वैदिक काल में पड़ी नाम से जाने गए...
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Transcript of वैदिक काल में पड़ी नाम से जाने गए...
1. वदिक काल म पडी नाम स जान गए समिाय का मखय वयवसाय कया था- वयापार
2. ऋगवि म पतरी क ललए परयकत शबि 'िदिता' का शाबबिक अथथ कया ि- गाय का िोिन करन वाली
3. सगम यग म तलमलो का सवाथधिक लोकपरपरय िवता कौन था- मरगन
4. मोिममि बिन तगलक न ककस िात म साकततक लसकको का परचलन ककया था- कासय म
5. गजरात को जीतकर ककस न उस दिलली सलतनत म शालमल ककया था- अलाउदिीन खिलजी न
6. अमीर िसरो को ककस गायन शली का जनमिाता माना जाता ि- कववाली शली का
7. किीर की मतय क पशचात उनकी समाधि किा िनाई गई- मगिर म 8. अकिरनामा क परखयात लिक अिल फजल की ितया ककसन की थी- वीरलसि
िव ििला न
9. िागी शिजाि िसरो को आशरय िन क ललए जिागीर न ककस लसि गर को मतयिड दिया था- गर अजथन िव को
10. पाडयो का उललि सवथपरथम ककस परविशी यातरी न ककया था- माकोपोलो न
11. वयास निी का पराचीन नाम कया था- बिपाशा 12. छठी शताबिी ई.प. म' वतस ' मिाजनपि की राजिानी किा थी- कौशामिी 13. पाटललपतर नामक नगर की सथापना ककसन की थी- उियन
14. मगि का परथम राजवश कौन था - ियथक वश
15. परशन- िदि दवारा गितयाग को िौधि मतावलमिी कया कित ि- मिालितनषकरमण
16. सलतनतकाल म अशवशाला क परिान को कया किा जाता था- अमीर ए
आिर
17. िालसा पथ की सथापना तथा एक िमथचार' पािल' को ककस लसि गर न
चलाया था- गर गोपरवि लसि
18. परवशषता वित ' क परवतथक कौन थ- रामानजाचायथ 19. िानवा का यदि कि िआ था- 1527 ई म
20. चोलवश का ससथापक कौन था- परवजयालय
21. आगरा क लाल ककल म' माती मबसजि' ककस मगल शासक न िनवाई थी- शािजिा
22. पषकयलमतर शग न अशवमघ यजञ ककए थ यि जानकारी ककस गरथ स परापत
िोती ि- मिािाषकय स
23. ऐतरय बराहमण ककस वि का ि- ऋगवि का 24. दिसटोररका' नामक गरथ क लिक कौन ि- िरोडोटस
25. उततररामचररतम' क लिक कौन ि- िवितत
26. मिमि क साथ िारत आए ककस परवदवान न िारतीय समाज पर' ककतािल
दिि' नामक पसतक ललिी- अलिरनी न
27. िमर राजा न ककस िारतीय राजा स लमतरता की थी- राजदर परथम स
28. सलतनत काल म ' िक- ए- सवथ' कया था- लसचाई कर
29. नायि- ए- मामललकात ' नामक पि सजन सलतनतकाल म ककसन ककया- मइज उदिीन ििरामशाि न
30. मगल काल म लोक- तनमाथण परविाग को कया किा जाता ि- शोिरत- ए- आम
31. िगाल क ककस नवाि न अपनी राजिानी मलशथिािाि स पररवततथत करक
मगर कर िी थी- मीर कालसम न
32. ककस अलिलि स पबषकट िई की पषकयलमतर शग न अवशयमघ याि ककया था- अयोधया अलिलि
33. धगरनार म सिशथन झील का तनमाथण ककस शासक न करवाया- चदरगपत
मौयथ न
34. मगासथनीज की पसतक इडडका क अनसार मौयथ समाज ककतन वगो म िाटा था-सात वगो म (िाशथतनक, कषक, सतनक, चरवाि, लशलपी, तनरीकषक और
पाषथि)
35. कतनषकक की राजिानी किा थी- परषपर(पशावर)
36. नरलसि िमथन दपरवतीय न बजस की उपाधि राज लसि थी, काची म ककस
मदिर का तनमाथण कराया- कलाश मदिर का 37. एलोरा क परलसदि कलाश मदिर का तनमाथण ककसन करवाया- राषकरकट
शासक कषकणा परथम न
38. शरशाि का मकिरा किा बसथत ि- सासाराम
39. सातवािन वश का मिानतम शासक कौन था- गौतमीपतर शतकणी 40. पिली िार ककस अधितनयम क तित गवनथर जनरल की कायथकारी पररषि
म परवधि तनमाथण क उदिशय स ककसी िारतीय को मनोनीत ककया गया- िारतीय
काउलसल अधितनयम 1909 म 41. लोथल किा बसथत ि- गजरात म 42. परलसदि पारसी तयौिार' नौरोज ' ककस शासक न परारि ककया था- िलवन
न
43. ककस गवनथर जनरल क काल म अगरजी उचच लशकषा का माधयम तथा सरकारी कामकाज की िाषा क रप म सवीकार की गई- परवललयम िदटग क काल
म 44. दिलली क लाल ककल क अिर मोती मबसजि का तनमाथण ककसन कराया था- औरगजि न
45. साची का सतप ककस वश क काल म िनवाया गया- मौयथ वश
46. ककस राजवश न ितया कर सतता िधथयाई तथा बजसका अत िी ितया क
दवारा िी िआ- शग वश
47. िाथी गफा अलिलि म ककसकी उपलबबियो का परववरण ि- िारवल की उपलबबियो का
48. लसराजदिौला क साथ अगरजो न कौनसी सधि की थी- अलीनगर की सधि
49. नरदर मडल की सथापना का सझाव ककसम था- चमसफोडथ सिारो म 50. िन तनकासी क लसदिात' का परततपािक कौन था- िािािाई नौरोजी 51. सलतनत काल म ककल की सना क िचथ क ललए तनिाथररत िलम को कया किा जाता था- मफरर
52. सलतनत कालीन परात की सना कया किलाती ि थी- िशम अतराफ
53. गवाललयर अलिलि क अनसार अरिो का लसि स आग िढन स ककसन
रोका- नागिटट
54. मिाराजा रणजीत लसि क साथ ककसक परवचार परवमशथ क पररणाम सवरप
अमतसर की सधि िई- सर चालसथ मटकाफ
55. ककस शासक क शासनकाल म ििमातनयो म अपनी राजिानी गलिगाथ स
सतातररत कर िीिर िनाई- अिमिशाि
56. सोमनाथ मदिर पर मिमि गजनवी क आरमण क समय विा का शासक
कौन था- िीम परथम
57. फति - उस- सलातीन ' की रचना ककसन तथा कि की- इसामी न 1350 ई.म 58. शातकणी की मतय क पशचात उसक िो अलप वयसक पतरो- वि शरी और
शबकतशरी का सरकषण ककसन ककया- नागतनका 59. िाल म गाथा सपतशती नामक गरथ की रचना ककस िाषा म की- पराकत
िाषा म 60. कौन सा शासक परतयक पाचव वषथ परयाग म िालमथक सममलन ककया करता था- िषथविथन
61. िवनशवर तथा परी क मदिर ककस शली म तनलमथत ि- नागर शली म 62. सगमयगीन गरथ 'तोलककबपपयम ' ककस परवषय स सिधित ि- वयाकरण
और कावय स
63. सोनधगरी का ऐततिालसक दिगिर जन तीथथसथल ककस राजय म ि- मधयपरिश म
64. मिाराषकर म गणपतत- पवथ का शरी गणश राषकरीय चतना लान क ललए ककसन
ककया था- िाल गगािर ततलक न
65. ' शवथ ' कर ककस पर लगाया जाता था- लसचाई पर
66. 'आजीवक सपरिाय' क ससथापक कौन थ- मकिली गोसाल
67. अगरजो क शासनकाल म िारत क ' आधथथक िोिन' क लसदिात का परततपािन ककसन ककया था- िािािाई नौरोजी न पावटी एड अन बबरदटश रल इन
इडडया नामक अपनी पसतक म 68. रौलट एकट िारत म कि लाग ककया गया था - 1919 म 69. परवरम सवत कि स परारि िआ- 58 पवथ स
70. 'िणावली ' एक पराचीन सथल ि जिा 1973- 74 ई. की ििाई म लसि
सभयता क अवशष लमल, यि सथल िारत क ककस राजय म बसथत ि- िररयाणा म
71. लसि सभयता म िोपडी की शलय धचककतसा का सतनबशचत साकषय किा स
परापत िआ ि- कालीिगा म 72. ऋगवि म ऐसी कनयाओ क उिािरण िी लमलत ि, जो िीघथकाल तक
अथवा आजीवन अपरववादित रिती थी, ऐसी कनयाओ को कया कित थ - अमाज
73. मिातमा िदि क समय कौशल िश म कौन राजय करता था- परसनबजत
74. ककस शासक न वशाली का पररतयाग करक पाटललपतर को मगि राजय की राजिानी िनाया था- कालाशोक न
75. अशोक क ककस लशलालि म कललग यदि का वणथन ि- तरिव लशलालि म
76. पषकयलमतर शग न ककस शासक की ितया करक पाटललपतर की गदिी पर
अधिकार ककया था- ििदरथ की 77. चालीस गलामो क िल का परवनाश ककस सलतान न ककया था- िलवन न
78. दिलली सलतनत का अततम शासक कौन था- इबरादिम लोिी 79. परलसदि धचतर ' िाज' क धचतरकार कौन थ- उसताि मसर
80. परलसदि गरथ ' लसदिात लशरोमखण' और' लीलावती' क लिक कौन ि- िासकराचायथ
81. 'लशशपाल वि' ककसकी कतत ि- माघ की 82. 'सयािवाि' का अथथ ि- शायि ि िी और निी िी 83. अकिर का लशकषक कौन था- मीर अबिल लतीफ
84. परलसदि ' कोिनर ' िीरा शािजिा को ककसन िट ककया था- मीर जमला न
85. शािजिा न मिाकपरवराय की पिवी ककसको िी थी- प. जगननाथ को 86. अकिर क समय िनी पिली मितवपणथ इमारत थी- िमाय का मकिरा 87. कौन सा मगल शासक' शादििरवश ' एव ' बजिापीर क नाम स जाना जाता था- औरगजि
88. अततम मौयथ समराट कौन था- ििदरथ
89. िषथ की पराजय ककसक िाथो िई- पलकलशन दपरवतीय क
90. लाललतादितय ककस राजय का शासक था- कशमीर का 91. िमायनामा ककसकी कतत ि- गलििन िगम की 92. एक मललक िो िए िी िान िो गया और कफर सलतान िन गया कौन था वि- िलवन
93. ििमनी राजय क परवघटन क उपरात िकषकषण म ककतन मबसलम राजयो का उिय िआ- पाच का
94. मधयकाल म परववाि कर ककस राजय म ललया जाता था तथा ककस परववाि को इस कर स मकत रिा गया था- परवजयनगर राजय, परविवा पनपरवथवाि
95. पराचीन िारतीय धचककतसक' चरक' ककस शासक क िरिार म थ- कतनषकक
क िरिार म 96. अकिर क शासनकाल म पनगथदठत क दरीय परशासन ततर क अतगथत
मीरिखशी ककस परविाग की िििाल करता था- सतनक परविाग की 97. बतरवनापलली क घर म कलाइव न ककसकी रकषा की- मोिममि अली की 98. ऋगवि म' दिरणयममथ ' की उपाधि ककस िी गई थी- इदर को 99. यम दवारा नधचकता और उसक तीन वर परापत करन की किानी ककसम वखणथत ि- कठोपतनषि म
100. कोदटलय किा का बराहमण था- पाटललपतर का 101. 'कौमिी मिोतसव' नामक पसतक ककस शासक की सफलताओ और
उपलबबियो का वणथन करती ि- चदरगपत की 102. कलिण की राजतरधगणी म वखणथत अततम शासक कौन ि- जय लसि
103. कतिदिीन का मकिरा किा बसथत ि- लािौर म 104. रबजया की असफलता का सिस िडा कारण माना जाता ि- नारी िोना 105. दिलली क ककस सलतान न अपन लसकक स िलीफा शबि िटाया- मोिममि
बिन तगलक न
106. परिर क घर म तोपिान क अधिकार क रप म ककस परविशी यातरी न िाग
ललया- मनची न
107. परलसदि धचतरकार िसवत क धचतर किा लमलत ि- रजमनामा म 108. ससार अबसथर और छाखणक ि- कषखणिगरिाि क नाम स जञात िोन वाल इस
परवचार को सवथपरथम ककसन परसतत ककया- मिातमा िदि न
109. अयोधया म बसथत िािरी मबसजि का तनमाथण ककसन कराया था- मीर िाकी न
110. टोडरमल न ककस कषतर म योगिान क ललए खयातत अबजथत की थी- ि -
राजसव परिि क कषतर म
111. इबनितता की िारत यातरा ककस शासक क काल म िई- मोिममि बिन
तगलक क शासनकाल म 112. ककस मगल शासक का मकिरा िारत म निी ि- जिागीर का(लािौर
पाककसतान म ि) िािर का (कािल म)
113. मोिममि बिन कालसम दवारा लसि की परवजय कि िई- 712 ईसवी म 114. मिमि गजनवी का िरिारी इततिासकार कौन था- उतवी 115. मोिममि गौरी क ककस िास न िगाल और बििार पर परवजय परापत की थी- मोिममि बिन िबखतयार खिलजी न
116. आधर सातवािन वश का वि कौन सा शासक था, बजसन' वणकटक सवामी' की उपाधि िारण की थी- गौतमीपतर सातकखणथ
117. िषथ क शासन काल म' िलम कर' कपरष उतपाि का ककतना िाग वसला जाता था- 1/6 िाग
118. लसि घाटी सभयता क ककस सथल म' पराक सिव ससकतत' सिस मितवपणथ उपलबबि एक जतित का साकषय लमला ि- कालीिाग(राजसथान) म
119. ककस मदिर म लशिर का सिस पिला उिािरण लमलता ि- िवगढ का िशावतार मदिर
120. िौदि िमथ की ककस सगीतत म' िौदि िमथ' िो िागो' िीनयान' तथा मिायान' म परविाबजत िो गया- चौथी सगीतत
121. मानव जीवन की घटनाओ का ललखित वणथन कया किलाता ि- इततिास
122. बजस काल म मानव की घटनाओ का कोई ललखित वणथन निी िोता , उस
काल को कया किा जाता ि- परागततिालसक काल
123. बजस काल म लिन कला क परचलन क िाि उपलबि लि पढ निी जा सक
ि, उस काल को किा जाता ि- आदि ऐततिालसक काल
124. आितनक मनषकय का पररवश िरती पर कि स माना जाता ि- 30- 40 िजार
वषथ पवथ 125. 'परापाषाण यग' क मानव की जीपरवका का मखय आिार कया था- लशकार
126. आग का आपरवषककार ककस काल म िआ- परापाषाण काल म 127. पदिए का आपरवषककार ककस काल म िआ - नवपाषाण काल म 128. मनषकय म सथाई तनवास ककस परवपरतत ककस काल म िई- नवपाषाण काल म 129. मनषकय न सिस पिल ककस पालत िनाया- कतत को 130. मनषकय न सवथपरथम ककस िात का परयोग ककया- ताि का 131. मनषकय दवारा िनाया गया परथम औजार कया था- कलिाडी 132. कलिाडी का पराबपत सथल कया ि- अततरपककम
133. कपरष का आपरवषककार ककस काल म िआ- नवपाषाण काल म 134. मनषकय न सवथपरथम ककस फसल की िती की- सवथपरथम गि तथा उसक िाि
जौ 135. परथम िारतीय परापाषाण कालकतत की िोज ककस सथान पर िई- पललावरम म
136. िारत म पवथ परसतर यग क अधिकाश औजार ककस चीज क िन थ- सफदटक
(पतथर)
137. िडपपा और मोिनजोिडो की ििाई ककसन कराई- सर जान माशथल
138. लसि सभयता क तनवासी मखयता कौन थ- दरपरवण िमधय सागरीय
139. लसि सभयता का सवाथधिक पवी परासथल कौन सा ि- आलमगीरपर
140. लसि सभयता का सवाथधिक उततरीय परासथल कौन सा ि- मािा(बजला अिनर, जमम कशमीर)
141. लसि सभयता का सवाथधिक िकषकषणी परासथल कौन सा ि- िािमािाि(बजला अिमिनगर , मिाराषकर)
142. लसि/ सिव सभयता स परापत पररपकव अवसथा वाल ककतन नगरो को िड
नगरो की सजञा िी गई ि-6 मोिनजोिडो, िडपपा, गढवारीवाला, िोलावीरा, रािीगढी, एव कालीिगन
143. सिव सभयता की सिस िडी इमारत कौन सी ि- मोिनजोिडो स परापत
अननागार
144. मोिनजोिडो स परापत वित सनानागार की माप कया थी-11.88 मी. लिा,7.01 मीटर चौडा एव 2. 43 मीटर गिरा
145. अबगनकड क साकषय किा स परापत िए ि- लोथल एव कालीिगन
146. पशपतत नाथ क चारो ओर कया परवराजमान ि- िाथी, गणा , चीता एव िसा 147. एक नतथकी कक कासय मततथ किा परापत िई- मोिनजोिडो 148. िडपपा की मोिरो पर सिस अधिक ककसका अकन लमलता ि- एक शरगी पश
का 149. मनक िनान क कारिानो क साकषय किा स लमल ि- लोथल एव चनििडो स
150. लसि सभयता क लोगो न नगरो तथा घरो क परवनाश क ललए कौन सी पदितत अपनाई- गरीड पदितत
151. लसि सभयता क लोगो क घरो क िरवाज और खिडककया ककस और िलत
थ- पीछ की ओर
152. लसि सभयता क ककस नगर क िरवाज मखय सडक की ओर िलत थ- लोथल नगर क
153. सिव वासी लमठास क ललए ककसका परयोग करत थ- शिि का 154. चावल क परथम साकषय किा स परापत िई ि- लोथल स
155. सिवकालीन घोड क अबसथपजर किा स लमल ि- सरकोटिा, कालीिगन
एव लोथल
156. लसि सभयता म तौल इकाई ककस अनपात म थी-16 क अनपात म
157. सिव सभयता क लोग यातायात क ललए ककसका परयोग करत थ- िपदिया- चौपदिया िलगाडी व िसा गाडी
158. मसोपोटालमया क अलिलिो म वखणथत मलिा शबि का अलिपराय ककसस ि- लसि सभयता
159. िडपपा ससकतत का शासन सिवता ककस वगथ क िाथो म था- वखणक वगथ क
160. िडपपा एव मोिनजोिडो को एक परवसतत सामराजय की जडवा राजिानी ककसन किा था- परपगगट न
161. लसि सभयता क लोग िरती क कया मानकर पछत थ- उवथरता की िवी 162. वासतपरवक धचनि सिवता ककसकी िन ि- िडपपा सभयता की 163. लसि सभयता म ककस िवता की उपासना सवाथधिक परचललत थी- मातिवी 164. निललसतान लसि सभयता क ककस सथल को किा गया ि- मोिनजोिडो 165. िडपपा म एक अचछ जल परिि का पता ककस सथान स चलता ि- िोलावीरा स
166. िडपपा सभयता म मोिर ककसस िनी थी- सलिडी स
167. िडपपा क तनवासी ककस िल म रधच रित थ- शतरज
168. िडपपा क ककस नगर को 'लसि का िाग' किा जाता था- मोिनजोिडो को 169. िडपपा सभयता क सपणथ कषतर का आकार ककस परकार का था- बतरिजाकार
170. लसि घाटी क लोग ककस िधथयार स पररधचत निी थ- तलवार
171. पिाथ- परथा एव वशयावतत ककस सभयता म परचललत थी- सिव सभयता 172. िडपपा क लोग कौन सी फसल म सिस आग थ- कपास
173. िडपपा क लोगो की सामाबजक पदितत कसी थी- उधचत समतावािी 174. लसि सभयता क लोग ककस परकार क ितथन परयोग म लात थ- काल रग स
डडजाइन ककए िए लाल लमटटी क ितथन
175. लसि कषतर म उतपादित कपास का गरीक या यनान क लोग ककस नाम स
पकारत थ- लसनडन
176. ककस िडपपाकालीन सथल स' पजारी की परसतर मततथ' परापत िई ि- िडपपा 177. ककस लसि कालीन सथल स एक एक ईट पर बिलली का पीछा करत िए कतत
क पजो क तनशान लमल ि- चनििडो 178. ककस िडपपाकालीन सथल स परापत जार पर चोच म मछली िवाए धचडडया एव पड क नीच िडी लोमडी का धचतराकन लमलता ि- लोथल
179. सिव सभयता क परवनाश का सिवता सिस परिावशाली कारण कया था- िाढ
180. आग म पकी िई लमटटी को कया किा जाता ि - टराकोटा 181. रोमन लसकक किा स परापत िए ि- अररकमड(पडचरी क तनकट)
182. आयथ शबि का अथथ कया ि- शरषकठ या कलीन
183. आयो की िाषा कया थी- ससकत
184. आयो का मखय वयवसाय कया था- पशपालन एव कपरष
185. आयो न सिस पिल ककस िात की िोज की- लोिा 186. 'आयथ' शबि कया इधगत करता ि- नजाती समि को 187. वदिक गखणत का मितवपणथ अग कया ि- शलव सतर
188. विो का सकलनकताथ ककस माना जाता ि- मिपरषथ कषकण दवपायन
189. वदिक िमथ का मखय लकषण ककसकी उपासना थी- परकतत की 190. गायतरी मतर ककस पसतक स ललया गया ि- ऋगवि स
191. सरोतर एव पराथथनाए ककस वि स सिधित ि - ऋगवि स
192. ऋगवि म कल ककतन सबकतया ि- 1028
193. कौन सा वि गदय और पदय िोनो म ि- यजवि
194. 'अथवथ 'का अथथ कया ि - पपरवतर जाि
195. परथम परवधि तनमाथता कौन ि-मन 196. कषकण िबकत का परथम और परिान गरथ कौन सा ि- शरीमत िागवत गीता 197. वशपरषक िशथन क परततपािक कौन ि- उलक कणाि
198. मीमासा िशथन क परततपािक कौन ि- जलमनी 199. विात िशथन क परततपािक कौन ि- िािरायण
200. नयाय िशथन को ककसन परचाररत ककया था- गौतम न
201. योग िशथन क परततपािक कौन ि- पतजलल