा यव थत स था ह जहा व ािनकप ित स वदिशय को भारत म ह द पढ़ान क यव था आयो जत हसब िमलकर शासक य सदभ क साथ जड़कर ह द क दशा वदश

म उतनी उ साहवध क नह उतनी सतोषजनक नह जतनी होनी चा हएभारत म सवधािनक और शासक य तर पर ह द क जो थित हउसम जो शिथ य ह या जो उ साह ह दोन क छाया वदश क शासक य त स वकिसत होन वाली ह द थित पर पड़नाअ वाभा वक नह हभारत म ह द बोलन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह इस

स उद भाषी लोग भी ह द व क प रिध म ह आत ह भारत म ह द चाह सरकार तर पर एकमा सपक भाषा न बन पाए पर उन सग पर जहा दश क विभ न ात म विभ न कार क वग क लोगजड़त ह वहा यह थित दखन को िमलती ह य द यह उ चवग य लोग का स मलन ह तो ायः अ जी सपक भाषा क प म काम करती ह व प सा योग ह द का चलता ह पर य द िमलन लोक जीवन सजड़ लोग का हआ तो ह द अपन आप सपक भाषा का प ल लती हभारत क कसी भी भाग म जाइए य द िमलन वाल लोग उ चवग य याउ चाभासीवग य नह ह तो एक भाषाभाषी स अ य भाषाभा षय किमलन क सपक भाषा ायः ह द िमलगी सिनक जीवन म रलया ाओ म तीथ थान म छा स मलन म ाकितक ऐितहिसकदश नीय थल म बाज़ार म आपको इस ह द व क मता औरउपयोिगता का पता चल सकगा यह थित िनरतर वकिसत हो रह हभारत म ह द बोलन वाल क ह द समझन वालो क और ह द को यावहा रक जीवन म उपयोग करन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह

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यह वकासशील थित ह द क िलए वदश स भी ह वदश म ह द का उपयोग म यतः भारतविशय क ारा होता ह इस स वदश को तीन वग म रखा जा सकता ह पहला वग वह जसम भारतीय फजी सर नाम िनडाड जस दश रख जा सकत ह जहाभारतवशीय लोग भार तादाद म बस रह ह व लोग कामकाज को लकरइन दश म गए थ इनम भारत क स कित और भारत क ह द सस चा अनराग ह उसस जड रहन क ललक ह य लोग जो ह द बोलतह योग म लात ह वह खड़ बोली ह द नह ह पर िलखाई पढ़ाई किलए व मानक ह द क ओर ह बढ़ रह ह दसर वग म व दश ह जहा क भाषा उद ह या जहा उद भाषी जनता

क पहच ह इन म य द भारतीय ह द भाषी िमलत ह तो जोभाषा सपक -भाषा क प म मा यम बनती ह उस ह द स िभ न नह कहा जा सकता अरब रा म भारत और पा क तान दोन ह दश ककाम धामी लोग गए ह इनक पार प रक सपक भाषा ायः ह द होतीह--

तीसर वग म यरोप अमर का आ द व वकिसत रा रख जा सकत ह जहा बहत बड़ स या म भारत क लोग बस भी गए ह और अ थायी प म जा भी रह ह इन लोग म य द कसी ात वशष या वशषक लोग पर पर िमलत ह तो अपनी ीय भाषा का योग करत ह परय द विभ न भारतीय भाषाभाषी िमलत ह तो सपक भाषा ायः ह द होती ह उदाहरण म तौर पर अमर का कनाडा म गजराती-भाषी काफ़ स या म बस ह य द गजराती लोग पर पर िमल ग तो आरिभक सपक अ जी म होन क बाद सपक और बातचीत क भाषा गजराती हो जाएगीपर य द गजराती और तिमल भाषी या गजराती और मलयालम भाषीिमल ग या एकािधक भारतीय भाषाओ क बोलन वाल िमल ग तो य गतसपक भाषा अिधकाशतः ह द बन जाएगी भारत म अगरजी ान व ान क भाषा क प म उतनी नह जतनी ित ाभास क भाषा क प म ित त ह यह थित वदश म भारतीय क पार प रक िमलन

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क समय भी कछ कछ उभर आती ह पर इस आभास स म िमलतह सपक भाषा ह द बनती ह यह बात भारत पा क तान क लोग कपार प रक िमलन पर होती ह ित ाभासी तर पर अ जी चलन कबाद आ मीय स मलन उस ह द म होता ह जो भारत और पा क तानक वा त वक बोली ह जसम स कत अरबी फारसी क असहज प म ठसी नह जाती सहज श दावली सहज प म बोली समझी जाती हभारत म उ च और उ चभासी वग क सपक भाषा अ जी ह जनक

स या 3 ितशत स अिधक नह ह लोक जीवन अपनी अपनी ातीय ीय भाषाओ म चलता ह वा त वक लोक सपक ह द क मा यम सचलता ह इसी कार वदश म भारत और पा क तान क िनवािसय कपार प रक िमलन सग म उ च और उ चाभासी वग क लोग किमलन पर अ जी चलती ह एक भाषी सपक म ीय भाषा एकािधकभाषी सपक म ह द कल िमलाकर 20 स अिधक अ जी का उपयोग यलोग नह करत ह द जानन वाल य को इस फली हई ह द क दिनया म अ जी न जानन पर भी कोई क ठनाई नह होती सकड़ लोग भारत स कसी भी दश क भाषा क बोलन वाल वकिसत दश म कह काम क िलए चल जा रह ह ह द उनक िलए मा यम का कामकर रह ह और व अपना काम कर रह ह ह द क इस दिनया क इस ह द व क जनस या कम नह

ह व म इस स ह द का थान तीसरा ह पर इडोनिशयाजावा समा ा तथा उन म लम बाह य दश म जहा उद बोली समझीजा सकती ह ह द क बोलन समझन म अिधक क ठनाई नह आतीइस स ह द व क म उद ह द का ह एक प बनती हऔर ह द व क थित अ जी क बाद आती ह उद का याकर णकढाचा उसक आधारभत श दावली और उसक महावर दानी ह द व क सीमा क बाहर क न थी न अभी हयह वशाल ह द व विभ न दश म फला हआ ह पर बखरा

पड़ा ह इसक श ीणा पड़ ह इस सजोना होगा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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प का प रवार

म य सर क ी सजय ग ा अ य एव बध िनदशक क कण रलव

परामश ी द पक पाठ म य राजभाषा अिधकार

ी बी बी िनकम ीय रल बधक कारवार

माग दश क

ी एम जी पाल व र ीय राजभाषा अिधकार ी दश न ठाकोर सहायक यातायात बधक

सपादकसतीश एकनाथ धर हद अनवादक

3

अ य एव बध िनदशक जी का सदशयह हष का वषय ह क क कण रलव क कारवार क वा ष क ई-

प का lsquoकारवार ितभाrsquo क आठव अक का काशन कया जा रहा हइसक काशन म सहयोग दान करन वाल रचनाकार लखक एवरलकिम य को मर ओर स हा द क बधाईlsquoकारवार ितभाrsquo का काशन वगत सात वष स कया जा रहा ह

इस प का न राजभाषा हद काया वयन क म अपनी उ लखनीयपहचान बनाई ह इसन न िसफ कािम क क बीच सश सवाद सत क भिमका िनभायी ह वरन पाठक क बीच मानवीय सवदनाओ को जागतकरन का मह वपण काय कया हमरा मानना ह क ढ़ िन य होकर सभी क सहयोग स िनधा रत

ल य क साथ कोई काय कया जाए तो सफलता अव य ा होती हइसी म म मर अप ा ह क क कण रलव जस तरह स रलव क हर म लगातार क ित मान बना रह ह उसी तरह राजभाषा क म भीलगातार क ित मान बनाती रहमरा व ास ह क क कण रलव क सभी अिधकार और कम चार

राजभाषा चार- सार एव उसक काया वयन क ज मदार को ईमानदार स िनभात हए िनरतर उ च तर क यास क मा यम स ऊची स ऊचीउड़ान भर गमझ आशा ह क आप सभी सधी पाठक को lsquoकारवार ितभाrsquo का आठवाअक बहद पसद आएगा म अपनी शभकामनाओ क साथ lsquoकारवार ितभाrsquo प का क िनरतर काशन और उ जवल भ व य क सखदकामना करता ह

4

ीय रल बधक क कलम स हद आज व भाषा क प म ित त ह ससार म सबस अिधकबोली और समझी जानवाली भाषाओ म हद का दसरा थान ह इसभाषा क वकास और चार क िलए सदा य शील रहना हमारा कत यह हद भाषा हमार पहचान का तीक ह और यह भाषा भारतीयस कित क भी पहचान ह यह पहचान अ मता का िनमाण करती हऔर अ मतावान समाज और रा अ य क तलना म अिधक गितऔर वकास करत ह य भाषा क ारा मन य न कवल एक-दसर क वचार ह नह जानलत वरन उसक सहायता स उनक नय वचार भी उ प न होत ह कसी वषय को सोचत समय हम एक कार का मानिसक सभाषण करतह जसस हमार वचार आग चलकर भाषा क प म कट होत ह कारवार क ई हद प का ldquo कारवार ितभा rdquo क 8 व अक कोअिधक आकष क और स िचपण बनान क िलए सबिधक किम य कोहा द क ध यवाद दता ह आशा करता ह क इस प का क रचनाय लख ानव क और पसद ह ग

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अन म णका

1 ईमानदार - एक जीवन शली2 सबस श और व ान स मत भाषा ह ह द 3 सपक भाषा क प म हद 4 वदश म हद क चार- सार क थित5 राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक 6 हद का व तार और वकास7 तकनीक मा यम म हद 8 राजभाषा पखवाडा9 भाषा- क वता

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ईमानदार ndash एक जीवन शली

ईमानदार पर जीवन भर बहत सी मह वपण भिमका िनभाती ह जसखली आख स आसानी स बहत प प स दखा जा सकता ह समाजक लोग ारा ईमानदार कहा जाना उस य क िलए सबस अ छाप रपरक ह यह उस य क ारा जीवन म कमाई हई वा त वकस प ह जो कभी भी ख म नह होती ह आजकल समाज म ईमानदार क कमी लोग क बीच अ तर का सबस बड़ा कारण ह यहअिभभावक -ब च और व ािथ य -िश क क बीच उिचत पार प रकस पक क अभाव क कारण ह ईमानदार कोई व त नह ह जस खर दाया बचा जा सक इस धीर-धीर ब च म एक अ छ आदत क प म वकिसत करन क िलए कल और घर सबस अ छ थान ह घर और कल व थान ह जहा एक ब चा नितकता को सीखता ह इस कारिश ा णाली म ब च को नितकता क कर ब रखन क िलए कछआव यक रणनीित होनी चा हए ब च को उनक बचपन स ह घर और कल म अिभभावक और िश क क मदद स ईमानदार होन क िलएउिचत तरह स िनद श दन चा हए कसी भी दश क यवा उस दश कभ व य होत ह इसिलए उ ह नितक च र को वकिसत करन क िलएबहतर अवसर दन चा हए ता क व दश का बहतर तर क स नत व करसक ईमानदार मन य क सम याओ का स चा समाधान ह आजकलकवल ईमानदार लोग क स या म कमी होन क कारण समाज म यक जगह ाचार और बहत सी सम याए ह इस तज और ितयोगी वातावरण म लोग नितक म य को भल गए ह सभी चीज को ाकितक तर क स चलन दन क िलए इस बात पर पन व चार करनाबहत आव यक ह क समाज म ईमानदार को वापस कस लाया जाएlsquoईमानदार एक सव नीितrsquo ह यह कहावत तो हमन सनी ह होगी औरइस सव नीित को अगर हम अपनी जीवनशली बना ल तो फर कहनाह या हमारा जीवन ध य हो सकता ह ईमानदार एक गण ह नह ब क एक आचरण ह अगर हमार जीवनशली ईमानदार य ह तो

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हमार चार तरफ का वातावरण सकारा मक ह बनगाईमानदार व ास का दसरा पया य ह अगर हम अपन जीवन म ईमानदार ह तो हम पर लोग सहज प स व ास कर ग बईमानी सकाय करन स जीवन म एक अपराध बोध रहता ह जो जदगी भर हमारापीछा नह छोड़ता और हमार मन को नकारा मकता स भर दता ह यनकारा मकता का प रणाम जीवन म कभी ना कभी भोगना ह पड़ता हय द हम ईमानदार स रह ग तो हमार अदर कोई भी अपराध बोध नह रहगा और हम सकारा मक होकर सोच ग यह सकारा मकता हमार सफलता का माग श त करगीईमानदार को अगर हम अपनी जीवनशली बना ल तो यह हमार जीवनम अनक प स मदद कर सकती ह यह जीवन म हम अ छ और उ चगण वाल िम को िमलान म मदद करती ह ईमानदार लोग म हमारा व ास कायम करती ह जसस हम समाज म मान-स मान और ित ा ा होती ह ईमानदार हमार अदर एक आ म व ास का िनमा ण करतीह जसस हम और अिधक ढ़ता स अपन ल य क ओर अ सर होत ह ईमानदार हमार अदर लोक क याण क भावना का वकास करती ह औरहमार अदर म एव दया उ प न करती ह य क जो य ईमानदार हवह कभी कसी का अ हत नह सोच सकता वह सदव दसर का हत ह करगा ईमानदार हमार आ म सत का भी एक मह वपण उपाय हअगर हम ईमानदार स अपना जीवन यतीत कर तो हमार जीवन म शाित और सत होगीहाला क आज क यग म ईमानदार स रहना बड़ा ह क ठन ह ल कनईमानदार स रहना असभव नह श म हम इसक पालन म काफ क ठनाइया हो सकती ह ल कन धीर-धीर हमार ईमानदार स रहन क व वकिसत हो जाएगी तो हम ईमानदार स चलन म क ठनाई नह ब क आनद आएगा इसिलय ईमानदार एक गण ह नह ब क एकजीवनशली ह

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सामा जक और आिथ क स तलन को बनान क िलए लोग को ईमानदार क म य को समझना होगा लोग क ारा ईमानदार का अनसरण करनाबहत आव यक ह य क यह आधिनक समय क अिनवाय आव यकताबन गई ह यह एक अ छ आदत ह जो एक य को क ठनप र थितय को सलझान और सभालन म पया स म बनाती ह

(दामोदर नाईक)वय क सिचव कारवार

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सबस श और व ान स मत भाषा ह ह द

ह द आज भारत म ह नह ब क व क वराट फलक पर अपनअ त व को आकार द रह ह आज ह द व भाषा क प म मा यता ा करन क ओर अ सर ह अब तक भारत और भारत कबाहर सात व ह द स मलन आयो जत हो चक ह वत मान म आिथ क उदार करण क यग म बहरा ीय दश क कपिनय नअपन दश (अम रका टन ास जम नी चीन आ द) क शासक परदबाव बढ़ाना श कर दया ह ता क वहा ह द भाषा का चार- सारतजी स बढ़ और ह द जानन वाल एिशयाई दश व अपना यापारउनक भाषा म सगमता स कर सक अतरा ीय तर पर ह द क गित य द इसी कार होती रह तो वह दन दर नह जब ह द सय रा सघ म एक अिधका रक भाषा का प हािसल कर लगी वत मान म मातभा षय क स या क कोण स व क भाषाओ म मदा रन[चीनी] भाषा क बाद ह द का दसरा थान हचीनी भाषा क बोलनवाल क स या ह द भाषा क बोलन वाल स अिधक ह पर तमदा रन भाषा का योग ह द क तलना म सीिमत ह और अ ज़ीभाषा का योग ह द क अप ा अिधक ह क त ह द कमातभा षय क स या अ ज़ी भा षय स अिधक हआज व क तर पर यह िस हो चका ह क ह द भाषा अपनी िल पऔर व या मकता (उ चारण) क िलहाज स सबस श और व ानस मत भाषा ह हमार यहा एक अ र स एक ह विन िनकलती ह औरएक बद (अन वार) का भी अपना मह व हदसर भाषाओ म यहव ािनकता नह पाई जाती अतरा ीय तर पर ा भाषा अ ज़ी को ह दख वहा एक ह विन क िलए कतनी तरह क अ र उपयोग म लाएजात ह जस ई क विन क िलए ee (see) i (sin) ea (tea) ey (key) eo

(people) इतन अ र ह क एक ब च क िलए उ ह याद रखना म कलह इसी तरह क क उ चारण क िलए तो कभी c (ca) तो कभी k(king) ch का उ चारण कसी श द म क होता ह तो कसी म च ऐस

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स कड़ उदाहरण आ य क बात ह क ऐसी अिनयिमत और अ यव थतम कल अ जी हमार ब च चार साल क उ म सीख जात ह ब कअब तो वदश म भी हद तानी ब च न पिल स म व तर पर रकॉड कायम कए ह जब क इ ल ड म कली िश काए भी अ ज़ी क सह पिल स िलख नह पातीहमार यह अ जी भाषा क धरधर ब च कॉलज म पहचकर भी ह द म मा ाओ और ह ज क गलितया करत ह और उ ह सह ह द नह आती जब क ह द सीखना दसर अ य भाषाओ क मकाबल कह यादाआसान ह ऐस म ह द क उप ा और उसक रा भाषा न बन पान ककारण का व रत और ग भीरता पव क अ ययन कर समा कर ह द को ह द तान क म तक पर सजाना होगावब व ापन िसनमा औरबाजार क म हद क माग जस तजी स बढ़ ह वसी कसी औरभाषा म नह व क लगभग 150 व व ालय तथा सकड़ छोट-बड़क म व व ालय तर स लकर शोध तर तक हद कअ ययन-अ यापन क यव था हई ह वदश म 35 स अिधकप -प काए लगभग िनयिमत प स हद म कािशत हो रह ह यएईम हम एफ-एम ह द र डयो सारण सवा ह इसी कार बीबीसीजम नी क डायच वल जापान क एनएचक व ड और चीन क चाइनार डयो इटरनशनल क हद सवा वशष प स उ लखनीय ह वदश म चालीस स अिधक दश क 600 स अिधक व व ालय और कल म ह द पढ़ाई जा रह ह व क मानिच म ास का एक वशष थान ह ास क प रस शहरम सौरबन व व ालय म 3 वष क पा य म क अलावा पीएचड किलए शोध क भी यव था ह lsquorsquoप रस क ा य भाषाओ एव स यताओक रा ीय स थानrsquorsquo म हद म 2 वष का स ट फकट कोस 3 साल का ड लोमा 4 साल म उ च ड लोमा 5 साल और 6 साल क उ चअ ययन क िश ण क भी यव था ह

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जापान जापान क टो यो और ओसाका व व ालय म हद का छहवष य कोस ह इसक अलावा अ य व व ालय एव कॉलज म हद वक पक वषय क प म तीय एव ततीय भाषा क प म पढ़ाई जातीह सन 1992 क कर ब जापान का एक हद कॉलर काफ समय तकभारत म रहन क उपरात िशकागो गया और वहा पर हद का एक वहतप तकालय दखकर उस जापानी व ान न भारत म अपन एक िम ोफ़सर को प िलखा था क यहा क हद प तकालय को दखकर द ली व व ालय क प तकालय को शिम दा होना पड़गा तो ऐसी ह हमार रा भाषा हद कनाडा कनाडा क यिनविस ट आफ टश कोल बया म हद का 2 वष का पा य म ह मॉ यल व व ालय म ारिभक तर पर औरअटावा शहर म बन मकल हद हाई कल म 1971 स सभी क ाओ म और टोरटो शहर क कछ कल म भी हद पढ़ाई जाती हसय रा य अम रका सय रा य अम रका क 30 व व ालय म उ च इटरमी डएट एव ारिभक तर पर एक वषय क प म पढ़ाईजाती ह सय रा य अम रका म यन व व ालय म 1815 स ह ह द क यव था ह 1875 म कलाग न ह द भाषा का याकरणतयार कया थाअमर का स ह द जगत कािशत होती ह किलफोिन याकोल बया व कॉ सन पनिसलविनया वज िनया ट सास वािशगटनऔर िशकागो आ द व व ालय म हद का भाषा क त अ यन होताहनाव नाव क ओसलो व व ालय म मा टर ड ी क िलए हद कापठन-पाठन कया जाता ह तथा कछ अ य शहर म भी ाथिमक तरक कल म हद पढ़ाई जाती ह वीडन क काटहोम व व ालय म हद का आधारभत पा य म पढ़ाया जाता ह उ पसला व व ालय म हद पढ़ाई जाती हद ण अ का द ण अ का क यिनविस ट आफ डरबन म [डरबनशहर] म नातक और नातको र ड ी क िलए ह द पठान क

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यव था ह 50 व ालय म रा भाषा चार सिमित वधा क पर ाओक िलए हद पढ़ाई जाती हजम नी जम नी क ह बो ट व व ालय बिल न थत व व ालयबिल न थत ह लीप जग व व ालय मा ट नलथर व व ालय बान व व ालय हाईडलबग व व ालय और ह बग व व ालय म िनयिमत प स हद पढ़ाई जाती ह यहा क अ य कई व व ालय म भी हद पढ़ाई जाती ह

स स म मा को थत lsquorsquo ा य अ ययन स थानrsquorsquo और पतरबग थत lsquorsquo ा य भाषा स थानrsquorsquo म 1920 स हद पढ़ाई जा रह ह ला दवो तोक टट यिनविस ट म भी हद पढ़ाई जाती ह

व ज़रल ड व ज़रल ड म लवसान और य रख क व व ालय म हद क ारिभक पा य म पढ़ाय जात ह

ऑ िलया ऑ िलया क कनबरा थत व व ालय म नातक तरपर ऐ छक वषय क प म हद का अ ययन होता ह ला ोव मोनाशतथा वीसल ड क व ापीठ म भी हद पढ़ाई जाती ह अ य दशो जसडनमाक पोल ड चक गणरा य हगर द ण को रया म सको यबाब जयम ऑ या फनल ड रोमािनया ोिशयागणरा य मगोिलयाउ ब क तान तजा क तान तक थाईल ड र यिनयम अज ट ना सऊद अर बया ओमान बहर न मलिशया ताइवान िसगापर क या कवतइराक ईरान तजािनया जा बया बहर न बो सवाना और इडोनिशया क कल म हद का अ यापन होता हदश पा क तान क कराची लाहौर व व ालय तथा इ लामाबाद क कल ऑफ मॉडन ल वजस म स ट फकट और ड लोमा तर पर हद पढ़ाई जाती ह ीलका म ड ी कोस तक हद पढ़ाई जाती ह हमारपड़ोसी नपाल क भवन व व ालय म नातको र और पीएचड तकक हद स वधा ह बा लादश म हद का 4 वष य कोस ह भटान क 8 कल तथा बमा क म दर धम शालाओ व गर सरकार कल म हद

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पढ़ाई जाती ह तो यह ह हमार पड़ोसी दश म हद क थित कछऐस भी दश ह जहा बड़ स या म भारतीय रहत ह और वहा भाषा कसाथ साथ भारतीय स कत को भी आग बढ़ा रह ह वहा हद म प प काए भी िनकलती ह जस मार शस फजी सर नाम गयाना िनदाद और टोबगो हद का भ व य उ वल ह अगर हद क वकास म कोई बाधा ह तो वय हम भारतीय जो अ जी का मोह नह छोड़ पात हम वय हद क उप ा करत ह हमार घर म हमार ह मा उप त ह और दसर क मा अ जी को हम मा-मा कहकर िच लात ह जो हम मौसी जसा भीभाव नह दती कसी व ान न कहा था कndash lsquoअगर कसी को गलामबनाना ह तो पहल उसक भाषा व स कित को न कर दोrsquo वह खदगलाम हो जाएगा वह अ ज न कया हमार भाषा व स कत को वकत कर दया वह जात-जात अपना काम कर चक थ अ जी अपनापर पसार चक थी और आज अ जी क या थित ह सब जानत ह सबस यादा अ वासी भारतीय का हद क वकास म योगदान ह हमारदश म म यवग य प रवार क लोग अपन ब च को अ जी मा यम सपढ़ात ह हद मा यम स पढ़ान म खद को ह न महसस करत ह इसम भारत सरकार क कमजोर ह हर सरकार काया लय म यादातर काय अ जी म ह कए जात ह जहा भी नौकर क िलए जाइय पहला सवालयह होता ह- अ जी आती ह क नह अगर नह तो समझो नौकर नह िमलगी इसिलए हद वाल क मन म ह न भावना घर कर गईआज हर गर ब-अमीर आदमी अपन ब च को का व ट कल म भजनाचाहता ह यह कारण ह क आजाद क 70 साल बाद भी हद रा भाषानह बन पाई इस मामल म हम चीन स सबक लन क ज रत ह जोअपनीरा भाषा क ित क टब ह अ ज न जस अ जी को अतरा ीयभाषा बनाया उसी तरह अगर हम हद का योग खलकर हर जगह कर पढ़-पढ़ाए हद क ित समप ण रणा ल और द फर वह दन दरनह जब दिनया वाल हद क पीछ भाग ग और हद एक था पतअतरा ीय भाषा होगी ज रत ह तो अपनी रा भाषा क ित ढ़िन यी

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होना म होना ह द को लकर िनराश नह होना और उ साह होना

(द पक ताबोसकर)किन अिभयता

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सपक भाषा क प म हद भाषा क सामा य प रभाषा म यह कहा जा चका ह क lsquoभाषा मन य क वचार- विनमय और भाव क अिभ य का साधन हrsquo स पक भाषाका आशय जनभाषा ह कसी का सामा य य चिलत शली म जो भाषा बोलता ह वह जनभाषा ह दसर श द म वशष क सपक भाषा ह जनभाषा ह इसिलए ज र नह क जनभाषा श सा ह यक प वाली ह हो या वह याकरण क िनयम स बधी होस पक भाषा या जनभाषा वह भाषा होती ह जो कसी दश या दशक ऐस लोग क बीच पार प रक वचार- विनमय क मा यम का कामकर जो एक दसर क भाषा नह जानत दसर श द म विभ नभाषा-भाषी वग क बीच स परषण क िलए जस भाषा का योग कयाजाता ह वह स पक भाषा कहलाती ह इस कार lsquoस पक भाषाrsquo क सामा य प रभाषा होगी lsquoएक भाषा-भाषी जस भाषा क मा यम स कसी दसर भाषा क बोलन वाल क साथ स पक था पत कर सक उसस पक भाषा या जनभाषा (Link Language) कहत ह rsquo बकौल डॉपरनचद टडन lsquoस पक भाषा स ता पय उस भाषा स ह जो समाज क विभ न वग या िनवािसय क बीच स पक क काम आती ह इस स िभ न-िभ न बोली बोलन वाल अनक वग क बीच ह द एक स पक भाषा ह और अ य कई भारतीय म िभ न-िभ न भाषाए बोलन वाल क बीच भी स पक भाषा हrsquo डॉ मह िसह राणा न स पक भाषा कोइन श द म प रभा षत कया ह lsquoपर पर अबोधग य भाषा या भाषाओक उप थित क कारण जस स वधाजनक विश भाषा क मा यम सदो य दो रा य कोई रा य और क तथा दो दश स पक था पतकर पात ह उस भाषा वशष को स पक भाषा या स पक साधक भाषा(Contact Language or Interlink Language) कहा जा सकता हrsquo भारतएक बहभाषी दश ह और बहभाषा-भाषी दश म स पक भाषा का वशषमह व ह अनकता म एकता हमार अनपम पर परा रह ह वा तव म सा कितक स सारा भारत सदव एक ह रहा ह हमार इस वशाल

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दश म जहा अलग-अलग रा य म िभ न-िभ न भाषाए बोली जाती ह और जहालोग क र ित-र वाज खान-पान पहनाव और रहन-सहन तकम िभ नता हो वहा स पक भाषा ह एक ऐसी कड़ ह जो एक छोर सदसर छोर क लोग को जोड़न और उ ह एक दसर क समीप लान काकाम करती ह-

डॉ भोलानाथ न स पक भाषा क योग को तीन तर पर वभा जत कया ह एक तो वह भाषा जो एक रा य (जस महारा या असम) सदसर रा य (जस बगाल या असम) क राजक य प - यवहार म कामआए दसर वह भाषा जो क और रा य क बीच प - यवहार कामा यम हो और तीसर वह भाषा जसका योग एक दश का य दसर दश क य स अपन िनजी काम म कर आजाद क लड़ाई लड़त समय हमार यह कामना थी क वत रा क अपनी एकरा भाषा होगी जसस दश एकता क स म सदा क िलए जड़ा रहगामहा मा गाधी लोकमा य ितलक नताजी सभाषच बोस आ द सभीमहाप ष न एक मत स इसका समथ न कया य क ह द हमारसामा जक सा कितक धािम क आ दोलन क ह नह अ पत रा ीयचतना एव वाधीनता आ दोलन क अिभ य क भाषा भी रह हभारत म lsquo ह द rsquo बहत पहल स पक भाषा क प म रह ह औरइसीिलए यह बहत पहल स lsquoरा भाषाrsquo कहलाती ह य क ह द क साव दिशकता स पण भारत क सामा जक व प का ितफल हभारत क वशालता क अन प ह रा भाषा वकिसत हई ह जसस उ रद ण पव और प म कह भी होन वाल मल - चाह वह याग म कभहो अथवा अजमर शर फ क दरगाह हो या विभ न दश क हमार सा कितक एकता क आधार तभ तीथ थल ह - सभी थान परआदान- दान क भाषा क प म ह द का ह अिधकतर योग होता हइस कार इन सा कितक पर पराओ स ह द ह साव दिशक भाषा क प म लोक य ह वशषकर द ण और उ र क सा कितक स ब ध क ढ़ खला क प म ह द ह सश भाषा बनी ह द का

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व तत ह स पक भाषा ह द का आयाम जनभाषा ह द सबस यापक और लोक य ह जसका सार ीय तथा रा ीय तर सबढ़कर भारतीय उपमहा प तक ह िश त अध िश त अिश त तीन वग क लोग पर पर बातचीत आ द क िलए और इस कार मौ खकमा यम म जनभाषा ह द का यवहार करत ह भारत क िल व ाकाल वज आव वाइडर क यिनकशन पन इ डयन ल वज अ तर ादिशकभाषा लोकभाषा भारत- यापी भाषा अ खल भारतीय भाषा- य नामlsquoजनभाषाrsquo ह द क िलए य होत ह हमार दश क बहभा षकता क ढाच म ह द क विभ न भौगोिलक औरसामा जक क अित र भाषा- यवहार क म भी स पक िस का ऐसा काय िन पा दत कर रह ह जसका न कवल कोई वक पनह अ पत जो ह द क व वध भिमकाओ को सम ता क साथिन पत करन म भी समथ ह ह द न पछल हजार वष म वचार- विनमय का जो उ रदािय विनभाया ह वह एक अनठा उदाहरण ह कछ लोग क यह धारणा ह क ह द पहल lsquoरा भाषाrsquo कहलाती थी बाद म इस lsquoस पक भाषाrsquo कहाजान लगा और अब इस lsquoराजभाषाrsquo बना दन स इसका सीिमत होगया ह व तत यह उनका म ह जसा क पहल उ लख कया जाचका ह क ह द स दय स स पक भाषा और रा भाषा एक साथ रह हऔर आज भी ह भारत क स वधान सभा ारा 14 िसत बर 1949 कोइस राजभाषा क प म वीकार कर लन स उसक योग का और व तत हआ ह जस बगला तिमल तलग क नड़ मलयालम आ द को मश बगाल तिमलनाड कना टक करल आ द क राजभाषा बनाया गयाह ऐसा होन स या उन भाषाओ का मह व कम हो गया ह िन यह नह ब क इसस उन सभी भाषाओ का उ रदािय व और योग पहल स अिधक बढ़ गया ह जहा पहल कवल पर पर बोलचाल म कामआती थी या उसम सा ह य क रचना होती थी वह अब शासिनककाय भी हो रह ह यह थित ह द क भी ह इस कार ह द

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स पक और रा भाषा तो ह ह राजभाषा बनाकर इस अित र स मान दान कया गया ह इस सग म डॉ सरश कमार का कथन बहत ह ासिगक ह lsquo ह द को कवल स पक भाषा क प म दखना भलहोगी ह द आधिनक भारतीय भाषाओ क उ व काल स म यदश किनवािसय क सामा जक स परषण तथा सा ह यक-सा कितक अिभ य क भाषा रह ह और अब भी ह भाषा-स पक क बदली हईप र थितय म (जो पहल फ़ारसी-तक -अरबी तथा बाद म म य प सअ जी क साथ स पक क फल व प वकिसत हई) तथा वत भारतीयगणरा य म सभी भारतीय भाषाओ को अपन-अपन भौगोिलक म यावसाियक और सा कितक यवहार क अिभ य क िलए योग म लान क िनण य क बाद ह द का स पक भाषा काय गण औरप रमाण क स इतना वकिसत हो गया ह क उसक स ब ध म िच तन तथा अनवत काय एक स ा तक और यावहा रक आव यकताबन गए ह rsquo वा तव म भाषा स पक क थित ह कसी स पक भाषाक उ व और वकास को रत करती ह या एक स ित त भाषा कस पक काय को सप करती ह ह द क साथ दोन थितय कास ब ध ह आ त रक तर पर ह द अपनी बोिलय क यवहारकता ओक बीच स पक क थापना करती रह ह और अब भी कर रह ह तथाबा तर पर वह अ य भारतीय भाषा भाषी समदाय क म य एकमा स पक भाषा क प म उभर आई ह जसक अब व वध आयाम वकिसत हो चक ह कल िमलाकर ह द का वत मान गौरवपण हउसक भिमका आज भी सामा य-जन को जोड़न म सभी भाषाओ क अप ा सबस अिधक कारगर ह

( या पोकल) हद अनवादक बलापर

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वदश म हद क चार- सार क थितसतोष ह करना हो तो यह बात कम नह क ह द व क तीस सअिधक दश म पढ़ -पढ़ाई जाती ह लगभग 100 व व ालय म उसकिलए अ यापन क खल हए ह अकल अमर का म लगभग 20 क म उसक अ ययन अ यापन क यव था ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड जस दश म भारत मल क िनवािसय क उ लखनीय स याहोन क कारण वहा ह द वतः स नह चा रत होता ह व क यक मख दश म हमार दतावास ह जनस राजनीितक सदभ क अित र यह भी आशा क जाती ह क व ह द क चार सार क ओर भी यान द ग और अपन भारत क सामा जक स कित और भारत क रा भाषा ह द का ितिनिध समझ ग पर य द यह िच उतना ह सचहोता जतना रगीन लग रहा ह तो सतोष करन म कोई बराई न थी वदश म ह द क मह व चार एव सार क थित न सब जगहएक सी ह न ऐसा होना सभव ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड म ह द क िलए वहा क जनता क एक बड़ भाग म जो आदर और म हवह यरोप या अम रका क दश म कस िमल सकता हघ इसिलए वदश म ह द क थित चार सार क सम याओ क भी व वध प हउनक समाधान भी व वध प म खोजन ह ग वदश म ह द क थित चार तथा सार को लकर दो िभ न य स वचार करनाहोगा एक ह जो सरकार त स जड़ ह दसर ह जसका सबधजन जीवन म ह पहल सरकार त क स वदश म ह द क थित का जायजा िलया जाएपहल अपन सरकार त क स जहा तक त यगत थित ह हमारदतावास स च अथ म न तो भारत क सामािसक स कित क सवाहकबन पाए ह नह भारत क रा भाषा क ितिनिध उनक िलएअिधका रय का जो चनाव होता ह उसम भी इस को अिनवाय तः क म नह रखा जाता घर म ह जब ह द का मामला राजनीित क पचड़म उलझ गया हो तो हमार दतावास पर उसक छाया न हो यह हो भी

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कस सकता हघ सामा यतः उन दश म जहा क भारतवशीय लोग क स या अ छ ख़ासी ह और वहा ह द और भारतीय स कित क िलएललक भरा अनराग ह ऐस ह ितिनिधय और अिधका रय का चयनहोता रहा हजो भारतीय स कित और ह द क अनयायी ह उदाहरण किलए मॉ रशस म डॉ भगवतशरण उपा याय जस लोग को भजा जानाइसी कोण का प रचायक था कत यरोपीय अमर का तथा अरब दश क िलए ितिनिध भजन हए इन बात क ओर यान रखना अप तनह माना जाता रहा प रणाम यह रहा ह क इन म हमार दतावासप मी रग म रग ह द का नाम भी यदा कदा ासिगक प म लतहए ह द क चार सार स सव था िनःसग रह ह कह कोई अपवादभल िमल जाए अतः इस को ट क दतावास म सामा यतः ह द क ित ा या चार सार का वा त वक प उभर ह नह पाया हो हा सजस कितपय सा वाद दश म भारत स उसक अपनी भाषा को अ जीस वर यता दए जान क अप ा क गइ तो वहा क हमार दतावास नअव य इस ओर जाग क रहन क आव यकता समझी बात अब फरिशिथल पड़ गई ह और अिधकाशतः काय यापार अ जी क मा यम सह होता ह ह द क मा यम स नह कह कह ह द क अनवाद साथम लगाए जा रह ह पर सीिमत प म ह

हमार दतावास जन दश म ह उनक सरकार क साथकाय - यवहार म ह द का उपयोग कर - यह थित क पना स काफ़ दरक ह ायः यह थित ह क हमार दश स जान वाल भारतीय लोग को अपन दतावास स सपक करन क िलए अ जी का ह उपयोग करनापड़ता ह इन लोग म भी ऐस लोग क स या भी अिधक नह होतीजो ह द म काम लन म गौरव अनभव करत ह पर कछ लोग ऐस भीहोत ह ज ह अ जी अ छ तरह नह आती व अपन दतावास स य द ह द क मा यम स सपक सहायता चाह तो उ ह क ठनाई ह होती हअब इस पहल पर वचार कया जाए क वदश क व वध सरकार क ओर स ह द क ित कसा रवया ह और कन सदभ म ह द क या

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थित ह जहा तक सरकार का भारतीय दतावास या भारत क साथसीध सपक म ह द क योग क बात ह उ ह इस बात क अिनवाय आव यकता तीत ह नह होती उनका काम अिधकाशतः ह द स नह अ जी स चलता ह जो दश अ जी भावी नह ह और अपनी भाषा परबल दत ह व म यतः अपनी भाषा का साथ म अ जी का यदा कदा ह द क अनवाद क साथ योग करत ह ह द अनवाद का योगबहत ह सीिमत मा ा म क हए नग य होता ह हा कछ मामल म ह द अनवाद साथ म लगान का ितबध ह उन सदभ म उस लगा दया जाता हभारत क वत होत ह बड़ बड़ दश न भी य अनभव कया था क व क इस बड़ भभाग स सपक करन क िलए उ ह ह द क आव यकता होगी भारतीय स वधान म यव था क गई थी क 15 वष म ह द अ जी का थान ल लगी अतः उ ह भी यह आभास हआ था क इस दश स िनकट सपक बनान क िलए उ ह ह द क ओर आनापड़गा फलतः विभ न मख दश क सरकार न अपन व व ालय म ह द क अ ययन अ यापन क यव था और स वधा क ओर यान दया अपन छा को छा व य दान कर ह द पढ़न क िलए भारतभी भजा यहा स भी अ यापक बलाए गए या यह िसलिसला कछ नकछ अब भी जार ह पर वह ललक नह रह उ ह साफ दखाई द रहाह क भारत म वह थित क पना स भी दर पीछ धकली जा चक ह जसम ह द एकमा दश क रा भाषा और सपक भाषा बनगी जबअ जी यहा थायी प स जमती दखाई द रह हो तो कोई रा अपनयवक क म और अपन पस को ह द क िलए या यय करगा सीधासवाल उपयोिगता का ह

पर सरकार सदभ स हटकर मह वपण एव वकिसत रा म ह द क उपयोिगता कछ अ य य स भी ह भारत क वत होन स पहलस ह अनक रा इस दश क स कित और स यता को समझना चाहतरह ह वत ता पव क कारण कछ और थ अब कछ और ह यह बाद

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दसर ह पर व क जनस या क एक बड़ भाग को समझन क कोिशश वकिसत रा न कर यह आज क सदभ म सव था असभव हआज क राजनीित सीध सरकार क बीच भी चलती ह सरकार औरजनता क बीच स भी चलती ह म सह सबध राजनीितक सबध किलए ह नह लड़न क िलए भी दसर दश क भाषा सीखन क आव यकता ह इसका उदाहरण ह द क सदभ म चीन का हभारत-चीन य क समय यह सामन आया था क चीन न अपन अनकसिनक को एक आव यक मा ा म ह द का िश ण दया हआ था तोअपन अपन वाथ अथ को यान म रखकर विभ न वकिसत रा अपन यहा ह द क पठन पाठन क यव था करत ह कछ भारत कोसमझन क िलए कछ भारत स उपयोगी सदभ क िलए कछ भारत स म क िलए

जन वदशी व व ालय म ह द अ ययन-अ यापन क यव थाए ह उनक आिथ क यव था भल ह उन दश क सरकार क ओर स होती हो पर अनकानक वदशी ह द व ान ह द और भारतीयस कित क अनराग म इतन रम गए ह क उ ह न अपनी जीवनचया कोह ह द क ित सम प त कर िलया ह उनम इतना स चा और गहरा ह द अनराग ह क य ह द का काम ह नह करत ब क जब जब ह द इस दश म बढ़ती ह उनम स नता होती ह जब जब ह द पीछधकली जाती ह उ ह पीड़ा होती ह ह द क इन अनरागी वदशी व ान क ित यह दश कत ह ऊपर क चिच त थित अरब रा म नह दखाई दती उनका झकाव आव यकता क मा ा क अन प उद क ओर हआ ह ह द क ओर नह पर इसका लाभ इस दश क उन लोग को भी बराबर िमलता ह जो इन रा म यापार नौकर या अ यसदभ स गए ह उद व पतः ह द स दर होकर भी बहत दर नह जापाती अतः िल खत प म चाह न सह बोलचाल क तर पर उसकालाभ ह द उद दोन क लोग को वहा समान प स िमलता ह तीसरवग म व दश आत ह जहा भारत क मल िनवासी बड़ स या म बस हएह जस मा रशस फजी सर नाम िनडाड आ द इन दश म ह द जो

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राजक य आ य सीिमत प म ह ा ह अपनी जनस या क आधारपर भारतीय जतना ितिनिध व अपन दश क सरकार म ल पात ह उसी अनपात म य ह द को उठान क बात कर पात ह अबराजनीितक जोड़ तोड़ म भारतविशय क यह श भी बखर जाती ह तो ह द को कसी ऊचाई तक उठा ल जाना वहा भी सभव नह ह सरकार त इन दश म नीच क तर पर ह द िश ा क यव था करता हउ च िश ा और राजक य योग क िलए ह द को हण कए जान काअभी सवाल ह पदा नह हआइस कार शासक य तर पर वदश म ह द क जो भी यव था ह उसका अिधकाश हर दश क अपनी अपनीनजर क उपयोिगता क कारण ह उसम भारत सरकार और भारतीयदतावास का योगदान बहत ह सीिमत ह हा मा रशस फजी आ द दश म भारतीय शासन और दतावास क ह द ो साहन वषयक योगदानको अव य यान रखना होगा

यहा इस बात का ववचन भी आव यक ह क शासक य मा यम स ह द क अ यापक और व ािथ य का जो आदान दान होता हउसक या थित ह घ विभ न दश कछ अ य अ यापक कछ व ािथ य अपन यय पर ह द िसखवान क िलए भारत भजत ह कछ व ाथ भारत क छातव य पर विनमय योजनाओ क भीतर भी आतह ऐस ह द अ यताओ का ह द िश ण अिधकाशतः िश ा क क य ह द स थान क मा यम स दया जाता ह कछ को कितपय व व ालय म आव टत कर दया जाता ह कछ दश कछ िन तअविध क िलए भारत स ह द अ यापक का चयन करक आम तकरत ह और अपन यहा ह द िश ण क यव था करात ह भज जानवाल ह द अ यापको क चयन क याए शासक य त स गजरतीहई ऐसी बन ग ह क जो लोग जात ह उनम मशनर प रटषबहत कम और वदश जान का चास पान क ललक अिधक काम करतीह सह मताओ क लाग का चयन आज वस ह क ठन हो गया हअब रह उन लोग क बात जो ह द सीखन भारत आत ह इनम स जो व व ालय स भज जात ह उनम सह िश ा इसिलए नह पहच पाती

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क व व ालय म ह द को आधिनक व ािनक णािलय स तीयभाषा क प म पढ़ान क प ितय का सह वकास नह हआ औरक य ह द स थान इसिलए सह उ रदािय व का वहन नह कर पाता क वह िश ण िश ण णाली क आभासी व ािनकता म उलझ गयाह पर जो भी ह यह एक मा यव थत स था ह जहा व ािनकप ित स वदिशय को भारत म ह द पढ़ान क यव था आयो जत हसब िमलकर शासक य सदभ क साथ जड़कर ह द क दशा वदश

म उतनी उ साहवध क नह उतनी सतोषजनक नह जतनी होनी चा हएभारत म सवधािनक और शासक य तर पर ह द क जो थित हउसम जो शिथ य ह या जो उ साह ह दोन क छाया वदश क शासक य त स वकिसत होन वाली ह द थित पर पड़नाअ वाभा वक नह हभारत म ह द बोलन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह इस

स उद भाषी लोग भी ह द व क प रिध म ह आत ह भारत म ह द चाह सरकार तर पर एकमा सपक भाषा न बन पाए पर उन सग पर जहा दश क विभ न ात म विभ न कार क वग क लोगजड़त ह वहा यह थित दखन को िमलती ह य द यह उ चवग य लोग का स मलन ह तो ायः अ जी सपक भाषा क प म काम करती ह व प सा योग ह द का चलता ह पर य द िमलन लोक जीवन सजड़ लोग का हआ तो ह द अपन आप सपक भाषा का प ल लती हभारत क कसी भी भाग म जाइए य द िमलन वाल लोग उ चवग य याउ चाभासीवग य नह ह तो एक भाषाभाषी स अ य भाषाभा षय किमलन क सपक भाषा ायः ह द िमलगी सिनक जीवन म रलया ाओ म तीथ थान म छा स मलन म ाकितक ऐितहिसकदश नीय थल म बाज़ार म आपको इस ह द व क मता औरउपयोिगता का पता चल सकगा यह थित िनरतर वकिसत हो रह हभारत म ह द बोलन वाल क ह द समझन वालो क और ह द को यावहा रक जीवन म उपयोग करन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह

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यह वकासशील थित ह द क िलए वदश स भी ह वदश म ह द का उपयोग म यतः भारतविशय क ारा होता ह इस स वदश को तीन वग म रखा जा सकता ह पहला वग वह जसम भारतीय फजी सर नाम िनडाड जस दश रख जा सकत ह जहाभारतवशीय लोग भार तादाद म बस रह ह व लोग कामकाज को लकरइन दश म गए थ इनम भारत क स कित और भारत क ह द सस चा अनराग ह उसस जड रहन क ललक ह य लोग जो ह द बोलतह योग म लात ह वह खड़ बोली ह द नह ह पर िलखाई पढ़ाई किलए व मानक ह द क ओर ह बढ़ रह ह दसर वग म व दश ह जहा क भाषा उद ह या जहा उद भाषी जनता

क पहच ह इन म य द भारतीय ह द भाषी िमलत ह तो जोभाषा सपक -भाषा क प म मा यम बनती ह उस ह द स िभ न नह कहा जा सकता अरब रा म भारत और पा क तान दोन ह दश ककाम धामी लोग गए ह इनक पार प रक सपक भाषा ायः ह द होतीह--

तीसर वग म यरोप अमर का आ द व वकिसत रा रख जा सकत ह जहा बहत बड़ स या म भारत क लोग बस भी गए ह और अ थायी प म जा भी रह ह इन लोग म य द कसी ात वशष या वशषक लोग पर पर िमलत ह तो अपनी ीय भाषा का योग करत ह परय द विभ न भारतीय भाषाभाषी िमलत ह तो सपक भाषा ायः ह द होती ह उदाहरण म तौर पर अमर का कनाडा म गजराती-भाषी काफ़ स या म बस ह य द गजराती लोग पर पर िमल ग तो आरिभक सपक अ जी म होन क बाद सपक और बातचीत क भाषा गजराती हो जाएगीपर य द गजराती और तिमल भाषी या गजराती और मलयालम भाषीिमल ग या एकािधक भारतीय भाषाओ क बोलन वाल िमल ग तो य गतसपक भाषा अिधकाशतः ह द बन जाएगी भारत म अगरजी ान व ान क भाषा क प म उतनी नह जतनी ित ाभास क भाषा क प म ित त ह यह थित वदश म भारतीय क पार प रक िमलन

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क समय भी कछ कछ उभर आती ह पर इस आभास स म िमलतह सपक भाषा ह द बनती ह यह बात भारत पा क तान क लोग कपार प रक िमलन पर होती ह ित ाभासी तर पर अ जी चलन कबाद आ मीय स मलन उस ह द म होता ह जो भारत और पा क तानक वा त वक बोली ह जसम स कत अरबी फारसी क असहज प म ठसी नह जाती सहज श दावली सहज प म बोली समझी जाती हभारत म उ च और उ चभासी वग क सपक भाषा अ जी ह जनक

स या 3 ितशत स अिधक नह ह लोक जीवन अपनी अपनी ातीय ीय भाषाओ म चलता ह वा त वक लोक सपक ह द क मा यम सचलता ह इसी कार वदश म भारत और पा क तान क िनवािसय कपार प रक िमलन सग म उ च और उ चाभासी वग क लोग किमलन पर अ जी चलती ह एक भाषी सपक म ीय भाषा एकािधकभाषी सपक म ह द कल िमलाकर 20 स अिधक अ जी का उपयोग यलोग नह करत ह द जानन वाल य को इस फली हई ह द क दिनया म अ जी न जानन पर भी कोई क ठनाई नह होती सकड़ लोग भारत स कसी भी दश क भाषा क बोलन वाल वकिसत दश म कह काम क िलए चल जा रह ह ह द उनक िलए मा यम का कामकर रह ह और व अपना काम कर रह ह ह द क इस दिनया क इस ह द व क जनस या कम नह

ह व म इस स ह द का थान तीसरा ह पर इडोनिशयाजावा समा ा तथा उन म लम बाह य दश म जहा उद बोली समझीजा सकती ह ह द क बोलन समझन म अिधक क ठनाई नह आतीइस स ह द व क म उद ह द का ह एक प बनती हऔर ह द व क थित अ जी क बाद आती ह उद का याकर णकढाचा उसक आधारभत श दावली और उसक महावर दानी ह द व क सीमा क बाहर क न थी न अभी हयह वशाल ह द व विभ न दश म फला हआ ह पर बखरा

पड़ा ह इसक श ीणा पड़ ह इस सजोना होगा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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अ य एव बध िनदशक जी का सदशयह हष का वषय ह क क कण रलव क कारवार क वा ष क ई-

प का lsquoकारवार ितभाrsquo क आठव अक का काशन कया जा रहा हइसक काशन म सहयोग दान करन वाल रचनाकार लखक एवरलकिम य को मर ओर स हा द क बधाईlsquoकारवार ितभाrsquo का काशन वगत सात वष स कया जा रहा ह

इस प का न राजभाषा हद काया वयन क म अपनी उ लखनीयपहचान बनाई ह इसन न िसफ कािम क क बीच सश सवाद सत क भिमका िनभायी ह वरन पाठक क बीच मानवीय सवदनाओ को जागतकरन का मह वपण काय कया हमरा मानना ह क ढ़ िन य होकर सभी क सहयोग स िनधा रत

ल य क साथ कोई काय कया जाए तो सफलता अव य ा होती हइसी म म मर अप ा ह क क कण रलव जस तरह स रलव क हर म लगातार क ित मान बना रह ह उसी तरह राजभाषा क म भीलगातार क ित मान बनाती रहमरा व ास ह क क कण रलव क सभी अिधकार और कम चार

राजभाषा चार- सार एव उसक काया वयन क ज मदार को ईमानदार स िनभात हए िनरतर उ च तर क यास क मा यम स ऊची स ऊचीउड़ान भर गमझ आशा ह क आप सभी सधी पाठक को lsquoकारवार ितभाrsquo का आठवाअक बहद पसद आएगा म अपनी शभकामनाओ क साथ lsquoकारवार ितभाrsquo प का क िनरतर काशन और उ जवल भ व य क सखदकामना करता ह

4

ीय रल बधक क कलम स हद आज व भाषा क प म ित त ह ससार म सबस अिधकबोली और समझी जानवाली भाषाओ म हद का दसरा थान ह इसभाषा क वकास और चार क िलए सदा य शील रहना हमारा कत यह हद भाषा हमार पहचान का तीक ह और यह भाषा भारतीयस कित क भी पहचान ह यह पहचान अ मता का िनमाण करती हऔर अ मतावान समाज और रा अ य क तलना म अिधक गितऔर वकास करत ह य भाषा क ारा मन य न कवल एक-दसर क वचार ह नह जानलत वरन उसक सहायता स उनक नय वचार भी उ प न होत ह कसी वषय को सोचत समय हम एक कार का मानिसक सभाषण करतह जसस हमार वचार आग चलकर भाषा क प म कट होत ह कारवार क ई हद प का ldquo कारवार ितभा rdquo क 8 व अक कोअिधक आकष क और स िचपण बनान क िलए सबिधक किम य कोहा द क ध यवाद दता ह आशा करता ह क इस प का क रचनाय लख ानव क और पसद ह ग

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अन म णका

1 ईमानदार - एक जीवन शली2 सबस श और व ान स मत भाषा ह ह द 3 सपक भाषा क प म हद 4 वदश म हद क चार- सार क थित5 राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक 6 हद का व तार और वकास7 तकनीक मा यम म हद 8 राजभाषा पखवाडा9 भाषा- क वता

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ईमानदार ndash एक जीवन शली

ईमानदार पर जीवन भर बहत सी मह वपण भिमका िनभाती ह जसखली आख स आसानी स बहत प प स दखा जा सकता ह समाजक लोग ारा ईमानदार कहा जाना उस य क िलए सबस अ छाप रपरक ह यह उस य क ारा जीवन म कमाई हई वा त वकस प ह जो कभी भी ख म नह होती ह आजकल समाज म ईमानदार क कमी लोग क बीच अ तर का सबस बड़ा कारण ह यहअिभभावक -ब च और व ािथ य -िश क क बीच उिचत पार प रकस पक क अभाव क कारण ह ईमानदार कोई व त नह ह जस खर दाया बचा जा सक इस धीर-धीर ब च म एक अ छ आदत क प म वकिसत करन क िलए कल और घर सबस अ छ थान ह घर और कल व थान ह जहा एक ब चा नितकता को सीखता ह इस कारिश ा णाली म ब च को नितकता क कर ब रखन क िलए कछआव यक रणनीित होनी चा हए ब च को उनक बचपन स ह घर और कल म अिभभावक और िश क क मदद स ईमानदार होन क िलएउिचत तरह स िनद श दन चा हए कसी भी दश क यवा उस दश कभ व य होत ह इसिलए उ ह नितक च र को वकिसत करन क िलएबहतर अवसर दन चा हए ता क व दश का बहतर तर क स नत व करसक ईमानदार मन य क सम याओ का स चा समाधान ह आजकलकवल ईमानदार लोग क स या म कमी होन क कारण समाज म यक जगह ाचार और बहत सी सम याए ह इस तज और ितयोगी वातावरण म लोग नितक म य को भल गए ह सभी चीज को ाकितक तर क स चलन दन क िलए इस बात पर पन व चार करनाबहत आव यक ह क समाज म ईमानदार को वापस कस लाया जाएlsquoईमानदार एक सव नीितrsquo ह यह कहावत तो हमन सनी ह होगी औरइस सव नीित को अगर हम अपनी जीवनशली बना ल तो फर कहनाह या हमारा जीवन ध य हो सकता ह ईमानदार एक गण ह नह ब क एक आचरण ह अगर हमार जीवनशली ईमानदार य ह तो

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हमार चार तरफ का वातावरण सकारा मक ह बनगाईमानदार व ास का दसरा पया य ह अगर हम अपन जीवन म ईमानदार ह तो हम पर लोग सहज प स व ास कर ग बईमानी सकाय करन स जीवन म एक अपराध बोध रहता ह जो जदगी भर हमारापीछा नह छोड़ता और हमार मन को नकारा मकता स भर दता ह यनकारा मकता का प रणाम जीवन म कभी ना कभी भोगना ह पड़ता हय द हम ईमानदार स रह ग तो हमार अदर कोई भी अपराध बोध नह रहगा और हम सकारा मक होकर सोच ग यह सकारा मकता हमार सफलता का माग श त करगीईमानदार को अगर हम अपनी जीवनशली बना ल तो यह हमार जीवनम अनक प स मदद कर सकती ह यह जीवन म हम अ छ और उ चगण वाल िम को िमलान म मदद करती ह ईमानदार लोग म हमारा व ास कायम करती ह जसस हम समाज म मान-स मान और ित ा ा होती ह ईमानदार हमार अदर एक आ म व ास का िनमा ण करतीह जसस हम और अिधक ढ़ता स अपन ल य क ओर अ सर होत ह ईमानदार हमार अदर लोक क याण क भावना का वकास करती ह औरहमार अदर म एव दया उ प न करती ह य क जो य ईमानदार हवह कभी कसी का अ हत नह सोच सकता वह सदव दसर का हत ह करगा ईमानदार हमार आ म सत का भी एक मह वपण उपाय हअगर हम ईमानदार स अपना जीवन यतीत कर तो हमार जीवन म शाित और सत होगीहाला क आज क यग म ईमानदार स रहना बड़ा ह क ठन ह ल कनईमानदार स रहना असभव नह श म हम इसक पालन म काफ क ठनाइया हो सकती ह ल कन धीर-धीर हमार ईमानदार स रहन क व वकिसत हो जाएगी तो हम ईमानदार स चलन म क ठनाई नह ब क आनद आएगा इसिलय ईमानदार एक गण ह नह ब क एकजीवनशली ह

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सामा जक और आिथ क स तलन को बनान क िलए लोग को ईमानदार क म य को समझना होगा लोग क ारा ईमानदार का अनसरण करनाबहत आव यक ह य क यह आधिनक समय क अिनवाय आव यकताबन गई ह यह एक अ छ आदत ह जो एक य को क ठनप र थितय को सलझान और सभालन म पया स म बनाती ह

(दामोदर नाईक)वय क सिचव कारवार

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सबस श और व ान स मत भाषा ह ह द

ह द आज भारत म ह नह ब क व क वराट फलक पर अपनअ त व को आकार द रह ह आज ह द व भाषा क प म मा यता ा करन क ओर अ सर ह अब तक भारत और भारत कबाहर सात व ह द स मलन आयो जत हो चक ह वत मान म आिथ क उदार करण क यग म बहरा ीय दश क कपिनय नअपन दश (अम रका टन ास जम नी चीन आ द) क शासक परदबाव बढ़ाना श कर दया ह ता क वहा ह द भाषा का चार- सारतजी स बढ़ और ह द जानन वाल एिशयाई दश व अपना यापारउनक भाषा म सगमता स कर सक अतरा ीय तर पर ह द क गित य द इसी कार होती रह तो वह दन दर नह जब ह द सय रा सघ म एक अिधका रक भाषा का प हािसल कर लगी वत मान म मातभा षय क स या क कोण स व क भाषाओ म मदा रन[चीनी] भाषा क बाद ह द का दसरा थान हचीनी भाषा क बोलनवाल क स या ह द भाषा क बोलन वाल स अिधक ह पर तमदा रन भाषा का योग ह द क तलना म सीिमत ह और अ ज़ीभाषा का योग ह द क अप ा अिधक ह क त ह द कमातभा षय क स या अ ज़ी भा षय स अिधक हआज व क तर पर यह िस हो चका ह क ह द भाषा अपनी िल पऔर व या मकता (उ चारण) क िलहाज स सबस श और व ानस मत भाषा ह हमार यहा एक अ र स एक ह विन िनकलती ह औरएक बद (अन वार) का भी अपना मह व हदसर भाषाओ म यहव ािनकता नह पाई जाती अतरा ीय तर पर ा भाषा अ ज़ी को ह दख वहा एक ह विन क िलए कतनी तरह क अ र उपयोग म लाएजात ह जस ई क विन क िलए ee (see) i (sin) ea (tea) ey (key) eo

(people) इतन अ र ह क एक ब च क िलए उ ह याद रखना म कलह इसी तरह क क उ चारण क िलए तो कभी c (ca) तो कभी k(king) ch का उ चारण कसी श द म क होता ह तो कसी म च ऐस

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स कड़ उदाहरण आ य क बात ह क ऐसी अिनयिमत और अ यव थतम कल अ जी हमार ब च चार साल क उ म सीख जात ह ब कअब तो वदश म भी हद तानी ब च न पिल स म व तर पर रकॉड कायम कए ह जब क इ ल ड म कली िश काए भी अ ज़ी क सह पिल स िलख नह पातीहमार यह अ जी भाषा क धरधर ब च कॉलज म पहचकर भी ह द म मा ाओ और ह ज क गलितया करत ह और उ ह सह ह द नह आती जब क ह द सीखना दसर अ य भाषाओ क मकाबल कह यादाआसान ह ऐस म ह द क उप ा और उसक रा भाषा न बन पान ककारण का व रत और ग भीरता पव क अ ययन कर समा कर ह द को ह द तान क म तक पर सजाना होगावब व ापन िसनमा औरबाजार क म हद क माग जस तजी स बढ़ ह वसी कसी औरभाषा म नह व क लगभग 150 व व ालय तथा सकड़ छोट-बड़क म व व ालय तर स लकर शोध तर तक हद कअ ययन-अ यापन क यव था हई ह वदश म 35 स अिधकप -प काए लगभग िनयिमत प स हद म कािशत हो रह ह यएईम हम एफ-एम ह द र डयो सारण सवा ह इसी कार बीबीसीजम नी क डायच वल जापान क एनएचक व ड और चीन क चाइनार डयो इटरनशनल क हद सवा वशष प स उ लखनीय ह वदश म चालीस स अिधक दश क 600 स अिधक व व ालय और कल म ह द पढ़ाई जा रह ह व क मानिच म ास का एक वशष थान ह ास क प रस शहरम सौरबन व व ालय म 3 वष क पा य म क अलावा पीएचड किलए शोध क भी यव था ह lsquorsquoप रस क ा य भाषाओ एव स यताओक रा ीय स थानrsquorsquo म हद म 2 वष का स ट फकट कोस 3 साल का ड लोमा 4 साल म उ च ड लोमा 5 साल और 6 साल क उ चअ ययन क िश ण क भी यव था ह

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जापान जापान क टो यो और ओसाका व व ालय म हद का छहवष य कोस ह इसक अलावा अ य व व ालय एव कॉलज म हद वक पक वषय क प म तीय एव ततीय भाषा क प म पढ़ाई जातीह सन 1992 क कर ब जापान का एक हद कॉलर काफ समय तकभारत म रहन क उपरात िशकागो गया और वहा पर हद का एक वहतप तकालय दखकर उस जापानी व ान न भारत म अपन एक िम ोफ़सर को प िलखा था क यहा क हद प तकालय को दखकर द ली व व ालय क प तकालय को शिम दा होना पड़गा तो ऐसी ह हमार रा भाषा हद कनाडा कनाडा क यिनविस ट आफ टश कोल बया म हद का 2 वष का पा य म ह मॉ यल व व ालय म ारिभक तर पर औरअटावा शहर म बन मकल हद हाई कल म 1971 स सभी क ाओ म और टोरटो शहर क कछ कल म भी हद पढ़ाई जाती हसय रा य अम रका सय रा य अम रका क 30 व व ालय म उ च इटरमी डएट एव ारिभक तर पर एक वषय क प म पढ़ाईजाती ह सय रा य अम रका म यन व व ालय म 1815 स ह ह द क यव था ह 1875 म कलाग न ह द भाषा का याकरणतयार कया थाअमर का स ह द जगत कािशत होती ह किलफोिन याकोल बया व कॉ सन पनिसलविनया वज िनया ट सास वािशगटनऔर िशकागो आ द व व ालय म हद का भाषा क त अ यन होताहनाव नाव क ओसलो व व ालय म मा टर ड ी क िलए हद कापठन-पाठन कया जाता ह तथा कछ अ य शहर म भी ाथिमक तरक कल म हद पढ़ाई जाती ह वीडन क काटहोम व व ालय म हद का आधारभत पा य म पढ़ाया जाता ह उ पसला व व ालय म हद पढ़ाई जाती हद ण अ का द ण अ का क यिनविस ट आफ डरबन म [डरबनशहर] म नातक और नातको र ड ी क िलए ह द पठान क

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यव था ह 50 व ालय म रा भाषा चार सिमित वधा क पर ाओक िलए हद पढ़ाई जाती हजम नी जम नी क ह बो ट व व ालय बिल न थत व व ालयबिल न थत ह लीप जग व व ालय मा ट नलथर व व ालय बान व व ालय हाईडलबग व व ालय और ह बग व व ालय म िनयिमत प स हद पढ़ाई जाती ह यहा क अ य कई व व ालय म भी हद पढ़ाई जाती ह

स स म मा को थत lsquorsquo ा य अ ययन स थानrsquorsquo और पतरबग थत lsquorsquo ा य भाषा स थानrsquorsquo म 1920 स हद पढ़ाई जा रह ह ला दवो तोक टट यिनविस ट म भी हद पढ़ाई जाती ह

व ज़रल ड व ज़रल ड म लवसान और य रख क व व ालय म हद क ारिभक पा य म पढ़ाय जात ह

ऑ िलया ऑ िलया क कनबरा थत व व ालय म नातक तरपर ऐ छक वषय क प म हद का अ ययन होता ह ला ोव मोनाशतथा वीसल ड क व ापीठ म भी हद पढ़ाई जाती ह अ य दशो जसडनमाक पोल ड चक गणरा य हगर द ण को रया म सको यबाब जयम ऑ या फनल ड रोमािनया ोिशयागणरा य मगोिलयाउ ब क तान तजा क तान तक थाईल ड र यिनयम अज ट ना सऊद अर बया ओमान बहर न मलिशया ताइवान िसगापर क या कवतइराक ईरान तजािनया जा बया बहर न बो सवाना और इडोनिशया क कल म हद का अ यापन होता हदश पा क तान क कराची लाहौर व व ालय तथा इ लामाबाद क कल ऑफ मॉडन ल वजस म स ट फकट और ड लोमा तर पर हद पढ़ाई जाती ह ीलका म ड ी कोस तक हद पढ़ाई जाती ह हमारपड़ोसी नपाल क भवन व व ालय म नातको र और पीएचड तकक हद स वधा ह बा लादश म हद का 4 वष य कोस ह भटान क 8 कल तथा बमा क म दर धम शालाओ व गर सरकार कल म हद

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पढ़ाई जाती ह तो यह ह हमार पड़ोसी दश म हद क थित कछऐस भी दश ह जहा बड़ स या म भारतीय रहत ह और वहा भाषा कसाथ साथ भारतीय स कत को भी आग बढ़ा रह ह वहा हद म प प काए भी िनकलती ह जस मार शस फजी सर नाम गयाना िनदाद और टोबगो हद का भ व य उ वल ह अगर हद क वकास म कोई बाधा ह तो वय हम भारतीय जो अ जी का मोह नह छोड़ पात हम वय हद क उप ा करत ह हमार घर म हमार ह मा उप त ह और दसर क मा अ जी को हम मा-मा कहकर िच लात ह जो हम मौसी जसा भीभाव नह दती कसी व ान न कहा था कndash lsquoअगर कसी को गलामबनाना ह तो पहल उसक भाषा व स कित को न कर दोrsquo वह खदगलाम हो जाएगा वह अ ज न कया हमार भाषा व स कत को वकत कर दया वह जात-जात अपना काम कर चक थ अ जी अपनापर पसार चक थी और आज अ जी क या थित ह सब जानत ह सबस यादा अ वासी भारतीय का हद क वकास म योगदान ह हमारदश म म यवग य प रवार क लोग अपन ब च को अ जी मा यम सपढ़ात ह हद मा यम स पढ़ान म खद को ह न महसस करत ह इसम भारत सरकार क कमजोर ह हर सरकार काया लय म यादातर काय अ जी म ह कए जात ह जहा भी नौकर क िलए जाइय पहला सवालयह होता ह- अ जी आती ह क नह अगर नह तो समझो नौकर नह िमलगी इसिलए हद वाल क मन म ह न भावना घर कर गईआज हर गर ब-अमीर आदमी अपन ब च को का व ट कल म भजनाचाहता ह यह कारण ह क आजाद क 70 साल बाद भी हद रा भाषानह बन पाई इस मामल म हम चीन स सबक लन क ज रत ह जोअपनीरा भाषा क ित क टब ह अ ज न जस अ जी को अतरा ीयभाषा बनाया उसी तरह अगर हम हद का योग खलकर हर जगह कर पढ़-पढ़ाए हद क ित समप ण रणा ल और द फर वह दन दरनह जब दिनया वाल हद क पीछ भाग ग और हद एक था पतअतरा ीय भाषा होगी ज रत ह तो अपनी रा भाषा क ित ढ़िन यी

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होना म होना ह द को लकर िनराश नह होना और उ साह होना

(द पक ताबोसकर)किन अिभयता

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सपक भाषा क प म हद भाषा क सामा य प रभाषा म यह कहा जा चका ह क lsquoभाषा मन य क वचार- विनमय और भाव क अिभ य का साधन हrsquo स पक भाषाका आशय जनभाषा ह कसी का सामा य य चिलत शली म जो भाषा बोलता ह वह जनभाषा ह दसर श द म वशष क सपक भाषा ह जनभाषा ह इसिलए ज र नह क जनभाषा श सा ह यक प वाली ह हो या वह याकरण क िनयम स बधी होस पक भाषा या जनभाषा वह भाषा होती ह जो कसी दश या दशक ऐस लोग क बीच पार प रक वचार- विनमय क मा यम का कामकर जो एक दसर क भाषा नह जानत दसर श द म विभ नभाषा-भाषी वग क बीच स परषण क िलए जस भाषा का योग कयाजाता ह वह स पक भाषा कहलाती ह इस कार lsquoस पक भाषाrsquo क सामा य प रभाषा होगी lsquoएक भाषा-भाषी जस भाषा क मा यम स कसी दसर भाषा क बोलन वाल क साथ स पक था पत कर सक उसस पक भाषा या जनभाषा (Link Language) कहत ह rsquo बकौल डॉपरनचद टडन lsquoस पक भाषा स ता पय उस भाषा स ह जो समाज क विभ न वग या िनवािसय क बीच स पक क काम आती ह इस स िभ न-िभ न बोली बोलन वाल अनक वग क बीच ह द एक स पक भाषा ह और अ य कई भारतीय म िभ न-िभ न भाषाए बोलन वाल क बीच भी स पक भाषा हrsquo डॉ मह िसह राणा न स पक भाषा कोइन श द म प रभा षत कया ह lsquoपर पर अबोधग य भाषा या भाषाओक उप थित क कारण जस स वधाजनक विश भाषा क मा यम सदो य दो रा य कोई रा य और क तथा दो दश स पक था पतकर पात ह उस भाषा वशष को स पक भाषा या स पक साधक भाषा(Contact Language or Interlink Language) कहा जा सकता हrsquo भारतएक बहभाषी दश ह और बहभाषा-भाषी दश म स पक भाषा का वशषमह व ह अनकता म एकता हमार अनपम पर परा रह ह वा तव म सा कितक स सारा भारत सदव एक ह रहा ह हमार इस वशाल

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दश म जहा अलग-अलग रा य म िभ न-िभ न भाषाए बोली जाती ह और जहालोग क र ित-र वाज खान-पान पहनाव और रहन-सहन तकम िभ नता हो वहा स पक भाषा ह एक ऐसी कड़ ह जो एक छोर सदसर छोर क लोग को जोड़न और उ ह एक दसर क समीप लान काकाम करती ह-

डॉ भोलानाथ न स पक भाषा क योग को तीन तर पर वभा जत कया ह एक तो वह भाषा जो एक रा य (जस महारा या असम) सदसर रा य (जस बगाल या असम) क राजक य प - यवहार म कामआए दसर वह भाषा जो क और रा य क बीच प - यवहार कामा यम हो और तीसर वह भाषा जसका योग एक दश का य दसर दश क य स अपन िनजी काम म कर आजाद क लड़ाई लड़त समय हमार यह कामना थी क वत रा क अपनी एकरा भाषा होगी जसस दश एकता क स म सदा क िलए जड़ा रहगामहा मा गाधी लोकमा य ितलक नताजी सभाषच बोस आ द सभीमहाप ष न एक मत स इसका समथ न कया य क ह द हमारसामा जक सा कितक धािम क आ दोलन क ह नह अ पत रा ीयचतना एव वाधीनता आ दोलन क अिभ य क भाषा भी रह हभारत म lsquo ह द rsquo बहत पहल स पक भाषा क प म रह ह औरइसीिलए यह बहत पहल स lsquoरा भाषाrsquo कहलाती ह य क ह द क साव दिशकता स पण भारत क सामा जक व प का ितफल हभारत क वशालता क अन प ह रा भाषा वकिसत हई ह जसस उ रद ण पव और प म कह भी होन वाल मल - चाह वह याग म कभहो अथवा अजमर शर फ क दरगाह हो या विभ न दश क हमार सा कितक एकता क आधार तभ तीथ थल ह - सभी थान परआदान- दान क भाषा क प म ह द का ह अिधकतर योग होता हइस कार इन सा कितक पर पराओ स ह द ह साव दिशक भाषा क प म लोक य ह वशषकर द ण और उ र क सा कितक स ब ध क ढ़ खला क प म ह द ह सश भाषा बनी ह द का

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व तत ह स पक भाषा ह द का आयाम जनभाषा ह द सबस यापक और लोक य ह जसका सार ीय तथा रा ीय तर सबढ़कर भारतीय उपमहा प तक ह िश त अध िश त अिश त तीन वग क लोग पर पर बातचीत आ द क िलए और इस कार मौ खकमा यम म जनभाषा ह द का यवहार करत ह भारत क िल व ाकाल वज आव वाइडर क यिनकशन पन इ डयन ल वज अ तर ादिशकभाषा लोकभाषा भारत- यापी भाषा अ खल भारतीय भाषा- य नामlsquoजनभाषाrsquo ह द क िलए य होत ह हमार दश क बहभा षकता क ढाच म ह द क विभ न भौगोिलक औरसामा जक क अित र भाषा- यवहार क म भी स पक िस का ऐसा काय िन पा दत कर रह ह जसका न कवल कोई वक पनह अ पत जो ह द क व वध भिमकाओ को सम ता क साथिन पत करन म भी समथ ह ह द न पछल हजार वष म वचार- विनमय का जो उ रदािय विनभाया ह वह एक अनठा उदाहरण ह कछ लोग क यह धारणा ह क ह द पहल lsquoरा भाषाrsquo कहलाती थी बाद म इस lsquoस पक भाषाrsquo कहाजान लगा और अब इस lsquoराजभाषाrsquo बना दन स इसका सीिमत होगया ह व तत यह उनका म ह जसा क पहल उ लख कया जाचका ह क ह द स दय स स पक भाषा और रा भाषा एक साथ रह हऔर आज भी ह भारत क स वधान सभा ारा 14 िसत बर 1949 कोइस राजभाषा क प म वीकार कर लन स उसक योग का और व तत हआ ह जस बगला तिमल तलग क नड़ मलयालम आ द को मश बगाल तिमलनाड कना टक करल आ द क राजभाषा बनाया गयाह ऐसा होन स या उन भाषाओ का मह व कम हो गया ह िन यह नह ब क इसस उन सभी भाषाओ का उ रदािय व और योग पहल स अिधक बढ़ गया ह जहा पहल कवल पर पर बोलचाल म कामआती थी या उसम सा ह य क रचना होती थी वह अब शासिनककाय भी हो रह ह यह थित ह द क भी ह इस कार ह द

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स पक और रा भाषा तो ह ह राजभाषा बनाकर इस अित र स मान दान कया गया ह इस सग म डॉ सरश कमार का कथन बहत ह ासिगक ह lsquo ह द को कवल स पक भाषा क प म दखना भलहोगी ह द आधिनक भारतीय भाषाओ क उ व काल स म यदश किनवािसय क सामा जक स परषण तथा सा ह यक-सा कितक अिभ य क भाषा रह ह और अब भी ह भाषा-स पक क बदली हईप र थितय म (जो पहल फ़ारसी-तक -अरबी तथा बाद म म य प सअ जी क साथ स पक क फल व प वकिसत हई) तथा वत भारतीयगणरा य म सभी भारतीय भाषाओ को अपन-अपन भौगोिलक म यावसाियक और सा कितक यवहार क अिभ य क िलए योग म लान क िनण य क बाद ह द का स पक भाषा काय गण औरप रमाण क स इतना वकिसत हो गया ह क उसक स ब ध म िच तन तथा अनवत काय एक स ा तक और यावहा रक आव यकताबन गए ह rsquo वा तव म भाषा स पक क थित ह कसी स पक भाषाक उ व और वकास को रत करती ह या एक स ित त भाषा कस पक काय को सप करती ह ह द क साथ दोन थितय कास ब ध ह आ त रक तर पर ह द अपनी बोिलय क यवहारकता ओक बीच स पक क थापना करती रह ह और अब भी कर रह ह तथाबा तर पर वह अ य भारतीय भाषा भाषी समदाय क म य एकमा स पक भाषा क प म उभर आई ह जसक अब व वध आयाम वकिसत हो चक ह कल िमलाकर ह द का वत मान गौरवपण हउसक भिमका आज भी सामा य-जन को जोड़न म सभी भाषाओ क अप ा सबस अिधक कारगर ह

( या पोकल) हद अनवादक बलापर

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वदश म हद क चार- सार क थितसतोष ह करना हो तो यह बात कम नह क ह द व क तीस सअिधक दश म पढ़ -पढ़ाई जाती ह लगभग 100 व व ालय म उसकिलए अ यापन क खल हए ह अकल अमर का म लगभग 20 क म उसक अ ययन अ यापन क यव था ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड जस दश म भारत मल क िनवािसय क उ लखनीय स याहोन क कारण वहा ह द वतः स नह चा रत होता ह व क यक मख दश म हमार दतावास ह जनस राजनीितक सदभ क अित र यह भी आशा क जाती ह क व ह द क चार सार क ओर भी यान द ग और अपन भारत क सामा जक स कित और भारत क रा भाषा ह द का ितिनिध समझ ग पर य द यह िच उतना ह सचहोता जतना रगीन लग रहा ह तो सतोष करन म कोई बराई न थी वदश म ह द क मह व चार एव सार क थित न सब जगहएक सी ह न ऐसा होना सभव ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड म ह द क िलए वहा क जनता क एक बड़ भाग म जो आदर और म हवह यरोप या अम रका क दश म कस िमल सकता हघ इसिलए वदश म ह द क थित चार सार क सम याओ क भी व वध प हउनक समाधान भी व वध प म खोजन ह ग वदश म ह द क थित चार तथा सार को लकर दो िभ न य स वचार करनाहोगा एक ह जो सरकार त स जड़ ह दसर ह जसका सबधजन जीवन म ह पहल सरकार त क स वदश म ह द क थित का जायजा िलया जाएपहल अपन सरकार त क स जहा तक त यगत थित ह हमारदतावास स च अथ म न तो भारत क सामािसक स कित क सवाहकबन पाए ह नह भारत क रा भाषा क ितिनिध उनक िलएअिधका रय का जो चनाव होता ह उसम भी इस को अिनवाय तः क म नह रखा जाता घर म ह जब ह द का मामला राजनीित क पचड़म उलझ गया हो तो हमार दतावास पर उसक छाया न हो यह हो भी

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कस सकता हघ सामा यतः उन दश म जहा क भारतवशीय लोग क स या अ छ ख़ासी ह और वहा ह द और भारतीय स कित क िलएललक भरा अनराग ह ऐस ह ितिनिधय और अिधका रय का चयनहोता रहा हजो भारतीय स कित और ह द क अनयायी ह उदाहरण किलए मॉ रशस म डॉ भगवतशरण उपा याय जस लोग को भजा जानाइसी कोण का प रचायक था कत यरोपीय अमर का तथा अरब दश क िलए ितिनिध भजन हए इन बात क ओर यान रखना अप तनह माना जाता रहा प रणाम यह रहा ह क इन म हमार दतावासप मी रग म रग ह द का नाम भी यदा कदा ासिगक प म लतहए ह द क चार सार स सव था िनःसग रह ह कह कोई अपवादभल िमल जाए अतः इस को ट क दतावास म सामा यतः ह द क ित ा या चार सार का वा त वक प उभर ह नह पाया हो हा सजस कितपय सा वाद दश म भारत स उसक अपनी भाषा को अ जीस वर यता दए जान क अप ा क गइ तो वहा क हमार दतावास नअव य इस ओर जाग क रहन क आव यकता समझी बात अब फरिशिथल पड़ गई ह और अिधकाशतः काय यापार अ जी क मा यम सह होता ह ह द क मा यम स नह कह कह ह द क अनवाद साथम लगाए जा रह ह पर सीिमत प म ह

हमार दतावास जन दश म ह उनक सरकार क साथकाय - यवहार म ह द का उपयोग कर - यह थित क पना स काफ़ दरक ह ायः यह थित ह क हमार दश स जान वाल भारतीय लोग को अपन दतावास स सपक करन क िलए अ जी का ह उपयोग करनापड़ता ह इन लोग म भी ऐस लोग क स या भी अिधक नह होतीजो ह द म काम लन म गौरव अनभव करत ह पर कछ लोग ऐस भीहोत ह ज ह अ जी अ छ तरह नह आती व अपन दतावास स य द ह द क मा यम स सपक सहायता चाह तो उ ह क ठनाई ह होती हअब इस पहल पर वचार कया जाए क वदश क व वध सरकार क ओर स ह द क ित कसा रवया ह और कन सदभ म ह द क या

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थित ह जहा तक सरकार का भारतीय दतावास या भारत क साथसीध सपक म ह द क योग क बात ह उ ह इस बात क अिनवाय आव यकता तीत ह नह होती उनका काम अिधकाशतः ह द स नह अ जी स चलता ह जो दश अ जी भावी नह ह और अपनी भाषा परबल दत ह व म यतः अपनी भाषा का साथ म अ जी का यदा कदा ह द क अनवाद क साथ योग करत ह ह द अनवाद का योगबहत ह सीिमत मा ा म क हए नग य होता ह हा कछ मामल म ह द अनवाद साथ म लगान का ितबध ह उन सदभ म उस लगा दया जाता हभारत क वत होत ह बड़ बड़ दश न भी य अनभव कया था क व क इस बड़ भभाग स सपक करन क िलए उ ह ह द क आव यकता होगी भारतीय स वधान म यव था क गई थी क 15 वष म ह द अ जी का थान ल लगी अतः उ ह भी यह आभास हआ था क इस दश स िनकट सपक बनान क िलए उ ह ह द क ओर आनापड़गा फलतः विभ न मख दश क सरकार न अपन व व ालय म ह द क अ ययन अ यापन क यव था और स वधा क ओर यान दया अपन छा को छा व य दान कर ह द पढ़न क िलए भारतभी भजा यहा स भी अ यापक बलाए गए या यह िसलिसला कछ नकछ अब भी जार ह पर वह ललक नह रह उ ह साफ दखाई द रहाह क भारत म वह थित क पना स भी दर पीछ धकली जा चक ह जसम ह द एकमा दश क रा भाषा और सपक भाषा बनगी जबअ जी यहा थायी प स जमती दखाई द रह हो तो कोई रा अपनयवक क म और अपन पस को ह द क िलए या यय करगा सीधासवाल उपयोिगता का ह

पर सरकार सदभ स हटकर मह वपण एव वकिसत रा म ह द क उपयोिगता कछ अ य य स भी ह भारत क वत होन स पहलस ह अनक रा इस दश क स कित और स यता को समझना चाहतरह ह वत ता पव क कारण कछ और थ अब कछ और ह यह बाद

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दसर ह पर व क जनस या क एक बड़ भाग को समझन क कोिशश वकिसत रा न कर यह आज क सदभ म सव था असभव हआज क राजनीित सीध सरकार क बीच भी चलती ह सरकार औरजनता क बीच स भी चलती ह म सह सबध राजनीितक सबध किलए ह नह लड़न क िलए भी दसर दश क भाषा सीखन क आव यकता ह इसका उदाहरण ह द क सदभ म चीन का हभारत-चीन य क समय यह सामन आया था क चीन न अपन अनकसिनक को एक आव यक मा ा म ह द का िश ण दया हआ था तोअपन अपन वाथ अथ को यान म रखकर विभ न वकिसत रा अपन यहा ह द क पठन पाठन क यव था करत ह कछ भारत कोसमझन क िलए कछ भारत स उपयोगी सदभ क िलए कछ भारत स म क िलए

जन वदशी व व ालय म ह द अ ययन-अ यापन क यव थाए ह उनक आिथ क यव था भल ह उन दश क सरकार क ओर स होती हो पर अनकानक वदशी ह द व ान ह द और भारतीयस कित क अनराग म इतन रम गए ह क उ ह न अपनी जीवनचया कोह ह द क ित सम प त कर िलया ह उनम इतना स चा और गहरा ह द अनराग ह क य ह द का काम ह नह करत ब क जब जब ह द इस दश म बढ़ती ह उनम स नता होती ह जब जब ह द पीछधकली जाती ह उ ह पीड़ा होती ह ह द क इन अनरागी वदशी व ान क ित यह दश कत ह ऊपर क चिच त थित अरब रा म नह दखाई दती उनका झकाव आव यकता क मा ा क अन प उद क ओर हआ ह ह द क ओर नह पर इसका लाभ इस दश क उन लोग को भी बराबर िमलता ह जो इन रा म यापार नौकर या अ यसदभ स गए ह उद व पतः ह द स दर होकर भी बहत दर नह जापाती अतः िल खत प म चाह न सह बोलचाल क तर पर उसकालाभ ह द उद दोन क लोग को वहा समान प स िमलता ह तीसरवग म व दश आत ह जहा भारत क मल िनवासी बड़ स या म बस हएह जस मा रशस फजी सर नाम िनडाड आ द इन दश म ह द जो

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राजक य आ य सीिमत प म ह ा ह अपनी जनस या क आधारपर भारतीय जतना ितिनिध व अपन दश क सरकार म ल पात ह उसी अनपात म य ह द को उठान क बात कर पात ह अबराजनीितक जोड़ तोड़ म भारतविशय क यह श भी बखर जाती ह तो ह द को कसी ऊचाई तक उठा ल जाना वहा भी सभव नह ह सरकार त इन दश म नीच क तर पर ह द िश ा क यव था करता हउ च िश ा और राजक य योग क िलए ह द को हण कए जान काअभी सवाल ह पदा नह हआइस कार शासक य तर पर वदश म ह द क जो भी यव था ह उसका अिधकाश हर दश क अपनी अपनीनजर क उपयोिगता क कारण ह उसम भारत सरकार और भारतीयदतावास का योगदान बहत ह सीिमत ह हा मा रशस फजी आ द दश म भारतीय शासन और दतावास क ह द ो साहन वषयक योगदानको अव य यान रखना होगा

यहा इस बात का ववचन भी आव यक ह क शासक य मा यम स ह द क अ यापक और व ािथ य का जो आदान दान होता हउसक या थित ह घ विभ न दश कछ अ य अ यापक कछ व ािथ य अपन यय पर ह द िसखवान क िलए भारत भजत ह कछ व ाथ भारत क छातव य पर विनमय योजनाओ क भीतर भी आतह ऐस ह द अ यताओ का ह द िश ण अिधकाशतः िश ा क क य ह द स थान क मा यम स दया जाता ह कछ को कितपय व व ालय म आव टत कर दया जाता ह कछ दश कछ िन तअविध क िलए भारत स ह द अ यापक का चयन करक आम तकरत ह और अपन यहा ह द िश ण क यव था करात ह भज जानवाल ह द अ यापको क चयन क याए शासक य त स गजरतीहई ऐसी बन ग ह क जो लोग जात ह उनम मशनर प रटषबहत कम और वदश जान का चास पान क ललक अिधक काम करतीह सह मताओ क लाग का चयन आज वस ह क ठन हो गया हअब रह उन लोग क बात जो ह द सीखन भारत आत ह इनम स जो व व ालय स भज जात ह उनम सह िश ा इसिलए नह पहच पाती

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क व व ालय म ह द को आधिनक व ािनक णािलय स तीयभाषा क प म पढ़ान क प ितय का सह वकास नह हआ औरक य ह द स थान इसिलए सह उ रदािय व का वहन नह कर पाता क वह िश ण िश ण णाली क आभासी व ािनकता म उलझ गयाह पर जो भी ह यह एक मा यव थत स था ह जहा व ािनकप ित स वदिशय को भारत म ह द पढ़ान क यव था आयो जत हसब िमलकर शासक य सदभ क साथ जड़कर ह द क दशा वदश

म उतनी उ साहवध क नह उतनी सतोषजनक नह जतनी होनी चा हएभारत म सवधािनक और शासक य तर पर ह द क जो थित हउसम जो शिथ य ह या जो उ साह ह दोन क छाया वदश क शासक य त स वकिसत होन वाली ह द थित पर पड़नाअ वाभा वक नह हभारत म ह द बोलन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह इस

स उद भाषी लोग भी ह द व क प रिध म ह आत ह भारत म ह द चाह सरकार तर पर एकमा सपक भाषा न बन पाए पर उन सग पर जहा दश क विभ न ात म विभ न कार क वग क लोगजड़त ह वहा यह थित दखन को िमलती ह य द यह उ चवग य लोग का स मलन ह तो ायः अ जी सपक भाषा क प म काम करती ह व प सा योग ह द का चलता ह पर य द िमलन लोक जीवन सजड़ लोग का हआ तो ह द अपन आप सपक भाषा का प ल लती हभारत क कसी भी भाग म जाइए य द िमलन वाल लोग उ चवग य याउ चाभासीवग य नह ह तो एक भाषाभाषी स अ य भाषाभा षय किमलन क सपक भाषा ायः ह द िमलगी सिनक जीवन म रलया ाओ म तीथ थान म छा स मलन म ाकितक ऐितहिसकदश नीय थल म बाज़ार म आपको इस ह द व क मता औरउपयोिगता का पता चल सकगा यह थित िनरतर वकिसत हो रह हभारत म ह द बोलन वाल क ह द समझन वालो क और ह द को यावहा रक जीवन म उपयोग करन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह

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यह वकासशील थित ह द क िलए वदश स भी ह वदश म ह द का उपयोग म यतः भारतविशय क ारा होता ह इस स वदश को तीन वग म रखा जा सकता ह पहला वग वह जसम भारतीय फजी सर नाम िनडाड जस दश रख जा सकत ह जहाभारतवशीय लोग भार तादाद म बस रह ह व लोग कामकाज को लकरइन दश म गए थ इनम भारत क स कित और भारत क ह द सस चा अनराग ह उसस जड रहन क ललक ह य लोग जो ह द बोलतह योग म लात ह वह खड़ बोली ह द नह ह पर िलखाई पढ़ाई किलए व मानक ह द क ओर ह बढ़ रह ह दसर वग म व दश ह जहा क भाषा उद ह या जहा उद भाषी जनता

क पहच ह इन म य द भारतीय ह द भाषी िमलत ह तो जोभाषा सपक -भाषा क प म मा यम बनती ह उस ह द स िभ न नह कहा जा सकता अरब रा म भारत और पा क तान दोन ह दश ककाम धामी लोग गए ह इनक पार प रक सपक भाषा ायः ह द होतीह--

तीसर वग म यरोप अमर का आ द व वकिसत रा रख जा सकत ह जहा बहत बड़ स या म भारत क लोग बस भी गए ह और अ थायी प म जा भी रह ह इन लोग म य द कसी ात वशष या वशषक लोग पर पर िमलत ह तो अपनी ीय भाषा का योग करत ह परय द विभ न भारतीय भाषाभाषी िमलत ह तो सपक भाषा ायः ह द होती ह उदाहरण म तौर पर अमर का कनाडा म गजराती-भाषी काफ़ स या म बस ह य द गजराती लोग पर पर िमल ग तो आरिभक सपक अ जी म होन क बाद सपक और बातचीत क भाषा गजराती हो जाएगीपर य द गजराती और तिमल भाषी या गजराती और मलयालम भाषीिमल ग या एकािधक भारतीय भाषाओ क बोलन वाल िमल ग तो य गतसपक भाषा अिधकाशतः ह द बन जाएगी भारत म अगरजी ान व ान क भाषा क प म उतनी नह जतनी ित ाभास क भाषा क प म ित त ह यह थित वदश म भारतीय क पार प रक िमलन

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क समय भी कछ कछ उभर आती ह पर इस आभास स म िमलतह सपक भाषा ह द बनती ह यह बात भारत पा क तान क लोग कपार प रक िमलन पर होती ह ित ाभासी तर पर अ जी चलन कबाद आ मीय स मलन उस ह द म होता ह जो भारत और पा क तानक वा त वक बोली ह जसम स कत अरबी फारसी क असहज प म ठसी नह जाती सहज श दावली सहज प म बोली समझी जाती हभारत म उ च और उ चभासी वग क सपक भाषा अ जी ह जनक

स या 3 ितशत स अिधक नह ह लोक जीवन अपनी अपनी ातीय ीय भाषाओ म चलता ह वा त वक लोक सपक ह द क मा यम सचलता ह इसी कार वदश म भारत और पा क तान क िनवािसय कपार प रक िमलन सग म उ च और उ चाभासी वग क लोग किमलन पर अ जी चलती ह एक भाषी सपक म ीय भाषा एकािधकभाषी सपक म ह द कल िमलाकर 20 स अिधक अ जी का उपयोग यलोग नह करत ह द जानन वाल य को इस फली हई ह द क दिनया म अ जी न जानन पर भी कोई क ठनाई नह होती सकड़ लोग भारत स कसी भी दश क भाषा क बोलन वाल वकिसत दश म कह काम क िलए चल जा रह ह ह द उनक िलए मा यम का कामकर रह ह और व अपना काम कर रह ह ह द क इस दिनया क इस ह द व क जनस या कम नह

ह व म इस स ह द का थान तीसरा ह पर इडोनिशयाजावा समा ा तथा उन म लम बाह य दश म जहा उद बोली समझीजा सकती ह ह द क बोलन समझन म अिधक क ठनाई नह आतीइस स ह द व क म उद ह द का ह एक प बनती हऔर ह द व क थित अ जी क बाद आती ह उद का याकर णकढाचा उसक आधारभत श दावली और उसक महावर दानी ह द व क सीमा क बाहर क न थी न अभी हयह वशाल ह द व विभ न दश म फला हआ ह पर बखरा

पड़ा ह इसक श ीणा पड़ ह इस सजोना होगा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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ीय रल बधक क कलम स हद आज व भाषा क प म ित त ह ससार म सबस अिधकबोली और समझी जानवाली भाषाओ म हद का दसरा थान ह इसभाषा क वकास और चार क िलए सदा य शील रहना हमारा कत यह हद भाषा हमार पहचान का तीक ह और यह भाषा भारतीयस कित क भी पहचान ह यह पहचान अ मता का िनमाण करती हऔर अ मतावान समाज और रा अ य क तलना म अिधक गितऔर वकास करत ह य भाषा क ारा मन य न कवल एक-दसर क वचार ह नह जानलत वरन उसक सहायता स उनक नय वचार भी उ प न होत ह कसी वषय को सोचत समय हम एक कार का मानिसक सभाषण करतह जसस हमार वचार आग चलकर भाषा क प म कट होत ह कारवार क ई हद प का ldquo कारवार ितभा rdquo क 8 व अक कोअिधक आकष क और स िचपण बनान क िलए सबिधक किम य कोहा द क ध यवाद दता ह आशा करता ह क इस प का क रचनाय लख ानव क और पसद ह ग

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अन म णका

1 ईमानदार - एक जीवन शली2 सबस श और व ान स मत भाषा ह ह द 3 सपक भाषा क प म हद 4 वदश म हद क चार- सार क थित5 राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक 6 हद का व तार और वकास7 तकनीक मा यम म हद 8 राजभाषा पखवाडा9 भाषा- क वता

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ईमानदार ndash एक जीवन शली

ईमानदार पर जीवन भर बहत सी मह वपण भिमका िनभाती ह जसखली आख स आसानी स बहत प प स दखा जा सकता ह समाजक लोग ारा ईमानदार कहा जाना उस य क िलए सबस अ छाप रपरक ह यह उस य क ारा जीवन म कमाई हई वा त वकस प ह जो कभी भी ख म नह होती ह आजकल समाज म ईमानदार क कमी लोग क बीच अ तर का सबस बड़ा कारण ह यहअिभभावक -ब च और व ािथ य -िश क क बीच उिचत पार प रकस पक क अभाव क कारण ह ईमानदार कोई व त नह ह जस खर दाया बचा जा सक इस धीर-धीर ब च म एक अ छ आदत क प म वकिसत करन क िलए कल और घर सबस अ छ थान ह घर और कल व थान ह जहा एक ब चा नितकता को सीखता ह इस कारिश ा णाली म ब च को नितकता क कर ब रखन क िलए कछआव यक रणनीित होनी चा हए ब च को उनक बचपन स ह घर और कल म अिभभावक और िश क क मदद स ईमानदार होन क िलएउिचत तरह स िनद श दन चा हए कसी भी दश क यवा उस दश कभ व य होत ह इसिलए उ ह नितक च र को वकिसत करन क िलएबहतर अवसर दन चा हए ता क व दश का बहतर तर क स नत व करसक ईमानदार मन य क सम याओ का स चा समाधान ह आजकलकवल ईमानदार लोग क स या म कमी होन क कारण समाज म यक जगह ाचार और बहत सी सम याए ह इस तज और ितयोगी वातावरण म लोग नितक म य को भल गए ह सभी चीज को ाकितक तर क स चलन दन क िलए इस बात पर पन व चार करनाबहत आव यक ह क समाज म ईमानदार को वापस कस लाया जाएlsquoईमानदार एक सव नीितrsquo ह यह कहावत तो हमन सनी ह होगी औरइस सव नीित को अगर हम अपनी जीवनशली बना ल तो फर कहनाह या हमारा जीवन ध य हो सकता ह ईमानदार एक गण ह नह ब क एक आचरण ह अगर हमार जीवनशली ईमानदार य ह तो

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हमार चार तरफ का वातावरण सकारा मक ह बनगाईमानदार व ास का दसरा पया य ह अगर हम अपन जीवन म ईमानदार ह तो हम पर लोग सहज प स व ास कर ग बईमानी सकाय करन स जीवन म एक अपराध बोध रहता ह जो जदगी भर हमारापीछा नह छोड़ता और हमार मन को नकारा मकता स भर दता ह यनकारा मकता का प रणाम जीवन म कभी ना कभी भोगना ह पड़ता हय द हम ईमानदार स रह ग तो हमार अदर कोई भी अपराध बोध नह रहगा और हम सकारा मक होकर सोच ग यह सकारा मकता हमार सफलता का माग श त करगीईमानदार को अगर हम अपनी जीवनशली बना ल तो यह हमार जीवनम अनक प स मदद कर सकती ह यह जीवन म हम अ छ और उ चगण वाल िम को िमलान म मदद करती ह ईमानदार लोग म हमारा व ास कायम करती ह जसस हम समाज म मान-स मान और ित ा ा होती ह ईमानदार हमार अदर एक आ म व ास का िनमा ण करतीह जसस हम और अिधक ढ़ता स अपन ल य क ओर अ सर होत ह ईमानदार हमार अदर लोक क याण क भावना का वकास करती ह औरहमार अदर म एव दया उ प न करती ह य क जो य ईमानदार हवह कभी कसी का अ हत नह सोच सकता वह सदव दसर का हत ह करगा ईमानदार हमार आ म सत का भी एक मह वपण उपाय हअगर हम ईमानदार स अपना जीवन यतीत कर तो हमार जीवन म शाित और सत होगीहाला क आज क यग म ईमानदार स रहना बड़ा ह क ठन ह ल कनईमानदार स रहना असभव नह श म हम इसक पालन म काफ क ठनाइया हो सकती ह ल कन धीर-धीर हमार ईमानदार स रहन क व वकिसत हो जाएगी तो हम ईमानदार स चलन म क ठनाई नह ब क आनद आएगा इसिलय ईमानदार एक गण ह नह ब क एकजीवनशली ह

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सामा जक और आिथ क स तलन को बनान क िलए लोग को ईमानदार क म य को समझना होगा लोग क ारा ईमानदार का अनसरण करनाबहत आव यक ह य क यह आधिनक समय क अिनवाय आव यकताबन गई ह यह एक अ छ आदत ह जो एक य को क ठनप र थितय को सलझान और सभालन म पया स म बनाती ह

(दामोदर नाईक)वय क सिचव कारवार

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सबस श और व ान स मत भाषा ह ह द

ह द आज भारत म ह नह ब क व क वराट फलक पर अपनअ त व को आकार द रह ह आज ह द व भाषा क प म मा यता ा करन क ओर अ सर ह अब तक भारत और भारत कबाहर सात व ह द स मलन आयो जत हो चक ह वत मान म आिथ क उदार करण क यग म बहरा ीय दश क कपिनय नअपन दश (अम रका टन ास जम नी चीन आ द) क शासक परदबाव बढ़ाना श कर दया ह ता क वहा ह द भाषा का चार- सारतजी स बढ़ और ह द जानन वाल एिशयाई दश व अपना यापारउनक भाषा म सगमता स कर सक अतरा ीय तर पर ह द क गित य द इसी कार होती रह तो वह दन दर नह जब ह द सय रा सघ म एक अिधका रक भाषा का प हािसल कर लगी वत मान म मातभा षय क स या क कोण स व क भाषाओ म मदा रन[चीनी] भाषा क बाद ह द का दसरा थान हचीनी भाषा क बोलनवाल क स या ह द भाषा क बोलन वाल स अिधक ह पर तमदा रन भाषा का योग ह द क तलना म सीिमत ह और अ ज़ीभाषा का योग ह द क अप ा अिधक ह क त ह द कमातभा षय क स या अ ज़ी भा षय स अिधक हआज व क तर पर यह िस हो चका ह क ह द भाषा अपनी िल पऔर व या मकता (उ चारण) क िलहाज स सबस श और व ानस मत भाषा ह हमार यहा एक अ र स एक ह विन िनकलती ह औरएक बद (अन वार) का भी अपना मह व हदसर भाषाओ म यहव ािनकता नह पाई जाती अतरा ीय तर पर ा भाषा अ ज़ी को ह दख वहा एक ह विन क िलए कतनी तरह क अ र उपयोग म लाएजात ह जस ई क विन क िलए ee (see) i (sin) ea (tea) ey (key) eo

(people) इतन अ र ह क एक ब च क िलए उ ह याद रखना म कलह इसी तरह क क उ चारण क िलए तो कभी c (ca) तो कभी k(king) ch का उ चारण कसी श द म क होता ह तो कसी म च ऐस

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स कड़ उदाहरण आ य क बात ह क ऐसी अिनयिमत और अ यव थतम कल अ जी हमार ब च चार साल क उ म सीख जात ह ब कअब तो वदश म भी हद तानी ब च न पिल स म व तर पर रकॉड कायम कए ह जब क इ ल ड म कली िश काए भी अ ज़ी क सह पिल स िलख नह पातीहमार यह अ जी भाषा क धरधर ब च कॉलज म पहचकर भी ह द म मा ाओ और ह ज क गलितया करत ह और उ ह सह ह द नह आती जब क ह द सीखना दसर अ य भाषाओ क मकाबल कह यादाआसान ह ऐस म ह द क उप ा और उसक रा भाषा न बन पान ककारण का व रत और ग भीरता पव क अ ययन कर समा कर ह द को ह द तान क म तक पर सजाना होगावब व ापन िसनमा औरबाजार क म हद क माग जस तजी स बढ़ ह वसी कसी औरभाषा म नह व क लगभग 150 व व ालय तथा सकड़ छोट-बड़क म व व ालय तर स लकर शोध तर तक हद कअ ययन-अ यापन क यव था हई ह वदश म 35 स अिधकप -प काए लगभग िनयिमत प स हद म कािशत हो रह ह यएईम हम एफ-एम ह द र डयो सारण सवा ह इसी कार बीबीसीजम नी क डायच वल जापान क एनएचक व ड और चीन क चाइनार डयो इटरनशनल क हद सवा वशष प स उ लखनीय ह वदश म चालीस स अिधक दश क 600 स अिधक व व ालय और कल म ह द पढ़ाई जा रह ह व क मानिच म ास का एक वशष थान ह ास क प रस शहरम सौरबन व व ालय म 3 वष क पा य म क अलावा पीएचड किलए शोध क भी यव था ह lsquorsquoप रस क ा य भाषाओ एव स यताओक रा ीय स थानrsquorsquo म हद म 2 वष का स ट फकट कोस 3 साल का ड लोमा 4 साल म उ च ड लोमा 5 साल और 6 साल क उ चअ ययन क िश ण क भी यव था ह

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जापान जापान क टो यो और ओसाका व व ालय म हद का छहवष य कोस ह इसक अलावा अ य व व ालय एव कॉलज म हद वक पक वषय क प म तीय एव ततीय भाषा क प म पढ़ाई जातीह सन 1992 क कर ब जापान का एक हद कॉलर काफ समय तकभारत म रहन क उपरात िशकागो गया और वहा पर हद का एक वहतप तकालय दखकर उस जापानी व ान न भारत म अपन एक िम ोफ़सर को प िलखा था क यहा क हद प तकालय को दखकर द ली व व ालय क प तकालय को शिम दा होना पड़गा तो ऐसी ह हमार रा भाषा हद कनाडा कनाडा क यिनविस ट आफ टश कोल बया म हद का 2 वष का पा य म ह मॉ यल व व ालय म ारिभक तर पर औरअटावा शहर म बन मकल हद हाई कल म 1971 स सभी क ाओ म और टोरटो शहर क कछ कल म भी हद पढ़ाई जाती हसय रा य अम रका सय रा य अम रका क 30 व व ालय म उ च इटरमी डएट एव ारिभक तर पर एक वषय क प म पढ़ाईजाती ह सय रा य अम रका म यन व व ालय म 1815 स ह ह द क यव था ह 1875 म कलाग न ह द भाषा का याकरणतयार कया थाअमर का स ह द जगत कािशत होती ह किलफोिन याकोल बया व कॉ सन पनिसलविनया वज िनया ट सास वािशगटनऔर िशकागो आ द व व ालय म हद का भाषा क त अ यन होताहनाव नाव क ओसलो व व ालय म मा टर ड ी क िलए हद कापठन-पाठन कया जाता ह तथा कछ अ य शहर म भी ाथिमक तरक कल म हद पढ़ाई जाती ह वीडन क काटहोम व व ालय म हद का आधारभत पा य म पढ़ाया जाता ह उ पसला व व ालय म हद पढ़ाई जाती हद ण अ का द ण अ का क यिनविस ट आफ डरबन म [डरबनशहर] म नातक और नातको र ड ी क िलए ह द पठान क

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यव था ह 50 व ालय म रा भाषा चार सिमित वधा क पर ाओक िलए हद पढ़ाई जाती हजम नी जम नी क ह बो ट व व ालय बिल न थत व व ालयबिल न थत ह लीप जग व व ालय मा ट नलथर व व ालय बान व व ालय हाईडलबग व व ालय और ह बग व व ालय म िनयिमत प स हद पढ़ाई जाती ह यहा क अ य कई व व ालय म भी हद पढ़ाई जाती ह

स स म मा को थत lsquorsquo ा य अ ययन स थानrsquorsquo और पतरबग थत lsquorsquo ा य भाषा स थानrsquorsquo म 1920 स हद पढ़ाई जा रह ह ला दवो तोक टट यिनविस ट म भी हद पढ़ाई जाती ह

व ज़रल ड व ज़रल ड म लवसान और य रख क व व ालय म हद क ारिभक पा य म पढ़ाय जात ह

ऑ िलया ऑ िलया क कनबरा थत व व ालय म नातक तरपर ऐ छक वषय क प म हद का अ ययन होता ह ला ोव मोनाशतथा वीसल ड क व ापीठ म भी हद पढ़ाई जाती ह अ य दशो जसडनमाक पोल ड चक गणरा य हगर द ण को रया म सको यबाब जयम ऑ या फनल ड रोमािनया ोिशयागणरा य मगोिलयाउ ब क तान तजा क तान तक थाईल ड र यिनयम अज ट ना सऊद अर बया ओमान बहर न मलिशया ताइवान िसगापर क या कवतइराक ईरान तजािनया जा बया बहर न बो सवाना और इडोनिशया क कल म हद का अ यापन होता हदश पा क तान क कराची लाहौर व व ालय तथा इ लामाबाद क कल ऑफ मॉडन ल वजस म स ट फकट और ड लोमा तर पर हद पढ़ाई जाती ह ीलका म ड ी कोस तक हद पढ़ाई जाती ह हमारपड़ोसी नपाल क भवन व व ालय म नातको र और पीएचड तकक हद स वधा ह बा लादश म हद का 4 वष य कोस ह भटान क 8 कल तथा बमा क म दर धम शालाओ व गर सरकार कल म हद

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पढ़ाई जाती ह तो यह ह हमार पड़ोसी दश म हद क थित कछऐस भी दश ह जहा बड़ स या म भारतीय रहत ह और वहा भाषा कसाथ साथ भारतीय स कत को भी आग बढ़ा रह ह वहा हद म प प काए भी िनकलती ह जस मार शस फजी सर नाम गयाना िनदाद और टोबगो हद का भ व य उ वल ह अगर हद क वकास म कोई बाधा ह तो वय हम भारतीय जो अ जी का मोह नह छोड़ पात हम वय हद क उप ा करत ह हमार घर म हमार ह मा उप त ह और दसर क मा अ जी को हम मा-मा कहकर िच लात ह जो हम मौसी जसा भीभाव नह दती कसी व ान न कहा था कndash lsquoअगर कसी को गलामबनाना ह तो पहल उसक भाषा व स कित को न कर दोrsquo वह खदगलाम हो जाएगा वह अ ज न कया हमार भाषा व स कत को वकत कर दया वह जात-जात अपना काम कर चक थ अ जी अपनापर पसार चक थी और आज अ जी क या थित ह सब जानत ह सबस यादा अ वासी भारतीय का हद क वकास म योगदान ह हमारदश म म यवग य प रवार क लोग अपन ब च को अ जी मा यम सपढ़ात ह हद मा यम स पढ़ान म खद को ह न महसस करत ह इसम भारत सरकार क कमजोर ह हर सरकार काया लय म यादातर काय अ जी म ह कए जात ह जहा भी नौकर क िलए जाइय पहला सवालयह होता ह- अ जी आती ह क नह अगर नह तो समझो नौकर नह िमलगी इसिलए हद वाल क मन म ह न भावना घर कर गईआज हर गर ब-अमीर आदमी अपन ब च को का व ट कल म भजनाचाहता ह यह कारण ह क आजाद क 70 साल बाद भी हद रा भाषानह बन पाई इस मामल म हम चीन स सबक लन क ज रत ह जोअपनीरा भाषा क ित क टब ह अ ज न जस अ जी को अतरा ीयभाषा बनाया उसी तरह अगर हम हद का योग खलकर हर जगह कर पढ़-पढ़ाए हद क ित समप ण रणा ल और द फर वह दन दरनह जब दिनया वाल हद क पीछ भाग ग और हद एक था पतअतरा ीय भाषा होगी ज रत ह तो अपनी रा भाषा क ित ढ़िन यी

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होना म होना ह द को लकर िनराश नह होना और उ साह होना

(द पक ताबोसकर)किन अिभयता

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सपक भाषा क प म हद भाषा क सामा य प रभाषा म यह कहा जा चका ह क lsquoभाषा मन य क वचार- विनमय और भाव क अिभ य का साधन हrsquo स पक भाषाका आशय जनभाषा ह कसी का सामा य य चिलत शली म जो भाषा बोलता ह वह जनभाषा ह दसर श द म वशष क सपक भाषा ह जनभाषा ह इसिलए ज र नह क जनभाषा श सा ह यक प वाली ह हो या वह याकरण क िनयम स बधी होस पक भाषा या जनभाषा वह भाषा होती ह जो कसी दश या दशक ऐस लोग क बीच पार प रक वचार- विनमय क मा यम का कामकर जो एक दसर क भाषा नह जानत दसर श द म विभ नभाषा-भाषी वग क बीच स परषण क िलए जस भाषा का योग कयाजाता ह वह स पक भाषा कहलाती ह इस कार lsquoस पक भाषाrsquo क सामा य प रभाषा होगी lsquoएक भाषा-भाषी जस भाषा क मा यम स कसी दसर भाषा क बोलन वाल क साथ स पक था पत कर सक उसस पक भाषा या जनभाषा (Link Language) कहत ह rsquo बकौल डॉपरनचद टडन lsquoस पक भाषा स ता पय उस भाषा स ह जो समाज क विभ न वग या िनवािसय क बीच स पक क काम आती ह इस स िभ न-िभ न बोली बोलन वाल अनक वग क बीच ह द एक स पक भाषा ह और अ य कई भारतीय म िभ न-िभ न भाषाए बोलन वाल क बीच भी स पक भाषा हrsquo डॉ मह िसह राणा न स पक भाषा कोइन श द म प रभा षत कया ह lsquoपर पर अबोधग य भाषा या भाषाओक उप थित क कारण जस स वधाजनक विश भाषा क मा यम सदो य दो रा य कोई रा य और क तथा दो दश स पक था पतकर पात ह उस भाषा वशष को स पक भाषा या स पक साधक भाषा(Contact Language or Interlink Language) कहा जा सकता हrsquo भारतएक बहभाषी दश ह और बहभाषा-भाषी दश म स पक भाषा का वशषमह व ह अनकता म एकता हमार अनपम पर परा रह ह वा तव म सा कितक स सारा भारत सदव एक ह रहा ह हमार इस वशाल

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दश म जहा अलग-अलग रा य म िभ न-िभ न भाषाए बोली जाती ह और जहालोग क र ित-र वाज खान-पान पहनाव और रहन-सहन तकम िभ नता हो वहा स पक भाषा ह एक ऐसी कड़ ह जो एक छोर सदसर छोर क लोग को जोड़न और उ ह एक दसर क समीप लान काकाम करती ह-

डॉ भोलानाथ न स पक भाषा क योग को तीन तर पर वभा जत कया ह एक तो वह भाषा जो एक रा य (जस महारा या असम) सदसर रा य (जस बगाल या असम) क राजक य प - यवहार म कामआए दसर वह भाषा जो क और रा य क बीच प - यवहार कामा यम हो और तीसर वह भाषा जसका योग एक दश का य दसर दश क य स अपन िनजी काम म कर आजाद क लड़ाई लड़त समय हमार यह कामना थी क वत रा क अपनी एकरा भाषा होगी जसस दश एकता क स म सदा क िलए जड़ा रहगामहा मा गाधी लोकमा य ितलक नताजी सभाषच बोस आ द सभीमहाप ष न एक मत स इसका समथ न कया य क ह द हमारसामा जक सा कितक धािम क आ दोलन क ह नह अ पत रा ीयचतना एव वाधीनता आ दोलन क अिभ य क भाषा भी रह हभारत म lsquo ह द rsquo बहत पहल स पक भाषा क प म रह ह औरइसीिलए यह बहत पहल स lsquoरा भाषाrsquo कहलाती ह य क ह द क साव दिशकता स पण भारत क सामा जक व प का ितफल हभारत क वशालता क अन प ह रा भाषा वकिसत हई ह जसस उ रद ण पव और प म कह भी होन वाल मल - चाह वह याग म कभहो अथवा अजमर शर फ क दरगाह हो या विभ न दश क हमार सा कितक एकता क आधार तभ तीथ थल ह - सभी थान परआदान- दान क भाषा क प म ह द का ह अिधकतर योग होता हइस कार इन सा कितक पर पराओ स ह द ह साव दिशक भाषा क प म लोक य ह वशषकर द ण और उ र क सा कितक स ब ध क ढ़ खला क प म ह द ह सश भाषा बनी ह द का

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व तत ह स पक भाषा ह द का आयाम जनभाषा ह द सबस यापक और लोक य ह जसका सार ीय तथा रा ीय तर सबढ़कर भारतीय उपमहा प तक ह िश त अध िश त अिश त तीन वग क लोग पर पर बातचीत आ द क िलए और इस कार मौ खकमा यम म जनभाषा ह द का यवहार करत ह भारत क िल व ाकाल वज आव वाइडर क यिनकशन पन इ डयन ल वज अ तर ादिशकभाषा लोकभाषा भारत- यापी भाषा अ खल भारतीय भाषा- य नामlsquoजनभाषाrsquo ह द क िलए य होत ह हमार दश क बहभा षकता क ढाच म ह द क विभ न भौगोिलक औरसामा जक क अित र भाषा- यवहार क म भी स पक िस का ऐसा काय िन पा दत कर रह ह जसका न कवल कोई वक पनह अ पत जो ह द क व वध भिमकाओ को सम ता क साथिन पत करन म भी समथ ह ह द न पछल हजार वष म वचार- विनमय का जो उ रदािय विनभाया ह वह एक अनठा उदाहरण ह कछ लोग क यह धारणा ह क ह द पहल lsquoरा भाषाrsquo कहलाती थी बाद म इस lsquoस पक भाषाrsquo कहाजान लगा और अब इस lsquoराजभाषाrsquo बना दन स इसका सीिमत होगया ह व तत यह उनका म ह जसा क पहल उ लख कया जाचका ह क ह द स दय स स पक भाषा और रा भाषा एक साथ रह हऔर आज भी ह भारत क स वधान सभा ारा 14 िसत बर 1949 कोइस राजभाषा क प म वीकार कर लन स उसक योग का और व तत हआ ह जस बगला तिमल तलग क नड़ मलयालम आ द को मश बगाल तिमलनाड कना टक करल आ द क राजभाषा बनाया गयाह ऐसा होन स या उन भाषाओ का मह व कम हो गया ह िन यह नह ब क इसस उन सभी भाषाओ का उ रदािय व और योग पहल स अिधक बढ़ गया ह जहा पहल कवल पर पर बोलचाल म कामआती थी या उसम सा ह य क रचना होती थी वह अब शासिनककाय भी हो रह ह यह थित ह द क भी ह इस कार ह द

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स पक और रा भाषा तो ह ह राजभाषा बनाकर इस अित र स मान दान कया गया ह इस सग म डॉ सरश कमार का कथन बहत ह ासिगक ह lsquo ह द को कवल स पक भाषा क प म दखना भलहोगी ह द आधिनक भारतीय भाषाओ क उ व काल स म यदश किनवािसय क सामा जक स परषण तथा सा ह यक-सा कितक अिभ य क भाषा रह ह और अब भी ह भाषा-स पक क बदली हईप र थितय म (जो पहल फ़ारसी-तक -अरबी तथा बाद म म य प सअ जी क साथ स पक क फल व प वकिसत हई) तथा वत भारतीयगणरा य म सभी भारतीय भाषाओ को अपन-अपन भौगोिलक म यावसाियक और सा कितक यवहार क अिभ य क िलए योग म लान क िनण य क बाद ह द का स पक भाषा काय गण औरप रमाण क स इतना वकिसत हो गया ह क उसक स ब ध म िच तन तथा अनवत काय एक स ा तक और यावहा रक आव यकताबन गए ह rsquo वा तव म भाषा स पक क थित ह कसी स पक भाषाक उ व और वकास को रत करती ह या एक स ित त भाषा कस पक काय को सप करती ह ह द क साथ दोन थितय कास ब ध ह आ त रक तर पर ह द अपनी बोिलय क यवहारकता ओक बीच स पक क थापना करती रह ह और अब भी कर रह ह तथाबा तर पर वह अ य भारतीय भाषा भाषी समदाय क म य एकमा स पक भाषा क प म उभर आई ह जसक अब व वध आयाम वकिसत हो चक ह कल िमलाकर ह द का वत मान गौरवपण हउसक भिमका आज भी सामा य-जन को जोड़न म सभी भाषाओ क अप ा सबस अिधक कारगर ह

( या पोकल) हद अनवादक बलापर

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वदश म हद क चार- सार क थितसतोष ह करना हो तो यह बात कम नह क ह द व क तीस सअिधक दश म पढ़ -पढ़ाई जाती ह लगभग 100 व व ालय म उसकिलए अ यापन क खल हए ह अकल अमर का म लगभग 20 क म उसक अ ययन अ यापन क यव था ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड जस दश म भारत मल क िनवािसय क उ लखनीय स याहोन क कारण वहा ह द वतः स नह चा रत होता ह व क यक मख दश म हमार दतावास ह जनस राजनीितक सदभ क अित र यह भी आशा क जाती ह क व ह द क चार सार क ओर भी यान द ग और अपन भारत क सामा जक स कित और भारत क रा भाषा ह द का ितिनिध समझ ग पर य द यह िच उतना ह सचहोता जतना रगीन लग रहा ह तो सतोष करन म कोई बराई न थी वदश म ह द क मह व चार एव सार क थित न सब जगहएक सी ह न ऐसा होना सभव ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड म ह द क िलए वहा क जनता क एक बड़ भाग म जो आदर और म हवह यरोप या अम रका क दश म कस िमल सकता हघ इसिलए वदश म ह द क थित चार सार क सम याओ क भी व वध प हउनक समाधान भी व वध प म खोजन ह ग वदश म ह द क थित चार तथा सार को लकर दो िभ न य स वचार करनाहोगा एक ह जो सरकार त स जड़ ह दसर ह जसका सबधजन जीवन म ह पहल सरकार त क स वदश म ह द क थित का जायजा िलया जाएपहल अपन सरकार त क स जहा तक त यगत थित ह हमारदतावास स च अथ म न तो भारत क सामािसक स कित क सवाहकबन पाए ह नह भारत क रा भाषा क ितिनिध उनक िलएअिधका रय का जो चनाव होता ह उसम भी इस को अिनवाय तः क म नह रखा जाता घर म ह जब ह द का मामला राजनीित क पचड़म उलझ गया हो तो हमार दतावास पर उसक छाया न हो यह हो भी

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कस सकता हघ सामा यतः उन दश म जहा क भारतवशीय लोग क स या अ छ ख़ासी ह और वहा ह द और भारतीय स कित क िलएललक भरा अनराग ह ऐस ह ितिनिधय और अिधका रय का चयनहोता रहा हजो भारतीय स कित और ह द क अनयायी ह उदाहरण किलए मॉ रशस म डॉ भगवतशरण उपा याय जस लोग को भजा जानाइसी कोण का प रचायक था कत यरोपीय अमर का तथा अरब दश क िलए ितिनिध भजन हए इन बात क ओर यान रखना अप तनह माना जाता रहा प रणाम यह रहा ह क इन म हमार दतावासप मी रग म रग ह द का नाम भी यदा कदा ासिगक प म लतहए ह द क चार सार स सव था िनःसग रह ह कह कोई अपवादभल िमल जाए अतः इस को ट क दतावास म सामा यतः ह द क ित ा या चार सार का वा त वक प उभर ह नह पाया हो हा सजस कितपय सा वाद दश म भारत स उसक अपनी भाषा को अ जीस वर यता दए जान क अप ा क गइ तो वहा क हमार दतावास नअव य इस ओर जाग क रहन क आव यकता समझी बात अब फरिशिथल पड़ गई ह और अिधकाशतः काय यापार अ जी क मा यम सह होता ह ह द क मा यम स नह कह कह ह द क अनवाद साथम लगाए जा रह ह पर सीिमत प म ह

हमार दतावास जन दश म ह उनक सरकार क साथकाय - यवहार म ह द का उपयोग कर - यह थित क पना स काफ़ दरक ह ायः यह थित ह क हमार दश स जान वाल भारतीय लोग को अपन दतावास स सपक करन क िलए अ जी का ह उपयोग करनापड़ता ह इन लोग म भी ऐस लोग क स या भी अिधक नह होतीजो ह द म काम लन म गौरव अनभव करत ह पर कछ लोग ऐस भीहोत ह ज ह अ जी अ छ तरह नह आती व अपन दतावास स य द ह द क मा यम स सपक सहायता चाह तो उ ह क ठनाई ह होती हअब इस पहल पर वचार कया जाए क वदश क व वध सरकार क ओर स ह द क ित कसा रवया ह और कन सदभ म ह द क या

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थित ह जहा तक सरकार का भारतीय दतावास या भारत क साथसीध सपक म ह द क योग क बात ह उ ह इस बात क अिनवाय आव यकता तीत ह नह होती उनका काम अिधकाशतः ह द स नह अ जी स चलता ह जो दश अ जी भावी नह ह और अपनी भाषा परबल दत ह व म यतः अपनी भाषा का साथ म अ जी का यदा कदा ह द क अनवाद क साथ योग करत ह ह द अनवाद का योगबहत ह सीिमत मा ा म क हए नग य होता ह हा कछ मामल म ह द अनवाद साथ म लगान का ितबध ह उन सदभ म उस लगा दया जाता हभारत क वत होत ह बड़ बड़ दश न भी य अनभव कया था क व क इस बड़ भभाग स सपक करन क िलए उ ह ह द क आव यकता होगी भारतीय स वधान म यव था क गई थी क 15 वष म ह द अ जी का थान ल लगी अतः उ ह भी यह आभास हआ था क इस दश स िनकट सपक बनान क िलए उ ह ह द क ओर आनापड़गा फलतः विभ न मख दश क सरकार न अपन व व ालय म ह द क अ ययन अ यापन क यव था और स वधा क ओर यान दया अपन छा को छा व य दान कर ह द पढ़न क िलए भारतभी भजा यहा स भी अ यापक बलाए गए या यह िसलिसला कछ नकछ अब भी जार ह पर वह ललक नह रह उ ह साफ दखाई द रहाह क भारत म वह थित क पना स भी दर पीछ धकली जा चक ह जसम ह द एकमा दश क रा भाषा और सपक भाषा बनगी जबअ जी यहा थायी प स जमती दखाई द रह हो तो कोई रा अपनयवक क म और अपन पस को ह द क िलए या यय करगा सीधासवाल उपयोिगता का ह

पर सरकार सदभ स हटकर मह वपण एव वकिसत रा म ह द क उपयोिगता कछ अ य य स भी ह भारत क वत होन स पहलस ह अनक रा इस दश क स कित और स यता को समझना चाहतरह ह वत ता पव क कारण कछ और थ अब कछ और ह यह बाद

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दसर ह पर व क जनस या क एक बड़ भाग को समझन क कोिशश वकिसत रा न कर यह आज क सदभ म सव था असभव हआज क राजनीित सीध सरकार क बीच भी चलती ह सरकार औरजनता क बीच स भी चलती ह म सह सबध राजनीितक सबध किलए ह नह लड़न क िलए भी दसर दश क भाषा सीखन क आव यकता ह इसका उदाहरण ह द क सदभ म चीन का हभारत-चीन य क समय यह सामन आया था क चीन न अपन अनकसिनक को एक आव यक मा ा म ह द का िश ण दया हआ था तोअपन अपन वाथ अथ को यान म रखकर विभ न वकिसत रा अपन यहा ह द क पठन पाठन क यव था करत ह कछ भारत कोसमझन क िलए कछ भारत स उपयोगी सदभ क िलए कछ भारत स म क िलए

जन वदशी व व ालय म ह द अ ययन-अ यापन क यव थाए ह उनक आिथ क यव था भल ह उन दश क सरकार क ओर स होती हो पर अनकानक वदशी ह द व ान ह द और भारतीयस कित क अनराग म इतन रम गए ह क उ ह न अपनी जीवनचया कोह ह द क ित सम प त कर िलया ह उनम इतना स चा और गहरा ह द अनराग ह क य ह द का काम ह नह करत ब क जब जब ह द इस दश म बढ़ती ह उनम स नता होती ह जब जब ह द पीछधकली जाती ह उ ह पीड़ा होती ह ह द क इन अनरागी वदशी व ान क ित यह दश कत ह ऊपर क चिच त थित अरब रा म नह दखाई दती उनका झकाव आव यकता क मा ा क अन प उद क ओर हआ ह ह द क ओर नह पर इसका लाभ इस दश क उन लोग को भी बराबर िमलता ह जो इन रा म यापार नौकर या अ यसदभ स गए ह उद व पतः ह द स दर होकर भी बहत दर नह जापाती अतः िल खत प म चाह न सह बोलचाल क तर पर उसकालाभ ह द उद दोन क लोग को वहा समान प स िमलता ह तीसरवग म व दश आत ह जहा भारत क मल िनवासी बड़ स या म बस हएह जस मा रशस फजी सर नाम िनडाड आ द इन दश म ह द जो

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राजक य आ य सीिमत प म ह ा ह अपनी जनस या क आधारपर भारतीय जतना ितिनिध व अपन दश क सरकार म ल पात ह उसी अनपात म य ह द को उठान क बात कर पात ह अबराजनीितक जोड़ तोड़ म भारतविशय क यह श भी बखर जाती ह तो ह द को कसी ऊचाई तक उठा ल जाना वहा भी सभव नह ह सरकार त इन दश म नीच क तर पर ह द िश ा क यव था करता हउ च िश ा और राजक य योग क िलए ह द को हण कए जान काअभी सवाल ह पदा नह हआइस कार शासक य तर पर वदश म ह द क जो भी यव था ह उसका अिधकाश हर दश क अपनी अपनीनजर क उपयोिगता क कारण ह उसम भारत सरकार और भारतीयदतावास का योगदान बहत ह सीिमत ह हा मा रशस फजी आ द दश म भारतीय शासन और दतावास क ह द ो साहन वषयक योगदानको अव य यान रखना होगा

यहा इस बात का ववचन भी आव यक ह क शासक य मा यम स ह द क अ यापक और व ािथ य का जो आदान दान होता हउसक या थित ह घ विभ न दश कछ अ य अ यापक कछ व ािथ य अपन यय पर ह द िसखवान क िलए भारत भजत ह कछ व ाथ भारत क छातव य पर विनमय योजनाओ क भीतर भी आतह ऐस ह द अ यताओ का ह द िश ण अिधकाशतः िश ा क क य ह द स थान क मा यम स दया जाता ह कछ को कितपय व व ालय म आव टत कर दया जाता ह कछ दश कछ िन तअविध क िलए भारत स ह द अ यापक का चयन करक आम तकरत ह और अपन यहा ह द िश ण क यव था करात ह भज जानवाल ह द अ यापको क चयन क याए शासक य त स गजरतीहई ऐसी बन ग ह क जो लोग जात ह उनम मशनर प रटषबहत कम और वदश जान का चास पान क ललक अिधक काम करतीह सह मताओ क लाग का चयन आज वस ह क ठन हो गया हअब रह उन लोग क बात जो ह द सीखन भारत आत ह इनम स जो व व ालय स भज जात ह उनम सह िश ा इसिलए नह पहच पाती

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क व व ालय म ह द को आधिनक व ािनक णािलय स तीयभाषा क प म पढ़ान क प ितय का सह वकास नह हआ औरक य ह द स थान इसिलए सह उ रदािय व का वहन नह कर पाता क वह िश ण िश ण णाली क आभासी व ािनकता म उलझ गयाह पर जो भी ह यह एक मा यव थत स था ह जहा व ािनकप ित स वदिशय को भारत म ह द पढ़ान क यव था आयो जत हसब िमलकर शासक य सदभ क साथ जड़कर ह द क दशा वदश

म उतनी उ साहवध क नह उतनी सतोषजनक नह जतनी होनी चा हएभारत म सवधािनक और शासक य तर पर ह द क जो थित हउसम जो शिथ य ह या जो उ साह ह दोन क छाया वदश क शासक य त स वकिसत होन वाली ह द थित पर पड़नाअ वाभा वक नह हभारत म ह द बोलन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह इस

स उद भाषी लोग भी ह द व क प रिध म ह आत ह भारत म ह द चाह सरकार तर पर एकमा सपक भाषा न बन पाए पर उन सग पर जहा दश क विभ न ात म विभ न कार क वग क लोगजड़त ह वहा यह थित दखन को िमलती ह य द यह उ चवग य लोग का स मलन ह तो ायः अ जी सपक भाषा क प म काम करती ह व प सा योग ह द का चलता ह पर य द िमलन लोक जीवन सजड़ लोग का हआ तो ह द अपन आप सपक भाषा का प ल लती हभारत क कसी भी भाग म जाइए य द िमलन वाल लोग उ चवग य याउ चाभासीवग य नह ह तो एक भाषाभाषी स अ य भाषाभा षय किमलन क सपक भाषा ायः ह द िमलगी सिनक जीवन म रलया ाओ म तीथ थान म छा स मलन म ाकितक ऐितहिसकदश नीय थल म बाज़ार म आपको इस ह द व क मता औरउपयोिगता का पता चल सकगा यह थित िनरतर वकिसत हो रह हभारत म ह द बोलन वाल क ह द समझन वालो क और ह द को यावहा रक जीवन म उपयोग करन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह

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यह वकासशील थित ह द क िलए वदश स भी ह वदश म ह द का उपयोग म यतः भारतविशय क ारा होता ह इस स वदश को तीन वग म रखा जा सकता ह पहला वग वह जसम भारतीय फजी सर नाम िनडाड जस दश रख जा सकत ह जहाभारतवशीय लोग भार तादाद म बस रह ह व लोग कामकाज को लकरइन दश म गए थ इनम भारत क स कित और भारत क ह द सस चा अनराग ह उसस जड रहन क ललक ह य लोग जो ह द बोलतह योग म लात ह वह खड़ बोली ह द नह ह पर िलखाई पढ़ाई किलए व मानक ह द क ओर ह बढ़ रह ह दसर वग म व दश ह जहा क भाषा उद ह या जहा उद भाषी जनता

क पहच ह इन म य द भारतीय ह द भाषी िमलत ह तो जोभाषा सपक -भाषा क प म मा यम बनती ह उस ह द स िभ न नह कहा जा सकता अरब रा म भारत और पा क तान दोन ह दश ककाम धामी लोग गए ह इनक पार प रक सपक भाषा ायः ह द होतीह--

तीसर वग म यरोप अमर का आ द व वकिसत रा रख जा सकत ह जहा बहत बड़ स या म भारत क लोग बस भी गए ह और अ थायी प म जा भी रह ह इन लोग म य द कसी ात वशष या वशषक लोग पर पर िमलत ह तो अपनी ीय भाषा का योग करत ह परय द विभ न भारतीय भाषाभाषी िमलत ह तो सपक भाषा ायः ह द होती ह उदाहरण म तौर पर अमर का कनाडा म गजराती-भाषी काफ़ स या म बस ह य द गजराती लोग पर पर िमल ग तो आरिभक सपक अ जी म होन क बाद सपक और बातचीत क भाषा गजराती हो जाएगीपर य द गजराती और तिमल भाषी या गजराती और मलयालम भाषीिमल ग या एकािधक भारतीय भाषाओ क बोलन वाल िमल ग तो य गतसपक भाषा अिधकाशतः ह द बन जाएगी भारत म अगरजी ान व ान क भाषा क प म उतनी नह जतनी ित ाभास क भाषा क प म ित त ह यह थित वदश म भारतीय क पार प रक िमलन

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क समय भी कछ कछ उभर आती ह पर इस आभास स म िमलतह सपक भाषा ह द बनती ह यह बात भारत पा क तान क लोग कपार प रक िमलन पर होती ह ित ाभासी तर पर अ जी चलन कबाद आ मीय स मलन उस ह द म होता ह जो भारत और पा क तानक वा त वक बोली ह जसम स कत अरबी फारसी क असहज प म ठसी नह जाती सहज श दावली सहज प म बोली समझी जाती हभारत म उ च और उ चभासी वग क सपक भाषा अ जी ह जनक

स या 3 ितशत स अिधक नह ह लोक जीवन अपनी अपनी ातीय ीय भाषाओ म चलता ह वा त वक लोक सपक ह द क मा यम सचलता ह इसी कार वदश म भारत और पा क तान क िनवािसय कपार प रक िमलन सग म उ च और उ चाभासी वग क लोग किमलन पर अ जी चलती ह एक भाषी सपक म ीय भाषा एकािधकभाषी सपक म ह द कल िमलाकर 20 स अिधक अ जी का उपयोग यलोग नह करत ह द जानन वाल य को इस फली हई ह द क दिनया म अ जी न जानन पर भी कोई क ठनाई नह होती सकड़ लोग भारत स कसी भी दश क भाषा क बोलन वाल वकिसत दश म कह काम क िलए चल जा रह ह ह द उनक िलए मा यम का कामकर रह ह और व अपना काम कर रह ह ह द क इस दिनया क इस ह द व क जनस या कम नह

ह व म इस स ह द का थान तीसरा ह पर इडोनिशयाजावा समा ा तथा उन म लम बाह य दश म जहा उद बोली समझीजा सकती ह ह द क बोलन समझन म अिधक क ठनाई नह आतीइस स ह द व क म उद ह द का ह एक प बनती हऔर ह द व क थित अ जी क बाद आती ह उद का याकर णकढाचा उसक आधारभत श दावली और उसक महावर दानी ह द व क सीमा क बाहर क न थी न अभी हयह वशाल ह द व विभ न दश म फला हआ ह पर बखरा

पड़ा ह इसक श ीणा पड़ ह इस सजोना होगा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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अन म णका

1 ईमानदार - एक जीवन शली2 सबस श और व ान स मत भाषा ह ह द 3 सपक भाषा क प म हद 4 वदश म हद क चार- सार क थित5 राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक 6 हद का व तार और वकास7 तकनीक मा यम म हद 8 राजभाषा पखवाडा9 भाषा- क वता

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ईमानदार ndash एक जीवन शली

ईमानदार पर जीवन भर बहत सी मह वपण भिमका िनभाती ह जसखली आख स आसानी स बहत प प स दखा जा सकता ह समाजक लोग ारा ईमानदार कहा जाना उस य क िलए सबस अ छाप रपरक ह यह उस य क ारा जीवन म कमाई हई वा त वकस प ह जो कभी भी ख म नह होती ह आजकल समाज म ईमानदार क कमी लोग क बीच अ तर का सबस बड़ा कारण ह यहअिभभावक -ब च और व ािथ य -िश क क बीच उिचत पार प रकस पक क अभाव क कारण ह ईमानदार कोई व त नह ह जस खर दाया बचा जा सक इस धीर-धीर ब च म एक अ छ आदत क प म वकिसत करन क िलए कल और घर सबस अ छ थान ह घर और कल व थान ह जहा एक ब चा नितकता को सीखता ह इस कारिश ा णाली म ब च को नितकता क कर ब रखन क िलए कछआव यक रणनीित होनी चा हए ब च को उनक बचपन स ह घर और कल म अिभभावक और िश क क मदद स ईमानदार होन क िलएउिचत तरह स िनद श दन चा हए कसी भी दश क यवा उस दश कभ व य होत ह इसिलए उ ह नितक च र को वकिसत करन क िलएबहतर अवसर दन चा हए ता क व दश का बहतर तर क स नत व करसक ईमानदार मन य क सम याओ का स चा समाधान ह आजकलकवल ईमानदार लोग क स या म कमी होन क कारण समाज म यक जगह ाचार और बहत सी सम याए ह इस तज और ितयोगी वातावरण म लोग नितक म य को भल गए ह सभी चीज को ाकितक तर क स चलन दन क िलए इस बात पर पन व चार करनाबहत आव यक ह क समाज म ईमानदार को वापस कस लाया जाएlsquoईमानदार एक सव नीितrsquo ह यह कहावत तो हमन सनी ह होगी औरइस सव नीित को अगर हम अपनी जीवनशली बना ल तो फर कहनाह या हमारा जीवन ध य हो सकता ह ईमानदार एक गण ह नह ब क एक आचरण ह अगर हमार जीवनशली ईमानदार य ह तो

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हमार चार तरफ का वातावरण सकारा मक ह बनगाईमानदार व ास का दसरा पया य ह अगर हम अपन जीवन म ईमानदार ह तो हम पर लोग सहज प स व ास कर ग बईमानी सकाय करन स जीवन म एक अपराध बोध रहता ह जो जदगी भर हमारापीछा नह छोड़ता और हमार मन को नकारा मकता स भर दता ह यनकारा मकता का प रणाम जीवन म कभी ना कभी भोगना ह पड़ता हय द हम ईमानदार स रह ग तो हमार अदर कोई भी अपराध बोध नह रहगा और हम सकारा मक होकर सोच ग यह सकारा मकता हमार सफलता का माग श त करगीईमानदार को अगर हम अपनी जीवनशली बना ल तो यह हमार जीवनम अनक प स मदद कर सकती ह यह जीवन म हम अ छ और उ चगण वाल िम को िमलान म मदद करती ह ईमानदार लोग म हमारा व ास कायम करती ह जसस हम समाज म मान-स मान और ित ा ा होती ह ईमानदार हमार अदर एक आ म व ास का िनमा ण करतीह जसस हम और अिधक ढ़ता स अपन ल य क ओर अ सर होत ह ईमानदार हमार अदर लोक क याण क भावना का वकास करती ह औरहमार अदर म एव दया उ प न करती ह य क जो य ईमानदार हवह कभी कसी का अ हत नह सोच सकता वह सदव दसर का हत ह करगा ईमानदार हमार आ म सत का भी एक मह वपण उपाय हअगर हम ईमानदार स अपना जीवन यतीत कर तो हमार जीवन म शाित और सत होगीहाला क आज क यग म ईमानदार स रहना बड़ा ह क ठन ह ल कनईमानदार स रहना असभव नह श म हम इसक पालन म काफ क ठनाइया हो सकती ह ल कन धीर-धीर हमार ईमानदार स रहन क व वकिसत हो जाएगी तो हम ईमानदार स चलन म क ठनाई नह ब क आनद आएगा इसिलय ईमानदार एक गण ह नह ब क एकजीवनशली ह

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सामा जक और आिथ क स तलन को बनान क िलए लोग को ईमानदार क म य को समझना होगा लोग क ारा ईमानदार का अनसरण करनाबहत आव यक ह य क यह आधिनक समय क अिनवाय आव यकताबन गई ह यह एक अ छ आदत ह जो एक य को क ठनप र थितय को सलझान और सभालन म पया स म बनाती ह

(दामोदर नाईक)वय क सिचव कारवार

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सबस श और व ान स मत भाषा ह ह द

ह द आज भारत म ह नह ब क व क वराट फलक पर अपनअ त व को आकार द रह ह आज ह द व भाषा क प म मा यता ा करन क ओर अ सर ह अब तक भारत और भारत कबाहर सात व ह द स मलन आयो जत हो चक ह वत मान म आिथ क उदार करण क यग म बहरा ीय दश क कपिनय नअपन दश (अम रका टन ास जम नी चीन आ द) क शासक परदबाव बढ़ाना श कर दया ह ता क वहा ह द भाषा का चार- सारतजी स बढ़ और ह द जानन वाल एिशयाई दश व अपना यापारउनक भाषा म सगमता स कर सक अतरा ीय तर पर ह द क गित य द इसी कार होती रह तो वह दन दर नह जब ह द सय रा सघ म एक अिधका रक भाषा का प हािसल कर लगी वत मान म मातभा षय क स या क कोण स व क भाषाओ म मदा रन[चीनी] भाषा क बाद ह द का दसरा थान हचीनी भाषा क बोलनवाल क स या ह द भाषा क बोलन वाल स अिधक ह पर तमदा रन भाषा का योग ह द क तलना म सीिमत ह और अ ज़ीभाषा का योग ह द क अप ा अिधक ह क त ह द कमातभा षय क स या अ ज़ी भा षय स अिधक हआज व क तर पर यह िस हो चका ह क ह द भाषा अपनी िल पऔर व या मकता (उ चारण) क िलहाज स सबस श और व ानस मत भाषा ह हमार यहा एक अ र स एक ह विन िनकलती ह औरएक बद (अन वार) का भी अपना मह व हदसर भाषाओ म यहव ािनकता नह पाई जाती अतरा ीय तर पर ा भाषा अ ज़ी को ह दख वहा एक ह विन क िलए कतनी तरह क अ र उपयोग म लाएजात ह जस ई क विन क िलए ee (see) i (sin) ea (tea) ey (key) eo

(people) इतन अ र ह क एक ब च क िलए उ ह याद रखना म कलह इसी तरह क क उ चारण क िलए तो कभी c (ca) तो कभी k(king) ch का उ चारण कसी श द म क होता ह तो कसी म च ऐस

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स कड़ उदाहरण आ य क बात ह क ऐसी अिनयिमत और अ यव थतम कल अ जी हमार ब च चार साल क उ म सीख जात ह ब कअब तो वदश म भी हद तानी ब च न पिल स म व तर पर रकॉड कायम कए ह जब क इ ल ड म कली िश काए भी अ ज़ी क सह पिल स िलख नह पातीहमार यह अ जी भाषा क धरधर ब च कॉलज म पहचकर भी ह द म मा ाओ और ह ज क गलितया करत ह और उ ह सह ह द नह आती जब क ह द सीखना दसर अ य भाषाओ क मकाबल कह यादाआसान ह ऐस म ह द क उप ा और उसक रा भाषा न बन पान ककारण का व रत और ग भीरता पव क अ ययन कर समा कर ह द को ह द तान क म तक पर सजाना होगावब व ापन िसनमा औरबाजार क म हद क माग जस तजी स बढ़ ह वसी कसी औरभाषा म नह व क लगभग 150 व व ालय तथा सकड़ छोट-बड़क म व व ालय तर स लकर शोध तर तक हद कअ ययन-अ यापन क यव था हई ह वदश म 35 स अिधकप -प काए लगभग िनयिमत प स हद म कािशत हो रह ह यएईम हम एफ-एम ह द र डयो सारण सवा ह इसी कार बीबीसीजम नी क डायच वल जापान क एनएचक व ड और चीन क चाइनार डयो इटरनशनल क हद सवा वशष प स उ लखनीय ह वदश म चालीस स अिधक दश क 600 स अिधक व व ालय और कल म ह द पढ़ाई जा रह ह व क मानिच म ास का एक वशष थान ह ास क प रस शहरम सौरबन व व ालय म 3 वष क पा य म क अलावा पीएचड किलए शोध क भी यव था ह lsquorsquoप रस क ा य भाषाओ एव स यताओक रा ीय स थानrsquorsquo म हद म 2 वष का स ट फकट कोस 3 साल का ड लोमा 4 साल म उ च ड लोमा 5 साल और 6 साल क उ चअ ययन क िश ण क भी यव था ह

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जापान जापान क टो यो और ओसाका व व ालय म हद का छहवष य कोस ह इसक अलावा अ य व व ालय एव कॉलज म हद वक पक वषय क प म तीय एव ततीय भाषा क प म पढ़ाई जातीह सन 1992 क कर ब जापान का एक हद कॉलर काफ समय तकभारत म रहन क उपरात िशकागो गया और वहा पर हद का एक वहतप तकालय दखकर उस जापानी व ान न भारत म अपन एक िम ोफ़सर को प िलखा था क यहा क हद प तकालय को दखकर द ली व व ालय क प तकालय को शिम दा होना पड़गा तो ऐसी ह हमार रा भाषा हद कनाडा कनाडा क यिनविस ट आफ टश कोल बया म हद का 2 वष का पा य म ह मॉ यल व व ालय म ारिभक तर पर औरअटावा शहर म बन मकल हद हाई कल म 1971 स सभी क ाओ म और टोरटो शहर क कछ कल म भी हद पढ़ाई जाती हसय रा य अम रका सय रा य अम रका क 30 व व ालय म उ च इटरमी डएट एव ारिभक तर पर एक वषय क प म पढ़ाईजाती ह सय रा य अम रका म यन व व ालय म 1815 स ह ह द क यव था ह 1875 म कलाग न ह द भाषा का याकरणतयार कया थाअमर का स ह द जगत कािशत होती ह किलफोिन याकोल बया व कॉ सन पनिसलविनया वज िनया ट सास वािशगटनऔर िशकागो आ द व व ालय म हद का भाषा क त अ यन होताहनाव नाव क ओसलो व व ालय म मा टर ड ी क िलए हद कापठन-पाठन कया जाता ह तथा कछ अ य शहर म भी ाथिमक तरक कल म हद पढ़ाई जाती ह वीडन क काटहोम व व ालय म हद का आधारभत पा य म पढ़ाया जाता ह उ पसला व व ालय म हद पढ़ाई जाती हद ण अ का द ण अ का क यिनविस ट आफ डरबन म [डरबनशहर] म नातक और नातको र ड ी क िलए ह द पठान क

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यव था ह 50 व ालय म रा भाषा चार सिमित वधा क पर ाओक िलए हद पढ़ाई जाती हजम नी जम नी क ह बो ट व व ालय बिल न थत व व ालयबिल न थत ह लीप जग व व ालय मा ट नलथर व व ालय बान व व ालय हाईडलबग व व ालय और ह बग व व ालय म िनयिमत प स हद पढ़ाई जाती ह यहा क अ य कई व व ालय म भी हद पढ़ाई जाती ह

स स म मा को थत lsquorsquo ा य अ ययन स थानrsquorsquo और पतरबग थत lsquorsquo ा य भाषा स थानrsquorsquo म 1920 स हद पढ़ाई जा रह ह ला दवो तोक टट यिनविस ट म भी हद पढ़ाई जाती ह

व ज़रल ड व ज़रल ड म लवसान और य रख क व व ालय म हद क ारिभक पा य म पढ़ाय जात ह

ऑ िलया ऑ िलया क कनबरा थत व व ालय म नातक तरपर ऐ छक वषय क प म हद का अ ययन होता ह ला ोव मोनाशतथा वीसल ड क व ापीठ म भी हद पढ़ाई जाती ह अ य दशो जसडनमाक पोल ड चक गणरा य हगर द ण को रया म सको यबाब जयम ऑ या फनल ड रोमािनया ोिशयागणरा य मगोिलयाउ ब क तान तजा क तान तक थाईल ड र यिनयम अज ट ना सऊद अर बया ओमान बहर न मलिशया ताइवान िसगापर क या कवतइराक ईरान तजािनया जा बया बहर न बो सवाना और इडोनिशया क कल म हद का अ यापन होता हदश पा क तान क कराची लाहौर व व ालय तथा इ लामाबाद क कल ऑफ मॉडन ल वजस म स ट फकट और ड लोमा तर पर हद पढ़ाई जाती ह ीलका म ड ी कोस तक हद पढ़ाई जाती ह हमारपड़ोसी नपाल क भवन व व ालय म नातको र और पीएचड तकक हद स वधा ह बा लादश म हद का 4 वष य कोस ह भटान क 8 कल तथा बमा क म दर धम शालाओ व गर सरकार कल म हद

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पढ़ाई जाती ह तो यह ह हमार पड़ोसी दश म हद क थित कछऐस भी दश ह जहा बड़ स या म भारतीय रहत ह और वहा भाषा कसाथ साथ भारतीय स कत को भी आग बढ़ा रह ह वहा हद म प प काए भी िनकलती ह जस मार शस फजी सर नाम गयाना िनदाद और टोबगो हद का भ व य उ वल ह अगर हद क वकास म कोई बाधा ह तो वय हम भारतीय जो अ जी का मोह नह छोड़ पात हम वय हद क उप ा करत ह हमार घर म हमार ह मा उप त ह और दसर क मा अ जी को हम मा-मा कहकर िच लात ह जो हम मौसी जसा भीभाव नह दती कसी व ान न कहा था कndash lsquoअगर कसी को गलामबनाना ह तो पहल उसक भाषा व स कित को न कर दोrsquo वह खदगलाम हो जाएगा वह अ ज न कया हमार भाषा व स कत को वकत कर दया वह जात-जात अपना काम कर चक थ अ जी अपनापर पसार चक थी और आज अ जी क या थित ह सब जानत ह सबस यादा अ वासी भारतीय का हद क वकास म योगदान ह हमारदश म म यवग य प रवार क लोग अपन ब च को अ जी मा यम सपढ़ात ह हद मा यम स पढ़ान म खद को ह न महसस करत ह इसम भारत सरकार क कमजोर ह हर सरकार काया लय म यादातर काय अ जी म ह कए जात ह जहा भी नौकर क िलए जाइय पहला सवालयह होता ह- अ जी आती ह क नह अगर नह तो समझो नौकर नह िमलगी इसिलए हद वाल क मन म ह न भावना घर कर गईआज हर गर ब-अमीर आदमी अपन ब च को का व ट कल म भजनाचाहता ह यह कारण ह क आजाद क 70 साल बाद भी हद रा भाषानह बन पाई इस मामल म हम चीन स सबक लन क ज रत ह जोअपनीरा भाषा क ित क टब ह अ ज न जस अ जी को अतरा ीयभाषा बनाया उसी तरह अगर हम हद का योग खलकर हर जगह कर पढ़-पढ़ाए हद क ित समप ण रणा ल और द फर वह दन दरनह जब दिनया वाल हद क पीछ भाग ग और हद एक था पतअतरा ीय भाषा होगी ज रत ह तो अपनी रा भाषा क ित ढ़िन यी

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होना म होना ह द को लकर िनराश नह होना और उ साह होना

(द पक ताबोसकर)किन अिभयता

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सपक भाषा क प म हद भाषा क सामा य प रभाषा म यह कहा जा चका ह क lsquoभाषा मन य क वचार- विनमय और भाव क अिभ य का साधन हrsquo स पक भाषाका आशय जनभाषा ह कसी का सामा य य चिलत शली म जो भाषा बोलता ह वह जनभाषा ह दसर श द म वशष क सपक भाषा ह जनभाषा ह इसिलए ज र नह क जनभाषा श सा ह यक प वाली ह हो या वह याकरण क िनयम स बधी होस पक भाषा या जनभाषा वह भाषा होती ह जो कसी दश या दशक ऐस लोग क बीच पार प रक वचार- विनमय क मा यम का कामकर जो एक दसर क भाषा नह जानत दसर श द म विभ नभाषा-भाषी वग क बीच स परषण क िलए जस भाषा का योग कयाजाता ह वह स पक भाषा कहलाती ह इस कार lsquoस पक भाषाrsquo क सामा य प रभाषा होगी lsquoएक भाषा-भाषी जस भाषा क मा यम स कसी दसर भाषा क बोलन वाल क साथ स पक था पत कर सक उसस पक भाषा या जनभाषा (Link Language) कहत ह rsquo बकौल डॉपरनचद टडन lsquoस पक भाषा स ता पय उस भाषा स ह जो समाज क विभ न वग या िनवािसय क बीच स पक क काम आती ह इस स िभ न-िभ न बोली बोलन वाल अनक वग क बीच ह द एक स पक भाषा ह और अ य कई भारतीय म िभ न-िभ न भाषाए बोलन वाल क बीच भी स पक भाषा हrsquo डॉ मह िसह राणा न स पक भाषा कोइन श द म प रभा षत कया ह lsquoपर पर अबोधग य भाषा या भाषाओक उप थित क कारण जस स वधाजनक विश भाषा क मा यम सदो य दो रा य कोई रा य और क तथा दो दश स पक था पतकर पात ह उस भाषा वशष को स पक भाषा या स पक साधक भाषा(Contact Language or Interlink Language) कहा जा सकता हrsquo भारतएक बहभाषी दश ह और बहभाषा-भाषी दश म स पक भाषा का वशषमह व ह अनकता म एकता हमार अनपम पर परा रह ह वा तव म सा कितक स सारा भारत सदव एक ह रहा ह हमार इस वशाल

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दश म जहा अलग-अलग रा य म िभ न-िभ न भाषाए बोली जाती ह और जहालोग क र ित-र वाज खान-पान पहनाव और रहन-सहन तकम िभ नता हो वहा स पक भाषा ह एक ऐसी कड़ ह जो एक छोर सदसर छोर क लोग को जोड़न और उ ह एक दसर क समीप लान काकाम करती ह-

डॉ भोलानाथ न स पक भाषा क योग को तीन तर पर वभा जत कया ह एक तो वह भाषा जो एक रा य (जस महारा या असम) सदसर रा य (जस बगाल या असम) क राजक य प - यवहार म कामआए दसर वह भाषा जो क और रा य क बीच प - यवहार कामा यम हो और तीसर वह भाषा जसका योग एक दश का य दसर दश क य स अपन िनजी काम म कर आजाद क लड़ाई लड़त समय हमार यह कामना थी क वत रा क अपनी एकरा भाषा होगी जसस दश एकता क स म सदा क िलए जड़ा रहगामहा मा गाधी लोकमा य ितलक नताजी सभाषच बोस आ द सभीमहाप ष न एक मत स इसका समथ न कया य क ह द हमारसामा जक सा कितक धािम क आ दोलन क ह नह अ पत रा ीयचतना एव वाधीनता आ दोलन क अिभ य क भाषा भी रह हभारत म lsquo ह द rsquo बहत पहल स पक भाषा क प म रह ह औरइसीिलए यह बहत पहल स lsquoरा भाषाrsquo कहलाती ह य क ह द क साव दिशकता स पण भारत क सामा जक व प का ितफल हभारत क वशालता क अन प ह रा भाषा वकिसत हई ह जसस उ रद ण पव और प म कह भी होन वाल मल - चाह वह याग म कभहो अथवा अजमर शर फ क दरगाह हो या विभ न दश क हमार सा कितक एकता क आधार तभ तीथ थल ह - सभी थान परआदान- दान क भाषा क प म ह द का ह अिधकतर योग होता हइस कार इन सा कितक पर पराओ स ह द ह साव दिशक भाषा क प म लोक य ह वशषकर द ण और उ र क सा कितक स ब ध क ढ़ खला क प म ह द ह सश भाषा बनी ह द का

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व तत ह स पक भाषा ह द का आयाम जनभाषा ह द सबस यापक और लोक य ह जसका सार ीय तथा रा ीय तर सबढ़कर भारतीय उपमहा प तक ह िश त अध िश त अिश त तीन वग क लोग पर पर बातचीत आ द क िलए और इस कार मौ खकमा यम म जनभाषा ह द का यवहार करत ह भारत क िल व ाकाल वज आव वाइडर क यिनकशन पन इ डयन ल वज अ तर ादिशकभाषा लोकभाषा भारत- यापी भाषा अ खल भारतीय भाषा- य नामlsquoजनभाषाrsquo ह द क िलए य होत ह हमार दश क बहभा षकता क ढाच म ह द क विभ न भौगोिलक औरसामा जक क अित र भाषा- यवहार क म भी स पक िस का ऐसा काय िन पा दत कर रह ह जसका न कवल कोई वक पनह अ पत जो ह द क व वध भिमकाओ को सम ता क साथिन पत करन म भी समथ ह ह द न पछल हजार वष म वचार- विनमय का जो उ रदािय विनभाया ह वह एक अनठा उदाहरण ह कछ लोग क यह धारणा ह क ह द पहल lsquoरा भाषाrsquo कहलाती थी बाद म इस lsquoस पक भाषाrsquo कहाजान लगा और अब इस lsquoराजभाषाrsquo बना दन स इसका सीिमत होगया ह व तत यह उनका म ह जसा क पहल उ लख कया जाचका ह क ह द स दय स स पक भाषा और रा भाषा एक साथ रह हऔर आज भी ह भारत क स वधान सभा ारा 14 िसत बर 1949 कोइस राजभाषा क प म वीकार कर लन स उसक योग का और व तत हआ ह जस बगला तिमल तलग क नड़ मलयालम आ द को मश बगाल तिमलनाड कना टक करल आ द क राजभाषा बनाया गयाह ऐसा होन स या उन भाषाओ का मह व कम हो गया ह िन यह नह ब क इसस उन सभी भाषाओ का उ रदािय व और योग पहल स अिधक बढ़ गया ह जहा पहल कवल पर पर बोलचाल म कामआती थी या उसम सा ह य क रचना होती थी वह अब शासिनककाय भी हो रह ह यह थित ह द क भी ह इस कार ह द

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स पक और रा भाषा तो ह ह राजभाषा बनाकर इस अित र स मान दान कया गया ह इस सग म डॉ सरश कमार का कथन बहत ह ासिगक ह lsquo ह द को कवल स पक भाषा क प म दखना भलहोगी ह द आधिनक भारतीय भाषाओ क उ व काल स म यदश किनवािसय क सामा जक स परषण तथा सा ह यक-सा कितक अिभ य क भाषा रह ह और अब भी ह भाषा-स पक क बदली हईप र थितय म (जो पहल फ़ारसी-तक -अरबी तथा बाद म म य प सअ जी क साथ स पक क फल व प वकिसत हई) तथा वत भारतीयगणरा य म सभी भारतीय भाषाओ को अपन-अपन भौगोिलक म यावसाियक और सा कितक यवहार क अिभ य क िलए योग म लान क िनण य क बाद ह द का स पक भाषा काय गण औरप रमाण क स इतना वकिसत हो गया ह क उसक स ब ध म िच तन तथा अनवत काय एक स ा तक और यावहा रक आव यकताबन गए ह rsquo वा तव म भाषा स पक क थित ह कसी स पक भाषाक उ व और वकास को रत करती ह या एक स ित त भाषा कस पक काय को सप करती ह ह द क साथ दोन थितय कास ब ध ह आ त रक तर पर ह द अपनी बोिलय क यवहारकता ओक बीच स पक क थापना करती रह ह और अब भी कर रह ह तथाबा तर पर वह अ य भारतीय भाषा भाषी समदाय क म य एकमा स पक भाषा क प म उभर आई ह जसक अब व वध आयाम वकिसत हो चक ह कल िमलाकर ह द का वत मान गौरवपण हउसक भिमका आज भी सामा य-जन को जोड़न म सभी भाषाओ क अप ा सबस अिधक कारगर ह

( या पोकल) हद अनवादक बलापर

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वदश म हद क चार- सार क थितसतोष ह करना हो तो यह बात कम नह क ह द व क तीस सअिधक दश म पढ़ -पढ़ाई जाती ह लगभग 100 व व ालय म उसकिलए अ यापन क खल हए ह अकल अमर का म लगभग 20 क म उसक अ ययन अ यापन क यव था ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड जस दश म भारत मल क िनवािसय क उ लखनीय स याहोन क कारण वहा ह द वतः स नह चा रत होता ह व क यक मख दश म हमार दतावास ह जनस राजनीितक सदभ क अित र यह भी आशा क जाती ह क व ह द क चार सार क ओर भी यान द ग और अपन भारत क सामा जक स कित और भारत क रा भाषा ह द का ितिनिध समझ ग पर य द यह िच उतना ह सचहोता जतना रगीन लग रहा ह तो सतोष करन म कोई बराई न थी वदश म ह द क मह व चार एव सार क थित न सब जगहएक सी ह न ऐसा होना सभव ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड म ह द क िलए वहा क जनता क एक बड़ भाग म जो आदर और म हवह यरोप या अम रका क दश म कस िमल सकता हघ इसिलए वदश म ह द क थित चार सार क सम याओ क भी व वध प हउनक समाधान भी व वध प म खोजन ह ग वदश म ह द क थित चार तथा सार को लकर दो िभ न य स वचार करनाहोगा एक ह जो सरकार त स जड़ ह दसर ह जसका सबधजन जीवन म ह पहल सरकार त क स वदश म ह द क थित का जायजा िलया जाएपहल अपन सरकार त क स जहा तक त यगत थित ह हमारदतावास स च अथ म न तो भारत क सामािसक स कित क सवाहकबन पाए ह नह भारत क रा भाषा क ितिनिध उनक िलएअिधका रय का जो चनाव होता ह उसम भी इस को अिनवाय तः क म नह रखा जाता घर म ह जब ह द का मामला राजनीित क पचड़म उलझ गया हो तो हमार दतावास पर उसक छाया न हो यह हो भी

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कस सकता हघ सामा यतः उन दश म जहा क भारतवशीय लोग क स या अ छ ख़ासी ह और वहा ह द और भारतीय स कित क िलएललक भरा अनराग ह ऐस ह ितिनिधय और अिधका रय का चयनहोता रहा हजो भारतीय स कित और ह द क अनयायी ह उदाहरण किलए मॉ रशस म डॉ भगवतशरण उपा याय जस लोग को भजा जानाइसी कोण का प रचायक था कत यरोपीय अमर का तथा अरब दश क िलए ितिनिध भजन हए इन बात क ओर यान रखना अप तनह माना जाता रहा प रणाम यह रहा ह क इन म हमार दतावासप मी रग म रग ह द का नाम भी यदा कदा ासिगक प म लतहए ह द क चार सार स सव था िनःसग रह ह कह कोई अपवादभल िमल जाए अतः इस को ट क दतावास म सामा यतः ह द क ित ा या चार सार का वा त वक प उभर ह नह पाया हो हा सजस कितपय सा वाद दश म भारत स उसक अपनी भाषा को अ जीस वर यता दए जान क अप ा क गइ तो वहा क हमार दतावास नअव य इस ओर जाग क रहन क आव यकता समझी बात अब फरिशिथल पड़ गई ह और अिधकाशतः काय यापार अ जी क मा यम सह होता ह ह द क मा यम स नह कह कह ह द क अनवाद साथम लगाए जा रह ह पर सीिमत प म ह

हमार दतावास जन दश म ह उनक सरकार क साथकाय - यवहार म ह द का उपयोग कर - यह थित क पना स काफ़ दरक ह ायः यह थित ह क हमार दश स जान वाल भारतीय लोग को अपन दतावास स सपक करन क िलए अ जी का ह उपयोग करनापड़ता ह इन लोग म भी ऐस लोग क स या भी अिधक नह होतीजो ह द म काम लन म गौरव अनभव करत ह पर कछ लोग ऐस भीहोत ह ज ह अ जी अ छ तरह नह आती व अपन दतावास स य द ह द क मा यम स सपक सहायता चाह तो उ ह क ठनाई ह होती हअब इस पहल पर वचार कया जाए क वदश क व वध सरकार क ओर स ह द क ित कसा रवया ह और कन सदभ म ह द क या

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थित ह जहा तक सरकार का भारतीय दतावास या भारत क साथसीध सपक म ह द क योग क बात ह उ ह इस बात क अिनवाय आव यकता तीत ह नह होती उनका काम अिधकाशतः ह द स नह अ जी स चलता ह जो दश अ जी भावी नह ह और अपनी भाषा परबल दत ह व म यतः अपनी भाषा का साथ म अ जी का यदा कदा ह द क अनवाद क साथ योग करत ह ह द अनवाद का योगबहत ह सीिमत मा ा म क हए नग य होता ह हा कछ मामल म ह द अनवाद साथ म लगान का ितबध ह उन सदभ म उस लगा दया जाता हभारत क वत होत ह बड़ बड़ दश न भी य अनभव कया था क व क इस बड़ भभाग स सपक करन क िलए उ ह ह द क आव यकता होगी भारतीय स वधान म यव था क गई थी क 15 वष म ह द अ जी का थान ल लगी अतः उ ह भी यह आभास हआ था क इस दश स िनकट सपक बनान क िलए उ ह ह द क ओर आनापड़गा फलतः विभ न मख दश क सरकार न अपन व व ालय म ह द क अ ययन अ यापन क यव था और स वधा क ओर यान दया अपन छा को छा व य दान कर ह द पढ़न क िलए भारतभी भजा यहा स भी अ यापक बलाए गए या यह िसलिसला कछ नकछ अब भी जार ह पर वह ललक नह रह उ ह साफ दखाई द रहाह क भारत म वह थित क पना स भी दर पीछ धकली जा चक ह जसम ह द एकमा दश क रा भाषा और सपक भाषा बनगी जबअ जी यहा थायी प स जमती दखाई द रह हो तो कोई रा अपनयवक क म और अपन पस को ह द क िलए या यय करगा सीधासवाल उपयोिगता का ह

पर सरकार सदभ स हटकर मह वपण एव वकिसत रा म ह द क उपयोिगता कछ अ य य स भी ह भारत क वत होन स पहलस ह अनक रा इस दश क स कित और स यता को समझना चाहतरह ह वत ता पव क कारण कछ और थ अब कछ और ह यह बाद

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दसर ह पर व क जनस या क एक बड़ भाग को समझन क कोिशश वकिसत रा न कर यह आज क सदभ म सव था असभव हआज क राजनीित सीध सरकार क बीच भी चलती ह सरकार औरजनता क बीच स भी चलती ह म सह सबध राजनीितक सबध किलए ह नह लड़न क िलए भी दसर दश क भाषा सीखन क आव यकता ह इसका उदाहरण ह द क सदभ म चीन का हभारत-चीन य क समय यह सामन आया था क चीन न अपन अनकसिनक को एक आव यक मा ा म ह द का िश ण दया हआ था तोअपन अपन वाथ अथ को यान म रखकर विभ न वकिसत रा अपन यहा ह द क पठन पाठन क यव था करत ह कछ भारत कोसमझन क िलए कछ भारत स उपयोगी सदभ क िलए कछ भारत स म क िलए

जन वदशी व व ालय म ह द अ ययन-अ यापन क यव थाए ह उनक आिथ क यव था भल ह उन दश क सरकार क ओर स होती हो पर अनकानक वदशी ह द व ान ह द और भारतीयस कित क अनराग म इतन रम गए ह क उ ह न अपनी जीवनचया कोह ह द क ित सम प त कर िलया ह उनम इतना स चा और गहरा ह द अनराग ह क य ह द का काम ह नह करत ब क जब जब ह द इस दश म बढ़ती ह उनम स नता होती ह जब जब ह द पीछधकली जाती ह उ ह पीड़ा होती ह ह द क इन अनरागी वदशी व ान क ित यह दश कत ह ऊपर क चिच त थित अरब रा म नह दखाई दती उनका झकाव आव यकता क मा ा क अन प उद क ओर हआ ह ह द क ओर नह पर इसका लाभ इस दश क उन लोग को भी बराबर िमलता ह जो इन रा म यापार नौकर या अ यसदभ स गए ह उद व पतः ह द स दर होकर भी बहत दर नह जापाती अतः िल खत प म चाह न सह बोलचाल क तर पर उसकालाभ ह द उद दोन क लोग को वहा समान प स िमलता ह तीसरवग म व दश आत ह जहा भारत क मल िनवासी बड़ स या म बस हएह जस मा रशस फजी सर नाम िनडाड आ द इन दश म ह द जो

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राजक य आ य सीिमत प म ह ा ह अपनी जनस या क आधारपर भारतीय जतना ितिनिध व अपन दश क सरकार म ल पात ह उसी अनपात म य ह द को उठान क बात कर पात ह अबराजनीितक जोड़ तोड़ म भारतविशय क यह श भी बखर जाती ह तो ह द को कसी ऊचाई तक उठा ल जाना वहा भी सभव नह ह सरकार त इन दश म नीच क तर पर ह द िश ा क यव था करता हउ च िश ा और राजक य योग क िलए ह द को हण कए जान काअभी सवाल ह पदा नह हआइस कार शासक य तर पर वदश म ह द क जो भी यव था ह उसका अिधकाश हर दश क अपनी अपनीनजर क उपयोिगता क कारण ह उसम भारत सरकार और भारतीयदतावास का योगदान बहत ह सीिमत ह हा मा रशस फजी आ द दश म भारतीय शासन और दतावास क ह द ो साहन वषयक योगदानको अव य यान रखना होगा

यहा इस बात का ववचन भी आव यक ह क शासक य मा यम स ह द क अ यापक और व ािथ य का जो आदान दान होता हउसक या थित ह घ विभ न दश कछ अ य अ यापक कछ व ािथ य अपन यय पर ह द िसखवान क िलए भारत भजत ह कछ व ाथ भारत क छातव य पर विनमय योजनाओ क भीतर भी आतह ऐस ह द अ यताओ का ह द िश ण अिधकाशतः िश ा क क य ह द स थान क मा यम स दया जाता ह कछ को कितपय व व ालय म आव टत कर दया जाता ह कछ दश कछ िन तअविध क िलए भारत स ह द अ यापक का चयन करक आम तकरत ह और अपन यहा ह द िश ण क यव था करात ह भज जानवाल ह द अ यापको क चयन क याए शासक य त स गजरतीहई ऐसी बन ग ह क जो लोग जात ह उनम मशनर प रटषबहत कम और वदश जान का चास पान क ललक अिधक काम करतीह सह मताओ क लाग का चयन आज वस ह क ठन हो गया हअब रह उन लोग क बात जो ह द सीखन भारत आत ह इनम स जो व व ालय स भज जात ह उनम सह िश ा इसिलए नह पहच पाती

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क व व ालय म ह द को आधिनक व ािनक णािलय स तीयभाषा क प म पढ़ान क प ितय का सह वकास नह हआ औरक य ह द स थान इसिलए सह उ रदािय व का वहन नह कर पाता क वह िश ण िश ण णाली क आभासी व ािनकता म उलझ गयाह पर जो भी ह यह एक मा यव थत स था ह जहा व ािनकप ित स वदिशय को भारत म ह द पढ़ान क यव था आयो जत हसब िमलकर शासक य सदभ क साथ जड़कर ह द क दशा वदश

म उतनी उ साहवध क नह उतनी सतोषजनक नह जतनी होनी चा हएभारत म सवधािनक और शासक य तर पर ह द क जो थित हउसम जो शिथ य ह या जो उ साह ह दोन क छाया वदश क शासक य त स वकिसत होन वाली ह द थित पर पड़नाअ वाभा वक नह हभारत म ह द बोलन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह इस

स उद भाषी लोग भी ह द व क प रिध म ह आत ह भारत म ह द चाह सरकार तर पर एकमा सपक भाषा न बन पाए पर उन सग पर जहा दश क विभ न ात म विभ न कार क वग क लोगजड़त ह वहा यह थित दखन को िमलती ह य द यह उ चवग य लोग का स मलन ह तो ायः अ जी सपक भाषा क प म काम करती ह व प सा योग ह द का चलता ह पर य द िमलन लोक जीवन सजड़ लोग का हआ तो ह द अपन आप सपक भाषा का प ल लती हभारत क कसी भी भाग म जाइए य द िमलन वाल लोग उ चवग य याउ चाभासीवग य नह ह तो एक भाषाभाषी स अ य भाषाभा षय किमलन क सपक भाषा ायः ह द िमलगी सिनक जीवन म रलया ाओ म तीथ थान म छा स मलन म ाकितक ऐितहिसकदश नीय थल म बाज़ार म आपको इस ह द व क मता औरउपयोिगता का पता चल सकगा यह थित िनरतर वकिसत हो रह हभारत म ह द बोलन वाल क ह द समझन वालो क और ह द को यावहा रक जीवन म उपयोग करन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह

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यह वकासशील थित ह द क िलए वदश स भी ह वदश म ह द का उपयोग म यतः भारतविशय क ारा होता ह इस स वदश को तीन वग म रखा जा सकता ह पहला वग वह जसम भारतीय फजी सर नाम िनडाड जस दश रख जा सकत ह जहाभारतवशीय लोग भार तादाद म बस रह ह व लोग कामकाज को लकरइन दश म गए थ इनम भारत क स कित और भारत क ह द सस चा अनराग ह उसस जड रहन क ललक ह य लोग जो ह द बोलतह योग म लात ह वह खड़ बोली ह द नह ह पर िलखाई पढ़ाई किलए व मानक ह द क ओर ह बढ़ रह ह दसर वग म व दश ह जहा क भाषा उद ह या जहा उद भाषी जनता

क पहच ह इन म य द भारतीय ह द भाषी िमलत ह तो जोभाषा सपक -भाषा क प म मा यम बनती ह उस ह द स िभ न नह कहा जा सकता अरब रा म भारत और पा क तान दोन ह दश ककाम धामी लोग गए ह इनक पार प रक सपक भाषा ायः ह द होतीह--

तीसर वग म यरोप अमर का आ द व वकिसत रा रख जा सकत ह जहा बहत बड़ स या म भारत क लोग बस भी गए ह और अ थायी प म जा भी रह ह इन लोग म य द कसी ात वशष या वशषक लोग पर पर िमलत ह तो अपनी ीय भाषा का योग करत ह परय द विभ न भारतीय भाषाभाषी िमलत ह तो सपक भाषा ायः ह द होती ह उदाहरण म तौर पर अमर का कनाडा म गजराती-भाषी काफ़ स या म बस ह य द गजराती लोग पर पर िमल ग तो आरिभक सपक अ जी म होन क बाद सपक और बातचीत क भाषा गजराती हो जाएगीपर य द गजराती और तिमल भाषी या गजराती और मलयालम भाषीिमल ग या एकािधक भारतीय भाषाओ क बोलन वाल िमल ग तो य गतसपक भाषा अिधकाशतः ह द बन जाएगी भारत म अगरजी ान व ान क भाषा क प म उतनी नह जतनी ित ाभास क भाषा क प म ित त ह यह थित वदश म भारतीय क पार प रक िमलन

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क समय भी कछ कछ उभर आती ह पर इस आभास स म िमलतह सपक भाषा ह द बनती ह यह बात भारत पा क तान क लोग कपार प रक िमलन पर होती ह ित ाभासी तर पर अ जी चलन कबाद आ मीय स मलन उस ह द म होता ह जो भारत और पा क तानक वा त वक बोली ह जसम स कत अरबी फारसी क असहज प म ठसी नह जाती सहज श दावली सहज प म बोली समझी जाती हभारत म उ च और उ चभासी वग क सपक भाषा अ जी ह जनक

स या 3 ितशत स अिधक नह ह लोक जीवन अपनी अपनी ातीय ीय भाषाओ म चलता ह वा त वक लोक सपक ह द क मा यम सचलता ह इसी कार वदश म भारत और पा क तान क िनवािसय कपार प रक िमलन सग म उ च और उ चाभासी वग क लोग किमलन पर अ जी चलती ह एक भाषी सपक म ीय भाषा एकािधकभाषी सपक म ह द कल िमलाकर 20 स अिधक अ जी का उपयोग यलोग नह करत ह द जानन वाल य को इस फली हई ह द क दिनया म अ जी न जानन पर भी कोई क ठनाई नह होती सकड़ लोग भारत स कसी भी दश क भाषा क बोलन वाल वकिसत दश म कह काम क िलए चल जा रह ह ह द उनक िलए मा यम का कामकर रह ह और व अपना काम कर रह ह ह द क इस दिनया क इस ह द व क जनस या कम नह

ह व म इस स ह द का थान तीसरा ह पर इडोनिशयाजावा समा ा तथा उन म लम बाह य दश म जहा उद बोली समझीजा सकती ह ह द क बोलन समझन म अिधक क ठनाई नह आतीइस स ह द व क म उद ह द का ह एक प बनती हऔर ह द व क थित अ जी क बाद आती ह उद का याकर णकढाचा उसक आधारभत श दावली और उसक महावर दानी ह द व क सीमा क बाहर क न थी न अभी हयह वशाल ह द व विभ न दश म फला हआ ह पर बखरा

पड़ा ह इसक श ीणा पड़ ह इस सजोना होगा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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ईमानदार ndash एक जीवन शली

ईमानदार पर जीवन भर बहत सी मह वपण भिमका िनभाती ह जसखली आख स आसानी स बहत प प स दखा जा सकता ह समाजक लोग ारा ईमानदार कहा जाना उस य क िलए सबस अ छाप रपरक ह यह उस य क ारा जीवन म कमाई हई वा त वकस प ह जो कभी भी ख म नह होती ह आजकल समाज म ईमानदार क कमी लोग क बीच अ तर का सबस बड़ा कारण ह यहअिभभावक -ब च और व ािथ य -िश क क बीच उिचत पार प रकस पक क अभाव क कारण ह ईमानदार कोई व त नह ह जस खर दाया बचा जा सक इस धीर-धीर ब च म एक अ छ आदत क प म वकिसत करन क िलए कल और घर सबस अ छ थान ह घर और कल व थान ह जहा एक ब चा नितकता को सीखता ह इस कारिश ा णाली म ब च को नितकता क कर ब रखन क िलए कछआव यक रणनीित होनी चा हए ब च को उनक बचपन स ह घर और कल म अिभभावक और िश क क मदद स ईमानदार होन क िलएउिचत तरह स िनद श दन चा हए कसी भी दश क यवा उस दश कभ व य होत ह इसिलए उ ह नितक च र को वकिसत करन क िलएबहतर अवसर दन चा हए ता क व दश का बहतर तर क स नत व करसक ईमानदार मन य क सम याओ का स चा समाधान ह आजकलकवल ईमानदार लोग क स या म कमी होन क कारण समाज म यक जगह ाचार और बहत सी सम याए ह इस तज और ितयोगी वातावरण म लोग नितक म य को भल गए ह सभी चीज को ाकितक तर क स चलन दन क िलए इस बात पर पन व चार करनाबहत आव यक ह क समाज म ईमानदार को वापस कस लाया जाएlsquoईमानदार एक सव नीितrsquo ह यह कहावत तो हमन सनी ह होगी औरइस सव नीित को अगर हम अपनी जीवनशली बना ल तो फर कहनाह या हमारा जीवन ध य हो सकता ह ईमानदार एक गण ह नह ब क एक आचरण ह अगर हमार जीवनशली ईमानदार य ह तो

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हमार चार तरफ का वातावरण सकारा मक ह बनगाईमानदार व ास का दसरा पया य ह अगर हम अपन जीवन म ईमानदार ह तो हम पर लोग सहज प स व ास कर ग बईमानी सकाय करन स जीवन म एक अपराध बोध रहता ह जो जदगी भर हमारापीछा नह छोड़ता और हमार मन को नकारा मकता स भर दता ह यनकारा मकता का प रणाम जीवन म कभी ना कभी भोगना ह पड़ता हय द हम ईमानदार स रह ग तो हमार अदर कोई भी अपराध बोध नह रहगा और हम सकारा मक होकर सोच ग यह सकारा मकता हमार सफलता का माग श त करगीईमानदार को अगर हम अपनी जीवनशली बना ल तो यह हमार जीवनम अनक प स मदद कर सकती ह यह जीवन म हम अ छ और उ चगण वाल िम को िमलान म मदद करती ह ईमानदार लोग म हमारा व ास कायम करती ह जसस हम समाज म मान-स मान और ित ा ा होती ह ईमानदार हमार अदर एक आ म व ास का िनमा ण करतीह जसस हम और अिधक ढ़ता स अपन ल य क ओर अ सर होत ह ईमानदार हमार अदर लोक क याण क भावना का वकास करती ह औरहमार अदर म एव दया उ प न करती ह य क जो य ईमानदार हवह कभी कसी का अ हत नह सोच सकता वह सदव दसर का हत ह करगा ईमानदार हमार आ म सत का भी एक मह वपण उपाय हअगर हम ईमानदार स अपना जीवन यतीत कर तो हमार जीवन म शाित और सत होगीहाला क आज क यग म ईमानदार स रहना बड़ा ह क ठन ह ल कनईमानदार स रहना असभव नह श म हम इसक पालन म काफ क ठनाइया हो सकती ह ल कन धीर-धीर हमार ईमानदार स रहन क व वकिसत हो जाएगी तो हम ईमानदार स चलन म क ठनाई नह ब क आनद आएगा इसिलय ईमानदार एक गण ह नह ब क एकजीवनशली ह

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सामा जक और आिथ क स तलन को बनान क िलए लोग को ईमानदार क म य को समझना होगा लोग क ारा ईमानदार का अनसरण करनाबहत आव यक ह य क यह आधिनक समय क अिनवाय आव यकताबन गई ह यह एक अ छ आदत ह जो एक य को क ठनप र थितय को सलझान और सभालन म पया स म बनाती ह

(दामोदर नाईक)वय क सिचव कारवार

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सबस श और व ान स मत भाषा ह ह द

ह द आज भारत म ह नह ब क व क वराट फलक पर अपनअ त व को आकार द रह ह आज ह द व भाषा क प म मा यता ा करन क ओर अ सर ह अब तक भारत और भारत कबाहर सात व ह द स मलन आयो जत हो चक ह वत मान म आिथ क उदार करण क यग म बहरा ीय दश क कपिनय नअपन दश (अम रका टन ास जम नी चीन आ द) क शासक परदबाव बढ़ाना श कर दया ह ता क वहा ह द भाषा का चार- सारतजी स बढ़ और ह द जानन वाल एिशयाई दश व अपना यापारउनक भाषा म सगमता स कर सक अतरा ीय तर पर ह द क गित य द इसी कार होती रह तो वह दन दर नह जब ह द सय रा सघ म एक अिधका रक भाषा का प हािसल कर लगी वत मान म मातभा षय क स या क कोण स व क भाषाओ म मदा रन[चीनी] भाषा क बाद ह द का दसरा थान हचीनी भाषा क बोलनवाल क स या ह द भाषा क बोलन वाल स अिधक ह पर तमदा रन भाषा का योग ह द क तलना म सीिमत ह और अ ज़ीभाषा का योग ह द क अप ा अिधक ह क त ह द कमातभा षय क स या अ ज़ी भा षय स अिधक हआज व क तर पर यह िस हो चका ह क ह द भाषा अपनी िल पऔर व या मकता (उ चारण) क िलहाज स सबस श और व ानस मत भाषा ह हमार यहा एक अ र स एक ह विन िनकलती ह औरएक बद (अन वार) का भी अपना मह व हदसर भाषाओ म यहव ािनकता नह पाई जाती अतरा ीय तर पर ा भाषा अ ज़ी को ह दख वहा एक ह विन क िलए कतनी तरह क अ र उपयोग म लाएजात ह जस ई क विन क िलए ee (see) i (sin) ea (tea) ey (key) eo

(people) इतन अ र ह क एक ब च क िलए उ ह याद रखना म कलह इसी तरह क क उ चारण क िलए तो कभी c (ca) तो कभी k(king) ch का उ चारण कसी श द म क होता ह तो कसी म च ऐस

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स कड़ उदाहरण आ य क बात ह क ऐसी अिनयिमत और अ यव थतम कल अ जी हमार ब च चार साल क उ म सीख जात ह ब कअब तो वदश म भी हद तानी ब च न पिल स म व तर पर रकॉड कायम कए ह जब क इ ल ड म कली िश काए भी अ ज़ी क सह पिल स िलख नह पातीहमार यह अ जी भाषा क धरधर ब च कॉलज म पहचकर भी ह द म मा ाओ और ह ज क गलितया करत ह और उ ह सह ह द नह आती जब क ह द सीखना दसर अ य भाषाओ क मकाबल कह यादाआसान ह ऐस म ह द क उप ा और उसक रा भाषा न बन पान ककारण का व रत और ग भीरता पव क अ ययन कर समा कर ह द को ह द तान क म तक पर सजाना होगावब व ापन िसनमा औरबाजार क म हद क माग जस तजी स बढ़ ह वसी कसी औरभाषा म नह व क लगभग 150 व व ालय तथा सकड़ छोट-बड़क म व व ालय तर स लकर शोध तर तक हद कअ ययन-अ यापन क यव था हई ह वदश म 35 स अिधकप -प काए लगभग िनयिमत प स हद म कािशत हो रह ह यएईम हम एफ-एम ह द र डयो सारण सवा ह इसी कार बीबीसीजम नी क डायच वल जापान क एनएचक व ड और चीन क चाइनार डयो इटरनशनल क हद सवा वशष प स उ लखनीय ह वदश म चालीस स अिधक दश क 600 स अिधक व व ालय और कल म ह द पढ़ाई जा रह ह व क मानिच म ास का एक वशष थान ह ास क प रस शहरम सौरबन व व ालय म 3 वष क पा य म क अलावा पीएचड किलए शोध क भी यव था ह lsquorsquoप रस क ा य भाषाओ एव स यताओक रा ीय स थानrsquorsquo म हद म 2 वष का स ट फकट कोस 3 साल का ड लोमा 4 साल म उ च ड लोमा 5 साल और 6 साल क उ चअ ययन क िश ण क भी यव था ह

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जापान जापान क टो यो और ओसाका व व ालय म हद का छहवष य कोस ह इसक अलावा अ य व व ालय एव कॉलज म हद वक पक वषय क प म तीय एव ततीय भाषा क प म पढ़ाई जातीह सन 1992 क कर ब जापान का एक हद कॉलर काफ समय तकभारत म रहन क उपरात िशकागो गया और वहा पर हद का एक वहतप तकालय दखकर उस जापानी व ान न भारत म अपन एक िम ोफ़सर को प िलखा था क यहा क हद प तकालय को दखकर द ली व व ालय क प तकालय को शिम दा होना पड़गा तो ऐसी ह हमार रा भाषा हद कनाडा कनाडा क यिनविस ट आफ टश कोल बया म हद का 2 वष का पा य म ह मॉ यल व व ालय म ारिभक तर पर औरअटावा शहर म बन मकल हद हाई कल म 1971 स सभी क ाओ म और टोरटो शहर क कछ कल म भी हद पढ़ाई जाती हसय रा य अम रका सय रा य अम रका क 30 व व ालय म उ च इटरमी डएट एव ारिभक तर पर एक वषय क प म पढ़ाईजाती ह सय रा य अम रका म यन व व ालय म 1815 स ह ह द क यव था ह 1875 म कलाग न ह द भाषा का याकरणतयार कया थाअमर का स ह द जगत कािशत होती ह किलफोिन याकोल बया व कॉ सन पनिसलविनया वज िनया ट सास वािशगटनऔर िशकागो आ द व व ालय म हद का भाषा क त अ यन होताहनाव नाव क ओसलो व व ालय म मा टर ड ी क िलए हद कापठन-पाठन कया जाता ह तथा कछ अ य शहर म भी ाथिमक तरक कल म हद पढ़ाई जाती ह वीडन क काटहोम व व ालय म हद का आधारभत पा य म पढ़ाया जाता ह उ पसला व व ालय म हद पढ़ाई जाती हद ण अ का द ण अ का क यिनविस ट आफ डरबन म [डरबनशहर] म नातक और नातको र ड ी क िलए ह द पठान क

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यव था ह 50 व ालय म रा भाषा चार सिमित वधा क पर ाओक िलए हद पढ़ाई जाती हजम नी जम नी क ह बो ट व व ालय बिल न थत व व ालयबिल न थत ह लीप जग व व ालय मा ट नलथर व व ालय बान व व ालय हाईडलबग व व ालय और ह बग व व ालय म िनयिमत प स हद पढ़ाई जाती ह यहा क अ य कई व व ालय म भी हद पढ़ाई जाती ह

स स म मा को थत lsquorsquo ा य अ ययन स थानrsquorsquo और पतरबग थत lsquorsquo ा य भाषा स थानrsquorsquo म 1920 स हद पढ़ाई जा रह ह ला दवो तोक टट यिनविस ट म भी हद पढ़ाई जाती ह

व ज़रल ड व ज़रल ड म लवसान और य रख क व व ालय म हद क ारिभक पा य म पढ़ाय जात ह

ऑ िलया ऑ िलया क कनबरा थत व व ालय म नातक तरपर ऐ छक वषय क प म हद का अ ययन होता ह ला ोव मोनाशतथा वीसल ड क व ापीठ म भी हद पढ़ाई जाती ह अ य दशो जसडनमाक पोल ड चक गणरा य हगर द ण को रया म सको यबाब जयम ऑ या फनल ड रोमािनया ोिशयागणरा य मगोिलयाउ ब क तान तजा क तान तक थाईल ड र यिनयम अज ट ना सऊद अर बया ओमान बहर न मलिशया ताइवान िसगापर क या कवतइराक ईरान तजािनया जा बया बहर न बो सवाना और इडोनिशया क कल म हद का अ यापन होता हदश पा क तान क कराची लाहौर व व ालय तथा इ लामाबाद क कल ऑफ मॉडन ल वजस म स ट फकट और ड लोमा तर पर हद पढ़ाई जाती ह ीलका म ड ी कोस तक हद पढ़ाई जाती ह हमारपड़ोसी नपाल क भवन व व ालय म नातको र और पीएचड तकक हद स वधा ह बा लादश म हद का 4 वष य कोस ह भटान क 8 कल तथा बमा क म दर धम शालाओ व गर सरकार कल म हद

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पढ़ाई जाती ह तो यह ह हमार पड़ोसी दश म हद क थित कछऐस भी दश ह जहा बड़ स या म भारतीय रहत ह और वहा भाषा कसाथ साथ भारतीय स कत को भी आग बढ़ा रह ह वहा हद म प प काए भी िनकलती ह जस मार शस फजी सर नाम गयाना िनदाद और टोबगो हद का भ व य उ वल ह अगर हद क वकास म कोई बाधा ह तो वय हम भारतीय जो अ जी का मोह नह छोड़ पात हम वय हद क उप ा करत ह हमार घर म हमार ह मा उप त ह और दसर क मा अ जी को हम मा-मा कहकर िच लात ह जो हम मौसी जसा भीभाव नह दती कसी व ान न कहा था कndash lsquoअगर कसी को गलामबनाना ह तो पहल उसक भाषा व स कित को न कर दोrsquo वह खदगलाम हो जाएगा वह अ ज न कया हमार भाषा व स कत को वकत कर दया वह जात-जात अपना काम कर चक थ अ जी अपनापर पसार चक थी और आज अ जी क या थित ह सब जानत ह सबस यादा अ वासी भारतीय का हद क वकास म योगदान ह हमारदश म म यवग य प रवार क लोग अपन ब च को अ जी मा यम सपढ़ात ह हद मा यम स पढ़ान म खद को ह न महसस करत ह इसम भारत सरकार क कमजोर ह हर सरकार काया लय म यादातर काय अ जी म ह कए जात ह जहा भी नौकर क िलए जाइय पहला सवालयह होता ह- अ जी आती ह क नह अगर नह तो समझो नौकर नह िमलगी इसिलए हद वाल क मन म ह न भावना घर कर गईआज हर गर ब-अमीर आदमी अपन ब च को का व ट कल म भजनाचाहता ह यह कारण ह क आजाद क 70 साल बाद भी हद रा भाषानह बन पाई इस मामल म हम चीन स सबक लन क ज रत ह जोअपनीरा भाषा क ित क टब ह अ ज न जस अ जी को अतरा ीयभाषा बनाया उसी तरह अगर हम हद का योग खलकर हर जगह कर पढ़-पढ़ाए हद क ित समप ण रणा ल और द फर वह दन दरनह जब दिनया वाल हद क पीछ भाग ग और हद एक था पतअतरा ीय भाषा होगी ज रत ह तो अपनी रा भाषा क ित ढ़िन यी

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होना म होना ह द को लकर िनराश नह होना और उ साह होना

(द पक ताबोसकर)किन अिभयता

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सपक भाषा क प म हद भाषा क सामा य प रभाषा म यह कहा जा चका ह क lsquoभाषा मन य क वचार- विनमय और भाव क अिभ य का साधन हrsquo स पक भाषाका आशय जनभाषा ह कसी का सामा य य चिलत शली म जो भाषा बोलता ह वह जनभाषा ह दसर श द म वशष क सपक भाषा ह जनभाषा ह इसिलए ज र नह क जनभाषा श सा ह यक प वाली ह हो या वह याकरण क िनयम स बधी होस पक भाषा या जनभाषा वह भाषा होती ह जो कसी दश या दशक ऐस लोग क बीच पार प रक वचार- विनमय क मा यम का कामकर जो एक दसर क भाषा नह जानत दसर श द म विभ नभाषा-भाषी वग क बीच स परषण क िलए जस भाषा का योग कयाजाता ह वह स पक भाषा कहलाती ह इस कार lsquoस पक भाषाrsquo क सामा य प रभाषा होगी lsquoएक भाषा-भाषी जस भाषा क मा यम स कसी दसर भाषा क बोलन वाल क साथ स पक था पत कर सक उसस पक भाषा या जनभाषा (Link Language) कहत ह rsquo बकौल डॉपरनचद टडन lsquoस पक भाषा स ता पय उस भाषा स ह जो समाज क विभ न वग या िनवािसय क बीच स पक क काम आती ह इस स िभ न-िभ न बोली बोलन वाल अनक वग क बीच ह द एक स पक भाषा ह और अ य कई भारतीय म िभ न-िभ न भाषाए बोलन वाल क बीच भी स पक भाषा हrsquo डॉ मह िसह राणा न स पक भाषा कोइन श द म प रभा षत कया ह lsquoपर पर अबोधग य भाषा या भाषाओक उप थित क कारण जस स वधाजनक विश भाषा क मा यम सदो य दो रा य कोई रा य और क तथा दो दश स पक था पतकर पात ह उस भाषा वशष को स पक भाषा या स पक साधक भाषा(Contact Language or Interlink Language) कहा जा सकता हrsquo भारतएक बहभाषी दश ह और बहभाषा-भाषी दश म स पक भाषा का वशषमह व ह अनकता म एकता हमार अनपम पर परा रह ह वा तव म सा कितक स सारा भारत सदव एक ह रहा ह हमार इस वशाल

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दश म जहा अलग-अलग रा य म िभ न-िभ न भाषाए बोली जाती ह और जहालोग क र ित-र वाज खान-पान पहनाव और रहन-सहन तकम िभ नता हो वहा स पक भाषा ह एक ऐसी कड़ ह जो एक छोर सदसर छोर क लोग को जोड़न और उ ह एक दसर क समीप लान काकाम करती ह-

डॉ भोलानाथ न स पक भाषा क योग को तीन तर पर वभा जत कया ह एक तो वह भाषा जो एक रा य (जस महारा या असम) सदसर रा य (जस बगाल या असम) क राजक य प - यवहार म कामआए दसर वह भाषा जो क और रा य क बीच प - यवहार कामा यम हो और तीसर वह भाषा जसका योग एक दश का य दसर दश क य स अपन िनजी काम म कर आजाद क लड़ाई लड़त समय हमार यह कामना थी क वत रा क अपनी एकरा भाषा होगी जसस दश एकता क स म सदा क िलए जड़ा रहगामहा मा गाधी लोकमा य ितलक नताजी सभाषच बोस आ द सभीमहाप ष न एक मत स इसका समथ न कया य क ह द हमारसामा जक सा कितक धािम क आ दोलन क ह नह अ पत रा ीयचतना एव वाधीनता आ दोलन क अिभ य क भाषा भी रह हभारत म lsquo ह द rsquo बहत पहल स पक भाषा क प म रह ह औरइसीिलए यह बहत पहल स lsquoरा भाषाrsquo कहलाती ह य क ह द क साव दिशकता स पण भारत क सामा जक व प का ितफल हभारत क वशालता क अन प ह रा भाषा वकिसत हई ह जसस उ रद ण पव और प म कह भी होन वाल मल - चाह वह याग म कभहो अथवा अजमर शर फ क दरगाह हो या विभ न दश क हमार सा कितक एकता क आधार तभ तीथ थल ह - सभी थान परआदान- दान क भाषा क प म ह द का ह अिधकतर योग होता हइस कार इन सा कितक पर पराओ स ह द ह साव दिशक भाषा क प म लोक य ह वशषकर द ण और उ र क सा कितक स ब ध क ढ़ खला क प म ह द ह सश भाषा बनी ह द का

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व तत ह स पक भाषा ह द का आयाम जनभाषा ह द सबस यापक और लोक य ह जसका सार ीय तथा रा ीय तर सबढ़कर भारतीय उपमहा प तक ह िश त अध िश त अिश त तीन वग क लोग पर पर बातचीत आ द क िलए और इस कार मौ खकमा यम म जनभाषा ह द का यवहार करत ह भारत क िल व ाकाल वज आव वाइडर क यिनकशन पन इ डयन ल वज अ तर ादिशकभाषा लोकभाषा भारत- यापी भाषा अ खल भारतीय भाषा- य नामlsquoजनभाषाrsquo ह द क िलए य होत ह हमार दश क बहभा षकता क ढाच म ह द क विभ न भौगोिलक औरसामा जक क अित र भाषा- यवहार क म भी स पक िस का ऐसा काय िन पा दत कर रह ह जसका न कवल कोई वक पनह अ पत जो ह द क व वध भिमकाओ को सम ता क साथिन पत करन म भी समथ ह ह द न पछल हजार वष म वचार- विनमय का जो उ रदािय विनभाया ह वह एक अनठा उदाहरण ह कछ लोग क यह धारणा ह क ह द पहल lsquoरा भाषाrsquo कहलाती थी बाद म इस lsquoस पक भाषाrsquo कहाजान लगा और अब इस lsquoराजभाषाrsquo बना दन स इसका सीिमत होगया ह व तत यह उनका म ह जसा क पहल उ लख कया जाचका ह क ह द स दय स स पक भाषा और रा भाषा एक साथ रह हऔर आज भी ह भारत क स वधान सभा ारा 14 िसत बर 1949 कोइस राजभाषा क प म वीकार कर लन स उसक योग का और व तत हआ ह जस बगला तिमल तलग क नड़ मलयालम आ द को मश बगाल तिमलनाड कना टक करल आ द क राजभाषा बनाया गयाह ऐसा होन स या उन भाषाओ का मह व कम हो गया ह िन यह नह ब क इसस उन सभी भाषाओ का उ रदािय व और योग पहल स अिधक बढ़ गया ह जहा पहल कवल पर पर बोलचाल म कामआती थी या उसम सा ह य क रचना होती थी वह अब शासिनककाय भी हो रह ह यह थित ह द क भी ह इस कार ह द

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स पक और रा भाषा तो ह ह राजभाषा बनाकर इस अित र स मान दान कया गया ह इस सग म डॉ सरश कमार का कथन बहत ह ासिगक ह lsquo ह द को कवल स पक भाषा क प म दखना भलहोगी ह द आधिनक भारतीय भाषाओ क उ व काल स म यदश किनवािसय क सामा जक स परषण तथा सा ह यक-सा कितक अिभ य क भाषा रह ह और अब भी ह भाषा-स पक क बदली हईप र थितय म (जो पहल फ़ारसी-तक -अरबी तथा बाद म म य प सअ जी क साथ स पक क फल व प वकिसत हई) तथा वत भारतीयगणरा य म सभी भारतीय भाषाओ को अपन-अपन भौगोिलक म यावसाियक और सा कितक यवहार क अिभ य क िलए योग म लान क िनण य क बाद ह द का स पक भाषा काय गण औरप रमाण क स इतना वकिसत हो गया ह क उसक स ब ध म िच तन तथा अनवत काय एक स ा तक और यावहा रक आव यकताबन गए ह rsquo वा तव म भाषा स पक क थित ह कसी स पक भाषाक उ व और वकास को रत करती ह या एक स ित त भाषा कस पक काय को सप करती ह ह द क साथ दोन थितय कास ब ध ह आ त रक तर पर ह द अपनी बोिलय क यवहारकता ओक बीच स पक क थापना करती रह ह और अब भी कर रह ह तथाबा तर पर वह अ य भारतीय भाषा भाषी समदाय क म य एकमा स पक भाषा क प म उभर आई ह जसक अब व वध आयाम वकिसत हो चक ह कल िमलाकर ह द का वत मान गौरवपण हउसक भिमका आज भी सामा य-जन को जोड़न म सभी भाषाओ क अप ा सबस अिधक कारगर ह

( या पोकल) हद अनवादक बलापर

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वदश म हद क चार- सार क थितसतोष ह करना हो तो यह बात कम नह क ह द व क तीस सअिधक दश म पढ़ -पढ़ाई जाती ह लगभग 100 व व ालय म उसकिलए अ यापन क खल हए ह अकल अमर का म लगभग 20 क म उसक अ ययन अ यापन क यव था ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड जस दश म भारत मल क िनवािसय क उ लखनीय स याहोन क कारण वहा ह द वतः स नह चा रत होता ह व क यक मख दश म हमार दतावास ह जनस राजनीितक सदभ क अित र यह भी आशा क जाती ह क व ह द क चार सार क ओर भी यान द ग और अपन भारत क सामा जक स कित और भारत क रा भाषा ह द का ितिनिध समझ ग पर य द यह िच उतना ह सचहोता जतना रगीन लग रहा ह तो सतोष करन म कोई बराई न थी वदश म ह द क मह व चार एव सार क थित न सब जगहएक सी ह न ऐसा होना सभव ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड म ह द क िलए वहा क जनता क एक बड़ भाग म जो आदर और म हवह यरोप या अम रका क दश म कस िमल सकता हघ इसिलए वदश म ह द क थित चार सार क सम याओ क भी व वध प हउनक समाधान भी व वध प म खोजन ह ग वदश म ह द क थित चार तथा सार को लकर दो िभ न य स वचार करनाहोगा एक ह जो सरकार त स जड़ ह दसर ह जसका सबधजन जीवन म ह पहल सरकार त क स वदश म ह द क थित का जायजा िलया जाएपहल अपन सरकार त क स जहा तक त यगत थित ह हमारदतावास स च अथ म न तो भारत क सामािसक स कित क सवाहकबन पाए ह नह भारत क रा भाषा क ितिनिध उनक िलएअिधका रय का जो चनाव होता ह उसम भी इस को अिनवाय तः क म नह रखा जाता घर म ह जब ह द का मामला राजनीित क पचड़म उलझ गया हो तो हमार दतावास पर उसक छाया न हो यह हो भी

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कस सकता हघ सामा यतः उन दश म जहा क भारतवशीय लोग क स या अ छ ख़ासी ह और वहा ह द और भारतीय स कित क िलएललक भरा अनराग ह ऐस ह ितिनिधय और अिधका रय का चयनहोता रहा हजो भारतीय स कित और ह द क अनयायी ह उदाहरण किलए मॉ रशस म डॉ भगवतशरण उपा याय जस लोग को भजा जानाइसी कोण का प रचायक था कत यरोपीय अमर का तथा अरब दश क िलए ितिनिध भजन हए इन बात क ओर यान रखना अप तनह माना जाता रहा प रणाम यह रहा ह क इन म हमार दतावासप मी रग म रग ह द का नाम भी यदा कदा ासिगक प म लतहए ह द क चार सार स सव था िनःसग रह ह कह कोई अपवादभल िमल जाए अतः इस को ट क दतावास म सामा यतः ह द क ित ा या चार सार का वा त वक प उभर ह नह पाया हो हा सजस कितपय सा वाद दश म भारत स उसक अपनी भाषा को अ जीस वर यता दए जान क अप ा क गइ तो वहा क हमार दतावास नअव य इस ओर जाग क रहन क आव यकता समझी बात अब फरिशिथल पड़ गई ह और अिधकाशतः काय यापार अ जी क मा यम सह होता ह ह द क मा यम स नह कह कह ह द क अनवाद साथम लगाए जा रह ह पर सीिमत प म ह

हमार दतावास जन दश म ह उनक सरकार क साथकाय - यवहार म ह द का उपयोग कर - यह थित क पना स काफ़ दरक ह ायः यह थित ह क हमार दश स जान वाल भारतीय लोग को अपन दतावास स सपक करन क िलए अ जी का ह उपयोग करनापड़ता ह इन लोग म भी ऐस लोग क स या भी अिधक नह होतीजो ह द म काम लन म गौरव अनभव करत ह पर कछ लोग ऐस भीहोत ह ज ह अ जी अ छ तरह नह आती व अपन दतावास स य द ह द क मा यम स सपक सहायता चाह तो उ ह क ठनाई ह होती हअब इस पहल पर वचार कया जाए क वदश क व वध सरकार क ओर स ह द क ित कसा रवया ह और कन सदभ म ह द क या

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थित ह जहा तक सरकार का भारतीय दतावास या भारत क साथसीध सपक म ह द क योग क बात ह उ ह इस बात क अिनवाय आव यकता तीत ह नह होती उनका काम अिधकाशतः ह द स नह अ जी स चलता ह जो दश अ जी भावी नह ह और अपनी भाषा परबल दत ह व म यतः अपनी भाषा का साथ म अ जी का यदा कदा ह द क अनवाद क साथ योग करत ह ह द अनवाद का योगबहत ह सीिमत मा ा म क हए नग य होता ह हा कछ मामल म ह द अनवाद साथ म लगान का ितबध ह उन सदभ म उस लगा दया जाता हभारत क वत होत ह बड़ बड़ दश न भी य अनभव कया था क व क इस बड़ भभाग स सपक करन क िलए उ ह ह द क आव यकता होगी भारतीय स वधान म यव था क गई थी क 15 वष म ह द अ जी का थान ल लगी अतः उ ह भी यह आभास हआ था क इस दश स िनकट सपक बनान क िलए उ ह ह द क ओर आनापड़गा फलतः विभ न मख दश क सरकार न अपन व व ालय म ह द क अ ययन अ यापन क यव था और स वधा क ओर यान दया अपन छा को छा व य दान कर ह द पढ़न क िलए भारतभी भजा यहा स भी अ यापक बलाए गए या यह िसलिसला कछ नकछ अब भी जार ह पर वह ललक नह रह उ ह साफ दखाई द रहाह क भारत म वह थित क पना स भी दर पीछ धकली जा चक ह जसम ह द एकमा दश क रा भाषा और सपक भाषा बनगी जबअ जी यहा थायी प स जमती दखाई द रह हो तो कोई रा अपनयवक क म और अपन पस को ह द क िलए या यय करगा सीधासवाल उपयोिगता का ह

पर सरकार सदभ स हटकर मह वपण एव वकिसत रा म ह द क उपयोिगता कछ अ य य स भी ह भारत क वत होन स पहलस ह अनक रा इस दश क स कित और स यता को समझना चाहतरह ह वत ता पव क कारण कछ और थ अब कछ और ह यह बाद

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दसर ह पर व क जनस या क एक बड़ भाग को समझन क कोिशश वकिसत रा न कर यह आज क सदभ म सव था असभव हआज क राजनीित सीध सरकार क बीच भी चलती ह सरकार औरजनता क बीच स भी चलती ह म सह सबध राजनीितक सबध किलए ह नह लड़न क िलए भी दसर दश क भाषा सीखन क आव यकता ह इसका उदाहरण ह द क सदभ म चीन का हभारत-चीन य क समय यह सामन आया था क चीन न अपन अनकसिनक को एक आव यक मा ा म ह द का िश ण दया हआ था तोअपन अपन वाथ अथ को यान म रखकर विभ न वकिसत रा अपन यहा ह द क पठन पाठन क यव था करत ह कछ भारत कोसमझन क िलए कछ भारत स उपयोगी सदभ क िलए कछ भारत स म क िलए

जन वदशी व व ालय म ह द अ ययन-अ यापन क यव थाए ह उनक आिथ क यव था भल ह उन दश क सरकार क ओर स होती हो पर अनकानक वदशी ह द व ान ह द और भारतीयस कित क अनराग म इतन रम गए ह क उ ह न अपनी जीवनचया कोह ह द क ित सम प त कर िलया ह उनम इतना स चा और गहरा ह द अनराग ह क य ह द का काम ह नह करत ब क जब जब ह द इस दश म बढ़ती ह उनम स नता होती ह जब जब ह द पीछधकली जाती ह उ ह पीड़ा होती ह ह द क इन अनरागी वदशी व ान क ित यह दश कत ह ऊपर क चिच त थित अरब रा म नह दखाई दती उनका झकाव आव यकता क मा ा क अन प उद क ओर हआ ह ह द क ओर नह पर इसका लाभ इस दश क उन लोग को भी बराबर िमलता ह जो इन रा म यापार नौकर या अ यसदभ स गए ह उद व पतः ह द स दर होकर भी बहत दर नह जापाती अतः िल खत प म चाह न सह बोलचाल क तर पर उसकालाभ ह द उद दोन क लोग को वहा समान प स िमलता ह तीसरवग म व दश आत ह जहा भारत क मल िनवासी बड़ स या म बस हएह जस मा रशस फजी सर नाम िनडाड आ द इन दश म ह द जो

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राजक य आ य सीिमत प म ह ा ह अपनी जनस या क आधारपर भारतीय जतना ितिनिध व अपन दश क सरकार म ल पात ह उसी अनपात म य ह द को उठान क बात कर पात ह अबराजनीितक जोड़ तोड़ म भारतविशय क यह श भी बखर जाती ह तो ह द को कसी ऊचाई तक उठा ल जाना वहा भी सभव नह ह सरकार त इन दश म नीच क तर पर ह द िश ा क यव था करता हउ च िश ा और राजक य योग क िलए ह द को हण कए जान काअभी सवाल ह पदा नह हआइस कार शासक य तर पर वदश म ह द क जो भी यव था ह उसका अिधकाश हर दश क अपनी अपनीनजर क उपयोिगता क कारण ह उसम भारत सरकार और भारतीयदतावास का योगदान बहत ह सीिमत ह हा मा रशस फजी आ द दश म भारतीय शासन और दतावास क ह द ो साहन वषयक योगदानको अव य यान रखना होगा

यहा इस बात का ववचन भी आव यक ह क शासक य मा यम स ह द क अ यापक और व ािथ य का जो आदान दान होता हउसक या थित ह घ विभ न दश कछ अ य अ यापक कछ व ािथ य अपन यय पर ह द िसखवान क िलए भारत भजत ह कछ व ाथ भारत क छातव य पर विनमय योजनाओ क भीतर भी आतह ऐस ह द अ यताओ का ह द िश ण अिधकाशतः िश ा क क य ह द स थान क मा यम स दया जाता ह कछ को कितपय व व ालय म आव टत कर दया जाता ह कछ दश कछ िन तअविध क िलए भारत स ह द अ यापक का चयन करक आम तकरत ह और अपन यहा ह द िश ण क यव था करात ह भज जानवाल ह द अ यापको क चयन क याए शासक य त स गजरतीहई ऐसी बन ग ह क जो लोग जात ह उनम मशनर प रटषबहत कम और वदश जान का चास पान क ललक अिधक काम करतीह सह मताओ क लाग का चयन आज वस ह क ठन हो गया हअब रह उन लोग क बात जो ह द सीखन भारत आत ह इनम स जो व व ालय स भज जात ह उनम सह िश ा इसिलए नह पहच पाती

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क व व ालय म ह द को आधिनक व ािनक णािलय स तीयभाषा क प म पढ़ान क प ितय का सह वकास नह हआ औरक य ह द स थान इसिलए सह उ रदािय व का वहन नह कर पाता क वह िश ण िश ण णाली क आभासी व ािनकता म उलझ गयाह पर जो भी ह यह एक मा यव थत स था ह जहा व ािनकप ित स वदिशय को भारत म ह द पढ़ान क यव था आयो जत हसब िमलकर शासक य सदभ क साथ जड़कर ह द क दशा वदश

म उतनी उ साहवध क नह उतनी सतोषजनक नह जतनी होनी चा हएभारत म सवधािनक और शासक य तर पर ह द क जो थित हउसम जो शिथ य ह या जो उ साह ह दोन क छाया वदश क शासक य त स वकिसत होन वाली ह द थित पर पड़नाअ वाभा वक नह हभारत म ह द बोलन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह इस

स उद भाषी लोग भी ह द व क प रिध म ह आत ह भारत म ह द चाह सरकार तर पर एकमा सपक भाषा न बन पाए पर उन सग पर जहा दश क विभ न ात म विभ न कार क वग क लोगजड़त ह वहा यह थित दखन को िमलती ह य द यह उ चवग य लोग का स मलन ह तो ायः अ जी सपक भाषा क प म काम करती ह व प सा योग ह द का चलता ह पर य द िमलन लोक जीवन सजड़ लोग का हआ तो ह द अपन आप सपक भाषा का प ल लती हभारत क कसी भी भाग म जाइए य द िमलन वाल लोग उ चवग य याउ चाभासीवग य नह ह तो एक भाषाभाषी स अ य भाषाभा षय किमलन क सपक भाषा ायः ह द िमलगी सिनक जीवन म रलया ाओ म तीथ थान म छा स मलन म ाकितक ऐितहिसकदश नीय थल म बाज़ार म आपको इस ह द व क मता औरउपयोिगता का पता चल सकगा यह थित िनरतर वकिसत हो रह हभारत म ह द बोलन वाल क ह द समझन वालो क और ह द को यावहा रक जीवन म उपयोग करन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह

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यह वकासशील थित ह द क िलए वदश स भी ह वदश म ह द का उपयोग म यतः भारतविशय क ारा होता ह इस स वदश को तीन वग म रखा जा सकता ह पहला वग वह जसम भारतीय फजी सर नाम िनडाड जस दश रख जा सकत ह जहाभारतवशीय लोग भार तादाद म बस रह ह व लोग कामकाज को लकरइन दश म गए थ इनम भारत क स कित और भारत क ह द सस चा अनराग ह उसस जड रहन क ललक ह य लोग जो ह द बोलतह योग म लात ह वह खड़ बोली ह द नह ह पर िलखाई पढ़ाई किलए व मानक ह द क ओर ह बढ़ रह ह दसर वग म व दश ह जहा क भाषा उद ह या जहा उद भाषी जनता

क पहच ह इन म य द भारतीय ह द भाषी िमलत ह तो जोभाषा सपक -भाषा क प म मा यम बनती ह उस ह द स िभ न नह कहा जा सकता अरब रा म भारत और पा क तान दोन ह दश ककाम धामी लोग गए ह इनक पार प रक सपक भाषा ायः ह द होतीह--

तीसर वग म यरोप अमर का आ द व वकिसत रा रख जा सकत ह जहा बहत बड़ स या म भारत क लोग बस भी गए ह और अ थायी प म जा भी रह ह इन लोग म य द कसी ात वशष या वशषक लोग पर पर िमलत ह तो अपनी ीय भाषा का योग करत ह परय द विभ न भारतीय भाषाभाषी िमलत ह तो सपक भाषा ायः ह द होती ह उदाहरण म तौर पर अमर का कनाडा म गजराती-भाषी काफ़ स या म बस ह य द गजराती लोग पर पर िमल ग तो आरिभक सपक अ जी म होन क बाद सपक और बातचीत क भाषा गजराती हो जाएगीपर य द गजराती और तिमल भाषी या गजराती और मलयालम भाषीिमल ग या एकािधक भारतीय भाषाओ क बोलन वाल िमल ग तो य गतसपक भाषा अिधकाशतः ह द बन जाएगी भारत म अगरजी ान व ान क भाषा क प म उतनी नह जतनी ित ाभास क भाषा क प म ित त ह यह थित वदश म भारतीय क पार प रक िमलन

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क समय भी कछ कछ उभर आती ह पर इस आभास स म िमलतह सपक भाषा ह द बनती ह यह बात भारत पा क तान क लोग कपार प रक िमलन पर होती ह ित ाभासी तर पर अ जी चलन कबाद आ मीय स मलन उस ह द म होता ह जो भारत और पा क तानक वा त वक बोली ह जसम स कत अरबी फारसी क असहज प म ठसी नह जाती सहज श दावली सहज प म बोली समझी जाती हभारत म उ च और उ चभासी वग क सपक भाषा अ जी ह जनक

स या 3 ितशत स अिधक नह ह लोक जीवन अपनी अपनी ातीय ीय भाषाओ म चलता ह वा त वक लोक सपक ह द क मा यम सचलता ह इसी कार वदश म भारत और पा क तान क िनवािसय कपार प रक िमलन सग म उ च और उ चाभासी वग क लोग किमलन पर अ जी चलती ह एक भाषी सपक म ीय भाषा एकािधकभाषी सपक म ह द कल िमलाकर 20 स अिधक अ जी का उपयोग यलोग नह करत ह द जानन वाल य को इस फली हई ह द क दिनया म अ जी न जानन पर भी कोई क ठनाई नह होती सकड़ लोग भारत स कसी भी दश क भाषा क बोलन वाल वकिसत दश म कह काम क िलए चल जा रह ह ह द उनक िलए मा यम का कामकर रह ह और व अपना काम कर रह ह ह द क इस दिनया क इस ह द व क जनस या कम नह

ह व म इस स ह द का थान तीसरा ह पर इडोनिशयाजावा समा ा तथा उन म लम बाह य दश म जहा उद बोली समझीजा सकती ह ह द क बोलन समझन म अिधक क ठनाई नह आतीइस स ह द व क म उद ह द का ह एक प बनती हऔर ह द व क थित अ जी क बाद आती ह उद का याकर णकढाचा उसक आधारभत श दावली और उसक महावर दानी ह द व क सीमा क बाहर क न थी न अभी हयह वशाल ह द व विभ न दश म फला हआ ह पर बखरा

पड़ा ह इसक श ीणा पड़ ह इस सजोना होगा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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हमार चार तरफ का वातावरण सकारा मक ह बनगाईमानदार व ास का दसरा पया य ह अगर हम अपन जीवन म ईमानदार ह तो हम पर लोग सहज प स व ास कर ग बईमानी सकाय करन स जीवन म एक अपराध बोध रहता ह जो जदगी भर हमारापीछा नह छोड़ता और हमार मन को नकारा मकता स भर दता ह यनकारा मकता का प रणाम जीवन म कभी ना कभी भोगना ह पड़ता हय द हम ईमानदार स रह ग तो हमार अदर कोई भी अपराध बोध नह रहगा और हम सकारा मक होकर सोच ग यह सकारा मकता हमार सफलता का माग श त करगीईमानदार को अगर हम अपनी जीवनशली बना ल तो यह हमार जीवनम अनक प स मदद कर सकती ह यह जीवन म हम अ छ और उ चगण वाल िम को िमलान म मदद करती ह ईमानदार लोग म हमारा व ास कायम करती ह जसस हम समाज म मान-स मान और ित ा ा होती ह ईमानदार हमार अदर एक आ म व ास का िनमा ण करतीह जसस हम और अिधक ढ़ता स अपन ल य क ओर अ सर होत ह ईमानदार हमार अदर लोक क याण क भावना का वकास करती ह औरहमार अदर म एव दया उ प न करती ह य क जो य ईमानदार हवह कभी कसी का अ हत नह सोच सकता वह सदव दसर का हत ह करगा ईमानदार हमार आ म सत का भी एक मह वपण उपाय हअगर हम ईमानदार स अपना जीवन यतीत कर तो हमार जीवन म शाित और सत होगीहाला क आज क यग म ईमानदार स रहना बड़ा ह क ठन ह ल कनईमानदार स रहना असभव नह श म हम इसक पालन म काफ क ठनाइया हो सकती ह ल कन धीर-धीर हमार ईमानदार स रहन क व वकिसत हो जाएगी तो हम ईमानदार स चलन म क ठनाई नह ब क आनद आएगा इसिलय ईमानदार एक गण ह नह ब क एकजीवनशली ह

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सामा जक और आिथ क स तलन को बनान क िलए लोग को ईमानदार क म य को समझना होगा लोग क ारा ईमानदार का अनसरण करनाबहत आव यक ह य क यह आधिनक समय क अिनवाय आव यकताबन गई ह यह एक अ छ आदत ह जो एक य को क ठनप र थितय को सलझान और सभालन म पया स म बनाती ह

(दामोदर नाईक)वय क सिचव कारवार

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सबस श और व ान स मत भाषा ह ह द

ह द आज भारत म ह नह ब क व क वराट फलक पर अपनअ त व को आकार द रह ह आज ह द व भाषा क प म मा यता ा करन क ओर अ सर ह अब तक भारत और भारत कबाहर सात व ह द स मलन आयो जत हो चक ह वत मान म आिथ क उदार करण क यग म बहरा ीय दश क कपिनय नअपन दश (अम रका टन ास जम नी चीन आ द) क शासक परदबाव बढ़ाना श कर दया ह ता क वहा ह द भाषा का चार- सारतजी स बढ़ और ह द जानन वाल एिशयाई दश व अपना यापारउनक भाषा म सगमता स कर सक अतरा ीय तर पर ह द क गित य द इसी कार होती रह तो वह दन दर नह जब ह द सय रा सघ म एक अिधका रक भाषा का प हािसल कर लगी वत मान म मातभा षय क स या क कोण स व क भाषाओ म मदा रन[चीनी] भाषा क बाद ह द का दसरा थान हचीनी भाषा क बोलनवाल क स या ह द भाषा क बोलन वाल स अिधक ह पर तमदा रन भाषा का योग ह द क तलना म सीिमत ह और अ ज़ीभाषा का योग ह द क अप ा अिधक ह क त ह द कमातभा षय क स या अ ज़ी भा षय स अिधक हआज व क तर पर यह िस हो चका ह क ह द भाषा अपनी िल पऔर व या मकता (उ चारण) क िलहाज स सबस श और व ानस मत भाषा ह हमार यहा एक अ र स एक ह विन िनकलती ह औरएक बद (अन वार) का भी अपना मह व हदसर भाषाओ म यहव ािनकता नह पाई जाती अतरा ीय तर पर ा भाषा अ ज़ी को ह दख वहा एक ह विन क िलए कतनी तरह क अ र उपयोग म लाएजात ह जस ई क विन क िलए ee (see) i (sin) ea (tea) ey (key) eo

(people) इतन अ र ह क एक ब च क िलए उ ह याद रखना म कलह इसी तरह क क उ चारण क िलए तो कभी c (ca) तो कभी k(king) ch का उ चारण कसी श द म क होता ह तो कसी म च ऐस

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स कड़ उदाहरण आ य क बात ह क ऐसी अिनयिमत और अ यव थतम कल अ जी हमार ब च चार साल क उ म सीख जात ह ब कअब तो वदश म भी हद तानी ब च न पिल स म व तर पर रकॉड कायम कए ह जब क इ ल ड म कली िश काए भी अ ज़ी क सह पिल स िलख नह पातीहमार यह अ जी भाषा क धरधर ब च कॉलज म पहचकर भी ह द म मा ाओ और ह ज क गलितया करत ह और उ ह सह ह द नह आती जब क ह द सीखना दसर अ य भाषाओ क मकाबल कह यादाआसान ह ऐस म ह द क उप ा और उसक रा भाषा न बन पान ककारण का व रत और ग भीरता पव क अ ययन कर समा कर ह द को ह द तान क म तक पर सजाना होगावब व ापन िसनमा औरबाजार क म हद क माग जस तजी स बढ़ ह वसी कसी औरभाषा म नह व क लगभग 150 व व ालय तथा सकड़ छोट-बड़क म व व ालय तर स लकर शोध तर तक हद कअ ययन-अ यापन क यव था हई ह वदश म 35 स अिधकप -प काए लगभग िनयिमत प स हद म कािशत हो रह ह यएईम हम एफ-एम ह द र डयो सारण सवा ह इसी कार बीबीसीजम नी क डायच वल जापान क एनएचक व ड और चीन क चाइनार डयो इटरनशनल क हद सवा वशष प स उ लखनीय ह वदश म चालीस स अिधक दश क 600 स अिधक व व ालय और कल म ह द पढ़ाई जा रह ह व क मानिच म ास का एक वशष थान ह ास क प रस शहरम सौरबन व व ालय म 3 वष क पा य म क अलावा पीएचड किलए शोध क भी यव था ह lsquorsquoप रस क ा य भाषाओ एव स यताओक रा ीय स थानrsquorsquo म हद म 2 वष का स ट फकट कोस 3 साल का ड लोमा 4 साल म उ च ड लोमा 5 साल और 6 साल क उ चअ ययन क िश ण क भी यव था ह

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जापान जापान क टो यो और ओसाका व व ालय म हद का छहवष य कोस ह इसक अलावा अ य व व ालय एव कॉलज म हद वक पक वषय क प म तीय एव ततीय भाषा क प म पढ़ाई जातीह सन 1992 क कर ब जापान का एक हद कॉलर काफ समय तकभारत म रहन क उपरात िशकागो गया और वहा पर हद का एक वहतप तकालय दखकर उस जापानी व ान न भारत म अपन एक िम ोफ़सर को प िलखा था क यहा क हद प तकालय को दखकर द ली व व ालय क प तकालय को शिम दा होना पड़गा तो ऐसी ह हमार रा भाषा हद कनाडा कनाडा क यिनविस ट आफ टश कोल बया म हद का 2 वष का पा य म ह मॉ यल व व ालय म ारिभक तर पर औरअटावा शहर म बन मकल हद हाई कल म 1971 स सभी क ाओ म और टोरटो शहर क कछ कल म भी हद पढ़ाई जाती हसय रा य अम रका सय रा य अम रका क 30 व व ालय म उ च इटरमी डएट एव ारिभक तर पर एक वषय क प म पढ़ाईजाती ह सय रा य अम रका म यन व व ालय म 1815 स ह ह द क यव था ह 1875 म कलाग न ह द भाषा का याकरणतयार कया थाअमर का स ह द जगत कािशत होती ह किलफोिन याकोल बया व कॉ सन पनिसलविनया वज िनया ट सास वािशगटनऔर िशकागो आ द व व ालय म हद का भाषा क त अ यन होताहनाव नाव क ओसलो व व ालय म मा टर ड ी क िलए हद कापठन-पाठन कया जाता ह तथा कछ अ य शहर म भी ाथिमक तरक कल म हद पढ़ाई जाती ह वीडन क काटहोम व व ालय म हद का आधारभत पा य म पढ़ाया जाता ह उ पसला व व ालय म हद पढ़ाई जाती हद ण अ का द ण अ का क यिनविस ट आफ डरबन म [डरबनशहर] म नातक और नातको र ड ी क िलए ह द पठान क

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यव था ह 50 व ालय म रा भाषा चार सिमित वधा क पर ाओक िलए हद पढ़ाई जाती हजम नी जम नी क ह बो ट व व ालय बिल न थत व व ालयबिल न थत ह लीप जग व व ालय मा ट नलथर व व ालय बान व व ालय हाईडलबग व व ालय और ह बग व व ालय म िनयिमत प स हद पढ़ाई जाती ह यहा क अ य कई व व ालय म भी हद पढ़ाई जाती ह

स स म मा को थत lsquorsquo ा य अ ययन स थानrsquorsquo और पतरबग थत lsquorsquo ा य भाषा स थानrsquorsquo म 1920 स हद पढ़ाई जा रह ह ला दवो तोक टट यिनविस ट म भी हद पढ़ाई जाती ह

व ज़रल ड व ज़रल ड म लवसान और य रख क व व ालय म हद क ारिभक पा य म पढ़ाय जात ह

ऑ िलया ऑ िलया क कनबरा थत व व ालय म नातक तरपर ऐ छक वषय क प म हद का अ ययन होता ह ला ोव मोनाशतथा वीसल ड क व ापीठ म भी हद पढ़ाई जाती ह अ य दशो जसडनमाक पोल ड चक गणरा य हगर द ण को रया म सको यबाब जयम ऑ या फनल ड रोमािनया ोिशयागणरा य मगोिलयाउ ब क तान तजा क तान तक थाईल ड र यिनयम अज ट ना सऊद अर बया ओमान बहर न मलिशया ताइवान िसगापर क या कवतइराक ईरान तजािनया जा बया बहर न बो सवाना और इडोनिशया क कल म हद का अ यापन होता हदश पा क तान क कराची लाहौर व व ालय तथा इ लामाबाद क कल ऑफ मॉडन ल वजस म स ट फकट और ड लोमा तर पर हद पढ़ाई जाती ह ीलका म ड ी कोस तक हद पढ़ाई जाती ह हमारपड़ोसी नपाल क भवन व व ालय म नातको र और पीएचड तकक हद स वधा ह बा लादश म हद का 4 वष य कोस ह भटान क 8 कल तथा बमा क म दर धम शालाओ व गर सरकार कल म हद

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पढ़ाई जाती ह तो यह ह हमार पड़ोसी दश म हद क थित कछऐस भी दश ह जहा बड़ स या म भारतीय रहत ह और वहा भाषा कसाथ साथ भारतीय स कत को भी आग बढ़ा रह ह वहा हद म प प काए भी िनकलती ह जस मार शस फजी सर नाम गयाना िनदाद और टोबगो हद का भ व य उ वल ह अगर हद क वकास म कोई बाधा ह तो वय हम भारतीय जो अ जी का मोह नह छोड़ पात हम वय हद क उप ा करत ह हमार घर म हमार ह मा उप त ह और दसर क मा अ जी को हम मा-मा कहकर िच लात ह जो हम मौसी जसा भीभाव नह दती कसी व ान न कहा था कndash lsquoअगर कसी को गलामबनाना ह तो पहल उसक भाषा व स कित को न कर दोrsquo वह खदगलाम हो जाएगा वह अ ज न कया हमार भाषा व स कत को वकत कर दया वह जात-जात अपना काम कर चक थ अ जी अपनापर पसार चक थी और आज अ जी क या थित ह सब जानत ह सबस यादा अ वासी भारतीय का हद क वकास म योगदान ह हमारदश म म यवग य प रवार क लोग अपन ब च को अ जी मा यम सपढ़ात ह हद मा यम स पढ़ान म खद को ह न महसस करत ह इसम भारत सरकार क कमजोर ह हर सरकार काया लय म यादातर काय अ जी म ह कए जात ह जहा भी नौकर क िलए जाइय पहला सवालयह होता ह- अ जी आती ह क नह अगर नह तो समझो नौकर नह िमलगी इसिलए हद वाल क मन म ह न भावना घर कर गईआज हर गर ब-अमीर आदमी अपन ब च को का व ट कल म भजनाचाहता ह यह कारण ह क आजाद क 70 साल बाद भी हद रा भाषानह बन पाई इस मामल म हम चीन स सबक लन क ज रत ह जोअपनीरा भाषा क ित क टब ह अ ज न जस अ जी को अतरा ीयभाषा बनाया उसी तरह अगर हम हद का योग खलकर हर जगह कर पढ़-पढ़ाए हद क ित समप ण रणा ल और द फर वह दन दरनह जब दिनया वाल हद क पीछ भाग ग और हद एक था पतअतरा ीय भाषा होगी ज रत ह तो अपनी रा भाषा क ित ढ़िन यी

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होना म होना ह द को लकर िनराश नह होना और उ साह होना

(द पक ताबोसकर)किन अिभयता

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सपक भाषा क प म हद भाषा क सामा य प रभाषा म यह कहा जा चका ह क lsquoभाषा मन य क वचार- विनमय और भाव क अिभ य का साधन हrsquo स पक भाषाका आशय जनभाषा ह कसी का सामा य य चिलत शली म जो भाषा बोलता ह वह जनभाषा ह दसर श द म वशष क सपक भाषा ह जनभाषा ह इसिलए ज र नह क जनभाषा श सा ह यक प वाली ह हो या वह याकरण क िनयम स बधी होस पक भाषा या जनभाषा वह भाषा होती ह जो कसी दश या दशक ऐस लोग क बीच पार प रक वचार- विनमय क मा यम का कामकर जो एक दसर क भाषा नह जानत दसर श द म विभ नभाषा-भाषी वग क बीच स परषण क िलए जस भाषा का योग कयाजाता ह वह स पक भाषा कहलाती ह इस कार lsquoस पक भाषाrsquo क सामा य प रभाषा होगी lsquoएक भाषा-भाषी जस भाषा क मा यम स कसी दसर भाषा क बोलन वाल क साथ स पक था पत कर सक उसस पक भाषा या जनभाषा (Link Language) कहत ह rsquo बकौल डॉपरनचद टडन lsquoस पक भाषा स ता पय उस भाषा स ह जो समाज क विभ न वग या िनवािसय क बीच स पक क काम आती ह इस स िभ न-िभ न बोली बोलन वाल अनक वग क बीच ह द एक स पक भाषा ह और अ य कई भारतीय म िभ न-िभ न भाषाए बोलन वाल क बीच भी स पक भाषा हrsquo डॉ मह िसह राणा न स पक भाषा कोइन श द म प रभा षत कया ह lsquoपर पर अबोधग य भाषा या भाषाओक उप थित क कारण जस स वधाजनक विश भाषा क मा यम सदो य दो रा य कोई रा य और क तथा दो दश स पक था पतकर पात ह उस भाषा वशष को स पक भाषा या स पक साधक भाषा(Contact Language or Interlink Language) कहा जा सकता हrsquo भारतएक बहभाषी दश ह और बहभाषा-भाषी दश म स पक भाषा का वशषमह व ह अनकता म एकता हमार अनपम पर परा रह ह वा तव म सा कितक स सारा भारत सदव एक ह रहा ह हमार इस वशाल

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दश म जहा अलग-अलग रा य म िभ न-िभ न भाषाए बोली जाती ह और जहालोग क र ित-र वाज खान-पान पहनाव और रहन-सहन तकम िभ नता हो वहा स पक भाषा ह एक ऐसी कड़ ह जो एक छोर सदसर छोर क लोग को जोड़न और उ ह एक दसर क समीप लान काकाम करती ह-

डॉ भोलानाथ न स पक भाषा क योग को तीन तर पर वभा जत कया ह एक तो वह भाषा जो एक रा य (जस महारा या असम) सदसर रा य (जस बगाल या असम) क राजक य प - यवहार म कामआए दसर वह भाषा जो क और रा य क बीच प - यवहार कामा यम हो और तीसर वह भाषा जसका योग एक दश का य दसर दश क य स अपन िनजी काम म कर आजाद क लड़ाई लड़त समय हमार यह कामना थी क वत रा क अपनी एकरा भाषा होगी जसस दश एकता क स म सदा क िलए जड़ा रहगामहा मा गाधी लोकमा य ितलक नताजी सभाषच बोस आ द सभीमहाप ष न एक मत स इसका समथ न कया य क ह द हमारसामा जक सा कितक धािम क आ दोलन क ह नह अ पत रा ीयचतना एव वाधीनता आ दोलन क अिभ य क भाषा भी रह हभारत म lsquo ह द rsquo बहत पहल स पक भाषा क प म रह ह औरइसीिलए यह बहत पहल स lsquoरा भाषाrsquo कहलाती ह य क ह द क साव दिशकता स पण भारत क सामा जक व प का ितफल हभारत क वशालता क अन प ह रा भाषा वकिसत हई ह जसस उ रद ण पव और प म कह भी होन वाल मल - चाह वह याग म कभहो अथवा अजमर शर फ क दरगाह हो या विभ न दश क हमार सा कितक एकता क आधार तभ तीथ थल ह - सभी थान परआदान- दान क भाषा क प म ह द का ह अिधकतर योग होता हइस कार इन सा कितक पर पराओ स ह द ह साव दिशक भाषा क प म लोक य ह वशषकर द ण और उ र क सा कितक स ब ध क ढ़ खला क प म ह द ह सश भाषा बनी ह द का

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व तत ह स पक भाषा ह द का आयाम जनभाषा ह द सबस यापक और लोक य ह जसका सार ीय तथा रा ीय तर सबढ़कर भारतीय उपमहा प तक ह िश त अध िश त अिश त तीन वग क लोग पर पर बातचीत आ द क िलए और इस कार मौ खकमा यम म जनभाषा ह द का यवहार करत ह भारत क िल व ाकाल वज आव वाइडर क यिनकशन पन इ डयन ल वज अ तर ादिशकभाषा लोकभाषा भारत- यापी भाषा अ खल भारतीय भाषा- य नामlsquoजनभाषाrsquo ह द क िलए य होत ह हमार दश क बहभा षकता क ढाच म ह द क विभ न भौगोिलक औरसामा जक क अित र भाषा- यवहार क म भी स पक िस का ऐसा काय िन पा दत कर रह ह जसका न कवल कोई वक पनह अ पत जो ह द क व वध भिमकाओ को सम ता क साथिन पत करन म भी समथ ह ह द न पछल हजार वष म वचार- विनमय का जो उ रदािय विनभाया ह वह एक अनठा उदाहरण ह कछ लोग क यह धारणा ह क ह द पहल lsquoरा भाषाrsquo कहलाती थी बाद म इस lsquoस पक भाषाrsquo कहाजान लगा और अब इस lsquoराजभाषाrsquo बना दन स इसका सीिमत होगया ह व तत यह उनका म ह जसा क पहल उ लख कया जाचका ह क ह द स दय स स पक भाषा और रा भाषा एक साथ रह हऔर आज भी ह भारत क स वधान सभा ारा 14 िसत बर 1949 कोइस राजभाषा क प म वीकार कर लन स उसक योग का और व तत हआ ह जस बगला तिमल तलग क नड़ मलयालम आ द को मश बगाल तिमलनाड कना टक करल आ द क राजभाषा बनाया गयाह ऐसा होन स या उन भाषाओ का मह व कम हो गया ह िन यह नह ब क इसस उन सभी भाषाओ का उ रदािय व और योग पहल स अिधक बढ़ गया ह जहा पहल कवल पर पर बोलचाल म कामआती थी या उसम सा ह य क रचना होती थी वह अब शासिनककाय भी हो रह ह यह थित ह द क भी ह इस कार ह द

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स पक और रा भाषा तो ह ह राजभाषा बनाकर इस अित र स मान दान कया गया ह इस सग म डॉ सरश कमार का कथन बहत ह ासिगक ह lsquo ह द को कवल स पक भाषा क प म दखना भलहोगी ह द आधिनक भारतीय भाषाओ क उ व काल स म यदश किनवािसय क सामा जक स परषण तथा सा ह यक-सा कितक अिभ य क भाषा रह ह और अब भी ह भाषा-स पक क बदली हईप र थितय म (जो पहल फ़ारसी-तक -अरबी तथा बाद म म य प सअ जी क साथ स पक क फल व प वकिसत हई) तथा वत भारतीयगणरा य म सभी भारतीय भाषाओ को अपन-अपन भौगोिलक म यावसाियक और सा कितक यवहार क अिभ य क िलए योग म लान क िनण य क बाद ह द का स पक भाषा काय गण औरप रमाण क स इतना वकिसत हो गया ह क उसक स ब ध म िच तन तथा अनवत काय एक स ा तक और यावहा रक आव यकताबन गए ह rsquo वा तव म भाषा स पक क थित ह कसी स पक भाषाक उ व और वकास को रत करती ह या एक स ित त भाषा कस पक काय को सप करती ह ह द क साथ दोन थितय कास ब ध ह आ त रक तर पर ह द अपनी बोिलय क यवहारकता ओक बीच स पक क थापना करती रह ह और अब भी कर रह ह तथाबा तर पर वह अ य भारतीय भाषा भाषी समदाय क म य एकमा स पक भाषा क प म उभर आई ह जसक अब व वध आयाम वकिसत हो चक ह कल िमलाकर ह द का वत मान गौरवपण हउसक भिमका आज भी सामा य-जन को जोड़न म सभी भाषाओ क अप ा सबस अिधक कारगर ह

( या पोकल) हद अनवादक बलापर

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वदश म हद क चार- सार क थितसतोष ह करना हो तो यह बात कम नह क ह द व क तीस सअिधक दश म पढ़ -पढ़ाई जाती ह लगभग 100 व व ालय म उसकिलए अ यापन क खल हए ह अकल अमर का म लगभग 20 क म उसक अ ययन अ यापन क यव था ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड जस दश म भारत मल क िनवािसय क उ लखनीय स याहोन क कारण वहा ह द वतः स नह चा रत होता ह व क यक मख दश म हमार दतावास ह जनस राजनीितक सदभ क अित र यह भी आशा क जाती ह क व ह द क चार सार क ओर भी यान द ग और अपन भारत क सामा जक स कित और भारत क रा भाषा ह द का ितिनिध समझ ग पर य द यह िच उतना ह सचहोता जतना रगीन लग रहा ह तो सतोष करन म कोई बराई न थी वदश म ह द क मह व चार एव सार क थित न सब जगहएक सी ह न ऐसा होना सभव ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड म ह द क िलए वहा क जनता क एक बड़ भाग म जो आदर और म हवह यरोप या अम रका क दश म कस िमल सकता हघ इसिलए वदश म ह द क थित चार सार क सम याओ क भी व वध प हउनक समाधान भी व वध प म खोजन ह ग वदश म ह द क थित चार तथा सार को लकर दो िभ न य स वचार करनाहोगा एक ह जो सरकार त स जड़ ह दसर ह जसका सबधजन जीवन म ह पहल सरकार त क स वदश म ह द क थित का जायजा िलया जाएपहल अपन सरकार त क स जहा तक त यगत थित ह हमारदतावास स च अथ म न तो भारत क सामािसक स कित क सवाहकबन पाए ह नह भारत क रा भाषा क ितिनिध उनक िलएअिधका रय का जो चनाव होता ह उसम भी इस को अिनवाय तः क म नह रखा जाता घर म ह जब ह द का मामला राजनीित क पचड़म उलझ गया हो तो हमार दतावास पर उसक छाया न हो यह हो भी

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कस सकता हघ सामा यतः उन दश म जहा क भारतवशीय लोग क स या अ छ ख़ासी ह और वहा ह द और भारतीय स कित क िलएललक भरा अनराग ह ऐस ह ितिनिधय और अिधका रय का चयनहोता रहा हजो भारतीय स कित और ह द क अनयायी ह उदाहरण किलए मॉ रशस म डॉ भगवतशरण उपा याय जस लोग को भजा जानाइसी कोण का प रचायक था कत यरोपीय अमर का तथा अरब दश क िलए ितिनिध भजन हए इन बात क ओर यान रखना अप तनह माना जाता रहा प रणाम यह रहा ह क इन म हमार दतावासप मी रग म रग ह द का नाम भी यदा कदा ासिगक प म लतहए ह द क चार सार स सव था िनःसग रह ह कह कोई अपवादभल िमल जाए अतः इस को ट क दतावास म सामा यतः ह द क ित ा या चार सार का वा त वक प उभर ह नह पाया हो हा सजस कितपय सा वाद दश म भारत स उसक अपनी भाषा को अ जीस वर यता दए जान क अप ा क गइ तो वहा क हमार दतावास नअव य इस ओर जाग क रहन क आव यकता समझी बात अब फरिशिथल पड़ गई ह और अिधकाशतः काय यापार अ जी क मा यम सह होता ह ह द क मा यम स नह कह कह ह द क अनवाद साथम लगाए जा रह ह पर सीिमत प म ह

हमार दतावास जन दश म ह उनक सरकार क साथकाय - यवहार म ह द का उपयोग कर - यह थित क पना स काफ़ दरक ह ायः यह थित ह क हमार दश स जान वाल भारतीय लोग को अपन दतावास स सपक करन क िलए अ जी का ह उपयोग करनापड़ता ह इन लोग म भी ऐस लोग क स या भी अिधक नह होतीजो ह द म काम लन म गौरव अनभव करत ह पर कछ लोग ऐस भीहोत ह ज ह अ जी अ छ तरह नह आती व अपन दतावास स य द ह द क मा यम स सपक सहायता चाह तो उ ह क ठनाई ह होती हअब इस पहल पर वचार कया जाए क वदश क व वध सरकार क ओर स ह द क ित कसा रवया ह और कन सदभ म ह द क या

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थित ह जहा तक सरकार का भारतीय दतावास या भारत क साथसीध सपक म ह द क योग क बात ह उ ह इस बात क अिनवाय आव यकता तीत ह नह होती उनका काम अिधकाशतः ह द स नह अ जी स चलता ह जो दश अ जी भावी नह ह और अपनी भाषा परबल दत ह व म यतः अपनी भाषा का साथ म अ जी का यदा कदा ह द क अनवाद क साथ योग करत ह ह द अनवाद का योगबहत ह सीिमत मा ा म क हए नग य होता ह हा कछ मामल म ह द अनवाद साथ म लगान का ितबध ह उन सदभ म उस लगा दया जाता हभारत क वत होत ह बड़ बड़ दश न भी य अनभव कया था क व क इस बड़ भभाग स सपक करन क िलए उ ह ह द क आव यकता होगी भारतीय स वधान म यव था क गई थी क 15 वष म ह द अ जी का थान ल लगी अतः उ ह भी यह आभास हआ था क इस दश स िनकट सपक बनान क िलए उ ह ह द क ओर आनापड़गा फलतः विभ न मख दश क सरकार न अपन व व ालय म ह द क अ ययन अ यापन क यव था और स वधा क ओर यान दया अपन छा को छा व य दान कर ह द पढ़न क िलए भारतभी भजा यहा स भी अ यापक बलाए गए या यह िसलिसला कछ नकछ अब भी जार ह पर वह ललक नह रह उ ह साफ दखाई द रहाह क भारत म वह थित क पना स भी दर पीछ धकली जा चक ह जसम ह द एकमा दश क रा भाषा और सपक भाषा बनगी जबअ जी यहा थायी प स जमती दखाई द रह हो तो कोई रा अपनयवक क म और अपन पस को ह द क िलए या यय करगा सीधासवाल उपयोिगता का ह

पर सरकार सदभ स हटकर मह वपण एव वकिसत रा म ह द क उपयोिगता कछ अ य य स भी ह भारत क वत होन स पहलस ह अनक रा इस दश क स कित और स यता को समझना चाहतरह ह वत ता पव क कारण कछ और थ अब कछ और ह यह बाद

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दसर ह पर व क जनस या क एक बड़ भाग को समझन क कोिशश वकिसत रा न कर यह आज क सदभ म सव था असभव हआज क राजनीित सीध सरकार क बीच भी चलती ह सरकार औरजनता क बीच स भी चलती ह म सह सबध राजनीितक सबध किलए ह नह लड़न क िलए भी दसर दश क भाषा सीखन क आव यकता ह इसका उदाहरण ह द क सदभ म चीन का हभारत-चीन य क समय यह सामन आया था क चीन न अपन अनकसिनक को एक आव यक मा ा म ह द का िश ण दया हआ था तोअपन अपन वाथ अथ को यान म रखकर विभ न वकिसत रा अपन यहा ह द क पठन पाठन क यव था करत ह कछ भारत कोसमझन क िलए कछ भारत स उपयोगी सदभ क िलए कछ भारत स म क िलए

जन वदशी व व ालय म ह द अ ययन-अ यापन क यव थाए ह उनक आिथ क यव था भल ह उन दश क सरकार क ओर स होती हो पर अनकानक वदशी ह द व ान ह द और भारतीयस कित क अनराग म इतन रम गए ह क उ ह न अपनी जीवनचया कोह ह द क ित सम प त कर िलया ह उनम इतना स चा और गहरा ह द अनराग ह क य ह द का काम ह नह करत ब क जब जब ह द इस दश म बढ़ती ह उनम स नता होती ह जब जब ह द पीछधकली जाती ह उ ह पीड़ा होती ह ह द क इन अनरागी वदशी व ान क ित यह दश कत ह ऊपर क चिच त थित अरब रा म नह दखाई दती उनका झकाव आव यकता क मा ा क अन प उद क ओर हआ ह ह द क ओर नह पर इसका लाभ इस दश क उन लोग को भी बराबर िमलता ह जो इन रा म यापार नौकर या अ यसदभ स गए ह उद व पतः ह द स दर होकर भी बहत दर नह जापाती अतः िल खत प म चाह न सह बोलचाल क तर पर उसकालाभ ह द उद दोन क लोग को वहा समान प स िमलता ह तीसरवग म व दश आत ह जहा भारत क मल िनवासी बड़ स या म बस हएह जस मा रशस फजी सर नाम िनडाड आ द इन दश म ह द जो

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राजक य आ य सीिमत प म ह ा ह अपनी जनस या क आधारपर भारतीय जतना ितिनिध व अपन दश क सरकार म ल पात ह उसी अनपात म य ह द को उठान क बात कर पात ह अबराजनीितक जोड़ तोड़ म भारतविशय क यह श भी बखर जाती ह तो ह द को कसी ऊचाई तक उठा ल जाना वहा भी सभव नह ह सरकार त इन दश म नीच क तर पर ह द िश ा क यव था करता हउ च िश ा और राजक य योग क िलए ह द को हण कए जान काअभी सवाल ह पदा नह हआइस कार शासक य तर पर वदश म ह द क जो भी यव था ह उसका अिधकाश हर दश क अपनी अपनीनजर क उपयोिगता क कारण ह उसम भारत सरकार और भारतीयदतावास का योगदान बहत ह सीिमत ह हा मा रशस फजी आ द दश म भारतीय शासन और दतावास क ह द ो साहन वषयक योगदानको अव य यान रखना होगा

यहा इस बात का ववचन भी आव यक ह क शासक य मा यम स ह द क अ यापक और व ािथ य का जो आदान दान होता हउसक या थित ह घ विभ न दश कछ अ य अ यापक कछ व ािथ य अपन यय पर ह द िसखवान क िलए भारत भजत ह कछ व ाथ भारत क छातव य पर विनमय योजनाओ क भीतर भी आतह ऐस ह द अ यताओ का ह द िश ण अिधकाशतः िश ा क क य ह द स थान क मा यम स दया जाता ह कछ को कितपय व व ालय म आव टत कर दया जाता ह कछ दश कछ िन तअविध क िलए भारत स ह द अ यापक का चयन करक आम तकरत ह और अपन यहा ह द िश ण क यव था करात ह भज जानवाल ह द अ यापको क चयन क याए शासक य त स गजरतीहई ऐसी बन ग ह क जो लोग जात ह उनम मशनर प रटषबहत कम और वदश जान का चास पान क ललक अिधक काम करतीह सह मताओ क लाग का चयन आज वस ह क ठन हो गया हअब रह उन लोग क बात जो ह द सीखन भारत आत ह इनम स जो व व ालय स भज जात ह उनम सह िश ा इसिलए नह पहच पाती

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क व व ालय म ह द को आधिनक व ािनक णािलय स तीयभाषा क प म पढ़ान क प ितय का सह वकास नह हआ औरक य ह द स थान इसिलए सह उ रदािय व का वहन नह कर पाता क वह िश ण िश ण णाली क आभासी व ािनकता म उलझ गयाह पर जो भी ह यह एक मा यव थत स था ह जहा व ािनकप ित स वदिशय को भारत म ह द पढ़ान क यव था आयो जत हसब िमलकर शासक य सदभ क साथ जड़कर ह द क दशा वदश

म उतनी उ साहवध क नह उतनी सतोषजनक नह जतनी होनी चा हएभारत म सवधािनक और शासक य तर पर ह द क जो थित हउसम जो शिथ य ह या जो उ साह ह दोन क छाया वदश क शासक य त स वकिसत होन वाली ह द थित पर पड़नाअ वाभा वक नह हभारत म ह द बोलन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह इस

स उद भाषी लोग भी ह द व क प रिध म ह आत ह भारत म ह द चाह सरकार तर पर एकमा सपक भाषा न बन पाए पर उन सग पर जहा दश क विभ न ात म विभ न कार क वग क लोगजड़त ह वहा यह थित दखन को िमलती ह य द यह उ चवग य लोग का स मलन ह तो ायः अ जी सपक भाषा क प म काम करती ह व प सा योग ह द का चलता ह पर य द िमलन लोक जीवन सजड़ लोग का हआ तो ह द अपन आप सपक भाषा का प ल लती हभारत क कसी भी भाग म जाइए य द िमलन वाल लोग उ चवग य याउ चाभासीवग य नह ह तो एक भाषाभाषी स अ य भाषाभा षय किमलन क सपक भाषा ायः ह द िमलगी सिनक जीवन म रलया ाओ म तीथ थान म छा स मलन म ाकितक ऐितहिसकदश नीय थल म बाज़ार म आपको इस ह द व क मता औरउपयोिगता का पता चल सकगा यह थित िनरतर वकिसत हो रह हभारत म ह द बोलन वाल क ह द समझन वालो क और ह द को यावहा रक जीवन म उपयोग करन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह

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यह वकासशील थित ह द क िलए वदश स भी ह वदश म ह द का उपयोग म यतः भारतविशय क ारा होता ह इस स वदश को तीन वग म रखा जा सकता ह पहला वग वह जसम भारतीय फजी सर नाम िनडाड जस दश रख जा सकत ह जहाभारतवशीय लोग भार तादाद म बस रह ह व लोग कामकाज को लकरइन दश म गए थ इनम भारत क स कित और भारत क ह द सस चा अनराग ह उसस जड रहन क ललक ह य लोग जो ह द बोलतह योग म लात ह वह खड़ बोली ह द नह ह पर िलखाई पढ़ाई किलए व मानक ह द क ओर ह बढ़ रह ह दसर वग म व दश ह जहा क भाषा उद ह या जहा उद भाषी जनता

क पहच ह इन म य द भारतीय ह द भाषी िमलत ह तो जोभाषा सपक -भाषा क प म मा यम बनती ह उस ह द स िभ न नह कहा जा सकता अरब रा म भारत और पा क तान दोन ह दश ककाम धामी लोग गए ह इनक पार प रक सपक भाषा ायः ह द होतीह--

तीसर वग म यरोप अमर का आ द व वकिसत रा रख जा सकत ह जहा बहत बड़ स या म भारत क लोग बस भी गए ह और अ थायी प म जा भी रह ह इन लोग म य द कसी ात वशष या वशषक लोग पर पर िमलत ह तो अपनी ीय भाषा का योग करत ह परय द विभ न भारतीय भाषाभाषी िमलत ह तो सपक भाषा ायः ह द होती ह उदाहरण म तौर पर अमर का कनाडा म गजराती-भाषी काफ़ स या म बस ह य द गजराती लोग पर पर िमल ग तो आरिभक सपक अ जी म होन क बाद सपक और बातचीत क भाषा गजराती हो जाएगीपर य द गजराती और तिमल भाषी या गजराती और मलयालम भाषीिमल ग या एकािधक भारतीय भाषाओ क बोलन वाल िमल ग तो य गतसपक भाषा अिधकाशतः ह द बन जाएगी भारत म अगरजी ान व ान क भाषा क प म उतनी नह जतनी ित ाभास क भाषा क प म ित त ह यह थित वदश म भारतीय क पार प रक िमलन

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क समय भी कछ कछ उभर आती ह पर इस आभास स म िमलतह सपक भाषा ह द बनती ह यह बात भारत पा क तान क लोग कपार प रक िमलन पर होती ह ित ाभासी तर पर अ जी चलन कबाद आ मीय स मलन उस ह द म होता ह जो भारत और पा क तानक वा त वक बोली ह जसम स कत अरबी फारसी क असहज प म ठसी नह जाती सहज श दावली सहज प म बोली समझी जाती हभारत म उ च और उ चभासी वग क सपक भाषा अ जी ह जनक

स या 3 ितशत स अिधक नह ह लोक जीवन अपनी अपनी ातीय ीय भाषाओ म चलता ह वा त वक लोक सपक ह द क मा यम सचलता ह इसी कार वदश म भारत और पा क तान क िनवािसय कपार प रक िमलन सग म उ च और उ चाभासी वग क लोग किमलन पर अ जी चलती ह एक भाषी सपक म ीय भाषा एकािधकभाषी सपक म ह द कल िमलाकर 20 स अिधक अ जी का उपयोग यलोग नह करत ह द जानन वाल य को इस फली हई ह द क दिनया म अ जी न जानन पर भी कोई क ठनाई नह होती सकड़ लोग भारत स कसी भी दश क भाषा क बोलन वाल वकिसत दश म कह काम क िलए चल जा रह ह ह द उनक िलए मा यम का कामकर रह ह और व अपना काम कर रह ह ह द क इस दिनया क इस ह द व क जनस या कम नह

ह व म इस स ह द का थान तीसरा ह पर इडोनिशयाजावा समा ा तथा उन म लम बाह य दश म जहा उद बोली समझीजा सकती ह ह द क बोलन समझन म अिधक क ठनाई नह आतीइस स ह द व क म उद ह द का ह एक प बनती हऔर ह द व क थित अ जी क बाद आती ह उद का याकर णकढाचा उसक आधारभत श दावली और उसक महावर दानी ह द व क सीमा क बाहर क न थी न अभी हयह वशाल ह द व विभ न दश म फला हआ ह पर बखरा

पड़ा ह इसक श ीणा पड़ ह इस सजोना होगा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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सामा जक और आिथ क स तलन को बनान क िलए लोग को ईमानदार क म य को समझना होगा लोग क ारा ईमानदार का अनसरण करनाबहत आव यक ह य क यह आधिनक समय क अिनवाय आव यकताबन गई ह यह एक अ छ आदत ह जो एक य को क ठनप र थितय को सलझान और सभालन म पया स म बनाती ह

(दामोदर नाईक)वय क सिचव कारवार

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सबस श और व ान स मत भाषा ह ह द

ह द आज भारत म ह नह ब क व क वराट फलक पर अपनअ त व को आकार द रह ह आज ह द व भाषा क प म मा यता ा करन क ओर अ सर ह अब तक भारत और भारत कबाहर सात व ह द स मलन आयो जत हो चक ह वत मान म आिथ क उदार करण क यग म बहरा ीय दश क कपिनय नअपन दश (अम रका टन ास जम नी चीन आ द) क शासक परदबाव बढ़ाना श कर दया ह ता क वहा ह द भाषा का चार- सारतजी स बढ़ और ह द जानन वाल एिशयाई दश व अपना यापारउनक भाषा म सगमता स कर सक अतरा ीय तर पर ह द क गित य द इसी कार होती रह तो वह दन दर नह जब ह द सय रा सघ म एक अिधका रक भाषा का प हािसल कर लगी वत मान म मातभा षय क स या क कोण स व क भाषाओ म मदा रन[चीनी] भाषा क बाद ह द का दसरा थान हचीनी भाषा क बोलनवाल क स या ह द भाषा क बोलन वाल स अिधक ह पर तमदा रन भाषा का योग ह द क तलना म सीिमत ह और अ ज़ीभाषा का योग ह द क अप ा अिधक ह क त ह द कमातभा षय क स या अ ज़ी भा षय स अिधक हआज व क तर पर यह िस हो चका ह क ह द भाषा अपनी िल पऔर व या मकता (उ चारण) क िलहाज स सबस श और व ानस मत भाषा ह हमार यहा एक अ र स एक ह विन िनकलती ह औरएक बद (अन वार) का भी अपना मह व हदसर भाषाओ म यहव ािनकता नह पाई जाती अतरा ीय तर पर ा भाषा अ ज़ी को ह दख वहा एक ह विन क िलए कतनी तरह क अ र उपयोग म लाएजात ह जस ई क विन क िलए ee (see) i (sin) ea (tea) ey (key) eo

(people) इतन अ र ह क एक ब च क िलए उ ह याद रखना म कलह इसी तरह क क उ चारण क िलए तो कभी c (ca) तो कभी k(king) ch का उ चारण कसी श द म क होता ह तो कसी म च ऐस

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स कड़ उदाहरण आ य क बात ह क ऐसी अिनयिमत और अ यव थतम कल अ जी हमार ब च चार साल क उ म सीख जात ह ब कअब तो वदश म भी हद तानी ब च न पिल स म व तर पर रकॉड कायम कए ह जब क इ ल ड म कली िश काए भी अ ज़ी क सह पिल स िलख नह पातीहमार यह अ जी भाषा क धरधर ब च कॉलज म पहचकर भी ह द म मा ाओ और ह ज क गलितया करत ह और उ ह सह ह द नह आती जब क ह द सीखना दसर अ य भाषाओ क मकाबल कह यादाआसान ह ऐस म ह द क उप ा और उसक रा भाषा न बन पान ककारण का व रत और ग भीरता पव क अ ययन कर समा कर ह द को ह द तान क म तक पर सजाना होगावब व ापन िसनमा औरबाजार क म हद क माग जस तजी स बढ़ ह वसी कसी औरभाषा म नह व क लगभग 150 व व ालय तथा सकड़ छोट-बड़क म व व ालय तर स लकर शोध तर तक हद कअ ययन-अ यापन क यव था हई ह वदश म 35 स अिधकप -प काए लगभग िनयिमत प स हद म कािशत हो रह ह यएईम हम एफ-एम ह द र डयो सारण सवा ह इसी कार बीबीसीजम नी क डायच वल जापान क एनएचक व ड और चीन क चाइनार डयो इटरनशनल क हद सवा वशष प स उ लखनीय ह वदश म चालीस स अिधक दश क 600 स अिधक व व ालय और कल म ह द पढ़ाई जा रह ह व क मानिच म ास का एक वशष थान ह ास क प रस शहरम सौरबन व व ालय म 3 वष क पा य म क अलावा पीएचड किलए शोध क भी यव था ह lsquorsquoप रस क ा य भाषाओ एव स यताओक रा ीय स थानrsquorsquo म हद म 2 वष का स ट फकट कोस 3 साल का ड लोमा 4 साल म उ च ड लोमा 5 साल और 6 साल क उ चअ ययन क िश ण क भी यव था ह

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जापान जापान क टो यो और ओसाका व व ालय म हद का छहवष य कोस ह इसक अलावा अ य व व ालय एव कॉलज म हद वक पक वषय क प म तीय एव ततीय भाषा क प म पढ़ाई जातीह सन 1992 क कर ब जापान का एक हद कॉलर काफ समय तकभारत म रहन क उपरात िशकागो गया और वहा पर हद का एक वहतप तकालय दखकर उस जापानी व ान न भारत म अपन एक िम ोफ़सर को प िलखा था क यहा क हद प तकालय को दखकर द ली व व ालय क प तकालय को शिम दा होना पड़गा तो ऐसी ह हमार रा भाषा हद कनाडा कनाडा क यिनविस ट आफ टश कोल बया म हद का 2 वष का पा य म ह मॉ यल व व ालय म ारिभक तर पर औरअटावा शहर म बन मकल हद हाई कल म 1971 स सभी क ाओ म और टोरटो शहर क कछ कल म भी हद पढ़ाई जाती हसय रा य अम रका सय रा य अम रका क 30 व व ालय म उ च इटरमी डएट एव ारिभक तर पर एक वषय क प म पढ़ाईजाती ह सय रा य अम रका म यन व व ालय म 1815 स ह ह द क यव था ह 1875 म कलाग न ह द भाषा का याकरणतयार कया थाअमर का स ह द जगत कािशत होती ह किलफोिन याकोल बया व कॉ सन पनिसलविनया वज िनया ट सास वािशगटनऔर िशकागो आ द व व ालय म हद का भाषा क त अ यन होताहनाव नाव क ओसलो व व ालय म मा टर ड ी क िलए हद कापठन-पाठन कया जाता ह तथा कछ अ य शहर म भी ाथिमक तरक कल म हद पढ़ाई जाती ह वीडन क काटहोम व व ालय म हद का आधारभत पा य म पढ़ाया जाता ह उ पसला व व ालय म हद पढ़ाई जाती हद ण अ का द ण अ का क यिनविस ट आफ डरबन म [डरबनशहर] म नातक और नातको र ड ी क िलए ह द पठान क

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यव था ह 50 व ालय म रा भाषा चार सिमित वधा क पर ाओक िलए हद पढ़ाई जाती हजम नी जम नी क ह बो ट व व ालय बिल न थत व व ालयबिल न थत ह लीप जग व व ालय मा ट नलथर व व ालय बान व व ालय हाईडलबग व व ालय और ह बग व व ालय म िनयिमत प स हद पढ़ाई जाती ह यहा क अ य कई व व ालय म भी हद पढ़ाई जाती ह

स स म मा को थत lsquorsquo ा य अ ययन स थानrsquorsquo और पतरबग थत lsquorsquo ा य भाषा स थानrsquorsquo म 1920 स हद पढ़ाई जा रह ह ला दवो तोक टट यिनविस ट म भी हद पढ़ाई जाती ह

व ज़रल ड व ज़रल ड म लवसान और य रख क व व ालय म हद क ारिभक पा य म पढ़ाय जात ह

ऑ िलया ऑ िलया क कनबरा थत व व ालय म नातक तरपर ऐ छक वषय क प म हद का अ ययन होता ह ला ोव मोनाशतथा वीसल ड क व ापीठ म भी हद पढ़ाई जाती ह अ य दशो जसडनमाक पोल ड चक गणरा य हगर द ण को रया म सको यबाब जयम ऑ या फनल ड रोमािनया ोिशयागणरा य मगोिलयाउ ब क तान तजा क तान तक थाईल ड र यिनयम अज ट ना सऊद अर बया ओमान बहर न मलिशया ताइवान िसगापर क या कवतइराक ईरान तजािनया जा बया बहर न बो सवाना और इडोनिशया क कल म हद का अ यापन होता हदश पा क तान क कराची लाहौर व व ालय तथा इ लामाबाद क कल ऑफ मॉडन ल वजस म स ट फकट और ड लोमा तर पर हद पढ़ाई जाती ह ीलका म ड ी कोस तक हद पढ़ाई जाती ह हमारपड़ोसी नपाल क भवन व व ालय म नातको र और पीएचड तकक हद स वधा ह बा लादश म हद का 4 वष य कोस ह भटान क 8 कल तथा बमा क म दर धम शालाओ व गर सरकार कल म हद

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पढ़ाई जाती ह तो यह ह हमार पड़ोसी दश म हद क थित कछऐस भी दश ह जहा बड़ स या म भारतीय रहत ह और वहा भाषा कसाथ साथ भारतीय स कत को भी आग बढ़ा रह ह वहा हद म प प काए भी िनकलती ह जस मार शस फजी सर नाम गयाना िनदाद और टोबगो हद का भ व य उ वल ह अगर हद क वकास म कोई बाधा ह तो वय हम भारतीय जो अ जी का मोह नह छोड़ पात हम वय हद क उप ा करत ह हमार घर म हमार ह मा उप त ह और दसर क मा अ जी को हम मा-मा कहकर िच लात ह जो हम मौसी जसा भीभाव नह दती कसी व ान न कहा था कndash lsquoअगर कसी को गलामबनाना ह तो पहल उसक भाषा व स कित को न कर दोrsquo वह खदगलाम हो जाएगा वह अ ज न कया हमार भाषा व स कत को वकत कर दया वह जात-जात अपना काम कर चक थ अ जी अपनापर पसार चक थी और आज अ जी क या थित ह सब जानत ह सबस यादा अ वासी भारतीय का हद क वकास म योगदान ह हमारदश म म यवग य प रवार क लोग अपन ब च को अ जी मा यम सपढ़ात ह हद मा यम स पढ़ान म खद को ह न महसस करत ह इसम भारत सरकार क कमजोर ह हर सरकार काया लय म यादातर काय अ जी म ह कए जात ह जहा भी नौकर क िलए जाइय पहला सवालयह होता ह- अ जी आती ह क नह अगर नह तो समझो नौकर नह िमलगी इसिलए हद वाल क मन म ह न भावना घर कर गईआज हर गर ब-अमीर आदमी अपन ब च को का व ट कल म भजनाचाहता ह यह कारण ह क आजाद क 70 साल बाद भी हद रा भाषानह बन पाई इस मामल म हम चीन स सबक लन क ज रत ह जोअपनीरा भाषा क ित क टब ह अ ज न जस अ जी को अतरा ीयभाषा बनाया उसी तरह अगर हम हद का योग खलकर हर जगह कर पढ़-पढ़ाए हद क ित समप ण रणा ल और द फर वह दन दरनह जब दिनया वाल हद क पीछ भाग ग और हद एक था पतअतरा ीय भाषा होगी ज रत ह तो अपनी रा भाषा क ित ढ़िन यी

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होना म होना ह द को लकर िनराश नह होना और उ साह होना

(द पक ताबोसकर)किन अिभयता

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सपक भाषा क प म हद भाषा क सामा य प रभाषा म यह कहा जा चका ह क lsquoभाषा मन य क वचार- विनमय और भाव क अिभ य का साधन हrsquo स पक भाषाका आशय जनभाषा ह कसी का सामा य य चिलत शली म जो भाषा बोलता ह वह जनभाषा ह दसर श द म वशष क सपक भाषा ह जनभाषा ह इसिलए ज र नह क जनभाषा श सा ह यक प वाली ह हो या वह याकरण क िनयम स बधी होस पक भाषा या जनभाषा वह भाषा होती ह जो कसी दश या दशक ऐस लोग क बीच पार प रक वचार- विनमय क मा यम का कामकर जो एक दसर क भाषा नह जानत दसर श द म विभ नभाषा-भाषी वग क बीच स परषण क िलए जस भाषा का योग कयाजाता ह वह स पक भाषा कहलाती ह इस कार lsquoस पक भाषाrsquo क सामा य प रभाषा होगी lsquoएक भाषा-भाषी जस भाषा क मा यम स कसी दसर भाषा क बोलन वाल क साथ स पक था पत कर सक उसस पक भाषा या जनभाषा (Link Language) कहत ह rsquo बकौल डॉपरनचद टडन lsquoस पक भाषा स ता पय उस भाषा स ह जो समाज क विभ न वग या िनवािसय क बीच स पक क काम आती ह इस स िभ न-िभ न बोली बोलन वाल अनक वग क बीच ह द एक स पक भाषा ह और अ य कई भारतीय म िभ न-िभ न भाषाए बोलन वाल क बीच भी स पक भाषा हrsquo डॉ मह िसह राणा न स पक भाषा कोइन श द म प रभा षत कया ह lsquoपर पर अबोधग य भाषा या भाषाओक उप थित क कारण जस स वधाजनक विश भाषा क मा यम सदो य दो रा य कोई रा य और क तथा दो दश स पक था पतकर पात ह उस भाषा वशष को स पक भाषा या स पक साधक भाषा(Contact Language or Interlink Language) कहा जा सकता हrsquo भारतएक बहभाषी दश ह और बहभाषा-भाषी दश म स पक भाषा का वशषमह व ह अनकता म एकता हमार अनपम पर परा रह ह वा तव म सा कितक स सारा भारत सदव एक ह रहा ह हमार इस वशाल

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दश म जहा अलग-अलग रा य म िभ न-िभ न भाषाए बोली जाती ह और जहालोग क र ित-र वाज खान-पान पहनाव और रहन-सहन तकम िभ नता हो वहा स पक भाषा ह एक ऐसी कड़ ह जो एक छोर सदसर छोर क लोग को जोड़न और उ ह एक दसर क समीप लान काकाम करती ह-

डॉ भोलानाथ न स पक भाषा क योग को तीन तर पर वभा जत कया ह एक तो वह भाषा जो एक रा य (जस महारा या असम) सदसर रा य (जस बगाल या असम) क राजक य प - यवहार म कामआए दसर वह भाषा जो क और रा य क बीच प - यवहार कामा यम हो और तीसर वह भाषा जसका योग एक दश का य दसर दश क य स अपन िनजी काम म कर आजाद क लड़ाई लड़त समय हमार यह कामना थी क वत रा क अपनी एकरा भाषा होगी जसस दश एकता क स म सदा क िलए जड़ा रहगामहा मा गाधी लोकमा य ितलक नताजी सभाषच बोस आ द सभीमहाप ष न एक मत स इसका समथ न कया य क ह द हमारसामा जक सा कितक धािम क आ दोलन क ह नह अ पत रा ीयचतना एव वाधीनता आ दोलन क अिभ य क भाषा भी रह हभारत म lsquo ह द rsquo बहत पहल स पक भाषा क प म रह ह औरइसीिलए यह बहत पहल स lsquoरा भाषाrsquo कहलाती ह य क ह द क साव दिशकता स पण भारत क सामा जक व प का ितफल हभारत क वशालता क अन प ह रा भाषा वकिसत हई ह जसस उ रद ण पव और प म कह भी होन वाल मल - चाह वह याग म कभहो अथवा अजमर शर फ क दरगाह हो या विभ न दश क हमार सा कितक एकता क आधार तभ तीथ थल ह - सभी थान परआदान- दान क भाषा क प म ह द का ह अिधकतर योग होता हइस कार इन सा कितक पर पराओ स ह द ह साव दिशक भाषा क प म लोक य ह वशषकर द ण और उ र क सा कितक स ब ध क ढ़ खला क प म ह द ह सश भाषा बनी ह द का

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व तत ह स पक भाषा ह द का आयाम जनभाषा ह द सबस यापक और लोक य ह जसका सार ीय तथा रा ीय तर सबढ़कर भारतीय उपमहा प तक ह िश त अध िश त अिश त तीन वग क लोग पर पर बातचीत आ द क िलए और इस कार मौ खकमा यम म जनभाषा ह द का यवहार करत ह भारत क िल व ाकाल वज आव वाइडर क यिनकशन पन इ डयन ल वज अ तर ादिशकभाषा लोकभाषा भारत- यापी भाषा अ खल भारतीय भाषा- य नामlsquoजनभाषाrsquo ह द क िलए य होत ह हमार दश क बहभा षकता क ढाच म ह द क विभ न भौगोिलक औरसामा जक क अित र भाषा- यवहार क म भी स पक िस का ऐसा काय िन पा दत कर रह ह जसका न कवल कोई वक पनह अ पत जो ह द क व वध भिमकाओ को सम ता क साथिन पत करन म भी समथ ह ह द न पछल हजार वष म वचार- विनमय का जो उ रदािय विनभाया ह वह एक अनठा उदाहरण ह कछ लोग क यह धारणा ह क ह द पहल lsquoरा भाषाrsquo कहलाती थी बाद म इस lsquoस पक भाषाrsquo कहाजान लगा और अब इस lsquoराजभाषाrsquo बना दन स इसका सीिमत होगया ह व तत यह उनका म ह जसा क पहल उ लख कया जाचका ह क ह द स दय स स पक भाषा और रा भाषा एक साथ रह हऔर आज भी ह भारत क स वधान सभा ारा 14 िसत बर 1949 कोइस राजभाषा क प म वीकार कर लन स उसक योग का और व तत हआ ह जस बगला तिमल तलग क नड़ मलयालम आ द को मश बगाल तिमलनाड कना टक करल आ द क राजभाषा बनाया गयाह ऐसा होन स या उन भाषाओ का मह व कम हो गया ह िन यह नह ब क इसस उन सभी भाषाओ का उ रदािय व और योग पहल स अिधक बढ़ गया ह जहा पहल कवल पर पर बोलचाल म कामआती थी या उसम सा ह य क रचना होती थी वह अब शासिनककाय भी हो रह ह यह थित ह द क भी ह इस कार ह द

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स पक और रा भाषा तो ह ह राजभाषा बनाकर इस अित र स मान दान कया गया ह इस सग म डॉ सरश कमार का कथन बहत ह ासिगक ह lsquo ह द को कवल स पक भाषा क प म दखना भलहोगी ह द आधिनक भारतीय भाषाओ क उ व काल स म यदश किनवािसय क सामा जक स परषण तथा सा ह यक-सा कितक अिभ य क भाषा रह ह और अब भी ह भाषा-स पक क बदली हईप र थितय म (जो पहल फ़ारसी-तक -अरबी तथा बाद म म य प सअ जी क साथ स पक क फल व प वकिसत हई) तथा वत भारतीयगणरा य म सभी भारतीय भाषाओ को अपन-अपन भौगोिलक म यावसाियक और सा कितक यवहार क अिभ य क िलए योग म लान क िनण य क बाद ह द का स पक भाषा काय गण औरप रमाण क स इतना वकिसत हो गया ह क उसक स ब ध म िच तन तथा अनवत काय एक स ा तक और यावहा रक आव यकताबन गए ह rsquo वा तव म भाषा स पक क थित ह कसी स पक भाषाक उ व और वकास को रत करती ह या एक स ित त भाषा कस पक काय को सप करती ह ह द क साथ दोन थितय कास ब ध ह आ त रक तर पर ह द अपनी बोिलय क यवहारकता ओक बीच स पक क थापना करती रह ह और अब भी कर रह ह तथाबा तर पर वह अ य भारतीय भाषा भाषी समदाय क म य एकमा स पक भाषा क प म उभर आई ह जसक अब व वध आयाम वकिसत हो चक ह कल िमलाकर ह द का वत मान गौरवपण हउसक भिमका आज भी सामा य-जन को जोड़न म सभी भाषाओ क अप ा सबस अिधक कारगर ह

( या पोकल) हद अनवादक बलापर

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वदश म हद क चार- सार क थितसतोष ह करना हो तो यह बात कम नह क ह द व क तीस सअिधक दश म पढ़ -पढ़ाई जाती ह लगभग 100 व व ालय म उसकिलए अ यापन क खल हए ह अकल अमर का म लगभग 20 क म उसक अ ययन अ यापन क यव था ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड जस दश म भारत मल क िनवािसय क उ लखनीय स याहोन क कारण वहा ह द वतः स नह चा रत होता ह व क यक मख दश म हमार दतावास ह जनस राजनीितक सदभ क अित र यह भी आशा क जाती ह क व ह द क चार सार क ओर भी यान द ग और अपन भारत क सामा जक स कित और भारत क रा भाषा ह द का ितिनिध समझ ग पर य द यह िच उतना ह सचहोता जतना रगीन लग रहा ह तो सतोष करन म कोई बराई न थी वदश म ह द क मह व चार एव सार क थित न सब जगहएक सी ह न ऐसा होना सभव ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड म ह द क िलए वहा क जनता क एक बड़ भाग म जो आदर और म हवह यरोप या अम रका क दश म कस िमल सकता हघ इसिलए वदश म ह द क थित चार सार क सम याओ क भी व वध प हउनक समाधान भी व वध प म खोजन ह ग वदश म ह द क थित चार तथा सार को लकर दो िभ न य स वचार करनाहोगा एक ह जो सरकार त स जड़ ह दसर ह जसका सबधजन जीवन म ह पहल सरकार त क स वदश म ह द क थित का जायजा िलया जाएपहल अपन सरकार त क स जहा तक त यगत थित ह हमारदतावास स च अथ म न तो भारत क सामािसक स कित क सवाहकबन पाए ह नह भारत क रा भाषा क ितिनिध उनक िलएअिधका रय का जो चनाव होता ह उसम भी इस को अिनवाय तः क म नह रखा जाता घर म ह जब ह द का मामला राजनीित क पचड़म उलझ गया हो तो हमार दतावास पर उसक छाया न हो यह हो भी

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कस सकता हघ सामा यतः उन दश म जहा क भारतवशीय लोग क स या अ छ ख़ासी ह और वहा ह द और भारतीय स कित क िलएललक भरा अनराग ह ऐस ह ितिनिधय और अिधका रय का चयनहोता रहा हजो भारतीय स कित और ह द क अनयायी ह उदाहरण किलए मॉ रशस म डॉ भगवतशरण उपा याय जस लोग को भजा जानाइसी कोण का प रचायक था कत यरोपीय अमर का तथा अरब दश क िलए ितिनिध भजन हए इन बात क ओर यान रखना अप तनह माना जाता रहा प रणाम यह रहा ह क इन म हमार दतावासप मी रग म रग ह द का नाम भी यदा कदा ासिगक प म लतहए ह द क चार सार स सव था िनःसग रह ह कह कोई अपवादभल िमल जाए अतः इस को ट क दतावास म सामा यतः ह द क ित ा या चार सार का वा त वक प उभर ह नह पाया हो हा सजस कितपय सा वाद दश म भारत स उसक अपनी भाषा को अ जीस वर यता दए जान क अप ा क गइ तो वहा क हमार दतावास नअव य इस ओर जाग क रहन क आव यकता समझी बात अब फरिशिथल पड़ गई ह और अिधकाशतः काय यापार अ जी क मा यम सह होता ह ह द क मा यम स नह कह कह ह द क अनवाद साथम लगाए जा रह ह पर सीिमत प म ह

हमार दतावास जन दश म ह उनक सरकार क साथकाय - यवहार म ह द का उपयोग कर - यह थित क पना स काफ़ दरक ह ायः यह थित ह क हमार दश स जान वाल भारतीय लोग को अपन दतावास स सपक करन क िलए अ जी का ह उपयोग करनापड़ता ह इन लोग म भी ऐस लोग क स या भी अिधक नह होतीजो ह द म काम लन म गौरव अनभव करत ह पर कछ लोग ऐस भीहोत ह ज ह अ जी अ छ तरह नह आती व अपन दतावास स य द ह द क मा यम स सपक सहायता चाह तो उ ह क ठनाई ह होती हअब इस पहल पर वचार कया जाए क वदश क व वध सरकार क ओर स ह द क ित कसा रवया ह और कन सदभ म ह द क या

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थित ह जहा तक सरकार का भारतीय दतावास या भारत क साथसीध सपक म ह द क योग क बात ह उ ह इस बात क अिनवाय आव यकता तीत ह नह होती उनका काम अिधकाशतः ह द स नह अ जी स चलता ह जो दश अ जी भावी नह ह और अपनी भाषा परबल दत ह व म यतः अपनी भाषा का साथ म अ जी का यदा कदा ह द क अनवाद क साथ योग करत ह ह द अनवाद का योगबहत ह सीिमत मा ा म क हए नग य होता ह हा कछ मामल म ह द अनवाद साथ म लगान का ितबध ह उन सदभ म उस लगा दया जाता हभारत क वत होत ह बड़ बड़ दश न भी य अनभव कया था क व क इस बड़ भभाग स सपक करन क िलए उ ह ह द क आव यकता होगी भारतीय स वधान म यव था क गई थी क 15 वष म ह द अ जी का थान ल लगी अतः उ ह भी यह आभास हआ था क इस दश स िनकट सपक बनान क िलए उ ह ह द क ओर आनापड़गा फलतः विभ न मख दश क सरकार न अपन व व ालय म ह द क अ ययन अ यापन क यव था और स वधा क ओर यान दया अपन छा को छा व य दान कर ह द पढ़न क िलए भारतभी भजा यहा स भी अ यापक बलाए गए या यह िसलिसला कछ नकछ अब भी जार ह पर वह ललक नह रह उ ह साफ दखाई द रहाह क भारत म वह थित क पना स भी दर पीछ धकली जा चक ह जसम ह द एकमा दश क रा भाषा और सपक भाषा बनगी जबअ जी यहा थायी प स जमती दखाई द रह हो तो कोई रा अपनयवक क म और अपन पस को ह द क िलए या यय करगा सीधासवाल उपयोिगता का ह

पर सरकार सदभ स हटकर मह वपण एव वकिसत रा म ह द क उपयोिगता कछ अ य य स भी ह भारत क वत होन स पहलस ह अनक रा इस दश क स कित और स यता को समझना चाहतरह ह वत ता पव क कारण कछ और थ अब कछ और ह यह बाद

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दसर ह पर व क जनस या क एक बड़ भाग को समझन क कोिशश वकिसत रा न कर यह आज क सदभ म सव था असभव हआज क राजनीित सीध सरकार क बीच भी चलती ह सरकार औरजनता क बीच स भी चलती ह म सह सबध राजनीितक सबध किलए ह नह लड़न क िलए भी दसर दश क भाषा सीखन क आव यकता ह इसका उदाहरण ह द क सदभ म चीन का हभारत-चीन य क समय यह सामन आया था क चीन न अपन अनकसिनक को एक आव यक मा ा म ह द का िश ण दया हआ था तोअपन अपन वाथ अथ को यान म रखकर विभ न वकिसत रा अपन यहा ह द क पठन पाठन क यव था करत ह कछ भारत कोसमझन क िलए कछ भारत स उपयोगी सदभ क िलए कछ भारत स म क िलए

जन वदशी व व ालय म ह द अ ययन-अ यापन क यव थाए ह उनक आिथ क यव था भल ह उन दश क सरकार क ओर स होती हो पर अनकानक वदशी ह द व ान ह द और भारतीयस कित क अनराग म इतन रम गए ह क उ ह न अपनी जीवनचया कोह ह द क ित सम प त कर िलया ह उनम इतना स चा और गहरा ह द अनराग ह क य ह द का काम ह नह करत ब क जब जब ह द इस दश म बढ़ती ह उनम स नता होती ह जब जब ह द पीछधकली जाती ह उ ह पीड़ा होती ह ह द क इन अनरागी वदशी व ान क ित यह दश कत ह ऊपर क चिच त थित अरब रा म नह दखाई दती उनका झकाव आव यकता क मा ा क अन प उद क ओर हआ ह ह द क ओर नह पर इसका लाभ इस दश क उन लोग को भी बराबर िमलता ह जो इन रा म यापार नौकर या अ यसदभ स गए ह उद व पतः ह द स दर होकर भी बहत दर नह जापाती अतः िल खत प म चाह न सह बोलचाल क तर पर उसकालाभ ह द उद दोन क लोग को वहा समान प स िमलता ह तीसरवग म व दश आत ह जहा भारत क मल िनवासी बड़ स या म बस हएह जस मा रशस फजी सर नाम िनडाड आ द इन दश म ह द जो

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राजक य आ य सीिमत प म ह ा ह अपनी जनस या क आधारपर भारतीय जतना ितिनिध व अपन दश क सरकार म ल पात ह उसी अनपात म य ह द को उठान क बात कर पात ह अबराजनीितक जोड़ तोड़ म भारतविशय क यह श भी बखर जाती ह तो ह द को कसी ऊचाई तक उठा ल जाना वहा भी सभव नह ह सरकार त इन दश म नीच क तर पर ह द िश ा क यव था करता हउ च िश ा और राजक य योग क िलए ह द को हण कए जान काअभी सवाल ह पदा नह हआइस कार शासक य तर पर वदश म ह द क जो भी यव था ह उसका अिधकाश हर दश क अपनी अपनीनजर क उपयोिगता क कारण ह उसम भारत सरकार और भारतीयदतावास का योगदान बहत ह सीिमत ह हा मा रशस फजी आ द दश म भारतीय शासन और दतावास क ह द ो साहन वषयक योगदानको अव य यान रखना होगा

यहा इस बात का ववचन भी आव यक ह क शासक य मा यम स ह द क अ यापक और व ािथ य का जो आदान दान होता हउसक या थित ह घ विभ न दश कछ अ य अ यापक कछ व ािथ य अपन यय पर ह द िसखवान क िलए भारत भजत ह कछ व ाथ भारत क छातव य पर विनमय योजनाओ क भीतर भी आतह ऐस ह द अ यताओ का ह द िश ण अिधकाशतः िश ा क क य ह द स थान क मा यम स दया जाता ह कछ को कितपय व व ालय म आव टत कर दया जाता ह कछ दश कछ िन तअविध क िलए भारत स ह द अ यापक का चयन करक आम तकरत ह और अपन यहा ह द िश ण क यव था करात ह भज जानवाल ह द अ यापको क चयन क याए शासक य त स गजरतीहई ऐसी बन ग ह क जो लोग जात ह उनम मशनर प रटषबहत कम और वदश जान का चास पान क ललक अिधक काम करतीह सह मताओ क लाग का चयन आज वस ह क ठन हो गया हअब रह उन लोग क बात जो ह द सीखन भारत आत ह इनम स जो व व ालय स भज जात ह उनम सह िश ा इसिलए नह पहच पाती

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क व व ालय म ह द को आधिनक व ािनक णािलय स तीयभाषा क प म पढ़ान क प ितय का सह वकास नह हआ औरक य ह द स थान इसिलए सह उ रदािय व का वहन नह कर पाता क वह िश ण िश ण णाली क आभासी व ािनकता म उलझ गयाह पर जो भी ह यह एक मा यव थत स था ह जहा व ािनकप ित स वदिशय को भारत म ह द पढ़ान क यव था आयो जत हसब िमलकर शासक य सदभ क साथ जड़कर ह द क दशा वदश

म उतनी उ साहवध क नह उतनी सतोषजनक नह जतनी होनी चा हएभारत म सवधािनक और शासक य तर पर ह द क जो थित हउसम जो शिथ य ह या जो उ साह ह दोन क छाया वदश क शासक य त स वकिसत होन वाली ह द थित पर पड़नाअ वाभा वक नह हभारत म ह द बोलन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह इस

स उद भाषी लोग भी ह द व क प रिध म ह आत ह भारत म ह द चाह सरकार तर पर एकमा सपक भाषा न बन पाए पर उन सग पर जहा दश क विभ न ात म विभ न कार क वग क लोगजड़त ह वहा यह थित दखन को िमलती ह य द यह उ चवग य लोग का स मलन ह तो ायः अ जी सपक भाषा क प म काम करती ह व प सा योग ह द का चलता ह पर य द िमलन लोक जीवन सजड़ लोग का हआ तो ह द अपन आप सपक भाषा का प ल लती हभारत क कसी भी भाग म जाइए य द िमलन वाल लोग उ चवग य याउ चाभासीवग य नह ह तो एक भाषाभाषी स अ य भाषाभा षय किमलन क सपक भाषा ायः ह द िमलगी सिनक जीवन म रलया ाओ म तीथ थान म छा स मलन म ाकितक ऐितहिसकदश नीय थल म बाज़ार म आपको इस ह द व क मता औरउपयोिगता का पता चल सकगा यह थित िनरतर वकिसत हो रह हभारत म ह द बोलन वाल क ह द समझन वालो क और ह द को यावहा रक जीवन म उपयोग करन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह

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यह वकासशील थित ह द क िलए वदश स भी ह वदश म ह द का उपयोग म यतः भारतविशय क ारा होता ह इस स वदश को तीन वग म रखा जा सकता ह पहला वग वह जसम भारतीय फजी सर नाम िनडाड जस दश रख जा सकत ह जहाभारतवशीय लोग भार तादाद म बस रह ह व लोग कामकाज को लकरइन दश म गए थ इनम भारत क स कित और भारत क ह द सस चा अनराग ह उसस जड रहन क ललक ह य लोग जो ह द बोलतह योग म लात ह वह खड़ बोली ह द नह ह पर िलखाई पढ़ाई किलए व मानक ह द क ओर ह बढ़ रह ह दसर वग म व दश ह जहा क भाषा उद ह या जहा उद भाषी जनता

क पहच ह इन म य द भारतीय ह द भाषी िमलत ह तो जोभाषा सपक -भाषा क प म मा यम बनती ह उस ह द स िभ न नह कहा जा सकता अरब रा म भारत और पा क तान दोन ह दश ककाम धामी लोग गए ह इनक पार प रक सपक भाषा ायः ह द होतीह--

तीसर वग म यरोप अमर का आ द व वकिसत रा रख जा सकत ह जहा बहत बड़ स या म भारत क लोग बस भी गए ह और अ थायी प म जा भी रह ह इन लोग म य द कसी ात वशष या वशषक लोग पर पर िमलत ह तो अपनी ीय भाषा का योग करत ह परय द विभ न भारतीय भाषाभाषी िमलत ह तो सपक भाषा ायः ह द होती ह उदाहरण म तौर पर अमर का कनाडा म गजराती-भाषी काफ़ स या म बस ह य द गजराती लोग पर पर िमल ग तो आरिभक सपक अ जी म होन क बाद सपक और बातचीत क भाषा गजराती हो जाएगीपर य द गजराती और तिमल भाषी या गजराती और मलयालम भाषीिमल ग या एकािधक भारतीय भाषाओ क बोलन वाल िमल ग तो य गतसपक भाषा अिधकाशतः ह द बन जाएगी भारत म अगरजी ान व ान क भाषा क प म उतनी नह जतनी ित ाभास क भाषा क प म ित त ह यह थित वदश म भारतीय क पार प रक िमलन

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क समय भी कछ कछ उभर आती ह पर इस आभास स म िमलतह सपक भाषा ह द बनती ह यह बात भारत पा क तान क लोग कपार प रक िमलन पर होती ह ित ाभासी तर पर अ जी चलन कबाद आ मीय स मलन उस ह द म होता ह जो भारत और पा क तानक वा त वक बोली ह जसम स कत अरबी फारसी क असहज प म ठसी नह जाती सहज श दावली सहज प म बोली समझी जाती हभारत म उ च और उ चभासी वग क सपक भाषा अ जी ह जनक

स या 3 ितशत स अिधक नह ह लोक जीवन अपनी अपनी ातीय ीय भाषाओ म चलता ह वा त वक लोक सपक ह द क मा यम सचलता ह इसी कार वदश म भारत और पा क तान क िनवािसय कपार प रक िमलन सग म उ च और उ चाभासी वग क लोग किमलन पर अ जी चलती ह एक भाषी सपक म ीय भाषा एकािधकभाषी सपक म ह द कल िमलाकर 20 स अिधक अ जी का उपयोग यलोग नह करत ह द जानन वाल य को इस फली हई ह द क दिनया म अ जी न जानन पर भी कोई क ठनाई नह होती सकड़ लोग भारत स कसी भी दश क भाषा क बोलन वाल वकिसत दश म कह काम क िलए चल जा रह ह ह द उनक िलए मा यम का कामकर रह ह और व अपना काम कर रह ह ह द क इस दिनया क इस ह द व क जनस या कम नह

ह व म इस स ह द का थान तीसरा ह पर इडोनिशयाजावा समा ा तथा उन म लम बाह य दश म जहा उद बोली समझीजा सकती ह ह द क बोलन समझन म अिधक क ठनाई नह आतीइस स ह द व क म उद ह द का ह एक प बनती हऔर ह द व क थित अ जी क बाद आती ह उद का याकर णकढाचा उसक आधारभत श दावली और उसक महावर दानी ह द व क सीमा क बाहर क न थी न अभी हयह वशाल ह द व विभ न दश म फला हआ ह पर बखरा

पड़ा ह इसक श ीणा पड़ ह इस सजोना होगा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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सबस श और व ान स मत भाषा ह ह द

ह द आज भारत म ह नह ब क व क वराट फलक पर अपनअ त व को आकार द रह ह आज ह द व भाषा क प म मा यता ा करन क ओर अ सर ह अब तक भारत और भारत कबाहर सात व ह द स मलन आयो जत हो चक ह वत मान म आिथ क उदार करण क यग म बहरा ीय दश क कपिनय नअपन दश (अम रका टन ास जम नी चीन आ द) क शासक परदबाव बढ़ाना श कर दया ह ता क वहा ह द भाषा का चार- सारतजी स बढ़ और ह द जानन वाल एिशयाई दश व अपना यापारउनक भाषा म सगमता स कर सक अतरा ीय तर पर ह द क गित य द इसी कार होती रह तो वह दन दर नह जब ह द सय रा सघ म एक अिधका रक भाषा का प हािसल कर लगी वत मान म मातभा षय क स या क कोण स व क भाषाओ म मदा रन[चीनी] भाषा क बाद ह द का दसरा थान हचीनी भाषा क बोलनवाल क स या ह द भाषा क बोलन वाल स अिधक ह पर तमदा रन भाषा का योग ह द क तलना म सीिमत ह और अ ज़ीभाषा का योग ह द क अप ा अिधक ह क त ह द कमातभा षय क स या अ ज़ी भा षय स अिधक हआज व क तर पर यह िस हो चका ह क ह द भाषा अपनी िल पऔर व या मकता (उ चारण) क िलहाज स सबस श और व ानस मत भाषा ह हमार यहा एक अ र स एक ह विन िनकलती ह औरएक बद (अन वार) का भी अपना मह व हदसर भाषाओ म यहव ािनकता नह पाई जाती अतरा ीय तर पर ा भाषा अ ज़ी को ह दख वहा एक ह विन क िलए कतनी तरह क अ र उपयोग म लाएजात ह जस ई क विन क िलए ee (see) i (sin) ea (tea) ey (key) eo

(people) इतन अ र ह क एक ब च क िलए उ ह याद रखना म कलह इसी तरह क क उ चारण क िलए तो कभी c (ca) तो कभी k(king) ch का उ चारण कसी श द म क होता ह तो कसी म च ऐस

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स कड़ उदाहरण आ य क बात ह क ऐसी अिनयिमत और अ यव थतम कल अ जी हमार ब च चार साल क उ म सीख जात ह ब कअब तो वदश म भी हद तानी ब च न पिल स म व तर पर रकॉड कायम कए ह जब क इ ल ड म कली िश काए भी अ ज़ी क सह पिल स िलख नह पातीहमार यह अ जी भाषा क धरधर ब च कॉलज म पहचकर भी ह द म मा ाओ और ह ज क गलितया करत ह और उ ह सह ह द नह आती जब क ह द सीखना दसर अ य भाषाओ क मकाबल कह यादाआसान ह ऐस म ह द क उप ा और उसक रा भाषा न बन पान ककारण का व रत और ग भीरता पव क अ ययन कर समा कर ह द को ह द तान क म तक पर सजाना होगावब व ापन िसनमा औरबाजार क म हद क माग जस तजी स बढ़ ह वसी कसी औरभाषा म नह व क लगभग 150 व व ालय तथा सकड़ छोट-बड़क म व व ालय तर स लकर शोध तर तक हद कअ ययन-अ यापन क यव था हई ह वदश म 35 स अिधकप -प काए लगभग िनयिमत प स हद म कािशत हो रह ह यएईम हम एफ-एम ह द र डयो सारण सवा ह इसी कार बीबीसीजम नी क डायच वल जापान क एनएचक व ड और चीन क चाइनार डयो इटरनशनल क हद सवा वशष प स उ लखनीय ह वदश म चालीस स अिधक दश क 600 स अिधक व व ालय और कल म ह द पढ़ाई जा रह ह व क मानिच म ास का एक वशष थान ह ास क प रस शहरम सौरबन व व ालय म 3 वष क पा य म क अलावा पीएचड किलए शोध क भी यव था ह lsquorsquoप रस क ा य भाषाओ एव स यताओक रा ीय स थानrsquorsquo म हद म 2 वष का स ट फकट कोस 3 साल का ड लोमा 4 साल म उ च ड लोमा 5 साल और 6 साल क उ चअ ययन क िश ण क भी यव था ह

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जापान जापान क टो यो और ओसाका व व ालय म हद का छहवष य कोस ह इसक अलावा अ य व व ालय एव कॉलज म हद वक पक वषय क प म तीय एव ततीय भाषा क प म पढ़ाई जातीह सन 1992 क कर ब जापान का एक हद कॉलर काफ समय तकभारत म रहन क उपरात िशकागो गया और वहा पर हद का एक वहतप तकालय दखकर उस जापानी व ान न भारत म अपन एक िम ोफ़सर को प िलखा था क यहा क हद प तकालय को दखकर द ली व व ालय क प तकालय को शिम दा होना पड़गा तो ऐसी ह हमार रा भाषा हद कनाडा कनाडा क यिनविस ट आफ टश कोल बया म हद का 2 वष का पा य म ह मॉ यल व व ालय म ारिभक तर पर औरअटावा शहर म बन मकल हद हाई कल म 1971 स सभी क ाओ म और टोरटो शहर क कछ कल म भी हद पढ़ाई जाती हसय रा य अम रका सय रा य अम रका क 30 व व ालय म उ च इटरमी डएट एव ारिभक तर पर एक वषय क प म पढ़ाईजाती ह सय रा य अम रका म यन व व ालय म 1815 स ह ह द क यव था ह 1875 म कलाग न ह द भाषा का याकरणतयार कया थाअमर का स ह द जगत कािशत होती ह किलफोिन याकोल बया व कॉ सन पनिसलविनया वज िनया ट सास वािशगटनऔर िशकागो आ द व व ालय म हद का भाषा क त अ यन होताहनाव नाव क ओसलो व व ालय म मा टर ड ी क िलए हद कापठन-पाठन कया जाता ह तथा कछ अ य शहर म भी ाथिमक तरक कल म हद पढ़ाई जाती ह वीडन क काटहोम व व ालय म हद का आधारभत पा य म पढ़ाया जाता ह उ पसला व व ालय म हद पढ़ाई जाती हद ण अ का द ण अ का क यिनविस ट आफ डरबन म [डरबनशहर] म नातक और नातको र ड ी क िलए ह द पठान क

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यव था ह 50 व ालय म रा भाषा चार सिमित वधा क पर ाओक िलए हद पढ़ाई जाती हजम नी जम नी क ह बो ट व व ालय बिल न थत व व ालयबिल न थत ह लीप जग व व ालय मा ट नलथर व व ालय बान व व ालय हाईडलबग व व ालय और ह बग व व ालय म िनयिमत प स हद पढ़ाई जाती ह यहा क अ य कई व व ालय म भी हद पढ़ाई जाती ह

स स म मा को थत lsquorsquo ा य अ ययन स थानrsquorsquo और पतरबग थत lsquorsquo ा य भाषा स थानrsquorsquo म 1920 स हद पढ़ाई जा रह ह ला दवो तोक टट यिनविस ट म भी हद पढ़ाई जाती ह

व ज़रल ड व ज़रल ड म लवसान और य रख क व व ालय म हद क ारिभक पा य म पढ़ाय जात ह

ऑ िलया ऑ िलया क कनबरा थत व व ालय म नातक तरपर ऐ छक वषय क प म हद का अ ययन होता ह ला ोव मोनाशतथा वीसल ड क व ापीठ म भी हद पढ़ाई जाती ह अ य दशो जसडनमाक पोल ड चक गणरा य हगर द ण को रया म सको यबाब जयम ऑ या फनल ड रोमािनया ोिशयागणरा य मगोिलयाउ ब क तान तजा क तान तक थाईल ड र यिनयम अज ट ना सऊद अर बया ओमान बहर न मलिशया ताइवान िसगापर क या कवतइराक ईरान तजािनया जा बया बहर न बो सवाना और इडोनिशया क कल म हद का अ यापन होता हदश पा क तान क कराची लाहौर व व ालय तथा इ लामाबाद क कल ऑफ मॉडन ल वजस म स ट फकट और ड लोमा तर पर हद पढ़ाई जाती ह ीलका म ड ी कोस तक हद पढ़ाई जाती ह हमारपड़ोसी नपाल क भवन व व ालय म नातको र और पीएचड तकक हद स वधा ह बा लादश म हद का 4 वष य कोस ह भटान क 8 कल तथा बमा क म दर धम शालाओ व गर सरकार कल म हद

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पढ़ाई जाती ह तो यह ह हमार पड़ोसी दश म हद क थित कछऐस भी दश ह जहा बड़ स या म भारतीय रहत ह और वहा भाषा कसाथ साथ भारतीय स कत को भी आग बढ़ा रह ह वहा हद म प प काए भी िनकलती ह जस मार शस फजी सर नाम गयाना िनदाद और टोबगो हद का भ व य उ वल ह अगर हद क वकास म कोई बाधा ह तो वय हम भारतीय जो अ जी का मोह नह छोड़ पात हम वय हद क उप ा करत ह हमार घर म हमार ह मा उप त ह और दसर क मा अ जी को हम मा-मा कहकर िच लात ह जो हम मौसी जसा भीभाव नह दती कसी व ान न कहा था कndash lsquoअगर कसी को गलामबनाना ह तो पहल उसक भाषा व स कित को न कर दोrsquo वह खदगलाम हो जाएगा वह अ ज न कया हमार भाषा व स कत को वकत कर दया वह जात-जात अपना काम कर चक थ अ जी अपनापर पसार चक थी और आज अ जी क या थित ह सब जानत ह सबस यादा अ वासी भारतीय का हद क वकास म योगदान ह हमारदश म म यवग य प रवार क लोग अपन ब च को अ जी मा यम सपढ़ात ह हद मा यम स पढ़ान म खद को ह न महसस करत ह इसम भारत सरकार क कमजोर ह हर सरकार काया लय म यादातर काय अ जी म ह कए जात ह जहा भी नौकर क िलए जाइय पहला सवालयह होता ह- अ जी आती ह क नह अगर नह तो समझो नौकर नह िमलगी इसिलए हद वाल क मन म ह न भावना घर कर गईआज हर गर ब-अमीर आदमी अपन ब च को का व ट कल म भजनाचाहता ह यह कारण ह क आजाद क 70 साल बाद भी हद रा भाषानह बन पाई इस मामल म हम चीन स सबक लन क ज रत ह जोअपनीरा भाषा क ित क टब ह अ ज न जस अ जी को अतरा ीयभाषा बनाया उसी तरह अगर हम हद का योग खलकर हर जगह कर पढ़-पढ़ाए हद क ित समप ण रणा ल और द फर वह दन दरनह जब दिनया वाल हद क पीछ भाग ग और हद एक था पतअतरा ीय भाषा होगी ज रत ह तो अपनी रा भाषा क ित ढ़िन यी

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होना म होना ह द को लकर िनराश नह होना और उ साह होना

(द पक ताबोसकर)किन अिभयता

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सपक भाषा क प म हद भाषा क सामा य प रभाषा म यह कहा जा चका ह क lsquoभाषा मन य क वचार- विनमय और भाव क अिभ य का साधन हrsquo स पक भाषाका आशय जनभाषा ह कसी का सामा य य चिलत शली म जो भाषा बोलता ह वह जनभाषा ह दसर श द म वशष क सपक भाषा ह जनभाषा ह इसिलए ज र नह क जनभाषा श सा ह यक प वाली ह हो या वह याकरण क िनयम स बधी होस पक भाषा या जनभाषा वह भाषा होती ह जो कसी दश या दशक ऐस लोग क बीच पार प रक वचार- विनमय क मा यम का कामकर जो एक दसर क भाषा नह जानत दसर श द म विभ नभाषा-भाषी वग क बीच स परषण क िलए जस भाषा का योग कयाजाता ह वह स पक भाषा कहलाती ह इस कार lsquoस पक भाषाrsquo क सामा य प रभाषा होगी lsquoएक भाषा-भाषी जस भाषा क मा यम स कसी दसर भाषा क बोलन वाल क साथ स पक था पत कर सक उसस पक भाषा या जनभाषा (Link Language) कहत ह rsquo बकौल डॉपरनचद टडन lsquoस पक भाषा स ता पय उस भाषा स ह जो समाज क विभ न वग या िनवािसय क बीच स पक क काम आती ह इस स िभ न-िभ न बोली बोलन वाल अनक वग क बीच ह द एक स पक भाषा ह और अ य कई भारतीय म िभ न-िभ न भाषाए बोलन वाल क बीच भी स पक भाषा हrsquo डॉ मह िसह राणा न स पक भाषा कोइन श द म प रभा षत कया ह lsquoपर पर अबोधग य भाषा या भाषाओक उप थित क कारण जस स वधाजनक विश भाषा क मा यम सदो य दो रा य कोई रा य और क तथा दो दश स पक था पतकर पात ह उस भाषा वशष को स पक भाषा या स पक साधक भाषा(Contact Language or Interlink Language) कहा जा सकता हrsquo भारतएक बहभाषी दश ह और बहभाषा-भाषी दश म स पक भाषा का वशषमह व ह अनकता म एकता हमार अनपम पर परा रह ह वा तव म सा कितक स सारा भारत सदव एक ह रहा ह हमार इस वशाल

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दश म जहा अलग-अलग रा य म िभ न-िभ न भाषाए बोली जाती ह और जहालोग क र ित-र वाज खान-पान पहनाव और रहन-सहन तकम िभ नता हो वहा स पक भाषा ह एक ऐसी कड़ ह जो एक छोर सदसर छोर क लोग को जोड़न और उ ह एक दसर क समीप लान काकाम करती ह-

डॉ भोलानाथ न स पक भाषा क योग को तीन तर पर वभा जत कया ह एक तो वह भाषा जो एक रा य (जस महारा या असम) सदसर रा य (जस बगाल या असम) क राजक य प - यवहार म कामआए दसर वह भाषा जो क और रा य क बीच प - यवहार कामा यम हो और तीसर वह भाषा जसका योग एक दश का य दसर दश क य स अपन िनजी काम म कर आजाद क लड़ाई लड़त समय हमार यह कामना थी क वत रा क अपनी एकरा भाषा होगी जसस दश एकता क स म सदा क िलए जड़ा रहगामहा मा गाधी लोकमा य ितलक नताजी सभाषच बोस आ द सभीमहाप ष न एक मत स इसका समथ न कया य क ह द हमारसामा जक सा कितक धािम क आ दोलन क ह नह अ पत रा ीयचतना एव वाधीनता आ दोलन क अिभ य क भाषा भी रह हभारत म lsquo ह द rsquo बहत पहल स पक भाषा क प म रह ह औरइसीिलए यह बहत पहल स lsquoरा भाषाrsquo कहलाती ह य क ह द क साव दिशकता स पण भारत क सामा जक व प का ितफल हभारत क वशालता क अन प ह रा भाषा वकिसत हई ह जसस उ रद ण पव और प म कह भी होन वाल मल - चाह वह याग म कभहो अथवा अजमर शर फ क दरगाह हो या विभ न दश क हमार सा कितक एकता क आधार तभ तीथ थल ह - सभी थान परआदान- दान क भाषा क प म ह द का ह अिधकतर योग होता हइस कार इन सा कितक पर पराओ स ह द ह साव दिशक भाषा क प म लोक य ह वशषकर द ण और उ र क सा कितक स ब ध क ढ़ खला क प म ह द ह सश भाषा बनी ह द का

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व तत ह स पक भाषा ह द का आयाम जनभाषा ह द सबस यापक और लोक य ह जसका सार ीय तथा रा ीय तर सबढ़कर भारतीय उपमहा प तक ह िश त अध िश त अिश त तीन वग क लोग पर पर बातचीत आ द क िलए और इस कार मौ खकमा यम म जनभाषा ह द का यवहार करत ह भारत क िल व ाकाल वज आव वाइडर क यिनकशन पन इ डयन ल वज अ तर ादिशकभाषा लोकभाषा भारत- यापी भाषा अ खल भारतीय भाषा- य नामlsquoजनभाषाrsquo ह द क िलए य होत ह हमार दश क बहभा षकता क ढाच म ह द क विभ न भौगोिलक औरसामा जक क अित र भाषा- यवहार क म भी स पक िस का ऐसा काय िन पा दत कर रह ह जसका न कवल कोई वक पनह अ पत जो ह द क व वध भिमकाओ को सम ता क साथिन पत करन म भी समथ ह ह द न पछल हजार वष म वचार- विनमय का जो उ रदािय विनभाया ह वह एक अनठा उदाहरण ह कछ लोग क यह धारणा ह क ह द पहल lsquoरा भाषाrsquo कहलाती थी बाद म इस lsquoस पक भाषाrsquo कहाजान लगा और अब इस lsquoराजभाषाrsquo बना दन स इसका सीिमत होगया ह व तत यह उनका म ह जसा क पहल उ लख कया जाचका ह क ह द स दय स स पक भाषा और रा भाषा एक साथ रह हऔर आज भी ह भारत क स वधान सभा ारा 14 िसत बर 1949 कोइस राजभाषा क प म वीकार कर लन स उसक योग का और व तत हआ ह जस बगला तिमल तलग क नड़ मलयालम आ द को मश बगाल तिमलनाड कना टक करल आ द क राजभाषा बनाया गयाह ऐसा होन स या उन भाषाओ का मह व कम हो गया ह िन यह नह ब क इसस उन सभी भाषाओ का उ रदािय व और योग पहल स अिधक बढ़ गया ह जहा पहल कवल पर पर बोलचाल म कामआती थी या उसम सा ह य क रचना होती थी वह अब शासिनककाय भी हो रह ह यह थित ह द क भी ह इस कार ह द

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स पक और रा भाषा तो ह ह राजभाषा बनाकर इस अित र स मान दान कया गया ह इस सग म डॉ सरश कमार का कथन बहत ह ासिगक ह lsquo ह द को कवल स पक भाषा क प म दखना भलहोगी ह द आधिनक भारतीय भाषाओ क उ व काल स म यदश किनवािसय क सामा जक स परषण तथा सा ह यक-सा कितक अिभ य क भाषा रह ह और अब भी ह भाषा-स पक क बदली हईप र थितय म (जो पहल फ़ारसी-तक -अरबी तथा बाद म म य प सअ जी क साथ स पक क फल व प वकिसत हई) तथा वत भारतीयगणरा य म सभी भारतीय भाषाओ को अपन-अपन भौगोिलक म यावसाियक और सा कितक यवहार क अिभ य क िलए योग म लान क िनण य क बाद ह द का स पक भाषा काय गण औरप रमाण क स इतना वकिसत हो गया ह क उसक स ब ध म िच तन तथा अनवत काय एक स ा तक और यावहा रक आव यकताबन गए ह rsquo वा तव म भाषा स पक क थित ह कसी स पक भाषाक उ व और वकास को रत करती ह या एक स ित त भाषा कस पक काय को सप करती ह ह द क साथ दोन थितय कास ब ध ह आ त रक तर पर ह द अपनी बोिलय क यवहारकता ओक बीच स पक क थापना करती रह ह और अब भी कर रह ह तथाबा तर पर वह अ य भारतीय भाषा भाषी समदाय क म य एकमा स पक भाषा क प म उभर आई ह जसक अब व वध आयाम वकिसत हो चक ह कल िमलाकर ह द का वत मान गौरवपण हउसक भिमका आज भी सामा य-जन को जोड़न म सभी भाषाओ क अप ा सबस अिधक कारगर ह

( या पोकल) हद अनवादक बलापर

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वदश म हद क चार- सार क थितसतोष ह करना हो तो यह बात कम नह क ह द व क तीस सअिधक दश म पढ़ -पढ़ाई जाती ह लगभग 100 व व ालय म उसकिलए अ यापन क खल हए ह अकल अमर का म लगभग 20 क म उसक अ ययन अ यापन क यव था ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड जस दश म भारत मल क िनवािसय क उ लखनीय स याहोन क कारण वहा ह द वतः स नह चा रत होता ह व क यक मख दश म हमार दतावास ह जनस राजनीितक सदभ क अित र यह भी आशा क जाती ह क व ह द क चार सार क ओर भी यान द ग और अपन भारत क सामा जक स कित और भारत क रा भाषा ह द का ितिनिध समझ ग पर य द यह िच उतना ह सचहोता जतना रगीन लग रहा ह तो सतोष करन म कोई बराई न थी वदश म ह द क मह व चार एव सार क थित न सब जगहएक सी ह न ऐसा होना सभव ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड म ह द क िलए वहा क जनता क एक बड़ भाग म जो आदर और म हवह यरोप या अम रका क दश म कस िमल सकता हघ इसिलए वदश म ह द क थित चार सार क सम याओ क भी व वध प हउनक समाधान भी व वध प म खोजन ह ग वदश म ह द क थित चार तथा सार को लकर दो िभ न य स वचार करनाहोगा एक ह जो सरकार त स जड़ ह दसर ह जसका सबधजन जीवन म ह पहल सरकार त क स वदश म ह द क थित का जायजा िलया जाएपहल अपन सरकार त क स जहा तक त यगत थित ह हमारदतावास स च अथ म न तो भारत क सामािसक स कित क सवाहकबन पाए ह नह भारत क रा भाषा क ितिनिध उनक िलएअिधका रय का जो चनाव होता ह उसम भी इस को अिनवाय तः क म नह रखा जाता घर म ह जब ह द का मामला राजनीित क पचड़म उलझ गया हो तो हमार दतावास पर उसक छाया न हो यह हो भी

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कस सकता हघ सामा यतः उन दश म जहा क भारतवशीय लोग क स या अ छ ख़ासी ह और वहा ह द और भारतीय स कित क िलएललक भरा अनराग ह ऐस ह ितिनिधय और अिधका रय का चयनहोता रहा हजो भारतीय स कित और ह द क अनयायी ह उदाहरण किलए मॉ रशस म डॉ भगवतशरण उपा याय जस लोग को भजा जानाइसी कोण का प रचायक था कत यरोपीय अमर का तथा अरब दश क िलए ितिनिध भजन हए इन बात क ओर यान रखना अप तनह माना जाता रहा प रणाम यह रहा ह क इन म हमार दतावासप मी रग म रग ह द का नाम भी यदा कदा ासिगक प म लतहए ह द क चार सार स सव था िनःसग रह ह कह कोई अपवादभल िमल जाए अतः इस को ट क दतावास म सामा यतः ह द क ित ा या चार सार का वा त वक प उभर ह नह पाया हो हा सजस कितपय सा वाद दश म भारत स उसक अपनी भाषा को अ जीस वर यता दए जान क अप ा क गइ तो वहा क हमार दतावास नअव य इस ओर जाग क रहन क आव यकता समझी बात अब फरिशिथल पड़ गई ह और अिधकाशतः काय यापार अ जी क मा यम सह होता ह ह द क मा यम स नह कह कह ह द क अनवाद साथम लगाए जा रह ह पर सीिमत प म ह

हमार दतावास जन दश म ह उनक सरकार क साथकाय - यवहार म ह द का उपयोग कर - यह थित क पना स काफ़ दरक ह ायः यह थित ह क हमार दश स जान वाल भारतीय लोग को अपन दतावास स सपक करन क िलए अ जी का ह उपयोग करनापड़ता ह इन लोग म भी ऐस लोग क स या भी अिधक नह होतीजो ह द म काम लन म गौरव अनभव करत ह पर कछ लोग ऐस भीहोत ह ज ह अ जी अ छ तरह नह आती व अपन दतावास स य द ह द क मा यम स सपक सहायता चाह तो उ ह क ठनाई ह होती हअब इस पहल पर वचार कया जाए क वदश क व वध सरकार क ओर स ह द क ित कसा रवया ह और कन सदभ म ह द क या

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थित ह जहा तक सरकार का भारतीय दतावास या भारत क साथसीध सपक म ह द क योग क बात ह उ ह इस बात क अिनवाय आव यकता तीत ह नह होती उनका काम अिधकाशतः ह द स नह अ जी स चलता ह जो दश अ जी भावी नह ह और अपनी भाषा परबल दत ह व म यतः अपनी भाषा का साथ म अ जी का यदा कदा ह द क अनवाद क साथ योग करत ह ह द अनवाद का योगबहत ह सीिमत मा ा म क हए नग य होता ह हा कछ मामल म ह द अनवाद साथ म लगान का ितबध ह उन सदभ म उस लगा दया जाता हभारत क वत होत ह बड़ बड़ दश न भी य अनभव कया था क व क इस बड़ भभाग स सपक करन क िलए उ ह ह द क आव यकता होगी भारतीय स वधान म यव था क गई थी क 15 वष म ह द अ जी का थान ल लगी अतः उ ह भी यह आभास हआ था क इस दश स िनकट सपक बनान क िलए उ ह ह द क ओर आनापड़गा फलतः विभ न मख दश क सरकार न अपन व व ालय म ह द क अ ययन अ यापन क यव था और स वधा क ओर यान दया अपन छा को छा व य दान कर ह द पढ़न क िलए भारतभी भजा यहा स भी अ यापक बलाए गए या यह िसलिसला कछ नकछ अब भी जार ह पर वह ललक नह रह उ ह साफ दखाई द रहाह क भारत म वह थित क पना स भी दर पीछ धकली जा चक ह जसम ह द एकमा दश क रा भाषा और सपक भाषा बनगी जबअ जी यहा थायी प स जमती दखाई द रह हो तो कोई रा अपनयवक क म और अपन पस को ह द क िलए या यय करगा सीधासवाल उपयोिगता का ह

पर सरकार सदभ स हटकर मह वपण एव वकिसत रा म ह द क उपयोिगता कछ अ य य स भी ह भारत क वत होन स पहलस ह अनक रा इस दश क स कित और स यता को समझना चाहतरह ह वत ता पव क कारण कछ और थ अब कछ और ह यह बाद

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दसर ह पर व क जनस या क एक बड़ भाग को समझन क कोिशश वकिसत रा न कर यह आज क सदभ म सव था असभव हआज क राजनीित सीध सरकार क बीच भी चलती ह सरकार औरजनता क बीच स भी चलती ह म सह सबध राजनीितक सबध किलए ह नह लड़न क िलए भी दसर दश क भाषा सीखन क आव यकता ह इसका उदाहरण ह द क सदभ म चीन का हभारत-चीन य क समय यह सामन आया था क चीन न अपन अनकसिनक को एक आव यक मा ा म ह द का िश ण दया हआ था तोअपन अपन वाथ अथ को यान म रखकर विभ न वकिसत रा अपन यहा ह द क पठन पाठन क यव था करत ह कछ भारत कोसमझन क िलए कछ भारत स उपयोगी सदभ क िलए कछ भारत स म क िलए

जन वदशी व व ालय म ह द अ ययन-अ यापन क यव थाए ह उनक आिथ क यव था भल ह उन दश क सरकार क ओर स होती हो पर अनकानक वदशी ह द व ान ह द और भारतीयस कित क अनराग म इतन रम गए ह क उ ह न अपनी जीवनचया कोह ह द क ित सम प त कर िलया ह उनम इतना स चा और गहरा ह द अनराग ह क य ह द का काम ह नह करत ब क जब जब ह द इस दश म बढ़ती ह उनम स नता होती ह जब जब ह द पीछधकली जाती ह उ ह पीड़ा होती ह ह द क इन अनरागी वदशी व ान क ित यह दश कत ह ऊपर क चिच त थित अरब रा म नह दखाई दती उनका झकाव आव यकता क मा ा क अन प उद क ओर हआ ह ह द क ओर नह पर इसका लाभ इस दश क उन लोग को भी बराबर िमलता ह जो इन रा म यापार नौकर या अ यसदभ स गए ह उद व पतः ह द स दर होकर भी बहत दर नह जापाती अतः िल खत प म चाह न सह बोलचाल क तर पर उसकालाभ ह द उद दोन क लोग को वहा समान प स िमलता ह तीसरवग म व दश आत ह जहा भारत क मल िनवासी बड़ स या म बस हएह जस मा रशस फजी सर नाम िनडाड आ द इन दश म ह द जो

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राजक य आ य सीिमत प म ह ा ह अपनी जनस या क आधारपर भारतीय जतना ितिनिध व अपन दश क सरकार म ल पात ह उसी अनपात म य ह द को उठान क बात कर पात ह अबराजनीितक जोड़ तोड़ म भारतविशय क यह श भी बखर जाती ह तो ह द को कसी ऊचाई तक उठा ल जाना वहा भी सभव नह ह सरकार त इन दश म नीच क तर पर ह द िश ा क यव था करता हउ च िश ा और राजक य योग क िलए ह द को हण कए जान काअभी सवाल ह पदा नह हआइस कार शासक य तर पर वदश म ह द क जो भी यव था ह उसका अिधकाश हर दश क अपनी अपनीनजर क उपयोिगता क कारण ह उसम भारत सरकार और भारतीयदतावास का योगदान बहत ह सीिमत ह हा मा रशस फजी आ द दश म भारतीय शासन और दतावास क ह द ो साहन वषयक योगदानको अव य यान रखना होगा

यहा इस बात का ववचन भी आव यक ह क शासक य मा यम स ह द क अ यापक और व ािथ य का जो आदान दान होता हउसक या थित ह घ विभ न दश कछ अ य अ यापक कछ व ािथ य अपन यय पर ह द िसखवान क िलए भारत भजत ह कछ व ाथ भारत क छातव य पर विनमय योजनाओ क भीतर भी आतह ऐस ह द अ यताओ का ह द िश ण अिधकाशतः िश ा क क य ह द स थान क मा यम स दया जाता ह कछ को कितपय व व ालय म आव टत कर दया जाता ह कछ दश कछ िन तअविध क िलए भारत स ह द अ यापक का चयन करक आम तकरत ह और अपन यहा ह द िश ण क यव था करात ह भज जानवाल ह द अ यापको क चयन क याए शासक य त स गजरतीहई ऐसी बन ग ह क जो लोग जात ह उनम मशनर प रटषबहत कम और वदश जान का चास पान क ललक अिधक काम करतीह सह मताओ क लाग का चयन आज वस ह क ठन हो गया हअब रह उन लोग क बात जो ह द सीखन भारत आत ह इनम स जो व व ालय स भज जात ह उनम सह िश ा इसिलए नह पहच पाती

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क व व ालय म ह द को आधिनक व ािनक णािलय स तीयभाषा क प म पढ़ान क प ितय का सह वकास नह हआ औरक य ह द स थान इसिलए सह उ रदािय व का वहन नह कर पाता क वह िश ण िश ण णाली क आभासी व ािनकता म उलझ गयाह पर जो भी ह यह एक मा यव थत स था ह जहा व ािनकप ित स वदिशय को भारत म ह द पढ़ान क यव था आयो जत हसब िमलकर शासक य सदभ क साथ जड़कर ह द क दशा वदश

म उतनी उ साहवध क नह उतनी सतोषजनक नह जतनी होनी चा हएभारत म सवधािनक और शासक य तर पर ह द क जो थित हउसम जो शिथ य ह या जो उ साह ह दोन क छाया वदश क शासक य त स वकिसत होन वाली ह द थित पर पड़नाअ वाभा वक नह हभारत म ह द बोलन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह इस

स उद भाषी लोग भी ह द व क प रिध म ह आत ह भारत म ह द चाह सरकार तर पर एकमा सपक भाषा न बन पाए पर उन सग पर जहा दश क विभ न ात म विभ न कार क वग क लोगजड़त ह वहा यह थित दखन को िमलती ह य द यह उ चवग य लोग का स मलन ह तो ायः अ जी सपक भाषा क प म काम करती ह व प सा योग ह द का चलता ह पर य द िमलन लोक जीवन सजड़ लोग का हआ तो ह द अपन आप सपक भाषा का प ल लती हभारत क कसी भी भाग म जाइए य द िमलन वाल लोग उ चवग य याउ चाभासीवग य नह ह तो एक भाषाभाषी स अ य भाषाभा षय किमलन क सपक भाषा ायः ह द िमलगी सिनक जीवन म रलया ाओ म तीथ थान म छा स मलन म ाकितक ऐितहिसकदश नीय थल म बाज़ार म आपको इस ह द व क मता औरउपयोिगता का पता चल सकगा यह थित िनरतर वकिसत हो रह हभारत म ह द बोलन वाल क ह द समझन वालो क और ह द को यावहा रक जीवन म उपयोग करन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह

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यह वकासशील थित ह द क िलए वदश स भी ह वदश म ह द का उपयोग म यतः भारतविशय क ारा होता ह इस स वदश को तीन वग म रखा जा सकता ह पहला वग वह जसम भारतीय फजी सर नाम िनडाड जस दश रख जा सकत ह जहाभारतवशीय लोग भार तादाद म बस रह ह व लोग कामकाज को लकरइन दश म गए थ इनम भारत क स कित और भारत क ह द सस चा अनराग ह उसस जड रहन क ललक ह य लोग जो ह द बोलतह योग म लात ह वह खड़ बोली ह द नह ह पर िलखाई पढ़ाई किलए व मानक ह द क ओर ह बढ़ रह ह दसर वग म व दश ह जहा क भाषा उद ह या जहा उद भाषी जनता

क पहच ह इन म य द भारतीय ह द भाषी िमलत ह तो जोभाषा सपक -भाषा क प म मा यम बनती ह उस ह द स िभ न नह कहा जा सकता अरब रा म भारत और पा क तान दोन ह दश ककाम धामी लोग गए ह इनक पार प रक सपक भाषा ायः ह द होतीह--

तीसर वग म यरोप अमर का आ द व वकिसत रा रख जा सकत ह जहा बहत बड़ स या म भारत क लोग बस भी गए ह और अ थायी प म जा भी रह ह इन लोग म य द कसी ात वशष या वशषक लोग पर पर िमलत ह तो अपनी ीय भाषा का योग करत ह परय द विभ न भारतीय भाषाभाषी िमलत ह तो सपक भाषा ायः ह द होती ह उदाहरण म तौर पर अमर का कनाडा म गजराती-भाषी काफ़ स या म बस ह य द गजराती लोग पर पर िमल ग तो आरिभक सपक अ जी म होन क बाद सपक और बातचीत क भाषा गजराती हो जाएगीपर य द गजराती और तिमल भाषी या गजराती और मलयालम भाषीिमल ग या एकािधक भारतीय भाषाओ क बोलन वाल िमल ग तो य गतसपक भाषा अिधकाशतः ह द बन जाएगी भारत म अगरजी ान व ान क भाषा क प म उतनी नह जतनी ित ाभास क भाषा क प म ित त ह यह थित वदश म भारतीय क पार प रक िमलन

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क समय भी कछ कछ उभर आती ह पर इस आभास स म िमलतह सपक भाषा ह द बनती ह यह बात भारत पा क तान क लोग कपार प रक िमलन पर होती ह ित ाभासी तर पर अ जी चलन कबाद आ मीय स मलन उस ह द म होता ह जो भारत और पा क तानक वा त वक बोली ह जसम स कत अरबी फारसी क असहज प म ठसी नह जाती सहज श दावली सहज प म बोली समझी जाती हभारत म उ च और उ चभासी वग क सपक भाषा अ जी ह जनक

स या 3 ितशत स अिधक नह ह लोक जीवन अपनी अपनी ातीय ीय भाषाओ म चलता ह वा त वक लोक सपक ह द क मा यम सचलता ह इसी कार वदश म भारत और पा क तान क िनवािसय कपार प रक िमलन सग म उ च और उ चाभासी वग क लोग किमलन पर अ जी चलती ह एक भाषी सपक म ीय भाषा एकािधकभाषी सपक म ह द कल िमलाकर 20 स अिधक अ जी का उपयोग यलोग नह करत ह द जानन वाल य को इस फली हई ह द क दिनया म अ जी न जानन पर भी कोई क ठनाई नह होती सकड़ लोग भारत स कसी भी दश क भाषा क बोलन वाल वकिसत दश म कह काम क िलए चल जा रह ह ह द उनक िलए मा यम का कामकर रह ह और व अपना काम कर रह ह ह द क इस दिनया क इस ह द व क जनस या कम नह

ह व म इस स ह द का थान तीसरा ह पर इडोनिशयाजावा समा ा तथा उन म लम बाह य दश म जहा उद बोली समझीजा सकती ह ह द क बोलन समझन म अिधक क ठनाई नह आतीइस स ह द व क म उद ह द का ह एक प बनती हऔर ह द व क थित अ जी क बाद आती ह उद का याकर णकढाचा उसक आधारभत श दावली और उसक महावर दानी ह द व क सीमा क बाहर क न थी न अभी हयह वशाल ह द व विभ न दश म फला हआ ह पर बखरा

पड़ा ह इसक श ीणा पड़ ह इस सजोना होगा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

50

4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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स कड़ उदाहरण आ य क बात ह क ऐसी अिनयिमत और अ यव थतम कल अ जी हमार ब च चार साल क उ म सीख जात ह ब कअब तो वदश म भी हद तानी ब च न पिल स म व तर पर रकॉड कायम कए ह जब क इ ल ड म कली िश काए भी अ ज़ी क सह पिल स िलख नह पातीहमार यह अ जी भाषा क धरधर ब च कॉलज म पहचकर भी ह द म मा ाओ और ह ज क गलितया करत ह और उ ह सह ह द नह आती जब क ह द सीखना दसर अ य भाषाओ क मकाबल कह यादाआसान ह ऐस म ह द क उप ा और उसक रा भाषा न बन पान ककारण का व रत और ग भीरता पव क अ ययन कर समा कर ह द को ह द तान क म तक पर सजाना होगावब व ापन िसनमा औरबाजार क म हद क माग जस तजी स बढ़ ह वसी कसी औरभाषा म नह व क लगभग 150 व व ालय तथा सकड़ छोट-बड़क म व व ालय तर स लकर शोध तर तक हद कअ ययन-अ यापन क यव था हई ह वदश म 35 स अिधकप -प काए लगभग िनयिमत प स हद म कािशत हो रह ह यएईम हम एफ-एम ह द र डयो सारण सवा ह इसी कार बीबीसीजम नी क डायच वल जापान क एनएचक व ड और चीन क चाइनार डयो इटरनशनल क हद सवा वशष प स उ लखनीय ह वदश म चालीस स अिधक दश क 600 स अिधक व व ालय और कल म ह द पढ़ाई जा रह ह व क मानिच म ास का एक वशष थान ह ास क प रस शहरम सौरबन व व ालय म 3 वष क पा य म क अलावा पीएचड किलए शोध क भी यव था ह lsquorsquoप रस क ा य भाषाओ एव स यताओक रा ीय स थानrsquorsquo म हद म 2 वष का स ट फकट कोस 3 साल का ड लोमा 4 साल म उ च ड लोमा 5 साल और 6 साल क उ चअ ययन क िश ण क भी यव था ह

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जापान जापान क टो यो और ओसाका व व ालय म हद का छहवष य कोस ह इसक अलावा अ य व व ालय एव कॉलज म हद वक पक वषय क प म तीय एव ततीय भाषा क प म पढ़ाई जातीह सन 1992 क कर ब जापान का एक हद कॉलर काफ समय तकभारत म रहन क उपरात िशकागो गया और वहा पर हद का एक वहतप तकालय दखकर उस जापानी व ान न भारत म अपन एक िम ोफ़सर को प िलखा था क यहा क हद प तकालय को दखकर द ली व व ालय क प तकालय को शिम दा होना पड़गा तो ऐसी ह हमार रा भाषा हद कनाडा कनाडा क यिनविस ट आफ टश कोल बया म हद का 2 वष का पा य म ह मॉ यल व व ालय म ारिभक तर पर औरअटावा शहर म बन मकल हद हाई कल म 1971 स सभी क ाओ म और टोरटो शहर क कछ कल म भी हद पढ़ाई जाती हसय रा य अम रका सय रा य अम रका क 30 व व ालय म उ च इटरमी डएट एव ारिभक तर पर एक वषय क प म पढ़ाईजाती ह सय रा य अम रका म यन व व ालय म 1815 स ह ह द क यव था ह 1875 म कलाग न ह द भाषा का याकरणतयार कया थाअमर का स ह द जगत कािशत होती ह किलफोिन याकोल बया व कॉ सन पनिसलविनया वज िनया ट सास वािशगटनऔर िशकागो आ द व व ालय म हद का भाषा क त अ यन होताहनाव नाव क ओसलो व व ालय म मा टर ड ी क िलए हद कापठन-पाठन कया जाता ह तथा कछ अ य शहर म भी ाथिमक तरक कल म हद पढ़ाई जाती ह वीडन क काटहोम व व ालय म हद का आधारभत पा य म पढ़ाया जाता ह उ पसला व व ालय म हद पढ़ाई जाती हद ण अ का द ण अ का क यिनविस ट आफ डरबन म [डरबनशहर] म नातक और नातको र ड ी क िलए ह द पठान क

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यव था ह 50 व ालय म रा भाषा चार सिमित वधा क पर ाओक िलए हद पढ़ाई जाती हजम नी जम नी क ह बो ट व व ालय बिल न थत व व ालयबिल न थत ह लीप जग व व ालय मा ट नलथर व व ालय बान व व ालय हाईडलबग व व ालय और ह बग व व ालय म िनयिमत प स हद पढ़ाई जाती ह यहा क अ य कई व व ालय म भी हद पढ़ाई जाती ह

स स म मा को थत lsquorsquo ा य अ ययन स थानrsquorsquo और पतरबग थत lsquorsquo ा य भाषा स थानrsquorsquo म 1920 स हद पढ़ाई जा रह ह ला दवो तोक टट यिनविस ट म भी हद पढ़ाई जाती ह

व ज़रल ड व ज़रल ड म लवसान और य रख क व व ालय म हद क ारिभक पा य म पढ़ाय जात ह

ऑ िलया ऑ िलया क कनबरा थत व व ालय म नातक तरपर ऐ छक वषय क प म हद का अ ययन होता ह ला ोव मोनाशतथा वीसल ड क व ापीठ म भी हद पढ़ाई जाती ह अ य दशो जसडनमाक पोल ड चक गणरा य हगर द ण को रया म सको यबाब जयम ऑ या फनल ड रोमािनया ोिशयागणरा य मगोिलयाउ ब क तान तजा क तान तक थाईल ड र यिनयम अज ट ना सऊद अर बया ओमान बहर न मलिशया ताइवान िसगापर क या कवतइराक ईरान तजािनया जा बया बहर न बो सवाना और इडोनिशया क कल म हद का अ यापन होता हदश पा क तान क कराची लाहौर व व ालय तथा इ लामाबाद क कल ऑफ मॉडन ल वजस म स ट फकट और ड लोमा तर पर हद पढ़ाई जाती ह ीलका म ड ी कोस तक हद पढ़ाई जाती ह हमारपड़ोसी नपाल क भवन व व ालय म नातको र और पीएचड तकक हद स वधा ह बा लादश म हद का 4 वष य कोस ह भटान क 8 कल तथा बमा क म दर धम शालाओ व गर सरकार कल म हद

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पढ़ाई जाती ह तो यह ह हमार पड़ोसी दश म हद क थित कछऐस भी दश ह जहा बड़ स या म भारतीय रहत ह और वहा भाषा कसाथ साथ भारतीय स कत को भी आग बढ़ा रह ह वहा हद म प प काए भी िनकलती ह जस मार शस फजी सर नाम गयाना िनदाद और टोबगो हद का भ व य उ वल ह अगर हद क वकास म कोई बाधा ह तो वय हम भारतीय जो अ जी का मोह नह छोड़ पात हम वय हद क उप ा करत ह हमार घर म हमार ह मा उप त ह और दसर क मा अ जी को हम मा-मा कहकर िच लात ह जो हम मौसी जसा भीभाव नह दती कसी व ान न कहा था कndash lsquoअगर कसी को गलामबनाना ह तो पहल उसक भाषा व स कित को न कर दोrsquo वह खदगलाम हो जाएगा वह अ ज न कया हमार भाषा व स कत को वकत कर दया वह जात-जात अपना काम कर चक थ अ जी अपनापर पसार चक थी और आज अ जी क या थित ह सब जानत ह सबस यादा अ वासी भारतीय का हद क वकास म योगदान ह हमारदश म म यवग य प रवार क लोग अपन ब च को अ जी मा यम सपढ़ात ह हद मा यम स पढ़ान म खद को ह न महसस करत ह इसम भारत सरकार क कमजोर ह हर सरकार काया लय म यादातर काय अ जी म ह कए जात ह जहा भी नौकर क िलए जाइय पहला सवालयह होता ह- अ जी आती ह क नह अगर नह तो समझो नौकर नह िमलगी इसिलए हद वाल क मन म ह न भावना घर कर गईआज हर गर ब-अमीर आदमी अपन ब च को का व ट कल म भजनाचाहता ह यह कारण ह क आजाद क 70 साल बाद भी हद रा भाषानह बन पाई इस मामल म हम चीन स सबक लन क ज रत ह जोअपनीरा भाषा क ित क टब ह अ ज न जस अ जी को अतरा ीयभाषा बनाया उसी तरह अगर हम हद का योग खलकर हर जगह कर पढ़-पढ़ाए हद क ित समप ण रणा ल और द फर वह दन दरनह जब दिनया वाल हद क पीछ भाग ग और हद एक था पतअतरा ीय भाषा होगी ज रत ह तो अपनी रा भाषा क ित ढ़िन यी

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होना म होना ह द को लकर िनराश नह होना और उ साह होना

(द पक ताबोसकर)किन अिभयता

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सपक भाषा क प म हद भाषा क सामा य प रभाषा म यह कहा जा चका ह क lsquoभाषा मन य क वचार- विनमय और भाव क अिभ य का साधन हrsquo स पक भाषाका आशय जनभाषा ह कसी का सामा य य चिलत शली म जो भाषा बोलता ह वह जनभाषा ह दसर श द म वशष क सपक भाषा ह जनभाषा ह इसिलए ज र नह क जनभाषा श सा ह यक प वाली ह हो या वह याकरण क िनयम स बधी होस पक भाषा या जनभाषा वह भाषा होती ह जो कसी दश या दशक ऐस लोग क बीच पार प रक वचार- विनमय क मा यम का कामकर जो एक दसर क भाषा नह जानत दसर श द म विभ नभाषा-भाषी वग क बीच स परषण क िलए जस भाषा का योग कयाजाता ह वह स पक भाषा कहलाती ह इस कार lsquoस पक भाषाrsquo क सामा य प रभाषा होगी lsquoएक भाषा-भाषी जस भाषा क मा यम स कसी दसर भाषा क बोलन वाल क साथ स पक था पत कर सक उसस पक भाषा या जनभाषा (Link Language) कहत ह rsquo बकौल डॉपरनचद टडन lsquoस पक भाषा स ता पय उस भाषा स ह जो समाज क विभ न वग या िनवािसय क बीच स पक क काम आती ह इस स िभ न-िभ न बोली बोलन वाल अनक वग क बीच ह द एक स पक भाषा ह और अ य कई भारतीय म िभ न-िभ न भाषाए बोलन वाल क बीच भी स पक भाषा हrsquo डॉ मह िसह राणा न स पक भाषा कोइन श द म प रभा षत कया ह lsquoपर पर अबोधग य भाषा या भाषाओक उप थित क कारण जस स वधाजनक विश भाषा क मा यम सदो य दो रा य कोई रा य और क तथा दो दश स पक था पतकर पात ह उस भाषा वशष को स पक भाषा या स पक साधक भाषा(Contact Language or Interlink Language) कहा जा सकता हrsquo भारतएक बहभाषी दश ह और बहभाषा-भाषी दश म स पक भाषा का वशषमह व ह अनकता म एकता हमार अनपम पर परा रह ह वा तव म सा कितक स सारा भारत सदव एक ह रहा ह हमार इस वशाल

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दश म जहा अलग-अलग रा य म िभ न-िभ न भाषाए बोली जाती ह और जहालोग क र ित-र वाज खान-पान पहनाव और रहन-सहन तकम िभ नता हो वहा स पक भाषा ह एक ऐसी कड़ ह जो एक छोर सदसर छोर क लोग को जोड़न और उ ह एक दसर क समीप लान काकाम करती ह-

डॉ भोलानाथ न स पक भाषा क योग को तीन तर पर वभा जत कया ह एक तो वह भाषा जो एक रा य (जस महारा या असम) सदसर रा य (जस बगाल या असम) क राजक य प - यवहार म कामआए दसर वह भाषा जो क और रा य क बीच प - यवहार कामा यम हो और तीसर वह भाषा जसका योग एक दश का य दसर दश क य स अपन िनजी काम म कर आजाद क लड़ाई लड़त समय हमार यह कामना थी क वत रा क अपनी एकरा भाषा होगी जसस दश एकता क स म सदा क िलए जड़ा रहगामहा मा गाधी लोकमा य ितलक नताजी सभाषच बोस आ द सभीमहाप ष न एक मत स इसका समथ न कया य क ह द हमारसामा जक सा कितक धािम क आ दोलन क ह नह अ पत रा ीयचतना एव वाधीनता आ दोलन क अिभ य क भाषा भी रह हभारत म lsquo ह द rsquo बहत पहल स पक भाषा क प म रह ह औरइसीिलए यह बहत पहल स lsquoरा भाषाrsquo कहलाती ह य क ह द क साव दिशकता स पण भारत क सामा जक व प का ितफल हभारत क वशालता क अन प ह रा भाषा वकिसत हई ह जसस उ रद ण पव और प म कह भी होन वाल मल - चाह वह याग म कभहो अथवा अजमर शर फ क दरगाह हो या विभ न दश क हमार सा कितक एकता क आधार तभ तीथ थल ह - सभी थान परआदान- दान क भाषा क प म ह द का ह अिधकतर योग होता हइस कार इन सा कितक पर पराओ स ह द ह साव दिशक भाषा क प म लोक य ह वशषकर द ण और उ र क सा कितक स ब ध क ढ़ खला क प म ह द ह सश भाषा बनी ह द का

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व तत ह स पक भाषा ह द का आयाम जनभाषा ह द सबस यापक और लोक य ह जसका सार ीय तथा रा ीय तर सबढ़कर भारतीय उपमहा प तक ह िश त अध िश त अिश त तीन वग क लोग पर पर बातचीत आ द क िलए और इस कार मौ खकमा यम म जनभाषा ह द का यवहार करत ह भारत क िल व ाकाल वज आव वाइडर क यिनकशन पन इ डयन ल वज अ तर ादिशकभाषा लोकभाषा भारत- यापी भाषा अ खल भारतीय भाषा- य नामlsquoजनभाषाrsquo ह द क िलए य होत ह हमार दश क बहभा षकता क ढाच म ह द क विभ न भौगोिलक औरसामा जक क अित र भाषा- यवहार क म भी स पक िस का ऐसा काय िन पा दत कर रह ह जसका न कवल कोई वक पनह अ पत जो ह द क व वध भिमकाओ को सम ता क साथिन पत करन म भी समथ ह ह द न पछल हजार वष म वचार- विनमय का जो उ रदािय विनभाया ह वह एक अनठा उदाहरण ह कछ लोग क यह धारणा ह क ह द पहल lsquoरा भाषाrsquo कहलाती थी बाद म इस lsquoस पक भाषाrsquo कहाजान लगा और अब इस lsquoराजभाषाrsquo बना दन स इसका सीिमत होगया ह व तत यह उनका म ह जसा क पहल उ लख कया जाचका ह क ह द स दय स स पक भाषा और रा भाषा एक साथ रह हऔर आज भी ह भारत क स वधान सभा ारा 14 िसत बर 1949 कोइस राजभाषा क प म वीकार कर लन स उसक योग का और व तत हआ ह जस बगला तिमल तलग क नड़ मलयालम आ द को मश बगाल तिमलनाड कना टक करल आ द क राजभाषा बनाया गयाह ऐसा होन स या उन भाषाओ का मह व कम हो गया ह िन यह नह ब क इसस उन सभी भाषाओ का उ रदािय व और योग पहल स अिधक बढ़ गया ह जहा पहल कवल पर पर बोलचाल म कामआती थी या उसम सा ह य क रचना होती थी वह अब शासिनककाय भी हो रह ह यह थित ह द क भी ह इस कार ह द

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स पक और रा भाषा तो ह ह राजभाषा बनाकर इस अित र स मान दान कया गया ह इस सग म डॉ सरश कमार का कथन बहत ह ासिगक ह lsquo ह द को कवल स पक भाषा क प म दखना भलहोगी ह द आधिनक भारतीय भाषाओ क उ व काल स म यदश किनवािसय क सामा जक स परषण तथा सा ह यक-सा कितक अिभ य क भाषा रह ह और अब भी ह भाषा-स पक क बदली हईप र थितय म (जो पहल फ़ारसी-तक -अरबी तथा बाद म म य प सअ जी क साथ स पक क फल व प वकिसत हई) तथा वत भारतीयगणरा य म सभी भारतीय भाषाओ को अपन-अपन भौगोिलक म यावसाियक और सा कितक यवहार क अिभ य क िलए योग म लान क िनण य क बाद ह द का स पक भाषा काय गण औरप रमाण क स इतना वकिसत हो गया ह क उसक स ब ध म िच तन तथा अनवत काय एक स ा तक और यावहा रक आव यकताबन गए ह rsquo वा तव म भाषा स पक क थित ह कसी स पक भाषाक उ व और वकास को रत करती ह या एक स ित त भाषा कस पक काय को सप करती ह ह द क साथ दोन थितय कास ब ध ह आ त रक तर पर ह द अपनी बोिलय क यवहारकता ओक बीच स पक क थापना करती रह ह और अब भी कर रह ह तथाबा तर पर वह अ य भारतीय भाषा भाषी समदाय क म य एकमा स पक भाषा क प म उभर आई ह जसक अब व वध आयाम वकिसत हो चक ह कल िमलाकर ह द का वत मान गौरवपण हउसक भिमका आज भी सामा य-जन को जोड़न म सभी भाषाओ क अप ा सबस अिधक कारगर ह

( या पोकल) हद अनवादक बलापर

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वदश म हद क चार- सार क थितसतोष ह करना हो तो यह बात कम नह क ह द व क तीस सअिधक दश म पढ़ -पढ़ाई जाती ह लगभग 100 व व ालय म उसकिलए अ यापन क खल हए ह अकल अमर का म लगभग 20 क म उसक अ ययन अ यापन क यव था ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड जस दश म भारत मल क िनवािसय क उ लखनीय स याहोन क कारण वहा ह द वतः स नह चा रत होता ह व क यक मख दश म हमार दतावास ह जनस राजनीितक सदभ क अित र यह भी आशा क जाती ह क व ह द क चार सार क ओर भी यान द ग और अपन भारत क सामा जक स कित और भारत क रा भाषा ह द का ितिनिध समझ ग पर य द यह िच उतना ह सचहोता जतना रगीन लग रहा ह तो सतोष करन म कोई बराई न थी वदश म ह द क मह व चार एव सार क थित न सब जगहएक सी ह न ऐसा होना सभव ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड म ह द क िलए वहा क जनता क एक बड़ भाग म जो आदर और म हवह यरोप या अम रका क दश म कस िमल सकता हघ इसिलए वदश म ह द क थित चार सार क सम याओ क भी व वध प हउनक समाधान भी व वध प म खोजन ह ग वदश म ह द क थित चार तथा सार को लकर दो िभ न य स वचार करनाहोगा एक ह जो सरकार त स जड़ ह दसर ह जसका सबधजन जीवन म ह पहल सरकार त क स वदश म ह द क थित का जायजा िलया जाएपहल अपन सरकार त क स जहा तक त यगत थित ह हमारदतावास स च अथ म न तो भारत क सामािसक स कित क सवाहकबन पाए ह नह भारत क रा भाषा क ितिनिध उनक िलएअिधका रय का जो चनाव होता ह उसम भी इस को अिनवाय तः क म नह रखा जाता घर म ह जब ह द का मामला राजनीित क पचड़म उलझ गया हो तो हमार दतावास पर उसक छाया न हो यह हो भी

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कस सकता हघ सामा यतः उन दश म जहा क भारतवशीय लोग क स या अ छ ख़ासी ह और वहा ह द और भारतीय स कित क िलएललक भरा अनराग ह ऐस ह ितिनिधय और अिधका रय का चयनहोता रहा हजो भारतीय स कित और ह द क अनयायी ह उदाहरण किलए मॉ रशस म डॉ भगवतशरण उपा याय जस लोग को भजा जानाइसी कोण का प रचायक था कत यरोपीय अमर का तथा अरब दश क िलए ितिनिध भजन हए इन बात क ओर यान रखना अप तनह माना जाता रहा प रणाम यह रहा ह क इन म हमार दतावासप मी रग म रग ह द का नाम भी यदा कदा ासिगक प म लतहए ह द क चार सार स सव था िनःसग रह ह कह कोई अपवादभल िमल जाए अतः इस को ट क दतावास म सामा यतः ह द क ित ा या चार सार का वा त वक प उभर ह नह पाया हो हा सजस कितपय सा वाद दश म भारत स उसक अपनी भाषा को अ जीस वर यता दए जान क अप ा क गइ तो वहा क हमार दतावास नअव य इस ओर जाग क रहन क आव यकता समझी बात अब फरिशिथल पड़ गई ह और अिधकाशतः काय यापार अ जी क मा यम सह होता ह ह द क मा यम स नह कह कह ह द क अनवाद साथम लगाए जा रह ह पर सीिमत प म ह

हमार दतावास जन दश म ह उनक सरकार क साथकाय - यवहार म ह द का उपयोग कर - यह थित क पना स काफ़ दरक ह ायः यह थित ह क हमार दश स जान वाल भारतीय लोग को अपन दतावास स सपक करन क िलए अ जी का ह उपयोग करनापड़ता ह इन लोग म भी ऐस लोग क स या भी अिधक नह होतीजो ह द म काम लन म गौरव अनभव करत ह पर कछ लोग ऐस भीहोत ह ज ह अ जी अ छ तरह नह आती व अपन दतावास स य द ह द क मा यम स सपक सहायता चाह तो उ ह क ठनाई ह होती हअब इस पहल पर वचार कया जाए क वदश क व वध सरकार क ओर स ह द क ित कसा रवया ह और कन सदभ म ह द क या

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थित ह जहा तक सरकार का भारतीय दतावास या भारत क साथसीध सपक म ह द क योग क बात ह उ ह इस बात क अिनवाय आव यकता तीत ह नह होती उनका काम अिधकाशतः ह द स नह अ जी स चलता ह जो दश अ जी भावी नह ह और अपनी भाषा परबल दत ह व म यतः अपनी भाषा का साथ म अ जी का यदा कदा ह द क अनवाद क साथ योग करत ह ह द अनवाद का योगबहत ह सीिमत मा ा म क हए नग य होता ह हा कछ मामल म ह द अनवाद साथ म लगान का ितबध ह उन सदभ म उस लगा दया जाता हभारत क वत होत ह बड़ बड़ दश न भी य अनभव कया था क व क इस बड़ भभाग स सपक करन क िलए उ ह ह द क आव यकता होगी भारतीय स वधान म यव था क गई थी क 15 वष म ह द अ जी का थान ल लगी अतः उ ह भी यह आभास हआ था क इस दश स िनकट सपक बनान क िलए उ ह ह द क ओर आनापड़गा फलतः विभ न मख दश क सरकार न अपन व व ालय म ह द क अ ययन अ यापन क यव था और स वधा क ओर यान दया अपन छा को छा व य दान कर ह द पढ़न क िलए भारतभी भजा यहा स भी अ यापक बलाए गए या यह िसलिसला कछ नकछ अब भी जार ह पर वह ललक नह रह उ ह साफ दखाई द रहाह क भारत म वह थित क पना स भी दर पीछ धकली जा चक ह जसम ह द एकमा दश क रा भाषा और सपक भाषा बनगी जबअ जी यहा थायी प स जमती दखाई द रह हो तो कोई रा अपनयवक क म और अपन पस को ह द क िलए या यय करगा सीधासवाल उपयोिगता का ह

पर सरकार सदभ स हटकर मह वपण एव वकिसत रा म ह द क उपयोिगता कछ अ य य स भी ह भारत क वत होन स पहलस ह अनक रा इस दश क स कित और स यता को समझना चाहतरह ह वत ता पव क कारण कछ और थ अब कछ और ह यह बाद

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दसर ह पर व क जनस या क एक बड़ भाग को समझन क कोिशश वकिसत रा न कर यह आज क सदभ म सव था असभव हआज क राजनीित सीध सरकार क बीच भी चलती ह सरकार औरजनता क बीच स भी चलती ह म सह सबध राजनीितक सबध किलए ह नह लड़न क िलए भी दसर दश क भाषा सीखन क आव यकता ह इसका उदाहरण ह द क सदभ म चीन का हभारत-चीन य क समय यह सामन आया था क चीन न अपन अनकसिनक को एक आव यक मा ा म ह द का िश ण दया हआ था तोअपन अपन वाथ अथ को यान म रखकर विभ न वकिसत रा अपन यहा ह द क पठन पाठन क यव था करत ह कछ भारत कोसमझन क िलए कछ भारत स उपयोगी सदभ क िलए कछ भारत स म क िलए

जन वदशी व व ालय म ह द अ ययन-अ यापन क यव थाए ह उनक आिथ क यव था भल ह उन दश क सरकार क ओर स होती हो पर अनकानक वदशी ह द व ान ह द और भारतीयस कित क अनराग म इतन रम गए ह क उ ह न अपनी जीवनचया कोह ह द क ित सम प त कर िलया ह उनम इतना स चा और गहरा ह द अनराग ह क य ह द का काम ह नह करत ब क जब जब ह द इस दश म बढ़ती ह उनम स नता होती ह जब जब ह द पीछधकली जाती ह उ ह पीड़ा होती ह ह द क इन अनरागी वदशी व ान क ित यह दश कत ह ऊपर क चिच त थित अरब रा म नह दखाई दती उनका झकाव आव यकता क मा ा क अन प उद क ओर हआ ह ह द क ओर नह पर इसका लाभ इस दश क उन लोग को भी बराबर िमलता ह जो इन रा म यापार नौकर या अ यसदभ स गए ह उद व पतः ह द स दर होकर भी बहत दर नह जापाती अतः िल खत प म चाह न सह बोलचाल क तर पर उसकालाभ ह द उद दोन क लोग को वहा समान प स िमलता ह तीसरवग म व दश आत ह जहा भारत क मल िनवासी बड़ स या म बस हएह जस मा रशस फजी सर नाम िनडाड आ द इन दश म ह द जो

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राजक य आ य सीिमत प म ह ा ह अपनी जनस या क आधारपर भारतीय जतना ितिनिध व अपन दश क सरकार म ल पात ह उसी अनपात म य ह द को उठान क बात कर पात ह अबराजनीितक जोड़ तोड़ म भारतविशय क यह श भी बखर जाती ह तो ह द को कसी ऊचाई तक उठा ल जाना वहा भी सभव नह ह सरकार त इन दश म नीच क तर पर ह द िश ा क यव था करता हउ च िश ा और राजक य योग क िलए ह द को हण कए जान काअभी सवाल ह पदा नह हआइस कार शासक य तर पर वदश म ह द क जो भी यव था ह उसका अिधकाश हर दश क अपनी अपनीनजर क उपयोिगता क कारण ह उसम भारत सरकार और भारतीयदतावास का योगदान बहत ह सीिमत ह हा मा रशस फजी आ द दश म भारतीय शासन और दतावास क ह द ो साहन वषयक योगदानको अव य यान रखना होगा

यहा इस बात का ववचन भी आव यक ह क शासक य मा यम स ह द क अ यापक और व ािथ य का जो आदान दान होता हउसक या थित ह घ विभ न दश कछ अ य अ यापक कछ व ािथ य अपन यय पर ह द िसखवान क िलए भारत भजत ह कछ व ाथ भारत क छातव य पर विनमय योजनाओ क भीतर भी आतह ऐस ह द अ यताओ का ह द िश ण अिधकाशतः िश ा क क य ह द स थान क मा यम स दया जाता ह कछ को कितपय व व ालय म आव टत कर दया जाता ह कछ दश कछ िन तअविध क िलए भारत स ह द अ यापक का चयन करक आम तकरत ह और अपन यहा ह द िश ण क यव था करात ह भज जानवाल ह द अ यापको क चयन क याए शासक य त स गजरतीहई ऐसी बन ग ह क जो लोग जात ह उनम मशनर प रटषबहत कम और वदश जान का चास पान क ललक अिधक काम करतीह सह मताओ क लाग का चयन आज वस ह क ठन हो गया हअब रह उन लोग क बात जो ह द सीखन भारत आत ह इनम स जो व व ालय स भज जात ह उनम सह िश ा इसिलए नह पहच पाती

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क व व ालय म ह द को आधिनक व ािनक णािलय स तीयभाषा क प म पढ़ान क प ितय का सह वकास नह हआ औरक य ह द स थान इसिलए सह उ रदािय व का वहन नह कर पाता क वह िश ण िश ण णाली क आभासी व ािनकता म उलझ गयाह पर जो भी ह यह एक मा यव थत स था ह जहा व ािनकप ित स वदिशय को भारत म ह द पढ़ान क यव था आयो जत हसब िमलकर शासक य सदभ क साथ जड़कर ह द क दशा वदश

म उतनी उ साहवध क नह उतनी सतोषजनक नह जतनी होनी चा हएभारत म सवधािनक और शासक य तर पर ह द क जो थित हउसम जो शिथ य ह या जो उ साह ह दोन क छाया वदश क शासक य त स वकिसत होन वाली ह द थित पर पड़नाअ वाभा वक नह हभारत म ह द बोलन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह इस

स उद भाषी लोग भी ह द व क प रिध म ह आत ह भारत म ह द चाह सरकार तर पर एकमा सपक भाषा न बन पाए पर उन सग पर जहा दश क विभ न ात म विभ न कार क वग क लोगजड़त ह वहा यह थित दखन को िमलती ह य द यह उ चवग य लोग का स मलन ह तो ायः अ जी सपक भाषा क प म काम करती ह व प सा योग ह द का चलता ह पर य द िमलन लोक जीवन सजड़ लोग का हआ तो ह द अपन आप सपक भाषा का प ल लती हभारत क कसी भी भाग म जाइए य द िमलन वाल लोग उ चवग य याउ चाभासीवग य नह ह तो एक भाषाभाषी स अ य भाषाभा षय किमलन क सपक भाषा ायः ह द िमलगी सिनक जीवन म रलया ाओ म तीथ थान म छा स मलन म ाकितक ऐितहिसकदश नीय थल म बाज़ार म आपको इस ह द व क मता औरउपयोिगता का पता चल सकगा यह थित िनरतर वकिसत हो रह हभारत म ह द बोलन वाल क ह द समझन वालो क और ह द को यावहा रक जीवन म उपयोग करन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह

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यह वकासशील थित ह द क िलए वदश स भी ह वदश म ह द का उपयोग म यतः भारतविशय क ारा होता ह इस स वदश को तीन वग म रखा जा सकता ह पहला वग वह जसम भारतीय फजी सर नाम िनडाड जस दश रख जा सकत ह जहाभारतवशीय लोग भार तादाद म बस रह ह व लोग कामकाज को लकरइन दश म गए थ इनम भारत क स कित और भारत क ह द सस चा अनराग ह उसस जड रहन क ललक ह य लोग जो ह द बोलतह योग म लात ह वह खड़ बोली ह द नह ह पर िलखाई पढ़ाई किलए व मानक ह द क ओर ह बढ़ रह ह दसर वग म व दश ह जहा क भाषा उद ह या जहा उद भाषी जनता

क पहच ह इन म य द भारतीय ह द भाषी िमलत ह तो जोभाषा सपक -भाषा क प म मा यम बनती ह उस ह द स िभ न नह कहा जा सकता अरब रा म भारत और पा क तान दोन ह दश ककाम धामी लोग गए ह इनक पार प रक सपक भाषा ायः ह द होतीह--

तीसर वग म यरोप अमर का आ द व वकिसत रा रख जा सकत ह जहा बहत बड़ स या म भारत क लोग बस भी गए ह और अ थायी प म जा भी रह ह इन लोग म य द कसी ात वशष या वशषक लोग पर पर िमलत ह तो अपनी ीय भाषा का योग करत ह परय द विभ न भारतीय भाषाभाषी िमलत ह तो सपक भाषा ायः ह द होती ह उदाहरण म तौर पर अमर का कनाडा म गजराती-भाषी काफ़ स या म बस ह य द गजराती लोग पर पर िमल ग तो आरिभक सपक अ जी म होन क बाद सपक और बातचीत क भाषा गजराती हो जाएगीपर य द गजराती और तिमल भाषी या गजराती और मलयालम भाषीिमल ग या एकािधक भारतीय भाषाओ क बोलन वाल िमल ग तो य गतसपक भाषा अिधकाशतः ह द बन जाएगी भारत म अगरजी ान व ान क भाषा क प म उतनी नह जतनी ित ाभास क भाषा क प म ित त ह यह थित वदश म भारतीय क पार प रक िमलन

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क समय भी कछ कछ उभर आती ह पर इस आभास स म िमलतह सपक भाषा ह द बनती ह यह बात भारत पा क तान क लोग कपार प रक िमलन पर होती ह ित ाभासी तर पर अ जी चलन कबाद आ मीय स मलन उस ह द म होता ह जो भारत और पा क तानक वा त वक बोली ह जसम स कत अरबी फारसी क असहज प म ठसी नह जाती सहज श दावली सहज प म बोली समझी जाती हभारत म उ च और उ चभासी वग क सपक भाषा अ जी ह जनक

स या 3 ितशत स अिधक नह ह लोक जीवन अपनी अपनी ातीय ीय भाषाओ म चलता ह वा त वक लोक सपक ह द क मा यम सचलता ह इसी कार वदश म भारत और पा क तान क िनवािसय कपार प रक िमलन सग म उ च और उ चाभासी वग क लोग किमलन पर अ जी चलती ह एक भाषी सपक म ीय भाषा एकािधकभाषी सपक म ह द कल िमलाकर 20 स अिधक अ जी का उपयोग यलोग नह करत ह द जानन वाल य को इस फली हई ह द क दिनया म अ जी न जानन पर भी कोई क ठनाई नह होती सकड़ लोग भारत स कसी भी दश क भाषा क बोलन वाल वकिसत दश म कह काम क िलए चल जा रह ह ह द उनक िलए मा यम का कामकर रह ह और व अपना काम कर रह ह ह द क इस दिनया क इस ह द व क जनस या कम नह

ह व म इस स ह द का थान तीसरा ह पर इडोनिशयाजावा समा ा तथा उन म लम बाह य दश म जहा उद बोली समझीजा सकती ह ह द क बोलन समझन म अिधक क ठनाई नह आतीइस स ह द व क म उद ह द का ह एक प बनती हऔर ह द व क थित अ जी क बाद आती ह उद का याकर णकढाचा उसक आधारभत श दावली और उसक महावर दानी ह द व क सीमा क बाहर क न थी न अभी हयह वशाल ह द व विभ न दश म फला हआ ह पर बखरा

पड़ा ह इसक श ीणा पड़ ह इस सजोना होगा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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जापान जापान क टो यो और ओसाका व व ालय म हद का छहवष य कोस ह इसक अलावा अ य व व ालय एव कॉलज म हद वक पक वषय क प म तीय एव ततीय भाषा क प म पढ़ाई जातीह सन 1992 क कर ब जापान का एक हद कॉलर काफ समय तकभारत म रहन क उपरात िशकागो गया और वहा पर हद का एक वहतप तकालय दखकर उस जापानी व ान न भारत म अपन एक िम ोफ़सर को प िलखा था क यहा क हद प तकालय को दखकर द ली व व ालय क प तकालय को शिम दा होना पड़गा तो ऐसी ह हमार रा भाषा हद कनाडा कनाडा क यिनविस ट आफ टश कोल बया म हद का 2 वष का पा य म ह मॉ यल व व ालय म ारिभक तर पर औरअटावा शहर म बन मकल हद हाई कल म 1971 स सभी क ाओ म और टोरटो शहर क कछ कल म भी हद पढ़ाई जाती हसय रा य अम रका सय रा य अम रका क 30 व व ालय म उ च इटरमी डएट एव ारिभक तर पर एक वषय क प म पढ़ाईजाती ह सय रा य अम रका म यन व व ालय म 1815 स ह ह द क यव था ह 1875 म कलाग न ह द भाषा का याकरणतयार कया थाअमर का स ह द जगत कािशत होती ह किलफोिन याकोल बया व कॉ सन पनिसलविनया वज िनया ट सास वािशगटनऔर िशकागो आ द व व ालय म हद का भाषा क त अ यन होताहनाव नाव क ओसलो व व ालय म मा टर ड ी क िलए हद कापठन-पाठन कया जाता ह तथा कछ अ य शहर म भी ाथिमक तरक कल म हद पढ़ाई जाती ह वीडन क काटहोम व व ालय म हद का आधारभत पा य म पढ़ाया जाता ह उ पसला व व ालय म हद पढ़ाई जाती हद ण अ का द ण अ का क यिनविस ट आफ डरबन म [डरबनशहर] म नातक और नातको र ड ी क िलए ह द पठान क

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यव था ह 50 व ालय म रा भाषा चार सिमित वधा क पर ाओक िलए हद पढ़ाई जाती हजम नी जम नी क ह बो ट व व ालय बिल न थत व व ालयबिल न थत ह लीप जग व व ालय मा ट नलथर व व ालय बान व व ालय हाईडलबग व व ालय और ह बग व व ालय म िनयिमत प स हद पढ़ाई जाती ह यहा क अ य कई व व ालय म भी हद पढ़ाई जाती ह

स स म मा को थत lsquorsquo ा य अ ययन स थानrsquorsquo और पतरबग थत lsquorsquo ा य भाषा स थानrsquorsquo म 1920 स हद पढ़ाई जा रह ह ला दवो तोक टट यिनविस ट म भी हद पढ़ाई जाती ह

व ज़रल ड व ज़रल ड म लवसान और य रख क व व ालय म हद क ारिभक पा य म पढ़ाय जात ह

ऑ िलया ऑ िलया क कनबरा थत व व ालय म नातक तरपर ऐ छक वषय क प म हद का अ ययन होता ह ला ोव मोनाशतथा वीसल ड क व ापीठ म भी हद पढ़ाई जाती ह अ य दशो जसडनमाक पोल ड चक गणरा य हगर द ण को रया म सको यबाब जयम ऑ या फनल ड रोमािनया ोिशयागणरा य मगोिलयाउ ब क तान तजा क तान तक थाईल ड र यिनयम अज ट ना सऊद अर बया ओमान बहर न मलिशया ताइवान िसगापर क या कवतइराक ईरान तजािनया जा बया बहर न बो सवाना और इडोनिशया क कल म हद का अ यापन होता हदश पा क तान क कराची लाहौर व व ालय तथा इ लामाबाद क कल ऑफ मॉडन ल वजस म स ट फकट और ड लोमा तर पर हद पढ़ाई जाती ह ीलका म ड ी कोस तक हद पढ़ाई जाती ह हमारपड़ोसी नपाल क भवन व व ालय म नातको र और पीएचड तकक हद स वधा ह बा लादश म हद का 4 वष य कोस ह भटान क 8 कल तथा बमा क म दर धम शालाओ व गर सरकार कल म हद

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पढ़ाई जाती ह तो यह ह हमार पड़ोसी दश म हद क थित कछऐस भी दश ह जहा बड़ स या म भारतीय रहत ह और वहा भाषा कसाथ साथ भारतीय स कत को भी आग बढ़ा रह ह वहा हद म प प काए भी िनकलती ह जस मार शस फजी सर नाम गयाना िनदाद और टोबगो हद का भ व य उ वल ह अगर हद क वकास म कोई बाधा ह तो वय हम भारतीय जो अ जी का मोह नह छोड़ पात हम वय हद क उप ा करत ह हमार घर म हमार ह मा उप त ह और दसर क मा अ जी को हम मा-मा कहकर िच लात ह जो हम मौसी जसा भीभाव नह दती कसी व ान न कहा था कndash lsquoअगर कसी को गलामबनाना ह तो पहल उसक भाषा व स कित को न कर दोrsquo वह खदगलाम हो जाएगा वह अ ज न कया हमार भाषा व स कत को वकत कर दया वह जात-जात अपना काम कर चक थ अ जी अपनापर पसार चक थी और आज अ जी क या थित ह सब जानत ह सबस यादा अ वासी भारतीय का हद क वकास म योगदान ह हमारदश म म यवग य प रवार क लोग अपन ब च को अ जी मा यम सपढ़ात ह हद मा यम स पढ़ान म खद को ह न महसस करत ह इसम भारत सरकार क कमजोर ह हर सरकार काया लय म यादातर काय अ जी म ह कए जात ह जहा भी नौकर क िलए जाइय पहला सवालयह होता ह- अ जी आती ह क नह अगर नह तो समझो नौकर नह िमलगी इसिलए हद वाल क मन म ह न भावना घर कर गईआज हर गर ब-अमीर आदमी अपन ब च को का व ट कल म भजनाचाहता ह यह कारण ह क आजाद क 70 साल बाद भी हद रा भाषानह बन पाई इस मामल म हम चीन स सबक लन क ज रत ह जोअपनीरा भाषा क ित क टब ह अ ज न जस अ जी को अतरा ीयभाषा बनाया उसी तरह अगर हम हद का योग खलकर हर जगह कर पढ़-पढ़ाए हद क ित समप ण रणा ल और द फर वह दन दरनह जब दिनया वाल हद क पीछ भाग ग और हद एक था पतअतरा ीय भाषा होगी ज रत ह तो अपनी रा भाषा क ित ढ़िन यी

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होना म होना ह द को लकर िनराश नह होना और उ साह होना

(द पक ताबोसकर)किन अिभयता

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सपक भाषा क प म हद भाषा क सामा य प रभाषा म यह कहा जा चका ह क lsquoभाषा मन य क वचार- विनमय और भाव क अिभ य का साधन हrsquo स पक भाषाका आशय जनभाषा ह कसी का सामा य य चिलत शली म जो भाषा बोलता ह वह जनभाषा ह दसर श द म वशष क सपक भाषा ह जनभाषा ह इसिलए ज र नह क जनभाषा श सा ह यक प वाली ह हो या वह याकरण क िनयम स बधी होस पक भाषा या जनभाषा वह भाषा होती ह जो कसी दश या दशक ऐस लोग क बीच पार प रक वचार- विनमय क मा यम का कामकर जो एक दसर क भाषा नह जानत दसर श द म विभ नभाषा-भाषी वग क बीच स परषण क िलए जस भाषा का योग कयाजाता ह वह स पक भाषा कहलाती ह इस कार lsquoस पक भाषाrsquo क सामा य प रभाषा होगी lsquoएक भाषा-भाषी जस भाषा क मा यम स कसी दसर भाषा क बोलन वाल क साथ स पक था पत कर सक उसस पक भाषा या जनभाषा (Link Language) कहत ह rsquo बकौल डॉपरनचद टडन lsquoस पक भाषा स ता पय उस भाषा स ह जो समाज क विभ न वग या िनवािसय क बीच स पक क काम आती ह इस स िभ न-िभ न बोली बोलन वाल अनक वग क बीच ह द एक स पक भाषा ह और अ य कई भारतीय म िभ न-िभ न भाषाए बोलन वाल क बीच भी स पक भाषा हrsquo डॉ मह िसह राणा न स पक भाषा कोइन श द म प रभा षत कया ह lsquoपर पर अबोधग य भाषा या भाषाओक उप थित क कारण जस स वधाजनक विश भाषा क मा यम सदो य दो रा य कोई रा य और क तथा दो दश स पक था पतकर पात ह उस भाषा वशष को स पक भाषा या स पक साधक भाषा(Contact Language or Interlink Language) कहा जा सकता हrsquo भारतएक बहभाषी दश ह और बहभाषा-भाषी दश म स पक भाषा का वशषमह व ह अनकता म एकता हमार अनपम पर परा रह ह वा तव म सा कितक स सारा भारत सदव एक ह रहा ह हमार इस वशाल

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दश म जहा अलग-अलग रा य म िभ न-िभ न भाषाए बोली जाती ह और जहालोग क र ित-र वाज खान-पान पहनाव और रहन-सहन तकम िभ नता हो वहा स पक भाषा ह एक ऐसी कड़ ह जो एक छोर सदसर छोर क लोग को जोड़न और उ ह एक दसर क समीप लान काकाम करती ह-

डॉ भोलानाथ न स पक भाषा क योग को तीन तर पर वभा जत कया ह एक तो वह भाषा जो एक रा य (जस महारा या असम) सदसर रा य (जस बगाल या असम) क राजक य प - यवहार म कामआए दसर वह भाषा जो क और रा य क बीच प - यवहार कामा यम हो और तीसर वह भाषा जसका योग एक दश का य दसर दश क य स अपन िनजी काम म कर आजाद क लड़ाई लड़त समय हमार यह कामना थी क वत रा क अपनी एकरा भाषा होगी जसस दश एकता क स म सदा क िलए जड़ा रहगामहा मा गाधी लोकमा य ितलक नताजी सभाषच बोस आ द सभीमहाप ष न एक मत स इसका समथ न कया य क ह द हमारसामा जक सा कितक धािम क आ दोलन क ह नह अ पत रा ीयचतना एव वाधीनता आ दोलन क अिभ य क भाषा भी रह हभारत म lsquo ह द rsquo बहत पहल स पक भाषा क प म रह ह औरइसीिलए यह बहत पहल स lsquoरा भाषाrsquo कहलाती ह य क ह द क साव दिशकता स पण भारत क सामा जक व प का ितफल हभारत क वशालता क अन प ह रा भाषा वकिसत हई ह जसस उ रद ण पव और प म कह भी होन वाल मल - चाह वह याग म कभहो अथवा अजमर शर फ क दरगाह हो या विभ न दश क हमार सा कितक एकता क आधार तभ तीथ थल ह - सभी थान परआदान- दान क भाषा क प म ह द का ह अिधकतर योग होता हइस कार इन सा कितक पर पराओ स ह द ह साव दिशक भाषा क प म लोक य ह वशषकर द ण और उ र क सा कितक स ब ध क ढ़ खला क प म ह द ह सश भाषा बनी ह द का

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व तत ह स पक भाषा ह द का आयाम जनभाषा ह द सबस यापक और लोक य ह जसका सार ीय तथा रा ीय तर सबढ़कर भारतीय उपमहा प तक ह िश त अध िश त अिश त तीन वग क लोग पर पर बातचीत आ द क िलए और इस कार मौ खकमा यम म जनभाषा ह द का यवहार करत ह भारत क िल व ाकाल वज आव वाइडर क यिनकशन पन इ डयन ल वज अ तर ादिशकभाषा लोकभाषा भारत- यापी भाषा अ खल भारतीय भाषा- य नामlsquoजनभाषाrsquo ह द क िलए य होत ह हमार दश क बहभा षकता क ढाच म ह द क विभ न भौगोिलक औरसामा जक क अित र भाषा- यवहार क म भी स पक िस का ऐसा काय िन पा दत कर रह ह जसका न कवल कोई वक पनह अ पत जो ह द क व वध भिमकाओ को सम ता क साथिन पत करन म भी समथ ह ह द न पछल हजार वष म वचार- विनमय का जो उ रदािय विनभाया ह वह एक अनठा उदाहरण ह कछ लोग क यह धारणा ह क ह द पहल lsquoरा भाषाrsquo कहलाती थी बाद म इस lsquoस पक भाषाrsquo कहाजान लगा और अब इस lsquoराजभाषाrsquo बना दन स इसका सीिमत होगया ह व तत यह उनका म ह जसा क पहल उ लख कया जाचका ह क ह द स दय स स पक भाषा और रा भाषा एक साथ रह हऔर आज भी ह भारत क स वधान सभा ारा 14 िसत बर 1949 कोइस राजभाषा क प म वीकार कर लन स उसक योग का और व तत हआ ह जस बगला तिमल तलग क नड़ मलयालम आ द को मश बगाल तिमलनाड कना टक करल आ द क राजभाषा बनाया गयाह ऐसा होन स या उन भाषाओ का मह व कम हो गया ह िन यह नह ब क इसस उन सभी भाषाओ का उ रदािय व और योग पहल स अिधक बढ़ गया ह जहा पहल कवल पर पर बोलचाल म कामआती थी या उसम सा ह य क रचना होती थी वह अब शासिनककाय भी हो रह ह यह थित ह द क भी ह इस कार ह द

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स पक और रा भाषा तो ह ह राजभाषा बनाकर इस अित र स मान दान कया गया ह इस सग म डॉ सरश कमार का कथन बहत ह ासिगक ह lsquo ह द को कवल स पक भाषा क प म दखना भलहोगी ह द आधिनक भारतीय भाषाओ क उ व काल स म यदश किनवािसय क सामा जक स परषण तथा सा ह यक-सा कितक अिभ य क भाषा रह ह और अब भी ह भाषा-स पक क बदली हईप र थितय म (जो पहल फ़ारसी-तक -अरबी तथा बाद म म य प सअ जी क साथ स पक क फल व प वकिसत हई) तथा वत भारतीयगणरा य म सभी भारतीय भाषाओ को अपन-अपन भौगोिलक म यावसाियक और सा कितक यवहार क अिभ य क िलए योग म लान क िनण य क बाद ह द का स पक भाषा काय गण औरप रमाण क स इतना वकिसत हो गया ह क उसक स ब ध म िच तन तथा अनवत काय एक स ा तक और यावहा रक आव यकताबन गए ह rsquo वा तव म भाषा स पक क थित ह कसी स पक भाषाक उ व और वकास को रत करती ह या एक स ित त भाषा कस पक काय को सप करती ह ह द क साथ दोन थितय कास ब ध ह आ त रक तर पर ह द अपनी बोिलय क यवहारकता ओक बीच स पक क थापना करती रह ह और अब भी कर रह ह तथाबा तर पर वह अ य भारतीय भाषा भाषी समदाय क म य एकमा स पक भाषा क प म उभर आई ह जसक अब व वध आयाम वकिसत हो चक ह कल िमलाकर ह द का वत मान गौरवपण हउसक भिमका आज भी सामा य-जन को जोड़न म सभी भाषाओ क अप ा सबस अिधक कारगर ह

( या पोकल) हद अनवादक बलापर

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वदश म हद क चार- सार क थितसतोष ह करना हो तो यह बात कम नह क ह द व क तीस सअिधक दश म पढ़ -पढ़ाई जाती ह लगभग 100 व व ालय म उसकिलए अ यापन क खल हए ह अकल अमर का म लगभग 20 क म उसक अ ययन अ यापन क यव था ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड जस दश म भारत मल क िनवािसय क उ लखनीय स याहोन क कारण वहा ह द वतः स नह चा रत होता ह व क यक मख दश म हमार दतावास ह जनस राजनीितक सदभ क अित र यह भी आशा क जाती ह क व ह द क चार सार क ओर भी यान द ग और अपन भारत क सामा जक स कित और भारत क रा भाषा ह द का ितिनिध समझ ग पर य द यह िच उतना ह सचहोता जतना रगीन लग रहा ह तो सतोष करन म कोई बराई न थी वदश म ह द क मह व चार एव सार क थित न सब जगहएक सी ह न ऐसा होना सभव ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड म ह द क िलए वहा क जनता क एक बड़ भाग म जो आदर और म हवह यरोप या अम रका क दश म कस िमल सकता हघ इसिलए वदश म ह द क थित चार सार क सम याओ क भी व वध प हउनक समाधान भी व वध प म खोजन ह ग वदश म ह द क थित चार तथा सार को लकर दो िभ न य स वचार करनाहोगा एक ह जो सरकार त स जड़ ह दसर ह जसका सबधजन जीवन म ह पहल सरकार त क स वदश म ह द क थित का जायजा िलया जाएपहल अपन सरकार त क स जहा तक त यगत थित ह हमारदतावास स च अथ म न तो भारत क सामािसक स कित क सवाहकबन पाए ह नह भारत क रा भाषा क ितिनिध उनक िलएअिधका रय का जो चनाव होता ह उसम भी इस को अिनवाय तः क म नह रखा जाता घर म ह जब ह द का मामला राजनीित क पचड़म उलझ गया हो तो हमार दतावास पर उसक छाया न हो यह हो भी

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कस सकता हघ सामा यतः उन दश म जहा क भारतवशीय लोग क स या अ छ ख़ासी ह और वहा ह द और भारतीय स कित क िलएललक भरा अनराग ह ऐस ह ितिनिधय और अिधका रय का चयनहोता रहा हजो भारतीय स कित और ह द क अनयायी ह उदाहरण किलए मॉ रशस म डॉ भगवतशरण उपा याय जस लोग को भजा जानाइसी कोण का प रचायक था कत यरोपीय अमर का तथा अरब दश क िलए ितिनिध भजन हए इन बात क ओर यान रखना अप तनह माना जाता रहा प रणाम यह रहा ह क इन म हमार दतावासप मी रग म रग ह द का नाम भी यदा कदा ासिगक प म लतहए ह द क चार सार स सव था िनःसग रह ह कह कोई अपवादभल िमल जाए अतः इस को ट क दतावास म सामा यतः ह द क ित ा या चार सार का वा त वक प उभर ह नह पाया हो हा सजस कितपय सा वाद दश म भारत स उसक अपनी भाषा को अ जीस वर यता दए जान क अप ा क गइ तो वहा क हमार दतावास नअव य इस ओर जाग क रहन क आव यकता समझी बात अब फरिशिथल पड़ गई ह और अिधकाशतः काय यापार अ जी क मा यम सह होता ह ह द क मा यम स नह कह कह ह द क अनवाद साथम लगाए जा रह ह पर सीिमत प म ह

हमार दतावास जन दश म ह उनक सरकार क साथकाय - यवहार म ह द का उपयोग कर - यह थित क पना स काफ़ दरक ह ायः यह थित ह क हमार दश स जान वाल भारतीय लोग को अपन दतावास स सपक करन क िलए अ जी का ह उपयोग करनापड़ता ह इन लोग म भी ऐस लोग क स या भी अिधक नह होतीजो ह द म काम लन म गौरव अनभव करत ह पर कछ लोग ऐस भीहोत ह ज ह अ जी अ छ तरह नह आती व अपन दतावास स य द ह द क मा यम स सपक सहायता चाह तो उ ह क ठनाई ह होती हअब इस पहल पर वचार कया जाए क वदश क व वध सरकार क ओर स ह द क ित कसा रवया ह और कन सदभ म ह द क या

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थित ह जहा तक सरकार का भारतीय दतावास या भारत क साथसीध सपक म ह द क योग क बात ह उ ह इस बात क अिनवाय आव यकता तीत ह नह होती उनका काम अिधकाशतः ह द स नह अ जी स चलता ह जो दश अ जी भावी नह ह और अपनी भाषा परबल दत ह व म यतः अपनी भाषा का साथ म अ जी का यदा कदा ह द क अनवाद क साथ योग करत ह ह द अनवाद का योगबहत ह सीिमत मा ा म क हए नग य होता ह हा कछ मामल म ह द अनवाद साथ म लगान का ितबध ह उन सदभ म उस लगा दया जाता हभारत क वत होत ह बड़ बड़ दश न भी य अनभव कया था क व क इस बड़ भभाग स सपक करन क िलए उ ह ह द क आव यकता होगी भारतीय स वधान म यव था क गई थी क 15 वष म ह द अ जी का थान ल लगी अतः उ ह भी यह आभास हआ था क इस दश स िनकट सपक बनान क िलए उ ह ह द क ओर आनापड़गा फलतः विभ न मख दश क सरकार न अपन व व ालय म ह द क अ ययन अ यापन क यव था और स वधा क ओर यान दया अपन छा को छा व य दान कर ह द पढ़न क िलए भारतभी भजा यहा स भी अ यापक बलाए गए या यह िसलिसला कछ नकछ अब भी जार ह पर वह ललक नह रह उ ह साफ दखाई द रहाह क भारत म वह थित क पना स भी दर पीछ धकली जा चक ह जसम ह द एकमा दश क रा भाषा और सपक भाषा बनगी जबअ जी यहा थायी प स जमती दखाई द रह हो तो कोई रा अपनयवक क म और अपन पस को ह द क िलए या यय करगा सीधासवाल उपयोिगता का ह

पर सरकार सदभ स हटकर मह वपण एव वकिसत रा म ह द क उपयोिगता कछ अ य य स भी ह भारत क वत होन स पहलस ह अनक रा इस दश क स कित और स यता को समझना चाहतरह ह वत ता पव क कारण कछ और थ अब कछ और ह यह बाद

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दसर ह पर व क जनस या क एक बड़ भाग को समझन क कोिशश वकिसत रा न कर यह आज क सदभ म सव था असभव हआज क राजनीित सीध सरकार क बीच भी चलती ह सरकार औरजनता क बीच स भी चलती ह म सह सबध राजनीितक सबध किलए ह नह लड़न क िलए भी दसर दश क भाषा सीखन क आव यकता ह इसका उदाहरण ह द क सदभ म चीन का हभारत-चीन य क समय यह सामन आया था क चीन न अपन अनकसिनक को एक आव यक मा ा म ह द का िश ण दया हआ था तोअपन अपन वाथ अथ को यान म रखकर विभ न वकिसत रा अपन यहा ह द क पठन पाठन क यव था करत ह कछ भारत कोसमझन क िलए कछ भारत स उपयोगी सदभ क िलए कछ भारत स म क िलए

जन वदशी व व ालय म ह द अ ययन-अ यापन क यव थाए ह उनक आिथ क यव था भल ह उन दश क सरकार क ओर स होती हो पर अनकानक वदशी ह द व ान ह द और भारतीयस कित क अनराग म इतन रम गए ह क उ ह न अपनी जीवनचया कोह ह द क ित सम प त कर िलया ह उनम इतना स चा और गहरा ह द अनराग ह क य ह द का काम ह नह करत ब क जब जब ह द इस दश म बढ़ती ह उनम स नता होती ह जब जब ह द पीछधकली जाती ह उ ह पीड़ा होती ह ह द क इन अनरागी वदशी व ान क ित यह दश कत ह ऊपर क चिच त थित अरब रा म नह दखाई दती उनका झकाव आव यकता क मा ा क अन प उद क ओर हआ ह ह द क ओर नह पर इसका लाभ इस दश क उन लोग को भी बराबर िमलता ह जो इन रा म यापार नौकर या अ यसदभ स गए ह उद व पतः ह द स दर होकर भी बहत दर नह जापाती अतः िल खत प म चाह न सह बोलचाल क तर पर उसकालाभ ह द उद दोन क लोग को वहा समान प स िमलता ह तीसरवग म व दश आत ह जहा भारत क मल िनवासी बड़ स या म बस हएह जस मा रशस फजी सर नाम िनडाड आ द इन दश म ह द जो

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राजक य आ य सीिमत प म ह ा ह अपनी जनस या क आधारपर भारतीय जतना ितिनिध व अपन दश क सरकार म ल पात ह उसी अनपात म य ह द को उठान क बात कर पात ह अबराजनीितक जोड़ तोड़ म भारतविशय क यह श भी बखर जाती ह तो ह द को कसी ऊचाई तक उठा ल जाना वहा भी सभव नह ह सरकार त इन दश म नीच क तर पर ह द िश ा क यव था करता हउ च िश ा और राजक य योग क िलए ह द को हण कए जान काअभी सवाल ह पदा नह हआइस कार शासक य तर पर वदश म ह द क जो भी यव था ह उसका अिधकाश हर दश क अपनी अपनीनजर क उपयोिगता क कारण ह उसम भारत सरकार और भारतीयदतावास का योगदान बहत ह सीिमत ह हा मा रशस फजी आ द दश म भारतीय शासन और दतावास क ह द ो साहन वषयक योगदानको अव य यान रखना होगा

यहा इस बात का ववचन भी आव यक ह क शासक य मा यम स ह द क अ यापक और व ािथ य का जो आदान दान होता हउसक या थित ह घ विभ न दश कछ अ य अ यापक कछ व ािथ य अपन यय पर ह द िसखवान क िलए भारत भजत ह कछ व ाथ भारत क छातव य पर विनमय योजनाओ क भीतर भी आतह ऐस ह द अ यताओ का ह द िश ण अिधकाशतः िश ा क क य ह द स थान क मा यम स दया जाता ह कछ को कितपय व व ालय म आव टत कर दया जाता ह कछ दश कछ िन तअविध क िलए भारत स ह द अ यापक का चयन करक आम तकरत ह और अपन यहा ह द िश ण क यव था करात ह भज जानवाल ह द अ यापको क चयन क याए शासक य त स गजरतीहई ऐसी बन ग ह क जो लोग जात ह उनम मशनर प रटषबहत कम और वदश जान का चास पान क ललक अिधक काम करतीह सह मताओ क लाग का चयन आज वस ह क ठन हो गया हअब रह उन लोग क बात जो ह द सीखन भारत आत ह इनम स जो व व ालय स भज जात ह उनम सह िश ा इसिलए नह पहच पाती

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क व व ालय म ह द को आधिनक व ािनक णािलय स तीयभाषा क प म पढ़ान क प ितय का सह वकास नह हआ औरक य ह द स थान इसिलए सह उ रदािय व का वहन नह कर पाता क वह िश ण िश ण णाली क आभासी व ािनकता म उलझ गयाह पर जो भी ह यह एक मा यव थत स था ह जहा व ािनकप ित स वदिशय को भारत म ह द पढ़ान क यव था आयो जत हसब िमलकर शासक य सदभ क साथ जड़कर ह द क दशा वदश

म उतनी उ साहवध क नह उतनी सतोषजनक नह जतनी होनी चा हएभारत म सवधािनक और शासक य तर पर ह द क जो थित हउसम जो शिथ य ह या जो उ साह ह दोन क छाया वदश क शासक य त स वकिसत होन वाली ह द थित पर पड़नाअ वाभा वक नह हभारत म ह द बोलन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह इस

स उद भाषी लोग भी ह द व क प रिध म ह आत ह भारत म ह द चाह सरकार तर पर एकमा सपक भाषा न बन पाए पर उन सग पर जहा दश क विभ न ात म विभ न कार क वग क लोगजड़त ह वहा यह थित दखन को िमलती ह य द यह उ चवग य लोग का स मलन ह तो ायः अ जी सपक भाषा क प म काम करती ह व प सा योग ह द का चलता ह पर य द िमलन लोक जीवन सजड़ लोग का हआ तो ह द अपन आप सपक भाषा का प ल लती हभारत क कसी भी भाग म जाइए य द िमलन वाल लोग उ चवग य याउ चाभासीवग य नह ह तो एक भाषाभाषी स अ य भाषाभा षय किमलन क सपक भाषा ायः ह द िमलगी सिनक जीवन म रलया ाओ म तीथ थान म छा स मलन म ाकितक ऐितहिसकदश नीय थल म बाज़ार म आपको इस ह द व क मता औरउपयोिगता का पता चल सकगा यह थित िनरतर वकिसत हो रह हभारत म ह द बोलन वाल क ह द समझन वालो क और ह द को यावहा रक जीवन म उपयोग करन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह

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यह वकासशील थित ह द क िलए वदश स भी ह वदश म ह द का उपयोग म यतः भारतविशय क ारा होता ह इस स वदश को तीन वग म रखा जा सकता ह पहला वग वह जसम भारतीय फजी सर नाम िनडाड जस दश रख जा सकत ह जहाभारतवशीय लोग भार तादाद म बस रह ह व लोग कामकाज को लकरइन दश म गए थ इनम भारत क स कित और भारत क ह द सस चा अनराग ह उसस जड रहन क ललक ह य लोग जो ह द बोलतह योग म लात ह वह खड़ बोली ह द नह ह पर िलखाई पढ़ाई किलए व मानक ह द क ओर ह बढ़ रह ह दसर वग म व दश ह जहा क भाषा उद ह या जहा उद भाषी जनता

क पहच ह इन म य द भारतीय ह द भाषी िमलत ह तो जोभाषा सपक -भाषा क प म मा यम बनती ह उस ह द स िभ न नह कहा जा सकता अरब रा म भारत और पा क तान दोन ह दश ककाम धामी लोग गए ह इनक पार प रक सपक भाषा ायः ह द होतीह--

तीसर वग म यरोप अमर का आ द व वकिसत रा रख जा सकत ह जहा बहत बड़ स या म भारत क लोग बस भी गए ह और अ थायी प म जा भी रह ह इन लोग म य द कसी ात वशष या वशषक लोग पर पर िमलत ह तो अपनी ीय भाषा का योग करत ह परय द विभ न भारतीय भाषाभाषी िमलत ह तो सपक भाषा ायः ह द होती ह उदाहरण म तौर पर अमर का कनाडा म गजराती-भाषी काफ़ स या म बस ह य द गजराती लोग पर पर िमल ग तो आरिभक सपक अ जी म होन क बाद सपक और बातचीत क भाषा गजराती हो जाएगीपर य द गजराती और तिमल भाषी या गजराती और मलयालम भाषीिमल ग या एकािधक भारतीय भाषाओ क बोलन वाल िमल ग तो य गतसपक भाषा अिधकाशतः ह द बन जाएगी भारत म अगरजी ान व ान क भाषा क प म उतनी नह जतनी ित ाभास क भाषा क प म ित त ह यह थित वदश म भारतीय क पार प रक िमलन

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क समय भी कछ कछ उभर आती ह पर इस आभास स म िमलतह सपक भाषा ह द बनती ह यह बात भारत पा क तान क लोग कपार प रक िमलन पर होती ह ित ाभासी तर पर अ जी चलन कबाद आ मीय स मलन उस ह द म होता ह जो भारत और पा क तानक वा त वक बोली ह जसम स कत अरबी फारसी क असहज प म ठसी नह जाती सहज श दावली सहज प म बोली समझी जाती हभारत म उ च और उ चभासी वग क सपक भाषा अ जी ह जनक

स या 3 ितशत स अिधक नह ह लोक जीवन अपनी अपनी ातीय ीय भाषाओ म चलता ह वा त वक लोक सपक ह द क मा यम सचलता ह इसी कार वदश म भारत और पा क तान क िनवािसय कपार प रक िमलन सग म उ च और उ चाभासी वग क लोग किमलन पर अ जी चलती ह एक भाषी सपक म ीय भाषा एकािधकभाषी सपक म ह द कल िमलाकर 20 स अिधक अ जी का उपयोग यलोग नह करत ह द जानन वाल य को इस फली हई ह द क दिनया म अ जी न जानन पर भी कोई क ठनाई नह होती सकड़ लोग भारत स कसी भी दश क भाषा क बोलन वाल वकिसत दश म कह काम क िलए चल जा रह ह ह द उनक िलए मा यम का कामकर रह ह और व अपना काम कर रह ह ह द क इस दिनया क इस ह द व क जनस या कम नह

ह व म इस स ह द का थान तीसरा ह पर इडोनिशयाजावा समा ा तथा उन म लम बाह य दश म जहा उद बोली समझीजा सकती ह ह द क बोलन समझन म अिधक क ठनाई नह आतीइस स ह द व क म उद ह द का ह एक प बनती हऔर ह द व क थित अ जी क बाद आती ह उद का याकर णकढाचा उसक आधारभत श दावली और उसक महावर दानी ह द व क सीमा क बाहर क न थी न अभी हयह वशाल ह द व विभ न दश म फला हआ ह पर बखरा

पड़ा ह इसक श ीणा पड़ ह इस सजोना होगा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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यव था ह 50 व ालय म रा भाषा चार सिमित वधा क पर ाओक िलए हद पढ़ाई जाती हजम नी जम नी क ह बो ट व व ालय बिल न थत व व ालयबिल न थत ह लीप जग व व ालय मा ट नलथर व व ालय बान व व ालय हाईडलबग व व ालय और ह बग व व ालय म िनयिमत प स हद पढ़ाई जाती ह यहा क अ य कई व व ालय म भी हद पढ़ाई जाती ह

स स म मा को थत lsquorsquo ा य अ ययन स थानrsquorsquo और पतरबग थत lsquorsquo ा य भाषा स थानrsquorsquo म 1920 स हद पढ़ाई जा रह ह ला दवो तोक टट यिनविस ट म भी हद पढ़ाई जाती ह

व ज़रल ड व ज़रल ड म लवसान और य रख क व व ालय म हद क ारिभक पा य म पढ़ाय जात ह

ऑ िलया ऑ िलया क कनबरा थत व व ालय म नातक तरपर ऐ छक वषय क प म हद का अ ययन होता ह ला ोव मोनाशतथा वीसल ड क व ापीठ म भी हद पढ़ाई जाती ह अ य दशो जसडनमाक पोल ड चक गणरा य हगर द ण को रया म सको यबाब जयम ऑ या फनल ड रोमािनया ोिशयागणरा य मगोिलयाउ ब क तान तजा क तान तक थाईल ड र यिनयम अज ट ना सऊद अर बया ओमान बहर न मलिशया ताइवान िसगापर क या कवतइराक ईरान तजािनया जा बया बहर न बो सवाना और इडोनिशया क कल म हद का अ यापन होता हदश पा क तान क कराची लाहौर व व ालय तथा इ लामाबाद क कल ऑफ मॉडन ल वजस म स ट फकट और ड लोमा तर पर हद पढ़ाई जाती ह ीलका म ड ी कोस तक हद पढ़ाई जाती ह हमारपड़ोसी नपाल क भवन व व ालय म नातको र और पीएचड तकक हद स वधा ह बा लादश म हद का 4 वष य कोस ह भटान क 8 कल तथा बमा क म दर धम शालाओ व गर सरकार कल म हद

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पढ़ाई जाती ह तो यह ह हमार पड़ोसी दश म हद क थित कछऐस भी दश ह जहा बड़ स या म भारतीय रहत ह और वहा भाषा कसाथ साथ भारतीय स कत को भी आग बढ़ा रह ह वहा हद म प प काए भी िनकलती ह जस मार शस फजी सर नाम गयाना िनदाद और टोबगो हद का भ व य उ वल ह अगर हद क वकास म कोई बाधा ह तो वय हम भारतीय जो अ जी का मोह नह छोड़ पात हम वय हद क उप ा करत ह हमार घर म हमार ह मा उप त ह और दसर क मा अ जी को हम मा-मा कहकर िच लात ह जो हम मौसी जसा भीभाव नह दती कसी व ान न कहा था कndash lsquoअगर कसी को गलामबनाना ह तो पहल उसक भाषा व स कित को न कर दोrsquo वह खदगलाम हो जाएगा वह अ ज न कया हमार भाषा व स कत को वकत कर दया वह जात-जात अपना काम कर चक थ अ जी अपनापर पसार चक थी और आज अ जी क या थित ह सब जानत ह सबस यादा अ वासी भारतीय का हद क वकास म योगदान ह हमारदश म म यवग य प रवार क लोग अपन ब च को अ जी मा यम सपढ़ात ह हद मा यम स पढ़ान म खद को ह न महसस करत ह इसम भारत सरकार क कमजोर ह हर सरकार काया लय म यादातर काय अ जी म ह कए जात ह जहा भी नौकर क िलए जाइय पहला सवालयह होता ह- अ जी आती ह क नह अगर नह तो समझो नौकर नह िमलगी इसिलए हद वाल क मन म ह न भावना घर कर गईआज हर गर ब-अमीर आदमी अपन ब च को का व ट कल म भजनाचाहता ह यह कारण ह क आजाद क 70 साल बाद भी हद रा भाषानह बन पाई इस मामल म हम चीन स सबक लन क ज रत ह जोअपनीरा भाषा क ित क टब ह अ ज न जस अ जी को अतरा ीयभाषा बनाया उसी तरह अगर हम हद का योग खलकर हर जगह कर पढ़-पढ़ाए हद क ित समप ण रणा ल और द फर वह दन दरनह जब दिनया वाल हद क पीछ भाग ग और हद एक था पतअतरा ीय भाषा होगी ज रत ह तो अपनी रा भाषा क ित ढ़िन यी

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होना म होना ह द को लकर िनराश नह होना और उ साह होना

(द पक ताबोसकर)किन अिभयता

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सपक भाषा क प म हद भाषा क सामा य प रभाषा म यह कहा जा चका ह क lsquoभाषा मन य क वचार- विनमय और भाव क अिभ य का साधन हrsquo स पक भाषाका आशय जनभाषा ह कसी का सामा य य चिलत शली म जो भाषा बोलता ह वह जनभाषा ह दसर श द म वशष क सपक भाषा ह जनभाषा ह इसिलए ज र नह क जनभाषा श सा ह यक प वाली ह हो या वह याकरण क िनयम स बधी होस पक भाषा या जनभाषा वह भाषा होती ह जो कसी दश या दशक ऐस लोग क बीच पार प रक वचार- विनमय क मा यम का कामकर जो एक दसर क भाषा नह जानत दसर श द म विभ नभाषा-भाषी वग क बीच स परषण क िलए जस भाषा का योग कयाजाता ह वह स पक भाषा कहलाती ह इस कार lsquoस पक भाषाrsquo क सामा य प रभाषा होगी lsquoएक भाषा-भाषी जस भाषा क मा यम स कसी दसर भाषा क बोलन वाल क साथ स पक था पत कर सक उसस पक भाषा या जनभाषा (Link Language) कहत ह rsquo बकौल डॉपरनचद टडन lsquoस पक भाषा स ता पय उस भाषा स ह जो समाज क विभ न वग या िनवािसय क बीच स पक क काम आती ह इस स िभ न-िभ न बोली बोलन वाल अनक वग क बीच ह द एक स पक भाषा ह और अ य कई भारतीय म िभ न-िभ न भाषाए बोलन वाल क बीच भी स पक भाषा हrsquo डॉ मह िसह राणा न स पक भाषा कोइन श द म प रभा षत कया ह lsquoपर पर अबोधग य भाषा या भाषाओक उप थित क कारण जस स वधाजनक विश भाषा क मा यम सदो य दो रा य कोई रा य और क तथा दो दश स पक था पतकर पात ह उस भाषा वशष को स पक भाषा या स पक साधक भाषा(Contact Language or Interlink Language) कहा जा सकता हrsquo भारतएक बहभाषी दश ह और बहभाषा-भाषी दश म स पक भाषा का वशषमह व ह अनकता म एकता हमार अनपम पर परा रह ह वा तव म सा कितक स सारा भारत सदव एक ह रहा ह हमार इस वशाल

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दश म जहा अलग-अलग रा य म िभ न-िभ न भाषाए बोली जाती ह और जहालोग क र ित-र वाज खान-पान पहनाव और रहन-सहन तकम िभ नता हो वहा स पक भाषा ह एक ऐसी कड़ ह जो एक छोर सदसर छोर क लोग को जोड़न और उ ह एक दसर क समीप लान काकाम करती ह-

डॉ भोलानाथ न स पक भाषा क योग को तीन तर पर वभा जत कया ह एक तो वह भाषा जो एक रा य (जस महारा या असम) सदसर रा य (जस बगाल या असम) क राजक य प - यवहार म कामआए दसर वह भाषा जो क और रा य क बीच प - यवहार कामा यम हो और तीसर वह भाषा जसका योग एक दश का य दसर दश क य स अपन िनजी काम म कर आजाद क लड़ाई लड़त समय हमार यह कामना थी क वत रा क अपनी एकरा भाषा होगी जसस दश एकता क स म सदा क िलए जड़ा रहगामहा मा गाधी लोकमा य ितलक नताजी सभाषच बोस आ द सभीमहाप ष न एक मत स इसका समथ न कया य क ह द हमारसामा जक सा कितक धािम क आ दोलन क ह नह अ पत रा ीयचतना एव वाधीनता आ दोलन क अिभ य क भाषा भी रह हभारत म lsquo ह द rsquo बहत पहल स पक भाषा क प म रह ह औरइसीिलए यह बहत पहल स lsquoरा भाषाrsquo कहलाती ह य क ह द क साव दिशकता स पण भारत क सामा जक व प का ितफल हभारत क वशालता क अन प ह रा भाषा वकिसत हई ह जसस उ रद ण पव और प म कह भी होन वाल मल - चाह वह याग म कभहो अथवा अजमर शर फ क दरगाह हो या विभ न दश क हमार सा कितक एकता क आधार तभ तीथ थल ह - सभी थान परआदान- दान क भाषा क प म ह द का ह अिधकतर योग होता हइस कार इन सा कितक पर पराओ स ह द ह साव दिशक भाषा क प म लोक य ह वशषकर द ण और उ र क सा कितक स ब ध क ढ़ खला क प म ह द ह सश भाषा बनी ह द का

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व तत ह स पक भाषा ह द का आयाम जनभाषा ह द सबस यापक और लोक य ह जसका सार ीय तथा रा ीय तर सबढ़कर भारतीय उपमहा प तक ह िश त अध िश त अिश त तीन वग क लोग पर पर बातचीत आ द क िलए और इस कार मौ खकमा यम म जनभाषा ह द का यवहार करत ह भारत क िल व ाकाल वज आव वाइडर क यिनकशन पन इ डयन ल वज अ तर ादिशकभाषा लोकभाषा भारत- यापी भाषा अ खल भारतीय भाषा- य नामlsquoजनभाषाrsquo ह द क िलए य होत ह हमार दश क बहभा षकता क ढाच म ह द क विभ न भौगोिलक औरसामा जक क अित र भाषा- यवहार क म भी स पक िस का ऐसा काय िन पा दत कर रह ह जसका न कवल कोई वक पनह अ पत जो ह द क व वध भिमकाओ को सम ता क साथिन पत करन म भी समथ ह ह द न पछल हजार वष म वचार- विनमय का जो उ रदािय विनभाया ह वह एक अनठा उदाहरण ह कछ लोग क यह धारणा ह क ह द पहल lsquoरा भाषाrsquo कहलाती थी बाद म इस lsquoस पक भाषाrsquo कहाजान लगा और अब इस lsquoराजभाषाrsquo बना दन स इसका सीिमत होगया ह व तत यह उनका म ह जसा क पहल उ लख कया जाचका ह क ह द स दय स स पक भाषा और रा भाषा एक साथ रह हऔर आज भी ह भारत क स वधान सभा ारा 14 िसत बर 1949 कोइस राजभाषा क प म वीकार कर लन स उसक योग का और व तत हआ ह जस बगला तिमल तलग क नड़ मलयालम आ द को मश बगाल तिमलनाड कना टक करल आ द क राजभाषा बनाया गयाह ऐसा होन स या उन भाषाओ का मह व कम हो गया ह िन यह नह ब क इसस उन सभी भाषाओ का उ रदािय व और योग पहल स अिधक बढ़ गया ह जहा पहल कवल पर पर बोलचाल म कामआती थी या उसम सा ह य क रचना होती थी वह अब शासिनककाय भी हो रह ह यह थित ह द क भी ह इस कार ह द

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स पक और रा भाषा तो ह ह राजभाषा बनाकर इस अित र स मान दान कया गया ह इस सग म डॉ सरश कमार का कथन बहत ह ासिगक ह lsquo ह द को कवल स पक भाषा क प म दखना भलहोगी ह द आधिनक भारतीय भाषाओ क उ व काल स म यदश किनवािसय क सामा जक स परषण तथा सा ह यक-सा कितक अिभ य क भाषा रह ह और अब भी ह भाषा-स पक क बदली हईप र थितय म (जो पहल फ़ारसी-तक -अरबी तथा बाद म म य प सअ जी क साथ स पक क फल व प वकिसत हई) तथा वत भारतीयगणरा य म सभी भारतीय भाषाओ को अपन-अपन भौगोिलक म यावसाियक और सा कितक यवहार क अिभ य क िलए योग म लान क िनण य क बाद ह द का स पक भाषा काय गण औरप रमाण क स इतना वकिसत हो गया ह क उसक स ब ध म िच तन तथा अनवत काय एक स ा तक और यावहा रक आव यकताबन गए ह rsquo वा तव म भाषा स पक क थित ह कसी स पक भाषाक उ व और वकास को रत करती ह या एक स ित त भाषा कस पक काय को सप करती ह ह द क साथ दोन थितय कास ब ध ह आ त रक तर पर ह द अपनी बोिलय क यवहारकता ओक बीच स पक क थापना करती रह ह और अब भी कर रह ह तथाबा तर पर वह अ य भारतीय भाषा भाषी समदाय क म य एकमा स पक भाषा क प म उभर आई ह जसक अब व वध आयाम वकिसत हो चक ह कल िमलाकर ह द का वत मान गौरवपण हउसक भिमका आज भी सामा य-जन को जोड़न म सभी भाषाओ क अप ा सबस अिधक कारगर ह

( या पोकल) हद अनवादक बलापर

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वदश म हद क चार- सार क थितसतोष ह करना हो तो यह बात कम नह क ह द व क तीस सअिधक दश म पढ़ -पढ़ाई जाती ह लगभग 100 व व ालय म उसकिलए अ यापन क खल हए ह अकल अमर का म लगभग 20 क म उसक अ ययन अ यापन क यव था ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड जस दश म भारत मल क िनवािसय क उ लखनीय स याहोन क कारण वहा ह द वतः स नह चा रत होता ह व क यक मख दश म हमार दतावास ह जनस राजनीितक सदभ क अित र यह भी आशा क जाती ह क व ह द क चार सार क ओर भी यान द ग और अपन भारत क सामा जक स कित और भारत क रा भाषा ह द का ितिनिध समझ ग पर य द यह िच उतना ह सचहोता जतना रगीन लग रहा ह तो सतोष करन म कोई बराई न थी वदश म ह द क मह व चार एव सार क थित न सब जगहएक सी ह न ऐसा होना सभव ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड म ह द क िलए वहा क जनता क एक बड़ भाग म जो आदर और म हवह यरोप या अम रका क दश म कस िमल सकता हघ इसिलए वदश म ह द क थित चार सार क सम याओ क भी व वध प हउनक समाधान भी व वध प म खोजन ह ग वदश म ह द क थित चार तथा सार को लकर दो िभ न य स वचार करनाहोगा एक ह जो सरकार त स जड़ ह दसर ह जसका सबधजन जीवन म ह पहल सरकार त क स वदश म ह द क थित का जायजा िलया जाएपहल अपन सरकार त क स जहा तक त यगत थित ह हमारदतावास स च अथ म न तो भारत क सामािसक स कित क सवाहकबन पाए ह नह भारत क रा भाषा क ितिनिध उनक िलएअिधका रय का जो चनाव होता ह उसम भी इस को अिनवाय तः क म नह रखा जाता घर म ह जब ह द का मामला राजनीित क पचड़म उलझ गया हो तो हमार दतावास पर उसक छाया न हो यह हो भी

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कस सकता हघ सामा यतः उन दश म जहा क भारतवशीय लोग क स या अ छ ख़ासी ह और वहा ह द और भारतीय स कित क िलएललक भरा अनराग ह ऐस ह ितिनिधय और अिधका रय का चयनहोता रहा हजो भारतीय स कित और ह द क अनयायी ह उदाहरण किलए मॉ रशस म डॉ भगवतशरण उपा याय जस लोग को भजा जानाइसी कोण का प रचायक था कत यरोपीय अमर का तथा अरब दश क िलए ितिनिध भजन हए इन बात क ओर यान रखना अप तनह माना जाता रहा प रणाम यह रहा ह क इन म हमार दतावासप मी रग म रग ह द का नाम भी यदा कदा ासिगक प म लतहए ह द क चार सार स सव था िनःसग रह ह कह कोई अपवादभल िमल जाए अतः इस को ट क दतावास म सामा यतः ह द क ित ा या चार सार का वा त वक प उभर ह नह पाया हो हा सजस कितपय सा वाद दश म भारत स उसक अपनी भाषा को अ जीस वर यता दए जान क अप ा क गइ तो वहा क हमार दतावास नअव य इस ओर जाग क रहन क आव यकता समझी बात अब फरिशिथल पड़ गई ह और अिधकाशतः काय यापार अ जी क मा यम सह होता ह ह द क मा यम स नह कह कह ह द क अनवाद साथम लगाए जा रह ह पर सीिमत प म ह

हमार दतावास जन दश म ह उनक सरकार क साथकाय - यवहार म ह द का उपयोग कर - यह थित क पना स काफ़ दरक ह ायः यह थित ह क हमार दश स जान वाल भारतीय लोग को अपन दतावास स सपक करन क िलए अ जी का ह उपयोग करनापड़ता ह इन लोग म भी ऐस लोग क स या भी अिधक नह होतीजो ह द म काम लन म गौरव अनभव करत ह पर कछ लोग ऐस भीहोत ह ज ह अ जी अ छ तरह नह आती व अपन दतावास स य द ह द क मा यम स सपक सहायता चाह तो उ ह क ठनाई ह होती हअब इस पहल पर वचार कया जाए क वदश क व वध सरकार क ओर स ह द क ित कसा रवया ह और कन सदभ म ह द क या

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थित ह जहा तक सरकार का भारतीय दतावास या भारत क साथसीध सपक म ह द क योग क बात ह उ ह इस बात क अिनवाय आव यकता तीत ह नह होती उनका काम अिधकाशतः ह द स नह अ जी स चलता ह जो दश अ जी भावी नह ह और अपनी भाषा परबल दत ह व म यतः अपनी भाषा का साथ म अ जी का यदा कदा ह द क अनवाद क साथ योग करत ह ह द अनवाद का योगबहत ह सीिमत मा ा म क हए नग य होता ह हा कछ मामल म ह द अनवाद साथ म लगान का ितबध ह उन सदभ म उस लगा दया जाता हभारत क वत होत ह बड़ बड़ दश न भी य अनभव कया था क व क इस बड़ भभाग स सपक करन क िलए उ ह ह द क आव यकता होगी भारतीय स वधान म यव था क गई थी क 15 वष म ह द अ जी का थान ल लगी अतः उ ह भी यह आभास हआ था क इस दश स िनकट सपक बनान क िलए उ ह ह द क ओर आनापड़गा फलतः विभ न मख दश क सरकार न अपन व व ालय म ह द क अ ययन अ यापन क यव था और स वधा क ओर यान दया अपन छा को छा व य दान कर ह द पढ़न क िलए भारतभी भजा यहा स भी अ यापक बलाए गए या यह िसलिसला कछ नकछ अब भी जार ह पर वह ललक नह रह उ ह साफ दखाई द रहाह क भारत म वह थित क पना स भी दर पीछ धकली जा चक ह जसम ह द एकमा दश क रा भाषा और सपक भाषा बनगी जबअ जी यहा थायी प स जमती दखाई द रह हो तो कोई रा अपनयवक क म और अपन पस को ह द क िलए या यय करगा सीधासवाल उपयोिगता का ह

पर सरकार सदभ स हटकर मह वपण एव वकिसत रा म ह द क उपयोिगता कछ अ य य स भी ह भारत क वत होन स पहलस ह अनक रा इस दश क स कित और स यता को समझना चाहतरह ह वत ता पव क कारण कछ और थ अब कछ और ह यह बाद

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दसर ह पर व क जनस या क एक बड़ भाग को समझन क कोिशश वकिसत रा न कर यह आज क सदभ म सव था असभव हआज क राजनीित सीध सरकार क बीच भी चलती ह सरकार औरजनता क बीच स भी चलती ह म सह सबध राजनीितक सबध किलए ह नह लड़न क िलए भी दसर दश क भाषा सीखन क आव यकता ह इसका उदाहरण ह द क सदभ म चीन का हभारत-चीन य क समय यह सामन आया था क चीन न अपन अनकसिनक को एक आव यक मा ा म ह द का िश ण दया हआ था तोअपन अपन वाथ अथ को यान म रखकर विभ न वकिसत रा अपन यहा ह द क पठन पाठन क यव था करत ह कछ भारत कोसमझन क िलए कछ भारत स उपयोगी सदभ क िलए कछ भारत स म क िलए

जन वदशी व व ालय म ह द अ ययन-अ यापन क यव थाए ह उनक आिथ क यव था भल ह उन दश क सरकार क ओर स होती हो पर अनकानक वदशी ह द व ान ह द और भारतीयस कित क अनराग म इतन रम गए ह क उ ह न अपनी जीवनचया कोह ह द क ित सम प त कर िलया ह उनम इतना स चा और गहरा ह द अनराग ह क य ह द का काम ह नह करत ब क जब जब ह द इस दश म बढ़ती ह उनम स नता होती ह जब जब ह द पीछधकली जाती ह उ ह पीड़ा होती ह ह द क इन अनरागी वदशी व ान क ित यह दश कत ह ऊपर क चिच त थित अरब रा म नह दखाई दती उनका झकाव आव यकता क मा ा क अन प उद क ओर हआ ह ह द क ओर नह पर इसका लाभ इस दश क उन लोग को भी बराबर िमलता ह जो इन रा म यापार नौकर या अ यसदभ स गए ह उद व पतः ह द स दर होकर भी बहत दर नह जापाती अतः िल खत प म चाह न सह बोलचाल क तर पर उसकालाभ ह द उद दोन क लोग को वहा समान प स िमलता ह तीसरवग म व दश आत ह जहा भारत क मल िनवासी बड़ स या म बस हएह जस मा रशस फजी सर नाम िनडाड आ द इन दश म ह द जो

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राजक य आ य सीिमत प म ह ा ह अपनी जनस या क आधारपर भारतीय जतना ितिनिध व अपन दश क सरकार म ल पात ह उसी अनपात म य ह द को उठान क बात कर पात ह अबराजनीितक जोड़ तोड़ म भारतविशय क यह श भी बखर जाती ह तो ह द को कसी ऊचाई तक उठा ल जाना वहा भी सभव नह ह सरकार त इन दश म नीच क तर पर ह द िश ा क यव था करता हउ च िश ा और राजक य योग क िलए ह द को हण कए जान काअभी सवाल ह पदा नह हआइस कार शासक य तर पर वदश म ह द क जो भी यव था ह उसका अिधकाश हर दश क अपनी अपनीनजर क उपयोिगता क कारण ह उसम भारत सरकार और भारतीयदतावास का योगदान बहत ह सीिमत ह हा मा रशस फजी आ द दश म भारतीय शासन और दतावास क ह द ो साहन वषयक योगदानको अव य यान रखना होगा

यहा इस बात का ववचन भी आव यक ह क शासक य मा यम स ह द क अ यापक और व ािथ य का जो आदान दान होता हउसक या थित ह घ विभ न दश कछ अ य अ यापक कछ व ािथ य अपन यय पर ह द िसखवान क िलए भारत भजत ह कछ व ाथ भारत क छातव य पर विनमय योजनाओ क भीतर भी आतह ऐस ह द अ यताओ का ह द िश ण अिधकाशतः िश ा क क य ह द स थान क मा यम स दया जाता ह कछ को कितपय व व ालय म आव टत कर दया जाता ह कछ दश कछ िन तअविध क िलए भारत स ह द अ यापक का चयन करक आम तकरत ह और अपन यहा ह द िश ण क यव था करात ह भज जानवाल ह द अ यापको क चयन क याए शासक य त स गजरतीहई ऐसी बन ग ह क जो लोग जात ह उनम मशनर प रटषबहत कम और वदश जान का चास पान क ललक अिधक काम करतीह सह मताओ क लाग का चयन आज वस ह क ठन हो गया हअब रह उन लोग क बात जो ह द सीखन भारत आत ह इनम स जो व व ालय स भज जात ह उनम सह िश ा इसिलए नह पहच पाती

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क व व ालय म ह द को आधिनक व ािनक णािलय स तीयभाषा क प म पढ़ान क प ितय का सह वकास नह हआ औरक य ह द स थान इसिलए सह उ रदािय व का वहन नह कर पाता क वह िश ण िश ण णाली क आभासी व ािनकता म उलझ गयाह पर जो भी ह यह एक मा यव थत स था ह जहा व ािनकप ित स वदिशय को भारत म ह द पढ़ान क यव था आयो जत हसब िमलकर शासक य सदभ क साथ जड़कर ह द क दशा वदश

म उतनी उ साहवध क नह उतनी सतोषजनक नह जतनी होनी चा हएभारत म सवधािनक और शासक य तर पर ह द क जो थित हउसम जो शिथ य ह या जो उ साह ह दोन क छाया वदश क शासक य त स वकिसत होन वाली ह द थित पर पड़नाअ वाभा वक नह हभारत म ह द बोलन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह इस

स उद भाषी लोग भी ह द व क प रिध म ह आत ह भारत म ह द चाह सरकार तर पर एकमा सपक भाषा न बन पाए पर उन सग पर जहा दश क विभ न ात म विभ न कार क वग क लोगजड़त ह वहा यह थित दखन को िमलती ह य द यह उ चवग य लोग का स मलन ह तो ायः अ जी सपक भाषा क प म काम करती ह व प सा योग ह द का चलता ह पर य द िमलन लोक जीवन सजड़ लोग का हआ तो ह द अपन आप सपक भाषा का प ल लती हभारत क कसी भी भाग म जाइए य द िमलन वाल लोग उ चवग य याउ चाभासीवग य नह ह तो एक भाषाभाषी स अ य भाषाभा षय किमलन क सपक भाषा ायः ह द िमलगी सिनक जीवन म रलया ाओ म तीथ थान म छा स मलन म ाकितक ऐितहिसकदश नीय थल म बाज़ार म आपको इस ह द व क मता औरउपयोिगता का पता चल सकगा यह थित िनरतर वकिसत हो रह हभारत म ह द बोलन वाल क ह द समझन वालो क और ह द को यावहा रक जीवन म उपयोग करन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह

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यह वकासशील थित ह द क िलए वदश स भी ह वदश म ह द का उपयोग म यतः भारतविशय क ारा होता ह इस स वदश को तीन वग म रखा जा सकता ह पहला वग वह जसम भारतीय फजी सर नाम िनडाड जस दश रख जा सकत ह जहाभारतवशीय लोग भार तादाद म बस रह ह व लोग कामकाज को लकरइन दश म गए थ इनम भारत क स कित और भारत क ह द सस चा अनराग ह उसस जड रहन क ललक ह य लोग जो ह द बोलतह योग म लात ह वह खड़ बोली ह द नह ह पर िलखाई पढ़ाई किलए व मानक ह द क ओर ह बढ़ रह ह दसर वग म व दश ह जहा क भाषा उद ह या जहा उद भाषी जनता

क पहच ह इन म य द भारतीय ह द भाषी िमलत ह तो जोभाषा सपक -भाषा क प म मा यम बनती ह उस ह द स िभ न नह कहा जा सकता अरब रा म भारत और पा क तान दोन ह दश ककाम धामी लोग गए ह इनक पार प रक सपक भाषा ायः ह द होतीह--

तीसर वग म यरोप अमर का आ द व वकिसत रा रख जा सकत ह जहा बहत बड़ स या म भारत क लोग बस भी गए ह और अ थायी प म जा भी रह ह इन लोग म य द कसी ात वशष या वशषक लोग पर पर िमलत ह तो अपनी ीय भाषा का योग करत ह परय द विभ न भारतीय भाषाभाषी िमलत ह तो सपक भाषा ायः ह द होती ह उदाहरण म तौर पर अमर का कनाडा म गजराती-भाषी काफ़ स या म बस ह य द गजराती लोग पर पर िमल ग तो आरिभक सपक अ जी म होन क बाद सपक और बातचीत क भाषा गजराती हो जाएगीपर य द गजराती और तिमल भाषी या गजराती और मलयालम भाषीिमल ग या एकािधक भारतीय भाषाओ क बोलन वाल िमल ग तो य गतसपक भाषा अिधकाशतः ह द बन जाएगी भारत म अगरजी ान व ान क भाषा क प म उतनी नह जतनी ित ाभास क भाषा क प म ित त ह यह थित वदश म भारतीय क पार प रक िमलन

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क समय भी कछ कछ उभर आती ह पर इस आभास स म िमलतह सपक भाषा ह द बनती ह यह बात भारत पा क तान क लोग कपार प रक िमलन पर होती ह ित ाभासी तर पर अ जी चलन कबाद आ मीय स मलन उस ह द म होता ह जो भारत और पा क तानक वा त वक बोली ह जसम स कत अरबी फारसी क असहज प म ठसी नह जाती सहज श दावली सहज प म बोली समझी जाती हभारत म उ च और उ चभासी वग क सपक भाषा अ जी ह जनक

स या 3 ितशत स अिधक नह ह लोक जीवन अपनी अपनी ातीय ीय भाषाओ म चलता ह वा त वक लोक सपक ह द क मा यम सचलता ह इसी कार वदश म भारत और पा क तान क िनवािसय कपार प रक िमलन सग म उ च और उ चाभासी वग क लोग किमलन पर अ जी चलती ह एक भाषी सपक म ीय भाषा एकािधकभाषी सपक म ह द कल िमलाकर 20 स अिधक अ जी का उपयोग यलोग नह करत ह द जानन वाल य को इस फली हई ह द क दिनया म अ जी न जानन पर भी कोई क ठनाई नह होती सकड़ लोग भारत स कसी भी दश क भाषा क बोलन वाल वकिसत दश म कह काम क िलए चल जा रह ह ह द उनक िलए मा यम का कामकर रह ह और व अपना काम कर रह ह ह द क इस दिनया क इस ह द व क जनस या कम नह

ह व म इस स ह द का थान तीसरा ह पर इडोनिशयाजावा समा ा तथा उन म लम बाह य दश म जहा उद बोली समझीजा सकती ह ह द क बोलन समझन म अिधक क ठनाई नह आतीइस स ह द व क म उद ह द का ह एक प बनती हऔर ह द व क थित अ जी क बाद आती ह उद का याकर णकढाचा उसक आधारभत श दावली और उसक महावर दानी ह द व क सीमा क बाहर क न थी न अभी हयह वशाल ह द व विभ न दश म फला हआ ह पर बखरा

पड़ा ह इसक श ीणा पड़ ह इस सजोना होगा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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पढ़ाई जाती ह तो यह ह हमार पड़ोसी दश म हद क थित कछऐस भी दश ह जहा बड़ स या म भारतीय रहत ह और वहा भाषा कसाथ साथ भारतीय स कत को भी आग बढ़ा रह ह वहा हद म प प काए भी िनकलती ह जस मार शस फजी सर नाम गयाना िनदाद और टोबगो हद का भ व य उ वल ह अगर हद क वकास म कोई बाधा ह तो वय हम भारतीय जो अ जी का मोह नह छोड़ पात हम वय हद क उप ा करत ह हमार घर म हमार ह मा उप त ह और दसर क मा अ जी को हम मा-मा कहकर िच लात ह जो हम मौसी जसा भीभाव नह दती कसी व ान न कहा था कndash lsquoअगर कसी को गलामबनाना ह तो पहल उसक भाषा व स कित को न कर दोrsquo वह खदगलाम हो जाएगा वह अ ज न कया हमार भाषा व स कत को वकत कर दया वह जात-जात अपना काम कर चक थ अ जी अपनापर पसार चक थी और आज अ जी क या थित ह सब जानत ह सबस यादा अ वासी भारतीय का हद क वकास म योगदान ह हमारदश म म यवग य प रवार क लोग अपन ब च को अ जी मा यम सपढ़ात ह हद मा यम स पढ़ान म खद को ह न महसस करत ह इसम भारत सरकार क कमजोर ह हर सरकार काया लय म यादातर काय अ जी म ह कए जात ह जहा भी नौकर क िलए जाइय पहला सवालयह होता ह- अ जी आती ह क नह अगर नह तो समझो नौकर नह िमलगी इसिलए हद वाल क मन म ह न भावना घर कर गईआज हर गर ब-अमीर आदमी अपन ब च को का व ट कल म भजनाचाहता ह यह कारण ह क आजाद क 70 साल बाद भी हद रा भाषानह बन पाई इस मामल म हम चीन स सबक लन क ज रत ह जोअपनीरा भाषा क ित क टब ह अ ज न जस अ जी को अतरा ीयभाषा बनाया उसी तरह अगर हम हद का योग खलकर हर जगह कर पढ़-पढ़ाए हद क ित समप ण रणा ल और द फर वह दन दरनह जब दिनया वाल हद क पीछ भाग ग और हद एक था पतअतरा ीय भाषा होगी ज रत ह तो अपनी रा भाषा क ित ढ़िन यी

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होना म होना ह द को लकर िनराश नह होना और उ साह होना

(द पक ताबोसकर)किन अिभयता

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सपक भाषा क प म हद भाषा क सामा य प रभाषा म यह कहा जा चका ह क lsquoभाषा मन य क वचार- विनमय और भाव क अिभ य का साधन हrsquo स पक भाषाका आशय जनभाषा ह कसी का सामा य य चिलत शली म जो भाषा बोलता ह वह जनभाषा ह दसर श द म वशष क सपक भाषा ह जनभाषा ह इसिलए ज र नह क जनभाषा श सा ह यक प वाली ह हो या वह याकरण क िनयम स बधी होस पक भाषा या जनभाषा वह भाषा होती ह जो कसी दश या दशक ऐस लोग क बीच पार प रक वचार- विनमय क मा यम का कामकर जो एक दसर क भाषा नह जानत दसर श द म विभ नभाषा-भाषी वग क बीच स परषण क िलए जस भाषा का योग कयाजाता ह वह स पक भाषा कहलाती ह इस कार lsquoस पक भाषाrsquo क सामा य प रभाषा होगी lsquoएक भाषा-भाषी जस भाषा क मा यम स कसी दसर भाषा क बोलन वाल क साथ स पक था पत कर सक उसस पक भाषा या जनभाषा (Link Language) कहत ह rsquo बकौल डॉपरनचद टडन lsquoस पक भाषा स ता पय उस भाषा स ह जो समाज क विभ न वग या िनवािसय क बीच स पक क काम आती ह इस स िभ न-िभ न बोली बोलन वाल अनक वग क बीच ह द एक स पक भाषा ह और अ य कई भारतीय म िभ न-िभ न भाषाए बोलन वाल क बीच भी स पक भाषा हrsquo डॉ मह िसह राणा न स पक भाषा कोइन श द म प रभा षत कया ह lsquoपर पर अबोधग य भाषा या भाषाओक उप थित क कारण जस स वधाजनक विश भाषा क मा यम सदो य दो रा य कोई रा य और क तथा दो दश स पक था पतकर पात ह उस भाषा वशष को स पक भाषा या स पक साधक भाषा(Contact Language or Interlink Language) कहा जा सकता हrsquo भारतएक बहभाषी दश ह और बहभाषा-भाषी दश म स पक भाषा का वशषमह व ह अनकता म एकता हमार अनपम पर परा रह ह वा तव म सा कितक स सारा भारत सदव एक ह रहा ह हमार इस वशाल

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दश म जहा अलग-अलग रा य म िभ न-िभ न भाषाए बोली जाती ह और जहालोग क र ित-र वाज खान-पान पहनाव और रहन-सहन तकम िभ नता हो वहा स पक भाषा ह एक ऐसी कड़ ह जो एक छोर सदसर छोर क लोग को जोड़न और उ ह एक दसर क समीप लान काकाम करती ह-

डॉ भोलानाथ न स पक भाषा क योग को तीन तर पर वभा जत कया ह एक तो वह भाषा जो एक रा य (जस महारा या असम) सदसर रा य (जस बगाल या असम) क राजक य प - यवहार म कामआए दसर वह भाषा जो क और रा य क बीच प - यवहार कामा यम हो और तीसर वह भाषा जसका योग एक दश का य दसर दश क य स अपन िनजी काम म कर आजाद क लड़ाई लड़त समय हमार यह कामना थी क वत रा क अपनी एकरा भाषा होगी जसस दश एकता क स म सदा क िलए जड़ा रहगामहा मा गाधी लोकमा य ितलक नताजी सभाषच बोस आ द सभीमहाप ष न एक मत स इसका समथ न कया य क ह द हमारसामा जक सा कितक धािम क आ दोलन क ह नह अ पत रा ीयचतना एव वाधीनता आ दोलन क अिभ य क भाषा भी रह हभारत म lsquo ह द rsquo बहत पहल स पक भाषा क प म रह ह औरइसीिलए यह बहत पहल स lsquoरा भाषाrsquo कहलाती ह य क ह द क साव दिशकता स पण भारत क सामा जक व प का ितफल हभारत क वशालता क अन प ह रा भाषा वकिसत हई ह जसस उ रद ण पव और प म कह भी होन वाल मल - चाह वह याग म कभहो अथवा अजमर शर फ क दरगाह हो या विभ न दश क हमार सा कितक एकता क आधार तभ तीथ थल ह - सभी थान परआदान- दान क भाषा क प म ह द का ह अिधकतर योग होता हइस कार इन सा कितक पर पराओ स ह द ह साव दिशक भाषा क प म लोक य ह वशषकर द ण और उ र क सा कितक स ब ध क ढ़ खला क प म ह द ह सश भाषा बनी ह द का

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व तत ह स पक भाषा ह द का आयाम जनभाषा ह द सबस यापक और लोक य ह जसका सार ीय तथा रा ीय तर सबढ़कर भारतीय उपमहा प तक ह िश त अध िश त अिश त तीन वग क लोग पर पर बातचीत आ द क िलए और इस कार मौ खकमा यम म जनभाषा ह द का यवहार करत ह भारत क िल व ाकाल वज आव वाइडर क यिनकशन पन इ डयन ल वज अ तर ादिशकभाषा लोकभाषा भारत- यापी भाषा अ खल भारतीय भाषा- य नामlsquoजनभाषाrsquo ह द क िलए य होत ह हमार दश क बहभा षकता क ढाच म ह द क विभ न भौगोिलक औरसामा जक क अित र भाषा- यवहार क म भी स पक िस का ऐसा काय िन पा दत कर रह ह जसका न कवल कोई वक पनह अ पत जो ह द क व वध भिमकाओ को सम ता क साथिन पत करन म भी समथ ह ह द न पछल हजार वष म वचार- विनमय का जो उ रदािय विनभाया ह वह एक अनठा उदाहरण ह कछ लोग क यह धारणा ह क ह द पहल lsquoरा भाषाrsquo कहलाती थी बाद म इस lsquoस पक भाषाrsquo कहाजान लगा और अब इस lsquoराजभाषाrsquo बना दन स इसका सीिमत होगया ह व तत यह उनका म ह जसा क पहल उ लख कया जाचका ह क ह द स दय स स पक भाषा और रा भाषा एक साथ रह हऔर आज भी ह भारत क स वधान सभा ारा 14 िसत बर 1949 कोइस राजभाषा क प म वीकार कर लन स उसक योग का और व तत हआ ह जस बगला तिमल तलग क नड़ मलयालम आ द को मश बगाल तिमलनाड कना टक करल आ द क राजभाषा बनाया गयाह ऐसा होन स या उन भाषाओ का मह व कम हो गया ह िन यह नह ब क इसस उन सभी भाषाओ का उ रदािय व और योग पहल स अिधक बढ़ गया ह जहा पहल कवल पर पर बोलचाल म कामआती थी या उसम सा ह य क रचना होती थी वह अब शासिनककाय भी हो रह ह यह थित ह द क भी ह इस कार ह द

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स पक और रा भाषा तो ह ह राजभाषा बनाकर इस अित र स मान दान कया गया ह इस सग म डॉ सरश कमार का कथन बहत ह ासिगक ह lsquo ह द को कवल स पक भाषा क प म दखना भलहोगी ह द आधिनक भारतीय भाषाओ क उ व काल स म यदश किनवािसय क सामा जक स परषण तथा सा ह यक-सा कितक अिभ य क भाषा रह ह और अब भी ह भाषा-स पक क बदली हईप र थितय म (जो पहल फ़ारसी-तक -अरबी तथा बाद म म य प सअ जी क साथ स पक क फल व प वकिसत हई) तथा वत भारतीयगणरा य म सभी भारतीय भाषाओ को अपन-अपन भौगोिलक म यावसाियक और सा कितक यवहार क अिभ य क िलए योग म लान क िनण य क बाद ह द का स पक भाषा काय गण औरप रमाण क स इतना वकिसत हो गया ह क उसक स ब ध म िच तन तथा अनवत काय एक स ा तक और यावहा रक आव यकताबन गए ह rsquo वा तव म भाषा स पक क थित ह कसी स पक भाषाक उ व और वकास को रत करती ह या एक स ित त भाषा कस पक काय को सप करती ह ह द क साथ दोन थितय कास ब ध ह आ त रक तर पर ह द अपनी बोिलय क यवहारकता ओक बीच स पक क थापना करती रह ह और अब भी कर रह ह तथाबा तर पर वह अ य भारतीय भाषा भाषी समदाय क म य एकमा स पक भाषा क प म उभर आई ह जसक अब व वध आयाम वकिसत हो चक ह कल िमलाकर ह द का वत मान गौरवपण हउसक भिमका आज भी सामा य-जन को जोड़न म सभी भाषाओ क अप ा सबस अिधक कारगर ह

( या पोकल) हद अनवादक बलापर

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वदश म हद क चार- सार क थितसतोष ह करना हो तो यह बात कम नह क ह द व क तीस सअिधक दश म पढ़ -पढ़ाई जाती ह लगभग 100 व व ालय म उसकिलए अ यापन क खल हए ह अकल अमर का म लगभग 20 क म उसक अ ययन अ यापन क यव था ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड जस दश म भारत मल क िनवािसय क उ लखनीय स याहोन क कारण वहा ह द वतः स नह चा रत होता ह व क यक मख दश म हमार दतावास ह जनस राजनीितक सदभ क अित र यह भी आशा क जाती ह क व ह द क चार सार क ओर भी यान द ग और अपन भारत क सामा जक स कित और भारत क रा भाषा ह द का ितिनिध समझ ग पर य द यह िच उतना ह सचहोता जतना रगीन लग रहा ह तो सतोष करन म कोई बराई न थी वदश म ह द क मह व चार एव सार क थित न सब जगहएक सी ह न ऐसा होना सभव ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड म ह द क िलए वहा क जनता क एक बड़ भाग म जो आदर और म हवह यरोप या अम रका क दश म कस िमल सकता हघ इसिलए वदश म ह द क थित चार सार क सम याओ क भी व वध प हउनक समाधान भी व वध प म खोजन ह ग वदश म ह द क थित चार तथा सार को लकर दो िभ न य स वचार करनाहोगा एक ह जो सरकार त स जड़ ह दसर ह जसका सबधजन जीवन म ह पहल सरकार त क स वदश म ह द क थित का जायजा िलया जाएपहल अपन सरकार त क स जहा तक त यगत थित ह हमारदतावास स च अथ म न तो भारत क सामािसक स कित क सवाहकबन पाए ह नह भारत क रा भाषा क ितिनिध उनक िलएअिधका रय का जो चनाव होता ह उसम भी इस को अिनवाय तः क म नह रखा जाता घर म ह जब ह द का मामला राजनीित क पचड़म उलझ गया हो तो हमार दतावास पर उसक छाया न हो यह हो भी

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कस सकता हघ सामा यतः उन दश म जहा क भारतवशीय लोग क स या अ छ ख़ासी ह और वहा ह द और भारतीय स कित क िलएललक भरा अनराग ह ऐस ह ितिनिधय और अिधका रय का चयनहोता रहा हजो भारतीय स कित और ह द क अनयायी ह उदाहरण किलए मॉ रशस म डॉ भगवतशरण उपा याय जस लोग को भजा जानाइसी कोण का प रचायक था कत यरोपीय अमर का तथा अरब दश क िलए ितिनिध भजन हए इन बात क ओर यान रखना अप तनह माना जाता रहा प रणाम यह रहा ह क इन म हमार दतावासप मी रग म रग ह द का नाम भी यदा कदा ासिगक प म लतहए ह द क चार सार स सव था िनःसग रह ह कह कोई अपवादभल िमल जाए अतः इस को ट क दतावास म सामा यतः ह द क ित ा या चार सार का वा त वक प उभर ह नह पाया हो हा सजस कितपय सा वाद दश म भारत स उसक अपनी भाषा को अ जीस वर यता दए जान क अप ा क गइ तो वहा क हमार दतावास नअव य इस ओर जाग क रहन क आव यकता समझी बात अब फरिशिथल पड़ गई ह और अिधकाशतः काय यापार अ जी क मा यम सह होता ह ह द क मा यम स नह कह कह ह द क अनवाद साथम लगाए जा रह ह पर सीिमत प म ह

हमार दतावास जन दश म ह उनक सरकार क साथकाय - यवहार म ह द का उपयोग कर - यह थित क पना स काफ़ दरक ह ायः यह थित ह क हमार दश स जान वाल भारतीय लोग को अपन दतावास स सपक करन क िलए अ जी का ह उपयोग करनापड़ता ह इन लोग म भी ऐस लोग क स या भी अिधक नह होतीजो ह द म काम लन म गौरव अनभव करत ह पर कछ लोग ऐस भीहोत ह ज ह अ जी अ छ तरह नह आती व अपन दतावास स य द ह द क मा यम स सपक सहायता चाह तो उ ह क ठनाई ह होती हअब इस पहल पर वचार कया जाए क वदश क व वध सरकार क ओर स ह द क ित कसा रवया ह और कन सदभ म ह द क या

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थित ह जहा तक सरकार का भारतीय दतावास या भारत क साथसीध सपक म ह द क योग क बात ह उ ह इस बात क अिनवाय आव यकता तीत ह नह होती उनका काम अिधकाशतः ह द स नह अ जी स चलता ह जो दश अ जी भावी नह ह और अपनी भाषा परबल दत ह व म यतः अपनी भाषा का साथ म अ जी का यदा कदा ह द क अनवाद क साथ योग करत ह ह द अनवाद का योगबहत ह सीिमत मा ा म क हए नग य होता ह हा कछ मामल म ह द अनवाद साथ म लगान का ितबध ह उन सदभ म उस लगा दया जाता हभारत क वत होत ह बड़ बड़ दश न भी य अनभव कया था क व क इस बड़ भभाग स सपक करन क िलए उ ह ह द क आव यकता होगी भारतीय स वधान म यव था क गई थी क 15 वष म ह द अ जी का थान ल लगी अतः उ ह भी यह आभास हआ था क इस दश स िनकट सपक बनान क िलए उ ह ह द क ओर आनापड़गा फलतः विभ न मख दश क सरकार न अपन व व ालय म ह द क अ ययन अ यापन क यव था और स वधा क ओर यान दया अपन छा को छा व य दान कर ह द पढ़न क िलए भारतभी भजा यहा स भी अ यापक बलाए गए या यह िसलिसला कछ नकछ अब भी जार ह पर वह ललक नह रह उ ह साफ दखाई द रहाह क भारत म वह थित क पना स भी दर पीछ धकली जा चक ह जसम ह द एकमा दश क रा भाषा और सपक भाषा बनगी जबअ जी यहा थायी प स जमती दखाई द रह हो तो कोई रा अपनयवक क म और अपन पस को ह द क िलए या यय करगा सीधासवाल उपयोिगता का ह

पर सरकार सदभ स हटकर मह वपण एव वकिसत रा म ह द क उपयोिगता कछ अ य य स भी ह भारत क वत होन स पहलस ह अनक रा इस दश क स कित और स यता को समझना चाहतरह ह वत ता पव क कारण कछ और थ अब कछ और ह यह बाद

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दसर ह पर व क जनस या क एक बड़ भाग को समझन क कोिशश वकिसत रा न कर यह आज क सदभ म सव था असभव हआज क राजनीित सीध सरकार क बीच भी चलती ह सरकार औरजनता क बीच स भी चलती ह म सह सबध राजनीितक सबध किलए ह नह लड़न क िलए भी दसर दश क भाषा सीखन क आव यकता ह इसका उदाहरण ह द क सदभ म चीन का हभारत-चीन य क समय यह सामन आया था क चीन न अपन अनकसिनक को एक आव यक मा ा म ह द का िश ण दया हआ था तोअपन अपन वाथ अथ को यान म रखकर विभ न वकिसत रा अपन यहा ह द क पठन पाठन क यव था करत ह कछ भारत कोसमझन क िलए कछ भारत स उपयोगी सदभ क िलए कछ भारत स म क िलए

जन वदशी व व ालय म ह द अ ययन-अ यापन क यव थाए ह उनक आिथ क यव था भल ह उन दश क सरकार क ओर स होती हो पर अनकानक वदशी ह द व ान ह द और भारतीयस कित क अनराग म इतन रम गए ह क उ ह न अपनी जीवनचया कोह ह द क ित सम प त कर िलया ह उनम इतना स चा और गहरा ह द अनराग ह क य ह द का काम ह नह करत ब क जब जब ह द इस दश म बढ़ती ह उनम स नता होती ह जब जब ह द पीछधकली जाती ह उ ह पीड़ा होती ह ह द क इन अनरागी वदशी व ान क ित यह दश कत ह ऊपर क चिच त थित अरब रा म नह दखाई दती उनका झकाव आव यकता क मा ा क अन प उद क ओर हआ ह ह द क ओर नह पर इसका लाभ इस दश क उन लोग को भी बराबर िमलता ह जो इन रा म यापार नौकर या अ यसदभ स गए ह उद व पतः ह द स दर होकर भी बहत दर नह जापाती अतः िल खत प म चाह न सह बोलचाल क तर पर उसकालाभ ह द उद दोन क लोग को वहा समान प स िमलता ह तीसरवग म व दश आत ह जहा भारत क मल िनवासी बड़ स या म बस हएह जस मा रशस फजी सर नाम िनडाड आ द इन दश म ह द जो

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राजक य आ य सीिमत प म ह ा ह अपनी जनस या क आधारपर भारतीय जतना ितिनिध व अपन दश क सरकार म ल पात ह उसी अनपात म य ह द को उठान क बात कर पात ह अबराजनीितक जोड़ तोड़ म भारतविशय क यह श भी बखर जाती ह तो ह द को कसी ऊचाई तक उठा ल जाना वहा भी सभव नह ह सरकार त इन दश म नीच क तर पर ह द िश ा क यव था करता हउ च िश ा और राजक य योग क िलए ह द को हण कए जान काअभी सवाल ह पदा नह हआइस कार शासक य तर पर वदश म ह द क जो भी यव था ह उसका अिधकाश हर दश क अपनी अपनीनजर क उपयोिगता क कारण ह उसम भारत सरकार और भारतीयदतावास का योगदान बहत ह सीिमत ह हा मा रशस फजी आ द दश म भारतीय शासन और दतावास क ह द ो साहन वषयक योगदानको अव य यान रखना होगा

यहा इस बात का ववचन भी आव यक ह क शासक य मा यम स ह द क अ यापक और व ािथ य का जो आदान दान होता हउसक या थित ह घ विभ न दश कछ अ य अ यापक कछ व ािथ य अपन यय पर ह द िसखवान क िलए भारत भजत ह कछ व ाथ भारत क छातव य पर विनमय योजनाओ क भीतर भी आतह ऐस ह द अ यताओ का ह द िश ण अिधकाशतः िश ा क क य ह द स थान क मा यम स दया जाता ह कछ को कितपय व व ालय म आव टत कर दया जाता ह कछ दश कछ िन तअविध क िलए भारत स ह द अ यापक का चयन करक आम तकरत ह और अपन यहा ह द िश ण क यव था करात ह भज जानवाल ह द अ यापको क चयन क याए शासक य त स गजरतीहई ऐसी बन ग ह क जो लोग जात ह उनम मशनर प रटषबहत कम और वदश जान का चास पान क ललक अिधक काम करतीह सह मताओ क लाग का चयन आज वस ह क ठन हो गया हअब रह उन लोग क बात जो ह द सीखन भारत आत ह इनम स जो व व ालय स भज जात ह उनम सह िश ा इसिलए नह पहच पाती

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क व व ालय म ह द को आधिनक व ािनक णािलय स तीयभाषा क प म पढ़ान क प ितय का सह वकास नह हआ औरक य ह द स थान इसिलए सह उ रदािय व का वहन नह कर पाता क वह िश ण िश ण णाली क आभासी व ािनकता म उलझ गयाह पर जो भी ह यह एक मा यव थत स था ह जहा व ािनकप ित स वदिशय को भारत म ह द पढ़ान क यव था आयो जत हसब िमलकर शासक य सदभ क साथ जड़कर ह द क दशा वदश

म उतनी उ साहवध क नह उतनी सतोषजनक नह जतनी होनी चा हएभारत म सवधािनक और शासक य तर पर ह द क जो थित हउसम जो शिथ य ह या जो उ साह ह दोन क छाया वदश क शासक य त स वकिसत होन वाली ह द थित पर पड़नाअ वाभा वक नह हभारत म ह द बोलन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह इस

स उद भाषी लोग भी ह द व क प रिध म ह आत ह भारत म ह द चाह सरकार तर पर एकमा सपक भाषा न बन पाए पर उन सग पर जहा दश क विभ न ात म विभ न कार क वग क लोगजड़त ह वहा यह थित दखन को िमलती ह य द यह उ चवग य लोग का स मलन ह तो ायः अ जी सपक भाषा क प म काम करती ह व प सा योग ह द का चलता ह पर य द िमलन लोक जीवन सजड़ लोग का हआ तो ह द अपन आप सपक भाषा का प ल लती हभारत क कसी भी भाग म जाइए य द िमलन वाल लोग उ चवग य याउ चाभासीवग य नह ह तो एक भाषाभाषी स अ य भाषाभा षय किमलन क सपक भाषा ायः ह द िमलगी सिनक जीवन म रलया ाओ म तीथ थान म छा स मलन म ाकितक ऐितहिसकदश नीय थल म बाज़ार म आपको इस ह द व क मता औरउपयोिगता का पता चल सकगा यह थित िनरतर वकिसत हो रह हभारत म ह द बोलन वाल क ह द समझन वालो क और ह द को यावहा रक जीवन म उपयोग करन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह

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यह वकासशील थित ह द क िलए वदश स भी ह वदश म ह द का उपयोग म यतः भारतविशय क ारा होता ह इस स वदश को तीन वग म रखा जा सकता ह पहला वग वह जसम भारतीय फजी सर नाम िनडाड जस दश रख जा सकत ह जहाभारतवशीय लोग भार तादाद म बस रह ह व लोग कामकाज को लकरइन दश म गए थ इनम भारत क स कित और भारत क ह द सस चा अनराग ह उसस जड रहन क ललक ह य लोग जो ह द बोलतह योग म लात ह वह खड़ बोली ह द नह ह पर िलखाई पढ़ाई किलए व मानक ह द क ओर ह बढ़ रह ह दसर वग म व दश ह जहा क भाषा उद ह या जहा उद भाषी जनता

क पहच ह इन म य द भारतीय ह द भाषी िमलत ह तो जोभाषा सपक -भाषा क प म मा यम बनती ह उस ह द स िभ न नह कहा जा सकता अरब रा म भारत और पा क तान दोन ह दश ककाम धामी लोग गए ह इनक पार प रक सपक भाषा ायः ह द होतीह--

तीसर वग म यरोप अमर का आ द व वकिसत रा रख जा सकत ह जहा बहत बड़ स या म भारत क लोग बस भी गए ह और अ थायी प म जा भी रह ह इन लोग म य द कसी ात वशष या वशषक लोग पर पर िमलत ह तो अपनी ीय भाषा का योग करत ह परय द विभ न भारतीय भाषाभाषी िमलत ह तो सपक भाषा ायः ह द होती ह उदाहरण म तौर पर अमर का कनाडा म गजराती-भाषी काफ़ स या म बस ह य द गजराती लोग पर पर िमल ग तो आरिभक सपक अ जी म होन क बाद सपक और बातचीत क भाषा गजराती हो जाएगीपर य द गजराती और तिमल भाषी या गजराती और मलयालम भाषीिमल ग या एकािधक भारतीय भाषाओ क बोलन वाल िमल ग तो य गतसपक भाषा अिधकाशतः ह द बन जाएगी भारत म अगरजी ान व ान क भाषा क प म उतनी नह जतनी ित ाभास क भाषा क प म ित त ह यह थित वदश म भारतीय क पार प रक िमलन

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क समय भी कछ कछ उभर आती ह पर इस आभास स म िमलतह सपक भाषा ह द बनती ह यह बात भारत पा क तान क लोग कपार प रक िमलन पर होती ह ित ाभासी तर पर अ जी चलन कबाद आ मीय स मलन उस ह द म होता ह जो भारत और पा क तानक वा त वक बोली ह जसम स कत अरबी फारसी क असहज प म ठसी नह जाती सहज श दावली सहज प म बोली समझी जाती हभारत म उ च और उ चभासी वग क सपक भाषा अ जी ह जनक

स या 3 ितशत स अिधक नह ह लोक जीवन अपनी अपनी ातीय ीय भाषाओ म चलता ह वा त वक लोक सपक ह द क मा यम सचलता ह इसी कार वदश म भारत और पा क तान क िनवािसय कपार प रक िमलन सग म उ च और उ चाभासी वग क लोग किमलन पर अ जी चलती ह एक भाषी सपक म ीय भाषा एकािधकभाषी सपक म ह द कल िमलाकर 20 स अिधक अ जी का उपयोग यलोग नह करत ह द जानन वाल य को इस फली हई ह द क दिनया म अ जी न जानन पर भी कोई क ठनाई नह होती सकड़ लोग भारत स कसी भी दश क भाषा क बोलन वाल वकिसत दश म कह काम क िलए चल जा रह ह ह द उनक िलए मा यम का कामकर रह ह और व अपना काम कर रह ह ह द क इस दिनया क इस ह द व क जनस या कम नह

ह व म इस स ह द का थान तीसरा ह पर इडोनिशयाजावा समा ा तथा उन म लम बाह य दश म जहा उद बोली समझीजा सकती ह ह द क बोलन समझन म अिधक क ठनाई नह आतीइस स ह द व क म उद ह द का ह एक प बनती हऔर ह द व क थित अ जी क बाद आती ह उद का याकर णकढाचा उसक आधारभत श दावली और उसक महावर दानी ह द व क सीमा क बाहर क न थी न अभी हयह वशाल ह द व विभ न दश म फला हआ ह पर बखरा

पड़ा ह इसक श ीणा पड़ ह इस सजोना होगा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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होना म होना ह द को लकर िनराश नह होना और उ साह होना

(द पक ताबोसकर)किन अिभयता

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सपक भाषा क प म हद भाषा क सामा य प रभाषा म यह कहा जा चका ह क lsquoभाषा मन य क वचार- विनमय और भाव क अिभ य का साधन हrsquo स पक भाषाका आशय जनभाषा ह कसी का सामा य य चिलत शली म जो भाषा बोलता ह वह जनभाषा ह दसर श द म वशष क सपक भाषा ह जनभाषा ह इसिलए ज र नह क जनभाषा श सा ह यक प वाली ह हो या वह याकरण क िनयम स बधी होस पक भाषा या जनभाषा वह भाषा होती ह जो कसी दश या दशक ऐस लोग क बीच पार प रक वचार- विनमय क मा यम का कामकर जो एक दसर क भाषा नह जानत दसर श द म विभ नभाषा-भाषी वग क बीच स परषण क िलए जस भाषा का योग कयाजाता ह वह स पक भाषा कहलाती ह इस कार lsquoस पक भाषाrsquo क सामा य प रभाषा होगी lsquoएक भाषा-भाषी जस भाषा क मा यम स कसी दसर भाषा क बोलन वाल क साथ स पक था पत कर सक उसस पक भाषा या जनभाषा (Link Language) कहत ह rsquo बकौल डॉपरनचद टडन lsquoस पक भाषा स ता पय उस भाषा स ह जो समाज क विभ न वग या िनवािसय क बीच स पक क काम आती ह इस स िभ न-िभ न बोली बोलन वाल अनक वग क बीच ह द एक स पक भाषा ह और अ य कई भारतीय म िभ न-िभ न भाषाए बोलन वाल क बीच भी स पक भाषा हrsquo डॉ मह िसह राणा न स पक भाषा कोइन श द म प रभा षत कया ह lsquoपर पर अबोधग य भाषा या भाषाओक उप थित क कारण जस स वधाजनक विश भाषा क मा यम सदो य दो रा य कोई रा य और क तथा दो दश स पक था पतकर पात ह उस भाषा वशष को स पक भाषा या स पक साधक भाषा(Contact Language or Interlink Language) कहा जा सकता हrsquo भारतएक बहभाषी दश ह और बहभाषा-भाषी दश म स पक भाषा का वशषमह व ह अनकता म एकता हमार अनपम पर परा रह ह वा तव म सा कितक स सारा भारत सदव एक ह रहा ह हमार इस वशाल

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दश म जहा अलग-अलग रा य म िभ न-िभ न भाषाए बोली जाती ह और जहालोग क र ित-र वाज खान-पान पहनाव और रहन-सहन तकम िभ नता हो वहा स पक भाषा ह एक ऐसी कड़ ह जो एक छोर सदसर छोर क लोग को जोड़न और उ ह एक दसर क समीप लान काकाम करती ह-

डॉ भोलानाथ न स पक भाषा क योग को तीन तर पर वभा जत कया ह एक तो वह भाषा जो एक रा य (जस महारा या असम) सदसर रा य (जस बगाल या असम) क राजक य प - यवहार म कामआए दसर वह भाषा जो क और रा य क बीच प - यवहार कामा यम हो और तीसर वह भाषा जसका योग एक दश का य दसर दश क य स अपन िनजी काम म कर आजाद क लड़ाई लड़त समय हमार यह कामना थी क वत रा क अपनी एकरा भाषा होगी जसस दश एकता क स म सदा क िलए जड़ा रहगामहा मा गाधी लोकमा य ितलक नताजी सभाषच बोस आ द सभीमहाप ष न एक मत स इसका समथ न कया य क ह द हमारसामा जक सा कितक धािम क आ दोलन क ह नह अ पत रा ीयचतना एव वाधीनता आ दोलन क अिभ य क भाषा भी रह हभारत म lsquo ह द rsquo बहत पहल स पक भाषा क प म रह ह औरइसीिलए यह बहत पहल स lsquoरा भाषाrsquo कहलाती ह य क ह द क साव दिशकता स पण भारत क सामा जक व प का ितफल हभारत क वशालता क अन प ह रा भाषा वकिसत हई ह जसस उ रद ण पव और प म कह भी होन वाल मल - चाह वह याग म कभहो अथवा अजमर शर फ क दरगाह हो या विभ न दश क हमार सा कितक एकता क आधार तभ तीथ थल ह - सभी थान परआदान- दान क भाषा क प म ह द का ह अिधकतर योग होता हइस कार इन सा कितक पर पराओ स ह द ह साव दिशक भाषा क प म लोक य ह वशषकर द ण और उ र क सा कितक स ब ध क ढ़ खला क प म ह द ह सश भाषा बनी ह द का

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व तत ह स पक भाषा ह द का आयाम जनभाषा ह द सबस यापक और लोक य ह जसका सार ीय तथा रा ीय तर सबढ़कर भारतीय उपमहा प तक ह िश त अध िश त अिश त तीन वग क लोग पर पर बातचीत आ द क िलए और इस कार मौ खकमा यम म जनभाषा ह द का यवहार करत ह भारत क िल व ाकाल वज आव वाइडर क यिनकशन पन इ डयन ल वज अ तर ादिशकभाषा लोकभाषा भारत- यापी भाषा अ खल भारतीय भाषा- य नामlsquoजनभाषाrsquo ह द क िलए य होत ह हमार दश क बहभा षकता क ढाच म ह द क विभ न भौगोिलक औरसामा जक क अित र भाषा- यवहार क म भी स पक िस का ऐसा काय िन पा दत कर रह ह जसका न कवल कोई वक पनह अ पत जो ह द क व वध भिमकाओ को सम ता क साथिन पत करन म भी समथ ह ह द न पछल हजार वष म वचार- विनमय का जो उ रदािय विनभाया ह वह एक अनठा उदाहरण ह कछ लोग क यह धारणा ह क ह द पहल lsquoरा भाषाrsquo कहलाती थी बाद म इस lsquoस पक भाषाrsquo कहाजान लगा और अब इस lsquoराजभाषाrsquo बना दन स इसका सीिमत होगया ह व तत यह उनका म ह जसा क पहल उ लख कया जाचका ह क ह द स दय स स पक भाषा और रा भाषा एक साथ रह हऔर आज भी ह भारत क स वधान सभा ारा 14 िसत बर 1949 कोइस राजभाषा क प म वीकार कर लन स उसक योग का और व तत हआ ह जस बगला तिमल तलग क नड़ मलयालम आ द को मश बगाल तिमलनाड कना टक करल आ द क राजभाषा बनाया गयाह ऐसा होन स या उन भाषाओ का मह व कम हो गया ह िन यह नह ब क इसस उन सभी भाषाओ का उ रदािय व और योग पहल स अिधक बढ़ गया ह जहा पहल कवल पर पर बोलचाल म कामआती थी या उसम सा ह य क रचना होती थी वह अब शासिनककाय भी हो रह ह यह थित ह द क भी ह इस कार ह द

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स पक और रा भाषा तो ह ह राजभाषा बनाकर इस अित र स मान दान कया गया ह इस सग म डॉ सरश कमार का कथन बहत ह ासिगक ह lsquo ह द को कवल स पक भाषा क प म दखना भलहोगी ह द आधिनक भारतीय भाषाओ क उ व काल स म यदश किनवािसय क सामा जक स परषण तथा सा ह यक-सा कितक अिभ य क भाषा रह ह और अब भी ह भाषा-स पक क बदली हईप र थितय म (जो पहल फ़ारसी-तक -अरबी तथा बाद म म य प सअ जी क साथ स पक क फल व प वकिसत हई) तथा वत भारतीयगणरा य म सभी भारतीय भाषाओ को अपन-अपन भौगोिलक म यावसाियक और सा कितक यवहार क अिभ य क िलए योग म लान क िनण य क बाद ह द का स पक भाषा काय गण औरप रमाण क स इतना वकिसत हो गया ह क उसक स ब ध म िच तन तथा अनवत काय एक स ा तक और यावहा रक आव यकताबन गए ह rsquo वा तव म भाषा स पक क थित ह कसी स पक भाषाक उ व और वकास को रत करती ह या एक स ित त भाषा कस पक काय को सप करती ह ह द क साथ दोन थितय कास ब ध ह आ त रक तर पर ह द अपनी बोिलय क यवहारकता ओक बीच स पक क थापना करती रह ह और अब भी कर रह ह तथाबा तर पर वह अ य भारतीय भाषा भाषी समदाय क म य एकमा स पक भाषा क प म उभर आई ह जसक अब व वध आयाम वकिसत हो चक ह कल िमलाकर ह द का वत मान गौरवपण हउसक भिमका आज भी सामा य-जन को जोड़न म सभी भाषाओ क अप ा सबस अिधक कारगर ह

( या पोकल) हद अनवादक बलापर

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वदश म हद क चार- सार क थितसतोष ह करना हो तो यह बात कम नह क ह द व क तीस सअिधक दश म पढ़ -पढ़ाई जाती ह लगभग 100 व व ालय म उसकिलए अ यापन क खल हए ह अकल अमर का म लगभग 20 क म उसक अ ययन अ यापन क यव था ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड जस दश म भारत मल क िनवािसय क उ लखनीय स याहोन क कारण वहा ह द वतः स नह चा रत होता ह व क यक मख दश म हमार दतावास ह जनस राजनीितक सदभ क अित र यह भी आशा क जाती ह क व ह द क चार सार क ओर भी यान द ग और अपन भारत क सामा जक स कित और भारत क रा भाषा ह द का ितिनिध समझ ग पर य द यह िच उतना ह सचहोता जतना रगीन लग रहा ह तो सतोष करन म कोई बराई न थी वदश म ह द क मह व चार एव सार क थित न सब जगहएक सी ह न ऐसा होना सभव ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड म ह द क िलए वहा क जनता क एक बड़ भाग म जो आदर और म हवह यरोप या अम रका क दश म कस िमल सकता हघ इसिलए वदश म ह द क थित चार सार क सम याओ क भी व वध प हउनक समाधान भी व वध प म खोजन ह ग वदश म ह द क थित चार तथा सार को लकर दो िभ न य स वचार करनाहोगा एक ह जो सरकार त स जड़ ह दसर ह जसका सबधजन जीवन म ह पहल सरकार त क स वदश म ह द क थित का जायजा िलया जाएपहल अपन सरकार त क स जहा तक त यगत थित ह हमारदतावास स च अथ म न तो भारत क सामािसक स कित क सवाहकबन पाए ह नह भारत क रा भाषा क ितिनिध उनक िलएअिधका रय का जो चनाव होता ह उसम भी इस को अिनवाय तः क म नह रखा जाता घर म ह जब ह द का मामला राजनीित क पचड़म उलझ गया हो तो हमार दतावास पर उसक छाया न हो यह हो भी

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कस सकता हघ सामा यतः उन दश म जहा क भारतवशीय लोग क स या अ छ ख़ासी ह और वहा ह द और भारतीय स कित क िलएललक भरा अनराग ह ऐस ह ितिनिधय और अिधका रय का चयनहोता रहा हजो भारतीय स कित और ह द क अनयायी ह उदाहरण किलए मॉ रशस म डॉ भगवतशरण उपा याय जस लोग को भजा जानाइसी कोण का प रचायक था कत यरोपीय अमर का तथा अरब दश क िलए ितिनिध भजन हए इन बात क ओर यान रखना अप तनह माना जाता रहा प रणाम यह रहा ह क इन म हमार दतावासप मी रग म रग ह द का नाम भी यदा कदा ासिगक प म लतहए ह द क चार सार स सव था िनःसग रह ह कह कोई अपवादभल िमल जाए अतः इस को ट क दतावास म सामा यतः ह द क ित ा या चार सार का वा त वक प उभर ह नह पाया हो हा सजस कितपय सा वाद दश म भारत स उसक अपनी भाषा को अ जीस वर यता दए जान क अप ा क गइ तो वहा क हमार दतावास नअव य इस ओर जाग क रहन क आव यकता समझी बात अब फरिशिथल पड़ गई ह और अिधकाशतः काय यापार अ जी क मा यम सह होता ह ह द क मा यम स नह कह कह ह द क अनवाद साथम लगाए जा रह ह पर सीिमत प म ह

हमार दतावास जन दश म ह उनक सरकार क साथकाय - यवहार म ह द का उपयोग कर - यह थित क पना स काफ़ दरक ह ायः यह थित ह क हमार दश स जान वाल भारतीय लोग को अपन दतावास स सपक करन क िलए अ जी का ह उपयोग करनापड़ता ह इन लोग म भी ऐस लोग क स या भी अिधक नह होतीजो ह द म काम लन म गौरव अनभव करत ह पर कछ लोग ऐस भीहोत ह ज ह अ जी अ छ तरह नह आती व अपन दतावास स य द ह द क मा यम स सपक सहायता चाह तो उ ह क ठनाई ह होती हअब इस पहल पर वचार कया जाए क वदश क व वध सरकार क ओर स ह द क ित कसा रवया ह और कन सदभ म ह द क या

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थित ह जहा तक सरकार का भारतीय दतावास या भारत क साथसीध सपक म ह द क योग क बात ह उ ह इस बात क अिनवाय आव यकता तीत ह नह होती उनका काम अिधकाशतः ह द स नह अ जी स चलता ह जो दश अ जी भावी नह ह और अपनी भाषा परबल दत ह व म यतः अपनी भाषा का साथ म अ जी का यदा कदा ह द क अनवाद क साथ योग करत ह ह द अनवाद का योगबहत ह सीिमत मा ा म क हए नग य होता ह हा कछ मामल म ह द अनवाद साथ म लगान का ितबध ह उन सदभ म उस लगा दया जाता हभारत क वत होत ह बड़ बड़ दश न भी य अनभव कया था क व क इस बड़ भभाग स सपक करन क िलए उ ह ह द क आव यकता होगी भारतीय स वधान म यव था क गई थी क 15 वष म ह द अ जी का थान ल लगी अतः उ ह भी यह आभास हआ था क इस दश स िनकट सपक बनान क िलए उ ह ह द क ओर आनापड़गा फलतः विभ न मख दश क सरकार न अपन व व ालय म ह द क अ ययन अ यापन क यव था और स वधा क ओर यान दया अपन छा को छा व य दान कर ह द पढ़न क िलए भारतभी भजा यहा स भी अ यापक बलाए गए या यह िसलिसला कछ नकछ अब भी जार ह पर वह ललक नह रह उ ह साफ दखाई द रहाह क भारत म वह थित क पना स भी दर पीछ धकली जा चक ह जसम ह द एकमा दश क रा भाषा और सपक भाषा बनगी जबअ जी यहा थायी प स जमती दखाई द रह हो तो कोई रा अपनयवक क म और अपन पस को ह द क िलए या यय करगा सीधासवाल उपयोिगता का ह

पर सरकार सदभ स हटकर मह वपण एव वकिसत रा म ह द क उपयोिगता कछ अ य य स भी ह भारत क वत होन स पहलस ह अनक रा इस दश क स कित और स यता को समझना चाहतरह ह वत ता पव क कारण कछ और थ अब कछ और ह यह बाद

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दसर ह पर व क जनस या क एक बड़ भाग को समझन क कोिशश वकिसत रा न कर यह आज क सदभ म सव था असभव हआज क राजनीित सीध सरकार क बीच भी चलती ह सरकार औरजनता क बीच स भी चलती ह म सह सबध राजनीितक सबध किलए ह नह लड़न क िलए भी दसर दश क भाषा सीखन क आव यकता ह इसका उदाहरण ह द क सदभ म चीन का हभारत-चीन य क समय यह सामन आया था क चीन न अपन अनकसिनक को एक आव यक मा ा म ह द का िश ण दया हआ था तोअपन अपन वाथ अथ को यान म रखकर विभ न वकिसत रा अपन यहा ह द क पठन पाठन क यव था करत ह कछ भारत कोसमझन क िलए कछ भारत स उपयोगी सदभ क िलए कछ भारत स म क िलए

जन वदशी व व ालय म ह द अ ययन-अ यापन क यव थाए ह उनक आिथ क यव था भल ह उन दश क सरकार क ओर स होती हो पर अनकानक वदशी ह द व ान ह द और भारतीयस कित क अनराग म इतन रम गए ह क उ ह न अपनी जीवनचया कोह ह द क ित सम प त कर िलया ह उनम इतना स चा और गहरा ह द अनराग ह क य ह द का काम ह नह करत ब क जब जब ह द इस दश म बढ़ती ह उनम स नता होती ह जब जब ह द पीछधकली जाती ह उ ह पीड़ा होती ह ह द क इन अनरागी वदशी व ान क ित यह दश कत ह ऊपर क चिच त थित अरब रा म नह दखाई दती उनका झकाव आव यकता क मा ा क अन प उद क ओर हआ ह ह द क ओर नह पर इसका लाभ इस दश क उन लोग को भी बराबर िमलता ह जो इन रा म यापार नौकर या अ यसदभ स गए ह उद व पतः ह द स दर होकर भी बहत दर नह जापाती अतः िल खत प म चाह न सह बोलचाल क तर पर उसकालाभ ह द उद दोन क लोग को वहा समान प स िमलता ह तीसरवग म व दश आत ह जहा भारत क मल िनवासी बड़ स या म बस हएह जस मा रशस फजी सर नाम िनडाड आ द इन दश म ह द जो

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राजक य आ य सीिमत प म ह ा ह अपनी जनस या क आधारपर भारतीय जतना ितिनिध व अपन दश क सरकार म ल पात ह उसी अनपात म य ह द को उठान क बात कर पात ह अबराजनीितक जोड़ तोड़ म भारतविशय क यह श भी बखर जाती ह तो ह द को कसी ऊचाई तक उठा ल जाना वहा भी सभव नह ह सरकार त इन दश म नीच क तर पर ह द िश ा क यव था करता हउ च िश ा और राजक य योग क िलए ह द को हण कए जान काअभी सवाल ह पदा नह हआइस कार शासक य तर पर वदश म ह द क जो भी यव था ह उसका अिधकाश हर दश क अपनी अपनीनजर क उपयोिगता क कारण ह उसम भारत सरकार और भारतीयदतावास का योगदान बहत ह सीिमत ह हा मा रशस फजी आ द दश म भारतीय शासन और दतावास क ह द ो साहन वषयक योगदानको अव य यान रखना होगा

यहा इस बात का ववचन भी आव यक ह क शासक य मा यम स ह द क अ यापक और व ािथ य का जो आदान दान होता हउसक या थित ह घ विभ न दश कछ अ य अ यापक कछ व ािथ य अपन यय पर ह द िसखवान क िलए भारत भजत ह कछ व ाथ भारत क छातव य पर विनमय योजनाओ क भीतर भी आतह ऐस ह द अ यताओ का ह द िश ण अिधकाशतः िश ा क क य ह द स थान क मा यम स दया जाता ह कछ को कितपय व व ालय म आव टत कर दया जाता ह कछ दश कछ िन तअविध क िलए भारत स ह द अ यापक का चयन करक आम तकरत ह और अपन यहा ह द िश ण क यव था करात ह भज जानवाल ह द अ यापको क चयन क याए शासक य त स गजरतीहई ऐसी बन ग ह क जो लोग जात ह उनम मशनर प रटषबहत कम और वदश जान का चास पान क ललक अिधक काम करतीह सह मताओ क लाग का चयन आज वस ह क ठन हो गया हअब रह उन लोग क बात जो ह द सीखन भारत आत ह इनम स जो व व ालय स भज जात ह उनम सह िश ा इसिलए नह पहच पाती

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क व व ालय म ह द को आधिनक व ािनक णािलय स तीयभाषा क प म पढ़ान क प ितय का सह वकास नह हआ औरक य ह द स थान इसिलए सह उ रदािय व का वहन नह कर पाता क वह िश ण िश ण णाली क आभासी व ािनकता म उलझ गयाह पर जो भी ह यह एक मा यव थत स था ह जहा व ािनकप ित स वदिशय को भारत म ह द पढ़ान क यव था आयो जत हसब िमलकर शासक य सदभ क साथ जड़कर ह द क दशा वदश

म उतनी उ साहवध क नह उतनी सतोषजनक नह जतनी होनी चा हएभारत म सवधािनक और शासक य तर पर ह द क जो थित हउसम जो शिथ य ह या जो उ साह ह दोन क छाया वदश क शासक य त स वकिसत होन वाली ह द थित पर पड़नाअ वाभा वक नह हभारत म ह द बोलन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह इस

स उद भाषी लोग भी ह द व क प रिध म ह आत ह भारत म ह द चाह सरकार तर पर एकमा सपक भाषा न बन पाए पर उन सग पर जहा दश क विभ न ात म विभ न कार क वग क लोगजड़त ह वहा यह थित दखन को िमलती ह य द यह उ चवग य लोग का स मलन ह तो ायः अ जी सपक भाषा क प म काम करती ह व प सा योग ह द का चलता ह पर य द िमलन लोक जीवन सजड़ लोग का हआ तो ह द अपन आप सपक भाषा का प ल लती हभारत क कसी भी भाग म जाइए य द िमलन वाल लोग उ चवग य याउ चाभासीवग य नह ह तो एक भाषाभाषी स अ य भाषाभा षय किमलन क सपक भाषा ायः ह द िमलगी सिनक जीवन म रलया ाओ म तीथ थान म छा स मलन म ाकितक ऐितहिसकदश नीय थल म बाज़ार म आपको इस ह द व क मता औरउपयोिगता का पता चल सकगा यह थित िनरतर वकिसत हो रह हभारत म ह द बोलन वाल क ह द समझन वालो क और ह द को यावहा रक जीवन म उपयोग करन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह

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यह वकासशील थित ह द क िलए वदश स भी ह वदश म ह द का उपयोग म यतः भारतविशय क ारा होता ह इस स वदश को तीन वग म रखा जा सकता ह पहला वग वह जसम भारतीय फजी सर नाम िनडाड जस दश रख जा सकत ह जहाभारतवशीय लोग भार तादाद म बस रह ह व लोग कामकाज को लकरइन दश म गए थ इनम भारत क स कित और भारत क ह द सस चा अनराग ह उसस जड रहन क ललक ह य लोग जो ह द बोलतह योग म लात ह वह खड़ बोली ह द नह ह पर िलखाई पढ़ाई किलए व मानक ह द क ओर ह बढ़ रह ह दसर वग म व दश ह जहा क भाषा उद ह या जहा उद भाषी जनता

क पहच ह इन म य द भारतीय ह द भाषी िमलत ह तो जोभाषा सपक -भाषा क प म मा यम बनती ह उस ह द स िभ न नह कहा जा सकता अरब रा म भारत और पा क तान दोन ह दश ककाम धामी लोग गए ह इनक पार प रक सपक भाषा ायः ह द होतीह--

तीसर वग म यरोप अमर का आ द व वकिसत रा रख जा सकत ह जहा बहत बड़ स या म भारत क लोग बस भी गए ह और अ थायी प म जा भी रह ह इन लोग म य द कसी ात वशष या वशषक लोग पर पर िमलत ह तो अपनी ीय भाषा का योग करत ह परय द विभ न भारतीय भाषाभाषी िमलत ह तो सपक भाषा ायः ह द होती ह उदाहरण म तौर पर अमर का कनाडा म गजराती-भाषी काफ़ स या म बस ह य द गजराती लोग पर पर िमल ग तो आरिभक सपक अ जी म होन क बाद सपक और बातचीत क भाषा गजराती हो जाएगीपर य द गजराती और तिमल भाषी या गजराती और मलयालम भाषीिमल ग या एकािधक भारतीय भाषाओ क बोलन वाल िमल ग तो य गतसपक भाषा अिधकाशतः ह द बन जाएगी भारत म अगरजी ान व ान क भाषा क प म उतनी नह जतनी ित ाभास क भाषा क प म ित त ह यह थित वदश म भारतीय क पार प रक िमलन

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क समय भी कछ कछ उभर आती ह पर इस आभास स म िमलतह सपक भाषा ह द बनती ह यह बात भारत पा क तान क लोग कपार प रक िमलन पर होती ह ित ाभासी तर पर अ जी चलन कबाद आ मीय स मलन उस ह द म होता ह जो भारत और पा क तानक वा त वक बोली ह जसम स कत अरबी फारसी क असहज प म ठसी नह जाती सहज श दावली सहज प म बोली समझी जाती हभारत म उ च और उ चभासी वग क सपक भाषा अ जी ह जनक

स या 3 ितशत स अिधक नह ह लोक जीवन अपनी अपनी ातीय ीय भाषाओ म चलता ह वा त वक लोक सपक ह द क मा यम सचलता ह इसी कार वदश म भारत और पा क तान क िनवािसय कपार प रक िमलन सग म उ च और उ चाभासी वग क लोग किमलन पर अ जी चलती ह एक भाषी सपक म ीय भाषा एकािधकभाषी सपक म ह द कल िमलाकर 20 स अिधक अ जी का उपयोग यलोग नह करत ह द जानन वाल य को इस फली हई ह द क दिनया म अ जी न जानन पर भी कोई क ठनाई नह होती सकड़ लोग भारत स कसी भी दश क भाषा क बोलन वाल वकिसत दश म कह काम क िलए चल जा रह ह ह द उनक िलए मा यम का कामकर रह ह और व अपना काम कर रह ह ह द क इस दिनया क इस ह द व क जनस या कम नह

ह व म इस स ह द का थान तीसरा ह पर इडोनिशयाजावा समा ा तथा उन म लम बाह य दश म जहा उद बोली समझीजा सकती ह ह द क बोलन समझन म अिधक क ठनाई नह आतीइस स ह द व क म उद ह द का ह एक प बनती हऔर ह द व क थित अ जी क बाद आती ह उद का याकर णकढाचा उसक आधारभत श दावली और उसक महावर दानी ह द व क सीमा क बाहर क न थी न अभी हयह वशाल ह द व विभ न दश म फला हआ ह पर बखरा

पड़ा ह इसक श ीणा पड़ ह इस सजोना होगा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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सपक भाषा क प म हद भाषा क सामा य प रभाषा म यह कहा जा चका ह क lsquoभाषा मन य क वचार- विनमय और भाव क अिभ य का साधन हrsquo स पक भाषाका आशय जनभाषा ह कसी का सामा य य चिलत शली म जो भाषा बोलता ह वह जनभाषा ह दसर श द म वशष क सपक भाषा ह जनभाषा ह इसिलए ज र नह क जनभाषा श सा ह यक प वाली ह हो या वह याकरण क िनयम स बधी होस पक भाषा या जनभाषा वह भाषा होती ह जो कसी दश या दशक ऐस लोग क बीच पार प रक वचार- विनमय क मा यम का कामकर जो एक दसर क भाषा नह जानत दसर श द म विभ नभाषा-भाषी वग क बीच स परषण क िलए जस भाषा का योग कयाजाता ह वह स पक भाषा कहलाती ह इस कार lsquoस पक भाषाrsquo क सामा य प रभाषा होगी lsquoएक भाषा-भाषी जस भाषा क मा यम स कसी दसर भाषा क बोलन वाल क साथ स पक था पत कर सक उसस पक भाषा या जनभाषा (Link Language) कहत ह rsquo बकौल डॉपरनचद टडन lsquoस पक भाषा स ता पय उस भाषा स ह जो समाज क विभ न वग या िनवािसय क बीच स पक क काम आती ह इस स िभ न-िभ न बोली बोलन वाल अनक वग क बीच ह द एक स पक भाषा ह और अ य कई भारतीय म िभ न-िभ न भाषाए बोलन वाल क बीच भी स पक भाषा हrsquo डॉ मह िसह राणा न स पक भाषा कोइन श द म प रभा षत कया ह lsquoपर पर अबोधग य भाषा या भाषाओक उप थित क कारण जस स वधाजनक विश भाषा क मा यम सदो य दो रा य कोई रा य और क तथा दो दश स पक था पतकर पात ह उस भाषा वशष को स पक भाषा या स पक साधक भाषा(Contact Language or Interlink Language) कहा जा सकता हrsquo भारतएक बहभाषी दश ह और बहभाषा-भाषी दश म स पक भाषा का वशषमह व ह अनकता म एकता हमार अनपम पर परा रह ह वा तव म सा कितक स सारा भारत सदव एक ह रहा ह हमार इस वशाल

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दश म जहा अलग-अलग रा य म िभ न-िभ न भाषाए बोली जाती ह और जहालोग क र ित-र वाज खान-पान पहनाव और रहन-सहन तकम िभ नता हो वहा स पक भाषा ह एक ऐसी कड़ ह जो एक छोर सदसर छोर क लोग को जोड़न और उ ह एक दसर क समीप लान काकाम करती ह-

डॉ भोलानाथ न स पक भाषा क योग को तीन तर पर वभा जत कया ह एक तो वह भाषा जो एक रा य (जस महारा या असम) सदसर रा य (जस बगाल या असम) क राजक य प - यवहार म कामआए दसर वह भाषा जो क और रा य क बीच प - यवहार कामा यम हो और तीसर वह भाषा जसका योग एक दश का य दसर दश क य स अपन िनजी काम म कर आजाद क लड़ाई लड़त समय हमार यह कामना थी क वत रा क अपनी एकरा भाषा होगी जसस दश एकता क स म सदा क िलए जड़ा रहगामहा मा गाधी लोकमा य ितलक नताजी सभाषच बोस आ द सभीमहाप ष न एक मत स इसका समथ न कया य क ह द हमारसामा जक सा कितक धािम क आ दोलन क ह नह अ पत रा ीयचतना एव वाधीनता आ दोलन क अिभ य क भाषा भी रह हभारत म lsquo ह द rsquo बहत पहल स पक भाषा क प म रह ह औरइसीिलए यह बहत पहल स lsquoरा भाषाrsquo कहलाती ह य क ह द क साव दिशकता स पण भारत क सामा जक व प का ितफल हभारत क वशालता क अन प ह रा भाषा वकिसत हई ह जसस उ रद ण पव और प म कह भी होन वाल मल - चाह वह याग म कभहो अथवा अजमर शर फ क दरगाह हो या विभ न दश क हमार सा कितक एकता क आधार तभ तीथ थल ह - सभी थान परआदान- दान क भाषा क प म ह द का ह अिधकतर योग होता हइस कार इन सा कितक पर पराओ स ह द ह साव दिशक भाषा क प म लोक य ह वशषकर द ण और उ र क सा कितक स ब ध क ढ़ खला क प म ह द ह सश भाषा बनी ह द का

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व तत ह स पक भाषा ह द का आयाम जनभाषा ह द सबस यापक और लोक य ह जसका सार ीय तथा रा ीय तर सबढ़कर भारतीय उपमहा प तक ह िश त अध िश त अिश त तीन वग क लोग पर पर बातचीत आ द क िलए और इस कार मौ खकमा यम म जनभाषा ह द का यवहार करत ह भारत क िल व ाकाल वज आव वाइडर क यिनकशन पन इ डयन ल वज अ तर ादिशकभाषा लोकभाषा भारत- यापी भाषा अ खल भारतीय भाषा- य नामlsquoजनभाषाrsquo ह द क िलए य होत ह हमार दश क बहभा षकता क ढाच म ह द क विभ न भौगोिलक औरसामा जक क अित र भाषा- यवहार क म भी स पक िस का ऐसा काय िन पा दत कर रह ह जसका न कवल कोई वक पनह अ पत जो ह द क व वध भिमकाओ को सम ता क साथिन पत करन म भी समथ ह ह द न पछल हजार वष म वचार- विनमय का जो उ रदािय विनभाया ह वह एक अनठा उदाहरण ह कछ लोग क यह धारणा ह क ह द पहल lsquoरा भाषाrsquo कहलाती थी बाद म इस lsquoस पक भाषाrsquo कहाजान लगा और अब इस lsquoराजभाषाrsquo बना दन स इसका सीिमत होगया ह व तत यह उनका म ह जसा क पहल उ लख कया जाचका ह क ह द स दय स स पक भाषा और रा भाषा एक साथ रह हऔर आज भी ह भारत क स वधान सभा ारा 14 िसत बर 1949 कोइस राजभाषा क प म वीकार कर लन स उसक योग का और व तत हआ ह जस बगला तिमल तलग क नड़ मलयालम आ द को मश बगाल तिमलनाड कना टक करल आ द क राजभाषा बनाया गयाह ऐसा होन स या उन भाषाओ का मह व कम हो गया ह िन यह नह ब क इसस उन सभी भाषाओ का उ रदािय व और योग पहल स अिधक बढ़ गया ह जहा पहल कवल पर पर बोलचाल म कामआती थी या उसम सा ह य क रचना होती थी वह अब शासिनककाय भी हो रह ह यह थित ह द क भी ह इस कार ह द

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स पक और रा भाषा तो ह ह राजभाषा बनाकर इस अित र स मान दान कया गया ह इस सग म डॉ सरश कमार का कथन बहत ह ासिगक ह lsquo ह द को कवल स पक भाषा क प म दखना भलहोगी ह द आधिनक भारतीय भाषाओ क उ व काल स म यदश किनवािसय क सामा जक स परषण तथा सा ह यक-सा कितक अिभ य क भाषा रह ह और अब भी ह भाषा-स पक क बदली हईप र थितय म (जो पहल फ़ारसी-तक -अरबी तथा बाद म म य प सअ जी क साथ स पक क फल व प वकिसत हई) तथा वत भारतीयगणरा य म सभी भारतीय भाषाओ को अपन-अपन भौगोिलक म यावसाियक और सा कितक यवहार क अिभ य क िलए योग म लान क िनण य क बाद ह द का स पक भाषा काय गण औरप रमाण क स इतना वकिसत हो गया ह क उसक स ब ध म िच तन तथा अनवत काय एक स ा तक और यावहा रक आव यकताबन गए ह rsquo वा तव म भाषा स पक क थित ह कसी स पक भाषाक उ व और वकास को रत करती ह या एक स ित त भाषा कस पक काय को सप करती ह ह द क साथ दोन थितय कास ब ध ह आ त रक तर पर ह द अपनी बोिलय क यवहारकता ओक बीच स पक क थापना करती रह ह और अब भी कर रह ह तथाबा तर पर वह अ य भारतीय भाषा भाषी समदाय क म य एकमा स पक भाषा क प म उभर आई ह जसक अब व वध आयाम वकिसत हो चक ह कल िमलाकर ह द का वत मान गौरवपण हउसक भिमका आज भी सामा य-जन को जोड़न म सभी भाषाओ क अप ा सबस अिधक कारगर ह

( या पोकल) हद अनवादक बलापर

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वदश म हद क चार- सार क थितसतोष ह करना हो तो यह बात कम नह क ह द व क तीस सअिधक दश म पढ़ -पढ़ाई जाती ह लगभग 100 व व ालय म उसकिलए अ यापन क खल हए ह अकल अमर का म लगभग 20 क म उसक अ ययन अ यापन क यव था ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड जस दश म भारत मल क िनवािसय क उ लखनीय स याहोन क कारण वहा ह द वतः स नह चा रत होता ह व क यक मख दश म हमार दतावास ह जनस राजनीितक सदभ क अित र यह भी आशा क जाती ह क व ह द क चार सार क ओर भी यान द ग और अपन भारत क सामा जक स कित और भारत क रा भाषा ह द का ितिनिध समझ ग पर य द यह िच उतना ह सचहोता जतना रगीन लग रहा ह तो सतोष करन म कोई बराई न थी वदश म ह द क मह व चार एव सार क थित न सब जगहएक सी ह न ऐसा होना सभव ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड म ह द क िलए वहा क जनता क एक बड़ भाग म जो आदर और म हवह यरोप या अम रका क दश म कस िमल सकता हघ इसिलए वदश म ह द क थित चार सार क सम याओ क भी व वध प हउनक समाधान भी व वध प म खोजन ह ग वदश म ह द क थित चार तथा सार को लकर दो िभ न य स वचार करनाहोगा एक ह जो सरकार त स जड़ ह दसर ह जसका सबधजन जीवन म ह पहल सरकार त क स वदश म ह द क थित का जायजा िलया जाएपहल अपन सरकार त क स जहा तक त यगत थित ह हमारदतावास स च अथ म न तो भारत क सामािसक स कित क सवाहकबन पाए ह नह भारत क रा भाषा क ितिनिध उनक िलएअिधका रय का जो चनाव होता ह उसम भी इस को अिनवाय तः क म नह रखा जाता घर म ह जब ह द का मामला राजनीित क पचड़म उलझ गया हो तो हमार दतावास पर उसक छाया न हो यह हो भी

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कस सकता हघ सामा यतः उन दश म जहा क भारतवशीय लोग क स या अ छ ख़ासी ह और वहा ह द और भारतीय स कित क िलएललक भरा अनराग ह ऐस ह ितिनिधय और अिधका रय का चयनहोता रहा हजो भारतीय स कित और ह द क अनयायी ह उदाहरण किलए मॉ रशस म डॉ भगवतशरण उपा याय जस लोग को भजा जानाइसी कोण का प रचायक था कत यरोपीय अमर का तथा अरब दश क िलए ितिनिध भजन हए इन बात क ओर यान रखना अप तनह माना जाता रहा प रणाम यह रहा ह क इन म हमार दतावासप मी रग म रग ह द का नाम भी यदा कदा ासिगक प म लतहए ह द क चार सार स सव था िनःसग रह ह कह कोई अपवादभल िमल जाए अतः इस को ट क दतावास म सामा यतः ह द क ित ा या चार सार का वा त वक प उभर ह नह पाया हो हा सजस कितपय सा वाद दश म भारत स उसक अपनी भाषा को अ जीस वर यता दए जान क अप ा क गइ तो वहा क हमार दतावास नअव य इस ओर जाग क रहन क आव यकता समझी बात अब फरिशिथल पड़ गई ह और अिधकाशतः काय यापार अ जी क मा यम सह होता ह ह द क मा यम स नह कह कह ह द क अनवाद साथम लगाए जा रह ह पर सीिमत प म ह

हमार दतावास जन दश म ह उनक सरकार क साथकाय - यवहार म ह द का उपयोग कर - यह थित क पना स काफ़ दरक ह ायः यह थित ह क हमार दश स जान वाल भारतीय लोग को अपन दतावास स सपक करन क िलए अ जी का ह उपयोग करनापड़ता ह इन लोग म भी ऐस लोग क स या भी अिधक नह होतीजो ह द म काम लन म गौरव अनभव करत ह पर कछ लोग ऐस भीहोत ह ज ह अ जी अ छ तरह नह आती व अपन दतावास स य द ह द क मा यम स सपक सहायता चाह तो उ ह क ठनाई ह होती हअब इस पहल पर वचार कया जाए क वदश क व वध सरकार क ओर स ह द क ित कसा रवया ह और कन सदभ म ह द क या

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थित ह जहा तक सरकार का भारतीय दतावास या भारत क साथसीध सपक म ह द क योग क बात ह उ ह इस बात क अिनवाय आव यकता तीत ह नह होती उनका काम अिधकाशतः ह द स नह अ जी स चलता ह जो दश अ जी भावी नह ह और अपनी भाषा परबल दत ह व म यतः अपनी भाषा का साथ म अ जी का यदा कदा ह द क अनवाद क साथ योग करत ह ह द अनवाद का योगबहत ह सीिमत मा ा म क हए नग य होता ह हा कछ मामल म ह द अनवाद साथ म लगान का ितबध ह उन सदभ म उस लगा दया जाता हभारत क वत होत ह बड़ बड़ दश न भी य अनभव कया था क व क इस बड़ भभाग स सपक करन क िलए उ ह ह द क आव यकता होगी भारतीय स वधान म यव था क गई थी क 15 वष म ह द अ जी का थान ल लगी अतः उ ह भी यह आभास हआ था क इस दश स िनकट सपक बनान क िलए उ ह ह द क ओर आनापड़गा फलतः विभ न मख दश क सरकार न अपन व व ालय म ह द क अ ययन अ यापन क यव था और स वधा क ओर यान दया अपन छा को छा व य दान कर ह द पढ़न क िलए भारतभी भजा यहा स भी अ यापक बलाए गए या यह िसलिसला कछ नकछ अब भी जार ह पर वह ललक नह रह उ ह साफ दखाई द रहाह क भारत म वह थित क पना स भी दर पीछ धकली जा चक ह जसम ह द एकमा दश क रा भाषा और सपक भाषा बनगी जबअ जी यहा थायी प स जमती दखाई द रह हो तो कोई रा अपनयवक क म और अपन पस को ह द क िलए या यय करगा सीधासवाल उपयोिगता का ह

पर सरकार सदभ स हटकर मह वपण एव वकिसत रा म ह द क उपयोिगता कछ अ य य स भी ह भारत क वत होन स पहलस ह अनक रा इस दश क स कित और स यता को समझना चाहतरह ह वत ता पव क कारण कछ और थ अब कछ और ह यह बाद

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दसर ह पर व क जनस या क एक बड़ भाग को समझन क कोिशश वकिसत रा न कर यह आज क सदभ म सव था असभव हआज क राजनीित सीध सरकार क बीच भी चलती ह सरकार औरजनता क बीच स भी चलती ह म सह सबध राजनीितक सबध किलए ह नह लड़न क िलए भी दसर दश क भाषा सीखन क आव यकता ह इसका उदाहरण ह द क सदभ म चीन का हभारत-चीन य क समय यह सामन आया था क चीन न अपन अनकसिनक को एक आव यक मा ा म ह द का िश ण दया हआ था तोअपन अपन वाथ अथ को यान म रखकर विभ न वकिसत रा अपन यहा ह द क पठन पाठन क यव था करत ह कछ भारत कोसमझन क िलए कछ भारत स उपयोगी सदभ क िलए कछ भारत स म क िलए

जन वदशी व व ालय म ह द अ ययन-अ यापन क यव थाए ह उनक आिथ क यव था भल ह उन दश क सरकार क ओर स होती हो पर अनकानक वदशी ह द व ान ह द और भारतीयस कित क अनराग म इतन रम गए ह क उ ह न अपनी जीवनचया कोह ह द क ित सम प त कर िलया ह उनम इतना स चा और गहरा ह द अनराग ह क य ह द का काम ह नह करत ब क जब जब ह द इस दश म बढ़ती ह उनम स नता होती ह जब जब ह द पीछधकली जाती ह उ ह पीड़ा होती ह ह द क इन अनरागी वदशी व ान क ित यह दश कत ह ऊपर क चिच त थित अरब रा म नह दखाई दती उनका झकाव आव यकता क मा ा क अन प उद क ओर हआ ह ह द क ओर नह पर इसका लाभ इस दश क उन लोग को भी बराबर िमलता ह जो इन रा म यापार नौकर या अ यसदभ स गए ह उद व पतः ह द स दर होकर भी बहत दर नह जापाती अतः िल खत प म चाह न सह बोलचाल क तर पर उसकालाभ ह द उद दोन क लोग को वहा समान प स िमलता ह तीसरवग म व दश आत ह जहा भारत क मल िनवासी बड़ स या म बस हएह जस मा रशस फजी सर नाम िनडाड आ द इन दश म ह द जो

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राजक य आ य सीिमत प म ह ा ह अपनी जनस या क आधारपर भारतीय जतना ितिनिध व अपन दश क सरकार म ल पात ह उसी अनपात म य ह द को उठान क बात कर पात ह अबराजनीितक जोड़ तोड़ म भारतविशय क यह श भी बखर जाती ह तो ह द को कसी ऊचाई तक उठा ल जाना वहा भी सभव नह ह सरकार त इन दश म नीच क तर पर ह द िश ा क यव था करता हउ च िश ा और राजक य योग क िलए ह द को हण कए जान काअभी सवाल ह पदा नह हआइस कार शासक य तर पर वदश म ह द क जो भी यव था ह उसका अिधकाश हर दश क अपनी अपनीनजर क उपयोिगता क कारण ह उसम भारत सरकार और भारतीयदतावास का योगदान बहत ह सीिमत ह हा मा रशस फजी आ द दश म भारतीय शासन और दतावास क ह द ो साहन वषयक योगदानको अव य यान रखना होगा

यहा इस बात का ववचन भी आव यक ह क शासक य मा यम स ह द क अ यापक और व ािथ य का जो आदान दान होता हउसक या थित ह घ विभ न दश कछ अ य अ यापक कछ व ािथ य अपन यय पर ह द िसखवान क िलए भारत भजत ह कछ व ाथ भारत क छातव य पर विनमय योजनाओ क भीतर भी आतह ऐस ह द अ यताओ का ह द िश ण अिधकाशतः िश ा क क य ह द स थान क मा यम स दया जाता ह कछ को कितपय व व ालय म आव टत कर दया जाता ह कछ दश कछ िन तअविध क िलए भारत स ह द अ यापक का चयन करक आम तकरत ह और अपन यहा ह द िश ण क यव था करात ह भज जानवाल ह द अ यापको क चयन क याए शासक य त स गजरतीहई ऐसी बन ग ह क जो लोग जात ह उनम मशनर प रटषबहत कम और वदश जान का चास पान क ललक अिधक काम करतीह सह मताओ क लाग का चयन आज वस ह क ठन हो गया हअब रह उन लोग क बात जो ह द सीखन भारत आत ह इनम स जो व व ालय स भज जात ह उनम सह िश ा इसिलए नह पहच पाती

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क व व ालय म ह द को आधिनक व ािनक णािलय स तीयभाषा क प म पढ़ान क प ितय का सह वकास नह हआ औरक य ह द स थान इसिलए सह उ रदािय व का वहन नह कर पाता क वह िश ण िश ण णाली क आभासी व ािनकता म उलझ गयाह पर जो भी ह यह एक मा यव थत स था ह जहा व ािनकप ित स वदिशय को भारत म ह द पढ़ान क यव था आयो जत हसब िमलकर शासक य सदभ क साथ जड़कर ह द क दशा वदश

म उतनी उ साहवध क नह उतनी सतोषजनक नह जतनी होनी चा हएभारत म सवधािनक और शासक य तर पर ह द क जो थित हउसम जो शिथ य ह या जो उ साह ह दोन क छाया वदश क शासक य त स वकिसत होन वाली ह द थित पर पड़नाअ वाभा वक नह हभारत म ह द बोलन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह इस

स उद भाषी लोग भी ह द व क प रिध म ह आत ह भारत म ह द चाह सरकार तर पर एकमा सपक भाषा न बन पाए पर उन सग पर जहा दश क विभ न ात म विभ न कार क वग क लोगजड़त ह वहा यह थित दखन को िमलती ह य द यह उ चवग य लोग का स मलन ह तो ायः अ जी सपक भाषा क प म काम करती ह व प सा योग ह द का चलता ह पर य द िमलन लोक जीवन सजड़ लोग का हआ तो ह द अपन आप सपक भाषा का प ल लती हभारत क कसी भी भाग म जाइए य द िमलन वाल लोग उ चवग य याउ चाभासीवग य नह ह तो एक भाषाभाषी स अ य भाषाभा षय किमलन क सपक भाषा ायः ह द िमलगी सिनक जीवन म रलया ाओ म तीथ थान म छा स मलन म ाकितक ऐितहिसकदश नीय थल म बाज़ार म आपको इस ह द व क मता औरउपयोिगता का पता चल सकगा यह थित िनरतर वकिसत हो रह हभारत म ह द बोलन वाल क ह द समझन वालो क और ह द को यावहा रक जीवन म उपयोग करन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह

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यह वकासशील थित ह द क िलए वदश स भी ह वदश म ह द का उपयोग म यतः भारतविशय क ारा होता ह इस स वदश को तीन वग म रखा जा सकता ह पहला वग वह जसम भारतीय फजी सर नाम िनडाड जस दश रख जा सकत ह जहाभारतवशीय लोग भार तादाद म बस रह ह व लोग कामकाज को लकरइन दश म गए थ इनम भारत क स कित और भारत क ह द सस चा अनराग ह उसस जड रहन क ललक ह य लोग जो ह द बोलतह योग म लात ह वह खड़ बोली ह द नह ह पर िलखाई पढ़ाई किलए व मानक ह द क ओर ह बढ़ रह ह दसर वग म व दश ह जहा क भाषा उद ह या जहा उद भाषी जनता

क पहच ह इन म य द भारतीय ह द भाषी िमलत ह तो जोभाषा सपक -भाषा क प म मा यम बनती ह उस ह द स िभ न नह कहा जा सकता अरब रा म भारत और पा क तान दोन ह दश ककाम धामी लोग गए ह इनक पार प रक सपक भाषा ायः ह द होतीह--

तीसर वग म यरोप अमर का आ द व वकिसत रा रख जा सकत ह जहा बहत बड़ स या म भारत क लोग बस भी गए ह और अ थायी प म जा भी रह ह इन लोग म य द कसी ात वशष या वशषक लोग पर पर िमलत ह तो अपनी ीय भाषा का योग करत ह परय द विभ न भारतीय भाषाभाषी िमलत ह तो सपक भाषा ायः ह द होती ह उदाहरण म तौर पर अमर का कनाडा म गजराती-भाषी काफ़ स या म बस ह य द गजराती लोग पर पर िमल ग तो आरिभक सपक अ जी म होन क बाद सपक और बातचीत क भाषा गजराती हो जाएगीपर य द गजराती और तिमल भाषी या गजराती और मलयालम भाषीिमल ग या एकािधक भारतीय भाषाओ क बोलन वाल िमल ग तो य गतसपक भाषा अिधकाशतः ह द बन जाएगी भारत म अगरजी ान व ान क भाषा क प म उतनी नह जतनी ित ाभास क भाषा क प म ित त ह यह थित वदश म भारतीय क पार प रक िमलन

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क समय भी कछ कछ उभर आती ह पर इस आभास स म िमलतह सपक भाषा ह द बनती ह यह बात भारत पा क तान क लोग कपार प रक िमलन पर होती ह ित ाभासी तर पर अ जी चलन कबाद आ मीय स मलन उस ह द म होता ह जो भारत और पा क तानक वा त वक बोली ह जसम स कत अरबी फारसी क असहज प म ठसी नह जाती सहज श दावली सहज प म बोली समझी जाती हभारत म उ च और उ चभासी वग क सपक भाषा अ जी ह जनक

स या 3 ितशत स अिधक नह ह लोक जीवन अपनी अपनी ातीय ीय भाषाओ म चलता ह वा त वक लोक सपक ह द क मा यम सचलता ह इसी कार वदश म भारत और पा क तान क िनवािसय कपार प रक िमलन सग म उ च और उ चाभासी वग क लोग किमलन पर अ जी चलती ह एक भाषी सपक म ीय भाषा एकािधकभाषी सपक म ह द कल िमलाकर 20 स अिधक अ जी का उपयोग यलोग नह करत ह द जानन वाल य को इस फली हई ह द क दिनया म अ जी न जानन पर भी कोई क ठनाई नह होती सकड़ लोग भारत स कसी भी दश क भाषा क बोलन वाल वकिसत दश म कह काम क िलए चल जा रह ह ह द उनक िलए मा यम का कामकर रह ह और व अपना काम कर रह ह ह द क इस दिनया क इस ह द व क जनस या कम नह

ह व म इस स ह द का थान तीसरा ह पर इडोनिशयाजावा समा ा तथा उन म लम बाह य दश म जहा उद बोली समझीजा सकती ह ह द क बोलन समझन म अिधक क ठनाई नह आतीइस स ह द व क म उद ह द का ह एक प बनती हऔर ह द व क थित अ जी क बाद आती ह उद का याकर णकढाचा उसक आधारभत श दावली और उसक महावर दानी ह द व क सीमा क बाहर क न थी न अभी हयह वशाल ह द व विभ न दश म फला हआ ह पर बखरा

पड़ा ह इसक श ीणा पड़ ह इस सजोना होगा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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दश म जहा अलग-अलग रा य म िभ न-िभ न भाषाए बोली जाती ह और जहालोग क र ित-र वाज खान-पान पहनाव और रहन-सहन तकम िभ नता हो वहा स पक भाषा ह एक ऐसी कड़ ह जो एक छोर सदसर छोर क लोग को जोड़न और उ ह एक दसर क समीप लान काकाम करती ह-

डॉ भोलानाथ न स पक भाषा क योग को तीन तर पर वभा जत कया ह एक तो वह भाषा जो एक रा य (जस महारा या असम) सदसर रा य (जस बगाल या असम) क राजक य प - यवहार म कामआए दसर वह भाषा जो क और रा य क बीच प - यवहार कामा यम हो और तीसर वह भाषा जसका योग एक दश का य दसर दश क य स अपन िनजी काम म कर आजाद क लड़ाई लड़त समय हमार यह कामना थी क वत रा क अपनी एकरा भाषा होगी जसस दश एकता क स म सदा क िलए जड़ा रहगामहा मा गाधी लोकमा य ितलक नताजी सभाषच बोस आ द सभीमहाप ष न एक मत स इसका समथ न कया य क ह द हमारसामा जक सा कितक धािम क आ दोलन क ह नह अ पत रा ीयचतना एव वाधीनता आ दोलन क अिभ य क भाषा भी रह हभारत म lsquo ह द rsquo बहत पहल स पक भाषा क प म रह ह औरइसीिलए यह बहत पहल स lsquoरा भाषाrsquo कहलाती ह य क ह द क साव दिशकता स पण भारत क सामा जक व प का ितफल हभारत क वशालता क अन प ह रा भाषा वकिसत हई ह जसस उ रद ण पव और प म कह भी होन वाल मल - चाह वह याग म कभहो अथवा अजमर शर फ क दरगाह हो या विभ न दश क हमार सा कितक एकता क आधार तभ तीथ थल ह - सभी थान परआदान- दान क भाषा क प म ह द का ह अिधकतर योग होता हइस कार इन सा कितक पर पराओ स ह द ह साव दिशक भाषा क प म लोक य ह वशषकर द ण और उ र क सा कितक स ब ध क ढ़ खला क प म ह द ह सश भाषा बनी ह द का

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व तत ह स पक भाषा ह द का आयाम जनभाषा ह द सबस यापक और लोक य ह जसका सार ीय तथा रा ीय तर सबढ़कर भारतीय उपमहा प तक ह िश त अध िश त अिश त तीन वग क लोग पर पर बातचीत आ द क िलए और इस कार मौ खकमा यम म जनभाषा ह द का यवहार करत ह भारत क िल व ाकाल वज आव वाइडर क यिनकशन पन इ डयन ल वज अ तर ादिशकभाषा लोकभाषा भारत- यापी भाषा अ खल भारतीय भाषा- य नामlsquoजनभाषाrsquo ह द क िलए य होत ह हमार दश क बहभा षकता क ढाच म ह द क विभ न भौगोिलक औरसामा जक क अित र भाषा- यवहार क म भी स पक िस का ऐसा काय िन पा दत कर रह ह जसका न कवल कोई वक पनह अ पत जो ह द क व वध भिमकाओ को सम ता क साथिन पत करन म भी समथ ह ह द न पछल हजार वष म वचार- विनमय का जो उ रदािय विनभाया ह वह एक अनठा उदाहरण ह कछ लोग क यह धारणा ह क ह द पहल lsquoरा भाषाrsquo कहलाती थी बाद म इस lsquoस पक भाषाrsquo कहाजान लगा और अब इस lsquoराजभाषाrsquo बना दन स इसका सीिमत होगया ह व तत यह उनका म ह जसा क पहल उ लख कया जाचका ह क ह द स दय स स पक भाषा और रा भाषा एक साथ रह हऔर आज भी ह भारत क स वधान सभा ारा 14 िसत बर 1949 कोइस राजभाषा क प म वीकार कर लन स उसक योग का और व तत हआ ह जस बगला तिमल तलग क नड़ मलयालम आ द को मश बगाल तिमलनाड कना टक करल आ द क राजभाषा बनाया गयाह ऐसा होन स या उन भाषाओ का मह व कम हो गया ह िन यह नह ब क इसस उन सभी भाषाओ का उ रदािय व और योग पहल स अिधक बढ़ गया ह जहा पहल कवल पर पर बोलचाल म कामआती थी या उसम सा ह य क रचना होती थी वह अब शासिनककाय भी हो रह ह यह थित ह द क भी ह इस कार ह द

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स पक और रा भाषा तो ह ह राजभाषा बनाकर इस अित र स मान दान कया गया ह इस सग म डॉ सरश कमार का कथन बहत ह ासिगक ह lsquo ह द को कवल स पक भाषा क प म दखना भलहोगी ह द आधिनक भारतीय भाषाओ क उ व काल स म यदश किनवािसय क सामा जक स परषण तथा सा ह यक-सा कितक अिभ य क भाषा रह ह और अब भी ह भाषा-स पक क बदली हईप र थितय म (जो पहल फ़ारसी-तक -अरबी तथा बाद म म य प सअ जी क साथ स पक क फल व प वकिसत हई) तथा वत भारतीयगणरा य म सभी भारतीय भाषाओ को अपन-अपन भौगोिलक म यावसाियक और सा कितक यवहार क अिभ य क िलए योग म लान क िनण य क बाद ह द का स पक भाषा काय गण औरप रमाण क स इतना वकिसत हो गया ह क उसक स ब ध म िच तन तथा अनवत काय एक स ा तक और यावहा रक आव यकताबन गए ह rsquo वा तव म भाषा स पक क थित ह कसी स पक भाषाक उ व और वकास को रत करती ह या एक स ित त भाषा कस पक काय को सप करती ह ह द क साथ दोन थितय कास ब ध ह आ त रक तर पर ह द अपनी बोिलय क यवहारकता ओक बीच स पक क थापना करती रह ह और अब भी कर रह ह तथाबा तर पर वह अ य भारतीय भाषा भाषी समदाय क म य एकमा स पक भाषा क प म उभर आई ह जसक अब व वध आयाम वकिसत हो चक ह कल िमलाकर ह द का वत मान गौरवपण हउसक भिमका आज भी सामा य-जन को जोड़न म सभी भाषाओ क अप ा सबस अिधक कारगर ह

( या पोकल) हद अनवादक बलापर

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वदश म हद क चार- सार क थितसतोष ह करना हो तो यह बात कम नह क ह द व क तीस सअिधक दश म पढ़ -पढ़ाई जाती ह लगभग 100 व व ालय म उसकिलए अ यापन क खल हए ह अकल अमर का म लगभग 20 क म उसक अ ययन अ यापन क यव था ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड जस दश म भारत मल क िनवािसय क उ लखनीय स याहोन क कारण वहा ह द वतः स नह चा रत होता ह व क यक मख दश म हमार दतावास ह जनस राजनीितक सदभ क अित र यह भी आशा क जाती ह क व ह द क चार सार क ओर भी यान द ग और अपन भारत क सामा जक स कित और भारत क रा भाषा ह द का ितिनिध समझ ग पर य द यह िच उतना ह सचहोता जतना रगीन लग रहा ह तो सतोष करन म कोई बराई न थी वदश म ह द क मह व चार एव सार क थित न सब जगहएक सी ह न ऐसा होना सभव ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड म ह द क िलए वहा क जनता क एक बड़ भाग म जो आदर और म हवह यरोप या अम रका क दश म कस िमल सकता हघ इसिलए वदश म ह द क थित चार सार क सम याओ क भी व वध प हउनक समाधान भी व वध प म खोजन ह ग वदश म ह द क थित चार तथा सार को लकर दो िभ न य स वचार करनाहोगा एक ह जो सरकार त स जड़ ह दसर ह जसका सबधजन जीवन म ह पहल सरकार त क स वदश म ह द क थित का जायजा िलया जाएपहल अपन सरकार त क स जहा तक त यगत थित ह हमारदतावास स च अथ म न तो भारत क सामािसक स कित क सवाहकबन पाए ह नह भारत क रा भाषा क ितिनिध उनक िलएअिधका रय का जो चनाव होता ह उसम भी इस को अिनवाय तः क म नह रखा जाता घर म ह जब ह द का मामला राजनीित क पचड़म उलझ गया हो तो हमार दतावास पर उसक छाया न हो यह हो भी

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कस सकता हघ सामा यतः उन दश म जहा क भारतवशीय लोग क स या अ छ ख़ासी ह और वहा ह द और भारतीय स कित क िलएललक भरा अनराग ह ऐस ह ितिनिधय और अिधका रय का चयनहोता रहा हजो भारतीय स कित और ह द क अनयायी ह उदाहरण किलए मॉ रशस म डॉ भगवतशरण उपा याय जस लोग को भजा जानाइसी कोण का प रचायक था कत यरोपीय अमर का तथा अरब दश क िलए ितिनिध भजन हए इन बात क ओर यान रखना अप तनह माना जाता रहा प रणाम यह रहा ह क इन म हमार दतावासप मी रग म रग ह द का नाम भी यदा कदा ासिगक प म लतहए ह द क चार सार स सव था िनःसग रह ह कह कोई अपवादभल िमल जाए अतः इस को ट क दतावास म सामा यतः ह द क ित ा या चार सार का वा त वक प उभर ह नह पाया हो हा सजस कितपय सा वाद दश म भारत स उसक अपनी भाषा को अ जीस वर यता दए जान क अप ा क गइ तो वहा क हमार दतावास नअव य इस ओर जाग क रहन क आव यकता समझी बात अब फरिशिथल पड़ गई ह और अिधकाशतः काय यापार अ जी क मा यम सह होता ह ह द क मा यम स नह कह कह ह द क अनवाद साथम लगाए जा रह ह पर सीिमत प म ह

हमार दतावास जन दश म ह उनक सरकार क साथकाय - यवहार म ह द का उपयोग कर - यह थित क पना स काफ़ दरक ह ायः यह थित ह क हमार दश स जान वाल भारतीय लोग को अपन दतावास स सपक करन क िलए अ जी का ह उपयोग करनापड़ता ह इन लोग म भी ऐस लोग क स या भी अिधक नह होतीजो ह द म काम लन म गौरव अनभव करत ह पर कछ लोग ऐस भीहोत ह ज ह अ जी अ छ तरह नह आती व अपन दतावास स य द ह द क मा यम स सपक सहायता चाह तो उ ह क ठनाई ह होती हअब इस पहल पर वचार कया जाए क वदश क व वध सरकार क ओर स ह द क ित कसा रवया ह और कन सदभ म ह द क या

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थित ह जहा तक सरकार का भारतीय दतावास या भारत क साथसीध सपक म ह द क योग क बात ह उ ह इस बात क अिनवाय आव यकता तीत ह नह होती उनका काम अिधकाशतः ह द स नह अ जी स चलता ह जो दश अ जी भावी नह ह और अपनी भाषा परबल दत ह व म यतः अपनी भाषा का साथ म अ जी का यदा कदा ह द क अनवाद क साथ योग करत ह ह द अनवाद का योगबहत ह सीिमत मा ा म क हए नग य होता ह हा कछ मामल म ह द अनवाद साथ म लगान का ितबध ह उन सदभ म उस लगा दया जाता हभारत क वत होत ह बड़ बड़ दश न भी य अनभव कया था क व क इस बड़ भभाग स सपक करन क िलए उ ह ह द क आव यकता होगी भारतीय स वधान म यव था क गई थी क 15 वष म ह द अ जी का थान ल लगी अतः उ ह भी यह आभास हआ था क इस दश स िनकट सपक बनान क िलए उ ह ह द क ओर आनापड़गा फलतः विभ न मख दश क सरकार न अपन व व ालय म ह द क अ ययन अ यापन क यव था और स वधा क ओर यान दया अपन छा को छा व य दान कर ह द पढ़न क िलए भारतभी भजा यहा स भी अ यापक बलाए गए या यह िसलिसला कछ नकछ अब भी जार ह पर वह ललक नह रह उ ह साफ दखाई द रहाह क भारत म वह थित क पना स भी दर पीछ धकली जा चक ह जसम ह द एकमा दश क रा भाषा और सपक भाषा बनगी जबअ जी यहा थायी प स जमती दखाई द रह हो तो कोई रा अपनयवक क म और अपन पस को ह द क िलए या यय करगा सीधासवाल उपयोिगता का ह

पर सरकार सदभ स हटकर मह वपण एव वकिसत रा म ह द क उपयोिगता कछ अ य य स भी ह भारत क वत होन स पहलस ह अनक रा इस दश क स कित और स यता को समझना चाहतरह ह वत ता पव क कारण कछ और थ अब कछ और ह यह बाद

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दसर ह पर व क जनस या क एक बड़ भाग को समझन क कोिशश वकिसत रा न कर यह आज क सदभ म सव था असभव हआज क राजनीित सीध सरकार क बीच भी चलती ह सरकार औरजनता क बीच स भी चलती ह म सह सबध राजनीितक सबध किलए ह नह लड़न क िलए भी दसर दश क भाषा सीखन क आव यकता ह इसका उदाहरण ह द क सदभ म चीन का हभारत-चीन य क समय यह सामन आया था क चीन न अपन अनकसिनक को एक आव यक मा ा म ह द का िश ण दया हआ था तोअपन अपन वाथ अथ को यान म रखकर विभ न वकिसत रा अपन यहा ह द क पठन पाठन क यव था करत ह कछ भारत कोसमझन क िलए कछ भारत स उपयोगी सदभ क िलए कछ भारत स म क िलए

जन वदशी व व ालय म ह द अ ययन-अ यापन क यव थाए ह उनक आिथ क यव था भल ह उन दश क सरकार क ओर स होती हो पर अनकानक वदशी ह द व ान ह द और भारतीयस कित क अनराग म इतन रम गए ह क उ ह न अपनी जीवनचया कोह ह द क ित सम प त कर िलया ह उनम इतना स चा और गहरा ह द अनराग ह क य ह द का काम ह नह करत ब क जब जब ह द इस दश म बढ़ती ह उनम स नता होती ह जब जब ह द पीछधकली जाती ह उ ह पीड़ा होती ह ह द क इन अनरागी वदशी व ान क ित यह दश कत ह ऊपर क चिच त थित अरब रा म नह दखाई दती उनका झकाव आव यकता क मा ा क अन प उद क ओर हआ ह ह द क ओर नह पर इसका लाभ इस दश क उन लोग को भी बराबर िमलता ह जो इन रा म यापार नौकर या अ यसदभ स गए ह उद व पतः ह द स दर होकर भी बहत दर नह जापाती अतः िल खत प म चाह न सह बोलचाल क तर पर उसकालाभ ह द उद दोन क लोग को वहा समान प स िमलता ह तीसरवग म व दश आत ह जहा भारत क मल िनवासी बड़ स या म बस हएह जस मा रशस फजी सर नाम िनडाड आ द इन दश म ह द जो

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राजक य आ य सीिमत प म ह ा ह अपनी जनस या क आधारपर भारतीय जतना ितिनिध व अपन दश क सरकार म ल पात ह उसी अनपात म य ह द को उठान क बात कर पात ह अबराजनीितक जोड़ तोड़ म भारतविशय क यह श भी बखर जाती ह तो ह द को कसी ऊचाई तक उठा ल जाना वहा भी सभव नह ह सरकार त इन दश म नीच क तर पर ह द िश ा क यव था करता हउ च िश ा और राजक य योग क िलए ह द को हण कए जान काअभी सवाल ह पदा नह हआइस कार शासक य तर पर वदश म ह द क जो भी यव था ह उसका अिधकाश हर दश क अपनी अपनीनजर क उपयोिगता क कारण ह उसम भारत सरकार और भारतीयदतावास का योगदान बहत ह सीिमत ह हा मा रशस फजी आ द दश म भारतीय शासन और दतावास क ह द ो साहन वषयक योगदानको अव य यान रखना होगा

यहा इस बात का ववचन भी आव यक ह क शासक य मा यम स ह द क अ यापक और व ािथ य का जो आदान दान होता हउसक या थित ह घ विभ न दश कछ अ य अ यापक कछ व ािथ य अपन यय पर ह द िसखवान क िलए भारत भजत ह कछ व ाथ भारत क छातव य पर विनमय योजनाओ क भीतर भी आतह ऐस ह द अ यताओ का ह द िश ण अिधकाशतः िश ा क क य ह द स थान क मा यम स दया जाता ह कछ को कितपय व व ालय म आव टत कर दया जाता ह कछ दश कछ िन तअविध क िलए भारत स ह द अ यापक का चयन करक आम तकरत ह और अपन यहा ह द िश ण क यव था करात ह भज जानवाल ह द अ यापको क चयन क याए शासक य त स गजरतीहई ऐसी बन ग ह क जो लोग जात ह उनम मशनर प रटषबहत कम और वदश जान का चास पान क ललक अिधक काम करतीह सह मताओ क लाग का चयन आज वस ह क ठन हो गया हअब रह उन लोग क बात जो ह द सीखन भारत आत ह इनम स जो व व ालय स भज जात ह उनम सह िश ा इसिलए नह पहच पाती

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क व व ालय म ह द को आधिनक व ािनक णािलय स तीयभाषा क प म पढ़ान क प ितय का सह वकास नह हआ औरक य ह द स थान इसिलए सह उ रदािय व का वहन नह कर पाता क वह िश ण िश ण णाली क आभासी व ािनकता म उलझ गयाह पर जो भी ह यह एक मा यव थत स था ह जहा व ािनकप ित स वदिशय को भारत म ह द पढ़ान क यव था आयो जत हसब िमलकर शासक य सदभ क साथ जड़कर ह द क दशा वदश

म उतनी उ साहवध क नह उतनी सतोषजनक नह जतनी होनी चा हएभारत म सवधािनक और शासक य तर पर ह द क जो थित हउसम जो शिथ य ह या जो उ साह ह दोन क छाया वदश क शासक य त स वकिसत होन वाली ह द थित पर पड़नाअ वाभा वक नह हभारत म ह द बोलन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह इस

स उद भाषी लोग भी ह द व क प रिध म ह आत ह भारत म ह द चाह सरकार तर पर एकमा सपक भाषा न बन पाए पर उन सग पर जहा दश क विभ न ात म विभ न कार क वग क लोगजड़त ह वहा यह थित दखन को िमलती ह य द यह उ चवग य लोग का स मलन ह तो ायः अ जी सपक भाषा क प म काम करती ह व प सा योग ह द का चलता ह पर य द िमलन लोक जीवन सजड़ लोग का हआ तो ह द अपन आप सपक भाषा का प ल लती हभारत क कसी भी भाग म जाइए य द िमलन वाल लोग उ चवग य याउ चाभासीवग य नह ह तो एक भाषाभाषी स अ य भाषाभा षय किमलन क सपक भाषा ायः ह द िमलगी सिनक जीवन म रलया ाओ म तीथ थान म छा स मलन म ाकितक ऐितहिसकदश नीय थल म बाज़ार म आपको इस ह द व क मता औरउपयोिगता का पता चल सकगा यह थित िनरतर वकिसत हो रह हभारत म ह द बोलन वाल क ह द समझन वालो क और ह द को यावहा रक जीवन म उपयोग करन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह

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यह वकासशील थित ह द क िलए वदश स भी ह वदश म ह द का उपयोग म यतः भारतविशय क ारा होता ह इस स वदश को तीन वग म रखा जा सकता ह पहला वग वह जसम भारतीय फजी सर नाम िनडाड जस दश रख जा सकत ह जहाभारतवशीय लोग भार तादाद म बस रह ह व लोग कामकाज को लकरइन दश म गए थ इनम भारत क स कित और भारत क ह द सस चा अनराग ह उसस जड रहन क ललक ह य लोग जो ह द बोलतह योग म लात ह वह खड़ बोली ह द नह ह पर िलखाई पढ़ाई किलए व मानक ह द क ओर ह बढ़ रह ह दसर वग म व दश ह जहा क भाषा उद ह या जहा उद भाषी जनता

क पहच ह इन म य द भारतीय ह द भाषी िमलत ह तो जोभाषा सपक -भाषा क प म मा यम बनती ह उस ह द स िभ न नह कहा जा सकता अरब रा म भारत और पा क तान दोन ह दश ककाम धामी लोग गए ह इनक पार प रक सपक भाषा ायः ह द होतीह--

तीसर वग म यरोप अमर का आ द व वकिसत रा रख जा सकत ह जहा बहत बड़ स या म भारत क लोग बस भी गए ह और अ थायी प म जा भी रह ह इन लोग म य द कसी ात वशष या वशषक लोग पर पर िमलत ह तो अपनी ीय भाषा का योग करत ह परय द विभ न भारतीय भाषाभाषी िमलत ह तो सपक भाषा ायः ह द होती ह उदाहरण म तौर पर अमर का कनाडा म गजराती-भाषी काफ़ स या म बस ह य द गजराती लोग पर पर िमल ग तो आरिभक सपक अ जी म होन क बाद सपक और बातचीत क भाषा गजराती हो जाएगीपर य द गजराती और तिमल भाषी या गजराती और मलयालम भाषीिमल ग या एकािधक भारतीय भाषाओ क बोलन वाल िमल ग तो य गतसपक भाषा अिधकाशतः ह द बन जाएगी भारत म अगरजी ान व ान क भाषा क प म उतनी नह जतनी ित ाभास क भाषा क प म ित त ह यह थित वदश म भारतीय क पार प रक िमलन

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क समय भी कछ कछ उभर आती ह पर इस आभास स म िमलतह सपक भाषा ह द बनती ह यह बात भारत पा क तान क लोग कपार प रक िमलन पर होती ह ित ाभासी तर पर अ जी चलन कबाद आ मीय स मलन उस ह द म होता ह जो भारत और पा क तानक वा त वक बोली ह जसम स कत अरबी फारसी क असहज प म ठसी नह जाती सहज श दावली सहज प म बोली समझी जाती हभारत म उ च और उ चभासी वग क सपक भाषा अ जी ह जनक

स या 3 ितशत स अिधक नह ह लोक जीवन अपनी अपनी ातीय ीय भाषाओ म चलता ह वा त वक लोक सपक ह द क मा यम सचलता ह इसी कार वदश म भारत और पा क तान क िनवािसय कपार प रक िमलन सग म उ च और उ चाभासी वग क लोग किमलन पर अ जी चलती ह एक भाषी सपक म ीय भाषा एकािधकभाषी सपक म ह द कल िमलाकर 20 स अिधक अ जी का उपयोग यलोग नह करत ह द जानन वाल य को इस फली हई ह द क दिनया म अ जी न जानन पर भी कोई क ठनाई नह होती सकड़ लोग भारत स कसी भी दश क भाषा क बोलन वाल वकिसत दश म कह काम क िलए चल जा रह ह ह द उनक िलए मा यम का कामकर रह ह और व अपना काम कर रह ह ह द क इस दिनया क इस ह द व क जनस या कम नह

ह व म इस स ह द का थान तीसरा ह पर इडोनिशयाजावा समा ा तथा उन म लम बाह य दश म जहा उद बोली समझीजा सकती ह ह द क बोलन समझन म अिधक क ठनाई नह आतीइस स ह द व क म उद ह द का ह एक प बनती हऔर ह द व क थित अ जी क बाद आती ह उद का याकर णकढाचा उसक आधारभत श दावली और उसक महावर दानी ह द व क सीमा क बाहर क न थी न अभी हयह वशाल ह द व विभ न दश म फला हआ ह पर बखरा

पड़ा ह इसक श ीणा पड़ ह इस सजोना होगा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

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5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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व तत ह स पक भाषा ह द का आयाम जनभाषा ह द सबस यापक और लोक य ह जसका सार ीय तथा रा ीय तर सबढ़कर भारतीय उपमहा प तक ह िश त अध िश त अिश त तीन वग क लोग पर पर बातचीत आ द क िलए और इस कार मौ खकमा यम म जनभाषा ह द का यवहार करत ह भारत क िल व ाकाल वज आव वाइडर क यिनकशन पन इ डयन ल वज अ तर ादिशकभाषा लोकभाषा भारत- यापी भाषा अ खल भारतीय भाषा- य नामlsquoजनभाषाrsquo ह द क िलए य होत ह हमार दश क बहभा षकता क ढाच म ह द क विभ न भौगोिलक औरसामा जक क अित र भाषा- यवहार क म भी स पक िस का ऐसा काय िन पा दत कर रह ह जसका न कवल कोई वक पनह अ पत जो ह द क व वध भिमकाओ को सम ता क साथिन पत करन म भी समथ ह ह द न पछल हजार वष म वचार- विनमय का जो उ रदािय विनभाया ह वह एक अनठा उदाहरण ह कछ लोग क यह धारणा ह क ह द पहल lsquoरा भाषाrsquo कहलाती थी बाद म इस lsquoस पक भाषाrsquo कहाजान लगा और अब इस lsquoराजभाषाrsquo बना दन स इसका सीिमत होगया ह व तत यह उनका म ह जसा क पहल उ लख कया जाचका ह क ह द स दय स स पक भाषा और रा भाषा एक साथ रह हऔर आज भी ह भारत क स वधान सभा ारा 14 िसत बर 1949 कोइस राजभाषा क प म वीकार कर लन स उसक योग का और व तत हआ ह जस बगला तिमल तलग क नड़ मलयालम आ द को मश बगाल तिमलनाड कना टक करल आ द क राजभाषा बनाया गयाह ऐसा होन स या उन भाषाओ का मह व कम हो गया ह िन यह नह ब क इसस उन सभी भाषाओ का उ रदािय व और योग पहल स अिधक बढ़ गया ह जहा पहल कवल पर पर बोलचाल म कामआती थी या उसम सा ह य क रचना होती थी वह अब शासिनककाय भी हो रह ह यह थित ह द क भी ह इस कार ह द

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स पक और रा भाषा तो ह ह राजभाषा बनाकर इस अित र स मान दान कया गया ह इस सग म डॉ सरश कमार का कथन बहत ह ासिगक ह lsquo ह द को कवल स पक भाषा क प म दखना भलहोगी ह द आधिनक भारतीय भाषाओ क उ व काल स म यदश किनवािसय क सामा जक स परषण तथा सा ह यक-सा कितक अिभ य क भाषा रह ह और अब भी ह भाषा-स पक क बदली हईप र थितय म (जो पहल फ़ारसी-तक -अरबी तथा बाद म म य प सअ जी क साथ स पक क फल व प वकिसत हई) तथा वत भारतीयगणरा य म सभी भारतीय भाषाओ को अपन-अपन भौगोिलक म यावसाियक और सा कितक यवहार क अिभ य क िलए योग म लान क िनण य क बाद ह द का स पक भाषा काय गण औरप रमाण क स इतना वकिसत हो गया ह क उसक स ब ध म िच तन तथा अनवत काय एक स ा तक और यावहा रक आव यकताबन गए ह rsquo वा तव म भाषा स पक क थित ह कसी स पक भाषाक उ व और वकास को रत करती ह या एक स ित त भाषा कस पक काय को सप करती ह ह द क साथ दोन थितय कास ब ध ह आ त रक तर पर ह द अपनी बोिलय क यवहारकता ओक बीच स पक क थापना करती रह ह और अब भी कर रह ह तथाबा तर पर वह अ य भारतीय भाषा भाषी समदाय क म य एकमा स पक भाषा क प म उभर आई ह जसक अब व वध आयाम वकिसत हो चक ह कल िमलाकर ह द का वत मान गौरवपण हउसक भिमका आज भी सामा य-जन को जोड़न म सभी भाषाओ क अप ा सबस अिधक कारगर ह

( या पोकल) हद अनवादक बलापर

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वदश म हद क चार- सार क थितसतोष ह करना हो तो यह बात कम नह क ह द व क तीस सअिधक दश म पढ़ -पढ़ाई जाती ह लगभग 100 व व ालय म उसकिलए अ यापन क खल हए ह अकल अमर का म लगभग 20 क म उसक अ ययन अ यापन क यव था ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड जस दश म भारत मल क िनवािसय क उ लखनीय स याहोन क कारण वहा ह द वतः स नह चा रत होता ह व क यक मख दश म हमार दतावास ह जनस राजनीितक सदभ क अित र यह भी आशा क जाती ह क व ह द क चार सार क ओर भी यान द ग और अपन भारत क सामा जक स कित और भारत क रा भाषा ह द का ितिनिध समझ ग पर य द यह िच उतना ह सचहोता जतना रगीन लग रहा ह तो सतोष करन म कोई बराई न थी वदश म ह द क मह व चार एव सार क थित न सब जगहएक सी ह न ऐसा होना सभव ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड म ह द क िलए वहा क जनता क एक बड़ भाग म जो आदर और म हवह यरोप या अम रका क दश म कस िमल सकता हघ इसिलए वदश म ह द क थित चार सार क सम याओ क भी व वध प हउनक समाधान भी व वध प म खोजन ह ग वदश म ह द क थित चार तथा सार को लकर दो िभ न य स वचार करनाहोगा एक ह जो सरकार त स जड़ ह दसर ह जसका सबधजन जीवन म ह पहल सरकार त क स वदश म ह द क थित का जायजा िलया जाएपहल अपन सरकार त क स जहा तक त यगत थित ह हमारदतावास स च अथ म न तो भारत क सामािसक स कित क सवाहकबन पाए ह नह भारत क रा भाषा क ितिनिध उनक िलएअिधका रय का जो चनाव होता ह उसम भी इस को अिनवाय तः क म नह रखा जाता घर म ह जब ह द का मामला राजनीित क पचड़म उलझ गया हो तो हमार दतावास पर उसक छाया न हो यह हो भी

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कस सकता हघ सामा यतः उन दश म जहा क भारतवशीय लोग क स या अ छ ख़ासी ह और वहा ह द और भारतीय स कित क िलएललक भरा अनराग ह ऐस ह ितिनिधय और अिधका रय का चयनहोता रहा हजो भारतीय स कित और ह द क अनयायी ह उदाहरण किलए मॉ रशस म डॉ भगवतशरण उपा याय जस लोग को भजा जानाइसी कोण का प रचायक था कत यरोपीय अमर का तथा अरब दश क िलए ितिनिध भजन हए इन बात क ओर यान रखना अप तनह माना जाता रहा प रणाम यह रहा ह क इन म हमार दतावासप मी रग म रग ह द का नाम भी यदा कदा ासिगक प म लतहए ह द क चार सार स सव था िनःसग रह ह कह कोई अपवादभल िमल जाए अतः इस को ट क दतावास म सामा यतः ह द क ित ा या चार सार का वा त वक प उभर ह नह पाया हो हा सजस कितपय सा वाद दश म भारत स उसक अपनी भाषा को अ जीस वर यता दए जान क अप ा क गइ तो वहा क हमार दतावास नअव य इस ओर जाग क रहन क आव यकता समझी बात अब फरिशिथल पड़ गई ह और अिधकाशतः काय यापार अ जी क मा यम सह होता ह ह द क मा यम स नह कह कह ह द क अनवाद साथम लगाए जा रह ह पर सीिमत प म ह

हमार दतावास जन दश म ह उनक सरकार क साथकाय - यवहार म ह द का उपयोग कर - यह थित क पना स काफ़ दरक ह ायः यह थित ह क हमार दश स जान वाल भारतीय लोग को अपन दतावास स सपक करन क िलए अ जी का ह उपयोग करनापड़ता ह इन लोग म भी ऐस लोग क स या भी अिधक नह होतीजो ह द म काम लन म गौरव अनभव करत ह पर कछ लोग ऐस भीहोत ह ज ह अ जी अ छ तरह नह आती व अपन दतावास स य द ह द क मा यम स सपक सहायता चाह तो उ ह क ठनाई ह होती हअब इस पहल पर वचार कया जाए क वदश क व वध सरकार क ओर स ह द क ित कसा रवया ह और कन सदभ म ह द क या

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थित ह जहा तक सरकार का भारतीय दतावास या भारत क साथसीध सपक म ह द क योग क बात ह उ ह इस बात क अिनवाय आव यकता तीत ह नह होती उनका काम अिधकाशतः ह द स नह अ जी स चलता ह जो दश अ जी भावी नह ह और अपनी भाषा परबल दत ह व म यतः अपनी भाषा का साथ म अ जी का यदा कदा ह द क अनवाद क साथ योग करत ह ह द अनवाद का योगबहत ह सीिमत मा ा म क हए नग य होता ह हा कछ मामल म ह द अनवाद साथ म लगान का ितबध ह उन सदभ म उस लगा दया जाता हभारत क वत होत ह बड़ बड़ दश न भी य अनभव कया था क व क इस बड़ भभाग स सपक करन क िलए उ ह ह द क आव यकता होगी भारतीय स वधान म यव था क गई थी क 15 वष म ह द अ जी का थान ल लगी अतः उ ह भी यह आभास हआ था क इस दश स िनकट सपक बनान क िलए उ ह ह द क ओर आनापड़गा फलतः विभ न मख दश क सरकार न अपन व व ालय म ह द क अ ययन अ यापन क यव था और स वधा क ओर यान दया अपन छा को छा व य दान कर ह द पढ़न क िलए भारतभी भजा यहा स भी अ यापक बलाए गए या यह िसलिसला कछ नकछ अब भी जार ह पर वह ललक नह रह उ ह साफ दखाई द रहाह क भारत म वह थित क पना स भी दर पीछ धकली जा चक ह जसम ह द एकमा दश क रा भाषा और सपक भाषा बनगी जबअ जी यहा थायी प स जमती दखाई द रह हो तो कोई रा अपनयवक क म और अपन पस को ह द क िलए या यय करगा सीधासवाल उपयोिगता का ह

पर सरकार सदभ स हटकर मह वपण एव वकिसत रा म ह द क उपयोिगता कछ अ य य स भी ह भारत क वत होन स पहलस ह अनक रा इस दश क स कित और स यता को समझना चाहतरह ह वत ता पव क कारण कछ और थ अब कछ और ह यह बाद

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दसर ह पर व क जनस या क एक बड़ भाग को समझन क कोिशश वकिसत रा न कर यह आज क सदभ म सव था असभव हआज क राजनीित सीध सरकार क बीच भी चलती ह सरकार औरजनता क बीच स भी चलती ह म सह सबध राजनीितक सबध किलए ह नह लड़न क िलए भी दसर दश क भाषा सीखन क आव यकता ह इसका उदाहरण ह द क सदभ म चीन का हभारत-चीन य क समय यह सामन आया था क चीन न अपन अनकसिनक को एक आव यक मा ा म ह द का िश ण दया हआ था तोअपन अपन वाथ अथ को यान म रखकर विभ न वकिसत रा अपन यहा ह द क पठन पाठन क यव था करत ह कछ भारत कोसमझन क िलए कछ भारत स उपयोगी सदभ क िलए कछ भारत स म क िलए

जन वदशी व व ालय म ह द अ ययन-अ यापन क यव थाए ह उनक आिथ क यव था भल ह उन दश क सरकार क ओर स होती हो पर अनकानक वदशी ह द व ान ह द और भारतीयस कित क अनराग म इतन रम गए ह क उ ह न अपनी जीवनचया कोह ह द क ित सम प त कर िलया ह उनम इतना स चा और गहरा ह द अनराग ह क य ह द का काम ह नह करत ब क जब जब ह द इस दश म बढ़ती ह उनम स नता होती ह जब जब ह द पीछधकली जाती ह उ ह पीड़ा होती ह ह द क इन अनरागी वदशी व ान क ित यह दश कत ह ऊपर क चिच त थित अरब रा म नह दखाई दती उनका झकाव आव यकता क मा ा क अन प उद क ओर हआ ह ह द क ओर नह पर इसका लाभ इस दश क उन लोग को भी बराबर िमलता ह जो इन रा म यापार नौकर या अ यसदभ स गए ह उद व पतः ह द स दर होकर भी बहत दर नह जापाती अतः िल खत प म चाह न सह बोलचाल क तर पर उसकालाभ ह द उद दोन क लोग को वहा समान प स िमलता ह तीसरवग म व दश आत ह जहा भारत क मल िनवासी बड़ स या म बस हएह जस मा रशस फजी सर नाम िनडाड आ द इन दश म ह द जो

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राजक य आ य सीिमत प म ह ा ह अपनी जनस या क आधारपर भारतीय जतना ितिनिध व अपन दश क सरकार म ल पात ह उसी अनपात म य ह द को उठान क बात कर पात ह अबराजनीितक जोड़ तोड़ म भारतविशय क यह श भी बखर जाती ह तो ह द को कसी ऊचाई तक उठा ल जाना वहा भी सभव नह ह सरकार त इन दश म नीच क तर पर ह द िश ा क यव था करता हउ च िश ा और राजक य योग क िलए ह द को हण कए जान काअभी सवाल ह पदा नह हआइस कार शासक य तर पर वदश म ह द क जो भी यव था ह उसका अिधकाश हर दश क अपनी अपनीनजर क उपयोिगता क कारण ह उसम भारत सरकार और भारतीयदतावास का योगदान बहत ह सीिमत ह हा मा रशस फजी आ द दश म भारतीय शासन और दतावास क ह द ो साहन वषयक योगदानको अव य यान रखना होगा

यहा इस बात का ववचन भी आव यक ह क शासक य मा यम स ह द क अ यापक और व ािथ य का जो आदान दान होता हउसक या थित ह घ विभ न दश कछ अ य अ यापक कछ व ािथ य अपन यय पर ह द िसखवान क िलए भारत भजत ह कछ व ाथ भारत क छातव य पर विनमय योजनाओ क भीतर भी आतह ऐस ह द अ यताओ का ह द िश ण अिधकाशतः िश ा क क य ह द स थान क मा यम स दया जाता ह कछ को कितपय व व ालय म आव टत कर दया जाता ह कछ दश कछ िन तअविध क िलए भारत स ह द अ यापक का चयन करक आम तकरत ह और अपन यहा ह द िश ण क यव था करात ह भज जानवाल ह द अ यापको क चयन क याए शासक य त स गजरतीहई ऐसी बन ग ह क जो लोग जात ह उनम मशनर प रटषबहत कम और वदश जान का चास पान क ललक अिधक काम करतीह सह मताओ क लाग का चयन आज वस ह क ठन हो गया हअब रह उन लोग क बात जो ह द सीखन भारत आत ह इनम स जो व व ालय स भज जात ह उनम सह िश ा इसिलए नह पहच पाती

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क व व ालय म ह द को आधिनक व ािनक णािलय स तीयभाषा क प म पढ़ान क प ितय का सह वकास नह हआ औरक य ह द स थान इसिलए सह उ रदािय व का वहन नह कर पाता क वह िश ण िश ण णाली क आभासी व ािनकता म उलझ गयाह पर जो भी ह यह एक मा यव थत स था ह जहा व ािनकप ित स वदिशय को भारत म ह द पढ़ान क यव था आयो जत हसब िमलकर शासक य सदभ क साथ जड़कर ह द क दशा वदश

म उतनी उ साहवध क नह उतनी सतोषजनक नह जतनी होनी चा हएभारत म सवधािनक और शासक य तर पर ह द क जो थित हउसम जो शिथ य ह या जो उ साह ह दोन क छाया वदश क शासक य त स वकिसत होन वाली ह द थित पर पड़नाअ वाभा वक नह हभारत म ह द बोलन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह इस

स उद भाषी लोग भी ह द व क प रिध म ह आत ह भारत म ह द चाह सरकार तर पर एकमा सपक भाषा न बन पाए पर उन सग पर जहा दश क विभ न ात म विभ न कार क वग क लोगजड़त ह वहा यह थित दखन को िमलती ह य द यह उ चवग य लोग का स मलन ह तो ायः अ जी सपक भाषा क प म काम करती ह व प सा योग ह द का चलता ह पर य द िमलन लोक जीवन सजड़ लोग का हआ तो ह द अपन आप सपक भाषा का प ल लती हभारत क कसी भी भाग म जाइए य द िमलन वाल लोग उ चवग य याउ चाभासीवग य नह ह तो एक भाषाभाषी स अ य भाषाभा षय किमलन क सपक भाषा ायः ह द िमलगी सिनक जीवन म रलया ाओ म तीथ थान म छा स मलन म ाकितक ऐितहिसकदश नीय थल म बाज़ार म आपको इस ह द व क मता औरउपयोिगता का पता चल सकगा यह थित िनरतर वकिसत हो रह हभारत म ह द बोलन वाल क ह द समझन वालो क और ह द को यावहा रक जीवन म उपयोग करन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह

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यह वकासशील थित ह द क िलए वदश स भी ह वदश म ह द का उपयोग म यतः भारतविशय क ारा होता ह इस स वदश को तीन वग म रखा जा सकता ह पहला वग वह जसम भारतीय फजी सर नाम िनडाड जस दश रख जा सकत ह जहाभारतवशीय लोग भार तादाद म बस रह ह व लोग कामकाज को लकरइन दश म गए थ इनम भारत क स कित और भारत क ह द सस चा अनराग ह उसस जड रहन क ललक ह य लोग जो ह द बोलतह योग म लात ह वह खड़ बोली ह द नह ह पर िलखाई पढ़ाई किलए व मानक ह द क ओर ह बढ़ रह ह दसर वग म व दश ह जहा क भाषा उद ह या जहा उद भाषी जनता

क पहच ह इन म य द भारतीय ह द भाषी िमलत ह तो जोभाषा सपक -भाषा क प म मा यम बनती ह उस ह द स िभ न नह कहा जा सकता अरब रा म भारत और पा क तान दोन ह दश ककाम धामी लोग गए ह इनक पार प रक सपक भाषा ायः ह द होतीह--

तीसर वग म यरोप अमर का आ द व वकिसत रा रख जा सकत ह जहा बहत बड़ स या म भारत क लोग बस भी गए ह और अ थायी प म जा भी रह ह इन लोग म य द कसी ात वशष या वशषक लोग पर पर िमलत ह तो अपनी ीय भाषा का योग करत ह परय द विभ न भारतीय भाषाभाषी िमलत ह तो सपक भाषा ायः ह द होती ह उदाहरण म तौर पर अमर का कनाडा म गजराती-भाषी काफ़ स या म बस ह य द गजराती लोग पर पर िमल ग तो आरिभक सपक अ जी म होन क बाद सपक और बातचीत क भाषा गजराती हो जाएगीपर य द गजराती और तिमल भाषी या गजराती और मलयालम भाषीिमल ग या एकािधक भारतीय भाषाओ क बोलन वाल िमल ग तो य गतसपक भाषा अिधकाशतः ह द बन जाएगी भारत म अगरजी ान व ान क भाषा क प म उतनी नह जतनी ित ाभास क भाषा क प म ित त ह यह थित वदश म भारतीय क पार प रक िमलन

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क समय भी कछ कछ उभर आती ह पर इस आभास स म िमलतह सपक भाषा ह द बनती ह यह बात भारत पा क तान क लोग कपार प रक िमलन पर होती ह ित ाभासी तर पर अ जी चलन कबाद आ मीय स मलन उस ह द म होता ह जो भारत और पा क तानक वा त वक बोली ह जसम स कत अरबी फारसी क असहज प म ठसी नह जाती सहज श दावली सहज प म बोली समझी जाती हभारत म उ च और उ चभासी वग क सपक भाषा अ जी ह जनक

स या 3 ितशत स अिधक नह ह लोक जीवन अपनी अपनी ातीय ीय भाषाओ म चलता ह वा त वक लोक सपक ह द क मा यम सचलता ह इसी कार वदश म भारत और पा क तान क िनवािसय कपार प रक िमलन सग म उ च और उ चाभासी वग क लोग किमलन पर अ जी चलती ह एक भाषी सपक म ीय भाषा एकािधकभाषी सपक म ह द कल िमलाकर 20 स अिधक अ जी का उपयोग यलोग नह करत ह द जानन वाल य को इस फली हई ह द क दिनया म अ जी न जानन पर भी कोई क ठनाई नह होती सकड़ लोग भारत स कसी भी दश क भाषा क बोलन वाल वकिसत दश म कह काम क िलए चल जा रह ह ह द उनक िलए मा यम का कामकर रह ह और व अपना काम कर रह ह ह द क इस दिनया क इस ह द व क जनस या कम नह

ह व म इस स ह द का थान तीसरा ह पर इडोनिशयाजावा समा ा तथा उन म लम बाह य दश म जहा उद बोली समझीजा सकती ह ह द क बोलन समझन म अिधक क ठनाई नह आतीइस स ह द व क म उद ह द का ह एक प बनती हऔर ह द व क थित अ जी क बाद आती ह उद का याकर णकढाचा उसक आधारभत श दावली और उसक महावर दानी ह द व क सीमा क बाहर क न थी न अभी हयह वशाल ह द व विभ न दश म फला हआ ह पर बखरा

पड़ा ह इसक श ीणा पड़ ह इस सजोना होगा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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स पक और रा भाषा तो ह ह राजभाषा बनाकर इस अित र स मान दान कया गया ह इस सग म डॉ सरश कमार का कथन बहत ह ासिगक ह lsquo ह द को कवल स पक भाषा क प म दखना भलहोगी ह द आधिनक भारतीय भाषाओ क उ व काल स म यदश किनवािसय क सामा जक स परषण तथा सा ह यक-सा कितक अिभ य क भाषा रह ह और अब भी ह भाषा-स पक क बदली हईप र थितय म (जो पहल फ़ारसी-तक -अरबी तथा बाद म म य प सअ जी क साथ स पक क फल व प वकिसत हई) तथा वत भारतीयगणरा य म सभी भारतीय भाषाओ को अपन-अपन भौगोिलक म यावसाियक और सा कितक यवहार क अिभ य क िलए योग म लान क िनण य क बाद ह द का स पक भाषा काय गण औरप रमाण क स इतना वकिसत हो गया ह क उसक स ब ध म िच तन तथा अनवत काय एक स ा तक और यावहा रक आव यकताबन गए ह rsquo वा तव म भाषा स पक क थित ह कसी स पक भाषाक उ व और वकास को रत करती ह या एक स ित त भाषा कस पक काय को सप करती ह ह द क साथ दोन थितय कास ब ध ह आ त रक तर पर ह द अपनी बोिलय क यवहारकता ओक बीच स पक क थापना करती रह ह और अब भी कर रह ह तथाबा तर पर वह अ य भारतीय भाषा भाषी समदाय क म य एकमा स पक भाषा क प म उभर आई ह जसक अब व वध आयाम वकिसत हो चक ह कल िमलाकर ह द का वत मान गौरवपण हउसक भिमका आज भी सामा य-जन को जोड़न म सभी भाषाओ क अप ा सबस अिधक कारगर ह

( या पोकल) हद अनवादक बलापर

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वदश म हद क चार- सार क थितसतोष ह करना हो तो यह बात कम नह क ह द व क तीस सअिधक दश म पढ़ -पढ़ाई जाती ह लगभग 100 व व ालय म उसकिलए अ यापन क खल हए ह अकल अमर का म लगभग 20 क म उसक अ ययन अ यापन क यव था ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड जस दश म भारत मल क िनवािसय क उ लखनीय स याहोन क कारण वहा ह द वतः स नह चा रत होता ह व क यक मख दश म हमार दतावास ह जनस राजनीितक सदभ क अित र यह भी आशा क जाती ह क व ह द क चार सार क ओर भी यान द ग और अपन भारत क सामा जक स कित और भारत क रा भाषा ह द का ितिनिध समझ ग पर य द यह िच उतना ह सचहोता जतना रगीन लग रहा ह तो सतोष करन म कोई बराई न थी वदश म ह द क मह व चार एव सार क थित न सब जगहएक सी ह न ऐसा होना सभव ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड म ह द क िलए वहा क जनता क एक बड़ भाग म जो आदर और म हवह यरोप या अम रका क दश म कस िमल सकता हघ इसिलए वदश म ह द क थित चार सार क सम याओ क भी व वध प हउनक समाधान भी व वध प म खोजन ह ग वदश म ह द क थित चार तथा सार को लकर दो िभ न य स वचार करनाहोगा एक ह जो सरकार त स जड़ ह दसर ह जसका सबधजन जीवन म ह पहल सरकार त क स वदश म ह द क थित का जायजा िलया जाएपहल अपन सरकार त क स जहा तक त यगत थित ह हमारदतावास स च अथ म न तो भारत क सामािसक स कित क सवाहकबन पाए ह नह भारत क रा भाषा क ितिनिध उनक िलएअिधका रय का जो चनाव होता ह उसम भी इस को अिनवाय तः क म नह रखा जाता घर म ह जब ह द का मामला राजनीित क पचड़म उलझ गया हो तो हमार दतावास पर उसक छाया न हो यह हो भी

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कस सकता हघ सामा यतः उन दश म जहा क भारतवशीय लोग क स या अ छ ख़ासी ह और वहा ह द और भारतीय स कित क िलएललक भरा अनराग ह ऐस ह ितिनिधय और अिधका रय का चयनहोता रहा हजो भारतीय स कित और ह द क अनयायी ह उदाहरण किलए मॉ रशस म डॉ भगवतशरण उपा याय जस लोग को भजा जानाइसी कोण का प रचायक था कत यरोपीय अमर का तथा अरब दश क िलए ितिनिध भजन हए इन बात क ओर यान रखना अप तनह माना जाता रहा प रणाम यह रहा ह क इन म हमार दतावासप मी रग म रग ह द का नाम भी यदा कदा ासिगक प म लतहए ह द क चार सार स सव था िनःसग रह ह कह कोई अपवादभल िमल जाए अतः इस को ट क दतावास म सामा यतः ह द क ित ा या चार सार का वा त वक प उभर ह नह पाया हो हा सजस कितपय सा वाद दश म भारत स उसक अपनी भाषा को अ जीस वर यता दए जान क अप ा क गइ तो वहा क हमार दतावास नअव य इस ओर जाग क रहन क आव यकता समझी बात अब फरिशिथल पड़ गई ह और अिधकाशतः काय यापार अ जी क मा यम सह होता ह ह द क मा यम स नह कह कह ह द क अनवाद साथम लगाए जा रह ह पर सीिमत प म ह

हमार दतावास जन दश म ह उनक सरकार क साथकाय - यवहार म ह द का उपयोग कर - यह थित क पना स काफ़ दरक ह ायः यह थित ह क हमार दश स जान वाल भारतीय लोग को अपन दतावास स सपक करन क िलए अ जी का ह उपयोग करनापड़ता ह इन लोग म भी ऐस लोग क स या भी अिधक नह होतीजो ह द म काम लन म गौरव अनभव करत ह पर कछ लोग ऐस भीहोत ह ज ह अ जी अ छ तरह नह आती व अपन दतावास स य द ह द क मा यम स सपक सहायता चाह तो उ ह क ठनाई ह होती हअब इस पहल पर वचार कया जाए क वदश क व वध सरकार क ओर स ह द क ित कसा रवया ह और कन सदभ म ह द क या

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थित ह जहा तक सरकार का भारतीय दतावास या भारत क साथसीध सपक म ह द क योग क बात ह उ ह इस बात क अिनवाय आव यकता तीत ह नह होती उनका काम अिधकाशतः ह द स नह अ जी स चलता ह जो दश अ जी भावी नह ह और अपनी भाषा परबल दत ह व म यतः अपनी भाषा का साथ म अ जी का यदा कदा ह द क अनवाद क साथ योग करत ह ह द अनवाद का योगबहत ह सीिमत मा ा म क हए नग य होता ह हा कछ मामल म ह द अनवाद साथ म लगान का ितबध ह उन सदभ म उस लगा दया जाता हभारत क वत होत ह बड़ बड़ दश न भी य अनभव कया था क व क इस बड़ भभाग स सपक करन क िलए उ ह ह द क आव यकता होगी भारतीय स वधान म यव था क गई थी क 15 वष म ह द अ जी का थान ल लगी अतः उ ह भी यह आभास हआ था क इस दश स िनकट सपक बनान क िलए उ ह ह द क ओर आनापड़गा फलतः विभ न मख दश क सरकार न अपन व व ालय म ह द क अ ययन अ यापन क यव था और स वधा क ओर यान दया अपन छा को छा व य दान कर ह द पढ़न क िलए भारतभी भजा यहा स भी अ यापक बलाए गए या यह िसलिसला कछ नकछ अब भी जार ह पर वह ललक नह रह उ ह साफ दखाई द रहाह क भारत म वह थित क पना स भी दर पीछ धकली जा चक ह जसम ह द एकमा दश क रा भाषा और सपक भाषा बनगी जबअ जी यहा थायी प स जमती दखाई द रह हो तो कोई रा अपनयवक क म और अपन पस को ह द क िलए या यय करगा सीधासवाल उपयोिगता का ह

पर सरकार सदभ स हटकर मह वपण एव वकिसत रा म ह द क उपयोिगता कछ अ य य स भी ह भारत क वत होन स पहलस ह अनक रा इस दश क स कित और स यता को समझना चाहतरह ह वत ता पव क कारण कछ और थ अब कछ और ह यह बाद

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दसर ह पर व क जनस या क एक बड़ भाग को समझन क कोिशश वकिसत रा न कर यह आज क सदभ म सव था असभव हआज क राजनीित सीध सरकार क बीच भी चलती ह सरकार औरजनता क बीच स भी चलती ह म सह सबध राजनीितक सबध किलए ह नह लड़न क िलए भी दसर दश क भाषा सीखन क आव यकता ह इसका उदाहरण ह द क सदभ म चीन का हभारत-चीन य क समय यह सामन आया था क चीन न अपन अनकसिनक को एक आव यक मा ा म ह द का िश ण दया हआ था तोअपन अपन वाथ अथ को यान म रखकर विभ न वकिसत रा अपन यहा ह द क पठन पाठन क यव था करत ह कछ भारत कोसमझन क िलए कछ भारत स उपयोगी सदभ क िलए कछ भारत स म क िलए

जन वदशी व व ालय म ह द अ ययन-अ यापन क यव थाए ह उनक आिथ क यव था भल ह उन दश क सरकार क ओर स होती हो पर अनकानक वदशी ह द व ान ह द और भारतीयस कित क अनराग म इतन रम गए ह क उ ह न अपनी जीवनचया कोह ह द क ित सम प त कर िलया ह उनम इतना स चा और गहरा ह द अनराग ह क य ह द का काम ह नह करत ब क जब जब ह द इस दश म बढ़ती ह उनम स नता होती ह जब जब ह द पीछधकली जाती ह उ ह पीड़ा होती ह ह द क इन अनरागी वदशी व ान क ित यह दश कत ह ऊपर क चिच त थित अरब रा म नह दखाई दती उनका झकाव आव यकता क मा ा क अन प उद क ओर हआ ह ह द क ओर नह पर इसका लाभ इस दश क उन लोग को भी बराबर िमलता ह जो इन रा म यापार नौकर या अ यसदभ स गए ह उद व पतः ह द स दर होकर भी बहत दर नह जापाती अतः िल खत प म चाह न सह बोलचाल क तर पर उसकालाभ ह द उद दोन क लोग को वहा समान प स िमलता ह तीसरवग म व दश आत ह जहा भारत क मल िनवासी बड़ स या म बस हएह जस मा रशस फजी सर नाम िनडाड आ द इन दश म ह द जो

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राजक य आ य सीिमत प म ह ा ह अपनी जनस या क आधारपर भारतीय जतना ितिनिध व अपन दश क सरकार म ल पात ह उसी अनपात म य ह द को उठान क बात कर पात ह अबराजनीितक जोड़ तोड़ म भारतविशय क यह श भी बखर जाती ह तो ह द को कसी ऊचाई तक उठा ल जाना वहा भी सभव नह ह सरकार त इन दश म नीच क तर पर ह द िश ा क यव था करता हउ च िश ा और राजक य योग क िलए ह द को हण कए जान काअभी सवाल ह पदा नह हआइस कार शासक य तर पर वदश म ह द क जो भी यव था ह उसका अिधकाश हर दश क अपनी अपनीनजर क उपयोिगता क कारण ह उसम भारत सरकार और भारतीयदतावास का योगदान बहत ह सीिमत ह हा मा रशस फजी आ द दश म भारतीय शासन और दतावास क ह द ो साहन वषयक योगदानको अव य यान रखना होगा

यहा इस बात का ववचन भी आव यक ह क शासक य मा यम स ह द क अ यापक और व ािथ य का जो आदान दान होता हउसक या थित ह घ विभ न दश कछ अ य अ यापक कछ व ािथ य अपन यय पर ह द िसखवान क िलए भारत भजत ह कछ व ाथ भारत क छातव य पर विनमय योजनाओ क भीतर भी आतह ऐस ह द अ यताओ का ह द िश ण अिधकाशतः िश ा क क य ह द स थान क मा यम स दया जाता ह कछ को कितपय व व ालय म आव टत कर दया जाता ह कछ दश कछ िन तअविध क िलए भारत स ह द अ यापक का चयन करक आम तकरत ह और अपन यहा ह द िश ण क यव था करात ह भज जानवाल ह द अ यापको क चयन क याए शासक य त स गजरतीहई ऐसी बन ग ह क जो लोग जात ह उनम मशनर प रटषबहत कम और वदश जान का चास पान क ललक अिधक काम करतीह सह मताओ क लाग का चयन आज वस ह क ठन हो गया हअब रह उन लोग क बात जो ह द सीखन भारत आत ह इनम स जो व व ालय स भज जात ह उनम सह िश ा इसिलए नह पहच पाती

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क व व ालय म ह द को आधिनक व ािनक णािलय स तीयभाषा क प म पढ़ान क प ितय का सह वकास नह हआ औरक य ह द स थान इसिलए सह उ रदािय व का वहन नह कर पाता क वह िश ण िश ण णाली क आभासी व ािनकता म उलझ गयाह पर जो भी ह यह एक मा यव थत स था ह जहा व ािनकप ित स वदिशय को भारत म ह द पढ़ान क यव था आयो जत हसब िमलकर शासक य सदभ क साथ जड़कर ह द क दशा वदश

म उतनी उ साहवध क नह उतनी सतोषजनक नह जतनी होनी चा हएभारत म सवधािनक और शासक य तर पर ह द क जो थित हउसम जो शिथ य ह या जो उ साह ह दोन क छाया वदश क शासक य त स वकिसत होन वाली ह द थित पर पड़नाअ वाभा वक नह हभारत म ह द बोलन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह इस

स उद भाषी लोग भी ह द व क प रिध म ह आत ह भारत म ह द चाह सरकार तर पर एकमा सपक भाषा न बन पाए पर उन सग पर जहा दश क विभ न ात म विभ न कार क वग क लोगजड़त ह वहा यह थित दखन को िमलती ह य द यह उ चवग य लोग का स मलन ह तो ायः अ जी सपक भाषा क प म काम करती ह व प सा योग ह द का चलता ह पर य द िमलन लोक जीवन सजड़ लोग का हआ तो ह द अपन आप सपक भाषा का प ल लती हभारत क कसी भी भाग म जाइए य द िमलन वाल लोग उ चवग य याउ चाभासीवग य नह ह तो एक भाषाभाषी स अ य भाषाभा षय किमलन क सपक भाषा ायः ह द िमलगी सिनक जीवन म रलया ाओ म तीथ थान म छा स मलन म ाकितक ऐितहिसकदश नीय थल म बाज़ार म आपको इस ह द व क मता औरउपयोिगता का पता चल सकगा यह थित िनरतर वकिसत हो रह हभारत म ह द बोलन वाल क ह द समझन वालो क और ह द को यावहा रक जीवन म उपयोग करन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह

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यह वकासशील थित ह द क िलए वदश स भी ह वदश म ह द का उपयोग म यतः भारतविशय क ारा होता ह इस स वदश को तीन वग म रखा जा सकता ह पहला वग वह जसम भारतीय फजी सर नाम िनडाड जस दश रख जा सकत ह जहाभारतवशीय लोग भार तादाद म बस रह ह व लोग कामकाज को लकरइन दश म गए थ इनम भारत क स कित और भारत क ह द सस चा अनराग ह उसस जड रहन क ललक ह य लोग जो ह द बोलतह योग म लात ह वह खड़ बोली ह द नह ह पर िलखाई पढ़ाई किलए व मानक ह द क ओर ह बढ़ रह ह दसर वग म व दश ह जहा क भाषा उद ह या जहा उद भाषी जनता

क पहच ह इन म य द भारतीय ह द भाषी िमलत ह तो जोभाषा सपक -भाषा क प म मा यम बनती ह उस ह द स िभ न नह कहा जा सकता अरब रा म भारत और पा क तान दोन ह दश ककाम धामी लोग गए ह इनक पार प रक सपक भाषा ायः ह द होतीह--

तीसर वग म यरोप अमर का आ द व वकिसत रा रख जा सकत ह जहा बहत बड़ स या म भारत क लोग बस भी गए ह और अ थायी प म जा भी रह ह इन लोग म य द कसी ात वशष या वशषक लोग पर पर िमलत ह तो अपनी ीय भाषा का योग करत ह परय द विभ न भारतीय भाषाभाषी िमलत ह तो सपक भाषा ायः ह द होती ह उदाहरण म तौर पर अमर का कनाडा म गजराती-भाषी काफ़ स या म बस ह य द गजराती लोग पर पर िमल ग तो आरिभक सपक अ जी म होन क बाद सपक और बातचीत क भाषा गजराती हो जाएगीपर य द गजराती और तिमल भाषी या गजराती और मलयालम भाषीिमल ग या एकािधक भारतीय भाषाओ क बोलन वाल िमल ग तो य गतसपक भाषा अिधकाशतः ह द बन जाएगी भारत म अगरजी ान व ान क भाषा क प म उतनी नह जतनी ित ाभास क भाषा क प म ित त ह यह थित वदश म भारतीय क पार प रक िमलन

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क समय भी कछ कछ उभर आती ह पर इस आभास स म िमलतह सपक भाषा ह द बनती ह यह बात भारत पा क तान क लोग कपार प रक िमलन पर होती ह ित ाभासी तर पर अ जी चलन कबाद आ मीय स मलन उस ह द म होता ह जो भारत और पा क तानक वा त वक बोली ह जसम स कत अरबी फारसी क असहज प म ठसी नह जाती सहज श दावली सहज प म बोली समझी जाती हभारत म उ च और उ चभासी वग क सपक भाषा अ जी ह जनक

स या 3 ितशत स अिधक नह ह लोक जीवन अपनी अपनी ातीय ीय भाषाओ म चलता ह वा त वक लोक सपक ह द क मा यम सचलता ह इसी कार वदश म भारत और पा क तान क िनवािसय कपार प रक िमलन सग म उ च और उ चाभासी वग क लोग किमलन पर अ जी चलती ह एक भाषी सपक म ीय भाषा एकािधकभाषी सपक म ह द कल िमलाकर 20 स अिधक अ जी का उपयोग यलोग नह करत ह द जानन वाल य को इस फली हई ह द क दिनया म अ जी न जानन पर भी कोई क ठनाई नह होती सकड़ लोग भारत स कसी भी दश क भाषा क बोलन वाल वकिसत दश म कह काम क िलए चल जा रह ह ह द उनक िलए मा यम का कामकर रह ह और व अपना काम कर रह ह ह द क इस दिनया क इस ह द व क जनस या कम नह

ह व म इस स ह द का थान तीसरा ह पर इडोनिशयाजावा समा ा तथा उन म लम बाह य दश म जहा उद बोली समझीजा सकती ह ह द क बोलन समझन म अिधक क ठनाई नह आतीइस स ह द व क म उद ह द का ह एक प बनती हऔर ह द व क थित अ जी क बाद आती ह उद का याकर णकढाचा उसक आधारभत श दावली और उसक महावर दानी ह द व क सीमा क बाहर क न थी न अभी हयह वशाल ह द व विभ न दश म फला हआ ह पर बखरा

पड़ा ह इसक श ीणा पड़ ह इस सजोना होगा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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वदश म हद क चार- सार क थितसतोष ह करना हो तो यह बात कम नह क ह द व क तीस सअिधक दश म पढ़ -पढ़ाई जाती ह लगभग 100 व व ालय म उसकिलए अ यापन क खल हए ह अकल अमर का म लगभग 20 क म उसक अ ययन अ यापन क यव था ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड जस दश म भारत मल क िनवािसय क उ लखनीय स याहोन क कारण वहा ह द वतः स नह चा रत होता ह व क यक मख दश म हमार दतावास ह जनस राजनीितक सदभ क अित र यह भी आशा क जाती ह क व ह द क चार सार क ओर भी यान द ग और अपन भारत क सामा जक स कित और भारत क रा भाषा ह द का ितिनिध समझ ग पर य द यह िच उतना ह सचहोता जतना रगीन लग रहा ह तो सतोष करन म कोई बराई न थी वदश म ह द क मह व चार एव सार क थित न सब जगहएक सी ह न ऐसा होना सभव ह मॉ रशस फजी सर नाम िनडाड म ह द क िलए वहा क जनता क एक बड़ भाग म जो आदर और म हवह यरोप या अम रका क दश म कस िमल सकता हघ इसिलए वदश म ह द क थित चार सार क सम याओ क भी व वध प हउनक समाधान भी व वध प म खोजन ह ग वदश म ह द क थित चार तथा सार को लकर दो िभ न य स वचार करनाहोगा एक ह जो सरकार त स जड़ ह दसर ह जसका सबधजन जीवन म ह पहल सरकार त क स वदश म ह द क थित का जायजा िलया जाएपहल अपन सरकार त क स जहा तक त यगत थित ह हमारदतावास स च अथ म न तो भारत क सामािसक स कित क सवाहकबन पाए ह नह भारत क रा भाषा क ितिनिध उनक िलएअिधका रय का जो चनाव होता ह उसम भी इस को अिनवाय तः क म नह रखा जाता घर म ह जब ह द का मामला राजनीित क पचड़म उलझ गया हो तो हमार दतावास पर उसक छाया न हो यह हो भी

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कस सकता हघ सामा यतः उन दश म जहा क भारतवशीय लोग क स या अ छ ख़ासी ह और वहा ह द और भारतीय स कित क िलएललक भरा अनराग ह ऐस ह ितिनिधय और अिधका रय का चयनहोता रहा हजो भारतीय स कित और ह द क अनयायी ह उदाहरण किलए मॉ रशस म डॉ भगवतशरण उपा याय जस लोग को भजा जानाइसी कोण का प रचायक था कत यरोपीय अमर का तथा अरब दश क िलए ितिनिध भजन हए इन बात क ओर यान रखना अप तनह माना जाता रहा प रणाम यह रहा ह क इन म हमार दतावासप मी रग म रग ह द का नाम भी यदा कदा ासिगक प म लतहए ह द क चार सार स सव था िनःसग रह ह कह कोई अपवादभल िमल जाए अतः इस को ट क दतावास म सामा यतः ह द क ित ा या चार सार का वा त वक प उभर ह नह पाया हो हा सजस कितपय सा वाद दश म भारत स उसक अपनी भाषा को अ जीस वर यता दए जान क अप ा क गइ तो वहा क हमार दतावास नअव य इस ओर जाग क रहन क आव यकता समझी बात अब फरिशिथल पड़ गई ह और अिधकाशतः काय यापार अ जी क मा यम सह होता ह ह द क मा यम स नह कह कह ह द क अनवाद साथम लगाए जा रह ह पर सीिमत प म ह

हमार दतावास जन दश म ह उनक सरकार क साथकाय - यवहार म ह द का उपयोग कर - यह थित क पना स काफ़ दरक ह ायः यह थित ह क हमार दश स जान वाल भारतीय लोग को अपन दतावास स सपक करन क िलए अ जी का ह उपयोग करनापड़ता ह इन लोग म भी ऐस लोग क स या भी अिधक नह होतीजो ह द म काम लन म गौरव अनभव करत ह पर कछ लोग ऐस भीहोत ह ज ह अ जी अ छ तरह नह आती व अपन दतावास स य द ह द क मा यम स सपक सहायता चाह तो उ ह क ठनाई ह होती हअब इस पहल पर वचार कया जाए क वदश क व वध सरकार क ओर स ह द क ित कसा रवया ह और कन सदभ म ह द क या

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थित ह जहा तक सरकार का भारतीय दतावास या भारत क साथसीध सपक म ह द क योग क बात ह उ ह इस बात क अिनवाय आव यकता तीत ह नह होती उनका काम अिधकाशतः ह द स नह अ जी स चलता ह जो दश अ जी भावी नह ह और अपनी भाषा परबल दत ह व म यतः अपनी भाषा का साथ म अ जी का यदा कदा ह द क अनवाद क साथ योग करत ह ह द अनवाद का योगबहत ह सीिमत मा ा म क हए नग य होता ह हा कछ मामल म ह द अनवाद साथ म लगान का ितबध ह उन सदभ म उस लगा दया जाता हभारत क वत होत ह बड़ बड़ दश न भी य अनभव कया था क व क इस बड़ भभाग स सपक करन क िलए उ ह ह द क आव यकता होगी भारतीय स वधान म यव था क गई थी क 15 वष म ह द अ जी का थान ल लगी अतः उ ह भी यह आभास हआ था क इस दश स िनकट सपक बनान क िलए उ ह ह द क ओर आनापड़गा फलतः विभ न मख दश क सरकार न अपन व व ालय म ह द क अ ययन अ यापन क यव था और स वधा क ओर यान दया अपन छा को छा व य दान कर ह द पढ़न क िलए भारतभी भजा यहा स भी अ यापक बलाए गए या यह िसलिसला कछ नकछ अब भी जार ह पर वह ललक नह रह उ ह साफ दखाई द रहाह क भारत म वह थित क पना स भी दर पीछ धकली जा चक ह जसम ह द एकमा दश क रा भाषा और सपक भाषा बनगी जबअ जी यहा थायी प स जमती दखाई द रह हो तो कोई रा अपनयवक क म और अपन पस को ह द क िलए या यय करगा सीधासवाल उपयोिगता का ह

पर सरकार सदभ स हटकर मह वपण एव वकिसत रा म ह द क उपयोिगता कछ अ य य स भी ह भारत क वत होन स पहलस ह अनक रा इस दश क स कित और स यता को समझना चाहतरह ह वत ता पव क कारण कछ और थ अब कछ और ह यह बाद

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दसर ह पर व क जनस या क एक बड़ भाग को समझन क कोिशश वकिसत रा न कर यह आज क सदभ म सव था असभव हआज क राजनीित सीध सरकार क बीच भी चलती ह सरकार औरजनता क बीच स भी चलती ह म सह सबध राजनीितक सबध किलए ह नह लड़न क िलए भी दसर दश क भाषा सीखन क आव यकता ह इसका उदाहरण ह द क सदभ म चीन का हभारत-चीन य क समय यह सामन आया था क चीन न अपन अनकसिनक को एक आव यक मा ा म ह द का िश ण दया हआ था तोअपन अपन वाथ अथ को यान म रखकर विभ न वकिसत रा अपन यहा ह द क पठन पाठन क यव था करत ह कछ भारत कोसमझन क िलए कछ भारत स उपयोगी सदभ क िलए कछ भारत स म क िलए

जन वदशी व व ालय म ह द अ ययन-अ यापन क यव थाए ह उनक आिथ क यव था भल ह उन दश क सरकार क ओर स होती हो पर अनकानक वदशी ह द व ान ह द और भारतीयस कित क अनराग म इतन रम गए ह क उ ह न अपनी जीवनचया कोह ह द क ित सम प त कर िलया ह उनम इतना स चा और गहरा ह द अनराग ह क य ह द का काम ह नह करत ब क जब जब ह द इस दश म बढ़ती ह उनम स नता होती ह जब जब ह द पीछधकली जाती ह उ ह पीड़ा होती ह ह द क इन अनरागी वदशी व ान क ित यह दश कत ह ऊपर क चिच त थित अरब रा म नह दखाई दती उनका झकाव आव यकता क मा ा क अन प उद क ओर हआ ह ह द क ओर नह पर इसका लाभ इस दश क उन लोग को भी बराबर िमलता ह जो इन रा म यापार नौकर या अ यसदभ स गए ह उद व पतः ह द स दर होकर भी बहत दर नह जापाती अतः िल खत प म चाह न सह बोलचाल क तर पर उसकालाभ ह द उद दोन क लोग को वहा समान प स िमलता ह तीसरवग म व दश आत ह जहा भारत क मल िनवासी बड़ स या म बस हएह जस मा रशस फजी सर नाम िनडाड आ द इन दश म ह द जो

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राजक य आ य सीिमत प म ह ा ह अपनी जनस या क आधारपर भारतीय जतना ितिनिध व अपन दश क सरकार म ल पात ह उसी अनपात म य ह द को उठान क बात कर पात ह अबराजनीितक जोड़ तोड़ म भारतविशय क यह श भी बखर जाती ह तो ह द को कसी ऊचाई तक उठा ल जाना वहा भी सभव नह ह सरकार त इन दश म नीच क तर पर ह द िश ा क यव था करता हउ च िश ा और राजक य योग क िलए ह द को हण कए जान काअभी सवाल ह पदा नह हआइस कार शासक य तर पर वदश म ह द क जो भी यव था ह उसका अिधकाश हर दश क अपनी अपनीनजर क उपयोिगता क कारण ह उसम भारत सरकार और भारतीयदतावास का योगदान बहत ह सीिमत ह हा मा रशस फजी आ द दश म भारतीय शासन और दतावास क ह द ो साहन वषयक योगदानको अव य यान रखना होगा

यहा इस बात का ववचन भी आव यक ह क शासक य मा यम स ह द क अ यापक और व ािथ य का जो आदान दान होता हउसक या थित ह घ विभ न दश कछ अ य अ यापक कछ व ािथ य अपन यय पर ह द िसखवान क िलए भारत भजत ह कछ व ाथ भारत क छातव य पर विनमय योजनाओ क भीतर भी आतह ऐस ह द अ यताओ का ह द िश ण अिधकाशतः िश ा क क य ह द स थान क मा यम स दया जाता ह कछ को कितपय व व ालय म आव टत कर दया जाता ह कछ दश कछ िन तअविध क िलए भारत स ह द अ यापक का चयन करक आम तकरत ह और अपन यहा ह द िश ण क यव था करात ह भज जानवाल ह द अ यापको क चयन क याए शासक य त स गजरतीहई ऐसी बन ग ह क जो लोग जात ह उनम मशनर प रटषबहत कम और वदश जान का चास पान क ललक अिधक काम करतीह सह मताओ क लाग का चयन आज वस ह क ठन हो गया हअब रह उन लोग क बात जो ह द सीखन भारत आत ह इनम स जो व व ालय स भज जात ह उनम सह िश ा इसिलए नह पहच पाती

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क व व ालय म ह द को आधिनक व ािनक णािलय स तीयभाषा क प म पढ़ान क प ितय का सह वकास नह हआ औरक य ह द स थान इसिलए सह उ रदािय व का वहन नह कर पाता क वह िश ण िश ण णाली क आभासी व ािनकता म उलझ गयाह पर जो भी ह यह एक मा यव थत स था ह जहा व ािनकप ित स वदिशय को भारत म ह द पढ़ान क यव था आयो जत हसब िमलकर शासक य सदभ क साथ जड़कर ह द क दशा वदश

म उतनी उ साहवध क नह उतनी सतोषजनक नह जतनी होनी चा हएभारत म सवधािनक और शासक य तर पर ह द क जो थित हउसम जो शिथ य ह या जो उ साह ह दोन क छाया वदश क शासक य त स वकिसत होन वाली ह द थित पर पड़नाअ वाभा वक नह हभारत म ह द बोलन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह इस

स उद भाषी लोग भी ह द व क प रिध म ह आत ह भारत म ह द चाह सरकार तर पर एकमा सपक भाषा न बन पाए पर उन सग पर जहा दश क विभ न ात म विभ न कार क वग क लोगजड़त ह वहा यह थित दखन को िमलती ह य द यह उ चवग य लोग का स मलन ह तो ायः अ जी सपक भाषा क प म काम करती ह व प सा योग ह द का चलता ह पर य द िमलन लोक जीवन सजड़ लोग का हआ तो ह द अपन आप सपक भाषा का प ल लती हभारत क कसी भी भाग म जाइए य द िमलन वाल लोग उ चवग य याउ चाभासीवग य नह ह तो एक भाषाभाषी स अ य भाषाभा षय किमलन क सपक भाषा ायः ह द िमलगी सिनक जीवन म रलया ाओ म तीथ थान म छा स मलन म ाकितक ऐितहिसकदश नीय थल म बाज़ार म आपको इस ह द व क मता औरउपयोिगता का पता चल सकगा यह थित िनरतर वकिसत हो रह हभारत म ह द बोलन वाल क ह द समझन वालो क और ह द को यावहा रक जीवन म उपयोग करन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह

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यह वकासशील थित ह द क िलए वदश स भी ह वदश म ह द का उपयोग म यतः भारतविशय क ारा होता ह इस स वदश को तीन वग म रखा जा सकता ह पहला वग वह जसम भारतीय फजी सर नाम िनडाड जस दश रख जा सकत ह जहाभारतवशीय लोग भार तादाद म बस रह ह व लोग कामकाज को लकरइन दश म गए थ इनम भारत क स कित और भारत क ह द सस चा अनराग ह उसस जड रहन क ललक ह य लोग जो ह द बोलतह योग म लात ह वह खड़ बोली ह द नह ह पर िलखाई पढ़ाई किलए व मानक ह द क ओर ह बढ़ रह ह दसर वग म व दश ह जहा क भाषा उद ह या जहा उद भाषी जनता

क पहच ह इन म य द भारतीय ह द भाषी िमलत ह तो जोभाषा सपक -भाषा क प म मा यम बनती ह उस ह द स िभ न नह कहा जा सकता अरब रा म भारत और पा क तान दोन ह दश ककाम धामी लोग गए ह इनक पार प रक सपक भाषा ायः ह द होतीह--

तीसर वग म यरोप अमर का आ द व वकिसत रा रख जा सकत ह जहा बहत बड़ स या म भारत क लोग बस भी गए ह और अ थायी प म जा भी रह ह इन लोग म य द कसी ात वशष या वशषक लोग पर पर िमलत ह तो अपनी ीय भाषा का योग करत ह परय द विभ न भारतीय भाषाभाषी िमलत ह तो सपक भाषा ायः ह द होती ह उदाहरण म तौर पर अमर का कनाडा म गजराती-भाषी काफ़ स या म बस ह य द गजराती लोग पर पर िमल ग तो आरिभक सपक अ जी म होन क बाद सपक और बातचीत क भाषा गजराती हो जाएगीपर य द गजराती और तिमल भाषी या गजराती और मलयालम भाषीिमल ग या एकािधक भारतीय भाषाओ क बोलन वाल िमल ग तो य गतसपक भाषा अिधकाशतः ह द बन जाएगी भारत म अगरजी ान व ान क भाषा क प म उतनी नह जतनी ित ाभास क भाषा क प म ित त ह यह थित वदश म भारतीय क पार प रक िमलन

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क समय भी कछ कछ उभर आती ह पर इस आभास स म िमलतह सपक भाषा ह द बनती ह यह बात भारत पा क तान क लोग कपार प रक िमलन पर होती ह ित ाभासी तर पर अ जी चलन कबाद आ मीय स मलन उस ह द म होता ह जो भारत और पा क तानक वा त वक बोली ह जसम स कत अरबी फारसी क असहज प म ठसी नह जाती सहज श दावली सहज प म बोली समझी जाती हभारत म उ च और उ चभासी वग क सपक भाषा अ जी ह जनक

स या 3 ितशत स अिधक नह ह लोक जीवन अपनी अपनी ातीय ीय भाषाओ म चलता ह वा त वक लोक सपक ह द क मा यम सचलता ह इसी कार वदश म भारत और पा क तान क िनवािसय कपार प रक िमलन सग म उ च और उ चाभासी वग क लोग किमलन पर अ जी चलती ह एक भाषी सपक म ीय भाषा एकािधकभाषी सपक म ह द कल िमलाकर 20 स अिधक अ जी का उपयोग यलोग नह करत ह द जानन वाल य को इस फली हई ह द क दिनया म अ जी न जानन पर भी कोई क ठनाई नह होती सकड़ लोग भारत स कसी भी दश क भाषा क बोलन वाल वकिसत दश म कह काम क िलए चल जा रह ह ह द उनक िलए मा यम का कामकर रह ह और व अपना काम कर रह ह ह द क इस दिनया क इस ह द व क जनस या कम नह

ह व म इस स ह द का थान तीसरा ह पर इडोनिशयाजावा समा ा तथा उन म लम बाह य दश म जहा उद बोली समझीजा सकती ह ह द क बोलन समझन म अिधक क ठनाई नह आतीइस स ह द व क म उद ह द का ह एक प बनती हऔर ह द व क थित अ जी क बाद आती ह उद का याकर णकढाचा उसक आधारभत श दावली और उसक महावर दानी ह द व क सीमा क बाहर क न थी न अभी हयह वशाल ह द व विभ न दश म फला हआ ह पर बखरा

पड़ा ह इसक श ीणा पड़ ह इस सजोना होगा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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कस सकता हघ सामा यतः उन दश म जहा क भारतवशीय लोग क स या अ छ ख़ासी ह और वहा ह द और भारतीय स कित क िलएललक भरा अनराग ह ऐस ह ितिनिधय और अिधका रय का चयनहोता रहा हजो भारतीय स कित और ह द क अनयायी ह उदाहरण किलए मॉ रशस म डॉ भगवतशरण उपा याय जस लोग को भजा जानाइसी कोण का प रचायक था कत यरोपीय अमर का तथा अरब दश क िलए ितिनिध भजन हए इन बात क ओर यान रखना अप तनह माना जाता रहा प रणाम यह रहा ह क इन म हमार दतावासप मी रग म रग ह द का नाम भी यदा कदा ासिगक प म लतहए ह द क चार सार स सव था िनःसग रह ह कह कोई अपवादभल िमल जाए अतः इस को ट क दतावास म सामा यतः ह द क ित ा या चार सार का वा त वक प उभर ह नह पाया हो हा सजस कितपय सा वाद दश म भारत स उसक अपनी भाषा को अ जीस वर यता दए जान क अप ा क गइ तो वहा क हमार दतावास नअव य इस ओर जाग क रहन क आव यकता समझी बात अब फरिशिथल पड़ गई ह और अिधकाशतः काय यापार अ जी क मा यम सह होता ह ह द क मा यम स नह कह कह ह द क अनवाद साथम लगाए जा रह ह पर सीिमत प म ह

हमार दतावास जन दश म ह उनक सरकार क साथकाय - यवहार म ह द का उपयोग कर - यह थित क पना स काफ़ दरक ह ायः यह थित ह क हमार दश स जान वाल भारतीय लोग को अपन दतावास स सपक करन क िलए अ जी का ह उपयोग करनापड़ता ह इन लोग म भी ऐस लोग क स या भी अिधक नह होतीजो ह द म काम लन म गौरव अनभव करत ह पर कछ लोग ऐस भीहोत ह ज ह अ जी अ छ तरह नह आती व अपन दतावास स य द ह द क मा यम स सपक सहायता चाह तो उ ह क ठनाई ह होती हअब इस पहल पर वचार कया जाए क वदश क व वध सरकार क ओर स ह द क ित कसा रवया ह और कन सदभ म ह द क या

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थित ह जहा तक सरकार का भारतीय दतावास या भारत क साथसीध सपक म ह द क योग क बात ह उ ह इस बात क अिनवाय आव यकता तीत ह नह होती उनका काम अिधकाशतः ह द स नह अ जी स चलता ह जो दश अ जी भावी नह ह और अपनी भाषा परबल दत ह व म यतः अपनी भाषा का साथ म अ जी का यदा कदा ह द क अनवाद क साथ योग करत ह ह द अनवाद का योगबहत ह सीिमत मा ा म क हए नग य होता ह हा कछ मामल म ह द अनवाद साथ म लगान का ितबध ह उन सदभ म उस लगा दया जाता हभारत क वत होत ह बड़ बड़ दश न भी य अनभव कया था क व क इस बड़ भभाग स सपक करन क िलए उ ह ह द क आव यकता होगी भारतीय स वधान म यव था क गई थी क 15 वष म ह द अ जी का थान ल लगी अतः उ ह भी यह आभास हआ था क इस दश स िनकट सपक बनान क िलए उ ह ह द क ओर आनापड़गा फलतः विभ न मख दश क सरकार न अपन व व ालय म ह द क अ ययन अ यापन क यव था और स वधा क ओर यान दया अपन छा को छा व य दान कर ह द पढ़न क िलए भारतभी भजा यहा स भी अ यापक बलाए गए या यह िसलिसला कछ नकछ अब भी जार ह पर वह ललक नह रह उ ह साफ दखाई द रहाह क भारत म वह थित क पना स भी दर पीछ धकली जा चक ह जसम ह द एकमा दश क रा भाषा और सपक भाषा बनगी जबअ जी यहा थायी प स जमती दखाई द रह हो तो कोई रा अपनयवक क म और अपन पस को ह द क िलए या यय करगा सीधासवाल उपयोिगता का ह

पर सरकार सदभ स हटकर मह वपण एव वकिसत रा म ह द क उपयोिगता कछ अ य य स भी ह भारत क वत होन स पहलस ह अनक रा इस दश क स कित और स यता को समझना चाहतरह ह वत ता पव क कारण कछ और थ अब कछ और ह यह बाद

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दसर ह पर व क जनस या क एक बड़ भाग को समझन क कोिशश वकिसत रा न कर यह आज क सदभ म सव था असभव हआज क राजनीित सीध सरकार क बीच भी चलती ह सरकार औरजनता क बीच स भी चलती ह म सह सबध राजनीितक सबध किलए ह नह लड़न क िलए भी दसर दश क भाषा सीखन क आव यकता ह इसका उदाहरण ह द क सदभ म चीन का हभारत-चीन य क समय यह सामन आया था क चीन न अपन अनकसिनक को एक आव यक मा ा म ह द का िश ण दया हआ था तोअपन अपन वाथ अथ को यान म रखकर विभ न वकिसत रा अपन यहा ह द क पठन पाठन क यव था करत ह कछ भारत कोसमझन क िलए कछ भारत स उपयोगी सदभ क िलए कछ भारत स म क िलए

जन वदशी व व ालय म ह द अ ययन-अ यापन क यव थाए ह उनक आिथ क यव था भल ह उन दश क सरकार क ओर स होती हो पर अनकानक वदशी ह द व ान ह द और भारतीयस कित क अनराग म इतन रम गए ह क उ ह न अपनी जीवनचया कोह ह द क ित सम प त कर िलया ह उनम इतना स चा और गहरा ह द अनराग ह क य ह द का काम ह नह करत ब क जब जब ह द इस दश म बढ़ती ह उनम स नता होती ह जब जब ह द पीछधकली जाती ह उ ह पीड़ा होती ह ह द क इन अनरागी वदशी व ान क ित यह दश कत ह ऊपर क चिच त थित अरब रा म नह दखाई दती उनका झकाव आव यकता क मा ा क अन प उद क ओर हआ ह ह द क ओर नह पर इसका लाभ इस दश क उन लोग को भी बराबर िमलता ह जो इन रा म यापार नौकर या अ यसदभ स गए ह उद व पतः ह द स दर होकर भी बहत दर नह जापाती अतः िल खत प म चाह न सह बोलचाल क तर पर उसकालाभ ह द उद दोन क लोग को वहा समान प स िमलता ह तीसरवग म व दश आत ह जहा भारत क मल िनवासी बड़ स या म बस हएह जस मा रशस फजी सर नाम िनडाड आ द इन दश म ह द जो

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राजक य आ य सीिमत प म ह ा ह अपनी जनस या क आधारपर भारतीय जतना ितिनिध व अपन दश क सरकार म ल पात ह उसी अनपात म य ह द को उठान क बात कर पात ह अबराजनीितक जोड़ तोड़ म भारतविशय क यह श भी बखर जाती ह तो ह द को कसी ऊचाई तक उठा ल जाना वहा भी सभव नह ह सरकार त इन दश म नीच क तर पर ह द िश ा क यव था करता हउ च िश ा और राजक य योग क िलए ह द को हण कए जान काअभी सवाल ह पदा नह हआइस कार शासक य तर पर वदश म ह द क जो भी यव था ह उसका अिधकाश हर दश क अपनी अपनीनजर क उपयोिगता क कारण ह उसम भारत सरकार और भारतीयदतावास का योगदान बहत ह सीिमत ह हा मा रशस फजी आ द दश म भारतीय शासन और दतावास क ह द ो साहन वषयक योगदानको अव य यान रखना होगा

यहा इस बात का ववचन भी आव यक ह क शासक य मा यम स ह द क अ यापक और व ािथ य का जो आदान दान होता हउसक या थित ह घ विभ न दश कछ अ य अ यापक कछ व ािथ य अपन यय पर ह द िसखवान क िलए भारत भजत ह कछ व ाथ भारत क छातव य पर विनमय योजनाओ क भीतर भी आतह ऐस ह द अ यताओ का ह द िश ण अिधकाशतः िश ा क क य ह द स थान क मा यम स दया जाता ह कछ को कितपय व व ालय म आव टत कर दया जाता ह कछ दश कछ िन तअविध क िलए भारत स ह द अ यापक का चयन करक आम तकरत ह और अपन यहा ह द िश ण क यव था करात ह भज जानवाल ह द अ यापको क चयन क याए शासक य त स गजरतीहई ऐसी बन ग ह क जो लोग जात ह उनम मशनर प रटषबहत कम और वदश जान का चास पान क ललक अिधक काम करतीह सह मताओ क लाग का चयन आज वस ह क ठन हो गया हअब रह उन लोग क बात जो ह द सीखन भारत आत ह इनम स जो व व ालय स भज जात ह उनम सह िश ा इसिलए नह पहच पाती

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क व व ालय म ह द को आधिनक व ािनक णािलय स तीयभाषा क प म पढ़ान क प ितय का सह वकास नह हआ औरक य ह द स थान इसिलए सह उ रदािय व का वहन नह कर पाता क वह िश ण िश ण णाली क आभासी व ािनकता म उलझ गयाह पर जो भी ह यह एक मा यव थत स था ह जहा व ािनकप ित स वदिशय को भारत म ह द पढ़ान क यव था आयो जत हसब िमलकर शासक य सदभ क साथ जड़कर ह द क दशा वदश

म उतनी उ साहवध क नह उतनी सतोषजनक नह जतनी होनी चा हएभारत म सवधािनक और शासक य तर पर ह द क जो थित हउसम जो शिथ य ह या जो उ साह ह दोन क छाया वदश क शासक य त स वकिसत होन वाली ह द थित पर पड़नाअ वाभा वक नह हभारत म ह द बोलन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह इस

स उद भाषी लोग भी ह द व क प रिध म ह आत ह भारत म ह द चाह सरकार तर पर एकमा सपक भाषा न बन पाए पर उन सग पर जहा दश क विभ न ात म विभ न कार क वग क लोगजड़त ह वहा यह थित दखन को िमलती ह य द यह उ चवग य लोग का स मलन ह तो ायः अ जी सपक भाषा क प म काम करती ह व प सा योग ह द का चलता ह पर य द िमलन लोक जीवन सजड़ लोग का हआ तो ह द अपन आप सपक भाषा का प ल लती हभारत क कसी भी भाग म जाइए य द िमलन वाल लोग उ चवग य याउ चाभासीवग य नह ह तो एक भाषाभाषी स अ य भाषाभा षय किमलन क सपक भाषा ायः ह द िमलगी सिनक जीवन म रलया ाओ म तीथ थान म छा स मलन म ाकितक ऐितहिसकदश नीय थल म बाज़ार म आपको इस ह द व क मता औरउपयोिगता का पता चल सकगा यह थित िनरतर वकिसत हो रह हभारत म ह द बोलन वाल क ह द समझन वालो क और ह द को यावहा रक जीवन म उपयोग करन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह

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यह वकासशील थित ह द क िलए वदश स भी ह वदश म ह द का उपयोग म यतः भारतविशय क ारा होता ह इस स वदश को तीन वग म रखा जा सकता ह पहला वग वह जसम भारतीय फजी सर नाम िनडाड जस दश रख जा सकत ह जहाभारतवशीय लोग भार तादाद म बस रह ह व लोग कामकाज को लकरइन दश म गए थ इनम भारत क स कित और भारत क ह द सस चा अनराग ह उसस जड रहन क ललक ह य लोग जो ह द बोलतह योग म लात ह वह खड़ बोली ह द नह ह पर िलखाई पढ़ाई किलए व मानक ह द क ओर ह बढ़ रह ह दसर वग म व दश ह जहा क भाषा उद ह या जहा उद भाषी जनता

क पहच ह इन म य द भारतीय ह द भाषी िमलत ह तो जोभाषा सपक -भाषा क प म मा यम बनती ह उस ह द स िभ न नह कहा जा सकता अरब रा म भारत और पा क तान दोन ह दश ककाम धामी लोग गए ह इनक पार प रक सपक भाषा ायः ह द होतीह--

तीसर वग म यरोप अमर का आ द व वकिसत रा रख जा सकत ह जहा बहत बड़ स या म भारत क लोग बस भी गए ह और अ थायी प म जा भी रह ह इन लोग म य द कसी ात वशष या वशषक लोग पर पर िमलत ह तो अपनी ीय भाषा का योग करत ह परय द विभ न भारतीय भाषाभाषी िमलत ह तो सपक भाषा ायः ह द होती ह उदाहरण म तौर पर अमर का कनाडा म गजराती-भाषी काफ़ स या म बस ह य द गजराती लोग पर पर िमल ग तो आरिभक सपक अ जी म होन क बाद सपक और बातचीत क भाषा गजराती हो जाएगीपर य द गजराती और तिमल भाषी या गजराती और मलयालम भाषीिमल ग या एकािधक भारतीय भाषाओ क बोलन वाल िमल ग तो य गतसपक भाषा अिधकाशतः ह द बन जाएगी भारत म अगरजी ान व ान क भाषा क प म उतनी नह जतनी ित ाभास क भाषा क प म ित त ह यह थित वदश म भारतीय क पार प रक िमलन

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क समय भी कछ कछ उभर आती ह पर इस आभास स म िमलतह सपक भाषा ह द बनती ह यह बात भारत पा क तान क लोग कपार प रक िमलन पर होती ह ित ाभासी तर पर अ जी चलन कबाद आ मीय स मलन उस ह द म होता ह जो भारत और पा क तानक वा त वक बोली ह जसम स कत अरबी फारसी क असहज प म ठसी नह जाती सहज श दावली सहज प म बोली समझी जाती हभारत म उ च और उ चभासी वग क सपक भाषा अ जी ह जनक

स या 3 ितशत स अिधक नह ह लोक जीवन अपनी अपनी ातीय ीय भाषाओ म चलता ह वा त वक लोक सपक ह द क मा यम सचलता ह इसी कार वदश म भारत और पा क तान क िनवािसय कपार प रक िमलन सग म उ च और उ चाभासी वग क लोग किमलन पर अ जी चलती ह एक भाषी सपक म ीय भाषा एकािधकभाषी सपक म ह द कल िमलाकर 20 स अिधक अ जी का उपयोग यलोग नह करत ह द जानन वाल य को इस फली हई ह द क दिनया म अ जी न जानन पर भी कोई क ठनाई नह होती सकड़ लोग भारत स कसी भी दश क भाषा क बोलन वाल वकिसत दश म कह काम क िलए चल जा रह ह ह द उनक िलए मा यम का कामकर रह ह और व अपना काम कर रह ह ह द क इस दिनया क इस ह द व क जनस या कम नह

ह व म इस स ह द का थान तीसरा ह पर इडोनिशयाजावा समा ा तथा उन म लम बाह य दश म जहा उद बोली समझीजा सकती ह ह द क बोलन समझन म अिधक क ठनाई नह आतीइस स ह द व क म उद ह द का ह एक प बनती हऔर ह द व क थित अ जी क बाद आती ह उद का याकर णकढाचा उसक आधारभत श दावली और उसक महावर दानी ह द व क सीमा क बाहर क न थी न अभी हयह वशाल ह द व विभ न दश म फला हआ ह पर बखरा

पड़ा ह इसक श ीणा पड़ ह इस सजोना होगा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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थित ह जहा तक सरकार का भारतीय दतावास या भारत क साथसीध सपक म ह द क योग क बात ह उ ह इस बात क अिनवाय आव यकता तीत ह नह होती उनका काम अिधकाशतः ह द स नह अ जी स चलता ह जो दश अ जी भावी नह ह और अपनी भाषा परबल दत ह व म यतः अपनी भाषा का साथ म अ जी का यदा कदा ह द क अनवाद क साथ योग करत ह ह द अनवाद का योगबहत ह सीिमत मा ा म क हए नग य होता ह हा कछ मामल म ह द अनवाद साथ म लगान का ितबध ह उन सदभ म उस लगा दया जाता हभारत क वत होत ह बड़ बड़ दश न भी य अनभव कया था क व क इस बड़ भभाग स सपक करन क िलए उ ह ह द क आव यकता होगी भारतीय स वधान म यव था क गई थी क 15 वष म ह द अ जी का थान ल लगी अतः उ ह भी यह आभास हआ था क इस दश स िनकट सपक बनान क िलए उ ह ह द क ओर आनापड़गा फलतः विभ न मख दश क सरकार न अपन व व ालय म ह द क अ ययन अ यापन क यव था और स वधा क ओर यान दया अपन छा को छा व य दान कर ह द पढ़न क िलए भारतभी भजा यहा स भी अ यापक बलाए गए या यह िसलिसला कछ नकछ अब भी जार ह पर वह ललक नह रह उ ह साफ दखाई द रहाह क भारत म वह थित क पना स भी दर पीछ धकली जा चक ह जसम ह द एकमा दश क रा भाषा और सपक भाषा बनगी जबअ जी यहा थायी प स जमती दखाई द रह हो तो कोई रा अपनयवक क म और अपन पस को ह द क िलए या यय करगा सीधासवाल उपयोिगता का ह

पर सरकार सदभ स हटकर मह वपण एव वकिसत रा म ह द क उपयोिगता कछ अ य य स भी ह भारत क वत होन स पहलस ह अनक रा इस दश क स कित और स यता को समझना चाहतरह ह वत ता पव क कारण कछ और थ अब कछ और ह यह बाद

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दसर ह पर व क जनस या क एक बड़ भाग को समझन क कोिशश वकिसत रा न कर यह आज क सदभ म सव था असभव हआज क राजनीित सीध सरकार क बीच भी चलती ह सरकार औरजनता क बीच स भी चलती ह म सह सबध राजनीितक सबध किलए ह नह लड़न क िलए भी दसर दश क भाषा सीखन क आव यकता ह इसका उदाहरण ह द क सदभ म चीन का हभारत-चीन य क समय यह सामन आया था क चीन न अपन अनकसिनक को एक आव यक मा ा म ह द का िश ण दया हआ था तोअपन अपन वाथ अथ को यान म रखकर विभ न वकिसत रा अपन यहा ह द क पठन पाठन क यव था करत ह कछ भारत कोसमझन क िलए कछ भारत स उपयोगी सदभ क िलए कछ भारत स म क िलए

जन वदशी व व ालय म ह द अ ययन-अ यापन क यव थाए ह उनक आिथ क यव था भल ह उन दश क सरकार क ओर स होती हो पर अनकानक वदशी ह द व ान ह द और भारतीयस कित क अनराग म इतन रम गए ह क उ ह न अपनी जीवनचया कोह ह द क ित सम प त कर िलया ह उनम इतना स चा और गहरा ह द अनराग ह क य ह द का काम ह नह करत ब क जब जब ह द इस दश म बढ़ती ह उनम स नता होती ह जब जब ह द पीछधकली जाती ह उ ह पीड़ा होती ह ह द क इन अनरागी वदशी व ान क ित यह दश कत ह ऊपर क चिच त थित अरब रा म नह दखाई दती उनका झकाव आव यकता क मा ा क अन प उद क ओर हआ ह ह द क ओर नह पर इसका लाभ इस दश क उन लोग को भी बराबर िमलता ह जो इन रा म यापार नौकर या अ यसदभ स गए ह उद व पतः ह द स दर होकर भी बहत दर नह जापाती अतः िल खत प म चाह न सह बोलचाल क तर पर उसकालाभ ह द उद दोन क लोग को वहा समान प स िमलता ह तीसरवग म व दश आत ह जहा भारत क मल िनवासी बड़ स या म बस हएह जस मा रशस फजी सर नाम िनडाड आ द इन दश म ह द जो

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राजक य आ य सीिमत प म ह ा ह अपनी जनस या क आधारपर भारतीय जतना ितिनिध व अपन दश क सरकार म ल पात ह उसी अनपात म य ह द को उठान क बात कर पात ह अबराजनीितक जोड़ तोड़ म भारतविशय क यह श भी बखर जाती ह तो ह द को कसी ऊचाई तक उठा ल जाना वहा भी सभव नह ह सरकार त इन दश म नीच क तर पर ह द िश ा क यव था करता हउ च िश ा और राजक य योग क िलए ह द को हण कए जान काअभी सवाल ह पदा नह हआइस कार शासक य तर पर वदश म ह द क जो भी यव था ह उसका अिधकाश हर दश क अपनी अपनीनजर क उपयोिगता क कारण ह उसम भारत सरकार और भारतीयदतावास का योगदान बहत ह सीिमत ह हा मा रशस फजी आ द दश म भारतीय शासन और दतावास क ह द ो साहन वषयक योगदानको अव य यान रखना होगा

यहा इस बात का ववचन भी आव यक ह क शासक य मा यम स ह द क अ यापक और व ािथ य का जो आदान दान होता हउसक या थित ह घ विभ न दश कछ अ य अ यापक कछ व ािथ य अपन यय पर ह द िसखवान क िलए भारत भजत ह कछ व ाथ भारत क छातव य पर विनमय योजनाओ क भीतर भी आतह ऐस ह द अ यताओ का ह द िश ण अिधकाशतः िश ा क क य ह द स थान क मा यम स दया जाता ह कछ को कितपय व व ालय म आव टत कर दया जाता ह कछ दश कछ िन तअविध क िलए भारत स ह द अ यापक का चयन करक आम तकरत ह और अपन यहा ह द िश ण क यव था करात ह भज जानवाल ह द अ यापको क चयन क याए शासक य त स गजरतीहई ऐसी बन ग ह क जो लोग जात ह उनम मशनर प रटषबहत कम और वदश जान का चास पान क ललक अिधक काम करतीह सह मताओ क लाग का चयन आज वस ह क ठन हो गया हअब रह उन लोग क बात जो ह द सीखन भारत आत ह इनम स जो व व ालय स भज जात ह उनम सह िश ा इसिलए नह पहच पाती

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क व व ालय म ह द को आधिनक व ािनक णािलय स तीयभाषा क प म पढ़ान क प ितय का सह वकास नह हआ औरक य ह द स थान इसिलए सह उ रदािय व का वहन नह कर पाता क वह िश ण िश ण णाली क आभासी व ािनकता म उलझ गयाह पर जो भी ह यह एक मा यव थत स था ह जहा व ािनकप ित स वदिशय को भारत म ह द पढ़ान क यव था आयो जत हसब िमलकर शासक य सदभ क साथ जड़कर ह द क दशा वदश

म उतनी उ साहवध क नह उतनी सतोषजनक नह जतनी होनी चा हएभारत म सवधािनक और शासक य तर पर ह द क जो थित हउसम जो शिथ य ह या जो उ साह ह दोन क छाया वदश क शासक य त स वकिसत होन वाली ह द थित पर पड़नाअ वाभा वक नह हभारत म ह द बोलन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह इस

स उद भाषी लोग भी ह द व क प रिध म ह आत ह भारत म ह द चाह सरकार तर पर एकमा सपक भाषा न बन पाए पर उन सग पर जहा दश क विभ न ात म विभ न कार क वग क लोगजड़त ह वहा यह थित दखन को िमलती ह य द यह उ चवग य लोग का स मलन ह तो ायः अ जी सपक भाषा क प म काम करती ह व प सा योग ह द का चलता ह पर य द िमलन लोक जीवन सजड़ लोग का हआ तो ह द अपन आप सपक भाषा का प ल लती हभारत क कसी भी भाग म जाइए य द िमलन वाल लोग उ चवग य याउ चाभासीवग य नह ह तो एक भाषाभाषी स अ य भाषाभा षय किमलन क सपक भाषा ायः ह द िमलगी सिनक जीवन म रलया ाओ म तीथ थान म छा स मलन म ाकितक ऐितहिसकदश नीय थल म बाज़ार म आपको इस ह द व क मता औरउपयोिगता का पता चल सकगा यह थित िनरतर वकिसत हो रह हभारत म ह द बोलन वाल क ह द समझन वालो क और ह द को यावहा रक जीवन म उपयोग करन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह

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यह वकासशील थित ह द क िलए वदश स भी ह वदश म ह द का उपयोग म यतः भारतविशय क ारा होता ह इस स वदश को तीन वग म रखा जा सकता ह पहला वग वह जसम भारतीय फजी सर नाम िनडाड जस दश रख जा सकत ह जहाभारतवशीय लोग भार तादाद म बस रह ह व लोग कामकाज को लकरइन दश म गए थ इनम भारत क स कित और भारत क ह द सस चा अनराग ह उसस जड रहन क ललक ह य लोग जो ह द बोलतह योग म लात ह वह खड़ बोली ह द नह ह पर िलखाई पढ़ाई किलए व मानक ह द क ओर ह बढ़ रह ह दसर वग म व दश ह जहा क भाषा उद ह या जहा उद भाषी जनता

क पहच ह इन म य द भारतीय ह द भाषी िमलत ह तो जोभाषा सपक -भाषा क प म मा यम बनती ह उस ह द स िभ न नह कहा जा सकता अरब रा म भारत और पा क तान दोन ह दश ककाम धामी लोग गए ह इनक पार प रक सपक भाषा ायः ह द होतीह--

तीसर वग म यरोप अमर का आ द व वकिसत रा रख जा सकत ह जहा बहत बड़ स या म भारत क लोग बस भी गए ह और अ थायी प म जा भी रह ह इन लोग म य द कसी ात वशष या वशषक लोग पर पर िमलत ह तो अपनी ीय भाषा का योग करत ह परय द विभ न भारतीय भाषाभाषी िमलत ह तो सपक भाषा ायः ह द होती ह उदाहरण म तौर पर अमर का कनाडा म गजराती-भाषी काफ़ स या म बस ह य द गजराती लोग पर पर िमल ग तो आरिभक सपक अ जी म होन क बाद सपक और बातचीत क भाषा गजराती हो जाएगीपर य द गजराती और तिमल भाषी या गजराती और मलयालम भाषीिमल ग या एकािधक भारतीय भाषाओ क बोलन वाल िमल ग तो य गतसपक भाषा अिधकाशतः ह द बन जाएगी भारत म अगरजी ान व ान क भाषा क प म उतनी नह जतनी ित ाभास क भाषा क प म ित त ह यह थित वदश म भारतीय क पार प रक िमलन

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क समय भी कछ कछ उभर आती ह पर इस आभास स म िमलतह सपक भाषा ह द बनती ह यह बात भारत पा क तान क लोग कपार प रक िमलन पर होती ह ित ाभासी तर पर अ जी चलन कबाद आ मीय स मलन उस ह द म होता ह जो भारत और पा क तानक वा त वक बोली ह जसम स कत अरबी फारसी क असहज प म ठसी नह जाती सहज श दावली सहज प म बोली समझी जाती हभारत म उ च और उ चभासी वग क सपक भाषा अ जी ह जनक

स या 3 ितशत स अिधक नह ह लोक जीवन अपनी अपनी ातीय ीय भाषाओ म चलता ह वा त वक लोक सपक ह द क मा यम सचलता ह इसी कार वदश म भारत और पा क तान क िनवािसय कपार प रक िमलन सग म उ च और उ चाभासी वग क लोग किमलन पर अ जी चलती ह एक भाषी सपक म ीय भाषा एकािधकभाषी सपक म ह द कल िमलाकर 20 स अिधक अ जी का उपयोग यलोग नह करत ह द जानन वाल य को इस फली हई ह द क दिनया म अ जी न जानन पर भी कोई क ठनाई नह होती सकड़ लोग भारत स कसी भी दश क भाषा क बोलन वाल वकिसत दश म कह काम क िलए चल जा रह ह ह द उनक िलए मा यम का कामकर रह ह और व अपना काम कर रह ह ह द क इस दिनया क इस ह द व क जनस या कम नह

ह व म इस स ह द का थान तीसरा ह पर इडोनिशयाजावा समा ा तथा उन म लम बाह य दश म जहा उद बोली समझीजा सकती ह ह द क बोलन समझन म अिधक क ठनाई नह आतीइस स ह द व क म उद ह द का ह एक प बनती हऔर ह द व क थित अ जी क बाद आती ह उद का याकर णकढाचा उसक आधारभत श दावली और उसक महावर दानी ह द व क सीमा क बाहर क न थी न अभी हयह वशाल ह द व विभ न दश म फला हआ ह पर बखरा

पड़ा ह इसक श ीणा पड़ ह इस सजोना होगा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

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वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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दसर ह पर व क जनस या क एक बड़ भाग को समझन क कोिशश वकिसत रा न कर यह आज क सदभ म सव था असभव हआज क राजनीित सीध सरकार क बीच भी चलती ह सरकार औरजनता क बीच स भी चलती ह म सह सबध राजनीितक सबध किलए ह नह लड़न क िलए भी दसर दश क भाषा सीखन क आव यकता ह इसका उदाहरण ह द क सदभ म चीन का हभारत-चीन य क समय यह सामन आया था क चीन न अपन अनकसिनक को एक आव यक मा ा म ह द का िश ण दया हआ था तोअपन अपन वाथ अथ को यान म रखकर विभ न वकिसत रा अपन यहा ह द क पठन पाठन क यव था करत ह कछ भारत कोसमझन क िलए कछ भारत स उपयोगी सदभ क िलए कछ भारत स म क िलए

जन वदशी व व ालय म ह द अ ययन-अ यापन क यव थाए ह उनक आिथ क यव था भल ह उन दश क सरकार क ओर स होती हो पर अनकानक वदशी ह द व ान ह द और भारतीयस कित क अनराग म इतन रम गए ह क उ ह न अपनी जीवनचया कोह ह द क ित सम प त कर िलया ह उनम इतना स चा और गहरा ह द अनराग ह क य ह द का काम ह नह करत ब क जब जब ह द इस दश म बढ़ती ह उनम स नता होती ह जब जब ह द पीछधकली जाती ह उ ह पीड़ा होती ह ह द क इन अनरागी वदशी व ान क ित यह दश कत ह ऊपर क चिच त थित अरब रा म नह दखाई दती उनका झकाव आव यकता क मा ा क अन प उद क ओर हआ ह ह द क ओर नह पर इसका लाभ इस दश क उन लोग को भी बराबर िमलता ह जो इन रा म यापार नौकर या अ यसदभ स गए ह उद व पतः ह द स दर होकर भी बहत दर नह जापाती अतः िल खत प म चाह न सह बोलचाल क तर पर उसकालाभ ह द उद दोन क लोग को वहा समान प स िमलता ह तीसरवग म व दश आत ह जहा भारत क मल िनवासी बड़ स या म बस हएह जस मा रशस फजी सर नाम िनडाड आ द इन दश म ह द जो

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राजक य आ य सीिमत प म ह ा ह अपनी जनस या क आधारपर भारतीय जतना ितिनिध व अपन दश क सरकार म ल पात ह उसी अनपात म य ह द को उठान क बात कर पात ह अबराजनीितक जोड़ तोड़ म भारतविशय क यह श भी बखर जाती ह तो ह द को कसी ऊचाई तक उठा ल जाना वहा भी सभव नह ह सरकार त इन दश म नीच क तर पर ह द िश ा क यव था करता हउ च िश ा और राजक य योग क िलए ह द को हण कए जान काअभी सवाल ह पदा नह हआइस कार शासक य तर पर वदश म ह द क जो भी यव था ह उसका अिधकाश हर दश क अपनी अपनीनजर क उपयोिगता क कारण ह उसम भारत सरकार और भारतीयदतावास का योगदान बहत ह सीिमत ह हा मा रशस फजी आ द दश म भारतीय शासन और दतावास क ह द ो साहन वषयक योगदानको अव य यान रखना होगा

यहा इस बात का ववचन भी आव यक ह क शासक य मा यम स ह द क अ यापक और व ािथ य का जो आदान दान होता हउसक या थित ह घ विभ न दश कछ अ य अ यापक कछ व ािथ य अपन यय पर ह द िसखवान क िलए भारत भजत ह कछ व ाथ भारत क छातव य पर विनमय योजनाओ क भीतर भी आतह ऐस ह द अ यताओ का ह द िश ण अिधकाशतः िश ा क क य ह द स थान क मा यम स दया जाता ह कछ को कितपय व व ालय म आव टत कर दया जाता ह कछ दश कछ िन तअविध क िलए भारत स ह द अ यापक का चयन करक आम तकरत ह और अपन यहा ह द िश ण क यव था करात ह भज जानवाल ह द अ यापको क चयन क याए शासक य त स गजरतीहई ऐसी बन ग ह क जो लोग जात ह उनम मशनर प रटषबहत कम और वदश जान का चास पान क ललक अिधक काम करतीह सह मताओ क लाग का चयन आज वस ह क ठन हो गया हअब रह उन लोग क बात जो ह द सीखन भारत आत ह इनम स जो व व ालय स भज जात ह उनम सह िश ा इसिलए नह पहच पाती

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क व व ालय म ह द को आधिनक व ािनक णािलय स तीयभाषा क प म पढ़ान क प ितय का सह वकास नह हआ औरक य ह द स थान इसिलए सह उ रदािय व का वहन नह कर पाता क वह िश ण िश ण णाली क आभासी व ािनकता म उलझ गयाह पर जो भी ह यह एक मा यव थत स था ह जहा व ािनकप ित स वदिशय को भारत म ह द पढ़ान क यव था आयो जत हसब िमलकर शासक य सदभ क साथ जड़कर ह द क दशा वदश

म उतनी उ साहवध क नह उतनी सतोषजनक नह जतनी होनी चा हएभारत म सवधािनक और शासक य तर पर ह द क जो थित हउसम जो शिथ य ह या जो उ साह ह दोन क छाया वदश क शासक य त स वकिसत होन वाली ह द थित पर पड़नाअ वाभा वक नह हभारत म ह द बोलन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह इस

स उद भाषी लोग भी ह द व क प रिध म ह आत ह भारत म ह द चाह सरकार तर पर एकमा सपक भाषा न बन पाए पर उन सग पर जहा दश क विभ न ात म विभ न कार क वग क लोगजड़त ह वहा यह थित दखन को िमलती ह य द यह उ चवग य लोग का स मलन ह तो ायः अ जी सपक भाषा क प म काम करती ह व प सा योग ह द का चलता ह पर य द िमलन लोक जीवन सजड़ लोग का हआ तो ह द अपन आप सपक भाषा का प ल लती हभारत क कसी भी भाग म जाइए य द िमलन वाल लोग उ चवग य याउ चाभासीवग य नह ह तो एक भाषाभाषी स अ य भाषाभा षय किमलन क सपक भाषा ायः ह द िमलगी सिनक जीवन म रलया ाओ म तीथ थान म छा स मलन म ाकितक ऐितहिसकदश नीय थल म बाज़ार म आपको इस ह द व क मता औरउपयोिगता का पता चल सकगा यह थित िनरतर वकिसत हो रह हभारत म ह द बोलन वाल क ह द समझन वालो क और ह द को यावहा रक जीवन म उपयोग करन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह

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यह वकासशील थित ह द क िलए वदश स भी ह वदश म ह द का उपयोग म यतः भारतविशय क ारा होता ह इस स वदश को तीन वग म रखा जा सकता ह पहला वग वह जसम भारतीय फजी सर नाम िनडाड जस दश रख जा सकत ह जहाभारतवशीय लोग भार तादाद म बस रह ह व लोग कामकाज को लकरइन दश म गए थ इनम भारत क स कित और भारत क ह द सस चा अनराग ह उसस जड रहन क ललक ह य लोग जो ह द बोलतह योग म लात ह वह खड़ बोली ह द नह ह पर िलखाई पढ़ाई किलए व मानक ह द क ओर ह बढ़ रह ह दसर वग म व दश ह जहा क भाषा उद ह या जहा उद भाषी जनता

क पहच ह इन म य द भारतीय ह द भाषी िमलत ह तो जोभाषा सपक -भाषा क प म मा यम बनती ह उस ह द स िभ न नह कहा जा सकता अरब रा म भारत और पा क तान दोन ह दश ककाम धामी लोग गए ह इनक पार प रक सपक भाषा ायः ह द होतीह--

तीसर वग म यरोप अमर का आ द व वकिसत रा रख जा सकत ह जहा बहत बड़ स या म भारत क लोग बस भी गए ह और अ थायी प म जा भी रह ह इन लोग म य द कसी ात वशष या वशषक लोग पर पर िमलत ह तो अपनी ीय भाषा का योग करत ह परय द विभ न भारतीय भाषाभाषी िमलत ह तो सपक भाषा ायः ह द होती ह उदाहरण म तौर पर अमर का कनाडा म गजराती-भाषी काफ़ स या म बस ह य द गजराती लोग पर पर िमल ग तो आरिभक सपक अ जी म होन क बाद सपक और बातचीत क भाषा गजराती हो जाएगीपर य द गजराती और तिमल भाषी या गजराती और मलयालम भाषीिमल ग या एकािधक भारतीय भाषाओ क बोलन वाल िमल ग तो य गतसपक भाषा अिधकाशतः ह द बन जाएगी भारत म अगरजी ान व ान क भाषा क प म उतनी नह जतनी ित ाभास क भाषा क प म ित त ह यह थित वदश म भारतीय क पार प रक िमलन

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क समय भी कछ कछ उभर आती ह पर इस आभास स म िमलतह सपक भाषा ह द बनती ह यह बात भारत पा क तान क लोग कपार प रक िमलन पर होती ह ित ाभासी तर पर अ जी चलन कबाद आ मीय स मलन उस ह द म होता ह जो भारत और पा क तानक वा त वक बोली ह जसम स कत अरबी फारसी क असहज प म ठसी नह जाती सहज श दावली सहज प म बोली समझी जाती हभारत म उ च और उ चभासी वग क सपक भाषा अ जी ह जनक

स या 3 ितशत स अिधक नह ह लोक जीवन अपनी अपनी ातीय ीय भाषाओ म चलता ह वा त वक लोक सपक ह द क मा यम सचलता ह इसी कार वदश म भारत और पा क तान क िनवािसय कपार प रक िमलन सग म उ च और उ चाभासी वग क लोग किमलन पर अ जी चलती ह एक भाषी सपक म ीय भाषा एकािधकभाषी सपक म ह द कल िमलाकर 20 स अिधक अ जी का उपयोग यलोग नह करत ह द जानन वाल य को इस फली हई ह द क दिनया म अ जी न जानन पर भी कोई क ठनाई नह होती सकड़ लोग भारत स कसी भी दश क भाषा क बोलन वाल वकिसत दश म कह काम क िलए चल जा रह ह ह द उनक िलए मा यम का कामकर रह ह और व अपना काम कर रह ह ह द क इस दिनया क इस ह द व क जनस या कम नह

ह व म इस स ह द का थान तीसरा ह पर इडोनिशयाजावा समा ा तथा उन म लम बाह य दश म जहा उद बोली समझीजा सकती ह ह द क बोलन समझन म अिधक क ठनाई नह आतीइस स ह द व क म उद ह द का ह एक प बनती हऔर ह द व क थित अ जी क बाद आती ह उद का याकर णकढाचा उसक आधारभत श दावली और उसक महावर दानी ह द व क सीमा क बाहर क न थी न अभी हयह वशाल ह द व विभ न दश म फला हआ ह पर बखरा

पड़ा ह इसक श ीणा पड़ ह इस सजोना होगा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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राजक य आ य सीिमत प म ह ा ह अपनी जनस या क आधारपर भारतीय जतना ितिनिध व अपन दश क सरकार म ल पात ह उसी अनपात म य ह द को उठान क बात कर पात ह अबराजनीितक जोड़ तोड़ म भारतविशय क यह श भी बखर जाती ह तो ह द को कसी ऊचाई तक उठा ल जाना वहा भी सभव नह ह सरकार त इन दश म नीच क तर पर ह द िश ा क यव था करता हउ च िश ा और राजक य योग क िलए ह द को हण कए जान काअभी सवाल ह पदा नह हआइस कार शासक य तर पर वदश म ह द क जो भी यव था ह उसका अिधकाश हर दश क अपनी अपनीनजर क उपयोिगता क कारण ह उसम भारत सरकार और भारतीयदतावास का योगदान बहत ह सीिमत ह हा मा रशस फजी आ द दश म भारतीय शासन और दतावास क ह द ो साहन वषयक योगदानको अव य यान रखना होगा

यहा इस बात का ववचन भी आव यक ह क शासक य मा यम स ह द क अ यापक और व ािथ य का जो आदान दान होता हउसक या थित ह घ विभ न दश कछ अ य अ यापक कछ व ािथ य अपन यय पर ह द िसखवान क िलए भारत भजत ह कछ व ाथ भारत क छातव य पर विनमय योजनाओ क भीतर भी आतह ऐस ह द अ यताओ का ह द िश ण अिधकाशतः िश ा क क य ह द स थान क मा यम स दया जाता ह कछ को कितपय व व ालय म आव टत कर दया जाता ह कछ दश कछ िन तअविध क िलए भारत स ह द अ यापक का चयन करक आम तकरत ह और अपन यहा ह द िश ण क यव था करात ह भज जानवाल ह द अ यापको क चयन क याए शासक य त स गजरतीहई ऐसी बन ग ह क जो लोग जात ह उनम मशनर प रटषबहत कम और वदश जान का चास पान क ललक अिधक काम करतीह सह मताओ क लाग का चयन आज वस ह क ठन हो गया हअब रह उन लोग क बात जो ह द सीखन भारत आत ह इनम स जो व व ालय स भज जात ह उनम सह िश ा इसिलए नह पहच पाती

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क व व ालय म ह द को आधिनक व ािनक णािलय स तीयभाषा क प म पढ़ान क प ितय का सह वकास नह हआ औरक य ह द स थान इसिलए सह उ रदािय व का वहन नह कर पाता क वह िश ण िश ण णाली क आभासी व ािनकता म उलझ गयाह पर जो भी ह यह एक मा यव थत स था ह जहा व ािनकप ित स वदिशय को भारत म ह द पढ़ान क यव था आयो जत हसब िमलकर शासक य सदभ क साथ जड़कर ह द क दशा वदश

म उतनी उ साहवध क नह उतनी सतोषजनक नह जतनी होनी चा हएभारत म सवधािनक और शासक य तर पर ह द क जो थित हउसम जो शिथ य ह या जो उ साह ह दोन क छाया वदश क शासक य त स वकिसत होन वाली ह द थित पर पड़नाअ वाभा वक नह हभारत म ह द बोलन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह इस

स उद भाषी लोग भी ह द व क प रिध म ह आत ह भारत म ह द चाह सरकार तर पर एकमा सपक भाषा न बन पाए पर उन सग पर जहा दश क विभ न ात म विभ न कार क वग क लोगजड़त ह वहा यह थित दखन को िमलती ह य द यह उ चवग य लोग का स मलन ह तो ायः अ जी सपक भाषा क प म काम करती ह व प सा योग ह द का चलता ह पर य द िमलन लोक जीवन सजड़ लोग का हआ तो ह द अपन आप सपक भाषा का प ल लती हभारत क कसी भी भाग म जाइए य द िमलन वाल लोग उ चवग य याउ चाभासीवग य नह ह तो एक भाषाभाषी स अ य भाषाभा षय किमलन क सपक भाषा ायः ह द िमलगी सिनक जीवन म रलया ाओ म तीथ थान म छा स मलन म ाकितक ऐितहिसकदश नीय थल म बाज़ार म आपको इस ह द व क मता औरउपयोिगता का पता चल सकगा यह थित िनरतर वकिसत हो रह हभारत म ह द बोलन वाल क ह द समझन वालो क और ह द को यावहा रक जीवन म उपयोग करन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह

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यह वकासशील थित ह द क िलए वदश स भी ह वदश म ह द का उपयोग म यतः भारतविशय क ारा होता ह इस स वदश को तीन वग म रखा जा सकता ह पहला वग वह जसम भारतीय फजी सर नाम िनडाड जस दश रख जा सकत ह जहाभारतवशीय लोग भार तादाद म बस रह ह व लोग कामकाज को लकरइन दश म गए थ इनम भारत क स कित और भारत क ह द सस चा अनराग ह उसस जड रहन क ललक ह य लोग जो ह द बोलतह योग म लात ह वह खड़ बोली ह द नह ह पर िलखाई पढ़ाई किलए व मानक ह द क ओर ह बढ़ रह ह दसर वग म व दश ह जहा क भाषा उद ह या जहा उद भाषी जनता

क पहच ह इन म य द भारतीय ह द भाषी िमलत ह तो जोभाषा सपक -भाषा क प म मा यम बनती ह उस ह द स िभ न नह कहा जा सकता अरब रा म भारत और पा क तान दोन ह दश ककाम धामी लोग गए ह इनक पार प रक सपक भाषा ायः ह द होतीह--

तीसर वग म यरोप अमर का आ द व वकिसत रा रख जा सकत ह जहा बहत बड़ स या म भारत क लोग बस भी गए ह और अ थायी प म जा भी रह ह इन लोग म य द कसी ात वशष या वशषक लोग पर पर िमलत ह तो अपनी ीय भाषा का योग करत ह परय द विभ न भारतीय भाषाभाषी िमलत ह तो सपक भाषा ायः ह द होती ह उदाहरण म तौर पर अमर का कनाडा म गजराती-भाषी काफ़ स या म बस ह य द गजराती लोग पर पर िमल ग तो आरिभक सपक अ जी म होन क बाद सपक और बातचीत क भाषा गजराती हो जाएगीपर य द गजराती और तिमल भाषी या गजराती और मलयालम भाषीिमल ग या एकािधक भारतीय भाषाओ क बोलन वाल िमल ग तो य गतसपक भाषा अिधकाशतः ह द बन जाएगी भारत म अगरजी ान व ान क भाषा क प म उतनी नह जतनी ित ाभास क भाषा क प म ित त ह यह थित वदश म भारतीय क पार प रक िमलन

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क समय भी कछ कछ उभर आती ह पर इस आभास स म िमलतह सपक भाषा ह द बनती ह यह बात भारत पा क तान क लोग कपार प रक िमलन पर होती ह ित ाभासी तर पर अ जी चलन कबाद आ मीय स मलन उस ह द म होता ह जो भारत और पा क तानक वा त वक बोली ह जसम स कत अरबी फारसी क असहज प म ठसी नह जाती सहज श दावली सहज प म बोली समझी जाती हभारत म उ च और उ चभासी वग क सपक भाषा अ जी ह जनक

स या 3 ितशत स अिधक नह ह लोक जीवन अपनी अपनी ातीय ीय भाषाओ म चलता ह वा त वक लोक सपक ह द क मा यम सचलता ह इसी कार वदश म भारत और पा क तान क िनवािसय कपार प रक िमलन सग म उ च और उ चाभासी वग क लोग किमलन पर अ जी चलती ह एक भाषी सपक म ीय भाषा एकािधकभाषी सपक म ह द कल िमलाकर 20 स अिधक अ जी का उपयोग यलोग नह करत ह द जानन वाल य को इस फली हई ह द क दिनया म अ जी न जानन पर भी कोई क ठनाई नह होती सकड़ लोग भारत स कसी भी दश क भाषा क बोलन वाल वकिसत दश म कह काम क िलए चल जा रह ह ह द उनक िलए मा यम का कामकर रह ह और व अपना काम कर रह ह ह द क इस दिनया क इस ह द व क जनस या कम नह

ह व म इस स ह द का थान तीसरा ह पर इडोनिशयाजावा समा ा तथा उन म लम बाह य दश म जहा उद बोली समझीजा सकती ह ह द क बोलन समझन म अिधक क ठनाई नह आतीइस स ह द व क म उद ह द का ह एक प बनती हऔर ह द व क थित अ जी क बाद आती ह उद का याकर णकढाचा उसक आधारभत श दावली और उसक महावर दानी ह द व क सीमा क बाहर क न थी न अभी हयह वशाल ह द व विभ न दश म फला हआ ह पर बखरा

पड़ा ह इसक श ीणा पड़ ह इस सजोना होगा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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क व व ालय म ह द को आधिनक व ािनक णािलय स तीयभाषा क प म पढ़ान क प ितय का सह वकास नह हआ औरक य ह द स थान इसिलए सह उ रदािय व का वहन नह कर पाता क वह िश ण िश ण णाली क आभासी व ािनकता म उलझ गयाह पर जो भी ह यह एक मा यव थत स था ह जहा व ािनकप ित स वदिशय को भारत म ह द पढ़ान क यव था आयो जत हसब िमलकर शासक य सदभ क साथ जड़कर ह द क दशा वदश

म उतनी उ साहवध क नह उतनी सतोषजनक नह जतनी होनी चा हएभारत म सवधािनक और शासक य तर पर ह द क जो थित हउसम जो शिथ य ह या जो उ साह ह दोन क छाया वदश क शासक य त स वकिसत होन वाली ह द थित पर पड़नाअ वाभा वक नह हभारत म ह द बोलन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह इस

स उद भाषी लोग भी ह द व क प रिध म ह आत ह भारत म ह द चाह सरकार तर पर एकमा सपक भाषा न बन पाए पर उन सग पर जहा दश क विभ न ात म विभ न कार क वग क लोगजड़त ह वहा यह थित दखन को िमलती ह य द यह उ चवग य लोग का स मलन ह तो ायः अ जी सपक भाषा क प म काम करती ह व प सा योग ह द का चलता ह पर य द िमलन लोक जीवन सजड़ लोग का हआ तो ह द अपन आप सपक भाषा का प ल लती हभारत क कसी भी भाग म जाइए य द िमलन वाल लोग उ चवग य याउ चाभासीवग य नह ह तो एक भाषाभाषी स अ य भाषाभा षय किमलन क सपक भाषा ायः ह द िमलगी सिनक जीवन म रलया ाओ म तीथ थान म छा स मलन म ाकितक ऐितहिसकदश नीय थल म बाज़ार म आपको इस ह द व क मता औरउपयोिगता का पता चल सकगा यह थित िनरतर वकिसत हो रह हभारत म ह द बोलन वाल क ह द समझन वालो क और ह द को यावहा रक जीवन म उपयोग करन वाल क स या िनरतर बढ़ रह ह

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यह वकासशील थित ह द क िलए वदश स भी ह वदश म ह द का उपयोग म यतः भारतविशय क ारा होता ह इस स वदश को तीन वग म रखा जा सकता ह पहला वग वह जसम भारतीय फजी सर नाम िनडाड जस दश रख जा सकत ह जहाभारतवशीय लोग भार तादाद म बस रह ह व लोग कामकाज को लकरइन दश म गए थ इनम भारत क स कित और भारत क ह द सस चा अनराग ह उसस जड रहन क ललक ह य लोग जो ह द बोलतह योग म लात ह वह खड़ बोली ह द नह ह पर िलखाई पढ़ाई किलए व मानक ह द क ओर ह बढ़ रह ह दसर वग म व दश ह जहा क भाषा उद ह या जहा उद भाषी जनता

क पहच ह इन म य द भारतीय ह द भाषी िमलत ह तो जोभाषा सपक -भाषा क प म मा यम बनती ह उस ह द स िभ न नह कहा जा सकता अरब रा म भारत और पा क तान दोन ह दश ककाम धामी लोग गए ह इनक पार प रक सपक भाषा ायः ह द होतीह--

तीसर वग म यरोप अमर का आ द व वकिसत रा रख जा सकत ह जहा बहत बड़ स या म भारत क लोग बस भी गए ह और अ थायी प म जा भी रह ह इन लोग म य द कसी ात वशष या वशषक लोग पर पर िमलत ह तो अपनी ीय भाषा का योग करत ह परय द विभ न भारतीय भाषाभाषी िमलत ह तो सपक भाषा ायः ह द होती ह उदाहरण म तौर पर अमर का कनाडा म गजराती-भाषी काफ़ स या म बस ह य द गजराती लोग पर पर िमल ग तो आरिभक सपक अ जी म होन क बाद सपक और बातचीत क भाषा गजराती हो जाएगीपर य द गजराती और तिमल भाषी या गजराती और मलयालम भाषीिमल ग या एकािधक भारतीय भाषाओ क बोलन वाल िमल ग तो य गतसपक भाषा अिधकाशतः ह द बन जाएगी भारत म अगरजी ान व ान क भाषा क प म उतनी नह जतनी ित ाभास क भाषा क प म ित त ह यह थित वदश म भारतीय क पार प रक िमलन

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क समय भी कछ कछ उभर आती ह पर इस आभास स म िमलतह सपक भाषा ह द बनती ह यह बात भारत पा क तान क लोग कपार प रक िमलन पर होती ह ित ाभासी तर पर अ जी चलन कबाद आ मीय स मलन उस ह द म होता ह जो भारत और पा क तानक वा त वक बोली ह जसम स कत अरबी फारसी क असहज प म ठसी नह जाती सहज श दावली सहज प म बोली समझी जाती हभारत म उ च और उ चभासी वग क सपक भाषा अ जी ह जनक

स या 3 ितशत स अिधक नह ह लोक जीवन अपनी अपनी ातीय ीय भाषाओ म चलता ह वा त वक लोक सपक ह द क मा यम सचलता ह इसी कार वदश म भारत और पा क तान क िनवािसय कपार प रक िमलन सग म उ च और उ चाभासी वग क लोग किमलन पर अ जी चलती ह एक भाषी सपक म ीय भाषा एकािधकभाषी सपक म ह द कल िमलाकर 20 स अिधक अ जी का उपयोग यलोग नह करत ह द जानन वाल य को इस फली हई ह द क दिनया म अ जी न जानन पर भी कोई क ठनाई नह होती सकड़ लोग भारत स कसी भी दश क भाषा क बोलन वाल वकिसत दश म कह काम क िलए चल जा रह ह ह द उनक िलए मा यम का कामकर रह ह और व अपना काम कर रह ह ह द क इस दिनया क इस ह द व क जनस या कम नह

ह व म इस स ह द का थान तीसरा ह पर इडोनिशयाजावा समा ा तथा उन म लम बाह य दश म जहा उद बोली समझीजा सकती ह ह द क बोलन समझन म अिधक क ठनाई नह आतीइस स ह द व क म उद ह द का ह एक प बनती हऔर ह द व क थित अ जी क बाद आती ह उद का याकर णकढाचा उसक आधारभत श दावली और उसक महावर दानी ह द व क सीमा क बाहर क न थी न अभी हयह वशाल ह द व विभ न दश म फला हआ ह पर बखरा

पड़ा ह इसक श ीणा पड़ ह इस सजोना होगा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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यह वकासशील थित ह द क िलए वदश स भी ह वदश म ह द का उपयोग म यतः भारतविशय क ारा होता ह इस स वदश को तीन वग म रखा जा सकता ह पहला वग वह जसम भारतीय फजी सर नाम िनडाड जस दश रख जा सकत ह जहाभारतवशीय लोग भार तादाद म बस रह ह व लोग कामकाज को लकरइन दश म गए थ इनम भारत क स कित और भारत क ह द सस चा अनराग ह उसस जड रहन क ललक ह य लोग जो ह द बोलतह योग म लात ह वह खड़ बोली ह द नह ह पर िलखाई पढ़ाई किलए व मानक ह द क ओर ह बढ़ रह ह दसर वग म व दश ह जहा क भाषा उद ह या जहा उद भाषी जनता

क पहच ह इन म य द भारतीय ह द भाषी िमलत ह तो जोभाषा सपक -भाषा क प म मा यम बनती ह उस ह द स िभ न नह कहा जा सकता अरब रा म भारत और पा क तान दोन ह दश ककाम धामी लोग गए ह इनक पार प रक सपक भाषा ायः ह द होतीह--

तीसर वग म यरोप अमर का आ द व वकिसत रा रख जा सकत ह जहा बहत बड़ स या म भारत क लोग बस भी गए ह और अ थायी प म जा भी रह ह इन लोग म य द कसी ात वशष या वशषक लोग पर पर िमलत ह तो अपनी ीय भाषा का योग करत ह परय द विभ न भारतीय भाषाभाषी िमलत ह तो सपक भाषा ायः ह द होती ह उदाहरण म तौर पर अमर का कनाडा म गजराती-भाषी काफ़ स या म बस ह य द गजराती लोग पर पर िमल ग तो आरिभक सपक अ जी म होन क बाद सपक और बातचीत क भाषा गजराती हो जाएगीपर य द गजराती और तिमल भाषी या गजराती और मलयालम भाषीिमल ग या एकािधक भारतीय भाषाओ क बोलन वाल िमल ग तो य गतसपक भाषा अिधकाशतः ह द बन जाएगी भारत म अगरजी ान व ान क भाषा क प म उतनी नह जतनी ित ाभास क भाषा क प म ित त ह यह थित वदश म भारतीय क पार प रक िमलन

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क समय भी कछ कछ उभर आती ह पर इस आभास स म िमलतह सपक भाषा ह द बनती ह यह बात भारत पा क तान क लोग कपार प रक िमलन पर होती ह ित ाभासी तर पर अ जी चलन कबाद आ मीय स मलन उस ह द म होता ह जो भारत और पा क तानक वा त वक बोली ह जसम स कत अरबी फारसी क असहज प म ठसी नह जाती सहज श दावली सहज प म बोली समझी जाती हभारत म उ च और उ चभासी वग क सपक भाषा अ जी ह जनक

स या 3 ितशत स अिधक नह ह लोक जीवन अपनी अपनी ातीय ीय भाषाओ म चलता ह वा त वक लोक सपक ह द क मा यम सचलता ह इसी कार वदश म भारत और पा क तान क िनवािसय कपार प रक िमलन सग म उ च और उ चाभासी वग क लोग किमलन पर अ जी चलती ह एक भाषी सपक म ीय भाषा एकािधकभाषी सपक म ह द कल िमलाकर 20 स अिधक अ जी का उपयोग यलोग नह करत ह द जानन वाल य को इस फली हई ह द क दिनया म अ जी न जानन पर भी कोई क ठनाई नह होती सकड़ लोग भारत स कसी भी दश क भाषा क बोलन वाल वकिसत दश म कह काम क िलए चल जा रह ह ह द उनक िलए मा यम का कामकर रह ह और व अपना काम कर रह ह ह द क इस दिनया क इस ह द व क जनस या कम नह

ह व म इस स ह द का थान तीसरा ह पर इडोनिशयाजावा समा ा तथा उन म लम बाह य दश म जहा उद बोली समझीजा सकती ह ह द क बोलन समझन म अिधक क ठनाई नह आतीइस स ह द व क म उद ह द का ह एक प बनती हऔर ह द व क थित अ जी क बाद आती ह उद का याकर णकढाचा उसक आधारभत श दावली और उसक महावर दानी ह द व क सीमा क बाहर क न थी न अभी हयह वशाल ह द व विभ न दश म फला हआ ह पर बखरा

पड़ा ह इसक श ीणा पड़ ह इस सजोना होगा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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क समय भी कछ कछ उभर आती ह पर इस आभास स म िमलतह सपक भाषा ह द बनती ह यह बात भारत पा क तान क लोग कपार प रक िमलन पर होती ह ित ाभासी तर पर अ जी चलन कबाद आ मीय स मलन उस ह द म होता ह जो भारत और पा क तानक वा त वक बोली ह जसम स कत अरबी फारसी क असहज प म ठसी नह जाती सहज श दावली सहज प म बोली समझी जाती हभारत म उ च और उ चभासी वग क सपक भाषा अ जी ह जनक

स या 3 ितशत स अिधक नह ह लोक जीवन अपनी अपनी ातीय ीय भाषाओ म चलता ह वा त वक लोक सपक ह द क मा यम सचलता ह इसी कार वदश म भारत और पा क तान क िनवािसय कपार प रक िमलन सग म उ च और उ चाभासी वग क लोग किमलन पर अ जी चलती ह एक भाषी सपक म ीय भाषा एकािधकभाषी सपक म ह द कल िमलाकर 20 स अिधक अ जी का उपयोग यलोग नह करत ह द जानन वाल य को इस फली हई ह द क दिनया म अ जी न जानन पर भी कोई क ठनाई नह होती सकड़ लोग भारत स कसी भी दश क भाषा क बोलन वाल वकिसत दश म कह काम क िलए चल जा रह ह ह द उनक िलए मा यम का कामकर रह ह और व अपना काम कर रह ह ह द क इस दिनया क इस ह द व क जनस या कम नह

ह व म इस स ह द का थान तीसरा ह पर इडोनिशयाजावा समा ा तथा उन म लम बाह य दश म जहा उद बोली समझीजा सकती ह ह द क बोलन समझन म अिधक क ठनाई नह आतीइस स ह द व क म उद ह द का ह एक प बनती हऔर ह द व क थित अ जी क बाद आती ह उद का याकर णकढाचा उसक आधारभत श दावली और उसक महावर दानी ह द व क सीमा क बाहर क न थी न अभी हयह वशाल ह द व विभ न दश म फला हआ ह पर बखरा

पड़ा ह इसक श ीणा पड़ ह इस सजोना होगा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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ह द का इितहास बताता ह क सरकार मशीन क भाषा बनकर वकिसत वह हई लोक जीवन क भाषा बनकर बढ़ ह उसका सह सबल लोक ह उसक सह जड़ लोक म ह शासन स ह द को ित त करान क माग करत समय ह द क तथाकिथत मी यह बातभल जात ह अपनी िन यता और ह द क िलए आ म याग क कमीको िछपान क िलए इसस अ छा न खा और कोई नह होगा क ह द क उ नित का सारा ज मा सरकार पर डाल दया जाए और स वधानक धाराओ क रट लगाई जाए व ह द को इसक ज़ रत होगी ह द व ष को इसक ज़ रत नह उस तो िन छल लोकक याणकामी महा माओ क ज़ रत ह

ह द मानवीय म य क भाषा क प म वकिसत हई ह उसक वकास क मल म लोक क जीवत त व को फ रत करन और लोकमगल क वरोधी त व स सघष करन क आग रह ह उसम मानवीयस कित क उदार म य और म क णा और उदारता क गीत गान क व रह ह जन वीर और सत न जन भ और महा माओ न इसपनपाया और फलाया ह उनम दश क हर भाग क लोग थ हर मजहबक लोग थ हर जबान क लोग थ धम जाित ात ऊच-नीच पजी शासन सबक छाया स म उदा चतनाओ न ह द को खड़ा कयाएक भाषा खड़ करन क िलए नह उदा मानवीय म य क पायन किलए मानवीय चतना को मानव जीवन क हर पहल स जझन क िलए ह द म आज भी वह श आ मा क प म ित त ह मानवता कक याण क िलए उसका चार सार आज अकल भारत क िलए नह व क अपन हत म ह

ह द को उठान क माग करत समय लोल क मन म यहकामना रहती ह क ह द क राजभाषा बनत ह ह द वाल को शासक य त म वशष अिधकार थान िमल जाएग तभी उसका वरोधहोता ह तब ित ाकामी ित ा क िलए अगरजी को पकड़ना ह ह द हयता क ह न भावना क सवा हका बनकर रह जाती ह ह द व

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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भारत म ह नह वदश म भी इस ह न थित का िशकार हआव यकता इस बात क ह क ह द व को सजोया जाए उस यहअनभव कराया जाए क ह द एक ित ा क भाषा ह इसिलए नह कवह शासन शासन क भाषा ह अ पत इसिलए क वह उदा मानवम य क सवा हका भाषा ह म य क िगरत बाज़ार म व को अ छम य क चीज दन क मता ह द म ह और ह द व इसउ रदािय व क भाषा का सयोजन ह इस आ म गौरव को जगान क आज सबस बड़ आव यकता ह आ मगौरव क अनभित स सप न ह द व ह द क मानव म य क िलए आ म यागवाली व कोअपनाया हआ व क याण क म भार योग द सकगा अतः व ह द क इस भावना को भारत म भी वकिसत करना होगा और वदश म भी वदश म ह द क चार सार क बात करत समय इस बातक ओर मख यान दकर चलना होगा

(राजश ढाल) टशन मा टर उड प

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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राजभाषा हद और सचना ौ ोिगक आज का यग सचना सचार व वचार का यग ह सचना ौ ोिगक एक सरल त ह जो तकनीक योग क सहार सचनाओ का सकलन या व स षन करता ह सचना ौ ोिगक क इस यग म क यटरका मह व क पव स कम नह ह जसस यवसाियक वा ण यक जन सचार िश ा िच क सा आ द कई लाभा वत हय ह क यटरव सचना ौ ोिगक क म जो वकास हआ ह वह भाषा क म भी मौन ाित का वाहक बन कर आया ह अभी तक भाषा जो कवलमन य क आवशकताओ को परा कर रह थी उस सचना ौ ोिगक कइस यग म मशीन व क यटर क िनत नई भाषायी माग को परा करनापड़ रहा ह च क वत मान समय सचना ौ ोिगक का यग ह सभी काया लय म तमाम काम क यटर पर ह कय जात ह रोजमरा क ज दगी मानोसचना ौ ोिगक पर आधा रत ह मोबाइल फोन एट एम इटरनटब कग स लकर रलव आर ण ऑनलाइन शॉ पग आ द तक सचना ौ ोिगक हमार जीवन का एक अिभ न अग बन चक ह स वधानकअन छद 343 क आधार पर हद को भारत म राजभाषा का दजा ा ह जसक वज़ह स हद भाषा का य बहत व तत ह सभीसरकार काया लय म हद को काया लयीन भाषा का दजा ा ह वइसका काय क सरकार क सभी म ालय काया लय िनगम वभाग व उप म आ द तक फला हआ ह समकालीन समय म सचना ौ ोिगक जसक आ मा क यटर ह कसी भी अथ यव था क र ढ़क ह ड बना हआ ह यह सव ात ह क क यटर म राजभाषा हद म काय करना सगम बनाया ह हद म क यटर थानीयकरण का काय काफ पहल ारभ हआ और अब यह आदोलन क श ल लचका ह हद सॉ टवयर लोकलाइजशन का काय सव थम सी- डक ारा 90 कदशक म कया गया था वत मान म हद भाषा क िलय कई सगठनकाय करत ह जसम सी ndashडक गह म ालय का राजभाषा वभागक य हद स थान और अनक गर सरकार सगठन जस सराय

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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इडिल स आ द मख ह

एक ओर यिनकोड क योग न हद क योग को आग बढ़ान क म मह वपण योगदान दया ह वह आज िस टम जनरटड ो ाम म हद क थित कछ खास नह हअिधकतर सॉ टवयर ो ाम पहल ह तयारकर िलय जात ह उसक बाद उनम हद क स वधा तलाश क जाती हइसक बावजद भी यह सतोष का वषय ह क 21 वी सद म भाषा क चार ndash सार म सचना ौ ोिगक क भिमक अहम हो गयी ह वभाषाओ क मानक करण का काय आसान हो गया ह

हद यिनकोड क अ त व म आन क बाद अब हर क यटर लपटॉपयहा तक क माट फोन पर भी हद म काम करना व करवाना कोईबड़ा म ा नह रह गया ह यिनकोड एक अतरा ीय मानक कोड ह जसम हद व अ य भारतीय भाषाओ स हत व क लगभग 200 भाषाओ किलय कोड िनधा रत कय गय ह च क क यटर मल प स कसी भाषास नह ब क अक स सबध रखता हइसिलय हम कसी भी भाषा कोएनको डग यव था क तहत मानक प दान कर सकत ह साथ ह इसी आधार पर उनक िलय फॉ ट भी िनिम त कय जासकत ह जसअ ज़ी भाषा अथवा रोमन िल प क िलय ए रयल फॉ ट क एनको डगक गयी ह उसी तरह हद और अ य भारतीय भाषाओ क िलय िनिम तआधिनक यिनकोड फॉ स क भी एको डग क गयी ह जस अतरा ीय तर पर ए पल आइबीएम माइ ोसॉ ट सप साइबस यिनिससजसी सचना ौ ोिगक उ ोग क मख कपिनय न अपनाया हमानक करण का यह काय अम रका थत यिनकोड कसोिश यम ारा कया जाता ह जो क लाभ ना कमान वाली एक स था ह भारत सरकारक इल ॉिनक वभाग न भी इस कसोिश यम क ज रय हद क यिनकोडफॉ ट जस मगल को कला ए रयल यिनकोड एमएस आ द क एनको डग करायी ह जसक वज़ह स आधिनक क यटर म यह फॉ टपहल स ह व मान होत ह यिनकोड 16 बट क एक एनको डग यव था ह जो क पािल और ाकत जसी ाचीन भाषाओ स भी प रिचत

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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ह इसक वशषता यह ह क एक क यटर पर क पाठ को दिनया क कसी भी अ य यिनकोड आधा रत क यटर पर खोला व पढ़ा जा सकताह इसक िलए अलग स उस भाषा क फ ट का योग करन क अिनवाय ता नह होती य क यिनकोड क त हरफ ट म िस ातत व व क हर भाषा क अ र मौजद होत ह यिनकोड आधा रत क यटर म यक काय भारत क कसी भी भाषा म कया जा सकता ह बशत क lsquoऑपर टग िस टमrsquo पर इ टॉल सॉ टवयर यिनकोड यव थाआधा रत हो आज बाज़ार म आन वाला हर नया क यटर व अ य गजटना िसफ हद ब क दिनया क आिधक र भाषाओ म काय करन म स म ह य क यह सभी िल पया यिनकोड मानक म शािमल ह मौजदा समय म हद lsquo लोबल हद म प रवित त हो गयी ह आजतकनीक वकास क यग म दसर दश क लोग भी भल क वपणन किलए ह सह हद भाषा सीख रह ह आज थित यह ह क भारत वचीन क यवसाियक सबध को बढ़ान क सभावनाओ क तलाश क िलयलगभग दस हज़ार लोगपइिचग म हद सीख रह ह आज स लगभग 45वष पव क यटर पर हद म काय आरभ हआ और इसी तरह एको डग व डको डग क मा यम स व क विभ न भाषाए भी क यटर पर सलभहोन लगी इस तकनीक वकास न भारतीय भाषाओ कोजोड़ा ह क यटरक मा यम स विभ न सॉ टवयर सी-डक स था क हद सीखन सीखानक विभ न क यटर कत काय म जस- बोध वीण व ा पा य म क िलय लीला वािचक तकनीक क योग न भाषा सीखन क या को विभ न भाषा मा यम स बलकल आसान बना दया जससभाषायी िनकटता का उदय हआ जसक वज़ह स भाषायी एकता आना वाभा वक था वत मान समय म मोबाइल फोन न ल डलाइन फोन का थान ल िलया हमोबाइल फोन पर हद समथ न हत िनरतर काय चल रहा ह कईमोबाइल कपिनया सोनी नो कया समसग आ द हद टकण हद वाइस सच व हद भाषा म इटरफस क स वधा दान कर रह ह इसकसाथ ह आज आइ पड पर हद िलखन क स वधा उपल ध ह अ ज़ी

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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क साथ-साथ आज हद भाषा का भी नटवक़ पर व म फलता जा रहाह जागरण वब दिनया नवभारत टाइमस व क प डया हद भारतकोष क वता कोष ग कोष हद न ट डॉट कॉम हद समयडॉटकॉम आ द इटरनट साइट पर हद साम ी दखी जा सकती हआज व ापन स सबिधत एसएमएस स खाता-शष तक हद तथा ीयभाषाओ म ा कया जा सकता ह भारत सरकार क गह म ालय कतहत काय रत सी-डक (पण) बाईस भाषाओ म अपनी विभ न तकनीक आयाम स वबसाइट सॉ टवयर रपोट महारा सरकार क मराठ भाषा म तथा असम सरकार क असिमया भाषा म वबसाइट िनमा ण रज़व ब क क राजभाषा रपोट जनरशन सॉ टवयर(आरआरजीएस)िनमा ण आ द क काय कर भाषायी एकता क म म योगदान कर रहाह हद क बड़ बाजार क न ज़ को दखत हय माइ ोसॉ ट न अपनसॉ टवयर उ पाद स सबिधत सहायक सा ह य तथा माग दश क स को वशष क सहायता स हद म उपल ध करान क य श कयागया ह बह चिलत वडोज़ व टा व वड ज 7 जस ऑपर टग िस टमक साथ एमएस वड पावर वाइट ए सल नोटपड इटरनट ए स लोररजस मख सॉ टवयर उ पाद अब हद म काय करन क स वधा दानकरत ह माइ ोसॉ ट का ल व ज इटफ स पकज थानीयकरण का बहतरउदाहरण ह

गह म ालय क राजभाषा वभाग न अपनी वबसाइटhttpwwwrajbhashanicinपर राजभाषा हद म काय करन कोआसान बनान क उ य स हद म कई सॉ टवयर उपल ध करायह जसम स िन निल खत मख ह -

सव थम हम लीला सॉ टवयर क बात कर ग LILA अथात LearnIndian Languages with Artificial Intelligence एक वय िश णम ट मी डया पकज ह यह राजभाषा वभाग ारा तयार कया गयाएक िनश क सॉ टवयर ह जसक ारा बोध वीण व ा तर

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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क हद क पाठय म को विभ न भारतीय भाषाओ जस क नड़म यालम तिमल तलग बा ला आ द क मा यम स सीखनऑनलाइन अ यास उ चारण सधार वम याकन आ द क स वधाउपल ध ह

म अथात Machine Assisted Translation Tool सीडक ारा वकिसत एकमशीनी अनवाद सॉ टवयर ह यह राजभाषा वभाग ारा वकिसत एकमशीनी सािधत अनवाद ह जो राजभाषा क शासिनक व ीय क ष लघ उ ोग सचना ोिगक वा य र ा िश ा एव ब कग कद तावज़ का अ ज़ी स हद म अनवाद करत ह म राजभाषा इटरनटससकरण क डजाइन व वकास िथन लाइट आ क ट चर पर आधा रतह इसम सपण अनवाद या सव र पर होती ह इसिलय दरवत थान म भी इटरनट उपल ध लो एड िस टम पर भी द तावज़ काअनवद करन क इस स वधा का उपयोग कया जा सकता ह

तलखन एक सतत पीकर इड प ड ट हद पीच रकगिन िस टम ह जसका वकास सीडक पण क एलाइड एआइ प न राजभाषा वभाग गह म ालय भारत सरकार क सहयोग स कया गया ह यह पीच ट ट सट टल ह इस विध म यो ा माइ ोफोन म बोलता हतथा क यटर म मौजद पीच ट ट ट ो ाम उस ोसस कर पाठट ट म बदल कर िलखता ह

वाचातर विन स पाठ म अनवाद णाली ह जसम दो ौ ोिगक का समावश ह यह उपकरण अ ज़ी पीच स हद अथ अनवाद हतउपल ध कराया जाता ह

5सीडक पण क तकनीक सहयोग स ई-महाश दकोश का िनमा ण कयागया जो क राजभाषा क साइट पर िनश क उपल ध ह यह एक भाषी ndash आयामी उ चारण श दकोश ह जसक ारा हद या अ ज़ीअ र ारा श द क सीधी खोज कया जा सकता ह

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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अनवाद दो भाषाओ क बीच सत का काय करता ह तकनीक क उ रो र वकास ारा मशीनी अनवाद टल बनाना सभव हो सका आज व ककई दश क पास अ यत ह स म अनवाद टल ह इनक सहायता सव क मच पर विभ न दश का आपसी िमलन आसानी स सभव हआह भारत म भी अनवाद टल बनान क दशा म कई सॉ टवयर बनाएगए ह जनम सी-डक आईआईट कानपर आईआईट मबई जसीस थाओ क अहम भिमका हइसक अलावा हद म श द ससाधन क िलय वशष प स तयारई-प तक राजभाषा वभाग क साइट पर उपल ध ह भाषायी पर परआदान दान क म म भी तकनीक वकास हआ ह गगल ासलट कमा यम स विभ न भाषाओ का अनवाद कया जा सकता ह आजहमार पास िल पय को बदलन का सॉ वयर िगरिगट उपल ध हभारतीय भाषाओ क बीच अनवाद करन हत अनसारक नाम कासॉ टवयर मौजद ह हद ऑ टकल कर टर क मा यम स हड ओसीआर इपट करक ओसीआर आउटपट म 15-16 वष क पहलक सामा ी को भी प रवित त कया जा सकता ह सीडक क तलखनसॉ टवयर स भाषण पीच स पाठ प म पहचा जा सकता ह गगलक टल म वाचक वाचक गगल ट ट ट पीच क ज रय पाठ सभाषन क स वधा उपल ध ह व गगल क वायस टाइ पग क ज रय पीचको ट ट म बदलन क स वधा उपल ध हगगल वाइस टाइ पग म हमगगल डॉ स क ारा हम अपनी आवाज क मा यम टाइ पग करन काआनद उठा सकत ह माइ ोसॉ ट इ डक ल वज़ इनपट टल भारतीय भाषाओ हत एक सरलटाइ पग टल ह वा तव म यह एक वच अल क बोड ह जो क बनाकॉपी-प ट क झझट क वडोज म कसी भी एपलीकशन म सीध हद म िलखन क स वधा दान करता ह यह सवा दसबर 2009 म ारभ होगयी थी यह टल श दकोश आधा रत व या मक िल यातरण विध का योग करता ह अथात हमार ारा जो रोमन म टाइप कया जाता ह यह उस अपन श दकोश स िमलाकर िल यात रत करता ह तथा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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िमलत-जलत श द का सझाव करता हइस कारण स यो ा कोिलपयतरण क म को याद नह रखना प ता ह जसस पहली बारएवश आती हद टाइप करन वाल क िलय काफ स वधाजनक रहता हआज चार तरफ lsquo ड जटल भारतrsquo क बात हो रह ह यक इसान तकइ टरनट को पहचान क चाहत रखन वाल महज 30 वष य य वसोशल नटव क ग साइट फसबक क स थापक माक जकरबग क एज ड म भी गाव को ड जटल दिनया स जोड़ना मखता पा रहा ह हाल ह म (9-10 अ टबर 2014) द ली म आयो जत lsquoइटरनट ओआरजी सिमटrsquo म उ ह न कहा फसबक अपन कट ट को ीय भाषाओ म दन पर फोकसकर रहा हrdquo यह यात य ह क एक बिलयन यजस म स फसबक कदसर सबस बड़ माक ट भारतह जहा कर ब 108 िमिलयनएफ़बी यजस ह माक जकरबग न इस सिमट म lsquoकन टग द अनकन टडrsquo अथा त lsquoवसलोग को इटरनट स जोड़ना जो इसस दर तथा अनिभ ह rsquo जसा उ यरखत हए पर समाज क िलए ट नोलॉजी क ज रत बताई यहा भीतकनीक वकास म भाषायी एकता दखती ह जब विभ न गाव ड जटल दिनया स जड़ ग तो व क व भारतीय प र म विभ न गाव क विभ न भाषाए भी तकनीक का ह सा ह गी और उनक बीचस षणीय आदान- दान होगा जसम हम भाषायी एकता दख सक ग

भाषायी प र य म तकनीक वकास क बात टग स क बात क बना अधर ह टग स क आ व कार न सचना एव ान क सार म ाित ला द वस तो व क पहली टग ौ ोिगक 11वी सद म चीन म वकिसत हई परत चिलत टग ौ ोिगक 13वी सद म ह वकिसत हो सक उसक बाद जम नी क जोहानस गटनबग ारा वकिसत टग स न म ण ससार नयी ऊजा द पनजा गरण काल क इस सक मा यम स ित दन 3600 प तक क छपाई क जा सकती थी जो क पछली मशीन क 2000 प ित दन क तलना म काफ अिधकथी पनजा गरण काल म हए इस अनोख आ व कार न जनसचार (MassCommunication) क आधारिशला रखी यरोप म िश ा सप न एव

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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विश लोग क गोद स िनकलकर जन सामा य क बीच पहची औरिश त जनता क स या ती गित स बढ़ तथा म यवग का उदयहआ पर यरोप म अपनी स कित क ित सजगता और रा वाद क भावना क वकास क कारण उस समय क यरोप क िलगआ का(ल टन) क थित कमजोर हई तथा थानीय भाषाओ क थितमजबत हई ाचीन और ित त भाषाओ क साथ-साथ थानीय भाषाओको भी स मान िमला भारत क म ण इितहास म ीरामपर स काउ लखनीय योगदान ह जसम हद अ र को वकिसत कया गया तथािमशन रय क चार साम ी क प म बाइ बल का हद अनवाद बड़ तर पर छापा गया वाधीनता आदोलन म विभ न भारतीय भाषाओ म समाचार-प िनकालन वाल य स आदोलनका रय क बहत बड़ हिथयारथ जनक समाि क िलए टश सरकार न वना कलर स ए ट जसकानन बनाए ऐसा माना जाता ह क पहल भाषा का योग उसक बादिल प एव लखन का योग एव उसक बाद टग स का आ व कारगणा मक प स दिनया क तीन सबस बड़ आ व कार ह ज ह न ानएव व ा क सार एव वकास म भार योगदान कया इसी कड़ म चौथा आ व कार इटरनट को माना जाता ह

तकनीक वकास श द जहन म आत ह हमारा यान इ ल ड क औ ोिगक ाित क ओर चला जाता ह यह वह दौर था जब मशीन क वजह स इसान क जीवन और जीवन-शली म यापक बदलाव आएउ पादन क सभी म मशीन को वकिसत कया जान लगा औरहमार मशीन पर िनभ रता बढ़ औ ोिगक ाित स उ पा दत माल किलए बाजार क ज रत न दिनया भर क विभ न दश क बीच क द रया कम कर द जसक वजह स दिनया भर क भाषाओ क िलए एकनया ार खला इसी दौरान 19वी सद क श आत म कागज बनानवाली मशीन का आ व कार हआ जो भाषायी कोण स बहद मह वपण थी इसस पव लखन क िलए य होन वाल कागज का उ पादन एकद ह काय था जसम वािछत गणव ा ा करना काफ क ठन होता थाकागज उ ोग वकिसत होन स लखन और पठन का चलन बढ़ा जो क

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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तमाम भाषाओ और सा ह य को अनत काल तक िल खत प म सहजनका मा यम बना

आधिनक यग क यटर का यग ह जसन मन य क कागज पर िनभ रताको काफ हद तक कम कर दया ह क यटर क आगमन सार तथाइसपर हमार बढ़ती िनभ रता न कछ समय तक क िलए भारत जसीतीसर दिनया क दश क िलए थानीय भाषाओ क हास का सकट पदाकर दया था परत िनत-नए तर क स वकिसत होत इस य न ऐसीबाधाओ को पार कर िलया ह और अब यह सभी भारतीय भाषाओ क सार क िलए इल ॉिनक मा यम उपल ध करा रहा ह क यटर नटाइ पग क िलए उपयोग कए जान वाल टाइपराइटर को चलन स बाहर कया परत श आत म यह थानीय भाषाओ क िलए सहज नह था इससम या का समाधान यिनकोड क आगमन स हआ जसन ह द कसाथ-साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलए भी क यटर पर काम करन किलए आसान लटफॉम िनिम त कया इसक मा यम स हद तथा अ यभारतीय भाषाओ म लॉग िलख जान लग जो क अब तक कवलक यटर क आ व कारक दश क भाषाओ म िलख जा रह थ आज हद म अनक लॉग िलख और पढ जा रह ह इतना ह नह समाचार प नभी अब िनयिमत प स लॉग छापन श कर दए ह यिनकोड न थानीय भाषाओ म टाइ पग को आसान बनाकर इ ह सोशल नटव क गसाइट जस- वटर फसबक पर भी था पत कर दया हिनजी सटलाइट ट वी चनल क सार न भाषाई एकता को सम करन म मह वपण भिमका िनभाई ह इनक ट एयर स डश कनक औरउसक बाद डाइर ट ट होम तक क तकनीक वकास न जनता को उनक भाषा म मनोरजन व ान क पहच सिन त क ह यह बात र डयोक िनजी एफ़एम चनल क सार एव सचालन क साथ भी लाग होती हआज भारत म 800 स यादा ट वी चनल और 250 तक एफ़एम चनलउपल ध ह साथ ह ई समाचार-प क चलन न प का रता को एकनया व प दया ह आज अपनी मातभाषा म समाचार-प पढ़न क

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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िलए उस वशष म अिनवाय तः उप थत रहना आव यक नह रहालगभग सभी मख समाचार-प क ई स करण इटरनट पर उपल ध ह इनक अलावा हद तथा अ य भारतीय भाषाओ म ई-ब स ई-मगजीनई-कॉिम स आ द का सार भी काफ तज गित स हो रहा हसम कत प स यह कहा जा सकता ह क आज हम तकनीक य व तओ स चार ओर स िघर हए ह तकनीक वकास न हमार जीवन-शली और समाज क ढाच को भी भा वत कया ह और भाषा भीइसस अछती नह हआज सचना ौ ोिगक क इस यग म हद कामह व पहल स अिधक हो गया ह और यह महज राजकाज क सवधािनक बा यता स िनकलकर यवसाियक भाषा क प म उभर करसामन आयी ह

(सतीश धर ) हद अनवादक मडगाव

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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हद का व तार और वकास

आजाद क आदोलन क समय समच दश को जोड़न वाली भाषा बनी थी हद क मह ा तभी था पत हो गई थी जब वह वाधीनता स ाम कसमय समच दश को आपस म जोड़न वाली सबस सश सपक भाषा बनगई थी उस दौर क सभी नताओ का मानना था क अगर कोई भारतीयभाषा दशवािसय को एकजट करन म सहायक बन सकती ह तो वह हद ह ह हद क साम य को गाधी न भी समझा और नता जी सभाषच बोस न भी आचाय बनोवा भाव न कहा था क य द म न हद कासहारा न िलया होता तो क मीर स क याकमार और असम स करलतक क गाव-गाव म जाकर म भदान ाम-दान का सदश जनता तक नपहचा पाता

हद न रा ीय एकता का माग श त कया उस यह भी बोध रहा कभारत का वकास और रा ीय एकता क र ा ादिशक भाषाओ क पण वकास स ह सभव ह हद म वह श ह क वह अपन मा यम सभारत को जोड़ सक हद को अपना थान अभी भी हािसल करना हउस इस िम या धारणा को भी तोड़ना ह क वकास क भाषा तो अ जीह ह सचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होतीसचमच वकास क भाषा होती तो पहल जापान और फर जम नीऔर चीन न अपनी भाषा म चम का रक गित न हािसल क होती

हाल क समय म हद न उ लखनीय गित और पहच था पत क हल कन कवल इतन स सत नह हआ जा सकता क वह दश क सबस यादा बोल जान वाली भाषा बन गई ह द ान अज न क व ान एवतकनीक क और सरकार एव गर सरकार कामकाज यानी रोजगार क स म भाषा भी बननी चा हए जब ऐसा होगा तभी उस अपना मकामहािसल होगा इस मकाम को हािसल करन म हद को गर हद भा षय का सहयोग और समथ न चा हए होगा यह तभी हािसल हो सकता ह जब

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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हद क ित अ य भाषा-भा षय क आशकाओ को दर करन म सफलतािमलगी

गर- हद भा षय म हद को लकर कसी तरह क आशका उपजन नपाए इसक िलए हद िमय को सतक रहना होगा और इस म म उन हद तरभा षय का मरण करना होगा ज ह न विभ न कालखड म हद क व तार म योगदान कया इस गर हद भाषी क उनलोग को भी मरण रखना चा हए जो रह-रहकर कसी न कसी बहान हद का वरोध करन क िलए आग आ जात ह ऐसा करक व हद कसाथ ह अ य ीय भाषाओ का भी अ हत करत ह य क दश म जबभी हद क वरोध म कह स कोई आवज उठती ह तो जान-अनजानउसका लाभ अ जी क ह स म जाता ह

यह यान रखा जाना चा हए क िस वल सवा पर ा म अ जी क वच वस तभी लड़ा जा सका जब हद भाषी छा क साथ अ य भारतीयभाषाओ क छा एकजट हए इस एकजटता को और बढ़ान क ज रत ह य क अ जी स उपजी अ जयत क स कित यानी खद को विश समझन क मानिसकता हद क साथ अ य भारतीय भाषाओ क िलएएक खतरा बनी हई ह

बहत कम लोग इसस प रिचत ह ग क आधिनक हद ग का ज म हद तर कलक ा क फोट विलयम कॉलज म तब हआ जब वहा हद तानी भाषा वभाग क मख बा लाभाषी ता रणी चरण िम थ हद का पहला सा ा हक समाचार प lsquoउदत मात डrsquo हद तरभाषी कलक ास ह 30 मई 1826 को िनकला हद का पहला दिनक समाचार प lsquoसमाचार सधावष णrsquo भी कलक ा स ह 1854 म िनकला इसबा लाभाषी यामसदर सन न िनकाला था बा लाभाषी ज टसशारदाचरण िम न दवनागर िल प क व तार क उ य स lsquoदवनागरrsquoनामक प का 1907 म िनकाली

हद म पहला एमए होन का गौरव निलनी मोहन सा याल नामक एक

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

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इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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बा लाभाषी न पाया ऐसा इसिलए हो सका य क दश म पहली बार1919 म हद म एमए क पढ़ाई कलक ा व व ालय म त कालीनकलपित सर आशतोष मखज न श कराई नताजी सभाषच बोस क हद म को दखत हए ह 20 दसबर 1928 को कलक ा म आयो जतरा भाषा स मलन क वागत सिमित का अ य उ ह बनाया गया वहाउ ह न हद क प म ऐितहािसक भाषण हद म ह दया ग दवरवी नाथ टगोर न शाितिनकतन म आचाय हजार साद वद को 1930म हद िश क िनय कया और 1940 म हद भवन क थापना क इसी तरह पव भारत म य भारत उ र भारत द ण भारत औरपव र भारत क हद तरभा षय न विभ न कालखड म हद को सीचनका मह वपण काम कया

हम यह भी नह भलना चा हए क दवनागर िल प क िलए एक हद तरभाषी लखक न अपनी शहादत तक द य थ बन र वहअसम म lsquoदवनागर क नवदवता क तौर पर जान जात ह हद कोरा ीय व प दन म सबस अिधक योगदान महा मा गाधी का ह 1934म पव र भारत म हद चार महा मा गाधी क रणा स ह ारभहआ 1936 म उ ह न वधा म रा भाषा चार सिमित क थापना क और द ण भारत म हद चार क िलए अपन सबस छोट प दवदासगाधी को म ास भजा था दवदास गाधी क साथ वामी स यदवप र ाजक 1918 म म ास गए और द ण भारत म हद का चार-काय श कया व दोन द ण भारत क सव थम हद चारक मान जातह इसक पहल 1927 म द ण भारत क हद चार काय को हद सा ह य स मलन याग क िनय ण स अलग करक द ण भारत हद चार सभा नामक स था बनाई गई यह स था आज भी आ दशतिमलनाड कना टक और करल म हद का चार- सार कर रह ह

द ण भारत हद चार सभा क काय क कारण द ण भारत क हररा य म कल स लकर व व ालय तर पर हद म पठन-पाठन ारभ हआ अ टबर 1941 म मलयालम क िस सा ा हक प का

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

49

क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

50

4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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lsquoमातभिमrsquo म एक हद खड दया जान लगा उस करल क प का रताक ऐितहािसक घटना माना जाता ह लगभग एक वष तक lsquoमातभिमrsquo म हद तभ क तहत हद क वता कहानी लख या ा वतात छपत रह

वा तव म भारतीय भाषाओ क बीच पार प रक साझदार और आपसीसवदना क ऐसी समझ का वकास होन पर ह अ खल भारतीय बोध का व तार होगा और तभी हद दवस सह अथ म अ खल भारतीय तरपर मनाया आएगा आज अगर हद राजभाषा क दज तक सीिमत ह तोशायद इसीिलए क सभी भारतीय भाषाओ क लोग इस पर सहमत नह हो पा रह ह क वह रा भाषा बन यह समझन क ज रत ह क हद का व तार और वकास ह अ य भारतीय भाषाओ क हत म ह

(र जता पास कर)

काया लय अधी क (या क)

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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तकनीक मा यम म हद

वस तो वत ता- ाि क 65 वष क उपरा त आज क अ याधिनकतकनीक मा यम म ldquo हद अन योग क सामियक आव यकता क जगह सभावनाओ क तलाश रा भाषा क ित हमार कोण काह कापन ह कट करता ह पर ह यह वषय इतना ासिगक करा भाषा क घटती यावहा रक मह ा और अ जी क दन-पर- दन बढ़तीस ा क त य को काफ कछ उजागर करन म हमार मदद करता ह विभ न तकनीक मा यम म हद -अन योग क सभावनाओ पर वचारकरत समय पहल हम यह दखना होगा क इन मा यम म कसी भा षकचतना वाल लोग क (भारतीय अथवा अ जीदा) पजी लगती ह कसीभा षक चतना वाल लोग ारा य सचािलत होत ह और कसी भा षकचतना वाल लोग क िलए य मा यम काय करत ह दसर यह कभारतीय अथ - यव था बाजार शासन- शासन व ान- ौ ोिगक क षिच क सा वा ण य आ द क म दन दन अ जी क बढ़त दबदबऔर प रणाम व प भारतीय जनमानस पर पड़त उसक मनोव ािनक भाव क विभ न पहलओ को समझ बना तकनीक मा यम म हद अन योग क सभावनाओ को ठ क-ठ क नह समझा जा सकता ह

तकनीक मा यम स जड़ जस वग - यी का उ लख कया गया उसम पहला वग पजीपितय का ह जसका झकाव अ ज क शासन-काल सह अ जी क ओर ह अपवाद प म इस वग क कछ स च रा भ और हद िमय को छोड़कर बा कय क अ जी-मानिसकता क कारण(अ य अनक कारण भी ह ) ह द आज तक रा भाषा का वा त वक थान नह पा सक यह वग बोलचाल म हद अथवा अ य भारतीयभाषाओ का योग तो करता ह क त िलखन-पढ़न म इसक भा षक मता अ जी म पाई जाती ह हद म ाय नह इस वग क भावीपी ढ़या माग-पित क इस यावसाियक जगत म हद अथवा अ यभारतीय भाषा-भाषी जनता क य-श क चलत बोलचाल म ह लस का योग तो अभी कछ दशक तक करती रहगी क त

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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िलखन-पढ़न म उनक ारा हद क ितर कार क बल सभावना ह

दसरा वग म य थ का ह जो सीध तकनीक स जड़ होत ह इस वग म मी डया-कम ान- व ान ौ ोिगक िश ा िच क सा क ष िसनमाआ द क तकनीिशयन वशष भाषा वद कलाकार िच कार आ दआत ह इनक व lsquoसवा और अज नrsquo पर टक होती ह इस वग कअिधकाश लोग मन स न सह क त रोजी-रोट क गहरात सकट औरबढ़ती आव यकताओ क कारण अ जी स भा वत ह भारतीयता म अपन पाव टकाय रखन क िलए य लोग भा षता-बहभा षता क मताअपनाकर स य ह उ नीसवी शता द क उ रा तक हमार दश कअिधकाश म अ जी छठ क ा स पढ़ाई जाती थी क त आजइनक ब च नस र स ह अ जी मा यम क पा य म स िश ा पा रहह ऐस म इनक आगामी पीढ़ स अपवाद को छोड़कर हद अथवाभारतीय भाषाओ क ित आ मीयता क आशा करना यथ ह

रहा तीसरा वग जो आम नाग रक का वग ह और जसम तरह-तरह कलोग आत ह ndash िश त-अिश त सरकार -अध सरकार -गर सरकार वतनभोगी कसान-मजदर िभ न-िभ न काम-धध स जड़ गाव औरशहर क लोग उ च-म य-िन न वग य इ या द यह भाित-भाित लोग का भाित-भाित क वातावरण और ज़मीन स जड़ा वग ह और मोबाइलफोन लपटॉप पामटॉप आ द उन क भी पहच क दायर म ह सामा यतया अभी तक यह वग हद अन योग क िलए अपनमन-म त क का ार खोल हए ह क त इसक उ ह पजीपितय राजनताओ नौकरशाह फ़ म और खल जगत क िसतार आ द पर लगीहई ह जनक जीवन-शली ाय पा ा य चकाच ध और अ जयत स भा वत ह गौर करन लायक तो यह ह क पण तया भारतीय भाषा-भाषीमानस रखत हए इस वग क लोग भी अपनी सतान को लकर अ जीमा यम क कल क ओर ख कए हए ह और जो क ह कारण सनह कए हए ह व भी ऐस कल क प म उ सा हत ह ामीण क कषक-मजदर या तो उस तरह का व ालयीय वातावरण नह पात या

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फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

48

ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

49

क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

50

4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

51

5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

52

7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

53

11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

54

भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

45

फर उनक आय अ जी मा यम क प लक कल का खच वहन करनम असमथ ह क त उनक समझ म भी यह त य घर करता जा रहा ह क य द हम अपन ब च का भ व य सनहरा बनाना ह तो हद मा यमस काम नह चलगा

इसी कार य द शासन क आधार पर दखा जाए तो 2 वग सामन आतह -ndash शासक वग और शािसत वग ाय शासक वग व र और आदश माना जाता ह यह कारण ह क शािसत वग शासक वग क पहनावरहन-सहन खान-पान बोली-भाषा आ द का अनकरण करना चाहता हदभा य स वत ता ाि क 65 वष क उपरा त भी शासक वग क भा षक मता पर अ जी का नशा (कछ रा य सरकार और अिधकतरउनक िन न णी िल पक य काम-काज को छोड़कर) चढ़ा हआ ह जसशािसत वग ललक भर िनगाह स दखता ह और शासक वग क तरह वहभी चाहता ह क अ जी उसक सर चढ़ कर बोल यह कारण ह क दशभर म अ जी मा यम क प लक कल क स या तजी स बढ़ रह हदसर ओर ामीण म ह नह बड़-बड़ शहर म भी ह द मा यमक ाथिमक-मा यिमक व ालय (अिधकतर सरकार ) क दख-रखिश ा- यव था अ यापक क उप थित आ द इस तरह अ यव थतहोती ह क कोई भी सजग नाग रक अपन ब च को या तो वहा भजनानह चाहता या ववशता म भजता ह जहा तक उ च तर पर व ान ो ोिगक क ष िच क सा वा ण य आ द वषय क मा यम क बातह तो अभी तक अ जी मा यम म ह तर मानी जाती ह साधारणप रवार क ह द भाषी छा क बहद माग पर उ च िश ा म ह द मा यम का या वयन अ तर-रा ीयता व आधिनकता क छठ दशक सचाल क म-राजनीितक िमथक क कारण भावशाली नह हो पा रहा ह

इस दश म जम न ासीसी अरबी जसी भाषाओ क अन योग क सभावनाओ क तलाश क जाए तो बात समझ आती ह क त 98 ितशत भारतीय भाषा-भा षय ( जनक क एक अ य त लोक यसश स पक भाषा ह और वह भाषा ह द ह ह) क बीच ह द क

46

अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

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ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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अन योग क सभावनाए तलाशना एक ओछ मज़ाक क तरह दय कोबध जाता ह पर इस वड बना का सच यहा काया लय स थान हाट-बाजार आ द म पर तरह या ह एक छोट -सी बानगी एव बड़ा प उदाहरण क जब लखनऊ पटना जयपर द ली-जस बड़ शहर म ह नह छोट-छोट कसब म भी ह द म टाइ पग क िलए भटकना पड़ताह जब क अ जी क टाइ प ट आसानी स िमल जात ह और इतना ह नह ह द क टाइ पग अ जी क मकाबल काफ महगी भी पड़ती हतब लगता ह क हम ह द तान म नह इ ल ड म जी रह ह यादआत ह ऐितहािसक मानव-र ढ़ क धनी य व तक क रा पितकमालपाशा ज ह न सार तक - वतक और रा ीय बहस क बाद यहिनण य दन म दर नह लगाई क हमार दश क रा भाषा तक होगी औरउस आज ह आधी रात स लाग कया जाता ह क त हमार यहा पहलतो स दय स जातीय वग वाद क आधार पर िन सहाय जनता का शोषण कया जाता रहा और अब वत ता क बाद स भाषाई वग वाद क सहारबम कल 2 ितशत अ जीदा लोग 98 ितशत भारतीय भाषा-भाषीजनता का शोषण करन पर उता ह

इसिलए स च मन स महा मा कबीर क इस वाणी पर कान दन क ज़ रत ह क ldquoमोको कहा ढढ ब द म तो तर पास म rdquo व ततः ह द अन योग क सार सभावनाओ का क क भारतीय स वधान म िन हतह जहा रा भाषा-राजभाषाndashस ब धी अन छद म इस सशोधन क अप ाह क अब स भारत सघ क रा भाषा-राजभाषा ह द होगी (अ जी कोआज स जम न ासीसी अरबी आ द क अतर-रा ीय वज़न क वदशीभाषा णी म रखा जाता ह) रा य म उनक अपनी भाषा जस कतिमलनाड म तिमल राजभाषा होगी तथा सघ व रा य क स पक भाषा ह द होगी फर तकनीक मा यम ह नह दश भर म रोजी-रोट सलकर चोट तक क सार-क-सार मा यम-अमा यम रात रात ह द का वर अलापन लग ग रह अतर-रा ीय स पक क बात तो व कअनक मह वशाली रा ह उनक भाषाए ह हम उन सब को मह व दनाहोगा और इसक िलए व ालय- व व ालय तर पर हमार यहा यव था

47

ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

48

ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

49

क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

50

4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

51

5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

52

7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

53

11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

54

भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

47

ह और अगर कम ह तो यव था बढ़ाई जा सकती ह हमार यहाजाग क िश ािथ य क कमी नह ह और अगर कमी ह तो जाग कताभी बढ़ाई जा सकती ह अतर-रा ीय तर पर रोजी-रोट कमान क इ छा अिधक अज न का दबाव अनक भाषाओ म दलच पी आ द ऐसतमाम कारण ह क हमार यहा अतर-रा ीय स पक क िलए वदशीभाषाओ क जानकर नाग रक क कमी कभी नह पड़गी ऐसा होन सइस दश का नाग रक उस भाषा म काम कर सकगा जसम वह पदाहोता ह पलता-बढ़ता ह और म यपय त सचत-स य जीना चाहता ह फर एक अरब स अिधक जनस या वाला यह दश ान- व ान-प र ानक म िन त ह बड़ -बड़ िमसाल कायम करन म स म होगा और फर भ व य म नवीन आ व कार -उपल धय क भारतीय भाषाओ म भीरख गए तमाम नाम सनाई दन लग ग क त इस त य को हमारअ जीदा कटनीत िन हत वाथ क कारण समझना नह चाहत व तोहमार दश क अिधस य जनता क भा षक चतना मारकर उस िन तऔर िन य जीन को बा य करत ह

जहा तक ह द मा यता क बात ह तो वह 10 वी शता द स लकरआज तक सवा िधक लचीली-सलभ तथा चतम खी भाषा ह वह हर सरा ीय मच क उपय ह यहा हम यह नह भलना चा हए क अम रकास हत दिनया क सभी वकिसत दश अपनी चतना को अपनी ह वाणी म पाकार दकर उ नित क िशखर पर पहच ह साथ ह यह भी क चीनजापान ास जम नी-जस वकिसत दश क भाषा कभी भी अ जी नह रह और न ह व अ जी क वच व स भयभीत हए उनक भाषाओ क अप ा व ािनक तथा तकनीक मा यम म ह द अन योग क तो औरअिधक सभावनाए ह

अतत वत मान और भ व य दोन य स ldquoतकनीक मा यम म ह द अन योग क सभावनाएrdquo एक ऐसा मम ह जस ह द तथा अ यभारतीय भाषाओ क पद ित ा यावहा रकता आ द क स दभ म करदाजाना जतना सामियक ह उतना ह समय रहत सावधान करन जसा ह

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

50

4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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ाचीन काल म सचार-त और तकनीक मा यम जब इतन सश नह थ तब भाषा क मा यता का मापद ड बोल-चाल लोकािभ य सा ह य िशलालख पा डिल पया आ द होती थी क त आज आधिनकसचार-त एव तकनीक मा यम इतन सश ह क उनम अिधकािधकअन य हए बना कोई भाषा मा यता लोका यता तथा रा ीयता किशखर पर ित ा पत नह हो सकती अ यथा इस दश क अिभ य क मताओ क समाना तर प म माग होन का अिभश खतरा औरबढ़ता जाएगाmdash बोल-चाल म भारतीय भाषाए और राज-काज काम-काजलख-बाच आ द म अ जी जसस रा अधभाषी अधचता अध -सा रऔर अधा ग-अपग होता जाएगा दभा य क जस पर मक़दमा चलगाया चलाया जाएगा वह समझ नह पायगा क हमार बार म या कहाजा रहा ह या या बहस हो रह ह और जो बहस करगा या िनण यसनाएगा वह फ रयाद क िलए नह अपनी वाथ अ जीदा हठधिम ताक िलए एक वकत रा ीय कटनीित क िलए और इसिलए जब ह द अथवा अ य भारतीय भाषा-भाषी उपभो ा चाह-अनचाह अ जी क भावस म नह हो पा रह ह उलट हमार अिभ य या अब अ जी िमि तभाषा ( हगिलश आ द) क अगल पायदान पर कदम बढ़ा चक ह तोिन त ह तकनीक मा यम म ह द अन योग क सार सभावनाएभ व य म कह ण कह शशव कह बाल कह यौवन क अव था म म य क घ ड़या िगनन को अिभश ह इस शता द क शताय तथाअगली शता दय क द घा य तक कौन कतना बच पाएगी कहना क ठनह

- इटरनट स साभार

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क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

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मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

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5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

49

क कण रलव कॉप रशन िलिमटडKonkan Railway Corporation Limited

(भारत सरकार का उप म) ( A Government of India Undertaking )wwwkonkanrailwaycom

कॉप रट पहचान स या (Corporate Identity number) U35201MH1990GOI1223738 ीय रल बधक काया लय Regional Railway Managers Office टशन क सामन Opp Station Buildingिशरवाड कारवार - 581306 Shirwad Karwar- 581306

1 दनाक 13092019 को हद दवस क उपल य म कारवार क वणा मडगाव कारवार औरउड प टशन पर राजभाषा सबधी बनर दिश त कए गए

मडगाव वणा

कारवार उड प2 दनाक 16092019 को हद दवस क उपल य म ीय रल बधक कारवार क ओर स

माननीय गह म ी जी तथा माननीय रल म ी जी क सदश का वाचन कया गया इसअवसर पर कल 48 कम उप थत थ इसी म म करमाली मडगाव कारवार भटकलउड प काया लय म क यटर लपटाप म हद यिनकोड फ ट तथा MICROSOFT INDICLANGUAGE INPUT TOOLएव वाईस टाइ पग क इ तमाल सबधी टबल िश ण दयागया

50

4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

कारवार उड प

मगल

51

5 दनाक 18092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार उड प भटकल और मगल म थम चरण क हद ट पण एव आलखन ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 08 मडगाव स 14 कारवार स 10 उड प स 07 भटकल स 10 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल 59 ितभािगय न भागिलया

वणा मडगाव

कारवार भटकल

उड प मगल 6 दनाक 1909 2019 को 1500 बज मडगाव कारवार तथा ऊड प म थम चरण क हद

कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

52

7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

53

11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

54

भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

श द क अिभ य ह भाषा य क व ह भाषाकभी आसमा क ऊचाई

समदर क कभी गहराई भाषा

मा क ममता और पता क डाट ह भाषाहवाओ स शीतल कभी अ नी सी खर भाषा

नटखट बचपन सी नादान कभीबजग सी प रप व कभी

कभी नादान जवानी सी अलहड ानी सी तज वी कभीसहार का लय ह भाषासजन क बीज ह भाषा

श द क सम कभीअदब क ह सादगी कभी

कभी ह झरन सा झलकता भोलापनबहती नद क सहजता कभी

शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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4 दनाक 17092019 को 1500 बज वणा मड़गाव कारवार ऊड प तथा मगल म थमचरण क हद िनबध ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 06मडगाव स 10 कारवार स 09 उड प स 05 और मगल स 10 ितभािगय न भाग िलयाइस ितयोिगता म कारवार स कल 40 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव वणा

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वणा मडगाव

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कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

52

7 दनाक 23092019 को 1500 बज अिधकार व ामगह मडगाव म अिधका रय तथापय व क क िलए पा रभा षक श दावली और काया लय म इसका उपयोग वषय पर हद काय शाला का आयोजन कया गया उ काय शाला म या याता क तौर पर डॉ अमर शिस हा उप महा बधक (राजभाषा) द य इ डया एशोर स कपनी मबई उप थत थ इसकाय शाला म कल 24 किम य न भाग िलया

8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

9 दनाक 2509 2019 को 1500 बज मडगाव म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म मडगाव स 39 ितयोिगय न भाग िलया

10 दनाक 26092019 को 1130 बज वणा म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म वणा स 34 ितयोिगय न भाग िलया

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11 दनाक 27092019 को 1130 बज कारवार म म हद मच ितयोिगता आयो जत क गईइस ितयोिगता म कारवार स 10 ितयोिगय न भाग िलया

उपरो आदश क अनसार राजभाषा पखवाड क उपल य म क कण रलव क कारवार क विभ न टशन पर आयो जत विभ न ितयोिगताओ म सभी अिधकार तथा कम चा रय नबहत उ साह स भाग लकर हद क ित अपन नह को य कया ह इस कार राजभाषापखवाड का आयोजन सफलतापव क कया गया

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गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

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वणा मडगाव

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कथाओ क वाक ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म मडगाव स 07 कारवारस 01 और उड प स 11 ितयोिगय न भाग िलया इस ितयोिगता म कारवार स कल19 ितभािगय न भाग िलया

मडगाव कारवार उड प

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8 दनाक 2409 2019 को 1500 बज ऊड प म व र राजभाषा अिधकार बलापर क उप थितम हद मच ितयोिगता आयो जत क गई इस ितयोिगता म उड प स 13 ितयोिगय नभाग िलया

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गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

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अपन का अपन व ह भाषाएकस म परोनवाला रशमी बध ह भाषा

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शा ीय सगीत का राग कभीभगडा का ताल कभीकभी लचकती लावणी हमनमोहक कथकली कभी

गीता क वाणी कभीकभी कराण क आयात हयो ाओ का याग कभीसत क आ था कभीकभी वरह क वाणी ह म क छलकत भाव कभीकभी उदास मघ ह

हसती गाती दािमनी कभी

भाषा न कवल सवाद हभावनाओ का य सागर हय स कितय का दप ण हसमप ण का यह ितक ह

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भाषा(रचनाकार- सतीश धर )

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