मेहनतकश जनता के ख़ून-पसीने से खड़ी हुई...

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ctk fcxqy esgurd'k tkx] fpaxkjh ls yxsxh vkx! धारा 370 व 35 ए निर धारा 370 व 35 ए निर करिे के 2 सालों म ा करिे के 2 सालों म ा बदले ह कर के बदले ह कर के सूरतेहाल? सूरतेहाल? तेलंगािा ककसाि सश संघर के 75 साल : उपलयाँ और सब 9 11 3 माससक समाचारप l पूराक 100 l वर 11, अंक 7 l सतर 2021 l पाँच पये l 16 पृ सादक मल (पेज 8 पर जार) मेहनतकश जनता के खन-पसीने से खड़ी ई सारजन नक परिसयों को प ँजीपनतयों के हराले कि ने म जुटी मोदी सिकाि जिता के कहे म बस द :ख और तकल ह आय ह नरे मोदी के नेतृ त म भाजपा की फ़ासीादी सरकार जनता को लूटने और पू ँजीपततय के हाथ लुटाने के तननये कायम पेश कर रही है। नोटबदी हो या साजतनक उपम की सरकारतहससेदारी की तबी हो; बढ़ती महँगाई हो या म कानून की बबादी हो, हर मामले म हम यह देख सकते ह तक “अचे तदन” का नारा देकर सा म आयी भाजपा ने मज़द र, रीब तकसान और आम मेहनतकश जनता के जीन को नारकीय हालात म धकेल तदया है। देश की जनता रीबी, भुखमरी, कुपोषण, अतशा, जानलेा महँगाई, बढ़ती बेरोज़गारी और इलाज के अभा म अकाल मृतयु तक का तशकार हो रही है लेतकन द सरी ओर थैलीशाह कतजोररयाँ पय-पैस से उफनती जा रही ह। नेताशाह और अफ़सरशाह के ऐशोआराम म कोई कमी-बेशी नह हो रही है लेतकन जनता के हलक से पहला और आतिरी तनाला तक तनकाल लेने के तलए सरकार ततब तदखायी दे रही है। 1 फ़ररी 2021 के अपने बजट भाषण म मोदी सरकार की तमंतनमला सीतारमण ने घोषणा की थी तक सरकार अरचनागत ढाँचे की पुरानपररयोजनाओं के तलए राीय मौीकरण कायम यानी ‘नेशनल मोतनटाइज़ेशन पाइपलाइन’ शु करेगी। सरकार के अनुसार इसके तहत आठ मंालय से जुड़ी पररसमपतय जैसे हाइे सड़क, रेले लाइन, मोबाइल टार, तेल-गैस पाइप लाइन, सटेतियम इतयातद को लीज़ या तकराये पर देने का रासता खोला जायेगा। हालात के अनुसार सरकार इन पररसमपतय को उपयोग, रखरखा और सूली हेतु भी दे सकती है तथा इह तनजी कमपतनय की साझेदारी म भी चला सकती है। तगत 23 अगसत को तमंी तनमला सीतारमण ने नीआयोग के अतधकाररय और मौीकरण तकये जाने ाले मंालय-तभाग के सतच के साथ तमलकर एक संाददाता सममलेन तकया था। इस दौरान लचेदार शबदाली म बार-बार यह कहा गया तक सरकार परसमपतय बेच नह रही है बतक मा चार ष के तलए लीज़ पर और तकराये पर दे रही है। तमंी और नीतत आयोग के कठपुतली अतधकाररय का बार-बार कहना था तक सरकार ाइेट े के तनजी तनेशक के तलए साजतनक े की पूण पररयोजनाओं को खोल देना चाहती है और उन पररसमपतय से पूरी मता म कमाई करना चाहती है तातक ह इस पैसे का इसतेमाल अय तकास काय म कर सके ! कु लोग को यह बात काफ़ी समझदारी भरी लग सकती है ले तकन सरकार की आतथक नीततय के तपले इततहास को देखते हुए यह सप तौर पर कहा जा सकता है तक यह मौीकरण कायम कु और नह बतक सरकारी पररसमपतय को पू ँजीपततय को लीज़ और तकराये पर देने की कायद का नाम है तातक े इन समपतय पर मनमाना और मोटा मुनाफ़ा कूट सक। कुल तमलाकर मौीकरण सरकारी समपतय को बेचने और उनका तनजीकरण करने के रासते का ही मील का पतथर सातबहोने जा रहा है। िुद धानमंी मोदी 24 फ़ररी 2021 को साजातनक े ककमपतनय पर आयोतजत एक ेतबनार म यह सप कर चुके ह तक सरकार का काम साजतनक े के उपम को समभालना नह है बतक कु ततश रणनीततक े को ोड़कर उनकी सरकार तमाम मूयान समपतय को उतचत कीमत के बदले तनजी हाथ म सपने के तलए कतटब है। ये तमाम सरकारी उम जनता के िून-पसीने ककमाई के बूते खड़े तकये गये थे लेतकन मोदी सरकार इनको औने-पौने दाम पर तनजी पू ँजीपततय को सपने जा रही रही है और इसे जनतहत म उठाया गया फ़ैसला करार तदया जा रहा है। फ़ातससट मोदी सरकार खुले तौर पर यह घोषणा कर रही है तक ह पू ँजीपतत ग की बधन कमेटी के अलाा कु नह है। ‘रा य मौकरर कायम’ म ा होगा? राीय मौीकरण कायम के तहत सरकार ने तष 2022 से 2025 के बीच आठ मंालय के तहत आने ाली सरकारी परसमपतय को तकराये पर असम-मज़ोरम नववाद के मूल कारर ा ह? मज़दू र वग को भ इसे ों जाििा और समझिा चाकहए? िवउदारवाद आक िनतयों के तस व– लता देश म एक ओर बढ़ता धातमक उमाद, नफ़रत और िौफ़ का माहौल और द सरी ओर आसमान ूती महँगाई, बेरोज़गारी, भुखमरी और बदहाली, ऐसा लगता है जैसे पूरे देश को य रोग ने अपने तशकंजे म कस तलया है। सारी ऊजा, ताज़गी और रचनातमकता पोर-पोर से तनचोड़कर इसे पसत और बेहाल कर तदया है। यह सच है तक भयंकर आतथक संकट के काल म जनता के आोश को सामदातयकता की तदशा म मोड़ने और पू ँजीपततय का तहत साधने के तलए फ़ासीाद का उभार होता है ले तकन ऐसा नह है तक फ़ासीातदय के सा म आने से पहले सब कु भला-चंगा था। फ़ासीाद इजारेदार पू ँजीाद के संकट काल की हएक राजनीततक अतभवयतत है ले तकन पू ँजीाद अपने हर काल म मज़द र और आम मेहनतकश का शोषक ही होता है। आज बहुत लोग कांेस के शासन काल को बेहद भाुक हो कर याद करते ह। कभी नेह तो कभी इतदरा गाँधी या राजी गाँधी की तसीर और ीतियो सोशल मीतिया पर शेयर करते रहते ह। लेतकन या इस बात को नकारा जा सकता है तक आज़ादी के 75 साल बाद भी देश की आम मेहनतकश जनता को एक इसानी तज़दगी की बुतनयादचीज़ भी मयससर नह ह? इनकी उममीद पू ँजीाद के बलैक होल म समाती जा रही है। आज़ादी के 75 साल म कुपोषण, भुखमरी, रीबी, अतशा और बेरोज़गारी की तसथतत को देखते हुए यह कहना तबक ु ल सही है तक देश को तमली आज़ादी एक पू ँजीपतग और खाते-पीते मधयग के तलए आज़ादी थी लेतकन आम जनता के तलए यह एक खतित आज़ादी थी। देश अंेज़ से तो आज़ाद हुआ ले तकन भारत की आम मेहनतकश आबादी के तहससे म द :ख, तंगी, भूख, बदहाली, बीमारी और बेरोज़गारी आयी। तजहने आज़ादी की लड़ाई लड़ी े आज़ादी के जशन से बाहर थे यतक ने ता तजसका आज़ादी उसकी। जनता की ातकारी शतत को हर कदम तनयंण म रखते हुए समझौते-दबा-समझौते की नीतत का पालन करते हुए कांेस ने आज़ादी के संघष का नेतृ तकया। 1929-30 से आज़ादी तमलने तक तशेषकर मज़द र, तकसान, नौजान सेना के संघष, तरोध और तोह देख कर अंेज़ भी यह समझ गये थे तक आने ाले समय म यतद भारत म ततटश सााजयाद के तहत की रा करनी है तो भारत के शासन की बागिोर कांेस के हाथ सपना जयादा फ़ायदेमद होगा और देश का पू ँजीपतत ग भी समझ गया था तक जनता की ातकारी शतय को तनबध होने से रोक कर तकसी समझौते के प म सा-हसतातरण कर राजनीततक सतंता हातसल (पेज 14 पर जार)

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धारा 370 व 35 ए निरसत धारा 370 व 35 ए निरसत करि क 2 सालो म का करि क 2 सालो म का बदल ह कशमीर क बदल ह कशमीर क सरतहालसरतहाल

तलगािा ककसाि सशसतर सघरष क 75 साल उपलबधिया और सबक 9 113

माससक समाचारपतर l परााक 100 l वरष 11 अक 7 l ससतमबर 2021 l पाच रपय l 16 पषठ

समादक मणडल

(पज 8 पर जारमी)

महनतकश जनता क खन-पसीन स खड़ी हई सारवजननक परिसमपततियो को पजीपनतयो क हराल किन म जटी मोदी सिकाि

जिता क कहस म बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह

नरनदर मोदी क नततव म भाजपा की फ़ासीवादी सरकार जनता को लटन और पजीपततयो क हाथो लटवान क तनत नय काययकरम पश कर रही ह नोटबनदी हो या सावयजतनक उपकरमो की सरकारी तहससदारी की तबकरी हो बढ़ती महगाई हो या शरम काननो की बबायदी हो हर मामल म हम यह दख सकत ह तक ldquoअच तदनोrdquo का नारा दकर सता म आयी भाजपा न मज़दरो गरीब तकसानो और आम महनतकश जनता क जीवन को नारकीय हालात म धकल तदया ह दश की जनता गरीबी भखमरी कपोषण अतशका जानलवा महगाई बढ़ती बरोज़गारी और इलाज क अभाव म अकाल मतय तक का तशकार हो रही ह लतकन दसरी ओर थलीशाहो की ततजोररया रपयो-पसो स उफनती जा रही ह नताशाहो और अफ़सरशाहो क ऐशोआराम म कोई कमी-बशी नही हो

रही ह लतकन जनता क हलक स पहला और आतिरी तनवाला तक तनकाल लन क तलए सरकार परततबदध तदखायी द रही ह

1 फ़रवरी 2021 क अपन बजट भाषण म मोदी सरकार की तवतमती तनमयला सीतारमण न घोषणा की थी तक सरकार अवरचनागत ढाच की परानी पररयोजनाओ क तलए राषटीय मौदरीकरण काययकरम यानी lsquoनशनल मोतनटाइज़शन पाइपलाइनrsquo शर करगी सरकार क अनसार इसक तहत आठ मतालयो स जड़ी पररसमपततयो जस हाइव सड़को रलव लाइनो मोबाइल टावरो तल-गस पाइप लाइनो सटतियमो इतयातद को लीज़ या तकराय पर दन का रासता खोला जायगा हालात क अनसार सरकार इन पररसमपततयो को उपयोग रखरखाव और वसली हत भी द सकती ह तथा इनह तनजी कमपतनयो की साझदारी म

भी चला सकती ह तवगत 23 अगसत को तवतमती तनमयला सीतारमण न नीतत आयोग क अतधकाररयो और मौदरीकरण तकय जान वाल मतालयो-तवभागो क सतचवो क साथ तमलकर एक सवाददाता सममलन तकया था इस दौरान लचदार शबदावली म बार-बार यह कहा गया तक सरकार पररसमपततयो बच नही रही ह बतक मात चार वषय क तलए लीज़ पर और तकराय पर द रही ह तवतमती और नीतत आयोग क कठपतली अतधकाररयो का बार-बार कहना था तक सरकार पराइवट कत क तनजी तनवशको क तलए सावयजतनक कत की पणय पररयोजनाओ को खोल दना चाहती ह और उन पररसमपततयो स परी कमता म कमाई करना चाहती ह तातक वह इस पस का इसतमाल अनय तवकास काययो म कर

सक क लोगो को यह बात काफ़ी

समझदारी भरी लग सकती ह लतकन सरकारो की आतथयक नीततयो क तपल इततहास को दखत हए यह सपषट तौर पर कहा जा सकता ह तक यह मौदरीकरण काययकरम क और नही बतक सरकारी पररसमपततयो को पजीपततयो को लीज़ और तकराय पर दन की कवायद का नाम ह तातक व इन समपततयो पर मनमाना और मोटा मनाफ़ा कट सक कल तमलाकर मौदरीकरण सरकारी समपततयो को बचन और उनका तनजीकरण करन क रासत का ही मील का पतथर सातबत होन जा रहा ह िद परधानमती मोदी 24 फ़रवरी 2021 को सावयजातनक कत की कमपतनयो पर आयोतजत एक वतबनार म यह सपषट कर चक ह तक सरकार का काम सावयजतनक कत क उपकरमो को समभालना नही ह बतक क तवतशषट

रणनीततक कतो को ोड़कर उनकी सरकार तमाम म यवान समपततयो को उतचत कीमत क बदल तनजी हाथो म सौपन क तलए कतटबदध ह य तमाम सरकारी उदयम जनता क िन-पसीन की कमाई क बत खड़ तकय गय थ लतकन मोदी सरकार इनको औन-पौन दामो पर तनजी पजीपततयो को सौपन जा रही रही ह और इस जनतहत म उठाया गया फ़सला करार तदया जा रहा ह फ़ातससट मोदी सरकार खल तौर पर यह घोषणा कर रही ह तक वह पजीपतत वगय की परबनधन कमटी क अलावा क नही हlsquoराषटमीय मौदमीकरर कायषकरमrsquo म

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उनमाद नफ़रत और िौफ़ का माहौल और दसरी ओर आसमान ती महगाई बरोज़गारी भखमरी और बदहाली ऐसा लगता ह जस पर दश को कय रोग न अपन तशकज म कस तलया ह सारी ऊजाय ताज़गी और रचनातमकता पोर-पोर स तनचोड़कर इस पसत और बहाल कर तदया ह यह सच ह तक भयकर आतथयक सकट क काल म जनता क आकरोश को सामपरदातयकता की तदशा म मोड़न और पजीपततयो

का तहत साधन क तलए फ़ासीवाद का उभार होता ह लतकन ऐसा नही ह तक फ़ासीवातदयो क सता म आन स पहल सब क भला-चगा था फ़ासीवाद इजारदार पजीवाद क सकट काल की ही एक राजनीततक अतभवयतत ह लतकन पजीवाद अपन हर काल म मज़दर और आम महनतकश का शोषक ही होता ह आज बहत लोग कागस क शासन काल को बहद भावक हो कर याद करत ह कभी नहर तो कभी इतनदरा गाधी या राजीव गाधी की तसवीर और वीतियो सोशल मीतिया पर शयर करत रहत

ह लतकन या इस बात को नकारा जा सकता ह तक आज़ादी क 75 साल बाद भी दश की आम महनतकश जनता को एक इनसानी तज़नदगी की बतनयादी चीज़ भी मयससर नही ह इनकी उममीद पजीवाद क बलक होल म समाती जा रही ह आज़ादी क 75 सालो म कपोषण भखमरी गरीबी अतशका और बरोज़गारी की तसथतत को दखत हए यह कहना तबकल सही ह तक दश को तमली आज़ादी एक पजीपतत वगय और खात-पीत मधयवगय क तलए आज़ादी थी लतकन आम जनता क

तलए यह एक खतित आज़ादी थी दश अगज़ो स तो आज़ाद हआ लतकन भारत की आम महनतकश आबादी क तहसस म दख तगी भख बदहाली बीमारी और बरोज़गारी आयी तजनहोन आज़ादी की लड़ाई लड़ी व आज़ादी क जशन स बाहर थ योतक नता तजसका आज़ादी उसकी जनता की करातनतकारी शतत को हर कदम तनयतण म रखत हए समझौत-दबाव-समझौत की नीतत का पालन करत हए कागस न आज़ादी क सघषय का नततव तकया 1929-30 स आज़ादी तमलन तक तवशषकर मज़दरो

तकसानो नौजवानो व सना क सघषय परततरोध और तवदरोह दख कर अगज़ भी यह समझ गय थ तक आन वाल समय म यतद भारत म तरितटश सामाजयवाद क तहतो की रका करनी ह तो भारत क शासन की बागिोर कागस क हाथो सौपना जयादा फ़ायदमनद होगा और दश का पजीपतत वगय भी समझ गया था तक जनता की करातनतकारी शततयो को तनबयनध होन स रोक कर तकसी समझौत क रप म सता-हसतानतरण कर राजनीततक सवततता हातसल

(पज 14 पर जारमी)

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1 lsquoमजिर दबगलrsquo वयापक महनतकश आबािी क बीच करादतकारी राजनीदतक दशकषक और परचारक का काम करगा यह मजिरो क बीच करादतकारी वजादनक दवचारधारा का परचार करगा और सचची सववहारा स कक दत का परचार करगा यह िदनया की करादतयो क इदतहास और दशकषाओ स अपन िश क वगव सघरषो और मजिर आिोलन क इदतहास और सबक स मजिर वगव को पररदचत करायगा तथा तमाम पजीवािी अफवाहो-कपरचारो का भणाफोड करगा

2 lsquoमजिर दबगलrsquo भारतीय करादत क वरप रात और समयाओ क बार म करादतकारी कमयदनटो क बीच जारी बहसो को दनयदमत रप स छापगा और lsquoदबगलrsquo िश और िदनया की राजनीदतक घटनाओ और आदथवक दथदतयो क सही दवशलरण स मजिर वगव को दशदकषत करन का काम करगा

3 lsquoमजिर दबगलrsquo वय ऐसी बहस लगातार चलायगा तादक मजिरो की राजनीदतक दशकषा हो तथा व सही लाइन की सोच-समझ स लस होकर करादतकारी पाटटी क बनन की परदकरया म शादमल हो सक और वयवहार म सही लाइन क सतयापन का आधार तयार हो

4 lsquoमजिर दबगलrsquo मजिर वगव क बीच राजनीदतक परचार और दशकषा की कारववाई चलात हए सववहारा करादत क ऐदतहादसक दमशन स उस पररदचत करायगा उस आदथवक सघरषो क साथ ही राजनीदतक अदधकारो क दलए भी लडना दसखायगा िअनी-चवनीवािी भजाछोर ldquoकमयदनटोrdquo और पजीवािी पादटवयो क िमछलल या वयदतवािी-अराजकतावािी टयदनयनो स आगाह करत हए उस हर तरह क अथववाि और सधारवाि स लडना दसखायगा तथा उस सचची करादतकारी चतना स लस करगा यह सववहारा की कतारो स करादतकारी भतटी क काम म सहयोगी बनगा

5 lsquoमजिर दबगलrsquo मजिर वगव क करादतकारी दशकषक परचारक और आहानकताव क अदतररत करादतकारी सगठनकताव और आिोलनकताव की भी भदमका दनभायगा

lsquoमज़दर नबगलrsquo का सवरप उदशय और जज़ मदाररयाlsquoमज़दर नबगलrsquo का सवरप उदशय और जज़ मदाररया

परिय पाठको बहत स सदसो को lsquoमज़दर नबगलrsquo नियममत भजा जा रहा ह लककि काफी

समय स हम उिकी ओर स ि कोई जवाब ममला और ि हमी बकाया राजश आपको बताि की ज़ररत िहमी कक मज़दरो का यह अख़बार लगातार आरथिक समसा क बमीच हमी निकालिा होता ह और इस जारमी रखि क ललए हम आपक सहयोग की ज़ररत ह अगर आपको lsquoमज़दर नबगलrsquo का रिकाशि ज़ररमी लगता ह और आप इसक अक पात रहिा चाहत ह तो हमारा अिरोध ह कक आप कपया जलद स जलद अपिमी सदसता राजश भज द आप हम मिमीआरषर भज सकत ह या समीध बक खात म जमा करा सकत ह

मिमीआरषर क ललए पता मज़दर नबगल दारा जिचतिारमी-68 निरालािगर लखिऊ-226020बक खात का नववरर Mazdoor Bigul खाता सखा 0762002109003787 IFSC PUNB0185400पजाब िशिल बक अलमीगज शाखा लखिऊ

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मज़दर नबगलसमपािकीय कायावलय ः 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006 फोन 9721481546दिलली समपकव ः बी-100 मकि दवहार करावलनगर दिलली-90 फोनः 88607 92320 ईमल ः bigulakhbargmailcomमलय ः एक परदत ndash 5- रपय वादरवक ndash 70- रपय (ाक खचव सदहत) आजीवन सियता ndash 2000- रपय

2 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

ldquoबरजआ अखबार परी की विशाल राशशयो क दम पर चलत ह मज़दरो क अखबार खद मज़दरो दारा इकटा ककय गय पस स चलत ह rdquo ndash लनिि

lsquoमज़दर बिगलrsquo मज़दरो का अपना अखिार हयह आपकी दनयदमत आदथवक मिि क दबना नही चल सकता

दबगल क दलए सहयोग भदजएजटाइए सहयोग कपन मगान क दलए मजिर दबगल कायावलय को दलदखए

नहर सरकार भतम करातनत क काययभारो को हालातक परतशयाई मागय स ही सही और ऊपर स ही सही लतकन तज़ी क साथ परा करन को तववश हो जाती साथ ही तज़ पजीवादी तवकास क साथ भारत जदी ही समाजवादी करातनत की मतज़ल म परतवषट हो जाता लतकन ऐसा नही हआ 1951 तक पाटटी-नततव म मतभद क चलत तलगाना सघषय को इतना नकसान पहच चका था तक कम स कम फ़ौरी तौर पर उसकी पराजय सतनतशचत हो चकी थी तफर भी उस समय यतद नततव पर दतकणपनथी धड़ा कातबज़ नही होता और परी तरह स आतमसमपयण करन क बजाय फ़ौरी तौर पर पी हटन और अपनी सनय शतत को दगयम जगल कतो म तबखरा दन क बाद नय तसर स उस कत म तथा दश क अनय ऐस भभागो म तकसान-सघषय सगतठत तकय जात तो तसथतत को सभालकर तफर स आग बढ़न का अवसर तमल जाता

राजशवर राव क नततव म तजस धड़

न तलगाना म सही लाइन ली थी वह भी तवचारधारातमक रप स कमज़ोर था इसक चलत क समय तक कनदरीय कमटी म परभावी होन क दौर म भी वह अपनी लाइन का दशवयापी सतर पर सदढ़ीकरण नही कर सका तवरोधी लाइन क तवरदध तनणाययक सघषय क बजाय उसन समझौता करन का रख अपनाया और अनतत घटन टक तदय

पाटटी क बोशतवक ढग स एकीकत न हो पान की मल वजह नततव की तवचारधारातमक कमज़ोरी थी तवचारधारातमक कमजोरी की वजह स ही पाटटी भारत की ठोस पररतसथततयो म मासयवाद का रचनातमक ढग स लाग करक करातनत की मतज़ल व करातनत का रासता तय करन की बजाय अनतरराषटीय मागयदशयन पर तनभयर रही तजस समय तलगाना का सथानीय नततव व काययकताय बहादरी स तकसानो क कनध स कनधा तमलाकर लड़ रह थ उस समय पाटटी क पास भारत की करातनत का कोई काययकरम

तक न था आज तलगाना क उन गावो म

उतपादन क तरीक म बतनयादी बदलाव आ चका ह जहा कभी तकसानो न बहादराना सघषय ड़ा था आज उन गावो म जागीरदार और बड़-बड़ भसवामी नही ह और लोग बाज़ार क तलए फ़सल उगात ह दसर शबदो म वहा पजीवादी तवकास हो रहा ह इस वजह स तलगाना तकसान सशसतर सघषय क समय की रणनीतत और रणकौशल तो आज परान पड़ चक ह लतकन उस दौर म कमयतनसटो की बहादरी साहस और जनता क साथ घलतमलकर उस एकजट लामबनद और सगतठत करन क शानदार इततहास स आज भी पररणा ली जा सकती ह इस शानदार सघषय स सकारातमक व नकारातमक दोनो परकार क सबक तलय तबना भारत म करातनत क रथ का पतहया आग नही बढ़ सकता ह

(पज 9 स आग)

पर मगा लती ह खजरी इलाक म ही लगभग 25 स 30 पलाट लग ह जहा स पानी की बोतल (परतत बोतल 20 रपय) घर-घर बची जाती ह तफ़लहाल इस इलाक की 80 फ़ीसदी आबादी इन बोतलो को िरीदकर ही पानी पीती ह lsquoतबगल मज़दर दसताrsquo की जाच-पड़ताल म पाया गया तक इस इलाक की बहसखयक मज़दर आबादी का 1 बोतल लन पर हर माह तसफ़य पानी पर िचाय 600 रपय होता ह और तजस मज़दर पररवार को 2 या 3 बोतल रोज़ाना िरीदनी पड़ती ह उनका 1200 स1800 रपय तक हर माह पानी पर िचय होता ह सरकार क परशरय और उदासीनता क कारण पानी बचन क धनध स पानी मातफ़या तदली म मालामाल हो रहा ह इनम स कई तो िद आम आदमी पाटटी क नता व सदसय ह और कई उसको तनयतमत पयायपत चनदा भी दत ह अगर सरकार न हर इलाक म पानी की समतचत वयवसथा कर दी और घर-घर साफ़ पानी पहचा तदया तो इस पानी मातफ़या पजीपतत वगय का या होगा

बहरहाल तदली क अतधकतर मज़दर इलाको का भी कमोबश हाल यही ह कोरोना काल म जब बहत स मज़दरो का काम ट गया या वतन कम हो गया ह ऐस म पीन क पानी पर इतना िचय एक भारी बोझ ह पीन का साफ़ पानी सभी को मफत तमलना तकसी भी नागररक का बतनयादी अतधकार ह

तदली की आबादी 2 करोड़ ह इस तहसाब स तदली को 609 एमजीिी (तमतलयन गलन परतततदन) पीन का पानी चातहए तदली पानी की आपततय क तलए हररयाणा राजय पर भी तनभयर होती ह कजरीवाल सरकार का आरोप ह तजतना पानी हररयाणा को तदली भजना होता ह उतना नही भजा जाता ह हालातक हररयाणा सरकार तदली सरकार की इस बात को िाररज करती ह िर पजीपततयो क तलव चाटन वाली दोनो सरकारो की खीचतान म तपसती ह तदली की गरीब जनता तजस तक पीन का पानी तक नही पहच पाता ह एक बार मान भी ल तक हररयाणा सरकार तदली को पयायपत पानी नही दती तब ऐस म कजरीवाल हमशा सभी तदली वालो को मफत पानी दना का राग यो अलापता रहता ह एक िबर क मतातबक तदली जल बोिय क पास 10 साल पहल 30 हज़ार स अतधक कमयचारी थ जो पाइपलाइन की दखरख स जड़ थ आज इनकी सखया 15 हज़ार स भी कम हो गयी ह बीत 10 सालो स नयी तनयतत बनद ह आध स भी कम कमयचाररयो स काम चलाया जा रहा ह कजरीवाल सरकार इन कमयचाररयो की भतटी नही कर रही ह

जहा तक 24 घट मफत तबजली दना का वायदा ह तो उसकी भी असतलयत यही ह तक तदली म तकरायदार गरीब आबादी क तलए तबजली मफत नही ह बतक इस तकरायदार आबादी को तो

तबजली क सरकारी रट स जयादा दना पड़ता ह इस समय तदली म सरकारी रट 3 रपय परतत यतनट ह तजसम 200 यतनट तक मफत ह मकानमातलक एक तकरायदार क कमर पर एक सबमीटर (ोटा मीटर) लगा दता ह और इस पर 7 स 9 रपय तक परतत यतनट लता ह इस तरह तकरायदार का हर माह तबजली का तबल औसतन 500 स 800 बन जाता ह जबतक कजरीवाल सरकार कहती ह तक तकरायदार सबमीटर न लगवाकर अलग स सरकारी मीटर ही लगवा सकत ह इसक तलए मकान मातलक क ज़मीन क कागज़ व आधार कािय लगगा अब यह तो कोई भी समझ सकता ह तक आमतौर पर कोई भी मकानमातलक अपन ज़मीन क कागज़ तकरायदार को तबजली का नया मीटर लगान क तलए नही दगा असल म कजरीवाल सरकार भी मोदी सरकार की तरह घोर मज़दर-तवरोधी ही ह तदली म रहन वाली बहसखयक मज़दर आबादी क तलए तो आम आदमी पाटटी की कजरीवाल सरकार भी कागस और भाजपा की सरकारो जसी ही लटरी ह बस फ़कय यह ह तक कोई पजीपततयो की सवा करन का काम जयादा तज़ी और मज़दर-तवरोधी तरीक स करता ह तो कोई थोड़ा धीम रफतार स लतकन सवा य सभी पजीवादी चनावी पातटयया पजीपततयो की ही करती ह योतक य उनही क तदय धन पर पलती ह

ndash दबगल सवाििाता

तलगािा ककसाि सशसतर सघरष क 75 साल

मफत पािमी और नबजलमी स वलचत ददलमी की मज़दर आबादमी(पज 7 स आग)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 3

(पज 4 पर जारमी)

भारतमीय राजय दारा कशमीरमी कौम क दमि क इस िय कदम स का बदल ह कशमीर क सरतहाल

फासससट मोदमी सरकार दारा अिचद 370 व 35 ए निरसत ककय जाि क दो साल पर

ndash जशवािमी कौलइस साल 5 अगसत को मोदी

सरकार दारा कशमीर म अनचद 370 और 35 ए को हटाय जान क दो साल पर हो गय और साथ ही जमम-कशमीर राजय को तीन टकड़ो म बाट जान और कनदरशातसत परदश म तबदील तकय जान क भी दो साल पर हो गय भारतीय राजयसता दारा कशमीरी कौम स तकय गय अनतगनत तवशवासघातो की लमबी फहररसत म 5 अगसत 2019 को तब एक नयी कड़ी जड़ गयी थी जब कनदरीय गह मती अतमत शाह न ससद म अनचद 370 और 35 ए तनरसत करन की घोषणा की थी

इस कदम क ततकाल बाद ही कशमीर को सनय ावनी म तबदील कर तदया गया था और वहा दस लाख स जयादा सनयकतमययो की तनाती कर दी गयी थी लोगो को अपन ही घरो म कद कर तदया गया था हज़ारो कशमीररयो को भारत की जलो म ठस तदया गया योतक कशमीर की जलो म जगह बची नही थी राजनीततक काययकतायओ उदयतमयो आम नागररको को नज़रबनद या तगरफतार कर तदया गया यहा तक तक उन राजनीततक परतततनतधयो और मखयधारा क कशमीरी नताओ को भी नही बखशा गया जो भारतीय शासको क परतत समझौतापरसत और नमय रि रखत थ इस दौरान कशमीरी मीतिया को भी परी तरह स lsquoबलकआउटrsquo कर तदया गया था दजयनो कशमीरी पतकारो क तिलाफ़ यएपीए क काल कानन क तहत फ़ज़टी मकदम दजय तकय गय आतधकाररक आकड़ो क अनसार कशमीर म 2019 स अब तक यएपीए क 2364 मामल दजय तकय जा चक ह सचार क सभी माधयम बनद कर तदय गय ह फ़ोन-मोबाइल-इटरनट सवाए बनद कर दी गयी पर कशमीर को ही जलिान म तबदील कर तदया गया भारतीय मीतिया इस कशमीर म lsquoलॉकिाउनrsquo की सजा द रहा था जबतक यह लॉकिाउन नही तवशदध कबज़ा ह

हालातक कशमीररयो क तलए दहशत क इस माहौल म नया क नही था कशमीरी कौम की कई पीतढ़या इसी माहौल म पदा हई और पली-बढ़ी ह और न ही कशमीररयो क तलए भारतीय राजयसता दारा तकया गया यह नया तवशवासघात ही अपरतयातशत था आज़ादी क बाद स ही और जवाहरलाल नहर क नततव म कागस क समय स ही कशमीरी कौम न भारतीय राजय क तमाम ल-कपट फ़रब और वायदातिलातफ़या काफ़ी करीबी स दखी ह योतक कशमीरी कौम उसकी आकाकाओ और आतमतनणयय क उसक अतधकार क साथ ऐततहातसक तवशवासघात की शरआत तो कागस क समय स ही हो गयी थी अनचद 370 को वासतव म कमज़ोर और तनषपरभावी

बनान की शरआत उसी दौर स हो चकी थी तजस बाकी भारतीय हमरानो दारा जारी रखा गया था और तजस फ़ासीवादी मोदी सरकार न शीषय पर पहचाकर अब तक क सार ररकॉिय धवसत कर तदय

ldquoदध मागोग तो खीर दग कशमीर मागोग तो चीर दगrdquo वाल अनधराषटवादी और यदधोनमादी कोरस म शातमल होन स पहल हम अगर थोड़ा ठहरकर सोच तक लगातार िर दहशत राजकीय तहसा क साय म जीना या होता ह तो शायद एक आम कशमीरी की तरह हम महसस कर पाय चतलए एक बार ज़रा कशमीर क इस सरतहाल की तलना तपल साल कोरोना महामारी क समय मोदी सरकार दारा अचानक तबना तकसी तयारी क थोप गय लॉकिाउन स कर तनससदह इस दश क मज़दर वगय और आम महनतकश आबादी पर इस अतनयोतजत लॉकिाउन क कारण अकथनीय दखो-तकलीफ़ो का पहाड़ टट पड़ा था मोदी सरकार का असली मज़दर-तवरोधी और फ़ातससट मानवदरोही चहरा उस वक़त खलकर दश क मज़दरो-महनतकशो क सामन आ गया था भारत क मधय वगय क भी एक तहसस को तदक़कत-परशानी तो पश आयी ही थी हा बाकी खात-पीत उचच-मधय वगय और धन-पशओ की जमातो को लॉकिाउन स कोई िास फ़कय नही पड़ा था बस मॉस म िरीदारी करन तसनमा घरो म तपचर दखन बाहर जाकर फ़ सी रसटोरटस म खान पर जरर क वक़त क तलए पाबनदी लग गयी थी लतकन वह कसर इटरनट सवाओ की मौजदगी न परी कर दी थी lsquoनटतफलसrsquo और lsquoअमज़न पराइमrsquo पर ऑनलाइन तफ़म दखत हए lsquoतसवगीrsquo और lsquoज़ोमटोrsquo स ऑनलाइन फ़ि-तिलीवरी करवा कर घर बठ तज़नदगी का लतफ़ तो उठाया ही जा सकता था जो इस खात-पीत वगय दारा भरपर उठाया भी गया जहा तक िरीदारी का सवाल था तो ऑनलाइन रिािि कपड़ जत फ़ोन वगरह भी क समय बाद मगवाय जान शर हो गय थ यानी परधानमती मोदी क शबदो म कह तो इस वगय क तलए ldquoसब चगा सीrdquo लतकन तफर भी भारत क य तवशषातधकार-परापत वगय भी घर बठ-बठ उकता गय थ

अब फ़ज़य कर की अगर इटरनट की सतवधा लॉकिाउन क वक़त मौजद नही होती तो या होता फ़सबक-टतवटर-इनसटागाम की आभासी दतनया म जीन वाली एक अची-िासी मधयवगटीय और उचच मधय-वगटीय आबादी एकदम नग शबदो म कह तो या तो पागल हो गयी होती या तफर अवसादगसत अब यह भी फ़ज़य कर तक अगर यह लॉकिाउन एक बतमयादी कफयय म तबदील कर तदया गया होता तो या होता यह बात यहा इसतलए कही जा रही ह तातक भारतीय राषटवाद और कतपत दशभतत की घटी पीकर

बड़ा हआ भारत का मधयवगय यह समझ पाय तक भारतीय राजय का कशमीर पर कबज़ा और कशमीररयो पर कहर और आतक तकसी दसवपन स कम नही ह और एक आम मधयवगटीय भारतीय क तलए अकपनीय ह हालातक भारत का मज़दर वगय थोड़ी कोतशश करक इस जयादा आसानी स समझ सकता ह योतक राजकीय तहसा की तमाम ldquoअदशयrdquo अतभवयततयो स उसका सामना रोज़-ब-रोज़ होता ह

एक आम कशमीरी भयकर हालात म साल दर साल कद करक रखा गया ह और तो और सभी बतनयादी सतवधाओ स महरम रखकर कशमीरी कतव आगा शातहद अली न एक जगह तलखा था तक हर कशमीरी अपन घर का पता अपनी जब म रखकर चलता ह तातक कम स कम उसकी लाश घर पहच जाय यह ह कशमीर म तज़नदगी और मौत की हकीकत भारतीय सरका बलो दारा एनकाउटर तकया जाना या अगवा कर तलया जाना पलट बनदको दारा ननह मासम बचचो को अनधा बना तदया जाना वषयो तक जलो म तबना तकसी सनवाई क सड़न क तलए ोड़ तदया जाना रात म तकसी भी वक़त घरो क दरवाज़ो पर दसतक दकर ldquoप ताrdquo क बहान पतलसकतमययो और सनय बलो दारा उठा तलया जाना यातनाओ क नय तरीको क तलए lsquoतगनी तपगसrsquo की तरह इसतमाल तकया जाना सरकाबलो दारा औरतो क साथ कनान-पशपोरा जस सामतहक बलातकार क यदध अपराधो को अजाम तदया जाना ndash कशमीरी नौजवानो और आम कशमीररयो की तकतनी ही पीतढ़या तो भारतीय राजय का यही ldquoसौमयrdquo और ldquoमानवीयrdquo चहरा दखकर बड़ी हई ह और तफर इसी आबादी को बताया जाता ह तक अनचद 370 और 35 ए हटाकर उसी का भला तकया गया ह

आम तौर पर कशमीर को लकर भावक होन वाला भारतीय मधय-वगय िद नही जानता ह तक कशमीर क भारत क साथ समबनध का इततहास और पषठभतम या ह बाकी मज़दर वगय अपनी जीवन-तसथततयो और अतसततव की जदोजहद म उलझ होन क कारण और पजीवाद क अनतगयत इततहास और जान तक सहज पहच न होन की वजह स इस बात स अनतभज ह अनचद 370 और 35 ए वासतव म कशमीर क भारत क साथ समबनध को पररभातषत करन वाली भारतीय सतवधान की धाराए थी असल म अनचद 370 (तजसक तहत जमम-कशमीर को तवशष राजय का दजाय और सवायतता हातसल थी) और 35-ए (जो जमम-कशमीर राजय तवधान मिल को यहा का lsquoसथायी तनवासीrsquo (domicile) पररभातषत करक राजय म उनह तवशषातधकार परदान करन का हक दता था) क मोदी सरकार दारा 5 अगसत 2019 को तनरसत तकय जान

क साथ ही भारतीय राजय सता दारा कशमीरी जनता क साथ अब तक का सबस बड़ा तवशवास घात तकया गया जो 1948 क उस समझौत का सबस नगन तकसम का उलघन ह तजसक तहत कशमीर न भारत क साथ सशतय तवलय को सवीकारा था कशमीरी कौम इसी शतय पर भारत क साथ तवलय को राज़ी हई थी तक उसकी सवायतता बरकरार रहगी उसका अपना सतवधान और झिा होगा उसक अपन कानन होग आतद यानी इस तवशष तसथतत को ही अनचद 370 परकट करता था और भारत क साथ कशमीर क ररशतो को अतभवयत करता था अनचद 370 को रद करन क साथ ही कशमीर का वह सतवधान भी अपन आप ही रद हो गया कशमीर और भारत क बीच इस काननी करारनाम को एकतरफ़ा ढग स रद करन क साथ ही सदधातनतक तौर पर कशमीर का भारतीय यतनयन म एकीकरण भी तनषपरभावी हो गया 26 अतबर 1947 को तजन शतयो पर भारत म कशमीर का तवलय हआ था उनम स कशमीरी कौम स तकया गया परमख वायदा जनमत सगह या रायशमारी (referendumplebiscite) का था तजस भारतीय राजय न कभी परा नही तकया और दो साल पहल भाजपा सरकार न उनही शतयो की बतनयाद को घनघोर तनरकश तरीक स िाररज कर तदया

यह बात भी उतनी ही सच ह तक कशमीर क तवशष राजय क दजज का कोई जयादा मतलब लमब समय स नही रह गया था इततहास म कागस स लकर मौजदा फ़ासीवादी भाजपा तक की तमाम सरकारो न राषटीय दमन की नीतत को आग बढ़ात हए हमशा स कशमीर क आतमतनणयय क अतधकार को फ़ौजी बटो तल रौदा और कशमीरी जनता की आकाकाओ और नागररक अतधकारो म वक़त-ब-वक़त सधमारी की और अतधकतर समय वहा की जनता क भतवषय पर अतनतशचतता की तलवार ही लटकती रही ह चनाव की परी परतकरया भी कशमीररयो की नज़र म ldquoलोकततrdquo क सवाग स जयादा क नही ह लतकन इसक बावजद भी तवशष दजज का क मतलब था योतक जसा तक हमन पहल भी बताया तक यही व शतत थी जो भारत स कशमीर क समबनध को पररभातषत करती थी हालातक भारतीय राजयसता की कारगज़ाररया कशमीर की अवाम क अनदर लगातार अतवशवास और अलगाव को बढ़ावा दन का काम करती रही ह आज कशमीर म 7 नागररको क ऊपर एक सशसतरबल का जवान ह और कशमीर दतनया भर म सबस जयादा सनयकत कत ह

अनचद 370 हटान क पी मोदी सरकार का दावा था तक असल म यही कशमीर म ldquoदहशतगदटीrdquo की जड़ ह इसकी वजह स ही कशमीर का आतथयक

और सामातजक तवकास रका हआ था यह भी दावा तकया गया था तक कशमीर म इसक हटाय जान क साथ ही तसथरता आयगी आतकवाद ितम होगा रोज़गार का सजन होगा आतद-आतद लबबलबाब यह तक अब कशमीर म दध की नतदया बहगी योतक िन की नतदया बहाकर फ़ातससटो और भारतीय हमरानो को चन नही पड़ा था

कशमीर क तवशष दजज को ितम करन का वायदा मोदी सरकार न अपन चनाव घोषणापत म ही तकया था दरअसल कशमीर क बहान नरनदर मोदी और फ़ासीवादी भाजपा न तसफ़य अपनी राजनीततक lsquoकातसटटएनसीrsquo की ताततवक शततयो क समक ldquoतहनद हदय समाटrdquo की तमथया-तव को सदढ़ करन की कोतशश म ह बतक पर दश म ही कशमीर क सवदनशील राजनीततक औज़ार का इसतमाल करक अनधराषटवादी और तहनदतववादी सामपरदातयक बयार बहान की तफ़राक म भी ह इसक अलावा भारतीय शासक वगय क ऐततहातसक तवसतारवाद को आग बढ़ात हए कशमीर को भारत क पजीपतत वगय क तलए शरमशतत की लट और पराकततक समपदा क दोहन का खला चरागाह बनान का मसबा भी ह आपको याद होगा तक मोदी सरकार न तपल साल 5 अगसत की तारीि को इवट म तबदील कर ldquoकशमीर पर जीतrdquo क कतठत तवजयोनमाद क परदशयन क तदन क तौर पर मनाया था साथ ही साथ इस तारीि क नाम एक घतणत कारनामा और तकया गया था ndash वह था अयोधया म भतमपजन करक राम मतनदर तनमायण की आधार तशला रखना यानी कशमीर का मदा भारतीय फ़ातससटो को मखयभतम भारत म एक तीर स कई तनशान लगान का मौका दता ह

कशमीर स ldquoदहशतगदटीrdquo ितम तकय जान क दाव की सचचाई यह ह तक आज पहल स भी जयादा नौजवान हतथयार उठा रह ह और यह कही बाहर स परतशकण परापत करक आय हए ldquoआतकवादीrdquo नही ह बतक कशमीर क ही सथानीय नौजवान ह भारतीय राजय को इसस अलग तकसी और बात की उममीद करनी भी नही चातहए यह दशको स सतह क नीच लाव की तरह इकठा हआ अलगाव अतवशवास गससा और नफ़रत ही ह जो कभी इस तो कभी उस रासत स फटता ह और जो कशमीर क राषटीय मतत सघषय म सही तदशा और रणनीतत क अभाव म अनधी गतलयो म भटकता भी रहता ह इस साल जनवरी स अब तक 90 ldquoदहशतगदयrdquo सरका बलो क साथ गोलीबारी म मार गय ह इनम स लगभग सभी कशमीरी थ और क तो 14 साल तक क बचच थ हाल म ही कशमीर क गवनयर मनोज तसनहा न एक काययकरम म बशमटी क साथ

4 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 3 स आग)

भारतमीय राजय दारा कशमीरमी कौम क दमि क इस िय कदम स का बदल ह कशमीर क सरतहाल

सवीकारा भी तक कशमीररयो क तिलाफ़ ldquoििाrdquo इसतमाल करन म क भी गलत नही ह यह ह भारतीय राजयसता का असली चहरा

कशमीर क आतथयक तवकास क दाव की पोल इसी बात स खल जाती ह तक तपल दो सालो म जनजीवन बागबानी वयापार और पययटन उदयोग को गहरा आघात पहचा ह हज़ारो लोगो क हाथ स रोज़गार तन गया ह और जनता का जीवन जो पहल स ही तसत और परशानहाल था और गहर अधर म धकल तदया गया ह तपल दो सालो म काम-धनध ठप होन क कारण बक और अनय परकार क ऋण परापत लोगो क सामन लोन आतद चकान की एवज़ म अपनी ज़मीन तक बचन की नौबत आ रही ह या बको क दारा उनह ज़बत कर तलया जायगा बनद क दौरान कशमीर म इटरनट पर परी तरह स परततबनध रहा और लमब समय तक 2जी सपीि ही चलती रही इस साल फ़रवरी म जाकर 4जी इटरनट सवाए परी तरह स बहाल की गयी थी यह भारतीय राजय दारा इसीतलए तकया गया था तक कशमीर म तकसी तकसम का कोई परततरोध सगतठत न हो पाय और भारतीय राजयसता दारा की जा रही जयादततया दतनया क सामन न ज़ातहर हो इटरनट की सतवधा न होन क कारण सकल-कॉलज क ात-ाताओ को िासी तदकत पश आयी कई ात तो ज़ररी इतमतहानो म भी नही बठ पाय इटरनट बनद होन क कारण ही झलम म खनन समत तवतभनन सरकारी तवभागो क टिर गर-कशमीरी उदयोगपततयो क हाथ म चल गय यह भी सीध तौर पर कशमीर क राषटीय दमन का तहससा ही ह बनद की आतशक समातपत क बाद जन-जीवन क पटरी पर आन ही लगा था तक लोगो पर कोरोना महामारी और लॉकिाउन का कहर टट पड़ा वस तो मोदी सरकार की आपरातधक लापरवाही और नाकातबतलयत न पर भारत की ही महनतकश जनता क जीवन को सकट म िाल तदया लतकन पहल स ही परशान हाल कशमीरी अवाम पर आपदा का भार और भी अतधक पड़ा ह

तफर तपल साल ही कनदर सरकार दारा जारी राजपत म जमम-कशमीर पनगयठन आदश 2020 अतधवास अतधतनयम क अनतगयत कशमीर क lsquoिोतमसाइलrsquo तनयमो म बदलाव तकय गय अब जमम-कशमीर म 15 वषय रहन वाल अथवा 7 साल की अवतध तक राजय म पढ़ाई करन वाल (जो कका 10वी या 12वी म जमम-कशमीर म तसथत तकसी शकतणक ससथान म उपतसथत रह हो) यहा क सथायी तनवास परमाण पत या lsquoिोतमसाइलrsquo क अतधकारी होग इसक अलावा कनदर सरकार क तहत काम कर रह उन कमयचाररयो क बचच भी अतधवास या lsquoिोतमसाइलrsquo क योगय होग तजनहोन 10 साल तक राजय म सवाए दी हो मोदी सरकार दारा अन द 370 और 35ए को तनरसत करन क बाद

यह अतधतनयम उस की तातकय क पररणतत ही ह तजस ल-कपट और सातज़शाना तरीक स मोदी सरकार दारा 5 अगसत 2019 की धोखाधड़ी को अजाम तदया गया था हबह उसी तरीक स 31 माचय 2020 का िोतमसाइल समबनधी यह अतधतनयम लाया गया था

इसक बाद कशमीर क कई महतवपणय परान काननो को कनदर सरकार दारा तपल साल अतबर म मनमान ढग स रद कर तदया गया तजसम कशमीर म ज़मीन-समबनधी मातलकान क काननो म बदलाव परमख ह आपको याद होगा तक अनचद 370 क हटाय जान पर एक तवतकपत तकसम का उनमाद सतघयो म दखन को तमला था जब उनक दारा भारत क लोगो को कशमीर म ज़मीन िरीदन क सपन तदखाय जा रह थ और कशमीरी औरतो स शादी करन की घतटया सतरी-तवरोधी मनोरोगी सोच की खलआम फ़ातससट मदयवादी नमाइश की जा रही थी वासतव म भारत की आम महनतकश-मज़दर आबादी तजस भारत म ही तसर क ऊपर त मययसर नही ह वह कशमीर म या िाक ज़मीन िरीदगी यह बदलाव वासतव म भारतीय पजीपतत वगय क तलए ही तकय गय ह तजनक तलए अब तक य कानन पजी तनवश और ज़मीन िरीदन म बाधा पदा करत थ गौरतलब ह तक टाटा ररलायस समत 40 कमपतनयो न जमम-कशमीर म आईटी सटर रका पययटन कौशल तवकास तशका नवीकरणीय उजाय आततथय और अवसरचनागत उदयोग बागबानी आतद उदयोगो म पजी-तनवश करन म तदलचसपी तदखायी ह

कशमीर की सवायतता को अतभवयत करन वाल जो रह-सह काननी अतधकार थ उनह भी मोदी सरकार दारा ितम कर तदया गया अपनी पजी-परसत तवसतारवादी नीतत को अमली जामा पहनात हए अब नय काननी बदलावो क तहत पजीपततयो को खल हाथो स ज़मीन दन क काम की शरआत कर दी गयी ह अतबर 2020 म जमम-कशमीर कनदर शातसत परदश पनगयठन (कनदरीय काननो का अनकलन) तीसरा आदश 2020 (Union Territory of Jammu and Kashmir Reorganization (Adaption of Central Laws) Thirdorder 2020) और जमम-कशमीर पनगयठन (राजय काननो का अनकलन) पाचवा आदश 2020 (Jammu and Kashmir Reorganization (Adaptation of State Laws) Fifth Order 2020) क तहत अब पर जमम-कशमीर म ज़मीन की िरीद-फ़रोखत को सार भारतीयो (यानी पजीपततयो) क तलए खोल तदया गया ह

कशमीर तजन रतिकल भतम सधारो क तलए जाना जाता था उनह तवतधक रप दन वाल काननो को हटा तदया गया ह योतक य कानन बड़ भतम अतधगहण को रोकत थ साथ ही साथ भारतीय सना को यह अतधकार द तदया गया ह

तक अपनी मज़टी क तहसाब स वह जहा चाह ज़मीन ल सकती ह और सरकार को भी यह अतधकार द तदया गया ह तक वह कशमीर म मौजद कोई भी ज़मीन और समपतत औदयोतगक और पजी तनवश क तलए ल सकती ह यह आदश राजय क 12 काननो को तनरसत करत ह और उसक बदल 14 काननो को लाग करत ह लतकन वासततवकता म य आदश कशमीररयो क बच-खच अतधकारो पर भी िाका िालन का काम करत ह नय काननी सशोधनो क तहत अब खततहर ज़मीन का गर-कतष इसतमाल क तलए आसानी स उपयोग तकया जा सकगा ररयल एसटट उदयोग म तनवश को बढ़ावा दन क तलए ररयल एसटट (रगयलशन एि िवलपम ट) एट का कनदरीय कानन कशमीर म भी लाग कर तदया गया ह इन नय बदलावो क तहत सामररक उपयोग क तलए तकसी भी ज़मीन का अतधगहण सना दारा तकया जा सकगा दरअसल य काननी बदलाव कशमीर और कशमीरी समाज की समसत सरचना को बदलन की तनगाह स ही मोदी सरकार दारा लाग तकय जा रह ह

इसक अलावा एक अनय आदश क तहत ldquoपतथरबाज़ोrdquo को पासपोटय क तलए अनापतत पत नही तदया जायगा जमम-कशमीर-पतलस क सीआईिी तवग न इस साल 31 जलाई को एक तनदजश जारी कर कहा ह तक सरकार या राजय क तिलाफ़ ldquoधवसातमक काययrdquo म तलपत लोगो को न तो पासपोटय क तलए सरका अनापतत तमलगी और न ही सरकारी सवाओ और योजनाओ का लाभ तमलगा इस आदश क तहत सभी तवभागो को तनतदयषट तकया गया ह तक पासपोटय या अनय सरकारी योजनाओ क तलए आन वाल हरक आवदन की ठीक स जाच-पड़ताल की जानी चातहए और सतनतशचत तकया जाना चातहए तक कही आवदक तकसी ldquoराजय-तवरोधीrdquo गतततवतध म तो सतलपत नही ह या उसक तिलाफ़ पतथरबाज़ी या तकसी अनय अपराध का कोई मकदमा तो दजय नही ह

अब थोड़ी चचाय कशमीर क मौजदा राजनीततक नततव पर भी कर लत ह 5 अगसत को मखयधारा क तजन राजनीततक नताओ को नज़रबनद या तगरफतार कर तलया गया था उनम स अतधकाश को तपल साल अटबर तक ररहा कर तदया गया उसक बाद ही 15 अटबर 2020 को नशनल कानफ स पीिीपी सीपीएम और अनय सथानीय दलो न तमलकर ldquoगपकर गठबनधनrdquo का गठन तकया तजसका कतथत उदशय अनचद 370 और कशमीर क पणय राजय क दजज की बहाली ह तदसमबर 2020 म फ़ौजी बटो व बनदको क साय तल हए तज़ला तवकास काउतसल क चनावो म गपकर अलायनस को कल 278 सीटो म स 110 पर जीत हातसल हई थी जबतक भाजपा 75 सीटो क साथ सबस बड़ी पाटटी और वोट शयर क मामल म भी सबस बड़ी पाटटी बनकर उभरी थी यह कशमीर का तवशष दजाय ितम तकय जान क बाद क पहल चनाव

थ भारतीय मीतिया म मतदान परततशत को लकर काफ़ी शोरगल मचाया गया तक यह 51 परततशत था सचचाई यह ह तक यह आकड़ा जमम और कशमीर दोनो को तमलाकर परसतत तकया गया ह जमम म मतदान परततशत जयादा होन क कारण मतदान को बढ़ा-चढ़ा कर पश करना आसान भी था कशमीर क जयादातर इलाको म मतदान परततशत 20 फ़ीसदी भी नही था इसक साथ ही गपकर गठबनधन की चनावो म जीत भी एक भामक तसवीर पश करती ह इन ldquoमखयधाराrdquo की पातटययो और उनक नताओ का कशमीरी अवाम म कोई आधार अब बचा नही ह और इनह भारतीय राजय क एजट क तौर पर ही जाना जाता ह

तफर इस साल 24 जन को गपकर परतततनतधयो को मोदी सरकार दारा वाताय क तलए तदली बलाया गया था यहा नरनदर मोदी न अपनी तचर-पररतचत डामबाज़ी क ज़ररए ldquoतदल की दरीrdquo और ldquoतदली की दरीrdquo जस अथयहीन जमलो पर अतभनय कर अहकारोनमादी तकरदार तनभाया इन समझौतापरसत अवसरवादी नताओ न अच सकली बालको की तरह मोदी जी क ldquoमन की बातrdquo सनी भी यही नही तफर साथ म फोटो भी तखचवायी मोदी सरकार दारा की गयी वाताय म सरकार दारा कहा गया ह तक वह पहल lsquoिीतलतमटशनrsquo की परतकरया परी करगी यानी लोकसभा और राजयसभा क चनाव तनवायचन मिलो का पनतनयधायरण करगी इसक बाद चनाव करवायगी और कशमीर को राजय का दजाय उसक बाद ही तदया जायगा वही गपकर गठबनधन का कहना ह तक पहल राजय का दजाय तदया जाय इनम स कक अनचद 370 और 35ए को पहल बहाल तकय जान की बात कर रह ह और उसक बाद ही चनाव करान की बात कर रह ह

यह कशमीर का बचचा-बचचा भी जानता ह तक उमर अबद ला स लकर महबबा मफती जस इन तमाम नताओ न अपनी कौम और उसक सघषय स गदारी करक भाजपा क साथ सता की सज तक सजायी ह और आम तौर पर भी भारतीय राजय की कठपतली बनकर ही काम तकया ह यह कशमीररयो क कौमी सघषय क सचच नमाइनद तो आज कतई नही कहलाय जा सकत ह नशनल कॉनफ स तो अब यह तक कह रही ह तक अनचद 370 को बहाल करन की माग अब यथाथयवादी नही ह यह तदखला दता ह तक मागो का तकततज और एजिा भारतीय राजय और मोदी सरकार दारा तय तकया जा रहा ह

जहा तक हररययत कानफ स व अनय अलगाववादी सगठनो का परशन ह तो 5 अगसत 2019 क बाद क घटनाकरम स यह भी सपषट हो गया ह तक इन सबकी भी कोई तवशष साख कशमीरी अवाम क बीच रह नही गयी ह आम तौर पर कशमीर म चनाव बतहषकार का आहान करन वाल इन सगठनो न इस बार उपरोत चनावो का बतहषकार भी नही

तकया था ताज़ा िबरो क अनसार मोदी सरकार हररययत कानफ स क तवतभनन धड़ो पर यएपीए क दमनकारी काल कानन क तहत परततबनध लगान पर तवचार कर रही ह इतना साफ़ ह तक मौजदा राजनीततक नततव स आम कशमीररयो का मोहभग हो चका ह और उनस कोई उममीद भी बाकी नही रही ह

तो या इन दो सालो म कशमीर या कशमीररयो क हालात बदल तबकल नही बतक इस बीच कशमीर म भारतीय राजयसता क दमन और आतक राज म और अतधक इज़ाफ़ा हआ ह पलट गनस और बनदको स बचचो और नौजवानो को लगातार तनशाना बनाया जा रहा ह तातक दहशत और िर क माहौल को बरकरार रखा जा सक मानवातधकारो को दि-मतत क साथ सरका बलो दारा रौदा जा रहा ह आफसपा और पीएसए जस काल दमनकारी काननो क साय म आम कशमीरी लोग जी रह ह आय तदन घरो पर ाप पड़ रह ह आम नागररको तवशष तौर पर नौजवानो को शक क आधार पर जलो म िाला जा रहा ह कशमीर भारतीय राजय क राजकीय दमन तहसा और अभतपवय सनयकरण क चकरवयह म आज भी फसा ह

लतकन इततहास भी बताता ह तक तकसी भी कौम की आकाकाओ को कचल कर बड़ी स बड़ी सनय ताकत भी चन स नही बठ पायी ह तारीि गवाह ह तक फ़ौजी बटो और बनदको क दम पर तकसी ोट स इलाक की भी परी आबादी को लमब समय तक दबा कर नही रखा जा सकता ह सतह क नीच पनप रहा परततरोध सतह क ऊपर आता ही ह तकसी भी कौम को ज़बरन उसकी इचा क तवरदध अपनी सीमाओ म शातमल करक कोई भी दमनकारी शासक वगय उस कौम की आज़ादी की इचा का गला हमशा क तलए नही घोट सकता

आज भारत क मज़दर वगय और बहसखयक महनतकश आबादी को भी यह समझना होगा तक कशमीर महज़ कागज़ पर बना कोई नक़शा या ldquoभारत माता का मकटrdquo नही ह जसा तक आम तौर पर राषटवाद क नाम पर हमार-आपक बीच भी शासक वगयो दारा परचाररत तकया जाता ह कशमीर सबस पहल कशमीररयो का ह और अपन भतवषय का फ़सला हर कौम िद करती ह आज भारत क मज़दर वगय और इनसाफ़पसनद तरक़कीपसनद तबदीलीपसनद नागररको और ातो-नौजवानो को सघषयरत कशमीरी कौम क आतमतनणयय क अतधकार क जनवादी सघषय क साथ एकता सथातपत करनी होगी यह बात भी समझनी होगी तक कोई भी जनता यतद अपनी राजयसता दारा तकसी कौम क दमन पर मौन रहगी तो वह िद भी अपन शासको दारा गलाम बनाय जान क तलए अतभशपत होगी अनधराषटवाद और सामपरदातयकता की लहर म बहन की बजाय ठि तदमाग स इन बातो पर सोचन की ज़ररत ह

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 5

ददलमी क lsquoमासटरोrsquo क पाि म गरमीब महितकश आबादमी कहा हndash भारत

तदली को दतनया का सबस समाटय शहर बनान क तलए िीिीए दारा बीत महीन मासटर पलान 2041 पश तकया गया तदली को आधतनक और तवकतसत शहर बनान क तलए यह चौथा मासटर पलान ह इसस पहल 1962 2001 और 2021 तक तदली म अलग-अलग मासटर पलान लाग हो चक ह िीिीए का मासटर पलान पयायवरण को बहतर बनान पररवहन को सतवधाजनक बनान तथा आधारभत सरचना को मज़बत बनान की बात पर ज़ोर दता ह

पर सबस अहम सवाल यह उठता ह तक आतिर िीिीए क 2041 मासटर पलान म तदली की महनतकश आबादी क तलए या ह इसका जवाब ह ndash क नही

मासटर पलान का मतलब ह चमचमाती हई तदली जहा बड़ी-बड़ी इमारत हो मॉल हो सड़क हो मटो हो जो हर तकसी को अपनी ओर आकतषयत कर सक पर मासटर पलान म तदली म रहन वाली महनतकश आबादी जो तदली को चलाती ह कारिानो स लकर कोतठयो तक म काम करती ह जो झतगगयो म रहती ह जो रहड़ी-खोमचा लगाती ह लबर चौक पर खटकर अपना पट पालती ह जो बघर ह उनका कोई तज़कर तक नही ह उनह तलट म ही रख ोड़ा ह और उनक तलए चमचमाती दतनया की इस समाटयतसटी म कोई जगह नही ह तसवाय इसक तक व अपनी ही लाशो क ढरो क ऊपर अमीरज़ादो की इस चमचमाती दतनया को खड़ा कर और खड़ा करन क बाद इस सवगय स तवदा होकर शहर की पररतधयो पर बसी अपनी गनदी झगगी-बतसतयो म वापस लौट जाय

तपल मासटर पलान की अगर बात

कर तो उसका मकसद भी यही था तक महनतकश आबादी को तदली स कस बाहर फ क तदया जाय उनह सपषट कर तदया जाय तक तवकतसत होती तदली म उनक तलए कोई जगह नही ह मासटर पलान 2001 क दौरान तदली क कई इलाको स झतगगयो को तोड़ा गया और तदली क अलग-अलग तकनारो पर फ क तदया गया योतक य झतगगया ऐस इलाको क आसपास बसी थी जहा अमीर रहत ह दसरी तरफ़ तदली क कनदर स औदयोतगक कनदरो को भी हटाकर तदली क ोर पर औदयोतगक कत सथानानतररत तकया जा रहा था जहा मज़दरो की भी ज़ररत थी इस कारण स भी तदली क अलग-अलग इलाको स हज़ारो झतगगयो को तोड़कर उनह नरला पीरागढ़ी बवाना क आस-पास बसाया गया जो तक औदयोतगक इलाक ह गौरतलब ह तक तजतनी झतगगया तोड़ी गयी उसम स बहत ही कम को पनवायस तदया गया एमसीिी क 2007 क एक सवज क अनसार 1990 क बाद स 2007 तक 217 झगगी बतसतयो को तोड़ा गया तजसस करीब 65000 पररवार परभातवत हए (याद रख यह सरकारी आकड़ा ह असल सखया इसस कही जयादा ह) इसस ही पता चलता ह तक 2001 और 2021 क मासटर पलान म गरीबो क तलए या था आज तवकतसत तदली का दम भरा जा रहा ह और महनतकशो को और अतधक अधर म फ का जा रहा ह आपको याद ही होगा तक जब 2010 म तदली म राषटमिल खल हए थ तब भी तदली को आलीशान बनान क नाम पर लोगो को बघर तकया गया था उस समय करीब ढाई लाख लोग तसफ़य इसतलए बघर हए थ तातक बाहर दश स आय लोगो को तदली lsquoसबस अचा फ़सटय लासrsquo शहर लग सक

तदली क एलजी अतनल बजल

न लोगो स िीिीए मासटरपलान 2041 क परसताव को बहतर बनान क तलए सझाव माग करीब 40000 सझाव आय भी पर महनतकश आबादी क तलए या उनस कोई बात नही की गयी तदली क असगतठत कत म करीब 50 लाख स भी जयादा लोग काम करत ह जो तक तदली की काययकमता का 70 परततशत ह इनम स तसफ़य ोट व मझोल कारिानो म काम करन वाल मज़दरो की सखया लाखो म ह हालातक पजीकत कारिानो और मज़दरो की सखया सरकार बहद कम करक 1 लाख बताती ह इसम 2 लाख कड़ा बीनन वाल स लकर 5 लाख घरल कामगार तक ह इतनी बड़ी आबादी क तलए मासटर पलान म क नही ह कहन क तलए िीिीए आधारभत सरचना को मज़बत करन की बात कर रही ह वही दसरी तरफ़ 2011 क आकड़ो क मतातबक तदली की ज़मीन क 05 परततशत तहसस पर 20 लाख लोग यानी तदली की 108 परततशत आबादी रहती ह जो तक झगगीवासी ह य दस साल पहल का आकड़ा ह सोतचए अब उतन ही तहसस म करीब 30 लाख आबादी तो रहती ही होगी इनको बहतर ररहायश दना तदली क मासटर पलान का तहससा नही ह उनक तलए बड़ी समसया पातकि ग की ह तजसका तज़कर िीिीए न अपनी 400 पननो की ररपोटय म तकया ह पर एक गाड़ी की पातकि ग तजतनी जगह पर लोग पररवार सतहत रहत ह इसक बार म कोई ठोस योजना नही ह

अब बात करत ह तक या िीिीए स उममीद की जा सकती ह तक वह अपनी योजना म तदली की महनतकश आबादी को शातमल करगी पहल ही सपषट कर द नही

िीिीए को कनदर सरकार सचातलत करती ह और आज जो फ़ातससट सता

म बठ ह वह एक-एक करक लोगो का िन तनचोड़कर अपन मातलको की सवा म करन यकीन रखत ह कहन क तलए तो मोदी सरकार न बड़-बड़ वायद तकय तक lsquoजहा झगगी वहा मकानrsquo और ना जान तकतन वायद जो अगर तलखन बठ जाय तो कई तदन कम पड़ जायग इसतलए चाह दश हो तदली हो या िीिीए य तवकास क नाम पर तसफ़य तवनाश करन म मातहर ह इसी की एक बानगी अभी खोरी गाव म दखन को तमली जहा पयायवरण को बचान क नाम पर क ही तदनो क भीतर 10-20 हज़ार झतगगयो को तोड़ तदया गया पर उसी जगह पर बस बड़-बड़ आलीशान होटलो को ोड़ तदया गया

दसरी तरफ़ कजरीवाल भी राग अलाप रहा ह तक िीिीए हमार हाथ म नही ह होती तो हम गरीबो को भी साथ लत पर इस lsquoसाफ़-सथरrsquo वयापाररयो-मातलको क परोकार की सचचाई क और ही ह इसन भी तदली की सता म आन क बाद स तसफ़य मातलको और उनक दलालो को ही lsquoआम आदमीrsquo मानकर उनका ही तवकास तकया ह मज़दर-महनतकश आबादी आज भी तदली क अनदर बतनयादी सतवधाओ स वतचत ह घरल कामगारो स लकर असगतठत कत क मज़दर अभी तक शरम कानन क दायर म नही आय ह और जो मज़दर कारिानो म खटत ह वहा कोई शरम कानन लाग नही होता जबतक यह नौटकीबाज़ कजरीवाल क हाथ म ह यहा तक तक आम आदमी पाटटी क नताओ म ही ोटी और मझोली फ़तटयो क मातलक और वयापारी भर हए ह ज़ातहर ह ऐस म आम आदमी पाटटी क तलए lsquoआम आदमीrsquo भी ोटा मातलक ठकदार और वयापारी ही हो सकता ह लाखो-लाख आम महनतकश-मज़दर आबादी नही

ऐस म हम समझना होगा तक सरकारो और उनकी ससथाओ क तलए हमशा तवकतसत शहर का मतलब तसफ़य अमीरो और उनकी आवशयकताओ की पततय करन स ह न तक महनत करन वाल लोगो क जीवन म बहतरी स इसीतलए िीिीए न भी अपना मासटर पलान महनतकशो की पीठ पर पर रखकर उनह नीच दबाकर खड़ा तकया ह तातक 2041 म तदली म कोई गरीब न तदख पर सचचाई यह ह तक तदली दश और दतनया को जो महनतकश चलात ह उनह हमशा दबाकर नही रख सकत आज तदली क महनतकश-मज़दरो को अच स समझ लना चातहए तक उनक दशमन कौन ह तनतशचत तौर पर मोदी सरकार एक फ़ासीवादी सरकार होन क नात मज़दरो और गरीबो की सबस बड़ी दशमन ह लतकन कजरीवाल भी ोटा मोदी बनन क परयास म आरएसएस का कचा पहन चका ह और मज़दरो को सबस जयादा बरहमी स लटन वाल ोट मातलको ठकदारो-जॉबरो और वयापाररयो का नमाइनदा ह कागस सवय बड़ पजीपततयो की ही नमाइनदगी करती ह लतकन मोदी सरकार दारा नगई और बशमटी स पजीपततयो की सवा करन क कारण वह तफ़लहाल भारतीय राजनीतत म पहल क मकाबल क अपरासतगक तदख रही ह य सभी पजीवादी चनावी पातटयया पजीपतत वगय क ही अलग-अलग तहससो की नमाइनदगी करती ह और उनस हम मज़दर-महनतकश कोई भी उममीद रखकर िद को ही मखय बनायग हम ज़ररत ह तक हम अपना सवतत राजनीततक तवकप खड़ा कर यानी मज़दरो-महनतकशो की अपनी नयी इनकलाबी पाटटी मासटरो क पलान तब धर क धर रह जायग और अपनी दतनया और अपन शहर की पलातनग हम िद कर लग

मिरगा मज़दरो क बजट को खातमी अफसरशाहमीndash रमि कराबतिकारमी मिरगा मज़दर यनियि हररयारा

महातमा गाधी राषटीय रोज़गार गारटी कानन यानी मनरगा की शरआत 2005 म हई थी इस योजना को शर करन का कागस का मकसद था तक गाव स शहर की ओर पलायन करती आबादी को तकस तरह स गाव म ही रोक रखा जाय और सामातजक असनतोष को फटन स रोका जा सक इसक तलए उनहोन 100 तदनो क पक रोज़गार क नाम पर मनरगा सकीम चाल की थी आज जब बरोज़गारी अपन चरम पर ह तो एक बहत बड़ी आबादी बरोज़गार होकर मनरगा म रोज़गार पान क तलए मशक़कत करती रहती ह तक उनह मनरगा म तो काम दर-सवर थोड़ा बहत तमल जाता ह

अगर हम बात कर हररयाणा क कथल तज़ल की कलायत तहसील की तो यहा पर भी मनरगा का जो काम ह वह सभी मज़दरो को नही तमलता असल म सरकारी दावो की बात कर तो मनरगा कानन 2005 कहता ह तक इसका मकसद ह गामीण कतो म तपी बरोज़गारी को कम करना यानी इस कानन क तहत 1

वषय म एक पररवार क वयसक सदसयो को 100 तदन क रोज़गार की गारटी दी जायगी रोज़गार क पजीकरण क 15 तदन क भीतर काम दन और काम ना दन की सरत म बरोज़गारी भता दन की बात कही गयी ह मनरगा क तहत नयनतम मज़दरी भी अलग-अलग राजयो क तहसाब स तय की गयी हरर याणा म अभी तफलहाल 315 रपय तदहाड़ी तय की गयी ह लतकन इसक तहत काम तमलता ही काफ़ी कम तदन ह वही हम बजट की बात कर तो तवत वषय 2021-22 क बजट म तनमयला सीतारमण न मनरगा क तलए 73000 करोड़ रपय का परावधान तकया ह यतद इसकी तलना बीत तवत वषय क सशोतधत बजट क आबटन 111500 करोड़ रपय स की जाय तो यह करीब 3452 फ़ीसदी कम ह बजट कम होन का सीधा मतलब शरम तदवस क कम होन और रोज़गार क अवसरो म कमी स भी ह साथ ही इस बजट का एक बड़ा तहससा भी अफ़सरशाही की जब म चला जाता ह

हमन करातनतकारी मनरगा मज़दर यतनयन क बनर तल 10 साल स गाव म

बनद पड़ काम की तफर स शरआत की थी काम तो साल म 25 स 30 तदन ही तमला मगर इस दौरान हमन मनरगा म हो रह भषटाचार को भी काफ़ी नज़दीक स दखा मनरगा ऑतफ़स क अतधकाररयो की क गाव तवशष क मटो क साथ साठ-गाठ हो जाती ह और तफर मनरगा का जयादातर काम उन गावो को तमलना शर हो जाता ह तजनक मटो क साथ उनका गठजोड़ बनता ह मनरगा म जो आबादी काम करती ह उसक नाम क साथ-साथ ऐस नाम भी वकय रो की तलसट म शातमल तकय जात ह जो मनरगा म काम करन नही आत उनका तसफ़य कागज़ो म नाम चलता ह और जो पसा आता ह उसका बड़ा तहससा अतधकाररयो तथा थोड़ा-बहत तहससा उन फ़ज़टी मज़दरो की जब म चला जाता ह और यह तसलतसला जारी रहता ह एक ओर मज़दर काम क तलए मनरगा तवभाग क चकर लगात रहत ह और दसरी ओर मनरगा का जो बजट मज़दरो क तलए तय हआ ह वह अतधकाररयो की जबो म जाता रहता ह इस भषटाचार क ऊपर रोक लगाना वस तो तकसी एक आदमी क बस की बात नही मगर इसको

रोकन क तलए करातनतकारी मनरगा मज़दर यतनयन क साथी लगातार गाव-गाव म मनरगा मज़दरो की कमतटयो का गठन कर रह ह और इन कमतटयो म जो मज़दर शातमल ह उनको मनरगा तवभाग स जड़ हए कागज़ी काम भी तसखाय जात ह जस तिमाि भरना मसटररोल भरना यह पता करना तक तकतन लोगो का काम आया ह तकतन लोग काम पर जात ह तकसी की फ़ज़टी हातज़री तो नही भरी जा रही आतद इन सभी कामो क तलए परतशतकत करन का काम भी तकया जाता ह और जो भी कागज़ी काम होता ह उसको वहाटसएप क माधयम स हर मज़दर क समपकय म लकर आन का काम भी तकया जाता ह ऐसा करन स मज़दरो म आतमतवशवास बढ़ता ह और साथ ही साथ हर मज़दर काम क परतत तनगरानी और तज़ममदारी को भी समझना शर कर दता ह

यतनयन क अनदर जनवाद की बहाली क तलए सभी फ़सल सामतहकता म तलय जात ह और मट का चनाव भी मज़दरो क बीच म स ही िद मजदर करत ह साथ ही मनरगा मज़दरो की यतनयन पाठशाला भी हर हफत चलायी जाती ह

तजसम मज़दरो को तसफ़य आतथयक मागो पर न गोलबनद करत हए बतक उनह समाज पररवतयन की समच मज़दर वगय की लमबी लड़ाई क तलए भी राजनीततक तौर पर तशतकत-परतशतकत तकया जाता ह मज़दर वगय क नता लतनन न टि यतनयन को मज़दरो की पहली पाठशाला कहा ह उनका मतलब यही था तक अगर कोई यतनयन मज़दरो की असल लड़ाई को लड़ रही ह तो वह मज़दरो की आतथयक मागो को लकर लड़न क साथ-साथ उनक राजनीततक सतरोननयन का काम भी करगी मज़दरो की असल यतनयन वही होती ह जो मज़दरो म उनकी आतथयक मागो स राजनीततक मागो की तरफ़ बढ़न की समझ और साहस पदा करती ह हम सभी जानत ह तक हमार दश म जातत व धमय की तकतनी गहरी जड़ ह मज़दरो की असल लड़ाई लड़न वाली यतनयन इन जातत-धमय की दीवारो पर चोट करन क साथ-साथ मज़दरो म वगय एकजटता पदा करन का काम करगी तातक हर जातत-धमय स आन वाल मज़दरो म सवयहारा चतना पदा की जा सक

6 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

निमाषर मज़दर की करणट लगि स मौत मआवज़ की माग करि वालो को पललस ि भजा जलथा तो वह तबजली का करट लगन क कारण तगर गया दसर मज़दरो न तबजली क तार को हटाया व तरण को दखा तथा इसकी िबर सफटी ऑतफ़सर को दी मज़दर को पास क असपताल आरोगय हॉतसपटल ल जाया गया जहा पर िॉटरो न मज़दर तरण को मत घोतषत कर तदया

मालदा क मज़दरो क मशी अनप मिल जो िद मालदा पतशचम बगाल का रहन वाला ह न बताया तक िॉटरो न उस बताया तक तरण की मौत हो चकी ह तो उसन इस घटना क बार म उसक पररवार को सतचत तकया उसक बाद पतलस मतक मज़दर का शव पोसटमाटयम क तलय ल गयी

अनप मिल न बताया तक अगल तदन 10 अगसत को एटीएस मनजम ट न मतक तरण क पररवार को 450 लाख का चक 50 हज़ार कश व मतक क शव को उसक घर पतशचम बगाल ल जान क तलए एमबलस की वयवसथा की और पोसटमाटयम क बाद व लोग अपन घर मालदा पतशचम बगाल लौट गय

मतक मज़दर तरण क साथ काम करन वाल मालदा क एक मज़दर चनदन न बताया तक अगल तदन 10 अगसत को मज़दरो न कमपनी मनजम ट स प ा तक मतक मज़दर का शव कब तक आयगा तो बताया गया तक 11 बज पोसटमाटयम होगा उसक बाद पता चलगा मज़दरो न माग की तक मतक मज़दर क मत शरीर को यहा पर लाया जाय तथा उसक पररवार को 15 लाख की आतथयक मदद दी जाय मज़दर शाम तक बठ रह पतलस की जीप आन पर 5 बज क बाद कमपनी की तरफ़ स बताया गया तक मतक क पररवार की सभी मागो को परा कर मतक की बॉिी को उसक पररवार क साथ पतशचम बगाल भज तदया गया ह मज़दर समझ गय तक उनह झासा तदया जा रहा ह तातक वहा स वापस भजा जा सक इसस मज़दर आकरोतशत हो गय और एटीएस क ऑतफ़स म घस गय व उनहोन पतलस को भी खदड़ तदया इसक बाद रात म 12 बज पतलस बड़ी सखया म आयी और मज़दरो की झतगगयो म ज़बरन घस कर

मज़दरो को बहत मारा-पीटा व बहत स मज़दरो को उठा कर ल गयी तजनम स 25-30 को जल भज तदया जल जान वालो म बहत स ऐस मज़दर ह जो घटना क समय वहा पर उपतसथत भी नही थ

इस घटना क बाद स बहत स मज़दर वापस अपन घर लौट गय ह जो मज़दर अभी वहा पर ह उनको भी काम पर नही तलया जा रहा ह इसक बार म प न पर एटीएस मनजम ट न बताया तक मज़दरो का वररतफ़कशन तकया जा रहा ह इसतलए अभी काम रोक तदया गया ह तजन मज़दरो का वररतफ़कशन हो जायगा उनको काम पर रख तलया जायगा

यह ऐसी अकली घटना नही ह जब काम क वक़त होन वाल हादसो म मज़दरो की मौत होती ह हमार य भाई-बहन मातलको कमपतनयो ठकदारो क मनाफ़ की भट तसफ़य इसतलए चढ़ जात ह योतक काययसथल पर उनकी सरका क उतचत इनतज़ाम नही तकय जात ह उसक बाद जब मातलको की मनाफ़ािोरी क कारण की गयी इस लापरवाही की भट मज़दर

ndash सममतनोएिा गटर नोएिा वसट म एटीएस

तबिर की तनमायणाधीन तबतिग म काम कर रह एक मज़दर की तबजली का करट लगन क कारण मौत हो गयी तजसक बाद मज़दरो न मतक मज़दर साथी क पररवार को आतथयक मदद दन की माग की इनम स अगआ मज़दरो को तोड़फोड़ करन का आरोप लगाकर जल भज तदया गया ज़ातहर ह पतलस परशासन परी तरह स तबिर की जब म ह योतक मज़दरो न क भी नाजायज़ नही मागा था

मतक मज़दर तरण वास पतशचम बगाल क मालदा का रहन वाला था उसकी उम मात 19 वषय की थी अभी 2 माह पहल वह पतशचम बगाल स नोएिा आया था यहा पर पहल स काम कर रह मालदा क मज़दरो क साथ एटीएस म काम कर रहा था तरण क साथ काम करन वाल दसर मज़दरो न बताया तक रोज़ाना की तरह 9 अगसत को हम सब काम कर रह थ शाम क लगभग 4 बज तरण जब एक मशीन का तार समट रहा

चढ़ जात ह तो उनह उतचत काननी मआवज़ा भी नही तदया जाता और अगर मज़दर अपन मत साथी क तलए इनसाफ़ की माग करत ह तो पजीपततयो की जब म बठी पतलस उनह मारती-पीटती ह और उनह जलो म िाल तदया जाता ह लतकन मातलक पर कोई कारयवाई नही होती वस भी ऐसी दघयटनाओ क तलए बस मआवज़ की वयवसथा ह काननी तौर पर भी मातलक को इस परकार की जानलवा लापरवाही क तलए कभी जल नही भजा जाता या एक मज़दर की जान को कवल रपयो म तौला जा सकता ह लतकन यतद मज़दर अपनी जायज़ मागो को उठात ह तो उनपर लातठया बरसायी जाती ह और उनह सलाखो क पी धकल तदया जाता ह नोएिा की इस घटना न एक बार तफर मौजदा मनाफािोर और कफ़नखसोट पजीवादी वयवसथा की कलई खोल दी ह जब तक हम एकजट और सगतठत नही होत तब तक हमार साथ ऐसा ही सलक होता रहगा

बाढ़ बशमष सरकार और सवदिहमीि रिशासि का कहर झलतमी जितादारागज राजापर अशोक नगर आतद तथा गगा क तकनार बस इलाको और करली की गिढा कॉलोनी करामत की चौकी जक आतशयाना करला बाग जस यमना क तकनार बस इलाक जलमगन हो गय थ जहा स हज़ारो लोगो को अपन घर स तवसथातपत होकर राहत तशतवरो म गज़र-बसर करना पड़ा बहत स लोगो को राहत तशतवरो म इसतलए जगह नही तमली योतक व अपना सामान राहत तशतवर म नही ल जा पाय थ हर साल राहत तशतवर क नाम पर इलाहाबाद परशासन और नगर तनगम दारा लाखो का वारा-नयारा कर तदया जाता ह लतकन तज़ल म बाढ़ परभातवत आबादी की तलना म राहत तशतवरो की सखया ऊट क मह म जीर क बराबर भी नही थी जो राहत तशतवर थ भी उनम भी न टॉयलट था न नहान की वयवसथा न ही सफ़ाई का कोई इनतज़ाम और ठीक स खान की वयवसथा राहत तशतवरो म भयकर गनदगी फली हई थी जो बड़ पमान पर इन तशतवरो म बीमारी फलान का कारण बन रही थी

कई तदन बीतन और पानी उतरन क बाद अब बड़ पमान पर बीमाररया फलनी शर हो गयी ह इलाक म शायद ही कोई ऐसा घर हो जहा कोई न कोई सदटी बखार खासी स पीतड़त न हो लतकन परशासन की इसस तनपटन की कोई तयारी नही ह कोतवि-19 की दसरी लहर क बाद शहर क असपतालो म ओपीिी का सचालन अभी सचार ढग स नही हो रहा ह तजसकी वजह स बड़ी आबादी जो पराइवट असपतालो की फ़ीस नही द सकती ह झोलााप िॉटरो फ़ामायतससटो स इलाज करान को मजबर ह

हर साल आन वाली बाढ़ क भयकर तवभीतषका म तबदील हो जान की वजह पराकततक नही बतक पजीपततयो क मनाफ की हवस ह असमान तवकास पजीवादी वयवसथा का आम तनयम ह तजसकी वजह स दश क बहत बड़ तहसस म तबाही का सामाजय होता ह और क इलाक ऐशवयय क टाप बन जात ह

इस असमान तवकास की वजह स बहत बड़ी आबादी गावो स शहरो की तरफ़ तवसथातपत होती ह यह तवसथापन आम महनतकश आबादी क तलए तकसी तासदी स कम नही होता ह लतकन यही असमान तवकास दसरी ओर क धनपशओ क तलए मनाफ़ा बटोरन का अवसर महया कराता ह

इलाहाबाद शहर की बात कर तो गगा और यमना क तकनार बस इस शहर म परशासन की गठजोड़ स भमातफ़या कार की ज़मीन पर कबज़ा जमा लत ह एक तरफ़ य इस ज़मीन पर धड़ल स अवध तनमायण करात ह तो दसरी ओर परशासतनक तत म अपनी पकड़ का इसतमाल कर य लोग कार की ज़मीन को गावो स शहरो की तरफ़ आन वाली आबादी को अपकाकत कम कीमत पर बच दत ह इलाहाबाद शहर परततयोगी ातो का गढ़ ह आस-पास क इलाको स लाखो ात पढ़ाई करन और परततयोगी परीकाओ की तयारी करन क तलए इलाहाबाद आत ह कार क इन इलाको म शहर की तलना म कमर का तकराया कम होन की वजह स बहत स ात यही कमरा लत ह यह भी एक बड़ी वजह ह तक शहर क अमीरो क तलए य इलाक तनवश का एक कनदर बन गय ह गगा और यमना नतदयो क तकनार सकड़ो लॉज बन हए ह इन लॉजो म हज़ारो ात रहत ह हर साल बाढ़ आन पर य ात पढ़ाई-तलखाई ोड़कर घर चल जात ह लतकन इनका तकराया साल-दर-साल बढ़ता जाता ह परशासन को भी य सार गड़बड़ घोटाल अची तरह स मालम ह लतकन सता परशासन और भमातफ़याओ क गठजोड़ स य काम धड़ल स चल रहा ह इसतलए इलाहाबाद म बाढ़ की सबस जयादा मार आम महनतकश आबादी और ातो पर पड़ती ह

वासतव म उतर परदश तबहार असम करल समत पर दश म बाढ़ की समसया क इतनी बड़ी तवभीतषका बन जान की असली वजह यह मौजदा मनाफ़ पर

तटकी पजीवादी वयवसथा ह जगलो की अनधाधनध कटाई स तमटी बहकर नतदयो की तलहटी म जमा होन नतदयो क तकनार बरोकटोक होन वाल तनमायण-काययो गाद इकटा होन स नतदयो क उथला होत जान बरसाती पानी की तनकासी क कदरती रासतो क बनद होन शहरी नालो आतद को पाट दन जस अनक कारणो न न कवल बाढ़ की बारमबारता बढ़ा दी ह बतक होन वाली तबाही को पहल स कई गना बढ़ा तदया ह आज़ादी क इन 74 वषयो म आपदा परबनधन क नाम पर अरबो-खरबो का वारा-नयारा तकया जा चका ह लतकन तसथतत सधरन की जगह साल-दर-साल बद स बदतर होती जा रही ह सपर कमपयटर रिार उपगहो आतद स लस तकनीक क ज़मान म बाढ़ आन स काफ़ी पहल ही इसका सही-सही पवायनमान लगाया जा सकता ह और साथ ही साथ lsquoफलि रतटगrsquo का परा तवजान तवकतसत हो चका ह तजसक ज़ररए बाढ़ क फलाव को काफ़ी हद तक तनयततत तकया जा सकता ह लतकन मनाफ़ा-आधाररत वयवसथा म तवजान भी मनाफ़ की भट चढ़ जाता ह और क मठीभर धनपशओ क तलए मनाफ़ा पदा करन का औज़ार मात रह जाता ह टनोलॉजी का इसतमाल अगर मानवता क तहत म तकया जाय तो इन आपदाओ म होन वाल जान-माल क नकसान को काफ़ी हद तक कम तकया जा सकता ह लतकन होता इसका उटा ह हर बार बाढ़ आन का इनतज़ार तकया जाता ह हर बार लोग मार जात ह लाखो पररवार बघर होत ह हज़ारो एकड़ फ़सल की बबायदी होती ह और हर बार आपदा परबनधन क नाम पर अरबो की रातश का बनदरबाट होता ह चनावी घतड़याल इस आपदा पर सवार होकर अपनी चनाव की वतरणी पार करन की जगत म लग जात ह सामाजयवादी ससथाओ क टकड़ो पर पलन वाल सवयसवी सगठनो को ldquoजनसवाrdquo क बहान सचचाई पर पदाय िालन का और इसी बहान अपनी सवा भी कर लन का मौका तमल जाता ह और

ndash अनविाशजस-जस मौजदा पजीवादी वयवसथा

lsquoतवकासrsquo की नयी ऊचाइयो पर पहच रही ह उसी अनपात म जनता क जीवन म चलन वाली lsquoतवनाशलीलाrsquo और जयादा भयकर रप लती जा रही ह इस तवनाशलीला का एक दशय अगसत क महीन म इलाहाबाद शहर म गगा-यमना क इलाक म आयी बाढ़ क रप म सामन आया गगा और यमना जसी दो बड़ी नतदयो और कई ोटी नतदयो का शहर होन क चलत इस बाढ़ का कहर जब टटता ह तो इलाहाबाद की बहत बड़ी आबादी उसका तशकार होती ह इस बार भी गगा और यमना क तटवतटी इलाक ससर खदरी और टौस नदी क तकनार रहन वाली आबादी इस कहर का तशकार बनी बड़ पमान पर लोगो क काम-धनध का नकसान हआ और बहत स लोग तवसथातपत हए

परा परशासन इस दौरान मकदशयक बना हआ बाढ़ क गज़र जान का इनतज़ार करता रहा नता-मती हलीकॉपटर स गशत लगात रह और अतधकारी नाव स गशत लगात रह परशासन की सवदनहीनता इसी स समझी जा सकती ह तक कई तदन पहल स ही बाध का पानी ोड़ जान की सचना तमल जान क बावजद परशासन न यह घोषणा तक नही करवायी तक नदी का जलसतर तकतना बढ़ सकता ह और लोगो को सरतकत सथान पर चल जाना चातहए बहत स लोग तपल क वषयो क अनभव क आधार पर इनतज़ार करत रह और जब पानी तज़ी स बढ़ना शर हआ तो उसी समय तज़ बरसात की वजह स बहत स लोग अपन घर का सामान तक ठीक स नही तनकाल पाय पानी घसन क दो-तीन तदन बाद तक कई इलाको म नाव नही पहची थी जो बाढ़ राहत तशतवर बनाय गय व अपन-आप म कवयवसथा की तमसाल बन हए थ

बाधो स अचानक पानी ोड़ जान की वजह स इलाहाबाद शहर क तटवतटी इलाको जस ोटा बघाड़ा सलोरी

तफर अगली बार का इनतज़ार तकया जाता ह इस तरह आज़ादी क इन सात दशको म आपदाओ का भी अपना अथयशासतर और अपनी राजनीतत तवकतसत हई ह

बाढ़ रोकन क मकसद स 1954 म गतठत गगा आयोग न जलकिी पररयोजना का सझाव तदया था तजसक तहत नपाल की नतदयो स आन वाली तसट को रोकन क तलए पानी की भारी माता को नपाल म रोककर बाधो पर जल तवदयत पररयोजना लगान की योजना थी इन पररयोजनाओ का आधा लाभ नपाल और आधा लाभ भारत को तमलना था लतकन सरकार की उदासीनता की वजह स यह योजना धरी की धरी रह गयी 1976 म गतठत राषटीय बाढ़ आयोग न नतदयो क तल स गाद हटान का सझाव तदया था और साथ ही जलकिी योजना को लाग करन का भी सझाव तदया था इसम स क भी नही तकया गया आग भी इस तरह क आयोग बनत रहग लतकन क नही होगा योतक यह परी वयवसथा मानवीय ज़ररतो नही बतक मटी भर पजीपततयो क मनाफ़ क तलए काम करती ह ऐसी आपदाओ को रोकना तो दर ऐसी आपदाओ क बाद इनसानो की लाशो पर अपन मनाफ़ की रोतटया सकना इस वयवसथा का काम ह इसतलए पजीवादी वयवसथा क रहत इस परकार की आपदाओ स तनजात तमलना असमभव ह बतक हर गज़रत तदन क साथ अपनी सवाभातवक गतत स यह वयवसथा बहत-सी आपदाओ को पदा करती रहगी वगय तवभातजत समाज म हर आपदा महनतकशो की बबायदी का कारण बनती ह और पजीपतत इन आपदाओ स भी अपन मनाफ़ की हवस को परा करत ह जब तक मानवता इस लट पर तटकी वयवसथा स तनजात नही पायगी तब तक बाढ़ की तवभीतषका स भी तनजात नही तमलन वाली

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 7

(पज 2 पर जारमी)

तदली क मखयमती अरतवनद कजरीवाल तपल तदनो कभी गोआ कभी पजाब तो कभी उतराखि जाकर परचार कर रह ह तक अगर हमारी lsquoआम आदमी पाटटीrsquo की सरकार बनी तो 300 यतनट तक तबजली सभी लोगो को मफत दी जायगी भाजपा और सघ पररवार का कचा पहन चक कजरीवाल दावा करत ह तक तदली म लगभग 70 फ़ीसदी लोगो का तबजली का तबल ज़ीरो आता ह और तदली की 93 फ़ीसदी कॉलोतनयो म पानी की लाइन तबा दी गयी ह और इन सभी इलाको म अतधकतर लोगो को पीन का पानी मफत तमल रहा ह कजरीवाल का दावा ह तक तदली की बहसखयक

आबादी को उनकी सरकार बनन क बाद स तबजली और पानी मफत तमलता ह

कजरीवाल क इन दावो को सनकर यह तो साफ़ ह तक अपन बड़ भाई मोदी की तरह जमलबाज़ी और झठ दाव करन म कजरीवाल भी कम नही ह असतलयत यह ह तक तदली की मज़दर व तकरायदार आबादी क तलए मफत पानी और तबजली आज भी एक हवाई बात ह तदली की बहसखयक मज़दरतकरायदार आबादी को न साफ़ पीन का पानी मफत म तमलता ह और न ही उसक तलए तबजली मफत ह िासकर तदली की आम महनतकश आबादी क करावलनगर खजरी सोतनया तवहार मसतफ़ाबाद सीलमपर और

बवाना वज़ीरपर शाहाबाद िरी जस कई और इलाको म बहसखयक आबादी क तलए मफत तबजली-पानी की बात बस एक जमला ह इन इलाको म कजरीवाल सरकार क लगभग 8 साल होन क बाद आज भी पीन क पानी की लाइन घर-घर नही पहची ह यहा रहन वाली मधयम वगय की क आबादी तो अपन घरो म पानी साफ़ करन की आरओ मशीन लगा लती ह और ज़मीन क पानी को साफ़ करक इसतमाल करती ह लतकन मज़दर और आम महनतकश आबादी या तो गतलयो म लग सरकारी नल स पानी लाती ह जो पर इलाक म नाममात ही बच ह और जो बच ह उनम भी पानी

कभी-कभी ही आता ह और जब आता भी ह तो पानी आम तौर पर गनदा होता ह पीन लायक नही होता ह

उतर-पवटी तदली क शरीराम कॉलोनी खजरी इलाक म य नलक भी नाली स सटाकर लगाय गय ह जहा कड़ा भी पड़ा रहता ह गरीब लोग मजबरी म यही स पीन का पानी भरत ह क इलाको म सरकारी पानी क टकर आत ह पर यह टकर भी आबादी क अनपात म बहद कम सखया म आत ह इनस पानी भरन क तलए 2 स 3 घटा लग जाता ह य टकर तनयतमत भी नही आत ह कोरोना महामारी क शर होन स लकर अब तक भी इन टकरो की सखया सरकार दारा नही

बढ़ायी गयी तजसक चलत टकर क आन पर बहत जयादा भीड़ एकततत हो जाती ह और मजबरी क चलत शारीररक दरी बन ही नही पाती ह ऐस म इन इलाको म कोरोना महामारी फलन का िर जयादा बना रहता ह पर कजरीवाल सरकार सब जानत हए इस अनदखा करती ह

इन इलाको म पानी की बोतल (20 लीटर) बचन का वयापार तपल क सालो म बहत जयादा बढ़ गया ह हर चौथी या पाचवी गली म एक पलाट लगा ह जहा स मज़दर आबादी अपन िाली बतयन या कन म पानी पसा दकर भरती ह या तफर पानी की बोतल ही घर

मफत पािमी और नबजलमी स वलचत ददलमी की बहसखक मज़दर आबादमी

कॉमरि रामनाथ नही रह 31 अगसत को तड़क ही सोत समय तदल का दौरा पड़न स उनका तनधन हो गया

कॉमरि रामनाथ की आय लगभग 83 वषय की थी असवसथ तो व तवगत कई वषयो स थ लतकन तपल क समय स उनका सवासथय बहत िराब हो गया था

भारत क कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन का इततहास का रामनाथ की भतमका और अवदानो की चचाय क बगर तलखा ही नही जा सकता तनससनदह उनकी भतमका ऐततहातसक थी और lsquoपाथरितकगrsquo थी

बतलया तज़ल क गगा तटवतटी एक गाव क भसवामी पररवार म पदा हए का रामनाथ राहल साकतयायन क परभाव म तकशोरावसथा म ही मासयवादी बन चक थ और बीहड़ यायावरी तथा दशयन इततहास कला-सातहतय और राजनीतत क घनघोर अधययन को अपनी आदत बना चक थ 1960 क दशक क उथल-पथल भर वषयो म कोलकाता उनकी अधययनशाला करातनतकारी परतशकणशाला और परयोगशाला बना जहा व कानन का अधययन कर रह थ उनकी राजनीततक जीवन-याता अतवभातजत कमयतनसट पाटटी स शर हई तफर माकपा स होत हए कनहाई चटजटी क नततव वाल कमयतनसट करातनतकारी गप lsquoतचनता गपrsquo तक पहची तजसन बाद म अपन को lsquoदतकण दश गपrsquo और तफर lsquoमाओवादी कमयतनसट कनदरrsquo क रप म सगतठत तकया 1969 म भाकपा (माल) की सथापना की घोषणा क बाद (1970 म हई पाटटी कागस क पहल ही) का रामनाथ भाकपा (माल) म शातमल हो गय और उतर परदश और तबहार क गगा तटवतटी तज़लो गाज़ीपर बतलया आरा-भोजपर क गामीण इलाको म आकर काम करन लग

चार मजमदार क तनधन क बाद पाटटी क पनगयठन क परयासो म का रामनाथ न एक अगणी भतमका तनभायी और मखयत उनही क परयासो स फ़रवरी 1974 म कनदरीय सागठतनक कमटी (सीओसी) भाकपा (माल) का गठन समभव हो सका तजसकी नततवकारी कमटी म जगजीत तसह सोहल सनीतत कमार घोष कोिापली सीतारमयया

और शामलाल (चोपड़ा) क साथ का रामनाथ भी शातमल थ सीओसी भाकपा (माल) म काम करत हए ही का रामनाथ न चार की ldquoवामrdquo दससाहसवादी लाइन क तिलाफ़ दढ़ और ससगत सटि तलया जो सगठन म गमभीर मतभद का तवषय बना ldquoवामrdquo दससाहसवाद क तवरदध समझौतातवहीन और ससगत सघषय चलान वाल गपो और वयततयो म नागीरििी-िीवी राव और हरभजन तसह सोही क बाद का रामनाथ का ही नाम अगणी माना जा सकता ह सीओसी काल क दौरान का रामनाथ न तवशषकर आपातकाल क अनभवो क आधार पर भारतीय पजीपतत वगय और राजयसता क चररत पर सवाल उठाना शर कर तदया था और दहाती कत म ज़मीनी कामो क अनभवो क आधार पर भतम-समबनधो क सामनती चररत की सथातपत धारणा पर भी सोचन लग थ

सीओसी क तवघटन क बाद माचय 1978 म जब का रामनाथ क नततव म भारत की कमयतनसट लीग (मासयवादी-लतननवादी) का गठन हआ तो तमाम सागठतनक सकटो और परततकल पररतसथततयो क बावजद का रामनाथ क मागयदशयन और नततव म भारतीय समाज की परकतत और

करातनत क काययकरम क सवाल पर गहन शोध-अधययन क बाद भाकली (माल) न 1982 म यह तनषकषय तनकाला तक भारतीय समाज चीन की तरह अदधयसामनती-अदधयऔपतनवतशक या नवऔपतनवतशक न होकर एक तपड़ा हआ पजीवादी समाज ह यहा का पजीपतत वगय दलाल न होकर राजनीततक रप स सवतत और सामाजयवाद का कतनषठ साझीदार ह कततपय पराक-पजीवादी अवशषो क बावजद यहा क भतम-समबनध lsquoपरतशयाई मागयrsquo क भारतीय ससकरण क ज़ररए करतमक रपानतरण क बाद मलत और मखयत पजीवादी बन चक ह और इसतलए भारतीय करातनत की मतज़ल अब राषटीय जनवादी नही बतक पजीवाद-तवरोधी सामाजयवाद-तवरोधी समाजवादी करातनत की मतज़ल ह 1983 म इस थीतसस क दसतावज़ रप म परकाशन क बाद पर दश क कमयतनसट करातनतकारी सगठनो स एक लमबी बहस की शरआत हई और तजस सवाल को हल हआ माना जा रहा था वह अधययन और राजनीततक बहस का एक कनदरीय परशन बन गया आग चलकर कई सगठनो न समाजवादी करातनत की अवतसथतत अपनायी

1986 म का रामनाथ क ही

मागयदशयन और नततव म तदतीय तवशवयदधोतर कालीन वतशवक बदलावो और समकालीन दतनया क सामाजयवादी समीकरणो म बदलावो पर भी शोध-अधययन की शरआत हई जो 1987 म एक वहद दसतावज़ क रप म परकातशत हआ इस शोध-अधययन का उदशय नयी तवशव पररतसथततयो म तवशव सवयहारा करातनत की आम राजनीततक काययतदशा की समझ तवकतसत करन की तदशा म आग कदम बढ़ाना था दभायगयवश यह परतकरया आग नही बढ़ सकी लतकन इस गमभीर पहल की ऐततहातसक महता को कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन क इततहास का कोई गमभीर अधयता कतई िाररज नही कर सकता

उलखनीय ह तक इस पर दौर म का रामनाथ न दतकणपनथी और ldquoवामपनथीrdquo अवसरवाद क दोनो ोरो क तवरदध दढ़ और ससगत अवतसथतत अपनायी तवनोद तमशर क ldquoसतरगा समाजवादrdquo की सवायतधक तवसतत और सागोपाग आलोचना भाकली (माल) न ही पहली बार का रामनाथ क तदशा-तनदजश पर 1988 म परसतत की थी

मखयत भारतीय करातनत क काययकरम क परशन पर अपन ऐततहातसक और पथानवषी अवदान क बावजद का रामनाथ एक लतननवादी सागठतनक काययतदशा को गहर अहसास क साथ समझन और पाटटी-तनमायण और काययपरणाली क सतर पर लाग कर पान म तवफल रह तजसक चलत महतवपणय उपलतबधयो और उलखनीय परगतत क बाद भाकली (माल) 1980 क दशक क अतनतम वषयो म गततरोध और तवघटन का तशकार हो गयी इस सकट क बतनयादी कारणो की तशनाखत नही कर पान क कारण 1991 क बाद सागठतनक पनगयठन क का रामनाथ क सभी परयास तवफल होत गय और उनक साथ खड़ कई एक लोग और उनस तटकन वाल कई एक गप या तो बहरगी गर-बोशतवक सामातजक-जनवादी पककि म धसत चल गय या तवसतजयत होत चल गय इन वषयो क दौरान सवय का रामनाथ भी अपन सदधातनतक कामो को आग नही बढ़ा सक यहा तक तक भारतीय समाज क बतनयादी अनतरतवरोधो क बार म भी

व अपनी पवय अवतसथतत स तवचतलत होकर क अनतरतवरोधी बात करन लग थ और भमिलीकरण क दौर को भी परान साच (नवऔपतनवशीकरण) म ही तफ़ट करक दखन की कोतशश करत रह

लतकन का रामनाथ क लमब कमयतनसट करातनतकारी जीवन क अतनतम चरण की इन तवफलताओ और इन गततरोधो क बावजद भारत क कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन क इततहास म उनकी ऐततहातसक सकारातमक और साहतसक पथानवषी भतमका स कोई भी इनकार नही कर सकता सबस अहम बात यह ह तक अपनी अतनतम सास तक का रामनाथ एक कमयतनसट करातनतकारी बन रह और मासय एगस लतनन सतातलन माओ क तशषय क रप म ही िद को दखत रह का रामनाथ न समाजवादी करातनत क काययकरम का जो पथसनधान तकया था और इस परचम को उठाकर जो याता शर की थी वह याता आज भी जारी ह और आग भी जारी रहगी चाह पररतसथततया तकतनी भी परततकल हो आज माओवाद की तवचारधारा और नयी समाजवादी करातनत क काययकरम को आग बढ़ात हए कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन की जो धारा आज क सामाजयवाद का और भारतीय करातनत क तवतवध परशनो का अधययन करत हए सामातजक परयोगो म करातनतकारी जनतदशा को लाग कर रही ह वह अपन को गवय स का रामनाथ का उतरातधकारी मानती ह

हम का रामनाथ को हमशा बहत पयार और लगाव क साथ याद करत रहग हम उनह कभी नही भला सकत भारत क सभी सचच कमयतनसट करातनतकारी उनह कभी नही भला सकत

हम भर तदल स तनी मरटयो क साथ का रामनाथ को आतिरी लाल सलाम पश करत ह और सकप लत ह तक तजस कारवा न 1978 म उनक नततव म एक बीहड़ याता की शरआत की थी वह उस जारी रखगा परान करातनत-योदधाओ क ररत सथानो को कई-कई यवा करातनत-योदधा भरत रहग और कारवा चलता रहगाबढ़ता रहगा

अलनवदा का रामिाथि लाल सलाम लाल सलाम

िहमी रह कॉमरर रामिाथि अलनवदा कॉमरर लाल सलाम

8 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

महनतकश जनता क खन-पसीन स खड़ी हई सारवजननक परिसमपततियो को पजीपनतयो क हराल किन म जटी मोदी सिकाि

दकर 6 लाख करोड़ रपय हातसल करन का लकय रखा ह य मतालय या तवभाग रलव टलीकॉम सड़क पररवहन एव राजमागय तबजली नागररक उिियन यवा मामल और खल पटोतलयम एव पराकततक गस और पोटयस तशतपग एव वाटरवज (इसका नाम पहल जहाज़रानी मतालय था) होग तजनस जड़ी समपततयो को तनजी हाथो म सौपा जायगा मोदी सरकार क अनसार इन पररसमपततयो का सवातमतव सरकार क पास ही रहगा लतकन तकराय या लीज़ पर दकर तफ़लहाल कमाई नही दन वाली या कम कमाई दन वाली सरकारी समपततयो स मदरा हातसल की जा सकगी और इसस कमाय गय पस का इसतमाल जनता की भलाई क तलए तकया जा सकगा सरकार को जनता की भलाई की तकतनी तचनता ह यह बात हम कोरोना महामारी क पर दौर क बाद तो और भी भली-भातत जान गय ह जब हमन अपन पररजनो तमतो और करीतबयो को मौत क मह म समात दखा तब यह तथाकतथत जनतहतकारी सरकार न कवल हाथ पर हाथ धर बठी थी बतक अपनी जनदरोही नीततयो क दारा हम भी शमशानो और कतरिसतानो म पहचान का बिबी इनतज़ाम करन म लगी थी अब समझ लत ह तक मोदी सरकार की राषटीय मौदरीकरण की योजना क पी जनता की भलाई की तचनता ह या मनाफ़ क सकट स जझ रह भारतीय पजीपतत वगय क तहतो क सरोकार ह

भारतीय रलव को अपनी पररसमपततया तकराय पर दकर (यानी बचकर) सरकार को 1 लाख 52 हज़ार करोड़ रपय दन का लकय तदया गया ह इसक तहत रलव क 400 रलव सटशन 90 याती गातड़या 256 सामान रख-रखाव क शि 4 पवयतीय रलव 15 रलव सटतियम कोकण रलव टक का 741 तकलोमीटर फट कोररिोर का 674 तकलोमीटर टक पर ओवरहि इतवपमट का 1400 तकलोमीटर इतयातद को पजीपततयो क हाथो म सौपा जायगा सीधी-सी बात ह पजीपततयो को रलव क तकराय और माल ढलाई क भाड़ म बतहाशा बढ़ोतरी करन की परी ट तमल जायगी तथाकतथत पराइवट पाटयनर जनता को दोनो हाथो स लटग और अकत मनाफ़ा कमायग सड़क पररवहन एव राजमागय को 1 लाख 60 हज़ार करोड़ की रातश हातसल करन का लकय तदया गया ह इसक तहत 26000 तकलोमीटर स अतधक हाइव और सड़को क रखरखाव की तज़ममदारी तनजी कमपतनयो को सौपकर उनह इन पर कर यानी lsquoटोल टसrsquo वसलन की ट दी जायगी इसक अलावा तल-गस पाइपलाइन 25 हवाई अिि सरकारी गसटहाउस पानी क जहाज़ और पोटय बीएसएनएल क 14917 मोबाइल टावर 2 लाख 80 हज़ार तकलोमीटर लमबी फ़ाइबर लाइन तनजी कमपतनयो को ldquoतकराय परrdquo दी जायगी

अब यह सोचन वाली बात ह तक जो पजीपतत चार साल क दौरान 6 लाख

करोड़ रपय मोदी सरकार को सौपग या मोदी जी क दारा जनता का भला करन की मशा ज़ातहर करन क चलत उनका हदय पररवतयन हो चका ह या पजीपतत िरात बाटन क तलए उतावल हए जा रह ह नही असल म रलव सड़को तल-गस पाइपलाइनो और अनय सरकारी समपततयो स पजीपतत पहल अरबो-खरबो रपय कमाया जाना सतनतशचत करग और उसक बाद ही व मनाफ़ क क तहसस को सरकार क हाथ म द सकत ह और सरकार उस पस को तफर स पजीपततयो को कभी न चकाया जान वाला कज़य दन नताशाही की मोटी तनखवाहो बड़ नौकरशाहो क ऐशोआराम म लटा दगी तजस जनता न पट पर पटी बाधकर और फाक करक सावयजतनक उपकरमो को खड़ा तकया था उस इनस सतवधा तमलन की बजाय इनक दारा उसकी जबो पर िाका िाला जायगा सरकार का कहना ह तक सरकारी उपकरम घाट म चल रह ह और कौन पजीपतत घाट की चीज़ को लना चाहगा और वह भी मोटा पसा िचय करक असल बात यह ह तक बीपीसीएल टतलकॉम और रलव जस तमाम उदयम घाट म नही चल रह ह बतक सरकार इनह घाट म तदखाकर बचन क बहान ढढ़ रही ह और असल बात तो यह ह तक तजस सरकार घाटा कह रही ह वह असल म जनसतवधाओ म होन वाला वयय ह और पजीपरसत सरकार नही चाहती तक जनता को एक पस की भी सहतलयत नसीब होअब मौदमीकरर की ज़ररत को

आि पड़मीयह तथाकतथत मौदरीकरण क और

नही बतक तनजीकरण का ही दसरा नाम ह तवतमती क जमलो म उलझन क बजाय जमलबाज़ परधानमती मोदी क सतय वचनो पर गौर करना चातहए मोदी जी सीध तौर पर सावयजतनक उपकरमो को समभालन म सरकार की तज़ममदारी को नकार रह ह सरकार का काम महज़ पजीपततयो को जनता को लटन का बहतर माहौल बनाकर दना ही ह फ़ासीवादी मोदी सरकार इस काम को सबस आकरामक ढग स और तज़ी स कर रही ह इसी क तलए तो दश भर क बड़ पजीपततयो न तपल दो लोकसभा चनावो म हज़ारो करोड़ रपय चनद म भाजपा को तदय थ और मोदी को तजताया था असल म ldquoमौदरीकरणrdquo कागस सरकार दारा 24 जलाई 1991 म घोतषत तौर पर लाग की गयी उदारीकरण-तनजीकरण-वशवीकरण की नीततयो का ही अगला कदम भर ह तथाकतथत उदारीकरण-तनजीकरण की शरआत की ज़ररत को हम थोड़ा अतीत म झाक कर दख व समझ सकत ह

अगज़ो स हम समझौत और सता हसतानतरण क दारा आज़ादी परापत हई थी उस समय एक बड़ा समाजवादी कमप और दतनया क सतर पर समाजवादी आनदोलन पर अपन उरज़ पर था भारत म भी 1946 स 1950 का दौर जनता की जनवादी करातनत की समभावनाओ स भरा दौर था जब दश म नौसना तवदरोह तलगाना तकसान तवदरोह तभागा तकसान

तवदरोह और पनपरा वायलार तकसान तवदरोह हए थ और उसक अलावा कमयतनसट पाटटी क नततव म हड़तालो की एक लहर भी जारी थी लतकन अपनी तवचारधारातमक व राजनीततक कमज़ोररयो क चलत भारत क करातनतकारी कमयतनसट इन करातनतकारी जनतवदरोहो को एक दशवयापी करातनतकारी आनदोलन का सवरप नही द सक उसक पहल भी कमयतनसट पाटटी अपनी गमभीर रणनीततक और रणकौशलातमक चको क कारण राषटीय आनदोलन की बागिोर अपन हाथ म लन क कई मौक चक चकी थी भारत क पजीपतत वगय और उसकी पाटटी कागस न इसका परा लाभ उठाया कागस न समझौता-दबाव-समझौता की नीतत क तहत अनत म सता हतथया ली भारत का पजीपतत वगय अपन औपतनवतशक अतीत क कारण कमज़ोर था और उसक पास दश क सवतत पजीवादी तवकास हत आवशयक पजी का भी अभाव था इसीतलए तरनत मनाफ़ा दन वाल कतो को तनजी हाथो म सौप तदया गया तथा व कत तजनम पहल बड़ पमान क तनवश की दरकार थी जस तक भारी उदयोग अवरचनागत उदयोग व बतनयादी कजीभत उदयोग उनह सावयजतनक कत क तौर पर सरकार न अपन हाथो म रखा सावयजतनक उपकरमो को खड़ा करन क तलए पजी और कही स नही बतक करो और तवतभनन श को क रप म जनता स ही वसलकर और साथ ही जनता की बचत को एकत करक जटायी गयी महनतकश आबादी क कमरतोड़ शोषण सरकारी अनगह आतथयक टो क बत जस-जस भारत का पजीपतत वगय अपकाकत ताकतवर होता गया वस-वस उस तशतरी म सजाकर औन-पौन दामो पर सरकारी उदयम सौप जान लग 1980 क दशक म ही राजीव गाधी क समय स इसपटर राज और कोटा राज को ितम करन क नाम पर तनजी पजीपततयो को ट दी जान लगी थी और 24 जलाई 1991 को घोतषत तौर पर उदारीकरण-तनजीकरण की लटरी नीततयो की शरआत कर दी गयी

कागस न अपन शासनकाल म इन नीततयो को तजस रफतार स लाग तकया था आज भाजपा की फ़ासीवादी मोदी सरकार उन नीततयो को कही जयादा रफतार स और जयादा दमनकारी तरीक स लाग कर रही ह 2009-10 स ही आतथयक सकट क कारण यह पजीपतत वगय क तलए ज़ररी भी ह इस काम को कागस क मकाबल भाजपा जयादा बहतर तरीक स अजाम द सकती ह और इसीतलए पजीपतत वगय क बड़ तहसस न एकमत होकर भाजपा को सता म पहचान म एड़ी-चोटी का पसीना एक कर तदया था राषटीय मौदरीकरण योजना वासतव म तनजीकरण-उदारीकरण की उसी परतकरया का एक अग ह जो 1991 स जारी रही ह और 2014 स मोदी सरकार क सता म आन क बाद और भी जयादा तज़ रफतार स जारी ह

मौदमीकरर स जिता क जमीवि पर का असर पड़गा और हम

इसका नवरोध कस करमौदरीकरण जसी नीततया लाग होन

क बाद सबस बड़ा हमला रोज़गार पर होगा इन सरकारी कतो म काययरत करोड़ो लोगो क अच-िास तहसस को अपन रोज़ी-रोज़गार स हाथ धोना पड़गा रलव सड़क पररवहन उिियन और टतलकॉम आतद म सरकारी तवतनवश पहल ही जारी ह हम समझ सकत ह रोज़गार क मामल म और भी भयावह होन वाला ह तनजी कत म यतद क रोज़गार सतजत होगा भी तो सरकार पहल ही 4 शरम सतहताए लाकर शरतमको क हको को कचलन का भरपर इनतज़ाम कर चकी ह तनजी कत म काम करन वालो म और उजरती गलामो म कोई फ़कय नही रह जायगा तनजी कमपतनया मनमान तरीक स मज़दरो की शरमशतत का शोषण करगी भयकर बरोज़गारी क चलत मज़दर वगय की सामतहक मोलभाव की शतत पर भी नकारातमक असर पड़गा जो तक पहल ही नवउदारवादी हमलो क तीन दशको म काफ़ी कमज़ोर हो चकी ह और एक अततररत बरोज़गार मज़दर आबादी पजीपतत वगय क तलए हमशा मौजद रहगी यानी तजतन पक रोज़गार बच ह व तज़ी स ितम होग और जो नय रोज़गार तमलग व भी अनौपचाररक ठका व कज़अल मज़दर क तौर पर तमलग तजसम मज़दरी भी कम होगी कोई रोज़गार सरका नही होगी और सथायी मज़दरो को परापत होन वाल तमाम हक भी नही हातसल होग हालातक नय शरम कानन सथायी मज़दरो क तमाम बच-खच अतधकारो को भी ीनन वाल ह

जनता पर मौदरीकरण की दसरी बड़ी मार महगाई क रप म पड़गी रलो-बसो क याती तकरायो पटोतलयम पदाथयो माल ढलाई और खादय पदाथयो क दामो म बतहाशा बढ़ोतरी होगी हाइव पर जगह-जगह टोल खड़ कर तदय जायग और उन पर मनमाना पसा वसल तकया जायगा आज भी कमरतोड़ महगाई न आम जनता का जीना दभर कर रखा ह तकनत आन वाल समय म हमारी जब स आतिरी दमड़ी तक हड़प ली जायगी

2014 म सता तमलन क बाद स तफ़लहाल तक भाजपा की दो ही नीततया तदखायी द रही ह पहली ह योजनाओ क रग-तबरग नाम रखकर पजीपतत घरानो की सवा करो और दसरी ह जनता को सामपरदातयकता जाततवाद कतवाद की आग म धकल दो तातक लोग आपस म ही एक-दसर का तसर फोड़त रह और अपनी बबायदी क असली कारणो की तरफ़ धयान ही न द सरकार म बठ तमाम मती-सनतरी और भाजपा का कतसापरचारक आईटी सल दश की बबायदी को ही तवकास तसदध करन और सरकारी की लटरी नीततयो का तवरोध करन वालो को ldquoदशदरोहीrdquo बतान म लगा रहता ह

वस आतथयक नीततयो क तौर पर दखा जाय तो भाजपा म और कागस म फ़कय तसफ़य यह ह तक कागस तजस काम को शबदो की चाशनी म िबोकर और रात क अधर म करती थी भाजपा उसी काम को

तदन क उजाल म और कागस स हज़ार गणा जयादा बशमटी और जयादा तज़ी क साथ अजाम द रही ह साथ ही एक फ़ासीवादी सरकार होन क नात दमनकारी होन म भी मोदी सरकार न आज़ाद भारत की सभी सरकारो को पी ोड़ तदया ह असल म तमाम कतीय पजीवादी पातटयया और भाकपा माकपा जस ससदीय लाल जमर तक उदारीकरण-तनजीकरण की नीततयो क परतत कोई उसली तवरोध नही रखत ह इनका तवरोध कवल तभी तक रहता ह जब तक य िद तवपक म बठ हो आपको याद होगा िद भाजपा परतयक तवदशी तनवश यानी एफ़िीआई और तनजीकरण जस मदो पर ज़मीन तसर पर उठाय रहती थी लतकन सता म आन क बाद इनहोन इनही नीततयो को धड़ल स लाग कर तदया चाह सरकारी उपकरमो की तहससदारी और उनक मातलकाना हक की तबकरी हो या तशका-सवासथय जस बतनयादी कतो म तनजीकरण को बढ़ावा तदया जाना हो तनजीकरण-उदारीकरण की नीततयो को लाग करन क रप म पजीपतत वगय की सवा करन का यही रवया कमोबश हरक पजीवादी बजयआ पाटटी का रहा ह बशक हर मामल म जनता को बबायदी की ओर धकलन म फ़ासीवादी भाजपा तमाम अनय पजीवादी पातटययो स इकीस ही पड़ी ह

आज मौदरीकरण क रप म तनजीकरण को लाग करन क सरकारी लावो का परततरोध जनता की सगतठत ताकत क बत ही तकया जा सकता ह सशोधनवादी पातटययो की गोद म बठी अथयवादी टि यतनयन धनी तकसानो और कलको क सगठन अलग-अलग रगो क झिो और नारो वाली चनावबाज़ पातटयया तनजीकरण का मकाबला नही कर सकती ह असल म न तो इनकी तनजीकरण का मकाबला करन की नीयत ह तथा न ही इनक पास तनजीकरण को रोक सकन का मादा तनजीकरण समत भाजपा की समसत फ़ासीवादी नीततयो का मकाबला मज़दरो गरीब तकसानो और आम महनतकश जनता की एकजटता और उसक जझार सघषयो क बलबत ही तकया जा सकता ह इसक साथ ही हम पजीवादी वयवसथा क चररत और काययपरणाली को भी समझना होगा पजीवादी वयवसथा महनतकश जनता का िन-पसीना तनचोड़कर और उसक शोषण क बत ही कायम ह पजीवादी राजयसता और सरकारो की भतमका कवल मनाफ़ क तत को कायम रखन की ही होती ह सामातजक उतपादन और तनजी समपतत पर आधाररत तनजी मनाफ़ का अनतरतवरोध ही पजीवादी वयवसथा का बतनयादी अनतरतवरोध होता ह और इस समाजवादी करातनत क दारा उतपादन क साधनो और उतपादन क तनणययो पर सामतहक मातलकाना सथातपत करन और उतपादन क सामातजक तवतनयोजन को सथातपत करक ही हल तकया जा सकता ह अपन हक और अतधकारो की हरक ोटी-बड़ी लड़ाई क साथ और उसक दौरान इस लटरी वयवसथा का तवकप खड़ा करन क काययभार को हम एक पल क तलए भी अपनी नज़रो स ओझल नही होन दना चातहए

(पज 1 स आग)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 9

तलगािा ककसाि सशसतर सघरष क 75 साल उपलबधिया और सबक (दसरमी और अबतिम ककसत)

ndash आिनद ससहतपली तकसत म हमन दखा

तक तकस परकार 1940 क दशक की शरआत म हदराबाद क तनज़ाम की सामनती ररयासत म आन वाल तलगाना क जागीरदारो और भसवातमयो दारा तकसानो क ज़बदयसत शोषण व उतपीड़न क तवरदध शर हआ आनदोलन 1946 की गतमययो तक आत-आत सामनतो क तिलाफ़ एक सशसतर तवदरोह म तबदील हो गया तनज़ाम की सना और रज़ाकारो दारा इस तवदरोह को बबयरतापवयक कचलन की सारी कोतशश तवफल सातबत हई 15 अगसत 1947 को भारत तरितटश औपतनवतशक गलामी स आज़ाद हआ लतकन तनज़ाम न भारतीय यतनयन म तमलन स इनकार कर तदया गौरतलब ह तक सवतत भारत की राजयसता न हदराबाद क तिलाफ़ एक साल स भी जयादा समय तक कोई कारयवाई नही की इस दौरान तनज़ाम स बातचीत और सौदबाज़ी चलती रही यही नही इस दौरान भारत सरकार न ldquoसटितसटल समझौतrdquo क तहत तनज़ाम को हतथयारो और सनय उपकरणो की आपततय भी की तजसका इसतमाल तनज़ाम की सना न तकसान तवदरोह को कचलन क तलए तकया एक साल तक चली बातचीत और सौदबाज़ी क बावजद पातकसतान परसत तनज़ाम हदराबाद को भारत म तमलान को तयार नही हआ उधर गामीण इलाको म तकसानो और महनतकशो न कमयतनसटो क नततव म तनज़ाम की सना और रज़ाकारो को पी धकल तदया था

भारतीय राजयसता दारा हतथयारो व सनय उपकरणो की आपततय क बावजद तनज़ाम की सना तकसान तवदरोह को कचलन म नाकाम रही य व हालात थ जब 13 तसतमबर 1948 को भारतीय सना न हदराबाद की ओर कच तकया तनज़ाम की सना न महज़ पाच तदनो क भीतर आतमसमपयण कर तदया लतकन उसक बाद भी तनज़ाम को राजपरमख की पदवी दकर राजय का परमख बना रहन तदया गया 18 तसतमबर 1948 को हदराबाद ररयासत क परशासन की बागिोर भारतीय सना क हाथ म आ गयी लतकन उसक बाद भी 25 जनवरी 1950 तक सरकार क सभी आदश (फ़रमान) तनज़ाम क नाम स जारी तकय जात रह यहा तक तक 26 जनवरी 1950 म अतसततव म आय भारतीय सतवधान म तनज़ाम क राजपरमख क पद को मानयता परदान करन का परावधान भी जोड़ा गया और 1956 तक तनज़ाम राजपरमख बना रहा यही नही तनज़ाम को तपरवीपसय भी तमलता रहा यह भारत क उदीयमान बजयआ वगय और उसकी परतततनतध पाटटी कागस क घोर समझौतावादी चररत को तदखाता ह इसस यह भी सपषट हो जाता ह तक हदराबाद म भारतीय सना की सनय कारयवाई का असली उदशय तनज़ामशाही का िातमा नही बतक तलगाना तकसान तवदरोह को कचलना था गौरतलब ह तक अपन इस मकसद को तपान क तलए भारत की सरकार न इस सनय कारयवाई

की जगह पतलस कारयवाई का नाम तदया था आज तलगाना म तजी स बढ़ रही तहनदतववादी फ़ासीवादी ताकत 18 तसतमबर 1948 को lsquoमतत तदवसrsquoक रप म मनान का अतभयान चला रही ह लतकन सच तो यह ह तक तलगाना क तकसानो और महनतकशो क तलए यह तदन मतत का नही बतक तवशवासघात का परतीक ह

तनज़ाम क आतमसमपयण क बाद करीब 50 हज़ार भारतीय सतनको न तकसान तवदरोह को कचलन क तलए तलगाना क गावो की ओर रि कर तदया सना न तलगाना म बड़ पमान पर तगरफताररया यतणा आगजनी और तनमयम हतयाओ को अजाम दत हए तनज़ाम की सना व रज़ाकारो दारा तकय गय ज़ मो को भी मात द तदया मलाया सरकार की तरिगस योजना की ही तरह ऐस गाव बसाय गय जहा क तनवातसयो को सना क तनयतण म रहना था जगलो की दो हज़ार आतदवासी बतसतयो को नसतोनाबद कर तदया गया और लोगो को यातना तशतवरो म रखा गया ापामार गावो को ोड़कर तनकटवतटी जगलो म चल गय और वहा भी सना का दबाव बढ़न पर दरवतटी जगली कतो म तबखर गय

पाटटी क भमीतर चलमी बहसतनज़ाम क आतमसमपयण और

हदराबाद पर भारतीय सना का कबज़ा होन क बाद कमयतनसट पाटटी की आनधर इकाई क भीतर एक बहस उठ खड़ी हई रतव नारायण रििी क नततव वाल एक धड़ का मानना था तक तलगाना सशसतर सघषय तनज़ाम की सता क तिलाफ़ था और चतक अब तनज़ाम की सता का पतन हो चका ह इसतलए सशसतर सघषय वापस ल लना चातहए यह धड़ा सापकत धनी तकसानो व क ोट भसवातमयो क तहतो की नमाइनदगी करता था तजनहोन तनज़ाम क तिलाफ़ जारी तकसान तवदरोह का साथ तदया थापरनत तनज़ाम क पतन क बाद उनहोन सघषय स दरी बना ली थी परनत मधयम व ोट तकसान और खततहर मज़दर सघषय को जारी रखन क पकधर थ योतक व दख रह थ तक सना क आन क बाद भसवामी वापस गावो की ओर लौटन लग और तकसानो स ज़मीन ीनन लग तथा गाम राजयो क आदशो की अवहलना करन लग थ इसतलए आनधर कमटी न अनतत गररला सघषय जारी रखन का फ़सला तकया हालातक यह सपषट था तक अब उनका सामना पहल स कही जयादा ताकतवर दशमन स होन वाला ह

उधर पाटटी म कनदरीय सतर पर भी भारत म करातनत क मागय को लकर बहस चल रही थी माचय 1948 म पाटटी की दसरी कागस हई तजसम दतकणपनथी पीसी जोशी को हटाकर बीटी रणतदव को पाटटी का महासतचव बनाया गया था इस कागस म तलगाना क परतततनतधयो क ज़ोर दन क बाद ही दसरी कागस की थीतसस म तलगाना सघषय क महतव का उलख करत हए उस समथयन तदया गया और पर दश म ऐस सघषय सगतठत

करन तथा मज़दर वगय स भी उनक समथयन म आनदोलन करन का आहान तकया गया रणतदव न यह ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवादी थीतसस पश की तक जनवादी और समाजवादी करातनतया एक साथ होनी चातहए और कमयतनसटो को न कवल बड़ बजयआ को बतक सभी बजयआओ को अपन हमल का तनशाना बनात हए दशवयापी आम हड़ताल और सशसतर तवदरोह का मागय अपनाना चातहए इस ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवाद न भारतीय कमयतनसट आनदोलन को तो भारी कतत पहचाई ही उसक अलावा तलगाना सघषय क आग क तवकास को भी रोकन का काम तकया उसी साल मई क महीन म आनधर की पाटटी इकाई न रणतदव थीतसस का तवरोध करत हए अपनी यह लाइन रखी तक भारतीय करातनत का चररत रसी करातनत स तभनन ह और यह चीन म जारी नवजनवादी करातनत स काफ़ी हद तक समानता रखती ह यहा चार वगयो का सय त मोचाय बनाना होगा और दीघयकातलक लोकयदध का मागय अपनाना होगा आनधर थीतसस म माओ तस-तङ क नवजनवाद क तसदधानत को परासतगक बतात हए भारत म सवयहारा करातनत को दो अवसथाओ म समपनन करन की योजना परसतत की गयी हालातक इस थीतसस म भी क खातमया थी तमसाल क तलए यह भारत क बजयआ वगय को दलाल मानती थी लतकन कल तमलाकर यह लाइन ततकालीन पररतसथततयो म सापकत बहतर थी लतकन दो वषयो तक पाटटी पर रणतदव-लाइन का वचयसव बन रहन की वजह स तलगाना सघषय को भारी नकसान हआ दश क तवतभनन तहससो म तकसान सघषषो को तलगाना की राह पर आग बढ़ान और मज़दर वगय क सघषषो को उनक साथ जोड़न क बजाय ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवाद न पाटटी को जन समदाय स अलग-थलग कर तदया और कतारो की पहलकदमी को पग बना तदया लतकन अनतरराषटीय सतर पर आनधर लाइन क अनमोदन क बाद रणतदव की ldquoवामपनथीrdquo अवसरवादी लाइन अलग-थलग पड़ गयी मई-जन 1950 को रणतदव की बजाय राजशवर राव पाटटी क महासतचव बन और पाटटी न आनधर-थीतसस को आतधकाररक लाइन क तौर पर सवीकार तकया लतकन इस समय तक पहल ही काफ़ी दर हो चकी थी दशवयापी सतर पर सघषय क तवसतार की समभावनाओ का गलत लाइन काफ़ी हद तक गला घोट चकी थी और नयी बजयआ सता को अपन सदढ़ीकरण क तलए तीन वषषो का कीमती समय तमल चका था

सोनवयत िततव का मागषदशषि1951 तक आत-आत पाटटी क

भीतर तलगाना सघषय क आग क रासत क बार म मतभद गहरान लग बमबई मखयालय म हावी एसए िाग घाट और अजय घोष आतद का दतकणपनथी धड़ा शर स ही आनधर लाइन का तवरोध कर रहा था लतकन आनधर कमटी का बड़ा तहससा तफर भी सघषय को जारी

रखना चाहता था उसका मानना था तक फ़ौरी तौर पर नकसान क बावजद सघषय को जारी रखना और दश क अनय अनकल पररतसथततयो वाल भभागो म उसका फलाव ममतकन ह

पाटटी म मौजद मतभद सकट और तवभम की तसथतत को दर करन क तलए एक बार तफर अनतरराषटीय नततव पर भरोसा तकया गया और चार सदसयो का एक परतततनतधमिल 1951 क परारमभ म सोतवयत पाटटी क नततव स बातचीत करन क तलए मासको गया इसम दो ndash राजशवर राव और बासवपनया तलगाना सघषय क नता थ जबतक अनय दो ndash अजय घोष और िाग उसका तवरोध कर रह थ सोतवयत पाटटी की ओर स सतातलन मालकोव मालरोव और ससलोव न बातचीत की पी सनदरयया न पाटटी दारा सघषय वापस लन क फसल को जायज़ ठहरान क तलए अपनी तकताब म इस ओर इशारा तकया ह तक सतातलन न तलगाना सशसतर सघषय को वापस लन का सझाव तदया था योतक इस गोररला सघषय क समथयन म वयापक जन समथयन क अभाव म यह सघषय वयततगत आतकवाद की तदशा म बढ़ सकता था लतकन इस सघषय क भागीदार और नसलबाड़ी तकसान तवदरोह क बाद चार मजमदार की दससाहसवादी लाइन का तवरोध करत हए करातनतकारी जनतदशा की बात करन वाल िीवी राव न अपनी तकताब ldquoतलगाना ऑमय िसटगल एि तद पाथ ऑफ़ इतियन ररवोल यशनrdquo म तलखा ह तक उस समय उनह पाटटी म यह ररपोटय तकया गया था तक सतातलन न भारतीय परतततनतध मिल स कहा था तक ldquoसशसतर सघषय जारी रखन क तलए अतधक हतथयार अतधक कािर और सघषय क इलाको म ापामारो क तलए आवशयक सभी चीज़ो को भजा जाना चातहएrdquo बाद म जब परतततनतध मिल न सशसतर सघषय जारी रखन म आन वाली चनौततयो पर जोर तदया तो सतातलन का कहना था ldquoयह अफ़सोस की बात ह तक आप लोग सघषय की रका नही कर पा रह हrsquorsquo

परतततनतधमिल क भारत लौटन क बाद भारत म जनवादी करातनत क काययकरम का एक मसौदा तयार तकया गया और एक नीतत-तवषयक वतवय जारी तकया गया तजसम सशसतर सघषय का तज़कर तो नही था लतकन रणकौशल-तवषयक दसतावज़ म ldquoअपररपव तवदरोह और जोतखम भरी कारयवाइयो स सावधान रहत हएrdquo तकसानो क ापामार यदध क साथ ही मज़दरो की वगटीय हड़तालो और सघषय क अनय रपो क इसतमाल की बात कही गयी थी उसम इस धारणा को भी गलत ठहराया गया था तक दश क तकसी तहसस म सशसतर तवदरोह तभी शर तकया जा सकता ह जब पर दश म तवदरोह की तसथतत तयार हो दसतावज़ क अनसार तकसी एक बड़ भभाग म तकसान सघषय क ज़मीन-ज़बती क सतर पर पहचन क बाद वयापक जनानदोलन और ापामार यदध यतद ठीक तरह स सगतठत हो तो दशभर क तकसानो को

उदतलत करक सघषय को उचच धरातल पर पहचा दना समभव ह एक शािदार सघरष की शमषिाक

ढग स वापसमी1951 तक आत-आत पाटटी म

दतकणपनथी अवसरवादी हावी हो चक थ कनदरीय कमटी न आनधर की कमटी को सघषय कवल तब तक जारी रखन को कहा जब तक पाटटी सरकार स उस सथतगत करन की शतषो पर बातचीत परी न कर ल इन शतयो म तकसानो क कबज़ की ज़मीन ज़मीनदारो को वापस न करना कतदयो की ररहाई मकदम वापस लना और पाटटी स परततबनध हटाना परमख थी लतकन कनदरीय कमटी क इस तनणयय क तवपरीत अजय घोष क नततव वाल दतकणपनथी धड़ और आनधर क रतव नारायण रििी गट न तबना शतय सघषय वापसी क तलए दबाव बनाना शर तकया पाटटी की इस तसथतत का लाभ उठाकर नहर सरकार न तकसी भी शतय को मानन और बातचीत करन स इनकार कर तदया मई 1951 तक कनदरीय कमटी म आनधर क सदसय भी मान चक थ तक अब आतशक ापामार सघषय भी जारी रख पाना समभव नही ह

अटबर 1951 म पाटटी न तबना तकसी शतय तनहायत घटनाटक ढग स सघषय वापस लन की घोषणा कर दी जगल क ापामार नताओ को इसकी खबर बाद म लगी पाटटी अब परी तरह स ससदीय राह पर चल पड़ी दतकणपनथी धड़ क सामन उसक तवरोतधयो न आतमसमपयण कर तदया और कतारो म भारी पसती का माहौल फल गयातलगािा सघरष की फौरमी पराजय

क काररतलगाना सघषय की फ़ौरी पराजय

का सबस बड़ा कारण यह था तक पाटटी बोशतवक ढग स एकीकत नही थी और उसम ऊपर स नीच तक ldquoवामrdquo और दतकणपनथी भटकाव क धड़ मौजद थ इसतलए वह भारतीय करातनत को नततव दन म अकम थी 1946 स 1951 क बीच पहल पीसी जोशी काल क दतकणपनथी भटकाव न तफर रणतदव काल क ldquoवामपनथीrdquo भटकाव न और तफर अजय घोष काल क दतकणपनथी भटकाव न पर दश सतर पर और तलगाना क सतर पर पाटटी क काययो को काफ़ी नकसान पहचाया था यह एक ऐसा सकरमण-काल था जब नयी सता क सदढ़ीकरण की परतकरया अभी परी नही हई थी लतकन नौसना-तवदरोह तभागा-तलगाना-पनपरावायलार क तकसान सघषयो और दशवयापी मज़दर आनदोलनो को एक कड़ी म तपरोकर जनकरातनत की धारा को आग बढ़ान म पाटटी-नततव नाकाम रहा यतद यह परतकरया आग बढ़ती तो कागस की समझौतापरसती का पहल और नगा होकर सामन आता और पाटटी क नततव म यतद जनवादी करातनत जदी परी नही भी होती तो या तो दीघयकातलक लोकयदध मज़बत आधार पर आग की मतज़लो म परतवषट हो गया होता या जनसघषयो क दबाव म

(पज 2 पर जारमी)

10 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

बगलादश म एक बार फिर मिाि की आग की बलल चढ़ 52 मज़दरndash भारत

भारत हो या बगलादश या कोई अनय पजीवादी दश मातलको क तलए मज़दरो की अहतमयत कीड़-मकोड़ो स जयादा नही होती बीत 8 जलाई को बगलादश म ढाका क नारायणगज कत म जस क कारिान म भीषण आग लगी तजसम 52 मज़दरो की जान चली गयी और कई घायल हए 35000 वगय फ़ीट म बन कारिान म तसफ़य दो जगह सीतढ़या थी मातलक न जल की तरह सार दरवाज़ो पर ताला लगा रखा था तजसस मज़दर आग लगन क समय भाग भी नही पाय और जलकर मर गय क मज़दर तो ऊची त स कदन क कारण मार गय

साजीब गप की यह कमपनी ऑसटतलया अमररका भारत भटान नपाल जस दशो म अपना माल तनयायत करती थी पर इतनी बड़ी कमपनी होन क बावजद इसक कारिान म सरका क कोई इनतज़ाम नही थ और न ही आग लगन क बाद तनकलन का कोई रासता था आग इतनी भीषण थी तक उस बझान म 3-4 तदन लग गय

बगलादश म टसटाइल सटर सबस बड़ा सटर ह चीन क बाद बगलादश तसल-तसलाए कपड़ो का दतनया म सबस अतधक तनयायत करन वाला दश ह 84 परततशत तनयायत राजसव बगलादश को इसी स तमलता ह 45 लाख मज़दर करीब 4500 गारमट क कारिानो म काम करत ह इसक बावजद यहा क कारिानो म तसथतत नकय स भी बदतर ह सरका स लकर बतनयादी इनतज़ाम तक इनम मौजद नही ह इसी कारण आय-तदन कारिानो म आग लगन की घटनाए सामन आती ह

बगलादश म कारिान म आग की यह कोई पहली घटना नही ह सबको याद होगा तक बगलादश क इततहास म मज़दरो क तलए सबस बड़ी जानलवा घटना 2013 म घटी थी जब ढाका क राणा पलाज़ा गारमट सटर म आग लगन स 1100 स भी जयादा मज़दर मार गय थ इतनी भयानक घटना क बाद भी यह तसलतसला रका नही अगसत 2016 म दतकण बगलादश क चटगाव म फ़तटयलाइज़र कमपनी म गस लीक होन

स 100 मज़दर मार गय 2019 म एक गोदाम म आग लगन स 67 मज़दरो की मौत हो गयी 2010 म गर-काननी कतमकल कारिान म आग लगन स 123 मज़दरो मार गय और 2012 म ढाका क ताज़रीन फशन फटी म आग स 117 मज़दरो की मौत हई थी बगलादश क कारिानो म आग स मज़दरो की मौतो की यह फहररसत लमबी ह एक ररपोटय बताती ह तक 1990 क बाद स बगलादश क कारिानो म आग लगन की 50 स जयादा बड़ी घटनाए हई ह तजनम हज़ारो मज़दर मार जा चक ह इनह दघयटना या हादसा कहना सचचाई क साथ अनयाय होगा य सब मातलको व बड़ी-बड़ी कमपतनयो क मनाफ़ की हवस को परा करन क तलए की गयी हतयाए ह

दतनया की सारी बड़ी गारम ट कमपतनयो का माल यहा तयार होता ह तजसक तलए मज़दर 18-18 घट तक खटत ह और वतन क नाम पर 94 िॉलर यानी करीब 7000 रपय तक ही पात ह आज बगलादश क तजस तज़ तवकास की चचाय होती ह वह इनही मज़दरो क बबयर

और नग शोषण पर तटका हआ हइन कारिानो म साधारण दसतानो

स लकर जत तक नही तदय जात और कतमकल वाल काम भी मज़दर नग हाथो स ही करत ह फटररयो म हवा की तनकासी तक क तलए कोई उपकरण नही लगाय जात तजस वजह स हमशा धल-तमटी और उतपादो की तज़ गनध क बीच मज़दर काम करत ह जवानी म ही मज़दरो को बढ़ा बना तदया जाता ह और दस-बीस साल काम करन क बाद जयादातर मज़दर ऐस तमलग तजनह फफड़ो स लकर चमड़ी की कोई न कोई बीमारी होती ह

राणा पलाज़ा की घटना क बाद मटीनशनल कमपतनयो न कारिानो म सरका क इनतज़ाम पखता करन क बड़-बड़ दाव तकय मज़दरो को आग स बचन क तलए परतशकण तदया और यह तदखान क तलए और भी बहत सी नौटकी की तक मज़दरो की जान को लकर व तकतन ldquoतचतततrdquo ह लतकन आय तदन होन वाली आग लगन की घटनाए इन कमपतनयो की नौटकी का

राज़ खोल दती ह और यह नगी सचचाई सबक सामन आ जाती ह तक इनह अपन मनाफ़ स जयादा कोई पयारा नही ह इसी तलए बगलादश म शरम काननो का कोई महतव नही ह बगलादशी सरकार और उनकी परधानमती शख हसीना भी मज़दरो की मौत पर चपपी साध बठी रहती ह आतिर उस भी अपन पजीपतत आकाओ की सवा करनी ह हर जगह मज़दरो की हो रही मौतो की तज़ममदार यह समची मनाफ़ािोर पजीवादी वयवसथा ह जो मज़दरो क िन की आतिरी बद तक को तनचोड़कर अपना मनाफ़ा तनकालती ह

हम मज़दरो क तलए यह तज़नदगी और मौत का सवाल ह तक हम इस समची पजीवादी वयवसथा को उखाड़ फ कन की तयारी कर अपनी करातनतकारी पाटटी का तनमायण कर और मज़दर राज कायम करन की लड़ाई लड़ चाह इसम तकतना ही समय यो न लग जाय वरना हमारी आन वाली पीतढ़या भी ऐस ही पशओ क समान जीन और मरन को मजबर होगी

वति ि दि और वति कटौतमी म घपलबाज़मी को लकर मािसर की शमीनिसस कमिमी क मज़दरो क काििमी सघरष की उममीद भमी लगभग ख़तम

ndash शाम मदतवशरीतनसस वायररग तलतमटि

(मानसर) क मज़दरो को तपल ह महीन स उनक वतन का भगतान नही तकया गया ह दसर वतन स कमपनी दारा पसा काटन क बावजद न तो पीएफ़ और न ही ईएसआयी म पसा जमा तकया गया ह और न ही मज़दरो दारा कमपनी स तलय गय कज़य की तकशत चकायी जा रही थी इस तानाशाही व घपलबाज़ी की तशकायत मज़दरो न शरम उपाय त को 9 जलाई को तलतखत रप म भी की थी सटाफ़ क करीब 20 मज़दरो की तनखवाह का जनवरी 2021 स तथा ठका व अपरतटस मज़दरो का अपरल 2021 स भगतान नही तकया गया ह तशकायत क बाद एक महीन की तनखवाह उनक खात म ज़रर िाल दी गयी ह अभी भी करीब 50 अपरतटस मज़दरो 15-20 ठका मज़दरो तथा सटाफ़ क 20 मज़दरो की सलरी का भगतान बकाया ह वतन न तमलन क कारण बहत स मज़दर काम भी ोड़ चक ह करीब 200 ठका मज़दरो म स महज़ 15-20 मज़दर और सटाफ़ क भी करीब 85 म स 50 मज़दर ही बच ह

कमपनी परबनधन इन समसयाओ का कारण काम की कमी बता रहा ह जबतक मज़दर कह रह रह ह तक काम की कमी नही ह उट काम इतना ह तक कमपनी ऑियर परा नही कर पा रही ह तफ़लहाल कमपनी म समसयाओ क बावजद काम चल रहा ह और बच हए मज़दर काम भी कर रह ह और वतन-समबधी समसयाओ स भी जझ रह ह असल म इस कमपनी को मातलको क ही ररशतदारो को बचन की तयारी चल रही ह चतक कागज़ो म एक समय-सीमा क भीतर कमपनी को दसरी कमपनी को सौपना ह तो पहल परान मज़दरो को तनकालन का षियत रचा जा रहा ह

शरीतनसस कमपनी ऑटोमोबाइल सटर क तलए कल-पजज बनान वाली

एक विर कमपनी ह जो मारतत हीरो जसी मदर कमपतनयो तथा नपीनो परीकॉल तमिा मदरसन लकास टीवीएस इटरफस असती पदतमनी वीएनए एसएमएल तफ़तलपस आतद विर कमपतनयो क तलए हारनस बनाती ह इसका दसरा पलाट रदरपर म ह

तपली 19 जलाई को मज़दरो को िीएलसी ऑतफ़स म सनवाई क तलए बलाया गया था लतकन न तो उस तदन शरम उपाय त तदनश कमार (गड़गाव) आय और न ही परबनधन की तरफ़ स कोई आया 23 जलाई को होन वाली अगली सनवाई क पहल ही कमपनी न पॉवर कट का बहाना बनाकर काम बनद कर तदया और गट भी नही खोला 27 जलाई की समझौता वाताय म कमपनी क न आन पर शरम तवभाग न एस पाटटी (एकपकीय तनणयय) क तौर पर फसला तदया तजसक आधार पर मज़दर तबना तकसी ज़मीनी सघषय की तयारी क महज़ काननी तरीक स अतधकार पान का सपना दखन लग थ

पहल भी ऐसा दखा गया ह तक कमपनी क तबकन या 30 तदन की समय-सीमा क अनदर दोबारा सनवाई करक तनणयय को पलट तदया गया और मज़दरो क साथ धोखा हो गया अगसत म कमपनी परबनधन न बच-खच मज़दरो की एकता को िरा-धमकाकर व भतवषय का िर तदखाकर तोड़ तदया कमपनी परबनधन दारा यही कहा गया तक अभी जो तमल रहा ह उस ल लो वरना वह भी नही तमलगा कोटय क चकर काटत रह जाओग इस तरह स जो काननी सघषय की समभावना थी उस भी बरी तरह स कमज़ोर कर तदया गया 60-70 मज़दरो म भी महज़ 10-15 बच थ तजसम 4-5 सटाफ़ क थ और 10-12 कमपनी रोल पर एक मज़दर न बताया तक मज़दर 20-50 हज़ार रपय म तहसाब लकर काम ोड़कर चल गय ह कइयो न तो परा

वतन और मआवज़ा तक भी नही तलया जो तमला उसी को ठीक समझा ऐस म अब सब मज़दरो को तहसाब तमलना भी मतशकल लग रहा ह

यह सब तब हआ जब कमपनी न तबना तकसी नोतटस चतावनी व तफ़तीश क एकतरफ़ा मनमज़टी स आवाज़ उठान वाल मज़दरो को गट बनद करक बाहर कर तदया इस तरह परबनधन दारा मारपीट की धमकी स गट पर बठ मज़दरो का हौसला टट गया ऑटोमोबाइल इिसटी काटट वकय सय यतनयन न उनक सामन यही बात रखी तक हम जद स जद मीतटग करक सामतहक रप स सघषय का रासता तनकालना चातहए लतकन मज़दर अपन आप को इसक तलए तयार नही कर पाय परबनधन क िर स मज़दर तकसी भी यतनयन स ररशता बनान स िर रह थ

सघरव की कमजोरी या थी अगर मड़कर दख तो पहल ज़मीनी सघषय का रासता ोड़कर महज़ काननी परतकरया पर तनभयरता का रासता अपनाया गया तफर मातलको दारा िरान-धमकान पर मज़दर िर गय और एक-एक करक टटत चल गय जब मज़दरो को ज़बरन दोबारा गटबनद करक बाहर तकया गया था उसी वक़त मज़दरो को एकजट होकर ज़मीनी सघषय क रासत पर बढ़ना चातहए था तब भी ऑटोमोबाइल इिसटी काटट वकय सय यतनयन यही कह रही थी तक एक परचा तनकालकर पर मानसर क औदयोतगक कत म बाटत हए इलाक क तवतभनन फटी मज़दरो स सघषय म साथ दन की अपील करनी होगी चाह उन फतटयो म यतनयन हो या न हो लतकन शरीतनसस फटी क मज़दरो की न तो कोई अपनी यतनयन थी और न ही तकसी आनदोलन म शातमल होन का अनभव और न ही फटी सतर पर मज़दरो की कोई सघषय सतमतत थी इसतलए व तकसी भी तरह क एकजट सगतठत सघषय का रासता नही अपना सक दसर शबदो म

मज़दर सातथयो का सघषय और राजनीतत स साबका बहत ही कम था सघषय और राजनीतत की अनभवहीनता और उनक परतत उदासीनता और साथ ही काननी परतकरया पर पणय तवशवास उनकी मखय कमज़ोररया थी हम मज़दरो को यह समझ लना चातहए तक शरम तवभाग स लकर फ़टी इसपटर आतद पजीपततयो मातलको और ठकदारो की सवा करत ह कोई एक अतधकारी ईमानदार भी हो तो भी वह क िास नही कर सकता ह योतक जब कभी मज़दरो क पक म शरम तवभाग का फसला आता भी ह तो उस लाग करन की कोई वयवसथा भारत की पजीवादी वयवसथा म जानबझकर की ही नही गयी ह काननी सघषय कभी-कभार ही सफल होत ह और वह भी तब जब उसक पी मज़बत ज़मीनी सघषय मौजद हो

ज़ररमी सबक इन तदनो मज़दरो की तनखवाह दर

स तमलना अधरी तमलना या न तमलन क मामल बढ़त ही जा रह ह कक मामलो को ोड़कर अतनयतमत मज़दरो क मामल शरम तवभाग तक पहच ही नही पात ह शायद ही कोई कमपनी होगी तक जहा काम करन वाल कचच मज़दरो की तनखवाह क मामल म कभी कोई समसया न आयी हो इसतलए मज़दरो को महज़ शरम तवभाग और शरम नयायालय क तनणययो तक अपन आप को सीतमत नही रखना चातहए सघषय क मखय पहल यानी ज़मीनी सघषय की तयारी व कारवाई को जारी रखना चातहए जब दतनया म शरम कानन नही थ तो सघषयो क ज़ररए ही शरम कानन बनवाय गय थ और लाग भी करवाय गय थ आज ज़मीनी सघषयो क कमज़ोर पड़न की वजह स पहल क हातसल तकय गय अतधकार गर-काननी और काननी तौर पर ीन जा रह ह इसक तलए एक बार तफर स दश म मज़दरो को हक और इसाफ़ की लड़ाई क तलए कमर

कसनी होगी ज़मीनी सघषयो को भी तभी आग बढ़ाया जा सकता ह जब मज़दर भाई और बहन अपन आस-पास क सभी मज़दर और अनय जनसघषयो स सतकरय ररशता बनाए और मज़दरो क सघषयो क इततहास स भी पररतचत हो साथ म ही इन सभी सघषयो पर सोच-तवचार करक अपन तलए सबक तनकालना भी मज़दरो क तलए बहद ज़ररी ह योतक इसी परतकरया म व अपन सघषयो की कमज़ोररयो को भी समझग और आन वाल तदनो क सघषयो को पहल स जयादा मज़बत बनायग आज क समय म कारिान क भीतर और सभी कारिानो क मज़दरो और तवशषकर असथायी मज़दरो की एकता और सगठन बहत ज़ररी ह उसक तबना उनकी ताकत बहद कम होती ह और मातलक और ठकदार उनस तनपट लत ह अगर हम य सार कदम नही उठात तो अचानक तसर पर मसीबत पड़न पर क समझ नही आता ऐस म या तो िर व अतनतशचतता क कारण मज़दर साथी जदी टटत ह और तरनत तहसाब ल लत ह या तफर तमाम ऐसी मौकापरसत और समझौतापरसत यतनयनोफिरशनो या िद की अनभवहीन या मौकापरसत और समझौतापरसत कमटी क चकर म फसकर अनत म थक-हार कर तहसाब लन को मजबर हो जात ह थोड़-बहत मज़दर तबना ज़मीनी सघषय क हक और नयाय पान क इनतज़ार म कोटय-कचहरी म तघसटत रहत ह

जहा तक मज़दरो क करातनतकारी यतनयन आनदोलन का परशन ह आज ज़ररत ह तक मज़दरो को कारिान क पमान क साथ-साथ पर सटर और इलाकाई पमान पर एकजट और सगतठत तकया जाय तातक सकट की घड़ी म एक-दसर क साथ खड़ा हआ जा सक इस बात को पहल स कही जयादा और जद स जद लाग करन की ज़ररत ह तातक

(पज 15 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 11

(पज 12 पर जारमी)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का हमज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहए

ndash जशवािमीहाल म भारत क दो उतर-पवटी

राजय असम-तमज़ोरम क बीच सीमा-तववाद स जड़ा हआ घटनाकरम काफ़ी सतिययो म रहा उतर-पवय का नाम सनकर हमम स क को लग सकता ह तक इतनी दर-दराज़ की घटना स हम मज़दरो-महनतकशो का सरोकार भला यो होना चातहए इसतलए होना चातहए योतक यह भी मज़दर वगय की करातनतकारी राजनीतत को समझन और जानन क तलए आवशयक ह तकसी भी रप म दबायी जा रही या उतपीड़ तत हो रही जनता और उसकी समसयाओ और सघषयो स सरोकार रख तबना मज़दर वगय वयापक महनतकश जनता की करातनतकारी एकता कायम नही कर सकता ह शासक वगय दतमत कौमो क बीच भी मौजद अनतरतवरोधो और तववादो को हवा दता ह तातक उनह आपस म लड़वाकर कमज़ोर तकया जा सक हआ यह ह तक हाल ही म असम और तमज़ोरम क बीच राजय की सीमाओ को लकर एक तववाद पदा हो गया

यह कोई पहली बार नही ह जब असम और तमज़ोरम क बीच अनतरराजयीय सीमा को लकर तववाद उठ खड़ा हआ हो इसस पहल भी दोनो राजयो क बीच सीमा-तनधायरण को लकर झगड़ और तववाद पदा हए ह तजनहोन कई बार काफ़ी उग रप भी अतखतयार तकय ह

हालातक इस बार इस तववाद क साथ जो तहसा की वारदात हई उसम सवय असम पतलस और तमज़ोरम पतलस शातमल भी थी यही कारण ह तक आम तौर पर हातशए पर रहन वाल उतर-पवय क राजयो क मामलो न lsquoमखयधाराrsquo म भी इस मद को लकर चचाय ड़ दी लतकन यह परी चचाय ही सतही थी और इस तववाद क हर परकार क तवशलषण म आम तौर पर ऐततहातसक दतषट का अभाव था और मखय राजनीततक परशनो की अनपतसथतत थी सचचाई यह ह दक राजयो की सीमा स जड य दववाि कवल असम और दमजोरम क बीच ही मौजि नही ह बदलक उततर-पवव क अय राजयो क बीच भी इनको लकर खासा इदततलाफ ह उततर-पवटी राजयो म इन तमाम सीमा-दववािो की जड वातव म इदतहास म मौजि ह दजसम पहल औपदनवदशक सतता और बाि म वाततयोततर भारतीय राजयसतता की िमनकारी व ग़र-जनवािी नीदतयो और कौमी िमन की भदमका कदीय ह

इस बार असम-तमज़ोरम क बीच लमब समय स वयापत सीमा-तववाद न तल तब पकड़ा जब 26 जलाई को तमज़ोरम पतलस दारा राजय सीमा पर गोलीबारी म 6 असम पतलसकतमययो की मौत हो गयी और 50 क करीब पतलस अतधकारी व पतलसकमटी घायल हए इस तहसा म एक नागररक की मतय भी हई हालातक तमज़ोरम का दावा था तक हमला पहल

असम पतलस की तरफ़ स हआ था और उसन महज जवाबी कारयवाई की थी गौरतलब ह तक कनदरीय गहमती अतमत शाह की 25 जलाई को तशलाग म उतर-पवटी राजयो क मखयमततयो क साथ बठक हई थी तजसम तमाम मसलो क साथ असम क तमज़ोरम नगालि अरणाचल परदश और मघालय क साथ सीमा-तववाद पर बातचीत भी शातमल थी 26 जलाई की घटना इस बठक क बाद ही घतटत हई

इस घटना क बाद असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा और तमज़ोरम क मखयमती ज़ोरामथगा क बीच इन तहसा की घटनाओ की तज़ ममदारी को लकर काफ़ी बहस चली और आरोपो-परतयारोपो का भी एक लमबा तसलतसला चला मोिी सरकार क दलए यह शदमविगी पिा करन वाली दथदत थी वजह यह ह दक असम म भाजपा की सरकार ह और दमजोरम म सततासीन दमजो नशनल फरणट उततर-पवव लोकतादरिक गठबधन (एनईीए) का दहसा ह दजसका गठन भाजपा क नतकतव म 2016 म हआ था और तजसक सयोजक उस समय स ही असम क वतयमान मखयमती हमनत तबसव सरमा ह

बहरहाल 26 जलाई क इस घटनाकरम क बाद दोनो राजयो म तसथतत को ldquoसामानयrdquo तकय जान क तलए 28 जलाई को कनदरीय गह सतचव क साथ असम और तमज़ोरम क राजय गह सतचवो की लमबी वाताय हई तजसम ldquoआपसी बातचीतrdquo स सीमा-तववाद का तनपटारा करन पर सहमतत बनायी गयी और राषटीय राजमागय 306 पर कनदरीय सरका बलो की तनाती क तनदजश तदय गय बावजद इसक तसथतत गमभीर ही बनी रही असम सरकार न अपन राजय क लोगो क तलए याता-समबनधी तनदजश जारी करक उनह तमज़ोरम न जान की तहदायत दी असम पतलस को तनदजश जारी तकय गय तक तमज़ोरम स आन वाली हरक गाड़ी की अनतरराजयीय चक पोसट पर गर-काननी नशील पदाथयो इतयातद क तलए ठीक स जाच की जाय और इसक बाद ही राजय म आन की अनमतत दी जाय असम न तमज़ोरम को जान वाला राषटीय राजमागय क समय क तलए बनद भी कर तदया था तजसस आवशयक वसतओ दवाओ आतद को तमज़ोरम पहचान म तदक़कत भी पश आयी यही नही असम पतलस दारा तमज़ोरम पतलस और तमज़ोरम स राजय सभा सदसय क वनलावना क तिलाफ़ पराथतमकी भी दजय की गयी तो वही तमज़ोरम पतलस न भी असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा और असम पतलस क अनय अतधकाररयो क तिलाफ़ तशकायत दजय की हालातक दोनो तरफ़ की इन तशकायतो को बाद म वापस ल तलया गया इसक बाद गहमती अतमत शाह क ldquoहसतकपrdquo क बाद दोनो राजयो क मखयमततयो न एक साझा बयान जारी करक तसथतत को ldquoसामानय

बनान और तनाव को ितम करनrdquo की बात कही लतकन भाजपा क तलए तो तसथतत वाकई म लशपणय हो गयी थी इस पर घटनाकरम क पी काम कर रह कारको को थोड़ा गहराई स समझना होगा

उततर-पवष म फासमीवादमी-अनधराषटवादमी भाजपा का बढ़ता

राजिमीनतक दख़लवातव म 2016 म उततर-पवव

लोकतादरिक गठबधन (एनईीए) क गठन क पीछ भाजपा की असली मशा उततर-पवव म अपना राजनीदतक िखल बढाना था और साथ ही उततर-पवव क ldquoतनावगतrdquo इलाको क मखयभदम भारत क साथ एकीकरण क परोजट को आग बढाना भी था जो वातव म और कछ नही बदलक उततर-पवव म भारतीय राजयसतता दारा राषटीय िमन की नीदत का ही दहसा ह भारतीय राजयसता दारा उतर-पवय म बस रही तमाम राषटो और अपसखयक राषटीयताओ क साथ तकय गय ऐततहातसक ल-कपट और वायदा-तिलाफ़ी की चचाय हम आग करग लतकन जहा तक पर उतर-पवय म अपनी पकड़ बनान का परशन ह तो भाजपा क तलए ऐसा करना इतना सगम भी नही ह क समझौतापरसत घटनाटक ताकतो को ोड़ तदया जाए जोतक असर हर दतमत कौम म पायी ही जाती ह तो वयापक आबादी म भारतीय राजयसता क तिलाफ़ गहरी ऐततहातसक नफ़रत मौजद ह और भारत स आज़ादी की चाहत परबल ह इस पर कत म ही भारतीय हमरानो की कौमी दमन की नीततयो की मिालफ़त का एक लमबा इततहास भी मौजद रहा ह और वतयमान म भाजपा क तमाम फ़ासीवादी व अनधराषटवादी नीततयो क तिलाफ़ परततरोध की भी तमसाल ह

यह तथय भी यहा रखादकत करना आवशयक ह दक भाजपा और सघ पररवार उततर-पवव म दवशर तौर पर असम को दहितव फासीवाि की नयी परयोगशाला बनान क दलए काफी जोर लगा रह ह असम म सामपरदातयक धरवीकरण की राजनीतत को इसी उदशय स भाजपा कभी एक तो कभी दसर रासत स लगातार अमल म ला रही ह जहा तक असम का परशन ह तो तपल साल सीएए-एनआरसी का तशगफ़ा भी इसी मकसद स उाला गया था हालातक असम म उसका तवरोध अनय कारणो स हआ था और तवरोध पहल स मौजद ldquoसथानीय बनाम परवासीrdquo की अतसमतावादी राजनीतत क कारण जयादा हो रहा था

हाल म ही असम की भाजपा सरकार दारा भी ldquoजनसखया तनयतणrdquo क नाम पर अनय भाजपा-शातसत परदशो की तज़य पर ही मसलमान-तवरोधी फ़ासीवादी फ़रमान जारी करन की शरआत कर दी गयी ह इसक अलावा क समय पहल ही असम पश सरकण तवधयक 2021 पाररत तकया गया तजसक चलत गोमास

की तबकरी पर आतशक रोक लगना तय ह नय कानन क तहत राजय म मवतशयो क वध उपभोग और पररवहन को तवतनयतमत करन क परावधान शातमल ह वासतव म वतयमान तवधयक और क नही बतक 1951 क असम पश सरकण कानन का lsquoअपगिि वज़यनrsquo ह गौरतलब ह तक उस वक़त कागस न यह कानन बनाया था या इसी तथय स ही कागस की धमय-तनरपकता और फ़ासीवाद-तवरोध क ढोल की पोल नही खल जाती ह असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा न दावा तकया तक इस तवधयक क पी कोई गलत मशा नही ह और इसस तो असल म सामपरदातयक सदभाव मज़बत होगा यही नही इन महोदय क अनसार सामपरदातयक सौहादय बनाय रखन क तलए कवल तहनद ही तज़ममदार यो हो मसलमानो को भी इसम सहयोग करना चातहए नया कानन बन जान पर तकसी वयतत को मवतशयो का वध करन पर तब तक रोक होगी जब तक तक उसन तकसी तवशष कत क पजीकत पश तचतकतसा अतधकारी दारा जारी आवशयक परमाण पत परापत नही तकया हो उतचत दसतावज़ क अभाव म मवतशयो को एक तज़ल स दसर तज़ल और असम क बाहर पररवहन को भी अवध बनान क परावधान ह इस कानन क तहत सभी अपराध सजय और गर-ज़मानती होग इस कानन को लकर उततर-पवव क अय राजयो म काफी असतोर ह योदक यह वहा क थानीय दनवादसयो क खान-पान की वतरिता और स कक दत पर सीध-सीध फासीवािी हमला ह

हम दख सकत ह तक उतर-पवय म फ़ासीवादी तगरोह न तसफ़य भारतीय राजय की परानी राषटीय दमन की नीतत को ही आग बढ़ा रहा ह बतक असम क उदहारण स यह भी सपषट हो जाना चातहए तक भाजपा और सघ पररवार अपन राजनीततक हसतकप क ज़ररए पर सामातजक तान-बान म सामपरदातयक नफ़रत तहदतववादी कटरता और धमायनधता को भी फलान का भरपर परयास कर रह ह और तफ़लहाल उनह असम म तो एक हद तक इसम सफलता भी हातसल होती हई नजर आ रही ह

असम-ममज़ोरम समीमा नववाद उपनिवशवाद की एक नवरासत

दरअसल तमज़ोरम और असम क बीच 1646 तकलोमीटर लमबी साझा सीमा ह तजसम तमज़ोरम क आइज़ोल कोलातसब और मातमत तज़ल और असम क कार हलाकािी और करीमगज तज़ल आत ह दोनो ही राजय lsquoइनर लाइन ररज़वय फ़ॉरसटrsquo क लगभग 131831 वगय तकलोमीटर कत पर अपना दावा पश करत ह तजसक कारण तकसी भी तातकातलक टकराहट की घटना क पदा होन स सीमा को लकर तववाद पनः उतपनन हो जाता ह इस बार भी यही हआ था

सतही तौर पर िखन पर असम-दमजोरम सीमा-दववाि क कद म

मखय तौर पर औदपवदशक काल की िो अदधसचनाए दिखलायी पडती ह जहा तमज़ोरम ऐततहातसक सीमा की बहाली क तलए 1875 की अतधसचना का तहमायती ह वही असम ऐततहातसक सीमा-तनधायरण क तलए 1933 की अतधसचना का पकधर ह 1933 की अतधसचना मतणपर और लशाई पहातड़यो (जोतक तमज़ो पहातड़या भी कहलाती ह) क बीच सीमा-तनधायरण क समबनध म ह जबतक 1875 की अतधसचना भतपवय लशाई पहातड़यो और कार क मदान क बीच सीमा-तनधायरण को तय करती ह तमज़ोरम का मानना ह तक 1933 की अतधसचना क समय उसकी रज़ामनदी नही ली गयी थी 1933 क बदल हए सीमा-तनधायरण क पी एक कारण तरितटश उपतनवशवातदयो क असम क चाय-बागानो स जड़ आतथयक-वयावसातयक तहत भी थ

इसक अलावा 1898 म औपतनवतशक तरितटश सता न 6 तसतमबर 1895 की दो अलग उदघोषणाओ क ज़ररए उतरी लशाई पहातड़यो को असम परानत क अधीन कर तदया और दतकण लशाई पहातड़यो को बगाल परानत क अनतगयत कर तदया इसक बाद 1 अपरल 1898 को तरितटश सता दारा एक अनय उदघोषणा क ज़ररए दतकणी लशाई पहातड़यो को असम को सथानानतररत कर तदया गया लबबलबाब यह दक लशाई पहादडयो या नगा पहादडयो जस पहाडी इलाको को दजनम दवदशषट नकजातीय समह रहत थ दजनकी अपनी दवदशषट स कक दत और जीवन-शली थी उह थानीय लोगो की रजामिी क बग़र जबरन कभी एक परशासदनक इकाई तो कभी िसरी परशासदनक इकाई म पटक दिया जाता रहा ह दजसक कारण एक असतोर औपदनवदशक िौर स ही इन इलाको म मौजि ह

आज़ादी क बाद सतवधान क ठ शियल क अनतगयत भारत म तमाम ldquoजनजातीयrdquo इलाको क परशासन क तलए उनह दो भागो म बाटा गया थाndash भाग ए और भाग बी 1952 म लशाई पहातड़यो क आइज़ोल और लङलह उपभागो तजनम तक मखयतः तमज़ो लोग बस हए थ का गठन इसी ठ शियल क अनतगयत भतपवय असम की lsquoलशाई पहाड़ी सवायत तज़ला काउतसलrsquo क तौर पर तकया गया और 1953 म बाकी बच हए कत म पावी लखर चकमा आतद अनय सथानीय बातशदो को तमलाकर एक कतीय काउतसल बनायी गयी 1954 म लशाई पहाड़ी तज़ल का नाम बदलकर तमज़ो तज़ला कर तदया गया 1972 म उतर-पवटी राजय पनगयठन अतधतनयम 1971 क तहत असम म स ही पहल तमज़ो तज़ल को कनदर शातसत परदश (lsquoयतनयन टररटरीrsquo) क रप म गतठत तकया गया 1986

12 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 13 पर जारमी)

(पज 11 स आग)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का हमज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहए

म तमज़ो राषटीय फट जो तक पहल भारतीय राजयसता क तिलाफ़ सशसतर सघषय म शातमल थी और भारत सरकार क बीच तमज़ो समझौता कायम होन क फलसवरप तमज़ोरम को पणय राजय का दजाय 20 फ़रवरी 1987 को परापत हआ

हालादक अलग राजय गठन स राषटीय समया का कोई समाधान नही हआ और िदमत कौमो क समबध म ऐसा हो भी नही सकता ह दजनक दलए एकमारि करादतकारी कायवकरम अलग होन क अदधकार समत आतमदनणवय क अदधकार का ही होता ह यहा यह भी सपषट करत चल तक सघवाद या तकसी भी परकार की कतीय सवायतता की तहफ़ाज़त या माग राषटीय दमन क िातम का काययकरम हो ही नही सकत ह जसा तक पजाब क क ldquoमासयवादीrdquo कौमवादी आजकल दावा करत तफर रह ह ऐसा कोई भी काययकरम एक शदधतः सधारवादी काययकरम ह और लतननवादी काययतदशा स इसका कोई लना-दना नही ह करातनतकारी मज़दर वगय साझी सहमतत स बन बड़ स बड़ राजय का पकधर होता ह और तवखिन की परतकरया को चाहता नही ह लतकन करातनतकारी मज़दर वगय करातनतकारी जनवाद का भी सबस मज़बत झिाबरदार होता ह और इसतलए वह जनवादी तरीक स और सभी कौमो की साझा सहमतत स ही बड़ राजय का पकधर होता ह

इस सदकषपत चचाव क बाि यह कहना ज़यािा उपयत होगा दक असम-दमजोरम क बीच यह आधदनक सीमा-दववाि वातव म औपदनवदशक िौर की ही एक दवरासत ह दजस भारत का उततर-पवव कहा जाता ह वह ऐदतहादसक तौर पर कभी भारत का दहसा था ही नही हालादक पराचीन काल स ही मखयभदम भारत क सामाजयो क इस इलाक स समपकव क परमाण मौजि ह उतर-पवय क जनजातीय इलाक पराक-औपतनवतशक भारत म शातमल नही थ यतद हम इततहास म थोड़ा पी जाय तो हम पात ह तक1818 म उस वत तरितटश ईसट इतिया कमपनी का हसतकप उतर-पवय म शर हो गया जब अहोम सामाजय क राजा न बमाय स बारमबार होन वाल हमलो स तनपटन क तलए उसस मदद मागी तरितटश ईसट इतिया कमपनी न परथम एगलो-बमटी यदध म बमटी सना को परासत तकया तजसक चलत यािाब की सतनध अमल म आयी इस सतनध क अनतगयत अहोम राजा न अपन राजय कत का एक तहससा तरितटश ईसट इतिया कमपनी को तोहफ़ म भट तकया तजसक फलसवरप तरितटश उपतनवशवाद उतर-पवय म अपन अतधकार और तहत कायम करन म सफल हो गया

इसक पशचात ही तरितटश औपतनवतशक शासको न अपन परशासतनक तहतो क मदनज़र इस पर भौगोतलक भ-भाग को औपतनवतशक भारत म शातमल तकया था तरितटश

उपतनवशवादी इस कत क भराजनीततक और सामररक महतव को दखत हए इस भारत और चीन क बीच एक lsquoबफ़र कतrsquo भी बनाना चाहत थ तजस व अपन आतथयक-वयापाररक तहतो क मातहत रखत तरितटश उपतनवशवातदयो न पहल इस भ-भाग को बगाल परानत क अधीन रखा और 1874 म अलग असम परानत का गठन करक भारत स इस पर कत का राजनीततक-परशासतनक एकीकरण तकया बावजद इसक मलतः और मखयतः औपतनवतशक नीतत उतर-पवय क समबनध म शष भारत स तवलगाव और तवलगन की ही थी तजसक फलसवरप यहा बसन वाली तमाम नजातीय-जनजातीय समहो क बीच भी अलगाव और पथकतव पदा हआ जोतक सवाभातवक ही था

जादहरा तौर पर उततर-पवव म दरिदटश हकमत की नीदतया अपन वयावसादयक-आदथवक दहतो और राजकीय-परशासदनक सहदलयतो स सचादलत थी उस दौर म मतणपर और ततपरा को ोड़कर जो तक ररयासत थी बाकी परा उतर-पवय अतवभातजत असम ही कहलाता था असम क ही इन तमाम जनजातीय इलाको की आग चलकर तरितटश औपतनवतशक परशासन दारा एक क बाद एक सीमा तनधायररत की जान लगी तजसम सथानीय जनजातीय समहो की सहमतत नदारद थी और तजसकी चचाय हम ऊपर कर चक ह पषट ह दक य कषरिीय परशासदनक दवभाजन न तो ऐदतहादसक पररदथदतयो को धयान म रखकर दकय गय थ और न ही जनवािी तरीक स जन-आकाकषाओ क आधार पर ही दकय गय थ यही कारण ह दक आज भी असम स दनकल अय राजयो म भारतीय राषटवाि और भारतीय राजयसतता क दवरदध नफरत और ग़सा तो ह ही लदकन इसक साथ ही असदमया अधराषटवाि क दखलाफ भी एक नाराजगी ह दजस उततर-पवव की अय कौम कषरिीय पमान पर lsquoदबग रििरलीrsquo (बड भाई-जसा) बतावव क रप म िखती ह

सकप म कह तो रिहमपत नदी क परब का तहससा भ-राजनीततक रप स पहली बार भारत क उपतनवशीकरण क बाद ही शष भारत स जड़ा बावजद इसक तरितटश उपतनवशवातदयो न उतर-पवय की जनता की शष भारत की आबादी स पारसपररक अनतरतकरया नही होन दी बतक आम तौर पर उस अवरदध भी तकया इसकी वजह स भ-राजनीततक दतषट स शष भारत स जड़न क बावजद इस कत की जनता का सासकततक अलगाव बना रहा आज़ादी क बाद भारतीय राजयसता की कौमी दमन की नीततयो क तहत ही इस कत की पराकततक व खतनज समपदा का दोहन करन क कारण इसम आतथयक शोषण का भी पहल जड़ गया तजसन इस अलगाव को और बढ़ाया और इस राजनीततक रप परदान तकया

उततर-पवष की कौमो क साथि भारतमीय राजयसतता क

नवशवासघात का काला इनतहास उतर-पवय म दमन की यह

औपतनवतशक तवरासत भारतीय राजयसता को आज़ादी क बाद उतरातधकार म परापत हई तजस यहा क शासक वगयो न हाथो-हाथ तलया आज़ादी क बाद स ही उतर-पवय को भारत म शातमल करन पर काफ़ी तववाद उतपनन हए भारत क साथ एकीकरण कोई पवयतवतदत पररणाम नही था जसा तक असर इततहास की आतधकाररक-सरकारी पसतको म पढ़ाया जाता ह आज़ादी स पहल भी तवशषकर नगा और तमज़ो नजातीय समहो म भारत स अलग सवतत राजनीततक अतसततव की इचा परबल थी हालातक जन 1947 म असम और उतर-पवय को भारत म शातमल करन का फ़सला ल तलया गया

आजािी क बाि जो उततर-औपदनवदशक शासक वगव अदततव म आया वह एक बहराषटीय और दमदरित शासक वगव था दजसम कशमीर और उततर-पवव की िदमत कौमो को छोडकर बाकी सभी कौमो क बजवआ वगव की अपन आकार और शदतमतता क दहसाब स नमाइिगी थी और कदीय सतता म दहसिारी थी कशमीर और उततर-पवव की कौमो को सचच और सही अथषो म आतमदनणवय का अदधकार िन की बजाय भारतीय शासक वगषो न उनका जबरन भारत क साथ एकीकरण दकया कशमीर क साथ ही उततर-पवव म भी भारतीय राजयसतता क आजािी क दपछल कई िशको की नीदतयो न राजकीय दहसा और कौमी िमन का बबवर रप अदततयार दकया ह

आज़ादी क बाद स ही उतर-पवय म राषटीय तवतवधताओ क साथ बस रही तमाम कौमो व नजातीय समहो की आज़ादी की चाहत को फ़ौजी बटो और बनदक क ज़ोर क दम पर भारतीय हमरानो न कचलन की सकड़ो कोतशश की ह 1962 क भारत-चीन यदध क बाद तो भारतीय राजय क तलए उतर-पवय और भी अतधक सामररक महतव का कत बन गया और भारतीय राजयसता को यहा तमाम राषटीय मतत सघषयो को ldquoराषटीय सरकाrdquo क नाम पर कचलन का एक परकार स lsquoलाइससrsquo भी परापत हो गया इस पर कषरि म 1958 स ही कखयात काला कानन lsquoसरकषा बल दवशर अदधकार अदधदनयमrsquo (अफपा) लाग ह तजसकी वजह स चनावो की रसमअदायगी होन क बावजद वहा वयवहारतः सनय शासन की तसथतत ह योतक सरका बलो को असीतमत अतधकार परापत ह इसी काल कानन का लाभ उठाकर भारतीय सना और अधयसतनक बलो न उतर-पवय म तपल पाच दशको स आतक का राज कायम तकया हआ ह और राजकीय दमन और तहसा का नगा नाच तकया

ह और इन राजयो की आम जनता क मानवातधकारो का बशमटी और दि-मतत क साथ हनन तकया ह ग़ौरतलब ह दक मानवादधकारो की धदजजया उडान वाला यह कानन परी तरह स सदवधान सममत ह

मखयभतम भारत म उतर-पवय को लकर काफ़ी हद तक गर-जानकारी और अजानता भी वयापत ह तजस आज भारत का उतर-पवय कहा जाता ह आज़ादी क वक़त उस पर भ-भाग म भतपवय असम परानत क असम क मदान आत थ इसक अलावा पहाड़ी तज़ल उतर-पवटी सीमावतटी परदश क नाथय-ईसटनय फतटयर टटस (एनईएफ़टी) और मतणपर और ततपरा की ररयासत शातमल थी इस कत म रहन वाल लोगो की ससकतत और इततहास म समानता और समरपता क क ततव जरर ह लतकन उनम कई तवतवधताए भी ह कल आठ राजयो यानी तक असम अरणाचल परदश मघालय मतणपर तमज़ोरम ततपरा नगालि तसतकम म तवभातजत उतर-पवय का कतफल दश क कल कतफल का 798 फ़ीसदी और इसकी आबादी दश की कल आबादी का 37 फ़ीसदी ह इस पर कत म लगभग 220 नजातीय समह और उपसमह रहत ह और लगभग इतनी ही बोतलया बोली जाती ह

औपदनवदशक शासन क अदतम िौर म और आजािी क बाि राजकीय व कौमी िमन स पिा हए राजनीदतक-साकक दतक अलगाव और आदथवक शोरण स उततर-पवव की दवदभन जनजादतयो म परदतरोध की चतना पिा हई जो एक खास दकम क नकजातीय राषटवाि (ethnic nationalism) क रप म दवकदसत हई भारतीय राजयसता दारा तकय गय बबयर दमन न इस परततरोध की चतना को और भी परबल बनाया नगा जसी क जनजाततया अपन कई उपसमहो को तमलाकर एक राषट क रप म तवकतसत हई तो क राषटीयताओ और उपराषटीयताओ क रप म अतसततव म आयी तजनकी कोई कतीयता तो नही थी लतकन तफर भी अनय राषटीय समहो स तभननताए थी इन राषटो-राषटीयताओ क परततरोध का साझा तबनद भारतीय राजयसता क दमन का तवरोध था जो इनका साझा शत थी और आज भी ह हालातक इनम आपसी अनतरतवरोधो का भी एक लमबा इततहास रहा ह मसलन नगा-ककी तववाद नगा-मइती तववाद नगा-जोमी तववाद असमी-तमज़ो तववाद असमी-बोिो तववाद आतद

दरिदटश उपदनवशवाि स आजािी क बाि भारतीय बजवआ राजयसतता न िमन की नीदतयो को खतम करन की बजाय और वहा बस रही कौमो को आतमदनणवय का अदधकार िन की बजाय इन िमनातमक कारगजाररयो को जयो-का-तयो बरकरार रखा बदलक कई मामलो म उसम इजाफा भी दकया आज़ादी क बाद उतर-पवय क राजयो का

जो पनगयठन तकया गया उसका आधार महज परशासकीय सहतलयत थी तजसकी वजह स कई मामलो म एक ही जनजातत कई राजयो म बट गयी और जनजाततयो की राषटीय आकाकाए कचल दी गयी इस तकसम क पनगयठन स नय तववाद भी उभर मसलन गटर नगालि तववाद नगा-मतणपर तववाद असमी-बोिो तववाद आतद मौजदा असम-तमज़ोरम सीमा तववाद भी इसी की एक बानगी ह

राजयो क पनगयठन की परतकरया म नगालि को राजय का दजाय 1963 म तमला लतकन इसक बावजद नगा गपो क कई राजनीततक-परशासकीय इकाइयो म बट होन क कारण उनका असनतोष बना रहा 1972 म असम स खासी गारो और जयतनतया पहाड़ी तज़लो को तमलाकर अलग मघालय राजय बना ततपरा और मतणपर को जो तक औपतनवतशक काल क दौरान ररयासत थी पणय राजय का दजाय द तदया गया तमज़ो पहातड़यो (तमज़ोरम) और lsquoनाथय-ईसटनय फतटयर एजनसीrsquo (अरणाचल परदश) को असम स अलग कर पहल कनदर शातसत राजय का दजाय तदया गया तफर 1987 म इनह पणय राजय का दजाय द तदया गया हालातक राजयो क इस पनगयठन की परतकरया न अलगाव और सवततता की आकाका को तो समापत नही तकया उट अनय सथानीय नजातीय समहो म भी सवशासन या सवततता की आकाका पदा हई और भभागो पर दावो को लकर आपस म उग टकरावो की शरआत हो गयी इसकी एक तमसाल असम-तमज़ोरम सीमा तववाद भी ह

राजनीततक-सासकततक अलगाव और आतथयक शोषण क अततररत दश क भीतर स होन वाल परवासन और बागलादश समत अनक पड़ोसी दशो स होन वाल आपरवासन स भी lsquoसथानीय बनाम परवासीrsquo का अनततवयरोध पदा हआ दरअसल औपतनवतशक काल स ही अतवभातजत असम म उपतनवशवातदयो दारा चाय बागानो की मौजदगी क कारण एक हद तक आतथयक तवकास तकया गया यही कारण था तक उस दौर म भी पड़ोसी बगाल परानत और भारत क अनय इलाको स लोग रोज़गार और ज़मीन की तलाश म असम परवासन करत थ और चतक उपतनवशवातदयो को भी चाय-बागानो म काम करन क तलए मज़दरो की ज़ररत थी तो वह सवय भी बाहर स लोगो को काम क तलए बलात थ साथ ही तल और कोयला खदानो म भी काययशतत की आवशयकता होती थी इसक अलावा सड़क और रल तनमायण कायय म भी बाहर स मज़दरो को काम पर लगाया जाता रहा बगाल स आन वाली एक बड़ी आबादी मसलामानो की भी थी इन परवातसयो म कई जो मखयतः चाय-बागानो म काम करत थ व वही बस भी गय इस पर तववरण क तलए पाठक मासयवादी इततहासकार अमलनद गहा को पढ़ सकत ह तजनका काम असम

(पज 13 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 13

(पज 12 स आग)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का ह मज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहएऔर वहा क राषटवादी आनदोलनो पर कतनदरत ह यह परवासन आज भी हो रहा ह इन परवातसयो म असर मज़दर आबादी ही शातमल होती ह ldquoसथानीय बनाम परवासीrdquo क अनतरतवरोध का फ़ायदा इन कौमो म मौजद तफ़रकापरसत ताकत भी अपन तनतहत सवाथयो क तलए उठा रही ह सीतमत ससाधनो और जनसातखयकीय असनतलन का हवाला दकर आम जनता म भय और असरकाबोध पदा तकया गया ह जो परवातसयो क तिलाफ़ तहसातमक घटनाओ म सामन आया ह य इन राषटीय आिोलनो म पजीवािी राजनीदत और दवचारधाराओ की मौजिगी यानी अदमतावािी व अधराषटवािी रझान की ओर भी इशारा करता ह और अततोगतवा हर परकार क राषटवाि की सीमा और परदतदकरयावािी चरररि को भी उजागर करता ह भल ही वह िदमत राषट का ही यो न हो िदमत राषटो की राषटीय मदत की लडाई म इन पजीवािी दवचारो व राजनीदत क दखलाफ सघरव करना करादतकारी मजिर वगव का एक कायवभार ह योदक तभी सही मायन म जनता की जनवािी राषटीय करादत क जररए सचची राषटीय मदत भी समभव ह बहरहाल इन अतरदवरोधो का फायिा भाजपा जसी फासीवािी पाटटी इस मजहबी रग ि कर भी उठा रही ह

बहरहाल मल चचाय पर वापस लौटत हए बात कर तो उतर-पवय क तवतभनन राजयो क इततहास पर तनगाह िालन स भारतीय राजयसता का ऐततहातसक तवशवासघात सपषट रप स सामन आता ह इसकी तवसतत चचाय म हम यहा नही जा सकत ह तफ़लहाल इतना कहना काफ़ी होगा तक उतर-पवय क तमाम राषटो-राषटीयताओ की आकाकाओ को कचलकर ही भारतीय राजयसता न जोर-ज़बदयसती करक इनह ldquoभारतीय राषटrdquo म शातमल तकया ह

मतणपर की बात कर तो आज़ादी क ततकाल बाद ही भारत सरकार क परतततनतध वीपी मनन न राजय म तबगड़ती कानन-वयवसथा का हवाला दकर मतणपर क राजाबोधचनदर तसह को तशलाग बलाया और 21 तसतमबर 1949 को कपटपणय तरीक स उसस भारत म तवलय क समझौत पर हसताकर करा तलया भारत सरकार न यह भी ज़ररी नही समझा तक इस समझौत की अतभपतषट नवतनवायतचत मतणपर तवधानसभा दारा करा ली जाय उट तवधानसभा को भग कर तदया गया इसक बाद स ही मतणपर म भारतीय राजय दारा परतयक दमन की नीतत अपनाकर परततरोध को दबान का तसलतसला शर हो गया और इसी क समानतर सशसतर सघषयो का भी तसलतसला शर हो गया आफसपा जस काल कानन की आड़ म भारतीय सना दारा की गयी बबयरता न जन-परततरोध को और बल परदान तकया 2004 म

भारतीय सतनको दारा एक मतणपरी मतहला मनोरमा क बलातकार और हतया क तवरोध म वहा की मतहलाओ न तनवयसतर होकर सना मखयालय क सामन तवरोध परदशयन तकया था यह घटना तकसी भी जनवादी होन का दावा करन वाल राजय क तलए एक शमयनाक घटना होती लतकन भारतीय राजय की बशमटी और बबयरता बदसतर जारी रही और उतर-पवय म यह दमनकारी जनदरोही कानन आज तक लाग ह

नगालि की कहानी भी क ऐसी ही ह औतपवतशक शासन क दौरान और बीसवी सदी की शरआत म नगा पहातड़यो क सथानीय तनवासी नगा नशनल काउतसल (एनएनसी) क बनर तल एकजट होकर एक साझा मातभतम और सवशासन की आकाका परकट करन लग थ भारत की आज़ादी क बाद नगा नशनल काउतसल न आतमतनणयय क अतधकार की वकालत की और भारत स आज़ादी क तलए जनमत सगह की माग भी रखी लतकन भारतीय राजय न एकतरफ़ा तरीक स नगा भभाग को भारतीय गणराजय का तहससा घोतषत कर तदया बदल म एनएनसी न नगालि की सवततता की घोषणा कर दी और 1952 म समपनन पहल आम चनावो का बतहषकार भी तकया इसक बाद ही भारत सरकार दारा कई नगा नताओ को तगरफतार कर तलया गया और तब स ही नगालि म एक लमब सशसतर सघषय की शरआत हई 1955 म भारतीय राजय न पतलस और सशसतर बलो क ज़ररए नगा राषटीय मतत आनदोलन को कचलन की कोतशश भी की इसी सघषय का सामना करन क तलए 1958 म lsquoआमिय फ़ोसजज सपशल पावसय एटrsquo बना जो आज तक समच उतर-पवय म लाग ह 1975 म एनएनसी क शीषय नततव न भारत सरकार क साथ वाताय करक तशलाग समझौता तकया और भारतीय गणराजय म शातमल होना सवीकार तकया तजन नगा नताओ न इस समझौत को सवीकार नही तकया उनहोन lsquoनशनल सोशतलसट काउतसल ऑफ़ नगालिrsquo (एनएससीएन) का गठन करक सघषय जारी रखा अब यह सगठन मइवा और खापलाग क दो गटो म तवभातजत ह तजनका आधार नगा जनजातीय समह की अलग-अलग उपजाततयो म ह

अब तमज़ोरम पर आत ह जसा तक ऊपर चचाय म आया था तक तमज़ो पहाड़ी कत आज़ादी क वक़त लशाई पहाड़ी तज़ल क नाम स असम म गतठत हआ तजसका नाम 1954 म बदलकर असम का तमज़ो पहाड़ी तज़ला कर तदया गया असम स अलग होन का एक अलगाववादी आनदोलन आज़ादी स पहल भी तमज़ो जनजातीय समहो म मौजद था लतकन 1959 स 1961 तक आय अकाल क राहत कायय म भारतीय राजय की उदासीनता और अनदखी क कारण पहल स ही मौजद असनतोष और आकरोश को नयी ज़मीन परापत हई इसक बाद ही साठ क दशक स तमज़ो सशसतर तवदरोह की दासतान शर होती ह

इसी दौर म तमज़ो नशनल फट (एमएनएफ़) का गठन हआ तजसनlsquoभारतीय उपतनवशवाद स तमज़ोरम की मततrsquo क तलए सशसतर सघषय का आहान तकया फ़रवरी 1966 म सशसतर दसतो न आइज़ोल शहर पर कबज़ा कर तलया नगालि की ही तरह भारतीय राजय दारा यहा भी दमन की नीतत को ततकाल अमल म लाया गया शहर को तफर स कबज़ा करन म भारतीय सना न नागररक आबादी पर धआधार बमबारी की हज़ारो पररवारो को उनक घरो स उजाड़ तदया गया 1986 म एमएनएफ़ और भारत सरकार क बीच समझौता हआ तजसक बाद एमएनएफ़ तहसा ोड़कर ldquoमखयधाराrdquo म शातमल हो गया और भारतीय सतवधान क अनतगयत काम करन पर सहमत हो गया लतकन इसस भारत क परतत तमज़ोरम क नजातीय समहो का अलगाव और रोष जरा भी कम नही हआ आज भी वहा अलग-अलग नजातीय समहो क अपन-अपन सशसतर तवदरोही दसत ह

तसतकम क इततहास पर भी तनगाह िालन पर सपषट होता ह तक आज़ादी क समय यानी 1947 स ही तसतकम का दजाय भारत क सरतकत राजय (lsquoपरोटटोरटrsquo) का था वह भारतीय यतनयन का तहससा नही था 1975 म तबना तसतकम की जनता स रायशमारी तकय भारतीय सतवधान म मौजद परावधान क तहत उस भारत म तमला तलया गया और पणय राजय का दजाय द तदया गया जबतक उस वक़त भी तसतकम का शासक आतमतनणयय का अतधकार माग रहा था तजस भारतीय राजय दारा िाररज कर तदया गया

इस सतकपत चचाय स सपषट ह तक आजादी क बाद स ही भारतीय हमरानो न उतर-पवय क तमाम राषटो एव राषटीयताओ क साथ ल-कपट करक वायदातिलाफ़ी करक दमन राजकीय तहसा और आतक का अनतहीन चकर कायम करक उनकी आकाकाओ और हको का गला घोटन का घतणत ककमय तकया ह तजस भारतीय राषटवाद क सड़-गल मलमम क ज़ररए तपाना भी नाममतकन जान पड़ता ह यह इततहास भारत क मज़दर वगय को भी जानन की ज़ररत ह योतक शोषण दमन और उतपीड़न का हर रप म तवरोध तकय तबना करातनतकारी मज़दर वगय न तो समाजवादी करातनत कर मज़दर सता को सथातपत कर सकता ह और न ही करातनतकारी सवयहारा जनवाद को सथातपत कर सकता ह तकसी भी रप म दमन शोषण और उतपीड़न का साथ दन वाला मज़दर वगय सवय भी पजीपतत वगय क हाथो शोतषत व दतमत होत रहन क तलए अतभशपत होता हअसम-ममज़ोरम समीमा-नववाद का हल उततर-पवष म राषटमीय रिशि क

समाधाि स जड़ा हउतर-पवय क तमाम राजयो म मौजद

आपसी सीमा-तववाद का तनपटारा भी वहा क राषटीय परशन क समाधान स नातभनालबदध ह वस तो तकसी यतनयन म सवचा स शातमल हई इकाइयो

क बीच भी सीमा-तनधायरण को लकर झगड़-फ़साद हो सकत ह एक पजीवादी राजय वयवसथा क अनतगयत आप और तकसी बात की उममीद कर भी नही सकत ह राषटीय शातनत या कौमी अमन जसी कोई भी चीज़ पजीवाद क मातहत सथायी तौर पर समभव ही नही ह लतकन यह तमाम तववाद अपन आप म कौमी दमन नही होत ह जबतक उतर-पवय की बात कर तो य तमाम सीमा-तववाद सीध-सीध भारतीय राजय क कौमी दमन की नीतत स ही पदा हए ह और उसक अतवभाजय अग ह

कौमी दमन का मतलब यह ह तक भारतीय शासक वगय दारा उतर-पवय म मौजद तमाम कौमो क पजीपतत वगय समत समची कौम का ही दमन तकया जा रहा ह यानी कौमी िमन क दनशान पर मलतः िदमत कौम का पजीपदत वगव होता ह जो िमन बाि म वकहि रप अदततयार कर जनता क अलग-अलग दहसो और जन-जीवन को भी अपनी जि म ल लता ह दकसी कौम क बजवआ वगव क िमन क बगर कौमी िमन अदततव म आ ही नही सकता ह िसर शबिो म कह तो कोई भी कौम िदमत ही तब मानी जायगी जबदक उसका पजीपदत वगव िदमत हो आज भारत की बात कर तो कशमीर और उततर-पवव को छोडकर यह दथदत और कही मौजि नही ह कौम या राषट बनता ही बजयआ वगय क अतसततव म आन क साथ ह यतद तकसी कौम स पजीपतत वगय को अलग कर तदया जाय तो उसक बाद जो रह जाता ह वह बस जनता ही ह आज उतर-पवय क राषटो म यह पजीपतत वगय तकतना तवकतसत या अतवकतसत ह इस तथय स वहा मौजद राषटीय दमन पर कोई फ़कय नही पड़ता ह

इसतलए उतर-पवय म तमाम राजयो क बीच मौजद सीमा-तववाद कौमी दमन का कारण नही बतक इसी कौमी दमन की नीतत का एक पररणाम ह अलग स तकसी दश क तकनही दो राजयो तजनम तक दतमत कौम ह और ज़बरन तकसी यतनयन म शातमल की गयी ह क बीच सीमा-तववाद क हल की उममीद शासक वगयो स तबना वहद राषटीय परशन क समाधान क करना ही बमानी ह आज़ादी क बाद शरआती दशको म तो भारत सरकार न उतर-पवय क महतव को कवल रणनीततक दतषट स ही दखा था लतकन पजीवादी तवकास क साथ ही पराकततक समपदा और ससती शरमशतत क दोहन की भी शरआत हई हालातक यहा बसन वाली कौमो म भारतीय राजयसता क परतत नफ़रत और अलगाव म कोई कमी नही आयी ह तकसी कापतनक एकाशमी ldquoभारत राषटrdquo और भारतीय राषटवाद म इन कौमो का तवलयन ज़ोर-ज़बदयसती क बत ही समभव ह इसतलए आज भी इस पर भ-भाग म कई सशसतर सघषय चल रह ह जब तक भारतीय राजयसता का राषटीय दमन और ज़बर जारी रहगा य राषटीय मतत सघषय भी तवसतजयत नही होग नततव की कोई

एक धारा जब समपयण करगी तो दसरी धारा उभरकर सामन आयगी और सघषय को जारी रखगी ऐततहातसक तौर पर कह तो राषटीय परशन का अतनतम और मकममल समाधान तो कवल और कवल एक समाजवादी राजय क तहत ही समभव ह जो सही मायन म तवतभनन राषटो को अलग होन क अतधकार क समत आतमतनणयय का अतधकार और अपसखयक राषटीयताओ को ससगत जनवाद का अतधकार दता ह लतकन हर दतमत कौम क तलए पहला काययभार राषटीय मतत का जनवादी काययभार ही होता ह और उसक तलए करातनत की मज़ तल भी राषटीय जनवादी ही होती ह

इततहास न यह भी सातबत तकया ह तक सामाजयवाद क दौर म दमनकारी राषट या राषटो क पजीपतत वगय आम तौर पर दतमत राषटो को आतमतनणयय का अतधकार और राषटीयताओ को ससगत जनवाद नही द सकत लतकन यह भी उतना ही सच ह तक राषट कवल दमनकारी राषटो क अतधकार दन की वजह स म त नही होत व अपन राषटीय मतत सघषयो क ज़ररए भी म त होत ह यह एक अलग चचाय का तवषय ह तक उतर-पवय क तवतभनन राषटो का राषटीय मतत सघषय यह राषटीय मतत हातसल कर सकता ह या नही लतकन इतना तय ह तक जब तक इन दतमत कौमो को राषटीय मतत हातसल नही होती तब तक शातनत या तसथरता की कोई उममीद भी नही की जा सकती ह तकसी भी कौम को हमशा गलाम बनाकर नही रखा जा सकता ह यह बात भारत क उतर-पवय पर भी उतनी ही लाग होती ह

आज भारत म दतमत कौमो क राषटीय मतत सघषयो को भारतीय राजयसता क तवरदध मज़दर वगय क समाजवादी करातनत क सघषय स जड़ना होगा और भारत क मज़दर वगय आम महनतकश जनता और ातो-नौजवानो को भारत की दतमत कौमो क राषटीय मतत सघषय स िद को जोड़त हए उनक राषटीय आतमतनणयय क अतधकार का तबना शतय समथयन करना होगा जहा एक तरफ़ भारत की महनतकश अवाम को हर परकार क राषटीय कटरपनथ और अनधराषटवाद स अपना नाता तोड़ना होगा और भारतीय बजयआ वगय क मिी म पदा हए राषटवाद की असतलयत समझनी होगी वही दसरी तरफ़ दतमत कौमो म राषटीय मतत क तलए लड़ रही ताकतो को भी यह समझना होगा तक हर परकार का बजयआ राषटवाद और सकीणय अतसमतावाद या कटरतावाद तकसी भी वयापक और तटकाऊ जन-एकजटता म बाधा ह भारत की महनतकश जनता इस सघषय म उनकी शत नही बतक दोसत ह वासतव म भारतीय राजयसता और भारतीय पजीपतत वगय ही हमारा मशतरका दशमन ह यह बात समझना बहद जररी ह सचच और सही अथयो म राषटीय मतत आनदोलन भी साथयक और कारगर तरीक स तभी आग भी बढ़ सकत ह

14 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 1 स आग)

करना ही उसक तलए भी बहतर ह इस तरह दश आज़ाद हआ आलीशान अटातलकाओ म हो रह जशन क बाहर बठी दश की आम महनतकश जनता फटहाल हालत म सगीत नाच-गाना और आततशबाज़ी दख रही थी और उममीद लगाय थी तक एक तदन वह भी िशहाल होगी आज़ादी क करीब चार दशक बाद जब नवउदारवादी नीततयो की शरआत हई तो पजीवादी नताओ और उनक चाकर बतदधजीतवयो न कहना शर तकया तक जब समतदध आयगी तो ररस-ररस कर सब तक पहचगी लतकन ररस-ररस कर तो बस दख-तकलीफ़ आयी ह अमीरज़ादो की समतदध की आततशबातज़यो को दख सड़को पर भीख माग रह बचच ताली बजा कर िश होत ह समतदध का अथय जनता क तलए बस इतना ही ह

आपन असर लोगो को यह कहत सना होगा तक अगज़ चल गय लतकन अगज़ी ोड़ गय अगज़ी क पी टन का मतलब तसफ़य भाषा स नही ह इसका अथय यह भी ह तक अगज़ो क चल जान क बाद अगज़ी नौकरशाही सना और पतलस क औपतनवतशक ढाच को ही अपना तलया गया योतक वह भारतीय पजीपतत वगय क तलए भी अपन तहतो की सवा क तलए उपय त था इसतलए लट और दमन बदसतर जारी रहा बस शासक वगय बदल गया जब दमन का बना-बनाया तत आज़ादी क साथ मफत तमल रहा था तो उस बदलन की कोई िास आवशयकता नही थी इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक lsquoगवनयम ट ऑफ़ इतिया एट 1935rsquo क 321 धाराओ म स 250 को ह-ब-ह भारतीय सतवधान म अपना तलया गया और आईपीसी तो अगज़ो क ज़मान स चली आ रही ह तजनम नयी धाराए जोड़ी गयी ह लतकन परानी सभी धाराए लगभग वसी ही ह तलतखत क साथ-साथ अतलतखत हथकि भी उनही स सीखकर उस िब माजा गया lsquoफट िालो और राज करोrsquo की नीतत पजीवादी सता क तलए अचक सजीवनी बटी ह अगज़ो न इस सवततता आनदोलन को कमज़ोर करन क तलए इसतमाल तकया और आज़ाद दश म सभी सरकार इस अपन-अपन ढग स मज़दरो-महनतकशो की एकता तोड़न उनक सघषयो को कमज़ोर करन क तलए करती आयी ह इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक आज़ादी क दौरान करातनतकाररयो की मितबरी करन वालो अगज़ो क तलव चाटन वालो उनह माफ़ीनामा तलखन वालो आज़ादी की पवयसधया पर ततरगा जलान वालो और महातमा गाधी की हतया करन वालो आरएसएस और अनय सहयोगी सगठनो पर कभी कोई ठोस कारयवाई नही की गयी तजसस इनको परभावी तौर स रोका जा सक भारतीय पजीवाद को आरएसएस की आवशयकता थी और इसतलए इस ज़जीर स बध कत की तरह अपन करीब बाध रखा समय-समय

पर ज़ररत क अनसार ज़जीर कस दी जाती रही या ढीली कर दी जाती रही आज पजीवाद की ज़ररत क अनसार इस खखार कत को भारत क पजीपतत वगय न सता ही सौप दी ह

बहरहाल हम बात कर रह थ भारत क पजीपतत वगय और उसकी राजनीततक पाटटी कागस क बार म सता हातसल करन क बाद भारत का पजीपतत वगय इतना सशत नही था तक अपन बल-बत पजीवाद क फलन-फलन क तलए आवशयक बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो का ताना- बाना खड़ा कर सक उसक पास आरतमभक पजी और तकनोलॉजी की कमी थी इन आवशयकताओ को परा करन की दो राह थी एक सामाजयवादी दशो पर पणय-तनभयरता और दसरा जनता की गाढ़ी कमाई की पाई-पाई का दोहन इन दोनो म स यहा क पजीपतत वगय न दसरा रासता अपनाया लतकन पजीपतत वगय सीध जनता का पसा नही लट सकता था और न ही राजय उस सीध लटकर पजीपततयो को थमा सकता था इसतलए इनहोन तमतशरत अथययवयवसथा की नीतत अपनायी यानी सावयजतनक कत सय त कत और तनजी कत इस नहर न lsquoसमाजवादी नमन क समाज क तवकासrsquo का नाम तदया जनता की गाढ़ी कमाई चस कर दश का तवकास आरमभ हआ और जनता क पस स बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो को खड़ा तकया गया बतनयादी और अवसरचनागत उदयोग जस इसपात कारिान रल यातायात और पररवहन तबजली सचार आतद सावयजतनक कत म रख गय इनम पजी तनवश अतधक और मनाफ़ा लमब कालकरम म हातसल होना था वही उपभोता वसतओ का उतपादन तनजी कत को सौपा गया तजसम लागत सापतकक रप स कम और मनाफ़ा जद हातसल होना था इस योजना का आधार 1944 का बॉमब पलान या टाटा-तबड़ला पलान था दश की मज़दर-महनतकश आबादी की कमाई लट कर दश म बतनयानी और अवसरचनागत उदयोग खड़ तकय गय तातक पजीपतत वगय क मनाफ़ा कमान का काम सगम हो सक मतलब lsquoहरज लग न तफटकरी रग चोखाrsquo उननीसवी सदी क अनत और बीसवी सदी क शरआत स ही दश म कई बड़ बक थ तजनम सबस बड़ा बक lsquoइमपीररयल बकrsquo था लतकन दर-दराज़ क इलाको म भी सतवग सकीम थी जस पोसट ऑतफ़स सतवग सकीम जो 1882 म खोली गयी थी जनता की महनत की कमाई तक पहच क तलए ससथान पहल स मौजद थ तजन पर 1948 क बाद नहर न अतधक बल तदया जो तक पजी क सचय क तलए लातज़मी भी था 1969 म बको क राषटीकरण न तनवश क तलए पजी की उपलबधता को बढ़ा तदया कह सकत ह तक तमतशरत अथयवयवसथा की आड़ म बहद कशलतापवयक कागस न पजीपतत वगय की सवा की उसक तहतो को

साधा और जनता की गाढ़ी कमाई को चस कर पल सड़क सचार पररवहन बनाया गया और जनता क बीच बढ़ रह मोहभग पर रसमी सधारवाद का नाटक कर पानी क ीट भी िाल सीपीआई सीपीएम और नामधारी कमयतनसट पातटययो न भी इन नीततयो का समथयन कर न कवल जनता की पीठ म रा घोपा बतक उनकी राजनीततक चतना को भी कनद तकया तजसकी चचाय हम आग करग

नहरतवयाई lsquoसमाजवादrsquo क चोग की सीवन जद ही उधड़न लगी और 1960 क दशक क उतरादधय म ही भारत की अथयवयवसथा म ठहराव आन लगा 1970 का दशक मनदी का दशक रहा चार पचवषटीय योजनाओ और तीन वातषयक योजनाओ क कल पजी तनवश को दख तो सावयजतनक कत म पजी तनवश का परततशत अनपात तनजी कत की तलना म बढ़ता गया लतकन जद ही तमतशरत अथयवयवसथा या तथाकतथत समाजवाद क अनतरतवरोध सामन आन लग 1960 क दशक म जो सकट आया था और जो 1970 क दशक म गहराया था वह राजकीय इजारदार पजीवाद क ढाच क भीतर पजी सचय का सकट था बड़ा पजीपतत वगय और साथ ही नवोतदत मझोला व ोटा पजीपतत वगय lsquoधनधा करन की परी सहतलयतrsquo की माग कर रहा था जो तक नहरतवयाई समाजवाद क ढाच म बातधत थी हर परकार क सरकारी तवतनयमन व तनयतण स उस टकारा चातहए था तजस उसन सवय अपनी ही ज़ररत स एक समय सथातपत तकया था इस सकट की ही अतभवयततया थी उस दौर म बढ़ती महगाई बरोज़गारी खादयानन सकट आतद एक ओर मधय वगय तनमन पजीपतत वगय और महनतकशो क सपन टट रह थ वही दसरी ओर सावयजतनक कत क पालन म पला तशश तनजी पजीपतत वगय अब बड़ा हो चला था और पालना उसक तवकास को रोक रहा था पजीवादी तहतो की नमाइनदगी करन वाल बतदधजीतवयो और अथयशातसतरयो न पजी पर राजय क तवतनयमन यानी लाइसस कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण परतयक तवदशी तनवश पर रोक एमआरटीपी तनयतण व सतबसिी आतद पर सवाल उठान शर कर तदय

इस दौर म तवशव सतर पर भी 1970 क दशक म नवउदारवाद क यग की शरआत होती ह अपना सवतणयम यग जीन क बाद 1960 क दशक क आतिरी वषयो म ही अमररकी व यरोपीय पजीवाद पर सकट क बादल मिरान लग थ और इसक साथ ही करतमक परतकरया म पतशचम म कयाणकारी राजय की नीततयो को समापत करना शर कर तदया चतक अमररकी व आम तौर पर पतशचमी पजीवादी अथयवयवसथाए मनाफ़ की दर का सकट झल रही थी इसतलए पहल उनहोन अपन यहा तवतीय तवतवतनयमन तकय अमररका न लचीली तवतनमय दर सथातपत की शरम

बाज़ार का भी क उदारीकरण तकया और तफर तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क पजीपतत वगय पर भी दबाव बनाया तक व भी तवतीय तवतवतनयमन कर और शरम बाज़ार को लचीला बनाय तातक पतशचमी सामाजयवादी पजी को इन दशो म और खल कर ससत शरम की लट की ट तमल अपन कारणो स एतशया व अरब अफीका और साथ ही लाततन अमररका क तमाम पजीवादी दशो का शासक वगय भी उदारीकरण की आवशयकता महसस कर रहा था तवशव बक और तवशव मदरा कोष न तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क आतथयक सकट का लाभ उठात हए उन पर तवदशी पजी क तलए अपन दरवाज़ खोलन का दबाव बनाया यानी उनह तवदशी वयापार और तवदशी तनवश पर लगी तमाम पाबतनदयो को हटान क तलए मजबर करन का परयास तकया क दशो न (जस तक लाततन अमररका क क दश) इस परकार की नीततयो को जयो का तयो लाग तकया तजनह lsquoसपrsquo यानी lsquoसटचरल एिजसटमटrsquo की नीतत भी कहा जाता हा इसक आरतमभक परयोग लाततन अमररका क दशो म हए और पानी जसी मलभत सतवधाओ को तनजी हाथो म सौपन स लकर समची अथयवयवसथा क नवउदारवादी पनगयठन क भयकर पररणाम सामन आय

भारत क सनदभय म कहा जाय तो यहा क पजीपतत वगय न बहद कशलता स इन नीततयो को लाततन अमररका क तवपरीत अपन तहतो क अनसार बदलकर और तवलतमबत परतकरया म लाग तकया तजसक कारण भारतीय पजीवादी वयवसथा उस परकार सामाजयवाद पर तनभयर नही हई और न ही वह उस परकार औध मह तगरी तजस परकार लाततन अमररका क क दशो क साथ हआ नतीजतन यहा उस परकार जनाकरोश फट कर सड़को पर भी नही बहा तजस परकार लाततन अमररकी दशो म हआ था असर यह बात कही जाती ह तक भारतीय शासक वगय अनतरायषटीय दबाव म नवउदारवादी नीततयो को अपनान क तलए मजबर था लतकन ऐसा नही ह और इसकी चचाय हम पहल ही कर चक ह तक तकस परकार तमतशरत अथयवयवसथा क तवतनयमन म तनजी पजी का दम घट रहा था और वह लाइसस सतबसिी परतमट शरम काननो कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण आतद स पीा ड़ाकर म त बाज़ार म गोत लगाना चाहती थी तसफ़य बाहरी पररतसथततया ही नही बतक आनतररक पररतसथततया भी नवउदारवाद क तलए दबाव बना रही थी आतधकाररक तौर पर जलाई 1991 म नवउदारवाद की नीततयो की घोषणा स पहल ही 1980 क दशक म राजीव गाधी नवउदारवाद क सबस मखर समथयक बन और उनकी सरकार न सीतमत हद तक अथयवयवसथा का उदारीकरण तकया 30 उदयोगो म लाइसस की आवशयकता हटायी तथा और साथ ही कई पररवतयन तकय गय

लतकन पर ढोल-ताश तोरण और बनदनवार क साथ तवकास क बड़-बड़ वायदो और रोज़गार क सवतणयम अवसरो क सपन तदखा कर उदारीकरण तनजीकरण और भमिलीकरण की नवउदारवादी नीततयो की शरआत 24 जलाई 1991 को परधानमती नरतसमहा राव तवत मती मनमोहन तसह और योजना आयोग क उपाधयक मोटक तसह अहलवातलया क समय म की गयी यह दावा तकया गया तक परतयक तवदशी तनवश स दश म रोज़गार सजन होगा इन तीनो न तमल कर lsquoतटकल िाउन तथयरीrsquo यानी धन-समतदध क ऊपर स ररस कर नीच जान का तसदधानत परसतत तकया ऊपर स नीच का सच तो महनतकश लोग अपनी तज़नदगी स जानत ही ह नीच स तनचोड़कर सारा धन ऊपर की ओर ज़रर चला जा रहा ह और ऊपर स ररसकर कवल गरीबी बरोज़गारी और बबायदी आम महनतकश जनता क तहसस आ रही ह अगर ऐसा नही होता तो दश म 1990 म जहा मात 2 अरबपतत (िॉलर अरबपतत) थ वही 2021 म 177 कस हो गय lsquoहरन गलोबल ररच तलसटrsquo (हरन दारा बनायी तवशव म अमीरो की सची) क अनसार पर तवशव म अरबपततयो की सखया म तीसरा सथान भारत का ह साथ ही वतशवक भखमरी सचकाक म 107 दशो की सची म भारत 94व सथान पर ह सवासथय की पहच क कत म भारत का सथान 189 दशो म 179वा ह जो तक बगलादश शरीलका पातकसतान और कई अफीकी दशो स भी नीच ह 1995 स लकर 2009 तक जीिीपी क औसत 6 स सात और कई बार 8 स ऊपर पहचन पर सीना चौड़ा कर तवकास का दावा करन वाली सरकार यह नही बताती तक यह तवकास रोज़गारतवहीन तवकास था योतक 1991 स लकर 2018 तक बरोज़गारी की दर 5 परततशत स 6 परततशत क बीच बनी हई थी जो 2020 म 56 सालो म सबस जयादा यानी 89 परततशत हो गयी 2021 म तो यह 917 परततशत हो गयी ऐस तवकास की जनता क तलए या उपयोतगता जो रोज़गार क अवसर ही न सतजत कर शयर बाज़ार म उाल पजीपततयो की तज़ रफतार महगी गातड़यो पराइवट जट तवमानो आलीशान अटातलकाओ और तवदश याताओ की सखया क आधार पर मापा गया तवकास आम महनतकश आबादी की थाली म दो जन की रोटी तक नही पहचाता

आम आबादी क तलए तो नवउदारवाद तगी बरोज़गारी कपोषण और भखमरी ही लकर आया ह तदहाड़ी पर काम करन वाली 50 करोड़ आबादी 10 साल पहल वासतव म तजतना कमाती थी आज भी लगभग उतना ही कमाती ह जबतक कीमत दोगनी-तीन गनी हो चकी ह दश म 60 परततशत आबादी कपोषण का तशकार

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह

(पज 15 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 15

ह राषटीय पोषण तनगरानी बयरो दारा 2015-16 म शहरी आबादी म तकय गय सवज क अनसार औसत खानपान म परोटीन कतशयम आयरन तथयातमन तनयातसन आतद पोषक ततवो की काफ़ी कमी ह यही ह दश की मज़दर महनतकश आबादी क तलए नवउदारवाद की सवतणयम सौगात

िवउदारवाद और मज़दर आनदोलि

1950 क दशक क आरमभ स ही सशोधनवाद क मागय पर तनकल पड़ी भारत की कमयतनसट पाटटी (भाकपा) नहर और कागस की नीततयो को समाजवाद की तदशा म कदम मानती थी और राषटीकरण की रट लगाती थी भाकपा क अनसार आज़ादी क बाद कागस जनवादी काययभारो को परा कर रही थी इसतलए कमयतनसटो को इसका सहयोग करना चातहए अत इनहोन वगय सहयोग की लाइन दी जब पाटटी की लाइन ही वगय सहायोगवाद की हो गयी तब समाजवाद क समथयन और सवयहारा वगय को करातनतकारी चतना और उसक ऐततहातसक तमशन स पररचय करान की बात तो सथतगत हो गयी 1964 म एक सशोधनवादी पाटटी क तौर पर ही भाकपा स अलग हई माकपा सीध तौर पर नहर की गोद म नही बठी और उसन नहर को समझौतापरसत बोलकर उसपर जनवादी काययभारो को परा करन क तलए सड़क और ससद म दबाव बनान की बात की लतकन असल म वह भी एक सशोधनवादी पाटटी थी न तक मज़दर वगय की कोई करातनतकारी कमयतनसट पाटटी अपन गरमा-गरम भाषणो और चाय की पयाली म तफ़ान उठान क अलावा इन ससदमागटी जड़वामनो न बजयआ वगय क तिलाफ़ मज़दर वगय की करातनतकारी राजनीततक चतना उननत बनान क तलए कोई ठोस राजनीततक कारयवाई नही की और मज़दर वगय को अथयवाद क गोल चकर म ही घमात रह सवयहारा वगय की तहरावल पाटटी का अतनतम लकय होता ह तक वह बजयआ राजयसता का धवस करक सवयहारा राजयसता की सथापना करन की ऐततहातसक मतहम म महनतकश जनसमदाय को नततव द इस अतनतम लकय तक पहचन क तलए कमयतनसट मज़दरो और सभी करातनत-पकधर वगयो क जन-सगठन बनात हए आतथयक सधारो-मागो-ररयायतो क तलए अथयवादी नही बतक राजनीततक रप स लड़त हए जनता की जझार सगठनबदधता को बढ़ात ह रतढ़यो स मतत और वगय-चतना को परखर बनान क तलए सतत सामातजक आनदोलन करत ह और सासकततक कायय करत ह लतकन ऐसा करन की जगह मज़दर वगय को य सशोधनवादी पातटयया सधारवाद पबनदसाज़ी अथयवाद अराजकतावादी सघातधपतयवाद और टि यतनयन की गतलयो म घमाती रही

1950 क उतरादधय स भाकपा एव अपन जनम क काल स ही माकपा

और 1980 क दशक स भाकपा (माल) का इततहास जब ऐसा रहा तब उनस 1991 म नवउदारवाद क तवरदध जझार परततरोध की उममीद बकार थी और हआ भी ऐसा ही नवउदारवाद न मज़दरो का िन बहा कर तमल शरम काननो को ततलाजतल द दी और य ससदमागटी सशोधनवादी पातटयया महज़ सगतठत कत क मज़दरो और कमयचाररयो को लकर नपसक तकसम क तवरोध की रसमअदायगी करती रही और 93 परततशत असगतठत मज़दर वगय को तो सगतठत करन का इनहोन कभी ढग स परयास ही नही तकया आज सार परान शरम कानन लगभग समापतपराय ह और मज़दर जानलवा हदो तक असरका की तसथतत म काम करन को मजबर ह मज़दर वगय की जीवन व काययतसथतत भयकर ह खल और मनोरजन की या बात कर जब मामली बीमाररयो क इलाज की भी सतवधा नही ह नय लबर कोि वासतव म मज़दरो की पजीपततयो दारा तबना तकसी रोक-रकावट लट को काननी बनान क तलए ही लाय गय ह इसक अलावा करल अतीत म पतशचम बगाल और ततपरा म ससदीय वामपनथी पातटययो की सरकारो न सवय नवउदारवाद की नीततयो को परी तनषठा स लाग तकया ह वगय सहयोग की तदशा म बहद सजीदगी स कदम बढ़ात हए परथम यपीए सरकार म शातमल होकर भारत म उदारीकरण-तनजीकरण को सही तरीक स लाग करन का रासता साफ़ तकया और इस तदशा म नयी-नयी नीततयो क जनमदाता बन 2005 म ससद म बठकर इनहोन सज़ अतधतनयम पास करवाया सज़ यानी सपशल इकॉनोतमक ज़ोन तजसक तहत ऐस औदयोतगक कत बनाय गय जहा तकसी भी तरह का शरम कानन लाग नही होता

इस परकार इन सशोधनवादी पातटययो न मज़दर वगय क साथ ऐततहातसक गदारी की झठ तवशवासघात और फरब का इतना लमबा काल झल कर महनतकश आबादी क बड़ तहसस का इनस मोहभग हो चका ह और इनका आधार अब मलत और मखयत सगतठत कत क पक कमयचाररयो और एक हद तक क राजयो म ोट व मझोल वयवसातययो और मझोल व धनी तकसानो-कलको म ह मज़दर वगय क एक तहसस म इनह लकर क भम अभी भी ह लतकन उनह तनरनतर करातनतकारी परचार और सघषयो क ज़ररए इनह बनकाब करक ही तोड़ा जा सकता ह सचचाई यह ह तक वाहय आवरण म आम मज़दरो को कमयतनसट तदखन वाली य पातटयया अपनी अनतयवसत म बजयआ ही होती ह सशोधनवादी पातटययो दारा मज़दर वगय क आनदोलन को सधारवाद अथयवाद और सशोधनवाद क पककि म ल जान का सबस जयादा फ़ायदा फ़ासीवादी शततयो को तमला तजनहोन पजीवादी वयवसथा क सकट और करातनतकारी

कमयतनसट शततयो क अभाव म मज़दर आनदोलन क एक ोट तहसस म और वयापक टटपतजया आबादी म परतततकरया का आधार तयार तकया

राम जनमभतम आनदोलन बाबरी मतसजद धवस 1991 क सकट क बाद और 1995 तक उदारीकरण-तनजीकरण क तवनाशकारी पररणामो क बाद भारत म फ़ासीवादी आनदोलन पहल स कही अतधक आकरामक हो कर उभरा एक करोड़ 42 लाख सदसयो वाली एटक और 60 लाख स भी जयादा की सदसयता का दमभ भरन वाला सीट और बगाल करल और ततपरा म सरकार चलान वाली माकपा और भाकपा इस आकरामक फ़ासीवादी सलाब क समय तकनार बठ कर धातमयक सौहादरय का कीतयन करती रही और सामपरदातयकता स लड़न क नाम पर कभी कागस तो कभी मलायम तसह यादव का प ला बनी रही जब 2002 म जलत गजरात क तवरोध म सड़को पर उतरन की और फ़ासीवातदयो स तनपटन की मज़दरो क लड़ाक सगठन बनान की और िाकी चििीधाररयो का महतोड़ जवाब दन की ज़ररत थी तब भी इतनी बड़ी सदसय सखया लकर इन सशोधनवादी पातटययो को ससद क एसी सभागार फ़ासीवाद स लड़न क जयादा कारगर उपाय लग वासतव म य मज़दर वगय का कोई करातनतकारी आहान करन की कमता खो चक थ और अगर दहाड़न क तलए भी मह खोलत ह तो मह स मयाऊ ही तनकल जाता ह इनका यह इततहास दशायता ह तक फ़ासीवाद को एक lsquoअपरततरोधय उभारrsquo बनान म अगर तकसी एक शतत की सबस अतधक भतमका ह तो वह सशोधनवाद ही ह

पतशचम बगाल म लोकसभा चनावो और राजयसभा चनावो क दौरान भाकपा-माकपा का बड़ा जनाधार तखसक कर भाजपा की ओर चला गया इस जनता की करातनतकारी ऊजाय को अथयवाद और सशोधनवाद स बतधया कर दन और उनकी राजनीततक चतना को कनद करन क पररणाम क तौर पर दखा जा सकता ह दश क अनय तहससो म भी मज़दर तनमन-मधयवगय और आम महनतकश वगय क बीच करातनतकारी पाटटी और राजनीतत की नामौजदगी की वजह स बढ़त आतथयक असरका व सकट काल म फ़ासीवादी ताकतो को अपन पर पसारन का अवसर तमल जाता ह िवउदारवाद क दौर म फासमीवाद

का उभारपजीवाद तजस असमाधय सकट

स गज़र रहा ह उसस तनपटन क तलए दतनया क तमाम दशो म पजीपतत वगय सबस परतततकरयावादी दतकणपनथी मज़दर-तवरोधी और फ़ासीवादी सरकारो को चन रहा ह भारत क सनदभय म तहनदतववादी फ़ासीवादी मोदी सरकार सता म आयी यहा क पजीपतत वगय को ऐसी सरकार की

ज़ररत थी जो लोह क हाथो स उन नीततयो को लाग कर जो मनाफ़ की राह म सभी परशातनयो को हटा द और पजी क तलए खल चारागाह का तनमायण कर इसक तलए आदशय परतयाशी मोदी और पाटटी भाजपा ही थ इसतलए मोदी सरकार जब 1914 म सता म आयी तो सबस पहल शरम काननो म बदलाव तकया आज यह बदलता-बदलता समापत पराय हो गया ह और उनकी जगह बस चार लबर कोि रह गय ह य कोि मज़दरो को गलामो की तसथतत म ला दग सार सावयजतनक ससथान औन-पौन दामो म बच जा रह ह पजीपततयो की सारी महमागी मराद परी हो रही ह इसतलए तो मकश अमबानी तवशव म आठवा और एतशया म सबस अमीर वयतत बन गया ह

एक ओर जहा धन क मटी भर आबादी क हाथो सकतनदरत हो रहा ह वही भमिलीकरण और उदारीकरण क 30 वषयो न बड़ पमान पर ोट पजीपतत वगय को उजाड़ा ोट पमान क उतपादको दकानदारो वतनभोतगयो और साथ ही गामीण तनमन-पजीपतत वगय को भी उजाड़ा ह बड़ पमान पर लोग सड़को पर आ गय और जो सड़को पर नही आय उनक तसर पर भी लगातार टनी और तालाबनदी नौकरी स तनकाल तदय जान ठक पर कर तदय जान की तलवार लटकती रहती ह कहन का अथय ह तनमन-पजीपतत वगय क सामन भतवषय की असरका और अतनतशचतता बहद तज़ रफतार स बढ़ी ह भाजपा और आरएसएस न इसी असरका और अतनतशचतता का फ़ायदा उठाया इस अतनतशचतता और असरका स पदा हए गसस बौखलाहट तचड़तचड़ाहट और तनराशा को सघ पररवार न अपसखयको तवशषकर मसलमानो और शरणातथययो की ओर मोड़ तदया मसलमानो शरणातथययो ईसाइयो आतद को सभी सकट पर शातनयो और असरका की वजह बतात हए इनक तिलाफ़ सड़को पर उनमाद पदा तकया गया सघ पररवार का पदा तकया सामपरदातयक उनमाद ततकालीन आतथयक सकट की वजह स उभरा और फ़ासीवाद भारत म पहली बार 1980 क दशक म एक परतततकरयावादी

सामातजक आनदोलन बनकर उभरा लतकन तवचारधारातमक सगठनातमक और ससथाबदध कामो की तयारी सघ 1925 स ही कर रहा था शाखाओ सासकततक कनदरो तशश मतनदरो म सामपरदातयक सतरी-तवरोधी दतलत-तवरोधी ज़हर घोल-घोल कर तपलाया जाता रहा और आज इन ससथाओ स तनकल लोग नौकरशाही पतलस सना नयायपातलका तवशवतवदयालयो स लकर न कड़-चौराहो पर सघ क तवचारो क रकक और परचारक बन बठ ह बहरहाल आज कोई दशवयापी करातनतकारी कमयतनसट पाटटी मौजद नही ह जो तक वयापक महनतकश अवाम को करातनतकारी सवयहारा वगय क नततव म जगा सक गोलबनद कर सक सगतठत कर सक और समझा सक तक उनक दखो तकलीफ़ो और असरका की असल वजह पजीवाद ह न तक कोई धमय या समदाय आज ऐसी पाटटी का तनमायण करत हए मज़दर वगय क बीच वयापत सभी परकार क तवजातीय तवचारो स लड़ना होगा और उनकी राजनीततक चतना उननत करनी होगी मज़दर वगय को उसक ऐततहातसक तमशन की याद तदलानी होगी और उसक बीच वयापत रतढ़वादी अवजातनक अतातकय क तवचारो स सतत सघषय करना होगा कवल इसी क ज़ररए मज़दर वगय और आम महनतकश अवाम फ़ासीवातदयो को महतोड़ जवाब द सकती ह

अनतत 30 वषयो क नवउदारवाद क काल न दश म वगयो का धरवीकरण ितरनाक सीमा तक बढ़ा तदया ह करोड़ो-करोड़ बदहाल तनराश और बघर आबादी क शीषय पर मटी भर आबादी आपरातधक अययाशी का जीवन जी रही ह और आन वाल समय म बढ़ती महगाई टनी-तालाबनदी बरोज़गारी को दखत हए यह धरवीकरण और गहरान जा रहा ह आतथयक सकट स पदा असनतोष को दबान क तलए फ़ासीवाद क हमल भी और आकरामक होग तजसक सकत तमल रह ह करातनतकारी शततयो को सवयहारा वगय क बीच राजनीततक परचार-परसार क काम को यदध सतर पर सगतठत करना होगा और मज़दर महनतकश वगय को इन राजनीततक गतततवतधयो म बढ़-चढ़ कर तहससा लना होगा

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह(पज 14 स आग)

अपनी रोज़ी-रोटी को बचाया जा सक और लट शोषण व दमन क तिलाफ़ समच मज़दर वगय और आम महनतकश आबादी का सशत परततरोध खड़ा तकया जा सक पजीवाद क मनाफ़ की दर तगरन का सकट पहल स कही जयादा तज़ होता जा रहा ह और मज़दरो क लट शोषण व दमन तज़ होता जा रहा ह यही समय ह तक हम मज़दर जद स जद एकजट हो जाय सगतठत हो जाय और सोच-समझकर अपन सघषय को आग बढ़ाय मातलक ठकदार जॉबर आतद हमस

जयादा नही ह लतकन व हमस जयादा सगतठत ह और उनक पी सरकारो की ताकत ह दसरी ओर हम असगतठत और तबखर हए ह यदि हम सगदठत और एकजट हो तो सरकारो की ताकत साथ होन क बावजि व हमस मकाबला नही कर सकत व अभी ऊच इसदलए दिख रह ह योदक हम घटनो पर बठ हए ह

मािसर की शमीनिसस कमिमी क मज़दरो(पज 10 स आग)

ाक पजीयन SSPLWNP-3192020-2022पररण ाकघर आरएमएस चारबाग़ लखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 5 परतयक माह16 Mazdoor Bigul l Monthly l September 2021 l RNI No UPHIN201036551

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो लखनऊ स मददत समपािक अदभनव l समपािकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006

टोको ओलममपक म भाित का परदशवन एक समीकाndash साथिषक

अगसत महीन म टोयो ओलतमपक खलो का समापन हआ और भारत को इस बार एक सवणय दो रजत और चार कासय पदक तमल ह इस परकार कल पदको की सखया सात रही ह हर ोटी स ोटी उपलतबध की तरह मोदी जी इस बार भी मौक पर चौका मारन क तलए पहल स ही तयार बठ थ गोदी मीतिया आईटी सल और अनय सभी परचार ततो का इसतमाल कर मोदी जी दशवातसयो क सामन ऐसा सवाग रच रह ह तक दखन वाल को लगता ह जस मोदी जी िद ही सातो पदक जीत कर आय ह िर इन लफफ़ातज़यो और ढोग को एक तकनार कर ओलतमपक खलो म भारत क परदशयन की एक वसतपरक समीका करन की ज़ररत ह

टोयो ओलतमपक म भारत का परदशयन अब तक का सबस अचा परदशयन रहा ह यतद तपल परदशयनो स तलना की जाय तो भारत का परदशयन पहल इतना फीका रहा ह तक अभी हातसल सात पदक तकसी कीततयमान स कम परतीत नही होत ह 1900 म हए पररस ओलतमपक म भारत न पहली बार ओलतमपक खलो म तहससदारी की शरआत की थी 1900 स लकर 2020 क बीच पचचीस ओलतमपक खलो म भाग लकर भारत न कल 35 पदक अतजयत तकय ह इनम स 12 पदक भारत न तसफ़य परष हॉकी परततयोतगता म जीत ह जब हम इन आकड़ो की तलना दसर दशो स करत ह तो हम समझ आता ह तक भारत जस तवशाल दश क तलए इतन कम पदक हातसल करना चौकान वाला ह टोयो ओलतमपक म अमररका न 113 और चीन न 88 पदक जीत ह तजसम अमररका क 39 और चीन क 38 सवणय पदक ह दसर शबदो म कह तो भारत पचचीस बार इन खलो म भाग लकर तजतना पदक हातसल नही कर सका उसका चौगना क दश एक ही बार म हातसल कर लत ह 130 करोड़ आबादी वाल भारत म ओलतमपक खलो क मामल म यह िसता हाल दतनया भर क खल तवशषजो पतितो और आम खल परशसको क तलए एक आशचयय का तवषय ह इस गतथी को सलझान क तलए कई तवशषज अपन-अपन तरीक स तकय दत ह भारत की तवफलता क कारणो की वयाखया करत ह लतकन इनक तवशलषण और इनक तदय सझाव इस मनाफ़ािोर वयवसथा को सीध कठघर म खड़ा नही करत ह बतक इसी वयवसथा की चौहतदयो म ही इस समसया का हल ढढ़त रहत ह

ओलतमपक या कोई भी अनतरराषटीय परततयोतगता म भारत का लगातार तपड़ा परदशयन एक ढाचागत समसया ह तजसका समाधान इस मनाफ़ पर तटकी वयवसथा क आमलचल पररवतयन स ही हो सकता ह यहा का पजीपतत वगय मज़दर-महनतकश आबादी क एक-एक कतर को तनचोड़ कर ऐशोआराम की तज़नदगी जीता ह 12-14 घट कारिानो म कमरतोड़ महनत करन क बाद जब हम अपन घरो को लौटत ह तो हमार पास मनोरजन या सजनातमक काययो क तलए ताकत और

समय दोनो ही नही बचत ह हम थक-हार कर सो जात ह और अगल तदन उठ कर तफर उसी कमरतोड़ महनत म लग जात ह तशकागो क अमर शहीद मज़दरो न तजस ldquoआठ घट का काम-आठ घट का आराम-आठ घट का मनोरजनrdquo का नारा बलनद तकया और तजसक तलए अपन पराणो की आहतत द दी आज वही नारा मज़दरो क तलए अतीत का एक अवशष मात बन कर रह गया ह आप ही सोतचए तक ऐसी हालत म दश की बहसखयक आबादी जो जस-तस महनत करक अपना गज़ारा करती ह या वह कभी ओलतमपक खलो म तहससा ल सकती ह भारत म एक बड़ी आबादी ऐसी ह जो तकशोरावसथा यानी महज़ 14-15 साल की उम स ही भारी शारीररक शरम म लग जाती ह तकशोरावसथा ही उम का वह पड़ाव होता ह जब बचचो म खलकद की परततभा सबस सपषट रप म परकट होती ह लतकन उन बचचो का या जो सकल ही नही जात यतद सकल तकसी तरह चल भी जाय और उनकी परततभा की पहचान हो भी जाय तो उनक परतशकण और तालीम पर होन वाल िचय की आशा भी करना उनक तलए आकाश कसम की अतभलाषा क समान होगा आप ही सोतचए तक हमार बचच खलकद क बार म सोच भी कस सकत ह जब उनह कारिानो दकानो रहड़ी-खोमचो म दो वक़त की रोटी क तलए जदोजहद करनी पड़ती ह अपना और अपन पररवार का पट भरन क तलए ता-उम य नौजवान अपनी हितिया गलात रहत ह इस तरह दश की एक बड़ी आबादी खल क दायर स ही बाहर हो जाती ह

मज़दरी की तसथतत को दखत हए घर म जो पसा आता ह उसस दाल-रोटी भी चलानी मतशकल होती ह एक तखलाड़ी पदा करन क तलए सनततलत आहार की बात सोचना तो असमभव ही ह एक उननत खल ससकतत को गढ़न और ओलतमपक खलो म एक शततशाली ताकत बनन क तलए एक सवसथ और सहतमनद यवा पीढ़ी को गढ़ना अतनवायय ह तजस दश म हर तदन भख कपोषण और सकरामक रोगो स सरकारी आकड़ो क अनसार 2257 बचचो की मौत होती हो (हालातक असल आकड़ा कम-स-कम इसका दना ह) उस दश म हम यह कस उममीद कर सकत ह तक वह खलकद म तवशवतवजता बनगा सय त राषट बाल कोष (यतनसफ़) की ररपोटय क अनसार दश क तकरीबन आध बचच अपनी उम क अनसार सामानय स कम वज़न क ह 45 परततशत बचच सामानय स कम कद क ह 20 परततशत बचच अपन कद क अनसार सामानय स जयादा दबल-पतल ह 75 परततशत रतहीनता स पीतड़त ह 57 परततशत बचचो म lsquoतवटातमन एrsquo की गमभीर कमी ह पहल सकल और आगनवाड़ी म जो क भी थोड़ा-बहत मधयाहन भोजन तमलता था लॉकिाउन क दौरान वह भी अतधकाश जगहो पर बनद हो गया था और इस अतनयोतजत लॉकिाउन स करोड़ो मज़दरो-

महनतकशो की नौकररया भी चली गयी ऐसी हालत म बचचो का भरण-पोषण कतठन हो गया ह तनतशचत ही ऊपर तदय गय आकड़ आज गमभीर रप धारण कर चक होग और तमाम सरकारी और गर-सरकारी रपट इस बात की पतषट भी कर चकी ह

इसक अलावा बचचो म बचपन स ही शारीररक वयायाम और खलकद क बार म एक सवसथ दतषटकोण पदा करन म सकलो की एक अहम भतमका होती ह सकल म ही भतवषय क ओलतमपक तखलाड़ी अपन पशवर खल जीवन की नीव रखत ह लतकन हमार दश की सकली तशका वयवसथा क जजयर हालात पर तजतनी कम बात की जाय उतना अचा ह भारत म माधयतमक सकलो म सकल नामाकन अनपात 79 परततशत ह इसका मतलब माधयतमक सकल म पढ़न योगय बचचो म स तसफ़य 79 परततशत ही असल म सकल म नाम तलखात ह इनम स भी 17 परततशत दसवी की परीका पास करन स पहल ही पढ़ाई ोड़ दत ह ज़ातहर-सी बात ह य बचच जो सकलो स बाहर रहत ह ोट-मोट उदयोग धनधो या मज़दरी म लग जात ह एक ररपोटय क अनसार भारत म 33 परततशत सकलो म शारीररक तशका की कोई अलग स लास नही दी जाती ह 80 परततशत सकलो क पास ऐस तशकक नही ह जो शारीररक तशकण-परतशकण दत ह 33 परततशत सकलो क पास अपना खल का मदान या खल क उपकरण नही ह ऐसी तसथतत म अगर हमार बचच सकल पहच भी जात ह तो हम यह गलतफ़हमी नही होनी चातहए तक सकल म उनक अनदर कसरत और खलकद क परतत रतच पदा करन तलए कोई सचत परयास तकया जायगा

दश म एक सतकरय खल ससकतत का तनमायण तणमल सतर पर खलो का परचार परसार खल अवसरचना का तनमायण यवा अवसथा म परततभाशाली तखलातड़यो की तलाश कर उनको उननत परतशकण और मागयदशयन दना आतद बतनयादी चीज़ो म दश की तकसी सरकार न कभी कोई िास तदलचसपी नही तदखायी ह 2018 म कनदरीय खल मती न इस बात की पतषट की तक भारत सरकार खलो पर परतततदन परतत-वयतत तसफ़य तीन पस िचय करती ह जबतक चीन परतततदन परतत-वयतत 61 रपय िचय करता ह जो भारत क मकाबल 200 गना जयादा ह तपल दस सालो म भारत सरकार अपन कल सरकारी वयय का महज़ 006 स 008 परततशत ही खलो पर िचय करती आ रही ह 2021 ओलतमपक वषय होन क बावजद इस साल क बजट म खल मतालय को 230 करोड़ रपय कम तदय ह आय तदन अनतरराषटीय और राषटीय सतर क तखलाड़ी कोच और सहयोगी सटाफ़ तनमन दजज की सवाओ क तिलाफ़ तशकायत करत रहत ह मगर खल मतालय और दसरी समबतनधत ससथाओ क कान पर ज नही रगती ह मज़दार बात यह ह तक खल मतालय का सालाना बजट तजतना होता ह भारतीय तकरकट बोिय लगभग उसक समान ही

सालाना मनाफ़ा कमा लता ह तकरकट बड़ी इजारदार पजी क तलए ताबड़तोड़ मनाफ़ा पीटन का एक सोत बन गया ह इसतलए सरकार स भी भारतीय तकरकट बोिय को परा समथयन तमलता ह वही बात की जाय यतद अनय नय-परान खलो क बार म तो य भी सार भारत म एक धीमी ददयनाक मौत मर रह ह इस पजीवादी वयवसथा म बस उसी खल को बढ़ावा तदया जायगा तजसम भारी मनाफ़ा कमान की समभावनाए मौजद होगी आज सरकार क तखलातड़यो क जीत कर लौटन पर उनका सवागत कर रही ह उनका सममान कर रही ह लतकन कोई यह सवाल यो नही प ता तक कहा थी राजय सरकार और कनदर सरकार जब इन तखलातड़यो को फ़ि सतवधाओ और खल उपकरणो की आवशयकता थी यहा भी भदभाव साफ़ तदख रहा ह तजन तखलातड़यो न पदक जीता ह उनह बड़ी-बड़ी धनरातश दन की घोषणाए की जा रही ह लतकन अगल ओलतमपक क तलए तयारी तो सभी तखलातड़यो को एक समान ही करनी ह सरकारो क तलए यह सब तचनता का तवषय नही ह योतक उनक तलए खलकद कोई महतव नही रखता और इनह पता ह तक महनत करक कल कोई और पदक ल ही आयगा तब अपनी पीठ य सवय थपथपा लग जस आज मोदी कर रहा ह

एक अचा सवसथ मानवीय जीवन और बचचो का सवािगीण तवकास तखलाड़ी बनन की पवयशतय ह इस चरमरायी हई पजीवादी वयवसथा क पास वह कमता नही ह तक वह दश की महनतकश आबादी को एक सवसथ िशहाल तज़नदगी द सक और उनक बचचो का सवािगीण तवकास कर सक तसफ़य और तसफ़य एक समाजवादी वयवसथा ही हम मज़दर-महनतकशो को एक इजज़त की तज़नदगी द सकती ह तजसम हमार शरम को लटन वाला कोई परजीवी वगय नही होगा हमार अपन और समाज की बतनयादी ज़ररतो को परा करन क बाद जो lsquoफी टाइमrsquo बचगा उसम हम अपन

शौक और मनोरजन का कोई भी काम कर सकत ह और यतद मनाफ़ा कमाना नही बतक समाज की आवशयकताओ को परा करना उतपादन का लकय हो और सभी सवसथ वयसक वयततयो क तलए उतपादक शरम म भागीदारी करना अतनवायय हो तो हर तकसी क पास बहत-सा िाली वक़त बचगा तजस वह कला सातहतय ससकतत खल तवजान दशयन और घमकड़ी म लगा सकता ह साथ ही सवय उतपादक की परतकरया तकसी लटर वगय क तलए मजबरी म की जान वाली परतकरया नही होगी बतक यह सवय आननद का तवषय होगी यतद शरम मजबरी म या ज़ोर-ज़बदयसती क कारण न हो तो यह तो आननद का तवषय होता ह योतक यह मनषय को पश स मनषय बनान वाली परतकरया ह और हमारी परकतत का अग ह इसतलए मज़दर राज और समाजवाद म तो धीर-धीर िाली टाइम की अवधारणा ही ितम हो जायगी योतक तकसी और क मनाफ़ की िाततर मजबरी म खटन वाल lsquoकाम क टाइमrsquo और lsquoफी-टाइमrsquo का अनतर ही ितम हो जायगा सकल कारिानो खतो और दफतरो म हर जगह कसरत क तलए लोगो को परोतसातहत तकया जायगा हम और हमार बचच जो भी खल खलना चाह उसक तलए हमारी मज़दर सता हम हर समभव सतवधा महया करवायगी खल आतथयक सामथयय स की जान वाली कोई तकरया नही बतक सामतहक जीवन का एक ज़ररी अग बन जायगा तजसका आननद सभी उठा सक ग सोतवयत सघ और चीन म मज़दरो की सता कायम होन क बाद यही हआ 1952 स 1988 क बीच सोतवयत सघ न ओलतमपक खलो म जो अदभत कामयाबी हातसल की उसक पी उसक करतनतकारी दौर ndash यानी 1917 स 1953 ndash की खल नीततयो का ही हाथ था एक समाजवादी वयवसथा म मानव जीवन क हर पहल की तरह खल भी एक उननत सतर पर पहच पायगा और एक सवसथ खल ससकतत अतसततव म आ सकती ह

करादत स हमारा अदभपराय ह ndash अयाय पर आधाररत मौजिा समाज-वयवथा म आमल पररवतवन समाज का परमख अग होत हए भी आज मजिरो को उनक पराथदमक अदधकार स वदचत रखा जा रहा ह और उनकी गाढी कमाई

का सारा धन शोरक पजीपदत हडप जात ह िसरो क अनिाता दकसान आज अपन पररवार सदहत िान-िान क दलए महताज ह िदनया भर क बाजारो को कपडा महया करन वाला बनकर अपन और अपन बचचो क तन ढकन-भर को भी कपडा नही पा रहा ह स िर महलो का दनमावण करन वाल राजगीर लोहार और बढई वय गि बाडो म रहकर ही अपनी जीवन-लीला समापत कर जात ह इसक दवपरीत समाज क जोक शोरक पजीपदत जरा-जरा-सी बातो क दलए लाखो का वारा-यारा कर ित ह

यह भयानक असमानता और जबिवती लािा गया भिभाव िदनया को एक बहत बडी उथल-पथल की ओर दलय जा रहा ह यह दथदत अदधक दिनो तक कायम नही रह सकती पषट ह दक आज का धदनक समाज एक भयानक जवालामखी क मख पर बठकर रगरदलया मना रहा ह और शोरको क मासम बचच तथा करोडो शोदरत लोग एक भयानक ख की कगार पर चल रह ह

(बम काण पर सशन कोटव म बयान)

भगतससह क जनमददवस (28 ससतमबर) पर

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इस वबसाइट पर दिसमबर 2007 स अब तक दबगल क सभी अक करमवार उसस पहल क कछ अको की सामगी तथा राहल फाउणशन स परकादशत सभी दबगल पदतकाए उपलबध ह दबगल क परवशाक स लकर नवमबर

2007 तक क सभी अक भी वबसाइट पर करमशः उपलबध कराय जा रह ह मजिर दबगल का हर नया अक परकादशत होत ही वबसाइट पर दनशलक

पढा जा सकता ह आप इस फसबक पज क जररय भी lsquoमजिर दबगलrsquo स जड सकत ह

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1 lsquoमजिर दबगलrsquo वयापक महनतकश आबािी क बीच करादतकारी राजनीदतक दशकषक और परचारक का काम करगा यह मजिरो क बीच करादतकारी वजादनक दवचारधारा का परचार करगा और सचची सववहारा स कक दत का परचार करगा यह िदनया की करादतयो क इदतहास और दशकषाओ स अपन िश क वगव सघरषो और मजिर आिोलन क इदतहास और सबक स मजिर वगव को पररदचत करायगा तथा तमाम पजीवािी अफवाहो-कपरचारो का भणाफोड करगा

2 lsquoमजिर दबगलrsquo भारतीय करादत क वरप रात और समयाओ क बार म करादतकारी कमयदनटो क बीच जारी बहसो को दनयदमत रप स छापगा और lsquoदबगलrsquo िश और िदनया की राजनीदतक घटनाओ और आदथवक दथदतयो क सही दवशलरण स मजिर वगव को दशदकषत करन का काम करगा

3 lsquoमजिर दबगलrsquo वय ऐसी बहस लगातार चलायगा तादक मजिरो की राजनीदतक दशकषा हो तथा व सही लाइन की सोच-समझ स लस होकर करादतकारी पाटटी क बनन की परदकरया म शादमल हो सक और वयवहार म सही लाइन क सतयापन का आधार तयार हो

4 lsquoमजिर दबगलrsquo मजिर वगव क बीच राजनीदतक परचार और दशकषा की कारववाई चलात हए सववहारा करादत क ऐदतहादसक दमशन स उस पररदचत करायगा उस आदथवक सघरषो क साथ ही राजनीदतक अदधकारो क दलए भी लडना दसखायगा िअनी-चवनीवािी भजाछोर ldquoकमयदनटोrdquo और पजीवािी पादटवयो क िमछलल या वयदतवािी-अराजकतावािी टयदनयनो स आगाह करत हए उस हर तरह क अथववाि और सधारवाि स लडना दसखायगा तथा उस सचची करादतकारी चतना स लस करगा यह सववहारा की कतारो स करादतकारी भतटी क काम म सहयोगी बनगा

5 lsquoमजिर दबगलrsquo मजिर वगव क करादतकारी दशकषक परचारक और आहानकताव क अदतररत करादतकारी सगठनकताव और आिोलनकताव की भी भदमका दनभायगा

lsquoमज़दर नबगलrsquo का सवरप उदशय और जज़ मदाररयाlsquoमज़दर नबगलrsquo का सवरप उदशय और जज़ मदाररया

परिय पाठको बहत स सदसो को lsquoमज़दर नबगलrsquo नियममत भजा जा रहा ह लककि काफी

समय स हम उिकी ओर स ि कोई जवाब ममला और ि हमी बकाया राजश आपको बताि की ज़ररत िहमी कक मज़दरो का यह अख़बार लगातार आरथिक समसा क बमीच हमी निकालिा होता ह और इस जारमी रखि क ललए हम आपक सहयोग की ज़ररत ह अगर आपको lsquoमज़दर नबगलrsquo का रिकाशि ज़ररमी लगता ह और आप इसक अक पात रहिा चाहत ह तो हमारा अिरोध ह कक आप कपया जलद स जलद अपिमी सदसता राजश भज द आप हम मिमीआरषर भज सकत ह या समीध बक खात म जमा करा सकत ह

मिमीआरषर क ललए पता मज़दर नबगल दारा जिचतिारमी-68 निरालािगर लखिऊ-226020बक खात का नववरर Mazdoor Bigul खाता सखा 0762002109003787 IFSC PUNB0185400पजाब िशिल बक अलमीगज शाखा लखिऊ

सदसता वाररक 70 रपय (राकख़चष सकहत) आजमीवि 2000 रपयमज़दर नबगल क बार म ककसमी भमी सचिा क ललए आप हमस इि माधयमो

स समकष कर सकत ह ःफोि 0522-4108495 9721481546 9971196111ईमल bigulakhbargmailcom फसबक wwwfacebookcomMazdoorBigul

मज़दर नबगलसमपािकीय कायावलय ः 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006 फोन 9721481546दिलली समपकव ः बी-100 मकि दवहार करावलनगर दिलली-90 फोनः 88607 92320 ईमल ः bigulakhbargmailcomमलय ः एक परदत ndash 5- रपय वादरवक ndash 70- रपय (ाक खचव सदहत) आजीवन सियता ndash 2000- रपय

2 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

ldquoबरजआ अखबार परी की विशाल राशशयो क दम पर चलत ह मज़दरो क अखबार खद मज़दरो दारा इकटा ककय गय पस स चलत ह rdquo ndash लनिि

lsquoमज़दर बिगलrsquo मज़दरो का अपना अखिार हयह आपकी दनयदमत आदथवक मिि क दबना नही चल सकता

दबगल क दलए सहयोग भदजएजटाइए सहयोग कपन मगान क दलए मजिर दबगल कायावलय को दलदखए

नहर सरकार भतम करातनत क काययभारो को हालातक परतशयाई मागय स ही सही और ऊपर स ही सही लतकन तज़ी क साथ परा करन को तववश हो जाती साथ ही तज़ पजीवादी तवकास क साथ भारत जदी ही समाजवादी करातनत की मतज़ल म परतवषट हो जाता लतकन ऐसा नही हआ 1951 तक पाटटी-नततव म मतभद क चलत तलगाना सघषय को इतना नकसान पहच चका था तक कम स कम फ़ौरी तौर पर उसकी पराजय सतनतशचत हो चकी थी तफर भी उस समय यतद नततव पर दतकणपनथी धड़ा कातबज़ नही होता और परी तरह स आतमसमपयण करन क बजाय फ़ौरी तौर पर पी हटन और अपनी सनय शतत को दगयम जगल कतो म तबखरा दन क बाद नय तसर स उस कत म तथा दश क अनय ऐस भभागो म तकसान-सघषय सगतठत तकय जात तो तसथतत को सभालकर तफर स आग बढ़न का अवसर तमल जाता

राजशवर राव क नततव म तजस धड़

न तलगाना म सही लाइन ली थी वह भी तवचारधारातमक रप स कमज़ोर था इसक चलत क समय तक कनदरीय कमटी म परभावी होन क दौर म भी वह अपनी लाइन का दशवयापी सतर पर सदढ़ीकरण नही कर सका तवरोधी लाइन क तवरदध तनणाययक सघषय क बजाय उसन समझौता करन का रख अपनाया और अनतत घटन टक तदय

पाटटी क बोशतवक ढग स एकीकत न हो पान की मल वजह नततव की तवचारधारातमक कमज़ोरी थी तवचारधारातमक कमजोरी की वजह स ही पाटटी भारत की ठोस पररतसथततयो म मासयवाद का रचनातमक ढग स लाग करक करातनत की मतज़ल व करातनत का रासता तय करन की बजाय अनतरराषटीय मागयदशयन पर तनभयर रही तजस समय तलगाना का सथानीय नततव व काययकताय बहादरी स तकसानो क कनध स कनधा तमलाकर लड़ रह थ उस समय पाटटी क पास भारत की करातनत का कोई काययकरम

तक न था आज तलगाना क उन गावो म

उतपादन क तरीक म बतनयादी बदलाव आ चका ह जहा कभी तकसानो न बहादराना सघषय ड़ा था आज उन गावो म जागीरदार और बड़-बड़ भसवामी नही ह और लोग बाज़ार क तलए फ़सल उगात ह दसर शबदो म वहा पजीवादी तवकास हो रहा ह इस वजह स तलगाना तकसान सशसतर सघषय क समय की रणनीतत और रणकौशल तो आज परान पड़ चक ह लतकन उस दौर म कमयतनसटो की बहादरी साहस और जनता क साथ घलतमलकर उस एकजट लामबनद और सगतठत करन क शानदार इततहास स आज भी पररणा ली जा सकती ह इस शानदार सघषय स सकारातमक व नकारातमक दोनो परकार क सबक तलय तबना भारत म करातनत क रथ का पतहया आग नही बढ़ सकता ह

(पज 9 स आग)

पर मगा लती ह खजरी इलाक म ही लगभग 25 स 30 पलाट लग ह जहा स पानी की बोतल (परतत बोतल 20 रपय) घर-घर बची जाती ह तफ़लहाल इस इलाक की 80 फ़ीसदी आबादी इन बोतलो को िरीदकर ही पानी पीती ह lsquoतबगल मज़दर दसताrsquo की जाच-पड़ताल म पाया गया तक इस इलाक की बहसखयक मज़दर आबादी का 1 बोतल लन पर हर माह तसफ़य पानी पर िचाय 600 रपय होता ह और तजस मज़दर पररवार को 2 या 3 बोतल रोज़ाना िरीदनी पड़ती ह उनका 1200 स1800 रपय तक हर माह पानी पर िचय होता ह सरकार क परशरय और उदासीनता क कारण पानी बचन क धनध स पानी मातफ़या तदली म मालामाल हो रहा ह इनम स कई तो िद आम आदमी पाटटी क नता व सदसय ह और कई उसको तनयतमत पयायपत चनदा भी दत ह अगर सरकार न हर इलाक म पानी की समतचत वयवसथा कर दी और घर-घर साफ़ पानी पहचा तदया तो इस पानी मातफ़या पजीपतत वगय का या होगा

बहरहाल तदली क अतधकतर मज़दर इलाको का भी कमोबश हाल यही ह कोरोना काल म जब बहत स मज़दरो का काम ट गया या वतन कम हो गया ह ऐस म पीन क पानी पर इतना िचय एक भारी बोझ ह पीन का साफ़ पानी सभी को मफत तमलना तकसी भी नागररक का बतनयादी अतधकार ह

तदली की आबादी 2 करोड़ ह इस तहसाब स तदली को 609 एमजीिी (तमतलयन गलन परतततदन) पीन का पानी चातहए तदली पानी की आपततय क तलए हररयाणा राजय पर भी तनभयर होती ह कजरीवाल सरकार का आरोप ह तजतना पानी हररयाणा को तदली भजना होता ह उतना नही भजा जाता ह हालातक हररयाणा सरकार तदली सरकार की इस बात को िाररज करती ह िर पजीपततयो क तलव चाटन वाली दोनो सरकारो की खीचतान म तपसती ह तदली की गरीब जनता तजस तक पीन का पानी तक नही पहच पाता ह एक बार मान भी ल तक हररयाणा सरकार तदली को पयायपत पानी नही दती तब ऐस म कजरीवाल हमशा सभी तदली वालो को मफत पानी दना का राग यो अलापता रहता ह एक िबर क मतातबक तदली जल बोिय क पास 10 साल पहल 30 हज़ार स अतधक कमयचारी थ जो पाइपलाइन की दखरख स जड़ थ आज इनकी सखया 15 हज़ार स भी कम हो गयी ह बीत 10 सालो स नयी तनयतत बनद ह आध स भी कम कमयचाररयो स काम चलाया जा रहा ह कजरीवाल सरकार इन कमयचाररयो की भतटी नही कर रही ह

जहा तक 24 घट मफत तबजली दना का वायदा ह तो उसकी भी असतलयत यही ह तक तदली म तकरायदार गरीब आबादी क तलए तबजली मफत नही ह बतक इस तकरायदार आबादी को तो

तबजली क सरकारी रट स जयादा दना पड़ता ह इस समय तदली म सरकारी रट 3 रपय परतत यतनट ह तजसम 200 यतनट तक मफत ह मकानमातलक एक तकरायदार क कमर पर एक सबमीटर (ोटा मीटर) लगा दता ह और इस पर 7 स 9 रपय तक परतत यतनट लता ह इस तरह तकरायदार का हर माह तबजली का तबल औसतन 500 स 800 बन जाता ह जबतक कजरीवाल सरकार कहती ह तक तकरायदार सबमीटर न लगवाकर अलग स सरकारी मीटर ही लगवा सकत ह इसक तलए मकान मातलक क ज़मीन क कागज़ व आधार कािय लगगा अब यह तो कोई भी समझ सकता ह तक आमतौर पर कोई भी मकानमातलक अपन ज़मीन क कागज़ तकरायदार को तबजली का नया मीटर लगान क तलए नही दगा असल म कजरीवाल सरकार भी मोदी सरकार की तरह घोर मज़दर-तवरोधी ही ह तदली म रहन वाली बहसखयक मज़दर आबादी क तलए तो आम आदमी पाटटी की कजरीवाल सरकार भी कागस और भाजपा की सरकारो जसी ही लटरी ह बस फ़कय यह ह तक कोई पजीपततयो की सवा करन का काम जयादा तज़ी और मज़दर-तवरोधी तरीक स करता ह तो कोई थोड़ा धीम रफतार स लतकन सवा य सभी पजीवादी चनावी पातटयया पजीपततयो की ही करती ह योतक य उनही क तदय धन पर पलती ह

ndash दबगल सवाििाता

तलगािा ककसाि सशसतर सघरष क 75 साल

मफत पािमी और नबजलमी स वलचत ददलमी की मज़दर आबादमी(पज 7 स आग)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 3

(पज 4 पर जारमी)

भारतमीय राजय दारा कशमीरमी कौम क दमि क इस िय कदम स का बदल ह कशमीर क सरतहाल

फासससट मोदमी सरकार दारा अिचद 370 व 35 ए निरसत ककय जाि क दो साल पर

ndash जशवािमी कौलइस साल 5 अगसत को मोदी

सरकार दारा कशमीर म अनचद 370 और 35 ए को हटाय जान क दो साल पर हो गय और साथ ही जमम-कशमीर राजय को तीन टकड़ो म बाट जान और कनदरशातसत परदश म तबदील तकय जान क भी दो साल पर हो गय भारतीय राजयसता दारा कशमीरी कौम स तकय गय अनतगनत तवशवासघातो की लमबी फहररसत म 5 अगसत 2019 को तब एक नयी कड़ी जड़ गयी थी जब कनदरीय गह मती अतमत शाह न ससद म अनचद 370 और 35 ए तनरसत करन की घोषणा की थी

इस कदम क ततकाल बाद ही कशमीर को सनय ावनी म तबदील कर तदया गया था और वहा दस लाख स जयादा सनयकतमययो की तनाती कर दी गयी थी लोगो को अपन ही घरो म कद कर तदया गया था हज़ारो कशमीररयो को भारत की जलो म ठस तदया गया योतक कशमीर की जलो म जगह बची नही थी राजनीततक काययकतायओ उदयतमयो आम नागररको को नज़रबनद या तगरफतार कर तदया गया यहा तक तक उन राजनीततक परतततनतधयो और मखयधारा क कशमीरी नताओ को भी नही बखशा गया जो भारतीय शासको क परतत समझौतापरसत और नमय रि रखत थ इस दौरान कशमीरी मीतिया को भी परी तरह स lsquoबलकआउटrsquo कर तदया गया था दजयनो कशमीरी पतकारो क तिलाफ़ यएपीए क काल कानन क तहत फ़ज़टी मकदम दजय तकय गय आतधकाररक आकड़ो क अनसार कशमीर म 2019 स अब तक यएपीए क 2364 मामल दजय तकय जा चक ह सचार क सभी माधयम बनद कर तदय गय ह फ़ोन-मोबाइल-इटरनट सवाए बनद कर दी गयी पर कशमीर को ही जलिान म तबदील कर तदया गया भारतीय मीतिया इस कशमीर म lsquoलॉकिाउनrsquo की सजा द रहा था जबतक यह लॉकिाउन नही तवशदध कबज़ा ह

हालातक कशमीररयो क तलए दहशत क इस माहौल म नया क नही था कशमीरी कौम की कई पीतढ़या इसी माहौल म पदा हई और पली-बढ़ी ह और न ही कशमीररयो क तलए भारतीय राजयसता दारा तकया गया यह नया तवशवासघात ही अपरतयातशत था आज़ादी क बाद स ही और जवाहरलाल नहर क नततव म कागस क समय स ही कशमीरी कौम न भारतीय राजय क तमाम ल-कपट फ़रब और वायदातिलातफ़या काफ़ी करीबी स दखी ह योतक कशमीरी कौम उसकी आकाकाओ और आतमतनणयय क उसक अतधकार क साथ ऐततहातसक तवशवासघात की शरआत तो कागस क समय स ही हो गयी थी अनचद 370 को वासतव म कमज़ोर और तनषपरभावी

बनान की शरआत उसी दौर स हो चकी थी तजस बाकी भारतीय हमरानो दारा जारी रखा गया था और तजस फ़ासीवादी मोदी सरकार न शीषय पर पहचाकर अब तक क सार ररकॉिय धवसत कर तदय

ldquoदध मागोग तो खीर दग कशमीर मागोग तो चीर दगrdquo वाल अनधराषटवादी और यदधोनमादी कोरस म शातमल होन स पहल हम अगर थोड़ा ठहरकर सोच तक लगातार िर दहशत राजकीय तहसा क साय म जीना या होता ह तो शायद एक आम कशमीरी की तरह हम महसस कर पाय चतलए एक बार ज़रा कशमीर क इस सरतहाल की तलना तपल साल कोरोना महामारी क समय मोदी सरकार दारा अचानक तबना तकसी तयारी क थोप गय लॉकिाउन स कर तनससदह इस दश क मज़दर वगय और आम महनतकश आबादी पर इस अतनयोतजत लॉकिाउन क कारण अकथनीय दखो-तकलीफ़ो का पहाड़ टट पड़ा था मोदी सरकार का असली मज़दर-तवरोधी और फ़ातससट मानवदरोही चहरा उस वक़त खलकर दश क मज़दरो-महनतकशो क सामन आ गया था भारत क मधय वगय क भी एक तहसस को तदक़कत-परशानी तो पश आयी ही थी हा बाकी खात-पीत उचच-मधय वगय और धन-पशओ की जमातो को लॉकिाउन स कोई िास फ़कय नही पड़ा था बस मॉस म िरीदारी करन तसनमा घरो म तपचर दखन बाहर जाकर फ़ सी रसटोरटस म खान पर जरर क वक़त क तलए पाबनदी लग गयी थी लतकन वह कसर इटरनट सवाओ की मौजदगी न परी कर दी थी lsquoनटतफलसrsquo और lsquoअमज़न पराइमrsquo पर ऑनलाइन तफ़म दखत हए lsquoतसवगीrsquo और lsquoज़ोमटोrsquo स ऑनलाइन फ़ि-तिलीवरी करवा कर घर बठ तज़नदगी का लतफ़ तो उठाया ही जा सकता था जो इस खात-पीत वगय दारा भरपर उठाया भी गया जहा तक िरीदारी का सवाल था तो ऑनलाइन रिािि कपड़ जत फ़ोन वगरह भी क समय बाद मगवाय जान शर हो गय थ यानी परधानमती मोदी क शबदो म कह तो इस वगय क तलए ldquoसब चगा सीrdquo लतकन तफर भी भारत क य तवशषातधकार-परापत वगय भी घर बठ-बठ उकता गय थ

अब फ़ज़य कर की अगर इटरनट की सतवधा लॉकिाउन क वक़त मौजद नही होती तो या होता फ़सबक-टतवटर-इनसटागाम की आभासी दतनया म जीन वाली एक अची-िासी मधयवगटीय और उचच मधय-वगटीय आबादी एकदम नग शबदो म कह तो या तो पागल हो गयी होती या तफर अवसादगसत अब यह भी फ़ज़य कर तक अगर यह लॉकिाउन एक बतमयादी कफयय म तबदील कर तदया गया होता तो या होता यह बात यहा इसतलए कही जा रही ह तातक भारतीय राषटवाद और कतपत दशभतत की घटी पीकर

बड़ा हआ भारत का मधयवगय यह समझ पाय तक भारतीय राजय का कशमीर पर कबज़ा और कशमीररयो पर कहर और आतक तकसी दसवपन स कम नही ह और एक आम मधयवगटीय भारतीय क तलए अकपनीय ह हालातक भारत का मज़दर वगय थोड़ी कोतशश करक इस जयादा आसानी स समझ सकता ह योतक राजकीय तहसा की तमाम ldquoअदशयrdquo अतभवयततयो स उसका सामना रोज़-ब-रोज़ होता ह

एक आम कशमीरी भयकर हालात म साल दर साल कद करक रखा गया ह और तो और सभी बतनयादी सतवधाओ स महरम रखकर कशमीरी कतव आगा शातहद अली न एक जगह तलखा था तक हर कशमीरी अपन घर का पता अपनी जब म रखकर चलता ह तातक कम स कम उसकी लाश घर पहच जाय यह ह कशमीर म तज़नदगी और मौत की हकीकत भारतीय सरका बलो दारा एनकाउटर तकया जाना या अगवा कर तलया जाना पलट बनदको दारा ननह मासम बचचो को अनधा बना तदया जाना वषयो तक जलो म तबना तकसी सनवाई क सड़न क तलए ोड़ तदया जाना रात म तकसी भी वक़त घरो क दरवाज़ो पर दसतक दकर ldquoप ताrdquo क बहान पतलसकतमययो और सनय बलो दारा उठा तलया जाना यातनाओ क नय तरीको क तलए lsquoतगनी तपगसrsquo की तरह इसतमाल तकया जाना सरकाबलो दारा औरतो क साथ कनान-पशपोरा जस सामतहक बलातकार क यदध अपराधो को अजाम तदया जाना ndash कशमीरी नौजवानो और आम कशमीररयो की तकतनी ही पीतढ़या तो भारतीय राजय का यही ldquoसौमयrdquo और ldquoमानवीयrdquo चहरा दखकर बड़ी हई ह और तफर इसी आबादी को बताया जाता ह तक अनचद 370 और 35 ए हटाकर उसी का भला तकया गया ह

आम तौर पर कशमीर को लकर भावक होन वाला भारतीय मधय-वगय िद नही जानता ह तक कशमीर क भारत क साथ समबनध का इततहास और पषठभतम या ह बाकी मज़दर वगय अपनी जीवन-तसथततयो और अतसततव की जदोजहद म उलझ होन क कारण और पजीवाद क अनतगयत इततहास और जान तक सहज पहच न होन की वजह स इस बात स अनतभज ह अनचद 370 और 35 ए वासतव म कशमीर क भारत क साथ समबनध को पररभातषत करन वाली भारतीय सतवधान की धाराए थी असल म अनचद 370 (तजसक तहत जमम-कशमीर को तवशष राजय का दजाय और सवायतता हातसल थी) और 35-ए (जो जमम-कशमीर राजय तवधान मिल को यहा का lsquoसथायी तनवासीrsquo (domicile) पररभातषत करक राजय म उनह तवशषातधकार परदान करन का हक दता था) क मोदी सरकार दारा 5 अगसत 2019 को तनरसत तकय जान

क साथ ही भारतीय राजय सता दारा कशमीरी जनता क साथ अब तक का सबस बड़ा तवशवास घात तकया गया जो 1948 क उस समझौत का सबस नगन तकसम का उलघन ह तजसक तहत कशमीर न भारत क साथ सशतय तवलय को सवीकारा था कशमीरी कौम इसी शतय पर भारत क साथ तवलय को राज़ी हई थी तक उसकी सवायतता बरकरार रहगी उसका अपना सतवधान और झिा होगा उसक अपन कानन होग आतद यानी इस तवशष तसथतत को ही अनचद 370 परकट करता था और भारत क साथ कशमीर क ररशतो को अतभवयत करता था अनचद 370 को रद करन क साथ ही कशमीर का वह सतवधान भी अपन आप ही रद हो गया कशमीर और भारत क बीच इस काननी करारनाम को एकतरफ़ा ढग स रद करन क साथ ही सदधातनतक तौर पर कशमीर का भारतीय यतनयन म एकीकरण भी तनषपरभावी हो गया 26 अतबर 1947 को तजन शतयो पर भारत म कशमीर का तवलय हआ था उनम स कशमीरी कौम स तकया गया परमख वायदा जनमत सगह या रायशमारी (referendumplebiscite) का था तजस भारतीय राजय न कभी परा नही तकया और दो साल पहल भाजपा सरकार न उनही शतयो की बतनयाद को घनघोर तनरकश तरीक स िाररज कर तदया

यह बात भी उतनी ही सच ह तक कशमीर क तवशष राजय क दजज का कोई जयादा मतलब लमब समय स नही रह गया था इततहास म कागस स लकर मौजदा फ़ासीवादी भाजपा तक की तमाम सरकारो न राषटीय दमन की नीतत को आग बढ़ात हए हमशा स कशमीर क आतमतनणयय क अतधकार को फ़ौजी बटो तल रौदा और कशमीरी जनता की आकाकाओ और नागररक अतधकारो म वक़त-ब-वक़त सधमारी की और अतधकतर समय वहा की जनता क भतवषय पर अतनतशचतता की तलवार ही लटकती रही ह चनाव की परी परतकरया भी कशमीररयो की नज़र म ldquoलोकततrdquo क सवाग स जयादा क नही ह लतकन इसक बावजद भी तवशष दजज का क मतलब था योतक जसा तक हमन पहल भी बताया तक यही व शतत थी जो भारत स कशमीर क समबनध को पररभातषत करती थी हालातक भारतीय राजयसता की कारगज़ाररया कशमीर की अवाम क अनदर लगातार अतवशवास और अलगाव को बढ़ावा दन का काम करती रही ह आज कशमीर म 7 नागररको क ऊपर एक सशसतरबल का जवान ह और कशमीर दतनया भर म सबस जयादा सनयकत कत ह

अनचद 370 हटान क पी मोदी सरकार का दावा था तक असल म यही कशमीर म ldquoदहशतगदटीrdquo की जड़ ह इसकी वजह स ही कशमीर का आतथयक

और सामातजक तवकास रका हआ था यह भी दावा तकया गया था तक कशमीर म इसक हटाय जान क साथ ही तसथरता आयगी आतकवाद ितम होगा रोज़गार का सजन होगा आतद-आतद लबबलबाब यह तक अब कशमीर म दध की नतदया बहगी योतक िन की नतदया बहाकर फ़ातससटो और भारतीय हमरानो को चन नही पड़ा था

कशमीर क तवशष दजज को ितम करन का वायदा मोदी सरकार न अपन चनाव घोषणापत म ही तकया था दरअसल कशमीर क बहान नरनदर मोदी और फ़ासीवादी भाजपा न तसफ़य अपनी राजनीततक lsquoकातसटटएनसीrsquo की ताततवक शततयो क समक ldquoतहनद हदय समाटrdquo की तमथया-तव को सदढ़ करन की कोतशश म ह बतक पर दश म ही कशमीर क सवदनशील राजनीततक औज़ार का इसतमाल करक अनधराषटवादी और तहनदतववादी सामपरदातयक बयार बहान की तफ़राक म भी ह इसक अलावा भारतीय शासक वगय क ऐततहातसक तवसतारवाद को आग बढ़ात हए कशमीर को भारत क पजीपतत वगय क तलए शरमशतत की लट और पराकततक समपदा क दोहन का खला चरागाह बनान का मसबा भी ह आपको याद होगा तक मोदी सरकार न तपल साल 5 अगसत की तारीि को इवट म तबदील कर ldquoकशमीर पर जीतrdquo क कतठत तवजयोनमाद क परदशयन क तदन क तौर पर मनाया था साथ ही साथ इस तारीि क नाम एक घतणत कारनामा और तकया गया था ndash वह था अयोधया म भतमपजन करक राम मतनदर तनमायण की आधार तशला रखना यानी कशमीर का मदा भारतीय फ़ातससटो को मखयभतम भारत म एक तीर स कई तनशान लगान का मौका दता ह

कशमीर स ldquoदहशतगदटीrdquo ितम तकय जान क दाव की सचचाई यह ह तक आज पहल स भी जयादा नौजवान हतथयार उठा रह ह और यह कही बाहर स परतशकण परापत करक आय हए ldquoआतकवादीrdquo नही ह बतक कशमीर क ही सथानीय नौजवान ह भारतीय राजय को इसस अलग तकसी और बात की उममीद करनी भी नही चातहए यह दशको स सतह क नीच लाव की तरह इकठा हआ अलगाव अतवशवास गससा और नफ़रत ही ह जो कभी इस तो कभी उस रासत स फटता ह और जो कशमीर क राषटीय मतत सघषय म सही तदशा और रणनीतत क अभाव म अनधी गतलयो म भटकता भी रहता ह इस साल जनवरी स अब तक 90 ldquoदहशतगदयrdquo सरका बलो क साथ गोलीबारी म मार गय ह इनम स लगभग सभी कशमीरी थ और क तो 14 साल तक क बचच थ हाल म ही कशमीर क गवनयर मनोज तसनहा न एक काययकरम म बशमटी क साथ

4 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 3 स आग)

भारतमीय राजय दारा कशमीरमी कौम क दमि क इस िय कदम स का बदल ह कशमीर क सरतहाल

सवीकारा भी तक कशमीररयो क तिलाफ़ ldquoििाrdquo इसतमाल करन म क भी गलत नही ह यह ह भारतीय राजयसता का असली चहरा

कशमीर क आतथयक तवकास क दाव की पोल इसी बात स खल जाती ह तक तपल दो सालो म जनजीवन बागबानी वयापार और पययटन उदयोग को गहरा आघात पहचा ह हज़ारो लोगो क हाथ स रोज़गार तन गया ह और जनता का जीवन जो पहल स ही तसत और परशानहाल था और गहर अधर म धकल तदया गया ह तपल दो सालो म काम-धनध ठप होन क कारण बक और अनय परकार क ऋण परापत लोगो क सामन लोन आतद चकान की एवज़ म अपनी ज़मीन तक बचन की नौबत आ रही ह या बको क दारा उनह ज़बत कर तलया जायगा बनद क दौरान कशमीर म इटरनट पर परी तरह स परततबनध रहा और लमब समय तक 2जी सपीि ही चलती रही इस साल फ़रवरी म जाकर 4जी इटरनट सवाए परी तरह स बहाल की गयी थी यह भारतीय राजय दारा इसीतलए तकया गया था तक कशमीर म तकसी तकसम का कोई परततरोध सगतठत न हो पाय और भारतीय राजयसता दारा की जा रही जयादततया दतनया क सामन न ज़ातहर हो इटरनट की सतवधा न होन क कारण सकल-कॉलज क ात-ाताओ को िासी तदकत पश आयी कई ात तो ज़ररी इतमतहानो म भी नही बठ पाय इटरनट बनद होन क कारण ही झलम म खनन समत तवतभनन सरकारी तवभागो क टिर गर-कशमीरी उदयोगपततयो क हाथ म चल गय यह भी सीध तौर पर कशमीर क राषटीय दमन का तहससा ही ह बनद की आतशक समातपत क बाद जन-जीवन क पटरी पर आन ही लगा था तक लोगो पर कोरोना महामारी और लॉकिाउन का कहर टट पड़ा वस तो मोदी सरकार की आपरातधक लापरवाही और नाकातबतलयत न पर भारत की ही महनतकश जनता क जीवन को सकट म िाल तदया लतकन पहल स ही परशान हाल कशमीरी अवाम पर आपदा का भार और भी अतधक पड़ा ह

तफर तपल साल ही कनदर सरकार दारा जारी राजपत म जमम-कशमीर पनगयठन आदश 2020 अतधवास अतधतनयम क अनतगयत कशमीर क lsquoिोतमसाइलrsquo तनयमो म बदलाव तकय गय अब जमम-कशमीर म 15 वषय रहन वाल अथवा 7 साल की अवतध तक राजय म पढ़ाई करन वाल (जो कका 10वी या 12वी म जमम-कशमीर म तसथत तकसी शकतणक ससथान म उपतसथत रह हो) यहा क सथायी तनवास परमाण पत या lsquoिोतमसाइलrsquo क अतधकारी होग इसक अलावा कनदर सरकार क तहत काम कर रह उन कमयचाररयो क बचच भी अतधवास या lsquoिोतमसाइलrsquo क योगय होग तजनहोन 10 साल तक राजय म सवाए दी हो मोदी सरकार दारा अन द 370 और 35ए को तनरसत करन क बाद

यह अतधतनयम उस की तातकय क पररणतत ही ह तजस ल-कपट और सातज़शाना तरीक स मोदी सरकार दारा 5 अगसत 2019 की धोखाधड़ी को अजाम तदया गया था हबह उसी तरीक स 31 माचय 2020 का िोतमसाइल समबनधी यह अतधतनयम लाया गया था

इसक बाद कशमीर क कई महतवपणय परान काननो को कनदर सरकार दारा तपल साल अतबर म मनमान ढग स रद कर तदया गया तजसम कशमीर म ज़मीन-समबनधी मातलकान क काननो म बदलाव परमख ह आपको याद होगा तक अनचद 370 क हटाय जान पर एक तवतकपत तकसम का उनमाद सतघयो म दखन को तमला था जब उनक दारा भारत क लोगो को कशमीर म ज़मीन िरीदन क सपन तदखाय जा रह थ और कशमीरी औरतो स शादी करन की घतटया सतरी-तवरोधी मनोरोगी सोच की खलआम फ़ातससट मदयवादी नमाइश की जा रही थी वासतव म भारत की आम महनतकश-मज़दर आबादी तजस भारत म ही तसर क ऊपर त मययसर नही ह वह कशमीर म या िाक ज़मीन िरीदगी यह बदलाव वासतव म भारतीय पजीपतत वगय क तलए ही तकय गय ह तजनक तलए अब तक य कानन पजी तनवश और ज़मीन िरीदन म बाधा पदा करत थ गौरतलब ह तक टाटा ररलायस समत 40 कमपतनयो न जमम-कशमीर म आईटी सटर रका पययटन कौशल तवकास तशका नवीकरणीय उजाय आततथय और अवसरचनागत उदयोग बागबानी आतद उदयोगो म पजी-तनवश करन म तदलचसपी तदखायी ह

कशमीर की सवायतता को अतभवयत करन वाल जो रह-सह काननी अतधकार थ उनह भी मोदी सरकार दारा ितम कर तदया गया अपनी पजी-परसत तवसतारवादी नीतत को अमली जामा पहनात हए अब नय काननी बदलावो क तहत पजीपततयो को खल हाथो स ज़मीन दन क काम की शरआत कर दी गयी ह अतबर 2020 म जमम-कशमीर कनदर शातसत परदश पनगयठन (कनदरीय काननो का अनकलन) तीसरा आदश 2020 (Union Territory of Jammu and Kashmir Reorganization (Adaption of Central Laws) Thirdorder 2020) और जमम-कशमीर पनगयठन (राजय काननो का अनकलन) पाचवा आदश 2020 (Jammu and Kashmir Reorganization (Adaptation of State Laws) Fifth Order 2020) क तहत अब पर जमम-कशमीर म ज़मीन की िरीद-फ़रोखत को सार भारतीयो (यानी पजीपततयो) क तलए खोल तदया गया ह

कशमीर तजन रतिकल भतम सधारो क तलए जाना जाता था उनह तवतधक रप दन वाल काननो को हटा तदया गया ह योतक य कानन बड़ भतम अतधगहण को रोकत थ साथ ही साथ भारतीय सना को यह अतधकार द तदया गया ह

तक अपनी मज़टी क तहसाब स वह जहा चाह ज़मीन ल सकती ह और सरकार को भी यह अतधकार द तदया गया ह तक वह कशमीर म मौजद कोई भी ज़मीन और समपतत औदयोतगक और पजी तनवश क तलए ल सकती ह यह आदश राजय क 12 काननो को तनरसत करत ह और उसक बदल 14 काननो को लाग करत ह लतकन वासततवकता म य आदश कशमीररयो क बच-खच अतधकारो पर भी िाका िालन का काम करत ह नय काननी सशोधनो क तहत अब खततहर ज़मीन का गर-कतष इसतमाल क तलए आसानी स उपयोग तकया जा सकगा ररयल एसटट उदयोग म तनवश को बढ़ावा दन क तलए ररयल एसटट (रगयलशन एि िवलपम ट) एट का कनदरीय कानन कशमीर म भी लाग कर तदया गया ह इन नय बदलावो क तहत सामररक उपयोग क तलए तकसी भी ज़मीन का अतधगहण सना दारा तकया जा सकगा दरअसल य काननी बदलाव कशमीर और कशमीरी समाज की समसत सरचना को बदलन की तनगाह स ही मोदी सरकार दारा लाग तकय जा रह ह

इसक अलावा एक अनय आदश क तहत ldquoपतथरबाज़ोrdquo को पासपोटय क तलए अनापतत पत नही तदया जायगा जमम-कशमीर-पतलस क सीआईिी तवग न इस साल 31 जलाई को एक तनदजश जारी कर कहा ह तक सरकार या राजय क तिलाफ़ ldquoधवसातमक काययrdquo म तलपत लोगो को न तो पासपोटय क तलए सरका अनापतत तमलगी और न ही सरकारी सवाओ और योजनाओ का लाभ तमलगा इस आदश क तहत सभी तवभागो को तनतदयषट तकया गया ह तक पासपोटय या अनय सरकारी योजनाओ क तलए आन वाल हरक आवदन की ठीक स जाच-पड़ताल की जानी चातहए और सतनतशचत तकया जाना चातहए तक कही आवदक तकसी ldquoराजय-तवरोधीrdquo गतततवतध म तो सतलपत नही ह या उसक तिलाफ़ पतथरबाज़ी या तकसी अनय अपराध का कोई मकदमा तो दजय नही ह

अब थोड़ी चचाय कशमीर क मौजदा राजनीततक नततव पर भी कर लत ह 5 अगसत को मखयधारा क तजन राजनीततक नताओ को नज़रबनद या तगरफतार कर तलया गया था उनम स अतधकाश को तपल साल अटबर तक ररहा कर तदया गया उसक बाद ही 15 अटबर 2020 को नशनल कानफ स पीिीपी सीपीएम और अनय सथानीय दलो न तमलकर ldquoगपकर गठबनधनrdquo का गठन तकया तजसका कतथत उदशय अनचद 370 और कशमीर क पणय राजय क दजज की बहाली ह तदसमबर 2020 म फ़ौजी बटो व बनदको क साय तल हए तज़ला तवकास काउतसल क चनावो म गपकर अलायनस को कल 278 सीटो म स 110 पर जीत हातसल हई थी जबतक भाजपा 75 सीटो क साथ सबस बड़ी पाटटी और वोट शयर क मामल म भी सबस बड़ी पाटटी बनकर उभरी थी यह कशमीर का तवशष दजाय ितम तकय जान क बाद क पहल चनाव

थ भारतीय मीतिया म मतदान परततशत को लकर काफ़ी शोरगल मचाया गया तक यह 51 परततशत था सचचाई यह ह तक यह आकड़ा जमम और कशमीर दोनो को तमलाकर परसतत तकया गया ह जमम म मतदान परततशत जयादा होन क कारण मतदान को बढ़ा-चढ़ा कर पश करना आसान भी था कशमीर क जयादातर इलाको म मतदान परततशत 20 फ़ीसदी भी नही था इसक साथ ही गपकर गठबनधन की चनावो म जीत भी एक भामक तसवीर पश करती ह इन ldquoमखयधाराrdquo की पातटययो और उनक नताओ का कशमीरी अवाम म कोई आधार अब बचा नही ह और इनह भारतीय राजय क एजट क तौर पर ही जाना जाता ह

तफर इस साल 24 जन को गपकर परतततनतधयो को मोदी सरकार दारा वाताय क तलए तदली बलाया गया था यहा नरनदर मोदी न अपनी तचर-पररतचत डामबाज़ी क ज़ररए ldquoतदल की दरीrdquo और ldquoतदली की दरीrdquo जस अथयहीन जमलो पर अतभनय कर अहकारोनमादी तकरदार तनभाया इन समझौतापरसत अवसरवादी नताओ न अच सकली बालको की तरह मोदी जी क ldquoमन की बातrdquo सनी भी यही नही तफर साथ म फोटो भी तखचवायी मोदी सरकार दारा की गयी वाताय म सरकार दारा कहा गया ह तक वह पहल lsquoिीतलतमटशनrsquo की परतकरया परी करगी यानी लोकसभा और राजयसभा क चनाव तनवायचन मिलो का पनतनयधायरण करगी इसक बाद चनाव करवायगी और कशमीर को राजय का दजाय उसक बाद ही तदया जायगा वही गपकर गठबनधन का कहना ह तक पहल राजय का दजाय तदया जाय इनम स कक अनचद 370 और 35ए को पहल बहाल तकय जान की बात कर रह ह और उसक बाद ही चनाव करान की बात कर रह ह

यह कशमीर का बचचा-बचचा भी जानता ह तक उमर अबद ला स लकर महबबा मफती जस इन तमाम नताओ न अपनी कौम और उसक सघषय स गदारी करक भाजपा क साथ सता की सज तक सजायी ह और आम तौर पर भी भारतीय राजय की कठपतली बनकर ही काम तकया ह यह कशमीररयो क कौमी सघषय क सचच नमाइनद तो आज कतई नही कहलाय जा सकत ह नशनल कॉनफ स तो अब यह तक कह रही ह तक अनचद 370 को बहाल करन की माग अब यथाथयवादी नही ह यह तदखला दता ह तक मागो का तकततज और एजिा भारतीय राजय और मोदी सरकार दारा तय तकया जा रहा ह

जहा तक हररययत कानफ स व अनय अलगाववादी सगठनो का परशन ह तो 5 अगसत 2019 क बाद क घटनाकरम स यह भी सपषट हो गया ह तक इन सबकी भी कोई तवशष साख कशमीरी अवाम क बीच रह नही गयी ह आम तौर पर कशमीर म चनाव बतहषकार का आहान करन वाल इन सगठनो न इस बार उपरोत चनावो का बतहषकार भी नही

तकया था ताज़ा िबरो क अनसार मोदी सरकार हररययत कानफ स क तवतभनन धड़ो पर यएपीए क दमनकारी काल कानन क तहत परततबनध लगान पर तवचार कर रही ह इतना साफ़ ह तक मौजदा राजनीततक नततव स आम कशमीररयो का मोहभग हो चका ह और उनस कोई उममीद भी बाकी नही रही ह

तो या इन दो सालो म कशमीर या कशमीररयो क हालात बदल तबकल नही बतक इस बीच कशमीर म भारतीय राजयसता क दमन और आतक राज म और अतधक इज़ाफ़ा हआ ह पलट गनस और बनदको स बचचो और नौजवानो को लगातार तनशाना बनाया जा रहा ह तातक दहशत और िर क माहौल को बरकरार रखा जा सक मानवातधकारो को दि-मतत क साथ सरका बलो दारा रौदा जा रहा ह आफसपा और पीएसए जस काल दमनकारी काननो क साय म आम कशमीरी लोग जी रह ह आय तदन घरो पर ाप पड़ रह ह आम नागररको तवशष तौर पर नौजवानो को शक क आधार पर जलो म िाला जा रहा ह कशमीर भारतीय राजय क राजकीय दमन तहसा और अभतपवय सनयकरण क चकरवयह म आज भी फसा ह

लतकन इततहास भी बताता ह तक तकसी भी कौम की आकाकाओ को कचल कर बड़ी स बड़ी सनय ताकत भी चन स नही बठ पायी ह तारीि गवाह ह तक फ़ौजी बटो और बनदको क दम पर तकसी ोट स इलाक की भी परी आबादी को लमब समय तक दबा कर नही रखा जा सकता ह सतह क नीच पनप रहा परततरोध सतह क ऊपर आता ही ह तकसी भी कौम को ज़बरन उसकी इचा क तवरदध अपनी सीमाओ म शातमल करक कोई भी दमनकारी शासक वगय उस कौम की आज़ादी की इचा का गला हमशा क तलए नही घोट सकता

आज भारत क मज़दर वगय और बहसखयक महनतकश आबादी को भी यह समझना होगा तक कशमीर महज़ कागज़ पर बना कोई नक़शा या ldquoभारत माता का मकटrdquo नही ह जसा तक आम तौर पर राषटवाद क नाम पर हमार-आपक बीच भी शासक वगयो दारा परचाररत तकया जाता ह कशमीर सबस पहल कशमीररयो का ह और अपन भतवषय का फ़सला हर कौम िद करती ह आज भारत क मज़दर वगय और इनसाफ़पसनद तरक़कीपसनद तबदीलीपसनद नागररको और ातो-नौजवानो को सघषयरत कशमीरी कौम क आतमतनणयय क अतधकार क जनवादी सघषय क साथ एकता सथातपत करनी होगी यह बात भी समझनी होगी तक कोई भी जनता यतद अपनी राजयसता दारा तकसी कौम क दमन पर मौन रहगी तो वह िद भी अपन शासको दारा गलाम बनाय जान क तलए अतभशपत होगी अनधराषटवाद और सामपरदातयकता की लहर म बहन की बजाय ठि तदमाग स इन बातो पर सोचन की ज़ररत ह

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 5

ददलमी क lsquoमासटरोrsquo क पाि म गरमीब महितकश आबादमी कहा हndash भारत

तदली को दतनया का सबस समाटय शहर बनान क तलए िीिीए दारा बीत महीन मासटर पलान 2041 पश तकया गया तदली को आधतनक और तवकतसत शहर बनान क तलए यह चौथा मासटर पलान ह इसस पहल 1962 2001 और 2021 तक तदली म अलग-अलग मासटर पलान लाग हो चक ह िीिीए का मासटर पलान पयायवरण को बहतर बनान पररवहन को सतवधाजनक बनान तथा आधारभत सरचना को मज़बत बनान की बात पर ज़ोर दता ह

पर सबस अहम सवाल यह उठता ह तक आतिर िीिीए क 2041 मासटर पलान म तदली की महनतकश आबादी क तलए या ह इसका जवाब ह ndash क नही

मासटर पलान का मतलब ह चमचमाती हई तदली जहा बड़ी-बड़ी इमारत हो मॉल हो सड़क हो मटो हो जो हर तकसी को अपनी ओर आकतषयत कर सक पर मासटर पलान म तदली म रहन वाली महनतकश आबादी जो तदली को चलाती ह कारिानो स लकर कोतठयो तक म काम करती ह जो झतगगयो म रहती ह जो रहड़ी-खोमचा लगाती ह लबर चौक पर खटकर अपना पट पालती ह जो बघर ह उनका कोई तज़कर तक नही ह उनह तलट म ही रख ोड़ा ह और उनक तलए चमचमाती दतनया की इस समाटयतसटी म कोई जगह नही ह तसवाय इसक तक व अपनी ही लाशो क ढरो क ऊपर अमीरज़ादो की इस चमचमाती दतनया को खड़ा कर और खड़ा करन क बाद इस सवगय स तवदा होकर शहर की पररतधयो पर बसी अपनी गनदी झगगी-बतसतयो म वापस लौट जाय

तपल मासटर पलान की अगर बात

कर तो उसका मकसद भी यही था तक महनतकश आबादी को तदली स कस बाहर फ क तदया जाय उनह सपषट कर तदया जाय तक तवकतसत होती तदली म उनक तलए कोई जगह नही ह मासटर पलान 2001 क दौरान तदली क कई इलाको स झतगगयो को तोड़ा गया और तदली क अलग-अलग तकनारो पर फ क तदया गया योतक य झतगगया ऐस इलाको क आसपास बसी थी जहा अमीर रहत ह दसरी तरफ़ तदली क कनदर स औदयोतगक कनदरो को भी हटाकर तदली क ोर पर औदयोतगक कत सथानानतररत तकया जा रहा था जहा मज़दरो की भी ज़ररत थी इस कारण स भी तदली क अलग-अलग इलाको स हज़ारो झतगगयो को तोड़कर उनह नरला पीरागढ़ी बवाना क आस-पास बसाया गया जो तक औदयोतगक इलाक ह गौरतलब ह तक तजतनी झतगगया तोड़ी गयी उसम स बहत ही कम को पनवायस तदया गया एमसीिी क 2007 क एक सवज क अनसार 1990 क बाद स 2007 तक 217 झगगी बतसतयो को तोड़ा गया तजसस करीब 65000 पररवार परभातवत हए (याद रख यह सरकारी आकड़ा ह असल सखया इसस कही जयादा ह) इसस ही पता चलता ह तक 2001 और 2021 क मासटर पलान म गरीबो क तलए या था आज तवकतसत तदली का दम भरा जा रहा ह और महनतकशो को और अतधक अधर म फ का जा रहा ह आपको याद ही होगा तक जब 2010 म तदली म राषटमिल खल हए थ तब भी तदली को आलीशान बनान क नाम पर लोगो को बघर तकया गया था उस समय करीब ढाई लाख लोग तसफ़य इसतलए बघर हए थ तातक बाहर दश स आय लोगो को तदली lsquoसबस अचा फ़सटय लासrsquo शहर लग सक

तदली क एलजी अतनल बजल

न लोगो स िीिीए मासटरपलान 2041 क परसताव को बहतर बनान क तलए सझाव माग करीब 40000 सझाव आय भी पर महनतकश आबादी क तलए या उनस कोई बात नही की गयी तदली क असगतठत कत म करीब 50 लाख स भी जयादा लोग काम करत ह जो तक तदली की काययकमता का 70 परततशत ह इनम स तसफ़य ोट व मझोल कारिानो म काम करन वाल मज़दरो की सखया लाखो म ह हालातक पजीकत कारिानो और मज़दरो की सखया सरकार बहद कम करक 1 लाख बताती ह इसम 2 लाख कड़ा बीनन वाल स लकर 5 लाख घरल कामगार तक ह इतनी बड़ी आबादी क तलए मासटर पलान म क नही ह कहन क तलए िीिीए आधारभत सरचना को मज़बत करन की बात कर रही ह वही दसरी तरफ़ 2011 क आकड़ो क मतातबक तदली की ज़मीन क 05 परततशत तहसस पर 20 लाख लोग यानी तदली की 108 परततशत आबादी रहती ह जो तक झगगीवासी ह य दस साल पहल का आकड़ा ह सोतचए अब उतन ही तहसस म करीब 30 लाख आबादी तो रहती ही होगी इनको बहतर ररहायश दना तदली क मासटर पलान का तहससा नही ह उनक तलए बड़ी समसया पातकि ग की ह तजसका तज़कर िीिीए न अपनी 400 पननो की ररपोटय म तकया ह पर एक गाड़ी की पातकि ग तजतनी जगह पर लोग पररवार सतहत रहत ह इसक बार म कोई ठोस योजना नही ह

अब बात करत ह तक या िीिीए स उममीद की जा सकती ह तक वह अपनी योजना म तदली की महनतकश आबादी को शातमल करगी पहल ही सपषट कर द नही

िीिीए को कनदर सरकार सचातलत करती ह और आज जो फ़ातससट सता

म बठ ह वह एक-एक करक लोगो का िन तनचोड़कर अपन मातलको की सवा म करन यकीन रखत ह कहन क तलए तो मोदी सरकार न बड़-बड़ वायद तकय तक lsquoजहा झगगी वहा मकानrsquo और ना जान तकतन वायद जो अगर तलखन बठ जाय तो कई तदन कम पड़ जायग इसतलए चाह दश हो तदली हो या िीिीए य तवकास क नाम पर तसफ़य तवनाश करन म मातहर ह इसी की एक बानगी अभी खोरी गाव म दखन को तमली जहा पयायवरण को बचान क नाम पर क ही तदनो क भीतर 10-20 हज़ार झतगगयो को तोड़ तदया गया पर उसी जगह पर बस बड़-बड़ आलीशान होटलो को ोड़ तदया गया

दसरी तरफ़ कजरीवाल भी राग अलाप रहा ह तक िीिीए हमार हाथ म नही ह होती तो हम गरीबो को भी साथ लत पर इस lsquoसाफ़-सथरrsquo वयापाररयो-मातलको क परोकार की सचचाई क और ही ह इसन भी तदली की सता म आन क बाद स तसफ़य मातलको और उनक दलालो को ही lsquoआम आदमीrsquo मानकर उनका ही तवकास तकया ह मज़दर-महनतकश आबादी आज भी तदली क अनदर बतनयादी सतवधाओ स वतचत ह घरल कामगारो स लकर असगतठत कत क मज़दर अभी तक शरम कानन क दायर म नही आय ह और जो मज़दर कारिानो म खटत ह वहा कोई शरम कानन लाग नही होता जबतक यह नौटकीबाज़ कजरीवाल क हाथ म ह यहा तक तक आम आदमी पाटटी क नताओ म ही ोटी और मझोली फ़तटयो क मातलक और वयापारी भर हए ह ज़ातहर ह ऐस म आम आदमी पाटटी क तलए lsquoआम आदमीrsquo भी ोटा मातलक ठकदार और वयापारी ही हो सकता ह लाखो-लाख आम महनतकश-मज़दर आबादी नही

ऐस म हम समझना होगा तक सरकारो और उनकी ससथाओ क तलए हमशा तवकतसत शहर का मतलब तसफ़य अमीरो और उनकी आवशयकताओ की पततय करन स ह न तक महनत करन वाल लोगो क जीवन म बहतरी स इसीतलए िीिीए न भी अपना मासटर पलान महनतकशो की पीठ पर पर रखकर उनह नीच दबाकर खड़ा तकया ह तातक 2041 म तदली म कोई गरीब न तदख पर सचचाई यह ह तक तदली दश और दतनया को जो महनतकश चलात ह उनह हमशा दबाकर नही रख सकत आज तदली क महनतकश-मज़दरो को अच स समझ लना चातहए तक उनक दशमन कौन ह तनतशचत तौर पर मोदी सरकार एक फ़ासीवादी सरकार होन क नात मज़दरो और गरीबो की सबस बड़ी दशमन ह लतकन कजरीवाल भी ोटा मोदी बनन क परयास म आरएसएस का कचा पहन चका ह और मज़दरो को सबस जयादा बरहमी स लटन वाल ोट मातलको ठकदारो-जॉबरो और वयापाररयो का नमाइनदा ह कागस सवय बड़ पजीपततयो की ही नमाइनदगी करती ह लतकन मोदी सरकार दारा नगई और बशमटी स पजीपततयो की सवा करन क कारण वह तफ़लहाल भारतीय राजनीतत म पहल क मकाबल क अपरासतगक तदख रही ह य सभी पजीवादी चनावी पातटयया पजीपतत वगय क ही अलग-अलग तहससो की नमाइनदगी करती ह और उनस हम मज़दर-महनतकश कोई भी उममीद रखकर िद को ही मखय बनायग हम ज़ररत ह तक हम अपना सवतत राजनीततक तवकप खड़ा कर यानी मज़दरो-महनतकशो की अपनी नयी इनकलाबी पाटटी मासटरो क पलान तब धर क धर रह जायग और अपनी दतनया और अपन शहर की पलातनग हम िद कर लग

मिरगा मज़दरो क बजट को खातमी अफसरशाहमीndash रमि कराबतिकारमी मिरगा मज़दर यनियि हररयारा

महातमा गाधी राषटीय रोज़गार गारटी कानन यानी मनरगा की शरआत 2005 म हई थी इस योजना को शर करन का कागस का मकसद था तक गाव स शहर की ओर पलायन करती आबादी को तकस तरह स गाव म ही रोक रखा जाय और सामातजक असनतोष को फटन स रोका जा सक इसक तलए उनहोन 100 तदनो क पक रोज़गार क नाम पर मनरगा सकीम चाल की थी आज जब बरोज़गारी अपन चरम पर ह तो एक बहत बड़ी आबादी बरोज़गार होकर मनरगा म रोज़गार पान क तलए मशक़कत करती रहती ह तक उनह मनरगा म तो काम दर-सवर थोड़ा बहत तमल जाता ह

अगर हम बात कर हररयाणा क कथल तज़ल की कलायत तहसील की तो यहा पर भी मनरगा का जो काम ह वह सभी मज़दरो को नही तमलता असल म सरकारी दावो की बात कर तो मनरगा कानन 2005 कहता ह तक इसका मकसद ह गामीण कतो म तपी बरोज़गारी को कम करना यानी इस कानन क तहत 1

वषय म एक पररवार क वयसक सदसयो को 100 तदन क रोज़गार की गारटी दी जायगी रोज़गार क पजीकरण क 15 तदन क भीतर काम दन और काम ना दन की सरत म बरोज़गारी भता दन की बात कही गयी ह मनरगा क तहत नयनतम मज़दरी भी अलग-अलग राजयो क तहसाब स तय की गयी हरर याणा म अभी तफलहाल 315 रपय तदहाड़ी तय की गयी ह लतकन इसक तहत काम तमलता ही काफ़ी कम तदन ह वही हम बजट की बात कर तो तवत वषय 2021-22 क बजट म तनमयला सीतारमण न मनरगा क तलए 73000 करोड़ रपय का परावधान तकया ह यतद इसकी तलना बीत तवत वषय क सशोतधत बजट क आबटन 111500 करोड़ रपय स की जाय तो यह करीब 3452 फ़ीसदी कम ह बजट कम होन का सीधा मतलब शरम तदवस क कम होन और रोज़गार क अवसरो म कमी स भी ह साथ ही इस बजट का एक बड़ा तहससा भी अफ़सरशाही की जब म चला जाता ह

हमन करातनतकारी मनरगा मज़दर यतनयन क बनर तल 10 साल स गाव म

बनद पड़ काम की तफर स शरआत की थी काम तो साल म 25 स 30 तदन ही तमला मगर इस दौरान हमन मनरगा म हो रह भषटाचार को भी काफ़ी नज़दीक स दखा मनरगा ऑतफ़स क अतधकाररयो की क गाव तवशष क मटो क साथ साठ-गाठ हो जाती ह और तफर मनरगा का जयादातर काम उन गावो को तमलना शर हो जाता ह तजनक मटो क साथ उनका गठजोड़ बनता ह मनरगा म जो आबादी काम करती ह उसक नाम क साथ-साथ ऐस नाम भी वकय रो की तलसट म शातमल तकय जात ह जो मनरगा म काम करन नही आत उनका तसफ़य कागज़ो म नाम चलता ह और जो पसा आता ह उसका बड़ा तहससा अतधकाररयो तथा थोड़ा-बहत तहससा उन फ़ज़टी मज़दरो की जब म चला जाता ह और यह तसलतसला जारी रहता ह एक ओर मज़दर काम क तलए मनरगा तवभाग क चकर लगात रहत ह और दसरी ओर मनरगा का जो बजट मज़दरो क तलए तय हआ ह वह अतधकाररयो की जबो म जाता रहता ह इस भषटाचार क ऊपर रोक लगाना वस तो तकसी एक आदमी क बस की बात नही मगर इसको

रोकन क तलए करातनतकारी मनरगा मज़दर यतनयन क साथी लगातार गाव-गाव म मनरगा मज़दरो की कमतटयो का गठन कर रह ह और इन कमतटयो म जो मज़दर शातमल ह उनको मनरगा तवभाग स जड़ हए कागज़ी काम भी तसखाय जात ह जस तिमाि भरना मसटररोल भरना यह पता करना तक तकतन लोगो का काम आया ह तकतन लोग काम पर जात ह तकसी की फ़ज़टी हातज़री तो नही भरी जा रही आतद इन सभी कामो क तलए परतशतकत करन का काम भी तकया जाता ह और जो भी कागज़ी काम होता ह उसको वहाटसएप क माधयम स हर मज़दर क समपकय म लकर आन का काम भी तकया जाता ह ऐसा करन स मज़दरो म आतमतवशवास बढ़ता ह और साथ ही साथ हर मज़दर काम क परतत तनगरानी और तज़ममदारी को भी समझना शर कर दता ह

यतनयन क अनदर जनवाद की बहाली क तलए सभी फ़सल सामतहकता म तलय जात ह और मट का चनाव भी मज़दरो क बीच म स ही िद मजदर करत ह साथ ही मनरगा मज़दरो की यतनयन पाठशाला भी हर हफत चलायी जाती ह

तजसम मज़दरो को तसफ़य आतथयक मागो पर न गोलबनद करत हए बतक उनह समाज पररवतयन की समच मज़दर वगय की लमबी लड़ाई क तलए भी राजनीततक तौर पर तशतकत-परतशतकत तकया जाता ह मज़दर वगय क नता लतनन न टि यतनयन को मज़दरो की पहली पाठशाला कहा ह उनका मतलब यही था तक अगर कोई यतनयन मज़दरो की असल लड़ाई को लड़ रही ह तो वह मज़दरो की आतथयक मागो को लकर लड़न क साथ-साथ उनक राजनीततक सतरोननयन का काम भी करगी मज़दरो की असल यतनयन वही होती ह जो मज़दरो म उनकी आतथयक मागो स राजनीततक मागो की तरफ़ बढ़न की समझ और साहस पदा करती ह हम सभी जानत ह तक हमार दश म जातत व धमय की तकतनी गहरी जड़ ह मज़दरो की असल लड़ाई लड़न वाली यतनयन इन जातत-धमय की दीवारो पर चोट करन क साथ-साथ मज़दरो म वगय एकजटता पदा करन का काम करगी तातक हर जातत-धमय स आन वाल मज़दरो म सवयहारा चतना पदा की जा सक

6 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

निमाषर मज़दर की करणट लगि स मौत मआवज़ की माग करि वालो को पललस ि भजा जलथा तो वह तबजली का करट लगन क कारण तगर गया दसर मज़दरो न तबजली क तार को हटाया व तरण को दखा तथा इसकी िबर सफटी ऑतफ़सर को दी मज़दर को पास क असपताल आरोगय हॉतसपटल ल जाया गया जहा पर िॉटरो न मज़दर तरण को मत घोतषत कर तदया

मालदा क मज़दरो क मशी अनप मिल जो िद मालदा पतशचम बगाल का रहन वाला ह न बताया तक िॉटरो न उस बताया तक तरण की मौत हो चकी ह तो उसन इस घटना क बार म उसक पररवार को सतचत तकया उसक बाद पतलस मतक मज़दर का शव पोसटमाटयम क तलय ल गयी

अनप मिल न बताया तक अगल तदन 10 अगसत को एटीएस मनजम ट न मतक तरण क पररवार को 450 लाख का चक 50 हज़ार कश व मतक क शव को उसक घर पतशचम बगाल ल जान क तलए एमबलस की वयवसथा की और पोसटमाटयम क बाद व लोग अपन घर मालदा पतशचम बगाल लौट गय

मतक मज़दर तरण क साथ काम करन वाल मालदा क एक मज़दर चनदन न बताया तक अगल तदन 10 अगसत को मज़दरो न कमपनी मनजम ट स प ा तक मतक मज़दर का शव कब तक आयगा तो बताया गया तक 11 बज पोसटमाटयम होगा उसक बाद पता चलगा मज़दरो न माग की तक मतक मज़दर क मत शरीर को यहा पर लाया जाय तथा उसक पररवार को 15 लाख की आतथयक मदद दी जाय मज़दर शाम तक बठ रह पतलस की जीप आन पर 5 बज क बाद कमपनी की तरफ़ स बताया गया तक मतक क पररवार की सभी मागो को परा कर मतक की बॉिी को उसक पररवार क साथ पतशचम बगाल भज तदया गया ह मज़दर समझ गय तक उनह झासा तदया जा रहा ह तातक वहा स वापस भजा जा सक इसस मज़दर आकरोतशत हो गय और एटीएस क ऑतफ़स म घस गय व उनहोन पतलस को भी खदड़ तदया इसक बाद रात म 12 बज पतलस बड़ी सखया म आयी और मज़दरो की झतगगयो म ज़बरन घस कर

मज़दरो को बहत मारा-पीटा व बहत स मज़दरो को उठा कर ल गयी तजनम स 25-30 को जल भज तदया जल जान वालो म बहत स ऐस मज़दर ह जो घटना क समय वहा पर उपतसथत भी नही थ

इस घटना क बाद स बहत स मज़दर वापस अपन घर लौट गय ह जो मज़दर अभी वहा पर ह उनको भी काम पर नही तलया जा रहा ह इसक बार म प न पर एटीएस मनजम ट न बताया तक मज़दरो का वररतफ़कशन तकया जा रहा ह इसतलए अभी काम रोक तदया गया ह तजन मज़दरो का वररतफ़कशन हो जायगा उनको काम पर रख तलया जायगा

यह ऐसी अकली घटना नही ह जब काम क वक़त होन वाल हादसो म मज़दरो की मौत होती ह हमार य भाई-बहन मातलको कमपतनयो ठकदारो क मनाफ़ की भट तसफ़य इसतलए चढ़ जात ह योतक काययसथल पर उनकी सरका क उतचत इनतज़ाम नही तकय जात ह उसक बाद जब मातलको की मनाफ़ािोरी क कारण की गयी इस लापरवाही की भट मज़दर

ndash सममतनोएिा गटर नोएिा वसट म एटीएस

तबिर की तनमायणाधीन तबतिग म काम कर रह एक मज़दर की तबजली का करट लगन क कारण मौत हो गयी तजसक बाद मज़दरो न मतक मज़दर साथी क पररवार को आतथयक मदद दन की माग की इनम स अगआ मज़दरो को तोड़फोड़ करन का आरोप लगाकर जल भज तदया गया ज़ातहर ह पतलस परशासन परी तरह स तबिर की जब म ह योतक मज़दरो न क भी नाजायज़ नही मागा था

मतक मज़दर तरण वास पतशचम बगाल क मालदा का रहन वाला था उसकी उम मात 19 वषय की थी अभी 2 माह पहल वह पतशचम बगाल स नोएिा आया था यहा पर पहल स काम कर रह मालदा क मज़दरो क साथ एटीएस म काम कर रहा था तरण क साथ काम करन वाल दसर मज़दरो न बताया तक रोज़ाना की तरह 9 अगसत को हम सब काम कर रह थ शाम क लगभग 4 बज तरण जब एक मशीन का तार समट रहा

चढ़ जात ह तो उनह उतचत काननी मआवज़ा भी नही तदया जाता और अगर मज़दर अपन मत साथी क तलए इनसाफ़ की माग करत ह तो पजीपततयो की जब म बठी पतलस उनह मारती-पीटती ह और उनह जलो म िाल तदया जाता ह लतकन मातलक पर कोई कारयवाई नही होती वस भी ऐसी दघयटनाओ क तलए बस मआवज़ की वयवसथा ह काननी तौर पर भी मातलक को इस परकार की जानलवा लापरवाही क तलए कभी जल नही भजा जाता या एक मज़दर की जान को कवल रपयो म तौला जा सकता ह लतकन यतद मज़दर अपनी जायज़ मागो को उठात ह तो उनपर लातठया बरसायी जाती ह और उनह सलाखो क पी धकल तदया जाता ह नोएिा की इस घटना न एक बार तफर मौजदा मनाफािोर और कफ़नखसोट पजीवादी वयवसथा की कलई खोल दी ह जब तक हम एकजट और सगतठत नही होत तब तक हमार साथ ऐसा ही सलक होता रहगा

बाढ़ बशमष सरकार और सवदिहमीि रिशासि का कहर झलतमी जितादारागज राजापर अशोक नगर आतद तथा गगा क तकनार बस इलाको और करली की गिढा कॉलोनी करामत की चौकी जक आतशयाना करला बाग जस यमना क तकनार बस इलाक जलमगन हो गय थ जहा स हज़ारो लोगो को अपन घर स तवसथातपत होकर राहत तशतवरो म गज़र-बसर करना पड़ा बहत स लोगो को राहत तशतवरो म इसतलए जगह नही तमली योतक व अपना सामान राहत तशतवर म नही ल जा पाय थ हर साल राहत तशतवर क नाम पर इलाहाबाद परशासन और नगर तनगम दारा लाखो का वारा-नयारा कर तदया जाता ह लतकन तज़ल म बाढ़ परभातवत आबादी की तलना म राहत तशतवरो की सखया ऊट क मह म जीर क बराबर भी नही थी जो राहत तशतवर थ भी उनम भी न टॉयलट था न नहान की वयवसथा न ही सफ़ाई का कोई इनतज़ाम और ठीक स खान की वयवसथा राहत तशतवरो म भयकर गनदगी फली हई थी जो बड़ पमान पर इन तशतवरो म बीमारी फलान का कारण बन रही थी

कई तदन बीतन और पानी उतरन क बाद अब बड़ पमान पर बीमाररया फलनी शर हो गयी ह इलाक म शायद ही कोई ऐसा घर हो जहा कोई न कोई सदटी बखार खासी स पीतड़त न हो लतकन परशासन की इसस तनपटन की कोई तयारी नही ह कोतवि-19 की दसरी लहर क बाद शहर क असपतालो म ओपीिी का सचालन अभी सचार ढग स नही हो रहा ह तजसकी वजह स बड़ी आबादी जो पराइवट असपतालो की फ़ीस नही द सकती ह झोलााप िॉटरो फ़ामायतससटो स इलाज करान को मजबर ह

हर साल आन वाली बाढ़ क भयकर तवभीतषका म तबदील हो जान की वजह पराकततक नही बतक पजीपततयो क मनाफ की हवस ह असमान तवकास पजीवादी वयवसथा का आम तनयम ह तजसकी वजह स दश क बहत बड़ तहसस म तबाही का सामाजय होता ह और क इलाक ऐशवयय क टाप बन जात ह

इस असमान तवकास की वजह स बहत बड़ी आबादी गावो स शहरो की तरफ़ तवसथातपत होती ह यह तवसथापन आम महनतकश आबादी क तलए तकसी तासदी स कम नही होता ह लतकन यही असमान तवकास दसरी ओर क धनपशओ क तलए मनाफ़ा बटोरन का अवसर महया कराता ह

इलाहाबाद शहर की बात कर तो गगा और यमना क तकनार बस इस शहर म परशासन की गठजोड़ स भमातफ़या कार की ज़मीन पर कबज़ा जमा लत ह एक तरफ़ य इस ज़मीन पर धड़ल स अवध तनमायण करात ह तो दसरी ओर परशासतनक तत म अपनी पकड़ का इसतमाल कर य लोग कार की ज़मीन को गावो स शहरो की तरफ़ आन वाली आबादी को अपकाकत कम कीमत पर बच दत ह इलाहाबाद शहर परततयोगी ातो का गढ़ ह आस-पास क इलाको स लाखो ात पढ़ाई करन और परततयोगी परीकाओ की तयारी करन क तलए इलाहाबाद आत ह कार क इन इलाको म शहर की तलना म कमर का तकराया कम होन की वजह स बहत स ात यही कमरा लत ह यह भी एक बड़ी वजह ह तक शहर क अमीरो क तलए य इलाक तनवश का एक कनदर बन गय ह गगा और यमना नतदयो क तकनार सकड़ो लॉज बन हए ह इन लॉजो म हज़ारो ात रहत ह हर साल बाढ़ आन पर य ात पढ़ाई-तलखाई ोड़कर घर चल जात ह लतकन इनका तकराया साल-दर-साल बढ़ता जाता ह परशासन को भी य सार गड़बड़ घोटाल अची तरह स मालम ह लतकन सता परशासन और भमातफ़याओ क गठजोड़ स य काम धड़ल स चल रहा ह इसतलए इलाहाबाद म बाढ़ की सबस जयादा मार आम महनतकश आबादी और ातो पर पड़ती ह

वासतव म उतर परदश तबहार असम करल समत पर दश म बाढ़ की समसया क इतनी बड़ी तवभीतषका बन जान की असली वजह यह मौजदा मनाफ़ पर

तटकी पजीवादी वयवसथा ह जगलो की अनधाधनध कटाई स तमटी बहकर नतदयो की तलहटी म जमा होन नतदयो क तकनार बरोकटोक होन वाल तनमायण-काययो गाद इकटा होन स नतदयो क उथला होत जान बरसाती पानी की तनकासी क कदरती रासतो क बनद होन शहरी नालो आतद को पाट दन जस अनक कारणो न न कवल बाढ़ की बारमबारता बढ़ा दी ह बतक होन वाली तबाही को पहल स कई गना बढ़ा तदया ह आज़ादी क इन 74 वषयो म आपदा परबनधन क नाम पर अरबो-खरबो का वारा-नयारा तकया जा चका ह लतकन तसथतत सधरन की जगह साल-दर-साल बद स बदतर होती जा रही ह सपर कमपयटर रिार उपगहो आतद स लस तकनीक क ज़मान म बाढ़ आन स काफ़ी पहल ही इसका सही-सही पवायनमान लगाया जा सकता ह और साथ ही साथ lsquoफलि रतटगrsquo का परा तवजान तवकतसत हो चका ह तजसक ज़ररए बाढ़ क फलाव को काफ़ी हद तक तनयततत तकया जा सकता ह लतकन मनाफ़ा-आधाररत वयवसथा म तवजान भी मनाफ़ की भट चढ़ जाता ह और क मठीभर धनपशओ क तलए मनाफ़ा पदा करन का औज़ार मात रह जाता ह टनोलॉजी का इसतमाल अगर मानवता क तहत म तकया जाय तो इन आपदाओ म होन वाल जान-माल क नकसान को काफ़ी हद तक कम तकया जा सकता ह लतकन होता इसका उटा ह हर बार बाढ़ आन का इनतज़ार तकया जाता ह हर बार लोग मार जात ह लाखो पररवार बघर होत ह हज़ारो एकड़ फ़सल की बबायदी होती ह और हर बार आपदा परबनधन क नाम पर अरबो की रातश का बनदरबाट होता ह चनावी घतड़याल इस आपदा पर सवार होकर अपनी चनाव की वतरणी पार करन की जगत म लग जात ह सामाजयवादी ससथाओ क टकड़ो पर पलन वाल सवयसवी सगठनो को ldquoजनसवाrdquo क बहान सचचाई पर पदाय िालन का और इसी बहान अपनी सवा भी कर लन का मौका तमल जाता ह और

ndash अनविाशजस-जस मौजदा पजीवादी वयवसथा

lsquoतवकासrsquo की नयी ऊचाइयो पर पहच रही ह उसी अनपात म जनता क जीवन म चलन वाली lsquoतवनाशलीलाrsquo और जयादा भयकर रप लती जा रही ह इस तवनाशलीला का एक दशय अगसत क महीन म इलाहाबाद शहर म गगा-यमना क इलाक म आयी बाढ़ क रप म सामन आया गगा और यमना जसी दो बड़ी नतदयो और कई ोटी नतदयो का शहर होन क चलत इस बाढ़ का कहर जब टटता ह तो इलाहाबाद की बहत बड़ी आबादी उसका तशकार होती ह इस बार भी गगा और यमना क तटवतटी इलाक ससर खदरी और टौस नदी क तकनार रहन वाली आबादी इस कहर का तशकार बनी बड़ पमान पर लोगो क काम-धनध का नकसान हआ और बहत स लोग तवसथातपत हए

परा परशासन इस दौरान मकदशयक बना हआ बाढ़ क गज़र जान का इनतज़ार करता रहा नता-मती हलीकॉपटर स गशत लगात रह और अतधकारी नाव स गशत लगात रह परशासन की सवदनहीनता इसी स समझी जा सकती ह तक कई तदन पहल स ही बाध का पानी ोड़ जान की सचना तमल जान क बावजद परशासन न यह घोषणा तक नही करवायी तक नदी का जलसतर तकतना बढ़ सकता ह और लोगो को सरतकत सथान पर चल जाना चातहए बहत स लोग तपल क वषयो क अनभव क आधार पर इनतज़ार करत रह और जब पानी तज़ी स बढ़ना शर हआ तो उसी समय तज़ बरसात की वजह स बहत स लोग अपन घर का सामान तक ठीक स नही तनकाल पाय पानी घसन क दो-तीन तदन बाद तक कई इलाको म नाव नही पहची थी जो बाढ़ राहत तशतवर बनाय गय व अपन-आप म कवयवसथा की तमसाल बन हए थ

बाधो स अचानक पानी ोड़ जान की वजह स इलाहाबाद शहर क तटवतटी इलाको जस ोटा बघाड़ा सलोरी

तफर अगली बार का इनतज़ार तकया जाता ह इस तरह आज़ादी क इन सात दशको म आपदाओ का भी अपना अथयशासतर और अपनी राजनीतत तवकतसत हई ह

बाढ़ रोकन क मकसद स 1954 म गतठत गगा आयोग न जलकिी पररयोजना का सझाव तदया था तजसक तहत नपाल की नतदयो स आन वाली तसट को रोकन क तलए पानी की भारी माता को नपाल म रोककर बाधो पर जल तवदयत पररयोजना लगान की योजना थी इन पररयोजनाओ का आधा लाभ नपाल और आधा लाभ भारत को तमलना था लतकन सरकार की उदासीनता की वजह स यह योजना धरी की धरी रह गयी 1976 म गतठत राषटीय बाढ़ आयोग न नतदयो क तल स गाद हटान का सझाव तदया था और साथ ही जलकिी योजना को लाग करन का भी सझाव तदया था इसम स क भी नही तकया गया आग भी इस तरह क आयोग बनत रहग लतकन क नही होगा योतक यह परी वयवसथा मानवीय ज़ररतो नही बतक मटी भर पजीपततयो क मनाफ़ क तलए काम करती ह ऐसी आपदाओ को रोकना तो दर ऐसी आपदाओ क बाद इनसानो की लाशो पर अपन मनाफ़ की रोतटया सकना इस वयवसथा का काम ह इसतलए पजीवादी वयवसथा क रहत इस परकार की आपदाओ स तनजात तमलना असमभव ह बतक हर गज़रत तदन क साथ अपनी सवाभातवक गतत स यह वयवसथा बहत-सी आपदाओ को पदा करती रहगी वगय तवभातजत समाज म हर आपदा महनतकशो की बबायदी का कारण बनती ह और पजीपतत इन आपदाओ स भी अपन मनाफ़ की हवस को परा करत ह जब तक मानवता इस लट पर तटकी वयवसथा स तनजात नही पायगी तब तक बाढ़ की तवभीतषका स भी तनजात नही तमलन वाली

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 7

(पज 2 पर जारमी)

तदली क मखयमती अरतवनद कजरीवाल तपल तदनो कभी गोआ कभी पजाब तो कभी उतराखि जाकर परचार कर रह ह तक अगर हमारी lsquoआम आदमी पाटटीrsquo की सरकार बनी तो 300 यतनट तक तबजली सभी लोगो को मफत दी जायगी भाजपा और सघ पररवार का कचा पहन चक कजरीवाल दावा करत ह तक तदली म लगभग 70 फ़ीसदी लोगो का तबजली का तबल ज़ीरो आता ह और तदली की 93 फ़ीसदी कॉलोतनयो म पानी की लाइन तबा दी गयी ह और इन सभी इलाको म अतधकतर लोगो को पीन का पानी मफत तमल रहा ह कजरीवाल का दावा ह तक तदली की बहसखयक

आबादी को उनकी सरकार बनन क बाद स तबजली और पानी मफत तमलता ह

कजरीवाल क इन दावो को सनकर यह तो साफ़ ह तक अपन बड़ भाई मोदी की तरह जमलबाज़ी और झठ दाव करन म कजरीवाल भी कम नही ह असतलयत यह ह तक तदली की मज़दर व तकरायदार आबादी क तलए मफत पानी और तबजली आज भी एक हवाई बात ह तदली की बहसखयक मज़दरतकरायदार आबादी को न साफ़ पीन का पानी मफत म तमलता ह और न ही उसक तलए तबजली मफत ह िासकर तदली की आम महनतकश आबादी क करावलनगर खजरी सोतनया तवहार मसतफ़ाबाद सीलमपर और

बवाना वज़ीरपर शाहाबाद िरी जस कई और इलाको म बहसखयक आबादी क तलए मफत तबजली-पानी की बात बस एक जमला ह इन इलाको म कजरीवाल सरकार क लगभग 8 साल होन क बाद आज भी पीन क पानी की लाइन घर-घर नही पहची ह यहा रहन वाली मधयम वगय की क आबादी तो अपन घरो म पानी साफ़ करन की आरओ मशीन लगा लती ह और ज़मीन क पानी को साफ़ करक इसतमाल करती ह लतकन मज़दर और आम महनतकश आबादी या तो गतलयो म लग सरकारी नल स पानी लाती ह जो पर इलाक म नाममात ही बच ह और जो बच ह उनम भी पानी

कभी-कभी ही आता ह और जब आता भी ह तो पानी आम तौर पर गनदा होता ह पीन लायक नही होता ह

उतर-पवटी तदली क शरीराम कॉलोनी खजरी इलाक म य नलक भी नाली स सटाकर लगाय गय ह जहा कड़ा भी पड़ा रहता ह गरीब लोग मजबरी म यही स पीन का पानी भरत ह क इलाको म सरकारी पानी क टकर आत ह पर यह टकर भी आबादी क अनपात म बहद कम सखया म आत ह इनस पानी भरन क तलए 2 स 3 घटा लग जाता ह य टकर तनयतमत भी नही आत ह कोरोना महामारी क शर होन स लकर अब तक भी इन टकरो की सखया सरकार दारा नही

बढ़ायी गयी तजसक चलत टकर क आन पर बहत जयादा भीड़ एकततत हो जाती ह और मजबरी क चलत शारीररक दरी बन ही नही पाती ह ऐस म इन इलाको म कोरोना महामारी फलन का िर जयादा बना रहता ह पर कजरीवाल सरकार सब जानत हए इस अनदखा करती ह

इन इलाको म पानी की बोतल (20 लीटर) बचन का वयापार तपल क सालो म बहत जयादा बढ़ गया ह हर चौथी या पाचवी गली म एक पलाट लगा ह जहा स मज़दर आबादी अपन िाली बतयन या कन म पानी पसा दकर भरती ह या तफर पानी की बोतल ही घर

मफत पािमी और नबजलमी स वलचत ददलमी की बहसखक मज़दर आबादमी

कॉमरि रामनाथ नही रह 31 अगसत को तड़क ही सोत समय तदल का दौरा पड़न स उनका तनधन हो गया

कॉमरि रामनाथ की आय लगभग 83 वषय की थी असवसथ तो व तवगत कई वषयो स थ लतकन तपल क समय स उनका सवासथय बहत िराब हो गया था

भारत क कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन का इततहास का रामनाथ की भतमका और अवदानो की चचाय क बगर तलखा ही नही जा सकता तनससनदह उनकी भतमका ऐततहातसक थी और lsquoपाथरितकगrsquo थी

बतलया तज़ल क गगा तटवतटी एक गाव क भसवामी पररवार म पदा हए का रामनाथ राहल साकतयायन क परभाव म तकशोरावसथा म ही मासयवादी बन चक थ और बीहड़ यायावरी तथा दशयन इततहास कला-सातहतय और राजनीतत क घनघोर अधययन को अपनी आदत बना चक थ 1960 क दशक क उथल-पथल भर वषयो म कोलकाता उनकी अधययनशाला करातनतकारी परतशकणशाला और परयोगशाला बना जहा व कानन का अधययन कर रह थ उनकी राजनीततक जीवन-याता अतवभातजत कमयतनसट पाटटी स शर हई तफर माकपा स होत हए कनहाई चटजटी क नततव वाल कमयतनसट करातनतकारी गप lsquoतचनता गपrsquo तक पहची तजसन बाद म अपन को lsquoदतकण दश गपrsquo और तफर lsquoमाओवादी कमयतनसट कनदरrsquo क रप म सगतठत तकया 1969 म भाकपा (माल) की सथापना की घोषणा क बाद (1970 म हई पाटटी कागस क पहल ही) का रामनाथ भाकपा (माल) म शातमल हो गय और उतर परदश और तबहार क गगा तटवतटी तज़लो गाज़ीपर बतलया आरा-भोजपर क गामीण इलाको म आकर काम करन लग

चार मजमदार क तनधन क बाद पाटटी क पनगयठन क परयासो म का रामनाथ न एक अगणी भतमका तनभायी और मखयत उनही क परयासो स फ़रवरी 1974 म कनदरीय सागठतनक कमटी (सीओसी) भाकपा (माल) का गठन समभव हो सका तजसकी नततवकारी कमटी म जगजीत तसह सोहल सनीतत कमार घोष कोिापली सीतारमयया

और शामलाल (चोपड़ा) क साथ का रामनाथ भी शातमल थ सीओसी भाकपा (माल) म काम करत हए ही का रामनाथ न चार की ldquoवामrdquo दससाहसवादी लाइन क तिलाफ़ दढ़ और ससगत सटि तलया जो सगठन म गमभीर मतभद का तवषय बना ldquoवामrdquo दससाहसवाद क तवरदध समझौतातवहीन और ससगत सघषय चलान वाल गपो और वयततयो म नागीरििी-िीवी राव और हरभजन तसह सोही क बाद का रामनाथ का ही नाम अगणी माना जा सकता ह सीओसी काल क दौरान का रामनाथ न तवशषकर आपातकाल क अनभवो क आधार पर भारतीय पजीपतत वगय और राजयसता क चररत पर सवाल उठाना शर कर तदया था और दहाती कत म ज़मीनी कामो क अनभवो क आधार पर भतम-समबनधो क सामनती चररत की सथातपत धारणा पर भी सोचन लग थ

सीओसी क तवघटन क बाद माचय 1978 म जब का रामनाथ क नततव म भारत की कमयतनसट लीग (मासयवादी-लतननवादी) का गठन हआ तो तमाम सागठतनक सकटो और परततकल पररतसथततयो क बावजद का रामनाथ क मागयदशयन और नततव म भारतीय समाज की परकतत और

करातनत क काययकरम क सवाल पर गहन शोध-अधययन क बाद भाकली (माल) न 1982 म यह तनषकषय तनकाला तक भारतीय समाज चीन की तरह अदधयसामनती-अदधयऔपतनवतशक या नवऔपतनवतशक न होकर एक तपड़ा हआ पजीवादी समाज ह यहा का पजीपतत वगय दलाल न होकर राजनीततक रप स सवतत और सामाजयवाद का कतनषठ साझीदार ह कततपय पराक-पजीवादी अवशषो क बावजद यहा क भतम-समबनध lsquoपरतशयाई मागयrsquo क भारतीय ससकरण क ज़ररए करतमक रपानतरण क बाद मलत और मखयत पजीवादी बन चक ह और इसतलए भारतीय करातनत की मतज़ल अब राषटीय जनवादी नही बतक पजीवाद-तवरोधी सामाजयवाद-तवरोधी समाजवादी करातनत की मतज़ल ह 1983 म इस थीतसस क दसतावज़ रप म परकाशन क बाद पर दश क कमयतनसट करातनतकारी सगठनो स एक लमबी बहस की शरआत हई और तजस सवाल को हल हआ माना जा रहा था वह अधययन और राजनीततक बहस का एक कनदरीय परशन बन गया आग चलकर कई सगठनो न समाजवादी करातनत की अवतसथतत अपनायी

1986 म का रामनाथ क ही

मागयदशयन और नततव म तदतीय तवशवयदधोतर कालीन वतशवक बदलावो और समकालीन दतनया क सामाजयवादी समीकरणो म बदलावो पर भी शोध-अधययन की शरआत हई जो 1987 म एक वहद दसतावज़ क रप म परकातशत हआ इस शोध-अधययन का उदशय नयी तवशव पररतसथततयो म तवशव सवयहारा करातनत की आम राजनीततक काययतदशा की समझ तवकतसत करन की तदशा म आग कदम बढ़ाना था दभायगयवश यह परतकरया आग नही बढ़ सकी लतकन इस गमभीर पहल की ऐततहातसक महता को कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन क इततहास का कोई गमभीर अधयता कतई िाररज नही कर सकता

उलखनीय ह तक इस पर दौर म का रामनाथ न दतकणपनथी और ldquoवामपनथीrdquo अवसरवाद क दोनो ोरो क तवरदध दढ़ और ससगत अवतसथतत अपनायी तवनोद तमशर क ldquoसतरगा समाजवादrdquo की सवायतधक तवसतत और सागोपाग आलोचना भाकली (माल) न ही पहली बार का रामनाथ क तदशा-तनदजश पर 1988 म परसतत की थी

मखयत भारतीय करातनत क काययकरम क परशन पर अपन ऐततहातसक और पथानवषी अवदान क बावजद का रामनाथ एक लतननवादी सागठतनक काययतदशा को गहर अहसास क साथ समझन और पाटटी-तनमायण और काययपरणाली क सतर पर लाग कर पान म तवफल रह तजसक चलत महतवपणय उपलतबधयो और उलखनीय परगतत क बाद भाकली (माल) 1980 क दशक क अतनतम वषयो म गततरोध और तवघटन का तशकार हो गयी इस सकट क बतनयादी कारणो की तशनाखत नही कर पान क कारण 1991 क बाद सागठतनक पनगयठन क का रामनाथ क सभी परयास तवफल होत गय और उनक साथ खड़ कई एक लोग और उनस तटकन वाल कई एक गप या तो बहरगी गर-बोशतवक सामातजक-जनवादी पककि म धसत चल गय या तवसतजयत होत चल गय इन वषयो क दौरान सवय का रामनाथ भी अपन सदधातनतक कामो को आग नही बढ़ा सक यहा तक तक भारतीय समाज क बतनयादी अनतरतवरोधो क बार म भी

व अपनी पवय अवतसथतत स तवचतलत होकर क अनतरतवरोधी बात करन लग थ और भमिलीकरण क दौर को भी परान साच (नवऔपतनवशीकरण) म ही तफ़ट करक दखन की कोतशश करत रह

लतकन का रामनाथ क लमब कमयतनसट करातनतकारी जीवन क अतनतम चरण की इन तवफलताओ और इन गततरोधो क बावजद भारत क कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन क इततहास म उनकी ऐततहातसक सकारातमक और साहतसक पथानवषी भतमका स कोई भी इनकार नही कर सकता सबस अहम बात यह ह तक अपनी अतनतम सास तक का रामनाथ एक कमयतनसट करातनतकारी बन रह और मासय एगस लतनन सतातलन माओ क तशषय क रप म ही िद को दखत रह का रामनाथ न समाजवादी करातनत क काययकरम का जो पथसनधान तकया था और इस परचम को उठाकर जो याता शर की थी वह याता आज भी जारी ह और आग भी जारी रहगी चाह पररतसथततया तकतनी भी परततकल हो आज माओवाद की तवचारधारा और नयी समाजवादी करातनत क काययकरम को आग बढ़ात हए कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन की जो धारा आज क सामाजयवाद का और भारतीय करातनत क तवतवध परशनो का अधययन करत हए सामातजक परयोगो म करातनतकारी जनतदशा को लाग कर रही ह वह अपन को गवय स का रामनाथ का उतरातधकारी मानती ह

हम का रामनाथ को हमशा बहत पयार और लगाव क साथ याद करत रहग हम उनह कभी नही भला सकत भारत क सभी सचच कमयतनसट करातनतकारी उनह कभी नही भला सकत

हम भर तदल स तनी मरटयो क साथ का रामनाथ को आतिरी लाल सलाम पश करत ह और सकप लत ह तक तजस कारवा न 1978 म उनक नततव म एक बीहड़ याता की शरआत की थी वह उस जारी रखगा परान करातनत-योदधाओ क ररत सथानो को कई-कई यवा करातनत-योदधा भरत रहग और कारवा चलता रहगाबढ़ता रहगा

अलनवदा का रामिाथि लाल सलाम लाल सलाम

िहमी रह कॉमरर रामिाथि अलनवदा कॉमरर लाल सलाम

8 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

महनतकश जनता क खन-पसीन स खड़ी हई सारवजननक परिसमपततियो को पजीपनतयो क हराल किन म जटी मोदी सिकाि

दकर 6 लाख करोड़ रपय हातसल करन का लकय रखा ह य मतालय या तवभाग रलव टलीकॉम सड़क पररवहन एव राजमागय तबजली नागररक उिियन यवा मामल और खल पटोतलयम एव पराकततक गस और पोटयस तशतपग एव वाटरवज (इसका नाम पहल जहाज़रानी मतालय था) होग तजनस जड़ी समपततयो को तनजी हाथो म सौपा जायगा मोदी सरकार क अनसार इन पररसमपततयो का सवातमतव सरकार क पास ही रहगा लतकन तकराय या लीज़ पर दकर तफ़लहाल कमाई नही दन वाली या कम कमाई दन वाली सरकारी समपततयो स मदरा हातसल की जा सकगी और इसस कमाय गय पस का इसतमाल जनता की भलाई क तलए तकया जा सकगा सरकार को जनता की भलाई की तकतनी तचनता ह यह बात हम कोरोना महामारी क पर दौर क बाद तो और भी भली-भातत जान गय ह जब हमन अपन पररजनो तमतो और करीतबयो को मौत क मह म समात दखा तब यह तथाकतथत जनतहतकारी सरकार न कवल हाथ पर हाथ धर बठी थी बतक अपनी जनदरोही नीततयो क दारा हम भी शमशानो और कतरिसतानो म पहचान का बिबी इनतज़ाम करन म लगी थी अब समझ लत ह तक मोदी सरकार की राषटीय मौदरीकरण की योजना क पी जनता की भलाई की तचनता ह या मनाफ़ क सकट स जझ रह भारतीय पजीपतत वगय क तहतो क सरोकार ह

भारतीय रलव को अपनी पररसमपततया तकराय पर दकर (यानी बचकर) सरकार को 1 लाख 52 हज़ार करोड़ रपय दन का लकय तदया गया ह इसक तहत रलव क 400 रलव सटशन 90 याती गातड़या 256 सामान रख-रखाव क शि 4 पवयतीय रलव 15 रलव सटतियम कोकण रलव टक का 741 तकलोमीटर फट कोररिोर का 674 तकलोमीटर टक पर ओवरहि इतवपमट का 1400 तकलोमीटर इतयातद को पजीपततयो क हाथो म सौपा जायगा सीधी-सी बात ह पजीपततयो को रलव क तकराय और माल ढलाई क भाड़ म बतहाशा बढ़ोतरी करन की परी ट तमल जायगी तथाकतथत पराइवट पाटयनर जनता को दोनो हाथो स लटग और अकत मनाफ़ा कमायग सड़क पररवहन एव राजमागय को 1 लाख 60 हज़ार करोड़ की रातश हातसल करन का लकय तदया गया ह इसक तहत 26000 तकलोमीटर स अतधक हाइव और सड़को क रखरखाव की तज़ममदारी तनजी कमपतनयो को सौपकर उनह इन पर कर यानी lsquoटोल टसrsquo वसलन की ट दी जायगी इसक अलावा तल-गस पाइपलाइन 25 हवाई अिि सरकारी गसटहाउस पानी क जहाज़ और पोटय बीएसएनएल क 14917 मोबाइल टावर 2 लाख 80 हज़ार तकलोमीटर लमबी फ़ाइबर लाइन तनजी कमपतनयो को ldquoतकराय परrdquo दी जायगी

अब यह सोचन वाली बात ह तक जो पजीपतत चार साल क दौरान 6 लाख

करोड़ रपय मोदी सरकार को सौपग या मोदी जी क दारा जनता का भला करन की मशा ज़ातहर करन क चलत उनका हदय पररवतयन हो चका ह या पजीपतत िरात बाटन क तलए उतावल हए जा रह ह नही असल म रलव सड़को तल-गस पाइपलाइनो और अनय सरकारी समपततयो स पजीपतत पहल अरबो-खरबो रपय कमाया जाना सतनतशचत करग और उसक बाद ही व मनाफ़ क क तहसस को सरकार क हाथ म द सकत ह और सरकार उस पस को तफर स पजीपततयो को कभी न चकाया जान वाला कज़य दन नताशाही की मोटी तनखवाहो बड़ नौकरशाहो क ऐशोआराम म लटा दगी तजस जनता न पट पर पटी बाधकर और फाक करक सावयजतनक उपकरमो को खड़ा तकया था उस इनस सतवधा तमलन की बजाय इनक दारा उसकी जबो पर िाका िाला जायगा सरकार का कहना ह तक सरकारी उपकरम घाट म चल रह ह और कौन पजीपतत घाट की चीज़ को लना चाहगा और वह भी मोटा पसा िचय करक असल बात यह ह तक बीपीसीएल टतलकॉम और रलव जस तमाम उदयम घाट म नही चल रह ह बतक सरकार इनह घाट म तदखाकर बचन क बहान ढढ़ रही ह और असल बात तो यह ह तक तजस सरकार घाटा कह रही ह वह असल म जनसतवधाओ म होन वाला वयय ह और पजीपरसत सरकार नही चाहती तक जनता को एक पस की भी सहतलयत नसीब होअब मौदमीकरर की ज़ररत को

आि पड़मीयह तथाकतथत मौदरीकरण क और

नही बतक तनजीकरण का ही दसरा नाम ह तवतमती क जमलो म उलझन क बजाय जमलबाज़ परधानमती मोदी क सतय वचनो पर गौर करना चातहए मोदी जी सीध तौर पर सावयजतनक उपकरमो को समभालन म सरकार की तज़ममदारी को नकार रह ह सरकार का काम महज़ पजीपततयो को जनता को लटन का बहतर माहौल बनाकर दना ही ह फ़ासीवादी मोदी सरकार इस काम को सबस आकरामक ढग स और तज़ी स कर रही ह इसी क तलए तो दश भर क बड़ पजीपततयो न तपल दो लोकसभा चनावो म हज़ारो करोड़ रपय चनद म भाजपा को तदय थ और मोदी को तजताया था असल म ldquoमौदरीकरणrdquo कागस सरकार दारा 24 जलाई 1991 म घोतषत तौर पर लाग की गयी उदारीकरण-तनजीकरण-वशवीकरण की नीततयो का ही अगला कदम भर ह तथाकतथत उदारीकरण-तनजीकरण की शरआत की ज़ररत को हम थोड़ा अतीत म झाक कर दख व समझ सकत ह

अगज़ो स हम समझौत और सता हसतानतरण क दारा आज़ादी परापत हई थी उस समय एक बड़ा समाजवादी कमप और दतनया क सतर पर समाजवादी आनदोलन पर अपन उरज़ पर था भारत म भी 1946 स 1950 का दौर जनता की जनवादी करातनत की समभावनाओ स भरा दौर था जब दश म नौसना तवदरोह तलगाना तकसान तवदरोह तभागा तकसान

तवदरोह और पनपरा वायलार तकसान तवदरोह हए थ और उसक अलावा कमयतनसट पाटटी क नततव म हड़तालो की एक लहर भी जारी थी लतकन अपनी तवचारधारातमक व राजनीततक कमज़ोररयो क चलत भारत क करातनतकारी कमयतनसट इन करातनतकारी जनतवदरोहो को एक दशवयापी करातनतकारी आनदोलन का सवरप नही द सक उसक पहल भी कमयतनसट पाटटी अपनी गमभीर रणनीततक और रणकौशलातमक चको क कारण राषटीय आनदोलन की बागिोर अपन हाथ म लन क कई मौक चक चकी थी भारत क पजीपतत वगय और उसकी पाटटी कागस न इसका परा लाभ उठाया कागस न समझौता-दबाव-समझौता की नीतत क तहत अनत म सता हतथया ली भारत का पजीपतत वगय अपन औपतनवतशक अतीत क कारण कमज़ोर था और उसक पास दश क सवतत पजीवादी तवकास हत आवशयक पजी का भी अभाव था इसीतलए तरनत मनाफ़ा दन वाल कतो को तनजी हाथो म सौप तदया गया तथा व कत तजनम पहल बड़ पमान क तनवश की दरकार थी जस तक भारी उदयोग अवरचनागत उदयोग व बतनयादी कजीभत उदयोग उनह सावयजतनक कत क तौर पर सरकार न अपन हाथो म रखा सावयजतनक उपकरमो को खड़ा करन क तलए पजी और कही स नही बतक करो और तवतभनन श को क रप म जनता स ही वसलकर और साथ ही जनता की बचत को एकत करक जटायी गयी महनतकश आबादी क कमरतोड़ शोषण सरकारी अनगह आतथयक टो क बत जस-जस भारत का पजीपतत वगय अपकाकत ताकतवर होता गया वस-वस उस तशतरी म सजाकर औन-पौन दामो पर सरकारी उदयम सौप जान लग 1980 क दशक म ही राजीव गाधी क समय स इसपटर राज और कोटा राज को ितम करन क नाम पर तनजी पजीपततयो को ट दी जान लगी थी और 24 जलाई 1991 को घोतषत तौर पर उदारीकरण-तनजीकरण की लटरी नीततयो की शरआत कर दी गयी

कागस न अपन शासनकाल म इन नीततयो को तजस रफतार स लाग तकया था आज भाजपा की फ़ासीवादी मोदी सरकार उन नीततयो को कही जयादा रफतार स और जयादा दमनकारी तरीक स लाग कर रही ह 2009-10 स ही आतथयक सकट क कारण यह पजीपतत वगय क तलए ज़ररी भी ह इस काम को कागस क मकाबल भाजपा जयादा बहतर तरीक स अजाम द सकती ह और इसीतलए पजीपतत वगय क बड़ तहसस न एकमत होकर भाजपा को सता म पहचान म एड़ी-चोटी का पसीना एक कर तदया था राषटीय मौदरीकरण योजना वासतव म तनजीकरण-उदारीकरण की उसी परतकरया का एक अग ह जो 1991 स जारी रही ह और 2014 स मोदी सरकार क सता म आन क बाद और भी जयादा तज़ रफतार स जारी ह

मौदमीकरर स जिता क जमीवि पर का असर पड़गा और हम

इसका नवरोध कस करमौदरीकरण जसी नीततया लाग होन

क बाद सबस बड़ा हमला रोज़गार पर होगा इन सरकारी कतो म काययरत करोड़ो लोगो क अच-िास तहसस को अपन रोज़ी-रोज़गार स हाथ धोना पड़गा रलव सड़क पररवहन उिियन और टतलकॉम आतद म सरकारी तवतनवश पहल ही जारी ह हम समझ सकत ह रोज़गार क मामल म और भी भयावह होन वाला ह तनजी कत म यतद क रोज़गार सतजत होगा भी तो सरकार पहल ही 4 शरम सतहताए लाकर शरतमको क हको को कचलन का भरपर इनतज़ाम कर चकी ह तनजी कत म काम करन वालो म और उजरती गलामो म कोई फ़कय नही रह जायगा तनजी कमपतनया मनमान तरीक स मज़दरो की शरमशतत का शोषण करगी भयकर बरोज़गारी क चलत मज़दर वगय की सामतहक मोलभाव की शतत पर भी नकारातमक असर पड़गा जो तक पहल ही नवउदारवादी हमलो क तीन दशको म काफ़ी कमज़ोर हो चकी ह और एक अततररत बरोज़गार मज़दर आबादी पजीपतत वगय क तलए हमशा मौजद रहगी यानी तजतन पक रोज़गार बच ह व तज़ी स ितम होग और जो नय रोज़गार तमलग व भी अनौपचाररक ठका व कज़अल मज़दर क तौर पर तमलग तजसम मज़दरी भी कम होगी कोई रोज़गार सरका नही होगी और सथायी मज़दरो को परापत होन वाल तमाम हक भी नही हातसल होग हालातक नय शरम कानन सथायी मज़दरो क तमाम बच-खच अतधकारो को भी ीनन वाल ह

जनता पर मौदरीकरण की दसरी बड़ी मार महगाई क रप म पड़गी रलो-बसो क याती तकरायो पटोतलयम पदाथयो माल ढलाई और खादय पदाथयो क दामो म बतहाशा बढ़ोतरी होगी हाइव पर जगह-जगह टोल खड़ कर तदय जायग और उन पर मनमाना पसा वसल तकया जायगा आज भी कमरतोड़ महगाई न आम जनता का जीना दभर कर रखा ह तकनत आन वाल समय म हमारी जब स आतिरी दमड़ी तक हड़प ली जायगी

2014 म सता तमलन क बाद स तफ़लहाल तक भाजपा की दो ही नीततया तदखायी द रही ह पहली ह योजनाओ क रग-तबरग नाम रखकर पजीपतत घरानो की सवा करो और दसरी ह जनता को सामपरदातयकता जाततवाद कतवाद की आग म धकल दो तातक लोग आपस म ही एक-दसर का तसर फोड़त रह और अपनी बबायदी क असली कारणो की तरफ़ धयान ही न द सरकार म बठ तमाम मती-सनतरी और भाजपा का कतसापरचारक आईटी सल दश की बबायदी को ही तवकास तसदध करन और सरकारी की लटरी नीततयो का तवरोध करन वालो को ldquoदशदरोहीrdquo बतान म लगा रहता ह

वस आतथयक नीततयो क तौर पर दखा जाय तो भाजपा म और कागस म फ़कय तसफ़य यह ह तक कागस तजस काम को शबदो की चाशनी म िबोकर और रात क अधर म करती थी भाजपा उसी काम को

तदन क उजाल म और कागस स हज़ार गणा जयादा बशमटी और जयादा तज़ी क साथ अजाम द रही ह साथ ही एक फ़ासीवादी सरकार होन क नात दमनकारी होन म भी मोदी सरकार न आज़ाद भारत की सभी सरकारो को पी ोड़ तदया ह असल म तमाम कतीय पजीवादी पातटयया और भाकपा माकपा जस ससदीय लाल जमर तक उदारीकरण-तनजीकरण की नीततयो क परतत कोई उसली तवरोध नही रखत ह इनका तवरोध कवल तभी तक रहता ह जब तक य िद तवपक म बठ हो आपको याद होगा िद भाजपा परतयक तवदशी तनवश यानी एफ़िीआई और तनजीकरण जस मदो पर ज़मीन तसर पर उठाय रहती थी लतकन सता म आन क बाद इनहोन इनही नीततयो को धड़ल स लाग कर तदया चाह सरकारी उपकरमो की तहससदारी और उनक मातलकाना हक की तबकरी हो या तशका-सवासथय जस बतनयादी कतो म तनजीकरण को बढ़ावा तदया जाना हो तनजीकरण-उदारीकरण की नीततयो को लाग करन क रप म पजीपतत वगय की सवा करन का यही रवया कमोबश हरक पजीवादी बजयआ पाटटी का रहा ह बशक हर मामल म जनता को बबायदी की ओर धकलन म फ़ासीवादी भाजपा तमाम अनय पजीवादी पातटययो स इकीस ही पड़ी ह

आज मौदरीकरण क रप म तनजीकरण को लाग करन क सरकारी लावो का परततरोध जनता की सगतठत ताकत क बत ही तकया जा सकता ह सशोधनवादी पातटययो की गोद म बठी अथयवादी टि यतनयन धनी तकसानो और कलको क सगठन अलग-अलग रगो क झिो और नारो वाली चनावबाज़ पातटयया तनजीकरण का मकाबला नही कर सकती ह असल म न तो इनकी तनजीकरण का मकाबला करन की नीयत ह तथा न ही इनक पास तनजीकरण को रोक सकन का मादा तनजीकरण समत भाजपा की समसत फ़ासीवादी नीततयो का मकाबला मज़दरो गरीब तकसानो और आम महनतकश जनता की एकजटता और उसक जझार सघषयो क बलबत ही तकया जा सकता ह इसक साथ ही हम पजीवादी वयवसथा क चररत और काययपरणाली को भी समझना होगा पजीवादी वयवसथा महनतकश जनता का िन-पसीना तनचोड़कर और उसक शोषण क बत ही कायम ह पजीवादी राजयसता और सरकारो की भतमका कवल मनाफ़ क तत को कायम रखन की ही होती ह सामातजक उतपादन और तनजी समपतत पर आधाररत तनजी मनाफ़ का अनतरतवरोध ही पजीवादी वयवसथा का बतनयादी अनतरतवरोध होता ह और इस समाजवादी करातनत क दारा उतपादन क साधनो और उतपादन क तनणययो पर सामतहक मातलकाना सथातपत करन और उतपादन क सामातजक तवतनयोजन को सथातपत करक ही हल तकया जा सकता ह अपन हक और अतधकारो की हरक ोटी-बड़ी लड़ाई क साथ और उसक दौरान इस लटरी वयवसथा का तवकप खड़ा करन क काययभार को हम एक पल क तलए भी अपनी नज़रो स ओझल नही होन दना चातहए

(पज 1 स आग)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 9

तलगािा ककसाि सशसतर सघरष क 75 साल उपलबधिया और सबक (दसरमी और अबतिम ककसत)

ndash आिनद ससहतपली तकसत म हमन दखा

तक तकस परकार 1940 क दशक की शरआत म हदराबाद क तनज़ाम की सामनती ररयासत म आन वाल तलगाना क जागीरदारो और भसवातमयो दारा तकसानो क ज़बदयसत शोषण व उतपीड़न क तवरदध शर हआ आनदोलन 1946 की गतमययो तक आत-आत सामनतो क तिलाफ़ एक सशसतर तवदरोह म तबदील हो गया तनज़ाम की सना और रज़ाकारो दारा इस तवदरोह को बबयरतापवयक कचलन की सारी कोतशश तवफल सातबत हई 15 अगसत 1947 को भारत तरितटश औपतनवतशक गलामी स आज़ाद हआ लतकन तनज़ाम न भारतीय यतनयन म तमलन स इनकार कर तदया गौरतलब ह तक सवतत भारत की राजयसता न हदराबाद क तिलाफ़ एक साल स भी जयादा समय तक कोई कारयवाई नही की इस दौरान तनज़ाम स बातचीत और सौदबाज़ी चलती रही यही नही इस दौरान भारत सरकार न ldquoसटितसटल समझौतrdquo क तहत तनज़ाम को हतथयारो और सनय उपकरणो की आपततय भी की तजसका इसतमाल तनज़ाम की सना न तकसान तवदरोह को कचलन क तलए तकया एक साल तक चली बातचीत और सौदबाज़ी क बावजद पातकसतान परसत तनज़ाम हदराबाद को भारत म तमलान को तयार नही हआ उधर गामीण इलाको म तकसानो और महनतकशो न कमयतनसटो क नततव म तनज़ाम की सना और रज़ाकारो को पी धकल तदया था

भारतीय राजयसता दारा हतथयारो व सनय उपकरणो की आपततय क बावजद तनज़ाम की सना तकसान तवदरोह को कचलन म नाकाम रही य व हालात थ जब 13 तसतमबर 1948 को भारतीय सना न हदराबाद की ओर कच तकया तनज़ाम की सना न महज़ पाच तदनो क भीतर आतमसमपयण कर तदया लतकन उसक बाद भी तनज़ाम को राजपरमख की पदवी दकर राजय का परमख बना रहन तदया गया 18 तसतमबर 1948 को हदराबाद ररयासत क परशासन की बागिोर भारतीय सना क हाथ म आ गयी लतकन उसक बाद भी 25 जनवरी 1950 तक सरकार क सभी आदश (फ़रमान) तनज़ाम क नाम स जारी तकय जात रह यहा तक तक 26 जनवरी 1950 म अतसततव म आय भारतीय सतवधान म तनज़ाम क राजपरमख क पद को मानयता परदान करन का परावधान भी जोड़ा गया और 1956 तक तनज़ाम राजपरमख बना रहा यही नही तनज़ाम को तपरवीपसय भी तमलता रहा यह भारत क उदीयमान बजयआ वगय और उसकी परतततनतध पाटटी कागस क घोर समझौतावादी चररत को तदखाता ह इसस यह भी सपषट हो जाता ह तक हदराबाद म भारतीय सना की सनय कारयवाई का असली उदशय तनज़ामशाही का िातमा नही बतक तलगाना तकसान तवदरोह को कचलना था गौरतलब ह तक अपन इस मकसद को तपान क तलए भारत की सरकार न इस सनय कारयवाई

की जगह पतलस कारयवाई का नाम तदया था आज तलगाना म तजी स बढ़ रही तहनदतववादी फ़ासीवादी ताकत 18 तसतमबर 1948 को lsquoमतत तदवसrsquoक रप म मनान का अतभयान चला रही ह लतकन सच तो यह ह तक तलगाना क तकसानो और महनतकशो क तलए यह तदन मतत का नही बतक तवशवासघात का परतीक ह

तनज़ाम क आतमसमपयण क बाद करीब 50 हज़ार भारतीय सतनको न तकसान तवदरोह को कचलन क तलए तलगाना क गावो की ओर रि कर तदया सना न तलगाना म बड़ पमान पर तगरफताररया यतणा आगजनी और तनमयम हतयाओ को अजाम दत हए तनज़ाम की सना व रज़ाकारो दारा तकय गय ज़ मो को भी मात द तदया मलाया सरकार की तरिगस योजना की ही तरह ऐस गाव बसाय गय जहा क तनवातसयो को सना क तनयतण म रहना था जगलो की दो हज़ार आतदवासी बतसतयो को नसतोनाबद कर तदया गया और लोगो को यातना तशतवरो म रखा गया ापामार गावो को ोड़कर तनकटवतटी जगलो म चल गय और वहा भी सना का दबाव बढ़न पर दरवतटी जगली कतो म तबखर गय

पाटटी क भमीतर चलमी बहसतनज़ाम क आतमसमपयण और

हदराबाद पर भारतीय सना का कबज़ा होन क बाद कमयतनसट पाटटी की आनधर इकाई क भीतर एक बहस उठ खड़ी हई रतव नारायण रििी क नततव वाल एक धड़ का मानना था तक तलगाना सशसतर सघषय तनज़ाम की सता क तिलाफ़ था और चतक अब तनज़ाम की सता का पतन हो चका ह इसतलए सशसतर सघषय वापस ल लना चातहए यह धड़ा सापकत धनी तकसानो व क ोट भसवातमयो क तहतो की नमाइनदगी करता था तजनहोन तनज़ाम क तिलाफ़ जारी तकसान तवदरोह का साथ तदया थापरनत तनज़ाम क पतन क बाद उनहोन सघषय स दरी बना ली थी परनत मधयम व ोट तकसान और खततहर मज़दर सघषय को जारी रखन क पकधर थ योतक व दख रह थ तक सना क आन क बाद भसवामी वापस गावो की ओर लौटन लग और तकसानो स ज़मीन ीनन लग तथा गाम राजयो क आदशो की अवहलना करन लग थ इसतलए आनधर कमटी न अनतत गररला सघषय जारी रखन का फ़सला तकया हालातक यह सपषट था तक अब उनका सामना पहल स कही जयादा ताकतवर दशमन स होन वाला ह

उधर पाटटी म कनदरीय सतर पर भी भारत म करातनत क मागय को लकर बहस चल रही थी माचय 1948 म पाटटी की दसरी कागस हई तजसम दतकणपनथी पीसी जोशी को हटाकर बीटी रणतदव को पाटटी का महासतचव बनाया गया था इस कागस म तलगाना क परतततनतधयो क ज़ोर दन क बाद ही दसरी कागस की थीतसस म तलगाना सघषय क महतव का उलख करत हए उस समथयन तदया गया और पर दश म ऐस सघषय सगतठत

करन तथा मज़दर वगय स भी उनक समथयन म आनदोलन करन का आहान तकया गया रणतदव न यह ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवादी थीतसस पश की तक जनवादी और समाजवादी करातनतया एक साथ होनी चातहए और कमयतनसटो को न कवल बड़ बजयआ को बतक सभी बजयआओ को अपन हमल का तनशाना बनात हए दशवयापी आम हड़ताल और सशसतर तवदरोह का मागय अपनाना चातहए इस ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवाद न भारतीय कमयतनसट आनदोलन को तो भारी कतत पहचाई ही उसक अलावा तलगाना सघषय क आग क तवकास को भी रोकन का काम तकया उसी साल मई क महीन म आनधर की पाटटी इकाई न रणतदव थीतसस का तवरोध करत हए अपनी यह लाइन रखी तक भारतीय करातनत का चररत रसी करातनत स तभनन ह और यह चीन म जारी नवजनवादी करातनत स काफ़ी हद तक समानता रखती ह यहा चार वगयो का सय त मोचाय बनाना होगा और दीघयकातलक लोकयदध का मागय अपनाना होगा आनधर थीतसस म माओ तस-तङ क नवजनवाद क तसदधानत को परासतगक बतात हए भारत म सवयहारा करातनत को दो अवसथाओ म समपनन करन की योजना परसतत की गयी हालातक इस थीतसस म भी क खातमया थी तमसाल क तलए यह भारत क बजयआ वगय को दलाल मानती थी लतकन कल तमलाकर यह लाइन ततकालीन पररतसथततयो म सापकत बहतर थी लतकन दो वषयो तक पाटटी पर रणतदव-लाइन का वचयसव बन रहन की वजह स तलगाना सघषय को भारी नकसान हआ दश क तवतभनन तहससो म तकसान सघषषो को तलगाना की राह पर आग बढ़ान और मज़दर वगय क सघषषो को उनक साथ जोड़न क बजाय ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवाद न पाटटी को जन समदाय स अलग-थलग कर तदया और कतारो की पहलकदमी को पग बना तदया लतकन अनतरराषटीय सतर पर आनधर लाइन क अनमोदन क बाद रणतदव की ldquoवामपनथीrdquo अवसरवादी लाइन अलग-थलग पड़ गयी मई-जन 1950 को रणतदव की बजाय राजशवर राव पाटटी क महासतचव बन और पाटटी न आनधर-थीतसस को आतधकाररक लाइन क तौर पर सवीकार तकया लतकन इस समय तक पहल ही काफ़ी दर हो चकी थी दशवयापी सतर पर सघषय क तवसतार की समभावनाओ का गलत लाइन काफ़ी हद तक गला घोट चकी थी और नयी बजयआ सता को अपन सदढ़ीकरण क तलए तीन वषषो का कीमती समय तमल चका था

सोनवयत िततव का मागषदशषि1951 तक आत-आत पाटटी क

भीतर तलगाना सघषय क आग क रासत क बार म मतभद गहरान लग बमबई मखयालय म हावी एसए िाग घाट और अजय घोष आतद का दतकणपनथी धड़ा शर स ही आनधर लाइन का तवरोध कर रहा था लतकन आनधर कमटी का बड़ा तहससा तफर भी सघषय को जारी

रखना चाहता था उसका मानना था तक फ़ौरी तौर पर नकसान क बावजद सघषय को जारी रखना और दश क अनय अनकल पररतसथततयो वाल भभागो म उसका फलाव ममतकन ह

पाटटी म मौजद मतभद सकट और तवभम की तसथतत को दर करन क तलए एक बार तफर अनतरराषटीय नततव पर भरोसा तकया गया और चार सदसयो का एक परतततनतधमिल 1951 क परारमभ म सोतवयत पाटटी क नततव स बातचीत करन क तलए मासको गया इसम दो ndash राजशवर राव और बासवपनया तलगाना सघषय क नता थ जबतक अनय दो ndash अजय घोष और िाग उसका तवरोध कर रह थ सोतवयत पाटटी की ओर स सतातलन मालकोव मालरोव और ससलोव न बातचीत की पी सनदरयया न पाटटी दारा सघषय वापस लन क फसल को जायज़ ठहरान क तलए अपनी तकताब म इस ओर इशारा तकया ह तक सतातलन न तलगाना सशसतर सघषय को वापस लन का सझाव तदया था योतक इस गोररला सघषय क समथयन म वयापक जन समथयन क अभाव म यह सघषय वयततगत आतकवाद की तदशा म बढ़ सकता था लतकन इस सघषय क भागीदार और नसलबाड़ी तकसान तवदरोह क बाद चार मजमदार की दससाहसवादी लाइन का तवरोध करत हए करातनतकारी जनतदशा की बात करन वाल िीवी राव न अपनी तकताब ldquoतलगाना ऑमय िसटगल एि तद पाथ ऑफ़ इतियन ररवोल यशनrdquo म तलखा ह तक उस समय उनह पाटटी म यह ररपोटय तकया गया था तक सतातलन न भारतीय परतततनतध मिल स कहा था तक ldquoसशसतर सघषय जारी रखन क तलए अतधक हतथयार अतधक कािर और सघषय क इलाको म ापामारो क तलए आवशयक सभी चीज़ो को भजा जाना चातहएrdquo बाद म जब परतततनतध मिल न सशसतर सघषय जारी रखन म आन वाली चनौततयो पर जोर तदया तो सतातलन का कहना था ldquoयह अफ़सोस की बात ह तक आप लोग सघषय की रका नही कर पा रह हrsquorsquo

परतततनतधमिल क भारत लौटन क बाद भारत म जनवादी करातनत क काययकरम का एक मसौदा तयार तकया गया और एक नीतत-तवषयक वतवय जारी तकया गया तजसम सशसतर सघषय का तज़कर तो नही था लतकन रणकौशल-तवषयक दसतावज़ म ldquoअपररपव तवदरोह और जोतखम भरी कारयवाइयो स सावधान रहत हएrdquo तकसानो क ापामार यदध क साथ ही मज़दरो की वगटीय हड़तालो और सघषय क अनय रपो क इसतमाल की बात कही गयी थी उसम इस धारणा को भी गलत ठहराया गया था तक दश क तकसी तहसस म सशसतर तवदरोह तभी शर तकया जा सकता ह जब पर दश म तवदरोह की तसथतत तयार हो दसतावज़ क अनसार तकसी एक बड़ भभाग म तकसान सघषय क ज़मीन-ज़बती क सतर पर पहचन क बाद वयापक जनानदोलन और ापामार यदध यतद ठीक तरह स सगतठत हो तो दशभर क तकसानो को

उदतलत करक सघषय को उचच धरातल पर पहचा दना समभव ह एक शािदार सघरष की शमषिाक

ढग स वापसमी1951 तक आत-आत पाटटी म

दतकणपनथी अवसरवादी हावी हो चक थ कनदरीय कमटी न आनधर की कमटी को सघषय कवल तब तक जारी रखन को कहा जब तक पाटटी सरकार स उस सथतगत करन की शतषो पर बातचीत परी न कर ल इन शतयो म तकसानो क कबज़ की ज़मीन ज़मीनदारो को वापस न करना कतदयो की ररहाई मकदम वापस लना और पाटटी स परततबनध हटाना परमख थी लतकन कनदरीय कमटी क इस तनणयय क तवपरीत अजय घोष क नततव वाल दतकणपनथी धड़ और आनधर क रतव नारायण रििी गट न तबना शतय सघषय वापसी क तलए दबाव बनाना शर तकया पाटटी की इस तसथतत का लाभ उठाकर नहर सरकार न तकसी भी शतय को मानन और बातचीत करन स इनकार कर तदया मई 1951 तक कनदरीय कमटी म आनधर क सदसय भी मान चक थ तक अब आतशक ापामार सघषय भी जारी रख पाना समभव नही ह

अटबर 1951 म पाटटी न तबना तकसी शतय तनहायत घटनाटक ढग स सघषय वापस लन की घोषणा कर दी जगल क ापामार नताओ को इसकी खबर बाद म लगी पाटटी अब परी तरह स ससदीय राह पर चल पड़ी दतकणपनथी धड़ क सामन उसक तवरोतधयो न आतमसमपयण कर तदया और कतारो म भारी पसती का माहौल फल गयातलगािा सघरष की फौरमी पराजय

क काररतलगाना सघषय की फ़ौरी पराजय

का सबस बड़ा कारण यह था तक पाटटी बोशतवक ढग स एकीकत नही थी और उसम ऊपर स नीच तक ldquoवामrdquo और दतकणपनथी भटकाव क धड़ मौजद थ इसतलए वह भारतीय करातनत को नततव दन म अकम थी 1946 स 1951 क बीच पहल पीसी जोशी काल क दतकणपनथी भटकाव न तफर रणतदव काल क ldquoवामपनथीrdquo भटकाव न और तफर अजय घोष काल क दतकणपनथी भटकाव न पर दश सतर पर और तलगाना क सतर पर पाटटी क काययो को काफ़ी नकसान पहचाया था यह एक ऐसा सकरमण-काल था जब नयी सता क सदढ़ीकरण की परतकरया अभी परी नही हई थी लतकन नौसना-तवदरोह तभागा-तलगाना-पनपरावायलार क तकसान सघषयो और दशवयापी मज़दर आनदोलनो को एक कड़ी म तपरोकर जनकरातनत की धारा को आग बढ़ान म पाटटी-नततव नाकाम रहा यतद यह परतकरया आग बढ़ती तो कागस की समझौतापरसती का पहल और नगा होकर सामन आता और पाटटी क नततव म यतद जनवादी करातनत जदी परी नही भी होती तो या तो दीघयकातलक लोकयदध मज़बत आधार पर आग की मतज़लो म परतवषट हो गया होता या जनसघषयो क दबाव म

(पज 2 पर जारमी)

10 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

बगलादश म एक बार फिर मिाि की आग की बलल चढ़ 52 मज़दरndash भारत

भारत हो या बगलादश या कोई अनय पजीवादी दश मातलको क तलए मज़दरो की अहतमयत कीड़-मकोड़ो स जयादा नही होती बीत 8 जलाई को बगलादश म ढाका क नारायणगज कत म जस क कारिान म भीषण आग लगी तजसम 52 मज़दरो की जान चली गयी और कई घायल हए 35000 वगय फ़ीट म बन कारिान म तसफ़य दो जगह सीतढ़या थी मातलक न जल की तरह सार दरवाज़ो पर ताला लगा रखा था तजसस मज़दर आग लगन क समय भाग भी नही पाय और जलकर मर गय क मज़दर तो ऊची त स कदन क कारण मार गय

साजीब गप की यह कमपनी ऑसटतलया अमररका भारत भटान नपाल जस दशो म अपना माल तनयायत करती थी पर इतनी बड़ी कमपनी होन क बावजद इसक कारिान म सरका क कोई इनतज़ाम नही थ और न ही आग लगन क बाद तनकलन का कोई रासता था आग इतनी भीषण थी तक उस बझान म 3-4 तदन लग गय

बगलादश म टसटाइल सटर सबस बड़ा सटर ह चीन क बाद बगलादश तसल-तसलाए कपड़ो का दतनया म सबस अतधक तनयायत करन वाला दश ह 84 परततशत तनयायत राजसव बगलादश को इसी स तमलता ह 45 लाख मज़दर करीब 4500 गारमट क कारिानो म काम करत ह इसक बावजद यहा क कारिानो म तसथतत नकय स भी बदतर ह सरका स लकर बतनयादी इनतज़ाम तक इनम मौजद नही ह इसी कारण आय-तदन कारिानो म आग लगन की घटनाए सामन आती ह

बगलादश म कारिान म आग की यह कोई पहली घटना नही ह सबको याद होगा तक बगलादश क इततहास म मज़दरो क तलए सबस बड़ी जानलवा घटना 2013 म घटी थी जब ढाका क राणा पलाज़ा गारमट सटर म आग लगन स 1100 स भी जयादा मज़दर मार गय थ इतनी भयानक घटना क बाद भी यह तसलतसला रका नही अगसत 2016 म दतकण बगलादश क चटगाव म फ़तटयलाइज़र कमपनी म गस लीक होन

स 100 मज़दर मार गय 2019 म एक गोदाम म आग लगन स 67 मज़दरो की मौत हो गयी 2010 म गर-काननी कतमकल कारिान म आग लगन स 123 मज़दरो मार गय और 2012 म ढाका क ताज़रीन फशन फटी म आग स 117 मज़दरो की मौत हई थी बगलादश क कारिानो म आग स मज़दरो की मौतो की यह फहररसत लमबी ह एक ररपोटय बताती ह तक 1990 क बाद स बगलादश क कारिानो म आग लगन की 50 स जयादा बड़ी घटनाए हई ह तजनम हज़ारो मज़दर मार जा चक ह इनह दघयटना या हादसा कहना सचचाई क साथ अनयाय होगा य सब मातलको व बड़ी-बड़ी कमपतनयो क मनाफ़ की हवस को परा करन क तलए की गयी हतयाए ह

दतनया की सारी बड़ी गारम ट कमपतनयो का माल यहा तयार होता ह तजसक तलए मज़दर 18-18 घट तक खटत ह और वतन क नाम पर 94 िॉलर यानी करीब 7000 रपय तक ही पात ह आज बगलादश क तजस तज़ तवकास की चचाय होती ह वह इनही मज़दरो क बबयर

और नग शोषण पर तटका हआ हइन कारिानो म साधारण दसतानो

स लकर जत तक नही तदय जात और कतमकल वाल काम भी मज़दर नग हाथो स ही करत ह फटररयो म हवा की तनकासी तक क तलए कोई उपकरण नही लगाय जात तजस वजह स हमशा धल-तमटी और उतपादो की तज़ गनध क बीच मज़दर काम करत ह जवानी म ही मज़दरो को बढ़ा बना तदया जाता ह और दस-बीस साल काम करन क बाद जयादातर मज़दर ऐस तमलग तजनह फफड़ो स लकर चमड़ी की कोई न कोई बीमारी होती ह

राणा पलाज़ा की घटना क बाद मटीनशनल कमपतनयो न कारिानो म सरका क इनतज़ाम पखता करन क बड़-बड़ दाव तकय मज़दरो को आग स बचन क तलए परतशकण तदया और यह तदखान क तलए और भी बहत सी नौटकी की तक मज़दरो की जान को लकर व तकतन ldquoतचतततrdquo ह लतकन आय तदन होन वाली आग लगन की घटनाए इन कमपतनयो की नौटकी का

राज़ खोल दती ह और यह नगी सचचाई सबक सामन आ जाती ह तक इनह अपन मनाफ़ स जयादा कोई पयारा नही ह इसी तलए बगलादश म शरम काननो का कोई महतव नही ह बगलादशी सरकार और उनकी परधानमती शख हसीना भी मज़दरो की मौत पर चपपी साध बठी रहती ह आतिर उस भी अपन पजीपतत आकाओ की सवा करनी ह हर जगह मज़दरो की हो रही मौतो की तज़ममदार यह समची मनाफ़ािोर पजीवादी वयवसथा ह जो मज़दरो क िन की आतिरी बद तक को तनचोड़कर अपना मनाफ़ा तनकालती ह

हम मज़दरो क तलए यह तज़नदगी और मौत का सवाल ह तक हम इस समची पजीवादी वयवसथा को उखाड़ फ कन की तयारी कर अपनी करातनतकारी पाटटी का तनमायण कर और मज़दर राज कायम करन की लड़ाई लड़ चाह इसम तकतना ही समय यो न लग जाय वरना हमारी आन वाली पीतढ़या भी ऐस ही पशओ क समान जीन और मरन को मजबर होगी

वति ि दि और वति कटौतमी म घपलबाज़मी को लकर मािसर की शमीनिसस कमिमी क मज़दरो क काििमी सघरष की उममीद भमी लगभग ख़तम

ndash शाम मदतवशरीतनसस वायररग तलतमटि

(मानसर) क मज़दरो को तपल ह महीन स उनक वतन का भगतान नही तकया गया ह दसर वतन स कमपनी दारा पसा काटन क बावजद न तो पीएफ़ और न ही ईएसआयी म पसा जमा तकया गया ह और न ही मज़दरो दारा कमपनी स तलय गय कज़य की तकशत चकायी जा रही थी इस तानाशाही व घपलबाज़ी की तशकायत मज़दरो न शरम उपाय त को 9 जलाई को तलतखत रप म भी की थी सटाफ़ क करीब 20 मज़दरो की तनखवाह का जनवरी 2021 स तथा ठका व अपरतटस मज़दरो का अपरल 2021 स भगतान नही तकया गया ह तशकायत क बाद एक महीन की तनखवाह उनक खात म ज़रर िाल दी गयी ह अभी भी करीब 50 अपरतटस मज़दरो 15-20 ठका मज़दरो तथा सटाफ़ क 20 मज़दरो की सलरी का भगतान बकाया ह वतन न तमलन क कारण बहत स मज़दर काम भी ोड़ चक ह करीब 200 ठका मज़दरो म स महज़ 15-20 मज़दर और सटाफ़ क भी करीब 85 म स 50 मज़दर ही बच ह

कमपनी परबनधन इन समसयाओ का कारण काम की कमी बता रहा ह जबतक मज़दर कह रह रह ह तक काम की कमी नही ह उट काम इतना ह तक कमपनी ऑियर परा नही कर पा रही ह तफ़लहाल कमपनी म समसयाओ क बावजद काम चल रहा ह और बच हए मज़दर काम भी कर रह ह और वतन-समबधी समसयाओ स भी जझ रह ह असल म इस कमपनी को मातलको क ही ररशतदारो को बचन की तयारी चल रही ह चतक कागज़ो म एक समय-सीमा क भीतर कमपनी को दसरी कमपनी को सौपना ह तो पहल परान मज़दरो को तनकालन का षियत रचा जा रहा ह

शरीतनसस कमपनी ऑटोमोबाइल सटर क तलए कल-पजज बनान वाली

एक विर कमपनी ह जो मारतत हीरो जसी मदर कमपतनयो तथा नपीनो परीकॉल तमिा मदरसन लकास टीवीएस इटरफस असती पदतमनी वीएनए एसएमएल तफ़तलपस आतद विर कमपतनयो क तलए हारनस बनाती ह इसका दसरा पलाट रदरपर म ह

तपली 19 जलाई को मज़दरो को िीएलसी ऑतफ़स म सनवाई क तलए बलाया गया था लतकन न तो उस तदन शरम उपाय त तदनश कमार (गड़गाव) आय और न ही परबनधन की तरफ़ स कोई आया 23 जलाई को होन वाली अगली सनवाई क पहल ही कमपनी न पॉवर कट का बहाना बनाकर काम बनद कर तदया और गट भी नही खोला 27 जलाई की समझौता वाताय म कमपनी क न आन पर शरम तवभाग न एस पाटटी (एकपकीय तनणयय) क तौर पर फसला तदया तजसक आधार पर मज़दर तबना तकसी ज़मीनी सघषय की तयारी क महज़ काननी तरीक स अतधकार पान का सपना दखन लग थ

पहल भी ऐसा दखा गया ह तक कमपनी क तबकन या 30 तदन की समय-सीमा क अनदर दोबारा सनवाई करक तनणयय को पलट तदया गया और मज़दरो क साथ धोखा हो गया अगसत म कमपनी परबनधन न बच-खच मज़दरो की एकता को िरा-धमकाकर व भतवषय का िर तदखाकर तोड़ तदया कमपनी परबनधन दारा यही कहा गया तक अभी जो तमल रहा ह उस ल लो वरना वह भी नही तमलगा कोटय क चकर काटत रह जाओग इस तरह स जो काननी सघषय की समभावना थी उस भी बरी तरह स कमज़ोर कर तदया गया 60-70 मज़दरो म भी महज़ 10-15 बच थ तजसम 4-5 सटाफ़ क थ और 10-12 कमपनी रोल पर एक मज़दर न बताया तक मज़दर 20-50 हज़ार रपय म तहसाब लकर काम ोड़कर चल गय ह कइयो न तो परा

वतन और मआवज़ा तक भी नही तलया जो तमला उसी को ठीक समझा ऐस म अब सब मज़दरो को तहसाब तमलना भी मतशकल लग रहा ह

यह सब तब हआ जब कमपनी न तबना तकसी नोतटस चतावनी व तफ़तीश क एकतरफ़ा मनमज़टी स आवाज़ उठान वाल मज़दरो को गट बनद करक बाहर कर तदया इस तरह परबनधन दारा मारपीट की धमकी स गट पर बठ मज़दरो का हौसला टट गया ऑटोमोबाइल इिसटी काटट वकय सय यतनयन न उनक सामन यही बात रखी तक हम जद स जद मीतटग करक सामतहक रप स सघषय का रासता तनकालना चातहए लतकन मज़दर अपन आप को इसक तलए तयार नही कर पाय परबनधन क िर स मज़दर तकसी भी यतनयन स ररशता बनान स िर रह थ

सघरव की कमजोरी या थी अगर मड़कर दख तो पहल ज़मीनी सघषय का रासता ोड़कर महज़ काननी परतकरया पर तनभयरता का रासता अपनाया गया तफर मातलको दारा िरान-धमकान पर मज़दर िर गय और एक-एक करक टटत चल गय जब मज़दरो को ज़बरन दोबारा गटबनद करक बाहर तकया गया था उसी वक़त मज़दरो को एकजट होकर ज़मीनी सघषय क रासत पर बढ़ना चातहए था तब भी ऑटोमोबाइल इिसटी काटट वकय सय यतनयन यही कह रही थी तक एक परचा तनकालकर पर मानसर क औदयोतगक कत म बाटत हए इलाक क तवतभनन फटी मज़दरो स सघषय म साथ दन की अपील करनी होगी चाह उन फतटयो म यतनयन हो या न हो लतकन शरीतनसस फटी क मज़दरो की न तो कोई अपनी यतनयन थी और न ही तकसी आनदोलन म शातमल होन का अनभव और न ही फटी सतर पर मज़दरो की कोई सघषय सतमतत थी इसतलए व तकसी भी तरह क एकजट सगतठत सघषय का रासता नही अपना सक दसर शबदो म

मज़दर सातथयो का सघषय और राजनीतत स साबका बहत ही कम था सघषय और राजनीतत की अनभवहीनता और उनक परतत उदासीनता और साथ ही काननी परतकरया पर पणय तवशवास उनकी मखय कमज़ोररया थी हम मज़दरो को यह समझ लना चातहए तक शरम तवभाग स लकर फ़टी इसपटर आतद पजीपततयो मातलको और ठकदारो की सवा करत ह कोई एक अतधकारी ईमानदार भी हो तो भी वह क िास नही कर सकता ह योतक जब कभी मज़दरो क पक म शरम तवभाग का फसला आता भी ह तो उस लाग करन की कोई वयवसथा भारत की पजीवादी वयवसथा म जानबझकर की ही नही गयी ह काननी सघषय कभी-कभार ही सफल होत ह और वह भी तब जब उसक पी मज़बत ज़मीनी सघषय मौजद हो

ज़ररमी सबक इन तदनो मज़दरो की तनखवाह दर

स तमलना अधरी तमलना या न तमलन क मामल बढ़त ही जा रह ह कक मामलो को ोड़कर अतनयतमत मज़दरो क मामल शरम तवभाग तक पहच ही नही पात ह शायद ही कोई कमपनी होगी तक जहा काम करन वाल कचच मज़दरो की तनखवाह क मामल म कभी कोई समसया न आयी हो इसतलए मज़दरो को महज़ शरम तवभाग और शरम नयायालय क तनणययो तक अपन आप को सीतमत नही रखना चातहए सघषय क मखय पहल यानी ज़मीनी सघषय की तयारी व कारवाई को जारी रखना चातहए जब दतनया म शरम कानन नही थ तो सघषयो क ज़ररए ही शरम कानन बनवाय गय थ और लाग भी करवाय गय थ आज ज़मीनी सघषयो क कमज़ोर पड़न की वजह स पहल क हातसल तकय गय अतधकार गर-काननी और काननी तौर पर ीन जा रह ह इसक तलए एक बार तफर स दश म मज़दरो को हक और इसाफ़ की लड़ाई क तलए कमर

कसनी होगी ज़मीनी सघषयो को भी तभी आग बढ़ाया जा सकता ह जब मज़दर भाई और बहन अपन आस-पास क सभी मज़दर और अनय जनसघषयो स सतकरय ररशता बनाए और मज़दरो क सघषयो क इततहास स भी पररतचत हो साथ म ही इन सभी सघषयो पर सोच-तवचार करक अपन तलए सबक तनकालना भी मज़दरो क तलए बहद ज़ररी ह योतक इसी परतकरया म व अपन सघषयो की कमज़ोररयो को भी समझग और आन वाल तदनो क सघषयो को पहल स जयादा मज़बत बनायग आज क समय म कारिान क भीतर और सभी कारिानो क मज़दरो और तवशषकर असथायी मज़दरो की एकता और सगठन बहत ज़ररी ह उसक तबना उनकी ताकत बहद कम होती ह और मातलक और ठकदार उनस तनपट लत ह अगर हम य सार कदम नही उठात तो अचानक तसर पर मसीबत पड़न पर क समझ नही आता ऐस म या तो िर व अतनतशचतता क कारण मज़दर साथी जदी टटत ह और तरनत तहसाब ल लत ह या तफर तमाम ऐसी मौकापरसत और समझौतापरसत यतनयनोफिरशनो या िद की अनभवहीन या मौकापरसत और समझौतापरसत कमटी क चकर म फसकर अनत म थक-हार कर तहसाब लन को मजबर हो जात ह थोड़-बहत मज़दर तबना ज़मीनी सघषय क हक और नयाय पान क इनतज़ार म कोटय-कचहरी म तघसटत रहत ह

जहा तक मज़दरो क करातनतकारी यतनयन आनदोलन का परशन ह आज ज़ररत ह तक मज़दरो को कारिान क पमान क साथ-साथ पर सटर और इलाकाई पमान पर एकजट और सगतठत तकया जाय तातक सकट की घड़ी म एक-दसर क साथ खड़ा हआ जा सक इस बात को पहल स कही जयादा और जद स जद लाग करन की ज़ररत ह तातक

(पज 15 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 11

(पज 12 पर जारमी)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का हमज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहए

ndash जशवािमीहाल म भारत क दो उतर-पवटी

राजय असम-तमज़ोरम क बीच सीमा-तववाद स जड़ा हआ घटनाकरम काफ़ी सतिययो म रहा उतर-पवय का नाम सनकर हमम स क को लग सकता ह तक इतनी दर-दराज़ की घटना स हम मज़दरो-महनतकशो का सरोकार भला यो होना चातहए इसतलए होना चातहए योतक यह भी मज़दर वगय की करातनतकारी राजनीतत को समझन और जानन क तलए आवशयक ह तकसी भी रप म दबायी जा रही या उतपीड़ तत हो रही जनता और उसकी समसयाओ और सघषयो स सरोकार रख तबना मज़दर वगय वयापक महनतकश जनता की करातनतकारी एकता कायम नही कर सकता ह शासक वगय दतमत कौमो क बीच भी मौजद अनतरतवरोधो और तववादो को हवा दता ह तातक उनह आपस म लड़वाकर कमज़ोर तकया जा सक हआ यह ह तक हाल ही म असम और तमज़ोरम क बीच राजय की सीमाओ को लकर एक तववाद पदा हो गया

यह कोई पहली बार नही ह जब असम और तमज़ोरम क बीच अनतरराजयीय सीमा को लकर तववाद उठ खड़ा हआ हो इसस पहल भी दोनो राजयो क बीच सीमा-तनधायरण को लकर झगड़ और तववाद पदा हए ह तजनहोन कई बार काफ़ी उग रप भी अतखतयार तकय ह

हालातक इस बार इस तववाद क साथ जो तहसा की वारदात हई उसम सवय असम पतलस और तमज़ोरम पतलस शातमल भी थी यही कारण ह तक आम तौर पर हातशए पर रहन वाल उतर-पवय क राजयो क मामलो न lsquoमखयधाराrsquo म भी इस मद को लकर चचाय ड़ दी लतकन यह परी चचाय ही सतही थी और इस तववाद क हर परकार क तवशलषण म आम तौर पर ऐततहातसक दतषट का अभाव था और मखय राजनीततक परशनो की अनपतसथतत थी सचचाई यह ह दक राजयो की सीमा स जड य दववाि कवल असम और दमजोरम क बीच ही मौजि नही ह बदलक उततर-पवव क अय राजयो क बीच भी इनको लकर खासा इदततलाफ ह उततर-पवटी राजयो म इन तमाम सीमा-दववािो की जड वातव म इदतहास म मौजि ह दजसम पहल औपदनवदशक सतता और बाि म वाततयोततर भारतीय राजयसतता की िमनकारी व ग़र-जनवािी नीदतयो और कौमी िमन की भदमका कदीय ह

इस बार असम-तमज़ोरम क बीच लमब समय स वयापत सीमा-तववाद न तल तब पकड़ा जब 26 जलाई को तमज़ोरम पतलस दारा राजय सीमा पर गोलीबारी म 6 असम पतलसकतमययो की मौत हो गयी और 50 क करीब पतलस अतधकारी व पतलसकमटी घायल हए इस तहसा म एक नागररक की मतय भी हई हालातक तमज़ोरम का दावा था तक हमला पहल

असम पतलस की तरफ़ स हआ था और उसन महज जवाबी कारयवाई की थी गौरतलब ह तक कनदरीय गहमती अतमत शाह की 25 जलाई को तशलाग म उतर-पवटी राजयो क मखयमततयो क साथ बठक हई थी तजसम तमाम मसलो क साथ असम क तमज़ोरम नगालि अरणाचल परदश और मघालय क साथ सीमा-तववाद पर बातचीत भी शातमल थी 26 जलाई की घटना इस बठक क बाद ही घतटत हई

इस घटना क बाद असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा और तमज़ोरम क मखयमती ज़ोरामथगा क बीच इन तहसा की घटनाओ की तज़ ममदारी को लकर काफ़ी बहस चली और आरोपो-परतयारोपो का भी एक लमबा तसलतसला चला मोिी सरकार क दलए यह शदमविगी पिा करन वाली दथदत थी वजह यह ह दक असम म भाजपा की सरकार ह और दमजोरम म सततासीन दमजो नशनल फरणट उततर-पवव लोकतादरिक गठबधन (एनईीए) का दहसा ह दजसका गठन भाजपा क नतकतव म 2016 म हआ था और तजसक सयोजक उस समय स ही असम क वतयमान मखयमती हमनत तबसव सरमा ह

बहरहाल 26 जलाई क इस घटनाकरम क बाद दोनो राजयो म तसथतत को ldquoसामानयrdquo तकय जान क तलए 28 जलाई को कनदरीय गह सतचव क साथ असम और तमज़ोरम क राजय गह सतचवो की लमबी वाताय हई तजसम ldquoआपसी बातचीतrdquo स सीमा-तववाद का तनपटारा करन पर सहमतत बनायी गयी और राषटीय राजमागय 306 पर कनदरीय सरका बलो की तनाती क तनदजश तदय गय बावजद इसक तसथतत गमभीर ही बनी रही असम सरकार न अपन राजय क लोगो क तलए याता-समबनधी तनदजश जारी करक उनह तमज़ोरम न जान की तहदायत दी असम पतलस को तनदजश जारी तकय गय तक तमज़ोरम स आन वाली हरक गाड़ी की अनतरराजयीय चक पोसट पर गर-काननी नशील पदाथयो इतयातद क तलए ठीक स जाच की जाय और इसक बाद ही राजय म आन की अनमतत दी जाय असम न तमज़ोरम को जान वाला राषटीय राजमागय क समय क तलए बनद भी कर तदया था तजसस आवशयक वसतओ दवाओ आतद को तमज़ोरम पहचान म तदक़कत भी पश आयी यही नही असम पतलस दारा तमज़ोरम पतलस और तमज़ोरम स राजय सभा सदसय क वनलावना क तिलाफ़ पराथतमकी भी दजय की गयी तो वही तमज़ोरम पतलस न भी असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा और असम पतलस क अनय अतधकाररयो क तिलाफ़ तशकायत दजय की हालातक दोनो तरफ़ की इन तशकायतो को बाद म वापस ल तलया गया इसक बाद गहमती अतमत शाह क ldquoहसतकपrdquo क बाद दोनो राजयो क मखयमततयो न एक साझा बयान जारी करक तसथतत को ldquoसामानय

बनान और तनाव को ितम करनrdquo की बात कही लतकन भाजपा क तलए तो तसथतत वाकई म लशपणय हो गयी थी इस पर घटनाकरम क पी काम कर रह कारको को थोड़ा गहराई स समझना होगा

उततर-पवष म फासमीवादमी-अनधराषटवादमी भाजपा का बढ़ता

राजिमीनतक दख़लवातव म 2016 म उततर-पवव

लोकतादरिक गठबधन (एनईीए) क गठन क पीछ भाजपा की असली मशा उततर-पवव म अपना राजनीदतक िखल बढाना था और साथ ही उततर-पवव क ldquoतनावगतrdquo इलाको क मखयभदम भारत क साथ एकीकरण क परोजट को आग बढाना भी था जो वातव म और कछ नही बदलक उततर-पवव म भारतीय राजयसतता दारा राषटीय िमन की नीदत का ही दहसा ह भारतीय राजयसता दारा उतर-पवय म बस रही तमाम राषटो और अपसखयक राषटीयताओ क साथ तकय गय ऐततहातसक ल-कपट और वायदा-तिलाफ़ी की चचाय हम आग करग लतकन जहा तक पर उतर-पवय म अपनी पकड़ बनान का परशन ह तो भाजपा क तलए ऐसा करना इतना सगम भी नही ह क समझौतापरसत घटनाटक ताकतो को ोड़ तदया जाए जोतक असर हर दतमत कौम म पायी ही जाती ह तो वयापक आबादी म भारतीय राजयसता क तिलाफ़ गहरी ऐततहातसक नफ़रत मौजद ह और भारत स आज़ादी की चाहत परबल ह इस पर कत म ही भारतीय हमरानो की कौमी दमन की नीततयो की मिालफ़त का एक लमबा इततहास भी मौजद रहा ह और वतयमान म भाजपा क तमाम फ़ासीवादी व अनधराषटवादी नीततयो क तिलाफ़ परततरोध की भी तमसाल ह

यह तथय भी यहा रखादकत करना आवशयक ह दक भाजपा और सघ पररवार उततर-पवव म दवशर तौर पर असम को दहितव फासीवाि की नयी परयोगशाला बनान क दलए काफी जोर लगा रह ह असम म सामपरदातयक धरवीकरण की राजनीतत को इसी उदशय स भाजपा कभी एक तो कभी दसर रासत स लगातार अमल म ला रही ह जहा तक असम का परशन ह तो तपल साल सीएए-एनआरसी का तशगफ़ा भी इसी मकसद स उाला गया था हालातक असम म उसका तवरोध अनय कारणो स हआ था और तवरोध पहल स मौजद ldquoसथानीय बनाम परवासीrdquo की अतसमतावादी राजनीतत क कारण जयादा हो रहा था

हाल म ही असम की भाजपा सरकार दारा भी ldquoजनसखया तनयतणrdquo क नाम पर अनय भाजपा-शातसत परदशो की तज़य पर ही मसलमान-तवरोधी फ़ासीवादी फ़रमान जारी करन की शरआत कर दी गयी ह इसक अलावा क समय पहल ही असम पश सरकण तवधयक 2021 पाररत तकया गया तजसक चलत गोमास

की तबकरी पर आतशक रोक लगना तय ह नय कानन क तहत राजय म मवतशयो क वध उपभोग और पररवहन को तवतनयतमत करन क परावधान शातमल ह वासतव म वतयमान तवधयक और क नही बतक 1951 क असम पश सरकण कानन का lsquoअपगिि वज़यनrsquo ह गौरतलब ह तक उस वक़त कागस न यह कानन बनाया था या इसी तथय स ही कागस की धमय-तनरपकता और फ़ासीवाद-तवरोध क ढोल की पोल नही खल जाती ह असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा न दावा तकया तक इस तवधयक क पी कोई गलत मशा नही ह और इसस तो असल म सामपरदातयक सदभाव मज़बत होगा यही नही इन महोदय क अनसार सामपरदातयक सौहादय बनाय रखन क तलए कवल तहनद ही तज़ममदार यो हो मसलमानो को भी इसम सहयोग करना चातहए नया कानन बन जान पर तकसी वयतत को मवतशयो का वध करन पर तब तक रोक होगी जब तक तक उसन तकसी तवशष कत क पजीकत पश तचतकतसा अतधकारी दारा जारी आवशयक परमाण पत परापत नही तकया हो उतचत दसतावज़ क अभाव म मवतशयो को एक तज़ल स दसर तज़ल और असम क बाहर पररवहन को भी अवध बनान क परावधान ह इस कानन क तहत सभी अपराध सजय और गर-ज़मानती होग इस कानन को लकर उततर-पवव क अय राजयो म काफी असतोर ह योदक यह वहा क थानीय दनवादसयो क खान-पान की वतरिता और स कक दत पर सीध-सीध फासीवािी हमला ह

हम दख सकत ह तक उतर-पवय म फ़ासीवादी तगरोह न तसफ़य भारतीय राजय की परानी राषटीय दमन की नीतत को ही आग बढ़ा रहा ह बतक असम क उदहारण स यह भी सपषट हो जाना चातहए तक भाजपा और सघ पररवार अपन राजनीततक हसतकप क ज़ररए पर सामातजक तान-बान म सामपरदातयक नफ़रत तहदतववादी कटरता और धमायनधता को भी फलान का भरपर परयास कर रह ह और तफ़लहाल उनह असम म तो एक हद तक इसम सफलता भी हातसल होती हई नजर आ रही ह

असम-ममज़ोरम समीमा नववाद उपनिवशवाद की एक नवरासत

दरअसल तमज़ोरम और असम क बीच 1646 तकलोमीटर लमबी साझा सीमा ह तजसम तमज़ोरम क आइज़ोल कोलातसब और मातमत तज़ल और असम क कार हलाकािी और करीमगज तज़ल आत ह दोनो ही राजय lsquoइनर लाइन ररज़वय फ़ॉरसटrsquo क लगभग 131831 वगय तकलोमीटर कत पर अपना दावा पश करत ह तजसक कारण तकसी भी तातकातलक टकराहट की घटना क पदा होन स सीमा को लकर तववाद पनः उतपनन हो जाता ह इस बार भी यही हआ था

सतही तौर पर िखन पर असम-दमजोरम सीमा-दववाि क कद म

मखय तौर पर औदपवदशक काल की िो अदधसचनाए दिखलायी पडती ह जहा तमज़ोरम ऐततहातसक सीमा की बहाली क तलए 1875 की अतधसचना का तहमायती ह वही असम ऐततहातसक सीमा-तनधायरण क तलए 1933 की अतधसचना का पकधर ह 1933 की अतधसचना मतणपर और लशाई पहातड़यो (जोतक तमज़ो पहातड़या भी कहलाती ह) क बीच सीमा-तनधायरण क समबनध म ह जबतक 1875 की अतधसचना भतपवय लशाई पहातड़यो और कार क मदान क बीच सीमा-तनधायरण को तय करती ह तमज़ोरम का मानना ह तक 1933 की अतधसचना क समय उसकी रज़ामनदी नही ली गयी थी 1933 क बदल हए सीमा-तनधायरण क पी एक कारण तरितटश उपतनवशवातदयो क असम क चाय-बागानो स जड़ आतथयक-वयावसातयक तहत भी थ

इसक अलावा 1898 म औपतनवतशक तरितटश सता न 6 तसतमबर 1895 की दो अलग उदघोषणाओ क ज़ररए उतरी लशाई पहातड़यो को असम परानत क अधीन कर तदया और दतकण लशाई पहातड़यो को बगाल परानत क अनतगयत कर तदया इसक बाद 1 अपरल 1898 को तरितटश सता दारा एक अनय उदघोषणा क ज़ररए दतकणी लशाई पहातड़यो को असम को सथानानतररत कर तदया गया लबबलबाब यह दक लशाई पहादडयो या नगा पहादडयो जस पहाडी इलाको को दजनम दवदशषट नकजातीय समह रहत थ दजनकी अपनी दवदशषट स कक दत और जीवन-शली थी उह थानीय लोगो की रजामिी क बग़र जबरन कभी एक परशासदनक इकाई तो कभी िसरी परशासदनक इकाई म पटक दिया जाता रहा ह दजसक कारण एक असतोर औपदनवदशक िौर स ही इन इलाको म मौजि ह

आज़ादी क बाद सतवधान क ठ शियल क अनतगयत भारत म तमाम ldquoजनजातीयrdquo इलाको क परशासन क तलए उनह दो भागो म बाटा गया थाndash भाग ए और भाग बी 1952 म लशाई पहातड़यो क आइज़ोल और लङलह उपभागो तजनम तक मखयतः तमज़ो लोग बस हए थ का गठन इसी ठ शियल क अनतगयत भतपवय असम की lsquoलशाई पहाड़ी सवायत तज़ला काउतसलrsquo क तौर पर तकया गया और 1953 म बाकी बच हए कत म पावी लखर चकमा आतद अनय सथानीय बातशदो को तमलाकर एक कतीय काउतसल बनायी गयी 1954 म लशाई पहाड़ी तज़ल का नाम बदलकर तमज़ो तज़ला कर तदया गया 1972 म उतर-पवटी राजय पनगयठन अतधतनयम 1971 क तहत असम म स ही पहल तमज़ो तज़ल को कनदर शातसत परदश (lsquoयतनयन टररटरीrsquo) क रप म गतठत तकया गया 1986

12 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 13 पर जारमी)

(पज 11 स आग)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का हमज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहए

म तमज़ो राषटीय फट जो तक पहल भारतीय राजयसता क तिलाफ़ सशसतर सघषय म शातमल थी और भारत सरकार क बीच तमज़ो समझौता कायम होन क फलसवरप तमज़ोरम को पणय राजय का दजाय 20 फ़रवरी 1987 को परापत हआ

हालादक अलग राजय गठन स राषटीय समया का कोई समाधान नही हआ और िदमत कौमो क समबध म ऐसा हो भी नही सकता ह दजनक दलए एकमारि करादतकारी कायवकरम अलग होन क अदधकार समत आतमदनणवय क अदधकार का ही होता ह यहा यह भी सपषट करत चल तक सघवाद या तकसी भी परकार की कतीय सवायतता की तहफ़ाज़त या माग राषटीय दमन क िातम का काययकरम हो ही नही सकत ह जसा तक पजाब क क ldquoमासयवादीrdquo कौमवादी आजकल दावा करत तफर रह ह ऐसा कोई भी काययकरम एक शदधतः सधारवादी काययकरम ह और लतननवादी काययतदशा स इसका कोई लना-दना नही ह करातनतकारी मज़दर वगय साझी सहमतत स बन बड़ स बड़ राजय का पकधर होता ह और तवखिन की परतकरया को चाहता नही ह लतकन करातनतकारी मज़दर वगय करातनतकारी जनवाद का भी सबस मज़बत झिाबरदार होता ह और इसतलए वह जनवादी तरीक स और सभी कौमो की साझा सहमतत स ही बड़ राजय का पकधर होता ह

इस सदकषपत चचाव क बाि यह कहना ज़यािा उपयत होगा दक असम-दमजोरम क बीच यह आधदनक सीमा-दववाि वातव म औपदनवदशक िौर की ही एक दवरासत ह दजस भारत का उततर-पवव कहा जाता ह वह ऐदतहादसक तौर पर कभी भारत का दहसा था ही नही हालादक पराचीन काल स ही मखयभदम भारत क सामाजयो क इस इलाक स समपकव क परमाण मौजि ह उतर-पवय क जनजातीय इलाक पराक-औपतनवतशक भारत म शातमल नही थ यतद हम इततहास म थोड़ा पी जाय तो हम पात ह तक1818 म उस वत तरितटश ईसट इतिया कमपनी का हसतकप उतर-पवय म शर हो गया जब अहोम सामाजय क राजा न बमाय स बारमबार होन वाल हमलो स तनपटन क तलए उसस मदद मागी तरितटश ईसट इतिया कमपनी न परथम एगलो-बमटी यदध म बमटी सना को परासत तकया तजसक चलत यािाब की सतनध अमल म आयी इस सतनध क अनतगयत अहोम राजा न अपन राजय कत का एक तहससा तरितटश ईसट इतिया कमपनी को तोहफ़ म भट तकया तजसक फलसवरप तरितटश उपतनवशवाद उतर-पवय म अपन अतधकार और तहत कायम करन म सफल हो गया

इसक पशचात ही तरितटश औपतनवतशक शासको न अपन परशासतनक तहतो क मदनज़र इस पर भौगोतलक भ-भाग को औपतनवतशक भारत म शातमल तकया था तरितटश

उपतनवशवादी इस कत क भराजनीततक और सामररक महतव को दखत हए इस भारत और चीन क बीच एक lsquoबफ़र कतrsquo भी बनाना चाहत थ तजस व अपन आतथयक-वयापाररक तहतो क मातहत रखत तरितटश उपतनवशवातदयो न पहल इस भ-भाग को बगाल परानत क अधीन रखा और 1874 म अलग असम परानत का गठन करक भारत स इस पर कत का राजनीततक-परशासतनक एकीकरण तकया बावजद इसक मलतः और मखयतः औपतनवतशक नीतत उतर-पवय क समबनध म शष भारत स तवलगाव और तवलगन की ही थी तजसक फलसवरप यहा बसन वाली तमाम नजातीय-जनजातीय समहो क बीच भी अलगाव और पथकतव पदा हआ जोतक सवाभातवक ही था

जादहरा तौर पर उततर-पवव म दरिदटश हकमत की नीदतया अपन वयावसादयक-आदथवक दहतो और राजकीय-परशासदनक सहदलयतो स सचादलत थी उस दौर म मतणपर और ततपरा को ोड़कर जो तक ररयासत थी बाकी परा उतर-पवय अतवभातजत असम ही कहलाता था असम क ही इन तमाम जनजातीय इलाको की आग चलकर तरितटश औपतनवतशक परशासन दारा एक क बाद एक सीमा तनधायररत की जान लगी तजसम सथानीय जनजातीय समहो की सहमतत नदारद थी और तजसकी चचाय हम ऊपर कर चक ह पषट ह दक य कषरिीय परशासदनक दवभाजन न तो ऐदतहादसक पररदथदतयो को धयान म रखकर दकय गय थ और न ही जनवािी तरीक स जन-आकाकषाओ क आधार पर ही दकय गय थ यही कारण ह दक आज भी असम स दनकल अय राजयो म भारतीय राषटवाि और भारतीय राजयसतता क दवरदध नफरत और ग़सा तो ह ही लदकन इसक साथ ही असदमया अधराषटवाि क दखलाफ भी एक नाराजगी ह दजस उततर-पवव की अय कौम कषरिीय पमान पर lsquoदबग रििरलीrsquo (बड भाई-जसा) बतावव क रप म िखती ह

सकप म कह तो रिहमपत नदी क परब का तहससा भ-राजनीततक रप स पहली बार भारत क उपतनवशीकरण क बाद ही शष भारत स जड़ा बावजद इसक तरितटश उपतनवशवातदयो न उतर-पवय की जनता की शष भारत की आबादी स पारसपररक अनतरतकरया नही होन दी बतक आम तौर पर उस अवरदध भी तकया इसकी वजह स भ-राजनीततक दतषट स शष भारत स जड़न क बावजद इस कत की जनता का सासकततक अलगाव बना रहा आज़ादी क बाद भारतीय राजयसता की कौमी दमन की नीततयो क तहत ही इस कत की पराकततक व खतनज समपदा का दोहन करन क कारण इसम आतथयक शोषण का भी पहल जड़ गया तजसन इस अलगाव को और बढ़ाया और इस राजनीततक रप परदान तकया

उततर-पवष की कौमो क साथि भारतमीय राजयसतता क

नवशवासघात का काला इनतहास उतर-पवय म दमन की यह

औपतनवतशक तवरासत भारतीय राजयसता को आज़ादी क बाद उतरातधकार म परापत हई तजस यहा क शासक वगयो न हाथो-हाथ तलया आज़ादी क बाद स ही उतर-पवय को भारत म शातमल करन पर काफ़ी तववाद उतपनन हए भारत क साथ एकीकरण कोई पवयतवतदत पररणाम नही था जसा तक असर इततहास की आतधकाररक-सरकारी पसतको म पढ़ाया जाता ह आज़ादी स पहल भी तवशषकर नगा और तमज़ो नजातीय समहो म भारत स अलग सवतत राजनीततक अतसततव की इचा परबल थी हालातक जन 1947 म असम और उतर-पवय को भारत म शातमल करन का फ़सला ल तलया गया

आजािी क बाि जो उततर-औपदनवदशक शासक वगव अदततव म आया वह एक बहराषटीय और दमदरित शासक वगव था दजसम कशमीर और उततर-पवव की िदमत कौमो को छोडकर बाकी सभी कौमो क बजवआ वगव की अपन आकार और शदतमतता क दहसाब स नमाइिगी थी और कदीय सतता म दहसिारी थी कशमीर और उततर-पवव की कौमो को सचच और सही अथषो म आतमदनणवय का अदधकार िन की बजाय भारतीय शासक वगषो न उनका जबरन भारत क साथ एकीकरण दकया कशमीर क साथ ही उततर-पवव म भी भारतीय राजयसतता क आजािी क दपछल कई िशको की नीदतयो न राजकीय दहसा और कौमी िमन का बबवर रप अदततयार दकया ह

आज़ादी क बाद स ही उतर-पवय म राषटीय तवतवधताओ क साथ बस रही तमाम कौमो व नजातीय समहो की आज़ादी की चाहत को फ़ौजी बटो और बनदक क ज़ोर क दम पर भारतीय हमरानो न कचलन की सकड़ो कोतशश की ह 1962 क भारत-चीन यदध क बाद तो भारतीय राजय क तलए उतर-पवय और भी अतधक सामररक महतव का कत बन गया और भारतीय राजयसता को यहा तमाम राषटीय मतत सघषयो को ldquoराषटीय सरकाrdquo क नाम पर कचलन का एक परकार स lsquoलाइससrsquo भी परापत हो गया इस पर कषरि म 1958 स ही कखयात काला कानन lsquoसरकषा बल दवशर अदधकार अदधदनयमrsquo (अफपा) लाग ह तजसकी वजह स चनावो की रसमअदायगी होन क बावजद वहा वयवहारतः सनय शासन की तसथतत ह योतक सरका बलो को असीतमत अतधकार परापत ह इसी काल कानन का लाभ उठाकर भारतीय सना और अधयसतनक बलो न उतर-पवय म तपल पाच दशको स आतक का राज कायम तकया हआ ह और राजकीय दमन और तहसा का नगा नाच तकया

ह और इन राजयो की आम जनता क मानवातधकारो का बशमटी और दि-मतत क साथ हनन तकया ह ग़ौरतलब ह दक मानवादधकारो की धदजजया उडान वाला यह कानन परी तरह स सदवधान सममत ह

मखयभतम भारत म उतर-पवय को लकर काफ़ी हद तक गर-जानकारी और अजानता भी वयापत ह तजस आज भारत का उतर-पवय कहा जाता ह आज़ादी क वक़त उस पर भ-भाग म भतपवय असम परानत क असम क मदान आत थ इसक अलावा पहाड़ी तज़ल उतर-पवटी सीमावतटी परदश क नाथय-ईसटनय फतटयर टटस (एनईएफ़टी) और मतणपर और ततपरा की ररयासत शातमल थी इस कत म रहन वाल लोगो की ससकतत और इततहास म समानता और समरपता क क ततव जरर ह लतकन उनम कई तवतवधताए भी ह कल आठ राजयो यानी तक असम अरणाचल परदश मघालय मतणपर तमज़ोरम ततपरा नगालि तसतकम म तवभातजत उतर-पवय का कतफल दश क कल कतफल का 798 फ़ीसदी और इसकी आबादी दश की कल आबादी का 37 फ़ीसदी ह इस पर कत म लगभग 220 नजातीय समह और उपसमह रहत ह और लगभग इतनी ही बोतलया बोली जाती ह

औपदनवदशक शासन क अदतम िौर म और आजािी क बाि राजकीय व कौमी िमन स पिा हए राजनीदतक-साकक दतक अलगाव और आदथवक शोरण स उततर-पवव की दवदभन जनजादतयो म परदतरोध की चतना पिा हई जो एक खास दकम क नकजातीय राषटवाि (ethnic nationalism) क रप म दवकदसत हई भारतीय राजयसता दारा तकय गय बबयर दमन न इस परततरोध की चतना को और भी परबल बनाया नगा जसी क जनजाततया अपन कई उपसमहो को तमलाकर एक राषट क रप म तवकतसत हई तो क राषटीयताओ और उपराषटीयताओ क रप म अतसततव म आयी तजनकी कोई कतीयता तो नही थी लतकन तफर भी अनय राषटीय समहो स तभननताए थी इन राषटो-राषटीयताओ क परततरोध का साझा तबनद भारतीय राजयसता क दमन का तवरोध था जो इनका साझा शत थी और आज भी ह हालातक इनम आपसी अनतरतवरोधो का भी एक लमबा इततहास रहा ह मसलन नगा-ककी तववाद नगा-मइती तववाद नगा-जोमी तववाद असमी-तमज़ो तववाद असमी-बोिो तववाद आतद

दरिदटश उपदनवशवाि स आजािी क बाि भारतीय बजवआ राजयसतता न िमन की नीदतयो को खतम करन की बजाय और वहा बस रही कौमो को आतमदनणवय का अदधकार िन की बजाय इन िमनातमक कारगजाररयो को जयो-का-तयो बरकरार रखा बदलक कई मामलो म उसम इजाफा भी दकया आज़ादी क बाद उतर-पवय क राजयो का

जो पनगयठन तकया गया उसका आधार महज परशासकीय सहतलयत थी तजसकी वजह स कई मामलो म एक ही जनजातत कई राजयो म बट गयी और जनजाततयो की राषटीय आकाकाए कचल दी गयी इस तकसम क पनगयठन स नय तववाद भी उभर मसलन गटर नगालि तववाद नगा-मतणपर तववाद असमी-बोिो तववाद आतद मौजदा असम-तमज़ोरम सीमा तववाद भी इसी की एक बानगी ह

राजयो क पनगयठन की परतकरया म नगालि को राजय का दजाय 1963 म तमला लतकन इसक बावजद नगा गपो क कई राजनीततक-परशासकीय इकाइयो म बट होन क कारण उनका असनतोष बना रहा 1972 म असम स खासी गारो और जयतनतया पहाड़ी तज़लो को तमलाकर अलग मघालय राजय बना ततपरा और मतणपर को जो तक औपतनवतशक काल क दौरान ररयासत थी पणय राजय का दजाय द तदया गया तमज़ो पहातड़यो (तमज़ोरम) और lsquoनाथय-ईसटनय फतटयर एजनसीrsquo (अरणाचल परदश) को असम स अलग कर पहल कनदर शातसत राजय का दजाय तदया गया तफर 1987 म इनह पणय राजय का दजाय द तदया गया हालातक राजयो क इस पनगयठन की परतकरया न अलगाव और सवततता की आकाका को तो समापत नही तकया उट अनय सथानीय नजातीय समहो म भी सवशासन या सवततता की आकाका पदा हई और भभागो पर दावो को लकर आपस म उग टकरावो की शरआत हो गयी इसकी एक तमसाल असम-तमज़ोरम सीमा तववाद भी ह

राजनीततक-सासकततक अलगाव और आतथयक शोषण क अततररत दश क भीतर स होन वाल परवासन और बागलादश समत अनक पड़ोसी दशो स होन वाल आपरवासन स भी lsquoसथानीय बनाम परवासीrsquo का अनततवयरोध पदा हआ दरअसल औपतनवतशक काल स ही अतवभातजत असम म उपतनवशवातदयो दारा चाय बागानो की मौजदगी क कारण एक हद तक आतथयक तवकास तकया गया यही कारण था तक उस दौर म भी पड़ोसी बगाल परानत और भारत क अनय इलाको स लोग रोज़गार और ज़मीन की तलाश म असम परवासन करत थ और चतक उपतनवशवातदयो को भी चाय-बागानो म काम करन क तलए मज़दरो की ज़ररत थी तो वह सवय भी बाहर स लोगो को काम क तलए बलात थ साथ ही तल और कोयला खदानो म भी काययशतत की आवशयकता होती थी इसक अलावा सड़क और रल तनमायण कायय म भी बाहर स मज़दरो को काम पर लगाया जाता रहा बगाल स आन वाली एक बड़ी आबादी मसलामानो की भी थी इन परवातसयो म कई जो मखयतः चाय-बागानो म काम करत थ व वही बस भी गय इस पर तववरण क तलए पाठक मासयवादी इततहासकार अमलनद गहा को पढ़ सकत ह तजनका काम असम

(पज 13 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 13

(पज 12 स आग)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का ह मज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहएऔर वहा क राषटवादी आनदोलनो पर कतनदरत ह यह परवासन आज भी हो रहा ह इन परवातसयो म असर मज़दर आबादी ही शातमल होती ह ldquoसथानीय बनाम परवासीrdquo क अनतरतवरोध का फ़ायदा इन कौमो म मौजद तफ़रकापरसत ताकत भी अपन तनतहत सवाथयो क तलए उठा रही ह सीतमत ससाधनो और जनसातखयकीय असनतलन का हवाला दकर आम जनता म भय और असरकाबोध पदा तकया गया ह जो परवातसयो क तिलाफ़ तहसातमक घटनाओ म सामन आया ह य इन राषटीय आिोलनो म पजीवािी राजनीदत और दवचारधाराओ की मौजिगी यानी अदमतावािी व अधराषटवािी रझान की ओर भी इशारा करता ह और अततोगतवा हर परकार क राषटवाि की सीमा और परदतदकरयावािी चरररि को भी उजागर करता ह भल ही वह िदमत राषट का ही यो न हो िदमत राषटो की राषटीय मदत की लडाई म इन पजीवािी दवचारो व राजनीदत क दखलाफ सघरव करना करादतकारी मजिर वगव का एक कायवभार ह योदक तभी सही मायन म जनता की जनवािी राषटीय करादत क जररए सचची राषटीय मदत भी समभव ह बहरहाल इन अतरदवरोधो का फायिा भाजपा जसी फासीवािी पाटटी इस मजहबी रग ि कर भी उठा रही ह

बहरहाल मल चचाय पर वापस लौटत हए बात कर तो उतर-पवय क तवतभनन राजयो क इततहास पर तनगाह िालन स भारतीय राजयसता का ऐततहातसक तवशवासघात सपषट रप स सामन आता ह इसकी तवसतत चचाय म हम यहा नही जा सकत ह तफ़लहाल इतना कहना काफ़ी होगा तक उतर-पवय क तमाम राषटो-राषटीयताओ की आकाकाओ को कचलकर ही भारतीय राजयसता न जोर-ज़बदयसती करक इनह ldquoभारतीय राषटrdquo म शातमल तकया ह

मतणपर की बात कर तो आज़ादी क ततकाल बाद ही भारत सरकार क परतततनतध वीपी मनन न राजय म तबगड़ती कानन-वयवसथा का हवाला दकर मतणपर क राजाबोधचनदर तसह को तशलाग बलाया और 21 तसतमबर 1949 को कपटपणय तरीक स उसस भारत म तवलय क समझौत पर हसताकर करा तलया भारत सरकार न यह भी ज़ररी नही समझा तक इस समझौत की अतभपतषट नवतनवायतचत मतणपर तवधानसभा दारा करा ली जाय उट तवधानसभा को भग कर तदया गया इसक बाद स ही मतणपर म भारतीय राजय दारा परतयक दमन की नीतत अपनाकर परततरोध को दबान का तसलतसला शर हो गया और इसी क समानतर सशसतर सघषयो का भी तसलतसला शर हो गया आफसपा जस काल कानन की आड़ म भारतीय सना दारा की गयी बबयरता न जन-परततरोध को और बल परदान तकया 2004 म

भारतीय सतनको दारा एक मतणपरी मतहला मनोरमा क बलातकार और हतया क तवरोध म वहा की मतहलाओ न तनवयसतर होकर सना मखयालय क सामन तवरोध परदशयन तकया था यह घटना तकसी भी जनवादी होन का दावा करन वाल राजय क तलए एक शमयनाक घटना होती लतकन भारतीय राजय की बशमटी और बबयरता बदसतर जारी रही और उतर-पवय म यह दमनकारी जनदरोही कानन आज तक लाग ह

नगालि की कहानी भी क ऐसी ही ह औतपवतशक शासन क दौरान और बीसवी सदी की शरआत म नगा पहातड़यो क सथानीय तनवासी नगा नशनल काउतसल (एनएनसी) क बनर तल एकजट होकर एक साझा मातभतम और सवशासन की आकाका परकट करन लग थ भारत की आज़ादी क बाद नगा नशनल काउतसल न आतमतनणयय क अतधकार की वकालत की और भारत स आज़ादी क तलए जनमत सगह की माग भी रखी लतकन भारतीय राजय न एकतरफ़ा तरीक स नगा भभाग को भारतीय गणराजय का तहससा घोतषत कर तदया बदल म एनएनसी न नगालि की सवततता की घोषणा कर दी और 1952 म समपनन पहल आम चनावो का बतहषकार भी तकया इसक बाद ही भारत सरकार दारा कई नगा नताओ को तगरफतार कर तलया गया और तब स ही नगालि म एक लमब सशसतर सघषय की शरआत हई 1955 म भारतीय राजय न पतलस और सशसतर बलो क ज़ररए नगा राषटीय मतत आनदोलन को कचलन की कोतशश भी की इसी सघषय का सामना करन क तलए 1958 म lsquoआमिय फ़ोसजज सपशल पावसय एटrsquo बना जो आज तक समच उतर-पवय म लाग ह 1975 म एनएनसी क शीषय नततव न भारत सरकार क साथ वाताय करक तशलाग समझौता तकया और भारतीय गणराजय म शातमल होना सवीकार तकया तजन नगा नताओ न इस समझौत को सवीकार नही तकया उनहोन lsquoनशनल सोशतलसट काउतसल ऑफ़ नगालिrsquo (एनएससीएन) का गठन करक सघषय जारी रखा अब यह सगठन मइवा और खापलाग क दो गटो म तवभातजत ह तजनका आधार नगा जनजातीय समह की अलग-अलग उपजाततयो म ह

अब तमज़ोरम पर आत ह जसा तक ऊपर चचाय म आया था तक तमज़ो पहाड़ी कत आज़ादी क वक़त लशाई पहाड़ी तज़ल क नाम स असम म गतठत हआ तजसका नाम 1954 म बदलकर असम का तमज़ो पहाड़ी तज़ला कर तदया गया असम स अलग होन का एक अलगाववादी आनदोलन आज़ादी स पहल भी तमज़ो जनजातीय समहो म मौजद था लतकन 1959 स 1961 तक आय अकाल क राहत कायय म भारतीय राजय की उदासीनता और अनदखी क कारण पहल स ही मौजद असनतोष और आकरोश को नयी ज़मीन परापत हई इसक बाद ही साठ क दशक स तमज़ो सशसतर तवदरोह की दासतान शर होती ह

इसी दौर म तमज़ो नशनल फट (एमएनएफ़) का गठन हआ तजसनlsquoभारतीय उपतनवशवाद स तमज़ोरम की मततrsquo क तलए सशसतर सघषय का आहान तकया फ़रवरी 1966 म सशसतर दसतो न आइज़ोल शहर पर कबज़ा कर तलया नगालि की ही तरह भारतीय राजय दारा यहा भी दमन की नीतत को ततकाल अमल म लाया गया शहर को तफर स कबज़ा करन म भारतीय सना न नागररक आबादी पर धआधार बमबारी की हज़ारो पररवारो को उनक घरो स उजाड़ तदया गया 1986 म एमएनएफ़ और भारत सरकार क बीच समझौता हआ तजसक बाद एमएनएफ़ तहसा ोड़कर ldquoमखयधाराrdquo म शातमल हो गया और भारतीय सतवधान क अनतगयत काम करन पर सहमत हो गया लतकन इसस भारत क परतत तमज़ोरम क नजातीय समहो का अलगाव और रोष जरा भी कम नही हआ आज भी वहा अलग-अलग नजातीय समहो क अपन-अपन सशसतर तवदरोही दसत ह

तसतकम क इततहास पर भी तनगाह िालन पर सपषट होता ह तक आज़ादी क समय यानी 1947 स ही तसतकम का दजाय भारत क सरतकत राजय (lsquoपरोटटोरटrsquo) का था वह भारतीय यतनयन का तहससा नही था 1975 म तबना तसतकम की जनता स रायशमारी तकय भारतीय सतवधान म मौजद परावधान क तहत उस भारत म तमला तलया गया और पणय राजय का दजाय द तदया गया जबतक उस वक़त भी तसतकम का शासक आतमतनणयय का अतधकार माग रहा था तजस भारतीय राजय दारा िाररज कर तदया गया

इस सतकपत चचाय स सपषट ह तक आजादी क बाद स ही भारतीय हमरानो न उतर-पवय क तमाम राषटो एव राषटीयताओ क साथ ल-कपट करक वायदातिलाफ़ी करक दमन राजकीय तहसा और आतक का अनतहीन चकर कायम करक उनकी आकाकाओ और हको का गला घोटन का घतणत ककमय तकया ह तजस भारतीय राषटवाद क सड़-गल मलमम क ज़ररए तपाना भी नाममतकन जान पड़ता ह यह इततहास भारत क मज़दर वगय को भी जानन की ज़ररत ह योतक शोषण दमन और उतपीड़न का हर रप म तवरोध तकय तबना करातनतकारी मज़दर वगय न तो समाजवादी करातनत कर मज़दर सता को सथातपत कर सकता ह और न ही करातनतकारी सवयहारा जनवाद को सथातपत कर सकता ह तकसी भी रप म दमन शोषण और उतपीड़न का साथ दन वाला मज़दर वगय सवय भी पजीपतत वगय क हाथो शोतषत व दतमत होत रहन क तलए अतभशपत होता हअसम-ममज़ोरम समीमा-नववाद का हल उततर-पवष म राषटमीय रिशि क

समाधाि स जड़ा हउतर-पवय क तमाम राजयो म मौजद

आपसी सीमा-तववाद का तनपटारा भी वहा क राषटीय परशन क समाधान स नातभनालबदध ह वस तो तकसी यतनयन म सवचा स शातमल हई इकाइयो

क बीच भी सीमा-तनधायरण को लकर झगड़-फ़साद हो सकत ह एक पजीवादी राजय वयवसथा क अनतगयत आप और तकसी बात की उममीद कर भी नही सकत ह राषटीय शातनत या कौमी अमन जसी कोई भी चीज़ पजीवाद क मातहत सथायी तौर पर समभव ही नही ह लतकन यह तमाम तववाद अपन आप म कौमी दमन नही होत ह जबतक उतर-पवय की बात कर तो य तमाम सीमा-तववाद सीध-सीध भारतीय राजय क कौमी दमन की नीतत स ही पदा हए ह और उसक अतवभाजय अग ह

कौमी दमन का मतलब यह ह तक भारतीय शासक वगय दारा उतर-पवय म मौजद तमाम कौमो क पजीपतत वगय समत समची कौम का ही दमन तकया जा रहा ह यानी कौमी िमन क दनशान पर मलतः िदमत कौम का पजीपदत वगव होता ह जो िमन बाि म वकहि रप अदततयार कर जनता क अलग-अलग दहसो और जन-जीवन को भी अपनी जि म ल लता ह दकसी कौम क बजवआ वगव क िमन क बगर कौमी िमन अदततव म आ ही नही सकता ह िसर शबिो म कह तो कोई भी कौम िदमत ही तब मानी जायगी जबदक उसका पजीपदत वगव िदमत हो आज भारत की बात कर तो कशमीर और उततर-पवव को छोडकर यह दथदत और कही मौजि नही ह कौम या राषट बनता ही बजयआ वगय क अतसततव म आन क साथ ह यतद तकसी कौम स पजीपतत वगय को अलग कर तदया जाय तो उसक बाद जो रह जाता ह वह बस जनता ही ह आज उतर-पवय क राषटो म यह पजीपतत वगय तकतना तवकतसत या अतवकतसत ह इस तथय स वहा मौजद राषटीय दमन पर कोई फ़कय नही पड़ता ह

इसतलए उतर-पवय म तमाम राजयो क बीच मौजद सीमा-तववाद कौमी दमन का कारण नही बतक इसी कौमी दमन की नीतत का एक पररणाम ह अलग स तकसी दश क तकनही दो राजयो तजनम तक दतमत कौम ह और ज़बरन तकसी यतनयन म शातमल की गयी ह क बीच सीमा-तववाद क हल की उममीद शासक वगयो स तबना वहद राषटीय परशन क समाधान क करना ही बमानी ह आज़ादी क बाद शरआती दशको म तो भारत सरकार न उतर-पवय क महतव को कवल रणनीततक दतषट स ही दखा था लतकन पजीवादी तवकास क साथ ही पराकततक समपदा और ससती शरमशतत क दोहन की भी शरआत हई हालातक यहा बसन वाली कौमो म भारतीय राजयसता क परतत नफ़रत और अलगाव म कोई कमी नही आयी ह तकसी कापतनक एकाशमी ldquoभारत राषटrdquo और भारतीय राषटवाद म इन कौमो का तवलयन ज़ोर-ज़बदयसती क बत ही समभव ह इसतलए आज भी इस पर भ-भाग म कई सशसतर सघषय चल रह ह जब तक भारतीय राजयसता का राषटीय दमन और ज़बर जारी रहगा य राषटीय मतत सघषय भी तवसतजयत नही होग नततव की कोई

एक धारा जब समपयण करगी तो दसरी धारा उभरकर सामन आयगी और सघषय को जारी रखगी ऐततहातसक तौर पर कह तो राषटीय परशन का अतनतम और मकममल समाधान तो कवल और कवल एक समाजवादी राजय क तहत ही समभव ह जो सही मायन म तवतभनन राषटो को अलग होन क अतधकार क समत आतमतनणयय का अतधकार और अपसखयक राषटीयताओ को ससगत जनवाद का अतधकार दता ह लतकन हर दतमत कौम क तलए पहला काययभार राषटीय मतत का जनवादी काययभार ही होता ह और उसक तलए करातनत की मज़ तल भी राषटीय जनवादी ही होती ह

इततहास न यह भी सातबत तकया ह तक सामाजयवाद क दौर म दमनकारी राषट या राषटो क पजीपतत वगय आम तौर पर दतमत राषटो को आतमतनणयय का अतधकार और राषटीयताओ को ससगत जनवाद नही द सकत लतकन यह भी उतना ही सच ह तक राषट कवल दमनकारी राषटो क अतधकार दन की वजह स म त नही होत व अपन राषटीय मतत सघषयो क ज़ररए भी म त होत ह यह एक अलग चचाय का तवषय ह तक उतर-पवय क तवतभनन राषटो का राषटीय मतत सघषय यह राषटीय मतत हातसल कर सकता ह या नही लतकन इतना तय ह तक जब तक इन दतमत कौमो को राषटीय मतत हातसल नही होती तब तक शातनत या तसथरता की कोई उममीद भी नही की जा सकती ह तकसी भी कौम को हमशा गलाम बनाकर नही रखा जा सकता ह यह बात भारत क उतर-पवय पर भी उतनी ही लाग होती ह

आज भारत म दतमत कौमो क राषटीय मतत सघषयो को भारतीय राजयसता क तवरदध मज़दर वगय क समाजवादी करातनत क सघषय स जड़ना होगा और भारत क मज़दर वगय आम महनतकश जनता और ातो-नौजवानो को भारत की दतमत कौमो क राषटीय मतत सघषय स िद को जोड़त हए उनक राषटीय आतमतनणयय क अतधकार का तबना शतय समथयन करना होगा जहा एक तरफ़ भारत की महनतकश अवाम को हर परकार क राषटीय कटरपनथ और अनधराषटवाद स अपना नाता तोड़ना होगा और भारतीय बजयआ वगय क मिी म पदा हए राषटवाद की असतलयत समझनी होगी वही दसरी तरफ़ दतमत कौमो म राषटीय मतत क तलए लड़ रही ताकतो को भी यह समझना होगा तक हर परकार का बजयआ राषटवाद और सकीणय अतसमतावाद या कटरतावाद तकसी भी वयापक और तटकाऊ जन-एकजटता म बाधा ह भारत की महनतकश जनता इस सघषय म उनकी शत नही बतक दोसत ह वासतव म भारतीय राजयसता और भारतीय पजीपतत वगय ही हमारा मशतरका दशमन ह यह बात समझना बहद जररी ह सचच और सही अथयो म राषटीय मतत आनदोलन भी साथयक और कारगर तरीक स तभी आग भी बढ़ सकत ह

14 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 1 स आग)

करना ही उसक तलए भी बहतर ह इस तरह दश आज़ाद हआ आलीशान अटातलकाओ म हो रह जशन क बाहर बठी दश की आम महनतकश जनता फटहाल हालत म सगीत नाच-गाना और आततशबाज़ी दख रही थी और उममीद लगाय थी तक एक तदन वह भी िशहाल होगी आज़ादी क करीब चार दशक बाद जब नवउदारवादी नीततयो की शरआत हई तो पजीवादी नताओ और उनक चाकर बतदधजीतवयो न कहना शर तकया तक जब समतदध आयगी तो ररस-ररस कर सब तक पहचगी लतकन ररस-ररस कर तो बस दख-तकलीफ़ आयी ह अमीरज़ादो की समतदध की आततशबातज़यो को दख सड़को पर भीख माग रह बचच ताली बजा कर िश होत ह समतदध का अथय जनता क तलए बस इतना ही ह

आपन असर लोगो को यह कहत सना होगा तक अगज़ चल गय लतकन अगज़ी ोड़ गय अगज़ी क पी टन का मतलब तसफ़य भाषा स नही ह इसका अथय यह भी ह तक अगज़ो क चल जान क बाद अगज़ी नौकरशाही सना और पतलस क औपतनवतशक ढाच को ही अपना तलया गया योतक वह भारतीय पजीपतत वगय क तलए भी अपन तहतो की सवा क तलए उपय त था इसतलए लट और दमन बदसतर जारी रहा बस शासक वगय बदल गया जब दमन का बना-बनाया तत आज़ादी क साथ मफत तमल रहा था तो उस बदलन की कोई िास आवशयकता नही थी इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक lsquoगवनयम ट ऑफ़ इतिया एट 1935rsquo क 321 धाराओ म स 250 को ह-ब-ह भारतीय सतवधान म अपना तलया गया और आईपीसी तो अगज़ो क ज़मान स चली आ रही ह तजनम नयी धाराए जोड़ी गयी ह लतकन परानी सभी धाराए लगभग वसी ही ह तलतखत क साथ-साथ अतलतखत हथकि भी उनही स सीखकर उस िब माजा गया lsquoफट िालो और राज करोrsquo की नीतत पजीवादी सता क तलए अचक सजीवनी बटी ह अगज़ो न इस सवततता आनदोलन को कमज़ोर करन क तलए इसतमाल तकया और आज़ाद दश म सभी सरकार इस अपन-अपन ढग स मज़दरो-महनतकशो की एकता तोड़न उनक सघषयो को कमज़ोर करन क तलए करती आयी ह इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक आज़ादी क दौरान करातनतकाररयो की मितबरी करन वालो अगज़ो क तलव चाटन वालो उनह माफ़ीनामा तलखन वालो आज़ादी की पवयसधया पर ततरगा जलान वालो और महातमा गाधी की हतया करन वालो आरएसएस और अनय सहयोगी सगठनो पर कभी कोई ठोस कारयवाई नही की गयी तजसस इनको परभावी तौर स रोका जा सक भारतीय पजीवाद को आरएसएस की आवशयकता थी और इसतलए इस ज़जीर स बध कत की तरह अपन करीब बाध रखा समय-समय

पर ज़ररत क अनसार ज़जीर कस दी जाती रही या ढीली कर दी जाती रही आज पजीवाद की ज़ररत क अनसार इस खखार कत को भारत क पजीपतत वगय न सता ही सौप दी ह

बहरहाल हम बात कर रह थ भारत क पजीपतत वगय और उसकी राजनीततक पाटटी कागस क बार म सता हातसल करन क बाद भारत का पजीपतत वगय इतना सशत नही था तक अपन बल-बत पजीवाद क फलन-फलन क तलए आवशयक बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो का ताना- बाना खड़ा कर सक उसक पास आरतमभक पजी और तकनोलॉजी की कमी थी इन आवशयकताओ को परा करन की दो राह थी एक सामाजयवादी दशो पर पणय-तनभयरता और दसरा जनता की गाढ़ी कमाई की पाई-पाई का दोहन इन दोनो म स यहा क पजीपतत वगय न दसरा रासता अपनाया लतकन पजीपतत वगय सीध जनता का पसा नही लट सकता था और न ही राजय उस सीध लटकर पजीपततयो को थमा सकता था इसतलए इनहोन तमतशरत अथययवयवसथा की नीतत अपनायी यानी सावयजतनक कत सय त कत और तनजी कत इस नहर न lsquoसमाजवादी नमन क समाज क तवकासrsquo का नाम तदया जनता की गाढ़ी कमाई चस कर दश का तवकास आरमभ हआ और जनता क पस स बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो को खड़ा तकया गया बतनयादी और अवसरचनागत उदयोग जस इसपात कारिान रल यातायात और पररवहन तबजली सचार आतद सावयजतनक कत म रख गय इनम पजी तनवश अतधक और मनाफ़ा लमब कालकरम म हातसल होना था वही उपभोता वसतओ का उतपादन तनजी कत को सौपा गया तजसम लागत सापतकक रप स कम और मनाफ़ा जद हातसल होना था इस योजना का आधार 1944 का बॉमब पलान या टाटा-तबड़ला पलान था दश की मज़दर-महनतकश आबादी की कमाई लट कर दश म बतनयानी और अवसरचनागत उदयोग खड़ तकय गय तातक पजीपतत वगय क मनाफ़ा कमान का काम सगम हो सक मतलब lsquoहरज लग न तफटकरी रग चोखाrsquo उननीसवी सदी क अनत और बीसवी सदी क शरआत स ही दश म कई बड़ बक थ तजनम सबस बड़ा बक lsquoइमपीररयल बकrsquo था लतकन दर-दराज़ क इलाको म भी सतवग सकीम थी जस पोसट ऑतफ़स सतवग सकीम जो 1882 म खोली गयी थी जनता की महनत की कमाई तक पहच क तलए ससथान पहल स मौजद थ तजन पर 1948 क बाद नहर न अतधक बल तदया जो तक पजी क सचय क तलए लातज़मी भी था 1969 म बको क राषटीकरण न तनवश क तलए पजी की उपलबधता को बढ़ा तदया कह सकत ह तक तमतशरत अथयवयवसथा की आड़ म बहद कशलतापवयक कागस न पजीपतत वगय की सवा की उसक तहतो को

साधा और जनता की गाढ़ी कमाई को चस कर पल सड़क सचार पररवहन बनाया गया और जनता क बीच बढ़ रह मोहभग पर रसमी सधारवाद का नाटक कर पानी क ीट भी िाल सीपीआई सीपीएम और नामधारी कमयतनसट पातटययो न भी इन नीततयो का समथयन कर न कवल जनता की पीठ म रा घोपा बतक उनकी राजनीततक चतना को भी कनद तकया तजसकी चचाय हम आग करग

नहरतवयाई lsquoसमाजवादrsquo क चोग की सीवन जद ही उधड़न लगी और 1960 क दशक क उतरादधय म ही भारत की अथयवयवसथा म ठहराव आन लगा 1970 का दशक मनदी का दशक रहा चार पचवषटीय योजनाओ और तीन वातषयक योजनाओ क कल पजी तनवश को दख तो सावयजतनक कत म पजी तनवश का परततशत अनपात तनजी कत की तलना म बढ़ता गया लतकन जद ही तमतशरत अथयवयवसथा या तथाकतथत समाजवाद क अनतरतवरोध सामन आन लग 1960 क दशक म जो सकट आया था और जो 1970 क दशक म गहराया था वह राजकीय इजारदार पजीवाद क ढाच क भीतर पजी सचय का सकट था बड़ा पजीपतत वगय और साथ ही नवोतदत मझोला व ोटा पजीपतत वगय lsquoधनधा करन की परी सहतलयतrsquo की माग कर रहा था जो तक नहरतवयाई समाजवाद क ढाच म बातधत थी हर परकार क सरकारी तवतनयमन व तनयतण स उस टकारा चातहए था तजस उसन सवय अपनी ही ज़ररत स एक समय सथातपत तकया था इस सकट की ही अतभवयततया थी उस दौर म बढ़ती महगाई बरोज़गारी खादयानन सकट आतद एक ओर मधय वगय तनमन पजीपतत वगय और महनतकशो क सपन टट रह थ वही दसरी ओर सावयजतनक कत क पालन म पला तशश तनजी पजीपतत वगय अब बड़ा हो चला था और पालना उसक तवकास को रोक रहा था पजीवादी तहतो की नमाइनदगी करन वाल बतदधजीतवयो और अथयशातसतरयो न पजी पर राजय क तवतनयमन यानी लाइसस कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण परतयक तवदशी तनवश पर रोक एमआरटीपी तनयतण व सतबसिी आतद पर सवाल उठान शर कर तदय

इस दौर म तवशव सतर पर भी 1970 क दशक म नवउदारवाद क यग की शरआत होती ह अपना सवतणयम यग जीन क बाद 1960 क दशक क आतिरी वषयो म ही अमररकी व यरोपीय पजीवाद पर सकट क बादल मिरान लग थ और इसक साथ ही करतमक परतकरया म पतशचम म कयाणकारी राजय की नीततयो को समापत करना शर कर तदया चतक अमररकी व आम तौर पर पतशचमी पजीवादी अथयवयवसथाए मनाफ़ की दर का सकट झल रही थी इसतलए पहल उनहोन अपन यहा तवतीय तवतवतनयमन तकय अमररका न लचीली तवतनमय दर सथातपत की शरम

बाज़ार का भी क उदारीकरण तकया और तफर तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क पजीपतत वगय पर भी दबाव बनाया तक व भी तवतीय तवतवतनयमन कर और शरम बाज़ार को लचीला बनाय तातक पतशचमी सामाजयवादी पजी को इन दशो म और खल कर ससत शरम की लट की ट तमल अपन कारणो स एतशया व अरब अफीका और साथ ही लाततन अमररका क तमाम पजीवादी दशो का शासक वगय भी उदारीकरण की आवशयकता महसस कर रहा था तवशव बक और तवशव मदरा कोष न तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क आतथयक सकट का लाभ उठात हए उन पर तवदशी पजी क तलए अपन दरवाज़ खोलन का दबाव बनाया यानी उनह तवदशी वयापार और तवदशी तनवश पर लगी तमाम पाबतनदयो को हटान क तलए मजबर करन का परयास तकया क दशो न (जस तक लाततन अमररका क क दश) इस परकार की नीततयो को जयो का तयो लाग तकया तजनह lsquoसपrsquo यानी lsquoसटचरल एिजसटमटrsquo की नीतत भी कहा जाता हा इसक आरतमभक परयोग लाततन अमररका क दशो म हए और पानी जसी मलभत सतवधाओ को तनजी हाथो म सौपन स लकर समची अथयवयवसथा क नवउदारवादी पनगयठन क भयकर पररणाम सामन आय

भारत क सनदभय म कहा जाय तो यहा क पजीपतत वगय न बहद कशलता स इन नीततयो को लाततन अमररका क तवपरीत अपन तहतो क अनसार बदलकर और तवलतमबत परतकरया म लाग तकया तजसक कारण भारतीय पजीवादी वयवसथा उस परकार सामाजयवाद पर तनभयर नही हई और न ही वह उस परकार औध मह तगरी तजस परकार लाततन अमररका क क दशो क साथ हआ नतीजतन यहा उस परकार जनाकरोश फट कर सड़को पर भी नही बहा तजस परकार लाततन अमररकी दशो म हआ था असर यह बात कही जाती ह तक भारतीय शासक वगय अनतरायषटीय दबाव म नवउदारवादी नीततयो को अपनान क तलए मजबर था लतकन ऐसा नही ह और इसकी चचाय हम पहल ही कर चक ह तक तकस परकार तमतशरत अथयवयवसथा क तवतनयमन म तनजी पजी का दम घट रहा था और वह लाइसस सतबसिी परतमट शरम काननो कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण आतद स पीा ड़ाकर म त बाज़ार म गोत लगाना चाहती थी तसफ़य बाहरी पररतसथततया ही नही बतक आनतररक पररतसथततया भी नवउदारवाद क तलए दबाव बना रही थी आतधकाररक तौर पर जलाई 1991 म नवउदारवाद की नीततयो की घोषणा स पहल ही 1980 क दशक म राजीव गाधी नवउदारवाद क सबस मखर समथयक बन और उनकी सरकार न सीतमत हद तक अथयवयवसथा का उदारीकरण तकया 30 उदयोगो म लाइसस की आवशयकता हटायी तथा और साथ ही कई पररवतयन तकय गय

लतकन पर ढोल-ताश तोरण और बनदनवार क साथ तवकास क बड़-बड़ वायदो और रोज़गार क सवतणयम अवसरो क सपन तदखा कर उदारीकरण तनजीकरण और भमिलीकरण की नवउदारवादी नीततयो की शरआत 24 जलाई 1991 को परधानमती नरतसमहा राव तवत मती मनमोहन तसह और योजना आयोग क उपाधयक मोटक तसह अहलवातलया क समय म की गयी यह दावा तकया गया तक परतयक तवदशी तनवश स दश म रोज़गार सजन होगा इन तीनो न तमल कर lsquoतटकल िाउन तथयरीrsquo यानी धन-समतदध क ऊपर स ररस कर नीच जान का तसदधानत परसतत तकया ऊपर स नीच का सच तो महनतकश लोग अपनी तज़नदगी स जानत ही ह नीच स तनचोड़कर सारा धन ऊपर की ओर ज़रर चला जा रहा ह और ऊपर स ररसकर कवल गरीबी बरोज़गारी और बबायदी आम महनतकश जनता क तहसस आ रही ह अगर ऐसा नही होता तो दश म 1990 म जहा मात 2 अरबपतत (िॉलर अरबपतत) थ वही 2021 म 177 कस हो गय lsquoहरन गलोबल ररच तलसटrsquo (हरन दारा बनायी तवशव म अमीरो की सची) क अनसार पर तवशव म अरबपततयो की सखया म तीसरा सथान भारत का ह साथ ही वतशवक भखमरी सचकाक म 107 दशो की सची म भारत 94व सथान पर ह सवासथय की पहच क कत म भारत का सथान 189 दशो म 179वा ह जो तक बगलादश शरीलका पातकसतान और कई अफीकी दशो स भी नीच ह 1995 स लकर 2009 तक जीिीपी क औसत 6 स सात और कई बार 8 स ऊपर पहचन पर सीना चौड़ा कर तवकास का दावा करन वाली सरकार यह नही बताती तक यह तवकास रोज़गारतवहीन तवकास था योतक 1991 स लकर 2018 तक बरोज़गारी की दर 5 परततशत स 6 परततशत क बीच बनी हई थी जो 2020 म 56 सालो म सबस जयादा यानी 89 परततशत हो गयी 2021 म तो यह 917 परततशत हो गयी ऐस तवकास की जनता क तलए या उपयोतगता जो रोज़गार क अवसर ही न सतजत कर शयर बाज़ार म उाल पजीपततयो की तज़ रफतार महगी गातड़यो पराइवट जट तवमानो आलीशान अटातलकाओ और तवदश याताओ की सखया क आधार पर मापा गया तवकास आम महनतकश आबादी की थाली म दो जन की रोटी तक नही पहचाता

आम आबादी क तलए तो नवउदारवाद तगी बरोज़गारी कपोषण और भखमरी ही लकर आया ह तदहाड़ी पर काम करन वाली 50 करोड़ आबादी 10 साल पहल वासतव म तजतना कमाती थी आज भी लगभग उतना ही कमाती ह जबतक कीमत दोगनी-तीन गनी हो चकी ह दश म 60 परततशत आबादी कपोषण का तशकार

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह

(पज 15 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 15

ह राषटीय पोषण तनगरानी बयरो दारा 2015-16 म शहरी आबादी म तकय गय सवज क अनसार औसत खानपान म परोटीन कतशयम आयरन तथयातमन तनयातसन आतद पोषक ततवो की काफ़ी कमी ह यही ह दश की मज़दर महनतकश आबादी क तलए नवउदारवाद की सवतणयम सौगात

िवउदारवाद और मज़दर आनदोलि

1950 क दशक क आरमभ स ही सशोधनवाद क मागय पर तनकल पड़ी भारत की कमयतनसट पाटटी (भाकपा) नहर और कागस की नीततयो को समाजवाद की तदशा म कदम मानती थी और राषटीकरण की रट लगाती थी भाकपा क अनसार आज़ादी क बाद कागस जनवादी काययभारो को परा कर रही थी इसतलए कमयतनसटो को इसका सहयोग करना चातहए अत इनहोन वगय सहयोग की लाइन दी जब पाटटी की लाइन ही वगय सहायोगवाद की हो गयी तब समाजवाद क समथयन और सवयहारा वगय को करातनतकारी चतना और उसक ऐततहातसक तमशन स पररचय करान की बात तो सथतगत हो गयी 1964 म एक सशोधनवादी पाटटी क तौर पर ही भाकपा स अलग हई माकपा सीध तौर पर नहर की गोद म नही बठी और उसन नहर को समझौतापरसत बोलकर उसपर जनवादी काययभारो को परा करन क तलए सड़क और ससद म दबाव बनान की बात की लतकन असल म वह भी एक सशोधनवादी पाटटी थी न तक मज़दर वगय की कोई करातनतकारी कमयतनसट पाटटी अपन गरमा-गरम भाषणो और चाय की पयाली म तफ़ान उठान क अलावा इन ससदमागटी जड़वामनो न बजयआ वगय क तिलाफ़ मज़दर वगय की करातनतकारी राजनीततक चतना उननत बनान क तलए कोई ठोस राजनीततक कारयवाई नही की और मज़दर वगय को अथयवाद क गोल चकर म ही घमात रह सवयहारा वगय की तहरावल पाटटी का अतनतम लकय होता ह तक वह बजयआ राजयसता का धवस करक सवयहारा राजयसता की सथापना करन की ऐततहातसक मतहम म महनतकश जनसमदाय को नततव द इस अतनतम लकय तक पहचन क तलए कमयतनसट मज़दरो और सभी करातनत-पकधर वगयो क जन-सगठन बनात हए आतथयक सधारो-मागो-ररयायतो क तलए अथयवादी नही बतक राजनीततक रप स लड़त हए जनता की जझार सगठनबदधता को बढ़ात ह रतढ़यो स मतत और वगय-चतना को परखर बनान क तलए सतत सामातजक आनदोलन करत ह और सासकततक कायय करत ह लतकन ऐसा करन की जगह मज़दर वगय को य सशोधनवादी पातटयया सधारवाद पबनदसाज़ी अथयवाद अराजकतावादी सघातधपतयवाद और टि यतनयन की गतलयो म घमाती रही

1950 क उतरादधय स भाकपा एव अपन जनम क काल स ही माकपा

और 1980 क दशक स भाकपा (माल) का इततहास जब ऐसा रहा तब उनस 1991 म नवउदारवाद क तवरदध जझार परततरोध की उममीद बकार थी और हआ भी ऐसा ही नवउदारवाद न मज़दरो का िन बहा कर तमल शरम काननो को ततलाजतल द दी और य ससदमागटी सशोधनवादी पातटयया महज़ सगतठत कत क मज़दरो और कमयचाररयो को लकर नपसक तकसम क तवरोध की रसमअदायगी करती रही और 93 परततशत असगतठत मज़दर वगय को तो सगतठत करन का इनहोन कभी ढग स परयास ही नही तकया आज सार परान शरम कानन लगभग समापतपराय ह और मज़दर जानलवा हदो तक असरका की तसथतत म काम करन को मजबर ह मज़दर वगय की जीवन व काययतसथतत भयकर ह खल और मनोरजन की या बात कर जब मामली बीमाररयो क इलाज की भी सतवधा नही ह नय लबर कोि वासतव म मज़दरो की पजीपततयो दारा तबना तकसी रोक-रकावट लट को काननी बनान क तलए ही लाय गय ह इसक अलावा करल अतीत म पतशचम बगाल और ततपरा म ससदीय वामपनथी पातटययो की सरकारो न सवय नवउदारवाद की नीततयो को परी तनषठा स लाग तकया ह वगय सहयोग की तदशा म बहद सजीदगी स कदम बढ़ात हए परथम यपीए सरकार म शातमल होकर भारत म उदारीकरण-तनजीकरण को सही तरीक स लाग करन का रासता साफ़ तकया और इस तदशा म नयी-नयी नीततयो क जनमदाता बन 2005 म ससद म बठकर इनहोन सज़ अतधतनयम पास करवाया सज़ यानी सपशल इकॉनोतमक ज़ोन तजसक तहत ऐस औदयोतगक कत बनाय गय जहा तकसी भी तरह का शरम कानन लाग नही होता

इस परकार इन सशोधनवादी पातटययो न मज़दर वगय क साथ ऐततहातसक गदारी की झठ तवशवासघात और फरब का इतना लमबा काल झल कर महनतकश आबादी क बड़ तहसस का इनस मोहभग हो चका ह और इनका आधार अब मलत और मखयत सगतठत कत क पक कमयचाररयो और एक हद तक क राजयो म ोट व मझोल वयवसातययो और मझोल व धनी तकसानो-कलको म ह मज़दर वगय क एक तहसस म इनह लकर क भम अभी भी ह लतकन उनह तनरनतर करातनतकारी परचार और सघषयो क ज़ररए इनह बनकाब करक ही तोड़ा जा सकता ह सचचाई यह ह तक वाहय आवरण म आम मज़दरो को कमयतनसट तदखन वाली य पातटयया अपनी अनतयवसत म बजयआ ही होती ह सशोधनवादी पातटययो दारा मज़दर वगय क आनदोलन को सधारवाद अथयवाद और सशोधनवाद क पककि म ल जान का सबस जयादा फ़ायदा फ़ासीवादी शततयो को तमला तजनहोन पजीवादी वयवसथा क सकट और करातनतकारी

कमयतनसट शततयो क अभाव म मज़दर आनदोलन क एक ोट तहसस म और वयापक टटपतजया आबादी म परतततकरया का आधार तयार तकया

राम जनमभतम आनदोलन बाबरी मतसजद धवस 1991 क सकट क बाद और 1995 तक उदारीकरण-तनजीकरण क तवनाशकारी पररणामो क बाद भारत म फ़ासीवादी आनदोलन पहल स कही अतधक आकरामक हो कर उभरा एक करोड़ 42 लाख सदसयो वाली एटक और 60 लाख स भी जयादा की सदसयता का दमभ भरन वाला सीट और बगाल करल और ततपरा म सरकार चलान वाली माकपा और भाकपा इस आकरामक फ़ासीवादी सलाब क समय तकनार बठ कर धातमयक सौहादरय का कीतयन करती रही और सामपरदातयकता स लड़न क नाम पर कभी कागस तो कभी मलायम तसह यादव का प ला बनी रही जब 2002 म जलत गजरात क तवरोध म सड़को पर उतरन की और फ़ासीवातदयो स तनपटन की मज़दरो क लड़ाक सगठन बनान की और िाकी चििीधाररयो का महतोड़ जवाब दन की ज़ररत थी तब भी इतनी बड़ी सदसय सखया लकर इन सशोधनवादी पातटययो को ससद क एसी सभागार फ़ासीवाद स लड़न क जयादा कारगर उपाय लग वासतव म य मज़दर वगय का कोई करातनतकारी आहान करन की कमता खो चक थ और अगर दहाड़न क तलए भी मह खोलत ह तो मह स मयाऊ ही तनकल जाता ह इनका यह इततहास दशायता ह तक फ़ासीवाद को एक lsquoअपरततरोधय उभारrsquo बनान म अगर तकसी एक शतत की सबस अतधक भतमका ह तो वह सशोधनवाद ही ह

पतशचम बगाल म लोकसभा चनावो और राजयसभा चनावो क दौरान भाकपा-माकपा का बड़ा जनाधार तखसक कर भाजपा की ओर चला गया इस जनता की करातनतकारी ऊजाय को अथयवाद और सशोधनवाद स बतधया कर दन और उनकी राजनीततक चतना को कनद करन क पररणाम क तौर पर दखा जा सकता ह दश क अनय तहससो म भी मज़दर तनमन-मधयवगय और आम महनतकश वगय क बीच करातनतकारी पाटटी और राजनीतत की नामौजदगी की वजह स बढ़त आतथयक असरका व सकट काल म फ़ासीवादी ताकतो को अपन पर पसारन का अवसर तमल जाता ह िवउदारवाद क दौर म फासमीवाद

का उभारपजीवाद तजस असमाधय सकट

स गज़र रहा ह उसस तनपटन क तलए दतनया क तमाम दशो म पजीपतत वगय सबस परतततकरयावादी दतकणपनथी मज़दर-तवरोधी और फ़ासीवादी सरकारो को चन रहा ह भारत क सनदभय म तहनदतववादी फ़ासीवादी मोदी सरकार सता म आयी यहा क पजीपतत वगय को ऐसी सरकार की

ज़ररत थी जो लोह क हाथो स उन नीततयो को लाग कर जो मनाफ़ की राह म सभी परशातनयो को हटा द और पजी क तलए खल चारागाह का तनमायण कर इसक तलए आदशय परतयाशी मोदी और पाटटी भाजपा ही थ इसतलए मोदी सरकार जब 1914 म सता म आयी तो सबस पहल शरम काननो म बदलाव तकया आज यह बदलता-बदलता समापत पराय हो गया ह और उनकी जगह बस चार लबर कोि रह गय ह य कोि मज़दरो को गलामो की तसथतत म ला दग सार सावयजतनक ससथान औन-पौन दामो म बच जा रह ह पजीपततयो की सारी महमागी मराद परी हो रही ह इसतलए तो मकश अमबानी तवशव म आठवा और एतशया म सबस अमीर वयतत बन गया ह

एक ओर जहा धन क मटी भर आबादी क हाथो सकतनदरत हो रहा ह वही भमिलीकरण और उदारीकरण क 30 वषयो न बड़ पमान पर ोट पजीपतत वगय को उजाड़ा ोट पमान क उतपादको दकानदारो वतनभोतगयो और साथ ही गामीण तनमन-पजीपतत वगय को भी उजाड़ा ह बड़ पमान पर लोग सड़को पर आ गय और जो सड़को पर नही आय उनक तसर पर भी लगातार टनी और तालाबनदी नौकरी स तनकाल तदय जान ठक पर कर तदय जान की तलवार लटकती रहती ह कहन का अथय ह तनमन-पजीपतत वगय क सामन भतवषय की असरका और अतनतशचतता बहद तज़ रफतार स बढ़ी ह भाजपा और आरएसएस न इसी असरका और अतनतशचतता का फ़ायदा उठाया इस अतनतशचतता और असरका स पदा हए गसस बौखलाहट तचड़तचड़ाहट और तनराशा को सघ पररवार न अपसखयको तवशषकर मसलमानो और शरणातथययो की ओर मोड़ तदया मसलमानो शरणातथययो ईसाइयो आतद को सभी सकट पर शातनयो और असरका की वजह बतात हए इनक तिलाफ़ सड़को पर उनमाद पदा तकया गया सघ पररवार का पदा तकया सामपरदातयक उनमाद ततकालीन आतथयक सकट की वजह स उभरा और फ़ासीवाद भारत म पहली बार 1980 क दशक म एक परतततकरयावादी

सामातजक आनदोलन बनकर उभरा लतकन तवचारधारातमक सगठनातमक और ससथाबदध कामो की तयारी सघ 1925 स ही कर रहा था शाखाओ सासकततक कनदरो तशश मतनदरो म सामपरदातयक सतरी-तवरोधी दतलत-तवरोधी ज़हर घोल-घोल कर तपलाया जाता रहा और आज इन ससथाओ स तनकल लोग नौकरशाही पतलस सना नयायपातलका तवशवतवदयालयो स लकर न कड़-चौराहो पर सघ क तवचारो क रकक और परचारक बन बठ ह बहरहाल आज कोई दशवयापी करातनतकारी कमयतनसट पाटटी मौजद नही ह जो तक वयापक महनतकश अवाम को करातनतकारी सवयहारा वगय क नततव म जगा सक गोलबनद कर सक सगतठत कर सक और समझा सक तक उनक दखो तकलीफ़ो और असरका की असल वजह पजीवाद ह न तक कोई धमय या समदाय आज ऐसी पाटटी का तनमायण करत हए मज़दर वगय क बीच वयापत सभी परकार क तवजातीय तवचारो स लड़ना होगा और उनकी राजनीततक चतना उननत करनी होगी मज़दर वगय को उसक ऐततहातसक तमशन की याद तदलानी होगी और उसक बीच वयापत रतढ़वादी अवजातनक अतातकय क तवचारो स सतत सघषय करना होगा कवल इसी क ज़ररए मज़दर वगय और आम महनतकश अवाम फ़ासीवातदयो को महतोड़ जवाब द सकती ह

अनतत 30 वषयो क नवउदारवाद क काल न दश म वगयो का धरवीकरण ितरनाक सीमा तक बढ़ा तदया ह करोड़ो-करोड़ बदहाल तनराश और बघर आबादी क शीषय पर मटी भर आबादी आपरातधक अययाशी का जीवन जी रही ह और आन वाल समय म बढ़ती महगाई टनी-तालाबनदी बरोज़गारी को दखत हए यह धरवीकरण और गहरान जा रहा ह आतथयक सकट स पदा असनतोष को दबान क तलए फ़ासीवाद क हमल भी और आकरामक होग तजसक सकत तमल रह ह करातनतकारी शततयो को सवयहारा वगय क बीच राजनीततक परचार-परसार क काम को यदध सतर पर सगतठत करना होगा और मज़दर महनतकश वगय को इन राजनीततक गतततवतधयो म बढ़-चढ़ कर तहससा लना होगा

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह(पज 14 स आग)

अपनी रोज़ी-रोटी को बचाया जा सक और लट शोषण व दमन क तिलाफ़ समच मज़दर वगय और आम महनतकश आबादी का सशत परततरोध खड़ा तकया जा सक पजीवाद क मनाफ़ की दर तगरन का सकट पहल स कही जयादा तज़ होता जा रहा ह और मज़दरो क लट शोषण व दमन तज़ होता जा रहा ह यही समय ह तक हम मज़दर जद स जद एकजट हो जाय सगतठत हो जाय और सोच-समझकर अपन सघषय को आग बढ़ाय मातलक ठकदार जॉबर आतद हमस

जयादा नही ह लतकन व हमस जयादा सगतठत ह और उनक पी सरकारो की ताकत ह दसरी ओर हम असगतठत और तबखर हए ह यदि हम सगदठत और एकजट हो तो सरकारो की ताकत साथ होन क बावजि व हमस मकाबला नही कर सकत व अभी ऊच इसदलए दिख रह ह योदक हम घटनो पर बठ हए ह

मािसर की शमीनिसस कमिमी क मज़दरो(पज 10 स आग)

ाक पजीयन SSPLWNP-3192020-2022पररण ाकघर आरएमएस चारबाग़ लखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 5 परतयक माह16 Mazdoor Bigul l Monthly l September 2021 l RNI No UPHIN201036551

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो लखनऊ स मददत समपािक अदभनव l समपािकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006

टोको ओलममपक म भाित का परदशवन एक समीकाndash साथिषक

अगसत महीन म टोयो ओलतमपक खलो का समापन हआ और भारत को इस बार एक सवणय दो रजत और चार कासय पदक तमल ह इस परकार कल पदको की सखया सात रही ह हर ोटी स ोटी उपलतबध की तरह मोदी जी इस बार भी मौक पर चौका मारन क तलए पहल स ही तयार बठ थ गोदी मीतिया आईटी सल और अनय सभी परचार ततो का इसतमाल कर मोदी जी दशवातसयो क सामन ऐसा सवाग रच रह ह तक दखन वाल को लगता ह जस मोदी जी िद ही सातो पदक जीत कर आय ह िर इन लफफ़ातज़यो और ढोग को एक तकनार कर ओलतमपक खलो म भारत क परदशयन की एक वसतपरक समीका करन की ज़ररत ह

टोयो ओलतमपक म भारत का परदशयन अब तक का सबस अचा परदशयन रहा ह यतद तपल परदशयनो स तलना की जाय तो भारत का परदशयन पहल इतना फीका रहा ह तक अभी हातसल सात पदक तकसी कीततयमान स कम परतीत नही होत ह 1900 म हए पररस ओलतमपक म भारत न पहली बार ओलतमपक खलो म तहससदारी की शरआत की थी 1900 स लकर 2020 क बीच पचचीस ओलतमपक खलो म भाग लकर भारत न कल 35 पदक अतजयत तकय ह इनम स 12 पदक भारत न तसफ़य परष हॉकी परततयोतगता म जीत ह जब हम इन आकड़ो की तलना दसर दशो स करत ह तो हम समझ आता ह तक भारत जस तवशाल दश क तलए इतन कम पदक हातसल करना चौकान वाला ह टोयो ओलतमपक म अमररका न 113 और चीन न 88 पदक जीत ह तजसम अमररका क 39 और चीन क 38 सवणय पदक ह दसर शबदो म कह तो भारत पचचीस बार इन खलो म भाग लकर तजतना पदक हातसल नही कर सका उसका चौगना क दश एक ही बार म हातसल कर लत ह 130 करोड़ आबादी वाल भारत म ओलतमपक खलो क मामल म यह िसता हाल दतनया भर क खल तवशषजो पतितो और आम खल परशसको क तलए एक आशचयय का तवषय ह इस गतथी को सलझान क तलए कई तवशषज अपन-अपन तरीक स तकय दत ह भारत की तवफलता क कारणो की वयाखया करत ह लतकन इनक तवशलषण और इनक तदय सझाव इस मनाफ़ािोर वयवसथा को सीध कठघर म खड़ा नही करत ह बतक इसी वयवसथा की चौहतदयो म ही इस समसया का हल ढढ़त रहत ह

ओलतमपक या कोई भी अनतरराषटीय परततयोतगता म भारत का लगातार तपड़ा परदशयन एक ढाचागत समसया ह तजसका समाधान इस मनाफ़ पर तटकी वयवसथा क आमलचल पररवतयन स ही हो सकता ह यहा का पजीपतत वगय मज़दर-महनतकश आबादी क एक-एक कतर को तनचोड़ कर ऐशोआराम की तज़नदगी जीता ह 12-14 घट कारिानो म कमरतोड़ महनत करन क बाद जब हम अपन घरो को लौटत ह तो हमार पास मनोरजन या सजनातमक काययो क तलए ताकत और

समय दोनो ही नही बचत ह हम थक-हार कर सो जात ह और अगल तदन उठ कर तफर उसी कमरतोड़ महनत म लग जात ह तशकागो क अमर शहीद मज़दरो न तजस ldquoआठ घट का काम-आठ घट का आराम-आठ घट का मनोरजनrdquo का नारा बलनद तकया और तजसक तलए अपन पराणो की आहतत द दी आज वही नारा मज़दरो क तलए अतीत का एक अवशष मात बन कर रह गया ह आप ही सोतचए तक ऐसी हालत म दश की बहसखयक आबादी जो जस-तस महनत करक अपना गज़ारा करती ह या वह कभी ओलतमपक खलो म तहससा ल सकती ह भारत म एक बड़ी आबादी ऐसी ह जो तकशोरावसथा यानी महज़ 14-15 साल की उम स ही भारी शारीररक शरम म लग जाती ह तकशोरावसथा ही उम का वह पड़ाव होता ह जब बचचो म खलकद की परततभा सबस सपषट रप म परकट होती ह लतकन उन बचचो का या जो सकल ही नही जात यतद सकल तकसी तरह चल भी जाय और उनकी परततभा की पहचान हो भी जाय तो उनक परतशकण और तालीम पर होन वाल िचय की आशा भी करना उनक तलए आकाश कसम की अतभलाषा क समान होगा आप ही सोतचए तक हमार बचच खलकद क बार म सोच भी कस सकत ह जब उनह कारिानो दकानो रहड़ी-खोमचो म दो वक़त की रोटी क तलए जदोजहद करनी पड़ती ह अपना और अपन पररवार का पट भरन क तलए ता-उम य नौजवान अपनी हितिया गलात रहत ह इस तरह दश की एक बड़ी आबादी खल क दायर स ही बाहर हो जाती ह

मज़दरी की तसथतत को दखत हए घर म जो पसा आता ह उसस दाल-रोटी भी चलानी मतशकल होती ह एक तखलाड़ी पदा करन क तलए सनततलत आहार की बात सोचना तो असमभव ही ह एक उननत खल ससकतत को गढ़न और ओलतमपक खलो म एक शततशाली ताकत बनन क तलए एक सवसथ और सहतमनद यवा पीढ़ी को गढ़ना अतनवायय ह तजस दश म हर तदन भख कपोषण और सकरामक रोगो स सरकारी आकड़ो क अनसार 2257 बचचो की मौत होती हो (हालातक असल आकड़ा कम-स-कम इसका दना ह) उस दश म हम यह कस उममीद कर सकत ह तक वह खलकद म तवशवतवजता बनगा सय त राषट बाल कोष (यतनसफ़) की ररपोटय क अनसार दश क तकरीबन आध बचच अपनी उम क अनसार सामानय स कम वज़न क ह 45 परततशत बचच सामानय स कम कद क ह 20 परततशत बचच अपन कद क अनसार सामानय स जयादा दबल-पतल ह 75 परततशत रतहीनता स पीतड़त ह 57 परततशत बचचो म lsquoतवटातमन एrsquo की गमभीर कमी ह पहल सकल और आगनवाड़ी म जो क भी थोड़ा-बहत मधयाहन भोजन तमलता था लॉकिाउन क दौरान वह भी अतधकाश जगहो पर बनद हो गया था और इस अतनयोतजत लॉकिाउन स करोड़ो मज़दरो-

महनतकशो की नौकररया भी चली गयी ऐसी हालत म बचचो का भरण-पोषण कतठन हो गया ह तनतशचत ही ऊपर तदय गय आकड़ आज गमभीर रप धारण कर चक होग और तमाम सरकारी और गर-सरकारी रपट इस बात की पतषट भी कर चकी ह

इसक अलावा बचचो म बचपन स ही शारीररक वयायाम और खलकद क बार म एक सवसथ दतषटकोण पदा करन म सकलो की एक अहम भतमका होती ह सकल म ही भतवषय क ओलतमपक तखलाड़ी अपन पशवर खल जीवन की नीव रखत ह लतकन हमार दश की सकली तशका वयवसथा क जजयर हालात पर तजतनी कम बात की जाय उतना अचा ह भारत म माधयतमक सकलो म सकल नामाकन अनपात 79 परततशत ह इसका मतलब माधयतमक सकल म पढ़न योगय बचचो म स तसफ़य 79 परततशत ही असल म सकल म नाम तलखात ह इनम स भी 17 परततशत दसवी की परीका पास करन स पहल ही पढ़ाई ोड़ दत ह ज़ातहर-सी बात ह य बचच जो सकलो स बाहर रहत ह ोट-मोट उदयोग धनधो या मज़दरी म लग जात ह एक ररपोटय क अनसार भारत म 33 परततशत सकलो म शारीररक तशका की कोई अलग स लास नही दी जाती ह 80 परततशत सकलो क पास ऐस तशकक नही ह जो शारीररक तशकण-परतशकण दत ह 33 परततशत सकलो क पास अपना खल का मदान या खल क उपकरण नही ह ऐसी तसथतत म अगर हमार बचच सकल पहच भी जात ह तो हम यह गलतफ़हमी नही होनी चातहए तक सकल म उनक अनदर कसरत और खलकद क परतत रतच पदा करन तलए कोई सचत परयास तकया जायगा

दश म एक सतकरय खल ससकतत का तनमायण तणमल सतर पर खलो का परचार परसार खल अवसरचना का तनमायण यवा अवसथा म परततभाशाली तखलातड़यो की तलाश कर उनको उननत परतशकण और मागयदशयन दना आतद बतनयादी चीज़ो म दश की तकसी सरकार न कभी कोई िास तदलचसपी नही तदखायी ह 2018 म कनदरीय खल मती न इस बात की पतषट की तक भारत सरकार खलो पर परतततदन परतत-वयतत तसफ़य तीन पस िचय करती ह जबतक चीन परतततदन परतत-वयतत 61 रपय िचय करता ह जो भारत क मकाबल 200 गना जयादा ह तपल दस सालो म भारत सरकार अपन कल सरकारी वयय का महज़ 006 स 008 परततशत ही खलो पर िचय करती आ रही ह 2021 ओलतमपक वषय होन क बावजद इस साल क बजट म खल मतालय को 230 करोड़ रपय कम तदय ह आय तदन अनतरराषटीय और राषटीय सतर क तखलाड़ी कोच और सहयोगी सटाफ़ तनमन दजज की सवाओ क तिलाफ़ तशकायत करत रहत ह मगर खल मतालय और दसरी समबतनधत ससथाओ क कान पर ज नही रगती ह मज़दार बात यह ह तक खल मतालय का सालाना बजट तजतना होता ह भारतीय तकरकट बोिय लगभग उसक समान ही

सालाना मनाफ़ा कमा लता ह तकरकट बड़ी इजारदार पजी क तलए ताबड़तोड़ मनाफ़ा पीटन का एक सोत बन गया ह इसतलए सरकार स भी भारतीय तकरकट बोिय को परा समथयन तमलता ह वही बात की जाय यतद अनय नय-परान खलो क बार म तो य भी सार भारत म एक धीमी ददयनाक मौत मर रह ह इस पजीवादी वयवसथा म बस उसी खल को बढ़ावा तदया जायगा तजसम भारी मनाफ़ा कमान की समभावनाए मौजद होगी आज सरकार क तखलातड़यो क जीत कर लौटन पर उनका सवागत कर रही ह उनका सममान कर रही ह लतकन कोई यह सवाल यो नही प ता तक कहा थी राजय सरकार और कनदर सरकार जब इन तखलातड़यो को फ़ि सतवधाओ और खल उपकरणो की आवशयकता थी यहा भी भदभाव साफ़ तदख रहा ह तजन तखलातड़यो न पदक जीता ह उनह बड़ी-बड़ी धनरातश दन की घोषणाए की जा रही ह लतकन अगल ओलतमपक क तलए तयारी तो सभी तखलातड़यो को एक समान ही करनी ह सरकारो क तलए यह सब तचनता का तवषय नही ह योतक उनक तलए खलकद कोई महतव नही रखता और इनह पता ह तक महनत करक कल कोई और पदक ल ही आयगा तब अपनी पीठ य सवय थपथपा लग जस आज मोदी कर रहा ह

एक अचा सवसथ मानवीय जीवन और बचचो का सवािगीण तवकास तखलाड़ी बनन की पवयशतय ह इस चरमरायी हई पजीवादी वयवसथा क पास वह कमता नही ह तक वह दश की महनतकश आबादी को एक सवसथ िशहाल तज़नदगी द सक और उनक बचचो का सवािगीण तवकास कर सक तसफ़य और तसफ़य एक समाजवादी वयवसथा ही हम मज़दर-महनतकशो को एक इजज़त की तज़नदगी द सकती ह तजसम हमार शरम को लटन वाला कोई परजीवी वगय नही होगा हमार अपन और समाज की बतनयादी ज़ररतो को परा करन क बाद जो lsquoफी टाइमrsquo बचगा उसम हम अपन

शौक और मनोरजन का कोई भी काम कर सकत ह और यतद मनाफ़ा कमाना नही बतक समाज की आवशयकताओ को परा करना उतपादन का लकय हो और सभी सवसथ वयसक वयततयो क तलए उतपादक शरम म भागीदारी करना अतनवायय हो तो हर तकसी क पास बहत-सा िाली वक़त बचगा तजस वह कला सातहतय ससकतत खल तवजान दशयन और घमकड़ी म लगा सकता ह साथ ही सवय उतपादक की परतकरया तकसी लटर वगय क तलए मजबरी म की जान वाली परतकरया नही होगी बतक यह सवय आननद का तवषय होगी यतद शरम मजबरी म या ज़ोर-ज़बदयसती क कारण न हो तो यह तो आननद का तवषय होता ह योतक यह मनषय को पश स मनषय बनान वाली परतकरया ह और हमारी परकतत का अग ह इसतलए मज़दर राज और समाजवाद म तो धीर-धीर िाली टाइम की अवधारणा ही ितम हो जायगी योतक तकसी और क मनाफ़ की िाततर मजबरी म खटन वाल lsquoकाम क टाइमrsquo और lsquoफी-टाइमrsquo का अनतर ही ितम हो जायगा सकल कारिानो खतो और दफतरो म हर जगह कसरत क तलए लोगो को परोतसातहत तकया जायगा हम और हमार बचच जो भी खल खलना चाह उसक तलए हमारी मज़दर सता हम हर समभव सतवधा महया करवायगी खल आतथयक सामथयय स की जान वाली कोई तकरया नही बतक सामतहक जीवन का एक ज़ररी अग बन जायगा तजसका आननद सभी उठा सक ग सोतवयत सघ और चीन म मज़दरो की सता कायम होन क बाद यही हआ 1952 स 1988 क बीच सोतवयत सघ न ओलतमपक खलो म जो अदभत कामयाबी हातसल की उसक पी उसक करतनतकारी दौर ndash यानी 1917 स 1953 ndash की खल नीततयो का ही हाथ था एक समाजवादी वयवसथा म मानव जीवन क हर पहल की तरह खल भी एक उननत सतर पर पहच पायगा और एक सवसथ खल ससकतत अतसततव म आ सकती ह

करादत स हमारा अदभपराय ह ndash अयाय पर आधाररत मौजिा समाज-वयवथा म आमल पररवतवन समाज का परमख अग होत हए भी आज मजिरो को उनक पराथदमक अदधकार स वदचत रखा जा रहा ह और उनकी गाढी कमाई

का सारा धन शोरक पजीपदत हडप जात ह िसरो क अनिाता दकसान आज अपन पररवार सदहत िान-िान क दलए महताज ह िदनया भर क बाजारो को कपडा महया करन वाला बनकर अपन और अपन बचचो क तन ढकन-भर को भी कपडा नही पा रहा ह स िर महलो का दनमावण करन वाल राजगीर लोहार और बढई वय गि बाडो म रहकर ही अपनी जीवन-लीला समापत कर जात ह इसक दवपरीत समाज क जोक शोरक पजीपदत जरा-जरा-सी बातो क दलए लाखो का वारा-यारा कर ित ह

यह भयानक असमानता और जबिवती लािा गया भिभाव िदनया को एक बहत बडी उथल-पथल की ओर दलय जा रहा ह यह दथदत अदधक दिनो तक कायम नही रह सकती पषट ह दक आज का धदनक समाज एक भयानक जवालामखी क मख पर बठकर रगरदलया मना रहा ह और शोरको क मासम बचच तथा करोडो शोदरत लोग एक भयानक ख की कगार पर चल रह ह

(बम काण पर सशन कोटव म बयान)

भगतससह क जनमददवस (28 ससतमबर) पर

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 3

(पज 4 पर जारमी)

भारतमीय राजय दारा कशमीरमी कौम क दमि क इस िय कदम स का बदल ह कशमीर क सरतहाल

फासससट मोदमी सरकार दारा अिचद 370 व 35 ए निरसत ककय जाि क दो साल पर

ndash जशवािमी कौलइस साल 5 अगसत को मोदी

सरकार दारा कशमीर म अनचद 370 और 35 ए को हटाय जान क दो साल पर हो गय और साथ ही जमम-कशमीर राजय को तीन टकड़ो म बाट जान और कनदरशातसत परदश म तबदील तकय जान क भी दो साल पर हो गय भारतीय राजयसता दारा कशमीरी कौम स तकय गय अनतगनत तवशवासघातो की लमबी फहररसत म 5 अगसत 2019 को तब एक नयी कड़ी जड़ गयी थी जब कनदरीय गह मती अतमत शाह न ससद म अनचद 370 और 35 ए तनरसत करन की घोषणा की थी

इस कदम क ततकाल बाद ही कशमीर को सनय ावनी म तबदील कर तदया गया था और वहा दस लाख स जयादा सनयकतमययो की तनाती कर दी गयी थी लोगो को अपन ही घरो म कद कर तदया गया था हज़ारो कशमीररयो को भारत की जलो म ठस तदया गया योतक कशमीर की जलो म जगह बची नही थी राजनीततक काययकतायओ उदयतमयो आम नागररको को नज़रबनद या तगरफतार कर तदया गया यहा तक तक उन राजनीततक परतततनतधयो और मखयधारा क कशमीरी नताओ को भी नही बखशा गया जो भारतीय शासको क परतत समझौतापरसत और नमय रि रखत थ इस दौरान कशमीरी मीतिया को भी परी तरह स lsquoबलकआउटrsquo कर तदया गया था दजयनो कशमीरी पतकारो क तिलाफ़ यएपीए क काल कानन क तहत फ़ज़टी मकदम दजय तकय गय आतधकाररक आकड़ो क अनसार कशमीर म 2019 स अब तक यएपीए क 2364 मामल दजय तकय जा चक ह सचार क सभी माधयम बनद कर तदय गय ह फ़ोन-मोबाइल-इटरनट सवाए बनद कर दी गयी पर कशमीर को ही जलिान म तबदील कर तदया गया भारतीय मीतिया इस कशमीर म lsquoलॉकिाउनrsquo की सजा द रहा था जबतक यह लॉकिाउन नही तवशदध कबज़ा ह

हालातक कशमीररयो क तलए दहशत क इस माहौल म नया क नही था कशमीरी कौम की कई पीतढ़या इसी माहौल म पदा हई और पली-बढ़ी ह और न ही कशमीररयो क तलए भारतीय राजयसता दारा तकया गया यह नया तवशवासघात ही अपरतयातशत था आज़ादी क बाद स ही और जवाहरलाल नहर क नततव म कागस क समय स ही कशमीरी कौम न भारतीय राजय क तमाम ल-कपट फ़रब और वायदातिलातफ़या काफ़ी करीबी स दखी ह योतक कशमीरी कौम उसकी आकाकाओ और आतमतनणयय क उसक अतधकार क साथ ऐततहातसक तवशवासघात की शरआत तो कागस क समय स ही हो गयी थी अनचद 370 को वासतव म कमज़ोर और तनषपरभावी

बनान की शरआत उसी दौर स हो चकी थी तजस बाकी भारतीय हमरानो दारा जारी रखा गया था और तजस फ़ासीवादी मोदी सरकार न शीषय पर पहचाकर अब तक क सार ररकॉिय धवसत कर तदय

ldquoदध मागोग तो खीर दग कशमीर मागोग तो चीर दगrdquo वाल अनधराषटवादी और यदधोनमादी कोरस म शातमल होन स पहल हम अगर थोड़ा ठहरकर सोच तक लगातार िर दहशत राजकीय तहसा क साय म जीना या होता ह तो शायद एक आम कशमीरी की तरह हम महसस कर पाय चतलए एक बार ज़रा कशमीर क इस सरतहाल की तलना तपल साल कोरोना महामारी क समय मोदी सरकार दारा अचानक तबना तकसी तयारी क थोप गय लॉकिाउन स कर तनससदह इस दश क मज़दर वगय और आम महनतकश आबादी पर इस अतनयोतजत लॉकिाउन क कारण अकथनीय दखो-तकलीफ़ो का पहाड़ टट पड़ा था मोदी सरकार का असली मज़दर-तवरोधी और फ़ातससट मानवदरोही चहरा उस वक़त खलकर दश क मज़दरो-महनतकशो क सामन आ गया था भारत क मधय वगय क भी एक तहसस को तदक़कत-परशानी तो पश आयी ही थी हा बाकी खात-पीत उचच-मधय वगय और धन-पशओ की जमातो को लॉकिाउन स कोई िास फ़कय नही पड़ा था बस मॉस म िरीदारी करन तसनमा घरो म तपचर दखन बाहर जाकर फ़ सी रसटोरटस म खान पर जरर क वक़त क तलए पाबनदी लग गयी थी लतकन वह कसर इटरनट सवाओ की मौजदगी न परी कर दी थी lsquoनटतफलसrsquo और lsquoअमज़न पराइमrsquo पर ऑनलाइन तफ़म दखत हए lsquoतसवगीrsquo और lsquoज़ोमटोrsquo स ऑनलाइन फ़ि-तिलीवरी करवा कर घर बठ तज़नदगी का लतफ़ तो उठाया ही जा सकता था जो इस खात-पीत वगय दारा भरपर उठाया भी गया जहा तक िरीदारी का सवाल था तो ऑनलाइन रिािि कपड़ जत फ़ोन वगरह भी क समय बाद मगवाय जान शर हो गय थ यानी परधानमती मोदी क शबदो म कह तो इस वगय क तलए ldquoसब चगा सीrdquo लतकन तफर भी भारत क य तवशषातधकार-परापत वगय भी घर बठ-बठ उकता गय थ

अब फ़ज़य कर की अगर इटरनट की सतवधा लॉकिाउन क वक़त मौजद नही होती तो या होता फ़सबक-टतवटर-इनसटागाम की आभासी दतनया म जीन वाली एक अची-िासी मधयवगटीय और उचच मधय-वगटीय आबादी एकदम नग शबदो म कह तो या तो पागल हो गयी होती या तफर अवसादगसत अब यह भी फ़ज़य कर तक अगर यह लॉकिाउन एक बतमयादी कफयय म तबदील कर तदया गया होता तो या होता यह बात यहा इसतलए कही जा रही ह तातक भारतीय राषटवाद और कतपत दशभतत की घटी पीकर

बड़ा हआ भारत का मधयवगय यह समझ पाय तक भारतीय राजय का कशमीर पर कबज़ा और कशमीररयो पर कहर और आतक तकसी दसवपन स कम नही ह और एक आम मधयवगटीय भारतीय क तलए अकपनीय ह हालातक भारत का मज़दर वगय थोड़ी कोतशश करक इस जयादा आसानी स समझ सकता ह योतक राजकीय तहसा की तमाम ldquoअदशयrdquo अतभवयततयो स उसका सामना रोज़-ब-रोज़ होता ह

एक आम कशमीरी भयकर हालात म साल दर साल कद करक रखा गया ह और तो और सभी बतनयादी सतवधाओ स महरम रखकर कशमीरी कतव आगा शातहद अली न एक जगह तलखा था तक हर कशमीरी अपन घर का पता अपनी जब म रखकर चलता ह तातक कम स कम उसकी लाश घर पहच जाय यह ह कशमीर म तज़नदगी और मौत की हकीकत भारतीय सरका बलो दारा एनकाउटर तकया जाना या अगवा कर तलया जाना पलट बनदको दारा ननह मासम बचचो को अनधा बना तदया जाना वषयो तक जलो म तबना तकसी सनवाई क सड़न क तलए ोड़ तदया जाना रात म तकसी भी वक़त घरो क दरवाज़ो पर दसतक दकर ldquoप ताrdquo क बहान पतलसकतमययो और सनय बलो दारा उठा तलया जाना यातनाओ क नय तरीको क तलए lsquoतगनी तपगसrsquo की तरह इसतमाल तकया जाना सरकाबलो दारा औरतो क साथ कनान-पशपोरा जस सामतहक बलातकार क यदध अपराधो को अजाम तदया जाना ndash कशमीरी नौजवानो और आम कशमीररयो की तकतनी ही पीतढ़या तो भारतीय राजय का यही ldquoसौमयrdquo और ldquoमानवीयrdquo चहरा दखकर बड़ी हई ह और तफर इसी आबादी को बताया जाता ह तक अनचद 370 और 35 ए हटाकर उसी का भला तकया गया ह

आम तौर पर कशमीर को लकर भावक होन वाला भारतीय मधय-वगय िद नही जानता ह तक कशमीर क भारत क साथ समबनध का इततहास और पषठभतम या ह बाकी मज़दर वगय अपनी जीवन-तसथततयो और अतसततव की जदोजहद म उलझ होन क कारण और पजीवाद क अनतगयत इततहास और जान तक सहज पहच न होन की वजह स इस बात स अनतभज ह अनचद 370 और 35 ए वासतव म कशमीर क भारत क साथ समबनध को पररभातषत करन वाली भारतीय सतवधान की धाराए थी असल म अनचद 370 (तजसक तहत जमम-कशमीर को तवशष राजय का दजाय और सवायतता हातसल थी) और 35-ए (जो जमम-कशमीर राजय तवधान मिल को यहा का lsquoसथायी तनवासीrsquo (domicile) पररभातषत करक राजय म उनह तवशषातधकार परदान करन का हक दता था) क मोदी सरकार दारा 5 अगसत 2019 को तनरसत तकय जान

क साथ ही भारतीय राजय सता दारा कशमीरी जनता क साथ अब तक का सबस बड़ा तवशवास घात तकया गया जो 1948 क उस समझौत का सबस नगन तकसम का उलघन ह तजसक तहत कशमीर न भारत क साथ सशतय तवलय को सवीकारा था कशमीरी कौम इसी शतय पर भारत क साथ तवलय को राज़ी हई थी तक उसकी सवायतता बरकरार रहगी उसका अपना सतवधान और झिा होगा उसक अपन कानन होग आतद यानी इस तवशष तसथतत को ही अनचद 370 परकट करता था और भारत क साथ कशमीर क ररशतो को अतभवयत करता था अनचद 370 को रद करन क साथ ही कशमीर का वह सतवधान भी अपन आप ही रद हो गया कशमीर और भारत क बीच इस काननी करारनाम को एकतरफ़ा ढग स रद करन क साथ ही सदधातनतक तौर पर कशमीर का भारतीय यतनयन म एकीकरण भी तनषपरभावी हो गया 26 अतबर 1947 को तजन शतयो पर भारत म कशमीर का तवलय हआ था उनम स कशमीरी कौम स तकया गया परमख वायदा जनमत सगह या रायशमारी (referendumplebiscite) का था तजस भारतीय राजय न कभी परा नही तकया और दो साल पहल भाजपा सरकार न उनही शतयो की बतनयाद को घनघोर तनरकश तरीक स िाररज कर तदया

यह बात भी उतनी ही सच ह तक कशमीर क तवशष राजय क दजज का कोई जयादा मतलब लमब समय स नही रह गया था इततहास म कागस स लकर मौजदा फ़ासीवादी भाजपा तक की तमाम सरकारो न राषटीय दमन की नीतत को आग बढ़ात हए हमशा स कशमीर क आतमतनणयय क अतधकार को फ़ौजी बटो तल रौदा और कशमीरी जनता की आकाकाओ और नागररक अतधकारो म वक़त-ब-वक़त सधमारी की और अतधकतर समय वहा की जनता क भतवषय पर अतनतशचतता की तलवार ही लटकती रही ह चनाव की परी परतकरया भी कशमीररयो की नज़र म ldquoलोकततrdquo क सवाग स जयादा क नही ह लतकन इसक बावजद भी तवशष दजज का क मतलब था योतक जसा तक हमन पहल भी बताया तक यही व शतत थी जो भारत स कशमीर क समबनध को पररभातषत करती थी हालातक भारतीय राजयसता की कारगज़ाररया कशमीर की अवाम क अनदर लगातार अतवशवास और अलगाव को बढ़ावा दन का काम करती रही ह आज कशमीर म 7 नागररको क ऊपर एक सशसतरबल का जवान ह और कशमीर दतनया भर म सबस जयादा सनयकत कत ह

अनचद 370 हटान क पी मोदी सरकार का दावा था तक असल म यही कशमीर म ldquoदहशतगदटीrdquo की जड़ ह इसकी वजह स ही कशमीर का आतथयक

और सामातजक तवकास रका हआ था यह भी दावा तकया गया था तक कशमीर म इसक हटाय जान क साथ ही तसथरता आयगी आतकवाद ितम होगा रोज़गार का सजन होगा आतद-आतद लबबलबाब यह तक अब कशमीर म दध की नतदया बहगी योतक िन की नतदया बहाकर फ़ातससटो और भारतीय हमरानो को चन नही पड़ा था

कशमीर क तवशष दजज को ितम करन का वायदा मोदी सरकार न अपन चनाव घोषणापत म ही तकया था दरअसल कशमीर क बहान नरनदर मोदी और फ़ासीवादी भाजपा न तसफ़य अपनी राजनीततक lsquoकातसटटएनसीrsquo की ताततवक शततयो क समक ldquoतहनद हदय समाटrdquo की तमथया-तव को सदढ़ करन की कोतशश म ह बतक पर दश म ही कशमीर क सवदनशील राजनीततक औज़ार का इसतमाल करक अनधराषटवादी और तहनदतववादी सामपरदातयक बयार बहान की तफ़राक म भी ह इसक अलावा भारतीय शासक वगय क ऐततहातसक तवसतारवाद को आग बढ़ात हए कशमीर को भारत क पजीपतत वगय क तलए शरमशतत की लट और पराकततक समपदा क दोहन का खला चरागाह बनान का मसबा भी ह आपको याद होगा तक मोदी सरकार न तपल साल 5 अगसत की तारीि को इवट म तबदील कर ldquoकशमीर पर जीतrdquo क कतठत तवजयोनमाद क परदशयन क तदन क तौर पर मनाया था साथ ही साथ इस तारीि क नाम एक घतणत कारनामा और तकया गया था ndash वह था अयोधया म भतमपजन करक राम मतनदर तनमायण की आधार तशला रखना यानी कशमीर का मदा भारतीय फ़ातससटो को मखयभतम भारत म एक तीर स कई तनशान लगान का मौका दता ह

कशमीर स ldquoदहशतगदटीrdquo ितम तकय जान क दाव की सचचाई यह ह तक आज पहल स भी जयादा नौजवान हतथयार उठा रह ह और यह कही बाहर स परतशकण परापत करक आय हए ldquoआतकवादीrdquo नही ह बतक कशमीर क ही सथानीय नौजवान ह भारतीय राजय को इसस अलग तकसी और बात की उममीद करनी भी नही चातहए यह दशको स सतह क नीच लाव की तरह इकठा हआ अलगाव अतवशवास गससा और नफ़रत ही ह जो कभी इस तो कभी उस रासत स फटता ह और जो कशमीर क राषटीय मतत सघषय म सही तदशा और रणनीतत क अभाव म अनधी गतलयो म भटकता भी रहता ह इस साल जनवरी स अब तक 90 ldquoदहशतगदयrdquo सरका बलो क साथ गोलीबारी म मार गय ह इनम स लगभग सभी कशमीरी थ और क तो 14 साल तक क बचच थ हाल म ही कशमीर क गवनयर मनोज तसनहा न एक काययकरम म बशमटी क साथ

4 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 3 स आग)

भारतमीय राजय दारा कशमीरमी कौम क दमि क इस िय कदम स का बदल ह कशमीर क सरतहाल

सवीकारा भी तक कशमीररयो क तिलाफ़ ldquoििाrdquo इसतमाल करन म क भी गलत नही ह यह ह भारतीय राजयसता का असली चहरा

कशमीर क आतथयक तवकास क दाव की पोल इसी बात स खल जाती ह तक तपल दो सालो म जनजीवन बागबानी वयापार और पययटन उदयोग को गहरा आघात पहचा ह हज़ारो लोगो क हाथ स रोज़गार तन गया ह और जनता का जीवन जो पहल स ही तसत और परशानहाल था और गहर अधर म धकल तदया गया ह तपल दो सालो म काम-धनध ठप होन क कारण बक और अनय परकार क ऋण परापत लोगो क सामन लोन आतद चकान की एवज़ म अपनी ज़मीन तक बचन की नौबत आ रही ह या बको क दारा उनह ज़बत कर तलया जायगा बनद क दौरान कशमीर म इटरनट पर परी तरह स परततबनध रहा और लमब समय तक 2जी सपीि ही चलती रही इस साल फ़रवरी म जाकर 4जी इटरनट सवाए परी तरह स बहाल की गयी थी यह भारतीय राजय दारा इसीतलए तकया गया था तक कशमीर म तकसी तकसम का कोई परततरोध सगतठत न हो पाय और भारतीय राजयसता दारा की जा रही जयादततया दतनया क सामन न ज़ातहर हो इटरनट की सतवधा न होन क कारण सकल-कॉलज क ात-ाताओ को िासी तदकत पश आयी कई ात तो ज़ररी इतमतहानो म भी नही बठ पाय इटरनट बनद होन क कारण ही झलम म खनन समत तवतभनन सरकारी तवभागो क टिर गर-कशमीरी उदयोगपततयो क हाथ म चल गय यह भी सीध तौर पर कशमीर क राषटीय दमन का तहससा ही ह बनद की आतशक समातपत क बाद जन-जीवन क पटरी पर आन ही लगा था तक लोगो पर कोरोना महामारी और लॉकिाउन का कहर टट पड़ा वस तो मोदी सरकार की आपरातधक लापरवाही और नाकातबतलयत न पर भारत की ही महनतकश जनता क जीवन को सकट म िाल तदया लतकन पहल स ही परशान हाल कशमीरी अवाम पर आपदा का भार और भी अतधक पड़ा ह

तफर तपल साल ही कनदर सरकार दारा जारी राजपत म जमम-कशमीर पनगयठन आदश 2020 अतधवास अतधतनयम क अनतगयत कशमीर क lsquoिोतमसाइलrsquo तनयमो म बदलाव तकय गय अब जमम-कशमीर म 15 वषय रहन वाल अथवा 7 साल की अवतध तक राजय म पढ़ाई करन वाल (जो कका 10वी या 12वी म जमम-कशमीर म तसथत तकसी शकतणक ससथान म उपतसथत रह हो) यहा क सथायी तनवास परमाण पत या lsquoिोतमसाइलrsquo क अतधकारी होग इसक अलावा कनदर सरकार क तहत काम कर रह उन कमयचाररयो क बचच भी अतधवास या lsquoिोतमसाइलrsquo क योगय होग तजनहोन 10 साल तक राजय म सवाए दी हो मोदी सरकार दारा अन द 370 और 35ए को तनरसत करन क बाद

यह अतधतनयम उस की तातकय क पररणतत ही ह तजस ल-कपट और सातज़शाना तरीक स मोदी सरकार दारा 5 अगसत 2019 की धोखाधड़ी को अजाम तदया गया था हबह उसी तरीक स 31 माचय 2020 का िोतमसाइल समबनधी यह अतधतनयम लाया गया था

इसक बाद कशमीर क कई महतवपणय परान काननो को कनदर सरकार दारा तपल साल अतबर म मनमान ढग स रद कर तदया गया तजसम कशमीर म ज़मीन-समबनधी मातलकान क काननो म बदलाव परमख ह आपको याद होगा तक अनचद 370 क हटाय जान पर एक तवतकपत तकसम का उनमाद सतघयो म दखन को तमला था जब उनक दारा भारत क लोगो को कशमीर म ज़मीन िरीदन क सपन तदखाय जा रह थ और कशमीरी औरतो स शादी करन की घतटया सतरी-तवरोधी मनोरोगी सोच की खलआम फ़ातससट मदयवादी नमाइश की जा रही थी वासतव म भारत की आम महनतकश-मज़दर आबादी तजस भारत म ही तसर क ऊपर त मययसर नही ह वह कशमीर म या िाक ज़मीन िरीदगी यह बदलाव वासतव म भारतीय पजीपतत वगय क तलए ही तकय गय ह तजनक तलए अब तक य कानन पजी तनवश और ज़मीन िरीदन म बाधा पदा करत थ गौरतलब ह तक टाटा ररलायस समत 40 कमपतनयो न जमम-कशमीर म आईटी सटर रका पययटन कौशल तवकास तशका नवीकरणीय उजाय आततथय और अवसरचनागत उदयोग बागबानी आतद उदयोगो म पजी-तनवश करन म तदलचसपी तदखायी ह

कशमीर की सवायतता को अतभवयत करन वाल जो रह-सह काननी अतधकार थ उनह भी मोदी सरकार दारा ितम कर तदया गया अपनी पजी-परसत तवसतारवादी नीतत को अमली जामा पहनात हए अब नय काननी बदलावो क तहत पजीपततयो को खल हाथो स ज़मीन दन क काम की शरआत कर दी गयी ह अतबर 2020 म जमम-कशमीर कनदर शातसत परदश पनगयठन (कनदरीय काननो का अनकलन) तीसरा आदश 2020 (Union Territory of Jammu and Kashmir Reorganization (Adaption of Central Laws) Thirdorder 2020) और जमम-कशमीर पनगयठन (राजय काननो का अनकलन) पाचवा आदश 2020 (Jammu and Kashmir Reorganization (Adaptation of State Laws) Fifth Order 2020) क तहत अब पर जमम-कशमीर म ज़मीन की िरीद-फ़रोखत को सार भारतीयो (यानी पजीपततयो) क तलए खोल तदया गया ह

कशमीर तजन रतिकल भतम सधारो क तलए जाना जाता था उनह तवतधक रप दन वाल काननो को हटा तदया गया ह योतक य कानन बड़ भतम अतधगहण को रोकत थ साथ ही साथ भारतीय सना को यह अतधकार द तदया गया ह

तक अपनी मज़टी क तहसाब स वह जहा चाह ज़मीन ल सकती ह और सरकार को भी यह अतधकार द तदया गया ह तक वह कशमीर म मौजद कोई भी ज़मीन और समपतत औदयोतगक और पजी तनवश क तलए ल सकती ह यह आदश राजय क 12 काननो को तनरसत करत ह और उसक बदल 14 काननो को लाग करत ह लतकन वासततवकता म य आदश कशमीररयो क बच-खच अतधकारो पर भी िाका िालन का काम करत ह नय काननी सशोधनो क तहत अब खततहर ज़मीन का गर-कतष इसतमाल क तलए आसानी स उपयोग तकया जा सकगा ररयल एसटट उदयोग म तनवश को बढ़ावा दन क तलए ररयल एसटट (रगयलशन एि िवलपम ट) एट का कनदरीय कानन कशमीर म भी लाग कर तदया गया ह इन नय बदलावो क तहत सामररक उपयोग क तलए तकसी भी ज़मीन का अतधगहण सना दारा तकया जा सकगा दरअसल य काननी बदलाव कशमीर और कशमीरी समाज की समसत सरचना को बदलन की तनगाह स ही मोदी सरकार दारा लाग तकय जा रह ह

इसक अलावा एक अनय आदश क तहत ldquoपतथरबाज़ोrdquo को पासपोटय क तलए अनापतत पत नही तदया जायगा जमम-कशमीर-पतलस क सीआईिी तवग न इस साल 31 जलाई को एक तनदजश जारी कर कहा ह तक सरकार या राजय क तिलाफ़ ldquoधवसातमक काययrdquo म तलपत लोगो को न तो पासपोटय क तलए सरका अनापतत तमलगी और न ही सरकारी सवाओ और योजनाओ का लाभ तमलगा इस आदश क तहत सभी तवभागो को तनतदयषट तकया गया ह तक पासपोटय या अनय सरकारी योजनाओ क तलए आन वाल हरक आवदन की ठीक स जाच-पड़ताल की जानी चातहए और सतनतशचत तकया जाना चातहए तक कही आवदक तकसी ldquoराजय-तवरोधीrdquo गतततवतध म तो सतलपत नही ह या उसक तिलाफ़ पतथरबाज़ी या तकसी अनय अपराध का कोई मकदमा तो दजय नही ह

अब थोड़ी चचाय कशमीर क मौजदा राजनीततक नततव पर भी कर लत ह 5 अगसत को मखयधारा क तजन राजनीततक नताओ को नज़रबनद या तगरफतार कर तलया गया था उनम स अतधकाश को तपल साल अटबर तक ररहा कर तदया गया उसक बाद ही 15 अटबर 2020 को नशनल कानफ स पीिीपी सीपीएम और अनय सथानीय दलो न तमलकर ldquoगपकर गठबनधनrdquo का गठन तकया तजसका कतथत उदशय अनचद 370 और कशमीर क पणय राजय क दजज की बहाली ह तदसमबर 2020 म फ़ौजी बटो व बनदको क साय तल हए तज़ला तवकास काउतसल क चनावो म गपकर अलायनस को कल 278 सीटो म स 110 पर जीत हातसल हई थी जबतक भाजपा 75 सीटो क साथ सबस बड़ी पाटटी और वोट शयर क मामल म भी सबस बड़ी पाटटी बनकर उभरी थी यह कशमीर का तवशष दजाय ितम तकय जान क बाद क पहल चनाव

थ भारतीय मीतिया म मतदान परततशत को लकर काफ़ी शोरगल मचाया गया तक यह 51 परततशत था सचचाई यह ह तक यह आकड़ा जमम और कशमीर दोनो को तमलाकर परसतत तकया गया ह जमम म मतदान परततशत जयादा होन क कारण मतदान को बढ़ा-चढ़ा कर पश करना आसान भी था कशमीर क जयादातर इलाको म मतदान परततशत 20 फ़ीसदी भी नही था इसक साथ ही गपकर गठबनधन की चनावो म जीत भी एक भामक तसवीर पश करती ह इन ldquoमखयधाराrdquo की पातटययो और उनक नताओ का कशमीरी अवाम म कोई आधार अब बचा नही ह और इनह भारतीय राजय क एजट क तौर पर ही जाना जाता ह

तफर इस साल 24 जन को गपकर परतततनतधयो को मोदी सरकार दारा वाताय क तलए तदली बलाया गया था यहा नरनदर मोदी न अपनी तचर-पररतचत डामबाज़ी क ज़ररए ldquoतदल की दरीrdquo और ldquoतदली की दरीrdquo जस अथयहीन जमलो पर अतभनय कर अहकारोनमादी तकरदार तनभाया इन समझौतापरसत अवसरवादी नताओ न अच सकली बालको की तरह मोदी जी क ldquoमन की बातrdquo सनी भी यही नही तफर साथ म फोटो भी तखचवायी मोदी सरकार दारा की गयी वाताय म सरकार दारा कहा गया ह तक वह पहल lsquoिीतलतमटशनrsquo की परतकरया परी करगी यानी लोकसभा और राजयसभा क चनाव तनवायचन मिलो का पनतनयधायरण करगी इसक बाद चनाव करवायगी और कशमीर को राजय का दजाय उसक बाद ही तदया जायगा वही गपकर गठबनधन का कहना ह तक पहल राजय का दजाय तदया जाय इनम स कक अनचद 370 और 35ए को पहल बहाल तकय जान की बात कर रह ह और उसक बाद ही चनाव करान की बात कर रह ह

यह कशमीर का बचचा-बचचा भी जानता ह तक उमर अबद ला स लकर महबबा मफती जस इन तमाम नताओ न अपनी कौम और उसक सघषय स गदारी करक भाजपा क साथ सता की सज तक सजायी ह और आम तौर पर भी भारतीय राजय की कठपतली बनकर ही काम तकया ह यह कशमीररयो क कौमी सघषय क सचच नमाइनद तो आज कतई नही कहलाय जा सकत ह नशनल कॉनफ स तो अब यह तक कह रही ह तक अनचद 370 को बहाल करन की माग अब यथाथयवादी नही ह यह तदखला दता ह तक मागो का तकततज और एजिा भारतीय राजय और मोदी सरकार दारा तय तकया जा रहा ह

जहा तक हररययत कानफ स व अनय अलगाववादी सगठनो का परशन ह तो 5 अगसत 2019 क बाद क घटनाकरम स यह भी सपषट हो गया ह तक इन सबकी भी कोई तवशष साख कशमीरी अवाम क बीच रह नही गयी ह आम तौर पर कशमीर म चनाव बतहषकार का आहान करन वाल इन सगठनो न इस बार उपरोत चनावो का बतहषकार भी नही

तकया था ताज़ा िबरो क अनसार मोदी सरकार हररययत कानफ स क तवतभनन धड़ो पर यएपीए क दमनकारी काल कानन क तहत परततबनध लगान पर तवचार कर रही ह इतना साफ़ ह तक मौजदा राजनीततक नततव स आम कशमीररयो का मोहभग हो चका ह और उनस कोई उममीद भी बाकी नही रही ह

तो या इन दो सालो म कशमीर या कशमीररयो क हालात बदल तबकल नही बतक इस बीच कशमीर म भारतीय राजयसता क दमन और आतक राज म और अतधक इज़ाफ़ा हआ ह पलट गनस और बनदको स बचचो और नौजवानो को लगातार तनशाना बनाया जा रहा ह तातक दहशत और िर क माहौल को बरकरार रखा जा सक मानवातधकारो को दि-मतत क साथ सरका बलो दारा रौदा जा रहा ह आफसपा और पीएसए जस काल दमनकारी काननो क साय म आम कशमीरी लोग जी रह ह आय तदन घरो पर ाप पड़ रह ह आम नागररको तवशष तौर पर नौजवानो को शक क आधार पर जलो म िाला जा रहा ह कशमीर भारतीय राजय क राजकीय दमन तहसा और अभतपवय सनयकरण क चकरवयह म आज भी फसा ह

लतकन इततहास भी बताता ह तक तकसी भी कौम की आकाकाओ को कचल कर बड़ी स बड़ी सनय ताकत भी चन स नही बठ पायी ह तारीि गवाह ह तक फ़ौजी बटो और बनदको क दम पर तकसी ोट स इलाक की भी परी आबादी को लमब समय तक दबा कर नही रखा जा सकता ह सतह क नीच पनप रहा परततरोध सतह क ऊपर आता ही ह तकसी भी कौम को ज़बरन उसकी इचा क तवरदध अपनी सीमाओ म शातमल करक कोई भी दमनकारी शासक वगय उस कौम की आज़ादी की इचा का गला हमशा क तलए नही घोट सकता

आज भारत क मज़दर वगय और बहसखयक महनतकश आबादी को भी यह समझना होगा तक कशमीर महज़ कागज़ पर बना कोई नक़शा या ldquoभारत माता का मकटrdquo नही ह जसा तक आम तौर पर राषटवाद क नाम पर हमार-आपक बीच भी शासक वगयो दारा परचाररत तकया जाता ह कशमीर सबस पहल कशमीररयो का ह और अपन भतवषय का फ़सला हर कौम िद करती ह आज भारत क मज़दर वगय और इनसाफ़पसनद तरक़कीपसनद तबदीलीपसनद नागररको और ातो-नौजवानो को सघषयरत कशमीरी कौम क आतमतनणयय क अतधकार क जनवादी सघषय क साथ एकता सथातपत करनी होगी यह बात भी समझनी होगी तक कोई भी जनता यतद अपनी राजयसता दारा तकसी कौम क दमन पर मौन रहगी तो वह िद भी अपन शासको दारा गलाम बनाय जान क तलए अतभशपत होगी अनधराषटवाद और सामपरदातयकता की लहर म बहन की बजाय ठि तदमाग स इन बातो पर सोचन की ज़ररत ह

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 5

ददलमी क lsquoमासटरोrsquo क पाि म गरमीब महितकश आबादमी कहा हndash भारत

तदली को दतनया का सबस समाटय शहर बनान क तलए िीिीए दारा बीत महीन मासटर पलान 2041 पश तकया गया तदली को आधतनक और तवकतसत शहर बनान क तलए यह चौथा मासटर पलान ह इसस पहल 1962 2001 और 2021 तक तदली म अलग-अलग मासटर पलान लाग हो चक ह िीिीए का मासटर पलान पयायवरण को बहतर बनान पररवहन को सतवधाजनक बनान तथा आधारभत सरचना को मज़बत बनान की बात पर ज़ोर दता ह

पर सबस अहम सवाल यह उठता ह तक आतिर िीिीए क 2041 मासटर पलान म तदली की महनतकश आबादी क तलए या ह इसका जवाब ह ndash क नही

मासटर पलान का मतलब ह चमचमाती हई तदली जहा बड़ी-बड़ी इमारत हो मॉल हो सड़क हो मटो हो जो हर तकसी को अपनी ओर आकतषयत कर सक पर मासटर पलान म तदली म रहन वाली महनतकश आबादी जो तदली को चलाती ह कारिानो स लकर कोतठयो तक म काम करती ह जो झतगगयो म रहती ह जो रहड़ी-खोमचा लगाती ह लबर चौक पर खटकर अपना पट पालती ह जो बघर ह उनका कोई तज़कर तक नही ह उनह तलट म ही रख ोड़ा ह और उनक तलए चमचमाती दतनया की इस समाटयतसटी म कोई जगह नही ह तसवाय इसक तक व अपनी ही लाशो क ढरो क ऊपर अमीरज़ादो की इस चमचमाती दतनया को खड़ा कर और खड़ा करन क बाद इस सवगय स तवदा होकर शहर की पररतधयो पर बसी अपनी गनदी झगगी-बतसतयो म वापस लौट जाय

तपल मासटर पलान की अगर बात

कर तो उसका मकसद भी यही था तक महनतकश आबादी को तदली स कस बाहर फ क तदया जाय उनह सपषट कर तदया जाय तक तवकतसत होती तदली म उनक तलए कोई जगह नही ह मासटर पलान 2001 क दौरान तदली क कई इलाको स झतगगयो को तोड़ा गया और तदली क अलग-अलग तकनारो पर फ क तदया गया योतक य झतगगया ऐस इलाको क आसपास बसी थी जहा अमीर रहत ह दसरी तरफ़ तदली क कनदर स औदयोतगक कनदरो को भी हटाकर तदली क ोर पर औदयोतगक कत सथानानतररत तकया जा रहा था जहा मज़दरो की भी ज़ररत थी इस कारण स भी तदली क अलग-अलग इलाको स हज़ारो झतगगयो को तोड़कर उनह नरला पीरागढ़ी बवाना क आस-पास बसाया गया जो तक औदयोतगक इलाक ह गौरतलब ह तक तजतनी झतगगया तोड़ी गयी उसम स बहत ही कम को पनवायस तदया गया एमसीिी क 2007 क एक सवज क अनसार 1990 क बाद स 2007 तक 217 झगगी बतसतयो को तोड़ा गया तजसस करीब 65000 पररवार परभातवत हए (याद रख यह सरकारी आकड़ा ह असल सखया इसस कही जयादा ह) इसस ही पता चलता ह तक 2001 और 2021 क मासटर पलान म गरीबो क तलए या था आज तवकतसत तदली का दम भरा जा रहा ह और महनतकशो को और अतधक अधर म फ का जा रहा ह आपको याद ही होगा तक जब 2010 म तदली म राषटमिल खल हए थ तब भी तदली को आलीशान बनान क नाम पर लोगो को बघर तकया गया था उस समय करीब ढाई लाख लोग तसफ़य इसतलए बघर हए थ तातक बाहर दश स आय लोगो को तदली lsquoसबस अचा फ़सटय लासrsquo शहर लग सक

तदली क एलजी अतनल बजल

न लोगो स िीिीए मासटरपलान 2041 क परसताव को बहतर बनान क तलए सझाव माग करीब 40000 सझाव आय भी पर महनतकश आबादी क तलए या उनस कोई बात नही की गयी तदली क असगतठत कत म करीब 50 लाख स भी जयादा लोग काम करत ह जो तक तदली की काययकमता का 70 परततशत ह इनम स तसफ़य ोट व मझोल कारिानो म काम करन वाल मज़दरो की सखया लाखो म ह हालातक पजीकत कारिानो और मज़दरो की सखया सरकार बहद कम करक 1 लाख बताती ह इसम 2 लाख कड़ा बीनन वाल स लकर 5 लाख घरल कामगार तक ह इतनी बड़ी आबादी क तलए मासटर पलान म क नही ह कहन क तलए िीिीए आधारभत सरचना को मज़बत करन की बात कर रही ह वही दसरी तरफ़ 2011 क आकड़ो क मतातबक तदली की ज़मीन क 05 परततशत तहसस पर 20 लाख लोग यानी तदली की 108 परततशत आबादी रहती ह जो तक झगगीवासी ह य दस साल पहल का आकड़ा ह सोतचए अब उतन ही तहसस म करीब 30 लाख आबादी तो रहती ही होगी इनको बहतर ररहायश दना तदली क मासटर पलान का तहससा नही ह उनक तलए बड़ी समसया पातकि ग की ह तजसका तज़कर िीिीए न अपनी 400 पननो की ररपोटय म तकया ह पर एक गाड़ी की पातकि ग तजतनी जगह पर लोग पररवार सतहत रहत ह इसक बार म कोई ठोस योजना नही ह

अब बात करत ह तक या िीिीए स उममीद की जा सकती ह तक वह अपनी योजना म तदली की महनतकश आबादी को शातमल करगी पहल ही सपषट कर द नही

िीिीए को कनदर सरकार सचातलत करती ह और आज जो फ़ातससट सता

म बठ ह वह एक-एक करक लोगो का िन तनचोड़कर अपन मातलको की सवा म करन यकीन रखत ह कहन क तलए तो मोदी सरकार न बड़-बड़ वायद तकय तक lsquoजहा झगगी वहा मकानrsquo और ना जान तकतन वायद जो अगर तलखन बठ जाय तो कई तदन कम पड़ जायग इसतलए चाह दश हो तदली हो या िीिीए य तवकास क नाम पर तसफ़य तवनाश करन म मातहर ह इसी की एक बानगी अभी खोरी गाव म दखन को तमली जहा पयायवरण को बचान क नाम पर क ही तदनो क भीतर 10-20 हज़ार झतगगयो को तोड़ तदया गया पर उसी जगह पर बस बड़-बड़ आलीशान होटलो को ोड़ तदया गया

दसरी तरफ़ कजरीवाल भी राग अलाप रहा ह तक िीिीए हमार हाथ म नही ह होती तो हम गरीबो को भी साथ लत पर इस lsquoसाफ़-सथरrsquo वयापाररयो-मातलको क परोकार की सचचाई क और ही ह इसन भी तदली की सता म आन क बाद स तसफ़य मातलको और उनक दलालो को ही lsquoआम आदमीrsquo मानकर उनका ही तवकास तकया ह मज़दर-महनतकश आबादी आज भी तदली क अनदर बतनयादी सतवधाओ स वतचत ह घरल कामगारो स लकर असगतठत कत क मज़दर अभी तक शरम कानन क दायर म नही आय ह और जो मज़दर कारिानो म खटत ह वहा कोई शरम कानन लाग नही होता जबतक यह नौटकीबाज़ कजरीवाल क हाथ म ह यहा तक तक आम आदमी पाटटी क नताओ म ही ोटी और मझोली फ़तटयो क मातलक और वयापारी भर हए ह ज़ातहर ह ऐस म आम आदमी पाटटी क तलए lsquoआम आदमीrsquo भी ोटा मातलक ठकदार और वयापारी ही हो सकता ह लाखो-लाख आम महनतकश-मज़दर आबादी नही

ऐस म हम समझना होगा तक सरकारो और उनकी ससथाओ क तलए हमशा तवकतसत शहर का मतलब तसफ़य अमीरो और उनकी आवशयकताओ की पततय करन स ह न तक महनत करन वाल लोगो क जीवन म बहतरी स इसीतलए िीिीए न भी अपना मासटर पलान महनतकशो की पीठ पर पर रखकर उनह नीच दबाकर खड़ा तकया ह तातक 2041 म तदली म कोई गरीब न तदख पर सचचाई यह ह तक तदली दश और दतनया को जो महनतकश चलात ह उनह हमशा दबाकर नही रख सकत आज तदली क महनतकश-मज़दरो को अच स समझ लना चातहए तक उनक दशमन कौन ह तनतशचत तौर पर मोदी सरकार एक फ़ासीवादी सरकार होन क नात मज़दरो और गरीबो की सबस बड़ी दशमन ह लतकन कजरीवाल भी ोटा मोदी बनन क परयास म आरएसएस का कचा पहन चका ह और मज़दरो को सबस जयादा बरहमी स लटन वाल ोट मातलको ठकदारो-जॉबरो और वयापाररयो का नमाइनदा ह कागस सवय बड़ पजीपततयो की ही नमाइनदगी करती ह लतकन मोदी सरकार दारा नगई और बशमटी स पजीपततयो की सवा करन क कारण वह तफ़लहाल भारतीय राजनीतत म पहल क मकाबल क अपरासतगक तदख रही ह य सभी पजीवादी चनावी पातटयया पजीपतत वगय क ही अलग-अलग तहससो की नमाइनदगी करती ह और उनस हम मज़दर-महनतकश कोई भी उममीद रखकर िद को ही मखय बनायग हम ज़ररत ह तक हम अपना सवतत राजनीततक तवकप खड़ा कर यानी मज़दरो-महनतकशो की अपनी नयी इनकलाबी पाटटी मासटरो क पलान तब धर क धर रह जायग और अपनी दतनया और अपन शहर की पलातनग हम िद कर लग

मिरगा मज़दरो क बजट को खातमी अफसरशाहमीndash रमि कराबतिकारमी मिरगा मज़दर यनियि हररयारा

महातमा गाधी राषटीय रोज़गार गारटी कानन यानी मनरगा की शरआत 2005 म हई थी इस योजना को शर करन का कागस का मकसद था तक गाव स शहर की ओर पलायन करती आबादी को तकस तरह स गाव म ही रोक रखा जाय और सामातजक असनतोष को फटन स रोका जा सक इसक तलए उनहोन 100 तदनो क पक रोज़गार क नाम पर मनरगा सकीम चाल की थी आज जब बरोज़गारी अपन चरम पर ह तो एक बहत बड़ी आबादी बरोज़गार होकर मनरगा म रोज़गार पान क तलए मशक़कत करती रहती ह तक उनह मनरगा म तो काम दर-सवर थोड़ा बहत तमल जाता ह

अगर हम बात कर हररयाणा क कथल तज़ल की कलायत तहसील की तो यहा पर भी मनरगा का जो काम ह वह सभी मज़दरो को नही तमलता असल म सरकारी दावो की बात कर तो मनरगा कानन 2005 कहता ह तक इसका मकसद ह गामीण कतो म तपी बरोज़गारी को कम करना यानी इस कानन क तहत 1

वषय म एक पररवार क वयसक सदसयो को 100 तदन क रोज़गार की गारटी दी जायगी रोज़गार क पजीकरण क 15 तदन क भीतर काम दन और काम ना दन की सरत म बरोज़गारी भता दन की बात कही गयी ह मनरगा क तहत नयनतम मज़दरी भी अलग-अलग राजयो क तहसाब स तय की गयी हरर याणा म अभी तफलहाल 315 रपय तदहाड़ी तय की गयी ह लतकन इसक तहत काम तमलता ही काफ़ी कम तदन ह वही हम बजट की बात कर तो तवत वषय 2021-22 क बजट म तनमयला सीतारमण न मनरगा क तलए 73000 करोड़ रपय का परावधान तकया ह यतद इसकी तलना बीत तवत वषय क सशोतधत बजट क आबटन 111500 करोड़ रपय स की जाय तो यह करीब 3452 फ़ीसदी कम ह बजट कम होन का सीधा मतलब शरम तदवस क कम होन और रोज़गार क अवसरो म कमी स भी ह साथ ही इस बजट का एक बड़ा तहससा भी अफ़सरशाही की जब म चला जाता ह

हमन करातनतकारी मनरगा मज़दर यतनयन क बनर तल 10 साल स गाव म

बनद पड़ काम की तफर स शरआत की थी काम तो साल म 25 स 30 तदन ही तमला मगर इस दौरान हमन मनरगा म हो रह भषटाचार को भी काफ़ी नज़दीक स दखा मनरगा ऑतफ़स क अतधकाररयो की क गाव तवशष क मटो क साथ साठ-गाठ हो जाती ह और तफर मनरगा का जयादातर काम उन गावो को तमलना शर हो जाता ह तजनक मटो क साथ उनका गठजोड़ बनता ह मनरगा म जो आबादी काम करती ह उसक नाम क साथ-साथ ऐस नाम भी वकय रो की तलसट म शातमल तकय जात ह जो मनरगा म काम करन नही आत उनका तसफ़य कागज़ो म नाम चलता ह और जो पसा आता ह उसका बड़ा तहससा अतधकाररयो तथा थोड़ा-बहत तहससा उन फ़ज़टी मज़दरो की जब म चला जाता ह और यह तसलतसला जारी रहता ह एक ओर मज़दर काम क तलए मनरगा तवभाग क चकर लगात रहत ह और दसरी ओर मनरगा का जो बजट मज़दरो क तलए तय हआ ह वह अतधकाररयो की जबो म जाता रहता ह इस भषटाचार क ऊपर रोक लगाना वस तो तकसी एक आदमी क बस की बात नही मगर इसको

रोकन क तलए करातनतकारी मनरगा मज़दर यतनयन क साथी लगातार गाव-गाव म मनरगा मज़दरो की कमतटयो का गठन कर रह ह और इन कमतटयो म जो मज़दर शातमल ह उनको मनरगा तवभाग स जड़ हए कागज़ी काम भी तसखाय जात ह जस तिमाि भरना मसटररोल भरना यह पता करना तक तकतन लोगो का काम आया ह तकतन लोग काम पर जात ह तकसी की फ़ज़टी हातज़री तो नही भरी जा रही आतद इन सभी कामो क तलए परतशतकत करन का काम भी तकया जाता ह और जो भी कागज़ी काम होता ह उसको वहाटसएप क माधयम स हर मज़दर क समपकय म लकर आन का काम भी तकया जाता ह ऐसा करन स मज़दरो म आतमतवशवास बढ़ता ह और साथ ही साथ हर मज़दर काम क परतत तनगरानी और तज़ममदारी को भी समझना शर कर दता ह

यतनयन क अनदर जनवाद की बहाली क तलए सभी फ़सल सामतहकता म तलय जात ह और मट का चनाव भी मज़दरो क बीच म स ही िद मजदर करत ह साथ ही मनरगा मज़दरो की यतनयन पाठशाला भी हर हफत चलायी जाती ह

तजसम मज़दरो को तसफ़य आतथयक मागो पर न गोलबनद करत हए बतक उनह समाज पररवतयन की समच मज़दर वगय की लमबी लड़ाई क तलए भी राजनीततक तौर पर तशतकत-परतशतकत तकया जाता ह मज़दर वगय क नता लतनन न टि यतनयन को मज़दरो की पहली पाठशाला कहा ह उनका मतलब यही था तक अगर कोई यतनयन मज़दरो की असल लड़ाई को लड़ रही ह तो वह मज़दरो की आतथयक मागो को लकर लड़न क साथ-साथ उनक राजनीततक सतरोननयन का काम भी करगी मज़दरो की असल यतनयन वही होती ह जो मज़दरो म उनकी आतथयक मागो स राजनीततक मागो की तरफ़ बढ़न की समझ और साहस पदा करती ह हम सभी जानत ह तक हमार दश म जातत व धमय की तकतनी गहरी जड़ ह मज़दरो की असल लड़ाई लड़न वाली यतनयन इन जातत-धमय की दीवारो पर चोट करन क साथ-साथ मज़दरो म वगय एकजटता पदा करन का काम करगी तातक हर जातत-धमय स आन वाल मज़दरो म सवयहारा चतना पदा की जा सक

6 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

निमाषर मज़दर की करणट लगि स मौत मआवज़ की माग करि वालो को पललस ि भजा जलथा तो वह तबजली का करट लगन क कारण तगर गया दसर मज़दरो न तबजली क तार को हटाया व तरण को दखा तथा इसकी िबर सफटी ऑतफ़सर को दी मज़दर को पास क असपताल आरोगय हॉतसपटल ल जाया गया जहा पर िॉटरो न मज़दर तरण को मत घोतषत कर तदया

मालदा क मज़दरो क मशी अनप मिल जो िद मालदा पतशचम बगाल का रहन वाला ह न बताया तक िॉटरो न उस बताया तक तरण की मौत हो चकी ह तो उसन इस घटना क बार म उसक पररवार को सतचत तकया उसक बाद पतलस मतक मज़दर का शव पोसटमाटयम क तलय ल गयी

अनप मिल न बताया तक अगल तदन 10 अगसत को एटीएस मनजम ट न मतक तरण क पररवार को 450 लाख का चक 50 हज़ार कश व मतक क शव को उसक घर पतशचम बगाल ल जान क तलए एमबलस की वयवसथा की और पोसटमाटयम क बाद व लोग अपन घर मालदा पतशचम बगाल लौट गय

मतक मज़दर तरण क साथ काम करन वाल मालदा क एक मज़दर चनदन न बताया तक अगल तदन 10 अगसत को मज़दरो न कमपनी मनजम ट स प ा तक मतक मज़दर का शव कब तक आयगा तो बताया गया तक 11 बज पोसटमाटयम होगा उसक बाद पता चलगा मज़दरो न माग की तक मतक मज़दर क मत शरीर को यहा पर लाया जाय तथा उसक पररवार को 15 लाख की आतथयक मदद दी जाय मज़दर शाम तक बठ रह पतलस की जीप आन पर 5 बज क बाद कमपनी की तरफ़ स बताया गया तक मतक क पररवार की सभी मागो को परा कर मतक की बॉिी को उसक पररवार क साथ पतशचम बगाल भज तदया गया ह मज़दर समझ गय तक उनह झासा तदया जा रहा ह तातक वहा स वापस भजा जा सक इसस मज़दर आकरोतशत हो गय और एटीएस क ऑतफ़स म घस गय व उनहोन पतलस को भी खदड़ तदया इसक बाद रात म 12 बज पतलस बड़ी सखया म आयी और मज़दरो की झतगगयो म ज़बरन घस कर

मज़दरो को बहत मारा-पीटा व बहत स मज़दरो को उठा कर ल गयी तजनम स 25-30 को जल भज तदया जल जान वालो म बहत स ऐस मज़दर ह जो घटना क समय वहा पर उपतसथत भी नही थ

इस घटना क बाद स बहत स मज़दर वापस अपन घर लौट गय ह जो मज़दर अभी वहा पर ह उनको भी काम पर नही तलया जा रहा ह इसक बार म प न पर एटीएस मनजम ट न बताया तक मज़दरो का वररतफ़कशन तकया जा रहा ह इसतलए अभी काम रोक तदया गया ह तजन मज़दरो का वररतफ़कशन हो जायगा उनको काम पर रख तलया जायगा

यह ऐसी अकली घटना नही ह जब काम क वक़त होन वाल हादसो म मज़दरो की मौत होती ह हमार य भाई-बहन मातलको कमपतनयो ठकदारो क मनाफ़ की भट तसफ़य इसतलए चढ़ जात ह योतक काययसथल पर उनकी सरका क उतचत इनतज़ाम नही तकय जात ह उसक बाद जब मातलको की मनाफ़ािोरी क कारण की गयी इस लापरवाही की भट मज़दर

ndash सममतनोएिा गटर नोएिा वसट म एटीएस

तबिर की तनमायणाधीन तबतिग म काम कर रह एक मज़दर की तबजली का करट लगन क कारण मौत हो गयी तजसक बाद मज़दरो न मतक मज़दर साथी क पररवार को आतथयक मदद दन की माग की इनम स अगआ मज़दरो को तोड़फोड़ करन का आरोप लगाकर जल भज तदया गया ज़ातहर ह पतलस परशासन परी तरह स तबिर की जब म ह योतक मज़दरो न क भी नाजायज़ नही मागा था

मतक मज़दर तरण वास पतशचम बगाल क मालदा का रहन वाला था उसकी उम मात 19 वषय की थी अभी 2 माह पहल वह पतशचम बगाल स नोएिा आया था यहा पर पहल स काम कर रह मालदा क मज़दरो क साथ एटीएस म काम कर रहा था तरण क साथ काम करन वाल दसर मज़दरो न बताया तक रोज़ाना की तरह 9 अगसत को हम सब काम कर रह थ शाम क लगभग 4 बज तरण जब एक मशीन का तार समट रहा

चढ़ जात ह तो उनह उतचत काननी मआवज़ा भी नही तदया जाता और अगर मज़दर अपन मत साथी क तलए इनसाफ़ की माग करत ह तो पजीपततयो की जब म बठी पतलस उनह मारती-पीटती ह और उनह जलो म िाल तदया जाता ह लतकन मातलक पर कोई कारयवाई नही होती वस भी ऐसी दघयटनाओ क तलए बस मआवज़ की वयवसथा ह काननी तौर पर भी मातलक को इस परकार की जानलवा लापरवाही क तलए कभी जल नही भजा जाता या एक मज़दर की जान को कवल रपयो म तौला जा सकता ह लतकन यतद मज़दर अपनी जायज़ मागो को उठात ह तो उनपर लातठया बरसायी जाती ह और उनह सलाखो क पी धकल तदया जाता ह नोएिा की इस घटना न एक बार तफर मौजदा मनाफािोर और कफ़नखसोट पजीवादी वयवसथा की कलई खोल दी ह जब तक हम एकजट और सगतठत नही होत तब तक हमार साथ ऐसा ही सलक होता रहगा

बाढ़ बशमष सरकार और सवदिहमीि रिशासि का कहर झलतमी जितादारागज राजापर अशोक नगर आतद तथा गगा क तकनार बस इलाको और करली की गिढा कॉलोनी करामत की चौकी जक आतशयाना करला बाग जस यमना क तकनार बस इलाक जलमगन हो गय थ जहा स हज़ारो लोगो को अपन घर स तवसथातपत होकर राहत तशतवरो म गज़र-बसर करना पड़ा बहत स लोगो को राहत तशतवरो म इसतलए जगह नही तमली योतक व अपना सामान राहत तशतवर म नही ल जा पाय थ हर साल राहत तशतवर क नाम पर इलाहाबाद परशासन और नगर तनगम दारा लाखो का वारा-नयारा कर तदया जाता ह लतकन तज़ल म बाढ़ परभातवत आबादी की तलना म राहत तशतवरो की सखया ऊट क मह म जीर क बराबर भी नही थी जो राहत तशतवर थ भी उनम भी न टॉयलट था न नहान की वयवसथा न ही सफ़ाई का कोई इनतज़ाम और ठीक स खान की वयवसथा राहत तशतवरो म भयकर गनदगी फली हई थी जो बड़ पमान पर इन तशतवरो म बीमारी फलान का कारण बन रही थी

कई तदन बीतन और पानी उतरन क बाद अब बड़ पमान पर बीमाररया फलनी शर हो गयी ह इलाक म शायद ही कोई ऐसा घर हो जहा कोई न कोई सदटी बखार खासी स पीतड़त न हो लतकन परशासन की इसस तनपटन की कोई तयारी नही ह कोतवि-19 की दसरी लहर क बाद शहर क असपतालो म ओपीिी का सचालन अभी सचार ढग स नही हो रहा ह तजसकी वजह स बड़ी आबादी जो पराइवट असपतालो की फ़ीस नही द सकती ह झोलााप िॉटरो फ़ामायतससटो स इलाज करान को मजबर ह

हर साल आन वाली बाढ़ क भयकर तवभीतषका म तबदील हो जान की वजह पराकततक नही बतक पजीपततयो क मनाफ की हवस ह असमान तवकास पजीवादी वयवसथा का आम तनयम ह तजसकी वजह स दश क बहत बड़ तहसस म तबाही का सामाजय होता ह और क इलाक ऐशवयय क टाप बन जात ह

इस असमान तवकास की वजह स बहत बड़ी आबादी गावो स शहरो की तरफ़ तवसथातपत होती ह यह तवसथापन आम महनतकश आबादी क तलए तकसी तासदी स कम नही होता ह लतकन यही असमान तवकास दसरी ओर क धनपशओ क तलए मनाफ़ा बटोरन का अवसर महया कराता ह

इलाहाबाद शहर की बात कर तो गगा और यमना क तकनार बस इस शहर म परशासन की गठजोड़ स भमातफ़या कार की ज़मीन पर कबज़ा जमा लत ह एक तरफ़ य इस ज़मीन पर धड़ल स अवध तनमायण करात ह तो दसरी ओर परशासतनक तत म अपनी पकड़ का इसतमाल कर य लोग कार की ज़मीन को गावो स शहरो की तरफ़ आन वाली आबादी को अपकाकत कम कीमत पर बच दत ह इलाहाबाद शहर परततयोगी ातो का गढ़ ह आस-पास क इलाको स लाखो ात पढ़ाई करन और परततयोगी परीकाओ की तयारी करन क तलए इलाहाबाद आत ह कार क इन इलाको म शहर की तलना म कमर का तकराया कम होन की वजह स बहत स ात यही कमरा लत ह यह भी एक बड़ी वजह ह तक शहर क अमीरो क तलए य इलाक तनवश का एक कनदर बन गय ह गगा और यमना नतदयो क तकनार सकड़ो लॉज बन हए ह इन लॉजो म हज़ारो ात रहत ह हर साल बाढ़ आन पर य ात पढ़ाई-तलखाई ोड़कर घर चल जात ह लतकन इनका तकराया साल-दर-साल बढ़ता जाता ह परशासन को भी य सार गड़बड़ घोटाल अची तरह स मालम ह लतकन सता परशासन और भमातफ़याओ क गठजोड़ स य काम धड़ल स चल रहा ह इसतलए इलाहाबाद म बाढ़ की सबस जयादा मार आम महनतकश आबादी और ातो पर पड़ती ह

वासतव म उतर परदश तबहार असम करल समत पर दश म बाढ़ की समसया क इतनी बड़ी तवभीतषका बन जान की असली वजह यह मौजदा मनाफ़ पर

तटकी पजीवादी वयवसथा ह जगलो की अनधाधनध कटाई स तमटी बहकर नतदयो की तलहटी म जमा होन नतदयो क तकनार बरोकटोक होन वाल तनमायण-काययो गाद इकटा होन स नतदयो क उथला होत जान बरसाती पानी की तनकासी क कदरती रासतो क बनद होन शहरी नालो आतद को पाट दन जस अनक कारणो न न कवल बाढ़ की बारमबारता बढ़ा दी ह बतक होन वाली तबाही को पहल स कई गना बढ़ा तदया ह आज़ादी क इन 74 वषयो म आपदा परबनधन क नाम पर अरबो-खरबो का वारा-नयारा तकया जा चका ह लतकन तसथतत सधरन की जगह साल-दर-साल बद स बदतर होती जा रही ह सपर कमपयटर रिार उपगहो आतद स लस तकनीक क ज़मान म बाढ़ आन स काफ़ी पहल ही इसका सही-सही पवायनमान लगाया जा सकता ह और साथ ही साथ lsquoफलि रतटगrsquo का परा तवजान तवकतसत हो चका ह तजसक ज़ररए बाढ़ क फलाव को काफ़ी हद तक तनयततत तकया जा सकता ह लतकन मनाफ़ा-आधाररत वयवसथा म तवजान भी मनाफ़ की भट चढ़ जाता ह और क मठीभर धनपशओ क तलए मनाफ़ा पदा करन का औज़ार मात रह जाता ह टनोलॉजी का इसतमाल अगर मानवता क तहत म तकया जाय तो इन आपदाओ म होन वाल जान-माल क नकसान को काफ़ी हद तक कम तकया जा सकता ह लतकन होता इसका उटा ह हर बार बाढ़ आन का इनतज़ार तकया जाता ह हर बार लोग मार जात ह लाखो पररवार बघर होत ह हज़ारो एकड़ फ़सल की बबायदी होती ह और हर बार आपदा परबनधन क नाम पर अरबो की रातश का बनदरबाट होता ह चनावी घतड़याल इस आपदा पर सवार होकर अपनी चनाव की वतरणी पार करन की जगत म लग जात ह सामाजयवादी ससथाओ क टकड़ो पर पलन वाल सवयसवी सगठनो को ldquoजनसवाrdquo क बहान सचचाई पर पदाय िालन का और इसी बहान अपनी सवा भी कर लन का मौका तमल जाता ह और

ndash अनविाशजस-जस मौजदा पजीवादी वयवसथा

lsquoतवकासrsquo की नयी ऊचाइयो पर पहच रही ह उसी अनपात म जनता क जीवन म चलन वाली lsquoतवनाशलीलाrsquo और जयादा भयकर रप लती जा रही ह इस तवनाशलीला का एक दशय अगसत क महीन म इलाहाबाद शहर म गगा-यमना क इलाक म आयी बाढ़ क रप म सामन आया गगा और यमना जसी दो बड़ी नतदयो और कई ोटी नतदयो का शहर होन क चलत इस बाढ़ का कहर जब टटता ह तो इलाहाबाद की बहत बड़ी आबादी उसका तशकार होती ह इस बार भी गगा और यमना क तटवतटी इलाक ससर खदरी और टौस नदी क तकनार रहन वाली आबादी इस कहर का तशकार बनी बड़ पमान पर लोगो क काम-धनध का नकसान हआ और बहत स लोग तवसथातपत हए

परा परशासन इस दौरान मकदशयक बना हआ बाढ़ क गज़र जान का इनतज़ार करता रहा नता-मती हलीकॉपटर स गशत लगात रह और अतधकारी नाव स गशत लगात रह परशासन की सवदनहीनता इसी स समझी जा सकती ह तक कई तदन पहल स ही बाध का पानी ोड़ जान की सचना तमल जान क बावजद परशासन न यह घोषणा तक नही करवायी तक नदी का जलसतर तकतना बढ़ सकता ह और लोगो को सरतकत सथान पर चल जाना चातहए बहत स लोग तपल क वषयो क अनभव क आधार पर इनतज़ार करत रह और जब पानी तज़ी स बढ़ना शर हआ तो उसी समय तज़ बरसात की वजह स बहत स लोग अपन घर का सामान तक ठीक स नही तनकाल पाय पानी घसन क दो-तीन तदन बाद तक कई इलाको म नाव नही पहची थी जो बाढ़ राहत तशतवर बनाय गय व अपन-आप म कवयवसथा की तमसाल बन हए थ

बाधो स अचानक पानी ोड़ जान की वजह स इलाहाबाद शहर क तटवतटी इलाको जस ोटा बघाड़ा सलोरी

तफर अगली बार का इनतज़ार तकया जाता ह इस तरह आज़ादी क इन सात दशको म आपदाओ का भी अपना अथयशासतर और अपनी राजनीतत तवकतसत हई ह

बाढ़ रोकन क मकसद स 1954 म गतठत गगा आयोग न जलकिी पररयोजना का सझाव तदया था तजसक तहत नपाल की नतदयो स आन वाली तसट को रोकन क तलए पानी की भारी माता को नपाल म रोककर बाधो पर जल तवदयत पररयोजना लगान की योजना थी इन पररयोजनाओ का आधा लाभ नपाल और आधा लाभ भारत को तमलना था लतकन सरकार की उदासीनता की वजह स यह योजना धरी की धरी रह गयी 1976 म गतठत राषटीय बाढ़ आयोग न नतदयो क तल स गाद हटान का सझाव तदया था और साथ ही जलकिी योजना को लाग करन का भी सझाव तदया था इसम स क भी नही तकया गया आग भी इस तरह क आयोग बनत रहग लतकन क नही होगा योतक यह परी वयवसथा मानवीय ज़ररतो नही बतक मटी भर पजीपततयो क मनाफ़ क तलए काम करती ह ऐसी आपदाओ को रोकना तो दर ऐसी आपदाओ क बाद इनसानो की लाशो पर अपन मनाफ़ की रोतटया सकना इस वयवसथा का काम ह इसतलए पजीवादी वयवसथा क रहत इस परकार की आपदाओ स तनजात तमलना असमभव ह बतक हर गज़रत तदन क साथ अपनी सवाभातवक गतत स यह वयवसथा बहत-सी आपदाओ को पदा करती रहगी वगय तवभातजत समाज म हर आपदा महनतकशो की बबायदी का कारण बनती ह और पजीपतत इन आपदाओ स भी अपन मनाफ़ की हवस को परा करत ह जब तक मानवता इस लट पर तटकी वयवसथा स तनजात नही पायगी तब तक बाढ़ की तवभीतषका स भी तनजात नही तमलन वाली

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 7

(पज 2 पर जारमी)

तदली क मखयमती अरतवनद कजरीवाल तपल तदनो कभी गोआ कभी पजाब तो कभी उतराखि जाकर परचार कर रह ह तक अगर हमारी lsquoआम आदमी पाटटीrsquo की सरकार बनी तो 300 यतनट तक तबजली सभी लोगो को मफत दी जायगी भाजपा और सघ पररवार का कचा पहन चक कजरीवाल दावा करत ह तक तदली म लगभग 70 फ़ीसदी लोगो का तबजली का तबल ज़ीरो आता ह और तदली की 93 फ़ीसदी कॉलोतनयो म पानी की लाइन तबा दी गयी ह और इन सभी इलाको म अतधकतर लोगो को पीन का पानी मफत तमल रहा ह कजरीवाल का दावा ह तक तदली की बहसखयक

आबादी को उनकी सरकार बनन क बाद स तबजली और पानी मफत तमलता ह

कजरीवाल क इन दावो को सनकर यह तो साफ़ ह तक अपन बड़ भाई मोदी की तरह जमलबाज़ी और झठ दाव करन म कजरीवाल भी कम नही ह असतलयत यह ह तक तदली की मज़दर व तकरायदार आबादी क तलए मफत पानी और तबजली आज भी एक हवाई बात ह तदली की बहसखयक मज़दरतकरायदार आबादी को न साफ़ पीन का पानी मफत म तमलता ह और न ही उसक तलए तबजली मफत ह िासकर तदली की आम महनतकश आबादी क करावलनगर खजरी सोतनया तवहार मसतफ़ाबाद सीलमपर और

बवाना वज़ीरपर शाहाबाद िरी जस कई और इलाको म बहसखयक आबादी क तलए मफत तबजली-पानी की बात बस एक जमला ह इन इलाको म कजरीवाल सरकार क लगभग 8 साल होन क बाद आज भी पीन क पानी की लाइन घर-घर नही पहची ह यहा रहन वाली मधयम वगय की क आबादी तो अपन घरो म पानी साफ़ करन की आरओ मशीन लगा लती ह और ज़मीन क पानी को साफ़ करक इसतमाल करती ह लतकन मज़दर और आम महनतकश आबादी या तो गतलयो म लग सरकारी नल स पानी लाती ह जो पर इलाक म नाममात ही बच ह और जो बच ह उनम भी पानी

कभी-कभी ही आता ह और जब आता भी ह तो पानी आम तौर पर गनदा होता ह पीन लायक नही होता ह

उतर-पवटी तदली क शरीराम कॉलोनी खजरी इलाक म य नलक भी नाली स सटाकर लगाय गय ह जहा कड़ा भी पड़ा रहता ह गरीब लोग मजबरी म यही स पीन का पानी भरत ह क इलाको म सरकारी पानी क टकर आत ह पर यह टकर भी आबादी क अनपात म बहद कम सखया म आत ह इनस पानी भरन क तलए 2 स 3 घटा लग जाता ह य टकर तनयतमत भी नही आत ह कोरोना महामारी क शर होन स लकर अब तक भी इन टकरो की सखया सरकार दारा नही

बढ़ायी गयी तजसक चलत टकर क आन पर बहत जयादा भीड़ एकततत हो जाती ह और मजबरी क चलत शारीररक दरी बन ही नही पाती ह ऐस म इन इलाको म कोरोना महामारी फलन का िर जयादा बना रहता ह पर कजरीवाल सरकार सब जानत हए इस अनदखा करती ह

इन इलाको म पानी की बोतल (20 लीटर) बचन का वयापार तपल क सालो म बहत जयादा बढ़ गया ह हर चौथी या पाचवी गली म एक पलाट लगा ह जहा स मज़दर आबादी अपन िाली बतयन या कन म पानी पसा दकर भरती ह या तफर पानी की बोतल ही घर

मफत पािमी और नबजलमी स वलचत ददलमी की बहसखक मज़दर आबादमी

कॉमरि रामनाथ नही रह 31 अगसत को तड़क ही सोत समय तदल का दौरा पड़न स उनका तनधन हो गया

कॉमरि रामनाथ की आय लगभग 83 वषय की थी असवसथ तो व तवगत कई वषयो स थ लतकन तपल क समय स उनका सवासथय बहत िराब हो गया था

भारत क कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन का इततहास का रामनाथ की भतमका और अवदानो की चचाय क बगर तलखा ही नही जा सकता तनससनदह उनकी भतमका ऐततहातसक थी और lsquoपाथरितकगrsquo थी

बतलया तज़ल क गगा तटवतटी एक गाव क भसवामी पररवार म पदा हए का रामनाथ राहल साकतयायन क परभाव म तकशोरावसथा म ही मासयवादी बन चक थ और बीहड़ यायावरी तथा दशयन इततहास कला-सातहतय और राजनीतत क घनघोर अधययन को अपनी आदत बना चक थ 1960 क दशक क उथल-पथल भर वषयो म कोलकाता उनकी अधययनशाला करातनतकारी परतशकणशाला और परयोगशाला बना जहा व कानन का अधययन कर रह थ उनकी राजनीततक जीवन-याता अतवभातजत कमयतनसट पाटटी स शर हई तफर माकपा स होत हए कनहाई चटजटी क नततव वाल कमयतनसट करातनतकारी गप lsquoतचनता गपrsquo तक पहची तजसन बाद म अपन को lsquoदतकण दश गपrsquo और तफर lsquoमाओवादी कमयतनसट कनदरrsquo क रप म सगतठत तकया 1969 म भाकपा (माल) की सथापना की घोषणा क बाद (1970 म हई पाटटी कागस क पहल ही) का रामनाथ भाकपा (माल) म शातमल हो गय और उतर परदश और तबहार क गगा तटवतटी तज़लो गाज़ीपर बतलया आरा-भोजपर क गामीण इलाको म आकर काम करन लग

चार मजमदार क तनधन क बाद पाटटी क पनगयठन क परयासो म का रामनाथ न एक अगणी भतमका तनभायी और मखयत उनही क परयासो स फ़रवरी 1974 म कनदरीय सागठतनक कमटी (सीओसी) भाकपा (माल) का गठन समभव हो सका तजसकी नततवकारी कमटी म जगजीत तसह सोहल सनीतत कमार घोष कोिापली सीतारमयया

और शामलाल (चोपड़ा) क साथ का रामनाथ भी शातमल थ सीओसी भाकपा (माल) म काम करत हए ही का रामनाथ न चार की ldquoवामrdquo दससाहसवादी लाइन क तिलाफ़ दढ़ और ससगत सटि तलया जो सगठन म गमभीर मतभद का तवषय बना ldquoवामrdquo दससाहसवाद क तवरदध समझौतातवहीन और ससगत सघषय चलान वाल गपो और वयततयो म नागीरििी-िीवी राव और हरभजन तसह सोही क बाद का रामनाथ का ही नाम अगणी माना जा सकता ह सीओसी काल क दौरान का रामनाथ न तवशषकर आपातकाल क अनभवो क आधार पर भारतीय पजीपतत वगय और राजयसता क चररत पर सवाल उठाना शर कर तदया था और दहाती कत म ज़मीनी कामो क अनभवो क आधार पर भतम-समबनधो क सामनती चररत की सथातपत धारणा पर भी सोचन लग थ

सीओसी क तवघटन क बाद माचय 1978 म जब का रामनाथ क नततव म भारत की कमयतनसट लीग (मासयवादी-लतननवादी) का गठन हआ तो तमाम सागठतनक सकटो और परततकल पररतसथततयो क बावजद का रामनाथ क मागयदशयन और नततव म भारतीय समाज की परकतत और

करातनत क काययकरम क सवाल पर गहन शोध-अधययन क बाद भाकली (माल) न 1982 म यह तनषकषय तनकाला तक भारतीय समाज चीन की तरह अदधयसामनती-अदधयऔपतनवतशक या नवऔपतनवतशक न होकर एक तपड़ा हआ पजीवादी समाज ह यहा का पजीपतत वगय दलाल न होकर राजनीततक रप स सवतत और सामाजयवाद का कतनषठ साझीदार ह कततपय पराक-पजीवादी अवशषो क बावजद यहा क भतम-समबनध lsquoपरतशयाई मागयrsquo क भारतीय ससकरण क ज़ररए करतमक रपानतरण क बाद मलत और मखयत पजीवादी बन चक ह और इसतलए भारतीय करातनत की मतज़ल अब राषटीय जनवादी नही बतक पजीवाद-तवरोधी सामाजयवाद-तवरोधी समाजवादी करातनत की मतज़ल ह 1983 म इस थीतसस क दसतावज़ रप म परकाशन क बाद पर दश क कमयतनसट करातनतकारी सगठनो स एक लमबी बहस की शरआत हई और तजस सवाल को हल हआ माना जा रहा था वह अधययन और राजनीततक बहस का एक कनदरीय परशन बन गया आग चलकर कई सगठनो न समाजवादी करातनत की अवतसथतत अपनायी

1986 म का रामनाथ क ही

मागयदशयन और नततव म तदतीय तवशवयदधोतर कालीन वतशवक बदलावो और समकालीन दतनया क सामाजयवादी समीकरणो म बदलावो पर भी शोध-अधययन की शरआत हई जो 1987 म एक वहद दसतावज़ क रप म परकातशत हआ इस शोध-अधययन का उदशय नयी तवशव पररतसथततयो म तवशव सवयहारा करातनत की आम राजनीततक काययतदशा की समझ तवकतसत करन की तदशा म आग कदम बढ़ाना था दभायगयवश यह परतकरया आग नही बढ़ सकी लतकन इस गमभीर पहल की ऐततहातसक महता को कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन क इततहास का कोई गमभीर अधयता कतई िाररज नही कर सकता

उलखनीय ह तक इस पर दौर म का रामनाथ न दतकणपनथी और ldquoवामपनथीrdquo अवसरवाद क दोनो ोरो क तवरदध दढ़ और ससगत अवतसथतत अपनायी तवनोद तमशर क ldquoसतरगा समाजवादrdquo की सवायतधक तवसतत और सागोपाग आलोचना भाकली (माल) न ही पहली बार का रामनाथ क तदशा-तनदजश पर 1988 म परसतत की थी

मखयत भारतीय करातनत क काययकरम क परशन पर अपन ऐततहातसक और पथानवषी अवदान क बावजद का रामनाथ एक लतननवादी सागठतनक काययतदशा को गहर अहसास क साथ समझन और पाटटी-तनमायण और काययपरणाली क सतर पर लाग कर पान म तवफल रह तजसक चलत महतवपणय उपलतबधयो और उलखनीय परगतत क बाद भाकली (माल) 1980 क दशक क अतनतम वषयो म गततरोध और तवघटन का तशकार हो गयी इस सकट क बतनयादी कारणो की तशनाखत नही कर पान क कारण 1991 क बाद सागठतनक पनगयठन क का रामनाथ क सभी परयास तवफल होत गय और उनक साथ खड़ कई एक लोग और उनस तटकन वाल कई एक गप या तो बहरगी गर-बोशतवक सामातजक-जनवादी पककि म धसत चल गय या तवसतजयत होत चल गय इन वषयो क दौरान सवय का रामनाथ भी अपन सदधातनतक कामो को आग नही बढ़ा सक यहा तक तक भारतीय समाज क बतनयादी अनतरतवरोधो क बार म भी

व अपनी पवय अवतसथतत स तवचतलत होकर क अनतरतवरोधी बात करन लग थ और भमिलीकरण क दौर को भी परान साच (नवऔपतनवशीकरण) म ही तफ़ट करक दखन की कोतशश करत रह

लतकन का रामनाथ क लमब कमयतनसट करातनतकारी जीवन क अतनतम चरण की इन तवफलताओ और इन गततरोधो क बावजद भारत क कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन क इततहास म उनकी ऐततहातसक सकारातमक और साहतसक पथानवषी भतमका स कोई भी इनकार नही कर सकता सबस अहम बात यह ह तक अपनी अतनतम सास तक का रामनाथ एक कमयतनसट करातनतकारी बन रह और मासय एगस लतनन सतातलन माओ क तशषय क रप म ही िद को दखत रह का रामनाथ न समाजवादी करातनत क काययकरम का जो पथसनधान तकया था और इस परचम को उठाकर जो याता शर की थी वह याता आज भी जारी ह और आग भी जारी रहगी चाह पररतसथततया तकतनी भी परततकल हो आज माओवाद की तवचारधारा और नयी समाजवादी करातनत क काययकरम को आग बढ़ात हए कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन की जो धारा आज क सामाजयवाद का और भारतीय करातनत क तवतवध परशनो का अधययन करत हए सामातजक परयोगो म करातनतकारी जनतदशा को लाग कर रही ह वह अपन को गवय स का रामनाथ का उतरातधकारी मानती ह

हम का रामनाथ को हमशा बहत पयार और लगाव क साथ याद करत रहग हम उनह कभी नही भला सकत भारत क सभी सचच कमयतनसट करातनतकारी उनह कभी नही भला सकत

हम भर तदल स तनी मरटयो क साथ का रामनाथ को आतिरी लाल सलाम पश करत ह और सकप लत ह तक तजस कारवा न 1978 म उनक नततव म एक बीहड़ याता की शरआत की थी वह उस जारी रखगा परान करातनत-योदधाओ क ररत सथानो को कई-कई यवा करातनत-योदधा भरत रहग और कारवा चलता रहगाबढ़ता रहगा

अलनवदा का रामिाथि लाल सलाम लाल सलाम

िहमी रह कॉमरर रामिाथि अलनवदा कॉमरर लाल सलाम

8 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

महनतकश जनता क खन-पसीन स खड़ी हई सारवजननक परिसमपततियो को पजीपनतयो क हराल किन म जटी मोदी सिकाि

दकर 6 लाख करोड़ रपय हातसल करन का लकय रखा ह य मतालय या तवभाग रलव टलीकॉम सड़क पररवहन एव राजमागय तबजली नागररक उिियन यवा मामल और खल पटोतलयम एव पराकततक गस और पोटयस तशतपग एव वाटरवज (इसका नाम पहल जहाज़रानी मतालय था) होग तजनस जड़ी समपततयो को तनजी हाथो म सौपा जायगा मोदी सरकार क अनसार इन पररसमपततयो का सवातमतव सरकार क पास ही रहगा लतकन तकराय या लीज़ पर दकर तफ़लहाल कमाई नही दन वाली या कम कमाई दन वाली सरकारी समपततयो स मदरा हातसल की जा सकगी और इसस कमाय गय पस का इसतमाल जनता की भलाई क तलए तकया जा सकगा सरकार को जनता की भलाई की तकतनी तचनता ह यह बात हम कोरोना महामारी क पर दौर क बाद तो और भी भली-भातत जान गय ह जब हमन अपन पररजनो तमतो और करीतबयो को मौत क मह म समात दखा तब यह तथाकतथत जनतहतकारी सरकार न कवल हाथ पर हाथ धर बठी थी बतक अपनी जनदरोही नीततयो क दारा हम भी शमशानो और कतरिसतानो म पहचान का बिबी इनतज़ाम करन म लगी थी अब समझ लत ह तक मोदी सरकार की राषटीय मौदरीकरण की योजना क पी जनता की भलाई की तचनता ह या मनाफ़ क सकट स जझ रह भारतीय पजीपतत वगय क तहतो क सरोकार ह

भारतीय रलव को अपनी पररसमपततया तकराय पर दकर (यानी बचकर) सरकार को 1 लाख 52 हज़ार करोड़ रपय दन का लकय तदया गया ह इसक तहत रलव क 400 रलव सटशन 90 याती गातड़या 256 सामान रख-रखाव क शि 4 पवयतीय रलव 15 रलव सटतियम कोकण रलव टक का 741 तकलोमीटर फट कोररिोर का 674 तकलोमीटर टक पर ओवरहि इतवपमट का 1400 तकलोमीटर इतयातद को पजीपततयो क हाथो म सौपा जायगा सीधी-सी बात ह पजीपततयो को रलव क तकराय और माल ढलाई क भाड़ म बतहाशा बढ़ोतरी करन की परी ट तमल जायगी तथाकतथत पराइवट पाटयनर जनता को दोनो हाथो स लटग और अकत मनाफ़ा कमायग सड़क पररवहन एव राजमागय को 1 लाख 60 हज़ार करोड़ की रातश हातसल करन का लकय तदया गया ह इसक तहत 26000 तकलोमीटर स अतधक हाइव और सड़को क रखरखाव की तज़ममदारी तनजी कमपतनयो को सौपकर उनह इन पर कर यानी lsquoटोल टसrsquo वसलन की ट दी जायगी इसक अलावा तल-गस पाइपलाइन 25 हवाई अिि सरकारी गसटहाउस पानी क जहाज़ और पोटय बीएसएनएल क 14917 मोबाइल टावर 2 लाख 80 हज़ार तकलोमीटर लमबी फ़ाइबर लाइन तनजी कमपतनयो को ldquoतकराय परrdquo दी जायगी

अब यह सोचन वाली बात ह तक जो पजीपतत चार साल क दौरान 6 लाख

करोड़ रपय मोदी सरकार को सौपग या मोदी जी क दारा जनता का भला करन की मशा ज़ातहर करन क चलत उनका हदय पररवतयन हो चका ह या पजीपतत िरात बाटन क तलए उतावल हए जा रह ह नही असल म रलव सड़को तल-गस पाइपलाइनो और अनय सरकारी समपततयो स पजीपतत पहल अरबो-खरबो रपय कमाया जाना सतनतशचत करग और उसक बाद ही व मनाफ़ क क तहसस को सरकार क हाथ म द सकत ह और सरकार उस पस को तफर स पजीपततयो को कभी न चकाया जान वाला कज़य दन नताशाही की मोटी तनखवाहो बड़ नौकरशाहो क ऐशोआराम म लटा दगी तजस जनता न पट पर पटी बाधकर और फाक करक सावयजतनक उपकरमो को खड़ा तकया था उस इनस सतवधा तमलन की बजाय इनक दारा उसकी जबो पर िाका िाला जायगा सरकार का कहना ह तक सरकारी उपकरम घाट म चल रह ह और कौन पजीपतत घाट की चीज़ को लना चाहगा और वह भी मोटा पसा िचय करक असल बात यह ह तक बीपीसीएल टतलकॉम और रलव जस तमाम उदयम घाट म नही चल रह ह बतक सरकार इनह घाट म तदखाकर बचन क बहान ढढ़ रही ह और असल बात तो यह ह तक तजस सरकार घाटा कह रही ह वह असल म जनसतवधाओ म होन वाला वयय ह और पजीपरसत सरकार नही चाहती तक जनता को एक पस की भी सहतलयत नसीब होअब मौदमीकरर की ज़ररत को

आि पड़मीयह तथाकतथत मौदरीकरण क और

नही बतक तनजीकरण का ही दसरा नाम ह तवतमती क जमलो म उलझन क बजाय जमलबाज़ परधानमती मोदी क सतय वचनो पर गौर करना चातहए मोदी जी सीध तौर पर सावयजतनक उपकरमो को समभालन म सरकार की तज़ममदारी को नकार रह ह सरकार का काम महज़ पजीपततयो को जनता को लटन का बहतर माहौल बनाकर दना ही ह फ़ासीवादी मोदी सरकार इस काम को सबस आकरामक ढग स और तज़ी स कर रही ह इसी क तलए तो दश भर क बड़ पजीपततयो न तपल दो लोकसभा चनावो म हज़ारो करोड़ रपय चनद म भाजपा को तदय थ और मोदी को तजताया था असल म ldquoमौदरीकरणrdquo कागस सरकार दारा 24 जलाई 1991 म घोतषत तौर पर लाग की गयी उदारीकरण-तनजीकरण-वशवीकरण की नीततयो का ही अगला कदम भर ह तथाकतथत उदारीकरण-तनजीकरण की शरआत की ज़ररत को हम थोड़ा अतीत म झाक कर दख व समझ सकत ह

अगज़ो स हम समझौत और सता हसतानतरण क दारा आज़ादी परापत हई थी उस समय एक बड़ा समाजवादी कमप और दतनया क सतर पर समाजवादी आनदोलन पर अपन उरज़ पर था भारत म भी 1946 स 1950 का दौर जनता की जनवादी करातनत की समभावनाओ स भरा दौर था जब दश म नौसना तवदरोह तलगाना तकसान तवदरोह तभागा तकसान

तवदरोह और पनपरा वायलार तकसान तवदरोह हए थ और उसक अलावा कमयतनसट पाटटी क नततव म हड़तालो की एक लहर भी जारी थी लतकन अपनी तवचारधारातमक व राजनीततक कमज़ोररयो क चलत भारत क करातनतकारी कमयतनसट इन करातनतकारी जनतवदरोहो को एक दशवयापी करातनतकारी आनदोलन का सवरप नही द सक उसक पहल भी कमयतनसट पाटटी अपनी गमभीर रणनीततक और रणकौशलातमक चको क कारण राषटीय आनदोलन की बागिोर अपन हाथ म लन क कई मौक चक चकी थी भारत क पजीपतत वगय और उसकी पाटटी कागस न इसका परा लाभ उठाया कागस न समझौता-दबाव-समझौता की नीतत क तहत अनत म सता हतथया ली भारत का पजीपतत वगय अपन औपतनवतशक अतीत क कारण कमज़ोर था और उसक पास दश क सवतत पजीवादी तवकास हत आवशयक पजी का भी अभाव था इसीतलए तरनत मनाफ़ा दन वाल कतो को तनजी हाथो म सौप तदया गया तथा व कत तजनम पहल बड़ पमान क तनवश की दरकार थी जस तक भारी उदयोग अवरचनागत उदयोग व बतनयादी कजीभत उदयोग उनह सावयजतनक कत क तौर पर सरकार न अपन हाथो म रखा सावयजतनक उपकरमो को खड़ा करन क तलए पजी और कही स नही बतक करो और तवतभनन श को क रप म जनता स ही वसलकर और साथ ही जनता की बचत को एकत करक जटायी गयी महनतकश आबादी क कमरतोड़ शोषण सरकारी अनगह आतथयक टो क बत जस-जस भारत का पजीपतत वगय अपकाकत ताकतवर होता गया वस-वस उस तशतरी म सजाकर औन-पौन दामो पर सरकारी उदयम सौप जान लग 1980 क दशक म ही राजीव गाधी क समय स इसपटर राज और कोटा राज को ितम करन क नाम पर तनजी पजीपततयो को ट दी जान लगी थी और 24 जलाई 1991 को घोतषत तौर पर उदारीकरण-तनजीकरण की लटरी नीततयो की शरआत कर दी गयी

कागस न अपन शासनकाल म इन नीततयो को तजस रफतार स लाग तकया था आज भाजपा की फ़ासीवादी मोदी सरकार उन नीततयो को कही जयादा रफतार स और जयादा दमनकारी तरीक स लाग कर रही ह 2009-10 स ही आतथयक सकट क कारण यह पजीपतत वगय क तलए ज़ररी भी ह इस काम को कागस क मकाबल भाजपा जयादा बहतर तरीक स अजाम द सकती ह और इसीतलए पजीपतत वगय क बड़ तहसस न एकमत होकर भाजपा को सता म पहचान म एड़ी-चोटी का पसीना एक कर तदया था राषटीय मौदरीकरण योजना वासतव म तनजीकरण-उदारीकरण की उसी परतकरया का एक अग ह जो 1991 स जारी रही ह और 2014 स मोदी सरकार क सता म आन क बाद और भी जयादा तज़ रफतार स जारी ह

मौदमीकरर स जिता क जमीवि पर का असर पड़गा और हम

इसका नवरोध कस करमौदरीकरण जसी नीततया लाग होन

क बाद सबस बड़ा हमला रोज़गार पर होगा इन सरकारी कतो म काययरत करोड़ो लोगो क अच-िास तहसस को अपन रोज़ी-रोज़गार स हाथ धोना पड़गा रलव सड़क पररवहन उिियन और टतलकॉम आतद म सरकारी तवतनवश पहल ही जारी ह हम समझ सकत ह रोज़गार क मामल म और भी भयावह होन वाला ह तनजी कत म यतद क रोज़गार सतजत होगा भी तो सरकार पहल ही 4 शरम सतहताए लाकर शरतमको क हको को कचलन का भरपर इनतज़ाम कर चकी ह तनजी कत म काम करन वालो म और उजरती गलामो म कोई फ़कय नही रह जायगा तनजी कमपतनया मनमान तरीक स मज़दरो की शरमशतत का शोषण करगी भयकर बरोज़गारी क चलत मज़दर वगय की सामतहक मोलभाव की शतत पर भी नकारातमक असर पड़गा जो तक पहल ही नवउदारवादी हमलो क तीन दशको म काफ़ी कमज़ोर हो चकी ह और एक अततररत बरोज़गार मज़दर आबादी पजीपतत वगय क तलए हमशा मौजद रहगी यानी तजतन पक रोज़गार बच ह व तज़ी स ितम होग और जो नय रोज़गार तमलग व भी अनौपचाररक ठका व कज़अल मज़दर क तौर पर तमलग तजसम मज़दरी भी कम होगी कोई रोज़गार सरका नही होगी और सथायी मज़दरो को परापत होन वाल तमाम हक भी नही हातसल होग हालातक नय शरम कानन सथायी मज़दरो क तमाम बच-खच अतधकारो को भी ीनन वाल ह

जनता पर मौदरीकरण की दसरी बड़ी मार महगाई क रप म पड़गी रलो-बसो क याती तकरायो पटोतलयम पदाथयो माल ढलाई और खादय पदाथयो क दामो म बतहाशा बढ़ोतरी होगी हाइव पर जगह-जगह टोल खड़ कर तदय जायग और उन पर मनमाना पसा वसल तकया जायगा आज भी कमरतोड़ महगाई न आम जनता का जीना दभर कर रखा ह तकनत आन वाल समय म हमारी जब स आतिरी दमड़ी तक हड़प ली जायगी

2014 म सता तमलन क बाद स तफ़लहाल तक भाजपा की दो ही नीततया तदखायी द रही ह पहली ह योजनाओ क रग-तबरग नाम रखकर पजीपतत घरानो की सवा करो और दसरी ह जनता को सामपरदातयकता जाततवाद कतवाद की आग म धकल दो तातक लोग आपस म ही एक-दसर का तसर फोड़त रह और अपनी बबायदी क असली कारणो की तरफ़ धयान ही न द सरकार म बठ तमाम मती-सनतरी और भाजपा का कतसापरचारक आईटी सल दश की बबायदी को ही तवकास तसदध करन और सरकारी की लटरी नीततयो का तवरोध करन वालो को ldquoदशदरोहीrdquo बतान म लगा रहता ह

वस आतथयक नीततयो क तौर पर दखा जाय तो भाजपा म और कागस म फ़कय तसफ़य यह ह तक कागस तजस काम को शबदो की चाशनी म िबोकर और रात क अधर म करती थी भाजपा उसी काम को

तदन क उजाल म और कागस स हज़ार गणा जयादा बशमटी और जयादा तज़ी क साथ अजाम द रही ह साथ ही एक फ़ासीवादी सरकार होन क नात दमनकारी होन म भी मोदी सरकार न आज़ाद भारत की सभी सरकारो को पी ोड़ तदया ह असल म तमाम कतीय पजीवादी पातटयया और भाकपा माकपा जस ससदीय लाल जमर तक उदारीकरण-तनजीकरण की नीततयो क परतत कोई उसली तवरोध नही रखत ह इनका तवरोध कवल तभी तक रहता ह जब तक य िद तवपक म बठ हो आपको याद होगा िद भाजपा परतयक तवदशी तनवश यानी एफ़िीआई और तनजीकरण जस मदो पर ज़मीन तसर पर उठाय रहती थी लतकन सता म आन क बाद इनहोन इनही नीततयो को धड़ल स लाग कर तदया चाह सरकारी उपकरमो की तहससदारी और उनक मातलकाना हक की तबकरी हो या तशका-सवासथय जस बतनयादी कतो म तनजीकरण को बढ़ावा तदया जाना हो तनजीकरण-उदारीकरण की नीततयो को लाग करन क रप म पजीपतत वगय की सवा करन का यही रवया कमोबश हरक पजीवादी बजयआ पाटटी का रहा ह बशक हर मामल म जनता को बबायदी की ओर धकलन म फ़ासीवादी भाजपा तमाम अनय पजीवादी पातटययो स इकीस ही पड़ी ह

आज मौदरीकरण क रप म तनजीकरण को लाग करन क सरकारी लावो का परततरोध जनता की सगतठत ताकत क बत ही तकया जा सकता ह सशोधनवादी पातटययो की गोद म बठी अथयवादी टि यतनयन धनी तकसानो और कलको क सगठन अलग-अलग रगो क झिो और नारो वाली चनावबाज़ पातटयया तनजीकरण का मकाबला नही कर सकती ह असल म न तो इनकी तनजीकरण का मकाबला करन की नीयत ह तथा न ही इनक पास तनजीकरण को रोक सकन का मादा तनजीकरण समत भाजपा की समसत फ़ासीवादी नीततयो का मकाबला मज़दरो गरीब तकसानो और आम महनतकश जनता की एकजटता और उसक जझार सघषयो क बलबत ही तकया जा सकता ह इसक साथ ही हम पजीवादी वयवसथा क चररत और काययपरणाली को भी समझना होगा पजीवादी वयवसथा महनतकश जनता का िन-पसीना तनचोड़कर और उसक शोषण क बत ही कायम ह पजीवादी राजयसता और सरकारो की भतमका कवल मनाफ़ क तत को कायम रखन की ही होती ह सामातजक उतपादन और तनजी समपतत पर आधाररत तनजी मनाफ़ का अनतरतवरोध ही पजीवादी वयवसथा का बतनयादी अनतरतवरोध होता ह और इस समाजवादी करातनत क दारा उतपादन क साधनो और उतपादन क तनणययो पर सामतहक मातलकाना सथातपत करन और उतपादन क सामातजक तवतनयोजन को सथातपत करक ही हल तकया जा सकता ह अपन हक और अतधकारो की हरक ोटी-बड़ी लड़ाई क साथ और उसक दौरान इस लटरी वयवसथा का तवकप खड़ा करन क काययभार को हम एक पल क तलए भी अपनी नज़रो स ओझल नही होन दना चातहए

(पज 1 स आग)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 9

तलगािा ककसाि सशसतर सघरष क 75 साल उपलबधिया और सबक (दसरमी और अबतिम ककसत)

ndash आिनद ससहतपली तकसत म हमन दखा

तक तकस परकार 1940 क दशक की शरआत म हदराबाद क तनज़ाम की सामनती ररयासत म आन वाल तलगाना क जागीरदारो और भसवातमयो दारा तकसानो क ज़बदयसत शोषण व उतपीड़न क तवरदध शर हआ आनदोलन 1946 की गतमययो तक आत-आत सामनतो क तिलाफ़ एक सशसतर तवदरोह म तबदील हो गया तनज़ाम की सना और रज़ाकारो दारा इस तवदरोह को बबयरतापवयक कचलन की सारी कोतशश तवफल सातबत हई 15 अगसत 1947 को भारत तरितटश औपतनवतशक गलामी स आज़ाद हआ लतकन तनज़ाम न भारतीय यतनयन म तमलन स इनकार कर तदया गौरतलब ह तक सवतत भारत की राजयसता न हदराबाद क तिलाफ़ एक साल स भी जयादा समय तक कोई कारयवाई नही की इस दौरान तनज़ाम स बातचीत और सौदबाज़ी चलती रही यही नही इस दौरान भारत सरकार न ldquoसटितसटल समझौतrdquo क तहत तनज़ाम को हतथयारो और सनय उपकरणो की आपततय भी की तजसका इसतमाल तनज़ाम की सना न तकसान तवदरोह को कचलन क तलए तकया एक साल तक चली बातचीत और सौदबाज़ी क बावजद पातकसतान परसत तनज़ाम हदराबाद को भारत म तमलान को तयार नही हआ उधर गामीण इलाको म तकसानो और महनतकशो न कमयतनसटो क नततव म तनज़ाम की सना और रज़ाकारो को पी धकल तदया था

भारतीय राजयसता दारा हतथयारो व सनय उपकरणो की आपततय क बावजद तनज़ाम की सना तकसान तवदरोह को कचलन म नाकाम रही य व हालात थ जब 13 तसतमबर 1948 को भारतीय सना न हदराबाद की ओर कच तकया तनज़ाम की सना न महज़ पाच तदनो क भीतर आतमसमपयण कर तदया लतकन उसक बाद भी तनज़ाम को राजपरमख की पदवी दकर राजय का परमख बना रहन तदया गया 18 तसतमबर 1948 को हदराबाद ररयासत क परशासन की बागिोर भारतीय सना क हाथ म आ गयी लतकन उसक बाद भी 25 जनवरी 1950 तक सरकार क सभी आदश (फ़रमान) तनज़ाम क नाम स जारी तकय जात रह यहा तक तक 26 जनवरी 1950 म अतसततव म आय भारतीय सतवधान म तनज़ाम क राजपरमख क पद को मानयता परदान करन का परावधान भी जोड़ा गया और 1956 तक तनज़ाम राजपरमख बना रहा यही नही तनज़ाम को तपरवीपसय भी तमलता रहा यह भारत क उदीयमान बजयआ वगय और उसकी परतततनतध पाटटी कागस क घोर समझौतावादी चररत को तदखाता ह इसस यह भी सपषट हो जाता ह तक हदराबाद म भारतीय सना की सनय कारयवाई का असली उदशय तनज़ामशाही का िातमा नही बतक तलगाना तकसान तवदरोह को कचलना था गौरतलब ह तक अपन इस मकसद को तपान क तलए भारत की सरकार न इस सनय कारयवाई

की जगह पतलस कारयवाई का नाम तदया था आज तलगाना म तजी स बढ़ रही तहनदतववादी फ़ासीवादी ताकत 18 तसतमबर 1948 को lsquoमतत तदवसrsquoक रप म मनान का अतभयान चला रही ह लतकन सच तो यह ह तक तलगाना क तकसानो और महनतकशो क तलए यह तदन मतत का नही बतक तवशवासघात का परतीक ह

तनज़ाम क आतमसमपयण क बाद करीब 50 हज़ार भारतीय सतनको न तकसान तवदरोह को कचलन क तलए तलगाना क गावो की ओर रि कर तदया सना न तलगाना म बड़ पमान पर तगरफताररया यतणा आगजनी और तनमयम हतयाओ को अजाम दत हए तनज़ाम की सना व रज़ाकारो दारा तकय गय ज़ मो को भी मात द तदया मलाया सरकार की तरिगस योजना की ही तरह ऐस गाव बसाय गय जहा क तनवातसयो को सना क तनयतण म रहना था जगलो की दो हज़ार आतदवासी बतसतयो को नसतोनाबद कर तदया गया और लोगो को यातना तशतवरो म रखा गया ापामार गावो को ोड़कर तनकटवतटी जगलो म चल गय और वहा भी सना का दबाव बढ़न पर दरवतटी जगली कतो म तबखर गय

पाटटी क भमीतर चलमी बहसतनज़ाम क आतमसमपयण और

हदराबाद पर भारतीय सना का कबज़ा होन क बाद कमयतनसट पाटटी की आनधर इकाई क भीतर एक बहस उठ खड़ी हई रतव नारायण रििी क नततव वाल एक धड़ का मानना था तक तलगाना सशसतर सघषय तनज़ाम की सता क तिलाफ़ था और चतक अब तनज़ाम की सता का पतन हो चका ह इसतलए सशसतर सघषय वापस ल लना चातहए यह धड़ा सापकत धनी तकसानो व क ोट भसवातमयो क तहतो की नमाइनदगी करता था तजनहोन तनज़ाम क तिलाफ़ जारी तकसान तवदरोह का साथ तदया थापरनत तनज़ाम क पतन क बाद उनहोन सघषय स दरी बना ली थी परनत मधयम व ोट तकसान और खततहर मज़दर सघषय को जारी रखन क पकधर थ योतक व दख रह थ तक सना क आन क बाद भसवामी वापस गावो की ओर लौटन लग और तकसानो स ज़मीन ीनन लग तथा गाम राजयो क आदशो की अवहलना करन लग थ इसतलए आनधर कमटी न अनतत गररला सघषय जारी रखन का फ़सला तकया हालातक यह सपषट था तक अब उनका सामना पहल स कही जयादा ताकतवर दशमन स होन वाला ह

उधर पाटटी म कनदरीय सतर पर भी भारत म करातनत क मागय को लकर बहस चल रही थी माचय 1948 म पाटटी की दसरी कागस हई तजसम दतकणपनथी पीसी जोशी को हटाकर बीटी रणतदव को पाटटी का महासतचव बनाया गया था इस कागस म तलगाना क परतततनतधयो क ज़ोर दन क बाद ही दसरी कागस की थीतसस म तलगाना सघषय क महतव का उलख करत हए उस समथयन तदया गया और पर दश म ऐस सघषय सगतठत

करन तथा मज़दर वगय स भी उनक समथयन म आनदोलन करन का आहान तकया गया रणतदव न यह ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवादी थीतसस पश की तक जनवादी और समाजवादी करातनतया एक साथ होनी चातहए और कमयतनसटो को न कवल बड़ बजयआ को बतक सभी बजयआओ को अपन हमल का तनशाना बनात हए दशवयापी आम हड़ताल और सशसतर तवदरोह का मागय अपनाना चातहए इस ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवाद न भारतीय कमयतनसट आनदोलन को तो भारी कतत पहचाई ही उसक अलावा तलगाना सघषय क आग क तवकास को भी रोकन का काम तकया उसी साल मई क महीन म आनधर की पाटटी इकाई न रणतदव थीतसस का तवरोध करत हए अपनी यह लाइन रखी तक भारतीय करातनत का चररत रसी करातनत स तभनन ह और यह चीन म जारी नवजनवादी करातनत स काफ़ी हद तक समानता रखती ह यहा चार वगयो का सय त मोचाय बनाना होगा और दीघयकातलक लोकयदध का मागय अपनाना होगा आनधर थीतसस म माओ तस-तङ क नवजनवाद क तसदधानत को परासतगक बतात हए भारत म सवयहारा करातनत को दो अवसथाओ म समपनन करन की योजना परसतत की गयी हालातक इस थीतसस म भी क खातमया थी तमसाल क तलए यह भारत क बजयआ वगय को दलाल मानती थी लतकन कल तमलाकर यह लाइन ततकालीन पररतसथततयो म सापकत बहतर थी लतकन दो वषयो तक पाटटी पर रणतदव-लाइन का वचयसव बन रहन की वजह स तलगाना सघषय को भारी नकसान हआ दश क तवतभनन तहससो म तकसान सघषषो को तलगाना की राह पर आग बढ़ान और मज़दर वगय क सघषषो को उनक साथ जोड़न क बजाय ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवाद न पाटटी को जन समदाय स अलग-थलग कर तदया और कतारो की पहलकदमी को पग बना तदया लतकन अनतरराषटीय सतर पर आनधर लाइन क अनमोदन क बाद रणतदव की ldquoवामपनथीrdquo अवसरवादी लाइन अलग-थलग पड़ गयी मई-जन 1950 को रणतदव की बजाय राजशवर राव पाटटी क महासतचव बन और पाटटी न आनधर-थीतसस को आतधकाररक लाइन क तौर पर सवीकार तकया लतकन इस समय तक पहल ही काफ़ी दर हो चकी थी दशवयापी सतर पर सघषय क तवसतार की समभावनाओ का गलत लाइन काफ़ी हद तक गला घोट चकी थी और नयी बजयआ सता को अपन सदढ़ीकरण क तलए तीन वषषो का कीमती समय तमल चका था

सोनवयत िततव का मागषदशषि1951 तक आत-आत पाटटी क

भीतर तलगाना सघषय क आग क रासत क बार म मतभद गहरान लग बमबई मखयालय म हावी एसए िाग घाट और अजय घोष आतद का दतकणपनथी धड़ा शर स ही आनधर लाइन का तवरोध कर रहा था लतकन आनधर कमटी का बड़ा तहससा तफर भी सघषय को जारी

रखना चाहता था उसका मानना था तक फ़ौरी तौर पर नकसान क बावजद सघषय को जारी रखना और दश क अनय अनकल पररतसथततयो वाल भभागो म उसका फलाव ममतकन ह

पाटटी म मौजद मतभद सकट और तवभम की तसथतत को दर करन क तलए एक बार तफर अनतरराषटीय नततव पर भरोसा तकया गया और चार सदसयो का एक परतततनतधमिल 1951 क परारमभ म सोतवयत पाटटी क नततव स बातचीत करन क तलए मासको गया इसम दो ndash राजशवर राव और बासवपनया तलगाना सघषय क नता थ जबतक अनय दो ndash अजय घोष और िाग उसका तवरोध कर रह थ सोतवयत पाटटी की ओर स सतातलन मालकोव मालरोव और ससलोव न बातचीत की पी सनदरयया न पाटटी दारा सघषय वापस लन क फसल को जायज़ ठहरान क तलए अपनी तकताब म इस ओर इशारा तकया ह तक सतातलन न तलगाना सशसतर सघषय को वापस लन का सझाव तदया था योतक इस गोररला सघषय क समथयन म वयापक जन समथयन क अभाव म यह सघषय वयततगत आतकवाद की तदशा म बढ़ सकता था लतकन इस सघषय क भागीदार और नसलबाड़ी तकसान तवदरोह क बाद चार मजमदार की दससाहसवादी लाइन का तवरोध करत हए करातनतकारी जनतदशा की बात करन वाल िीवी राव न अपनी तकताब ldquoतलगाना ऑमय िसटगल एि तद पाथ ऑफ़ इतियन ररवोल यशनrdquo म तलखा ह तक उस समय उनह पाटटी म यह ररपोटय तकया गया था तक सतातलन न भारतीय परतततनतध मिल स कहा था तक ldquoसशसतर सघषय जारी रखन क तलए अतधक हतथयार अतधक कािर और सघषय क इलाको म ापामारो क तलए आवशयक सभी चीज़ो को भजा जाना चातहएrdquo बाद म जब परतततनतध मिल न सशसतर सघषय जारी रखन म आन वाली चनौततयो पर जोर तदया तो सतातलन का कहना था ldquoयह अफ़सोस की बात ह तक आप लोग सघषय की रका नही कर पा रह हrsquorsquo

परतततनतधमिल क भारत लौटन क बाद भारत म जनवादी करातनत क काययकरम का एक मसौदा तयार तकया गया और एक नीतत-तवषयक वतवय जारी तकया गया तजसम सशसतर सघषय का तज़कर तो नही था लतकन रणकौशल-तवषयक दसतावज़ म ldquoअपररपव तवदरोह और जोतखम भरी कारयवाइयो स सावधान रहत हएrdquo तकसानो क ापामार यदध क साथ ही मज़दरो की वगटीय हड़तालो और सघषय क अनय रपो क इसतमाल की बात कही गयी थी उसम इस धारणा को भी गलत ठहराया गया था तक दश क तकसी तहसस म सशसतर तवदरोह तभी शर तकया जा सकता ह जब पर दश म तवदरोह की तसथतत तयार हो दसतावज़ क अनसार तकसी एक बड़ भभाग म तकसान सघषय क ज़मीन-ज़बती क सतर पर पहचन क बाद वयापक जनानदोलन और ापामार यदध यतद ठीक तरह स सगतठत हो तो दशभर क तकसानो को

उदतलत करक सघषय को उचच धरातल पर पहचा दना समभव ह एक शािदार सघरष की शमषिाक

ढग स वापसमी1951 तक आत-आत पाटटी म

दतकणपनथी अवसरवादी हावी हो चक थ कनदरीय कमटी न आनधर की कमटी को सघषय कवल तब तक जारी रखन को कहा जब तक पाटटी सरकार स उस सथतगत करन की शतषो पर बातचीत परी न कर ल इन शतयो म तकसानो क कबज़ की ज़मीन ज़मीनदारो को वापस न करना कतदयो की ररहाई मकदम वापस लना और पाटटी स परततबनध हटाना परमख थी लतकन कनदरीय कमटी क इस तनणयय क तवपरीत अजय घोष क नततव वाल दतकणपनथी धड़ और आनधर क रतव नारायण रििी गट न तबना शतय सघषय वापसी क तलए दबाव बनाना शर तकया पाटटी की इस तसथतत का लाभ उठाकर नहर सरकार न तकसी भी शतय को मानन और बातचीत करन स इनकार कर तदया मई 1951 तक कनदरीय कमटी म आनधर क सदसय भी मान चक थ तक अब आतशक ापामार सघषय भी जारी रख पाना समभव नही ह

अटबर 1951 म पाटटी न तबना तकसी शतय तनहायत घटनाटक ढग स सघषय वापस लन की घोषणा कर दी जगल क ापामार नताओ को इसकी खबर बाद म लगी पाटटी अब परी तरह स ससदीय राह पर चल पड़ी दतकणपनथी धड़ क सामन उसक तवरोतधयो न आतमसमपयण कर तदया और कतारो म भारी पसती का माहौल फल गयातलगािा सघरष की फौरमी पराजय

क काररतलगाना सघषय की फ़ौरी पराजय

का सबस बड़ा कारण यह था तक पाटटी बोशतवक ढग स एकीकत नही थी और उसम ऊपर स नीच तक ldquoवामrdquo और दतकणपनथी भटकाव क धड़ मौजद थ इसतलए वह भारतीय करातनत को नततव दन म अकम थी 1946 स 1951 क बीच पहल पीसी जोशी काल क दतकणपनथी भटकाव न तफर रणतदव काल क ldquoवामपनथीrdquo भटकाव न और तफर अजय घोष काल क दतकणपनथी भटकाव न पर दश सतर पर और तलगाना क सतर पर पाटटी क काययो को काफ़ी नकसान पहचाया था यह एक ऐसा सकरमण-काल था जब नयी सता क सदढ़ीकरण की परतकरया अभी परी नही हई थी लतकन नौसना-तवदरोह तभागा-तलगाना-पनपरावायलार क तकसान सघषयो और दशवयापी मज़दर आनदोलनो को एक कड़ी म तपरोकर जनकरातनत की धारा को आग बढ़ान म पाटटी-नततव नाकाम रहा यतद यह परतकरया आग बढ़ती तो कागस की समझौतापरसती का पहल और नगा होकर सामन आता और पाटटी क नततव म यतद जनवादी करातनत जदी परी नही भी होती तो या तो दीघयकातलक लोकयदध मज़बत आधार पर आग की मतज़लो म परतवषट हो गया होता या जनसघषयो क दबाव म

(पज 2 पर जारमी)

10 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

बगलादश म एक बार फिर मिाि की आग की बलल चढ़ 52 मज़दरndash भारत

भारत हो या बगलादश या कोई अनय पजीवादी दश मातलको क तलए मज़दरो की अहतमयत कीड़-मकोड़ो स जयादा नही होती बीत 8 जलाई को बगलादश म ढाका क नारायणगज कत म जस क कारिान म भीषण आग लगी तजसम 52 मज़दरो की जान चली गयी और कई घायल हए 35000 वगय फ़ीट म बन कारिान म तसफ़य दो जगह सीतढ़या थी मातलक न जल की तरह सार दरवाज़ो पर ताला लगा रखा था तजसस मज़दर आग लगन क समय भाग भी नही पाय और जलकर मर गय क मज़दर तो ऊची त स कदन क कारण मार गय

साजीब गप की यह कमपनी ऑसटतलया अमररका भारत भटान नपाल जस दशो म अपना माल तनयायत करती थी पर इतनी बड़ी कमपनी होन क बावजद इसक कारिान म सरका क कोई इनतज़ाम नही थ और न ही आग लगन क बाद तनकलन का कोई रासता था आग इतनी भीषण थी तक उस बझान म 3-4 तदन लग गय

बगलादश म टसटाइल सटर सबस बड़ा सटर ह चीन क बाद बगलादश तसल-तसलाए कपड़ो का दतनया म सबस अतधक तनयायत करन वाला दश ह 84 परततशत तनयायत राजसव बगलादश को इसी स तमलता ह 45 लाख मज़दर करीब 4500 गारमट क कारिानो म काम करत ह इसक बावजद यहा क कारिानो म तसथतत नकय स भी बदतर ह सरका स लकर बतनयादी इनतज़ाम तक इनम मौजद नही ह इसी कारण आय-तदन कारिानो म आग लगन की घटनाए सामन आती ह

बगलादश म कारिान म आग की यह कोई पहली घटना नही ह सबको याद होगा तक बगलादश क इततहास म मज़दरो क तलए सबस बड़ी जानलवा घटना 2013 म घटी थी जब ढाका क राणा पलाज़ा गारमट सटर म आग लगन स 1100 स भी जयादा मज़दर मार गय थ इतनी भयानक घटना क बाद भी यह तसलतसला रका नही अगसत 2016 म दतकण बगलादश क चटगाव म फ़तटयलाइज़र कमपनी म गस लीक होन

स 100 मज़दर मार गय 2019 म एक गोदाम म आग लगन स 67 मज़दरो की मौत हो गयी 2010 म गर-काननी कतमकल कारिान म आग लगन स 123 मज़दरो मार गय और 2012 म ढाका क ताज़रीन फशन फटी म आग स 117 मज़दरो की मौत हई थी बगलादश क कारिानो म आग स मज़दरो की मौतो की यह फहररसत लमबी ह एक ररपोटय बताती ह तक 1990 क बाद स बगलादश क कारिानो म आग लगन की 50 स जयादा बड़ी घटनाए हई ह तजनम हज़ारो मज़दर मार जा चक ह इनह दघयटना या हादसा कहना सचचाई क साथ अनयाय होगा य सब मातलको व बड़ी-बड़ी कमपतनयो क मनाफ़ की हवस को परा करन क तलए की गयी हतयाए ह

दतनया की सारी बड़ी गारम ट कमपतनयो का माल यहा तयार होता ह तजसक तलए मज़दर 18-18 घट तक खटत ह और वतन क नाम पर 94 िॉलर यानी करीब 7000 रपय तक ही पात ह आज बगलादश क तजस तज़ तवकास की चचाय होती ह वह इनही मज़दरो क बबयर

और नग शोषण पर तटका हआ हइन कारिानो म साधारण दसतानो

स लकर जत तक नही तदय जात और कतमकल वाल काम भी मज़दर नग हाथो स ही करत ह फटररयो म हवा की तनकासी तक क तलए कोई उपकरण नही लगाय जात तजस वजह स हमशा धल-तमटी और उतपादो की तज़ गनध क बीच मज़दर काम करत ह जवानी म ही मज़दरो को बढ़ा बना तदया जाता ह और दस-बीस साल काम करन क बाद जयादातर मज़दर ऐस तमलग तजनह फफड़ो स लकर चमड़ी की कोई न कोई बीमारी होती ह

राणा पलाज़ा की घटना क बाद मटीनशनल कमपतनयो न कारिानो म सरका क इनतज़ाम पखता करन क बड़-बड़ दाव तकय मज़दरो को आग स बचन क तलए परतशकण तदया और यह तदखान क तलए और भी बहत सी नौटकी की तक मज़दरो की जान को लकर व तकतन ldquoतचतततrdquo ह लतकन आय तदन होन वाली आग लगन की घटनाए इन कमपतनयो की नौटकी का

राज़ खोल दती ह और यह नगी सचचाई सबक सामन आ जाती ह तक इनह अपन मनाफ़ स जयादा कोई पयारा नही ह इसी तलए बगलादश म शरम काननो का कोई महतव नही ह बगलादशी सरकार और उनकी परधानमती शख हसीना भी मज़दरो की मौत पर चपपी साध बठी रहती ह आतिर उस भी अपन पजीपतत आकाओ की सवा करनी ह हर जगह मज़दरो की हो रही मौतो की तज़ममदार यह समची मनाफ़ािोर पजीवादी वयवसथा ह जो मज़दरो क िन की आतिरी बद तक को तनचोड़कर अपना मनाफ़ा तनकालती ह

हम मज़दरो क तलए यह तज़नदगी और मौत का सवाल ह तक हम इस समची पजीवादी वयवसथा को उखाड़ फ कन की तयारी कर अपनी करातनतकारी पाटटी का तनमायण कर और मज़दर राज कायम करन की लड़ाई लड़ चाह इसम तकतना ही समय यो न लग जाय वरना हमारी आन वाली पीतढ़या भी ऐस ही पशओ क समान जीन और मरन को मजबर होगी

वति ि दि और वति कटौतमी म घपलबाज़मी को लकर मािसर की शमीनिसस कमिमी क मज़दरो क काििमी सघरष की उममीद भमी लगभग ख़तम

ndash शाम मदतवशरीतनसस वायररग तलतमटि

(मानसर) क मज़दरो को तपल ह महीन स उनक वतन का भगतान नही तकया गया ह दसर वतन स कमपनी दारा पसा काटन क बावजद न तो पीएफ़ और न ही ईएसआयी म पसा जमा तकया गया ह और न ही मज़दरो दारा कमपनी स तलय गय कज़य की तकशत चकायी जा रही थी इस तानाशाही व घपलबाज़ी की तशकायत मज़दरो न शरम उपाय त को 9 जलाई को तलतखत रप म भी की थी सटाफ़ क करीब 20 मज़दरो की तनखवाह का जनवरी 2021 स तथा ठका व अपरतटस मज़दरो का अपरल 2021 स भगतान नही तकया गया ह तशकायत क बाद एक महीन की तनखवाह उनक खात म ज़रर िाल दी गयी ह अभी भी करीब 50 अपरतटस मज़दरो 15-20 ठका मज़दरो तथा सटाफ़ क 20 मज़दरो की सलरी का भगतान बकाया ह वतन न तमलन क कारण बहत स मज़दर काम भी ोड़ चक ह करीब 200 ठका मज़दरो म स महज़ 15-20 मज़दर और सटाफ़ क भी करीब 85 म स 50 मज़दर ही बच ह

कमपनी परबनधन इन समसयाओ का कारण काम की कमी बता रहा ह जबतक मज़दर कह रह रह ह तक काम की कमी नही ह उट काम इतना ह तक कमपनी ऑियर परा नही कर पा रही ह तफ़लहाल कमपनी म समसयाओ क बावजद काम चल रहा ह और बच हए मज़दर काम भी कर रह ह और वतन-समबधी समसयाओ स भी जझ रह ह असल म इस कमपनी को मातलको क ही ररशतदारो को बचन की तयारी चल रही ह चतक कागज़ो म एक समय-सीमा क भीतर कमपनी को दसरी कमपनी को सौपना ह तो पहल परान मज़दरो को तनकालन का षियत रचा जा रहा ह

शरीतनसस कमपनी ऑटोमोबाइल सटर क तलए कल-पजज बनान वाली

एक विर कमपनी ह जो मारतत हीरो जसी मदर कमपतनयो तथा नपीनो परीकॉल तमिा मदरसन लकास टीवीएस इटरफस असती पदतमनी वीएनए एसएमएल तफ़तलपस आतद विर कमपतनयो क तलए हारनस बनाती ह इसका दसरा पलाट रदरपर म ह

तपली 19 जलाई को मज़दरो को िीएलसी ऑतफ़स म सनवाई क तलए बलाया गया था लतकन न तो उस तदन शरम उपाय त तदनश कमार (गड़गाव) आय और न ही परबनधन की तरफ़ स कोई आया 23 जलाई को होन वाली अगली सनवाई क पहल ही कमपनी न पॉवर कट का बहाना बनाकर काम बनद कर तदया और गट भी नही खोला 27 जलाई की समझौता वाताय म कमपनी क न आन पर शरम तवभाग न एस पाटटी (एकपकीय तनणयय) क तौर पर फसला तदया तजसक आधार पर मज़दर तबना तकसी ज़मीनी सघषय की तयारी क महज़ काननी तरीक स अतधकार पान का सपना दखन लग थ

पहल भी ऐसा दखा गया ह तक कमपनी क तबकन या 30 तदन की समय-सीमा क अनदर दोबारा सनवाई करक तनणयय को पलट तदया गया और मज़दरो क साथ धोखा हो गया अगसत म कमपनी परबनधन न बच-खच मज़दरो की एकता को िरा-धमकाकर व भतवषय का िर तदखाकर तोड़ तदया कमपनी परबनधन दारा यही कहा गया तक अभी जो तमल रहा ह उस ल लो वरना वह भी नही तमलगा कोटय क चकर काटत रह जाओग इस तरह स जो काननी सघषय की समभावना थी उस भी बरी तरह स कमज़ोर कर तदया गया 60-70 मज़दरो म भी महज़ 10-15 बच थ तजसम 4-5 सटाफ़ क थ और 10-12 कमपनी रोल पर एक मज़दर न बताया तक मज़दर 20-50 हज़ार रपय म तहसाब लकर काम ोड़कर चल गय ह कइयो न तो परा

वतन और मआवज़ा तक भी नही तलया जो तमला उसी को ठीक समझा ऐस म अब सब मज़दरो को तहसाब तमलना भी मतशकल लग रहा ह

यह सब तब हआ जब कमपनी न तबना तकसी नोतटस चतावनी व तफ़तीश क एकतरफ़ा मनमज़टी स आवाज़ उठान वाल मज़दरो को गट बनद करक बाहर कर तदया इस तरह परबनधन दारा मारपीट की धमकी स गट पर बठ मज़दरो का हौसला टट गया ऑटोमोबाइल इिसटी काटट वकय सय यतनयन न उनक सामन यही बात रखी तक हम जद स जद मीतटग करक सामतहक रप स सघषय का रासता तनकालना चातहए लतकन मज़दर अपन आप को इसक तलए तयार नही कर पाय परबनधन क िर स मज़दर तकसी भी यतनयन स ररशता बनान स िर रह थ

सघरव की कमजोरी या थी अगर मड़कर दख तो पहल ज़मीनी सघषय का रासता ोड़कर महज़ काननी परतकरया पर तनभयरता का रासता अपनाया गया तफर मातलको दारा िरान-धमकान पर मज़दर िर गय और एक-एक करक टटत चल गय जब मज़दरो को ज़बरन दोबारा गटबनद करक बाहर तकया गया था उसी वक़त मज़दरो को एकजट होकर ज़मीनी सघषय क रासत पर बढ़ना चातहए था तब भी ऑटोमोबाइल इिसटी काटट वकय सय यतनयन यही कह रही थी तक एक परचा तनकालकर पर मानसर क औदयोतगक कत म बाटत हए इलाक क तवतभनन फटी मज़दरो स सघषय म साथ दन की अपील करनी होगी चाह उन फतटयो म यतनयन हो या न हो लतकन शरीतनसस फटी क मज़दरो की न तो कोई अपनी यतनयन थी और न ही तकसी आनदोलन म शातमल होन का अनभव और न ही फटी सतर पर मज़दरो की कोई सघषय सतमतत थी इसतलए व तकसी भी तरह क एकजट सगतठत सघषय का रासता नही अपना सक दसर शबदो म

मज़दर सातथयो का सघषय और राजनीतत स साबका बहत ही कम था सघषय और राजनीतत की अनभवहीनता और उनक परतत उदासीनता और साथ ही काननी परतकरया पर पणय तवशवास उनकी मखय कमज़ोररया थी हम मज़दरो को यह समझ लना चातहए तक शरम तवभाग स लकर फ़टी इसपटर आतद पजीपततयो मातलको और ठकदारो की सवा करत ह कोई एक अतधकारी ईमानदार भी हो तो भी वह क िास नही कर सकता ह योतक जब कभी मज़दरो क पक म शरम तवभाग का फसला आता भी ह तो उस लाग करन की कोई वयवसथा भारत की पजीवादी वयवसथा म जानबझकर की ही नही गयी ह काननी सघषय कभी-कभार ही सफल होत ह और वह भी तब जब उसक पी मज़बत ज़मीनी सघषय मौजद हो

ज़ररमी सबक इन तदनो मज़दरो की तनखवाह दर

स तमलना अधरी तमलना या न तमलन क मामल बढ़त ही जा रह ह कक मामलो को ोड़कर अतनयतमत मज़दरो क मामल शरम तवभाग तक पहच ही नही पात ह शायद ही कोई कमपनी होगी तक जहा काम करन वाल कचच मज़दरो की तनखवाह क मामल म कभी कोई समसया न आयी हो इसतलए मज़दरो को महज़ शरम तवभाग और शरम नयायालय क तनणययो तक अपन आप को सीतमत नही रखना चातहए सघषय क मखय पहल यानी ज़मीनी सघषय की तयारी व कारवाई को जारी रखना चातहए जब दतनया म शरम कानन नही थ तो सघषयो क ज़ररए ही शरम कानन बनवाय गय थ और लाग भी करवाय गय थ आज ज़मीनी सघषयो क कमज़ोर पड़न की वजह स पहल क हातसल तकय गय अतधकार गर-काननी और काननी तौर पर ीन जा रह ह इसक तलए एक बार तफर स दश म मज़दरो को हक और इसाफ़ की लड़ाई क तलए कमर

कसनी होगी ज़मीनी सघषयो को भी तभी आग बढ़ाया जा सकता ह जब मज़दर भाई और बहन अपन आस-पास क सभी मज़दर और अनय जनसघषयो स सतकरय ररशता बनाए और मज़दरो क सघषयो क इततहास स भी पररतचत हो साथ म ही इन सभी सघषयो पर सोच-तवचार करक अपन तलए सबक तनकालना भी मज़दरो क तलए बहद ज़ररी ह योतक इसी परतकरया म व अपन सघषयो की कमज़ोररयो को भी समझग और आन वाल तदनो क सघषयो को पहल स जयादा मज़बत बनायग आज क समय म कारिान क भीतर और सभी कारिानो क मज़दरो और तवशषकर असथायी मज़दरो की एकता और सगठन बहत ज़ररी ह उसक तबना उनकी ताकत बहद कम होती ह और मातलक और ठकदार उनस तनपट लत ह अगर हम य सार कदम नही उठात तो अचानक तसर पर मसीबत पड़न पर क समझ नही आता ऐस म या तो िर व अतनतशचतता क कारण मज़दर साथी जदी टटत ह और तरनत तहसाब ल लत ह या तफर तमाम ऐसी मौकापरसत और समझौतापरसत यतनयनोफिरशनो या िद की अनभवहीन या मौकापरसत और समझौतापरसत कमटी क चकर म फसकर अनत म थक-हार कर तहसाब लन को मजबर हो जात ह थोड़-बहत मज़दर तबना ज़मीनी सघषय क हक और नयाय पान क इनतज़ार म कोटय-कचहरी म तघसटत रहत ह

जहा तक मज़दरो क करातनतकारी यतनयन आनदोलन का परशन ह आज ज़ररत ह तक मज़दरो को कारिान क पमान क साथ-साथ पर सटर और इलाकाई पमान पर एकजट और सगतठत तकया जाय तातक सकट की घड़ी म एक-दसर क साथ खड़ा हआ जा सक इस बात को पहल स कही जयादा और जद स जद लाग करन की ज़ररत ह तातक

(पज 15 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 11

(पज 12 पर जारमी)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का हमज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहए

ndash जशवािमीहाल म भारत क दो उतर-पवटी

राजय असम-तमज़ोरम क बीच सीमा-तववाद स जड़ा हआ घटनाकरम काफ़ी सतिययो म रहा उतर-पवय का नाम सनकर हमम स क को लग सकता ह तक इतनी दर-दराज़ की घटना स हम मज़दरो-महनतकशो का सरोकार भला यो होना चातहए इसतलए होना चातहए योतक यह भी मज़दर वगय की करातनतकारी राजनीतत को समझन और जानन क तलए आवशयक ह तकसी भी रप म दबायी जा रही या उतपीड़ तत हो रही जनता और उसकी समसयाओ और सघषयो स सरोकार रख तबना मज़दर वगय वयापक महनतकश जनता की करातनतकारी एकता कायम नही कर सकता ह शासक वगय दतमत कौमो क बीच भी मौजद अनतरतवरोधो और तववादो को हवा दता ह तातक उनह आपस म लड़वाकर कमज़ोर तकया जा सक हआ यह ह तक हाल ही म असम और तमज़ोरम क बीच राजय की सीमाओ को लकर एक तववाद पदा हो गया

यह कोई पहली बार नही ह जब असम और तमज़ोरम क बीच अनतरराजयीय सीमा को लकर तववाद उठ खड़ा हआ हो इसस पहल भी दोनो राजयो क बीच सीमा-तनधायरण को लकर झगड़ और तववाद पदा हए ह तजनहोन कई बार काफ़ी उग रप भी अतखतयार तकय ह

हालातक इस बार इस तववाद क साथ जो तहसा की वारदात हई उसम सवय असम पतलस और तमज़ोरम पतलस शातमल भी थी यही कारण ह तक आम तौर पर हातशए पर रहन वाल उतर-पवय क राजयो क मामलो न lsquoमखयधाराrsquo म भी इस मद को लकर चचाय ड़ दी लतकन यह परी चचाय ही सतही थी और इस तववाद क हर परकार क तवशलषण म आम तौर पर ऐततहातसक दतषट का अभाव था और मखय राजनीततक परशनो की अनपतसथतत थी सचचाई यह ह दक राजयो की सीमा स जड य दववाि कवल असम और दमजोरम क बीच ही मौजि नही ह बदलक उततर-पवव क अय राजयो क बीच भी इनको लकर खासा इदततलाफ ह उततर-पवटी राजयो म इन तमाम सीमा-दववािो की जड वातव म इदतहास म मौजि ह दजसम पहल औपदनवदशक सतता और बाि म वाततयोततर भारतीय राजयसतता की िमनकारी व ग़र-जनवािी नीदतयो और कौमी िमन की भदमका कदीय ह

इस बार असम-तमज़ोरम क बीच लमब समय स वयापत सीमा-तववाद न तल तब पकड़ा जब 26 जलाई को तमज़ोरम पतलस दारा राजय सीमा पर गोलीबारी म 6 असम पतलसकतमययो की मौत हो गयी और 50 क करीब पतलस अतधकारी व पतलसकमटी घायल हए इस तहसा म एक नागररक की मतय भी हई हालातक तमज़ोरम का दावा था तक हमला पहल

असम पतलस की तरफ़ स हआ था और उसन महज जवाबी कारयवाई की थी गौरतलब ह तक कनदरीय गहमती अतमत शाह की 25 जलाई को तशलाग म उतर-पवटी राजयो क मखयमततयो क साथ बठक हई थी तजसम तमाम मसलो क साथ असम क तमज़ोरम नगालि अरणाचल परदश और मघालय क साथ सीमा-तववाद पर बातचीत भी शातमल थी 26 जलाई की घटना इस बठक क बाद ही घतटत हई

इस घटना क बाद असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा और तमज़ोरम क मखयमती ज़ोरामथगा क बीच इन तहसा की घटनाओ की तज़ ममदारी को लकर काफ़ी बहस चली और आरोपो-परतयारोपो का भी एक लमबा तसलतसला चला मोिी सरकार क दलए यह शदमविगी पिा करन वाली दथदत थी वजह यह ह दक असम म भाजपा की सरकार ह और दमजोरम म सततासीन दमजो नशनल फरणट उततर-पवव लोकतादरिक गठबधन (एनईीए) का दहसा ह दजसका गठन भाजपा क नतकतव म 2016 म हआ था और तजसक सयोजक उस समय स ही असम क वतयमान मखयमती हमनत तबसव सरमा ह

बहरहाल 26 जलाई क इस घटनाकरम क बाद दोनो राजयो म तसथतत को ldquoसामानयrdquo तकय जान क तलए 28 जलाई को कनदरीय गह सतचव क साथ असम और तमज़ोरम क राजय गह सतचवो की लमबी वाताय हई तजसम ldquoआपसी बातचीतrdquo स सीमा-तववाद का तनपटारा करन पर सहमतत बनायी गयी और राषटीय राजमागय 306 पर कनदरीय सरका बलो की तनाती क तनदजश तदय गय बावजद इसक तसथतत गमभीर ही बनी रही असम सरकार न अपन राजय क लोगो क तलए याता-समबनधी तनदजश जारी करक उनह तमज़ोरम न जान की तहदायत दी असम पतलस को तनदजश जारी तकय गय तक तमज़ोरम स आन वाली हरक गाड़ी की अनतरराजयीय चक पोसट पर गर-काननी नशील पदाथयो इतयातद क तलए ठीक स जाच की जाय और इसक बाद ही राजय म आन की अनमतत दी जाय असम न तमज़ोरम को जान वाला राषटीय राजमागय क समय क तलए बनद भी कर तदया था तजसस आवशयक वसतओ दवाओ आतद को तमज़ोरम पहचान म तदक़कत भी पश आयी यही नही असम पतलस दारा तमज़ोरम पतलस और तमज़ोरम स राजय सभा सदसय क वनलावना क तिलाफ़ पराथतमकी भी दजय की गयी तो वही तमज़ोरम पतलस न भी असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा और असम पतलस क अनय अतधकाररयो क तिलाफ़ तशकायत दजय की हालातक दोनो तरफ़ की इन तशकायतो को बाद म वापस ल तलया गया इसक बाद गहमती अतमत शाह क ldquoहसतकपrdquo क बाद दोनो राजयो क मखयमततयो न एक साझा बयान जारी करक तसथतत को ldquoसामानय

बनान और तनाव को ितम करनrdquo की बात कही लतकन भाजपा क तलए तो तसथतत वाकई म लशपणय हो गयी थी इस पर घटनाकरम क पी काम कर रह कारको को थोड़ा गहराई स समझना होगा

उततर-पवष म फासमीवादमी-अनधराषटवादमी भाजपा का बढ़ता

राजिमीनतक दख़लवातव म 2016 म उततर-पवव

लोकतादरिक गठबधन (एनईीए) क गठन क पीछ भाजपा की असली मशा उततर-पवव म अपना राजनीदतक िखल बढाना था और साथ ही उततर-पवव क ldquoतनावगतrdquo इलाको क मखयभदम भारत क साथ एकीकरण क परोजट को आग बढाना भी था जो वातव म और कछ नही बदलक उततर-पवव म भारतीय राजयसतता दारा राषटीय िमन की नीदत का ही दहसा ह भारतीय राजयसता दारा उतर-पवय म बस रही तमाम राषटो और अपसखयक राषटीयताओ क साथ तकय गय ऐततहातसक ल-कपट और वायदा-तिलाफ़ी की चचाय हम आग करग लतकन जहा तक पर उतर-पवय म अपनी पकड़ बनान का परशन ह तो भाजपा क तलए ऐसा करना इतना सगम भी नही ह क समझौतापरसत घटनाटक ताकतो को ोड़ तदया जाए जोतक असर हर दतमत कौम म पायी ही जाती ह तो वयापक आबादी म भारतीय राजयसता क तिलाफ़ गहरी ऐततहातसक नफ़रत मौजद ह और भारत स आज़ादी की चाहत परबल ह इस पर कत म ही भारतीय हमरानो की कौमी दमन की नीततयो की मिालफ़त का एक लमबा इततहास भी मौजद रहा ह और वतयमान म भाजपा क तमाम फ़ासीवादी व अनधराषटवादी नीततयो क तिलाफ़ परततरोध की भी तमसाल ह

यह तथय भी यहा रखादकत करना आवशयक ह दक भाजपा और सघ पररवार उततर-पवव म दवशर तौर पर असम को दहितव फासीवाि की नयी परयोगशाला बनान क दलए काफी जोर लगा रह ह असम म सामपरदातयक धरवीकरण की राजनीतत को इसी उदशय स भाजपा कभी एक तो कभी दसर रासत स लगातार अमल म ला रही ह जहा तक असम का परशन ह तो तपल साल सीएए-एनआरसी का तशगफ़ा भी इसी मकसद स उाला गया था हालातक असम म उसका तवरोध अनय कारणो स हआ था और तवरोध पहल स मौजद ldquoसथानीय बनाम परवासीrdquo की अतसमतावादी राजनीतत क कारण जयादा हो रहा था

हाल म ही असम की भाजपा सरकार दारा भी ldquoजनसखया तनयतणrdquo क नाम पर अनय भाजपा-शातसत परदशो की तज़य पर ही मसलमान-तवरोधी फ़ासीवादी फ़रमान जारी करन की शरआत कर दी गयी ह इसक अलावा क समय पहल ही असम पश सरकण तवधयक 2021 पाररत तकया गया तजसक चलत गोमास

की तबकरी पर आतशक रोक लगना तय ह नय कानन क तहत राजय म मवतशयो क वध उपभोग और पररवहन को तवतनयतमत करन क परावधान शातमल ह वासतव म वतयमान तवधयक और क नही बतक 1951 क असम पश सरकण कानन का lsquoअपगिि वज़यनrsquo ह गौरतलब ह तक उस वक़त कागस न यह कानन बनाया था या इसी तथय स ही कागस की धमय-तनरपकता और फ़ासीवाद-तवरोध क ढोल की पोल नही खल जाती ह असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा न दावा तकया तक इस तवधयक क पी कोई गलत मशा नही ह और इसस तो असल म सामपरदातयक सदभाव मज़बत होगा यही नही इन महोदय क अनसार सामपरदातयक सौहादय बनाय रखन क तलए कवल तहनद ही तज़ममदार यो हो मसलमानो को भी इसम सहयोग करना चातहए नया कानन बन जान पर तकसी वयतत को मवतशयो का वध करन पर तब तक रोक होगी जब तक तक उसन तकसी तवशष कत क पजीकत पश तचतकतसा अतधकारी दारा जारी आवशयक परमाण पत परापत नही तकया हो उतचत दसतावज़ क अभाव म मवतशयो को एक तज़ल स दसर तज़ल और असम क बाहर पररवहन को भी अवध बनान क परावधान ह इस कानन क तहत सभी अपराध सजय और गर-ज़मानती होग इस कानन को लकर उततर-पवव क अय राजयो म काफी असतोर ह योदक यह वहा क थानीय दनवादसयो क खान-पान की वतरिता और स कक दत पर सीध-सीध फासीवािी हमला ह

हम दख सकत ह तक उतर-पवय म फ़ासीवादी तगरोह न तसफ़य भारतीय राजय की परानी राषटीय दमन की नीतत को ही आग बढ़ा रहा ह बतक असम क उदहारण स यह भी सपषट हो जाना चातहए तक भाजपा और सघ पररवार अपन राजनीततक हसतकप क ज़ररए पर सामातजक तान-बान म सामपरदातयक नफ़रत तहदतववादी कटरता और धमायनधता को भी फलान का भरपर परयास कर रह ह और तफ़लहाल उनह असम म तो एक हद तक इसम सफलता भी हातसल होती हई नजर आ रही ह

असम-ममज़ोरम समीमा नववाद उपनिवशवाद की एक नवरासत

दरअसल तमज़ोरम और असम क बीच 1646 तकलोमीटर लमबी साझा सीमा ह तजसम तमज़ोरम क आइज़ोल कोलातसब और मातमत तज़ल और असम क कार हलाकािी और करीमगज तज़ल आत ह दोनो ही राजय lsquoइनर लाइन ररज़वय फ़ॉरसटrsquo क लगभग 131831 वगय तकलोमीटर कत पर अपना दावा पश करत ह तजसक कारण तकसी भी तातकातलक टकराहट की घटना क पदा होन स सीमा को लकर तववाद पनः उतपनन हो जाता ह इस बार भी यही हआ था

सतही तौर पर िखन पर असम-दमजोरम सीमा-दववाि क कद म

मखय तौर पर औदपवदशक काल की िो अदधसचनाए दिखलायी पडती ह जहा तमज़ोरम ऐततहातसक सीमा की बहाली क तलए 1875 की अतधसचना का तहमायती ह वही असम ऐततहातसक सीमा-तनधायरण क तलए 1933 की अतधसचना का पकधर ह 1933 की अतधसचना मतणपर और लशाई पहातड़यो (जोतक तमज़ो पहातड़या भी कहलाती ह) क बीच सीमा-तनधायरण क समबनध म ह जबतक 1875 की अतधसचना भतपवय लशाई पहातड़यो और कार क मदान क बीच सीमा-तनधायरण को तय करती ह तमज़ोरम का मानना ह तक 1933 की अतधसचना क समय उसकी रज़ामनदी नही ली गयी थी 1933 क बदल हए सीमा-तनधायरण क पी एक कारण तरितटश उपतनवशवातदयो क असम क चाय-बागानो स जड़ आतथयक-वयावसातयक तहत भी थ

इसक अलावा 1898 म औपतनवतशक तरितटश सता न 6 तसतमबर 1895 की दो अलग उदघोषणाओ क ज़ररए उतरी लशाई पहातड़यो को असम परानत क अधीन कर तदया और दतकण लशाई पहातड़यो को बगाल परानत क अनतगयत कर तदया इसक बाद 1 अपरल 1898 को तरितटश सता दारा एक अनय उदघोषणा क ज़ररए दतकणी लशाई पहातड़यो को असम को सथानानतररत कर तदया गया लबबलबाब यह दक लशाई पहादडयो या नगा पहादडयो जस पहाडी इलाको को दजनम दवदशषट नकजातीय समह रहत थ दजनकी अपनी दवदशषट स कक दत और जीवन-शली थी उह थानीय लोगो की रजामिी क बग़र जबरन कभी एक परशासदनक इकाई तो कभी िसरी परशासदनक इकाई म पटक दिया जाता रहा ह दजसक कारण एक असतोर औपदनवदशक िौर स ही इन इलाको म मौजि ह

आज़ादी क बाद सतवधान क ठ शियल क अनतगयत भारत म तमाम ldquoजनजातीयrdquo इलाको क परशासन क तलए उनह दो भागो म बाटा गया थाndash भाग ए और भाग बी 1952 म लशाई पहातड़यो क आइज़ोल और लङलह उपभागो तजनम तक मखयतः तमज़ो लोग बस हए थ का गठन इसी ठ शियल क अनतगयत भतपवय असम की lsquoलशाई पहाड़ी सवायत तज़ला काउतसलrsquo क तौर पर तकया गया और 1953 म बाकी बच हए कत म पावी लखर चकमा आतद अनय सथानीय बातशदो को तमलाकर एक कतीय काउतसल बनायी गयी 1954 म लशाई पहाड़ी तज़ल का नाम बदलकर तमज़ो तज़ला कर तदया गया 1972 म उतर-पवटी राजय पनगयठन अतधतनयम 1971 क तहत असम म स ही पहल तमज़ो तज़ल को कनदर शातसत परदश (lsquoयतनयन टररटरीrsquo) क रप म गतठत तकया गया 1986

12 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 13 पर जारमी)

(पज 11 स आग)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का हमज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहए

म तमज़ो राषटीय फट जो तक पहल भारतीय राजयसता क तिलाफ़ सशसतर सघषय म शातमल थी और भारत सरकार क बीच तमज़ो समझौता कायम होन क फलसवरप तमज़ोरम को पणय राजय का दजाय 20 फ़रवरी 1987 को परापत हआ

हालादक अलग राजय गठन स राषटीय समया का कोई समाधान नही हआ और िदमत कौमो क समबध म ऐसा हो भी नही सकता ह दजनक दलए एकमारि करादतकारी कायवकरम अलग होन क अदधकार समत आतमदनणवय क अदधकार का ही होता ह यहा यह भी सपषट करत चल तक सघवाद या तकसी भी परकार की कतीय सवायतता की तहफ़ाज़त या माग राषटीय दमन क िातम का काययकरम हो ही नही सकत ह जसा तक पजाब क क ldquoमासयवादीrdquo कौमवादी आजकल दावा करत तफर रह ह ऐसा कोई भी काययकरम एक शदधतः सधारवादी काययकरम ह और लतननवादी काययतदशा स इसका कोई लना-दना नही ह करातनतकारी मज़दर वगय साझी सहमतत स बन बड़ स बड़ राजय का पकधर होता ह और तवखिन की परतकरया को चाहता नही ह लतकन करातनतकारी मज़दर वगय करातनतकारी जनवाद का भी सबस मज़बत झिाबरदार होता ह और इसतलए वह जनवादी तरीक स और सभी कौमो की साझा सहमतत स ही बड़ राजय का पकधर होता ह

इस सदकषपत चचाव क बाि यह कहना ज़यािा उपयत होगा दक असम-दमजोरम क बीच यह आधदनक सीमा-दववाि वातव म औपदनवदशक िौर की ही एक दवरासत ह दजस भारत का उततर-पवव कहा जाता ह वह ऐदतहादसक तौर पर कभी भारत का दहसा था ही नही हालादक पराचीन काल स ही मखयभदम भारत क सामाजयो क इस इलाक स समपकव क परमाण मौजि ह उतर-पवय क जनजातीय इलाक पराक-औपतनवतशक भारत म शातमल नही थ यतद हम इततहास म थोड़ा पी जाय तो हम पात ह तक1818 म उस वत तरितटश ईसट इतिया कमपनी का हसतकप उतर-पवय म शर हो गया जब अहोम सामाजय क राजा न बमाय स बारमबार होन वाल हमलो स तनपटन क तलए उसस मदद मागी तरितटश ईसट इतिया कमपनी न परथम एगलो-बमटी यदध म बमटी सना को परासत तकया तजसक चलत यािाब की सतनध अमल म आयी इस सतनध क अनतगयत अहोम राजा न अपन राजय कत का एक तहससा तरितटश ईसट इतिया कमपनी को तोहफ़ म भट तकया तजसक फलसवरप तरितटश उपतनवशवाद उतर-पवय म अपन अतधकार और तहत कायम करन म सफल हो गया

इसक पशचात ही तरितटश औपतनवतशक शासको न अपन परशासतनक तहतो क मदनज़र इस पर भौगोतलक भ-भाग को औपतनवतशक भारत म शातमल तकया था तरितटश

उपतनवशवादी इस कत क भराजनीततक और सामररक महतव को दखत हए इस भारत और चीन क बीच एक lsquoबफ़र कतrsquo भी बनाना चाहत थ तजस व अपन आतथयक-वयापाररक तहतो क मातहत रखत तरितटश उपतनवशवातदयो न पहल इस भ-भाग को बगाल परानत क अधीन रखा और 1874 म अलग असम परानत का गठन करक भारत स इस पर कत का राजनीततक-परशासतनक एकीकरण तकया बावजद इसक मलतः और मखयतः औपतनवतशक नीतत उतर-पवय क समबनध म शष भारत स तवलगाव और तवलगन की ही थी तजसक फलसवरप यहा बसन वाली तमाम नजातीय-जनजातीय समहो क बीच भी अलगाव और पथकतव पदा हआ जोतक सवाभातवक ही था

जादहरा तौर पर उततर-पवव म दरिदटश हकमत की नीदतया अपन वयावसादयक-आदथवक दहतो और राजकीय-परशासदनक सहदलयतो स सचादलत थी उस दौर म मतणपर और ततपरा को ोड़कर जो तक ररयासत थी बाकी परा उतर-पवय अतवभातजत असम ही कहलाता था असम क ही इन तमाम जनजातीय इलाको की आग चलकर तरितटश औपतनवतशक परशासन दारा एक क बाद एक सीमा तनधायररत की जान लगी तजसम सथानीय जनजातीय समहो की सहमतत नदारद थी और तजसकी चचाय हम ऊपर कर चक ह पषट ह दक य कषरिीय परशासदनक दवभाजन न तो ऐदतहादसक पररदथदतयो को धयान म रखकर दकय गय थ और न ही जनवािी तरीक स जन-आकाकषाओ क आधार पर ही दकय गय थ यही कारण ह दक आज भी असम स दनकल अय राजयो म भारतीय राषटवाि और भारतीय राजयसतता क दवरदध नफरत और ग़सा तो ह ही लदकन इसक साथ ही असदमया अधराषटवाि क दखलाफ भी एक नाराजगी ह दजस उततर-पवव की अय कौम कषरिीय पमान पर lsquoदबग रििरलीrsquo (बड भाई-जसा) बतावव क रप म िखती ह

सकप म कह तो रिहमपत नदी क परब का तहससा भ-राजनीततक रप स पहली बार भारत क उपतनवशीकरण क बाद ही शष भारत स जड़ा बावजद इसक तरितटश उपतनवशवातदयो न उतर-पवय की जनता की शष भारत की आबादी स पारसपररक अनतरतकरया नही होन दी बतक आम तौर पर उस अवरदध भी तकया इसकी वजह स भ-राजनीततक दतषट स शष भारत स जड़न क बावजद इस कत की जनता का सासकततक अलगाव बना रहा आज़ादी क बाद भारतीय राजयसता की कौमी दमन की नीततयो क तहत ही इस कत की पराकततक व खतनज समपदा का दोहन करन क कारण इसम आतथयक शोषण का भी पहल जड़ गया तजसन इस अलगाव को और बढ़ाया और इस राजनीततक रप परदान तकया

उततर-पवष की कौमो क साथि भारतमीय राजयसतता क

नवशवासघात का काला इनतहास उतर-पवय म दमन की यह

औपतनवतशक तवरासत भारतीय राजयसता को आज़ादी क बाद उतरातधकार म परापत हई तजस यहा क शासक वगयो न हाथो-हाथ तलया आज़ादी क बाद स ही उतर-पवय को भारत म शातमल करन पर काफ़ी तववाद उतपनन हए भारत क साथ एकीकरण कोई पवयतवतदत पररणाम नही था जसा तक असर इततहास की आतधकाररक-सरकारी पसतको म पढ़ाया जाता ह आज़ादी स पहल भी तवशषकर नगा और तमज़ो नजातीय समहो म भारत स अलग सवतत राजनीततक अतसततव की इचा परबल थी हालातक जन 1947 म असम और उतर-पवय को भारत म शातमल करन का फ़सला ल तलया गया

आजािी क बाि जो उततर-औपदनवदशक शासक वगव अदततव म आया वह एक बहराषटीय और दमदरित शासक वगव था दजसम कशमीर और उततर-पवव की िदमत कौमो को छोडकर बाकी सभी कौमो क बजवआ वगव की अपन आकार और शदतमतता क दहसाब स नमाइिगी थी और कदीय सतता म दहसिारी थी कशमीर और उततर-पवव की कौमो को सचच और सही अथषो म आतमदनणवय का अदधकार िन की बजाय भारतीय शासक वगषो न उनका जबरन भारत क साथ एकीकरण दकया कशमीर क साथ ही उततर-पवव म भी भारतीय राजयसतता क आजािी क दपछल कई िशको की नीदतयो न राजकीय दहसा और कौमी िमन का बबवर रप अदततयार दकया ह

आज़ादी क बाद स ही उतर-पवय म राषटीय तवतवधताओ क साथ बस रही तमाम कौमो व नजातीय समहो की आज़ादी की चाहत को फ़ौजी बटो और बनदक क ज़ोर क दम पर भारतीय हमरानो न कचलन की सकड़ो कोतशश की ह 1962 क भारत-चीन यदध क बाद तो भारतीय राजय क तलए उतर-पवय और भी अतधक सामररक महतव का कत बन गया और भारतीय राजयसता को यहा तमाम राषटीय मतत सघषयो को ldquoराषटीय सरकाrdquo क नाम पर कचलन का एक परकार स lsquoलाइससrsquo भी परापत हो गया इस पर कषरि म 1958 स ही कखयात काला कानन lsquoसरकषा बल दवशर अदधकार अदधदनयमrsquo (अफपा) लाग ह तजसकी वजह स चनावो की रसमअदायगी होन क बावजद वहा वयवहारतः सनय शासन की तसथतत ह योतक सरका बलो को असीतमत अतधकार परापत ह इसी काल कानन का लाभ उठाकर भारतीय सना और अधयसतनक बलो न उतर-पवय म तपल पाच दशको स आतक का राज कायम तकया हआ ह और राजकीय दमन और तहसा का नगा नाच तकया

ह और इन राजयो की आम जनता क मानवातधकारो का बशमटी और दि-मतत क साथ हनन तकया ह ग़ौरतलब ह दक मानवादधकारो की धदजजया उडान वाला यह कानन परी तरह स सदवधान सममत ह

मखयभतम भारत म उतर-पवय को लकर काफ़ी हद तक गर-जानकारी और अजानता भी वयापत ह तजस आज भारत का उतर-पवय कहा जाता ह आज़ादी क वक़त उस पर भ-भाग म भतपवय असम परानत क असम क मदान आत थ इसक अलावा पहाड़ी तज़ल उतर-पवटी सीमावतटी परदश क नाथय-ईसटनय फतटयर टटस (एनईएफ़टी) और मतणपर और ततपरा की ररयासत शातमल थी इस कत म रहन वाल लोगो की ससकतत और इततहास म समानता और समरपता क क ततव जरर ह लतकन उनम कई तवतवधताए भी ह कल आठ राजयो यानी तक असम अरणाचल परदश मघालय मतणपर तमज़ोरम ततपरा नगालि तसतकम म तवभातजत उतर-पवय का कतफल दश क कल कतफल का 798 फ़ीसदी और इसकी आबादी दश की कल आबादी का 37 फ़ीसदी ह इस पर कत म लगभग 220 नजातीय समह और उपसमह रहत ह और लगभग इतनी ही बोतलया बोली जाती ह

औपदनवदशक शासन क अदतम िौर म और आजािी क बाि राजकीय व कौमी िमन स पिा हए राजनीदतक-साकक दतक अलगाव और आदथवक शोरण स उततर-पवव की दवदभन जनजादतयो म परदतरोध की चतना पिा हई जो एक खास दकम क नकजातीय राषटवाि (ethnic nationalism) क रप म दवकदसत हई भारतीय राजयसता दारा तकय गय बबयर दमन न इस परततरोध की चतना को और भी परबल बनाया नगा जसी क जनजाततया अपन कई उपसमहो को तमलाकर एक राषट क रप म तवकतसत हई तो क राषटीयताओ और उपराषटीयताओ क रप म अतसततव म आयी तजनकी कोई कतीयता तो नही थी लतकन तफर भी अनय राषटीय समहो स तभननताए थी इन राषटो-राषटीयताओ क परततरोध का साझा तबनद भारतीय राजयसता क दमन का तवरोध था जो इनका साझा शत थी और आज भी ह हालातक इनम आपसी अनतरतवरोधो का भी एक लमबा इततहास रहा ह मसलन नगा-ककी तववाद नगा-मइती तववाद नगा-जोमी तववाद असमी-तमज़ो तववाद असमी-बोिो तववाद आतद

दरिदटश उपदनवशवाि स आजािी क बाि भारतीय बजवआ राजयसतता न िमन की नीदतयो को खतम करन की बजाय और वहा बस रही कौमो को आतमदनणवय का अदधकार िन की बजाय इन िमनातमक कारगजाररयो को जयो-का-तयो बरकरार रखा बदलक कई मामलो म उसम इजाफा भी दकया आज़ादी क बाद उतर-पवय क राजयो का

जो पनगयठन तकया गया उसका आधार महज परशासकीय सहतलयत थी तजसकी वजह स कई मामलो म एक ही जनजातत कई राजयो म बट गयी और जनजाततयो की राषटीय आकाकाए कचल दी गयी इस तकसम क पनगयठन स नय तववाद भी उभर मसलन गटर नगालि तववाद नगा-मतणपर तववाद असमी-बोिो तववाद आतद मौजदा असम-तमज़ोरम सीमा तववाद भी इसी की एक बानगी ह

राजयो क पनगयठन की परतकरया म नगालि को राजय का दजाय 1963 म तमला लतकन इसक बावजद नगा गपो क कई राजनीततक-परशासकीय इकाइयो म बट होन क कारण उनका असनतोष बना रहा 1972 म असम स खासी गारो और जयतनतया पहाड़ी तज़लो को तमलाकर अलग मघालय राजय बना ततपरा और मतणपर को जो तक औपतनवतशक काल क दौरान ररयासत थी पणय राजय का दजाय द तदया गया तमज़ो पहातड़यो (तमज़ोरम) और lsquoनाथय-ईसटनय फतटयर एजनसीrsquo (अरणाचल परदश) को असम स अलग कर पहल कनदर शातसत राजय का दजाय तदया गया तफर 1987 म इनह पणय राजय का दजाय द तदया गया हालातक राजयो क इस पनगयठन की परतकरया न अलगाव और सवततता की आकाका को तो समापत नही तकया उट अनय सथानीय नजातीय समहो म भी सवशासन या सवततता की आकाका पदा हई और भभागो पर दावो को लकर आपस म उग टकरावो की शरआत हो गयी इसकी एक तमसाल असम-तमज़ोरम सीमा तववाद भी ह

राजनीततक-सासकततक अलगाव और आतथयक शोषण क अततररत दश क भीतर स होन वाल परवासन और बागलादश समत अनक पड़ोसी दशो स होन वाल आपरवासन स भी lsquoसथानीय बनाम परवासीrsquo का अनततवयरोध पदा हआ दरअसल औपतनवतशक काल स ही अतवभातजत असम म उपतनवशवातदयो दारा चाय बागानो की मौजदगी क कारण एक हद तक आतथयक तवकास तकया गया यही कारण था तक उस दौर म भी पड़ोसी बगाल परानत और भारत क अनय इलाको स लोग रोज़गार और ज़मीन की तलाश म असम परवासन करत थ और चतक उपतनवशवातदयो को भी चाय-बागानो म काम करन क तलए मज़दरो की ज़ररत थी तो वह सवय भी बाहर स लोगो को काम क तलए बलात थ साथ ही तल और कोयला खदानो म भी काययशतत की आवशयकता होती थी इसक अलावा सड़क और रल तनमायण कायय म भी बाहर स मज़दरो को काम पर लगाया जाता रहा बगाल स आन वाली एक बड़ी आबादी मसलामानो की भी थी इन परवातसयो म कई जो मखयतः चाय-बागानो म काम करत थ व वही बस भी गय इस पर तववरण क तलए पाठक मासयवादी इततहासकार अमलनद गहा को पढ़ सकत ह तजनका काम असम

(पज 13 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 13

(पज 12 स आग)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का ह मज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहएऔर वहा क राषटवादी आनदोलनो पर कतनदरत ह यह परवासन आज भी हो रहा ह इन परवातसयो म असर मज़दर आबादी ही शातमल होती ह ldquoसथानीय बनाम परवासीrdquo क अनतरतवरोध का फ़ायदा इन कौमो म मौजद तफ़रकापरसत ताकत भी अपन तनतहत सवाथयो क तलए उठा रही ह सीतमत ससाधनो और जनसातखयकीय असनतलन का हवाला दकर आम जनता म भय और असरकाबोध पदा तकया गया ह जो परवातसयो क तिलाफ़ तहसातमक घटनाओ म सामन आया ह य इन राषटीय आिोलनो म पजीवािी राजनीदत और दवचारधाराओ की मौजिगी यानी अदमतावािी व अधराषटवािी रझान की ओर भी इशारा करता ह और अततोगतवा हर परकार क राषटवाि की सीमा और परदतदकरयावािी चरररि को भी उजागर करता ह भल ही वह िदमत राषट का ही यो न हो िदमत राषटो की राषटीय मदत की लडाई म इन पजीवािी दवचारो व राजनीदत क दखलाफ सघरव करना करादतकारी मजिर वगव का एक कायवभार ह योदक तभी सही मायन म जनता की जनवािी राषटीय करादत क जररए सचची राषटीय मदत भी समभव ह बहरहाल इन अतरदवरोधो का फायिा भाजपा जसी फासीवािी पाटटी इस मजहबी रग ि कर भी उठा रही ह

बहरहाल मल चचाय पर वापस लौटत हए बात कर तो उतर-पवय क तवतभनन राजयो क इततहास पर तनगाह िालन स भारतीय राजयसता का ऐततहातसक तवशवासघात सपषट रप स सामन आता ह इसकी तवसतत चचाय म हम यहा नही जा सकत ह तफ़लहाल इतना कहना काफ़ी होगा तक उतर-पवय क तमाम राषटो-राषटीयताओ की आकाकाओ को कचलकर ही भारतीय राजयसता न जोर-ज़बदयसती करक इनह ldquoभारतीय राषटrdquo म शातमल तकया ह

मतणपर की बात कर तो आज़ादी क ततकाल बाद ही भारत सरकार क परतततनतध वीपी मनन न राजय म तबगड़ती कानन-वयवसथा का हवाला दकर मतणपर क राजाबोधचनदर तसह को तशलाग बलाया और 21 तसतमबर 1949 को कपटपणय तरीक स उसस भारत म तवलय क समझौत पर हसताकर करा तलया भारत सरकार न यह भी ज़ररी नही समझा तक इस समझौत की अतभपतषट नवतनवायतचत मतणपर तवधानसभा दारा करा ली जाय उट तवधानसभा को भग कर तदया गया इसक बाद स ही मतणपर म भारतीय राजय दारा परतयक दमन की नीतत अपनाकर परततरोध को दबान का तसलतसला शर हो गया और इसी क समानतर सशसतर सघषयो का भी तसलतसला शर हो गया आफसपा जस काल कानन की आड़ म भारतीय सना दारा की गयी बबयरता न जन-परततरोध को और बल परदान तकया 2004 म

भारतीय सतनको दारा एक मतणपरी मतहला मनोरमा क बलातकार और हतया क तवरोध म वहा की मतहलाओ न तनवयसतर होकर सना मखयालय क सामन तवरोध परदशयन तकया था यह घटना तकसी भी जनवादी होन का दावा करन वाल राजय क तलए एक शमयनाक घटना होती लतकन भारतीय राजय की बशमटी और बबयरता बदसतर जारी रही और उतर-पवय म यह दमनकारी जनदरोही कानन आज तक लाग ह

नगालि की कहानी भी क ऐसी ही ह औतपवतशक शासन क दौरान और बीसवी सदी की शरआत म नगा पहातड़यो क सथानीय तनवासी नगा नशनल काउतसल (एनएनसी) क बनर तल एकजट होकर एक साझा मातभतम और सवशासन की आकाका परकट करन लग थ भारत की आज़ादी क बाद नगा नशनल काउतसल न आतमतनणयय क अतधकार की वकालत की और भारत स आज़ादी क तलए जनमत सगह की माग भी रखी लतकन भारतीय राजय न एकतरफ़ा तरीक स नगा भभाग को भारतीय गणराजय का तहससा घोतषत कर तदया बदल म एनएनसी न नगालि की सवततता की घोषणा कर दी और 1952 म समपनन पहल आम चनावो का बतहषकार भी तकया इसक बाद ही भारत सरकार दारा कई नगा नताओ को तगरफतार कर तलया गया और तब स ही नगालि म एक लमब सशसतर सघषय की शरआत हई 1955 म भारतीय राजय न पतलस और सशसतर बलो क ज़ररए नगा राषटीय मतत आनदोलन को कचलन की कोतशश भी की इसी सघषय का सामना करन क तलए 1958 म lsquoआमिय फ़ोसजज सपशल पावसय एटrsquo बना जो आज तक समच उतर-पवय म लाग ह 1975 म एनएनसी क शीषय नततव न भारत सरकार क साथ वाताय करक तशलाग समझौता तकया और भारतीय गणराजय म शातमल होना सवीकार तकया तजन नगा नताओ न इस समझौत को सवीकार नही तकया उनहोन lsquoनशनल सोशतलसट काउतसल ऑफ़ नगालिrsquo (एनएससीएन) का गठन करक सघषय जारी रखा अब यह सगठन मइवा और खापलाग क दो गटो म तवभातजत ह तजनका आधार नगा जनजातीय समह की अलग-अलग उपजाततयो म ह

अब तमज़ोरम पर आत ह जसा तक ऊपर चचाय म आया था तक तमज़ो पहाड़ी कत आज़ादी क वक़त लशाई पहाड़ी तज़ल क नाम स असम म गतठत हआ तजसका नाम 1954 म बदलकर असम का तमज़ो पहाड़ी तज़ला कर तदया गया असम स अलग होन का एक अलगाववादी आनदोलन आज़ादी स पहल भी तमज़ो जनजातीय समहो म मौजद था लतकन 1959 स 1961 तक आय अकाल क राहत कायय म भारतीय राजय की उदासीनता और अनदखी क कारण पहल स ही मौजद असनतोष और आकरोश को नयी ज़मीन परापत हई इसक बाद ही साठ क दशक स तमज़ो सशसतर तवदरोह की दासतान शर होती ह

इसी दौर म तमज़ो नशनल फट (एमएनएफ़) का गठन हआ तजसनlsquoभारतीय उपतनवशवाद स तमज़ोरम की मततrsquo क तलए सशसतर सघषय का आहान तकया फ़रवरी 1966 म सशसतर दसतो न आइज़ोल शहर पर कबज़ा कर तलया नगालि की ही तरह भारतीय राजय दारा यहा भी दमन की नीतत को ततकाल अमल म लाया गया शहर को तफर स कबज़ा करन म भारतीय सना न नागररक आबादी पर धआधार बमबारी की हज़ारो पररवारो को उनक घरो स उजाड़ तदया गया 1986 म एमएनएफ़ और भारत सरकार क बीच समझौता हआ तजसक बाद एमएनएफ़ तहसा ोड़कर ldquoमखयधाराrdquo म शातमल हो गया और भारतीय सतवधान क अनतगयत काम करन पर सहमत हो गया लतकन इसस भारत क परतत तमज़ोरम क नजातीय समहो का अलगाव और रोष जरा भी कम नही हआ आज भी वहा अलग-अलग नजातीय समहो क अपन-अपन सशसतर तवदरोही दसत ह

तसतकम क इततहास पर भी तनगाह िालन पर सपषट होता ह तक आज़ादी क समय यानी 1947 स ही तसतकम का दजाय भारत क सरतकत राजय (lsquoपरोटटोरटrsquo) का था वह भारतीय यतनयन का तहससा नही था 1975 म तबना तसतकम की जनता स रायशमारी तकय भारतीय सतवधान म मौजद परावधान क तहत उस भारत म तमला तलया गया और पणय राजय का दजाय द तदया गया जबतक उस वक़त भी तसतकम का शासक आतमतनणयय का अतधकार माग रहा था तजस भारतीय राजय दारा िाररज कर तदया गया

इस सतकपत चचाय स सपषट ह तक आजादी क बाद स ही भारतीय हमरानो न उतर-पवय क तमाम राषटो एव राषटीयताओ क साथ ल-कपट करक वायदातिलाफ़ी करक दमन राजकीय तहसा और आतक का अनतहीन चकर कायम करक उनकी आकाकाओ और हको का गला घोटन का घतणत ककमय तकया ह तजस भारतीय राषटवाद क सड़-गल मलमम क ज़ररए तपाना भी नाममतकन जान पड़ता ह यह इततहास भारत क मज़दर वगय को भी जानन की ज़ररत ह योतक शोषण दमन और उतपीड़न का हर रप म तवरोध तकय तबना करातनतकारी मज़दर वगय न तो समाजवादी करातनत कर मज़दर सता को सथातपत कर सकता ह और न ही करातनतकारी सवयहारा जनवाद को सथातपत कर सकता ह तकसी भी रप म दमन शोषण और उतपीड़न का साथ दन वाला मज़दर वगय सवय भी पजीपतत वगय क हाथो शोतषत व दतमत होत रहन क तलए अतभशपत होता हअसम-ममज़ोरम समीमा-नववाद का हल उततर-पवष म राषटमीय रिशि क

समाधाि स जड़ा हउतर-पवय क तमाम राजयो म मौजद

आपसी सीमा-तववाद का तनपटारा भी वहा क राषटीय परशन क समाधान स नातभनालबदध ह वस तो तकसी यतनयन म सवचा स शातमल हई इकाइयो

क बीच भी सीमा-तनधायरण को लकर झगड़-फ़साद हो सकत ह एक पजीवादी राजय वयवसथा क अनतगयत आप और तकसी बात की उममीद कर भी नही सकत ह राषटीय शातनत या कौमी अमन जसी कोई भी चीज़ पजीवाद क मातहत सथायी तौर पर समभव ही नही ह लतकन यह तमाम तववाद अपन आप म कौमी दमन नही होत ह जबतक उतर-पवय की बात कर तो य तमाम सीमा-तववाद सीध-सीध भारतीय राजय क कौमी दमन की नीतत स ही पदा हए ह और उसक अतवभाजय अग ह

कौमी दमन का मतलब यह ह तक भारतीय शासक वगय दारा उतर-पवय म मौजद तमाम कौमो क पजीपतत वगय समत समची कौम का ही दमन तकया जा रहा ह यानी कौमी िमन क दनशान पर मलतः िदमत कौम का पजीपदत वगव होता ह जो िमन बाि म वकहि रप अदततयार कर जनता क अलग-अलग दहसो और जन-जीवन को भी अपनी जि म ल लता ह दकसी कौम क बजवआ वगव क िमन क बगर कौमी िमन अदततव म आ ही नही सकता ह िसर शबिो म कह तो कोई भी कौम िदमत ही तब मानी जायगी जबदक उसका पजीपदत वगव िदमत हो आज भारत की बात कर तो कशमीर और उततर-पवव को छोडकर यह दथदत और कही मौजि नही ह कौम या राषट बनता ही बजयआ वगय क अतसततव म आन क साथ ह यतद तकसी कौम स पजीपतत वगय को अलग कर तदया जाय तो उसक बाद जो रह जाता ह वह बस जनता ही ह आज उतर-पवय क राषटो म यह पजीपतत वगय तकतना तवकतसत या अतवकतसत ह इस तथय स वहा मौजद राषटीय दमन पर कोई फ़कय नही पड़ता ह

इसतलए उतर-पवय म तमाम राजयो क बीच मौजद सीमा-तववाद कौमी दमन का कारण नही बतक इसी कौमी दमन की नीतत का एक पररणाम ह अलग स तकसी दश क तकनही दो राजयो तजनम तक दतमत कौम ह और ज़बरन तकसी यतनयन म शातमल की गयी ह क बीच सीमा-तववाद क हल की उममीद शासक वगयो स तबना वहद राषटीय परशन क समाधान क करना ही बमानी ह आज़ादी क बाद शरआती दशको म तो भारत सरकार न उतर-पवय क महतव को कवल रणनीततक दतषट स ही दखा था लतकन पजीवादी तवकास क साथ ही पराकततक समपदा और ससती शरमशतत क दोहन की भी शरआत हई हालातक यहा बसन वाली कौमो म भारतीय राजयसता क परतत नफ़रत और अलगाव म कोई कमी नही आयी ह तकसी कापतनक एकाशमी ldquoभारत राषटrdquo और भारतीय राषटवाद म इन कौमो का तवलयन ज़ोर-ज़बदयसती क बत ही समभव ह इसतलए आज भी इस पर भ-भाग म कई सशसतर सघषय चल रह ह जब तक भारतीय राजयसता का राषटीय दमन और ज़बर जारी रहगा य राषटीय मतत सघषय भी तवसतजयत नही होग नततव की कोई

एक धारा जब समपयण करगी तो दसरी धारा उभरकर सामन आयगी और सघषय को जारी रखगी ऐततहातसक तौर पर कह तो राषटीय परशन का अतनतम और मकममल समाधान तो कवल और कवल एक समाजवादी राजय क तहत ही समभव ह जो सही मायन म तवतभनन राषटो को अलग होन क अतधकार क समत आतमतनणयय का अतधकार और अपसखयक राषटीयताओ को ससगत जनवाद का अतधकार दता ह लतकन हर दतमत कौम क तलए पहला काययभार राषटीय मतत का जनवादी काययभार ही होता ह और उसक तलए करातनत की मज़ तल भी राषटीय जनवादी ही होती ह

इततहास न यह भी सातबत तकया ह तक सामाजयवाद क दौर म दमनकारी राषट या राषटो क पजीपतत वगय आम तौर पर दतमत राषटो को आतमतनणयय का अतधकार और राषटीयताओ को ससगत जनवाद नही द सकत लतकन यह भी उतना ही सच ह तक राषट कवल दमनकारी राषटो क अतधकार दन की वजह स म त नही होत व अपन राषटीय मतत सघषयो क ज़ररए भी म त होत ह यह एक अलग चचाय का तवषय ह तक उतर-पवय क तवतभनन राषटो का राषटीय मतत सघषय यह राषटीय मतत हातसल कर सकता ह या नही लतकन इतना तय ह तक जब तक इन दतमत कौमो को राषटीय मतत हातसल नही होती तब तक शातनत या तसथरता की कोई उममीद भी नही की जा सकती ह तकसी भी कौम को हमशा गलाम बनाकर नही रखा जा सकता ह यह बात भारत क उतर-पवय पर भी उतनी ही लाग होती ह

आज भारत म दतमत कौमो क राषटीय मतत सघषयो को भारतीय राजयसता क तवरदध मज़दर वगय क समाजवादी करातनत क सघषय स जड़ना होगा और भारत क मज़दर वगय आम महनतकश जनता और ातो-नौजवानो को भारत की दतमत कौमो क राषटीय मतत सघषय स िद को जोड़त हए उनक राषटीय आतमतनणयय क अतधकार का तबना शतय समथयन करना होगा जहा एक तरफ़ भारत की महनतकश अवाम को हर परकार क राषटीय कटरपनथ और अनधराषटवाद स अपना नाता तोड़ना होगा और भारतीय बजयआ वगय क मिी म पदा हए राषटवाद की असतलयत समझनी होगी वही दसरी तरफ़ दतमत कौमो म राषटीय मतत क तलए लड़ रही ताकतो को भी यह समझना होगा तक हर परकार का बजयआ राषटवाद और सकीणय अतसमतावाद या कटरतावाद तकसी भी वयापक और तटकाऊ जन-एकजटता म बाधा ह भारत की महनतकश जनता इस सघषय म उनकी शत नही बतक दोसत ह वासतव म भारतीय राजयसता और भारतीय पजीपतत वगय ही हमारा मशतरका दशमन ह यह बात समझना बहद जररी ह सचच और सही अथयो म राषटीय मतत आनदोलन भी साथयक और कारगर तरीक स तभी आग भी बढ़ सकत ह

14 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 1 स आग)

करना ही उसक तलए भी बहतर ह इस तरह दश आज़ाद हआ आलीशान अटातलकाओ म हो रह जशन क बाहर बठी दश की आम महनतकश जनता फटहाल हालत म सगीत नाच-गाना और आततशबाज़ी दख रही थी और उममीद लगाय थी तक एक तदन वह भी िशहाल होगी आज़ादी क करीब चार दशक बाद जब नवउदारवादी नीततयो की शरआत हई तो पजीवादी नताओ और उनक चाकर बतदधजीतवयो न कहना शर तकया तक जब समतदध आयगी तो ररस-ररस कर सब तक पहचगी लतकन ररस-ररस कर तो बस दख-तकलीफ़ आयी ह अमीरज़ादो की समतदध की आततशबातज़यो को दख सड़को पर भीख माग रह बचच ताली बजा कर िश होत ह समतदध का अथय जनता क तलए बस इतना ही ह

आपन असर लोगो को यह कहत सना होगा तक अगज़ चल गय लतकन अगज़ी ोड़ गय अगज़ी क पी टन का मतलब तसफ़य भाषा स नही ह इसका अथय यह भी ह तक अगज़ो क चल जान क बाद अगज़ी नौकरशाही सना और पतलस क औपतनवतशक ढाच को ही अपना तलया गया योतक वह भारतीय पजीपतत वगय क तलए भी अपन तहतो की सवा क तलए उपय त था इसतलए लट और दमन बदसतर जारी रहा बस शासक वगय बदल गया जब दमन का बना-बनाया तत आज़ादी क साथ मफत तमल रहा था तो उस बदलन की कोई िास आवशयकता नही थी इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक lsquoगवनयम ट ऑफ़ इतिया एट 1935rsquo क 321 धाराओ म स 250 को ह-ब-ह भारतीय सतवधान म अपना तलया गया और आईपीसी तो अगज़ो क ज़मान स चली आ रही ह तजनम नयी धाराए जोड़ी गयी ह लतकन परानी सभी धाराए लगभग वसी ही ह तलतखत क साथ-साथ अतलतखत हथकि भी उनही स सीखकर उस िब माजा गया lsquoफट िालो और राज करोrsquo की नीतत पजीवादी सता क तलए अचक सजीवनी बटी ह अगज़ो न इस सवततता आनदोलन को कमज़ोर करन क तलए इसतमाल तकया और आज़ाद दश म सभी सरकार इस अपन-अपन ढग स मज़दरो-महनतकशो की एकता तोड़न उनक सघषयो को कमज़ोर करन क तलए करती आयी ह इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक आज़ादी क दौरान करातनतकाररयो की मितबरी करन वालो अगज़ो क तलव चाटन वालो उनह माफ़ीनामा तलखन वालो आज़ादी की पवयसधया पर ततरगा जलान वालो और महातमा गाधी की हतया करन वालो आरएसएस और अनय सहयोगी सगठनो पर कभी कोई ठोस कारयवाई नही की गयी तजसस इनको परभावी तौर स रोका जा सक भारतीय पजीवाद को आरएसएस की आवशयकता थी और इसतलए इस ज़जीर स बध कत की तरह अपन करीब बाध रखा समय-समय

पर ज़ररत क अनसार ज़जीर कस दी जाती रही या ढीली कर दी जाती रही आज पजीवाद की ज़ररत क अनसार इस खखार कत को भारत क पजीपतत वगय न सता ही सौप दी ह

बहरहाल हम बात कर रह थ भारत क पजीपतत वगय और उसकी राजनीततक पाटटी कागस क बार म सता हातसल करन क बाद भारत का पजीपतत वगय इतना सशत नही था तक अपन बल-बत पजीवाद क फलन-फलन क तलए आवशयक बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो का ताना- बाना खड़ा कर सक उसक पास आरतमभक पजी और तकनोलॉजी की कमी थी इन आवशयकताओ को परा करन की दो राह थी एक सामाजयवादी दशो पर पणय-तनभयरता और दसरा जनता की गाढ़ी कमाई की पाई-पाई का दोहन इन दोनो म स यहा क पजीपतत वगय न दसरा रासता अपनाया लतकन पजीपतत वगय सीध जनता का पसा नही लट सकता था और न ही राजय उस सीध लटकर पजीपततयो को थमा सकता था इसतलए इनहोन तमतशरत अथययवयवसथा की नीतत अपनायी यानी सावयजतनक कत सय त कत और तनजी कत इस नहर न lsquoसमाजवादी नमन क समाज क तवकासrsquo का नाम तदया जनता की गाढ़ी कमाई चस कर दश का तवकास आरमभ हआ और जनता क पस स बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो को खड़ा तकया गया बतनयादी और अवसरचनागत उदयोग जस इसपात कारिान रल यातायात और पररवहन तबजली सचार आतद सावयजतनक कत म रख गय इनम पजी तनवश अतधक और मनाफ़ा लमब कालकरम म हातसल होना था वही उपभोता वसतओ का उतपादन तनजी कत को सौपा गया तजसम लागत सापतकक रप स कम और मनाफ़ा जद हातसल होना था इस योजना का आधार 1944 का बॉमब पलान या टाटा-तबड़ला पलान था दश की मज़दर-महनतकश आबादी की कमाई लट कर दश म बतनयानी और अवसरचनागत उदयोग खड़ तकय गय तातक पजीपतत वगय क मनाफ़ा कमान का काम सगम हो सक मतलब lsquoहरज लग न तफटकरी रग चोखाrsquo उननीसवी सदी क अनत और बीसवी सदी क शरआत स ही दश म कई बड़ बक थ तजनम सबस बड़ा बक lsquoइमपीररयल बकrsquo था लतकन दर-दराज़ क इलाको म भी सतवग सकीम थी जस पोसट ऑतफ़स सतवग सकीम जो 1882 म खोली गयी थी जनता की महनत की कमाई तक पहच क तलए ससथान पहल स मौजद थ तजन पर 1948 क बाद नहर न अतधक बल तदया जो तक पजी क सचय क तलए लातज़मी भी था 1969 म बको क राषटीकरण न तनवश क तलए पजी की उपलबधता को बढ़ा तदया कह सकत ह तक तमतशरत अथयवयवसथा की आड़ म बहद कशलतापवयक कागस न पजीपतत वगय की सवा की उसक तहतो को

साधा और जनता की गाढ़ी कमाई को चस कर पल सड़क सचार पररवहन बनाया गया और जनता क बीच बढ़ रह मोहभग पर रसमी सधारवाद का नाटक कर पानी क ीट भी िाल सीपीआई सीपीएम और नामधारी कमयतनसट पातटययो न भी इन नीततयो का समथयन कर न कवल जनता की पीठ म रा घोपा बतक उनकी राजनीततक चतना को भी कनद तकया तजसकी चचाय हम आग करग

नहरतवयाई lsquoसमाजवादrsquo क चोग की सीवन जद ही उधड़न लगी और 1960 क दशक क उतरादधय म ही भारत की अथयवयवसथा म ठहराव आन लगा 1970 का दशक मनदी का दशक रहा चार पचवषटीय योजनाओ और तीन वातषयक योजनाओ क कल पजी तनवश को दख तो सावयजतनक कत म पजी तनवश का परततशत अनपात तनजी कत की तलना म बढ़ता गया लतकन जद ही तमतशरत अथयवयवसथा या तथाकतथत समाजवाद क अनतरतवरोध सामन आन लग 1960 क दशक म जो सकट आया था और जो 1970 क दशक म गहराया था वह राजकीय इजारदार पजीवाद क ढाच क भीतर पजी सचय का सकट था बड़ा पजीपतत वगय और साथ ही नवोतदत मझोला व ोटा पजीपतत वगय lsquoधनधा करन की परी सहतलयतrsquo की माग कर रहा था जो तक नहरतवयाई समाजवाद क ढाच म बातधत थी हर परकार क सरकारी तवतनयमन व तनयतण स उस टकारा चातहए था तजस उसन सवय अपनी ही ज़ररत स एक समय सथातपत तकया था इस सकट की ही अतभवयततया थी उस दौर म बढ़ती महगाई बरोज़गारी खादयानन सकट आतद एक ओर मधय वगय तनमन पजीपतत वगय और महनतकशो क सपन टट रह थ वही दसरी ओर सावयजतनक कत क पालन म पला तशश तनजी पजीपतत वगय अब बड़ा हो चला था और पालना उसक तवकास को रोक रहा था पजीवादी तहतो की नमाइनदगी करन वाल बतदधजीतवयो और अथयशातसतरयो न पजी पर राजय क तवतनयमन यानी लाइसस कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण परतयक तवदशी तनवश पर रोक एमआरटीपी तनयतण व सतबसिी आतद पर सवाल उठान शर कर तदय

इस दौर म तवशव सतर पर भी 1970 क दशक म नवउदारवाद क यग की शरआत होती ह अपना सवतणयम यग जीन क बाद 1960 क दशक क आतिरी वषयो म ही अमररकी व यरोपीय पजीवाद पर सकट क बादल मिरान लग थ और इसक साथ ही करतमक परतकरया म पतशचम म कयाणकारी राजय की नीततयो को समापत करना शर कर तदया चतक अमररकी व आम तौर पर पतशचमी पजीवादी अथयवयवसथाए मनाफ़ की दर का सकट झल रही थी इसतलए पहल उनहोन अपन यहा तवतीय तवतवतनयमन तकय अमररका न लचीली तवतनमय दर सथातपत की शरम

बाज़ार का भी क उदारीकरण तकया और तफर तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क पजीपतत वगय पर भी दबाव बनाया तक व भी तवतीय तवतवतनयमन कर और शरम बाज़ार को लचीला बनाय तातक पतशचमी सामाजयवादी पजी को इन दशो म और खल कर ससत शरम की लट की ट तमल अपन कारणो स एतशया व अरब अफीका और साथ ही लाततन अमररका क तमाम पजीवादी दशो का शासक वगय भी उदारीकरण की आवशयकता महसस कर रहा था तवशव बक और तवशव मदरा कोष न तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क आतथयक सकट का लाभ उठात हए उन पर तवदशी पजी क तलए अपन दरवाज़ खोलन का दबाव बनाया यानी उनह तवदशी वयापार और तवदशी तनवश पर लगी तमाम पाबतनदयो को हटान क तलए मजबर करन का परयास तकया क दशो न (जस तक लाततन अमररका क क दश) इस परकार की नीततयो को जयो का तयो लाग तकया तजनह lsquoसपrsquo यानी lsquoसटचरल एिजसटमटrsquo की नीतत भी कहा जाता हा इसक आरतमभक परयोग लाततन अमररका क दशो म हए और पानी जसी मलभत सतवधाओ को तनजी हाथो म सौपन स लकर समची अथयवयवसथा क नवउदारवादी पनगयठन क भयकर पररणाम सामन आय

भारत क सनदभय म कहा जाय तो यहा क पजीपतत वगय न बहद कशलता स इन नीततयो को लाततन अमररका क तवपरीत अपन तहतो क अनसार बदलकर और तवलतमबत परतकरया म लाग तकया तजसक कारण भारतीय पजीवादी वयवसथा उस परकार सामाजयवाद पर तनभयर नही हई और न ही वह उस परकार औध मह तगरी तजस परकार लाततन अमररका क क दशो क साथ हआ नतीजतन यहा उस परकार जनाकरोश फट कर सड़को पर भी नही बहा तजस परकार लाततन अमररकी दशो म हआ था असर यह बात कही जाती ह तक भारतीय शासक वगय अनतरायषटीय दबाव म नवउदारवादी नीततयो को अपनान क तलए मजबर था लतकन ऐसा नही ह और इसकी चचाय हम पहल ही कर चक ह तक तकस परकार तमतशरत अथयवयवसथा क तवतनयमन म तनजी पजी का दम घट रहा था और वह लाइसस सतबसिी परतमट शरम काननो कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण आतद स पीा ड़ाकर म त बाज़ार म गोत लगाना चाहती थी तसफ़य बाहरी पररतसथततया ही नही बतक आनतररक पररतसथततया भी नवउदारवाद क तलए दबाव बना रही थी आतधकाररक तौर पर जलाई 1991 म नवउदारवाद की नीततयो की घोषणा स पहल ही 1980 क दशक म राजीव गाधी नवउदारवाद क सबस मखर समथयक बन और उनकी सरकार न सीतमत हद तक अथयवयवसथा का उदारीकरण तकया 30 उदयोगो म लाइसस की आवशयकता हटायी तथा और साथ ही कई पररवतयन तकय गय

लतकन पर ढोल-ताश तोरण और बनदनवार क साथ तवकास क बड़-बड़ वायदो और रोज़गार क सवतणयम अवसरो क सपन तदखा कर उदारीकरण तनजीकरण और भमिलीकरण की नवउदारवादी नीततयो की शरआत 24 जलाई 1991 को परधानमती नरतसमहा राव तवत मती मनमोहन तसह और योजना आयोग क उपाधयक मोटक तसह अहलवातलया क समय म की गयी यह दावा तकया गया तक परतयक तवदशी तनवश स दश म रोज़गार सजन होगा इन तीनो न तमल कर lsquoतटकल िाउन तथयरीrsquo यानी धन-समतदध क ऊपर स ररस कर नीच जान का तसदधानत परसतत तकया ऊपर स नीच का सच तो महनतकश लोग अपनी तज़नदगी स जानत ही ह नीच स तनचोड़कर सारा धन ऊपर की ओर ज़रर चला जा रहा ह और ऊपर स ररसकर कवल गरीबी बरोज़गारी और बबायदी आम महनतकश जनता क तहसस आ रही ह अगर ऐसा नही होता तो दश म 1990 म जहा मात 2 अरबपतत (िॉलर अरबपतत) थ वही 2021 म 177 कस हो गय lsquoहरन गलोबल ररच तलसटrsquo (हरन दारा बनायी तवशव म अमीरो की सची) क अनसार पर तवशव म अरबपततयो की सखया म तीसरा सथान भारत का ह साथ ही वतशवक भखमरी सचकाक म 107 दशो की सची म भारत 94व सथान पर ह सवासथय की पहच क कत म भारत का सथान 189 दशो म 179वा ह जो तक बगलादश शरीलका पातकसतान और कई अफीकी दशो स भी नीच ह 1995 स लकर 2009 तक जीिीपी क औसत 6 स सात और कई बार 8 स ऊपर पहचन पर सीना चौड़ा कर तवकास का दावा करन वाली सरकार यह नही बताती तक यह तवकास रोज़गारतवहीन तवकास था योतक 1991 स लकर 2018 तक बरोज़गारी की दर 5 परततशत स 6 परततशत क बीच बनी हई थी जो 2020 म 56 सालो म सबस जयादा यानी 89 परततशत हो गयी 2021 म तो यह 917 परततशत हो गयी ऐस तवकास की जनता क तलए या उपयोतगता जो रोज़गार क अवसर ही न सतजत कर शयर बाज़ार म उाल पजीपततयो की तज़ रफतार महगी गातड़यो पराइवट जट तवमानो आलीशान अटातलकाओ और तवदश याताओ की सखया क आधार पर मापा गया तवकास आम महनतकश आबादी की थाली म दो जन की रोटी तक नही पहचाता

आम आबादी क तलए तो नवउदारवाद तगी बरोज़गारी कपोषण और भखमरी ही लकर आया ह तदहाड़ी पर काम करन वाली 50 करोड़ आबादी 10 साल पहल वासतव म तजतना कमाती थी आज भी लगभग उतना ही कमाती ह जबतक कीमत दोगनी-तीन गनी हो चकी ह दश म 60 परततशत आबादी कपोषण का तशकार

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह

(पज 15 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 15

ह राषटीय पोषण तनगरानी बयरो दारा 2015-16 म शहरी आबादी म तकय गय सवज क अनसार औसत खानपान म परोटीन कतशयम आयरन तथयातमन तनयातसन आतद पोषक ततवो की काफ़ी कमी ह यही ह दश की मज़दर महनतकश आबादी क तलए नवउदारवाद की सवतणयम सौगात

िवउदारवाद और मज़दर आनदोलि

1950 क दशक क आरमभ स ही सशोधनवाद क मागय पर तनकल पड़ी भारत की कमयतनसट पाटटी (भाकपा) नहर और कागस की नीततयो को समाजवाद की तदशा म कदम मानती थी और राषटीकरण की रट लगाती थी भाकपा क अनसार आज़ादी क बाद कागस जनवादी काययभारो को परा कर रही थी इसतलए कमयतनसटो को इसका सहयोग करना चातहए अत इनहोन वगय सहयोग की लाइन दी जब पाटटी की लाइन ही वगय सहायोगवाद की हो गयी तब समाजवाद क समथयन और सवयहारा वगय को करातनतकारी चतना और उसक ऐततहातसक तमशन स पररचय करान की बात तो सथतगत हो गयी 1964 म एक सशोधनवादी पाटटी क तौर पर ही भाकपा स अलग हई माकपा सीध तौर पर नहर की गोद म नही बठी और उसन नहर को समझौतापरसत बोलकर उसपर जनवादी काययभारो को परा करन क तलए सड़क और ससद म दबाव बनान की बात की लतकन असल म वह भी एक सशोधनवादी पाटटी थी न तक मज़दर वगय की कोई करातनतकारी कमयतनसट पाटटी अपन गरमा-गरम भाषणो और चाय की पयाली म तफ़ान उठान क अलावा इन ससदमागटी जड़वामनो न बजयआ वगय क तिलाफ़ मज़दर वगय की करातनतकारी राजनीततक चतना उननत बनान क तलए कोई ठोस राजनीततक कारयवाई नही की और मज़दर वगय को अथयवाद क गोल चकर म ही घमात रह सवयहारा वगय की तहरावल पाटटी का अतनतम लकय होता ह तक वह बजयआ राजयसता का धवस करक सवयहारा राजयसता की सथापना करन की ऐततहातसक मतहम म महनतकश जनसमदाय को नततव द इस अतनतम लकय तक पहचन क तलए कमयतनसट मज़दरो और सभी करातनत-पकधर वगयो क जन-सगठन बनात हए आतथयक सधारो-मागो-ररयायतो क तलए अथयवादी नही बतक राजनीततक रप स लड़त हए जनता की जझार सगठनबदधता को बढ़ात ह रतढ़यो स मतत और वगय-चतना को परखर बनान क तलए सतत सामातजक आनदोलन करत ह और सासकततक कायय करत ह लतकन ऐसा करन की जगह मज़दर वगय को य सशोधनवादी पातटयया सधारवाद पबनदसाज़ी अथयवाद अराजकतावादी सघातधपतयवाद और टि यतनयन की गतलयो म घमाती रही

1950 क उतरादधय स भाकपा एव अपन जनम क काल स ही माकपा

और 1980 क दशक स भाकपा (माल) का इततहास जब ऐसा रहा तब उनस 1991 म नवउदारवाद क तवरदध जझार परततरोध की उममीद बकार थी और हआ भी ऐसा ही नवउदारवाद न मज़दरो का िन बहा कर तमल शरम काननो को ततलाजतल द दी और य ससदमागटी सशोधनवादी पातटयया महज़ सगतठत कत क मज़दरो और कमयचाररयो को लकर नपसक तकसम क तवरोध की रसमअदायगी करती रही और 93 परततशत असगतठत मज़दर वगय को तो सगतठत करन का इनहोन कभी ढग स परयास ही नही तकया आज सार परान शरम कानन लगभग समापतपराय ह और मज़दर जानलवा हदो तक असरका की तसथतत म काम करन को मजबर ह मज़दर वगय की जीवन व काययतसथतत भयकर ह खल और मनोरजन की या बात कर जब मामली बीमाररयो क इलाज की भी सतवधा नही ह नय लबर कोि वासतव म मज़दरो की पजीपततयो दारा तबना तकसी रोक-रकावट लट को काननी बनान क तलए ही लाय गय ह इसक अलावा करल अतीत म पतशचम बगाल और ततपरा म ससदीय वामपनथी पातटययो की सरकारो न सवय नवउदारवाद की नीततयो को परी तनषठा स लाग तकया ह वगय सहयोग की तदशा म बहद सजीदगी स कदम बढ़ात हए परथम यपीए सरकार म शातमल होकर भारत म उदारीकरण-तनजीकरण को सही तरीक स लाग करन का रासता साफ़ तकया और इस तदशा म नयी-नयी नीततयो क जनमदाता बन 2005 म ससद म बठकर इनहोन सज़ अतधतनयम पास करवाया सज़ यानी सपशल इकॉनोतमक ज़ोन तजसक तहत ऐस औदयोतगक कत बनाय गय जहा तकसी भी तरह का शरम कानन लाग नही होता

इस परकार इन सशोधनवादी पातटययो न मज़दर वगय क साथ ऐततहातसक गदारी की झठ तवशवासघात और फरब का इतना लमबा काल झल कर महनतकश आबादी क बड़ तहसस का इनस मोहभग हो चका ह और इनका आधार अब मलत और मखयत सगतठत कत क पक कमयचाररयो और एक हद तक क राजयो म ोट व मझोल वयवसातययो और मझोल व धनी तकसानो-कलको म ह मज़दर वगय क एक तहसस म इनह लकर क भम अभी भी ह लतकन उनह तनरनतर करातनतकारी परचार और सघषयो क ज़ररए इनह बनकाब करक ही तोड़ा जा सकता ह सचचाई यह ह तक वाहय आवरण म आम मज़दरो को कमयतनसट तदखन वाली य पातटयया अपनी अनतयवसत म बजयआ ही होती ह सशोधनवादी पातटययो दारा मज़दर वगय क आनदोलन को सधारवाद अथयवाद और सशोधनवाद क पककि म ल जान का सबस जयादा फ़ायदा फ़ासीवादी शततयो को तमला तजनहोन पजीवादी वयवसथा क सकट और करातनतकारी

कमयतनसट शततयो क अभाव म मज़दर आनदोलन क एक ोट तहसस म और वयापक टटपतजया आबादी म परतततकरया का आधार तयार तकया

राम जनमभतम आनदोलन बाबरी मतसजद धवस 1991 क सकट क बाद और 1995 तक उदारीकरण-तनजीकरण क तवनाशकारी पररणामो क बाद भारत म फ़ासीवादी आनदोलन पहल स कही अतधक आकरामक हो कर उभरा एक करोड़ 42 लाख सदसयो वाली एटक और 60 लाख स भी जयादा की सदसयता का दमभ भरन वाला सीट और बगाल करल और ततपरा म सरकार चलान वाली माकपा और भाकपा इस आकरामक फ़ासीवादी सलाब क समय तकनार बठ कर धातमयक सौहादरय का कीतयन करती रही और सामपरदातयकता स लड़न क नाम पर कभी कागस तो कभी मलायम तसह यादव का प ला बनी रही जब 2002 म जलत गजरात क तवरोध म सड़को पर उतरन की और फ़ासीवातदयो स तनपटन की मज़दरो क लड़ाक सगठन बनान की और िाकी चििीधाररयो का महतोड़ जवाब दन की ज़ररत थी तब भी इतनी बड़ी सदसय सखया लकर इन सशोधनवादी पातटययो को ससद क एसी सभागार फ़ासीवाद स लड़न क जयादा कारगर उपाय लग वासतव म य मज़दर वगय का कोई करातनतकारी आहान करन की कमता खो चक थ और अगर दहाड़न क तलए भी मह खोलत ह तो मह स मयाऊ ही तनकल जाता ह इनका यह इततहास दशायता ह तक फ़ासीवाद को एक lsquoअपरततरोधय उभारrsquo बनान म अगर तकसी एक शतत की सबस अतधक भतमका ह तो वह सशोधनवाद ही ह

पतशचम बगाल म लोकसभा चनावो और राजयसभा चनावो क दौरान भाकपा-माकपा का बड़ा जनाधार तखसक कर भाजपा की ओर चला गया इस जनता की करातनतकारी ऊजाय को अथयवाद और सशोधनवाद स बतधया कर दन और उनकी राजनीततक चतना को कनद करन क पररणाम क तौर पर दखा जा सकता ह दश क अनय तहससो म भी मज़दर तनमन-मधयवगय और आम महनतकश वगय क बीच करातनतकारी पाटटी और राजनीतत की नामौजदगी की वजह स बढ़त आतथयक असरका व सकट काल म फ़ासीवादी ताकतो को अपन पर पसारन का अवसर तमल जाता ह िवउदारवाद क दौर म फासमीवाद

का उभारपजीवाद तजस असमाधय सकट

स गज़र रहा ह उसस तनपटन क तलए दतनया क तमाम दशो म पजीपतत वगय सबस परतततकरयावादी दतकणपनथी मज़दर-तवरोधी और फ़ासीवादी सरकारो को चन रहा ह भारत क सनदभय म तहनदतववादी फ़ासीवादी मोदी सरकार सता म आयी यहा क पजीपतत वगय को ऐसी सरकार की

ज़ररत थी जो लोह क हाथो स उन नीततयो को लाग कर जो मनाफ़ की राह म सभी परशातनयो को हटा द और पजी क तलए खल चारागाह का तनमायण कर इसक तलए आदशय परतयाशी मोदी और पाटटी भाजपा ही थ इसतलए मोदी सरकार जब 1914 म सता म आयी तो सबस पहल शरम काननो म बदलाव तकया आज यह बदलता-बदलता समापत पराय हो गया ह और उनकी जगह बस चार लबर कोि रह गय ह य कोि मज़दरो को गलामो की तसथतत म ला दग सार सावयजतनक ससथान औन-पौन दामो म बच जा रह ह पजीपततयो की सारी महमागी मराद परी हो रही ह इसतलए तो मकश अमबानी तवशव म आठवा और एतशया म सबस अमीर वयतत बन गया ह

एक ओर जहा धन क मटी भर आबादी क हाथो सकतनदरत हो रहा ह वही भमिलीकरण और उदारीकरण क 30 वषयो न बड़ पमान पर ोट पजीपतत वगय को उजाड़ा ोट पमान क उतपादको दकानदारो वतनभोतगयो और साथ ही गामीण तनमन-पजीपतत वगय को भी उजाड़ा ह बड़ पमान पर लोग सड़को पर आ गय और जो सड़को पर नही आय उनक तसर पर भी लगातार टनी और तालाबनदी नौकरी स तनकाल तदय जान ठक पर कर तदय जान की तलवार लटकती रहती ह कहन का अथय ह तनमन-पजीपतत वगय क सामन भतवषय की असरका और अतनतशचतता बहद तज़ रफतार स बढ़ी ह भाजपा और आरएसएस न इसी असरका और अतनतशचतता का फ़ायदा उठाया इस अतनतशचतता और असरका स पदा हए गसस बौखलाहट तचड़तचड़ाहट और तनराशा को सघ पररवार न अपसखयको तवशषकर मसलमानो और शरणातथययो की ओर मोड़ तदया मसलमानो शरणातथययो ईसाइयो आतद को सभी सकट पर शातनयो और असरका की वजह बतात हए इनक तिलाफ़ सड़को पर उनमाद पदा तकया गया सघ पररवार का पदा तकया सामपरदातयक उनमाद ततकालीन आतथयक सकट की वजह स उभरा और फ़ासीवाद भारत म पहली बार 1980 क दशक म एक परतततकरयावादी

सामातजक आनदोलन बनकर उभरा लतकन तवचारधारातमक सगठनातमक और ससथाबदध कामो की तयारी सघ 1925 स ही कर रहा था शाखाओ सासकततक कनदरो तशश मतनदरो म सामपरदातयक सतरी-तवरोधी दतलत-तवरोधी ज़हर घोल-घोल कर तपलाया जाता रहा और आज इन ससथाओ स तनकल लोग नौकरशाही पतलस सना नयायपातलका तवशवतवदयालयो स लकर न कड़-चौराहो पर सघ क तवचारो क रकक और परचारक बन बठ ह बहरहाल आज कोई दशवयापी करातनतकारी कमयतनसट पाटटी मौजद नही ह जो तक वयापक महनतकश अवाम को करातनतकारी सवयहारा वगय क नततव म जगा सक गोलबनद कर सक सगतठत कर सक और समझा सक तक उनक दखो तकलीफ़ो और असरका की असल वजह पजीवाद ह न तक कोई धमय या समदाय आज ऐसी पाटटी का तनमायण करत हए मज़दर वगय क बीच वयापत सभी परकार क तवजातीय तवचारो स लड़ना होगा और उनकी राजनीततक चतना उननत करनी होगी मज़दर वगय को उसक ऐततहातसक तमशन की याद तदलानी होगी और उसक बीच वयापत रतढ़वादी अवजातनक अतातकय क तवचारो स सतत सघषय करना होगा कवल इसी क ज़ररए मज़दर वगय और आम महनतकश अवाम फ़ासीवातदयो को महतोड़ जवाब द सकती ह

अनतत 30 वषयो क नवउदारवाद क काल न दश म वगयो का धरवीकरण ितरनाक सीमा तक बढ़ा तदया ह करोड़ो-करोड़ बदहाल तनराश और बघर आबादी क शीषय पर मटी भर आबादी आपरातधक अययाशी का जीवन जी रही ह और आन वाल समय म बढ़ती महगाई टनी-तालाबनदी बरोज़गारी को दखत हए यह धरवीकरण और गहरान जा रहा ह आतथयक सकट स पदा असनतोष को दबान क तलए फ़ासीवाद क हमल भी और आकरामक होग तजसक सकत तमल रह ह करातनतकारी शततयो को सवयहारा वगय क बीच राजनीततक परचार-परसार क काम को यदध सतर पर सगतठत करना होगा और मज़दर महनतकश वगय को इन राजनीततक गतततवतधयो म बढ़-चढ़ कर तहससा लना होगा

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह(पज 14 स आग)

अपनी रोज़ी-रोटी को बचाया जा सक और लट शोषण व दमन क तिलाफ़ समच मज़दर वगय और आम महनतकश आबादी का सशत परततरोध खड़ा तकया जा सक पजीवाद क मनाफ़ की दर तगरन का सकट पहल स कही जयादा तज़ होता जा रहा ह और मज़दरो क लट शोषण व दमन तज़ होता जा रहा ह यही समय ह तक हम मज़दर जद स जद एकजट हो जाय सगतठत हो जाय और सोच-समझकर अपन सघषय को आग बढ़ाय मातलक ठकदार जॉबर आतद हमस

जयादा नही ह लतकन व हमस जयादा सगतठत ह और उनक पी सरकारो की ताकत ह दसरी ओर हम असगतठत और तबखर हए ह यदि हम सगदठत और एकजट हो तो सरकारो की ताकत साथ होन क बावजि व हमस मकाबला नही कर सकत व अभी ऊच इसदलए दिख रह ह योदक हम घटनो पर बठ हए ह

मािसर की शमीनिसस कमिमी क मज़दरो(पज 10 स आग)

ाक पजीयन SSPLWNP-3192020-2022पररण ाकघर आरएमएस चारबाग़ लखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 5 परतयक माह16 Mazdoor Bigul l Monthly l September 2021 l RNI No UPHIN201036551

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो लखनऊ स मददत समपािक अदभनव l समपािकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006

टोको ओलममपक म भाित का परदशवन एक समीकाndash साथिषक

अगसत महीन म टोयो ओलतमपक खलो का समापन हआ और भारत को इस बार एक सवणय दो रजत और चार कासय पदक तमल ह इस परकार कल पदको की सखया सात रही ह हर ोटी स ोटी उपलतबध की तरह मोदी जी इस बार भी मौक पर चौका मारन क तलए पहल स ही तयार बठ थ गोदी मीतिया आईटी सल और अनय सभी परचार ततो का इसतमाल कर मोदी जी दशवातसयो क सामन ऐसा सवाग रच रह ह तक दखन वाल को लगता ह जस मोदी जी िद ही सातो पदक जीत कर आय ह िर इन लफफ़ातज़यो और ढोग को एक तकनार कर ओलतमपक खलो म भारत क परदशयन की एक वसतपरक समीका करन की ज़ररत ह

टोयो ओलतमपक म भारत का परदशयन अब तक का सबस अचा परदशयन रहा ह यतद तपल परदशयनो स तलना की जाय तो भारत का परदशयन पहल इतना फीका रहा ह तक अभी हातसल सात पदक तकसी कीततयमान स कम परतीत नही होत ह 1900 म हए पररस ओलतमपक म भारत न पहली बार ओलतमपक खलो म तहससदारी की शरआत की थी 1900 स लकर 2020 क बीच पचचीस ओलतमपक खलो म भाग लकर भारत न कल 35 पदक अतजयत तकय ह इनम स 12 पदक भारत न तसफ़य परष हॉकी परततयोतगता म जीत ह जब हम इन आकड़ो की तलना दसर दशो स करत ह तो हम समझ आता ह तक भारत जस तवशाल दश क तलए इतन कम पदक हातसल करना चौकान वाला ह टोयो ओलतमपक म अमररका न 113 और चीन न 88 पदक जीत ह तजसम अमररका क 39 और चीन क 38 सवणय पदक ह दसर शबदो म कह तो भारत पचचीस बार इन खलो म भाग लकर तजतना पदक हातसल नही कर सका उसका चौगना क दश एक ही बार म हातसल कर लत ह 130 करोड़ आबादी वाल भारत म ओलतमपक खलो क मामल म यह िसता हाल दतनया भर क खल तवशषजो पतितो और आम खल परशसको क तलए एक आशचयय का तवषय ह इस गतथी को सलझान क तलए कई तवशषज अपन-अपन तरीक स तकय दत ह भारत की तवफलता क कारणो की वयाखया करत ह लतकन इनक तवशलषण और इनक तदय सझाव इस मनाफ़ािोर वयवसथा को सीध कठघर म खड़ा नही करत ह बतक इसी वयवसथा की चौहतदयो म ही इस समसया का हल ढढ़त रहत ह

ओलतमपक या कोई भी अनतरराषटीय परततयोतगता म भारत का लगातार तपड़ा परदशयन एक ढाचागत समसया ह तजसका समाधान इस मनाफ़ पर तटकी वयवसथा क आमलचल पररवतयन स ही हो सकता ह यहा का पजीपतत वगय मज़दर-महनतकश आबादी क एक-एक कतर को तनचोड़ कर ऐशोआराम की तज़नदगी जीता ह 12-14 घट कारिानो म कमरतोड़ महनत करन क बाद जब हम अपन घरो को लौटत ह तो हमार पास मनोरजन या सजनातमक काययो क तलए ताकत और

समय दोनो ही नही बचत ह हम थक-हार कर सो जात ह और अगल तदन उठ कर तफर उसी कमरतोड़ महनत म लग जात ह तशकागो क अमर शहीद मज़दरो न तजस ldquoआठ घट का काम-आठ घट का आराम-आठ घट का मनोरजनrdquo का नारा बलनद तकया और तजसक तलए अपन पराणो की आहतत द दी आज वही नारा मज़दरो क तलए अतीत का एक अवशष मात बन कर रह गया ह आप ही सोतचए तक ऐसी हालत म दश की बहसखयक आबादी जो जस-तस महनत करक अपना गज़ारा करती ह या वह कभी ओलतमपक खलो म तहससा ल सकती ह भारत म एक बड़ी आबादी ऐसी ह जो तकशोरावसथा यानी महज़ 14-15 साल की उम स ही भारी शारीररक शरम म लग जाती ह तकशोरावसथा ही उम का वह पड़ाव होता ह जब बचचो म खलकद की परततभा सबस सपषट रप म परकट होती ह लतकन उन बचचो का या जो सकल ही नही जात यतद सकल तकसी तरह चल भी जाय और उनकी परततभा की पहचान हो भी जाय तो उनक परतशकण और तालीम पर होन वाल िचय की आशा भी करना उनक तलए आकाश कसम की अतभलाषा क समान होगा आप ही सोतचए तक हमार बचच खलकद क बार म सोच भी कस सकत ह जब उनह कारिानो दकानो रहड़ी-खोमचो म दो वक़त की रोटी क तलए जदोजहद करनी पड़ती ह अपना और अपन पररवार का पट भरन क तलए ता-उम य नौजवान अपनी हितिया गलात रहत ह इस तरह दश की एक बड़ी आबादी खल क दायर स ही बाहर हो जाती ह

मज़दरी की तसथतत को दखत हए घर म जो पसा आता ह उसस दाल-रोटी भी चलानी मतशकल होती ह एक तखलाड़ी पदा करन क तलए सनततलत आहार की बात सोचना तो असमभव ही ह एक उननत खल ससकतत को गढ़न और ओलतमपक खलो म एक शततशाली ताकत बनन क तलए एक सवसथ और सहतमनद यवा पीढ़ी को गढ़ना अतनवायय ह तजस दश म हर तदन भख कपोषण और सकरामक रोगो स सरकारी आकड़ो क अनसार 2257 बचचो की मौत होती हो (हालातक असल आकड़ा कम-स-कम इसका दना ह) उस दश म हम यह कस उममीद कर सकत ह तक वह खलकद म तवशवतवजता बनगा सय त राषट बाल कोष (यतनसफ़) की ररपोटय क अनसार दश क तकरीबन आध बचच अपनी उम क अनसार सामानय स कम वज़न क ह 45 परततशत बचच सामानय स कम कद क ह 20 परततशत बचच अपन कद क अनसार सामानय स जयादा दबल-पतल ह 75 परततशत रतहीनता स पीतड़त ह 57 परततशत बचचो म lsquoतवटातमन एrsquo की गमभीर कमी ह पहल सकल और आगनवाड़ी म जो क भी थोड़ा-बहत मधयाहन भोजन तमलता था लॉकिाउन क दौरान वह भी अतधकाश जगहो पर बनद हो गया था और इस अतनयोतजत लॉकिाउन स करोड़ो मज़दरो-

महनतकशो की नौकररया भी चली गयी ऐसी हालत म बचचो का भरण-पोषण कतठन हो गया ह तनतशचत ही ऊपर तदय गय आकड़ आज गमभीर रप धारण कर चक होग और तमाम सरकारी और गर-सरकारी रपट इस बात की पतषट भी कर चकी ह

इसक अलावा बचचो म बचपन स ही शारीररक वयायाम और खलकद क बार म एक सवसथ दतषटकोण पदा करन म सकलो की एक अहम भतमका होती ह सकल म ही भतवषय क ओलतमपक तखलाड़ी अपन पशवर खल जीवन की नीव रखत ह लतकन हमार दश की सकली तशका वयवसथा क जजयर हालात पर तजतनी कम बात की जाय उतना अचा ह भारत म माधयतमक सकलो म सकल नामाकन अनपात 79 परततशत ह इसका मतलब माधयतमक सकल म पढ़न योगय बचचो म स तसफ़य 79 परततशत ही असल म सकल म नाम तलखात ह इनम स भी 17 परततशत दसवी की परीका पास करन स पहल ही पढ़ाई ोड़ दत ह ज़ातहर-सी बात ह य बचच जो सकलो स बाहर रहत ह ोट-मोट उदयोग धनधो या मज़दरी म लग जात ह एक ररपोटय क अनसार भारत म 33 परततशत सकलो म शारीररक तशका की कोई अलग स लास नही दी जाती ह 80 परततशत सकलो क पास ऐस तशकक नही ह जो शारीररक तशकण-परतशकण दत ह 33 परततशत सकलो क पास अपना खल का मदान या खल क उपकरण नही ह ऐसी तसथतत म अगर हमार बचच सकल पहच भी जात ह तो हम यह गलतफ़हमी नही होनी चातहए तक सकल म उनक अनदर कसरत और खलकद क परतत रतच पदा करन तलए कोई सचत परयास तकया जायगा

दश म एक सतकरय खल ससकतत का तनमायण तणमल सतर पर खलो का परचार परसार खल अवसरचना का तनमायण यवा अवसथा म परततभाशाली तखलातड़यो की तलाश कर उनको उननत परतशकण और मागयदशयन दना आतद बतनयादी चीज़ो म दश की तकसी सरकार न कभी कोई िास तदलचसपी नही तदखायी ह 2018 म कनदरीय खल मती न इस बात की पतषट की तक भारत सरकार खलो पर परतततदन परतत-वयतत तसफ़य तीन पस िचय करती ह जबतक चीन परतततदन परतत-वयतत 61 रपय िचय करता ह जो भारत क मकाबल 200 गना जयादा ह तपल दस सालो म भारत सरकार अपन कल सरकारी वयय का महज़ 006 स 008 परततशत ही खलो पर िचय करती आ रही ह 2021 ओलतमपक वषय होन क बावजद इस साल क बजट म खल मतालय को 230 करोड़ रपय कम तदय ह आय तदन अनतरराषटीय और राषटीय सतर क तखलाड़ी कोच और सहयोगी सटाफ़ तनमन दजज की सवाओ क तिलाफ़ तशकायत करत रहत ह मगर खल मतालय और दसरी समबतनधत ससथाओ क कान पर ज नही रगती ह मज़दार बात यह ह तक खल मतालय का सालाना बजट तजतना होता ह भारतीय तकरकट बोिय लगभग उसक समान ही

सालाना मनाफ़ा कमा लता ह तकरकट बड़ी इजारदार पजी क तलए ताबड़तोड़ मनाफ़ा पीटन का एक सोत बन गया ह इसतलए सरकार स भी भारतीय तकरकट बोिय को परा समथयन तमलता ह वही बात की जाय यतद अनय नय-परान खलो क बार म तो य भी सार भारत म एक धीमी ददयनाक मौत मर रह ह इस पजीवादी वयवसथा म बस उसी खल को बढ़ावा तदया जायगा तजसम भारी मनाफ़ा कमान की समभावनाए मौजद होगी आज सरकार क तखलातड़यो क जीत कर लौटन पर उनका सवागत कर रही ह उनका सममान कर रही ह लतकन कोई यह सवाल यो नही प ता तक कहा थी राजय सरकार और कनदर सरकार जब इन तखलातड़यो को फ़ि सतवधाओ और खल उपकरणो की आवशयकता थी यहा भी भदभाव साफ़ तदख रहा ह तजन तखलातड़यो न पदक जीता ह उनह बड़ी-बड़ी धनरातश दन की घोषणाए की जा रही ह लतकन अगल ओलतमपक क तलए तयारी तो सभी तखलातड़यो को एक समान ही करनी ह सरकारो क तलए यह सब तचनता का तवषय नही ह योतक उनक तलए खलकद कोई महतव नही रखता और इनह पता ह तक महनत करक कल कोई और पदक ल ही आयगा तब अपनी पीठ य सवय थपथपा लग जस आज मोदी कर रहा ह

एक अचा सवसथ मानवीय जीवन और बचचो का सवािगीण तवकास तखलाड़ी बनन की पवयशतय ह इस चरमरायी हई पजीवादी वयवसथा क पास वह कमता नही ह तक वह दश की महनतकश आबादी को एक सवसथ िशहाल तज़नदगी द सक और उनक बचचो का सवािगीण तवकास कर सक तसफ़य और तसफ़य एक समाजवादी वयवसथा ही हम मज़दर-महनतकशो को एक इजज़त की तज़नदगी द सकती ह तजसम हमार शरम को लटन वाला कोई परजीवी वगय नही होगा हमार अपन और समाज की बतनयादी ज़ररतो को परा करन क बाद जो lsquoफी टाइमrsquo बचगा उसम हम अपन

शौक और मनोरजन का कोई भी काम कर सकत ह और यतद मनाफ़ा कमाना नही बतक समाज की आवशयकताओ को परा करना उतपादन का लकय हो और सभी सवसथ वयसक वयततयो क तलए उतपादक शरम म भागीदारी करना अतनवायय हो तो हर तकसी क पास बहत-सा िाली वक़त बचगा तजस वह कला सातहतय ससकतत खल तवजान दशयन और घमकड़ी म लगा सकता ह साथ ही सवय उतपादक की परतकरया तकसी लटर वगय क तलए मजबरी म की जान वाली परतकरया नही होगी बतक यह सवय आननद का तवषय होगी यतद शरम मजबरी म या ज़ोर-ज़बदयसती क कारण न हो तो यह तो आननद का तवषय होता ह योतक यह मनषय को पश स मनषय बनान वाली परतकरया ह और हमारी परकतत का अग ह इसतलए मज़दर राज और समाजवाद म तो धीर-धीर िाली टाइम की अवधारणा ही ितम हो जायगी योतक तकसी और क मनाफ़ की िाततर मजबरी म खटन वाल lsquoकाम क टाइमrsquo और lsquoफी-टाइमrsquo का अनतर ही ितम हो जायगा सकल कारिानो खतो और दफतरो म हर जगह कसरत क तलए लोगो को परोतसातहत तकया जायगा हम और हमार बचच जो भी खल खलना चाह उसक तलए हमारी मज़दर सता हम हर समभव सतवधा महया करवायगी खल आतथयक सामथयय स की जान वाली कोई तकरया नही बतक सामतहक जीवन का एक ज़ररी अग बन जायगा तजसका आननद सभी उठा सक ग सोतवयत सघ और चीन म मज़दरो की सता कायम होन क बाद यही हआ 1952 स 1988 क बीच सोतवयत सघ न ओलतमपक खलो म जो अदभत कामयाबी हातसल की उसक पी उसक करतनतकारी दौर ndash यानी 1917 स 1953 ndash की खल नीततयो का ही हाथ था एक समाजवादी वयवसथा म मानव जीवन क हर पहल की तरह खल भी एक उननत सतर पर पहच पायगा और एक सवसथ खल ससकतत अतसततव म आ सकती ह

करादत स हमारा अदभपराय ह ndash अयाय पर आधाररत मौजिा समाज-वयवथा म आमल पररवतवन समाज का परमख अग होत हए भी आज मजिरो को उनक पराथदमक अदधकार स वदचत रखा जा रहा ह और उनकी गाढी कमाई

का सारा धन शोरक पजीपदत हडप जात ह िसरो क अनिाता दकसान आज अपन पररवार सदहत िान-िान क दलए महताज ह िदनया भर क बाजारो को कपडा महया करन वाला बनकर अपन और अपन बचचो क तन ढकन-भर को भी कपडा नही पा रहा ह स िर महलो का दनमावण करन वाल राजगीर लोहार और बढई वय गि बाडो म रहकर ही अपनी जीवन-लीला समापत कर जात ह इसक दवपरीत समाज क जोक शोरक पजीपदत जरा-जरा-सी बातो क दलए लाखो का वारा-यारा कर ित ह

यह भयानक असमानता और जबिवती लािा गया भिभाव िदनया को एक बहत बडी उथल-पथल की ओर दलय जा रहा ह यह दथदत अदधक दिनो तक कायम नही रह सकती पषट ह दक आज का धदनक समाज एक भयानक जवालामखी क मख पर बठकर रगरदलया मना रहा ह और शोरको क मासम बचच तथा करोडो शोदरत लोग एक भयानक ख की कगार पर चल रह ह

(बम काण पर सशन कोटव म बयान)

भगतससह क जनमददवस (28 ससतमबर) पर

4 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 3 स आग)

भारतमीय राजय दारा कशमीरमी कौम क दमि क इस िय कदम स का बदल ह कशमीर क सरतहाल

सवीकारा भी तक कशमीररयो क तिलाफ़ ldquoििाrdquo इसतमाल करन म क भी गलत नही ह यह ह भारतीय राजयसता का असली चहरा

कशमीर क आतथयक तवकास क दाव की पोल इसी बात स खल जाती ह तक तपल दो सालो म जनजीवन बागबानी वयापार और पययटन उदयोग को गहरा आघात पहचा ह हज़ारो लोगो क हाथ स रोज़गार तन गया ह और जनता का जीवन जो पहल स ही तसत और परशानहाल था और गहर अधर म धकल तदया गया ह तपल दो सालो म काम-धनध ठप होन क कारण बक और अनय परकार क ऋण परापत लोगो क सामन लोन आतद चकान की एवज़ म अपनी ज़मीन तक बचन की नौबत आ रही ह या बको क दारा उनह ज़बत कर तलया जायगा बनद क दौरान कशमीर म इटरनट पर परी तरह स परततबनध रहा और लमब समय तक 2जी सपीि ही चलती रही इस साल फ़रवरी म जाकर 4जी इटरनट सवाए परी तरह स बहाल की गयी थी यह भारतीय राजय दारा इसीतलए तकया गया था तक कशमीर म तकसी तकसम का कोई परततरोध सगतठत न हो पाय और भारतीय राजयसता दारा की जा रही जयादततया दतनया क सामन न ज़ातहर हो इटरनट की सतवधा न होन क कारण सकल-कॉलज क ात-ाताओ को िासी तदकत पश आयी कई ात तो ज़ररी इतमतहानो म भी नही बठ पाय इटरनट बनद होन क कारण ही झलम म खनन समत तवतभनन सरकारी तवभागो क टिर गर-कशमीरी उदयोगपततयो क हाथ म चल गय यह भी सीध तौर पर कशमीर क राषटीय दमन का तहससा ही ह बनद की आतशक समातपत क बाद जन-जीवन क पटरी पर आन ही लगा था तक लोगो पर कोरोना महामारी और लॉकिाउन का कहर टट पड़ा वस तो मोदी सरकार की आपरातधक लापरवाही और नाकातबतलयत न पर भारत की ही महनतकश जनता क जीवन को सकट म िाल तदया लतकन पहल स ही परशान हाल कशमीरी अवाम पर आपदा का भार और भी अतधक पड़ा ह

तफर तपल साल ही कनदर सरकार दारा जारी राजपत म जमम-कशमीर पनगयठन आदश 2020 अतधवास अतधतनयम क अनतगयत कशमीर क lsquoिोतमसाइलrsquo तनयमो म बदलाव तकय गय अब जमम-कशमीर म 15 वषय रहन वाल अथवा 7 साल की अवतध तक राजय म पढ़ाई करन वाल (जो कका 10वी या 12वी म जमम-कशमीर म तसथत तकसी शकतणक ससथान म उपतसथत रह हो) यहा क सथायी तनवास परमाण पत या lsquoिोतमसाइलrsquo क अतधकारी होग इसक अलावा कनदर सरकार क तहत काम कर रह उन कमयचाररयो क बचच भी अतधवास या lsquoिोतमसाइलrsquo क योगय होग तजनहोन 10 साल तक राजय म सवाए दी हो मोदी सरकार दारा अन द 370 और 35ए को तनरसत करन क बाद

यह अतधतनयम उस की तातकय क पररणतत ही ह तजस ल-कपट और सातज़शाना तरीक स मोदी सरकार दारा 5 अगसत 2019 की धोखाधड़ी को अजाम तदया गया था हबह उसी तरीक स 31 माचय 2020 का िोतमसाइल समबनधी यह अतधतनयम लाया गया था

इसक बाद कशमीर क कई महतवपणय परान काननो को कनदर सरकार दारा तपल साल अतबर म मनमान ढग स रद कर तदया गया तजसम कशमीर म ज़मीन-समबनधी मातलकान क काननो म बदलाव परमख ह आपको याद होगा तक अनचद 370 क हटाय जान पर एक तवतकपत तकसम का उनमाद सतघयो म दखन को तमला था जब उनक दारा भारत क लोगो को कशमीर म ज़मीन िरीदन क सपन तदखाय जा रह थ और कशमीरी औरतो स शादी करन की घतटया सतरी-तवरोधी मनोरोगी सोच की खलआम फ़ातससट मदयवादी नमाइश की जा रही थी वासतव म भारत की आम महनतकश-मज़दर आबादी तजस भारत म ही तसर क ऊपर त मययसर नही ह वह कशमीर म या िाक ज़मीन िरीदगी यह बदलाव वासतव म भारतीय पजीपतत वगय क तलए ही तकय गय ह तजनक तलए अब तक य कानन पजी तनवश और ज़मीन िरीदन म बाधा पदा करत थ गौरतलब ह तक टाटा ररलायस समत 40 कमपतनयो न जमम-कशमीर म आईटी सटर रका पययटन कौशल तवकास तशका नवीकरणीय उजाय आततथय और अवसरचनागत उदयोग बागबानी आतद उदयोगो म पजी-तनवश करन म तदलचसपी तदखायी ह

कशमीर की सवायतता को अतभवयत करन वाल जो रह-सह काननी अतधकार थ उनह भी मोदी सरकार दारा ितम कर तदया गया अपनी पजी-परसत तवसतारवादी नीतत को अमली जामा पहनात हए अब नय काननी बदलावो क तहत पजीपततयो को खल हाथो स ज़मीन दन क काम की शरआत कर दी गयी ह अतबर 2020 म जमम-कशमीर कनदर शातसत परदश पनगयठन (कनदरीय काननो का अनकलन) तीसरा आदश 2020 (Union Territory of Jammu and Kashmir Reorganization (Adaption of Central Laws) Thirdorder 2020) और जमम-कशमीर पनगयठन (राजय काननो का अनकलन) पाचवा आदश 2020 (Jammu and Kashmir Reorganization (Adaptation of State Laws) Fifth Order 2020) क तहत अब पर जमम-कशमीर म ज़मीन की िरीद-फ़रोखत को सार भारतीयो (यानी पजीपततयो) क तलए खोल तदया गया ह

कशमीर तजन रतिकल भतम सधारो क तलए जाना जाता था उनह तवतधक रप दन वाल काननो को हटा तदया गया ह योतक य कानन बड़ भतम अतधगहण को रोकत थ साथ ही साथ भारतीय सना को यह अतधकार द तदया गया ह

तक अपनी मज़टी क तहसाब स वह जहा चाह ज़मीन ल सकती ह और सरकार को भी यह अतधकार द तदया गया ह तक वह कशमीर म मौजद कोई भी ज़मीन और समपतत औदयोतगक और पजी तनवश क तलए ल सकती ह यह आदश राजय क 12 काननो को तनरसत करत ह और उसक बदल 14 काननो को लाग करत ह लतकन वासततवकता म य आदश कशमीररयो क बच-खच अतधकारो पर भी िाका िालन का काम करत ह नय काननी सशोधनो क तहत अब खततहर ज़मीन का गर-कतष इसतमाल क तलए आसानी स उपयोग तकया जा सकगा ररयल एसटट उदयोग म तनवश को बढ़ावा दन क तलए ररयल एसटट (रगयलशन एि िवलपम ट) एट का कनदरीय कानन कशमीर म भी लाग कर तदया गया ह इन नय बदलावो क तहत सामररक उपयोग क तलए तकसी भी ज़मीन का अतधगहण सना दारा तकया जा सकगा दरअसल य काननी बदलाव कशमीर और कशमीरी समाज की समसत सरचना को बदलन की तनगाह स ही मोदी सरकार दारा लाग तकय जा रह ह

इसक अलावा एक अनय आदश क तहत ldquoपतथरबाज़ोrdquo को पासपोटय क तलए अनापतत पत नही तदया जायगा जमम-कशमीर-पतलस क सीआईिी तवग न इस साल 31 जलाई को एक तनदजश जारी कर कहा ह तक सरकार या राजय क तिलाफ़ ldquoधवसातमक काययrdquo म तलपत लोगो को न तो पासपोटय क तलए सरका अनापतत तमलगी और न ही सरकारी सवाओ और योजनाओ का लाभ तमलगा इस आदश क तहत सभी तवभागो को तनतदयषट तकया गया ह तक पासपोटय या अनय सरकारी योजनाओ क तलए आन वाल हरक आवदन की ठीक स जाच-पड़ताल की जानी चातहए और सतनतशचत तकया जाना चातहए तक कही आवदक तकसी ldquoराजय-तवरोधीrdquo गतततवतध म तो सतलपत नही ह या उसक तिलाफ़ पतथरबाज़ी या तकसी अनय अपराध का कोई मकदमा तो दजय नही ह

अब थोड़ी चचाय कशमीर क मौजदा राजनीततक नततव पर भी कर लत ह 5 अगसत को मखयधारा क तजन राजनीततक नताओ को नज़रबनद या तगरफतार कर तलया गया था उनम स अतधकाश को तपल साल अटबर तक ररहा कर तदया गया उसक बाद ही 15 अटबर 2020 को नशनल कानफ स पीिीपी सीपीएम और अनय सथानीय दलो न तमलकर ldquoगपकर गठबनधनrdquo का गठन तकया तजसका कतथत उदशय अनचद 370 और कशमीर क पणय राजय क दजज की बहाली ह तदसमबर 2020 म फ़ौजी बटो व बनदको क साय तल हए तज़ला तवकास काउतसल क चनावो म गपकर अलायनस को कल 278 सीटो म स 110 पर जीत हातसल हई थी जबतक भाजपा 75 सीटो क साथ सबस बड़ी पाटटी और वोट शयर क मामल म भी सबस बड़ी पाटटी बनकर उभरी थी यह कशमीर का तवशष दजाय ितम तकय जान क बाद क पहल चनाव

थ भारतीय मीतिया म मतदान परततशत को लकर काफ़ी शोरगल मचाया गया तक यह 51 परततशत था सचचाई यह ह तक यह आकड़ा जमम और कशमीर दोनो को तमलाकर परसतत तकया गया ह जमम म मतदान परततशत जयादा होन क कारण मतदान को बढ़ा-चढ़ा कर पश करना आसान भी था कशमीर क जयादातर इलाको म मतदान परततशत 20 फ़ीसदी भी नही था इसक साथ ही गपकर गठबनधन की चनावो म जीत भी एक भामक तसवीर पश करती ह इन ldquoमखयधाराrdquo की पातटययो और उनक नताओ का कशमीरी अवाम म कोई आधार अब बचा नही ह और इनह भारतीय राजय क एजट क तौर पर ही जाना जाता ह

तफर इस साल 24 जन को गपकर परतततनतधयो को मोदी सरकार दारा वाताय क तलए तदली बलाया गया था यहा नरनदर मोदी न अपनी तचर-पररतचत डामबाज़ी क ज़ररए ldquoतदल की दरीrdquo और ldquoतदली की दरीrdquo जस अथयहीन जमलो पर अतभनय कर अहकारोनमादी तकरदार तनभाया इन समझौतापरसत अवसरवादी नताओ न अच सकली बालको की तरह मोदी जी क ldquoमन की बातrdquo सनी भी यही नही तफर साथ म फोटो भी तखचवायी मोदी सरकार दारा की गयी वाताय म सरकार दारा कहा गया ह तक वह पहल lsquoिीतलतमटशनrsquo की परतकरया परी करगी यानी लोकसभा और राजयसभा क चनाव तनवायचन मिलो का पनतनयधायरण करगी इसक बाद चनाव करवायगी और कशमीर को राजय का दजाय उसक बाद ही तदया जायगा वही गपकर गठबनधन का कहना ह तक पहल राजय का दजाय तदया जाय इनम स कक अनचद 370 और 35ए को पहल बहाल तकय जान की बात कर रह ह और उसक बाद ही चनाव करान की बात कर रह ह

यह कशमीर का बचचा-बचचा भी जानता ह तक उमर अबद ला स लकर महबबा मफती जस इन तमाम नताओ न अपनी कौम और उसक सघषय स गदारी करक भाजपा क साथ सता की सज तक सजायी ह और आम तौर पर भी भारतीय राजय की कठपतली बनकर ही काम तकया ह यह कशमीररयो क कौमी सघषय क सचच नमाइनद तो आज कतई नही कहलाय जा सकत ह नशनल कॉनफ स तो अब यह तक कह रही ह तक अनचद 370 को बहाल करन की माग अब यथाथयवादी नही ह यह तदखला दता ह तक मागो का तकततज और एजिा भारतीय राजय और मोदी सरकार दारा तय तकया जा रहा ह

जहा तक हररययत कानफ स व अनय अलगाववादी सगठनो का परशन ह तो 5 अगसत 2019 क बाद क घटनाकरम स यह भी सपषट हो गया ह तक इन सबकी भी कोई तवशष साख कशमीरी अवाम क बीच रह नही गयी ह आम तौर पर कशमीर म चनाव बतहषकार का आहान करन वाल इन सगठनो न इस बार उपरोत चनावो का बतहषकार भी नही

तकया था ताज़ा िबरो क अनसार मोदी सरकार हररययत कानफ स क तवतभनन धड़ो पर यएपीए क दमनकारी काल कानन क तहत परततबनध लगान पर तवचार कर रही ह इतना साफ़ ह तक मौजदा राजनीततक नततव स आम कशमीररयो का मोहभग हो चका ह और उनस कोई उममीद भी बाकी नही रही ह

तो या इन दो सालो म कशमीर या कशमीररयो क हालात बदल तबकल नही बतक इस बीच कशमीर म भारतीय राजयसता क दमन और आतक राज म और अतधक इज़ाफ़ा हआ ह पलट गनस और बनदको स बचचो और नौजवानो को लगातार तनशाना बनाया जा रहा ह तातक दहशत और िर क माहौल को बरकरार रखा जा सक मानवातधकारो को दि-मतत क साथ सरका बलो दारा रौदा जा रहा ह आफसपा और पीएसए जस काल दमनकारी काननो क साय म आम कशमीरी लोग जी रह ह आय तदन घरो पर ाप पड़ रह ह आम नागररको तवशष तौर पर नौजवानो को शक क आधार पर जलो म िाला जा रहा ह कशमीर भारतीय राजय क राजकीय दमन तहसा और अभतपवय सनयकरण क चकरवयह म आज भी फसा ह

लतकन इततहास भी बताता ह तक तकसी भी कौम की आकाकाओ को कचल कर बड़ी स बड़ी सनय ताकत भी चन स नही बठ पायी ह तारीि गवाह ह तक फ़ौजी बटो और बनदको क दम पर तकसी ोट स इलाक की भी परी आबादी को लमब समय तक दबा कर नही रखा जा सकता ह सतह क नीच पनप रहा परततरोध सतह क ऊपर आता ही ह तकसी भी कौम को ज़बरन उसकी इचा क तवरदध अपनी सीमाओ म शातमल करक कोई भी दमनकारी शासक वगय उस कौम की आज़ादी की इचा का गला हमशा क तलए नही घोट सकता

आज भारत क मज़दर वगय और बहसखयक महनतकश आबादी को भी यह समझना होगा तक कशमीर महज़ कागज़ पर बना कोई नक़शा या ldquoभारत माता का मकटrdquo नही ह जसा तक आम तौर पर राषटवाद क नाम पर हमार-आपक बीच भी शासक वगयो दारा परचाररत तकया जाता ह कशमीर सबस पहल कशमीररयो का ह और अपन भतवषय का फ़सला हर कौम िद करती ह आज भारत क मज़दर वगय और इनसाफ़पसनद तरक़कीपसनद तबदीलीपसनद नागररको और ातो-नौजवानो को सघषयरत कशमीरी कौम क आतमतनणयय क अतधकार क जनवादी सघषय क साथ एकता सथातपत करनी होगी यह बात भी समझनी होगी तक कोई भी जनता यतद अपनी राजयसता दारा तकसी कौम क दमन पर मौन रहगी तो वह िद भी अपन शासको दारा गलाम बनाय जान क तलए अतभशपत होगी अनधराषटवाद और सामपरदातयकता की लहर म बहन की बजाय ठि तदमाग स इन बातो पर सोचन की ज़ररत ह

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 5

ददलमी क lsquoमासटरोrsquo क पाि म गरमीब महितकश आबादमी कहा हndash भारत

तदली को दतनया का सबस समाटय शहर बनान क तलए िीिीए दारा बीत महीन मासटर पलान 2041 पश तकया गया तदली को आधतनक और तवकतसत शहर बनान क तलए यह चौथा मासटर पलान ह इसस पहल 1962 2001 और 2021 तक तदली म अलग-अलग मासटर पलान लाग हो चक ह िीिीए का मासटर पलान पयायवरण को बहतर बनान पररवहन को सतवधाजनक बनान तथा आधारभत सरचना को मज़बत बनान की बात पर ज़ोर दता ह

पर सबस अहम सवाल यह उठता ह तक आतिर िीिीए क 2041 मासटर पलान म तदली की महनतकश आबादी क तलए या ह इसका जवाब ह ndash क नही

मासटर पलान का मतलब ह चमचमाती हई तदली जहा बड़ी-बड़ी इमारत हो मॉल हो सड़क हो मटो हो जो हर तकसी को अपनी ओर आकतषयत कर सक पर मासटर पलान म तदली म रहन वाली महनतकश आबादी जो तदली को चलाती ह कारिानो स लकर कोतठयो तक म काम करती ह जो झतगगयो म रहती ह जो रहड़ी-खोमचा लगाती ह लबर चौक पर खटकर अपना पट पालती ह जो बघर ह उनका कोई तज़कर तक नही ह उनह तलट म ही रख ोड़ा ह और उनक तलए चमचमाती दतनया की इस समाटयतसटी म कोई जगह नही ह तसवाय इसक तक व अपनी ही लाशो क ढरो क ऊपर अमीरज़ादो की इस चमचमाती दतनया को खड़ा कर और खड़ा करन क बाद इस सवगय स तवदा होकर शहर की पररतधयो पर बसी अपनी गनदी झगगी-बतसतयो म वापस लौट जाय

तपल मासटर पलान की अगर बात

कर तो उसका मकसद भी यही था तक महनतकश आबादी को तदली स कस बाहर फ क तदया जाय उनह सपषट कर तदया जाय तक तवकतसत होती तदली म उनक तलए कोई जगह नही ह मासटर पलान 2001 क दौरान तदली क कई इलाको स झतगगयो को तोड़ा गया और तदली क अलग-अलग तकनारो पर फ क तदया गया योतक य झतगगया ऐस इलाको क आसपास बसी थी जहा अमीर रहत ह दसरी तरफ़ तदली क कनदर स औदयोतगक कनदरो को भी हटाकर तदली क ोर पर औदयोतगक कत सथानानतररत तकया जा रहा था जहा मज़दरो की भी ज़ररत थी इस कारण स भी तदली क अलग-अलग इलाको स हज़ारो झतगगयो को तोड़कर उनह नरला पीरागढ़ी बवाना क आस-पास बसाया गया जो तक औदयोतगक इलाक ह गौरतलब ह तक तजतनी झतगगया तोड़ी गयी उसम स बहत ही कम को पनवायस तदया गया एमसीिी क 2007 क एक सवज क अनसार 1990 क बाद स 2007 तक 217 झगगी बतसतयो को तोड़ा गया तजसस करीब 65000 पररवार परभातवत हए (याद रख यह सरकारी आकड़ा ह असल सखया इसस कही जयादा ह) इसस ही पता चलता ह तक 2001 और 2021 क मासटर पलान म गरीबो क तलए या था आज तवकतसत तदली का दम भरा जा रहा ह और महनतकशो को और अतधक अधर म फ का जा रहा ह आपको याद ही होगा तक जब 2010 म तदली म राषटमिल खल हए थ तब भी तदली को आलीशान बनान क नाम पर लोगो को बघर तकया गया था उस समय करीब ढाई लाख लोग तसफ़य इसतलए बघर हए थ तातक बाहर दश स आय लोगो को तदली lsquoसबस अचा फ़सटय लासrsquo शहर लग सक

तदली क एलजी अतनल बजल

न लोगो स िीिीए मासटरपलान 2041 क परसताव को बहतर बनान क तलए सझाव माग करीब 40000 सझाव आय भी पर महनतकश आबादी क तलए या उनस कोई बात नही की गयी तदली क असगतठत कत म करीब 50 लाख स भी जयादा लोग काम करत ह जो तक तदली की काययकमता का 70 परततशत ह इनम स तसफ़य ोट व मझोल कारिानो म काम करन वाल मज़दरो की सखया लाखो म ह हालातक पजीकत कारिानो और मज़दरो की सखया सरकार बहद कम करक 1 लाख बताती ह इसम 2 लाख कड़ा बीनन वाल स लकर 5 लाख घरल कामगार तक ह इतनी बड़ी आबादी क तलए मासटर पलान म क नही ह कहन क तलए िीिीए आधारभत सरचना को मज़बत करन की बात कर रही ह वही दसरी तरफ़ 2011 क आकड़ो क मतातबक तदली की ज़मीन क 05 परततशत तहसस पर 20 लाख लोग यानी तदली की 108 परततशत आबादी रहती ह जो तक झगगीवासी ह य दस साल पहल का आकड़ा ह सोतचए अब उतन ही तहसस म करीब 30 लाख आबादी तो रहती ही होगी इनको बहतर ररहायश दना तदली क मासटर पलान का तहससा नही ह उनक तलए बड़ी समसया पातकि ग की ह तजसका तज़कर िीिीए न अपनी 400 पननो की ररपोटय म तकया ह पर एक गाड़ी की पातकि ग तजतनी जगह पर लोग पररवार सतहत रहत ह इसक बार म कोई ठोस योजना नही ह

अब बात करत ह तक या िीिीए स उममीद की जा सकती ह तक वह अपनी योजना म तदली की महनतकश आबादी को शातमल करगी पहल ही सपषट कर द नही

िीिीए को कनदर सरकार सचातलत करती ह और आज जो फ़ातससट सता

म बठ ह वह एक-एक करक लोगो का िन तनचोड़कर अपन मातलको की सवा म करन यकीन रखत ह कहन क तलए तो मोदी सरकार न बड़-बड़ वायद तकय तक lsquoजहा झगगी वहा मकानrsquo और ना जान तकतन वायद जो अगर तलखन बठ जाय तो कई तदन कम पड़ जायग इसतलए चाह दश हो तदली हो या िीिीए य तवकास क नाम पर तसफ़य तवनाश करन म मातहर ह इसी की एक बानगी अभी खोरी गाव म दखन को तमली जहा पयायवरण को बचान क नाम पर क ही तदनो क भीतर 10-20 हज़ार झतगगयो को तोड़ तदया गया पर उसी जगह पर बस बड़-बड़ आलीशान होटलो को ोड़ तदया गया

दसरी तरफ़ कजरीवाल भी राग अलाप रहा ह तक िीिीए हमार हाथ म नही ह होती तो हम गरीबो को भी साथ लत पर इस lsquoसाफ़-सथरrsquo वयापाररयो-मातलको क परोकार की सचचाई क और ही ह इसन भी तदली की सता म आन क बाद स तसफ़य मातलको और उनक दलालो को ही lsquoआम आदमीrsquo मानकर उनका ही तवकास तकया ह मज़दर-महनतकश आबादी आज भी तदली क अनदर बतनयादी सतवधाओ स वतचत ह घरल कामगारो स लकर असगतठत कत क मज़दर अभी तक शरम कानन क दायर म नही आय ह और जो मज़दर कारिानो म खटत ह वहा कोई शरम कानन लाग नही होता जबतक यह नौटकीबाज़ कजरीवाल क हाथ म ह यहा तक तक आम आदमी पाटटी क नताओ म ही ोटी और मझोली फ़तटयो क मातलक और वयापारी भर हए ह ज़ातहर ह ऐस म आम आदमी पाटटी क तलए lsquoआम आदमीrsquo भी ोटा मातलक ठकदार और वयापारी ही हो सकता ह लाखो-लाख आम महनतकश-मज़दर आबादी नही

ऐस म हम समझना होगा तक सरकारो और उनकी ससथाओ क तलए हमशा तवकतसत शहर का मतलब तसफ़य अमीरो और उनकी आवशयकताओ की पततय करन स ह न तक महनत करन वाल लोगो क जीवन म बहतरी स इसीतलए िीिीए न भी अपना मासटर पलान महनतकशो की पीठ पर पर रखकर उनह नीच दबाकर खड़ा तकया ह तातक 2041 म तदली म कोई गरीब न तदख पर सचचाई यह ह तक तदली दश और दतनया को जो महनतकश चलात ह उनह हमशा दबाकर नही रख सकत आज तदली क महनतकश-मज़दरो को अच स समझ लना चातहए तक उनक दशमन कौन ह तनतशचत तौर पर मोदी सरकार एक फ़ासीवादी सरकार होन क नात मज़दरो और गरीबो की सबस बड़ी दशमन ह लतकन कजरीवाल भी ोटा मोदी बनन क परयास म आरएसएस का कचा पहन चका ह और मज़दरो को सबस जयादा बरहमी स लटन वाल ोट मातलको ठकदारो-जॉबरो और वयापाररयो का नमाइनदा ह कागस सवय बड़ पजीपततयो की ही नमाइनदगी करती ह लतकन मोदी सरकार दारा नगई और बशमटी स पजीपततयो की सवा करन क कारण वह तफ़लहाल भारतीय राजनीतत म पहल क मकाबल क अपरासतगक तदख रही ह य सभी पजीवादी चनावी पातटयया पजीपतत वगय क ही अलग-अलग तहससो की नमाइनदगी करती ह और उनस हम मज़दर-महनतकश कोई भी उममीद रखकर िद को ही मखय बनायग हम ज़ररत ह तक हम अपना सवतत राजनीततक तवकप खड़ा कर यानी मज़दरो-महनतकशो की अपनी नयी इनकलाबी पाटटी मासटरो क पलान तब धर क धर रह जायग और अपनी दतनया और अपन शहर की पलातनग हम िद कर लग

मिरगा मज़दरो क बजट को खातमी अफसरशाहमीndash रमि कराबतिकारमी मिरगा मज़दर यनियि हररयारा

महातमा गाधी राषटीय रोज़गार गारटी कानन यानी मनरगा की शरआत 2005 म हई थी इस योजना को शर करन का कागस का मकसद था तक गाव स शहर की ओर पलायन करती आबादी को तकस तरह स गाव म ही रोक रखा जाय और सामातजक असनतोष को फटन स रोका जा सक इसक तलए उनहोन 100 तदनो क पक रोज़गार क नाम पर मनरगा सकीम चाल की थी आज जब बरोज़गारी अपन चरम पर ह तो एक बहत बड़ी आबादी बरोज़गार होकर मनरगा म रोज़गार पान क तलए मशक़कत करती रहती ह तक उनह मनरगा म तो काम दर-सवर थोड़ा बहत तमल जाता ह

अगर हम बात कर हररयाणा क कथल तज़ल की कलायत तहसील की तो यहा पर भी मनरगा का जो काम ह वह सभी मज़दरो को नही तमलता असल म सरकारी दावो की बात कर तो मनरगा कानन 2005 कहता ह तक इसका मकसद ह गामीण कतो म तपी बरोज़गारी को कम करना यानी इस कानन क तहत 1

वषय म एक पररवार क वयसक सदसयो को 100 तदन क रोज़गार की गारटी दी जायगी रोज़गार क पजीकरण क 15 तदन क भीतर काम दन और काम ना दन की सरत म बरोज़गारी भता दन की बात कही गयी ह मनरगा क तहत नयनतम मज़दरी भी अलग-अलग राजयो क तहसाब स तय की गयी हरर याणा म अभी तफलहाल 315 रपय तदहाड़ी तय की गयी ह लतकन इसक तहत काम तमलता ही काफ़ी कम तदन ह वही हम बजट की बात कर तो तवत वषय 2021-22 क बजट म तनमयला सीतारमण न मनरगा क तलए 73000 करोड़ रपय का परावधान तकया ह यतद इसकी तलना बीत तवत वषय क सशोतधत बजट क आबटन 111500 करोड़ रपय स की जाय तो यह करीब 3452 फ़ीसदी कम ह बजट कम होन का सीधा मतलब शरम तदवस क कम होन और रोज़गार क अवसरो म कमी स भी ह साथ ही इस बजट का एक बड़ा तहससा भी अफ़सरशाही की जब म चला जाता ह

हमन करातनतकारी मनरगा मज़दर यतनयन क बनर तल 10 साल स गाव म

बनद पड़ काम की तफर स शरआत की थी काम तो साल म 25 स 30 तदन ही तमला मगर इस दौरान हमन मनरगा म हो रह भषटाचार को भी काफ़ी नज़दीक स दखा मनरगा ऑतफ़स क अतधकाररयो की क गाव तवशष क मटो क साथ साठ-गाठ हो जाती ह और तफर मनरगा का जयादातर काम उन गावो को तमलना शर हो जाता ह तजनक मटो क साथ उनका गठजोड़ बनता ह मनरगा म जो आबादी काम करती ह उसक नाम क साथ-साथ ऐस नाम भी वकय रो की तलसट म शातमल तकय जात ह जो मनरगा म काम करन नही आत उनका तसफ़य कागज़ो म नाम चलता ह और जो पसा आता ह उसका बड़ा तहससा अतधकाररयो तथा थोड़ा-बहत तहससा उन फ़ज़टी मज़दरो की जब म चला जाता ह और यह तसलतसला जारी रहता ह एक ओर मज़दर काम क तलए मनरगा तवभाग क चकर लगात रहत ह और दसरी ओर मनरगा का जो बजट मज़दरो क तलए तय हआ ह वह अतधकाररयो की जबो म जाता रहता ह इस भषटाचार क ऊपर रोक लगाना वस तो तकसी एक आदमी क बस की बात नही मगर इसको

रोकन क तलए करातनतकारी मनरगा मज़दर यतनयन क साथी लगातार गाव-गाव म मनरगा मज़दरो की कमतटयो का गठन कर रह ह और इन कमतटयो म जो मज़दर शातमल ह उनको मनरगा तवभाग स जड़ हए कागज़ी काम भी तसखाय जात ह जस तिमाि भरना मसटररोल भरना यह पता करना तक तकतन लोगो का काम आया ह तकतन लोग काम पर जात ह तकसी की फ़ज़टी हातज़री तो नही भरी जा रही आतद इन सभी कामो क तलए परतशतकत करन का काम भी तकया जाता ह और जो भी कागज़ी काम होता ह उसको वहाटसएप क माधयम स हर मज़दर क समपकय म लकर आन का काम भी तकया जाता ह ऐसा करन स मज़दरो म आतमतवशवास बढ़ता ह और साथ ही साथ हर मज़दर काम क परतत तनगरानी और तज़ममदारी को भी समझना शर कर दता ह

यतनयन क अनदर जनवाद की बहाली क तलए सभी फ़सल सामतहकता म तलय जात ह और मट का चनाव भी मज़दरो क बीच म स ही िद मजदर करत ह साथ ही मनरगा मज़दरो की यतनयन पाठशाला भी हर हफत चलायी जाती ह

तजसम मज़दरो को तसफ़य आतथयक मागो पर न गोलबनद करत हए बतक उनह समाज पररवतयन की समच मज़दर वगय की लमबी लड़ाई क तलए भी राजनीततक तौर पर तशतकत-परतशतकत तकया जाता ह मज़दर वगय क नता लतनन न टि यतनयन को मज़दरो की पहली पाठशाला कहा ह उनका मतलब यही था तक अगर कोई यतनयन मज़दरो की असल लड़ाई को लड़ रही ह तो वह मज़दरो की आतथयक मागो को लकर लड़न क साथ-साथ उनक राजनीततक सतरोननयन का काम भी करगी मज़दरो की असल यतनयन वही होती ह जो मज़दरो म उनकी आतथयक मागो स राजनीततक मागो की तरफ़ बढ़न की समझ और साहस पदा करती ह हम सभी जानत ह तक हमार दश म जातत व धमय की तकतनी गहरी जड़ ह मज़दरो की असल लड़ाई लड़न वाली यतनयन इन जातत-धमय की दीवारो पर चोट करन क साथ-साथ मज़दरो म वगय एकजटता पदा करन का काम करगी तातक हर जातत-धमय स आन वाल मज़दरो म सवयहारा चतना पदा की जा सक

6 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

निमाषर मज़दर की करणट लगि स मौत मआवज़ की माग करि वालो को पललस ि भजा जलथा तो वह तबजली का करट लगन क कारण तगर गया दसर मज़दरो न तबजली क तार को हटाया व तरण को दखा तथा इसकी िबर सफटी ऑतफ़सर को दी मज़दर को पास क असपताल आरोगय हॉतसपटल ल जाया गया जहा पर िॉटरो न मज़दर तरण को मत घोतषत कर तदया

मालदा क मज़दरो क मशी अनप मिल जो िद मालदा पतशचम बगाल का रहन वाला ह न बताया तक िॉटरो न उस बताया तक तरण की मौत हो चकी ह तो उसन इस घटना क बार म उसक पररवार को सतचत तकया उसक बाद पतलस मतक मज़दर का शव पोसटमाटयम क तलय ल गयी

अनप मिल न बताया तक अगल तदन 10 अगसत को एटीएस मनजम ट न मतक तरण क पररवार को 450 लाख का चक 50 हज़ार कश व मतक क शव को उसक घर पतशचम बगाल ल जान क तलए एमबलस की वयवसथा की और पोसटमाटयम क बाद व लोग अपन घर मालदा पतशचम बगाल लौट गय

मतक मज़दर तरण क साथ काम करन वाल मालदा क एक मज़दर चनदन न बताया तक अगल तदन 10 अगसत को मज़दरो न कमपनी मनजम ट स प ा तक मतक मज़दर का शव कब तक आयगा तो बताया गया तक 11 बज पोसटमाटयम होगा उसक बाद पता चलगा मज़दरो न माग की तक मतक मज़दर क मत शरीर को यहा पर लाया जाय तथा उसक पररवार को 15 लाख की आतथयक मदद दी जाय मज़दर शाम तक बठ रह पतलस की जीप आन पर 5 बज क बाद कमपनी की तरफ़ स बताया गया तक मतक क पररवार की सभी मागो को परा कर मतक की बॉिी को उसक पररवार क साथ पतशचम बगाल भज तदया गया ह मज़दर समझ गय तक उनह झासा तदया जा रहा ह तातक वहा स वापस भजा जा सक इसस मज़दर आकरोतशत हो गय और एटीएस क ऑतफ़स म घस गय व उनहोन पतलस को भी खदड़ तदया इसक बाद रात म 12 बज पतलस बड़ी सखया म आयी और मज़दरो की झतगगयो म ज़बरन घस कर

मज़दरो को बहत मारा-पीटा व बहत स मज़दरो को उठा कर ल गयी तजनम स 25-30 को जल भज तदया जल जान वालो म बहत स ऐस मज़दर ह जो घटना क समय वहा पर उपतसथत भी नही थ

इस घटना क बाद स बहत स मज़दर वापस अपन घर लौट गय ह जो मज़दर अभी वहा पर ह उनको भी काम पर नही तलया जा रहा ह इसक बार म प न पर एटीएस मनजम ट न बताया तक मज़दरो का वररतफ़कशन तकया जा रहा ह इसतलए अभी काम रोक तदया गया ह तजन मज़दरो का वररतफ़कशन हो जायगा उनको काम पर रख तलया जायगा

यह ऐसी अकली घटना नही ह जब काम क वक़त होन वाल हादसो म मज़दरो की मौत होती ह हमार य भाई-बहन मातलको कमपतनयो ठकदारो क मनाफ़ की भट तसफ़य इसतलए चढ़ जात ह योतक काययसथल पर उनकी सरका क उतचत इनतज़ाम नही तकय जात ह उसक बाद जब मातलको की मनाफ़ािोरी क कारण की गयी इस लापरवाही की भट मज़दर

ndash सममतनोएिा गटर नोएिा वसट म एटीएस

तबिर की तनमायणाधीन तबतिग म काम कर रह एक मज़दर की तबजली का करट लगन क कारण मौत हो गयी तजसक बाद मज़दरो न मतक मज़दर साथी क पररवार को आतथयक मदद दन की माग की इनम स अगआ मज़दरो को तोड़फोड़ करन का आरोप लगाकर जल भज तदया गया ज़ातहर ह पतलस परशासन परी तरह स तबिर की जब म ह योतक मज़दरो न क भी नाजायज़ नही मागा था

मतक मज़दर तरण वास पतशचम बगाल क मालदा का रहन वाला था उसकी उम मात 19 वषय की थी अभी 2 माह पहल वह पतशचम बगाल स नोएिा आया था यहा पर पहल स काम कर रह मालदा क मज़दरो क साथ एटीएस म काम कर रहा था तरण क साथ काम करन वाल दसर मज़दरो न बताया तक रोज़ाना की तरह 9 अगसत को हम सब काम कर रह थ शाम क लगभग 4 बज तरण जब एक मशीन का तार समट रहा

चढ़ जात ह तो उनह उतचत काननी मआवज़ा भी नही तदया जाता और अगर मज़दर अपन मत साथी क तलए इनसाफ़ की माग करत ह तो पजीपततयो की जब म बठी पतलस उनह मारती-पीटती ह और उनह जलो म िाल तदया जाता ह लतकन मातलक पर कोई कारयवाई नही होती वस भी ऐसी दघयटनाओ क तलए बस मआवज़ की वयवसथा ह काननी तौर पर भी मातलक को इस परकार की जानलवा लापरवाही क तलए कभी जल नही भजा जाता या एक मज़दर की जान को कवल रपयो म तौला जा सकता ह लतकन यतद मज़दर अपनी जायज़ मागो को उठात ह तो उनपर लातठया बरसायी जाती ह और उनह सलाखो क पी धकल तदया जाता ह नोएिा की इस घटना न एक बार तफर मौजदा मनाफािोर और कफ़नखसोट पजीवादी वयवसथा की कलई खोल दी ह जब तक हम एकजट और सगतठत नही होत तब तक हमार साथ ऐसा ही सलक होता रहगा

बाढ़ बशमष सरकार और सवदिहमीि रिशासि का कहर झलतमी जितादारागज राजापर अशोक नगर आतद तथा गगा क तकनार बस इलाको और करली की गिढा कॉलोनी करामत की चौकी जक आतशयाना करला बाग जस यमना क तकनार बस इलाक जलमगन हो गय थ जहा स हज़ारो लोगो को अपन घर स तवसथातपत होकर राहत तशतवरो म गज़र-बसर करना पड़ा बहत स लोगो को राहत तशतवरो म इसतलए जगह नही तमली योतक व अपना सामान राहत तशतवर म नही ल जा पाय थ हर साल राहत तशतवर क नाम पर इलाहाबाद परशासन और नगर तनगम दारा लाखो का वारा-नयारा कर तदया जाता ह लतकन तज़ल म बाढ़ परभातवत आबादी की तलना म राहत तशतवरो की सखया ऊट क मह म जीर क बराबर भी नही थी जो राहत तशतवर थ भी उनम भी न टॉयलट था न नहान की वयवसथा न ही सफ़ाई का कोई इनतज़ाम और ठीक स खान की वयवसथा राहत तशतवरो म भयकर गनदगी फली हई थी जो बड़ पमान पर इन तशतवरो म बीमारी फलान का कारण बन रही थी

कई तदन बीतन और पानी उतरन क बाद अब बड़ पमान पर बीमाररया फलनी शर हो गयी ह इलाक म शायद ही कोई ऐसा घर हो जहा कोई न कोई सदटी बखार खासी स पीतड़त न हो लतकन परशासन की इसस तनपटन की कोई तयारी नही ह कोतवि-19 की दसरी लहर क बाद शहर क असपतालो म ओपीिी का सचालन अभी सचार ढग स नही हो रहा ह तजसकी वजह स बड़ी आबादी जो पराइवट असपतालो की फ़ीस नही द सकती ह झोलााप िॉटरो फ़ामायतससटो स इलाज करान को मजबर ह

हर साल आन वाली बाढ़ क भयकर तवभीतषका म तबदील हो जान की वजह पराकततक नही बतक पजीपततयो क मनाफ की हवस ह असमान तवकास पजीवादी वयवसथा का आम तनयम ह तजसकी वजह स दश क बहत बड़ तहसस म तबाही का सामाजय होता ह और क इलाक ऐशवयय क टाप बन जात ह

इस असमान तवकास की वजह स बहत बड़ी आबादी गावो स शहरो की तरफ़ तवसथातपत होती ह यह तवसथापन आम महनतकश आबादी क तलए तकसी तासदी स कम नही होता ह लतकन यही असमान तवकास दसरी ओर क धनपशओ क तलए मनाफ़ा बटोरन का अवसर महया कराता ह

इलाहाबाद शहर की बात कर तो गगा और यमना क तकनार बस इस शहर म परशासन की गठजोड़ स भमातफ़या कार की ज़मीन पर कबज़ा जमा लत ह एक तरफ़ य इस ज़मीन पर धड़ल स अवध तनमायण करात ह तो दसरी ओर परशासतनक तत म अपनी पकड़ का इसतमाल कर य लोग कार की ज़मीन को गावो स शहरो की तरफ़ आन वाली आबादी को अपकाकत कम कीमत पर बच दत ह इलाहाबाद शहर परततयोगी ातो का गढ़ ह आस-पास क इलाको स लाखो ात पढ़ाई करन और परततयोगी परीकाओ की तयारी करन क तलए इलाहाबाद आत ह कार क इन इलाको म शहर की तलना म कमर का तकराया कम होन की वजह स बहत स ात यही कमरा लत ह यह भी एक बड़ी वजह ह तक शहर क अमीरो क तलए य इलाक तनवश का एक कनदर बन गय ह गगा और यमना नतदयो क तकनार सकड़ो लॉज बन हए ह इन लॉजो म हज़ारो ात रहत ह हर साल बाढ़ आन पर य ात पढ़ाई-तलखाई ोड़कर घर चल जात ह लतकन इनका तकराया साल-दर-साल बढ़ता जाता ह परशासन को भी य सार गड़बड़ घोटाल अची तरह स मालम ह लतकन सता परशासन और भमातफ़याओ क गठजोड़ स य काम धड़ल स चल रहा ह इसतलए इलाहाबाद म बाढ़ की सबस जयादा मार आम महनतकश आबादी और ातो पर पड़ती ह

वासतव म उतर परदश तबहार असम करल समत पर दश म बाढ़ की समसया क इतनी बड़ी तवभीतषका बन जान की असली वजह यह मौजदा मनाफ़ पर

तटकी पजीवादी वयवसथा ह जगलो की अनधाधनध कटाई स तमटी बहकर नतदयो की तलहटी म जमा होन नतदयो क तकनार बरोकटोक होन वाल तनमायण-काययो गाद इकटा होन स नतदयो क उथला होत जान बरसाती पानी की तनकासी क कदरती रासतो क बनद होन शहरी नालो आतद को पाट दन जस अनक कारणो न न कवल बाढ़ की बारमबारता बढ़ा दी ह बतक होन वाली तबाही को पहल स कई गना बढ़ा तदया ह आज़ादी क इन 74 वषयो म आपदा परबनधन क नाम पर अरबो-खरबो का वारा-नयारा तकया जा चका ह लतकन तसथतत सधरन की जगह साल-दर-साल बद स बदतर होती जा रही ह सपर कमपयटर रिार उपगहो आतद स लस तकनीक क ज़मान म बाढ़ आन स काफ़ी पहल ही इसका सही-सही पवायनमान लगाया जा सकता ह और साथ ही साथ lsquoफलि रतटगrsquo का परा तवजान तवकतसत हो चका ह तजसक ज़ररए बाढ़ क फलाव को काफ़ी हद तक तनयततत तकया जा सकता ह लतकन मनाफ़ा-आधाररत वयवसथा म तवजान भी मनाफ़ की भट चढ़ जाता ह और क मठीभर धनपशओ क तलए मनाफ़ा पदा करन का औज़ार मात रह जाता ह टनोलॉजी का इसतमाल अगर मानवता क तहत म तकया जाय तो इन आपदाओ म होन वाल जान-माल क नकसान को काफ़ी हद तक कम तकया जा सकता ह लतकन होता इसका उटा ह हर बार बाढ़ आन का इनतज़ार तकया जाता ह हर बार लोग मार जात ह लाखो पररवार बघर होत ह हज़ारो एकड़ फ़सल की बबायदी होती ह और हर बार आपदा परबनधन क नाम पर अरबो की रातश का बनदरबाट होता ह चनावी घतड़याल इस आपदा पर सवार होकर अपनी चनाव की वतरणी पार करन की जगत म लग जात ह सामाजयवादी ससथाओ क टकड़ो पर पलन वाल सवयसवी सगठनो को ldquoजनसवाrdquo क बहान सचचाई पर पदाय िालन का और इसी बहान अपनी सवा भी कर लन का मौका तमल जाता ह और

ndash अनविाशजस-जस मौजदा पजीवादी वयवसथा

lsquoतवकासrsquo की नयी ऊचाइयो पर पहच रही ह उसी अनपात म जनता क जीवन म चलन वाली lsquoतवनाशलीलाrsquo और जयादा भयकर रप लती जा रही ह इस तवनाशलीला का एक दशय अगसत क महीन म इलाहाबाद शहर म गगा-यमना क इलाक म आयी बाढ़ क रप म सामन आया गगा और यमना जसी दो बड़ी नतदयो और कई ोटी नतदयो का शहर होन क चलत इस बाढ़ का कहर जब टटता ह तो इलाहाबाद की बहत बड़ी आबादी उसका तशकार होती ह इस बार भी गगा और यमना क तटवतटी इलाक ससर खदरी और टौस नदी क तकनार रहन वाली आबादी इस कहर का तशकार बनी बड़ पमान पर लोगो क काम-धनध का नकसान हआ और बहत स लोग तवसथातपत हए

परा परशासन इस दौरान मकदशयक बना हआ बाढ़ क गज़र जान का इनतज़ार करता रहा नता-मती हलीकॉपटर स गशत लगात रह और अतधकारी नाव स गशत लगात रह परशासन की सवदनहीनता इसी स समझी जा सकती ह तक कई तदन पहल स ही बाध का पानी ोड़ जान की सचना तमल जान क बावजद परशासन न यह घोषणा तक नही करवायी तक नदी का जलसतर तकतना बढ़ सकता ह और लोगो को सरतकत सथान पर चल जाना चातहए बहत स लोग तपल क वषयो क अनभव क आधार पर इनतज़ार करत रह और जब पानी तज़ी स बढ़ना शर हआ तो उसी समय तज़ बरसात की वजह स बहत स लोग अपन घर का सामान तक ठीक स नही तनकाल पाय पानी घसन क दो-तीन तदन बाद तक कई इलाको म नाव नही पहची थी जो बाढ़ राहत तशतवर बनाय गय व अपन-आप म कवयवसथा की तमसाल बन हए थ

बाधो स अचानक पानी ोड़ जान की वजह स इलाहाबाद शहर क तटवतटी इलाको जस ोटा बघाड़ा सलोरी

तफर अगली बार का इनतज़ार तकया जाता ह इस तरह आज़ादी क इन सात दशको म आपदाओ का भी अपना अथयशासतर और अपनी राजनीतत तवकतसत हई ह

बाढ़ रोकन क मकसद स 1954 म गतठत गगा आयोग न जलकिी पररयोजना का सझाव तदया था तजसक तहत नपाल की नतदयो स आन वाली तसट को रोकन क तलए पानी की भारी माता को नपाल म रोककर बाधो पर जल तवदयत पररयोजना लगान की योजना थी इन पररयोजनाओ का आधा लाभ नपाल और आधा लाभ भारत को तमलना था लतकन सरकार की उदासीनता की वजह स यह योजना धरी की धरी रह गयी 1976 म गतठत राषटीय बाढ़ आयोग न नतदयो क तल स गाद हटान का सझाव तदया था और साथ ही जलकिी योजना को लाग करन का भी सझाव तदया था इसम स क भी नही तकया गया आग भी इस तरह क आयोग बनत रहग लतकन क नही होगा योतक यह परी वयवसथा मानवीय ज़ररतो नही बतक मटी भर पजीपततयो क मनाफ़ क तलए काम करती ह ऐसी आपदाओ को रोकना तो दर ऐसी आपदाओ क बाद इनसानो की लाशो पर अपन मनाफ़ की रोतटया सकना इस वयवसथा का काम ह इसतलए पजीवादी वयवसथा क रहत इस परकार की आपदाओ स तनजात तमलना असमभव ह बतक हर गज़रत तदन क साथ अपनी सवाभातवक गतत स यह वयवसथा बहत-सी आपदाओ को पदा करती रहगी वगय तवभातजत समाज म हर आपदा महनतकशो की बबायदी का कारण बनती ह और पजीपतत इन आपदाओ स भी अपन मनाफ़ की हवस को परा करत ह जब तक मानवता इस लट पर तटकी वयवसथा स तनजात नही पायगी तब तक बाढ़ की तवभीतषका स भी तनजात नही तमलन वाली

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 7

(पज 2 पर जारमी)

तदली क मखयमती अरतवनद कजरीवाल तपल तदनो कभी गोआ कभी पजाब तो कभी उतराखि जाकर परचार कर रह ह तक अगर हमारी lsquoआम आदमी पाटटीrsquo की सरकार बनी तो 300 यतनट तक तबजली सभी लोगो को मफत दी जायगी भाजपा और सघ पररवार का कचा पहन चक कजरीवाल दावा करत ह तक तदली म लगभग 70 फ़ीसदी लोगो का तबजली का तबल ज़ीरो आता ह और तदली की 93 फ़ीसदी कॉलोतनयो म पानी की लाइन तबा दी गयी ह और इन सभी इलाको म अतधकतर लोगो को पीन का पानी मफत तमल रहा ह कजरीवाल का दावा ह तक तदली की बहसखयक

आबादी को उनकी सरकार बनन क बाद स तबजली और पानी मफत तमलता ह

कजरीवाल क इन दावो को सनकर यह तो साफ़ ह तक अपन बड़ भाई मोदी की तरह जमलबाज़ी और झठ दाव करन म कजरीवाल भी कम नही ह असतलयत यह ह तक तदली की मज़दर व तकरायदार आबादी क तलए मफत पानी और तबजली आज भी एक हवाई बात ह तदली की बहसखयक मज़दरतकरायदार आबादी को न साफ़ पीन का पानी मफत म तमलता ह और न ही उसक तलए तबजली मफत ह िासकर तदली की आम महनतकश आबादी क करावलनगर खजरी सोतनया तवहार मसतफ़ाबाद सीलमपर और

बवाना वज़ीरपर शाहाबाद िरी जस कई और इलाको म बहसखयक आबादी क तलए मफत तबजली-पानी की बात बस एक जमला ह इन इलाको म कजरीवाल सरकार क लगभग 8 साल होन क बाद आज भी पीन क पानी की लाइन घर-घर नही पहची ह यहा रहन वाली मधयम वगय की क आबादी तो अपन घरो म पानी साफ़ करन की आरओ मशीन लगा लती ह और ज़मीन क पानी को साफ़ करक इसतमाल करती ह लतकन मज़दर और आम महनतकश आबादी या तो गतलयो म लग सरकारी नल स पानी लाती ह जो पर इलाक म नाममात ही बच ह और जो बच ह उनम भी पानी

कभी-कभी ही आता ह और जब आता भी ह तो पानी आम तौर पर गनदा होता ह पीन लायक नही होता ह

उतर-पवटी तदली क शरीराम कॉलोनी खजरी इलाक म य नलक भी नाली स सटाकर लगाय गय ह जहा कड़ा भी पड़ा रहता ह गरीब लोग मजबरी म यही स पीन का पानी भरत ह क इलाको म सरकारी पानी क टकर आत ह पर यह टकर भी आबादी क अनपात म बहद कम सखया म आत ह इनस पानी भरन क तलए 2 स 3 घटा लग जाता ह य टकर तनयतमत भी नही आत ह कोरोना महामारी क शर होन स लकर अब तक भी इन टकरो की सखया सरकार दारा नही

बढ़ायी गयी तजसक चलत टकर क आन पर बहत जयादा भीड़ एकततत हो जाती ह और मजबरी क चलत शारीररक दरी बन ही नही पाती ह ऐस म इन इलाको म कोरोना महामारी फलन का िर जयादा बना रहता ह पर कजरीवाल सरकार सब जानत हए इस अनदखा करती ह

इन इलाको म पानी की बोतल (20 लीटर) बचन का वयापार तपल क सालो म बहत जयादा बढ़ गया ह हर चौथी या पाचवी गली म एक पलाट लगा ह जहा स मज़दर आबादी अपन िाली बतयन या कन म पानी पसा दकर भरती ह या तफर पानी की बोतल ही घर

मफत पािमी और नबजलमी स वलचत ददलमी की बहसखक मज़दर आबादमी

कॉमरि रामनाथ नही रह 31 अगसत को तड़क ही सोत समय तदल का दौरा पड़न स उनका तनधन हो गया

कॉमरि रामनाथ की आय लगभग 83 वषय की थी असवसथ तो व तवगत कई वषयो स थ लतकन तपल क समय स उनका सवासथय बहत िराब हो गया था

भारत क कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन का इततहास का रामनाथ की भतमका और अवदानो की चचाय क बगर तलखा ही नही जा सकता तनससनदह उनकी भतमका ऐततहातसक थी और lsquoपाथरितकगrsquo थी

बतलया तज़ल क गगा तटवतटी एक गाव क भसवामी पररवार म पदा हए का रामनाथ राहल साकतयायन क परभाव म तकशोरावसथा म ही मासयवादी बन चक थ और बीहड़ यायावरी तथा दशयन इततहास कला-सातहतय और राजनीतत क घनघोर अधययन को अपनी आदत बना चक थ 1960 क दशक क उथल-पथल भर वषयो म कोलकाता उनकी अधययनशाला करातनतकारी परतशकणशाला और परयोगशाला बना जहा व कानन का अधययन कर रह थ उनकी राजनीततक जीवन-याता अतवभातजत कमयतनसट पाटटी स शर हई तफर माकपा स होत हए कनहाई चटजटी क नततव वाल कमयतनसट करातनतकारी गप lsquoतचनता गपrsquo तक पहची तजसन बाद म अपन को lsquoदतकण दश गपrsquo और तफर lsquoमाओवादी कमयतनसट कनदरrsquo क रप म सगतठत तकया 1969 म भाकपा (माल) की सथापना की घोषणा क बाद (1970 म हई पाटटी कागस क पहल ही) का रामनाथ भाकपा (माल) म शातमल हो गय और उतर परदश और तबहार क गगा तटवतटी तज़लो गाज़ीपर बतलया आरा-भोजपर क गामीण इलाको म आकर काम करन लग

चार मजमदार क तनधन क बाद पाटटी क पनगयठन क परयासो म का रामनाथ न एक अगणी भतमका तनभायी और मखयत उनही क परयासो स फ़रवरी 1974 म कनदरीय सागठतनक कमटी (सीओसी) भाकपा (माल) का गठन समभव हो सका तजसकी नततवकारी कमटी म जगजीत तसह सोहल सनीतत कमार घोष कोिापली सीतारमयया

और शामलाल (चोपड़ा) क साथ का रामनाथ भी शातमल थ सीओसी भाकपा (माल) म काम करत हए ही का रामनाथ न चार की ldquoवामrdquo दससाहसवादी लाइन क तिलाफ़ दढ़ और ससगत सटि तलया जो सगठन म गमभीर मतभद का तवषय बना ldquoवामrdquo दससाहसवाद क तवरदध समझौतातवहीन और ससगत सघषय चलान वाल गपो और वयततयो म नागीरििी-िीवी राव और हरभजन तसह सोही क बाद का रामनाथ का ही नाम अगणी माना जा सकता ह सीओसी काल क दौरान का रामनाथ न तवशषकर आपातकाल क अनभवो क आधार पर भारतीय पजीपतत वगय और राजयसता क चररत पर सवाल उठाना शर कर तदया था और दहाती कत म ज़मीनी कामो क अनभवो क आधार पर भतम-समबनधो क सामनती चररत की सथातपत धारणा पर भी सोचन लग थ

सीओसी क तवघटन क बाद माचय 1978 म जब का रामनाथ क नततव म भारत की कमयतनसट लीग (मासयवादी-लतननवादी) का गठन हआ तो तमाम सागठतनक सकटो और परततकल पररतसथततयो क बावजद का रामनाथ क मागयदशयन और नततव म भारतीय समाज की परकतत और

करातनत क काययकरम क सवाल पर गहन शोध-अधययन क बाद भाकली (माल) न 1982 म यह तनषकषय तनकाला तक भारतीय समाज चीन की तरह अदधयसामनती-अदधयऔपतनवतशक या नवऔपतनवतशक न होकर एक तपड़ा हआ पजीवादी समाज ह यहा का पजीपतत वगय दलाल न होकर राजनीततक रप स सवतत और सामाजयवाद का कतनषठ साझीदार ह कततपय पराक-पजीवादी अवशषो क बावजद यहा क भतम-समबनध lsquoपरतशयाई मागयrsquo क भारतीय ससकरण क ज़ररए करतमक रपानतरण क बाद मलत और मखयत पजीवादी बन चक ह और इसतलए भारतीय करातनत की मतज़ल अब राषटीय जनवादी नही बतक पजीवाद-तवरोधी सामाजयवाद-तवरोधी समाजवादी करातनत की मतज़ल ह 1983 म इस थीतसस क दसतावज़ रप म परकाशन क बाद पर दश क कमयतनसट करातनतकारी सगठनो स एक लमबी बहस की शरआत हई और तजस सवाल को हल हआ माना जा रहा था वह अधययन और राजनीततक बहस का एक कनदरीय परशन बन गया आग चलकर कई सगठनो न समाजवादी करातनत की अवतसथतत अपनायी

1986 म का रामनाथ क ही

मागयदशयन और नततव म तदतीय तवशवयदधोतर कालीन वतशवक बदलावो और समकालीन दतनया क सामाजयवादी समीकरणो म बदलावो पर भी शोध-अधययन की शरआत हई जो 1987 म एक वहद दसतावज़ क रप म परकातशत हआ इस शोध-अधययन का उदशय नयी तवशव पररतसथततयो म तवशव सवयहारा करातनत की आम राजनीततक काययतदशा की समझ तवकतसत करन की तदशा म आग कदम बढ़ाना था दभायगयवश यह परतकरया आग नही बढ़ सकी लतकन इस गमभीर पहल की ऐततहातसक महता को कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन क इततहास का कोई गमभीर अधयता कतई िाररज नही कर सकता

उलखनीय ह तक इस पर दौर म का रामनाथ न दतकणपनथी और ldquoवामपनथीrdquo अवसरवाद क दोनो ोरो क तवरदध दढ़ और ससगत अवतसथतत अपनायी तवनोद तमशर क ldquoसतरगा समाजवादrdquo की सवायतधक तवसतत और सागोपाग आलोचना भाकली (माल) न ही पहली बार का रामनाथ क तदशा-तनदजश पर 1988 म परसतत की थी

मखयत भारतीय करातनत क काययकरम क परशन पर अपन ऐततहातसक और पथानवषी अवदान क बावजद का रामनाथ एक लतननवादी सागठतनक काययतदशा को गहर अहसास क साथ समझन और पाटटी-तनमायण और काययपरणाली क सतर पर लाग कर पान म तवफल रह तजसक चलत महतवपणय उपलतबधयो और उलखनीय परगतत क बाद भाकली (माल) 1980 क दशक क अतनतम वषयो म गततरोध और तवघटन का तशकार हो गयी इस सकट क बतनयादी कारणो की तशनाखत नही कर पान क कारण 1991 क बाद सागठतनक पनगयठन क का रामनाथ क सभी परयास तवफल होत गय और उनक साथ खड़ कई एक लोग और उनस तटकन वाल कई एक गप या तो बहरगी गर-बोशतवक सामातजक-जनवादी पककि म धसत चल गय या तवसतजयत होत चल गय इन वषयो क दौरान सवय का रामनाथ भी अपन सदधातनतक कामो को आग नही बढ़ा सक यहा तक तक भारतीय समाज क बतनयादी अनतरतवरोधो क बार म भी

व अपनी पवय अवतसथतत स तवचतलत होकर क अनतरतवरोधी बात करन लग थ और भमिलीकरण क दौर को भी परान साच (नवऔपतनवशीकरण) म ही तफ़ट करक दखन की कोतशश करत रह

लतकन का रामनाथ क लमब कमयतनसट करातनतकारी जीवन क अतनतम चरण की इन तवफलताओ और इन गततरोधो क बावजद भारत क कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन क इततहास म उनकी ऐततहातसक सकारातमक और साहतसक पथानवषी भतमका स कोई भी इनकार नही कर सकता सबस अहम बात यह ह तक अपनी अतनतम सास तक का रामनाथ एक कमयतनसट करातनतकारी बन रह और मासय एगस लतनन सतातलन माओ क तशषय क रप म ही िद को दखत रह का रामनाथ न समाजवादी करातनत क काययकरम का जो पथसनधान तकया था और इस परचम को उठाकर जो याता शर की थी वह याता आज भी जारी ह और आग भी जारी रहगी चाह पररतसथततया तकतनी भी परततकल हो आज माओवाद की तवचारधारा और नयी समाजवादी करातनत क काययकरम को आग बढ़ात हए कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन की जो धारा आज क सामाजयवाद का और भारतीय करातनत क तवतवध परशनो का अधययन करत हए सामातजक परयोगो म करातनतकारी जनतदशा को लाग कर रही ह वह अपन को गवय स का रामनाथ का उतरातधकारी मानती ह

हम का रामनाथ को हमशा बहत पयार और लगाव क साथ याद करत रहग हम उनह कभी नही भला सकत भारत क सभी सचच कमयतनसट करातनतकारी उनह कभी नही भला सकत

हम भर तदल स तनी मरटयो क साथ का रामनाथ को आतिरी लाल सलाम पश करत ह और सकप लत ह तक तजस कारवा न 1978 म उनक नततव म एक बीहड़ याता की शरआत की थी वह उस जारी रखगा परान करातनत-योदधाओ क ररत सथानो को कई-कई यवा करातनत-योदधा भरत रहग और कारवा चलता रहगाबढ़ता रहगा

अलनवदा का रामिाथि लाल सलाम लाल सलाम

िहमी रह कॉमरर रामिाथि अलनवदा कॉमरर लाल सलाम

8 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

महनतकश जनता क खन-पसीन स खड़ी हई सारवजननक परिसमपततियो को पजीपनतयो क हराल किन म जटी मोदी सिकाि

दकर 6 लाख करोड़ रपय हातसल करन का लकय रखा ह य मतालय या तवभाग रलव टलीकॉम सड़क पररवहन एव राजमागय तबजली नागररक उिियन यवा मामल और खल पटोतलयम एव पराकततक गस और पोटयस तशतपग एव वाटरवज (इसका नाम पहल जहाज़रानी मतालय था) होग तजनस जड़ी समपततयो को तनजी हाथो म सौपा जायगा मोदी सरकार क अनसार इन पररसमपततयो का सवातमतव सरकार क पास ही रहगा लतकन तकराय या लीज़ पर दकर तफ़लहाल कमाई नही दन वाली या कम कमाई दन वाली सरकारी समपततयो स मदरा हातसल की जा सकगी और इसस कमाय गय पस का इसतमाल जनता की भलाई क तलए तकया जा सकगा सरकार को जनता की भलाई की तकतनी तचनता ह यह बात हम कोरोना महामारी क पर दौर क बाद तो और भी भली-भातत जान गय ह जब हमन अपन पररजनो तमतो और करीतबयो को मौत क मह म समात दखा तब यह तथाकतथत जनतहतकारी सरकार न कवल हाथ पर हाथ धर बठी थी बतक अपनी जनदरोही नीततयो क दारा हम भी शमशानो और कतरिसतानो म पहचान का बिबी इनतज़ाम करन म लगी थी अब समझ लत ह तक मोदी सरकार की राषटीय मौदरीकरण की योजना क पी जनता की भलाई की तचनता ह या मनाफ़ क सकट स जझ रह भारतीय पजीपतत वगय क तहतो क सरोकार ह

भारतीय रलव को अपनी पररसमपततया तकराय पर दकर (यानी बचकर) सरकार को 1 लाख 52 हज़ार करोड़ रपय दन का लकय तदया गया ह इसक तहत रलव क 400 रलव सटशन 90 याती गातड़या 256 सामान रख-रखाव क शि 4 पवयतीय रलव 15 रलव सटतियम कोकण रलव टक का 741 तकलोमीटर फट कोररिोर का 674 तकलोमीटर टक पर ओवरहि इतवपमट का 1400 तकलोमीटर इतयातद को पजीपततयो क हाथो म सौपा जायगा सीधी-सी बात ह पजीपततयो को रलव क तकराय और माल ढलाई क भाड़ म बतहाशा बढ़ोतरी करन की परी ट तमल जायगी तथाकतथत पराइवट पाटयनर जनता को दोनो हाथो स लटग और अकत मनाफ़ा कमायग सड़क पररवहन एव राजमागय को 1 लाख 60 हज़ार करोड़ की रातश हातसल करन का लकय तदया गया ह इसक तहत 26000 तकलोमीटर स अतधक हाइव और सड़को क रखरखाव की तज़ममदारी तनजी कमपतनयो को सौपकर उनह इन पर कर यानी lsquoटोल टसrsquo वसलन की ट दी जायगी इसक अलावा तल-गस पाइपलाइन 25 हवाई अिि सरकारी गसटहाउस पानी क जहाज़ और पोटय बीएसएनएल क 14917 मोबाइल टावर 2 लाख 80 हज़ार तकलोमीटर लमबी फ़ाइबर लाइन तनजी कमपतनयो को ldquoतकराय परrdquo दी जायगी

अब यह सोचन वाली बात ह तक जो पजीपतत चार साल क दौरान 6 लाख

करोड़ रपय मोदी सरकार को सौपग या मोदी जी क दारा जनता का भला करन की मशा ज़ातहर करन क चलत उनका हदय पररवतयन हो चका ह या पजीपतत िरात बाटन क तलए उतावल हए जा रह ह नही असल म रलव सड़को तल-गस पाइपलाइनो और अनय सरकारी समपततयो स पजीपतत पहल अरबो-खरबो रपय कमाया जाना सतनतशचत करग और उसक बाद ही व मनाफ़ क क तहसस को सरकार क हाथ म द सकत ह और सरकार उस पस को तफर स पजीपततयो को कभी न चकाया जान वाला कज़य दन नताशाही की मोटी तनखवाहो बड़ नौकरशाहो क ऐशोआराम म लटा दगी तजस जनता न पट पर पटी बाधकर और फाक करक सावयजतनक उपकरमो को खड़ा तकया था उस इनस सतवधा तमलन की बजाय इनक दारा उसकी जबो पर िाका िाला जायगा सरकार का कहना ह तक सरकारी उपकरम घाट म चल रह ह और कौन पजीपतत घाट की चीज़ को लना चाहगा और वह भी मोटा पसा िचय करक असल बात यह ह तक बीपीसीएल टतलकॉम और रलव जस तमाम उदयम घाट म नही चल रह ह बतक सरकार इनह घाट म तदखाकर बचन क बहान ढढ़ रही ह और असल बात तो यह ह तक तजस सरकार घाटा कह रही ह वह असल म जनसतवधाओ म होन वाला वयय ह और पजीपरसत सरकार नही चाहती तक जनता को एक पस की भी सहतलयत नसीब होअब मौदमीकरर की ज़ररत को

आि पड़मीयह तथाकतथत मौदरीकरण क और

नही बतक तनजीकरण का ही दसरा नाम ह तवतमती क जमलो म उलझन क बजाय जमलबाज़ परधानमती मोदी क सतय वचनो पर गौर करना चातहए मोदी जी सीध तौर पर सावयजतनक उपकरमो को समभालन म सरकार की तज़ममदारी को नकार रह ह सरकार का काम महज़ पजीपततयो को जनता को लटन का बहतर माहौल बनाकर दना ही ह फ़ासीवादी मोदी सरकार इस काम को सबस आकरामक ढग स और तज़ी स कर रही ह इसी क तलए तो दश भर क बड़ पजीपततयो न तपल दो लोकसभा चनावो म हज़ारो करोड़ रपय चनद म भाजपा को तदय थ और मोदी को तजताया था असल म ldquoमौदरीकरणrdquo कागस सरकार दारा 24 जलाई 1991 म घोतषत तौर पर लाग की गयी उदारीकरण-तनजीकरण-वशवीकरण की नीततयो का ही अगला कदम भर ह तथाकतथत उदारीकरण-तनजीकरण की शरआत की ज़ररत को हम थोड़ा अतीत म झाक कर दख व समझ सकत ह

अगज़ो स हम समझौत और सता हसतानतरण क दारा आज़ादी परापत हई थी उस समय एक बड़ा समाजवादी कमप और दतनया क सतर पर समाजवादी आनदोलन पर अपन उरज़ पर था भारत म भी 1946 स 1950 का दौर जनता की जनवादी करातनत की समभावनाओ स भरा दौर था जब दश म नौसना तवदरोह तलगाना तकसान तवदरोह तभागा तकसान

तवदरोह और पनपरा वायलार तकसान तवदरोह हए थ और उसक अलावा कमयतनसट पाटटी क नततव म हड़तालो की एक लहर भी जारी थी लतकन अपनी तवचारधारातमक व राजनीततक कमज़ोररयो क चलत भारत क करातनतकारी कमयतनसट इन करातनतकारी जनतवदरोहो को एक दशवयापी करातनतकारी आनदोलन का सवरप नही द सक उसक पहल भी कमयतनसट पाटटी अपनी गमभीर रणनीततक और रणकौशलातमक चको क कारण राषटीय आनदोलन की बागिोर अपन हाथ म लन क कई मौक चक चकी थी भारत क पजीपतत वगय और उसकी पाटटी कागस न इसका परा लाभ उठाया कागस न समझौता-दबाव-समझौता की नीतत क तहत अनत म सता हतथया ली भारत का पजीपतत वगय अपन औपतनवतशक अतीत क कारण कमज़ोर था और उसक पास दश क सवतत पजीवादी तवकास हत आवशयक पजी का भी अभाव था इसीतलए तरनत मनाफ़ा दन वाल कतो को तनजी हाथो म सौप तदया गया तथा व कत तजनम पहल बड़ पमान क तनवश की दरकार थी जस तक भारी उदयोग अवरचनागत उदयोग व बतनयादी कजीभत उदयोग उनह सावयजतनक कत क तौर पर सरकार न अपन हाथो म रखा सावयजतनक उपकरमो को खड़ा करन क तलए पजी और कही स नही बतक करो और तवतभनन श को क रप म जनता स ही वसलकर और साथ ही जनता की बचत को एकत करक जटायी गयी महनतकश आबादी क कमरतोड़ शोषण सरकारी अनगह आतथयक टो क बत जस-जस भारत का पजीपतत वगय अपकाकत ताकतवर होता गया वस-वस उस तशतरी म सजाकर औन-पौन दामो पर सरकारी उदयम सौप जान लग 1980 क दशक म ही राजीव गाधी क समय स इसपटर राज और कोटा राज को ितम करन क नाम पर तनजी पजीपततयो को ट दी जान लगी थी और 24 जलाई 1991 को घोतषत तौर पर उदारीकरण-तनजीकरण की लटरी नीततयो की शरआत कर दी गयी

कागस न अपन शासनकाल म इन नीततयो को तजस रफतार स लाग तकया था आज भाजपा की फ़ासीवादी मोदी सरकार उन नीततयो को कही जयादा रफतार स और जयादा दमनकारी तरीक स लाग कर रही ह 2009-10 स ही आतथयक सकट क कारण यह पजीपतत वगय क तलए ज़ररी भी ह इस काम को कागस क मकाबल भाजपा जयादा बहतर तरीक स अजाम द सकती ह और इसीतलए पजीपतत वगय क बड़ तहसस न एकमत होकर भाजपा को सता म पहचान म एड़ी-चोटी का पसीना एक कर तदया था राषटीय मौदरीकरण योजना वासतव म तनजीकरण-उदारीकरण की उसी परतकरया का एक अग ह जो 1991 स जारी रही ह और 2014 स मोदी सरकार क सता म आन क बाद और भी जयादा तज़ रफतार स जारी ह

मौदमीकरर स जिता क जमीवि पर का असर पड़गा और हम

इसका नवरोध कस करमौदरीकरण जसी नीततया लाग होन

क बाद सबस बड़ा हमला रोज़गार पर होगा इन सरकारी कतो म काययरत करोड़ो लोगो क अच-िास तहसस को अपन रोज़ी-रोज़गार स हाथ धोना पड़गा रलव सड़क पररवहन उिियन और टतलकॉम आतद म सरकारी तवतनवश पहल ही जारी ह हम समझ सकत ह रोज़गार क मामल म और भी भयावह होन वाला ह तनजी कत म यतद क रोज़गार सतजत होगा भी तो सरकार पहल ही 4 शरम सतहताए लाकर शरतमको क हको को कचलन का भरपर इनतज़ाम कर चकी ह तनजी कत म काम करन वालो म और उजरती गलामो म कोई फ़कय नही रह जायगा तनजी कमपतनया मनमान तरीक स मज़दरो की शरमशतत का शोषण करगी भयकर बरोज़गारी क चलत मज़दर वगय की सामतहक मोलभाव की शतत पर भी नकारातमक असर पड़गा जो तक पहल ही नवउदारवादी हमलो क तीन दशको म काफ़ी कमज़ोर हो चकी ह और एक अततररत बरोज़गार मज़दर आबादी पजीपतत वगय क तलए हमशा मौजद रहगी यानी तजतन पक रोज़गार बच ह व तज़ी स ितम होग और जो नय रोज़गार तमलग व भी अनौपचाररक ठका व कज़अल मज़दर क तौर पर तमलग तजसम मज़दरी भी कम होगी कोई रोज़गार सरका नही होगी और सथायी मज़दरो को परापत होन वाल तमाम हक भी नही हातसल होग हालातक नय शरम कानन सथायी मज़दरो क तमाम बच-खच अतधकारो को भी ीनन वाल ह

जनता पर मौदरीकरण की दसरी बड़ी मार महगाई क रप म पड़गी रलो-बसो क याती तकरायो पटोतलयम पदाथयो माल ढलाई और खादय पदाथयो क दामो म बतहाशा बढ़ोतरी होगी हाइव पर जगह-जगह टोल खड़ कर तदय जायग और उन पर मनमाना पसा वसल तकया जायगा आज भी कमरतोड़ महगाई न आम जनता का जीना दभर कर रखा ह तकनत आन वाल समय म हमारी जब स आतिरी दमड़ी तक हड़प ली जायगी

2014 म सता तमलन क बाद स तफ़लहाल तक भाजपा की दो ही नीततया तदखायी द रही ह पहली ह योजनाओ क रग-तबरग नाम रखकर पजीपतत घरानो की सवा करो और दसरी ह जनता को सामपरदातयकता जाततवाद कतवाद की आग म धकल दो तातक लोग आपस म ही एक-दसर का तसर फोड़त रह और अपनी बबायदी क असली कारणो की तरफ़ धयान ही न द सरकार म बठ तमाम मती-सनतरी और भाजपा का कतसापरचारक आईटी सल दश की बबायदी को ही तवकास तसदध करन और सरकारी की लटरी नीततयो का तवरोध करन वालो को ldquoदशदरोहीrdquo बतान म लगा रहता ह

वस आतथयक नीततयो क तौर पर दखा जाय तो भाजपा म और कागस म फ़कय तसफ़य यह ह तक कागस तजस काम को शबदो की चाशनी म िबोकर और रात क अधर म करती थी भाजपा उसी काम को

तदन क उजाल म और कागस स हज़ार गणा जयादा बशमटी और जयादा तज़ी क साथ अजाम द रही ह साथ ही एक फ़ासीवादी सरकार होन क नात दमनकारी होन म भी मोदी सरकार न आज़ाद भारत की सभी सरकारो को पी ोड़ तदया ह असल म तमाम कतीय पजीवादी पातटयया और भाकपा माकपा जस ससदीय लाल जमर तक उदारीकरण-तनजीकरण की नीततयो क परतत कोई उसली तवरोध नही रखत ह इनका तवरोध कवल तभी तक रहता ह जब तक य िद तवपक म बठ हो आपको याद होगा िद भाजपा परतयक तवदशी तनवश यानी एफ़िीआई और तनजीकरण जस मदो पर ज़मीन तसर पर उठाय रहती थी लतकन सता म आन क बाद इनहोन इनही नीततयो को धड़ल स लाग कर तदया चाह सरकारी उपकरमो की तहससदारी और उनक मातलकाना हक की तबकरी हो या तशका-सवासथय जस बतनयादी कतो म तनजीकरण को बढ़ावा तदया जाना हो तनजीकरण-उदारीकरण की नीततयो को लाग करन क रप म पजीपतत वगय की सवा करन का यही रवया कमोबश हरक पजीवादी बजयआ पाटटी का रहा ह बशक हर मामल म जनता को बबायदी की ओर धकलन म फ़ासीवादी भाजपा तमाम अनय पजीवादी पातटययो स इकीस ही पड़ी ह

आज मौदरीकरण क रप म तनजीकरण को लाग करन क सरकारी लावो का परततरोध जनता की सगतठत ताकत क बत ही तकया जा सकता ह सशोधनवादी पातटययो की गोद म बठी अथयवादी टि यतनयन धनी तकसानो और कलको क सगठन अलग-अलग रगो क झिो और नारो वाली चनावबाज़ पातटयया तनजीकरण का मकाबला नही कर सकती ह असल म न तो इनकी तनजीकरण का मकाबला करन की नीयत ह तथा न ही इनक पास तनजीकरण को रोक सकन का मादा तनजीकरण समत भाजपा की समसत फ़ासीवादी नीततयो का मकाबला मज़दरो गरीब तकसानो और आम महनतकश जनता की एकजटता और उसक जझार सघषयो क बलबत ही तकया जा सकता ह इसक साथ ही हम पजीवादी वयवसथा क चररत और काययपरणाली को भी समझना होगा पजीवादी वयवसथा महनतकश जनता का िन-पसीना तनचोड़कर और उसक शोषण क बत ही कायम ह पजीवादी राजयसता और सरकारो की भतमका कवल मनाफ़ क तत को कायम रखन की ही होती ह सामातजक उतपादन और तनजी समपतत पर आधाररत तनजी मनाफ़ का अनतरतवरोध ही पजीवादी वयवसथा का बतनयादी अनतरतवरोध होता ह और इस समाजवादी करातनत क दारा उतपादन क साधनो और उतपादन क तनणययो पर सामतहक मातलकाना सथातपत करन और उतपादन क सामातजक तवतनयोजन को सथातपत करक ही हल तकया जा सकता ह अपन हक और अतधकारो की हरक ोटी-बड़ी लड़ाई क साथ और उसक दौरान इस लटरी वयवसथा का तवकप खड़ा करन क काययभार को हम एक पल क तलए भी अपनी नज़रो स ओझल नही होन दना चातहए

(पज 1 स आग)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 9

तलगािा ककसाि सशसतर सघरष क 75 साल उपलबधिया और सबक (दसरमी और अबतिम ककसत)

ndash आिनद ससहतपली तकसत म हमन दखा

तक तकस परकार 1940 क दशक की शरआत म हदराबाद क तनज़ाम की सामनती ररयासत म आन वाल तलगाना क जागीरदारो और भसवातमयो दारा तकसानो क ज़बदयसत शोषण व उतपीड़न क तवरदध शर हआ आनदोलन 1946 की गतमययो तक आत-आत सामनतो क तिलाफ़ एक सशसतर तवदरोह म तबदील हो गया तनज़ाम की सना और रज़ाकारो दारा इस तवदरोह को बबयरतापवयक कचलन की सारी कोतशश तवफल सातबत हई 15 अगसत 1947 को भारत तरितटश औपतनवतशक गलामी स आज़ाद हआ लतकन तनज़ाम न भारतीय यतनयन म तमलन स इनकार कर तदया गौरतलब ह तक सवतत भारत की राजयसता न हदराबाद क तिलाफ़ एक साल स भी जयादा समय तक कोई कारयवाई नही की इस दौरान तनज़ाम स बातचीत और सौदबाज़ी चलती रही यही नही इस दौरान भारत सरकार न ldquoसटितसटल समझौतrdquo क तहत तनज़ाम को हतथयारो और सनय उपकरणो की आपततय भी की तजसका इसतमाल तनज़ाम की सना न तकसान तवदरोह को कचलन क तलए तकया एक साल तक चली बातचीत और सौदबाज़ी क बावजद पातकसतान परसत तनज़ाम हदराबाद को भारत म तमलान को तयार नही हआ उधर गामीण इलाको म तकसानो और महनतकशो न कमयतनसटो क नततव म तनज़ाम की सना और रज़ाकारो को पी धकल तदया था

भारतीय राजयसता दारा हतथयारो व सनय उपकरणो की आपततय क बावजद तनज़ाम की सना तकसान तवदरोह को कचलन म नाकाम रही य व हालात थ जब 13 तसतमबर 1948 को भारतीय सना न हदराबाद की ओर कच तकया तनज़ाम की सना न महज़ पाच तदनो क भीतर आतमसमपयण कर तदया लतकन उसक बाद भी तनज़ाम को राजपरमख की पदवी दकर राजय का परमख बना रहन तदया गया 18 तसतमबर 1948 को हदराबाद ररयासत क परशासन की बागिोर भारतीय सना क हाथ म आ गयी लतकन उसक बाद भी 25 जनवरी 1950 तक सरकार क सभी आदश (फ़रमान) तनज़ाम क नाम स जारी तकय जात रह यहा तक तक 26 जनवरी 1950 म अतसततव म आय भारतीय सतवधान म तनज़ाम क राजपरमख क पद को मानयता परदान करन का परावधान भी जोड़ा गया और 1956 तक तनज़ाम राजपरमख बना रहा यही नही तनज़ाम को तपरवीपसय भी तमलता रहा यह भारत क उदीयमान बजयआ वगय और उसकी परतततनतध पाटटी कागस क घोर समझौतावादी चररत को तदखाता ह इसस यह भी सपषट हो जाता ह तक हदराबाद म भारतीय सना की सनय कारयवाई का असली उदशय तनज़ामशाही का िातमा नही बतक तलगाना तकसान तवदरोह को कचलना था गौरतलब ह तक अपन इस मकसद को तपान क तलए भारत की सरकार न इस सनय कारयवाई

की जगह पतलस कारयवाई का नाम तदया था आज तलगाना म तजी स बढ़ रही तहनदतववादी फ़ासीवादी ताकत 18 तसतमबर 1948 को lsquoमतत तदवसrsquoक रप म मनान का अतभयान चला रही ह लतकन सच तो यह ह तक तलगाना क तकसानो और महनतकशो क तलए यह तदन मतत का नही बतक तवशवासघात का परतीक ह

तनज़ाम क आतमसमपयण क बाद करीब 50 हज़ार भारतीय सतनको न तकसान तवदरोह को कचलन क तलए तलगाना क गावो की ओर रि कर तदया सना न तलगाना म बड़ पमान पर तगरफताररया यतणा आगजनी और तनमयम हतयाओ को अजाम दत हए तनज़ाम की सना व रज़ाकारो दारा तकय गय ज़ मो को भी मात द तदया मलाया सरकार की तरिगस योजना की ही तरह ऐस गाव बसाय गय जहा क तनवातसयो को सना क तनयतण म रहना था जगलो की दो हज़ार आतदवासी बतसतयो को नसतोनाबद कर तदया गया और लोगो को यातना तशतवरो म रखा गया ापामार गावो को ोड़कर तनकटवतटी जगलो म चल गय और वहा भी सना का दबाव बढ़न पर दरवतटी जगली कतो म तबखर गय

पाटटी क भमीतर चलमी बहसतनज़ाम क आतमसमपयण और

हदराबाद पर भारतीय सना का कबज़ा होन क बाद कमयतनसट पाटटी की आनधर इकाई क भीतर एक बहस उठ खड़ी हई रतव नारायण रििी क नततव वाल एक धड़ का मानना था तक तलगाना सशसतर सघषय तनज़ाम की सता क तिलाफ़ था और चतक अब तनज़ाम की सता का पतन हो चका ह इसतलए सशसतर सघषय वापस ल लना चातहए यह धड़ा सापकत धनी तकसानो व क ोट भसवातमयो क तहतो की नमाइनदगी करता था तजनहोन तनज़ाम क तिलाफ़ जारी तकसान तवदरोह का साथ तदया थापरनत तनज़ाम क पतन क बाद उनहोन सघषय स दरी बना ली थी परनत मधयम व ोट तकसान और खततहर मज़दर सघषय को जारी रखन क पकधर थ योतक व दख रह थ तक सना क आन क बाद भसवामी वापस गावो की ओर लौटन लग और तकसानो स ज़मीन ीनन लग तथा गाम राजयो क आदशो की अवहलना करन लग थ इसतलए आनधर कमटी न अनतत गररला सघषय जारी रखन का फ़सला तकया हालातक यह सपषट था तक अब उनका सामना पहल स कही जयादा ताकतवर दशमन स होन वाला ह

उधर पाटटी म कनदरीय सतर पर भी भारत म करातनत क मागय को लकर बहस चल रही थी माचय 1948 म पाटटी की दसरी कागस हई तजसम दतकणपनथी पीसी जोशी को हटाकर बीटी रणतदव को पाटटी का महासतचव बनाया गया था इस कागस म तलगाना क परतततनतधयो क ज़ोर दन क बाद ही दसरी कागस की थीतसस म तलगाना सघषय क महतव का उलख करत हए उस समथयन तदया गया और पर दश म ऐस सघषय सगतठत

करन तथा मज़दर वगय स भी उनक समथयन म आनदोलन करन का आहान तकया गया रणतदव न यह ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवादी थीतसस पश की तक जनवादी और समाजवादी करातनतया एक साथ होनी चातहए और कमयतनसटो को न कवल बड़ बजयआ को बतक सभी बजयआओ को अपन हमल का तनशाना बनात हए दशवयापी आम हड़ताल और सशसतर तवदरोह का मागय अपनाना चातहए इस ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवाद न भारतीय कमयतनसट आनदोलन को तो भारी कतत पहचाई ही उसक अलावा तलगाना सघषय क आग क तवकास को भी रोकन का काम तकया उसी साल मई क महीन म आनधर की पाटटी इकाई न रणतदव थीतसस का तवरोध करत हए अपनी यह लाइन रखी तक भारतीय करातनत का चररत रसी करातनत स तभनन ह और यह चीन म जारी नवजनवादी करातनत स काफ़ी हद तक समानता रखती ह यहा चार वगयो का सय त मोचाय बनाना होगा और दीघयकातलक लोकयदध का मागय अपनाना होगा आनधर थीतसस म माओ तस-तङ क नवजनवाद क तसदधानत को परासतगक बतात हए भारत म सवयहारा करातनत को दो अवसथाओ म समपनन करन की योजना परसतत की गयी हालातक इस थीतसस म भी क खातमया थी तमसाल क तलए यह भारत क बजयआ वगय को दलाल मानती थी लतकन कल तमलाकर यह लाइन ततकालीन पररतसथततयो म सापकत बहतर थी लतकन दो वषयो तक पाटटी पर रणतदव-लाइन का वचयसव बन रहन की वजह स तलगाना सघषय को भारी नकसान हआ दश क तवतभनन तहससो म तकसान सघषषो को तलगाना की राह पर आग बढ़ान और मज़दर वगय क सघषषो को उनक साथ जोड़न क बजाय ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवाद न पाटटी को जन समदाय स अलग-थलग कर तदया और कतारो की पहलकदमी को पग बना तदया लतकन अनतरराषटीय सतर पर आनधर लाइन क अनमोदन क बाद रणतदव की ldquoवामपनथीrdquo अवसरवादी लाइन अलग-थलग पड़ गयी मई-जन 1950 को रणतदव की बजाय राजशवर राव पाटटी क महासतचव बन और पाटटी न आनधर-थीतसस को आतधकाररक लाइन क तौर पर सवीकार तकया लतकन इस समय तक पहल ही काफ़ी दर हो चकी थी दशवयापी सतर पर सघषय क तवसतार की समभावनाओ का गलत लाइन काफ़ी हद तक गला घोट चकी थी और नयी बजयआ सता को अपन सदढ़ीकरण क तलए तीन वषषो का कीमती समय तमल चका था

सोनवयत िततव का मागषदशषि1951 तक आत-आत पाटटी क

भीतर तलगाना सघषय क आग क रासत क बार म मतभद गहरान लग बमबई मखयालय म हावी एसए िाग घाट और अजय घोष आतद का दतकणपनथी धड़ा शर स ही आनधर लाइन का तवरोध कर रहा था लतकन आनधर कमटी का बड़ा तहससा तफर भी सघषय को जारी

रखना चाहता था उसका मानना था तक फ़ौरी तौर पर नकसान क बावजद सघषय को जारी रखना और दश क अनय अनकल पररतसथततयो वाल भभागो म उसका फलाव ममतकन ह

पाटटी म मौजद मतभद सकट और तवभम की तसथतत को दर करन क तलए एक बार तफर अनतरराषटीय नततव पर भरोसा तकया गया और चार सदसयो का एक परतततनतधमिल 1951 क परारमभ म सोतवयत पाटटी क नततव स बातचीत करन क तलए मासको गया इसम दो ndash राजशवर राव और बासवपनया तलगाना सघषय क नता थ जबतक अनय दो ndash अजय घोष और िाग उसका तवरोध कर रह थ सोतवयत पाटटी की ओर स सतातलन मालकोव मालरोव और ससलोव न बातचीत की पी सनदरयया न पाटटी दारा सघषय वापस लन क फसल को जायज़ ठहरान क तलए अपनी तकताब म इस ओर इशारा तकया ह तक सतातलन न तलगाना सशसतर सघषय को वापस लन का सझाव तदया था योतक इस गोररला सघषय क समथयन म वयापक जन समथयन क अभाव म यह सघषय वयततगत आतकवाद की तदशा म बढ़ सकता था लतकन इस सघषय क भागीदार और नसलबाड़ी तकसान तवदरोह क बाद चार मजमदार की दससाहसवादी लाइन का तवरोध करत हए करातनतकारी जनतदशा की बात करन वाल िीवी राव न अपनी तकताब ldquoतलगाना ऑमय िसटगल एि तद पाथ ऑफ़ इतियन ररवोल यशनrdquo म तलखा ह तक उस समय उनह पाटटी म यह ररपोटय तकया गया था तक सतातलन न भारतीय परतततनतध मिल स कहा था तक ldquoसशसतर सघषय जारी रखन क तलए अतधक हतथयार अतधक कािर और सघषय क इलाको म ापामारो क तलए आवशयक सभी चीज़ो को भजा जाना चातहएrdquo बाद म जब परतततनतध मिल न सशसतर सघषय जारी रखन म आन वाली चनौततयो पर जोर तदया तो सतातलन का कहना था ldquoयह अफ़सोस की बात ह तक आप लोग सघषय की रका नही कर पा रह हrsquorsquo

परतततनतधमिल क भारत लौटन क बाद भारत म जनवादी करातनत क काययकरम का एक मसौदा तयार तकया गया और एक नीतत-तवषयक वतवय जारी तकया गया तजसम सशसतर सघषय का तज़कर तो नही था लतकन रणकौशल-तवषयक दसतावज़ म ldquoअपररपव तवदरोह और जोतखम भरी कारयवाइयो स सावधान रहत हएrdquo तकसानो क ापामार यदध क साथ ही मज़दरो की वगटीय हड़तालो और सघषय क अनय रपो क इसतमाल की बात कही गयी थी उसम इस धारणा को भी गलत ठहराया गया था तक दश क तकसी तहसस म सशसतर तवदरोह तभी शर तकया जा सकता ह जब पर दश म तवदरोह की तसथतत तयार हो दसतावज़ क अनसार तकसी एक बड़ भभाग म तकसान सघषय क ज़मीन-ज़बती क सतर पर पहचन क बाद वयापक जनानदोलन और ापामार यदध यतद ठीक तरह स सगतठत हो तो दशभर क तकसानो को

उदतलत करक सघषय को उचच धरातल पर पहचा दना समभव ह एक शािदार सघरष की शमषिाक

ढग स वापसमी1951 तक आत-आत पाटटी म

दतकणपनथी अवसरवादी हावी हो चक थ कनदरीय कमटी न आनधर की कमटी को सघषय कवल तब तक जारी रखन को कहा जब तक पाटटी सरकार स उस सथतगत करन की शतषो पर बातचीत परी न कर ल इन शतयो म तकसानो क कबज़ की ज़मीन ज़मीनदारो को वापस न करना कतदयो की ररहाई मकदम वापस लना और पाटटी स परततबनध हटाना परमख थी लतकन कनदरीय कमटी क इस तनणयय क तवपरीत अजय घोष क नततव वाल दतकणपनथी धड़ और आनधर क रतव नारायण रििी गट न तबना शतय सघषय वापसी क तलए दबाव बनाना शर तकया पाटटी की इस तसथतत का लाभ उठाकर नहर सरकार न तकसी भी शतय को मानन और बातचीत करन स इनकार कर तदया मई 1951 तक कनदरीय कमटी म आनधर क सदसय भी मान चक थ तक अब आतशक ापामार सघषय भी जारी रख पाना समभव नही ह

अटबर 1951 म पाटटी न तबना तकसी शतय तनहायत घटनाटक ढग स सघषय वापस लन की घोषणा कर दी जगल क ापामार नताओ को इसकी खबर बाद म लगी पाटटी अब परी तरह स ससदीय राह पर चल पड़ी दतकणपनथी धड़ क सामन उसक तवरोतधयो न आतमसमपयण कर तदया और कतारो म भारी पसती का माहौल फल गयातलगािा सघरष की फौरमी पराजय

क काररतलगाना सघषय की फ़ौरी पराजय

का सबस बड़ा कारण यह था तक पाटटी बोशतवक ढग स एकीकत नही थी और उसम ऊपर स नीच तक ldquoवामrdquo और दतकणपनथी भटकाव क धड़ मौजद थ इसतलए वह भारतीय करातनत को नततव दन म अकम थी 1946 स 1951 क बीच पहल पीसी जोशी काल क दतकणपनथी भटकाव न तफर रणतदव काल क ldquoवामपनथीrdquo भटकाव न और तफर अजय घोष काल क दतकणपनथी भटकाव न पर दश सतर पर और तलगाना क सतर पर पाटटी क काययो को काफ़ी नकसान पहचाया था यह एक ऐसा सकरमण-काल था जब नयी सता क सदढ़ीकरण की परतकरया अभी परी नही हई थी लतकन नौसना-तवदरोह तभागा-तलगाना-पनपरावायलार क तकसान सघषयो और दशवयापी मज़दर आनदोलनो को एक कड़ी म तपरोकर जनकरातनत की धारा को आग बढ़ान म पाटटी-नततव नाकाम रहा यतद यह परतकरया आग बढ़ती तो कागस की समझौतापरसती का पहल और नगा होकर सामन आता और पाटटी क नततव म यतद जनवादी करातनत जदी परी नही भी होती तो या तो दीघयकातलक लोकयदध मज़बत आधार पर आग की मतज़लो म परतवषट हो गया होता या जनसघषयो क दबाव म

(पज 2 पर जारमी)

10 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

बगलादश म एक बार फिर मिाि की आग की बलल चढ़ 52 मज़दरndash भारत

भारत हो या बगलादश या कोई अनय पजीवादी दश मातलको क तलए मज़दरो की अहतमयत कीड़-मकोड़ो स जयादा नही होती बीत 8 जलाई को बगलादश म ढाका क नारायणगज कत म जस क कारिान म भीषण आग लगी तजसम 52 मज़दरो की जान चली गयी और कई घायल हए 35000 वगय फ़ीट म बन कारिान म तसफ़य दो जगह सीतढ़या थी मातलक न जल की तरह सार दरवाज़ो पर ताला लगा रखा था तजसस मज़दर आग लगन क समय भाग भी नही पाय और जलकर मर गय क मज़दर तो ऊची त स कदन क कारण मार गय

साजीब गप की यह कमपनी ऑसटतलया अमररका भारत भटान नपाल जस दशो म अपना माल तनयायत करती थी पर इतनी बड़ी कमपनी होन क बावजद इसक कारिान म सरका क कोई इनतज़ाम नही थ और न ही आग लगन क बाद तनकलन का कोई रासता था आग इतनी भीषण थी तक उस बझान म 3-4 तदन लग गय

बगलादश म टसटाइल सटर सबस बड़ा सटर ह चीन क बाद बगलादश तसल-तसलाए कपड़ो का दतनया म सबस अतधक तनयायत करन वाला दश ह 84 परततशत तनयायत राजसव बगलादश को इसी स तमलता ह 45 लाख मज़दर करीब 4500 गारमट क कारिानो म काम करत ह इसक बावजद यहा क कारिानो म तसथतत नकय स भी बदतर ह सरका स लकर बतनयादी इनतज़ाम तक इनम मौजद नही ह इसी कारण आय-तदन कारिानो म आग लगन की घटनाए सामन आती ह

बगलादश म कारिान म आग की यह कोई पहली घटना नही ह सबको याद होगा तक बगलादश क इततहास म मज़दरो क तलए सबस बड़ी जानलवा घटना 2013 म घटी थी जब ढाका क राणा पलाज़ा गारमट सटर म आग लगन स 1100 स भी जयादा मज़दर मार गय थ इतनी भयानक घटना क बाद भी यह तसलतसला रका नही अगसत 2016 म दतकण बगलादश क चटगाव म फ़तटयलाइज़र कमपनी म गस लीक होन

स 100 मज़दर मार गय 2019 म एक गोदाम म आग लगन स 67 मज़दरो की मौत हो गयी 2010 म गर-काननी कतमकल कारिान म आग लगन स 123 मज़दरो मार गय और 2012 म ढाका क ताज़रीन फशन फटी म आग स 117 मज़दरो की मौत हई थी बगलादश क कारिानो म आग स मज़दरो की मौतो की यह फहररसत लमबी ह एक ररपोटय बताती ह तक 1990 क बाद स बगलादश क कारिानो म आग लगन की 50 स जयादा बड़ी घटनाए हई ह तजनम हज़ारो मज़दर मार जा चक ह इनह दघयटना या हादसा कहना सचचाई क साथ अनयाय होगा य सब मातलको व बड़ी-बड़ी कमपतनयो क मनाफ़ की हवस को परा करन क तलए की गयी हतयाए ह

दतनया की सारी बड़ी गारम ट कमपतनयो का माल यहा तयार होता ह तजसक तलए मज़दर 18-18 घट तक खटत ह और वतन क नाम पर 94 िॉलर यानी करीब 7000 रपय तक ही पात ह आज बगलादश क तजस तज़ तवकास की चचाय होती ह वह इनही मज़दरो क बबयर

और नग शोषण पर तटका हआ हइन कारिानो म साधारण दसतानो

स लकर जत तक नही तदय जात और कतमकल वाल काम भी मज़दर नग हाथो स ही करत ह फटररयो म हवा की तनकासी तक क तलए कोई उपकरण नही लगाय जात तजस वजह स हमशा धल-तमटी और उतपादो की तज़ गनध क बीच मज़दर काम करत ह जवानी म ही मज़दरो को बढ़ा बना तदया जाता ह और दस-बीस साल काम करन क बाद जयादातर मज़दर ऐस तमलग तजनह फफड़ो स लकर चमड़ी की कोई न कोई बीमारी होती ह

राणा पलाज़ा की घटना क बाद मटीनशनल कमपतनयो न कारिानो म सरका क इनतज़ाम पखता करन क बड़-बड़ दाव तकय मज़दरो को आग स बचन क तलए परतशकण तदया और यह तदखान क तलए और भी बहत सी नौटकी की तक मज़दरो की जान को लकर व तकतन ldquoतचतततrdquo ह लतकन आय तदन होन वाली आग लगन की घटनाए इन कमपतनयो की नौटकी का

राज़ खोल दती ह और यह नगी सचचाई सबक सामन आ जाती ह तक इनह अपन मनाफ़ स जयादा कोई पयारा नही ह इसी तलए बगलादश म शरम काननो का कोई महतव नही ह बगलादशी सरकार और उनकी परधानमती शख हसीना भी मज़दरो की मौत पर चपपी साध बठी रहती ह आतिर उस भी अपन पजीपतत आकाओ की सवा करनी ह हर जगह मज़दरो की हो रही मौतो की तज़ममदार यह समची मनाफ़ािोर पजीवादी वयवसथा ह जो मज़दरो क िन की आतिरी बद तक को तनचोड़कर अपना मनाफ़ा तनकालती ह

हम मज़दरो क तलए यह तज़नदगी और मौत का सवाल ह तक हम इस समची पजीवादी वयवसथा को उखाड़ फ कन की तयारी कर अपनी करातनतकारी पाटटी का तनमायण कर और मज़दर राज कायम करन की लड़ाई लड़ चाह इसम तकतना ही समय यो न लग जाय वरना हमारी आन वाली पीतढ़या भी ऐस ही पशओ क समान जीन और मरन को मजबर होगी

वति ि दि और वति कटौतमी म घपलबाज़मी को लकर मािसर की शमीनिसस कमिमी क मज़दरो क काििमी सघरष की उममीद भमी लगभग ख़तम

ndash शाम मदतवशरीतनसस वायररग तलतमटि

(मानसर) क मज़दरो को तपल ह महीन स उनक वतन का भगतान नही तकया गया ह दसर वतन स कमपनी दारा पसा काटन क बावजद न तो पीएफ़ और न ही ईएसआयी म पसा जमा तकया गया ह और न ही मज़दरो दारा कमपनी स तलय गय कज़य की तकशत चकायी जा रही थी इस तानाशाही व घपलबाज़ी की तशकायत मज़दरो न शरम उपाय त को 9 जलाई को तलतखत रप म भी की थी सटाफ़ क करीब 20 मज़दरो की तनखवाह का जनवरी 2021 स तथा ठका व अपरतटस मज़दरो का अपरल 2021 स भगतान नही तकया गया ह तशकायत क बाद एक महीन की तनखवाह उनक खात म ज़रर िाल दी गयी ह अभी भी करीब 50 अपरतटस मज़दरो 15-20 ठका मज़दरो तथा सटाफ़ क 20 मज़दरो की सलरी का भगतान बकाया ह वतन न तमलन क कारण बहत स मज़दर काम भी ोड़ चक ह करीब 200 ठका मज़दरो म स महज़ 15-20 मज़दर और सटाफ़ क भी करीब 85 म स 50 मज़दर ही बच ह

कमपनी परबनधन इन समसयाओ का कारण काम की कमी बता रहा ह जबतक मज़दर कह रह रह ह तक काम की कमी नही ह उट काम इतना ह तक कमपनी ऑियर परा नही कर पा रही ह तफ़लहाल कमपनी म समसयाओ क बावजद काम चल रहा ह और बच हए मज़दर काम भी कर रह ह और वतन-समबधी समसयाओ स भी जझ रह ह असल म इस कमपनी को मातलको क ही ररशतदारो को बचन की तयारी चल रही ह चतक कागज़ो म एक समय-सीमा क भीतर कमपनी को दसरी कमपनी को सौपना ह तो पहल परान मज़दरो को तनकालन का षियत रचा जा रहा ह

शरीतनसस कमपनी ऑटोमोबाइल सटर क तलए कल-पजज बनान वाली

एक विर कमपनी ह जो मारतत हीरो जसी मदर कमपतनयो तथा नपीनो परीकॉल तमिा मदरसन लकास टीवीएस इटरफस असती पदतमनी वीएनए एसएमएल तफ़तलपस आतद विर कमपतनयो क तलए हारनस बनाती ह इसका दसरा पलाट रदरपर म ह

तपली 19 जलाई को मज़दरो को िीएलसी ऑतफ़स म सनवाई क तलए बलाया गया था लतकन न तो उस तदन शरम उपाय त तदनश कमार (गड़गाव) आय और न ही परबनधन की तरफ़ स कोई आया 23 जलाई को होन वाली अगली सनवाई क पहल ही कमपनी न पॉवर कट का बहाना बनाकर काम बनद कर तदया और गट भी नही खोला 27 जलाई की समझौता वाताय म कमपनी क न आन पर शरम तवभाग न एस पाटटी (एकपकीय तनणयय) क तौर पर फसला तदया तजसक आधार पर मज़दर तबना तकसी ज़मीनी सघषय की तयारी क महज़ काननी तरीक स अतधकार पान का सपना दखन लग थ

पहल भी ऐसा दखा गया ह तक कमपनी क तबकन या 30 तदन की समय-सीमा क अनदर दोबारा सनवाई करक तनणयय को पलट तदया गया और मज़दरो क साथ धोखा हो गया अगसत म कमपनी परबनधन न बच-खच मज़दरो की एकता को िरा-धमकाकर व भतवषय का िर तदखाकर तोड़ तदया कमपनी परबनधन दारा यही कहा गया तक अभी जो तमल रहा ह उस ल लो वरना वह भी नही तमलगा कोटय क चकर काटत रह जाओग इस तरह स जो काननी सघषय की समभावना थी उस भी बरी तरह स कमज़ोर कर तदया गया 60-70 मज़दरो म भी महज़ 10-15 बच थ तजसम 4-5 सटाफ़ क थ और 10-12 कमपनी रोल पर एक मज़दर न बताया तक मज़दर 20-50 हज़ार रपय म तहसाब लकर काम ोड़कर चल गय ह कइयो न तो परा

वतन और मआवज़ा तक भी नही तलया जो तमला उसी को ठीक समझा ऐस म अब सब मज़दरो को तहसाब तमलना भी मतशकल लग रहा ह

यह सब तब हआ जब कमपनी न तबना तकसी नोतटस चतावनी व तफ़तीश क एकतरफ़ा मनमज़टी स आवाज़ उठान वाल मज़दरो को गट बनद करक बाहर कर तदया इस तरह परबनधन दारा मारपीट की धमकी स गट पर बठ मज़दरो का हौसला टट गया ऑटोमोबाइल इिसटी काटट वकय सय यतनयन न उनक सामन यही बात रखी तक हम जद स जद मीतटग करक सामतहक रप स सघषय का रासता तनकालना चातहए लतकन मज़दर अपन आप को इसक तलए तयार नही कर पाय परबनधन क िर स मज़दर तकसी भी यतनयन स ररशता बनान स िर रह थ

सघरव की कमजोरी या थी अगर मड़कर दख तो पहल ज़मीनी सघषय का रासता ोड़कर महज़ काननी परतकरया पर तनभयरता का रासता अपनाया गया तफर मातलको दारा िरान-धमकान पर मज़दर िर गय और एक-एक करक टटत चल गय जब मज़दरो को ज़बरन दोबारा गटबनद करक बाहर तकया गया था उसी वक़त मज़दरो को एकजट होकर ज़मीनी सघषय क रासत पर बढ़ना चातहए था तब भी ऑटोमोबाइल इिसटी काटट वकय सय यतनयन यही कह रही थी तक एक परचा तनकालकर पर मानसर क औदयोतगक कत म बाटत हए इलाक क तवतभनन फटी मज़दरो स सघषय म साथ दन की अपील करनी होगी चाह उन फतटयो म यतनयन हो या न हो लतकन शरीतनसस फटी क मज़दरो की न तो कोई अपनी यतनयन थी और न ही तकसी आनदोलन म शातमल होन का अनभव और न ही फटी सतर पर मज़दरो की कोई सघषय सतमतत थी इसतलए व तकसी भी तरह क एकजट सगतठत सघषय का रासता नही अपना सक दसर शबदो म

मज़दर सातथयो का सघषय और राजनीतत स साबका बहत ही कम था सघषय और राजनीतत की अनभवहीनता और उनक परतत उदासीनता और साथ ही काननी परतकरया पर पणय तवशवास उनकी मखय कमज़ोररया थी हम मज़दरो को यह समझ लना चातहए तक शरम तवभाग स लकर फ़टी इसपटर आतद पजीपततयो मातलको और ठकदारो की सवा करत ह कोई एक अतधकारी ईमानदार भी हो तो भी वह क िास नही कर सकता ह योतक जब कभी मज़दरो क पक म शरम तवभाग का फसला आता भी ह तो उस लाग करन की कोई वयवसथा भारत की पजीवादी वयवसथा म जानबझकर की ही नही गयी ह काननी सघषय कभी-कभार ही सफल होत ह और वह भी तब जब उसक पी मज़बत ज़मीनी सघषय मौजद हो

ज़ररमी सबक इन तदनो मज़दरो की तनखवाह दर

स तमलना अधरी तमलना या न तमलन क मामल बढ़त ही जा रह ह कक मामलो को ोड़कर अतनयतमत मज़दरो क मामल शरम तवभाग तक पहच ही नही पात ह शायद ही कोई कमपनी होगी तक जहा काम करन वाल कचच मज़दरो की तनखवाह क मामल म कभी कोई समसया न आयी हो इसतलए मज़दरो को महज़ शरम तवभाग और शरम नयायालय क तनणययो तक अपन आप को सीतमत नही रखना चातहए सघषय क मखय पहल यानी ज़मीनी सघषय की तयारी व कारवाई को जारी रखना चातहए जब दतनया म शरम कानन नही थ तो सघषयो क ज़ररए ही शरम कानन बनवाय गय थ और लाग भी करवाय गय थ आज ज़मीनी सघषयो क कमज़ोर पड़न की वजह स पहल क हातसल तकय गय अतधकार गर-काननी और काननी तौर पर ीन जा रह ह इसक तलए एक बार तफर स दश म मज़दरो को हक और इसाफ़ की लड़ाई क तलए कमर

कसनी होगी ज़मीनी सघषयो को भी तभी आग बढ़ाया जा सकता ह जब मज़दर भाई और बहन अपन आस-पास क सभी मज़दर और अनय जनसघषयो स सतकरय ररशता बनाए और मज़दरो क सघषयो क इततहास स भी पररतचत हो साथ म ही इन सभी सघषयो पर सोच-तवचार करक अपन तलए सबक तनकालना भी मज़दरो क तलए बहद ज़ररी ह योतक इसी परतकरया म व अपन सघषयो की कमज़ोररयो को भी समझग और आन वाल तदनो क सघषयो को पहल स जयादा मज़बत बनायग आज क समय म कारिान क भीतर और सभी कारिानो क मज़दरो और तवशषकर असथायी मज़दरो की एकता और सगठन बहत ज़ररी ह उसक तबना उनकी ताकत बहद कम होती ह और मातलक और ठकदार उनस तनपट लत ह अगर हम य सार कदम नही उठात तो अचानक तसर पर मसीबत पड़न पर क समझ नही आता ऐस म या तो िर व अतनतशचतता क कारण मज़दर साथी जदी टटत ह और तरनत तहसाब ल लत ह या तफर तमाम ऐसी मौकापरसत और समझौतापरसत यतनयनोफिरशनो या िद की अनभवहीन या मौकापरसत और समझौतापरसत कमटी क चकर म फसकर अनत म थक-हार कर तहसाब लन को मजबर हो जात ह थोड़-बहत मज़दर तबना ज़मीनी सघषय क हक और नयाय पान क इनतज़ार म कोटय-कचहरी म तघसटत रहत ह

जहा तक मज़दरो क करातनतकारी यतनयन आनदोलन का परशन ह आज ज़ररत ह तक मज़दरो को कारिान क पमान क साथ-साथ पर सटर और इलाकाई पमान पर एकजट और सगतठत तकया जाय तातक सकट की घड़ी म एक-दसर क साथ खड़ा हआ जा सक इस बात को पहल स कही जयादा और जद स जद लाग करन की ज़ररत ह तातक

(पज 15 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 11

(पज 12 पर जारमी)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का हमज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहए

ndash जशवािमीहाल म भारत क दो उतर-पवटी

राजय असम-तमज़ोरम क बीच सीमा-तववाद स जड़ा हआ घटनाकरम काफ़ी सतिययो म रहा उतर-पवय का नाम सनकर हमम स क को लग सकता ह तक इतनी दर-दराज़ की घटना स हम मज़दरो-महनतकशो का सरोकार भला यो होना चातहए इसतलए होना चातहए योतक यह भी मज़दर वगय की करातनतकारी राजनीतत को समझन और जानन क तलए आवशयक ह तकसी भी रप म दबायी जा रही या उतपीड़ तत हो रही जनता और उसकी समसयाओ और सघषयो स सरोकार रख तबना मज़दर वगय वयापक महनतकश जनता की करातनतकारी एकता कायम नही कर सकता ह शासक वगय दतमत कौमो क बीच भी मौजद अनतरतवरोधो और तववादो को हवा दता ह तातक उनह आपस म लड़वाकर कमज़ोर तकया जा सक हआ यह ह तक हाल ही म असम और तमज़ोरम क बीच राजय की सीमाओ को लकर एक तववाद पदा हो गया

यह कोई पहली बार नही ह जब असम और तमज़ोरम क बीच अनतरराजयीय सीमा को लकर तववाद उठ खड़ा हआ हो इसस पहल भी दोनो राजयो क बीच सीमा-तनधायरण को लकर झगड़ और तववाद पदा हए ह तजनहोन कई बार काफ़ी उग रप भी अतखतयार तकय ह

हालातक इस बार इस तववाद क साथ जो तहसा की वारदात हई उसम सवय असम पतलस और तमज़ोरम पतलस शातमल भी थी यही कारण ह तक आम तौर पर हातशए पर रहन वाल उतर-पवय क राजयो क मामलो न lsquoमखयधाराrsquo म भी इस मद को लकर चचाय ड़ दी लतकन यह परी चचाय ही सतही थी और इस तववाद क हर परकार क तवशलषण म आम तौर पर ऐततहातसक दतषट का अभाव था और मखय राजनीततक परशनो की अनपतसथतत थी सचचाई यह ह दक राजयो की सीमा स जड य दववाि कवल असम और दमजोरम क बीच ही मौजि नही ह बदलक उततर-पवव क अय राजयो क बीच भी इनको लकर खासा इदततलाफ ह उततर-पवटी राजयो म इन तमाम सीमा-दववािो की जड वातव म इदतहास म मौजि ह दजसम पहल औपदनवदशक सतता और बाि म वाततयोततर भारतीय राजयसतता की िमनकारी व ग़र-जनवािी नीदतयो और कौमी िमन की भदमका कदीय ह

इस बार असम-तमज़ोरम क बीच लमब समय स वयापत सीमा-तववाद न तल तब पकड़ा जब 26 जलाई को तमज़ोरम पतलस दारा राजय सीमा पर गोलीबारी म 6 असम पतलसकतमययो की मौत हो गयी और 50 क करीब पतलस अतधकारी व पतलसकमटी घायल हए इस तहसा म एक नागररक की मतय भी हई हालातक तमज़ोरम का दावा था तक हमला पहल

असम पतलस की तरफ़ स हआ था और उसन महज जवाबी कारयवाई की थी गौरतलब ह तक कनदरीय गहमती अतमत शाह की 25 जलाई को तशलाग म उतर-पवटी राजयो क मखयमततयो क साथ बठक हई थी तजसम तमाम मसलो क साथ असम क तमज़ोरम नगालि अरणाचल परदश और मघालय क साथ सीमा-तववाद पर बातचीत भी शातमल थी 26 जलाई की घटना इस बठक क बाद ही घतटत हई

इस घटना क बाद असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा और तमज़ोरम क मखयमती ज़ोरामथगा क बीच इन तहसा की घटनाओ की तज़ ममदारी को लकर काफ़ी बहस चली और आरोपो-परतयारोपो का भी एक लमबा तसलतसला चला मोिी सरकार क दलए यह शदमविगी पिा करन वाली दथदत थी वजह यह ह दक असम म भाजपा की सरकार ह और दमजोरम म सततासीन दमजो नशनल फरणट उततर-पवव लोकतादरिक गठबधन (एनईीए) का दहसा ह दजसका गठन भाजपा क नतकतव म 2016 म हआ था और तजसक सयोजक उस समय स ही असम क वतयमान मखयमती हमनत तबसव सरमा ह

बहरहाल 26 जलाई क इस घटनाकरम क बाद दोनो राजयो म तसथतत को ldquoसामानयrdquo तकय जान क तलए 28 जलाई को कनदरीय गह सतचव क साथ असम और तमज़ोरम क राजय गह सतचवो की लमबी वाताय हई तजसम ldquoआपसी बातचीतrdquo स सीमा-तववाद का तनपटारा करन पर सहमतत बनायी गयी और राषटीय राजमागय 306 पर कनदरीय सरका बलो की तनाती क तनदजश तदय गय बावजद इसक तसथतत गमभीर ही बनी रही असम सरकार न अपन राजय क लोगो क तलए याता-समबनधी तनदजश जारी करक उनह तमज़ोरम न जान की तहदायत दी असम पतलस को तनदजश जारी तकय गय तक तमज़ोरम स आन वाली हरक गाड़ी की अनतरराजयीय चक पोसट पर गर-काननी नशील पदाथयो इतयातद क तलए ठीक स जाच की जाय और इसक बाद ही राजय म आन की अनमतत दी जाय असम न तमज़ोरम को जान वाला राषटीय राजमागय क समय क तलए बनद भी कर तदया था तजसस आवशयक वसतओ दवाओ आतद को तमज़ोरम पहचान म तदक़कत भी पश आयी यही नही असम पतलस दारा तमज़ोरम पतलस और तमज़ोरम स राजय सभा सदसय क वनलावना क तिलाफ़ पराथतमकी भी दजय की गयी तो वही तमज़ोरम पतलस न भी असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा और असम पतलस क अनय अतधकाररयो क तिलाफ़ तशकायत दजय की हालातक दोनो तरफ़ की इन तशकायतो को बाद म वापस ल तलया गया इसक बाद गहमती अतमत शाह क ldquoहसतकपrdquo क बाद दोनो राजयो क मखयमततयो न एक साझा बयान जारी करक तसथतत को ldquoसामानय

बनान और तनाव को ितम करनrdquo की बात कही लतकन भाजपा क तलए तो तसथतत वाकई म लशपणय हो गयी थी इस पर घटनाकरम क पी काम कर रह कारको को थोड़ा गहराई स समझना होगा

उततर-पवष म फासमीवादमी-अनधराषटवादमी भाजपा का बढ़ता

राजिमीनतक दख़लवातव म 2016 म उततर-पवव

लोकतादरिक गठबधन (एनईीए) क गठन क पीछ भाजपा की असली मशा उततर-पवव म अपना राजनीदतक िखल बढाना था और साथ ही उततर-पवव क ldquoतनावगतrdquo इलाको क मखयभदम भारत क साथ एकीकरण क परोजट को आग बढाना भी था जो वातव म और कछ नही बदलक उततर-पवव म भारतीय राजयसतता दारा राषटीय िमन की नीदत का ही दहसा ह भारतीय राजयसता दारा उतर-पवय म बस रही तमाम राषटो और अपसखयक राषटीयताओ क साथ तकय गय ऐततहातसक ल-कपट और वायदा-तिलाफ़ी की चचाय हम आग करग लतकन जहा तक पर उतर-पवय म अपनी पकड़ बनान का परशन ह तो भाजपा क तलए ऐसा करना इतना सगम भी नही ह क समझौतापरसत घटनाटक ताकतो को ोड़ तदया जाए जोतक असर हर दतमत कौम म पायी ही जाती ह तो वयापक आबादी म भारतीय राजयसता क तिलाफ़ गहरी ऐततहातसक नफ़रत मौजद ह और भारत स आज़ादी की चाहत परबल ह इस पर कत म ही भारतीय हमरानो की कौमी दमन की नीततयो की मिालफ़त का एक लमबा इततहास भी मौजद रहा ह और वतयमान म भाजपा क तमाम फ़ासीवादी व अनधराषटवादी नीततयो क तिलाफ़ परततरोध की भी तमसाल ह

यह तथय भी यहा रखादकत करना आवशयक ह दक भाजपा और सघ पररवार उततर-पवव म दवशर तौर पर असम को दहितव फासीवाि की नयी परयोगशाला बनान क दलए काफी जोर लगा रह ह असम म सामपरदातयक धरवीकरण की राजनीतत को इसी उदशय स भाजपा कभी एक तो कभी दसर रासत स लगातार अमल म ला रही ह जहा तक असम का परशन ह तो तपल साल सीएए-एनआरसी का तशगफ़ा भी इसी मकसद स उाला गया था हालातक असम म उसका तवरोध अनय कारणो स हआ था और तवरोध पहल स मौजद ldquoसथानीय बनाम परवासीrdquo की अतसमतावादी राजनीतत क कारण जयादा हो रहा था

हाल म ही असम की भाजपा सरकार दारा भी ldquoजनसखया तनयतणrdquo क नाम पर अनय भाजपा-शातसत परदशो की तज़य पर ही मसलमान-तवरोधी फ़ासीवादी फ़रमान जारी करन की शरआत कर दी गयी ह इसक अलावा क समय पहल ही असम पश सरकण तवधयक 2021 पाररत तकया गया तजसक चलत गोमास

की तबकरी पर आतशक रोक लगना तय ह नय कानन क तहत राजय म मवतशयो क वध उपभोग और पररवहन को तवतनयतमत करन क परावधान शातमल ह वासतव म वतयमान तवधयक और क नही बतक 1951 क असम पश सरकण कानन का lsquoअपगिि वज़यनrsquo ह गौरतलब ह तक उस वक़त कागस न यह कानन बनाया था या इसी तथय स ही कागस की धमय-तनरपकता और फ़ासीवाद-तवरोध क ढोल की पोल नही खल जाती ह असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा न दावा तकया तक इस तवधयक क पी कोई गलत मशा नही ह और इसस तो असल म सामपरदातयक सदभाव मज़बत होगा यही नही इन महोदय क अनसार सामपरदातयक सौहादय बनाय रखन क तलए कवल तहनद ही तज़ममदार यो हो मसलमानो को भी इसम सहयोग करना चातहए नया कानन बन जान पर तकसी वयतत को मवतशयो का वध करन पर तब तक रोक होगी जब तक तक उसन तकसी तवशष कत क पजीकत पश तचतकतसा अतधकारी दारा जारी आवशयक परमाण पत परापत नही तकया हो उतचत दसतावज़ क अभाव म मवतशयो को एक तज़ल स दसर तज़ल और असम क बाहर पररवहन को भी अवध बनान क परावधान ह इस कानन क तहत सभी अपराध सजय और गर-ज़मानती होग इस कानन को लकर उततर-पवव क अय राजयो म काफी असतोर ह योदक यह वहा क थानीय दनवादसयो क खान-पान की वतरिता और स कक दत पर सीध-सीध फासीवािी हमला ह

हम दख सकत ह तक उतर-पवय म फ़ासीवादी तगरोह न तसफ़य भारतीय राजय की परानी राषटीय दमन की नीतत को ही आग बढ़ा रहा ह बतक असम क उदहारण स यह भी सपषट हो जाना चातहए तक भाजपा और सघ पररवार अपन राजनीततक हसतकप क ज़ररए पर सामातजक तान-बान म सामपरदातयक नफ़रत तहदतववादी कटरता और धमायनधता को भी फलान का भरपर परयास कर रह ह और तफ़लहाल उनह असम म तो एक हद तक इसम सफलता भी हातसल होती हई नजर आ रही ह

असम-ममज़ोरम समीमा नववाद उपनिवशवाद की एक नवरासत

दरअसल तमज़ोरम और असम क बीच 1646 तकलोमीटर लमबी साझा सीमा ह तजसम तमज़ोरम क आइज़ोल कोलातसब और मातमत तज़ल और असम क कार हलाकािी और करीमगज तज़ल आत ह दोनो ही राजय lsquoइनर लाइन ररज़वय फ़ॉरसटrsquo क लगभग 131831 वगय तकलोमीटर कत पर अपना दावा पश करत ह तजसक कारण तकसी भी तातकातलक टकराहट की घटना क पदा होन स सीमा को लकर तववाद पनः उतपनन हो जाता ह इस बार भी यही हआ था

सतही तौर पर िखन पर असम-दमजोरम सीमा-दववाि क कद म

मखय तौर पर औदपवदशक काल की िो अदधसचनाए दिखलायी पडती ह जहा तमज़ोरम ऐततहातसक सीमा की बहाली क तलए 1875 की अतधसचना का तहमायती ह वही असम ऐततहातसक सीमा-तनधायरण क तलए 1933 की अतधसचना का पकधर ह 1933 की अतधसचना मतणपर और लशाई पहातड़यो (जोतक तमज़ो पहातड़या भी कहलाती ह) क बीच सीमा-तनधायरण क समबनध म ह जबतक 1875 की अतधसचना भतपवय लशाई पहातड़यो और कार क मदान क बीच सीमा-तनधायरण को तय करती ह तमज़ोरम का मानना ह तक 1933 की अतधसचना क समय उसकी रज़ामनदी नही ली गयी थी 1933 क बदल हए सीमा-तनधायरण क पी एक कारण तरितटश उपतनवशवातदयो क असम क चाय-बागानो स जड़ आतथयक-वयावसातयक तहत भी थ

इसक अलावा 1898 म औपतनवतशक तरितटश सता न 6 तसतमबर 1895 की दो अलग उदघोषणाओ क ज़ररए उतरी लशाई पहातड़यो को असम परानत क अधीन कर तदया और दतकण लशाई पहातड़यो को बगाल परानत क अनतगयत कर तदया इसक बाद 1 अपरल 1898 को तरितटश सता दारा एक अनय उदघोषणा क ज़ररए दतकणी लशाई पहातड़यो को असम को सथानानतररत कर तदया गया लबबलबाब यह दक लशाई पहादडयो या नगा पहादडयो जस पहाडी इलाको को दजनम दवदशषट नकजातीय समह रहत थ दजनकी अपनी दवदशषट स कक दत और जीवन-शली थी उह थानीय लोगो की रजामिी क बग़र जबरन कभी एक परशासदनक इकाई तो कभी िसरी परशासदनक इकाई म पटक दिया जाता रहा ह दजसक कारण एक असतोर औपदनवदशक िौर स ही इन इलाको म मौजि ह

आज़ादी क बाद सतवधान क ठ शियल क अनतगयत भारत म तमाम ldquoजनजातीयrdquo इलाको क परशासन क तलए उनह दो भागो म बाटा गया थाndash भाग ए और भाग बी 1952 म लशाई पहातड़यो क आइज़ोल और लङलह उपभागो तजनम तक मखयतः तमज़ो लोग बस हए थ का गठन इसी ठ शियल क अनतगयत भतपवय असम की lsquoलशाई पहाड़ी सवायत तज़ला काउतसलrsquo क तौर पर तकया गया और 1953 म बाकी बच हए कत म पावी लखर चकमा आतद अनय सथानीय बातशदो को तमलाकर एक कतीय काउतसल बनायी गयी 1954 म लशाई पहाड़ी तज़ल का नाम बदलकर तमज़ो तज़ला कर तदया गया 1972 म उतर-पवटी राजय पनगयठन अतधतनयम 1971 क तहत असम म स ही पहल तमज़ो तज़ल को कनदर शातसत परदश (lsquoयतनयन टररटरीrsquo) क रप म गतठत तकया गया 1986

12 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 13 पर जारमी)

(पज 11 स आग)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का हमज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहए

म तमज़ो राषटीय फट जो तक पहल भारतीय राजयसता क तिलाफ़ सशसतर सघषय म शातमल थी और भारत सरकार क बीच तमज़ो समझौता कायम होन क फलसवरप तमज़ोरम को पणय राजय का दजाय 20 फ़रवरी 1987 को परापत हआ

हालादक अलग राजय गठन स राषटीय समया का कोई समाधान नही हआ और िदमत कौमो क समबध म ऐसा हो भी नही सकता ह दजनक दलए एकमारि करादतकारी कायवकरम अलग होन क अदधकार समत आतमदनणवय क अदधकार का ही होता ह यहा यह भी सपषट करत चल तक सघवाद या तकसी भी परकार की कतीय सवायतता की तहफ़ाज़त या माग राषटीय दमन क िातम का काययकरम हो ही नही सकत ह जसा तक पजाब क क ldquoमासयवादीrdquo कौमवादी आजकल दावा करत तफर रह ह ऐसा कोई भी काययकरम एक शदधतः सधारवादी काययकरम ह और लतननवादी काययतदशा स इसका कोई लना-दना नही ह करातनतकारी मज़दर वगय साझी सहमतत स बन बड़ स बड़ राजय का पकधर होता ह और तवखिन की परतकरया को चाहता नही ह लतकन करातनतकारी मज़दर वगय करातनतकारी जनवाद का भी सबस मज़बत झिाबरदार होता ह और इसतलए वह जनवादी तरीक स और सभी कौमो की साझा सहमतत स ही बड़ राजय का पकधर होता ह

इस सदकषपत चचाव क बाि यह कहना ज़यािा उपयत होगा दक असम-दमजोरम क बीच यह आधदनक सीमा-दववाि वातव म औपदनवदशक िौर की ही एक दवरासत ह दजस भारत का उततर-पवव कहा जाता ह वह ऐदतहादसक तौर पर कभी भारत का दहसा था ही नही हालादक पराचीन काल स ही मखयभदम भारत क सामाजयो क इस इलाक स समपकव क परमाण मौजि ह उतर-पवय क जनजातीय इलाक पराक-औपतनवतशक भारत म शातमल नही थ यतद हम इततहास म थोड़ा पी जाय तो हम पात ह तक1818 म उस वत तरितटश ईसट इतिया कमपनी का हसतकप उतर-पवय म शर हो गया जब अहोम सामाजय क राजा न बमाय स बारमबार होन वाल हमलो स तनपटन क तलए उसस मदद मागी तरितटश ईसट इतिया कमपनी न परथम एगलो-बमटी यदध म बमटी सना को परासत तकया तजसक चलत यािाब की सतनध अमल म आयी इस सतनध क अनतगयत अहोम राजा न अपन राजय कत का एक तहससा तरितटश ईसट इतिया कमपनी को तोहफ़ म भट तकया तजसक फलसवरप तरितटश उपतनवशवाद उतर-पवय म अपन अतधकार और तहत कायम करन म सफल हो गया

इसक पशचात ही तरितटश औपतनवतशक शासको न अपन परशासतनक तहतो क मदनज़र इस पर भौगोतलक भ-भाग को औपतनवतशक भारत म शातमल तकया था तरितटश

उपतनवशवादी इस कत क भराजनीततक और सामररक महतव को दखत हए इस भारत और चीन क बीच एक lsquoबफ़र कतrsquo भी बनाना चाहत थ तजस व अपन आतथयक-वयापाररक तहतो क मातहत रखत तरितटश उपतनवशवातदयो न पहल इस भ-भाग को बगाल परानत क अधीन रखा और 1874 म अलग असम परानत का गठन करक भारत स इस पर कत का राजनीततक-परशासतनक एकीकरण तकया बावजद इसक मलतः और मखयतः औपतनवतशक नीतत उतर-पवय क समबनध म शष भारत स तवलगाव और तवलगन की ही थी तजसक फलसवरप यहा बसन वाली तमाम नजातीय-जनजातीय समहो क बीच भी अलगाव और पथकतव पदा हआ जोतक सवाभातवक ही था

जादहरा तौर पर उततर-पवव म दरिदटश हकमत की नीदतया अपन वयावसादयक-आदथवक दहतो और राजकीय-परशासदनक सहदलयतो स सचादलत थी उस दौर म मतणपर और ततपरा को ोड़कर जो तक ररयासत थी बाकी परा उतर-पवय अतवभातजत असम ही कहलाता था असम क ही इन तमाम जनजातीय इलाको की आग चलकर तरितटश औपतनवतशक परशासन दारा एक क बाद एक सीमा तनधायररत की जान लगी तजसम सथानीय जनजातीय समहो की सहमतत नदारद थी और तजसकी चचाय हम ऊपर कर चक ह पषट ह दक य कषरिीय परशासदनक दवभाजन न तो ऐदतहादसक पररदथदतयो को धयान म रखकर दकय गय थ और न ही जनवािी तरीक स जन-आकाकषाओ क आधार पर ही दकय गय थ यही कारण ह दक आज भी असम स दनकल अय राजयो म भारतीय राषटवाि और भारतीय राजयसतता क दवरदध नफरत और ग़सा तो ह ही लदकन इसक साथ ही असदमया अधराषटवाि क दखलाफ भी एक नाराजगी ह दजस उततर-पवव की अय कौम कषरिीय पमान पर lsquoदबग रििरलीrsquo (बड भाई-जसा) बतावव क रप म िखती ह

सकप म कह तो रिहमपत नदी क परब का तहससा भ-राजनीततक रप स पहली बार भारत क उपतनवशीकरण क बाद ही शष भारत स जड़ा बावजद इसक तरितटश उपतनवशवातदयो न उतर-पवय की जनता की शष भारत की आबादी स पारसपररक अनतरतकरया नही होन दी बतक आम तौर पर उस अवरदध भी तकया इसकी वजह स भ-राजनीततक दतषट स शष भारत स जड़न क बावजद इस कत की जनता का सासकततक अलगाव बना रहा आज़ादी क बाद भारतीय राजयसता की कौमी दमन की नीततयो क तहत ही इस कत की पराकततक व खतनज समपदा का दोहन करन क कारण इसम आतथयक शोषण का भी पहल जड़ गया तजसन इस अलगाव को और बढ़ाया और इस राजनीततक रप परदान तकया

उततर-पवष की कौमो क साथि भारतमीय राजयसतता क

नवशवासघात का काला इनतहास उतर-पवय म दमन की यह

औपतनवतशक तवरासत भारतीय राजयसता को आज़ादी क बाद उतरातधकार म परापत हई तजस यहा क शासक वगयो न हाथो-हाथ तलया आज़ादी क बाद स ही उतर-पवय को भारत म शातमल करन पर काफ़ी तववाद उतपनन हए भारत क साथ एकीकरण कोई पवयतवतदत पररणाम नही था जसा तक असर इततहास की आतधकाररक-सरकारी पसतको म पढ़ाया जाता ह आज़ादी स पहल भी तवशषकर नगा और तमज़ो नजातीय समहो म भारत स अलग सवतत राजनीततक अतसततव की इचा परबल थी हालातक जन 1947 म असम और उतर-पवय को भारत म शातमल करन का फ़सला ल तलया गया

आजािी क बाि जो उततर-औपदनवदशक शासक वगव अदततव म आया वह एक बहराषटीय और दमदरित शासक वगव था दजसम कशमीर और उततर-पवव की िदमत कौमो को छोडकर बाकी सभी कौमो क बजवआ वगव की अपन आकार और शदतमतता क दहसाब स नमाइिगी थी और कदीय सतता म दहसिारी थी कशमीर और उततर-पवव की कौमो को सचच और सही अथषो म आतमदनणवय का अदधकार िन की बजाय भारतीय शासक वगषो न उनका जबरन भारत क साथ एकीकरण दकया कशमीर क साथ ही उततर-पवव म भी भारतीय राजयसतता क आजािी क दपछल कई िशको की नीदतयो न राजकीय दहसा और कौमी िमन का बबवर रप अदततयार दकया ह

आज़ादी क बाद स ही उतर-पवय म राषटीय तवतवधताओ क साथ बस रही तमाम कौमो व नजातीय समहो की आज़ादी की चाहत को फ़ौजी बटो और बनदक क ज़ोर क दम पर भारतीय हमरानो न कचलन की सकड़ो कोतशश की ह 1962 क भारत-चीन यदध क बाद तो भारतीय राजय क तलए उतर-पवय और भी अतधक सामररक महतव का कत बन गया और भारतीय राजयसता को यहा तमाम राषटीय मतत सघषयो को ldquoराषटीय सरकाrdquo क नाम पर कचलन का एक परकार स lsquoलाइससrsquo भी परापत हो गया इस पर कषरि म 1958 स ही कखयात काला कानन lsquoसरकषा बल दवशर अदधकार अदधदनयमrsquo (अफपा) लाग ह तजसकी वजह स चनावो की रसमअदायगी होन क बावजद वहा वयवहारतः सनय शासन की तसथतत ह योतक सरका बलो को असीतमत अतधकार परापत ह इसी काल कानन का लाभ उठाकर भारतीय सना और अधयसतनक बलो न उतर-पवय म तपल पाच दशको स आतक का राज कायम तकया हआ ह और राजकीय दमन और तहसा का नगा नाच तकया

ह और इन राजयो की आम जनता क मानवातधकारो का बशमटी और दि-मतत क साथ हनन तकया ह ग़ौरतलब ह दक मानवादधकारो की धदजजया उडान वाला यह कानन परी तरह स सदवधान सममत ह

मखयभतम भारत म उतर-पवय को लकर काफ़ी हद तक गर-जानकारी और अजानता भी वयापत ह तजस आज भारत का उतर-पवय कहा जाता ह आज़ादी क वक़त उस पर भ-भाग म भतपवय असम परानत क असम क मदान आत थ इसक अलावा पहाड़ी तज़ल उतर-पवटी सीमावतटी परदश क नाथय-ईसटनय फतटयर टटस (एनईएफ़टी) और मतणपर और ततपरा की ररयासत शातमल थी इस कत म रहन वाल लोगो की ससकतत और इततहास म समानता और समरपता क क ततव जरर ह लतकन उनम कई तवतवधताए भी ह कल आठ राजयो यानी तक असम अरणाचल परदश मघालय मतणपर तमज़ोरम ततपरा नगालि तसतकम म तवभातजत उतर-पवय का कतफल दश क कल कतफल का 798 फ़ीसदी और इसकी आबादी दश की कल आबादी का 37 फ़ीसदी ह इस पर कत म लगभग 220 नजातीय समह और उपसमह रहत ह और लगभग इतनी ही बोतलया बोली जाती ह

औपदनवदशक शासन क अदतम िौर म और आजािी क बाि राजकीय व कौमी िमन स पिा हए राजनीदतक-साकक दतक अलगाव और आदथवक शोरण स उततर-पवव की दवदभन जनजादतयो म परदतरोध की चतना पिा हई जो एक खास दकम क नकजातीय राषटवाि (ethnic nationalism) क रप म दवकदसत हई भारतीय राजयसता दारा तकय गय बबयर दमन न इस परततरोध की चतना को और भी परबल बनाया नगा जसी क जनजाततया अपन कई उपसमहो को तमलाकर एक राषट क रप म तवकतसत हई तो क राषटीयताओ और उपराषटीयताओ क रप म अतसततव म आयी तजनकी कोई कतीयता तो नही थी लतकन तफर भी अनय राषटीय समहो स तभननताए थी इन राषटो-राषटीयताओ क परततरोध का साझा तबनद भारतीय राजयसता क दमन का तवरोध था जो इनका साझा शत थी और आज भी ह हालातक इनम आपसी अनतरतवरोधो का भी एक लमबा इततहास रहा ह मसलन नगा-ककी तववाद नगा-मइती तववाद नगा-जोमी तववाद असमी-तमज़ो तववाद असमी-बोिो तववाद आतद

दरिदटश उपदनवशवाि स आजािी क बाि भारतीय बजवआ राजयसतता न िमन की नीदतयो को खतम करन की बजाय और वहा बस रही कौमो को आतमदनणवय का अदधकार िन की बजाय इन िमनातमक कारगजाररयो को जयो-का-तयो बरकरार रखा बदलक कई मामलो म उसम इजाफा भी दकया आज़ादी क बाद उतर-पवय क राजयो का

जो पनगयठन तकया गया उसका आधार महज परशासकीय सहतलयत थी तजसकी वजह स कई मामलो म एक ही जनजातत कई राजयो म बट गयी और जनजाततयो की राषटीय आकाकाए कचल दी गयी इस तकसम क पनगयठन स नय तववाद भी उभर मसलन गटर नगालि तववाद नगा-मतणपर तववाद असमी-बोिो तववाद आतद मौजदा असम-तमज़ोरम सीमा तववाद भी इसी की एक बानगी ह

राजयो क पनगयठन की परतकरया म नगालि को राजय का दजाय 1963 म तमला लतकन इसक बावजद नगा गपो क कई राजनीततक-परशासकीय इकाइयो म बट होन क कारण उनका असनतोष बना रहा 1972 म असम स खासी गारो और जयतनतया पहाड़ी तज़लो को तमलाकर अलग मघालय राजय बना ततपरा और मतणपर को जो तक औपतनवतशक काल क दौरान ररयासत थी पणय राजय का दजाय द तदया गया तमज़ो पहातड़यो (तमज़ोरम) और lsquoनाथय-ईसटनय फतटयर एजनसीrsquo (अरणाचल परदश) को असम स अलग कर पहल कनदर शातसत राजय का दजाय तदया गया तफर 1987 म इनह पणय राजय का दजाय द तदया गया हालातक राजयो क इस पनगयठन की परतकरया न अलगाव और सवततता की आकाका को तो समापत नही तकया उट अनय सथानीय नजातीय समहो म भी सवशासन या सवततता की आकाका पदा हई और भभागो पर दावो को लकर आपस म उग टकरावो की शरआत हो गयी इसकी एक तमसाल असम-तमज़ोरम सीमा तववाद भी ह

राजनीततक-सासकततक अलगाव और आतथयक शोषण क अततररत दश क भीतर स होन वाल परवासन और बागलादश समत अनक पड़ोसी दशो स होन वाल आपरवासन स भी lsquoसथानीय बनाम परवासीrsquo का अनततवयरोध पदा हआ दरअसल औपतनवतशक काल स ही अतवभातजत असम म उपतनवशवातदयो दारा चाय बागानो की मौजदगी क कारण एक हद तक आतथयक तवकास तकया गया यही कारण था तक उस दौर म भी पड़ोसी बगाल परानत और भारत क अनय इलाको स लोग रोज़गार और ज़मीन की तलाश म असम परवासन करत थ और चतक उपतनवशवातदयो को भी चाय-बागानो म काम करन क तलए मज़दरो की ज़ररत थी तो वह सवय भी बाहर स लोगो को काम क तलए बलात थ साथ ही तल और कोयला खदानो म भी काययशतत की आवशयकता होती थी इसक अलावा सड़क और रल तनमायण कायय म भी बाहर स मज़दरो को काम पर लगाया जाता रहा बगाल स आन वाली एक बड़ी आबादी मसलामानो की भी थी इन परवातसयो म कई जो मखयतः चाय-बागानो म काम करत थ व वही बस भी गय इस पर तववरण क तलए पाठक मासयवादी इततहासकार अमलनद गहा को पढ़ सकत ह तजनका काम असम

(पज 13 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 13

(पज 12 स आग)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का ह मज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहएऔर वहा क राषटवादी आनदोलनो पर कतनदरत ह यह परवासन आज भी हो रहा ह इन परवातसयो म असर मज़दर आबादी ही शातमल होती ह ldquoसथानीय बनाम परवासीrdquo क अनतरतवरोध का फ़ायदा इन कौमो म मौजद तफ़रकापरसत ताकत भी अपन तनतहत सवाथयो क तलए उठा रही ह सीतमत ससाधनो और जनसातखयकीय असनतलन का हवाला दकर आम जनता म भय और असरकाबोध पदा तकया गया ह जो परवातसयो क तिलाफ़ तहसातमक घटनाओ म सामन आया ह य इन राषटीय आिोलनो म पजीवािी राजनीदत और दवचारधाराओ की मौजिगी यानी अदमतावािी व अधराषटवािी रझान की ओर भी इशारा करता ह और अततोगतवा हर परकार क राषटवाि की सीमा और परदतदकरयावािी चरररि को भी उजागर करता ह भल ही वह िदमत राषट का ही यो न हो िदमत राषटो की राषटीय मदत की लडाई म इन पजीवािी दवचारो व राजनीदत क दखलाफ सघरव करना करादतकारी मजिर वगव का एक कायवभार ह योदक तभी सही मायन म जनता की जनवािी राषटीय करादत क जररए सचची राषटीय मदत भी समभव ह बहरहाल इन अतरदवरोधो का फायिा भाजपा जसी फासीवािी पाटटी इस मजहबी रग ि कर भी उठा रही ह

बहरहाल मल चचाय पर वापस लौटत हए बात कर तो उतर-पवय क तवतभनन राजयो क इततहास पर तनगाह िालन स भारतीय राजयसता का ऐततहातसक तवशवासघात सपषट रप स सामन आता ह इसकी तवसतत चचाय म हम यहा नही जा सकत ह तफ़लहाल इतना कहना काफ़ी होगा तक उतर-पवय क तमाम राषटो-राषटीयताओ की आकाकाओ को कचलकर ही भारतीय राजयसता न जोर-ज़बदयसती करक इनह ldquoभारतीय राषटrdquo म शातमल तकया ह

मतणपर की बात कर तो आज़ादी क ततकाल बाद ही भारत सरकार क परतततनतध वीपी मनन न राजय म तबगड़ती कानन-वयवसथा का हवाला दकर मतणपर क राजाबोधचनदर तसह को तशलाग बलाया और 21 तसतमबर 1949 को कपटपणय तरीक स उसस भारत म तवलय क समझौत पर हसताकर करा तलया भारत सरकार न यह भी ज़ररी नही समझा तक इस समझौत की अतभपतषट नवतनवायतचत मतणपर तवधानसभा दारा करा ली जाय उट तवधानसभा को भग कर तदया गया इसक बाद स ही मतणपर म भारतीय राजय दारा परतयक दमन की नीतत अपनाकर परततरोध को दबान का तसलतसला शर हो गया और इसी क समानतर सशसतर सघषयो का भी तसलतसला शर हो गया आफसपा जस काल कानन की आड़ म भारतीय सना दारा की गयी बबयरता न जन-परततरोध को और बल परदान तकया 2004 म

भारतीय सतनको दारा एक मतणपरी मतहला मनोरमा क बलातकार और हतया क तवरोध म वहा की मतहलाओ न तनवयसतर होकर सना मखयालय क सामन तवरोध परदशयन तकया था यह घटना तकसी भी जनवादी होन का दावा करन वाल राजय क तलए एक शमयनाक घटना होती लतकन भारतीय राजय की बशमटी और बबयरता बदसतर जारी रही और उतर-पवय म यह दमनकारी जनदरोही कानन आज तक लाग ह

नगालि की कहानी भी क ऐसी ही ह औतपवतशक शासन क दौरान और बीसवी सदी की शरआत म नगा पहातड़यो क सथानीय तनवासी नगा नशनल काउतसल (एनएनसी) क बनर तल एकजट होकर एक साझा मातभतम और सवशासन की आकाका परकट करन लग थ भारत की आज़ादी क बाद नगा नशनल काउतसल न आतमतनणयय क अतधकार की वकालत की और भारत स आज़ादी क तलए जनमत सगह की माग भी रखी लतकन भारतीय राजय न एकतरफ़ा तरीक स नगा भभाग को भारतीय गणराजय का तहससा घोतषत कर तदया बदल म एनएनसी न नगालि की सवततता की घोषणा कर दी और 1952 म समपनन पहल आम चनावो का बतहषकार भी तकया इसक बाद ही भारत सरकार दारा कई नगा नताओ को तगरफतार कर तलया गया और तब स ही नगालि म एक लमब सशसतर सघषय की शरआत हई 1955 म भारतीय राजय न पतलस और सशसतर बलो क ज़ररए नगा राषटीय मतत आनदोलन को कचलन की कोतशश भी की इसी सघषय का सामना करन क तलए 1958 म lsquoआमिय फ़ोसजज सपशल पावसय एटrsquo बना जो आज तक समच उतर-पवय म लाग ह 1975 म एनएनसी क शीषय नततव न भारत सरकार क साथ वाताय करक तशलाग समझौता तकया और भारतीय गणराजय म शातमल होना सवीकार तकया तजन नगा नताओ न इस समझौत को सवीकार नही तकया उनहोन lsquoनशनल सोशतलसट काउतसल ऑफ़ नगालिrsquo (एनएससीएन) का गठन करक सघषय जारी रखा अब यह सगठन मइवा और खापलाग क दो गटो म तवभातजत ह तजनका आधार नगा जनजातीय समह की अलग-अलग उपजाततयो म ह

अब तमज़ोरम पर आत ह जसा तक ऊपर चचाय म आया था तक तमज़ो पहाड़ी कत आज़ादी क वक़त लशाई पहाड़ी तज़ल क नाम स असम म गतठत हआ तजसका नाम 1954 म बदलकर असम का तमज़ो पहाड़ी तज़ला कर तदया गया असम स अलग होन का एक अलगाववादी आनदोलन आज़ादी स पहल भी तमज़ो जनजातीय समहो म मौजद था लतकन 1959 स 1961 तक आय अकाल क राहत कायय म भारतीय राजय की उदासीनता और अनदखी क कारण पहल स ही मौजद असनतोष और आकरोश को नयी ज़मीन परापत हई इसक बाद ही साठ क दशक स तमज़ो सशसतर तवदरोह की दासतान शर होती ह

इसी दौर म तमज़ो नशनल फट (एमएनएफ़) का गठन हआ तजसनlsquoभारतीय उपतनवशवाद स तमज़ोरम की मततrsquo क तलए सशसतर सघषय का आहान तकया फ़रवरी 1966 म सशसतर दसतो न आइज़ोल शहर पर कबज़ा कर तलया नगालि की ही तरह भारतीय राजय दारा यहा भी दमन की नीतत को ततकाल अमल म लाया गया शहर को तफर स कबज़ा करन म भारतीय सना न नागररक आबादी पर धआधार बमबारी की हज़ारो पररवारो को उनक घरो स उजाड़ तदया गया 1986 म एमएनएफ़ और भारत सरकार क बीच समझौता हआ तजसक बाद एमएनएफ़ तहसा ोड़कर ldquoमखयधाराrdquo म शातमल हो गया और भारतीय सतवधान क अनतगयत काम करन पर सहमत हो गया लतकन इसस भारत क परतत तमज़ोरम क नजातीय समहो का अलगाव और रोष जरा भी कम नही हआ आज भी वहा अलग-अलग नजातीय समहो क अपन-अपन सशसतर तवदरोही दसत ह

तसतकम क इततहास पर भी तनगाह िालन पर सपषट होता ह तक आज़ादी क समय यानी 1947 स ही तसतकम का दजाय भारत क सरतकत राजय (lsquoपरोटटोरटrsquo) का था वह भारतीय यतनयन का तहससा नही था 1975 म तबना तसतकम की जनता स रायशमारी तकय भारतीय सतवधान म मौजद परावधान क तहत उस भारत म तमला तलया गया और पणय राजय का दजाय द तदया गया जबतक उस वक़त भी तसतकम का शासक आतमतनणयय का अतधकार माग रहा था तजस भारतीय राजय दारा िाररज कर तदया गया

इस सतकपत चचाय स सपषट ह तक आजादी क बाद स ही भारतीय हमरानो न उतर-पवय क तमाम राषटो एव राषटीयताओ क साथ ल-कपट करक वायदातिलाफ़ी करक दमन राजकीय तहसा और आतक का अनतहीन चकर कायम करक उनकी आकाकाओ और हको का गला घोटन का घतणत ककमय तकया ह तजस भारतीय राषटवाद क सड़-गल मलमम क ज़ररए तपाना भी नाममतकन जान पड़ता ह यह इततहास भारत क मज़दर वगय को भी जानन की ज़ररत ह योतक शोषण दमन और उतपीड़न का हर रप म तवरोध तकय तबना करातनतकारी मज़दर वगय न तो समाजवादी करातनत कर मज़दर सता को सथातपत कर सकता ह और न ही करातनतकारी सवयहारा जनवाद को सथातपत कर सकता ह तकसी भी रप म दमन शोषण और उतपीड़न का साथ दन वाला मज़दर वगय सवय भी पजीपतत वगय क हाथो शोतषत व दतमत होत रहन क तलए अतभशपत होता हअसम-ममज़ोरम समीमा-नववाद का हल उततर-पवष म राषटमीय रिशि क

समाधाि स जड़ा हउतर-पवय क तमाम राजयो म मौजद

आपसी सीमा-तववाद का तनपटारा भी वहा क राषटीय परशन क समाधान स नातभनालबदध ह वस तो तकसी यतनयन म सवचा स शातमल हई इकाइयो

क बीच भी सीमा-तनधायरण को लकर झगड़-फ़साद हो सकत ह एक पजीवादी राजय वयवसथा क अनतगयत आप और तकसी बात की उममीद कर भी नही सकत ह राषटीय शातनत या कौमी अमन जसी कोई भी चीज़ पजीवाद क मातहत सथायी तौर पर समभव ही नही ह लतकन यह तमाम तववाद अपन आप म कौमी दमन नही होत ह जबतक उतर-पवय की बात कर तो य तमाम सीमा-तववाद सीध-सीध भारतीय राजय क कौमी दमन की नीतत स ही पदा हए ह और उसक अतवभाजय अग ह

कौमी दमन का मतलब यह ह तक भारतीय शासक वगय दारा उतर-पवय म मौजद तमाम कौमो क पजीपतत वगय समत समची कौम का ही दमन तकया जा रहा ह यानी कौमी िमन क दनशान पर मलतः िदमत कौम का पजीपदत वगव होता ह जो िमन बाि म वकहि रप अदततयार कर जनता क अलग-अलग दहसो और जन-जीवन को भी अपनी जि म ल लता ह दकसी कौम क बजवआ वगव क िमन क बगर कौमी िमन अदततव म आ ही नही सकता ह िसर शबिो म कह तो कोई भी कौम िदमत ही तब मानी जायगी जबदक उसका पजीपदत वगव िदमत हो आज भारत की बात कर तो कशमीर और उततर-पवव को छोडकर यह दथदत और कही मौजि नही ह कौम या राषट बनता ही बजयआ वगय क अतसततव म आन क साथ ह यतद तकसी कौम स पजीपतत वगय को अलग कर तदया जाय तो उसक बाद जो रह जाता ह वह बस जनता ही ह आज उतर-पवय क राषटो म यह पजीपतत वगय तकतना तवकतसत या अतवकतसत ह इस तथय स वहा मौजद राषटीय दमन पर कोई फ़कय नही पड़ता ह

इसतलए उतर-पवय म तमाम राजयो क बीच मौजद सीमा-तववाद कौमी दमन का कारण नही बतक इसी कौमी दमन की नीतत का एक पररणाम ह अलग स तकसी दश क तकनही दो राजयो तजनम तक दतमत कौम ह और ज़बरन तकसी यतनयन म शातमल की गयी ह क बीच सीमा-तववाद क हल की उममीद शासक वगयो स तबना वहद राषटीय परशन क समाधान क करना ही बमानी ह आज़ादी क बाद शरआती दशको म तो भारत सरकार न उतर-पवय क महतव को कवल रणनीततक दतषट स ही दखा था लतकन पजीवादी तवकास क साथ ही पराकततक समपदा और ससती शरमशतत क दोहन की भी शरआत हई हालातक यहा बसन वाली कौमो म भारतीय राजयसता क परतत नफ़रत और अलगाव म कोई कमी नही आयी ह तकसी कापतनक एकाशमी ldquoभारत राषटrdquo और भारतीय राषटवाद म इन कौमो का तवलयन ज़ोर-ज़बदयसती क बत ही समभव ह इसतलए आज भी इस पर भ-भाग म कई सशसतर सघषय चल रह ह जब तक भारतीय राजयसता का राषटीय दमन और ज़बर जारी रहगा य राषटीय मतत सघषय भी तवसतजयत नही होग नततव की कोई

एक धारा जब समपयण करगी तो दसरी धारा उभरकर सामन आयगी और सघषय को जारी रखगी ऐततहातसक तौर पर कह तो राषटीय परशन का अतनतम और मकममल समाधान तो कवल और कवल एक समाजवादी राजय क तहत ही समभव ह जो सही मायन म तवतभनन राषटो को अलग होन क अतधकार क समत आतमतनणयय का अतधकार और अपसखयक राषटीयताओ को ससगत जनवाद का अतधकार दता ह लतकन हर दतमत कौम क तलए पहला काययभार राषटीय मतत का जनवादी काययभार ही होता ह और उसक तलए करातनत की मज़ तल भी राषटीय जनवादी ही होती ह

इततहास न यह भी सातबत तकया ह तक सामाजयवाद क दौर म दमनकारी राषट या राषटो क पजीपतत वगय आम तौर पर दतमत राषटो को आतमतनणयय का अतधकार और राषटीयताओ को ससगत जनवाद नही द सकत लतकन यह भी उतना ही सच ह तक राषट कवल दमनकारी राषटो क अतधकार दन की वजह स म त नही होत व अपन राषटीय मतत सघषयो क ज़ररए भी म त होत ह यह एक अलग चचाय का तवषय ह तक उतर-पवय क तवतभनन राषटो का राषटीय मतत सघषय यह राषटीय मतत हातसल कर सकता ह या नही लतकन इतना तय ह तक जब तक इन दतमत कौमो को राषटीय मतत हातसल नही होती तब तक शातनत या तसथरता की कोई उममीद भी नही की जा सकती ह तकसी भी कौम को हमशा गलाम बनाकर नही रखा जा सकता ह यह बात भारत क उतर-पवय पर भी उतनी ही लाग होती ह

आज भारत म दतमत कौमो क राषटीय मतत सघषयो को भारतीय राजयसता क तवरदध मज़दर वगय क समाजवादी करातनत क सघषय स जड़ना होगा और भारत क मज़दर वगय आम महनतकश जनता और ातो-नौजवानो को भारत की दतमत कौमो क राषटीय मतत सघषय स िद को जोड़त हए उनक राषटीय आतमतनणयय क अतधकार का तबना शतय समथयन करना होगा जहा एक तरफ़ भारत की महनतकश अवाम को हर परकार क राषटीय कटरपनथ और अनधराषटवाद स अपना नाता तोड़ना होगा और भारतीय बजयआ वगय क मिी म पदा हए राषटवाद की असतलयत समझनी होगी वही दसरी तरफ़ दतमत कौमो म राषटीय मतत क तलए लड़ रही ताकतो को भी यह समझना होगा तक हर परकार का बजयआ राषटवाद और सकीणय अतसमतावाद या कटरतावाद तकसी भी वयापक और तटकाऊ जन-एकजटता म बाधा ह भारत की महनतकश जनता इस सघषय म उनकी शत नही बतक दोसत ह वासतव म भारतीय राजयसता और भारतीय पजीपतत वगय ही हमारा मशतरका दशमन ह यह बात समझना बहद जररी ह सचच और सही अथयो म राषटीय मतत आनदोलन भी साथयक और कारगर तरीक स तभी आग भी बढ़ सकत ह

14 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 1 स आग)

करना ही उसक तलए भी बहतर ह इस तरह दश आज़ाद हआ आलीशान अटातलकाओ म हो रह जशन क बाहर बठी दश की आम महनतकश जनता फटहाल हालत म सगीत नाच-गाना और आततशबाज़ी दख रही थी और उममीद लगाय थी तक एक तदन वह भी िशहाल होगी आज़ादी क करीब चार दशक बाद जब नवउदारवादी नीततयो की शरआत हई तो पजीवादी नताओ और उनक चाकर बतदधजीतवयो न कहना शर तकया तक जब समतदध आयगी तो ररस-ररस कर सब तक पहचगी लतकन ररस-ररस कर तो बस दख-तकलीफ़ आयी ह अमीरज़ादो की समतदध की आततशबातज़यो को दख सड़को पर भीख माग रह बचच ताली बजा कर िश होत ह समतदध का अथय जनता क तलए बस इतना ही ह

आपन असर लोगो को यह कहत सना होगा तक अगज़ चल गय लतकन अगज़ी ोड़ गय अगज़ी क पी टन का मतलब तसफ़य भाषा स नही ह इसका अथय यह भी ह तक अगज़ो क चल जान क बाद अगज़ी नौकरशाही सना और पतलस क औपतनवतशक ढाच को ही अपना तलया गया योतक वह भारतीय पजीपतत वगय क तलए भी अपन तहतो की सवा क तलए उपय त था इसतलए लट और दमन बदसतर जारी रहा बस शासक वगय बदल गया जब दमन का बना-बनाया तत आज़ादी क साथ मफत तमल रहा था तो उस बदलन की कोई िास आवशयकता नही थी इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक lsquoगवनयम ट ऑफ़ इतिया एट 1935rsquo क 321 धाराओ म स 250 को ह-ब-ह भारतीय सतवधान म अपना तलया गया और आईपीसी तो अगज़ो क ज़मान स चली आ रही ह तजनम नयी धाराए जोड़ी गयी ह लतकन परानी सभी धाराए लगभग वसी ही ह तलतखत क साथ-साथ अतलतखत हथकि भी उनही स सीखकर उस िब माजा गया lsquoफट िालो और राज करोrsquo की नीतत पजीवादी सता क तलए अचक सजीवनी बटी ह अगज़ो न इस सवततता आनदोलन को कमज़ोर करन क तलए इसतमाल तकया और आज़ाद दश म सभी सरकार इस अपन-अपन ढग स मज़दरो-महनतकशो की एकता तोड़न उनक सघषयो को कमज़ोर करन क तलए करती आयी ह इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक आज़ादी क दौरान करातनतकाररयो की मितबरी करन वालो अगज़ो क तलव चाटन वालो उनह माफ़ीनामा तलखन वालो आज़ादी की पवयसधया पर ततरगा जलान वालो और महातमा गाधी की हतया करन वालो आरएसएस और अनय सहयोगी सगठनो पर कभी कोई ठोस कारयवाई नही की गयी तजसस इनको परभावी तौर स रोका जा सक भारतीय पजीवाद को आरएसएस की आवशयकता थी और इसतलए इस ज़जीर स बध कत की तरह अपन करीब बाध रखा समय-समय

पर ज़ररत क अनसार ज़जीर कस दी जाती रही या ढीली कर दी जाती रही आज पजीवाद की ज़ररत क अनसार इस खखार कत को भारत क पजीपतत वगय न सता ही सौप दी ह

बहरहाल हम बात कर रह थ भारत क पजीपतत वगय और उसकी राजनीततक पाटटी कागस क बार म सता हातसल करन क बाद भारत का पजीपतत वगय इतना सशत नही था तक अपन बल-बत पजीवाद क फलन-फलन क तलए आवशयक बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो का ताना- बाना खड़ा कर सक उसक पास आरतमभक पजी और तकनोलॉजी की कमी थी इन आवशयकताओ को परा करन की दो राह थी एक सामाजयवादी दशो पर पणय-तनभयरता और दसरा जनता की गाढ़ी कमाई की पाई-पाई का दोहन इन दोनो म स यहा क पजीपतत वगय न दसरा रासता अपनाया लतकन पजीपतत वगय सीध जनता का पसा नही लट सकता था और न ही राजय उस सीध लटकर पजीपततयो को थमा सकता था इसतलए इनहोन तमतशरत अथययवयवसथा की नीतत अपनायी यानी सावयजतनक कत सय त कत और तनजी कत इस नहर न lsquoसमाजवादी नमन क समाज क तवकासrsquo का नाम तदया जनता की गाढ़ी कमाई चस कर दश का तवकास आरमभ हआ और जनता क पस स बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो को खड़ा तकया गया बतनयादी और अवसरचनागत उदयोग जस इसपात कारिान रल यातायात और पररवहन तबजली सचार आतद सावयजतनक कत म रख गय इनम पजी तनवश अतधक और मनाफ़ा लमब कालकरम म हातसल होना था वही उपभोता वसतओ का उतपादन तनजी कत को सौपा गया तजसम लागत सापतकक रप स कम और मनाफ़ा जद हातसल होना था इस योजना का आधार 1944 का बॉमब पलान या टाटा-तबड़ला पलान था दश की मज़दर-महनतकश आबादी की कमाई लट कर दश म बतनयानी और अवसरचनागत उदयोग खड़ तकय गय तातक पजीपतत वगय क मनाफ़ा कमान का काम सगम हो सक मतलब lsquoहरज लग न तफटकरी रग चोखाrsquo उननीसवी सदी क अनत और बीसवी सदी क शरआत स ही दश म कई बड़ बक थ तजनम सबस बड़ा बक lsquoइमपीररयल बकrsquo था लतकन दर-दराज़ क इलाको म भी सतवग सकीम थी जस पोसट ऑतफ़स सतवग सकीम जो 1882 म खोली गयी थी जनता की महनत की कमाई तक पहच क तलए ससथान पहल स मौजद थ तजन पर 1948 क बाद नहर न अतधक बल तदया जो तक पजी क सचय क तलए लातज़मी भी था 1969 म बको क राषटीकरण न तनवश क तलए पजी की उपलबधता को बढ़ा तदया कह सकत ह तक तमतशरत अथयवयवसथा की आड़ म बहद कशलतापवयक कागस न पजीपतत वगय की सवा की उसक तहतो को

साधा और जनता की गाढ़ी कमाई को चस कर पल सड़क सचार पररवहन बनाया गया और जनता क बीच बढ़ रह मोहभग पर रसमी सधारवाद का नाटक कर पानी क ीट भी िाल सीपीआई सीपीएम और नामधारी कमयतनसट पातटययो न भी इन नीततयो का समथयन कर न कवल जनता की पीठ म रा घोपा बतक उनकी राजनीततक चतना को भी कनद तकया तजसकी चचाय हम आग करग

नहरतवयाई lsquoसमाजवादrsquo क चोग की सीवन जद ही उधड़न लगी और 1960 क दशक क उतरादधय म ही भारत की अथयवयवसथा म ठहराव आन लगा 1970 का दशक मनदी का दशक रहा चार पचवषटीय योजनाओ और तीन वातषयक योजनाओ क कल पजी तनवश को दख तो सावयजतनक कत म पजी तनवश का परततशत अनपात तनजी कत की तलना म बढ़ता गया लतकन जद ही तमतशरत अथयवयवसथा या तथाकतथत समाजवाद क अनतरतवरोध सामन आन लग 1960 क दशक म जो सकट आया था और जो 1970 क दशक म गहराया था वह राजकीय इजारदार पजीवाद क ढाच क भीतर पजी सचय का सकट था बड़ा पजीपतत वगय और साथ ही नवोतदत मझोला व ोटा पजीपतत वगय lsquoधनधा करन की परी सहतलयतrsquo की माग कर रहा था जो तक नहरतवयाई समाजवाद क ढाच म बातधत थी हर परकार क सरकारी तवतनयमन व तनयतण स उस टकारा चातहए था तजस उसन सवय अपनी ही ज़ररत स एक समय सथातपत तकया था इस सकट की ही अतभवयततया थी उस दौर म बढ़ती महगाई बरोज़गारी खादयानन सकट आतद एक ओर मधय वगय तनमन पजीपतत वगय और महनतकशो क सपन टट रह थ वही दसरी ओर सावयजतनक कत क पालन म पला तशश तनजी पजीपतत वगय अब बड़ा हो चला था और पालना उसक तवकास को रोक रहा था पजीवादी तहतो की नमाइनदगी करन वाल बतदधजीतवयो और अथयशातसतरयो न पजी पर राजय क तवतनयमन यानी लाइसस कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण परतयक तवदशी तनवश पर रोक एमआरटीपी तनयतण व सतबसिी आतद पर सवाल उठान शर कर तदय

इस दौर म तवशव सतर पर भी 1970 क दशक म नवउदारवाद क यग की शरआत होती ह अपना सवतणयम यग जीन क बाद 1960 क दशक क आतिरी वषयो म ही अमररकी व यरोपीय पजीवाद पर सकट क बादल मिरान लग थ और इसक साथ ही करतमक परतकरया म पतशचम म कयाणकारी राजय की नीततयो को समापत करना शर कर तदया चतक अमररकी व आम तौर पर पतशचमी पजीवादी अथयवयवसथाए मनाफ़ की दर का सकट झल रही थी इसतलए पहल उनहोन अपन यहा तवतीय तवतवतनयमन तकय अमररका न लचीली तवतनमय दर सथातपत की शरम

बाज़ार का भी क उदारीकरण तकया और तफर तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क पजीपतत वगय पर भी दबाव बनाया तक व भी तवतीय तवतवतनयमन कर और शरम बाज़ार को लचीला बनाय तातक पतशचमी सामाजयवादी पजी को इन दशो म और खल कर ससत शरम की लट की ट तमल अपन कारणो स एतशया व अरब अफीका और साथ ही लाततन अमररका क तमाम पजीवादी दशो का शासक वगय भी उदारीकरण की आवशयकता महसस कर रहा था तवशव बक और तवशव मदरा कोष न तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क आतथयक सकट का लाभ उठात हए उन पर तवदशी पजी क तलए अपन दरवाज़ खोलन का दबाव बनाया यानी उनह तवदशी वयापार और तवदशी तनवश पर लगी तमाम पाबतनदयो को हटान क तलए मजबर करन का परयास तकया क दशो न (जस तक लाततन अमररका क क दश) इस परकार की नीततयो को जयो का तयो लाग तकया तजनह lsquoसपrsquo यानी lsquoसटचरल एिजसटमटrsquo की नीतत भी कहा जाता हा इसक आरतमभक परयोग लाततन अमररका क दशो म हए और पानी जसी मलभत सतवधाओ को तनजी हाथो म सौपन स लकर समची अथयवयवसथा क नवउदारवादी पनगयठन क भयकर पररणाम सामन आय

भारत क सनदभय म कहा जाय तो यहा क पजीपतत वगय न बहद कशलता स इन नीततयो को लाततन अमररका क तवपरीत अपन तहतो क अनसार बदलकर और तवलतमबत परतकरया म लाग तकया तजसक कारण भारतीय पजीवादी वयवसथा उस परकार सामाजयवाद पर तनभयर नही हई और न ही वह उस परकार औध मह तगरी तजस परकार लाततन अमररका क क दशो क साथ हआ नतीजतन यहा उस परकार जनाकरोश फट कर सड़को पर भी नही बहा तजस परकार लाततन अमररकी दशो म हआ था असर यह बात कही जाती ह तक भारतीय शासक वगय अनतरायषटीय दबाव म नवउदारवादी नीततयो को अपनान क तलए मजबर था लतकन ऐसा नही ह और इसकी चचाय हम पहल ही कर चक ह तक तकस परकार तमतशरत अथयवयवसथा क तवतनयमन म तनजी पजी का दम घट रहा था और वह लाइसस सतबसिी परतमट शरम काननो कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण आतद स पीा ड़ाकर म त बाज़ार म गोत लगाना चाहती थी तसफ़य बाहरी पररतसथततया ही नही बतक आनतररक पररतसथततया भी नवउदारवाद क तलए दबाव बना रही थी आतधकाररक तौर पर जलाई 1991 म नवउदारवाद की नीततयो की घोषणा स पहल ही 1980 क दशक म राजीव गाधी नवउदारवाद क सबस मखर समथयक बन और उनकी सरकार न सीतमत हद तक अथयवयवसथा का उदारीकरण तकया 30 उदयोगो म लाइसस की आवशयकता हटायी तथा और साथ ही कई पररवतयन तकय गय

लतकन पर ढोल-ताश तोरण और बनदनवार क साथ तवकास क बड़-बड़ वायदो और रोज़गार क सवतणयम अवसरो क सपन तदखा कर उदारीकरण तनजीकरण और भमिलीकरण की नवउदारवादी नीततयो की शरआत 24 जलाई 1991 को परधानमती नरतसमहा राव तवत मती मनमोहन तसह और योजना आयोग क उपाधयक मोटक तसह अहलवातलया क समय म की गयी यह दावा तकया गया तक परतयक तवदशी तनवश स दश म रोज़गार सजन होगा इन तीनो न तमल कर lsquoतटकल िाउन तथयरीrsquo यानी धन-समतदध क ऊपर स ररस कर नीच जान का तसदधानत परसतत तकया ऊपर स नीच का सच तो महनतकश लोग अपनी तज़नदगी स जानत ही ह नीच स तनचोड़कर सारा धन ऊपर की ओर ज़रर चला जा रहा ह और ऊपर स ररसकर कवल गरीबी बरोज़गारी और बबायदी आम महनतकश जनता क तहसस आ रही ह अगर ऐसा नही होता तो दश म 1990 म जहा मात 2 अरबपतत (िॉलर अरबपतत) थ वही 2021 म 177 कस हो गय lsquoहरन गलोबल ररच तलसटrsquo (हरन दारा बनायी तवशव म अमीरो की सची) क अनसार पर तवशव म अरबपततयो की सखया म तीसरा सथान भारत का ह साथ ही वतशवक भखमरी सचकाक म 107 दशो की सची म भारत 94व सथान पर ह सवासथय की पहच क कत म भारत का सथान 189 दशो म 179वा ह जो तक बगलादश शरीलका पातकसतान और कई अफीकी दशो स भी नीच ह 1995 स लकर 2009 तक जीिीपी क औसत 6 स सात और कई बार 8 स ऊपर पहचन पर सीना चौड़ा कर तवकास का दावा करन वाली सरकार यह नही बताती तक यह तवकास रोज़गारतवहीन तवकास था योतक 1991 स लकर 2018 तक बरोज़गारी की दर 5 परततशत स 6 परततशत क बीच बनी हई थी जो 2020 म 56 सालो म सबस जयादा यानी 89 परततशत हो गयी 2021 म तो यह 917 परततशत हो गयी ऐस तवकास की जनता क तलए या उपयोतगता जो रोज़गार क अवसर ही न सतजत कर शयर बाज़ार म उाल पजीपततयो की तज़ रफतार महगी गातड़यो पराइवट जट तवमानो आलीशान अटातलकाओ और तवदश याताओ की सखया क आधार पर मापा गया तवकास आम महनतकश आबादी की थाली म दो जन की रोटी तक नही पहचाता

आम आबादी क तलए तो नवउदारवाद तगी बरोज़गारी कपोषण और भखमरी ही लकर आया ह तदहाड़ी पर काम करन वाली 50 करोड़ आबादी 10 साल पहल वासतव म तजतना कमाती थी आज भी लगभग उतना ही कमाती ह जबतक कीमत दोगनी-तीन गनी हो चकी ह दश म 60 परततशत आबादी कपोषण का तशकार

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह

(पज 15 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 15

ह राषटीय पोषण तनगरानी बयरो दारा 2015-16 म शहरी आबादी म तकय गय सवज क अनसार औसत खानपान म परोटीन कतशयम आयरन तथयातमन तनयातसन आतद पोषक ततवो की काफ़ी कमी ह यही ह दश की मज़दर महनतकश आबादी क तलए नवउदारवाद की सवतणयम सौगात

िवउदारवाद और मज़दर आनदोलि

1950 क दशक क आरमभ स ही सशोधनवाद क मागय पर तनकल पड़ी भारत की कमयतनसट पाटटी (भाकपा) नहर और कागस की नीततयो को समाजवाद की तदशा म कदम मानती थी और राषटीकरण की रट लगाती थी भाकपा क अनसार आज़ादी क बाद कागस जनवादी काययभारो को परा कर रही थी इसतलए कमयतनसटो को इसका सहयोग करना चातहए अत इनहोन वगय सहयोग की लाइन दी जब पाटटी की लाइन ही वगय सहायोगवाद की हो गयी तब समाजवाद क समथयन और सवयहारा वगय को करातनतकारी चतना और उसक ऐततहातसक तमशन स पररचय करान की बात तो सथतगत हो गयी 1964 म एक सशोधनवादी पाटटी क तौर पर ही भाकपा स अलग हई माकपा सीध तौर पर नहर की गोद म नही बठी और उसन नहर को समझौतापरसत बोलकर उसपर जनवादी काययभारो को परा करन क तलए सड़क और ससद म दबाव बनान की बात की लतकन असल म वह भी एक सशोधनवादी पाटटी थी न तक मज़दर वगय की कोई करातनतकारी कमयतनसट पाटटी अपन गरमा-गरम भाषणो और चाय की पयाली म तफ़ान उठान क अलावा इन ससदमागटी जड़वामनो न बजयआ वगय क तिलाफ़ मज़दर वगय की करातनतकारी राजनीततक चतना उननत बनान क तलए कोई ठोस राजनीततक कारयवाई नही की और मज़दर वगय को अथयवाद क गोल चकर म ही घमात रह सवयहारा वगय की तहरावल पाटटी का अतनतम लकय होता ह तक वह बजयआ राजयसता का धवस करक सवयहारा राजयसता की सथापना करन की ऐततहातसक मतहम म महनतकश जनसमदाय को नततव द इस अतनतम लकय तक पहचन क तलए कमयतनसट मज़दरो और सभी करातनत-पकधर वगयो क जन-सगठन बनात हए आतथयक सधारो-मागो-ररयायतो क तलए अथयवादी नही बतक राजनीततक रप स लड़त हए जनता की जझार सगठनबदधता को बढ़ात ह रतढ़यो स मतत और वगय-चतना को परखर बनान क तलए सतत सामातजक आनदोलन करत ह और सासकततक कायय करत ह लतकन ऐसा करन की जगह मज़दर वगय को य सशोधनवादी पातटयया सधारवाद पबनदसाज़ी अथयवाद अराजकतावादी सघातधपतयवाद और टि यतनयन की गतलयो म घमाती रही

1950 क उतरादधय स भाकपा एव अपन जनम क काल स ही माकपा

और 1980 क दशक स भाकपा (माल) का इततहास जब ऐसा रहा तब उनस 1991 म नवउदारवाद क तवरदध जझार परततरोध की उममीद बकार थी और हआ भी ऐसा ही नवउदारवाद न मज़दरो का िन बहा कर तमल शरम काननो को ततलाजतल द दी और य ससदमागटी सशोधनवादी पातटयया महज़ सगतठत कत क मज़दरो और कमयचाररयो को लकर नपसक तकसम क तवरोध की रसमअदायगी करती रही और 93 परततशत असगतठत मज़दर वगय को तो सगतठत करन का इनहोन कभी ढग स परयास ही नही तकया आज सार परान शरम कानन लगभग समापतपराय ह और मज़दर जानलवा हदो तक असरका की तसथतत म काम करन को मजबर ह मज़दर वगय की जीवन व काययतसथतत भयकर ह खल और मनोरजन की या बात कर जब मामली बीमाररयो क इलाज की भी सतवधा नही ह नय लबर कोि वासतव म मज़दरो की पजीपततयो दारा तबना तकसी रोक-रकावट लट को काननी बनान क तलए ही लाय गय ह इसक अलावा करल अतीत म पतशचम बगाल और ततपरा म ससदीय वामपनथी पातटययो की सरकारो न सवय नवउदारवाद की नीततयो को परी तनषठा स लाग तकया ह वगय सहयोग की तदशा म बहद सजीदगी स कदम बढ़ात हए परथम यपीए सरकार म शातमल होकर भारत म उदारीकरण-तनजीकरण को सही तरीक स लाग करन का रासता साफ़ तकया और इस तदशा म नयी-नयी नीततयो क जनमदाता बन 2005 म ससद म बठकर इनहोन सज़ अतधतनयम पास करवाया सज़ यानी सपशल इकॉनोतमक ज़ोन तजसक तहत ऐस औदयोतगक कत बनाय गय जहा तकसी भी तरह का शरम कानन लाग नही होता

इस परकार इन सशोधनवादी पातटययो न मज़दर वगय क साथ ऐततहातसक गदारी की झठ तवशवासघात और फरब का इतना लमबा काल झल कर महनतकश आबादी क बड़ तहसस का इनस मोहभग हो चका ह और इनका आधार अब मलत और मखयत सगतठत कत क पक कमयचाररयो और एक हद तक क राजयो म ोट व मझोल वयवसातययो और मझोल व धनी तकसानो-कलको म ह मज़दर वगय क एक तहसस म इनह लकर क भम अभी भी ह लतकन उनह तनरनतर करातनतकारी परचार और सघषयो क ज़ररए इनह बनकाब करक ही तोड़ा जा सकता ह सचचाई यह ह तक वाहय आवरण म आम मज़दरो को कमयतनसट तदखन वाली य पातटयया अपनी अनतयवसत म बजयआ ही होती ह सशोधनवादी पातटययो दारा मज़दर वगय क आनदोलन को सधारवाद अथयवाद और सशोधनवाद क पककि म ल जान का सबस जयादा फ़ायदा फ़ासीवादी शततयो को तमला तजनहोन पजीवादी वयवसथा क सकट और करातनतकारी

कमयतनसट शततयो क अभाव म मज़दर आनदोलन क एक ोट तहसस म और वयापक टटपतजया आबादी म परतततकरया का आधार तयार तकया

राम जनमभतम आनदोलन बाबरी मतसजद धवस 1991 क सकट क बाद और 1995 तक उदारीकरण-तनजीकरण क तवनाशकारी पररणामो क बाद भारत म फ़ासीवादी आनदोलन पहल स कही अतधक आकरामक हो कर उभरा एक करोड़ 42 लाख सदसयो वाली एटक और 60 लाख स भी जयादा की सदसयता का दमभ भरन वाला सीट और बगाल करल और ततपरा म सरकार चलान वाली माकपा और भाकपा इस आकरामक फ़ासीवादी सलाब क समय तकनार बठ कर धातमयक सौहादरय का कीतयन करती रही और सामपरदातयकता स लड़न क नाम पर कभी कागस तो कभी मलायम तसह यादव का प ला बनी रही जब 2002 म जलत गजरात क तवरोध म सड़को पर उतरन की और फ़ासीवातदयो स तनपटन की मज़दरो क लड़ाक सगठन बनान की और िाकी चििीधाररयो का महतोड़ जवाब दन की ज़ररत थी तब भी इतनी बड़ी सदसय सखया लकर इन सशोधनवादी पातटययो को ससद क एसी सभागार फ़ासीवाद स लड़न क जयादा कारगर उपाय लग वासतव म य मज़दर वगय का कोई करातनतकारी आहान करन की कमता खो चक थ और अगर दहाड़न क तलए भी मह खोलत ह तो मह स मयाऊ ही तनकल जाता ह इनका यह इततहास दशायता ह तक फ़ासीवाद को एक lsquoअपरततरोधय उभारrsquo बनान म अगर तकसी एक शतत की सबस अतधक भतमका ह तो वह सशोधनवाद ही ह

पतशचम बगाल म लोकसभा चनावो और राजयसभा चनावो क दौरान भाकपा-माकपा का बड़ा जनाधार तखसक कर भाजपा की ओर चला गया इस जनता की करातनतकारी ऊजाय को अथयवाद और सशोधनवाद स बतधया कर दन और उनकी राजनीततक चतना को कनद करन क पररणाम क तौर पर दखा जा सकता ह दश क अनय तहससो म भी मज़दर तनमन-मधयवगय और आम महनतकश वगय क बीच करातनतकारी पाटटी और राजनीतत की नामौजदगी की वजह स बढ़त आतथयक असरका व सकट काल म फ़ासीवादी ताकतो को अपन पर पसारन का अवसर तमल जाता ह िवउदारवाद क दौर म फासमीवाद

का उभारपजीवाद तजस असमाधय सकट

स गज़र रहा ह उसस तनपटन क तलए दतनया क तमाम दशो म पजीपतत वगय सबस परतततकरयावादी दतकणपनथी मज़दर-तवरोधी और फ़ासीवादी सरकारो को चन रहा ह भारत क सनदभय म तहनदतववादी फ़ासीवादी मोदी सरकार सता म आयी यहा क पजीपतत वगय को ऐसी सरकार की

ज़ररत थी जो लोह क हाथो स उन नीततयो को लाग कर जो मनाफ़ की राह म सभी परशातनयो को हटा द और पजी क तलए खल चारागाह का तनमायण कर इसक तलए आदशय परतयाशी मोदी और पाटटी भाजपा ही थ इसतलए मोदी सरकार जब 1914 म सता म आयी तो सबस पहल शरम काननो म बदलाव तकया आज यह बदलता-बदलता समापत पराय हो गया ह और उनकी जगह बस चार लबर कोि रह गय ह य कोि मज़दरो को गलामो की तसथतत म ला दग सार सावयजतनक ससथान औन-पौन दामो म बच जा रह ह पजीपततयो की सारी महमागी मराद परी हो रही ह इसतलए तो मकश अमबानी तवशव म आठवा और एतशया म सबस अमीर वयतत बन गया ह

एक ओर जहा धन क मटी भर आबादी क हाथो सकतनदरत हो रहा ह वही भमिलीकरण और उदारीकरण क 30 वषयो न बड़ पमान पर ोट पजीपतत वगय को उजाड़ा ोट पमान क उतपादको दकानदारो वतनभोतगयो और साथ ही गामीण तनमन-पजीपतत वगय को भी उजाड़ा ह बड़ पमान पर लोग सड़को पर आ गय और जो सड़को पर नही आय उनक तसर पर भी लगातार टनी और तालाबनदी नौकरी स तनकाल तदय जान ठक पर कर तदय जान की तलवार लटकती रहती ह कहन का अथय ह तनमन-पजीपतत वगय क सामन भतवषय की असरका और अतनतशचतता बहद तज़ रफतार स बढ़ी ह भाजपा और आरएसएस न इसी असरका और अतनतशचतता का फ़ायदा उठाया इस अतनतशचतता और असरका स पदा हए गसस बौखलाहट तचड़तचड़ाहट और तनराशा को सघ पररवार न अपसखयको तवशषकर मसलमानो और शरणातथययो की ओर मोड़ तदया मसलमानो शरणातथययो ईसाइयो आतद को सभी सकट पर शातनयो और असरका की वजह बतात हए इनक तिलाफ़ सड़को पर उनमाद पदा तकया गया सघ पररवार का पदा तकया सामपरदातयक उनमाद ततकालीन आतथयक सकट की वजह स उभरा और फ़ासीवाद भारत म पहली बार 1980 क दशक म एक परतततकरयावादी

सामातजक आनदोलन बनकर उभरा लतकन तवचारधारातमक सगठनातमक और ससथाबदध कामो की तयारी सघ 1925 स ही कर रहा था शाखाओ सासकततक कनदरो तशश मतनदरो म सामपरदातयक सतरी-तवरोधी दतलत-तवरोधी ज़हर घोल-घोल कर तपलाया जाता रहा और आज इन ससथाओ स तनकल लोग नौकरशाही पतलस सना नयायपातलका तवशवतवदयालयो स लकर न कड़-चौराहो पर सघ क तवचारो क रकक और परचारक बन बठ ह बहरहाल आज कोई दशवयापी करातनतकारी कमयतनसट पाटटी मौजद नही ह जो तक वयापक महनतकश अवाम को करातनतकारी सवयहारा वगय क नततव म जगा सक गोलबनद कर सक सगतठत कर सक और समझा सक तक उनक दखो तकलीफ़ो और असरका की असल वजह पजीवाद ह न तक कोई धमय या समदाय आज ऐसी पाटटी का तनमायण करत हए मज़दर वगय क बीच वयापत सभी परकार क तवजातीय तवचारो स लड़ना होगा और उनकी राजनीततक चतना उननत करनी होगी मज़दर वगय को उसक ऐततहातसक तमशन की याद तदलानी होगी और उसक बीच वयापत रतढ़वादी अवजातनक अतातकय क तवचारो स सतत सघषय करना होगा कवल इसी क ज़ररए मज़दर वगय और आम महनतकश अवाम फ़ासीवातदयो को महतोड़ जवाब द सकती ह

अनतत 30 वषयो क नवउदारवाद क काल न दश म वगयो का धरवीकरण ितरनाक सीमा तक बढ़ा तदया ह करोड़ो-करोड़ बदहाल तनराश और बघर आबादी क शीषय पर मटी भर आबादी आपरातधक अययाशी का जीवन जी रही ह और आन वाल समय म बढ़ती महगाई टनी-तालाबनदी बरोज़गारी को दखत हए यह धरवीकरण और गहरान जा रहा ह आतथयक सकट स पदा असनतोष को दबान क तलए फ़ासीवाद क हमल भी और आकरामक होग तजसक सकत तमल रह ह करातनतकारी शततयो को सवयहारा वगय क बीच राजनीततक परचार-परसार क काम को यदध सतर पर सगतठत करना होगा और मज़दर महनतकश वगय को इन राजनीततक गतततवतधयो म बढ़-चढ़ कर तहससा लना होगा

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह(पज 14 स आग)

अपनी रोज़ी-रोटी को बचाया जा सक और लट शोषण व दमन क तिलाफ़ समच मज़दर वगय और आम महनतकश आबादी का सशत परततरोध खड़ा तकया जा सक पजीवाद क मनाफ़ की दर तगरन का सकट पहल स कही जयादा तज़ होता जा रहा ह और मज़दरो क लट शोषण व दमन तज़ होता जा रहा ह यही समय ह तक हम मज़दर जद स जद एकजट हो जाय सगतठत हो जाय और सोच-समझकर अपन सघषय को आग बढ़ाय मातलक ठकदार जॉबर आतद हमस

जयादा नही ह लतकन व हमस जयादा सगतठत ह और उनक पी सरकारो की ताकत ह दसरी ओर हम असगतठत और तबखर हए ह यदि हम सगदठत और एकजट हो तो सरकारो की ताकत साथ होन क बावजि व हमस मकाबला नही कर सकत व अभी ऊच इसदलए दिख रह ह योदक हम घटनो पर बठ हए ह

मािसर की शमीनिसस कमिमी क मज़दरो(पज 10 स आग)

ाक पजीयन SSPLWNP-3192020-2022पररण ाकघर आरएमएस चारबाग़ लखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 5 परतयक माह16 Mazdoor Bigul l Monthly l September 2021 l RNI No UPHIN201036551

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो लखनऊ स मददत समपािक अदभनव l समपािकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006

टोको ओलममपक म भाित का परदशवन एक समीकाndash साथिषक

अगसत महीन म टोयो ओलतमपक खलो का समापन हआ और भारत को इस बार एक सवणय दो रजत और चार कासय पदक तमल ह इस परकार कल पदको की सखया सात रही ह हर ोटी स ोटी उपलतबध की तरह मोदी जी इस बार भी मौक पर चौका मारन क तलए पहल स ही तयार बठ थ गोदी मीतिया आईटी सल और अनय सभी परचार ततो का इसतमाल कर मोदी जी दशवातसयो क सामन ऐसा सवाग रच रह ह तक दखन वाल को लगता ह जस मोदी जी िद ही सातो पदक जीत कर आय ह िर इन लफफ़ातज़यो और ढोग को एक तकनार कर ओलतमपक खलो म भारत क परदशयन की एक वसतपरक समीका करन की ज़ररत ह

टोयो ओलतमपक म भारत का परदशयन अब तक का सबस अचा परदशयन रहा ह यतद तपल परदशयनो स तलना की जाय तो भारत का परदशयन पहल इतना फीका रहा ह तक अभी हातसल सात पदक तकसी कीततयमान स कम परतीत नही होत ह 1900 म हए पररस ओलतमपक म भारत न पहली बार ओलतमपक खलो म तहससदारी की शरआत की थी 1900 स लकर 2020 क बीच पचचीस ओलतमपक खलो म भाग लकर भारत न कल 35 पदक अतजयत तकय ह इनम स 12 पदक भारत न तसफ़य परष हॉकी परततयोतगता म जीत ह जब हम इन आकड़ो की तलना दसर दशो स करत ह तो हम समझ आता ह तक भारत जस तवशाल दश क तलए इतन कम पदक हातसल करना चौकान वाला ह टोयो ओलतमपक म अमररका न 113 और चीन न 88 पदक जीत ह तजसम अमररका क 39 और चीन क 38 सवणय पदक ह दसर शबदो म कह तो भारत पचचीस बार इन खलो म भाग लकर तजतना पदक हातसल नही कर सका उसका चौगना क दश एक ही बार म हातसल कर लत ह 130 करोड़ आबादी वाल भारत म ओलतमपक खलो क मामल म यह िसता हाल दतनया भर क खल तवशषजो पतितो और आम खल परशसको क तलए एक आशचयय का तवषय ह इस गतथी को सलझान क तलए कई तवशषज अपन-अपन तरीक स तकय दत ह भारत की तवफलता क कारणो की वयाखया करत ह लतकन इनक तवशलषण और इनक तदय सझाव इस मनाफ़ािोर वयवसथा को सीध कठघर म खड़ा नही करत ह बतक इसी वयवसथा की चौहतदयो म ही इस समसया का हल ढढ़त रहत ह

ओलतमपक या कोई भी अनतरराषटीय परततयोतगता म भारत का लगातार तपड़ा परदशयन एक ढाचागत समसया ह तजसका समाधान इस मनाफ़ पर तटकी वयवसथा क आमलचल पररवतयन स ही हो सकता ह यहा का पजीपतत वगय मज़दर-महनतकश आबादी क एक-एक कतर को तनचोड़ कर ऐशोआराम की तज़नदगी जीता ह 12-14 घट कारिानो म कमरतोड़ महनत करन क बाद जब हम अपन घरो को लौटत ह तो हमार पास मनोरजन या सजनातमक काययो क तलए ताकत और

समय दोनो ही नही बचत ह हम थक-हार कर सो जात ह और अगल तदन उठ कर तफर उसी कमरतोड़ महनत म लग जात ह तशकागो क अमर शहीद मज़दरो न तजस ldquoआठ घट का काम-आठ घट का आराम-आठ घट का मनोरजनrdquo का नारा बलनद तकया और तजसक तलए अपन पराणो की आहतत द दी आज वही नारा मज़दरो क तलए अतीत का एक अवशष मात बन कर रह गया ह आप ही सोतचए तक ऐसी हालत म दश की बहसखयक आबादी जो जस-तस महनत करक अपना गज़ारा करती ह या वह कभी ओलतमपक खलो म तहससा ल सकती ह भारत म एक बड़ी आबादी ऐसी ह जो तकशोरावसथा यानी महज़ 14-15 साल की उम स ही भारी शारीररक शरम म लग जाती ह तकशोरावसथा ही उम का वह पड़ाव होता ह जब बचचो म खलकद की परततभा सबस सपषट रप म परकट होती ह लतकन उन बचचो का या जो सकल ही नही जात यतद सकल तकसी तरह चल भी जाय और उनकी परततभा की पहचान हो भी जाय तो उनक परतशकण और तालीम पर होन वाल िचय की आशा भी करना उनक तलए आकाश कसम की अतभलाषा क समान होगा आप ही सोतचए तक हमार बचच खलकद क बार म सोच भी कस सकत ह जब उनह कारिानो दकानो रहड़ी-खोमचो म दो वक़त की रोटी क तलए जदोजहद करनी पड़ती ह अपना और अपन पररवार का पट भरन क तलए ता-उम य नौजवान अपनी हितिया गलात रहत ह इस तरह दश की एक बड़ी आबादी खल क दायर स ही बाहर हो जाती ह

मज़दरी की तसथतत को दखत हए घर म जो पसा आता ह उसस दाल-रोटी भी चलानी मतशकल होती ह एक तखलाड़ी पदा करन क तलए सनततलत आहार की बात सोचना तो असमभव ही ह एक उननत खल ससकतत को गढ़न और ओलतमपक खलो म एक शततशाली ताकत बनन क तलए एक सवसथ और सहतमनद यवा पीढ़ी को गढ़ना अतनवायय ह तजस दश म हर तदन भख कपोषण और सकरामक रोगो स सरकारी आकड़ो क अनसार 2257 बचचो की मौत होती हो (हालातक असल आकड़ा कम-स-कम इसका दना ह) उस दश म हम यह कस उममीद कर सकत ह तक वह खलकद म तवशवतवजता बनगा सय त राषट बाल कोष (यतनसफ़) की ररपोटय क अनसार दश क तकरीबन आध बचच अपनी उम क अनसार सामानय स कम वज़न क ह 45 परततशत बचच सामानय स कम कद क ह 20 परततशत बचच अपन कद क अनसार सामानय स जयादा दबल-पतल ह 75 परततशत रतहीनता स पीतड़त ह 57 परततशत बचचो म lsquoतवटातमन एrsquo की गमभीर कमी ह पहल सकल और आगनवाड़ी म जो क भी थोड़ा-बहत मधयाहन भोजन तमलता था लॉकिाउन क दौरान वह भी अतधकाश जगहो पर बनद हो गया था और इस अतनयोतजत लॉकिाउन स करोड़ो मज़दरो-

महनतकशो की नौकररया भी चली गयी ऐसी हालत म बचचो का भरण-पोषण कतठन हो गया ह तनतशचत ही ऊपर तदय गय आकड़ आज गमभीर रप धारण कर चक होग और तमाम सरकारी और गर-सरकारी रपट इस बात की पतषट भी कर चकी ह

इसक अलावा बचचो म बचपन स ही शारीररक वयायाम और खलकद क बार म एक सवसथ दतषटकोण पदा करन म सकलो की एक अहम भतमका होती ह सकल म ही भतवषय क ओलतमपक तखलाड़ी अपन पशवर खल जीवन की नीव रखत ह लतकन हमार दश की सकली तशका वयवसथा क जजयर हालात पर तजतनी कम बात की जाय उतना अचा ह भारत म माधयतमक सकलो म सकल नामाकन अनपात 79 परततशत ह इसका मतलब माधयतमक सकल म पढ़न योगय बचचो म स तसफ़य 79 परततशत ही असल म सकल म नाम तलखात ह इनम स भी 17 परततशत दसवी की परीका पास करन स पहल ही पढ़ाई ोड़ दत ह ज़ातहर-सी बात ह य बचच जो सकलो स बाहर रहत ह ोट-मोट उदयोग धनधो या मज़दरी म लग जात ह एक ररपोटय क अनसार भारत म 33 परततशत सकलो म शारीररक तशका की कोई अलग स लास नही दी जाती ह 80 परततशत सकलो क पास ऐस तशकक नही ह जो शारीररक तशकण-परतशकण दत ह 33 परततशत सकलो क पास अपना खल का मदान या खल क उपकरण नही ह ऐसी तसथतत म अगर हमार बचच सकल पहच भी जात ह तो हम यह गलतफ़हमी नही होनी चातहए तक सकल म उनक अनदर कसरत और खलकद क परतत रतच पदा करन तलए कोई सचत परयास तकया जायगा

दश म एक सतकरय खल ससकतत का तनमायण तणमल सतर पर खलो का परचार परसार खल अवसरचना का तनमायण यवा अवसथा म परततभाशाली तखलातड़यो की तलाश कर उनको उननत परतशकण और मागयदशयन दना आतद बतनयादी चीज़ो म दश की तकसी सरकार न कभी कोई िास तदलचसपी नही तदखायी ह 2018 म कनदरीय खल मती न इस बात की पतषट की तक भारत सरकार खलो पर परतततदन परतत-वयतत तसफ़य तीन पस िचय करती ह जबतक चीन परतततदन परतत-वयतत 61 रपय िचय करता ह जो भारत क मकाबल 200 गना जयादा ह तपल दस सालो म भारत सरकार अपन कल सरकारी वयय का महज़ 006 स 008 परततशत ही खलो पर िचय करती आ रही ह 2021 ओलतमपक वषय होन क बावजद इस साल क बजट म खल मतालय को 230 करोड़ रपय कम तदय ह आय तदन अनतरराषटीय और राषटीय सतर क तखलाड़ी कोच और सहयोगी सटाफ़ तनमन दजज की सवाओ क तिलाफ़ तशकायत करत रहत ह मगर खल मतालय और दसरी समबतनधत ससथाओ क कान पर ज नही रगती ह मज़दार बात यह ह तक खल मतालय का सालाना बजट तजतना होता ह भारतीय तकरकट बोिय लगभग उसक समान ही

सालाना मनाफ़ा कमा लता ह तकरकट बड़ी इजारदार पजी क तलए ताबड़तोड़ मनाफ़ा पीटन का एक सोत बन गया ह इसतलए सरकार स भी भारतीय तकरकट बोिय को परा समथयन तमलता ह वही बात की जाय यतद अनय नय-परान खलो क बार म तो य भी सार भारत म एक धीमी ददयनाक मौत मर रह ह इस पजीवादी वयवसथा म बस उसी खल को बढ़ावा तदया जायगा तजसम भारी मनाफ़ा कमान की समभावनाए मौजद होगी आज सरकार क तखलातड़यो क जीत कर लौटन पर उनका सवागत कर रही ह उनका सममान कर रही ह लतकन कोई यह सवाल यो नही प ता तक कहा थी राजय सरकार और कनदर सरकार जब इन तखलातड़यो को फ़ि सतवधाओ और खल उपकरणो की आवशयकता थी यहा भी भदभाव साफ़ तदख रहा ह तजन तखलातड़यो न पदक जीता ह उनह बड़ी-बड़ी धनरातश दन की घोषणाए की जा रही ह लतकन अगल ओलतमपक क तलए तयारी तो सभी तखलातड़यो को एक समान ही करनी ह सरकारो क तलए यह सब तचनता का तवषय नही ह योतक उनक तलए खलकद कोई महतव नही रखता और इनह पता ह तक महनत करक कल कोई और पदक ल ही आयगा तब अपनी पीठ य सवय थपथपा लग जस आज मोदी कर रहा ह

एक अचा सवसथ मानवीय जीवन और बचचो का सवािगीण तवकास तखलाड़ी बनन की पवयशतय ह इस चरमरायी हई पजीवादी वयवसथा क पास वह कमता नही ह तक वह दश की महनतकश आबादी को एक सवसथ िशहाल तज़नदगी द सक और उनक बचचो का सवािगीण तवकास कर सक तसफ़य और तसफ़य एक समाजवादी वयवसथा ही हम मज़दर-महनतकशो को एक इजज़त की तज़नदगी द सकती ह तजसम हमार शरम को लटन वाला कोई परजीवी वगय नही होगा हमार अपन और समाज की बतनयादी ज़ररतो को परा करन क बाद जो lsquoफी टाइमrsquo बचगा उसम हम अपन

शौक और मनोरजन का कोई भी काम कर सकत ह और यतद मनाफ़ा कमाना नही बतक समाज की आवशयकताओ को परा करना उतपादन का लकय हो और सभी सवसथ वयसक वयततयो क तलए उतपादक शरम म भागीदारी करना अतनवायय हो तो हर तकसी क पास बहत-सा िाली वक़त बचगा तजस वह कला सातहतय ससकतत खल तवजान दशयन और घमकड़ी म लगा सकता ह साथ ही सवय उतपादक की परतकरया तकसी लटर वगय क तलए मजबरी म की जान वाली परतकरया नही होगी बतक यह सवय आननद का तवषय होगी यतद शरम मजबरी म या ज़ोर-ज़बदयसती क कारण न हो तो यह तो आननद का तवषय होता ह योतक यह मनषय को पश स मनषय बनान वाली परतकरया ह और हमारी परकतत का अग ह इसतलए मज़दर राज और समाजवाद म तो धीर-धीर िाली टाइम की अवधारणा ही ितम हो जायगी योतक तकसी और क मनाफ़ की िाततर मजबरी म खटन वाल lsquoकाम क टाइमrsquo और lsquoफी-टाइमrsquo का अनतर ही ितम हो जायगा सकल कारिानो खतो और दफतरो म हर जगह कसरत क तलए लोगो को परोतसातहत तकया जायगा हम और हमार बचच जो भी खल खलना चाह उसक तलए हमारी मज़दर सता हम हर समभव सतवधा महया करवायगी खल आतथयक सामथयय स की जान वाली कोई तकरया नही बतक सामतहक जीवन का एक ज़ररी अग बन जायगा तजसका आननद सभी उठा सक ग सोतवयत सघ और चीन म मज़दरो की सता कायम होन क बाद यही हआ 1952 स 1988 क बीच सोतवयत सघ न ओलतमपक खलो म जो अदभत कामयाबी हातसल की उसक पी उसक करतनतकारी दौर ndash यानी 1917 स 1953 ndash की खल नीततयो का ही हाथ था एक समाजवादी वयवसथा म मानव जीवन क हर पहल की तरह खल भी एक उननत सतर पर पहच पायगा और एक सवसथ खल ससकतत अतसततव म आ सकती ह

करादत स हमारा अदभपराय ह ndash अयाय पर आधाररत मौजिा समाज-वयवथा म आमल पररवतवन समाज का परमख अग होत हए भी आज मजिरो को उनक पराथदमक अदधकार स वदचत रखा जा रहा ह और उनकी गाढी कमाई

का सारा धन शोरक पजीपदत हडप जात ह िसरो क अनिाता दकसान आज अपन पररवार सदहत िान-िान क दलए महताज ह िदनया भर क बाजारो को कपडा महया करन वाला बनकर अपन और अपन बचचो क तन ढकन-भर को भी कपडा नही पा रहा ह स िर महलो का दनमावण करन वाल राजगीर लोहार और बढई वय गि बाडो म रहकर ही अपनी जीवन-लीला समापत कर जात ह इसक दवपरीत समाज क जोक शोरक पजीपदत जरा-जरा-सी बातो क दलए लाखो का वारा-यारा कर ित ह

यह भयानक असमानता और जबिवती लािा गया भिभाव िदनया को एक बहत बडी उथल-पथल की ओर दलय जा रहा ह यह दथदत अदधक दिनो तक कायम नही रह सकती पषट ह दक आज का धदनक समाज एक भयानक जवालामखी क मख पर बठकर रगरदलया मना रहा ह और शोरको क मासम बचच तथा करोडो शोदरत लोग एक भयानक ख की कगार पर चल रह ह

(बम काण पर सशन कोटव म बयान)

भगतससह क जनमददवस (28 ससतमबर) पर

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 5

ददलमी क lsquoमासटरोrsquo क पाि म गरमीब महितकश आबादमी कहा हndash भारत

तदली को दतनया का सबस समाटय शहर बनान क तलए िीिीए दारा बीत महीन मासटर पलान 2041 पश तकया गया तदली को आधतनक और तवकतसत शहर बनान क तलए यह चौथा मासटर पलान ह इसस पहल 1962 2001 और 2021 तक तदली म अलग-अलग मासटर पलान लाग हो चक ह िीिीए का मासटर पलान पयायवरण को बहतर बनान पररवहन को सतवधाजनक बनान तथा आधारभत सरचना को मज़बत बनान की बात पर ज़ोर दता ह

पर सबस अहम सवाल यह उठता ह तक आतिर िीिीए क 2041 मासटर पलान म तदली की महनतकश आबादी क तलए या ह इसका जवाब ह ndash क नही

मासटर पलान का मतलब ह चमचमाती हई तदली जहा बड़ी-बड़ी इमारत हो मॉल हो सड़क हो मटो हो जो हर तकसी को अपनी ओर आकतषयत कर सक पर मासटर पलान म तदली म रहन वाली महनतकश आबादी जो तदली को चलाती ह कारिानो स लकर कोतठयो तक म काम करती ह जो झतगगयो म रहती ह जो रहड़ी-खोमचा लगाती ह लबर चौक पर खटकर अपना पट पालती ह जो बघर ह उनका कोई तज़कर तक नही ह उनह तलट म ही रख ोड़ा ह और उनक तलए चमचमाती दतनया की इस समाटयतसटी म कोई जगह नही ह तसवाय इसक तक व अपनी ही लाशो क ढरो क ऊपर अमीरज़ादो की इस चमचमाती दतनया को खड़ा कर और खड़ा करन क बाद इस सवगय स तवदा होकर शहर की पररतधयो पर बसी अपनी गनदी झगगी-बतसतयो म वापस लौट जाय

तपल मासटर पलान की अगर बात

कर तो उसका मकसद भी यही था तक महनतकश आबादी को तदली स कस बाहर फ क तदया जाय उनह सपषट कर तदया जाय तक तवकतसत होती तदली म उनक तलए कोई जगह नही ह मासटर पलान 2001 क दौरान तदली क कई इलाको स झतगगयो को तोड़ा गया और तदली क अलग-अलग तकनारो पर फ क तदया गया योतक य झतगगया ऐस इलाको क आसपास बसी थी जहा अमीर रहत ह दसरी तरफ़ तदली क कनदर स औदयोतगक कनदरो को भी हटाकर तदली क ोर पर औदयोतगक कत सथानानतररत तकया जा रहा था जहा मज़दरो की भी ज़ररत थी इस कारण स भी तदली क अलग-अलग इलाको स हज़ारो झतगगयो को तोड़कर उनह नरला पीरागढ़ी बवाना क आस-पास बसाया गया जो तक औदयोतगक इलाक ह गौरतलब ह तक तजतनी झतगगया तोड़ी गयी उसम स बहत ही कम को पनवायस तदया गया एमसीिी क 2007 क एक सवज क अनसार 1990 क बाद स 2007 तक 217 झगगी बतसतयो को तोड़ा गया तजसस करीब 65000 पररवार परभातवत हए (याद रख यह सरकारी आकड़ा ह असल सखया इसस कही जयादा ह) इसस ही पता चलता ह तक 2001 और 2021 क मासटर पलान म गरीबो क तलए या था आज तवकतसत तदली का दम भरा जा रहा ह और महनतकशो को और अतधक अधर म फ का जा रहा ह आपको याद ही होगा तक जब 2010 म तदली म राषटमिल खल हए थ तब भी तदली को आलीशान बनान क नाम पर लोगो को बघर तकया गया था उस समय करीब ढाई लाख लोग तसफ़य इसतलए बघर हए थ तातक बाहर दश स आय लोगो को तदली lsquoसबस अचा फ़सटय लासrsquo शहर लग सक

तदली क एलजी अतनल बजल

न लोगो स िीिीए मासटरपलान 2041 क परसताव को बहतर बनान क तलए सझाव माग करीब 40000 सझाव आय भी पर महनतकश आबादी क तलए या उनस कोई बात नही की गयी तदली क असगतठत कत म करीब 50 लाख स भी जयादा लोग काम करत ह जो तक तदली की काययकमता का 70 परततशत ह इनम स तसफ़य ोट व मझोल कारिानो म काम करन वाल मज़दरो की सखया लाखो म ह हालातक पजीकत कारिानो और मज़दरो की सखया सरकार बहद कम करक 1 लाख बताती ह इसम 2 लाख कड़ा बीनन वाल स लकर 5 लाख घरल कामगार तक ह इतनी बड़ी आबादी क तलए मासटर पलान म क नही ह कहन क तलए िीिीए आधारभत सरचना को मज़बत करन की बात कर रही ह वही दसरी तरफ़ 2011 क आकड़ो क मतातबक तदली की ज़मीन क 05 परततशत तहसस पर 20 लाख लोग यानी तदली की 108 परततशत आबादी रहती ह जो तक झगगीवासी ह य दस साल पहल का आकड़ा ह सोतचए अब उतन ही तहसस म करीब 30 लाख आबादी तो रहती ही होगी इनको बहतर ररहायश दना तदली क मासटर पलान का तहससा नही ह उनक तलए बड़ी समसया पातकि ग की ह तजसका तज़कर िीिीए न अपनी 400 पननो की ररपोटय म तकया ह पर एक गाड़ी की पातकि ग तजतनी जगह पर लोग पररवार सतहत रहत ह इसक बार म कोई ठोस योजना नही ह

अब बात करत ह तक या िीिीए स उममीद की जा सकती ह तक वह अपनी योजना म तदली की महनतकश आबादी को शातमल करगी पहल ही सपषट कर द नही

िीिीए को कनदर सरकार सचातलत करती ह और आज जो फ़ातससट सता

म बठ ह वह एक-एक करक लोगो का िन तनचोड़कर अपन मातलको की सवा म करन यकीन रखत ह कहन क तलए तो मोदी सरकार न बड़-बड़ वायद तकय तक lsquoजहा झगगी वहा मकानrsquo और ना जान तकतन वायद जो अगर तलखन बठ जाय तो कई तदन कम पड़ जायग इसतलए चाह दश हो तदली हो या िीिीए य तवकास क नाम पर तसफ़य तवनाश करन म मातहर ह इसी की एक बानगी अभी खोरी गाव म दखन को तमली जहा पयायवरण को बचान क नाम पर क ही तदनो क भीतर 10-20 हज़ार झतगगयो को तोड़ तदया गया पर उसी जगह पर बस बड़-बड़ आलीशान होटलो को ोड़ तदया गया

दसरी तरफ़ कजरीवाल भी राग अलाप रहा ह तक िीिीए हमार हाथ म नही ह होती तो हम गरीबो को भी साथ लत पर इस lsquoसाफ़-सथरrsquo वयापाररयो-मातलको क परोकार की सचचाई क और ही ह इसन भी तदली की सता म आन क बाद स तसफ़य मातलको और उनक दलालो को ही lsquoआम आदमीrsquo मानकर उनका ही तवकास तकया ह मज़दर-महनतकश आबादी आज भी तदली क अनदर बतनयादी सतवधाओ स वतचत ह घरल कामगारो स लकर असगतठत कत क मज़दर अभी तक शरम कानन क दायर म नही आय ह और जो मज़दर कारिानो म खटत ह वहा कोई शरम कानन लाग नही होता जबतक यह नौटकीबाज़ कजरीवाल क हाथ म ह यहा तक तक आम आदमी पाटटी क नताओ म ही ोटी और मझोली फ़तटयो क मातलक और वयापारी भर हए ह ज़ातहर ह ऐस म आम आदमी पाटटी क तलए lsquoआम आदमीrsquo भी ोटा मातलक ठकदार और वयापारी ही हो सकता ह लाखो-लाख आम महनतकश-मज़दर आबादी नही

ऐस म हम समझना होगा तक सरकारो और उनकी ससथाओ क तलए हमशा तवकतसत शहर का मतलब तसफ़य अमीरो और उनकी आवशयकताओ की पततय करन स ह न तक महनत करन वाल लोगो क जीवन म बहतरी स इसीतलए िीिीए न भी अपना मासटर पलान महनतकशो की पीठ पर पर रखकर उनह नीच दबाकर खड़ा तकया ह तातक 2041 म तदली म कोई गरीब न तदख पर सचचाई यह ह तक तदली दश और दतनया को जो महनतकश चलात ह उनह हमशा दबाकर नही रख सकत आज तदली क महनतकश-मज़दरो को अच स समझ लना चातहए तक उनक दशमन कौन ह तनतशचत तौर पर मोदी सरकार एक फ़ासीवादी सरकार होन क नात मज़दरो और गरीबो की सबस बड़ी दशमन ह लतकन कजरीवाल भी ोटा मोदी बनन क परयास म आरएसएस का कचा पहन चका ह और मज़दरो को सबस जयादा बरहमी स लटन वाल ोट मातलको ठकदारो-जॉबरो और वयापाररयो का नमाइनदा ह कागस सवय बड़ पजीपततयो की ही नमाइनदगी करती ह लतकन मोदी सरकार दारा नगई और बशमटी स पजीपततयो की सवा करन क कारण वह तफ़लहाल भारतीय राजनीतत म पहल क मकाबल क अपरासतगक तदख रही ह य सभी पजीवादी चनावी पातटयया पजीपतत वगय क ही अलग-अलग तहससो की नमाइनदगी करती ह और उनस हम मज़दर-महनतकश कोई भी उममीद रखकर िद को ही मखय बनायग हम ज़ररत ह तक हम अपना सवतत राजनीततक तवकप खड़ा कर यानी मज़दरो-महनतकशो की अपनी नयी इनकलाबी पाटटी मासटरो क पलान तब धर क धर रह जायग और अपनी दतनया और अपन शहर की पलातनग हम िद कर लग

मिरगा मज़दरो क बजट को खातमी अफसरशाहमीndash रमि कराबतिकारमी मिरगा मज़दर यनियि हररयारा

महातमा गाधी राषटीय रोज़गार गारटी कानन यानी मनरगा की शरआत 2005 म हई थी इस योजना को शर करन का कागस का मकसद था तक गाव स शहर की ओर पलायन करती आबादी को तकस तरह स गाव म ही रोक रखा जाय और सामातजक असनतोष को फटन स रोका जा सक इसक तलए उनहोन 100 तदनो क पक रोज़गार क नाम पर मनरगा सकीम चाल की थी आज जब बरोज़गारी अपन चरम पर ह तो एक बहत बड़ी आबादी बरोज़गार होकर मनरगा म रोज़गार पान क तलए मशक़कत करती रहती ह तक उनह मनरगा म तो काम दर-सवर थोड़ा बहत तमल जाता ह

अगर हम बात कर हररयाणा क कथल तज़ल की कलायत तहसील की तो यहा पर भी मनरगा का जो काम ह वह सभी मज़दरो को नही तमलता असल म सरकारी दावो की बात कर तो मनरगा कानन 2005 कहता ह तक इसका मकसद ह गामीण कतो म तपी बरोज़गारी को कम करना यानी इस कानन क तहत 1

वषय म एक पररवार क वयसक सदसयो को 100 तदन क रोज़गार की गारटी दी जायगी रोज़गार क पजीकरण क 15 तदन क भीतर काम दन और काम ना दन की सरत म बरोज़गारी भता दन की बात कही गयी ह मनरगा क तहत नयनतम मज़दरी भी अलग-अलग राजयो क तहसाब स तय की गयी हरर याणा म अभी तफलहाल 315 रपय तदहाड़ी तय की गयी ह लतकन इसक तहत काम तमलता ही काफ़ी कम तदन ह वही हम बजट की बात कर तो तवत वषय 2021-22 क बजट म तनमयला सीतारमण न मनरगा क तलए 73000 करोड़ रपय का परावधान तकया ह यतद इसकी तलना बीत तवत वषय क सशोतधत बजट क आबटन 111500 करोड़ रपय स की जाय तो यह करीब 3452 फ़ीसदी कम ह बजट कम होन का सीधा मतलब शरम तदवस क कम होन और रोज़गार क अवसरो म कमी स भी ह साथ ही इस बजट का एक बड़ा तहससा भी अफ़सरशाही की जब म चला जाता ह

हमन करातनतकारी मनरगा मज़दर यतनयन क बनर तल 10 साल स गाव म

बनद पड़ काम की तफर स शरआत की थी काम तो साल म 25 स 30 तदन ही तमला मगर इस दौरान हमन मनरगा म हो रह भषटाचार को भी काफ़ी नज़दीक स दखा मनरगा ऑतफ़स क अतधकाररयो की क गाव तवशष क मटो क साथ साठ-गाठ हो जाती ह और तफर मनरगा का जयादातर काम उन गावो को तमलना शर हो जाता ह तजनक मटो क साथ उनका गठजोड़ बनता ह मनरगा म जो आबादी काम करती ह उसक नाम क साथ-साथ ऐस नाम भी वकय रो की तलसट म शातमल तकय जात ह जो मनरगा म काम करन नही आत उनका तसफ़य कागज़ो म नाम चलता ह और जो पसा आता ह उसका बड़ा तहससा अतधकाररयो तथा थोड़ा-बहत तहससा उन फ़ज़टी मज़दरो की जब म चला जाता ह और यह तसलतसला जारी रहता ह एक ओर मज़दर काम क तलए मनरगा तवभाग क चकर लगात रहत ह और दसरी ओर मनरगा का जो बजट मज़दरो क तलए तय हआ ह वह अतधकाररयो की जबो म जाता रहता ह इस भषटाचार क ऊपर रोक लगाना वस तो तकसी एक आदमी क बस की बात नही मगर इसको

रोकन क तलए करातनतकारी मनरगा मज़दर यतनयन क साथी लगातार गाव-गाव म मनरगा मज़दरो की कमतटयो का गठन कर रह ह और इन कमतटयो म जो मज़दर शातमल ह उनको मनरगा तवभाग स जड़ हए कागज़ी काम भी तसखाय जात ह जस तिमाि भरना मसटररोल भरना यह पता करना तक तकतन लोगो का काम आया ह तकतन लोग काम पर जात ह तकसी की फ़ज़टी हातज़री तो नही भरी जा रही आतद इन सभी कामो क तलए परतशतकत करन का काम भी तकया जाता ह और जो भी कागज़ी काम होता ह उसको वहाटसएप क माधयम स हर मज़दर क समपकय म लकर आन का काम भी तकया जाता ह ऐसा करन स मज़दरो म आतमतवशवास बढ़ता ह और साथ ही साथ हर मज़दर काम क परतत तनगरानी और तज़ममदारी को भी समझना शर कर दता ह

यतनयन क अनदर जनवाद की बहाली क तलए सभी फ़सल सामतहकता म तलय जात ह और मट का चनाव भी मज़दरो क बीच म स ही िद मजदर करत ह साथ ही मनरगा मज़दरो की यतनयन पाठशाला भी हर हफत चलायी जाती ह

तजसम मज़दरो को तसफ़य आतथयक मागो पर न गोलबनद करत हए बतक उनह समाज पररवतयन की समच मज़दर वगय की लमबी लड़ाई क तलए भी राजनीततक तौर पर तशतकत-परतशतकत तकया जाता ह मज़दर वगय क नता लतनन न टि यतनयन को मज़दरो की पहली पाठशाला कहा ह उनका मतलब यही था तक अगर कोई यतनयन मज़दरो की असल लड़ाई को लड़ रही ह तो वह मज़दरो की आतथयक मागो को लकर लड़न क साथ-साथ उनक राजनीततक सतरोननयन का काम भी करगी मज़दरो की असल यतनयन वही होती ह जो मज़दरो म उनकी आतथयक मागो स राजनीततक मागो की तरफ़ बढ़न की समझ और साहस पदा करती ह हम सभी जानत ह तक हमार दश म जातत व धमय की तकतनी गहरी जड़ ह मज़दरो की असल लड़ाई लड़न वाली यतनयन इन जातत-धमय की दीवारो पर चोट करन क साथ-साथ मज़दरो म वगय एकजटता पदा करन का काम करगी तातक हर जातत-धमय स आन वाल मज़दरो म सवयहारा चतना पदा की जा सक

6 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

निमाषर मज़दर की करणट लगि स मौत मआवज़ की माग करि वालो को पललस ि भजा जलथा तो वह तबजली का करट लगन क कारण तगर गया दसर मज़दरो न तबजली क तार को हटाया व तरण को दखा तथा इसकी िबर सफटी ऑतफ़सर को दी मज़दर को पास क असपताल आरोगय हॉतसपटल ल जाया गया जहा पर िॉटरो न मज़दर तरण को मत घोतषत कर तदया

मालदा क मज़दरो क मशी अनप मिल जो िद मालदा पतशचम बगाल का रहन वाला ह न बताया तक िॉटरो न उस बताया तक तरण की मौत हो चकी ह तो उसन इस घटना क बार म उसक पररवार को सतचत तकया उसक बाद पतलस मतक मज़दर का शव पोसटमाटयम क तलय ल गयी

अनप मिल न बताया तक अगल तदन 10 अगसत को एटीएस मनजम ट न मतक तरण क पररवार को 450 लाख का चक 50 हज़ार कश व मतक क शव को उसक घर पतशचम बगाल ल जान क तलए एमबलस की वयवसथा की और पोसटमाटयम क बाद व लोग अपन घर मालदा पतशचम बगाल लौट गय

मतक मज़दर तरण क साथ काम करन वाल मालदा क एक मज़दर चनदन न बताया तक अगल तदन 10 अगसत को मज़दरो न कमपनी मनजम ट स प ा तक मतक मज़दर का शव कब तक आयगा तो बताया गया तक 11 बज पोसटमाटयम होगा उसक बाद पता चलगा मज़दरो न माग की तक मतक मज़दर क मत शरीर को यहा पर लाया जाय तथा उसक पररवार को 15 लाख की आतथयक मदद दी जाय मज़दर शाम तक बठ रह पतलस की जीप आन पर 5 बज क बाद कमपनी की तरफ़ स बताया गया तक मतक क पररवार की सभी मागो को परा कर मतक की बॉिी को उसक पररवार क साथ पतशचम बगाल भज तदया गया ह मज़दर समझ गय तक उनह झासा तदया जा रहा ह तातक वहा स वापस भजा जा सक इसस मज़दर आकरोतशत हो गय और एटीएस क ऑतफ़स म घस गय व उनहोन पतलस को भी खदड़ तदया इसक बाद रात म 12 बज पतलस बड़ी सखया म आयी और मज़दरो की झतगगयो म ज़बरन घस कर

मज़दरो को बहत मारा-पीटा व बहत स मज़दरो को उठा कर ल गयी तजनम स 25-30 को जल भज तदया जल जान वालो म बहत स ऐस मज़दर ह जो घटना क समय वहा पर उपतसथत भी नही थ

इस घटना क बाद स बहत स मज़दर वापस अपन घर लौट गय ह जो मज़दर अभी वहा पर ह उनको भी काम पर नही तलया जा रहा ह इसक बार म प न पर एटीएस मनजम ट न बताया तक मज़दरो का वररतफ़कशन तकया जा रहा ह इसतलए अभी काम रोक तदया गया ह तजन मज़दरो का वररतफ़कशन हो जायगा उनको काम पर रख तलया जायगा

यह ऐसी अकली घटना नही ह जब काम क वक़त होन वाल हादसो म मज़दरो की मौत होती ह हमार य भाई-बहन मातलको कमपतनयो ठकदारो क मनाफ़ की भट तसफ़य इसतलए चढ़ जात ह योतक काययसथल पर उनकी सरका क उतचत इनतज़ाम नही तकय जात ह उसक बाद जब मातलको की मनाफ़ािोरी क कारण की गयी इस लापरवाही की भट मज़दर

ndash सममतनोएिा गटर नोएिा वसट म एटीएस

तबिर की तनमायणाधीन तबतिग म काम कर रह एक मज़दर की तबजली का करट लगन क कारण मौत हो गयी तजसक बाद मज़दरो न मतक मज़दर साथी क पररवार को आतथयक मदद दन की माग की इनम स अगआ मज़दरो को तोड़फोड़ करन का आरोप लगाकर जल भज तदया गया ज़ातहर ह पतलस परशासन परी तरह स तबिर की जब म ह योतक मज़दरो न क भी नाजायज़ नही मागा था

मतक मज़दर तरण वास पतशचम बगाल क मालदा का रहन वाला था उसकी उम मात 19 वषय की थी अभी 2 माह पहल वह पतशचम बगाल स नोएिा आया था यहा पर पहल स काम कर रह मालदा क मज़दरो क साथ एटीएस म काम कर रहा था तरण क साथ काम करन वाल दसर मज़दरो न बताया तक रोज़ाना की तरह 9 अगसत को हम सब काम कर रह थ शाम क लगभग 4 बज तरण जब एक मशीन का तार समट रहा

चढ़ जात ह तो उनह उतचत काननी मआवज़ा भी नही तदया जाता और अगर मज़दर अपन मत साथी क तलए इनसाफ़ की माग करत ह तो पजीपततयो की जब म बठी पतलस उनह मारती-पीटती ह और उनह जलो म िाल तदया जाता ह लतकन मातलक पर कोई कारयवाई नही होती वस भी ऐसी दघयटनाओ क तलए बस मआवज़ की वयवसथा ह काननी तौर पर भी मातलक को इस परकार की जानलवा लापरवाही क तलए कभी जल नही भजा जाता या एक मज़दर की जान को कवल रपयो म तौला जा सकता ह लतकन यतद मज़दर अपनी जायज़ मागो को उठात ह तो उनपर लातठया बरसायी जाती ह और उनह सलाखो क पी धकल तदया जाता ह नोएिा की इस घटना न एक बार तफर मौजदा मनाफािोर और कफ़नखसोट पजीवादी वयवसथा की कलई खोल दी ह जब तक हम एकजट और सगतठत नही होत तब तक हमार साथ ऐसा ही सलक होता रहगा

बाढ़ बशमष सरकार और सवदिहमीि रिशासि का कहर झलतमी जितादारागज राजापर अशोक नगर आतद तथा गगा क तकनार बस इलाको और करली की गिढा कॉलोनी करामत की चौकी जक आतशयाना करला बाग जस यमना क तकनार बस इलाक जलमगन हो गय थ जहा स हज़ारो लोगो को अपन घर स तवसथातपत होकर राहत तशतवरो म गज़र-बसर करना पड़ा बहत स लोगो को राहत तशतवरो म इसतलए जगह नही तमली योतक व अपना सामान राहत तशतवर म नही ल जा पाय थ हर साल राहत तशतवर क नाम पर इलाहाबाद परशासन और नगर तनगम दारा लाखो का वारा-नयारा कर तदया जाता ह लतकन तज़ल म बाढ़ परभातवत आबादी की तलना म राहत तशतवरो की सखया ऊट क मह म जीर क बराबर भी नही थी जो राहत तशतवर थ भी उनम भी न टॉयलट था न नहान की वयवसथा न ही सफ़ाई का कोई इनतज़ाम और ठीक स खान की वयवसथा राहत तशतवरो म भयकर गनदगी फली हई थी जो बड़ पमान पर इन तशतवरो म बीमारी फलान का कारण बन रही थी

कई तदन बीतन और पानी उतरन क बाद अब बड़ पमान पर बीमाररया फलनी शर हो गयी ह इलाक म शायद ही कोई ऐसा घर हो जहा कोई न कोई सदटी बखार खासी स पीतड़त न हो लतकन परशासन की इसस तनपटन की कोई तयारी नही ह कोतवि-19 की दसरी लहर क बाद शहर क असपतालो म ओपीिी का सचालन अभी सचार ढग स नही हो रहा ह तजसकी वजह स बड़ी आबादी जो पराइवट असपतालो की फ़ीस नही द सकती ह झोलााप िॉटरो फ़ामायतससटो स इलाज करान को मजबर ह

हर साल आन वाली बाढ़ क भयकर तवभीतषका म तबदील हो जान की वजह पराकततक नही बतक पजीपततयो क मनाफ की हवस ह असमान तवकास पजीवादी वयवसथा का आम तनयम ह तजसकी वजह स दश क बहत बड़ तहसस म तबाही का सामाजय होता ह और क इलाक ऐशवयय क टाप बन जात ह

इस असमान तवकास की वजह स बहत बड़ी आबादी गावो स शहरो की तरफ़ तवसथातपत होती ह यह तवसथापन आम महनतकश आबादी क तलए तकसी तासदी स कम नही होता ह लतकन यही असमान तवकास दसरी ओर क धनपशओ क तलए मनाफ़ा बटोरन का अवसर महया कराता ह

इलाहाबाद शहर की बात कर तो गगा और यमना क तकनार बस इस शहर म परशासन की गठजोड़ स भमातफ़या कार की ज़मीन पर कबज़ा जमा लत ह एक तरफ़ य इस ज़मीन पर धड़ल स अवध तनमायण करात ह तो दसरी ओर परशासतनक तत म अपनी पकड़ का इसतमाल कर य लोग कार की ज़मीन को गावो स शहरो की तरफ़ आन वाली आबादी को अपकाकत कम कीमत पर बच दत ह इलाहाबाद शहर परततयोगी ातो का गढ़ ह आस-पास क इलाको स लाखो ात पढ़ाई करन और परततयोगी परीकाओ की तयारी करन क तलए इलाहाबाद आत ह कार क इन इलाको म शहर की तलना म कमर का तकराया कम होन की वजह स बहत स ात यही कमरा लत ह यह भी एक बड़ी वजह ह तक शहर क अमीरो क तलए य इलाक तनवश का एक कनदर बन गय ह गगा और यमना नतदयो क तकनार सकड़ो लॉज बन हए ह इन लॉजो म हज़ारो ात रहत ह हर साल बाढ़ आन पर य ात पढ़ाई-तलखाई ोड़कर घर चल जात ह लतकन इनका तकराया साल-दर-साल बढ़ता जाता ह परशासन को भी य सार गड़बड़ घोटाल अची तरह स मालम ह लतकन सता परशासन और भमातफ़याओ क गठजोड़ स य काम धड़ल स चल रहा ह इसतलए इलाहाबाद म बाढ़ की सबस जयादा मार आम महनतकश आबादी और ातो पर पड़ती ह

वासतव म उतर परदश तबहार असम करल समत पर दश म बाढ़ की समसया क इतनी बड़ी तवभीतषका बन जान की असली वजह यह मौजदा मनाफ़ पर

तटकी पजीवादी वयवसथा ह जगलो की अनधाधनध कटाई स तमटी बहकर नतदयो की तलहटी म जमा होन नतदयो क तकनार बरोकटोक होन वाल तनमायण-काययो गाद इकटा होन स नतदयो क उथला होत जान बरसाती पानी की तनकासी क कदरती रासतो क बनद होन शहरी नालो आतद को पाट दन जस अनक कारणो न न कवल बाढ़ की बारमबारता बढ़ा दी ह बतक होन वाली तबाही को पहल स कई गना बढ़ा तदया ह आज़ादी क इन 74 वषयो म आपदा परबनधन क नाम पर अरबो-खरबो का वारा-नयारा तकया जा चका ह लतकन तसथतत सधरन की जगह साल-दर-साल बद स बदतर होती जा रही ह सपर कमपयटर रिार उपगहो आतद स लस तकनीक क ज़मान म बाढ़ आन स काफ़ी पहल ही इसका सही-सही पवायनमान लगाया जा सकता ह और साथ ही साथ lsquoफलि रतटगrsquo का परा तवजान तवकतसत हो चका ह तजसक ज़ररए बाढ़ क फलाव को काफ़ी हद तक तनयततत तकया जा सकता ह लतकन मनाफ़ा-आधाररत वयवसथा म तवजान भी मनाफ़ की भट चढ़ जाता ह और क मठीभर धनपशओ क तलए मनाफ़ा पदा करन का औज़ार मात रह जाता ह टनोलॉजी का इसतमाल अगर मानवता क तहत म तकया जाय तो इन आपदाओ म होन वाल जान-माल क नकसान को काफ़ी हद तक कम तकया जा सकता ह लतकन होता इसका उटा ह हर बार बाढ़ आन का इनतज़ार तकया जाता ह हर बार लोग मार जात ह लाखो पररवार बघर होत ह हज़ारो एकड़ फ़सल की बबायदी होती ह और हर बार आपदा परबनधन क नाम पर अरबो की रातश का बनदरबाट होता ह चनावी घतड़याल इस आपदा पर सवार होकर अपनी चनाव की वतरणी पार करन की जगत म लग जात ह सामाजयवादी ससथाओ क टकड़ो पर पलन वाल सवयसवी सगठनो को ldquoजनसवाrdquo क बहान सचचाई पर पदाय िालन का और इसी बहान अपनी सवा भी कर लन का मौका तमल जाता ह और

ndash अनविाशजस-जस मौजदा पजीवादी वयवसथा

lsquoतवकासrsquo की नयी ऊचाइयो पर पहच रही ह उसी अनपात म जनता क जीवन म चलन वाली lsquoतवनाशलीलाrsquo और जयादा भयकर रप लती जा रही ह इस तवनाशलीला का एक दशय अगसत क महीन म इलाहाबाद शहर म गगा-यमना क इलाक म आयी बाढ़ क रप म सामन आया गगा और यमना जसी दो बड़ी नतदयो और कई ोटी नतदयो का शहर होन क चलत इस बाढ़ का कहर जब टटता ह तो इलाहाबाद की बहत बड़ी आबादी उसका तशकार होती ह इस बार भी गगा और यमना क तटवतटी इलाक ससर खदरी और टौस नदी क तकनार रहन वाली आबादी इस कहर का तशकार बनी बड़ पमान पर लोगो क काम-धनध का नकसान हआ और बहत स लोग तवसथातपत हए

परा परशासन इस दौरान मकदशयक बना हआ बाढ़ क गज़र जान का इनतज़ार करता रहा नता-मती हलीकॉपटर स गशत लगात रह और अतधकारी नाव स गशत लगात रह परशासन की सवदनहीनता इसी स समझी जा सकती ह तक कई तदन पहल स ही बाध का पानी ोड़ जान की सचना तमल जान क बावजद परशासन न यह घोषणा तक नही करवायी तक नदी का जलसतर तकतना बढ़ सकता ह और लोगो को सरतकत सथान पर चल जाना चातहए बहत स लोग तपल क वषयो क अनभव क आधार पर इनतज़ार करत रह और जब पानी तज़ी स बढ़ना शर हआ तो उसी समय तज़ बरसात की वजह स बहत स लोग अपन घर का सामान तक ठीक स नही तनकाल पाय पानी घसन क दो-तीन तदन बाद तक कई इलाको म नाव नही पहची थी जो बाढ़ राहत तशतवर बनाय गय व अपन-आप म कवयवसथा की तमसाल बन हए थ

बाधो स अचानक पानी ोड़ जान की वजह स इलाहाबाद शहर क तटवतटी इलाको जस ोटा बघाड़ा सलोरी

तफर अगली बार का इनतज़ार तकया जाता ह इस तरह आज़ादी क इन सात दशको म आपदाओ का भी अपना अथयशासतर और अपनी राजनीतत तवकतसत हई ह

बाढ़ रोकन क मकसद स 1954 म गतठत गगा आयोग न जलकिी पररयोजना का सझाव तदया था तजसक तहत नपाल की नतदयो स आन वाली तसट को रोकन क तलए पानी की भारी माता को नपाल म रोककर बाधो पर जल तवदयत पररयोजना लगान की योजना थी इन पररयोजनाओ का आधा लाभ नपाल और आधा लाभ भारत को तमलना था लतकन सरकार की उदासीनता की वजह स यह योजना धरी की धरी रह गयी 1976 म गतठत राषटीय बाढ़ आयोग न नतदयो क तल स गाद हटान का सझाव तदया था और साथ ही जलकिी योजना को लाग करन का भी सझाव तदया था इसम स क भी नही तकया गया आग भी इस तरह क आयोग बनत रहग लतकन क नही होगा योतक यह परी वयवसथा मानवीय ज़ररतो नही बतक मटी भर पजीपततयो क मनाफ़ क तलए काम करती ह ऐसी आपदाओ को रोकना तो दर ऐसी आपदाओ क बाद इनसानो की लाशो पर अपन मनाफ़ की रोतटया सकना इस वयवसथा का काम ह इसतलए पजीवादी वयवसथा क रहत इस परकार की आपदाओ स तनजात तमलना असमभव ह बतक हर गज़रत तदन क साथ अपनी सवाभातवक गतत स यह वयवसथा बहत-सी आपदाओ को पदा करती रहगी वगय तवभातजत समाज म हर आपदा महनतकशो की बबायदी का कारण बनती ह और पजीपतत इन आपदाओ स भी अपन मनाफ़ की हवस को परा करत ह जब तक मानवता इस लट पर तटकी वयवसथा स तनजात नही पायगी तब तक बाढ़ की तवभीतषका स भी तनजात नही तमलन वाली

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 7

(पज 2 पर जारमी)

तदली क मखयमती अरतवनद कजरीवाल तपल तदनो कभी गोआ कभी पजाब तो कभी उतराखि जाकर परचार कर रह ह तक अगर हमारी lsquoआम आदमी पाटटीrsquo की सरकार बनी तो 300 यतनट तक तबजली सभी लोगो को मफत दी जायगी भाजपा और सघ पररवार का कचा पहन चक कजरीवाल दावा करत ह तक तदली म लगभग 70 फ़ीसदी लोगो का तबजली का तबल ज़ीरो आता ह और तदली की 93 फ़ीसदी कॉलोतनयो म पानी की लाइन तबा दी गयी ह और इन सभी इलाको म अतधकतर लोगो को पीन का पानी मफत तमल रहा ह कजरीवाल का दावा ह तक तदली की बहसखयक

आबादी को उनकी सरकार बनन क बाद स तबजली और पानी मफत तमलता ह

कजरीवाल क इन दावो को सनकर यह तो साफ़ ह तक अपन बड़ भाई मोदी की तरह जमलबाज़ी और झठ दाव करन म कजरीवाल भी कम नही ह असतलयत यह ह तक तदली की मज़दर व तकरायदार आबादी क तलए मफत पानी और तबजली आज भी एक हवाई बात ह तदली की बहसखयक मज़दरतकरायदार आबादी को न साफ़ पीन का पानी मफत म तमलता ह और न ही उसक तलए तबजली मफत ह िासकर तदली की आम महनतकश आबादी क करावलनगर खजरी सोतनया तवहार मसतफ़ाबाद सीलमपर और

बवाना वज़ीरपर शाहाबाद िरी जस कई और इलाको म बहसखयक आबादी क तलए मफत तबजली-पानी की बात बस एक जमला ह इन इलाको म कजरीवाल सरकार क लगभग 8 साल होन क बाद आज भी पीन क पानी की लाइन घर-घर नही पहची ह यहा रहन वाली मधयम वगय की क आबादी तो अपन घरो म पानी साफ़ करन की आरओ मशीन लगा लती ह और ज़मीन क पानी को साफ़ करक इसतमाल करती ह लतकन मज़दर और आम महनतकश आबादी या तो गतलयो म लग सरकारी नल स पानी लाती ह जो पर इलाक म नाममात ही बच ह और जो बच ह उनम भी पानी

कभी-कभी ही आता ह और जब आता भी ह तो पानी आम तौर पर गनदा होता ह पीन लायक नही होता ह

उतर-पवटी तदली क शरीराम कॉलोनी खजरी इलाक म य नलक भी नाली स सटाकर लगाय गय ह जहा कड़ा भी पड़ा रहता ह गरीब लोग मजबरी म यही स पीन का पानी भरत ह क इलाको म सरकारी पानी क टकर आत ह पर यह टकर भी आबादी क अनपात म बहद कम सखया म आत ह इनस पानी भरन क तलए 2 स 3 घटा लग जाता ह य टकर तनयतमत भी नही आत ह कोरोना महामारी क शर होन स लकर अब तक भी इन टकरो की सखया सरकार दारा नही

बढ़ायी गयी तजसक चलत टकर क आन पर बहत जयादा भीड़ एकततत हो जाती ह और मजबरी क चलत शारीररक दरी बन ही नही पाती ह ऐस म इन इलाको म कोरोना महामारी फलन का िर जयादा बना रहता ह पर कजरीवाल सरकार सब जानत हए इस अनदखा करती ह

इन इलाको म पानी की बोतल (20 लीटर) बचन का वयापार तपल क सालो म बहत जयादा बढ़ गया ह हर चौथी या पाचवी गली म एक पलाट लगा ह जहा स मज़दर आबादी अपन िाली बतयन या कन म पानी पसा दकर भरती ह या तफर पानी की बोतल ही घर

मफत पािमी और नबजलमी स वलचत ददलमी की बहसखक मज़दर आबादमी

कॉमरि रामनाथ नही रह 31 अगसत को तड़क ही सोत समय तदल का दौरा पड़न स उनका तनधन हो गया

कॉमरि रामनाथ की आय लगभग 83 वषय की थी असवसथ तो व तवगत कई वषयो स थ लतकन तपल क समय स उनका सवासथय बहत िराब हो गया था

भारत क कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन का इततहास का रामनाथ की भतमका और अवदानो की चचाय क बगर तलखा ही नही जा सकता तनससनदह उनकी भतमका ऐततहातसक थी और lsquoपाथरितकगrsquo थी

बतलया तज़ल क गगा तटवतटी एक गाव क भसवामी पररवार म पदा हए का रामनाथ राहल साकतयायन क परभाव म तकशोरावसथा म ही मासयवादी बन चक थ और बीहड़ यायावरी तथा दशयन इततहास कला-सातहतय और राजनीतत क घनघोर अधययन को अपनी आदत बना चक थ 1960 क दशक क उथल-पथल भर वषयो म कोलकाता उनकी अधययनशाला करातनतकारी परतशकणशाला और परयोगशाला बना जहा व कानन का अधययन कर रह थ उनकी राजनीततक जीवन-याता अतवभातजत कमयतनसट पाटटी स शर हई तफर माकपा स होत हए कनहाई चटजटी क नततव वाल कमयतनसट करातनतकारी गप lsquoतचनता गपrsquo तक पहची तजसन बाद म अपन को lsquoदतकण दश गपrsquo और तफर lsquoमाओवादी कमयतनसट कनदरrsquo क रप म सगतठत तकया 1969 म भाकपा (माल) की सथापना की घोषणा क बाद (1970 म हई पाटटी कागस क पहल ही) का रामनाथ भाकपा (माल) म शातमल हो गय और उतर परदश और तबहार क गगा तटवतटी तज़लो गाज़ीपर बतलया आरा-भोजपर क गामीण इलाको म आकर काम करन लग

चार मजमदार क तनधन क बाद पाटटी क पनगयठन क परयासो म का रामनाथ न एक अगणी भतमका तनभायी और मखयत उनही क परयासो स फ़रवरी 1974 म कनदरीय सागठतनक कमटी (सीओसी) भाकपा (माल) का गठन समभव हो सका तजसकी नततवकारी कमटी म जगजीत तसह सोहल सनीतत कमार घोष कोिापली सीतारमयया

और शामलाल (चोपड़ा) क साथ का रामनाथ भी शातमल थ सीओसी भाकपा (माल) म काम करत हए ही का रामनाथ न चार की ldquoवामrdquo दससाहसवादी लाइन क तिलाफ़ दढ़ और ससगत सटि तलया जो सगठन म गमभीर मतभद का तवषय बना ldquoवामrdquo दससाहसवाद क तवरदध समझौतातवहीन और ससगत सघषय चलान वाल गपो और वयततयो म नागीरििी-िीवी राव और हरभजन तसह सोही क बाद का रामनाथ का ही नाम अगणी माना जा सकता ह सीओसी काल क दौरान का रामनाथ न तवशषकर आपातकाल क अनभवो क आधार पर भारतीय पजीपतत वगय और राजयसता क चररत पर सवाल उठाना शर कर तदया था और दहाती कत म ज़मीनी कामो क अनभवो क आधार पर भतम-समबनधो क सामनती चररत की सथातपत धारणा पर भी सोचन लग थ

सीओसी क तवघटन क बाद माचय 1978 म जब का रामनाथ क नततव म भारत की कमयतनसट लीग (मासयवादी-लतननवादी) का गठन हआ तो तमाम सागठतनक सकटो और परततकल पररतसथततयो क बावजद का रामनाथ क मागयदशयन और नततव म भारतीय समाज की परकतत और

करातनत क काययकरम क सवाल पर गहन शोध-अधययन क बाद भाकली (माल) न 1982 म यह तनषकषय तनकाला तक भारतीय समाज चीन की तरह अदधयसामनती-अदधयऔपतनवतशक या नवऔपतनवतशक न होकर एक तपड़ा हआ पजीवादी समाज ह यहा का पजीपतत वगय दलाल न होकर राजनीततक रप स सवतत और सामाजयवाद का कतनषठ साझीदार ह कततपय पराक-पजीवादी अवशषो क बावजद यहा क भतम-समबनध lsquoपरतशयाई मागयrsquo क भारतीय ससकरण क ज़ररए करतमक रपानतरण क बाद मलत और मखयत पजीवादी बन चक ह और इसतलए भारतीय करातनत की मतज़ल अब राषटीय जनवादी नही बतक पजीवाद-तवरोधी सामाजयवाद-तवरोधी समाजवादी करातनत की मतज़ल ह 1983 म इस थीतसस क दसतावज़ रप म परकाशन क बाद पर दश क कमयतनसट करातनतकारी सगठनो स एक लमबी बहस की शरआत हई और तजस सवाल को हल हआ माना जा रहा था वह अधययन और राजनीततक बहस का एक कनदरीय परशन बन गया आग चलकर कई सगठनो न समाजवादी करातनत की अवतसथतत अपनायी

1986 म का रामनाथ क ही

मागयदशयन और नततव म तदतीय तवशवयदधोतर कालीन वतशवक बदलावो और समकालीन दतनया क सामाजयवादी समीकरणो म बदलावो पर भी शोध-अधययन की शरआत हई जो 1987 म एक वहद दसतावज़ क रप म परकातशत हआ इस शोध-अधययन का उदशय नयी तवशव पररतसथततयो म तवशव सवयहारा करातनत की आम राजनीततक काययतदशा की समझ तवकतसत करन की तदशा म आग कदम बढ़ाना था दभायगयवश यह परतकरया आग नही बढ़ सकी लतकन इस गमभीर पहल की ऐततहातसक महता को कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन क इततहास का कोई गमभीर अधयता कतई िाररज नही कर सकता

उलखनीय ह तक इस पर दौर म का रामनाथ न दतकणपनथी और ldquoवामपनथीrdquo अवसरवाद क दोनो ोरो क तवरदध दढ़ और ससगत अवतसथतत अपनायी तवनोद तमशर क ldquoसतरगा समाजवादrdquo की सवायतधक तवसतत और सागोपाग आलोचना भाकली (माल) न ही पहली बार का रामनाथ क तदशा-तनदजश पर 1988 म परसतत की थी

मखयत भारतीय करातनत क काययकरम क परशन पर अपन ऐततहातसक और पथानवषी अवदान क बावजद का रामनाथ एक लतननवादी सागठतनक काययतदशा को गहर अहसास क साथ समझन और पाटटी-तनमायण और काययपरणाली क सतर पर लाग कर पान म तवफल रह तजसक चलत महतवपणय उपलतबधयो और उलखनीय परगतत क बाद भाकली (माल) 1980 क दशक क अतनतम वषयो म गततरोध और तवघटन का तशकार हो गयी इस सकट क बतनयादी कारणो की तशनाखत नही कर पान क कारण 1991 क बाद सागठतनक पनगयठन क का रामनाथ क सभी परयास तवफल होत गय और उनक साथ खड़ कई एक लोग और उनस तटकन वाल कई एक गप या तो बहरगी गर-बोशतवक सामातजक-जनवादी पककि म धसत चल गय या तवसतजयत होत चल गय इन वषयो क दौरान सवय का रामनाथ भी अपन सदधातनतक कामो को आग नही बढ़ा सक यहा तक तक भारतीय समाज क बतनयादी अनतरतवरोधो क बार म भी

व अपनी पवय अवतसथतत स तवचतलत होकर क अनतरतवरोधी बात करन लग थ और भमिलीकरण क दौर को भी परान साच (नवऔपतनवशीकरण) म ही तफ़ट करक दखन की कोतशश करत रह

लतकन का रामनाथ क लमब कमयतनसट करातनतकारी जीवन क अतनतम चरण की इन तवफलताओ और इन गततरोधो क बावजद भारत क कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन क इततहास म उनकी ऐततहातसक सकारातमक और साहतसक पथानवषी भतमका स कोई भी इनकार नही कर सकता सबस अहम बात यह ह तक अपनी अतनतम सास तक का रामनाथ एक कमयतनसट करातनतकारी बन रह और मासय एगस लतनन सतातलन माओ क तशषय क रप म ही िद को दखत रह का रामनाथ न समाजवादी करातनत क काययकरम का जो पथसनधान तकया था और इस परचम को उठाकर जो याता शर की थी वह याता आज भी जारी ह और आग भी जारी रहगी चाह पररतसथततया तकतनी भी परततकल हो आज माओवाद की तवचारधारा और नयी समाजवादी करातनत क काययकरम को आग बढ़ात हए कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन की जो धारा आज क सामाजयवाद का और भारतीय करातनत क तवतवध परशनो का अधययन करत हए सामातजक परयोगो म करातनतकारी जनतदशा को लाग कर रही ह वह अपन को गवय स का रामनाथ का उतरातधकारी मानती ह

हम का रामनाथ को हमशा बहत पयार और लगाव क साथ याद करत रहग हम उनह कभी नही भला सकत भारत क सभी सचच कमयतनसट करातनतकारी उनह कभी नही भला सकत

हम भर तदल स तनी मरटयो क साथ का रामनाथ को आतिरी लाल सलाम पश करत ह और सकप लत ह तक तजस कारवा न 1978 म उनक नततव म एक बीहड़ याता की शरआत की थी वह उस जारी रखगा परान करातनत-योदधाओ क ररत सथानो को कई-कई यवा करातनत-योदधा भरत रहग और कारवा चलता रहगाबढ़ता रहगा

अलनवदा का रामिाथि लाल सलाम लाल सलाम

िहमी रह कॉमरर रामिाथि अलनवदा कॉमरर लाल सलाम

8 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

महनतकश जनता क खन-पसीन स खड़ी हई सारवजननक परिसमपततियो को पजीपनतयो क हराल किन म जटी मोदी सिकाि

दकर 6 लाख करोड़ रपय हातसल करन का लकय रखा ह य मतालय या तवभाग रलव टलीकॉम सड़क पररवहन एव राजमागय तबजली नागररक उिियन यवा मामल और खल पटोतलयम एव पराकततक गस और पोटयस तशतपग एव वाटरवज (इसका नाम पहल जहाज़रानी मतालय था) होग तजनस जड़ी समपततयो को तनजी हाथो म सौपा जायगा मोदी सरकार क अनसार इन पररसमपततयो का सवातमतव सरकार क पास ही रहगा लतकन तकराय या लीज़ पर दकर तफ़लहाल कमाई नही दन वाली या कम कमाई दन वाली सरकारी समपततयो स मदरा हातसल की जा सकगी और इसस कमाय गय पस का इसतमाल जनता की भलाई क तलए तकया जा सकगा सरकार को जनता की भलाई की तकतनी तचनता ह यह बात हम कोरोना महामारी क पर दौर क बाद तो और भी भली-भातत जान गय ह जब हमन अपन पररजनो तमतो और करीतबयो को मौत क मह म समात दखा तब यह तथाकतथत जनतहतकारी सरकार न कवल हाथ पर हाथ धर बठी थी बतक अपनी जनदरोही नीततयो क दारा हम भी शमशानो और कतरिसतानो म पहचान का बिबी इनतज़ाम करन म लगी थी अब समझ लत ह तक मोदी सरकार की राषटीय मौदरीकरण की योजना क पी जनता की भलाई की तचनता ह या मनाफ़ क सकट स जझ रह भारतीय पजीपतत वगय क तहतो क सरोकार ह

भारतीय रलव को अपनी पररसमपततया तकराय पर दकर (यानी बचकर) सरकार को 1 लाख 52 हज़ार करोड़ रपय दन का लकय तदया गया ह इसक तहत रलव क 400 रलव सटशन 90 याती गातड़या 256 सामान रख-रखाव क शि 4 पवयतीय रलव 15 रलव सटतियम कोकण रलव टक का 741 तकलोमीटर फट कोररिोर का 674 तकलोमीटर टक पर ओवरहि इतवपमट का 1400 तकलोमीटर इतयातद को पजीपततयो क हाथो म सौपा जायगा सीधी-सी बात ह पजीपततयो को रलव क तकराय और माल ढलाई क भाड़ म बतहाशा बढ़ोतरी करन की परी ट तमल जायगी तथाकतथत पराइवट पाटयनर जनता को दोनो हाथो स लटग और अकत मनाफ़ा कमायग सड़क पररवहन एव राजमागय को 1 लाख 60 हज़ार करोड़ की रातश हातसल करन का लकय तदया गया ह इसक तहत 26000 तकलोमीटर स अतधक हाइव और सड़को क रखरखाव की तज़ममदारी तनजी कमपतनयो को सौपकर उनह इन पर कर यानी lsquoटोल टसrsquo वसलन की ट दी जायगी इसक अलावा तल-गस पाइपलाइन 25 हवाई अिि सरकारी गसटहाउस पानी क जहाज़ और पोटय बीएसएनएल क 14917 मोबाइल टावर 2 लाख 80 हज़ार तकलोमीटर लमबी फ़ाइबर लाइन तनजी कमपतनयो को ldquoतकराय परrdquo दी जायगी

अब यह सोचन वाली बात ह तक जो पजीपतत चार साल क दौरान 6 लाख

करोड़ रपय मोदी सरकार को सौपग या मोदी जी क दारा जनता का भला करन की मशा ज़ातहर करन क चलत उनका हदय पररवतयन हो चका ह या पजीपतत िरात बाटन क तलए उतावल हए जा रह ह नही असल म रलव सड़को तल-गस पाइपलाइनो और अनय सरकारी समपततयो स पजीपतत पहल अरबो-खरबो रपय कमाया जाना सतनतशचत करग और उसक बाद ही व मनाफ़ क क तहसस को सरकार क हाथ म द सकत ह और सरकार उस पस को तफर स पजीपततयो को कभी न चकाया जान वाला कज़य दन नताशाही की मोटी तनखवाहो बड़ नौकरशाहो क ऐशोआराम म लटा दगी तजस जनता न पट पर पटी बाधकर और फाक करक सावयजतनक उपकरमो को खड़ा तकया था उस इनस सतवधा तमलन की बजाय इनक दारा उसकी जबो पर िाका िाला जायगा सरकार का कहना ह तक सरकारी उपकरम घाट म चल रह ह और कौन पजीपतत घाट की चीज़ को लना चाहगा और वह भी मोटा पसा िचय करक असल बात यह ह तक बीपीसीएल टतलकॉम और रलव जस तमाम उदयम घाट म नही चल रह ह बतक सरकार इनह घाट म तदखाकर बचन क बहान ढढ़ रही ह और असल बात तो यह ह तक तजस सरकार घाटा कह रही ह वह असल म जनसतवधाओ म होन वाला वयय ह और पजीपरसत सरकार नही चाहती तक जनता को एक पस की भी सहतलयत नसीब होअब मौदमीकरर की ज़ररत को

आि पड़मीयह तथाकतथत मौदरीकरण क और

नही बतक तनजीकरण का ही दसरा नाम ह तवतमती क जमलो म उलझन क बजाय जमलबाज़ परधानमती मोदी क सतय वचनो पर गौर करना चातहए मोदी जी सीध तौर पर सावयजतनक उपकरमो को समभालन म सरकार की तज़ममदारी को नकार रह ह सरकार का काम महज़ पजीपततयो को जनता को लटन का बहतर माहौल बनाकर दना ही ह फ़ासीवादी मोदी सरकार इस काम को सबस आकरामक ढग स और तज़ी स कर रही ह इसी क तलए तो दश भर क बड़ पजीपततयो न तपल दो लोकसभा चनावो म हज़ारो करोड़ रपय चनद म भाजपा को तदय थ और मोदी को तजताया था असल म ldquoमौदरीकरणrdquo कागस सरकार दारा 24 जलाई 1991 म घोतषत तौर पर लाग की गयी उदारीकरण-तनजीकरण-वशवीकरण की नीततयो का ही अगला कदम भर ह तथाकतथत उदारीकरण-तनजीकरण की शरआत की ज़ररत को हम थोड़ा अतीत म झाक कर दख व समझ सकत ह

अगज़ो स हम समझौत और सता हसतानतरण क दारा आज़ादी परापत हई थी उस समय एक बड़ा समाजवादी कमप और दतनया क सतर पर समाजवादी आनदोलन पर अपन उरज़ पर था भारत म भी 1946 स 1950 का दौर जनता की जनवादी करातनत की समभावनाओ स भरा दौर था जब दश म नौसना तवदरोह तलगाना तकसान तवदरोह तभागा तकसान

तवदरोह और पनपरा वायलार तकसान तवदरोह हए थ और उसक अलावा कमयतनसट पाटटी क नततव म हड़तालो की एक लहर भी जारी थी लतकन अपनी तवचारधारातमक व राजनीततक कमज़ोररयो क चलत भारत क करातनतकारी कमयतनसट इन करातनतकारी जनतवदरोहो को एक दशवयापी करातनतकारी आनदोलन का सवरप नही द सक उसक पहल भी कमयतनसट पाटटी अपनी गमभीर रणनीततक और रणकौशलातमक चको क कारण राषटीय आनदोलन की बागिोर अपन हाथ म लन क कई मौक चक चकी थी भारत क पजीपतत वगय और उसकी पाटटी कागस न इसका परा लाभ उठाया कागस न समझौता-दबाव-समझौता की नीतत क तहत अनत म सता हतथया ली भारत का पजीपतत वगय अपन औपतनवतशक अतीत क कारण कमज़ोर था और उसक पास दश क सवतत पजीवादी तवकास हत आवशयक पजी का भी अभाव था इसीतलए तरनत मनाफ़ा दन वाल कतो को तनजी हाथो म सौप तदया गया तथा व कत तजनम पहल बड़ पमान क तनवश की दरकार थी जस तक भारी उदयोग अवरचनागत उदयोग व बतनयादी कजीभत उदयोग उनह सावयजतनक कत क तौर पर सरकार न अपन हाथो म रखा सावयजतनक उपकरमो को खड़ा करन क तलए पजी और कही स नही बतक करो और तवतभनन श को क रप म जनता स ही वसलकर और साथ ही जनता की बचत को एकत करक जटायी गयी महनतकश आबादी क कमरतोड़ शोषण सरकारी अनगह आतथयक टो क बत जस-जस भारत का पजीपतत वगय अपकाकत ताकतवर होता गया वस-वस उस तशतरी म सजाकर औन-पौन दामो पर सरकारी उदयम सौप जान लग 1980 क दशक म ही राजीव गाधी क समय स इसपटर राज और कोटा राज को ितम करन क नाम पर तनजी पजीपततयो को ट दी जान लगी थी और 24 जलाई 1991 को घोतषत तौर पर उदारीकरण-तनजीकरण की लटरी नीततयो की शरआत कर दी गयी

कागस न अपन शासनकाल म इन नीततयो को तजस रफतार स लाग तकया था आज भाजपा की फ़ासीवादी मोदी सरकार उन नीततयो को कही जयादा रफतार स और जयादा दमनकारी तरीक स लाग कर रही ह 2009-10 स ही आतथयक सकट क कारण यह पजीपतत वगय क तलए ज़ररी भी ह इस काम को कागस क मकाबल भाजपा जयादा बहतर तरीक स अजाम द सकती ह और इसीतलए पजीपतत वगय क बड़ तहसस न एकमत होकर भाजपा को सता म पहचान म एड़ी-चोटी का पसीना एक कर तदया था राषटीय मौदरीकरण योजना वासतव म तनजीकरण-उदारीकरण की उसी परतकरया का एक अग ह जो 1991 स जारी रही ह और 2014 स मोदी सरकार क सता म आन क बाद और भी जयादा तज़ रफतार स जारी ह

मौदमीकरर स जिता क जमीवि पर का असर पड़गा और हम

इसका नवरोध कस करमौदरीकरण जसी नीततया लाग होन

क बाद सबस बड़ा हमला रोज़गार पर होगा इन सरकारी कतो म काययरत करोड़ो लोगो क अच-िास तहसस को अपन रोज़ी-रोज़गार स हाथ धोना पड़गा रलव सड़क पररवहन उिियन और टतलकॉम आतद म सरकारी तवतनवश पहल ही जारी ह हम समझ सकत ह रोज़गार क मामल म और भी भयावह होन वाला ह तनजी कत म यतद क रोज़गार सतजत होगा भी तो सरकार पहल ही 4 शरम सतहताए लाकर शरतमको क हको को कचलन का भरपर इनतज़ाम कर चकी ह तनजी कत म काम करन वालो म और उजरती गलामो म कोई फ़कय नही रह जायगा तनजी कमपतनया मनमान तरीक स मज़दरो की शरमशतत का शोषण करगी भयकर बरोज़गारी क चलत मज़दर वगय की सामतहक मोलभाव की शतत पर भी नकारातमक असर पड़गा जो तक पहल ही नवउदारवादी हमलो क तीन दशको म काफ़ी कमज़ोर हो चकी ह और एक अततररत बरोज़गार मज़दर आबादी पजीपतत वगय क तलए हमशा मौजद रहगी यानी तजतन पक रोज़गार बच ह व तज़ी स ितम होग और जो नय रोज़गार तमलग व भी अनौपचाररक ठका व कज़अल मज़दर क तौर पर तमलग तजसम मज़दरी भी कम होगी कोई रोज़गार सरका नही होगी और सथायी मज़दरो को परापत होन वाल तमाम हक भी नही हातसल होग हालातक नय शरम कानन सथायी मज़दरो क तमाम बच-खच अतधकारो को भी ीनन वाल ह

जनता पर मौदरीकरण की दसरी बड़ी मार महगाई क रप म पड़गी रलो-बसो क याती तकरायो पटोतलयम पदाथयो माल ढलाई और खादय पदाथयो क दामो म बतहाशा बढ़ोतरी होगी हाइव पर जगह-जगह टोल खड़ कर तदय जायग और उन पर मनमाना पसा वसल तकया जायगा आज भी कमरतोड़ महगाई न आम जनता का जीना दभर कर रखा ह तकनत आन वाल समय म हमारी जब स आतिरी दमड़ी तक हड़प ली जायगी

2014 म सता तमलन क बाद स तफ़लहाल तक भाजपा की दो ही नीततया तदखायी द रही ह पहली ह योजनाओ क रग-तबरग नाम रखकर पजीपतत घरानो की सवा करो और दसरी ह जनता को सामपरदातयकता जाततवाद कतवाद की आग म धकल दो तातक लोग आपस म ही एक-दसर का तसर फोड़त रह और अपनी बबायदी क असली कारणो की तरफ़ धयान ही न द सरकार म बठ तमाम मती-सनतरी और भाजपा का कतसापरचारक आईटी सल दश की बबायदी को ही तवकास तसदध करन और सरकारी की लटरी नीततयो का तवरोध करन वालो को ldquoदशदरोहीrdquo बतान म लगा रहता ह

वस आतथयक नीततयो क तौर पर दखा जाय तो भाजपा म और कागस म फ़कय तसफ़य यह ह तक कागस तजस काम को शबदो की चाशनी म िबोकर और रात क अधर म करती थी भाजपा उसी काम को

तदन क उजाल म और कागस स हज़ार गणा जयादा बशमटी और जयादा तज़ी क साथ अजाम द रही ह साथ ही एक फ़ासीवादी सरकार होन क नात दमनकारी होन म भी मोदी सरकार न आज़ाद भारत की सभी सरकारो को पी ोड़ तदया ह असल म तमाम कतीय पजीवादी पातटयया और भाकपा माकपा जस ससदीय लाल जमर तक उदारीकरण-तनजीकरण की नीततयो क परतत कोई उसली तवरोध नही रखत ह इनका तवरोध कवल तभी तक रहता ह जब तक य िद तवपक म बठ हो आपको याद होगा िद भाजपा परतयक तवदशी तनवश यानी एफ़िीआई और तनजीकरण जस मदो पर ज़मीन तसर पर उठाय रहती थी लतकन सता म आन क बाद इनहोन इनही नीततयो को धड़ल स लाग कर तदया चाह सरकारी उपकरमो की तहससदारी और उनक मातलकाना हक की तबकरी हो या तशका-सवासथय जस बतनयादी कतो म तनजीकरण को बढ़ावा तदया जाना हो तनजीकरण-उदारीकरण की नीततयो को लाग करन क रप म पजीपतत वगय की सवा करन का यही रवया कमोबश हरक पजीवादी बजयआ पाटटी का रहा ह बशक हर मामल म जनता को बबायदी की ओर धकलन म फ़ासीवादी भाजपा तमाम अनय पजीवादी पातटययो स इकीस ही पड़ी ह

आज मौदरीकरण क रप म तनजीकरण को लाग करन क सरकारी लावो का परततरोध जनता की सगतठत ताकत क बत ही तकया जा सकता ह सशोधनवादी पातटययो की गोद म बठी अथयवादी टि यतनयन धनी तकसानो और कलको क सगठन अलग-अलग रगो क झिो और नारो वाली चनावबाज़ पातटयया तनजीकरण का मकाबला नही कर सकती ह असल म न तो इनकी तनजीकरण का मकाबला करन की नीयत ह तथा न ही इनक पास तनजीकरण को रोक सकन का मादा तनजीकरण समत भाजपा की समसत फ़ासीवादी नीततयो का मकाबला मज़दरो गरीब तकसानो और आम महनतकश जनता की एकजटता और उसक जझार सघषयो क बलबत ही तकया जा सकता ह इसक साथ ही हम पजीवादी वयवसथा क चररत और काययपरणाली को भी समझना होगा पजीवादी वयवसथा महनतकश जनता का िन-पसीना तनचोड़कर और उसक शोषण क बत ही कायम ह पजीवादी राजयसता और सरकारो की भतमका कवल मनाफ़ क तत को कायम रखन की ही होती ह सामातजक उतपादन और तनजी समपतत पर आधाररत तनजी मनाफ़ का अनतरतवरोध ही पजीवादी वयवसथा का बतनयादी अनतरतवरोध होता ह और इस समाजवादी करातनत क दारा उतपादन क साधनो और उतपादन क तनणययो पर सामतहक मातलकाना सथातपत करन और उतपादन क सामातजक तवतनयोजन को सथातपत करक ही हल तकया जा सकता ह अपन हक और अतधकारो की हरक ोटी-बड़ी लड़ाई क साथ और उसक दौरान इस लटरी वयवसथा का तवकप खड़ा करन क काययभार को हम एक पल क तलए भी अपनी नज़रो स ओझल नही होन दना चातहए

(पज 1 स आग)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 9

तलगािा ककसाि सशसतर सघरष क 75 साल उपलबधिया और सबक (दसरमी और अबतिम ककसत)

ndash आिनद ससहतपली तकसत म हमन दखा

तक तकस परकार 1940 क दशक की शरआत म हदराबाद क तनज़ाम की सामनती ररयासत म आन वाल तलगाना क जागीरदारो और भसवातमयो दारा तकसानो क ज़बदयसत शोषण व उतपीड़न क तवरदध शर हआ आनदोलन 1946 की गतमययो तक आत-आत सामनतो क तिलाफ़ एक सशसतर तवदरोह म तबदील हो गया तनज़ाम की सना और रज़ाकारो दारा इस तवदरोह को बबयरतापवयक कचलन की सारी कोतशश तवफल सातबत हई 15 अगसत 1947 को भारत तरितटश औपतनवतशक गलामी स आज़ाद हआ लतकन तनज़ाम न भारतीय यतनयन म तमलन स इनकार कर तदया गौरतलब ह तक सवतत भारत की राजयसता न हदराबाद क तिलाफ़ एक साल स भी जयादा समय तक कोई कारयवाई नही की इस दौरान तनज़ाम स बातचीत और सौदबाज़ी चलती रही यही नही इस दौरान भारत सरकार न ldquoसटितसटल समझौतrdquo क तहत तनज़ाम को हतथयारो और सनय उपकरणो की आपततय भी की तजसका इसतमाल तनज़ाम की सना न तकसान तवदरोह को कचलन क तलए तकया एक साल तक चली बातचीत और सौदबाज़ी क बावजद पातकसतान परसत तनज़ाम हदराबाद को भारत म तमलान को तयार नही हआ उधर गामीण इलाको म तकसानो और महनतकशो न कमयतनसटो क नततव म तनज़ाम की सना और रज़ाकारो को पी धकल तदया था

भारतीय राजयसता दारा हतथयारो व सनय उपकरणो की आपततय क बावजद तनज़ाम की सना तकसान तवदरोह को कचलन म नाकाम रही य व हालात थ जब 13 तसतमबर 1948 को भारतीय सना न हदराबाद की ओर कच तकया तनज़ाम की सना न महज़ पाच तदनो क भीतर आतमसमपयण कर तदया लतकन उसक बाद भी तनज़ाम को राजपरमख की पदवी दकर राजय का परमख बना रहन तदया गया 18 तसतमबर 1948 को हदराबाद ररयासत क परशासन की बागिोर भारतीय सना क हाथ म आ गयी लतकन उसक बाद भी 25 जनवरी 1950 तक सरकार क सभी आदश (फ़रमान) तनज़ाम क नाम स जारी तकय जात रह यहा तक तक 26 जनवरी 1950 म अतसततव म आय भारतीय सतवधान म तनज़ाम क राजपरमख क पद को मानयता परदान करन का परावधान भी जोड़ा गया और 1956 तक तनज़ाम राजपरमख बना रहा यही नही तनज़ाम को तपरवीपसय भी तमलता रहा यह भारत क उदीयमान बजयआ वगय और उसकी परतततनतध पाटटी कागस क घोर समझौतावादी चररत को तदखाता ह इसस यह भी सपषट हो जाता ह तक हदराबाद म भारतीय सना की सनय कारयवाई का असली उदशय तनज़ामशाही का िातमा नही बतक तलगाना तकसान तवदरोह को कचलना था गौरतलब ह तक अपन इस मकसद को तपान क तलए भारत की सरकार न इस सनय कारयवाई

की जगह पतलस कारयवाई का नाम तदया था आज तलगाना म तजी स बढ़ रही तहनदतववादी फ़ासीवादी ताकत 18 तसतमबर 1948 को lsquoमतत तदवसrsquoक रप म मनान का अतभयान चला रही ह लतकन सच तो यह ह तक तलगाना क तकसानो और महनतकशो क तलए यह तदन मतत का नही बतक तवशवासघात का परतीक ह

तनज़ाम क आतमसमपयण क बाद करीब 50 हज़ार भारतीय सतनको न तकसान तवदरोह को कचलन क तलए तलगाना क गावो की ओर रि कर तदया सना न तलगाना म बड़ पमान पर तगरफताररया यतणा आगजनी और तनमयम हतयाओ को अजाम दत हए तनज़ाम की सना व रज़ाकारो दारा तकय गय ज़ मो को भी मात द तदया मलाया सरकार की तरिगस योजना की ही तरह ऐस गाव बसाय गय जहा क तनवातसयो को सना क तनयतण म रहना था जगलो की दो हज़ार आतदवासी बतसतयो को नसतोनाबद कर तदया गया और लोगो को यातना तशतवरो म रखा गया ापामार गावो को ोड़कर तनकटवतटी जगलो म चल गय और वहा भी सना का दबाव बढ़न पर दरवतटी जगली कतो म तबखर गय

पाटटी क भमीतर चलमी बहसतनज़ाम क आतमसमपयण और

हदराबाद पर भारतीय सना का कबज़ा होन क बाद कमयतनसट पाटटी की आनधर इकाई क भीतर एक बहस उठ खड़ी हई रतव नारायण रििी क नततव वाल एक धड़ का मानना था तक तलगाना सशसतर सघषय तनज़ाम की सता क तिलाफ़ था और चतक अब तनज़ाम की सता का पतन हो चका ह इसतलए सशसतर सघषय वापस ल लना चातहए यह धड़ा सापकत धनी तकसानो व क ोट भसवातमयो क तहतो की नमाइनदगी करता था तजनहोन तनज़ाम क तिलाफ़ जारी तकसान तवदरोह का साथ तदया थापरनत तनज़ाम क पतन क बाद उनहोन सघषय स दरी बना ली थी परनत मधयम व ोट तकसान और खततहर मज़दर सघषय को जारी रखन क पकधर थ योतक व दख रह थ तक सना क आन क बाद भसवामी वापस गावो की ओर लौटन लग और तकसानो स ज़मीन ीनन लग तथा गाम राजयो क आदशो की अवहलना करन लग थ इसतलए आनधर कमटी न अनतत गररला सघषय जारी रखन का फ़सला तकया हालातक यह सपषट था तक अब उनका सामना पहल स कही जयादा ताकतवर दशमन स होन वाला ह

उधर पाटटी म कनदरीय सतर पर भी भारत म करातनत क मागय को लकर बहस चल रही थी माचय 1948 म पाटटी की दसरी कागस हई तजसम दतकणपनथी पीसी जोशी को हटाकर बीटी रणतदव को पाटटी का महासतचव बनाया गया था इस कागस म तलगाना क परतततनतधयो क ज़ोर दन क बाद ही दसरी कागस की थीतसस म तलगाना सघषय क महतव का उलख करत हए उस समथयन तदया गया और पर दश म ऐस सघषय सगतठत

करन तथा मज़दर वगय स भी उनक समथयन म आनदोलन करन का आहान तकया गया रणतदव न यह ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवादी थीतसस पश की तक जनवादी और समाजवादी करातनतया एक साथ होनी चातहए और कमयतनसटो को न कवल बड़ बजयआ को बतक सभी बजयआओ को अपन हमल का तनशाना बनात हए दशवयापी आम हड़ताल और सशसतर तवदरोह का मागय अपनाना चातहए इस ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवाद न भारतीय कमयतनसट आनदोलन को तो भारी कतत पहचाई ही उसक अलावा तलगाना सघषय क आग क तवकास को भी रोकन का काम तकया उसी साल मई क महीन म आनधर की पाटटी इकाई न रणतदव थीतसस का तवरोध करत हए अपनी यह लाइन रखी तक भारतीय करातनत का चररत रसी करातनत स तभनन ह और यह चीन म जारी नवजनवादी करातनत स काफ़ी हद तक समानता रखती ह यहा चार वगयो का सय त मोचाय बनाना होगा और दीघयकातलक लोकयदध का मागय अपनाना होगा आनधर थीतसस म माओ तस-तङ क नवजनवाद क तसदधानत को परासतगक बतात हए भारत म सवयहारा करातनत को दो अवसथाओ म समपनन करन की योजना परसतत की गयी हालातक इस थीतसस म भी क खातमया थी तमसाल क तलए यह भारत क बजयआ वगय को दलाल मानती थी लतकन कल तमलाकर यह लाइन ततकालीन पररतसथततयो म सापकत बहतर थी लतकन दो वषयो तक पाटटी पर रणतदव-लाइन का वचयसव बन रहन की वजह स तलगाना सघषय को भारी नकसान हआ दश क तवतभनन तहससो म तकसान सघषषो को तलगाना की राह पर आग बढ़ान और मज़दर वगय क सघषषो को उनक साथ जोड़न क बजाय ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवाद न पाटटी को जन समदाय स अलग-थलग कर तदया और कतारो की पहलकदमी को पग बना तदया लतकन अनतरराषटीय सतर पर आनधर लाइन क अनमोदन क बाद रणतदव की ldquoवामपनथीrdquo अवसरवादी लाइन अलग-थलग पड़ गयी मई-जन 1950 को रणतदव की बजाय राजशवर राव पाटटी क महासतचव बन और पाटटी न आनधर-थीतसस को आतधकाररक लाइन क तौर पर सवीकार तकया लतकन इस समय तक पहल ही काफ़ी दर हो चकी थी दशवयापी सतर पर सघषय क तवसतार की समभावनाओ का गलत लाइन काफ़ी हद तक गला घोट चकी थी और नयी बजयआ सता को अपन सदढ़ीकरण क तलए तीन वषषो का कीमती समय तमल चका था

सोनवयत िततव का मागषदशषि1951 तक आत-आत पाटटी क

भीतर तलगाना सघषय क आग क रासत क बार म मतभद गहरान लग बमबई मखयालय म हावी एसए िाग घाट और अजय घोष आतद का दतकणपनथी धड़ा शर स ही आनधर लाइन का तवरोध कर रहा था लतकन आनधर कमटी का बड़ा तहससा तफर भी सघषय को जारी

रखना चाहता था उसका मानना था तक फ़ौरी तौर पर नकसान क बावजद सघषय को जारी रखना और दश क अनय अनकल पररतसथततयो वाल भभागो म उसका फलाव ममतकन ह

पाटटी म मौजद मतभद सकट और तवभम की तसथतत को दर करन क तलए एक बार तफर अनतरराषटीय नततव पर भरोसा तकया गया और चार सदसयो का एक परतततनतधमिल 1951 क परारमभ म सोतवयत पाटटी क नततव स बातचीत करन क तलए मासको गया इसम दो ndash राजशवर राव और बासवपनया तलगाना सघषय क नता थ जबतक अनय दो ndash अजय घोष और िाग उसका तवरोध कर रह थ सोतवयत पाटटी की ओर स सतातलन मालकोव मालरोव और ससलोव न बातचीत की पी सनदरयया न पाटटी दारा सघषय वापस लन क फसल को जायज़ ठहरान क तलए अपनी तकताब म इस ओर इशारा तकया ह तक सतातलन न तलगाना सशसतर सघषय को वापस लन का सझाव तदया था योतक इस गोररला सघषय क समथयन म वयापक जन समथयन क अभाव म यह सघषय वयततगत आतकवाद की तदशा म बढ़ सकता था लतकन इस सघषय क भागीदार और नसलबाड़ी तकसान तवदरोह क बाद चार मजमदार की दससाहसवादी लाइन का तवरोध करत हए करातनतकारी जनतदशा की बात करन वाल िीवी राव न अपनी तकताब ldquoतलगाना ऑमय िसटगल एि तद पाथ ऑफ़ इतियन ररवोल यशनrdquo म तलखा ह तक उस समय उनह पाटटी म यह ररपोटय तकया गया था तक सतातलन न भारतीय परतततनतध मिल स कहा था तक ldquoसशसतर सघषय जारी रखन क तलए अतधक हतथयार अतधक कािर और सघषय क इलाको म ापामारो क तलए आवशयक सभी चीज़ो को भजा जाना चातहएrdquo बाद म जब परतततनतध मिल न सशसतर सघषय जारी रखन म आन वाली चनौततयो पर जोर तदया तो सतातलन का कहना था ldquoयह अफ़सोस की बात ह तक आप लोग सघषय की रका नही कर पा रह हrsquorsquo

परतततनतधमिल क भारत लौटन क बाद भारत म जनवादी करातनत क काययकरम का एक मसौदा तयार तकया गया और एक नीतत-तवषयक वतवय जारी तकया गया तजसम सशसतर सघषय का तज़कर तो नही था लतकन रणकौशल-तवषयक दसतावज़ म ldquoअपररपव तवदरोह और जोतखम भरी कारयवाइयो स सावधान रहत हएrdquo तकसानो क ापामार यदध क साथ ही मज़दरो की वगटीय हड़तालो और सघषय क अनय रपो क इसतमाल की बात कही गयी थी उसम इस धारणा को भी गलत ठहराया गया था तक दश क तकसी तहसस म सशसतर तवदरोह तभी शर तकया जा सकता ह जब पर दश म तवदरोह की तसथतत तयार हो दसतावज़ क अनसार तकसी एक बड़ भभाग म तकसान सघषय क ज़मीन-ज़बती क सतर पर पहचन क बाद वयापक जनानदोलन और ापामार यदध यतद ठीक तरह स सगतठत हो तो दशभर क तकसानो को

उदतलत करक सघषय को उचच धरातल पर पहचा दना समभव ह एक शािदार सघरष की शमषिाक

ढग स वापसमी1951 तक आत-आत पाटटी म

दतकणपनथी अवसरवादी हावी हो चक थ कनदरीय कमटी न आनधर की कमटी को सघषय कवल तब तक जारी रखन को कहा जब तक पाटटी सरकार स उस सथतगत करन की शतषो पर बातचीत परी न कर ल इन शतयो म तकसानो क कबज़ की ज़मीन ज़मीनदारो को वापस न करना कतदयो की ररहाई मकदम वापस लना और पाटटी स परततबनध हटाना परमख थी लतकन कनदरीय कमटी क इस तनणयय क तवपरीत अजय घोष क नततव वाल दतकणपनथी धड़ और आनधर क रतव नारायण रििी गट न तबना शतय सघषय वापसी क तलए दबाव बनाना शर तकया पाटटी की इस तसथतत का लाभ उठाकर नहर सरकार न तकसी भी शतय को मानन और बातचीत करन स इनकार कर तदया मई 1951 तक कनदरीय कमटी म आनधर क सदसय भी मान चक थ तक अब आतशक ापामार सघषय भी जारी रख पाना समभव नही ह

अटबर 1951 म पाटटी न तबना तकसी शतय तनहायत घटनाटक ढग स सघषय वापस लन की घोषणा कर दी जगल क ापामार नताओ को इसकी खबर बाद म लगी पाटटी अब परी तरह स ससदीय राह पर चल पड़ी दतकणपनथी धड़ क सामन उसक तवरोतधयो न आतमसमपयण कर तदया और कतारो म भारी पसती का माहौल फल गयातलगािा सघरष की फौरमी पराजय

क काररतलगाना सघषय की फ़ौरी पराजय

का सबस बड़ा कारण यह था तक पाटटी बोशतवक ढग स एकीकत नही थी और उसम ऊपर स नीच तक ldquoवामrdquo और दतकणपनथी भटकाव क धड़ मौजद थ इसतलए वह भारतीय करातनत को नततव दन म अकम थी 1946 स 1951 क बीच पहल पीसी जोशी काल क दतकणपनथी भटकाव न तफर रणतदव काल क ldquoवामपनथीrdquo भटकाव न और तफर अजय घोष काल क दतकणपनथी भटकाव न पर दश सतर पर और तलगाना क सतर पर पाटटी क काययो को काफ़ी नकसान पहचाया था यह एक ऐसा सकरमण-काल था जब नयी सता क सदढ़ीकरण की परतकरया अभी परी नही हई थी लतकन नौसना-तवदरोह तभागा-तलगाना-पनपरावायलार क तकसान सघषयो और दशवयापी मज़दर आनदोलनो को एक कड़ी म तपरोकर जनकरातनत की धारा को आग बढ़ान म पाटटी-नततव नाकाम रहा यतद यह परतकरया आग बढ़ती तो कागस की समझौतापरसती का पहल और नगा होकर सामन आता और पाटटी क नततव म यतद जनवादी करातनत जदी परी नही भी होती तो या तो दीघयकातलक लोकयदध मज़बत आधार पर आग की मतज़लो म परतवषट हो गया होता या जनसघषयो क दबाव म

(पज 2 पर जारमी)

10 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

बगलादश म एक बार फिर मिाि की आग की बलल चढ़ 52 मज़दरndash भारत

भारत हो या बगलादश या कोई अनय पजीवादी दश मातलको क तलए मज़दरो की अहतमयत कीड़-मकोड़ो स जयादा नही होती बीत 8 जलाई को बगलादश म ढाका क नारायणगज कत म जस क कारिान म भीषण आग लगी तजसम 52 मज़दरो की जान चली गयी और कई घायल हए 35000 वगय फ़ीट म बन कारिान म तसफ़य दो जगह सीतढ़या थी मातलक न जल की तरह सार दरवाज़ो पर ताला लगा रखा था तजसस मज़दर आग लगन क समय भाग भी नही पाय और जलकर मर गय क मज़दर तो ऊची त स कदन क कारण मार गय

साजीब गप की यह कमपनी ऑसटतलया अमररका भारत भटान नपाल जस दशो म अपना माल तनयायत करती थी पर इतनी बड़ी कमपनी होन क बावजद इसक कारिान म सरका क कोई इनतज़ाम नही थ और न ही आग लगन क बाद तनकलन का कोई रासता था आग इतनी भीषण थी तक उस बझान म 3-4 तदन लग गय

बगलादश म टसटाइल सटर सबस बड़ा सटर ह चीन क बाद बगलादश तसल-तसलाए कपड़ो का दतनया म सबस अतधक तनयायत करन वाला दश ह 84 परततशत तनयायत राजसव बगलादश को इसी स तमलता ह 45 लाख मज़दर करीब 4500 गारमट क कारिानो म काम करत ह इसक बावजद यहा क कारिानो म तसथतत नकय स भी बदतर ह सरका स लकर बतनयादी इनतज़ाम तक इनम मौजद नही ह इसी कारण आय-तदन कारिानो म आग लगन की घटनाए सामन आती ह

बगलादश म कारिान म आग की यह कोई पहली घटना नही ह सबको याद होगा तक बगलादश क इततहास म मज़दरो क तलए सबस बड़ी जानलवा घटना 2013 म घटी थी जब ढाका क राणा पलाज़ा गारमट सटर म आग लगन स 1100 स भी जयादा मज़दर मार गय थ इतनी भयानक घटना क बाद भी यह तसलतसला रका नही अगसत 2016 म दतकण बगलादश क चटगाव म फ़तटयलाइज़र कमपनी म गस लीक होन

स 100 मज़दर मार गय 2019 म एक गोदाम म आग लगन स 67 मज़दरो की मौत हो गयी 2010 म गर-काननी कतमकल कारिान म आग लगन स 123 मज़दरो मार गय और 2012 म ढाका क ताज़रीन फशन फटी म आग स 117 मज़दरो की मौत हई थी बगलादश क कारिानो म आग स मज़दरो की मौतो की यह फहररसत लमबी ह एक ररपोटय बताती ह तक 1990 क बाद स बगलादश क कारिानो म आग लगन की 50 स जयादा बड़ी घटनाए हई ह तजनम हज़ारो मज़दर मार जा चक ह इनह दघयटना या हादसा कहना सचचाई क साथ अनयाय होगा य सब मातलको व बड़ी-बड़ी कमपतनयो क मनाफ़ की हवस को परा करन क तलए की गयी हतयाए ह

दतनया की सारी बड़ी गारम ट कमपतनयो का माल यहा तयार होता ह तजसक तलए मज़दर 18-18 घट तक खटत ह और वतन क नाम पर 94 िॉलर यानी करीब 7000 रपय तक ही पात ह आज बगलादश क तजस तज़ तवकास की चचाय होती ह वह इनही मज़दरो क बबयर

और नग शोषण पर तटका हआ हइन कारिानो म साधारण दसतानो

स लकर जत तक नही तदय जात और कतमकल वाल काम भी मज़दर नग हाथो स ही करत ह फटररयो म हवा की तनकासी तक क तलए कोई उपकरण नही लगाय जात तजस वजह स हमशा धल-तमटी और उतपादो की तज़ गनध क बीच मज़दर काम करत ह जवानी म ही मज़दरो को बढ़ा बना तदया जाता ह और दस-बीस साल काम करन क बाद जयादातर मज़दर ऐस तमलग तजनह फफड़ो स लकर चमड़ी की कोई न कोई बीमारी होती ह

राणा पलाज़ा की घटना क बाद मटीनशनल कमपतनयो न कारिानो म सरका क इनतज़ाम पखता करन क बड़-बड़ दाव तकय मज़दरो को आग स बचन क तलए परतशकण तदया और यह तदखान क तलए और भी बहत सी नौटकी की तक मज़दरो की जान को लकर व तकतन ldquoतचतततrdquo ह लतकन आय तदन होन वाली आग लगन की घटनाए इन कमपतनयो की नौटकी का

राज़ खोल दती ह और यह नगी सचचाई सबक सामन आ जाती ह तक इनह अपन मनाफ़ स जयादा कोई पयारा नही ह इसी तलए बगलादश म शरम काननो का कोई महतव नही ह बगलादशी सरकार और उनकी परधानमती शख हसीना भी मज़दरो की मौत पर चपपी साध बठी रहती ह आतिर उस भी अपन पजीपतत आकाओ की सवा करनी ह हर जगह मज़दरो की हो रही मौतो की तज़ममदार यह समची मनाफ़ािोर पजीवादी वयवसथा ह जो मज़दरो क िन की आतिरी बद तक को तनचोड़कर अपना मनाफ़ा तनकालती ह

हम मज़दरो क तलए यह तज़नदगी और मौत का सवाल ह तक हम इस समची पजीवादी वयवसथा को उखाड़ फ कन की तयारी कर अपनी करातनतकारी पाटटी का तनमायण कर और मज़दर राज कायम करन की लड़ाई लड़ चाह इसम तकतना ही समय यो न लग जाय वरना हमारी आन वाली पीतढ़या भी ऐस ही पशओ क समान जीन और मरन को मजबर होगी

वति ि दि और वति कटौतमी म घपलबाज़मी को लकर मािसर की शमीनिसस कमिमी क मज़दरो क काििमी सघरष की उममीद भमी लगभग ख़तम

ndash शाम मदतवशरीतनसस वायररग तलतमटि

(मानसर) क मज़दरो को तपल ह महीन स उनक वतन का भगतान नही तकया गया ह दसर वतन स कमपनी दारा पसा काटन क बावजद न तो पीएफ़ और न ही ईएसआयी म पसा जमा तकया गया ह और न ही मज़दरो दारा कमपनी स तलय गय कज़य की तकशत चकायी जा रही थी इस तानाशाही व घपलबाज़ी की तशकायत मज़दरो न शरम उपाय त को 9 जलाई को तलतखत रप म भी की थी सटाफ़ क करीब 20 मज़दरो की तनखवाह का जनवरी 2021 स तथा ठका व अपरतटस मज़दरो का अपरल 2021 स भगतान नही तकया गया ह तशकायत क बाद एक महीन की तनखवाह उनक खात म ज़रर िाल दी गयी ह अभी भी करीब 50 अपरतटस मज़दरो 15-20 ठका मज़दरो तथा सटाफ़ क 20 मज़दरो की सलरी का भगतान बकाया ह वतन न तमलन क कारण बहत स मज़दर काम भी ोड़ चक ह करीब 200 ठका मज़दरो म स महज़ 15-20 मज़दर और सटाफ़ क भी करीब 85 म स 50 मज़दर ही बच ह

कमपनी परबनधन इन समसयाओ का कारण काम की कमी बता रहा ह जबतक मज़दर कह रह रह ह तक काम की कमी नही ह उट काम इतना ह तक कमपनी ऑियर परा नही कर पा रही ह तफ़लहाल कमपनी म समसयाओ क बावजद काम चल रहा ह और बच हए मज़दर काम भी कर रह ह और वतन-समबधी समसयाओ स भी जझ रह ह असल म इस कमपनी को मातलको क ही ररशतदारो को बचन की तयारी चल रही ह चतक कागज़ो म एक समय-सीमा क भीतर कमपनी को दसरी कमपनी को सौपना ह तो पहल परान मज़दरो को तनकालन का षियत रचा जा रहा ह

शरीतनसस कमपनी ऑटोमोबाइल सटर क तलए कल-पजज बनान वाली

एक विर कमपनी ह जो मारतत हीरो जसी मदर कमपतनयो तथा नपीनो परीकॉल तमिा मदरसन लकास टीवीएस इटरफस असती पदतमनी वीएनए एसएमएल तफ़तलपस आतद विर कमपतनयो क तलए हारनस बनाती ह इसका दसरा पलाट रदरपर म ह

तपली 19 जलाई को मज़दरो को िीएलसी ऑतफ़स म सनवाई क तलए बलाया गया था लतकन न तो उस तदन शरम उपाय त तदनश कमार (गड़गाव) आय और न ही परबनधन की तरफ़ स कोई आया 23 जलाई को होन वाली अगली सनवाई क पहल ही कमपनी न पॉवर कट का बहाना बनाकर काम बनद कर तदया और गट भी नही खोला 27 जलाई की समझौता वाताय म कमपनी क न आन पर शरम तवभाग न एस पाटटी (एकपकीय तनणयय) क तौर पर फसला तदया तजसक आधार पर मज़दर तबना तकसी ज़मीनी सघषय की तयारी क महज़ काननी तरीक स अतधकार पान का सपना दखन लग थ

पहल भी ऐसा दखा गया ह तक कमपनी क तबकन या 30 तदन की समय-सीमा क अनदर दोबारा सनवाई करक तनणयय को पलट तदया गया और मज़दरो क साथ धोखा हो गया अगसत म कमपनी परबनधन न बच-खच मज़दरो की एकता को िरा-धमकाकर व भतवषय का िर तदखाकर तोड़ तदया कमपनी परबनधन दारा यही कहा गया तक अभी जो तमल रहा ह उस ल लो वरना वह भी नही तमलगा कोटय क चकर काटत रह जाओग इस तरह स जो काननी सघषय की समभावना थी उस भी बरी तरह स कमज़ोर कर तदया गया 60-70 मज़दरो म भी महज़ 10-15 बच थ तजसम 4-5 सटाफ़ क थ और 10-12 कमपनी रोल पर एक मज़दर न बताया तक मज़दर 20-50 हज़ार रपय म तहसाब लकर काम ोड़कर चल गय ह कइयो न तो परा

वतन और मआवज़ा तक भी नही तलया जो तमला उसी को ठीक समझा ऐस म अब सब मज़दरो को तहसाब तमलना भी मतशकल लग रहा ह

यह सब तब हआ जब कमपनी न तबना तकसी नोतटस चतावनी व तफ़तीश क एकतरफ़ा मनमज़टी स आवाज़ उठान वाल मज़दरो को गट बनद करक बाहर कर तदया इस तरह परबनधन दारा मारपीट की धमकी स गट पर बठ मज़दरो का हौसला टट गया ऑटोमोबाइल इिसटी काटट वकय सय यतनयन न उनक सामन यही बात रखी तक हम जद स जद मीतटग करक सामतहक रप स सघषय का रासता तनकालना चातहए लतकन मज़दर अपन आप को इसक तलए तयार नही कर पाय परबनधन क िर स मज़दर तकसी भी यतनयन स ररशता बनान स िर रह थ

सघरव की कमजोरी या थी अगर मड़कर दख तो पहल ज़मीनी सघषय का रासता ोड़कर महज़ काननी परतकरया पर तनभयरता का रासता अपनाया गया तफर मातलको दारा िरान-धमकान पर मज़दर िर गय और एक-एक करक टटत चल गय जब मज़दरो को ज़बरन दोबारा गटबनद करक बाहर तकया गया था उसी वक़त मज़दरो को एकजट होकर ज़मीनी सघषय क रासत पर बढ़ना चातहए था तब भी ऑटोमोबाइल इिसटी काटट वकय सय यतनयन यही कह रही थी तक एक परचा तनकालकर पर मानसर क औदयोतगक कत म बाटत हए इलाक क तवतभनन फटी मज़दरो स सघषय म साथ दन की अपील करनी होगी चाह उन फतटयो म यतनयन हो या न हो लतकन शरीतनसस फटी क मज़दरो की न तो कोई अपनी यतनयन थी और न ही तकसी आनदोलन म शातमल होन का अनभव और न ही फटी सतर पर मज़दरो की कोई सघषय सतमतत थी इसतलए व तकसी भी तरह क एकजट सगतठत सघषय का रासता नही अपना सक दसर शबदो म

मज़दर सातथयो का सघषय और राजनीतत स साबका बहत ही कम था सघषय और राजनीतत की अनभवहीनता और उनक परतत उदासीनता और साथ ही काननी परतकरया पर पणय तवशवास उनकी मखय कमज़ोररया थी हम मज़दरो को यह समझ लना चातहए तक शरम तवभाग स लकर फ़टी इसपटर आतद पजीपततयो मातलको और ठकदारो की सवा करत ह कोई एक अतधकारी ईमानदार भी हो तो भी वह क िास नही कर सकता ह योतक जब कभी मज़दरो क पक म शरम तवभाग का फसला आता भी ह तो उस लाग करन की कोई वयवसथा भारत की पजीवादी वयवसथा म जानबझकर की ही नही गयी ह काननी सघषय कभी-कभार ही सफल होत ह और वह भी तब जब उसक पी मज़बत ज़मीनी सघषय मौजद हो

ज़ररमी सबक इन तदनो मज़दरो की तनखवाह दर

स तमलना अधरी तमलना या न तमलन क मामल बढ़त ही जा रह ह कक मामलो को ोड़कर अतनयतमत मज़दरो क मामल शरम तवभाग तक पहच ही नही पात ह शायद ही कोई कमपनी होगी तक जहा काम करन वाल कचच मज़दरो की तनखवाह क मामल म कभी कोई समसया न आयी हो इसतलए मज़दरो को महज़ शरम तवभाग और शरम नयायालय क तनणययो तक अपन आप को सीतमत नही रखना चातहए सघषय क मखय पहल यानी ज़मीनी सघषय की तयारी व कारवाई को जारी रखना चातहए जब दतनया म शरम कानन नही थ तो सघषयो क ज़ररए ही शरम कानन बनवाय गय थ और लाग भी करवाय गय थ आज ज़मीनी सघषयो क कमज़ोर पड़न की वजह स पहल क हातसल तकय गय अतधकार गर-काननी और काननी तौर पर ीन जा रह ह इसक तलए एक बार तफर स दश म मज़दरो को हक और इसाफ़ की लड़ाई क तलए कमर

कसनी होगी ज़मीनी सघषयो को भी तभी आग बढ़ाया जा सकता ह जब मज़दर भाई और बहन अपन आस-पास क सभी मज़दर और अनय जनसघषयो स सतकरय ररशता बनाए और मज़दरो क सघषयो क इततहास स भी पररतचत हो साथ म ही इन सभी सघषयो पर सोच-तवचार करक अपन तलए सबक तनकालना भी मज़दरो क तलए बहद ज़ररी ह योतक इसी परतकरया म व अपन सघषयो की कमज़ोररयो को भी समझग और आन वाल तदनो क सघषयो को पहल स जयादा मज़बत बनायग आज क समय म कारिान क भीतर और सभी कारिानो क मज़दरो और तवशषकर असथायी मज़दरो की एकता और सगठन बहत ज़ररी ह उसक तबना उनकी ताकत बहद कम होती ह और मातलक और ठकदार उनस तनपट लत ह अगर हम य सार कदम नही उठात तो अचानक तसर पर मसीबत पड़न पर क समझ नही आता ऐस म या तो िर व अतनतशचतता क कारण मज़दर साथी जदी टटत ह और तरनत तहसाब ल लत ह या तफर तमाम ऐसी मौकापरसत और समझौतापरसत यतनयनोफिरशनो या िद की अनभवहीन या मौकापरसत और समझौतापरसत कमटी क चकर म फसकर अनत म थक-हार कर तहसाब लन को मजबर हो जात ह थोड़-बहत मज़दर तबना ज़मीनी सघषय क हक और नयाय पान क इनतज़ार म कोटय-कचहरी म तघसटत रहत ह

जहा तक मज़दरो क करातनतकारी यतनयन आनदोलन का परशन ह आज ज़ररत ह तक मज़दरो को कारिान क पमान क साथ-साथ पर सटर और इलाकाई पमान पर एकजट और सगतठत तकया जाय तातक सकट की घड़ी म एक-दसर क साथ खड़ा हआ जा सक इस बात को पहल स कही जयादा और जद स जद लाग करन की ज़ररत ह तातक

(पज 15 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 11

(पज 12 पर जारमी)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का हमज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहए

ndash जशवािमीहाल म भारत क दो उतर-पवटी

राजय असम-तमज़ोरम क बीच सीमा-तववाद स जड़ा हआ घटनाकरम काफ़ी सतिययो म रहा उतर-पवय का नाम सनकर हमम स क को लग सकता ह तक इतनी दर-दराज़ की घटना स हम मज़दरो-महनतकशो का सरोकार भला यो होना चातहए इसतलए होना चातहए योतक यह भी मज़दर वगय की करातनतकारी राजनीतत को समझन और जानन क तलए आवशयक ह तकसी भी रप म दबायी जा रही या उतपीड़ तत हो रही जनता और उसकी समसयाओ और सघषयो स सरोकार रख तबना मज़दर वगय वयापक महनतकश जनता की करातनतकारी एकता कायम नही कर सकता ह शासक वगय दतमत कौमो क बीच भी मौजद अनतरतवरोधो और तववादो को हवा दता ह तातक उनह आपस म लड़वाकर कमज़ोर तकया जा सक हआ यह ह तक हाल ही म असम और तमज़ोरम क बीच राजय की सीमाओ को लकर एक तववाद पदा हो गया

यह कोई पहली बार नही ह जब असम और तमज़ोरम क बीच अनतरराजयीय सीमा को लकर तववाद उठ खड़ा हआ हो इसस पहल भी दोनो राजयो क बीच सीमा-तनधायरण को लकर झगड़ और तववाद पदा हए ह तजनहोन कई बार काफ़ी उग रप भी अतखतयार तकय ह

हालातक इस बार इस तववाद क साथ जो तहसा की वारदात हई उसम सवय असम पतलस और तमज़ोरम पतलस शातमल भी थी यही कारण ह तक आम तौर पर हातशए पर रहन वाल उतर-पवय क राजयो क मामलो न lsquoमखयधाराrsquo म भी इस मद को लकर चचाय ड़ दी लतकन यह परी चचाय ही सतही थी और इस तववाद क हर परकार क तवशलषण म आम तौर पर ऐततहातसक दतषट का अभाव था और मखय राजनीततक परशनो की अनपतसथतत थी सचचाई यह ह दक राजयो की सीमा स जड य दववाि कवल असम और दमजोरम क बीच ही मौजि नही ह बदलक उततर-पवव क अय राजयो क बीच भी इनको लकर खासा इदततलाफ ह उततर-पवटी राजयो म इन तमाम सीमा-दववािो की जड वातव म इदतहास म मौजि ह दजसम पहल औपदनवदशक सतता और बाि म वाततयोततर भारतीय राजयसतता की िमनकारी व ग़र-जनवािी नीदतयो और कौमी िमन की भदमका कदीय ह

इस बार असम-तमज़ोरम क बीच लमब समय स वयापत सीमा-तववाद न तल तब पकड़ा जब 26 जलाई को तमज़ोरम पतलस दारा राजय सीमा पर गोलीबारी म 6 असम पतलसकतमययो की मौत हो गयी और 50 क करीब पतलस अतधकारी व पतलसकमटी घायल हए इस तहसा म एक नागररक की मतय भी हई हालातक तमज़ोरम का दावा था तक हमला पहल

असम पतलस की तरफ़ स हआ था और उसन महज जवाबी कारयवाई की थी गौरतलब ह तक कनदरीय गहमती अतमत शाह की 25 जलाई को तशलाग म उतर-पवटी राजयो क मखयमततयो क साथ बठक हई थी तजसम तमाम मसलो क साथ असम क तमज़ोरम नगालि अरणाचल परदश और मघालय क साथ सीमा-तववाद पर बातचीत भी शातमल थी 26 जलाई की घटना इस बठक क बाद ही घतटत हई

इस घटना क बाद असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा और तमज़ोरम क मखयमती ज़ोरामथगा क बीच इन तहसा की घटनाओ की तज़ ममदारी को लकर काफ़ी बहस चली और आरोपो-परतयारोपो का भी एक लमबा तसलतसला चला मोिी सरकार क दलए यह शदमविगी पिा करन वाली दथदत थी वजह यह ह दक असम म भाजपा की सरकार ह और दमजोरम म सततासीन दमजो नशनल फरणट उततर-पवव लोकतादरिक गठबधन (एनईीए) का दहसा ह दजसका गठन भाजपा क नतकतव म 2016 म हआ था और तजसक सयोजक उस समय स ही असम क वतयमान मखयमती हमनत तबसव सरमा ह

बहरहाल 26 जलाई क इस घटनाकरम क बाद दोनो राजयो म तसथतत को ldquoसामानयrdquo तकय जान क तलए 28 जलाई को कनदरीय गह सतचव क साथ असम और तमज़ोरम क राजय गह सतचवो की लमबी वाताय हई तजसम ldquoआपसी बातचीतrdquo स सीमा-तववाद का तनपटारा करन पर सहमतत बनायी गयी और राषटीय राजमागय 306 पर कनदरीय सरका बलो की तनाती क तनदजश तदय गय बावजद इसक तसथतत गमभीर ही बनी रही असम सरकार न अपन राजय क लोगो क तलए याता-समबनधी तनदजश जारी करक उनह तमज़ोरम न जान की तहदायत दी असम पतलस को तनदजश जारी तकय गय तक तमज़ोरम स आन वाली हरक गाड़ी की अनतरराजयीय चक पोसट पर गर-काननी नशील पदाथयो इतयातद क तलए ठीक स जाच की जाय और इसक बाद ही राजय म आन की अनमतत दी जाय असम न तमज़ोरम को जान वाला राषटीय राजमागय क समय क तलए बनद भी कर तदया था तजसस आवशयक वसतओ दवाओ आतद को तमज़ोरम पहचान म तदक़कत भी पश आयी यही नही असम पतलस दारा तमज़ोरम पतलस और तमज़ोरम स राजय सभा सदसय क वनलावना क तिलाफ़ पराथतमकी भी दजय की गयी तो वही तमज़ोरम पतलस न भी असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा और असम पतलस क अनय अतधकाररयो क तिलाफ़ तशकायत दजय की हालातक दोनो तरफ़ की इन तशकायतो को बाद म वापस ल तलया गया इसक बाद गहमती अतमत शाह क ldquoहसतकपrdquo क बाद दोनो राजयो क मखयमततयो न एक साझा बयान जारी करक तसथतत को ldquoसामानय

बनान और तनाव को ितम करनrdquo की बात कही लतकन भाजपा क तलए तो तसथतत वाकई म लशपणय हो गयी थी इस पर घटनाकरम क पी काम कर रह कारको को थोड़ा गहराई स समझना होगा

उततर-पवष म फासमीवादमी-अनधराषटवादमी भाजपा का बढ़ता

राजिमीनतक दख़लवातव म 2016 म उततर-पवव

लोकतादरिक गठबधन (एनईीए) क गठन क पीछ भाजपा की असली मशा उततर-पवव म अपना राजनीदतक िखल बढाना था और साथ ही उततर-पवव क ldquoतनावगतrdquo इलाको क मखयभदम भारत क साथ एकीकरण क परोजट को आग बढाना भी था जो वातव म और कछ नही बदलक उततर-पवव म भारतीय राजयसतता दारा राषटीय िमन की नीदत का ही दहसा ह भारतीय राजयसता दारा उतर-पवय म बस रही तमाम राषटो और अपसखयक राषटीयताओ क साथ तकय गय ऐततहातसक ल-कपट और वायदा-तिलाफ़ी की चचाय हम आग करग लतकन जहा तक पर उतर-पवय म अपनी पकड़ बनान का परशन ह तो भाजपा क तलए ऐसा करना इतना सगम भी नही ह क समझौतापरसत घटनाटक ताकतो को ोड़ तदया जाए जोतक असर हर दतमत कौम म पायी ही जाती ह तो वयापक आबादी म भारतीय राजयसता क तिलाफ़ गहरी ऐततहातसक नफ़रत मौजद ह और भारत स आज़ादी की चाहत परबल ह इस पर कत म ही भारतीय हमरानो की कौमी दमन की नीततयो की मिालफ़त का एक लमबा इततहास भी मौजद रहा ह और वतयमान म भाजपा क तमाम फ़ासीवादी व अनधराषटवादी नीततयो क तिलाफ़ परततरोध की भी तमसाल ह

यह तथय भी यहा रखादकत करना आवशयक ह दक भाजपा और सघ पररवार उततर-पवव म दवशर तौर पर असम को दहितव फासीवाि की नयी परयोगशाला बनान क दलए काफी जोर लगा रह ह असम म सामपरदातयक धरवीकरण की राजनीतत को इसी उदशय स भाजपा कभी एक तो कभी दसर रासत स लगातार अमल म ला रही ह जहा तक असम का परशन ह तो तपल साल सीएए-एनआरसी का तशगफ़ा भी इसी मकसद स उाला गया था हालातक असम म उसका तवरोध अनय कारणो स हआ था और तवरोध पहल स मौजद ldquoसथानीय बनाम परवासीrdquo की अतसमतावादी राजनीतत क कारण जयादा हो रहा था

हाल म ही असम की भाजपा सरकार दारा भी ldquoजनसखया तनयतणrdquo क नाम पर अनय भाजपा-शातसत परदशो की तज़य पर ही मसलमान-तवरोधी फ़ासीवादी फ़रमान जारी करन की शरआत कर दी गयी ह इसक अलावा क समय पहल ही असम पश सरकण तवधयक 2021 पाररत तकया गया तजसक चलत गोमास

की तबकरी पर आतशक रोक लगना तय ह नय कानन क तहत राजय म मवतशयो क वध उपभोग और पररवहन को तवतनयतमत करन क परावधान शातमल ह वासतव म वतयमान तवधयक और क नही बतक 1951 क असम पश सरकण कानन का lsquoअपगिि वज़यनrsquo ह गौरतलब ह तक उस वक़त कागस न यह कानन बनाया था या इसी तथय स ही कागस की धमय-तनरपकता और फ़ासीवाद-तवरोध क ढोल की पोल नही खल जाती ह असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा न दावा तकया तक इस तवधयक क पी कोई गलत मशा नही ह और इसस तो असल म सामपरदातयक सदभाव मज़बत होगा यही नही इन महोदय क अनसार सामपरदातयक सौहादय बनाय रखन क तलए कवल तहनद ही तज़ममदार यो हो मसलमानो को भी इसम सहयोग करना चातहए नया कानन बन जान पर तकसी वयतत को मवतशयो का वध करन पर तब तक रोक होगी जब तक तक उसन तकसी तवशष कत क पजीकत पश तचतकतसा अतधकारी दारा जारी आवशयक परमाण पत परापत नही तकया हो उतचत दसतावज़ क अभाव म मवतशयो को एक तज़ल स दसर तज़ल और असम क बाहर पररवहन को भी अवध बनान क परावधान ह इस कानन क तहत सभी अपराध सजय और गर-ज़मानती होग इस कानन को लकर उततर-पवव क अय राजयो म काफी असतोर ह योदक यह वहा क थानीय दनवादसयो क खान-पान की वतरिता और स कक दत पर सीध-सीध फासीवािी हमला ह

हम दख सकत ह तक उतर-पवय म फ़ासीवादी तगरोह न तसफ़य भारतीय राजय की परानी राषटीय दमन की नीतत को ही आग बढ़ा रहा ह बतक असम क उदहारण स यह भी सपषट हो जाना चातहए तक भाजपा और सघ पररवार अपन राजनीततक हसतकप क ज़ररए पर सामातजक तान-बान म सामपरदातयक नफ़रत तहदतववादी कटरता और धमायनधता को भी फलान का भरपर परयास कर रह ह और तफ़लहाल उनह असम म तो एक हद तक इसम सफलता भी हातसल होती हई नजर आ रही ह

असम-ममज़ोरम समीमा नववाद उपनिवशवाद की एक नवरासत

दरअसल तमज़ोरम और असम क बीच 1646 तकलोमीटर लमबी साझा सीमा ह तजसम तमज़ोरम क आइज़ोल कोलातसब और मातमत तज़ल और असम क कार हलाकािी और करीमगज तज़ल आत ह दोनो ही राजय lsquoइनर लाइन ररज़वय फ़ॉरसटrsquo क लगभग 131831 वगय तकलोमीटर कत पर अपना दावा पश करत ह तजसक कारण तकसी भी तातकातलक टकराहट की घटना क पदा होन स सीमा को लकर तववाद पनः उतपनन हो जाता ह इस बार भी यही हआ था

सतही तौर पर िखन पर असम-दमजोरम सीमा-दववाि क कद म

मखय तौर पर औदपवदशक काल की िो अदधसचनाए दिखलायी पडती ह जहा तमज़ोरम ऐततहातसक सीमा की बहाली क तलए 1875 की अतधसचना का तहमायती ह वही असम ऐततहातसक सीमा-तनधायरण क तलए 1933 की अतधसचना का पकधर ह 1933 की अतधसचना मतणपर और लशाई पहातड़यो (जोतक तमज़ो पहातड़या भी कहलाती ह) क बीच सीमा-तनधायरण क समबनध म ह जबतक 1875 की अतधसचना भतपवय लशाई पहातड़यो और कार क मदान क बीच सीमा-तनधायरण को तय करती ह तमज़ोरम का मानना ह तक 1933 की अतधसचना क समय उसकी रज़ामनदी नही ली गयी थी 1933 क बदल हए सीमा-तनधायरण क पी एक कारण तरितटश उपतनवशवातदयो क असम क चाय-बागानो स जड़ आतथयक-वयावसातयक तहत भी थ

इसक अलावा 1898 म औपतनवतशक तरितटश सता न 6 तसतमबर 1895 की दो अलग उदघोषणाओ क ज़ररए उतरी लशाई पहातड़यो को असम परानत क अधीन कर तदया और दतकण लशाई पहातड़यो को बगाल परानत क अनतगयत कर तदया इसक बाद 1 अपरल 1898 को तरितटश सता दारा एक अनय उदघोषणा क ज़ररए दतकणी लशाई पहातड़यो को असम को सथानानतररत कर तदया गया लबबलबाब यह दक लशाई पहादडयो या नगा पहादडयो जस पहाडी इलाको को दजनम दवदशषट नकजातीय समह रहत थ दजनकी अपनी दवदशषट स कक दत और जीवन-शली थी उह थानीय लोगो की रजामिी क बग़र जबरन कभी एक परशासदनक इकाई तो कभी िसरी परशासदनक इकाई म पटक दिया जाता रहा ह दजसक कारण एक असतोर औपदनवदशक िौर स ही इन इलाको म मौजि ह

आज़ादी क बाद सतवधान क ठ शियल क अनतगयत भारत म तमाम ldquoजनजातीयrdquo इलाको क परशासन क तलए उनह दो भागो म बाटा गया थाndash भाग ए और भाग बी 1952 म लशाई पहातड़यो क आइज़ोल और लङलह उपभागो तजनम तक मखयतः तमज़ो लोग बस हए थ का गठन इसी ठ शियल क अनतगयत भतपवय असम की lsquoलशाई पहाड़ी सवायत तज़ला काउतसलrsquo क तौर पर तकया गया और 1953 म बाकी बच हए कत म पावी लखर चकमा आतद अनय सथानीय बातशदो को तमलाकर एक कतीय काउतसल बनायी गयी 1954 म लशाई पहाड़ी तज़ल का नाम बदलकर तमज़ो तज़ला कर तदया गया 1972 म उतर-पवटी राजय पनगयठन अतधतनयम 1971 क तहत असम म स ही पहल तमज़ो तज़ल को कनदर शातसत परदश (lsquoयतनयन टररटरीrsquo) क रप म गतठत तकया गया 1986

12 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 13 पर जारमी)

(पज 11 स आग)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का हमज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहए

म तमज़ो राषटीय फट जो तक पहल भारतीय राजयसता क तिलाफ़ सशसतर सघषय म शातमल थी और भारत सरकार क बीच तमज़ो समझौता कायम होन क फलसवरप तमज़ोरम को पणय राजय का दजाय 20 फ़रवरी 1987 को परापत हआ

हालादक अलग राजय गठन स राषटीय समया का कोई समाधान नही हआ और िदमत कौमो क समबध म ऐसा हो भी नही सकता ह दजनक दलए एकमारि करादतकारी कायवकरम अलग होन क अदधकार समत आतमदनणवय क अदधकार का ही होता ह यहा यह भी सपषट करत चल तक सघवाद या तकसी भी परकार की कतीय सवायतता की तहफ़ाज़त या माग राषटीय दमन क िातम का काययकरम हो ही नही सकत ह जसा तक पजाब क क ldquoमासयवादीrdquo कौमवादी आजकल दावा करत तफर रह ह ऐसा कोई भी काययकरम एक शदधतः सधारवादी काययकरम ह और लतननवादी काययतदशा स इसका कोई लना-दना नही ह करातनतकारी मज़दर वगय साझी सहमतत स बन बड़ स बड़ राजय का पकधर होता ह और तवखिन की परतकरया को चाहता नही ह लतकन करातनतकारी मज़दर वगय करातनतकारी जनवाद का भी सबस मज़बत झिाबरदार होता ह और इसतलए वह जनवादी तरीक स और सभी कौमो की साझा सहमतत स ही बड़ राजय का पकधर होता ह

इस सदकषपत चचाव क बाि यह कहना ज़यािा उपयत होगा दक असम-दमजोरम क बीच यह आधदनक सीमा-दववाि वातव म औपदनवदशक िौर की ही एक दवरासत ह दजस भारत का उततर-पवव कहा जाता ह वह ऐदतहादसक तौर पर कभी भारत का दहसा था ही नही हालादक पराचीन काल स ही मखयभदम भारत क सामाजयो क इस इलाक स समपकव क परमाण मौजि ह उतर-पवय क जनजातीय इलाक पराक-औपतनवतशक भारत म शातमल नही थ यतद हम इततहास म थोड़ा पी जाय तो हम पात ह तक1818 म उस वत तरितटश ईसट इतिया कमपनी का हसतकप उतर-पवय म शर हो गया जब अहोम सामाजय क राजा न बमाय स बारमबार होन वाल हमलो स तनपटन क तलए उसस मदद मागी तरितटश ईसट इतिया कमपनी न परथम एगलो-बमटी यदध म बमटी सना को परासत तकया तजसक चलत यािाब की सतनध अमल म आयी इस सतनध क अनतगयत अहोम राजा न अपन राजय कत का एक तहससा तरितटश ईसट इतिया कमपनी को तोहफ़ म भट तकया तजसक फलसवरप तरितटश उपतनवशवाद उतर-पवय म अपन अतधकार और तहत कायम करन म सफल हो गया

इसक पशचात ही तरितटश औपतनवतशक शासको न अपन परशासतनक तहतो क मदनज़र इस पर भौगोतलक भ-भाग को औपतनवतशक भारत म शातमल तकया था तरितटश

उपतनवशवादी इस कत क भराजनीततक और सामररक महतव को दखत हए इस भारत और चीन क बीच एक lsquoबफ़र कतrsquo भी बनाना चाहत थ तजस व अपन आतथयक-वयापाररक तहतो क मातहत रखत तरितटश उपतनवशवातदयो न पहल इस भ-भाग को बगाल परानत क अधीन रखा और 1874 म अलग असम परानत का गठन करक भारत स इस पर कत का राजनीततक-परशासतनक एकीकरण तकया बावजद इसक मलतः और मखयतः औपतनवतशक नीतत उतर-पवय क समबनध म शष भारत स तवलगाव और तवलगन की ही थी तजसक फलसवरप यहा बसन वाली तमाम नजातीय-जनजातीय समहो क बीच भी अलगाव और पथकतव पदा हआ जोतक सवाभातवक ही था

जादहरा तौर पर उततर-पवव म दरिदटश हकमत की नीदतया अपन वयावसादयक-आदथवक दहतो और राजकीय-परशासदनक सहदलयतो स सचादलत थी उस दौर म मतणपर और ततपरा को ोड़कर जो तक ररयासत थी बाकी परा उतर-पवय अतवभातजत असम ही कहलाता था असम क ही इन तमाम जनजातीय इलाको की आग चलकर तरितटश औपतनवतशक परशासन दारा एक क बाद एक सीमा तनधायररत की जान लगी तजसम सथानीय जनजातीय समहो की सहमतत नदारद थी और तजसकी चचाय हम ऊपर कर चक ह पषट ह दक य कषरिीय परशासदनक दवभाजन न तो ऐदतहादसक पररदथदतयो को धयान म रखकर दकय गय थ और न ही जनवािी तरीक स जन-आकाकषाओ क आधार पर ही दकय गय थ यही कारण ह दक आज भी असम स दनकल अय राजयो म भारतीय राषटवाि और भारतीय राजयसतता क दवरदध नफरत और ग़सा तो ह ही लदकन इसक साथ ही असदमया अधराषटवाि क दखलाफ भी एक नाराजगी ह दजस उततर-पवव की अय कौम कषरिीय पमान पर lsquoदबग रििरलीrsquo (बड भाई-जसा) बतावव क रप म िखती ह

सकप म कह तो रिहमपत नदी क परब का तहससा भ-राजनीततक रप स पहली बार भारत क उपतनवशीकरण क बाद ही शष भारत स जड़ा बावजद इसक तरितटश उपतनवशवातदयो न उतर-पवय की जनता की शष भारत की आबादी स पारसपररक अनतरतकरया नही होन दी बतक आम तौर पर उस अवरदध भी तकया इसकी वजह स भ-राजनीततक दतषट स शष भारत स जड़न क बावजद इस कत की जनता का सासकततक अलगाव बना रहा आज़ादी क बाद भारतीय राजयसता की कौमी दमन की नीततयो क तहत ही इस कत की पराकततक व खतनज समपदा का दोहन करन क कारण इसम आतथयक शोषण का भी पहल जड़ गया तजसन इस अलगाव को और बढ़ाया और इस राजनीततक रप परदान तकया

उततर-पवष की कौमो क साथि भारतमीय राजयसतता क

नवशवासघात का काला इनतहास उतर-पवय म दमन की यह

औपतनवतशक तवरासत भारतीय राजयसता को आज़ादी क बाद उतरातधकार म परापत हई तजस यहा क शासक वगयो न हाथो-हाथ तलया आज़ादी क बाद स ही उतर-पवय को भारत म शातमल करन पर काफ़ी तववाद उतपनन हए भारत क साथ एकीकरण कोई पवयतवतदत पररणाम नही था जसा तक असर इततहास की आतधकाररक-सरकारी पसतको म पढ़ाया जाता ह आज़ादी स पहल भी तवशषकर नगा और तमज़ो नजातीय समहो म भारत स अलग सवतत राजनीततक अतसततव की इचा परबल थी हालातक जन 1947 म असम और उतर-पवय को भारत म शातमल करन का फ़सला ल तलया गया

आजािी क बाि जो उततर-औपदनवदशक शासक वगव अदततव म आया वह एक बहराषटीय और दमदरित शासक वगव था दजसम कशमीर और उततर-पवव की िदमत कौमो को छोडकर बाकी सभी कौमो क बजवआ वगव की अपन आकार और शदतमतता क दहसाब स नमाइिगी थी और कदीय सतता म दहसिारी थी कशमीर और उततर-पवव की कौमो को सचच और सही अथषो म आतमदनणवय का अदधकार िन की बजाय भारतीय शासक वगषो न उनका जबरन भारत क साथ एकीकरण दकया कशमीर क साथ ही उततर-पवव म भी भारतीय राजयसतता क आजािी क दपछल कई िशको की नीदतयो न राजकीय दहसा और कौमी िमन का बबवर रप अदततयार दकया ह

आज़ादी क बाद स ही उतर-पवय म राषटीय तवतवधताओ क साथ बस रही तमाम कौमो व नजातीय समहो की आज़ादी की चाहत को फ़ौजी बटो और बनदक क ज़ोर क दम पर भारतीय हमरानो न कचलन की सकड़ो कोतशश की ह 1962 क भारत-चीन यदध क बाद तो भारतीय राजय क तलए उतर-पवय और भी अतधक सामररक महतव का कत बन गया और भारतीय राजयसता को यहा तमाम राषटीय मतत सघषयो को ldquoराषटीय सरकाrdquo क नाम पर कचलन का एक परकार स lsquoलाइससrsquo भी परापत हो गया इस पर कषरि म 1958 स ही कखयात काला कानन lsquoसरकषा बल दवशर अदधकार अदधदनयमrsquo (अफपा) लाग ह तजसकी वजह स चनावो की रसमअदायगी होन क बावजद वहा वयवहारतः सनय शासन की तसथतत ह योतक सरका बलो को असीतमत अतधकार परापत ह इसी काल कानन का लाभ उठाकर भारतीय सना और अधयसतनक बलो न उतर-पवय म तपल पाच दशको स आतक का राज कायम तकया हआ ह और राजकीय दमन और तहसा का नगा नाच तकया

ह और इन राजयो की आम जनता क मानवातधकारो का बशमटी और दि-मतत क साथ हनन तकया ह ग़ौरतलब ह दक मानवादधकारो की धदजजया उडान वाला यह कानन परी तरह स सदवधान सममत ह

मखयभतम भारत म उतर-पवय को लकर काफ़ी हद तक गर-जानकारी और अजानता भी वयापत ह तजस आज भारत का उतर-पवय कहा जाता ह आज़ादी क वक़त उस पर भ-भाग म भतपवय असम परानत क असम क मदान आत थ इसक अलावा पहाड़ी तज़ल उतर-पवटी सीमावतटी परदश क नाथय-ईसटनय फतटयर टटस (एनईएफ़टी) और मतणपर और ततपरा की ररयासत शातमल थी इस कत म रहन वाल लोगो की ससकतत और इततहास म समानता और समरपता क क ततव जरर ह लतकन उनम कई तवतवधताए भी ह कल आठ राजयो यानी तक असम अरणाचल परदश मघालय मतणपर तमज़ोरम ततपरा नगालि तसतकम म तवभातजत उतर-पवय का कतफल दश क कल कतफल का 798 फ़ीसदी और इसकी आबादी दश की कल आबादी का 37 फ़ीसदी ह इस पर कत म लगभग 220 नजातीय समह और उपसमह रहत ह और लगभग इतनी ही बोतलया बोली जाती ह

औपदनवदशक शासन क अदतम िौर म और आजािी क बाि राजकीय व कौमी िमन स पिा हए राजनीदतक-साकक दतक अलगाव और आदथवक शोरण स उततर-पवव की दवदभन जनजादतयो म परदतरोध की चतना पिा हई जो एक खास दकम क नकजातीय राषटवाि (ethnic nationalism) क रप म दवकदसत हई भारतीय राजयसता दारा तकय गय बबयर दमन न इस परततरोध की चतना को और भी परबल बनाया नगा जसी क जनजाततया अपन कई उपसमहो को तमलाकर एक राषट क रप म तवकतसत हई तो क राषटीयताओ और उपराषटीयताओ क रप म अतसततव म आयी तजनकी कोई कतीयता तो नही थी लतकन तफर भी अनय राषटीय समहो स तभननताए थी इन राषटो-राषटीयताओ क परततरोध का साझा तबनद भारतीय राजयसता क दमन का तवरोध था जो इनका साझा शत थी और आज भी ह हालातक इनम आपसी अनतरतवरोधो का भी एक लमबा इततहास रहा ह मसलन नगा-ककी तववाद नगा-मइती तववाद नगा-जोमी तववाद असमी-तमज़ो तववाद असमी-बोिो तववाद आतद

दरिदटश उपदनवशवाि स आजािी क बाि भारतीय बजवआ राजयसतता न िमन की नीदतयो को खतम करन की बजाय और वहा बस रही कौमो को आतमदनणवय का अदधकार िन की बजाय इन िमनातमक कारगजाररयो को जयो-का-तयो बरकरार रखा बदलक कई मामलो म उसम इजाफा भी दकया आज़ादी क बाद उतर-पवय क राजयो का

जो पनगयठन तकया गया उसका आधार महज परशासकीय सहतलयत थी तजसकी वजह स कई मामलो म एक ही जनजातत कई राजयो म बट गयी और जनजाततयो की राषटीय आकाकाए कचल दी गयी इस तकसम क पनगयठन स नय तववाद भी उभर मसलन गटर नगालि तववाद नगा-मतणपर तववाद असमी-बोिो तववाद आतद मौजदा असम-तमज़ोरम सीमा तववाद भी इसी की एक बानगी ह

राजयो क पनगयठन की परतकरया म नगालि को राजय का दजाय 1963 म तमला लतकन इसक बावजद नगा गपो क कई राजनीततक-परशासकीय इकाइयो म बट होन क कारण उनका असनतोष बना रहा 1972 म असम स खासी गारो और जयतनतया पहाड़ी तज़लो को तमलाकर अलग मघालय राजय बना ततपरा और मतणपर को जो तक औपतनवतशक काल क दौरान ररयासत थी पणय राजय का दजाय द तदया गया तमज़ो पहातड़यो (तमज़ोरम) और lsquoनाथय-ईसटनय फतटयर एजनसीrsquo (अरणाचल परदश) को असम स अलग कर पहल कनदर शातसत राजय का दजाय तदया गया तफर 1987 म इनह पणय राजय का दजाय द तदया गया हालातक राजयो क इस पनगयठन की परतकरया न अलगाव और सवततता की आकाका को तो समापत नही तकया उट अनय सथानीय नजातीय समहो म भी सवशासन या सवततता की आकाका पदा हई और भभागो पर दावो को लकर आपस म उग टकरावो की शरआत हो गयी इसकी एक तमसाल असम-तमज़ोरम सीमा तववाद भी ह

राजनीततक-सासकततक अलगाव और आतथयक शोषण क अततररत दश क भीतर स होन वाल परवासन और बागलादश समत अनक पड़ोसी दशो स होन वाल आपरवासन स भी lsquoसथानीय बनाम परवासीrsquo का अनततवयरोध पदा हआ दरअसल औपतनवतशक काल स ही अतवभातजत असम म उपतनवशवातदयो दारा चाय बागानो की मौजदगी क कारण एक हद तक आतथयक तवकास तकया गया यही कारण था तक उस दौर म भी पड़ोसी बगाल परानत और भारत क अनय इलाको स लोग रोज़गार और ज़मीन की तलाश म असम परवासन करत थ और चतक उपतनवशवातदयो को भी चाय-बागानो म काम करन क तलए मज़दरो की ज़ररत थी तो वह सवय भी बाहर स लोगो को काम क तलए बलात थ साथ ही तल और कोयला खदानो म भी काययशतत की आवशयकता होती थी इसक अलावा सड़क और रल तनमायण कायय म भी बाहर स मज़दरो को काम पर लगाया जाता रहा बगाल स आन वाली एक बड़ी आबादी मसलामानो की भी थी इन परवातसयो म कई जो मखयतः चाय-बागानो म काम करत थ व वही बस भी गय इस पर तववरण क तलए पाठक मासयवादी इततहासकार अमलनद गहा को पढ़ सकत ह तजनका काम असम

(पज 13 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 13

(पज 12 स आग)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का ह मज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहएऔर वहा क राषटवादी आनदोलनो पर कतनदरत ह यह परवासन आज भी हो रहा ह इन परवातसयो म असर मज़दर आबादी ही शातमल होती ह ldquoसथानीय बनाम परवासीrdquo क अनतरतवरोध का फ़ायदा इन कौमो म मौजद तफ़रकापरसत ताकत भी अपन तनतहत सवाथयो क तलए उठा रही ह सीतमत ससाधनो और जनसातखयकीय असनतलन का हवाला दकर आम जनता म भय और असरकाबोध पदा तकया गया ह जो परवातसयो क तिलाफ़ तहसातमक घटनाओ म सामन आया ह य इन राषटीय आिोलनो म पजीवािी राजनीदत और दवचारधाराओ की मौजिगी यानी अदमतावािी व अधराषटवािी रझान की ओर भी इशारा करता ह और अततोगतवा हर परकार क राषटवाि की सीमा और परदतदकरयावािी चरररि को भी उजागर करता ह भल ही वह िदमत राषट का ही यो न हो िदमत राषटो की राषटीय मदत की लडाई म इन पजीवािी दवचारो व राजनीदत क दखलाफ सघरव करना करादतकारी मजिर वगव का एक कायवभार ह योदक तभी सही मायन म जनता की जनवािी राषटीय करादत क जररए सचची राषटीय मदत भी समभव ह बहरहाल इन अतरदवरोधो का फायिा भाजपा जसी फासीवािी पाटटी इस मजहबी रग ि कर भी उठा रही ह

बहरहाल मल चचाय पर वापस लौटत हए बात कर तो उतर-पवय क तवतभनन राजयो क इततहास पर तनगाह िालन स भारतीय राजयसता का ऐततहातसक तवशवासघात सपषट रप स सामन आता ह इसकी तवसतत चचाय म हम यहा नही जा सकत ह तफ़लहाल इतना कहना काफ़ी होगा तक उतर-पवय क तमाम राषटो-राषटीयताओ की आकाकाओ को कचलकर ही भारतीय राजयसता न जोर-ज़बदयसती करक इनह ldquoभारतीय राषटrdquo म शातमल तकया ह

मतणपर की बात कर तो आज़ादी क ततकाल बाद ही भारत सरकार क परतततनतध वीपी मनन न राजय म तबगड़ती कानन-वयवसथा का हवाला दकर मतणपर क राजाबोधचनदर तसह को तशलाग बलाया और 21 तसतमबर 1949 को कपटपणय तरीक स उसस भारत म तवलय क समझौत पर हसताकर करा तलया भारत सरकार न यह भी ज़ररी नही समझा तक इस समझौत की अतभपतषट नवतनवायतचत मतणपर तवधानसभा दारा करा ली जाय उट तवधानसभा को भग कर तदया गया इसक बाद स ही मतणपर म भारतीय राजय दारा परतयक दमन की नीतत अपनाकर परततरोध को दबान का तसलतसला शर हो गया और इसी क समानतर सशसतर सघषयो का भी तसलतसला शर हो गया आफसपा जस काल कानन की आड़ म भारतीय सना दारा की गयी बबयरता न जन-परततरोध को और बल परदान तकया 2004 म

भारतीय सतनको दारा एक मतणपरी मतहला मनोरमा क बलातकार और हतया क तवरोध म वहा की मतहलाओ न तनवयसतर होकर सना मखयालय क सामन तवरोध परदशयन तकया था यह घटना तकसी भी जनवादी होन का दावा करन वाल राजय क तलए एक शमयनाक घटना होती लतकन भारतीय राजय की बशमटी और बबयरता बदसतर जारी रही और उतर-पवय म यह दमनकारी जनदरोही कानन आज तक लाग ह

नगालि की कहानी भी क ऐसी ही ह औतपवतशक शासन क दौरान और बीसवी सदी की शरआत म नगा पहातड़यो क सथानीय तनवासी नगा नशनल काउतसल (एनएनसी) क बनर तल एकजट होकर एक साझा मातभतम और सवशासन की आकाका परकट करन लग थ भारत की आज़ादी क बाद नगा नशनल काउतसल न आतमतनणयय क अतधकार की वकालत की और भारत स आज़ादी क तलए जनमत सगह की माग भी रखी लतकन भारतीय राजय न एकतरफ़ा तरीक स नगा भभाग को भारतीय गणराजय का तहससा घोतषत कर तदया बदल म एनएनसी न नगालि की सवततता की घोषणा कर दी और 1952 म समपनन पहल आम चनावो का बतहषकार भी तकया इसक बाद ही भारत सरकार दारा कई नगा नताओ को तगरफतार कर तलया गया और तब स ही नगालि म एक लमब सशसतर सघषय की शरआत हई 1955 म भारतीय राजय न पतलस और सशसतर बलो क ज़ररए नगा राषटीय मतत आनदोलन को कचलन की कोतशश भी की इसी सघषय का सामना करन क तलए 1958 म lsquoआमिय फ़ोसजज सपशल पावसय एटrsquo बना जो आज तक समच उतर-पवय म लाग ह 1975 म एनएनसी क शीषय नततव न भारत सरकार क साथ वाताय करक तशलाग समझौता तकया और भारतीय गणराजय म शातमल होना सवीकार तकया तजन नगा नताओ न इस समझौत को सवीकार नही तकया उनहोन lsquoनशनल सोशतलसट काउतसल ऑफ़ नगालिrsquo (एनएससीएन) का गठन करक सघषय जारी रखा अब यह सगठन मइवा और खापलाग क दो गटो म तवभातजत ह तजनका आधार नगा जनजातीय समह की अलग-अलग उपजाततयो म ह

अब तमज़ोरम पर आत ह जसा तक ऊपर चचाय म आया था तक तमज़ो पहाड़ी कत आज़ादी क वक़त लशाई पहाड़ी तज़ल क नाम स असम म गतठत हआ तजसका नाम 1954 म बदलकर असम का तमज़ो पहाड़ी तज़ला कर तदया गया असम स अलग होन का एक अलगाववादी आनदोलन आज़ादी स पहल भी तमज़ो जनजातीय समहो म मौजद था लतकन 1959 स 1961 तक आय अकाल क राहत कायय म भारतीय राजय की उदासीनता और अनदखी क कारण पहल स ही मौजद असनतोष और आकरोश को नयी ज़मीन परापत हई इसक बाद ही साठ क दशक स तमज़ो सशसतर तवदरोह की दासतान शर होती ह

इसी दौर म तमज़ो नशनल फट (एमएनएफ़) का गठन हआ तजसनlsquoभारतीय उपतनवशवाद स तमज़ोरम की मततrsquo क तलए सशसतर सघषय का आहान तकया फ़रवरी 1966 म सशसतर दसतो न आइज़ोल शहर पर कबज़ा कर तलया नगालि की ही तरह भारतीय राजय दारा यहा भी दमन की नीतत को ततकाल अमल म लाया गया शहर को तफर स कबज़ा करन म भारतीय सना न नागररक आबादी पर धआधार बमबारी की हज़ारो पररवारो को उनक घरो स उजाड़ तदया गया 1986 म एमएनएफ़ और भारत सरकार क बीच समझौता हआ तजसक बाद एमएनएफ़ तहसा ोड़कर ldquoमखयधाराrdquo म शातमल हो गया और भारतीय सतवधान क अनतगयत काम करन पर सहमत हो गया लतकन इसस भारत क परतत तमज़ोरम क नजातीय समहो का अलगाव और रोष जरा भी कम नही हआ आज भी वहा अलग-अलग नजातीय समहो क अपन-अपन सशसतर तवदरोही दसत ह

तसतकम क इततहास पर भी तनगाह िालन पर सपषट होता ह तक आज़ादी क समय यानी 1947 स ही तसतकम का दजाय भारत क सरतकत राजय (lsquoपरोटटोरटrsquo) का था वह भारतीय यतनयन का तहससा नही था 1975 म तबना तसतकम की जनता स रायशमारी तकय भारतीय सतवधान म मौजद परावधान क तहत उस भारत म तमला तलया गया और पणय राजय का दजाय द तदया गया जबतक उस वक़त भी तसतकम का शासक आतमतनणयय का अतधकार माग रहा था तजस भारतीय राजय दारा िाररज कर तदया गया

इस सतकपत चचाय स सपषट ह तक आजादी क बाद स ही भारतीय हमरानो न उतर-पवय क तमाम राषटो एव राषटीयताओ क साथ ल-कपट करक वायदातिलाफ़ी करक दमन राजकीय तहसा और आतक का अनतहीन चकर कायम करक उनकी आकाकाओ और हको का गला घोटन का घतणत ककमय तकया ह तजस भारतीय राषटवाद क सड़-गल मलमम क ज़ररए तपाना भी नाममतकन जान पड़ता ह यह इततहास भारत क मज़दर वगय को भी जानन की ज़ररत ह योतक शोषण दमन और उतपीड़न का हर रप म तवरोध तकय तबना करातनतकारी मज़दर वगय न तो समाजवादी करातनत कर मज़दर सता को सथातपत कर सकता ह और न ही करातनतकारी सवयहारा जनवाद को सथातपत कर सकता ह तकसी भी रप म दमन शोषण और उतपीड़न का साथ दन वाला मज़दर वगय सवय भी पजीपतत वगय क हाथो शोतषत व दतमत होत रहन क तलए अतभशपत होता हअसम-ममज़ोरम समीमा-नववाद का हल उततर-पवष म राषटमीय रिशि क

समाधाि स जड़ा हउतर-पवय क तमाम राजयो म मौजद

आपसी सीमा-तववाद का तनपटारा भी वहा क राषटीय परशन क समाधान स नातभनालबदध ह वस तो तकसी यतनयन म सवचा स शातमल हई इकाइयो

क बीच भी सीमा-तनधायरण को लकर झगड़-फ़साद हो सकत ह एक पजीवादी राजय वयवसथा क अनतगयत आप और तकसी बात की उममीद कर भी नही सकत ह राषटीय शातनत या कौमी अमन जसी कोई भी चीज़ पजीवाद क मातहत सथायी तौर पर समभव ही नही ह लतकन यह तमाम तववाद अपन आप म कौमी दमन नही होत ह जबतक उतर-पवय की बात कर तो य तमाम सीमा-तववाद सीध-सीध भारतीय राजय क कौमी दमन की नीतत स ही पदा हए ह और उसक अतवभाजय अग ह

कौमी दमन का मतलब यह ह तक भारतीय शासक वगय दारा उतर-पवय म मौजद तमाम कौमो क पजीपतत वगय समत समची कौम का ही दमन तकया जा रहा ह यानी कौमी िमन क दनशान पर मलतः िदमत कौम का पजीपदत वगव होता ह जो िमन बाि म वकहि रप अदततयार कर जनता क अलग-अलग दहसो और जन-जीवन को भी अपनी जि म ल लता ह दकसी कौम क बजवआ वगव क िमन क बगर कौमी िमन अदततव म आ ही नही सकता ह िसर शबिो म कह तो कोई भी कौम िदमत ही तब मानी जायगी जबदक उसका पजीपदत वगव िदमत हो आज भारत की बात कर तो कशमीर और उततर-पवव को छोडकर यह दथदत और कही मौजि नही ह कौम या राषट बनता ही बजयआ वगय क अतसततव म आन क साथ ह यतद तकसी कौम स पजीपतत वगय को अलग कर तदया जाय तो उसक बाद जो रह जाता ह वह बस जनता ही ह आज उतर-पवय क राषटो म यह पजीपतत वगय तकतना तवकतसत या अतवकतसत ह इस तथय स वहा मौजद राषटीय दमन पर कोई फ़कय नही पड़ता ह

इसतलए उतर-पवय म तमाम राजयो क बीच मौजद सीमा-तववाद कौमी दमन का कारण नही बतक इसी कौमी दमन की नीतत का एक पररणाम ह अलग स तकसी दश क तकनही दो राजयो तजनम तक दतमत कौम ह और ज़बरन तकसी यतनयन म शातमल की गयी ह क बीच सीमा-तववाद क हल की उममीद शासक वगयो स तबना वहद राषटीय परशन क समाधान क करना ही बमानी ह आज़ादी क बाद शरआती दशको म तो भारत सरकार न उतर-पवय क महतव को कवल रणनीततक दतषट स ही दखा था लतकन पजीवादी तवकास क साथ ही पराकततक समपदा और ससती शरमशतत क दोहन की भी शरआत हई हालातक यहा बसन वाली कौमो म भारतीय राजयसता क परतत नफ़रत और अलगाव म कोई कमी नही आयी ह तकसी कापतनक एकाशमी ldquoभारत राषटrdquo और भारतीय राषटवाद म इन कौमो का तवलयन ज़ोर-ज़बदयसती क बत ही समभव ह इसतलए आज भी इस पर भ-भाग म कई सशसतर सघषय चल रह ह जब तक भारतीय राजयसता का राषटीय दमन और ज़बर जारी रहगा य राषटीय मतत सघषय भी तवसतजयत नही होग नततव की कोई

एक धारा जब समपयण करगी तो दसरी धारा उभरकर सामन आयगी और सघषय को जारी रखगी ऐततहातसक तौर पर कह तो राषटीय परशन का अतनतम और मकममल समाधान तो कवल और कवल एक समाजवादी राजय क तहत ही समभव ह जो सही मायन म तवतभनन राषटो को अलग होन क अतधकार क समत आतमतनणयय का अतधकार और अपसखयक राषटीयताओ को ससगत जनवाद का अतधकार दता ह लतकन हर दतमत कौम क तलए पहला काययभार राषटीय मतत का जनवादी काययभार ही होता ह और उसक तलए करातनत की मज़ तल भी राषटीय जनवादी ही होती ह

इततहास न यह भी सातबत तकया ह तक सामाजयवाद क दौर म दमनकारी राषट या राषटो क पजीपतत वगय आम तौर पर दतमत राषटो को आतमतनणयय का अतधकार और राषटीयताओ को ससगत जनवाद नही द सकत लतकन यह भी उतना ही सच ह तक राषट कवल दमनकारी राषटो क अतधकार दन की वजह स म त नही होत व अपन राषटीय मतत सघषयो क ज़ररए भी म त होत ह यह एक अलग चचाय का तवषय ह तक उतर-पवय क तवतभनन राषटो का राषटीय मतत सघषय यह राषटीय मतत हातसल कर सकता ह या नही लतकन इतना तय ह तक जब तक इन दतमत कौमो को राषटीय मतत हातसल नही होती तब तक शातनत या तसथरता की कोई उममीद भी नही की जा सकती ह तकसी भी कौम को हमशा गलाम बनाकर नही रखा जा सकता ह यह बात भारत क उतर-पवय पर भी उतनी ही लाग होती ह

आज भारत म दतमत कौमो क राषटीय मतत सघषयो को भारतीय राजयसता क तवरदध मज़दर वगय क समाजवादी करातनत क सघषय स जड़ना होगा और भारत क मज़दर वगय आम महनतकश जनता और ातो-नौजवानो को भारत की दतमत कौमो क राषटीय मतत सघषय स िद को जोड़त हए उनक राषटीय आतमतनणयय क अतधकार का तबना शतय समथयन करना होगा जहा एक तरफ़ भारत की महनतकश अवाम को हर परकार क राषटीय कटरपनथ और अनधराषटवाद स अपना नाता तोड़ना होगा और भारतीय बजयआ वगय क मिी म पदा हए राषटवाद की असतलयत समझनी होगी वही दसरी तरफ़ दतमत कौमो म राषटीय मतत क तलए लड़ रही ताकतो को भी यह समझना होगा तक हर परकार का बजयआ राषटवाद और सकीणय अतसमतावाद या कटरतावाद तकसी भी वयापक और तटकाऊ जन-एकजटता म बाधा ह भारत की महनतकश जनता इस सघषय म उनकी शत नही बतक दोसत ह वासतव म भारतीय राजयसता और भारतीय पजीपतत वगय ही हमारा मशतरका दशमन ह यह बात समझना बहद जररी ह सचच और सही अथयो म राषटीय मतत आनदोलन भी साथयक और कारगर तरीक स तभी आग भी बढ़ सकत ह

14 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 1 स आग)

करना ही उसक तलए भी बहतर ह इस तरह दश आज़ाद हआ आलीशान अटातलकाओ म हो रह जशन क बाहर बठी दश की आम महनतकश जनता फटहाल हालत म सगीत नाच-गाना और आततशबाज़ी दख रही थी और उममीद लगाय थी तक एक तदन वह भी िशहाल होगी आज़ादी क करीब चार दशक बाद जब नवउदारवादी नीततयो की शरआत हई तो पजीवादी नताओ और उनक चाकर बतदधजीतवयो न कहना शर तकया तक जब समतदध आयगी तो ररस-ररस कर सब तक पहचगी लतकन ररस-ररस कर तो बस दख-तकलीफ़ आयी ह अमीरज़ादो की समतदध की आततशबातज़यो को दख सड़को पर भीख माग रह बचच ताली बजा कर िश होत ह समतदध का अथय जनता क तलए बस इतना ही ह

आपन असर लोगो को यह कहत सना होगा तक अगज़ चल गय लतकन अगज़ी ोड़ गय अगज़ी क पी टन का मतलब तसफ़य भाषा स नही ह इसका अथय यह भी ह तक अगज़ो क चल जान क बाद अगज़ी नौकरशाही सना और पतलस क औपतनवतशक ढाच को ही अपना तलया गया योतक वह भारतीय पजीपतत वगय क तलए भी अपन तहतो की सवा क तलए उपय त था इसतलए लट और दमन बदसतर जारी रहा बस शासक वगय बदल गया जब दमन का बना-बनाया तत आज़ादी क साथ मफत तमल रहा था तो उस बदलन की कोई िास आवशयकता नही थी इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक lsquoगवनयम ट ऑफ़ इतिया एट 1935rsquo क 321 धाराओ म स 250 को ह-ब-ह भारतीय सतवधान म अपना तलया गया और आईपीसी तो अगज़ो क ज़मान स चली आ रही ह तजनम नयी धाराए जोड़ी गयी ह लतकन परानी सभी धाराए लगभग वसी ही ह तलतखत क साथ-साथ अतलतखत हथकि भी उनही स सीखकर उस िब माजा गया lsquoफट िालो और राज करोrsquo की नीतत पजीवादी सता क तलए अचक सजीवनी बटी ह अगज़ो न इस सवततता आनदोलन को कमज़ोर करन क तलए इसतमाल तकया और आज़ाद दश म सभी सरकार इस अपन-अपन ढग स मज़दरो-महनतकशो की एकता तोड़न उनक सघषयो को कमज़ोर करन क तलए करती आयी ह इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक आज़ादी क दौरान करातनतकाररयो की मितबरी करन वालो अगज़ो क तलव चाटन वालो उनह माफ़ीनामा तलखन वालो आज़ादी की पवयसधया पर ततरगा जलान वालो और महातमा गाधी की हतया करन वालो आरएसएस और अनय सहयोगी सगठनो पर कभी कोई ठोस कारयवाई नही की गयी तजसस इनको परभावी तौर स रोका जा सक भारतीय पजीवाद को आरएसएस की आवशयकता थी और इसतलए इस ज़जीर स बध कत की तरह अपन करीब बाध रखा समय-समय

पर ज़ररत क अनसार ज़जीर कस दी जाती रही या ढीली कर दी जाती रही आज पजीवाद की ज़ररत क अनसार इस खखार कत को भारत क पजीपतत वगय न सता ही सौप दी ह

बहरहाल हम बात कर रह थ भारत क पजीपतत वगय और उसकी राजनीततक पाटटी कागस क बार म सता हातसल करन क बाद भारत का पजीपतत वगय इतना सशत नही था तक अपन बल-बत पजीवाद क फलन-फलन क तलए आवशयक बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो का ताना- बाना खड़ा कर सक उसक पास आरतमभक पजी और तकनोलॉजी की कमी थी इन आवशयकताओ को परा करन की दो राह थी एक सामाजयवादी दशो पर पणय-तनभयरता और दसरा जनता की गाढ़ी कमाई की पाई-पाई का दोहन इन दोनो म स यहा क पजीपतत वगय न दसरा रासता अपनाया लतकन पजीपतत वगय सीध जनता का पसा नही लट सकता था और न ही राजय उस सीध लटकर पजीपततयो को थमा सकता था इसतलए इनहोन तमतशरत अथययवयवसथा की नीतत अपनायी यानी सावयजतनक कत सय त कत और तनजी कत इस नहर न lsquoसमाजवादी नमन क समाज क तवकासrsquo का नाम तदया जनता की गाढ़ी कमाई चस कर दश का तवकास आरमभ हआ और जनता क पस स बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो को खड़ा तकया गया बतनयादी और अवसरचनागत उदयोग जस इसपात कारिान रल यातायात और पररवहन तबजली सचार आतद सावयजतनक कत म रख गय इनम पजी तनवश अतधक और मनाफ़ा लमब कालकरम म हातसल होना था वही उपभोता वसतओ का उतपादन तनजी कत को सौपा गया तजसम लागत सापतकक रप स कम और मनाफ़ा जद हातसल होना था इस योजना का आधार 1944 का बॉमब पलान या टाटा-तबड़ला पलान था दश की मज़दर-महनतकश आबादी की कमाई लट कर दश म बतनयानी और अवसरचनागत उदयोग खड़ तकय गय तातक पजीपतत वगय क मनाफ़ा कमान का काम सगम हो सक मतलब lsquoहरज लग न तफटकरी रग चोखाrsquo उननीसवी सदी क अनत और बीसवी सदी क शरआत स ही दश म कई बड़ बक थ तजनम सबस बड़ा बक lsquoइमपीररयल बकrsquo था लतकन दर-दराज़ क इलाको म भी सतवग सकीम थी जस पोसट ऑतफ़स सतवग सकीम जो 1882 म खोली गयी थी जनता की महनत की कमाई तक पहच क तलए ससथान पहल स मौजद थ तजन पर 1948 क बाद नहर न अतधक बल तदया जो तक पजी क सचय क तलए लातज़मी भी था 1969 म बको क राषटीकरण न तनवश क तलए पजी की उपलबधता को बढ़ा तदया कह सकत ह तक तमतशरत अथयवयवसथा की आड़ म बहद कशलतापवयक कागस न पजीपतत वगय की सवा की उसक तहतो को

साधा और जनता की गाढ़ी कमाई को चस कर पल सड़क सचार पररवहन बनाया गया और जनता क बीच बढ़ रह मोहभग पर रसमी सधारवाद का नाटक कर पानी क ीट भी िाल सीपीआई सीपीएम और नामधारी कमयतनसट पातटययो न भी इन नीततयो का समथयन कर न कवल जनता की पीठ म रा घोपा बतक उनकी राजनीततक चतना को भी कनद तकया तजसकी चचाय हम आग करग

नहरतवयाई lsquoसमाजवादrsquo क चोग की सीवन जद ही उधड़न लगी और 1960 क दशक क उतरादधय म ही भारत की अथयवयवसथा म ठहराव आन लगा 1970 का दशक मनदी का दशक रहा चार पचवषटीय योजनाओ और तीन वातषयक योजनाओ क कल पजी तनवश को दख तो सावयजतनक कत म पजी तनवश का परततशत अनपात तनजी कत की तलना म बढ़ता गया लतकन जद ही तमतशरत अथयवयवसथा या तथाकतथत समाजवाद क अनतरतवरोध सामन आन लग 1960 क दशक म जो सकट आया था और जो 1970 क दशक म गहराया था वह राजकीय इजारदार पजीवाद क ढाच क भीतर पजी सचय का सकट था बड़ा पजीपतत वगय और साथ ही नवोतदत मझोला व ोटा पजीपतत वगय lsquoधनधा करन की परी सहतलयतrsquo की माग कर रहा था जो तक नहरतवयाई समाजवाद क ढाच म बातधत थी हर परकार क सरकारी तवतनयमन व तनयतण स उस टकारा चातहए था तजस उसन सवय अपनी ही ज़ररत स एक समय सथातपत तकया था इस सकट की ही अतभवयततया थी उस दौर म बढ़ती महगाई बरोज़गारी खादयानन सकट आतद एक ओर मधय वगय तनमन पजीपतत वगय और महनतकशो क सपन टट रह थ वही दसरी ओर सावयजतनक कत क पालन म पला तशश तनजी पजीपतत वगय अब बड़ा हो चला था और पालना उसक तवकास को रोक रहा था पजीवादी तहतो की नमाइनदगी करन वाल बतदधजीतवयो और अथयशातसतरयो न पजी पर राजय क तवतनयमन यानी लाइसस कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण परतयक तवदशी तनवश पर रोक एमआरटीपी तनयतण व सतबसिी आतद पर सवाल उठान शर कर तदय

इस दौर म तवशव सतर पर भी 1970 क दशक म नवउदारवाद क यग की शरआत होती ह अपना सवतणयम यग जीन क बाद 1960 क दशक क आतिरी वषयो म ही अमररकी व यरोपीय पजीवाद पर सकट क बादल मिरान लग थ और इसक साथ ही करतमक परतकरया म पतशचम म कयाणकारी राजय की नीततयो को समापत करना शर कर तदया चतक अमररकी व आम तौर पर पतशचमी पजीवादी अथयवयवसथाए मनाफ़ की दर का सकट झल रही थी इसतलए पहल उनहोन अपन यहा तवतीय तवतवतनयमन तकय अमररका न लचीली तवतनमय दर सथातपत की शरम

बाज़ार का भी क उदारीकरण तकया और तफर तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क पजीपतत वगय पर भी दबाव बनाया तक व भी तवतीय तवतवतनयमन कर और शरम बाज़ार को लचीला बनाय तातक पतशचमी सामाजयवादी पजी को इन दशो म और खल कर ससत शरम की लट की ट तमल अपन कारणो स एतशया व अरब अफीका और साथ ही लाततन अमररका क तमाम पजीवादी दशो का शासक वगय भी उदारीकरण की आवशयकता महसस कर रहा था तवशव बक और तवशव मदरा कोष न तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क आतथयक सकट का लाभ उठात हए उन पर तवदशी पजी क तलए अपन दरवाज़ खोलन का दबाव बनाया यानी उनह तवदशी वयापार और तवदशी तनवश पर लगी तमाम पाबतनदयो को हटान क तलए मजबर करन का परयास तकया क दशो न (जस तक लाततन अमररका क क दश) इस परकार की नीततयो को जयो का तयो लाग तकया तजनह lsquoसपrsquo यानी lsquoसटचरल एिजसटमटrsquo की नीतत भी कहा जाता हा इसक आरतमभक परयोग लाततन अमररका क दशो म हए और पानी जसी मलभत सतवधाओ को तनजी हाथो म सौपन स लकर समची अथयवयवसथा क नवउदारवादी पनगयठन क भयकर पररणाम सामन आय

भारत क सनदभय म कहा जाय तो यहा क पजीपतत वगय न बहद कशलता स इन नीततयो को लाततन अमररका क तवपरीत अपन तहतो क अनसार बदलकर और तवलतमबत परतकरया म लाग तकया तजसक कारण भारतीय पजीवादी वयवसथा उस परकार सामाजयवाद पर तनभयर नही हई और न ही वह उस परकार औध मह तगरी तजस परकार लाततन अमररका क क दशो क साथ हआ नतीजतन यहा उस परकार जनाकरोश फट कर सड़को पर भी नही बहा तजस परकार लाततन अमररकी दशो म हआ था असर यह बात कही जाती ह तक भारतीय शासक वगय अनतरायषटीय दबाव म नवउदारवादी नीततयो को अपनान क तलए मजबर था लतकन ऐसा नही ह और इसकी चचाय हम पहल ही कर चक ह तक तकस परकार तमतशरत अथयवयवसथा क तवतनयमन म तनजी पजी का दम घट रहा था और वह लाइसस सतबसिी परतमट शरम काननो कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण आतद स पीा ड़ाकर म त बाज़ार म गोत लगाना चाहती थी तसफ़य बाहरी पररतसथततया ही नही बतक आनतररक पररतसथततया भी नवउदारवाद क तलए दबाव बना रही थी आतधकाररक तौर पर जलाई 1991 म नवउदारवाद की नीततयो की घोषणा स पहल ही 1980 क दशक म राजीव गाधी नवउदारवाद क सबस मखर समथयक बन और उनकी सरकार न सीतमत हद तक अथयवयवसथा का उदारीकरण तकया 30 उदयोगो म लाइसस की आवशयकता हटायी तथा और साथ ही कई पररवतयन तकय गय

लतकन पर ढोल-ताश तोरण और बनदनवार क साथ तवकास क बड़-बड़ वायदो और रोज़गार क सवतणयम अवसरो क सपन तदखा कर उदारीकरण तनजीकरण और भमिलीकरण की नवउदारवादी नीततयो की शरआत 24 जलाई 1991 को परधानमती नरतसमहा राव तवत मती मनमोहन तसह और योजना आयोग क उपाधयक मोटक तसह अहलवातलया क समय म की गयी यह दावा तकया गया तक परतयक तवदशी तनवश स दश म रोज़गार सजन होगा इन तीनो न तमल कर lsquoतटकल िाउन तथयरीrsquo यानी धन-समतदध क ऊपर स ररस कर नीच जान का तसदधानत परसतत तकया ऊपर स नीच का सच तो महनतकश लोग अपनी तज़नदगी स जानत ही ह नीच स तनचोड़कर सारा धन ऊपर की ओर ज़रर चला जा रहा ह और ऊपर स ररसकर कवल गरीबी बरोज़गारी और बबायदी आम महनतकश जनता क तहसस आ रही ह अगर ऐसा नही होता तो दश म 1990 म जहा मात 2 अरबपतत (िॉलर अरबपतत) थ वही 2021 म 177 कस हो गय lsquoहरन गलोबल ररच तलसटrsquo (हरन दारा बनायी तवशव म अमीरो की सची) क अनसार पर तवशव म अरबपततयो की सखया म तीसरा सथान भारत का ह साथ ही वतशवक भखमरी सचकाक म 107 दशो की सची म भारत 94व सथान पर ह सवासथय की पहच क कत म भारत का सथान 189 दशो म 179वा ह जो तक बगलादश शरीलका पातकसतान और कई अफीकी दशो स भी नीच ह 1995 स लकर 2009 तक जीिीपी क औसत 6 स सात और कई बार 8 स ऊपर पहचन पर सीना चौड़ा कर तवकास का दावा करन वाली सरकार यह नही बताती तक यह तवकास रोज़गारतवहीन तवकास था योतक 1991 स लकर 2018 तक बरोज़गारी की दर 5 परततशत स 6 परततशत क बीच बनी हई थी जो 2020 म 56 सालो म सबस जयादा यानी 89 परततशत हो गयी 2021 म तो यह 917 परततशत हो गयी ऐस तवकास की जनता क तलए या उपयोतगता जो रोज़गार क अवसर ही न सतजत कर शयर बाज़ार म उाल पजीपततयो की तज़ रफतार महगी गातड़यो पराइवट जट तवमानो आलीशान अटातलकाओ और तवदश याताओ की सखया क आधार पर मापा गया तवकास आम महनतकश आबादी की थाली म दो जन की रोटी तक नही पहचाता

आम आबादी क तलए तो नवउदारवाद तगी बरोज़गारी कपोषण और भखमरी ही लकर आया ह तदहाड़ी पर काम करन वाली 50 करोड़ आबादी 10 साल पहल वासतव म तजतना कमाती थी आज भी लगभग उतना ही कमाती ह जबतक कीमत दोगनी-तीन गनी हो चकी ह दश म 60 परततशत आबादी कपोषण का तशकार

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह

(पज 15 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 15

ह राषटीय पोषण तनगरानी बयरो दारा 2015-16 म शहरी आबादी म तकय गय सवज क अनसार औसत खानपान म परोटीन कतशयम आयरन तथयातमन तनयातसन आतद पोषक ततवो की काफ़ी कमी ह यही ह दश की मज़दर महनतकश आबादी क तलए नवउदारवाद की सवतणयम सौगात

िवउदारवाद और मज़दर आनदोलि

1950 क दशक क आरमभ स ही सशोधनवाद क मागय पर तनकल पड़ी भारत की कमयतनसट पाटटी (भाकपा) नहर और कागस की नीततयो को समाजवाद की तदशा म कदम मानती थी और राषटीकरण की रट लगाती थी भाकपा क अनसार आज़ादी क बाद कागस जनवादी काययभारो को परा कर रही थी इसतलए कमयतनसटो को इसका सहयोग करना चातहए अत इनहोन वगय सहयोग की लाइन दी जब पाटटी की लाइन ही वगय सहायोगवाद की हो गयी तब समाजवाद क समथयन और सवयहारा वगय को करातनतकारी चतना और उसक ऐततहातसक तमशन स पररचय करान की बात तो सथतगत हो गयी 1964 म एक सशोधनवादी पाटटी क तौर पर ही भाकपा स अलग हई माकपा सीध तौर पर नहर की गोद म नही बठी और उसन नहर को समझौतापरसत बोलकर उसपर जनवादी काययभारो को परा करन क तलए सड़क और ससद म दबाव बनान की बात की लतकन असल म वह भी एक सशोधनवादी पाटटी थी न तक मज़दर वगय की कोई करातनतकारी कमयतनसट पाटटी अपन गरमा-गरम भाषणो और चाय की पयाली म तफ़ान उठान क अलावा इन ससदमागटी जड़वामनो न बजयआ वगय क तिलाफ़ मज़दर वगय की करातनतकारी राजनीततक चतना उननत बनान क तलए कोई ठोस राजनीततक कारयवाई नही की और मज़दर वगय को अथयवाद क गोल चकर म ही घमात रह सवयहारा वगय की तहरावल पाटटी का अतनतम लकय होता ह तक वह बजयआ राजयसता का धवस करक सवयहारा राजयसता की सथापना करन की ऐततहातसक मतहम म महनतकश जनसमदाय को नततव द इस अतनतम लकय तक पहचन क तलए कमयतनसट मज़दरो और सभी करातनत-पकधर वगयो क जन-सगठन बनात हए आतथयक सधारो-मागो-ररयायतो क तलए अथयवादी नही बतक राजनीततक रप स लड़त हए जनता की जझार सगठनबदधता को बढ़ात ह रतढ़यो स मतत और वगय-चतना को परखर बनान क तलए सतत सामातजक आनदोलन करत ह और सासकततक कायय करत ह लतकन ऐसा करन की जगह मज़दर वगय को य सशोधनवादी पातटयया सधारवाद पबनदसाज़ी अथयवाद अराजकतावादी सघातधपतयवाद और टि यतनयन की गतलयो म घमाती रही

1950 क उतरादधय स भाकपा एव अपन जनम क काल स ही माकपा

और 1980 क दशक स भाकपा (माल) का इततहास जब ऐसा रहा तब उनस 1991 म नवउदारवाद क तवरदध जझार परततरोध की उममीद बकार थी और हआ भी ऐसा ही नवउदारवाद न मज़दरो का िन बहा कर तमल शरम काननो को ततलाजतल द दी और य ससदमागटी सशोधनवादी पातटयया महज़ सगतठत कत क मज़दरो और कमयचाररयो को लकर नपसक तकसम क तवरोध की रसमअदायगी करती रही और 93 परततशत असगतठत मज़दर वगय को तो सगतठत करन का इनहोन कभी ढग स परयास ही नही तकया आज सार परान शरम कानन लगभग समापतपराय ह और मज़दर जानलवा हदो तक असरका की तसथतत म काम करन को मजबर ह मज़दर वगय की जीवन व काययतसथतत भयकर ह खल और मनोरजन की या बात कर जब मामली बीमाररयो क इलाज की भी सतवधा नही ह नय लबर कोि वासतव म मज़दरो की पजीपततयो दारा तबना तकसी रोक-रकावट लट को काननी बनान क तलए ही लाय गय ह इसक अलावा करल अतीत म पतशचम बगाल और ततपरा म ससदीय वामपनथी पातटययो की सरकारो न सवय नवउदारवाद की नीततयो को परी तनषठा स लाग तकया ह वगय सहयोग की तदशा म बहद सजीदगी स कदम बढ़ात हए परथम यपीए सरकार म शातमल होकर भारत म उदारीकरण-तनजीकरण को सही तरीक स लाग करन का रासता साफ़ तकया और इस तदशा म नयी-नयी नीततयो क जनमदाता बन 2005 म ससद म बठकर इनहोन सज़ अतधतनयम पास करवाया सज़ यानी सपशल इकॉनोतमक ज़ोन तजसक तहत ऐस औदयोतगक कत बनाय गय जहा तकसी भी तरह का शरम कानन लाग नही होता

इस परकार इन सशोधनवादी पातटययो न मज़दर वगय क साथ ऐततहातसक गदारी की झठ तवशवासघात और फरब का इतना लमबा काल झल कर महनतकश आबादी क बड़ तहसस का इनस मोहभग हो चका ह और इनका आधार अब मलत और मखयत सगतठत कत क पक कमयचाररयो और एक हद तक क राजयो म ोट व मझोल वयवसातययो और मझोल व धनी तकसानो-कलको म ह मज़दर वगय क एक तहसस म इनह लकर क भम अभी भी ह लतकन उनह तनरनतर करातनतकारी परचार और सघषयो क ज़ररए इनह बनकाब करक ही तोड़ा जा सकता ह सचचाई यह ह तक वाहय आवरण म आम मज़दरो को कमयतनसट तदखन वाली य पातटयया अपनी अनतयवसत म बजयआ ही होती ह सशोधनवादी पातटययो दारा मज़दर वगय क आनदोलन को सधारवाद अथयवाद और सशोधनवाद क पककि म ल जान का सबस जयादा फ़ायदा फ़ासीवादी शततयो को तमला तजनहोन पजीवादी वयवसथा क सकट और करातनतकारी

कमयतनसट शततयो क अभाव म मज़दर आनदोलन क एक ोट तहसस म और वयापक टटपतजया आबादी म परतततकरया का आधार तयार तकया

राम जनमभतम आनदोलन बाबरी मतसजद धवस 1991 क सकट क बाद और 1995 तक उदारीकरण-तनजीकरण क तवनाशकारी पररणामो क बाद भारत म फ़ासीवादी आनदोलन पहल स कही अतधक आकरामक हो कर उभरा एक करोड़ 42 लाख सदसयो वाली एटक और 60 लाख स भी जयादा की सदसयता का दमभ भरन वाला सीट और बगाल करल और ततपरा म सरकार चलान वाली माकपा और भाकपा इस आकरामक फ़ासीवादी सलाब क समय तकनार बठ कर धातमयक सौहादरय का कीतयन करती रही और सामपरदातयकता स लड़न क नाम पर कभी कागस तो कभी मलायम तसह यादव का प ला बनी रही जब 2002 म जलत गजरात क तवरोध म सड़को पर उतरन की और फ़ासीवातदयो स तनपटन की मज़दरो क लड़ाक सगठन बनान की और िाकी चििीधाररयो का महतोड़ जवाब दन की ज़ररत थी तब भी इतनी बड़ी सदसय सखया लकर इन सशोधनवादी पातटययो को ससद क एसी सभागार फ़ासीवाद स लड़न क जयादा कारगर उपाय लग वासतव म य मज़दर वगय का कोई करातनतकारी आहान करन की कमता खो चक थ और अगर दहाड़न क तलए भी मह खोलत ह तो मह स मयाऊ ही तनकल जाता ह इनका यह इततहास दशायता ह तक फ़ासीवाद को एक lsquoअपरततरोधय उभारrsquo बनान म अगर तकसी एक शतत की सबस अतधक भतमका ह तो वह सशोधनवाद ही ह

पतशचम बगाल म लोकसभा चनावो और राजयसभा चनावो क दौरान भाकपा-माकपा का बड़ा जनाधार तखसक कर भाजपा की ओर चला गया इस जनता की करातनतकारी ऊजाय को अथयवाद और सशोधनवाद स बतधया कर दन और उनकी राजनीततक चतना को कनद करन क पररणाम क तौर पर दखा जा सकता ह दश क अनय तहससो म भी मज़दर तनमन-मधयवगय और आम महनतकश वगय क बीच करातनतकारी पाटटी और राजनीतत की नामौजदगी की वजह स बढ़त आतथयक असरका व सकट काल म फ़ासीवादी ताकतो को अपन पर पसारन का अवसर तमल जाता ह िवउदारवाद क दौर म फासमीवाद

का उभारपजीवाद तजस असमाधय सकट

स गज़र रहा ह उसस तनपटन क तलए दतनया क तमाम दशो म पजीपतत वगय सबस परतततकरयावादी दतकणपनथी मज़दर-तवरोधी और फ़ासीवादी सरकारो को चन रहा ह भारत क सनदभय म तहनदतववादी फ़ासीवादी मोदी सरकार सता म आयी यहा क पजीपतत वगय को ऐसी सरकार की

ज़ररत थी जो लोह क हाथो स उन नीततयो को लाग कर जो मनाफ़ की राह म सभी परशातनयो को हटा द और पजी क तलए खल चारागाह का तनमायण कर इसक तलए आदशय परतयाशी मोदी और पाटटी भाजपा ही थ इसतलए मोदी सरकार जब 1914 म सता म आयी तो सबस पहल शरम काननो म बदलाव तकया आज यह बदलता-बदलता समापत पराय हो गया ह और उनकी जगह बस चार लबर कोि रह गय ह य कोि मज़दरो को गलामो की तसथतत म ला दग सार सावयजतनक ससथान औन-पौन दामो म बच जा रह ह पजीपततयो की सारी महमागी मराद परी हो रही ह इसतलए तो मकश अमबानी तवशव म आठवा और एतशया म सबस अमीर वयतत बन गया ह

एक ओर जहा धन क मटी भर आबादी क हाथो सकतनदरत हो रहा ह वही भमिलीकरण और उदारीकरण क 30 वषयो न बड़ पमान पर ोट पजीपतत वगय को उजाड़ा ोट पमान क उतपादको दकानदारो वतनभोतगयो और साथ ही गामीण तनमन-पजीपतत वगय को भी उजाड़ा ह बड़ पमान पर लोग सड़को पर आ गय और जो सड़को पर नही आय उनक तसर पर भी लगातार टनी और तालाबनदी नौकरी स तनकाल तदय जान ठक पर कर तदय जान की तलवार लटकती रहती ह कहन का अथय ह तनमन-पजीपतत वगय क सामन भतवषय की असरका और अतनतशचतता बहद तज़ रफतार स बढ़ी ह भाजपा और आरएसएस न इसी असरका और अतनतशचतता का फ़ायदा उठाया इस अतनतशचतता और असरका स पदा हए गसस बौखलाहट तचड़तचड़ाहट और तनराशा को सघ पररवार न अपसखयको तवशषकर मसलमानो और शरणातथययो की ओर मोड़ तदया मसलमानो शरणातथययो ईसाइयो आतद को सभी सकट पर शातनयो और असरका की वजह बतात हए इनक तिलाफ़ सड़को पर उनमाद पदा तकया गया सघ पररवार का पदा तकया सामपरदातयक उनमाद ततकालीन आतथयक सकट की वजह स उभरा और फ़ासीवाद भारत म पहली बार 1980 क दशक म एक परतततकरयावादी

सामातजक आनदोलन बनकर उभरा लतकन तवचारधारातमक सगठनातमक और ससथाबदध कामो की तयारी सघ 1925 स ही कर रहा था शाखाओ सासकततक कनदरो तशश मतनदरो म सामपरदातयक सतरी-तवरोधी दतलत-तवरोधी ज़हर घोल-घोल कर तपलाया जाता रहा और आज इन ससथाओ स तनकल लोग नौकरशाही पतलस सना नयायपातलका तवशवतवदयालयो स लकर न कड़-चौराहो पर सघ क तवचारो क रकक और परचारक बन बठ ह बहरहाल आज कोई दशवयापी करातनतकारी कमयतनसट पाटटी मौजद नही ह जो तक वयापक महनतकश अवाम को करातनतकारी सवयहारा वगय क नततव म जगा सक गोलबनद कर सक सगतठत कर सक और समझा सक तक उनक दखो तकलीफ़ो और असरका की असल वजह पजीवाद ह न तक कोई धमय या समदाय आज ऐसी पाटटी का तनमायण करत हए मज़दर वगय क बीच वयापत सभी परकार क तवजातीय तवचारो स लड़ना होगा और उनकी राजनीततक चतना उननत करनी होगी मज़दर वगय को उसक ऐततहातसक तमशन की याद तदलानी होगी और उसक बीच वयापत रतढ़वादी अवजातनक अतातकय क तवचारो स सतत सघषय करना होगा कवल इसी क ज़ररए मज़दर वगय और आम महनतकश अवाम फ़ासीवातदयो को महतोड़ जवाब द सकती ह

अनतत 30 वषयो क नवउदारवाद क काल न दश म वगयो का धरवीकरण ितरनाक सीमा तक बढ़ा तदया ह करोड़ो-करोड़ बदहाल तनराश और बघर आबादी क शीषय पर मटी भर आबादी आपरातधक अययाशी का जीवन जी रही ह और आन वाल समय म बढ़ती महगाई टनी-तालाबनदी बरोज़गारी को दखत हए यह धरवीकरण और गहरान जा रहा ह आतथयक सकट स पदा असनतोष को दबान क तलए फ़ासीवाद क हमल भी और आकरामक होग तजसक सकत तमल रह ह करातनतकारी शततयो को सवयहारा वगय क बीच राजनीततक परचार-परसार क काम को यदध सतर पर सगतठत करना होगा और मज़दर महनतकश वगय को इन राजनीततक गतततवतधयो म बढ़-चढ़ कर तहससा लना होगा

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह(पज 14 स आग)

अपनी रोज़ी-रोटी को बचाया जा सक और लट शोषण व दमन क तिलाफ़ समच मज़दर वगय और आम महनतकश आबादी का सशत परततरोध खड़ा तकया जा सक पजीवाद क मनाफ़ की दर तगरन का सकट पहल स कही जयादा तज़ होता जा रहा ह और मज़दरो क लट शोषण व दमन तज़ होता जा रहा ह यही समय ह तक हम मज़दर जद स जद एकजट हो जाय सगतठत हो जाय और सोच-समझकर अपन सघषय को आग बढ़ाय मातलक ठकदार जॉबर आतद हमस

जयादा नही ह लतकन व हमस जयादा सगतठत ह और उनक पी सरकारो की ताकत ह दसरी ओर हम असगतठत और तबखर हए ह यदि हम सगदठत और एकजट हो तो सरकारो की ताकत साथ होन क बावजि व हमस मकाबला नही कर सकत व अभी ऊच इसदलए दिख रह ह योदक हम घटनो पर बठ हए ह

मािसर की शमीनिसस कमिमी क मज़दरो(पज 10 स आग)

ाक पजीयन SSPLWNP-3192020-2022पररण ाकघर आरएमएस चारबाग़ लखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 5 परतयक माह16 Mazdoor Bigul l Monthly l September 2021 l RNI No UPHIN201036551

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो लखनऊ स मददत समपािक अदभनव l समपािकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006

टोको ओलममपक म भाित का परदशवन एक समीकाndash साथिषक

अगसत महीन म टोयो ओलतमपक खलो का समापन हआ और भारत को इस बार एक सवणय दो रजत और चार कासय पदक तमल ह इस परकार कल पदको की सखया सात रही ह हर ोटी स ोटी उपलतबध की तरह मोदी जी इस बार भी मौक पर चौका मारन क तलए पहल स ही तयार बठ थ गोदी मीतिया आईटी सल और अनय सभी परचार ततो का इसतमाल कर मोदी जी दशवातसयो क सामन ऐसा सवाग रच रह ह तक दखन वाल को लगता ह जस मोदी जी िद ही सातो पदक जीत कर आय ह िर इन लफफ़ातज़यो और ढोग को एक तकनार कर ओलतमपक खलो म भारत क परदशयन की एक वसतपरक समीका करन की ज़ररत ह

टोयो ओलतमपक म भारत का परदशयन अब तक का सबस अचा परदशयन रहा ह यतद तपल परदशयनो स तलना की जाय तो भारत का परदशयन पहल इतना फीका रहा ह तक अभी हातसल सात पदक तकसी कीततयमान स कम परतीत नही होत ह 1900 म हए पररस ओलतमपक म भारत न पहली बार ओलतमपक खलो म तहससदारी की शरआत की थी 1900 स लकर 2020 क बीच पचचीस ओलतमपक खलो म भाग लकर भारत न कल 35 पदक अतजयत तकय ह इनम स 12 पदक भारत न तसफ़य परष हॉकी परततयोतगता म जीत ह जब हम इन आकड़ो की तलना दसर दशो स करत ह तो हम समझ आता ह तक भारत जस तवशाल दश क तलए इतन कम पदक हातसल करना चौकान वाला ह टोयो ओलतमपक म अमररका न 113 और चीन न 88 पदक जीत ह तजसम अमररका क 39 और चीन क 38 सवणय पदक ह दसर शबदो म कह तो भारत पचचीस बार इन खलो म भाग लकर तजतना पदक हातसल नही कर सका उसका चौगना क दश एक ही बार म हातसल कर लत ह 130 करोड़ आबादी वाल भारत म ओलतमपक खलो क मामल म यह िसता हाल दतनया भर क खल तवशषजो पतितो और आम खल परशसको क तलए एक आशचयय का तवषय ह इस गतथी को सलझान क तलए कई तवशषज अपन-अपन तरीक स तकय दत ह भारत की तवफलता क कारणो की वयाखया करत ह लतकन इनक तवशलषण और इनक तदय सझाव इस मनाफ़ािोर वयवसथा को सीध कठघर म खड़ा नही करत ह बतक इसी वयवसथा की चौहतदयो म ही इस समसया का हल ढढ़त रहत ह

ओलतमपक या कोई भी अनतरराषटीय परततयोतगता म भारत का लगातार तपड़ा परदशयन एक ढाचागत समसया ह तजसका समाधान इस मनाफ़ पर तटकी वयवसथा क आमलचल पररवतयन स ही हो सकता ह यहा का पजीपतत वगय मज़दर-महनतकश आबादी क एक-एक कतर को तनचोड़ कर ऐशोआराम की तज़नदगी जीता ह 12-14 घट कारिानो म कमरतोड़ महनत करन क बाद जब हम अपन घरो को लौटत ह तो हमार पास मनोरजन या सजनातमक काययो क तलए ताकत और

समय दोनो ही नही बचत ह हम थक-हार कर सो जात ह और अगल तदन उठ कर तफर उसी कमरतोड़ महनत म लग जात ह तशकागो क अमर शहीद मज़दरो न तजस ldquoआठ घट का काम-आठ घट का आराम-आठ घट का मनोरजनrdquo का नारा बलनद तकया और तजसक तलए अपन पराणो की आहतत द दी आज वही नारा मज़दरो क तलए अतीत का एक अवशष मात बन कर रह गया ह आप ही सोतचए तक ऐसी हालत म दश की बहसखयक आबादी जो जस-तस महनत करक अपना गज़ारा करती ह या वह कभी ओलतमपक खलो म तहससा ल सकती ह भारत म एक बड़ी आबादी ऐसी ह जो तकशोरावसथा यानी महज़ 14-15 साल की उम स ही भारी शारीररक शरम म लग जाती ह तकशोरावसथा ही उम का वह पड़ाव होता ह जब बचचो म खलकद की परततभा सबस सपषट रप म परकट होती ह लतकन उन बचचो का या जो सकल ही नही जात यतद सकल तकसी तरह चल भी जाय और उनकी परततभा की पहचान हो भी जाय तो उनक परतशकण और तालीम पर होन वाल िचय की आशा भी करना उनक तलए आकाश कसम की अतभलाषा क समान होगा आप ही सोतचए तक हमार बचच खलकद क बार म सोच भी कस सकत ह जब उनह कारिानो दकानो रहड़ी-खोमचो म दो वक़त की रोटी क तलए जदोजहद करनी पड़ती ह अपना और अपन पररवार का पट भरन क तलए ता-उम य नौजवान अपनी हितिया गलात रहत ह इस तरह दश की एक बड़ी आबादी खल क दायर स ही बाहर हो जाती ह

मज़दरी की तसथतत को दखत हए घर म जो पसा आता ह उसस दाल-रोटी भी चलानी मतशकल होती ह एक तखलाड़ी पदा करन क तलए सनततलत आहार की बात सोचना तो असमभव ही ह एक उननत खल ससकतत को गढ़न और ओलतमपक खलो म एक शततशाली ताकत बनन क तलए एक सवसथ और सहतमनद यवा पीढ़ी को गढ़ना अतनवायय ह तजस दश म हर तदन भख कपोषण और सकरामक रोगो स सरकारी आकड़ो क अनसार 2257 बचचो की मौत होती हो (हालातक असल आकड़ा कम-स-कम इसका दना ह) उस दश म हम यह कस उममीद कर सकत ह तक वह खलकद म तवशवतवजता बनगा सय त राषट बाल कोष (यतनसफ़) की ररपोटय क अनसार दश क तकरीबन आध बचच अपनी उम क अनसार सामानय स कम वज़न क ह 45 परततशत बचच सामानय स कम कद क ह 20 परततशत बचच अपन कद क अनसार सामानय स जयादा दबल-पतल ह 75 परततशत रतहीनता स पीतड़त ह 57 परततशत बचचो म lsquoतवटातमन एrsquo की गमभीर कमी ह पहल सकल और आगनवाड़ी म जो क भी थोड़ा-बहत मधयाहन भोजन तमलता था लॉकिाउन क दौरान वह भी अतधकाश जगहो पर बनद हो गया था और इस अतनयोतजत लॉकिाउन स करोड़ो मज़दरो-

महनतकशो की नौकररया भी चली गयी ऐसी हालत म बचचो का भरण-पोषण कतठन हो गया ह तनतशचत ही ऊपर तदय गय आकड़ आज गमभीर रप धारण कर चक होग और तमाम सरकारी और गर-सरकारी रपट इस बात की पतषट भी कर चकी ह

इसक अलावा बचचो म बचपन स ही शारीररक वयायाम और खलकद क बार म एक सवसथ दतषटकोण पदा करन म सकलो की एक अहम भतमका होती ह सकल म ही भतवषय क ओलतमपक तखलाड़ी अपन पशवर खल जीवन की नीव रखत ह लतकन हमार दश की सकली तशका वयवसथा क जजयर हालात पर तजतनी कम बात की जाय उतना अचा ह भारत म माधयतमक सकलो म सकल नामाकन अनपात 79 परततशत ह इसका मतलब माधयतमक सकल म पढ़न योगय बचचो म स तसफ़य 79 परततशत ही असल म सकल म नाम तलखात ह इनम स भी 17 परततशत दसवी की परीका पास करन स पहल ही पढ़ाई ोड़ दत ह ज़ातहर-सी बात ह य बचच जो सकलो स बाहर रहत ह ोट-मोट उदयोग धनधो या मज़दरी म लग जात ह एक ररपोटय क अनसार भारत म 33 परततशत सकलो म शारीररक तशका की कोई अलग स लास नही दी जाती ह 80 परततशत सकलो क पास ऐस तशकक नही ह जो शारीररक तशकण-परतशकण दत ह 33 परततशत सकलो क पास अपना खल का मदान या खल क उपकरण नही ह ऐसी तसथतत म अगर हमार बचच सकल पहच भी जात ह तो हम यह गलतफ़हमी नही होनी चातहए तक सकल म उनक अनदर कसरत और खलकद क परतत रतच पदा करन तलए कोई सचत परयास तकया जायगा

दश म एक सतकरय खल ससकतत का तनमायण तणमल सतर पर खलो का परचार परसार खल अवसरचना का तनमायण यवा अवसथा म परततभाशाली तखलातड़यो की तलाश कर उनको उननत परतशकण और मागयदशयन दना आतद बतनयादी चीज़ो म दश की तकसी सरकार न कभी कोई िास तदलचसपी नही तदखायी ह 2018 म कनदरीय खल मती न इस बात की पतषट की तक भारत सरकार खलो पर परतततदन परतत-वयतत तसफ़य तीन पस िचय करती ह जबतक चीन परतततदन परतत-वयतत 61 रपय िचय करता ह जो भारत क मकाबल 200 गना जयादा ह तपल दस सालो म भारत सरकार अपन कल सरकारी वयय का महज़ 006 स 008 परततशत ही खलो पर िचय करती आ रही ह 2021 ओलतमपक वषय होन क बावजद इस साल क बजट म खल मतालय को 230 करोड़ रपय कम तदय ह आय तदन अनतरराषटीय और राषटीय सतर क तखलाड़ी कोच और सहयोगी सटाफ़ तनमन दजज की सवाओ क तिलाफ़ तशकायत करत रहत ह मगर खल मतालय और दसरी समबतनधत ससथाओ क कान पर ज नही रगती ह मज़दार बात यह ह तक खल मतालय का सालाना बजट तजतना होता ह भारतीय तकरकट बोिय लगभग उसक समान ही

सालाना मनाफ़ा कमा लता ह तकरकट बड़ी इजारदार पजी क तलए ताबड़तोड़ मनाफ़ा पीटन का एक सोत बन गया ह इसतलए सरकार स भी भारतीय तकरकट बोिय को परा समथयन तमलता ह वही बात की जाय यतद अनय नय-परान खलो क बार म तो य भी सार भारत म एक धीमी ददयनाक मौत मर रह ह इस पजीवादी वयवसथा म बस उसी खल को बढ़ावा तदया जायगा तजसम भारी मनाफ़ा कमान की समभावनाए मौजद होगी आज सरकार क तखलातड़यो क जीत कर लौटन पर उनका सवागत कर रही ह उनका सममान कर रही ह लतकन कोई यह सवाल यो नही प ता तक कहा थी राजय सरकार और कनदर सरकार जब इन तखलातड़यो को फ़ि सतवधाओ और खल उपकरणो की आवशयकता थी यहा भी भदभाव साफ़ तदख रहा ह तजन तखलातड़यो न पदक जीता ह उनह बड़ी-बड़ी धनरातश दन की घोषणाए की जा रही ह लतकन अगल ओलतमपक क तलए तयारी तो सभी तखलातड़यो को एक समान ही करनी ह सरकारो क तलए यह सब तचनता का तवषय नही ह योतक उनक तलए खलकद कोई महतव नही रखता और इनह पता ह तक महनत करक कल कोई और पदक ल ही आयगा तब अपनी पीठ य सवय थपथपा लग जस आज मोदी कर रहा ह

एक अचा सवसथ मानवीय जीवन और बचचो का सवािगीण तवकास तखलाड़ी बनन की पवयशतय ह इस चरमरायी हई पजीवादी वयवसथा क पास वह कमता नही ह तक वह दश की महनतकश आबादी को एक सवसथ िशहाल तज़नदगी द सक और उनक बचचो का सवािगीण तवकास कर सक तसफ़य और तसफ़य एक समाजवादी वयवसथा ही हम मज़दर-महनतकशो को एक इजज़त की तज़नदगी द सकती ह तजसम हमार शरम को लटन वाला कोई परजीवी वगय नही होगा हमार अपन और समाज की बतनयादी ज़ररतो को परा करन क बाद जो lsquoफी टाइमrsquo बचगा उसम हम अपन

शौक और मनोरजन का कोई भी काम कर सकत ह और यतद मनाफ़ा कमाना नही बतक समाज की आवशयकताओ को परा करना उतपादन का लकय हो और सभी सवसथ वयसक वयततयो क तलए उतपादक शरम म भागीदारी करना अतनवायय हो तो हर तकसी क पास बहत-सा िाली वक़त बचगा तजस वह कला सातहतय ससकतत खल तवजान दशयन और घमकड़ी म लगा सकता ह साथ ही सवय उतपादक की परतकरया तकसी लटर वगय क तलए मजबरी म की जान वाली परतकरया नही होगी बतक यह सवय आननद का तवषय होगी यतद शरम मजबरी म या ज़ोर-ज़बदयसती क कारण न हो तो यह तो आननद का तवषय होता ह योतक यह मनषय को पश स मनषय बनान वाली परतकरया ह और हमारी परकतत का अग ह इसतलए मज़दर राज और समाजवाद म तो धीर-धीर िाली टाइम की अवधारणा ही ितम हो जायगी योतक तकसी और क मनाफ़ की िाततर मजबरी म खटन वाल lsquoकाम क टाइमrsquo और lsquoफी-टाइमrsquo का अनतर ही ितम हो जायगा सकल कारिानो खतो और दफतरो म हर जगह कसरत क तलए लोगो को परोतसातहत तकया जायगा हम और हमार बचच जो भी खल खलना चाह उसक तलए हमारी मज़दर सता हम हर समभव सतवधा महया करवायगी खल आतथयक सामथयय स की जान वाली कोई तकरया नही बतक सामतहक जीवन का एक ज़ररी अग बन जायगा तजसका आननद सभी उठा सक ग सोतवयत सघ और चीन म मज़दरो की सता कायम होन क बाद यही हआ 1952 स 1988 क बीच सोतवयत सघ न ओलतमपक खलो म जो अदभत कामयाबी हातसल की उसक पी उसक करतनतकारी दौर ndash यानी 1917 स 1953 ndash की खल नीततयो का ही हाथ था एक समाजवादी वयवसथा म मानव जीवन क हर पहल की तरह खल भी एक उननत सतर पर पहच पायगा और एक सवसथ खल ससकतत अतसततव म आ सकती ह

करादत स हमारा अदभपराय ह ndash अयाय पर आधाररत मौजिा समाज-वयवथा म आमल पररवतवन समाज का परमख अग होत हए भी आज मजिरो को उनक पराथदमक अदधकार स वदचत रखा जा रहा ह और उनकी गाढी कमाई

का सारा धन शोरक पजीपदत हडप जात ह िसरो क अनिाता दकसान आज अपन पररवार सदहत िान-िान क दलए महताज ह िदनया भर क बाजारो को कपडा महया करन वाला बनकर अपन और अपन बचचो क तन ढकन-भर को भी कपडा नही पा रहा ह स िर महलो का दनमावण करन वाल राजगीर लोहार और बढई वय गि बाडो म रहकर ही अपनी जीवन-लीला समापत कर जात ह इसक दवपरीत समाज क जोक शोरक पजीपदत जरा-जरा-सी बातो क दलए लाखो का वारा-यारा कर ित ह

यह भयानक असमानता और जबिवती लािा गया भिभाव िदनया को एक बहत बडी उथल-पथल की ओर दलय जा रहा ह यह दथदत अदधक दिनो तक कायम नही रह सकती पषट ह दक आज का धदनक समाज एक भयानक जवालामखी क मख पर बठकर रगरदलया मना रहा ह और शोरको क मासम बचच तथा करोडो शोदरत लोग एक भयानक ख की कगार पर चल रह ह

(बम काण पर सशन कोटव म बयान)

भगतससह क जनमददवस (28 ससतमबर) पर

6 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

निमाषर मज़दर की करणट लगि स मौत मआवज़ की माग करि वालो को पललस ि भजा जलथा तो वह तबजली का करट लगन क कारण तगर गया दसर मज़दरो न तबजली क तार को हटाया व तरण को दखा तथा इसकी िबर सफटी ऑतफ़सर को दी मज़दर को पास क असपताल आरोगय हॉतसपटल ल जाया गया जहा पर िॉटरो न मज़दर तरण को मत घोतषत कर तदया

मालदा क मज़दरो क मशी अनप मिल जो िद मालदा पतशचम बगाल का रहन वाला ह न बताया तक िॉटरो न उस बताया तक तरण की मौत हो चकी ह तो उसन इस घटना क बार म उसक पररवार को सतचत तकया उसक बाद पतलस मतक मज़दर का शव पोसटमाटयम क तलय ल गयी

अनप मिल न बताया तक अगल तदन 10 अगसत को एटीएस मनजम ट न मतक तरण क पररवार को 450 लाख का चक 50 हज़ार कश व मतक क शव को उसक घर पतशचम बगाल ल जान क तलए एमबलस की वयवसथा की और पोसटमाटयम क बाद व लोग अपन घर मालदा पतशचम बगाल लौट गय

मतक मज़दर तरण क साथ काम करन वाल मालदा क एक मज़दर चनदन न बताया तक अगल तदन 10 अगसत को मज़दरो न कमपनी मनजम ट स प ा तक मतक मज़दर का शव कब तक आयगा तो बताया गया तक 11 बज पोसटमाटयम होगा उसक बाद पता चलगा मज़दरो न माग की तक मतक मज़दर क मत शरीर को यहा पर लाया जाय तथा उसक पररवार को 15 लाख की आतथयक मदद दी जाय मज़दर शाम तक बठ रह पतलस की जीप आन पर 5 बज क बाद कमपनी की तरफ़ स बताया गया तक मतक क पररवार की सभी मागो को परा कर मतक की बॉिी को उसक पररवार क साथ पतशचम बगाल भज तदया गया ह मज़दर समझ गय तक उनह झासा तदया जा रहा ह तातक वहा स वापस भजा जा सक इसस मज़दर आकरोतशत हो गय और एटीएस क ऑतफ़स म घस गय व उनहोन पतलस को भी खदड़ तदया इसक बाद रात म 12 बज पतलस बड़ी सखया म आयी और मज़दरो की झतगगयो म ज़बरन घस कर

मज़दरो को बहत मारा-पीटा व बहत स मज़दरो को उठा कर ल गयी तजनम स 25-30 को जल भज तदया जल जान वालो म बहत स ऐस मज़दर ह जो घटना क समय वहा पर उपतसथत भी नही थ

इस घटना क बाद स बहत स मज़दर वापस अपन घर लौट गय ह जो मज़दर अभी वहा पर ह उनको भी काम पर नही तलया जा रहा ह इसक बार म प न पर एटीएस मनजम ट न बताया तक मज़दरो का वररतफ़कशन तकया जा रहा ह इसतलए अभी काम रोक तदया गया ह तजन मज़दरो का वररतफ़कशन हो जायगा उनको काम पर रख तलया जायगा

यह ऐसी अकली घटना नही ह जब काम क वक़त होन वाल हादसो म मज़दरो की मौत होती ह हमार य भाई-बहन मातलको कमपतनयो ठकदारो क मनाफ़ की भट तसफ़य इसतलए चढ़ जात ह योतक काययसथल पर उनकी सरका क उतचत इनतज़ाम नही तकय जात ह उसक बाद जब मातलको की मनाफ़ािोरी क कारण की गयी इस लापरवाही की भट मज़दर

ndash सममतनोएिा गटर नोएिा वसट म एटीएस

तबिर की तनमायणाधीन तबतिग म काम कर रह एक मज़दर की तबजली का करट लगन क कारण मौत हो गयी तजसक बाद मज़दरो न मतक मज़दर साथी क पररवार को आतथयक मदद दन की माग की इनम स अगआ मज़दरो को तोड़फोड़ करन का आरोप लगाकर जल भज तदया गया ज़ातहर ह पतलस परशासन परी तरह स तबिर की जब म ह योतक मज़दरो न क भी नाजायज़ नही मागा था

मतक मज़दर तरण वास पतशचम बगाल क मालदा का रहन वाला था उसकी उम मात 19 वषय की थी अभी 2 माह पहल वह पतशचम बगाल स नोएिा आया था यहा पर पहल स काम कर रह मालदा क मज़दरो क साथ एटीएस म काम कर रहा था तरण क साथ काम करन वाल दसर मज़दरो न बताया तक रोज़ाना की तरह 9 अगसत को हम सब काम कर रह थ शाम क लगभग 4 बज तरण जब एक मशीन का तार समट रहा

चढ़ जात ह तो उनह उतचत काननी मआवज़ा भी नही तदया जाता और अगर मज़दर अपन मत साथी क तलए इनसाफ़ की माग करत ह तो पजीपततयो की जब म बठी पतलस उनह मारती-पीटती ह और उनह जलो म िाल तदया जाता ह लतकन मातलक पर कोई कारयवाई नही होती वस भी ऐसी दघयटनाओ क तलए बस मआवज़ की वयवसथा ह काननी तौर पर भी मातलक को इस परकार की जानलवा लापरवाही क तलए कभी जल नही भजा जाता या एक मज़दर की जान को कवल रपयो म तौला जा सकता ह लतकन यतद मज़दर अपनी जायज़ मागो को उठात ह तो उनपर लातठया बरसायी जाती ह और उनह सलाखो क पी धकल तदया जाता ह नोएिा की इस घटना न एक बार तफर मौजदा मनाफािोर और कफ़नखसोट पजीवादी वयवसथा की कलई खोल दी ह जब तक हम एकजट और सगतठत नही होत तब तक हमार साथ ऐसा ही सलक होता रहगा

बाढ़ बशमष सरकार और सवदिहमीि रिशासि का कहर झलतमी जितादारागज राजापर अशोक नगर आतद तथा गगा क तकनार बस इलाको और करली की गिढा कॉलोनी करामत की चौकी जक आतशयाना करला बाग जस यमना क तकनार बस इलाक जलमगन हो गय थ जहा स हज़ारो लोगो को अपन घर स तवसथातपत होकर राहत तशतवरो म गज़र-बसर करना पड़ा बहत स लोगो को राहत तशतवरो म इसतलए जगह नही तमली योतक व अपना सामान राहत तशतवर म नही ल जा पाय थ हर साल राहत तशतवर क नाम पर इलाहाबाद परशासन और नगर तनगम दारा लाखो का वारा-नयारा कर तदया जाता ह लतकन तज़ल म बाढ़ परभातवत आबादी की तलना म राहत तशतवरो की सखया ऊट क मह म जीर क बराबर भी नही थी जो राहत तशतवर थ भी उनम भी न टॉयलट था न नहान की वयवसथा न ही सफ़ाई का कोई इनतज़ाम और ठीक स खान की वयवसथा राहत तशतवरो म भयकर गनदगी फली हई थी जो बड़ पमान पर इन तशतवरो म बीमारी फलान का कारण बन रही थी

कई तदन बीतन और पानी उतरन क बाद अब बड़ पमान पर बीमाररया फलनी शर हो गयी ह इलाक म शायद ही कोई ऐसा घर हो जहा कोई न कोई सदटी बखार खासी स पीतड़त न हो लतकन परशासन की इसस तनपटन की कोई तयारी नही ह कोतवि-19 की दसरी लहर क बाद शहर क असपतालो म ओपीिी का सचालन अभी सचार ढग स नही हो रहा ह तजसकी वजह स बड़ी आबादी जो पराइवट असपतालो की फ़ीस नही द सकती ह झोलााप िॉटरो फ़ामायतससटो स इलाज करान को मजबर ह

हर साल आन वाली बाढ़ क भयकर तवभीतषका म तबदील हो जान की वजह पराकततक नही बतक पजीपततयो क मनाफ की हवस ह असमान तवकास पजीवादी वयवसथा का आम तनयम ह तजसकी वजह स दश क बहत बड़ तहसस म तबाही का सामाजय होता ह और क इलाक ऐशवयय क टाप बन जात ह

इस असमान तवकास की वजह स बहत बड़ी आबादी गावो स शहरो की तरफ़ तवसथातपत होती ह यह तवसथापन आम महनतकश आबादी क तलए तकसी तासदी स कम नही होता ह लतकन यही असमान तवकास दसरी ओर क धनपशओ क तलए मनाफ़ा बटोरन का अवसर महया कराता ह

इलाहाबाद शहर की बात कर तो गगा और यमना क तकनार बस इस शहर म परशासन की गठजोड़ स भमातफ़या कार की ज़मीन पर कबज़ा जमा लत ह एक तरफ़ य इस ज़मीन पर धड़ल स अवध तनमायण करात ह तो दसरी ओर परशासतनक तत म अपनी पकड़ का इसतमाल कर य लोग कार की ज़मीन को गावो स शहरो की तरफ़ आन वाली आबादी को अपकाकत कम कीमत पर बच दत ह इलाहाबाद शहर परततयोगी ातो का गढ़ ह आस-पास क इलाको स लाखो ात पढ़ाई करन और परततयोगी परीकाओ की तयारी करन क तलए इलाहाबाद आत ह कार क इन इलाको म शहर की तलना म कमर का तकराया कम होन की वजह स बहत स ात यही कमरा लत ह यह भी एक बड़ी वजह ह तक शहर क अमीरो क तलए य इलाक तनवश का एक कनदर बन गय ह गगा और यमना नतदयो क तकनार सकड़ो लॉज बन हए ह इन लॉजो म हज़ारो ात रहत ह हर साल बाढ़ आन पर य ात पढ़ाई-तलखाई ोड़कर घर चल जात ह लतकन इनका तकराया साल-दर-साल बढ़ता जाता ह परशासन को भी य सार गड़बड़ घोटाल अची तरह स मालम ह लतकन सता परशासन और भमातफ़याओ क गठजोड़ स य काम धड़ल स चल रहा ह इसतलए इलाहाबाद म बाढ़ की सबस जयादा मार आम महनतकश आबादी और ातो पर पड़ती ह

वासतव म उतर परदश तबहार असम करल समत पर दश म बाढ़ की समसया क इतनी बड़ी तवभीतषका बन जान की असली वजह यह मौजदा मनाफ़ पर

तटकी पजीवादी वयवसथा ह जगलो की अनधाधनध कटाई स तमटी बहकर नतदयो की तलहटी म जमा होन नतदयो क तकनार बरोकटोक होन वाल तनमायण-काययो गाद इकटा होन स नतदयो क उथला होत जान बरसाती पानी की तनकासी क कदरती रासतो क बनद होन शहरी नालो आतद को पाट दन जस अनक कारणो न न कवल बाढ़ की बारमबारता बढ़ा दी ह बतक होन वाली तबाही को पहल स कई गना बढ़ा तदया ह आज़ादी क इन 74 वषयो म आपदा परबनधन क नाम पर अरबो-खरबो का वारा-नयारा तकया जा चका ह लतकन तसथतत सधरन की जगह साल-दर-साल बद स बदतर होती जा रही ह सपर कमपयटर रिार उपगहो आतद स लस तकनीक क ज़मान म बाढ़ आन स काफ़ी पहल ही इसका सही-सही पवायनमान लगाया जा सकता ह और साथ ही साथ lsquoफलि रतटगrsquo का परा तवजान तवकतसत हो चका ह तजसक ज़ररए बाढ़ क फलाव को काफ़ी हद तक तनयततत तकया जा सकता ह लतकन मनाफ़ा-आधाररत वयवसथा म तवजान भी मनाफ़ की भट चढ़ जाता ह और क मठीभर धनपशओ क तलए मनाफ़ा पदा करन का औज़ार मात रह जाता ह टनोलॉजी का इसतमाल अगर मानवता क तहत म तकया जाय तो इन आपदाओ म होन वाल जान-माल क नकसान को काफ़ी हद तक कम तकया जा सकता ह लतकन होता इसका उटा ह हर बार बाढ़ आन का इनतज़ार तकया जाता ह हर बार लोग मार जात ह लाखो पररवार बघर होत ह हज़ारो एकड़ फ़सल की बबायदी होती ह और हर बार आपदा परबनधन क नाम पर अरबो की रातश का बनदरबाट होता ह चनावी घतड़याल इस आपदा पर सवार होकर अपनी चनाव की वतरणी पार करन की जगत म लग जात ह सामाजयवादी ससथाओ क टकड़ो पर पलन वाल सवयसवी सगठनो को ldquoजनसवाrdquo क बहान सचचाई पर पदाय िालन का और इसी बहान अपनी सवा भी कर लन का मौका तमल जाता ह और

ndash अनविाशजस-जस मौजदा पजीवादी वयवसथा

lsquoतवकासrsquo की नयी ऊचाइयो पर पहच रही ह उसी अनपात म जनता क जीवन म चलन वाली lsquoतवनाशलीलाrsquo और जयादा भयकर रप लती जा रही ह इस तवनाशलीला का एक दशय अगसत क महीन म इलाहाबाद शहर म गगा-यमना क इलाक म आयी बाढ़ क रप म सामन आया गगा और यमना जसी दो बड़ी नतदयो और कई ोटी नतदयो का शहर होन क चलत इस बाढ़ का कहर जब टटता ह तो इलाहाबाद की बहत बड़ी आबादी उसका तशकार होती ह इस बार भी गगा और यमना क तटवतटी इलाक ससर खदरी और टौस नदी क तकनार रहन वाली आबादी इस कहर का तशकार बनी बड़ पमान पर लोगो क काम-धनध का नकसान हआ और बहत स लोग तवसथातपत हए

परा परशासन इस दौरान मकदशयक बना हआ बाढ़ क गज़र जान का इनतज़ार करता रहा नता-मती हलीकॉपटर स गशत लगात रह और अतधकारी नाव स गशत लगात रह परशासन की सवदनहीनता इसी स समझी जा सकती ह तक कई तदन पहल स ही बाध का पानी ोड़ जान की सचना तमल जान क बावजद परशासन न यह घोषणा तक नही करवायी तक नदी का जलसतर तकतना बढ़ सकता ह और लोगो को सरतकत सथान पर चल जाना चातहए बहत स लोग तपल क वषयो क अनभव क आधार पर इनतज़ार करत रह और जब पानी तज़ी स बढ़ना शर हआ तो उसी समय तज़ बरसात की वजह स बहत स लोग अपन घर का सामान तक ठीक स नही तनकाल पाय पानी घसन क दो-तीन तदन बाद तक कई इलाको म नाव नही पहची थी जो बाढ़ राहत तशतवर बनाय गय व अपन-आप म कवयवसथा की तमसाल बन हए थ

बाधो स अचानक पानी ोड़ जान की वजह स इलाहाबाद शहर क तटवतटी इलाको जस ोटा बघाड़ा सलोरी

तफर अगली बार का इनतज़ार तकया जाता ह इस तरह आज़ादी क इन सात दशको म आपदाओ का भी अपना अथयशासतर और अपनी राजनीतत तवकतसत हई ह

बाढ़ रोकन क मकसद स 1954 म गतठत गगा आयोग न जलकिी पररयोजना का सझाव तदया था तजसक तहत नपाल की नतदयो स आन वाली तसट को रोकन क तलए पानी की भारी माता को नपाल म रोककर बाधो पर जल तवदयत पररयोजना लगान की योजना थी इन पररयोजनाओ का आधा लाभ नपाल और आधा लाभ भारत को तमलना था लतकन सरकार की उदासीनता की वजह स यह योजना धरी की धरी रह गयी 1976 म गतठत राषटीय बाढ़ आयोग न नतदयो क तल स गाद हटान का सझाव तदया था और साथ ही जलकिी योजना को लाग करन का भी सझाव तदया था इसम स क भी नही तकया गया आग भी इस तरह क आयोग बनत रहग लतकन क नही होगा योतक यह परी वयवसथा मानवीय ज़ररतो नही बतक मटी भर पजीपततयो क मनाफ़ क तलए काम करती ह ऐसी आपदाओ को रोकना तो दर ऐसी आपदाओ क बाद इनसानो की लाशो पर अपन मनाफ़ की रोतटया सकना इस वयवसथा का काम ह इसतलए पजीवादी वयवसथा क रहत इस परकार की आपदाओ स तनजात तमलना असमभव ह बतक हर गज़रत तदन क साथ अपनी सवाभातवक गतत स यह वयवसथा बहत-सी आपदाओ को पदा करती रहगी वगय तवभातजत समाज म हर आपदा महनतकशो की बबायदी का कारण बनती ह और पजीपतत इन आपदाओ स भी अपन मनाफ़ की हवस को परा करत ह जब तक मानवता इस लट पर तटकी वयवसथा स तनजात नही पायगी तब तक बाढ़ की तवभीतषका स भी तनजात नही तमलन वाली

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 7

(पज 2 पर जारमी)

तदली क मखयमती अरतवनद कजरीवाल तपल तदनो कभी गोआ कभी पजाब तो कभी उतराखि जाकर परचार कर रह ह तक अगर हमारी lsquoआम आदमी पाटटीrsquo की सरकार बनी तो 300 यतनट तक तबजली सभी लोगो को मफत दी जायगी भाजपा और सघ पररवार का कचा पहन चक कजरीवाल दावा करत ह तक तदली म लगभग 70 फ़ीसदी लोगो का तबजली का तबल ज़ीरो आता ह और तदली की 93 फ़ीसदी कॉलोतनयो म पानी की लाइन तबा दी गयी ह और इन सभी इलाको म अतधकतर लोगो को पीन का पानी मफत तमल रहा ह कजरीवाल का दावा ह तक तदली की बहसखयक

आबादी को उनकी सरकार बनन क बाद स तबजली और पानी मफत तमलता ह

कजरीवाल क इन दावो को सनकर यह तो साफ़ ह तक अपन बड़ भाई मोदी की तरह जमलबाज़ी और झठ दाव करन म कजरीवाल भी कम नही ह असतलयत यह ह तक तदली की मज़दर व तकरायदार आबादी क तलए मफत पानी और तबजली आज भी एक हवाई बात ह तदली की बहसखयक मज़दरतकरायदार आबादी को न साफ़ पीन का पानी मफत म तमलता ह और न ही उसक तलए तबजली मफत ह िासकर तदली की आम महनतकश आबादी क करावलनगर खजरी सोतनया तवहार मसतफ़ाबाद सीलमपर और

बवाना वज़ीरपर शाहाबाद िरी जस कई और इलाको म बहसखयक आबादी क तलए मफत तबजली-पानी की बात बस एक जमला ह इन इलाको म कजरीवाल सरकार क लगभग 8 साल होन क बाद आज भी पीन क पानी की लाइन घर-घर नही पहची ह यहा रहन वाली मधयम वगय की क आबादी तो अपन घरो म पानी साफ़ करन की आरओ मशीन लगा लती ह और ज़मीन क पानी को साफ़ करक इसतमाल करती ह लतकन मज़दर और आम महनतकश आबादी या तो गतलयो म लग सरकारी नल स पानी लाती ह जो पर इलाक म नाममात ही बच ह और जो बच ह उनम भी पानी

कभी-कभी ही आता ह और जब आता भी ह तो पानी आम तौर पर गनदा होता ह पीन लायक नही होता ह

उतर-पवटी तदली क शरीराम कॉलोनी खजरी इलाक म य नलक भी नाली स सटाकर लगाय गय ह जहा कड़ा भी पड़ा रहता ह गरीब लोग मजबरी म यही स पीन का पानी भरत ह क इलाको म सरकारी पानी क टकर आत ह पर यह टकर भी आबादी क अनपात म बहद कम सखया म आत ह इनस पानी भरन क तलए 2 स 3 घटा लग जाता ह य टकर तनयतमत भी नही आत ह कोरोना महामारी क शर होन स लकर अब तक भी इन टकरो की सखया सरकार दारा नही

बढ़ायी गयी तजसक चलत टकर क आन पर बहत जयादा भीड़ एकततत हो जाती ह और मजबरी क चलत शारीररक दरी बन ही नही पाती ह ऐस म इन इलाको म कोरोना महामारी फलन का िर जयादा बना रहता ह पर कजरीवाल सरकार सब जानत हए इस अनदखा करती ह

इन इलाको म पानी की बोतल (20 लीटर) बचन का वयापार तपल क सालो म बहत जयादा बढ़ गया ह हर चौथी या पाचवी गली म एक पलाट लगा ह जहा स मज़दर आबादी अपन िाली बतयन या कन म पानी पसा दकर भरती ह या तफर पानी की बोतल ही घर

मफत पािमी और नबजलमी स वलचत ददलमी की बहसखक मज़दर आबादमी

कॉमरि रामनाथ नही रह 31 अगसत को तड़क ही सोत समय तदल का दौरा पड़न स उनका तनधन हो गया

कॉमरि रामनाथ की आय लगभग 83 वषय की थी असवसथ तो व तवगत कई वषयो स थ लतकन तपल क समय स उनका सवासथय बहत िराब हो गया था

भारत क कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन का इततहास का रामनाथ की भतमका और अवदानो की चचाय क बगर तलखा ही नही जा सकता तनससनदह उनकी भतमका ऐततहातसक थी और lsquoपाथरितकगrsquo थी

बतलया तज़ल क गगा तटवतटी एक गाव क भसवामी पररवार म पदा हए का रामनाथ राहल साकतयायन क परभाव म तकशोरावसथा म ही मासयवादी बन चक थ और बीहड़ यायावरी तथा दशयन इततहास कला-सातहतय और राजनीतत क घनघोर अधययन को अपनी आदत बना चक थ 1960 क दशक क उथल-पथल भर वषयो म कोलकाता उनकी अधययनशाला करातनतकारी परतशकणशाला और परयोगशाला बना जहा व कानन का अधययन कर रह थ उनकी राजनीततक जीवन-याता अतवभातजत कमयतनसट पाटटी स शर हई तफर माकपा स होत हए कनहाई चटजटी क नततव वाल कमयतनसट करातनतकारी गप lsquoतचनता गपrsquo तक पहची तजसन बाद म अपन को lsquoदतकण दश गपrsquo और तफर lsquoमाओवादी कमयतनसट कनदरrsquo क रप म सगतठत तकया 1969 म भाकपा (माल) की सथापना की घोषणा क बाद (1970 म हई पाटटी कागस क पहल ही) का रामनाथ भाकपा (माल) म शातमल हो गय और उतर परदश और तबहार क गगा तटवतटी तज़लो गाज़ीपर बतलया आरा-भोजपर क गामीण इलाको म आकर काम करन लग

चार मजमदार क तनधन क बाद पाटटी क पनगयठन क परयासो म का रामनाथ न एक अगणी भतमका तनभायी और मखयत उनही क परयासो स फ़रवरी 1974 म कनदरीय सागठतनक कमटी (सीओसी) भाकपा (माल) का गठन समभव हो सका तजसकी नततवकारी कमटी म जगजीत तसह सोहल सनीतत कमार घोष कोिापली सीतारमयया

और शामलाल (चोपड़ा) क साथ का रामनाथ भी शातमल थ सीओसी भाकपा (माल) म काम करत हए ही का रामनाथ न चार की ldquoवामrdquo दससाहसवादी लाइन क तिलाफ़ दढ़ और ससगत सटि तलया जो सगठन म गमभीर मतभद का तवषय बना ldquoवामrdquo दससाहसवाद क तवरदध समझौतातवहीन और ससगत सघषय चलान वाल गपो और वयततयो म नागीरििी-िीवी राव और हरभजन तसह सोही क बाद का रामनाथ का ही नाम अगणी माना जा सकता ह सीओसी काल क दौरान का रामनाथ न तवशषकर आपातकाल क अनभवो क आधार पर भारतीय पजीपतत वगय और राजयसता क चररत पर सवाल उठाना शर कर तदया था और दहाती कत म ज़मीनी कामो क अनभवो क आधार पर भतम-समबनधो क सामनती चररत की सथातपत धारणा पर भी सोचन लग थ

सीओसी क तवघटन क बाद माचय 1978 म जब का रामनाथ क नततव म भारत की कमयतनसट लीग (मासयवादी-लतननवादी) का गठन हआ तो तमाम सागठतनक सकटो और परततकल पररतसथततयो क बावजद का रामनाथ क मागयदशयन और नततव म भारतीय समाज की परकतत और

करातनत क काययकरम क सवाल पर गहन शोध-अधययन क बाद भाकली (माल) न 1982 म यह तनषकषय तनकाला तक भारतीय समाज चीन की तरह अदधयसामनती-अदधयऔपतनवतशक या नवऔपतनवतशक न होकर एक तपड़ा हआ पजीवादी समाज ह यहा का पजीपतत वगय दलाल न होकर राजनीततक रप स सवतत और सामाजयवाद का कतनषठ साझीदार ह कततपय पराक-पजीवादी अवशषो क बावजद यहा क भतम-समबनध lsquoपरतशयाई मागयrsquo क भारतीय ससकरण क ज़ररए करतमक रपानतरण क बाद मलत और मखयत पजीवादी बन चक ह और इसतलए भारतीय करातनत की मतज़ल अब राषटीय जनवादी नही बतक पजीवाद-तवरोधी सामाजयवाद-तवरोधी समाजवादी करातनत की मतज़ल ह 1983 म इस थीतसस क दसतावज़ रप म परकाशन क बाद पर दश क कमयतनसट करातनतकारी सगठनो स एक लमबी बहस की शरआत हई और तजस सवाल को हल हआ माना जा रहा था वह अधययन और राजनीततक बहस का एक कनदरीय परशन बन गया आग चलकर कई सगठनो न समाजवादी करातनत की अवतसथतत अपनायी

1986 म का रामनाथ क ही

मागयदशयन और नततव म तदतीय तवशवयदधोतर कालीन वतशवक बदलावो और समकालीन दतनया क सामाजयवादी समीकरणो म बदलावो पर भी शोध-अधययन की शरआत हई जो 1987 म एक वहद दसतावज़ क रप म परकातशत हआ इस शोध-अधययन का उदशय नयी तवशव पररतसथततयो म तवशव सवयहारा करातनत की आम राजनीततक काययतदशा की समझ तवकतसत करन की तदशा म आग कदम बढ़ाना था दभायगयवश यह परतकरया आग नही बढ़ सकी लतकन इस गमभीर पहल की ऐततहातसक महता को कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन क इततहास का कोई गमभीर अधयता कतई िाररज नही कर सकता

उलखनीय ह तक इस पर दौर म का रामनाथ न दतकणपनथी और ldquoवामपनथीrdquo अवसरवाद क दोनो ोरो क तवरदध दढ़ और ससगत अवतसथतत अपनायी तवनोद तमशर क ldquoसतरगा समाजवादrdquo की सवायतधक तवसतत और सागोपाग आलोचना भाकली (माल) न ही पहली बार का रामनाथ क तदशा-तनदजश पर 1988 म परसतत की थी

मखयत भारतीय करातनत क काययकरम क परशन पर अपन ऐततहातसक और पथानवषी अवदान क बावजद का रामनाथ एक लतननवादी सागठतनक काययतदशा को गहर अहसास क साथ समझन और पाटटी-तनमायण और काययपरणाली क सतर पर लाग कर पान म तवफल रह तजसक चलत महतवपणय उपलतबधयो और उलखनीय परगतत क बाद भाकली (माल) 1980 क दशक क अतनतम वषयो म गततरोध और तवघटन का तशकार हो गयी इस सकट क बतनयादी कारणो की तशनाखत नही कर पान क कारण 1991 क बाद सागठतनक पनगयठन क का रामनाथ क सभी परयास तवफल होत गय और उनक साथ खड़ कई एक लोग और उनस तटकन वाल कई एक गप या तो बहरगी गर-बोशतवक सामातजक-जनवादी पककि म धसत चल गय या तवसतजयत होत चल गय इन वषयो क दौरान सवय का रामनाथ भी अपन सदधातनतक कामो को आग नही बढ़ा सक यहा तक तक भारतीय समाज क बतनयादी अनतरतवरोधो क बार म भी

व अपनी पवय अवतसथतत स तवचतलत होकर क अनतरतवरोधी बात करन लग थ और भमिलीकरण क दौर को भी परान साच (नवऔपतनवशीकरण) म ही तफ़ट करक दखन की कोतशश करत रह

लतकन का रामनाथ क लमब कमयतनसट करातनतकारी जीवन क अतनतम चरण की इन तवफलताओ और इन गततरोधो क बावजद भारत क कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन क इततहास म उनकी ऐततहातसक सकारातमक और साहतसक पथानवषी भतमका स कोई भी इनकार नही कर सकता सबस अहम बात यह ह तक अपनी अतनतम सास तक का रामनाथ एक कमयतनसट करातनतकारी बन रह और मासय एगस लतनन सतातलन माओ क तशषय क रप म ही िद को दखत रह का रामनाथ न समाजवादी करातनत क काययकरम का जो पथसनधान तकया था और इस परचम को उठाकर जो याता शर की थी वह याता आज भी जारी ह और आग भी जारी रहगी चाह पररतसथततया तकतनी भी परततकल हो आज माओवाद की तवचारधारा और नयी समाजवादी करातनत क काययकरम को आग बढ़ात हए कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन की जो धारा आज क सामाजयवाद का और भारतीय करातनत क तवतवध परशनो का अधययन करत हए सामातजक परयोगो म करातनतकारी जनतदशा को लाग कर रही ह वह अपन को गवय स का रामनाथ का उतरातधकारी मानती ह

हम का रामनाथ को हमशा बहत पयार और लगाव क साथ याद करत रहग हम उनह कभी नही भला सकत भारत क सभी सचच कमयतनसट करातनतकारी उनह कभी नही भला सकत

हम भर तदल स तनी मरटयो क साथ का रामनाथ को आतिरी लाल सलाम पश करत ह और सकप लत ह तक तजस कारवा न 1978 म उनक नततव म एक बीहड़ याता की शरआत की थी वह उस जारी रखगा परान करातनत-योदधाओ क ररत सथानो को कई-कई यवा करातनत-योदधा भरत रहग और कारवा चलता रहगाबढ़ता रहगा

अलनवदा का रामिाथि लाल सलाम लाल सलाम

िहमी रह कॉमरर रामिाथि अलनवदा कॉमरर लाल सलाम

8 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

महनतकश जनता क खन-पसीन स खड़ी हई सारवजननक परिसमपततियो को पजीपनतयो क हराल किन म जटी मोदी सिकाि

दकर 6 लाख करोड़ रपय हातसल करन का लकय रखा ह य मतालय या तवभाग रलव टलीकॉम सड़क पररवहन एव राजमागय तबजली नागररक उिियन यवा मामल और खल पटोतलयम एव पराकततक गस और पोटयस तशतपग एव वाटरवज (इसका नाम पहल जहाज़रानी मतालय था) होग तजनस जड़ी समपततयो को तनजी हाथो म सौपा जायगा मोदी सरकार क अनसार इन पररसमपततयो का सवातमतव सरकार क पास ही रहगा लतकन तकराय या लीज़ पर दकर तफ़लहाल कमाई नही दन वाली या कम कमाई दन वाली सरकारी समपततयो स मदरा हातसल की जा सकगी और इसस कमाय गय पस का इसतमाल जनता की भलाई क तलए तकया जा सकगा सरकार को जनता की भलाई की तकतनी तचनता ह यह बात हम कोरोना महामारी क पर दौर क बाद तो और भी भली-भातत जान गय ह जब हमन अपन पररजनो तमतो और करीतबयो को मौत क मह म समात दखा तब यह तथाकतथत जनतहतकारी सरकार न कवल हाथ पर हाथ धर बठी थी बतक अपनी जनदरोही नीततयो क दारा हम भी शमशानो और कतरिसतानो म पहचान का बिबी इनतज़ाम करन म लगी थी अब समझ लत ह तक मोदी सरकार की राषटीय मौदरीकरण की योजना क पी जनता की भलाई की तचनता ह या मनाफ़ क सकट स जझ रह भारतीय पजीपतत वगय क तहतो क सरोकार ह

भारतीय रलव को अपनी पररसमपततया तकराय पर दकर (यानी बचकर) सरकार को 1 लाख 52 हज़ार करोड़ रपय दन का लकय तदया गया ह इसक तहत रलव क 400 रलव सटशन 90 याती गातड़या 256 सामान रख-रखाव क शि 4 पवयतीय रलव 15 रलव सटतियम कोकण रलव टक का 741 तकलोमीटर फट कोररिोर का 674 तकलोमीटर टक पर ओवरहि इतवपमट का 1400 तकलोमीटर इतयातद को पजीपततयो क हाथो म सौपा जायगा सीधी-सी बात ह पजीपततयो को रलव क तकराय और माल ढलाई क भाड़ म बतहाशा बढ़ोतरी करन की परी ट तमल जायगी तथाकतथत पराइवट पाटयनर जनता को दोनो हाथो स लटग और अकत मनाफ़ा कमायग सड़क पररवहन एव राजमागय को 1 लाख 60 हज़ार करोड़ की रातश हातसल करन का लकय तदया गया ह इसक तहत 26000 तकलोमीटर स अतधक हाइव और सड़को क रखरखाव की तज़ममदारी तनजी कमपतनयो को सौपकर उनह इन पर कर यानी lsquoटोल टसrsquo वसलन की ट दी जायगी इसक अलावा तल-गस पाइपलाइन 25 हवाई अिि सरकारी गसटहाउस पानी क जहाज़ और पोटय बीएसएनएल क 14917 मोबाइल टावर 2 लाख 80 हज़ार तकलोमीटर लमबी फ़ाइबर लाइन तनजी कमपतनयो को ldquoतकराय परrdquo दी जायगी

अब यह सोचन वाली बात ह तक जो पजीपतत चार साल क दौरान 6 लाख

करोड़ रपय मोदी सरकार को सौपग या मोदी जी क दारा जनता का भला करन की मशा ज़ातहर करन क चलत उनका हदय पररवतयन हो चका ह या पजीपतत िरात बाटन क तलए उतावल हए जा रह ह नही असल म रलव सड़को तल-गस पाइपलाइनो और अनय सरकारी समपततयो स पजीपतत पहल अरबो-खरबो रपय कमाया जाना सतनतशचत करग और उसक बाद ही व मनाफ़ क क तहसस को सरकार क हाथ म द सकत ह और सरकार उस पस को तफर स पजीपततयो को कभी न चकाया जान वाला कज़य दन नताशाही की मोटी तनखवाहो बड़ नौकरशाहो क ऐशोआराम म लटा दगी तजस जनता न पट पर पटी बाधकर और फाक करक सावयजतनक उपकरमो को खड़ा तकया था उस इनस सतवधा तमलन की बजाय इनक दारा उसकी जबो पर िाका िाला जायगा सरकार का कहना ह तक सरकारी उपकरम घाट म चल रह ह और कौन पजीपतत घाट की चीज़ को लना चाहगा और वह भी मोटा पसा िचय करक असल बात यह ह तक बीपीसीएल टतलकॉम और रलव जस तमाम उदयम घाट म नही चल रह ह बतक सरकार इनह घाट म तदखाकर बचन क बहान ढढ़ रही ह और असल बात तो यह ह तक तजस सरकार घाटा कह रही ह वह असल म जनसतवधाओ म होन वाला वयय ह और पजीपरसत सरकार नही चाहती तक जनता को एक पस की भी सहतलयत नसीब होअब मौदमीकरर की ज़ररत को

आि पड़मीयह तथाकतथत मौदरीकरण क और

नही बतक तनजीकरण का ही दसरा नाम ह तवतमती क जमलो म उलझन क बजाय जमलबाज़ परधानमती मोदी क सतय वचनो पर गौर करना चातहए मोदी जी सीध तौर पर सावयजतनक उपकरमो को समभालन म सरकार की तज़ममदारी को नकार रह ह सरकार का काम महज़ पजीपततयो को जनता को लटन का बहतर माहौल बनाकर दना ही ह फ़ासीवादी मोदी सरकार इस काम को सबस आकरामक ढग स और तज़ी स कर रही ह इसी क तलए तो दश भर क बड़ पजीपततयो न तपल दो लोकसभा चनावो म हज़ारो करोड़ रपय चनद म भाजपा को तदय थ और मोदी को तजताया था असल म ldquoमौदरीकरणrdquo कागस सरकार दारा 24 जलाई 1991 म घोतषत तौर पर लाग की गयी उदारीकरण-तनजीकरण-वशवीकरण की नीततयो का ही अगला कदम भर ह तथाकतथत उदारीकरण-तनजीकरण की शरआत की ज़ररत को हम थोड़ा अतीत म झाक कर दख व समझ सकत ह

अगज़ो स हम समझौत और सता हसतानतरण क दारा आज़ादी परापत हई थी उस समय एक बड़ा समाजवादी कमप और दतनया क सतर पर समाजवादी आनदोलन पर अपन उरज़ पर था भारत म भी 1946 स 1950 का दौर जनता की जनवादी करातनत की समभावनाओ स भरा दौर था जब दश म नौसना तवदरोह तलगाना तकसान तवदरोह तभागा तकसान

तवदरोह और पनपरा वायलार तकसान तवदरोह हए थ और उसक अलावा कमयतनसट पाटटी क नततव म हड़तालो की एक लहर भी जारी थी लतकन अपनी तवचारधारातमक व राजनीततक कमज़ोररयो क चलत भारत क करातनतकारी कमयतनसट इन करातनतकारी जनतवदरोहो को एक दशवयापी करातनतकारी आनदोलन का सवरप नही द सक उसक पहल भी कमयतनसट पाटटी अपनी गमभीर रणनीततक और रणकौशलातमक चको क कारण राषटीय आनदोलन की बागिोर अपन हाथ म लन क कई मौक चक चकी थी भारत क पजीपतत वगय और उसकी पाटटी कागस न इसका परा लाभ उठाया कागस न समझौता-दबाव-समझौता की नीतत क तहत अनत म सता हतथया ली भारत का पजीपतत वगय अपन औपतनवतशक अतीत क कारण कमज़ोर था और उसक पास दश क सवतत पजीवादी तवकास हत आवशयक पजी का भी अभाव था इसीतलए तरनत मनाफ़ा दन वाल कतो को तनजी हाथो म सौप तदया गया तथा व कत तजनम पहल बड़ पमान क तनवश की दरकार थी जस तक भारी उदयोग अवरचनागत उदयोग व बतनयादी कजीभत उदयोग उनह सावयजतनक कत क तौर पर सरकार न अपन हाथो म रखा सावयजतनक उपकरमो को खड़ा करन क तलए पजी और कही स नही बतक करो और तवतभनन श को क रप म जनता स ही वसलकर और साथ ही जनता की बचत को एकत करक जटायी गयी महनतकश आबादी क कमरतोड़ शोषण सरकारी अनगह आतथयक टो क बत जस-जस भारत का पजीपतत वगय अपकाकत ताकतवर होता गया वस-वस उस तशतरी म सजाकर औन-पौन दामो पर सरकारी उदयम सौप जान लग 1980 क दशक म ही राजीव गाधी क समय स इसपटर राज और कोटा राज को ितम करन क नाम पर तनजी पजीपततयो को ट दी जान लगी थी और 24 जलाई 1991 को घोतषत तौर पर उदारीकरण-तनजीकरण की लटरी नीततयो की शरआत कर दी गयी

कागस न अपन शासनकाल म इन नीततयो को तजस रफतार स लाग तकया था आज भाजपा की फ़ासीवादी मोदी सरकार उन नीततयो को कही जयादा रफतार स और जयादा दमनकारी तरीक स लाग कर रही ह 2009-10 स ही आतथयक सकट क कारण यह पजीपतत वगय क तलए ज़ररी भी ह इस काम को कागस क मकाबल भाजपा जयादा बहतर तरीक स अजाम द सकती ह और इसीतलए पजीपतत वगय क बड़ तहसस न एकमत होकर भाजपा को सता म पहचान म एड़ी-चोटी का पसीना एक कर तदया था राषटीय मौदरीकरण योजना वासतव म तनजीकरण-उदारीकरण की उसी परतकरया का एक अग ह जो 1991 स जारी रही ह और 2014 स मोदी सरकार क सता म आन क बाद और भी जयादा तज़ रफतार स जारी ह

मौदमीकरर स जिता क जमीवि पर का असर पड़गा और हम

इसका नवरोध कस करमौदरीकरण जसी नीततया लाग होन

क बाद सबस बड़ा हमला रोज़गार पर होगा इन सरकारी कतो म काययरत करोड़ो लोगो क अच-िास तहसस को अपन रोज़ी-रोज़गार स हाथ धोना पड़गा रलव सड़क पररवहन उिियन और टतलकॉम आतद म सरकारी तवतनवश पहल ही जारी ह हम समझ सकत ह रोज़गार क मामल म और भी भयावह होन वाला ह तनजी कत म यतद क रोज़गार सतजत होगा भी तो सरकार पहल ही 4 शरम सतहताए लाकर शरतमको क हको को कचलन का भरपर इनतज़ाम कर चकी ह तनजी कत म काम करन वालो म और उजरती गलामो म कोई फ़कय नही रह जायगा तनजी कमपतनया मनमान तरीक स मज़दरो की शरमशतत का शोषण करगी भयकर बरोज़गारी क चलत मज़दर वगय की सामतहक मोलभाव की शतत पर भी नकारातमक असर पड़गा जो तक पहल ही नवउदारवादी हमलो क तीन दशको म काफ़ी कमज़ोर हो चकी ह और एक अततररत बरोज़गार मज़दर आबादी पजीपतत वगय क तलए हमशा मौजद रहगी यानी तजतन पक रोज़गार बच ह व तज़ी स ितम होग और जो नय रोज़गार तमलग व भी अनौपचाररक ठका व कज़अल मज़दर क तौर पर तमलग तजसम मज़दरी भी कम होगी कोई रोज़गार सरका नही होगी और सथायी मज़दरो को परापत होन वाल तमाम हक भी नही हातसल होग हालातक नय शरम कानन सथायी मज़दरो क तमाम बच-खच अतधकारो को भी ीनन वाल ह

जनता पर मौदरीकरण की दसरी बड़ी मार महगाई क रप म पड़गी रलो-बसो क याती तकरायो पटोतलयम पदाथयो माल ढलाई और खादय पदाथयो क दामो म बतहाशा बढ़ोतरी होगी हाइव पर जगह-जगह टोल खड़ कर तदय जायग और उन पर मनमाना पसा वसल तकया जायगा आज भी कमरतोड़ महगाई न आम जनता का जीना दभर कर रखा ह तकनत आन वाल समय म हमारी जब स आतिरी दमड़ी तक हड़प ली जायगी

2014 म सता तमलन क बाद स तफ़लहाल तक भाजपा की दो ही नीततया तदखायी द रही ह पहली ह योजनाओ क रग-तबरग नाम रखकर पजीपतत घरानो की सवा करो और दसरी ह जनता को सामपरदातयकता जाततवाद कतवाद की आग म धकल दो तातक लोग आपस म ही एक-दसर का तसर फोड़त रह और अपनी बबायदी क असली कारणो की तरफ़ धयान ही न द सरकार म बठ तमाम मती-सनतरी और भाजपा का कतसापरचारक आईटी सल दश की बबायदी को ही तवकास तसदध करन और सरकारी की लटरी नीततयो का तवरोध करन वालो को ldquoदशदरोहीrdquo बतान म लगा रहता ह

वस आतथयक नीततयो क तौर पर दखा जाय तो भाजपा म और कागस म फ़कय तसफ़य यह ह तक कागस तजस काम को शबदो की चाशनी म िबोकर और रात क अधर म करती थी भाजपा उसी काम को

तदन क उजाल म और कागस स हज़ार गणा जयादा बशमटी और जयादा तज़ी क साथ अजाम द रही ह साथ ही एक फ़ासीवादी सरकार होन क नात दमनकारी होन म भी मोदी सरकार न आज़ाद भारत की सभी सरकारो को पी ोड़ तदया ह असल म तमाम कतीय पजीवादी पातटयया और भाकपा माकपा जस ससदीय लाल जमर तक उदारीकरण-तनजीकरण की नीततयो क परतत कोई उसली तवरोध नही रखत ह इनका तवरोध कवल तभी तक रहता ह जब तक य िद तवपक म बठ हो आपको याद होगा िद भाजपा परतयक तवदशी तनवश यानी एफ़िीआई और तनजीकरण जस मदो पर ज़मीन तसर पर उठाय रहती थी लतकन सता म आन क बाद इनहोन इनही नीततयो को धड़ल स लाग कर तदया चाह सरकारी उपकरमो की तहससदारी और उनक मातलकाना हक की तबकरी हो या तशका-सवासथय जस बतनयादी कतो म तनजीकरण को बढ़ावा तदया जाना हो तनजीकरण-उदारीकरण की नीततयो को लाग करन क रप म पजीपतत वगय की सवा करन का यही रवया कमोबश हरक पजीवादी बजयआ पाटटी का रहा ह बशक हर मामल म जनता को बबायदी की ओर धकलन म फ़ासीवादी भाजपा तमाम अनय पजीवादी पातटययो स इकीस ही पड़ी ह

आज मौदरीकरण क रप म तनजीकरण को लाग करन क सरकारी लावो का परततरोध जनता की सगतठत ताकत क बत ही तकया जा सकता ह सशोधनवादी पातटययो की गोद म बठी अथयवादी टि यतनयन धनी तकसानो और कलको क सगठन अलग-अलग रगो क झिो और नारो वाली चनावबाज़ पातटयया तनजीकरण का मकाबला नही कर सकती ह असल म न तो इनकी तनजीकरण का मकाबला करन की नीयत ह तथा न ही इनक पास तनजीकरण को रोक सकन का मादा तनजीकरण समत भाजपा की समसत फ़ासीवादी नीततयो का मकाबला मज़दरो गरीब तकसानो और आम महनतकश जनता की एकजटता और उसक जझार सघषयो क बलबत ही तकया जा सकता ह इसक साथ ही हम पजीवादी वयवसथा क चररत और काययपरणाली को भी समझना होगा पजीवादी वयवसथा महनतकश जनता का िन-पसीना तनचोड़कर और उसक शोषण क बत ही कायम ह पजीवादी राजयसता और सरकारो की भतमका कवल मनाफ़ क तत को कायम रखन की ही होती ह सामातजक उतपादन और तनजी समपतत पर आधाररत तनजी मनाफ़ का अनतरतवरोध ही पजीवादी वयवसथा का बतनयादी अनतरतवरोध होता ह और इस समाजवादी करातनत क दारा उतपादन क साधनो और उतपादन क तनणययो पर सामतहक मातलकाना सथातपत करन और उतपादन क सामातजक तवतनयोजन को सथातपत करक ही हल तकया जा सकता ह अपन हक और अतधकारो की हरक ोटी-बड़ी लड़ाई क साथ और उसक दौरान इस लटरी वयवसथा का तवकप खड़ा करन क काययभार को हम एक पल क तलए भी अपनी नज़रो स ओझल नही होन दना चातहए

(पज 1 स आग)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 9

तलगािा ककसाि सशसतर सघरष क 75 साल उपलबधिया और सबक (दसरमी और अबतिम ककसत)

ndash आिनद ससहतपली तकसत म हमन दखा

तक तकस परकार 1940 क दशक की शरआत म हदराबाद क तनज़ाम की सामनती ररयासत म आन वाल तलगाना क जागीरदारो और भसवातमयो दारा तकसानो क ज़बदयसत शोषण व उतपीड़न क तवरदध शर हआ आनदोलन 1946 की गतमययो तक आत-आत सामनतो क तिलाफ़ एक सशसतर तवदरोह म तबदील हो गया तनज़ाम की सना और रज़ाकारो दारा इस तवदरोह को बबयरतापवयक कचलन की सारी कोतशश तवफल सातबत हई 15 अगसत 1947 को भारत तरितटश औपतनवतशक गलामी स आज़ाद हआ लतकन तनज़ाम न भारतीय यतनयन म तमलन स इनकार कर तदया गौरतलब ह तक सवतत भारत की राजयसता न हदराबाद क तिलाफ़ एक साल स भी जयादा समय तक कोई कारयवाई नही की इस दौरान तनज़ाम स बातचीत और सौदबाज़ी चलती रही यही नही इस दौरान भारत सरकार न ldquoसटितसटल समझौतrdquo क तहत तनज़ाम को हतथयारो और सनय उपकरणो की आपततय भी की तजसका इसतमाल तनज़ाम की सना न तकसान तवदरोह को कचलन क तलए तकया एक साल तक चली बातचीत और सौदबाज़ी क बावजद पातकसतान परसत तनज़ाम हदराबाद को भारत म तमलान को तयार नही हआ उधर गामीण इलाको म तकसानो और महनतकशो न कमयतनसटो क नततव म तनज़ाम की सना और रज़ाकारो को पी धकल तदया था

भारतीय राजयसता दारा हतथयारो व सनय उपकरणो की आपततय क बावजद तनज़ाम की सना तकसान तवदरोह को कचलन म नाकाम रही य व हालात थ जब 13 तसतमबर 1948 को भारतीय सना न हदराबाद की ओर कच तकया तनज़ाम की सना न महज़ पाच तदनो क भीतर आतमसमपयण कर तदया लतकन उसक बाद भी तनज़ाम को राजपरमख की पदवी दकर राजय का परमख बना रहन तदया गया 18 तसतमबर 1948 को हदराबाद ररयासत क परशासन की बागिोर भारतीय सना क हाथ म आ गयी लतकन उसक बाद भी 25 जनवरी 1950 तक सरकार क सभी आदश (फ़रमान) तनज़ाम क नाम स जारी तकय जात रह यहा तक तक 26 जनवरी 1950 म अतसततव म आय भारतीय सतवधान म तनज़ाम क राजपरमख क पद को मानयता परदान करन का परावधान भी जोड़ा गया और 1956 तक तनज़ाम राजपरमख बना रहा यही नही तनज़ाम को तपरवीपसय भी तमलता रहा यह भारत क उदीयमान बजयआ वगय और उसकी परतततनतध पाटटी कागस क घोर समझौतावादी चररत को तदखाता ह इसस यह भी सपषट हो जाता ह तक हदराबाद म भारतीय सना की सनय कारयवाई का असली उदशय तनज़ामशाही का िातमा नही बतक तलगाना तकसान तवदरोह को कचलना था गौरतलब ह तक अपन इस मकसद को तपान क तलए भारत की सरकार न इस सनय कारयवाई

की जगह पतलस कारयवाई का नाम तदया था आज तलगाना म तजी स बढ़ रही तहनदतववादी फ़ासीवादी ताकत 18 तसतमबर 1948 को lsquoमतत तदवसrsquoक रप म मनान का अतभयान चला रही ह लतकन सच तो यह ह तक तलगाना क तकसानो और महनतकशो क तलए यह तदन मतत का नही बतक तवशवासघात का परतीक ह

तनज़ाम क आतमसमपयण क बाद करीब 50 हज़ार भारतीय सतनको न तकसान तवदरोह को कचलन क तलए तलगाना क गावो की ओर रि कर तदया सना न तलगाना म बड़ पमान पर तगरफताररया यतणा आगजनी और तनमयम हतयाओ को अजाम दत हए तनज़ाम की सना व रज़ाकारो दारा तकय गय ज़ मो को भी मात द तदया मलाया सरकार की तरिगस योजना की ही तरह ऐस गाव बसाय गय जहा क तनवातसयो को सना क तनयतण म रहना था जगलो की दो हज़ार आतदवासी बतसतयो को नसतोनाबद कर तदया गया और लोगो को यातना तशतवरो म रखा गया ापामार गावो को ोड़कर तनकटवतटी जगलो म चल गय और वहा भी सना का दबाव बढ़न पर दरवतटी जगली कतो म तबखर गय

पाटटी क भमीतर चलमी बहसतनज़ाम क आतमसमपयण और

हदराबाद पर भारतीय सना का कबज़ा होन क बाद कमयतनसट पाटटी की आनधर इकाई क भीतर एक बहस उठ खड़ी हई रतव नारायण रििी क नततव वाल एक धड़ का मानना था तक तलगाना सशसतर सघषय तनज़ाम की सता क तिलाफ़ था और चतक अब तनज़ाम की सता का पतन हो चका ह इसतलए सशसतर सघषय वापस ल लना चातहए यह धड़ा सापकत धनी तकसानो व क ोट भसवातमयो क तहतो की नमाइनदगी करता था तजनहोन तनज़ाम क तिलाफ़ जारी तकसान तवदरोह का साथ तदया थापरनत तनज़ाम क पतन क बाद उनहोन सघषय स दरी बना ली थी परनत मधयम व ोट तकसान और खततहर मज़दर सघषय को जारी रखन क पकधर थ योतक व दख रह थ तक सना क आन क बाद भसवामी वापस गावो की ओर लौटन लग और तकसानो स ज़मीन ीनन लग तथा गाम राजयो क आदशो की अवहलना करन लग थ इसतलए आनधर कमटी न अनतत गररला सघषय जारी रखन का फ़सला तकया हालातक यह सपषट था तक अब उनका सामना पहल स कही जयादा ताकतवर दशमन स होन वाला ह

उधर पाटटी म कनदरीय सतर पर भी भारत म करातनत क मागय को लकर बहस चल रही थी माचय 1948 म पाटटी की दसरी कागस हई तजसम दतकणपनथी पीसी जोशी को हटाकर बीटी रणतदव को पाटटी का महासतचव बनाया गया था इस कागस म तलगाना क परतततनतधयो क ज़ोर दन क बाद ही दसरी कागस की थीतसस म तलगाना सघषय क महतव का उलख करत हए उस समथयन तदया गया और पर दश म ऐस सघषय सगतठत

करन तथा मज़दर वगय स भी उनक समथयन म आनदोलन करन का आहान तकया गया रणतदव न यह ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवादी थीतसस पश की तक जनवादी और समाजवादी करातनतया एक साथ होनी चातहए और कमयतनसटो को न कवल बड़ बजयआ को बतक सभी बजयआओ को अपन हमल का तनशाना बनात हए दशवयापी आम हड़ताल और सशसतर तवदरोह का मागय अपनाना चातहए इस ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवाद न भारतीय कमयतनसट आनदोलन को तो भारी कतत पहचाई ही उसक अलावा तलगाना सघषय क आग क तवकास को भी रोकन का काम तकया उसी साल मई क महीन म आनधर की पाटटी इकाई न रणतदव थीतसस का तवरोध करत हए अपनी यह लाइन रखी तक भारतीय करातनत का चररत रसी करातनत स तभनन ह और यह चीन म जारी नवजनवादी करातनत स काफ़ी हद तक समानता रखती ह यहा चार वगयो का सय त मोचाय बनाना होगा और दीघयकातलक लोकयदध का मागय अपनाना होगा आनधर थीतसस म माओ तस-तङ क नवजनवाद क तसदधानत को परासतगक बतात हए भारत म सवयहारा करातनत को दो अवसथाओ म समपनन करन की योजना परसतत की गयी हालातक इस थीतसस म भी क खातमया थी तमसाल क तलए यह भारत क बजयआ वगय को दलाल मानती थी लतकन कल तमलाकर यह लाइन ततकालीन पररतसथततयो म सापकत बहतर थी लतकन दो वषयो तक पाटटी पर रणतदव-लाइन का वचयसव बन रहन की वजह स तलगाना सघषय को भारी नकसान हआ दश क तवतभनन तहससो म तकसान सघषषो को तलगाना की राह पर आग बढ़ान और मज़दर वगय क सघषषो को उनक साथ जोड़न क बजाय ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवाद न पाटटी को जन समदाय स अलग-थलग कर तदया और कतारो की पहलकदमी को पग बना तदया लतकन अनतरराषटीय सतर पर आनधर लाइन क अनमोदन क बाद रणतदव की ldquoवामपनथीrdquo अवसरवादी लाइन अलग-थलग पड़ गयी मई-जन 1950 को रणतदव की बजाय राजशवर राव पाटटी क महासतचव बन और पाटटी न आनधर-थीतसस को आतधकाररक लाइन क तौर पर सवीकार तकया लतकन इस समय तक पहल ही काफ़ी दर हो चकी थी दशवयापी सतर पर सघषय क तवसतार की समभावनाओ का गलत लाइन काफ़ी हद तक गला घोट चकी थी और नयी बजयआ सता को अपन सदढ़ीकरण क तलए तीन वषषो का कीमती समय तमल चका था

सोनवयत िततव का मागषदशषि1951 तक आत-आत पाटटी क

भीतर तलगाना सघषय क आग क रासत क बार म मतभद गहरान लग बमबई मखयालय म हावी एसए िाग घाट और अजय घोष आतद का दतकणपनथी धड़ा शर स ही आनधर लाइन का तवरोध कर रहा था लतकन आनधर कमटी का बड़ा तहससा तफर भी सघषय को जारी

रखना चाहता था उसका मानना था तक फ़ौरी तौर पर नकसान क बावजद सघषय को जारी रखना और दश क अनय अनकल पररतसथततयो वाल भभागो म उसका फलाव ममतकन ह

पाटटी म मौजद मतभद सकट और तवभम की तसथतत को दर करन क तलए एक बार तफर अनतरराषटीय नततव पर भरोसा तकया गया और चार सदसयो का एक परतततनतधमिल 1951 क परारमभ म सोतवयत पाटटी क नततव स बातचीत करन क तलए मासको गया इसम दो ndash राजशवर राव और बासवपनया तलगाना सघषय क नता थ जबतक अनय दो ndash अजय घोष और िाग उसका तवरोध कर रह थ सोतवयत पाटटी की ओर स सतातलन मालकोव मालरोव और ससलोव न बातचीत की पी सनदरयया न पाटटी दारा सघषय वापस लन क फसल को जायज़ ठहरान क तलए अपनी तकताब म इस ओर इशारा तकया ह तक सतातलन न तलगाना सशसतर सघषय को वापस लन का सझाव तदया था योतक इस गोररला सघषय क समथयन म वयापक जन समथयन क अभाव म यह सघषय वयततगत आतकवाद की तदशा म बढ़ सकता था लतकन इस सघषय क भागीदार और नसलबाड़ी तकसान तवदरोह क बाद चार मजमदार की दससाहसवादी लाइन का तवरोध करत हए करातनतकारी जनतदशा की बात करन वाल िीवी राव न अपनी तकताब ldquoतलगाना ऑमय िसटगल एि तद पाथ ऑफ़ इतियन ररवोल यशनrdquo म तलखा ह तक उस समय उनह पाटटी म यह ररपोटय तकया गया था तक सतातलन न भारतीय परतततनतध मिल स कहा था तक ldquoसशसतर सघषय जारी रखन क तलए अतधक हतथयार अतधक कािर और सघषय क इलाको म ापामारो क तलए आवशयक सभी चीज़ो को भजा जाना चातहएrdquo बाद म जब परतततनतध मिल न सशसतर सघषय जारी रखन म आन वाली चनौततयो पर जोर तदया तो सतातलन का कहना था ldquoयह अफ़सोस की बात ह तक आप लोग सघषय की रका नही कर पा रह हrsquorsquo

परतततनतधमिल क भारत लौटन क बाद भारत म जनवादी करातनत क काययकरम का एक मसौदा तयार तकया गया और एक नीतत-तवषयक वतवय जारी तकया गया तजसम सशसतर सघषय का तज़कर तो नही था लतकन रणकौशल-तवषयक दसतावज़ म ldquoअपररपव तवदरोह और जोतखम भरी कारयवाइयो स सावधान रहत हएrdquo तकसानो क ापामार यदध क साथ ही मज़दरो की वगटीय हड़तालो और सघषय क अनय रपो क इसतमाल की बात कही गयी थी उसम इस धारणा को भी गलत ठहराया गया था तक दश क तकसी तहसस म सशसतर तवदरोह तभी शर तकया जा सकता ह जब पर दश म तवदरोह की तसथतत तयार हो दसतावज़ क अनसार तकसी एक बड़ भभाग म तकसान सघषय क ज़मीन-ज़बती क सतर पर पहचन क बाद वयापक जनानदोलन और ापामार यदध यतद ठीक तरह स सगतठत हो तो दशभर क तकसानो को

उदतलत करक सघषय को उचच धरातल पर पहचा दना समभव ह एक शािदार सघरष की शमषिाक

ढग स वापसमी1951 तक आत-आत पाटटी म

दतकणपनथी अवसरवादी हावी हो चक थ कनदरीय कमटी न आनधर की कमटी को सघषय कवल तब तक जारी रखन को कहा जब तक पाटटी सरकार स उस सथतगत करन की शतषो पर बातचीत परी न कर ल इन शतयो म तकसानो क कबज़ की ज़मीन ज़मीनदारो को वापस न करना कतदयो की ररहाई मकदम वापस लना और पाटटी स परततबनध हटाना परमख थी लतकन कनदरीय कमटी क इस तनणयय क तवपरीत अजय घोष क नततव वाल दतकणपनथी धड़ और आनधर क रतव नारायण रििी गट न तबना शतय सघषय वापसी क तलए दबाव बनाना शर तकया पाटटी की इस तसथतत का लाभ उठाकर नहर सरकार न तकसी भी शतय को मानन और बातचीत करन स इनकार कर तदया मई 1951 तक कनदरीय कमटी म आनधर क सदसय भी मान चक थ तक अब आतशक ापामार सघषय भी जारी रख पाना समभव नही ह

अटबर 1951 म पाटटी न तबना तकसी शतय तनहायत घटनाटक ढग स सघषय वापस लन की घोषणा कर दी जगल क ापामार नताओ को इसकी खबर बाद म लगी पाटटी अब परी तरह स ससदीय राह पर चल पड़ी दतकणपनथी धड़ क सामन उसक तवरोतधयो न आतमसमपयण कर तदया और कतारो म भारी पसती का माहौल फल गयातलगािा सघरष की फौरमी पराजय

क काररतलगाना सघषय की फ़ौरी पराजय

का सबस बड़ा कारण यह था तक पाटटी बोशतवक ढग स एकीकत नही थी और उसम ऊपर स नीच तक ldquoवामrdquo और दतकणपनथी भटकाव क धड़ मौजद थ इसतलए वह भारतीय करातनत को नततव दन म अकम थी 1946 स 1951 क बीच पहल पीसी जोशी काल क दतकणपनथी भटकाव न तफर रणतदव काल क ldquoवामपनथीrdquo भटकाव न और तफर अजय घोष काल क दतकणपनथी भटकाव न पर दश सतर पर और तलगाना क सतर पर पाटटी क काययो को काफ़ी नकसान पहचाया था यह एक ऐसा सकरमण-काल था जब नयी सता क सदढ़ीकरण की परतकरया अभी परी नही हई थी लतकन नौसना-तवदरोह तभागा-तलगाना-पनपरावायलार क तकसान सघषयो और दशवयापी मज़दर आनदोलनो को एक कड़ी म तपरोकर जनकरातनत की धारा को आग बढ़ान म पाटटी-नततव नाकाम रहा यतद यह परतकरया आग बढ़ती तो कागस की समझौतापरसती का पहल और नगा होकर सामन आता और पाटटी क नततव म यतद जनवादी करातनत जदी परी नही भी होती तो या तो दीघयकातलक लोकयदध मज़बत आधार पर आग की मतज़लो म परतवषट हो गया होता या जनसघषयो क दबाव म

(पज 2 पर जारमी)

10 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

बगलादश म एक बार फिर मिाि की आग की बलल चढ़ 52 मज़दरndash भारत

भारत हो या बगलादश या कोई अनय पजीवादी दश मातलको क तलए मज़दरो की अहतमयत कीड़-मकोड़ो स जयादा नही होती बीत 8 जलाई को बगलादश म ढाका क नारायणगज कत म जस क कारिान म भीषण आग लगी तजसम 52 मज़दरो की जान चली गयी और कई घायल हए 35000 वगय फ़ीट म बन कारिान म तसफ़य दो जगह सीतढ़या थी मातलक न जल की तरह सार दरवाज़ो पर ताला लगा रखा था तजसस मज़दर आग लगन क समय भाग भी नही पाय और जलकर मर गय क मज़दर तो ऊची त स कदन क कारण मार गय

साजीब गप की यह कमपनी ऑसटतलया अमररका भारत भटान नपाल जस दशो म अपना माल तनयायत करती थी पर इतनी बड़ी कमपनी होन क बावजद इसक कारिान म सरका क कोई इनतज़ाम नही थ और न ही आग लगन क बाद तनकलन का कोई रासता था आग इतनी भीषण थी तक उस बझान म 3-4 तदन लग गय

बगलादश म टसटाइल सटर सबस बड़ा सटर ह चीन क बाद बगलादश तसल-तसलाए कपड़ो का दतनया म सबस अतधक तनयायत करन वाला दश ह 84 परततशत तनयायत राजसव बगलादश को इसी स तमलता ह 45 लाख मज़दर करीब 4500 गारमट क कारिानो म काम करत ह इसक बावजद यहा क कारिानो म तसथतत नकय स भी बदतर ह सरका स लकर बतनयादी इनतज़ाम तक इनम मौजद नही ह इसी कारण आय-तदन कारिानो म आग लगन की घटनाए सामन आती ह

बगलादश म कारिान म आग की यह कोई पहली घटना नही ह सबको याद होगा तक बगलादश क इततहास म मज़दरो क तलए सबस बड़ी जानलवा घटना 2013 म घटी थी जब ढाका क राणा पलाज़ा गारमट सटर म आग लगन स 1100 स भी जयादा मज़दर मार गय थ इतनी भयानक घटना क बाद भी यह तसलतसला रका नही अगसत 2016 म दतकण बगलादश क चटगाव म फ़तटयलाइज़र कमपनी म गस लीक होन

स 100 मज़दर मार गय 2019 म एक गोदाम म आग लगन स 67 मज़दरो की मौत हो गयी 2010 म गर-काननी कतमकल कारिान म आग लगन स 123 मज़दरो मार गय और 2012 म ढाका क ताज़रीन फशन फटी म आग स 117 मज़दरो की मौत हई थी बगलादश क कारिानो म आग स मज़दरो की मौतो की यह फहररसत लमबी ह एक ररपोटय बताती ह तक 1990 क बाद स बगलादश क कारिानो म आग लगन की 50 स जयादा बड़ी घटनाए हई ह तजनम हज़ारो मज़दर मार जा चक ह इनह दघयटना या हादसा कहना सचचाई क साथ अनयाय होगा य सब मातलको व बड़ी-बड़ी कमपतनयो क मनाफ़ की हवस को परा करन क तलए की गयी हतयाए ह

दतनया की सारी बड़ी गारम ट कमपतनयो का माल यहा तयार होता ह तजसक तलए मज़दर 18-18 घट तक खटत ह और वतन क नाम पर 94 िॉलर यानी करीब 7000 रपय तक ही पात ह आज बगलादश क तजस तज़ तवकास की चचाय होती ह वह इनही मज़दरो क बबयर

और नग शोषण पर तटका हआ हइन कारिानो म साधारण दसतानो

स लकर जत तक नही तदय जात और कतमकल वाल काम भी मज़दर नग हाथो स ही करत ह फटररयो म हवा की तनकासी तक क तलए कोई उपकरण नही लगाय जात तजस वजह स हमशा धल-तमटी और उतपादो की तज़ गनध क बीच मज़दर काम करत ह जवानी म ही मज़दरो को बढ़ा बना तदया जाता ह और दस-बीस साल काम करन क बाद जयादातर मज़दर ऐस तमलग तजनह फफड़ो स लकर चमड़ी की कोई न कोई बीमारी होती ह

राणा पलाज़ा की घटना क बाद मटीनशनल कमपतनयो न कारिानो म सरका क इनतज़ाम पखता करन क बड़-बड़ दाव तकय मज़दरो को आग स बचन क तलए परतशकण तदया और यह तदखान क तलए और भी बहत सी नौटकी की तक मज़दरो की जान को लकर व तकतन ldquoतचतततrdquo ह लतकन आय तदन होन वाली आग लगन की घटनाए इन कमपतनयो की नौटकी का

राज़ खोल दती ह और यह नगी सचचाई सबक सामन आ जाती ह तक इनह अपन मनाफ़ स जयादा कोई पयारा नही ह इसी तलए बगलादश म शरम काननो का कोई महतव नही ह बगलादशी सरकार और उनकी परधानमती शख हसीना भी मज़दरो की मौत पर चपपी साध बठी रहती ह आतिर उस भी अपन पजीपतत आकाओ की सवा करनी ह हर जगह मज़दरो की हो रही मौतो की तज़ममदार यह समची मनाफ़ािोर पजीवादी वयवसथा ह जो मज़दरो क िन की आतिरी बद तक को तनचोड़कर अपना मनाफ़ा तनकालती ह

हम मज़दरो क तलए यह तज़नदगी और मौत का सवाल ह तक हम इस समची पजीवादी वयवसथा को उखाड़ फ कन की तयारी कर अपनी करातनतकारी पाटटी का तनमायण कर और मज़दर राज कायम करन की लड़ाई लड़ चाह इसम तकतना ही समय यो न लग जाय वरना हमारी आन वाली पीतढ़या भी ऐस ही पशओ क समान जीन और मरन को मजबर होगी

वति ि दि और वति कटौतमी म घपलबाज़मी को लकर मािसर की शमीनिसस कमिमी क मज़दरो क काििमी सघरष की उममीद भमी लगभग ख़तम

ndash शाम मदतवशरीतनसस वायररग तलतमटि

(मानसर) क मज़दरो को तपल ह महीन स उनक वतन का भगतान नही तकया गया ह दसर वतन स कमपनी दारा पसा काटन क बावजद न तो पीएफ़ और न ही ईएसआयी म पसा जमा तकया गया ह और न ही मज़दरो दारा कमपनी स तलय गय कज़य की तकशत चकायी जा रही थी इस तानाशाही व घपलबाज़ी की तशकायत मज़दरो न शरम उपाय त को 9 जलाई को तलतखत रप म भी की थी सटाफ़ क करीब 20 मज़दरो की तनखवाह का जनवरी 2021 स तथा ठका व अपरतटस मज़दरो का अपरल 2021 स भगतान नही तकया गया ह तशकायत क बाद एक महीन की तनखवाह उनक खात म ज़रर िाल दी गयी ह अभी भी करीब 50 अपरतटस मज़दरो 15-20 ठका मज़दरो तथा सटाफ़ क 20 मज़दरो की सलरी का भगतान बकाया ह वतन न तमलन क कारण बहत स मज़दर काम भी ोड़ चक ह करीब 200 ठका मज़दरो म स महज़ 15-20 मज़दर और सटाफ़ क भी करीब 85 म स 50 मज़दर ही बच ह

कमपनी परबनधन इन समसयाओ का कारण काम की कमी बता रहा ह जबतक मज़दर कह रह रह ह तक काम की कमी नही ह उट काम इतना ह तक कमपनी ऑियर परा नही कर पा रही ह तफ़लहाल कमपनी म समसयाओ क बावजद काम चल रहा ह और बच हए मज़दर काम भी कर रह ह और वतन-समबधी समसयाओ स भी जझ रह ह असल म इस कमपनी को मातलको क ही ररशतदारो को बचन की तयारी चल रही ह चतक कागज़ो म एक समय-सीमा क भीतर कमपनी को दसरी कमपनी को सौपना ह तो पहल परान मज़दरो को तनकालन का षियत रचा जा रहा ह

शरीतनसस कमपनी ऑटोमोबाइल सटर क तलए कल-पजज बनान वाली

एक विर कमपनी ह जो मारतत हीरो जसी मदर कमपतनयो तथा नपीनो परीकॉल तमिा मदरसन लकास टीवीएस इटरफस असती पदतमनी वीएनए एसएमएल तफ़तलपस आतद विर कमपतनयो क तलए हारनस बनाती ह इसका दसरा पलाट रदरपर म ह

तपली 19 जलाई को मज़दरो को िीएलसी ऑतफ़स म सनवाई क तलए बलाया गया था लतकन न तो उस तदन शरम उपाय त तदनश कमार (गड़गाव) आय और न ही परबनधन की तरफ़ स कोई आया 23 जलाई को होन वाली अगली सनवाई क पहल ही कमपनी न पॉवर कट का बहाना बनाकर काम बनद कर तदया और गट भी नही खोला 27 जलाई की समझौता वाताय म कमपनी क न आन पर शरम तवभाग न एस पाटटी (एकपकीय तनणयय) क तौर पर फसला तदया तजसक आधार पर मज़दर तबना तकसी ज़मीनी सघषय की तयारी क महज़ काननी तरीक स अतधकार पान का सपना दखन लग थ

पहल भी ऐसा दखा गया ह तक कमपनी क तबकन या 30 तदन की समय-सीमा क अनदर दोबारा सनवाई करक तनणयय को पलट तदया गया और मज़दरो क साथ धोखा हो गया अगसत म कमपनी परबनधन न बच-खच मज़दरो की एकता को िरा-धमकाकर व भतवषय का िर तदखाकर तोड़ तदया कमपनी परबनधन दारा यही कहा गया तक अभी जो तमल रहा ह उस ल लो वरना वह भी नही तमलगा कोटय क चकर काटत रह जाओग इस तरह स जो काननी सघषय की समभावना थी उस भी बरी तरह स कमज़ोर कर तदया गया 60-70 मज़दरो म भी महज़ 10-15 बच थ तजसम 4-5 सटाफ़ क थ और 10-12 कमपनी रोल पर एक मज़दर न बताया तक मज़दर 20-50 हज़ार रपय म तहसाब लकर काम ोड़कर चल गय ह कइयो न तो परा

वतन और मआवज़ा तक भी नही तलया जो तमला उसी को ठीक समझा ऐस म अब सब मज़दरो को तहसाब तमलना भी मतशकल लग रहा ह

यह सब तब हआ जब कमपनी न तबना तकसी नोतटस चतावनी व तफ़तीश क एकतरफ़ा मनमज़टी स आवाज़ उठान वाल मज़दरो को गट बनद करक बाहर कर तदया इस तरह परबनधन दारा मारपीट की धमकी स गट पर बठ मज़दरो का हौसला टट गया ऑटोमोबाइल इिसटी काटट वकय सय यतनयन न उनक सामन यही बात रखी तक हम जद स जद मीतटग करक सामतहक रप स सघषय का रासता तनकालना चातहए लतकन मज़दर अपन आप को इसक तलए तयार नही कर पाय परबनधन क िर स मज़दर तकसी भी यतनयन स ररशता बनान स िर रह थ

सघरव की कमजोरी या थी अगर मड़कर दख तो पहल ज़मीनी सघषय का रासता ोड़कर महज़ काननी परतकरया पर तनभयरता का रासता अपनाया गया तफर मातलको दारा िरान-धमकान पर मज़दर िर गय और एक-एक करक टटत चल गय जब मज़दरो को ज़बरन दोबारा गटबनद करक बाहर तकया गया था उसी वक़त मज़दरो को एकजट होकर ज़मीनी सघषय क रासत पर बढ़ना चातहए था तब भी ऑटोमोबाइल इिसटी काटट वकय सय यतनयन यही कह रही थी तक एक परचा तनकालकर पर मानसर क औदयोतगक कत म बाटत हए इलाक क तवतभनन फटी मज़दरो स सघषय म साथ दन की अपील करनी होगी चाह उन फतटयो म यतनयन हो या न हो लतकन शरीतनसस फटी क मज़दरो की न तो कोई अपनी यतनयन थी और न ही तकसी आनदोलन म शातमल होन का अनभव और न ही फटी सतर पर मज़दरो की कोई सघषय सतमतत थी इसतलए व तकसी भी तरह क एकजट सगतठत सघषय का रासता नही अपना सक दसर शबदो म

मज़दर सातथयो का सघषय और राजनीतत स साबका बहत ही कम था सघषय और राजनीतत की अनभवहीनता और उनक परतत उदासीनता और साथ ही काननी परतकरया पर पणय तवशवास उनकी मखय कमज़ोररया थी हम मज़दरो को यह समझ लना चातहए तक शरम तवभाग स लकर फ़टी इसपटर आतद पजीपततयो मातलको और ठकदारो की सवा करत ह कोई एक अतधकारी ईमानदार भी हो तो भी वह क िास नही कर सकता ह योतक जब कभी मज़दरो क पक म शरम तवभाग का फसला आता भी ह तो उस लाग करन की कोई वयवसथा भारत की पजीवादी वयवसथा म जानबझकर की ही नही गयी ह काननी सघषय कभी-कभार ही सफल होत ह और वह भी तब जब उसक पी मज़बत ज़मीनी सघषय मौजद हो

ज़ररमी सबक इन तदनो मज़दरो की तनखवाह दर

स तमलना अधरी तमलना या न तमलन क मामल बढ़त ही जा रह ह कक मामलो को ोड़कर अतनयतमत मज़दरो क मामल शरम तवभाग तक पहच ही नही पात ह शायद ही कोई कमपनी होगी तक जहा काम करन वाल कचच मज़दरो की तनखवाह क मामल म कभी कोई समसया न आयी हो इसतलए मज़दरो को महज़ शरम तवभाग और शरम नयायालय क तनणययो तक अपन आप को सीतमत नही रखना चातहए सघषय क मखय पहल यानी ज़मीनी सघषय की तयारी व कारवाई को जारी रखना चातहए जब दतनया म शरम कानन नही थ तो सघषयो क ज़ररए ही शरम कानन बनवाय गय थ और लाग भी करवाय गय थ आज ज़मीनी सघषयो क कमज़ोर पड़न की वजह स पहल क हातसल तकय गय अतधकार गर-काननी और काननी तौर पर ीन जा रह ह इसक तलए एक बार तफर स दश म मज़दरो को हक और इसाफ़ की लड़ाई क तलए कमर

कसनी होगी ज़मीनी सघषयो को भी तभी आग बढ़ाया जा सकता ह जब मज़दर भाई और बहन अपन आस-पास क सभी मज़दर और अनय जनसघषयो स सतकरय ररशता बनाए और मज़दरो क सघषयो क इततहास स भी पररतचत हो साथ म ही इन सभी सघषयो पर सोच-तवचार करक अपन तलए सबक तनकालना भी मज़दरो क तलए बहद ज़ररी ह योतक इसी परतकरया म व अपन सघषयो की कमज़ोररयो को भी समझग और आन वाल तदनो क सघषयो को पहल स जयादा मज़बत बनायग आज क समय म कारिान क भीतर और सभी कारिानो क मज़दरो और तवशषकर असथायी मज़दरो की एकता और सगठन बहत ज़ररी ह उसक तबना उनकी ताकत बहद कम होती ह और मातलक और ठकदार उनस तनपट लत ह अगर हम य सार कदम नही उठात तो अचानक तसर पर मसीबत पड़न पर क समझ नही आता ऐस म या तो िर व अतनतशचतता क कारण मज़दर साथी जदी टटत ह और तरनत तहसाब ल लत ह या तफर तमाम ऐसी मौकापरसत और समझौतापरसत यतनयनोफिरशनो या िद की अनभवहीन या मौकापरसत और समझौतापरसत कमटी क चकर म फसकर अनत म थक-हार कर तहसाब लन को मजबर हो जात ह थोड़-बहत मज़दर तबना ज़मीनी सघषय क हक और नयाय पान क इनतज़ार म कोटय-कचहरी म तघसटत रहत ह

जहा तक मज़दरो क करातनतकारी यतनयन आनदोलन का परशन ह आज ज़ररत ह तक मज़दरो को कारिान क पमान क साथ-साथ पर सटर और इलाकाई पमान पर एकजट और सगतठत तकया जाय तातक सकट की घड़ी म एक-दसर क साथ खड़ा हआ जा सक इस बात को पहल स कही जयादा और जद स जद लाग करन की ज़ररत ह तातक

(पज 15 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 11

(पज 12 पर जारमी)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का हमज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहए

ndash जशवािमीहाल म भारत क दो उतर-पवटी

राजय असम-तमज़ोरम क बीच सीमा-तववाद स जड़ा हआ घटनाकरम काफ़ी सतिययो म रहा उतर-पवय का नाम सनकर हमम स क को लग सकता ह तक इतनी दर-दराज़ की घटना स हम मज़दरो-महनतकशो का सरोकार भला यो होना चातहए इसतलए होना चातहए योतक यह भी मज़दर वगय की करातनतकारी राजनीतत को समझन और जानन क तलए आवशयक ह तकसी भी रप म दबायी जा रही या उतपीड़ तत हो रही जनता और उसकी समसयाओ और सघषयो स सरोकार रख तबना मज़दर वगय वयापक महनतकश जनता की करातनतकारी एकता कायम नही कर सकता ह शासक वगय दतमत कौमो क बीच भी मौजद अनतरतवरोधो और तववादो को हवा दता ह तातक उनह आपस म लड़वाकर कमज़ोर तकया जा सक हआ यह ह तक हाल ही म असम और तमज़ोरम क बीच राजय की सीमाओ को लकर एक तववाद पदा हो गया

यह कोई पहली बार नही ह जब असम और तमज़ोरम क बीच अनतरराजयीय सीमा को लकर तववाद उठ खड़ा हआ हो इसस पहल भी दोनो राजयो क बीच सीमा-तनधायरण को लकर झगड़ और तववाद पदा हए ह तजनहोन कई बार काफ़ी उग रप भी अतखतयार तकय ह

हालातक इस बार इस तववाद क साथ जो तहसा की वारदात हई उसम सवय असम पतलस और तमज़ोरम पतलस शातमल भी थी यही कारण ह तक आम तौर पर हातशए पर रहन वाल उतर-पवय क राजयो क मामलो न lsquoमखयधाराrsquo म भी इस मद को लकर चचाय ड़ दी लतकन यह परी चचाय ही सतही थी और इस तववाद क हर परकार क तवशलषण म आम तौर पर ऐततहातसक दतषट का अभाव था और मखय राजनीततक परशनो की अनपतसथतत थी सचचाई यह ह दक राजयो की सीमा स जड य दववाि कवल असम और दमजोरम क बीच ही मौजि नही ह बदलक उततर-पवव क अय राजयो क बीच भी इनको लकर खासा इदततलाफ ह उततर-पवटी राजयो म इन तमाम सीमा-दववािो की जड वातव म इदतहास म मौजि ह दजसम पहल औपदनवदशक सतता और बाि म वाततयोततर भारतीय राजयसतता की िमनकारी व ग़र-जनवािी नीदतयो और कौमी िमन की भदमका कदीय ह

इस बार असम-तमज़ोरम क बीच लमब समय स वयापत सीमा-तववाद न तल तब पकड़ा जब 26 जलाई को तमज़ोरम पतलस दारा राजय सीमा पर गोलीबारी म 6 असम पतलसकतमययो की मौत हो गयी और 50 क करीब पतलस अतधकारी व पतलसकमटी घायल हए इस तहसा म एक नागररक की मतय भी हई हालातक तमज़ोरम का दावा था तक हमला पहल

असम पतलस की तरफ़ स हआ था और उसन महज जवाबी कारयवाई की थी गौरतलब ह तक कनदरीय गहमती अतमत शाह की 25 जलाई को तशलाग म उतर-पवटी राजयो क मखयमततयो क साथ बठक हई थी तजसम तमाम मसलो क साथ असम क तमज़ोरम नगालि अरणाचल परदश और मघालय क साथ सीमा-तववाद पर बातचीत भी शातमल थी 26 जलाई की घटना इस बठक क बाद ही घतटत हई

इस घटना क बाद असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा और तमज़ोरम क मखयमती ज़ोरामथगा क बीच इन तहसा की घटनाओ की तज़ ममदारी को लकर काफ़ी बहस चली और आरोपो-परतयारोपो का भी एक लमबा तसलतसला चला मोिी सरकार क दलए यह शदमविगी पिा करन वाली दथदत थी वजह यह ह दक असम म भाजपा की सरकार ह और दमजोरम म सततासीन दमजो नशनल फरणट उततर-पवव लोकतादरिक गठबधन (एनईीए) का दहसा ह दजसका गठन भाजपा क नतकतव म 2016 म हआ था और तजसक सयोजक उस समय स ही असम क वतयमान मखयमती हमनत तबसव सरमा ह

बहरहाल 26 जलाई क इस घटनाकरम क बाद दोनो राजयो म तसथतत को ldquoसामानयrdquo तकय जान क तलए 28 जलाई को कनदरीय गह सतचव क साथ असम और तमज़ोरम क राजय गह सतचवो की लमबी वाताय हई तजसम ldquoआपसी बातचीतrdquo स सीमा-तववाद का तनपटारा करन पर सहमतत बनायी गयी और राषटीय राजमागय 306 पर कनदरीय सरका बलो की तनाती क तनदजश तदय गय बावजद इसक तसथतत गमभीर ही बनी रही असम सरकार न अपन राजय क लोगो क तलए याता-समबनधी तनदजश जारी करक उनह तमज़ोरम न जान की तहदायत दी असम पतलस को तनदजश जारी तकय गय तक तमज़ोरम स आन वाली हरक गाड़ी की अनतरराजयीय चक पोसट पर गर-काननी नशील पदाथयो इतयातद क तलए ठीक स जाच की जाय और इसक बाद ही राजय म आन की अनमतत दी जाय असम न तमज़ोरम को जान वाला राषटीय राजमागय क समय क तलए बनद भी कर तदया था तजसस आवशयक वसतओ दवाओ आतद को तमज़ोरम पहचान म तदक़कत भी पश आयी यही नही असम पतलस दारा तमज़ोरम पतलस और तमज़ोरम स राजय सभा सदसय क वनलावना क तिलाफ़ पराथतमकी भी दजय की गयी तो वही तमज़ोरम पतलस न भी असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा और असम पतलस क अनय अतधकाररयो क तिलाफ़ तशकायत दजय की हालातक दोनो तरफ़ की इन तशकायतो को बाद म वापस ल तलया गया इसक बाद गहमती अतमत शाह क ldquoहसतकपrdquo क बाद दोनो राजयो क मखयमततयो न एक साझा बयान जारी करक तसथतत को ldquoसामानय

बनान और तनाव को ितम करनrdquo की बात कही लतकन भाजपा क तलए तो तसथतत वाकई म लशपणय हो गयी थी इस पर घटनाकरम क पी काम कर रह कारको को थोड़ा गहराई स समझना होगा

उततर-पवष म फासमीवादमी-अनधराषटवादमी भाजपा का बढ़ता

राजिमीनतक दख़लवातव म 2016 म उततर-पवव

लोकतादरिक गठबधन (एनईीए) क गठन क पीछ भाजपा की असली मशा उततर-पवव म अपना राजनीदतक िखल बढाना था और साथ ही उततर-पवव क ldquoतनावगतrdquo इलाको क मखयभदम भारत क साथ एकीकरण क परोजट को आग बढाना भी था जो वातव म और कछ नही बदलक उततर-पवव म भारतीय राजयसतता दारा राषटीय िमन की नीदत का ही दहसा ह भारतीय राजयसता दारा उतर-पवय म बस रही तमाम राषटो और अपसखयक राषटीयताओ क साथ तकय गय ऐततहातसक ल-कपट और वायदा-तिलाफ़ी की चचाय हम आग करग लतकन जहा तक पर उतर-पवय म अपनी पकड़ बनान का परशन ह तो भाजपा क तलए ऐसा करना इतना सगम भी नही ह क समझौतापरसत घटनाटक ताकतो को ोड़ तदया जाए जोतक असर हर दतमत कौम म पायी ही जाती ह तो वयापक आबादी म भारतीय राजयसता क तिलाफ़ गहरी ऐततहातसक नफ़रत मौजद ह और भारत स आज़ादी की चाहत परबल ह इस पर कत म ही भारतीय हमरानो की कौमी दमन की नीततयो की मिालफ़त का एक लमबा इततहास भी मौजद रहा ह और वतयमान म भाजपा क तमाम फ़ासीवादी व अनधराषटवादी नीततयो क तिलाफ़ परततरोध की भी तमसाल ह

यह तथय भी यहा रखादकत करना आवशयक ह दक भाजपा और सघ पररवार उततर-पवव म दवशर तौर पर असम को दहितव फासीवाि की नयी परयोगशाला बनान क दलए काफी जोर लगा रह ह असम म सामपरदातयक धरवीकरण की राजनीतत को इसी उदशय स भाजपा कभी एक तो कभी दसर रासत स लगातार अमल म ला रही ह जहा तक असम का परशन ह तो तपल साल सीएए-एनआरसी का तशगफ़ा भी इसी मकसद स उाला गया था हालातक असम म उसका तवरोध अनय कारणो स हआ था और तवरोध पहल स मौजद ldquoसथानीय बनाम परवासीrdquo की अतसमतावादी राजनीतत क कारण जयादा हो रहा था

हाल म ही असम की भाजपा सरकार दारा भी ldquoजनसखया तनयतणrdquo क नाम पर अनय भाजपा-शातसत परदशो की तज़य पर ही मसलमान-तवरोधी फ़ासीवादी फ़रमान जारी करन की शरआत कर दी गयी ह इसक अलावा क समय पहल ही असम पश सरकण तवधयक 2021 पाररत तकया गया तजसक चलत गोमास

की तबकरी पर आतशक रोक लगना तय ह नय कानन क तहत राजय म मवतशयो क वध उपभोग और पररवहन को तवतनयतमत करन क परावधान शातमल ह वासतव म वतयमान तवधयक और क नही बतक 1951 क असम पश सरकण कानन का lsquoअपगिि वज़यनrsquo ह गौरतलब ह तक उस वक़त कागस न यह कानन बनाया था या इसी तथय स ही कागस की धमय-तनरपकता और फ़ासीवाद-तवरोध क ढोल की पोल नही खल जाती ह असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा न दावा तकया तक इस तवधयक क पी कोई गलत मशा नही ह और इसस तो असल म सामपरदातयक सदभाव मज़बत होगा यही नही इन महोदय क अनसार सामपरदातयक सौहादय बनाय रखन क तलए कवल तहनद ही तज़ममदार यो हो मसलमानो को भी इसम सहयोग करना चातहए नया कानन बन जान पर तकसी वयतत को मवतशयो का वध करन पर तब तक रोक होगी जब तक तक उसन तकसी तवशष कत क पजीकत पश तचतकतसा अतधकारी दारा जारी आवशयक परमाण पत परापत नही तकया हो उतचत दसतावज़ क अभाव म मवतशयो को एक तज़ल स दसर तज़ल और असम क बाहर पररवहन को भी अवध बनान क परावधान ह इस कानन क तहत सभी अपराध सजय और गर-ज़मानती होग इस कानन को लकर उततर-पवव क अय राजयो म काफी असतोर ह योदक यह वहा क थानीय दनवादसयो क खान-पान की वतरिता और स कक दत पर सीध-सीध फासीवािी हमला ह

हम दख सकत ह तक उतर-पवय म फ़ासीवादी तगरोह न तसफ़य भारतीय राजय की परानी राषटीय दमन की नीतत को ही आग बढ़ा रहा ह बतक असम क उदहारण स यह भी सपषट हो जाना चातहए तक भाजपा और सघ पररवार अपन राजनीततक हसतकप क ज़ररए पर सामातजक तान-बान म सामपरदातयक नफ़रत तहदतववादी कटरता और धमायनधता को भी फलान का भरपर परयास कर रह ह और तफ़लहाल उनह असम म तो एक हद तक इसम सफलता भी हातसल होती हई नजर आ रही ह

असम-ममज़ोरम समीमा नववाद उपनिवशवाद की एक नवरासत

दरअसल तमज़ोरम और असम क बीच 1646 तकलोमीटर लमबी साझा सीमा ह तजसम तमज़ोरम क आइज़ोल कोलातसब और मातमत तज़ल और असम क कार हलाकािी और करीमगज तज़ल आत ह दोनो ही राजय lsquoइनर लाइन ररज़वय फ़ॉरसटrsquo क लगभग 131831 वगय तकलोमीटर कत पर अपना दावा पश करत ह तजसक कारण तकसी भी तातकातलक टकराहट की घटना क पदा होन स सीमा को लकर तववाद पनः उतपनन हो जाता ह इस बार भी यही हआ था

सतही तौर पर िखन पर असम-दमजोरम सीमा-दववाि क कद म

मखय तौर पर औदपवदशक काल की िो अदधसचनाए दिखलायी पडती ह जहा तमज़ोरम ऐततहातसक सीमा की बहाली क तलए 1875 की अतधसचना का तहमायती ह वही असम ऐततहातसक सीमा-तनधायरण क तलए 1933 की अतधसचना का पकधर ह 1933 की अतधसचना मतणपर और लशाई पहातड़यो (जोतक तमज़ो पहातड़या भी कहलाती ह) क बीच सीमा-तनधायरण क समबनध म ह जबतक 1875 की अतधसचना भतपवय लशाई पहातड़यो और कार क मदान क बीच सीमा-तनधायरण को तय करती ह तमज़ोरम का मानना ह तक 1933 की अतधसचना क समय उसकी रज़ामनदी नही ली गयी थी 1933 क बदल हए सीमा-तनधायरण क पी एक कारण तरितटश उपतनवशवातदयो क असम क चाय-बागानो स जड़ आतथयक-वयावसातयक तहत भी थ

इसक अलावा 1898 म औपतनवतशक तरितटश सता न 6 तसतमबर 1895 की दो अलग उदघोषणाओ क ज़ररए उतरी लशाई पहातड़यो को असम परानत क अधीन कर तदया और दतकण लशाई पहातड़यो को बगाल परानत क अनतगयत कर तदया इसक बाद 1 अपरल 1898 को तरितटश सता दारा एक अनय उदघोषणा क ज़ररए दतकणी लशाई पहातड़यो को असम को सथानानतररत कर तदया गया लबबलबाब यह दक लशाई पहादडयो या नगा पहादडयो जस पहाडी इलाको को दजनम दवदशषट नकजातीय समह रहत थ दजनकी अपनी दवदशषट स कक दत और जीवन-शली थी उह थानीय लोगो की रजामिी क बग़र जबरन कभी एक परशासदनक इकाई तो कभी िसरी परशासदनक इकाई म पटक दिया जाता रहा ह दजसक कारण एक असतोर औपदनवदशक िौर स ही इन इलाको म मौजि ह

आज़ादी क बाद सतवधान क ठ शियल क अनतगयत भारत म तमाम ldquoजनजातीयrdquo इलाको क परशासन क तलए उनह दो भागो म बाटा गया थाndash भाग ए और भाग बी 1952 म लशाई पहातड़यो क आइज़ोल और लङलह उपभागो तजनम तक मखयतः तमज़ो लोग बस हए थ का गठन इसी ठ शियल क अनतगयत भतपवय असम की lsquoलशाई पहाड़ी सवायत तज़ला काउतसलrsquo क तौर पर तकया गया और 1953 म बाकी बच हए कत म पावी लखर चकमा आतद अनय सथानीय बातशदो को तमलाकर एक कतीय काउतसल बनायी गयी 1954 म लशाई पहाड़ी तज़ल का नाम बदलकर तमज़ो तज़ला कर तदया गया 1972 म उतर-पवटी राजय पनगयठन अतधतनयम 1971 क तहत असम म स ही पहल तमज़ो तज़ल को कनदर शातसत परदश (lsquoयतनयन टररटरीrsquo) क रप म गतठत तकया गया 1986

12 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 13 पर जारमी)

(पज 11 स आग)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का हमज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहए

म तमज़ो राषटीय फट जो तक पहल भारतीय राजयसता क तिलाफ़ सशसतर सघषय म शातमल थी और भारत सरकार क बीच तमज़ो समझौता कायम होन क फलसवरप तमज़ोरम को पणय राजय का दजाय 20 फ़रवरी 1987 को परापत हआ

हालादक अलग राजय गठन स राषटीय समया का कोई समाधान नही हआ और िदमत कौमो क समबध म ऐसा हो भी नही सकता ह दजनक दलए एकमारि करादतकारी कायवकरम अलग होन क अदधकार समत आतमदनणवय क अदधकार का ही होता ह यहा यह भी सपषट करत चल तक सघवाद या तकसी भी परकार की कतीय सवायतता की तहफ़ाज़त या माग राषटीय दमन क िातम का काययकरम हो ही नही सकत ह जसा तक पजाब क क ldquoमासयवादीrdquo कौमवादी आजकल दावा करत तफर रह ह ऐसा कोई भी काययकरम एक शदधतः सधारवादी काययकरम ह और लतननवादी काययतदशा स इसका कोई लना-दना नही ह करातनतकारी मज़दर वगय साझी सहमतत स बन बड़ स बड़ राजय का पकधर होता ह और तवखिन की परतकरया को चाहता नही ह लतकन करातनतकारी मज़दर वगय करातनतकारी जनवाद का भी सबस मज़बत झिाबरदार होता ह और इसतलए वह जनवादी तरीक स और सभी कौमो की साझा सहमतत स ही बड़ राजय का पकधर होता ह

इस सदकषपत चचाव क बाि यह कहना ज़यािा उपयत होगा दक असम-दमजोरम क बीच यह आधदनक सीमा-दववाि वातव म औपदनवदशक िौर की ही एक दवरासत ह दजस भारत का उततर-पवव कहा जाता ह वह ऐदतहादसक तौर पर कभी भारत का दहसा था ही नही हालादक पराचीन काल स ही मखयभदम भारत क सामाजयो क इस इलाक स समपकव क परमाण मौजि ह उतर-पवय क जनजातीय इलाक पराक-औपतनवतशक भारत म शातमल नही थ यतद हम इततहास म थोड़ा पी जाय तो हम पात ह तक1818 म उस वत तरितटश ईसट इतिया कमपनी का हसतकप उतर-पवय म शर हो गया जब अहोम सामाजय क राजा न बमाय स बारमबार होन वाल हमलो स तनपटन क तलए उसस मदद मागी तरितटश ईसट इतिया कमपनी न परथम एगलो-बमटी यदध म बमटी सना को परासत तकया तजसक चलत यािाब की सतनध अमल म आयी इस सतनध क अनतगयत अहोम राजा न अपन राजय कत का एक तहससा तरितटश ईसट इतिया कमपनी को तोहफ़ म भट तकया तजसक फलसवरप तरितटश उपतनवशवाद उतर-पवय म अपन अतधकार और तहत कायम करन म सफल हो गया

इसक पशचात ही तरितटश औपतनवतशक शासको न अपन परशासतनक तहतो क मदनज़र इस पर भौगोतलक भ-भाग को औपतनवतशक भारत म शातमल तकया था तरितटश

उपतनवशवादी इस कत क भराजनीततक और सामररक महतव को दखत हए इस भारत और चीन क बीच एक lsquoबफ़र कतrsquo भी बनाना चाहत थ तजस व अपन आतथयक-वयापाररक तहतो क मातहत रखत तरितटश उपतनवशवातदयो न पहल इस भ-भाग को बगाल परानत क अधीन रखा और 1874 म अलग असम परानत का गठन करक भारत स इस पर कत का राजनीततक-परशासतनक एकीकरण तकया बावजद इसक मलतः और मखयतः औपतनवतशक नीतत उतर-पवय क समबनध म शष भारत स तवलगाव और तवलगन की ही थी तजसक फलसवरप यहा बसन वाली तमाम नजातीय-जनजातीय समहो क बीच भी अलगाव और पथकतव पदा हआ जोतक सवाभातवक ही था

जादहरा तौर पर उततर-पवव म दरिदटश हकमत की नीदतया अपन वयावसादयक-आदथवक दहतो और राजकीय-परशासदनक सहदलयतो स सचादलत थी उस दौर म मतणपर और ततपरा को ोड़कर जो तक ररयासत थी बाकी परा उतर-पवय अतवभातजत असम ही कहलाता था असम क ही इन तमाम जनजातीय इलाको की आग चलकर तरितटश औपतनवतशक परशासन दारा एक क बाद एक सीमा तनधायररत की जान लगी तजसम सथानीय जनजातीय समहो की सहमतत नदारद थी और तजसकी चचाय हम ऊपर कर चक ह पषट ह दक य कषरिीय परशासदनक दवभाजन न तो ऐदतहादसक पररदथदतयो को धयान म रखकर दकय गय थ और न ही जनवािी तरीक स जन-आकाकषाओ क आधार पर ही दकय गय थ यही कारण ह दक आज भी असम स दनकल अय राजयो म भारतीय राषटवाि और भारतीय राजयसतता क दवरदध नफरत और ग़सा तो ह ही लदकन इसक साथ ही असदमया अधराषटवाि क दखलाफ भी एक नाराजगी ह दजस उततर-पवव की अय कौम कषरिीय पमान पर lsquoदबग रििरलीrsquo (बड भाई-जसा) बतावव क रप म िखती ह

सकप म कह तो रिहमपत नदी क परब का तहससा भ-राजनीततक रप स पहली बार भारत क उपतनवशीकरण क बाद ही शष भारत स जड़ा बावजद इसक तरितटश उपतनवशवातदयो न उतर-पवय की जनता की शष भारत की आबादी स पारसपररक अनतरतकरया नही होन दी बतक आम तौर पर उस अवरदध भी तकया इसकी वजह स भ-राजनीततक दतषट स शष भारत स जड़न क बावजद इस कत की जनता का सासकततक अलगाव बना रहा आज़ादी क बाद भारतीय राजयसता की कौमी दमन की नीततयो क तहत ही इस कत की पराकततक व खतनज समपदा का दोहन करन क कारण इसम आतथयक शोषण का भी पहल जड़ गया तजसन इस अलगाव को और बढ़ाया और इस राजनीततक रप परदान तकया

उततर-पवष की कौमो क साथि भारतमीय राजयसतता क

नवशवासघात का काला इनतहास उतर-पवय म दमन की यह

औपतनवतशक तवरासत भारतीय राजयसता को आज़ादी क बाद उतरातधकार म परापत हई तजस यहा क शासक वगयो न हाथो-हाथ तलया आज़ादी क बाद स ही उतर-पवय को भारत म शातमल करन पर काफ़ी तववाद उतपनन हए भारत क साथ एकीकरण कोई पवयतवतदत पररणाम नही था जसा तक असर इततहास की आतधकाररक-सरकारी पसतको म पढ़ाया जाता ह आज़ादी स पहल भी तवशषकर नगा और तमज़ो नजातीय समहो म भारत स अलग सवतत राजनीततक अतसततव की इचा परबल थी हालातक जन 1947 म असम और उतर-पवय को भारत म शातमल करन का फ़सला ल तलया गया

आजािी क बाि जो उततर-औपदनवदशक शासक वगव अदततव म आया वह एक बहराषटीय और दमदरित शासक वगव था दजसम कशमीर और उततर-पवव की िदमत कौमो को छोडकर बाकी सभी कौमो क बजवआ वगव की अपन आकार और शदतमतता क दहसाब स नमाइिगी थी और कदीय सतता म दहसिारी थी कशमीर और उततर-पवव की कौमो को सचच और सही अथषो म आतमदनणवय का अदधकार िन की बजाय भारतीय शासक वगषो न उनका जबरन भारत क साथ एकीकरण दकया कशमीर क साथ ही उततर-पवव म भी भारतीय राजयसतता क आजािी क दपछल कई िशको की नीदतयो न राजकीय दहसा और कौमी िमन का बबवर रप अदततयार दकया ह

आज़ादी क बाद स ही उतर-पवय म राषटीय तवतवधताओ क साथ बस रही तमाम कौमो व नजातीय समहो की आज़ादी की चाहत को फ़ौजी बटो और बनदक क ज़ोर क दम पर भारतीय हमरानो न कचलन की सकड़ो कोतशश की ह 1962 क भारत-चीन यदध क बाद तो भारतीय राजय क तलए उतर-पवय और भी अतधक सामररक महतव का कत बन गया और भारतीय राजयसता को यहा तमाम राषटीय मतत सघषयो को ldquoराषटीय सरकाrdquo क नाम पर कचलन का एक परकार स lsquoलाइससrsquo भी परापत हो गया इस पर कषरि म 1958 स ही कखयात काला कानन lsquoसरकषा बल दवशर अदधकार अदधदनयमrsquo (अफपा) लाग ह तजसकी वजह स चनावो की रसमअदायगी होन क बावजद वहा वयवहारतः सनय शासन की तसथतत ह योतक सरका बलो को असीतमत अतधकार परापत ह इसी काल कानन का लाभ उठाकर भारतीय सना और अधयसतनक बलो न उतर-पवय म तपल पाच दशको स आतक का राज कायम तकया हआ ह और राजकीय दमन और तहसा का नगा नाच तकया

ह और इन राजयो की आम जनता क मानवातधकारो का बशमटी और दि-मतत क साथ हनन तकया ह ग़ौरतलब ह दक मानवादधकारो की धदजजया उडान वाला यह कानन परी तरह स सदवधान सममत ह

मखयभतम भारत म उतर-पवय को लकर काफ़ी हद तक गर-जानकारी और अजानता भी वयापत ह तजस आज भारत का उतर-पवय कहा जाता ह आज़ादी क वक़त उस पर भ-भाग म भतपवय असम परानत क असम क मदान आत थ इसक अलावा पहाड़ी तज़ल उतर-पवटी सीमावतटी परदश क नाथय-ईसटनय फतटयर टटस (एनईएफ़टी) और मतणपर और ततपरा की ररयासत शातमल थी इस कत म रहन वाल लोगो की ससकतत और इततहास म समानता और समरपता क क ततव जरर ह लतकन उनम कई तवतवधताए भी ह कल आठ राजयो यानी तक असम अरणाचल परदश मघालय मतणपर तमज़ोरम ततपरा नगालि तसतकम म तवभातजत उतर-पवय का कतफल दश क कल कतफल का 798 फ़ीसदी और इसकी आबादी दश की कल आबादी का 37 फ़ीसदी ह इस पर कत म लगभग 220 नजातीय समह और उपसमह रहत ह और लगभग इतनी ही बोतलया बोली जाती ह

औपदनवदशक शासन क अदतम िौर म और आजािी क बाि राजकीय व कौमी िमन स पिा हए राजनीदतक-साकक दतक अलगाव और आदथवक शोरण स उततर-पवव की दवदभन जनजादतयो म परदतरोध की चतना पिा हई जो एक खास दकम क नकजातीय राषटवाि (ethnic nationalism) क रप म दवकदसत हई भारतीय राजयसता दारा तकय गय बबयर दमन न इस परततरोध की चतना को और भी परबल बनाया नगा जसी क जनजाततया अपन कई उपसमहो को तमलाकर एक राषट क रप म तवकतसत हई तो क राषटीयताओ और उपराषटीयताओ क रप म अतसततव म आयी तजनकी कोई कतीयता तो नही थी लतकन तफर भी अनय राषटीय समहो स तभननताए थी इन राषटो-राषटीयताओ क परततरोध का साझा तबनद भारतीय राजयसता क दमन का तवरोध था जो इनका साझा शत थी और आज भी ह हालातक इनम आपसी अनतरतवरोधो का भी एक लमबा इततहास रहा ह मसलन नगा-ककी तववाद नगा-मइती तववाद नगा-जोमी तववाद असमी-तमज़ो तववाद असमी-बोिो तववाद आतद

दरिदटश उपदनवशवाि स आजािी क बाि भारतीय बजवआ राजयसतता न िमन की नीदतयो को खतम करन की बजाय और वहा बस रही कौमो को आतमदनणवय का अदधकार िन की बजाय इन िमनातमक कारगजाररयो को जयो-का-तयो बरकरार रखा बदलक कई मामलो म उसम इजाफा भी दकया आज़ादी क बाद उतर-पवय क राजयो का

जो पनगयठन तकया गया उसका आधार महज परशासकीय सहतलयत थी तजसकी वजह स कई मामलो म एक ही जनजातत कई राजयो म बट गयी और जनजाततयो की राषटीय आकाकाए कचल दी गयी इस तकसम क पनगयठन स नय तववाद भी उभर मसलन गटर नगालि तववाद नगा-मतणपर तववाद असमी-बोिो तववाद आतद मौजदा असम-तमज़ोरम सीमा तववाद भी इसी की एक बानगी ह

राजयो क पनगयठन की परतकरया म नगालि को राजय का दजाय 1963 म तमला लतकन इसक बावजद नगा गपो क कई राजनीततक-परशासकीय इकाइयो म बट होन क कारण उनका असनतोष बना रहा 1972 म असम स खासी गारो और जयतनतया पहाड़ी तज़लो को तमलाकर अलग मघालय राजय बना ततपरा और मतणपर को जो तक औपतनवतशक काल क दौरान ररयासत थी पणय राजय का दजाय द तदया गया तमज़ो पहातड़यो (तमज़ोरम) और lsquoनाथय-ईसटनय फतटयर एजनसीrsquo (अरणाचल परदश) को असम स अलग कर पहल कनदर शातसत राजय का दजाय तदया गया तफर 1987 म इनह पणय राजय का दजाय द तदया गया हालातक राजयो क इस पनगयठन की परतकरया न अलगाव और सवततता की आकाका को तो समापत नही तकया उट अनय सथानीय नजातीय समहो म भी सवशासन या सवततता की आकाका पदा हई और भभागो पर दावो को लकर आपस म उग टकरावो की शरआत हो गयी इसकी एक तमसाल असम-तमज़ोरम सीमा तववाद भी ह

राजनीततक-सासकततक अलगाव और आतथयक शोषण क अततररत दश क भीतर स होन वाल परवासन और बागलादश समत अनक पड़ोसी दशो स होन वाल आपरवासन स भी lsquoसथानीय बनाम परवासीrsquo का अनततवयरोध पदा हआ दरअसल औपतनवतशक काल स ही अतवभातजत असम म उपतनवशवातदयो दारा चाय बागानो की मौजदगी क कारण एक हद तक आतथयक तवकास तकया गया यही कारण था तक उस दौर म भी पड़ोसी बगाल परानत और भारत क अनय इलाको स लोग रोज़गार और ज़मीन की तलाश म असम परवासन करत थ और चतक उपतनवशवातदयो को भी चाय-बागानो म काम करन क तलए मज़दरो की ज़ररत थी तो वह सवय भी बाहर स लोगो को काम क तलए बलात थ साथ ही तल और कोयला खदानो म भी काययशतत की आवशयकता होती थी इसक अलावा सड़क और रल तनमायण कायय म भी बाहर स मज़दरो को काम पर लगाया जाता रहा बगाल स आन वाली एक बड़ी आबादी मसलामानो की भी थी इन परवातसयो म कई जो मखयतः चाय-बागानो म काम करत थ व वही बस भी गय इस पर तववरण क तलए पाठक मासयवादी इततहासकार अमलनद गहा को पढ़ सकत ह तजनका काम असम

(पज 13 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 13

(पज 12 स आग)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का ह मज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहएऔर वहा क राषटवादी आनदोलनो पर कतनदरत ह यह परवासन आज भी हो रहा ह इन परवातसयो म असर मज़दर आबादी ही शातमल होती ह ldquoसथानीय बनाम परवासीrdquo क अनतरतवरोध का फ़ायदा इन कौमो म मौजद तफ़रकापरसत ताकत भी अपन तनतहत सवाथयो क तलए उठा रही ह सीतमत ससाधनो और जनसातखयकीय असनतलन का हवाला दकर आम जनता म भय और असरकाबोध पदा तकया गया ह जो परवातसयो क तिलाफ़ तहसातमक घटनाओ म सामन आया ह य इन राषटीय आिोलनो म पजीवािी राजनीदत और दवचारधाराओ की मौजिगी यानी अदमतावािी व अधराषटवािी रझान की ओर भी इशारा करता ह और अततोगतवा हर परकार क राषटवाि की सीमा और परदतदकरयावािी चरररि को भी उजागर करता ह भल ही वह िदमत राषट का ही यो न हो िदमत राषटो की राषटीय मदत की लडाई म इन पजीवािी दवचारो व राजनीदत क दखलाफ सघरव करना करादतकारी मजिर वगव का एक कायवभार ह योदक तभी सही मायन म जनता की जनवािी राषटीय करादत क जररए सचची राषटीय मदत भी समभव ह बहरहाल इन अतरदवरोधो का फायिा भाजपा जसी फासीवािी पाटटी इस मजहबी रग ि कर भी उठा रही ह

बहरहाल मल चचाय पर वापस लौटत हए बात कर तो उतर-पवय क तवतभनन राजयो क इततहास पर तनगाह िालन स भारतीय राजयसता का ऐततहातसक तवशवासघात सपषट रप स सामन आता ह इसकी तवसतत चचाय म हम यहा नही जा सकत ह तफ़लहाल इतना कहना काफ़ी होगा तक उतर-पवय क तमाम राषटो-राषटीयताओ की आकाकाओ को कचलकर ही भारतीय राजयसता न जोर-ज़बदयसती करक इनह ldquoभारतीय राषटrdquo म शातमल तकया ह

मतणपर की बात कर तो आज़ादी क ततकाल बाद ही भारत सरकार क परतततनतध वीपी मनन न राजय म तबगड़ती कानन-वयवसथा का हवाला दकर मतणपर क राजाबोधचनदर तसह को तशलाग बलाया और 21 तसतमबर 1949 को कपटपणय तरीक स उसस भारत म तवलय क समझौत पर हसताकर करा तलया भारत सरकार न यह भी ज़ररी नही समझा तक इस समझौत की अतभपतषट नवतनवायतचत मतणपर तवधानसभा दारा करा ली जाय उट तवधानसभा को भग कर तदया गया इसक बाद स ही मतणपर म भारतीय राजय दारा परतयक दमन की नीतत अपनाकर परततरोध को दबान का तसलतसला शर हो गया और इसी क समानतर सशसतर सघषयो का भी तसलतसला शर हो गया आफसपा जस काल कानन की आड़ म भारतीय सना दारा की गयी बबयरता न जन-परततरोध को और बल परदान तकया 2004 म

भारतीय सतनको दारा एक मतणपरी मतहला मनोरमा क बलातकार और हतया क तवरोध म वहा की मतहलाओ न तनवयसतर होकर सना मखयालय क सामन तवरोध परदशयन तकया था यह घटना तकसी भी जनवादी होन का दावा करन वाल राजय क तलए एक शमयनाक घटना होती लतकन भारतीय राजय की बशमटी और बबयरता बदसतर जारी रही और उतर-पवय म यह दमनकारी जनदरोही कानन आज तक लाग ह

नगालि की कहानी भी क ऐसी ही ह औतपवतशक शासन क दौरान और बीसवी सदी की शरआत म नगा पहातड़यो क सथानीय तनवासी नगा नशनल काउतसल (एनएनसी) क बनर तल एकजट होकर एक साझा मातभतम और सवशासन की आकाका परकट करन लग थ भारत की आज़ादी क बाद नगा नशनल काउतसल न आतमतनणयय क अतधकार की वकालत की और भारत स आज़ादी क तलए जनमत सगह की माग भी रखी लतकन भारतीय राजय न एकतरफ़ा तरीक स नगा भभाग को भारतीय गणराजय का तहससा घोतषत कर तदया बदल म एनएनसी न नगालि की सवततता की घोषणा कर दी और 1952 म समपनन पहल आम चनावो का बतहषकार भी तकया इसक बाद ही भारत सरकार दारा कई नगा नताओ को तगरफतार कर तलया गया और तब स ही नगालि म एक लमब सशसतर सघषय की शरआत हई 1955 म भारतीय राजय न पतलस और सशसतर बलो क ज़ररए नगा राषटीय मतत आनदोलन को कचलन की कोतशश भी की इसी सघषय का सामना करन क तलए 1958 म lsquoआमिय फ़ोसजज सपशल पावसय एटrsquo बना जो आज तक समच उतर-पवय म लाग ह 1975 म एनएनसी क शीषय नततव न भारत सरकार क साथ वाताय करक तशलाग समझौता तकया और भारतीय गणराजय म शातमल होना सवीकार तकया तजन नगा नताओ न इस समझौत को सवीकार नही तकया उनहोन lsquoनशनल सोशतलसट काउतसल ऑफ़ नगालिrsquo (एनएससीएन) का गठन करक सघषय जारी रखा अब यह सगठन मइवा और खापलाग क दो गटो म तवभातजत ह तजनका आधार नगा जनजातीय समह की अलग-अलग उपजाततयो म ह

अब तमज़ोरम पर आत ह जसा तक ऊपर चचाय म आया था तक तमज़ो पहाड़ी कत आज़ादी क वक़त लशाई पहाड़ी तज़ल क नाम स असम म गतठत हआ तजसका नाम 1954 म बदलकर असम का तमज़ो पहाड़ी तज़ला कर तदया गया असम स अलग होन का एक अलगाववादी आनदोलन आज़ादी स पहल भी तमज़ो जनजातीय समहो म मौजद था लतकन 1959 स 1961 तक आय अकाल क राहत कायय म भारतीय राजय की उदासीनता और अनदखी क कारण पहल स ही मौजद असनतोष और आकरोश को नयी ज़मीन परापत हई इसक बाद ही साठ क दशक स तमज़ो सशसतर तवदरोह की दासतान शर होती ह

इसी दौर म तमज़ो नशनल फट (एमएनएफ़) का गठन हआ तजसनlsquoभारतीय उपतनवशवाद स तमज़ोरम की मततrsquo क तलए सशसतर सघषय का आहान तकया फ़रवरी 1966 म सशसतर दसतो न आइज़ोल शहर पर कबज़ा कर तलया नगालि की ही तरह भारतीय राजय दारा यहा भी दमन की नीतत को ततकाल अमल म लाया गया शहर को तफर स कबज़ा करन म भारतीय सना न नागररक आबादी पर धआधार बमबारी की हज़ारो पररवारो को उनक घरो स उजाड़ तदया गया 1986 म एमएनएफ़ और भारत सरकार क बीच समझौता हआ तजसक बाद एमएनएफ़ तहसा ोड़कर ldquoमखयधाराrdquo म शातमल हो गया और भारतीय सतवधान क अनतगयत काम करन पर सहमत हो गया लतकन इसस भारत क परतत तमज़ोरम क नजातीय समहो का अलगाव और रोष जरा भी कम नही हआ आज भी वहा अलग-अलग नजातीय समहो क अपन-अपन सशसतर तवदरोही दसत ह

तसतकम क इततहास पर भी तनगाह िालन पर सपषट होता ह तक आज़ादी क समय यानी 1947 स ही तसतकम का दजाय भारत क सरतकत राजय (lsquoपरोटटोरटrsquo) का था वह भारतीय यतनयन का तहससा नही था 1975 म तबना तसतकम की जनता स रायशमारी तकय भारतीय सतवधान म मौजद परावधान क तहत उस भारत म तमला तलया गया और पणय राजय का दजाय द तदया गया जबतक उस वक़त भी तसतकम का शासक आतमतनणयय का अतधकार माग रहा था तजस भारतीय राजय दारा िाररज कर तदया गया

इस सतकपत चचाय स सपषट ह तक आजादी क बाद स ही भारतीय हमरानो न उतर-पवय क तमाम राषटो एव राषटीयताओ क साथ ल-कपट करक वायदातिलाफ़ी करक दमन राजकीय तहसा और आतक का अनतहीन चकर कायम करक उनकी आकाकाओ और हको का गला घोटन का घतणत ककमय तकया ह तजस भारतीय राषटवाद क सड़-गल मलमम क ज़ररए तपाना भी नाममतकन जान पड़ता ह यह इततहास भारत क मज़दर वगय को भी जानन की ज़ररत ह योतक शोषण दमन और उतपीड़न का हर रप म तवरोध तकय तबना करातनतकारी मज़दर वगय न तो समाजवादी करातनत कर मज़दर सता को सथातपत कर सकता ह और न ही करातनतकारी सवयहारा जनवाद को सथातपत कर सकता ह तकसी भी रप म दमन शोषण और उतपीड़न का साथ दन वाला मज़दर वगय सवय भी पजीपतत वगय क हाथो शोतषत व दतमत होत रहन क तलए अतभशपत होता हअसम-ममज़ोरम समीमा-नववाद का हल उततर-पवष म राषटमीय रिशि क

समाधाि स जड़ा हउतर-पवय क तमाम राजयो म मौजद

आपसी सीमा-तववाद का तनपटारा भी वहा क राषटीय परशन क समाधान स नातभनालबदध ह वस तो तकसी यतनयन म सवचा स शातमल हई इकाइयो

क बीच भी सीमा-तनधायरण को लकर झगड़-फ़साद हो सकत ह एक पजीवादी राजय वयवसथा क अनतगयत आप और तकसी बात की उममीद कर भी नही सकत ह राषटीय शातनत या कौमी अमन जसी कोई भी चीज़ पजीवाद क मातहत सथायी तौर पर समभव ही नही ह लतकन यह तमाम तववाद अपन आप म कौमी दमन नही होत ह जबतक उतर-पवय की बात कर तो य तमाम सीमा-तववाद सीध-सीध भारतीय राजय क कौमी दमन की नीतत स ही पदा हए ह और उसक अतवभाजय अग ह

कौमी दमन का मतलब यह ह तक भारतीय शासक वगय दारा उतर-पवय म मौजद तमाम कौमो क पजीपतत वगय समत समची कौम का ही दमन तकया जा रहा ह यानी कौमी िमन क दनशान पर मलतः िदमत कौम का पजीपदत वगव होता ह जो िमन बाि म वकहि रप अदततयार कर जनता क अलग-अलग दहसो और जन-जीवन को भी अपनी जि म ल लता ह दकसी कौम क बजवआ वगव क िमन क बगर कौमी िमन अदततव म आ ही नही सकता ह िसर शबिो म कह तो कोई भी कौम िदमत ही तब मानी जायगी जबदक उसका पजीपदत वगव िदमत हो आज भारत की बात कर तो कशमीर और उततर-पवव को छोडकर यह दथदत और कही मौजि नही ह कौम या राषट बनता ही बजयआ वगय क अतसततव म आन क साथ ह यतद तकसी कौम स पजीपतत वगय को अलग कर तदया जाय तो उसक बाद जो रह जाता ह वह बस जनता ही ह आज उतर-पवय क राषटो म यह पजीपतत वगय तकतना तवकतसत या अतवकतसत ह इस तथय स वहा मौजद राषटीय दमन पर कोई फ़कय नही पड़ता ह

इसतलए उतर-पवय म तमाम राजयो क बीच मौजद सीमा-तववाद कौमी दमन का कारण नही बतक इसी कौमी दमन की नीतत का एक पररणाम ह अलग स तकसी दश क तकनही दो राजयो तजनम तक दतमत कौम ह और ज़बरन तकसी यतनयन म शातमल की गयी ह क बीच सीमा-तववाद क हल की उममीद शासक वगयो स तबना वहद राषटीय परशन क समाधान क करना ही बमानी ह आज़ादी क बाद शरआती दशको म तो भारत सरकार न उतर-पवय क महतव को कवल रणनीततक दतषट स ही दखा था लतकन पजीवादी तवकास क साथ ही पराकततक समपदा और ससती शरमशतत क दोहन की भी शरआत हई हालातक यहा बसन वाली कौमो म भारतीय राजयसता क परतत नफ़रत और अलगाव म कोई कमी नही आयी ह तकसी कापतनक एकाशमी ldquoभारत राषटrdquo और भारतीय राषटवाद म इन कौमो का तवलयन ज़ोर-ज़बदयसती क बत ही समभव ह इसतलए आज भी इस पर भ-भाग म कई सशसतर सघषय चल रह ह जब तक भारतीय राजयसता का राषटीय दमन और ज़बर जारी रहगा य राषटीय मतत सघषय भी तवसतजयत नही होग नततव की कोई

एक धारा जब समपयण करगी तो दसरी धारा उभरकर सामन आयगी और सघषय को जारी रखगी ऐततहातसक तौर पर कह तो राषटीय परशन का अतनतम और मकममल समाधान तो कवल और कवल एक समाजवादी राजय क तहत ही समभव ह जो सही मायन म तवतभनन राषटो को अलग होन क अतधकार क समत आतमतनणयय का अतधकार और अपसखयक राषटीयताओ को ससगत जनवाद का अतधकार दता ह लतकन हर दतमत कौम क तलए पहला काययभार राषटीय मतत का जनवादी काययभार ही होता ह और उसक तलए करातनत की मज़ तल भी राषटीय जनवादी ही होती ह

इततहास न यह भी सातबत तकया ह तक सामाजयवाद क दौर म दमनकारी राषट या राषटो क पजीपतत वगय आम तौर पर दतमत राषटो को आतमतनणयय का अतधकार और राषटीयताओ को ससगत जनवाद नही द सकत लतकन यह भी उतना ही सच ह तक राषट कवल दमनकारी राषटो क अतधकार दन की वजह स म त नही होत व अपन राषटीय मतत सघषयो क ज़ररए भी म त होत ह यह एक अलग चचाय का तवषय ह तक उतर-पवय क तवतभनन राषटो का राषटीय मतत सघषय यह राषटीय मतत हातसल कर सकता ह या नही लतकन इतना तय ह तक जब तक इन दतमत कौमो को राषटीय मतत हातसल नही होती तब तक शातनत या तसथरता की कोई उममीद भी नही की जा सकती ह तकसी भी कौम को हमशा गलाम बनाकर नही रखा जा सकता ह यह बात भारत क उतर-पवय पर भी उतनी ही लाग होती ह

आज भारत म दतमत कौमो क राषटीय मतत सघषयो को भारतीय राजयसता क तवरदध मज़दर वगय क समाजवादी करातनत क सघषय स जड़ना होगा और भारत क मज़दर वगय आम महनतकश जनता और ातो-नौजवानो को भारत की दतमत कौमो क राषटीय मतत सघषय स िद को जोड़त हए उनक राषटीय आतमतनणयय क अतधकार का तबना शतय समथयन करना होगा जहा एक तरफ़ भारत की महनतकश अवाम को हर परकार क राषटीय कटरपनथ और अनधराषटवाद स अपना नाता तोड़ना होगा और भारतीय बजयआ वगय क मिी म पदा हए राषटवाद की असतलयत समझनी होगी वही दसरी तरफ़ दतमत कौमो म राषटीय मतत क तलए लड़ रही ताकतो को भी यह समझना होगा तक हर परकार का बजयआ राषटवाद और सकीणय अतसमतावाद या कटरतावाद तकसी भी वयापक और तटकाऊ जन-एकजटता म बाधा ह भारत की महनतकश जनता इस सघषय म उनकी शत नही बतक दोसत ह वासतव म भारतीय राजयसता और भारतीय पजीपतत वगय ही हमारा मशतरका दशमन ह यह बात समझना बहद जररी ह सचच और सही अथयो म राषटीय मतत आनदोलन भी साथयक और कारगर तरीक स तभी आग भी बढ़ सकत ह

14 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 1 स आग)

करना ही उसक तलए भी बहतर ह इस तरह दश आज़ाद हआ आलीशान अटातलकाओ म हो रह जशन क बाहर बठी दश की आम महनतकश जनता फटहाल हालत म सगीत नाच-गाना और आततशबाज़ी दख रही थी और उममीद लगाय थी तक एक तदन वह भी िशहाल होगी आज़ादी क करीब चार दशक बाद जब नवउदारवादी नीततयो की शरआत हई तो पजीवादी नताओ और उनक चाकर बतदधजीतवयो न कहना शर तकया तक जब समतदध आयगी तो ररस-ररस कर सब तक पहचगी लतकन ररस-ररस कर तो बस दख-तकलीफ़ आयी ह अमीरज़ादो की समतदध की आततशबातज़यो को दख सड़को पर भीख माग रह बचच ताली बजा कर िश होत ह समतदध का अथय जनता क तलए बस इतना ही ह

आपन असर लोगो को यह कहत सना होगा तक अगज़ चल गय लतकन अगज़ी ोड़ गय अगज़ी क पी टन का मतलब तसफ़य भाषा स नही ह इसका अथय यह भी ह तक अगज़ो क चल जान क बाद अगज़ी नौकरशाही सना और पतलस क औपतनवतशक ढाच को ही अपना तलया गया योतक वह भारतीय पजीपतत वगय क तलए भी अपन तहतो की सवा क तलए उपय त था इसतलए लट और दमन बदसतर जारी रहा बस शासक वगय बदल गया जब दमन का बना-बनाया तत आज़ादी क साथ मफत तमल रहा था तो उस बदलन की कोई िास आवशयकता नही थी इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक lsquoगवनयम ट ऑफ़ इतिया एट 1935rsquo क 321 धाराओ म स 250 को ह-ब-ह भारतीय सतवधान म अपना तलया गया और आईपीसी तो अगज़ो क ज़मान स चली आ रही ह तजनम नयी धाराए जोड़ी गयी ह लतकन परानी सभी धाराए लगभग वसी ही ह तलतखत क साथ-साथ अतलतखत हथकि भी उनही स सीखकर उस िब माजा गया lsquoफट िालो और राज करोrsquo की नीतत पजीवादी सता क तलए अचक सजीवनी बटी ह अगज़ो न इस सवततता आनदोलन को कमज़ोर करन क तलए इसतमाल तकया और आज़ाद दश म सभी सरकार इस अपन-अपन ढग स मज़दरो-महनतकशो की एकता तोड़न उनक सघषयो को कमज़ोर करन क तलए करती आयी ह इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक आज़ादी क दौरान करातनतकाररयो की मितबरी करन वालो अगज़ो क तलव चाटन वालो उनह माफ़ीनामा तलखन वालो आज़ादी की पवयसधया पर ततरगा जलान वालो और महातमा गाधी की हतया करन वालो आरएसएस और अनय सहयोगी सगठनो पर कभी कोई ठोस कारयवाई नही की गयी तजसस इनको परभावी तौर स रोका जा सक भारतीय पजीवाद को आरएसएस की आवशयकता थी और इसतलए इस ज़जीर स बध कत की तरह अपन करीब बाध रखा समय-समय

पर ज़ररत क अनसार ज़जीर कस दी जाती रही या ढीली कर दी जाती रही आज पजीवाद की ज़ररत क अनसार इस खखार कत को भारत क पजीपतत वगय न सता ही सौप दी ह

बहरहाल हम बात कर रह थ भारत क पजीपतत वगय और उसकी राजनीततक पाटटी कागस क बार म सता हातसल करन क बाद भारत का पजीपतत वगय इतना सशत नही था तक अपन बल-बत पजीवाद क फलन-फलन क तलए आवशयक बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो का ताना- बाना खड़ा कर सक उसक पास आरतमभक पजी और तकनोलॉजी की कमी थी इन आवशयकताओ को परा करन की दो राह थी एक सामाजयवादी दशो पर पणय-तनभयरता और दसरा जनता की गाढ़ी कमाई की पाई-पाई का दोहन इन दोनो म स यहा क पजीपतत वगय न दसरा रासता अपनाया लतकन पजीपतत वगय सीध जनता का पसा नही लट सकता था और न ही राजय उस सीध लटकर पजीपततयो को थमा सकता था इसतलए इनहोन तमतशरत अथययवयवसथा की नीतत अपनायी यानी सावयजतनक कत सय त कत और तनजी कत इस नहर न lsquoसमाजवादी नमन क समाज क तवकासrsquo का नाम तदया जनता की गाढ़ी कमाई चस कर दश का तवकास आरमभ हआ और जनता क पस स बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो को खड़ा तकया गया बतनयादी और अवसरचनागत उदयोग जस इसपात कारिान रल यातायात और पररवहन तबजली सचार आतद सावयजतनक कत म रख गय इनम पजी तनवश अतधक और मनाफ़ा लमब कालकरम म हातसल होना था वही उपभोता वसतओ का उतपादन तनजी कत को सौपा गया तजसम लागत सापतकक रप स कम और मनाफ़ा जद हातसल होना था इस योजना का आधार 1944 का बॉमब पलान या टाटा-तबड़ला पलान था दश की मज़दर-महनतकश आबादी की कमाई लट कर दश म बतनयानी और अवसरचनागत उदयोग खड़ तकय गय तातक पजीपतत वगय क मनाफ़ा कमान का काम सगम हो सक मतलब lsquoहरज लग न तफटकरी रग चोखाrsquo उननीसवी सदी क अनत और बीसवी सदी क शरआत स ही दश म कई बड़ बक थ तजनम सबस बड़ा बक lsquoइमपीररयल बकrsquo था लतकन दर-दराज़ क इलाको म भी सतवग सकीम थी जस पोसट ऑतफ़स सतवग सकीम जो 1882 म खोली गयी थी जनता की महनत की कमाई तक पहच क तलए ससथान पहल स मौजद थ तजन पर 1948 क बाद नहर न अतधक बल तदया जो तक पजी क सचय क तलए लातज़मी भी था 1969 म बको क राषटीकरण न तनवश क तलए पजी की उपलबधता को बढ़ा तदया कह सकत ह तक तमतशरत अथयवयवसथा की आड़ म बहद कशलतापवयक कागस न पजीपतत वगय की सवा की उसक तहतो को

साधा और जनता की गाढ़ी कमाई को चस कर पल सड़क सचार पररवहन बनाया गया और जनता क बीच बढ़ रह मोहभग पर रसमी सधारवाद का नाटक कर पानी क ीट भी िाल सीपीआई सीपीएम और नामधारी कमयतनसट पातटययो न भी इन नीततयो का समथयन कर न कवल जनता की पीठ म रा घोपा बतक उनकी राजनीततक चतना को भी कनद तकया तजसकी चचाय हम आग करग

नहरतवयाई lsquoसमाजवादrsquo क चोग की सीवन जद ही उधड़न लगी और 1960 क दशक क उतरादधय म ही भारत की अथयवयवसथा म ठहराव आन लगा 1970 का दशक मनदी का दशक रहा चार पचवषटीय योजनाओ और तीन वातषयक योजनाओ क कल पजी तनवश को दख तो सावयजतनक कत म पजी तनवश का परततशत अनपात तनजी कत की तलना म बढ़ता गया लतकन जद ही तमतशरत अथयवयवसथा या तथाकतथत समाजवाद क अनतरतवरोध सामन आन लग 1960 क दशक म जो सकट आया था और जो 1970 क दशक म गहराया था वह राजकीय इजारदार पजीवाद क ढाच क भीतर पजी सचय का सकट था बड़ा पजीपतत वगय और साथ ही नवोतदत मझोला व ोटा पजीपतत वगय lsquoधनधा करन की परी सहतलयतrsquo की माग कर रहा था जो तक नहरतवयाई समाजवाद क ढाच म बातधत थी हर परकार क सरकारी तवतनयमन व तनयतण स उस टकारा चातहए था तजस उसन सवय अपनी ही ज़ररत स एक समय सथातपत तकया था इस सकट की ही अतभवयततया थी उस दौर म बढ़ती महगाई बरोज़गारी खादयानन सकट आतद एक ओर मधय वगय तनमन पजीपतत वगय और महनतकशो क सपन टट रह थ वही दसरी ओर सावयजतनक कत क पालन म पला तशश तनजी पजीपतत वगय अब बड़ा हो चला था और पालना उसक तवकास को रोक रहा था पजीवादी तहतो की नमाइनदगी करन वाल बतदधजीतवयो और अथयशातसतरयो न पजी पर राजय क तवतनयमन यानी लाइसस कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण परतयक तवदशी तनवश पर रोक एमआरटीपी तनयतण व सतबसिी आतद पर सवाल उठान शर कर तदय

इस दौर म तवशव सतर पर भी 1970 क दशक म नवउदारवाद क यग की शरआत होती ह अपना सवतणयम यग जीन क बाद 1960 क दशक क आतिरी वषयो म ही अमररकी व यरोपीय पजीवाद पर सकट क बादल मिरान लग थ और इसक साथ ही करतमक परतकरया म पतशचम म कयाणकारी राजय की नीततयो को समापत करना शर कर तदया चतक अमररकी व आम तौर पर पतशचमी पजीवादी अथयवयवसथाए मनाफ़ की दर का सकट झल रही थी इसतलए पहल उनहोन अपन यहा तवतीय तवतवतनयमन तकय अमररका न लचीली तवतनमय दर सथातपत की शरम

बाज़ार का भी क उदारीकरण तकया और तफर तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क पजीपतत वगय पर भी दबाव बनाया तक व भी तवतीय तवतवतनयमन कर और शरम बाज़ार को लचीला बनाय तातक पतशचमी सामाजयवादी पजी को इन दशो म और खल कर ससत शरम की लट की ट तमल अपन कारणो स एतशया व अरब अफीका और साथ ही लाततन अमररका क तमाम पजीवादी दशो का शासक वगय भी उदारीकरण की आवशयकता महसस कर रहा था तवशव बक और तवशव मदरा कोष न तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क आतथयक सकट का लाभ उठात हए उन पर तवदशी पजी क तलए अपन दरवाज़ खोलन का दबाव बनाया यानी उनह तवदशी वयापार और तवदशी तनवश पर लगी तमाम पाबतनदयो को हटान क तलए मजबर करन का परयास तकया क दशो न (जस तक लाततन अमररका क क दश) इस परकार की नीततयो को जयो का तयो लाग तकया तजनह lsquoसपrsquo यानी lsquoसटचरल एिजसटमटrsquo की नीतत भी कहा जाता हा इसक आरतमभक परयोग लाततन अमररका क दशो म हए और पानी जसी मलभत सतवधाओ को तनजी हाथो म सौपन स लकर समची अथयवयवसथा क नवउदारवादी पनगयठन क भयकर पररणाम सामन आय

भारत क सनदभय म कहा जाय तो यहा क पजीपतत वगय न बहद कशलता स इन नीततयो को लाततन अमररका क तवपरीत अपन तहतो क अनसार बदलकर और तवलतमबत परतकरया म लाग तकया तजसक कारण भारतीय पजीवादी वयवसथा उस परकार सामाजयवाद पर तनभयर नही हई और न ही वह उस परकार औध मह तगरी तजस परकार लाततन अमररका क क दशो क साथ हआ नतीजतन यहा उस परकार जनाकरोश फट कर सड़को पर भी नही बहा तजस परकार लाततन अमररकी दशो म हआ था असर यह बात कही जाती ह तक भारतीय शासक वगय अनतरायषटीय दबाव म नवउदारवादी नीततयो को अपनान क तलए मजबर था लतकन ऐसा नही ह और इसकी चचाय हम पहल ही कर चक ह तक तकस परकार तमतशरत अथयवयवसथा क तवतनयमन म तनजी पजी का दम घट रहा था और वह लाइसस सतबसिी परतमट शरम काननो कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण आतद स पीा ड़ाकर म त बाज़ार म गोत लगाना चाहती थी तसफ़य बाहरी पररतसथततया ही नही बतक आनतररक पररतसथततया भी नवउदारवाद क तलए दबाव बना रही थी आतधकाररक तौर पर जलाई 1991 म नवउदारवाद की नीततयो की घोषणा स पहल ही 1980 क दशक म राजीव गाधी नवउदारवाद क सबस मखर समथयक बन और उनकी सरकार न सीतमत हद तक अथयवयवसथा का उदारीकरण तकया 30 उदयोगो म लाइसस की आवशयकता हटायी तथा और साथ ही कई पररवतयन तकय गय

लतकन पर ढोल-ताश तोरण और बनदनवार क साथ तवकास क बड़-बड़ वायदो और रोज़गार क सवतणयम अवसरो क सपन तदखा कर उदारीकरण तनजीकरण और भमिलीकरण की नवउदारवादी नीततयो की शरआत 24 जलाई 1991 को परधानमती नरतसमहा राव तवत मती मनमोहन तसह और योजना आयोग क उपाधयक मोटक तसह अहलवातलया क समय म की गयी यह दावा तकया गया तक परतयक तवदशी तनवश स दश म रोज़गार सजन होगा इन तीनो न तमल कर lsquoतटकल िाउन तथयरीrsquo यानी धन-समतदध क ऊपर स ररस कर नीच जान का तसदधानत परसतत तकया ऊपर स नीच का सच तो महनतकश लोग अपनी तज़नदगी स जानत ही ह नीच स तनचोड़कर सारा धन ऊपर की ओर ज़रर चला जा रहा ह और ऊपर स ररसकर कवल गरीबी बरोज़गारी और बबायदी आम महनतकश जनता क तहसस आ रही ह अगर ऐसा नही होता तो दश म 1990 म जहा मात 2 अरबपतत (िॉलर अरबपतत) थ वही 2021 म 177 कस हो गय lsquoहरन गलोबल ररच तलसटrsquo (हरन दारा बनायी तवशव म अमीरो की सची) क अनसार पर तवशव म अरबपततयो की सखया म तीसरा सथान भारत का ह साथ ही वतशवक भखमरी सचकाक म 107 दशो की सची म भारत 94व सथान पर ह सवासथय की पहच क कत म भारत का सथान 189 दशो म 179वा ह जो तक बगलादश शरीलका पातकसतान और कई अफीकी दशो स भी नीच ह 1995 स लकर 2009 तक जीिीपी क औसत 6 स सात और कई बार 8 स ऊपर पहचन पर सीना चौड़ा कर तवकास का दावा करन वाली सरकार यह नही बताती तक यह तवकास रोज़गारतवहीन तवकास था योतक 1991 स लकर 2018 तक बरोज़गारी की दर 5 परततशत स 6 परततशत क बीच बनी हई थी जो 2020 म 56 सालो म सबस जयादा यानी 89 परततशत हो गयी 2021 म तो यह 917 परततशत हो गयी ऐस तवकास की जनता क तलए या उपयोतगता जो रोज़गार क अवसर ही न सतजत कर शयर बाज़ार म उाल पजीपततयो की तज़ रफतार महगी गातड़यो पराइवट जट तवमानो आलीशान अटातलकाओ और तवदश याताओ की सखया क आधार पर मापा गया तवकास आम महनतकश आबादी की थाली म दो जन की रोटी तक नही पहचाता

आम आबादी क तलए तो नवउदारवाद तगी बरोज़गारी कपोषण और भखमरी ही लकर आया ह तदहाड़ी पर काम करन वाली 50 करोड़ आबादी 10 साल पहल वासतव म तजतना कमाती थी आज भी लगभग उतना ही कमाती ह जबतक कीमत दोगनी-तीन गनी हो चकी ह दश म 60 परततशत आबादी कपोषण का तशकार

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह

(पज 15 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 15

ह राषटीय पोषण तनगरानी बयरो दारा 2015-16 म शहरी आबादी म तकय गय सवज क अनसार औसत खानपान म परोटीन कतशयम आयरन तथयातमन तनयातसन आतद पोषक ततवो की काफ़ी कमी ह यही ह दश की मज़दर महनतकश आबादी क तलए नवउदारवाद की सवतणयम सौगात

िवउदारवाद और मज़दर आनदोलि

1950 क दशक क आरमभ स ही सशोधनवाद क मागय पर तनकल पड़ी भारत की कमयतनसट पाटटी (भाकपा) नहर और कागस की नीततयो को समाजवाद की तदशा म कदम मानती थी और राषटीकरण की रट लगाती थी भाकपा क अनसार आज़ादी क बाद कागस जनवादी काययभारो को परा कर रही थी इसतलए कमयतनसटो को इसका सहयोग करना चातहए अत इनहोन वगय सहयोग की लाइन दी जब पाटटी की लाइन ही वगय सहायोगवाद की हो गयी तब समाजवाद क समथयन और सवयहारा वगय को करातनतकारी चतना और उसक ऐततहातसक तमशन स पररचय करान की बात तो सथतगत हो गयी 1964 म एक सशोधनवादी पाटटी क तौर पर ही भाकपा स अलग हई माकपा सीध तौर पर नहर की गोद म नही बठी और उसन नहर को समझौतापरसत बोलकर उसपर जनवादी काययभारो को परा करन क तलए सड़क और ससद म दबाव बनान की बात की लतकन असल म वह भी एक सशोधनवादी पाटटी थी न तक मज़दर वगय की कोई करातनतकारी कमयतनसट पाटटी अपन गरमा-गरम भाषणो और चाय की पयाली म तफ़ान उठान क अलावा इन ससदमागटी जड़वामनो न बजयआ वगय क तिलाफ़ मज़दर वगय की करातनतकारी राजनीततक चतना उननत बनान क तलए कोई ठोस राजनीततक कारयवाई नही की और मज़दर वगय को अथयवाद क गोल चकर म ही घमात रह सवयहारा वगय की तहरावल पाटटी का अतनतम लकय होता ह तक वह बजयआ राजयसता का धवस करक सवयहारा राजयसता की सथापना करन की ऐततहातसक मतहम म महनतकश जनसमदाय को नततव द इस अतनतम लकय तक पहचन क तलए कमयतनसट मज़दरो और सभी करातनत-पकधर वगयो क जन-सगठन बनात हए आतथयक सधारो-मागो-ररयायतो क तलए अथयवादी नही बतक राजनीततक रप स लड़त हए जनता की जझार सगठनबदधता को बढ़ात ह रतढ़यो स मतत और वगय-चतना को परखर बनान क तलए सतत सामातजक आनदोलन करत ह और सासकततक कायय करत ह लतकन ऐसा करन की जगह मज़दर वगय को य सशोधनवादी पातटयया सधारवाद पबनदसाज़ी अथयवाद अराजकतावादी सघातधपतयवाद और टि यतनयन की गतलयो म घमाती रही

1950 क उतरादधय स भाकपा एव अपन जनम क काल स ही माकपा

और 1980 क दशक स भाकपा (माल) का इततहास जब ऐसा रहा तब उनस 1991 म नवउदारवाद क तवरदध जझार परततरोध की उममीद बकार थी और हआ भी ऐसा ही नवउदारवाद न मज़दरो का िन बहा कर तमल शरम काननो को ततलाजतल द दी और य ससदमागटी सशोधनवादी पातटयया महज़ सगतठत कत क मज़दरो और कमयचाररयो को लकर नपसक तकसम क तवरोध की रसमअदायगी करती रही और 93 परततशत असगतठत मज़दर वगय को तो सगतठत करन का इनहोन कभी ढग स परयास ही नही तकया आज सार परान शरम कानन लगभग समापतपराय ह और मज़दर जानलवा हदो तक असरका की तसथतत म काम करन को मजबर ह मज़दर वगय की जीवन व काययतसथतत भयकर ह खल और मनोरजन की या बात कर जब मामली बीमाररयो क इलाज की भी सतवधा नही ह नय लबर कोि वासतव म मज़दरो की पजीपततयो दारा तबना तकसी रोक-रकावट लट को काननी बनान क तलए ही लाय गय ह इसक अलावा करल अतीत म पतशचम बगाल और ततपरा म ससदीय वामपनथी पातटययो की सरकारो न सवय नवउदारवाद की नीततयो को परी तनषठा स लाग तकया ह वगय सहयोग की तदशा म बहद सजीदगी स कदम बढ़ात हए परथम यपीए सरकार म शातमल होकर भारत म उदारीकरण-तनजीकरण को सही तरीक स लाग करन का रासता साफ़ तकया और इस तदशा म नयी-नयी नीततयो क जनमदाता बन 2005 म ससद म बठकर इनहोन सज़ अतधतनयम पास करवाया सज़ यानी सपशल इकॉनोतमक ज़ोन तजसक तहत ऐस औदयोतगक कत बनाय गय जहा तकसी भी तरह का शरम कानन लाग नही होता

इस परकार इन सशोधनवादी पातटययो न मज़दर वगय क साथ ऐततहातसक गदारी की झठ तवशवासघात और फरब का इतना लमबा काल झल कर महनतकश आबादी क बड़ तहसस का इनस मोहभग हो चका ह और इनका आधार अब मलत और मखयत सगतठत कत क पक कमयचाररयो और एक हद तक क राजयो म ोट व मझोल वयवसातययो और मझोल व धनी तकसानो-कलको म ह मज़दर वगय क एक तहसस म इनह लकर क भम अभी भी ह लतकन उनह तनरनतर करातनतकारी परचार और सघषयो क ज़ररए इनह बनकाब करक ही तोड़ा जा सकता ह सचचाई यह ह तक वाहय आवरण म आम मज़दरो को कमयतनसट तदखन वाली य पातटयया अपनी अनतयवसत म बजयआ ही होती ह सशोधनवादी पातटययो दारा मज़दर वगय क आनदोलन को सधारवाद अथयवाद और सशोधनवाद क पककि म ल जान का सबस जयादा फ़ायदा फ़ासीवादी शततयो को तमला तजनहोन पजीवादी वयवसथा क सकट और करातनतकारी

कमयतनसट शततयो क अभाव म मज़दर आनदोलन क एक ोट तहसस म और वयापक टटपतजया आबादी म परतततकरया का आधार तयार तकया

राम जनमभतम आनदोलन बाबरी मतसजद धवस 1991 क सकट क बाद और 1995 तक उदारीकरण-तनजीकरण क तवनाशकारी पररणामो क बाद भारत म फ़ासीवादी आनदोलन पहल स कही अतधक आकरामक हो कर उभरा एक करोड़ 42 लाख सदसयो वाली एटक और 60 लाख स भी जयादा की सदसयता का दमभ भरन वाला सीट और बगाल करल और ततपरा म सरकार चलान वाली माकपा और भाकपा इस आकरामक फ़ासीवादी सलाब क समय तकनार बठ कर धातमयक सौहादरय का कीतयन करती रही और सामपरदातयकता स लड़न क नाम पर कभी कागस तो कभी मलायम तसह यादव का प ला बनी रही जब 2002 म जलत गजरात क तवरोध म सड़को पर उतरन की और फ़ासीवातदयो स तनपटन की मज़दरो क लड़ाक सगठन बनान की और िाकी चििीधाररयो का महतोड़ जवाब दन की ज़ररत थी तब भी इतनी बड़ी सदसय सखया लकर इन सशोधनवादी पातटययो को ससद क एसी सभागार फ़ासीवाद स लड़न क जयादा कारगर उपाय लग वासतव म य मज़दर वगय का कोई करातनतकारी आहान करन की कमता खो चक थ और अगर दहाड़न क तलए भी मह खोलत ह तो मह स मयाऊ ही तनकल जाता ह इनका यह इततहास दशायता ह तक फ़ासीवाद को एक lsquoअपरततरोधय उभारrsquo बनान म अगर तकसी एक शतत की सबस अतधक भतमका ह तो वह सशोधनवाद ही ह

पतशचम बगाल म लोकसभा चनावो और राजयसभा चनावो क दौरान भाकपा-माकपा का बड़ा जनाधार तखसक कर भाजपा की ओर चला गया इस जनता की करातनतकारी ऊजाय को अथयवाद और सशोधनवाद स बतधया कर दन और उनकी राजनीततक चतना को कनद करन क पररणाम क तौर पर दखा जा सकता ह दश क अनय तहससो म भी मज़दर तनमन-मधयवगय और आम महनतकश वगय क बीच करातनतकारी पाटटी और राजनीतत की नामौजदगी की वजह स बढ़त आतथयक असरका व सकट काल म फ़ासीवादी ताकतो को अपन पर पसारन का अवसर तमल जाता ह िवउदारवाद क दौर म फासमीवाद

का उभारपजीवाद तजस असमाधय सकट

स गज़र रहा ह उसस तनपटन क तलए दतनया क तमाम दशो म पजीपतत वगय सबस परतततकरयावादी दतकणपनथी मज़दर-तवरोधी और फ़ासीवादी सरकारो को चन रहा ह भारत क सनदभय म तहनदतववादी फ़ासीवादी मोदी सरकार सता म आयी यहा क पजीपतत वगय को ऐसी सरकार की

ज़ररत थी जो लोह क हाथो स उन नीततयो को लाग कर जो मनाफ़ की राह म सभी परशातनयो को हटा द और पजी क तलए खल चारागाह का तनमायण कर इसक तलए आदशय परतयाशी मोदी और पाटटी भाजपा ही थ इसतलए मोदी सरकार जब 1914 म सता म आयी तो सबस पहल शरम काननो म बदलाव तकया आज यह बदलता-बदलता समापत पराय हो गया ह और उनकी जगह बस चार लबर कोि रह गय ह य कोि मज़दरो को गलामो की तसथतत म ला दग सार सावयजतनक ससथान औन-पौन दामो म बच जा रह ह पजीपततयो की सारी महमागी मराद परी हो रही ह इसतलए तो मकश अमबानी तवशव म आठवा और एतशया म सबस अमीर वयतत बन गया ह

एक ओर जहा धन क मटी भर आबादी क हाथो सकतनदरत हो रहा ह वही भमिलीकरण और उदारीकरण क 30 वषयो न बड़ पमान पर ोट पजीपतत वगय को उजाड़ा ोट पमान क उतपादको दकानदारो वतनभोतगयो और साथ ही गामीण तनमन-पजीपतत वगय को भी उजाड़ा ह बड़ पमान पर लोग सड़को पर आ गय और जो सड़को पर नही आय उनक तसर पर भी लगातार टनी और तालाबनदी नौकरी स तनकाल तदय जान ठक पर कर तदय जान की तलवार लटकती रहती ह कहन का अथय ह तनमन-पजीपतत वगय क सामन भतवषय की असरका और अतनतशचतता बहद तज़ रफतार स बढ़ी ह भाजपा और आरएसएस न इसी असरका और अतनतशचतता का फ़ायदा उठाया इस अतनतशचतता और असरका स पदा हए गसस बौखलाहट तचड़तचड़ाहट और तनराशा को सघ पररवार न अपसखयको तवशषकर मसलमानो और शरणातथययो की ओर मोड़ तदया मसलमानो शरणातथययो ईसाइयो आतद को सभी सकट पर शातनयो और असरका की वजह बतात हए इनक तिलाफ़ सड़को पर उनमाद पदा तकया गया सघ पररवार का पदा तकया सामपरदातयक उनमाद ततकालीन आतथयक सकट की वजह स उभरा और फ़ासीवाद भारत म पहली बार 1980 क दशक म एक परतततकरयावादी

सामातजक आनदोलन बनकर उभरा लतकन तवचारधारातमक सगठनातमक और ससथाबदध कामो की तयारी सघ 1925 स ही कर रहा था शाखाओ सासकततक कनदरो तशश मतनदरो म सामपरदातयक सतरी-तवरोधी दतलत-तवरोधी ज़हर घोल-घोल कर तपलाया जाता रहा और आज इन ससथाओ स तनकल लोग नौकरशाही पतलस सना नयायपातलका तवशवतवदयालयो स लकर न कड़-चौराहो पर सघ क तवचारो क रकक और परचारक बन बठ ह बहरहाल आज कोई दशवयापी करातनतकारी कमयतनसट पाटटी मौजद नही ह जो तक वयापक महनतकश अवाम को करातनतकारी सवयहारा वगय क नततव म जगा सक गोलबनद कर सक सगतठत कर सक और समझा सक तक उनक दखो तकलीफ़ो और असरका की असल वजह पजीवाद ह न तक कोई धमय या समदाय आज ऐसी पाटटी का तनमायण करत हए मज़दर वगय क बीच वयापत सभी परकार क तवजातीय तवचारो स लड़ना होगा और उनकी राजनीततक चतना उननत करनी होगी मज़दर वगय को उसक ऐततहातसक तमशन की याद तदलानी होगी और उसक बीच वयापत रतढ़वादी अवजातनक अतातकय क तवचारो स सतत सघषय करना होगा कवल इसी क ज़ररए मज़दर वगय और आम महनतकश अवाम फ़ासीवातदयो को महतोड़ जवाब द सकती ह

अनतत 30 वषयो क नवउदारवाद क काल न दश म वगयो का धरवीकरण ितरनाक सीमा तक बढ़ा तदया ह करोड़ो-करोड़ बदहाल तनराश और बघर आबादी क शीषय पर मटी भर आबादी आपरातधक अययाशी का जीवन जी रही ह और आन वाल समय म बढ़ती महगाई टनी-तालाबनदी बरोज़गारी को दखत हए यह धरवीकरण और गहरान जा रहा ह आतथयक सकट स पदा असनतोष को दबान क तलए फ़ासीवाद क हमल भी और आकरामक होग तजसक सकत तमल रह ह करातनतकारी शततयो को सवयहारा वगय क बीच राजनीततक परचार-परसार क काम को यदध सतर पर सगतठत करना होगा और मज़दर महनतकश वगय को इन राजनीततक गतततवतधयो म बढ़-चढ़ कर तहससा लना होगा

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह(पज 14 स आग)

अपनी रोज़ी-रोटी को बचाया जा सक और लट शोषण व दमन क तिलाफ़ समच मज़दर वगय और आम महनतकश आबादी का सशत परततरोध खड़ा तकया जा सक पजीवाद क मनाफ़ की दर तगरन का सकट पहल स कही जयादा तज़ होता जा रहा ह और मज़दरो क लट शोषण व दमन तज़ होता जा रहा ह यही समय ह तक हम मज़दर जद स जद एकजट हो जाय सगतठत हो जाय और सोच-समझकर अपन सघषय को आग बढ़ाय मातलक ठकदार जॉबर आतद हमस

जयादा नही ह लतकन व हमस जयादा सगतठत ह और उनक पी सरकारो की ताकत ह दसरी ओर हम असगतठत और तबखर हए ह यदि हम सगदठत और एकजट हो तो सरकारो की ताकत साथ होन क बावजि व हमस मकाबला नही कर सकत व अभी ऊच इसदलए दिख रह ह योदक हम घटनो पर बठ हए ह

मािसर की शमीनिसस कमिमी क मज़दरो(पज 10 स आग)

ाक पजीयन SSPLWNP-3192020-2022पररण ाकघर आरएमएस चारबाग़ लखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 5 परतयक माह16 Mazdoor Bigul l Monthly l September 2021 l RNI No UPHIN201036551

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो लखनऊ स मददत समपािक अदभनव l समपािकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006

टोको ओलममपक म भाित का परदशवन एक समीकाndash साथिषक

अगसत महीन म टोयो ओलतमपक खलो का समापन हआ और भारत को इस बार एक सवणय दो रजत और चार कासय पदक तमल ह इस परकार कल पदको की सखया सात रही ह हर ोटी स ोटी उपलतबध की तरह मोदी जी इस बार भी मौक पर चौका मारन क तलए पहल स ही तयार बठ थ गोदी मीतिया आईटी सल और अनय सभी परचार ततो का इसतमाल कर मोदी जी दशवातसयो क सामन ऐसा सवाग रच रह ह तक दखन वाल को लगता ह जस मोदी जी िद ही सातो पदक जीत कर आय ह िर इन लफफ़ातज़यो और ढोग को एक तकनार कर ओलतमपक खलो म भारत क परदशयन की एक वसतपरक समीका करन की ज़ररत ह

टोयो ओलतमपक म भारत का परदशयन अब तक का सबस अचा परदशयन रहा ह यतद तपल परदशयनो स तलना की जाय तो भारत का परदशयन पहल इतना फीका रहा ह तक अभी हातसल सात पदक तकसी कीततयमान स कम परतीत नही होत ह 1900 म हए पररस ओलतमपक म भारत न पहली बार ओलतमपक खलो म तहससदारी की शरआत की थी 1900 स लकर 2020 क बीच पचचीस ओलतमपक खलो म भाग लकर भारत न कल 35 पदक अतजयत तकय ह इनम स 12 पदक भारत न तसफ़य परष हॉकी परततयोतगता म जीत ह जब हम इन आकड़ो की तलना दसर दशो स करत ह तो हम समझ आता ह तक भारत जस तवशाल दश क तलए इतन कम पदक हातसल करना चौकान वाला ह टोयो ओलतमपक म अमररका न 113 और चीन न 88 पदक जीत ह तजसम अमररका क 39 और चीन क 38 सवणय पदक ह दसर शबदो म कह तो भारत पचचीस बार इन खलो म भाग लकर तजतना पदक हातसल नही कर सका उसका चौगना क दश एक ही बार म हातसल कर लत ह 130 करोड़ आबादी वाल भारत म ओलतमपक खलो क मामल म यह िसता हाल दतनया भर क खल तवशषजो पतितो और आम खल परशसको क तलए एक आशचयय का तवषय ह इस गतथी को सलझान क तलए कई तवशषज अपन-अपन तरीक स तकय दत ह भारत की तवफलता क कारणो की वयाखया करत ह लतकन इनक तवशलषण और इनक तदय सझाव इस मनाफ़ािोर वयवसथा को सीध कठघर म खड़ा नही करत ह बतक इसी वयवसथा की चौहतदयो म ही इस समसया का हल ढढ़त रहत ह

ओलतमपक या कोई भी अनतरराषटीय परततयोतगता म भारत का लगातार तपड़ा परदशयन एक ढाचागत समसया ह तजसका समाधान इस मनाफ़ पर तटकी वयवसथा क आमलचल पररवतयन स ही हो सकता ह यहा का पजीपतत वगय मज़दर-महनतकश आबादी क एक-एक कतर को तनचोड़ कर ऐशोआराम की तज़नदगी जीता ह 12-14 घट कारिानो म कमरतोड़ महनत करन क बाद जब हम अपन घरो को लौटत ह तो हमार पास मनोरजन या सजनातमक काययो क तलए ताकत और

समय दोनो ही नही बचत ह हम थक-हार कर सो जात ह और अगल तदन उठ कर तफर उसी कमरतोड़ महनत म लग जात ह तशकागो क अमर शहीद मज़दरो न तजस ldquoआठ घट का काम-आठ घट का आराम-आठ घट का मनोरजनrdquo का नारा बलनद तकया और तजसक तलए अपन पराणो की आहतत द दी आज वही नारा मज़दरो क तलए अतीत का एक अवशष मात बन कर रह गया ह आप ही सोतचए तक ऐसी हालत म दश की बहसखयक आबादी जो जस-तस महनत करक अपना गज़ारा करती ह या वह कभी ओलतमपक खलो म तहससा ल सकती ह भारत म एक बड़ी आबादी ऐसी ह जो तकशोरावसथा यानी महज़ 14-15 साल की उम स ही भारी शारीररक शरम म लग जाती ह तकशोरावसथा ही उम का वह पड़ाव होता ह जब बचचो म खलकद की परततभा सबस सपषट रप म परकट होती ह लतकन उन बचचो का या जो सकल ही नही जात यतद सकल तकसी तरह चल भी जाय और उनकी परततभा की पहचान हो भी जाय तो उनक परतशकण और तालीम पर होन वाल िचय की आशा भी करना उनक तलए आकाश कसम की अतभलाषा क समान होगा आप ही सोतचए तक हमार बचच खलकद क बार म सोच भी कस सकत ह जब उनह कारिानो दकानो रहड़ी-खोमचो म दो वक़त की रोटी क तलए जदोजहद करनी पड़ती ह अपना और अपन पररवार का पट भरन क तलए ता-उम य नौजवान अपनी हितिया गलात रहत ह इस तरह दश की एक बड़ी आबादी खल क दायर स ही बाहर हो जाती ह

मज़दरी की तसथतत को दखत हए घर म जो पसा आता ह उसस दाल-रोटी भी चलानी मतशकल होती ह एक तखलाड़ी पदा करन क तलए सनततलत आहार की बात सोचना तो असमभव ही ह एक उननत खल ससकतत को गढ़न और ओलतमपक खलो म एक शततशाली ताकत बनन क तलए एक सवसथ और सहतमनद यवा पीढ़ी को गढ़ना अतनवायय ह तजस दश म हर तदन भख कपोषण और सकरामक रोगो स सरकारी आकड़ो क अनसार 2257 बचचो की मौत होती हो (हालातक असल आकड़ा कम-स-कम इसका दना ह) उस दश म हम यह कस उममीद कर सकत ह तक वह खलकद म तवशवतवजता बनगा सय त राषट बाल कोष (यतनसफ़) की ररपोटय क अनसार दश क तकरीबन आध बचच अपनी उम क अनसार सामानय स कम वज़न क ह 45 परततशत बचच सामानय स कम कद क ह 20 परततशत बचच अपन कद क अनसार सामानय स जयादा दबल-पतल ह 75 परततशत रतहीनता स पीतड़त ह 57 परततशत बचचो म lsquoतवटातमन एrsquo की गमभीर कमी ह पहल सकल और आगनवाड़ी म जो क भी थोड़ा-बहत मधयाहन भोजन तमलता था लॉकिाउन क दौरान वह भी अतधकाश जगहो पर बनद हो गया था और इस अतनयोतजत लॉकिाउन स करोड़ो मज़दरो-

महनतकशो की नौकररया भी चली गयी ऐसी हालत म बचचो का भरण-पोषण कतठन हो गया ह तनतशचत ही ऊपर तदय गय आकड़ आज गमभीर रप धारण कर चक होग और तमाम सरकारी और गर-सरकारी रपट इस बात की पतषट भी कर चकी ह

इसक अलावा बचचो म बचपन स ही शारीररक वयायाम और खलकद क बार म एक सवसथ दतषटकोण पदा करन म सकलो की एक अहम भतमका होती ह सकल म ही भतवषय क ओलतमपक तखलाड़ी अपन पशवर खल जीवन की नीव रखत ह लतकन हमार दश की सकली तशका वयवसथा क जजयर हालात पर तजतनी कम बात की जाय उतना अचा ह भारत म माधयतमक सकलो म सकल नामाकन अनपात 79 परततशत ह इसका मतलब माधयतमक सकल म पढ़न योगय बचचो म स तसफ़य 79 परततशत ही असल म सकल म नाम तलखात ह इनम स भी 17 परततशत दसवी की परीका पास करन स पहल ही पढ़ाई ोड़ दत ह ज़ातहर-सी बात ह य बचच जो सकलो स बाहर रहत ह ोट-मोट उदयोग धनधो या मज़दरी म लग जात ह एक ररपोटय क अनसार भारत म 33 परततशत सकलो म शारीररक तशका की कोई अलग स लास नही दी जाती ह 80 परततशत सकलो क पास ऐस तशकक नही ह जो शारीररक तशकण-परतशकण दत ह 33 परततशत सकलो क पास अपना खल का मदान या खल क उपकरण नही ह ऐसी तसथतत म अगर हमार बचच सकल पहच भी जात ह तो हम यह गलतफ़हमी नही होनी चातहए तक सकल म उनक अनदर कसरत और खलकद क परतत रतच पदा करन तलए कोई सचत परयास तकया जायगा

दश म एक सतकरय खल ससकतत का तनमायण तणमल सतर पर खलो का परचार परसार खल अवसरचना का तनमायण यवा अवसथा म परततभाशाली तखलातड़यो की तलाश कर उनको उननत परतशकण और मागयदशयन दना आतद बतनयादी चीज़ो म दश की तकसी सरकार न कभी कोई िास तदलचसपी नही तदखायी ह 2018 म कनदरीय खल मती न इस बात की पतषट की तक भारत सरकार खलो पर परतततदन परतत-वयतत तसफ़य तीन पस िचय करती ह जबतक चीन परतततदन परतत-वयतत 61 रपय िचय करता ह जो भारत क मकाबल 200 गना जयादा ह तपल दस सालो म भारत सरकार अपन कल सरकारी वयय का महज़ 006 स 008 परततशत ही खलो पर िचय करती आ रही ह 2021 ओलतमपक वषय होन क बावजद इस साल क बजट म खल मतालय को 230 करोड़ रपय कम तदय ह आय तदन अनतरराषटीय और राषटीय सतर क तखलाड़ी कोच और सहयोगी सटाफ़ तनमन दजज की सवाओ क तिलाफ़ तशकायत करत रहत ह मगर खल मतालय और दसरी समबतनधत ससथाओ क कान पर ज नही रगती ह मज़दार बात यह ह तक खल मतालय का सालाना बजट तजतना होता ह भारतीय तकरकट बोिय लगभग उसक समान ही

सालाना मनाफ़ा कमा लता ह तकरकट बड़ी इजारदार पजी क तलए ताबड़तोड़ मनाफ़ा पीटन का एक सोत बन गया ह इसतलए सरकार स भी भारतीय तकरकट बोिय को परा समथयन तमलता ह वही बात की जाय यतद अनय नय-परान खलो क बार म तो य भी सार भारत म एक धीमी ददयनाक मौत मर रह ह इस पजीवादी वयवसथा म बस उसी खल को बढ़ावा तदया जायगा तजसम भारी मनाफ़ा कमान की समभावनाए मौजद होगी आज सरकार क तखलातड़यो क जीत कर लौटन पर उनका सवागत कर रही ह उनका सममान कर रही ह लतकन कोई यह सवाल यो नही प ता तक कहा थी राजय सरकार और कनदर सरकार जब इन तखलातड़यो को फ़ि सतवधाओ और खल उपकरणो की आवशयकता थी यहा भी भदभाव साफ़ तदख रहा ह तजन तखलातड़यो न पदक जीता ह उनह बड़ी-बड़ी धनरातश दन की घोषणाए की जा रही ह लतकन अगल ओलतमपक क तलए तयारी तो सभी तखलातड़यो को एक समान ही करनी ह सरकारो क तलए यह सब तचनता का तवषय नही ह योतक उनक तलए खलकद कोई महतव नही रखता और इनह पता ह तक महनत करक कल कोई और पदक ल ही आयगा तब अपनी पीठ य सवय थपथपा लग जस आज मोदी कर रहा ह

एक अचा सवसथ मानवीय जीवन और बचचो का सवािगीण तवकास तखलाड़ी बनन की पवयशतय ह इस चरमरायी हई पजीवादी वयवसथा क पास वह कमता नही ह तक वह दश की महनतकश आबादी को एक सवसथ िशहाल तज़नदगी द सक और उनक बचचो का सवािगीण तवकास कर सक तसफ़य और तसफ़य एक समाजवादी वयवसथा ही हम मज़दर-महनतकशो को एक इजज़त की तज़नदगी द सकती ह तजसम हमार शरम को लटन वाला कोई परजीवी वगय नही होगा हमार अपन और समाज की बतनयादी ज़ररतो को परा करन क बाद जो lsquoफी टाइमrsquo बचगा उसम हम अपन

शौक और मनोरजन का कोई भी काम कर सकत ह और यतद मनाफ़ा कमाना नही बतक समाज की आवशयकताओ को परा करना उतपादन का लकय हो और सभी सवसथ वयसक वयततयो क तलए उतपादक शरम म भागीदारी करना अतनवायय हो तो हर तकसी क पास बहत-सा िाली वक़त बचगा तजस वह कला सातहतय ससकतत खल तवजान दशयन और घमकड़ी म लगा सकता ह साथ ही सवय उतपादक की परतकरया तकसी लटर वगय क तलए मजबरी म की जान वाली परतकरया नही होगी बतक यह सवय आननद का तवषय होगी यतद शरम मजबरी म या ज़ोर-ज़बदयसती क कारण न हो तो यह तो आननद का तवषय होता ह योतक यह मनषय को पश स मनषय बनान वाली परतकरया ह और हमारी परकतत का अग ह इसतलए मज़दर राज और समाजवाद म तो धीर-धीर िाली टाइम की अवधारणा ही ितम हो जायगी योतक तकसी और क मनाफ़ की िाततर मजबरी म खटन वाल lsquoकाम क टाइमrsquo और lsquoफी-टाइमrsquo का अनतर ही ितम हो जायगा सकल कारिानो खतो और दफतरो म हर जगह कसरत क तलए लोगो को परोतसातहत तकया जायगा हम और हमार बचच जो भी खल खलना चाह उसक तलए हमारी मज़दर सता हम हर समभव सतवधा महया करवायगी खल आतथयक सामथयय स की जान वाली कोई तकरया नही बतक सामतहक जीवन का एक ज़ररी अग बन जायगा तजसका आननद सभी उठा सक ग सोतवयत सघ और चीन म मज़दरो की सता कायम होन क बाद यही हआ 1952 स 1988 क बीच सोतवयत सघ न ओलतमपक खलो म जो अदभत कामयाबी हातसल की उसक पी उसक करतनतकारी दौर ndash यानी 1917 स 1953 ndash की खल नीततयो का ही हाथ था एक समाजवादी वयवसथा म मानव जीवन क हर पहल की तरह खल भी एक उननत सतर पर पहच पायगा और एक सवसथ खल ससकतत अतसततव म आ सकती ह

करादत स हमारा अदभपराय ह ndash अयाय पर आधाररत मौजिा समाज-वयवथा म आमल पररवतवन समाज का परमख अग होत हए भी आज मजिरो को उनक पराथदमक अदधकार स वदचत रखा जा रहा ह और उनकी गाढी कमाई

का सारा धन शोरक पजीपदत हडप जात ह िसरो क अनिाता दकसान आज अपन पररवार सदहत िान-िान क दलए महताज ह िदनया भर क बाजारो को कपडा महया करन वाला बनकर अपन और अपन बचचो क तन ढकन-भर को भी कपडा नही पा रहा ह स िर महलो का दनमावण करन वाल राजगीर लोहार और बढई वय गि बाडो म रहकर ही अपनी जीवन-लीला समापत कर जात ह इसक दवपरीत समाज क जोक शोरक पजीपदत जरा-जरा-सी बातो क दलए लाखो का वारा-यारा कर ित ह

यह भयानक असमानता और जबिवती लािा गया भिभाव िदनया को एक बहत बडी उथल-पथल की ओर दलय जा रहा ह यह दथदत अदधक दिनो तक कायम नही रह सकती पषट ह दक आज का धदनक समाज एक भयानक जवालामखी क मख पर बठकर रगरदलया मना रहा ह और शोरको क मासम बचच तथा करोडो शोदरत लोग एक भयानक ख की कगार पर चल रह ह

(बम काण पर सशन कोटव म बयान)

भगतससह क जनमददवस (28 ससतमबर) पर

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 7

(पज 2 पर जारमी)

तदली क मखयमती अरतवनद कजरीवाल तपल तदनो कभी गोआ कभी पजाब तो कभी उतराखि जाकर परचार कर रह ह तक अगर हमारी lsquoआम आदमी पाटटीrsquo की सरकार बनी तो 300 यतनट तक तबजली सभी लोगो को मफत दी जायगी भाजपा और सघ पररवार का कचा पहन चक कजरीवाल दावा करत ह तक तदली म लगभग 70 फ़ीसदी लोगो का तबजली का तबल ज़ीरो आता ह और तदली की 93 फ़ीसदी कॉलोतनयो म पानी की लाइन तबा दी गयी ह और इन सभी इलाको म अतधकतर लोगो को पीन का पानी मफत तमल रहा ह कजरीवाल का दावा ह तक तदली की बहसखयक

आबादी को उनकी सरकार बनन क बाद स तबजली और पानी मफत तमलता ह

कजरीवाल क इन दावो को सनकर यह तो साफ़ ह तक अपन बड़ भाई मोदी की तरह जमलबाज़ी और झठ दाव करन म कजरीवाल भी कम नही ह असतलयत यह ह तक तदली की मज़दर व तकरायदार आबादी क तलए मफत पानी और तबजली आज भी एक हवाई बात ह तदली की बहसखयक मज़दरतकरायदार आबादी को न साफ़ पीन का पानी मफत म तमलता ह और न ही उसक तलए तबजली मफत ह िासकर तदली की आम महनतकश आबादी क करावलनगर खजरी सोतनया तवहार मसतफ़ाबाद सीलमपर और

बवाना वज़ीरपर शाहाबाद िरी जस कई और इलाको म बहसखयक आबादी क तलए मफत तबजली-पानी की बात बस एक जमला ह इन इलाको म कजरीवाल सरकार क लगभग 8 साल होन क बाद आज भी पीन क पानी की लाइन घर-घर नही पहची ह यहा रहन वाली मधयम वगय की क आबादी तो अपन घरो म पानी साफ़ करन की आरओ मशीन लगा लती ह और ज़मीन क पानी को साफ़ करक इसतमाल करती ह लतकन मज़दर और आम महनतकश आबादी या तो गतलयो म लग सरकारी नल स पानी लाती ह जो पर इलाक म नाममात ही बच ह और जो बच ह उनम भी पानी

कभी-कभी ही आता ह और जब आता भी ह तो पानी आम तौर पर गनदा होता ह पीन लायक नही होता ह

उतर-पवटी तदली क शरीराम कॉलोनी खजरी इलाक म य नलक भी नाली स सटाकर लगाय गय ह जहा कड़ा भी पड़ा रहता ह गरीब लोग मजबरी म यही स पीन का पानी भरत ह क इलाको म सरकारी पानी क टकर आत ह पर यह टकर भी आबादी क अनपात म बहद कम सखया म आत ह इनस पानी भरन क तलए 2 स 3 घटा लग जाता ह य टकर तनयतमत भी नही आत ह कोरोना महामारी क शर होन स लकर अब तक भी इन टकरो की सखया सरकार दारा नही

बढ़ायी गयी तजसक चलत टकर क आन पर बहत जयादा भीड़ एकततत हो जाती ह और मजबरी क चलत शारीररक दरी बन ही नही पाती ह ऐस म इन इलाको म कोरोना महामारी फलन का िर जयादा बना रहता ह पर कजरीवाल सरकार सब जानत हए इस अनदखा करती ह

इन इलाको म पानी की बोतल (20 लीटर) बचन का वयापार तपल क सालो म बहत जयादा बढ़ गया ह हर चौथी या पाचवी गली म एक पलाट लगा ह जहा स मज़दर आबादी अपन िाली बतयन या कन म पानी पसा दकर भरती ह या तफर पानी की बोतल ही घर

मफत पािमी और नबजलमी स वलचत ददलमी की बहसखक मज़दर आबादमी

कॉमरि रामनाथ नही रह 31 अगसत को तड़क ही सोत समय तदल का दौरा पड़न स उनका तनधन हो गया

कॉमरि रामनाथ की आय लगभग 83 वषय की थी असवसथ तो व तवगत कई वषयो स थ लतकन तपल क समय स उनका सवासथय बहत िराब हो गया था

भारत क कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन का इततहास का रामनाथ की भतमका और अवदानो की चचाय क बगर तलखा ही नही जा सकता तनससनदह उनकी भतमका ऐततहातसक थी और lsquoपाथरितकगrsquo थी

बतलया तज़ल क गगा तटवतटी एक गाव क भसवामी पररवार म पदा हए का रामनाथ राहल साकतयायन क परभाव म तकशोरावसथा म ही मासयवादी बन चक थ और बीहड़ यायावरी तथा दशयन इततहास कला-सातहतय और राजनीतत क घनघोर अधययन को अपनी आदत बना चक थ 1960 क दशक क उथल-पथल भर वषयो म कोलकाता उनकी अधययनशाला करातनतकारी परतशकणशाला और परयोगशाला बना जहा व कानन का अधययन कर रह थ उनकी राजनीततक जीवन-याता अतवभातजत कमयतनसट पाटटी स शर हई तफर माकपा स होत हए कनहाई चटजटी क नततव वाल कमयतनसट करातनतकारी गप lsquoतचनता गपrsquo तक पहची तजसन बाद म अपन को lsquoदतकण दश गपrsquo और तफर lsquoमाओवादी कमयतनसट कनदरrsquo क रप म सगतठत तकया 1969 म भाकपा (माल) की सथापना की घोषणा क बाद (1970 म हई पाटटी कागस क पहल ही) का रामनाथ भाकपा (माल) म शातमल हो गय और उतर परदश और तबहार क गगा तटवतटी तज़लो गाज़ीपर बतलया आरा-भोजपर क गामीण इलाको म आकर काम करन लग

चार मजमदार क तनधन क बाद पाटटी क पनगयठन क परयासो म का रामनाथ न एक अगणी भतमका तनभायी और मखयत उनही क परयासो स फ़रवरी 1974 म कनदरीय सागठतनक कमटी (सीओसी) भाकपा (माल) का गठन समभव हो सका तजसकी नततवकारी कमटी म जगजीत तसह सोहल सनीतत कमार घोष कोिापली सीतारमयया

और शामलाल (चोपड़ा) क साथ का रामनाथ भी शातमल थ सीओसी भाकपा (माल) म काम करत हए ही का रामनाथ न चार की ldquoवामrdquo दससाहसवादी लाइन क तिलाफ़ दढ़ और ससगत सटि तलया जो सगठन म गमभीर मतभद का तवषय बना ldquoवामrdquo दससाहसवाद क तवरदध समझौतातवहीन और ससगत सघषय चलान वाल गपो और वयततयो म नागीरििी-िीवी राव और हरभजन तसह सोही क बाद का रामनाथ का ही नाम अगणी माना जा सकता ह सीओसी काल क दौरान का रामनाथ न तवशषकर आपातकाल क अनभवो क आधार पर भारतीय पजीपतत वगय और राजयसता क चररत पर सवाल उठाना शर कर तदया था और दहाती कत म ज़मीनी कामो क अनभवो क आधार पर भतम-समबनधो क सामनती चररत की सथातपत धारणा पर भी सोचन लग थ

सीओसी क तवघटन क बाद माचय 1978 म जब का रामनाथ क नततव म भारत की कमयतनसट लीग (मासयवादी-लतननवादी) का गठन हआ तो तमाम सागठतनक सकटो और परततकल पररतसथततयो क बावजद का रामनाथ क मागयदशयन और नततव म भारतीय समाज की परकतत और

करातनत क काययकरम क सवाल पर गहन शोध-अधययन क बाद भाकली (माल) न 1982 म यह तनषकषय तनकाला तक भारतीय समाज चीन की तरह अदधयसामनती-अदधयऔपतनवतशक या नवऔपतनवतशक न होकर एक तपड़ा हआ पजीवादी समाज ह यहा का पजीपतत वगय दलाल न होकर राजनीततक रप स सवतत और सामाजयवाद का कतनषठ साझीदार ह कततपय पराक-पजीवादी अवशषो क बावजद यहा क भतम-समबनध lsquoपरतशयाई मागयrsquo क भारतीय ससकरण क ज़ररए करतमक रपानतरण क बाद मलत और मखयत पजीवादी बन चक ह और इसतलए भारतीय करातनत की मतज़ल अब राषटीय जनवादी नही बतक पजीवाद-तवरोधी सामाजयवाद-तवरोधी समाजवादी करातनत की मतज़ल ह 1983 म इस थीतसस क दसतावज़ रप म परकाशन क बाद पर दश क कमयतनसट करातनतकारी सगठनो स एक लमबी बहस की शरआत हई और तजस सवाल को हल हआ माना जा रहा था वह अधययन और राजनीततक बहस का एक कनदरीय परशन बन गया आग चलकर कई सगठनो न समाजवादी करातनत की अवतसथतत अपनायी

1986 म का रामनाथ क ही

मागयदशयन और नततव म तदतीय तवशवयदधोतर कालीन वतशवक बदलावो और समकालीन दतनया क सामाजयवादी समीकरणो म बदलावो पर भी शोध-अधययन की शरआत हई जो 1987 म एक वहद दसतावज़ क रप म परकातशत हआ इस शोध-अधययन का उदशय नयी तवशव पररतसथततयो म तवशव सवयहारा करातनत की आम राजनीततक काययतदशा की समझ तवकतसत करन की तदशा म आग कदम बढ़ाना था दभायगयवश यह परतकरया आग नही बढ़ सकी लतकन इस गमभीर पहल की ऐततहातसक महता को कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन क इततहास का कोई गमभीर अधयता कतई िाररज नही कर सकता

उलखनीय ह तक इस पर दौर म का रामनाथ न दतकणपनथी और ldquoवामपनथीrdquo अवसरवाद क दोनो ोरो क तवरदध दढ़ और ससगत अवतसथतत अपनायी तवनोद तमशर क ldquoसतरगा समाजवादrdquo की सवायतधक तवसतत और सागोपाग आलोचना भाकली (माल) न ही पहली बार का रामनाथ क तदशा-तनदजश पर 1988 म परसतत की थी

मखयत भारतीय करातनत क काययकरम क परशन पर अपन ऐततहातसक और पथानवषी अवदान क बावजद का रामनाथ एक लतननवादी सागठतनक काययतदशा को गहर अहसास क साथ समझन और पाटटी-तनमायण और काययपरणाली क सतर पर लाग कर पान म तवफल रह तजसक चलत महतवपणय उपलतबधयो और उलखनीय परगतत क बाद भाकली (माल) 1980 क दशक क अतनतम वषयो म गततरोध और तवघटन का तशकार हो गयी इस सकट क बतनयादी कारणो की तशनाखत नही कर पान क कारण 1991 क बाद सागठतनक पनगयठन क का रामनाथ क सभी परयास तवफल होत गय और उनक साथ खड़ कई एक लोग और उनस तटकन वाल कई एक गप या तो बहरगी गर-बोशतवक सामातजक-जनवादी पककि म धसत चल गय या तवसतजयत होत चल गय इन वषयो क दौरान सवय का रामनाथ भी अपन सदधातनतक कामो को आग नही बढ़ा सक यहा तक तक भारतीय समाज क बतनयादी अनतरतवरोधो क बार म भी

व अपनी पवय अवतसथतत स तवचतलत होकर क अनतरतवरोधी बात करन लग थ और भमिलीकरण क दौर को भी परान साच (नवऔपतनवशीकरण) म ही तफ़ट करक दखन की कोतशश करत रह

लतकन का रामनाथ क लमब कमयतनसट करातनतकारी जीवन क अतनतम चरण की इन तवफलताओ और इन गततरोधो क बावजद भारत क कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन क इततहास म उनकी ऐततहातसक सकारातमक और साहतसक पथानवषी भतमका स कोई भी इनकार नही कर सकता सबस अहम बात यह ह तक अपनी अतनतम सास तक का रामनाथ एक कमयतनसट करातनतकारी बन रह और मासय एगस लतनन सतातलन माओ क तशषय क रप म ही िद को दखत रह का रामनाथ न समाजवादी करातनत क काययकरम का जो पथसनधान तकया था और इस परचम को उठाकर जो याता शर की थी वह याता आज भी जारी ह और आग भी जारी रहगी चाह पररतसथततया तकतनी भी परततकल हो आज माओवाद की तवचारधारा और नयी समाजवादी करातनत क काययकरम को आग बढ़ात हए कमयतनसट करातनतकारी आनदोलन की जो धारा आज क सामाजयवाद का और भारतीय करातनत क तवतवध परशनो का अधययन करत हए सामातजक परयोगो म करातनतकारी जनतदशा को लाग कर रही ह वह अपन को गवय स का रामनाथ का उतरातधकारी मानती ह

हम का रामनाथ को हमशा बहत पयार और लगाव क साथ याद करत रहग हम उनह कभी नही भला सकत भारत क सभी सचच कमयतनसट करातनतकारी उनह कभी नही भला सकत

हम भर तदल स तनी मरटयो क साथ का रामनाथ को आतिरी लाल सलाम पश करत ह और सकप लत ह तक तजस कारवा न 1978 म उनक नततव म एक बीहड़ याता की शरआत की थी वह उस जारी रखगा परान करातनत-योदधाओ क ररत सथानो को कई-कई यवा करातनत-योदधा भरत रहग और कारवा चलता रहगाबढ़ता रहगा

अलनवदा का रामिाथि लाल सलाम लाल सलाम

िहमी रह कॉमरर रामिाथि अलनवदा कॉमरर लाल सलाम

8 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

महनतकश जनता क खन-पसीन स खड़ी हई सारवजननक परिसमपततियो को पजीपनतयो क हराल किन म जटी मोदी सिकाि

दकर 6 लाख करोड़ रपय हातसल करन का लकय रखा ह य मतालय या तवभाग रलव टलीकॉम सड़क पररवहन एव राजमागय तबजली नागररक उिियन यवा मामल और खल पटोतलयम एव पराकततक गस और पोटयस तशतपग एव वाटरवज (इसका नाम पहल जहाज़रानी मतालय था) होग तजनस जड़ी समपततयो को तनजी हाथो म सौपा जायगा मोदी सरकार क अनसार इन पररसमपततयो का सवातमतव सरकार क पास ही रहगा लतकन तकराय या लीज़ पर दकर तफ़लहाल कमाई नही दन वाली या कम कमाई दन वाली सरकारी समपततयो स मदरा हातसल की जा सकगी और इसस कमाय गय पस का इसतमाल जनता की भलाई क तलए तकया जा सकगा सरकार को जनता की भलाई की तकतनी तचनता ह यह बात हम कोरोना महामारी क पर दौर क बाद तो और भी भली-भातत जान गय ह जब हमन अपन पररजनो तमतो और करीतबयो को मौत क मह म समात दखा तब यह तथाकतथत जनतहतकारी सरकार न कवल हाथ पर हाथ धर बठी थी बतक अपनी जनदरोही नीततयो क दारा हम भी शमशानो और कतरिसतानो म पहचान का बिबी इनतज़ाम करन म लगी थी अब समझ लत ह तक मोदी सरकार की राषटीय मौदरीकरण की योजना क पी जनता की भलाई की तचनता ह या मनाफ़ क सकट स जझ रह भारतीय पजीपतत वगय क तहतो क सरोकार ह

भारतीय रलव को अपनी पररसमपततया तकराय पर दकर (यानी बचकर) सरकार को 1 लाख 52 हज़ार करोड़ रपय दन का लकय तदया गया ह इसक तहत रलव क 400 रलव सटशन 90 याती गातड़या 256 सामान रख-रखाव क शि 4 पवयतीय रलव 15 रलव सटतियम कोकण रलव टक का 741 तकलोमीटर फट कोररिोर का 674 तकलोमीटर टक पर ओवरहि इतवपमट का 1400 तकलोमीटर इतयातद को पजीपततयो क हाथो म सौपा जायगा सीधी-सी बात ह पजीपततयो को रलव क तकराय और माल ढलाई क भाड़ म बतहाशा बढ़ोतरी करन की परी ट तमल जायगी तथाकतथत पराइवट पाटयनर जनता को दोनो हाथो स लटग और अकत मनाफ़ा कमायग सड़क पररवहन एव राजमागय को 1 लाख 60 हज़ार करोड़ की रातश हातसल करन का लकय तदया गया ह इसक तहत 26000 तकलोमीटर स अतधक हाइव और सड़को क रखरखाव की तज़ममदारी तनजी कमपतनयो को सौपकर उनह इन पर कर यानी lsquoटोल टसrsquo वसलन की ट दी जायगी इसक अलावा तल-गस पाइपलाइन 25 हवाई अिि सरकारी गसटहाउस पानी क जहाज़ और पोटय बीएसएनएल क 14917 मोबाइल टावर 2 लाख 80 हज़ार तकलोमीटर लमबी फ़ाइबर लाइन तनजी कमपतनयो को ldquoतकराय परrdquo दी जायगी

अब यह सोचन वाली बात ह तक जो पजीपतत चार साल क दौरान 6 लाख

करोड़ रपय मोदी सरकार को सौपग या मोदी जी क दारा जनता का भला करन की मशा ज़ातहर करन क चलत उनका हदय पररवतयन हो चका ह या पजीपतत िरात बाटन क तलए उतावल हए जा रह ह नही असल म रलव सड़को तल-गस पाइपलाइनो और अनय सरकारी समपततयो स पजीपतत पहल अरबो-खरबो रपय कमाया जाना सतनतशचत करग और उसक बाद ही व मनाफ़ क क तहसस को सरकार क हाथ म द सकत ह और सरकार उस पस को तफर स पजीपततयो को कभी न चकाया जान वाला कज़य दन नताशाही की मोटी तनखवाहो बड़ नौकरशाहो क ऐशोआराम म लटा दगी तजस जनता न पट पर पटी बाधकर और फाक करक सावयजतनक उपकरमो को खड़ा तकया था उस इनस सतवधा तमलन की बजाय इनक दारा उसकी जबो पर िाका िाला जायगा सरकार का कहना ह तक सरकारी उपकरम घाट म चल रह ह और कौन पजीपतत घाट की चीज़ को लना चाहगा और वह भी मोटा पसा िचय करक असल बात यह ह तक बीपीसीएल टतलकॉम और रलव जस तमाम उदयम घाट म नही चल रह ह बतक सरकार इनह घाट म तदखाकर बचन क बहान ढढ़ रही ह और असल बात तो यह ह तक तजस सरकार घाटा कह रही ह वह असल म जनसतवधाओ म होन वाला वयय ह और पजीपरसत सरकार नही चाहती तक जनता को एक पस की भी सहतलयत नसीब होअब मौदमीकरर की ज़ररत को

आि पड़मीयह तथाकतथत मौदरीकरण क और

नही बतक तनजीकरण का ही दसरा नाम ह तवतमती क जमलो म उलझन क बजाय जमलबाज़ परधानमती मोदी क सतय वचनो पर गौर करना चातहए मोदी जी सीध तौर पर सावयजतनक उपकरमो को समभालन म सरकार की तज़ममदारी को नकार रह ह सरकार का काम महज़ पजीपततयो को जनता को लटन का बहतर माहौल बनाकर दना ही ह फ़ासीवादी मोदी सरकार इस काम को सबस आकरामक ढग स और तज़ी स कर रही ह इसी क तलए तो दश भर क बड़ पजीपततयो न तपल दो लोकसभा चनावो म हज़ारो करोड़ रपय चनद म भाजपा को तदय थ और मोदी को तजताया था असल म ldquoमौदरीकरणrdquo कागस सरकार दारा 24 जलाई 1991 म घोतषत तौर पर लाग की गयी उदारीकरण-तनजीकरण-वशवीकरण की नीततयो का ही अगला कदम भर ह तथाकतथत उदारीकरण-तनजीकरण की शरआत की ज़ररत को हम थोड़ा अतीत म झाक कर दख व समझ सकत ह

अगज़ो स हम समझौत और सता हसतानतरण क दारा आज़ादी परापत हई थी उस समय एक बड़ा समाजवादी कमप और दतनया क सतर पर समाजवादी आनदोलन पर अपन उरज़ पर था भारत म भी 1946 स 1950 का दौर जनता की जनवादी करातनत की समभावनाओ स भरा दौर था जब दश म नौसना तवदरोह तलगाना तकसान तवदरोह तभागा तकसान

तवदरोह और पनपरा वायलार तकसान तवदरोह हए थ और उसक अलावा कमयतनसट पाटटी क नततव म हड़तालो की एक लहर भी जारी थी लतकन अपनी तवचारधारातमक व राजनीततक कमज़ोररयो क चलत भारत क करातनतकारी कमयतनसट इन करातनतकारी जनतवदरोहो को एक दशवयापी करातनतकारी आनदोलन का सवरप नही द सक उसक पहल भी कमयतनसट पाटटी अपनी गमभीर रणनीततक और रणकौशलातमक चको क कारण राषटीय आनदोलन की बागिोर अपन हाथ म लन क कई मौक चक चकी थी भारत क पजीपतत वगय और उसकी पाटटी कागस न इसका परा लाभ उठाया कागस न समझौता-दबाव-समझौता की नीतत क तहत अनत म सता हतथया ली भारत का पजीपतत वगय अपन औपतनवतशक अतीत क कारण कमज़ोर था और उसक पास दश क सवतत पजीवादी तवकास हत आवशयक पजी का भी अभाव था इसीतलए तरनत मनाफ़ा दन वाल कतो को तनजी हाथो म सौप तदया गया तथा व कत तजनम पहल बड़ पमान क तनवश की दरकार थी जस तक भारी उदयोग अवरचनागत उदयोग व बतनयादी कजीभत उदयोग उनह सावयजतनक कत क तौर पर सरकार न अपन हाथो म रखा सावयजतनक उपकरमो को खड़ा करन क तलए पजी और कही स नही बतक करो और तवतभनन श को क रप म जनता स ही वसलकर और साथ ही जनता की बचत को एकत करक जटायी गयी महनतकश आबादी क कमरतोड़ शोषण सरकारी अनगह आतथयक टो क बत जस-जस भारत का पजीपतत वगय अपकाकत ताकतवर होता गया वस-वस उस तशतरी म सजाकर औन-पौन दामो पर सरकारी उदयम सौप जान लग 1980 क दशक म ही राजीव गाधी क समय स इसपटर राज और कोटा राज को ितम करन क नाम पर तनजी पजीपततयो को ट दी जान लगी थी और 24 जलाई 1991 को घोतषत तौर पर उदारीकरण-तनजीकरण की लटरी नीततयो की शरआत कर दी गयी

कागस न अपन शासनकाल म इन नीततयो को तजस रफतार स लाग तकया था आज भाजपा की फ़ासीवादी मोदी सरकार उन नीततयो को कही जयादा रफतार स और जयादा दमनकारी तरीक स लाग कर रही ह 2009-10 स ही आतथयक सकट क कारण यह पजीपतत वगय क तलए ज़ररी भी ह इस काम को कागस क मकाबल भाजपा जयादा बहतर तरीक स अजाम द सकती ह और इसीतलए पजीपतत वगय क बड़ तहसस न एकमत होकर भाजपा को सता म पहचान म एड़ी-चोटी का पसीना एक कर तदया था राषटीय मौदरीकरण योजना वासतव म तनजीकरण-उदारीकरण की उसी परतकरया का एक अग ह जो 1991 स जारी रही ह और 2014 स मोदी सरकार क सता म आन क बाद और भी जयादा तज़ रफतार स जारी ह

मौदमीकरर स जिता क जमीवि पर का असर पड़गा और हम

इसका नवरोध कस करमौदरीकरण जसी नीततया लाग होन

क बाद सबस बड़ा हमला रोज़गार पर होगा इन सरकारी कतो म काययरत करोड़ो लोगो क अच-िास तहसस को अपन रोज़ी-रोज़गार स हाथ धोना पड़गा रलव सड़क पररवहन उिियन और टतलकॉम आतद म सरकारी तवतनवश पहल ही जारी ह हम समझ सकत ह रोज़गार क मामल म और भी भयावह होन वाला ह तनजी कत म यतद क रोज़गार सतजत होगा भी तो सरकार पहल ही 4 शरम सतहताए लाकर शरतमको क हको को कचलन का भरपर इनतज़ाम कर चकी ह तनजी कत म काम करन वालो म और उजरती गलामो म कोई फ़कय नही रह जायगा तनजी कमपतनया मनमान तरीक स मज़दरो की शरमशतत का शोषण करगी भयकर बरोज़गारी क चलत मज़दर वगय की सामतहक मोलभाव की शतत पर भी नकारातमक असर पड़गा जो तक पहल ही नवउदारवादी हमलो क तीन दशको म काफ़ी कमज़ोर हो चकी ह और एक अततररत बरोज़गार मज़दर आबादी पजीपतत वगय क तलए हमशा मौजद रहगी यानी तजतन पक रोज़गार बच ह व तज़ी स ितम होग और जो नय रोज़गार तमलग व भी अनौपचाररक ठका व कज़अल मज़दर क तौर पर तमलग तजसम मज़दरी भी कम होगी कोई रोज़गार सरका नही होगी और सथायी मज़दरो को परापत होन वाल तमाम हक भी नही हातसल होग हालातक नय शरम कानन सथायी मज़दरो क तमाम बच-खच अतधकारो को भी ीनन वाल ह

जनता पर मौदरीकरण की दसरी बड़ी मार महगाई क रप म पड़गी रलो-बसो क याती तकरायो पटोतलयम पदाथयो माल ढलाई और खादय पदाथयो क दामो म बतहाशा बढ़ोतरी होगी हाइव पर जगह-जगह टोल खड़ कर तदय जायग और उन पर मनमाना पसा वसल तकया जायगा आज भी कमरतोड़ महगाई न आम जनता का जीना दभर कर रखा ह तकनत आन वाल समय म हमारी जब स आतिरी दमड़ी तक हड़प ली जायगी

2014 म सता तमलन क बाद स तफ़लहाल तक भाजपा की दो ही नीततया तदखायी द रही ह पहली ह योजनाओ क रग-तबरग नाम रखकर पजीपतत घरानो की सवा करो और दसरी ह जनता को सामपरदातयकता जाततवाद कतवाद की आग म धकल दो तातक लोग आपस म ही एक-दसर का तसर फोड़त रह और अपनी बबायदी क असली कारणो की तरफ़ धयान ही न द सरकार म बठ तमाम मती-सनतरी और भाजपा का कतसापरचारक आईटी सल दश की बबायदी को ही तवकास तसदध करन और सरकारी की लटरी नीततयो का तवरोध करन वालो को ldquoदशदरोहीrdquo बतान म लगा रहता ह

वस आतथयक नीततयो क तौर पर दखा जाय तो भाजपा म और कागस म फ़कय तसफ़य यह ह तक कागस तजस काम को शबदो की चाशनी म िबोकर और रात क अधर म करती थी भाजपा उसी काम को

तदन क उजाल म और कागस स हज़ार गणा जयादा बशमटी और जयादा तज़ी क साथ अजाम द रही ह साथ ही एक फ़ासीवादी सरकार होन क नात दमनकारी होन म भी मोदी सरकार न आज़ाद भारत की सभी सरकारो को पी ोड़ तदया ह असल म तमाम कतीय पजीवादी पातटयया और भाकपा माकपा जस ससदीय लाल जमर तक उदारीकरण-तनजीकरण की नीततयो क परतत कोई उसली तवरोध नही रखत ह इनका तवरोध कवल तभी तक रहता ह जब तक य िद तवपक म बठ हो आपको याद होगा िद भाजपा परतयक तवदशी तनवश यानी एफ़िीआई और तनजीकरण जस मदो पर ज़मीन तसर पर उठाय रहती थी लतकन सता म आन क बाद इनहोन इनही नीततयो को धड़ल स लाग कर तदया चाह सरकारी उपकरमो की तहससदारी और उनक मातलकाना हक की तबकरी हो या तशका-सवासथय जस बतनयादी कतो म तनजीकरण को बढ़ावा तदया जाना हो तनजीकरण-उदारीकरण की नीततयो को लाग करन क रप म पजीपतत वगय की सवा करन का यही रवया कमोबश हरक पजीवादी बजयआ पाटटी का रहा ह बशक हर मामल म जनता को बबायदी की ओर धकलन म फ़ासीवादी भाजपा तमाम अनय पजीवादी पातटययो स इकीस ही पड़ी ह

आज मौदरीकरण क रप म तनजीकरण को लाग करन क सरकारी लावो का परततरोध जनता की सगतठत ताकत क बत ही तकया जा सकता ह सशोधनवादी पातटययो की गोद म बठी अथयवादी टि यतनयन धनी तकसानो और कलको क सगठन अलग-अलग रगो क झिो और नारो वाली चनावबाज़ पातटयया तनजीकरण का मकाबला नही कर सकती ह असल म न तो इनकी तनजीकरण का मकाबला करन की नीयत ह तथा न ही इनक पास तनजीकरण को रोक सकन का मादा तनजीकरण समत भाजपा की समसत फ़ासीवादी नीततयो का मकाबला मज़दरो गरीब तकसानो और आम महनतकश जनता की एकजटता और उसक जझार सघषयो क बलबत ही तकया जा सकता ह इसक साथ ही हम पजीवादी वयवसथा क चररत और काययपरणाली को भी समझना होगा पजीवादी वयवसथा महनतकश जनता का िन-पसीना तनचोड़कर और उसक शोषण क बत ही कायम ह पजीवादी राजयसता और सरकारो की भतमका कवल मनाफ़ क तत को कायम रखन की ही होती ह सामातजक उतपादन और तनजी समपतत पर आधाररत तनजी मनाफ़ का अनतरतवरोध ही पजीवादी वयवसथा का बतनयादी अनतरतवरोध होता ह और इस समाजवादी करातनत क दारा उतपादन क साधनो और उतपादन क तनणययो पर सामतहक मातलकाना सथातपत करन और उतपादन क सामातजक तवतनयोजन को सथातपत करक ही हल तकया जा सकता ह अपन हक और अतधकारो की हरक ोटी-बड़ी लड़ाई क साथ और उसक दौरान इस लटरी वयवसथा का तवकप खड़ा करन क काययभार को हम एक पल क तलए भी अपनी नज़रो स ओझल नही होन दना चातहए

(पज 1 स आग)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 9

तलगािा ककसाि सशसतर सघरष क 75 साल उपलबधिया और सबक (दसरमी और अबतिम ककसत)

ndash आिनद ससहतपली तकसत म हमन दखा

तक तकस परकार 1940 क दशक की शरआत म हदराबाद क तनज़ाम की सामनती ररयासत म आन वाल तलगाना क जागीरदारो और भसवातमयो दारा तकसानो क ज़बदयसत शोषण व उतपीड़न क तवरदध शर हआ आनदोलन 1946 की गतमययो तक आत-आत सामनतो क तिलाफ़ एक सशसतर तवदरोह म तबदील हो गया तनज़ाम की सना और रज़ाकारो दारा इस तवदरोह को बबयरतापवयक कचलन की सारी कोतशश तवफल सातबत हई 15 अगसत 1947 को भारत तरितटश औपतनवतशक गलामी स आज़ाद हआ लतकन तनज़ाम न भारतीय यतनयन म तमलन स इनकार कर तदया गौरतलब ह तक सवतत भारत की राजयसता न हदराबाद क तिलाफ़ एक साल स भी जयादा समय तक कोई कारयवाई नही की इस दौरान तनज़ाम स बातचीत और सौदबाज़ी चलती रही यही नही इस दौरान भारत सरकार न ldquoसटितसटल समझौतrdquo क तहत तनज़ाम को हतथयारो और सनय उपकरणो की आपततय भी की तजसका इसतमाल तनज़ाम की सना न तकसान तवदरोह को कचलन क तलए तकया एक साल तक चली बातचीत और सौदबाज़ी क बावजद पातकसतान परसत तनज़ाम हदराबाद को भारत म तमलान को तयार नही हआ उधर गामीण इलाको म तकसानो और महनतकशो न कमयतनसटो क नततव म तनज़ाम की सना और रज़ाकारो को पी धकल तदया था

भारतीय राजयसता दारा हतथयारो व सनय उपकरणो की आपततय क बावजद तनज़ाम की सना तकसान तवदरोह को कचलन म नाकाम रही य व हालात थ जब 13 तसतमबर 1948 को भारतीय सना न हदराबाद की ओर कच तकया तनज़ाम की सना न महज़ पाच तदनो क भीतर आतमसमपयण कर तदया लतकन उसक बाद भी तनज़ाम को राजपरमख की पदवी दकर राजय का परमख बना रहन तदया गया 18 तसतमबर 1948 को हदराबाद ररयासत क परशासन की बागिोर भारतीय सना क हाथ म आ गयी लतकन उसक बाद भी 25 जनवरी 1950 तक सरकार क सभी आदश (फ़रमान) तनज़ाम क नाम स जारी तकय जात रह यहा तक तक 26 जनवरी 1950 म अतसततव म आय भारतीय सतवधान म तनज़ाम क राजपरमख क पद को मानयता परदान करन का परावधान भी जोड़ा गया और 1956 तक तनज़ाम राजपरमख बना रहा यही नही तनज़ाम को तपरवीपसय भी तमलता रहा यह भारत क उदीयमान बजयआ वगय और उसकी परतततनतध पाटटी कागस क घोर समझौतावादी चररत को तदखाता ह इसस यह भी सपषट हो जाता ह तक हदराबाद म भारतीय सना की सनय कारयवाई का असली उदशय तनज़ामशाही का िातमा नही बतक तलगाना तकसान तवदरोह को कचलना था गौरतलब ह तक अपन इस मकसद को तपान क तलए भारत की सरकार न इस सनय कारयवाई

की जगह पतलस कारयवाई का नाम तदया था आज तलगाना म तजी स बढ़ रही तहनदतववादी फ़ासीवादी ताकत 18 तसतमबर 1948 को lsquoमतत तदवसrsquoक रप म मनान का अतभयान चला रही ह लतकन सच तो यह ह तक तलगाना क तकसानो और महनतकशो क तलए यह तदन मतत का नही बतक तवशवासघात का परतीक ह

तनज़ाम क आतमसमपयण क बाद करीब 50 हज़ार भारतीय सतनको न तकसान तवदरोह को कचलन क तलए तलगाना क गावो की ओर रि कर तदया सना न तलगाना म बड़ पमान पर तगरफताररया यतणा आगजनी और तनमयम हतयाओ को अजाम दत हए तनज़ाम की सना व रज़ाकारो दारा तकय गय ज़ मो को भी मात द तदया मलाया सरकार की तरिगस योजना की ही तरह ऐस गाव बसाय गय जहा क तनवातसयो को सना क तनयतण म रहना था जगलो की दो हज़ार आतदवासी बतसतयो को नसतोनाबद कर तदया गया और लोगो को यातना तशतवरो म रखा गया ापामार गावो को ोड़कर तनकटवतटी जगलो म चल गय और वहा भी सना का दबाव बढ़न पर दरवतटी जगली कतो म तबखर गय

पाटटी क भमीतर चलमी बहसतनज़ाम क आतमसमपयण और

हदराबाद पर भारतीय सना का कबज़ा होन क बाद कमयतनसट पाटटी की आनधर इकाई क भीतर एक बहस उठ खड़ी हई रतव नारायण रििी क नततव वाल एक धड़ का मानना था तक तलगाना सशसतर सघषय तनज़ाम की सता क तिलाफ़ था और चतक अब तनज़ाम की सता का पतन हो चका ह इसतलए सशसतर सघषय वापस ल लना चातहए यह धड़ा सापकत धनी तकसानो व क ोट भसवातमयो क तहतो की नमाइनदगी करता था तजनहोन तनज़ाम क तिलाफ़ जारी तकसान तवदरोह का साथ तदया थापरनत तनज़ाम क पतन क बाद उनहोन सघषय स दरी बना ली थी परनत मधयम व ोट तकसान और खततहर मज़दर सघषय को जारी रखन क पकधर थ योतक व दख रह थ तक सना क आन क बाद भसवामी वापस गावो की ओर लौटन लग और तकसानो स ज़मीन ीनन लग तथा गाम राजयो क आदशो की अवहलना करन लग थ इसतलए आनधर कमटी न अनतत गररला सघषय जारी रखन का फ़सला तकया हालातक यह सपषट था तक अब उनका सामना पहल स कही जयादा ताकतवर दशमन स होन वाला ह

उधर पाटटी म कनदरीय सतर पर भी भारत म करातनत क मागय को लकर बहस चल रही थी माचय 1948 म पाटटी की दसरी कागस हई तजसम दतकणपनथी पीसी जोशी को हटाकर बीटी रणतदव को पाटटी का महासतचव बनाया गया था इस कागस म तलगाना क परतततनतधयो क ज़ोर दन क बाद ही दसरी कागस की थीतसस म तलगाना सघषय क महतव का उलख करत हए उस समथयन तदया गया और पर दश म ऐस सघषय सगतठत

करन तथा मज़दर वगय स भी उनक समथयन म आनदोलन करन का आहान तकया गया रणतदव न यह ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवादी थीतसस पश की तक जनवादी और समाजवादी करातनतया एक साथ होनी चातहए और कमयतनसटो को न कवल बड़ बजयआ को बतक सभी बजयआओ को अपन हमल का तनशाना बनात हए दशवयापी आम हड़ताल और सशसतर तवदरोह का मागय अपनाना चातहए इस ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवाद न भारतीय कमयतनसट आनदोलन को तो भारी कतत पहचाई ही उसक अलावा तलगाना सघषय क आग क तवकास को भी रोकन का काम तकया उसी साल मई क महीन म आनधर की पाटटी इकाई न रणतदव थीतसस का तवरोध करत हए अपनी यह लाइन रखी तक भारतीय करातनत का चररत रसी करातनत स तभनन ह और यह चीन म जारी नवजनवादी करातनत स काफ़ी हद तक समानता रखती ह यहा चार वगयो का सय त मोचाय बनाना होगा और दीघयकातलक लोकयदध का मागय अपनाना होगा आनधर थीतसस म माओ तस-तङ क नवजनवाद क तसदधानत को परासतगक बतात हए भारत म सवयहारा करातनत को दो अवसथाओ म समपनन करन की योजना परसतत की गयी हालातक इस थीतसस म भी क खातमया थी तमसाल क तलए यह भारत क बजयआ वगय को दलाल मानती थी लतकन कल तमलाकर यह लाइन ततकालीन पररतसथततयो म सापकत बहतर थी लतकन दो वषयो तक पाटटी पर रणतदव-लाइन का वचयसव बन रहन की वजह स तलगाना सघषय को भारी नकसान हआ दश क तवतभनन तहससो म तकसान सघषषो को तलगाना की राह पर आग बढ़ान और मज़दर वगय क सघषषो को उनक साथ जोड़न क बजाय ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवाद न पाटटी को जन समदाय स अलग-थलग कर तदया और कतारो की पहलकदमी को पग बना तदया लतकन अनतरराषटीय सतर पर आनधर लाइन क अनमोदन क बाद रणतदव की ldquoवामपनथीrdquo अवसरवादी लाइन अलग-थलग पड़ गयी मई-जन 1950 को रणतदव की बजाय राजशवर राव पाटटी क महासतचव बन और पाटटी न आनधर-थीतसस को आतधकाररक लाइन क तौर पर सवीकार तकया लतकन इस समय तक पहल ही काफ़ी दर हो चकी थी दशवयापी सतर पर सघषय क तवसतार की समभावनाओ का गलत लाइन काफ़ी हद तक गला घोट चकी थी और नयी बजयआ सता को अपन सदढ़ीकरण क तलए तीन वषषो का कीमती समय तमल चका था

सोनवयत िततव का मागषदशषि1951 तक आत-आत पाटटी क

भीतर तलगाना सघषय क आग क रासत क बार म मतभद गहरान लग बमबई मखयालय म हावी एसए िाग घाट और अजय घोष आतद का दतकणपनथी धड़ा शर स ही आनधर लाइन का तवरोध कर रहा था लतकन आनधर कमटी का बड़ा तहससा तफर भी सघषय को जारी

रखना चाहता था उसका मानना था तक फ़ौरी तौर पर नकसान क बावजद सघषय को जारी रखना और दश क अनय अनकल पररतसथततयो वाल भभागो म उसका फलाव ममतकन ह

पाटटी म मौजद मतभद सकट और तवभम की तसथतत को दर करन क तलए एक बार तफर अनतरराषटीय नततव पर भरोसा तकया गया और चार सदसयो का एक परतततनतधमिल 1951 क परारमभ म सोतवयत पाटटी क नततव स बातचीत करन क तलए मासको गया इसम दो ndash राजशवर राव और बासवपनया तलगाना सघषय क नता थ जबतक अनय दो ndash अजय घोष और िाग उसका तवरोध कर रह थ सोतवयत पाटटी की ओर स सतातलन मालकोव मालरोव और ससलोव न बातचीत की पी सनदरयया न पाटटी दारा सघषय वापस लन क फसल को जायज़ ठहरान क तलए अपनी तकताब म इस ओर इशारा तकया ह तक सतातलन न तलगाना सशसतर सघषय को वापस लन का सझाव तदया था योतक इस गोररला सघषय क समथयन म वयापक जन समथयन क अभाव म यह सघषय वयततगत आतकवाद की तदशा म बढ़ सकता था लतकन इस सघषय क भागीदार और नसलबाड़ी तकसान तवदरोह क बाद चार मजमदार की दससाहसवादी लाइन का तवरोध करत हए करातनतकारी जनतदशा की बात करन वाल िीवी राव न अपनी तकताब ldquoतलगाना ऑमय िसटगल एि तद पाथ ऑफ़ इतियन ररवोल यशनrdquo म तलखा ह तक उस समय उनह पाटटी म यह ररपोटय तकया गया था तक सतातलन न भारतीय परतततनतध मिल स कहा था तक ldquoसशसतर सघषय जारी रखन क तलए अतधक हतथयार अतधक कािर और सघषय क इलाको म ापामारो क तलए आवशयक सभी चीज़ो को भजा जाना चातहएrdquo बाद म जब परतततनतध मिल न सशसतर सघषय जारी रखन म आन वाली चनौततयो पर जोर तदया तो सतातलन का कहना था ldquoयह अफ़सोस की बात ह तक आप लोग सघषय की रका नही कर पा रह हrsquorsquo

परतततनतधमिल क भारत लौटन क बाद भारत म जनवादी करातनत क काययकरम का एक मसौदा तयार तकया गया और एक नीतत-तवषयक वतवय जारी तकया गया तजसम सशसतर सघषय का तज़कर तो नही था लतकन रणकौशल-तवषयक दसतावज़ म ldquoअपररपव तवदरोह और जोतखम भरी कारयवाइयो स सावधान रहत हएrdquo तकसानो क ापामार यदध क साथ ही मज़दरो की वगटीय हड़तालो और सघषय क अनय रपो क इसतमाल की बात कही गयी थी उसम इस धारणा को भी गलत ठहराया गया था तक दश क तकसी तहसस म सशसतर तवदरोह तभी शर तकया जा सकता ह जब पर दश म तवदरोह की तसथतत तयार हो दसतावज़ क अनसार तकसी एक बड़ भभाग म तकसान सघषय क ज़मीन-ज़बती क सतर पर पहचन क बाद वयापक जनानदोलन और ापामार यदध यतद ठीक तरह स सगतठत हो तो दशभर क तकसानो को

उदतलत करक सघषय को उचच धरातल पर पहचा दना समभव ह एक शािदार सघरष की शमषिाक

ढग स वापसमी1951 तक आत-आत पाटटी म

दतकणपनथी अवसरवादी हावी हो चक थ कनदरीय कमटी न आनधर की कमटी को सघषय कवल तब तक जारी रखन को कहा जब तक पाटटी सरकार स उस सथतगत करन की शतषो पर बातचीत परी न कर ल इन शतयो म तकसानो क कबज़ की ज़मीन ज़मीनदारो को वापस न करना कतदयो की ररहाई मकदम वापस लना और पाटटी स परततबनध हटाना परमख थी लतकन कनदरीय कमटी क इस तनणयय क तवपरीत अजय घोष क नततव वाल दतकणपनथी धड़ और आनधर क रतव नारायण रििी गट न तबना शतय सघषय वापसी क तलए दबाव बनाना शर तकया पाटटी की इस तसथतत का लाभ उठाकर नहर सरकार न तकसी भी शतय को मानन और बातचीत करन स इनकार कर तदया मई 1951 तक कनदरीय कमटी म आनधर क सदसय भी मान चक थ तक अब आतशक ापामार सघषय भी जारी रख पाना समभव नही ह

अटबर 1951 म पाटटी न तबना तकसी शतय तनहायत घटनाटक ढग स सघषय वापस लन की घोषणा कर दी जगल क ापामार नताओ को इसकी खबर बाद म लगी पाटटी अब परी तरह स ससदीय राह पर चल पड़ी दतकणपनथी धड़ क सामन उसक तवरोतधयो न आतमसमपयण कर तदया और कतारो म भारी पसती का माहौल फल गयातलगािा सघरष की फौरमी पराजय

क काररतलगाना सघषय की फ़ौरी पराजय

का सबस बड़ा कारण यह था तक पाटटी बोशतवक ढग स एकीकत नही थी और उसम ऊपर स नीच तक ldquoवामrdquo और दतकणपनथी भटकाव क धड़ मौजद थ इसतलए वह भारतीय करातनत को नततव दन म अकम थी 1946 स 1951 क बीच पहल पीसी जोशी काल क दतकणपनथी भटकाव न तफर रणतदव काल क ldquoवामपनथीrdquo भटकाव न और तफर अजय घोष काल क दतकणपनथी भटकाव न पर दश सतर पर और तलगाना क सतर पर पाटटी क काययो को काफ़ी नकसान पहचाया था यह एक ऐसा सकरमण-काल था जब नयी सता क सदढ़ीकरण की परतकरया अभी परी नही हई थी लतकन नौसना-तवदरोह तभागा-तलगाना-पनपरावायलार क तकसान सघषयो और दशवयापी मज़दर आनदोलनो को एक कड़ी म तपरोकर जनकरातनत की धारा को आग बढ़ान म पाटटी-नततव नाकाम रहा यतद यह परतकरया आग बढ़ती तो कागस की समझौतापरसती का पहल और नगा होकर सामन आता और पाटटी क नततव म यतद जनवादी करातनत जदी परी नही भी होती तो या तो दीघयकातलक लोकयदध मज़बत आधार पर आग की मतज़लो म परतवषट हो गया होता या जनसघषयो क दबाव म

(पज 2 पर जारमी)

10 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

बगलादश म एक बार फिर मिाि की आग की बलल चढ़ 52 मज़दरndash भारत

भारत हो या बगलादश या कोई अनय पजीवादी दश मातलको क तलए मज़दरो की अहतमयत कीड़-मकोड़ो स जयादा नही होती बीत 8 जलाई को बगलादश म ढाका क नारायणगज कत म जस क कारिान म भीषण आग लगी तजसम 52 मज़दरो की जान चली गयी और कई घायल हए 35000 वगय फ़ीट म बन कारिान म तसफ़य दो जगह सीतढ़या थी मातलक न जल की तरह सार दरवाज़ो पर ताला लगा रखा था तजसस मज़दर आग लगन क समय भाग भी नही पाय और जलकर मर गय क मज़दर तो ऊची त स कदन क कारण मार गय

साजीब गप की यह कमपनी ऑसटतलया अमररका भारत भटान नपाल जस दशो म अपना माल तनयायत करती थी पर इतनी बड़ी कमपनी होन क बावजद इसक कारिान म सरका क कोई इनतज़ाम नही थ और न ही आग लगन क बाद तनकलन का कोई रासता था आग इतनी भीषण थी तक उस बझान म 3-4 तदन लग गय

बगलादश म टसटाइल सटर सबस बड़ा सटर ह चीन क बाद बगलादश तसल-तसलाए कपड़ो का दतनया म सबस अतधक तनयायत करन वाला दश ह 84 परततशत तनयायत राजसव बगलादश को इसी स तमलता ह 45 लाख मज़दर करीब 4500 गारमट क कारिानो म काम करत ह इसक बावजद यहा क कारिानो म तसथतत नकय स भी बदतर ह सरका स लकर बतनयादी इनतज़ाम तक इनम मौजद नही ह इसी कारण आय-तदन कारिानो म आग लगन की घटनाए सामन आती ह

बगलादश म कारिान म आग की यह कोई पहली घटना नही ह सबको याद होगा तक बगलादश क इततहास म मज़दरो क तलए सबस बड़ी जानलवा घटना 2013 म घटी थी जब ढाका क राणा पलाज़ा गारमट सटर म आग लगन स 1100 स भी जयादा मज़दर मार गय थ इतनी भयानक घटना क बाद भी यह तसलतसला रका नही अगसत 2016 म दतकण बगलादश क चटगाव म फ़तटयलाइज़र कमपनी म गस लीक होन

स 100 मज़दर मार गय 2019 म एक गोदाम म आग लगन स 67 मज़दरो की मौत हो गयी 2010 म गर-काननी कतमकल कारिान म आग लगन स 123 मज़दरो मार गय और 2012 म ढाका क ताज़रीन फशन फटी म आग स 117 मज़दरो की मौत हई थी बगलादश क कारिानो म आग स मज़दरो की मौतो की यह फहररसत लमबी ह एक ररपोटय बताती ह तक 1990 क बाद स बगलादश क कारिानो म आग लगन की 50 स जयादा बड़ी घटनाए हई ह तजनम हज़ारो मज़दर मार जा चक ह इनह दघयटना या हादसा कहना सचचाई क साथ अनयाय होगा य सब मातलको व बड़ी-बड़ी कमपतनयो क मनाफ़ की हवस को परा करन क तलए की गयी हतयाए ह

दतनया की सारी बड़ी गारम ट कमपतनयो का माल यहा तयार होता ह तजसक तलए मज़दर 18-18 घट तक खटत ह और वतन क नाम पर 94 िॉलर यानी करीब 7000 रपय तक ही पात ह आज बगलादश क तजस तज़ तवकास की चचाय होती ह वह इनही मज़दरो क बबयर

और नग शोषण पर तटका हआ हइन कारिानो म साधारण दसतानो

स लकर जत तक नही तदय जात और कतमकल वाल काम भी मज़दर नग हाथो स ही करत ह फटररयो म हवा की तनकासी तक क तलए कोई उपकरण नही लगाय जात तजस वजह स हमशा धल-तमटी और उतपादो की तज़ गनध क बीच मज़दर काम करत ह जवानी म ही मज़दरो को बढ़ा बना तदया जाता ह और दस-बीस साल काम करन क बाद जयादातर मज़दर ऐस तमलग तजनह फफड़ो स लकर चमड़ी की कोई न कोई बीमारी होती ह

राणा पलाज़ा की घटना क बाद मटीनशनल कमपतनयो न कारिानो म सरका क इनतज़ाम पखता करन क बड़-बड़ दाव तकय मज़दरो को आग स बचन क तलए परतशकण तदया और यह तदखान क तलए और भी बहत सी नौटकी की तक मज़दरो की जान को लकर व तकतन ldquoतचतततrdquo ह लतकन आय तदन होन वाली आग लगन की घटनाए इन कमपतनयो की नौटकी का

राज़ खोल दती ह और यह नगी सचचाई सबक सामन आ जाती ह तक इनह अपन मनाफ़ स जयादा कोई पयारा नही ह इसी तलए बगलादश म शरम काननो का कोई महतव नही ह बगलादशी सरकार और उनकी परधानमती शख हसीना भी मज़दरो की मौत पर चपपी साध बठी रहती ह आतिर उस भी अपन पजीपतत आकाओ की सवा करनी ह हर जगह मज़दरो की हो रही मौतो की तज़ममदार यह समची मनाफ़ािोर पजीवादी वयवसथा ह जो मज़दरो क िन की आतिरी बद तक को तनचोड़कर अपना मनाफ़ा तनकालती ह

हम मज़दरो क तलए यह तज़नदगी और मौत का सवाल ह तक हम इस समची पजीवादी वयवसथा को उखाड़ फ कन की तयारी कर अपनी करातनतकारी पाटटी का तनमायण कर और मज़दर राज कायम करन की लड़ाई लड़ चाह इसम तकतना ही समय यो न लग जाय वरना हमारी आन वाली पीतढ़या भी ऐस ही पशओ क समान जीन और मरन को मजबर होगी

वति ि दि और वति कटौतमी म घपलबाज़मी को लकर मािसर की शमीनिसस कमिमी क मज़दरो क काििमी सघरष की उममीद भमी लगभग ख़तम

ndash शाम मदतवशरीतनसस वायररग तलतमटि

(मानसर) क मज़दरो को तपल ह महीन स उनक वतन का भगतान नही तकया गया ह दसर वतन स कमपनी दारा पसा काटन क बावजद न तो पीएफ़ और न ही ईएसआयी म पसा जमा तकया गया ह और न ही मज़दरो दारा कमपनी स तलय गय कज़य की तकशत चकायी जा रही थी इस तानाशाही व घपलबाज़ी की तशकायत मज़दरो न शरम उपाय त को 9 जलाई को तलतखत रप म भी की थी सटाफ़ क करीब 20 मज़दरो की तनखवाह का जनवरी 2021 स तथा ठका व अपरतटस मज़दरो का अपरल 2021 स भगतान नही तकया गया ह तशकायत क बाद एक महीन की तनखवाह उनक खात म ज़रर िाल दी गयी ह अभी भी करीब 50 अपरतटस मज़दरो 15-20 ठका मज़दरो तथा सटाफ़ क 20 मज़दरो की सलरी का भगतान बकाया ह वतन न तमलन क कारण बहत स मज़दर काम भी ोड़ चक ह करीब 200 ठका मज़दरो म स महज़ 15-20 मज़दर और सटाफ़ क भी करीब 85 म स 50 मज़दर ही बच ह

कमपनी परबनधन इन समसयाओ का कारण काम की कमी बता रहा ह जबतक मज़दर कह रह रह ह तक काम की कमी नही ह उट काम इतना ह तक कमपनी ऑियर परा नही कर पा रही ह तफ़लहाल कमपनी म समसयाओ क बावजद काम चल रहा ह और बच हए मज़दर काम भी कर रह ह और वतन-समबधी समसयाओ स भी जझ रह ह असल म इस कमपनी को मातलको क ही ररशतदारो को बचन की तयारी चल रही ह चतक कागज़ो म एक समय-सीमा क भीतर कमपनी को दसरी कमपनी को सौपना ह तो पहल परान मज़दरो को तनकालन का षियत रचा जा रहा ह

शरीतनसस कमपनी ऑटोमोबाइल सटर क तलए कल-पजज बनान वाली

एक विर कमपनी ह जो मारतत हीरो जसी मदर कमपतनयो तथा नपीनो परीकॉल तमिा मदरसन लकास टीवीएस इटरफस असती पदतमनी वीएनए एसएमएल तफ़तलपस आतद विर कमपतनयो क तलए हारनस बनाती ह इसका दसरा पलाट रदरपर म ह

तपली 19 जलाई को मज़दरो को िीएलसी ऑतफ़स म सनवाई क तलए बलाया गया था लतकन न तो उस तदन शरम उपाय त तदनश कमार (गड़गाव) आय और न ही परबनधन की तरफ़ स कोई आया 23 जलाई को होन वाली अगली सनवाई क पहल ही कमपनी न पॉवर कट का बहाना बनाकर काम बनद कर तदया और गट भी नही खोला 27 जलाई की समझौता वाताय म कमपनी क न आन पर शरम तवभाग न एस पाटटी (एकपकीय तनणयय) क तौर पर फसला तदया तजसक आधार पर मज़दर तबना तकसी ज़मीनी सघषय की तयारी क महज़ काननी तरीक स अतधकार पान का सपना दखन लग थ

पहल भी ऐसा दखा गया ह तक कमपनी क तबकन या 30 तदन की समय-सीमा क अनदर दोबारा सनवाई करक तनणयय को पलट तदया गया और मज़दरो क साथ धोखा हो गया अगसत म कमपनी परबनधन न बच-खच मज़दरो की एकता को िरा-धमकाकर व भतवषय का िर तदखाकर तोड़ तदया कमपनी परबनधन दारा यही कहा गया तक अभी जो तमल रहा ह उस ल लो वरना वह भी नही तमलगा कोटय क चकर काटत रह जाओग इस तरह स जो काननी सघषय की समभावना थी उस भी बरी तरह स कमज़ोर कर तदया गया 60-70 मज़दरो म भी महज़ 10-15 बच थ तजसम 4-5 सटाफ़ क थ और 10-12 कमपनी रोल पर एक मज़दर न बताया तक मज़दर 20-50 हज़ार रपय म तहसाब लकर काम ोड़कर चल गय ह कइयो न तो परा

वतन और मआवज़ा तक भी नही तलया जो तमला उसी को ठीक समझा ऐस म अब सब मज़दरो को तहसाब तमलना भी मतशकल लग रहा ह

यह सब तब हआ जब कमपनी न तबना तकसी नोतटस चतावनी व तफ़तीश क एकतरफ़ा मनमज़टी स आवाज़ उठान वाल मज़दरो को गट बनद करक बाहर कर तदया इस तरह परबनधन दारा मारपीट की धमकी स गट पर बठ मज़दरो का हौसला टट गया ऑटोमोबाइल इिसटी काटट वकय सय यतनयन न उनक सामन यही बात रखी तक हम जद स जद मीतटग करक सामतहक रप स सघषय का रासता तनकालना चातहए लतकन मज़दर अपन आप को इसक तलए तयार नही कर पाय परबनधन क िर स मज़दर तकसी भी यतनयन स ररशता बनान स िर रह थ

सघरव की कमजोरी या थी अगर मड़कर दख तो पहल ज़मीनी सघषय का रासता ोड़कर महज़ काननी परतकरया पर तनभयरता का रासता अपनाया गया तफर मातलको दारा िरान-धमकान पर मज़दर िर गय और एक-एक करक टटत चल गय जब मज़दरो को ज़बरन दोबारा गटबनद करक बाहर तकया गया था उसी वक़त मज़दरो को एकजट होकर ज़मीनी सघषय क रासत पर बढ़ना चातहए था तब भी ऑटोमोबाइल इिसटी काटट वकय सय यतनयन यही कह रही थी तक एक परचा तनकालकर पर मानसर क औदयोतगक कत म बाटत हए इलाक क तवतभनन फटी मज़दरो स सघषय म साथ दन की अपील करनी होगी चाह उन फतटयो म यतनयन हो या न हो लतकन शरीतनसस फटी क मज़दरो की न तो कोई अपनी यतनयन थी और न ही तकसी आनदोलन म शातमल होन का अनभव और न ही फटी सतर पर मज़दरो की कोई सघषय सतमतत थी इसतलए व तकसी भी तरह क एकजट सगतठत सघषय का रासता नही अपना सक दसर शबदो म

मज़दर सातथयो का सघषय और राजनीतत स साबका बहत ही कम था सघषय और राजनीतत की अनभवहीनता और उनक परतत उदासीनता और साथ ही काननी परतकरया पर पणय तवशवास उनकी मखय कमज़ोररया थी हम मज़दरो को यह समझ लना चातहए तक शरम तवभाग स लकर फ़टी इसपटर आतद पजीपततयो मातलको और ठकदारो की सवा करत ह कोई एक अतधकारी ईमानदार भी हो तो भी वह क िास नही कर सकता ह योतक जब कभी मज़दरो क पक म शरम तवभाग का फसला आता भी ह तो उस लाग करन की कोई वयवसथा भारत की पजीवादी वयवसथा म जानबझकर की ही नही गयी ह काननी सघषय कभी-कभार ही सफल होत ह और वह भी तब जब उसक पी मज़बत ज़मीनी सघषय मौजद हो

ज़ररमी सबक इन तदनो मज़दरो की तनखवाह दर

स तमलना अधरी तमलना या न तमलन क मामल बढ़त ही जा रह ह कक मामलो को ोड़कर अतनयतमत मज़दरो क मामल शरम तवभाग तक पहच ही नही पात ह शायद ही कोई कमपनी होगी तक जहा काम करन वाल कचच मज़दरो की तनखवाह क मामल म कभी कोई समसया न आयी हो इसतलए मज़दरो को महज़ शरम तवभाग और शरम नयायालय क तनणययो तक अपन आप को सीतमत नही रखना चातहए सघषय क मखय पहल यानी ज़मीनी सघषय की तयारी व कारवाई को जारी रखना चातहए जब दतनया म शरम कानन नही थ तो सघषयो क ज़ररए ही शरम कानन बनवाय गय थ और लाग भी करवाय गय थ आज ज़मीनी सघषयो क कमज़ोर पड़न की वजह स पहल क हातसल तकय गय अतधकार गर-काननी और काननी तौर पर ीन जा रह ह इसक तलए एक बार तफर स दश म मज़दरो को हक और इसाफ़ की लड़ाई क तलए कमर

कसनी होगी ज़मीनी सघषयो को भी तभी आग बढ़ाया जा सकता ह जब मज़दर भाई और बहन अपन आस-पास क सभी मज़दर और अनय जनसघषयो स सतकरय ररशता बनाए और मज़दरो क सघषयो क इततहास स भी पररतचत हो साथ म ही इन सभी सघषयो पर सोच-तवचार करक अपन तलए सबक तनकालना भी मज़दरो क तलए बहद ज़ररी ह योतक इसी परतकरया म व अपन सघषयो की कमज़ोररयो को भी समझग और आन वाल तदनो क सघषयो को पहल स जयादा मज़बत बनायग आज क समय म कारिान क भीतर और सभी कारिानो क मज़दरो और तवशषकर असथायी मज़दरो की एकता और सगठन बहत ज़ररी ह उसक तबना उनकी ताकत बहद कम होती ह और मातलक और ठकदार उनस तनपट लत ह अगर हम य सार कदम नही उठात तो अचानक तसर पर मसीबत पड़न पर क समझ नही आता ऐस म या तो िर व अतनतशचतता क कारण मज़दर साथी जदी टटत ह और तरनत तहसाब ल लत ह या तफर तमाम ऐसी मौकापरसत और समझौतापरसत यतनयनोफिरशनो या िद की अनभवहीन या मौकापरसत और समझौतापरसत कमटी क चकर म फसकर अनत म थक-हार कर तहसाब लन को मजबर हो जात ह थोड़-बहत मज़दर तबना ज़मीनी सघषय क हक और नयाय पान क इनतज़ार म कोटय-कचहरी म तघसटत रहत ह

जहा तक मज़दरो क करातनतकारी यतनयन आनदोलन का परशन ह आज ज़ररत ह तक मज़दरो को कारिान क पमान क साथ-साथ पर सटर और इलाकाई पमान पर एकजट और सगतठत तकया जाय तातक सकट की घड़ी म एक-दसर क साथ खड़ा हआ जा सक इस बात को पहल स कही जयादा और जद स जद लाग करन की ज़ररत ह तातक

(पज 15 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 11

(पज 12 पर जारमी)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का हमज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहए

ndash जशवािमीहाल म भारत क दो उतर-पवटी

राजय असम-तमज़ोरम क बीच सीमा-तववाद स जड़ा हआ घटनाकरम काफ़ी सतिययो म रहा उतर-पवय का नाम सनकर हमम स क को लग सकता ह तक इतनी दर-दराज़ की घटना स हम मज़दरो-महनतकशो का सरोकार भला यो होना चातहए इसतलए होना चातहए योतक यह भी मज़दर वगय की करातनतकारी राजनीतत को समझन और जानन क तलए आवशयक ह तकसी भी रप म दबायी जा रही या उतपीड़ तत हो रही जनता और उसकी समसयाओ और सघषयो स सरोकार रख तबना मज़दर वगय वयापक महनतकश जनता की करातनतकारी एकता कायम नही कर सकता ह शासक वगय दतमत कौमो क बीच भी मौजद अनतरतवरोधो और तववादो को हवा दता ह तातक उनह आपस म लड़वाकर कमज़ोर तकया जा सक हआ यह ह तक हाल ही म असम और तमज़ोरम क बीच राजय की सीमाओ को लकर एक तववाद पदा हो गया

यह कोई पहली बार नही ह जब असम और तमज़ोरम क बीच अनतरराजयीय सीमा को लकर तववाद उठ खड़ा हआ हो इसस पहल भी दोनो राजयो क बीच सीमा-तनधायरण को लकर झगड़ और तववाद पदा हए ह तजनहोन कई बार काफ़ी उग रप भी अतखतयार तकय ह

हालातक इस बार इस तववाद क साथ जो तहसा की वारदात हई उसम सवय असम पतलस और तमज़ोरम पतलस शातमल भी थी यही कारण ह तक आम तौर पर हातशए पर रहन वाल उतर-पवय क राजयो क मामलो न lsquoमखयधाराrsquo म भी इस मद को लकर चचाय ड़ दी लतकन यह परी चचाय ही सतही थी और इस तववाद क हर परकार क तवशलषण म आम तौर पर ऐततहातसक दतषट का अभाव था और मखय राजनीततक परशनो की अनपतसथतत थी सचचाई यह ह दक राजयो की सीमा स जड य दववाि कवल असम और दमजोरम क बीच ही मौजि नही ह बदलक उततर-पवव क अय राजयो क बीच भी इनको लकर खासा इदततलाफ ह उततर-पवटी राजयो म इन तमाम सीमा-दववािो की जड वातव म इदतहास म मौजि ह दजसम पहल औपदनवदशक सतता और बाि म वाततयोततर भारतीय राजयसतता की िमनकारी व ग़र-जनवािी नीदतयो और कौमी िमन की भदमका कदीय ह

इस बार असम-तमज़ोरम क बीच लमब समय स वयापत सीमा-तववाद न तल तब पकड़ा जब 26 जलाई को तमज़ोरम पतलस दारा राजय सीमा पर गोलीबारी म 6 असम पतलसकतमययो की मौत हो गयी और 50 क करीब पतलस अतधकारी व पतलसकमटी घायल हए इस तहसा म एक नागररक की मतय भी हई हालातक तमज़ोरम का दावा था तक हमला पहल

असम पतलस की तरफ़ स हआ था और उसन महज जवाबी कारयवाई की थी गौरतलब ह तक कनदरीय गहमती अतमत शाह की 25 जलाई को तशलाग म उतर-पवटी राजयो क मखयमततयो क साथ बठक हई थी तजसम तमाम मसलो क साथ असम क तमज़ोरम नगालि अरणाचल परदश और मघालय क साथ सीमा-तववाद पर बातचीत भी शातमल थी 26 जलाई की घटना इस बठक क बाद ही घतटत हई

इस घटना क बाद असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा और तमज़ोरम क मखयमती ज़ोरामथगा क बीच इन तहसा की घटनाओ की तज़ ममदारी को लकर काफ़ी बहस चली और आरोपो-परतयारोपो का भी एक लमबा तसलतसला चला मोिी सरकार क दलए यह शदमविगी पिा करन वाली दथदत थी वजह यह ह दक असम म भाजपा की सरकार ह और दमजोरम म सततासीन दमजो नशनल फरणट उततर-पवव लोकतादरिक गठबधन (एनईीए) का दहसा ह दजसका गठन भाजपा क नतकतव म 2016 म हआ था और तजसक सयोजक उस समय स ही असम क वतयमान मखयमती हमनत तबसव सरमा ह

बहरहाल 26 जलाई क इस घटनाकरम क बाद दोनो राजयो म तसथतत को ldquoसामानयrdquo तकय जान क तलए 28 जलाई को कनदरीय गह सतचव क साथ असम और तमज़ोरम क राजय गह सतचवो की लमबी वाताय हई तजसम ldquoआपसी बातचीतrdquo स सीमा-तववाद का तनपटारा करन पर सहमतत बनायी गयी और राषटीय राजमागय 306 पर कनदरीय सरका बलो की तनाती क तनदजश तदय गय बावजद इसक तसथतत गमभीर ही बनी रही असम सरकार न अपन राजय क लोगो क तलए याता-समबनधी तनदजश जारी करक उनह तमज़ोरम न जान की तहदायत दी असम पतलस को तनदजश जारी तकय गय तक तमज़ोरम स आन वाली हरक गाड़ी की अनतरराजयीय चक पोसट पर गर-काननी नशील पदाथयो इतयातद क तलए ठीक स जाच की जाय और इसक बाद ही राजय म आन की अनमतत दी जाय असम न तमज़ोरम को जान वाला राषटीय राजमागय क समय क तलए बनद भी कर तदया था तजसस आवशयक वसतओ दवाओ आतद को तमज़ोरम पहचान म तदक़कत भी पश आयी यही नही असम पतलस दारा तमज़ोरम पतलस और तमज़ोरम स राजय सभा सदसय क वनलावना क तिलाफ़ पराथतमकी भी दजय की गयी तो वही तमज़ोरम पतलस न भी असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा और असम पतलस क अनय अतधकाररयो क तिलाफ़ तशकायत दजय की हालातक दोनो तरफ़ की इन तशकायतो को बाद म वापस ल तलया गया इसक बाद गहमती अतमत शाह क ldquoहसतकपrdquo क बाद दोनो राजयो क मखयमततयो न एक साझा बयान जारी करक तसथतत को ldquoसामानय

बनान और तनाव को ितम करनrdquo की बात कही लतकन भाजपा क तलए तो तसथतत वाकई म लशपणय हो गयी थी इस पर घटनाकरम क पी काम कर रह कारको को थोड़ा गहराई स समझना होगा

उततर-पवष म फासमीवादमी-अनधराषटवादमी भाजपा का बढ़ता

राजिमीनतक दख़लवातव म 2016 म उततर-पवव

लोकतादरिक गठबधन (एनईीए) क गठन क पीछ भाजपा की असली मशा उततर-पवव म अपना राजनीदतक िखल बढाना था और साथ ही उततर-पवव क ldquoतनावगतrdquo इलाको क मखयभदम भारत क साथ एकीकरण क परोजट को आग बढाना भी था जो वातव म और कछ नही बदलक उततर-पवव म भारतीय राजयसतता दारा राषटीय िमन की नीदत का ही दहसा ह भारतीय राजयसता दारा उतर-पवय म बस रही तमाम राषटो और अपसखयक राषटीयताओ क साथ तकय गय ऐततहातसक ल-कपट और वायदा-तिलाफ़ी की चचाय हम आग करग लतकन जहा तक पर उतर-पवय म अपनी पकड़ बनान का परशन ह तो भाजपा क तलए ऐसा करना इतना सगम भी नही ह क समझौतापरसत घटनाटक ताकतो को ोड़ तदया जाए जोतक असर हर दतमत कौम म पायी ही जाती ह तो वयापक आबादी म भारतीय राजयसता क तिलाफ़ गहरी ऐततहातसक नफ़रत मौजद ह और भारत स आज़ादी की चाहत परबल ह इस पर कत म ही भारतीय हमरानो की कौमी दमन की नीततयो की मिालफ़त का एक लमबा इततहास भी मौजद रहा ह और वतयमान म भाजपा क तमाम फ़ासीवादी व अनधराषटवादी नीततयो क तिलाफ़ परततरोध की भी तमसाल ह

यह तथय भी यहा रखादकत करना आवशयक ह दक भाजपा और सघ पररवार उततर-पवव म दवशर तौर पर असम को दहितव फासीवाि की नयी परयोगशाला बनान क दलए काफी जोर लगा रह ह असम म सामपरदातयक धरवीकरण की राजनीतत को इसी उदशय स भाजपा कभी एक तो कभी दसर रासत स लगातार अमल म ला रही ह जहा तक असम का परशन ह तो तपल साल सीएए-एनआरसी का तशगफ़ा भी इसी मकसद स उाला गया था हालातक असम म उसका तवरोध अनय कारणो स हआ था और तवरोध पहल स मौजद ldquoसथानीय बनाम परवासीrdquo की अतसमतावादी राजनीतत क कारण जयादा हो रहा था

हाल म ही असम की भाजपा सरकार दारा भी ldquoजनसखया तनयतणrdquo क नाम पर अनय भाजपा-शातसत परदशो की तज़य पर ही मसलमान-तवरोधी फ़ासीवादी फ़रमान जारी करन की शरआत कर दी गयी ह इसक अलावा क समय पहल ही असम पश सरकण तवधयक 2021 पाररत तकया गया तजसक चलत गोमास

की तबकरी पर आतशक रोक लगना तय ह नय कानन क तहत राजय म मवतशयो क वध उपभोग और पररवहन को तवतनयतमत करन क परावधान शातमल ह वासतव म वतयमान तवधयक और क नही बतक 1951 क असम पश सरकण कानन का lsquoअपगिि वज़यनrsquo ह गौरतलब ह तक उस वक़त कागस न यह कानन बनाया था या इसी तथय स ही कागस की धमय-तनरपकता और फ़ासीवाद-तवरोध क ढोल की पोल नही खल जाती ह असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा न दावा तकया तक इस तवधयक क पी कोई गलत मशा नही ह और इसस तो असल म सामपरदातयक सदभाव मज़बत होगा यही नही इन महोदय क अनसार सामपरदातयक सौहादय बनाय रखन क तलए कवल तहनद ही तज़ममदार यो हो मसलमानो को भी इसम सहयोग करना चातहए नया कानन बन जान पर तकसी वयतत को मवतशयो का वध करन पर तब तक रोक होगी जब तक तक उसन तकसी तवशष कत क पजीकत पश तचतकतसा अतधकारी दारा जारी आवशयक परमाण पत परापत नही तकया हो उतचत दसतावज़ क अभाव म मवतशयो को एक तज़ल स दसर तज़ल और असम क बाहर पररवहन को भी अवध बनान क परावधान ह इस कानन क तहत सभी अपराध सजय और गर-ज़मानती होग इस कानन को लकर उततर-पवव क अय राजयो म काफी असतोर ह योदक यह वहा क थानीय दनवादसयो क खान-पान की वतरिता और स कक दत पर सीध-सीध फासीवािी हमला ह

हम दख सकत ह तक उतर-पवय म फ़ासीवादी तगरोह न तसफ़य भारतीय राजय की परानी राषटीय दमन की नीतत को ही आग बढ़ा रहा ह बतक असम क उदहारण स यह भी सपषट हो जाना चातहए तक भाजपा और सघ पररवार अपन राजनीततक हसतकप क ज़ररए पर सामातजक तान-बान म सामपरदातयक नफ़रत तहदतववादी कटरता और धमायनधता को भी फलान का भरपर परयास कर रह ह और तफ़लहाल उनह असम म तो एक हद तक इसम सफलता भी हातसल होती हई नजर आ रही ह

असम-ममज़ोरम समीमा नववाद उपनिवशवाद की एक नवरासत

दरअसल तमज़ोरम और असम क बीच 1646 तकलोमीटर लमबी साझा सीमा ह तजसम तमज़ोरम क आइज़ोल कोलातसब और मातमत तज़ल और असम क कार हलाकािी और करीमगज तज़ल आत ह दोनो ही राजय lsquoइनर लाइन ररज़वय फ़ॉरसटrsquo क लगभग 131831 वगय तकलोमीटर कत पर अपना दावा पश करत ह तजसक कारण तकसी भी तातकातलक टकराहट की घटना क पदा होन स सीमा को लकर तववाद पनः उतपनन हो जाता ह इस बार भी यही हआ था

सतही तौर पर िखन पर असम-दमजोरम सीमा-दववाि क कद म

मखय तौर पर औदपवदशक काल की िो अदधसचनाए दिखलायी पडती ह जहा तमज़ोरम ऐततहातसक सीमा की बहाली क तलए 1875 की अतधसचना का तहमायती ह वही असम ऐततहातसक सीमा-तनधायरण क तलए 1933 की अतधसचना का पकधर ह 1933 की अतधसचना मतणपर और लशाई पहातड़यो (जोतक तमज़ो पहातड़या भी कहलाती ह) क बीच सीमा-तनधायरण क समबनध म ह जबतक 1875 की अतधसचना भतपवय लशाई पहातड़यो और कार क मदान क बीच सीमा-तनधायरण को तय करती ह तमज़ोरम का मानना ह तक 1933 की अतधसचना क समय उसकी रज़ामनदी नही ली गयी थी 1933 क बदल हए सीमा-तनधायरण क पी एक कारण तरितटश उपतनवशवातदयो क असम क चाय-बागानो स जड़ आतथयक-वयावसातयक तहत भी थ

इसक अलावा 1898 म औपतनवतशक तरितटश सता न 6 तसतमबर 1895 की दो अलग उदघोषणाओ क ज़ररए उतरी लशाई पहातड़यो को असम परानत क अधीन कर तदया और दतकण लशाई पहातड़यो को बगाल परानत क अनतगयत कर तदया इसक बाद 1 अपरल 1898 को तरितटश सता दारा एक अनय उदघोषणा क ज़ररए दतकणी लशाई पहातड़यो को असम को सथानानतररत कर तदया गया लबबलबाब यह दक लशाई पहादडयो या नगा पहादडयो जस पहाडी इलाको को दजनम दवदशषट नकजातीय समह रहत थ दजनकी अपनी दवदशषट स कक दत और जीवन-शली थी उह थानीय लोगो की रजामिी क बग़र जबरन कभी एक परशासदनक इकाई तो कभी िसरी परशासदनक इकाई म पटक दिया जाता रहा ह दजसक कारण एक असतोर औपदनवदशक िौर स ही इन इलाको म मौजि ह

आज़ादी क बाद सतवधान क ठ शियल क अनतगयत भारत म तमाम ldquoजनजातीयrdquo इलाको क परशासन क तलए उनह दो भागो म बाटा गया थाndash भाग ए और भाग बी 1952 म लशाई पहातड़यो क आइज़ोल और लङलह उपभागो तजनम तक मखयतः तमज़ो लोग बस हए थ का गठन इसी ठ शियल क अनतगयत भतपवय असम की lsquoलशाई पहाड़ी सवायत तज़ला काउतसलrsquo क तौर पर तकया गया और 1953 म बाकी बच हए कत म पावी लखर चकमा आतद अनय सथानीय बातशदो को तमलाकर एक कतीय काउतसल बनायी गयी 1954 म लशाई पहाड़ी तज़ल का नाम बदलकर तमज़ो तज़ला कर तदया गया 1972 म उतर-पवटी राजय पनगयठन अतधतनयम 1971 क तहत असम म स ही पहल तमज़ो तज़ल को कनदर शातसत परदश (lsquoयतनयन टररटरीrsquo) क रप म गतठत तकया गया 1986

12 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 13 पर जारमी)

(पज 11 स आग)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का हमज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहए

म तमज़ो राषटीय फट जो तक पहल भारतीय राजयसता क तिलाफ़ सशसतर सघषय म शातमल थी और भारत सरकार क बीच तमज़ो समझौता कायम होन क फलसवरप तमज़ोरम को पणय राजय का दजाय 20 फ़रवरी 1987 को परापत हआ

हालादक अलग राजय गठन स राषटीय समया का कोई समाधान नही हआ और िदमत कौमो क समबध म ऐसा हो भी नही सकता ह दजनक दलए एकमारि करादतकारी कायवकरम अलग होन क अदधकार समत आतमदनणवय क अदधकार का ही होता ह यहा यह भी सपषट करत चल तक सघवाद या तकसी भी परकार की कतीय सवायतता की तहफ़ाज़त या माग राषटीय दमन क िातम का काययकरम हो ही नही सकत ह जसा तक पजाब क क ldquoमासयवादीrdquo कौमवादी आजकल दावा करत तफर रह ह ऐसा कोई भी काययकरम एक शदधतः सधारवादी काययकरम ह और लतननवादी काययतदशा स इसका कोई लना-दना नही ह करातनतकारी मज़दर वगय साझी सहमतत स बन बड़ स बड़ राजय का पकधर होता ह और तवखिन की परतकरया को चाहता नही ह लतकन करातनतकारी मज़दर वगय करातनतकारी जनवाद का भी सबस मज़बत झिाबरदार होता ह और इसतलए वह जनवादी तरीक स और सभी कौमो की साझा सहमतत स ही बड़ राजय का पकधर होता ह

इस सदकषपत चचाव क बाि यह कहना ज़यािा उपयत होगा दक असम-दमजोरम क बीच यह आधदनक सीमा-दववाि वातव म औपदनवदशक िौर की ही एक दवरासत ह दजस भारत का उततर-पवव कहा जाता ह वह ऐदतहादसक तौर पर कभी भारत का दहसा था ही नही हालादक पराचीन काल स ही मखयभदम भारत क सामाजयो क इस इलाक स समपकव क परमाण मौजि ह उतर-पवय क जनजातीय इलाक पराक-औपतनवतशक भारत म शातमल नही थ यतद हम इततहास म थोड़ा पी जाय तो हम पात ह तक1818 म उस वत तरितटश ईसट इतिया कमपनी का हसतकप उतर-पवय म शर हो गया जब अहोम सामाजय क राजा न बमाय स बारमबार होन वाल हमलो स तनपटन क तलए उसस मदद मागी तरितटश ईसट इतिया कमपनी न परथम एगलो-बमटी यदध म बमटी सना को परासत तकया तजसक चलत यािाब की सतनध अमल म आयी इस सतनध क अनतगयत अहोम राजा न अपन राजय कत का एक तहससा तरितटश ईसट इतिया कमपनी को तोहफ़ म भट तकया तजसक फलसवरप तरितटश उपतनवशवाद उतर-पवय म अपन अतधकार और तहत कायम करन म सफल हो गया

इसक पशचात ही तरितटश औपतनवतशक शासको न अपन परशासतनक तहतो क मदनज़र इस पर भौगोतलक भ-भाग को औपतनवतशक भारत म शातमल तकया था तरितटश

उपतनवशवादी इस कत क भराजनीततक और सामररक महतव को दखत हए इस भारत और चीन क बीच एक lsquoबफ़र कतrsquo भी बनाना चाहत थ तजस व अपन आतथयक-वयापाररक तहतो क मातहत रखत तरितटश उपतनवशवातदयो न पहल इस भ-भाग को बगाल परानत क अधीन रखा और 1874 म अलग असम परानत का गठन करक भारत स इस पर कत का राजनीततक-परशासतनक एकीकरण तकया बावजद इसक मलतः और मखयतः औपतनवतशक नीतत उतर-पवय क समबनध म शष भारत स तवलगाव और तवलगन की ही थी तजसक फलसवरप यहा बसन वाली तमाम नजातीय-जनजातीय समहो क बीच भी अलगाव और पथकतव पदा हआ जोतक सवाभातवक ही था

जादहरा तौर पर उततर-पवव म दरिदटश हकमत की नीदतया अपन वयावसादयक-आदथवक दहतो और राजकीय-परशासदनक सहदलयतो स सचादलत थी उस दौर म मतणपर और ततपरा को ोड़कर जो तक ररयासत थी बाकी परा उतर-पवय अतवभातजत असम ही कहलाता था असम क ही इन तमाम जनजातीय इलाको की आग चलकर तरितटश औपतनवतशक परशासन दारा एक क बाद एक सीमा तनधायररत की जान लगी तजसम सथानीय जनजातीय समहो की सहमतत नदारद थी और तजसकी चचाय हम ऊपर कर चक ह पषट ह दक य कषरिीय परशासदनक दवभाजन न तो ऐदतहादसक पररदथदतयो को धयान म रखकर दकय गय थ और न ही जनवािी तरीक स जन-आकाकषाओ क आधार पर ही दकय गय थ यही कारण ह दक आज भी असम स दनकल अय राजयो म भारतीय राषटवाि और भारतीय राजयसतता क दवरदध नफरत और ग़सा तो ह ही लदकन इसक साथ ही असदमया अधराषटवाि क दखलाफ भी एक नाराजगी ह दजस उततर-पवव की अय कौम कषरिीय पमान पर lsquoदबग रििरलीrsquo (बड भाई-जसा) बतावव क रप म िखती ह

सकप म कह तो रिहमपत नदी क परब का तहससा भ-राजनीततक रप स पहली बार भारत क उपतनवशीकरण क बाद ही शष भारत स जड़ा बावजद इसक तरितटश उपतनवशवातदयो न उतर-पवय की जनता की शष भारत की आबादी स पारसपररक अनतरतकरया नही होन दी बतक आम तौर पर उस अवरदध भी तकया इसकी वजह स भ-राजनीततक दतषट स शष भारत स जड़न क बावजद इस कत की जनता का सासकततक अलगाव बना रहा आज़ादी क बाद भारतीय राजयसता की कौमी दमन की नीततयो क तहत ही इस कत की पराकततक व खतनज समपदा का दोहन करन क कारण इसम आतथयक शोषण का भी पहल जड़ गया तजसन इस अलगाव को और बढ़ाया और इस राजनीततक रप परदान तकया

उततर-पवष की कौमो क साथि भारतमीय राजयसतता क

नवशवासघात का काला इनतहास उतर-पवय म दमन की यह

औपतनवतशक तवरासत भारतीय राजयसता को आज़ादी क बाद उतरातधकार म परापत हई तजस यहा क शासक वगयो न हाथो-हाथ तलया आज़ादी क बाद स ही उतर-पवय को भारत म शातमल करन पर काफ़ी तववाद उतपनन हए भारत क साथ एकीकरण कोई पवयतवतदत पररणाम नही था जसा तक असर इततहास की आतधकाररक-सरकारी पसतको म पढ़ाया जाता ह आज़ादी स पहल भी तवशषकर नगा और तमज़ो नजातीय समहो म भारत स अलग सवतत राजनीततक अतसततव की इचा परबल थी हालातक जन 1947 म असम और उतर-पवय को भारत म शातमल करन का फ़सला ल तलया गया

आजािी क बाि जो उततर-औपदनवदशक शासक वगव अदततव म आया वह एक बहराषटीय और दमदरित शासक वगव था दजसम कशमीर और उततर-पवव की िदमत कौमो को छोडकर बाकी सभी कौमो क बजवआ वगव की अपन आकार और शदतमतता क दहसाब स नमाइिगी थी और कदीय सतता म दहसिारी थी कशमीर और उततर-पवव की कौमो को सचच और सही अथषो म आतमदनणवय का अदधकार िन की बजाय भारतीय शासक वगषो न उनका जबरन भारत क साथ एकीकरण दकया कशमीर क साथ ही उततर-पवव म भी भारतीय राजयसतता क आजािी क दपछल कई िशको की नीदतयो न राजकीय दहसा और कौमी िमन का बबवर रप अदततयार दकया ह

आज़ादी क बाद स ही उतर-पवय म राषटीय तवतवधताओ क साथ बस रही तमाम कौमो व नजातीय समहो की आज़ादी की चाहत को फ़ौजी बटो और बनदक क ज़ोर क दम पर भारतीय हमरानो न कचलन की सकड़ो कोतशश की ह 1962 क भारत-चीन यदध क बाद तो भारतीय राजय क तलए उतर-पवय और भी अतधक सामररक महतव का कत बन गया और भारतीय राजयसता को यहा तमाम राषटीय मतत सघषयो को ldquoराषटीय सरकाrdquo क नाम पर कचलन का एक परकार स lsquoलाइससrsquo भी परापत हो गया इस पर कषरि म 1958 स ही कखयात काला कानन lsquoसरकषा बल दवशर अदधकार अदधदनयमrsquo (अफपा) लाग ह तजसकी वजह स चनावो की रसमअदायगी होन क बावजद वहा वयवहारतः सनय शासन की तसथतत ह योतक सरका बलो को असीतमत अतधकार परापत ह इसी काल कानन का लाभ उठाकर भारतीय सना और अधयसतनक बलो न उतर-पवय म तपल पाच दशको स आतक का राज कायम तकया हआ ह और राजकीय दमन और तहसा का नगा नाच तकया

ह और इन राजयो की आम जनता क मानवातधकारो का बशमटी और दि-मतत क साथ हनन तकया ह ग़ौरतलब ह दक मानवादधकारो की धदजजया उडान वाला यह कानन परी तरह स सदवधान सममत ह

मखयभतम भारत म उतर-पवय को लकर काफ़ी हद तक गर-जानकारी और अजानता भी वयापत ह तजस आज भारत का उतर-पवय कहा जाता ह आज़ादी क वक़त उस पर भ-भाग म भतपवय असम परानत क असम क मदान आत थ इसक अलावा पहाड़ी तज़ल उतर-पवटी सीमावतटी परदश क नाथय-ईसटनय फतटयर टटस (एनईएफ़टी) और मतणपर और ततपरा की ररयासत शातमल थी इस कत म रहन वाल लोगो की ससकतत और इततहास म समानता और समरपता क क ततव जरर ह लतकन उनम कई तवतवधताए भी ह कल आठ राजयो यानी तक असम अरणाचल परदश मघालय मतणपर तमज़ोरम ततपरा नगालि तसतकम म तवभातजत उतर-पवय का कतफल दश क कल कतफल का 798 फ़ीसदी और इसकी आबादी दश की कल आबादी का 37 फ़ीसदी ह इस पर कत म लगभग 220 नजातीय समह और उपसमह रहत ह और लगभग इतनी ही बोतलया बोली जाती ह

औपदनवदशक शासन क अदतम िौर म और आजािी क बाि राजकीय व कौमी िमन स पिा हए राजनीदतक-साकक दतक अलगाव और आदथवक शोरण स उततर-पवव की दवदभन जनजादतयो म परदतरोध की चतना पिा हई जो एक खास दकम क नकजातीय राषटवाि (ethnic nationalism) क रप म दवकदसत हई भारतीय राजयसता दारा तकय गय बबयर दमन न इस परततरोध की चतना को और भी परबल बनाया नगा जसी क जनजाततया अपन कई उपसमहो को तमलाकर एक राषट क रप म तवकतसत हई तो क राषटीयताओ और उपराषटीयताओ क रप म अतसततव म आयी तजनकी कोई कतीयता तो नही थी लतकन तफर भी अनय राषटीय समहो स तभननताए थी इन राषटो-राषटीयताओ क परततरोध का साझा तबनद भारतीय राजयसता क दमन का तवरोध था जो इनका साझा शत थी और आज भी ह हालातक इनम आपसी अनतरतवरोधो का भी एक लमबा इततहास रहा ह मसलन नगा-ककी तववाद नगा-मइती तववाद नगा-जोमी तववाद असमी-तमज़ो तववाद असमी-बोिो तववाद आतद

दरिदटश उपदनवशवाि स आजािी क बाि भारतीय बजवआ राजयसतता न िमन की नीदतयो को खतम करन की बजाय और वहा बस रही कौमो को आतमदनणवय का अदधकार िन की बजाय इन िमनातमक कारगजाररयो को जयो-का-तयो बरकरार रखा बदलक कई मामलो म उसम इजाफा भी दकया आज़ादी क बाद उतर-पवय क राजयो का

जो पनगयठन तकया गया उसका आधार महज परशासकीय सहतलयत थी तजसकी वजह स कई मामलो म एक ही जनजातत कई राजयो म बट गयी और जनजाततयो की राषटीय आकाकाए कचल दी गयी इस तकसम क पनगयठन स नय तववाद भी उभर मसलन गटर नगालि तववाद नगा-मतणपर तववाद असमी-बोिो तववाद आतद मौजदा असम-तमज़ोरम सीमा तववाद भी इसी की एक बानगी ह

राजयो क पनगयठन की परतकरया म नगालि को राजय का दजाय 1963 म तमला लतकन इसक बावजद नगा गपो क कई राजनीततक-परशासकीय इकाइयो म बट होन क कारण उनका असनतोष बना रहा 1972 म असम स खासी गारो और जयतनतया पहाड़ी तज़लो को तमलाकर अलग मघालय राजय बना ततपरा और मतणपर को जो तक औपतनवतशक काल क दौरान ररयासत थी पणय राजय का दजाय द तदया गया तमज़ो पहातड़यो (तमज़ोरम) और lsquoनाथय-ईसटनय फतटयर एजनसीrsquo (अरणाचल परदश) को असम स अलग कर पहल कनदर शातसत राजय का दजाय तदया गया तफर 1987 म इनह पणय राजय का दजाय द तदया गया हालातक राजयो क इस पनगयठन की परतकरया न अलगाव और सवततता की आकाका को तो समापत नही तकया उट अनय सथानीय नजातीय समहो म भी सवशासन या सवततता की आकाका पदा हई और भभागो पर दावो को लकर आपस म उग टकरावो की शरआत हो गयी इसकी एक तमसाल असम-तमज़ोरम सीमा तववाद भी ह

राजनीततक-सासकततक अलगाव और आतथयक शोषण क अततररत दश क भीतर स होन वाल परवासन और बागलादश समत अनक पड़ोसी दशो स होन वाल आपरवासन स भी lsquoसथानीय बनाम परवासीrsquo का अनततवयरोध पदा हआ दरअसल औपतनवतशक काल स ही अतवभातजत असम म उपतनवशवातदयो दारा चाय बागानो की मौजदगी क कारण एक हद तक आतथयक तवकास तकया गया यही कारण था तक उस दौर म भी पड़ोसी बगाल परानत और भारत क अनय इलाको स लोग रोज़गार और ज़मीन की तलाश म असम परवासन करत थ और चतक उपतनवशवातदयो को भी चाय-बागानो म काम करन क तलए मज़दरो की ज़ररत थी तो वह सवय भी बाहर स लोगो को काम क तलए बलात थ साथ ही तल और कोयला खदानो म भी काययशतत की आवशयकता होती थी इसक अलावा सड़क और रल तनमायण कायय म भी बाहर स मज़दरो को काम पर लगाया जाता रहा बगाल स आन वाली एक बड़ी आबादी मसलामानो की भी थी इन परवातसयो म कई जो मखयतः चाय-बागानो म काम करत थ व वही बस भी गय इस पर तववरण क तलए पाठक मासयवादी इततहासकार अमलनद गहा को पढ़ सकत ह तजनका काम असम

(पज 13 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 13

(पज 12 स आग)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का ह मज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहएऔर वहा क राषटवादी आनदोलनो पर कतनदरत ह यह परवासन आज भी हो रहा ह इन परवातसयो म असर मज़दर आबादी ही शातमल होती ह ldquoसथानीय बनाम परवासीrdquo क अनतरतवरोध का फ़ायदा इन कौमो म मौजद तफ़रकापरसत ताकत भी अपन तनतहत सवाथयो क तलए उठा रही ह सीतमत ससाधनो और जनसातखयकीय असनतलन का हवाला दकर आम जनता म भय और असरकाबोध पदा तकया गया ह जो परवातसयो क तिलाफ़ तहसातमक घटनाओ म सामन आया ह य इन राषटीय आिोलनो म पजीवािी राजनीदत और दवचारधाराओ की मौजिगी यानी अदमतावािी व अधराषटवािी रझान की ओर भी इशारा करता ह और अततोगतवा हर परकार क राषटवाि की सीमा और परदतदकरयावािी चरररि को भी उजागर करता ह भल ही वह िदमत राषट का ही यो न हो िदमत राषटो की राषटीय मदत की लडाई म इन पजीवािी दवचारो व राजनीदत क दखलाफ सघरव करना करादतकारी मजिर वगव का एक कायवभार ह योदक तभी सही मायन म जनता की जनवािी राषटीय करादत क जररए सचची राषटीय मदत भी समभव ह बहरहाल इन अतरदवरोधो का फायिा भाजपा जसी फासीवािी पाटटी इस मजहबी रग ि कर भी उठा रही ह

बहरहाल मल चचाय पर वापस लौटत हए बात कर तो उतर-पवय क तवतभनन राजयो क इततहास पर तनगाह िालन स भारतीय राजयसता का ऐततहातसक तवशवासघात सपषट रप स सामन आता ह इसकी तवसतत चचाय म हम यहा नही जा सकत ह तफ़लहाल इतना कहना काफ़ी होगा तक उतर-पवय क तमाम राषटो-राषटीयताओ की आकाकाओ को कचलकर ही भारतीय राजयसता न जोर-ज़बदयसती करक इनह ldquoभारतीय राषटrdquo म शातमल तकया ह

मतणपर की बात कर तो आज़ादी क ततकाल बाद ही भारत सरकार क परतततनतध वीपी मनन न राजय म तबगड़ती कानन-वयवसथा का हवाला दकर मतणपर क राजाबोधचनदर तसह को तशलाग बलाया और 21 तसतमबर 1949 को कपटपणय तरीक स उसस भारत म तवलय क समझौत पर हसताकर करा तलया भारत सरकार न यह भी ज़ररी नही समझा तक इस समझौत की अतभपतषट नवतनवायतचत मतणपर तवधानसभा दारा करा ली जाय उट तवधानसभा को भग कर तदया गया इसक बाद स ही मतणपर म भारतीय राजय दारा परतयक दमन की नीतत अपनाकर परततरोध को दबान का तसलतसला शर हो गया और इसी क समानतर सशसतर सघषयो का भी तसलतसला शर हो गया आफसपा जस काल कानन की आड़ म भारतीय सना दारा की गयी बबयरता न जन-परततरोध को और बल परदान तकया 2004 म

भारतीय सतनको दारा एक मतणपरी मतहला मनोरमा क बलातकार और हतया क तवरोध म वहा की मतहलाओ न तनवयसतर होकर सना मखयालय क सामन तवरोध परदशयन तकया था यह घटना तकसी भी जनवादी होन का दावा करन वाल राजय क तलए एक शमयनाक घटना होती लतकन भारतीय राजय की बशमटी और बबयरता बदसतर जारी रही और उतर-पवय म यह दमनकारी जनदरोही कानन आज तक लाग ह

नगालि की कहानी भी क ऐसी ही ह औतपवतशक शासन क दौरान और बीसवी सदी की शरआत म नगा पहातड़यो क सथानीय तनवासी नगा नशनल काउतसल (एनएनसी) क बनर तल एकजट होकर एक साझा मातभतम और सवशासन की आकाका परकट करन लग थ भारत की आज़ादी क बाद नगा नशनल काउतसल न आतमतनणयय क अतधकार की वकालत की और भारत स आज़ादी क तलए जनमत सगह की माग भी रखी लतकन भारतीय राजय न एकतरफ़ा तरीक स नगा भभाग को भारतीय गणराजय का तहससा घोतषत कर तदया बदल म एनएनसी न नगालि की सवततता की घोषणा कर दी और 1952 म समपनन पहल आम चनावो का बतहषकार भी तकया इसक बाद ही भारत सरकार दारा कई नगा नताओ को तगरफतार कर तलया गया और तब स ही नगालि म एक लमब सशसतर सघषय की शरआत हई 1955 म भारतीय राजय न पतलस और सशसतर बलो क ज़ररए नगा राषटीय मतत आनदोलन को कचलन की कोतशश भी की इसी सघषय का सामना करन क तलए 1958 म lsquoआमिय फ़ोसजज सपशल पावसय एटrsquo बना जो आज तक समच उतर-पवय म लाग ह 1975 म एनएनसी क शीषय नततव न भारत सरकार क साथ वाताय करक तशलाग समझौता तकया और भारतीय गणराजय म शातमल होना सवीकार तकया तजन नगा नताओ न इस समझौत को सवीकार नही तकया उनहोन lsquoनशनल सोशतलसट काउतसल ऑफ़ नगालिrsquo (एनएससीएन) का गठन करक सघषय जारी रखा अब यह सगठन मइवा और खापलाग क दो गटो म तवभातजत ह तजनका आधार नगा जनजातीय समह की अलग-अलग उपजाततयो म ह

अब तमज़ोरम पर आत ह जसा तक ऊपर चचाय म आया था तक तमज़ो पहाड़ी कत आज़ादी क वक़त लशाई पहाड़ी तज़ल क नाम स असम म गतठत हआ तजसका नाम 1954 म बदलकर असम का तमज़ो पहाड़ी तज़ला कर तदया गया असम स अलग होन का एक अलगाववादी आनदोलन आज़ादी स पहल भी तमज़ो जनजातीय समहो म मौजद था लतकन 1959 स 1961 तक आय अकाल क राहत कायय म भारतीय राजय की उदासीनता और अनदखी क कारण पहल स ही मौजद असनतोष और आकरोश को नयी ज़मीन परापत हई इसक बाद ही साठ क दशक स तमज़ो सशसतर तवदरोह की दासतान शर होती ह

इसी दौर म तमज़ो नशनल फट (एमएनएफ़) का गठन हआ तजसनlsquoभारतीय उपतनवशवाद स तमज़ोरम की मततrsquo क तलए सशसतर सघषय का आहान तकया फ़रवरी 1966 म सशसतर दसतो न आइज़ोल शहर पर कबज़ा कर तलया नगालि की ही तरह भारतीय राजय दारा यहा भी दमन की नीतत को ततकाल अमल म लाया गया शहर को तफर स कबज़ा करन म भारतीय सना न नागररक आबादी पर धआधार बमबारी की हज़ारो पररवारो को उनक घरो स उजाड़ तदया गया 1986 म एमएनएफ़ और भारत सरकार क बीच समझौता हआ तजसक बाद एमएनएफ़ तहसा ोड़कर ldquoमखयधाराrdquo म शातमल हो गया और भारतीय सतवधान क अनतगयत काम करन पर सहमत हो गया लतकन इसस भारत क परतत तमज़ोरम क नजातीय समहो का अलगाव और रोष जरा भी कम नही हआ आज भी वहा अलग-अलग नजातीय समहो क अपन-अपन सशसतर तवदरोही दसत ह

तसतकम क इततहास पर भी तनगाह िालन पर सपषट होता ह तक आज़ादी क समय यानी 1947 स ही तसतकम का दजाय भारत क सरतकत राजय (lsquoपरोटटोरटrsquo) का था वह भारतीय यतनयन का तहससा नही था 1975 म तबना तसतकम की जनता स रायशमारी तकय भारतीय सतवधान म मौजद परावधान क तहत उस भारत म तमला तलया गया और पणय राजय का दजाय द तदया गया जबतक उस वक़त भी तसतकम का शासक आतमतनणयय का अतधकार माग रहा था तजस भारतीय राजय दारा िाररज कर तदया गया

इस सतकपत चचाय स सपषट ह तक आजादी क बाद स ही भारतीय हमरानो न उतर-पवय क तमाम राषटो एव राषटीयताओ क साथ ल-कपट करक वायदातिलाफ़ी करक दमन राजकीय तहसा और आतक का अनतहीन चकर कायम करक उनकी आकाकाओ और हको का गला घोटन का घतणत ककमय तकया ह तजस भारतीय राषटवाद क सड़-गल मलमम क ज़ररए तपाना भी नाममतकन जान पड़ता ह यह इततहास भारत क मज़दर वगय को भी जानन की ज़ररत ह योतक शोषण दमन और उतपीड़न का हर रप म तवरोध तकय तबना करातनतकारी मज़दर वगय न तो समाजवादी करातनत कर मज़दर सता को सथातपत कर सकता ह और न ही करातनतकारी सवयहारा जनवाद को सथातपत कर सकता ह तकसी भी रप म दमन शोषण और उतपीड़न का साथ दन वाला मज़दर वगय सवय भी पजीपतत वगय क हाथो शोतषत व दतमत होत रहन क तलए अतभशपत होता हअसम-ममज़ोरम समीमा-नववाद का हल उततर-पवष म राषटमीय रिशि क

समाधाि स जड़ा हउतर-पवय क तमाम राजयो म मौजद

आपसी सीमा-तववाद का तनपटारा भी वहा क राषटीय परशन क समाधान स नातभनालबदध ह वस तो तकसी यतनयन म सवचा स शातमल हई इकाइयो

क बीच भी सीमा-तनधायरण को लकर झगड़-फ़साद हो सकत ह एक पजीवादी राजय वयवसथा क अनतगयत आप और तकसी बात की उममीद कर भी नही सकत ह राषटीय शातनत या कौमी अमन जसी कोई भी चीज़ पजीवाद क मातहत सथायी तौर पर समभव ही नही ह लतकन यह तमाम तववाद अपन आप म कौमी दमन नही होत ह जबतक उतर-पवय की बात कर तो य तमाम सीमा-तववाद सीध-सीध भारतीय राजय क कौमी दमन की नीतत स ही पदा हए ह और उसक अतवभाजय अग ह

कौमी दमन का मतलब यह ह तक भारतीय शासक वगय दारा उतर-पवय म मौजद तमाम कौमो क पजीपतत वगय समत समची कौम का ही दमन तकया जा रहा ह यानी कौमी िमन क दनशान पर मलतः िदमत कौम का पजीपदत वगव होता ह जो िमन बाि म वकहि रप अदततयार कर जनता क अलग-अलग दहसो और जन-जीवन को भी अपनी जि म ल लता ह दकसी कौम क बजवआ वगव क िमन क बगर कौमी िमन अदततव म आ ही नही सकता ह िसर शबिो म कह तो कोई भी कौम िदमत ही तब मानी जायगी जबदक उसका पजीपदत वगव िदमत हो आज भारत की बात कर तो कशमीर और उततर-पवव को छोडकर यह दथदत और कही मौजि नही ह कौम या राषट बनता ही बजयआ वगय क अतसततव म आन क साथ ह यतद तकसी कौम स पजीपतत वगय को अलग कर तदया जाय तो उसक बाद जो रह जाता ह वह बस जनता ही ह आज उतर-पवय क राषटो म यह पजीपतत वगय तकतना तवकतसत या अतवकतसत ह इस तथय स वहा मौजद राषटीय दमन पर कोई फ़कय नही पड़ता ह

इसतलए उतर-पवय म तमाम राजयो क बीच मौजद सीमा-तववाद कौमी दमन का कारण नही बतक इसी कौमी दमन की नीतत का एक पररणाम ह अलग स तकसी दश क तकनही दो राजयो तजनम तक दतमत कौम ह और ज़बरन तकसी यतनयन म शातमल की गयी ह क बीच सीमा-तववाद क हल की उममीद शासक वगयो स तबना वहद राषटीय परशन क समाधान क करना ही बमानी ह आज़ादी क बाद शरआती दशको म तो भारत सरकार न उतर-पवय क महतव को कवल रणनीततक दतषट स ही दखा था लतकन पजीवादी तवकास क साथ ही पराकततक समपदा और ससती शरमशतत क दोहन की भी शरआत हई हालातक यहा बसन वाली कौमो म भारतीय राजयसता क परतत नफ़रत और अलगाव म कोई कमी नही आयी ह तकसी कापतनक एकाशमी ldquoभारत राषटrdquo और भारतीय राषटवाद म इन कौमो का तवलयन ज़ोर-ज़बदयसती क बत ही समभव ह इसतलए आज भी इस पर भ-भाग म कई सशसतर सघषय चल रह ह जब तक भारतीय राजयसता का राषटीय दमन और ज़बर जारी रहगा य राषटीय मतत सघषय भी तवसतजयत नही होग नततव की कोई

एक धारा जब समपयण करगी तो दसरी धारा उभरकर सामन आयगी और सघषय को जारी रखगी ऐततहातसक तौर पर कह तो राषटीय परशन का अतनतम और मकममल समाधान तो कवल और कवल एक समाजवादी राजय क तहत ही समभव ह जो सही मायन म तवतभनन राषटो को अलग होन क अतधकार क समत आतमतनणयय का अतधकार और अपसखयक राषटीयताओ को ससगत जनवाद का अतधकार दता ह लतकन हर दतमत कौम क तलए पहला काययभार राषटीय मतत का जनवादी काययभार ही होता ह और उसक तलए करातनत की मज़ तल भी राषटीय जनवादी ही होती ह

इततहास न यह भी सातबत तकया ह तक सामाजयवाद क दौर म दमनकारी राषट या राषटो क पजीपतत वगय आम तौर पर दतमत राषटो को आतमतनणयय का अतधकार और राषटीयताओ को ससगत जनवाद नही द सकत लतकन यह भी उतना ही सच ह तक राषट कवल दमनकारी राषटो क अतधकार दन की वजह स म त नही होत व अपन राषटीय मतत सघषयो क ज़ररए भी म त होत ह यह एक अलग चचाय का तवषय ह तक उतर-पवय क तवतभनन राषटो का राषटीय मतत सघषय यह राषटीय मतत हातसल कर सकता ह या नही लतकन इतना तय ह तक जब तक इन दतमत कौमो को राषटीय मतत हातसल नही होती तब तक शातनत या तसथरता की कोई उममीद भी नही की जा सकती ह तकसी भी कौम को हमशा गलाम बनाकर नही रखा जा सकता ह यह बात भारत क उतर-पवय पर भी उतनी ही लाग होती ह

आज भारत म दतमत कौमो क राषटीय मतत सघषयो को भारतीय राजयसता क तवरदध मज़दर वगय क समाजवादी करातनत क सघषय स जड़ना होगा और भारत क मज़दर वगय आम महनतकश जनता और ातो-नौजवानो को भारत की दतमत कौमो क राषटीय मतत सघषय स िद को जोड़त हए उनक राषटीय आतमतनणयय क अतधकार का तबना शतय समथयन करना होगा जहा एक तरफ़ भारत की महनतकश अवाम को हर परकार क राषटीय कटरपनथ और अनधराषटवाद स अपना नाता तोड़ना होगा और भारतीय बजयआ वगय क मिी म पदा हए राषटवाद की असतलयत समझनी होगी वही दसरी तरफ़ दतमत कौमो म राषटीय मतत क तलए लड़ रही ताकतो को भी यह समझना होगा तक हर परकार का बजयआ राषटवाद और सकीणय अतसमतावाद या कटरतावाद तकसी भी वयापक और तटकाऊ जन-एकजटता म बाधा ह भारत की महनतकश जनता इस सघषय म उनकी शत नही बतक दोसत ह वासतव म भारतीय राजयसता और भारतीय पजीपतत वगय ही हमारा मशतरका दशमन ह यह बात समझना बहद जररी ह सचच और सही अथयो म राषटीय मतत आनदोलन भी साथयक और कारगर तरीक स तभी आग भी बढ़ सकत ह

14 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 1 स आग)

करना ही उसक तलए भी बहतर ह इस तरह दश आज़ाद हआ आलीशान अटातलकाओ म हो रह जशन क बाहर बठी दश की आम महनतकश जनता फटहाल हालत म सगीत नाच-गाना और आततशबाज़ी दख रही थी और उममीद लगाय थी तक एक तदन वह भी िशहाल होगी आज़ादी क करीब चार दशक बाद जब नवउदारवादी नीततयो की शरआत हई तो पजीवादी नताओ और उनक चाकर बतदधजीतवयो न कहना शर तकया तक जब समतदध आयगी तो ररस-ररस कर सब तक पहचगी लतकन ररस-ररस कर तो बस दख-तकलीफ़ आयी ह अमीरज़ादो की समतदध की आततशबातज़यो को दख सड़को पर भीख माग रह बचच ताली बजा कर िश होत ह समतदध का अथय जनता क तलए बस इतना ही ह

आपन असर लोगो को यह कहत सना होगा तक अगज़ चल गय लतकन अगज़ी ोड़ गय अगज़ी क पी टन का मतलब तसफ़य भाषा स नही ह इसका अथय यह भी ह तक अगज़ो क चल जान क बाद अगज़ी नौकरशाही सना और पतलस क औपतनवतशक ढाच को ही अपना तलया गया योतक वह भारतीय पजीपतत वगय क तलए भी अपन तहतो की सवा क तलए उपय त था इसतलए लट और दमन बदसतर जारी रहा बस शासक वगय बदल गया जब दमन का बना-बनाया तत आज़ादी क साथ मफत तमल रहा था तो उस बदलन की कोई िास आवशयकता नही थी इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक lsquoगवनयम ट ऑफ़ इतिया एट 1935rsquo क 321 धाराओ म स 250 को ह-ब-ह भारतीय सतवधान म अपना तलया गया और आईपीसी तो अगज़ो क ज़मान स चली आ रही ह तजनम नयी धाराए जोड़ी गयी ह लतकन परानी सभी धाराए लगभग वसी ही ह तलतखत क साथ-साथ अतलतखत हथकि भी उनही स सीखकर उस िब माजा गया lsquoफट िालो और राज करोrsquo की नीतत पजीवादी सता क तलए अचक सजीवनी बटी ह अगज़ो न इस सवततता आनदोलन को कमज़ोर करन क तलए इसतमाल तकया और आज़ाद दश म सभी सरकार इस अपन-अपन ढग स मज़दरो-महनतकशो की एकता तोड़न उनक सघषयो को कमज़ोर करन क तलए करती आयी ह इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक आज़ादी क दौरान करातनतकाररयो की मितबरी करन वालो अगज़ो क तलव चाटन वालो उनह माफ़ीनामा तलखन वालो आज़ादी की पवयसधया पर ततरगा जलान वालो और महातमा गाधी की हतया करन वालो आरएसएस और अनय सहयोगी सगठनो पर कभी कोई ठोस कारयवाई नही की गयी तजसस इनको परभावी तौर स रोका जा सक भारतीय पजीवाद को आरएसएस की आवशयकता थी और इसतलए इस ज़जीर स बध कत की तरह अपन करीब बाध रखा समय-समय

पर ज़ररत क अनसार ज़जीर कस दी जाती रही या ढीली कर दी जाती रही आज पजीवाद की ज़ररत क अनसार इस खखार कत को भारत क पजीपतत वगय न सता ही सौप दी ह

बहरहाल हम बात कर रह थ भारत क पजीपतत वगय और उसकी राजनीततक पाटटी कागस क बार म सता हातसल करन क बाद भारत का पजीपतत वगय इतना सशत नही था तक अपन बल-बत पजीवाद क फलन-फलन क तलए आवशयक बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो का ताना- बाना खड़ा कर सक उसक पास आरतमभक पजी और तकनोलॉजी की कमी थी इन आवशयकताओ को परा करन की दो राह थी एक सामाजयवादी दशो पर पणय-तनभयरता और दसरा जनता की गाढ़ी कमाई की पाई-पाई का दोहन इन दोनो म स यहा क पजीपतत वगय न दसरा रासता अपनाया लतकन पजीपतत वगय सीध जनता का पसा नही लट सकता था और न ही राजय उस सीध लटकर पजीपततयो को थमा सकता था इसतलए इनहोन तमतशरत अथययवयवसथा की नीतत अपनायी यानी सावयजतनक कत सय त कत और तनजी कत इस नहर न lsquoसमाजवादी नमन क समाज क तवकासrsquo का नाम तदया जनता की गाढ़ी कमाई चस कर दश का तवकास आरमभ हआ और जनता क पस स बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो को खड़ा तकया गया बतनयादी और अवसरचनागत उदयोग जस इसपात कारिान रल यातायात और पररवहन तबजली सचार आतद सावयजतनक कत म रख गय इनम पजी तनवश अतधक और मनाफ़ा लमब कालकरम म हातसल होना था वही उपभोता वसतओ का उतपादन तनजी कत को सौपा गया तजसम लागत सापतकक रप स कम और मनाफ़ा जद हातसल होना था इस योजना का आधार 1944 का बॉमब पलान या टाटा-तबड़ला पलान था दश की मज़दर-महनतकश आबादी की कमाई लट कर दश म बतनयानी और अवसरचनागत उदयोग खड़ तकय गय तातक पजीपतत वगय क मनाफ़ा कमान का काम सगम हो सक मतलब lsquoहरज लग न तफटकरी रग चोखाrsquo उननीसवी सदी क अनत और बीसवी सदी क शरआत स ही दश म कई बड़ बक थ तजनम सबस बड़ा बक lsquoइमपीररयल बकrsquo था लतकन दर-दराज़ क इलाको म भी सतवग सकीम थी जस पोसट ऑतफ़स सतवग सकीम जो 1882 म खोली गयी थी जनता की महनत की कमाई तक पहच क तलए ससथान पहल स मौजद थ तजन पर 1948 क बाद नहर न अतधक बल तदया जो तक पजी क सचय क तलए लातज़मी भी था 1969 म बको क राषटीकरण न तनवश क तलए पजी की उपलबधता को बढ़ा तदया कह सकत ह तक तमतशरत अथयवयवसथा की आड़ म बहद कशलतापवयक कागस न पजीपतत वगय की सवा की उसक तहतो को

साधा और जनता की गाढ़ी कमाई को चस कर पल सड़क सचार पररवहन बनाया गया और जनता क बीच बढ़ रह मोहभग पर रसमी सधारवाद का नाटक कर पानी क ीट भी िाल सीपीआई सीपीएम और नामधारी कमयतनसट पातटययो न भी इन नीततयो का समथयन कर न कवल जनता की पीठ म रा घोपा बतक उनकी राजनीततक चतना को भी कनद तकया तजसकी चचाय हम आग करग

नहरतवयाई lsquoसमाजवादrsquo क चोग की सीवन जद ही उधड़न लगी और 1960 क दशक क उतरादधय म ही भारत की अथयवयवसथा म ठहराव आन लगा 1970 का दशक मनदी का दशक रहा चार पचवषटीय योजनाओ और तीन वातषयक योजनाओ क कल पजी तनवश को दख तो सावयजतनक कत म पजी तनवश का परततशत अनपात तनजी कत की तलना म बढ़ता गया लतकन जद ही तमतशरत अथयवयवसथा या तथाकतथत समाजवाद क अनतरतवरोध सामन आन लग 1960 क दशक म जो सकट आया था और जो 1970 क दशक म गहराया था वह राजकीय इजारदार पजीवाद क ढाच क भीतर पजी सचय का सकट था बड़ा पजीपतत वगय और साथ ही नवोतदत मझोला व ोटा पजीपतत वगय lsquoधनधा करन की परी सहतलयतrsquo की माग कर रहा था जो तक नहरतवयाई समाजवाद क ढाच म बातधत थी हर परकार क सरकारी तवतनयमन व तनयतण स उस टकारा चातहए था तजस उसन सवय अपनी ही ज़ररत स एक समय सथातपत तकया था इस सकट की ही अतभवयततया थी उस दौर म बढ़ती महगाई बरोज़गारी खादयानन सकट आतद एक ओर मधय वगय तनमन पजीपतत वगय और महनतकशो क सपन टट रह थ वही दसरी ओर सावयजतनक कत क पालन म पला तशश तनजी पजीपतत वगय अब बड़ा हो चला था और पालना उसक तवकास को रोक रहा था पजीवादी तहतो की नमाइनदगी करन वाल बतदधजीतवयो और अथयशातसतरयो न पजी पर राजय क तवतनयमन यानी लाइसस कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण परतयक तवदशी तनवश पर रोक एमआरटीपी तनयतण व सतबसिी आतद पर सवाल उठान शर कर तदय

इस दौर म तवशव सतर पर भी 1970 क दशक म नवउदारवाद क यग की शरआत होती ह अपना सवतणयम यग जीन क बाद 1960 क दशक क आतिरी वषयो म ही अमररकी व यरोपीय पजीवाद पर सकट क बादल मिरान लग थ और इसक साथ ही करतमक परतकरया म पतशचम म कयाणकारी राजय की नीततयो को समापत करना शर कर तदया चतक अमररकी व आम तौर पर पतशचमी पजीवादी अथयवयवसथाए मनाफ़ की दर का सकट झल रही थी इसतलए पहल उनहोन अपन यहा तवतीय तवतवतनयमन तकय अमररका न लचीली तवतनमय दर सथातपत की शरम

बाज़ार का भी क उदारीकरण तकया और तफर तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क पजीपतत वगय पर भी दबाव बनाया तक व भी तवतीय तवतवतनयमन कर और शरम बाज़ार को लचीला बनाय तातक पतशचमी सामाजयवादी पजी को इन दशो म और खल कर ससत शरम की लट की ट तमल अपन कारणो स एतशया व अरब अफीका और साथ ही लाततन अमररका क तमाम पजीवादी दशो का शासक वगय भी उदारीकरण की आवशयकता महसस कर रहा था तवशव बक और तवशव मदरा कोष न तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क आतथयक सकट का लाभ उठात हए उन पर तवदशी पजी क तलए अपन दरवाज़ खोलन का दबाव बनाया यानी उनह तवदशी वयापार और तवदशी तनवश पर लगी तमाम पाबतनदयो को हटान क तलए मजबर करन का परयास तकया क दशो न (जस तक लाततन अमररका क क दश) इस परकार की नीततयो को जयो का तयो लाग तकया तजनह lsquoसपrsquo यानी lsquoसटचरल एिजसटमटrsquo की नीतत भी कहा जाता हा इसक आरतमभक परयोग लाततन अमररका क दशो म हए और पानी जसी मलभत सतवधाओ को तनजी हाथो म सौपन स लकर समची अथयवयवसथा क नवउदारवादी पनगयठन क भयकर पररणाम सामन आय

भारत क सनदभय म कहा जाय तो यहा क पजीपतत वगय न बहद कशलता स इन नीततयो को लाततन अमररका क तवपरीत अपन तहतो क अनसार बदलकर और तवलतमबत परतकरया म लाग तकया तजसक कारण भारतीय पजीवादी वयवसथा उस परकार सामाजयवाद पर तनभयर नही हई और न ही वह उस परकार औध मह तगरी तजस परकार लाततन अमररका क क दशो क साथ हआ नतीजतन यहा उस परकार जनाकरोश फट कर सड़को पर भी नही बहा तजस परकार लाततन अमररकी दशो म हआ था असर यह बात कही जाती ह तक भारतीय शासक वगय अनतरायषटीय दबाव म नवउदारवादी नीततयो को अपनान क तलए मजबर था लतकन ऐसा नही ह और इसकी चचाय हम पहल ही कर चक ह तक तकस परकार तमतशरत अथयवयवसथा क तवतनयमन म तनजी पजी का दम घट रहा था और वह लाइसस सतबसिी परतमट शरम काननो कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण आतद स पीा ड़ाकर म त बाज़ार म गोत लगाना चाहती थी तसफ़य बाहरी पररतसथततया ही नही बतक आनतररक पररतसथततया भी नवउदारवाद क तलए दबाव बना रही थी आतधकाररक तौर पर जलाई 1991 म नवउदारवाद की नीततयो की घोषणा स पहल ही 1980 क दशक म राजीव गाधी नवउदारवाद क सबस मखर समथयक बन और उनकी सरकार न सीतमत हद तक अथयवयवसथा का उदारीकरण तकया 30 उदयोगो म लाइसस की आवशयकता हटायी तथा और साथ ही कई पररवतयन तकय गय

लतकन पर ढोल-ताश तोरण और बनदनवार क साथ तवकास क बड़-बड़ वायदो और रोज़गार क सवतणयम अवसरो क सपन तदखा कर उदारीकरण तनजीकरण और भमिलीकरण की नवउदारवादी नीततयो की शरआत 24 जलाई 1991 को परधानमती नरतसमहा राव तवत मती मनमोहन तसह और योजना आयोग क उपाधयक मोटक तसह अहलवातलया क समय म की गयी यह दावा तकया गया तक परतयक तवदशी तनवश स दश म रोज़गार सजन होगा इन तीनो न तमल कर lsquoतटकल िाउन तथयरीrsquo यानी धन-समतदध क ऊपर स ररस कर नीच जान का तसदधानत परसतत तकया ऊपर स नीच का सच तो महनतकश लोग अपनी तज़नदगी स जानत ही ह नीच स तनचोड़कर सारा धन ऊपर की ओर ज़रर चला जा रहा ह और ऊपर स ररसकर कवल गरीबी बरोज़गारी और बबायदी आम महनतकश जनता क तहसस आ रही ह अगर ऐसा नही होता तो दश म 1990 म जहा मात 2 अरबपतत (िॉलर अरबपतत) थ वही 2021 म 177 कस हो गय lsquoहरन गलोबल ररच तलसटrsquo (हरन दारा बनायी तवशव म अमीरो की सची) क अनसार पर तवशव म अरबपततयो की सखया म तीसरा सथान भारत का ह साथ ही वतशवक भखमरी सचकाक म 107 दशो की सची म भारत 94व सथान पर ह सवासथय की पहच क कत म भारत का सथान 189 दशो म 179वा ह जो तक बगलादश शरीलका पातकसतान और कई अफीकी दशो स भी नीच ह 1995 स लकर 2009 तक जीिीपी क औसत 6 स सात और कई बार 8 स ऊपर पहचन पर सीना चौड़ा कर तवकास का दावा करन वाली सरकार यह नही बताती तक यह तवकास रोज़गारतवहीन तवकास था योतक 1991 स लकर 2018 तक बरोज़गारी की दर 5 परततशत स 6 परततशत क बीच बनी हई थी जो 2020 म 56 सालो म सबस जयादा यानी 89 परततशत हो गयी 2021 म तो यह 917 परततशत हो गयी ऐस तवकास की जनता क तलए या उपयोतगता जो रोज़गार क अवसर ही न सतजत कर शयर बाज़ार म उाल पजीपततयो की तज़ रफतार महगी गातड़यो पराइवट जट तवमानो आलीशान अटातलकाओ और तवदश याताओ की सखया क आधार पर मापा गया तवकास आम महनतकश आबादी की थाली म दो जन की रोटी तक नही पहचाता

आम आबादी क तलए तो नवउदारवाद तगी बरोज़गारी कपोषण और भखमरी ही लकर आया ह तदहाड़ी पर काम करन वाली 50 करोड़ आबादी 10 साल पहल वासतव म तजतना कमाती थी आज भी लगभग उतना ही कमाती ह जबतक कीमत दोगनी-तीन गनी हो चकी ह दश म 60 परततशत आबादी कपोषण का तशकार

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह

(पज 15 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 15

ह राषटीय पोषण तनगरानी बयरो दारा 2015-16 म शहरी आबादी म तकय गय सवज क अनसार औसत खानपान म परोटीन कतशयम आयरन तथयातमन तनयातसन आतद पोषक ततवो की काफ़ी कमी ह यही ह दश की मज़दर महनतकश आबादी क तलए नवउदारवाद की सवतणयम सौगात

िवउदारवाद और मज़दर आनदोलि

1950 क दशक क आरमभ स ही सशोधनवाद क मागय पर तनकल पड़ी भारत की कमयतनसट पाटटी (भाकपा) नहर और कागस की नीततयो को समाजवाद की तदशा म कदम मानती थी और राषटीकरण की रट लगाती थी भाकपा क अनसार आज़ादी क बाद कागस जनवादी काययभारो को परा कर रही थी इसतलए कमयतनसटो को इसका सहयोग करना चातहए अत इनहोन वगय सहयोग की लाइन दी जब पाटटी की लाइन ही वगय सहायोगवाद की हो गयी तब समाजवाद क समथयन और सवयहारा वगय को करातनतकारी चतना और उसक ऐततहातसक तमशन स पररचय करान की बात तो सथतगत हो गयी 1964 म एक सशोधनवादी पाटटी क तौर पर ही भाकपा स अलग हई माकपा सीध तौर पर नहर की गोद म नही बठी और उसन नहर को समझौतापरसत बोलकर उसपर जनवादी काययभारो को परा करन क तलए सड़क और ससद म दबाव बनान की बात की लतकन असल म वह भी एक सशोधनवादी पाटटी थी न तक मज़दर वगय की कोई करातनतकारी कमयतनसट पाटटी अपन गरमा-गरम भाषणो और चाय की पयाली म तफ़ान उठान क अलावा इन ससदमागटी जड़वामनो न बजयआ वगय क तिलाफ़ मज़दर वगय की करातनतकारी राजनीततक चतना उननत बनान क तलए कोई ठोस राजनीततक कारयवाई नही की और मज़दर वगय को अथयवाद क गोल चकर म ही घमात रह सवयहारा वगय की तहरावल पाटटी का अतनतम लकय होता ह तक वह बजयआ राजयसता का धवस करक सवयहारा राजयसता की सथापना करन की ऐततहातसक मतहम म महनतकश जनसमदाय को नततव द इस अतनतम लकय तक पहचन क तलए कमयतनसट मज़दरो और सभी करातनत-पकधर वगयो क जन-सगठन बनात हए आतथयक सधारो-मागो-ररयायतो क तलए अथयवादी नही बतक राजनीततक रप स लड़त हए जनता की जझार सगठनबदधता को बढ़ात ह रतढ़यो स मतत और वगय-चतना को परखर बनान क तलए सतत सामातजक आनदोलन करत ह और सासकततक कायय करत ह लतकन ऐसा करन की जगह मज़दर वगय को य सशोधनवादी पातटयया सधारवाद पबनदसाज़ी अथयवाद अराजकतावादी सघातधपतयवाद और टि यतनयन की गतलयो म घमाती रही

1950 क उतरादधय स भाकपा एव अपन जनम क काल स ही माकपा

और 1980 क दशक स भाकपा (माल) का इततहास जब ऐसा रहा तब उनस 1991 म नवउदारवाद क तवरदध जझार परततरोध की उममीद बकार थी और हआ भी ऐसा ही नवउदारवाद न मज़दरो का िन बहा कर तमल शरम काननो को ततलाजतल द दी और य ससदमागटी सशोधनवादी पातटयया महज़ सगतठत कत क मज़दरो और कमयचाररयो को लकर नपसक तकसम क तवरोध की रसमअदायगी करती रही और 93 परततशत असगतठत मज़दर वगय को तो सगतठत करन का इनहोन कभी ढग स परयास ही नही तकया आज सार परान शरम कानन लगभग समापतपराय ह और मज़दर जानलवा हदो तक असरका की तसथतत म काम करन को मजबर ह मज़दर वगय की जीवन व काययतसथतत भयकर ह खल और मनोरजन की या बात कर जब मामली बीमाररयो क इलाज की भी सतवधा नही ह नय लबर कोि वासतव म मज़दरो की पजीपततयो दारा तबना तकसी रोक-रकावट लट को काननी बनान क तलए ही लाय गय ह इसक अलावा करल अतीत म पतशचम बगाल और ततपरा म ससदीय वामपनथी पातटययो की सरकारो न सवय नवउदारवाद की नीततयो को परी तनषठा स लाग तकया ह वगय सहयोग की तदशा म बहद सजीदगी स कदम बढ़ात हए परथम यपीए सरकार म शातमल होकर भारत म उदारीकरण-तनजीकरण को सही तरीक स लाग करन का रासता साफ़ तकया और इस तदशा म नयी-नयी नीततयो क जनमदाता बन 2005 म ससद म बठकर इनहोन सज़ अतधतनयम पास करवाया सज़ यानी सपशल इकॉनोतमक ज़ोन तजसक तहत ऐस औदयोतगक कत बनाय गय जहा तकसी भी तरह का शरम कानन लाग नही होता

इस परकार इन सशोधनवादी पातटययो न मज़दर वगय क साथ ऐततहातसक गदारी की झठ तवशवासघात और फरब का इतना लमबा काल झल कर महनतकश आबादी क बड़ तहसस का इनस मोहभग हो चका ह और इनका आधार अब मलत और मखयत सगतठत कत क पक कमयचाररयो और एक हद तक क राजयो म ोट व मझोल वयवसातययो और मझोल व धनी तकसानो-कलको म ह मज़दर वगय क एक तहसस म इनह लकर क भम अभी भी ह लतकन उनह तनरनतर करातनतकारी परचार और सघषयो क ज़ररए इनह बनकाब करक ही तोड़ा जा सकता ह सचचाई यह ह तक वाहय आवरण म आम मज़दरो को कमयतनसट तदखन वाली य पातटयया अपनी अनतयवसत म बजयआ ही होती ह सशोधनवादी पातटययो दारा मज़दर वगय क आनदोलन को सधारवाद अथयवाद और सशोधनवाद क पककि म ल जान का सबस जयादा फ़ायदा फ़ासीवादी शततयो को तमला तजनहोन पजीवादी वयवसथा क सकट और करातनतकारी

कमयतनसट शततयो क अभाव म मज़दर आनदोलन क एक ोट तहसस म और वयापक टटपतजया आबादी म परतततकरया का आधार तयार तकया

राम जनमभतम आनदोलन बाबरी मतसजद धवस 1991 क सकट क बाद और 1995 तक उदारीकरण-तनजीकरण क तवनाशकारी पररणामो क बाद भारत म फ़ासीवादी आनदोलन पहल स कही अतधक आकरामक हो कर उभरा एक करोड़ 42 लाख सदसयो वाली एटक और 60 लाख स भी जयादा की सदसयता का दमभ भरन वाला सीट और बगाल करल और ततपरा म सरकार चलान वाली माकपा और भाकपा इस आकरामक फ़ासीवादी सलाब क समय तकनार बठ कर धातमयक सौहादरय का कीतयन करती रही और सामपरदातयकता स लड़न क नाम पर कभी कागस तो कभी मलायम तसह यादव का प ला बनी रही जब 2002 म जलत गजरात क तवरोध म सड़को पर उतरन की और फ़ासीवातदयो स तनपटन की मज़दरो क लड़ाक सगठन बनान की और िाकी चििीधाररयो का महतोड़ जवाब दन की ज़ररत थी तब भी इतनी बड़ी सदसय सखया लकर इन सशोधनवादी पातटययो को ससद क एसी सभागार फ़ासीवाद स लड़न क जयादा कारगर उपाय लग वासतव म य मज़दर वगय का कोई करातनतकारी आहान करन की कमता खो चक थ और अगर दहाड़न क तलए भी मह खोलत ह तो मह स मयाऊ ही तनकल जाता ह इनका यह इततहास दशायता ह तक फ़ासीवाद को एक lsquoअपरततरोधय उभारrsquo बनान म अगर तकसी एक शतत की सबस अतधक भतमका ह तो वह सशोधनवाद ही ह

पतशचम बगाल म लोकसभा चनावो और राजयसभा चनावो क दौरान भाकपा-माकपा का बड़ा जनाधार तखसक कर भाजपा की ओर चला गया इस जनता की करातनतकारी ऊजाय को अथयवाद और सशोधनवाद स बतधया कर दन और उनकी राजनीततक चतना को कनद करन क पररणाम क तौर पर दखा जा सकता ह दश क अनय तहससो म भी मज़दर तनमन-मधयवगय और आम महनतकश वगय क बीच करातनतकारी पाटटी और राजनीतत की नामौजदगी की वजह स बढ़त आतथयक असरका व सकट काल म फ़ासीवादी ताकतो को अपन पर पसारन का अवसर तमल जाता ह िवउदारवाद क दौर म फासमीवाद

का उभारपजीवाद तजस असमाधय सकट

स गज़र रहा ह उसस तनपटन क तलए दतनया क तमाम दशो म पजीपतत वगय सबस परतततकरयावादी दतकणपनथी मज़दर-तवरोधी और फ़ासीवादी सरकारो को चन रहा ह भारत क सनदभय म तहनदतववादी फ़ासीवादी मोदी सरकार सता म आयी यहा क पजीपतत वगय को ऐसी सरकार की

ज़ररत थी जो लोह क हाथो स उन नीततयो को लाग कर जो मनाफ़ की राह म सभी परशातनयो को हटा द और पजी क तलए खल चारागाह का तनमायण कर इसक तलए आदशय परतयाशी मोदी और पाटटी भाजपा ही थ इसतलए मोदी सरकार जब 1914 म सता म आयी तो सबस पहल शरम काननो म बदलाव तकया आज यह बदलता-बदलता समापत पराय हो गया ह और उनकी जगह बस चार लबर कोि रह गय ह य कोि मज़दरो को गलामो की तसथतत म ला दग सार सावयजतनक ससथान औन-पौन दामो म बच जा रह ह पजीपततयो की सारी महमागी मराद परी हो रही ह इसतलए तो मकश अमबानी तवशव म आठवा और एतशया म सबस अमीर वयतत बन गया ह

एक ओर जहा धन क मटी भर आबादी क हाथो सकतनदरत हो रहा ह वही भमिलीकरण और उदारीकरण क 30 वषयो न बड़ पमान पर ोट पजीपतत वगय को उजाड़ा ोट पमान क उतपादको दकानदारो वतनभोतगयो और साथ ही गामीण तनमन-पजीपतत वगय को भी उजाड़ा ह बड़ पमान पर लोग सड़को पर आ गय और जो सड़को पर नही आय उनक तसर पर भी लगातार टनी और तालाबनदी नौकरी स तनकाल तदय जान ठक पर कर तदय जान की तलवार लटकती रहती ह कहन का अथय ह तनमन-पजीपतत वगय क सामन भतवषय की असरका और अतनतशचतता बहद तज़ रफतार स बढ़ी ह भाजपा और आरएसएस न इसी असरका और अतनतशचतता का फ़ायदा उठाया इस अतनतशचतता और असरका स पदा हए गसस बौखलाहट तचड़तचड़ाहट और तनराशा को सघ पररवार न अपसखयको तवशषकर मसलमानो और शरणातथययो की ओर मोड़ तदया मसलमानो शरणातथययो ईसाइयो आतद को सभी सकट पर शातनयो और असरका की वजह बतात हए इनक तिलाफ़ सड़को पर उनमाद पदा तकया गया सघ पररवार का पदा तकया सामपरदातयक उनमाद ततकालीन आतथयक सकट की वजह स उभरा और फ़ासीवाद भारत म पहली बार 1980 क दशक म एक परतततकरयावादी

सामातजक आनदोलन बनकर उभरा लतकन तवचारधारातमक सगठनातमक और ससथाबदध कामो की तयारी सघ 1925 स ही कर रहा था शाखाओ सासकततक कनदरो तशश मतनदरो म सामपरदातयक सतरी-तवरोधी दतलत-तवरोधी ज़हर घोल-घोल कर तपलाया जाता रहा और आज इन ससथाओ स तनकल लोग नौकरशाही पतलस सना नयायपातलका तवशवतवदयालयो स लकर न कड़-चौराहो पर सघ क तवचारो क रकक और परचारक बन बठ ह बहरहाल आज कोई दशवयापी करातनतकारी कमयतनसट पाटटी मौजद नही ह जो तक वयापक महनतकश अवाम को करातनतकारी सवयहारा वगय क नततव म जगा सक गोलबनद कर सक सगतठत कर सक और समझा सक तक उनक दखो तकलीफ़ो और असरका की असल वजह पजीवाद ह न तक कोई धमय या समदाय आज ऐसी पाटटी का तनमायण करत हए मज़दर वगय क बीच वयापत सभी परकार क तवजातीय तवचारो स लड़ना होगा और उनकी राजनीततक चतना उननत करनी होगी मज़दर वगय को उसक ऐततहातसक तमशन की याद तदलानी होगी और उसक बीच वयापत रतढ़वादी अवजातनक अतातकय क तवचारो स सतत सघषय करना होगा कवल इसी क ज़ररए मज़दर वगय और आम महनतकश अवाम फ़ासीवातदयो को महतोड़ जवाब द सकती ह

अनतत 30 वषयो क नवउदारवाद क काल न दश म वगयो का धरवीकरण ितरनाक सीमा तक बढ़ा तदया ह करोड़ो-करोड़ बदहाल तनराश और बघर आबादी क शीषय पर मटी भर आबादी आपरातधक अययाशी का जीवन जी रही ह और आन वाल समय म बढ़ती महगाई टनी-तालाबनदी बरोज़गारी को दखत हए यह धरवीकरण और गहरान जा रहा ह आतथयक सकट स पदा असनतोष को दबान क तलए फ़ासीवाद क हमल भी और आकरामक होग तजसक सकत तमल रह ह करातनतकारी शततयो को सवयहारा वगय क बीच राजनीततक परचार-परसार क काम को यदध सतर पर सगतठत करना होगा और मज़दर महनतकश वगय को इन राजनीततक गतततवतधयो म बढ़-चढ़ कर तहससा लना होगा

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह(पज 14 स आग)

अपनी रोज़ी-रोटी को बचाया जा सक और लट शोषण व दमन क तिलाफ़ समच मज़दर वगय और आम महनतकश आबादी का सशत परततरोध खड़ा तकया जा सक पजीवाद क मनाफ़ की दर तगरन का सकट पहल स कही जयादा तज़ होता जा रहा ह और मज़दरो क लट शोषण व दमन तज़ होता जा रहा ह यही समय ह तक हम मज़दर जद स जद एकजट हो जाय सगतठत हो जाय और सोच-समझकर अपन सघषय को आग बढ़ाय मातलक ठकदार जॉबर आतद हमस

जयादा नही ह लतकन व हमस जयादा सगतठत ह और उनक पी सरकारो की ताकत ह दसरी ओर हम असगतठत और तबखर हए ह यदि हम सगदठत और एकजट हो तो सरकारो की ताकत साथ होन क बावजि व हमस मकाबला नही कर सकत व अभी ऊच इसदलए दिख रह ह योदक हम घटनो पर बठ हए ह

मािसर की शमीनिसस कमिमी क मज़दरो(पज 10 स आग)

ाक पजीयन SSPLWNP-3192020-2022पररण ाकघर आरएमएस चारबाग़ लखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 5 परतयक माह16 Mazdoor Bigul l Monthly l September 2021 l RNI No UPHIN201036551

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो लखनऊ स मददत समपािक अदभनव l समपािकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006

टोको ओलममपक म भाित का परदशवन एक समीकाndash साथिषक

अगसत महीन म टोयो ओलतमपक खलो का समापन हआ और भारत को इस बार एक सवणय दो रजत और चार कासय पदक तमल ह इस परकार कल पदको की सखया सात रही ह हर ोटी स ोटी उपलतबध की तरह मोदी जी इस बार भी मौक पर चौका मारन क तलए पहल स ही तयार बठ थ गोदी मीतिया आईटी सल और अनय सभी परचार ततो का इसतमाल कर मोदी जी दशवातसयो क सामन ऐसा सवाग रच रह ह तक दखन वाल को लगता ह जस मोदी जी िद ही सातो पदक जीत कर आय ह िर इन लफफ़ातज़यो और ढोग को एक तकनार कर ओलतमपक खलो म भारत क परदशयन की एक वसतपरक समीका करन की ज़ररत ह

टोयो ओलतमपक म भारत का परदशयन अब तक का सबस अचा परदशयन रहा ह यतद तपल परदशयनो स तलना की जाय तो भारत का परदशयन पहल इतना फीका रहा ह तक अभी हातसल सात पदक तकसी कीततयमान स कम परतीत नही होत ह 1900 म हए पररस ओलतमपक म भारत न पहली बार ओलतमपक खलो म तहससदारी की शरआत की थी 1900 स लकर 2020 क बीच पचचीस ओलतमपक खलो म भाग लकर भारत न कल 35 पदक अतजयत तकय ह इनम स 12 पदक भारत न तसफ़य परष हॉकी परततयोतगता म जीत ह जब हम इन आकड़ो की तलना दसर दशो स करत ह तो हम समझ आता ह तक भारत जस तवशाल दश क तलए इतन कम पदक हातसल करना चौकान वाला ह टोयो ओलतमपक म अमररका न 113 और चीन न 88 पदक जीत ह तजसम अमररका क 39 और चीन क 38 सवणय पदक ह दसर शबदो म कह तो भारत पचचीस बार इन खलो म भाग लकर तजतना पदक हातसल नही कर सका उसका चौगना क दश एक ही बार म हातसल कर लत ह 130 करोड़ आबादी वाल भारत म ओलतमपक खलो क मामल म यह िसता हाल दतनया भर क खल तवशषजो पतितो और आम खल परशसको क तलए एक आशचयय का तवषय ह इस गतथी को सलझान क तलए कई तवशषज अपन-अपन तरीक स तकय दत ह भारत की तवफलता क कारणो की वयाखया करत ह लतकन इनक तवशलषण और इनक तदय सझाव इस मनाफ़ािोर वयवसथा को सीध कठघर म खड़ा नही करत ह बतक इसी वयवसथा की चौहतदयो म ही इस समसया का हल ढढ़त रहत ह

ओलतमपक या कोई भी अनतरराषटीय परततयोतगता म भारत का लगातार तपड़ा परदशयन एक ढाचागत समसया ह तजसका समाधान इस मनाफ़ पर तटकी वयवसथा क आमलचल पररवतयन स ही हो सकता ह यहा का पजीपतत वगय मज़दर-महनतकश आबादी क एक-एक कतर को तनचोड़ कर ऐशोआराम की तज़नदगी जीता ह 12-14 घट कारिानो म कमरतोड़ महनत करन क बाद जब हम अपन घरो को लौटत ह तो हमार पास मनोरजन या सजनातमक काययो क तलए ताकत और

समय दोनो ही नही बचत ह हम थक-हार कर सो जात ह और अगल तदन उठ कर तफर उसी कमरतोड़ महनत म लग जात ह तशकागो क अमर शहीद मज़दरो न तजस ldquoआठ घट का काम-आठ घट का आराम-आठ घट का मनोरजनrdquo का नारा बलनद तकया और तजसक तलए अपन पराणो की आहतत द दी आज वही नारा मज़दरो क तलए अतीत का एक अवशष मात बन कर रह गया ह आप ही सोतचए तक ऐसी हालत म दश की बहसखयक आबादी जो जस-तस महनत करक अपना गज़ारा करती ह या वह कभी ओलतमपक खलो म तहससा ल सकती ह भारत म एक बड़ी आबादी ऐसी ह जो तकशोरावसथा यानी महज़ 14-15 साल की उम स ही भारी शारीररक शरम म लग जाती ह तकशोरावसथा ही उम का वह पड़ाव होता ह जब बचचो म खलकद की परततभा सबस सपषट रप म परकट होती ह लतकन उन बचचो का या जो सकल ही नही जात यतद सकल तकसी तरह चल भी जाय और उनकी परततभा की पहचान हो भी जाय तो उनक परतशकण और तालीम पर होन वाल िचय की आशा भी करना उनक तलए आकाश कसम की अतभलाषा क समान होगा आप ही सोतचए तक हमार बचच खलकद क बार म सोच भी कस सकत ह जब उनह कारिानो दकानो रहड़ी-खोमचो म दो वक़त की रोटी क तलए जदोजहद करनी पड़ती ह अपना और अपन पररवार का पट भरन क तलए ता-उम य नौजवान अपनी हितिया गलात रहत ह इस तरह दश की एक बड़ी आबादी खल क दायर स ही बाहर हो जाती ह

मज़दरी की तसथतत को दखत हए घर म जो पसा आता ह उसस दाल-रोटी भी चलानी मतशकल होती ह एक तखलाड़ी पदा करन क तलए सनततलत आहार की बात सोचना तो असमभव ही ह एक उननत खल ससकतत को गढ़न और ओलतमपक खलो म एक शततशाली ताकत बनन क तलए एक सवसथ और सहतमनद यवा पीढ़ी को गढ़ना अतनवायय ह तजस दश म हर तदन भख कपोषण और सकरामक रोगो स सरकारी आकड़ो क अनसार 2257 बचचो की मौत होती हो (हालातक असल आकड़ा कम-स-कम इसका दना ह) उस दश म हम यह कस उममीद कर सकत ह तक वह खलकद म तवशवतवजता बनगा सय त राषट बाल कोष (यतनसफ़) की ररपोटय क अनसार दश क तकरीबन आध बचच अपनी उम क अनसार सामानय स कम वज़न क ह 45 परततशत बचच सामानय स कम कद क ह 20 परततशत बचच अपन कद क अनसार सामानय स जयादा दबल-पतल ह 75 परततशत रतहीनता स पीतड़त ह 57 परततशत बचचो म lsquoतवटातमन एrsquo की गमभीर कमी ह पहल सकल और आगनवाड़ी म जो क भी थोड़ा-बहत मधयाहन भोजन तमलता था लॉकिाउन क दौरान वह भी अतधकाश जगहो पर बनद हो गया था और इस अतनयोतजत लॉकिाउन स करोड़ो मज़दरो-

महनतकशो की नौकररया भी चली गयी ऐसी हालत म बचचो का भरण-पोषण कतठन हो गया ह तनतशचत ही ऊपर तदय गय आकड़ आज गमभीर रप धारण कर चक होग और तमाम सरकारी और गर-सरकारी रपट इस बात की पतषट भी कर चकी ह

इसक अलावा बचचो म बचपन स ही शारीररक वयायाम और खलकद क बार म एक सवसथ दतषटकोण पदा करन म सकलो की एक अहम भतमका होती ह सकल म ही भतवषय क ओलतमपक तखलाड़ी अपन पशवर खल जीवन की नीव रखत ह लतकन हमार दश की सकली तशका वयवसथा क जजयर हालात पर तजतनी कम बात की जाय उतना अचा ह भारत म माधयतमक सकलो म सकल नामाकन अनपात 79 परततशत ह इसका मतलब माधयतमक सकल म पढ़न योगय बचचो म स तसफ़य 79 परततशत ही असल म सकल म नाम तलखात ह इनम स भी 17 परततशत दसवी की परीका पास करन स पहल ही पढ़ाई ोड़ दत ह ज़ातहर-सी बात ह य बचच जो सकलो स बाहर रहत ह ोट-मोट उदयोग धनधो या मज़दरी म लग जात ह एक ररपोटय क अनसार भारत म 33 परततशत सकलो म शारीररक तशका की कोई अलग स लास नही दी जाती ह 80 परततशत सकलो क पास ऐस तशकक नही ह जो शारीररक तशकण-परतशकण दत ह 33 परततशत सकलो क पास अपना खल का मदान या खल क उपकरण नही ह ऐसी तसथतत म अगर हमार बचच सकल पहच भी जात ह तो हम यह गलतफ़हमी नही होनी चातहए तक सकल म उनक अनदर कसरत और खलकद क परतत रतच पदा करन तलए कोई सचत परयास तकया जायगा

दश म एक सतकरय खल ससकतत का तनमायण तणमल सतर पर खलो का परचार परसार खल अवसरचना का तनमायण यवा अवसथा म परततभाशाली तखलातड़यो की तलाश कर उनको उननत परतशकण और मागयदशयन दना आतद बतनयादी चीज़ो म दश की तकसी सरकार न कभी कोई िास तदलचसपी नही तदखायी ह 2018 म कनदरीय खल मती न इस बात की पतषट की तक भारत सरकार खलो पर परतततदन परतत-वयतत तसफ़य तीन पस िचय करती ह जबतक चीन परतततदन परतत-वयतत 61 रपय िचय करता ह जो भारत क मकाबल 200 गना जयादा ह तपल दस सालो म भारत सरकार अपन कल सरकारी वयय का महज़ 006 स 008 परततशत ही खलो पर िचय करती आ रही ह 2021 ओलतमपक वषय होन क बावजद इस साल क बजट म खल मतालय को 230 करोड़ रपय कम तदय ह आय तदन अनतरराषटीय और राषटीय सतर क तखलाड़ी कोच और सहयोगी सटाफ़ तनमन दजज की सवाओ क तिलाफ़ तशकायत करत रहत ह मगर खल मतालय और दसरी समबतनधत ससथाओ क कान पर ज नही रगती ह मज़दार बात यह ह तक खल मतालय का सालाना बजट तजतना होता ह भारतीय तकरकट बोिय लगभग उसक समान ही

सालाना मनाफ़ा कमा लता ह तकरकट बड़ी इजारदार पजी क तलए ताबड़तोड़ मनाफ़ा पीटन का एक सोत बन गया ह इसतलए सरकार स भी भारतीय तकरकट बोिय को परा समथयन तमलता ह वही बात की जाय यतद अनय नय-परान खलो क बार म तो य भी सार भारत म एक धीमी ददयनाक मौत मर रह ह इस पजीवादी वयवसथा म बस उसी खल को बढ़ावा तदया जायगा तजसम भारी मनाफ़ा कमान की समभावनाए मौजद होगी आज सरकार क तखलातड़यो क जीत कर लौटन पर उनका सवागत कर रही ह उनका सममान कर रही ह लतकन कोई यह सवाल यो नही प ता तक कहा थी राजय सरकार और कनदर सरकार जब इन तखलातड़यो को फ़ि सतवधाओ और खल उपकरणो की आवशयकता थी यहा भी भदभाव साफ़ तदख रहा ह तजन तखलातड़यो न पदक जीता ह उनह बड़ी-बड़ी धनरातश दन की घोषणाए की जा रही ह लतकन अगल ओलतमपक क तलए तयारी तो सभी तखलातड़यो को एक समान ही करनी ह सरकारो क तलए यह सब तचनता का तवषय नही ह योतक उनक तलए खलकद कोई महतव नही रखता और इनह पता ह तक महनत करक कल कोई और पदक ल ही आयगा तब अपनी पीठ य सवय थपथपा लग जस आज मोदी कर रहा ह

एक अचा सवसथ मानवीय जीवन और बचचो का सवािगीण तवकास तखलाड़ी बनन की पवयशतय ह इस चरमरायी हई पजीवादी वयवसथा क पास वह कमता नही ह तक वह दश की महनतकश आबादी को एक सवसथ िशहाल तज़नदगी द सक और उनक बचचो का सवािगीण तवकास कर सक तसफ़य और तसफ़य एक समाजवादी वयवसथा ही हम मज़दर-महनतकशो को एक इजज़त की तज़नदगी द सकती ह तजसम हमार शरम को लटन वाला कोई परजीवी वगय नही होगा हमार अपन और समाज की बतनयादी ज़ररतो को परा करन क बाद जो lsquoफी टाइमrsquo बचगा उसम हम अपन

शौक और मनोरजन का कोई भी काम कर सकत ह और यतद मनाफ़ा कमाना नही बतक समाज की आवशयकताओ को परा करना उतपादन का लकय हो और सभी सवसथ वयसक वयततयो क तलए उतपादक शरम म भागीदारी करना अतनवायय हो तो हर तकसी क पास बहत-सा िाली वक़त बचगा तजस वह कला सातहतय ससकतत खल तवजान दशयन और घमकड़ी म लगा सकता ह साथ ही सवय उतपादक की परतकरया तकसी लटर वगय क तलए मजबरी म की जान वाली परतकरया नही होगी बतक यह सवय आननद का तवषय होगी यतद शरम मजबरी म या ज़ोर-ज़बदयसती क कारण न हो तो यह तो आननद का तवषय होता ह योतक यह मनषय को पश स मनषय बनान वाली परतकरया ह और हमारी परकतत का अग ह इसतलए मज़दर राज और समाजवाद म तो धीर-धीर िाली टाइम की अवधारणा ही ितम हो जायगी योतक तकसी और क मनाफ़ की िाततर मजबरी म खटन वाल lsquoकाम क टाइमrsquo और lsquoफी-टाइमrsquo का अनतर ही ितम हो जायगा सकल कारिानो खतो और दफतरो म हर जगह कसरत क तलए लोगो को परोतसातहत तकया जायगा हम और हमार बचच जो भी खल खलना चाह उसक तलए हमारी मज़दर सता हम हर समभव सतवधा महया करवायगी खल आतथयक सामथयय स की जान वाली कोई तकरया नही बतक सामतहक जीवन का एक ज़ररी अग बन जायगा तजसका आननद सभी उठा सक ग सोतवयत सघ और चीन म मज़दरो की सता कायम होन क बाद यही हआ 1952 स 1988 क बीच सोतवयत सघ न ओलतमपक खलो म जो अदभत कामयाबी हातसल की उसक पी उसक करतनतकारी दौर ndash यानी 1917 स 1953 ndash की खल नीततयो का ही हाथ था एक समाजवादी वयवसथा म मानव जीवन क हर पहल की तरह खल भी एक उननत सतर पर पहच पायगा और एक सवसथ खल ससकतत अतसततव म आ सकती ह

करादत स हमारा अदभपराय ह ndash अयाय पर आधाररत मौजिा समाज-वयवथा म आमल पररवतवन समाज का परमख अग होत हए भी आज मजिरो को उनक पराथदमक अदधकार स वदचत रखा जा रहा ह और उनकी गाढी कमाई

का सारा धन शोरक पजीपदत हडप जात ह िसरो क अनिाता दकसान आज अपन पररवार सदहत िान-िान क दलए महताज ह िदनया भर क बाजारो को कपडा महया करन वाला बनकर अपन और अपन बचचो क तन ढकन-भर को भी कपडा नही पा रहा ह स िर महलो का दनमावण करन वाल राजगीर लोहार और बढई वय गि बाडो म रहकर ही अपनी जीवन-लीला समापत कर जात ह इसक दवपरीत समाज क जोक शोरक पजीपदत जरा-जरा-सी बातो क दलए लाखो का वारा-यारा कर ित ह

यह भयानक असमानता और जबिवती लािा गया भिभाव िदनया को एक बहत बडी उथल-पथल की ओर दलय जा रहा ह यह दथदत अदधक दिनो तक कायम नही रह सकती पषट ह दक आज का धदनक समाज एक भयानक जवालामखी क मख पर बठकर रगरदलया मना रहा ह और शोरको क मासम बचच तथा करोडो शोदरत लोग एक भयानक ख की कगार पर चल रह ह

(बम काण पर सशन कोटव म बयान)

भगतससह क जनमददवस (28 ससतमबर) पर

8 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

महनतकश जनता क खन-पसीन स खड़ी हई सारवजननक परिसमपततियो को पजीपनतयो क हराल किन म जटी मोदी सिकाि

दकर 6 लाख करोड़ रपय हातसल करन का लकय रखा ह य मतालय या तवभाग रलव टलीकॉम सड़क पररवहन एव राजमागय तबजली नागररक उिियन यवा मामल और खल पटोतलयम एव पराकततक गस और पोटयस तशतपग एव वाटरवज (इसका नाम पहल जहाज़रानी मतालय था) होग तजनस जड़ी समपततयो को तनजी हाथो म सौपा जायगा मोदी सरकार क अनसार इन पररसमपततयो का सवातमतव सरकार क पास ही रहगा लतकन तकराय या लीज़ पर दकर तफ़लहाल कमाई नही दन वाली या कम कमाई दन वाली सरकारी समपततयो स मदरा हातसल की जा सकगी और इसस कमाय गय पस का इसतमाल जनता की भलाई क तलए तकया जा सकगा सरकार को जनता की भलाई की तकतनी तचनता ह यह बात हम कोरोना महामारी क पर दौर क बाद तो और भी भली-भातत जान गय ह जब हमन अपन पररजनो तमतो और करीतबयो को मौत क मह म समात दखा तब यह तथाकतथत जनतहतकारी सरकार न कवल हाथ पर हाथ धर बठी थी बतक अपनी जनदरोही नीततयो क दारा हम भी शमशानो और कतरिसतानो म पहचान का बिबी इनतज़ाम करन म लगी थी अब समझ लत ह तक मोदी सरकार की राषटीय मौदरीकरण की योजना क पी जनता की भलाई की तचनता ह या मनाफ़ क सकट स जझ रह भारतीय पजीपतत वगय क तहतो क सरोकार ह

भारतीय रलव को अपनी पररसमपततया तकराय पर दकर (यानी बचकर) सरकार को 1 लाख 52 हज़ार करोड़ रपय दन का लकय तदया गया ह इसक तहत रलव क 400 रलव सटशन 90 याती गातड़या 256 सामान रख-रखाव क शि 4 पवयतीय रलव 15 रलव सटतियम कोकण रलव टक का 741 तकलोमीटर फट कोररिोर का 674 तकलोमीटर टक पर ओवरहि इतवपमट का 1400 तकलोमीटर इतयातद को पजीपततयो क हाथो म सौपा जायगा सीधी-सी बात ह पजीपततयो को रलव क तकराय और माल ढलाई क भाड़ म बतहाशा बढ़ोतरी करन की परी ट तमल जायगी तथाकतथत पराइवट पाटयनर जनता को दोनो हाथो स लटग और अकत मनाफ़ा कमायग सड़क पररवहन एव राजमागय को 1 लाख 60 हज़ार करोड़ की रातश हातसल करन का लकय तदया गया ह इसक तहत 26000 तकलोमीटर स अतधक हाइव और सड़को क रखरखाव की तज़ममदारी तनजी कमपतनयो को सौपकर उनह इन पर कर यानी lsquoटोल टसrsquo वसलन की ट दी जायगी इसक अलावा तल-गस पाइपलाइन 25 हवाई अिि सरकारी गसटहाउस पानी क जहाज़ और पोटय बीएसएनएल क 14917 मोबाइल टावर 2 लाख 80 हज़ार तकलोमीटर लमबी फ़ाइबर लाइन तनजी कमपतनयो को ldquoतकराय परrdquo दी जायगी

अब यह सोचन वाली बात ह तक जो पजीपतत चार साल क दौरान 6 लाख

करोड़ रपय मोदी सरकार को सौपग या मोदी जी क दारा जनता का भला करन की मशा ज़ातहर करन क चलत उनका हदय पररवतयन हो चका ह या पजीपतत िरात बाटन क तलए उतावल हए जा रह ह नही असल म रलव सड़को तल-गस पाइपलाइनो और अनय सरकारी समपततयो स पजीपतत पहल अरबो-खरबो रपय कमाया जाना सतनतशचत करग और उसक बाद ही व मनाफ़ क क तहसस को सरकार क हाथ म द सकत ह और सरकार उस पस को तफर स पजीपततयो को कभी न चकाया जान वाला कज़य दन नताशाही की मोटी तनखवाहो बड़ नौकरशाहो क ऐशोआराम म लटा दगी तजस जनता न पट पर पटी बाधकर और फाक करक सावयजतनक उपकरमो को खड़ा तकया था उस इनस सतवधा तमलन की बजाय इनक दारा उसकी जबो पर िाका िाला जायगा सरकार का कहना ह तक सरकारी उपकरम घाट म चल रह ह और कौन पजीपतत घाट की चीज़ को लना चाहगा और वह भी मोटा पसा िचय करक असल बात यह ह तक बीपीसीएल टतलकॉम और रलव जस तमाम उदयम घाट म नही चल रह ह बतक सरकार इनह घाट म तदखाकर बचन क बहान ढढ़ रही ह और असल बात तो यह ह तक तजस सरकार घाटा कह रही ह वह असल म जनसतवधाओ म होन वाला वयय ह और पजीपरसत सरकार नही चाहती तक जनता को एक पस की भी सहतलयत नसीब होअब मौदमीकरर की ज़ररत को

आि पड़मीयह तथाकतथत मौदरीकरण क और

नही बतक तनजीकरण का ही दसरा नाम ह तवतमती क जमलो म उलझन क बजाय जमलबाज़ परधानमती मोदी क सतय वचनो पर गौर करना चातहए मोदी जी सीध तौर पर सावयजतनक उपकरमो को समभालन म सरकार की तज़ममदारी को नकार रह ह सरकार का काम महज़ पजीपततयो को जनता को लटन का बहतर माहौल बनाकर दना ही ह फ़ासीवादी मोदी सरकार इस काम को सबस आकरामक ढग स और तज़ी स कर रही ह इसी क तलए तो दश भर क बड़ पजीपततयो न तपल दो लोकसभा चनावो म हज़ारो करोड़ रपय चनद म भाजपा को तदय थ और मोदी को तजताया था असल म ldquoमौदरीकरणrdquo कागस सरकार दारा 24 जलाई 1991 म घोतषत तौर पर लाग की गयी उदारीकरण-तनजीकरण-वशवीकरण की नीततयो का ही अगला कदम भर ह तथाकतथत उदारीकरण-तनजीकरण की शरआत की ज़ररत को हम थोड़ा अतीत म झाक कर दख व समझ सकत ह

अगज़ो स हम समझौत और सता हसतानतरण क दारा आज़ादी परापत हई थी उस समय एक बड़ा समाजवादी कमप और दतनया क सतर पर समाजवादी आनदोलन पर अपन उरज़ पर था भारत म भी 1946 स 1950 का दौर जनता की जनवादी करातनत की समभावनाओ स भरा दौर था जब दश म नौसना तवदरोह तलगाना तकसान तवदरोह तभागा तकसान

तवदरोह और पनपरा वायलार तकसान तवदरोह हए थ और उसक अलावा कमयतनसट पाटटी क नततव म हड़तालो की एक लहर भी जारी थी लतकन अपनी तवचारधारातमक व राजनीततक कमज़ोररयो क चलत भारत क करातनतकारी कमयतनसट इन करातनतकारी जनतवदरोहो को एक दशवयापी करातनतकारी आनदोलन का सवरप नही द सक उसक पहल भी कमयतनसट पाटटी अपनी गमभीर रणनीततक और रणकौशलातमक चको क कारण राषटीय आनदोलन की बागिोर अपन हाथ म लन क कई मौक चक चकी थी भारत क पजीपतत वगय और उसकी पाटटी कागस न इसका परा लाभ उठाया कागस न समझौता-दबाव-समझौता की नीतत क तहत अनत म सता हतथया ली भारत का पजीपतत वगय अपन औपतनवतशक अतीत क कारण कमज़ोर था और उसक पास दश क सवतत पजीवादी तवकास हत आवशयक पजी का भी अभाव था इसीतलए तरनत मनाफ़ा दन वाल कतो को तनजी हाथो म सौप तदया गया तथा व कत तजनम पहल बड़ पमान क तनवश की दरकार थी जस तक भारी उदयोग अवरचनागत उदयोग व बतनयादी कजीभत उदयोग उनह सावयजतनक कत क तौर पर सरकार न अपन हाथो म रखा सावयजतनक उपकरमो को खड़ा करन क तलए पजी और कही स नही बतक करो और तवतभनन श को क रप म जनता स ही वसलकर और साथ ही जनता की बचत को एकत करक जटायी गयी महनतकश आबादी क कमरतोड़ शोषण सरकारी अनगह आतथयक टो क बत जस-जस भारत का पजीपतत वगय अपकाकत ताकतवर होता गया वस-वस उस तशतरी म सजाकर औन-पौन दामो पर सरकारी उदयम सौप जान लग 1980 क दशक म ही राजीव गाधी क समय स इसपटर राज और कोटा राज को ितम करन क नाम पर तनजी पजीपततयो को ट दी जान लगी थी और 24 जलाई 1991 को घोतषत तौर पर उदारीकरण-तनजीकरण की लटरी नीततयो की शरआत कर दी गयी

कागस न अपन शासनकाल म इन नीततयो को तजस रफतार स लाग तकया था आज भाजपा की फ़ासीवादी मोदी सरकार उन नीततयो को कही जयादा रफतार स और जयादा दमनकारी तरीक स लाग कर रही ह 2009-10 स ही आतथयक सकट क कारण यह पजीपतत वगय क तलए ज़ररी भी ह इस काम को कागस क मकाबल भाजपा जयादा बहतर तरीक स अजाम द सकती ह और इसीतलए पजीपतत वगय क बड़ तहसस न एकमत होकर भाजपा को सता म पहचान म एड़ी-चोटी का पसीना एक कर तदया था राषटीय मौदरीकरण योजना वासतव म तनजीकरण-उदारीकरण की उसी परतकरया का एक अग ह जो 1991 स जारी रही ह और 2014 स मोदी सरकार क सता म आन क बाद और भी जयादा तज़ रफतार स जारी ह

मौदमीकरर स जिता क जमीवि पर का असर पड़गा और हम

इसका नवरोध कस करमौदरीकरण जसी नीततया लाग होन

क बाद सबस बड़ा हमला रोज़गार पर होगा इन सरकारी कतो म काययरत करोड़ो लोगो क अच-िास तहसस को अपन रोज़ी-रोज़गार स हाथ धोना पड़गा रलव सड़क पररवहन उिियन और टतलकॉम आतद म सरकारी तवतनवश पहल ही जारी ह हम समझ सकत ह रोज़गार क मामल म और भी भयावह होन वाला ह तनजी कत म यतद क रोज़गार सतजत होगा भी तो सरकार पहल ही 4 शरम सतहताए लाकर शरतमको क हको को कचलन का भरपर इनतज़ाम कर चकी ह तनजी कत म काम करन वालो म और उजरती गलामो म कोई फ़कय नही रह जायगा तनजी कमपतनया मनमान तरीक स मज़दरो की शरमशतत का शोषण करगी भयकर बरोज़गारी क चलत मज़दर वगय की सामतहक मोलभाव की शतत पर भी नकारातमक असर पड़गा जो तक पहल ही नवउदारवादी हमलो क तीन दशको म काफ़ी कमज़ोर हो चकी ह और एक अततररत बरोज़गार मज़दर आबादी पजीपतत वगय क तलए हमशा मौजद रहगी यानी तजतन पक रोज़गार बच ह व तज़ी स ितम होग और जो नय रोज़गार तमलग व भी अनौपचाररक ठका व कज़अल मज़दर क तौर पर तमलग तजसम मज़दरी भी कम होगी कोई रोज़गार सरका नही होगी और सथायी मज़दरो को परापत होन वाल तमाम हक भी नही हातसल होग हालातक नय शरम कानन सथायी मज़दरो क तमाम बच-खच अतधकारो को भी ीनन वाल ह

जनता पर मौदरीकरण की दसरी बड़ी मार महगाई क रप म पड़गी रलो-बसो क याती तकरायो पटोतलयम पदाथयो माल ढलाई और खादय पदाथयो क दामो म बतहाशा बढ़ोतरी होगी हाइव पर जगह-जगह टोल खड़ कर तदय जायग और उन पर मनमाना पसा वसल तकया जायगा आज भी कमरतोड़ महगाई न आम जनता का जीना दभर कर रखा ह तकनत आन वाल समय म हमारी जब स आतिरी दमड़ी तक हड़प ली जायगी

2014 म सता तमलन क बाद स तफ़लहाल तक भाजपा की दो ही नीततया तदखायी द रही ह पहली ह योजनाओ क रग-तबरग नाम रखकर पजीपतत घरानो की सवा करो और दसरी ह जनता को सामपरदातयकता जाततवाद कतवाद की आग म धकल दो तातक लोग आपस म ही एक-दसर का तसर फोड़त रह और अपनी बबायदी क असली कारणो की तरफ़ धयान ही न द सरकार म बठ तमाम मती-सनतरी और भाजपा का कतसापरचारक आईटी सल दश की बबायदी को ही तवकास तसदध करन और सरकारी की लटरी नीततयो का तवरोध करन वालो को ldquoदशदरोहीrdquo बतान म लगा रहता ह

वस आतथयक नीततयो क तौर पर दखा जाय तो भाजपा म और कागस म फ़कय तसफ़य यह ह तक कागस तजस काम को शबदो की चाशनी म िबोकर और रात क अधर म करती थी भाजपा उसी काम को

तदन क उजाल म और कागस स हज़ार गणा जयादा बशमटी और जयादा तज़ी क साथ अजाम द रही ह साथ ही एक फ़ासीवादी सरकार होन क नात दमनकारी होन म भी मोदी सरकार न आज़ाद भारत की सभी सरकारो को पी ोड़ तदया ह असल म तमाम कतीय पजीवादी पातटयया और भाकपा माकपा जस ससदीय लाल जमर तक उदारीकरण-तनजीकरण की नीततयो क परतत कोई उसली तवरोध नही रखत ह इनका तवरोध कवल तभी तक रहता ह जब तक य िद तवपक म बठ हो आपको याद होगा िद भाजपा परतयक तवदशी तनवश यानी एफ़िीआई और तनजीकरण जस मदो पर ज़मीन तसर पर उठाय रहती थी लतकन सता म आन क बाद इनहोन इनही नीततयो को धड़ल स लाग कर तदया चाह सरकारी उपकरमो की तहससदारी और उनक मातलकाना हक की तबकरी हो या तशका-सवासथय जस बतनयादी कतो म तनजीकरण को बढ़ावा तदया जाना हो तनजीकरण-उदारीकरण की नीततयो को लाग करन क रप म पजीपतत वगय की सवा करन का यही रवया कमोबश हरक पजीवादी बजयआ पाटटी का रहा ह बशक हर मामल म जनता को बबायदी की ओर धकलन म फ़ासीवादी भाजपा तमाम अनय पजीवादी पातटययो स इकीस ही पड़ी ह

आज मौदरीकरण क रप म तनजीकरण को लाग करन क सरकारी लावो का परततरोध जनता की सगतठत ताकत क बत ही तकया जा सकता ह सशोधनवादी पातटययो की गोद म बठी अथयवादी टि यतनयन धनी तकसानो और कलको क सगठन अलग-अलग रगो क झिो और नारो वाली चनावबाज़ पातटयया तनजीकरण का मकाबला नही कर सकती ह असल म न तो इनकी तनजीकरण का मकाबला करन की नीयत ह तथा न ही इनक पास तनजीकरण को रोक सकन का मादा तनजीकरण समत भाजपा की समसत फ़ासीवादी नीततयो का मकाबला मज़दरो गरीब तकसानो और आम महनतकश जनता की एकजटता और उसक जझार सघषयो क बलबत ही तकया जा सकता ह इसक साथ ही हम पजीवादी वयवसथा क चररत और काययपरणाली को भी समझना होगा पजीवादी वयवसथा महनतकश जनता का िन-पसीना तनचोड़कर और उसक शोषण क बत ही कायम ह पजीवादी राजयसता और सरकारो की भतमका कवल मनाफ़ क तत को कायम रखन की ही होती ह सामातजक उतपादन और तनजी समपतत पर आधाररत तनजी मनाफ़ का अनतरतवरोध ही पजीवादी वयवसथा का बतनयादी अनतरतवरोध होता ह और इस समाजवादी करातनत क दारा उतपादन क साधनो और उतपादन क तनणययो पर सामतहक मातलकाना सथातपत करन और उतपादन क सामातजक तवतनयोजन को सथातपत करक ही हल तकया जा सकता ह अपन हक और अतधकारो की हरक ोटी-बड़ी लड़ाई क साथ और उसक दौरान इस लटरी वयवसथा का तवकप खड़ा करन क काययभार को हम एक पल क तलए भी अपनी नज़रो स ओझल नही होन दना चातहए

(पज 1 स आग)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 9

तलगािा ककसाि सशसतर सघरष क 75 साल उपलबधिया और सबक (दसरमी और अबतिम ककसत)

ndash आिनद ससहतपली तकसत म हमन दखा

तक तकस परकार 1940 क दशक की शरआत म हदराबाद क तनज़ाम की सामनती ररयासत म आन वाल तलगाना क जागीरदारो और भसवातमयो दारा तकसानो क ज़बदयसत शोषण व उतपीड़न क तवरदध शर हआ आनदोलन 1946 की गतमययो तक आत-आत सामनतो क तिलाफ़ एक सशसतर तवदरोह म तबदील हो गया तनज़ाम की सना और रज़ाकारो दारा इस तवदरोह को बबयरतापवयक कचलन की सारी कोतशश तवफल सातबत हई 15 अगसत 1947 को भारत तरितटश औपतनवतशक गलामी स आज़ाद हआ लतकन तनज़ाम न भारतीय यतनयन म तमलन स इनकार कर तदया गौरतलब ह तक सवतत भारत की राजयसता न हदराबाद क तिलाफ़ एक साल स भी जयादा समय तक कोई कारयवाई नही की इस दौरान तनज़ाम स बातचीत और सौदबाज़ी चलती रही यही नही इस दौरान भारत सरकार न ldquoसटितसटल समझौतrdquo क तहत तनज़ाम को हतथयारो और सनय उपकरणो की आपततय भी की तजसका इसतमाल तनज़ाम की सना न तकसान तवदरोह को कचलन क तलए तकया एक साल तक चली बातचीत और सौदबाज़ी क बावजद पातकसतान परसत तनज़ाम हदराबाद को भारत म तमलान को तयार नही हआ उधर गामीण इलाको म तकसानो और महनतकशो न कमयतनसटो क नततव म तनज़ाम की सना और रज़ाकारो को पी धकल तदया था

भारतीय राजयसता दारा हतथयारो व सनय उपकरणो की आपततय क बावजद तनज़ाम की सना तकसान तवदरोह को कचलन म नाकाम रही य व हालात थ जब 13 तसतमबर 1948 को भारतीय सना न हदराबाद की ओर कच तकया तनज़ाम की सना न महज़ पाच तदनो क भीतर आतमसमपयण कर तदया लतकन उसक बाद भी तनज़ाम को राजपरमख की पदवी दकर राजय का परमख बना रहन तदया गया 18 तसतमबर 1948 को हदराबाद ररयासत क परशासन की बागिोर भारतीय सना क हाथ म आ गयी लतकन उसक बाद भी 25 जनवरी 1950 तक सरकार क सभी आदश (फ़रमान) तनज़ाम क नाम स जारी तकय जात रह यहा तक तक 26 जनवरी 1950 म अतसततव म आय भारतीय सतवधान म तनज़ाम क राजपरमख क पद को मानयता परदान करन का परावधान भी जोड़ा गया और 1956 तक तनज़ाम राजपरमख बना रहा यही नही तनज़ाम को तपरवीपसय भी तमलता रहा यह भारत क उदीयमान बजयआ वगय और उसकी परतततनतध पाटटी कागस क घोर समझौतावादी चररत को तदखाता ह इसस यह भी सपषट हो जाता ह तक हदराबाद म भारतीय सना की सनय कारयवाई का असली उदशय तनज़ामशाही का िातमा नही बतक तलगाना तकसान तवदरोह को कचलना था गौरतलब ह तक अपन इस मकसद को तपान क तलए भारत की सरकार न इस सनय कारयवाई

की जगह पतलस कारयवाई का नाम तदया था आज तलगाना म तजी स बढ़ रही तहनदतववादी फ़ासीवादी ताकत 18 तसतमबर 1948 को lsquoमतत तदवसrsquoक रप म मनान का अतभयान चला रही ह लतकन सच तो यह ह तक तलगाना क तकसानो और महनतकशो क तलए यह तदन मतत का नही बतक तवशवासघात का परतीक ह

तनज़ाम क आतमसमपयण क बाद करीब 50 हज़ार भारतीय सतनको न तकसान तवदरोह को कचलन क तलए तलगाना क गावो की ओर रि कर तदया सना न तलगाना म बड़ पमान पर तगरफताररया यतणा आगजनी और तनमयम हतयाओ को अजाम दत हए तनज़ाम की सना व रज़ाकारो दारा तकय गय ज़ मो को भी मात द तदया मलाया सरकार की तरिगस योजना की ही तरह ऐस गाव बसाय गय जहा क तनवातसयो को सना क तनयतण म रहना था जगलो की दो हज़ार आतदवासी बतसतयो को नसतोनाबद कर तदया गया और लोगो को यातना तशतवरो म रखा गया ापामार गावो को ोड़कर तनकटवतटी जगलो म चल गय और वहा भी सना का दबाव बढ़न पर दरवतटी जगली कतो म तबखर गय

पाटटी क भमीतर चलमी बहसतनज़ाम क आतमसमपयण और

हदराबाद पर भारतीय सना का कबज़ा होन क बाद कमयतनसट पाटटी की आनधर इकाई क भीतर एक बहस उठ खड़ी हई रतव नारायण रििी क नततव वाल एक धड़ का मानना था तक तलगाना सशसतर सघषय तनज़ाम की सता क तिलाफ़ था और चतक अब तनज़ाम की सता का पतन हो चका ह इसतलए सशसतर सघषय वापस ल लना चातहए यह धड़ा सापकत धनी तकसानो व क ोट भसवातमयो क तहतो की नमाइनदगी करता था तजनहोन तनज़ाम क तिलाफ़ जारी तकसान तवदरोह का साथ तदया थापरनत तनज़ाम क पतन क बाद उनहोन सघषय स दरी बना ली थी परनत मधयम व ोट तकसान और खततहर मज़दर सघषय को जारी रखन क पकधर थ योतक व दख रह थ तक सना क आन क बाद भसवामी वापस गावो की ओर लौटन लग और तकसानो स ज़मीन ीनन लग तथा गाम राजयो क आदशो की अवहलना करन लग थ इसतलए आनधर कमटी न अनतत गररला सघषय जारी रखन का फ़सला तकया हालातक यह सपषट था तक अब उनका सामना पहल स कही जयादा ताकतवर दशमन स होन वाला ह

उधर पाटटी म कनदरीय सतर पर भी भारत म करातनत क मागय को लकर बहस चल रही थी माचय 1948 म पाटटी की दसरी कागस हई तजसम दतकणपनथी पीसी जोशी को हटाकर बीटी रणतदव को पाटटी का महासतचव बनाया गया था इस कागस म तलगाना क परतततनतधयो क ज़ोर दन क बाद ही दसरी कागस की थीतसस म तलगाना सघषय क महतव का उलख करत हए उस समथयन तदया गया और पर दश म ऐस सघषय सगतठत

करन तथा मज़दर वगय स भी उनक समथयन म आनदोलन करन का आहान तकया गया रणतदव न यह ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवादी थीतसस पश की तक जनवादी और समाजवादी करातनतया एक साथ होनी चातहए और कमयतनसटो को न कवल बड़ बजयआ को बतक सभी बजयआओ को अपन हमल का तनशाना बनात हए दशवयापी आम हड़ताल और सशसतर तवदरोह का मागय अपनाना चातहए इस ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवाद न भारतीय कमयतनसट आनदोलन को तो भारी कतत पहचाई ही उसक अलावा तलगाना सघषय क आग क तवकास को भी रोकन का काम तकया उसी साल मई क महीन म आनधर की पाटटी इकाई न रणतदव थीतसस का तवरोध करत हए अपनी यह लाइन रखी तक भारतीय करातनत का चररत रसी करातनत स तभनन ह और यह चीन म जारी नवजनवादी करातनत स काफ़ी हद तक समानता रखती ह यहा चार वगयो का सय त मोचाय बनाना होगा और दीघयकातलक लोकयदध का मागय अपनाना होगा आनधर थीतसस म माओ तस-तङ क नवजनवाद क तसदधानत को परासतगक बतात हए भारत म सवयहारा करातनत को दो अवसथाओ म समपनन करन की योजना परसतत की गयी हालातक इस थीतसस म भी क खातमया थी तमसाल क तलए यह भारत क बजयआ वगय को दलाल मानती थी लतकन कल तमलाकर यह लाइन ततकालीन पररतसथततयो म सापकत बहतर थी लतकन दो वषयो तक पाटटी पर रणतदव-लाइन का वचयसव बन रहन की वजह स तलगाना सघषय को भारी नकसान हआ दश क तवतभनन तहससो म तकसान सघषषो को तलगाना की राह पर आग बढ़ान और मज़दर वगय क सघषषो को उनक साथ जोड़न क बजाय ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवाद न पाटटी को जन समदाय स अलग-थलग कर तदया और कतारो की पहलकदमी को पग बना तदया लतकन अनतरराषटीय सतर पर आनधर लाइन क अनमोदन क बाद रणतदव की ldquoवामपनथीrdquo अवसरवादी लाइन अलग-थलग पड़ गयी मई-जन 1950 को रणतदव की बजाय राजशवर राव पाटटी क महासतचव बन और पाटटी न आनधर-थीतसस को आतधकाररक लाइन क तौर पर सवीकार तकया लतकन इस समय तक पहल ही काफ़ी दर हो चकी थी दशवयापी सतर पर सघषय क तवसतार की समभावनाओ का गलत लाइन काफ़ी हद तक गला घोट चकी थी और नयी बजयआ सता को अपन सदढ़ीकरण क तलए तीन वषषो का कीमती समय तमल चका था

सोनवयत िततव का मागषदशषि1951 तक आत-आत पाटटी क

भीतर तलगाना सघषय क आग क रासत क बार म मतभद गहरान लग बमबई मखयालय म हावी एसए िाग घाट और अजय घोष आतद का दतकणपनथी धड़ा शर स ही आनधर लाइन का तवरोध कर रहा था लतकन आनधर कमटी का बड़ा तहससा तफर भी सघषय को जारी

रखना चाहता था उसका मानना था तक फ़ौरी तौर पर नकसान क बावजद सघषय को जारी रखना और दश क अनय अनकल पररतसथततयो वाल भभागो म उसका फलाव ममतकन ह

पाटटी म मौजद मतभद सकट और तवभम की तसथतत को दर करन क तलए एक बार तफर अनतरराषटीय नततव पर भरोसा तकया गया और चार सदसयो का एक परतततनतधमिल 1951 क परारमभ म सोतवयत पाटटी क नततव स बातचीत करन क तलए मासको गया इसम दो ndash राजशवर राव और बासवपनया तलगाना सघषय क नता थ जबतक अनय दो ndash अजय घोष और िाग उसका तवरोध कर रह थ सोतवयत पाटटी की ओर स सतातलन मालकोव मालरोव और ससलोव न बातचीत की पी सनदरयया न पाटटी दारा सघषय वापस लन क फसल को जायज़ ठहरान क तलए अपनी तकताब म इस ओर इशारा तकया ह तक सतातलन न तलगाना सशसतर सघषय को वापस लन का सझाव तदया था योतक इस गोररला सघषय क समथयन म वयापक जन समथयन क अभाव म यह सघषय वयततगत आतकवाद की तदशा म बढ़ सकता था लतकन इस सघषय क भागीदार और नसलबाड़ी तकसान तवदरोह क बाद चार मजमदार की दससाहसवादी लाइन का तवरोध करत हए करातनतकारी जनतदशा की बात करन वाल िीवी राव न अपनी तकताब ldquoतलगाना ऑमय िसटगल एि तद पाथ ऑफ़ इतियन ररवोल यशनrdquo म तलखा ह तक उस समय उनह पाटटी म यह ररपोटय तकया गया था तक सतातलन न भारतीय परतततनतध मिल स कहा था तक ldquoसशसतर सघषय जारी रखन क तलए अतधक हतथयार अतधक कािर और सघषय क इलाको म ापामारो क तलए आवशयक सभी चीज़ो को भजा जाना चातहएrdquo बाद म जब परतततनतध मिल न सशसतर सघषय जारी रखन म आन वाली चनौततयो पर जोर तदया तो सतातलन का कहना था ldquoयह अफ़सोस की बात ह तक आप लोग सघषय की रका नही कर पा रह हrsquorsquo

परतततनतधमिल क भारत लौटन क बाद भारत म जनवादी करातनत क काययकरम का एक मसौदा तयार तकया गया और एक नीतत-तवषयक वतवय जारी तकया गया तजसम सशसतर सघषय का तज़कर तो नही था लतकन रणकौशल-तवषयक दसतावज़ म ldquoअपररपव तवदरोह और जोतखम भरी कारयवाइयो स सावधान रहत हएrdquo तकसानो क ापामार यदध क साथ ही मज़दरो की वगटीय हड़तालो और सघषय क अनय रपो क इसतमाल की बात कही गयी थी उसम इस धारणा को भी गलत ठहराया गया था तक दश क तकसी तहसस म सशसतर तवदरोह तभी शर तकया जा सकता ह जब पर दश म तवदरोह की तसथतत तयार हो दसतावज़ क अनसार तकसी एक बड़ भभाग म तकसान सघषय क ज़मीन-ज़बती क सतर पर पहचन क बाद वयापक जनानदोलन और ापामार यदध यतद ठीक तरह स सगतठत हो तो दशभर क तकसानो को

उदतलत करक सघषय को उचच धरातल पर पहचा दना समभव ह एक शािदार सघरष की शमषिाक

ढग स वापसमी1951 तक आत-आत पाटटी म

दतकणपनथी अवसरवादी हावी हो चक थ कनदरीय कमटी न आनधर की कमटी को सघषय कवल तब तक जारी रखन को कहा जब तक पाटटी सरकार स उस सथतगत करन की शतषो पर बातचीत परी न कर ल इन शतयो म तकसानो क कबज़ की ज़मीन ज़मीनदारो को वापस न करना कतदयो की ररहाई मकदम वापस लना और पाटटी स परततबनध हटाना परमख थी लतकन कनदरीय कमटी क इस तनणयय क तवपरीत अजय घोष क नततव वाल दतकणपनथी धड़ और आनधर क रतव नारायण रििी गट न तबना शतय सघषय वापसी क तलए दबाव बनाना शर तकया पाटटी की इस तसथतत का लाभ उठाकर नहर सरकार न तकसी भी शतय को मानन और बातचीत करन स इनकार कर तदया मई 1951 तक कनदरीय कमटी म आनधर क सदसय भी मान चक थ तक अब आतशक ापामार सघषय भी जारी रख पाना समभव नही ह

अटबर 1951 म पाटटी न तबना तकसी शतय तनहायत घटनाटक ढग स सघषय वापस लन की घोषणा कर दी जगल क ापामार नताओ को इसकी खबर बाद म लगी पाटटी अब परी तरह स ससदीय राह पर चल पड़ी दतकणपनथी धड़ क सामन उसक तवरोतधयो न आतमसमपयण कर तदया और कतारो म भारी पसती का माहौल फल गयातलगािा सघरष की फौरमी पराजय

क काररतलगाना सघषय की फ़ौरी पराजय

का सबस बड़ा कारण यह था तक पाटटी बोशतवक ढग स एकीकत नही थी और उसम ऊपर स नीच तक ldquoवामrdquo और दतकणपनथी भटकाव क धड़ मौजद थ इसतलए वह भारतीय करातनत को नततव दन म अकम थी 1946 स 1951 क बीच पहल पीसी जोशी काल क दतकणपनथी भटकाव न तफर रणतदव काल क ldquoवामपनथीrdquo भटकाव न और तफर अजय घोष काल क दतकणपनथी भटकाव न पर दश सतर पर और तलगाना क सतर पर पाटटी क काययो को काफ़ी नकसान पहचाया था यह एक ऐसा सकरमण-काल था जब नयी सता क सदढ़ीकरण की परतकरया अभी परी नही हई थी लतकन नौसना-तवदरोह तभागा-तलगाना-पनपरावायलार क तकसान सघषयो और दशवयापी मज़दर आनदोलनो को एक कड़ी म तपरोकर जनकरातनत की धारा को आग बढ़ान म पाटटी-नततव नाकाम रहा यतद यह परतकरया आग बढ़ती तो कागस की समझौतापरसती का पहल और नगा होकर सामन आता और पाटटी क नततव म यतद जनवादी करातनत जदी परी नही भी होती तो या तो दीघयकातलक लोकयदध मज़बत आधार पर आग की मतज़लो म परतवषट हो गया होता या जनसघषयो क दबाव म

(पज 2 पर जारमी)

10 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

बगलादश म एक बार फिर मिाि की आग की बलल चढ़ 52 मज़दरndash भारत

भारत हो या बगलादश या कोई अनय पजीवादी दश मातलको क तलए मज़दरो की अहतमयत कीड़-मकोड़ो स जयादा नही होती बीत 8 जलाई को बगलादश म ढाका क नारायणगज कत म जस क कारिान म भीषण आग लगी तजसम 52 मज़दरो की जान चली गयी और कई घायल हए 35000 वगय फ़ीट म बन कारिान म तसफ़य दो जगह सीतढ़या थी मातलक न जल की तरह सार दरवाज़ो पर ताला लगा रखा था तजसस मज़दर आग लगन क समय भाग भी नही पाय और जलकर मर गय क मज़दर तो ऊची त स कदन क कारण मार गय

साजीब गप की यह कमपनी ऑसटतलया अमररका भारत भटान नपाल जस दशो म अपना माल तनयायत करती थी पर इतनी बड़ी कमपनी होन क बावजद इसक कारिान म सरका क कोई इनतज़ाम नही थ और न ही आग लगन क बाद तनकलन का कोई रासता था आग इतनी भीषण थी तक उस बझान म 3-4 तदन लग गय

बगलादश म टसटाइल सटर सबस बड़ा सटर ह चीन क बाद बगलादश तसल-तसलाए कपड़ो का दतनया म सबस अतधक तनयायत करन वाला दश ह 84 परततशत तनयायत राजसव बगलादश को इसी स तमलता ह 45 लाख मज़दर करीब 4500 गारमट क कारिानो म काम करत ह इसक बावजद यहा क कारिानो म तसथतत नकय स भी बदतर ह सरका स लकर बतनयादी इनतज़ाम तक इनम मौजद नही ह इसी कारण आय-तदन कारिानो म आग लगन की घटनाए सामन आती ह

बगलादश म कारिान म आग की यह कोई पहली घटना नही ह सबको याद होगा तक बगलादश क इततहास म मज़दरो क तलए सबस बड़ी जानलवा घटना 2013 म घटी थी जब ढाका क राणा पलाज़ा गारमट सटर म आग लगन स 1100 स भी जयादा मज़दर मार गय थ इतनी भयानक घटना क बाद भी यह तसलतसला रका नही अगसत 2016 म दतकण बगलादश क चटगाव म फ़तटयलाइज़र कमपनी म गस लीक होन

स 100 मज़दर मार गय 2019 म एक गोदाम म आग लगन स 67 मज़दरो की मौत हो गयी 2010 म गर-काननी कतमकल कारिान म आग लगन स 123 मज़दरो मार गय और 2012 म ढाका क ताज़रीन फशन फटी म आग स 117 मज़दरो की मौत हई थी बगलादश क कारिानो म आग स मज़दरो की मौतो की यह फहररसत लमबी ह एक ररपोटय बताती ह तक 1990 क बाद स बगलादश क कारिानो म आग लगन की 50 स जयादा बड़ी घटनाए हई ह तजनम हज़ारो मज़दर मार जा चक ह इनह दघयटना या हादसा कहना सचचाई क साथ अनयाय होगा य सब मातलको व बड़ी-बड़ी कमपतनयो क मनाफ़ की हवस को परा करन क तलए की गयी हतयाए ह

दतनया की सारी बड़ी गारम ट कमपतनयो का माल यहा तयार होता ह तजसक तलए मज़दर 18-18 घट तक खटत ह और वतन क नाम पर 94 िॉलर यानी करीब 7000 रपय तक ही पात ह आज बगलादश क तजस तज़ तवकास की चचाय होती ह वह इनही मज़दरो क बबयर

और नग शोषण पर तटका हआ हइन कारिानो म साधारण दसतानो

स लकर जत तक नही तदय जात और कतमकल वाल काम भी मज़दर नग हाथो स ही करत ह फटररयो म हवा की तनकासी तक क तलए कोई उपकरण नही लगाय जात तजस वजह स हमशा धल-तमटी और उतपादो की तज़ गनध क बीच मज़दर काम करत ह जवानी म ही मज़दरो को बढ़ा बना तदया जाता ह और दस-बीस साल काम करन क बाद जयादातर मज़दर ऐस तमलग तजनह फफड़ो स लकर चमड़ी की कोई न कोई बीमारी होती ह

राणा पलाज़ा की घटना क बाद मटीनशनल कमपतनयो न कारिानो म सरका क इनतज़ाम पखता करन क बड़-बड़ दाव तकय मज़दरो को आग स बचन क तलए परतशकण तदया और यह तदखान क तलए और भी बहत सी नौटकी की तक मज़दरो की जान को लकर व तकतन ldquoतचतततrdquo ह लतकन आय तदन होन वाली आग लगन की घटनाए इन कमपतनयो की नौटकी का

राज़ खोल दती ह और यह नगी सचचाई सबक सामन आ जाती ह तक इनह अपन मनाफ़ स जयादा कोई पयारा नही ह इसी तलए बगलादश म शरम काननो का कोई महतव नही ह बगलादशी सरकार और उनकी परधानमती शख हसीना भी मज़दरो की मौत पर चपपी साध बठी रहती ह आतिर उस भी अपन पजीपतत आकाओ की सवा करनी ह हर जगह मज़दरो की हो रही मौतो की तज़ममदार यह समची मनाफ़ािोर पजीवादी वयवसथा ह जो मज़दरो क िन की आतिरी बद तक को तनचोड़कर अपना मनाफ़ा तनकालती ह

हम मज़दरो क तलए यह तज़नदगी और मौत का सवाल ह तक हम इस समची पजीवादी वयवसथा को उखाड़ फ कन की तयारी कर अपनी करातनतकारी पाटटी का तनमायण कर और मज़दर राज कायम करन की लड़ाई लड़ चाह इसम तकतना ही समय यो न लग जाय वरना हमारी आन वाली पीतढ़या भी ऐस ही पशओ क समान जीन और मरन को मजबर होगी

वति ि दि और वति कटौतमी म घपलबाज़मी को लकर मािसर की शमीनिसस कमिमी क मज़दरो क काििमी सघरष की उममीद भमी लगभग ख़तम

ndash शाम मदतवशरीतनसस वायररग तलतमटि

(मानसर) क मज़दरो को तपल ह महीन स उनक वतन का भगतान नही तकया गया ह दसर वतन स कमपनी दारा पसा काटन क बावजद न तो पीएफ़ और न ही ईएसआयी म पसा जमा तकया गया ह और न ही मज़दरो दारा कमपनी स तलय गय कज़य की तकशत चकायी जा रही थी इस तानाशाही व घपलबाज़ी की तशकायत मज़दरो न शरम उपाय त को 9 जलाई को तलतखत रप म भी की थी सटाफ़ क करीब 20 मज़दरो की तनखवाह का जनवरी 2021 स तथा ठका व अपरतटस मज़दरो का अपरल 2021 स भगतान नही तकया गया ह तशकायत क बाद एक महीन की तनखवाह उनक खात म ज़रर िाल दी गयी ह अभी भी करीब 50 अपरतटस मज़दरो 15-20 ठका मज़दरो तथा सटाफ़ क 20 मज़दरो की सलरी का भगतान बकाया ह वतन न तमलन क कारण बहत स मज़दर काम भी ोड़ चक ह करीब 200 ठका मज़दरो म स महज़ 15-20 मज़दर और सटाफ़ क भी करीब 85 म स 50 मज़दर ही बच ह

कमपनी परबनधन इन समसयाओ का कारण काम की कमी बता रहा ह जबतक मज़दर कह रह रह ह तक काम की कमी नही ह उट काम इतना ह तक कमपनी ऑियर परा नही कर पा रही ह तफ़लहाल कमपनी म समसयाओ क बावजद काम चल रहा ह और बच हए मज़दर काम भी कर रह ह और वतन-समबधी समसयाओ स भी जझ रह ह असल म इस कमपनी को मातलको क ही ररशतदारो को बचन की तयारी चल रही ह चतक कागज़ो म एक समय-सीमा क भीतर कमपनी को दसरी कमपनी को सौपना ह तो पहल परान मज़दरो को तनकालन का षियत रचा जा रहा ह

शरीतनसस कमपनी ऑटोमोबाइल सटर क तलए कल-पजज बनान वाली

एक विर कमपनी ह जो मारतत हीरो जसी मदर कमपतनयो तथा नपीनो परीकॉल तमिा मदरसन लकास टीवीएस इटरफस असती पदतमनी वीएनए एसएमएल तफ़तलपस आतद विर कमपतनयो क तलए हारनस बनाती ह इसका दसरा पलाट रदरपर म ह

तपली 19 जलाई को मज़दरो को िीएलसी ऑतफ़स म सनवाई क तलए बलाया गया था लतकन न तो उस तदन शरम उपाय त तदनश कमार (गड़गाव) आय और न ही परबनधन की तरफ़ स कोई आया 23 जलाई को होन वाली अगली सनवाई क पहल ही कमपनी न पॉवर कट का बहाना बनाकर काम बनद कर तदया और गट भी नही खोला 27 जलाई की समझौता वाताय म कमपनी क न आन पर शरम तवभाग न एस पाटटी (एकपकीय तनणयय) क तौर पर फसला तदया तजसक आधार पर मज़दर तबना तकसी ज़मीनी सघषय की तयारी क महज़ काननी तरीक स अतधकार पान का सपना दखन लग थ

पहल भी ऐसा दखा गया ह तक कमपनी क तबकन या 30 तदन की समय-सीमा क अनदर दोबारा सनवाई करक तनणयय को पलट तदया गया और मज़दरो क साथ धोखा हो गया अगसत म कमपनी परबनधन न बच-खच मज़दरो की एकता को िरा-धमकाकर व भतवषय का िर तदखाकर तोड़ तदया कमपनी परबनधन दारा यही कहा गया तक अभी जो तमल रहा ह उस ल लो वरना वह भी नही तमलगा कोटय क चकर काटत रह जाओग इस तरह स जो काननी सघषय की समभावना थी उस भी बरी तरह स कमज़ोर कर तदया गया 60-70 मज़दरो म भी महज़ 10-15 बच थ तजसम 4-5 सटाफ़ क थ और 10-12 कमपनी रोल पर एक मज़दर न बताया तक मज़दर 20-50 हज़ार रपय म तहसाब लकर काम ोड़कर चल गय ह कइयो न तो परा

वतन और मआवज़ा तक भी नही तलया जो तमला उसी को ठीक समझा ऐस म अब सब मज़दरो को तहसाब तमलना भी मतशकल लग रहा ह

यह सब तब हआ जब कमपनी न तबना तकसी नोतटस चतावनी व तफ़तीश क एकतरफ़ा मनमज़टी स आवाज़ उठान वाल मज़दरो को गट बनद करक बाहर कर तदया इस तरह परबनधन दारा मारपीट की धमकी स गट पर बठ मज़दरो का हौसला टट गया ऑटोमोबाइल इिसटी काटट वकय सय यतनयन न उनक सामन यही बात रखी तक हम जद स जद मीतटग करक सामतहक रप स सघषय का रासता तनकालना चातहए लतकन मज़दर अपन आप को इसक तलए तयार नही कर पाय परबनधन क िर स मज़दर तकसी भी यतनयन स ररशता बनान स िर रह थ

सघरव की कमजोरी या थी अगर मड़कर दख तो पहल ज़मीनी सघषय का रासता ोड़कर महज़ काननी परतकरया पर तनभयरता का रासता अपनाया गया तफर मातलको दारा िरान-धमकान पर मज़दर िर गय और एक-एक करक टटत चल गय जब मज़दरो को ज़बरन दोबारा गटबनद करक बाहर तकया गया था उसी वक़त मज़दरो को एकजट होकर ज़मीनी सघषय क रासत पर बढ़ना चातहए था तब भी ऑटोमोबाइल इिसटी काटट वकय सय यतनयन यही कह रही थी तक एक परचा तनकालकर पर मानसर क औदयोतगक कत म बाटत हए इलाक क तवतभनन फटी मज़दरो स सघषय म साथ दन की अपील करनी होगी चाह उन फतटयो म यतनयन हो या न हो लतकन शरीतनसस फटी क मज़दरो की न तो कोई अपनी यतनयन थी और न ही तकसी आनदोलन म शातमल होन का अनभव और न ही फटी सतर पर मज़दरो की कोई सघषय सतमतत थी इसतलए व तकसी भी तरह क एकजट सगतठत सघषय का रासता नही अपना सक दसर शबदो म

मज़दर सातथयो का सघषय और राजनीतत स साबका बहत ही कम था सघषय और राजनीतत की अनभवहीनता और उनक परतत उदासीनता और साथ ही काननी परतकरया पर पणय तवशवास उनकी मखय कमज़ोररया थी हम मज़दरो को यह समझ लना चातहए तक शरम तवभाग स लकर फ़टी इसपटर आतद पजीपततयो मातलको और ठकदारो की सवा करत ह कोई एक अतधकारी ईमानदार भी हो तो भी वह क िास नही कर सकता ह योतक जब कभी मज़दरो क पक म शरम तवभाग का फसला आता भी ह तो उस लाग करन की कोई वयवसथा भारत की पजीवादी वयवसथा म जानबझकर की ही नही गयी ह काननी सघषय कभी-कभार ही सफल होत ह और वह भी तब जब उसक पी मज़बत ज़मीनी सघषय मौजद हो

ज़ररमी सबक इन तदनो मज़दरो की तनखवाह दर

स तमलना अधरी तमलना या न तमलन क मामल बढ़त ही जा रह ह कक मामलो को ोड़कर अतनयतमत मज़दरो क मामल शरम तवभाग तक पहच ही नही पात ह शायद ही कोई कमपनी होगी तक जहा काम करन वाल कचच मज़दरो की तनखवाह क मामल म कभी कोई समसया न आयी हो इसतलए मज़दरो को महज़ शरम तवभाग और शरम नयायालय क तनणययो तक अपन आप को सीतमत नही रखना चातहए सघषय क मखय पहल यानी ज़मीनी सघषय की तयारी व कारवाई को जारी रखना चातहए जब दतनया म शरम कानन नही थ तो सघषयो क ज़ररए ही शरम कानन बनवाय गय थ और लाग भी करवाय गय थ आज ज़मीनी सघषयो क कमज़ोर पड़न की वजह स पहल क हातसल तकय गय अतधकार गर-काननी और काननी तौर पर ीन जा रह ह इसक तलए एक बार तफर स दश म मज़दरो को हक और इसाफ़ की लड़ाई क तलए कमर

कसनी होगी ज़मीनी सघषयो को भी तभी आग बढ़ाया जा सकता ह जब मज़दर भाई और बहन अपन आस-पास क सभी मज़दर और अनय जनसघषयो स सतकरय ररशता बनाए और मज़दरो क सघषयो क इततहास स भी पररतचत हो साथ म ही इन सभी सघषयो पर सोच-तवचार करक अपन तलए सबक तनकालना भी मज़दरो क तलए बहद ज़ररी ह योतक इसी परतकरया म व अपन सघषयो की कमज़ोररयो को भी समझग और आन वाल तदनो क सघषयो को पहल स जयादा मज़बत बनायग आज क समय म कारिान क भीतर और सभी कारिानो क मज़दरो और तवशषकर असथायी मज़दरो की एकता और सगठन बहत ज़ररी ह उसक तबना उनकी ताकत बहद कम होती ह और मातलक और ठकदार उनस तनपट लत ह अगर हम य सार कदम नही उठात तो अचानक तसर पर मसीबत पड़न पर क समझ नही आता ऐस म या तो िर व अतनतशचतता क कारण मज़दर साथी जदी टटत ह और तरनत तहसाब ल लत ह या तफर तमाम ऐसी मौकापरसत और समझौतापरसत यतनयनोफिरशनो या िद की अनभवहीन या मौकापरसत और समझौतापरसत कमटी क चकर म फसकर अनत म थक-हार कर तहसाब लन को मजबर हो जात ह थोड़-बहत मज़दर तबना ज़मीनी सघषय क हक और नयाय पान क इनतज़ार म कोटय-कचहरी म तघसटत रहत ह

जहा तक मज़दरो क करातनतकारी यतनयन आनदोलन का परशन ह आज ज़ररत ह तक मज़दरो को कारिान क पमान क साथ-साथ पर सटर और इलाकाई पमान पर एकजट और सगतठत तकया जाय तातक सकट की घड़ी म एक-दसर क साथ खड़ा हआ जा सक इस बात को पहल स कही जयादा और जद स जद लाग करन की ज़ररत ह तातक

(पज 15 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 11

(पज 12 पर जारमी)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का हमज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहए

ndash जशवािमीहाल म भारत क दो उतर-पवटी

राजय असम-तमज़ोरम क बीच सीमा-तववाद स जड़ा हआ घटनाकरम काफ़ी सतिययो म रहा उतर-पवय का नाम सनकर हमम स क को लग सकता ह तक इतनी दर-दराज़ की घटना स हम मज़दरो-महनतकशो का सरोकार भला यो होना चातहए इसतलए होना चातहए योतक यह भी मज़दर वगय की करातनतकारी राजनीतत को समझन और जानन क तलए आवशयक ह तकसी भी रप म दबायी जा रही या उतपीड़ तत हो रही जनता और उसकी समसयाओ और सघषयो स सरोकार रख तबना मज़दर वगय वयापक महनतकश जनता की करातनतकारी एकता कायम नही कर सकता ह शासक वगय दतमत कौमो क बीच भी मौजद अनतरतवरोधो और तववादो को हवा दता ह तातक उनह आपस म लड़वाकर कमज़ोर तकया जा सक हआ यह ह तक हाल ही म असम और तमज़ोरम क बीच राजय की सीमाओ को लकर एक तववाद पदा हो गया

यह कोई पहली बार नही ह जब असम और तमज़ोरम क बीच अनतरराजयीय सीमा को लकर तववाद उठ खड़ा हआ हो इसस पहल भी दोनो राजयो क बीच सीमा-तनधायरण को लकर झगड़ और तववाद पदा हए ह तजनहोन कई बार काफ़ी उग रप भी अतखतयार तकय ह

हालातक इस बार इस तववाद क साथ जो तहसा की वारदात हई उसम सवय असम पतलस और तमज़ोरम पतलस शातमल भी थी यही कारण ह तक आम तौर पर हातशए पर रहन वाल उतर-पवय क राजयो क मामलो न lsquoमखयधाराrsquo म भी इस मद को लकर चचाय ड़ दी लतकन यह परी चचाय ही सतही थी और इस तववाद क हर परकार क तवशलषण म आम तौर पर ऐततहातसक दतषट का अभाव था और मखय राजनीततक परशनो की अनपतसथतत थी सचचाई यह ह दक राजयो की सीमा स जड य दववाि कवल असम और दमजोरम क बीच ही मौजि नही ह बदलक उततर-पवव क अय राजयो क बीच भी इनको लकर खासा इदततलाफ ह उततर-पवटी राजयो म इन तमाम सीमा-दववािो की जड वातव म इदतहास म मौजि ह दजसम पहल औपदनवदशक सतता और बाि म वाततयोततर भारतीय राजयसतता की िमनकारी व ग़र-जनवािी नीदतयो और कौमी िमन की भदमका कदीय ह

इस बार असम-तमज़ोरम क बीच लमब समय स वयापत सीमा-तववाद न तल तब पकड़ा जब 26 जलाई को तमज़ोरम पतलस दारा राजय सीमा पर गोलीबारी म 6 असम पतलसकतमययो की मौत हो गयी और 50 क करीब पतलस अतधकारी व पतलसकमटी घायल हए इस तहसा म एक नागररक की मतय भी हई हालातक तमज़ोरम का दावा था तक हमला पहल

असम पतलस की तरफ़ स हआ था और उसन महज जवाबी कारयवाई की थी गौरतलब ह तक कनदरीय गहमती अतमत शाह की 25 जलाई को तशलाग म उतर-पवटी राजयो क मखयमततयो क साथ बठक हई थी तजसम तमाम मसलो क साथ असम क तमज़ोरम नगालि अरणाचल परदश और मघालय क साथ सीमा-तववाद पर बातचीत भी शातमल थी 26 जलाई की घटना इस बठक क बाद ही घतटत हई

इस घटना क बाद असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा और तमज़ोरम क मखयमती ज़ोरामथगा क बीच इन तहसा की घटनाओ की तज़ ममदारी को लकर काफ़ी बहस चली और आरोपो-परतयारोपो का भी एक लमबा तसलतसला चला मोिी सरकार क दलए यह शदमविगी पिा करन वाली दथदत थी वजह यह ह दक असम म भाजपा की सरकार ह और दमजोरम म सततासीन दमजो नशनल फरणट उततर-पवव लोकतादरिक गठबधन (एनईीए) का दहसा ह दजसका गठन भाजपा क नतकतव म 2016 म हआ था और तजसक सयोजक उस समय स ही असम क वतयमान मखयमती हमनत तबसव सरमा ह

बहरहाल 26 जलाई क इस घटनाकरम क बाद दोनो राजयो म तसथतत को ldquoसामानयrdquo तकय जान क तलए 28 जलाई को कनदरीय गह सतचव क साथ असम और तमज़ोरम क राजय गह सतचवो की लमबी वाताय हई तजसम ldquoआपसी बातचीतrdquo स सीमा-तववाद का तनपटारा करन पर सहमतत बनायी गयी और राषटीय राजमागय 306 पर कनदरीय सरका बलो की तनाती क तनदजश तदय गय बावजद इसक तसथतत गमभीर ही बनी रही असम सरकार न अपन राजय क लोगो क तलए याता-समबनधी तनदजश जारी करक उनह तमज़ोरम न जान की तहदायत दी असम पतलस को तनदजश जारी तकय गय तक तमज़ोरम स आन वाली हरक गाड़ी की अनतरराजयीय चक पोसट पर गर-काननी नशील पदाथयो इतयातद क तलए ठीक स जाच की जाय और इसक बाद ही राजय म आन की अनमतत दी जाय असम न तमज़ोरम को जान वाला राषटीय राजमागय क समय क तलए बनद भी कर तदया था तजसस आवशयक वसतओ दवाओ आतद को तमज़ोरम पहचान म तदक़कत भी पश आयी यही नही असम पतलस दारा तमज़ोरम पतलस और तमज़ोरम स राजय सभा सदसय क वनलावना क तिलाफ़ पराथतमकी भी दजय की गयी तो वही तमज़ोरम पतलस न भी असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा और असम पतलस क अनय अतधकाररयो क तिलाफ़ तशकायत दजय की हालातक दोनो तरफ़ की इन तशकायतो को बाद म वापस ल तलया गया इसक बाद गहमती अतमत शाह क ldquoहसतकपrdquo क बाद दोनो राजयो क मखयमततयो न एक साझा बयान जारी करक तसथतत को ldquoसामानय

बनान और तनाव को ितम करनrdquo की बात कही लतकन भाजपा क तलए तो तसथतत वाकई म लशपणय हो गयी थी इस पर घटनाकरम क पी काम कर रह कारको को थोड़ा गहराई स समझना होगा

उततर-पवष म फासमीवादमी-अनधराषटवादमी भाजपा का बढ़ता

राजिमीनतक दख़लवातव म 2016 म उततर-पवव

लोकतादरिक गठबधन (एनईीए) क गठन क पीछ भाजपा की असली मशा उततर-पवव म अपना राजनीदतक िखल बढाना था और साथ ही उततर-पवव क ldquoतनावगतrdquo इलाको क मखयभदम भारत क साथ एकीकरण क परोजट को आग बढाना भी था जो वातव म और कछ नही बदलक उततर-पवव म भारतीय राजयसतता दारा राषटीय िमन की नीदत का ही दहसा ह भारतीय राजयसता दारा उतर-पवय म बस रही तमाम राषटो और अपसखयक राषटीयताओ क साथ तकय गय ऐततहातसक ल-कपट और वायदा-तिलाफ़ी की चचाय हम आग करग लतकन जहा तक पर उतर-पवय म अपनी पकड़ बनान का परशन ह तो भाजपा क तलए ऐसा करना इतना सगम भी नही ह क समझौतापरसत घटनाटक ताकतो को ोड़ तदया जाए जोतक असर हर दतमत कौम म पायी ही जाती ह तो वयापक आबादी म भारतीय राजयसता क तिलाफ़ गहरी ऐततहातसक नफ़रत मौजद ह और भारत स आज़ादी की चाहत परबल ह इस पर कत म ही भारतीय हमरानो की कौमी दमन की नीततयो की मिालफ़त का एक लमबा इततहास भी मौजद रहा ह और वतयमान म भाजपा क तमाम फ़ासीवादी व अनधराषटवादी नीततयो क तिलाफ़ परततरोध की भी तमसाल ह

यह तथय भी यहा रखादकत करना आवशयक ह दक भाजपा और सघ पररवार उततर-पवव म दवशर तौर पर असम को दहितव फासीवाि की नयी परयोगशाला बनान क दलए काफी जोर लगा रह ह असम म सामपरदातयक धरवीकरण की राजनीतत को इसी उदशय स भाजपा कभी एक तो कभी दसर रासत स लगातार अमल म ला रही ह जहा तक असम का परशन ह तो तपल साल सीएए-एनआरसी का तशगफ़ा भी इसी मकसद स उाला गया था हालातक असम म उसका तवरोध अनय कारणो स हआ था और तवरोध पहल स मौजद ldquoसथानीय बनाम परवासीrdquo की अतसमतावादी राजनीतत क कारण जयादा हो रहा था

हाल म ही असम की भाजपा सरकार दारा भी ldquoजनसखया तनयतणrdquo क नाम पर अनय भाजपा-शातसत परदशो की तज़य पर ही मसलमान-तवरोधी फ़ासीवादी फ़रमान जारी करन की शरआत कर दी गयी ह इसक अलावा क समय पहल ही असम पश सरकण तवधयक 2021 पाररत तकया गया तजसक चलत गोमास

की तबकरी पर आतशक रोक लगना तय ह नय कानन क तहत राजय म मवतशयो क वध उपभोग और पररवहन को तवतनयतमत करन क परावधान शातमल ह वासतव म वतयमान तवधयक और क नही बतक 1951 क असम पश सरकण कानन का lsquoअपगिि वज़यनrsquo ह गौरतलब ह तक उस वक़त कागस न यह कानन बनाया था या इसी तथय स ही कागस की धमय-तनरपकता और फ़ासीवाद-तवरोध क ढोल की पोल नही खल जाती ह असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा न दावा तकया तक इस तवधयक क पी कोई गलत मशा नही ह और इसस तो असल म सामपरदातयक सदभाव मज़बत होगा यही नही इन महोदय क अनसार सामपरदातयक सौहादय बनाय रखन क तलए कवल तहनद ही तज़ममदार यो हो मसलमानो को भी इसम सहयोग करना चातहए नया कानन बन जान पर तकसी वयतत को मवतशयो का वध करन पर तब तक रोक होगी जब तक तक उसन तकसी तवशष कत क पजीकत पश तचतकतसा अतधकारी दारा जारी आवशयक परमाण पत परापत नही तकया हो उतचत दसतावज़ क अभाव म मवतशयो को एक तज़ल स दसर तज़ल और असम क बाहर पररवहन को भी अवध बनान क परावधान ह इस कानन क तहत सभी अपराध सजय और गर-ज़मानती होग इस कानन को लकर उततर-पवव क अय राजयो म काफी असतोर ह योदक यह वहा क थानीय दनवादसयो क खान-पान की वतरिता और स कक दत पर सीध-सीध फासीवािी हमला ह

हम दख सकत ह तक उतर-पवय म फ़ासीवादी तगरोह न तसफ़य भारतीय राजय की परानी राषटीय दमन की नीतत को ही आग बढ़ा रहा ह बतक असम क उदहारण स यह भी सपषट हो जाना चातहए तक भाजपा और सघ पररवार अपन राजनीततक हसतकप क ज़ररए पर सामातजक तान-बान म सामपरदातयक नफ़रत तहदतववादी कटरता और धमायनधता को भी फलान का भरपर परयास कर रह ह और तफ़लहाल उनह असम म तो एक हद तक इसम सफलता भी हातसल होती हई नजर आ रही ह

असम-ममज़ोरम समीमा नववाद उपनिवशवाद की एक नवरासत

दरअसल तमज़ोरम और असम क बीच 1646 तकलोमीटर लमबी साझा सीमा ह तजसम तमज़ोरम क आइज़ोल कोलातसब और मातमत तज़ल और असम क कार हलाकािी और करीमगज तज़ल आत ह दोनो ही राजय lsquoइनर लाइन ररज़वय फ़ॉरसटrsquo क लगभग 131831 वगय तकलोमीटर कत पर अपना दावा पश करत ह तजसक कारण तकसी भी तातकातलक टकराहट की घटना क पदा होन स सीमा को लकर तववाद पनः उतपनन हो जाता ह इस बार भी यही हआ था

सतही तौर पर िखन पर असम-दमजोरम सीमा-दववाि क कद म

मखय तौर पर औदपवदशक काल की िो अदधसचनाए दिखलायी पडती ह जहा तमज़ोरम ऐततहातसक सीमा की बहाली क तलए 1875 की अतधसचना का तहमायती ह वही असम ऐततहातसक सीमा-तनधायरण क तलए 1933 की अतधसचना का पकधर ह 1933 की अतधसचना मतणपर और लशाई पहातड़यो (जोतक तमज़ो पहातड़या भी कहलाती ह) क बीच सीमा-तनधायरण क समबनध म ह जबतक 1875 की अतधसचना भतपवय लशाई पहातड़यो और कार क मदान क बीच सीमा-तनधायरण को तय करती ह तमज़ोरम का मानना ह तक 1933 की अतधसचना क समय उसकी रज़ामनदी नही ली गयी थी 1933 क बदल हए सीमा-तनधायरण क पी एक कारण तरितटश उपतनवशवातदयो क असम क चाय-बागानो स जड़ आतथयक-वयावसातयक तहत भी थ

इसक अलावा 1898 म औपतनवतशक तरितटश सता न 6 तसतमबर 1895 की दो अलग उदघोषणाओ क ज़ररए उतरी लशाई पहातड़यो को असम परानत क अधीन कर तदया और दतकण लशाई पहातड़यो को बगाल परानत क अनतगयत कर तदया इसक बाद 1 अपरल 1898 को तरितटश सता दारा एक अनय उदघोषणा क ज़ररए दतकणी लशाई पहातड़यो को असम को सथानानतररत कर तदया गया लबबलबाब यह दक लशाई पहादडयो या नगा पहादडयो जस पहाडी इलाको को दजनम दवदशषट नकजातीय समह रहत थ दजनकी अपनी दवदशषट स कक दत और जीवन-शली थी उह थानीय लोगो की रजामिी क बग़र जबरन कभी एक परशासदनक इकाई तो कभी िसरी परशासदनक इकाई म पटक दिया जाता रहा ह दजसक कारण एक असतोर औपदनवदशक िौर स ही इन इलाको म मौजि ह

आज़ादी क बाद सतवधान क ठ शियल क अनतगयत भारत म तमाम ldquoजनजातीयrdquo इलाको क परशासन क तलए उनह दो भागो म बाटा गया थाndash भाग ए और भाग बी 1952 म लशाई पहातड़यो क आइज़ोल और लङलह उपभागो तजनम तक मखयतः तमज़ो लोग बस हए थ का गठन इसी ठ शियल क अनतगयत भतपवय असम की lsquoलशाई पहाड़ी सवायत तज़ला काउतसलrsquo क तौर पर तकया गया और 1953 म बाकी बच हए कत म पावी लखर चकमा आतद अनय सथानीय बातशदो को तमलाकर एक कतीय काउतसल बनायी गयी 1954 म लशाई पहाड़ी तज़ल का नाम बदलकर तमज़ो तज़ला कर तदया गया 1972 म उतर-पवटी राजय पनगयठन अतधतनयम 1971 क तहत असम म स ही पहल तमज़ो तज़ल को कनदर शातसत परदश (lsquoयतनयन टररटरीrsquo) क रप म गतठत तकया गया 1986

12 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 13 पर जारमी)

(पज 11 स आग)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का हमज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहए

म तमज़ो राषटीय फट जो तक पहल भारतीय राजयसता क तिलाफ़ सशसतर सघषय म शातमल थी और भारत सरकार क बीच तमज़ो समझौता कायम होन क फलसवरप तमज़ोरम को पणय राजय का दजाय 20 फ़रवरी 1987 को परापत हआ

हालादक अलग राजय गठन स राषटीय समया का कोई समाधान नही हआ और िदमत कौमो क समबध म ऐसा हो भी नही सकता ह दजनक दलए एकमारि करादतकारी कायवकरम अलग होन क अदधकार समत आतमदनणवय क अदधकार का ही होता ह यहा यह भी सपषट करत चल तक सघवाद या तकसी भी परकार की कतीय सवायतता की तहफ़ाज़त या माग राषटीय दमन क िातम का काययकरम हो ही नही सकत ह जसा तक पजाब क क ldquoमासयवादीrdquo कौमवादी आजकल दावा करत तफर रह ह ऐसा कोई भी काययकरम एक शदधतः सधारवादी काययकरम ह और लतननवादी काययतदशा स इसका कोई लना-दना नही ह करातनतकारी मज़दर वगय साझी सहमतत स बन बड़ स बड़ राजय का पकधर होता ह और तवखिन की परतकरया को चाहता नही ह लतकन करातनतकारी मज़दर वगय करातनतकारी जनवाद का भी सबस मज़बत झिाबरदार होता ह और इसतलए वह जनवादी तरीक स और सभी कौमो की साझा सहमतत स ही बड़ राजय का पकधर होता ह

इस सदकषपत चचाव क बाि यह कहना ज़यािा उपयत होगा दक असम-दमजोरम क बीच यह आधदनक सीमा-दववाि वातव म औपदनवदशक िौर की ही एक दवरासत ह दजस भारत का उततर-पवव कहा जाता ह वह ऐदतहादसक तौर पर कभी भारत का दहसा था ही नही हालादक पराचीन काल स ही मखयभदम भारत क सामाजयो क इस इलाक स समपकव क परमाण मौजि ह उतर-पवय क जनजातीय इलाक पराक-औपतनवतशक भारत म शातमल नही थ यतद हम इततहास म थोड़ा पी जाय तो हम पात ह तक1818 म उस वत तरितटश ईसट इतिया कमपनी का हसतकप उतर-पवय म शर हो गया जब अहोम सामाजय क राजा न बमाय स बारमबार होन वाल हमलो स तनपटन क तलए उसस मदद मागी तरितटश ईसट इतिया कमपनी न परथम एगलो-बमटी यदध म बमटी सना को परासत तकया तजसक चलत यािाब की सतनध अमल म आयी इस सतनध क अनतगयत अहोम राजा न अपन राजय कत का एक तहससा तरितटश ईसट इतिया कमपनी को तोहफ़ म भट तकया तजसक फलसवरप तरितटश उपतनवशवाद उतर-पवय म अपन अतधकार और तहत कायम करन म सफल हो गया

इसक पशचात ही तरितटश औपतनवतशक शासको न अपन परशासतनक तहतो क मदनज़र इस पर भौगोतलक भ-भाग को औपतनवतशक भारत म शातमल तकया था तरितटश

उपतनवशवादी इस कत क भराजनीततक और सामररक महतव को दखत हए इस भारत और चीन क बीच एक lsquoबफ़र कतrsquo भी बनाना चाहत थ तजस व अपन आतथयक-वयापाररक तहतो क मातहत रखत तरितटश उपतनवशवातदयो न पहल इस भ-भाग को बगाल परानत क अधीन रखा और 1874 म अलग असम परानत का गठन करक भारत स इस पर कत का राजनीततक-परशासतनक एकीकरण तकया बावजद इसक मलतः और मखयतः औपतनवतशक नीतत उतर-पवय क समबनध म शष भारत स तवलगाव और तवलगन की ही थी तजसक फलसवरप यहा बसन वाली तमाम नजातीय-जनजातीय समहो क बीच भी अलगाव और पथकतव पदा हआ जोतक सवाभातवक ही था

जादहरा तौर पर उततर-पवव म दरिदटश हकमत की नीदतया अपन वयावसादयक-आदथवक दहतो और राजकीय-परशासदनक सहदलयतो स सचादलत थी उस दौर म मतणपर और ततपरा को ोड़कर जो तक ररयासत थी बाकी परा उतर-पवय अतवभातजत असम ही कहलाता था असम क ही इन तमाम जनजातीय इलाको की आग चलकर तरितटश औपतनवतशक परशासन दारा एक क बाद एक सीमा तनधायररत की जान लगी तजसम सथानीय जनजातीय समहो की सहमतत नदारद थी और तजसकी चचाय हम ऊपर कर चक ह पषट ह दक य कषरिीय परशासदनक दवभाजन न तो ऐदतहादसक पररदथदतयो को धयान म रखकर दकय गय थ और न ही जनवािी तरीक स जन-आकाकषाओ क आधार पर ही दकय गय थ यही कारण ह दक आज भी असम स दनकल अय राजयो म भारतीय राषटवाि और भारतीय राजयसतता क दवरदध नफरत और ग़सा तो ह ही लदकन इसक साथ ही असदमया अधराषटवाि क दखलाफ भी एक नाराजगी ह दजस उततर-पवव की अय कौम कषरिीय पमान पर lsquoदबग रििरलीrsquo (बड भाई-जसा) बतावव क रप म िखती ह

सकप म कह तो रिहमपत नदी क परब का तहससा भ-राजनीततक रप स पहली बार भारत क उपतनवशीकरण क बाद ही शष भारत स जड़ा बावजद इसक तरितटश उपतनवशवातदयो न उतर-पवय की जनता की शष भारत की आबादी स पारसपररक अनतरतकरया नही होन दी बतक आम तौर पर उस अवरदध भी तकया इसकी वजह स भ-राजनीततक दतषट स शष भारत स जड़न क बावजद इस कत की जनता का सासकततक अलगाव बना रहा आज़ादी क बाद भारतीय राजयसता की कौमी दमन की नीततयो क तहत ही इस कत की पराकततक व खतनज समपदा का दोहन करन क कारण इसम आतथयक शोषण का भी पहल जड़ गया तजसन इस अलगाव को और बढ़ाया और इस राजनीततक रप परदान तकया

उततर-पवष की कौमो क साथि भारतमीय राजयसतता क

नवशवासघात का काला इनतहास उतर-पवय म दमन की यह

औपतनवतशक तवरासत भारतीय राजयसता को आज़ादी क बाद उतरातधकार म परापत हई तजस यहा क शासक वगयो न हाथो-हाथ तलया आज़ादी क बाद स ही उतर-पवय को भारत म शातमल करन पर काफ़ी तववाद उतपनन हए भारत क साथ एकीकरण कोई पवयतवतदत पररणाम नही था जसा तक असर इततहास की आतधकाररक-सरकारी पसतको म पढ़ाया जाता ह आज़ादी स पहल भी तवशषकर नगा और तमज़ो नजातीय समहो म भारत स अलग सवतत राजनीततक अतसततव की इचा परबल थी हालातक जन 1947 म असम और उतर-पवय को भारत म शातमल करन का फ़सला ल तलया गया

आजािी क बाि जो उततर-औपदनवदशक शासक वगव अदततव म आया वह एक बहराषटीय और दमदरित शासक वगव था दजसम कशमीर और उततर-पवव की िदमत कौमो को छोडकर बाकी सभी कौमो क बजवआ वगव की अपन आकार और शदतमतता क दहसाब स नमाइिगी थी और कदीय सतता म दहसिारी थी कशमीर और उततर-पवव की कौमो को सचच और सही अथषो म आतमदनणवय का अदधकार िन की बजाय भारतीय शासक वगषो न उनका जबरन भारत क साथ एकीकरण दकया कशमीर क साथ ही उततर-पवव म भी भारतीय राजयसतता क आजािी क दपछल कई िशको की नीदतयो न राजकीय दहसा और कौमी िमन का बबवर रप अदततयार दकया ह

आज़ादी क बाद स ही उतर-पवय म राषटीय तवतवधताओ क साथ बस रही तमाम कौमो व नजातीय समहो की आज़ादी की चाहत को फ़ौजी बटो और बनदक क ज़ोर क दम पर भारतीय हमरानो न कचलन की सकड़ो कोतशश की ह 1962 क भारत-चीन यदध क बाद तो भारतीय राजय क तलए उतर-पवय और भी अतधक सामररक महतव का कत बन गया और भारतीय राजयसता को यहा तमाम राषटीय मतत सघषयो को ldquoराषटीय सरकाrdquo क नाम पर कचलन का एक परकार स lsquoलाइससrsquo भी परापत हो गया इस पर कषरि म 1958 स ही कखयात काला कानन lsquoसरकषा बल दवशर अदधकार अदधदनयमrsquo (अफपा) लाग ह तजसकी वजह स चनावो की रसमअदायगी होन क बावजद वहा वयवहारतः सनय शासन की तसथतत ह योतक सरका बलो को असीतमत अतधकार परापत ह इसी काल कानन का लाभ उठाकर भारतीय सना और अधयसतनक बलो न उतर-पवय म तपल पाच दशको स आतक का राज कायम तकया हआ ह और राजकीय दमन और तहसा का नगा नाच तकया

ह और इन राजयो की आम जनता क मानवातधकारो का बशमटी और दि-मतत क साथ हनन तकया ह ग़ौरतलब ह दक मानवादधकारो की धदजजया उडान वाला यह कानन परी तरह स सदवधान सममत ह

मखयभतम भारत म उतर-पवय को लकर काफ़ी हद तक गर-जानकारी और अजानता भी वयापत ह तजस आज भारत का उतर-पवय कहा जाता ह आज़ादी क वक़त उस पर भ-भाग म भतपवय असम परानत क असम क मदान आत थ इसक अलावा पहाड़ी तज़ल उतर-पवटी सीमावतटी परदश क नाथय-ईसटनय फतटयर टटस (एनईएफ़टी) और मतणपर और ततपरा की ररयासत शातमल थी इस कत म रहन वाल लोगो की ससकतत और इततहास म समानता और समरपता क क ततव जरर ह लतकन उनम कई तवतवधताए भी ह कल आठ राजयो यानी तक असम अरणाचल परदश मघालय मतणपर तमज़ोरम ततपरा नगालि तसतकम म तवभातजत उतर-पवय का कतफल दश क कल कतफल का 798 फ़ीसदी और इसकी आबादी दश की कल आबादी का 37 फ़ीसदी ह इस पर कत म लगभग 220 नजातीय समह और उपसमह रहत ह और लगभग इतनी ही बोतलया बोली जाती ह

औपदनवदशक शासन क अदतम िौर म और आजािी क बाि राजकीय व कौमी िमन स पिा हए राजनीदतक-साकक दतक अलगाव और आदथवक शोरण स उततर-पवव की दवदभन जनजादतयो म परदतरोध की चतना पिा हई जो एक खास दकम क नकजातीय राषटवाि (ethnic nationalism) क रप म दवकदसत हई भारतीय राजयसता दारा तकय गय बबयर दमन न इस परततरोध की चतना को और भी परबल बनाया नगा जसी क जनजाततया अपन कई उपसमहो को तमलाकर एक राषट क रप म तवकतसत हई तो क राषटीयताओ और उपराषटीयताओ क रप म अतसततव म आयी तजनकी कोई कतीयता तो नही थी लतकन तफर भी अनय राषटीय समहो स तभननताए थी इन राषटो-राषटीयताओ क परततरोध का साझा तबनद भारतीय राजयसता क दमन का तवरोध था जो इनका साझा शत थी और आज भी ह हालातक इनम आपसी अनतरतवरोधो का भी एक लमबा इततहास रहा ह मसलन नगा-ककी तववाद नगा-मइती तववाद नगा-जोमी तववाद असमी-तमज़ो तववाद असमी-बोिो तववाद आतद

दरिदटश उपदनवशवाि स आजािी क बाि भारतीय बजवआ राजयसतता न िमन की नीदतयो को खतम करन की बजाय और वहा बस रही कौमो को आतमदनणवय का अदधकार िन की बजाय इन िमनातमक कारगजाररयो को जयो-का-तयो बरकरार रखा बदलक कई मामलो म उसम इजाफा भी दकया आज़ादी क बाद उतर-पवय क राजयो का

जो पनगयठन तकया गया उसका आधार महज परशासकीय सहतलयत थी तजसकी वजह स कई मामलो म एक ही जनजातत कई राजयो म बट गयी और जनजाततयो की राषटीय आकाकाए कचल दी गयी इस तकसम क पनगयठन स नय तववाद भी उभर मसलन गटर नगालि तववाद नगा-मतणपर तववाद असमी-बोिो तववाद आतद मौजदा असम-तमज़ोरम सीमा तववाद भी इसी की एक बानगी ह

राजयो क पनगयठन की परतकरया म नगालि को राजय का दजाय 1963 म तमला लतकन इसक बावजद नगा गपो क कई राजनीततक-परशासकीय इकाइयो म बट होन क कारण उनका असनतोष बना रहा 1972 म असम स खासी गारो और जयतनतया पहाड़ी तज़लो को तमलाकर अलग मघालय राजय बना ततपरा और मतणपर को जो तक औपतनवतशक काल क दौरान ररयासत थी पणय राजय का दजाय द तदया गया तमज़ो पहातड़यो (तमज़ोरम) और lsquoनाथय-ईसटनय फतटयर एजनसीrsquo (अरणाचल परदश) को असम स अलग कर पहल कनदर शातसत राजय का दजाय तदया गया तफर 1987 म इनह पणय राजय का दजाय द तदया गया हालातक राजयो क इस पनगयठन की परतकरया न अलगाव और सवततता की आकाका को तो समापत नही तकया उट अनय सथानीय नजातीय समहो म भी सवशासन या सवततता की आकाका पदा हई और भभागो पर दावो को लकर आपस म उग टकरावो की शरआत हो गयी इसकी एक तमसाल असम-तमज़ोरम सीमा तववाद भी ह

राजनीततक-सासकततक अलगाव और आतथयक शोषण क अततररत दश क भीतर स होन वाल परवासन और बागलादश समत अनक पड़ोसी दशो स होन वाल आपरवासन स भी lsquoसथानीय बनाम परवासीrsquo का अनततवयरोध पदा हआ दरअसल औपतनवतशक काल स ही अतवभातजत असम म उपतनवशवातदयो दारा चाय बागानो की मौजदगी क कारण एक हद तक आतथयक तवकास तकया गया यही कारण था तक उस दौर म भी पड़ोसी बगाल परानत और भारत क अनय इलाको स लोग रोज़गार और ज़मीन की तलाश म असम परवासन करत थ और चतक उपतनवशवातदयो को भी चाय-बागानो म काम करन क तलए मज़दरो की ज़ररत थी तो वह सवय भी बाहर स लोगो को काम क तलए बलात थ साथ ही तल और कोयला खदानो म भी काययशतत की आवशयकता होती थी इसक अलावा सड़क और रल तनमायण कायय म भी बाहर स मज़दरो को काम पर लगाया जाता रहा बगाल स आन वाली एक बड़ी आबादी मसलामानो की भी थी इन परवातसयो म कई जो मखयतः चाय-बागानो म काम करत थ व वही बस भी गय इस पर तववरण क तलए पाठक मासयवादी इततहासकार अमलनद गहा को पढ़ सकत ह तजनका काम असम

(पज 13 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 13

(पज 12 स आग)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का ह मज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहएऔर वहा क राषटवादी आनदोलनो पर कतनदरत ह यह परवासन आज भी हो रहा ह इन परवातसयो म असर मज़दर आबादी ही शातमल होती ह ldquoसथानीय बनाम परवासीrdquo क अनतरतवरोध का फ़ायदा इन कौमो म मौजद तफ़रकापरसत ताकत भी अपन तनतहत सवाथयो क तलए उठा रही ह सीतमत ससाधनो और जनसातखयकीय असनतलन का हवाला दकर आम जनता म भय और असरकाबोध पदा तकया गया ह जो परवातसयो क तिलाफ़ तहसातमक घटनाओ म सामन आया ह य इन राषटीय आिोलनो म पजीवािी राजनीदत और दवचारधाराओ की मौजिगी यानी अदमतावािी व अधराषटवािी रझान की ओर भी इशारा करता ह और अततोगतवा हर परकार क राषटवाि की सीमा और परदतदकरयावािी चरररि को भी उजागर करता ह भल ही वह िदमत राषट का ही यो न हो िदमत राषटो की राषटीय मदत की लडाई म इन पजीवािी दवचारो व राजनीदत क दखलाफ सघरव करना करादतकारी मजिर वगव का एक कायवभार ह योदक तभी सही मायन म जनता की जनवािी राषटीय करादत क जररए सचची राषटीय मदत भी समभव ह बहरहाल इन अतरदवरोधो का फायिा भाजपा जसी फासीवािी पाटटी इस मजहबी रग ि कर भी उठा रही ह

बहरहाल मल चचाय पर वापस लौटत हए बात कर तो उतर-पवय क तवतभनन राजयो क इततहास पर तनगाह िालन स भारतीय राजयसता का ऐततहातसक तवशवासघात सपषट रप स सामन आता ह इसकी तवसतत चचाय म हम यहा नही जा सकत ह तफ़लहाल इतना कहना काफ़ी होगा तक उतर-पवय क तमाम राषटो-राषटीयताओ की आकाकाओ को कचलकर ही भारतीय राजयसता न जोर-ज़बदयसती करक इनह ldquoभारतीय राषटrdquo म शातमल तकया ह

मतणपर की बात कर तो आज़ादी क ततकाल बाद ही भारत सरकार क परतततनतध वीपी मनन न राजय म तबगड़ती कानन-वयवसथा का हवाला दकर मतणपर क राजाबोधचनदर तसह को तशलाग बलाया और 21 तसतमबर 1949 को कपटपणय तरीक स उसस भारत म तवलय क समझौत पर हसताकर करा तलया भारत सरकार न यह भी ज़ररी नही समझा तक इस समझौत की अतभपतषट नवतनवायतचत मतणपर तवधानसभा दारा करा ली जाय उट तवधानसभा को भग कर तदया गया इसक बाद स ही मतणपर म भारतीय राजय दारा परतयक दमन की नीतत अपनाकर परततरोध को दबान का तसलतसला शर हो गया और इसी क समानतर सशसतर सघषयो का भी तसलतसला शर हो गया आफसपा जस काल कानन की आड़ म भारतीय सना दारा की गयी बबयरता न जन-परततरोध को और बल परदान तकया 2004 म

भारतीय सतनको दारा एक मतणपरी मतहला मनोरमा क बलातकार और हतया क तवरोध म वहा की मतहलाओ न तनवयसतर होकर सना मखयालय क सामन तवरोध परदशयन तकया था यह घटना तकसी भी जनवादी होन का दावा करन वाल राजय क तलए एक शमयनाक घटना होती लतकन भारतीय राजय की बशमटी और बबयरता बदसतर जारी रही और उतर-पवय म यह दमनकारी जनदरोही कानन आज तक लाग ह

नगालि की कहानी भी क ऐसी ही ह औतपवतशक शासन क दौरान और बीसवी सदी की शरआत म नगा पहातड़यो क सथानीय तनवासी नगा नशनल काउतसल (एनएनसी) क बनर तल एकजट होकर एक साझा मातभतम और सवशासन की आकाका परकट करन लग थ भारत की आज़ादी क बाद नगा नशनल काउतसल न आतमतनणयय क अतधकार की वकालत की और भारत स आज़ादी क तलए जनमत सगह की माग भी रखी लतकन भारतीय राजय न एकतरफ़ा तरीक स नगा भभाग को भारतीय गणराजय का तहससा घोतषत कर तदया बदल म एनएनसी न नगालि की सवततता की घोषणा कर दी और 1952 म समपनन पहल आम चनावो का बतहषकार भी तकया इसक बाद ही भारत सरकार दारा कई नगा नताओ को तगरफतार कर तलया गया और तब स ही नगालि म एक लमब सशसतर सघषय की शरआत हई 1955 म भारतीय राजय न पतलस और सशसतर बलो क ज़ररए नगा राषटीय मतत आनदोलन को कचलन की कोतशश भी की इसी सघषय का सामना करन क तलए 1958 म lsquoआमिय फ़ोसजज सपशल पावसय एटrsquo बना जो आज तक समच उतर-पवय म लाग ह 1975 म एनएनसी क शीषय नततव न भारत सरकार क साथ वाताय करक तशलाग समझौता तकया और भारतीय गणराजय म शातमल होना सवीकार तकया तजन नगा नताओ न इस समझौत को सवीकार नही तकया उनहोन lsquoनशनल सोशतलसट काउतसल ऑफ़ नगालिrsquo (एनएससीएन) का गठन करक सघषय जारी रखा अब यह सगठन मइवा और खापलाग क दो गटो म तवभातजत ह तजनका आधार नगा जनजातीय समह की अलग-अलग उपजाततयो म ह

अब तमज़ोरम पर आत ह जसा तक ऊपर चचाय म आया था तक तमज़ो पहाड़ी कत आज़ादी क वक़त लशाई पहाड़ी तज़ल क नाम स असम म गतठत हआ तजसका नाम 1954 म बदलकर असम का तमज़ो पहाड़ी तज़ला कर तदया गया असम स अलग होन का एक अलगाववादी आनदोलन आज़ादी स पहल भी तमज़ो जनजातीय समहो म मौजद था लतकन 1959 स 1961 तक आय अकाल क राहत कायय म भारतीय राजय की उदासीनता और अनदखी क कारण पहल स ही मौजद असनतोष और आकरोश को नयी ज़मीन परापत हई इसक बाद ही साठ क दशक स तमज़ो सशसतर तवदरोह की दासतान शर होती ह

इसी दौर म तमज़ो नशनल फट (एमएनएफ़) का गठन हआ तजसनlsquoभारतीय उपतनवशवाद स तमज़ोरम की मततrsquo क तलए सशसतर सघषय का आहान तकया फ़रवरी 1966 म सशसतर दसतो न आइज़ोल शहर पर कबज़ा कर तलया नगालि की ही तरह भारतीय राजय दारा यहा भी दमन की नीतत को ततकाल अमल म लाया गया शहर को तफर स कबज़ा करन म भारतीय सना न नागररक आबादी पर धआधार बमबारी की हज़ारो पररवारो को उनक घरो स उजाड़ तदया गया 1986 म एमएनएफ़ और भारत सरकार क बीच समझौता हआ तजसक बाद एमएनएफ़ तहसा ोड़कर ldquoमखयधाराrdquo म शातमल हो गया और भारतीय सतवधान क अनतगयत काम करन पर सहमत हो गया लतकन इसस भारत क परतत तमज़ोरम क नजातीय समहो का अलगाव और रोष जरा भी कम नही हआ आज भी वहा अलग-अलग नजातीय समहो क अपन-अपन सशसतर तवदरोही दसत ह

तसतकम क इततहास पर भी तनगाह िालन पर सपषट होता ह तक आज़ादी क समय यानी 1947 स ही तसतकम का दजाय भारत क सरतकत राजय (lsquoपरोटटोरटrsquo) का था वह भारतीय यतनयन का तहससा नही था 1975 म तबना तसतकम की जनता स रायशमारी तकय भारतीय सतवधान म मौजद परावधान क तहत उस भारत म तमला तलया गया और पणय राजय का दजाय द तदया गया जबतक उस वक़त भी तसतकम का शासक आतमतनणयय का अतधकार माग रहा था तजस भारतीय राजय दारा िाररज कर तदया गया

इस सतकपत चचाय स सपषट ह तक आजादी क बाद स ही भारतीय हमरानो न उतर-पवय क तमाम राषटो एव राषटीयताओ क साथ ल-कपट करक वायदातिलाफ़ी करक दमन राजकीय तहसा और आतक का अनतहीन चकर कायम करक उनकी आकाकाओ और हको का गला घोटन का घतणत ककमय तकया ह तजस भारतीय राषटवाद क सड़-गल मलमम क ज़ररए तपाना भी नाममतकन जान पड़ता ह यह इततहास भारत क मज़दर वगय को भी जानन की ज़ररत ह योतक शोषण दमन और उतपीड़न का हर रप म तवरोध तकय तबना करातनतकारी मज़दर वगय न तो समाजवादी करातनत कर मज़दर सता को सथातपत कर सकता ह और न ही करातनतकारी सवयहारा जनवाद को सथातपत कर सकता ह तकसी भी रप म दमन शोषण और उतपीड़न का साथ दन वाला मज़दर वगय सवय भी पजीपतत वगय क हाथो शोतषत व दतमत होत रहन क तलए अतभशपत होता हअसम-ममज़ोरम समीमा-नववाद का हल उततर-पवष म राषटमीय रिशि क

समाधाि स जड़ा हउतर-पवय क तमाम राजयो म मौजद

आपसी सीमा-तववाद का तनपटारा भी वहा क राषटीय परशन क समाधान स नातभनालबदध ह वस तो तकसी यतनयन म सवचा स शातमल हई इकाइयो

क बीच भी सीमा-तनधायरण को लकर झगड़-फ़साद हो सकत ह एक पजीवादी राजय वयवसथा क अनतगयत आप और तकसी बात की उममीद कर भी नही सकत ह राषटीय शातनत या कौमी अमन जसी कोई भी चीज़ पजीवाद क मातहत सथायी तौर पर समभव ही नही ह लतकन यह तमाम तववाद अपन आप म कौमी दमन नही होत ह जबतक उतर-पवय की बात कर तो य तमाम सीमा-तववाद सीध-सीध भारतीय राजय क कौमी दमन की नीतत स ही पदा हए ह और उसक अतवभाजय अग ह

कौमी दमन का मतलब यह ह तक भारतीय शासक वगय दारा उतर-पवय म मौजद तमाम कौमो क पजीपतत वगय समत समची कौम का ही दमन तकया जा रहा ह यानी कौमी िमन क दनशान पर मलतः िदमत कौम का पजीपदत वगव होता ह जो िमन बाि म वकहि रप अदततयार कर जनता क अलग-अलग दहसो और जन-जीवन को भी अपनी जि म ल लता ह दकसी कौम क बजवआ वगव क िमन क बगर कौमी िमन अदततव म आ ही नही सकता ह िसर शबिो म कह तो कोई भी कौम िदमत ही तब मानी जायगी जबदक उसका पजीपदत वगव िदमत हो आज भारत की बात कर तो कशमीर और उततर-पवव को छोडकर यह दथदत और कही मौजि नही ह कौम या राषट बनता ही बजयआ वगय क अतसततव म आन क साथ ह यतद तकसी कौम स पजीपतत वगय को अलग कर तदया जाय तो उसक बाद जो रह जाता ह वह बस जनता ही ह आज उतर-पवय क राषटो म यह पजीपतत वगय तकतना तवकतसत या अतवकतसत ह इस तथय स वहा मौजद राषटीय दमन पर कोई फ़कय नही पड़ता ह

इसतलए उतर-पवय म तमाम राजयो क बीच मौजद सीमा-तववाद कौमी दमन का कारण नही बतक इसी कौमी दमन की नीतत का एक पररणाम ह अलग स तकसी दश क तकनही दो राजयो तजनम तक दतमत कौम ह और ज़बरन तकसी यतनयन म शातमल की गयी ह क बीच सीमा-तववाद क हल की उममीद शासक वगयो स तबना वहद राषटीय परशन क समाधान क करना ही बमानी ह आज़ादी क बाद शरआती दशको म तो भारत सरकार न उतर-पवय क महतव को कवल रणनीततक दतषट स ही दखा था लतकन पजीवादी तवकास क साथ ही पराकततक समपदा और ससती शरमशतत क दोहन की भी शरआत हई हालातक यहा बसन वाली कौमो म भारतीय राजयसता क परतत नफ़रत और अलगाव म कोई कमी नही आयी ह तकसी कापतनक एकाशमी ldquoभारत राषटrdquo और भारतीय राषटवाद म इन कौमो का तवलयन ज़ोर-ज़बदयसती क बत ही समभव ह इसतलए आज भी इस पर भ-भाग म कई सशसतर सघषय चल रह ह जब तक भारतीय राजयसता का राषटीय दमन और ज़बर जारी रहगा य राषटीय मतत सघषय भी तवसतजयत नही होग नततव की कोई

एक धारा जब समपयण करगी तो दसरी धारा उभरकर सामन आयगी और सघषय को जारी रखगी ऐततहातसक तौर पर कह तो राषटीय परशन का अतनतम और मकममल समाधान तो कवल और कवल एक समाजवादी राजय क तहत ही समभव ह जो सही मायन म तवतभनन राषटो को अलग होन क अतधकार क समत आतमतनणयय का अतधकार और अपसखयक राषटीयताओ को ससगत जनवाद का अतधकार दता ह लतकन हर दतमत कौम क तलए पहला काययभार राषटीय मतत का जनवादी काययभार ही होता ह और उसक तलए करातनत की मज़ तल भी राषटीय जनवादी ही होती ह

इततहास न यह भी सातबत तकया ह तक सामाजयवाद क दौर म दमनकारी राषट या राषटो क पजीपतत वगय आम तौर पर दतमत राषटो को आतमतनणयय का अतधकार और राषटीयताओ को ससगत जनवाद नही द सकत लतकन यह भी उतना ही सच ह तक राषट कवल दमनकारी राषटो क अतधकार दन की वजह स म त नही होत व अपन राषटीय मतत सघषयो क ज़ररए भी म त होत ह यह एक अलग चचाय का तवषय ह तक उतर-पवय क तवतभनन राषटो का राषटीय मतत सघषय यह राषटीय मतत हातसल कर सकता ह या नही लतकन इतना तय ह तक जब तक इन दतमत कौमो को राषटीय मतत हातसल नही होती तब तक शातनत या तसथरता की कोई उममीद भी नही की जा सकती ह तकसी भी कौम को हमशा गलाम बनाकर नही रखा जा सकता ह यह बात भारत क उतर-पवय पर भी उतनी ही लाग होती ह

आज भारत म दतमत कौमो क राषटीय मतत सघषयो को भारतीय राजयसता क तवरदध मज़दर वगय क समाजवादी करातनत क सघषय स जड़ना होगा और भारत क मज़दर वगय आम महनतकश जनता और ातो-नौजवानो को भारत की दतमत कौमो क राषटीय मतत सघषय स िद को जोड़त हए उनक राषटीय आतमतनणयय क अतधकार का तबना शतय समथयन करना होगा जहा एक तरफ़ भारत की महनतकश अवाम को हर परकार क राषटीय कटरपनथ और अनधराषटवाद स अपना नाता तोड़ना होगा और भारतीय बजयआ वगय क मिी म पदा हए राषटवाद की असतलयत समझनी होगी वही दसरी तरफ़ दतमत कौमो म राषटीय मतत क तलए लड़ रही ताकतो को भी यह समझना होगा तक हर परकार का बजयआ राषटवाद और सकीणय अतसमतावाद या कटरतावाद तकसी भी वयापक और तटकाऊ जन-एकजटता म बाधा ह भारत की महनतकश जनता इस सघषय म उनकी शत नही बतक दोसत ह वासतव म भारतीय राजयसता और भारतीय पजीपतत वगय ही हमारा मशतरका दशमन ह यह बात समझना बहद जररी ह सचच और सही अथयो म राषटीय मतत आनदोलन भी साथयक और कारगर तरीक स तभी आग भी बढ़ सकत ह

14 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 1 स आग)

करना ही उसक तलए भी बहतर ह इस तरह दश आज़ाद हआ आलीशान अटातलकाओ म हो रह जशन क बाहर बठी दश की आम महनतकश जनता फटहाल हालत म सगीत नाच-गाना और आततशबाज़ी दख रही थी और उममीद लगाय थी तक एक तदन वह भी िशहाल होगी आज़ादी क करीब चार दशक बाद जब नवउदारवादी नीततयो की शरआत हई तो पजीवादी नताओ और उनक चाकर बतदधजीतवयो न कहना शर तकया तक जब समतदध आयगी तो ररस-ररस कर सब तक पहचगी लतकन ररस-ररस कर तो बस दख-तकलीफ़ आयी ह अमीरज़ादो की समतदध की आततशबातज़यो को दख सड़को पर भीख माग रह बचच ताली बजा कर िश होत ह समतदध का अथय जनता क तलए बस इतना ही ह

आपन असर लोगो को यह कहत सना होगा तक अगज़ चल गय लतकन अगज़ी ोड़ गय अगज़ी क पी टन का मतलब तसफ़य भाषा स नही ह इसका अथय यह भी ह तक अगज़ो क चल जान क बाद अगज़ी नौकरशाही सना और पतलस क औपतनवतशक ढाच को ही अपना तलया गया योतक वह भारतीय पजीपतत वगय क तलए भी अपन तहतो की सवा क तलए उपय त था इसतलए लट और दमन बदसतर जारी रहा बस शासक वगय बदल गया जब दमन का बना-बनाया तत आज़ादी क साथ मफत तमल रहा था तो उस बदलन की कोई िास आवशयकता नही थी इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक lsquoगवनयम ट ऑफ़ इतिया एट 1935rsquo क 321 धाराओ म स 250 को ह-ब-ह भारतीय सतवधान म अपना तलया गया और आईपीसी तो अगज़ो क ज़मान स चली आ रही ह तजनम नयी धाराए जोड़ी गयी ह लतकन परानी सभी धाराए लगभग वसी ही ह तलतखत क साथ-साथ अतलतखत हथकि भी उनही स सीखकर उस िब माजा गया lsquoफट िालो और राज करोrsquo की नीतत पजीवादी सता क तलए अचक सजीवनी बटी ह अगज़ो न इस सवततता आनदोलन को कमज़ोर करन क तलए इसतमाल तकया और आज़ाद दश म सभी सरकार इस अपन-अपन ढग स मज़दरो-महनतकशो की एकता तोड़न उनक सघषयो को कमज़ोर करन क तलए करती आयी ह इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक आज़ादी क दौरान करातनतकाररयो की मितबरी करन वालो अगज़ो क तलव चाटन वालो उनह माफ़ीनामा तलखन वालो आज़ादी की पवयसधया पर ततरगा जलान वालो और महातमा गाधी की हतया करन वालो आरएसएस और अनय सहयोगी सगठनो पर कभी कोई ठोस कारयवाई नही की गयी तजसस इनको परभावी तौर स रोका जा सक भारतीय पजीवाद को आरएसएस की आवशयकता थी और इसतलए इस ज़जीर स बध कत की तरह अपन करीब बाध रखा समय-समय

पर ज़ररत क अनसार ज़जीर कस दी जाती रही या ढीली कर दी जाती रही आज पजीवाद की ज़ररत क अनसार इस खखार कत को भारत क पजीपतत वगय न सता ही सौप दी ह

बहरहाल हम बात कर रह थ भारत क पजीपतत वगय और उसकी राजनीततक पाटटी कागस क बार म सता हातसल करन क बाद भारत का पजीपतत वगय इतना सशत नही था तक अपन बल-बत पजीवाद क फलन-फलन क तलए आवशयक बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो का ताना- बाना खड़ा कर सक उसक पास आरतमभक पजी और तकनोलॉजी की कमी थी इन आवशयकताओ को परा करन की दो राह थी एक सामाजयवादी दशो पर पणय-तनभयरता और दसरा जनता की गाढ़ी कमाई की पाई-पाई का दोहन इन दोनो म स यहा क पजीपतत वगय न दसरा रासता अपनाया लतकन पजीपतत वगय सीध जनता का पसा नही लट सकता था और न ही राजय उस सीध लटकर पजीपततयो को थमा सकता था इसतलए इनहोन तमतशरत अथययवयवसथा की नीतत अपनायी यानी सावयजतनक कत सय त कत और तनजी कत इस नहर न lsquoसमाजवादी नमन क समाज क तवकासrsquo का नाम तदया जनता की गाढ़ी कमाई चस कर दश का तवकास आरमभ हआ और जनता क पस स बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो को खड़ा तकया गया बतनयादी और अवसरचनागत उदयोग जस इसपात कारिान रल यातायात और पररवहन तबजली सचार आतद सावयजतनक कत म रख गय इनम पजी तनवश अतधक और मनाफ़ा लमब कालकरम म हातसल होना था वही उपभोता वसतओ का उतपादन तनजी कत को सौपा गया तजसम लागत सापतकक रप स कम और मनाफ़ा जद हातसल होना था इस योजना का आधार 1944 का बॉमब पलान या टाटा-तबड़ला पलान था दश की मज़दर-महनतकश आबादी की कमाई लट कर दश म बतनयानी और अवसरचनागत उदयोग खड़ तकय गय तातक पजीपतत वगय क मनाफ़ा कमान का काम सगम हो सक मतलब lsquoहरज लग न तफटकरी रग चोखाrsquo उननीसवी सदी क अनत और बीसवी सदी क शरआत स ही दश म कई बड़ बक थ तजनम सबस बड़ा बक lsquoइमपीररयल बकrsquo था लतकन दर-दराज़ क इलाको म भी सतवग सकीम थी जस पोसट ऑतफ़स सतवग सकीम जो 1882 म खोली गयी थी जनता की महनत की कमाई तक पहच क तलए ससथान पहल स मौजद थ तजन पर 1948 क बाद नहर न अतधक बल तदया जो तक पजी क सचय क तलए लातज़मी भी था 1969 म बको क राषटीकरण न तनवश क तलए पजी की उपलबधता को बढ़ा तदया कह सकत ह तक तमतशरत अथयवयवसथा की आड़ म बहद कशलतापवयक कागस न पजीपतत वगय की सवा की उसक तहतो को

साधा और जनता की गाढ़ी कमाई को चस कर पल सड़क सचार पररवहन बनाया गया और जनता क बीच बढ़ रह मोहभग पर रसमी सधारवाद का नाटक कर पानी क ीट भी िाल सीपीआई सीपीएम और नामधारी कमयतनसट पातटययो न भी इन नीततयो का समथयन कर न कवल जनता की पीठ म रा घोपा बतक उनकी राजनीततक चतना को भी कनद तकया तजसकी चचाय हम आग करग

नहरतवयाई lsquoसमाजवादrsquo क चोग की सीवन जद ही उधड़न लगी और 1960 क दशक क उतरादधय म ही भारत की अथयवयवसथा म ठहराव आन लगा 1970 का दशक मनदी का दशक रहा चार पचवषटीय योजनाओ और तीन वातषयक योजनाओ क कल पजी तनवश को दख तो सावयजतनक कत म पजी तनवश का परततशत अनपात तनजी कत की तलना म बढ़ता गया लतकन जद ही तमतशरत अथयवयवसथा या तथाकतथत समाजवाद क अनतरतवरोध सामन आन लग 1960 क दशक म जो सकट आया था और जो 1970 क दशक म गहराया था वह राजकीय इजारदार पजीवाद क ढाच क भीतर पजी सचय का सकट था बड़ा पजीपतत वगय और साथ ही नवोतदत मझोला व ोटा पजीपतत वगय lsquoधनधा करन की परी सहतलयतrsquo की माग कर रहा था जो तक नहरतवयाई समाजवाद क ढाच म बातधत थी हर परकार क सरकारी तवतनयमन व तनयतण स उस टकारा चातहए था तजस उसन सवय अपनी ही ज़ररत स एक समय सथातपत तकया था इस सकट की ही अतभवयततया थी उस दौर म बढ़ती महगाई बरोज़गारी खादयानन सकट आतद एक ओर मधय वगय तनमन पजीपतत वगय और महनतकशो क सपन टट रह थ वही दसरी ओर सावयजतनक कत क पालन म पला तशश तनजी पजीपतत वगय अब बड़ा हो चला था और पालना उसक तवकास को रोक रहा था पजीवादी तहतो की नमाइनदगी करन वाल बतदधजीतवयो और अथयशातसतरयो न पजी पर राजय क तवतनयमन यानी लाइसस कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण परतयक तवदशी तनवश पर रोक एमआरटीपी तनयतण व सतबसिी आतद पर सवाल उठान शर कर तदय

इस दौर म तवशव सतर पर भी 1970 क दशक म नवउदारवाद क यग की शरआत होती ह अपना सवतणयम यग जीन क बाद 1960 क दशक क आतिरी वषयो म ही अमररकी व यरोपीय पजीवाद पर सकट क बादल मिरान लग थ और इसक साथ ही करतमक परतकरया म पतशचम म कयाणकारी राजय की नीततयो को समापत करना शर कर तदया चतक अमररकी व आम तौर पर पतशचमी पजीवादी अथयवयवसथाए मनाफ़ की दर का सकट झल रही थी इसतलए पहल उनहोन अपन यहा तवतीय तवतवतनयमन तकय अमररका न लचीली तवतनमय दर सथातपत की शरम

बाज़ार का भी क उदारीकरण तकया और तफर तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क पजीपतत वगय पर भी दबाव बनाया तक व भी तवतीय तवतवतनयमन कर और शरम बाज़ार को लचीला बनाय तातक पतशचमी सामाजयवादी पजी को इन दशो म और खल कर ससत शरम की लट की ट तमल अपन कारणो स एतशया व अरब अफीका और साथ ही लाततन अमररका क तमाम पजीवादी दशो का शासक वगय भी उदारीकरण की आवशयकता महसस कर रहा था तवशव बक और तवशव मदरा कोष न तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क आतथयक सकट का लाभ उठात हए उन पर तवदशी पजी क तलए अपन दरवाज़ खोलन का दबाव बनाया यानी उनह तवदशी वयापार और तवदशी तनवश पर लगी तमाम पाबतनदयो को हटान क तलए मजबर करन का परयास तकया क दशो न (जस तक लाततन अमररका क क दश) इस परकार की नीततयो को जयो का तयो लाग तकया तजनह lsquoसपrsquo यानी lsquoसटचरल एिजसटमटrsquo की नीतत भी कहा जाता हा इसक आरतमभक परयोग लाततन अमररका क दशो म हए और पानी जसी मलभत सतवधाओ को तनजी हाथो म सौपन स लकर समची अथयवयवसथा क नवउदारवादी पनगयठन क भयकर पररणाम सामन आय

भारत क सनदभय म कहा जाय तो यहा क पजीपतत वगय न बहद कशलता स इन नीततयो को लाततन अमररका क तवपरीत अपन तहतो क अनसार बदलकर और तवलतमबत परतकरया म लाग तकया तजसक कारण भारतीय पजीवादी वयवसथा उस परकार सामाजयवाद पर तनभयर नही हई और न ही वह उस परकार औध मह तगरी तजस परकार लाततन अमररका क क दशो क साथ हआ नतीजतन यहा उस परकार जनाकरोश फट कर सड़को पर भी नही बहा तजस परकार लाततन अमररकी दशो म हआ था असर यह बात कही जाती ह तक भारतीय शासक वगय अनतरायषटीय दबाव म नवउदारवादी नीततयो को अपनान क तलए मजबर था लतकन ऐसा नही ह और इसकी चचाय हम पहल ही कर चक ह तक तकस परकार तमतशरत अथयवयवसथा क तवतनयमन म तनजी पजी का दम घट रहा था और वह लाइसस सतबसिी परतमट शरम काननो कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण आतद स पीा ड़ाकर म त बाज़ार म गोत लगाना चाहती थी तसफ़य बाहरी पररतसथततया ही नही बतक आनतररक पररतसथततया भी नवउदारवाद क तलए दबाव बना रही थी आतधकाररक तौर पर जलाई 1991 म नवउदारवाद की नीततयो की घोषणा स पहल ही 1980 क दशक म राजीव गाधी नवउदारवाद क सबस मखर समथयक बन और उनकी सरकार न सीतमत हद तक अथयवयवसथा का उदारीकरण तकया 30 उदयोगो म लाइसस की आवशयकता हटायी तथा और साथ ही कई पररवतयन तकय गय

लतकन पर ढोल-ताश तोरण और बनदनवार क साथ तवकास क बड़-बड़ वायदो और रोज़गार क सवतणयम अवसरो क सपन तदखा कर उदारीकरण तनजीकरण और भमिलीकरण की नवउदारवादी नीततयो की शरआत 24 जलाई 1991 को परधानमती नरतसमहा राव तवत मती मनमोहन तसह और योजना आयोग क उपाधयक मोटक तसह अहलवातलया क समय म की गयी यह दावा तकया गया तक परतयक तवदशी तनवश स दश म रोज़गार सजन होगा इन तीनो न तमल कर lsquoतटकल िाउन तथयरीrsquo यानी धन-समतदध क ऊपर स ररस कर नीच जान का तसदधानत परसतत तकया ऊपर स नीच का सच तो महनतकश लोग अपनी तज़नदगी स जानत ही ह नीच स तनचोड़कर सारा धन ऊपर की ओर ज़रर चला जा रहा ह और ऊपर स ररसकर कवल गरीबी बरोज़गारी और बबायदी आम महनतकश जनता क तहसस आ रही ह अगर ऐसा नही होता तो दश म 1990 म जहा मात 2 अरबपतत (िॉलर अरबपतत) थ वही 2021 म 177 कस हो गय lsquoहरन गलोबल ररच तलसटrsquo (हरन दारा बनायी तवशव म अमीरो की सची) क अनसार पर तवशव म अरबपततयो की सखया म तीसरा सथान भारत का ह साथ ही वतशवक भखमरी सचकाक म 107 दशो की सची म भारत 94व सथान पर ह सवासथय की पहच क कत म भारत का सथान 189 दशो म 179वा ह जो तक बगलादश शरीलका पातकसतान और कई अफीकी दशो स भी नीच ह 1995 स लकर 2009 तक जीिीपी क औसत 6 स सात और कई बार 8 स ऊपर पहचन पर सीना चौड़ा कर तवकास का दावा करन वाली सरकार यह नही बताती तक यह तवकास रोज़गारतवहीन तवकास था योतक 1991 स लकर 2018 तक बरोज़गारी की दर 5 परततशत स 6 परततशत क बीच बनी हई थी जो 2020 म 56 सालो म सबस जयादा यानी 89 परततशत हो गयी 2021 म तो यह 917 परततशत हो गयी ऐस तवकास की जनता क तलए या उपयोतगता जो रोज़गार क अवसर ही न सतजत कर शयर बाज़ार म उाल पजीपततयो की तज़ रफतार महगी गातड़यो पराइवट जट तवमानो आलीशान अटातलकाओ और तवदश याताओ की सखया क आधार पर मापा गया तवकास आम महनतकश आबादी की थाली म दो जन की रोटी तक नही पहचाता

आम आबादी क तलए तो नवउदारवाद तगी बरोज़गारी कपोषण और भखमरी ही लकर आया ह तदहाड़ी पर काम करन वाली 50 करोड़ आबादी 10 साल पहल वासतव म तजतना कमाती थी आज भी लगभग उतना ही कमाती ह जबतक कीमत दोगनी-तीन गनी हो चकी ह दश म 60 परततशत आबादी कपोषण का तशकार

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह

(पज 15 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 15

ह राषटीय पोषण तनगरानी बयरो दारा 2015-16 म शहरी आबादी म तकय गय सवज क अनसार औसत खानपान म परोटीन कतशयम आयरन तथयातमन तनयातसन आतद पोषक ततवो की काफ़ी कमी ह यही ह दश की मज़दर महनतकश आबादी क तलए नवउदारवाद की सवतणयम सौगात

िवउदारवाद और मज़दर आनदोलि

1950 क दशक क आरमभ स ही सशोधनवाद क मागय पर तनकल पड़ी भारत की कमयतनसट पाटटी (भाकपा) नहर और कागस की नीततयो को समाजवाद की तदशा म कदम मानती थी और राषटीकरण की रट लगाती थी भाकपा क अनसार आज़ादी क बाद कागस जनवादी काययभारो को परा कर रही थी इसतलए कमयतनसटो को इसका सहयोग करना चातहए अत इनहोन वगय सहयोग की लाइन दी जब पाटटी की लाइन ही वगय सहायोगवाद की हो गयी तब समाजवाद क समथयन और सवयहारा वगय को करातनतकारी चतना और उसक ऐततहातसक तमशन स पररचय करान की बात तो सथतगत हो गयी 1964 म एक सशोधनवादी पाटटी क तौर पर ही भाकपा स अलग हई माकपा सीध तौर पर नहर की गोद म नही बठी और उसन नहर को समझौतापरसत बोलकर उसपर जनवादी काययभारो को परा करन क तलए सड़क और ससद म दबाव बनान की बात की लतकन असल म वह भी एक सशोधनवादी पाटटी थी न तक मज़दर वगय की कोई करातनतकारी कमयतनसट पाटटी अपन गरमा-गरम भाषणो और चाय की पयाली म तफ़ान उठान क अलावा इन ससदमागटी जड़वामनो न बजयआ वगय क तिलाफ़ मज़दर वगय की करातनतकारी राजनीततक चतना उननत बनान क तलए कोई ठोस राजनीततक कारयवाई नही की और मज़दर वगय को अथयवाद क गोल चकर म ही घमात रह सवयहारा वगय की तहरावल पाटटी का अतनतम लकय होता ह तक वह बजयआ राजयसता का धवस करक सवयहारा राजयसता की सथापना करन की ऐततहातसक मतहम म महनतकश जनसमदाय को नततव द इस अतनतम लकय तक पहचन क तलए कमयतनसट मज़दरो और सभी करातनत-पकधर वगयो क जन-सगठन बनात हए आतथयक सधारो-मागो-ररयायतो क तलए अथयवादी नही बतक राजनीततक रप स लड़त हए जनता की जझार सगठनबदधता को बढ़ात ह रतढ़यो स मतत और वगय-चतना को परखर बनान क तलए सतत सामातजक आनदोलन करत ह और सासकततक कायय करत ह लतकन ऐसा करन की जगह मज़दर वगय को य सशोधनवादी पातटयया सधारवाद पबनदसाज़ी अथयवाद अराजकतावादी सघातधपतयवाद और टि यतनयन की गतलयो म घमाती रही

1950 क उतरादधय स भाकपा एव अपन जनम क काल स ही माकपा

और 1980 क दशक स भाकपा (माल) का इततहास जब ऐसा रहा तब उनस 1991 म नवउदारवाद क तवरदध जझार परततरोध की उममीद बकार थी और हआ भी ऐसा ही नवउदारवाद न मज़दरो का िन बहा कर तमल शरम काननो को ततलाजतल द दी और य ससदमागटी सशोधनवादी पातटयया महज़ सगतठत कत क मज़दरो और कमयचाररयो को लकर नपसक तकसम क तवरोध की रसमअदायगी करती रही और 93 परततशत असगतठत मज़दर वगय को तो सगतठत करन का इनहोन कभी ढग स परयास ही नही तकया आज सार परान शरम कानन लगभग समापतपराय ह और मज़दर जानलवा हदो तक असरका की तसथतत म काम करन को मजबर ह मज़दर वगय की जीवन व काययतसथतत भयकर ह खल और मनोरजन की या बात कर जब मामली बीमाररयो क इलाज की भी सतवधा नही ह नय लबर कोि वासतव म मज़दरो की पजीपततयो दारा तबना तकसी रोक-रकावट लट को काननी बनान क तलए ही लाय गय ह इसक अलावा करल अतीत म पतशचम बगाल और ततपरा म ससदीय वामपनथी पातटययो की सरकारो न सवय नवउदारवाद की नीततयो को परी तनषठा स लाग तकया ह वगय सहयोग की तदशा म बहद सजीदगी स कदम बढ़ात हए परथम यपीए सरकार म शातमल होकर भारत म उदारीकरण-तनजीकरण को सही तरीक स लाग करन का रासता साफ़ तकया और इस तदशा म नयी-नयी नीततयो क जनमदाता बन 2005 म ससद म बठकर इनहोन सज़ अतधतनयम पास करवाया सज़ यानी सपशल इकॉनोतमक ज़ोन तजसक तहत ऐस औदयोतगक कत बनाय गय जहा तकसी भी तरह का शरम कानन लाग नही होता

इस परकार इन सशोधनवादी पातटययो न मज़दर वगय क साथ ऐततहातसक गदारी की झठ तवशवासघात और फरब का इतना लमबा काल झल कर महनतकश आबादी क बड़ तहसस का इनस मोहभग हो चका ह और इनका आधार अब मलत और मखयत सगतठत कत क पक कमयचाररयो और एक हद तक क राजयो म ोट व मझोल वयवसातययो और मझोल व धनी तकसानो-कलको म ह मज़दर वगय क एक तहसस म इनह लकर क भम अभी भी ह लतकन उनह तनरनतर करातनतकारी परचार और सघषयो क ज़ररए इनह बनकाब करक ही तोड़ा जा सकता ह सचचाई यह ह तक वाहय आवरण म आम मज़दरो को कमयतनसट तदखन वाली य पातटयया अपनी अनतयवसत म बजयआ ही होती ह सशोधनवादी पातटययो दारा मज़दर वगय क आनदोलन को सधारवाद अथयवाद और सशोधनवाद क पककि म ल जान का सबस जयादा फ़ायदा फ़ासीवादी शततयो को तमला तजनहोन पजीवादी वयवसथा क सकट और करातनतकारी

कमयतनसट शततयो क अभाव म मज़दर आनदोलन क एक ोट तहसस म और वयापक टटपतजया आबादी म परतततकरया का आधार तयार तकया

राम जनमभतम आनदोलन बाबरी मतसजद धवस 1991 क सकट क बाद और 1995 तक उदारीकरण-तनजीकरण क तवनाशकारी पररणामो क बाद भारत म फ़ासीवादी आनदोलन पहल स कही अतधक आकरामक हो कर उभरा एक करोड़ 42 लाख सदसयो वाली एटक और 60 लाख स भी जयादा की सदसयता का दमभ भरन वाला सीट और बगाल करल और ततपरा म सरकार चलान वाली माकपा और भाकपा इस आकरामक फ़ासीवादी सलाब क समय तकनार बठ कर धातमयक सौहादरय का कीतयन करती रही और सामपरदातयकता स लड़न क नाम पर कभी कागस तो कभी मलायम तसह यादव का प ला बनी रही जब 2002 म जलत गजरात क तवरोध म सड़को पर उतरन की और फ़ासीवातदयो स तनपटन की मज़दरो क लड़ाक सगठन बनान की और िाकी चििीधाररयो का महतोड़ जवाब दन की ज़ररत थी तब भी इतनी बड़ी सदसय सखया लकर इन सशोधनवादी पातटययो को ससद क एसी सभागार फ़ासीवाद स लड़न क जयादा कारगर उपाय लग वासतव म य मज़दर वगय का कोई करातनतकारी आहान करन की कमता खो चक थ और अगर दहाड़न क तलए भी मह खोलत ह तो मह स मयाऊ ही तनकल जाता ह इनका यह इततहास दशायता ह तक फ़ासीवाद को एक lsquoअपरततरोधय उभारrsquo बनान म अगर तकसी एक शतत की सबस अतधक भतमका ह तो वह सशोधनवाद ही ह

पतशचम बगाल म लोकसभा चनावो और राजयसभा चनावो क दौरान भाकपा-माकपा का बड़ा जनाधार तखसक कर भाजपा की ओर चला गया इस जनता की करातनतकारी ऊजाय को अथयवाद और सशोधनवाद स बतधया कर दन और उनकी राजनीततक चतना को कनद करन क पररणाम क तौर पर दखा जा सकता ह दश क अनय तहससो म भी मज़दर तनमन-मधयवगय और आम महनतकश वगय क बीच करातनतकारी पाटटी और राजनीतत की नामौजदगी की वजह स बढ़त आतथयक असरका व सकट काल म फ़ासीवादी ताकतो को अपन पर पसारन का अवसर तमल जाता ह िवउदारवाद क दौर म फासमीवाद

का उभारपजीवाद तजस असमाधय सकट

स गज़र रहा ह उसस तनपटन क तलए दतनया क तमाम दशो म पजीपतत वगय सबस परतततकरयावादी दतकणपनथी मज़दर-तवरोधी और फ़ासीवादी सरकारो को चन रहा ह भारत क सनदभय म तहनदतववादी फ़ासीवादी मोदी सरकार सता म आयी यहा क पजीपतत वगय को ऐसी सरकार की

ज़ररत थी जो लोह क हाथो स उन नीततयो को लाग कर जो मनाफ़ की राह म सभी परशातनयो को हटा द और पजी क तलए खल चारागाह का तनमायण कर इसक तलए आदशय परतयाशी मोदी और पाटटी भाजपा ही थ इसतलए मोदी सरकार जब 1914 म सता म आयी तो सबस पहल शरम काननो म बदलाव तकया आज यह बदलता-बदलता समापत पराय हो गया ह और उनकी जगह बस चार लबर कोि रह गय ह य कोि मज़दरो को गलामो की तसथतत म ला दग सार सावयजतनक ससथान औन-पौन दामो म बच जा रह ह पजीपततयो की सारी महमागी मराद परी हो रही ह इसतलए तो मकश अमबानी तवशव म आठवा और एतशया म सबस अमीर वयतत बन गया ह

एक ओर जहा धन क मटी भर आबादी क हाथो सकतनदरत हो रहा ह वही भमिलीकरण और उदारीकरण क 30 वषयो न बड़ पमान पर ोट पजीपतत वगय को उजाड़ा ोट पमान क उतपादको दकानदारो वतनभोतगयो और साथ ही गामीण तनमन-पजीपतत वगय को भी उजाड़ा ह बड़ पमान पर लोग सड़को पर आ गय और जो सड़को पर नही आय उनक तसर पर भी लगातार टनी और तालाबनदी नौकरी स तनकाल तदय जान ठक पर कर तदय जान की तलवार लटकती रहती ह कहन का अथय ह तनमन-पजीपतत वगय क सामन भतवषय की असरका और अतनतशचतता बहद तज़ रफतार स बढ़ी ह भाजपा और आरएसएस न इसी असरका और अतनतशचतता का फ़ायदा उठाया इस अतनतशचतता और असरका स पदा हए गसस बौखलाहट तचड़तचड़ाहट और तनराशा को सघ पररवार न अपसखयको तवशषकर मसलमानो और शरणातथययो की ओर मोड़ तदया मसलमानो शरणातथययो ईसाइयो आतद को सभी सकट पर शातनयो और असरका की वजह बतात हए इनक तिलाफ़ सड़को पर उनमाद पदा तकया गया सघ पररवार का पदा तकया सामपरदातयक उनमाद ततकालीन आतथयक सकट की वजह स उभरा और फ़ासीवाद भारत म पहली बार 1980 क दशक म एक परतततकरयावादी

सामातजक आनदोलन बनकर उभरा लतकन तवचारधारातमक सगठनातमक और ससथाबदध कामो की तयारी सघ 1925 स ही कर रहा था शाखाओ सासकततक कनदरो तशश मतनदरो म सामपरदातयक सतरी-तवरोधी दतलत-तवरोधी ज़हर घोल-घोल कर तपलाया जाता रहा और आज इन ससथाओ स तनकल लोग नौकरशाही पतलस सना नयायपातलका तवशवतवदयालयो स लकर न कड़-चौराहो पर सघ क तवचारो क रकक और परचारक बन बठ ह बहरहाल आज कोई दशवयापी करातनतकारी कमयतनसट पाटटी मौजद नही ह जो तक वयापक महनतकश अवाम को करातनतकारी सवयहारा वगय क नततव म जगा सक गोलबनद कर सक सगतठत कर सक और समझा सक तक उनक दखो तकलीफ़ो और असरका की असल वजह पजीवाद ह न तक कोई धमय या समदाय आज ऐसी पाटटी का तनमायण करत हए मज़दर वगय क बीच वयापत सभी परकार क तवजातीय तवचारो स लड़ना होगा और उनकी राजनीततक चतना उननत करनी होगी मज़दर वगय को उसक ऐततहातसक तमशन की याद तदलानी होगी और उसक बीच वयापत रतढ़वादी अवजातनक अतातकय क तवचारो स सतत सघषय करना होगा कवल इसी क ज़ररए मज़दर वगय और आम महनतकश अवाम फ़ासीवातदयो को महतोड़ जवाब द सकती ह

अनतत 30 वषयो क नवउदारवाद क काल न दश म वगयो का धरवीकरण ितरनाक सीमा तक बढ़ा तदया ह करोड़ो-करोड़ बदहाल तनराश और बघर आबादी क शीषय पर मटी भर आबादी आपरातधक अययाशी का जीवन जी रही ह और आन वाल समय म बढ़ती महगाई टनी-तालाबनदी बरोज़गारी को दखत हए यह धरवीकरण और गहरान जा रहा ह आतथयक सकट स पदा असनतोष को दबान क तलए फ़ासीवाद क हमल भी और आकरामक होग तजसक सकत तमल रह ह करातनतकारी शततयो को सवयहारा वगय क बीच राजनीततक परचार-परसार क काम को यदध सतर पर सगतठत करना होगा और मज़दर महनतकश वगय को इन राजनीततक गतततवतधयो म बढ़-चढ़ कर तहससा लना होगा

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह(पज 14 स आग)

अपनी रोज़ी-रोटी को बचाया जा सक और लट शोषण व दमन क तिलाफ़ समच मज़दर वगय और आम महनतकश आबादी का सशत परततरोध खड़ा तकया जा सक पजीवाद क मनाफ़ की दर तगरन का सकट पहल स कही जयादा तज़ होता जा रहा ह और मज़दरो क लट शोषण व दमन तज़ होता जा रहा ह यही समय ह तक हम मज़दर जद स जद एकजट हो जाय सगतठत हो जाय और सोच-समझकर अपन सघषय को आग बढ़ाय मातलक ठकदार जॉबर आतद हमस

जयादा नही ह लतकन व हमस जयादा सगतठत ह और उनक पी सरकारो की ताकत ह दसरी ओर हम असगतठत और तबखर हए ह यदि हम सगदठत और एकजट हो तो सरकारो की ताकत साथ होन क बावजि व हमस मकाबला नही कर सकत व अभी ऊच इसदलए दिख रह ह योदक हम घटनो पर बठ हए ह

मािसर की शमीनिसस कमिमी क मज़दरो(पज 10 स आग)

ाक पजीयन SSPLWNP-3192020-2022पररण ाकघर आरएमएस चारबाग़ लखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 5 परतयक माह16 Mazdoor Bigul l Monthly l September 2021 l RNI No UPHIN201036551

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो लखनऊ स मददत समपािक अदभनव l समपािकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006

टोको ओलममपक म भाित का परदशवन एक समीकाndash साथिषक

अगसत महीन म टोयो ओलतमपक खलो का समापन हआ और भारत को इस बार एक सवणय दो रजत और चार कासय पदक तमल ह इस परकार कल पदको की सखया सात रही ह हर ोटी स ोटी उपलतबध की तरह मोदी जी इस बार भी मौक पर चौका मारन क तलए पहल स ही तयार बठ थ गोदी मीतिया आईटी सल और अनय सभी परचार ततो का इसतमाल कर मोदी जी दशवातसयो क सामन ऐसा सवाग रच रह ह तक दखन वाल को लगता ह जस मोदी जी िद ही सातो पदक जीत कर आय ह िर इन लफफ़ातज़यो और ढोग को एक तकनार कर ओलतमपक खलो म भारत क परदशयन की एक वसतपरक समीका करन की ज़ररत ह

टोयो ओलतमपक म भारत का परदशयन अब तक का सबस अचा परदशयन रहा ह यतद तपल परदशयनो स तलना की जाय तो भारत का परदशयन पहल इतना फीका रहा ह तक अभी हातसल सात पदक तकसी कीततयमान स कम परतीत नही होत ह 1900 म हए पररस ओलतमपक म भारत न पहली बार ओलतमपक खलो म तहससदारी की शरआत की थी 1900 स लकर 2020 क बीच पचचीस ओलतमपक खलो म भाग लकर भारत न कल 35 पदक अतजयत तकय ह इनम स 12 पदक भारत न तसफ़य परष हॉकी परततयोतगता म जीत ह जब हम इन आकड़ो की तलना दसर दशो स करत ह तो हम समझ आता ह तक भारत जस तवशाल दश क तलए इतन कम पदक हातसल करना चौकान वाला ह टोयो ओलतमपक म अमररका न 113 और चीन न 88 पदक जीत ह तजसम अमररका क 39 और चीन क 38 सवणय पदक ह दसर शबदो म कह तो भारत पचचीस बार इन खलो म भाग लकर तजतना पदक हातसल नही कर सका उसका चौगना क दश एक ही बार म हातसल कर लत ह 130 करोड़ आबादी वाल भारत म ओलतमपक खलो क मामल म यह िसता हाल दतनया भर क खल तवशषजो पतितो और आम खल परशसको क तलए एक आशचयय का तवषय ह इस गतथी को सलझान क तलए कई तवशषज अपन-अपन तरीक स तकय दत ह भारत की तवफलता क कारणो की वयाखया करत ह लतकन इनक तवशलषण और इनक तदय सझाव इस मनाफ़ािोर वयवसथा को सीध कठघर म खड़ा नही करत ह बतक इसी वयवसथा की चौहतदयो म ही इस समसया का हल ढढ़त रहत ह

ओलतमपक या कोई भी अनतरराषटीय परततयोतगता म भारत का लगातार तपड़ा परदशयन एक ढाचागत समसया ह तजसका समाधान इस मनाफ़ पर तटकी वयवसथा क आमलचल पररवतयन स ही हो सकता ह यहा का पजीपतत वगय मज़दर-महनतकश आबादी क एक-एक कतर को तनचोड़ कर ऐशोआराम की तज़नदगी जीता ह 12-14 घट कारिानो म कमरतोड़ महनत करन क बाद जब हम अपन घरो को लौटत ह तो हमार पास मनोरजन या सजनातमक काययो क तलए ताकत और

समय दोनो ही नही बचत ह हम थक-हार कर सो जात ह और अगल तदन उठ कर तफर उसी कमरतोड़ महनत म लग जात ह तशकागो क अमर शहीद मज़दरो न तजस ldquoआठ घट का काम-आठ घट का आराम-आठ घट का मनोरजनrdquo का नारा बलनद तकया और तजसक तलए अपन पराणो की आहतत द दी आज वही नारा मज़दरो क तलए अतीत का एक अवशष मात बन कर रह गया ह आप ही सोतचए तक ऐसी हालत म दश की बहसखयक आबादी जो जस-तस महनत करक अपना गज़ारा करती ह या वह कभी ओलतमपक खलो म तहससा ल सकती ह भारत म एक बड़ी आबादी ऐसी ह जो तकशोरावसथा यानी महज़ 14-15 साल की उम स ही भारी शारीररक शरम म लग जाती ह तकशोरावसथा ही उम का वह पड़ाव होता ह जब बचचो म खलकद की परततभा सबस सपषट रप म परकट होती ह लतकन उन बचचो का या जो सकल ही नही जात यतद सकल तकसी तरह चल भी जाय और उनकी परततभा की पहचान हो भी जाय तो उनक परतशकण और तालीम पर होन वाल िचय की आशा भी करना उनक तलए आकाश कसम की अतभलाषा क समान होगा आप ही सोतचए तक हमार बचच खलकद क बार म सोच भी कस सकत ह जब उनह कारिानो दकानो रहड़ी-खोमचो म दो वक़त की रोटी क तलए जदोजहद करनी पड़ती ह अपना और अपन पररवार का पट भरन क तलए ता-उम य नौजवान अपनी हितिया गलात रहत ह इस तरह दश की एक बड़ी आबादी खल क दायर स ही बाहर हो जाती ह

मज़दरी की तसथतत को दखत हए घर म जो पसा आता ह उसस दाल-रोटी भी चलानी मतशकल होती ह एक तखलाड़ी पदा करन क तलए सनततलत आहार की बात सोचना तो असमभव ही ह एक उननत खल ससकतत को गढ़न और ओलतमपक खलो म एक शततशाली ताकत बनन क तलए एक सवसथ और सहतमनद यवा पीढ़ी को गढ़ना अतनवायय ह तजस दश म हर तदन भख कपोषण और सकरामक रोगो स सरकारी आकड़ो क अनसार 2257 बचचो की मौत होती हो (हालातक असल आकड़ा कम-स-कम इसका दना ह) उस दश म हम यह कस उममीद कर सकत ह तक वह खलकद म तवशवतवजता बनगा सय त राषट बाल कोष (यतनसफ़) की ररपोटय क अनसार दश क तकरीबन आध बचच अपनी उम क अनसार सामानय स कम वज़न क ह 45 परततशत बचच सामानय स कम कद क ह 20 परततशत बचच अपन कद क अनसार सामानय स जयादा दबल-पतल ह 75 परततशत रतहीनता स पीतड़त ह 57 परततशत बचचो म lsquoतवटातमन एrsquo की गमभीर कमी ह पहल सकल और आगनवाड़ी म जो क भी थोड़ा-बहत मधयाहन भोजन तमलता था लॉकिाउन क दौरान वह भी अतधकाश जगहो पर बनद हो गया था और इस अतनयोतजत लॉकिाउन स करोड़ो मज़दरो-

महनतकशो की नौकररया भी चली गयी ऐसी हालत म बचचो का भरण-पोषण कतठन हो गया ह तनतशचत ही ऊपर तदय गय आकड़ आज गमभीर रप धारण कर चक होग और तमाम सरकारी और गर-सरकारी रपट इस बात की पतषट भी कर चकी ह

इसक अलावा बचचो म बचपन स ही शारीररक वयायाम और खलकद क बार म एक सवसथ दतषटकोण पदा करन म सकलो की एक अहम भतमका होती ह सकल म ही भतवषय क ओलतमपक तखलाड़ी अपन पशवर खल जीवन की नीव रखत ह लतकन हमार दश की सकली तशका वयवसथा क जजयर हालात पर तजतनी कम बात की जाय उतना अचा ह भारत म माधयतमक सकलो म सकल नामाकन अनपात 79 परततशत ह इसका मतलब माधयतमक सकल म पढ़न योगय बचचो म स तसफ़य 79 परततशत ही असल म सकल म नाम तलखात ह इनम स भी 17 परततशत दसवी की परीका पास करन स पहल ही पढ़ाई ोड़ दत ह ज़ातहर-सी बात ह य बचच जो सकलो स बाहर रहत ह ोट-मोट उदयोग धनधो या मज़दरी म लग जात ह एक ररपोटय क अनसार भारत म 33 परततशत सकलो म शारीररक तशका की कोई अलग स लास नही दी जाती ह 80 परततशत सकलो क पास ऐस तशकक नही ह जो शारीररक तशकण-परतशकण दत ह 33 परततशत सकलो क पास अपना खल का मदान या खल क उपकरण नही ह ऐसी तसथतत म अगर हमार बचच सकल पहच भी जात ह तो हम यह गलतफ़हमी नही होनी चातहए तक सकल म उनक अनदर कसरत और खलकद क परतत रतच पदा करन तलए कोई सचत परयास तकया जायगा

दश म एक सतकरय खल ससकतत का तनमायण तणमल सतर पर खलो का परचार परसार खल अवसरचना का तनमायण यवा अवसथा म परततभाशाली तखलातड़यो की तलाश कर उनको उननत परतशकण और मागयदशयन दना आतद बतनयादी चीज़ो म दश की तकसी सरकार न कभी कोई िास तदलचसपी नही तदखायी ह 2018 म कनदरीय खल मती न इस बात की पतषट की तक भारत सरकार खलो पर परतततदन परतत-वयतत तसफ़य तीन पस िचय करती ह जबतक चीन परतततदन परतत-वयतत 61 रपय िचय करता ह जो भारत क मकाबल 200 गना जयादा ह तपल दस सालो म भारत सरकार अपन कल सरकारी वयय का महज़ 006 स 008 परततशत ही खलो पर िचय करती आ रही ह 2021 ओलतमपक वषय होन क बावजद इस साल क बजट म खल मतालय को 230 करोड़ रपय कम तदय ह आय तदन अनतरराषटीय और राषटीय सतर क तखलाड़ी कोच और सहयोगी सटाफ़ तनमन दजज की सवाओ क तिलाफ़ तशकायत करत रहत ह मगर खल मतालय और दसरी समबतनधत ससथाओ क कान पर ज नही रगती ह मज़दार बात यह ह तक खल मतालय का सालाना बजट तजतना होता ह भारतीय तकरकट बोिय लगभग उसक समान ही

सालाना मनाफ़ा कमा लता ह तकरकट बड़ी इजारदार पजी क तलए ताबड़तोड़ मनाफ़ा पीटन का एक सोत बन गया ह इसतलए सरकार स भी भारतीय तकरकट बोिय को परा समथयन तमलता ह वही बात की जाय यतद अनय नय-परान खलो क बार म तो य भी सार भारत म एक धीमी ददयनाक मौत मर रह ह इस पजीवादी वयवसथा म बस उसी खल को बढ़ावा तदया जायगा तजसम भारी मनाफ़ा कमान की समभावनाए मौजद होगी आज सरकार क तखलातड़यो क जीत कर लौटन पर उनका सवागत कर रही ह उनका सममान कर रही ह लतकन कोई यह सवाल यो नही प ता तक कहा थी राजय सरकार और कनदर सरकार जब इन तखलातड़यो को फ़ि सतवधाओ और खल उपकरणो की आवशयकता थी यहा भी भदभाव साफ़ तदख रहा ह तजन तखलातड़यो न पदक जीता ह उनह बड़ी-बड़ी धनरातश दन की घोषणाए की जा रही ह लतकन अगल ओलतमपक क तलए तयारी तो सभी तखलातड़यो को एक समान ही करनी ह सरकारो क तलए यह सब तचनता का तवषय नही ह योतक उनक तलए खलकद कोई महतव नही रखता और इनह पता ह तक महनत करक कल कोई और पदक ल ही आयगा तब अपनी पीठ य सवय थपथपा लग जस आज मोदी कर रहा ह

एक अचा सवसथ मानवीय जीवन और बचचो का सवािगीण तवकास तखलाड़ी बनन की पवयशतय ह इस चरमरायी हई पजीवादी वयवसथा क पास वह कमता नही ह तक वह दश की महनतकश आबादी को एक सवसथ िशहाल तज़नदगी द सक और उनक बचचो का सवािगीण तवकास कर सक तसफ़य और तसफ़य एक समाजवादी वयवसथा ही हम मज़दर-महनतकशो को एक इजज़त की तज़नदगी द सकती ह तजसम हमार शरम को लटन वाला कोई परजीवी वगय नही होगा हमार अपन और समाज की बतनयादी ज़ररतो को परा करन क बाद जो lsquoफी टाइमrsquo बचगा उसम हम अपन

शौक और मनोरजन का कोई भी काम कर सकत ह और यतद मनाफ़ा कमाना नही बतक समाज की आवशयकताओ को परा करना उतपादन का लकय हो और सभी सवसथ वयसक वयततयो क तलए उतपादक शरम म भागीदारी करना अतनवायय हो तो हर तकसी क पास बहत-सा िाली वक़त बचगा तजस वह कला सातहतय ससकतत खल तवजान दशयन और घमकड़ी म लगा सकता ह साथ ही सवय उतपादक की परतकरया तकसी लटर वगय क तलए मजबरी म की जान वाली परतकरया नही होगी बतक यह सवय आननद का तवषय होगी यतद शरम मजबरी म या ज़ोर-ज़बदयसती क कारण न हो तो यह तो आननद का तवषय होता ह योतक यह मनषय को पश स मनषय बनान वाली परतकरया ह और हमारी परकतत का अग ह इसतलए मज़दर राज और समाजवाद म तो धीर-धीर िाली टाइम की अवधारणा ही ितम हो जायगी योतक तकसी और क मनाफ़ की िाततर मजबरी म खटन वाल lsquoकाम क टाइमrsquo और lsquoफी-टाइमrsquo का अनतर ही ितम हो जायगा सकल कारिानो खतो और दफतरो म हर जगह कसरत क तलए लोगो को परोतसातहत तकया जायगा हम और हमार बचच जो भी खल खलना चाह उसक तलए हमारी मज़दर सता हम हर समभव सतवधा महया करवायगी खल आतथयक सामथयय स की जान वाली कोई तकरया नही बतक सामतहक जीवन का एक ज़ररी अग बन जायगा तजसका आननद सभी उठा सक ग सोतवयत सघ और चीन म मज़दरो की सता कायम होन क बाद यही हआ 1952 स 1988 क बीच सोतवयत सघ न ओलतमपक खलो म जो अदभत कामयाबी हातसल की उसक पी उसक करतनतकारी दौर ndash यानी 1917 स 1953 ndash की खल नीततयो का ही हाथ था एक समाजवादी वयवसथा म मानव जीवन क हर पहल की तरह खल भी एक उननत सतर पर पहच पायगा और एक सवसथ खल ससकतत अतसततव म आ सकती ह

करादत स हमारा अदभपराय ह ndash अयाय पर आधाररत मौजिा समाज-वयवथा म आमल पररवतवन समाज का परमख अग होत हए भी आज मजिरो को उनक पराथदमक अदधकार स वदचत रखा जा रहा ह और उनकी गाढी कमाई

का सारा धन शोरक पजीपदत हडप जात ह िसरो क अनिाता दकसान आज अपन पररवार सदहत िान-िान क दलए महताज ह िदनया भर क बाजारो को कपडा महया करन वाला बनकर अपन और अपन बचचो क तन ढकन-भर को भी कपडा नही पा रहा ह स िर महलो का दनमावण करन वाल राजगीर लोहार और बढई वय गि बाडो म रहकर ही अपनी जीवन-लीला समापत कर जात ह इसक दवपरीत समाज क जोक शोरक पजीपदत जरा-जरा-सी बातो क दलए लाखो का वारा-यारा कर ित ह

यह भयानक असमानता और जबिवती लािा गया भिभाव िदनया को एक बहत बडी उथल-पथल की ओर दलय जा रहा ह यह दथदत अदधक दिनो तक कायम नही रह सकती पषट ह दक आज का धदनक समाज एक भयानक जवालामखी क मख पर बठकर रगरदलया मना रहा ह और शोरको क मासम बचच तथा करोडो शोदरत लोग एक भयानक ख की कगार पर चल रह ह

(बम काण पर सशन कोटव म बयान)

भगतससह क जनमददवस (28 ससतमबर) पर

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 9

तलगािा ककसाि सशसतर सघरष क 75 साल उपलबधिया और सबक (दसरमी और अबतिम ककसत)

ndash आिनद ससहतपली तकसत म हमन दखा

तक तकस परकार 1940 क दशक की शरआत म हदराबाद क तनज़ाम की सामनती ररयासत म आन वाल तलगाना क जागीरदारो और भसवातमयो दारा तकसानो क ज़बदयसत शोषण व उतपीड़न क तवरदध शर हआ आनदोलन 1946 की गतमययो तक आत-आत सामनतो क तिलाफ़ एक सशसतर तवदरोह म तबदील हो गया तनज़ाम की सना और रज़ाकारो दारा इस तवदरोह को बबयरतापवयक कचलन की सारी कोतशश तवफल सातबत हई 15 अगसत 1947 को भारत तरितटश औपतनवतशक गलामी स आज़ाद हआ लतकन तनज़ाम न भारतीय यतनयन म तमलन स इनकार कर तदया गौरतलब ह तक सवतत भारत की राजयसता न हदराबाद क तिलाफ़ एक साल स भी जयादा समय तक कोई कारयवाई नही की इस दौरान तनज़ाम स बातचीत और सौदबाज़ी चलती रही यही नही इस दौरान भारत सरकार न ldquoसटितसटल समझौतrdquo क तहत तनज़ाम को हतथयारो और सनय उपकरणो की आपततय भी की तजसका इसतमाल तनज़ाम की सना न तकसान तवदरोह को कचलन क तलए तकया एक साल तक चली बातचीत और सौदबाज़ी क बावजद पातकसतान परसत तनज़ाम हदराबाद को भारत म तमलान को तयार नही हआ उधर गामीण इलाको म तकसानो और महनतकशो न कमयतनसटो क नततव म तनज़ाम की सना और रज़ाकारो को पी धकल तदया था

भारतीय राजयसता दारा हतथयारो व सनय उपकरणो की आपततय क बावजद तनज़ाम की सना तकसान तवदरोह को कचलन म नाकाम रही य व हालात थ जब 13 तसतमबर 1948 को भारतीय सना न हदराबाद की ओर कच तकया तनज़ाम की सना न महज़ पाच तदनो क भीतर आतमसमपयण कर तदया लतकन उसक बाद भी तनज़ाम को राजपरमख की पदवी दकर राजय का परमख बना रहन तदया गया 18 तसतमबर 1948 को हदराबाद ररयासत क परशासन की बागिोर भारतीय सना क हाथ म आ गयी लतकन उसक बाद भी 25 जनवरी 1950 तक सरकार क सभी आदश (फ़रमान) तनज़ाम क नाम स जारी तकय जात रह यहा तक तक 26 जनवरी 1950 म अतसततव म आय भारतीय सतवधान म तनज़ाम क राजपरमख क पद को मानयता परदान करन का परावधान भी जोड़ा गया और 1956 तक तनज़ाम राजपरमख बना रहा यही नही तनज़ाम को तपरवीपसय भी तमलता रहा यह भारत क उदीयमान बजयआ वगय और उसकी परतततनतध पाटटी कागस क घोर समझौतावादी चररत को तदखाता ह इसस यह भी सपषट हो जाता ह तक हदराबाद म भारतीय सना की सनय कारयवाई का असली उदशय तनज़ामशाही का िातमा नही बतक तलगाना तकसान तवदरोह को कचलना था गौरतलब ह तक अपन इस मकसद को तपान क तलए भारत की सरकार न इस सनय कारयवाई

की जगह पतलस कारयवाई का नाम तदया था आज तलगाना म तजी स बढ़ रही तहनदतववादी फ़ासीवादी ताकत 18 तसतमबर 1948 को lsquoमतत तदवसrsquoक रप म मनान का अतभयान चला रही ह लतकन सच तो यह ह तक तलगाना क तकसानो और महनतकशो क तलए यह तदन मतत का नही बतक तवशवासघात का परतीक ह

तनज़ाम क आतमसमपयण क बाद करीब 50 हज़ार भारतीय सतनको न तकसान तवदरोह को कचलन क तलए तलगाना क गावो की ओर रि कर तदया सना न तलगाना म बड़ पमान पर तगरफताररया यतणा आगजनी और तनमयम हतयाओ को अजाम दत हए तनज़ाम की सना व रज़ाकारो दारा तकय गय ज़ मो को भी मात द तदया मलाया सरकार की तरिगस योजना की ही तरह ऐस गाव बसाय गय जहा क तनवातसयो को सना क तनयतण म रहना था जगलो की दो हज़ार आतदवासी बतसतयो को नसतोनाबद कर तदया गया और लोगो को यातना तशतवरो म रखा गया ापामार गावो को ोड़कर तनकटवतटी जगलो म चल गय और वहा भी सना का दबाव बढ़न पर दरवतटी जगली कतो म तबखर गय

पाटटी क भमीतर चलमी बहसतनज़ाम क आतमसमपयण और

हदराबाद पर भारतीय सना का कबज़ा होन क बाद कमयतनसट पाटटी की आनधर इकाई क भीतर एक बहस उठ खड़ी हई रतव नारायण रििी क नततव वाल एक धड़ का मानना था तक तलगाना सशसतर सघषय तनज़ाम की सता क तिलाफ़ था और चतक अब तनज़ाम की सता का पतन हो चका ह इसतलए सशसतर सघषय वापस ल लना चातहए यह धड़ा सापकत धनी तकसानो व क ोट भसवातमयो क तहतो की नमाइनदगी करता था तजनहोन तनज़ाम क तिलाफ़ जारी तकसान तवदरोह का साथ तदया थापरनत तनज़ाम क पतन क बाद उनहोन सघषय स दरी बना ली थी परनत मधयम व ोट तकसान और खततहर मज़दर सघषय को जारी रखन क पकधर थ योतक व दख रह थ तक सना क आन क बाद भसवामी वापस गावो की ओर लौटन लग और तकसानो स ज़मीन ीनन लग तथा गाम राजयो क आदशो की अवहलना करन लग थ इसतलए आनधर कमटी न अनतत गररला सघषय जारी रखन का फ़सला तकया हालातक यह सपषट था तक अब उनका सामना पहल स कही जयादा ताकतवर दशमन स होन वाला ह

उधर पाटटी म कनदरीय सतर पर भी भारत म करातनत क मागय को लकर बहस चल रही थी माचय 1948 म पाटटी की दसरी कागस हई तजसम दतकणपनथी पीसी जोशी को हटाकर बीटी रणतदव को पाटटी का महासतचव बनाया गया था इस कागस म तलगाना क परतततनतधयो क ज़ोर दन क बाद ही दसरी कागस की थीतसस म तलगाना सघषय क महतव का उलख करत हए उस समथयन तदया गया और पर दश म ऐस सघषय सगतठत

करन तथा मज़दर वगय स भी उनक समथयन म आनदोलन करन का आहान तकया गया रणतदव न यह ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवादी थीतसस पश की तक जनवादी और समाजवादी करातनतया एक साथ होनी चातहए और कमयतनसटो को न कवल बड़ बजयआ को बतक सभी बजयआओ को अपन हमल का तनशाना बनात हए दशवयापी आम हड़ताल और सशसतर तवदरोह का मागय अपनाना चातहए इस ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवाद न भारतीय कमयतनसट आनदोलन को तो भारी कतत पहचाई ही उसक अलावा तलगाना सघषय क आग क तवकास को भी रोकन का काम तकया उसी साल मई क महीन म आनधर की पाटटी इकाई न रणतदव थीतसस का तवरोध करत हए अपनी यह लाइन रखी तक भारतीय करातनत का चररत रसी करातनत स तभनन ह और यह चीन म जारी नवजनवादी करातनत स काफ़ी हद तक समानता रखती ह यहा चार वगयो का सय त मोचाय बनाना होगा और दीघयकातलक लोकयदध का मागय अपनाना होगा आनधर थीतसस म माओ तस-तङ क नवजनवाद क तसदधानत को परासतगक बतात हए भारत म सवयहारा करातनत को दो अवसथाओ म समपनन करन की योजना परसतत की गयी हालातक इस थीतसस म भी क खातमया थी तमसाल क तलए यह भारत क बजयआ वगय को दलाल मानती थी लतकन कल तमलाकर यह लाइन ततकालीन पररतसथततयो म सापकत बहतर थी लतकन दो वषयो तक पाटटी पर रणतदव-लाइन का वचयसव बन रहन की वजह स तलगाना सघषय को भारी नकसान हआ दश क तवतभनन तहससो म तकसान सघषषो को तलगाना की राह पर आग बढ़ान और मज़दर वगय क सघषषो को उनक साथ जोड़न क बजाय ldquoवामपनथीrdquo दससाहसवाद न पाटटी को जन समदाय स अलग-थलग कर तदया और कतारो की पहलकदमी को पग बना तदया लतकन अनतरराषटीय सतर पर आनधर लाइन क अनमोदन क बाद रणतदव की ldquoवामपनथीrdquo अवसरवादी लाइन अलग-थलग पड़ गयी मई-जन 1950 को रणतदव की बजाय राजशवर राव पाटटी क महासतचव बन और पाटटी न आनधर-थीतसस को आतधकाररक लाइन क तौर पर सवीकार तकया लतकन इस समय तक पहल ही काफ़ी दर हो चकी थी दशवयापी सतर पर सघषय क तवसतार की समभावनाओ का गलत लाइन काफ़ी हद तक गला घोट चकी थी और नयी बजयआ सता को अपन सदढ़ीकरण क तलए तीन वषषो का कीमती समय तमल चका था

सोनवयत िततव का मागषदशषि1951 तक आत-आत पाटटी क

भीतर तलगाना सघषय क आग क रासत क बार म मतभद गहरान लग बमबई मखयालय म हावी एसए िाग घाट और अजय घोष आतद का दतकणपनथी धड़ा शर स ही आनधर लाइन का तवरोध कर रहा था लतकन आनधर कमटी का बड़ा तहससा तफर भी सघषय को जारी

रखना चाहता था उसका मानना था तक फ़ौरी तौर पर नकसान क बावजद सघषय को जारी रखना और दश क अनय अनकल पररतसथततयो वाल भभागो म उसका फलाव ममतकन ह

पाटटी म मौजद मतभद सकट और तवभम की तसथतत को दर करन क तलए एक बार तफर अनतरराषटीय नततव पर भरोसा तकया गया और चार सदसयो का एक परतततनतधमिल 1951 क परारमभ म सोतवयत पाटटी क नततव स बातचीत करन क तलए मासको गया इसम दो ndash राजशवर राव और बासवपनया तलगाना सघषय क नता थ जबतक अनय दो ndash अजय घोष और िाग उसका तवरोध कर रह थ सोतवयत पाटटी की ओर स सतातलन मालकोव मालरोव और ससलोव न बातचीत की पी सनदरयया न पाटटी दारा सघषय वापस लन क फसल को जायज़ ठहरान क तलए अपनी तकताब म इस ओर इशारा तकया ह तक सतातलन न तलगाना सशसतर सघषय को वापस लन का सझाव तदया था योतक इस गोररला सघषय क समथयन म वयापक जन समथयन क अभाव म यह सघषय वयततगत आतकवाद की तदशा म बढ़ सकता था लतकन इस सघषय क भागीदार और नसलबाड़ी तकसान तवदरोह क बाद चार मजमदार की दससाहसवादी लाइन का तवरोध करत हए करातनतकारी जनतदशा की बात करन वाल िीवी राव न अपनी तकताब ldquoतलगाना ऑमय िसटगल एि तद पाथ ऑफ़ इतियन ररवोल यशनrdquo म तलखा ह तक उस समय उनह पाटटी म यह ररपोटय तकया गया था तक सतातलन न भारतीय परतततनतध मिल स कहा था तक ldquoसशसतर सघषय जारी रखन क तलए अतधक हतथयार अतधक कािर और सघषय क इलाको म ापामारो क तलए आवशयक सभी चीज़ो को भजा जाना चातहएrdquo बाद म जब परतततनतध मिल न सशसतर सघषय जारी रखन म आन वाली चनौततयो पर जोर तदया तो सतातलन का कहना था ldquoयह अफ़सोस की बात ह तक आप लोग सघषय की रका नही कर पा रह हrsquorsquo

परतततनतधमिल क भारत लौटन क बाद भारत म जनवादी करातनत क काययकरम का एक मसौदा तयार तकया गया और एक नीतत-तवषयक वतवय जारी तकया गया तजसम सशसतर सघषय का तज़कर तो नही था लतकन रणकौशल-तवषयक दसतावज़ म ldquoअपररपव तवदरोह और जोतखम भरी कारयवाइयो स सावधान रहत हएrdquo तकसानो क ापामार यदध क साथ ही मज़दरो की वगटीय हड़तालो और सघषय क अनय रपो क इसतमाल की बात कही गयी थी उसम इस धारणा को भी गलत ठहराया गया था तक दश क तकसी तहसस म सशसतर तवदरोह तभी शर तकया जा सकता ह जब पर दश म तवदरोह की तसथतत तयार हो दसतावज़ क अनसार तकसी एक बड़ भभाग म तकसान सघषय क ज़मीन-ज़बती क सतर पर पहचन क बाद वयापक जनानदोलन और ापामार यदध यतद ठीक तरह स सगतठत हो तो दशभर क तकसानो को

उदतलत करक सघषय को उचच धरातल पर पहचा दना समभव ह एक शािदार सघरष की शमषिाक

ढग स वापसमी1951 तक आत-आत पाटटी म

दतकणपनथी अवसरवादी हावी हो चक थ कनदरीय कमटी न आनधर की कमटी को सघषय कवल तब तक जारी रखन को कहा जब तक पाटटी सरकार स उस सथतगत करन की शतषो पर बातचीत परी न कर ल इन शतयो म तकसानो क कबज़ की ज़मीन ज़मीनदारो को वापस न करना कतदयो की ररहाई मकदम वापस लना और पाटटी स परततबनध हटाना परमख थी लतकन कनदरीय कमटी क इस तनणयय क तवपरीत अजय घोष क नततव वाल दतकणपनथी धड़ और आनधर क रतव नारायण रििी गट न तबना शतय सघषय वापसी क तलए दबाव बनाना शर तकया पाटटी की इस तसथतत का लाभ उठाकर नहर सरकार न तकसी भी शतय को मानन और बातचीत करन स इनकार कर तदया मई 1951 तक कनदरीय कमटी म आनधर क सदसय भी मान चक थ तक अब आतशक ापामार सघषय भी जारी रख पाना समभव नही ह

अटबर 1951 म पाटटी न तबना तकसी शतय तनहायत घटनाटक ढग स सघषय वापस लन की घोषणा कर दी जगल क ापामार नताओ को इसकी खबर बाद म लगी पाटटी अब परी तरह स ससदीय राह पर चल पड़ी दतकणपनथी धड़ क सामन उसक तवरोतधयो न आतमसमपयण कर तदया और कतारो म भारी पसती का माहौल फल गयातलगािा सघरष की फौरमी पराजय

क काररतलगाना सघषय की फ़ौरी पराजय

का सबस बड़ा कारण यह था तक पाटटी बोशतवक ढग स एकीकत नही थी और उसम ऊपर स नीच तक ldquoवामrdquo और दतकणपनथी भटकाव क धड़ मौजद थ इसतलए वह भारतीय करातनत को नततव दन म अकम थी 1946 स 1951 क बीच पहल पीसी जोशी काल क दतकणपनथी भटकाव न तफर रणतदव काल क ldquoवामपनथीrdquo भटकाव न और तफर अजय घोष काल क दतकणपनथी भटकाव न पर दश सतर पर और तलगाना क सतर पर पाटटी क काययो को काफ़ी नकसान पहचाया था यह एक ऐसा सकरमण-काल था जब नयी सता क सदढ़ीकरण की परतकरया अभी परी नही हई थी लतकन नौसना-तवदरोह तभागा-तलगाना-पनपरावायलार क तकसान सघषयो और दशवयापी मज़दर आनदोलनो को एक कड़ी म तपरोकर जनकरातनत की धारा को आग बढ़ान म पाटटी-नततव नाकाम रहा यतद यह परतकरया आग बढ़ती तो कागस की समझौतापरसती का पहल और नगा होकर सामन आता और पाटटी क नततव म यतद जनवादी करातनत जदी परी नही भी होती तो या तो दीघयकातलक लोकयदध मज़बत आधार पर आग की मतज़लो म परतवषट हो गया होता या जनसघषयो क दबाव म

(पज 2 पर जारमी)

10 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

बगलादश म एक बार फिर मिाि की आग की बलल चढ़ 52 मज़दरndash भारत

भारत हो या बगलादश या कोई अनय पजीवादी दश मातलको क तलए मज़दरो की अहतमयत कीड़-मकोड़ो स जयादा नही होती बीत 8 जलाई को बगलादश म ढाका क नारायणगज कत म जस क कारिान म भीषण आग लगी तजसम 52 मज़दरो की जान चली गयी और कई घायल हए 35000 वगय फ़ीट म बन कारिान म तसफ़य दो जगह सीतढ़या थी मातलक न जल की तरह सार दरवाज़ो पर ताला लगा रखा था तजसस मज़दर आग लगन क समय भाग भी नही पाय और जलकर मर गय क मज़दर तो ऊची त स कदन क कारण मार गय

साजीब गप की यह कमपनी ऑसटतलया अमररका भारत भटान नपाल जस दशो म अपना माल तनयायत करती थी पर इतनी बड़ी कमपनी होन क बावजद इसक कारिान म सरका क कोई इनतज़ाम नही थ और न ही आग लगन क बाद तनकलन का कोई रासता था आग इतनी भीषण थी तक उस बझान म 3-4 तदन लग गय

बगलादश म टसटाइल सटर सबस बड़ा सटर ह चीन क बाद बगलादश तसल-तसलाए कपड़ो का दतनया म सबस अतधक तनयायत करन वाला दश ह 84 परततशत तनयायत राजसव बगलादश को इसी स तमलता ह 45 लाख मज़दर करीब 4500 गारमट क कारिानो म काम करत ह इसक बावजद यहा क कारिानो म तसथतत नकय स भी बदतर ह सरका स लकर बतनयादी इनतज़ाम तक इनम मौजद नही ह इसी कारण आय-तदन कारिानो म आग लगन की घटनाए सामन आती ह

बगलादश म कारिान म आग की यह कोई पहली घटना नही ह सबको याद होगा तक बगलादश क इततहास म मज़दरो क तलए सबस बड़ी जानलवा घटना 2013 म घटी थी जब ढाका क राणा पलाज़ा गारमट सटर म आग लगन स 1100 स भी जयादा मज़दर मार गय थ इतनी भयानक घटना क बाद भी यह तसलतसला रका नही अगसत 2016 म दतकण बगलादश क चटगाव म फ़तटयलाइज़र कमपनी म गस लीक होन

स 100 मज़दर मार गय 2019 म एक गोदाम म आग लगन स 67 मज़दरो की मौत हो गयी 2010 म गर-काननी कतमकल कारिान म आग लगन स 123 मज़दरो मार गय और 2012 म ढाका क ताज़रीन फशन फटी म आग स 117 मज़दरो की मौत हई थी बगलादश क कारिानो म आग स मज़दरो की मौतो की यह फहररसत लमबी ह एक ररपोटय बताती ह तक 1990 क बाद स बगलादश क कारिानो म आग लगन की 50 स जयादा बड़ी घटनाए हई ह तजनम हज़ारो मज़दर मार जा चक ह इनह दघयटना या हादसा कहना सचचाई क साथ अनयाय होगा य सब मातलको व बड़ी-बड़ी कमपतनयो क मनाफ़ की हवस को परा करन क तलए की गयी हतयाए ह

दतनया की सारी बड़ी गारम ट कमपतनयो का माल यहा तयार होता ह तजसक तलए मज़दर 18-18 घट तक खटत ह और वतन क नाम पर 94 िॉलर यानी करीब 7000 रपय तक ही पात ह आज बगलादश क तजस तज़ तवकास की चचाय होती ह वह इनही मज़दरो क बबयर

और नग शोषण पर तटका हआ हइन कारिानो म साधारण दसतानो

स लकर जत तक नही तदय जात और कतमकल वाल काम भी मज़दर नग हाथो स ही करत ह फटररयो म हवा की तनकासी तक क तलए कोई उपकरण नही लगाय जात तजस वजह स हमशा धल-तमटी और उतपादो की तज़ गनध क बीच मज़दर काम करत ह जवानी म ही मज़दरो को बढ़ा बना तदया जाता ह और दस-बीस साल काम करन क बाद जयादातर मज़दर ऐस तमलग तजनह फफड़ो स लकर चमड़ी की कोई न कोई बीमारी होती ह

राणा पलाज़ा की घटना क बाद मटीनशनल कमपतनयो न कारिानो म सरका क इनतज़ाम पखता करन क बड़-बड़ दाव तकय मज़दरो को आग स बचन क तलए परतशकण तदया और यह तदखान क तलए और भी बहत सी नौटकी की तक मज़दरो की जान को लकर व तकतन ldquoतचतततrdquo ह लतकन आय तदन होन वाली आग लगन की घटनाए इन कमपतनयो की नौटकी का

राज़ खोल दती ह और यह नगी सचचाई सबक सामन आ जाती ह तक इनह अपन मनाफ़ स जयादा कोई पयारा नही ह इसी तलए बगलादश म शरम काननो का कोई महतव नही ह बगलादशी सरकार और उनकी परधानमती शख हसीना भी मज़दरो की मौत पर चपपी साध बठी रहती ह आतिर उस भी अपन पजीपतत आकाओ की सवा करनी ह हर जगह मज़दरो की हो रही मौतो की तज़ममदार यह समची मनाफ़ािोर पजीवादी वयवसथा ह जो मज़दरो क िन की आतिरी बद तक को तनचोड़कर अपना मनाफ़ा तनकालती ह

हम मज़दरो क तलए यह तज़नदगी और मौत का सवाल ह तक हम इस समची पजीवादी वयवसथा को उखाड़ फ कन की तयारी कर अपनी करातनतकारी पाटटी का तनमायण कर और मज़दर राज कायम करन की लड़ाई लड़ चाह इसम तकतना ही समय यो न लग जाय वरना हमारी आन वाली पीतढ़या भी ऐस ही पशओ क समान जीन और मरन को मजबर होगी

वति ि दि और वति कटौतमी म घपलबाज़मी को लकर मािसर की शमीनिसस कमिमी क मज़दरो क काििमी सघरष की उममीद भमी लगभग ख़तम

ndash शाम मदतवशरीतनसस वायररग तलतमटि

(मानसर) क मज़दरो को तपल ह महीन स उनक वतन का भगतान नही तकया गया ह दसर वतन स कमपनी दारा पसा काटन क बावजद न तो पीएफ़ और न ही ईएसआयी म पसा जमा तकया गया ह और न ही मज़दरो दारा कमपनी स तलय गय कज़य की तकशत चकायी जा रही थी इस तानाशाही व घपलबाज़ी की तशकायत मज़दरो न शरम उपाय त को 9 जलाई को तलतखत रप म भी की थी सटाफ़ क करीब 20 मज़दरो की तनखवाह का जनवरी 2021 स तथा ठका व अपरतटस मज़दरो का अपरल 2021 स भगतान नही तकया गया ह तशकायत क बाद एक महीन की तनखवाह उनक खात म ज़रर िाल दी गयी ह अभी भी करीब 50 अपरतटस मज़दरो 15-20 ठका मज़दरो तथा सटाफ़ क 20 मज़दरो की सलरी का भगतान बकाया ह वतन न तमलन क कारण बहत स मज़दर काम भी ोड़ चक ह करीब 200 ठका मज़दरो म स महज़ 15-20 मज़दर और सटाफ़ क भी करीब 85 म स 50 मज़दर ही बच ह

कमपनी परबनधन इन समसयाओ का कारण काम की कमी बता रहा ह जबतक मज़दर कह रह रह ह तक काम की कमी नही ह उट काम इतना ह तक कमपनी ऑियर परा नही कर पा रही ह तफ़लहाल कमपनी म समसयाओ क बावजद काम चल रहा ह और बच हए मज़दर काम भी कर रह ह और वतन-समबधी समसयाओ स भी जझ रह ह असल म इस कमपनी को मातलको क ही ररशतदारो को बचन की तयारी चल रही ह चतक कागज़ो म एक समय-सीमा क भीतर कमपनी को दसरी कमपनी को सौपना ह तो पहल परान मज़दरो को तनकालन का षियत रचा जा रहा ह

शरीतनसस कमपनी ऑटोमोबाइल सटर क तलए कल-पजज बनान वाली

एक विर कमपनी ह जो मारतत हीरो जसी मदर कमपतनयो तथा नपीनो परीकॉल तमिा मदरसन लकास टीवीएस इटरफस असती पदतमनी वीएनए एसएमएल तफ़तलपस आतद विर कमपतनयो क तलए हारनस बनाती ह इसका दसरा पलाट रदरपर म ह

तपली 19 जलाई को मज़दरो को िीएलसी ऑतफ़स म सनवाई क तलए बलाया गया था लतकन न तो उस तदन शरम उपाय त तदनश कमार (गड़गाव) आय और न ही परबनधन की तरफ़ स कोई आया 23 जलाई को होन वाली अगली सनवाई क पहल ही कमपनी न पॉवर कट का बहाना बनाकर काम बनद कर तदया और गट भी नही खोला 27 जलाई की समझौता वाताय म कमपनी क न आन पर शरम तवभाग न एस पाटटी (एकपकीय तनणयय) क तौर पर फसला तदया तजसक आधार पर मज़दर तबना तकसी ज़मीनी सघषय की तयारी क महज़ काननी तरीक स अतधकार पान का सपना दखन लग थ

पहल भी ऐसा दखा गया ह तक कमपनी क तबकन या 30 तदन की समय-सीमा क अनदर दोबारा सनवाई करक तनणयय को पलट तदया गया और मज़दरो क साथ धोखा हो गया अगसत म कमपनी परबनधन न बच-खच मज़दरो की एकता को िरा-धमकाकर व भतवषय का िर तदखाकर तोड़ तदया कमपनी परबनधन दारा यही कहा गया तक अभी जो तमल रहा ह उस ल लो वरना वह भी नही तमलगा कोटय क चकर काटत रह जाओग इस तरह स जो काननी सघषय की समभावना थी उस भी बरी तरह स कमज़ोर कर तदया गया 60-70 मज़दरो म भी महज़ 10-15 बच थ तजसम 4-5 सटाफ़ क थ और 10-12 कमपनी रोल पर एक मज़दर न बताया तक मज़दर 20-50 हज़ार रपय म तहसाब लकर काम ोड़कर चल गय ह कइयो न तो परा

वतन और मआवज़ा तक भी नही तलया जो तमला उसी को ठीक समझा ऐस म अब सब मज़दरो को तहसाब तमलना भी मतशकल लग रहा ह

यह सब तब हआ जब कमपनी न तबना तकसी नोतटस चतावनी व तफ़तीश क एकतरफ़ा मनमज़टी स आवाज़ उठान वाल मज़दरो को गट बनद करक बाहर कर तदया इस तरह परबनधन दारा मारपीट की धमकी स गट पर बठ मज़दरो का हौसला टट गया ऑटोमोबाइल इिसटी काटट वकय सय यतनयन न उनक सामन यही बात रखी तक हम जद स जद मीतटग करक सामतहक रप स सघषय का रासता तनकालना चातहए लतकन मज़दर अपन आप को इसक तलए तयार नही कर पाय परबनधन क िर स मज़दर तकसी भी यतनयन स ररशता बनान स िर रह थ

सघरव की कमजोरी या थी अगर मड़कर दख तो पहल ज़मीनी सघषय का रासता ोड़कर महज़ काननी परतकरया पर तनभयरता का रासता अपनाया गया तफर मातलको दारा िरान-धमकान पर मज़दर िर गय और एक-एक करक टटत चल गय जब मज़दरो को ज़बरन दोबारा गटबनद करक बाहर तकया गया था उसी वक़त मज़दरो को एकजट होकर ज़मीनी सघषय क रासत पर बढ़ना चातहए था तब भी ऑटोमोबाइल इिसटी काटट वकय सय यतनयन यही कह रही थी तक एक परचा तनकालकर पर मानसर क औदयोतगक कत म बाटत हए इलाक क तवतभनन फटी मज़दरो स सघषय म साथ दन की अपील करनी होगी चाह उन फतटयो म यतनयन हो या न हो लतकन शरीतनसस फटी क मज़दरो की न तो कोई अपनी यतनयन थी और न ही तकसी आनदोलन म शातमल होन का अनभव और न ही फटी सतर पर मज़दरो की कोई सघषय सतमतत थी इसतलए व तकसी भी तरह क एकजट सगतठत सघषय का रासता नही अपना सक दसर शबदो म

मज़दर सातथयो का सघषय और राजनीतत स साबका बहत ही कम था सघषय और राजनीतत की अनभवहीनता और उनक परतत उदासीनता और साथ ही काननी परतकरया पर पणय तवशवास उनकी मखय कमज़ोररया थी हम मज़दरो को यह समझ लना चातहए तक शरम तवभाग स लकर फ़टी इसपटर आतद पजीपततयो मातलको और ठकदारो की सवा करत ह कोई एक अतधकारी ईमानदार भी हो तो भी वह क िास नही कर सकता ह योतक जब कभी मज़दरो क पक म शरम तवभाग का फसला आता भी ह तो उस लाग करन की कोई वयवसथा भारत की पजीवादी वयवसथा म जानबझकर की ही नही गयी ह काननी सघषय कभी-कभार ही सफल होत ह और वह भी तब जब उसक पी मज़बत ज़मीनी सघषय मौजद हो

ज़ररमी सबक इन तदनो मज़दरो की तनखवाह दर

स तमलना अधरी तमलना या न तमलन क मामल बढ़त ही जा रह ह कक मामलो को ोड़कर अतनयतमत मज़दरो क मामल शरम तवभाग तक पहच ही नही पात ह शायद ही कोई कमपनी होगी तक जहा काम करन वाल कचच मज़दरो की तनखवाह क मामल म कभी कोई समसया न आयी हो इसतलए मज़दरो को महज़ शरम तवभाग और शरम नयायालय क तनणययो तक अपन आप को सीतमत नही रखना चातहए सघषय क मखय पहल यानी ज़मीनी सघषय की तयारी व कारवाई को जारी रखना चातहए जब दतनया म शरम कानन नही थ तो सघषयो क ज़ररए ही शरम कानन बनवाय गय थ और लाग भी करवाय गय थ आज ज़मीनी सघषयो क कमज़ोर पड़न की वजह स पहल क हातसल तकय गय अतधकार गर-काननी और काननी तौर पर ीन जा रह ह इसक तलए एक बार तफर स दश म मज़दरो को हक और इसाफ़ की लड़ाई क तलए कमर

कसनी होगी ज़मीनी सघषयो को भी तभी आग बढ़ाया जा सकता ह जब मज़दर भाई और बहन अपन आस-पास क सभी मज़दर और अनय जनसघषयो स सतकरय ररशता बनाए और मज़दरो क सघषयो क इततहास स भी पररतचत हो साथ म ही इन सभी सघषयो पर सोच-तवचार करक अपन तलए सबक तनकालना भी मज़दरो क तलए बहद ज़ररी ह योतक इसी परतकरया म व अपन सघषयो की कमज़ोररयो को भी समझग और आन वाल तदनो क सघषयो को पहल स जयादा मज़बत बनायग आज क समय म कारिान क भीतर और सभी कारिानो क मज़दरो और तवशषकर असथायी मज़दरो की एकता और सगठन बहत ज़ररी ह उसक तबना उनकी ताकत बहद कम होती ह और मातलक और ठकदार उनस तनपट लत ह अगर हम य सार कदम नही उठात तो अचानक तसर पर मसीबत पड़न पर क समझ नही आता ऐस म या तो िर व अतनतशचतता क कारण मज़दर साथी जदी टटत ह और तरनत तहसाब ल लत ह या तफर तमाम ऐसी मौकापरसत और समझौतापरसत यतनयनोफिरशनो या िद की अनभवहीन या मौकापरसत और समझौतापरसत कमटी क चकर म फसकर अनत म थक-हार कर तहसाब लन को मजबर हो जात ह थोड़-बहत मज़दर तबना ज़मीनी सघषय क हक और नयाय पान क इनतज़ार म कोटय-कचहरी म तघसटत रहत ह

जहा तक मज़दरो क करातनतकारी यतनयन आनदोलन का परशन ह आज ज़ररत ह तक मज़दरो को कारिान क पमान क साथ-साथ पर सटर और इलाकाई पमान पर एकजट और सगतठत तकया जाय तातक सकट की घड़ी म एक-दसर क साथ खड़ा हआ जा सक इस बात को पहल स कही जयादा और जद स जद लाग करन की ज़ररत ह तातक

(पज 15 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 11

(पज 12 पर जारमी)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का हमज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहए

ndash जशवािमीहाल म भारत क दो उतर-पवटी

राजय असम-तमज़ोरम क बीच सीमा-तववाद स जड़ा हआ घटनाकरम काफ़ी सतिययो म रहा उतर-पवय का नाम सनकर हमम स क को लग सकता ह तक इतनी दर-दराज़ की घटना स हम मज़दरो-महनतकशो का सरोकार भला यो होना चातहए इसतलए होना चातहए योतक यह भी मज़दर वगय की करातनतकारी राजनीतत को समझन और जानन क तलए आवशयक ह तकसी भी रप म दबायी जा रही या उतपीड़ तत हो रही जनता और उसकी समसयाओ और सघषयो स सरोकार रख तबना मज़दर वगय वयापक महनतकश जनता की करातनतकारी एकता कायम नही कर सकता ह शासक वगय दतमत कौमो क बीच भी मौजद अनतरतवरोधो और तववादो को हवा दता ह तातक उनह आपस म लड़वाकर कमज़ोर तकया जा सक हआ यह ह तक हाल ही म असम और तमज़ोरम क बीच राजय की सीमाओ को लकर एक तववाद पदा हो गया

यह कोई पहली बार नही ह जब असम और तमज़ोरम क बीच अनतरराजयीय सीमा को लकर तववाद उठ खड़ा हआ हो इसस पहल भी दोनो राजयो क बीच सीमा-तनधायरण को लकर झगड़ और तववाद पदा हए ह तजनहोन कई बार काफ़ी उग रप भी अतखतयार तकय ह

हालातक इस बार इस तववाद क साथ जो तहसा की वारदात हई उसम सवय असम पतलस और तमज़ोरम पतलस शातमल भी थी यही कारण ह तक आम तौर पर हातशए पर रहन वाल उतर-पवय क राजयो क मामलो न lsquoमखयधाराrsquo म भी इस मद को लकर चचाय ड़ दी लतकन यह परी चचाय ही सतही थी और इस तववाद क हर परकार क तवशलषण म आम तौर पर ऐततहातसक दतषट का अभाव था और मखय राजनीततक परशनो की अनपतसथतत थी सचचाई यह ह दक राजयो की सीमा स जड य दववाि कवल असम और दमजोरम क बीच ही मौजि नही ह बदलक उततर-पवव क अय राजयो क बीच भी इनको लकर खासा इदततलाफ ह उततर-पवटी राजयो म इन तमाम सीमा-दववािो की जड वातव म इदतहास म मौजि ह दजसम पहल औपदनवदशक सतता और बाि म वाततयोततर भारतीय राजयसतता की िमनकारी व ग़र-जनवािी नीदतयो और कौमी िमन की भदमका कदीय ह

इस बार असम-तमज़ोरम क बीच लमब समय स वयापत सीमा-तववाद न तल तब पकड़ा जब 26 जलाई को तमज़ोरम पतलस दारा राजय सीमा पर गोलीबारी म 6 असम पतलसकतमययो की मौत हो गयी और 50 क करीब पतलस अतधकारी व पतलसकमटी घायल हए इस तहसा म एक नागररक की मतय भी हई हालातक तमज़ोरम का दावा था तक हमला पहल

असम पतलस की तरफ़ स हआ था और उसन महज जवाबी कारयवाई की थी गौरतलब ह तक कनदरीय गहमती अतमत शाह की 25 जलाई को तशलाग म उतर-पवटी राजयो क मखयमततयो क साथ बठक हई थी तजसम तमाम मसलो क साथ असम क तमज़ोरम नगालि अरणाचल परदश और मघालय क साथ सीमा-तववाद पर बातचीत भी शातमल थी 26 जलाई की घटना इस बठक क बाद ही घतटत हई

इस घटना क बाद असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा और तमज़ोरम क मखयमती ज़ोरामथगा क बीच इन तहसा की घटनाओ की तज़ ममदारी को लकर काफ़ी बहस चली और आरोपो-परतयारोपो का भी एक लमबा तसलतसला चला मोिी सरकार क दलए यह शदमविगी पिा करन वाली दथदत थी वजह यह ह दक असम म भाजपा की सरकार ह और दमजोरम म सततासीन दमजो नशनल फरणट उततर-पवव लोकतादरिक गठबधन (एनईीए) का दहसा ह दजसका गठन भाजपा क नतकतव म 2016 म हआ था और तजसक सयोजक उस समय स ही असम क वतयमान मखयमती हमनत तबसव सरमा ह

बहरहाल 26 जलाई क इस घटनाकरम क बाद दोनो राजयो म तसथतत को ldquoसामानयrdquo तकय जान क तलए 28 जलाई को कनदरीय गह सतचव क साथ असम और तमज़ोरम क राजय गह सतचवो की लमबी वाताय हई तजसम ldquoआपसी बातचीतrdquo स सीमा-तववाद का तनपटारा करन पर सहमतत बनायी गयी और राषटीय राजमागय 306 पर कनदरीय सरका बलो की तनाती क तनदजश तदय गय बावजद इसक तसथतत गमभीर ही बनी रही असम सरकार न अपन राजय क लोगो क तलए याता-समबनधी तनदजश जारी करक उनह तमज़ोरम न जान की तहदायत दी असम पतलस को तनदजश जारी तकय गय तक तमज़ोरम स आन वाली हरक गाड़ी की अनतरराजयीय चक पोसट पर गर-काननी नशील पदाथयो इतयातद क तलए ठीक स जाच की जाय और इसक बाद ही राजय म आन की अनमतत दी जाय असम न तमज़ोरम को जान वाला राषटीय राजमागय क समय क तलए बनद भी कर तदया था तजसस आवशयक वसतओ दवाओ आतद को तमज़ोरम पहचान म तदक़कत भी पश आयी यही नही असम पतलस दारा तमज़ोरम पतलस और तमज़ोरम स राजय सभा सदसय क वनलावना क तिलाफ़ पराथतमकी भी दजय की गयी तो वही तमज़ोरम पतलस न भी असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा और असम पतलस क अनय अतधकाररयो क तिलाफ़ तशकायत दजय की हालातक दोनो तरफ़ की इन तशकायतो को बाद म वापस ल तलया गया इसक बाद गहमती अतमत शाह क ldquoहसतकपrdquo क बाद दोनो राजयो क मखयमततयो न एक साझा बयान जारी करक तसथतत को ldquoसामानय

बनान और तनाव को ितम करनrdquo की बात कही लतकन भाजपा क तलए तो तसथतत वाकई म लशपणय हो गयी थी इस पर घटनाकरम क पी काम कर रह कारको को थोड़ा गहराई स समझना होगा

उततर-पवष म फासमीवादमी-अनधराषटवादमी भाजपा का बढ़ता

राजिमीनतक दख़लवातव म 2016 म उततर-पवव

लोकतादरिक गठबधन (एनईीए) क गठन क पीछ भाजपा की असली मशा उततर-पवव म अपना राजनीदतक िखल बढाना था और साथ ही उततर-पवव क ldquoतनावगतrdquo इलाको क मखयभदम भारत क साथ एकीकरण क परोजट को आग बढाना भी था जो वातव म और कछ नही बदलक उततर-पवव म भारतीय राजयसतता दारा राषटीय िमन की नीदत का ही दहसा ह भारतीय राजयसता दारा उतर-पवय म बस रही तमाम राषटो और अपसखयक राषटीयताओ क साथ तकय गय ऐततहातसक ल-कपट और वायदा-तिलाफ़ी की चचाय हम आग करग लतकन जहा तक पर उतर-पवय म अपनी पकड़ बनान का परशन ह तो भाजपा क तलए ऐसा करना इतना सगम भी नही ह क समझौतापरसत घटनाटक ताकतो को ोड़ तदया जाए जोतक असर हर दतमत कौम म पायी ही जाती ह तो वयापक आबादी म भारतीय राजयसता क तिलाफ़ गहरी ऐततहातसक नफ़रत मौजद ह और भारत स आज़ादी की चाहत परबल ह इस पर कत म ही भारतीय हमरानो की कौमी दमन की नीततयो की मिालफ़त का एक लमबा इततहास भी मौजद रहा ह और वतयमान म भाजपा क तमाम फ़ासीवादी व अनधराषटवादी नीततयो क तिलाफ़ परततरोध की भी तमसाल ह

यह तथय भी यहा रखादकत करना आवशयक ह दक भाजपा और सघ पररवार उततर-पवव म दवशर तौर पर असम को दहितव फासीवाि की नयी परयोगशाला बनान क दलए काफी जोर लगा रह ह असम म सामपरदातयक धरवीकरण की राजनीतत को इसी उदशय स भाजपा कभी एक तो कभी दसर रासत स लगातार अमल म ला रही ह जहा तक असम का परशन ह तो तपल साल सीएए-एनआरसी का तशगफ़ा भी इसी मकसद स उाला गया था हालातक असम म उसका तवरोध अनय कारणो स हआ था और तवरोध पहल स मौजद ldquoसथानीय बनाम परवासीrdquo की अतसमतावादी राजनीतत क कारण जयादा हो रहा था

हाल म ही असम की भाजपा सरकार दारा भी ldquoजनसखया तनयतणrdquo क नाम पर अनय भाजपा-शातसत परदशो की तज़य पर ही मसलमान-तवरोधी फ़ासीवादी फ़रमान जारी करन की शरआत कर दी गयी ह इसक अलावा क समय पहल ही असम पश सरकण तवधयक 2021 पाररत तकया गया तजसक चलत गोमास

की तबकरी पर आतशक रोक लगना तय ह नय कानन क तहत राजय म मवतशयो क वध उपभोग और पररवहन को तवतनयतमत करन क परावधान शातमल ह वासतव म वतयमान तवधयक और क नही बतक 1951 क असम पश सरकण कानन का lsquoअपगिि वज़यनrsquo ह गौरतलब ह तक उस वक़त कागस न यह कानन बनाया था या इसी तथय स ही कागस की धमय-तनरपकता और फ़ासीवाद-तवरोध क ढोल की पोल नही खल जाती ह असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा न दावा तकया तक इस तवधयक क पी कोई गलत मशा नही ह और इसस तो असल म सामपरदातयक सदभाव मज़बत होगा यही नही इन महोदय क अनसार सामपरदातयक सौहादय बनाय रखन क तलए कवल तहनद ही तज़ममदार यो हो मसलमानो को भी इसम सहयोग करना चातहए नया कानन बन जान पर तकसी वयतत को मवतशयो का वध करन पर तब तक रोक होगी जब तक तक उसन तकसी तवशष कत क पजीकत पश तचतकतसा अतधकारी दारा जारी आवशयक परमाण पत परापत नही तकया हो उतचत दसतावज़ क अभाव म मवतशयो को एक तज़ल स दसर तज़ल और असम क बाहर पररवहन को भी अवध बनान क परावधान ह इस कानन क तहत सभी अपराध सजय और गर-ज़मानती होग इस कानन को लकर उततर-पवव क अय राजयो म काफी असतोर ह योदक यह वहा क थानीय दनवादसयो क खान-पान की वतरिता और स कक दत पर सीध-सीध फासीवािी हमला ह

हम दख सकत ह तक उतर-पवय म फ़ासीवादी तगरोह न तसफ़य भारतीय राजय की परानी राषटीय दमन की नीतत को ही आग बढ़ा रहा ह बतक असम क उदहारण स यह भी सपषट हो जाना चातहए तक भाजपा और सघ पररवार अपन राजनीततक हसतकप क ज़ररए पर सामातजक तान-बान म सामपरदातयक नफ़रत तहदतववादी कटरता और धमायनधता को भी फलान का भरपर परयास कर रह ह और तफ़लहाल उनह असम म तो एक हद तक इसम सफलता भी हातसल होती हई नजर आ रही ह

असम-ममज़ोरम समीमा नववाद उपनिवशवाद की एक नवरासत

दरअसल तमज़ोरम और असम क बीच 1646 तकलोमीटर लमबी साझा सीमा ह तजसम तमज़ोरम क आइज़ोल कोलातसब और मातमत तज़ल और असम क कार हलाकािी और करीमगज तज़ल आत ह दोनो ही राजय lsquoइनर लाइन ररज़वय फ़ॉरसटrsquo क लगभग 131831 वगय तकलोमीटर कत पर अपना दावा पश करत ह तजसक कारण तकसी भी तातकातलक टकराहट की घटना क पदा होन स सीमा को लकर तववाद पनः उतपनन हो जाता ह इस बार भी यही हआ था

सतही तौर पर िखन पर असम-दमजोरम सीमा-दववाि क कद म

मखय तौर पर औदपवदशक काल की िो अदधसचनाए दिखलायी पडती ह जहा तमज़ोरम ऐततहातसक सीमा की बहाली क तलए 1875 की अतधसचना का तहमायती ह वही असम ऐततहातसक सीमा-तनधायरण क तलए 1933 की अतधसचना का पकधर ह 1933 की अतधसचना मतणपर और लशाई पहातड़यो (जोतक तमज़ो पहातड़या भी कहलाती ह) क बीच सीमा-तनधायरण क समबनध म ह जबतक 1875 की अतधसचना भतपवय लशाई पहातड़यो और कार क मदान क बीच सीमा-तनधायरण को तय करती ह तमज़ोरम का मानना ह तक 1933 की अतधसचना क समय उसकी रज़ामनदी नही ली गयी थी 1933 क बदल हए सीमा-तनधायरण क पी एक कारण तरितटश उपतनवशवातदयो क असम क चाय-बागानो स जड़ आतथयक-वयावसातयक तहत भी थ

इसक अलावा 1898 म औपतनवतशक तरितटश सता न 6 तसतमबर 1895 की दो अलग उदघोषणाओ क ज़ररए उतरी लशाई पहातड़यो को असम परानत क अधीन कर तदया और दतकण लशाई पहातड़यो को बगाल परानत क अनतगयत कर तदया इसक बाद 1 अपरल 1898 को तरितटश सता दारा एक अनय उदघोषणा क ज़ररए दतकणी लशाई पहातड़यो को असम को सथानानतररत कर तदया गया लबबलबाब यह दक लशाई पहादडयो या नगा पहादडयो जस पहाडी इलाको को दजनम दवदशषट नकजातीय समह रहत थ दजनकी अपनी दवदशषट स कक दत और जीवन-शली थी उह थानीय लोगो की रजामिी क बग़र जबरन कभी एक परशासदनक इकाई तो कभी िसरी परशासदनक इकाई म पटक दिया जाता रहा ह दजसक कारण एक असतोर औपदनवदशक िौर स ही इन इलाको म मौजि ह

आज़ादी क बाद सतवधान क ठ शियल क अनतगयत भारत म तमाम ldquoजनजातीयrdquo इलाको क परशासन क तलए उनह दो भागो म बाटा गया थाndash भाग ए और भाग बी 1952 म लशाई पहातड़यो क आइज़ोल और लङलह उपभागो तजनम तक मखयतः तमज़ो लोग बस हए थ का गठन इसी ठ शियल क अनतगयत भतपवय असम की lsquoलशाई पहाड़ी सवायत तज़ला काउतसलrsquo क तौर पर तकया गया और 1953 म बाकी बच हए कत म पावी लखर चकमा आतद अनय सथानीय बातशदो को तमलाकर एक कतीय काउतसल बनायी गयी 1954 म लशाई पहाड़ी तज़ल का नाम बदलकर तमज़ो तज़ला कर तदया गया 1972 म उतर-पवटी राजय पनगयठन अतधतनयम 1971 क तहत असम म स ही पहल तमज़ो तज़ल को कनदर शातसत परदश (lsquoयतनयन टररटरीrsquo) क रप म गतठत तकया गया 1986

12 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 13 पर जारमी)

(पज 11 स आग)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का हमज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहए

म तमज़ो राषटीय फट जो तक पहल भारतीय राजयसता क तिलाफ़ सशसतर सघषय म शातमल थी और भारत सरकार क बीच तमज़ो समझौता कायम होन क फलसवरप तमज़ोरम को पणय राजय का दजाय 20 फ़रवरी 1987 को परापत हआ

हालादक अलग राजय गठन स राषटीय समया का कोई समाधान नही हआ और िदमत कौमो क समबध म ऐसा हो भी नही सकता ह दजनक दलए एकमारि करादतकारी कायवकरम अलग होन क अदधकार समत आतमदनणवय क अदधकार का ही होता ह यहा यह भी सपषट करत चल तक सघवाद या तकसी भी परकार की कतीय सवायतता की तहफ़ाज़त या माग राषटीय दमन क िातम का काययकरम हो ही नही सकत ह जसा तक पजाब क क ldquoमासयवादीrdquo कौमवादी आजकल दावा करत तफर रह ह ऐसा कोई भी काययकरम एक शदधतः सधारवादी काययकरम ह और लतननवादी काययतदशा स इसका कोई लना-दना नही ह करातनतकारी मज़दर वगय साझी सहमतत स बन बड़ स बड़ राजय का पकधर होता ह और तवखिन की परतकरया को चाहता नही ह लतकन करातनतकारी मज़दर वगय करातनतकारी जनवाद का भी सबस मज़बत झिाबरदार होता ह और इसतलए वह जनवादी तरीक स और सभी कौमो की साझा सहमतत स ही बड़ राजय का पकधर होता ह

इस सदकषपत चचाव क बाि यह कहना ज़यािा उपयत होगा दक असम-दमजोरम क बीच यह आधदनक सीमा-दववाि वातव म औपदनवदशक िौर की ही एक दवरासत ह दजस भारत का उततर-पवव कहा जाता ह वह ऐदतहादसक तौर पर कभी भारत का दहसा था ही नही हालादक पराचीन काल स ही मखयभदम भारत क सामाजयो क इस इलाक स समपकव क परमाण मौजि ह उतर-पवय क जनजातीय इलाक पराक-औपतनवतशक भारत म शातमल नही थ यतद हम इततहास म थोड़ा पी जाय तो हम पात ह तक1818 म उस वत तरितटश ईसट इतिया कमपनी का हसतकप उतर-पवय म शर हो गया जब अहोम सामाजय क राजा न बमाय स बारमबार होन वाल हमलो स तनपटन क तलए उसस मदद मागी तरितटश ईसट इतिया कमपनी न परथम एगलो-बमटी यदध म बमटी सना को परासत तकया तजसक चलत यािाब की सतनध अमल म आयी इस सतनध क अनतगयत अहोम राजा न अपन राजय कत का एक तहससा तरितटश ईसट इतिया कमपनी को तोहफ़ म भट तकया तजसक फलसवरप तरितटश उपतनवशवाद उतर-पवय म अपन अतधकार और तहत कायम करन म सफल हो गया

इसक पशचात ही तरितटश औपतनवतशक शासको न अपन परशासतनक तहतो क मदनज़र इस पर भौगोतलक भ-भाग को औपतनवतशक भारत म शातमल तकया था तरितटश

उपतनवशवादी इस कत क भराजनीततक और सामररक महतव को दखत हए इस भारत और चीन क बीच एक lsquoबफ़र कतrsquo भी बनाना चाहत थ तजस व अपन आतथयक-वयापाररक तहतो क मातहत रखत तरितटश उपतनवशवातदयो न पहल इस भ-भाग को बगाल परानत क अधीन रखा और 1874 म अलग असम परानत का गठन करक भारत स इस पर कत का राजनीततक-परशासतनक एकीकरण तकया बावजद इसक मलतः और मखयतः औपतनवतशक नीतत उतर-पवय क समबनध म शष भारत स तवलगाव और तवलगन की ही थी तजसक फलसवरप यहा बसन वाली तमाम नजातीय-जनजातीय समहो क बीच भी अलगाव और पथकतव पदा हआ जोतक सवाभातवक ही था

जादहरा तौर पर उततर-पवव म दरिदटश हकमत की नीदतया अपन वयावसादयक-आदथवक दहतो और राजकीय-परशासदनक सहदलयतो स सचादलत थी उस दौर म मतणपर और ततपरा को ोड़कर जो तक ररयासत थी बाकी परा उतर-पवय अतवभातजत असम ही कहलाता था असम क ही इन तमाम जनजातीय इलाको की आग चलकर तरितटश औपतनवतशक परशासन दारा एक क बाद एक सीमा तनधायररत की जान लगी तजसम सथानीय जनजातीय समहो की सहमतत नदारद थी और तजसकी चचाय हम ऊपर कर चक ह पषट ह दक य कषरिीय परशासदनक दवभाजन न तो ऐदतहादसक पररदथदतयो को धयान म रखकर दकय गय थ और न ही जनवािी तरीक स जन-आकाकषाओ क आधार पर ही दकय गय थ यही कारण ह दक आज भी असम स दनकल अय राजयो म भारतीय राषटवाि और भारतीय राजयसतता क दवरदध नफरत और ग़सा तो ह ही लदकन इसक साथ ही असदमया अधराषटवाि क दखलाफ भी एक नाराजगी ह दजस उततर-पवव की अय कौम कषरिीय पमान पर lsquoदबग रििरलीrsquo (बड भाई-जसा) बतावव क रप म िखती ह

सकप म कह तो रिहमपत नदी क परब का तहससा भ-राजनीततक रप स पहली बार भारत क उपतनवशीकरण क बाद ही शष भारत स जड़ा बावजद इसक तरितटश उपतनवशवातदयो न उतर-पवय की जनता की शष भारत की आबादी स पारसपररक अनतरतकरया नही होन दी बतक आम तौर पर उस अवरदध भी तकया इसकी वजह स भ-राजनीततक दतषट स शष भारत स जड़न क बावजद इस कत की जनता का सासकततक अलगाव बना रहा आज़ादी क बाद भारतीय राजयसता की कौमी दमन की नीततयो क तहत ही इस कत की पराकततक व खतनज समपदा का दोहन करन क कारण इसम आतथयक शोषण का भी पहल जड़ गया तजसन इस अलगाव को और बढ़ाया और इस राजनीततक रप परदान तकया

उततर-पवष की कौमो क साथि भारतमीय राजयसतता क

नवशवासघात का काला इनतहास उतर-पवय म दमन की यह

औपतनवतशक तवरासत भारतीय राजयसता को आज़ादी क बाद उतरातधकार म परापत हई तजस यहा क शासक वगयो न हाथो-हाथ तलया आज़ादी क बाद स ही उतर-पवय को भारत म शातमल करन पर काफ़ी तववाद उतपनन हए भारत क साथ एकीकरण कोई पवयतवतदत पररणाम नही था जसा तक असर इततहास की आतधकाररक-सरकारी पसतको म पढ़ाया जाता ह आज़ादी स पहल भी तवशषकर नगा और तमज़ो नजातीय समहो म भारत स अलग सवतत राजनीततक अतसततव की इचा परबल थी हालातक जन 1947 म असम और उतर-पवय को भारत म शातमल करन का फ़सला ल तलया गया

आजािी क बाि जो उततर-औपदनवदशक शासक वगव अदततव म आया वह एक बहराषटीय और दमदरित शासक वगव था दजसम कशमीर और उततर-पवव की िदमत कौमो को छोडकर बाकी सभी कौमो क बजवआ वगव की अपन आकार और शदतमतता क दहसाब स नमाइिगी थी और कदीय सतता म दहसिारी थी कशमीर और उततर-पवव की कौमो को सचच और सही अथषो म आतमदनणवय का अदधकार िन की बजाय भारतीय शासक वगषो न उनका जबरन भारत क साथ एकीकरण दकया कशमीर क साथ ही उततर-पवव म भी भारतीय राजयसतता क आजािी क दपछल कई िशको की नीदतयो न राजकीय दहसा और कौमी िमन का बबवर रप अदततयार दकया ह

आज़ादी क बाद स ही उतर-पवय म राषटीय तवतवधताओ क साथ बस रही तमाम कौमो व नजातीय समहो की आज़ादी की चाहत को फ़ौजी बटो और बनदक क ज़ोर क दम पर भारतीय हमरानो न कचलन की सकड़ो कोतशश की ह 1962 क भारत-चीन यदध क बाद तो भारतीय राजय क तलए उतर-पवय और भी अतधक सामररक महतव का कत बन गया और भारतीय राजयसता को यहा तमाम राषटीय मतत सघषयो को ldquoराषटीय सरकाrdquo क नाम पर कचलन का एक परकार स lsquoलाइससrsquo भी परापत हो गया इस पर कषरि म 1958 स ही कखयात काला कानन lsquoसरकषा बल दवशर अदधकार अदधदनयमrsquo (अफपा) लाग ह तजसकी वजह स चनावो की रसमअदायगी होन क बावजद वहा वयवहारतः सनय शासन की तसथतत ह योतक सरका बलो को असीतमत अतधकार परापत ह इसी काल कानन का लाभ उठाकर भारतीय सना और अधयसतनक बलो न उतर-पवय म तपल पाच दशको स आतक का राज कायम तकया हआ ह और राजकीय दमन और तहसा का नगा नाच तकया

ह और इन राजयो की आम जनता क मानवातधकारो का बशमटी और दि-मतत क साथ हनन तकया ह ग़ौरतलब ह दक मानवादधकारो की धदजजया उडान वाला यह कानन परी तरह स सदवधान सममत ह

मखयभतम भारत म उतर-पवय को लकर काफ़ी हद तक गर-जानकारी और अजानता भी वयापत ह तजस आज भारत का उतर-पवय कहा जाता ह आज़ादी क वक़त उस पर भ-भाग म भतपवय असम परानत क असम क मदान आत थ इसक अलावा पहाड़ी तज़ल उतर-पवटी सीमावतटी परदश क नाथय-ईसटनय फतटयर टटस (एनईएफ़टी) और मतणपर और ततपरा की ररयासत शातमल थी इस कत म रहन वाल लोगो की ससकतत और इततहास म समानता और समरपता क क ततव जरर ह लतकन उनम कई तवतवधताए भी ह कल आठ राजयो यानी तक असम अरणाचल परदश मघालय मतणपर तमज़ोरम ततपरा नगालि तसतकम म तवभातजत उतर-पवय का कतफल दश क कल कतफल का 798 फ़ीसदी और इसकी आबादी दश की कल आबादी का 37 फ़ीसदी ह इस पर कत म लगभग 220 नजातीय समह और उपसमह रहत ह और लगभग इतनी ही बोतलया बोली जाती ह

औपदनवदशक शासन क अदतम िौर म और आजािी क बाि राजकीय व कौमी िमन स पिा हए राजनीदतक-साकक दतक अलगाव और आदथवक शोरण स उततर-पवव की दवदभन जनजादतयो म परदतरोध की चतना पिा हई जो एक खास दकम क नकजातीय राषटवाि (ethnic nationalism) क रप म दवकदसत हई भारतीय राजयसता दारा तकय गय बबयर दमन न इस परततरोध की चतना को और भी परबल बनाया नगा जसी क जनजाततया अपन कई उपसमहो को तमलाकर एक राषट क रप म तवकतसत हई तो क राषटीयताओ और उपराषटीयताओ क रप म अतसततव म आयी तजनकी कोई कतीयता तो नही थी लतकन तफर भी अनय राषटीय समहो स तभननताए थी इन राषटो-राषटीयताओ क परततरोध का साझा तबनद भारतीय राजयसता क दमन का तवरोध था जो इनका साझा शत थी और आज भी ह हालातक इनम आपसी अनतरतवरोधो का भी एक लमबा इततहास रहा ह मसलन नगा-ककी तववाद नगा-मइती तववाद नगा-जोमी तववाद असमी-तमज़ो तववाद असमी-बोिो तववाद आतद

दरिदटश उपदनवशवाि स आजािी क बाि भारतीय बजवआ राजयसतता न िमन की नीदतयो को खतम करन की बजाय और वहा बस रही कौमो को आतमदनणवय का अदधकार िन की बजाय इन िमनातमक कारगजाररयो को जयो-का-तयो बरकरार रखा बदलक कई मामलो म उसम इजाफा भी दकया आज़ादी क बाद उतर-पवय क राजयो का

जो पनगयठन तकया गया उसका आधार महज परशासकीय सहतलयत थी तजसकी वजह स कई मामलो म एक ही जनजातत कई राजयो म बट गयी और जनजाततयो की राषटीय आकाकाए कचल दी गयी इस तकसम क पनगयठन स नय तववाद भी उभर मसलन गटर नगालि तववाद नगा-मतणपर तववाद असमी-बोिो तववाद आतद मौजदा असम-तमज़ोरम सीमा तववाद भी इसी की एक बानगी ह

राजयो क पनगयठन की परतकरया म नगालि को राजय का दजाय 1963 म तमला लतकन इसक बावजद नगा गपो क कई राजनीततक-परशासकीय इकाइयो म बट होन क कारण उनका असनतोष बना रहा 1972 म असम स खासी गारो और जयतनतया पहाड़ी तज़लो को तमलाकर अलग मघालय राजय बना ततपरा और मतणपर को जो तक औपतनवतशक काल क दौरान ररयासत थी पणय राजय का दजाय द तदया गया तमज़ो पहातड़यो (तमज़ोरम) और lsquoनाथय-ईसटनय फतटयर एजनसीrsquo (अरणाचल परदश) को असम स अलग कर पहल कनदर शातसत राजय का दजाय तदया गया तफर 1987 म इनह पणय राजय का दजाय द तदया गया हालातक राजयो क इस पनगयठन की परतकरया न अलगाव और सवततता की आकाका को तो समापत नही तकया उट अनय सथानीय नजातीय समहो म भी सवशासन या सवततता की आकाका पदा हई और भभागो पर दावो को लकर आपस म उग टकरावो की शरआत हो गयी इसकी एक तमसाल असम-तमज़ोरम सीमा तववाद भी ह

राजनीततक-सासकततक अलगाव और आतथयक शोषण क अततररत दश क भीतर स होन वाल परवासन और बागलादश समत अनक पड़ोसी दशो स होन वाल आपरवासन स भी lsquoसथानीय बनाम परवासीrsquo का अनततवयरोध पदा हआ दरअसल औपतनवतशक काल स ही अतवभातजत असम म उपतनवशवातदयो दारा चाय बागानो की मौजदगी क कारण एक हद तक आतथयक तवकास तकया गया यही कारण था तक उस दौर म भी पड़ोसी बगाल परानत और भारत क अनय इलाको स लोग रोज़गार और ज़मीन की तलाश म असम परवासन करत थ और चतक उपतनवशवातदयो को भी चाय-बागानो म काम करन क तलए मज़दरो की ज़ररत थी तो वह सवय भी बाहर स लोगो को काम क तलए बलात थ साथ ही तल और कोयला खदानो म भी काययशतत की आवशयकता होती थी इसक अलावा सड़क और रल तनमायण कायय म भी बाहर स मज़दरो को काम पर लगाया जाता रहा बगाल स आन वाली एक बड़ी आबादी मसलामानो की भी थी इन परवातसयो म कई जो मखयतः चाय-बागानो म काम करत थ व वही बस भी गय इस पर तववरण क तलए पाठक मासयवादी इततहासकार अमलनद गहा को पढ़ सकत ह तजनका काम असम

(पज 13 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 13

(पज 12 स आग)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का ह मज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहएऔर वहा क राषटवादी आनदोलनो पर कतनदरत ह यह परवासन आज भी हो रहा ह इन परवातसयो म असर मज़दर आबादी ही शातमल होती ह ldquoसथानीय बनाम परवासीrdquo क अनतरतवरोध का फ़ायदा इन कौमो म मौजद तफ़रकापरसत ताकत भी अपन तनतहत सवाथयो क तलए उठा रही ह सीतमत ससाधनो और जनसातखयकीय असनतलन का हवाला दकर आम जनता म भय और असरकाबोध पदा तकया गया ह जो परवातसयो क तिलाफ़ तहसातमक घटनाओ म सामन आया ह य इन राषटीय आिोलनो म पजीवािी राजनीदत और दवचारधाराओ की मौजिगी यानी अदमतावािी व अधराषटवािी रझान की ओर भी इशारा करता ह और अततोगतवा हर परकार क राषटवाि की सीमा और परदतदकरयावािी चरररि को भी उजागर करता ह भल ही वह िदमत राषट का ही यो न हो िदमत राषटो की राषटीय मदत की लडाई म इन पजीवािी दवचारो व राजनीदत क दखलाफ सघरव करना करादतकारी मजिर वगव का एक कायवभार ह योदक तभी सही मायन म जनता की जनवािी राषटीय करादत क जररए सचची राषटीय मदत भी समभव ह बहरहाल इन अतरदवरोधो का फायिा भाजपा जसी फासीवािी पाटटी इस मजहबी रग ि कर भी उठा रही ह

बहरहाल मल चचाय पर वापस लौटत हए बात कर तो उतर-पवय क तवतभनन राजयो क इततहास पर तनगाह िालन स भारतीय राजयसता का ऐततहातसक तवशवासघात सपषट रप स सामन आता ह इसकी तवसतत चचाय म हम यहा नही जा सकत ह तफ़लहाल इतना कहना काफ़ी होगा तक उतर-पवय क तमाम राषटो-राषटीयताओ की आकाकाओ को कचलकर ही भारतीय राजयसता न जोर-ज़बदयसती करक इनह ldquoभारतीय राषटrdquo म शातमल तकया ह

मतणपर की बात कर तो आज़ादी क ततकाल बाद ही भारत सरकार क परतततनतध वीपी मनन न राजय म तबगड़ती कानन-वयवसथा का हवाला दकर मतणपर क राजाबोधचनदर तसह को तशलाग बलाया और 21 तसतमबर 1949 को कपटपणय तरीक स उसस भारत म तवलय क समझौत पर हसताकर करा तलया भारत सरकार न यह भी ज़ररी नही समझा तक इस समझौत की अतभपतषट नवतनवायतचत मतणपर तवधानसभा दारा करा ली जाय उट तवधानसभा को भग कर तदया गया इसक बाद स ही मतणपर म भारतीय राजय दारा परतयक दमन की नीतत अपनाकर परततरोध को दबान का तसलतसला शर हो गया और इसी क समानतर सशसतर सघषयो का भी तसलतसला शर हो गया आफसपा जस काल कानन की आड़ म भारतीय सना दारा की गयी बबयरता न जन-परततरोध को और बल परदान तकया 2004 म

भारतीय सतनको दारा एक मतणपरी मतहला मनोरमा क बलातकार और हतया क तवरोध म वहा की मतहलाओ न तनवयसतर होकर सना मखयालय क सामन तवरोध परदशयन तकया था यह घटना तकसी भी जनवादी होन का दावा करन वाल राजय क तलए एक शमयनाक घटना होती लतकन भारतीय राजय की बशमटी और बबयरता बदसतर जारी रही और उतर-पवय म यह दमनकारी जनदरोही कानन आज तक लाग ह

नगालि की कहानी भी क ऐसी ही ह औतपवतशक शासन क दौरान और बीसवी सदी की शरआत म नगा पहातड़यो क सथानीय तनवासी नगा नशनल काउतसल (एनएनसी) क बनर तल एकजट होकर एक साझा मातभतम और सवशासन की आकाका परकट करन लग थ भारत की आज़ादी क बाद नगा नशनल काउतसल न आतमतनणयय क अतधकार की वकालत की और भारत स आज़ादी क तलए जनमत सगह की माग भी रखी लतकन भारतीय राजय न एकतरफ़ा तरीक स नगा भभाग को भारतीय गणराजय का तहससा घोतषत कर तदया बदल म एनएनसी न नगालि की सवततता की घोषणा कर दी और 1952 म समपनन पहल आम चनावो का बतहषकार भी तकया इसक बाद ही भारत सरकार दारा कई नगा नताओ को तगरफतार कर तलया गया और तब स ही नगालि म एक लमब सशसतर सघषय की शरआत हई 1955 म भारतीय राजय न पतलस और सशसतर बलो क ज़ररए नगा राषटीय मतत आनदोलन को कचलन की कोतशश भी की इसी सघषय का सामना करन क तलए 1958 म lsquoआमिय फ़ोसजज सपशल पावसय एटrsquo बना जो आज तक समच उतर-पवय म लाग ह 1975 म एनएनसी क शीषय नततव न भारत सरकार क साथ वाताय करक तशलाग समझौता तकया और भारतीय गणराजय म शातमल होना सवीकार तकया तजन नगा नताओ न इस समझौत को सवीकार नही तकया उनहोन lsquoनशनल सोशतलसट काउतसल ऑफ़ नगालिrsquo (एनएससीएन) का गठन करक सघषय जारी रखा अब यह सगठन मइवा और खापलाग क दो गटो म तवभातजत ह तजनका आधार नगा जनजातीय समह की अलग-अलग उपजाततयो म ह

अब तमज़ोरम पर आत ह जसा तक ऊपर चचाय म आया था तक तमज़ो पहाड़ी कत आज़ादी क वक़त लशाई पहाड़ी तज़ल क नाम स असम म गतठत हआ तजसका नाम 1954 म बदलकर असम का तमज़ो पहाड़ी तज़ला कर तदया गया असम स अलग होन का एक अलगाववादी आनदोलन आज़ादी स पहल भी तमज़ो जनजातीय समहो म मौजद था लतकन 1959 स 1961 तक आय अकाल क राहत कायय म भारतीय राजय की उदासीनता और अनदखी क कारण पहल स ही मौजद असनतोष और आकरोश को नयी ज़मीन परापत हई इसक बाद ही साठ क दशक स तमज़ो सशसतर तवदरोह की दासतान शर होती ह

इसी दौर म तमज़ो नशनल फट (एमएनएफ़) का गठन हआ तजसनlsquoभारतीय उपतनवशवाद स तमज़ोरम की मततrsquo क तलए सशसतर सघषय का आहान तकया फ़रवरी 1966 म सशसतर दसतो न आइज़ोल शहर पर कबज़ा कर तलया नगालि की ही तरह भारतीय राजय दारा यहा भी दमन की नीतत को ततकाल अमल म लाया गया शहर को तफर स कबज़ा करन म भारतीय सना न नागररक आबादी पर धआधार बमबारी की हज़ारो पररवारो को उनक घरो स उजाड़ तदया गया 1986 म एमएनएफ़ और भारत सरकार क बीच समझौता हआ तजसक बाद एमएनएफ़ तहसा ोड़कर ldquoमखयधाराrdquo म शातमल हो गया और भारतीय सतवधान क अनतगयत काम करन पर सहमत हो गया लतकन इसस भारत क परतत तमज़ोरम क नजातीय समहो का अलगाव और रोष जरा भी कम नही हआ आज भी वहा अलग-अलग नजातीय समहो क अपन-अपन सशसतर तवदरोही दसत ह

तसतकम क इततहास पर भी तनगाह िालन पर सपषट होता ह तक आज़ादी क समय यानी 1947 स ही तसतकम का दजाय भारत क सरतकत राजय (lsquoपरोटटोरटrsquo) का था वह भारतीय यतनयन का तहससा नही था 1975 म तबना तसतकम की जनता स रायशमारी तकय भारतीय सतवधान म मौजद परावधान क तहत उस भारत म तमला तलया गया और पणय राजय का दजाय द तदया गया जबतक उस वक़त भी तसतकम का शासक आतमतनणयय का अतधकार माग रहा था तजस भारतीय राजय दारा िाररज कर तदया गया

इस सतकपत चचाय स सपषट ह तक आजादी क बाद स ही भारतीय हमरानो न उतर-पवय क तमाम राषटो एव राषटीयताओ क साथ ल-कपट करक वायदातिलाफ़ी करक दमन राजकीय तहसा और आतक का अनतहीन चकर कायम करक उनकी आकाकाओ और हको का गला घोटन का घतणत ककमय तकया ह तजस भारतीय राषटवाद क सड़-गल मलमम क ज़ररए तपाना भी नाममतकन जान पड़ता ह यह इततहास भारत क मज़दर वगय को भी जानन की ज़ररत ह योतक शोषण दमन और उतपीड़न का हर रप म तवरोध तकय तबना करातनतकारी मज़दर वगय न तो समाजवादी करातनत कर मज़दर सता को सथातपत कर सकता ह और न ही करातनतकारी सवयहारा जनवाद को सथातपत कर सकता ह तकसी भी रप म दमन शोषण और उतपीड़न का साथ दन वाला मज़दर वगय सवय भी पजीपतत वगय क हाथो शोतषत व दतमत होत रहन क तलए अतभशपत होता हअसम-ममज़ोरम समीमा-नववाद का हल उततर-पवष म राषटमीय रिशि क

समाधाि स जड़ा हउतर-पवय क तमाम राजयो म मौजद

आपसी सीमा-तववाद का तनपटारा भी वहा क राषटीय परशन क समाधान स नातभनालबदध ह वस तो तकसी यतनयन म सवचा स शातमल हई इकाइयो

क बीच भी सीमा-तनधायरण को लकर झगड़-फ़साद हो सकत ह एक पजीवादी राजय वयवसथा क अनतगयत आप और तकसी बात की उममीद कर भी नही सकत ह राषटीय शातनत या कौमी अमन जसी कोई भी चीज़ पजीवाद क मातहत सथायी तौर पर समभव ही नही ह लतकन यह तमाम तववाद अपन आप म कौमी दमन नही होत ह जबतक उतर-पवय की बात कर तो य तमाम सीमा-तववाद सीध-सीध भारतीय राजय क कौमी दमन की नीतत स ही पदा हए ह और उसक अतवभाजय अग ह

कौमी दमन का मतलब यह ह तक भारतीय शासक वगय दारा उतर-पवय म मौजद तमाम कौमो क पजीपतत वगय समत समची कौम का ही दमन तकया जा रहा ह यानी कौमी िमन क दनशान पर मलतः िदमत कौम का पजीपदत वगव होता ह जो िमन बाि म वकहि रप अदततयार कर जनता क अलग-अलग दहसो और जन-जीवन को भी अपनी जि म ल लता ह दकसी कौम क बजवआ वगव क िमन क बगर कौमी िमन अदततव म आ ही नही सकता ह िसर शबिो म कह तो कोई भी कौम िदमत ही तब मानी जायगी जबदक उसका पजीपदत वगव िदमत हो आज भारत की बात कर तो कशमीर और उततर-पवव को छोडकर यह दथदत और कही मौजि नही ह कौम या राषट बनता ही बजयआ वगय क अतसततव म आन क साथ ह यतद तकसी कौम स पजीपतत वगय को अलग कर तदया जाय तो उसक बाद जो रह जाता ह वह बस जनता ही ह आज उतर-पवय क राषटो म यह पजीपतत वगय तकतना तवकतसत या अतवकतसत ह इस तथय स वहा मौजद राषटीय दमन पर कोई फ़कय नही पड़ता ह

इसतलए उतर-पवय म तमाम राजयो क बीच मौजद सीमा-तववाद कौमी दमन का कारण नही बतक इसी कौमी दमन की नीतत का एक पररणाम ह अलग स तकसी दश क तकनही दो राजयो तजनम तक दतमत कौम ह और ज़बरन तकसी यतनयन म शातमल की गयी ह क बीच सीमा-तववाद क हल की उममीद शासक वगयो स तबना वहद राषटीय परशन क समाधान क करना ही बमानी ह आज़ादी क बाद शरआती दशको म तो भारत सरकार न उतर-पवय क महतव को कवल रणनीततक दतषट स ही दखा था लतकन पजीवादी तवकास क साथ ही पराकततक समपदा और ससती शरमशतत क दोहन की भी शरआत हई हालातक यहा बसन वाली कौमो म भारतीय राजयसता क परतत नफ़रत और अलगाव म कोई कमी नही आयी ह तकसी कापतनक एकाशमी ldquoभारत राषटrdquo और भारतीय राषटवाद म इन कौमो का तवलयन ज़ोर-ज़बदयसती क बत ही समभव ह इसतलए आज भी इस पर भ-भाग म कई सशसतर सघषय चल रह ह जब तक भारतीय राजयसता का राषटीय दमन और ज़बर जारी रहगा य राषटीय मतत सघषय भी तवसतजयत नही होग नततव की कोई

एक धारा जब समपयण करगी तो दसरी धारा उभरकर सामन आयगी और सघषय को जारी रखगी ऐततहातसक तौर पर कह तो राषटीय परशन का अतनतम और मकममल समाधान तो कवल और कवल एक समाजवादी राजय क तहत ही समभव ह जो सही मायन म तवतभनन राषटो को अलग होन क अतधकार क समत आतमतनणयय का अतधकार और अपसखयक राषटीयताओ को ससगत जनवाद का अतधकार दता ह लतकन हर दतमत कौम क तलए पहला काययभार राषटीय मतत का जनवादी काययभार ही होता ह और उसक तलए करातनत की मज़ तल भी राषटीय जनवादी ही होती ह

इततहास न यह भी सातबत तकया ह तक सामाजयवाद क दौर म दमनकारी राषट या राषटो क पजीपतत वगय आम तौर पर दतमत राषटो को आतमतनणयय का अतधकार और राषटीयताओ को ससगत जनवाद नही द सकत लतकन यह भी उतना ही सच ह तक राषट कवल दमनकारी राषटो क अतधकार दन की वजह स म त नही होत व अपन राषटीय मतत सघषयो क ज़ररए भी म त होत ह यह एक अलग चचाय का तवषय ह तक उतर-पवय क तवतभनन राषटो का राषटीय मतत सघषय यह राषटीय मतत हातसल कर सकता ह या नही लतकन इतना तय ह तक जब तक इन दतमत कौमो को राषटीय मतत हातसल नही होती तब तक शातनत या तसथरता की कोई उममीद भी नही की जा सकती ह तकसी भी कौम को हमशा गलाम बनाकर नही रखा जा सकता ह यह बात भारत क उतर-पवय पर भी उतनी ही लाग होती ह

आज भारत म दतमत कौमो क राषटीय मतत सघषयो को भारतीय राजयसता क तवरदध मज़दर वगय क समाजवादी करातनत क सघषय स जड़ना होगा और भारत क मज़दर वगय आम महनतकश जनता और ातो-नौजवानो को भारत की दतमत कौमो क राषटीय मतत सघषय स िद को जोड़त हए उनक राषटीय आतमतनणयय क अतधकार का तबना शतय समथयन करना होगा जहा एक तरफ़ भारत की महनतकश अवाम को हर परकार क राषटीय कटरपनथ और अनधराषटवाद स अपना नाता तोड़ना होगा और भारतीय बजयआ वगय क मिी म पदा हए राषटवाद की असतलयत समझनी होगी वही दसरी तरफ़ दतमत कौमो म राषटीय मतत क तलए लड़ रही ताकतो को भी यह समझना होगा तक हर परकार का बजयआ राषटवाद और सकीणय अतसमतावाद या कटरतावाद तकसी भी वयापक और तटकाऊ जन-एकजटता म बाधा ह भारत की महनतकश जनता इस सघषय म उनकी शत नही बतक दोसत ह वासतव म भारतीय राजयसता और भारतीय पजीपतत वगय ही हमारा मशतरका दशमन ह यह बात समझना बहद जररी ह सचच और सही अथयो म राषटीय मतत आनदोलन भी साथयक और कारगर तरीक स तभी आग भी बढ़ सकत ह

14 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 1 स आग)

करना ही उसक तलए भी बहतर ह इस तरह दश आज़ाद हआ आलीशान अटातलकाओ म हो रह जशन क बाहर बठी दश की आम महनतकश जनता फटहाल हालत म सगीत नाच-गाना और आततशबाज़ी दख रही थी और उममीद लगाय थी तक एक तदन वह भी िशहाल होगी आज़ादी क करीब चार दशक बाद जब नवउदारवादी नीततयो की शरआत हई तो पजीवादी नताओ और उनक चाकर बतदधजीतवयो न कहना शर तकया तक जब समतदध आयगी तो ररस-ररस कर सब तक पहचगी लतकन ररस-ररस कर तो बस दख-तकलीफ़ आयी ह अमीरज़ादो की समतदध की आततशबातज़यो को दख सड़को पर भीख माग रह बचच ताली बजा कर िश होत ह समतदध का अथय जनता क तलए बस इतना ही ह

आपन असर लोगो को यह कहत सना होगा तक अगज़ चल गय लतकन अगज़ी ोड़ गय अगज़ी क पी टन का मतलब तसफ़य भाषा स नही ह इसका अथय यह भी ह तक अगज़ो क चल जान क बाद अगज़ी नौकरशाही सना और पतलस क औपतनवतशक ढाच को ही अपना तलया गया योतक वह भारतीय पजीपतत वगय क तलए भी अपन तहतो की सवा क तलए उपय त था इसतलए लट और दमन बदसतर जारी रहा बस शासक वगय बदल गया जब दमन का बना-बनाया तत आज़ादी क साथ मफत तमल रहा था तो उस बदलन की कोई िास आवशयकता नही थी इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक lsquoगवनयम ट ऑफ़ इतिया एट 1935rsquo क 321 धाराओ म स 250 को ह-ब-ह भारतीय सतवधान म अपना तलया गया और आईपीसी तो अगज़ो क ज़मान स चली आ रही ह तजनम नयी धाराए जोड़ी गयी ह लतकन परानी सभी धाराए लगभग वसी ही ह तलतखत क साथ-साथ अतलतखत हथकि भी उनही स सीखकर उस िब माजा गया lsquoफट िालो और राज करोrsquo की नीतत पजीवादी सता क तलए अचक सजीवनी बटी ह अगज़ो न इस सवततता आनदोलन को कमज़ोर करन क तलए इसतमाल तकया और आज़ाद दश म सभी सरकार इस अपन-अपन ढग स मज़दरो-महनतकशो की एकता तोड़न उनक सघषयो को कमज़ोर करन क तलए करती आयी ह इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक आज़ादी क दौरान करातनतकाररयो की मितबरी करन वालो अगज़ो क तलव चाटन वालो उनह माफ़ीनामा तलखन वालो आज़ादी की पवयसधया पर ततरगा जलान वालो और महातमा गाधी की हतया करन वालो आरएसएस और अनय सहयोगी सगठनो पर कभी कोई ठोस कारयवाई नही की गयी तजसस इनको परभावी तौर स रोका जा सक भारतीय पजीवाद को आरएसएस की आवशयकता थी और इसतलए इस ज़जीर स बध कत की तरह अपन करीब बाध रखा समय-समय

पर ज़ररत क अनसार ज़जीर कस दी जाती रही या ढीली कर दी जाती रही आज पजीवाद की ज़ररत क अनसार इस खखार कत को भारत क पजीपतत वगय न सता ही सौप दी ह

बहरहाल हम बात कर रह थ भारत क पजीपतत वगय और उसकी राजनीततक पाटटी कागस क बार म सता हातसल करन क बाद भारत का पजीपतत वगय इतना सशत नही था तक अपन बल-बत पजीवाद क फलन-फलन क तलए आवशयक बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो का ताना- बाना खड़ा कर सक उसक पास आरतमभक पजी और तकनोलॉजी की कमी थी इन आवशयकताओ को परा करन की दो राह थी एक सामाजयवादी दशो पर पणय-तनभयरता और दसरा जनता की गाढ़ी कमाई की पाई-पाई का दोहन इन दोनो म स यहा क पजीपतत वगय न दसरा रासता अपनाया लतकन पजीपतत वगय सीध जनता का पसा नही लट सकता था और न ही राजय उस सीध लटकर पजीपततयो को थमा सकता था इसतलए इनहोन तमतशरत अथययवयवसथा की नीतत अपनायी यानी सावयजतनक कत सय त कत और तनजी कत इस नहर न lsquoसमाजवादी नमन क समाज क तवकासrsquo का नाम तदया जनता की गाढ़ी कमाई चस कर दश का तवकास आरमभ हआ और जनता क पस स बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो को खड़ा तकया गया बतनयादी और अवसरचनागत उदयोग जस इसपात कारिान रल यातायात और पररवहन तबजली सचार आतद सावयजतनक कत म रख गय इनम पजी तनवश अतधक और मनाफ़ा लमब कालकरम म हातसल होना था वही उपभोता वसतओ का उतपादन तनजी कत को सौपा गया तजसम लागत सापतकक रप स कम और मनाफ़ा जद हातसल होना था इस योजना का आधार 1944 का बॉमब पलान या टाटा-तबड़ला पलान था दश की मज़दर-महनतकश आबादी की कमाई लट कर दश म बतनयानी और अवसरचनागत उदयोग खड़ तकय गय तातक पजीपतत वगय क मनाफ़ा कमान का काम सगम हो सक मतलब lsquoहरज लग न तफटकरी रग चोखाrsquo उननीसवी सदी क अनत और बीसवी सदी क शरआत स ही दश म कई बड़ बक थ तजनम सबस बड़ा बक lsquoइमपीररयल बकrsquo था लतकन दर-दराज़ क इलाको म भी सतवग सकीम थी जस पोसट ऑतफ़स सतवग सकीम जो 1882 म खोली गयी थी जनता की महनत की कमाई तक पहच क तलए ससथान पहल स मौजद थ तजन पर 1948 क बाद नहर न अतधक बल तदया जो तक पजी क सचय क तलए लातज़मी भी था 1969 म बको क राषटीकरण न तनवश क तलए पजी की उपलबधता को बढ़ा तदया कह सकत ह तक तमतशरत अथयवयवसथा की आड़ म बहद कशलतापवयक कागस न पजीपतत वगय की सवा की उसक तहतो को

साधा और जनता की गाढ़ी कमाई को चस कर पल सड़क सचार पररवहन बनाया गया और जनता क बीच बढ़ रह मोहभग पर रसमी सधारवाद का नाटक कर पानी क ीट भी िाल सीपीआई सीपीएम और नामधारी कमयतनसट पातटययो न भी इन नीततयो का समथयन कर न कवल जनता की पीठ म रा घोपा बतक उनकी राजनीततक चतना को भी कनद तकया तजसकी चचाय हम आग करग

नहरतवयाई lsquoसमाजवादrsquo क चोग की सीवन जद ही उधड़न लगी और 1960 क दशक क उतरादधय म ही भारत की अथयवयवसथा म ठहराव आन लगा 1970 का दशक मनदी का दशक रहा चार पचवषटीय योजनाओ और तीन वातषयक योजनाओ क कल पजी तनवश को दख तो सावयजतनक कत म पजी तनवश का परततशत अनपात तनजी कत की तलना म बढ़ता गया लतकन जद ही तमतशरत अथयवयवसथा या तथाकतथत समाजवाद क अनतरतवरोध सामन आन लग 1960 क दशक म जो सकट आया था और जो 1970 क दशक म गहराया था वह राजकीय इजारदार पजीवाद क ढाच क भीतर पजी सचय का सकट था बड़ा पजीपतत वगय और साथ ही नवोतदत मझोला व ोटा पजीपतत वगय lsquoधनधा करन की परी सहतलयतrsquo की माग कर रहा था जो तक नहरतवयाई समाजवाद क ढाच म बातधत थी हर परकार क सरकारी तवतनयमन व तनयतण स उस टकारा चातहए था तजस उसन सवय अपनी ही ज़ररत स एक समय सथातपत तकया था इस सकट की ही अतभवयततया थी उस दौर म बढ़ती महगाई बरोज़गारी खादयानन सकट आतद एक ओर मधय वगय तनमन पजीपतत वगय और महनतकशो क सपन टट रह थ वही दसरी ओर सावयजतनक कत क पालन म पला तशश तनजी पजीपतत वगय अब बड़ा हो चला था और पालना उसक तवकास को रोक रहा था पजीवादी तहतो की नमाइनदगी करन वाल बतदधजीतवयो और अथयशातसतरयो न पजी पर राजय क तवतनयमन यानी लाइसस कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण परतयक तवदशी तनवश पर रोक एमआरटीपी तनयतण व सतबसिी आतद पर सवाल उठान शर कर तदय

इस दौर म तवशव सतर पर भी 1970 क दशक म नवउदारवाद क यग की शरआत होती ह अपना सवतणयम यग जीन क बाद 1960 क दशक क आतिरी वषयो म ही अमररकी व यरोपीय पजीवाद पर सकट क बादल मिरान लग थ और इसक साथ ही करतमक परतकरया म पतशचम म कयाणकारी राजय की नीततयो को समापत करना शर कर तदया चतक अमररकी व आम तौर पर पतशचमी पजीवादी अथयवयवसथाए मनाफ़ की दर का सकट झल रही थी इसतलए पहल उनहोन अपन यहा तवतीय तवतवतनयमन तकय अमररका न लचीली तवतनमय दर सथातपत की शरम

बाज़ार का भी क उदारीकरण तकया और तफर तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क पजीपतत वगय पर भी दबाव बनाया तक व भी तवतीय तवतवतनयमन कर और शरम बाज़ार को लचीला बनाय तातक पतशचमी सामाजयवादी पजी को इन दशो म और खल कर ससत शरम की लट की ट तमल अपन कारणो स एतशया व अरब अफीका और साथ ही लाततन अमररका क तमाम पजीवादी दशो का शासक वगय भी उदारीकरण की आवशयकता महसस कर रहा था तवशव बक और तवशव मदरा कोष न तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क आतथयक सकट का लाभ उठात हए उन पर तवदशी पजी क तलए अपन दरवाज़ खोलन का दबाव बनाया यानी उनह तवदशी वयापार और तवदशी तनवश पर लगी तमाम पाबतनदयो को हटान क तलए मजबर करन का परयास तकया क दशो न (जस तक लाततन अमररका क क दश) इस परकार की नीततयो को जयो का तयो लाग तकया तजनह lsquoसपrsquo यानी lsquoसटचरल एिजसटमटrsquo की नीतत भी कहा जाता हा इसक आरतमभक परयोग लाततन अमररका क दशो म हए और पानी जसी मलभत सतवधाओ को तनजी हाथो म सौपन स लकर समची अथयवयवसथा क नवउदारवादी पनगयठन क भयकर पररणाम सामन आय

भारत क सनदभय म कहा जाय तो यहा क पजीपतत वगय न बहद कशलता स इन नीततयो को लाततन अमररका क तवपरीत अपन तहतो क अनसार बदलकर और तवलतमबत परतकरया म लाग तकया तजसक कारण भारतीय पजीवादी वयवसथा उस परकार सामाजयवाद पर तनभयर नही हई और न ही वह उस परकार औध मह तगरी तजस परकार लाततन अमररका क क दशो क साथ हआ नतीजतन यहा उस परकार जनाकरोश फट कर सड़को पर भी नही बहा तजस परकार लाततन अमररकी दशो म हआ था असर यह बात कही जाती ह तक भारतीय शासक वगय अनतरायषटीय दबाव म नवउदारवादी नीततयो को अपनान क तलए मजबर था लतकन ऐसा नही ह और इसकी चचाय हम पहल ही कर चक ह तक तकस परकार तमतशरत अथयवयवसथा क तवतनयमन म तनजी पजी का दम घट रहा था और वह लाइसस सतबसिी परतमट शरम काननो कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण आतद स पीा ड़ाकर म त बाज़ार म गोत लगाना चाहती थी तसफ़य बाहरी पररतसथततया ही नही बतक आनतररक पररतसथततया भी नवउदारवाद क तलए दबाव बना रही थी आतधकाररक तौर पर जलाई 1991 म नवउदारवाद की नीततयो की घोषणा स पहल ही 1980 क दशक म राजीव गाधी नवउदारवाद क सबस मखर समथयक बन और उनकी सरकार न सीतमत हद तक अथयवयवसथा का उदारीकरण तकया 30 उदयोगो म लाइसस की आवशयकता हटायी तथा और साथ ही कई पररवतयन तकय गय

लतकन पर ढोल-ताश तोरण और बनदनवार क साथ तवकास क बड़-बड़ वायदो और रोज़गार क सवतणयम अवसरो क सपन तदखा कर उदारीकरण तनजीकरण और भमिलीकरण की नवउदारवादी नीततयो की शरआत 24 जलाई 1991 को परधानमती नरतसमहा राव तवत मती मनमोहन तसह और योजना आयोग क उपाधयक मोटक तसह अहलवातलया क समय म की गयी यह दावा तकया गया तक परतयक तवदशी तनवश स दश म रोज़गार सजन होगा इन तीनो न तमल कर lsquoतटकल िाउन तथयरीrsquo यानी धन-समतदध क ऊपर स ररस कर नीच जान का तसदधानत परसतत तकया ऊपर स नीच का सच तो महनतकश लोग अपनी तज़नदगी स जानत ही ह नीच स तनचोड़कर सारा धन ऊपर की ओर ज़रर चला जा रहा ह और ऊपर स ररसकर कवल गरीबी बरोज़गारी और बबायदी आम महनतकश जनता क तहसस आ रही ह अगर ऐसा नही होता तो दश म 1990 म जहा मात 2 अरबपतत (िॉलर अरबपतत) थ वही 2021 म 177 कस हो गय lsquoहरन गलोबल ररच तलसटrsquo (हरन दारा बनायी तवशव म अमीरो की सची) क अनसार पर तवशव म अरबपततयो की सखया म तीसरा सथान भारत का ह साथ ही वतशवक भखमरी सचकाक म 107 दशो की सची म भारत 94व सथान पर ह सवासथय की पहच क कत म भारत का सथान 189 दशो म 179वा ह जो तक बगलादश शरीलका पातकसतान और कई अफीकी दशो स भी नीच ह 1995 स लकर 2009 तक जीिीपी क औसत 6 स सात और कई बार 8 स ऊपर पहचन पर सीना चौड़ा कर तवकास का दावा करन वाली सरकार यह नही बताती तक यह तवकास रोज़गारतवहीन तवकास था योतक 1991 स लकर 2018 तक बरोज़गारी की दर 5 परततशत स 6 परततशत क बीच बनी हई थी जो 2020 म 56 सालो म सबस जयादा यानी 89 परततशत हो गयी 2021 म तो यह 917 परततशत हो गयी ऐस तवकास की जनता क तलए या उपयोतगता जो रोज़गार क अवसर ही न सतजत कर शयर बाज़ार म उाल पजीपततयो की तज़ रफतार महगी गातड़यो पराइवट जट तवमानो आलीशान अटातलकाओ और तवदश याताओ की सखया क आधार पर मापा गया तवकास आम महनतकश आबादी की थाली म दो जन की रोटी तक नही पहचाता

आम आबादी क तलए तो नवउदारवाद तगी बरोज़गारी कपोषण और भखमरी ही लकर आया ह तदहाड़ी पर काम करन वाली 50 करोड़ आबादी 10 साल पहल वासतव म तजतना कमाती थी आज भी लगभग उतना ही कमाती ह जबतक कीमत दोगनी-तीन गनी हो चकी ह दश म 60 परततशत आबादी कपोषण का तशकार

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह

(पज 15 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 15

ह राषटीय पोषण तनगरानी बयरो दारा 2015-16 म शहरी आबादी म तकय गय सवज क अनसार औसत खानपान म परोटीन कतशयम आयरन तथयातमन तनयातसन आतद पोषक ततवो की काफ़ी कमी ह यही ह दश की मज़दर महनतकश आबादी क तलए नवउदारवाद की सवतणयम सौगात

िवउदारवाद और मज़दर आनदोलि

1950 क दशक क आरमभ स ही सशोधनवाद क मागय पर तनकल पड़ी भारत की कमयतनसट पाटटी (भाकपा) नहर और कागस की नीततयो को समाजवाद की तदशा म कदम मानती थी और राषटीकरण की रट लगाती थी भाकपा क अनसार आज़ादी क बाद कागस जनवादी काययभारो को परा कर रही थी इसतलए कमयतनसटो को इसका सहयोग करना चातहए अत इनहोन वगय सहयोग की लाइन दी जब पाटटी की लाइन ही वगय सहायोगवाद की हो गयी तब समाजवाद क समथयन और सवयहारा वगय को करातनतकारी चतना और उसक ऐततहातसक तमशन स पररचय करान की बात तो सथतगत हो गयी 1964 म एक सशोधनवादी पाटटी क तौर पर ही भाकपा स अलग हई माकपा सीध तौर पर नहर की गोद म नही बठी और उसन नहर को समझौतापरसत बोलकर उसपर जनवादी काययभारो को परा करन क तलए सड़क और ससद म दबाव बनान की बात की लतकन असल म वह भी एक सशोधनवादी पाटटी थी न तक मज़दर वगय की कोई करातनतकारी कमयतनसट पाटटी अपन गरमा-गरम भाषणो और चाय की पयाली म तफ़ान उठान क अलावा इन ससदमागटी जड़वामनो न बजयआ वगय क तिलाफ़ मज़दर वगय की करातनतकारी राजनीततक चतना उननत बनान क तलए कोई ठोस राजनीततक कारयवाई नही की और मज़दर वगय को अथयवाद क गोल चकर म ही घमात रह सवयहारा वगय की तहरावल पाटटी का अतनतम लकय होता ह तक वह बजयआ राजयसता का धवस करक सवयहारा राजयसता की सथापना करन की ऐततहातसक मतहम म महनतकश जनसमदाय को नततव द इस अतनतम लकय तक पहचन क तलए कमयतनसट मज़दरो और सभी करातनत-पकधर वगयो क जन-सगठन बनात हए आतथयक सधारो-मागो-ररयायतो क तलए अथयवादी नही बतक राजनीततक रप स लड़त हए जनता की जझार सगठनबदधता को बढ़ात ह रतढ़यो स मतत और वगय-चतना को परखर बनान क तलए सतत सामातजक आनदोलन करत ह और सासकततक कायय करत ह लतकन ऐसा करन की जगह मज़दर वगय को य सशोधनवादी पातटयया सधारवाद पबनदसाज़ी अथयवाद अराजकतावादी सघातधपतयवाद और टि यतनयन की गतलयो म घमाती रही

1950 क उतरादधय स भाकपा एव अपन जनम क काल स ही माकपा

और 1980 क दशक स भाकपा (माल) का इततहास जब ऐसा रहा तब उनस 1991 म नवउदारवाद क तवरदध जझार परततरोध की उममीद बकार थी और हआ भी ऐसा ही नवउदारवाद न मज़दरो का िन बहा कर तमल शरम काननो को ततलाजतल द दी और य ससदमागटी सशोधनवादी पातटयया महज़ सगतठत कत क मज़दरो और कमयचाररयो को लकर नपसक तकसम क तवरोध की रसमअदायगी करती रही और 93 परततशत असगतठत मज़दर वगय को तो सगतठत करन का इनहोन कभी ढग स परयास ही नही तकया आज सार परान शरम कानन लगभग समापतपराय ह और मज़दर जानलवा हदो तक असरका की तसथतत म काम करन को मजबर ह मज़दर वगय की जीवन व काययतसथतत भयकर ह खल और मनोरजन की या बात कर जब मामली बीमाररयो क इलाज की भी सतवधा नही ह नय लबर कोि वासतव म मज़दरो की पजीपततयो दारा तबना तकसी रोक-रकावट लट को काननी बनान क तलए ही लाय गय ह इसक अलावा करल अतीत म पतशचम बगाल और ततपरा म ससदीय वामपनथी पातटययो की सरकारो न सवय नवउदारवाद की नीततयो को परी तनषठा स लाग तकया ह वगय सहयोग की तदशा म बहद सजीदगी स कदम बढ़ात हए परथम यपीए सरकार म शातमल होकर भारत म उदारीकरण-तनजीकरण को सही तरीक स लाग करन का रासता साफ़ तकया और इस तदशा म नयी-नयी नीततयो क जनमदाता बन 2005 म ससद म बठकर इनहोन सज़ अतधतनयम पास करवाया सज़ यानी सपशल इकॉनोतमक ज़ोन तजसक तहत ऐस औदयोतगक कत बनाय गय जहा तकसी भी तरह का शरम कानन लाग नही होता

इस परकार इन सशोधनवादी पातटययो न मज़दर वगय क साथ ऐततहातसक गदारी की झठ तवशवासघात और फरब का इतना लमबा काल झल कर महनतकश आबादी क बड़ तहसस का इनस मोहभग हो चका ह और इनका आधार अब मलत और मखयत सगतठत कत क पक कमयचाररयो और एक हद तक क राजयो म ोट व मझोल वयवसातययो और मझोल व धनी तकसानो-कलको म ह मज़दर वगय क एक तहसस म इनह लकर क भम अभी भी ह लतकन उनह तनरनतर करातनतकारी परचार और सघषयो क ज़ररए इनह बनकाब करक ही तोड़ा जा सकता ह सचचाई यह ह तक वाहय आवरण म आम मज़दरो को कमयतनसट तदखन वाली य पातटयया अपनी अनतयवसत म बजयआ ही होती ह सशोधनवादी पातटययो दारा मज़दर वगय क आनदोलन को सधारवाद अथयवाद और सशोधनवाद क पककि म ल जान का सबस जयादा फ़ायदा फ़ासीवादी शततयो को तमला तजनहोन पजीवादी वयवसथा क सकट और करातनतकारी

कमयतनसट शततयो क अभाव म मज़दर आनदोलन क एक ोट तहसस म और वयापक टटपतजया आबादी म परतततकरया का आधार तयार तकया

राम जनमभतम आनदोलन बाबरी मतसजद धवस 1991 क सकट क बाद और 1995 तक उदारीकरण-तनजीकरण क तवनाशकारी पररणामो क बाद भारत म फ़ासीवादी आनदोलन पहल स कही अतधक आकरामक हो कर उभरा एक करोड़ 42 लाख सदसयो वाली एटक और 60 लाख स भी जयादा की सदसयता का दमभ भरन वाला सीट और बगाल करल और ततपरा म सरकार चलान वाली माकपा और भाकपा इस आकरामक फ़ासीवादी सलाब क समय तकनार बठ कर धातमयक सौहादरय का कीतयन करती रही और सामपरदातयकता स लड़न क नाम पर कभी कागस तो कभी मलायम तसह यादव का प ला बनी रही जब 2002 म जलत गजरात क तवरोध म सड़को पर उतरन की और फ़ासीवातदयो स तनपटन की मज़दरो क लड़ाक सगठन बनान की और िाकी चििीधाररयो का महतोड़ जवाब दन की ज़ररत थी तब भी इतनी बड़ी सदसय सखया लकर इन सशोधनवादी पातटययो को ससद क एसी सभागार फ़ासीवाद स लड़न क जयादा कारगर उपाय लग वासतव म य मज़दर वगय का कोई करातनतकारी आहान करन की कमता खो चक थ और अगर दहाड़न क तलए भी मह खोलत ह तो मह स मयाऊ ही तनकल जाता ह इनका यह इततहास दशायता ह तक फ़ासीवाद को एक lsquoअपरततरोधय उभारrsquo बनान म अगर तकसी एक शतत की सबस अतधक भतमका ह तो वह सशोधनवाद ही ह

पतशचम बगाल म लोकसभा चनावो और राजयसभा चनावो क दौरान भाकपा-माकपा का बड़ा जनाधार तखसक कर भाजपा की ओर चला गया इस जनता की करातनतकारी ऊजाय को अथयवाद और सशोधनवाद स बतधया कर दन और उनकी राजनीततक चतना को कनद करन क पररणाम क तौर पर दखा जा सकता ह दश क अनय तहससो म भी मज़दर तनमन-मधयवगय और आम महनतकश वगय क बीच करातनतकारी पाटटी और राजनीतत की नामौजदगी की वजह स बढ़त आतथयक असरका व सकट काल म फ़ासीवादी ताकतो को अपन पर पसारन का अवसर तमल जाता ह िवउदारवाद क दौर म फासमीवाद

का उभारपजीवाद तजस असमाधय सकट

स गज़र रहा ह उसस तनपटन क तलए दतनया क तमाम दशो म पजीपतत वगय सबस परतततकरयावादी दतकणपनथी मज़दर-तवरोधी और फ़ासीवादी सरकारो को चन रहा ह भारत क सनदभय म तहनदतववादी फ़ासीवादी मोदी सरकार सता म आयी यहा क पजीपतत वगय को ऐसी सरकार की

ज़ररत थी जो लोह क हाथो स उन नीततयो को लाग कर जो मनाफ़ की राह म सभी परशातनयो को हटा द और पजी क तलए खल चारागाह का तनमायण कर इसक तलए आदशय परतयाशी मोदी और पाटटी भाजपा ही थ इसतलए मोदी सरकार जब 1914 म सता म आयी तो सबस पहल शरम काननो म बदलाव तकया आज यह बदलता-बदलता समापत पराय हो गया ह और उनकी जगह बस चार लबर कोि रह गय ह य कोि मज़दरो को गलामो की तसथतत म ला दग सार सावयजतनक ससथान औन-पौन दामो म बच जा रह ह पजीपततयो की सारी महमागी मराद परी हो रही ह इसतलए तो मकश अमबानी तवशव म आठवा और एतशया म सबस अमीर वयतत बन गया ह

एक ओर जहा धन क मटी भर आबादी क हाथो सकतनदरत हो रहा ह वही भमिलीकरण और उदारीकरण क 30 वषयो न बड़ पमान पर ोट पजीपतत वगय को उजाड़ा ोट पमान क उतपादको दकानदारो वतनभोतगयो और साथ ही गामीण तनमन-पजीपतत वगय को भी उजाड़ा ह बड़ पमान पर लोग सड़को पर आ गय और जो सड़को पर नही आय उनक तसर पर भी लगातार टनी और तालाबनदी नौकरी स तनकाल तदय जान ठक पर कर तदय जान की तलवार लटकती रहती ह कहन का अथय ह तनमन-पजीपतत वगय क सामन भतवषय की असरका और अतनतशचतता बहद तज़ रफतार स बढ़ी ह भाजपा और आरएसएस न इसी असरका और अतनतशचतता का फ़ायदा उठाया इस अतनतशचतता और असरका स पदा हए गसस बौखलाहट तचड़तचड़ाहट और तनराशा को सघ पररवार न अपसखयको तवशषकर मसलमानो और शरणातथययो की ओर मोड़ तदया मसलमानो शरणातथययो ईसाइयो आतद को सभी सकट पर शातनयो और असरका की वजह बतात हए इनक तिलाफ़ सड़को पर उनमाद पदा तकया गया सघ पररवार का पदा तकया सामपरदातयक उनमाद ततकालीन आतथयक सकट की वजह स उभरा और फ़ासीवाद भारत म पहली बार 1980 क दशक म एक परतततकरयावादी

सामातजक आनदोलन बनकर उभरा लतकन तवचारधारातमक सगठनातमक और ससथाबदध कामो की तयारी सघ 1925 स ही कर रहा था शाखाओ सासकततक कनदरो तशश मतनदरो म सामपरदातयक सतरी-तवरोधी दतलत-तवरोधी ज़हर घोल-घोल कर तपलाया जाता रहा और आज इन ससथाओ स तनकल लोग नौकरशाही पतलस सना नयायपातलका तवशवतवदयालयो स लकर न कड़-चौराहो पर सघ क तवचारो क रकक और परचारक बन बठ ह बहरहाल आज कोई दशवयापी करातनतकारी कमयतनसट पाटटी मौजद नही ह जो तक वयापक महनतकश अवाम को करातनतकारी सवयहारा वगय क नततव म जगा सक गोलबनद कर सक सगतठत कर सक और समझा सक तक उनक दखो तकलीफ़ो और असरका की असल वजह पजीवाद ह न तक कोई धमय या समदाय आज ऐसी पाटटी का तनमायण करत हए मज़दर वगय क बीच वयापत सभी परकार क तवजातीय तवचारो स लड़ना होगा और उनकी राजनीततक चतना उननत करनी होगी मज़दर वगय को उसक ऐततहातसक तमशन की याद तदलानी होगी और उसक बीच वयापत रतढ़वादी अवजातनक अतातकय क तवचारो स सतत सघषय करना होगा कवल इसी क ज़ररए मज़दर वगय और आम महनतकश अवाम फ़ासीवातदयो को महतोड़ जवाब द सकती ह

अनतत 30 वषयो क नवउदारवाद क काल न दश म वगयो का धरवीकरण ितरनाक सीमा तक बढ़ा तदया ह करोड़ो-करोड़ बदहाल तनराश और बघर आबादी क शीषय पर मटी भर आबादी आपरातधक अययाशी का जीवन जी रही ह और आन वाल समय म बढ़ती महगाई टनी-तालाबनदी बरोज़गारी को दखत हए यह धरवीकरण और गहरान जा रहा ह आतथयक सकट स पदा असनतोष को दबान क तलए फ़ासीवाद क हमल भी और आकरामक होग तजसक सकत तमल रह ह करातनतकारी शततयो को सवयहारा वगय क बीच राजनीततक परचार-परसार क काम को यदध सतर पर सगतठत करना होगा और मज़दर महनतकश वगय को इन राजनीततक गतततवतधयो म बढ़-चढ़ कर तहससा लना होगा

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह(पज 14 स आग)

अपनी रोज़ी-रोटी को बचाया जा सक और लट शोषण व दमन क तिलाफ़ समच मज़दर वगय और आम महनतकश आबादी का सशत परततरोध खड़ा तकया जा सक पजीवाद क मनाफ़ की दर तगरन का सकट पहल स कही जयादा तज़ होता जा रहा ह और मज़दरो क लट शोषण व दमन तज़ होता जा रहा ह यही समय ह तक हम मज़दर जद स जद एकजट हो जाय सगतठत हो जाय और सोच-समझकर अपन सघषय को आग बढ़ाय मातलक ठकदार जॉबर आतद हमस

जयादा नही ह लतकन व हमस जयादा सगतठत ह और उनक पी सरकारो की ताकत ह दसरी ओर हम असगतठत और तबखर हए ह यदि हम सगदठत और एकजट हो तो सरकारो की ताकत साथ होन क बावजि व हमस मकाबला नही कर सकत व अभी ऊच इसदलए दिख रह ह योदक हम घटनो पर बठ हए ह

मािसर की शमीनिसस कमिमी क मज़दरो(पज 10 स आग)

ाक पजीयन SSPLWNP-3192020-2022पररण ाकघर आरएमएस चारबाग़ लखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 5 परतयक माह16 Mazdoor Bigul l Monthly l September 2021 l RNI No UPHIN201036551

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो लखनऊ स मददत समपािक अदभनव l समपािकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006

टोको ओलममपक म भाित का परदशवन एक समीकाndash साथिषक

अगसत महीन म टोयो ओलतमपक खलो का समापन हआ और भारत को इस बार एक सवणय दो रजत और चार कासय पदक तमल ह इस परकार कल पदको की सखया सात रही ह हर ोटी स ोटी उपलतबध की तरह मोदी जी इस बार भी मौक पर चौका मारन क तलए पहल स ही तयार बठ थ गोदी मीतिया आईटी सल और अनय सभी परचार ततो का इसतमाल कर मोदी जी दशवातसयो क सामन ऐसा सवाग रच रह ह तक दखन वाल को लगता ह जस मोदी जी िद ही सातो पदक जीत कर आय ह िर इन लफफ़ातज़यो और ढोग को एक तकनार कर ओलतमपक खलो म भारत क परदशयन की एक वसतपरक समीका करन की ज़ररत ह

टोयो ओलतमपक म भारत का परदशयन अब तक का सबस अचा परदशयन रहा ह यतद तपल परदशयनो स तलना की जाय तो भारत का परदशयन पहल इतना फीका रहा ह तक अभी हातसल सात पदक तकसी कीततयमान स कम परतीत नही होत ह 1900 म हए पररस ओलतमपक म भारत न पहली बार ओलतमपक खलो म तहससदारी की शरआत की थी 1900 स लकर 2020 क बीच पचचीस ओलतमपक खलो म भाग लकर भारत न कल 35 पदक अतजयत तकय ह इनम स 12 पदक भारत न तसफ़य परष हॉकी परततयोतगता म जीत ह जब हम इन आकड़ो की तलना दसर दशो स करत ह तो हम समझ आता ह तक भारत जस तवशाल दश क तलए इतन कम पदक हातसल करना चौकान वाला ह टोयो ओलतमपक म अमररका न 113 और चीन न 88 पदक जीत ह तजसम अमररका क 39 और चीन क 38 सवणय पदक ह दसर शबदो म कह तो भारत पचचीस बार इन खलो म भाग लकर तजतना पदक हातसल नही कर सका उसका चौगना क दश एक ही बार म हातसल कर लत ह 130 करोड़ आबादी वाल भारत म ओलतमपक खलो क मामल म यह िसता हाल दतनया भर क खल तवशषजो पतितो और आम खल परशसको क तलए एक आशचयय का तवषय ह इस गतथी को सलझान क तलए कई तवशषज अपन-अपन तरीक स तकय दत ह भारत की तवफलता क कारणो की वयाखया करत ह लतकन इनक तवशलषण और इनक तदय सझाव इस मनाफ़ािोर वयवसथा को सीध कठघर म खड़ा नही करत ह बतक इसी वयवसथा की चौहतदयो म ही इस समसया का हल ढढ़त रहत ह

ओलतमपक या कोई भी अनतरराषटीय परततयोतगता म भारत का लगातार तपड़ा परदशयन एक ढाचागत समसया ह तजसका समाधान इस मनाफ़ पर तटकी वयवसथा क आमलचल पररवतयन स ही हो सकता ह यहा का पजीपतत वगय मज़दर-महनतकश आबादी क एक-एक कतर को तनचोड़ कर ऐशोआराम की तज़नदगी जीता ह 12-14 घट कारिानो म कमरतोड़ महनत करन क बाद जब हम अपन घरो को लौटत ह तो हमार पास मनोरजन या सजनातमक काययो क तलए ताकत और

समय दोनो ही नही बचत ह हम थक-हार कर सो जात ह और अगल तदन उठ कर तफर उसी कमरतोड़ महनत म लग जात ह तशकागो क अमर शहीद मज़दरो न तजस ldquoआठ घट का काम-आठ घट का आराम-आठ घट का मनोरजनrdquo का नारा बलनद तकया और तजसक तलए अपन पराणो की आहतत द दी आज वही नारा मज़दरो क तलए अतीत का एक अवशष मात बन कर रह गया ह आप ही सोतचए तक ऐसी हालत म दश की बहसखयक आबादी जो जस-तस महनत करक अपना गज़ारा करती ह या वह कभी ओलतमपक खलो म तहससा ल सकती ह भारत म एक बड़ी आबादी ऐसी ह जो तकशोरावसथा यानी महज़ 14-15 साल की उम स ही भारी शारीररक शरम म लग जाती ह तकशोरावसथा ही उम का वह पड़ाव होता ह जब बचचो म खलकद की परततभा सबस सपषट रप म परकट होती ह लतकन उन बचचो का या जो सकल ही नही जात यतद सकल तकसी तरह चल भी जाय और उनकी परततभा की पहचान हो भी जाय तो उनक परतशकण और तालीम पर होन वाल िचय की आशा भी करना उनक तलए आकाश कसम की अतभलाषा क समान होगा आप ही सोतचए तक हमार बचच खलकद क बार म सोच भी कस सकत ह जब उनह कारिानो दकानो रहड़ी-खोमचो म दो वक़त की रोटी क तलए जदोजहद करनी पड़ती ह अपना और अपन पररवार का पट भरन क तलए ता-उम य नौजवान अपनी हितिया गलात रहत ह इस तरह दश की एक बड़ी आबादी खल क दायर स ही बाहर हो जाती ह

मज़दरी की तसथतत को दखत हए घर म जो पसा आता ह उसस दाल-रोटी भी चलानी मतशकल होती ह एक तखलाड़ी पदा करन क तलए सनततलत आहार की बात सोचना तो असमभव ही ह एक उननत खल ससकतत को गढ़न और ओलतमपक खलो म एक शततशाली ताकत बनन क तलए एक सवसथ और सहतमनद यवा पीढ़ी को गढ़ना अतनवायय ह तजस दश म हर तदन भख कपोषण और सकरामक रोगो स सरकारी आकड़ो क अनसार 2257 बचचो की मौत होती हो (हालातक असल आकड़ा कम-स-कम इसका दना ह) उस दश म हम यह कस उममीद कर सकत ह तक वह खलकद म तवशवतवजता बनगा सय त राषट बाल कोष (यतनसफ़) की ररपोटय क अनसार दश क तकरीबन आध बचच अपनी उम क अनसार सामानय स कम वज़न क ह 45 परततशत बचच सामानय स कम कद क ह 20 परततशत बचच अपन कद क अनसार सामानय स जयादा दबल-पतल ह 75 परततशत रतहीनता स पीतड़त ह 57 परततशत बचचो म lsquoतवटातमन एrsquo की गमभीर कमी ह पहल सकल और आगनवाड़ी म जो क भी थोड़ा-बहत मधयाहन भोजन तमलता था लॉकिाउन क दौरान वह भी अतधकाश जगहो पर बनद हो गया था और इस अतनयोतजत लॉकिाउन स करोड़ो मज़दरो-

महनतकशो की नौकररया भी चली गयी ऐसी हालत म बचचो का भरण-पोषण कतठन हो गया ह तनतशचत ही ऊपर तदय गय आकड़ आज गमभीर रप धारण कर चक होग और तमाम सरकारी और गर-सरकारी रपट इस बात की पतषट भी कर चकी ह

इसक अलावा बचचो म बचपन स ही शारीररक वयायाम और खलकद क बार म एक सवसथ दतषटकोण पदा करन म सकलो की एक अहम भतमका होती ह सकल म ही भतवषय क ओलतमपक तखलाड़ी अपन पशवर खल जीवन की नीव रखत ह लतकन हमार दश की सकली तशका वयवसथा क जजयर हालात पर तजतनी कम बात की जाय उतना अचा ह भारत म माधयतमक सकलो म सकल नामाकन अनपात 79 परततशत ह इसका मतलब माधयतमक सकल म पढ़न योगय बचचो म स तसफ़य 79 परततशत ही असल म सकल म नाम तलखात ह इनम स भी 17 परततशत दसवी की परीका पास करन स पहल ही पढ़ाई ोड़ दत ह ज़ातहर-सी बात ह य बचच जो सकलो स बाहर रहत ह ोट-मोट उदयोग धनधो या मज़दरी म लग जात ह एक ररपोटय क अनसार भारत म 33 परततशत सकलो म शारीररक तशका की कोई अलग स लास नही दी जाती ह 80 परततशत सकलो क पास ऐस तशकक नही ह जो शारीररक तशकण-परतशकण दत ह 33 परततशत सकलो क पास अपना खल का मदान या खल क उपकरण नही ह ऐसी तसथतत म अगर हमार बचच सकल पहच भी जात ह तो हम यह गलतफ़हमी नही होनी चातहए तक सकल म उनक अनदर कसरत और खलकद क परतत रतच पदा करन तलए कोई सचत परयास तकया जायगा

दश म एक सतकरय खल ससकतत का तनमायण तणमल सतर पर खलो का परचार परसार खल अवसरचना का तनमायण यवा अवसथा म परततभाशाली तखलातड़यो की तलाश कर उनको उननत परतशकण और मागयदशयन दना आतद बतनयादी चीज़ो म दश की तकसी सरकार न कभी कोई िास तदलचसपी नही तदखायी ह 2018 म कनदरीय खल मती न इस बात की पतषट की तक भारत सरकार खलो पर परतततदन परतत-वयतत तसफ़य तीन पस िचय करती ह जबतक चीन परतततदन परतत-वयतत 61 रपय िचय करता ह जो भारत क मकाबल 200 गना जयादा ह तपल दस सालो म भारत सरकार अपन कल सरकारी वयय का महज़ 006 स 008 परततशत ही खलो पर िचय करती आ रही ह 2021 ओलतमपक वषय होन क बावजद इस साल क बजट म खल मतालय को 230 करोड़ रपय कम तदय ह आय तदन अनतरराषटीय और राषटीय सतर क तखलाड़ी कोच और सहयोगी सटाफ़ तनमन दजज की सवाओ क तिलाफ़ तशकायत करत रहत ह मगर खल मतालय और दसरी समबतनधत ससथाओ क कान पर ज नही रगती ह मज़दार बात यह ह तक खल मतालय का सालाना बजट तजतना होता ह भारतीय तकरकट बोिय लगभग उसक समान ही

सालाना मनाफ़ा कमा लता ह तकरकट बड़ी इजारदार पजी क तलए ताबड़तोड़ मनाफ़ा पीटन का एक सोत बन गया ह इसतलए सरकार स भी भारतीय तकरकट बोिय को परा समथयन तमलता ह वही बात की जाय यतद अनय नय-परान खलो क बार म तो य भी सार भारत म एक धीमी ददयनाक मौत मर रह ह इस पजीवादी वयवसथा म बस उसी खल को बढ़ावा तदया जायगा तजसम भारी मनाफ़ा कमान की समभावनाए मौजद होगी आज सरकार क तखलातड़यो क जीत कर लौटन पर उनका सवागत कर रही ह उनका सममान कर रही ह लतकन कोई यह सवाल यो नही प ता तक कहा थी राजय सरकार और कनदर सरकार जब इन तखलातड़यो को फ़ि सतवधाओ और खल उपकरणो की आवशयकता थी यहा भी भदभाव साफ़ तदख रहा ह तजन तखलातड़यो न पदक जीता ह उनह बड़ी-बड़ी धनरातश दन की घोषणाए की जा रही ह लतकन अगल ओलतमपक क तलए तयारी तो सभी तखलातड़यो को एक समान ही करनी ह सरकारो क तलए यह सब तचनता का तवषय नही ह योतक उनक तलए खलकद कोई महतव नही रखता और इनह पता ह तक महनत करक कल कोई और पदक ल ही आयगा तब अपनी पीठ य सवय थपथपा लग जस आज मोदी कर रहा ह

एक अचा सवसथ मानवीय जीवन और बचचो का सवािगीण तवकास तखलाड़ी बनन की पवयशतय ह इस चरमरायी हई पजीवादी वयवसथा क पास वह कमता नही ह तक वह दश की महनतकश आबादी को एक सवसथ िशहाल तज़नदगी द सक और उनक बचचो का सवािगीण तवकास कर सक तसफ़य और तसफ़य एक समाजवादी वयवसथा ही हम मज़दर-महनतकशो को एक इजज़त की तज़नदगी द सकती ह तजसम हमार शरम को लटन वाला कोई परजीवी वगय नही होगा हमार अपन और समाज की बतनयादी ज़ररतो को परा करन क बाद जो lsquoफी टाइमrsquo बचगा उसम हम अपन

शौक और मनोरजन का कोई भी काम कर सकत ह और यतद मनाफ़ा कमाना नही बतक समाज की आवशयकताओ को परा करना उतपादन का लकय हो और सभी सवसथ वयसक वयततयो क तलए उतपादक शरम म भागीदारी करना अतनवायय हो तो हर तकसी क पास बहत-सा िाली वक़त बचगा तजस वह कला सातहतय ससकतत खल तवजान दशयन और घमकड़ी म लगा सकता ह साथ ही सवय उतपादक की परतकरया तकसी लटर वगय क तलए मजबरी म की जान वाली परतकरया नही होगी बतक यह सवय आननद का तवषय होगी यतद शरम मजबरी म या ज़ोर-ज़बदयसती क कारण न हो तो यह तो आननद का तवषय होता ह योतक यह मनषय को पश स मनषय बनान वाली परतकरया ह और हमारी परकतत का अग ह इसतलए मज़दर राज और समाजवाद म तो धीर-धीर िाली टाइम की अवधारणा ही ितम हो जायगी योतक तकसी और क मनाफ़ की िाततर मजबरी म खटन वाल lsquoकाम क टाइमrsquo और lsquoफी-टाइमrsquo का अनतर ही ितम हो जायगा सकल कारिानो खतो और दफतरो म हर जगह कसरत क तलए लोगो को परोतसातहत तकया जायगा हम और हमार बचच जो भी खल खलना चाह उसक तलए हमारी मज़दर सता हम हर समभव सतवधा महया करवायगी खल आतथयक सामथयय स की जान वाली कोई तकरया नही बतक सामतहक जीवन का एक ज़ररी अग बन जायगा तजसका आननद सभी उठा सक ग सोतवयत सघ और चीन म मज़दरो की सता कायम होन क बाद यही हआ 1952 स 1988 क बीच सोतवयत सघ न ओलतमपक खलो म जो अदभत कामयाबी हातसल की उसक पी उसक करतनतकारी दौर ndash यानी 1917 स 1953 ndash की खल नीततयो का ही हाथ था एक समाजवादी वयवसथा म मानव जीवन क हर पहल की तरह खल भी एक उननत सतर पर पहच पायगा और एक सवसथ खल ससकतत अतसततव म आ सकती ह

करादत स हमारा अदभपराय ह ndash अयाय पर आधाररत मौजिा समाज-वयवथा म आमल पररवतवन समाज का परमख अग होत हए भी आज मजिरो को उनक पराथदमक अदधकार स वदचत रखा जा रहा ह और उनकी गाढी कमाई

का सारा धन शोरक पजीपदत हडप जात ह िसरो क अनिाता दकसान आज अपन पररवार सदहत िान-िान क दलए महताज ह िदनया भर क बाजारो को कपडा महया करन वाला बनकर अपन और अपन बचचो क तन ढकन-भर को भी कपडा नही पा रहा ह स िर महलो का दनमावण करन वाल राजगीर लोहार और बढई वय गि बाडो म रहकर ही अपनी जीवन-लीला समापत कर जात ह इसक दवपरीत समाज क जोक शोरक पजीपदत जरा-जरा-सी बातो क दलए लाखो का वारा-यारा कर ित ह

यह भयानक असमानता और जबिवती लािा गया भिभाव िदनया को एक बहत बडी उथल-पथल की ओर दलय जा रहा ह यह दथदत अदधक दिनो तक कायम नही रह सकती पषट ह दक आज का धदनक समाज एक भयानक जवालामखी क मख पर बठकर रगरदलया मना रहा ह और शोरको क मासम बचच तथा करोडो शोदरत लोग एक भयानक ख की कगार पर चल रह ह

(बम काण पर सशन कोटव म बयान)

भगतससह क जनमददवस (28 ससतमबर) पर

10 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

बगलादश म एक बार फिर मिाि की आग की बलल चढ़ 52 मज़दरndash भारत

भारत हो या बगलादश या कोई अनय पजीवादी दश मातलको क तलए मज़दरो की अहतमयत कीड़-मकोड़ो स जयादा नही होती बीत 8 जलाई को बगलादश म ढाका क नारायणगज कत म जस क कारिान म भीषण आग लगी तजसम 52 मज़दरो की जान चली गयी और कई घायल हए 35000 वगय फ़ीट म बन कारिान म तसफ़य दो जगह सीतढ़या थी मातलक न जल की तरह सार दरवाज़ो पर ताला लगा रखा था तजसस मज़दर आग लगन क समय भाग भी नही पाय और जलकर मर गय क मज़दर तो ऊची त स कदन क कारण मार गय

साजीब गप की यह कमपनी ऑसटतलया अमररका भारत भटान नपाल जस दशो म अपना माल तनयायत करती थी पर इतनी बड़ी कमपनी होन क बावजद इसक कारिान म सरका क कोई इनतज़ाम नही थ और न ही आग लगन क बाद तनकलन का कोई रासता था आग इतनी भीषण थी तक उस बझान म 3-4 तदन लग गय

बगलादश म टसटाइल सटर सबस बड़ा सटर ह चीन क बाद बगलादश तसल-तसलाए कपड़ो का दतनया म सबस अतधक तनयायत करन वाला दश ह 84 परततशत तनयायत राजसव बगलादश को इसी स तमलता ह 45 लाख मज़दर करीब 4500 गारमट क कारिानो म काम करत ह इसक बावजद यहा क कारिानो म तसथतत नकय स भी बदतर ह सरका स लकर बतनयादी इनतज़ाम तक इनम मौजद नही ह इसी कारण आय-तदन कारिानो म आग लगन की घटनाए सामन आती ह

बगलादश म कारिान म आग की यह कोई पहली घटना नही ह सबको याद होगा तक बगलादश क इततहास म मज़दरो क तलए सबस बड़ी जानलवा घटना 2013 म घटी थी जब ढाका क राणा पलाज़ा गारमट सटर म आग लगन स 1100 स भी जयादा मज़दर मार गय थ इतनी भयानक घटना क बाद भी यह तसलतसला रका नही अगसत 2016 म दतकण बगलादश क चटगाव म फ़तटयलाइज़र कमपनी म गस लीक होन

स 100 मज़दर मार गय 2019 म एक गोदाम म आग लगन स 67 मज़दरो की मौत हो गयी 2010 म गर-काननी कतमकल कारिान म आग लगन स 123 मज़दरो मार गय और 2012 म ढाका क ताज़रीन फशन फटी म आग स 117 मज़दरो की मौत हई थी बगलादश क कारिानो म आग स मज़दरो की मौतो की यह फहररसत लमबी ह एक ररपोटय बताती ह तक 1990 क बाद स बगलादश क कारिानो म आग लगन की 50 स जयादा बड़ी घटनाए हई ह तजनम हज़ारो मज़दर मार जा चक ह इनह दघयटना या हादसा कहना सचचाई क साथ अनयाय होगा य सब मातलको व बड़ी-बड़ी कमपतनयो क मनाफ़ की हवस को परा करन क तलए की गयी हतयाए ह

दतनया की सारी बड़ी गारम ट कमपतनयो का माल यहा तयार होता ह तजसक तलए मज़दर 18-18 घट तक खटत ह और वतन क नाम पर 94 िॉलर यानी करीब 7000 रपय तक ही पात ह आज बगलादश क तजस तज़ तवकास की चचाय होती ह वह इनही मज़दरो क बबयर

और नग शोषण पर तटका हआ हइन कारिानो म साधारण दसतानो

स लकर जत तक नही तदय जात और कतमकल वाल काम भी मज़दर नग हाथो स ही करत ह फटररयो म हवा की तनकासी तक क तलए कोई उपकरण नही लगाय जात तजस वजह स हमशा धल-तमटी और उतपादो की तज़ गनध क बीच मज़दर काम करत ह जवानी म ही मज़दरो को बढ़ा बना तदया जाता ह और दस-बीस साल काम करन क बाद जयादातर मज़दर ऐस तमलग तजनह फफड़ो स लकर चमड़ी की कोई न कोई बीमारी होती ह

राणा पलाज़ा की घटना क बाद मटीनशनल कमपतनयो न कारिानो म सरका क इनतज़ाम पखता करन क बड़-बड़ दाव तकय मज़दरो को आग स बचन क तलए परतशकण तदया और यह तदखान क तलए और भी बहत सी नौटकी की तक मज़दरो की जान को लकर व तकतन ldquoतचतततrdquo ह लतकन आय तदन होन वाली आग लगन की घटनाए इन कमपतनयो की नौटकी का

राज़ खोल दती ह और यह नगी सचचाई सबक सामन आ जाती ह तक इनह अपन मनाफ़ स जयादा कोई पयारा नही ह इसी तलए बगलादश म शरम काननो का कोई महतव नही ह बगलादशी सरकार और उनकी परधानमती शख हसीना भी मज़दरो की मौत पर चपपी साध बठी रहती ह आतिर उस भी अपन पजीपतत आकाओ की सवा करनी ह हर जगह मज़दरो की हो रही मौतो की तज़ममदार यह समची मनाफ़ािोर पजीवादी वयवसथा ह जो मज़दरो क िन की आतिरी बद तक को तनचोड़कर अपना मनाफ़ा तनकालती ह

हम मज़दरो क तलए यह तज़नदगी और मौत का सवाल ह तक हम इस समची पजीवादी वयवसथा को उखाड़ फ कन की तयारी कर अपनी करातनतकारी पाटटी का तनमायण कर और मज़दर राज कायम करन की लड़ाई लड़ चाह इसम तकतना ही समय यो न लग जाय वरना हमारी आन वाली पीतढ़या भी ऐस ही पशओ क समान जीन और मरन को मजबर होगी

वति ि दि और वति कटौतमी म घपलबाज़मी को लकर मािसर की शमीनिसस कमिमी क मज़दरो क काििमी सघरष की उममीद भमी लगभग ख़तम

ndash शाम मदतवशरीतनसस वायररग तलतमटि

(मानसर) क मज़दरो को तपल ह महीन स उनक वतन का भगतान नही तकया गया ह दसर वतन स कमपनी दारा पसा काटन क बावजद न तो पीएफ़ और न ही ईएसआयी म पसा जमा तकया गया ह और न ही मज़दरो दारा कमपनी स तलय गय कज़य की तकशत चकायी जा रही थी इस तानाशाही व घपलबाज़ी की तशकायत मज़दरो न शरम उपाय त को 9 जलाई को तलतखत रप म भी की थी सटाफ़ क करीब 20 मज़दरो की तनखवाह का जनवरी 2021 स तथा ठका व अपरतटस मज़दरो का अपरल 2021 स भगतान नही तकया गया ह तशकायत क बाद एक महीन की तनखवाह उनक खात म ज़रर िाल दी गयी ह अभी भी करीब 50 अपरतटस मज़दरो 15-20 ठका मज़दरो तथा सटाफ़ क 20 मज़दरो की सलरी का भगतान बकाया ह वतन न तमलन क कारण बहत स मज़दर काम भी ोड़ चक ह करीब 200 ठका मज़दरो म स महज़ 15-20 मज़दर और सटाफ़ क भी करीब 85 म स 50 मज़दर ही बच ह

कमपनी परबनधन इन समसयाओ का कारण काम की कमी बता रहा ह जबतक मज़दर कह रह रह ह तक काम की कमी नही ह उट काम इतना ह तक कमपनी ऑियर परा नही कर पा रही ह तफ़लहाल कमपनी म समसयाओ क बावजद काम चल रहा ह और बच हए मज़दर काम भी कर रह ह और वतन-समबधी समसयाओ स भी जझ रह ह असल म इस कमपनी को मातलको क ही ररशतदारो को बचन की तयारी चल रही ह चतक कागज़ो म एक समय-सीमा क भीतर कमपनी को दसरी कमपनी को सौपना ह तो पहल परान मज़दरो को तनकालन का षियत रचा जा रहा ह

शरीतनसस कमपनी ऑटोमोबाइल सटर क तलए कल-पजज बनान वाली

एक विर कमपनी ह जो मारतत हीरो जसी मदर कमपतनयो तथा नपीनो परीकॉल तमिा मदरसन लकास टीवीएस इटरफस असती पदतमनी वीएनए एसएमएल तफ़तलपस आतद विर कमपतनयो क तलए हारनस बनाती ह इसका दसरा पलाट रदरपर म ह

तपली 19 जलाई को मज़दरो को िीएलसी ऑतफ़स म सनवाई क तलए बलाया गया था लतकन न तो उस तदन शरम उपाय त तदनश कमार (गड़गाव) आय और न ही परबनधन की तरफ़ स कोई आया 23 जलाई को होन वाली अगली सनवाई क पहल ही कमपनी न पॉवर कट का बहाना बनाकर काम बनद कर तदया और गट भी नही खोला 27 जलाई की समझौता वाताय म कमपनी क न आन पर शरम तवभाग न एस पाटटी (एकपकीय तनणयय) क तौर पर फसला तदया तजसक आधार पर मज़दर तबना तकसी ज़मीनी सघषय की तयारी क महज़ काननी तरीक स अतधकार पान का सपना दखन लग थ

पहल भी ऐसा दखा गया ह तक कमपनी क तबकन या 30 तदन की समय-सीमा क अनदर दोबारा सनवाई करक तनणयय को पलट तदया गया और मज़दरो क साथ धोखा हो गया अगसत म कमपनी परबनधन न बच-खच मज़दरो की एकता को िरा-धमकाकर व भतवषय का िर तदखाकर तोड़ तदया कमपनी परबनधन दारा यही कहा गया तक अभी जो तमल रहा ह उस ल लो वरना वह भी नही तमलगा कोटय क चकर काटत रह जाओग इस तरह स जो काननी सघषय की समभावना थी उस भी बरी तरह स कमज़ोर कर तदया गया 60-70 मज़दरो म भी महज़ 10-15 बच थ तजसम 4-5 सटाफ़ क थ और 10-12 कमपनी रोल पर एक मज़दर न बताया तक मज़दर 20-50 हज़ार रपय म तहसाब लकर काम ोड़कर चल गय ह कइयो न तो परा

वतन और मआवज़ा तक भी नही तलया जो तमला उसी को ठीक समझा ऐस म अब सब मज़दरो को तहसाब तमलना भी मतशकल लग रहा ह

यह सब तब हआ जब कमपनी न तबना तकसी नोतटस चतावनी व तफ़तीश क एकतरफ़ा मनमज़टी स आवाज़ उठान वाल मज़दरो को गट बनद करक बाहर कर तदया इस तरह परबनधन दारा मारपीट की धमकी स गट पर बठ मज़दरो का हौसला टट गया ऑटोमोबाइल इिसटी काटट वकय सय यतनयन न उनक सामन यही बात रखी तक हम जद स जद मीतटग करक सामतहक रप स सघषय का रासता तनकालना चातहए लतकन मज़दर अपन आप को इसक तलए तयार नही कर पाय परबनधन क िर स मज़दर तकसी भी यतनयन स ररशता बनान स िर रह थ

सघरव की कमजोरी या थी अगर मड़कर दख तो पहल ज़मीनी सघषय का रासता ोड़कर महज़ काननी परतकरया पर तनभयरता का रासता अपनाया गया तफर मातलको दारा िरान-धमकान पर मज़दर िर गय और एक-एक करक टटत चल गय जब मज़दरो को ज़बरन दोबारा गटबनद करक बाहर तकया गया था उसी वक़त मज़दरो को एकजट होकर ज़मीनी सघषय क रासत पर बढ़ना चातहए था तब भी ऑटोमोबाइल इिसटी काटट वकय सय यतनयन यही कह रही थी तक एक परचा तनकालकर पर मानसर क औदयोतगक कत म बाटत हए इलाक क तवतभनन फटी मज़दरो स सघषय म साथ दन की अपील करनी होगी चाह उन फतटयो म यतनयन हो या न हो लतकन शरीतनसस फटी क मज़दरो की न तो कोई अपनी यतनयन थी और न ही तकसी आनदोलन म शातमल होन का अनभव और न ही फटी सतर पर मज़दरो की कोई सघषय सतमतत थी इसतलए व तकसी भी तरह क एकजट सगतठत सघषय का रासता नही अपना सक दसर शबदो म

मज़दर सातथयो का सघषय और राजनीतत स साबका बहत ही कम था सघषय और राजनीतत की अनभवहीनता और उनक परतत उदासीनता और साथ ही काननी परतकरया पर पणय तवशवास उनकी मखय कमज़ोररया थी हम मज़दरो को यह समझ लना चातहए तक शरम तवभाग स लकर फ़टी इसपटर आतद पजीपततयो मातलको और ठकदारो की सवा करत ह कोई एक अतधकारी ईमानदार भी हो तो भी वह क िास नही कर सकता ह योतक जब कभी मज़दरो क पक म शरम तवभाग का फसला आता भी ह तो उस लाग करन की कोई वयवसथा भारत की पजीवादी वयवसथा म जानबझकर की ही नही गयी ह काननी सघषय कभी-कभार ही सफल होत ह और वह भी तब जब उसक पी मज़बत ज़मीनी सघषय मौजद हो

ज़ररमी सबक इन तदनो मज़दरो की तनखवाह दर

स तमलना अधरी तमलना या न तमलन क मामल बढ़त ही जा रह ह कक मामलो को ोड़कर अतनयतमत मज़दरो क मामल शरम तवभाग तक पहच ही नही पात ह शायद ही कोई कमपनी होगी तक जहा काम करन वाल कचच मज़दरो की तनखवाह क मामल म कभी कोई समसया न आयी हो इसतलए मज़दरो को महज़ शरम तवभाग और शरम नयायालय क तनणययो तक अपन आप को सीतमत नही रखना चातहए सघषय क मखय पहल यानी ज़मीनी सघषय की तयारी व कारवाई को जारी रखना चातहए जब दतनया म शरम कानन नही थ तो सघषयो क ज़ररए ही शरम कानन बनवाय गय थ और लाग भी करवाय गय थ आज ज़मीनी सघषयो क कमज़ोर पड़न की वजह स पहल क हातसल तकय गय अतधकार गर-काननी और काननी तौर पर ीन जा रह ह इसक तलए एक बार तफर स दश म मज़दरो को हक और इसाफ़ की लड़ाई क तलए कमर

कसनी होगी ज़मीनी सघषयो को भी तभी आग बढ़ाया जा सकता ह जब मज़दर भाई और बहन अपन आस-पास क सभी मज़दर और अनय जनसघषयो स सतकरय ररशता बनाए और मज़दरो क सघषयो क इततहास स भी पररतचत हो साथ म ही इन सभी सघषयो पर सोच-तवचार करक अपन तलए सबक तनकालना भी मज़दरो क तलए बहद ज़ररी ह योतक इसी परतकरया म व अपन सघषयो की कमज़ोररयो को भी समझग और आन वाल तदनो क सघषयो को पहल स जयादा मज़बत बनायग आज क समय म कारिान क भीतर और सभी कारिानो क मज़दरो और तवशषकर असथायी मज़दरो की एकता और सगठन बहत ज़ररी ह उसक तबना उनकी ताकत बहद कम होती ह और मातलक और ठकदार उनस तनपट लत ह अगर हम य सार कदम नही उठात तो अचानक तसर पर मसीबत पड़न पर क समझ नही आता ऐस म या तो िर व अतनतशचतता क कारण मज़दर साथी जदी टटत ह और तरनत तहसाब ल लत ह या तफर तमाम ऐसी मौकापरसत और समझौतापरसत यतनयनोफिरशनो या िद की अनभवहीन या मौकापरसत और समझौतापरसत कमटी क चकर म फसकर अनत म थक-हार कर तहसाब लन को मजबर हो जात ह थोड़-बहत मज़दर तबना ज़मीनी सघषय क हक और नयाय पान क इनतज़ार म कोटय-कचहरी म तघसटत रहत ह

जहा तक मज़दरो क करातनतकारी यतनयन आनदोलन का परशन ह आज ज़ररत ह तक मज़दरो को कारिान क पमान क साथ-साथ पर सटर और इलाकाई पमान पर एकजट और सगतठत तकया जाय तातक सकट की घड़ी म एक-दसर क साथ खड़ा हआ जा सक इस बात को पहल स कही जयादा और जद स जद लाग करन की ज़ररत ह तातक

(पज 15 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 11

(पज 12 पर जारमी)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का हमज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहए

ndash जशवािमीहाल म भारत क दो उतर-पवटी

राजय असम-तमज़ोरम क बीच सीमा-तववाद स जड़ा हआ घटनाकरम काफ़ी सतिययो म रहा उतर-पवय का नाम सनकर हमम स क को लग सकता ह तक इतनी दर-दराज़ की घटना स हम मज़दरो-महनतकशो का सरोकार भला यो होना चातहए इसतलए होना चातहए योतक यह भी मज़दर वगय की करातनतकारी राजनीतत को समझन और जानन क तलए आवशयक ह तकसी भी रप म दबायी जा रही या उतपीड़ तत हो रही जनता और उसकी समसयाओ और सघषयो स सरोकार रख तबना मज़दर वगय वयापक महनतकश जनता की करातनतकारी एकता कायम नही कर सकता ह शासक वगय दतमत कौमो क बीच भी मौजद अनतरतवरोधो और तववादो को हवा दता ह तातक उनह आपस म लड़वाकर कमज़ोर तकया जा सक हआ यह ह तक हाल ही म असम और तमज़ोरम क बीच राजय की सीमाओ को लकर एक तववाद पदा हो गया

यह कोई पहली बार नही ह जब असम और तमज़ोरम क बीच अनतरराजयीय सीमा को लकर तववाद उठ खड़ा हआ हो इसस पहल भी दोनो राजयो क बीच सीमा-तनधायरण को लकर झगड़ और तववाद पदा हए ह तजनहोन कई बार काफ़ी उग रप भी अतखतयार तकय ह

हालातक इस बार इस तववाद क साथ जो तहसा की वारदात हई उसम सवय असम पतलस और तमज़ोरम पतलस शातमल भी थी यही कारण ह तक आम तौर पर हातशए पर रहन वाल उतर-पवय क राजयो क मामलो न lsquoमखयधाराrsquo म भी इस मद को लकर चचाय ड़ दी लतकन यह परी चचाय ही सतही थी और इस तववाद क हर परकार क तवशलषण म आम तौर पर ऐततहातसक दतषट का अभाव था और मखय राजनीततक परशनो की अनपतसथतत थी सचचाई यह ह दक राजयो की सीमा स जड य दववाि कवल असम और दमजोरम क बीच ही मौजि नही ह बदलक उततर-पवव क अय राजयो क बीच भी इनको लकर खासा इदततलाफ ह उततर-पवटी राजयो म इन तमाम सीमा-दववािो की जड वातव म इदतहास म मौजि ह दजसम पहल औपदनवदशक सतता और बाि म वाततयोततर भारतीय राजयसतता की िमनकारी व ग़र-जनवािी नीदतयो और कौमी िमन की भदमका कदीय ह

इस बार असम-तमज़ोरम क बीच लमब समय स वयापत सीमा-तववाद न तल तब पकड़ा जब 26 जलाई को तमज़ोरम पतलस दारा राजय सीमा पर गोलीबारी म 6 असम पतलसकतमययो की मौत हो गयी और 50 क करीब पतलस अतधकारी व पतलसकमटी घायल हए इस तहसा म एक नागररक की मतय भी हई हालातक तमज़ोरम का दावा था तक हमला पहल

असम पतलस की तरफ़ स हआ था और उसन महज जवाबी कारयवाई की थी गौरतलब ह तक कनदरीय गहमती अतमत शाह की 25 जलाई को तशलाग म उतर-पवटी राजयो क मखयमततयो क साथ बठक हई थी तजसम तमाम मसलो क साथ असम क तमज़ोरम नगालि अरणाचल परदश और मघालय क साथ सीमा-तववाद पर बातचीत भी शातमल थी 26 जलाई की घटना इस बठक क बाद ही घतटत हई

इस घटना क बाद असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा और तमज़ोरम क मखयमती ज़ोरामथगा क बीच इन तहसा की घटनाओ की तज़ ममदारी को लकर काफ़ी बहस चली और आरोपो-परतयारोपो का भी एक लमबा तसलतसला चला मोिी सरकार क दलए यह शदमविगी पिा करन वाली दथदत थी वजह यह ह दक असम म भाजपा की सरकार ह और दमजोरम म सततासीन दमजो नशनल फरणट उततर-पवव लोकतादरिक गठबधन (एनईीए) का दहसा ह दजसका गठन भाजपा क नतकतव म 2016 म हआ था और तजसक सयोजक उस समय स ही असम क वतयमान मखयमती हमनत तबसव सरमा ह

बहरहाल 26 जलाई क इस घटनाकरम क बाद दोनो राजयो म तसथतत को ldquoसामानयrdquo तकय जान क तलए 28 जलाई को कनदरीय गह सतचव क साथ असम और तमज़ोरम क राजय गह सतचवो की लमबी वाताय हई तजसम ldquoआपसी बातचीतrdquo स सीमा-तववाद का तनपटारा करन पर सहमतत बनायी गयी और राषटीय राजमागय 306 पर कनदरीय सरका बलो की तनाती क तनदजश तदय गय बावजद इसक तसथतत गमभीर ही बनी रही असम सरकार न अपन राजय क लोगो क तलए याता-समबनधी तनदजश जारी करक उनह तमज़ोरम न जान की तहदायत दी असम पतलस को तनदजश जारी तकय गय तक तमज़ोरम स आन वाली हरक गाड़ी की अनतरराजयीय चक पोसट पर गर-काननी नशील पदाथयो इतयातद क तलए ठीक स जाच की जाय और इसक बाद ही राजय म आन की अनमतत दी जाय असम न तमज़ोरम को जान वाला राषटीय राजमागय क समय क तलए बनद भी कर तदया था तजसस आवशयक वसतओ दवाओ आतद को तमज़ोरम पहचान म तदक़कत भी पश आयी यही नही असम पतलस दारा तमज़ोरम पतलस और तमज़ोरम स राजय सभा सदसय क वनलावना क तिलाफ़ पराथतमकी भी दजय की गयी तो वही तमज़ोरम पतलस न भी असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा और असम पतलस क अनय अतधकाररयो क तिलाफ़ तशकायत दजय की हालातक दोनो तरफ़ की इन तशकायतो को बाद म वापस ल तलया गया इसक बाद गहमती अतमत शाह क ldquoहसतकपrdquo क बाद दोनो राजयो क मखयमततयो न एक साझा बयान जारी करक तसथतत को ldquoसामानय

बनान और तनाव को ितम करनrdquo की बात कही लतकन भाजपा क तलए तो तसथतत वाकई म लशपणय हो गयी थी इस पर घटनाकरम क पी काम कर रह कारको को थोड़ा गहराई स समझना होगा

उततर-पवष म फासमीवादमी-अनधराषटवादमी भाजपा का बढ़ता

राजिमीनतक दख़लवातव म 2016 म उततर-पवव

लोकतादरिक गठबधन (एनईीए) क गठन क पीछ भाजपा की असली मशा उततर-पवव म अपना राजनीदतक िखल बढाना था और साथ ही उततर-पवव क ldquoतनावगतrdquo इलाको क मखयभदम भारत क साथ एकीकरण क परोजट को आग बढाना भी था जो वातव म और कछ नही बदलक उततर-पवव म भारतीय राजयसतता दारा राषटीय िमन की नीदत का ही दहसा ह भारतीय राजयसता दारा उतर-पवय म बस रही तमाम राषटो और अपसखयक राषटीयताओ क साथ तकय गय ऐततहातसक ल-कपट और वायदा-तिलाफ़ी की चचाय हम आग करग लतकन जहा तक पर उतर-पवय म अपनी पकड़ बनान का परशन ह तो भाजपा क तलए ऐसा करना इतना सगम भी नही ह क समझौतापरसत घटनाटक ताकतो को ोड़ तदया जाए जोतक असर हर दतमत कौम म पायी ही जाती ह तो वयापक आबादी म भारतीय राजयसता क तिलाफ़ गहरी ऐततहातसक नफ़रत मौजद ह और भारत स आज़ादी की चाहत परबल ह इस पर कत म ही भारतीय हमरानो की कौमी दमन की नीततयो की मिालफ़त का एक लमबा इततहास भी मौजद रहा ह और वतयमान म भाजपा क तमाम फ़ासीवादी व अनधराषटवादी नीततयो क तिलाफ़ परततरोध की भी तमसाल ह

यह तथय भी यहा रखादकत करना आवशयक ह दक भाजपा और सघ पररवार उततर-पवव म दवशर तौर पर असम को दहितव फासीवाि की नयी परयोगशाला बनान क दलए काफी जोर लगा रह ह असम म सामपरदातयक धरवीकरण की राजनीतत को इसी उदशय स भाजपा कभी एक तो कभी दसर रासत स लगातार अमल म ला रही ह जहा तक असम का परशन ह तो तपल साल सीएए-एनआरसी का तशगफ़ा भी इसी मकसद स उाला गया था हालातक असम म उसका तवरोध अनय कारणो स हआ था और तवरोध पहल स मौजद ldquoसथानीय बनाम परवासीrdquo की अतसमतावादी राजनीतत क कारण जयादा हो रहा था

हाल म ही असम की भाजपा सरकार दारा भी ldquoजनसखया तनयतणrdquo क नाम पर अनय भाजपा-शातसत परदशो की तज़य पर ही मसलमान-तवरोधी फ़ासीवादी फ़रमान जारी करन की शरआत कर दी गयी ह इसक अलावा क समय पहल ही असम पश सरकण तवधयक 2021 पाररत तकया गया तजसक चलत गोमास

की तबकरी पर आतशक रोक लगना तय ह नय कानन क तहत राजय म मवतशयो क वध उपभोग और पररवहन को तवतनयतमत करन क परावधान शातमल ह वासतव म वतयमान तवधयक और क नही बतक 1951 क असम पश सरकण कानन का lsquoअपगिि वज़यनrsquo ह गौरतलब ह तक उस वक़त कागस न यह कानन बनाया था या इसी तथय स ही कागस की धमय-तनरपकता और फ़ासीवाद-तवरोध क ढोल की पोल नही खल जाती ह असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा न दावा तकया तक इस तवधयक क पी कोई गलत मशा नही ह और इसस तो असल म सामपरदातयक सदभाव मज़बत होगा यही नही इन महोदय क अनसार सामपरदातयक सौहादय बनाय रखन क तलए कवल तहनद ही तज़ममदार यो हो मसलमानो को भी इसम सहयोग करना चातहए नया कानन बन जान पर तकसी वयतत को मवतशयो का वध करन पर तब तक रोक होगी जब तक तक उसन तकसी तवशष कत क पजीकत पश तचतकतसा अतधकारी दारा जारी आवशयक परमाण पत परापत नही तकया हो उतचत दसतावज़ क अभाव म मवतशयो को एक तज़ल स दसर तज़ल और असम क बाहर पररवहन को भी अवध बनान क परावधान ह इस कानन क तहत सभी अपराध सजय और गर-ज़मानती होग इस कानन को लकर उततर-पवव क अय राजयो म काफी असतोर ह योदक यह वहा क थानीय दनवादसयो क खान-पान की वतरिता और स कक दत पर सीध-सीध फासीवािी हमला ह

हम दख सकत ह तक उतर-पवय म फ़ासीवादी तगरोह न तसफ़य भारतीय राजय की परानी राषटीय दमन की नीतत को ही आग बढ़ा रहा ह बतक असम क उदहारण स यह भी सपषट हो जाना चातहए तक भाजपा और सघ पररवार अपन राजनीततक हसतकप क ज़ररए पर सामातजक तान-बान म सामपरदातयक नफ़रत तहदतववादी कटरता और धमायनधता को भी फलान का भरपर परयास कर रह ह और तफ़लहाल उनह असम म तो एक हद तक इसम सफलता भी हातसल होती हई नजर आ रही ह

असम-ममज़ोरम समीमा नववाद उपनिवशवाद की एक नवरासत

दरअसल तमज़ोरम और असम क बीच 1646 तकलोमीटर लमबी साझा सीमा ह तजसम तमज़ोरम क आइज़ोल कोलातसब और मातमत तज़ल और असम क कार हलाकािी और करीमगज तज़ल आत ह दोनो ही राजय lsquoइनर लाइन ररज़वय फ़ॉरसटrsquo क लगभग 131831 वगय तकलोमीटर कत पर अपना दावा पश करत ह तजसक कारण तकसी भी तातकातलक टकराहट की घटना क पदा होन स सीमा को लकर तववाद पनः उतपनन हो जाता ह इस बार भी यही हआ था

सतही तौर पर िखन पर असम-दमजोरम सीमा-दववाि क कद म

मखय तौर पर औदपवदशक काल की िो अदधसचनाए दिखलायी पडती ह जहा तमज़ोरम ऐततहातसक सीमा की बहाली क तलए 1875 की अतधसचना का तहमायती ह वही असम ऐततहातसक सीमा-तनधायरण क तलए 1933 की अतधसचना का पकधर ह 1933 की अतधसचना मतणपर और लशाई पहातड़यो (जोतक तमज़ो पहातड़या भी कहलाती ह) क बीच सीमा-तनधायरण क समबनध म ह जबतक 1875 की अतधसचना भतपवय लशाई पहातड़यो और कार क मदान क बीच सीमा-तनधायरण को तय करती ह तमज़ोरम का मानना ह तक 1933 की अतधसचना क समय उसकी रज़ामनदी नही ली गयी थी 1933 क बदल हए सीमा-तनधायरण क पी एक कारण तरितटश उपतनवशवातदयो क असम क चाय-बागानो स जड़ आतथयक-वयावसातयक तहत भी थ

इसक अलावा 1898 म औपतनवतशक तरितटश सता न 6 तसतमबर 1895 की दो अलग उदघोषणाओ क ज़ररए उतरी लशाई पहातड़यो को असम परानत क अधीन कर तदया और दतकण लशाई पहातड़यो को बगाल परानत क अनतगयत कर तदया इसक बाद 1 अपरल 1898 को तरितटश सता दारा एक अनय उदघोषणा क ज़ररए दतकणी लशाई पहातड़यो को असम को सथानानतररत कर तदया गया लबबलबाब यह दक लशाई पहादडयो या नगा पहादडयो जस पहाडी इलाको को दजनम दवदशषट नकजातीय समह रहत थ दजनकी अपनी दवदशषट स कक दत और जीवन-शली थी उह थानीय लोगो की रजामिी क बग़र जबरन कभी एक परशासदनक इकाई तो कभी िसरी परशासदनक इकाई म पटक दिया जाता रहा ह दजसक कारण एक असतोर औपदनवदशक िौर स ही इन इलाको म मौजि ह

आज़ादी क बाद सतवधान क ठ शियल क अनतगयत भारत म तमाम ldquoजनजातीयrdquo इलाको क परशासन क तलए उनह दो भागो म बाटा गया थाndash भाग ए और भाग बी 1952 म लशाई पहातड़यो क आइज़ोल और लङलह उपभागो तजनम तक मखयतः तमज़ो लोग बस हए थ का गठन इसी ठ शियल क अनतगयत भतपवय असम की lsquoलशाई पहाड़ी सवायत तज़ला काउतसलrsquo क तौर पर तकया गया और 1953 म बाकी बच हए कत म पावी लखर चकमा आतद अनय सथानीय बातशदो को तमलाकर एक कतीय काउतसल बनायी गयी 1954 म लशाई पहाड़ी तज़ल का नाम बदलकर तमज़ो तज़ला कर तदया गया 1972 म उतर-पवटी राजय पनगयठन अतधतनयम 1971 क तहत असम म स ही पहल तमज़ो तज़ल को कनदर शातसत परदश (lsquoयतनयन टररटरीrsquo) क रप म गतठत तकया गया 1986

12 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 13 पर जारमी)

(पज 11 स आग)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का हमज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहए

म तमज़ो राषटीय फट जो तक पहल भारतीय राजयसता क तिलाफ़ सशसतर सघषय म शातमल थी और भारत सरकार क बीच तमज़ो समझौता कायम होन क फलसवरप तमज़ोरम को पणय राजय का दजाय 20 फ़रवरी 1987 को परापत हआ

हालादक अलग राजय गठन स राषटीय समया का कोई समाधान नही हआ और िदमत कौमो क समबध म ऐसा हो भी नही सकता ह दजनक दलए एकमारि करादतकारी कायवकरम अलग होन क अदधकार समत आतमदनणवय क अदधकार का ही होता ह यहा यह भी सपषट करत चल तक सघवाद या तकसी भी परकार की कतीय सवायतता की तहफ़ाज़त या माग राषटीय दमन क िातम का काययकरम हो ही नही सकत ह जसा तक पजाब क क ldquoमासयवादीrdquo कौमवादी आजकल दावा करत तफर रह ह ऐसा कोई भी काययकरम एक शदधतः सधारवादी काययकरम ह और लतननवादी काययतदशा स इसका कोई लना-दना नही ह करातनतकारी मज़दर वगय साझी सहमतत स बन बड़ स बड़ राजय का पकधर होता ह और तवखिन की परतकरया को चाहता नही ह लतकन करातनतकारी मज़दर वगय करातनतकारी जनवाद का भी सबस मज़बत झिाबरदार होता ह और इसतलए वह जनवादी तरीक स और सभी कौमो की साझा सहमतत स ही बड़ राजय का पकधर होता ह

इस सदकषपत चचाव क बाि यह कहना ज़यािा उपयत होगा दक असम-दमजोरम क बीच यह आधदनक सीमा-दववाि वातव म औपदनवदशक िौर की ही एक दवरासत ह दजस भारत का उततर-पवव कहा जाता ह वह ऐदतहादसक तौर पर कभी भारत का दहसा था ही नही हालादक पराचीन काल स ही मखयभदम भारत क सामाजयो क इस इलाक स समपकव क परमाण मौजि ह उतर-पवय क जनजातीय इलाक पराक-औपतनवतशक भारत म शातमल नही थ यतद हम इततहास म थोड़ा पी जाय तो हम पात ह तक1818 म उस वत तरितटश ईसट इतिया कमपनी का हसतकप उतर-पवय म शर हो गया जब अहोम सामाजय क राजा न बमाय स बारमबार होन वाल हमलो स तनपटन क तलए उसस मदद मागी तरितटश ईसट इतिया कमपनी न परथम एगलो-बमटी यदध म बमटी सना को परासत तकया तजसक चलत यािाब की सतनध अमल म आयी इस सतनध क अनतगयत अहोम राजा न अपन राजय कत का एक तहससा तरितटश ईसट इतिया कमपनी को तोहफ़ म भट तकया तजसक फलसवरप तरितटश उपतनवशवाद उतर-पवय म अपन अतधकार और तहत कायम करन म सफल हो गया

इसक पशचात ही तरितटश औपतनवतशक शासको न अपन परशासतनक तहतो क मदनज़र इस पर भौगोतलक भ-भाग को औपतनवतशक भारत म शातमल तकया था तरितटश

उपतनवशवादी इस कत क भराजनीततक और सामररक महतव को दखत हए इस भारत और चीन क बीच एक lsquoबफ़र कतrsquo भी बनाना चाहत थ तजस व अपन आतथयक-वयापाररक तहतो क मातहत रखत तरितटश उपतनवशवातदयो न पहल इस भ-भाग को बगाल परानत क अधीन रखा और 1874 म अलग असम परानत का गठन करक भारत स इस पर कत का राजनीततक-परशासतनक एकीकरण तकया बावजद इसक मलतः और मखयतः औपतनवतशक नीतत उतर-पवय क समबनध म शष भारत स तवलगाव और तवलगन की ही थी तजसक फलसवरप यहा बसन वाली तमाम नजातीय-जनजातीय समहो क बीच भी अलगाव और पथकतव पदा हआ जोतक सवाभातवक ही था

जादहरा तौर पर उततर-पवव म दरिदटश हकमत की नीदतया अपन वयावसादयक-आदथवक दहतो और राजकीय-परशासदनक सहदलयतो स सचादलत थी उस दौर म मतणपर और ततपरा को ोड़कर जो तक ररयासत थी बाकी परा उतर-पवय अतवभातजत असम ही कहलाता था असम क ही इन तमाम जनजातीय इलाको की आग चलकर तरितटश औपतनवतशक परशासन दारा एक क बाद एक सीमा तनधायररत की जान लगी तजसम सथानीय जनजातीय समहो की सहमतत नदारद थी और तजसकी चचाय हम ऊपर कर चक ह पषट ह दक य कषरिीय परशासदनक दवभाजन न तो ऐदतहादसक पररदथदतयो को धयान म रखकर दकय गय थ और न ही जनवािी तरीक स जन-आकाकषाओ क आधार पर ही दकय गय थ यही कारण ह दक आज भी असम स दनकल अय राजयो म भारतीय राषटवाि और भारतीय राजयसतता क दवरदध नफरत और ग़सा तो ह ही लदकन इसक साथ ही असदमया अधराषटवाि क दखलाफ भी एक नाराजगी ह दजस उततर-पवव की अय कौम कषरिीय पमान पर lsquoदबग रििरलीrsquo (बड भाई-जसा) बतावव क रप म िखती ह

सकप म कह तो रिहमपत नदी क परब का तहससा भ-राजनीततक रप स पहली बार भारत क उपतनवशीकरण क बाद ही शष भारत स जड़ा बावजद इसक तरितटश उपतनवशवातदयो न उतर-पवय की जनता की शष भारत की आबादी स पारसपररक अनतरतकरया नही होन दी बतक आम तौर पर उस अवरदध भी तकया इसकी वजह स भ-राजनीततक दतषट स शष भारत स जड़न क बावजद इस कत की जनता का सासकततक अलगाव बना रहा आज़ादी क बाद भारतीय राजयसता की कौमी दमन की नीततयो क तहत ही इस कत की पराकततक व खतनज समपदा का दोहन करन क कारण इसम आतथयक शोषण का भी पहल जड़ गया तजसन इस अलगाव को और बढ़ाया और इस राजनीततक रप परदान तकया

उततर-पवष की कौमो क साथि भारतमीय राजयसतता क

नवशवासघात का काला इनतहास उतर-पवय म दमन की यह

औपतनवतशक तवरासत भारतीय राजयसता को आज़ादी क बाद उतरातधकार म परापत हई तजस यहा क शासक वगयो न हाथो-हाथ तलया आज़ादी क बाद स ही उतर-पवय को भारत म शातमल करन पर काफ़ी तववाद उतपनन हए भारत क साथ एकीकरण कोई पवयतवतदत पररणाम नही था जसा तक असर इततहास की आतधकाररक-सरकारी पसतको म पढ़ाया जाता ह आज़ादी स पहल भी तवशषकर नगा और तमज़ो नजातीय समहो म भारत स अलग सवतत राजनीततक अतसततव की इचा परबल थी हालातक जन 1947 म असम और उतर-पवय को भारत म शातमल करन का फ़सला ल तलया गया

आजािी क बाि जो उततर-औपदनवदशक शासक वगव अदततव म आया वह एक बहराषटीय और दमदरित शासक वगव था दजसम कशमीर और उततर-पवव की िदमत कौमो को छोडकर बाकी सभी कौमो क बजवआ वगव की अपन आकार और शदतमतता क दहसाब स नमाइिगी थी और कदीय सतता म दहसिारी थी कशमीर और उततर-पवव की कौमो को सचच और सही अथषो म आतमदनणवय का अदधकार िन की बजाय भारतीय शासक वगषो न उनका जबरन भारत क साथ एकीकरण दकया कशमीर क साथ ही उततर-पवव म भी भारतीय राजयसतता क आजािी क दपछल कई िशको की नीदतयो न राजकीय दहसा और कौमी िमन का बबवर रप अदततयार दकया ह

आज़ादी क बाद स ही उतर-पवय म राषटीय तवतवधताओ क साथ बस रही तमाम कौमो व नजातीय समहो की आज़ादी की चाहत को फ़ौजी बटो और बनदक क ज़ोर क दम पर भारतीय हमरानो न कचलन की सकड़ो कोतशश की ह 1962 क भारत-चीन यदध क बाद तो भारतीय राजय क तलए उतर-पवय और भी अतधक सामररक महतव का कत बन गया और भारतीय राजयसता को यहा तमाम राषटीय मतत सघषयो को ldquoराषटीय सरकाrdquo क नाम पर कचलन का एक परकार स lsquoलाइससrsquo भी परापत हो गया इस पर कषरि म 1958 स ही कखयात काला कानन lsquoसरकषा बल दवशर अदधकार अदधदनयमrsquo (अफपा) लाग ह तजसकी वजह स चनावो की रसमअदायगी होन क बावजद वहा वयवहारतः सनय शासन की तसथतत ह योतक सरका बलो को असीतमत अतधकार परापत ह इसी काल कानन का लाभ उठाकर भारतीय सना और अधयसतनक बलो न उतर-पवय म तपल पाच दशको स आतक का राज कायम तकया हआ ह और राजकीय दमन और तहसा का नगा नाच तकया

ह और इन राजयो की आम जनता क मानवातधकारो का बशमटी और दि-मतत क साथ हनन तकया ह ग़ौरतलब ह दक मानवादधकारो की धदजजया उडान वाला यह कानन परी तरह स सदवधान सममत ह

मखयभतम भारत म उतर-पवय को लकर काफ़ी हद तक गर-जानकारी और अजानता भी वयापत ह तजस आज भारत का उतर-पवय कहा जाता ह आज़ादी क वक़त उस पर भ-भाग म भतपवय असम परानत क असम क मदान आत थ इसक अलावा पहाड़ी तज़ल उतर-पवटी सीमावतटी परदश क नाथय-ईसटनय फतटयर टटस (एनईएफ़टी) और मतणपर और ततपरा की ररयासत शातमल थी इस कत म रहन वाल लोगो की ससकतत और इततहास म समानता और समरपता क क ततव जरर ह लतकन उनम कई तवतवधताए भी ह कल आठ राजयो यानी तक असम अरणाचल परदश मघालय मतणपर तमज़ोरम ततपरा नगालि तसतकम म तवभातजत उतर-पवय का कतफल दश क कल कतफल का 798 फ़ीसदी और इसकी आबादी दश की कल आबादी का 37 फ़ीसदी ह इस पर कत म लगभग 220 नजातीय समह और उपसमह रहत ह और लगभग इतनी ही बोतलया बोली जाती ह

औपदनवदशक शासन क अदतम िौर म और आजािी क बाि राजकीय व कौमी िमन स पिा हए राजनीदतक-साकक दतक अलगाव और आदथवक शोरण स उततर-पवव की दवदभन जनजादतयो म परदतरोध की चतना पिा हई जो एक खास दकम क नकजातीय राषटवाि (ethnic nationalism) क रप म दवकदसत हई भारतीय राजयसता दारा तकय गय बबयर दमन न इस परततरोध की चतना को और भी परबल बनाया नगा जसी क जनजाततया अपन कई उपसमहो को तमलाकर एक राषट क रप म तवकतसत हई तो क राषटीयताओ और उपराषटीयताओ क रप म अतसततव म आयी तजनकी कोई कतीयता तो नही थी लतकन तफर भी अनय राषटीय समहो स तभननताए थी इन राषटो-राषटीयताओ क परततरोध का साझा तबनद भारतीय राजयसता क दमन का तवरोध था जो इनका साझा शत थी और आज भी ह हालातक इनम आपसी अनतरतवरोधो का भी एक लमबा इततहास रहा ह मसलन नगा-ककी तववाद नगा-मइती तववाद नगा-जोमी तववाद असमी-तमज़ो तववाद असमी-बोिो तववाद आतद

दरिदटश उपदनवशवाि स आजािी क बाि भारतीय बजवआ राजयसतता न िमन की नीदतयो को खतम करन की बजाय और वहा बस रही कौमो को आतमदनणवय का अदधकार िन की बजाय इन िमनातमक कारगजाररयो को जयो-का-तयो बरकरार रखा बदलक कई मामलो म उसम इजाफा भी दकया आज़ादी क बाद उतर-पवय क राजयो का

जो पनगयठन तकया गया उसका आधार महज परशासकीय सहतलयत थी तजसकी वजह स कई मामलो म एक ही जनजातत कई राजयो म बट गयी और जनजाततयो की राषटीय आकाकाए कचल दी गयी इस तकसम क पनगयठन स नय तववाद भी उभर मसलन गटर नगालि तववाद नगा-मतणपर तववाद असमी-बोिो तववाद आतद मौजदा असम-तमज़ोरम सीमा तववाद भी इसी की एक बानगी ह

राजयो क पनगयठन की परतकरया म नगालि को राजय का दजाय 1963 म तमला लतकन इसक बावजद नगा गपो क कई राजनीततक-परशासकीय इकाइयो म बट होन क कारण उनका असनतोष बना रहा 1972 म असम स खासी गारो और जयतनतया पहाड़ी तज़लो को तमलाकर अलग मघालय राजय बना ततपरा और मतणपर को जो तक औपतनवतशक काल क दौरान ररयासत थी पणय राजय का दजाय द तदया गया तमज़ो पहातड़यो (तमज़ोरम) और lsquoनाथय-ईसटनय फतटयर एजनसीrsquo (अरणाचल परदश) को असम स अलग कर पहल कनदर शातसत राजय का दजाय तदया गया तफर 1987 म इनह पणय राजय का दजाय द तदया गया हालातक राजयो क इस पनगयठन की परतकरया न अलगाव और सवततता की आकाका को तो समापत नही तकया उट अनय सथानीय नजातीय समहो म भी सवशासन या सवततता की आकाका पदा हई और भभागो पर दावो को लकर आपस म उग टकरावो की शरआत हो गयी इसकी एक तमसाल असम-तमज़ोरम सीमा तववाद भी ह

राजनीततक-सासकततक अलगाव और आतथयक शोषण क अततररत दश क भीतर स होन वाल परवासन और बागलादश समत अनक पड़ोसी दशो स होन वाल आपरवासन स भी lsquoसथानीय बनाम परवासीrsquo का अनततवयरोध पदा हआ दरअसल औपतनवतशक काल स ही अतवभातजत असम म उपतनवशवातदयो दारा चाय बागानो की मौजदगी क कारण एक हद तक आतथयक तवकास तकया गया यही कारण था तक उस दौर म भी पड़ोसी बगाल परानत और भारत क अनय इलाको स लोग रोज़गार और ज़मीन की तलाश म असम परवासन करत थ और चतक उपतनवशवातदयो को भी चाय-बागानो म काम करन क तलए मज़दरो की ज़ररत थी तो वह सवय भी बाहर स लोगो को काम क तलए बलात थ साथ ही तल और कोयला खदानो म भी काययशतत की आवशयकता होती थी इसक अलावा सड़क और रल तनमायण कायय म भी बाहर स मज़दरो को काम पर लगाया जाता रहा बगाल स आन वाली एक बड़ी आबादी मसलामानो की भी थी इन परवातसयो म कई जो मखयतः चाय-बागानो म काम करत थ व वही बस भी गय इस पर तववरण क तलए पाठक मासयवादी इततहासकार अमलनद गहा को पढ़ सकत ह तजनका काम असम

(पज 13 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 13

(पज 12 स आग)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का ह मज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहएऔर वहा क राषटवादी आनदोलनो पर कतनदरत ह यह परवासन आज भी हो रहा ह इन परवातसयो म असर मज़दर आबादी ही शातमल होती ह ldquoसथानीय बनाम परवासीrdquo क अनतरतवरोध का फ़ायदा इन कौमो म मौजद तफ़रकापरसत ताकत भी अपन तनतहत सवाथयो क तलए उठा रही ह सीतमत ससाधनो और जनसातखयकीय असनतलन का हवाला दकर आम जनता म भय और असरकाबोध पदा तकया गया ह जो परवातसयो क तिलाफ़ तहसातमक घटनाओ म सामन आया ह य इन राषटीय आिोलनो म पजीवािी राजनीदत और दवचारधाराओ की मौजिगी यानी अदमतावािी व अधराषटवािी रझान की ओर भी इशारा करता ह और अततोगतवा हर परकार क राषटवाि की सीमा और परदतदकरयावािी चरररि को भी उजागर करता ह भल ही वह िदमत राषट का ही यो न हो िदमत राषटो की राषटीय मदत की लडाई म इन पजीवािी दवचारो व राजनीदत क दखलाफ सघरव करना करादतकारी मजिर वगव का एक कायवभार ह योदक तभी सही मायन म जनता की जनवािी राषटीय करादत क जररए सचची राषटीय मदत भी समभव ह बहरहाल इन अतरदवरोधो का फायिा भाजपा जसी फासीवािी पाटटी इस मजहबी रग ि कर भी उठा रही ह

बहरहाल मल चचाय पर वापस लौटत हए बात कर तो उतर-पवय क तवतभनन राजयो क इततहास पर तनगाह िालन स भारतीय राजयसता का ऐततहातसक तवशवासघात सपषट रप स सामन आता ह इसकी तवसतत चचाय म हम यहा नही जा सकत ह तफ़लहाल इतना कहना काफ़ी होगा तक उतर-पवय क तमाम राषटो-राषटीयताओ की आकाकाओ को कचलकर ही भारतीय राजयसता न जोर-ज़बदयसती करक इनह ldquoभारतीय राषटrdquo म शातमल तकया ह

मतणपर की बात कर तो आज़ादी क ततकाल बाद ही भारत सरकार क परतततनतध वीपी मनन न राजय म तबगड़ती कानन-वयवसथा का हवाला दकर मतणपर क राजाबोधचनदर तसह को तशलाग बलाया और 21 तसतमबर 1949 को कपटपणय तरीक स उसस भारत म तवलय क समझौत पर हसताकर करा तलया भारत सरकार न यह भी ज़ररी नही समझा तक इस समझौत की अतभपतषट नवतनवायतचत मतणपर तवधानसभा दारा करा ली जाय उट तवधानसभा को भग कर तदया गया इसक बाद स ही मतणपर म भारतीय राजय दारा परतयक दमन की नीतत अपनाकर परततरोध को दबान का तसलतसला शर हो गया और इसी क समानतर सशसतर सघषयो का भी तसलतसला शर हो गया आफसपा जस काल कानन की आड़ म भारतीय सना दारा की गयी बबयरता न जन-परततरोध को और बल परदान तकया 2004 म

भारतीय सतनको दारा एक मतणपरी मतहला मनोरमा क बलातकार और हतया क तवरोध म वहा की मतहलाओ न तनवयसतर होकर सना मखयालय क सामन तवरोध परदशयन तकया था यह घटना तकसी भी जनवादी होन का दावा करन वाल राजय क तलए एक शमयनाक घटना होती लतकन भारतीय राजय की बशमटी और बबयरता बदसतर जारी रही और उतर-पवय म यह दमनकारी जनदरोही कानन आज तक लाग ह

नगालि की कहानी भी क ऐसी ही ह औतपवतशक शासन क दौरान और बीसवी सदी की शरआत म नगा पहातड़यो क सथानीय तनवासी नगा नशनल काउतसल (एनएनसी) क बनर तल एकजट होकर एक साझा मातभतम और सवशासन की आकाका परकट करन लग थ भारत की आज़ादी क बाद नगा नशनल काउतसल न आतमतनणयय क अतधकार की वकालत की और भारत स आज़ादी क तलए जनमत सगह की माग भी रखी लतकन भारतीय राजय न एकतरफ़ा तरीक स नगा भभाग को भारतीय गणराजय का तहससा घोतषत कर तदया बदल म एनएनसी न नगालि की सवततता की घोषणा कर दी और 1952 म समपनन पहल आम चनावो का बतहषकार भी तकया इसक बाद ही भारत सरकार दारा कई नगा नताओ को तगरफतार कर तलया गया और तब स ही नगालि म एक लमब सशसतर सघषय की शरआत हई 1955 म भारतीय राजय न पतलस और सशसतर बलो क ज़ररए नगा राषटीय मतत आनदोलन को कचलन की कोतशश भी की इसी सघषय का सामना करन क तलए 1958 म lsquoआमिय फ़ोसजज सपशल पावसय एटrsquo बना जो आज तक समच उतर-पवय म लाग ह 1975 म एनएनसी क शीषय नततव न भारत सरकार क साथ वाताय करक तशलाग समझौता तकया और भारतीय गणराजय म शातमल होना सवीकार तकया तजन नगा नताओ न इस समझौत को सवीकार नही तकया उनहोन lsquoनशनल सोशतलसट काउतसल ऑफ़ नगालिrsquo (एनएससीएन) का गठन करक सघषय जारी रखा अब यह सगठन मइवा और खापलाग क दो गटो म तवभातजत ह तजनका आधार नगा जनजातीय समह की अलग-अलग उपजाततयो म ह

अब तमज़ोरम पर आत ह जसा तक ऊपर चचाय म आया था तक तमज़ो पहाड़ी कत आज़ादी क वक़त लशाई पहाड़ी तज़ल क नाम स असम म गतठत हआ तजसका नाम 1954 म बदलकर असम का तमज़ो पहाड़ी तज़ला कर तदया गया असम स अलग होन का एक अलगाववादी आनदोलन आज़ादी स पहल भी तमज़ो जनजातीय समहो म मौजद था लतकन 1959 स 1961 तक आय अकाल क राहत कायय म भारतीय राजय की उदासीनता और अनदखी क कारण पहल स ही मौजद असनतोष और आकरोश को नयी ज़मीन परापत हई इसक बाद ही साठ क दशक स तमज़ो सशसतर तवदरोह की दासतान शर होती ह

इसी दौर म तमज़ो नशनल फट (एमएनएफ़) का गठन हआ तजसनlsquoभारतीय उपतनवशवाद स तमज़ोरम की मततrsquo क तलए सशसतर सघषय का आहान तकया फ़रवरी 1966 म सशसतर दसतो न आइज़ोल शहर पर कबज़ा कर तलया नगालि की ही तरह भारतीय राजय दारा यहा भी दमन की नीतत को ततकाल अमल म लाया गया शहर को तफर स कबज़ा करन म भारतीय सना न नागररक आबादी पर धआधार बमबारी की हज़ारो पररवारो को उनक घरो स उजाड़ तदया गया 1986 म एमएनएफ़ और भारत सरकार क बीच समझौता हआ तजसक बाद एमएनएफ़ तहसा ोड़कर ldquoमखयधाराrdquo म शातमल हो गया और भारतीय सतवधान क अनतगयत काम करन पर सहमत हो गया लतकन इसस भारत क परतत तमज़ोरम क नजातीय समहो का अलगाव और रोष जरा भी कम नही हआ आज भी वहा अलग-अलग नजातीय समहो क अपन-अपन सशसतर तवदरोही दसत ह

तसतकम क इततहास पर भी तनगाह िालन पर सपषट होता ह तक आज़ादी क समय यानी 1947 स ही तसतकम का दजाय भारत क सरतकत राजय (lsquoपरोटटोरटrsquo) का था वह भारतीय यतनयन का तहससा नही था 1975 म तबना तसतकम की जनता स रायशमारी तकय भारतीय सतवधान म मौजद परावधान क तहत उस भारत म तमला तलया गया और पणय राजय का दजाय द तदया गया जबतक उस वक़त भी तसतकम का शासक आतमतनणयय का अतधकार माग रहा था तजस भारतीय राजय दारा िाररज कर तदया गया

इस सतकपत चचाय स सपषट ह तक आजादी क बाद स ही भारतीय हमरानो न उतर-पवय क तमाम राषटो एव राषटीयताओ क साथ ल-कपट करक वायदातिलाफ़ी करक दमन राजकीय तहसा और आतक का अनतहीन चकर कायम करक उनकी आकाकाओ और हको का गला घोटन का घतणत ककमय तकया ह तजस भारतीय राषटवाद क सड़-गल मलमम क ज़ररए तपाना भी नाममतकन जान पड़ता ह यह इततहास भारत क मज़दर वगय को भी जानन की ज़ररत ह योतक शोषण दमन और उतपीड़न का हर रप म तवरोध तकय तबना करातनतकारी मज़दर वगय न तो समाजवादी करातनत कर मज़दर सता को सथातपत कर सकता ह और न ही करातनतकारी सवयहारा जनवाद को सथातपत कर सकता ह तकसी भी रप म दमन शोषण और उतपीड़न का साथ दन वाला मज़दर वगय सवय भी पजीपतत वगय क हाथो शोतषत व दतमत होत रहन क तलए अतभशपत होता हअसम-ममज़ोरम समीमा-नववाद का हल उततर-पवष म राषटमीय रिशि क

समाधाि स जड़ा हउतर-पवय क तमाम राजयो म मौजद

आपसी सीमा-तववाद का तनपटारा भी वहा क राषटीय परशन क समाधान स नातभनालबदध ह वस तो तकसी यतनयन म सवचा स शातमल हई इकाइयो

क बीच भी सीमा-तनधायरण को लकर झगड़-फ़साद हो सकत ह एक पजीवादी राजय वयवसथा क अनतगयत आप और तकसी बात की उममीद कर भी नही सकत ह राषटीय शातनत या कौमी अमन जसी कोई भी चीज़ पजीवाद क मातहत सथायी तौर पर समभव ही नही ह लतकन यह तमाम तववाद अपन आप म कौमी दमन नही होत ह जबतक उतर-पवय की बात कर तो य तमाम सीमा-तववाद सीध-सीध भारतीय राजय क कौमी दमन की नीतत स ही पदा हए ह और उसक अतवभाजय अग ह

कौमी दमन का मतलब यह ह तक भारतीय शासक वगय दारा उतर-पवय म मौजद तमाम कौमो क पजीपतत वगय समत समची कौम का ही दमन तकया जा रहा ह यानी कौमी िमन क दनशान पर मलतः िदमत कौम का पजीपदत वगव होता ह जो िमन बाि म वकहि रप अदततयार कर जनता क अलग-अलग दहसो और जन-जीवन को भी अपनी जि म ल लता ह दकसी कौम क बजवआ वगव क िमन क बगर कौमी िमन अदततव म आ ही नही सकता ह िसर शबिो म कह तो कोई भी कौम िदमत ही तब मानी जायगी जबदक उसका पजीपदत वगव िदमत हो आज भारत की बात कर तो कशमीर और उततर-पवव को छोडकर यह दथदत और कही मौजि नही ह कौम या राषट बनता ही बजयआ वगय क अतसततव म आन क साथ ह यतद तकसी कौम स पजीपतत वगय को अलग कर तदया जाय तो उसक बाद जो रह जाता ह वह बस जनता ही ह आज उतर-पवय क राषटो म यह पजीपतत वगय तकतना तवकतसत या अतवकतसत ह इस तथय स वहा मौजद राषटीय दमन पर कोई फ़कय नही पड़ता ह

इसतलए उतर-पवय म तमाम राजयो क बीच मौजद सीमा-तववाद कौमी दमन का कारण नही बतक इसी कौमी दमन की नीतत का एक पररणाम ह अलग स तकसी दश क तकनही दो राजयो तजनम तक दतमत कौम ह और ज़बरन तकसी यतनयन म शातमल की गयी ह क बीच सीमा-तववाद क हल की उममीद शासक वगयो स तबना वहद राषटीय परशन क समाधान क करना ही बमानी ह आज़ादी क बाद शरआती दशको म तो भारत सरकार न उतर-पवय क महतव को कवल रणनीततक दतषट स ही दखा था लतकन पजीवादी तवकास क साथ ही पराकततक समपदा और ससती शरमशतत क दोहन की भी शरआत हई हालातक यहा बसन वाली कौमो म भारतीय राजयसता क परतत नफ़रत और अलगाव म कोई कमी नही आयी ह तकसी कापतनक एकाशमी ldquoभारत राषटrdquo और भारतीय राषटवाद म इन कौमो का तवलयन ज़ोर-ज़बदयसती क बत ही समभव ह इसतलए आज भी इस पर भ-भाग म कई सशसतर सघषय चल रह ह जब तक भारतीय राजयसता का राषटीय दमन और ज़बर जारी रहगा य राषटीय मतत सघषय भी तवसतजयत नही होग नततव की कोई

एक धारा जब समपयण करगी तो दसरी धारा उभरकर सामन आयगी और सघषय को जारी रखगी ऐततहातसक तौर पर कह तो राषटीय परशन का अतनतम और मकममल समाधान तो कवल और कवल एक समाजवादी राजय क तहत ही समभव ह जो सही मायन म तवतभनन राषटो को अलग होन क अतधकार क समत आतमतनणयय का अतधकार और अपसखयक राषटीयताओ को ससगत जनवाद का अतधकार दता ह लतकन हर दतमत कौम क तलए पहला काययभार राषटीय मतत का जनवादी काययभार ही होता ह और उसक तलए करातनत की मज़ तल भी राषटीय जनवादी ही होती ह

इततहास न यह भी सातबत तकया ह तक सामाजयवाद क दौर म दमनकारी राषट या राषटो क पजीपतत वगय आम तौर पर दतमत राषटो को आतमतनणयय का अतधकार और राषटीयताओ को ससगत जनवाद नही द सकत लतकन यह भी उतना ही सच ह तक राषट कवल दमनकारी राषटो क अतधकार दन की वजह स म त नही होत व अपन राषटीय मतत सघषयो क ज़ररए भी म त होत ह यह एक अलग चचाय का तवषय ह तक उतर-पवय क तवतभनन राषटो का राषटीय मतत सघषय यह राषटीय मतत हातसल कर सकता ह या नही लतकन इतना तय ह तक जब तक इन दतमत कौमो को राषटीय मतत हातसल नही होती तब तक शातनत या तसथरता की कोई उममीद भी नही की जा सकती ह तकसी भी कौम को हमशा गलाम बनाकर नही रखा जा सकता ह यह बात भारत क उतर-पवय पर भी उतनी ही लाग होती ह

आज भारत म दतमत कौमो क राषटीय मतत सघषयो को भारतीय राजयसता क तवरदध मज़दर वगय क समाजवादी करातनत क सघषय स जड़ना होगा और भारत क मज़दर वगय आम महनतकश जनता और ातो-नौजवानो को भारत की दतमत कौमो क राषटीय मतत सघषय स िद को जोड़त हए उनक राषटीय आतमतनणयय क अतधकार का तबना शतय समथयन करना होगा जहा एक तरफ़ भारत की महनतकश अवाम को हर परकार क राषटीय कटरपनथ और अनधराषटवाद स अपना नाता तोड़ना होगा और भारतीय बजयआ वगय क मिी म पदा हए राषटवाद की असतलयत समझनी होगी वही दसरी तरफ़ दतमत कौमो म राषटीय मतत क तलए लड़ रही ताकतो को भी यह समझना होगा तक हर परकार का बजयआ राषटवाद और सकीणय अतसमतावाद या कटरतावाद तकसी भी वयापक और तटकाऊ जन-एकजटता म बाधा ह भारत की महनतकश जनता इस सघषय म उनकी शत नही बतक दोसत ह वासतव म भारतीय राजयसता और भारतीय पजीपतत वगय ही हमारा मशतरका दशमन ह यह बात समझना बहद जररी ह सचच और सही अथयो म राषटीय मतत आनदोलन भी साथयक और कारगर तरीक स तभी आग भी बढ़ सकत ह

14 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 1 स आग)

करना ही उसक तलए भी बहतर ह इस तरह दश आज़ाद हआ आलीशान अटातलकाओ म हो रह जशन क बाहर बठी दश की आम महनतकश जनता फटहाल हालत म सगीत नाच-गाना और आततशबाज़ी दख रही थी और उममीद लगाय थी तक एक तदन वह भी िशहाल होगी आज़ादी क करीब चार दशक बाद जब नवउदारवादी नीततयो की शरआत हई तो पजीवादी नताओ और उनक चाकर बतदधजीतवयो न कहना शर तकया तक जब समतदध आयगी तो ररस-ररस कर सब तक पहचगी लतकन ररस-ररस कर तो बस दख-तकलीफ़ आयी ह अमीरज़ादो की समतदध की आततशबातज़यो को दख सड़को पर भीख माग रह बचच ताली बजा कर िश होत ह समतदध का अथय जनता क तलए बस इतना ही ह

आपन असर लोगो को यह कहत सना होगा तक अगज़ चल गय लतकन अगज़ी ोड़ गय अगज़ी क पी टन का मतलब तसफ़य भाषा स नही ह इसका अथय यह भी ह तक अगज़ो क चल जान क बाद अगज़ी नौकरशाही सना और पतलस क औपतनवतशक ढाच को ही अपना तलया गया योतक वह भारतीय पजीपतत वगय क तलए भी अपन तहतो की सवा क तलए उपय त था इसतलए लट और दमन बदसतर जारी रहा बस शासक वगय बदल गया जब दमन का बना-बनाया तत आज़ादी क साथ मफत तमल रहा था तो उस बदलन की कोई िास आवशयकता नही थी इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक lsquoगवनयम ट ऑफ़ इतिया एट 1935rsquo क 321 धाराओ म स 250 को ह-ब-ह भारतीय सतवधान म अपना तलया गया और आईपीसी तो अगज़ो क ज़मान स चली आ रही ह तजनम नयी धाराए जोड़ी गयी ह लतकन परानी सभी धाराए लगभग वसी ही ह तलतखत क साथ-साथ अतलतखत हथकि भी उनही स सीखकर उस िब माजा गया lsquoफट िालो और राज करोrsquo की नीतत पजीवादी सता क तलए अचक सजीवनी बटी ह अगज़ो न इस सवततता आनदोलन को कमज़ोर करन क तलए इसतमाल तकया और आज़ाद दश म सभी सरकार इस अपन-अपन ढग स मज़दरो-महनतकशो की एकता तोड़न उनक सघषयो को कमज़ोर करन क तलए करती आयी ह इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक आज़ादी क दौरान करातनतकाररयो की मितबरी करन वालो अगज़ो क तलव चाटन वालो उनह माफ़ीनामा तलखन वालो आज़ादी की पवयसधया पर ततरगा जलान वालो और महातमा गाधी की हतया करन वालो आरएसएस और अनय सहयोगी सगठनो पर कभी कोई ठोस कारयवाई नही की गयी तजसस इनको परभावी तौर स रोका जा सक भारतीय पजीवाद को आरएसएस की आवशयकता थी और इसतलए इस ज़जीर स बध कत की तरह अपन करीब बाध रखा समय-समय

पर ज़ररत क अनसार ज़जीर कस दी जाती रही या ढीली कर दी जाती रही आज पजीवाद की ज़ररत क अनसार इस खखार कत को भारत क पजीपतत वगय न सता ही सौप दी ह

बहरहाल हम बात कर रह थ भारत क पजीपतत वगय और उसकी राजनीततक पाटटी कागस क बार म सता हातसल करन क बाद भारत का पजीपतत वगय इतना सशत नही था तक अपन बल-बत पजीवाद क फलन-फलन क तलए आवशयक बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो का ताना- बाना खड़ा कर सक उसक पास आरतमभक पजी और तकनोलॉजी की कमी थी इन आवशयकताओ को परा करन की दो राह थी एक सामाजयवादी दशो पर पणय-तनभयरता और दसरा जनता की गाढ़ी कमाई की पाई-पाई का दोहन इन दोनो म स यहा क पजीपतत वगय न दसरा रासता अपनाया लतकन पजीपतत वगय सीध जनता का पसा नही लट सकता था और न ही राजय उस सीध लटकर पजीपततयो को थमा सकता था इसतलए इनहोन तमतशरत अथययवयवसथा की नीतत अपनायी यानी सावयजतनक कत सय त कत और तनजी कत इस नहर न lsquoसमाजवादी नमन क समाज क तवकासrsquo का नाम तदया जनता की गाढ़ी कमाई चस कर दश का तवकास आरमभ हआ और जनता क पस स बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो को खड़ा तकया गया बतनयादी और अवसरचनागत उदयोग जस इसपात कारिान रल यातायात और पररवहन तबजली सचार आतद सावयजतनक कत म रख गय इनम पजी तनवश अतधक और मनाफ़ा लमब कालकरम म हातसल होना था वही उपभोता वसतओ का उतपादन तनजी कत को सौपा गया तजसम लागत सापतकक रप स कम और मनाफ़ा जद हातसल होना था इस योजना का आधार 1944 का बॉमब पलान या टाटा-तबड़ला पलान था दश की मज़दर-महनतकश आबादी की कमाई लट कर दश म बतनयानी और अवसरचनागत उदयोग खड़ तकय गय तातक पजीपतत वगय क मनाफ़ा कमान का काम सगम हो सक मतलब lsquoहरज लग न तफटकरी रग चोखाrsquo उननीसवी सदी क अनत और बीसवी सदी क शरआत स ही दश म कई बड़ बक थ तजनम सबस बड़ा बक lsquoइमपीररयल बकrsquo था लतकन दर-दराज़ क इलाको म भी सतवग सकीम थी जस पोसट ऑतफ़स सतवग सकीम जो 1882 म खोली गयी थी जनता की महनत की कमाई तक पहच क तलए ससथान पहल स मौजद थ तजन पर 1948 क बाद नहर न अतधक बल तदया जो तक पजी क सचय क तलए लातज़मी भी था 1969 म बको क राषटीकरण न तनवश क तलए पजी की उपलबधता को बढ़ा तदया कह सकत ह तक तमतशरत अथयवयवसथा की आड़ म बहद कशलतापवयक कागस न पजीपतत वगय की सवा की उसक तहतो को

साधा और जनता की गाढ़ी कमाई को चस कर पल सड़क सचार पररवहन बनाया गया और जनता क बीच बढ़ रह मोहभग पर रसमी सधारवाद का नाटक कर पानी क ीट भी िाल सीपीआई सीपीएम और नामधारी कमयतनसट पातटययो न भी इन नीततयो का समथयन कर न कवल जनता की पीठ म रा घोपा बतक उनकी राजनीततक चतना को भी कनद तकया तजसकी चचाय हम आग करग

नहरतवयाई lsquoसमाजवादrsquo क चोग की सीवन जद ही उधड़न लगी और 1960 क दशक क उतरादधय म ही भारत की अथयवयवसथा म ठहराव आन लगा 1970 का दशक मनदी का दशक रहा चार पचवषटीय योजनाओ और तीन वातषयक योजनाओ क कल पजी तनवश को दख तो सावयजतनक कत म पजी तनवश का परततशत अनपात तनजी कत की तलना म बढ़ता गया लतकन जद ही तमतशरत अथयवयवसथा या तथाकतथत समाजवाद क अनतरतवरोध सामन आन लग 1960 क दशक म जो सकट आया था और जो 1970 क दशक म गहराया था वह राजकीय इजारदार पजीवाद क ढाच क भीतर पजी सचय का सकट था बड़ा पजीपतत वगय और साथ ही नवोतदत मझोला व ोटा पजीपतत वगय lsquoधनधा करन की परी सहतलयतrsquo की माग कर रहा था जो तक नहरतवयाई समाजवाद क ढाच म बातधत थी हर परकार क सरकारी तवतनयमन व तनयतण स उस टकारा चातहए था तजस उसन सवय अपनी ही ज़ररत स एक समय सथातपत तकया था इस सकट की ही अतभवयततया थी उस दौर म बढ़ती महगाई बरोज़गारी खादयानन सकट आतद एक ओर मधय वगय तनमन पजीपतत वगय और महनतकशो क सपन टट रह थ वही दसरी ओर सावयजतनक कत क पालन म पला तशश तनजी पजीपतत वगय अब बड़ा हो चला था और पालना उसक तवकास को रोक रहा था पजीवादी तहतो की नमाइनदगी करन वाल बतदधजीतवयो और अथयशातसतरयो न पजी पर राजय क तवतनयमन यानी लाइसस कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण परतयक तवदशी तनवश पर रोक एमआरटीपी तनयतण व सतबसिी आतद पर सवाल उठान शर कर तदय

इस दौर म तवशव सतर पर भी 1970 क दशक म नवउदारवाद क यग की शरआत होती ह अपना सवतणयम यग जीन क बाद 1960 क दशक क आतिरी वषयो म ही अमररकी व यरोपीय पजीवाद पर सकट क बादल मिरान लग थ और इसक साथ ही करतमक परतकरया म पतशचम म कयाणकारी राजय की नीततयो को समापत करना शर कर तदया चतक अमररकी व आम तौर पर पतशचमी पजीवादी अथयवयवसथाए मनाफ़ की दर का सकट झल रही थी इसतलए पहल उनहोन अपन यहा तवतीय तवतवतनयमन तकय अमररका न लचीली तवतनमय दर सथातपत की शरम

बाज़ार का भी क उदारीकरण तकया और तफर तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क पजीपतत वगय पर भी दबाव बनाया तक व भी तवतीय तवतवतनयमन कर और शरम बाज़ार को लचीला बनाय तातक पतशचमी सामाजयवादी पजी को इन दशो म और खल कर ससत शरम की लट की ट तमल अपन कारणो स एतशया व अरब अफीका और साथ ही लाततन अमररका क तमाम पजीवादी दशो का शासक वगय भी उदारीकरण की आवशयकता महसस कर रहा था तवशव बक और तवशव मदरा कोष न तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क आतथयक सकट का लाभ उठात हए उन पर तवदशी पजी क तलए अपन दरवाज़ खोलन का दबाव बनाया यानी उनह तवदशी वयापार और तवदशी तनवश पर लगी तमाम पाबतनदयो को हटान क तलए मजबर करन का परयास तकया क दशो न (जस तक लाततन अमररका क क दश) इस परकार की नीततयो को जयो का तयो लाग तकया तजनह lsquoसपrsquo यानी lsquoसटचरल एिजसटमटrsquo की नीतत भी कहा जाता हा इसक आरतमभक परयोग लाततन अमररका क दशो म हए और पानी जसी मलभत सतवधाओ को तनजी हाथो म सौपन स लकर समची अथयवयवसथा क नवउदारवादी पनगयठन क भयकर पररणाम सामन आय

भारत क सनदभय म कहा जाय तो यहा क पजीपतत वगय न बहद कशलता स इन नीततयो को लाततन अमररका क तवपरीत अपन तहतो क अनसार बदलकर और तवलतमबत परतकरया म लाग तकया तजसक कारण भारतीय पजीवादी वयवसथा उस परकार सामाजयवाद पर तनभयर नही हई और न ही वह उस परकार औध मह तगरी तजस परकार लाततन अमररका क क दशो क साथ हआ नतीजतन यहा उस परकार जनाकरोश फट कर सड़को पर भी नही बहा तजस परकार लाततन अमररकी दशो म हआ था असर यह बात कही जाती ह तक भारतीय शासक वगय अनतरायषटीय दबाव म नवउदारवादी नीततयो को अपनान क तलए मजबर था लतकन ऐसा नही ह और इसकी चचाय हम पहल ही कर चक ह तक तकस परकार तमतशरत अथयवयवसथा क तवतनयमन म तनजी पजी का दम घट रहा था और वह लाइसस सतबसिी परतमट शरम काननो कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण आतद स पीा ड़ाकर म त बाज़ार म गोत लगाना चाहती थी तसफ़य बाहरी पररतसथततया ही नही बतक आनतररक पररतसथततया भी नवउदारवाद क तलए दबाव बना रही थी आतधकाररक तौर पर जलाई 1991 म नवउदारवाद की नीततयो की घोषणा स पहल ही 1980 क दशक म राजीव गाधी नवउदारवाद क सबस मखर समथयक बन और उनकी सरकार न सीतमत हद तक अथयवयवसथा का उदारीकरण तकया 30 उदयोगो म लाइसस की आवशयकता हटायी तथा और साथ ही कई पररवतयन तकय गय

लतकन पर ढोल-ताश तोरण और बनदनवार क साथ तवकास क बड़-बड़ वायदो और रोज़गार क सवतणयम अवसरो क सपन तदखा कर उदारीकरण तनजीकरण और भमिलीकरण की नवउदारवादी नीततयो की शरआत 24 जलाई 1991 को परधानमती नरतसमहा राव तवत मती मनमोहन तसह और योजना आयोग क उपाधयक मोटक तसह अहलवातलया क समय म की गयी यह दावा तकया गया तक परतयक तवदशी तनवश स दश म रोज़गार सजन होगा इन तीनो न तमल कर lsquoतटकल िाउन तथयरीrsquo यानी धन-समतदध क ऊपर स ररस कर नीच जान का तसदधानत परसतत तकया ऊपर स नीच का सच तो महनतकश लोग अपनी तज़नदगी स जानत ही ह नीच स तनचोड़कर सारा धन ऊपर की ओर ज़रर चला जा रहा ह और ऊपर स ररसकर कवल गरीबी बरोज़गारी और बबायदी आम महनतकश जनता क तहसस आ रही ह अगर ऐसा नही होता तो दश म 1990 म जहा मात 2 अरबपतत (िॉलर अरबपतत) थ वही 2021 म 177 कस हो गय lsquoहरन गलोबल ररच तलसटrsquo (हरन दारा बनायी तवशव म अमीरो की सची) क अनसार पर तवशव म अरबपततयो की सखया म तीसरा सथान भारत का ह साथ ही वतशवक भखमरी सचकाक म 107 दशो की सची म भारत 94व सथान पर ह सवासथय की पहच क कत म भारत का सथान 189 दशो म 179वा ह जो तक बगलादश शरीलका पातकसतान और कई अफीकी दशो स भी नीच ह 1995 स लकर 2009 तक जीिीपी क औसत 6 स सात और कई बार 8 स ऊपर पहचन पर सीना चौड़ा कर तवकास का दावा करन वाली सरकार यह नही बताती तक यह तवकास रोज़गारतवहीन तवकास था योतक 1991 स लकर 2018 तक बरोज़गारी की दर 5 परततशत स 6 परततशत क बीच बनी हई थी जो 2020 म 56 सालो म सबस जयादा यानी 89 परततशत हो गयी 2021 म तो यह 917 परततशत हो गयी ऐस तवकास की जनता क तलए या उपयोतगता जो रोज़गार क अवसर ही न सतजत कर शयर बाज़ार म उाल पजीपततयो की तज़ रफतार महगी गातड़यो पराइवट जट तवमानो आलीशान अटातलकाओ और तवदश याताओ की सखया क आधार पर मापा गया तवकास आम महनतकश आबादी की थाली म दो जन की रोटी तक नही पहचाता

आम आबादी क तलए तो नवउदारवाद तगी बरोज़गारी कपोषण और भखमरी ही लकर आया ह तदहाड़ी पर काम करन वाली 50 करोड़ आबादी 10 साल पहल वासतव म तजतना कमाती थी आज भी लगभग उतना ही कमाती ह जबतक कीमत दोगनी-तीन गनी हो चकी ह दश म 60 परततशत आबादी कपोषण का तशकार

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह

(पज 15 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 15

ह राषटीय पोषण तनगरानी बयरो दारा 2015-16 म शहरी आबादी म तकय गय सवज क अनसार औसत खानपान म परोटीन कतशयम आयरन तथयातमन तनयातसन आतद पोषक ततवो की काफ़ी कमी ह यही ह दश की मज़दर महनतकश आबादी क तलए नवउदारवाद की सवतणयम सौगात

िवउदारवाद और मज़दर आनदोलि

1950 क दशक क आरमभ स ही सशोधनवाद क मागय पर तनकल पड़ी भारत की कमयतनसट पाटटी (भाकपा) नहर और कागस की नीततयो को समाजवाद की तदशा म कदम मानती थी और राषटीकरण की रट लगाती थी भाकपा क अनसार आज़ादी क बाद कागस जनवादी काययभारो को परा कर रही थी इसतलए कमयतनसटो को इसका सहयोग करना चातहए अत इनहोन वगय सहयोग की लाइन दी जब पाटटी की लाइन ही वगय सहायोगवाद की हो गयी तब समाजवाद क समथयन और सवयहारा वगय को करातनतकारी चतना और उसक ऐततहातसक तमशन स पररचय करान की बात तो सथतगत हो गयी 1964 म एक सशोधनवादी पाटटी क तौर पर ही भाकपा स अलग हई माकपा सीध तौर पर नहर की गोद म नही बठी और उसन नहर को समझौतापरसत बोलकर उसपर जनवादी काययभारो को परा करन क तलए सड़क और ससद म दबाव बनान की बात की लतकन असल म वह भी एक सशोधनवादी पाटटी थी न तक मज़दर वगय की कोई करातनतकारी कमयतनसट पाटटी अपन गरमा-गरम भाषणो और चाय की पयाली म तफ़ान उठान क अलावा इन ससदमागटी जड़वामनो न बजयआ वगय क तिलाफ़ मज़दर वगय की करातनतकारी राजनीततक चतना उननत बनान क तलए कोई ठोस राजनीततक कारयवाई नही की और मज़दर वगय को अथयवाद क गोल चकर म ही घमात रह सवयहारा वगय की तहरावल पाटटी का अतनतम लकय होता ह तक वह बजयआ राजयसता का धवस करक सवयहारा राजयसता की सथापना करन की ऐततहातसक मतहम म महनतकश जनसमदाय को नततव द इस अतनतम लकय तक पहचन क तलए कमयतनसट मज़दरो और सभी करातनत-पकधर वगयो क जन-सगठन बनात हए आतथयक सधारो-मागो-ररयायतो क तलए अथयवादी नही बतक राजनीततक रप स लड़त हए जनता की जझार सगठनबदधता को बढ़ात ह रतढ़यो स मतत और वगय-चतना को परखर बनान क तलए सतत सामातजक आनदोलन करत ह और सासकततक कायय करत ह लतकन ऐसा करन की जगह मज़दर वगय को य सशोधनवादी पातटयया सधारवाद पबनदसाज़ी अथयवाद अराजकतावादी सघातधपतयवाद और टि यतनयन की गतलयो म घमाती रही

1950 क उतरादधय स भाकपा एव अपन जनम क काल स ही माकपा

और 1980 क दशक स भाकपा (माल) का इततहास जब ऐसा रहा तब उनस 1991 म नवउदारवाद क तवरदध जझार परततरोध की उममीद बकार थी और हआ भी ऐसा ही नवउदारवाद न मज़दरो का िन बहा कर तमल शरम काननो को ततलाजतल द दी और य ससदमागटी सशोधनवादी पातटयया महज़ सगतठत कत क मज़दरो और कमयचाररयो को लकर नपसक तकसम क तवरोध की रसमअदायगी करती रही और 93 परततशत असगतठत मज़दर वगय को तो सगतठत करन का इनहोन कभी ढग स परयास ही नही तकया आज सार परान शरम कानन लगभग समापतपराय ह और मज़दर जानलवा हदो तक असरका की तसथतत म काम करन को मजबर ह मज़दर वगय की जीवन व काययतसथतत भयकर ह खल और मनोरजन की या बात कर जब मामली बीमाररयो क इलाज की भी सतवधा नही ह नय लबर कोि वासतव म मज़दरो की पजीपततयो दारा तबना तकसी रोक-रकावट लट को काननी बनान क तलए ही लाय गय ह इसक अलावा करल अतीत म पतशचम बगाल और ततपरा म ससदीय वामपनथी पातटययो की सरकारो न सवय नवउदारवाद की नीततयो को परी तनषठा स लाग तकया ह वगय सहयोग की तदशा म बहद सजीदगी स कदम बढ़ात हए परथम यपीए सरकार म शातमल होकर भारत म उदारीकरण-तनजीकरण को सही तरीक स लाग करन का रासता साफ़ तकया और इस तदशा म नयी-नयी नीततयो क जनमदाता बन 2005 म ससद म बठकर इनहोन सज़ अतधतनयम पास करवाया सज़ यानी सपशल इकॉनोतमक ज़ोन तजसक तहत ऐस औदयोतगक कत बनाय गय जहा तकसी भी तरह का शरम कानन लाग नही होता

इस परकार इन सशोधनवादी पातटययो न मज़दर वगय क साथ ऐततहातसक गदारी की झठ तवशवासघात और फरब का इतना लमबा काल झल कर महनतकश आबादी क बड़ तहसस का इनस मोहभग हो चका ह और इनका आधार अब मलत और मखयत सगतठत कत क पक कमयचाररयो और एक हद तक क राजयो म ोट व मझोल वयवसातययो और मझोल व धनी तकसानो-कलको म ह मज़दर वगय क एक तहसस म इनह लकर क भम अभी भी ह लतकन उनह तनरनतर करातनतकारी परचार और सघषयो क ज़ररए इनह बनकाब करक ही तोड़ा जा सकता ह सचचाई यह ह तक वाहय आवरण म आम मज़दरो को कमयतनसट तदखन वाली य पातटयया अपनी अनतयवसत म बजयआ ही होती ह सशोधनवादी पातटययो दारा मज़दर वगय क आनदोलन को सधारवाद अथयवाद और सशोधनवाद क पककि म ल जान का सबस जयादा फ़ायदा फ़ासीवादी शततयो को तमला तजनहोन पजीवादी वयवसथा क सकट और करातनतकारी

कमयतनसट शततयो क अभाव म मज़दर आनदोलन क एक ोट तहसस म और वयापक टटपतजया आबादी म परतततकरया का आधार तयार तकया

राम जनमभतम आनदोलन बाबरी मतसजद धवस 1991 क सकट क बाद और 1995 तक उदारीकरण-तनजीकरण क तवनाशकारी पररणामो क बाद भारत म फ़ासीवादी आनदोलन पहल स कही अतधक आकरामक हो कर उभरा एक करोड़ 42 लाख सदसयो वाली एटक और 60 लाख स भी जयादा की सदसयता का दमभ भरन वाला सीट और बगाल करल और ततपरा म सरकार चलान वाली माकपा और भाकपा इस आकरामक फ़ासीवादी सलाब क समय तकनार बठ कर धातमयक सौहादरय का कीतयन करती रही और सामपरदातयकता स लड़न क नाम पर कभी कागस तो कभी मलायम तसह यादव का प ला बनी रही जब 2002 म जलत गजरात क तवरोध म सड़को पर उतरन की और फ़ासीवातदयो स तनपटन की मज़दरो क लड़ाक सगठन बनान की और िाकी चििीधाररयो का महतोड़ जवाब दन की ज़ररत थी तब भी इतनी बड़ी सदसय सखया लकर इन सशोधनवादी पातटययो को ससद क एसी सभागार फ़ासीवाद स लड़न क जयादा कारगर उपाय लग वासतव म य मज़दर वगय का कोई करातनतकारी आहान करन की कमता खो चक थ और अगर दहाड़न क तलए भी मह खोलत ह तो मह स मयाऊ ही तनकल जाता ह इनका यह इततहास दशायता ह तक फ़ासीवाद को एक lsquoअपरततरोधय उभारrsquo बनान म अगर तकसी एक शतत की सबस अतधक भतमका ह तो वह सशोधनवाद ही ह

पतशचम बगाल म लोकसभा चनावो और राजयसभा चनावो क दौरान भाकपा-माकपा का बड़ा जनाधार तखसक कर भाजपा की ओर चला गया इस जनता की करातनतकारी ऊजाय को अथयवाद और सशोधनवाद स बतधया कर दन और उनकी राजनीततक चतना को कनद करन क पररणाम क तौर पर दखा जा सकता ह दश क अनय तहससो म भी मज़दर तनमन-मधयवगय और आम महनतकश वगय क बीच करातनतकारी पाटटी और राजनीतत की नामौजदगी की वजह स बढ़त आतथयक असरका व सकट काल म फ़ासीवादी ताकतो को अपन पर पसारन का अवसर तमल जाता ह िवउदारवाद क दौर म फासमीवाद

का उभारपजीवाद तजस असमाधय सकट

स गज़र रहा ह उसस तनपटन क तलए दतनया क तमाम दशो म पजीपतत वगय सबस परतततकरयावादी दतकणपनथी मज़दर-तवरोधी और फ़ासीवादी सरकारो को चन रहा ह भारत क सनदभय म तहनदतववादी फ़ासीवादी मोदी सरकार सता म आयी यहा क पजीपतत वगय को ऐसी सरकार की

ज़ररत थी जो लोह क हाथो स उन नीततयो को लाग कर जो मनाफ़ की राह म सभी परशातनयो को हटा द और पजी क तलए खल चारागाह का तनमायण कर इसक तलए आदशय परतयाशी मोदी और पाटटी भाजपा ही थ इसतलए मोदी सरकार जब 1914 म सता म आयी तो सबस पहल शरम काननो म बदलाव तकया आज यह बदलता-बदलता समापत पराय हो गया ह और उनकी जगह बस चार लबर कोि रह गय ह य कोि मज़दरो को गलामो की तसथतत म ला दग सार सावयजतनक ससथान औन-पौन दामो म बच जा रह ह पजीपततयो की सारी महमागी मराद परी हो रही ह इसतलए तो मकश अमबानी तवशव म आठवा और एतशया म सबस अमीर वयतत बन गया ह

एक ओर जहा धन क मटी भर आबादी क हाथो सकतनदरत हो रहा ह वही भमिलीकरण और उदारीकरण क 30 वषयो न बड़ पमान पर ोट पजीपतत वगय को उजाड़ा ोट पमान क उतपादको दकानदारो वतनभोतगयो और साथ ही गामीण तनमन-पजीपतत वगय को भी उजाड़ा ह बड़ पमान पर लोग सड़को पर आ गय और जो सड़को पर नही आय उनक तसर पर भी लगातार टनी और तालाबनदी नौकरी स तनकाल तदय जान ठक पर कर तदय जान की तलवार लटकती रहती ह कहन का अथय ह तनमन-पजीपतत वगय क सामन भतवषय की असरका और अतनतशचतता बहद तज़ रफतार स बढ़ी ह भाजपा और आरएसएस न इसी असरका और अतनतशचतता का फ़ायदा उठाया इस अतनतशचतता और असरका स पदा हए गसस बौखलाहट तचड़तचड़ाहट और तनराशा को सघ पररवार न अपसखयको तवशषकर मसलमानो और शरणातथययो की ओर मोड़ तदया मसलमानो शरणातथययो ईसाइयो आतद को सभी सकट पर शातनयो और असरका की वजह बतात हए इनक तिलाफ़ सड़को पर उनमाद पदा तकया गया सघ पररवार का पदा तकया सामपरदातयक उनमाद ततकालीन आतथयक सकट की वजह स उभरा और फ़ासीवाद भारत म पहली बार 1980 क दशक म एक परतततकरयावादी

सामातजक आनदोलन बनकर उभरा लतकन तवचारधारातमक सगठनातमक और ससथाबदध कामो की तयारी सघ 1925 स ही कर रहा था शाखाओ सासकततक कनदरो तशश मतनदरो म सामपरदातयक सतरी-तवरोधी दतलत-तवरोधी ज़हर घोल-घोल कर तपलाया जाता रहा और आज इन ससथाओ स तनकल लोग नौकरशाही पतलस सना नयायपातलका तवशवतवदयालयो स लकर न कड़-चौराहो पर सघ क तवचारो क रकक और परचारक बन बठ ह बहरहाल आज कोई दशवयापी करातनतकारी कमयतनसट पाटटी मौजद नही ह जो तक वयापक महनतकश अवाम को करातनतकारी सवयहारा वगय क नततव म जगा सक गोलबनद कर सक सगतठत कर सक और समझा सक तक उनक दखो तकलीफ़ो और असरका की असल वजह पजीवाद ह न तक कोई धमय या समदाय आज ऐसी पाटटी का तनमायण करत हए मज़दर वगय क बीच वयापत सभी परकार क तवजातीय तवचारो स लड़ना होगा और उनकी राजनीततक चतना उननत करनी होगी मज़दर वगय को उसक ऐततहातसक तमशन की याद तदलानी होगी और उसक बीच वयापत रतढ़वादी अवजातनक अतातकय क तवचारो स सतत सघषय करना होगा कवल इसी क ज़ररए मज़दर वगय और आम महनतकश अवाम फ़ासीवातदयो को महतोड़ जवाब द सकती ह

अनतत 30 वषयो क नवउदारवाद क काल न दश म वगयो का धरवीकरण ितरनाक सीमा तक बढ़ा तदया ह करोड़ो-करोड़ बदहाल तनराश और बघर आबादी क शीषय पर मटी भर आबादी आपरातधक अययाशी का जीवन जी रही ह और आन वाल समय म बढ़ती महगाई टनी-तालाबनदी बरोज़गारी को दखत हए यह धरवीकरण और गहरान जा रहा ह आतथयक सकट स पदा असनतोष को दबान क तलए फ़ासीवाद क हमल भी और आकरामक होग तजसक सकत तमल रह ह करातनतकारी शततयो को सवयहारा वगय क बीच राजनीततक परचार-परसार क काम को यदध सतर पर सगतठत करना होगा और मज़दर महनतकश वगय को इन राजनीततक गतततवतधयो म बढ़-चढ़ कर तहससा लना होगा

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह(पज 14 स आग)

अपनी रोज़ी-रोटी को बचाया जा सक और लट शोषण व दमन क तिलाफ़ समच मज़दर वगय और आम महनतकश आबादी का सशत परततरोध खड़ा तकया जा सक पजीवाद क मनाफ़ की दर तगरन का सकट पहल स कही जयादा तज़ होता जा रहा ह और मज़दरो क लट शोषण व दमन तज़ होता जा रहा ह यही समय ह तक हम मज़दर जद स जद एकजट हो जाय सगतठत हो जाय और सोच-समझकर अपन सघषय को आग बढ़ाय मातलक ठकदार जॉबर आतद हमस

जयादा नही ह लतकन व हमस जयादा सगतठत ह और उनक पी सरकारो की ताकत ह दसरी ओर हम असगतठत और तबखर हए ह यदि हम सगदठत और एकजट हो तो सरकारो की ताकत साथ होन क बावजि व हमस मकाबला नही कर सकत व अभी ऊच इसदलए दिख रह ह योदक हम घटनो पर बठ हए ह

मािसर की शमीनिसस कमिमी क मज़दरो(पज 10 स आग)

ाक पजीयन SSPLWNP-3192020-2022पररण ाकघर आरएमएस चारबाग़ लखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 5 परतयक माह16 Mazdoor Bigul l Monthly l September 2021 l RNI No UPHIN201036551

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो लखनऊ स मददत समपािक अदभनव l समपािकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006

टोको ओलममपक म भाित का परदशवन एक समीकाndash साथिषक

अगसत महीन म टोयो ओलतमपक खलो का समापन हआ और भारत को इस बार एक सवणय दो रजत और चार कासय पदक तमल ह इस परकार कल पदको की सखया सात रही ह हर ोटी स ोटी उपलतबध की तरह मोदी जी इस बार भी मौक पर चौका मारन क तलए पहल स ही तयार बठ थ गोदी मीतिया आईटी सल और अनय सभी परचार ततो का इसतमाल कर मोदी जी दशवातसयो क सामन ऐसा सवाग रच रह ह तक दखन वाल को लगता ह जस मोदी जी िद ही सातो पदक जीत कर आय ह िर इन लफफ़ातज़यो और ढोग को एक तकनार कर ओलतमपक खलो म भारत क परदशयन की एक वसतपरक समीका करन की ज़ररत ह

टोयो ओलतमपक म भारत का परदशयन अब तक का सबस अचा परदशयन रहा ह यतद तपल परदशयनो स तलना की जाय तो भारत का परदशयन पहल इतना फीका रहा ह तक अभी हातसल सात पदक तकसी कीततयमान स कम परतीत नही होत ह 1900 म हए पररस ओलतमपक म भारत न पहली बार ओलतमपक खलो म तहससदारी की शरआत की थी 1900 स लकर 2020 क बीच पचचीस ओलतमपक खलो म भाग लकर भारत न कल 35 पदक अतजयत तकय ह इनम स 12 पदक भारत न तसफ़य परष हॉकी परततयोतगता म जीत ह जब हम इन आकड़ो की तलना दसर दशो स करत ह तो हम समझ आता ह तक भारत जस तवशाल दश क तलए इतन कम पदक हातसल करना चौकान वाला ह टोयो ओलतमपक म अमररका न 113 और चीन न 88 पदक जीत ह तजसम अमररका क 39 और चीन क 38 सवणय पदक ह दसर शबदो म कह तो भारत पचचीस बार इन खलो म भाग लकर तजतना पदक हातसल नही कर सका उसका चौगना क दश एक ही बार म हातसल कर लत ह 130 करोड़ आबादी वाल भारत म ओलतमपक खलो क मामल म यह िसता हाल दतनया भर क खल तवशषजो पतितो और आम खल परशसको क तलए एक आशचयय का तवषय ह इस गतथी को सलझान क तलए कई तवशषज अपन-अपन तरीक स तकय दत ह भारत की तवफलता क कारणो की वयाखया करत ह लतकन इनक तवशलषण और इनक तदय सझाव इस मनाफ़ािोर वयवसथा को सीध कठघर म खड़ा नही करत ह बतक इसी वयवसथा की चौहतदयो म ही इस समसया का हल ढढ़त रहत ह

ओलतमपक या कोई भी अनतरराषटीय परततयोतगता म भारत का लगातार तपड़ा परदशयन एक ढाचागत समसया ह तजसका समाधान इस मनाफ़ पर तटकी वयवसथा क आमलचल पररवतयन स ही हो सकता ह यहा का पजीपतत वगय मज़दर-महनतकश आबादी क एक-एक कतर को तनचोड़ कर ऐशोआराम की तज़नदगी जीता ह 12-14 घट कारिानो म कमरतोड़ महनत करन क बाद जब हम अपन घरो को लौटत ह तो हमार पास मनोरजन या सजनातमक काययो क तलए ताकत और

समय दोनो ही नही बचत ह हम थक-हार कर सो जात ह और अगल तदन उठ कर तफर उसी कमरतोड़ महनत म लग जात ह तशकागो क अमर शहीद मज़दरो न तजस ldquoआठ घट का काम-आठ घट का आराम-आठ घट का मनोरजनrdquo का नारा बलनद तकया और तजसक तलए अपन पराणो की आहतत द दी आज वही नारा मज़दरो क तलए अतीत का एक अवशष मात बन कर रह गया ह आप ही सोतचए तक ऐसी हालत म दश की बहसखयक आबादी जो जस-तस महनत करक अपना गज़ारा करती ह या वह कभी ओलतमपक खलो म तहससा ल सकती ह भारत म एक बड़ी आबादी ऐसी ह जो तकशोरावसथा यानी महज़ 14-15 साल की उम स ही भारी शारीररक शरम म लग जाती ह तकशोरावसथा ही उम का वह पड़ाव होता ह जब बचचो म खलकद की परततभा सबस सपषट रप म परकट होती ह लतकन उन बचचो का या जो सकल ही नही जात यतद सकल तकसी तरह चल भी जाय और उनकी परततभा की पहचान हो भी जाय तो उनक परतशकण और तालीम पर होन वाल िचय की आशा भी करना उनक तलए आकाश कसम की अतभलाषा क समान होगा आप ही सोतचए तक हमार बचच खलकद क बार म सोच भी कस सकत ह जब उनह कारिानो दकानो रहड़ी-खोमचो म दो वक़त की रोटी क तलए जदोजहद करनी पड़ती ह अपना और अपन पररवार का पट भरन क तलए ता-उम य नौजवान अपनी हितिया गलात रहत ह इस तरह दश की एक बड़ी आबादी खल क दायर स ही बाहर हो जाती ह

मज़दरी की तसथतत को दखत हए घर म जो पसा आता ह उसस दाल-रोटी भी चलानी मतशकल होती ह एक तखलाड़ी पदा करन क तलए सनततलत आहार की बात सोचना तो असमभव ही ह एक उननत खल ससकतत को गढ़न और ओलतमपक खलो म एक शततशाली ताकत बनन क तलए एक सवसथ और सहतमनद यवा पीढ़ी को गढ़ना अतनवायय ह तजस दश म हर तदन भख कपोषण और सकरामक रोगो स सरकारी आकड़ो क अनसार 2257 बचचो की मौत होती हो (हालातक असल आकड़ा कम-स-कम इसका दना ह) उस दश म हम यह कस उममीद कर सकत ह तक वह खलकद म तवशवतवजता बनगा सय त राषट बाल कोष (यतनसफ़) की ररपोटय क अनसार दश क तकरीबन आध बचच अपनी उम क अनसार सामानय स कम वज़न क ह 45 परततशत बचच सामानय स कम कद क ह 20 परततशत बचच अपन कद क अनसार सामानय स जयादा दबल-पतल ह 75 परततशत रतहीनता स पीतड़त ह 57 परततशत बचचो म lsquoतवटातमन एrsquo की गमभीर कमी ह पहल सकल और आगनवाड़ी म जो क भी थोड़ा-बहत मधयाहन भोजन तमलता था लॉकिाउन क दौरान वह भी अतधकाश जगहो पर बनद हो गया था और इस अतनयोतजत लॉकिाउन स करोड़ो मज़दरो-

महनतकशो की नौकररया भी चली गयी ऐसी हालत म बचचो का भरण-पोषण कतठन हो गया ह तनतशचत ही ऊपर तदय गय आकड़ आज गमभीर रप धारण कर चक होग और तमाम सरकारी और गर-सरकारी रपट इस बात की पतषट भी कर चकी ह

इसक अलावा बचचो म बचपन स ही शारीररक वयायाम और खलकद क बार म एक सवसथ दतषटकोण पदा करन म सकलो की एक अहम भतमका होती ह सकल म ही भतवषय क ओलतमपक तखलाड़ी अपन पशवर खल जीवन की नीव रखत ह लतकन हमार दश की सकली तशका वयवसथा क जजयर हालात पर तजतनी कम बात की जाय उतना अचा ह भारत म माधयतमक सकलो म सकल नामाकन अनपात 79 परततशत ह इसका मतलब माधयतमक सकल म पढ़न योगय बचचो म स तसफ़य 79 परततशत ही असल म सकल म नाम तलखात ह इनम स भी 17 परततशत दसवी की परीका पास करन स पहल ही पढ़ाई ोड़ दत ह ज़ातहर-सी बात ह य बचच जो सकलो स बाहर रहत ह ोट-मोट उदयोग धनधो या मज़दरी म लग जात ह एक ररपोटय क अनसार भारत म 33 परततशत सकलो म शारीररक तशका की कोई अलग स लास नही दी जाती ह 80 परततशत सकलो क पास ऐस तशकक नही ह जो शारीररक तशकण-परतशकण दत ह 33 परततशत सकलो क पास अपना खल का मदान या खल क उपकरण नही ह ऐसी तसथतत म अगर हमार बचच सकल पहच भी जात ह तो हम यह गलतफ़हमी नही होनी चातहए तक सकल म उनक अनदर कसरत और खलकद क परतत रतच पदा करन तलए कोई सचत परयास तकया जायगा

दश म एक सतकरय खल ससकतत का तनमायण तणमल सतर पर खलो का परचार परसार खल अवसरचना का तनमायण यवा अवसथा म परततभाशाली तखलातड़यो की तलाश कर उनको उननत परतशकण और मागयदशयन दना आतद बतनयादी चीज़ो म दश की तकसी सरकार न कभी कोई िास तदलचसपी नही तदखायी ह 2018 म कनदरीय खल मती न इस बात की पतषट की तक भारत सरकार खलो पर परतततदन परतत-वयतत तसफ़य तीन पस िचय करती ह जबतक चीन परतततदन परतत-वयतत 61 रपय िचय करता ह जो भारत क मकाबल 200 गना जयादा ह तपल दस सालो म भारत सरकार अपन कल सरकारी वयय का महज़ 006 स 008 परततशत ही खलो पर िचय करती आ रही ह 2021 ओलतमपक वषय होन क बावजद इस साल क बजट म खल मतालय को 230 करोड़ रपय कम तदय ह आय तदन अनतरराषटीय और राषटीय सतर क तखलाड़ी कोच और सहयोगी सटाफ़ तनमन दजज की सवाओ क तिलाफ़ तशकायत करत रहत ह मगर खल मतालय और दसरी समबतनधत ससथाओ क कान पर ज नही रगती ह मज़दार बात यह ह तक खल मतालय का सालाना बजट तजतना होता ह भारतीय तकरकट बोिय लगभग उसक समान ही

सालाना मनाफ़ा कमा लता ह तकरकट बड़ी इजारदार पजी क तलए ताबड़तोड़ मनाफ़ा पीटन का एक सोत बन गया ह इसतलए सरकार स भी भारतीय तकरकट बोिय को परा समथयन तमलता ह वही बात की जाय यतद अनय नय-परान खलो क बार म तो य भी सार भारत म एक धीमी ददयनाक मौत मर रह ह इस पजीवादी वयवसथा म बस उसी खल को बढ़ावा तदया जायगा तजसम भारी मनाफ़ा कमान की समभावनाए मौजद होगी आज सरकार क तखलातड़यो क जीत कर लौटन पर उनका सवागत कर रही ह उनका सममान कर रही ह लतकन कोई यह सवाल यो नही प ता तक कहा थी राजय सरकार और कनदर सरकार जब इन तखलातड़यो को फ़ि सतवधाओ और खल उपकरणो की आवशयकता थी यहा भी भदभाव साफ़ तदख रहा ह तजन तखलातड़यो न पदक जीता ह उनह बड़ी-बड़ी धनरातश दन की घोषणाए की जा रही ह लतकन अगल ओलतमपक क तलए तयारी तो सभी तखलातड़यो को एक समान ही करनी ह सरकारो क तलए यह सब तचनता का तवषय नही ह योतक उनक तलए खलकद कोई महतव नही रखता और इनह पता ह तक महनत करक कल कोई और पदक ल ही आयगा तब अपनी पीठ य सवय थपथपा लग जस आज मोदी कर रहा ह

एक अचा सवसथ मानवीय जीवन और बचचो का सवािगीण तवकास तखलाड़ी बनन की पवयशतय ह इस चरमरायी हई पजीवादी वयवसथा क पास वह कमता नही ह तक वह दश की महनतकश आबादी को एक सवसथ िशहाल तज़नदगी द सक और उनक बचचो का सवािगीण तवकास कर सक तसफ़य और तसफ़य एक समाजवादी वयवसथा ही हम मज़दर-महनतकशो को एक इजज़त की तज़नदगी द सकती ह तजसम हमार शरम को लटन वाला कोई परजीवी वगय नही होगा हमार अपन और समाज की बतनयादी ज़ररतो को परा करन क बाद जो lsquoफी टाइमrsquo बचगा उसम हम अपन

शौक और मनोरजन का कोई भी काम कर सकत ह और यतद मनाफ़ा कमाना नही बतक समाज की आवशयकताओ को परा करना उतपादन का लकय हो और सभी सवसथ वयसक वयततयो क तलए उतपादक शरम म भागीदारी करना अतनवायय हो तो हर तकसी क पास बहत-सा िाली वक़त बचगा तजस वह कला सातहतय ससकतत खल तवजान दशयन और घमकड़ी म लगा सकता ह साथ ही सवय उतपादक की परतकरया तकसी लटर वगय क तलए मजबरी म की जान वाली परतकरया नही होगी बतक यह सवय आननद का तवषय होगी यतद शरम मजबरी म या ज़ोर-ज़बदयसती क कारण न हो तो यह तो आननद का तवषय होता ह योतक यह मनषय को पश स मनषय बनान वाली परतकरया ह और हमारी परकतत का अग ह इसतलए मज़दर राज और समाजवाद म तो धीर-धीर िाली टाइम की अवधारणा ही ितम हो जायगी योतक तकसी और क मनाफ़ की िाततर मजबरी म खटन वाल lsquoकाम क टाइमrsquo और lsquoफी-टाइमrsquo का अनतर ही ितम हो जायगा सकल कारिानो खतो और दफतरो म हर जगह कसरत क तलए लोगो को परोतसातहत तकया जायगा हम और हमार बचच जो भी खल खलना चाह उसक तलए हमारी मज़दर सता हम हर समभव सतवधा महया करवायगी खल आतथयक सामथयय स की जान वाली कोई तकरया नही बतक सामतहक जीवन का एक ज़ररी अग बन जायगा तजसका आननद सभी उठा सक ग सोतवयत सघ और चीन म मज़दरो की सता कायम होन क बाद यही हआ 1952 स 1988 क बीच सोतवयत सघ न ओलतमपक खलो म जो अदभत कामयाबी हातसल की उसक पी उसक करतनतकारी दौर ndash यानी 1917 स 1953 ndash की खल नीततयो का ही हाथ था एक समाजवादी वयवसथा म मानव जीवन क हर पहल की तरह खल भी एक उननत सतर पर पहच पायगा और एक सवसथ खल ससकतत अतसततव म आ सकती ह

करादत स हमारा अदभपराय ह ndash अयाय पर आधाररत मौजिा समाज-वयवथा म आमल पररवतवन समाज का परमख अग होत हए भी आज मजिरो को उनक पराथदमक अदधकार स वदचत रखा जा रहा ह और उनकी गाढी कमाई

का सारा धन शोरक पजीपदत हडप जात ह िसरो क अनिाता दकसान आज अपन पररवार सदहत िान-िान क दलए महताज ह िदनया भर क बाजारो को कपडा महया करन वाला बनकर अपन और अपन बचचो क तन ढकन-भर को भी कपडा नही पा रहा ह स िर महलो का दनमावण करन वाल राजगीर लोहार और बढई वय गि बाडो म रहकर ही अपनी जीवन-लीला समापत कर जात ह इसक दवपरीत समाज क जोक शोरक पजीपदत जरा-जरा-सी बातो क दलए लाखो का वारा-यारा कर ित ह

यह भयानक असमानता और जबिवती लािा गया भिभाव िदनया को एक बहत बडी उथल-पथल की ओर दलय जा रहा ह यह दथदत अदधक दिनो तक कायम नही रह सकती पषट ह दक आज का धदनक समाज एक भयानक जवालामखी क मख पर बठकर रगरदलया मना रहा ह और शोरको क मासम बचच तथा करोडो शोदरत लोग एक भयानक ख की कगार पर चल रह ह

(बम काण पर सशन कोटव म बयान)

भगतससह क जनमददवस (28 ससतमबर) पर

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 11

(पज 12 पर जारमी)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का हमज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहए

ndash जशवािमीहाल म भारत क दो उतर-पवटी

राजय असम-तमज़ोरम क बीच सीमा-तववाद स जड़ा हआ घटनाकरम काफ़ी सतिययो म रहा उतर-पवय का नाम सनकर हमम स क को लग सकता ह तक इतनी दर-दराज़ की घटना स हम मज़दरो-महनतकशो का सरोकार भला यो होना चातहए इसतलए होना चातहए योतक यह भी मज़दर वगय की करातनतकारी राजनीतत को समझन और जानन क तलए आवशयक ह तकसी भी रप म दबायी जा रही या उतपीड़ तत हो रही जनता और उसकी समसयाओ और सघषयो स सरोकार रख तबना मज़दर वगय वयापक महनतकश जनता की करातनतकारी एकता कायम नही कर सकता ह शासक वगय दतमत कौमो क बीच भी मौजद अनतरतवरोधो और तववादो को हवा दता ह तातक उनह आपस म लड़वाकर कमज़ोर तकया जा सक हआ यह ह तक हाल ही म असम और तमज़ोरम क बीच राजय की सीमाओ को लकर एक तववाद पदा हो गया

यह कोई पहली बार नही ह जब असम और तमज़ोरम क बीच अनतरराजयीय सीमा को लकर तववाद उठ खड़ा हआ हो इसस पहल भी दोनो राजयो क बीच सीमा-तनधायरण को लकर झगड़ और तववाद पदा हए ह तजनहोन कई बार काफ़ी उग रप भी अतखतयार तकय ह

हालातक इस बार इस तववाद क साथ जो तहसा की वारदात हई उसम सवय असम पतलस और तमज़ोरम पतलस शातमल भी थी यही कारण ह तक आम तौर पर हातशए पर रहन वाल उतर-पवय क राजयो क मामलो न lsquoमखयधाराrsquo म भी इस मद को लकर चचाय ड़ दी लतकन यह परी चचाय ही सतही थी और इस तववाद क हर परकार क तवशलषण म आम तौर पर ऐततहातसक दतषट का अभाव था और मखय राजनीततक परशनो की अनपतसथतत थी सचचाई यह ह दक राजयो की सीमा स जड य दववाि कवल असम और दमजोरम क बीच ही मौजि नही ह बदलक उततर-पवव क अय राजयो क बीच भी इनको लकर खासा इदततलाफ ह उततर-पवटी राजयो म इन तमाम सीमा-दववािो की जड वातव म इदतहास म मौजि ह दजसम पहल औपदनवदशक सतता और बाि म वाततयोततर भारतीय राजयसतता की िमनकारी व ग़र-जनवािी नीदतयो और कौमी िमन की भदमका कदीय ह

इस बार असम-तमज़ोरम क बीच लमब समय स वयापत सीमा-तववाद न तल तब पकड़ा जब 26 जलाई को तमज़ोरम पतलस दारा राजय सीमा पर गोलीबारी म 6 असम पतलसकतमययो की मौत हो गयी और 50 क करीब पतलस अतधकारी व पतलसकमटी घायल हए इस तहसा म एक नागररक की मतय भी हई हालातक तमज़ोरम का दावा था तक हमला पहल

असम पतलस की तरफ़ स हआ था और उसन महज जवाबी कारयवाई की थी गौरतलब ह तक कनदरीय गहमती अतमत शाह की 25 जलाई को तशलाग म उतर-पवटी राजयो क मखयमततयो क साथ बठक हई थी तजसम तमाम मसलो क साथ असम क तमज़ोरम नगालि अरणाचल परदश और मघालय क साथ सीमा-तववाद पर बातचीत भी शातमल थी 26 जलाई की घटना इस बठक क बाद ही घतटत हई

इस घटना क बाद असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा और तमज़ोरम क मखयमती ज़ोरामथगा क बीच इन तहसा की घटनाओ की तज़ ममदारी को लकर काफ़ी बहस चली और आरोपो-परतयारोपो का भी एक लमबा तसलतसला चला मोिी सरकार क दलए यह शदमविगी पिा करन वाली दथदत थी वजह यह ह दक असम म भाजपा की सरकार ह और दमजोरम म सततासीन दमजो नशनल फरणट उततर-पवव लोकतादरिक गठबधन (एनईीए) का दहसा ह दजसका गठन भाजपा क नतकतव म 2016 म हआ था और तजसक सयोजक उस समय स ही असम क वतयमान मखयमती हमनत तबसव सरमा ह

बहरहाल 26 जलाई क इस घटनाकरम क बाद दोनो राजयो म तसथतत को ldquoसामानयrdquo तकय जान क तलए 28 जलाई को कनदरीय गह सतचव क साथ असम और तमज़ोरम क राजय गह सतचवो की लमबी वाताय हई तजसम ldquoआपसी बातचीतrdquo स सीमा-तववाद का तनपटारा करन पर सहमतत बनायी गयी और राषटीय राजमागय 306 पर कनदरीय सरका बलो की तनाती क तनदजश तदय गय बावजद इसक तसथतत गमभीर ही बनी रही असम सरकार न अपन राजय क लोगो क तलए याता-समबनधी तनदजश जारी करक उनह तमज़ोरम न जान की तहदायत दी असम पतलस को तनदजश जारी तकय गय तक तमज़ोरम स आन वाली हरक गाड़ी की अनतरराजयीय चक पोसट पर गर-काननी नशील पदाथयो इतयातद क तलए ठीक स जाच की जाय और इसक बाद ही राजय म आन की अनमतत दी जाय असम न तमज़ोरम को जान वाला राषटीय राजमागय क समय क तलए बनद भी कर तदया था तजसस आवशयक वसतओ दवाओ आतद को तमज़ोरम पहचान म तदक़कत भी पश आयी यही नही असम पतलस दारा तमज़ोरम पतलस और तमज़ोरम स राजय सभा सदसय क वनलावना क तिलाफ़ पराथतमकी भी दजय की गयी तो वही तमज़ोरम पतलस न भी असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा और असम पतलस क अनय अतधकाररयो क तिलाफ़ तशकायत दजय की हालातक दोनो तरफ़ की इन तशकायतो को बाद म वापस ल तलया गया इसक बाद गहमती अतमत शाह क ldquoहसतकपrdquo क बाद दोनो राजयो क मखयमततयो न एक साझा बयान जारी करक तसथतत को ldquoसामानय

बनान और तनाव को ितम करनrdquo की बात कही लतकन भाजपा क तलए तो तसथतत वाकई म लशपणय हो गयी थी इस पर घटनाकरम क पी काम कर रह कारको को थोड़ा गहराई स समझना होगा

उततर-पवष म फासमीवादमी-अनधराषटवादमी भाजपा का बढ़ता

राजिमीनतक दख़लवातव म 2016 म उततर-पवव

लोकतादरिक गठबधन (एनईीए) क गठन क पीछ भाजपा की असली मशा उततर-पवव म अपना राजनीदतक िखल बढाना था और साथ ही उततर-पवव क ldquoतनावगतrdquo इलाको क मखयभदम भारत क साथ एकीकरण क परोजट को आग बढाना भी था जो वातव म और कछ नही बदलक उततर-पवव म भारतीय राजयसतता दारा राषटीय िमन की नीदत का ही दहसा ह भारतीय राजयसता दारा उतर-पवय म बस रही तमाम राषटो और अपसखयक राषटीयताओ क साथ तकय गय ऐततहातसक ल-कपट और वायदा-तिलाफ़ी की चचाय हम आग करग लतकन जहा तक पर उतर-पवय म अपनी पकड़ बनान का परशन ह तो भाजपा क तलए ऐसा करना इतना सगम भी नही ह क समझौतापरसत घटनाटक ताकतो को ोड़ तदया जाए जोतक असर हर दतमत कौम म पायी ही जाती ह तो वयापक आबादी म भारतीय राजयसता क तिलाफ़ गहरी ऐततहातसक नफ़रत मौजद ह और भारत स आज़ादी की चाहत परबल ह इस पर कत म ही भारतीय हमरानो की कौमी दमन की नीततयो की मिालफ़त का एक लमबा इततहास भी मौजद रहा ह और वतयमान म भाजपा क तमाम फ़ासीवादी व अनधराषटवादी नीततयो क तिलाफ़ परततरोध की भी तमसाल ह

यह तथय भी यहा रखादकत करना आवशयक ह दक भाजपा और सघ पररवार उततर-पवव म दवशर तौर पर असम को दहितव फासीवाि की नयी परयोगशाला बनान क दलए काफी जोर लगा रह ह असम म सामपरदातयक धरवीकरण की राजनीतत को इसी उदशय स भाजपा कभी एक तो कभी दसर रासत स लगातार अमल म ला रही ह जहा तक असम का परशन ह तो तपल साल सीएए-एनआरसी का तशगफ़ा भी इसी मकसद स उाला गया था हालातक असम म उसका तवरोध अनय कारणो स हआ था और तवरोध पहल स मौजद ldquoसथानीय बनाम परवासीrdquo की अतसमतावादी राजनीतत क कारण जयादा हो रहा था

हाल म ही असम की भाजपा सरकार दारा भी ldquoजनसखया तनयतणrdquo क नाम पर अनय भाजपा-शातसत परदशो की तज़य पर ही मसलमान-तवरोधी फ़ासीवादी फ़रमान जारी करन की शरआत कर दी गयी ह इसक अलावा क समय पहल ही असम पश सरकण तवधयक 2021 पाररत तकया गया तजसक चलत गोमास

की तबकरी पर आतशक रोक लगना तय ह नय कानन क तहत राजय म मवतशयो क वध उपभोग और पररवहन को तवतनयतमत करन क परावधान शातमल ह वासतव म वतयमान तवधयक और क नही बतक 1951 क असम पश सरकण कानन का lsquoअपगिि वज़यनrsquo ह गौरतलब ह तक उस वक़त कागस न यह कानन बनाया था या इसी तथय स ही कागस की धमय-तनरपकता और फ़ासीवाद-तवरोध क ढोल की पोल नही खल जाती ह असम क मखयमती हमनत तबसव सरमा न दावा तकया तक इस तवधयक क पी कोई गलत मशा नही ह और इसस तो असल म सामपरदातयक सदभाव मज़बत होगा यही नही इन महोदय क अनसार सामपरदातयक सौहादय बनाय रखन क तलए कवल तहनद ही तज़ममदार यो हो मसलमानो को भी इसम सहयोग करना चातहए नया कानन बन जान पर तकसी वयतत को मवतशयो का वध करन पर तब तक रोक होगी जब तक तक उसन तकसी तवशष कत क पजीकत पश तचतकतसा अतधकारी दारा जारी आवशयक परमाण पत परापत नही तकया हो उतचत दसतावज़ क अभाव म मवतशयो को एक तज़ल स दसर तज़ल और असम क बाहर पररवहन को भी अवध बनान क परावधान ह इस कानन क तहत सभी अपराध सजय और गर-ज़मानती होग इस कानन को लकर उततर-पवव क अय राजयो म काफी असतोर ह योदक यह वहा क थानीय दनवादसयो क खान-पान की वतरिता और स कक दत पर सीध-सीध फासीवािी हमला ह

हम दख सकत ह तक उतर-पवय म फ़ासीवादी तगरोह न तसफ़य भारतीय राजय की परानी राषटीय दमन की नीतत को ही आग बढ़ा रहा ह बतक असम क उदहारण स यह भी सपषट हो जाना चातहए तक भाजपा और सघ पररवार अपन राजनीततक हसतकप क ज़ररए पर सामातजक तान-बान म सामपरदातयक नफ़रत तहदतववादी कटरता और धमायनधता को भी फलान का भरपर परयास कर रह ह और तफ़लहाल उनह असम म तो एक हद तक इसम सफलता भी हातसल होती हई नजर आ रही ह

असम-ममज़ोरम समीमा नववाद उपनिवशवाद की एक नवरासत

दरअसल तमज़ोरम और असम क बीच 1646 तकलोमीटर लमबी साझा सीमा ह तजसम तमज़ोरम क आइज़ोल कोलातसब और मातमत तज़ल और असम क कार हलाकािी और करीमगज तज़ल आत ह दोनो ही राजय lsquoइनर लाइन ररज़वय फ़ॉरसटrsquo क लगभग 131831 वगय तकलोमीटर कत पर अपना दावा पश करत ह तजसक कारण तकसी भी तातकातलक टकराहट की घटना क पदा होन स सीमा को लकर तववाद पनः उतपनन हो जाता ह इस बार भी यही हआ था

सतही तौर पर िखन पर असम-दमजोरम सीमा-दववाि क कद म

मखय तौर पर औदपवदशक काल की िो अदधसचनाए दिखलायी पडती ह जहा तमज़ोरम ऐततहातसक सीमा की बहाली क तलए 1875 की अतधसचना का तहमायती ह वही असम ऐततहातसक सीमा-तनधायरण क तलए 1933 की अतधसचना का पकधर ह 1933 की अतधसचना मतणपर और लशाई पहातड़यो (जोतक तमज़ो पहातड़या भी कहलाती ह) क बीच सीमा-तनधायरण क समबनध म ह जबतक 1875 की अतधसचना भतपवय लशाई पहातड़यो और कार क मदान क बीच सीमा-तनधायरण को तय करती ह तमज़ोरम का मानना ह तक 1933 की अतधसचना क समय उसकी रज़ामनदी नही ली गयी थी 1933 क बदल हए सीमा-तनधायरण क पी एक कारण तरितटश उपतनवशवातदयो क असम क चाय-बागानो स जड़ आतथयक-वयावसातयक तहत भी थ

इसक अलावा 1898 म औपतनवतशक तरितटश सता न 6 तसतमबर 1895 की दो अलग उदघोषणाओ क ज़ररए उतरी लशाई पहातड़यो को असम परानत क अधीन कर तदया और दतकण लशाई पहातड़यो को बगाल परानत क अनतगयत कर तदया इसक बाद 1 अपरल 1898 को तरितटश सता दारा एक अनय उदघोषणा क ज़ररए दतकणी लशाई पहातड़यो को असम को सथानानतररत कर तदया गया लबबलबाब यह दक लशाई पहादडयो या नगा पहादडयो जस पहाडी इलाको को दजनम दवदशषट नकजातीय समह रहत थ दजनकी अपनी दवदशषट स कक दत और जीवन-शली थी उह थानीय लोगो की रजामिी क बग़र जबरन कभी एक परशासदनक इकाई तो कभी िसरी परशासदनक इकाई म पटक दिया जाता रहा ह दजसक कारण एक असतोर औपदनवदशक िौर स ही इन इलाको म मौजि ह

आज़ादी क बाद सतवधान क ठ शियल क अनतगयत भारत म तमाम ldquoजनजातीयrdquo इलाको क परशासन क तलए उनह दो भागो म बाटा गया थाndash भाग ए और भाग बी 1952 म लशाई पहातड़यो क आइज़ोल और लङलह उपभागो तजनम तक मखयतः तमज़ो लोग बस हए थ का गठन इसी ठ शियल क अनतगयत भतपवय असम की lsquoलशाई पहाड़ी सवायत तज़ला काउतसलrsquo क तौर पर तकया गया और 1953 म बाकी बच हए कत म पावी लखर चकमा आतद अनय सथानीय बातशदो को तमलाकर एक कतीय काउतसल बनायी गयी 1954 म लशाई पहाड़ी तज़ल का नाम बदलकर तमज़ो तज़ला कर तदया गया 1972 म उतर-पवटी राजय पनगयठन अतधतनयम 1971 क तहत असम म स ही पहल तमज़ो तज़ल को कनदर शातसत परदश (lsquoयतनयन टररटरीrsquo) क रप म गतठत तकया गया 1986

12 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 13 पर जारमी)

(पज 11 स आग)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का हमज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहए

म तमज़ो राषटीय फट जो तक पहल भारतीय राजयसता क तिलाफ़ सशसतर सघषय म शातमल थी और भारत सरकार क बीच तमज़ो समझौता कायम होन क फलसवरप तमज़ोरम को पणय राजय का दजाय 20 फ़रवरी 1987 को परापत हआ

हालादक अलग राजय गठन स राषटीय समया का कोई समाधान नही हआ और िदमत कौमो क समबध म ऐसा हो भी नही सकता ह दजनक दलए एकमारि करादतकारी कायवकरम अलग होन क अदधकार समत आतमदनणवय क अदधकार का ही होता ह यहा यह भी सपषट करत चल तक सघवाद या तकसी भी परकार की कतीय सवायतता की तहफ़ाज़त या माग राषटीय दमन क िातम का काययकरम हो ही नही सकत ह जसा तक पजाब क क ldquoमासयवादीrdquo कौमवादी आजकल दावा करत तफर रह ह ऐसा कोई भी काययकरम एक शदधतः सधारवादी काययकरम ह और लतननवादी काययतदशा स इसका कोई लना-दना नही ह करातनतकारी मज़दर वगय साझी सहमतत स बन बड़ स बड़ राजय का पकधर होता ह और तवखिन की परतकरया को चाहता नही ह लतकन करातनतकारी मज़दर वगय करातनतकारी जनवाद का भी सबस मज़बत झिाबरदार होता ह और इसतलए वह जनवादी तरीक स और सभी कौमो की साझा सहमतत स ही बड़ राजय का पकधर होता ह

इस सदकषपत चचाव क बाि यह कहना ज़यािा उपयत होगा दक असम-दमजोरम क बीच यह आधदनक सीमा-दववाि वातव म औपदनवदशक िौर की ही एक दवरासत ह दजस भारत का उततर-पवव कहा जाता ह वह ऐदतहादसक तौर पर कभी भारत का दहसा था ही नही हालादक पराचीन काल स ही मखयभदम भारत क सामाजयो क इस इलाक स समपकव क परमाण मौजि ह उतर-पवय क जनजातीय इलाक पराक-औपतनवतशक भारत म शातमल नही थ यतद हम इततहास म थोड़ा पी जाय तो हम पात ह तक1818 म उस वत तरितटश ईसट इतिया कमपनी का हसतकप उतर-पवय म शर हो गया जब अहोम सामाजय क राजा न बमाय स बारमबार होन वाल हमलो स तनपटन क तलए उसस मदद मागी तरितटश ईसट इतिया कमपनी न परथम एगलो-बमटी यदध म बमटी सना को परासत तकया तजसक चलत यािाब की सतनध अमल म आयी इस सतनध क अनतगयत अहोम राजा न अपन राजय कत का एक तहससा तरितटश ईसट इतिया कमपनी को तोहफ़ म भट तकया तजसक फलसवरप तरितटश उपतनवशवाद उतर-पवय म अपन अतधकार और तहत कायम करन म सफल हो गया

इसक पशचात ही तरितटश औपतनवतशक शासको न अपन परशासतनक तहतो क मदनज़र इस पर भौगोतलक भ-भाग को औपतनवतशक भारत म शातमल तकया था तरितटश

उपतनवशवादी इस कत क भराजनीततक और सामररक महतव को दखत हए इस भारत और चीन क बीच एक lsquoबफ़र कतrsquo भी बनाना चाहत थ तजस व अपन आतथयक-वयापाररक तहतो क मातहत रखत तरितटश उपतनवशवातदयो न पहल इस भ-भाग को बगाल परानत क अधीन रखा और 1874 म अलग असम परानत का गठन करक भारत स इस पर कत का राजनीततक-परशासतनक एकीकरण तकया बावजद इसक मलतः और मखयतः औपतनवतशक नीतत उतर-पवय क समबनध म शष भारत स तवलगाव और तवलगन की ही थी तजसक फलसवरप यहा बसन वाली तमाम नजातीय-जनजातीय समहो क बीच भी अलगाव और पथकतव पदा हआ जोतक सवाभातवक ही था

जादहरा तौर पर उततर-पवव म दरिदटश हकमत की नीदतया अपन वयावसादयक-आदथवक दहतो और राजकीय-परशासदनक सहदलयतो स सचादलत थी उस दौर म मतणपर और ततपरा को ोड़कर जो तक ररयासत थी बाकी परा उतर-पवय अतवभातजत असम ही कहलाता था असम क ही इन तमाम जनजातीय इलाको की आग चलकर तरितटश औपतनवतशक परशासन दारा एक क बाद एक सीमा तनधायररत की जान लगी तजसम सथानीय जनजातीय समहो की सहमतत नदारद थी और तजसकी चचाय हम ऊपर कर चक ह पषट ह दक य कषरिीय परशासदनक दवभाजन न तो ऐदतहादसक पररदथदतयो को धयान म रखकर दकय गय थ और न ही जनवािी तरीक स जन-आकाकषाओ क आधार पर ही दकय गय थ यही कारण ह दक आज भी असम स दनकल अय राजयो म भारतीय राषटवाि और भारतीय राजयसतता क दवरदध नफरत और ग़सा तो ह ही लदकन इसक साथ ही असदमया अधराषटवाि क दखलाफ भी एक नाराजगी ह दजस उततर-पवव की अय कौम कषरिीय पमान पर lsquoदबग रििरलीrsquo (बड भाई-जसा) बतावव क रप म िखती ह

सकप म कह तो रिहमपत नदी क परब का तहससा भ-राजनीततक रप स पहली बार भारत क उपतनवशीकरण क बाद ही शष भारत स जड़ा बावजद इसक तरितटश उपतनवशवातदयो न उतर-पवय की जनता की शष भारत की आबादी स पारसपररक अनतरतकरया नही होन दी बतक आम तौर पर उस अवरदध भी तकया इसकी वजह स भ-राजनीततक दतषट स शष भारत स जड़न क बावजद इस कत की जनता का सासकततक अलगाव बना रहा आज़ादी क बाद भारतीय राजयसता की कौमी दमन की नीततयो क तहत ही इस कत की पराकततक व खतनज समपदा का दोहन करन क कारण इसम आतथयक शोषण का भी पहल जड़ गया तजसन इस अलगाव को और बढ़ाया और इस राजनीततक रप परदान तकया

उततर-पवष की कौमो क साथि भारतमीय राजयसतता क

नवशवासघात का काला इनतहास उतर-पवय म दमन की यह

औपतनवतशक तवरासत भारतीय राजयसता को आज़ादी क बाद उतरातधकार म परापत हई तजस यहा क शासक वगयो न हाथो-हाथ तलया आज़ादी क बाद स ही उतर-पवय को भारत म शातमल करन पर काफ़ी तववाद उतपनन हए भारत क साथ एकीकरण कोई पवयतवतदत पररणाम नही था जसा तक असर इततहास की आतधकाररक-सरकारी पसतको म पढ़ाया जाता ह आज़ादी स पहल भी तवशषकर नगा और तमज़ो नजातीय समहो म भारत स अलग सवतत राजनीततक अतसततव की इचा परबल थी हालातक जन 1947 म असम और उतर-पवय को भारत म शातमल करन का फ़सला ल तलया गया

आजािी क बाि जो उततर-औपदनवदशक शासक वगव अदततव म आया वह एक बहराषटीय और दमदरित शासक वगव था दजसम कशमीर और उततर-पवव की िदमत कौमो को छोडकर बाकी सभी कौमो क बजवआ वगव की अपन आकार और शदतमतता क दहसाब स नमाइिगी थी और कदीय सतता म दहसिारी थी कशमीर और उततर-पवव की कौमो को सचच और सही अथषो म आतमदनणवय का अदधकार िन की बजाय भारतीय शासक वगषो न उनका जबरन भारत क साथ एकीकरण दकया कशमीर क साथ ही उततर-पवव म भी भारतीय राजयसतता क आजािी क दपछल कई िशको की नीदतयो न राजकीय दहसा और कौमी िमन का बबवर रप अदततयार दकया ह

आज़ादी क बाद स ही उतर-पवय म राषटीय तवतवधताओ क साथ बस रही तमाम कौमो व नजातीय समहो की आज़ादी की चाहत को फ़ौजी बटो और बनदक क ज़ोर क दम पर भारतीय हमरानो न कचलन की सकड़ो कोतशश की ह 1962 क भारत-चीन यदध क बाद तो भारतीय राजय क तलए उतर-पवय और भी अतधक सामररक महतव का कत बन गया और भारतीय राजयसता को यहा तमाम राषटीय मतत सघषयो को ldquoराषटीय सरकाrdquo क नाम पर कचलन का एक परकार स lsquoलाइससrsquo भी परापत हो गया इस पर कषरि म 1958 स ही कखयात काला कानन lsquoसरकषा बल दवशर अदधकार अदधदनयमrsquo (अफपा) लाग ह तजसकी वजह स चनावो की रसमअदायगी होन क बावजद वहा वयवहारतः सनय शासन की तसथतत ह योतक सरका बलो को असीतमत अतधकार परापत ह इसी काल कानन का लाभ उठाकर भारतीय सना और अधयसतनक बलो न उतर-पवय म तपल पाच दशको स आतक का राज कायम तकया हआ ह और राजकीय दमन और तहसा का नगा नाच तकया

ह और इन राजयो की आम जनता क मानवातधकारो का बशमटी और दि-मतत क साथ हनन तकया ह ग़ौरतलब ह दक मानवादधकारो की धदजजया उडान वाला यह कानन परी तरह स सदवधान सममत ह

मखयभतम भारत म उतर-पवय को लकर काफ़ी हद तक गर-जानकारी और अजानता भी वयापत ह तजस आज भारत का उतर-पवय कहा जाता ह आज़ादी क वक़त उस पर भ-भाग म भतपवय असम परानत क असम क मदान आत थ इसक अलावा पहाड़ी तज़ल उतर-पवटी सीमावतटी परदश क नाथय-ईसटनय फतटयर टटस (एनईएफ़टी) और मतणपर और ततपरा की ररयासत शातमल थी इस कत म रहन वाल लोगो की ससकतत और इततहास म समानता और समरपता क क ततव जरर ह लतकन उनम कई तवतवधताए भी ह कल आठ राजयो यानी तक असम अरणाचल परदश मघालय मतणपर तमज़ोरम ततपरा नगालि तसतकम म तवभातजत उतर-पवय का कतफल दश क कल कतफल का 798 फ़ीसदी और इसकी आबादी दश की कल आबादी का 37 फ़ीसदी ह इस पर कत म लगभग 220 नजातीय समह और उपसमह रहत ह और लगभग इतनी ही बोतलया बोली जाती ह

औपदनवदशक शासन क अदतम िौर म और आजािी क बाि राजकीय व कौमी िमन स पिा हए राजनीदतक-साकक दतक अलगाव और आदथवक शोरण स उततर-पवव की दवदभन जनजादतयो म परदतरोध की चतना पिा हई जो एक खास दकम क नकजातीय राषटवाि (ethnic nationalism) क रप म दवकदसत हई भारतीय राजयसता दारा तकय गय बबयर दमन न इस परततरोध की चतना को और भी परबल बनाया नगा जसी क जनजाततया अपन कई उपसमहो को तमलाकर एक राषट क रप म तवकतसत हई तो क राषटीयताओ और उपराषटीयताओ क रप म अतसततव म आयी तजनकी कोई कतीयता तो नही थी लतकन तफर भी अनय राषटीय समहो स तभननताए थी इन राषटो-राषटीयताओ क परततरोध का साझा तबनद भारतीय राजयसता क दमन का तवरोध था जो इनका साझा शत थी और आज भी ह हालातक इनम आपसी अनतरतवरोधो का भी एक लमबा इततहास रहा ह मसलन नगा-ककी तववाद नगा-मइती तववाद नगा-जोमी तववाद असमी-तमज़ो तववाद असमी-बोिो तववाद आतद

दरिदटश उपदनवशवाि स आजािी क बाि भारतीय बजवआ राजयसतता न िमन की नीदतयो को खतम करन की बजाय और वहा बस रही कौमो को आतमदनणवय का अदधकार िन की बजाय इन िमनातमक कारगजाररयो को जयो-का-तयो बरकरार रखा बदलक कई मामलो म उसम इजाफा भी दकया आज़ादी क बाद उतर-पवय क राजयो का

जो पनगयठन तकया गया उसका आधार महज परशासकीय सहतलयत थी तजसकी वजह स कई मामलो म एक ही जनजातत कई राजयो म बट गयी और जनजाततयो की राषटीय आकाकाए कचल दी गयी इस तकसम क पनगयठन स नय तववाद भी उभर मसलन गटर नगालि तववाद नगा-मतणपर तववाद असमी-बोिो तववाद आतद मौजदा असम-तमज़ोरम सीमा तववाद भी इसी की एक बानगी ह

राजयो क पनगयठन की परतकरया म नगालि को राजय का दजाय 1963 म तमला लतकन इसक बावजद नगा गपो क कई राजनीततक-परशासकीय इकाइयो म बट होन क कारण उनका असनतोष बना रहा 1972 म असम स खासी गारो और जयतनतया पहाड़ी तज़लो को तमलाकर अलग मघालय राजय बना ततपरा और मतणपर को जो तक औपतनवतशक काल क दौरान ररयासत थी पणय राजय का दजाय द तदया गया तमज़ो पहातड़यो (तमज़ोरम) और lsquoनाथय-ईसटनय फतटयर एजनसीrsquo (अरणाचल परदश) को असम स अलग कर पहल कनदर शातसत राजय का दजाय तदया गया तफर 1987 म इनह पणय राजय का दजाय द तदया गया हालातक राजयो क इस पनगयठन की परतकरया न अलगाव और सवततता की आकाका को तो समापत नही तकया उट अनय सथानीय नजातीय समहो म भी सवशासन या सवततता की आकाका पदा हई और भभागो पर दावो को लकर आपस म उग टकरावो की शरआत हो गयी इसकी एक तमसाल असम-तमज़ोरम सीमा तववाद भी ह

राजनीततक-सासकततक अलगाव और आतथयक शोषण क अततररत दश क भीतर स होन वाल परवासन और बागलादश समत अनक पड़ोसी दशो स होन वाल आपरवासन स भी lsquoसथानीय बनाम परवासीrsquo का अनततवयरोध पदा हआ दरअसल औपतनवतशक काल स ही अतवभातजत असम म उपतनवशवातदयो दारा चाय बागानो की मौजदगी क कारण एक हद तक आतथयक तवकास तकया गया यही कारण था तक उस दौर म भी पड़ोसी बगाल परानत और भारत क अनय इलाको स लोग रोज़गार और ज़मीन की तलाश म असम परवासन करत थ और चतक उपतनवशवातदयो को भी चाय-बागानो म काम करन क तलए मज़दरो की ज़ररत थी तो वह सवय भी बाहर स लोगो को काम क तलए बलात थ साथ ही तल और कोयला खदानो म भी काययशतत की आवशयकता होती थी इसक अलावा सड़क और रल तनमायण कायय म भी बाहर स मज़दरो को काम पर लगाया जाता रहा बगाल स आन वाली एक बड़ी आबादी मसलामानो की भी थी इन परवातसयो म कई जो मखयतः चाय-बागानो म काम करत थ व वही बस भी गय इस पर तववरण क तलए पाठक मासयवादी इततहासकार अमलनद गहा को पढ़ सकत ह तजनका काम असम

(पज 13 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 13

(पज 12 स आग)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का ह मज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहएऔर वहा क राषटवादी आनदोलनो पर कतनदरत ह यह परवासन आज भी हो रहा ह इन परवातसयो म असर मज़दर आबादी ही शातमल होती ह ldquoसथानीय बनाम परवासीrdquo क अनतरतवरोध का फ़ायदा इन कौमो म मौजद तफ़रकापरसत ताकत भी अपन तनतहत सवाथयो क तलए उठा रही ह सीतमत ससाधनो और जनसातखयकीय असनतलन का हवाला दकर आम जनता म भय और असरकाबोध पदा तकया गया ह जो परवातसयो क तिलाफ़ तहसातमक घटनाओ म सामन आया ह य इन राषटीय आिोलनो म पजीवािी राजनीदत और दवचारधाराओ की मौजिगी यानी अदमतावािी व अधराषटवािी रझान की ओर भी इशारा करता ह और अततोगतवा हर परकार क राषटवाि की सीमा और परदतदकरयावािी चरररि को भी उजागर करता ह भल ही वह िदमत राषट का ही यो न हो िदमत राषटो की राषटीय मदत की लडाई म इन पजीवािी दवचारो व राजनीदत क दखलाफ सघरव करना करादतकारी मजिर वगव का एक कायवभार ह योदक तभी सही मायन म जनता की जनवािी राषटीय करादत क जररए सचची राषटीय मदत भी समभव ह बहरहाल इन अतरदवरोधो का फायिा भाजपा जसी फासीवािी पाटटी इस मजहबी रग ि कर भी उठा रही ह

बहरहाल मल चचाय पर वापस लौटत हए बात कर तो उतर-पवय क तवतभनन राजयो क इततहास पर तनगाह िालन स भारतीय राजयसता का ऐततहातसक तवशवासघात सपषट रप स सामन आता ह इसकी तवसतत चचाय म हम यहा नही जा सकत ह तफ़लहाल इतना कहना काफ़ी होगा तक उतर-पवय क तमाम राषटो-राषटीयताओ की आकाकाओ को कचलकर ही भारतीय राजयसता न जोर-ज़बदयसती करक इनह ldquoभारतीय राषटrdquo म शातमल तकया ह

मतणपर की बात कर तो आज़ादी क ततकाल बाद ही भारत सरकार क परतततनतध वीपी मनन न राजय म तबगड़ती कानन-वयवसथा का हवाला दकर मतणपर क राजाबोधचनदर तसह को तशलाग बलाया और 21 तसतमबर 1949 को कपटपणय तरीक स उसस भारत म तवलय क समझौत पर हसताकर करा तलया भारत सरकार न यह भी ज़ररी नही समझा तक इस समझौत की अतभपतषट नवतनवायतचत मतणपर तवधानसभा दारा करा ली जाय उट तवधानसभा को भग कर तदया गया इसक बाद स ही मतणपर म भारतीय राजय दारा परतयक दमन की नीतत अपनाकर परततरोध को दबान का तसलतसला शर हो गया और इसी क समानतर सशसतर सघषयो का भी तसलतसला शर हो गया आफसपा जस काल कानन की आड़ म भारतीय सना दारा की गयी बबयरता न जन-परततरोध को और बल परदान तकया 2004 म

भारतीय सतनको दारा एक मतणपरी मतहला मनोरमा क बलातकार और हतया क तवरोध म वहा की मतहलाओ न तनवयसतर होकर सना मखयालय क सामन तवरोध परदशयन तकया था यह घटना तकसी भी जनवादी होन का दावा करन वाल राजय क तलए एक शमयनाक घटना होती लतकन भारतीय राजय की बशमटी और बबयरता बदसतर जारी रही और उतर-पवय म यह दमनकारी जनदरोही कानन आज तक लाग ह

नगालि की कहानी भी क ऐसी ही ह औतपवतशक शासन क दौरान और बीसवी सदी की शरआत म नगा पहातड़यो क सथानीय तनवासी नगा नशनल काउतसल (एनएनसी) क बनर तल एकजट होकर एक साझा मातभतम और सवशासन की आकाका परकट करन लग थ भारत की आज़ादी क बाद नगा नशनल काउतसल न आतमतनणयय क अतधकार की वकालत की और भारत स आज़ादी क तलए जनमत सगह की माग भी रखी लतकन भारतीय राजय न एकतरफ़ा तरीक स नगा भभाग को भारतीय गणराजय का तहससा घोतषत कर तदया बदल म एनएनसी न नगालि की सवततता की घोषणा कर दी और 1952 म समपनन पहल आम चनावो का बतहषकार भी तकया इसक बाद ही भारत सरकार दारा कई नगा नताओ को तगरफतार कर तलया गया और तब स ही नगालि म एक लमब सशसतर सघषय की शरआत हई 1955 म भारतीय राजय न पतलस और सशसतर बलो क ज़ररए नगा राषटीय मतत आनदोलन को कचलन की कोतशश भी की इसी सघषय का सामना करन क तलए 1958 म lsquoआमिय फ़ोसजज सपशल पावसय एटrsquo बना जो आज तक समच उतर-पवय म लाग ह 1975 म एनएनसी क शीषय नततव न भारत सरकार क साथ वाताय करक तशलाग समझौता तकया और भारतीय गणराजय म शातमल होना सवीकार तकया तजन नगा नताओ न इस समझौत को सवीकार नही तकया उनहोन lsquoनशनल सोशतलसट काउतसल ऑफ़ नगालिrsquo (एनएससीएन) का गठन करक सघषय जारी रखा अब यह सगठन मइवा और खापलाग क दो गटो म तवभातजत ह तजनका आधार नगा जनजातीय समह की अलग-अलग उपजाततयो म ह

अब तमज़ोरम पर आत ह जसा तक ऊपर चचाय म आया था तक तमज़ो पहाड़ी कत आज़ादी क वक़त लशाई पहाड़ी तज़ल क नाम स असम म गतठत हआ तजसका नाम 1954 म बदलकर असम का तमज़ो पहाड़ी तज़ला कर तदया गया असम स अलग होन का एक अलगाववादी आनदोलन आज़ादी स पहल भी तमज़ो जनजातीय समहो म मौजद था लतकन 1959 स 1961 तक आय अकाल क राहत कायय म भारतीय राजय की उदासीनता और अनदखी क कारण पहल स ही मौजद असनतोष और आकरोश को नयी ज़मीन परापत हई इसक बाद ही साठ क दशक स तमज़ो सशसतर तवदरोह की दासतान शर होती ह

इसी दौर म तमज़ो नशनल फट (एमएनएफ़) का गठन हआ तजसनlsquoभारतीय उपतनवशवाद स तमज़ोरम की मततrsquo क तलए सशसतर सघषय का आहान तकया फ़रवरी 1966 म सशसतर दसतो न आइज़ोल शहर पर कबज़ा कर तलया नगालि की ही तरह भारतीय राजय दारा यहा भी दमन की नीतत को ततकाल अमल म लाया गया शहर को तफर स कबज़ा करन म भारतीय सना न नागररक आबादी पर धआधार बमबारी की हज़ारो पररवारो को उनक घरो स उजाड़ तदया गया 1986 म एमएनएफ़ और भारत सरकार क बीच समझौता हआ तजसक बाद एमएनएफ़ तहसा ोड़कर ldquoमखयधाराrdquo म शातमल हो गया और भारतीय सतवधान क अनतगयत काम करन पर सहमत हो गया लतकन इसस भारत क परतत तमज़ोरम क नजातीय समहो का अलगाव और रोष जरा भी कम नही हआ आज भी वहा अलग-अलग नजातीय समहो क अपन-अपन सशसतर तवदरोही दसत ह

तसतकम क इततहास पर भी तनगाह िालन पर सपषट होता ह तक आज़ादी क समय यानी 1947 स ही तसतकम का दजाय भारत क सरतकत राजय (lsquoपरोटटोरटrsquo) का था वह भारतीय यतनयन का तहससा नही था 1975 म तबना तसतकम की जनता स रायशमारी तकय भारतीय सतवधान म मौजद परावधान क तहत उस भारत म तमला तलया गया और पणय राजय का दजाय द तदया गया जबतक उस वक़त भी तसतकम का शासक आतमतनणयय का अतधकार माग रहा था तजस भारतीय राजय दारा िाररज कर तदया गया

इस सतकपत चचाय स सपषट ह तक आजादी क बाद स ही भारतीय हमरानो न उतर-पवय क तमाम राषटो एव राषटीयताओ क साथ ल-कपट करक वायदातिलाफ़ी करक दमन राजकीय तहसा और आतक का अनतहीन चकर कायम करक उनकी आकाकाओ और हको का गला घोटन का घतणत ककमय तकया ह तजस भारतीय राषटवाद क सड़-गल मलमम क ज़ररए तपाना भी नाममतकन जान पड़ता ह यह इततहास भारत क मज़दर वगय को भी जानन की ज़ररत ह योतक शोषण दमन और उतपीड़न का हर रप म तवरोध तकय तबना करातनतकारी मज़दर वगय न तो समाजवादी करातनत कर मज़दर सता को सथातपत कर सकता ह और न ही करातनतकारी सवयहारा जनवाद को सथातपत कर सकता ह तकसी भी रप म दमन शोषण और उतपीड़न का साथ दन वाला मज़दर वगय सवय भी पजीपतत वगय क हाथो शोतषत व दतमत होत रहन क तलए अतभशपत होता हअसम-ममज़ोरम समीमा-नववाद का हल उततर-पवष म राषटमीय रिशि क

समाधाि स जड़ा हउतर-पवय क तमाम राजयो म मौजद

आपसी सीमा-तववाद का तनपटारा भी वहा क राषटीय परशन क समाधान स नातभनालबदध ह वस तो तकसी यतनयन म सवचा स शातमल हई इकाइयो

क बीच भी सीमा-तनधायरण को लकर झगड़-फ़साद हो सकत ह एक पजीवादी राजय वयवसथा क अनतगयत आप और तकसी बात की उममीद कर भी नही सकत ह राषटीय शातनत या कौमी अमन जसी कोई भी चीज़ पजीवाद क मातहत सथायी तौर पर समभव ही नही ह लतकन यह तमाम तववाद अपन आप म कौमी दमन नही होत ह जबतक उतर-पवय की बात कर तो य तमाम सीमा-तववाद सीध-सीध भारतीय राजय क कौमी दमन की नीतत स ही पदा हए ह और उसक अतवभाजय अग ह

कौमी दमन का मतलब यह ह तक भारतीय शासक वगय दारा उतर-पवय म मौजद तमाम कौमो क पजीपतत वगय समत समची कौम का ही दमन तकया जा रहा ह यानी कौमी िमन क दनशान पर मलतः िदमत कौम का पजीपदत वगव होता ह जो िमन बाि म वकहि रप अदततयार कर जनता क अलग-अलग दहसो और जन-जीवन को भी अपनी जि म ल लता ह दकसी कौम क बजवआ वगव क िमन क बगर कौमी िमन अदततव म आ ही नही सकता ह िसर शबिो म कह तो कोई भी कौम िदमत ही तब मानी जायगी जबदक उसका पजीपदत वगव िदमत हो आज भारत की बात कर तो कशमीर और उततर-पवव को छोडकर यह दथदत और कही मौजि नही ह कौम या राषट बनता ही बजयआ वगय क अतसततव म आन क साथ ह यतद तकसी कौम स पजीपतत वगय को अलग कर तदया जाय तो उसक बाद जो रह जाता ह वह बस जनता ही ह आज उतर-पवय क राषटो म यह पजीपतत वगय तकतना तवकतसत या अतवकतसत ह इस तथय स वहा मौजद राषटीय दमन पर कोई फ़कय नही पड़ता ह

इसतलए उतर-पवय म तमाम राजयो क बीच मौजद सीमा-तववाद कौमी दमन का कारण नही बतक इसी कौमी दमन की नीतत का एक पररणाम ह अलग स तकसी दश क तकनही दो राजयो तजनम तक दतमत कौम ह और ज़बरन तकसी यतनयन म शातमल की गयी ह क बीच सीमा-तववाद क हल की उममीद शासक वगयो स तबना वहद राषटीय परशन क समाधान क करना ही बमानी ह आज़ादी क बाद शरआती दशको म तो भारत सरकार न उतर-पवय क महतव को कवल रणनीततक दतषट स ही दखा था लतकन पजीवादी तवकास क साथ ही पराकततक समपदा और ससती शरमशतत क दोहन की भी शरआत हई हालातक यहा बसन वाली कौमो म भारतीय राजयसता क परतत नफ़रत और अलगाव म कोई कमी नही आयी ह तकसी कापतनक एकाशमी ldquoभारत राषटrdquo और भारतीय राषटवाद म इन कौमो का तवलयन ज़ोर-ज़बदयसती क बत ही समभव ह इसतलए आज भी इस पर भ-भाग म कई सशसतर सघषय चल रह ह जब तक भारतीय राजयसता का राषटीय दमन और ज़बर जारी रहगा य राषटीय मतत सघषय भी तवसतजयत नही होग नततव की कोई

एक धारा जब समपयण करगी तो दसरी धारा उभरकर सामन आयगी और सघषय को जारी रखगी ऐततहातसक तौर पर कह तो राषटीय परशन का अतनतम और मकममल समाधान तो कवल और कवल एक समाजवादी राजय क तहत ही समभव ह जो सही मायन म तवतभनन राषटो को अलग होन क अतधकार क समत आतमतनणयय का अतधकार और अपसखयक राषटीयताओ को ससगत जनवाद का अतधकार दता ह लतकन हर दतमत कौम क तलए पहला काययभार राषटीय मतत का जनवादी काययभार ही होता ह और उसक तलए करातनत की मज़ तल भी राषटीय जनवादी ही होती ह

इततहास न यह भी सातबत तकया ह तक सामाजयवाद क दौर म दमनकारी राषट या राषटो क पजीपतत वगय आम तौर पर दतमत राषटो को आतमतनणयय का अतधकार और राषटीयताओ को ससगत जनवाद नही द सकत लतकन यह भी उतना ही सच ह तक राषट कवल दमनकारी राषटो क अतधकार दन की वजह स म त नही होत व अपन राषटीय मतत सघषयो क ज़ररए भी म त होत ह यह एक अलग चचाय का तवषय ह तक उतर-पवय क तवतभनन राषटो का राषटीय मतत सघषय यह राषटीय मतत हातसल कर सकता ह या नही लतकन इतना तय ह तक जब तक इन दतमत कौमो को राषटीय मतत हातसल नही होती तब तक शातनत या तसथरता की कोई उममीद भी नही की जा सकती ह तकसी भी कौम को हमशा गलाम बनाकर नही रखा जा सकता ह यह बात भारत क उतर-पवय पर भी उतनी ही लाग होती ह

आज भारत म दतमत कौमो क राषटीय मतत सघषयो को भारतीय राजयसता क तवरदध मज़दर वगय क समाजवादी करातनत क सघषय स जड़ना होगा और भारत क मज़दर वगय आम महनतकश जनता और ातो-नौजवानो को भारत की दतमत कौमो क राषटीय मतत सघषय स िद को जोड़त हए उनक राषटीय आतमतनणयय क अतधकार का तबना शतय समथयन करना होगा जहा एक तरफ़ भारत की महनतकश अवाम को हर परकार क राषटीय कटरपनथ और अनधराषटवाद स अपना नाता तोड़ना होगा और भारतीय बजयआ वगय क मिी म पदा हए राषटवाद की असतलयत समझनी होगी वही दसरी तरफ़ दतमत कौमो म राषटीय मतत क तलए लड़ रही ताकतो को भी यह समझना होगा तक हर परकार का बजयआ राषटवाद और सकीणय अतसमतावाद या कटरतावाद तकसी भी वयापक और तटकाऊ जन-एकजटता म बाधा ह भारत की महनतकश जनता इस सघषय म उनकी शत नही बतक दोसत ह वासतव म भारतीय राजयसता और भारतीय पजीपतत वगय ही हमारा मशतरका दशमन ह यह बात समझना बहद जररी ह सचच और सही अथयो म राषटीय मतत आनदोलन भी साथयक और कारगर तरीक स तभी आग भी बढ़ सकत ह

14 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 1 स आग)

करना ही उसक तलए भी बहतर ह इस तरह दश आज़ाद हआ आलीशान अटातलकाओ म हो रह जशन क बाहर बठी दश की आम महनतकश जनता फटहाल हालत म सगीत नाच-गाना और आततशबाज़ी दख रही थी और उममीद लगाय थी तक एक तदन वह भी िशहाल होगी आज़ादी क करीब चार दशक बाद जब नवउदारवादी नीततयो की शरआत हई तो पजीवादी नताओ और उनक चाकर बतदधजीतवयो न कहना शर तकया तक जब समतदध आयगी तो ररस-ररस कर सब तक पहचगी लतकन ररस-ररस कर तो बस दख-तकलीफ़ आयी ह अमीरज़ादो की समतदध की आततशबातज़यो को दख सड़को पर भीख माग रह बचच ताली बजा कर िश होत ह समतदध का अथय जनता क तलए बस इतना ही ह

आपन असर लोगो को यह कहत सना होगा तक अगज़ चल गय लतकन अगज़ी ोड़ गय अगज़ी क पी टन का मतलब तसफ़य भाषा स नही ह इसका अथय यह भी ह तक अगज़ो क चल जान क बाद अगज़ी नौकरशाही सना और पतलस क औपतनवतशक ढाच को ही अपना तलया गया योतक वह भारतीय पजीपतत वगय क तलए भी अपन तहतो की सवा क तलए उपय त था इसतलए लट और दमन बदसतर जारी रहा बस शासक वगय बदल गया जब दमन का बना-बनाया तत आज़ादी क साथ मफत तमल रहा था तो उस बदलन की कोई िास आवशयकता नही थी इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक lsquoगवनयम ट ऑफ़ इतिया एट 1935rsquo क 321 धाराओ म स 250 को ह-ब-ह भारतीय सतवधान म अपना तलया गया और आईपीसी तो अगज़ो क ज़मान स चली आ रही ह तजनम नयी धाराए जोड़ी गयी ह लतकन परानी सभी धाराए लगभग वसी ही ह तलतखत क साथ-साथ अतलतखत हथकि भी उनही स सीखकर उस िब माजा गया lsquoफट िालो और राज करोrsquo की नीतत पजीवादी सता क तलए अचक सजीवनी बटी ह अगज़ो न इस सवततता आनदोलन को कमज़ोर करन क तलए इसतमाल तकया और आज़ाद दश म सभी सरकार इस अपन-अपन ढग स मज़दरो-महनतकशो की एकता तोड़न उनक सघषयो को कमज़ोर करन क तलए करती आयी ह इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक आज़ादी क दौरान करातनतकाररयो की मितबरी करन वालो अगज़ो क तलव चाटन वालो उनह माफ़ीनामा तलखन वालो आज़ादी की पवयसधया पर ततरगा जलान वालो और महातमा गाधी की हतया करन वालो आरएसएस और अनय सहयोगी सगठनो पर कभी कोई ठोस कारयवाई नही की गयी तजसस इनको परभावी तौर स रोका जा सक भारतीय पजीवाद को आरएसएस की आवशयकता थी और इसतलए इस ज़जीर स बध कत की तरह अपन करीब बाध रखा समय-समय

पर ज़ररत क अनसार ज़जीर कस दी जाती रही या ढीली कर दी जाती रही आज पजीवाद की ज़ररत क अनसार इस खखार कत को भारत क पजीपतत वगय न सता ही सौप दी ह

बहरहाल हम बात कर रह थ भारत क पजीपतत वगय और उसकी राजनीततक पाटटी कागस क बार म सता हातसल करन क बाद भारत का पजीपतत वगय इतना सशत नही था तक अपन बल-बत पजीवाद क फलन-फलन क तलए आवशयक बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो का ताना- बाना खड़ा कर सक उसक पास आरतमभक पजी और तकनोलॉजी की कमी थी इन आवशयकताओ को परा करन की दो राह थी एक सामाजयवादी दशो पर पणय-तनभयरता और दसरा जनता की गाढ़ी कमाई की पाई-पाई का दोहन इन दोनो म स यहा क पजीपतत वगय न दसरा रासता अपनाया लतकन पजीपतत वगय सीध जनता का पसा नही लट सकता था और न ही राजय उस सीध लटकर पजीपततयो को थमा सकता था इसतलए इनहोन तमतशरत अथययवयवसथा की नीतत अपनायी यानी सावयजतनक कत सय त कत और तनजी कत इस नहर न lsquoसमाजवादी नमन क समाज क तवकासrsquo का नाम तदया जनता की गाढ़ी कमाई चस कर दश का तवकास आरमभ हआ और जनता क पस स बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो को खड़ा तकया गया बतनयादी और अवसरचनागत उदयोग जस इसपात कारिान रल यातायात और पररवहन तबजली सचार आतद सावयजतनक कत म रख गय इनम पजी तनवश अतधक और मनाफ़ा लमब कालकरम म हातसल होना था वही उपभोता वसतओ का उतपादन तनजी कत को सौपा गया तजसम लागत सापतकक रप स कम और मनाफ़ा जद हातसल होना था इस योजना का आधार 1944 का बॉमब पलान या टाटा-तबड़ला पलान था दश की मज़दर-महनतकश आबादी की कमाई लट कर दश म बतनयानी और अवसरचनागत उदयोग खड़ तकय गय तातक पजीपतत वगय क मनाफ़ा कमान का काम सगम हो सक मतलब lsquoहरज लग न तफटकरी रग चोखाrsquo उननीसवी सदी क अनत और बीसवी सदी क शरआत स ही दश म कई बड़ बक थ तजनम सबस बड़ा बक lsquoइमपीररयल बकrsquo था लतकन दर-दराज़ क इलाको म भी सतवग सकीम थी जस पोसट ऑतफ़स सतवग सकीम जो 1882 म खोली गयी थी जनता की महनत की कमाई तक पहच क तलए ससथान पहल स मौजद थ तजन पर 1948 क बाद नहर न अतधक बल तदया जो तक पजी क सचय क तलए लातज़मी भी था 1969 म बको क राषटीकरण न तनवश क तलए पजी की उपलबधता को बढ़ा तदया कह सकत ह तक तमतशरत अथयवयवसथा की आड़ म बहद कशलतापवयक कागस न पजीपतत वगय की सवा की उसक तहतो को

साधा और जनता की गाढ़ी कमाई को चस कर पल सड़क सचार पररवहन बनाया गया और जनता क बीच बढ़ रह मोहभग पर रसमी सधारवाद का नाटक कर पानी क ीट भी िाल सीपीआई सीपीएम और नामधारी कमयतनसट पातटययो न भी इन नीततयो का समथयन कर न कवल जनता की पीठ म रा घोपा बतक उनकी राजनीततक चतना को भी कनद तकया तजसकी चचाय हम आग करग

नहरतवयाई lsquoसमाजवादrsquo क चोग की सीवन जद ही उधड़न लगी और 1960 क दशक क उतरादधय म ही भारत की अथयवयवसथा म ठहराव आन लगा 1970 का दशक मनदी का दशक रहा चार पचवषटीय योजनाओ और तीन वातषयक योजनाओ क कल पजी तनवश को दख तो सावयजतनक कत म पजी तनवश का परततशत अनपात तनजी कत की तलना म बढ़ता गया लतकन जद ही तमतशरत अथयवयवसथा या तथाकतथत समाजवाद क अनतरतवरोध सामन आन लग 1960 क दशक म जो सकट आया था और जो 1970 क दशक म गहराया था वह राजकीय इजारदार पजीवाद क ढाच क भीतर पजी सचय का सकट था बड़ा पजीपतत वगय और साथ ही नवोतदत मझोला व ोटा पजीपतत वगय lsquoधनधा करन की परी सहतलयतrsquo की माग कर रहा था जो तक नहरतवयाई समाजवाद क ढाच म बातधत थी हर परकार क सरकारी तवतनयमन व तनयतण स उस टकारा चातहए था तजस उसन सवय अपनी ही ज़ररत स एक समय सथातपत तकया था इस सकट की ही अतभवयततया थी उस दौर म बढ़ती महगाई बरोज़गारी खादयानन सकट आतद एक ओर मधय वगय तनमन पजीपतत वगय और महनतकशो क सपन टट रह थ वही दसरी ओर सावयजतनक कत क पालन म पला तशश तनजी पजीपतत वगय अब बड़ा हो चला था और पालना उसक तवकास को रोक रहा था पजीवादी तहतो की नमाइनदगी करन वाल बतदधजीतवयो और अथयशातसतरयो न पजी पर राजय क तवतनयमन यानी लाइसस कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण परतयक तवदशी तनवश पर रोक एमआरटीपी तनयतण व सतबसिी आतद पर सवाल उठान शर कर तदय

इस दौर म तवशव सतर पर भी 1970 क दशक म नवउदारवाद क यग की शरआत होती ह अपना सवतणयम यग जीन क बाद 1960 क दशक क आतिरी वषयो म ही अमररकी व यरोपीय पजीवाद पर सकट क बादल मिरान लग थ और इसक साथ ही करतमक परतकरया म पतशचम म कयाणकारी राजय की नीततयो को समापत करना शर कर तदया चतक अमररकी व आम तौर पर पतशचमी पजीवादी अथयवयवसथाए मनाफ़ की दर का सकट झल रही थी इसतलए पहल उनहोन अपन यहा तवतीय तवतवतनयमन तकय अमररका न लचीली तवतनमय दर सथातपत की शरम

बाज़ार का भी क उदारीकरण तकया और तफर तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क पजीपतत वगय पर भी दबाव बनाया तक व भी तवतीय तवतवतनयमन कर और शरम बाज़ार को लचीला बनाय तातक पतशचमी सामाजयवादी पजी को इन दशो म और खल कर ससत शरम की लट की ट तमल अपन कारणो स एतशया व अरब अफीका और साथ ही लाततन अमररका क तमाम पजीवादी दशो का शासक वगय भी उदारीकरण की आवशयकता महसस कर रहा था तवशव बक और तवशव मदरा कोष न तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क आतथयक सकट का लाभ उठात हए उन पर तवदशी पजी क तलए अपन दरवाज़ खोलन का दबाव बनाया यानी उनह तवदशी वयापार और तवदशी तनवश पर लगी तमाम पाबतनदयो को हटान क तलए मजबर करन का परयास तकया क दशो न (जस तक लाततन अमररका क क दश) इस परकार की नीततयो को जयो का तयो लाग तकया तजनह lsquoसपrsquo यानी lsquoसटचरल एिजसटमटrsquo की नीतत भी कहा जाता हा इसक आरतमभक परयोग लाततन अमररका क दशो म हए और पानी जसी मलभत सतवधाओ को तनजी हाथो म सौपन स लकर समची अथयवयवसथा क नवउदारवादी पनगयठन क भयकर पररणाम सामन आय

भारत क सनदभय म कहा जाय तो यहा क पजीपतत वगय न बहद कशलता स इन नीततयो को लाततन अमररका क तवपरीत अपन तहतो क अनसार बदलकर और तवलतमबत परतकरया म लाग तकया तजसक कारण भारतीय पजीवादी वयवसथा उस परकार सामाजयवाद पर तनभयर नही हई और न ही वह उस परकार औध मह तगरी तजस परकार लाततन अमररका क क दशो क साथ हआ नतीजतन यहा उस परकार जनाकरोश फट कर सड़को पर भी नही बहा तजस परकार लाततन अमररकी दशो म हआ था असर यह बात कही जाती ह तक भारतीय शासक वगय अनतरायषटीय दबाव म नवउदारवादी नीततयो को अपनान क तलए मजबर था लतकन ऐसा नही ह और इसकी चचाय हम पहल ही कर चक ह तक तकस परकार तमतशरत अथयवयवसथा क तवतनयमन म तनजी पजी का दम घट रहा था और वह लाइसस सतबसिी परतमट शरम काननो कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण आतद स पीा ड़ाकर म त बाज़ार म गोत लगाना चाहती थी तसफ़य बाहरी पररतसथततया ही नही बतक आनतररक पररतसथततया भी नवउदारवाद क तलए दबाव बना रही थी आतधकाररक तौर पर जलाई 1991 म नवउदारवाद की नीततयो की घोषणा स पहल ही 1980 क दशक म राजीव गाधी नवउदारवाद क सबस मखर समथयक बन और उनकी सरकार न सीतमत हद तक अथयवयवसथा का उदारीकरण तकया 30 उदयोगो म लाइसस की आवशयकता हटायी तथा और साथ ही कई पररवतयन तकय गय

लतकन पर ढोल-ताश तोरण और बनदनवार क साथ तवकास क बड़-बड़ वायदो और रोज़गार क सवतणयम अवसरो क सपन तदखा कर उदारीकरण तनजीकरण और भमिलीकरण की नवउदारवादी नीततयो की शरआत 24 जलाई 1991 को परधानमती नरतसमहा राव तवत मती मनमोहन तसह और योजना आयोग क उपाधयक मोटक तसह अहलवातलया क समय म की गयी यह दावा तकया गया तक परतयक तवदशी तनवश स दश म रोज़गार सजन होगा इन तीनो न तमल कर lsquoतटकल िाउन तथयरीrsquo यानी धन-समतदध क ऊपर स ररस कर नीच जान का तसदधानत परसतत तकया ऊपर स नीच का सच तो महनतकश लोग अपनी तज़नदगी स जानत ही ह नीच स तनचोड़कर सारा धन ऊपर की ओर ज़रर चला जा रहा ह और ऊपर स ररसकर कवल गरीबी बरोज़गारी और बबायदी आम महनतकश जनता क तहसस आ रही ह अगर ऐसा नही होता तो दश म 1990 म जहा मात 2 अरबपतत (िॉलर अरबपतत) थ वही 2021 म 177 कस हो गय lsquoहरन गलोबल ररच तलसटrsquo (हरन दारा बनायी तवशव म अमीरो की सची) क अनसार पर तवशव म अरबपततयो की सखया म तीसरा सथान भारत का ह साथ ही वतशवक भखमरी सचकाक म 107 दशो की सची म भारत 94व सथान पर ह सवासथय की पहच क कत म भारत का सथान 189 दशो म 179वा ह जो तक बगलादश शरीलका पातकसतान और कई अफीकी दशो स भी नीच ह 1995 स लकर 2009 तक जीिीपी क औसत 6 स सात और कई बार 8 स ऊपर पहचन पर सीना चौड़ा कर तवकास का दावा करन वाली सरकार यह नही बताती तक यह तवकास रोज़गारतवहीन तवकास था योतक 1991 स लकर 2018 तक बरोज़गारी की दर 5 परततशत स 6 परततशत क बीच बनी हई थी जो 2020 म 56 सालो म सबस जयादा यानी 89 परततशत हो गयी 2021 म तो यह 917 परततशत हो गयी ऐस तवकास की जनता क तलए या उपयोतगता जो रोज़गार क अवसर ही न सतजत कर शयर बाज़ार म उाल पजीपततयो की तज़ रफतार महगी गातड़यो पराइवट जट तवमानो आलीशान अटातलकाओ और तवदश याताओ की सखया क आधार पर मापा गया तवकास आम महनतकश आबादी की थाली म दो जन की रोटी तक नही पहचाता

आम आबादी क तलए तो नवउदारवाद तगी बरोज़गारी कपोषण और भखमरी ही लकर आया ह तदहाड़ी पर काम करन वाली 50 करोड़ आबादी 10 साल पहल वासतव म तजतना कमाती थी आज भी लगभग उतना ही कमाती ह जबतक कीमत दोगनी-तीन गनी हो चकी ह दश म 60 परततशत आबादी कपोषण का तशकार

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह

(पज 15 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 15

ह राषटीय पोषण तनगरानी बयरो दारा 2015-16 म शहरी आबादी म तकय गय सवज क अनसार औसत खानपान म परोटीन कतशयम आयरन तथयातमन तनयातसन आतद पोषक ततवो की काफ़ी कमी ह यही ह दश की मज़दर महनतकश आबादी क तलए नवउदारवाद की सवतणयम सौगात

िवउदारवाद और मज़दर आनदोलि

1950 क दशक क आरमभ स ही सशोधनवाद क मागय पर तनकल पड़ी भारत की कमयतनसट पाटटी (भाकपा) नहर और कागस की नीततयो को समाजवाद की तदशा म कदम मानती थी और राषटीकरण की रट लगाती थी भाकपा क अनसार आज़ादी क बाद कागस जनवादी काययभारो को परा कर रही थी इसतलए कमयतनसटो को इसका सहयोग करना चातहए अत इनहोन वगय सहयोग की लाइन दी जब पाटटी की लाइन ही वगय सहायोगवाद की हो गयी तब समाजवाद क समथयन और सवयहारा वगय को करातनतकारी चतना और उसक ऐततहातसक तमशन स पररचय करान की बात तो सथतगत हो गयी 1964 म एक सशोधनवादी पाटटी क तौर पर ही भाकपा स अलग हई माकपा सीध तौर पर नहर की गोद म नही बठी और उसन नहर को समझौतापरसत बोलकर उसपर जनवादी काययभारो को परा करन क तलए सड़क और ससद म दबाव बनान की बात की लतकन असल म वह भी एक सशोधनवादी पाटटी थी न तक मज़दर वगय की कोई करातनतकारी कमयतनसट पाटटी अपन गरमा-गरम भाषणो और चाय की पयाली म तफ़ान उठान क अलावा इन ससदमागटी जड़वामनो न बजयआ वगय क तिलाफ़ मज़दर वगय की करातनतकारी राजनीततक चतना उननत बनान क तलए कोई ठोस राजनीततक कारयवाई नही की और मज़दर वगय को अथयवाद क गोल चकर म ही घमात रह सवयहारा वगय की तहरावल पाटटी का अतनतम लकय होता ह तक वह बजयआ राजयसता का धवस करक सवयहारा राजयसता की सथापना करन की ऐततहातसक मतहम म महनतकश जनसमदाय को नततव द इस अतनतम लकय तक पहचन क तलए कमयतनसट मज़दरो और सभी करातनत-पकधर वगयो क जन-सगठन बनात हए आतथयक सधारो-मागो-ररयायतो क तलए अथयवादी नही बतक राजनीततक रप स लड़त हए जनता की जझार सगठनबदधता को बढ़ात ह रतढ़यो स मतत और वगय-चतना को परखर बनान क तलए सतत सामातजक आनदोलन करत ह और सासकततक कायय करत ह लतकन ऐसा करन की जगह मज़दर वगय को य सशोधनवादी पातटयया सधारवाद पबनदसाज़ी अथयवाद अराजकतावादी सघातधपतयवाद और टि यतनयन की गतलयो म घमाती रही

1950 क उतरादधय स भाकपा एव अपन जनम क काल स ही माकपा

और 1980 क दशक स भाकपा (माल) का इततहास जब ऐसा रहा तब उनस 1991 म नवउदारवाद क तवरदध जझार परततरोध की उममीद बकार थी और हआ भी ऐसा ही नवउदारवाद न मज़दरो का िन बहा कर तमल शरम काननो को ततलाजतल द दी और य ससदमागटी सशोधनवादी पातटयया महज़ सगतठत कत क मज़दरो और कमयचाररयो को लकर नपसक तकसम क तवरोध की रसमअदायगी करती रही और 93 परततशत असगतठत मज़दर वगय को तो सगतठत करन का इनहोन कभी ढग स परयास ही नही तकया आज सार परान शरम कानन लगभग समापतपराय ह और मज़दर जानलवा हदो तक असरका की तसथतत म काम करन को मजबर ह मज़दर वगय की जीवन व काययतसथतत भयकर ह खल और मनोरजन की या बात कर जब मामली बीमाररयो क इलाज की भी सतवधा नही ह नय लबर कोि वासतव म मज़दरो की पजीपततयो दारा तबना तकसी रोक-रकावट लट को काननी बनान क तलए ही लाय गय ह इसक अलावा करल अतीत म पतशचम बगाल और ततपरा म ससदीय वामपनथी पातटययो की सरकारो न सवय नवउदारवाद की नीततयो को परी तनषठा स लाग तकया ह वगय सहयोग की तदशा म बहद सजीदगी स कदम बढ़ात हए परथम यपीए सरकार म शातमल होकर भारत म उदारीकरण-तनजीकरण को सही तरीक स लाग करन का रासता साफ़ तकया और इस तदशा म नयी-नयी नीततयो क जनमदाता बन 2005 म ससद म बठकर इनहोन सज़ अतधतनयम पास करवाया सज़ यानी सपशल इकॉनोतमक ज़ोन तजसक तहत ऐस औदयोतगक कत बनाय गय जहा तकसी भी तरह का शरम कानन लाग नही होता

इस परकार इन सशोधनवादी पातटययो न मज़दर वगय क साथ ऐततहातसक गदारी की झठ तवशवासघात और फरब का इतना लमबा काल झल कर महनतकश आबादी क बड़ तहसस का इनस मोहभग हो चका ह और इनका आधार अब मलत और मखयत सगतठत कत क पक कमयचाररयो और एक हद तक क राजयो म ोट व मझोल वयवसातययो और मझोल व धनी तकसानो-कलको म ह मज़दर वगय क एक तहसस म इनह लकर क भम अभी भी ह लतकन उनह तनरनतर करातनतकारी परचार और सघषयो क ज़ररए इनह बनकाब करक ही तोड़ा जा सकता ह सचचाई यह ह तक वाहय आवरण म आम मज़दरो को कमयतनसट तदखन वाली य पातटयया अपनी अनतयवसत म बजयआ ही होती ह सशोधनवादी पातटययो दारा मज़दर वगय क आनदोलन को सधारवाद अथयवाद और सशोधनवाद क पककि म ल जान का सबस जयादा फ़ायदा फ़ासीवादी शततयो को तमला तजनहोन पजीवादी वयवसथा क सकट और करातनतकारी

कमयतनसट शततयो क अभाव म मज़दर आनदोलन क एक ोट तहसस म और वयापक टटपतजया आबादी म परतततकरया का आधार तयार तकया

राम जनमभतम आनदोलन बाबरी मतसजद धवस 1991 क सकट क बाद और 1995 तक उदारीकरण-तनजीकरण क तवनाशकारी पररणामो क बाद भारत म फ़ासीवादी आनदोलन पहल स कही अतधक आकरामक हो कर उभरा एक करोड़ 42 लाख सदसयो वाली एटक और 60 लाख स भी जयादा की सदसयता का दमभ भरन वाला सीट और बगाल करल और ततपरा म सरकार चलान वाली माकपा और भाकपा इस आकरामक फ़ासीवादी सलाब क समय तकनार बठ कर धातमयक सौहादरय का कीतयन करती रही और सामपरदातयकता स लड़न क नाम पर कभी कागस तो कभी मलायम तसह यादव का प ला बनी रही जब 2002 म जलत गजरात क तवरोध म सड़को पर उतरन की और फ़ासीवातदयो स तनपटन की मज़दरो क लड़ाक सगठन बनान की और िाकी चििीधाररयो का महतोड़ जवाब दन की ज़ररत थी तब भी इतनी बड़ी सदसय सखया लकर इन सशोधनवादी पातटययो को ससद क एसी सभागार फ़ासीवाद स लड़न क जयादा कारगर उपाय लग वासतव म य मज़दर वगय का कोई करातनतकारी आहान करन की कमता खो चक थ और अगर दहाड़न क तलए भी मह खोलत ह तो मह स मयाऊ ही तनकल जाता ह इनका यह इततहास दशायता ह तक फ़ासीवाद को एक lsquoअपरततरोधय उभारrsquo बनान म अगर तकसी एक शतत की सबस अतधक भतमका ह तो वह सशोधनवाद ही ह

पतशचम बगाल म लोकसभा चनावो और राजयसभा चनावो क दौरान भाकपा-माकपा का बड़ा जनाधार तखसक कर भाजपा की ओर चला गया इस जनता की करातनतकारी ऊजाय को अथयवाद और सशोधनवाद स बतधया कर दन और उनकी राजनीततक चतना को कनद करन क पररणाम क तौर पर दखा जा सकता ह दश क अनय तहससो म भी मज़दर तनमन-मधयवगय और आम महनतकश वगय क बीच करातनतकारी पाटटी और राजनीतत की नामौजदगी की वजह स बढ़त आतथयक असरका व सकट काल म फ़ासीवादी ताकतो को अपन पर पसारन का अवसर तमल जाता ह िवउदारवाद क दौर म फासमीवाद

का उभारपजीवाद तजस असमाधय सकट

स गज़र रहा ह उसस तनपटन क तलए दतनया क तमाम दशो म पजीपतत वगय सबस परतततकरयावादी दतकणपनथी मज़दर-तवरोधी और फ़ासीवादी सरकारो को चन रहा ह भारत क सनदभय म तहनदतववादी फ़ासीवादी मोदी सरकार सता म आयी यहा क पजीपतत वगय को ऐसी सरकार की

ज़ररत थी जो लोह क हाथो स उन नीततयो को लाग कर जो मनाफ़ की राह म सभी परशातनयो को हटा द और पजी क तलए खल चारागाह का तनमायण कर इसक तलए आदशय परतयाशी मोदी और पाटटी भाजपा ही थ इसतलए मोदी सरकार जब 1914 म सता म आयी तो सबस पहल शरम काननो म बदलाव तकया आज यह बदलता-बदलता समापत पराय हो गया ह और उनकी जगह बस चार लबर कोि रह गय ह य कोि मज़दरो को गलामो की तसथतत म ला दग सार सावयजतनक ससथान औन-पौन दामो म बच जा रह ह पजीपततयो की सारी महमागी मराद परी हो रही ह इसतलए तो मकश अमबानी तवशव म आठवा और एतशया म सबस अमीर वयतत बन गया ह

एक ओर जहा धन क मटी भर आबादी क हाथो सकतनदरत हो रहा ह वही भमिलीकरण और उदारीकरण क 30 वषयो न बड़ पमान पर ोट पजीपतत वगय को उजाड़ा ोट पमान क उतपादको दकानदारो वतनभोतगयो और साथ ही गामीण तनमन-पजीपतत वगय को भी उजाड़ा ह बड़ पमान पर लोग सड़को पर आ गय और जो सड़को पर नही आय उनक तसर पर भी लगातार टनी और तालाबनदी नौकरी स तनकाल तदय जान ठक पर कर तदय जान की तलवार लटकती रहती ह कहन का अथय ह तनमन-पजीपतत वगय क सामन भतवषय की असरका और अतनतशचतता बहद तज़ रफतार स बढ़ी ह भाजपा और आरएसएस न इसी असरका और अतनतशचतता का फ़ायदा उठाया इस अतनतशचतता और असरका स पदा हए गसस बौखलाहट तचड़तचड़ाहट और तनराशा को सघ पररवार न अपसखयको तवशषकर मसलमानो और शरणातथययो की ओर मोड़ तदया मसलमानो शरणातथययो ईसाइयो आतद को सभी सकट पर शातनयो और असरका की वजह बतात हए इनक तिलाफ़ सड़को पर उनमाद पदा तकया गया सघ पररवार का पदा तकया सामपरदातयक उनमाद ततकालीन आतथयक सकट की वजह स उभरा और फ़ासीवाद भारत म पहली बार 1980 क दशक म एक परतततकरयावादी

सामातजक आनदोलन बनकर उभरा लतकन तवचारधारातमक सगठनातमक और ससथाबदध कामो की तयारी सघ 1925 स ही कर रहा था शाखाओ सासकततक कनदरो तशश मतनदरो म सामपरदातयक सतरी-तवरोधी दतलत-तवरोधी ज़हर घोल-घोल कर तपलाया जाता रहा और आज इन ससथाओ स तनकल लोग नौकरशाही पतलस सना नयायपातलका तवशवतवदयालयो स लकर न कड़-चौराहो पर सघ क तवचारो क रकक और परचारक बन बठ ह बहरहाल आज कोई दशवयापी करातनतकारी कमयतनसट पाटटी मौजद नही ह जो तक वयापक महनतकश अवाम को करातनतकारी सवयहारा वगय क नततव म जगा सक गोलबनद कर सक सगतठत कर सक और समझा सक तक उनक दखो तकलीफ़ो और असरका की असल वजह पजीवाद ह न तक कोई धमय या समदाय आज ऐसी पाटटी का तनमायण करत हए मज़दर वगय क बीच वयापत सभी परकार क तवजातीय तवचारो स लड़ना होगा और उनकी राजनीततक चतना उननत करनी होगी मज़दर वगय को उसक ऐततहातसक तमशन की याद तदलानी होगी और उसक बीच वयापत रतढ़वादी अवजातनक अतातकय क तवचारो स सतत सघषय करना होगा कवल इसी क ज़ररए मज़दर वगय और आम महनतकश अवाम फ़ासीवातदयो को महतोड़ जवाब द सकती ह

अनतत 30 वषयो क नवउदारवाद क काल न दश म वगयो का धरवीकरण ितरनाक सीमा तक बढ़ा तदया ह करोड़ो-करोड़ बदहाल तनराश और बघर आबादी क शीषय पर मटी भर आबादी आपरातधक अययाशी का जीवन जी रही ह और आन वाल समय म बढ़ती महगाई टनी-तालाबनदी बरोज़गारी को दखत हए यह धरवीकरण और गहरान जा रहा ह आतथयक सकट स पदा असनतोष को दबान क तलए फ़ासीवाद क हमल भी और आकरामक होग तजसक सकत तमल रह ह करातनतकारी शततयो को सवयहारा वगय क बीच राजनीततक परचार-परसार क काम को यदध सतर पर सगतठत करना होगा और मज़दर महनतकश वगय को इन राजनीततक गतततवतधयो म बढ़-चढ़ कर तहससा लना होगा

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह(पज 14 स आग)

अपनी रोज़ी-रोटी को बचाया जा सक और लट शोषण व दमन क तिलाफ़ समच मज़दर वगय और आम महनतकश आबादी का सशत परततरोध खड़ा तकया जा सक पजीवाद क मनाफ़ की दर तगरन का सकट पहल स कही जयादा तज़ होता जा रहा ह और मज़दरो क लट शोषण व दमन तज़ होता जा रहा ह यही समय ह तक हम मज़दर जद स जद एकजट हो जाय सगतठत हो जाय और सोच-समझकर अपन सघषय को आग बढ़ाय मातलक ठकदार जॉबर आतद हमस

जयादा नही ह लतकन व हमस जयादा सगतठत ह और उनक पी सरकारो की ताकत ह दसरी ओर हम असगतठत और तबखर हए ह यदि हम सगदठत और एकजट हो तो सरकारो की ताकत साथ होन क बावजि व हमस मकाबला नही कर सकत व अभी ऊच इसदलए दिख रह ह योदक हम घटनो पर बठ हए ह

मािसर की शमीनिसस कमिमी क मज़दरो(पज 10 स आग)

ाक पजीयन SSPLWNP-3192020-2022पररण ाकघर आरएमएस चारबाग़ लखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 5 परतयक माह16 Mazdoor Bigul l Monthly l September 2021 l RNI No UPHIN201036551

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो लखनऊ स मददत समपािक अदभनव l समपािकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006

टोको ओलममपक म भाित का परदशवन एक समीकाndash साथिषक

अगसत महीन म टोयो ओलतमपक खलो का समापन हआ और भारत को इस बार एक सवणय दो रजत और चार कासय पदक तमल ह इस परकार कल पदको की सखया सात रही ह हर ोटी स ोटी उपलतबध की तरह मोदी जी इस बार भी मौक पर चौका मारन क तलए पहल स ही तयार बठ थ गोदी मीतिया आईटी सल और अनय सभी परचार ततो का इसतमाल कर मोदी जी दशवातसयो क सामन ऐसा सवाग रच रह ह तक दखन वाल को लगता ह जस मोदी जी िद ही सातो पदक जीत कर आय ह िर इन लफफ़ातज़यो और ढोग को एक तकनार कर ओलतमपक खलो म भारत क परदशयन की एक वसतपरक समीका करन की ज़ररत ह

टोयो ओलतमपक म भारत का परदशयन अब तक का सबस अचा परदशयन रहा ह यतद तपल परदशयनो स तलना की जाय तो भारत का परदशयन पहल इतना फीका रहा ह तक अभी हातसल सात पदक तकसी कीततयमान स कम परतीत नही होत ह 1900 म हए पररस ओलतमपक म भारत न पहली बार ओलतमपक खलो म तहससदारी की शरआत की थी 1900 स लकर 2020 क बीच पचचीस ओलतमपक खलो म भाग लकर भारत न कल 35 पदक अतजयत तकय ह इनम स 12 पदक भारत न तसफ़य परष हॉकी परततयोतगता म जीत ह जब हम इन आकड़ो की तलना दसर दशो स करत ह तो हम समझ आता ह तक भारत जस तवशाल दश क तलए इतन कम पदक हातसल करना चौकान वाला ह टोयो ओलतमपक म अमररका न 113 और चीन न 88 पदक जीत ह तजसम अमररका क 39 और चीन क 38 सवणय पदक ह दसर शबदो म कह तो भारत पचचीस बार इन खलो म भाग लकर तजतना पदक हातसल नही कर सका उसका चौगना क दश एक ही बार म हातसल कर लत ह 130 करोड़ आबादी वाल भारत म ओलतमपक खलो क मामल म यह िसता हाल दतनया भर क खल तवशषजो पतितो और आम खल परशसको क तलए एक आशचयय का तवषय ह इस गतथी को सलझान क तलए कई तवशषज अपन-अपन तरीक स तकय दत ह भारत की तवफलता क कारणो की वयाखया करत ह लतकन इनक तवशलषण और इनक तदय सझाव इस मनाफ़ािोर वयवसथा को सीध कठघर म खड़ा नही करत ह बतक इसी वयवसथा की चौहतदयो म ही इस समसया का हल ढढ़त रहत ह

ओलतमपक या कोई भी अनतरराषटीय परततयोतगता म भारत का लगातार तपड़ा परदशयन एक ढाचागत समसया ह तजसका समाधान इस मनाफ़ पर तटकी वयवसथा क आमलचल पररवतयन स ही हो सकता ह यहा का पजीपतत वगय मज़दर-महनतकश आबादी क एक-एक कतर को तनचोड़ कर ऐशोआराम की तज़नदगी जीता ह 12-14 घट कारिानो म कमरतोड़ महनत करन क बाद जब हम अपन घरो को लौटत ह तो हमार पास मनोरजन या सजनातमक काययो क तलए ताकत और

समय दोनो ही नही बचत ह हम थक-हार कर सो जात ह और अगल तदन उठ कर तफर उसी कमरतोड़ महनत म लग जात ह तशकागो क अमर शहीद मज़दरो न तजस ldquoआठ घट का काम-आठ घट का आराम-आठ घट का मनोरजनrdquo का नारा बलनद तकया और तजसक तलए अपन पराणो की आहतत द दी आज वही नारा मज़दरो क तलए अतीत का एक अवशष मात बन कर रह गया ह आप ही सोतचए तक ऐसी हालत म दश की बहसखयक आबादी जो जस-तस महनत करक अपना गज़ारा करती ह या वह कभी ओलतमपक खलो म तहससा ल सकती ह भारत म एक बड़ी आबादी ऐसी ह जो तकशोरावसथा यानी महज़ 14-15 साल की उम स ही भारी शारीररक शरम म लग जाती ह तकशोरावसथा ही उम का वह पड़ाव होता ह जब बचचो म खलकद की परततभा सबस सपषट रप म परकट होती ह लतकन उन बचचो का या जो सकल ही नही जात यतद सकल तकसी तरह चल भी जाय और उनकी परततभा की पहचान हो भी जाय तो उनक परतशकण और तालीम पर होन वाल िचय की आशा भी करना उनक तलए आकाश कसम की अतभलाषा क समान होगा आप ही सोतचए तक हमार बचच खलकद क बार म सोच भी कस सकत ह जब उनह कारिानो दकानो रहड़ी-खोमचो म दो वक़त की रोटी क तलए जदोजहद करनी पड़ती ह अपना और अपन पररवार का पट भरन क तलए ता-उम य नौजवान अपनी हितिया गलात रहत ह इस तरह दश की एक बड़ी आबादी खल क दायर स ही बाहर हो जाती ह

मज़दरी की तसथतत को दखत हए घर म जो पसा आता ह उसस दाल-रोटी भी चलानी मतशकल होती ह एक तखलाड़ी पदा करन क तलए सनततलत आहार की बात सोचना तो असमभव ही ह एक उननत खल ससकतत को गढ़न और ओलतमपक खलो म एक शततशाली ताकत बनन क तलए एक सवसथ और सहतमनद यवा पीढ़ी को गढ़ना अतनवायय ह तजस दश म हर तदन भख कपोषण और सकरामक रोगो स सरकारी आकड़ो क अनसार 2257 बचचो की मौत होती हो (हालातक असल आकड़ा कम-स-कम इसका दना ह) उस दश म हम यह कस उममीद कर सकत ह तक वह खलकद म तवशवतवजता बनगा सय त राषट बाल कोष (यतनसफ़) की ररपोटय क अनसार दश क तकरीबन आध बचच अपनी उम क अनसार सामानय स कम वज़न क ह 45 परततशत बचच सामानय स कम कद क ह 20 परततशत बचच अपन कद क अनसार सामानय स जयादा दबल-पतल ह 75 परततशत रतहीनता स पीतड़त ह 57 परततशत बचचो म lsquoतवटातमन एrsquo की गमभीर कमी ह पहल सकल और आगनवाड़ी म जो क भी थोड़ा-बहत मधयाहन भोजन तमलता था लॉकिाउन क दौरान वह भी अतधकाश जगहो पर बनद हो गया था और इस अतनयोतजत लॉकिाउन स करोड़ो मज़दरो-

महनतकशो की नौकररया भी चली गयी ऐसी हालत म बचचो का भरण-पोषण कतठन हो गया ह तनतशचत ही ऊपर तदय गय आकड़ आज गमभीर रप धारण कर चक होग और तमाम सरकारी और गर-सरकारी रपट इस बात की पतषट भी कर चकी ह

इसक अलावा बचचो म बचपन स ही शारीररक वयायाम और खलकद क बार म एक सवसथ दतषटकोण पदा करन म सकलो की एक अहम भतमका होती ह सकल म ही भतवषय क ओलतमपक तखलाड़ी अपन पशवर खल जीवन की नीव रखत ह लतकन हमार दश की सकली तशका वयवसथा क जजयर हालात पर तजतनी कम बात की जाय उतना अचा ह भारत म माधयतमक सकलो म सकल नामाकन अनपात 79 परततशत ह इसका मतलब माधयतमक सकल म पढ़न योगय बचचो म स तसफ़य 79 परततशत ही असल म सकल म नाम तलखात ह इनम स भी 17 परततशत दसवी की परीका पास करन स पहल ही पढ़ाई ोड़ दत ह ज़ातहर-सी बात ह य बचच जो सकलो स बाहर रहत ह ोट-मोट उदयोग धनधो या मज़दरी म लग जात ह एक ररपोटय क अनसार भारत म 33 परततशत सकलो म शारीररक तशका की कोई अलग स लास नही दी जाती ह 80 परततशत सकलो क पास ऐस तशकक नही ह जो शारीररक तशकण-परतशकण दत ह 33 परततशत सकलो क पास अपना खल का मदान या खल क उपकरण नही ह ऐसी तसथतत म अगर हमार बचच सकल पहच भी जात ह तो हम यह गलतफ़हमी नही होनी चातहए तक सकल म उनक अनदर कसरत और खलकद क परतत रतच पदा करन तलए कोई सचत परयास तकया जायगा

दश म एक सतकरय खल ससकतत का तनमायण तणमल सतर पर खलो का परचार परसार खल अवसरचना का तनमायण यवा अवसथा म परततभाशाली तखलातड़यो की तलाश कर उनको उननत परतशकण और मागयदशयन दना आतद बतनयादी चीज़ो म दश की तकसी सरकार न कभी कोई िास तदलचसपी नही तदखायी ह 2018 म कनदरीय खल मती न इस बात की पतषट की तक भारत सरकार खलो पर परतततदन परतत-वयतत तसफ़य तीन पस िचय करती ह जबतक चीन परतततदन परतत-वयतत 61 रपय िचय करता ह जो भारत क मकाबल 200 गना जयादा ह तपल दस सालो म भारत सरकार अपन कल सरकारी वयय का महज़ 006 स 008 परततशत ही खलो पर िचय करती आ रही ह 2021 ओलतमपक वषय होन क बावजद इस साल क बजट म खल मतालय को 230 करोड़ रपय कम तदय ह आय तदन अनतरराषटीय और राषटीय सतर क तखलाड़ी कोच और सहयोगी सटाफ़ तनमन दजज की सवाओ क तिलाफ़ तशकायत करत रहत ह मगर खल मतालय और दसरी समबतनधत ससथाओ क कान पर ज नही रगती ह मज़दार बात यह ह तक खल मतालय का सालाना बजट तजतना होता ह भारतीय तकरकट बोिय लगभग उसक समान ही

सालाना मनाफ़ा कमा लता ह तकरकट बड़ी इजारदार पजी क तलए ताबड़तोड़ मनाफ़ा पीटन का एक सोत बन गया ह इसतलए सरकार स भी भारतीय तकरकट बोिय को परा समथयन तमलता ह वही बात की जाय यतद अनय नय-परान खलो क बार म तो य भी सार भारत म एक धीमी ददयनाक मौत मर रह ह इस पजीवादी वयवसथा म बस उसी खल को बढ़ावा तदया जायगा तजसम भारी मनाफ़ा कमान की समभावनाए मौजद होगी आज सरकार क तखलातड़यो क जीत कर लौटन पर उनका सवागत कर रही ह उनका सममान कर रही ह लतकन कोई यह सवाल यो नही प ता तक कहा थी राजय सरकार और कनदर सरकार जब इन तखलातड़यो को फ़ि सतवधाओ और खल उपकरणो की आवशयकता थी यहा भी भदभाव साफ़ तदख रहा ह तजन तखलातड़यो न पदक जीता ह उनह बड़ी-बड़ी धनरातश दन की घोषणाए की जा रही ह लतकन अगल ओलतमपक क तलए तयारी तो सभी तखलातड़यो को एक समान ही करनी ह सरकारो क तलए यह सब तचनता का तवषय नही ह योतक उनक तलए खलकद कोई महतव नही रखता और इनह पता ह तक महनत करक कल कोई और पदक ल ही आयगा तब अपनी पीठ य सवय थपथपा लग जस आज मोदी कर रहा ह

एक अचा सवसथ मानवीय जीवन और बचचो का सवािगीण तवकास तखलाड़ी बनन की पवयशतय ह इस चरमरायी हई पजीवादी वयवसथा क पास वह कमता नही ह तक वह दश की महनतकश आबादी को एक सवसथ िशहाल तज़नदगी द सक और उनक बचचो का सवािगीण तवकास कर सक तसफ़य और तसफ़य एक समाजवादी वयवसथा ही हम मज़दर-महनतकशो को एक इजज़त की तज़नदगी द सकती ह तजसम हमार शरम को लटन वाला कोई परजीवी वगय नही होगा हमार अपन और समाज की बतनयादी ज़ररतो को परा करन क बाद जो lsquoफी टाइमrsquo बचगा उसम हम अपन

शौक और मनोरजन का कोई भी काम कर सकत ह और यतद मनाफ़ा कमाना नही बतक समाज की आवशयकताओ को परा करना उतपादन का लकय हो और सभी सवसथ वयसक वयततयो क तलए उतपादक शरम म भागीदारी करना अतनवायय हो तो हर तकसी क पास बहत-सा िाली वक़त बचगा तजस वह कला सातहतय ससकतत खल तवजान दशयन और घमकड़ी म लगा सकता ह साथ ही सवय उतपादक की परतकरया तकसी लटर वगय क तलए मजबरी म की जान वाली परतकरया नही होगी बतक यह सवय आननद का तवषय होगी यतद शरम मजबरी म या ज़ोर-ज़बदयसती क कारण न हो तो यह तो आननद का तवषय होता ह योतक यह मनषय को पश स मनषय बनान वाली परतकरया ह और हमारी परकतत का अग ह इसतलए मज़दर राज और समाजवाद म तो धीर-धीर िाली टाइम की अवधारणा ही ितम हो जायगी योतक तकसी और क मनाफ़ की िाततर मजबरी म खटन वाल lsquoकाम क टाइमrsquo और lsquoफी-टाइमrsquo का अनतर ही ितम हो जायगा सकल कारिानो खतो और दफतरो म हर जगह कसरत क तलए लोगो को परोतसातहत तकया जायगा हम और हमार बचच जो भी खल खलना चाह उसक तलए हमारी मज़दर सता हम हर समभव सतवधा महया करवायगी खल आतथयक सामथयय स की जान वाली कोई तकरया नही बतक सामतहक जीवन का एक ज़ररी अग बन जायगा तजसका आननद सभी उठा सक ग सोतवयत सघ और चीन म मज़दरो की सता कायम होन क बाद यही हआ 1952 स 1988 क बीच सोतवयत सघ न ओलतमपक खलो म जो अदभत कामयाबी हातसल की उसक पी उसक करतनतकारी दौर ndash यानी 1917 स 1953 ndash की खल नीततयो का ही हाथ था एक समाजवादी वयवसथा म मानव जीवन क हर पहल की तरह खल भी एक उननत सतर पर पहच पायगा और एक सवसथ खल ससकतत अतसततव म आ सकती ह

करादत स हमारा अदभपराय ह ndash अयाय पर आधाररत मौजिा समाज-वयवथा म आमल पररवतवन समाज का परमख अग होत हए भी आज मजिरो को उनक पराथदमक अदधकार स वदचत रखा जा रहा ह और उनकी गाढी कमाई

का सारा धन शोरक पजीपदत हडप जात ह िसरो क अनिाता दकसान आज अपन पररवार सदहत िान-िान क दलए महताज ह िदनया भर क बाजारो को कपडा महया करन वाला बनकर अपन और अपन बचचो क तन ढकन-भर को भी कपडा नही पा रहा ह स िर महलो का दनमावण करन वाल राजगीर लोहार और बढई वय गि बाडो म रहकर ही अपनी जीवन-लीला समापत कर जात ह इसक दवपरीत समाज क जोक शोरक पजीपदत जरा-जरा-सी बातो क दलए लाखो का वारा-यारा कर ित ह

यह भयानक असमानता और जबिवती लािा गया भिभाव िदनया को एक बहत बडी उथल-पथल की ओर दलय जा रहा ह यह दथदत अदधक दिनो तक कायम नही रह सकती पषट ह दक आज का धदनक समाज एक भयानक जवालामखी क मख पर बठकर रगरदलया मना रहा ह और शोरको क मासम बचच तथा करोडो शोदरत लोग एक भयानक ख की कगार पर चल रह ह

(बम काण पर सशन कोटव म बयान)

भगतससह क जनमददवस (28 ससतमबर) पर

12 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 13 पर जारमी)

(पज 11 स आग)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का हमज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहए

म तमज़ो राषटीय फट जो तक पहल भारतीय राजयसता क तिलाफ़ सशसतर सघषय म शातमल थी और भारत सरकार क बीच तमज़ो समझौता कायम होन क फलसवरप तमज़ोरम को पणय राजय का दजाय 20 फ़रवरी 1987 को परापत हआ

हालादक अलग राजय गठन स राषटीय समया का कोई समाधान नही हआ और िदमत कौमो क समबध म ऐसा हो भी नही सकता ह दजनक दलए एकमारि करादतकारी कायवकरम अलग होन क अदधकार समत आतमदनणवय क अदधकार का ही होता ह यहा यह भी सपषट करत चल तक सघवाद या तकसी भी परकार की कतीय सवायतता की तहफ़ाज़त या माग राषटीय दमन क िातम का काययकरम हो ही नही सकत ह जसा तक पजाब क क ldquoमासयवादीrdquo कौमवादी आजकल दावा करत तफर रह ह ऐसा कोई भी काययकरम एक शदधतः सधारवादी काययकरम ह और लतननवादी काययतदशा स इसका कोई लना-दना नही ह करातनतकारी मज़दर वगय साझी सहमतत स बन बड़ स बड़ राजय का पकधर होता ह और तवखिन की परतकरया को चाहता नही ह लतकन करातनतकारी मज़दर वगय करातनतकारी जनवाद का भी सबस मज़बत झिाबरदार होता ह और इसतलए वह जनवादी तरीक स और सभी कौमो की साझा सहमतत स ही बड़ राजय का पकधर होता ह

इस सदकषपत चचाव क बाि यह कहना ज़यािा उपयत होगा दक असम-दमजोरम क बीच यह आधदनक सीमा-दववाि वातव म औपदनवदशक िौर की ही एक दवरासत ह दजस भारत का उततर-पवव कहा जाता ह वह ऐदतहादसक तौर पर कभी भारत का दहसा था ही नही हालादक पराचीन काल स ही मखयभदम भारत क सामाजयो क इस इलाक स समपकव क परमाण मौजि ह उतर-पवय क जनजातीय इलाक पराक-औपतनवतशक भारत म शातमल नही थ यतद हम इततहास म थोड़ा पी जाय तो हम पात ह तक1818 म उस वत तरितटश ईसट इतिया कमपनी का हसतकप उतर-पवय म शर हो गया जब अहोम सामाजय क राजा न बमाय स बारमबार होन वाल हमलो स तनपटन क तलए उसस मदद मागी तरितटश ईसट इतिया कमपनी न परथम एगलो-बमटी यदध म बमटी सना को परासत तकया तजसक चलत यािाब की सतनध अमल म आयी इस सतनध क अनतगयत अहोम राजा न अपन राजय कत का एक तहससा तरितटश ईसट इतिया कमपनी को तोहफ़ म भट तकया तजसक फलसवरप तरितटश उपतनवशवाद उतर-पवय म अपन अतधकार और तहत कायम करन म सफल हो गया

इसक पशचात ही तरितटश औपतनवतशक शासको न अपन परशासतनक तहतो क मदनज़र इस पर भौगोतलक भ-भाग को औपतनवतशक भारत म शातमल तकया था तरितटश

उपतनवशवादी इस कत क भराजनीततक और सामररक महतव को दखत हए इस भारत और चीन क बीच एक lsquoबफ़र कतrsquo भी बनाना चाहत थ तजस व अपन आतथयक-वयापाररक तहतो क मातहत रखत तरितटश उपतनवशवातदयो न पहल इस भ-भाग को बगाल परानत क अधीन रखा और 1874 म अलग असम परानत का गठन करक भारत स इस पर कत का राजनीततक-परशासतनक एकीकरण तकया बावजद इसक मलतः और मखयतः औपतनवतशक नीतत उतर-पवय क समबनध म शष भारत स तवलगाव और तवलगन की ही थी तजसक फलसवरप यहा बसन वाली तमाम नजातीय-जनजातीय समहो क बीच भी अलगाव और पथकतव पदा हआ जोतक सवाभातवक ही था

जादहरा तौर पर उततर-पवव म दरिदटश हकमत की नीदतया अपन वयावसादयक-आदथवक दहतो और राजकीय-परशासदनक सहदलयतो स सचादलत थी उस दौर म मतणपर और ततपरा को ोड़कर जो तक ररयासत थी बाकी परा उतर-पवय अतवभातजत असम ही कहलाता था असम क ही इन तमाम जनजातीय इलाको की आग चलकर तरितटश औपतनवतशक परशासन दारा एक क बाद एक सीमा तनधायररत की जान लगी तजसम सथानीय जनजातीय समहो की सहमतत नदारद थी और तजसकी चचाय हम ऊपर कर चक ह पषट ह दक य कषरिीय परशासदनक दवभाजन न तो ऐदतहादसक पररदथदतयो को धयान म रखकर दकय गय थ और न ही जनवािी तरीक स जन-आकाकषाओ क आधार पर ही दकय गय थ यही कारण ह दक आज भी असम स दनकल अय राजयो म भारतीय राषटवाि और भारतीय राजयसतता क दवरदध नफरत और ग़सा तो ह ही लदकन इसक साथ ही असदमया अधराषटवाि क दखलाफ भी एक नाराजगी ह दजस उततर-पवव की अय कौम कषरिीय पमान पर lsquoदबग रििरलीrsquo (बड भाई-जसा) बतावव क रप म िखती ह

सकप म कह तो रिहमपत नदी क परब का तहससा भ-राजनीततक रप स पहली बार भारत क उपतनवशीकरण क बाद ही शष भारत स जड़ा बावजद इसक तरितटश उपतनवशवातदयो न उतर-पवय की जनता की शष भारत की आबादी स पारसपररक अनतरतकरया नही होन दी बतक आम तौर पर उस अवरदध भी तकया इसकी वजह स भ-राजनीततक दतषट स शष भारत स जड़न क बावजद इस कत की जनता का सासकततक अलगाव बना रहा आज़ादी क बाद भारतीय राजयसता की कौमी दमन की नीततयो क तहत ही इस कत की पराकततक व खतनज समपदा का दोहन करन क कारण इसम आतथयक शोषण का भी पहल जड़ गया तजसन इस अलगाव को और बढ़ाया और इस राजनीततक रप परदान तकया

उततर-पवष की कौमो क साथि भारतमीय राजयसतता क

नवशवासघात का काला इनतहास उतर-पवय म दमन की यह

औपतनवतशक तवरासत भारतीय राजयसता को आज़ादी क बाद उतरातधकार म परापत हई तजस यहा क शासक वगयो न हाथो-हाथ तलया आज़ादी क बाद स ही उतर-पवय को भारत म शातमल करन पर काफ़ी तववाद उतपनन हए भारत क साथ एकीकरण कोई पवयतवतदत पररणाम नही था जसा तक असर इततहास की आतधकाररक-सरकारी पसतको म पढ़ाया जाता ह आज़ादी स पहल भी तवशषकर नगा और तमज़ो नजातीय समहो म भारत स अलग सवतत राजनीततक अतसततव की इचा परबल थी हालातक जन 1947 म असम और उतर-पवय को भारत म शातमल करन का फ़सला ल तलया गया

आजािी क बाि जो उततर-औपदनवदशक शासक वगव अदततव म आया वह एक बहराषटीय और दमदरित शासक वगव था दजसम कशमीर और उततर-पवव की िदमत कौमो को छोडकर बाकी सभी कौमो क बजवआ वगव की अपन आकार और शदतमतता क दहसाब स नमाइिगी थी और कदीय सतता म दहसिारी थी कशमीर और उततर-पवव की कौमो को सचच और सही अथषो म आतमदनणवय का अदधकार िन की बजाय भारतीय शासक वगषो न उनका जबरन भारत क साथ एकीकरण दकया कशमीर क साथ ही उततर-पवव म भी भारतीय राजयसतता क आजािी क दपछल कई िशको की नीदतयो न राजकीय दहसा और कौमी िमन का बबवर रप अदततयार दकया ह

आज़ादी क बाद स ही उतर-पवय म राषटीय तवतवधताओ क साथ बस रही तमाम कौमो व नजातीय समहो की आज़ादी की चाहत को फ़ौजी बटो और बनदक क ज़ोर क दम पर भारतीय हमरानो न कचलन की सकड़ो कोतशश की ह 1962 क भारत-चीन यदध क बाद तो भारतीय राजय क तलए उतर-पवय और भी अतधक सामररक महतव का कत बन गया और भारतीय राजयसता को यहा तमाम राषटीय मतत सघषयो को ldquoराषटीय सरकाrdquo क नाम पर कचलन का एक परकार स lsquoलाइससrsquo भी परापत हो गया इस पर कषरि म 1958 स ही कखयात काला कानन lsquoसरकषा बल दवशर अदधकार अदधदनयमrsquo (अफपा) लाग ह तजसकी वजह स चनावो की रसमअदायगी होन क बावजद वहा वयवहारतः सनय शासन की तसथतत ह योतक सरका बलो को असीतमत अतधकार परापत ह इसी काल कानन का लाभ उठाकर भारतीय सना और अधयसतनक बलो न उतर-पवय म तपल पाच दशको स आतक का राज कायम तकया हआ ह और राजकीय दमन और तहसा का नगा नाच तकया

ह और इन राजयो की आम जनता क मानवातधकारो का बशमटी और दि-मतत क साथ हनन तकया ह ग़ौरतलब ह दक मानवादधकारो की धदजजया उडान वाला यह कानन परी तरह स सदवधान सममत ह

मखयभतम भारत म उतर-पवय को लकर काफ़ी हद तक गर-जानकारी और अजानता भी वयापत ह तजस आज भारत का उतर-पवय कहा जाता ह आज़ादी क वक़त उस पर भ-भाग म भतपवय असम परानत क असम क मदान आत थ इसक अलावा पहाड़ी तज़ल उतर-पवटी सीमावतटी परदश क नाथय-ईसटनय फतटयर टटस (एनईएफ़टी) और मतणपर और ततपरा की ररयासत शातमल थी इस कत म रहन वाल लोगो की ससकतत और इततहास म समानता और समरपता क क ततव जरर ह लतकन उनम कई तवतवधताए भी ह कल आठ राजयो यानी तक असम अरणाचल परदश मघालय मतणपर तमज़ोरम ततपरा नगालि तसतकम म तवभातजत उतर-पवय का कतफल दश क कल कतफल का 798 फ़ीसदी और इसकी आबादी दश की कल आबादी का 37 फ़ीसदी ह इस पर कत म लगभग 220 नजातीय समह और उपसमह रहत ह और लगभग इतनी ही बोतलया बोली जाती ह

औपदनवदशक शासन क अदतम िौर म और आजािी क बाि राजकीय व कौमी िमन स पिा हए राजनीदतक-साकक दतक अलगाव और आदथवक शोरण स उततर-पवव की दवदभन जनजादतयो म परदतरोध की चतना पिा हई जो एक खास दकम क नकजातीय राषटवाि (ethnic nationalism) क रप म दवकदसत हई भारतीय राजयसता दारा तकय गय बबयर दमन न इस परततरोध की चतना को और भी परबल बनाया नगा जसी क जनजाततया अपन कई उपसमहो को तमलाकर एक राषट क रप म तवकतसत हई तो क राषटीयताओ और उपराषटीयताओ क रप म अतसततव म आयी तजनकी कोई कतीयता तो नही थी लतकन तफर भी अनय राषटीय समहो स तभननताए थी इन राषटो-राषटीयताओ क परततरोध का साझा तबनद भारतीय राजयसता क दमन का तवरोध था जो इनका साझा शत थी और आज भी ह हालातक इनम आपसी अनतरतवरोधो का भी एक लमबा इततहास रहा ह मसलन नगा-ककी तववाद नगा-मइती तववाद नगा-जोमी तववाद असमी-तमज़ो तववाद असमी-बोिो तववाद आतद

दरिदटश उपदनवशवाि स आजािी क बाि भारतीय बजवआ राजयसतता न िमन की नीदतयो को खतम करन की बजाय और वहा बस रही कौमो को आतमदनणवय का अदधकार िन की बजाय इन िमनातमक कारगजाररयो को जयो-का-तयो बरकरार रखा बदलक कई मामलो म उसम इजाफा भी दकया आज़ादी क बाद उतर-पवय क राजयो का

जो पनगयठन तकया गया उसका आधार महज परशासकीय सहतलयत थी तजसकी वजह स कई मामलो म एक ही जनजातत कई राजयो म बट गयी और जनजाततयो की राषटीय आकाकाए कचल दी गयी इस तकसम क पनगयठन स नय तववाद भी उभर मसलन गटर नगालि तववाद नगा-मतणपर तववाद असमी-बोिो तववाद आतद मौजदा असम-तमज़ोरम सीमा तववाद भी इसी की एक बानगी ह

राजयो क पनगयठन की परतकरया म नगालि को राजय का दजाय 1963 म तमला लतकन इसक बावजद नगा गपो क कई राजनीततक-परशासकीय इकाइयो म बट होन क कारण उनका असनतोष बना रहा 1972 म असम स खासी गारो और जयतनतया पहाड़ी तज़लो को तमलाकर अलग मघालय राजय बना ततपरा और मतणपर को जो तक औपतनवतशक काल क दौरान ररयासत थी पणय राजय का दजाय द तदया गया तमज़ो पहातड़यो (तमज़ोरम) और lsquoनाथय-ईसटनय फतटयर एजनसीrsquo (अरणाचल परदश) को असम स अलग कर पहल कनदर शातसत राजय का दजाय तदया गया तफर 1987 म इनह पणय राजय का दजाय द तदया गया हालातक राजयो क इस पनगयठन की परतकरया न अलगाव और सवततता की आकाका को तो समापत नही तकया उट अनय सथानीय नजातीय समहो म भी सवशासन या सवततता की आकाका पदा हई और भभागो पर दावो को लकर आपस म उग टकरावो की शरआत हो गयी इसकी एक तमसाल असम-तमज़ोरम सीमा तववाद भी ह

राजनीततक-सासकततक अलगाव और आतथयक शोषण क अततररत दश क भीतर स होन वाल परवासन और बागलादश समत अनक पड़ोसी दशो स होन वाल आपरवासन स भी lsquoसथानीय बनाम परवासीrsquo का अनततवयरोध पदा हआ दरअसल औपतनवतशक काल स ही अतवभातजत असम म उपतनवशवातदयो दारा चाय बागानो की मौजदगी क कारण एक हद तक आतथयक तवकास तकया गया यही कारण था तक उस दौर म भी पड़ोसी बगाल परानत और भारत क अनय इलाको स लोग रोज़गार और ज़मीन की तलाश म असम परवासन करत थ और चतक उपतनवशवातदयो को भी चाय-बागानो म काम करन क तलए मज़दरो की ज़ररत थी तो वह सवय भी बाहर स लोगो को काम क तलए बलात थ साथ ही तल और कोयला खदानो म भी काययशतत की आवशयकता होती थी इसक अलावा सड़क और रल तनमायण कायय म भी बाहर स मज़दरो को काम पर लगाया जाता रहा बगाल स आन वाली एक बड़ी आबादी मसलामानो की भी थी इन परवातसयो म कई जो मखयतः चाय-बागानो म काम करत थ व वही बस भी गय इस पर तववरण क तलए पाठक मासयवादी इततहासकार अमलनद गहा को पढ़ सकत ह तजनका काम असम

(पज 13 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 13

(पज 12 स आग)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का ह मज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहएऔर वहा क राषटवादी आनदोलनो पर कतनदरत ह यह परवासन आज भी हो रहा ह इन परवातसयो म असर मज़दर आबादी ही शातमल होती ह ldquoसथानीय बनाम परवासीrdquo क अनतरतवरोध का फ़ायदा इन कौमो म मौजद तफ़रकापरसत ताकत भी अपन तनतहत सवाथयो क तलए उठा रही ह सीतमत ससाधनो और जनसातखयकीय असनतलन का हवाला दकर आम जनता म भय और असरकाबोध पदा तकया गया ह जो परवातसयो क तिलाफ़ तहसातमक घटनाओ म सामन आया ह य इन राषटीय आिोलनो म पजीवािी राजनीदत और दवचारधाराओ की मौजिगी यानी अदमतावािी व अधराषटवािी रझान की ओर भी इशारा करता ह और अततोगतवा हर परकार क राषटवाि की सीमा और परदतदकरयावािी चरररि को भी उजागर करता ह भल ही वह िदमत राषट का ही यो न हो िदमत राषटो की राषटीय मदत की लडाई म इन पजीवािी दवचारो व राजनीदत क दखलाफ सघरव करना करादतकारी मजिर वगव का एक कायवभार ह योदक तभी सही मायन म जनता की जनवािी राषटीय करादत क जररए सचची राषटीय मदत भी समभव ह बहरहाल इन अतरदवरोधो का फायिा भाजपा जसी फासीवािी पाटटी इस मजहबी रग ि कर भी उठा रही ह

बहरहाल मल चचाय पर वापस लौटत हए बात कर तो उतर-पवय क तवतभनन राजयो क इततहास पर तनगाह िालन स भारतीय राजयसता का ऐततहातसक तवशवासघात सपषट रप स सामन आता ह इसकी तवसतत चचाय म हम यहा नही जा सकत ह तफ़लहाल इतना कहना काफ़ी होगा तक उतर-पवय क तमाम राषटो-राषटीयताओ की आकाकाओ को कचलकर ही भारतीय राजयसता न जोर-ज़बदयसती करक इनह ldquoभारतीय राषटrdquo म शातमल तकया ह

मतणपर की बात कर तो आज़ादी क ततकाल बाद ही भारत सरकार क परतततनतध वीपी मनन न राजय म तबगड़ती कानन-वयवसथा का हवाला दकर मतणपर क राजाबोधचनदर तसह को तशलाग बलाया और 21 तसतमबर 1949 को कपटपणय तरीक स उसस भारत म तवलय क समझौत पर हसताकर करा तलया भारत सरकार न यह भी ज़ररी नही समझा तक इस समझौत की अतभपतषट नवतनवायतचत मतणपर तवधानसभा दारा करा ली जाय उट तवधानसभा को भग कर तदया गया इसक बाद स ही मतणपर म भारतीय राजय दारा परतयक दमन की नीतत अपनाकर परततरोध को दबान का तसलतसला शर हो गया और इसी क समानतर सशसतर सघषयो का भी तसलतसला शर हो गया आफसपा जस काल कानन की आड़ म भारतीय सना दारा की गयी बबयरता न जन-परततरोध को और बल परदान तकया 2004 म

भारतीय सतनको दारा एक मतणपरी मतहला मनोरमा क बलातकार और हतया क तवरोध म वहा की मतहलाओ न तनवयसतर होकर सना मखयालय क सामन तवरोध परदशयन तकया था यह घटना तकसी भी जनवादी होन का दावा करन वाल राजय क तलए एक शमयनाक घटना होती लतकन भारतीय राजय की बशमटी और बबयरता बदसतर जारी रही और उतर-पवय म यह दमनकारी जनदरोही कानन आज तक लाग ह

नगालि की कहानी भी क ऐसी ही ह औतपवतशक शासन क दौरान और बीसवी सदी की शरआत म नगा पहातड़यो क सथानीय तनवासी नगा नशनल काउतसल (एनएनसी) क बनर तल एकजट होकर एक साझा मातभतम और सवशासन की आकाका परकट करन लग थ भारत की आज़ादी क बाद नगा नशनल काउतसल न आतमतनणयय क अतधकार की वकालत की और भारत स आज़ादी क तलए जनमत सगह की माग भी रखी लतकन भारतीय राजय न एकतरफ़ा तरीक स नगा भभाग को भारतीय गणराजय का तहससा घोतषत कर तदया बदल म एनएनसी न नगालि की सवततता की घोषणा कर दी और 1952 म समपनन पहल आम चनावो का बतहषकार भी तकया इसक बाद ही भारत सरकार दारा कई नगा नताओ को तगरफतार कर तलया गया और तब स ही नगालि म एक लमब सशसतर सघषय की शरआत हई 1955 म भारतीय राजय न पतलस और सशसतर बलो क ज़ररए नगा राषटीय मतत आनदोलन को कचलन की कोतशश भी की इसी सघषय का सामना करन क तलए 1958 म lsquoआमिय फ़ोसजज सपशल पावसय एटrsquo बना जो आज तक समच उतर-पवय म लाग ह 1975 म एनएनसी क शीषय नततव न भारत सरकार क साथ वाताय करक तशलाग समझौता तकया और भारतीय गणराजय म शातमल होना सवीकार तकया तजन नगा नताओ न इस समझौत को सवीकार नही तकया उनहोन lsquoनशनल सोशतलसट काउतसल ऑफ़ नगालिrsquo (एनएससीएन) का गठन करक सघषय जारी रखा अब यह सगठन मइवा और खापलाग क दो गटो म तवभातजत ह तजनका आधार नगा जनजातीय समह की अलग-अलग उपजाततयो म ह

अब तमज़ोरम पर आत ह जसा तक ऊपर चचाय म आया था तक तमज़ो पहाड़ी कत आज़ादी क वक़त लशाई पहाड़ी तज़ल क नाम स असम म गतठत हआ तजसका नाम 1954 म बदलकर असम का तमज़ो पहाड़ी तज़ला कर तदया गया असम स अलग होन का एक अलगाववादी आनदोलन आज़ादी स पहल भी तमज़ो जनजातीय समहो म मौजद था लतकन 1959 स 1961 तक आय अकाल क राहत कायय म भारतीय राजय की उदासीनता और अनदखी क कारण पहल स ही मौजद असनतोष और आकरोश को नयी ज़मीन परापत हई इसक बाद ही साठ क दशक स तमज़ो सशसतर तवदरोह की दासतान शर होती ह

इसी दौर म तमज़ो नशनल फट (एमएनएफ़) का गठन हआ तजसनlsquoभारतीय उपतनवशवाद स तमज़ोरम की मततrsquo क तलए सशसतर सघषय का आहान तकया फ़रवरी 1966 म सशसतर दसतो न आइज़ोल शहर पर कबज़ा कर तलया नगालि की ही तरह भारतीय राजय दारा यहा भी दमन की नीतत को ततकाल अमल म लाया गया शहर को तफर स कबज़ा करन म भारतीय सना न नागररक आबादी पर धआधार बमबारी की हज़ारो पररवारो को उनक घरो स उजाड़ तदया गया 1986 म एमएनएफ़ और भारत सरकार क बीच समझौता हआ तजसक बाद एमएनएफ़ तहसा ोड़कर ldquoमखयधाराrdquo म शातमल हो गया और भारतीय सतवधान क अनतगयत काम करन पर सहमत हो गया लतकन इसस भारत क परतत तमज़ोरम क नजातीय समहो का अलगाव और रोष जरा भी कम नही हआ आज भी वहा अलग-अलग नजातीय समहो क अपन-अपन सशसतर तवदरोही दसत ह

तसतकम क इततहास पर भी तनगाह िालन पर सपषट होता ह तक आज़ादी क समय यानी 1947 स ही तसतकम का दजाय भारत क सरतकत राजय (lsquoपरोटटोरटrsquo) का था वह भारतीय यतनयन का तहससा नही था 1975 म तबना तसतकम की जनता स रायशमारी तकय भारतीय सतवधान म मौजद परावधान क तहत उस भारत म तमला तलया गया और पणय राजय का दजाय द तदया गया जबतक उस वक़त भी तसतकम का शासक आतमतनणयय का अतधकार माग रहा था तजस भारतीय राजय दारा िाररज कर तदया गया

इस सतकपत चचाय स सपषट ह तक आजादी क बाद स ही भारतीय हमरानो न उतर-पवय क तमाम राषटो एव राषटीयताओ क साथ ल-कपट करक वायदातिलाफ़ी करक दमन राजकीय तहसा और आतक का अनतहीन चकर कायम करक उनकी आकाकाओ और हको का गला घोटन का घतणत ककमय तकया ह तजस भारतीय राषटवाद क सड़-गल मलमम क ज़ररए तपाना भी नाममतकन जान पड़ता ह यह इततहास भारत क मज़दर वगय को भी जानन की ज़ररत ह योतक शोषण दमन और उतपीड़न का हर रप म तवरोध तकय तबना करातनतकारी मज़दर वगय न तो समाजवादी करातनत कर मज़दर सता को सथातपत कर सकता ह और न ही करातनतकारी सवयहारा जनवाद को सथातपत कर सकता ह तकसी भी रप म दमन शोषण और उतपीड़न का साथ दन वाला मज़दर वगय सवय भी पजीपतत वगय क हाथो शोतषत व दतमत होत रहन क तलए अतभशपत होता हअसम-ममज़ोरम समीमा-नववाद का हल उततर-पवष म राषटमीय रिशि क

समाधाि स जड़ा हउतर-पवय क तमाम राजयो म मौजद

आपसी सीमा-तववाद का तनपटारा भी वहा क राषटीय परशन क समाधान स नातभनालबदध ह वस तो तकसी यतनयन म सवचा स शातमल हई इकाइयो

क बीच भी सीमा-तनधायरण को लकर झगड़-फ़साद हो सकत ह एक पजीवादी राजय वयवसथा क अनतगयत आप और तकसी बात की उममीद कर भी नही सकत ह राषटीय शातनत या कौमी अमन जसी कोई भी चीज़ पजीवाद क मातहत सथायी तौर पर समभव ही नही ह लतकन यह तमाम तववाद अपन आप म कौमी दमन नही होत ह जबतक उतर-पवय की बात कर तो य तमाम सीमा-तववाद सीध-सीध भारतीय राजय क कौमी दमन की नीतत स ही पदा हए ह और उसक अतवभाजय अग ह

कौमी दमन का मतलब यह ह तक भारतीय शासक वगय दारा उतर-पवय म मौजद तमाम कौमो क पजीपतत वगय समत समची कौम का ही दमन तकया जा रहा ह यानी कौमी िमन क दनशान पर मलतः िदमत कौम का पजीपदत वगव होता ह जो िमन बाि म वकहि रप अदततयार कर जनता क अलग-अलग दहसो और जन-जीवन को भी अपनी जि म ल लता ह दकसी कौम क बजवआ वगव क िमन क बगर कौमी िमन अदततव म आ ही नही सकता ह िसर शबिो म कह तो कोई भी कौम िदमत ही तब मानी जायगी जबदक उसका पजीपदत वगव िदमत हो आज भारत की बात कर तो कशमीर और उततर-पवव को छोडकर यह दथदत और कही मौजि नही ह कौम या राषट बनता ही बजयआ वगय क अतसततव म आन क साथ ह यतद तकसी कौम स पजीपतत वगय को अलग कर तदया जाय तो उसक बाद जो रह जाता ह वह बस जनता ही ह आज उतर-पवय क राषटो म यह पजीपतत वगय तकतना तवकतसत या अतवकतसत ह इस तथय स वहा मौजद राषटीय दमन पर कोई फ़कय नही पड़ता ह

इसतलए उतर-पवय म तमाम राजयो क बीच मौजद सीमा-तववाद कौमी दमन का कारण नही बतक इसी कौमी दमन की नीतत का एक पररणाम ह अलग स तकसी दश क तकनही दो राजयो तजनम तक दतमत कौम ह और ज़बरन तकसी यतनयन म शातमल की गयी ह क बीच सीमा-तववाद क हल की उममीद शासक वगयो स तबना वहद राषटीय परशन क समाधान क करना ही बमानी ह आज़ादी क बाद शरआती दशको म तो भारत सरकार न उतर-पवय क महतव को कवल रणनीततक दतषट स ही दखा था लतकन पजीवादी तवकास क साथ ही पराकततक समपदा और ससती शरमशतत क दोहन की भी शरआत हई हालातक यहा बसन वाली कौमो म भारतीय राजयसता क परतत नफ़रत और अलगाव म कोई कमी नही आयी ह तकसी कापतनक एकाशमी ldquoभारत राषटrdquo और भारतीय राषटवाद म इन कौमो का तवलयन ज़ोर-ज़बदयसती क बत ही समभव ह इसतलए आज भी इस पर भ-भाग म कई सशसतर सघषय चल रह ह जब तक भारतीय राजयसता का राषटीय दमन और ज़बर जारी रहगा य राषटीय मतत सघषय भी तवसतजयत नही होग नततव की कोई

एक धारा जब समपयण करगी तो दसरी धारा उभरकर सामन आयगी और सघषय को जारी रखगी ऐततहातसक तौर पर कह तो राषटीय परशन का अतनतम और मकममल समाधान तो कवल और कवल एक समाजवादी राजय क तहत ही समभव ह जो सही मायन म तवतभनन राषटो को अलग होन क अतधकार क समत आतमतनणयय का अतधकार और अपसखयक राषटीयताओ को ससगत जनवाद का अतधकार दता ह लतकन हर दतमत कौम क तलए पहला काययभार राषटीय मतत का जनवादी काययभार ही होता ह और उसक तलए करातनत की मज़ तल भी राषटीय जनवादी ही होती ह

इततहास न यह भी सातबत तकया ह तक सामाजयवाद क दौर म दमनकारी राषट या राषटो क पजीपतत वगय आम तौर पर दतमत राषटो को आतमतनणयय का अतधकार और राषटीयताओ को ससगत जनवाद नही द सकत लतकन यह भी उतना ही सच ह तक राषट कवल दमनकारी राषटो क अतधकार दन की वजह स म त नही होत व अपन राषटीय मतत सघषयो क ज़ररए भी म त होत ह यह एक अलग चचाय का तवषय ह तक उतर-पवय क तवतभनन राषटो का राषटीय मतत सघषय यह राषटीय मतत हातसल कर सकता ह या नही लतकन इतना तय ह तक जब तक इन दतमत कौमो को राषटीय मतत हातसल नही होती तब तक शातनत या तसथरता की कोई उममीद भी नही की जा सकती ह तकसी भी कौम को हमशा गलाम बनाकर नही रखा जा सकता ह यह बात भारत क उतर-पवय पर भी उतनी ही लाग होती ह

आज भारत म दतमत कौमो क राषटीय मतत सघषयो को भारतीय राजयसता क तवरदध मज़दर वगय क समाजवादी करातनत क सघषय स जड़ना होगा और भारत क मज़दर वगय आम महनतकश जनता और ातो-नौजवानो को भारत की दतमत कौमो क राषटीय मतत सघषय स िद को जोड़त हए उनक राषटीय आतमतनणयय क अतधकार का तबना शतय समथयन करना होगा जहा एक तरफ़ भारत की महनतकश अवाम को हर परकार क राषटीय कटरपनथ और अनधराषटवाद स अपना नाता तोड़ना होगा और भारतीय बजयआ वगय क मिी म पदा हए राषटवाद की असतलयत समझनी होगी वही दसरी तरफ़ दतमत कौमो म राषटीय मतत क तलए लड़ रही ताकतो को भी यह समझना होगा तक हर परकार का बजयआ राषटवाद और सकीणय अतसमतावाद या कटरतावाद तकसी भी वयापक और तटकाऊ जन-एकजटता म बाधा ह भारत की महनतकश जनता इस सघषय म उनकी शत नही बतक दोसत ह वासतव म भारतीय राजयसता और भारतीय पजीपतत वगय ही हमारा मशतरका दशमन ह यह बात समझना बहद जररी ह सचच और सही अथयो म राषटीय मतत आनदोलन भी साथयक और कारगर तरीक स तभी आग भी बढ़ सकत ह

14 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 1 स आग)

करना ही उसक तलए भी बहतर ह इस तरह दश आज़ाद हआ आलीशान अटातलकाओ म हो रह जशन क बाहर बठी दश की आम महनतकश जनता फटहाल हालत म सगीत नाच-गाना और आततशबाज़ी दख रही थी और उममीद लगाय थी तक एक तदन वह भी िशहाल होगी आज़ादी क करीब चार दशक बाद जब नवउदारवादी नीततयो की शरआत हई तो पजीवादी नताओ और उनक चाकर बतदधजीतवयो न कहना शर तकया तक जब समतदध आयगी तो ररस-ररस कर सब तक पहचगी लतकन ररस-ररस कर तो बस दख-तकलीफ़ आयी ह अमीरज़ादो की समतदध की आततशबातज़यो को दख सड़को पर भीख माग रह बचच ताली बजा कर िश होत ह समतदध का अथय जनता क तलए बस इतना ही ह

आपन असर लोगो को यह कहत सना होगा तक अगज़ चल गय लतकन अगज़ी ोड़ गय अगज़ी क पी टन का मतलब तसफ़य भाषा स नही ह इसका अथय यह भी ह तक अगज़ो क चल जान क बाद अगज़ी नौकरशाही सना और पतलस क औपतनवतशक ढाच को ही अपना तलया गया योतक वह भारतीय पजीपतत वगय क तलए भी अपन तहतो की सवा क तलए उपय त था इसतलए लट और दमन बदसतर जारी रहा बस शासक वगय बदल गया जब दमन का बना-बनाया तत आज़ादी क साथ मफत तमल रहा था तो उस बदलन की कोई िास आवशयकता नही थी इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक lsquoगवनयम ट ऑफ़ इतिया एट 1935rsquo क 321 धाराओ म स 250 को ह-ब-ह भारतीय सतवधान म अपना तलया गया और आईपीसी तो अगज़ो क ज़मान स चली आ रही ह तजनम नयी धाराए जोड़ी गयी ह लतकन परानी सभी धाराए लगभग वसी ही ह तलतखत क साथ-साथ अतलतखत हथकि भी उनही स सीखकर उस िब माजा गया lsquoफट िालो और राज करोrsquo की नीतत पजीवादी सता क तलए अचक सजीवनी बटी ह अगज़ो न इस सवततता आनदोलन को कमज़ोर करन क तलए इसतमाल तकया और आज़ाद दश म सभी सरकार इस अपन-अपन ढग स मज़दरो-महनतकशो की एकता तोड़न उनक सघषयो को कमज़ोर करन क तलए करती आयी ह इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक आज़ादी क दौरान करातनतकाररयो की मितबरी करन वालो अगज़ो क तलव चाटन वालो उनह माफ़ीनामा तलखन वालो आज़ादी की पवयसधया पर ततरगा जलान वालो और महातमा गाधी की हतया करन वालो आरएसएस और अनय सहयोगी सगठनो पर कभी कोई ठोस कारयवाई नही की गयी तजसस इनको परभावी तौर स रोका जा सक भारतीय पजीवाद को आरएसएस की आवशयकता थी और इसतलए इस ज़जीर स बध कत की तरह अपन करीब बाध रखा समय-समय

पर ज़ररत क अनसार ज़जीर कस दी जाती रही या ढीली कर दी जाती रही आज पजीवाद की ज़ररत क अनसार इस खखार कत को भारत क पजीपतत वगय न सता ही सौप दी ह

बहरहाल हम बात कर रह थ भारत क पजीपतत वगय और उसकी राजनीततक पाटटी कागस क बार म सता हातसल करन क बाद भारत का पजीपतत वगय इतना सशत नही था तक अपन बल-बत पजीवाद क फलन-फलन क तलए आवशयक बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो का ताना- बाना खड़ा कर सक उसक पास आरतमभक पजी और तकनोलॉजी की कमी थी इन आवशयकताओ को परा करन की दो राह थी एक सामाजयवादी दशो पर पणय-तनभयरता और दसरा जनता की गाढ़ी कमाई की पाई-पाई का दोहन इन दोनो म स यहा क पजीपतत वगय न दसरा रासता अपनाया लतकन पजीपतत वगय सीध जनता का पसा नही लट सकता था और न ही राजय उस सीध लटकर पजीपततयो को थमा सकता था इसतलए इनहोन तमतशरत अथययवयवसथा की नीतत अपनायी यानी सावयजतनक कत सय त कत और तनजी कत इस नहर न lsquoसमाजवादी नमन क समाज क तवकासrsquo का नाम तदया जनता की गाढ़ी कमाई चस कर दश का तवकास आरमभ हआ और जनता क पस स बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो को खड़ा तकया गया बतनयादी और अवसरचनागत उदयोग जस इसपात कारिान रल यातायात और पररवहन तबजली सचार आतद सावयजतनक कत म रख गय इनम पजी तनवश अतधक और मनाफ़ा लमब कालकरम म हातसल होना था वही उपभोता वसतओ का उतपादन तनजी कत को सौपा गया तजसम लागत सापतकक रप स कम और मनाफ़ा जद हातसल होना था इस योजना का आधार 1944 का बॉमब पलान या टाटा-तबड़ला पलान था दश की मज़दर-महनतकश आबादी की कमाई लट कर दश म बतनयानी और अवसरचनागत उदयोग खड़ तकय गय तातक पजीपतत वगय क मनाफ़ा कमान का काम सगम हो सक मतलब lsquoहरज लग न तफटकरी रग चोखाrsquo उननीसवी सदी क अनत और बीसवी सदी क शरआत स ही दश म कई बड़ बक थ तजनम सबस बड़ा बक lsquoइमपीररयल बकrsquo था लतकन दर-दराज़ क इलाको म भी सतवग सकीम थी जस पोसट ऑतफ़स सतवग सकीम जो 1882 म खोली गयी थी जनता की महनत की कमाई तक पहच क तलए ससथान पहल स मौजद थ तजन पर 1948 क बाद नहर न अतधक बल तदया जो तक पजी क सचय क तलए लातज़मी भी था 1969 म बको क राषटीकरण न तनवश क तलए पजी की उपलबधता को बढ़ा तदया कह सकत ह तक तमतशरत अथयवयवसथा की आड़ म बहद कशलतापवयक कागस न पजीपतत वगय की सवा की उसक तहतो को

साधा और जनता की गाढ़ी कमाई को चस कर पल सड़क सचार पररवहन बनाया गया और जनता क बीच बढ़ रह मोहभग पर रसमी सधारवाद का नाटक कर पानी क ीट भी िाल सीपीआई सीपीएम और नामधारी कमयतनसट पातटययो न भी इन नीततयो का समथयन कर न कवल जनता की पीठ म रा घोपा बतक उनकी राजनीततक चतना को भी कनद तकया तजसकी चचाय हम आग करग

नहरतवयाई lsquoसमाजवादrsquo क चोग की सीवन जद ही उधड़न लगी और 1960 क दशक क उतरादधय म ही भारत की अथयवयवसथा म ठहराव आन लगा 1970 का दशक मनदी का दशक रहा चार पचवषटीय योजनाओ और तीन वातषयक योजनाओ क कल पजी तनवश को दख तो सावयजतनक कत म पजी तनवश का परततशत अनपात तनजी कत की तलना म बढ़ता गया लतकन जद ही तमतशरत अथयवयवसथा या तथाकतथत समाजवाद क अनतरतवरोध सामन आन लग 1960 क दशक म जो सकट आया था और जो 1970 क दशक म गहराया था वह राजकीय इजारदार पजीवाद क ढाच क भीतर पजी सचय का सकट था बड़ा पजीपतत वगय और साथ ही नवोतदत मझोला व ोटा पजीपतत वगय lsquoधनधा करन की परी सहतलयतrsquo की माग कर रहा था जो तक नहरतवयाई समाजवाद क ढाच म बातधत थी हर परकार क सरकारी तवतनयमन व तनयतण स उस टकारा चातहए था तजस उसन सवय अपनी ही ज़ररत स एक समय सथातपत तकया था इस सकट की ही अतभवयततया थी उस दौर म बढ़ती महगाई बरोज़गारी खादयानन सकट आतद एक ओर मधय वगय तनमन पजीपतत वगय और महनतकशो क सपन टट रह थ वही दसरी ओर सावयजतनक कत क पालन म पला तशश तनजी पजीपतत वगय अब बड़ा हो चला था और पालना उसक तवकास को रोक रहा था पजीवादी तहतो की नमाइनदगी करन वाल बतदधजीतवयो और अथयशातसतरयो न पजी पर राजय क तवतनयमन यानी लाइसस कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण परतयक तवदशी तनवश पर रोक एमआरटीपी तनयतण व सतबसिी आतद पर सवाल उठान शर कर तदय

इस दौर म तवशव सतर पर भी 1970 क दशक म नवउदारवाद क यग की शरआत होती ह अपना सवतणयम यग जीन क बाद 1960 क दशक क आतिरी वषयो म ही अमररकी व यरोपीय पजीवाद पर सकट क बादल मिरान लग थ और इसक साथ ही करतमक परतकरया म पतशचम म कयाणकारी राजय की नीततयो को समापत करना शर कर तदया चतक अमररकी व आम तौर पर पतशचमी पजीवादी अथयवयवसथाए मनाफ़ की दर का सकट झल रही थी इसतलए पहल उनहोन अपन यहा तवतीय तवतवतनयमन तकय अमररका न लचीली तवतनमय दर सथातपत की शरम

बाज़ार का भी क उदारीकरण तकया और तफर तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क पजीपतत वगय पर भी दबाव बनाया तक व भी तवतीय तवतवतनयमन कर और शरम बाज़ार को लचीला बनाय तातक पतशचमी सामाजयवादी पजी को इन दशो म और खल कर ससत शरम की लट की ट तमल अपन कारणो स एतशया व अरब अफीका और साथ ही लाततन अमररका क तमाम पजीवादी दशो का शासक वगय भी उदारीकरण की आवशयकता महसस कर रहा था तवशव बक और तवशव मदरा कोष न तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क आतथयक सकट का लाभ उठात हए उन पर तवदशी पजी क तलए अपन दरवाज़ खोलन का दबाव बनाया यानी उनह तवदशी वयापार और तवदशी तनवश पर लगी तमाम पाबतनदयो को हटान क तलए मजबर करन का परयास तकया क दशो न (जस तक लाततन अमररका क क दश) इस परकार की नीततयो को जयो का तयो लाग तकया तजनह lsquoसपrsquo यानी lsquoसटचरल एिजसटमटrsquo की नीतत भी कहा जाता हा इसक आरतमभक परयोग लाततन अमररका क दशो म हए और पानी जसी मलभत सतवधाओ को तनजी हाथो म सौपन स लकर समची अथयवयवसथा क नवउदारवादी पनगयठन क भयकर पररणाम सामन आय

भारत क सनदभय म कहा जाय तो यहा क पजीपतत वगय न बहद कशलता स इन नीततयो को लाततन अमररका क तवपरीत अपन तहतो क अनसार बदलकर और तवलतमबत परतकरया म लाग तकया तजसक कारण भारतीय पजीवादी वयवसथा उस परकार सामाजयवाद पर तनभयर नही हई और न ही वह उस परकार औध मह तगरी तजस परकार लाततन अमररका क क दशो क साथ हआ नतीजतन यहा उस परकार जनाकरोश फट कर सड़को पर भी नही बहा तजस परकार लाततन अमररकी दशो म हआ था असर यह बात कही जाती ह तक भारतीय शासक वगय अनतरायषटीय दबाव म नवउदारवादी नीततयो को अपनान क तलए मजबर था लतकन ऐसा नही ह और इसकी चचाय हम पहल ही कर चक ह तक तकस परकार तमतशरत अथयवयवसथा क तवतनयमन म तनजी पजी का दम घट रहा था और वह लाइसस सतबसिी परतमट शरम काननो कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण आतद स पीा ड़ाकर म त बाज़ार म गोत लगाना चाहती थी तसफ़य बाहरी पररतसथततया ही नही बतक आनतररक पररतसथततया भी नवउदारवाद क तलए दबाव बना रही थी आतधकाररक तौर पर जलाई 1991 म नवउदारवाद की नीततयो की घोषणा स पहल ही 1980 क दशक म राजीव गाधी नवउदारवाद क सबस मखर समथयक बन और उनकी सरकार न सीतमत हद तक अथयवयवसथा का उदारीकरण तकया 30 उदयोगो म लाइसस की आवशयकता हटायी तथा और साथ ही कई पररवतयन तकय गय

लतकन पर ढोल-ताश तोरण और बनदनवार क साथ तवकास क बड़-बड़ वायदो और रोज़गार क सवतणयम अवसरो क सपन तदखा कर उदारीकरण तनजीकरण और भमिलीकरण की नवउदारवादी नीततयो की शरआत 24 जलाई 1991 को परधानमती नरतसमहा राव तवत मती मनमोहन तसह और योजना आयोग क उपाधयक मोटक तसह अहलवातलया क समय म की गयी यह दावा तकया गया तक परतयक तवदशी तनवश स दश म रोज़गार सजन होगा इन तीनो न तमल कर lsquoतटकल िाउन तथयरीrsquo यानी धन-समतदध क ऊपर स ररस कर नीच जान का तसदधानत परसतत तकया ऊपर स नीच का सच तो महनतकश लोग अपनी तज़नदगी स जानत ही ह नीच स तनचोड़कर सारा धन ऊपर की ओर ज़रर चला जा रहा ह और ऊपर स ररसकर कवल गरीबी बरोज़गारी और बबायदी आम महनतकश जनता क तहसस आ रही ह अगर ऐसा नही होता तो दश म 1990 म जहा मात 2 अरबपतत (िॉलर अरबपतत) थ वही 2021 म 177 कस हो गय lsquoहरन गलोबल ररच तलसटrsquo (हरन दारा बनायी तवशव म अमीरो की सची) क अनसार पर तवशव म अरबपततयो की सखया म तीसरा सथान भारत का ह साथ ही वतशवक भखमरी सचकाक म 107 दशो की सची म भारत 94व सथान पर ह सवासथय की पहच क कत म भारत का सथान 189 दशो म 179वा ह जो तक बगलादश शरीलका पातकसतान और कई अफीकी दशो स भी नीच ह 1995 स लकर 2009 तक जीिीपी क औसत 6 स सात और कई बार 8 स ऊपर पहचन पर सीना चौड़ा कर तवकास का दावा करन वाली सरकार यह नही बताती तक यह तवकास रोज़गारतवहीन तवकास था योतक 1991 स लकर 2018 तक बरोज़गारी की दर 5 परततशत स 6 परततशत क बीच बनी हई थी जो 2020 म 56 सालो म सबस जयादा यानी 89 परततशत हो गयी 2021 म तो यह 917 परततशत हो गयी ऐस तवकास की जनता क तलए या उपयोतगता जो रोज़गार क अवसर ही न सतजत कर शयर बाज़ार म उाल पजीपततयो की तज़ रफतार महगी गातड़यो पराइवट जट तवमानो आलीशान अटातलकाओ और तवदश याताओ की सखया क आधार पर मापा गया तवकास आम महनतकश आबादी की थाली म दो जन की रोटी तक नही पहचाता

आम आबादी क तलए तो नवउदारवाद तगी बरोज़गारी कपोषण और भखमरी ही लकर आया ह तदहाड़ी पर काम करन वाली 50 करोड़ आबादी 10 साल पहल वासतव म तजतना कमाती थी आज भी लगभग उतना ही कमाती ह जबतक कीमत दोगनी-तीन गनी हो चकी ह दश म 60 परततशत आबादी कपोषण का तशकार

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह

(पज 15 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 15

ह राषटीय पोषण तनगरानी बयरो दारा 2015-16 म शहरी आबादी म तकय गय सवज क अनसार औसत खानपान म परोटीन कतशयम आयरन तथयातमन तनयातसन आतद पोषक ततवो की काफ़ी कमी ह यही ह दश की मज़दर महनतकश आबादी क तलए नवउदारवाद की सवतणयम सौगात

िवउदारवाद और मज़दर आनदोलि

1950 क दशक क आरमभ स ही सशोधनवाद क मागय पर तनकल पड़ी भारत की कमयतनसट पाटटी (भाकपा) नहर और कागस की नीततयो को समाजवाद की तदशा म कदम मानती थी और राषटीकरण की रट लगाती थी भाकपा क अनसार आज़ादी क बाद कागस जनवादी काययभारो को परा कर रही थी इसतलए कमयतनसटो को इसका सहयोग करना चातहए अत इनहोन वगय सहयोग की लाइन दी जब पाटटी की लाइन ही वगय सहायोगवाद की हो गयी तब समाजवाद क समथयन और सवयहारा वगय को करातनतकारी चतना और उसक ऐततहातसक तमशन स पररचय करान की बात तो सथतगत हो गयी 1964 म एक सशोधनवादी पाटटी क तौर पर ही भाकपा स अलग हई माकपा सीध तौर पर नहर की गोद म नही बठी और उसन नहर को समझौतापरसत बोलकर उसपर जनवादी काययभारो को परा करन क तलए सड़क और ससद म दबाव बनान की बात की लतकन असल म वह भी एक सशोधनवादी पाटटी थी न तक मज़दर वगय की कोई करातनतकारी कमयतनसट पाटटी अपन गरमा-गरम भाषणो और चाय की पयाली म तफ़ान उठान क अलावा इन ससदमागटी जड़वामनो न बजयआ वगय क तिलाफ़ मज़दर वगय की करातनतकारी राजनीततक चतना उननत बनान क तलए कोई ठोस राजनीततक कारयवाई नही की और मज़दर वगय को अथयवाद क गोल चकर म ही घमात रह सवयहारा वगय की तहरावल पाटटी का अतनतम लकय होता ह तक वह बजयआ राजयसता का धवस करक सवयहारा राजयसता की सथापना करन की ऐततहातसक मतहम म महनतकश जनसमदाय को नततव द इस अतनतम लकय तक पहचन क तलए कमयतनसट मज़दरो और सभी करातनत-पकधर वगयो क जन-सगठन बनात हए आतथयक सधारो-मागो-ररयायतो क तलए अथयवादी नही बतक राजनीततक रप स लड़त हए जनता की जझार सगठनबदधता को बढ़ात ह रतढ़यो स मतत और वगय-चतना को परखर बनान क तलए सतत सामातजक आनदोलन करत ह और सासकततक कायय करत ह लतकन ऐसा करन की जगह मज़दर वगय को य सशोधनवादी पातटयया सधारवाद पबनदसाज़ी अथयवाद अराजकतावादी सघातधपतयवाद और टि यतनयन की गतलयो म घमाती रही

1950 क उतरादधय स भाकपा एव अपन जनम क काल स ही माकपा

और 1980 क दशक स भाकपा (माल) का इततहास जब ऐसा रहा तब उनस 1991 म नवउदारवाद क तवरदध जझार परततरोध की उममीद बकार थी और हआ भी ऐसा ही नवउदारवाद न मज़दरो का िन बहा कर तमल शरम काननो को ततलाजतल द दी और य ससदमागटी सशोधनवादी पातटयया महज़ सगतठत कत क मज़दरो और कमयचाररयो को लकर नपसक तकसम क तवरोध की रसमअदायगी करती रही और 93 परततशत असगतठत मज़दर वगय को तो सगतठत करन का इनहोन कभी ढग स परयास ही नही तकया आज सार परान शरम कानन लगभग समापतपराय ह और मज़दर जानलवा हदो तक असरका की तसथतत म काम करन को मजबर ह मज़दर वगय की जीवन व काययतसथतत भयकर ह खल और मनोरजन की या बात कर जब मामली बीमाररयो क इलाज की भी सतवधा नही ह नय लबर कोि वासतव म मज़दरो की पजीपततयो दारा तबना तकसी रोक-रकावट लट को काननी बनान क तलए ही लाय गय ह इसक अलावा करल अतीत म पतशचम बगाल और ततपरा म ससदीय वामपनथी पातटययो की सरकारो न सवय नवउदारवाद की नीततयो को परी तनषठा स लाग तकया ह वगय सहयोग की तदशा म बहद सजीदगी स कदम बढ़ात हए परथम यपीए सरकार म शातमल होकर भारत म उदारीकरण-तनजीकरण को सही तरीक स लाग करन का रासता साफ़ तकया और इस तदशा म नयी-नयी नीततयो क जनमदाता बन 2005 म ससद म बठकर इनहोन सज़ अतधतनयम पास करवाया सज़ यानी सपशल इकॉनोतमक ज़ोन तजसक तहत ऐस औदयोतगक कत बनाय गय जहा तकसी भी तरह का शरम कानन लाग नही होता

इस परकार इन सशोधनवादी पातटययो न मज़दर वगय क साथ ऐततहातसक गदारी की झठ तवशवासघात और फरब का इतना लमबा काल झल कर महनतकश आबादी क बड़ तहसस का इनस मोहभग हो चका ह और इनका आधार अब मलत और मखयत सगतठत कत क पक कमयचाररयो और एक हद तक क राजयो म ोट व मझोल वयवसातययो और मझोल व धनी तकसानो-कलको म ह मज़दर वगय क एक तहसस म इनह लकर क भम अभी भी ह लतकन उनह तनरनतर करातनतकारी परचार और सघषयो क ज़ररए इनह बनकाब करक ही तोड़ा जा सकता ह सचचाई यह ह तक वाहय आवरण म आम मज़दरो को कमयतनसट तदखन वाली य पातटयया अपनी अनतयवसत म बजयआ ही होती ह सशोधनवादी पातटययो दारा मज़दर वगय क आनदोलन को सधारवाद अथयवाद और सशोधनवाद क पककि म ल जान का सबस जयादा फ़ायदा फ़ासीवादी शततयो को तमला तजनहोन पजीवादी वयवसथा क सकट और करातनतकारी

कमयतनसट शततयो क अभाव म मज़दर आनदोलन क एक ोट तहसस म और वयापक टटपतजया आबादी म परतततकरया का आधार तयार तकया

राम जनमभतम आनदोलन बाबरी मतसजद धवस 1991 क सकट क बाद और 1995 तक उदारीकरण-तनजीकरण क तवनाशकारी पररणामो क बाद भारत म फ़ासीवादी आनदोलन पहल स कही अतधक आकरामक हो कर उभरा एक करोड़ 42 लाख सदसयो वाली एटक और 60 लाख स भी जयादा की सदसयता का दमभ भरन वाला सीट और बगाल करल और ततपरा म सरकार चलान वाली माकपा और भाकपा इस आकरामक फ़ासीवादी सलाब क समय तकनार बठ कर धातमयक सौहादरय का कीतयन करती रही और सामपरदातयकता स लड़न क नाम पर कभी कागस तो कभी मलायम तसह यादव का प ला बनी रही जब 2002 म जलत गजरात क तवरोध म सड़को पर उतरन की और फ़ासीवातदयो स तनपटन की मज़दरो क लड़ाक सगठन बनान की और िाकी चििीधाररयो का महतोड़ जवाब दन की ज़ररत थी तब भी इतनी बड़ी सदसय सखया लकर इन सशोधनवादी पातटययो को ससद क एसी सभागार फ़ासीवाद स लड़न क जयादा कारगर उपाय लग वासतव म य मज़दर वगय का कोई करातनतकारी आहान करन की कमता खो चक थ और अगर दहाड़न क तलए भी मह खोलत ह तो मह स मयाऊ ही तनकल जाता ह इनका यह इततहास दशायता ह तक फ़ासीवाद को एक lsquoअपरततरोधय उभारrsquo बनान म अगर तकसी एक शतत की सबस अतधक भतमका ह तो वह सशोधनवाद ही ह

पतशचम बगाल म लोकसभा चनावो और राजयसभा चनावो क दौरान भाकपा-माकपा का बड़ा जनाधार तखसक कर भाजपा की ओर चला गया इस जनता की करातनतकारी ऊजाय को अथयवाद और सशोधनवाद स बतधया कर दन और उनकी राजनीततक चतना को कनद करन क पररणाम क तौर पर दखा जा सकता ह दश क अनय तहससो म भी मज़दर तनमन-मधयवगय और आम महनतकश वगय क बीच करातनतकारी पाटटी और राजनीतत की नामौजदगी की वजह स बढ़त आतथयक असरका व सकट काल म फ़ासीवादी ताकतो को अपन पर पसारन का अवसर तमल जाता ह िवउदारवाद क दौर म फासमीवाद

का उभारपजीवाद तजस असमाधय सकट

स गज़र रहा ह उसस तनपटन क तलए दतनया क तमाम दशो म पजीपतत वगय सबस परतततकरयावादी दतकणपनथी मज़दर-तवरोधी और फ़ासीवादी सरकारो को चन रहा ह भारत क सनदभय म तहनदतववादी फ़ासीवादी मोदी सरकार सता म आयी यहा क पजीपतत वगय को ऐसी सरकार की

ज़ररत थी जो लोह क हाथो स उन नीततयो को लाग कर जो मनाफ़ की राह म सभी परशातनयो को हटा द और पजी क तलए खल चारागाह का तनमायण कर इसक तलए आदशय परतयाशी मोदी और पाटटी भाजपा ही थ इसतलए मोदी सरकार जब 1914 म सता म आयी तो सबस पहल शरम काननो म बदलाव तकया आज यह बदलता-बदलता समापत पराय हो गया ह और उनकी जगह बस चार लबर कोि रह गय ह य कोि मज़दरो को गलामो की तसथतत म ला दग सार सावयजतनक ससथान औन-पौन दामो म बच जा रह ह पजीपततयो की सारी महमागी मराद परी हो रही ह इसतलए तो मकश अमबानी तवशव म आठवा और एतशया म सबस अमीर वयतत बन गया ह

एक ओर जहा धन क मटी भर आबादी क हाथो सकतनदरत हो रहा ह वही भमिलीकरण और उदारीकरण क 30 वषयो न बड़ पमान पर ोट पजीपतत वगय को उजाड़ा ोट पमान क उतपादको दकानदारो वतनभोतगयो और साथ ही गामीण तनमन-पजीपतत वगय को भी उजाड़ा ह बड़ पमान पर लोग सड़को पर आ गय और जो सड़को पर नही आय उनक तसर पर भी लगातार टनी और तालाबनदी नौकरी स तनकाल तदय जान ठक पर कर तदय जान की तलवार लटकती रहती ह कहन का अथय ह तनमन-पजीपतत वगय क सामन भतवषय की असरका और अतनतशचतता बहद तज़ रफतार स बढ़ी ह भाजपा और आरएसएस न इसी असरका और अतनतशचतता का फ़ायदा उठाया इस अतनतशचतता और असरका स पदा हए गसस बौखलाहट तचड़तचड़ाहट और तनराशा को सघ पररवार न अपसखयको तवशषकर मसलमानो और शरणातथययो की ओर मोड़ तदया मसलमानो शरणातथययो ईसाइयो आतद को सभी सकट पर शातनयो और असरका की वजह बतात हए इनक तिलाफ़ सड़को पर उनमाद पदा तकया गया सघ पररवार का पदा तकया सामपरदातयक उनमाद ततकालीन आतथयक सकट की वजह स उभरा और फ़ासीवाद भारत म पहली बार 1980 क दशक म एक परतततकरयावादी

सामातजक आनदोलन बनकर उभरा लतकन तवचारधारातमक सगठनातमक और ससथाबदध कामो की तयारी सघ 1925 स ही कर रहा था शाखाओ सासकततक कनदरो तशश मतनदरो म सामपरदातयक सतरी-तवरोधी दतलत-तवरोधी ज़हर घोल-घोल कर तपलाया जाता रहा और आज इन ससथाओ स तनकल लोग नौकरशाही पतलस सना नयायपातलका तवशवतवदयालयो स लकर न कड़-चौराहो पर सघ क तवचारो क रकक और परचारक बन बठ ह बहरहाल आज कोई दशवयापी करातनतकारी कमयतनसट पाटटी मौजद नही ह जो तक वयापक महनतकश अवाम को करातनतकारी सवयहारा वगय क नततव म जगा सक गोलबनद कर सक सगतठत कर सक और समझा सक तक उनक दखो तकलीफ़ो और असरका की असल वजह पजीवाद ह न तक कोई धमय या समदाय आज ऐसी पाटटी का तनमायण करत हए मज़दर वगय क बीच वयापत सभी परकार क तवजातीय तवचारो स लड़ना होगा और उनकी राजनीततक चतना उननत करनी होगी मज़दर वगय को उसक ऐततहातसक तमशन की याद तदलानी होगी और उसक बीच वयापत रतढ़वादी अवजातनक अतातकय क तवचारो स सतत सघषय करना होगा कवल इसी क ज़ररए मज़दर वगय और आम महनतकश अवाम फ़ासीवातदयो को महतोड़ जवाब द सकती ह

अनतत 30 वषयो क नवउदारवाद क काल न दश म वगयो का धरवीकरण ितरनाक सीमा तक बढ़ा तदया ह करोड़ो-करोड़ बदहाल तनराश और बघर आबादी क शीषय पर मटी भर आबादी आपरातधक अययाशी का जीवन जी रही ह और आन वाल समय म बढ़ती महगाई टनी-तालाबनदी बरोज़गारी को दखत हए यह धरवीकरण और गहरान जा रहा ह आतथयक सकट स पदा असनतोष को दबान क तलए फ़ासीवाद क हमल भी और आकरामक होग तजसक सकत तमल रह ह करातनतकारी शततयो को सवयहारा वगय क बीच राजनीततक परचार-परसार क काम को यदध सतर पर सगतठत करना होगा और मज़दर महनतकश वगय को इन राजनीततक गतततवतधयो म बढ़-चढ़ कर तहससा लना होगा

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह(पज 14 स आग)

अपनी रोज़ी-रोटी को बचाया जा सक और लट शोषण व दमन क तिलाफ़ समच मज़दर वगय और आम महनतकश आबादी का सशत परततरोध खड़ा तकया जा सक पजीवाद क मनाफ़ की दर तगरन का सकट पहल स कही जयादा तज़ होता जा रहा ह और मज़दरो क लट शोषण व दमन तज़ होता जा रहा ह यही समय ह तक हम मज़दर जद स जद एकजट हो जाय सगतठत हो जाय और सोच-समझकर अपन सघषय को आग बढ़ाय मातलक ठकदार जॉबर आतद हमस

जयादा नही ह लतकन व हमस जयादा सगतठत ह और उनक पी सरकारो की ताकत ह दसरी ओर हम असगतठत और तबखर हए ह यदि हम सगदठत और एकजट हो तो सरकारो की ताकत साथ होन क बावजि व हमस मकाबला नही कर सकत व अभी ऊच इसदलए दिख रह ह योदक हम घटनो पर बठ हए ह

मािसर की शमीनिसस कमिमी क मज़दरो(पज 10 स आग)

ाक पजीयन SSPLWNP-3192020-2022पररण ाकघर आरएमएस चारबाग़ लखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 5 परतयक माह16 Mazdoor Bigul l Monthly l September 2021 l RNI No UPHIN201036551

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो लखनऊ स मददत समपािक अदभनव l समपािकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006

टोको ओलममपक म भाित का परदशवन एक समीकाndash साथिषक

अगसत महीन म टोयो ओलतमपक खलो का समापन हआ और भारत को इस बार एक सवणय दो रजत और चार कासय पदक तमल ह इस परकार कल पदको की सखया सात रही ह हर ोटी स ोटी उपलतबध की तरह मोदी जी इस बार भी मौक पर चौका मारन क तलए पहल स ही तयार बठ थ गोदी मीतिया आईटी सल और अनय सभी परचार ततो का इसतमाल कर मोदी जी दशवातसयो क सामन ऐसा सवाग रच रह ह तक दखन वाल को लगता ह जस मोदी जी िद ही सातो पदक जीत कर आय ह िर इन लफफ़ातज़यो और ढोग को एक तकनार कर ओलतमपक खलो म भारत क परदशयन की एक वसतपरक समीका करन की ज़ररत ह

टोयो ओलतमपक म भारत का परदशयन अब तक का सबस अचा परदशयन रहा ह यतद तपल परदशयनो स तलना की जाय तो भारत का परदशयन पहल इतना फीका रहा ह तक अभी हातसल सात पदक तकसी कीततयमान स कम परतीत नही होत ह 1900 म हए पररस ओलतमपक म भारत न पहली बार ओलतमपक खलो म तहससदारी की शरआत की थी 1900 स लकर 2020 क बीच पचचीस ओलतमपक खलो म भाग लकर भारत न कल 35 पदक अतजयत तकय ह इनम स 12 पदक भारत न तसफ़य परष हॉकी परततयोतगता म जीत ह जब हम इन आकड़ो की तलना दसर दशो स करत ह तो हम समझ आता ह तक भारत जस तवशाल दश क तलए इतन कम पदक हातसल करना चौकान वाला ह टोयो ओलतमपक म अमररका न 113 और चीन न 88 पदक जीत ह तजसम अमररका क 39 और चीन क 38 सवणय पदक ह दसर शबदो म कह तो भारत पचचीस बार इन खलो म भाग लकर तजतना पदक हातसल नही कर सका उसका चौगना क दश एक ही बार म हातसल कर लत ह 130 करोड़ आबादी वाल भारत म ओलतमपक खलो क मामल म यह िसता हाल दतनया भर क खल तवशषजो पतितो और आम खल परशसको क तलए एक आशचयय का तवषय ह इस गतथी को सलझान क तलए कई तवशषज अपन-अपन तरीक स तकय दत ह भारत की तवफलता क कारणो की वयाखया करत ह लतकन इनक तवशलषण और इनक तदय सझाव इस मनाफ़ािोर वयवसथा को सीध कठघर म खड़ा नही करत ह बतक इसी वयवसथा की चौहतदयो म ही इस समसया का हल ढढ़त रहत ह

ओलतमपक या कोई भी अनतरराषटीय परततयोतगता म भारत का लगातार तपड़ा परदशयन एक ढाचागत समसया ह तजसका समाधान इस मनाफ़ पर तटकी वयवसथा क आमलचल पररवतयन स ही हो सकता ह यहा का पजीपतत वगय मज़दर-महनतकश आबादी क एक-एक कतर को तनचोड़ कर ऐशोआराम की तज़नदगी जीता ह 12-14 घट कारिानो म कमरतोड़ महनत करन क बाद जब हम अपन घरो को लौटत ह तो हमार पास मनोरजन या सजनातमक काययो क तलए ताकत और

समय दोनो ही नही बचत ह हम थक-हार कर सो जात ह और अगल तदन उठ कर तफर उसी कमरतोड़ महनत म लग जात ह तशकागो क अमर शहीद मज़दरो न तजस ldquoआठ घट का काम-आठ घट का आराम-आठ घट का मनोरजनrdquo का नारा बलनद तकया और तजसक तलए अपन पराणो की आहतत द दी आज वही नारा मज़दरो क तलए अतीत का एक अवशष मात बन कर रह गया ह आप ही सोतचए तक ऐसी हालत म दश की बहसखयक आबादी जो जस-तस महनत करक अपना गज़ारा करती ह या वह कभी ओलतमपक खलो म तहससा ल सकती ह भारत म एक बड़ी आबादी ऐसी ह जो तकशोरावसथा यानी महज़ 14-15 साल की उम स ही भारी शारीररक शरम म लग जाती ह तकशोरावसथा ही उम का वह पड़ाव होता ह जब बचचो म खलकद की परततभा सबस सपषट रप म परकट होती ह लतकन उन बचचो का या जो सकल ही नही जात यतद सकल तकसी तरह चल भी जाय और उनकी परततभा की पहचान हो भी जाय तो उनक परतशकण और तालीम पर होन वाल िचय की आशा भी करना उनक तलए आकाश कसम की अतभलाषा क समान होगा आप ही सोतचए तक हमार बचच खलकद क बार म सोच भी कस सकत ह जब उनह कारिानो दकानो रहड़ी-खोमचो म दो वक़त की रोटी क तलए जदोजहद करनी पड़ती ह अपना और अपन पररवार का पट भरन क तलए ता-उम य नौजवान अपनी हितिया गलात रहत ह इस तरह दश की एक बड़ी आबादी खल क दायर स ही बाहर हो जाती ह

मज़दरी की तसथतत को दखत हए घर म जो पसा आता ह उसस दाल-रोटी भी चलानी मतशकल होती ह एक तखलाड़ी पदा करन क तलए सनततलत आहार की बात सोचना तो असमभव ही ह एक उननत खल ससकतत को गढ़न और ओलतमपक खलो म एक शततशाली ताकत बनन क तलए एक सवसथ और सहतमनद यवा पीढ़ी को गढ़ना अतनवायय ह तजस दश म हर तदन भख कपोषण और सकरामक रोगो स सरकारी आकड़ो क अनसार 2257 बचचो की मौत होती हो (हालातक असल आकड़ा कम-स-कम इसका दना ह) उस दश म हम यह कस उममीद कर सकत ह तक वह खलकद म तवशवतवजता बनगा सय त राषट बाल कोष (यतनसफ़) की ररपोटय क अनसार दश क तकरीबन आध बचच अपनी उम क अनसार सामानय स कम वज़न क ह 45 परततशत बचच सामानय स कम कद क ह 20 परततशत बचच अपन कद क अनसार सामानय स जयादा दबल-पतल ह 75 परततशत रतहीनता स पीतड़त ह 57 परततशत बचचो म lsquoतवटातमन एrsquo की गमभीर कमी ह पहल सकल और आगनवाड़ी म जो क भी थोड़ा-बहत मधयाहन भोजन तमलता था लॉकिाउन क दौरान वह भी अतधकाश जगहो पर बनद हो गया था और इस अतनयोतजत लॉकिाउन स करोड़ो मज़दरो-

महनतकशो की नौकररया भी चली गयी ऐसी हालत म बचचो का भरण-पोषण कतठन हो गया ह तनतशचत ही ऊपर तदय गय आकड़ आज गमभीर रप धारण कर चक होग और तमाम सरकारी और गर-सरकारी रपट इस बात की पतषट भी कर चकी ह

इसक अलावा बचचो म बचपन स ही शारीररक वयायाम और खलकद क बार म एक सवसथ दतषटकोण पदा करन म सकलो की एक अहम भतमका होती ह सकल म ही भतवषय क ओलतमपक तखलाड़ी अपन पशवर खल जीवन की नीव रखत ह लतकन हमार दश की सकली तशका वयवसथा क जजयर हालात पर तजतनी कम बात की जाय उतना अचा ह भारत म माधयतमक सकलो म सकल नामाकन अनपात 79 परततशत ह इसका मतलब माधयतमक सकल म पढ़न योगय बचचो म स तसफ़य 79 परततशत ही असल म सकल म नाम तलखात ह इनम स भी 17 परततशत दसवी की परीका पास करन स पहल ही पढ़ाई ोड़ दत ह ज़ातहर-सी बात ह य बचच जो सकलो स बाहर रहत ह ोट-मोट उदयोग धनधो या मज़दरी म लग जात ह एक ररपोटय क अनसार भारत म 33 परततशत सकलो म शारीररक तशका की कोई अलग स लास नही दी जाती ह 80 परततशत सकलो क पास ऐस तशकक नही ह जो शारीररक तशकण-परतशकण दत ह 33 परततशत सकलो क पास अपना खल का मदान या खल क उपकरण नही ह ऐसी तसथतत म अगर हमार बचच सकल पहच भी जात ह तो हम यह गलतफ़हमी नही होनी चातहए तक सकल म उनक अनदर कसरत और खलकद क परतत रतच पदा करन तलए कोई सचत परयास तकया जायगा

दश म एक सतकरय खल ससकतत का तनमायण तणमल सतर पर खलो का परचार परसार खल अवसरचना का तनमायण यवा अवसथा म परततभाशाली तखलातड़यो की तलाश कर उनको उननत परतशकण और मागयदशयन दना आतद बतनयादी चीज़ो म दश की तकसी सरकार न कभी कोई िास तदलचसपी नही तदखायी ह 2018 म कनदरीय खल मती न इस बात की पतषट की तक भारत सरकार खलो पर परतततदन परतत-वयतत तसफ़य तीन पस िचय करती ह जबतक चीन परतततदन परतत-वयतत 61 रपय िचय करता ह जो भारत क मकाबल 200 गना जयादा ह तपल दस सालो म भारत सरकार अपन कल सरकारी वयय का महज़ 006 स 008 परततशत ही खलो पर िचय करती आ रही ह 2021 ओलतमपक वषय होन क बावजद इस साल क बजट म खल मतालय को 230 करोड़ रपय कम तदय ह आय तदन अनतरराषटीय और राषटीय सतर क तखलाड़ी कोच और सहयोगी सटाफ़ तनमन दजज की सवाओ क तिलाफ़ तशकायत करत रहत ह मगर खल मतालय और दसरी समबतनधत ससथाओ क कान पर ज नही रगती ह मज़दार बात यह ह तक खल मतालय का सालाना बजट तजतना होता ह भारतीय तकरकट बोिय लगभग उसक समान ही

सालाना मनाफ़ा कमा लता ह तकरकट बड़ी इजारदार पजी क तलए ताबड़तोड़ मनाफ़ा पीटन का एक सोत बन गया ह इसतलए सरकार स भी भारतीय तकरकट बोिय को परा समथयन तमलता ह वही बात की जाय यतद अनय नय-परान खलो क बार म तो य भी सार भारत म एक धीमी ददयनाक मौत मर रह ह इस पजीवादी वयवसथा म बस उसी खल को बढ़ावा तदया जायगा तजसम भारी मनाफ़ा कमान की समभावनाए मौजद होगी आज सरकार क तखलातड़यो क जीत कर लौटन पर उनका सवागत कर रही ह उनका सममान कर रही ह लतकन कोई यह सवाल यो नही प ता तक कहा थी राजय सरकार और कनदर सरकार जब इन तखलातड़यो को फ़ि सतवधाओ और खल उपकरणो की आवशयकता थी यहा भी भदभाव साफ़ तदख रहा ह तजन तखलातड़यो न पदक जीता ह उनह बड़ी-बड़ी धनरातश दन की घोषणाए की जा रही ह लतकन अगल ओलतमपक क तलए तयारी तो सभी तखलातड़यो को एक समान ही करनी ह सरकारो क तलए यह सब तचनता का तवषय नही ह योतक उनक तलए खलकद कोई महतव नही रखता और इनह पता ह तक महनत करक कल कोई और पदक ल ही आयगा तब अपनी पीठ य सवय थपथपा लग जस आज मोदी कर रहा ह

एक अचा सवसथ मानवीय जीवन और बचचो का सवािगीण तवकास तखलाड़ी बनन की पवयशतय ह इस चरमरायी हई पजीवादी वयवसथा क पास वह कमता नही ह तक वह दश की महनतकश आबादी को एक सवसथ िशहाल तज़नदगी द सक और उनक बचचो का सवािगीण तवकास कर सक तसफ़य और तसफ़य एक समाजवादी वयवसथा ही हम मज़दर-महनतकशो को एक इजज़त की तज़नदगी द सकती ह तजसम हमार शरम को लटन वाला कोई परजीवी वगय नही होगा हमार अपन और समाज की बतनयादी ज़ररतो को परा करन क बाद जो lsquoफी टाइमrsquo बचगा उसम हम अपन

शौक और मनोरजन का कोई भी काम कर सकत ह और यतद मनाफ़ा कमाना नही बतक समाज की आवशयकताओ को परा करना उतपादन का लकय हो और सभी सवसथ वयसक वयततयो क तलए उतपादक शरम म भागीदारी करना अतनवायय हो तो हर तकसी क पास बहत-सा िाली वक़त बचगा तजस वह कला सातहतय ससकतत खल तवजान दशयन और घमकड़ी म लगा सकता ह साथ ही सवय उतपादक की परतकरया तकसी लटर वगय क तलए मजबरी म की जान वाली परतकरया नही होगी बतक यह सवय आननद का तवषय होगी यतद शरम मजबरी म या ज़ोर-ज़बदयसती क कारण न हो तो यह तो आननद का तवषय होता ह योतक यह मनषय को पश स मनषय बनान वाली परतकरया ह और हमारी परकतत का अग ह इसतलए मज़दर राज और समाजवाद म तो धीर-धीर िाली टाइम की अवधारणा ही ितम हो जायगी योतक तकसी और क मनाफ़ की िाततर मजबरी म खटन वाल lsquoकाम क टाइमrsquo और lsquoफी-टाइमrsquo का अनतर ही ितम हो जायगा सकल कारिानो खतो और दफतरो म हर जगह कसरत क तलए लोगो को परोतसातहत तकया जायगा हम और हमार बचच जो भी खल खलना चाह उसक तलए हमारी मज़दर सता हम हर समभव सतवधा महया करवायगी खल आतथयक सामथयय स की जान वाली कोई तकरया नही बतक सामतहक जीवन का एक ज़ररी अग बन जायगा तजसका आननद सभी उठा सक ग सोतवयत सघ और चीन म मज़दरो की सता कायम होन क बाद यही हआ 1952 स 1988 क बीच सोतवयत सघ न ओलतमपक खलो म जो अदभत कामयाबी हातसल की उसक पी उसक करतनतकारी दौर ndash यानी 1917 स 1953 ndash की खल नीततयो का ही हाथ था एक समाजवादी वयवसथा म मानव जीवन क हर पहल की तरह खल भी एक उननत सतर पर पहच पायगा और एक सवसथ खल ससकतत अतसततव म आ सकती ह

करादत स हमारा अदभपराय ह ndash अयाय पर आधाररत मौजिा समाज-वयवथा म आमल पररवतवन समाज का परमख अग होत हए भी आज मजिरो को उनक पराथदमक अदधकार स वदचत रखा जा रहा ह और उनकी गाढी कमाई

का सारा धन शोरक पजीपदत हडप जात ह िसरो क अनिाता दकसान आज अपन पररवार सदहत िान-िान क दलए महताज ह िदनया भर क बाजारो को कपडा महया करन वाला बनकर अपन और अपन बचचो क तन ढकन-भर को भी कपडा नही पा रहा ह स िर महलो का दनमावण करन वाल राजगीर लोहार और बढई वय गि बाडो म रहकर ही अपनी जीवन-लीला समापत कर जात ह इसक दवपरीत समाज क जोक शोरक पजीपदत जरा-जरा-सी बातो क दलए लाखो का वारा-यारा कर ित ह

यह भयानक असमानता और जबिवती लािा गया भिभाव िदनया को एक बहत बडी उथल-पथल की ओर दलय जा रहा ह यह दथदत अदधक दिनो तक कायम नही रह सकती पषट ह दक आज का धदनक समाज एक भयानक जवालामखी क मख पर बठकर रगरदलया मना रहा ह और शोरको क मासम बचच तथा करोडो शोदरत लोग एक भयानक ख की कगार पर चल रह ह

(बम काण पर सशन कोटव म बयान)

भगतससह क जनमददवस (28 ससतमबर) पर

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 13

(पज 12 स आग)

असम-ममज़ोरम नववाद क मल कारर का ह मज़दर वगष को भमी इस को जाििा और समझिा चाकहएऔर वहा क राषटवादी आनदोलनो पर कतनदरत ह यह परवासन आज भी हो रहा ह इन परवातसयो म असर मज़दर आबादी ही शातमल होती ह ldquoसथानीय बनाम परवासीrdquo क अनतरतवरोध का फ़ायदा इन कौमो म मौजद तफ़रकापरसत ताकत भी अपन तनतहत सवाथयो क तलए उठा रही ह सीतमत ससाधनो और जनसातखयकीय असनतलन का हवाला दकर आम जनता म भय और असरकाबोध पदा तकया गया ह जो परवातसयो क तिलाफ़ तहसातमक घटनाओ म सामन आया ह य इन राषटीय आिोलनो म पजीवािी राजनीदत और दवचारधाराओ की मौजिगी यानी अदमतावािी व अधराषटवािी रझान की ओर भी इशारा करता ह और अततोगतवा हर परकार क राषटवाि की सीमा और परदतदकरयावािी चरररि को भी उजागर करता ह भल ही वह िदमत राषट का ही यो न हो िदमत राषटो की राषटीय मदत की लडाई म इन पजीवािी दवचारो व राजनीदत क दखलाफ सघरव करना करादतकारी मजिर वगव का एक कायवभार ह योदक तभी सही मायन म जनता की जनवािी राषटीय करादत क जररए सचची राषटीय मदत भी समभव ह बहरहाल इन अतरदवरोधो का फायिा भाजपा जसी फासीवािी पाटटी इस मजहबी रग ि कर भी उठा रही ह

बहरहाल मल चचाय पर वापस लौटत हए बात कर तो उतर-पवय क तवतभनन राजयो क इततहास पर तनगाह िालन स भारतीय राजयसता का ऐततहातसक तवशवासघात सपषट रप स सामन आता ह इसकी तवसतत चचाय म हम यहा नही जा सकत ह तफ़लहाल इतना कहना काफ़ी होगा तक उतर-पवय क तमाम राषटो-राषटीयताओ की आकाकाओ को कचलकर ही भारतीय राजयसता न जोर-ज़बदयसती करक इनह ldquoभारतीय राषटrdquo म शातमल तकया ह

मतणपर की बात कर तो आज़ादी क ततकाल बाद ही भारत सरकार क परतततनतध वीपी मनन न राजय म तबगड़ती कानन-वयवसथा का हवाला दकर मतणपर क राजाबोधचनदर तसह को तशलाग बलाया और 21 तसतमबर 1949 को कपटपणय तरीक स उसस भारत म तवलय क समझौत पर हसताकर करा तलया भारत सरकार न यह भी ज़ररी नही समझा तक इस समझौत की अतभपतषट नवतनवायतचत मतणपर तवधानसभा दारा करा ली जाय उट तवधानसभा को भग कर तदया गया इसक बाद स ही मतणपर म भारतीय राजय दारा परतयक दमन की नीतत अपनाकर परततरोध को दबान का तसलतसला शर हो गया और इसी क समानतर सशसतर सघषयो का भी तसलतसला शर हो गया आफसपा जस काल कानन की आड़ म भारतीय सना दारा की गयी बबयरता न जन-परततरोध को और बल परदान तकया 2004 म

भारतीय सतनको दारा एक मतणपरी मतहला मनोरमा क बलातकार और हतया क तवरोध म वहा की मतहलाओ न तनवयसतर होकर सना मखयालय क सामन तवरोध परदशयन तकया था यह घटना तकसी भी जनवादी होन का दावा करन वाल राजय क तलए एक शमयनाक घटना होती लतकन भारतीय राजय की बशमटी और बबयरता बदसतर जारी रही और उतर-पवय म यह दमनकारी जनदरोही कानन आज तक लाग ह

नगालि की कहानी भी क ऐसी ही ह औतपवतशक शासन क दौरान और बीसवी सदी की शरआत म नगा पहातड़यो क सथानीय तनवासी नगा नशनल काउतसल (एनएनसी) क बनर तल एकजट होकर एक साझा मातभतम और सवशासन की आकाका परकट करन लग थ भारत की आज़ादी क बाद नगा नशनल काउतसल न आतमतनणयय क अतधकार की वकालत की और भारत स आज़ादी क तलए जनमत सगह की माग भी रखी लतकन भारतीय राजय न एकतरफ़ा तरीक स नगा भभाग को भारतीय गणराजय का तहससा घोतषत कर तदया बदल म एनएनसी न नगालि की सवततता की घोषणा कर दी और 1952 म समपनन पहल आम चनावो का बतहषकार भी तकया इसक बाद ही भारत सरकार दारा कई नगा नताओ को तगरफतार कर तलया गया और तब स ही नगालि म एक लमब सशसतर सघषय की शरआत हई 1955 म भारतीय राजय न पतलस और सशसतर बलो क ज़ररए नगा राषटीय मतत आनदोलन को कचलन की कोतशश भी की इसी सघषय का सामना करन क तलए 1958 म lsquoआमिय फ़ोसजज सपशल पावसय एटrsquo बना जो आज तक समच उतर-पवय म लाग ह 1975 म एनएनसी क शीषय नततव न भारत सरकार क साथ वाताय करक तशलाग समझौता तकया और भारतीय गणराजय म शातमल होना सवीकार तकया तजन नगा नताओ न इस समझौत को सवीकार नही तकया उनहोन lsquoनशनल सोशतलसट काउतसल ऑफ़ नगालिrsquo (एनएससीएन) का गठन करक सघषय जारी रखा अब यह सगठन मइवा और खापलाग क दो गटो म तवभातजत ह तजनका आधार नगा जनजातीय समह की अलग-अलग उपजाततयो म ह

अब तमज़ोरम पर आत ह जसा तक ऊपर चचाय म आया था तक तमज़ो पहाड़ी कत आज़ादी क वक़त लशाई पहाड़ी तज़ल क नाम स असम म गतठत हआ तजसका नाम 1954 म बदलकर असम का तमज़ो पहाड़ी तज़ला कर तदया गया असम स अलग होन का एक अलगाववादी आनदोलन आज़ादी स पहल भी तमज़ो जनजातीय समहो म मौजद था लतकन 1959 स 1961 तक आय अकाल क राहत कायय म भारतीय राजय की उदासीनता और अनदखी क कारण पहल स ही मौजद असनतोष और आकरोश को नयी ज़मीन परापत हई इसक बाद ही साठ क दशक स तमज़ो सशसतर तवदरोह की दासतान शर होती ह

इसी दौर म तमज़ो नशनल फट (एमएनएफ़) का गठन हआ तजसनlsquoभारतीय उपतनवशवाद स तमज़ोरम की मततrsquo क तलए सशसतर सघषय का आहान तकया फ़रवरी 1966 म सशसतर दसतो न आइज़ोल शहर पर कबज़ा कर तलया नगालि की ही तरह भारतीय राजय दारा यहा भी दमन की नीतत को ततकाल अमल म लाया गया शहर को तफर स कबज़ा करन म भारतीय सना न नागररक आबादी पर धआधार बमबारी की हज़ारो पररवारो को उनक घरो स उजाड़ तदया गया 1986 म एमएनएफ़ और भारत सरकार क बीच समझौता हआ तजसक बाद एमएनएफ़ तहसा ोड़कर ldquoमखयधाराrdquo म शातमल हो गया और भारतीय सतवधान क अनतगयत काम करन पर सहमत हो गया लतकन इसस भारत क परतत तमज़ोरम क नजातीय समहो का अलगाव और रोष जरा भी कम नही हआ आज भी वहा अलग-अलग नजातीय समहो क अपन-अपन सशसतर तवदरोही दसत ह

तसतकम क इततहास पर भी तनगाह िालन पर सपषट होता ह तक आज़ादी क समय यानी 1947 स ही तसतकम का दजाय भारत क सरतकत राजय (lsquoपरोटटोरटrsquo) का था वह भारतीय यतनयन का तहससा नही था 1975 म तबना तसतकम की जनता स रायशमारी तकय भारतीय सतवधान म मौजद परावधान क तहत उस भारत म तमला तलया गया और पणय राजय का दजाय द तदया गया जबतक उस वक़त भी तसतकम का शासक आतमतनणयय का अतधकार माग रहा था तजस भारतीय राजय दारा िाररज कर तदया गया

इस सतकपत चचाय स सपषट ह तक आजादी क बाद स ही भारतीय हमरानो न उतर-पवय क तमाम राषटो एव राषटीयताओ क साथ ल-कपट करक वायदातिलाफ़ी करक दमन राजकीय तहसा और आतक का अनतहीन चकर कायम करक उनकी आकाकाओ और हको का गला घोटन का घतणत ककमय तकया ह तजस भारतीय राषटवाद क सड़-गल मलमम क ज़ररए तपाना भी नाममतकन जान पड़ता ह यह इततहास भारत क मज़दर वगय को भी जानन की ज़ररत ह योतक शोषण दमन और उतपीड़न का हर रप म तवरोध तकय तबना करातनतकारी मज़दर वगय न तो समाजवादी करातनत कर मज़दर सता को सथातपत कर सकता ह और न ही करातनतकारी सवयहारा जनवाद को सथातपत कर सकता ह तकसी भी रप म दमन शोषण और उतपीड़न का साथ दन वाला मज़दर वगय सवय भी पजीपतत वगय क हाथो शोतषत व दतमत होत रहन क तलए अतभशपत होता हअसम-ममज़ोरम समीमा-नववाद का हल उततर-पवष म राषटमीय रिशि क

समाधाि स जड़ा हउतर-पवय क तमाम राजयो म मौजद

आपसी सीमा-तववाद का तनपटारा भी वहा क राषटीय परशन क समाधान स नातभनालबदध ह वस तो तकसी यतनयन म सवचा स शातमल हई इकाइयो

क बीच भी सीमा-तनधायरण को लकर झगड़-फ़साद हो सकत ह एक पजीवादी राजय वयवसथा क अनतगयत आप और तकसी बात की उममीद कर भी नही सकत ह राषटीय शातनत या कौमी अमन जसी कोई भी चीज़ पजीवाद क मातहत सथायी तौर पर समभव ही नही ह लतकन यह तमाम तववाद अपन आप म कौमी दमन नही होत ह जबतक उतर-पवय की बात कर तो य तमाम सीमा-तववाद सीध-सीध भारतीय राजय क कौमी दमन की नीतत स ही पदा हए ह और उसक अतवभाजय अग ह

कौमी दमन का मतलब यह ह तक भारतीय शासक वगय दारा उतर-पवय म मौजद तमाम कौमो क पजीपतत वगय समत समची कौम का ही दमन तकया जा रहा ह यानी कौमी िमन क दनशान पर मलतः िदमत कौम का पजीपदत वगव होता ह जो िमन बाि म वकहि रप अदततयार कर जनता क अलग-अलग दहसो और जन-जीवन को भी अपनी जि म ल लता ह दकसी कौम क बजवआ वगव क िमन क बगर कौमी िमन अदततव म आ ही नही सकता ह िसर शबिो म कह तो कोई भी कौम िदमत ही तब मानी जायगी जबदक उसका पजीपदत वगव िदमत हो आज भारत की बात कर तो कशमीर और उततर-पवव को छोडकर यह दथदत और कही मौजि नही ह कौम या राषट बनता ही बजयआ वगय क अतसततव म आन क साथ ह यतद तकसी कौम स पजीपतत वगय को अलग कर तदया जाय तो उसक बाद जो रह जाता ह वह बस जनता ही ह आज उतर-पवय क राषटो म यह पजीपतत वगय तकतना तवकतसत या अतवकतसत ह इस तथय स वहा मौजद राषटीय दमन पर कोई फ़कय नही पड़ता ह

इसतलए उतर-पवय म तमाम राजयो क बीच मौजद सीमा-तववाद कौमी दमन का कारण नही बतक इसी कौमी दमन की नीतत का एक पररणाम ह अलग स तकसी दश क तकनही दो राजयो तजनम तक दतमत कौम ह और ज़बरन तकसी यतनयन म शातमल की गयी ह क बीच सीमा-तववाद क हल की उममीद शासक वगयो स तबना वहद राषटीय परशन क समाधान क करना ही बमानी ह आज़ादी क बाद शरआती दशको म तो भारत सरकार न उतर-पवय क महतव को कवल रणनीततक दतषट स ही दखा था लतकन पजीवादी तवकास क साथ ही पराकततक समपदा और ससती शरमशतत क दोहन की भी शरआत हई हालातक यहा बसन वाली कौमो म भारतीय राजयसता क परतत नफ़रत और अलगाव म कोई कमी नही आयी ह तकसी कापतनक एकाशमी ldquoभारत राषटrdquo और भारतीय राषटवाद म इन कौमो का तवलयन ज़ोर-ज़बदयसती क बत ही समभव ह इसतलए आज भी इस पर भ-भाग म कई सशसतर सघषय चल रह ह जब तक भारतीय राजयसता का राषटीय दमन और ज़बर जारी रहगा य राषटीय मतत सघषय भी तवसतजयत नही होग नततव की कोई

एक धारा जब समपयण करगी तो दसरी धारा उभरकर सामन आयगी और सघषय को जारी रखगी ऐततहातसक तौर पर कह तो राषटीय परशन का अतनतम और मकममल समाधान तो कवल और कवल एक समाजवादी राजय क तहत ही समभव ह जो सही मायन म तवतभनन राषटो को अलग होन क अतधकार क समत आतमतनणयय का अतधकार और अपसखयक राषटीयताओ को ससगत जनवाद का अतधकार दता ह लतकन हर दतमत कौम क तलए पहला काययभार राषटीय मतत का जनवादी काययभार ही होता ह और उसक तलए करातनत की मज़ तल भी राषटीय जनवादी ही होती ह

इततहास न यह भी सातबत तकया ह तक सामाजयवाद क दौर म दमनकारी राषट या राषटो क पजीपतत वगय आम तौर पर दतमत राषटो को आतमतनणयय का अतधकार और राषटीयताओ को ससगत जनवाद नही द सकत लतकन यह भी उतना ही सच ह तक राषट कवल दमनकारी राषटो क अतधकार दन की वजह स म त नही होत व अपन राषटीय मतत सघषयो क ज़ररए भी म त होत ह यह एक अलग चचाय का तवषय ह तक उतर-पवय क तवतभनन राषटो का राषटीय मतत सघषय यह राषटीय मतत हातसल कर सकता ह या नही लतकन इतना तय ह तक जब तक इन दतमत कौमो को राषटीय मतत हातसल नही होती तब तक शातनत या तसथरता की कोई उममीद भी नही की जा सकती ह तकसी भी कौम को हमशा गलाम बनाकर नही रखा जा सकता ह यह बात भारत क उतर-पवय पर भी उतनी ही लाग होती ह

आज भारत म दतमत कौमो क राषटीय मतत सघषयो को भारतीय राजयसता क तवरदध मज़दर वगय क समाजवादी करातनत क सघषय स जड़ना होगा और भारत क मज़दर वगय आम महनतकश जनता और ातो-नौजवानो को भारत की दतमत कौमो क राषटीय मतत सघषय स िद को जोड़त हए उनक राषटीय आतमतनणयय क अतधकार का तबना शतय समथयन करना होगा जहा एक तरफ़ भारत की महनतकश अवाम को हर परकार क राषटीय कटरपनथ और अनधराषटवाद स अपना नाता तोड़ना होगा और भारतीय बजयआ वगय क मिी म पदा हए राषटवाद की असतलयत समझनी होगी वही दसरी तरफ़ दतमत कौमो म राषटीय मतत क तलए लड़ रही ताकतो को भी यह समझना होगा तक हर परकार का बजयआ राषटवाद और सकीणय अतसमतावाद या कटरतावाद तकसी भी वयापक और तटकाऊ जन-एकजटता म बाधा ह भारत की महनतकश जनता इस सघषय म उनकी शत नही बतक दोसत ह वासतव म भारतीय राजयसता और भारतीय पजीपतत वगय ही हमारा मशतरका दशमन ह यह बात समझना बहद जररी ह सचच और सही अथयो म राषटीय मतत आनदोलन भी साथयक और कारगर तरीक स तभी आग भी बढ़ सकत ह

14 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 1 स आग)

करना ही उसक तलए भी बहतर ह इस तरह दश आज़ाद हआ आलीशान अटातलकाओ म हो रह जशन क बाहर बठी दश की आम महनतकश जनता फटहाल हालत म सगीत नाच-गाना और आततशबाज़ी दख रही थी और उममीद लगाय थी तक एक तदन वह भी िशहाल होगी आज़ादी क करीब चार दशक बाद जब नवउदारवादी नीततयो की शरआत हई तो पजीवादी नताओ और उनक चाकर बतदधजीतवयो न कहना शर तकया तक जब समतदध आयगी तो ररस-ररस कर सब तक पहचगी लतकन ररस-ररस कर तो बस दख-तकलीफ़ आयी ह अमीरज़ादो की समतदध की आततशबातज़यो को दख सड़को पर भीख माग रह बचच ताली बजा कर िश होत ह समतदध का अथय जनता क तलए बस इतना ही ह

आपन असर लोगो को यह कहत सना होगा तक अगज़ चल गय लतकन अगज़ी ोड़ गय अगज़ी क पी टन का मतलब तसफ़य भाषा स नही ह इसका अथय यह भी ह तक अगज़ो क चल जान क बाद अगज़ी नौकरशाही सना और पतलस क औपतनवतशक ढाच को ही अपना तलया गया योतक वह भारतीय पजीपतत वगय क तलए भी अपन तहतो की सवा क तलए उपय त था इसतलए लट और दमन बदसतर जारी रहा बस शासक वगय बदल गया जब दमन का बना-बनाया तत आज़ादी क साथ मफत तमल रहा था तो उस बदलन की कोई िास आवशयकता नही थी इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक lsquoगवनयम ट ऑफ़ इतिया एट 1935rsquo क 321 धाराओ म स 250 को ह-ब-ह भारतीय सतवधान म अपना तलया गया और आईपीसी तो अगज़ो क ज़मान स चली आ रही ह तजनम नयी धाराए जोड़ी गयी ह लतकन परानी सभी धाराए लगभग वसी ही ह तलतखत क साथ-साथ अतलतखत हथकि भी उनही स सीखकर उस िब माजा गया lsquoफट िालो और राज करोrsquo की नीतत पजीवादी सता क तलए अचक सजीवनी बटी ह अगज़ो न इस सवततता आनदोलन को कमज़ोर करन क तलए इसतमाल तकया और आज़ाद दश म सभी सरकार इस अपन-अपन ढग स मज़दरो-महनतकशो की एकता तोड़न उनक सघषयो को कमज़ोर करन क तलए करती आयी ह इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक आज़ादी क दौरान करातनतकाररयो की मितबरी करन वालो अगज़ो क तलव चाटन वालो उनह माफ़ीनामा तलखन वालो आज़ादी की पवयसधया पर ततरगा जलान वालो और महातमा गाधी की हतया करन वालो आरएसएस और अनय सहयोगी सगठनो पर कभी कोई ठोस कारयवाई नही की गयी तजसस इनको परभावी तौर स रोका जा सक भारतीय पजीवाद को आरएसएस की आवशयकता थी और इसतलए इस ज़जीर स बध कत की तरह अपन करीब बाध रखा समय-समय

पर ज़ररत क अनसार ज़जीर कस दी जाती रही या ढीली कर दी जाती रही आज पजीवाद की ज़ररत क अनसार इस खखार कत को भारत क पजीपतत वगय न सता ही सौप दी ह

बहरहाल हम बात कर रह थ भारत क पजीपतत वगय और उसकी राजनीततक पाटटी कागस क बार म सता हातसल करन क बाद भारत का पजीपतत वगय इतना सशत नही था तक अपन बल-बत पजीवाद क फलन-फलन क तलए आवशयक बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो का ताना- बाना खड़ा कर सक उसक पास आरतमभक पजी और तकनोलॉजी की कमी थी इन आवशयकताओ को परा करन की दो राह थी एक सामाजयवादी दशो पर पणय-तनभयरता और दसरा जनता की गाढ़ी कमाई की पाई-पाई का दोहन इन दोनो म स यहा क पजीपतत वगय न दसरा रासता अपनाया लतकन पजीपतत वगय सीध जनता का पसा नही लट सकता था और न ही राजय उस सीध लटकर पजीपततयो को थमा सकता था इसतलए इनहोन तमतशरत अथययवयवसथा की नीतत अपनायी यानी सावयजतनक कत सय त कत और तनजी कत इस नहर न lsquoसमाजवादी नमन क समाज क तवकासrsquo का नाम तदया जनता की गाढ़ी कमाई चस कर दश का तवकास आरमभ हआ और जनता क पस स बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो को खड़ा तकया गया बतनयादी और अवसरचनागत उदयोग जस इसपात कारिान रल यातायात और पररवहन तबजली सचार आतद सावयजतनक कत म रख गय इनम पजी तनवश अतधक और मनाफ़ा लमब कालकरम म हातसल होना था वही उपभोता वसतओ का उतपादन तनजी कत को सौपा गया तजसम लागत सापतकक रप स कम और मनाफ़ा जद हातसल होना था इस योजना का आधार 1944 का बॉमब पलान या टाटा-तबड़ला पलान था दश की मज़दर-महनतकश आबादी की कमाई लट कर दश म बतनयानी और अवसरचनागत उदयोग खड़ तकय गय तातक पजीपतत वगय क मनाफ़ा कमान का काम सगम हो सक मतलब lsquoहरज लग न तफटकरी रग चोखाrsquo उननीसवी सदी क अनत और बीसवी सदी क शरआत स ही दश म कई बड़ बक थ तजनम सबस बड़ा बक lsquoइमपीररयल बकrsquo था लतकन दर-दराज़ क इलाको म भी सतवग सकीम थी जस पोसट ऑतफ़स सतवग सकीम जो 1882 म खोली गयी थी जनता की महनत की कमाई तक पहच क तलए ससथान पहल स मौजद थ तजन पर 1948 क बाद नहर न अतधक बल तदया जो तक पजी क सचय क तलए लातज़मी भी था 1969 म बको क राषटीकरण न तनवश क तलए पजी की उपलबधता को बढ़ा तदया कह सकत ह तक तमतशरत अथयवयवसथा की आड़ म बहद कशलतापवयक कागस न पजीपतत वगय की सवा की उसक तहतो को

साधा और जनता की गाढ़ी कमाई को चस कर पल सड़क सचार पररवहन बनाया गया और जनता क बीच बढ़ रह मोहभग पर रसमी सधारवाद का नाटक कर पानी क ीट भी िाल सीपीआई सीपीएम और नामधारी कमयतनसट पातटययो न भी इन नीततयो का समथयन कर न कवल जनता की पीठ म रा घोपा बतक उनकी राजनीततक चतना को भी कनद तकया तजसकी चचाय हम आग करग

नहरतवयाई lsquoसमाजवादrsquo क चोग की सीवन जद ही उधड़न लगी और 1960 क दशक क उतरादधय म ही भारत की अथयवयवसथा म ठहराव आन लगा 1970 का दशक मनदी का दशक रहा चार पचवषटीय योजनाओ और तीन वातषयक योजनाओ क कल पजी तनवश को दख तो सावयजतनक कत म पजी तनवश का परततशत अनपात तनजी कत की तलना म बढ़ता गया लतकन जद ही तमतशरत अथयवयवसथा या तथाकतथत समाजवाद क अनतरतवरोध सामन आन लग 1960 क दशक म जो सकट आया था और जो 1970 क दशक म गहराया था वह राजकीय इजारदार पजीवाद क ढाच क भीतर पजी सचय का सकट था बड़ा पजीपतत वगय और साथ ही नवोतदत मझोला व ोटा पजीपतत वगय lsquoधनधा करन की परी सहतलयतrsquo की माग कर रहा था जो तक नहरतवयाई समाजवाद क ढाच म बातधत थी हर परकार क सरकारी तवतनयमन व तनयतण स उस टकारा चातहए था तजस उसन सवय अपनी ही ज़ररत स एक समय सथातपत तकया था इस सकट की ही अतभवयततया थी उस दौर म बढ़ती महगाई बरोज़गारी खादयानन सकट आतद एक ओर मधय वगय तनमन पजीपतत वगय और महनतकशो क सपन टट रह थ वही दसरी ओर सावयजतनक कत क पालन म पला तशश तनजी पजीपतत वगय अब बड़ा हो चला था और पालना उसक तवकास को रोक रहा था पजीवादी तहतो की नमाइनदगी करन वाल बतदधजीतवयो और अथयशातसतरयो न पजी पर राजय क तवतनयमन यानी लाइसस कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण परतयक तवदशी तनवश पर रोक एमआरटीपी तनयतण व सतबसिी आतद पर सवाल उठान शर कर तदय

इस दौर म तवशव सतर पर भी 1970 क दशक म नवउदारवाद क यग की शरआत होती ह अपना सवतणयम यग जीन क बाद 1960 क दशक क आतिरी वषयो म ही अमररकी व यरोपीय पजीवाद पर सकट क बादल मिरान लग थ और इसक साथ ही करतमक परतकरया म पतशचम म कयाणकारी राजय की नीततयो को समापत करना शर कर तदया चतक अमररकी व आम तौर पर पतशचमी पजीवादी अथयवयवसथाए मनाफ़ की दर का सकट झल रही थी इसतलए पहल उनहोन अपन यहा तवतीय तवतवतनयमन तकय अमररका न लचीली तवतनमय दर सथातपत की शरम

बाज़ार का भी क उदारीकरण तकया और तफर तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क पजीपतत वगय पर भी दबाव बनाया तक व भी तवतीय तवतवतनयमन कर और शरम बाज़ार को लचीला बनाय तातक पतशचमी सामाजयवादी पजी को इन दशो म और खल कर ससत शरम की लट की ट तमल अपन कारणो स एतशया व अरब अफीका और साथ ही लाततन अमररका क तमाम पजीवादी दशो का शासक वगय भी उदारीकरण की आवशयकता महसस कर रहा था तवशव बक और तवशव मदरा कोष न तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क आतथयक सकट का लाभ उठात हए उन पर तवदशी पजी क तलए अपन दरवाज़ खोलन का दबाव बनाया यानी उनह तवदशी वयापार और तवदशी तनवश पर लगी तमाम पाबतनदयो को हटान क तलए मजबर करन का परयास तकया क दशो न (जस तक लाततन अमररका क क दश) इस परकार की नीततयो को जयो का तयो लाग तकया तजनह lsquoसपrsquo यानी lsquoसटचरल एिजसटमटrsquo की नीतत भी कहा जाता हा इसक आरतमभक परयोग लाततन अमररका क दशो म हए और पानी जसी मलभत सतवधाओ को तनजी हाथो म सौपन स लकर समची अथयवयवसथा क नवउदारवादी पनगयठन क भयकर पररणाम सामन आय

भारत क सनदभय म कहा जाय तो यहा क पजीपतत वगय न बहद कशलता स इन नीततयो को लाततन अमररका क तवपरीत अपन तहतो क अनसार बदलकर और तवलतमबत परतकरया म लाग तकया तजसक कारण भारतीय पजीवादी वयवसथा उस परकार सामाजयवाद पर तनभयर नही हई और न ही वह उस परकार औध मह तगरी तजस परकार लाततन अमररका क क दशो क साथ हआ नतीजतन यहा उस परकार जनाकरोश फट कर सड़को पर भी नही बहा तजस परकार लाततन अमररकी दशो म हआ था असर यह बात कही जाती ह तक भारतीय शासक वगय अनतरायषटीय दबाव म नवउदारवादी नीततयो को अपनान क तलए मजबर था लतकन ऐसा नही ह और इसकी चचाय हम पहल ही कर चक ह तक तकस परकार तमतशरत अथयवयवसथा क तवतनयमन म तनजी पजी का दम घट रहा था और वह लाइसस सतबसिी परतमट शरम काननो कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण आतद स पीा ड़ाकर म त बाज़ार म गोत लगाना चाहती थी तसफ़य बाहरी पररतसथततया ही नही बतक आनतररक पररतसथततया भी नवउदारवाद क तलए दबाव बना रही थी आतधकाररक तौर पर जलाई 1991 म नवउदारवाद की नीततयो की घोषणा स पहल ही 1980 क दशक म राजीव गाधी नवउदारवाद क सबस मखर समथयक बन और उनकी सरकार न सीतमत हद तक अथयवयवसथा का उदारीकरण तकया 30 उदयोगो म लाइसस की आवशयकता हटायी तथा और साथ ही कई पररवतयन तकय गय

लतकन पर ढोल-ताश तोरण और बनदनवार क साथ तवकास क बड़-बड़ वायदो और रोज़गार क सवतणयम अवसरो क सपन तदखा कर उदारीकरण तनजीकरण और भमिलीकरण की नवउदारवादी नीततयो की शरआत 24 जलाई 1991 को परधानमती नरतसमहा राव तवत मती मनमोहन तसह और योजना आयोग क उपाधयक मोटक तसह अहलवातलया क समय म की गयी यह दावा तकया गया तक परतयक तवदशी तनवश स दश म रोज़गार सजन होगा इन तीनो न तमल कर lsquoतटकल िाउन तथयरीrsquo यानी धन-समतदध क ऊपर स ररस कर नीच जान का तसदधानत परसतत तकया ऊपर स नीच का सच तो महनतकश लोग अपनी तज़नदगी स जानत ही ह नीच स तनचोड़कर सारा धन ऊपर की ओर ज़रर चला जा रहा ह और ऊपर स ररसकर कवल गरीबी बरोज़गारी और बबायदी आम महनतकश जनता क तहसस आ रही ह अगर ऐसा नही होता तो दश म 1990 म जहा मात 2 अरबपतत (िॉलर अरबपतत) थ वही 2021 म 177 कस हो गय lsquoहरन गलोबल ररच तलसटrsquo (हरन दारा बनायी तवशव म अमीरो की सची) क अनसार पर तवशव म अरबपततयो की सखया म तीसरा सथान भारत का ह साथ ही वतशवक भखमरी सचकाक म 107 दशो की सची म भारत 94व सथान पर ह सवासथय की पहच क कत म भारत का सथान 189 दशो म 179वा ह जो तक बगलादश शरीलका पातकसतान और कई अफीकी दशो स भी नीच ह 1995 स लकर 2009 तक जीिीपी क औसत 6 स सात और कई बार 8 स ऊपर पहचन पर सीना चौड़ा कर तवकास का दावा करन वाली सरकार यह नही बताती तक यह तवकास रोज़गारतवहीन तवकास था योतक 1991 स लकर 2018 तक बरोज़गारी की दर 5 परततशत स 6 परततशत क बीच बनी हई थी जो 2020 म 56 सालो म सबस जयादा यानी 89 परततशत हो गयी 2021 म तो यह 917 परततशत हो गयी ऐस तवकास की जनता क तलए या उपयोतगता जो रोज़गार क अवसर ही न सतजत कर शयर बाज़ार म उाल पजीपततयो की तज़ रफतार महगी गातड़यो पराइवट जट तवमानो आलीशान अटातलकाओ और तवदश याताओ की सखया क आधार पर मापा गया तवकास आम महनतकश आबादी की थाली म दो जन की रोटी तक नही पहचाता

आम आबादी क तलए तो नवउदारवाद तगी बरोज़गारी कपोषण और भखमरी ही लकर आया ह तदहाड़ी पर काम करन वाली 50 करोड़ आबादी 10 साल पहल वासतव म तजतना कमाती थी आज भी लगभग उतना ही कमाती ह जबतक कीमत दोगनी-तीन गनी हो चकी ह दश म 60 परततशत आबादी कपोषण का तशकार

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह

(पज 15 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 15

ह राषटीय पोषण तनगरानी बयरो दारा 2015-16 म शहरी आबादी म तकय गय सवज क अनसार औसत खानपान म परोटीन कतशयम आयरन तथयातमन तनयातसन आतद पोषक ततवो की काफ़ी कमी ह यही ह दश की मज़दर महनतकश आबादी क तलए नवउदारवाद की सवतणयम सौगात

िवउदारवाद और मज़दर आनदोलि

1950 क दशक क आरमभ स ही सशोधनवाद क मागय पर तनकल पड़ी भारत की कमयतनसट पाटटी (भाकपा) नहर और कागस की नीततयो को समाजवाद की तदशा म कदम मानती थी और राषटीकरण की रट लगाती थी भाकपा क अनसार आज़ादी क बाद कागस जनवादी काययभारो को परा कर रही थी इसतलए कमयतनसटो को इसका सहयोग करना चातहए अत इनहोन वगय सहयोग की लाइन दी जब पाटटी की लाइन ही वगय सहायोगवाद की हो गयी तब समाजवाद क समथयन और सवयहारा वगय को करातनतकारी चतना और उसक ऐततहातसक तमशन स पररचय करान की बात तो सथतगत हो गयी 1964 म एक सशोधनवादी पाटटी क तौर पर ही भाकपा स अलग हई माकपा सीध तौर पर नहर की गोद म नही बठी और उसन नहर को समझौतापरसत बोलकर उसपर जनवादी काययभारो को परा करन क तलए सड़क और ससद म दबाव बनान की बात की लतकन असल म वह भी एक सशोधनवादी पाटटी थी न तक मज़दर वगय की कोई करातनतकारी कमयतनसट पाटटी अपन गरमा-गरम भाषणो और चाय की पयाली म तफ़ान उठान क अलावा इन ससदमागटी जड़वामनो न बजयआ वगय क तिलाफ़ मज़दर वगय की करातनतकारी राजनीततक चतना उननत बनान क तलए कोई ठोस राजनीततक कारयवाई नही की और मज़दर वगय को अथयवाद क गोल चकर म ही घमात रह सवयहारा वगय की तहरावल पाटटी का अतनतम लकय होता ह तक वह बजयआ राजयसता का धवस करक सवयहारा राजयसता की सथापना करन की ऐततहातसक मतहम म महनतकश जनसमदाय को नततव द इस अतनतम लकय तक पहचन क तलए कमयतनसट मज़दरो और सभी करातनत-पकधर वगयो क जन-सगठन बनात हए आतथयक सधारो-मागो-ररयायतो क तलए अथयवादी नही बतक राजनीततक रप स लड़त हए जनता की जझार सगठनबदधता को बढ़ात ह रतढ़यो स मतत और वगय-चतना को परखर बनान क तलए सतत सामातजक आनदोलन करत ह और सासकततक कायय करत ह लतकन ऐसा करन की जगह मज़दर वगय को य सशोधनवादी पातटयया सधारवाद पबनदसाज़ी अथयवाद अराजकतावादी सघातधपतयवाद और टि यतनयन की गतलयो म घमाती रही

1950 क उतरादधय स भाकपा एव अपन जनम क काल स ही माकपा

और 1980 क दशक स भाकपा (माल) का इततहास जब ऐसा रहा तब उनस 1991 म नवउदारवाद क तवरदध जझार परततरोध की उममीद बकार थी और हआ भी ऐसा ही नवउदारवाद न मज़दरो का िन बहा कर तमल शरम काननो को ततलाजतल द दी और य ससदमागटी सशोधनवादी पातटयया महज़ सगतठत कत क मज़दरो और कमयचाररयो को लकर नपसक तकसम क तवरोध की रसमअदायगी करती रही और 93 परततशत असगतठत मज़दर वगय को तो सगतठत करन का इनहोन कभी ढग स परयास ही नही तकया आज सार परान शरम कानन लगभग समापतपराय ह और मज़दर जानलवा हदो तक असरका की तसथतत म काम करन को मजबर ह मज़दर वगय की जीवन व काययतसथतत भयकर ह खल और मनोरजन की या बात कर जब मामली बीमाररयो क इलाज की भी सतवधा नही ह नय लबर कोि वासतव म मज़दरो की पजीपततयो दारा तबना तकसी रोक-रकावट लट को काननी बनान क तलए ही लाय गय ह इसक अलावा करल अतीत म पतशचम बगाल और ततपरा म ससदीय वामपनथी पातटययो की सरकारो न सवय नवउदारवाद की नीततयो को परी तनषठा स लाग तकया ह वगय सहयोग की तदशा म बहद सजीदगी स कदम बढ़ात हए परथम यपीए सरकार म शातमल होकर भारत म उदारीकरण-तनजीकरण को सही तरीक स लाग करन का रासता साफ़ तकया और इस तदशा म नयी-नयी नीततयो क जनमदाता बन 2005 म ससद म बठकर इनहोन सज़ अतधतनयम पास करवाया सज़ यानी सपशल इकॉनोतमक ज़ोन तजसक तहत ऐस औदयोतगक कत बनाय गय जहा तकसी भी तरह का शरम कानन लाग नही होता

इस परकार इन सशोधनवादी पातटययो न मज़दर वगय क साथ ऐततहातसक गदारी की झठ तवशवासघात और फरब का इतना लमबा काल झल कर महनतकश आबादी क बड़ तहसस का इनस मोहभग हो चका ह और इनका आधार अब मलत और मखयत सगतठत कत क पक कमयचाररयो और एक हद तक क राजयो म ोट व मझोल वयवसातययो और मझोल व धनी तकसानो-कलको म ह मज़दर वगय क एक तहसस म इनह लकर क भम अभी भी ह लतकन उनह तनरनतर करातनतकारी परचार और सघषयो क ज़ररए इनह बनकाब करक ही तोड़ा जा सकता ह सचचाई यह ह तक वाहय आवरण म आम मज़दरो को कमयतनसट तदखन वाली य पातटयया अपनी अनतयवसत म बजयआ ही होती ह सशोधनवादी पातटययो दारा मज़दर वगय क आनदोलन को सधारवाद अथयवाद और सशोधनवाद क पककि म ल जान का सबस जयादा फ़ायदा फ़ासीवादी शततयो को तमला तजनहोन पजीवादी वयवसथा क सकट और करातनतकारी

कमयतनसट शततयो क अभाव म मज़दर आनदोलन क एक ोट तहसस म और वयापक टटपतजया आबादी म परतततकरया का आधार तयार तकया

राम जनमभतम आनदोलन बाबरी मतसजद धवस 1991 क सकट क बाद और 1995 तक उदारीकरण-तनजीकरण क तवनाशकारी पररणामो क बाद भारत म फ़ासीवादी आनदोलन पहल स कही अतधक आकरामक हो कर उभरा एक करोड़ 42 लाख सदसयो वाली एटक और 60 लाख स भी जयादा की सदसयता का दमभ भरन वाला सीट और बगाल करल और ततपरा म सरकार चलान वाली माकपा और भाकपा इस आकरामक फ़ासीवादी सलाब क समय तकनार बठ कर धातमयक सौहादरय का कीतयन करती रही और सामपरदातयकता स लड़न क नाम पर कभी कागस तो कभी मलायम तसह यादव का प ला बनी रही जब 2002 म जलत गजरात क तवरोध म सड़को पर उतरन की और फ़ासीवातदयो स तनपटन की मज़दरो क लड़ाक सगठन बनान की और िाकी चििीधाररयो का महतोड़ जवाब दन की ज़ररत थी तब भी इतनी बड़ी सदसय सखया लकर इन सशोधनवादी पातटययो को ससद क एसी सभागार फ़ासीवाद स लड़न क जयादा कारगर उपाय लग वासतव म य मज़दर वगय का कोई करातनतकारी आहान करन की कमता खो चक थ और अगर दहाड़न क तलए भी मह खोलत ह तो मह स मयाऊ ही तनकल जाता ह इनका यह इततहास दशायता ह तक फ़ासीवाद को एक lsquoअपरततरोधय उभारrsquo बनान म अगर तकसी एक शतत की सबस अतधक भतमका ह तो वह सशोधनवाद ही ह

पतशचम बगाल म लोकसभा चनावो और राजयसभा चनावो क दौरान भाकपा-माकपा का बड़ा जनाधार तखसक कर भाजपा की ओर चला गया इस जनता की करातनतकारी ऊजाय को अथयवाद और सशोधनवाद स बतधया कर दन और उनकी राजनीततक चतना को कनद करन क पररणाम क तौर पर दखा जा सकता ह दश क अनय तहससो म भी मज़दर तनमन-मधयवगय और आम महनतकश वगय क बीच करातनतकारी पाटटी और राजनीतत की नामौजदगी की वजह स बढ़त आतथयक असरका व सकट काल म फ़ासीवादी ताकतो को अपन पर पसारन का अवसर तमल जाता ह िवउदारवाद क दौर म फासमीवाद

का उभारपजीवाद तजस असमाधय सकट

स गज़र रहा ह उसस तनपटन क तलए दतनया क तमाम दशो म पजीपतत वगय सबस परतततकरयावादी दतकणपनथी मज़दर-तवरोधी और फ़ासीवादी सरकारो को चन रहा ह भारत क सनदभय म तहनदतववादी फ़ासीवादी मोदी सरकार सता म आयी यहा क पजीपतत वगय को ऐसी सरकार की

ज़ररत थी जो लोह क हाथो स उन नीततयो को लाग कर जो मनाफ़ की राह म सभी परशातनयो को हटा द और पजी क तलए खल चारागाह का तनमायण कर इसक तलए आदशय परतयाशी मोदी और पाटटी भाजपा ही थ इसतलए मोदी सरकार जब 1914 म सता म आयी तो सबस पहल शरम काननो म बदलाव तकया आज यह बदलता-बदलता समापत पराय हो गया ह और उनकी जगह बस चार लबर कोि रह गय ह य कोि मज़दरो को गलामो की तसथतत म ला दग सार सावयजतनक ससथान औन-पौन दामो म बच जा रह ह पजीपततयो की सारी महमागी मराद परी हो रही ह इसतलए तो मकश अमबानी तवशव म आठवा और एतशया म सबस अमीर वयतत बन गया ह

एक ओर जहा धन क मटी भर आबादी क हाथो सकतनदरत हो रहा ह वही भमिलीकरण और उदारीकरण क 30 वषयो न बड़ पमान पर ोट पजीपतत वगय को उजाड़ा ोट पमान क उतपादको दकानदारो वतनभोतगयो और साथ ही गामीण तनमन-पजीपतत वगय को भी उजाड़ा ह बड़ पमान पर लोग सड़को पर आ गय और जो सड़को पर नही आय उनक तसर पर भी लगातार टनी और तालाबनदी नौकरी स तनकाल तदय जान ठक पर कर तदय जान की तलवार लटकती रहती ह कहन का अथय ह तनमन-पजीपतत वगय क सामन भतवषय की असरका और अतनतशचतता बहद तज़ रफतार स बढ़ी ह भाजपा और आरएसएस न इसी असरका और अतनतशचतता का फ़ायदा उठाया इस अतनतशचतता और असरका स पदा हए गसस बौखलाहट तचड़तचड़ाहट और तनराशा को सघ पररवार न अपसखयको तवशषकर मसलमानो और शरणातथययो की ओर मोड़ तदया मसलमानो शरणातथययो ईसाइयो आतद को सभी सकट पर शातनयो और असरका की वजह बतात हए इनक तिलाफ़ सड़को पर उनमाद पदा तकया गया सघ पररवार का पदा तकया सामपरदातयक उनमाद ततकालीन आतथयक सकट की वजह स उभरा और फ़ासीवाद भारत म पहली बार 1980 क दशक म एक परतततकरयावादी

सामातजक आनदोलन बनकर उभरा लतकन तवचारधारातमक सगठनातमक और ससथाबदध कामो की तयारी सघ 1925 स ही कर रहा था शाखाओ सासकततक कनदरो तशश मतनदरो म सामपरदातयक सतरी-तवरोधी दतलत-तवरोधी ज़हर घोल-घोल कर तपलाया जाता रहा और आज इन ससथाओ स तनकल लोग नौकरशाही पतलस सना नयायपातलका तवशवतवदयालयो स लकर न कड़-चौराहो पर सघ क तवचारो क रकक और परचारक बन बठ ह बहरहाल आज कोई दशवयापी करातनतकारी कमयतनसट पाटटी मौजद नही ह जो तक वयापक महनतकश अवाम को करातनतकारी सवयहारा वगय क नततव म जगा सक गोलबनद कर सक सगतठत कर सक और समझा सक तक उनक दखो तकलीफ़ो और असरका की असल वजह पजीवाद ह न तक कोई धमय या समदाय आज ऐसी पाटटी का तनमायण करत हए मज़दर वगय क बीच वयापत सभी परकार क तवजातीय तवचारो स लड़ना होगा और उनकी राजनीततक चतना उननत करनी होगी मज़दर वगय को उसक ऐततहातसक तमशन की याद तदलानी होगी और उसक बीच वयापत रतढ़वादी अवजातनक अतातकय क तवचारो स सतत सघषय करना होगा कवल इसी क ज़ररए मज़दर वगय और आम महनतकश अवाम फ़ासीवातदयो को महतोड़ जवाब द सकती ह

अनतत 30 वषयो क नवउदारवाद क काल न दश म वगयो का धरवीकरण ितरनाक सीमा तक बढ़ा तदया ह करोड़ो-करोड़ बदहाल तनराश और बघर आबादी क शीषय पर मटी भर आबादी आपरातधक अययाशी का जीवन जी रही ह और आन वाल समय म बढ़ती महगाई टनी-तालाबनदी बरोज़गारी को दखत हए यह धरवीकरण और गहरान जा रहा ह आतथयक सकट स पदा असनतोष को दबान क तलए फ़ासीवाद क हमल भी और आकरामक होग तजसक सकत तमल रह ह करातनतकारी शततयो को सवयहारा वगय क बीच राजनीततक परचार-परसार क काम को यदध सतर पर सगतठत करना होगा और मज़दर महनतकश वगय को इन राजनीततक गतततवतधयो म बढ़-चढ़ कर तहससा लना होगा

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह(पज 14 स आग)

अपनी रोज़ी-रोटी को बचाया जा सक और लट शोषण व दमन क तिलाफ़ समच मज़दर वगय और आम महनतकश आबादी का सशत परततरोध खड़ा तकया जा सक पजीवाद क मनाफ़ की दर तगरन का सकट पहल स कही जयादा तज़ होता जा रहा ह और मज़दरो क लट शोषण व दमन तज़ होता जा रहा ह यही समय ह तक हम मज़दर जद स जद एकजट हो जाय सगतठत हो जाय और सोच-समझकर अपन सघषय को आग बढ़ाय मातलक ठकदार जॉबर आतद हमस

जयादा नही ह लतकन व हमस जयादा सगतठत ह और उनक पी सरकारो की ताकत ह दसरी ओर हम असगतठत और तबखर हए ह यदि हम सगदठत और एकजट हो तो सरकारो की ताकत साथ होन क बावजि व हमस मकाबला नही कर सकत व अभी ऊच इसदलए दिख रह ह योदक हम घटनो पर बठ हए ह

मािसर की शमीनिसस कमिमी क मज़दरो(पज 10 स आग)

ाक पजीयन SSPLWNP-3192020-2022पररण ाकघर आरएमएस चारबाग़ लखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 5 परतयक माह16 Mazdoor Bigul l Monthly l September 2021 l RNI No UPHIN201036551

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो लखनऊ स मददत समपािक अदभनव l समपािकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006

टोको ओलममपक म भाित का परदशवन एक समीकाndash साथिषक

अगसत महीन म टोयो ओलतमपक खलो का समापन हआ और भारत को इस बार एक सवणय दो रजत और चार कासय पदक तमल ह इस परकार कल पदको की सखया सात रही ह हर ोटी स ोटी उपलतबध की तरह मोदी जी इस बार भी मौक पर चौका मारन क तलए पहल स ही तयार बठ थ गोदी मीतिया आईटी सल और अनय सभी परचार ततो का इसतमाल कर मोदी जी दशवातसयो क सामन ऐसा सवाग रच रह ह तक दखन वाल को लगता ह जस मोदी जी िद ही सातो पदक जीत कर आय ह िर इन लफफ़ातज़यो और ढोग को एक तकनार कर ओलतमपक खलो म भारत क परदशयन की एक वसतपरक समीका करन की ज़ररत ह

टोयो ओलतमपक म भारत का परदशयन अब तक का सबस अचा परदशयन रहा ह यतद तपल परदशयनो स तलना की जाय तो भारत का परदशयन पहल इतना फीका रहा ह तक अभी हातसल सात पदक तकसी कीततयमान स कम परतीत नही होत ह 1900 म हए पररस ओलतमपक म भारत न पहली बार ओलतमपक खलो म तहससदारी की शरआत की थी 1900 स लकर 2020 क बीच पचचीस ओलतमपक खलो म भाग लकर भारत न कल 35 पदक अतजयत तकय ह इनम स 12 पदक भारत न तसफ़य परष हॉकी परततयोतगता म जीत ह जब हम इन आकड़ो की तलना दसर दशो स करत ह तो हम समझ आता ह तक भारत जस तवशाल दश क तलए इतन कम पदक हातसल करना चौकान वाला ह टोयो ओलतमपक म अमररका न 113 और चीन न 88 पदक जीत ह तजसम अमररका क 39 और चीन क 38 सवणय पदक ह दसर शबदो म कह तो भारत पचचीस बार इन खलो म भाग लकर तजतना पदक हातसल नही कर सका उसका चौगना क दश एक ही बार म हातसल कर लत ह 130 करोड़ आबादी वाल भारत म ओलतमपक खलो क मामल म यह िसता हाल दतनया भर क खल तवशषजो पतितो और आम खल परशसको क तलए एक आशचयय का तवषय ह इस गतथी को सलझान क तलए कई तवशषज अपन-अपन तरीक स तकय दत ह भारत की तवफलता क कारणो की वयाखया करत ह लतकन इनक तवशलषण और इनक तदय सझाव इस मनाफ़ािोर वयवसथा को सीध कठघर म खड़ा नही करत ह बतक इसी वयवसथा की चौहतदयो म ही इस समसया का हल ढढ़त रहत ह

ओलतमपक या कोई भी अनतरराषटीय परततयोतगता म भारत का लगातार तपड़ा परदशयन एक ढाचागत समसया ह तजसका समाधान इस मनाफ़ पर तटकी वयवसथा क आमलचल पररवतयन स ही हो सकता ह यहा का पजीपतत वगय मज़दर-महनतकश आबादी क एक-एक कतर को तनचोड़ कर ऐशोआराम की तज़नदगी जीता ह 12-14 घट कारिानो म कमरतोड़ महनत करन क बाद जब हम अपन घरो को लौटत ह तो हमार पास मनोरजन या सजनातमक काययो क तलए ताकत और

समय दोनो ही नही बचत ह हम थक-हार कर सो जात ह और अगल तदन उठ कर तफर उसी कमरतोड़ महनत म लग जात ह तशकागो क अमर शहीद मज़दरो न तजस ldquoआठ घट का काम-आठ घट का आराम-आठ घट का मनोरजनrdquo का नारा बलनद तकया और तजसक तलए अपन पराणो की आहतत द दी आज वही नारा मज़दरो क तलए अतीत का एक अवशष मात बन कर रह गया ह आप ही सोतचए तक ऐसी हालत म दश की बहसखयक आबादी जो जस-तस महनत करक अपना गज़ारा करती ह या वह कभी ओलतमपक खलो म तहससा ल सकती ह भारत म एक बड़ी आबादी ऐसी ह जो तकशोरावसथा यानी महज़ 14-15 साल की उम स ही भारी शारीररक शरम म लग जाती ह तकशोरावसथा ही उम का वह पड़ाव होता ह जब बचचो म खलकद की परततभा सबस सपषट रप म परकट होती ह लतकन उन बचचो का या जो सकल ही नही जात यतद सकल तकसी तरह चल भी जाय और उनकी परततभा की पहचान हो भी जाय तो उनक परतशकण और तालीम पर होन वाल िचय की आशा भी करना उनक तलए आकाश कसम की अतभलाषा क समान होगा आप ही सोतचए तक हमार बचच खलकद क बार म सोच भी कस सकत ह जब उनह कारिानो दकानो रहड़ी-खोमचो म दो वक़त की रोटी क तलए जदोजहद करनी पड़ती ह अपना और अपन पररवार का पट भरन क तलए ता-उम य नौजवान अपनी हितिया गलात रहत ह इस तरह दश की एक बड़ी आबादी खल क दायर स ही बाहर हो जाती ह

मज़दरी की तसथतत को दखत हए घर म जो पसा आता ह उसस दाल-रोटी भी चलानी मतशकल होती ह एक तखलाड़ी पदा करन क तलए सनततलत आहार की बात सोचना तो असमभव ही ह एक उननत खल ससकतत को गढ़न और ओलतमपक खलो म एक शततशाली ताकत बनन क तलए एक सवसथ और सहतमनद यवा पीढ़ी को गढ़ना अतनवायय ह तजस दश म हर तदन भख कपोषण और सकरामक रोगो स सरकारी आकड़ो क अनसार 2257 बचचो की मौत होती हो (हालातक असल आकड़ा कम-स-कम इसका दना ह) उस दश म हम यह कस उममीद कर सकत ह तक वह खलकद म तवशवतवजता बनगा सय त राषट बाल कोष (यतनसफ़) की ररपोटय क अनसार दश क तकरीबन आध बचच अपनी उम क अनसार सामानय स कम वज़न क ह 45 परततशत बचच सामानय स कम कद क ह 20 परततशत बचच अपन कद क अनसार सामानय स जयादा दबल-पतल ह 75 परततशत रतहीनता स पीतड़त ह 57 परततशत बचचो म lsquoतवटातमन एrsquo की गमभीर कमी ह पहल सकल और आगनवाड़ी म जो क भी थोड़ा-बहत मधयाहन भोजन तमलता था लॉकिाउन क दौरान वह भी अतधकाश जगहो पर बनद हो गया था और इस अतनयोतजत लॉकिाउन स करोड़ो मज़दरो-

महनतकशो की नौकररया भी चली गयी ऐसी हालत म बचचो का भरण-पोषण कतठन हो गया ह तनतशचत ही ऊपर तदय गय आकड़ आज गमभीर रप धारण कर चक होग और तमाम सरकारी और गर-सरकारी रपट इस बात की पतषट भी कर चकी ह

इसक अलावा बचचो म बचपन स ही शारीररक वयायाम और खलकद क बार म एक सवसथ दतषटकोण पदा करन म सकलो की एक अहम भतमका होती ह सकल म ही भतवषय क ओलतमपक तखलाड़ी अपन पशवर खल जीवन की नीव रखत ह लतकन हमार दश की सकली तशका वयवसथा क जजयर हालात पर तजतनी कम बात की जाय उतना अचा ह भारत म माधयतमक सकलो म सकल नामाकन अनपात 79 परततशत ह इसका मतलब माधयतमक सकल म पढ़न योगय बचचो म स तसफ़य 79 परततशत ही असल म सकल म नाम तलखात ह इनम स भी 17 परततशत दसवी की परीका पास करन स पहल ही पढ़ाई ोड़ दत ह ज़ातहर-सी बात ह य बचच जो सकलो स बाहर रहत ह ोट-मोट उदयोग धनधो या मज़दरी म लग जात ह एक ररपोटय क अनसार भारत म 33 परततशत सकलो म शारीररक तशका की कोई अलग स लास नही दी जाती ह 80 परततशत सकलो क पास ऐस तशकक नही ह जो शारीररक तशकण-परतशकण दत ह 33 परततशत सकलो क पास अपना खल का मदान या खल क उपकरण नही ह ऐसी तसथतत म अगर हमार बचच सकल पहच भी जात ह तो हम यह गलतफ़हमी नही होनी चातहए तक सकल म उनक अनदर कसरत और खलकद क परतत रतच पदा करन तलए कोई सचत परयास तकया जायगा

दश म एक सतकरय खल ससकतत का तनमायण तणमल सतर पर खलो का परचार परसार खल अवसरचना का तनमायण यवा अवसथा म परततभाशाली तखलातड़यो की तलाश कर उनको उननत परतशकण और मागयदशयन दना आतद बतनयादी चीज़ो म दश की तकसी सरकार न कभी कोई िास तदलचसपी नही तदखायी ह 2018 म कनदरीय खल मती न इस बात की पतषट की तक भारत सरकार खलो पर परतततदन परतत-वयतत तसफ़य तीन पस िचय करती ह जबतक चीन परतततदन परतत-वयतत 61 रपय िचय करता ह जो भारत क मकाबल 200 गना जयादा ह तपल दस सालो म भारत सरकार अपन कल सरकारी वयय का महज़ 006 स 008 परततशत ही खलो पर िचय करती आ रही ह 2021 ओलतमपक वषय होन क बावजद इस साल क बजट म खल मतालय को 230 करोड़ रपय कम तदय ह आय तदन अनतरराषटीय और राषटीय सतर क तखलाड़ी कोच और सहयोगी सटाफ़ तनमन दजज की सवाओ क तिलाफ़ तशकायत करत रहत ह मगर खल मतालय और दसरी समबतनधत ससथाओ क कान पर ज नही रगती ह मज़दार बात यह ह तक खल मतालय का सालाना बजट तजतना होता ह भारतीय तकरकट बोिय लगभग उसक समान ही

सालाना मनाफ़ा कमा लता ह तकरकट बड़ी इजारदार पजी क तलए ताबड़तोड़ मनाफ़ा पीटन का एक सोत बन गया ह इसतलए सरकार स भी भारतीय तकरकट बोिय को परा समथयन तमलता ह वही बात की जाय यतद अनय नय-परान खलो क बार म तो य भी सार भारत म एक धीमी ददयनाक मौत मर रह ह इस पजीवादी वयवसथा म बस उसी खल को बढ़ावा तदया जायगा तजसम भारी मनाफ़ा कमान की समभावनाए मौजद होगी आज सरकार क तखलातड़यो क जीत कर लौटन पर उनका सवागत कर रही ह उनका सममान कर रही ह लतकन कोई यह सवाल यो नही प ता तक कहा थी राजय सरकार और कनदर सरकार जब इन तखलातड़यो को फ़ि सतवधाओ और खल उपकरणो की आवशयकता थी यहा भी भदभाव साफ़ तदख रहा ह तजन तखलातड़यो न पदक जीता ह उनह बड़ी-बड़ी धनरातश दन की घोषणाए की जा रही ह लतकन अगल ओलतमपक क तलए तयारी तो सभी तखलातड़यो को एक समान ही करनी ह सरकारो क तलए यह सब तचनता का तवषय नही ह योतक उनक तलए खलकद कोई महतव नही रखता और इनह पता ह तक महनत करक कल कोई और पदक ल ही आयगा तब अपनी पीठ य सवय थपथपा लग जस आज मोदी कर रहा ह

एक अचा सवसथ मानवीय जीवन और बचचो का सवािगीण तवकास तखलाड़ी बनन की पवयशतय ह इस चरमरायी हई पजीवादी वयवसथा क पास वह कमता नही ह तक वह दश की महनतकश आबादी को एक सवसथ िशहाल तज़नदगी द सक और उनक बचचो का सवािगीण तवकास कर सक तसफ़य और तसफ़य एक समाजवादी वयवसथा ही हम मज़दर-महनतकशो को एक इजज़त की तज़नदगी द सकती ह तजसम हमार शरम को लटन वाला कोई परजीवी वगय नही होगा हमार अपन और समाज की बतनयादी ज़ररतो को परा करन क बाद जो lsquoफी टाइमrsquo बचगा उसम हम अपन

शौक और मनोरजन का कोई भी काम कर सकत ह और यतद मनाफ़ा कमाना नही बतक समाज की आवशयकताओ को परा करना उतपादन का लकय हो और सभी सवसथ वयसक वयततयो क तलए उतपादक शरम म भागीदारी करना अतनवायय हो तो हर तकसी क पास बहत-सा िाली वक़त बचगा तजस वह कला सातहतय ससकतत खल तवजान दशयन और घमकड़ी म लगा सकता ह साथ ही सवय उतपादक की परतकरया तकसी लटर वगय क तलए मजबरी म की जान वाली परतकरया नही होगी बतक यह सवय आननद का तवषय होगी यतद शरम मजबरी म या ज़ोर-ज़बदयसती क कारण न हो तो यह तो आननद का तवषय होता ह योतक यह मनषय को पश स मनषय बनान वाली परतकरया ह और हमारी परकतत का अग ह इसतलए मज़दर राज और समाजवाद म तो धीर-धीर िाली टाइम की अवधारणा ही ितम हो जायगी योतक तकसी और क मनाफ़ की िाततर मजबरी म खटन वाल lsquoकाम क टाइमrsquo और lsquoफी-टाइमrsquo का अनतर ही ितम हो जायगा सकल कारिानो खतो और दफतरो म हर जगह कसरत क तलए लोगो को परोतसातहत तकया जायगा हम और हमार बचच जो भी खल खलना चाह उसक तलए हमारी मज़दर सता हम हर समभव सतवधा महया करवायगी खल आतथयक सामथयय स की जान वाली कोई तकरया नही बतक सामतहक जीवन का एक ज़ररी अग बन जायगा तजसका आननद सभी उठा सक ग सोतवयत सघ और चीन म मज़दरो की सता कायम होन क बाद यही हआ 1952 स 1988 क बीच सोतवयत सघ न ओलतमपक खलो म जो अदभत कामयाबी हातसल की उसक पी उसक करतनतकारी दौर ndash यानी 1917 स 1953 ndash की खल नीततयो का ही हाथ था एक समाजवादी वयवसथा म मानव जीवन क हर पहल की तरह खल भी एक उननत सतर पर पहच पायगा और एक सवसथ खल ससकतत अतसततव म आ सकती ह

करादत स हमारा अदभपराय ह ndash अयाय पर आधाररत मौजिा समाज-वयवथा म आमल पररवतवन समाज का परमख अग होत हए भी आज मजिरो को उनक पराथदमक अदधकार स वदचत रखा जा रहा ह और उनकी गाढी कमाई

का सारा धन शोरक पजीपदत हडप जात ह िसरो क अनिाता दकसान आज अपन पररवार सदहत िान-िान क दलए महताज ह िदनया भर क बाजारो को कपडा महया करन वाला बनकर अपन और अपन बचचो क तन ढकन-भर को भी कपडा नही पा रहा ह स िर महलो का दनमावण करन वाल राजगीर लोहार और बढई वय गि बाडो म रहकर ही अपनी जीवन-लीला समापत कर जात ह इसक दवपरीत समाज क जोक शोरक पजीपदत जरा-जरा-सी बातो क दलए लाखो का वारा-यारा कर ित ह

यह भयानक असमानता और जबिवती लािा गया भिभाव िदनया को एक बहत बडी उथल-पथल की ओर दलय जा रहा ह यह दथदत अदधक दिनो तक कायम नही रह सकती पषट ह दक आज का धदनक समाज एक भयानक जवालामखी क मख पर बठकर रगरदलया मना रहा ह और शोरको क मासम बचच तथा करोडो शोदरत लोग एक भयानक ख की कगार पर चल रह ह

(बम काण पर सशन कोटव म बयान)

भगतससह क जनमददवस (28 ससतमबर) पर

14 मज़दर नबगल ससतमबर 2021

(पज 1 स आग)

करना ही उसक तलए भी बहतर ह इस तरह दश आज़ाद हआ आलीशान अटातलकाओ म हो रह जशन क बाहर बठी दश की आम महनतकश जनता फटहाल हालत म सगीत नाच-गाना और आततशबाज़ी दख रही थी और उममीद लगाय थी तक एक तदन वह भी िशहाल होगी आज़ादी क करीब चार दशक बाद जब नवउदारवादी नीततयो की शरआत हई तो पजीवादी नताओ और उनक चाकर बतदधजीतवयो न कहना शर तकया तक जब समतदध आयगी तो ररस-ररस कर सब तक पहचगी लतकन ररस-ररस कर तो बस दख-तकलीफ़ आयी ह अमीरज़ादो की समतदध की आततशबातज़यो को दख सड़को पर भीख माग रह बचच ताली बजा कर िश होत ह समतदध का अथय जनता क तलए बस इतना ही ह

आपन असर लोगो को यह कहत सना होगा तक अगज़ चल गय लतकन अगज़ी ोड़ गय अगज़ी क पी टन का मतलब तसफ़य भाषा स नही ह इसका अथय यह भी ह तक अगज़ो क चल जान क बाद अगज़ी नौकरशाही सना और पतलस क औपतनवतशक ढाच को ही अपना तलया गया योतक वह भारतीय पजीपतत वगय क तलए भी अपन तहतो की सवा क तलए उपय त था इसतलए लट और दमन बदसतर जारी रहा बस शासक वगय बदल गया जब दमन का बना-बनाया तत आज़ादी क साथ मफत तमल रहा था तो उस बदलन की कोई िास आवशयकता नही थी इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक lsquoगवनयम ट ऑफ़ इतिया एट 1935rsquo क 321 धाराओ म स 250 को ह-ब-ह भारतीय सतवधान म अपना तलया गया और आईपीसी तो अगज़ो क ज़मान स चली आ रही ह तजनम नयी धाराए जोड़ी गयी ह लतकन परानी सभी धाराए लगभग वसी ही ह तलतखत क साथ-साथ अतलतखत हथकि भी उनही स सीखकर उस िब माजा गया lsquoफट िालो और राज करोrsquo की नीतत पजीवादी सता क तलए अचक सजीवनी बटी ह अगज़ो न इस सवततता आनदोलन को कमज़ोर करन क तलए इसतमाल तकया और आज़ाद दश म सभी सरकार इस अपन-अपन ढग स मज़दरो-महनतकशो की एकता तोड़न उनक सघषयो को कमज़ोर करन क तलए करती आयी ह इसतलए कोई आशचयय की बात नही तक आज़ादी क दौरान करातनतकाररयो की मितबरी करन वालो अगज़ो क तलव चाटन वालो उनह माफ़ीनामा तलखन वालो आज़ादी की पवयसधया पर ततरगा जलान वालो और महातमा गाधी की हतया करन वालो आरएसएस और अनय सहयोगी सगठनो पर कभी कोई ठोस कारयवाई नही की गयी तजसस इनको परभावी तौर स रोका जा सक भारतीय पजीवाद को आरएसएस की आवशयकता थी और इसतलए इस ज़जीर स बध कत की तरह अपन करीब बाध रखा समय-समय

पर ज़ररत क अनसार ज़जीर कस दी जाती रही या ढीली कर दी जाती रही आज पजीवाद की ज़ररत क अनसार इस खखार कत को भारत क पजीपतत वगय न सता ही सौप दी ह

बहरहाल हम बात कर रह थ भारत क पजीपतत वगय और उसकी राजनीततक पाटटी कागस क बार म सता हातसल करन क बाद भारत का पजीपतत वगय इतना सशत नही था तक अपन बल-बत पजीवाद क फलन-फलन क तलए आवशयक बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो का ताना- बाना खड़ा कर सक उसक पास आरतमभक पजी और तकनोलॉजी की कमी थी इन आवशयकताओ को परा करन की दो राह थी एक सामाजयवादी दशो पर पणय-तनभयरता और दसरा जनता की गाढ़ी कमाई की पाई-पाई का दोहन इन दोनो म स यहा क पजीपतत वगय न दसरा रासता अपनाया लतकन पजीपतत वगय सीध जनता का पसा नही लट सकता था और न ही राजय उस सीध लटकर पजीपततयो को थमा सकता था इसतलए इनहोन तमतशरत अथययवयवसथा की नीतत अपनायी यानी सावयजतनक कत सय त कत और तनजी कत इस नहर न lsquoसमाजवादी नमन क समाज क तवकासrsquo का नाम तदया जनता की गाढ़ी कमाई चस कर दश का तवकास आरमभ हआ और जनता क पस स बतनयादी और अवसरचनागत उदयोगो को खड़ा तकया गया बतनयादी और अवसरचनागत उदयोग जस इसपात कारिान रल यातायात और पररवहन तबजली सचार आतद सावयजतनक कत म रख गय इनम पजी तनवश अतधक और मनाफ़ा लमब कालकरम म हातसल होना था वही उपभोता वसतओ का उतपादन तनजी कत को सौपा गया तजसम लागत सापतकक रप स कम और मनाफ़ा जद हातसल होना था इस योजना का आधार 1944 का बॉमब पलान या टाटा-तबड़ला पलान था दश की मज़दर-महनतकश आबादी की कमाई लट कर दश म बतनयानी और अवसरचनागत उदयोग खड़ तकय गय तातक पजीपतत वगय क मनाफ़ा कमान का काम सगम हो सक मतलब lsquoहरज लग न तफटकरी रग चोखाrsquo उननीसवी सदी क अनत और बीसवी सदी क शरआत स ही दश म कई बड़ बक थ तजनम सबस बड़ा बक lsquoइमपीररयल बकrsquo था लतकन दर-दराज़ क इलाको म भी सतवग सकीम थी जस पोसट ऑतफ़स सतवग सकीम जो 1882 म खोली गयी थी जनता की महनत की कमाई तक पहच क तलए ससथान पहल स मौजद थ तजन पर 1948 क बाद नहर न अतधक बल तदया जो तक पजी क सचय क तलए लातज़मी भी था 1969 म बको क राषटीकरण न तनवश क तलए पजी की उपलबधता को बढ़ा तदया कह सकत ह तक तमतशरत अथयवयवसथा की आड़ म बहद कशलतापवयक कागस न पजीपतत वगय की सवा की उसक तहतो को

साधा और जनता की गाढ़ी कमाई को चस कर पल सड़क सचार पररवहन बनाया गया और जनता क बीच बढ़ रह मोहभग पर रसमी सधारवाद का नाटक कर पानी क ीट भी िाल सीपीआई सीपीएम और नामधारी कमयतनसट पातटययो न भी इन नीततयो का समथयन कर न कवल जनता की पीठ म रा घोपा बतक उनकी राजनीततक चतना को भी कनद तकया तजसकी चचाय हम आग करग

नहरतवयाई lsquoसमाजवादrsquo क चोग की सीवन जद ही उधड़न लगी और 1960 क दशक क उतरादधय म ही भारत की अथयवयवसथा म ठहराव आन लगा 1970 का दशक मनदी का दशक रहा चार पचवषटीय योजनाओ और तीन वातषयक योजनाओ क कल पजी तनवश को दख तो सावयजतनक कत म पजी तनवश का परततशत अनपात तनजी कत की तलना म बढ़ता गया लतकन जद ही तमतशरत अथयवयवसथा या तथाकतथत समाजवाद क अनतरतवरोध सामन आन लग 1960 क दशक म जो सकट आया था और जो 1970 क दशक म गहराया था वह राजकीय इजारदार पजीवाद क ढाच क भीतर पजी सचय का सकट था बड़ा पजीपतत वगय और साथ ही नवोतदत मझोला व ोटा पजीपतत वगय lsquoधनधा करन की परी सहतलयतrsquo की माग कर रहा था जो तक नहरतवयाई समाजवाद क ढाच म बातधत थी हर परकार क सरकारी तवतनयमन व तनयतण स उस टकारा चातहए था तजस उसन सवय अपनी ही ज़ररत स एक समय सथातपत तकया था इस सकट की ही अतभवयततया थी उस दौर म बढ़ती महगाई बरोज़गारी खादयानन सकट आतद एक ओर मधय वगय तनमन पजीपतत वगय और महनतकशो क सपन टट रह थ वही दसरी ओर सावयजतनक कत क पालन म पला तशश तनजी पजीपतत वगय अब बड़ा हो चला था और पालना उसक तवकास को रोक रहा था पजीवादी तहतो की नमाइनदगी करन वाल बतदधजीतवयो और अथयशातसतरयो न पजी पर राजय क तवतनयमन यानी लाइसस कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण परतयक तवदशी तनवश पर रोक एमआरटीपी तनयतण व सतबसिी आतद पर सवाल उठान शर कर तदय

इस दौर म तवशव सतर पर भी 1970 क दशक म नवउदारवाद क यग की शरआत होती ह अपना सवतणयम यग जीन क बाद 1960 क दशक क आतिरी वषयो म ही अमररकी व यरोपीय पजीवाद पर सकट क बादल मिरान लग थ और इसक साथ ही करतमक परतकरया म पतशचम म कयाणकारी राजय की नीततयो को समापत करना शर कर तदया चतक अमररकी व आम तौर पर पतशचमी पजीवादी अथयवयवसथाए मनाफ़ की दर का सकट झल रही थी इसतलए पहल उनहोन अपन यहा तवतीय तवतवतनयमन तकय अमररका न लचीली तवतनमय दर सथातपत की शरम

बाज़ार का भी क उदारीकरण तकया और तफर तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क पजीपतत वगय पर भी दबाव बनाया तक व भी तवतीय तवतवतनयमन कर और शरम बाज़ार को लचीला बनाय तातक पतशचमी सामाजयवादी पजी को इन दशो म और खल कर ससत शरम की लट की ट तमल अपन कारणो स एतशया व अरब अफीका और साथ ही लाततन अमररका क तमाम पजीवादी दशो का शासक वगय भी उदारीकरण की आवशयकता महसस कर रहा था तवशव बक और तवशव मदरा कोष न तथाकतथत lsquoतीसरी दतनयाrsquo क दशो क आतथयक सकट का लाभ उठात हए उन पर तवदशी पजी क तलए अपन दरवाज़ खोलन का दबाव बनाया यानी उनह तवदशी वयापार और तवदशी तनवश पर लगी तमाम पाबतनदयो को हटान क तलए मजबर करन का परयास तकया क दशो न (जस तक लाततन अमररका क क दश) इस परकार की नीततयो को जयो का तयो लाग तकया तजनह lsquoसपrsquo यानी lsquoसटचरल एिजसटमटrsquo की नीतत भी कहा जाता हा इसक आरतमभक परयोग लाततन अमररका क दशो म हए और पानी जसी मलभत सतवधाओ को तनजी हाथो म सौपन स लकर समची अथयवयवसथा क नवउदारवादी पनगयठन क भयकर पररणाम सामन आय

भारत क सनदभय म कहा जाय तो यहा क पजीपतत वगय न बहद कशलता स इन नीततयो को लाततन अमररका क तवपरीत अपन तहतो क अनसार बदलकर और तवलतमबत परतकरया म लाग तकया तजसक कारण भारतीय पजीवादी वयवसथा उस परकार सामाजयवाद पर तनभयर नही हई और न ही वह उस परकार औध मह तगरी तजस परकार लाततन अमररका क क दशो क साथ हआ नतीजतन यहा उस परकार जनाकरोश फट कर सड़को पर भी नही बहा तजस परकार लाततन अमररकी दशो म हआ था असर यह बात कही जाती ह तक भारतीय शासक वगय अनतरायषटीय दबाव म नवउदारवादी नीततयो को अपनान क तलए मजबर था लतकन ऐसा नही ह और इसकी चचाय हम पहल ही कर चक ह तक तकस परकार तमतशरत अथयवयवसथा क तवतनयमन म तनजी पजी का दम घट रहा था और वह लाइसस सतबसिी परतमट शरम काननो कीमतो पर तनयतण आयात पर तनयतण आतद स पीा ड़ाकर म त बाज़ार म गोत लगाना चाहती थी तसफ़य बाहरी पररतसथततया ही नही बतक आनतररक पररतसथततया भी नवउदारवाद क तलए दबाव बना रही थी आतधकाररक तौर पर जलाई 1991 म नवउदारवाद की नीततयो की घोषणा स पहल ही 1980 क दशक म राजीव गाधी नवउदारवाद क सबस मखर समथयक बन और उनकी सरकार न सीतमत हद तक अथयवयवसथा का उदारीकरण तकया 30 उदयोगो म लाइसस की आवशयकता हटायी तथा और साथ ही कई पररवतयन तकय गय

लतकन पर ढोल-ताश तोरण और बनदनवार क साथ तवकास क बड़-बड़ वायदो और रोज़गार क सवतणयम अवसरो क सपन तदखा कर उदारीकरण तनजीकरण और भमिलीकरण की नवउदारवादी नीततयो की शरआत 24 जलाई 1991 को परधानमती नरतसमहा राव तवत मती मनमोहन तसह और योजना आयोग क उपाधयक मोटक तसह अहलवातलया क समय म की गयी यह दावा तकया गया तक परतयक तवदशी तनवश स दश म रोज़गार सजन होगा इन तीनो न तमल कर lsquoतटकल िाउन तथयरीrsquo यानी धन-समतदध क ऊपर स ररस कर नीच जान का तसदधानत परसतत तकया ऊपर स नीच का सच तो महनतकश लोग अपनी तज़नदगी स जानत ही ह नीच स तनचोड़कर सारा धन ऊपर की ओर ज़रर चला जा रहा ह और ऊपर स ररसकर कवल गरीबी बरोज़गारी और बबायदी आम महनतकश जनता क तहसस आ रही ह अगर ऐसा नही होता तो दश म 1990 म जहा मात 2 अरबपतत (िॉलर अरबपतत) थ वही 2021 म 177 कस हो गय lsquoहरन गलोबल ररच तलसटrsquo (हरन दारा बनायी तवशव म अमीरो की सची) क अनसार पर तवशव म अरबपततयो की सखया म तीसरा सथान भारत का ह साथ ही वतशवक भखमरी सचकाक म 107 दशो की सची म भारत 94व सथान पर ह सवासथय की पहच क कत म भारत का सथान 189 दशो म 179वा ह जो तक बगलादश शरीलका पातकसतान और कई अफीकी दशो स भी नीच ह 1995 स लकर 2009 तक जीिीपी क औसत 6 स सात और कई बार 8 स ऊपर पहचन पर सीना चौड़ा कर तवकास का दावा करन वाली सरकार यह नही बताती तक यह तवकास रोज़गारतवहीन तवकास था योतक 1991 स लकर 2018 तक बरोज़गारी की दर 5 परततशत स 6 परततशत क बीच बनी हई थी जो 2020 म 56 सालो म सबस जयादा यानी 89 परततशत हो गयी 2021 म तो यह 917 परततशत हो गयी ऐस तवकास की जनता क तलए या उपयोतगता जो रोज़गार क अवसर ही न सतजत कर शयर बाज़ार म उाल पजीपततयो की तज़ रफतार महगी गातड़यो पराइवट जट तवमानो आलीशान अटातलकाओ और तवदश याताओ की सखया क आधार पर मापा गया तवकास आम महनतकश आबादी की थाली म दो जन की रोटी तक नही पहचाता

आम आबादी क तलए तो नवउदारवाद तगी बरोज़गारी कपोषण और भखमरी ही लकर आया ह तदहाड़ी पर काम करन वाली 50 करोड़ आबादी 10 साल पहल वासतव म तजतना कमाती थी आज भी लगभग उतना ही कमाती ह जबतक कीमत दोगनी-तीन गनी हो चकी ह दश म 60 परततशत आबादी कपोषण का तशकार

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह

(पज 15 पर जारमी)

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 15

ह राषटीय पोषण तनगरानी बयरो दारा 2015-16 म शहरी आबादी म तकय गय सवज क अनसार औसत खानपान म परोटीन कतशयम आयरन तथयातमन तनयातसन आतद पोषक ततवो की काफ़ी कमी ह यही ह दश की मज़दर महनतकश आबादी क तलए नवउदारवाद की सवतणयम सौगात

िवउदारवाद और मज़दर आनदोलि

1950 क दशक क आरमभ स ही सशोधनवाद क मागय पर तनकल पड़ी भारत की कमयतनसट पाटटी (भाकपा) नहर और कागस की नीततयो को समाजवाद की तदशा म कदम मानती थी और राषटीकरण की रट लगाती थी भाकपा क अनसार आज़ादी क बाद कागस जनवादी काययभारो को परा कर रही थी इसतलए कमयतनसटो को इसका सहयोग करना चातहए अत इनहोन वगय सहयोग की लाइन दी जब पाटटी की लाइन ही वगय सहायोगवाद की हो गयी तब समाजवाद क समथयन और सवयहारा वगय को करातनतकारी चतना और उसक ऐततहातसक तमशन स पररचय करान की बात तो सथतगत हो गयी 1964 म एक सशोधनवादी पाटटी क तौर पर ही भाकपा स अलग हई माकपा सीध तौर पर नहर की गोद म नही बठी और उसन नहर को समझौतापरसत बोलकर उसपर जनवादी काययभारो को परा करन क तलए सड़क और ससद म दबाव बनान की बात की लतकन असल म वह भी एक सशोधनवादी पाटटी थी न तक मज़दर वगय की कोई करातनतकारी कमयतनसट पाटटी अपन गरमा-गरम भाषणो और चाय की पयाली म तफ़ान उठान क अलावा इन ससदमागटी जड़वामनो न बजयआ वगय क तिलाफ़ मज़दर वगय की करातनतकारी राजनीततक चतना उननत बनान क तलए कोई ठोस राजनीततक कारयवाई नही की और मज़दर वगय को अथयवाद क गोल चकर म ही घमात रह सवयहारा वगय की तहरावल पाटटी का अतनतम लकय होता ह तक वह बजयआ राजयसता का धवस करक सवयहारा राजयसता की सथापना करन की ऐततहातसक मतहम म महनतकश जनसमदाय को नततव द इस अतनतम लकय तक पहचन क तलए कमयतनसट मज़दरो और सभी करातनत-पकधर वगयो क जन-सगठन बनात हए आतथयक सधारो-मागो-ररयायतो क तलए अथयवादी नही बतक राजनीततक रप स लड़त हए जनता की जझार सगठनबदधता को बढ़ात ह रतढ़यो स मतत और वगय-चतना को परखर बनान क तलए सतत सामातजक आनदोलन करत ह और सासकततक कायय करत ह लतकन ऐसा करन की जगह मज़दर वगय को य सशोधनवादी पातटयया सधारवाद पबनदसाज़ी अथयवाद अराजकतावादी सघातधपतयवाद और टि यतनयन की गतलयो म घमाती रही

1950 क उतरादधय स भाकपा एव अपन जनम क काल स ही माकपा

और 1980 क दशक स भाकपा (माल) का इततहास जब ऐसा रहा तब उनस 1991 म नवउदारवाद क तवरदध जझार परततरोध की उममीद बकार थी और हआ भी ऐसा ही नवउदारवाद न मज़दरो का िन बहा कर तमल शरम काननो को ततलाजतल द दी और य ससदमागटी सशोधनवादी पातटयया महज़ सगतठत कत क मज़दरो और कमयचाररयो को लकर नपसक तकसम क तवरोध की रसमअदायगी करती रही और 93 परततशत असगतठत मज़दर वगय को तो सगतठत करन का इनहोन कभी ढग स परयास ही नही तकया आज सार परान शरम कानन लगभग समापतपराय ह और मज़दर जानलवा हदो तक असरका की तसथतत म काम करन को मजबर ह मज़दर वगय की जीवन व काययतसथतत भयकर ह खल और मनोरजन की या बात कर जब मामली बीमाररयो क इलाज की भी सतवधा नही ह नय लबर कोि वासतव म मज़दरो की पजीपततयो दारा तबना तकसी रोक-रकावट लट को काननी बनान क तलए ही लाय गय ह इसक अलावा करल अतीत म पतशचम बगाल और ततपरा म ससदीय वामपनथी पातटययो की सरकारो न सवय नवउदारवाद की नीततयो को परी तनषठा स लाग तकया ह वगय सहयोग की तदशा म बहद सजीदगी स कदम बढ़ात हए परथम यपीए सरकार म शातमल होकर भारत म उदारीकरण-तनजीकरण को सही तरीक स लाग करन का रासता साफ़ तकया और इस तदशा म नयी-नयी नीततयो क जनमदाता बन 2005 म ससद म बठकर इनहोन सज़ अतधतनयम पास करवाया सज़ यानी सपशल इकॉनोतमक ज़ोन तजसक तहत ऐस औदयोतगक कत बनाय गय जहा तकसी भी तरह का शरम कानन लाग नही होता

इस परकार इन सशोधनवादी पातटययो न मज़दर वगय क साथ ऐततहातसक गदारी की झठ तवशवासघात और फरब का इतना लमबा काल झल कर महनतकश आबादी क बड़ तहसस का इनस मोहभग हो चका ह और इनका आधार अब मलत और मखयत सगतठत कत क पक कमयचाररयो और एक हद तक क राजयो म ोट व मझोल वयवसातययो और मझोल व धनी तकसानो-कलको म ह मज़दर वगय क एक तहसस म इनह लकर क भम अभी भी ह लतकन उनह तनरनतर करातनतकारी परचार और सघषयो क ज़ररए इनह बनकाब करक ही तोड़ा जा सकता ह सचचाई यह ह तक वाहय आवरण म आम मज़दरो को कमयतनसट तदखन वाली य पातटयया अपनी अनतयवसत म बजयआ ही होती ह सशोधनवादी पातटययो दारा मज़दर वगय क आनदोलन को सधारवाद अथयवाद और सशोधनवाद क पककि म ल जान का सबस जयादा फ़ायदा फ़ासीवादी शततयो को तमला तजनहोन पजीवादी वयवसथा क सकट और करातनतकारी

कमयतनसट शततयो क अभाव म मज़दर आनदोलन क एक ोट तहसस म और वयापक टटपतजया आबादी म परतततकरया का आधार तयार तकया

राम जनमभतम आनदोलन बाबरी मतसजद धवस 1991 क सकट क बाद और 1995 तक उदारीकरण-तनजीकरण क तवनाशकारी पररणामो क बाद भारत म फ़ासीवादी आनदोलन पहल स कही अतधक आकरामक हो कर उभरा एक करोड़ 42 लाख सदसयो वाली एटक और 60 लाख स भी जयादा की सदसयता का दमभ भरन वाला सीट और बगाल करल और ततपरा म सरकार चलान वाली माकपा और भाकपा इस आकरामक फ़ासीवादी सलाब क समय तकनार बठ कर धातमयक सौहादरय का कीतयन करती रही और सामपरदातयकता स लड़न क नाम पर कभी कागस तो कभी मलायम तसह यादव का प ला बनी रही जब 2002 म जलत गजरात क तवरोध म सड़को पर उतरन की और फ़ासीवातदयो स तनपटन की मज़दरो क लड़ाक सगठन बनान की और िाकी चििीधाररयो का महतोड़ जवाब दन की ज़ररत थी तब भी इतनी बड़ी सदसय सखया लकर इन सशोधनवादी पातटययो को ससद क एसी सभागार फ़ासीवाद स लड़न क जयादा कारगर उपाय लग वासतव म य मज़दर वगय का कोई करातनतकारी आहान करन की कमता खो चक थ और अगर दहाड़न क तलए भी मह खोलत ह तो मह स मयाऊ ही तनकल जाता ह इनका यह इततहास दशायता ह तक फ़ासीवाद को एक lsquoअपरततरोधय उभारrsquo बनान म अगर तकसी एक शतत की सबस अतधक भतमका ह तो वह सशोधनवाद ही ह

पतशचम बगाल म लोकसभा चनावो और राजयसभा चनावो क दौरान भाकपा-माकपा का बड़ा जनाधार तखसक कर भाजपा की ओर चला गया इस जनता की करातनतकारी ऊजाय को अथयवाद और सशोधनवाद स बतधया कर दन और उनकी राजनीततक चतना को कनद करन क पररणाम क तौर पर दखा जा सकता ह दश क अनय तहससो म भी मज़दर तनमन-मधयवगय और आम महनतकश वगय क बीच करातनतकारी पाटटी और राजनीतत की नामौजदगी की वजह स बढ़त आतथयक असरका व सकट काल म फ़ासीवादी ताकतो को अपन पर पसारन का अवसर तमल जाता ह िवउदारवाद क दौर म फासमीवाद

का उभारपजीवाद तजस असमाधय सकट

स गज़र रहा ह उसस तनपटन क तलए दतनया क तमाम दशो म पजीपतत वगय सबस परतततकरयावादी दतकणपनथी मज़दर-तवरोधी और फ़ासीवादी सरकारो को चन रहा ह भारत क सनदभय म तहनदतववादी फ़ासीवादी मोदी सरकार सता म आयी यहा क पजीपतत वगय को ऐसी सरकार की

ज़ररत थी जो लोह क हाथो स उन नीततयो को लाग कर जो मनाफ़ की राह म सभी परशातनयो को हटा द और पजी क तलए खल चारागाह का तनमायण कर इसक तलए आदशय परतयाशी मोदी और पाटटी भाजपा ही थ इसतलए मोदी सरकार जब 1914 म सता म आयी तो सबस पहल शरम काननो म बदलाव तकया आज यह बदलता-बदलता समापत पराय हो गया ह और उनकी जगह बस चार लबर कोि रह गय ह य कोि मज़दरो को गलामो की तसथतत म ला दग सार सावयजतनक ससथान औन-पौन दामो म बच जा रह ह पजीपततयो की सारी महमागी मराद परी हो रही ह इसतलए तो मकश अमबानी तवशव म आठवा और एतशया म सबस अमीर वयतत बन गया ह

एक ओर जहा धन क मटी भर आबादी क हाथो सकतनदरत हो रहा ह वही भमिलीकरण और उदारीकरण क 30 वषयो न बड़ पमान पर ोट पजीपतत वगय को उजाड़ा ोट पमान क उतपादको दकानदारो वतनभोतगयो और साथ ही गामीण तनमन-पजीपतत वगय को भी उजाड़ा ह बड़ पमान पर लोग सड़को पर आ गय और जो सड़को पर नही आय उनक तसर पर भी लगातार टनी और तालाबनदी नौकरी स तनकाल तदय जान ठक पर कर तदय जान की तलवार लटकती रहती ह कहन का अथय ह तनमन-पजीपतत वगय क सामन भतवषय की असरका और अतनतशचतता बहद तज़ रफतार स बढ़ी ह भाजपा और आरएसएस न इसी असरका और अतनतशचतता का फ़ायदा उठाया इस अतनतशचतता और असरका स पदा हए गसस बौखलाहट तचड़तचड़ाहट और तनराशा को सघ पररवार न अपसखयको तवशषकर मसलमानो और शरणातथययो की ओर मोड़ तदया मसलमानो शरणातथययो ईसाइयो आतद को सभी सकट पर शातनयो और असरका की वजह बतात हए इनक तिलाफ़ सड़को पर उनमाद पदा तकया गया सघ पररवार का पदा तकया सामपरदातयक उनमाद ततकालीन आतथयक सकट की वजह स उभरा और फ़ासीवाद भारत म पहली बार 1980 क दशक म एक परतततकरयावादी

सामातजक आनदोलन बनकर उभरा लतकन तवचारधारातमक सगठनातमक और ससथाबदध कामो की तयारी सघ 1925 स ही कर रहा था शाखाओ सासकततक कनदरो तशश मतनदरो म सामपरदातयक सतरी-तवरोधी दतलत-तवरोधी ज़हर घोल-घोल कर तपलाया जाता रहा और आज इन ससथाओ स तनकल लोग नौकरशाही पतलस सना नयायपातलका तवशवतवदयालयो स लकर न कड़-चौराहो पर सघ क तवचारो क रकक और परचारक बन बठ ह बहरहाल आज कोई दशवयापी करातनतकारी कमयतनसट पाटटी मौजद नही ह जो तक वयापक महनतकश अवाम को करातनतकारी सवयहारा वगय क नततव म जगा सक गोलबनद कर सक सगतठत कर सक और समझा सक तक उनक दखो तकलीफ़ो और असरका की असल वजह पजीवाद ह न तक कोई धमय या समदाय आज ऐसी पाटटी का तनमायण करत हए मज़दर वगय क बीच वयापत सभी परकार क तवजातीय तवचारो स लड़ना होगा और उनकी राजनीततक चतना उननत करनी होगी मज़दर वगय को उसक ऐततहातसक तमशन की याद तदलानी होगी और उसक बीच वयापत रतढ़वादी अवजातनक अतातकय क तवचारो स सतत सघषय करना होगा कवल इसी क ज़ररए मज़दर वगय और आम महनतकश अवाम फ़ासीवातदयो को महतोड़ जवाब द सकती ह

अनतत 30 वषयो क नवउदारवाद क काल न दश म वगयो का धरवीकरण ितरनाक सीमा तक बढ़ा तदया ह करोड़ो-करोड़ बदहाल तनराश और बघर आबादी क शीषय पर मटी भर आबादी आपरातधक अययाशी का जीवन जी रही ह और आन वाल समय म बढ़ती महगाई टनी-तालाबनदी बरोज़गारी को दखत हए यह धरवीकरण और गहरान जा रहा ह आतथयक सकट स पदा असनतोष को दबान क तलए फ़ासीवाद क हमल भी और आकरामक होग तजसक सकत तमल रह ह करातनतकारी शततयो को सवयहारा वगय क बीच राजनीततक परचार-परसार क काम को यदध सतर पर सगतठत करना होगा और मज़दर महनतकश वगय को इन राजनीततक गतततवतधयो म बढ़-चढ़ कर तहससा लना होगा

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह(पज 14 स आग)

अपनी रोज़ी-रोटी को बचाया जा सक और लट शोषण व दमन क तिलाफ़ समच मज़दर वगय और आम महनतकश आबादी का सशत परततरोध खड़ा तकया जा सक पजीवाद क मनाफ़ की दर तगरन का सकट पहल स कही जयादा तज़ होता जा रहा ह और मज़दरो क लट शोषण व दमन तज़ होता जा रहा ह यही समय ह तक हम मज़दर जद स जद एकजट हो जाय सगतठत हो जाय और सोच-समझकर अपन सघषय को आग बढ़ाय मातलक ठकदार जॉबर आतद हमस

जयादा नही ह लतकन व हमस जयादा सगतठत ह और उनक पी सरकारो की ताकत ह दसरी ओर हम असगतठत और तबखर हए ह यदि हम सगदठत और एकजट हो तो सरकारो की ताकत साथ होन क बावजि व हमस मकाबला नही कर सकत व अभी ऊच इसदलए दिख रह ह योदक हम घटनो पर बठ हए ह

मािसर की शमीनिसस कमिमी क मज़दरो(पज 10 स आग)

ाक पजीयन SSPLWNP-3192020-2022पररण ाकघर आरएमएस चारबाग़ लखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 5 परतयक माह16 Mazdoor Bigul l Monthly l September 2021 l RNI No UPHIN201036551

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो लखनऊ स मददत समपािक अदभनव l समपािकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006

टोको ओलममपक म भाित का परदशवन एक समीकाndash साथिषक

अगसत महीन म टोयो ओलतमपक खलो का समापन हआ और भारत को इस बार एक सवणय दो रजत और चार कासय पदक तमल ह इस परकार कल पदको की सखया सात रही ह हर ोटी स ोटी उपलतबध की तरह मोदी जी इस बार भी मौक पर चौका मारन क तलए पहल स ही तयार बठ थ गोदी मीतिया आईटी सल और अनय सभी परचार ततो का इसतमाल कर मोदी जी दशवातसयो क सामन ऐसा सवाग रच रह ह तक दखन वाल को लगता ह जस मोदी जी िद ही सातो पदक जीत कर आय ह िर इन लफफ़ातज़यो और ढोग को एक तकनार कर ओलतमपक खलो म भारत क परदशयन की एक वसतपरक समीका करन की ज़ररत ह

टोयो ओलतमपक म भारत का परदशयन अब तक का सबस अचा परदशयन रहा ह यतद तपल परदशयनो स तलना की जाय तो भारत का परदशयन पहल इतना फीका रहा ह तक अभी हातसल सात पदक तकसी कीततयमान स कम परतीत नही होत ह 1900 म हए पररस ओलतमपक म भारत न पहली बार ओलतमपक खलो म तहससदारी की शरआत की थी 1900 स लकर 2020 क बीच पचचीस ओलतमपक खलो म भाग लकर भारत न कल 35 पदक अतजयत तकय ह इनम स 12 पदक भारत न तसफ़य परष हॉकी परततयोतगता म जीत ह जब हम इन आकड़ो की तलना दसर दशो स करत ह तो हम समझ आता ह तक भारत जस तवशाल दश क तलए इतन कम पदक हातसल करना चौकान वाला ह टोयो ओलतमपक म अमररका न 113 और चीन न 88 पदक जीत ह तजसम अमररका क 39 और चीन क 38 सवणय पदक ह दसर शबदो म कह तो भारत पचचीस बार इन खलो म भाग लकर तजतना पदक हातसल नही कर सका उसका चौगना क दश एक ही बार म हातसल कर लत ह 130 करोड़ आबादी वाल भारत म ओलतमपक खलो क मामल म यह िसता हाल दतनया भर क खल तवशषजो पतितो और आम खल परशसको क तलए एक आशचयय का तवषय ह इस गतथी को सलझान क तलए कई तवशषज अपन-अपन तरीक स तकय दत ह भारत की तवफलता क कारणो की वयाखया करत ह लतकन इनक तवशलषण और इनक तदय सझाव इस मनाफ़ािोर वयवसथा को सीध कठघर म खड़ा नही करत ह बतक इसी वयवसथा की चौहतदयो म ही इस समसया का हल ढढ़त रहत ह

ओलतमपक या कोई भी अनतरराषटीय परततयोतगता म भारत का लगातार तपड़ा परदशयन एक ढाचागत समसया ह तजसका समाधान इस मनाफ़ पर तटकी वयवसथा क आमलचल पररवतयन स ही हो सकता ह यहा का पजीपतत वगय मज़दर-महनतकश आबादी क एक-एक कतर को तनचोड़ कर ऐशोआराम की तज़नदगी जीता ह 12-14 घट कारिानो म कमरतोड़ महनत करन क बाद जब हम अपन घरो को लौटत ह तो हमार पास मनोरजन या सजनातमक काययो क तलए ताकत और

समय दोनो ही नही बचत ह हम थक-हार कर सो जात ह और अगल तदन उठ कर तफर उसी कमरतोड़ महनत म लग जात ह तशकागो क अमर शहीद मज़दरो न तजस ldquoआठ घट का काम-आठ घट का आराम-आठ घट का मनोरजनrdquo का नारा बलनद तकया और तजसक तलए अपन पराणो की आहतत द दी आज वही नारा मज़दरो क तलए अतीत का एक अवशष मात बन कर रह गया ह आप ही सोतचए तक ऐसी हालत म दश की बहसखयक आबादी जो जस-तस महनत करक अपना गज़ारा करती ह या वह कभी ओलतमपक खलो म तहससा ल सकती ह भारत म एक बड़ी आबादी ऐसी ह जो तकशोरावसथा यानी महज़ 14-15 साल की उम स ही भारी शारीररक शरम म लग जाती ह तकशोरावसथा ही उम का वह पड़ाव होता ह जब बचचो म खलकद की परततभा सबस सपषट रप म परकट होती ह लतकन उन बचचो का या जो सकल ही नही जात यतद सकल तकसी तरह चल भी जाय और उनकी परततभा की पहचान हो भी जाय तो उनक परतशकण और तालीम पर होन वाल िचय की आशा भी करना उनक तलए आकाश कसम की अतभलाषा क समान होगा आप ही सोतचए तक हमार बचच खलकद क बार म सोच भी कस सकत ह जब उनह कारिानो दकानो रहड़ी-खोमचो म दो वक़त की रोटी क तलए जदोजहद करनी पड़ती ह अपना और अपन पररवार का पट भरन क तलए ता-उम य नौजवान अपनी हितिया गलात रहत ह इस तरह दश की एक बड़ी आबादी खल क दायर स ही बाहर हो जाती ह

मज़दरी की तसथतत को दखत हए घर म जो पसा आता ह उसस दाल-रोटी भी चलानी मतशकल होती ह एक तखलाड़ी पदा करन क तलए सनततलत आहार की बात सोचना तो असमभव ही ह एक उननत खल ससकतत को गढ़न और ओलतमपक खलो म एक शततशाली ताकत बनन क तलए एक सवसथ और सहतमनद यवा पीढ़ी को गढ़ना अतनवायय ह तजस दश म हर तदन भख कपोषण और सकरामक रोगो स सरकारी आकड़ो क अनसार 2257 बचचो की मौत होती हो (हालातक असल आकड़ा कम-स-कम इसका दना ह) उस दश म हम यह कस उममीद कर सकत ह तक वह खलकद म तवशवतवजता बनगा सय त राषट बाल कोष (यतनसफ़) की ररपोटय क अनसार दश क तकरीबन आध बचच अपनी उम क अनसार सामानय स कम वज़न क ह 45 परततशत बचच सामानय स कम कद क ह 20 परततशत बचच अपन कद क अनसार सामानय स जयादा दबल-पतल ह 75 परततशत रतहीनता स पीतड़त ह 57 परततशत बचचो म lsquoतवटातमन एrsquo की गमभीर कमी ह पहल सकल और आगनवाड़ी म जो क भी थोड़ा-बहत मधयाहन भोजन तमलता था लॉकिाउन क दौरान वह भी अतधकाश जगहो पर बनद हो गया था और इस अतनयोतजत लॉकिाउन स करोड़ो मज़दरो-

महनतकशो की नौकररया भी चली गयी ऐसी हालत म बचचो का भरण-पोषण कतठन हो गया ह तनतशचत ही ऊपर तदय गय आकड़ आज गमभीर रप धारण कर चक होग और तमाम सरकारी और गर-सरकारी रपट इस बात की पतषट भी कर चकी ह

इसक अलावा बचचो म बचपन स ही शारीररक वयायाम और खलकद क बार म एक सवसथ दतषटकोण पदा करन म सकलो की एक अहम भतमका होती ह सकल म ही भतवषय क ओलतमपक तखलाड़ी अपन पशवर खल जीवन की नीव रखत ह लतकन हमार दश की सकली तशका वयवसथा क जजयर हालात पर तजतनी कम बात की जाय उतना अचा ह भारत म माधयतमक सकलो म सकल नामाकन अनपात 79 परततशत ह इसका मतलब माधयतमक सकल म पढ़न योगय बचचो म स तसफ़य 79 परततशत ही असल म सकल म नाम तलखात ह इनम स भी 17 परततशत दसवी की परीका पास करन स पहल ही पढ़ाई ोड़ दत ह ज़ातहर-सी बात ह य बचच जो सकलो स बाहर रहत ह ोट-मोट उदयोग धनधो या मज़दरी म लग जात ह एक ररपोटय क अनसार भारत म 33 परततशत सकलो म शारीररक तशका की कोई अलग स लास नही दी जाती ह 80 परततशत सकलो क पास ऐस तशकक नही ह जो शारीररक तशकण-परतशकण दत ह 33 परततशत सकलो क पास अपना खल का मदान या खल क उपकरण नही ह ऐसी तसथतत म अगर हमार बचच सकल पहच भी जात ह तो हम यह गलतफ़हमी नही होनी चातहए तक सकल म उनक अनदर कसरत और खलकद क परतत रतच पदा करन तलए कोई सचत परयास तकया जायगा

दश म एक सतकरय खल ससकतत का तनमायण तणमल सतर पर खलो का परचार परसार खल अवसरचना का तनमायण यवा अवसथा म परततभाशाली तखलातड़यो की तलाश कर उनको उननत परतशकण और मागयदशयन दना आतद बतनयादी चीज़ो म दश की तकसी सरकार न कभी कोई िास तदलचसपी नही तदखायी ह 2018 म कनदरीय खल मती न इस बात की पतषट की तक भारत सरकार खलो पर परतततदन परतत-वयतत तसफ़य तीन पस िचय करती ह जबतक चीन परतततदन परतत-वयतत 61 रपय िचय करता ह जो भारत क मकाबल 200 गना जयादा ह तपल दस सालो म भारत सरकार अपन कल सरकारी वयय का महज़ 006 स 008 परततशत ही खलो पर िचय करती आ रही ह 2021 ओलतमपक वषय होन क बावजद इस साल क बजट म खल मतालय को 230 करोड़ रपय कम तदय ह आय तदन अनतरराषटीय और राषटीय सतर क तखलाड़ी कोच और सहयोगी सटाफ़ तनमन दजज की सवाओ क तिलाफ़ तशकायत करत रहत ह मगर खल मतालय और दसरी समबतनधत ससथाओ क कान पर ज नही रगती ह मज़दार बात यह ह तक खल मतालय का सालाना बजट तजतना होता ह भारतीय तकरकट बोिय लगभग उसक समान ही

सालाना मनाफ़ा कमा लता ह तकरकट बड़ी इजारदार पजी क तलए ताबड़तोड़ मनाफ़ा पीटन का एक सोत बन गया ह इसतलए सरकार स भी भारतीय तकरकट बोिय को परा समथयन तमलता ह वही बात की जाय यतद अनय नय-परान खलो क बार म तो य भी सार भारत म एक धीमी ददयनाक मौत मर रह ह इस पजीवादी वयवसथा म बस उसी खल को बढ़ावा तदया जायगा तजसम भारी मनाफ़ा कमान की समभावनाए मौजद होगी आज सरकार क तखलातड़यो क जीत कर लौटन पर उनका सवागत कर रही ह उनका सममान कर रही ह लतकन कोई यह सवाल यो नही प ता तक कहा थी राजय सरकार और कनदर सरकार जब इन तखलातड़यो को फ़ि सतवधाओ और खल उपकरणो की आवशयकता थी यहा भी भदभाव साफ़ तदख रहा ह तजन तखलातड़यो न पदक जीता ह उनह बड़ी-बड़ी धनरातश दन की घोषणाए की जा रही ह लतकन अगल ओलतमपक क तलए तयारी तो सभी तखलातड़यो को एक समान ही करनी ह सरकारो क तलए यह सब तचनता का तवषय नही ह योतक उनक तलए खलकद कोई महतव नही रखता और इनह पता ह तक महनत करक कल कोई और पदक ल ही आयगा तब अपनी पीठ य सवय थपथपा लग जस आज मोदी कर रहा ह

एक अचा सवसथ मानवीय जीवन और बचचो का सवािगीण तवकास तखलाड़ी बनन की पवयशतय ह इस चरमरायी हई पजीवादी वयवसथा क पास वह कमता नही ह तक वह दश की महनतकश आबादी को एक सवसथ िशहाल तज़नदगी द सक और उनक बचचो का सवािगीण तवकास कर सक तसफ़य और तसफ़य एक समाजवादी वयवसथा ही हम मज़दर-महनतकशो को एक इजज़त की तज़नदगी द सकती ह तजसम हमार शरम को लटन वाला कोई परजीवी वगय नही होगा हमार अपन और समाज की बतनयादी ज़ररतो को परा करन क बाद जो lsquoफी टाइमrsquo बचगा उसम हम अपन

शौक और मनोरजन का कोई भी काम कर सकत ह और यतद मनाफ़ा कमाना नही बतक समाज की आवशयकताओ को परा करना उतपादन का लकय हो और सभी सवसथ वयसक वयततयो क तलए उतपादक शरम म भागीदारी करना अतनवायय हो तो हर तकसी क पास बहत-सा िाली वक़त बचगा तजस वह कला सातहतय ससकतत खल तवजान दशयन और घमकड़ी म लगा सकता ह साथ ही सवय उतपादक की परतकरया तकसी लटर वगय क तलए मजबरी म की जान वाली परतकरया नही होगी बतक यह सवय आननद का तवषय होगी यतद शरम मजबरी म या ज़ोर-ज़बदयसती क कारण न हो तो यह तो आननद का तवषय होता ह योतक यह मनषय को पश स मनषय बनान वाली परतकरया ह और हमारी परकतत का अग ह इसतलए मज़दर राज और समाजवाद म तो धीर-धीर िाली टाइम की अवधारणा ही ितम हो जायगी योतक तकसी और क मनाफ़ की िाततर मजबरी म खटन वाल lsquoकाम क टाइमrsquo और lsquoफी-टाइमrsquo का अनतर ही ितम हो जायगा सकल कारिानो खतो और दफतरो म हर जगह कसरत क तलए लोगो को परोतसातहत तकया जायगा हम और हमार बचच जो भी खल खलना चाह उसक तलए हमारी मज़दर सता हम हर समभव सतवधा महया करवायगी खल आतथयक सामथयय स की जान वाली कोई तकरया नही बतक सामतहक जीवन का एक ज़ररी अग बन जायगा तजसका आननद सभी उठा सक ग सोतवयत सघ और चीन म मज़दरो की सता कायम होन क बाद यही हआ 1952 स 1988 क बीच सोतवयत सघ न ओलतमपक खलो म जो अदभत कामयाबी हातसल की उसक पी उसक करतनतकारी दौर ndash यानी 1917 स 1953 ndash की खल नीततयो का ही हाथ था एक समाजवादी वयवसथा म मानव जीवन क हर पहल की तरह खल भी एक उननत सतर पर पहच पायगा और एक सवसथ खल ससकतत अतसततव म आ सकती ह

करादत स हमारा अदभपराय ह ndash अयाय पर आधाररत मौजिा समाज-वयवथा म आमल पररवतवन समाज का परमख अग होत हए भी आज मजिरो को उनक पराथदमक अदधकार स वदचत रखा जा रहा ह और उनकी गाढी कमाई

का सारा धन शोरक पजीपदत हडप जात ह िसरो क अनिाता दकसान आज अपन पररवार सदहत िान-िान क दलए महताज ह िदनया भर क बाजारो को कपडा महया करन वाला बनकर अपन और अपन बचचो क तन ढकन-भर को भी कपडा नही पा रहा ह स िर महलो का दनमावण करन वाल राजगीर लोहार और बढई वय गि बाडो म रहकर ही अपनी जीवन-लीला समापत कर जात ह इसक दवपरीत समाज क जोक शोरक पजीपदत जरा-जरा-सी बातो क दलए लाखो का वारा-यारा कर ित ह

यह भयानक असमानता और जबिवती लािा गया भिभाव िदनया को एक बहत बडी उथल-पथल की ओर दलय जा रहा ह यह दथदत अदधक दिनो तक कायम नही रह सकती पषट ह दक आज का धदनक समाज एक भयानक जवालामखी क मख पर बठकर रगरदलया मना रहा ह और शोरको क मासम बचच तथा करोडो शोदरत लोग एक भयानक ख की कगार पर चल रह ह

(बम काण पर सशन कोटव म बयान)

भगतससह क जनमददवस (28 ससतमबर) पर

मज़दर नबगल ससतमबर 2021 15

ह राषटीय पोषण तनगरानी बयरो दारा 2015-16 म शहरी आबादी म तकय गय सवज क अनसार औसत खानपान म परोटीन कतशयम आयरन तथयातमन तनयातसन आतद पोषक ततवो की काफ़ी कमी ह यही ह दश की मज़दर महनतकश आबादी क तलए नवउदारवाद की सवतणयम सौगात

िवउदारवाद और मज़दर आनदोलि

1950 क दशक क आरमभ स ही सशोधनवाद क मागय पर तनकल पड़ी भारत की कमयतनसट पाटटी (भाकपा) नहर और कागस की नीततयो को समाजवाद की तदशा म कदम मानती थी और राषटीकरण की रट लगाती थी भाकपा क अनसार आज़ादी क बाद कागस जनवादी काययभारो को परा कर रही थी इसतलए कमयतनसटो को इसका सहयोग करना चातहए अत इनहोन वगय सहयोग की लाइन दी जब पाटटी की लाइन ही वगय सहायोगवाद की हो गयी तब समाजवाद क समथयन और सवयहारा वगय को करातनतकारी चतना और उसक ऐततहातसक तमशन स पररचय करान की बात तो सथतगत हो गयी 1964 म एक सशोधनवादी पाटटी क तौर पर ही भाकपा स अलग हई माकपा सीध तौर पर नहर की गोद म नही बठी और उसन नहर को समझौतापरसत बोलकर उसपर जनवादी काययभारो को परा करन क तलए सड़क और ससद म दबाव बनान की बात की लतकन असल म वह भी एक सशोधनवादी पाटटी थी न तक मज़दर वगय की कोई करातनतकारी कमयतनसट पाटटी अपन गरमा-गरम भाषणो और चाय की पयाली म तफ़ान उठान क अलावा इन ससदमागटी जड़वामनो न बजयआ वगय क तिलाफ़ मज़दर वगय की करातनतकारी राजनीततक चतना उननत बनान क तलए कोई ठोस राजनीततक कारयवाई नही की और मज़दर वगय को अथयवाद क गोल चकर म ही घमात रह सवयहारा वगय की तहरावल पाटटी का अतनतम लकय होता ह तक वह बजयआ राजयसता का धवस करक सवयहारा राजयसता की सथापना करन की ऐततहातसक मतहम म महनतकश जनसमदाय को नततव द इस अतनतम लकय तक पहचन क तलए कमयतनसट मज़दरो और सभी करातनत-पकधर वगयो क जन-सगठन बनात हए आतथयक सधारो-मागो-ररयायतो क तलए अथयवादी नही बतक राजनीततक रप स लड़त हए जनता की जझार सगठनबदधता को बढ़ात ह रतढ़यो स मतत और वगय-चतना को परखर बनान क तलए सतत सामातजक आनदोलन करत ह और सासकततक कायय करत ह लतकन ऐसा करन की जगह मज़दर वगय को य सशोधनवादी पातटयया सधारवाद पबनदसाज़ी अथयवाद अराजकतावादी सघातधपतयवाद और टि यतनयन की गतलयो म घमाती रही

1950 क उतरादधय स भाकपा एव अपन जनम क काल स ही माकपा

और 1980 क दशक स भाकपा (माल) का इततहास जब ऐसा रहा तब उनस 1991 म नवउदारवाद क तवरदध जझार परततरोध की उममीद बकार थी और हआ भी ऐसा ही नवउदारवाद न मज़दरो का िन बहा कर तमल शरम काननो को ततलाजतल द दी और य ससदमागटी सशोधनवादी पातटयया महज़ सगतठत कत क मज़दरो और कमयचाररयो को लकर नपसक तकसम क तवरोध की रसमअदायगी करती रही और 93 परततशत असगतठत मज़दर वगय को तो सगतठत करन का इनहोन कभी ढग स परयास ही नही तकया आज सार परान शरम कानन लगभग समापतपराय ह और मज़दर जानलवा हदो तक असरका की तसथतत म काम करन को मजबर ह मज़दर वगय की जीवन व काययतसथतत भयकर ह खल और मनोरजन की या बात कर जब मामली बीमाररयो क इलाज की भी सतवधा नही ह नय लबर कोि वासतव म मज़दरो की पजीपततयो दारा तबना तकसी रोक-रकावट लट को काननी बनान क तलए ही लाय गय ह इसक अलावा करल अतीत म पतशचम बगाल और ततपरा म ससदीय वामपनथी पातटययो की सरकारो न सवय नवउदारवाद की नीततयो को परी तनषठा स लाग तकया ह वगय सहयोग की तदशा म बहद सजीदगी स कदम बढ़ात हए परथम यपीए सरकार म शातमल होकर भारत म उदारीकरण-तनजीकरण को सही तरीक स लाग करन का रासता साफ़ तकया और इस तदशा म नयी-नयी नीततयो क जनमदाता बन 2005 म ससद म बठकर इनहोन सज़ अतधतनयम पास करवाया सज़ यानी सपशल इकॉनोतमक ज़ोन तजसक तहत ऐस औदयोतगक कत बनाय गय जहा तकसी भी तरह का शरम कानन लाग नही होता

इस परकार इन सशोधनवादी पातटययो न मज़दर वगय क साथ ऐततहातसक गदारी की झठ तवशवासघात और फरब का इतना लमबा काल झल कर महनतकश आबादी क बड़ तहसस का इनस मोहभग हो चका ह और इनका आधार अब मलत और मखयत सगतठत कत क पक कमयचाररयो और एक हद तक क राजयो म ोट व मझोल वयवसातययो और मझोल व धनी तकसानो-कलको म ह मज़दर वगय क एक तहसस म इनह लकर क भम अभी भी ह लतकन उनह तनरनतर करातनतकारी परचार और सघषयो क ज़ररए इनह बनकाब करक ही तोड़ा जा सकता ह सचचाई यह ह तक वाहय आवरण म आम मज़दरो को कमयतनसट तदखन वाली य पातटयया अपनी अनतयवसत म बजयआ ही होती ह सशोधनवादी पातटययो दारा मज़दर वगय क आनदोलन को सधारवाद अथयवाद और सशोधनवाद क पककि म ल जान का सबस जयादा फ़ायदा फ़ासीवादी शततयो को तमला तजनहोन पजीवादी वयवसथा क सकट और करातनतकारी

कमयतनसट शततयो क अभाव म मज़दर आनदोलन क एक ोट तहसस म और वयापक टटपतजया आबादी म परतततकरया का आधार तयार तकया

राम जनमभतम आनदोलन बाबरी मतसजद धवस 1991 क सकट क बाद और 1995 तक उदारीकरण-तनजीकरण क तवनाशकारी पररणामो क बाद भारत म फ़ासीवादी आनदोलन पहल स कही अतधक आकरामक हो कर उभरा एक करोड़ 42 लाख सदसयो वाली एटक और 60 लाख स भी जयादा की सदसयता का दमभ भरन वाला सीट और बगाल करल और ततपरा म सरकार चलान वाली माकपा और भाकपा इस आकरामक फ़ासीवादी सलाब क समय तकनार बठ कर धातमयक सौहादरय का कीतयन करती रही और सामपरदातयकता स लड़न क नाम पर कभी कागस तो कभी मलायम तसह यादव का प ला बनी रही जब 2002 म जलत गजरात क तवरोध म सड़को पर उतरन की और फ़ासीवातदयो स तनपटन की मज़दरो क लड़ाक सगठन बनान की और िाकी चििीधाररयो का महतोड़ जवाब दन की ज़ररत थी तब भी इतनी बड़ी सदसय सखया लकर इन सशोधनवादी पातटययो को ससद क एसी सभागार फ़ासीवाद स लड़न क जयादा कारगर उपाय लग वासतव म य मज़दर वगय का कोई करातनतकारी आहान करन की कमता खो चक थ और अगर दहाड़न क तलए भी मह खोलत ह तो मह स मयाऊ ही तनकल जाता ह इनका यह इततहास दशायता ह तक फ़ासीवाद को एक lsquoअपरततरोधय उभारrsquo बनान म अगर तकसी एक शतत की सबस अतधक भतमका ह तो वह सशोधनवाद ही ह

पतशचम बगाल म लोकसभा चनावो और राजयसभा चनावो क दौरान भाकपा-माकपा का बड़ा जनाधार तखसक कर भाजपा की ओर चला गया इस जनता की करातनतकारी ऊजाय को अथयवाद और सशोधनवाद स बतधया कर दन और उनकी राजनीततक चतना को कनद करन क पररणाम क तौर पर दखा जा सकता ह दश क अनय तहससो म भी मज़दर तनमन-मधयवगय और आम महनतकश वगय क बीच करातनतकारी पाटटी और राजनीतत की नामौजदगी की वजह स बढ़त आतथयक असरका व सकट काल म फ़ासीवादी ताकतो को अपन पर पसारन का अवसर तमल जाता ह िवउदारवाद क दौर म फासमीवाद

का उभारपजीवाद तजस असमाधय सकट

स गज़र रहा ह उसस तनपटन क तलए दतनया क तमाम दशो म पजीपतत वगय सबस परतततकरयावादी दतकणपनथी मज़दर-तवरोधी और फ़ासीवादी सरकारो को चन रहा ह भारत क सनदभय म तहनदतववादी फ़ासीवादी मोदी सरकार सता म आयी यहा क पजीपतत वगय को ऐसी सरकार की

ज़ररत थी जो लोह क हाथो स उन नीततयो को लाग कर जो मनाफ़ की राह म सभी परशातनयो को हटा द और पजी क तलए खल चारागाह का तनमायण कर इसक तलए आदशय परतयाशी मोदी और पाटटी भाजपा ही थ इसतलए मोदी सरकार जब 1914 म सता म आयी तो सबस पहल शरम काननो म बदलाव तकया आज यह बदलता-बदलता समापत पराय हो गया ह और उनकी जगह बस चार लबर कोि रह गय ह य कोि मज़दरो को गलामो की तसथतत म ला दग सार सावयजतनक ससथान औन-पौन दामो म बच जा रह ह पजीपततयो की सारी महमागी मराद परी हो रही ह इसतलए तो मकश अमबानी तवशव म आठवा और एतशया म सबस अमीर वयतत बन गया ह

एक ओर जहा धन क मटी भर आबादी क हाथो सकतनदरत हो रहा ह वही भमिलीकरण और उदारीकरण क 30 वषयो न बड़ पमान पर ोट पजीपतत वगय को उजाड़ा ोट पमान क उतपादको दकानदारो वतनभोतगयो और साथ ही गामीण तनमन-पजीपतत वगय को भी उजाड़ा ह बड़ पमान पर लोग सड़को पर आ गय और जो सड़को पर नही आय उनक तसर पर भी लगातार टनी और तालाबनदी नौकरी स तनकाल तदय जान ठक पर कर तदय जान की तलवार लटकती रहती ह कहन का अथय ह तनमन-पजीपतत वगय क सामन भतवषय की असरका और अतनतशचतता बहद तज़ रफतार स बढ़ी ह भाजपा और आरएसएस न इसी असरका और अतनतशचतता का फ़ायदा उठाया इस अतनतशचतता और असरका स पदा हए गसस बौखलाहट तचड़तचड़ाहट और तनराशा को सघ पररवार न अपसखयको तवशषकर मसलमानो और शरणातथययो की ओर मोड़ तदया मसलमानो शरणातथययो ईसाइयो आतद को सभी सकट पर शातनयो और असरका की वजह बतात हए इनक तिलाफ़ सड़को पर उनमाद पदा तकया गया सघ पररवार का पदा तकया सामपरदातयक उनमाद ततकालीन आतथयक सकट की वजह स उभरा और फ़ासीवाद भारत म पहली बार 1980 क दशक म एक परतततकरयावादी

सामातजक आनदोलन बनकर उभरा लतकन तवचारधारातमक सगठनातमक और ससथाबदध कामो की तयारी सघ 1925 स ही कर रहा था शाखाओ सासकततक कनदरो तशश मतनदरो म सामपरदातयक सतरी-तवरोधी दतलत-तवरोधी ज़हर घोल-घोल कर तपलाया जाता रहा और आज इन ससथाओ स तनकल लोग नौकरशाही पतलस सना नयायपातलका तवशवतवदयालयो स लकर न कड़-चौराहो पर सघ क तवचारो क रकक और परचारक बन बठ ह बहरहाल आज कोई दशवयापी करातनतकारी कमयतनसट पाटटी मौजद नही ह जो तक वयापक महनतकश अवाम को करातनतकारी सवयहारा वगय क नततव म जगा सक गोलबनद कर सक सगतठत कर सक और समझा सक तक उनक दखो तकलीफ़ो और असरका की असल वजह पजीवाद ह न तक कोई धमय या समदाय आज ऐसी पाटटी का तनमायण करत हए मज़दर वगय क बीच वयापत सभी परकार क तवजातीय तवचारो स लड़ना होगा और उनकी राजनीततक चतना उननत करनी होगी मज़दर वगय को उसक ऐततहातसक तमशन की याद तदलानी होगी और उसक बीच वयापत रतढ़वादी अवजातनक अतातकय क तवचारो स सतत सघषय करना होगा कवल इसी क ज़ररए मज़दर वगय और आम महनतकश अवाम फ़ासीवातदयो को महतोड़ जवाब द सकती ह

अनतत 30 वषयो क नवउदारवाद क काल न दश म वगयो का धरवीकरण ितरनाक सीमा तक बढ़ा तदया ह करोड़ो-करोड़ बदहाल तनराश और बघर आबादी क शीषय पर मटी भर आबादी आपरातधक अययाशी का जीवन जी रही ह और आन वाल समय म बढ़ती महगाई टनी-तालाबनदी बरोज़गारी को दखत हए यह धरवीकरण और गहरान जा रहा ह आतथयक सकट स पदा असनतोष को दबान क तलए फ़ासीवाद क हमल भी और आकरामक होग तजसक सकत तमल रह ह करातनतकारी शततयो को सवयहारा वगय क बीच राजनीततक परचार-परसार क काम को यदध सतर पर सगतठत करना होगा और मज़दर महनतकश वगय को इन राजनीततक गतततवतधयो म बढ़-चढ़ कर तहससा लना होगा

िवउदारवादमी िमीनतयो क तमीस वरष जिता क कहस म बस बस दख और तकलमीफ हमी आयमी ह(पज 14 स आग)

अपनी रोज़ी-रोटी को बचाया जा सक और लट शोषण व दमन क तिलाफ़ समच मज़दर वगय और आम महनतकश आबादी का सशत परततरोध खड़ा तकया जा सक पजीवाद क मनाफ़ की दर तगरन का सकट पहल स कही जयादा तज़ होता जा रहा ह और मज़दरो क लट शोषण व दमन तज़ होता जा रहा ह यही समय ह तक हम मज़दर जद स जद एकजट हो जाय सगतठत हो जाय और सोच-समझकर अपन सघषय को आग बढ़ाय मातलक ठकदार जॉबर आतद हमस

जयादा नही ह लतकन व हमस जयादा सगतठत ह और उनक पी सरकारो की ताकत ह दसरी ओर हम असगतठत और तबखर हए ह यदि हम सगदठत और एकजट हो तो सरकारो की ताकत साथ होन क बावजि व हमस मकाबला नही कर सकत व अभी ऊच इसदलए दिख रह ह योदक हम घटनो पर बठ हए ह

मािसर की शमीनिसस कमिमी क मज़दरो(पज 10 स आग)

ाक पजीयन SSPLWNP-3192020-2022पररण ाकघर आरएमएस चारबाग़ लखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 5 परतयक माह16 Mazdoor Bigul l Monthly l September 2021 l RNI No UPHIN201036551

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो लखनऊ स मददत समपािक अदभनव l समपािकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006

टोको ओलममपक म भाित का परदशवन एक समीकाndash साथिषक

अगसत महीन म टोयो ओलतमपक खलो का समापन हआ और भारत को इस बार एक सवणय दो रजत और चार कासय पदक तमल ह इस परकार कल पदको की सखया सात रही ह हर ोटी स ोटी उपलतबध की तरह मोदी जी इस बार भी मौक पर चौका मारन क तलए पहल स ही तयार बठ थ गोदी मीतिया आईटी सल और अनय सभी परचार ततो का इसतमाल कर मोदी जी दशवातसयो क सामन ऐसा सवाग रच रह ह तक दखन वाल को लगता ह जस मोदी जी िद ही सातो पदक जीत कर आय ह िर इन लफफ़ातज़यो और ढोग को एक तकनार कर ओलतमपक खलो म भारत क परदशयन की एक वसतपरक समीका करन की ज़ररत ह

टोयो ओलतमपक म भारत का परदशयन अब तक का सबस अचा परदशयन रहा ह यतद तपल परदशयनो स तलना की जाय तो भारत का परदशयन पहल इतना फीका रहा ह तक अभी हातसल सात पदक तकसी कीततयमान स कम परतीत नही होत ह 1900 म हए पररस ओलतमपक म भारत न पहली बार ओलतमपक खलो म तहससदारी की शरआत की थी 1900 स लकर 2020 क बीच पचचीस ओलतमपक खलो म भाग लकर भारत न कल 35 पदक अतजयत तकय ह इनम स 12 पदक भारत न तसफ़य परष हॉकी परततयोतगता म जीत ह जब हम इन आकड़ो की तलना दसर दशो स करत ह तो हम समझ आता ह तक भारत जस तवशाल दश क तलए इतन कम पदक हातसल करना चौकान वाला ह टोयो ओलतमपक म अमररका न 113 और चीन न 88 पदक जीत ह तजसम अमररका क 39 और चीन क 38 सवणय पदक ह दसर शबदो म कह तो भारत पचचीस बार इन खलो म भाग लकर तजतना पदक हातसल नही कर सका उसका चौगना क दश एक ही बार म हातसल कर लत ह 130 करोड़ आबादी वाल भारत म ओलतमपक खलो क मामल म यह िसता हाल दतनया भर क खल तवशषजो पतितो और आम खल परशसको क तलए एक आशचयय का तवषय ह इस गतथी को सलझान क तलए कई तवशषज अपन-अपन तरीक स तकय दत ह भारत की तवफलता क कारणो की वयाखया करत ह लतकन इनक तवशलषण और इनक तदय सझाव इस मनाफ़ािोर वयवसथा को सीध कठघर म खड़ा नही करत ह बतक इसी वयवसथा की चौहतदयो म ही इस समसया का हल ढढ़त रहत ह

ओलतमपक या कोई भी अनतरराषटीय परततयोतगता म भारत का लगातार तपड़ा परदशयन एक ढाचागत समसया ह तजसका समाधान इस मनाफ़ पर तटकी वयवसथा क आमलचल पररवतयन स ही हो सकता ह यहा का पजीपतत वगय मज़दर-महनतकश आबादी क एक-एक कतर को तनचोड़ कर ऐशोआराम की तज़नदगी जीता ह 12-14 घट कारिानो म कमरतोड़ महनत करन क बाद जब हम अपन घरो को लौटत ह तो हमार पास मनोरजन या सजनातमक काययो क तलए ताकत और

समय दोनो ही नही बचत ह हम थक-हार कर सो जात ह और अगल तदन उठ कर तफर उसी कमरतोड़ महनत म लग जात ह तशकागो क अमर शहीद मज़दरो न तजस ldquoआठ घट का काम-आठ घट का आराम-आठ घट का मनोरजनrdquo का नारा बलनद तकया और तजसक तलए अपन पराणो की आहतत द दी आज वही नारा मज़दरो क तलए अतीत का एक अवशष मात बन कर रह गया ह आप ही सोतचए तक ऐसी हालत म दश की बहसखयक आबादी जो जस-तस महनत करक अपना गज़ारा करती ह या वह कभी ओलतमपक खलो म तहससा ल सकती ह भारत म एक बड़ी आबादी ऐसी ह जो तकशोरावसथा यानी महज़ 14-15 साल की उम स ही भारी शारीररक शरम म लग जाती ह तकशोरावसथा ही उम का वह पड़ाव होता ह जब बचचो म खलकद की परततभा सबस सपषट रप म परकट होती ह लतकन उन बचचो का या जो सकल ही नही जात यतद सकल तकसी तरह चल भी जाय और उनकी परततभा की पहचान हो भी जाय तो उनक परतशकण और तालीम पर होन वाल िचय की आशा भी करना उनक तलए आकाश कसम की अतभलाषा क समान होगा आप ही सोतचए तक हमार बचच खलकद क बार म सोच भी कस सकत ह जब उनह कारिानो दकानो रहड़ी-खोमचो म दो वक़त की रोटी क तलए जदोजहद करनी पड़ती ह अपना और अपन पररवार का पट भरन क तलए ता-उम य नौजवान अपनी हितिया गलात रहत ह इस तरह दश की एक बड़ी आबादी खल क दायर स ही बाहर हो जाती ह

मज़दरी की तसथतत को दखत हए घर म जो पसा आता ह उसस दाल-रोटी भी चलानी मतशकल होती ह एक तखलाड़ी पदा करन क तलए सनततलत आहार की बात सोचना तो असमभव ही ह एक उननत खल ससकतत को गढ़न और ओलतमपक खलो म एक शततशाली ताकत बनन क तलए एक सवसथ और सहतमनद यवा पीढ़ी को गढ़ना अतनवायय ह तजस दश म हर तदन भख कपोषण और सकरामक रोगो स सरकारी आकड़ो क अनसार 2257 बचचो की मौत होती हो (हालातक असल आकड़ा कम-स-कम इसका दना ह) उस दश म हम यह कस उममीद कर सकत ह तक वह खलकद म तवशवतवजता बनगा सय त राषट बाल कोष (यतनसफ़) की ररपोटय क अनसार दश क तकरीबन आध बचच अपनी उम क अनसार सामानय स कम वज़न क ह 45 परततशत बचच सामानय स कम कद क ह 20 परततशत बचच अपन कद क अनसार सामानय स जयादा दबल-पतल ह 75 परततशत रतहीनता स पीतड़त ह 57 परततशत बचचो म lsquoतवटातमन एrsquo की गमभीर कमी ह पहल सकल और आगनवाड़ी म जो क भी थोड़ा-बहत मधयाहन भोजन तमलता था लॉकिाउन क दौरान वह भी अतधकाश जगहो पर बनद हो गया था और इस अतनयोतजत लॉकिाउन स करोड़ो मज़दरो-

महनतकशो की नौकररया भी चली गयी ऐसी हालत म बचचो का भरण-पोषण कतठन हो गया ह तनतशचत ही ऊपर तदय गय आकड़ आज गमभीर रप धारण कर चक होग और तमाम सरकारी और गर-सरकारी रपट इस बात की पतषट भी कर चकी ह

इसक अलावा बचचो म बचपन स ही शारीररक वयायाम और खलकद क बार म एक सवसथ दतषटकोण पदा करन म सकलो की एक अहम भतमका होती ह सकल म ही भतवषय क ओलतमपक तखलाड़ी अपन पशवर खल जीवन की नीव रखत ह लतकन हमार दश की सकली तशका वयवसथा क जजयर हालात पर तजतनी कम बात की जाय उतना अचा ह भारत म माधयतमक सकलो म सकल नामाकन अनपात 79 परततशत ह इसका मतलब माधयतमक सकल म पढ़न योगय बचचो म स तसफ़य 79 परततशत ही असल म सकल म नाम तलखात ह इनम स भी 17 परततशत दसवी की परीका पास करन स पहल ही पढ़ाई ोड़ दत ह ज़ातहर-सी बात ह य बचच जो सकलो स बाहर रहत ह ोट-मोट उदयोग धनधो या मज़दरी म लग जात ह एक ररपोटय क अनसार भारत म 33 परततशत सकलो म शारीररक तशका की कोई अलग स लास नही दी जाती ह 80 परततशत सकलो क पास ऐस तशकक नही ह जो शारीररक तशकण-परतशकण दत ह 33 परततशत सकलो क पास अपना खल का मदान या खल क उपकरण नही ह ऐसी तसथतत म अगर हमार बचच सकल पहच भी जात ह तो हम यह गलतफ़हमी नही होनी चातहए तक सकल म उनक अनदर कसरत और खलकद क परतत रतच पदा करन तलए कोई सचत परयास तकया जायगा

दश म एक सतकरय खल ससकतत का तनमायण तणमल सतर पर खलो का परचार परसार खल अवसरचना का तनमायण यवा अवसथा म परततभाशाली तखलातड़यो की तलाश कर उनको उननत परतशकण और मागयदशयन दना आतद बतनयादी चीज़ो म दश की तकसी सरकार न कभी कोई िास तदलचसपी नही तदखायी ह 2018 म कनदरीय खल मती न इस बात की पतषट की तक भारत सरकार खलो पर परतततदन परतत-वयतत तसफ़य तीन पस िचय करती ह जबतक चीन परतततदन परतत-वयतत 61 रपय िचय करता ह जो भारत क मकाबल 200 गना जयादा ह तपल दस सालो म भारत सरकार अपन कल सरकारी वयय का महज़ 006 स 008 परततशत ही खलो पर िचय करती आ रही ह 2021 ओलतमपक वषय होन क बावजद इस साल क बजट म खल मतालय को 230 करोड़ रपय कम तदय ह आय तदन अनतरराषटीय और राषटीय सतर क तखलाड़ी कोच और सहयोगी सटाफ़ तनमन दजज की सवाओ क तिलाफ़ तशकायत करत रहत ह मगर खल मतालय और दसरी समबतनधत ससथाओ क कान पर ज नही रगती ह मज़दार बात यह ह तक खल मतालय का सालाना बजट तजतना होता ह भारतीय तकरकट बोिय लगभग उसक समान ही

सालाना मनाफ़ा कमा लता ह तकरकट बड़ी इजारदार पजी क तलए ताबड़तोड़ मनाफ़ा पीटन का एक सोत बन गया ह इसतलए सरकार स भी भारतीय तकरकट बोिय को परा समथयन तमलता ह वही बात की जाय यतद अनय नय-परान खलो क बार म तो य भी सार भारत म एक धीमी ददयनाक मौत मर रह ह इस पजीवादी वयवसथा म बस उसी खल को बढ़ावा तदया जायगा तजसम भारी मनाफ़ा कमान की समभावनाए मौजद होगी आज सरकार क तखलातड़यो क जीत कर लौटन पर उनका सवागत कर रही ह उनका सममान कर रही ह लतकन कोई यह सवाल यो नही प ता तक कहा थी राजय सरकार और कनदर सरकार जब इन तखलातड़यो को फ़ि सतवधाओ और खल उपकरणो की आवशयकता थी यहा भी भदभाव साफ़ तदख रहा ह तजन तखलातड़यो न पदक जीता ह उनह बड़ी-बड़ी धनरातश दन की घोषणाए की जा रही ह लतकन अगल ओलतमपक क तलए तयारी तो सभी तखलातड़यो को एक समान ही करनी ह सरकारो क तलए यह सब तचनता का तवषय नही ह योतक उनक तलए खलकद कोई महतव नही रखता और इनह पता ह तक महनत करक कल कोई और पदक ल ही आयगा तब अपनी पीठ य सवय थपथपा लग जस आज मोदी कर रहा ह

एक अचा सवसथ मानवीय जीवन और बचचो का सवािगीण तवकास तखलाड़ी बनन की पवयशतय ह इस चरमरायी हई पजीवादी वयवसथा क पास वह कमता नही ह तक वह दश की महनतकश आबादी को एक सवसथ िशहाल तज़नदगी द सक और उनक बचचो का सवािगीण तवकास कर सक तसफ़य और तसफ़य एक समाजवादी वयवसथा ही हम मज़दर-महनतकशो को एक इजज़त की तज़नदगी द सकती ह तजसम हमार शरम को लटन वाला कोई परजीवी वगय नही होगा हमार अपन और समाज की बतनयादी ज़ररतो को परा करन क बाद जो lsquoफी टाइमrsquo बचगा उसम हम अपन

शौक और मनोरजन का कोई भी काम कर सकत ह और यतद मनाफ़ा कमाना नही बतक समाज की आवशयकताओ को परा करना उतपादन का लकय हो और सभी सवसथ वयसक वयततयो क तलए उतपादक शरम म भागीदारी करना अतनवायय हो तो हर तकसी क पास बहत-सा िाली वक़त बचगा तजस वह कला सातहतय ससकतत खल तवजान दशयन और घमकड़ी म लगा सकता ह साथ ही सवय उतपादक की परतकरया तकसी लटर वगय क तलए मजबरी म की जान वाली परतकरया नही होगी बतक यह सवय आननद का तवषय होगी यतद शरम मजबरी म या ज़ोर-ज़बदयसती क कारण न हो तो यह तो आननद का तवषय होता ह योतक यह मनषय को पश स मनषय बनान वाली परतकरया ह और हमारी परकतत का अग ह इसतलए मज़दर राज और समाजवाद म तो धीर-धीर िाली टाइम की अवधारणा ही ितम हो जायगी योतक तकसी और क मनाफ़ की िाततर मजबरी म खटन वाल lsquoकाम क टाइमrsquo और lsquoफी-टाइमrsquo का अनतर ही ितम हो जायगा सकल कारिानो खतो और दफतरो म हर जगह कसरत क तलए लोगो को परोतसातहत तकया जायगा हम और हमार बचच जो भी खल खलना चाह उसक तलए हमारी मज़दर सता हम हर समभव सतवधा महया करवायगी खल आतथयक सामथयय स की जान वाली कोई तकरया नही बतक सामतहक जीवन का एक ज़ररी अग बन जायगा तजसका आननद सभी उठा सक ग सोतवयत सघ और चीन म मज़दरो की सता कायम होन क बाद यही हआ 1952 स 1988 क बीच सोतवयत सघ न ओलतमपक खलो म जो अदभत कामयाबी हातसल की उसक पी उसक करतनतकारी दौर ndash यानी 1917 स 1953 ndash की खल नीततयो का ही हाथ था एक समाजवादी वयवसथा म मानव जीवन क हर पहल की तरह खल भी एक उननत सतर पर पहच पायगा और एक सवसथ खल ससकतत अतसततव म आ सकती ह

करादत स हमारा अदभपराय ह ndash अयाय पर आधाररत मौजिा समाज-वयवथा म आमल पररवतवन समाज का परमख अग होत हए भी आज मजिरो को उनक पराथदमक अदधकार स वदचत रखा जा रहा ह और उनकी गाढी कमाई

का सारा धन शोरक पजीपदत हडप जात ह िसरो क अनिाता दकसान आज अपन पररवार सदहत िान-िान क दलए महताज ह िदनया भर क बाजारो को कपडा महया करन वाला बनकर अपन और अपन बचचो क तन ढकन-भर को भी कपडा नही पा रहा ह स िर महलो का दनमावण करन वाल राजगीर लोहार और बढई वय गि बाडो म रहकर ही अपनी जीवन-लीला समापत कर जात ह इसक दवपरीत समाज क जोक शोरक पजीपदत जरा-जरा-सी बातो क दलए लाखो का वारा-यारा कर ित ह

यह भयानक असमानता और जबिवती लािा गया भिभाव िदनया को एक बहत बडी उथल-पथल की ओर दलय जा रहा ह यह दथदत अदधक दिनो तक कायम नही रह सकती पषट ह दक आज का धदनक समाज एक भयानक जवालामखी क मख पर बठकर रगरदलया मना रहा ह और शोरको क मासम बचच तथा करोडो शोदरत लोग एक भयानक ख की कगार पर चल रह ह

(बम काण पर सशन कोटव म बयान)

भगतससह क जनमददवस (28 ससतमबर) पर

ाक पजीयन SSPLWNP-3192020-2022पररण ाकघर आरएमएस चारबाग़ लखनऊ

पररण दतदथ दिनाक 5 परतयक माह16 Mazdoor Bigul l Monthly l September 2021 l RNI No UPHIN201036551

मदक परकाशक और वामी कातयायनी दसहा दारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006 स परकादशत और उही क दारा मलटीमीदयम 310 सजय गाधी परम फजाबाि रो लखनऊ स मददत समपािक अदभनव l समपािकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरदमल रो दनशातगज लखनऊ-226006

टोको ओलममपक म भाित का परदशवन एक समीकाndash साथिषक

अगसत महीन म टोयो ओलतमपक खलो का समापन हआ और भारत को इस बार एक सवणय दो रजत और चार कासय पदक तमल ह इस परकार कल पदको की सखया सात रही ह हर ोटी स ोटी उपलतबध की तरह मोदी जी इस बार भी मौक पर चौका मारन क तलए पहल स ही तयार बठ थ गोदी मीतिया आईटी सल और अनय सभी परचार ततो का इसतमाल कर मोदी जी दशवातसयो क सामन ऐसा सवाग रच रह ह तक दखन वाल को लगता ह जस मोदी जी िद ही सातो पदक जीत कर आय ह िर इन लफफ़ातज़यो और ढोग को एक तकनार कर ओलतमपक खलो म भारत क परदशयन की एक वसतपरक समीका करन की ज़ररत ह

टोयो ओलतमपक म भारत का परदशयन अब तक का सबस अचा परदशयन रहा ह यतद तपल परदशयनो स तलना की जाय तो भारत का परदशयन पहल इतना फीका रहा ह तक अभी हातसल सात पदक तकसी कीततयमान स कम परतीत नही होत ह 1900 म हए पररस ओलतमपक म भारत न पहली बार ओलतमपक खलो म तहससदारी की शरआत की थी 1900 स लकर 2020 क बीच पचचीस ओलतमपक खलो म भाग लकर भारत न कल 35 पदक अतजयत तकय ह इनम स 12 पदक भारत न तसफ़य परष हॉकी परततयोतगता म जीत ह जब हम इन आकड़ो की तलना दसर दशो स करत ह तो हम समझ आता ह तक भारत जस तवशाल दश क तलए इतन कम पदक हातसल करना चौकान वाला ह टोयो ओलतमपक म अमररका न 113 और चीन न 88 पदक जीत ह तजसम अमररका क 39 और चीन क 38 सवणय पदक ह दसर शबदो म कह तो भारत पचचीस बार इन खलो म भाग लकर तजतना पदक हातसल नही कर सका उसका चौगना क दश एक ही बार म हातसल कर लत ह 130 करोड़ आबादी वाल भारत म ओलतमपक खलो क मामल म यह िसता हाल दतनया भर क खल तवशषजो पतितो और आम खल परशसको क तलए एक आशचयय का तवषय ह इस गतथी को सलझान क तलए कई तवशषज अपन-अपन तरीक स तकय दत ह भारत की तवफलता क कारणो की वयाखया करत ह लतकन इनक तवशलषण और इनक तदय सझाव इस मनाफ़ािोर वयवसथा को सीध कठघर म खड़ा नही करत ह बतक इसी वयवसथा की चौहतदयो म ही इस समसया का हल ढढ़त रहत ह

ओलतमपक या कोई भी अनतरराषटीय परततयोतगता म भारत का लगातार तपड़ा परदशयन एक ढाचागत समसया ह तजसका समाधान इस मनाफ़ पर तटकी वयवसथा क आमलचल पररवतयन स ही हो सकता ह यहा का पजीपतत वगय मज़दर-महनतकश आबादी क एक-एक कतर को तनचोड़ कर ऐशोआराम की तज़नदगी जीता ह 12-14 घट कारिानो म कमरतोड़ महनत करन क बाद जब हम अपन घरो को लौटत ह तो हमार पास मनोरजन या सजनातमक काययो क तलए ताकत और

समय दोनो ही नही बचत ह हम थक-हार कर सो जात ह और अगल तदन उठ कर तफर उसी कमरतोड़ महनत म लग जात ह तशकागो क अमर शहीद मज़दरो न तजस ldquoआठ घट का काम-आठ घट का आराम-आठ घट का मनोरजनrdquo का नारा बलनद तकया और तजसक तलए अपन पराणो की आहतत द दी आज वही नारा मज़दरो क तलए अतीत का एक अवशष मात बन कर रह गया ह आप ही सोतचए तक ऐसी हालत म दश की बहसखयक आबादी जो जस-तस महनत करक अपना गज़ारा करती ह या वह कभी ओलतमपक खलो म तहससा ल सकती ह भारत म एक बड़ी आबादी ऐसी ह जो तकशोरावसथा यानी महज़ 14-15 साल की उम स ही भारी शारीररक शरम म लग जाती ह तकशोरावसथा ही उम का वह पड़ाव होता ह जब बचचो म खलकद की परततभा सबस सपषट रप म परकट होती ह लतकन उन बचचो का या जो सकल ही नही जात यतद सकल तकसी तरह चल भी जाय और उनकी परततभा की पहचान हो भी जाय तो उनक परतशकण और तालीम पर होन वाल िचय की आशा भी करना उनक तलए आकाश कसम की अतभलाषा क समान होगा आप ही सोतचए तक हमार बचच खलकद क बार म सोच भी कस सकत ह जब उनह कारिानो दकानो रहड़ी-खोमचो म दो वक़त की रोटी क तलए जदोजहद करनी पड़ती ह अपना और अपन पररवार का पट भरन क तलए ता-उम य नौजवान अपनी हितिया गलात रहत ह इस तरह दश की एक बड़ी आबादी खल क दायर स ही बाहर हो जाती ह

मज़दरी की तसथतत को दखत हए घर म जो पसा आता ह उसस दाल-रोटी भी चलानी मतशकल होती ह एक तखलाड़ी पदा करन क तलए सनततलत आहार की बात सोचना तो असमभव ही ह एक उननत खल ससकतत को गढ़न और ओलतमपक खलो म एक शततशाली ताकत बनन क तलए एक सवसथ और सहतमनद यवा पीढ़ी को गढ़ना अतनवायय ह तजस दश म हर तदन भख कपोषण और सकरामक रोगो स सरकारी आकड़ो क अनसार 2257 बचचो की मौत होती हो (हालातक असल आकड़ा कम-स-कम इसका दना ह) उस दश म हम यह कस उममीद कर सकत ह तक वह खलकद म तवशवतवजता बनगा सय त राषट बाल कोष (यतनसफ़) की ररपोटय क अनसार दश क तकरीबन आध बचच अपनी उम क अनसार सामानय स कम वज़न क ह 45 परततशत बचच सामानय स कम कद क ह 20 परततशत बचच अपन कद क अनसार सामानय स जयादा दबल-पतल ह 75 परततशत रतहीनता स पीतड़त ह 57 परततशत बचचो म lsquoतवटातमन एrsquo की गमभीर कमी ह पहल सकल और आगनवाड़ी म जो क भी थोड़ा-बहत मधयाहन भोजन तमलता था लॉकिाउन क दौरान वह भी अतधकाश जगहो पर बनद हो गया था और इस अतनयोतजत लॉकिाउन स करोड़ो मज़दरो-

महनतकशो की नौकररया भी चली गयी ऐसी हालत म बचचो का भरण-पोषण कतठन हो गया ह तनतशचत ही ऊपर तदय गय आकड़ आज गमभीर रप धारण कर चक होग और तमाम सरकारी और गर-सरकारी रपट इस बात की पतषट भी कर चकी ह

इसक अलावा बचचो म बचपन स ही शारीररक वयायाम और खलकद क बार म एक सवसथ दतषटकोण पदा करन म सकलो की एक अहम भतमका होती ह सकल म ही भतवषय क ओलतमपक तखलाड़ी अपन पशवर खल जीवन की नीव रखत ह लतकन हमार दश की सकली तशका वयवसथा क जजयर हालात पर तजतनी कम बात की जाय उतना अचा ह भारत म माधयतमक सकलो म सकल नामाकन अनपात 79 परततशत ह इसका मतलब माधयतमक सकल म पढ़न योगय बचचो म स तसफ़य 79 परततशत ही असल म सकल म नाम तलखात ह इनम स भी 17 परततशत दसवी की परीका पास करन स पहल ही पढ़ाई ोड़ दत ह ज़ातहर-सी बात ह य बचच जो सकलो स बाहर रहत ह ोट-मोट उदयोग धनधो या मज़दरी म लग जात ह एक ररपोटय क अनसार भारत म 33 परततशत सकलो म शारीररक तशका की कोई अलग स लास नही दी जाती ह 80 परततशत सकलो क पास ऐस तशकक नही ह जो शारीररक तशकण-परतशकण दत ह 33 परततशत सकलो क पास अपना खल का मदान या खल क उपकरण नही ह ऐसी तसथतत म अगर हमार बचच सकल पहच भी जात ह तो हम यह गलतफ़हमी नही होनी चातहए तक सकल म उनक अनदर कसरत और खलकद क परतत रतच पदा करन तलए कोई सचत परयास तकया जायगा

दश म एक सतकरय खल ससकतत का तनमायण तणमल सतर पर खलो का परचार परसार खल अवसरचना का तनमायण यवा अवसथा म परततभाशाली तखलातड़यो की तलाश कर उनको उननत परतशकण और मागयदशयन दना आतद बतनयादी चीज़ो म दश की तकसी सरकार न कभी कोई िास तदलचसपी नही तदखायी ह 2018 म कनदरीय खल मती न इस बात की पतषट की तक भारत सरकार खलो पर परतततदन परतत-वयतत तसफ़य तीन पस िचय करती ह जबतक चीन परतततदन परतत-वयतत 61 रपय िचय करता ह जो भारत क मकाबल 200 गना जयादा ह तपल दस सालो म भारत सरकार अपन कल सरकारी वयय का महज़ 006 स 008 परततशत ही खलो पर िचय करती आ रही ह 2021 ओलतमपक वषय होन क बावजद इस साल क बजट म खल मतालय को 230 करोड़ रपय कम तदय ह आय तदन अनतरराषटीय और राषटीय सतर क तखलाड़ी कोच और सहयोगी सटाफ़ तनमन दजज की सवाओ क तिलाफ़ तशकायत करत रहत ह मगर खल मतालय और दसरी समबतनधत ससथाओ क कान पर ज नही रगती ह मज़दार बात यह ह तक खल मतालय का सालाना बजट तजतना होता ह भारतीय तकरकट बोिय लगभग उसक समान ही

सालाना मनाफ़ा कमा लता ह तकरकट बड़ी इजारदार पजी क तलए ताबड़तोड़ मनाफ़ा पीटन का एक सोत बन गया ह इसतलए सरकार स भी भारतीय तकरकट बोिय को परा समथयन तमलता ह वही बात की जाय यतद अनय नय-परान खलो क बार म तो य भी सार भारत म एक धीमी ददयनाक मौत मर रह ह इस पजीवादी वयवसथा म बस उसी खल को बढ़ावा तदया जायगा तजसम भारी मनाफ़ा कमान की समभावनाए मौजद होगी आज सरकार क तखलातड़यो क जीत कर लौटन पर उनका सवागत कर रही ह उनका सममान कर रही ह लतकन कोई यह सवाल यो नही प ता तक कहा थी राजय सरकार और कनदर सरकार जब इन तखलातड़यो को फ़ि सतवधाओ और खल उपकरणो की आवशयकता थी यहा भी भदभाव साफ़ तदख रहा ह तजन तखलातड़यो न पदक जीता ह उनह बड़ी-बड़ी धनरातश दन की घोषणाए की जा रही ह लतकन अगल ओलतमपक क तलए तयारी तो सभी तखलातड़यो को एक समान ही करनी ह सरकारो क तलए यह सब तचनता का तवषय नही ह योतक उनक तलए खलकद कोई महतव नही रखता और इनह पता ह तक महनत करक कल कोई और पदक ल ही आयगा तब अपनी पीठ य सवय थपथपा लग जस आज मोदी कर रहा ह

एक अचा सवसथ मानवीय जीवन और बचचो का सवािगीण तवकास तखलाड़ी बनन की पवयशतय ह इस चरमरायी हई पजीवादी वयवसथा क पास वह कमता नही ह तक वह दश की महनतकश आबादी को एक सवसथ िशहाल तज़नदगी द सक और उनक बचचो का सवािगीण तवकास कर सक तसफ़य और तसफ़य एक समाजवादी वयवसथा ही हम मज़दर-महनतकशो को एक इजज़त की तज़नदगी द सकती ह तजसम हमार शरम को लटन वाला कोई परजीवी वगय नही होगा हमार अपन और समाज की बतनयादी ज़ररतो को परा करन क बाद जो lsquoफी टाइमrsquo बचगा उसम हम अपन

शौक और मनोरजन का कोई भी काम कर सकत ह और यतद मनाफ़ा कमाना नही बतक समाज की आवशयकताओ को परा करना उतपादन का लकय हो और सभी सवसथ वयसक वयततयो क तलए उतपादक शरम म भागीदारी करना अतनवायय हो तो हर तकसी क पास बहत-सा िाली वक़त बचगा तजस वह कला सातहतय ससकतत खल तवजान दशयन और घमकड़ी म लगा सकता ह साथ ही सवय उतपादक की परतकरया तकसी लटर वगय क तलए मजबरी म की जान वाली परतकरया नही होगी बतक यह सवय आननद का तवषय होगी यतद शरम मजबरी म या ज़ोर-ज़बदयसती क कारण न हो तो यह तो आननद का तवषय होता ह योतक यह मनषय को पश स मनषय बनान वाली परतकरया ह और हमारी परकतत का अग ह इसतलए मज़दर राज और समाजवाद म तो धीर-धीर िाली टाइम की अवधारणा ही ितम हो जायगी योतक तकसी और क मनाफ़ की िाततर मजबरी म खटन वाल lsquoकाम क टाइमrsquo और lsquoफी-टाइमrsquo का अनतर ही ितम हो जायगा सकल कारिानो खतो और दफतरो म हर जगह कसरत क तलए लोगो को परोतसातहत तकया जायगा हम और हमार बचच जो भी खल खलना चाह उसक तलए हमारी मज़दर सता हम हर समभव सतवधा महया करवायगी खल आतथयक सामथयय स की जान वाली कोई तकरया नही बतक सामतहक जीवन का एक ज़ररी अग बन जायगा तजसका आननद सभी उठा सक ग सोतवयत सघ और चीन म मज़दरो की सता कायम होन क बाद यही हआ 1952 स 1988 क बीच सोतवयत सघ न ओलतमपक खलो म जो अदभत कामयाबी हातसल की उसक पी उसक करतनतकारी दौर ndash यानी 1917 स 1953 ndash की खल नीततयो का ही हाथ था एक समाजवादी वयवसथा म मानव जीवन क हर पहल की तरह खल भी एक उननत सतर पर पहच पायगा और एक सवसथ खल ससकतत अतसततव म आ सकती ह

करादत स हमारा अदभपराय ह ndash अयाय पर आधाररत मौजिा समाज-वयवथा म आमल पररवतवन समाज का परमख अग होत हए भी आज मजिरो को उनक पराथदमक अदधकार स वदचत रखा जा रहा ह और उनकी गाढी कमाई

का सारा धन शोरक पजीपदत हडप जात ह िसरो क अनिाता दकसान आज अपन पररवार सदहत िान-िान क दलए महताज ह िदनया भर क बाजारो को कपडा महया करन वाला बनकर अपन और अपन बचचो क तन ढकन-भर को भी कपडा नही पा रहा ह स िर महलो का दनमावण करन वाल राजगीर लोहार और बढई वय गि बाडो म रहकर ही अपनी जीवन-लीला समापत कर जात ह इसक दवपरीत समाज क जोक शोरक पजीपदत जरा-जरा-सी बातो क दलए लाखो का वारा-यारा कर ित ह

यह भयानक असमानता और जबिवती लािा गया भिभाव िदनया को एक बहत बडी उथल-पथल की ओर दलय जा रहा ह यह दथदत अदधक दिनो तक कायम नही रह सकती पषट ह दक आज का धदनक समाज एक भयानक जवालामखी क मख पर बठकर रगरदलया मना रहा ह और शोरको क मासम बचच तथा करोडो शोदरत लोग एक भयानक ख की कगार पर चल रह ह

(बम काण पर सशन कोटव म बयान)

भगतससह क जनमददवस (28 ससतमबर) पर