पैग़ंबर दशा नरदेश महामार रोग पर:...

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1 पैग़ंबरȣ Ǒदशा Ǔनरदेशɉ महामारȣ रोगɉ पर: कोरोना वाइरस 2020 हसीब वरासत संसथान अन वाद: डा. हàमदȣ त[ज़ा-सɮदȣक़ȧ, महब सैन सɮदȣक़ȧ, डा. सरवर त[ज़ा, Translated by: Dr. Mohammadi Murtuza-Siddiqui, Mohammed Mahboob Hussain Siddiqi, Dr. Sarwar Murtuza

Transcript of पैग़ंबर दशा नरदेश महामार रोग पर:...

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पग़बर दशा नरदश महामार रोग पर

कोरोना वाइरस 2020

हसीब नर

वरासत ससथान

अनवाद डा मह मद मतज़ा- स द क़

महबब हसन स द क़ डा सरवर मतज़ा Translated by Dr Mohammadi Murtuza-Siddiqui Mohammed Mahboob Hussain Siddiqi Dr Sarwar Murtuza

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समरपण

यह काम उन सब क लए समरपन ह जो कसी बीमार स पीड़त ह या अकल

जो लोग सोचत ह क उनक पास कोई नह ह िजसक तरफ व ख

कर सक जब कसी क पास अ लाह ह तब उस क पास सब कछ ह उन सब क लए जो हम स पहल अपनी पर परा म गज़र गए और हमार लए

एक वरासत छोड़ गए उन नक लोग क लए जो अमावस क लग म गज़र और

हमार इस ससार क लए िजस आ मा क लग क इलाज क यादा ज़ रत ह

ब न बत अग क बीमार का इलाज

वीक त व ध यवाद मर हमशा सहायक प नी िजसका आभार चकाया नह जा सकता हमार माता-पता दादा-दाद नाना-नानी िजनक ाथना सवशितमान स सरा का साधन ह सलमान अवान व हमज़ा रज़ा क उदार समय सधार क लए काम करन का सबस महवपण सभी धयवाद उस सवशितमान का िजस क ओर हम मड़त ह वीकार मा व आशीवाद क लए - क वह िवकार कर इस फ़ायदमद बनाए पढ़न वाल क लए और साथ ह उमत-महमद व दनया भर पर अपनी रहमत और हदायत स आमीन

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प रचय - श धीकरण - अ याचार और पाप - वा त वकताओ - द य ान-8

- इ लामक धमशासतर महामार सज़ा और दया क प म - सावभौ मक ान 4 णीयॉ द य ड क - वप- उथान शध वचारना या द ख क प म महामार और लग का फ़क़ ndash

- ताऊन व वबा दय थ म महामार लग क बीमारय क उलख को समझना - ताऊन स म का और मद ना क सर ा को समझना - म का और मद ना म महामार क ऐ तहा सक समयरखा - आमावास का लग -

भ व यवाणी और सबख़ मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय

क जीवन स

- बयान हम अ लाह क फरमान हकमनाम स

मनाम क तरफ़ भागरह ह प ट करना - लग और महामार बीमा रय स धा मक कस नपटत

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- व छता ईमान का आधा ह सा ह -

महामार स नबटन का पग़ बर तर क़ा 1 व छता 2 सगरोध 3 रोकथाम 4 सावज नक थान को बद करना पर ा और क ठनाइय पर क़ाब पाना - महामार और बीमार क लए नबी क दआए - अ तम- आग क पढ़ाई - The Le g a c y I ns t i t ut e 2 0 2 0 ht t p l e g a c y i ns t i t ut e

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बि म लाह हररहमान नररह म श अ लाह क नाम जो बीमार क आ ा दता ह और जो इलाज भी उपहार

करता ह जो हम शध करन क लए प र ण करता ह जो कमज़ोर क नधारण दता ह और यह दखता ह क मज़बत लोग अपन

सकाय का उपयोग उन लोग क मदद क लय कस करग िजस स उनक

लालच को ठक करन म मदद मलगी और ताक उन सब क जाच क जाए क

कौन सब स बहतर ह कम म उसन हम पदा कया हम मट स बनाया ताक हम अपनी ताख़त का धोका न

खाऐ और हम अपनी कमज़ोर क जानकार रख वह हम सावभौमक सकत

भजा ह जो घर हए ह ताक हम दय स मानवता तक का सबध याद रह वह मर हए को जीवन दता ह और उसक याद स दल को पनजवत करता ह जो उस जानत ह वह बहत सपन ह जबक व जो सबस धनी ह लकन उस स

लापरवाह ह व बर तरह स ग़रब ह और ग़लतफ़हमी म खोए हए ह कोइ शक नह क बीमार एक पर ण ह और अ लाह क सकत म स एक

सकत ह श धकरण इलाम म बीमार श ध का सकत ह जबक पग़बर (सिल अलाह अलह व सिलम) कसी बीमार यित क घर जात तब कहत (ला बास तहन इनशा अ लाह) कोइ नक़सान नह यह श ध दता ह इशाअ लाह ldquo-1

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उहन कहा एक आितक (मिलम) का उदाहरण - जब वह बीमार या बख़ार स पी ड़त हो ऐसा ह िजस लरह लोह क एक टकड़ को जब आग म दालन स

इसक दोष चल जात ह और अ छ अवशष रह जात ह - 2

उहन कहा बीमार स मलन जाए अतम स कार क जलस क साथ जाए अपन आप को अगल जीवन क याद दलाए - 3

य रसल क महरबानी पढ़ क जब उनक समदाय क एक म हला क

ग़रमौजदगी महसस हई और उसक बार म जानकार करन पर पता चला क वह

बीमार ह तब उहन उस दखन क लय गए उस क लए दआ क और उस दलासा दन वाल शद और उपि थत द उम - अल - अला न कहा अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) म बीमार होन पर मझस मलन

आए उहन न कहा ख़श हो उम अल-अला अलाह एक मिलम क पाप को बीमार स उसी कार दर करता ह िजस तरह आग सोन और चाद क दोष

को दर करती ह-4

और य नबी न कहा कोइ वप मिलम को नह काटती सवाय इसक क

अ लाह उनस उनक पाप को दर करता ह भल ह व काट स चभ ह -5

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ज़ म (अ याचार) और पाप हालाक भम म बीमार श ध हो सकती ह यह अ लाह क नाराज़गी का सकत भी हो सकता ह पाप या अयाचार क कारणअब बकर स दख़

(अलाह उन स सन हो) न फ़रमाया ओ लोग यह आयत पढ़हो

ايہا کم ال انفسکم عليکم امنوا الذين ي ن يضر جميعا مرجعکم الی اہتديتم اذا ضل م تعملون کنتم بما فينبئکم

ह ववासय आप कवल अपन लए जवाबदह ह अगर कोई भटकना चाह तो यह आपको नक़सान नह पहचाएगा - जब तक आप सह तर क़ स नद शत

होत ह तम सब क सब अलाह ह क तरफ़ लौट कर जाना ह तब तम जो कछ करत थ (अलाह) तह बता दगा (5 10 5) लकन म न रसलअलाह (सिल अलाह अलह व सिलम) क कहत हए सना ldquoजब लोग कसी ज़ालम

को दखत ह ल कन उ ह उनक ज़ म और बराई स नह रोकत तब अ लाह उन

सभी को सज़ा क साथ घर लगा - (6)

अ लाह आ ख़रकार हर यि त का उन क इराद क आधार पर याय करता ह कोई भी पी ड़त यि त को अ लाह स अ छा सदह रखना चा हए और उ ह

वय अपन आप को भी जवाबदह होना चा हए रसलअलाह (सिल अलाह अलह व सिलम) न फ़रमाया एक सना काबा पर छापा मारागी और जब वह एक रगतान पक पहचगी उन सभी को पवी नगल जाएगी

8

आयशा न पछा या रसलअ लाह उन सभी को य

उहन जवाब दया उन सभी को प वी नगल जाएगी लकन उह उनक

इराद क अनसार नणय क लए उठाया जाएगा -(7)

आयश न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स

वप य (लग) क बर म पछा और उहन जवाब दया यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस भी चह उन पर भजता ह ल कन अ लाह न व वा सय क लए

इस एक दया बनायी ह जो कोई अ लाह का सवक लग स पी ड़त भ म म

रहता ह और धय स रहता ह और अ लाह स इनाम क उ मीद रखता ह यह

जानत हए क उ ह कछ नह होगा सवाय वह क जो अ लाह न ह म कया उ ह शह द का पर कार दया जाएगा -(8) वा त वकताओ (स चाई) बीमार और अधक वशष प स महामार चता क भावना लात ह अ ात

पी ड़त बीमार क भावना हम अ नि चतता क भावना द सकती ह और कछ

लाचार भी यह इन समय म हम भावनामक और आयािमक लचीलापन (लौटाव) का नमाण करत ह हमार ववास क त िजस पर हमारा ववास थापत ह हम यह ववास (यक़ न) ह क कछ भी यि त को घ टत नह होता सवाय अ लाह क इ छा क और इसम दया उदय ह भल ह हम इस नह समझ सकत ह अलाह का उ द य और ान ह िजस हम अनभव कर सकत ह और कभी नह कर

9

सकत ह फर भी हमारा व वास उस गहराई तक पहचा हआ ह क सब

अलाह क तरफ़ स ह जो सवशितमान बधमान ह

١٨﴿ الخبير الحکيم ہو و عباده فوق القاہر ہو و वह अपन तमाम ब द पर ग़ा लब ह और वह व क़फ़कार हक म ह (ख़रान 6 18)

ہم و رسلنا توفتہ الموت احدکم جاء اذا حتی حفظۃ عليکم يرسل و عباده فوق القاہر ہو و طون ال يفر

वह अपन ब द पर ग़ा लब ह वह तम लोग पर नगहबान (फ़ र त तनात करक)

भजता ह -यहा तक क जब तम म स कसी क मौत आए तो हमार भज हए फ़ र त उसको (द नया स) उठा लत ह और वह (हमार तामील हम म ज़रा भी) कोताह नह करत (Qu ra n 6 61)

صيبۃ من اصاب ما يؤمن من و باذن اال م و قلبہ يہد با عليم شیء بکل

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कोई भी मसीबत नह आती ह सवाय अ लाह क अनम त स और जो श स

अ लाह पर ईमान लाता हतो अ लाह उसक दल क हदायत करता ह और

अलाह हर चीज़ स ख़ब वाक़फ़ ह (qu ra n 64 11) भल ह हम तकलता कठोरताछ क ान को नह समझसकत उनक नधन म

र उप ा क वा त वकता क आव यकता को दखत ह हमार आ मा क उप ा परमा मा स

अपन लगाव क उप ा एसा नह क हम सीखन क लए क ठनाई क आव यकता ह ल कन यह कछ ान को त ब बत करता ह य क कोईभी कठनाई स नह बचा ह ल कन हम सभी को उनस पार पान क लए व वास क आव यकता ह क ठनाई क ण हम हमदद सखात ह वह यि त जो मि कल स गज़ारा हो दसर क साथ यि तगत प स सहानभ त रख सकता ह इन ण म हम मानवता क

त क णा और सवा क काय दखत ह िजसस हम सबक़ लत ह और हम बाधत ह जो कवल व वास ह सखा सकता ह याग क शि त उस समय सब स मज़बत होती ह जब कसी क पास दन क लए बहत कम होन

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उस ण म दसर क लाभ क लए दता ह यह हम अ लाह और उसक महबब

बक़

ह साम हक प स कमजोर होन पर मानवता का वाथ कम हो जाता ह और व सीखत ह क उनका एक मा समाधान एक दसर क ओर मड़ना ह और उसी को पकारना ह जो उ ह बाधता ह वा तव म हम सीखत ह क हम जो स ची तयार करनी ह वह आ याि मक ह हम जो धलाई और श ध चा हए वह दल क ह सगरोध हम यादा चा हए अपन अहकार इछाओ नश क लत स दर रहन क व वास सखाता ह क- सबस हताश समय हम हमार भधता और अपन वय क

बार सखाता ह हम सब न दखा जस क बताया गया क सब स प व थानना पर जान स अ थायी तबध कया गया ह हा व वासनह जान स दखी नह होना ह ल कन हम म स कतन न पछा या प व आ मा क भावना हमार दल म टक हई ह या म का म काबा म पाई गई अ लाह क प व ता

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हमार सीन म भी पाई जाती ह या वह यार अमन

र नबी क शहर म पात ह और उनक तर क़ का पालन करनाहोती ह हम अ थायी तबध पर वचार कर सकत ल कन हम कभी भी अ लाह क दया स तब धत नह होना चाहत ह उ मीद ह क हम कभी भी अ लाह क नबी क उदाहरण क अनसारण करन स

कभी पीछ न हट और उनक स दश का प लव क उ ह सार सि ट पर दया करन क लए भजा गया था उ मीद ह क हम कभी भी इस द नया स इतना लगाव ना रख क हम ज़मीन पर लड़त रह जब क हम इसी ज़मीन म हमर अ तम वापसी ह योजनाए बदल सकती ह पसा खो सकता ह तरह क वप कलए तयार करता ह यह ज़ र नह क इस हटा द धन क हा न म वशष प स आप आि तक का नशान दखग दया या लया गया सब कछ सबस

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उ च सबस अ धक दनवालाहसस करत ह तो उस यि त क बार म सोच िजसक पास कछ नह ह सघष क समय आभार होन स सवधन म ऐसा करनाआसान बनता ह हमार यार नबी का फरमान ह

अ लाह स सावधान रह और वह त हार र ा करगा अ लाह स सावधान रह तम उस अपन सामन पाओग अगर आप पछत ह तो अ लाह ह स पछ अगर तम मदद चाहत हो तो अ लाह ह स मदद लोऔर जान लो क अगर रा को इक ठा कर आपको लाभ पहचानक लए व आपको लाभ नह द सकत सवाय

इसक क अ लाह न आपक लए पहल स नधा रत कया ह और अगर व कसी भी चीज़ क साथ आपको नक़सान पहचान क लए इकठाहए व आप को नक़सान

नह पहचा सकत सवाय इसक क अ लाह न आपक लए पहल स नधा रत

कया ह क़लम उठा लए गए ह और प ठ सख गए ह और उ ह न कहा अ लाह स सावधान रह तम उस अपन सामन पाओग अ लाह को आसानी और सम ध क समय पहचानो और वीकार करो और वह आपको वप क समय याद रखगा और जान लो क जो चीज़ तम तक नह पहची और पास स गज़र गई वह त हार लए घ टत नह था और जो त हार लए घ टत था वह त हार पास स गज़रन वाल नह थी - (9)

द य ान

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सब स पहल और सब स मह वपण कोई भी यि त यह

कता क अ लाह न मानवता पर यातना य भजा ह यह अ लाह क हकमत ह जो कवल वह नद ट कर सकता ह

महामार क बीमार लए नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क हद स स

प ट ह क व वान न व ीय को कस दखा - (10 ) व भ न लोग पर लाग सावभौ मक समझदार क बीच उनक इराद क अनसार

और

उनक लए अ लाह कस इ छा रखत ह

1 सकत - यह सवशि तमान क सावभौ मक शि त और

ब क लए एक सकत ह 2 आशीवाद और दया- जस क नबी न बताया 3 कारण - उनका समय और तार ख़ जो नधन हो गया था

ण था यह कोरोनावाइरस नह होता तो कछ और होता 4 सज़ा - अयाचार करन वाल और अ वीकार करन वाल क लए

इसक अलावा यह इ लामी धा मक क दायर म जाता ह ककस तरह कसी वप क समझ सकता ह या तो यह

1 उ न त - एक पर ण िजस म अ लाह उन लोग क ि थ तह

चाहता ह

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2 श धकरण - जो पापन म अगल क तलनाम साफ़ हो जाए

3 त ब ब - कसी यि त को सकत दन क लए ता क

लौट आए 4 या यातना - पाप और अ वीकार क लए सज़ा

हमार पास कसी एक सावभौ मक बयान नबी का नह ह जो प ट प स यि त

और पी ड़त होन क ि थ त पर नभर करता कवल अ लाह यि तय का याय

करता ह और व य पी ड़त थ इसक सट क समझदार उनक लए व श ट ह पवक थत हद स सावभौ मक ान पर काश

डालती ह और हर यि त क कार क

दःख वय ख़द क लए जवाबदह होत ह सभी उठाए जाएग और अपन अपन इराद क अनसार उनका फ़सला होगा आयशा न पछा

ओ अ लाह क रसल उन सभी को य उ हन जवाब दया

उन सभी को प वी वारा नगल लया जाएगा ल कन उ ह उनक इराद क अनसार नणय क लए उठाया जाएगा यह अ लाह क व वध स धात स ह अगर यह सज़ा हो भी जाए शा मल कर सकती ह उनक इराद और समझदार क आधार पर जसा क ऊपर बताया गया और यह

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व वा सय ग़र-

व वा सय नदश या ज़ा लम क बीच अतर नह करतामान

ۃ منکم ظلموا الذين تصيبن ال فتنۃ اتقوا و ا و خاص ان اعلمو العقاب شديد और उस फतन स डरत रहो जो ख़ास उ ह लोग पर नह पड़गा िज ह न तम

म स

ज़ म कया (बि क तम सबक सब उसम पड़ जाओग) और यक़ न मान क अ लाह

बड़ा सत अज़ाब करन वाला ह (Qu ra n 8 2 5) बि क यह यक आि तक पर ख़द को बचान क लए आव यक साधन लना चा हए च क साक य प स शार रक प स

दसर क लए नवारक उपाय कर एसा कह जान क बाद लोग को घरन वाल वप का द यहश वारा उ लख कयागया ह िजस न बताया क नबी (सि ल अ लाह अल ह

व सि लम) एक दन उनक पास डर क ि थत म आए और कहा

ला इलाहा इ लला (कोई भी पजा क यो य नह सवाय अ लाह क)

अरबलोग पर एक आस न बराई स जो उ ह भा वत करगा आज इस आकार

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का एक छद याजज और माजज को रोकन वाल द वार म बनाया गया हऔर उ ह न अपन अगठ और

तजनीस एक च बनाया ज़नब न कहा या रसलअ लाह

या हम न ट ह ग जब क धम लग हमार बीच ह उ ह न उ र दया हा य द द टता फलती ह तो भल होती ह (11) इन हद स म उ ल खत ई वरय फरमान क यापक स चाई एक महामार क

जो द नया पर हमला करसकती ह और वशष प स लोग क समह पर -

अ लाह क सकत म स ह जो अ लाह अपनी सि ट पर भजता ह वा त वकता क

सकत परमामा क हाथ जो उसक सिट पर ह क उपीड़क उसक पकड़ स बच

नह सकत और उसी का भव ह और उसक यहा अतम वापसी ह अततः अ लाह का ान हमार समझ क सी मत दायर को पार कर जाता ह और कवल

सवशि तमान क पास अपनी ब ध का सह सार ह हमनामा म उदा और उसक भाव म स म यह सफ़ कछ ान ह जो हमार द य थ म गीत ह

सर म ान शा मल ह जस क कसी चीज़ स आपक र ा कराक म य पर त ब बत करन क लए एक वकअप काल ह अ लाहऔर कवल बहतर हाइजीन क मा यम स बीमार नह फलान क बार म जानकार कर

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अ लाह का फरमान ह

ا االرض نبات بہ فاختلط السماء من انزلنہ کماء الدنيا الحيوة مثل انما ا و الناس ياکل ممينت و زخرفہا االرض اذااخذت حتی النعام ل امرنا اتہا عليہا قدرون انہم اہلہا ظن و از

ل کذلک باالمس لمتغن کان حصيدا فجعلنہا نہارا او يال يت نفص يتفکرون لقوم اال द नयावी िज़दगी क मसल तो बस पानी क सी ह क हमन उसको आसमान स

बरसाया फर ज़मीन क साग पात िजसको लोग और चपाए खा जात ह (उसक साथ मल-जलकर नकल यहा तक क जब ज़मीन न (फसल क चीज़ स) अपना बनाव सगार कर लया और (हर तरह)

आरासता हो गई और खतवाल न समझ लया क अब वह उस पर यक नन क़ाब पा गए (जब चाहग काट लग) यकायक हमारा ह म व अज़ाब

रात या दन को आ पहचा तो हमन उस खत को ऐसा साफ कटा हआ बना दया क

गोया कल उसम कछ था ह नह जो लोग ग़ौर व फ़ करत ह उनक लए हम आयत को य तफ़सीलदार बयान करत ह (Quran 1024)

क ठनाइय स नपटन का मि लम दशन तब सावभौ मक ब धम ा को दशाता ह और अपन आप स पछता ह म या कर सकता ह एक

अनदखी तमान पर सवाल उठान और या यक गलतफहमी स खद

को पग बनान क बजाय ऐसा सवाल नह करना चाइय ldquoभगवान न

ऐसा य कयाrdquo

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महामार रोग और लग का फख़ यह सवाल हम या कर सकत ह का चचा इ लामी व वान क बीच कया गया ह वह बीमार जो फलती ह या महामार वग़रह क लए जो स नत म इ तमाल क गई ह वह ह - तावन या वबा कभी-कभी यह श द को परसपार (अदल बदल स) इ तमाल कया जाता ह और अ य समय म यह कसी वशष कार

महामार या रोग जो क महामार क स मान हो या लग इययाद न कहा क ताऊन एक व श ट कार क बीमार

लए सद भत करता हिजस म शर र पर फोड़ फल जात और वबा सभी महामार बीमार क लए इ तमाल करत ह वबा को ताऊन कहा जाता ह य क वह मतय का कारण बन सकता ह

वबा ह ल कन हर वबा ताऊन नह ह - (12 ) म तसर तौर पर ताऊन और वबा एक दसर क बदल म

द य

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थ म इनक बीच का अतर उस वख़त ज़ र ह जब व श ट हद स पर चचा कया जाता ह नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) का फ़रमान ह

म न (सपन म) दखा एक अनचाह बाल वाल नीरस अधर म हला मद ना स नकल कर महाइया म बसन क

तक क प म या या यत कया क यह मद ना स महाइया यानी अल-

जहफा क तरफ़ भजा जा रहा ह -(13)

यहा पर नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) वबा क तरफ़ इशारा कर रह थ - ख़ास कर मल रया और इ फ़लएनज़ा जो क उस व त मद ना म मौजद थाहा था और शहर इसस यापत था यहातक क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क दोन वालदन इसी बीमार क वजह स गजर ह ग य क इस शहर क साथ जड़ यह बीमार क कारण यहा वबा को बीमार क प मसद भत कया गया जो कई लोग को मारबीमार कर रहा था नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) शहर को इस बीमार स म त करन और श ध करन क व श ट ाथना करत

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या अ लाह मद नाह को हम यारा बनाइए िजस तरह आप बनया और उस स भी अ धक और इस म होन वाल बख़ार को अल-

जोहफा म थानातरण कर दना ओअ लाह हमार मद औरत द

(भोजन और ावधान क लए वज़न क कार) - (14) और जब नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

ताऊन ( लग महामार क बीमार ) एक रजज़ ( वप ) सज़ा ह जो उसन तम स

पहल आन वाल को दया था और आयशा न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स ताऊन क बार म जानकार क ओर उ हन कहा

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस चाह उस भज दता ह ल कन अ लाह न इस व वा सय क लए एक दया बना दया ह यह दोन सदभ

ताऊन क महामार बीमार का उ लख करत ह नबी (सिल अलाह अलह व सिलम) मदना क तालजक़ स फ़रमात ह

मद ना क वश वार पर वगदत ह जो ताऊन ( लग) और दजजाल ( वरोधी मसीह) को इसम वश करन स रोकत ह -(15)

इस मामल म ताऊन महामार क व श ट बीमार या स धत करता ह ल कन मद ना सामा य महामार क बीमा रय स सर त नह ह

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इमाम नववावी न कहा

यहा ताऊन का मतलब पीप स भर दान (फ़ोड़) जो शर र पर फटत ह य ऊसन ध या बगल यादत ह सजन और ती दद क साथ

ह ह -(16) यह हद स हमर समझ म मह वपण ह य क मद ना म लग वश होन स सर

ह ल कन महामार रोग स नह कई बार महामार बीमारवश

हई ह उमर (अलाह उनस सन हो) क ख़लाफ़त क समय सहत म का और मद ना क कछ महामार य क ऐ तहा सक समयरखा १३-१४ हजर (13-14H) क बीच -

अब अलअसवद ( स ध व वान िज ह न अरबी याकरण क नयम को नकाला) बयान करत ह

म मदना गया था जब बीमार का कोप हआ था और लोग तज़ी स मर रह थ म उमर क साथ बठा हआ था और वहा स एक अ तम स कार का जलस गज़रा (17)

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१५२ हजर (152 H)

- इ तहासकार महममद अलमग़धा व वारा पाया गया एक महामार क राहत

क लए ाथना क एक च टान पर एक शलालख शलालख लखा ह

ओ अलाह मदना क लोग स वबा (महामार रोग) और कठनाई को दर कर लखा गया जमादा साल 152

७३५ (735 H)

- ड थी रया महामार न मद ना म पी ड़त हआ िजस स हर दन 15 लोग क मय होती थी उ ह न इस स पहल ऐसा कछ नह दखा था ७४९ (749 H) - महामार क बीमार न म का म पी ड़त हआ

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1235 H (1814 CE) - महामार क कारण सामाय प स हजाज़ म 80 0 0 क मौत हो जाती ह 1246 H (1831 CE) - भारत स आई एक महामार क बीमार न म का म तीथया य क तीन चौथाई को मार दया 1252-1255 H (1837 CE-1840 CE) - म का म हज क अव ध म महामार रोग होत ह Pg १३ (13) TLI अमावस का लग - भ व यवाणी और मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय क जीवन म सबक़ नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न 9H म तबक क अ भयान क दौरान

कई

भवयवाणीया क उनम स एक लग जो उनक कई अनयायय को भावत करगा औफ़ बन मा लक अल-अशजाई न कहा

म तबक क अ भयान क दौरान अ लाह क रसल (सि लअ लाह अल ह व सि लम) क पास आया जब क वह चमड़ क बन हए तब म थन बठगया

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रसलअ लाह (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

दाखल हो ओ औफ़ म कहा मसब या रसलअलाह उहन कहा

आप सभी फर उ ह न कहा

ओ औफ़ छह चीज़ याद रख जो अ तम घट स पहल घ टतक

मर मौत ह म इस स बहत हरान और दखी हआ उ हन कहा

इस पहल क प म गनो फर बतअलमख़दस ज सलम क वजय आएगी फर एक बीमार जो आपक बीच दखाई दगी और आपको औरआपक ब च को शह द क प म मरन का कारण बनगी आपक कम को श ध करगी फर आपक बीच बहत धन होगा ता क अगर एक आदमी को सौ द नार दए जाए तो भी वह असत ट

रहगा और आपक बीच लश होगा जो कसी भी मि लम घर को अछता नह रखगा फर आपक

और रोमन क बीच एक स ध

होगी फर व आपको धोखा दग और असी बनर क साथ आपक ख़लाफ़ माच

करग िजनम स यक क तहत बारह हज़ार सनक हग -(18) नबी क भ व यवाणी म बीमार का उ लख उमर इबन ख़तताब क खलाफत क दौरान हआ वष 18 H 639 CE म एक सय अभयान क दौरान अमावस -

(19) फलसतीन बत अलमखदस(ज सलम) स 30

26

फट पड़ा और नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कई साथी पी ड़त हए अलजौहर न कहा यह इ लाम का पहला लग था

(2 0 ) जसा क नबी (सिलअलाह अलह व सिलम) वारा भ व यवाणी क गई थी उस समय क ख़ल फ़ा उमर न इसक बार म

सना और

उसक चता क कारण उनस मलन क लए नकल पड़ अ द ला इ न अ बास उन घटनाओ का वणन करत ह जब उमर इ न ख़तताब

न शाम (ल वाट फलस तन

वह शरग

नामक एक जगह पर पहच तो सना क कमाडर अब उबयदा इ न जराह और उनक

साथी उमर स मल और बताया क एक लग शाम म फल गया ह अदला इन अबास न कहा उमर न मझस कहा

थम महािजर (सबस श आती मि लम जो मद नाक अ वासी थ) को मर लए

बलाव मन उ ह बलायाएक लग शाम म पी ड़त ह व असहमत थ उनम कछ न कहा आप कसी मामल पर

नकल पड़ हऔर हम नह लगता क आपको इस स पीछ हटना चा हएदसर

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

2

समरपण

यह काम उन सब क लए समरपन ह जो कसी बीमार स पीड़त ह या अकल

जो लोग सोचत ह क उनक पास कोई नह ह िजसक तरफ व ख

कर सक जब कसी क पास अ लाह ह तब उस क पास सब कछ ह उन सब क लए जो हम स पहल अपनी पर परा म गज़र गए और हमार लए

एक वरासत छोड़ गए उन नक लोग क लए जो अमावस क लग म गज़र और

हमार इस ससार क लए िजस आ मा क लग क इलाज क यादा ज़ रत ह

ब न बत अग क बीमार का इलाज

वीक त व ध यवाद मर हमशा सहायक प नी िजसका आभार चकाया नह जा सकता हमार माता-पता दादा-दाद नाना-नानी िजनक ाथना सवशितमान स सरा का साधन ह सलमान अवान व हमज़ा रज़ा क उदार समय सधार क लए काम करन का सबस महवपण सभी धयवाद उस सवशितमान का िजस क ओर हम मड़त ह वीकार मा व आशीवाद क लए - क वह िवकार कर इस फ़ायदमद बनाए पढ़न वाल क लए और साथ ह उमत-महमद व दनया भर पर अपनी रहमत और हदायत स आमीन

3

प रचय - श धीकरण - अ याचार और पाप - वा त वकताओ - द य ान-8

- इ लामक धमशासतर महामार सज़ा और दया क प म - सावभौ मक ान 4 णीयॉ द य ड क - वप- उथान शध वचारना या द ख क प म महामार और लग का फ़क़ ndash

- ताऊन व वबा दय थ म महामार लग क बीमारय क उलख को समझना - ताऊन स म का और मद ना क सर ा को समझना - म का और मद ना म महामार क ऐ तहा सक समयरखा - आमावास का लग -

भ व यवाणी और सबख़ मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय

क जीवन स

- बयान हम अ लाह क फरमान हकमनाम स

मनाम क तरफ़ भागरह ह प ट करना - लग और महामार बीमा रय स धा मक कस नपटत

4

- व छता ईमान का आधा ह सा ह -

महामार स नबटन का पग़ बर तर क़ा 1 व छता 2 सगरोध 3 रोकथाम 4 सावज नक थान को बद करना पर ा और क ठनाइय पर क़ाब पाना - महामार और बीमार क लए नबी क दआए - अ तम- आग क पढ़ाई - The Le g a c y I ns t i t ut e 2 0 2 0 ht t p l e g a c y i ns t i t ut e

5

बि म लाह हररहमान नररह म श अ लाह क नाम जो बीमार क आ ा दता ह और जो इलाज भी उपहार

करता ह जो हम शध करन क लए प र ण करता ह जो कमज़ोर क नधारण दता ह और यह दखता ह क मज़बत लोग अपन

सकाय का उपयोग उन लोग क मदद क लय कस करग िजस स उनक

लालच को ठक करन म मदद मलगी और ताक उन सब क जाच क जाए क

कौन सब स बहतर ह कम म उसन हम पदा कया हम मट स बनाया ताक हम अपनी ताख़त का धोका न

खाऐ और हम अपनी कमज़ोर क जानकार रख वह हम सावभौमक सकत

भजा ह जो घर हए ह ताक हम दय स मानवता तक का सबध याद रह वह मर हए को जीवन दता ह और उसक याद स दल को पनजवत करता ह जो उस जानत ह वह बहत सपन ह जबक व जो सबस धनी ह लकन उस स

लापरवाह ह व बर तरह स ग़रब ह और ग़लतफ़हमी म खोए हए ह कोइ शक नह क बीमार एक पर ण ह और अ लाह क सकत म स एक

सकत ह श धकरण इलाम म बीमार श ध का सकत ह जबक पग़बर (सिल अलाह अलह व सिलम) कसी बीमार यित क घर जात तब कहत (ला बास तहन इनशा अ लाह) कोइ नक़सान नह यह श ध दता ह इशाअ लाह ldquo-1

6

उहन कहा एक आितक (मिलम) का उदाहरण - जब वह बीमार या बख़ार स पी ड़त हो ऐसा ह िजस लरह लोह क एक टकड़ को जब आग म दालन स

इसक दोष चल जात ह और अ छ अवशष रह जात ह - 2

उहन कहा बीमार स मलन जाए अतम स कार क जलस क साथ जाए अपन आप को अगल जीवन क याद दलाए - 3

य रसल क महरबानी पढ़ क जब उनक समदाय क एक म हला क

ग़रमौजदगी महसस हई और उसक बार म जानकार करन पर पता चला क वह

बीमार ह तब उहन उस दखन क लय गए उस क लए दआ क और उस दलासा दन वाल शद और उपि थत द उम - अल - अला न कहा अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) म बीमार होन पर मझस मलन

आए उहन न कहा ख़श हो उम अल-अला अलाह एक मिलम क पाप को बीमार स उसी कार दर करता ह िजस तरह आग सोन और चाद क दोष

को दर करती ह-4

और य नबी न कहा कोइ वप मिलम को नह काटती सवाय इसक क

अ लाह उनस उनक पाप को दर करता ह भल ह व काट स चभ ह -5

7

ज़ म (अ याचार) और पाप हालाक भम म बीमार श ध हो सकती ह यह अ लाह क नाराज़गी का सकत भी हो सकता ह पाप या अयाचार क कारणअब बकर स दख़

(अलाह उन स सन हो) न फ़रमाया ओ लोग यह आयत पढ़हो

ايہا کم ال انفسکم عليکم امنوا الذين ي ن يضر جميعا مرجعکم الی اہتديتم اذا ضل م تعملون کنتم بما فينبئکم

ह ववासय आप कवल अपन लए जवाबदह ह अगर कोई भटकना चाह तो यह आपको नक़सान नह पहचाएगा - जब तक आप सह तर क़ स नद शत

होत ह तम सब क सब अलाह ह क तरफ़ लौट कर जाना ह तब तम जो कछ करत थ (अलाह) तह बता दगा (5 10 5) लकन म न रसलअलाह (सिल अलाह अलह व सिलम) क कहत हए सना ldquoजब लोग कसी ज़ालम

को दखत ह ल कन उ ह उनक ज़ म और बराई स नह रोकत तब अ लाह उन

सभी को सज़ा क साथ घर लगा - (6)

अ लाह आ ख़रकार हर यि त का उन क इराद क आधार पर याय करता ह कोई भी पी ड़त यि त को अ लाह स अ छा सदह रखना चा हए और उ ह

वय अपन आप को भी जवाबदह होना चा हए रसलअलाह (सिल अलाह अलह व सिलम) न फ़रमाया एक सना काबा पर छापा मारागी और जब वह एक रगतान पक पहचगी उन सभी को पवी नगल जाएगी

8

आयशा न पछा या रसलअ लाह उन सभी को य

उहन जवाब दया उन सभी को प वी नगल जाएगी लकन उह उनक

इराद क अनसार नणय क लए उठाया जाएगा -(7)

आयश न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स

वप य (लग) क बर म पछा और उहन जवाब दया यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस भी चह उन पर भजता ह ल कन अ लाह न व वा सय क लए

इस एक दया बनायी ह जो कोई अ लाह का सवक लग स पी ड़त भ म म

रहता ह और धय स रहता ह और अ लाह स इनाम क उ मीद रखता ह यह

जानत हए क उ ह कछ नह होगा सवाय वह क जो अ लाह न ह म कया उ ह शह द का पर कार दया जाएगा -(8) वा त वकताओ (स चाई) बीमार और अधक वशष प स महामार चता क भावना लात ह अ ात

पी ड़त बीमार क भावना हम अ नि चतता क भावना द सकती ह और कछ

लाचार भी यह इन समय म हम भावनामक और आयािमक लचीलापन (लौटाव) का नमाण करत ह हमार ववास क त िजस पर हमारा ववास थापत ह हम यह ववास (यक़ न) ह क कछ भी यि त को घ टत नह होता सवाय अ लाह क इ छा क और इसम दया उदय ह भल ह हम इस नह समझ सकत ह अलाह का उ द य और ान ह िजस हम अनभव कर सकत ह और कभी नह कर

9

सकत ह फर भी हमारा व वास उस गहराई तक पहचा हआ ह क सब

अलाह क तरफ़ स ह जो सवशितमान बधमान ह

١٨﴿ الخبير الحکيم ہو و عباده فوق القاہر ہو و वह अपन तमाम ब द पर ग़ा लब ह और वह व क़फ़कार हक म ह (ख़रान 6 18)

ہم و رسلنا توفتہ الموت احدکم جاء اذا حتی حفظۃ عليکم يرسل و عباده فوق القاہر ہو و طون ال يفر

वह अपन ब द पर ग़ा लब ह वह तम लोग पर नगहबान (फ़ र त तनात करक)

भजता ह -यहा तक क जब तम म स कसी क मौत आए तो हमार भज हए फ़ र त उसको (द नया स) उठा लत ह और वह (हमार तामील हम म ज़रा भी) कोताह नह करत (Qu ra n 6 61)

صيبۃ من اصاب ما يؤمن من و باذن اال م و قلبہ يہد با عليم شیء بکل

10

कोई भी मसीबत नह आती ह सवाय अ लाह क अनम त स और जो श स

अ लाह पर ईमान लाता हतो अ लाह उसक दल क हदायत करता ह और

अलाह हर चीज़ स ख़ब वाक़फ़ ह (qu ra n 64 11) भल ह हम तकलता कठोरताछ क ान को नह समझसकत उनक नधन म

र उप ा क वा त वकता क आव यकता को दखत ह हमार आ मा क उप ा परमा मा स

अपन लगाव क उप ा एसा नह क हम सीखन क लए क ठनाई क आव यकता ह ल कन यह कछ ान को त ब बत करता ह य क कोईभी कठनाई स नह बचा ह ल कन हम सभी को उनस पार पान क लए व वास क आव यकता ह क ठनाई क ण हम हमदद सखात ह वह यि त जो मि कल स गज़ारा हो दसर क साथ यि तगत प स सहानभ त रख सकता ह इन ण म हम मानवता क

त क णा और सवा क काय दखत ह िजसस हम सबक़ लत ह और हम बाधत ह जो कवल व वास ह सखा सकता ह याग क शि त उस समय सब स मज़बत होती ह जब कसी क पास दन क लए बहत कम होन

11

उस ण म दसर क लाभ क लए दता ह यह हम अ लाह और उसक महबब

बक़

ह साम हक प स कमजोर होन पर मानवता का वाथ कम हो जाता ह और व सीखत ह क उनका एक मा समाधान एक दसर क ओर मड़ना ह और उसी को पकारना ह जो उ ह बाधता ह वा तव म हम सीखत ह क हम जो स ची तयार करनी ह वह आ याि मक ह हम जो धलाई और श ध चा हए वह दल क ह सगरोध हम यादा चा हए अपन अहकार इछाओ नश क लत स दर रहन क व वास सखाता ह क- सबस हताश समय हम हमार भधता और अपन वय क

बार सखाता ह हम सब न दखा जस क बताया गया क सब स प व थानना पर जान स अ थायी तबध कया गया ह हा व वासनह जान स दखी नह होना ह ल कन हम म स कतन न पछा या प व आ मा क भावना हमार दल म टक हई ह या म का म काबा म पाई गई अ लाह क प व ता

12

हमार सीन म भी पाई जाती ह या वह यार अमन

र नबी क शहर म पात ह और उनक तर क़ का पालन करनाहोती ह हम अ थायी तबध पर वचार कर सकत ल कन हम कभी भी अ लाह क दया स तब धत नह होना चाहत ह उ मीद ह क हम कभी भी अ लाह क नबी क उदाहरण क अनसारण करन स

कभी पीछ न हट और उनक स दश का प लव क उ ह सार सि ट पर दया करन क लए भजा गया था उ मीद ह क हम कभी भी इस द नया स इतना लगाव ना रख क हम ज़मीन पर लड़त रह जब क हम इसी ज़मीन म हमर अ तम वापसी ह योजनाए बदल सकती ह पसा खो सकता ह तरह क वप कलए तयार करता ह यह ज़ र नह क इस हटा द धन क हा न म वशष प स आप आि तक का नशान दखग दया या लया गया सब कछ सबस

13

उ च सबस अ धक दनवालाहसस करत ह तो उस यि त क बार म सोच िजसक पास कछ नह ह सघष क समय आभार होन स सवधन म ऐसा करनाआसान बनता ह हमार यार नबी का फरमान ह

अ लाह स सावधान रह और वह त हार र ा करगा अ लाह स सावधान रह तम उस अपन सामन पाओग अगर आप पछत ह तो अ लाह ह स पछ अगर तम मदद चाहत हो तो अ लाह ह स मदद लोऔर जान लो क अगर रा को इक ठा कर आपको लाभ पहचानक लए व आपको लाभ नह द सकत सवाय

इसक क अ लाह न आपक लए पहल स नधा रत कया ह और अगर व कसी भी चीज़ क साथ आपको नक़सान पहचान क लए इकठाहए व आप को नक़सान

नह पहचा सकत सवाय इसक क अ लाह न आपक लए पहल स नधा रत

कया ह क़लम उठा लए गए ह और प ठ सख गए ह और उ ह न कहा अ लाह स सावधान रह तम उस अपन सामन पाओग अ लाह को आसानी और सम ध क समय पहचानो और वीकार करो और वह आपको वप क समय याद रखगा और जान लो क जो चीज़ तम तक नह पहची और पास स गज़र गई वह त हार लए घ टत नह था और जो त हार लए घ टत था वह त हार पास स गज़रन वाल नह थी - (9)

द य ान

14

सब स पहल और सब स मह वपण कोई भी यि त यह

कता क अ लाह न मानवता पर यातना य भजा ह यह अ लाह क हकमत ह जो कवल वह नद ट कर सकता ह

महामार क बीमार लए नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क हद स स

प ट ह क व वान न व ीय को कस दखा - (10 ) व भ न लोग पर लाग सावभौ मक समझदार क बीच उनक इराद क अनसार

और

उनक लए अ लाह कस इ छा रखत ह

1 सकत - यह सवशि तमान क सावभौ मक शि त और

ब क लए एक सकत ह 2 आशीवाद और दया- जस क नबी न बताया 3 कारण - उनका समय और तार ख़ जो नधन हो गया था

ण था यह कोरोनावाइरस नह होता तो कछ और होता 4 सज़ा - अयाचार करन वाल और अ वीकार करन वाल क लए

इसक अलावा यह इ लामी धा मक क दायर म जाता ह ककस तरह कसी वप क समझ सकता ह या तो यह

1 उ न त - एक पर ण िजस म अ लाह उन लोग क ि थ तह

चाहता ह

15

2 श धकरण - जो पापन म अगल क तलनाम साफ़ हो जाए

3 त ब ब - कसी यि त को सकत दन क लए ता क

लौट आए 4 या यातना - पाप और अ वीकार क लए सज़ा

हमार पास कसी एक सावभौ मक बयान नबी का नह ह जो प ट प स यि त

और पी ड़त होन क ि थ त पर नभर करता कवल अ लाह यि तय का याय

करता ह और व य पी ड़त थ इसक सट क समझदार उनक लए व श ट ह पवक थत हद स सावभौ मक ान पर काश

डालती ह और हर यि त क कार क

दःख वय ख़द क लए जवाबदह होत ह सभी उठाए जाएग और अपन अपन इराद क अनसार उनका फ़सला होगा आयशा न पछा

ओ अ लाह क रसल उन सभी को य उ हन जवाब दया

उन सभी को प वी वारा नगल लया जाएगा ल कन उ ह उनक इराद क अनसार नणय क लए उठाया जाएगा यह अ लाह क व वध स धात स ह अगर यह सज़ा हो भी जाए शा मल कर सकती ह उनक इराद और समझदार क आधार पर जसा क ऊपर बताया गया और यह

16

व वा सय ग़र-

व वा सय नदश या ज़ा लम क बीच अतर नह करतामान

ۃ منکم ظلموا الذين تصيبن ال فتنۃ اتقوا و ا و خاص ان اعلمو العقاب شديد और उस फतन स डरत रहो जो ख़ास उ ह लोग पर नह पड़गा िज ह न तम

म स

ज़ म कया (बि क तम सबक सब उसम पड़ जाओग) और यक़ न मान क अ लाह

बड़ा सत अज़ाब करन वाला ह (Qu ra n 8 2 5) बि क यह यक आि तक पर ख़द को बचान क लए आव यक साधन लना चा हए च क साक य प स शार रक प स

दसर क लए नवारक उपाय कर एसा कह जान क बाद लोग को घरन वाल वप का द यहश वारा उ लख कयागया ह िजस न बताया क नबी (सि ल अ लाह अल ह

व सि लम) एक दन उनक पास डर क ि थत म आए और कहा

ला इलाहा इ लला (कोई भी पजा क यो य नह सवाय अ लाह क)

अरबलोग पर एक आस न बराई स जो उ ह भा वत करगा आज इस आकार

17

का एक छद याजज और माजज को रोकन वाल द वार म बनाया गया हऔर उ ह न अपन अगठ और

तजनीस एक च बनाया ज़नब न कहा या रसलअ लाह

या हम न ट ह ग जब क धम लग हमार बीच ह उ ह न उ र दया हा य द द टता फलती ह तो भल होती ह (11) इन हद स म उ ल खत ई वरय फरमान क यापक स चाई एक महामार क

जो द नया पर हमला करसकती ह और वशष प स लोग क समह पर -

अ लाह क सकत म स ह जो अ लाह अपनी सि ट पर भजता ह वा त वकता क

सकत परमामा क हाथ जो उसक सिट पर ह क उपीड़क उसक पकड़ स बच

नह सकत और उसी का भव ह और उसक यहा अतम वापसी ह अततः अ लाह का ान हमार समझ क सी मत दायर को पार कर जाता ह और कवल

सवशि तमान क पास अपनी ब ध का सह सार ह हमनामा म उदा और उसक भाव म स म यह सफ़ कछ ान ह जो हमार द य थ म गीत ह

सर म ान शा मल ह जस क कसी चीज़ स आपक र ा कराक म य पर त ब बत करन क लए एक वकअप काल ह अ लाहऔर कवल बहतर हाइजीन क मा यम स बीमार नह फलान क बार म जानकार कर

18

अ लाह का फरमान ह

ا االرض نبات بہ فاختلط السماء من انزلنہ کماء الدنيا الحيوة مثل انما ا و الناس ياکل ممينت و زخرفہا االرض اذااخذت حتی النعام ل امرنا اتہا عليہا قدرون انہم اہلہا ظن و از

ل کذلک باالمس لمتغن کان حصيدا فجعلنہا نہارا او يال يت نفص يتفکرون لقوم اال द नयावी िज़दगी क मसल तो बस पानी क सी ह क हमन उसको आसमान स

बरसाया फर ज़मीन क साग पात िजसको लोग और चपाए खा जात ह (उसक साथ मल-जलकर नकल यहा तक क जब ज़मीन न (फसल क चीज़ स) अपना बनाव सगार कर लया और (हर तरह)

आरासता हो गई और खतवाल न समझ लया क अब वह उस पर यक नन क़ाब पा गए (जब चाहग काट लग) यकायक हमारा ह म व अज़ाब

रात या दन को आ पहचा तो हमन उस खत को ऐसा साफ कटा हआ बना दया क

गोया कल उसम कछ था ह नह जो लोग ग़ौर व फ़ करत ह उनक लए हम आयत को य तफ़सीलदार बयान करत ह (Quran 1024)

क ठनाइय स नपटन का मि लम दशन तब सावभौ मक ब धम ा को दशाता ह और अपन आप स पछता ह म या कर सकता ह एक

अनदखी तमान पर सवाल उठान और या यक गलतफहमी स खद

को पग बनान क बजाय ऐसा सवाल नह करना चाइय ldquoभगवान न

ऐसा य कयाrdquo

19

महामार रोग और लग का फख़ यह सवाल हम या कर सकत ह का चचा इ लामी व वान क बीच कया गया ह वह बीमार जो फलती ह या महामार वग़रह क लए जो स नत म इ तमाल क गई ह वह ह - तावन या वबा कभी-कभी यह श द को परसपार (अदल बदल स) इ तमाल कया जाता ह और अ य समय म यह कसी वशष कार

महामार या रोग जो क महामार क स मान हो या लग इययाद न कहा क ताऊन एक व श ट कार क बीमार

लए सद भत करता हिजस म शर र पर फोड़ फल जात और वबा सभी महामार बीमार क लए इ तमाल करत ह वबा को ताऊन कहा जाता ह य क वह मतय का कारण बन सकता ह

वबा ह ल कन हर वबा ताऊन नह ह - (12 ) म तसर तौर पर ताऊन और वबा एक दसर क बदल म

द य

20

थ म इनक बीच का अतर उस वख़त ज़ र ह जब व श ट हद स पर चचा कया जाता ह नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) का फ़रमान ह

म न (सपन म) दखा एक अनचाह बाल वाल नीरस अधर म हला मद ना स नकल कर महाइया म बसन क

तक क प म या या यत कया क यह मद ना स महाइया यानी अल-

जहफा क तरफ़ भजा जा रहा ह -(13)

यहा पर नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) वबा क तरफ़ इशारा कर रह थ - ख़ास कर मल रया और इ फ़लएनज़ा जो क उस व त मद ना म मौजद थाहा था और शहर इसस यापत था यहातक क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क दोन वालदन इसी बीमार क वजह स गजर ह ग य क इस शहर क साथ जड़ यह बीमार क कारण यहा वबा को बीमार क प मसद भत कया गया जो कई लोग को मारबीमार कर रहा था नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) शहर को इस बीमार स म त करन और श ध करन क व श ट ाथना करत

21

या अ लाह मद नाह को हम यारा बनाइए िजस तरह आप बनया और उस स भी अ धक और इस म होन वाल बख़ार को अल-

जोहफा म थानातरण कर दना ओअ लाह हमार मद औरत द

(भोजन और ावधान क लए वज़न क कार) - (14) और जब नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

ताऊन ( लग महामार क बीमार ) एक रजज़ ( वप ) सज़ा ह जो उसन तम स

पहल आन वाल को दया था और आयशा न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स ताऊन क बार म जानकार क ओर उ हन कहा

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस चाह उस भज दता ह ल कन अ लाह न इस व वा सय क लए एक दया बना दया ह यह दोन सदभ

ताऊन क महामार बीमार का उ लख करत ह नबी (सिल अलाह अलह व सिलम) मदना क तालजक़ स फ़रमात ह

मद ना क वश वार पर वगदत ह जो ताऊन ( लग) और दजजाल ( वरोधी मसीह) को इसम वश करन स रोकत ह -(15)

इस मामल म ताऊन महामार क व श ट बीमार या स धत करता ह ल कन मद ना सामा य महामार क बीमा रय स सर त नह ह

22

इमाम नववावी न कहा

यहा ताऊन का मतलब पीप स भर दान (फ़ोड़) जो शर र पर फटत ह य ऊसन ध या बगल यादत ह सजन और ती दद क साथ

ह ह -(16) यह हद स हमर समझ म मह वपण ह य क मद ना म लग वश होन स सर

ह ल कन महामार रोग स नह कई बार महामार बीमारवश

हई ह उमर (अलाह उनस सन हो) क ख़लाफ़त क समय सहत म का और मद ना क कछ महामार य क ऐ तहा सक समयरखा १३-१४ हजर (13-14H) क बीच -

अब अलअसवद ( स ध व वान िज ह न अरबी याकरण क नयम को नकाला) बयान करत ह

म मदना गया था जब बीमार का कोप हआ था और लोग तज़ी स मर रह थ म उमर क साथ बठा हआ था और वहा स एक अ तम स कार का जलस गज़रा (17)

23

१५२ हजर (152 H)

- इ तहासकार महममद अलमग़धा व वारा पाया गया एक महामार क राहत

क लए ाथना क एक च टान पर एक शलालख शलालख लखा ह

ओ अलाह मदना क लोग स वबा (महामार रोग) और कठनाई को दर कर लखा गया जमादा साल 152

७३५ (735 H)

- ड थी रया महामार न मद ना म पी ड़त हआ िजस स हर दन 15 लोग क मय होती थी उ ह न इस स पहल ऐसा कछ नह दखा था ७४९ (749 H) - महामार क बीमार न म का म पी ड़त हआ

24

1235 H (1814 CE) - महामार क कारण सामाय प स हजाज़ म 80 0 0 क मौत हो जाती ह 1246 H (1831 CE) - भारत स आई एक महामार क बीमार न म का म तीथया य क तीन चौथाई को मार दया 1252-1255 H (1837 CE-1840 CE) - म का म हज क अव ध म महामार रोग होत ह Pg १३ (13) TLI अमावस का लग - भ व यवाणी और मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय क जीवन म सबक़ नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न 9H म तबक क अ भयान क दौरान

कई

भवयवाणीया क उनम स एक लग जो उनक कई अनयायय को भावत करगा औफ़ बन मा लक अल-अशजाई न कहा

म तबक क अ भयान क दौरान अ लाह क रसल (सि लअ लाह अल ह व सि लम) क पास आया जब क वह चमड़ क बन हए तब म थन बठगया

25

रसलअ लाह (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

दाखल हो ओ औफ़ म कहा मसब या रसलअलाह उहन कहा

आप सभी फर उ ह न कहा

ओ औफ़ छह चीज़ याद रख जो अ तम घट स पहल घ टतक

मर मौत ह म इस स बहत हरान और दखी हआ उ हन कहा

इस पहल क प म गनो फर बतअलमख़दस ज सलम क वजय आएगी फर एक बीमार जो आपक बीच दखाई दगी और आपको औरआपक ब च को शह द क प म मरन का कारण बनगी आपक कम को श ध करगी फर आपक बीच बहत धन होगा ता क अगर एक आदमी को सौ द नार दए जाए तो भी वह असत ट

रहगा और आपक बीच लश होगा जो कसी भी मि लम घर को अछता नह रखगा फर आपक

और रोमन क बीच एक स ध

होगी फर व आपको धोखा दग और असी बनर क साथ आपक ख़लाफ़ माच

करग िजनम स यक क तहत बारह हज़ार सनक हग -(18) नबी क भ व यवाणी म बीमार का उ लख उमर इबन ख़तताब क खलाफत क दौरान हआ वष 18 H 639 CE म एक सय अभयान क दौरान अमावस -

(19) फलसतीन बत अलमखदस(ज सलम) स 30

26

फट पड़ा और नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कई साथी पी ड़त हए अलजौहर न कहा यह इ लाम का पहला लग था

(2 0 ) जसा क नबी (सिलअलाह अलह व सिलम) वारा भ व यवाणी क गई थी उस समय क ख़ल फ़ा उमर न इसक बार म

सना और

उसक चता क कारण उनस मलन क लए नकल पड़ अ द ला इ न अ बास उन घटनाओ का वणन करत ह जब उमर इ न ख़तताब

न शाम (ल वाट फलस तन

वह शरग

नामक एक जगह पर पहच तो सना क कमाडर अब उबयदा इ न जराह और उनक

साथी उमर स मल और बताया क एक लग शाम म फल गया ह अदला इन अबास न कहा उमर न मझस कहा

थम महािजर (सबस श आती मि लम जो मद नाक अ वासी थ) को मर लए

बलाव मन उ ह बलायाएक लग शाम म पी ड़त ह व असहमत थ उनम कछ न कहा आप कसी मामल पर

नकल पड़ हऔर हम नह लगता क आपको इस स पीछ हटना चा हएदसर

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

3

प रचय - श धीकरण - अ याचार और पाप - वा त वकताओ - द य ान-8

- इ लामक धमशासतर महामार सज़ा और दया क प म - सावभौ मक ान 4 णीयॉ द य ड क - वप- उथान शध वचारना या द ख क प म महामार और लग का फ़क़ ndash

- ताऊन व वबा दय थ म महामार लग क बीमारय क उलख को समझना - ताऊन स म का और मद ना क सर ा को समझना - म का और मद ना म महामार क ऐ तहा सक समयरखा - आमावास का लग -

भ व यवाणी और सबख़ मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय

क जीवन स

- बयान हम अ लाह क फरमान हकमनाम स

मनाम क तरफ़ भागरह ह प ट करना - लग और महामार बीमा रय स धा मक कस नपटत

4

- व छता ईमान का आधा ह सा ह -

महामार स नबटन का पग़ बर तर क़ा 1 व छता 2 सगरोध 3 रोकथाम 4 सावज नक थान को बद करना पर ा और क ठनाइय पर क़ाब पाना - महामार और बीमार क लए नबी क दआए - अ तम- आग क पढ़ाई - The Le g a c y I ns t i t ut e 2 0 2 0 ht t p l e g a c y i ns t i t ut e

5

बि म लाह हररहमान नररह म श अ लाह क नाम जो बीमार क आ ा दता ह और जो इलाज भी उपहार

करता ह जो हम शध करन क लए प र ण करता ह जो कमज़ोर क नधारण दता ह और यह दखता ह क मज़बत लोग अपन

सकाय का उपयोग उन लोग क मदद क लय कस करग िजस स उनक

लालच को ठक करन म मदद मलगी और ताक उन सब क जाच क जाए क

कौन सब स बहतर ह कम म उसन हम पदा कया हम मट स बनाया ताक हम अपनी ताख़त का धोका न

खाऐ और हम अपनी कमज़ोर क जानकार रख वह हम सावभौमक सकत

भजा ह जो घर हए ह ताक हम दय स मानवता तक का सबध याद रह वह मर हए को जीवन दता ह और उसक याद स दल को पनजवत करता ह जो उस जानत ह वह बहत सपन ह जबक व जो सबस धनी ह लकन उस स

लापरवाह ह व बर तरह स ग़रब ह और ग़लतफ़हमी म खोए हए ह कोइ शक नह क बीमार एक पर ण ह और अ लाह क सकत म स एक

सकत ह श धकरण इलाम म बीमार श ध का सकत ह जबक पग़बर (सिल अलाह अलह व सिलम) कसी बीमार यित क घर जात तब कहत (ला बास तहन इनशा अ लाह) कोइ नक़सान नह यह श ध दता ह इशाअ लाह ldquo-1

6

उहन कहा एक आितक (मिलम) का उदाहरण - जब वह बीमार या बख़ार स पी ड़त हो ऐसा ह िजस लरह लोह क एक टकड़ को जब आग म दालन स

इसक दोष चल जात ह और अ छ अवशष रह जात ह - 2

उहन कहा बीमार स मलन जाए अतम स कार क जलस क साथ जाए अपन आप को अगल जीवन क याद दलाए - 3

य रसल क महरबानी पढ़ क जब उनक समदाय क एक म हला क

ग़रमौजदगी महसस हई और उसक बार म जानकार करन पर पता चला क वह

बीमार ह तब उहन उस दखन क लय गए उस क लए दआ क और उस दलासा दन वाल शद और उपि थत द उम - अल - अला न कहा अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) म बीमार होन पर मझस मलन

आए उहन न कहा ख़श हो उम अल-अला अलाह एक मिलम क पाप को बीमार स उसी कार दर करता ह िजस तरह आग सोन और चाद क दोष

को दर करती ह-4

और य नबी न कहा कोइ वप मिलम को नह काटती सवाय इसक क

अ लाह उनस उनक पाप को दर करता ह भल ह व काट स चभ ह -5

7

ज़ म (अ याचार) और पाप हालाक भम म बीमार श ध हो सकती ह यह अ लाह क नाराज़गी का सकत भी हो सकता ह पाप या अयाचार क कारणअब बकर स दख़

(अलाह उन स सन हो) न फ़रमाया ओ लोग यह आयत पढ़हो

ايہا کم ال انفسکم عليکم امنوا الذين ي ن يضر جميعا مرجعکم الی اہتديتم اذا ضل م تعملون کنتم بما فينبئکم

ह ववासय आप कवल अपन लए जवाबदह ह अगर कोई भटकना चाह तो यह आपको नक़सान नह पहचाएगा - जब तक आप सह तर क़ स नद शत

होत ह तम सब क सब अलाह ह क तरफ़ लौट कर जाना ह तब तम जो कछ करत थ (अलाह) तह बता दगा (5 10 5) लकन म न रसलअलाह (सिल अलाह अलह व सिलम) क कहत हए सना ldquoजब लोग कसी ज़ालम

को दखत ह ल कन उ ह उनक ज़ म और बराई स नह रोकत तब अ लाह उन

सभी को सज़ा क साथ घर लगा - (6)

अ लाह आ ख़रकार हर यि त का उन क इराद क आधार पर याय करता ह कोई भी पी ड़त यि त को अ लाह स अ छा सदह रखना चा हए और उ ह

वय अपन आप को भी जवाबदह होना चा हए रसलअलाह (सिल अलाह अलह व सिलम) न फ़रमाया एक सना काबा पर छापा मारागी और जब वह एक रगतान पक पहचगी उन सभी को पवी नगल जाएगी

8

आयशा न पछा या रसलअ लाह उन सभी को य

उहन जवाब दया उन सभी को प वी नगल जाएगी लकन उह उनक

इराद क अनसार नणय क लए उठाया जाएगा -(7)

आयश न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स

वप य (लग) क बर म पछा और उहन जवाब दया यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस भी चह उन पर भजता ह ल कन अ लाह न व वा सय क लए

इस एक दया बनायी ह जो कोई अ लाह का सवक लग स पी ड़त भ म म

रहता ह और धय स रहता ह और अ लाह स इनाम क उ मीद रखता ह यह

जानत हए क उ ह कछ नह होगा सवाय वह क जो अ लाह न ह म कया उ ह शह द का पर कार दया जाएगा -(8) वा त वकताओ (स चाई) बीमार और अधक वशष प स महामार चता क भावना लात ह अ ात

पी ड़त बीमार क भावना हम अ नि चतता क भावना द सकती ह और कछ

लाचार भी यह इन समय म हम भावनामक और आयािमक लचीलापन (लौटाव) का नमाण करत ह हमार ववास क त िजस पर हमारा ववास थापत ह हम यह ववास (यक़ न) ह क कछ भी यि त को घ टत नह होता सवाय अ लाह क इ छा क और इसम दया उदय ह भल ह हम इस नह समझ सकत ह अलाह का उ द य और ान ह िजस हम अनभव कर सकत ह और कभी नह कर

9

सकत ह फर भी हमारा व वास उस गहराई तक पहचा हआ ह क सब

अलाह क तरफ़ स ह जो सवशितमान बधमान ह

١٨﴿ الخبير الحکيم ہو و عباده فوق القاہر ہو و वह अपन तमाम ब द पर ग़ा लब ह और वह व क़फ़कार हक म ह (ख़रान 6 18)

ہم و رسلنا توفتہ الموت احدکم جاء اذا حتی حفظۃ عليکم يرسل و عباده فوق القاہر ہو و طون ال يفر

वह अपन ब द पर ग़ा लब ह वह तम लोग पर नगहबान (फ़ र त तनात करक)

भजता ह -यहा तक क जब तम म स कसी क मौत आए तो हमार भज हए फ़ र त उसको (द नया स) उठा लत ह और वह (हमार तामील हम म ज़रा भी) कोताह नह करत (Qu ra n 6 61)

صيبۃ من اصاب ما يؤمن من و باذن اال م و قلبہ يہد با عليم شیء بکل

10

कोई भी मसीबत नह आती ह सवाय अ लाह क अनम त स और जो श स

अ लाह पर ईमान लाता हतो अ लाह उसक दल क हदायत करता ह और

अलाह हर चीज़ स ख़ब वाक़फ़ ह (qu ra n 64 11) भल ह हम तकलता कठोरताछ क ान को नह समझसकत उनक नधन म

र उप ा क वा त वकता क आव यकता को दखत ह हमार आ मा क उप ा परमा मा स

अपन लगाव क उप ा एसा नह क हम सीखन क लए क ठनाई क आव यकता ह ल कन यह कछ ान को त ब बत करता ह य क कोईभी कठनाई स नह बचा ह ल कन हम सभी को उनस पार पान क लए व वास क आव यकता ह क ठनाई क ण हम हमदद सखात ह वह यि त जो मि कल स गज़ारा हो दसर क साथ यि तगत प स सहानभ त रख सकता ह इन ण म हम मानवता क

त क णा और सवा क काय दखत ह िजसस हम सबक़ लत ह और हम बाधत ह जो कवल व वास ह सखा सकता ह याग क शि त उस समय सब स मज़बत होती ह जब कसी क पास दन क लए बहत कम होन

11

उस ण म दसर क लाभ क लए दता ह यह हम अ लाह और उसक महबब

बक़

ह साम हक प स कमजोर होन पर मानवता का वाथ कम हो जाता ह और व सीखत ह क उनका एक मा समाधान एक दसर क ओर मड़ना ह और उसी को पकारना ह जो उ ह बाधता ह वा तव म हम सीखत ह क हम जो स ची तयार करनी ह वह आ याि मक ह हम जो धलाई और श ध चा हए वह दल क ह सगरोध हम यादा चा हए अपन अहकार इछाओ नश क लत स दर रहन क व वास सखाता ह क- सबस हताश समय हम हमार भधता और अपन वय क

बार सखाता ह हम सब न दखा जस क बताया गया क सब स प व थानना पर जान स अ थायी तबध कया गया ह हा व वासनह जान स दखी नह होना ह ल कन हम म स कतन न पछा या प व आ मा क भावना हमार दल म टक हई ह या म का म काबा म पाई गई अ लाह क प व ता

12

हमार सीन म भी पाई जाती ह या वह यार अमन

र नबी क शहर म पात ह और उनक तर क़ का पालन करनाहोती ह हम अ थायी तबध पर वचार कर सकत ल कन हम कभी भी अ लाह क दया स तब धत नह होना चाहत ह उ मीद ह क हम कभी भी अ लाह क नबी क उदाहरण क अनसारण करन स

कभी पीछ न हट और उनक स दश का प लव क उ ह सार सि ट पर दया करन क लए भजा गया था उ मीद ह क हम कभी भी इस द नया स इतना लगाव ना रख क हम ज़मीन पर लड़त रह जब क हम इसी ज़मीन म हमर अ तम वापसी ह योजनाए बदल सकती ह पसा खो सकता ह तरह क वप कलए तयार करता ह यह ज़ र नह क इस हटा द धन क हा न म वशष प स आप आि तक का नशान दखग दया या लया गया सब कछ सबस

13

उ च सबस अ धक दनवालाहसस करत ह तो उस यि त क बार म सोच िजसक पास कछ नह ह सघष क समय आभार होन स सवधन म ऐसा करनाआसान बनता ह हमार यार नबी का फरमान ह

अ लाह स सावधान रह और वह त हार र ा करगा अ लाह स सावधान रह तम उस अपन सामन पाओग अगर आप पछत ह तो अ लाह ह स पछ अगर तम मदद चाहत हो तो अ लाह ह स मदद लोऔर जान लो क अगर रा को इक ठा कर आपको लाभ पहचानक लए व आपको लाभ नह द सकत सवाय

इसक क अ लाह न आपक लए पहल स नधा रत कया ह और अगर व कसी भी चीज़ क साथ आपको नक़सान पहचान क लए इकठाहए व आप को नक़सान

नह पहचा सकत सवाय इसक क अ लाह न आपक लए पहल स नधा रत

कया ह क़लम उठा लए गए ह और प ठ सख गए ह और उ ह न कहा अ लाह स सावधान रह तम उस अपन सामन पाओग अ लाह को आसानी और सम ध क समय पहचानो और वीकार करो और वह आपको वप क समय याद रखगा और जान लो क जो चीज़ तम तक नह पहची और पास स गज़र गई वह त हार लए घ टत नह था और जो त हार लए घ टत था वह त हार पास स गज़रन वाल नह थी - (9)

द य ान

14

सब स पहल और सब स मह वपण कोई भी यि त यह

कता क अ लाह न मानवता पर यातना य भजा ह यह अ लाह क हकमत ह जो कवल वह नद ट कर सकता ह

महामार क बीमार लए नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क हद स स

प ट ह क व वान न व ीय को कस दखा - (10 ) व भ न लोग पर लाग सावभौ मक समझदार क बीच उनक इराद क अनसार

और

उनक लए अ लाह कस इ छा रखत ह

1 सकत - यह सवशि तमान क सावभौ मक शि त और

ब क लए एक सकत ह 2 आशीवाद और दया- जस क नबी न बताया 3 कारण - उनका समय और तार ख़ जो नधन हो गया था

ण था यह कोरोनावाइरस नह होता तो कछ और होता 4 सज़ा - अयाचार करन वाल और अ वीकार करन वाल क लए

इसक अलावा यह इ लामी धा मक क दायर म जाता ह ककस तरह कसी वप क समझ सकता ह या तो यह

1 उ न त - एक पर ण िजस म अ लाह उन लोग क ि थ तह

चाहता ह

15

2 श धकरण - जो पापन म अगल क तलनाम साफ़ हो जाए

3 त ब ब - कसी यि त को सकत दन क लए ता क

लौट आए 4 या यातना - पाप और अ वीकार क लए सज़ा

हमार पास कसी एक सावभौ मक बयान नबी का नह ह जो प ट प स यि त

और पी ड़त होन क ि थ त पर नभर करता कवल अ लाह यि तय का याय

करता ह और व य पी ड़त थ इसक सट क समझदार उनक लए व श ट ह पवक थत हद स सावभौ मक ान पर काश

डालती ह और हर यि त क कार क

दःख वय ख़द क लए जवाबदह होत ह सभी उठाए जाएग और अपन अपन इराद क अनसार उनका फ़सला होगा आयशा न पछा

ओ अ लाह क रसल उन सभी को य उ हन जवाब दया

उन सभी को प वी वारा नगल लया जाएगा ल कन उ ह उनक इराद क अनसार नणय क लए उठाया जाएगा यह अ लाह क व वध स धात स ह अगर यह सज़ा हो भी जाए शा मल कर सकती ह उनक इराद और समझदार क आधार पर जसा क ऊपर बताया गया और यह

16

व वा सय ग़र-

व वा सय नदश या ज़ा लम क बीच अतर नह करतामान

ۃ منکم ظلموا الذين تصيبن ال فتنۃ اتقوا و ا و خاص ان اعلمو العقاب شديد और उस फतन स डरत रहो जो ख़ास उ ह लोग पर नह पड़गा िज ह न तम

म स

ज़ म कया (बि क तम सबक सब उसम पड़ जाओग) और यक़ न मान क अ लाह

बड़ा सत अज़ाब करन वाला ह (Qu ra n 8 2 5) बि क यह यक आि तक पर ख़द को बचान क लए आव यक साधन लना चा हए च क साक य प स शार रक प स

दसर क लए नवारक उपाय कर एसा कह जान क बाद लोग को घरन वाल वप का द यहश वारा उ लख कयागया ह िजस न बताया क नबी (सि ल अ लाह अल ह

व सि लम) एक दन उनक पास डर क ि थत म आए और कहा

ला इलाहा इ लला (कोई भी पजा क यो य नह सवाय अ लाह क)

अरबलोग पर एक आस न बराई स जो उ ह भा वत करगा आज इस आकार

17

का एक छद याजज और माजज को रोकन वाल द वार म बनाया गया हऔर उ ह न अपन अगठ और

तजनीस एक च बनाया ज़नब न कहा या रसलअ लाह

या हम न ट ह ग जब क धम लग हमार बीच ह उ ह न उ र दया हा य द द टता फलती ह तो भल होती ह (11) इन हद स म उ ल खत ई वरय फरमान क यापक स चाई एक महामार क

जो द नया पर हमला करसकती ह और वशष प स लोग क समह पर -

अ लाह क सकत म स ह जो अ लाह अपनी सि ट पर भजता ह वा त वकता क

सकत परमामा क हाथ जो उसक सिट पर ह क उपीड़क उसक पकड़ स बच

नह सकत और उसी का भव ह और उसक यहा अतम वापसी ह अततः अ लाह का ान हमार समझ क सी मत दायर को पार कर जाता ह और कवल

सवशि तमान क पास अपनी ब ध का सह सार ह हमनामा म उदा और उसक भाव म स म यह सफ़ कछ ान ह जो हमार द य थ म गीत ह

सर म ान शा मल ह जस क कसी चीज़ स आपक र ा कराक म य पर त ब बत करन क लए एक वकअप काल ह अ लाहऔर कवल बहतर हाइजीन क मा यम स बीमार नह फलान क बार म जानकार कर

18

अ लाह का फरमान ह

ا االرض نبات بہ فاختلط السماء من انزلنہ کماء الدنيا الحيوة مثل انما ا و الناس ياکل ممينت و زخرفہا االرض اذااخذت حتی النعام ل امرنا اتہا عليہا قدرون انہم اہلہا ظن و از

ل کذلک باالمس لمتغن کان حصيدا فجعلنہا نہارا او يال يت نفص يتفکرون لقوم اال द नयावी िज़दगी क मसल तो बस पानी क सी ह क हमन उसको आसमान स

बरसाया फर ज़मीन क साग पात िजसको लोग और चपाए खा जात ह (उसक साथ मल-जलकर नकल यहा तक क जब ज़मीन न (फसल क चीज़ स) अपना बनाव सगार कर लया और (हर तरह)

आरासता हो गई और खतवाल न समझ लया क अब वह उस पर यक नन क़ाब पा गए (जब चाहग काट लग) यकायक हमारा ह म व अज़ाब

रात या दन को आ पहचा तो हमन उस खत को ऐसा साफ कटा हआ बना दया क

गोया कल उसम कछ था ह नह जो लोग ग़ौर व फ़ करत ह उनक लए हम आयत को य तफ़सीलदार बयान करत ह (Quran 1024)

क ठनाइय स नपटन का मि लम दशन तब सावभौ मक ब धम ा को दशाता ह और अपन आप स पछता ह म या कर सकता ह एक

अनदखी तमान पर सवाल उठान और या यक गलतफहमी स खद

को पग बनान क बजाय ऐसा सवाल नह करना चाइय ldquoभगवान न

ऐसा य कयाrdquo

19

महामार रोग और लग का फख़ यह सवाल हम या कर सकत ह का चचा इ लामी व वान क बीच कया गया ह वह बीमार जो फलती ह या महामार वग़रह क लए जो स नत म इ तमाल क गई ह वह ह - तावन या वबा कभी-कभी यह श द को परसपार (अदल बदल स) इ तमाल कया जाता ह और अ य समय म यह कसी वशष कार

महामार या रोग जो क महामार क स मान हो या लग इययाद न कहा क ताऊन एक व श ट कार क बीमार

लए सद भत करता हिजस म शर र पर फोड़ फल जात और वबा सभी महामार बीमार क लए इ तमाल करत ह वबा को ताऊन कहा जाता ह य क वह मतय का कारण बन सकता ह

वबा ह ल कन हर वबा ताऊन नह ह - (12 ) म तसर तौर पर ताऊन और वबा एक दसर क बदल म

द य

20

थ म इनक बीच का अतर उस वख़त ज़ र ह जब व श ट हद स पर चचा कया जाता ह नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) का फ़रमान ह

म न (सपन म) दखा एक अनचाह बाल वाल नीरस अधर म हला मद ना स नकल कर महाइया म बसन क

तक क प म या या यत कया क यह मद ना स महाइया यानी अल-

जहफा क तरफ़ भजा जा रहा ह -(13)

यहा पर नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) वबा क तरफ़ इशारा कर रह थ - ख़ास कर मल रया और इ फ़लएनज़ा जो क उस व त मद ना म मौजद थाहा था और शहर इसस यापत था यहातक क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क दोन वालदन इसी बीमार क वजह स गजर ह ग य क इस शहर क साथ जड़ यह बीमार क कारण यहा वबा को बीमार क प मसद भत कया गया जो कई लोग को मारबीमार कर रहा था नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) शहर को इस बीमार स म त करन और श ध करन क व श ट ाथना करत

21

या अ लाह मद नाह को हम यारा बनाइए िजस तरह आप बनया और उस स भी अ धक और इस म होन वाल बख़ार को अल-

जोहफा म थानातरण कर दना ओअ लाह हमार मद औरत द

(भोजन और ावधान क लए वज़न क कार) - (14) और जब नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

ताऊन ( लग महामार क बीमार ) एक रजज़ ( वप ) सज़ा ह जो उसन तम स

पहल आन वाल को दया था और आयशा न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स ताऊन क बार म जानकार क ओर उ हन कहा

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस चाह उस भज दता ह ल कन अ लाह न इस व वा सय क लए एक दया बना दया ह यह दोन सदभ

ताऊन क महामार बीमार का उ लख करत ह नबी (सिल अलाह अलह व सिलम) मदना क तालजक़ स फ़रमात ह

मद ना क वश वार पर वगदत ह जो ताऊन ( लग) और दजजाल ( वरोधी मसीह) को इसम वश करन स रोकत ह -(15)

इस मामल म ताऊन महामार क व श ट बीमार या स धत करता ह ल कन मद ना सामा य महामार क बीमा रय स सर त नह ह

22

इमाम नववावी न कहा

यहा ताऊन का मतलब पीप स भर दान (फ़ोड़) जो शर र पर फटत ह य ऊसन ध या बगल यादत ह सजन और ती दद क साथ

ह ह -(16) यह हद स हमर समझ म मह वपण ह य क मद ना म लग वश होन स सर

ह ल कन महामार रोग स नह कई बार महामार बीमारवश

हई ह उमर (अलाह उनस सन हो) क ख़लाफ़त क समय सहत म का और मद ना क कछ महामार य क ऐ तहा सक समयरखा १३-१४ हजर (13-14H) क बीच -

अब अलअसवद ( स ध व वान िज ह न अरबी याकरण क नयम को नकाला) बयान करत ह

म मदना गया था जब बीमार का कोप हआ था और लोग तज़ी स मर रह थ म उमर क साथ बठा हआ था और वहा स एक अ तम स कार का जलस गज़रा (17)

23

१५२ हजर (152 H)

- इ तहासकार महममद अलमग़धा व वारा पाया गया एक महामार क राहत

क लए ाथना क एक च टान पर एक शलालख शलालख लखा ह

ओ अलाह मदना क लोग स वबा (महामार रोग) और कठनाई को दर कर लखा गया जमादा साल 152

७३५ (735 H)

- ड थी रया महामार न मद ना म पी ड़त हआ िजस स हर दन 15 लोग क मय होती थी उ ह न इस स पहल ऐसा कछ नह दखा था ७४९ (749 H) - महामार क बीमार न म का म पी ड़त हआ

24

1235 H (1814 CE) - महामार क कारण सामाय प स हजाज़ म 80 0 0 क मौत हो जाती ह 1246 H (1831 CE) - भारत स आई एक महामार क बीमार न म का म तीथया य क तीन चौथाई को मार दया 1252-1255 H (1837 CE-1840 CE) - म का म हज क अव ध म महामार रोग होत ह Pg १३ (13) TLI अमावस का लग - भ व यवाणी और मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय क जीवन म सबक़ नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न 9H म तबक क अ भयान क दौरान

कई

भवयवाणीया क उनम स एक लग जो उनक कई अनयायय को भावत करगा औफ़ बन मा लक अल-अशजाई न कहा

म तबक क अ भयान क दौरान अ लाह क रसल (सि लअ लाह अल ह व सि लम) क पास आया जब क वह चमड़ क बन हए तब म थन बठगया

25

रसलअ लाह (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

दाखल हो ओ औफ़ म कहा मसब या रसलअलाह उहन कहा

आप सभी फर उ ह न कहा

ओ औफ़ छह चीज़ याद रख जो अ तम घट स पहल घ टतक

मर मौत ह म इस स बहत हरान और दखी हआ उ हन कहा

इस पहल क प म गनो फर बतअलमख़दस ज सलम क वजय आएगी फर एक बीमार जो आपक बीच दखाई दगी और आपको औरआपक ब च को शह द क प म मरन का कारण बनगी आपक कम को श ध करगी फर आपक बीच बहत धन होगा ता क अगर एक आदमी को सौ द नार दए जाए तो भी वह असत ट

रहगा और आपक बीच लश होगा जो कसी भी मि लम घर को अछता नह रखगा फर आपक

और रोमन क बीच एक स ध

होगी फर व आपको धोखा दग और असी बनर क साथ आपक ख़लाफ़ माच

करग िजनम स यक क तहत बारह हज़ार सनक हग -(18) नबी क भ व यवाणी म बीमार का उ लख उमर इबन ख़तताब क खलाफत क दौरान हआ वष 18 H 639 CE म एक सय अभयान क दौरान अमावस -

(19) फलसतीन बत अलमखदस(ज सलम) स 30

26

फट पड़ा और नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कई साथी पी ड़त हए अलजौहर न कहा यह इ लाम का पहला लग था

(2 0 ) जसा क नबी (सिलअलाह अलह व सिलम) वारा भ व यवाणी क गई थी उस समय क ख़ल फ़ा उमर न इसक बार म

सना और

उसक चता क कारण उनस मलन क लए नकल पड़ अ द ला इ न अ बास उन घटनाओ का वणन करत ह जब उमर इ न ख़तताब

न शाम (ल वाट फलस तन

वह शरग

नामक एक जगह पर पहच तो सना क कमाडर अब उबयदा इ न जराह और उनक

साथी उमर स मल और बताया क एक लग शाम म फल गया ह अदला इन अबास न कहा उमर न मझस कहा

थम महािजर (सबस श आती मि लम जो मद नाक अ वासी थ) को मर लए

बलाव मन उ ह बलायाएक लग शाम म पी ड़त ह व असहमत थ उनम कछ न कहा आप कसी मामल पर

नकल पड़ हऔर हम नह लगता क आपको इस स पीछ हटना चा हएदसर

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

4

- व छता ईमान का आधा ह सा ह -

महामार स नबटन का पग़ बर तर क़ा 1 व छता 2 सगरोध 3 रोकथाम 4 सावज नक थान को बद करना पर ा और क ठनाइय पर क़ाब पाना - महामार और बीमार क लए नबी क दआए - अ तम- आग क पढ़ाई - The Le g a c y I ns t i t ut e 2 0 2 0 ht t p l e g a c y i ns t i t ut e

5

बि म लाह हररहमान नररह म श अ लाह क नाम जो बीमार क आ ा दता ह और जो इलाज भी उपहार

करता ह जो हम शध करन क लए प र ण करता ह जो कमज़ोर क नधारण दता ह और यह दखता ह क मज़बत लोग अपन

सकाय का उपयोग उन लोग क मदद क लय कस करग िजस स उनक

लालच को ठक करन म मदद मलगी और ताक उन सब क जाच क जाए क

कौन सब स बहतर ह कम म उसन हम पदा कया हम मट स बनाया ताक हम अपनी ताख़त का धोका न

खाऐ और हम अपनी कमज़ोर क जानकार रख वह हम सावभौमक सकत

भजा ह जो घर हए ह ताक हम दय स मानवता तक का सबध याद रह वह मर हए को जीवन दता ह और उसक याद स दल को पनजवत करता ह जो उस जानत ह वह बहत सपन ह जबक व जो सबस धनी ह लकन उस स

लापरवाह ह व बर तरह स ग़रब ह और ग़लतफ़हमी म खोए हए ह कोइ शक नह क बीमार एक पर ण ह और अ लाह क सकत म स एक

सकत ह श धकरण इलाम म बीमार श ध का सकत ह जबक पग़बर (सिल अलाह अलह व सिलम) कसी बीमार यित क घर जात तब कहत (ला बास तहन इनशा अ लाह) कोइ नक़सान नह यह श ध दता ह इशाअ लाह ldquo-1

6

उहन कहा एक आितक (मिलम) का उदाहरण - जब वह बीमार या बख़ार स पी ड़त हो ऐसा ह िजस लरह लोह क एक टकड़ को जब आग म दालन स

इसक दोष चल जात ह और अ छ अवशष रह जात ह - 2

उहन कहा बीमार स मलन जाए अतम स कार क जलस क साथ जाए अपन आप को अगल जीवन क याद दलाए - 3

य रसल क महरबानी पढ़ क जब उनक समदाय क एक म हला क

ग़रमौजदगी महसस हई और उसक बार म जानकार करन पर पता चला क वह

बीमार ह तब उहन उस दखन क लय गए उस क लए दआ क और उस दलासा दन वाल शद और उपि थत द उम - अल - अला न कहा अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) म बीमार होन पर मझस मलन

आए उहन न कहा ख़श हो उम अल-अला अलाह एक मिलम क पाप को बीमार स उसी कार दर करता ह िजस तरह आग सोन और चाद क दोष

को दर करती ह-4

और य नबी न कहा कोइ वप मिलम को नह काटती सवाय इसक क

अ लाह उनस उनक पाप को दर करता ह भल ह व काट स चभ ह -5

7

ज़ म (अ याचार) और पाप हालाक भम म बीमार श ध हो सकती ह यह अ लाह क नाराज़गी का सकत भी हो सकता ह पाप या अयाचार क कारणअब बकर स दख़

(अलाह उन स सन हो) न फ़रमाया ओ लोग यह आयत पढ़हो

ايہا کم ال انفسکم عليکم امنوا الذين ي ن يضر جميعا مرجعکم الی اہتديتم اذا ضل م تعملون کنتم بما فينبئکم

ह ववासय आप कवल अपन लए जवाबदह ह अगर कोई भटकना चाह तो यह आपको नक़सान नह पहचाएगा - जब तक आप सह तर क़ स नद शत

होत ह तम सब क सब अलाह ह क तरफ़ लौट कर जाना ह तब तम जो कछ करत थ (अलाह) तह बता दगा (5 10 5) लकन म न रसलअलाह (सिल अलाह अलह व सिलम) क कहत हए सना ldquoजब लोग कसी ज़ालम

को दखत ह ल कन उ ह उनक ज़ म और बराई स नह रोकत तब अ लाह उन

सभी को सज़ा क साथ घर लगा - (6)

अ लाह आ ख़रकार हर यि त का उन क इराद क आधार पर याय करता ह कोई भी पी ड़त यि त को अ लाह स अ छा सदह रखना चा हए और उ ह

वय अपन आप को भी जवाबदह होना चा हए रसलअलाह (सिल अलाह अलह व सिलम) न फ़रमाया एक सना काबा पर छापा मारागी और जब वह एक रगतान पक पहचगी उन सभी को पवी नगल जाएगी

8

आयशा न पछा या रसलअ लाह उन सभी को य

उहन जवाब दया उन सभी को प वी नगल जाएगी लकन उह उनक

इराद क अनसार नणय क लए उठाया जाएगा -(7)

आयश न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स

वप य (लग) क बर म पछा और उहन जवाब दया यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस भी चह उन पर भजता ह ल कन अ लाह न व वा सय क लए

इस एक दया बनायी ह जो कोई अ लाह का सवक लग स पी ड़त भ म म

रहता ह और धय स रहता ह और अ लाह स इनाम क उ मीद रखता ह यह

जानत हए क उ ह कछ नह होगा सवाय वह क जो अ लाह न ह म कया उ ह शह द का पर कार दया जाएगा -(8) वा त वकताओ (स चाई) बीमार और अधक वशष प स महामार चता क भावना लात ह अ ात

पी ड़त बीमार क भावना हम अ नि चतता क भावना द सकती ह और कछ

लाचार भी यह इन समय म हम भावनामक और आयािमक लचीलापन (लौटाव) का नमाण करत ह हमार ववास क त िजस पर हमारा ववास थापत ह हम यह ववास (यक़ न) ह क कछ भी यि त को घ टत नह होता सवाय अ लाह क इ छा क और इसम दया उदय ह भल ह हम इस नह समझ सकत ह अलाह का उ द य और ान ह िजस हम अनभव कर सकत ह और कभी नह कर

9

सकत ह फर भी हमारा व वास उस गहराई तक पहचा हआ ह क सब

अलाह क तरफ़ स ह जो सवशितमान बधमान ह

١٨﴿ الخبير الحکيم ہو و عباده فوق القاہر ہو و वह अपन तमाम ब द पर ग़ा लब ह और वह व क़फ़कार हक म ह (ख़रान 6 18)

ہم و رسلنا توفتہ الموت احدکم جاء اذا حتی حفظۃ عليکم يرسل و عباده فوق القاہر ہو و طون ال يفر

वह अपन ब द पर ग़ा लब ह वह तम लोग पर नगहबान (फ़ र त तनात करक)

भजता ह -यहा तक क जब तम म स कसी क मौत आए तो हमार भज हए फ़ र त उसको (द नया स) उठा लत ह और वह (हमार तामील हम म ज़रा भी) कोताह नह करत (Qu ra n 6 61)

صيبۃ من اصاب ما يؤمن من و باذن اال م و قلبہ يہد با عليم شیء بکل

10

कोई भी मसीबत नह आती ह सवाय अ लाह क अनम त स और जो श स

अ लाह पर ईमान लाता हतो अ लाह उसक दल क हदायत करता ह और

अलाह हर चीज़ स ख़ब वाक़फ़ ह (qu ra n 64 11) भल ह हम तकलता कठोरताछ क ान को नह समझसकत उनक नधन म

र उप ा क वा त वकता क आव यकता को दखत ह हमार आ मा क उप ा परमा मा स

अपन लगाव क उप ा एसा नह क हम सीखन क लए क ठनाई क आव यकता ह ल कन यह कछ ान को त ब बत करता ह य क कोईभी कठनाई स नह बचा ह ल कन हम सभी को उनस पार पान क लए व वास क आव यकता ह क ठनाई क ण हम हमदद सखात ह वह यि त जो मि कल स गज़ारा हो दसर क साथ यि तगत प स सहानभ त रख सकता ह इन ण म हम मानवता क

त क णा और सवा क काय दखत ह िजसस हम सबक़ लत ह और हम बाधत ह जो कवल व वास ह सखा सकता ह याग क शि त उस समय सब स मज़बत होती ह जब कसी क पास दन क लए बहत कम होन

11

उस ण म दसर क लाभ क लए दता ह यह हम अ लाह और उसक महबब

बक़

ह साम हक प स कमजोर होन पर मानवता का वाथ कम हो जाता ह और व सीखत ह क उनका एक मा समाधान एक दसर क ओर मड़ना ह और उसी को पकारना ह जो उ ह बाधता ह वा तव म हम सीखत ह क हम जो स ची तयार करनी ह वह आ याि मक ह हम जो धलाई और श ध चा हए वह दल क ह सगरोध हम यादा चा हए अपन अहकार इछाओ नश क लत स दर रहन क व वास सखाता ह क- सबस हताश समय हम हमार भधता और अपन वय क

बार सखाता ह हम सब न दखा जस क बताया गया क सब स प व थानना पर जान स अ थायी तबध कया गया ह हा व वासनह जान स दखी नह होना ह ल कन हम म स कतन न पछा या प व आ मा क भावना हमार दल म टक हई ह या म का म काबा म पाई गई अ लाह क प व ता

12

हमार सीन म भी पाई जाती ह या वह यार अमन

र नबी क शहर म पात ह और उनक तर क़ का पालन करनाहोती ह हम अ थायी तबध पर वचार कर सकत ल कन हम कभी भी अ लाह क दया स तब धत नह होना चाहत ह उ मीद ह क हम कभी भी अ लाह क नबी क उदाहरण क अनसारण करन स

कभी पीछ न हट और उनक स दश का प लव क उ ह सार सि ट पर दया करन क लए भजा गया था उ मीद ह क हम कभी भी इस द नया स इतना लगाव ना रख क हम ज़मीन पर लड़त रह जब क हम इसी ज़मीन म हमर अ तम वापसी ह योजनाए बदल सकती ह पसा खो सकता ह तरह क वप कलए तयार करता ह यह ज़ र नह क इस हटा द धन क हा न म वशष प स आप आि तक का नशान दखग दया या लया गया सब कछ सबस

13

उ च सबस अ धक दनवालाहसस करत ह तो उस यि त क बार म सोच िजसक पास कछ नह ह सघष क समय आभार होन स सवधन म ऐसा करनाआसान बनता ह हमार यार नबी का फरमान ह

अ लाह स सावधान रह और वह त हार र ा करगा अ लाह स सावधान रह तम उस अपन सामन पाओग अगर आप पछत ह तो अ लाह ह स पछ अगर तम मदद चाहत हो तो अ लाह ह स मदद लोऔर जान लो क अगर रा को इक ठा कर आपको लाभ पहचानक लए व आपको लाभ नह द सकत सवाय

इसक क अ लाह न आपक लए पहल स नधा रत कया ह और अगर व कसी भी चीज़ क साथ आपको नक़सान पहचान क लए इकठाहए व आप को नक़सान

नह पहचा सकत सवाय इसक क अ लाह न आपक लए पहल स नधा रत

कया ह क़लम उठा लए गए ह और प ठ सख गए ह और उ ह न कहा अ लाह स सावधान रह तम उस अपन सामन पाओग अ लाह को आसानी और सम ध क समय पहचानो और वीकार करो और वह आपको वप क समय याद रखगा और जान लो क जो चीज़ तम तक नह पहची और पास स गज़र गई वह त हार लए घ टत नह था और जो त हार लए घ टत था वह त हार पास स गज़रन वाल नह थी - (9)

द य ान

14

सब स पहल और सब स मह वपण कोई भी यि त यह

कता क अ लाह न मानवता पर यातना य भजा ह यह अ लाह क हकमत ह जो कवल वह नद ट कर सकता ह

महामार क बीमार लए नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क हद स स

प ट ह क व वान न व ीय को कस दखा - (10 ) व भ न लोग पर लाग सावभौ मक समझदार क बीच उनक इराद क अनसार

और

उनक लए अ लाह कस इ छा रखत ह

1 सकत - यह सवशि तमान क सावभौ मक शि त और

ब क लए एक सकत ह 2 आशीवाद और दया- जस क नबी न बताया 3 कारण - उनका समय और तार ख़ जो नधन हो गया था

ण था यह कोरोनावाइरस नह होता तो कछ और होता 4 सज़ा - अयाचार करन वाल और अ वीकार करन वाल क लए

इसक अलावा यह इ लामी धा मक क दायर म जाता ह ककस तरह कसी वप क समझ सकता ह या तो यह

1 उ न त - एक पर ण िजस म अ लाह उन लोग क ि थ तह

चाहता ह

15

2 श धकरण - जो पापन म अगल क तलनाम साफ़ हो जाए

3 त ब ब - कसी यि त को सकत दन क लए ता क

लौट आए 4 या यातना - पाप और अ वीकार क लए सज़ा

हमार पास कसी एक सावभौ मक बयान नबी का नह ह जो प ट प स यि त

और पी ड़त होन क ि थ त पर नभर करता कवल अ लाह यि तय का याय

करता ह और व य पी ड़त थ इसक सट क समझदार उनक लए व श ट ह पवक थत हद स सावभौ मक ान पर काश

डालती ह और हर यि त क कार क

दःख वय ख़द क लए जवाबदह होत ह सभी उठाए जाएग और अपन अपन इराद क अनसार उनका फ़सला होगा आयशा न पछा

ओ अ लाह क रसल उन सभी को य उ हन जवाब दया

उन सभी को प वी वारा नगल लया जाएगा ल कन उ ह उनक इराद क अनसार नणय क लए उठाया जाएगा यह अ लाह क व वध स धात स ह अगर यह सज़ा हो भी जाए शा मल कर सकती ह उनक इराद और समझदार क आधार पर जसा क ऊपर बताया गया और यह

16

व वा सय ग़र-

व वा सय नदश या ज़ा लम क बीच अतर नह करतामान

ۃ منکم ظلموا الذين تصيبن ال فتنۃ اتقوا و ا و خاص ان اعلمو العقاب شديد और उस फतन स डरत रहो जो ख़ास उ ह लोग पर नह पड़गा िज ह न तम

म स

ज़ म कया (बि क तम सबक सब उसम पड़ जाओग) और यक़ न मान क अ लाह

बड़ा सत अज़ाब करन वाला ह (Qu ra n 8 2 5) बि क यह यक आि तक पर ख़द को बचान क लए आव यक साधन लना चा हए च क साक य प स शार रक प स

दसर क लए नवारक उपाय कर एसा कह जान क बाद लोग को घरन वाल वप का द यहश वारा उ लख कयागया ह िजस न बताया क नबी (सि ल अ लाह अल ह

व सि लम) एक दन उनक पास डर क ि थत म आए और कहा

ला इलाहा इ लला (कोई भी पजा क यो य नह सवाय अ लाह क)

अरबलोग पर एक आस न बराई स जो उ ह भा वत करगा आज इस आकार

17

का एक छद याजज और माजज को रोकन वाल द वार म बनाया गया हऔर उ ह न अपन अगठ और

तजनीस एक च बनाया ज़नब न कहा या रसलअ लाह

या हम न ट ह ग जब क धम लग हमार बीच ह उ ह न उ र दया हा य द द टता फलती ह तो भल होती ह (11) इन हद स म उ ल खत ई वरय फरमान क यापक स चाई एक महामार क

जो द नया पर हमला करसकती ह और वशष प स लोग क समह पर -

अ लाह क सकत म स ह जो अ लाह अपनी सि ट पर भजता ह वा त वकता क

सकत परमामा क हाथ जो उसक सिट पर ह क उपीड़क उसक पकड़ स बच

नह सकत और उसी का भव ह और उसक यहा अतम वापसी ह अततः अ लाह का ान हमार समझ क सी मत दायर को पार कर जाता ह और कवल

सवशि तमान क पास अपनी ब ध का सह सार ह हमनामा म उदा और उसक भाव म स म यह सफ़ कछ ान ह जो हमार द य थ म गीत ह

सर म ान शा मल ह जस क कसी चीज़ स आपक र ा कराक म य पर त ब बत करन क लए एक वकअप काल ह अ लाहऔर कवल बहतर हाइजीन क मा यम स बीमार नह फलान क बार म जानकार कर

18

अ लाह का फरमान ह

ا االرض نبات بہ فاختلط السماء من انزلنہ کماء الدنيا الحيوة مثل انما ا و الناس ياکل ممينت و زخرفہا االرض اذااخذت حتی النعام ل امرنا اتہا عليہا قدرون انہم اہلہا ظن و از

ل کذلک باالمس لمتغن کان حصيدا فجعلنہا نہارا او يال يت نفص يتفکرون لقوم اال द नयावी िज़दगी क मसल तो बस पानी क सी ह क हमन उसको आसमान स

बरसाया फर ज़मीन क साग पात िजसको लोग और चपाए खा जात ह (उसक साथ मल-जलकर नकल यहा तक क जब ज़मीन न (फसल क चीज़ स) अपना बनाव सगार कर लया और (हर तरह)

आरासता हो गई और खतवाल न समझ लया क अब वह उस पर यक नन क़ाब पा गए (जब चाहग काट लग) यकायक हमारा ह म व अज़ाब

रात या दन को आ पहचा तो हमन उस खत को ऐसा साफ कटा हआ बना दया क

गोया कल उसम कछ था ह नह जो लोग ग़ौर व फ़ करत ह उनक लए हम आयत को य तफ़सीलदार बयान करत ह (Quran 1024)

क ठनाइय स नपटन का मि लम दशन तब सावभौ मक ब धम ा को दशाता ह और अपन आप स पछता ह म या कर सकता ह एक

अनदखी तमान पर सवाल उठान और या यक गलतफहमी स खद

को पग बनान क बजाय ऐसा सवाल नह करना चाइय ldquoभगवान न

ऐसा य कयाrdquo

19

महामार रोग और लग का फख़ यह सवाल हम या कर सकत ह का चचा इ लामी व वान क बीच कया गया ह वह बीमार जो फलती ह या महामार वग़रह क लए जो स नत म इ तमाल क गई ह वह ह - तावन या वबा कभी-कभी यह श द को परसपार (अदल बदल स) इ तमाल कया जाता ह और अ य समय म यह कसी वशष कार

महामार या रोग जो क महामार क स मान हो या लग इययाद न कहा क ताऊन एक व श ट कार क बीमार

लए सद भत करता हिजस म शर र पर फोड़ फल जात और वबा सभी महामार बीमार क लए इ तमाल करत ह वबा को ताऊन कहा जाता ह य क वह मतय का कारण बन सकता ह

वबा ह ल कन हर वबा ताऊन नह ह - (12 ) म तसर तौर पर ताऊन और वबा एक दसर क बदल म

द य

20

थ म इनक बीच का अतर उस वख़त ज़ र ह जब व श ट हद स पर चचा कया जाता ह नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) का फ़रमान ह

म न (सपन म) दखा एक अनचाह बाल वाल नीरस अधर म हला मद ना स नकल कर महाइया म बसन क

तक क प म या या यत कया क यह मद ना स महाइया यानी अल-

जहफा क तरफ़ भजा जा रहा ह -(13)

यहा पर नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) वबा क तरफ़ इशारा कर रह थ - ख़ास कर मल रया और इ फ़लएनज़ा जो क उस व त मद ना म मौजद थाहा था और शहर इसस यापत था यहातक क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क दोन वालदन इसी बीमार क वजह स गजर ह ग य क इस शहर क साथ जड़ यह बीमार क कारण यहा वबा को बीमार क प मसद भत कया गया जो कई लोग को मारबीमार कर रहा था नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) शहर को इस बीमार स म त करन और श ध करन क व श ट ाथना करत

21

या अ लाह मद नाह को हम यारा बनाइए िजस तरह आप बनया और उस स भी अ धक और इस म होन वाल बख़ार को अल-

जोहफा म थानातरण कर दना ओअ लाह हमार मद औरत द

(भोजन और ावधान क लए वज़न क कार) - (14) और जब नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

ताऊन ( लग महामार क बीमार ) एक रजज़ ( वप ) सज़ा ह जो उसन तम स

पहल आन वाल को दया था और आयशा न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स ताऊन क बार म जानकार क ओर उ हन कहा

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस चाह उस भज दता ह ल कन अ लाह न इस व वा सय क लए एक दया बना दया ह यह दोन सदभ

ताऊन क महामार बीमार का उ लख करत ह नबी (सिल अलाह अलह व सिलम) मदना क तालजक़ स फ़रमात ह

मद ना क वश वार पर वगदत ह जो ताऊन ( लग) और दजजाल ( वरोधी मसीह) को इसम वश करन स रोकत ह -(15)

इस मामल म ताऊन महामार क व श ट बीमार या स धत करता ह ल कन मद ना सामा य महामार क बीमा रय स सर त नह ह

22

इमाम नववावी न कहा

यहा ताऊन का मतलब पीप स भर दान (फ़ोड़) जो शर र पर फटत ह य ऊसन ध या बगल यादत ह सजन और ती दद क साथ

ह ह -(16) यह हद स हमर समझ म मह वपण ह य क मद ना म लग वश होन स सर

ह ल कन महामार रोग स नह कई बार महामार बीमारवश

हई ह उमर (अलाह उनस सन हो) क ख़लाफ़त क समय सहत म का और मद ना क कछ महामार य क ऐ तहा सक समयरखा १३-१४ हजर (13-14H) क बीच -

अब अलअसवद ( स ध व वान िज ह न अरबी याकरण क नयम को नकाला) बयान करत ह

म मदना गया था जब बीमार का कोप हआ था और लोग तज़ी स मर रह थ म उमर क साथ बठा हआ था और वहा स एक अ तम स कार का जलस गज़रा (17)

23

१५२ हजर (152 H)

- इ तहासकार महममद अलमग़धा व वारा पाया गया एक महामार क राहत

क लए ाथना क एक च टान पर एक शलालख शलालख लखा ह

ओ अलाह मदना क लोग स वबा (महामार रोग) और कठनाई को दर कर लखा गया जमादा साल 152

७३५ (735 H)

- ड थी रया महामार न मद ना म पी ड़त हआ िजस स हर दन 15 लोग क मय होती थी उ ह न इस स पहल ऐसा कछ नह दखा था ७४९ (749 H) - महामार क बीमार न म का म पी ड़त हआ

24

1235 H (1814 CE) - महामार क कारण सामाय प स हजाज़ म 80 0 0 क मौत हो जाती ह 1246 H (1831 CE) - भारत स आई एक महामार क बीमार न म का म तीथया य क तीन चौथाई को मार दया 1252-1255 H (1837 CE-1840 CE) - म का म हज क अव ध म महामार रोग होत ह Pg १३ (13) TLI अमावस का लग - भ व यवाणी और मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय क जीवन म सबक़ नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न 9H म तबक क अ भयान क दौरान

कई

भवयवाणीया क उनम स एक लग जो उनक कई अनयायय को भावत करगा औफ़ बन मा लक अल-अशजाई न कहा

म तबक क अ भयान क दौरान अ लाह क रसल (सि लअ लाह अल ह व सि लम) क पास आया जब क वह चमड़ क बन हए तब म थन बठगया

25

रसलअ लाह (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

दाखल हो ओ औफ़ म कहा मसब या रसलअलाह उहन कहा

आप सभी फर उ ह न कहा

ओ औफ़ छह चीज़ याद रख जो अ तम घट स पहल घ टतक

मर मौत ह म इस स बहत हरान और दखी हआ उ हन कहा

इस पहल क प म गनो फर बतअलमख़दस ज सलम क वजय आएगी फर एक बीमार जो आपक बीच दखाई दगी और आपको औरआपक ब च को शह द क प म मरन का कारण बनगी आपक कम को श ध करगी फर आपक बीच बहत धन होगा ता क अगर एक आदमी को सौ द नार दए जाए तो भी वह असत ट

रहगा और आपक बीच लश होगा जो कसी भी मि लम घर को अछता नह रखगा फर आपक

और रोमन क बीच एक स ध

होगी फर व आपको धोखा दग और असी बनर क साथ आपक ख़लाफ़ माच

करग िजनम स यक क तहत बारह हज़ार सनक हग -(18) नबी क भ व यवाणी म बीमार का उ लख उमर इबन ख़तताब क खलाफत क दौरान हआ वष 18 H 639 CE म एक सय अभयान क दौरान अमावस -

(19) फलसतीन बत अलमखदस(ज सलम) स 30

26

फट पड़ा और नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कई साथी पी ड़त हए अलजौहर न कहा यह इ लाम का पहला लग था

(2 0 ) जसा क नबी (सिलअलाह अलह व सिलम) वारा भ व यवाणी क गई थी उस समय क ख़ल फ़ा उमर न इसक बार म

सना और

उसक चता क कारण उनस मलन क लए नकल पड़ अ द ला इ न अ बास उन घटनाओ का वणन करत ह जब उमर इ न ख़तताब

न शाम (ल वाट फलस तन

वह शरग

नामक एक जगह पर पहच तो सना क कमाडर अब उबयदा इ न जराह और उनक

साथी उमर स मल और बताया क एक लग शाम म फल गया ह अदला इन अबास न कहा उमर न मझस कहा

थम महािजर (सबस श आती मि लम जो मद नाक अ वासी थ) को मर लए

बलाव मन उ ह बलायाएक लग शाम म पी ड़त ह व असहमत थ उनम कछ न कहा आप कसी मामल पर

नकल पड़ हऔर हम नह लगता क आपको इस स पीछ हटना चा हएदसर

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

5

बि म लाह हररहमान नररह म श अ लाह क नाम जो बीमार क आ ा दता ह और जो इलाज भी उपहार

करता ह जो हम शध करन क लए प र ण करता ह जो कमज़ोर क नधारण दता ह और यह दखता ह क मज़बत लोग अपन

सकाय का उपयोग उन लोग क मदद क लय कस करग िजस स उनक

लालच को ठक करन म मदद मलगी और ताक उन सब क जाच क जाए क

कौन सब स बहतर ह कम म उसन हम पदा कया हम मट स बनाया ताक हम अपनी ताख़त का धोका न

खाऐ और हम अपनी कमज़ोर क जानकार रख वह हम सावभौमक सकत

भजा ह जो घर हए ह ताक हम दय स मानवता तक का सबध याद रह वह मर हए को जीवन दता ह और उसक याद स दल को पनजवत करता ह जो उस जानत ह वह बहत सपन ह जबक व जो सबस धनी ह लकन उस स

लापरवाह ह व बर तरह स ग़रब ह और ग़लतफ़हमी म खोए हए ह कोइ शक नह क बीमार एक पर ण ह और अ लाह क सकत म स एक

सकत ह श धकरण इलाम म बीमार श ध का सकत ह जबक पग़बर (सिल अलाह अलह व सिलम) कसी बीमार यित क घर जात तब कहत (ला बास तहन इनशा अ लाह) कोइ नक़सान नह यह श ध दता ह इशाअ लाह ldquo-1

6

उहन कहा एक आितक (मिलम) का उदाहरण - जब वह बीमार या बख़ार स पी ड़त हो ऐसा ह िजस लरह लोह क एक टकड़ को जब आग म दालन स

इसक दोष चल जात ह और अ छ अवशष रह जात ह - 2

उहन कहा बीमार स मलन जाए अतम स कार क जलस क साथ जाए अपन आप को अगल जीवन क याद दलाए - 3

य रसल क महरबानी पढ़ क जब उनक समदाय क एक म हला क

ग़रमौजदगी महसस हई और उसक बार म जानकार करन पर पता चला क वह

बीमार ह तब उहन उस दखन क लय गए उस क लए दआ क और उस दलासा दन वाल शद और उपि थत द उम - अल - अला न कहा अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) म बीमार होन पर मझस मलन

आए उहन न कहा ख़श हो उम अल-अला अलाह एक मिलम क पाप को बीमार स उसी कार दर करता ह िजस तरह आग सोन और चाद क दोष

को दर करती ह-4

और य नबी न कहा कोइ वप मिलम को नह काटती सवाय इसक क

अ लाह उनस उनक पाप को दर करता ह भल ह व काट स चभ ह -5

7

ज़ म (अ याचार) और पाप हालाक भम म बीमार श ध हो सकती ह यह अ लाह क नाराज़गी का सकत भी हो सकता ह पाप या अयाचार क कारणअब बकर स दख़

(अलाह उन स सन हो) न फ़रमाया ओ लोग यह आयत पढ़हो

ايہا کم ال انفسکم عليکم امنوا الذين ي ن يضر جميعا مرجعکم الی اہتديتم اذا ضل م تعملون کنتم بما فينبئکم

ह ववासय आप कवल अपन लए जवाबदह ह अगर कोई भटकना चाह तो यह आपको नक़सान नह पहचाएगा - जब तक आप सह तर क़ स नद शत

होत ह तम सब क सब अलाह ह क तरफ़ लौट कर जाना ह तब तम जो कछ करत थ (अलाह) तह बता दगा (5 10 5) लकन म न रसलअलाह (सिल अलाह अलह व सिलम) क कहत हए सना ldquoजब लोग कसी ज़ालम

को दखत ह ल कन उ ह उनक ज़ म और बराई स नह रोकत तब अ लाह उन

सभी को सज़ा क साथ घर लगा - (6)

अ लाह आ ख़रकार हर यि त का उन क इराद क आधार पर याय करता ह कोई भी पी ड़त यि त को अ लाह स अ छा सदह रखना चा हए और उ ह

वय अपन आप को भी जवाबदह होना चा हए रसलअलाह (सिल अलाह अलह व सिलम) न फ़रमाया एक सना काबा पर छापा मारागी और जब वह एक रगतान पक पहचगी उन सभी को पवी नगल जाएगी

8

आयशा न पछा या रसलअ लाह उन सभी को य

उहन जवाब दया उन सभी को प वी नगल जाएगी लकन उह उनक

इराद क अनसार नणय क लए उठाया जाएगा -(7)

आयश न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स

वप य (लग) क बर म पछा और उहन जवाब दया यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस भी चह उन पर भजता ह ल कन अ लाह न व वा सय क लए

इस एक दया बनायी ह जो कोई अ लाह का सवक लग स पी ड़त भ म म

रहता ह और धय स रहता ह और अ लाह स इनाम क उ मीद रखता ह यह

जानत हए क उ ह कछ नह होगा सवाय वह क जो अ लाह न ह म कया उ ह शह द का पर कार दया जाएगा -(8) वा त वकताओ (स चाई) बीमार और अधक वशष प स महामार चता क भावना लात ह अ ात

पी ड़त बीमार क भावना हम अ नि चतता क भावना द सकती ह और कछ

लाचार भी यह इन समय म हम भावनामक और आयािमक लचीलापन (लौटाव) का नमाण करत ह हमार ववास क त िजस पर हमारा ववास थापत ह हम यह ववास (यक़ न) ह क कछ भी यि त को घ टत नह होता सवाय अ लाह क इ छा क और इसम दया उदय ह भल ह हम इस नह समझ सकत ह अलाह का उ द य और ान ह िजस हम अनभव कर सकत ह और कभी नह कर

9

सकत ह फर भी हमारा व वास उस गहराई तक पहचा हआ ह क सब

अलाह क तरफ़ स ह जो सवशितमान बधमान ह

١٨﴿ الخبير الحکيم ہو و عباده فوق القاہر ہو و वह अपन तमाम ब द पर ग़ा लब ह और वह व क़फ़कार हक म ह (ख़रान 6 18)

ہم و رسلنا توفتہ الموت احدکم جاء اذا حتی حفظۃ عليکم يرسل و عباده فوق القاہر ہو و طون ال يفر

वह अपन ब द पर ग़ा लब ह वह तम लोग पर नगहबान (फ़ र त तनात करक)

भजता ह -यहा तक क जब तम म स कसी क मौत आए तो हमार भज हए फ़ र त उसको (द नया स) उठा लत ह और वह (हमार तामील हम म ज़रा भी) कोताह नह करत (Qu ra n 6 61)

صيبۃ من اصاب ما يؤمن من و باذن اال م و قلبہ يہد با عليم شیء بکل

10

कोई भी मसीबत नह आती ह सवाय अ लाह क अनम त स और जो श स

अ लाह पर ईमान लाता हतो अ लाह उसक दल क हदायत करता ह और

अलाह हर चीज़ स ख़ब वाक़फ़ ह (qu ra n 64 11) भल ह हम तकलता कठोरताछ क ान को नह समझसकत उनक नधन म

र उप ा क वा त वकता क आव यकता को दखत ह हमार आ मा क उप ा परमा मा स

अपन लगाव क उप ा एसा नह क हम सीखन क लए क ठनाई क आव यकता ह ल कन यह कछ ान को त ब बत करता ह य क कोईभी कठनाई स नह बचा ह ल कन हम सभी को उनस पार पान क लए व वास क आव यकता ह क ठनाई क ण हम हमदद सखात ह वह यि त जो मि कल स गज़ारा हो दसर क साथ यि तगत प स सहानभ त रख सकता ह इन ण म हम मानवता क

त क णा और सवा क काय दखत ह िजसस हम सबक़ लत ह और हम बाधत ह जो कवल व वास ह सखा सकता ह याग क शि त उस समय सब स मज़बत होती ह जब कसी क पास दन क लए बहत कम होन

11

उस ण म दसर क लाभ क लए दता ह यह हम अ लाह और उसक महबब

बक़

ह साम हक प स कमजोर होन पर मानवता का वाथ कम हो जाता ह और व सीखत ह क उनका एक मा समाधान एक दसर क ओर मड़ना ह और उसी को पकारना ह जो उ ह बाधता ह वा तव म हम सीखत ह क हम जो स ची तयार करनी ह वह आ याि मक ह हम जो धलाई और श ध चा हए वह दल क ह सगरोध हम यादा चा हए अपन अहकार इछाओ नश क लत स दर रहन क व वास सखाता ह क- सबस हताश समय हम हमार भधता और अपन वय क

बार सखाता ह हम सब न दखा जस क बताया गया क सब स प व थानना पर जान स अ थायी तबध कया गया ह हा व वासनह जान स दखी नह होना ह ल कन हम म स कतन न पछा या प व आ मा क भावना हमार दल म टक हई ह या म का म काबा म पाई गई अ लाह क प व ता

12

हमार सीन म भी पाई जाती ह या वह यार अमन

र नबी क शहर म पात ह और उनक तर क़ का पालन करनाहोती ह हम अ थायी तबध पर वचार कर सकत ल कन हम कभी भी अ लाह क दया स तब धत नह होना चाहत ह उ मीद ह क हम कभी भी अ लाह क नबी क उदाहरण क अनसारण करन स

कभी पीछ न हट और उनक स दश का प लव क उ ह सार सि ट पर दया करन क लए भजा गया था उ मीद ह क हम कभी भी इस द नया स इतना लगाव ना रख क हम ज़मीन पर लड़त रह जब क हम इसी ज़मीन म हमर अ तम वापसी ह योजनाए बदल सकती ह पसा खो सकता ह तरह क वप कलए तयार करता ह यह ज़ र नह क इस हटा द धन क हा न म वशष प स आप आि तक का नशान दखग दया या लया गया सब कछ सबस

13

उ च सबस अ धक दनवालाहसस करत ह तो उस यि त क बार म सोच िजसक पास कछ नह ह सघष क समय आभार होन स सवधन म ऐसा करनाआसान बनता ह हमार यार नबी का फरमान ह

अ लाह स सावधान रह और वह त हार र ा करगा अ लाह स सावधान रह तम उस अपन सामन पाओग अगर आप पछत ह तो अ लाह ह स पछ अगर तम मदद चाहत हो तो अ लाह ह स मदद लोऔर जान लो क अगर रा को इक ठा कर आपको लाभ पहचानक लए व आपको लाभ नह द सकत सवाय

इसक क अ लाह न आपक लए पहल स नधा रत कया ह और अगर व कसी भी चीज़ क साथ आपको नक़सान पहचान क लए इकठाहए व आप को नक़सान

नह पहचा सकत सवाय इसक क अ लाह न आपक लए पहल स नधा रत

कया ह क़लम उठा लए गए ह और प ठ सख गए ह और उ ह न कहा अ लाह स सावधान रह तम उस अपन सामन पाओग अ लाह को आसानी और सम ध क समय पहचानो और वीकार करो और वह आपको वप क समय याद रखगा और जान लो क जो चीज़ तम तक नह पहची और पास स गज़र गई वह त हार लए घ टत नह था और जो त हार लए घ टत था वह त हार पास स गज़रन वाल नह थी - (9)

द य ान

14

सब स पहल और सब स मह वपण कोई भी यि त यह

कता क अ लाह न मानवता पर यातना य भजा ह यह अ लाह क हकमत ह जो कवल वह नद ट कर सकता ह

महामार क बीमार लए नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क हद स स

प ट ह क व वान न व ीय को कस दखा - (10 ) व भ न लोग पर लाग सावभौ मक समझदार क बीच उनक इराद क अनसार

और

उनक लए अ लाह कस इ छा रखत ह

1 सकत - यह सवशि तमान क सावभौ मक शि त और

ब क लए एक सकत ह 2 आशीवाद और दया- जस क नबी न बताया 3 कारण - उनका समय और तार ख़ जो नधन हो गया था

ण था यह कोरोनावाइरस नह होता तो कछ और होता 4 सज़ा - अयाचार करन वाल और अ वीकार करन वाल क लए

इसक अलावा यह इ लामी धा मक क दायर म जाता ह ककस तरह कसी वप क समझ सकता ह या तो यह

1 उ न त - एक पर ण िजस म अ लाह उन लोग क ि थ तह

चाहता ह

15

2 श धकरण - जो पापन म अगल क तलनाम साफ़ हो जाए

3 त ब ब - कसी यि त को सकत दन क लए ता क

लौट आए 4 या यातना - पाप और अ वीकार क लए सज़ा

हमार पास कसी एक सावभौ मक बयान नबी का नह ह जो प ट प स यि त

और पी ड़त होन क ि थ त पर नभर करता कवल अ लाह यि तय का याय

करता ह और व य पी ड़त थ इसक सट क समझदार उनक लए व श ट ह पवक थत हद स सावभौ मक ान पर काश

डालती ह और हर यि त क कार क

दःख वय ख़द क लए जवाबदह होत ह सभी उठाए जाएग और अपन अपन इराद क अनसार उनका फ़सला होगा आयशा न पछा

ओ अ लाह क रसल उन सभी को य उ हन जवाब दया

उन सभी को प वी वारा नगल लया जाएगा ल कन उ ह उनक इराद क अनसार नणय क लए उठाया जाएगा यह अ लाह क व वध स धात स ह अगर यह सज़ा हो भी जाए शा मल कर सकती ह उनक इराद और समझदार क आधार पर जसा क ऊपर बताया गया और यह

16

व वा सय ग़र-

व वा सय नदश या ज़ा लम क बीच अतर नह करतामान

ۃ منکم ظلموا الذين تصيبن ال فتنۃ اتقوا و ا و خاص ان اعلمو العقاب شديد और उस फतन स डरत रहो जो ख़ास उ ह लोग पर नह पड़गा िज ह न तम

म स

ज़ म कया (बि क तम सबक सब उसम पड़ जाओग) और यक़ न मान क अ लाह

बड़ा सत अज़ाब करन वाला ह (Qu ra n 8 2 5) बि क यह यक आि तक पर ख़द को बचान क लए आव यक साधन लना चा हए च क साक य प स शार रक प स

दसर क लए नवारक उपाय कर एसा कह जान क बाद लोग को घरन वाल वप का द यहश वारा उ लख कयागया ह िजस न बताया क नबी (सि ल अ लाह अल ह

व सि लम) एक दन उनक पास डर क ि थत म आए और कहा

ला इलाहा इ लला (कोई भी पजा क यो य नह सवाय अ लाह क)

अरबलोग पर एक आस न बराई स जो उ ह भा वत करगा आज इस आकार

17

का एक छद याजज और माजज को रोकन वाल द वार म बनाया गया हऔर उ ह न अपन अगठ और

तजनीस एक च बनाया ज़नब न कहा या रसलअ लाह

या हम न ट ह ग जब क धम लग हमार बीच ह उ ह न उ र दया हा य द द टता फलती ह तो भल होती ह (11) इन हद स म उ ल खत ई वरय फरमान क यापक स चाई एक महामार क

जो द नया पर हमला करसकती ह और वशष प स लोग क समह पर -

अ लाह क सकत म स ह जो अ लाह अपनी सि ट पर भजता ह वा त वकता क

सकत परमामा क हाथ जो उसक सिट पर ह क उपीड़क उसक पकड़ स बच

नह सकत और उसी का भव ह और उसक यहा अतम वापसी ह अततः अ लाह का ान हमार समझ क सी मत दायर को पार कर जाता ह और कवल

सवशि तमान क पास अपनी ब ध का सह सार ह हमनामा म उदा और उसक भाव म स म यह सफ़ कछ ान ह जो हमार द य थ म गीत ह

सर म ान शा मल ह जस क कसी चीज़ स आपक र ा कराक म य पर त ब बत करन क लए एक वकअप काल ह अ लाहऔर कवल बहतर हाइजीन क मा यम स बीमार नह फलान क बार म जानकार कर

18

अ लाह का फरमान ह

ا االرض نبات بہ فاختلط السماء من انزلنہ کماء الدنيا الحيوة مثل انما ا و الناس ياکل ممينت و زخرفہا االرض اذااخذت حتی النعام ل امرنا اتہا عليہا قدرون انہم اہلہا ظن و از

ل کذلک باالمس لمتغن کان حصيدا فجعلنہا نہارا او يال يت نفص يتفکرون لقوم اال द नयावी िज़दगी क मसल तो बस पानी क सी ह क हमन उसको आसमान स

बरसाया फर ज़मीन क साग पात िजसको लोग और चपाए खा जात ह (उसक साथ मल-जलकर नकल यहा तक क जब ज़मीन न (फसल क चीज़ स) अपना बनाव सगार कर लया और (हर तरह)

आरासता हो गई और खतवाल न समझ लया क अब वह उस पर यक नन क़ाब पा गए (जब चाहग काट लग) यकायक हमारा ह म व अज़ाब

रात या दन को आ पहचा तो हमन उस खत को ऐसा साफ कटा हआ बना दया क

गोया कल उसम कछ था ह नह जो लोग ग़ौर व फ़ करत ह उनक लए हम आयत को य तफ़सीलदार बयान करत ह (Quran 1024)

क ठनाइय स नपटन का मि लम दशन तब सावभौ मक ब धम ा को दशाता ह और अपन आप स पछता ह म या कर सकता ह एक

अनदखी तमान पर सवाल उठान और या यक गलतफहमी स खद

को पग बनान क बजाय ऐसा सवाल नह करना चाइय ldquoभगवान न

ऐसा य कयाrdquo

19

महामार रोग और लग का फख़ यह सवाल हम या कर सकत ह का चचा इ लामी व वान क बीच कया गया ह वह बीमार जो फलती ह या महामार वग़रह क लए जो स नत म इ तमाल क गई ह वह ह - तावन या वबा कभी-कभी यह श द को परसपार (अदल बदल स) इ तमाल कया जाता ह और अ य समय म यह कसी वशष कार

महामार या रोग जो क महामार क स मान हो या लग इययाद न कहा क ताऊन एक व श ट कार क बीमार

लए सद भत करता हिजस म शर र पर फोड़ फल जात और वबा सभी महामार बीमार क लए इ तमाल करत ह वबा को ताऊन कहा जाता ह य क वह मतय का कारण बन सकता ह

वबा ह ल कन हर वबा ताऊन नह ह - (12 ) म तसर तौर पर ताऊन और वबा एक दसर क बदल म

द य

20

थ म इनक बीच का अतर उस वख़त ज़ र ह जब व श ट हद स पर चचा कया जाता ह नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) का फ़रमान ह

म न (सपन म) दखा एक अनचाह बाल वाल नीरस अधर म हला मद ना स नकल कर महाइया म बसन क

तक क प म या या यत कया क यह मद ना स महाइया यानी अल-

जहफा क तरफ़ भजा जा रहा ह -(13)

यहा पर नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) वबा क तरफ़ इशारा कर रह थ - ख़ास कर मल रया और इ फ़लएनज़ा जो क उस व त मद ना म मौजद थाहा था और शहर इसस यापत था यहातक क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क दोन वालदन इसी बीमार क वजह स गजर ह ग य क इस शहर क साथ जड़ यह बीमार क कारण यहा वबा को बीमार क प मसद भत कया गया जो कई लोग को मारबीमार कर रहा था नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) शहर को इस बीमार स म त करन और श ध करन क व श ट ाथना करत

21

या अ लाह मद नाह को हम यारा बनाइए िजस तरह आप बनया और उस स भी अ धक और इस म होन वाल बख़ार को अल-

जोहफा म थानातरण कर दना ओअ लाह हमार मद औरत द

(भोजन और ावधान क लए वज़न क कार) - (14) और जब नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

ताऊन ( लग महामार क बीमार ) एक रजज़ ( वप ) सज़ा ह जो उसन तम स

पहल आन वाल को दया था और आयशा न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स ताऊन क बार म जानकार क ओर उ हन कहा

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस चाह उस भज दता ह ल कन अ लाह न इस व वा सय क लए एक दया बना दया ह यह दोन सदभ

ताऊन क महामार बीमार का उ लख करत ह नबी (सिल अलाह अलह व सिलम) मदना क तालजक़ स फ़रमात ह

मद ना क वश वार पर वगदत ह जो ताऊन ( लग) और दजजाल ( वरोधी मसीह) को इसम वश करन स रोकत ह -(15)

इस मामल म ताऊन महामार क व श ट बीमार या स धत करता ह ल कन मद ना सामा य महामार क बीमा रय स सर त नह ह

22

इमाम नववावी न कहा

यहा ताऊन का मतलब पीप स भर दान (फ़ोड़) जो शर र पर फटत ह य ऊसन ध या बगल यादत ह सजन और ती दद क साथ

ह ह -(16) यह हद स हमर समझ म मह वपण ह य क मद ना म लग वश होन स सर

ह ल कन महामार रोग स नह कई बार महामार बीमारवश

हई ह उमर (अलाह उनस सन हो) क ख़लाफ़त क समय सहत म का और मद ना क कछ महामार य क ऐ तहा सक समयरखा १३-१४ हजर (13-14H) क बीच -

अब अलअसवद ( स ध व वान िज ह न अरबी याकरण क नयम को नकाला) बयान करत ह

म मदना गया था जब बीमार का कोप हआ था और लोग तज़ी स मर रह थ म उमर क साथ बठा हआ था और वहा स एक अ तम स कार का जलस गज़रा (17)

23

१५२ हजर (152 H)

- इ तहासकार महममद अलमग़धा व वारा पाया गया एक महामार क राहत

क लए ाथना क एक च टान पर एक शलालख शलालख लखा ह

ओ अलाह मदना क लोग स वबा (महामार रोग) और कठनाई को दर कर लखा गया जमादा साल 152

७३५ (735 H)

- ड थी रया महामार न मद ना म पी ड़त हआ िजस स हर दन 15 लोग क मय होती थी उ ह न इस स पहल ऐसा कछ नह दखा था ७४९ (749 H) - महामार क बीमार न म का म पी ड़त हआ

24

1235 H (1814 CE) - महामार क कारण सामाय प स हजाज़ म 80 0 0 क मौत हो जाती ह 1246 H (1831 CE) - भारत स आई एक महामार क बीमार न म का म तीथया य क तीन चौथाई को मार दया 1252-1255 H (1837 CE-1840 CE) - म का म हज क अव ध म महामार रोग होत ह Pg १३ (13) TLI अमावस का लग - भ व यवाणी और मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय क जीवन म सबक़ नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न 9H म तबक क अ भयान क दौरान

कई

भवयवाणीया क उनम स एक लग जो उनक कई अनयायय को भावत करगा औफ़ बन मा लक अल-अशजाई न कहा

म तबक क अ भयान क दौरान अ लाह क रसल (सि लअ लाह अल ह व सि लम) क पास आया जब क वह चमड़ क बन हए तब म थन बठगया

25

रसलअ लाह (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

दाखल हो ओ औफ़ म कहा मसब या रसलअलाह उहन कहा

आप सभी फर उ ह न कहा

ओ औफ़ छह चीज़ याद रख जो अ तम घट स पहल घ टतक

मर मौत ह म इस स बहत हरान और दखी हआ उ हन कहा

इस पहल क प म गनो फर बतअलमख़दस ज सलम क वजय आएगी फर एक बीमार जो आपक बीच दखाई दगी और आपको औरआपक ब च को शह द क प म मरन का कारण बनगी आपक कम को श ध करगी फर आपक बीच बहत धन होगा ता क अगर एक आदमी को सौ द नार दए जाए तो भी वह असत ट

रहगा और आपक बीच लश होगा जो कसी भी मि लम घर को अछता नह रखगा फर आपक

और रोमन क बीच एक स ध

होगी फर व आपको धोखा दग और असी बनर क साथ आपक ख़लाफ़ माच

करग िजनम स यक क तहत बारह हज़ार सनक हग -(18) नबी क भ व यवाणी म बीमार का उ लख उमर इबन ख़तताब क खलाफत क दौरान हआ वष 18 H 639 CE म एक सय अभयान क दौरान अमावस -

(19) फलसतीन बत अलमखदस(ज सलम) स 30

26

फट पड़ा और नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कई साथी पी ड़त हए अलजौहर न कहा यह इ लाम का पहला लग था

(2 0 ) जसा क नबी (सिलअलाह अलह व सिलम) वारा भ व यवाणी क गई थी उस समय क ख़ल फ़ा उमर न इसक बार म

सना और

उसक चता क कारण उनस मलन क लए नकल पड़ अ द ला इ न अ बास उन घटनाओ का वणन करत ह जब उमर इ न ख़तताब

न शाम (ल वाट फलस तन

वह शरग

नामक एक जगह पर पहच तो सना क कमाडर अब उबयदा इ न जराह और उनक

साथी उमर स मल और बताया क एक लग शाम म फल गया ह अदला इन अबास न कहा उमर न मझस कहा

थम महािजर (सबस श आती मि लम जो मद नाक अ वासी थ) को मर लए

बलाव मन उ ह बलायाएक लग शाम म पी ड़त ह व असहमत थ उनम कछ न कहा आप कसी मामल पर

नकल पड़ हऔर हम नह लगता क आपको इस स पीछ हटना चा हएदसर

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

6

उहन कहा एक आितक (मिलम) का उदाहरण - जब वह बीमार या बख़ार स पी ड़त हो ऐसा ह िजस लरह लोह क एक टकड़ को जब आग म दालन स

इसक दोष चल जात ह और अ छ अवशष रह जात ह - 2

उहन कहा बीमार स मलन जाए अतम स कार क जलस क साथ जाए अपन आप को अगल जीवन क याद दलाए - 3

य रसल क महरबानी पढ़ क जब उनक समदाय क एक म हला क

ग़रमौजदगी महसस हई और उसक बार म जानकार करन पर पता चला क वह

बीमार ह तब उहन उस दखन क लय गए उस क लए दआ क और उस दलासा दन वाल शद और उपि थत द उम - अल - अला न कहा अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) म बीमार होन पर मझस मलन

आए उहन न कहा ख़श हो उम अल-अला अलाह एक मिलम क पाप को बीमार स उसी कार दर करता ह िजस तरह आग सोन और चाद क दोष

को दर करती ह-4

और य नबी न कहा कोइ वप मिलम को नह काटती सवाय इसक क

अ लाह उनस उनक पाप को दर करता ह भल ह व काट स चभ ह -5

7

ज़ म (अ याचार) और पाप हालाक भम म बीमार श ध हो सकती ह यह अ लाह क नाराज़गी का सकत भी हो सकता ह पाप या अयाचार क कारणअब बकर स दख़

(अलाह उन स सन हो) न फ़रमाया ओ लोग यह आयत पढ़हो

ايہا کم ال انفسکم عليکم امنوا الذين ي ن يضر جميعا مرجعکم الی اہتديتم اذا ضل م تعملون کنتم بما فينبئکم

ह ववासय आप कवल अपन लए जवाबदह ह अगर कोई भटकना चाह तो यह आपको नक़सान नह पहचाएगा - जब तक आप सह तर क़ स नद शत

होत ह तम सब क सब अलाह ह क तरफ़ लौट कर जाना ह तब तम जो कछ करत थ (अलाह) तह बता दगा (5 10 5) लकन म न रसलअलाह (सिल अलाह अलह व सिलम) क कहत हए सना ldquoजब लोग कसी ज़ालम

को दखत ह ल कन उ ह उनक ज़ म और बराई स नह रोकत तब अ लाह उन

सभी को सज़ा क साथ घर लगा - (6)

अ लाह आ ख़रकार हर यि त का उन क इराद क आधार पर याय करता ह कोई भी पी ड़त यि त को अ लाह स अ छा सदह रखना चा हए और उ ह

वय अपन आप को भी जवाबदह होना चा हए रसलअलाह (सिल अलाह अलह व सिलम) न फ़रमाया एक सना काबा पर छापा मारागी और जब वह एक रगतान पक पहचगी उन सभी को पवी नगल जाएगी

8

आयशा न पछा या रसलअ लाह उन सभी को य

उहन जवाब दया उन सभी को प वी नगल जाएगी लकन उह उनक

इराद क अनसार नणय क लए उठाया जाएगा -(7)

आयश न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स

वप य (लग) क बर म पछा और उहन जवाब दया यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस भी चह उन पर भजता ह ल कन अ लाह न व वा सय क लए

इस एक दया बनायी ह जो कोई अ लाह का सवक लग स पी ड़त भ म म

रहता ह और धय स रहता ह और अ लाह स इनाम क उ मीद रखता ह यह

जानत हए क उ ह कछ नह होगा सवाय वह क जो अ लाह न ह म कया उ ह शह द का पर कार दया जाएगा -(8) वा त वकताओ (स चाई) बीमार और अधक वशष प स महामार चता क भावना लात ह अ ात

पी ड़त बीमार क भावना हम अ नि चतता क भावना द सकती ह और कछ

लाचार भी यह इन समय म हम भावनामक और आयािमक लचीलापन (लौटाव) का नमाण करत ह हमार ववास क त िजस पर हमारा ववास थापत ह हम यह ववास (यक़ न) ह क कछ भी यि त को घ टत नह होता सवाय अ लाह क इ छा क और इसम दया उदय ह भल ह हम इस नह समझ सकत ह अलाह का उ द य और ान ह िजस हम अनभव कर सकत ह और कभी नह कर

9

सकत ह फर भी हमारा व वास उस गहराई तक पहचा हआ ह क सब

अलाह क तरफ़ स ह जो सवशितमान बधमान ह

١٨﴿ الخبير الحکيم ہو و عباده فوق القاہر ہو و वह अपन तमाम ब द पर ग़ा लब ह और वह व क़फ़कार हक म ह (ख़रान 6 18)

ہم و رسلنا توفتہ الموت احدکم جاء اذا حتی حفظۃ عليکم يرسل و عباده فوق القاہر ہو و طون ال يفر

वह अपन ब द पर ग़ा लब ह वह तम लोग पर नगहबान (फ़ र त तनात करक)

भजता ह -यहा तक क जब तम म स कसी क मौत आए तो हमार भज हए फ़ र त उसको (द नया स) उठा लत ह और वह (हमार तामील हम म ज़रा भी) कोताह नह करत (Qu ra n 6 61)

صيبۃ من اصاب ما يؤمن من و باذن اال م و قلبہ يہد با عليم شیء بکل

10

कोई भी मसीबत नह आती ह सवाय अ लाह क अनम त स और जो श स

अ लाह पर ईमान लाता हतो अ लाह उसक दल क हदायत करता ह और

अलाह हर चीज़ स ख़ब वाक़फ़ ह (qu ra n 64 11) भल ह हम तकलता कठोरताछ क ान को नह समझसकत उनक नधन म

र उप ा क वा त वकता क आव यकता को दखत ह हमार आ मा क उप ा परमा मा स

अपन लगाव क उप ा एसा नह क हम सीखन क लए क ठनाई क आव यकता ह ल कन यह कछ ान को त ब बत करता ह य क कोईभी कठनाई स नह बचा ह ल कन हम सभी को उनस पार पान क लए व वास क आव यकता ह क ठनाई क ण हम हमदद सखात ह वह यि त जो मि कल स गज़ारा हो दसर क साथ यि तगत प स सहानभ त रख सकता ह इन ण म हम मानवता क

त क णा और सवा क काय दखत ह िजसस हम सबक़ लत ह और हम बाधत ह जो कवल व वास ह सखा सकता ह याग क शि त उस समय सब स मज़बत होती ह जब कसी क पास दन क लए बहत कम होन

11

उस ण म दसर क लाभ क लए दता ह यह हम अ लाह और उसक महबब

बक़

ह साम हक प स कमजोर होन पर मानवता का वाथ कम हो जाता ह और व सीखत ह क उनका एक मा समाधान एक दसर क ओर मड़ना ह और उसी को पकारना ह जो उ ह बाधता ह वा तव म हम सीखत ह क हम जो स ची तयार करनी ह वह आ याि मक ह हम जो धलाई और श ध चा हए वह दल क ह सगरोध हम यादा चा हए अपन अहकार इछाओ नश क लत स दर रहन क व वास सखाता ह क- सबस हताश समय हम हमार भधता और अपन वय क

बार सखाता ह हम सब न दखा जस क बताया गया क सब स प व थानना पर जान स अ थायी तबध कया गया ह हा व वासनह जान स दखी नह होना ह ल कन हम म स कतन न पछा या प व आ मा क भावना हमार दल म टक हई ह या म का म काबा म पाई गई अ लाह क प व ता

12

हमार सीन म भी पाई जाती ह या वह यार अमन

र नबी क शहर म पात ह और उनक तर क़ का पालन करनाहोती ह हम अ थायी तबध पर वचार कर सकत ल कन हम कभी भी अ लाह क दया स तब धत नह होना चाहत ह उ मीद ह क हम कभी भी अ लाह क नबी क उदाहरण क अनसारण करन स

कभी पीछ न हट और उनक स दश का प लव क उ ह सार सि ट पर दया करन क लए भजा गया था उ मीद ह क हम कभी भी इस द नया स इतना लगाव ना रख क हम ज़मीन पर लड़त रह जब क हम इसी ज़मीन म हमर अ तम वापसी ह योजनाए बदल सकती ह पसा खो सकता ह तरह क वप कलए तयार करता ह यह ज़ र नह क इस हटा द धन क हा न म वशष प स आप आि तक का नशान दखग दया या लया गया सब कछ सबस

13

उ च सबस अ धक दनवालाहसस करत ह तो उस यि त क बार म सोच िजसक पास कछ नह ह सघष क समय आभार होन स सवधन म ऐसा करनाआसान बनता ह हमार यार नबी का फरमान ह

अ लाह स सावधान रह और वह त हार र ा करगा अ लाह स सावधान रह तम उस अपन सामन पाओग अगर आप पछत ह तो अ लाह ह स पछ अगर तम मदद चाहत हो तो अ लाह ह स मदद लोऔर जान लो क अगर रा को इक ठा कर आपको लाभ पहचानक लए व आपको लाभ नह द सकत सवाय

इसक क अ लाह न आपक लए पहल स नधा रत कया ह और अगर व कसी भी चीज़ क साथ आपको नक़सान पहचान क लए इकठाहए व आप को नक़सान

नह पहचा सकत सवाय इसक क अ लाह न आपक लए पहल स नधा रत

कया ह क़लम उठा लए गए ह और प ठ सख गए ह और उ ह न कहा अ लाह स सावधान रह तम उस अपन सामन पाओग अ लाह को आसानी और सम ध क समय पहचानो और वीकार करो और वह आपको वप क समय याद रखगा और जान लो क जो चीज़ तम तक नह पहची और पास स गज़र गई वह त हार लए घ टत नह था और जो त हार लए घ टत था वह त हार पास स गज़रन वाल नह थी - (9)

द य ान

14

सब स पहल और सब स मह वपण कोई भी यि त यह

कता क अ लाह न मानवता पर यातना य भजा ह यह अ लाह क हकमत ह जो कवल वह नद ट कर सकता ह

महामार क बीमार लए नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क हद स स

प ट ह क व वान न व ीय को कस दखा - (10 ) व भ न लोग पर लाग सावभौ मक समझदार क बीच उनक इराद क अनसार

और

उनक लए अ लाह कस इ छा रखत ह

1 सकत - यह सवशि तमान क सावभौ मक शि त और

ब क लए एक सकत ह 2 आशीवाद और दया- जस क नबी न बताया 3 कारण - उनका समय और तार ख़ जो नधन हो गया था

ण था यह कोरोनावाइरस नह होता तो कछ और होता 4 सज़ा - अयाचार करन वाल और अ वीकार करन वाल क लए

इसक अलावा यह इ लामी धा मक क दायर म जाता ह ककस तरह कसी वप क समझ सकता ह या तो यह

1 उ न त - एक पर ण िजस म अ लाह उन लोग क ि थ तह

चाहता ह

15

2 श धकरण - जो पापन म अगल क तलनाम साफ़ हो जाए

3 त ब ब - कसी यि त को सकत दन क लए ता क

लौट आए 4 या यातना - पाप और अ वीकार क लए सज़ा

हमार पास कसी एक सावभौ मक बयान नबी का नह ह जो प ट प स यि त

और पी ड़त होन क ि थ त पर नभर करता कवल अ लाह यि तय का याय

करता ह और व य पी ड़त थ इसक सट क समझदार उनक लए व श ट ह पवक थत हद स सावभौ मक ान पर काश

डालती ह और हर यि त क कार क

दःख वय ख़द क लए जवाबदह होत ह सभी उठाए जाएग और अपन अपन इराद क अनसार उनका फ़सला होगा आयशा न पछा

ओ अ लाह क रसल उन सभी को य उ हन जवाब दया

उन सभी को प वी वारा नगल लया जाएगा ल कन उ ह उनक इराद क अनसार नणय क लए उठाया जाएगा यह अ लाह क व वध स धात स ह अगर यह सज़ा हो भी जाए शा मल कर सकती ह उनक इराद और समझदार क आधार पर जसा क ऊपर बताया गया और यह

16

व वा सय ग़र-

व वा सय नदश या ज़ा लम क बीच अतर नह करतामान

ۃ منکم ظلموا الذين تصيبن ال فتنۃ اتقوا و ا و خاص ان اعلمو العقاب شديد और उस फतन स डरत रहो जो ख़ास उ ह लोग पर नह पड़गा िज ह न तम

म स

ज़ म कया (बि क तम सबक सब उसम पड़ जाओग) और यक़ न मान क अ लाह

बड़ा सत अज़ाब करन वाला ह (Qu ra n 8 2 5) बि क यह यक आि तक पर ख़द को बचान क लए आव यक साधन लना चा हए च क साक य प स शार रक प स

दसर क लए नवारक उपाय कर एसा कह जान क बाद लोग को घरन वाल वप का द यहश वारा उ लख कयागया ह िजस न बताया क नबी (सि ल अ लाह अल ह

व सि लम) एक दन उनक पास डर क ि थत म आए और कहा

ला इलाहा इ लला (कोई भी पजा क यो य नह सवाय अ लाह क)

अरबलोग पर एक आस न बराई स जो उ ह भा वत करगा आज इस आकार

17

का एक छद याजज और माजज को रोकन वाल द वार म बनाया गया हऔर उ ह न अपन अगठ और

तजनीस एक च बनाया ज़नब न कहा या रसलअ लाह

या हम न ट ह ग जब क धम लग हमार बीच ह उ ह न उ र दया हा य द द टता फलती ह तो भल होती ह (11) इन हद स म उ ल खत ई वरय फरमान क यापक स चाई एक महामार क

जो द नया पर हमला करसकती ह और वशष प स लोग क समह पर -

अ लाह क सकत म स ह जो अ लाह अपनी सि ट पर भजता ह वा त वकता क

सकत परमामा क हाथ जो उसक सिट पर ह क उपीड़क उसक पकड़ स बच

नह सकत और उसी का भव ह और उसक यहा अतम वापसी ह अततः अ लाह का ान हमार समझ क सी मत दायर को पार कर जाता ह और कवल

सवशि तमान क पास अपनी ब ध का सह सार ह हमनामा म उदा और उसक भाव म स म यह सफ़ कछ ान ह जो हमार द य थ म गीत ह

सर म ान शा मल ह जस क कसी चीज़ स आपक र ा कराक म य पर त ब बत करन क लए एक वकअप काल ह अ लाहऔर कवल बहतर हाइजीन क मा यम स बीमार नह फलान क बार म जानकार कर

18

अ लाह का फरमान ह

ا االرض نبات بہ فاختلط السماء من انزلنہ کماء الدنيا الحيوة مثل انما ا و الناس ياکل ممينت و زخرفہا االرض اذااخذت حتی النعام ل امرنا اتہا عليہا قدرون انہم اہلہا ظن و از

ل کذلک باالمس لمتغن کان حصيدا فجعلنہا نہارا او يال يت نفص يتفکرون لقوم اال द नयावी िज़दगी क मसल तो बस पानी क सी ह क हमन उसको आसमान स

बरसाया फर ज़मीन क साग पात िजसको लोग और चपाए खा जात ह (उसक साथ मल-जलकर नकल यहा तक क जब ज़मीन न (फसल क चीज़ स) अपना बनाव सगार कर लया और (हर तरह)

आरासता हो गई और खतवाल न समझ लया क अब वह उस पर यक नन क़ाब पा गए (जब चाहग काट लग) यकायक हमारा ह म व अज़ाब

रात या दन को आ पहचा तो हमन उस खत को ऐसा साफ कटा हआ बना दया क

गोया कल उसम कछ था ह नह जो लोग ग़ौर व फ़ करत ह उनक लए हम आयत को य तफ़सीलदार बयान करत ह (Quran 1024)

क ठनाइय स नपटन का मि लम दशन तब सावभौ मक ब धम ा को दशाता ह और अपन आप स पछता ह म या कर सकता ह एक

अनदखी तमान पर सवाल उठान और या यक गलतफहमी स खद

को पग बनान क बजाय ऐसा सवाल नह करना चाइय ldquoभगवान न

ऐसा य कयाrdquo

19

महामार रोग और लग का फख़ यह सवाल हम या कर सकत ह का चचा इ लामी व वान क बीच कया गया ह वह बीमार जो फलती ह या महामार वग़रह क लए जो स नत म इ तमाल क गई ह वह ह - तावन या वबा कभी-कभी यह श द को परसपार (अदल बदल स) इ तमाल कया जाता ह और अ य समय म यह कसी वशष कार

महामार या रोग जो क महामार क स मान हो या लग इययाद न कहा क ताऊन एक व श ट कार क बीमार

लए सद भत करता हिजस म शर र पर फोड़ फल जात और वबा सभी महामार बीमार क लए इ तमाल करत ह वबा को ताऊन कहा जाता ह य क वह मतय का कारण बन सकता ह

वबा ह ल कन हर वबा ताऊन नह ह - (12 ) म तसर तौर पर ताऊन और वबा एक दसर क बदल म

द य

20

थ म इनक बीच का अतर उस वख़त ज़ र ह जब व श ट हद स पर चचा कया जाता ह नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) का फ़रमान ह

म न (सपन म) दखा एक अनचाह बाल वाल नीरस अधर म हला मद ना स नकल कर महाइया म बसन क

तक क प म या या यत कया क यह मद ना स महाइया यानी अल-

जहफा क तरफ़ भजा जा रहा ह -(13)

यहा पर नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) वबा क तरफ़ इशारा कर रह थ - ख़ास कर मल रया और इ फ़लएनज़ा जो क उस व त मद ना म मौजद थाहा था और शहर इसस यापत था यहातक क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क दोन वालदन इसी बीमार क वजह स गजर ह ग य क इस शहर क साथ जड़ यह बीमार क कारण यहा वबा को बीमार क प मसद भत कया गया जो कई लोग को मारबीमार कर रहा था नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) शहर को इस बीमार स म त करन और श ध करन क व श ट ाथना करत

21

या अ लाह मद नाह को हम यारा बनाइए िजस तरह आप बनया और उस स भी अ धक और इस म होन वाल बख़ार को अल-

जोहफा म थानातरण कर दना ओअ लाह हमार मद औरत द

(भोजन और ावधान क लए वज़न क कार) - (14) और जब नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

ताऊन ( लग महामार क बीमार ) एक रजज़ ( वप ) सज़ा ह जो उसन तम स

पहल आन वाल को दया था और आयशा न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स ताऊन क बार म जानकार क ओर उ हन कहा

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस चाह उस भज दता ह ल कन अ लाह न इस व वा सय क लए एक दया बना दया ह यह दोन सदभ

ताऊन क महामार बीमार का उ लख करत ह नबी (सिल अलाह अलह व सिलम) मदना क तालजक़ स फ़रमात ह

मद ना क वश वार पर वगदत ह जो ताऊन ( लग) और दजजाल ( वरोधी मसीह) को इसम वश करन स रोकत ह -(15)

इस मामल म ताऊन महामार क व श ट बीमार या स धत करता ह ल कन मद ना सामा य महामार क बीमा रय स सर त नह ह

22

इमाम नववावी न कहा

यहा ताऊन का मतलब पीप स भर दान (फ़ोड़) जो शर र पर फटत ह य ऊसन ध या बगल यादत ह सजन और ती दद क साथ

ह ह -(16) यह हद स हमर समझ म मह वपण ह य क मद ना म लग वश होन स सर

ह ल कन महामार रोग स नह कई बार महामार बीमारवश

हई ह उमर (अलाह उनस सन हो) क ख़लाफ़त क समय सहत म का और मद ना क कछ महामार य क ऐ तहा सक समयरखा १३-१४ हजर (13-14H) क बीच -

अब अलअसवद ( स ध व वान िज ह न अरबी याकरण क नयम को नकाला) बयान करत ह

म मदना गया था जब बीमार का कोप हआ था और लोग तज़ी स मर रह थ म उमर क साथ बठा हआ था और वहा स एक अ तम स कार का जलस गज़रा (17)

23

१५२ हजर (152 H)

- इ तहासकार महममद अलमग़धा व वारा पाया गया एक महामार क राहत

क लए ाथना क एक च टान पर एक शलालख शलालख लखा ह

ओ अलाह मदना क लोग स वबा (महामार रोग) और कठनाई को दर कर लखा गया जमादा साल 152

७३५ (735 H)

- ड थी रया महामार न मद ना म पी ड़त हआ िजस स हर दन 15 लोग क मय होती थी उ ह न इस स पहल ऐसा कछ नह दखा था ७४९ (749 H) - महामार क बीमार न म का म पी ड़त हआ

24

1235 H (1814 CE) - महामार क कारण सामाय प स हजाज़ म 80 0 0 क मौत हो जाती ह 1246 H (1831 CE) - भारत स आई एक महामार क बीमार न म का म तीथया य क तीन चौथाई को मार दया 1252-1255 H (1837 CE-1840 CE) - म का म हज क अव ध म महामार रोग होत ह Pg १३ (13) TLI अमावस का लग - भ व यवाणी और मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय क जीवन म सबक़ नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न 9H म तबक क अ भयान क दौरान

कई

भवयवाणीया क उनम स एक लग जो उनक कई अनयायय को भावत करगा औफ़ बन मा लक अल-अशजाई न कहा

म तबक क अ भयान क दौरान अ लाह क रसल (सि लअ लाह अल ह व सि लम) क पास आया जब क वह चमड़ क बन हए तब म थन बठगया

25

रसलअ लाह (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

दाखल हो ओ औफ़ म कहा मसब या रसलअलाह उहन कहा

आप सभी फर उ ह न कहा

ओ औफ़ छह चीज़ याद रख जो अ तम घट स पहल घ टतक

मर मौत ह म इस स बहत हरान और दखी हआ उ हन कहा

इस पहल क प म गनो फर बतअलमख़दस ज सलम क वजय आएगी फर एक बीमार जो आपक बीच दखाई दगी और आपको औरआपक ब च को शह द क प म मरन का कारण बनगी आपक कम को श ध करगी फर आपक बीच बहत धन होगा ता क अगर एक आदमी को सौ द नार दए जाए तो भी वह असत ट

रहगा और आपक बीच लश होगा जो कसी भी मि लम घर को अछता नह रखगा फर आपक

और रोमन क बीच एक स ध

होगी फर व आपको धोखा दग और असी बनर क साथ आपक ख़लाफ़ माच

करग िजनम स यक क तहत बारह हज़ार सनक हग -(18) नबी क भ व यवाणी म बीमार का उ लख उमर इबन ख़तताब क खलाफत क दौरान हआ वष 18 H 639 CE म एक सय अभयान क दौरान अमावस -

(19) फलसतीन बत अलमखदस(ज सलम) स 30

26

फट पड़ा और नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कई साथी पी ड़त हए अलजौहर न कहा यह इ लाम का पहला लग था

(2 0 ) जसा क नबी (सिलअलाह अलह व सिलम) वारा भ व यवाणी क गई थी उस समय क ख़ल फ़ा उमर न इसक बार म

सना और

उसक चता क कारण उनस मलन क लए नकल पड़ अ द ला इ न अ बास उन घटनाओ का वणन करत ह जब उमर इ न ख़तताब

न शाम (ल वाट फलस तन

वह शरग

नामक एक जगह पर पहच तो सना क कमाडर अब उबयदा इ न जराह और उनक

साथी उमर स मल और बताया क एक लग शाम म फल गया ह अदला इन अबास न कहा उमर न मझस कहा

थम महािजर (सबस श आती मि लम जो मद नाक अ वासी थ) को मर लए

बलाव मन उ ह बलायाएक लग शाम म पी ड़त ह व असहमत थ उनम कछ न कहा आप कसी मामल पर

नकल पड़ हऔर हम नह लगता क आपको इस स पीछ हटना चा हएदसर

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

7

ज़ म (अ याचार) और पाप हालाक भम म बीमार श ध हो सकती ह यह अ लाह क नाराज़गी का सकत भी हो सकता ह पाप या अयाचार क कारणअब बकर स दख़

(अलाह उन स सन हो) न फ़रमाया ओ लोग यह आयत पढ़हो

ايہا کم ال انفسکم عليکم امنوا الذين ي ن يضر جميعا مرجعکم الی اہتديتم اذا ضل م تعملون کنتم بما فينبئکم

ह ववासय आप कवल अपन लए जवाबदह ह अगर कोई भटकना चाह तो यह आपको नक़सान नह पहचाएगा - जब तक आप सह तर क़ स नद शत

होत ह तम सब क सब अलाह ह क तरफ़ लौट कर जाना ह तब तम जो कछ करत थ (अलाह) तह बता दगा (5 10 5) लकन म न रसलअलाह (सिल अलाह अलह व सिलम) क कहत हए सना ldquoजब लोग कसी ज़ालम

को दखत ह ल कन उ ह उनक ज़ म और बराई स नह रोकत तब अ लाह उन

सभी को सज़ा क साथ घर लगा - (6)

अ लाह आ ख़रकार हर यि त का उन क इराद क आधार पर याय करता ह कोई भी पी ड़त यि त को अ लाह स अ छा सदह रखना चा हए और उ ह

वय अपन आप को भी जवाबदह होना चा हए रसलअलाह (सिल अलाह अलह व सिलम) न फ़रमाया एक सना काबा पर छापा मारागी और जब वह एक रगतान पक पहचगी उन सभी को पवी नगल जाएगी

8

आयशा न पछा या रसलअ लाह उन सभी को य

उहन जवाब दया उन सभी को प वी नगल जाएगी लकन उह उनक

इराद क अनसार नणय क लए उठाया जाएगा -(7)

आयश न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स

वप य (लग) क बर म पछा और उहन जवाब दया यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस भी चह उन पर भजता ह ल कन अ लाह न व वा सय क लए

इस एक दया बनायी ह जो कोई अ लाह का सवक लग स पी ड़त भ म म

रहता ह और धय स रहता ह और अ लाह स इनाम क उ मीद रखता ह यह

जानत हए क उ ह कछ नह होगा सवाय वह क जो अ लाह न ह म कया उ ह शह द का पर कार दया जाएगा -(8) वा त वकताओ (स चाई) बीमार और अधक वशष प स महामार चता क भावना लात ह अ ात

पी ड़त बीमार क भावना हम अ नि चतता क भावना द सकती ह और कछ

लाचार भी यह इन समय म हम भावनामक और आयािमक लचीलापन (लौटाव) का नमाण करत ह हमार ववास क त िजस पर हमारा ववास थापत ह हम यह ववास (यक़ न) ह क कछ भी यि त को घ टत नह होता सवाय अ लाह क इ छा क और इसम दया उदय ह भल ह हम इस नह समझ सकत ह अलाह का उ द य और ान ह िजस हम अनभव कर सकत ह और कभी नह कर

9

सकत ह फर भी हमारा व वास उस गहराई तक पहचा हआ ह क सब

अलाह क तरफ़ स ह जो सवशितमान बधमान ह

١٨﴿ الخبير الحکيم ہو و عباده فوق القاہر ہو و वह अपन तमाम ब द पर ग़ा लब ह और वह व क़फ़कार हक म ह (ख़रान 6 18)

ہم و رسلنا توفتہ الموت احدکم جاء اذا حتی حفظۃ عليکم يرسل و عباده فوق القاہر ہو و طون ال يفر

वह अपन ब द पर ग़ा लब ह वह तम लोग पर नगहबान (फ़ र त तनात करक)

भजता ह -यहा तक क जब तम म स कसी क मौत आए तो हमार भज हए फ़ र त उसको (द नया स) उठा लत ह और वह (हमार तामील हम म ज़रा भी) कोताह नह करत (Qu ra n 6 61)

صيبۃ من اصاب ما يؤمن من و باذن اال م و قلبہ يہد با عليم شیء بکل

10

कोई भी मसीबत नह आती ह सवाय अ लाह क अनम त स और जो श स

अ लाह पर ईमान लाता हतो अ लाह उसक दल क हदायत करता ह और

अलाह हर चीज़ स ख़ब वाक़फ़ ह (qu ra n 64 11) भल ह हम तकलता कठोरताछ क ान को नह समझसकत उनक नधन म

र उप ा क वा त वकता क आव यकता को दखत ह हमार आ मा क उप ा परमा मा स

अपन लगाव क उप ा एसा नह क हम सीखन क लए क ठनाई क आव यकता ह ल कन यह कछ ान को त ब बत करता ह य क कोईभी कठनाई स नह बचा ह ल कन हम सभी को उनस पार पान क लए व वास क आव यकता ह क ठनाई क ण हम हमदद सखात ह वह यि त जो मि कल स गज़ारा हो दसर क साथ यि तगत प स सहानभ त रख सकता ह इन ण म हम मानवता क

त क णा और सवा क काय दखत ह िजसस हम सबक़ लत ह और हम बाधत ह जो कवल व वास ह सखा सकता ह याग क शि त उस समय सब स मज़बत होती ह जब कसी क पास दन क लए बहत कम होन

11

उस ण म दसर क लाभ क लए दता ह यह हम अ लाह और उसक महबब

बक़

ह साम हक प स कमजोर होन पर मानवता का वाथ कम हो जाता ह और व सीखत ह क उनका एक मा समाधान एक दसर क ओर मड़ना ह और उसी को पकारना ह जो उ ह बाधता ह वा तव म हम सीखत ह क हम जो स ची तयार करनी ह वह आ याि मक ह हम जो धलाई और श ध चा हए वह दल क ह सगरोध हम यादा चा हए अपन अहकार इछाओ नश क लत स दर रहन क व वास सखाता ह क- सबस हताश समय हम हमार भधता और अपन वय क

बार सखाता ह हम सब न दखा जस क बताया गया क सब स प व थानना पर जान स अ थायी तबध कया गया ह हा व वासनह जान स दखी नह होना ह ल कन हम म स कतन न पछा या प व आ मा क भावना हमार दल म टक हई ह या म का म काबा म पाई गई अ लाह क प व ता

12

हमार सीन म भी पाई जाती ह या वह यार अमन

र नबी क शहर म पात ह और उनक तर क़ का पालन करनाहोती ह हम अ थायी तबध पर वचार कर सकत ल कन हम कभी भी अ लाह क दया स तब धत नह होना चाहत ह उ मीद ह क हम कभी भी अ लाह क नबी क उदाहरण क अनसारण करन स

कभी पीछ न हट और उनक स दश का प लव क उ ह सार सि ट पर दया करन क लए भजा गया था उ मीद ह क हम कभी भी इस द नया स इतना लगाव ना रख क हम ज़मीन पर लड़त रह जब क हम इसी ज़मीन म हमर अ तम वापसी ह योजनाए बदल सकती ह पसा खो सकता ह तरह क वप कलए तयार करता ह यह ज़ र नह क इस हटा द धन क हा न म वशष प स आप आि तक का नशान दखग दया या लया गया सब कछ सबस

13

उ च सबस अ धक दनवालाहसस करत ह तो उस यि त क बार म सोच िजसक पास कछ नह ह सघष क समय आभार होन स सवधन म ऐसा करनाआसान बनता ह हमार यार नबी का फरमान ह

अ लाह स सावधान रह और वह त हार र ा करगा अ लाह स सावधान रह तम उस अपन सामन पाओग अगर आप पछत ह तो अ लाह ह स पछ अगर तम मदद चाहत हो तो अ लाह ह स मदद लोऔर जान लो क अगर रा को इक ठा कर आपको लाभ पहचानक लए व आपको लाभ नह द सकत सवाय

इसक क अ लाह न आपक लए पहल स नधा रत कया ह और अगर व कसी भी चीज़ क साथ आपको नक़सान पहचान क लए इकठाहए व आप को नक़सान

नह पहचा सकत सवाय इसक क अ लाह न आपक लए पहल स नधा रत

कया ह क़लम उठा लए गए ह और प ठ सख गए ह और उ ह न कहा अ लाह स सावधान रह तम उस अपन सामन पाओग अ लाह को आसानी और सम ध क समय पहचानो और वीकार करो और वह आपको वप क समय याद रखगा और जान लो क जो चीज़ तम तक नह पहची और पास स गज़र गई वह त हार लए घ टत नह था और जो त हार लए घ टत था वह त हार पास स गज़रन वाल नह थी - (9)

द य ान

14

सब स पहल और सब स मह वपण कोई भी यि त यह

कता क अ लाह न मानवता पर यातना य भजा ह यह अ लाह क हकमत ह जो कवल वह नद ट कर सकता ह

महामार क बीमार लए नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क हद स स

प ट ह क व वान न व ीय को कस दखा - (10 ) व भ न लोग पर लाग सावभौ मक समझदार क बीच उनक इराद क अनसार

और

उनक लए अ लाह कस इ छा रखत ह

1 सकत - यह सवशि तमान क सावभौ मक शि त और

ब क लए एक सकत ह 2 आशीवाद और दया- जस क नबी न बताया 3 कारण - उनका समय और तार ख़ जो नधन हो गया था

ण था यह कोरोनावाइरस नह होता तो कछ और होता 4 सज़ा - अयाचार करन वाल और अ वीकार करन वाल क लए

इसक अलावा यह इ लामी धा मक क दायर म जाता ह ककस तरह कसी वप क समझ सकता ह या तो यह

1 उ न त - एक पर ण िजस म अ लाह उन लोग क ि थ तह

चाहता ह

15

2 श धकरण - जो पापन म अगल क तलनाम साफ़ हो जाए

3 त ब ब - कसी यि त को सकत दन क लए ता क

लौट आए 4 या यातना - पाप और अ वीकार क लए सज़ा

हमार पास कसी एक सावभौ मक बयान नबी का नह ह जो प ट प स यि त

और पी ड़त होन क ि थ त पर नभर करता कवल अ लाह यि तय का याय

करता ह और व य पी ड़त थ इसक सट क समझदार उनक लए व श ट ह पवक थत हद स सावभौ मक ान पर काश

डालती ह और हर यि त क कार क

दःख वय ख़द क लए जवाबदह होत ह सभी उठाए जाएग और अपन अपन इराद क अनसार उनका फ़सला होगा आयशा न पछा

ओ अ लाह क रसल उन सभी को य उ हन जवाब दया

उन सभी को प वी वारा नगल लया जाएगा ल कन उ ह उनक इराद क अनसार नणय क लए उठाया जाएगा यह अ लाह क व वध स धात स ह अगर यह सज़ा हो भी जाए शा मल कर सकती ह उनक इराद और समझदार क आधार पर जसा क ऊपर बताया गया और यह

16

व वा सय ग़र-

व वा सय नदश या ज़ा लम क बीच अतर नह करतामान

ۃ منکم ظلموا الذين تصيبن ال فتنۃ اتقوا و ا و خاص ان اعلمو العقاب شديد और उस फतन स डरत रहो जो ख़ास उ ह लोग पर नह पड़गा िज ह न तम

म स

ज़ म कया (बि क तम सबक सब उसम पड़ जाओग) और यक़ न मान क अ लाह

बड़ा सत अज़ाब करन वाला ह (Qu ra n 8 2 5) बि क यह यक आि तक पर ख़द को बचान क लए आव यक साधन लना चा हए च क साक य प स शार रक प स

दसर क लए नवारक उपाय कर एसा कह जान क बाद लोग को घरन वाल वप का द यहश वारा उ लख कयागया ह िजस न बताया क नबी (सि ल अ लाह अल ह

व सि लम) एक दन उनक पास डर क ि थत म आए और कहा

ला इलाहा इ लला (कोई भी पजा क यो य नह सवाय अ लाह क)

अरबलोग पर एक आस न बराई स जो उ ह भा वत करगा आज इस आकार

17

का एक छद याजज और माजज को रोकन वाल द वार म बनाया गया हऔर उ ह न अपन अगठ और

तजनीस एक च बनाया ज़नब न कहा या रसलअ लाह

या हम न ट ह ग जब क धम लग हमार बीच ह उ ह न उ र दया हा य द द टता फलती ह तो भल होती ह (11) इन हद स म उ ल खत ई वरय फरमान क यापक स चाई एक महामार क

जो द नया पर हमला करसकती ह और वशष प स लोग क समह पर -

अ लाह क सकत म स ह जो अ लाह अपनी सि ट पर भजता ह वा त वकता क

सकत परमामा क हाथ जो उसक सिट पर ह क उपीड़क उसक पकड़ स बच

नह सकत और उसी का भव ह और उसक यहा अतम वापसी ह अततः अ लाह का ान हमार समझ क सी मत दायर को पार कर जाता ह और कवल

सवशि तमान क पास अपनी ब ध का सह सार ह हमनामा म उदा और उसक भाव म स म यह सफ़ कछ ान ह जो हमार द य थ म गीत ह

सर म ान शा मल ह जस क कसी चीज़ स आपक र ा कराक म य पर त ब बत करन क लए एक वकअप काल ह अ लाहऔर कवल बहतर हाइजीन क मा यम स बीमार नह फलान क बार म जानकार कर

18

अ लाह का फरमान ह

ا االرض نبات بہ فاختلط السماء من انزلنہ کماء الدنيا الحيوة مثل انما ا و الناس ياکل ممينت و زخرفہا االرض اذااخذت حتی النعام ل امرنا اتہا عليہا قدرون انہم اہلہا ظن و از

ل کذلک باالمس لمتغن کان حصيدا فجعلنہا نہارا او يال يت نفص يتفکرون لقوم اال द नयावी िज़दगी क मसल तो बस पानी क सी ह क हमन उसको आसमान स

बरसाया फर ज़मीन क साग पात िजसको लोग और चपाए खा जात ह (उसक साथ मल-जलकर नकल यहा तक क जब ज़मीन न (फसल क चीज़ स) अपना बनाव सगार कर लया और (हर तरह)

आरासता हो गई और खतवाल न समझ लया क अब वह उस पर यक नन क़ाब पा गए (जब चाहग काट लग) यकायक हमारा ह म व अज़ाब

रात या दन को आ पहचा तो हमन उस खत को ऐसा साफ कटा हआ बना दया क

गोया कल उसम कछ था ह नह जो लोग ग़ौर व फ़ करत ह उनक लए हम आयत को य तफ़सीलदार बयान करत ह (Quran 1024)

क ठनाइय स नपटन का मि लम दशन तब सावभौ मक ब धम ा को दशाता ह और अपन आप स पछता ह म या कर सकता ह एक

अनदखी तमान पर सवाल उठान और या यक गलतफहमी स खद

को पग बनान क बजाय ऐसा सवाल नह करना चाइय ldquoभगवान न

ऐसा य कयाrdquo

19

महामार रोग और लग का फख़ यह सवाल हम या कर सकत ह का चचा इ लामी व वान क बीच कया गया ह वह बीमार जो फलती ह या महामार वग़रह क लए जो स नत म इ तमाल क गई ह वह ह - तावन या वबा कभी-कभी यह श द को परसपार (अदल बदल स) इ तमाल कया जाता ह और अ य समय म यह कसी वशष कार

महामार या रोग जो क महामार क स मान हो या लग इययाद न कहा क ताऊन एक व श ट कार क बीमार

लए सद भत करता हिजस म शर र पर फोड़ फल जात और वबा सभी महामार बीमार क लए इ तमाल करत ह वबा को ताऊन कहा जाता ह य क वह मतय का कारण बन सकता ह

वबा ह ल कन हर वबा ताऊन नह ह - (12 ) म तसर तौर पर ताऊन और वबा एक दसर क बदल म

द य

20

थ म इनक बीच का अतर उस वख़त ज़ र ह जब व श ट हद स पर चचा कया जाता ह नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) का फ़रमान ह

म न (सपन म) दखा एक अनचाह बाल वाल नीरस अधर म हला मद ना स नकल कर महाइया म बसन क

तक क प म या या यत कया क यह मद ना स महाइया यानी अल-

जहफा क तरफ़ भजा जा रहा ह -(13)

यहा पर नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) वबा क तरफ़ इशारा कर रह थ - ख़ास कर मल रया और इ फ़लएनज़ा जो क उस व त मद ना म मौजद थाहा था और शहर इसस यापत था यहातक क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क दोन वालदन इसी बीमार क वजह स गजर ह ग य क इस शहर क साथ जड़ यह बीमार क कारण यहा वबा को बीमार क प मसद भत कया गया जो कई लोग को मारबीमार कर रहा था नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) शहर को इस बीमार स म त करन और श ध करन क व श ट ाथना करत

21

या अ लाह मद नाह को हम यारा बनाइए िजस तरह आप बनया और उस स भी अ धक और इस म होन वाल बख़ार को अल-

जोहफा म थानातरण कर दना ओअ लाह हमार मद औरत द

(भोजन और ावधान क लए वज़न क कार) - (14) और जब नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

ताऊन ( लग महामार क बीमार ) एक रजज़ ( वप ) सज़ा ह जो उसन तम स

पहल आन वाल को दया था और आयशा न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स ताऊन क बार म जानकार क ओर उ हन कहा

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस चाह उस भज दता ह ल कन अ लाह न इस व वा सय क लए एक दया बना दया ह यह दोन सदभ

ताऊन क महामार बीमार का उ लख करत ह नबी (सिल अलाह अलह व सिलम) मदना क तालजक़ स फ़रमात ह

मद ना क वश वार पर वगदत ह जो ताऊन ( लग) और दजजाल ( वरोधी मसीह) को इसम वश करन स रोकत ह -(15)

इस मामल म ताऊन महामार क व श ट बीमार या स धत करता ह ल कन मद ना सामा य महामार क बीमा रय स सर त नह ह

22

इमाम नववावी न कहा

यहा ताऊन का मतलब पीप स भर दान (फ़ोड़) जो शर र पर फटत ह य ऊसन ध या बगल यादत ह सजन और ती दद क साथ

ह ह -(16) यह हद स हमर समझ म मह वपण ह य क मद ना म लग वश होन स सर

ह ल कन महामार रोग स नह कई बार महामार बीमारवश

हई ह उमर (अलाह उनस सन हो) क ख़लाफ़त क समय सहत म का और मद ना क कछ महामार य क ऐ तहा सक समयरखा १३-१४ हजर (13-14H) क बीच -

अब अलअसवद ( स ध व वान िज ह न अरबी याकरण क नयम को नकाला) बयान करत ह

म मदना गया था जब बीमार का कोप हआ था और लोग तज़ी स मर रह थ म उमर क साथ बठा हआ था और वहा स एक अ तम स कार का जलस गज़रा (17)

23

१५२ हजर (152 H)

- इ तहासकार महममद अलमग़धा व वारा पाया गया एक महामार क राहत

क लए ाथना क एक च टान पर एक शलालख शलालख लखा ह

ओ अलाह मदना क लोग स वबा (महामार रोग) और कठनाई को दर कर लखा गया जमादा साल 152

७३५ (735 H)

- ड थी रया महामार न मद ना म पी ड़त हआ िजस स हर दन 15 लोग क मय होती थी उ ह न इस स पहल ऐसा कछ नह दखा था ७४९ (749 H) - महामार क बीमार न म का म पी ड़त हआ

24

1235 H (1814 CE) - महामार क कारण सामाय प स हजाज़ म 80 0 0 क मौत हो जाती ह 1246 H (1831 CE) - भारत स आई एक महामार क बीमार न म का म तीथया य क तीन चौथाई को मार दया 1252-1255 H (1837 CE-1840 CE) - म का म हज क अव ध म महामार रोग होत ह Pg १३ (13) TLI अमावस का लग - भ व यवाणी और मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय क जीवन म सबक़ नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न 9H म तबक क अ भयान क दौरान

कई

भवयवाणीया क उनम स एक लग जो उनक कई अनयायय को भावत करगा औफ़ बन मा लक अल-अशजाई न कहा

म तबक क अ भयान क दौरान अ लाह क रसल (सि लअ लाह अल ह व सि लम) क पास आया जब क वह चमड़ क बन हए तब म थन बठगया

25

रसलअ लाह (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

दाखल हो ओ औफ़ म कहा मसब या रसलअलाह उहन कहा

आप सभी फर उ ह न कहा

ओ औफ़ छह चीज़ याद रख जो अ तम घट स पहल घ टतक

मर मौत ह म इस स बहत हरान और दखी हआ उ हन कहा

इस पहल क प म गनो फर बतअलमख़दस ज सलम क वजय आएगी फर एक बीमार जो आपक बीच दखाई दगी और आपको औरआपक ब च को शह द क प म मरन का कारण बनगी आपक कम को श ध करगी फर आपक बीच बहत धन होगा ता क अगर एक आदमी को सौ द नार दए जाए तो भी वह असत ट

रहगा और आपक बीच लश होगा जो कसी भी मि लम घर को अछता नह रखगा फर आपक

और रोमन क बीच एक स ध

होगी फर व आपको धोखा दग और असी बनर क साथ आपक ख़लाफ़ माच

करग िजनम स यक क तहत बारह हज़ार सनक हग -(18) नबी क भ व यवाणी म बीमार का उ लख उमर इबन ख़तताब क खलाफत क दौरान हआ वष 18 H 639 CE म एक सय अभयान क दौरान अमावस -

(19) फलसतीन बत अलमखदस(ज सलम) स 30

26

फट पड़ा और नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कई साथी पी ड़त हए अलजौहर न कहा यह इ लाम का पहला लग था

(2 0 ) जसा क नबी (सिलअलाह अलह व सिलम) वारा भ व यवाणी क गई थी उस समय क ख़ल फ़ा उमर न इसक बार म

सना और

उसक चता क कारण उनस मलन क लए नकल पड़ अ द ला इ न अ बास उन घटनाओ का वणन करत ह जब उमर इ न ख़तताब

न शाम (ल वाट फलस तन

वह शरग

नामक एक जगह पर पहच तो सना क कमाडर अब उबयदा इ न जराह और उनक

साथी उमर स मल और बताया क एक लग शाम म फल गया ह अदला इन अबास न कहा उमर न मझस कहा

थम महािजर (सबस श आती मि लम जो मद नाक अ वासी थ) को मर लए

बलाव मन उ ह बलायाएक लग शाम म पी ड़त ह व असहमत थ उनम कछ न कहा आप कसी मामल पर

नकल पड़ हऔर हम नह लगता क आपको इस स पीछ हटना चा हएदसर

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

8

आयशा न पछा या रसलअ लाह उन सभी को य

उहन जवाब दया उन सभी को प वी नगल जाएगी लकन उह उनक

इराद क अनसार नणय क लए उठाया जाएगा -(7)

आयश न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स

वप य (लग) क बर म पछा और उहन जवाब दया यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस भी चह उन पर भजता ह ल कन अ लाह न व वा सय क लए

इस एक दया बनायी ह जो कोई अ लाह का सवक लग स पी ड़त भ म म

रहता ह और धय स रहता ह और अ लाह स इनाम क उ मीद रखता ह यह

जानत हए क उ ह कछ नह होगा सवाय वह क जो अ लाह न ह म कया उ ह शह द का पर कार दया जाएगा -(8) वा त वकताओ (स चाई) बीमार और अधक वशष प स महामार चता क भावना लात ह अ ात

पी ड़त बीमार क भावना हम अ नि चतता क भावना द सकती ह और कछ

लाचार भी यह इन समय म हम भावनामक और आयािमक लचीलापन (लौटाव) का नमाण करत ह हमार ववास क त िजस पर हमारा ववास थापत ह हम यह ववास (यक़ न) ह क कछ भी यि त को घ टत नह होता सवाय अ लाह क इ छा क और इसम दया उदय ह भल ह हम इस नह समझ सकत ह अलाह का उ द य और ान ह िजस हम अनभव कर सकत ह और कभी नह कर

9

सकत ह फर भी हमारा व वास उस गहराई तक पहचा हआ ह क सब

अलाह क तरफ़ स ह जो सवशितमान बधमान ह

١٨﴿ الخبير الحکيم ہو و عباده فوق القاہر ہو و वह अपन तमाम ब द पर ग़ा लब ह और वह व क़फ़कार हक म ह (ख़रान 6 18)

ہم و رسلنا توفتہ الموت احدکم جاء اذا حتی حفظۃ عليکم يرسل و عباده فوق القاہر ہو و طون ال يفر

वह अपन ब द पर ग़ा लब ह वह तम लोग पर नगहबान (फ़ र त तनात करक)

भजता ह -यहा तक क जब तम म स कसी क मौत आए तो हमार भज हए फ़ र त उसको (द नया स) उठा लत ह और वह (हमार तामील हम म ज़रा भी) कोताह नह करत (Qu ra n 6 61)

صيبۃ من اصاب ما يؤمن من و باذن اال م و قلبہ يہد با عليم شیء بکل

10

कोई भी मसीबत नह आती ह सवाय अ लाह क अनम त स और जो श स

अ लाह पर ईमान लाता हतो अ लाह उसक दल क हदायत करता ह और

अलाह हर चीज़ स ख़ब वाक़फ़ ह (qu ra n 64 11) भल ह हम तकलता कठोरताछ क ान को नह समझसकत उनक नधन म

र उप ा क वा त वकता क आव यकता को दखत ह हमार आ मा क उप ा परमा मा स

अपन लगाव क उप ा एसा नह क हम सीखन क लए क ठनाई क आव यकता ह ल कन यह कछ ान को त ब बत करता ह य क कोईभी कठनाई स नह बचा ह ल कन हम सभी को उनस पार पान क लए व वास क आव यकता ह क ठनाई क ण हम हमदद सखात ह वह यि त जो मि कल स गज़ारा हो दसर क साथ यि तगत प स सहानभ त रख सकता ह इन ण म हम मानवता क

त क णा और सवा क काय दखत ह िजसस हम सबक़ लत ह और हम बाधत ह जो कवल व वास ह सखा सकता ह याग क शि त उस समय सब स मज़बत होती ह जब कसी क पास दन क लए बहत कम होन

11

उस ण म दसर क लाभ क लए दता ह यह हम अ लाह और उसक महबब

बक़

ह साम हक प स कमजोर होन पर मानवता का वाथ कम हो जाता ह और व सीखत ह क उनका एक मा समाधान एक दसर क ओर मड़ना ह और उसी को पकारना ह जो उ ह बाधता ह वा तव म हम सीखत ह क हम जो स ची तयार करनी ह वह आ याि मक ह हम जो धलाई और श ध चा हए वह दल क ह सगरोध हम यादा चा हए अपन अहकार इछाओ नश क लत स दर रहन क व वास सखाता ह क- सबस हताश समय हम हमार भधता और अपन वय क

बार सखाता ह हम सब न दखा जस क बताया गया क सब स प व थानना पर जान स अ थायी तबध कया गया ह हा व वासनह जान स दखी नह होना ह ल कन हम म स कतन न पछा या प व आ मा क भावना हमार दल म टक हई ह या म का म काबा म पाई गई अ लाह क प व ता

12

हमार सीन म भी पाई जाती ह या वह यार अमन

र नबी क शहर म पात ह और उनक तर क़ का पालन करनाहोती ह हम अ थायी तबध पर वचार कर सकत ल कन हम कभी भी अ लाह क दया स तब धत नह होना चाहत ह उ मीद ह क हम कभी भी अ लाह क नबी क उदाहरण क अनसारण करन स

कभी पीछ न हट और उनक स दश का प लव क उ ह सार सि ट पर दया करन क लए भजा गया था उ मीद ह क हम कभी भी इस द नया स इतना लगाव ना रख क हम ज़मीन पर लड़त रह जब क हम इसी ज़मीन म हमर अ तम वापसी ह योजनाए बदल सकती ह पसा खो सकता ह तरह क वप कलए तयार करता ह यह ज़ र नह क इस हटा द धन क हा न म वशष प स आप आि तक का नशान दखग दया या लया गया सब कछ सबस

13

उ च सबस अ धक दनवालाहसस करत ह तो उस यि त क बार म सोच िजसक पास कछ नह ह सघष क समय आभार होन स सवधन म ऐसा करनाआसान बनता ह हमार यार नबी का फरमान ह

अ लाह स सावधान रह और वह त हार र ा करगा अ लाह स सावधान रह तम उस अपन सामन पाओग अगर आप पछत ह तो अ लाह ह स पछ अगर तम मदद चाहत हो तो अ लाह ह स मदद लोऔर जान लो क अगर रा को इक ठा कर आपको लाभ पहचानक लए व आपको लाभ नह द सकत सवाय

इसक क अ लाह न आपक लए पहल स नधा रत कया ह और अगर व कसी भी चीज़ क साथ आपको नक़सान पहचान क लए इकठाहए व आप को नक़सान

नह पहचा सकत सवाय इसक क अ लाह न आपक लए पहल स नधा रत

कया ह क़लम उठा लए गए ह और प ठ सख गए ह और उ ह न कहा अ लाह स सावधान रह तम उस अपन सामन पाओग अ लाह को आसानी और सम ध क समय पहचानो और वीकार करो और वह आपको वप क समय याद रखगा और जान लो क जो चीज़ तम तक नह पहची और पास स गज़र गई वह त हार लए घ टत नह था और जो त हार लए घ टत था वह त हार पास स गज़रन वाल नह थी - (9)

द य ान

14

सब स पहल और सब स मह वपण कोई भी यि त यह

कता क अ लाह न मानवता पर यातना य भजा ह यह अ लाह क हकमत ह जो कवल वह नद ट कर सकता ह

महामार क बीमार लए नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क हद स स

प ट ह क व वान न व ीय को कस दखा - (10 ) व भ न लोग पर लाग सावभौ मक समझदार क बीच उनक इराद क अनसार

और

उनक लए अ लाह कस इ छा रखत ह

1 सकत - यह सवशि तमान क सावभौ मक शि त और

ब क लए एक सकत ह 2 आशीवाद और दया- जस क नबी न बताया 3 कारण - उनका समय और तार ख़ जो नधन हो गया था

ण था यह कोरोनावाइरस नह होता तो कछ और होता 4 सज़ा - अयाचार करन वाल और अ वीकार करन वाल क लए

इसक अलावा यह इ लामी धा मक क दायर म जाता ह ककस तरह कसी वप क समझ सकता ह या तो यह

1 उ न त - एक पर ण िजस म अ लाह उन लोग क ि थ तह

चाहता ह

15

2 श धकरण - जो पापन म अगल क तलनाम साफ़ हो जाए

3 त ब ब - कसी यि त को सकत दन क लए ता क

लौट आए 4 या यातना - पाप और अ वीकार क लए सज़ा

हमार पास कसी एक सावभौ मक बयान नबी का नह ह जो प ट प स यि त

और पी ड़त होन क ि थ त पर नभर करता कवल अ लाह यि तय का याय

करता ह और व य पी ड़त थ इसक सट क समझदार उनक लए व श ट ह पवक थत हद स सावभौ मक ान पर काश

डालती ह और हर यि त क कार क

दःख वय ख़द क लए जवाबदह होत ह सभी उठाए जाएग और अपन अपन इराद क अनसार उनका फ़सला होगा आयशा न पछा

ओ अ लाह क रसल उन सभी को य उ हन जवाब दया

उन सभी को प वी वारा नगल लया जाएगा ल कन उ ह उनक इराद क अनसार नणय क लए उठाया जाएगा यह अ लाह क व वध स धात स ह अगर यह सज़ा हो भी जाए शा मल कर सकती ह उनक इराद और समझदार क आधार पर जसा क ऊपर बताया गया और यह

16

व वा सय ग़र-

व वा सय नदश या ज़ा लम क बीच अतर नह करतामान

ۃ منکم ظلموا الذين تصيبن ال فتنۃ اتقوا و ا و خاص ان اعلمو العقاب شديد और उस फतन स डरत रहो जो ख़ास उ ह लोग पर नह पड़गा िज ह न तम

म स

ज़ म कया (बि क तम सबक सब उसम पड़ जाओग) और यक़ न मान क अ लाह

बड़ा सत अज़ाब करन वाला ह (Qu ra n 8 2 5) बि क यह यक आि तक पर ख़द को बचान क लए आव यक साधन लना चा हए च क साक य प स शार रक प स

दसर क लए नवारक उपाय कर एसा कह जान क बाद लोग को घरन वाल वप का द यहश वारा उ लख कयागया ह िजस न बताया क नबी (सि ल अ लाह अल ह

व सि लम) एक दन उनक पास डर क ि थत म आए और कहा

ला इलाहा इ लला (कोई भी पजा क यो य नह सवाय अ लाह क)

अरबलोग पर एक आस न बराई स जो उ ह भा वत करगा आज इस आकार

17

का एक छद याजज और माजज को रोकन वाल द वार म बनाया गया हऔर उ ह न अपन अगठ और

तजनीस एक च बनाया ज़नब न कहा या रसलअ लाह

या हम न ट ह ग जब क धम लग हमार बीच ह उ ह न उ र दया हा य द द टता फलती ह तो भल होती ह (11) इन हद स म उ ल खत ई वरय फरमान क यापक स चाई एक महामार क

जो द नया पर हमला करसकती ह और वशष प स लोग क समह पर -

अ लाह क सकत म स ह जो अ लाह अपनी सि ट पर भजता ह वा त वकता क

सकत परमामा क हाथ जो उसक सिट पर ह क उपीड़क उसक पकड़ स बच

नह सकत और उसी का भव ह और उसक यहा अतम वापसी ह अततः अ लाह का ान हमार समझ क सी मत दायर को पार कर जाता ह और कवल

सवशि तमान क पास अपनी ब ध का सह सार ह हमनामा म उदा और उसक भाव म स म यह सफ़ कछ ान ह जो हमार द य थ म गीत ह

सर म ान शा मल ह जस क कसी चीज़ स आपक र ा कराक म य पर त ब बत करन क लए एक वकअप काल ह अ लाहऔर कवल बहतर हाइजीन क मा यम स बीमार नह फलान क बार म जानकार कर

18

अ लाह का फरमान ह

ا االرض نبات بہ فاختلط السماء من انزلنہ کماء الدنيا الحيوة مثل انما ا و الناس ياکل ممينت و زخرفہا االرض اذااخذت حتی النعام ل امرنا اتہا عليہا قدرون انہم اہلہا ظن و از

ل کذلک باالمس لمتغن کان حصيدا فجعلنہا نہارا او يال يت نفص يتفکرون لقوم اال द नयावी िज़दगी क मसल तो बस पानी क सी ह क हमन उसको आसमान स

बरसाया फर ज़मीन क साग पात िजसको लोग और चपाए खा जात ह (उसक साथ मल-जलकर नकल यहा तक क जब ज़मीन न (फसल क चीज़ स) अपना बनाव सगार कर लया और (हर तरह)

आरासता हो गई और खतवाल न समझ लया क अब वह उस पर यक नन क़ाब पा गए (जब चाहग काट लग) यकायक हमारा ह म व अज़ाब

रात या दन को आ पहचा तो हमन उस खत को ऐसा साफ कटा हआ बना दया क

गोया कल उसम कछ था ह नह जो लोग ग़ौर व फ़ करत ह उनक लए हम आयत को य तफ़सीलदार बयान करत ह (Quran 1024)

क ठनाइय स नपटन का मि लम दशन तब सावभौ मक ब धम ा को दशाता ह और अपन आप स पछता ह म या कर सकता ह एक

अनदखी तमान पर सवाल उठान और या यक गलतफहमी स खद

को पग बनान क बजाय ऐसा सवाल नह करना चाइय ldquoभगवान न

ऐसा य कयाrdquo

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महामार रोग और लग का फख़ यह सवाल हम या कर सकत ह का चचा इ लामी व वान क बीच कया गया ह वह बीमार जो फलती ह या महामार वग़रह क लए जो स नत म इ तमाल क गई ह वह ह - तावन या वबा कभी-कभी यह श द को परसपार (अदल बदल स) इ तमाल कया जाता ह और अ य समय म यह कसी वशष कार

महामार या रोग जो क महामार क स मान हो या लग इययाद न कहा क ताऊन एक व श ट कार क बीमार

लए सद भत करता हिजस म शर र पर फोड़ फल जात और वबा सभी महामार बीमार क लए इ तमाल करत ह वबा को ताऊन कहा जाता ह य क वह मतय का कारण बन सकता ह

वबा ह ल कन हर वबा ताऊन नह ह - (12 ) म तसर तौर पर ताऊन और वबा एक दसर क बदल म

द य

20

थ म इनक बीच का अतर उस वख़त ज़ र ह जब व श ट हद स पर चचा कया जाता ह नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) का फ़रमान ह

म न (सपन म) दखा एक अनचाह बाल वाल नीरस अधर म हला मद ना स नकल कर महाइया म बसन क

तक क प म या या यत कया क यह मद ना स महाइया यानी अल-

जहफा क तरफ़ भजा जा रहा ह -(13)

यहा पर नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) वबा क तरफ़ इशारा कर रह थ - ख़ास कर मल रया और इ फ़लएनज़ा जो क उस व त मद ना म मौजद थाहा था और शहर इसस यापत था यहातक क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क दोन वालदन इसी बीमार क वजह स गजर ह ग य क इस शहर क साथ जड़ यह बीमार क कारण यहा वबा को बीमार क प मसद भत कया गया जो कई लोग को मारबीमार कर रहा था नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) शहर को इस बीमार स म त करन और श ध करन क व श ट ाथना करत

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या अ लाह मद नाह को हम यारा बनाइए िजस तरह आप बनया और उस स भी अ धक और इस म होन वाल बख़ार को अल-

जोहफा म थानातरण कर दना ओअ लाह हमार मद औरत द

(भोजन और ावधान क लए वज़न क कार) - (14) और जब नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

ताऊन ( लग महामार क बीमार ) एक रजज़ ( वप ) सज़ा ह जो उसन तम स

पहल आन वाल को दया था और आयशा न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स ताऊन क बार म जानकार क ओर उ हन कहा

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस चाह उस भज दता ह ल कन अ लाह न इस व वा सय क लए एक दया बना दया ह यह दोन सदभ

ताऊन क महामार बीमार का उ लख करत ह नबी (सिल अलाह अलह व सिलम) मदना क तालजक़ स फ़रमात ह

मद ना क वश वार पर वगदत ह जो ताऊन ( लग) और दजजाल ( वरोधी मसीह) को इसम वश करन स रोकत ह -(15)

इस मामल म ताऊन महामार क व श ट बीमार या स धत करता ह ल कन मद ना सामा य महामार क बीमा रय स सर त नह ह

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इमाम नववावी न कहा

यहा ताऊन का मतलब पीप स भर दान (फ़ोड़) जो शर र पर फटत ह य ऊसन ध या बगल यादत ह सजन और ती दद क साथ

ह ह -(16) यह हद स हमर समझ म मह वपण ह य क मद ना म लग वश होन स सर

ह ल कन महामार रोग स नह कई बार महामार बीमारवश

हई ह उमर (अलाह उनस सन हो) क ख़लाफ़त क समय सहत म का और मद ना क कछ महामार य क ऐ तहा सक समयरखा १३-१४ हजर (13-14H) क बीच -

अब अलअसवद ( स ध व वान िज ह न अरबी याकरण क नयम को नकाला) बयान करत ह

म मदना गया था जब बीमार का कोप हआ था और लोग तज़ी स मर रह थ म उमर क साथ बठा हआ था और वहा स एक अ तम स कार का जलस गज़रा (17)

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१५२ हजर (152 H)

- इ तहासकार महममद अलमग़धा व वारा पाया गया एक महामार क राहत

क लए ाथना क एक च टान पर एक शलालख शलालख लखा ह

ओ अलाह मदना क लोग स वबा (महामार रोग) और कठनाई को दर कर लखा गया जमादा साल 152

७३५ (735 H)

- ड थी रया महामार न मद ना म पी ड़त हआ िजस स हर दन 15 लोग क मय होती थी उ ह न इस स पहल ऐसा कछ नह दखा था ७४९ (749 H) - महामार क बीमार न म का म पी ड़त हआ

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1235 H (1814 CE) - महामार क कारण सामाय प स हजाज़ म 80 0 0 क मौत हो जाती ह 1246 H (1831 CE) - भारत स आई एक महामार क बीमार न म का म तीथया य क तीन चौथाई को मार दया 1252-1255 H (1837 CE-1840 CE) - म का म हज क अव ध म महामार रोग होत ह Pg १३ (13) TLI अमावस का लग - भ व यवाणी और मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय क जीवन म सबक़ नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न 9H म तबक क अ भयान क दौरान

कई

भवयवाणीया क उनम स एक लग जो उनक कई अनयायय को भावत करगा औफ़ बन मा लक अल-अशजाई न कहा

म तबक क अ भयान क दौरान अ लाह क रसल (सि लअ लाह अल ह व सि लम) क पास आया जब क वह चमड़ क बन हए तब म थन बठगया

25

रसलअ लाह (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

दाखल हो ओ औफ़ म कहा मसब या रसलअलाह उहन कहा

आप सभी फर उ ह न कहा

ओ औफ़ छह चीज़ याद रख जो अ तम घट स पहल घ टतक

मर मौत ह म इस स बहत हरान और दखी हआ उ हन कहा

इस पहल क प म गनो फर बतअलमख़दस ज सलम क वजय आएगी फर एक बीमार जो आपक बीच दखाई दगी और आपको औरआपक ब च को शह द क प म मरन का कारण बनगी आपक कम को श ध करगी फर आपक बीच बहत धन होगा ता क अगर एक आदमी को सौ द नार दए जाए तो भी वह असत ट

रहगा और आपक बीच लश होगा जो कसी भी मि लम घर को अछता नह रखगा फर आपक

और रोमन क बीच एक स ध

होगी फर व आपको धोखा दग और असी बनर क साथ आपक ख़लाफ़ माच

करग िजनम स यक क तहत बारह हज़ार सनक हग -(18) नबी क भ व यवाणी म बीमार का उ लख उमर इबन ख़तताब क खलाफत क दौरान हआ वष 18 H 639 CE म एक सय अभयान क दौरान अमावस -

(19) फलसतीन बत अलमखदस(ज सलम) स 30

26

फट पड़ा और नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कई साथी पी ड़त हए अलजौहर न कहा यह इ लाम का पहला लग था

(2 0 ) जसा क नबी (सिलअलाह अलह व सिलम) वारा भ व यवाणी क गई थी उस समय क ख़ल फ़ा उमर न इसक बार म

सना और

उसक चता क कारण उनस मलन क लए नकल पड़ अ द ला इ न अ बास उन घटनाओ का वणन करत ह जब उमर इ न ख़तताब

न शाम (ल वाट फलस तन

वह शरग

नामक एक जगह पर पहच तो सना क कमाडर अब उबयदा इ न जराह और उनक

साथी उमर स मल और बताया क एक लग शाम म फल गया ह अदला इन अबास न कहा उमर न मझस कहा

थम महािजर (सबस श आती मि लम जो मद नाक अ वासी थ) को मर लए

बलाव मन उ ह बलायाएक लग शाम म पी ड़त ह व असहमत थ उनम कछ न कहा आप कसी मामल पर

नकल पड़ हऔर हम नह लगता क आपको इस स पीछ हटना चा हएदसर

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

9

सकत ह फर भी हमारा व वास उस गहराई तक पहचा हआ ह क सब

अलाह क तरफ़ स ह जो सवशितमान बधमान ह

١٨﴿ الخبير الحکيم ہو و عباده فوق القاہر ہو و वह अपन तमाम ब द पर ग़ा लब ह और वह व क़फ़कार हक म ह (ख़रान 6 18)

ہم و رسلنا توفتہ الموت احدکم جاء اذا حتی حفظۃ عليکم يرسل و عباده فوق القاہر ہو و طون ال يفر

वह अपन ब द पर ग़ा लब ह वह तम लोग पर नगहबान (फ़ र त तनात करक)

भजता ह -यहा तक क जब तम म स कसी क मौत आए तो हमार भज हए फ़ र त उसको (द नया स) उठा लत ह और वह (हमार तामील हम म ज़रा भी) कोताह नह करत (Qu ra n 6 61)

صيبۃ من اصاب ما يؤمن من و باذن اال م و قلبہ يہد با عليم شیء بکل

10

कोई भी मसीबत नह आती ह सवाय अ लाह क अनम त स और जो श स

अ लाह पर ईमान लाता हतो अ लाह उसक दल क हदायत करता ह और

अलाह हर चीज़ स ख़ब वाक़फ़ ह (qu ra n 64 11) भल ह हम तकलता कठोरताछ क ान को नह समझसकत उनक नधन म

र उप ा क वा त वकता क आव यकता को दखत ह हमार आ मा क उप ा परमा मा स

अपन लगाव क उप ा एसा नह क हम सीखन क लए क ठनाई क आव यकता ह ल कन यह कछ ान को त ब बत करता ह य क कोईभी कठनाई स नह बचा ह ल कन हम सभी को उनस पार पान क लए व वास क आव यकता ह क ठनाई क ण हम हमदद सखात ह वह यि त जो मि कल स गज़ारा हो दसर क साथ यि तगत प स सहानभ त रख सकता ह इन ण म हम मानवता क

त क णा और सवा क काय दखत ह िजसस हम सबक़ लत ह और हम बाधत ह जो कवल व वास ह सखा सकता ह याग क शि त उस समय सब स मज़बत होती ह जब कसी क पास दन क लए बहत कम होन

11

उस ण म दसर क लाभ क लए दता ह यह हम अ लाह और उसक महबब

बक़

ह साम हक प स कमजोर होन पर मानवता का वाथ कम हो जाता ह और व सीखत ह क उनका एक मा समाधान एक दसर क ओर मड़ना ह और उसी को पकारना ह जो उ ह बाधता ह वा तव म हम सीखत ह क हम जो स ची तयार करनी ह वह आ याि मक ह हम जो धलाई और श ध चा हए वह दल क ह सगरोध हम यादा चा हए अपन अहकार इछाओ नश क लत स दर रहन क व वास सखाता ह क- सबस हताश समय हम हमार भधता और अपन वय क

बार सखाता ह हम सब न दखा जस क बताया गया क सब स प व थानना पर जान स अ थायी तबध कया गया ह हा व वासनह जान स दखी नह होना ह ल कन हम म स कतन न पछा या प व आ मा क भावना हमार दल म टक हई ह या म का म काबा म पाई गई अ लाह क प व ता

12

हमार सीन म भी पाई जाती ह या वह यार अमन

र नबी क शहर म पात ह और उनक तर क़ का पालन करनाहोती ह हम अ थायी तबध पर वचार कर सकत ल कन हम कभी भी अ लाह क दया स तब धत नह होना चाहत ह उ मीद ह क हम कभी भी अ लाह क नबी क उदाहरण क अनसारण करन स

कभी पीछ न हट और उनक स दश का प लव क उ ह सार सि ट पर दया करन क लए भजा गया था उ मीद ह क हम कभी भी इस द नया स इतना लगाव ना रख क हम ज़मीन पर लड़त रह जब क हम इसी ज़मीन म हमर अ तम वापसी ह योजनाए बदल सकती ह पसा खो सकता ह तरह क वप कलए तयार करता ह यह ज़ र नह क इस हटा द धन क हा न म वशष प स आप आि तक का नशान दखग दया या लया गया सब कछ सबस

13

उ च सबस अ धक दनवालाहसस करत ह तो उस यि त क बार म सोच िजसक पास कछ नह ह सघष क समय आभार होन स सवधन म ऐसा करनाआसान बनता ह हमार यार नबी का फरमान ह

अ लाह स सावधान रह और वह त हार र ा करगा अ लाह स सावधान रह तम उस अपन सामन पाओग अगर आप पछत ह तो अ लाह ह स पछ अगर तम मदद चाहत हो तो अ लाह ह स मदद लोऔर जान लो क अगर रा को इक ठा कर आपको लाभ पहचानक लए व आपको लाभ नह द सकत सवाय

इसक क अ लाह न आपक लए पहल स नधा रत कया ह और अगर व कसी भी चीज़ क साथ आपको नक़सान पहचान क लए इकठाहए व आप को नक़सान

नह पहचा सकत सवाय इसक क अ लाह न आपक लए पहल स नधा रत

कया ह क़लम उठा लए गए ह और प ठ सख गए ह और उ ह न कहा अ लाह स सावधान रह तम उस अपन सामन पाओग अ लाह को आसानी और सम ध क समय पहचानो और वीकार करो और वह आपको वप क समय याद रखगा और जान लो क जो चीज़ तम तक नह पहची और पास स गज़र गई वह त हार लए घ टत नह था और जो त हार लए घ टत था वह त हार पास स गज़रन वाल नह थी - (9)

द य ान

14

सब स पहल और सब स मह वपण कोई भी यि त यह

कता क अ लाह न मानवता पर यातना य भजा ह यह अ लाह क हकमत ह जो कवल वह नद ट कर सकता ह

महामार क बीमार लए नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क हद स स

प ट ह क व वान न व ीय को कस दखा - (10 ) व भ न लोग पर लाग सावभौ मक समझदार क बीच उनक इराद क अनसार

और

उनक लए अ लाह कस इ छा रखत ह

1 सकत - यह सवशि तमान क सावभौ मक शि त और

ब क लए एक सकत ह 2 आशीवाद और दया- जस क नबी न बताया 3 कारण - उनका समय और तार ख़ जो नधन हो गया था

ण था यह कोरोनावाइरस नह होता तो कछ और होता 4 सज़ा - अयाचार करन वाल और अ वीकार करन वाल क लए

इसक अलावा यह इ लामी धा मक क दायर म जाता ह ककस तरह कसी वप क समझ सकता ह या तो यह

1 उ न त - एक पर ण िजस म अ लाह उन लोग क ि थ तह

चाहता ह

15

2 श धकरण - जो पापन म अगल क तलनाम साफ़ हो जाए

3 त ब ब - कसी यि त को सकत दन क लए ता क

लौट आए 4 या यातना - पाप और अ वीकार क लए सज़ा

हमार पास कसी एक सावभौ मक बयान नबी का नह ह जो प ट प स यि त

और पी ड़त होन क ि थ त पर नभर करता कवल अ लाह यि तय का याय

करता ह और व य पी ड़त थ इसक सट क समझदार उनक लए व श ट ह पवक थत हद स सावभौ मक ान पर काश

डालती ह और हर यि त क कार क

दःख वय ख़द क लए जवाबदह होत ह सभी उठाए जाएग और अपन अपन इराद क अनसार उनका फ़सला होगा आयशा न पछा

ओ अ लाह क रसल उन सभी को य उ हन जवाब दया

उन सभी को प वी वारा नगल लया जाएगा ल कन उ ह उनक इराद क अनसार नणय क लए उठाया जाएगा यह अ लाह क व वध स धात स ह अगर यह सज़ा हो भी जाए शा मल कर सकती ह उनक इराद और समझदार क आधार पर जसा क ऊपर बताया गया और यह

16

व वा सय ग़र-

व वा सय नदश या ज़ा लम क बीच अतर नह करतामान

ۃ منکم ظلموا الذين تصيبن ال فتنۃ اتقوا و ا و خاص ان اعلمو العقاب شديد और उस फतन स डरत रहो जो ख़ास उ ह लोग पर नह पड़गा िज ह न तम

म स

ज़ म कया (बि क तम सबक सब उसम पड़ जाओग) और यक़ न मान क अ लाह

बड़ा सत अज़ाब करन वाला ह (Qu ra n 8 2 5) बि क यह यक आि तक पर ख़द को बचान क लए आव यक साधन लना चा हए च क साक य प स शार रक प स

दसर क लए नवारक उपाय कर एसा कह जान क बाद लोग को घरन वाल वप का द यहश वारा उ लख कयागया ह िजस न बताया क नबी (सि ल अ लाह अल ह

व सि लम) एक दन उनक पास डर क ि थत म आए और कहा

ला इलाहा इ लला (कोई भी पजा क यो य नह सवाय अ लाह क)

अरबलोग पर एक आस न बराई स जो उ ह भा वत करगा आज इस आकार

17

का एक छद याजज और माजज को रोकन वाल द वार म बनाया गया हऔर उ ह न अपन अगठ और

तजनीस एक च बनाया ज़नब न कहा या रसलअ लाह

या हम न ट ह ग जब क धम लग हमार बीच ह उ ह न उ र दया हा य द द टता फलती ह तो भल होती ह (11) इन हद स म उ ल खत ई वरय फरमान क यापक स चाई एक महामार क

जो द नया पर हमला करसकती ह और वशष प स लोग क समह पर -

अ लाह क सकत म स ह जो अ लाह अपनी सि ट पर भजता ह वा त वकता क

सकत परमामा क हाथ जो उसक सिट पर ह क उपीड़क उसक पकड़ स बच

नह सकत और उसी का भव ह और उसक यहा अतम वापसी ह अततः अ लाह का ान हमार समझ क सी मत दायर को पार कर जाता ह और कवल

सवशि तमान क पास अपनी ब ध का सह सार ह हमनामा म उदा और उसक भाव म स म यह सफ़ कछ ान ह जो हमार द य थ म गीत ह

सर म ान शा मल ह जस क कसी चीज़ स आपक र ा कराक म य पर त ब बत करन क लए एक वकअप काल ह अ लाहऔर कवल बहतर हाइजीन क मा यम स बीमार नह फलान क बार म जानकार कर

18

अ लाह का फरमान ह

ا االرض نبات بہ فاختلط السماء من انزلنہ کماء الدنيا الحيوة مثل انما ا و الناس ياکل ممينت و زخرفہا االرض اذااخذت حتی النعام ل امرنا اتہا عليہا قدرون انہم اہلہا ظن و از

ل کذلک باالمس لمتغن کان حصيدا فجعلنہا نہارا او يال يت نفص يتفکرون لقوم اال द नयावी िज़दगी क मसल तो बस पानी क सी ह क हमन उसको आसमान स

बरसाया फर ज़मीन क साग पात िजसको लोग और चपाए खा जात ह (उसक साथ मल-जलकर नकल यहा तक क जब ज़मीन न (फसल क चीज़ स) अपना बनाव सगार कर लया और (हर तरह)

आरासता हो गई और खतवाल न समझ लया क अब वह उस पर यक नन क़ाब पा गए (जब चाहग काट लग) यकायक हमारा ह म व अज़ाब

रात या दन को आ पहचा तो हमन उस खत को ऐसा साफ कटा हआ बना दया क

गोया कल उसम कछ था ह नह जो लोग ग़ौर व फ़ करत ह उनक लए हम आयत को य तफ़सीलदार बयान करत ह (Quran 1024)

क ठनाइय स नपटन का मि लम दशन तब सावभौ मक ब धम ा को दशाता ह और अपन आप स पछता ह म या कर सकता ह एक

अनदखी तमान पर सवाल उठान और या यक गलतफहमी स खद

को पग बनान क बजाय ऐसा सवाल नह करना चाइय ldquoभगवान न

ऐसा य कयाrdquo

19

महामार रोग और लग का फख़ यह सवाल हम या कर सकत ह का चचा इ लामी व वान क बीच कया गया ह वह बीमार जो फलती ह या महामार वग़रह क लए जो स नत म इ तमाल क गई ह वह ह - तावन या वबा कभी-कभी यह श द को परसपार (अदल बदल स) इ तमाल कया जाता ह और अ य समय म यह कसी वशष कार

महामार या रोग जो क महामार क स मान हो या लग इययाद न कहा क ताऊन एक व श ट कार क बीमार

लए सद भत करता हिजस म शर र पर फोड़ फल जात और वबा सभी महामार बीमार क लए इ तमाल करत ह वबा को ताऊन कहा जाता ह य क वह मतय का कारण बन सकता ह

वबा ह ल कन हर वबा ताऊन नह ह - (12 ) म तसर तौर पर ताऊन और वबा एक दसर क बदल म

द य

20

थ म इनक बीच का अतर उस वख़त ज़ र ह जब व श ट हद स पर चचा कया जाता ह नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) का फ़रमान ह

म न (सपन म) दखा एक अनचाह बाल वाल नीरस अधर म हला मद ना स नकल कर महाइया म बसन क

तक क प म या या यत कया क यह मद ना स महाइया यानी अल-

जहफा क तरफ़ भजा जा रहा ह -(13)

यहा पर नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) वबा क तरफ़ इशारा कर रह थ - ख़ास कर मल रया और इ फ़लएनज़ा जो क उस व त मद ना म मौजद थाहा था और शहर इसस यापत था यहातक क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क दोन वालदन इसी बीमार क वजह स गजर ह ग य क इस शहर क साथ जड़ यह बीमार क कारण यहा वबा को बीमार क प मसद भत कया गया जो कई लोग को मारबीमार कर रहा था नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) शहर को इस बीमार स म त करन और श ध करन क व श ट ाथना करत

21

या अ लाह मद नाह को हम यारा बनाइए िजस तरह आप बनया और उस स भी अ धक और इस म होन वाल बख़ार को अल-

जोहफा म थानातरण कर दना ओअ लाह हमार मद औरत द

(भोजन और ावधान क लए वज़न क कार) - (14) और जब नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

ताऊन ( लग महामार क बीमार ) एक रजज़ ( वप ) सज़ा ह जो उसन तम स

पहल आन वाल को दया था और आयशा न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स ताऊन क बार म जानकार क ओर उ हन कहा

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस चाह उस भज दता ह ल कन अ लाह न इस व वा सय क लए एक दया बना दया ह यह दोन सदभ

ताऊन क महामार बीमार का उ लख करत ह नबी (सिल अलाह अलह व सिलम) मदना क तालजक़ स फ़रमात ह

मद ना क वश वार पर वगदत ह जो ताऊन ( लग) और दजजाल ( वरोधी मसीह) को इसम वश करन स रोकत ह -(15)

इस मामल म ताऊन महामार क व श ट बीमार या स धत करता ह ल कन मद ना सामा य महामार क बीमा रय स सर त नह ह

22

इमाम नववावी न कहा

यहा ताऊन का मतलब पीप स भर दान (फ़ोड़) जो शर र पर फटत ह य ऊसन ध या बगल यादत ह सजन और ती दद क साथ

ह ह -(16) यह हद स हमर समझ म मह वपण ह य क मद ना म लग वश होन स सर

ह ल कन महामार रोग स नह कई बार महामार बीमारवश

हई ह उमर (अलाह उनस सन हो) क ख़लाफ़त क समय सहत म का और मद ना क कछ महामार य क ऐ तहा सक समयरखा १३-१४ हजर (13-14H) क बीच -

अब अलअसवद ( स ध व वान िज ह न अरबी याकरण क नयम को नकाला) बयान करत ह

म मदना गया था जब बीमार का कोप हआ था और लोग तज़ी स मर रह थ म उमर क साथ बठा हआ था और वहा स एक अ तम स कार का जलस गज़रा (17)

23

१५२ हजर (152 H)

- इ तहासकार महममद अलमग़धा व वारा पाया गया एक महामार क राहत

क लए ाथना क एक च टान पर एक शलालख शलालख लखा ह

ओ अलाह मदना क लोग स वबा (महामार रोग) और कठनाई को दर कर लखा गया जमादा साल 152

७३५ (735 H)

- ड थी रया महामार न मद ना म पी ड़त हआ िजस स हर दन 15 लोग क मय होती थी उ ह न इस स पहल ऐसा कछ नह दखा था ७४९ (749 H) - महामार क बीमार न म का म पी ड़त हआ

24

1235 H (1814 CE) - महामार क कारण सामाय प स हजाज़ म 80 0 0 क मौत हो जाती ह 1246 H (1831 CE) - भारत स आई एक महामार क बीमार न म का म तीथया य क तीन चौथाई को मार दया 1252-1255 H (1837 CE-1840 CE) - म का म हज क अव ध म महामार रोग होत ह Pg १३ (13) TLI अमावस का लग - भ व यवाणी और मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय क जीवन म सबक़ नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न 9H म तबक क अ भयान क दौरान

कई

भवयवाणीया क उनम स एक लग जो उनक कई अनयायय को भावत करगा औफ़ बन मा लक अल-अशजाई न कहा

म तबक क अ भयान क दौरान अ लाह क रसल (सि लअ लाह अल ह व सि लम) क पास आया जब क वह चमड़ क बन हए तब म थन बठगया

25

रसलअ लाह (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

दाखल हो ओ औफ़ म कहा मसब या रसलअलाह उहन कहा

आप सभी फर उ ह न कहा

ओ औफ़ छह चीज़ याद रख जो अ तम घट स पहल घ टतक

मर मौत ह म इस स बहत हरान और दखी हआ उ हन कहा

इस पहल क प म गनो फर बतअलमख़दस ज सलम क वजय आएगी फर एक बीमार जो आपक बीच दखाई दगी और आपको औरआपक ब च को शह द क प म मरन का कारण बनगी आपक कम को श ध करगी फर आपक बीच बहत धन होगा ता क अगर एक आदमी को सौ द नार दए जाए तो भी वह असत ट

रहगा और आपक बीच लश होगा जो कसी भी मि लम घर को अछता नह रखगा फर आपक

और रोमन क बीच एक स ध

होगी फर व आपको धोखा दग और असी बनर क साथ आपक ख़लाफ़ माच

करग िजनम स यक क तहत बारह हज़ार सनक हग -(18) नबी क भ व यवाणी म बीमार का उ लख उमर इबन ख़तताब क खलाफत क दौरान हआ वष 18 H 639 CE म एक सय अभयान क दौरान अमावस -

(19) फलसतीन बत अलमखदस(ज सलम) स 30

26

फट पड़ा और नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कई साथी पी ड़त हए अलजौहर न कहा यह इ लाम का पहला लग था

(2 0 ) जसा क नबी (सिलअलाह अलह व सिलम) वारा भ व यवाणी क गई थी उस समय क ख़ल फ़ा उमर न इसक बार म

सना और

उसक चता क कारण उनस मलन क लए नकल पड़ अ द ला इ न अ बास उन घटनाओ का वणन करत ह जब उमर इ न ख़तताब

न शाम (ल वाट फलस तन

वह शरग

नामक एक जगह पर पहच तो सना क कमाडर अब उबयदा इ न जराह और उनक

साथी उमर स मल और बताया क एक लग शाम म फल गया ह अदला इन अबास न कहा उमर न मझस कहा

थम महािजर (सबस श आती मि लम जो मद नाक अ वासी थ) को मर लए

बलाव मन उ ह बलायाएक लग शाम म पी ड़त ह व असहमत थ उनम कछ न कहा आप कसी मामल पर

नकल पड़ हऔर हम नह लगता क आपको इस स पीछ हटना चा हएदसर

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

10

कोई भी मसीबत नह आती ह सवाय अ लाह क अनम त स और जो श स

अ लाह पर ईमान लाता हतो अ लाह उसक दल क हदायत करता ह और

अलाह हर चीज़ स ख़ब वाक़फ़ ह (qu ra n 64 11) भल ह हम तकलता कठोरताछ क ान को नह समझसकत उनक नधन म

र उप ा क वा त वकता क आव यकता को दखत ह हमार आ मा क उप ा परमा मा स

अपन लगाव क उप ा एसा नह क हम सीखन क लए क ठनाई क आव यकता ह ल कन यह कछ ान को त ब बत करता ह य क कोईभी कठनाई स नह बचा ह ल कन हम सभी को उनस पार पान क लए व वास क आव यकता ह क ठनाई क ण हम हमदद सखात ह वह यि त जो मि कल स गज़ारा हो दसर क साथ यि तगत प स सहानभ त रख सकता ह इन ण म हम मानवता क

त क णा और सवा क काय दखत ह िजसस हम सबक़ लत ह और हम बाधत ह जो कवल व वास ह सखा सकता ह याग क शि त उस समय सब स मज़बत होती ह जब कसी क पास दन क लए बहत कम होन

11

उस ण म दसर क लाभ क लए दता ह यह हम अ लाह और उसक महबब

बक़

ह साम हक प स कमजोर होन पर मानवता का वाथ कम हो जाता ह और व सीखत ह क उनका एक मा समाधान एक दसर क ओर मड़ना ह और उसी को पकारना ह जो उ ह बाधता ह वा तव म हम सीखत ह क हम जो स ची तयार करनी ह वह आ याि मक ह हम जो धलाई और श ध चा हए वह दल क ह सगरोध हम यादा चा हए अपन अहकार इछाओ नश क लत स दर रहन क व वास सखाता ह क- सबस हताश समय हम हमार भधता और अपन वय क

बार सखाता ह हम सब न दखा जस क बताया गया क सब स प व थानना पर जान स अ थायी तबध कया गया ह हा व वासनह जान स दखी नह होना ह ल कन हम म स कतन न पछा या प व आ मा क भावना हमार दल म टक हई ह या म का म काबा म पाई गई अ लाह क प व ता

12

हमार सीन म भी पाई जाती ह या वह यार अमन

र नबी क शहर म पात ह और उनक तर क़ का पालन करनाहोती ह हम अ थायी तबध पर वचार कर सकत ल कन हम कभी भी अ लाह क दया स तब धत नह होना चाहत ह उ मीद ह क हम कभी भी अ लाह क नबी क उदाहरण क अनसारण करन स

कभी पीछ न हट और उनक स दश का प लव क उ ह सार सि ट पर दया करन क लए भजा गया था उ मीद ह क हम कभी भी इस द नया स इतना लगाव ना रख क हम ज़मीन पर लड़त रह जब क हम इसी ज़मीन म हमर अ तम वापसी ह योजनाए बदल सकती ह पसा खो सकता ह तरह क वप कलए तयार करता ह यह ज़ र नह क इस हटा द धन क हा न म वशष प स आप आि तक का नशान दखग दया या लया गया सब कछ सबस

13

उ च सबस अ धक दनवालाहसस करत ह तो उस यि त क बार म सोच िजसक पास कछ नह ह सघष क समय आभार होन स सवधन म ऐसा करनाआसान बनता ह हमार यार नबी का फरमान ह

अ लाह स सावधान रह और वह त हार र ा करगा अ लाह स सावधान रह तम उस अपन सामन पाओग अगर आप पछत ह तो अ लाह ह स पछ अगर तम मदद चाहत हो तो अ लाह ह स मदद लोऔर जान लो क अगर रा को इक ठा कर आपको लाभ पहचानक लए व आपको लाभ नह द सकत सवाय

इसक क अ लाह न आपक लए पहल स नधा रत कया ह और अगर व कसी भी चीज़ क साथ आपको नक़सान पहचान क लए इकठाहए व आप को नक़सान

नह पहचा सकत सवाय इसक क अ लाह न आपक लए पहल स नधा रत

कया ह क़लम उठा लए गए ह और प ठ सख गए ह और उ ह न कहा अ लाह स सावधान रह तम उस अपन सामन पाओग अ लाह को आसानी और सम ध क समय पहचानो और वीकार करो और वह आपको वप क समय याद रखगा और जान लो क जो चीज़ तम तक नह पहची और पास स गज़र गई वह त हार लए घ टत नह था और जो त हार लए घ टत था वह त हार पास स गज़रन वाल नह थी - (9)

द य ान

14

सब स पहल और सब स मह वपण कोई भी यि त यह

कता क अ लाह न मानवता पर यातना य भजा ह यह अ लाह क हकमत ह जो कवल वह नद ट कर सकता ह

महामार क बीमार लए नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क हद स स

प ट ह क व वान न व ीय को कस दखा - (10 ) व भ न लोग पर लाग सावभौ मक समझदार क बीच उनक इराद क अनसार

और

उनक लए अ लाह कस इ छा रखत ह

1 सकत - यह सवशि तमान क सावभौ मक शि त और

ब क लए एक सकत ह 2 आशीवाद और दया- जस क नबी न बताया 3 कारण - उनका समय और तार ख़ जो नधन हो गया था

ण था यह कोरोनावाइरस नह होता तो कछ और होता 4 सज़ा - अयाचार करन वाल और अ वीकार करन वाल क लए

इसक अलावा यह इ लामी धा मक क दायर म जाता ह ककस तरह कसी वप क समझ सकता ह या तो यह

1 उ न त - एक पर ण िजस म अ लाह उन लोग क ि थ तह

चाहता ह

15

2 श धकरण - जो पापन म अगल क तलनाम साफ़ हो जाए

3 त ब ब - कसी यि त को सकत दन क लए ता क

लौट आए 4 या यातना - पाप और अ वीकार क लए सज़ा

हमार पास कसी एक सावभौ मक बयान नबी का नह ह जो प ट प स यि त

और पी ड़त होन क ि थ त पर नभर करता कवल अ लाह यि तय का याय

करता ह और व य पी ड़त थ इसक सट क समझदार उनक लए व श ट ह पवक थत हद स सावभौ मक ान पर काश

डालती ह और हर यि त क कार क

दःख वय ख़द क लए जवाबदह होत ह सभी उठाए जाएग और अपन अपन इराद क अनसार उनका फ़सला होगा आयशा न पछा

ओ अ लाह क रसल उन सभी को य उ हन जवाब दया

उन सभी को प वी वारा नगल लया जाएगा ल कन उ ह उनक इराद क अनसार नणय क लए उठाया जाएगा यह अ लाह क व वध स धात स ह अगर यह सज़ा हो भी जाए शा मल कर सकती ह उनक इराद और समझदार क आधार पर जसा क ऊपर बताया गया और यह

16

व वा सय ग़र-

व वा सय नदश या ज़ा लम क बीच अतर नह करतामान

ۃ منکم ظلموا الذين تصيبن ال فتنۃ اتقوا و ا و خاص ان اعلمو العقاب شديد और उस फतन स डरत रहो जो ख़ास उ ह लोग पर नह पड़गा िज ह न तम

म स

ज़ म कया (बि क तम सबक सब उसम पड़ जाओग) और यक़ न मान क अ लाह

बड़ा सत अज़ाब करन वाला ह (Qu ra n 8 2 5) बि क यह यक आि तक पर ख़द को बचान क लए आव यक साधन लना चा हए च क साक य प स शार रक प स

दसर क लए नवारक उपाय कर एसा कह जान क बाद लोग को घरन वाल वप का द यहश वारा उ लख कयागया ह िजस न बताया क नबी (सि ल अ लाह अल ह

व सि लम) एक दन उनक पास डर क ि थत म आए और कहा

ला इलाहा इ लला (कोई भी पजा क यो य नह सवाय अ लाह क)

अरबलोग पर एक आस न बराई स जो उ ह भा वत करगा आज इस आकार

17

का एक छद याजज और माजज को रोकन वाल द वार म बनाया गया हऔर उ ह न अपन अगठ और

तजनीस एक च बनाया ज़नब न कहा या रसलअ लाह

या हम न ट ह ग जब क धम लग हमार बीच ह उ ह न उ र दया हा य द द टता फलती ह तो भल होती ह (11) इन हद स म उ ल खत ई वरय फरमान क यापक स चाई एक महामार क

जो द नया पर हमला करसकती ह और वशष प स लोग क समह पर -

अ लाह क सकत म स ह जो अ लाह अपनी सि ट पर भजता ह वा त वकता क

सकत परमामा क हाथ जो उसक सिट पर ह क उपीड़क उसक पकड़ स बच

नह सकत और उसी का भव ह और उसक यहा अतम वापसी ह अततः अ लाह का ान हमार समझ क सी मत दायर को पार कर जाता ह और कवल

सवशि तमान क पास अपनी ब ध का सह सार ह हमनामा म उदा और उसक भाव म स म यह सफ़ कछ ान ह जो हमार द य थ म गीत ह

सर म ान शा मल ह जस क कसी चीज़ स आपक र ा कराक म य पर त ब बत करन क लए एक वकअप काल ह अ लाहऔर कवल बहतर हाइजीन क मा यम स बीमार नह फलान क बार म जानकार कर

18

अ लाह का फरमान ह

ا االرض نبات بہ فاختلط السماء من انزلنہ کماء الدنيا الحيوة مثل انما ا و الناس ياکل ممينت و زخرفہا االرض اذااخذت حتی النعام ل امرنا اتہا عليہا قدرون انہم اہلہا ظن و از

ل کذلک باالمس لمتغن کان حصيدا فجعلنہا نہارا او يال يت نفص يتفکرون لقوم اال द नयावी िज़दगी क मसल तो बस पानी क सी ह क हमन उसको आसमान स

बरसाया फर ज़मीन क साग पात िजसको लोग और चपाए खा जात ह (उसक साथ मल-जलकर नकल यहा तक क जब ज़मीन न (फसल क चीज़ स) अपना बनाव सगार कर लया और (हर तरह)

आरासता हो गई और खतवाल न समझ लया क अब वह उस पर यक नन क़ाब पा गए (जब चाहग काट लग) यकायक हमारा ह म व अज़ाब

रात या दन को आ पहचा तो हमन उस खत को ऐसा साफ कटा हआ बना दया क

गोया कल उसम कछ था ह नह जो लोग ग़ौर व फ़ करत ह उनक लए हम आयत को य तफ़सीलदार बयान करत ह (Quran 1024)

क ठनाइय स नपटन का मि लम दशन तब सावभौ मक ब धम ा को दशाता ह और अपन आप स पछता ह म या कर सकता ह एक

अनदखी तमान पर सवाल उठान और या यक गलतफहमी स खद

को पग बनान क बजाय ऐसा सवाल नह करना चाइय ldquoभगवान न

ऐसा य कयाrdquo

19

महामार रोग और लग का फख़ यह सवाल हम या कर सकत ह का चचा इ लामी व वान क बीच कया गया ह वह बीमार जो फलती ह या महामार वग़रह क लए जो स नत म इ तमाल क गई ह वह ह - तावन या वबा कभी-कभी यह श द को परसपार (अदल बदल स) इ तमाल कया जाता ह और अ य समय म यह कसी वशष कार

महामार या रोग जो क महामार क स मान हो या लग इययाद न कहा क ताऊन एक व श ट कार क बीमार

लए सद भत करता हिजस म शर र पर फोड़ फल जात और वबा सभी महामार बीमार क लए इ तमाल करत ह वबा को ताऊन कहा जाता ह य क वह मतय का कारण बन सकता ह

वबा ह ल कन हर वबा ताऊन नह ह - (12 ) म तसर तौर पर ताऊन और वबा एक दसर क बदल म

द य

20

थ म इनक बीच का अतर उस वख़त ज़ र ह जब व श ट हद स पर चचा कया जाता ह नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) का फ़रमान ह

म न (सपन म) दखा एक अनचाह बाल वाल नीरस अधर म हला मद ना स नकल कर महाइया म बसन क

तक क प म या या यत कया क यह मद ना स महाइया यानी अल-

जहफा क तरफ़ भजा जा रहा ह -(13)

यहा पर नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) वबा क तरफ़ इशारा कर रह थ - ख़ास कर मल रया और इ फ़लएनज़ा जो क उस व त मद ना म मौजद थाहा था और शहर इसस यापत था यहातक क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क दोन वालदन इसी बीमार क वजह स गजर ह ग य क इस शहर क साथ जड़ यह बीमार क कारण यहा वबा को बीमार क प मसद भत कया गया जो कई लोग को मारबीमार कर रहा था नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) शहर को इस बीमार स म त करन और श ध करन क व श ट ाथना करत

21

या अ लाह मद नाह को हम यारा बनाइए िजस तरह आप बनया और उस स भी अ धक और इस म होन वाल बख़ार को अल-

जोहफा म थानातरण कर दना ओअ लाह हमार मद औरत द

(भोजन और ावधान क लए वज़न क कार) - (14) और जब नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

ताऊन ( लग महामार क बीमार ) एक रजज़ ( वप ) सज़ा ह जो उसन तम स

पहल आन वाल को दया था और आयशा न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स ताऊन क बार म जानकार क ओर उ हन कहा

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस चाह उस भज दता ह ल कन अ लाह न इस व वा सय क लए एक दया बना दया ह यह दोन सदभ

ताऊन क महामार बीमार का उ लख करत ह नबी (सिल अलाह अलह व सिलम) मदना क तालजक़ स फ़रमात ह

मद ना क वश वार पर वगदत ह जो ताऊन ( लग) और दजजाल ( वरोधी मसीह) को इसम वश करन स रोकत ह -(15)

इस मामल म ताऊन महामार क व श ट बीमार या स धत करता ह ल कन मद ना सामा य महामार क बीमा रय स सर त नह ह

22

इमाम नववावी न कहा

यहा ताऊन का मतलब पीप स भर दान (फ़ोड़) जो शर र पर फटत ह य ऊसन ध या बगल यादत ह सजन और ती दद क साथ

ह ह -(16) यह हद स हमर समझ म मह वपण ह य क मद ना म लग वश होन स सर

ह ल कन महामार रोग स नह कई बार महामार बीमारवश

हई ह उमर (अलाह उनस सन हो) क ख़लाफ़त क समय सहत म का और मद ना क कछ महामार य क ऐ तहा सक समयरखा १३-१४ हजर (13-14H) क बीच -

अब अलअसवद ( स ध व वान िज ह न अरबी याकरण क नयम को नकाला) बयान करत ह

म मदना गया था जब बीमार का कोप हआ था और लोग तज़ी स मर रह थ म उमर क साथ बठा हआ था और वहा स एक अ तम स कार का जलस गज़रा (17)

23

१५२ हजर (152 H)

- इ तहासकार महममद अलमग़धा व वारा पाया गया एक महामार क राहत

क लए ाथना क एक च टान पर एक शलालख शलालख लखा ह

ओ अलाह मदना क लोग स वबा (महामार रोग) और कठनाई को दर कर लखा गया जमादा साल 152

७३५ (735 H)

- ड थी रया महामार न मद ना म पी ड़त हआ िजस स हर दन 15 लोग क मय होती थी उ ह न इस स पहल ऐसा कछ नह दखा था ७४९ (749 H) - महामार क बीमार न म का म पी ड़त हआ

24

1235 H (1814 CE) - महामार क कारण सामाय प स हजाज़ म 80 0 0 क मौत हो जाती ह 1246 H (1831 CE) - भारत स आई एक महामार क बीमार न म का म तीथया य क तीन चौथाई को मार दया 1252-1255 H (1837 CE-1840 CE) - म का म हज क अव ध म महामार रोग होत ह Pg १३ (13) TLI अमावस का लग - भ व यवाणी और मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय क जीवन म सबक़ नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न 9H म तबक क अ भयान क दौरान

कई

भवयवाणीया क उनम स एक लग जो उनक कई अनयायय को भावत करगा औफ़ बन मा लक अल-अशजाई न कहा

म तबक क अ भयान क दौरान अ लाह क रसल (सि लअ लाह अल ह व सि लम) क पास आया जब क वह चमड़ क बन हए तब म थन बठगया

25

रसलअ लाह (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

दाखल हो ओ औफ़ म कहा मसब या रसलअलाह उहन कहा

आप सभी फर उ ह न कहा

ओ औफ़ छह चीज़ याद रख जो अ तम घट स पहल घ टतक

मर मौत ह म इस स बहत हरान और दखी हआ उ हन कहा

इस पहल क प म गनो फर बतअलमख़दस ज सलम क वजय आएगी फर एक बीमार जो आपक बीच दखाई दगी और आपको औरआपक ब च को शह द क प म मरन का कारण बनगी आपक कम को श ध करगी फर आपक बीच बहत धन होगा ता क अगर एक आदमी को सौ द नार दए जाए तो भी वह असत ट

रहगा और आपक बीच लश होगा जो कसी भी मि लम घर को अछता नह रखगा फर आपक

और रोमन क बीच एक स ध

होगी फर व आपको धोखा दग और असी बनर क साथ आपक ख़लाफ़ माच

करग िजनम स यक क तहत बारह हज़ार सनक हग -(18) नबी क भ व यवाणी म बीमार का उ लख उमर इबन ख़तताब क खलाफत क दौरान हआ वष 18 H 639 CE म एक सय अभयान क दौरान अमावस -

(19) फलसतीन बत अलमखदस(ज सलम) स 30

26

फट पड़ा और नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कई साथी पी ड़त हए अलजौहर न कहा यह इ लाम का पहला लग था

(2 0 ) जसा क नबी (सिलअलाह अलह व सिलम) वारा भ व यवाणी क गई थी उस समय क ख़ल फ़ा उमर न इसक बार म

सना और

उसक चता क कारण उनस मलन क लए नकल पड़ अ द ला इ न अ बास उन घटनाओ का वणन करत ह जब उमर इ न ख़तताब

न शाम (ल वाट फलस तन

वह शरग

नामक एक जगह पर पहच तो सना क कमाडर अब उबयदा इ न जराह और उनक

साथी उमर स मल और बताया क एक लग शाम म फल गया ह अदला इन अबास न कहा उमर न मझस कहा

थम महािजर (सबस श आती मि लम जो मद नाक अ वासी थ) को मर लए

बलाव मन उ ह बलायाएक लग शाम म पी ड़त ह व असहमत थ उनम कछ न कहा आप कसी मामल पर

नकल पड़ हऔर हम नह लगता क आपको इस स पीछ हटना चा हएदसर

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

11

उस ण म दसर क लाभ क लए दता ह यह हम अ लाह और उसक महबब

बक़

ह साम हक प स कमजोर होन पर मानवता का वाथ कम हो जाता ह और व सीखत ह क उनका एक मा समाधान एक दसर क ओर मड़ना ह और उसी को पकारना ह जो उ ह बाधता ह वा तव म हम सीखत ह क हम जो स ची तयार करनी ह वह आ याि मक ह हम जो धलाई और श ध चा हए वह दल क ह सगरोध हम यादा चा हए अपन अहकार इछाओ नश क लत स दर रहन क व वास सखाता ह क- सबस हताश समय हम हमार भधता और अपन वय क

बार सखाता ह हम सब न दखा जस क बताया गया क सब स प व थानना पर जान स अ थायी तबध कया गया ह हा व वासनह जान स दखी नह होना ह ल कन हम म स कतन न पछा या प व आ मा क भावना हमार दल म टक हई ह या म का म काबा म पाई गई अ लाह क प व ता

12

हमार सीन म भी पाई जाती ह या वह यार अमन

र नबी क शहर म पात ह और उनक तर क़ का पालन करनाहोती ह हम अ थायी तबध पर वचार कर सकत ल कन हम कभी भी अ लाह क दया स तब धत नह होना चाहत ह उ मीद ह क हम कभी भी अ लाह क नबी क उदाहरण क अनसारण करन स

कभी पीछ न हट और उनक स दश का प लव क उ ह सार सि ट पर दया करन क लए भजा गया था उ मीद ह क हम कभी भी इस द नया स इतना लगाव ना रख क हम ज़मीन पर लड़त रह जब क हम इसी ज़मीन म हमर अ तम वापसी ह योजनाए बदल सकती ह पसा खो सकता ह तरह क वप कलए तयार करता ह यह ज़ र नह क इस हटा द धन क हा न म वशष प स आप आि तक का नशान दखग दया या लया गया सब कछ सबस

13

उ च सबस अ धक दनवालाहसस करत ह तो उस यि त क बार म सोच िजसक पास कछ नह ह सघष क समय आभार होन स सवधन म ऐसा करनाआसान बनता ह हमार यार नबी का फरमान ह

अ लाह स सावधान रह और वह त हार र ा करगा अ लाह स सावधान रह तम उस अपन सामन पाओग अगर आप पछत ह तो अ लाह ह स पछ अगर तम मदद चाहत हो तो अ लाह ह स मदद लोऔर जान लो क अगर रा को इक ठा कर आपको लाभ पहचानक लए व आपको लाभ नह द सकत सवाय

इसक क अ लाह न आपक लए पहल स नधा रत कया ह और अगर व कसी भी चीज़ क साथ आपको नक़सान पहचान क लए इकठाहए व आप को नक़सान

नह पहचा सकत सवाय इसक क अ लाह न आपक लए पहल स नधा रत

कया ह क़लम उठा लए गए ह और प ठ सख गए ह और उ ह न कहा अ लाह स सावधान रह तम उस अपन सामन पाओग अ लाह को आसानी और सम ध क समय पहचानो और वीकार करो और वह आपको वप क समय याद रखगा और जान लो क जो चीज़ तम तक नह पहची और पास स गज़र गई वह त हार लए घ टत नह था और जो त हार लए घ टत था वह त हार पास स गज़रन वाल नह थी - (9)

द य ान

14

सब स पहल और सब स मह वपण कोई भी यि त यह

कता क अ लाह न मानवता पर यातना य भजा ह यह अ लाह क हकमत ह जो कवल वह नद ट कर सकता ह

महामार क बीमार लए नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क हद स स

प ट ह क व वान न व ीय को कस दखा - (10 ) व भ न लोग पर लाग सावभौ मक समझदार क बीच उनक इराद क अनसार

और

उनक लए अ लाह कस इ छा रखत ह

1 सकत - यह सवशि तमान क सावभौ मक शि त और

ब क लए एक सकत ह 2 आशीवाद और दया- जस क नबी न बताया 3 कारण - उनका समय और तार ख़ जो नधन हो गया था

ण था यह कोरोनावाइरस नह होता तो कछ और होता 4 सज़ा - अयाचार करन वाल और अ वीकार करन वाल क लए

इसक अलावा यह इ लामी धा मक क दायर म जाता ह ककस तरह कसी वप क समझ सकता ह या तो यह

1 उ न त - एक पर ण िजस म अ लाह उन लोग क ि थ तह

चाहता ह

15

2 श धकरण - जो पापन म अगल क तलनाम साफ़ हो जाए

3 त ब ब - कसी यि त को सकत दन क लए ता क

लौट आए 4 या यातना - पाप और अ वीकार क लए सज़ा

हमार पास कसी एक सावभौ मक बयान नबी का नह ह जो प ट प स यि त

और पी ड़त होन क ि थ त पर नभर करता कवल अ लाह यि तय का याय

करता ह और व य पी ड़त थ इसक सट क समझदार उनक लए व श ट ह पवक थत हद स सावभौ मक ान पर काश

डालती ह और हर यि त क कार क

दःख वय ख़द क लए जवाबदह होत ह सभी उठाए जाएग और अपन अपन इराद क अनसार उनका फ़सला होगा आयशा न पछा

ओ अ लाह क रसल उन सभी को य उ हन जवाब दया

उन सभी को प वी वारा नगल लया जाएगा ल कन उ ह उनक इराद क अनसार नणय क लए उठाया जाएगा यह अ लाह क व वध स धात स ह अगर यह सज़ा हो भी जाए शा मल कर सकती ह उनक इराद और समझदार क आधार पर जसा क ऊपर बताया गया और यह

16

व वा सय ग़र-

व वा सय नदश या ज़ा लम क बीच अतर नह करतामान

ۃ منکم ظلموا الذين تصيبن ال فتنۃ اتقوا و ا و خاص ان اعلمو العقاب شديد और उस फतन स डरत रहो जो ख़ास उ ह लोग पर नह पड़गा िज ह न तम

म स

ज़ म कया (बि क तम सबक सब उसम पड़ जाओग) और यक़ न मान क अ लाह

बड़ा सत अज़ाब करन वाला ह (Qu ra n 8 2 5) बि क यह यक आि तक पर ख़द को बचान क लए आव यक साधन लना चा हए च क साक य प स शार रक प स

दसर क लए नवारक उपाय कर एसा कह जान क बाद लोग को घरन वाल वप का द यहश वारा उ लख कयागया ह िजस न बताया क नबी (सि ल अ लाह अल ह

व सि लम) एक दन उनक पास डर क ि थत म आए और कहा

ला इलाहा इ लला (कोई भी पजा क यो य नह सवाय अ लाह क)

अरबलोग पर एक आस न बराई स जो उ ह भा वत करगा आज इस आकार

17

का एक छद याजज और माजज को रोकन वाल द वार म बनाया गया हऔर उ ह न अपन अगठ और

तजनीस एक च बनाया ज़नब न कहा या रसलअ लाह

या हम न ट ह ग जब क धम लग हमार बीच ह उ ह न उ र दया हा य द द टता फलती ह तो भल होती ह (11) इन हद स म उ ल खत ई वरय फरमान क यापक स चाई एक महामार क

जो द नया पर हमला करसकती ह और वशष प स लोग क समह पर -

अ लाह क सकत म स ह जो अ लाह अपनी सि ट पर भजता ह वा त वकता क

सकत परमामा क हाथ जो उसक सिट पर ह क उपीड़क उसक पकड़ स बच

नह सकत और उसी का भव ह और उसक यहा अतम वापसी ह अततः अ लाह का ान हमार समझ क सी मत दायर को पार कर जाता ह और कवल

सवशि तमान क पास अपनी ब ध का सह सार ह हमनामा म उदा और उसक भाव म स म यह सफ़ कछ ान ह जो हमार द य थ म गीत ह

सर म ान शा मल ह जस क कसी चीज़ स आपक र ा कराक म य पर त ब बत करन क लए एक वकअप काल ह अ लाहऔर कवल बहतर हाइजीन क मा यम स बीमार नह फलान क बार म जानकार कर

18

अ लाह का फरमान ह

ا االرض نبات بہ فاختلط السماء من انزلنہ کماء الدنيا الحيوة مثل انما ا و الناس ياکل ممينت و زخرفہا االرض اذااخذت حتی النعام ل امرنا اتہا عليہا قدرون انہم اہلہا ظن و از

ل کذلک باالمس لمتغن کان حصيدا فجعلنہا نہارا او يال يت نفص يتفکرون لقوم اال द नयावी िज़दगी क मसल तो बस पानी क सी ह क हमन उसको आसमान स

बरसाया फर ज़मीन क साग पात िजसको लोग और चपाए खा जात ह (उसक साथ मल-जलकर नकल यहा तक क जब ज़मीन न (फसल क चीज़ स) अपना बनाव सगार कर लया और (हर तरह)

आरासता हो गई और खतवाल न समझ लया क अब वह उस पर यक नन क़ाब पा गए (जब चाहग काट लग) यकायक हमारा ह म व अज़ाब

रात या दन को आ पहचा तो हमन उस खत को ऐसा साफ कटा हआ बना दया क

गोया कल उसम कछ था ह नह जो लोग ग़ौर व फ़ करत ह उनक लए हम आयत को य तफ़सीलदार बयान करत ह (Quran 1024)

क ठनाइय स नपटन का मि लम दशन तब सावभौ मक ब धम ा को दशाता ह और अपन आप स पछता ह म या कर सकता ह एक

अनदखी तमान पर सवाल उठान और या यक गलतफहमी स खद

को पग बनान क बजाय ऐसा सवाल नह करना चाइय ldquoभगवान न

ऐसा य कयाrdquo

19

महामार रोग और लग का फख़ यह सवाल हम या कर सकत ह का चचा इ लामी व वान क बीच कया गया ह वह बीमार जो फलती ह या महामार वग़रह क लए जो स नत म इ तमाल क गई ह वह ह - तावन या वबा कभी-कभी यह श द को परसपार (अदल बदल स) इ तमाल कया जाता ह और अ य समय म यह कसी वशष कार

महामार या रोग जो क महामार क स मान हो या लग इययाद न कहा क ताऊन एक व श ट कार क बीमार

लए सद भत करता हिजस म शर र पर फोड़ फल जात और वबा सभी महामार बीमार क लए इ तमाल करत ह वबा को ताऊन कहा जाता ह य क वह मतय का कारण बन सकता ह

वबा ह ल कन हर वबा ताऊन नह ह - (12 ) म तसर तौर पर ताऊन और वबा एक दसर क बदल म

द य

20

थ म इनक बीच का अतर उस वख़त ज़ र ह जब व श ट हद स पर चचा कया जाता ह नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) का फ़रमान ह

म न (सपन म) दखा एक अनचाह बाल वाल नीरस अधर म हला मद ना स नकल कर महाइया म बसन क

तक क प म या या यत कया क यह मद ना स महाइया यानी अल-

जहफा क तरफ़ भजा जा रहा ह -(13)

यहा पर नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) वबा क तरफ़ इशारा कर रह थ - ख़ास कर मल रया और इ फ़लएनज़ा जो क उस व त मद ना म मौजद थाहा था और शहर इसस यापत था यहातक क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क दोन वालदन इसी बीमार क वजह स गजर ह ग य क इस शहर क साथ जड़ यह बीमार क कारण यहा वबा को बीमार क प मसद भत कया गया जो कई लोग को मारबीमार कर रहा था नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) शहर को इस बीमार स म त करन और श ध करन क व श ट ाथना करत

21

या अ लाह मद नाह को हम यारा बनाइए िजस तरह आप बनया और उस स भी अ धक और इस म होन वाल बख़ार को अल-

जोहफा म थानातरण कर दना ओअ लाह हमार मद औरत द

(भोजन और ावधान क लए वज़न क कार) - (14) और जब नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

ताऊन ( लग महामार क बीमार ) एक रजज़ ( वप ) सज़ा ह जो उसन तम स

पहल आन वाल को दया था और आयशा न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स ताऊन क बार म जानकार क ओर उ हन कहा

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस चाह उस भज दता ह ल कन अ लाह न इस व वा सय क लए एक दया बना दया ह यह दोन सदभ

ताऊन क महामार बीमार का उ लख करत ह नबी (सिल अलाह अलह व सिलम) मदना क तालजक़ स फ़रमात ह

मद ना क वश वार पर वगदत ह जो ताऊन ( लग) और दजजाल ( वरोधी मसीह) को इसम वश करन स रोकत ह -(15)

इस मामल म ताऊन महामार क व श ट बीमार या स धत करता ह ल कन मद ना सामा य महामार क बीमा रय स सर त नह ह

22

इमाम नववावी न कहा

यहा ताऊन का मतलब पीप स भर दान (फ़ोड़) जो शर र पर फटत ह य ऊसन ध या बगल यादत ह सजन और ती दद क साथ

ह ह -(16) यह हद स हमर समझ म मह वपण ह य क मद ना म लग वश होन स सर

ह ल कन महामार रोग स नह कई बार महामार बीमारवश

हई ह उमर (अलाह उनस सन हो) क ख़लाफ़त क समय सहत म का और मद ना क कछ महामार य क ऐ तहा सक समयरखा १३-१४ हजर (13-14H) क बीच -

अब अलअसवद ( स ध व वान िज ह न अरबी याकरण क नयम को नकाला) बयान करत ह

म मदना गया था जब बीमार का कोप हआ था और लोग तज़ी स मर रह थ म उमर क साथ बठा हआ था और वहा स एक अ तम स कार का जलस गज़रा (17)

23

१५२ हजर (152 H)

- इ तहासकार महममद अलमग़धा व वारा पाया गया एक महामार क राहत

क लए ाथना क एक च टान पर एक शलालख शलालख लखा ह

ओ अलाह मदना क लोग स वबा (महामार रोग) और कठनाई को दर कर लखा गया जमादा साल 152

७३५ (735 H)

- ड थी रया महामार न मद ना म पी ड़त हआ िजस स हर दन 15 लोग क मय होती थी उ ह न इस स पहल ऐसा कछ नह दखा था ७४९ (749 H) - महामार क बीमार न म का म पी ड़त हआ

24

1235 H (1814 CE) - महामार क कारण सामाय प स हजाज़ म 80 0 0 क मौत हो जाती ह 1246 H (1831 CE) - भारत स आई एक महामार क बीमार न म का म तीथया य क तीन चौथाई को मार दया 1252-1255 H (1837 CE-1840 CE) - म का म हज क अव ध म महामार रोग होत ह Pg १३ (13) TLI अमावस का लग - भ व यवाणी और मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय क जीवन म सबक़ नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न 9H म तबक क अ भयान क दौरान

कई

भवयवाणीया क उनम स एक लग जो उनक कई अनयायय को भावत करगा औफ़ बन मा लक अल-अशजाई न कहा

म तबक क अ भयान क दौरान अ लाह क रसल (सि लअ लाह अल ह व सि लम) क पास आया जब क वह चमड़ क बन हए तब म थन बठगया

25

रसलअ लाह (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

दाखल हो ओ औफ़ म कहा मसब या रसलअलाह उहन कहा

आप सभी फर उ ह न कहा

ओ औफ़ छह चीज़ याद रख जो अ तम घट स पहल घ टतक

मर मौत ह म इस स बहत हरान और दखी हआ उ हन कहा

इस पहल क प म गनो फर बतअलमख़दस ज सलम क वजय आएगी फर एक बीमार जो आपक बीच दखाई दगी और आपको औरआपक ब च को शह द क प म मरन का कारण बनगी आपक कम को श ध करगी फर आपक बीच बहत धन होगा ता क अगर एक आदमी को सौ द नार दए जाए तो भी वह असत ट

रहगा और आपक बीच लश होगा जो कसी भी मि लम घर को अछता नह रखगा फर आपक

और रोमन क बीच एक स ध

होगी फर व आपको धोखा दग और असी बनर क साथ आपक ख़लाफ़ माच

करग िजनम स यक क तहत बारह हज़ार सनक हग -(18) नबी क भ व यवाणी म बीमार का उ लख उमर इबन ख़तताब क खलाफत क दौरान हआ वष 18 H 639 CE म एक सय अभयान क दौरान अमावस -

(19) फलसतीन बत अलमखदस(ज सलम) स 30

26

फट पड़ा और नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कई साथी पी ड़त हए अलजौहर न कहा यह इ लाम का पहला लग था

(2 0 ) जसा क नबी (सिलअलाह अलह व सिलम) वारा भ व यवाणी क गई थी उस समय क ख़ल फ़ा उमर न इसक बार म

सना और

उसक चता क कारण उनस मलन क लए नकल पड़ अ द ला इ न अ बास उन घटनाओ का वणन करत ह जब उमर इ न ख़तताब

न शाम (ल वाट फलस तन

वह शरग

नामक एक जगह पर पहच तो सना क कमाडर अब उबयदा इ न जराह और उनक

साथी उमर स मल और बताया क एक लग शाम म फल गया ह अदला इन अबास न कहा उमर न मझस कहा

थम महािजर (सबस श आती मि लम जो मद नाक अ वासी थ) को मर लए

बलाव मन उ ह बलायाएक लग शाम म पी ड़त ह व असहमत थ उनम कछ न कहा आप कसी मामल पर

नकल पड़ हऔर हम नह लगता क आपको इस स पीछ हटना चा हएदसर

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

12

हमार सीन म भी पाई जाती ह या वह यार अमन

र नबी क शहर म पात ह और उनक तर क़ का पालन करनाहोती ह हम अ थायी तबध पर वचार कर सकत ल कन हम कभी भी अ लाह क दया स तब धत नह होना चाहत ह उ मीद ह क हम कभी भी अ लाह क नबी क उदाहरण क अनसारण करन स

कभी पीछ न हट और उनक स दश का प लव क उ ह सार सि ट पर दया करन क लए भजा गया था उ मीद ह क हम कभी भी इस द नया स इतना लगाव ना रख क हम ज़मीन पर लड़त रह जब क हम इसी ज़मीन म हमर अ तम वापसी ह योजनाए बदल सकती ह पसा खो सकता ह तरह क वप कलए तयार करता ह यह ज़ र नह क इस हटा द धन क हा न म वशष प स आप आि तक का नशान दखग दया या लया गया सब कछ सबस

13

उ च सबस अ धक दनवालाहसस करत ह तो उस यि त क बार म सोच िजसक पास कछ नह ह सघष क समय आभार होन स सवधन म ऐसा करनाआसान बनता ह हमार यार नबी का फरमान ह

अ लाह स सावधान रह और वह त हार र ा करगा अ लाह स सावधान रह तम उस अपन सामन पाओग अगर आप पछत ह तो अ लाह ह स पछ अगर तम मदद चाहत हो तो अ लाह ह स मदद लोऔर जान लो क अगर रा को इक ठा कर आपको लाभ पहचानक लए व आपको लाभ नह द सकत सवाय

इसक क अ लाह न आपक लए पहल स नधा रत कया ह और अगर व कसी भी चीज़ क साथ आपको नक़सान पहचान क लए इकठाहए व आप को नक़सान

नह पहचा सकत सवाय इसक क अ लाह न आपक लए पहल स नधा रत

कया ह क़लम उठा लए गए ह और प ठ सख गए ह और उ ह न कहा अ लाह स सावधान रह तम उस अपन सामन पाओग अ लाह को आसानी और सम ध क समय पहचानो और वीकार करो और वह आपको वप क समय याद रखगा और जान लो क जो चीज़ तम तक नह पहची और पास स गज़र गई वह त हार लए घ टत नह था और जो त हार लए घ टत था वह त हार पास स गज़रन वाल नह थी - (9)

द य ान

14

सब स पहल और सब स मह वपण कोई भी यि त यह

कता क अ लाह न मानवता पर यातना य भजा ह यह अ लाह क हकमत ह जो कवल वह नद ट कर सकता ह

महामार क बीमार लए नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क हद स स

प ट ह क व वान न व ीय को कस दखा - (10 ) व भ न लोग पर लाग सावभौ मक समझदार क बीच उनक इराद क अनसार

और

उनक लए अ लाह कस इ छा रखत ह

1 सकत - यह सवशि तमान क सावभौ मक शि त और

ब क लए एक सकत ह 2 आशीवाद और दया- जस क नबी न बताया 3 कारण - उनका समय और तार ख़ जो नधन हो गया था

ण था यह कोरोनावाइरस नह होता तो कछ और होता 4 सज़ा - अयाचार करन वाल और अ वीकार करन वाल क लए

इसक अलावा यह इ लामी धा मक क दायर म जाता ह ककस तरह कसी वप क समझ सकता ह या तो यह

1 उ न त - एक पर ण िजस म अ लाह उन लोग क ि थ तह

चाहता ह

15

2 श धकरण - जो पापन म अगल क तलनाम साफ़ हो जाए

3 त ब ब - कसी यि त को सकत दन क लए ता क

लौट आए 4 या यातना - पाप और अ वीकार क लए सज़ा

हमार पास कसी एक सावभौ मक बयान नबी का नह ह जो प ट प स यि त

और पी ड़त होन क ि थ त पर नभर करता कवल अ लाह यि तय का याय

करता ह और व य पी ड़त थ इसक सट क समझदार उनक लए व श ट ह पवक थत हद स सावभौ मक ान पर काश

डालती ह और हर यि त क कार क

दःख वय ख़द क लए जवाबदह होत ह सभी उठाए जाएग और अपन अपन इराद क अनसार उनका फ़सला होगा आयशा न पछा

ओ अ लाह क रसल उन सभी को य उ हन जवाब दया

उन सभी को प वी वारा नगल लया जाएगा ल कन उ ह उनक इराद क अनसार नणय क लए उठाया जाएगा यह अ लाह क व वध स धात स ह अगर यह सज़ा हो भी जाए शा मल कर सकती ह उनक इराद और समझदार क आधार पर जसा क ऊपर बताया गया और यह

16

व वा सय ग़र-

व वा सय नदश या ज़ा लम क बीच अतर नह करतामान

ۃ منکم ظلموا الذين تصيبن ال فتنۃ اتقوا و ا و خاص ان اعلمو العقاب شديد और उस फतन स डरत रहो जो ख़ास उ ह लोग पर नह पड़गा िज ह न तम

म स

ज़ म कया (बि क तम सबक सब उसम पड़ जाओग) और यक़ न मान क अ लाह

बड़ा सत अज़ाब करन वाला ह (Qu ra n 8 2 5) बि क यह यक आि तक पर ख़द को बचान क लए आव यक साधन लना चा हए च क साक य प स शार रक प स

दसर क लए नवारक उपाय कर एसा कह जान क बाद लोग को घरन वाल वप का द यहश वारा उ लख कयागया ह िजस न बताया क नबी (सि ल अ लाह अल ह

व सि लम) एक दन उनक पास डर क ि थत म आए और कहा

ला इलाहा इ लला (कोई भी पजा क यो य नह सवाय अ लाह क)

अरबलोग पर एक आस न बराई स जो उ ह भा वत करगा आज इस आकार

17

का एक छद याजज और माजज को रोकन वाल द वार म बनाया गया हऔर उ ह न अपन अगठ और

तजनीस एक च बनाया ज़नब न कहा या रसलअ लाह

या हम न ट ह ग जब क धम लग हमार बीच ह उ ह न उ र दया हा य द द टता फलती ह तो भल होती ह (11) इन हद स म उ ल खत ई वरय फरमान क यापक स चाई एक महामार क

जो द नया पर हमला करसकती ह और वशष प स लोग क समह पर -

अ लाह क सकत म स ह जो अ लाह अपनी सि ट पर भजता ह वा त वकता क

सकत परमामा क हाथ जो उसक सिट पर ह क उपीड़क उसक पकड़ स बच

नह सकत और उसी का भव ह और उसक यहा अतम वापसी ह अततः अ लाह का ान हमार समझ क सी मत दायर को पार कर जाता ह और कवल

सवशि तमान क पास अपनी ब ध का सह सार ह हमनामा म उदा और उसक भाव म स म यह सफ़ कछ ान ह जो हमार द य थ म गीत ह

सर म ान शा मल ह जस क कसी चीज़ स आपक र ा कराक म य पर त ब बत करन क लए एक वकअप काल ह अ लाहऔर कवल बहतर हाइजीन क मा यम स बीमार नह फलान क बार म जानकार कर

18

अ लाह का फरमान ह

ا االرض نبات بہ فاختلط السماء من انزلنہ کماء الدنيا الحيوة مثل انما ا و الناس ياکل ممينت و زخرفہا االرض اذااخذت حتی النعام ل امرنا اتہا عليہا قدرون انہم اہلہا ظن و از

ل کذلک باالمس لمتغن کان حصيدا فجعلنہا نہارا او يال يت نفص يتفکرون لقوم اال द नयावी िज़दगी क मसल तो बस पानी क सी ह क हमन उसको आसमान स

बरसाया फर ज़मीन क साग पात िजसको लोग और चपाए खा जात ह (उसक साथ मल-जलकर नकल यहा तक क जब ज़मीन न (फसल क चीज़ स) अपना बनाव सगार कर लया और (हर तरह)

आरासता हो गई और खतवाल न समझ लया क अब वह उस पर यक नन क़ाब पा गए (जब चाहग काट लग) यकायक हमारा ह म व अज़ाब

रात या दन को आ पहचा तो हमन उस खत को ऐसा साफ कटा हआ बना दया क

गोया कल उसम कछ था ह नह जो लोग ग़ौर व फ़ करत ह उनक लए हम आयत को य तफ़सीलदार बयान करत ह (Quran 1024)

क ठनाइय स नपटन का मि लम दशन तब सावभौ मक ब धम ा को दशाता ह और अपन आप स पछता ह म या कर सकता ह एक

अनदखी तमान पर सवाल उठान और या यक गलतफहमी स खद

को पग बनान क बजाय ऐसा सवाल नह करना चाइय ldquoभगवान न

ऐसा य कयाrdquo

19

महामार रोग और लग का फख़ यह सवाल हम या कर सकत ह का चचा इ लामी व वान क बीच कया गया ह वह बीमार जो फलती ह या महामार वग़रह क लए जो स नत म इ तमाल क गई ह वह ह - तावन या वबा कभी-कभी यह श द को परसपार (अदल बदल स) इ तमाल कया जाता ह और अ य समय म यह कसी वशष कार

महामार या रोग जो क महामार क स मान हो या लग इययाद न कहा क ताऊन एक व श ट कार क बीमार

लए सद भत करता हिजस म शर र पर फोड़ फल जात और वबा सभी महामार बीमार क लए इ तमाल करत ह वबा को ताऊन कहा जाता ह य क वह मतय का कारण बन सकता ह

वबा ह ल कन हर वबा ताऊन नह ह - (12 ) म तसर तौर पर ताऊन और वबा एक दसर क बदल म

द य

20

थ म इनक बीच का अतर उस वख़त ज़ र ह जब व श ट हद स पर चचा कया जाता ह नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) का फ़रमान ह

म न (सपन म) दखा एक अनचाह बाल वाल नीरस अधर म हला मद ना स नकल कर महाइया म बसन क

तक क प म या या यत कया क यह मद ना स महाइया यानी अल-

जहफा क तरफ़ भजा जा रहा ह -(13)

यहा पर नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) वबा क तरफ़ इशारा कर रह थ - ख़ास कर मल रया और इ फ़लएनज़ा जो क उस व त मद ना म मौजद थाहा था और शहर इसस यापत था यहातक क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क दोन वालदन इसी बीमार क वजह स गजर ह ग य क इस शहर क साथ जड़ यह बीमार क कारण यहा वबा को बीमार क प मसद भत कया गया जो कई लोग को मारबीमार कर रहा था नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) शहर को इस बीमार स म त करन और श ध करन क व श ट ाथना करत

21

या अ लाह मद नाह को हम यारा बनाइए िजस तरह आप बनया और उस स भी अ धक और इस म होन वाल बख़ार को अल-

जोहफा म थानातरण कर दना ओअ लाह हमार मद औरत द

(भोजन और ावधान क लए वज़न क कार) - (14) और जब नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

ताऊन ( लग महामार क बीमार ) एक रजज़ ( वप ) सज़ा ह जो उसन तम स

पहल आन वाल को दया था और आयशा न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स ताऊन क बार म जानकार क ओर उ हन कहा

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस चाह उस भज दता ह ल कन अ लाह न इस व वा सय क लए एक दया बना दया ह यह दोन सदभ

ताऊन क महामार बीमार का उ लख करत ह नबी (सिल अलाह अलह व सिलम) मदना क तालजक़ स फ़रमात ह

मद ना क वश वार पर वगदत ह जो ताऊन ( लग) और दजजाल ( वरोधी मसीह) को इसम वश करन स रोकत ह -(15)

इस मामल म ताऊन महामार क व श ट बीमार या स धत करता ह ल कन मद ना सामा य महामार क बीमा रय स सर त नह ह

22

इमाम नववावी न कहा

यहा ताऊन का मतलब पीप स भर दान (फ़ोड़) जो शर र पर फटत ह य ऊसन ध या बगल यादत ह सजन और ती दद क साथ

ह ह -(16) यह हद स हमर समझ म मह वपण ह य क मद ना म लग वश होन स सर

ह ल कन महामार रोग स नह कई बार महामार बीमारवश

हई ह उमर (अलाह उनस सन हो) क ख़लाफ़त क समय सहत म का और मद ना क कछ महामार य क ऐ तहा सक समयरखा १३-१४ हजर (13-14H) क बीच -

अब अलअसवद ( स ध व वान िज ह न अरबी याकरण क नयम को नकाला) बयान करत ह

म मदना गया था जब बीमार का कोप हआ था और लोग तज़ी स मर रह थ म उमर क साथ बठा हआ था और वहा स एक अ तम स कार का जलस गज़रा (17)

23

१५२ हजर (152 H)

- इ तहासकार महममद अलमग़धा व वारा पाया गया एक महामार क राहत

क लए ाथना क एक च टान पर एक शलालख शलालख लखा ह

ओ अलाह मदना क लोग स वबा (महामार रोग) और कठनाई को दर कर लखा गया जमादा साल 152

७३५ (735 H)

- ड थी रया महामार न मद ना म पी ड़त हआ िजस स हर दन 15 लोग क मय होती थी उ ह न इस स पहल ऐसा कछ नह दखा था ७४९ (749 H) - महामार क बीमार न म का म पी ड़त हआ

24

1235 H (1814 CE) - महामार क कारण सामाय प स हजाज़ म 80 0 0 क मौत हो जाती ह 1246 H (1831 CE) - भारत स आई एक महामार क बीमार न म का म तीथया य क तीन चौथाई को मार दया 1252-1255 H (1837 CE-1840 CE) - म का म हज क अव ध म महामार रोग होत ह Pg १३ (13) TLI अमावस का लग - भ व यवाणी और मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय क जीवन म सबक़ नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न 9H म तबक क अ भयान क दौरान

कई

भवयवाणीया क उनम स एक लग जो उनक कई अनयायय को भावत करगा औफ़ बन मा लक अल-अशजाई न कहा

म तबक क अ भयान क दौरान अ लाह क रसल (सि लअ लाह अल ह व सि लम) क पास आया जब क वह चमड़ क बन हए तब म थन बठगया

25

रसलअ लाह (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

दाखल हो ओ औफ़ म कहा मसब या रसलअलाह उहन कहा

आप सभी फर उ ह न कहा

ओ औफ़ छह चीज़ याद रख जो अ तम घट स पहल घ टतक

मर मौत ह म इस स बहत हरान और दखी हआ उ हन कहा

इस पहल क प म गनो फर बतअलमख़दस ज सलम क वजय आएगी फर एक बीमार जो आपक बीच दखाई दगी और आपको औरआपक ब च को शह द क प म मरन का कारण बनगी आपक कम को श ध करगी फर आपक बीच बहत धन होगा ता क अगर एक आदमी को सौ द नार दए जाए तो भी वह असत ट

रहगा और आपक बीच लश होगा जो कसी भी मि लम घर को अछता नह रखगा फर आपक

और रोमन क बीच एक स ध

होगी फर व आपको धोखा दग और असी बनर क साथ आपक ख़लाफ़ माच

करग िजनम स यक क तहत बारह हज़ार सनक हग -(18) नबी क भ व यवाणी म बीमार का उ लख उमर इबन ख़तताब क खलाफत क दौरान हआ वष 18 H 639 CE म एक सय अभयान क दौरान अमावस -

(19) फलसतीन बत अलमखदस(ज सलम) स 30

26

फट पड़ा और नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कई साथी पी ड़त हए अलजौहर न कहा यह इ लाम का पहला लग था

(2 0 ) जसा क नबी (सिलअलाह अलह व सिलम) वारा भ व यवाणी क गई थी उस समय क ख़ल फ़ा उमर न इसक बार म

सना और

उसक चता क कारण उनस मलन क लए नकल पड़ अ द ला इ न अ बास उन घटनाओ का वणन करत ह जब उमर इ न ख़तताब

न शाम (ल वाट फलस तन

वह शरग

नामक एक जगह पर पहच तो सना क कमाडर अब उबयदा इ न जराह और उनक

साथी उमर स मल और बताया क एक लग शाम म फल गया ह अदला इन अबास न कहा उमर न मझस कहा

थम महािजर (सबस श आती मि लम जो मद नाक अ वासी थ) को मर लए

बलाव मन उ ह बलायाएक लग शाम म पी ड़त ह व असहमत थ उनम कछ न कहा आप कसी मामल पर

नकल पड़ हऔर हम नह लगता क आपको इस स पीछ हटना चा हएदसर

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

13

उ च सबस अ धक दनवालाहसस करत ह तो उस यि त क बार म सोच िजसक पास कछ नह ह सघष क समय आभार होन स सवधन म ऐसा करनाआसान बनता ह हमार यार नबी का फरमान ह

अ लाह स सावधान रह और वह त हार र ा करगा अ लाह स सावधान रह तम उस अपन सामन पाओग अगर आप पछत ह तो अ लाह ह स पछ अगर तम मदद चाहत हो तो अ लाह ह स मदद लोऔर जान लो क अगर रा को इक ठा कर आपको लाभ पहचानक लए व आपको लाभ नह द सकत सवाय

इसक क अ लाह न आपक लए पहल स नधा रत कया ह और अगर व कसी भी चीज़ क साथ आपको नक़सान पहचान क लए इकठाहए व आप को नक़सान

नह पहचा सकत सवाय इसक क अ लाह न आपक लए पहल स नधा रत

कया ह क़लम उठा लए गए ह और प ठ सख गए ह और उ ह न कहा अ लाह स सावधान रह तम उस अपन सामन पाओग अ लाह को आसानी और सम ध क समय पहचानो और वीकार करो और वह आपको वप क समय याद रखगा और जान लो क जो चीज़ तम तक नह पहची और पास स गज़र गई वह त हार लए घ टत नह था और जो त हार लए घ टत था वह त हार पास स गज़रन वाल नह थी - (9)

द य ान

14

सब स पहल और सब स मह वपण कोई भी यि त यह

कता क अ लाह न मानवता पर यातना य भजा ह यह अ लाह क हकमत ह जो कवल वह नद ट कर सकता ह

महामार क बीमार लए नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क हद स स

प ट ह क व वान न व ीय को कस दखा - (10 ) व भ न लोग पर लाग सावभौ मक समझदार क बीच उनक इराद क अनसार

और

उनक लए अ लाह कस इ छा रखत ह

1 सकत - यह सवशि तमान क सावभौ मक शि त और

ब क लए एक सकत ह 2 आशीवाद और दया- जस क नबी न बताया 3 कारण - उनका समय और तार ख़ जो नधन हो गया था

ण था यह कोरोनावाइरस नह होता तो कछ और होता 4 सज़ा - अयाचार करन वाल और अ वीकार करन वाल क लए

इसक अलावा यह इ लामी धा मक क दायर म जाता ह ककस तरह कसी वप क समझ सकता ह या तो यह

1 उ न त - एक पर ण िजस म अ लाह उन लोग क ि थ तह

चाहता ह

15

2 श धकरण - जो पापन म अगल क तलनाम साफ़ हो जाए

3 त ब ब - कसी यि त को सकत दन क लए ता क

लौट आए 4 या यातना - पाप और अ वीकार क लए सज़ा

हमार पास कसी एक सावभौ मक बयान नबी का नह ह जो प ट प स यि त

और पी ड़त होन क ि थ त पर नभर करता कवल अ लाह यि तय का याय

करता ह और व य पी ड़त थ इसक सट क समझदार उनक लए व श ट ह पवक थत हद स सावभौ मक ान पर काश

डालती ह और हर यि त क कार क

दःख वय ख़द क लए जवाबदह होत ह सभी उठाए जाएग और अपन अपन इराद क अनसार उनका फ़सला होगा आयशा न पछा

ओ अ लाह क रसल उन सभी को य उ हन जवाब दया

उन सभी को प वी वारा नगल लया जाएगा ल कन उ ह उनक इराद क अनसार नणय क लए उठाया जाएगा यह अ लाह क व वध स धात स ह अगर यह सज़ा हो भी जाए शा मल कर सकती ह उनक इराद और समझदार क आधार पर जसा क ऊपर बताया गया और यह

16

व वा सय ग़र-

व वा सय नदश या ज़ा लम क बीच अतर नह करतामान

ۃ منکم ظلموا الذين تصيبن ال فتنۃ اتقوا و ا و خاص ان اعلمو العقاب شديد और उस फतन स डरत रहो जो ख़ास उ ह लोग पर नह पड़गा िज ह न तम

म स

ज़ म कया (बि क तम सबक सब उसम पड़ जाओग) और यक़ न मान क अ लाह

बड़ा सत अज़ाब करन वाला ह (Qu ra n 8 2 5) बि क यह यक आि तक पर ख़द को बचान क लए आव यक साधन लना चा हए च क साक य प स शार रक प स

दसर क लए नवारक उपाय कर एसा कह जान क बाद लोग को घरन वाल वप का द यहश वारा उ लख कयागया ह िजस न बताया क नबी (सि ल अ लाह अल ह

व सि लम) एक दन उनक पास डर क ि थत म आए और कहा

ला इलाहा इ लला (कोई भी पजा क यो य नह सवाय अ लाह क)

अरबलोग पर एक आस न बराई स जो उ ह भा वत करगा आज इस आकार

17

का एक छद याजज और माजज को रोकन वाल द वार म बनाया गया हऔर उ ह न अपन अगठ और

तजनीस एक च बनाया ज़नब न कहा या रसलअ लाह

या हम न ट ह ग जब क धम लग हमार बीच ह उ ह न उ र दया हा य द द टता फलती ह तो भल होती ह (11) इन हद स म उ ल खत ई वरय फरमान क यापक स चाई एक महामार क

जो द नया पर हमला करसकती ह और वशष प स लोग क समह पर -

अ लाह क सकत म स ह जो अ लाह अपनी सि ट पर भजता ह वा त वकता क

सकत परमामा क हाथ जो उसक सिट पर ह क उपीड़क उसक पकड़ स बच

नह सकत और उसी का भव ह और उसक यहा अतम वापसी ह अततः अ लाह का ान हमार समझ क सी मत दायर को पार कर जाता ह और कवल

सवशि तमान क पास अपनी ब ध का सह सार ह हमनामा म उदा और उसक भाव म स म यह सफ़ कछ ान ह जो हमार द य थ म गीत ह

सर म ान शा मल ह जस क कसी चीज़ स आपक र ा कराक म य पर त ब बत करन क लए एक वकअप काल ह अ लाहऔर कवल बहतर हाइजीन क मा यम स बीमार नह फलान क बार म जानकार कर

18

अ लाह का फरमान ह

ا االرض نبات بہ فاختلط السماء من انزلنہ کماء الدنيا الحيوة مثل انما ا و الناس ياکل ممينت و زخرفہا االرض اذااخذت حتی النعام ل امرنا اتہا عليہا قدرون انہم اہلہا ظن و از

ل کذلک باالمس لمتغن کان حصيدا فجعلنہا نہارا او يال يت نفص يتفکرون لقوم اال द नयावी िज़दगी क मसल तो बस पानी क सी ह क हमन उसको आसमान स

बरसाया फर ज़मीन क साग पात िजसको लोग और चपाए खा जात ह (उसक साथ मल-जलकर नकल यहा तक क जब ज़मीन न (फसल क चीज़ स) अपना बनाव सगार कर लया और (हर तरह)

आरासता हो गई और खतवाल न समझ लया क अब वह उस पर यक नन क़ाब पा गए (जब चाहग काट लग) यकायक हमारा ह म व अज़ाब

रात या दन को आ पहचा तो हमन उस खत को ऐसा साफ कटा हआ बना दया क

गोया कल उसम कछ था ह नह जो लोग ग़ौर व फ़ करत ह उनक लए हम आयत को य तफ़सीलदार बयान करत ह (Quran 1024)

क ठनाइय स नपटन का मि लम दशन तब सावभौ मक ब धम ा को दशाता ह और अपन आप स पछता ह म या कर सकता ह एक

अनदखी तमान पर सवाल उठान और या यक गलतफहमी स खद

को पग बनान क बजाय ऐसा सवाल नह करना चाइय ldquoभगवान न

ऐसा य कयाrdquo

19

महामार रोग और लग का फख़ यह सवाल हम या कर सकत ह का चचा इ लामी व वान क बीच कया गया ह वह बीमार जो फलती ह या महामार वग़रह क लए जो स नत म इ तमाल क गई ह वह ह - तावन या वबा कभी-कभी यह श द को परसपार (अदल बदल स) इ तमाल कया जाता ह और अ य समय म यह कसी वशष कार

महामार या रोग जो क महामार क स मान हो या लग इययाद न कहा क ताऊन एक व श ट कार क बीमार

लए सद भत करता हिजस म शर र पर फोड़ फल जात और वबा सभी महामार बीमार क लए इ तमाल करत ह वबा को ताऊन कहा जाता ह य क वह मतय का कारण बन सकता ह

वबा ह ल कन हर वबा ताऊन नह ह - (12 ) म तसर तौर पर ताऊन और वबा एक दसर क बदल म

द य

20

थ म इनक बीच का अतर उस वख़त ज़ र ह जब व श ट हद स पर चचा कया जाता ह नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) का फ़रमान ह

म न (सपन म) दखा एक अनचाह बाल वाल नीरस अधर म हला मद ना स नकल कर महाइया म बसन क

तक क प म या या यत कया क यह मद ना स महाइया यानी अल-

जहफा क तरफ़ भजा जा रहा ह -(13)

यहा पर नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) वबा क तरफ़ इशारा कर रह थ - ख़ास कर मल रया और इ फ़लएनज़ा जो क उस व त मद ना म मौजद थाहा था और शहर इसस यापत था यहातक क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क दोन वालदन इसी बीमार क वजह स गजर ह ग य क इस शहर क साथ जड़ यह बीमार क कारण यहा वबा को बीमार क प मसद भत कया गया जो कई लोग को मारबीमार कर रहा था नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) शहर को इस बीमार स म त करन और श ध करन क व श ट ाथना करत

21

या अ लाह मद नाह को हम यारा बनाइए िजस तरह आप बनया और उस स भी अ धक और इस म होन वाल बख़ार को अल-

जोहफा म थानातरण कर दना ओअ लाह हमार मद औरत द

(भोजन और ावधान क लए वज़न क कार) - (14) और जब नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

ताऊन ( लग महामार क बीमार ) एक रजज़ ( वप ) सज़ा ह जो उसन तम स

पहल आन वाल को दया था और आयशा न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स ताऊन क बार म जानकार क ओर उ हन कहा

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस चाह उस भज दता ह ल कन अ लाह न इस व वा सय क लए एक दया बना दया ह यह दोन सदभ

ताऊन क महामार बीमार का उ लख करत ह नबी (सिल अलाह अलह व सिलम) मदना क तालजक़ स फ़रमात ह

मद ना क वश वार पर वगदत ह जो ताऊन ( लग) और दजजाल ( वरोधी मसीह) को इसम वश करन स रोकत ह -(15)

इस मामल म ताऊन महामार क व श ट बीमार या स धत करता ह ल कन मद ना सामा य महामार क बीमा रय स सर त नह ह

22

इमाम नववावी न कहा

यहा ताऊन का मतलब पीप स भर दान (फ़ोड़) जो शर र पर फटत ह य ऊसन ध या बगल यादत ह सजन और ती दद क साथ

ह ह -(16) यह हद स हमर समझ म मह वपण ह य क मद ना म लग वश होन स सर

ह ल कन महामार रोग स नह कई बार महामार बीमारवश

हई ह उमर (अलाह उनस सन हो) क ख़लाफ़त क समय सहत म का और मद ना क कछ महामार य क ऐ तहा सक समयरखा १३-१४ हजर (13-14H) क बीच -

अब अलअसवद ( स ध व वान िज ह न अरबी याकरण क नयम को नकाला) बयान करत ह

म मदना गया था जब बीमार का कोप हआ था और लोग तज़ी स मर रह थ म उमर क साथ बठा हआ था और वहा स एक अ तम स कार का जलस गज़रा (17)

23

१५२ हजर (152 H)

- इ तहासकार महममद अलमग़धा व वारा पाया गया एक महामार क राहत

क लए ाथना क एक च टान पर एक शलालख शलालख लखा ह

ओ अलाह मदना क लोग स वबा (महामार रोग) और कठनाई को दर कर लखा गया जमादा साल 152

७३५ (735 H)

- ड थी रया महामार न मद ना म पी ड़त हआ िजस स हर दन 15 लोग क मय होती थी उ ह न इस स पहल ऐसा कछ नह दखा था ७४९ (749 H) - महामार क बीमार न म का म पी ड़त हआ

24

1235 H (1814 CE) - महामार क कारण सामाय प स हजाज़ म 80 0 0 क मौत हो जाती ह 1246 H (1831 CE) - भारत स आई एक महामार क बीमार न म का म तीथया य क तीन चौथाई को मार दया 1252-1255 H (1837 CE-1840 CE) - म का म हज क अव ध म महामार रोग होत ह Pg १३ (13) TLI अमावस का लग - भ व यवाणी और मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय क जीवन म सबक़ नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न 9H म तबक क अ भयान क दौरान

कई

भवयवाणीया क उनम स एक लग जो उनक कई अनयायय को भावत करगा औफ़ बन मा लक अल-अशजाई न कहा

म तबक क अ भयान क दौरान अ लाह क रसल (सि लअ लाह अल ह व सि लम) क पास आया जब क वह चमड़ क बन हए तब म थन बठगया

25

रसलअ लाह (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

दाखल हो ओ औफ़ म कहा मसब या रसलअलाह उहन कहा

आप सभी फर उ ह न कहा

ओ औफ़ छह चीज़ याद रख जो अ तम घट स पहल घ टतक

मर मौत ह म इस स बहत हरान और दखी हआ उ हन कहा

इस पहल क प म गनो फर बतअलमख़दस ज सलम क वजय आएगी फर एक बीमार जो आपक बीच दखाई दगी और आपको औरआपक ब च को शह द क प म मरन का कारण बनगी आपक कम को श ध करगी फर आपक बीच बहत धन होगा ता क अगर एक आदमी को सौ द नार दए जाए तो भी वह असत ट

रहगा और आपक बीच लश होगा जो कसी भी मि लम घर को अछता नह रखगा फर आपक

और रोमन क बीच एक स ध

होगी फर व आपको धोखा दग और असी बनर क साथ आपक ख़लाफ़ माच

करग िजनम स यक क तहत बारह हज़ार सनक हग -(18) नबी क भ व यवाणी म बीमार का उ लख उमर इबन ख़तताब क खलाफत क दौरान हआ वष 18 H 639 CE म एक सय अभयान क दौरान अमावस -

(19) फलसतीन बत अलमखदस(ज सलम) स 30

26

फट पड़ा और नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कई साथी पी ड़त हए अलजौहर न कहा यह इ लाम का पहला लग था

(2 0 ) जसा क नबी (सिलअलाह अलह व सिलम) वारा भ व यवाणी क गई थी उस समय क ख़ल फ़ा उमर न इसक बार म

सना और

उसक चता क कारण उनस मलन क लए नकल पड़ अ द ला इ न अ बास उन घटनाओ का वणन करत ह जब उमर इ न ख़तताब

न शाम (ल वाट फलस तन

वह शरग

नामक एक जगह पर पहच तो सना क कमाडर अब उबयदा इ न जराह और उनक

साथी उमर स मल और बताया क एक लग शाम म फल गया ह अदला इन अबास न कहा उमर न मझस कहा

थम महािजर (सबस श आती मि लम जो मद नाक अ वासी थ) को मर लए

बलाव मन उ ह बलायाएक लग शाम म पी ड़त ह व असहमत थ उनम कछ न कहा आप कसी मामल पर

नकल पड़ हऔर हम नह लगता क आपको इस स पीछ हटना चा हएदसर

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

14

सब स पहल और सब स मह वपण कोई भी यि त यह

कता क अ लाह न मानवता पर यातना य भजा ह यह अ लाह क हकमत ह जो कवल वह नद ट कर सकता ह

महामार क बीमार लए नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क हद स स

प ट ह क व वान न व ीय को कस दखा - (10 ) व भ न लोग पर लाग सावभौ मक समझदार क बीच उनक इराद क अनसार

और

उनक लए अ लाह कस इ छा रखत ह

1 सकत - यह सवशि तमान क सावभौ मक शि त और

ब क लए एक सकत ह 2 आशीवाद और दया- जस क नबी न बताया 3 कारण - उनका समय और तार ख़ जो नधन हो गया था

ण था यह कोरोनावाइरस नह होता तो कछ और होता 4 सज़ा - अयाचार करन वाल और अ वीकार करन वाल क लए

इसक अलावा यह इ लामी धा मक क दायर म जाता ह ककस तरह कसी वप क समझ सकता ह या तो यह

1 उ न त - एक पर ण िजस म अ लाह उन लोग क ि थ तह

चाहता ह

15

2 श धकरण - जो पापन म अगल क तलनाम साफ़ हो जाए

3 त ब ब - कसी यि त को सकत दन क लए ता क

लौट आए 4 या यातना - पाप और अ वीकार क लए सज़ा

हमार पास कसी एक सावभौ मक बयान नबी का नह ह जो प ट प स यि त

और पी ड़त होन क ि थ त पर नभर करता कवल अ लाह यि तय का याय

करता ह और व य पी ड़त थ इसक सट क समझदार उनक लए व श ट ह पवक थत हद स सावभौ मक ान पर काश

डालती ह और हर यि त क कार क

दःख वय ख़द क लए जवाबदह होत ह सभी उठाए जाएग और अपन अपन इराद क अनसार उनका फ़सला होगा आयशा न पछा

ओ अ लाह क रसल उन सभी को य उ हन जवाब दया

उन सभी को प वी वारा नगल लया जाएगा ल कन उ ह उनक इराद क अनसार नणय क लए उठाया जाएगा यह अ लाह क व वध स धात स ह अगर यह सज़ा हो भी जाए शा मल कर सकती ह उनक इराद और समझदार क आधार पर जसा क ऊपर बताया गया और यह

16

व वा सय ग़र-

व वा सय नदश या ज़ा लम क बीच अतर नह करतामान

ۃ منکم ظلموا الذين تصيبن ال فتنۃ اتقوا و ا و خاص ان اعلمو العقاب شديد और उस फतन स डरत रहो जो ख़ास उ ह लोग पर नह पड़गा िज ह न तम

म स

ज़ म कया (बि क तम सबक सब उसम पड़ जाओग) और यक़ न मान क अ लाह

बड़ा सत अज़ाब करन वाला ह (Qu ra n 8 2 5) बि क यह यक आि तक पर ख़द को बचान क लए आव यक साधन लना चा हए च क साक य प स शार रक प स

दसर क लए नवारक उपाय कर एसा कह जान क बाद लोग को घरन वाल वप का द यहश वारा उ लख कयागया ह िजस न बताया क नबी (सि ल अ लाह अल ह

व सि लम) एक दन उनक पास डर क ि थत म आए और कहा

ला इलाहा इ लला (कोई भी पजा क यो य नह सवाय अ लाह क)

अरबलोग पर एक आस न बराई स जो उ ह भा वत करगा आज इस आकार

17

का एक छद याजज और माजज को रोकन वाल द वार म बनाया गया हऔर उ ह न अपन अगठ और

तजनीस एक च बनाया ज़नब न कहा या रसलअ लाह

या हम न ट ह ग जब क धम लग हमार बीच ह उ ह न उ र दया हा य द द टता फलती ह तो भल होती ह (11) इन हद स म उ ल खत ई वरय फरमान क यापक स चाई एक महामार क

जो द नया पर हमला करसकती ह और वशष प स लोग क समह पर -

अ लाह क सकत म स ह जो अ लाह अपनी सि ट पर भजता ह वा त वकता क

सकत परमामा क हाथ जो उसक सिट पर ह क उपीड़क उसक पकड़ स बच

नह सकत और उसी का भव ह और उसक यहा अतम वापसी ह अततः अ लाह का ान हमार समझ क सी मत दायर को पार कर जाता ह और कवल

सवशि तमान क पास अपनी ब ध का सह सार ह हमनामा म उदा और उसक भाव म स म यह सफ़ कछ ान ह जो हमार द य थ म गीत ह

सर म ान शा मल ह जस क कसी चीज़ स आपक र ा कराक म य पर त ब बत करन क लए एक वकअप काल ह अ लाहऔर कवल बहतर हाइजीन क मा यम स बीमार नह फलान क बार म जानकार कर

18

अ लाह का फरमान ह

ا االرض نبات بہ فاختلط السماء من انزلنہ کماء الدنيا الحيوة مثل انما ا و الناس ياکل ممينت و زخرفہا االرض اذااخذت حتی النعام ل امرنا اتہا عليہا قدرون انہم اہلہا ظن و از

ل کذلک باالمس لمتغن کان حصيدا فجعلنہا نہارا او يال يت نفص يتفکرون لقوم اال द नयावी िज़दगी क मसल तो बस पानी क सी ह क हमन उसको आसमान स

बरसाया फर ज़मीन क साग पात िजसको लोग और चपाए खा जात ह (उसक साथ मल-जलकर नकल यहा तक क जब ज़मीन न (फसल क चीज़ स) अपना बनाव सगार कर लया और (हर तरह)

आरासता हो गई और खतवाल न समझ लया क अब वह उस पर यक नन क़ाब पा गए (जब चाहग काट लग) यकायक हमारा ह म व अज़ाब

रात या दन को आ पहचा तो हमन उस खत को ऐसा साफ कटा हआ बना दया क

गोया कल उसम कछ था ह नह जो लोग ग़ौर व फ़ करत ह उनक लए हम आयत को य तफ़सीलदार बयान करत ह (Quran 1024)

क ठनाइय स नपटन का मि लम दशन तब सावभौ मक ब धम ा को दशाता ह और अपन आप स पछता ह म या कर सकता ह एक

अनदखी तमान पर सवाल उठान और या यक गलतफहमी स खद

को पग बनान क बजाय ऐसा सवाल नह करना चाइय ldquoभगवान न

ऐसा य कयाrdquo

19

महामार रोग और लग का फख़ यह सवाल हम या कर सकत ह का चचा इ लामी व वान क बीच कया गया ह वह बीमार जो फलती ह या महामार वग़रह क लए जो स नत म इ तमाल क गई ह वह ह - तावन या वबा कभी-कभी यह श द को परसपार (अदल बदल स) इ तमाल कया जाता ह और अ य समय म यह कसी वशष कार

महामार या रोग जो क महामार क स मान हो या लग इययाद न कहा क ताऊन एक व श ट कार क बीमार

लए सद भत करता हिजस म शर र पर फोड़ फल जात और वबा सभी महामार बीमार क लए इ तमाल करत ह वबा को ताऊन कहा जाता ह य क वह मतय का कारण बन सकता ह

वबा ह ल कन हर वबा ताऊन नह ह - (12 ) म तसर तौर पर ताऊन और वबा एक दसर क बदल म

द य

20

थ म इनक बीच का अतर उस वख़त ज़ र ह जब व श ट हद स पर चचा कया जाता ह नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) का फ़रमान ह

म न (सपन म) दखा एक अनचाह बाल वाल नीरस अधर म हला मद ना स नकल कर महाइया म बसन क

तक क प म या या यत कया क यह मद ना स महाइया यानी अल-

जहफा क तरफ़ भजा जा रहा ह -(13)

यहा पर नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) वबा क तरफ़ इशारा कर रह थ - ख़ास कर मल रया और इ फ़लएनज़ा जो क उस व त मद ना म मौजद थाहा था और शहर इसस यापत था यहातक क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क दोन वालदन इसी बीमार क वजह स गजर ह ग य क इस शहर क साथ जड़ यह बीमार क कारण यहा वबा को बीमार क प मसद भत कया गया जो कई लोग को मारबीमार कर रहा था नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) शहर को इस बीमार स म त करन और श ध करन क व श ट ाथना करत

21

या अ लाह मद नाह को हम यारा बनाइए िजस तरह आप बनया और उस स भी अ धक और इस म होन वाल बख़ार को अल-

जोहफा म थानातरण कर दना ओअ लाह हमार मद औरत द

(भोजन और ावधान क लए वज़न क कार) - (14) और जब नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

ताऊन ( लग महामार क बीमार ) एक रजज़ ( वप ) सज़ा ह जो उसन तम स

पहल आन वाल को दया था और आयशा न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स ताऊन क बार म जानकार क ओर उ हन कहा

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस चाह उस भज दता ह ल कन अ लाह न इस व वा सय क लए एक दया बना दया ह यह दोन सदभ

ताऊन क महामार बीमार का उ लख करत ह नबी (सिल अलाह अलह व सिलम) मदना क तालजक़ स फ़रमात ह

मद ना क वश वार पर वगदत ह जो ताऊन ( लग) और दजजाल ( वरोधी मसीह) को इसम वश करन स रोकत ह -(15)

इस मामल म ताऊन महामार क व श ट बीमार या स धत करता ह ल कन मद ना सामा य महामार क बीमा रय स सर त नह ह

22

इमाम नववावी न कहा

यहा ताऊन का मतलब पीप स भर दान (फ़ोड़) जो शर र पर फटत ह य ऊसन ध या बगल यादत ह सजन और ती दद क साथ

ह ह -(16) यह हद स हमर समझ म मह वपण ह य क मद ना म लग वश होन स सर

ह ल कन महामार रोग स नह कई बार महामार बीमारवश

हई ह उमर (अलाह उनस सन हो) क ख़लाफ़त क समय सहत म का और मद ना क कछ महामार य क ऐ तहा सक समयरखा १३-१४ हजर (13-14H) क बीच -

अब अलअसवद ( स ध व वान िज ह न अरबी याकरण क नयम को नकाला) बयान करत ह

म मदना गया था जब बीमार का कोप हआ था और लोग तज़ी स मर रह थ म उमर क साथ बठा हआ था और वहा स एक अ तम स कार का जलस गज़रा (17)

23

१५२ हजर (152 H)

- इ तहासकार महममद अलमग़धा व वारा पाया गया एक महामार क राहत

क लए ाथना क एक च टान पर एक शलालख शलालख लखा ह

ओ अलाह मदना क लोग स वबा (महामार रोग) और कठनाई को दर कर लखा गया जमादा साल 152

७३५ (735 H)

- ड थी रया महामार न मद ना म पी ड़त हआ िजस स हर दन 15 लोग क मय होती थी उ ह न इस स पहल ऐसा कछ नह दखा था ७४९ (749 H) - महामार क बीमार न म का म पी ड़त हआ

24

1235 H (1814 CE) - महामार क कारण सामाय प स हजाज़ म 80 0 0 क मौत हो जाती ह 1246 H (1831 CE) - भारत स आई एक महामार क बीमार न म का म तीथया य क तीन चौथाई को मार दया 1252-1255 H (1837 CE-1840 CE) - म का म हज क अव ध म महामार रोग होत ह Pg १३ (13) TLI अमावस का लग - भ व यवाणी और मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय क जीवन म सबक़ नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न 9H म तबक क अ भयान क दौरान

कई

भवयवाणीया क उनम स एक लग जो उनक कई अनयायय को भावत करगा औफ़ बन मा लक अल-अशजाई न कहा

म तबक क अ भयान क दौरान अ लाह क रसल (सि लअ लाह अल ह व सि लम) क पास आया जब क वह चमड़ क बन हए तब म थन बठगया

25

रसलअ लाह (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

दाखल हो ओ औफ़ म कहा मसब या रसलअलाह उहन कहा

आप सभी फर उ ह न कहा

ओ औफ़ छह चीज़ याद रख जो अ तम घट स पहल घ टतक

मर मौत ह म इस स बहत हरान और दखी हआ उ हन कहा

इस पहल क प म गनो फर बतअलमख़दस ज सलम क वजय आएगी फर एक बीमार जो आपक बीच दखाई दगी और आपको औरआपक ब च को शह द क प म मरन का कारण बनगी आपक कम को श ध करगी फर आपक बीच बहत धन होगा ता क अगर एक आदमी को सौ द नार दए जाए तो भी वह असत ट

रहगा और आपक बीच लश होगा जो कसी भी मि लम घर को अछता नह रखगा फर आपक

और रोमन क बीच एक स ध

होगी फर व आपको धोखा दग और असी बनर क साथ आपक ख़लाफ़ माच

करग िजनम स यक क तहत बारह हज़ार सनक हग -(18) नबी क भ व यवाणी म बीमार का उ लख उमर इबन ख़तताब क खलाफत क दौरान हआ वष 18 H 639 CE म एक सय अभयान क दौरान अमावस -

(19) फलसतीन बत अलमखदस(ज सलम) स 30

26

फट पड़ा और नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कई साथी पी ड़त हए अलजौहर न कहा यह इ लाम का पहला लग था

(2 0 ) जसा क नबी (सिलअलाह अलह व सिलम) वारा भ व यवाणी क गई थी उस समय क ख़ल फ़ा उमर न इसक बार म

सना और

उसक चता क कारण उनस मलन क लए नकल पड़ अ द ला इ न अ बास उन घटनाओ का वणन करत ह जब उमर इ न ख़तताब

न शाम (ल वाट फलस तन

वह शरग

नामक एक जगह पर पहच तो सना क कमाडर अब उबयदा इ न जराह और उनक

साथी उमर स मल और बताया क एक लग शाम म फल गया ह अदला इन अबास न कहा उमर न मझस कहा

थम महािजर (सबस श आती मि लम जो मद नाक अ वासी थ) को मर लए

बलाव मन उ ह बलायाएक लग शाम म पी ड़त ह व असहमत थ उनम कछ न कहा आप कसी मामल पर

नकल पड़ हऔर हम नह लगता क आपको इस स पीछ हटना चा हएदसर

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

15

2 श धकरण - जो पापन म अगल क तलनाम साफ़ हो जाए

3 त ब ब - कसी यि त को सकत दन क लए ता क

लौट आए 4 या यातना - पाप और अ वीकार क लए सज़ा

हमार पास कसी एक सावभौ मक बयान नबी का नह ह जो प ट प स यि त

और पी ड़त होन क ि थ त पर नभर करता कवल अ लाह यि तय का याय

करता ह और व य पी ड़त थ इसक सट क समझदार उनक लए व श ट ह पवक थत हद स सावभौ मक ान पर काश

डालती ह और हर यि त क कार क

दःख वय ख़द क लए जवाबदह होत ह सभी उठाए जाएग और अपन अपन इराद क अनसार उनका फ़सला होगा आयशा न पछा

ओ अ लाह क रसल उन सभी को य उ हन जवाब दया

उन सभी को प वी वारा नगल लया जाएगा ल कन उ ह उनक इराद क अनसार नणय क लए उठाया जाएगा यह अ लाह क व वध स धात स ह अगर यह सज़ा हो भी जाए शा मल कर सकती ह उनक इराद और समझदार क आधार पर जसा क ऊपर बताया गया और यह

16

व वा सय ग़र-

व वा सय नदश या ज़ा लम क बीच अतर नह करतामान

ۃ منکم ظلموا الذين تصيبن ال فتنۃ اتقوا و ا و خاص ان اعلمو العقاب شديد और उस फतन स डरत रहो जो ख़ास उ ह लोग पर नह पड़गा िज ह न तम

म स

ज़ म कया (बि क तम सबक सब उसम पड़ जाओग) और यक़ न मान क अ लाह

बड़ा सत अज़ाब करन वाला ह (Qu ra n 8 2 5) बि क यह यक आि तक पर ख़द को बचान क लए आव यक साधन लना चा हए च क साक य प स शार रक प स

दसर क लए नवारक उपाय कर एसा कह जान क बाद लोग को घरन वाल वप का द यहश वारा उ लख कयागया ह िजस न बताया क नबी (सि ल अ लाह अल ह

व सि लम) एक दन उनक पास डर क ि थत म आए और कहा

ला इलाहा इ लला (कोई भी पजा क यो य नह सवाय अ लाह क)

अरबलोग पर एक आस न बराई स जो उ ह भा वत करगा आज इस आकार

17

का एक छद याजज और माजज को रोकन वाल द वार म बनाया गया हऔर उ ह न अपन अगठ और

तजनीस एक च बनाया ज़नब न कहा या रसलअ लाह

या हम न ट ह ग जब क धम लग हमार बीच ह उ ह न उ र दया हा य द द टता फलती ह तो भल होती ह (11) इन हद स म उ ल खत ई वरय फरमान क यापक स चाई एक महामार क

जो द नया पर हमला करसकती ह और वशष प स लोग क समह पर -

अ लाह क सकत म स ह जो अ लाह अपनी सि ट पर भजता ह वा त वकता क

सकत परमामा क हाथ जो उसक सिट पर ह क उपीड़क उसक पकड़ स बच

नह सकत और उसी का भव ह और उसक यहा अतम वापसी ह अततः अ लाह का ान हमार समझ क सी मत दायर को पार कर जाता ह और कवल

सवशि तमान क पास अपनी ब ध का सह सार ह हमनामा म उदा और उसक भाव म स म यह सफ़ कछ ान ह जो हमार द य थ म गीत ह

सर म ान शा मल ह जस क कसी चीज़ स आपक र ा कराक म य पर त ब बत करन क लए एक वकअप काल ह अ लाहऔर कवल बहतर हाइजीन क मा यम स बीमार नह फलान क बार म जानकार कर

18

अ लाह का फरमान ह

ا االرض نبات بہ فاختلط السماء من انزلنہ کماء الدنيا الحيوة مثل انما ا و الناس ياکل ممينت و زخرفہا االرض اذااخذت حتی النعام ل امرنا اتہا عليہا قدرون انہم اہلہا ظن و از

ل کذلک باالمس لمتغن کان حصيدا فجعلنہا نہارا او يال يت نفص يتفکرون لقوم اال द नयावी िज़दगी क मसल तो बस पानी क सी ह क हमन उसको आसमान स

बरसाया फर ज़मीन क साग पात िजसको लोग और चपाए खा जात ह (उसक साथ मल-जलकर नकल यहा तक क जब ज़मीन न (फसल क चीज़ स) अपना बनाव सगार कर लया और (हर तरह)

आरासता हो गई और खतवाल न समझ लया क अब वह उस पर यक नन क़ाब पा गए (जब चाहग काट लग) यकायक हमारा ह म व अज़ाब

रात या दन को आ पहचा तो हमन उस खत को ऐसा साफ कटा हआ बना दया क

गोया कल उसम कछ था ह नह जो लोग ग़ौर व फ़ करत ह उनक लए हम आयत को य तफ़सीलदार बयान करत ह (Quran 1024)

क ठनाइय स नपटन का मि लम दशन तब सावभौ मक ब धम ा को दशाता ह और अपन आप स पछता ह म या कर सकता ह एक

अनदखी तमान पर सवाल उठान और या यक गलतफहमी स खद

को पग बनान क बजाय ऐसा सवाल नह करना चाइय ldquoभगवान न

ऐसा य कयाrdquo

19

महामार रोग और लग का फख़ यह सवाल हम या कर सकत ह का चचा इ लामी व वान क बीच कया गया ह वह बीमार जो फलती ह या महामार वग़रह क लए जो स नत म इ तमाल क गई ह वह ह - तावन या वबा कभी-कभी यह श द को परसपार (अदल बदल स) इ तमाल कया जाता ह और अ य समय म यह कसी वशष कार

महामार या रोग जो क महामार क स मान हो या लग इययाद न कहा क ताऊन एक व श ट कार क बीमार

लए सद भत करता हिजस म शर र पर फोड़ फल जात और वबा सभी महामार बीमार क लए इ तमाल करत ह वबा को ताऊन कहा जाता ह य क वह मतय का कारण बन सकता ह

वबा ह ल कन हर वबा ताऊन नह ह - (12 ) म तसर तौर पर ताऊन और वबा एक दसर क बदल म

द य

20

थ म इनक बीच का अतर उस वख़त ज़ र ह जब व श ट हद स पर चचा कया जाता ह नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) का फ़रमान ह

म न (सपन म) दखा एक अनचाह बाल वाल नीरस अधर म हला मद ना स नकल कर महाइया म बसन क

तक क प म या या यत कया क यह मद ना स महाइया यानी अल-

जहफा क तरफ़ भजा जा रहा ह -(13)

यहा पर नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) वबा क तरफ़ इशारा कर रह थ - ख़ास कर मल रया और इ फ़लएनज़ा जो क उस व त मद ना म मौजद थाहा था और शहर इसस यापत था यहातक क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क दोन वालदन इसी बीमार क वजह स गजर ह ग य क इस शहर क साथ जड़ यह बीमार क कारण यहा वबा को बीमार क प मसद भत कया गया जो कई लोग को मारबीमार कर रहा था नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) शहर को इस बीमार स म त करन और श ध करन क व श ट ाथना करत

21

या अ लाह मद नाह को हम यारा बनाइए िजस तरह आप बनया और उस स भी अ धक और इस म होन वाल बख़ार को अल-

जोहफा म थानातरण कर दना ओअ लाह हमार मद औरत द

(भोजन और ावधान क लए वज़न क कार) - (14) और जब नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

ताऊन ( लग महामार क बीमार ) एक रजज़ ( वप ) सज़ा ह जो उसन तम स

पहल आन वाल को दया था और आयशा न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स ताऊन क बार म जानकार क ओर उ हन कहा

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस चाह उस भज दता ह ल कन अ लाह न इस व वा सय क लए एक दया बना दया ह यह दोन सदभ

ताऊन क महामार बीमार का उ लख करत ह नबी (सिल अलाह अलह व सिलम) मदना क तालजक़ स फ़रमात ह

मद ना क वश वार पर वगदत ह जो ताऊन ( लग) और दजजाल ( वरोधी मसीह) को इसम वश करन स रोकत ह -(15)

इस मामल म ताऊन महामार क व श ट बीमार या स धत करता ह ल कन मद ना सामा य महामार क बीमा रय स सर त नह ह

22

इमाम नववावी न कहा

यहा ताऊन का मतलब पीप स भर दान (फ़ोड़) जो शर र पर फटत ह य ऊसन ध या बगल यादत ह सजन और ती दद क साथ

ह ह -(16) यह हद स हमर समझ म मह वपण ह य क मद ना म लग वश होन स सर

ह ल कन महामार रोग स नह कई बार महामार बीमारवश

हई ह उमर (अलाह उनस सन हो) क ख़लाफ़त क समय सहत म का और मद ना क कछ महामार य क ऐ तहा सक समयरखा १३-१४ हजर (13-14H) क बीच -

अब अलअसवद ( स ध व वान िज ह न अरबी याकरण क नयम को नकाला) बयान करत ह

म मदना गया था जब बीमार का कोप हआ था और लोग तज़ी स मर रह थ म उमर क साथ बठा हआ था और वहा स एक अ तम स कार का जलस गज़रा (17)

23

१५२ हजर (152 H)

- इ तहासकार महममद अलमग़धा व वारा पाया गया एक महामार क राहत

क लए ाथना क एक च टान पर एक शलालख शलालख लखा ह

ओ अलाह मदना क लोग स वबा (महामार रोग) और कठनाई को दर कर लखा गया जमादा साल 152

७३५ (735 H)

- ड थी रया महामार न मद ना म पी ड़त हआ िजस स हर दन 15 लोग क मय होती थी उ ह न इस स पहल ऐसा कछ नह दखा था ७४९ (749 H) - महामार क बीमार न म का म पी ड़त हआ

24

1235 H (1814 CE) - महामार क कारण सामाय प स हजाज़ म 80 0 0 क मौत हो जाती ह 1246 H (1831 CE) - भारत स आई एक महामार क बीमार न म का म तीथया य क तीन चौथाई को मार दया 1252-1255 H (1837 CE-1840 CE) - म का म हज क अव ध म महामार रोग होत ह Pg १३ (13) TLI अमावस का लग - भ व यवाणी और मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय क जीवन म सबक़ नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न 9H म तबक क अ भयान क दौरान

कई

भवयवाणीया क उनम स एक लग जो उनक कई अनयायय को भावत करगा औफ़ बन मा लक अल-अशजाई न कहा

म तबक क अ भयान क दौरान अ लाह क रसल (सि लअ लाह अल ह व सि लम) क पास आया जब क वह चमड़ क बन हए तब म थन बठगया

25

रसलअ लाह (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

दाखल हो ओ औफ़ म कहा मसब या रसलअलाह उहन कहा

आप सभी फर उ ह न कहा

ओ औफ़ छह चीज़ याद रख जो अ तम घट स पहल घ टतक

मर मौत ह म इस स बहत हरान और दखी हआ उ हन कहा

इस पहल क प म गनो फर बतअलमख़दस ज सलम क वजय आएगी फर एक बीमार जो आपक बीच दखाई दगी और आपको औरआपक ब च को शह द क प म मरन का कारण बनगी आपक कम को श ध करगी फर आपक बीच बहत धन होगा ता क अगर एक आदमी को सौ द नार दए जाए तो भी वह असत ट

रहगा और आपक बीच लश होगा जो कसी भी मि लम घर को अछता नह रखगा फर आपक

और रोमन क बीच एक स ध

होगी फर व आपको धोखा दग और असी बनर क साथ आपक ख़लाफ़ माच

करग िजनम स यक क तहत बारह हज़ार सनक हग -(18) नबी क भ व यवाणी म बीमार का उ लख उमर इबन ख़तताब क खलाफत क दौरान हआ वष 18 H 639 CE म एक सय अभयान क दौरान अमावस -

(19) फलसतीन बत अलमखदस(ज सलम) स 30

26

फट पड़ा और नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कई साथी पी ड़त हए अलजौहर न कहा यह इ लाम का पहला लग था

(2 0 ) जसा क नबी (सिलअलाह अलह व सिलम) वारा भ व यवाणी क गई थी उस समय क ख़ल फ़ा उमर न इसक बार म

सना और

उसक चता क कारण उनस मलन क लए नकल पड़ अ द ला इ न अ बास उन घटनाओ का वणन करत ह जब उमर इ न ख़तताब

न शाम (ल वाट फलस तन

वह शरग

नामक एक जगह पर पहच तो सना क कमाडर अब उबयदा इ न जराह और उनक

साथी उमर स मल और बताया क एक लग शाम म फल गया ह अदला इन अबास न कहा उमर न मझस कहा

थम महािजर (सबस श आती मि लम जो मद नाक अ वासी थ) को मर लए

बलाव मन उ ह बलायाएक लग शाम म पी ड़त ह व असहमत थ उनम कछ न कहा आप कसी मामल पर

नकल पड़ हऔर हम नह लगता क आपको इस स पीछ हटना चा हएदसर

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

16

व वा सय ग़र-

व वा सय नदश या ज़ा लम क बीच अतर नह करतामान

ۃ منکم ظلموا الذين تصيبن ال فتنۃ اتقوا و ا و خاص ان اعلمو العقاب شديد और उस फतन स डरत रहो जो ख़ास उ ह लोग पर नह पड़गा िज ह न तम

म स

ज़ म कया (बि क तम सबक सब उसम पड़ जाओग) और यक़ न मान क अ लाह

बड़ा सत अज़ाब करन वाला ह (Qu ra n 8 2 5) बि क यह यक आि तक पर ख़द को बचान क लए आव यक साधन लना चा हए च क साक य प स शार रक प स

दसर क लए नवारक उपाय कर एसा कह जान क बाद लोग को घरन वाल वप का द यहश वारा उ लख कयागया ह िजस न बताया क नबी (सि ल अ लाह अल ह

व सि लम) एक दन उनक पास डर क ि थत म आए और कहा

ला इलाहा इ लला (कोई भी पजा क यो य नह सवाय अ लाह क)

अरबलोग पर एक आस न बराई स जो उ ह भा वत करगा आज इस आकार

17

का एक छद याजज और माजज को रोकन वाल द वार म बनाया गया हऔर उ ह न अपन अगठ और

तजनीस एक च बनाया ज़नब न कहा या रसलअ लाह

या हम न ट ह ग जब क धम लग हमार बीच ह उ ह न उ र दया हा य द द टता फलती ह तो भल होती ह (11) इन हद स म उ ल खत ई वरय फरमान क यापक स चाई एक महामार क

जो द नया पर हमला करसकती ह और वशष प स लोग क समह पर -

अ लाह क सकत म स ह जो अ लाह अपनी सि ट पर भजता ह वा त वकता क

सकत परमामा क हाथ जो उसक सिट पर ह क उपीड़क उसक पकड़ स बच

नह सकत और उसी का भव ह और उसक यहा अतम वापसी ह अततः अ लाह का ान हमार समझ क सी मत दायर को पार कर जाता ह और कवल

सवशि तमान क पास अपनी ब ध का सह सार ह हमनामा म उदा और उसक भाव म स म यह सफ़ कछ ान ह जो हमार द य थ म गीत ह

सर म ान शा मल ह जस क कसी चीज़ स आपक र ा कराक म य पर त ब बत करन क लए एक वकअप काल ह अ लाहऔर कवल बहतर हाइजीन क मा यम स बीमार नह फलान क बार म जानकार कर

18

अ लाह का फरमान ह

ا االرض نبات بہ فاختلط السماء من انزلنہ کماء الدنيا الحيوة مثل انما ا و الناس ياکل ممينت و زخرفہا االرض اذااخذت حتی النعام ل امرنا اتہا عليہا قدرون انہم اہلہا ظن و از

ل کذلک باالمس لمتغن کان حصيدا فجعلنہا نہارا او يال يت نفص يتفکرون لقوم اال द नयावी िज़दगी क मसल तो बस पानी क सी ह क हमन उसको आसमान स

बरसाया फर ज़मीन क साग पात िजसको लोग और चपाए खा जात ह (उसक साथ मल-जलकर नकल यहा तक क जब ज़मीन न (फसल क चीज़ स) अपना बनाव सगार कर लया और (हर तरह)

आरासता हो गई और खतवाल न समझ लया क अब वह उस पर यक नन क़ाब पा गए (जब चाहग काट लग) यकायक हमारा ह म व अज़ाब

रात या दन को आ पहचा तो हमन उस खत को ऐसा साफ कटा हआ बना दया क

गोया कल उसम कछ था ह नह जो लोग ग़ौर व फ़ करत ह उनक लए हम आयत को य तफ़सीलदार बयान करत ह (Quran 1024)

क ठनाइय स नपटन का मि लम दशन तब सावभौ मक ब धम ा को दशाता ह और अपन आप स पछता ह म या कर सकता ह एक

अनदखी तमान पर सवाल उठान और या यक गलतफहमी स खद

को पग बनान क बजाय ऐसा सवाल नह करना चाइय ldquoभगवान न

ऐसा य कयाrdquo

19

महामार रोग और लग का फख़ यह सवाल हम या कर सकत ह का चचा इ लामी व वान क बीच कया गया ह वह बीमार जो फलती ह या महामार वग़रह क लए जो स नत म इ तमाल क गई ह वह ह - तावन या वबा कभी-कभी यह श द को परसपार (अदल बदल स) इ तमाल कया जाता ह और अ य समय म यह कसी वशष कार

महामार या रोग जो क महामार क स मान हो या लग इययाद न कहा क ताऊन एक व श ट कार क बीमार

लए सद भत करता हिजस म शर र पर फोड़ फल जात और वबा सभी महामार बीमार क लए इ तमाल करत ह वबा को ताऊन कहा जाता ह य क वह मतय का कारण बन सकता ह

वबा ह ल कन हर वबा ताऊन नह ह - (12 ) म तसर तौर पर ताऊन और वबा एक दसर क बदल म

द य

20

थ म इनक बीच का अतर उस वख़त ज़ र ह जब व श ट हद स पर चचा कया जाता ह नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) का फ़रमान ह

म न (सपन म) दखा एक अनचाह बाल वाल नीरस अधर म हला मद ना स नकल कर महाइया म बसन क

तक क प म या या यत कया क यह मद ना स महाइया यानी अल-

जहफा क तरफ़ भजा जा रहा ह -(13)

यहा पर नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) वबा क तरफ़ इशारा कर रह थ - ख़ास कर मल रया और इ फ़लएनज़ा जो क उस व त मद ना म मौजद थाहा था और शहर इसस यापत था यहातक क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क दोन वालदन इसी बीमार क वजह स गजर ह ग य क इस शहर क साथ जड़ यह बीमार क कारण यहा वबा को बीमार क प मसद भत कया गया जो कई लोग को मारबीमार कर रहा था नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) शहर को इस बीमार स म त करन और श ध करन क व श ट ाथना करत

21

या अ लाह मद नाह को हम यारा बनाइए िजस तरह आप बनया और उस स भी अ धक और इस म होन वाल बख़ार को अल-

जोहफा म थानातरण कर दना ओअ लाह हमार मद औरत द

(भोजन और ावधान क लए वज़न क कार) - (14) और जब नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

ताऊन ( लग महामार क बीमार ) एक रजज़ ( वप ) सज़ा ह जो उसन तम स

पहल आन वाल को दया था और आयशा न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स ताऊन क बार म जानकार क ओर उ हन कहा

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस चाह उस भज दता ह ल कन अ लाह न इस व वा सय क लए एक दया बना दया ह यह दोन सदभ

ताऊन क महामार बीमार का उ लख करत ह नबी (सिल अलाह अलह व सिलम) मदना क तालजक़ स फ़रमात ह

मद ना क वश वार पर वगदत ह जो ताऊन ( लग) और दजजाल ( वरोधी मसीह) को इसम वश करन स रोकत ह -(15)

इस मामल म ताऊन महामार क व श ट बीमार या स धत करता ह ल कन मद ना सामा य महामार क बीमा रय स सर त नह ह

22

इमाम नववावी न कहा

यहा ताऊन का मतलब पीप स भर दान (फ़ोड़) जो शर र पर फटत ह य ऊसन ध या बगल यादत ह सजन और ती दद क साथ

ह ह -(16) यह हद स हमर समझ म मह वपण ह य क मद ना म लग वश होन स सर

ह ल कन महामार रोग स नह कई बार महामार बीमारवश

हई ह उमर (अलाह उनस सन हो) क ख़लाफ़त क समय सहत म का और मद ना क कछ महामार य क ऐ तहा सक समयरखा १३-१४ हजर (13-14H) क बीच -

अब अलअसवद ( स ध व वान िज ह न अरबी याकरण क नयम को नकाला) बयान करत ह

म मदना गया था जब बीमार का कोप हआ था और लोग तज़ी स मर रह थ म उमर क साथ बठा हआ था और वहा स एक अ तम स कार का जलस गज़रा (17)

23

१५२ हजर (152 H)

- इ तहासकार महममद अलमग़धा व वारा पाया गया एक महामार क राहत

क लए ाथना क एक च टान पर एक शलालख शलालख लखा ह

ओ अलाह मदना क लोग स वबा (महामार रोग) और कठनाई को दर कर लखा गया जमादा साल 152

७३५ (735 H)

- ड थी रया महामार न मद ना म पी ड़त हआ िजस स हर दन 15 लोग क मय होती थी उ ह न इस स पहल ऐसा कछ नह दखा था ७४९ (749 H) - महामार क बीमार न म का म पी ड़त हआ

24

1235 H (1814 CE) - महामार क कारण सामाय प स हजाज़ म 80 0 0 क मौत हो जाती ह 1246 H (1831 CE) - भारत स आई एक महामार क बीमार न म का म तीथया य क तीन चौथाई को मार दया 1252-1255 H (1837 CE-1840 CE) - म का म हज क अव ध म महामार रोग होत ह Pg १३ (13) TLI अमावस का लग - भ व यवाणी और मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय क जीवन म सबक़ नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न 9H म तबक क अ भयान क दौरान

कई

भवयवाणीया क उनम स एक लग जो उनक कई अनयायय को भावत करगा औफ़ बन मा लक अल-अशजाई न कहा

म तबक क अ भयान क दौरान अ लाह क रसल (सि लअ लाह अल ह व सि लम) क पास आया जब क वह चमड़ क बन हए तब म थन बठगया

25

रसलअ लाह (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

दाखल हो ओ औफ़ म कहा मसब या रसलअलाह उहन कहा

आप सभी फर उ ह न कहा

ओ औफ़ छह चीज़ याद रख जो अ तम घट स पहल घ टतक

मर मौत ह म इस स बहत हरान और दखी हआ उ हन कहा

इस पहल क प म गनो फर बतअलमख़दस ज सलम क वजय आएगी फर एक बीमार जो आपक बीच दखाई दगी और आपको औरआपक ब च को शह द क प म मरन का कारण बनगी आपक कम को श ध करगी फर आपक बीच बहत धन होगा ता क अगर एक आदमी को सौ द नार दए जाए तो भी वह असत ट

रहगा और आपक बीच लश होगा जो कसी भी मि लम घर को अछता नह रखगा फर आपक

और रोमन क बीच एक स ध

होगी फर व आपको धोखा दग और असी बनर क साथ आपक ख़लाफ़ माच

करग िजनम स यक क तहत बारह हज़ार सनक हग -(18) नबी क भ व यवाणी म बीमार का उ लख उमर इबन ख़तताब क खलाफत क दौरान हआ वष 18 H 639 CE म एक सय अभयान क दौरान अमावस -

(19) फलसतीन बत अलमखदस(ज सलम) स 30

26

फट पड़ा और नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कई साथी पी ड़त हए अलजौहर न कहा यह इ लाम का पहला लग था

(2 0 ) जसा क नबी (सिलअलाह अलह व सिलम) वारा भ व यवाणी क गई थी उस समय क ख़ल फ़ा उमर न इसक बार म

सना और

उसक चता क कारण उनस मलन क लए नकल पड़ अ द ला इ न अ बास उन घटनाओ का वणन करत ह जब उमर इ न ख़तताब

न शाम (ल वाट फलस तन

वह शरग

नामक एक जगह पर पहच तो सना क कमाडर अब उबयदा इ न जराह और उनक

साथी उमर स मल और बताया क एक लग शाम म फल गया ह अदला इन अबास न कहा उमर न मझस कहा

थम महािजर (सबस श आती मि लम जो मद नाक अ वासी थ) को मर लए

बलाव मन उ ह बलायाएक लग शाम म पी ड़त ह व असहमत थ उनम कछ न कहा आप कसी मामल पर

नकल पड़ हऔर हम नह लगता क आपको इस स पीछ हटना चा हएदसर

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

17

का एक छद याजज और माजज को रोकन वाल द वार म बनाया गया हऔर उ ह न अपन अगठ और

तजनीस एक च बनाया ज़नब न कहा या रसलअ लाह

या हम न ट ह ग जब क धम लग हमार बीच ह उ ह न उ र दया हा य द द टता फलती ह तो भल होती ह (11) इन हद स म उ ल खत ई वरय फरमान क यापक स चाई एक महामार क

जो द नया पर हमला करसकती ह और वशष प स लोग क समह पर -

अ लाह क सकत म स ह जो अ लाह अपनी सि ट पर भजता ह वा त वकता क

सकत परमामा क हाथ जो उसक सिट पर ह क उपीड़क उसक पकड़ स बच

नह सकत और उसी का भव ह और उसक यहा अतम वापसी ह अततः अ लाह का ान हमार समझ क सी मत दायर को पार कर जाता ह और कवल

सवशि तमान क पास अपनी ब ध का सह सार ह हमनामा म उदा और उसक भाव म स म यह सफ़ कछ ान ह जो हमार द य थ म गीत ह

सर म ान शा मल ह जस क कसी चीज़ स आपक र ा कराक म य पर त ब बत करन क लए एक वकअप काल ह अ लाहऔर कवल बहतर हाइजीन क मा यम स बीमार नह फलान क बार म जानकार कर

18

अ लाह का फरमान ह

ا االرض نبات بہ فاختلط السماء من انزلنہ کماء الدنيا الحيوة مثل انما ا و الناس ياکل ممينت و زخرفہا االرض اذااخذت حتی النعام ل امرنا اتہا عليہا قدرون انہم اہلہا ظن و از

ل کذلک باالمس لمتغن کان حصيدا فجعلنہا نہارا او يال يت نفص يتفکرون لقوم اال द नयावी िज़दगी क मसल तो बस पानी क सी ह क हमन उसको आसमान स

बरसाया फर ज़मीन क साग पात िजसको लोग और चपाए खा जात ह (उसक साथ मल-जलकर नकल यहा तक क जब ज़मीन न (फसल क चीज़ स) अपना बनाव सगार कर लया और (हर तरह)

आरासता हो गई और खतवाल न समझ लया क अब वह उस पर यक नन क़ाब पा गए (जब चाहग काट लग) यकायक हमारा ह म व अज़ाब

रात या दन को आ पहचा तो हमन उस खत को ऐसा साफ कटा हआ बना दया क

गोया कल उसम कछ था ह नह जो लोग ग़ौर व फ़ करत ह उनक लए हम आयत को य तफ़सीलदार बयान करत ह (Quran 1024)

क ठनाइय स नपटन का मि लम दशन तब सावभौ मक ब धम ा को दशाता ह और अपन आप स पछता ह म या कर सकता ह एक

अनदखी तमान पर सवाल उठान और या यक गलतफहमी स खद

को पग बनान क बजाय ऐसा सवाल नह करना चाइय ldquoभगवान न

ऐसा य कयाrdquo

19

महामार रोग और लग का फख़ यह सवाल हम या कर सकत ह का चचा इ लामी व वान क बीच कया गया ह वह बीमार जो फलती ह या महामार वग़रह क लए जो स नत म इ तमाल क गई ह वह ह - तावन या वबा कभी-कभी यह श द को परसपार (अदल बदल स) इ तमाल कया जाता ह और अ य समय म यह कसी वशष कार

महामार या रोग जो क महामार क स मान हो या लग इययाद न कहा क ताऊन एक व श ट कार क बीमार

लए सद भत करता हिजस म शर र पर फोड़ फल जात और वबा सभी महामार बीमार क लए इ तमाल करत ह वबा को ताऊन कहा जाता ह य क वह मतय का कारण बन सकता ह

वबा ह ल कन हर वबा ताऊन नह ह - (12 ) म तसर तौर पर ताऊन और वबा एक दसर क बदल म

द य

20

थ म इनक बीच का अतर उस वख़त ज़ र ह जब व श ट हद स पर चचा कया जाता ह नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) का फ़रमान ह

म न (सपन म) दखा एक अनचाह बाल वाल नीरस अधर म हला मद ना स नकल कर महाइया म बसन क

तक क प म या या यत कया क यह मद ना स महाइया यानी अल-

जहफा क तरफ़ भजा जा रहा ह -(13)

यहा पर नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) वबा क तरफ़ इशारा कर रह थ - ख़ास कर मल रया और इ फ़लएनज़ा जो क उस व त मद ना म मौजद थाहा था और शहर इसस यापत था यहातक क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क दोन वालदन इसी बीमार क वजह स गजर ह ग य क इस शहर क साथ जड़ यह बीमार क कारण यहा वबा को बीमार क प मसद भत कया गया जो कई लोग को मारबीमार कर रहा था नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) शहर को इस बीमार स म त करन और श ध करन क व श ट ाथना करत

21

या अ लाह मद नाह को हम यारा बनाइए िजस तरह आप बनया और उस स भी अ धक और इस म होन वाल बख़ार को अल-

जोहफा म थानातरण कर दना ओअ लाह हमार मद औरत द

(भोजन और ावधान क लए वज़न क कार) - (14) और जब नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

ताऊन ( लग महामार क बीमार ) एक रजज़ ( वप ) सज़ा ह जो उसन तम स

पहल आन वाल को दया था और आयशा न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स ताऊन क बार म जानकार क ओर उ हन कहा

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस चाह उस भज दता ह ल कन अ लाह न इस व वा सय क लए एक दया बना दया ह यह दोन सदभ

ताऊन क महामार बीमार का उ लख करत ह नबी (सिल अलाह अलह व सिलम) मदना क तालजक़ स फ़रमात ह

मद ना क वश वार पर वगदत ह जो ताऊन ( लग) और दजजाल ( वरोधी मसीह) को इसम वश करन स रोकत ह -(15)

इस मामल म ताऊन महामार क व श ट बीमार या स धत करता ह ल कन मद ना सामा य महामार क बीमा रय स सर त नह ह

22

इमाम नववावी न कहा

यहा ताऊन का मतलब पीप स भर दान (फ़ोड़) जो शर र पर फटत ह य ऊसन ध या बगल यादत ह सजन और ती दद क साथ

ह ह -(16) यह हद स हमर समझ म मह वपण ह य क मद ना म लग वश होन स सर

ह ल कन महामार रोग स नह कई बार महामार बीमारवश

हई ह उमर (अलाह उनस सन हो) क ख़लाफ़त क समय सहत म का और मद ना क कछ महामार य क ऐ तहा सक समयरखा १३-१४ हजर (13-14H) क बीच -

अब अलअसवद ( स ध व वान िज ह न अरबी याकरण क नयम को नकाला) बयान करत ह

म मदना गया था जब बीमार का कोप हआ था और लोग तज़ी स मर रह थ म उमर क साथ बठा हआ था और वहा स एक अ तम स कार का जलस गज़रा (17)

23

१५२ हजर (152 H)

- इ तहासकार महममद अलमग़धा व वारा पाया गया एक महामार क राहत

क लए ाथना क एक च टान पर एक शलालख शलालख लखा ह

ओ अलाह मदना क लोग स वबा (महामार रोग) और कठनाई को दर कर लखा गया जमादा साल 152

७३५ (735 H)

- ड थी रया महामार न मद ना म पी ड़त हआ िजस स हर दन 15 लोग क मय होती थी उ ह न इस स पहल ऐसा कछ नह दखा था ७४९ (749 H) - महामार क बीमार न म का म पी ड़त हआ

24

1235 H (1814 CE) - महामार क कारण सामाय प स हजाज़ म 80 0 0 क मौत हो जाती ह 1246 H (1831 CE) - भारत स आई एक महामार क बीमार न म का म तीथया य क तीन चौथाई को मार दया 1252-1255 H (1837 CE-1840 CE) - म का म हज क अव ध म महामार रोग होत ह Pg १३ (13) TLI अमावस का लग - भ व यवाणी और मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय क जीवन म सबक़ नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न 9H म तबक क अ भयान क दौरान

कई

भवयवाणीया क उनम स एक लग जो उनक कई अनयायय को भावत करगा औफ़ बन मा लक अल-अशजाई न कहा

म तबक क अ भयान क दौरान अ लाह क रसल (सि लअ लाह अल ह व सि लम) क पास आया जब क वह चमड़ क बन हए तब म थन बठगया

25

रसलअ लाह (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

दाखल हो ओ औफ़ म कहा मसब या रसलअलाह उहन कहा

आप सभी फर उ ह न कहा

ओ औफ़ छह चीज़ याद रख जो अ तम घट स पहल घ टतक

मर मौत ह म इस स बहत हरान और दखी हआ उ हन कहा

इस पहल क प म गनो फर बतअलमख़दस ज सलम क वजय आएगी फर एक बीमार जो आपक बीच दखाई दगी और आपको औरआपक ब च को शह द क प म मरन का कारण बनगी आपक कम को श ध करगी फर आपक बीच बहत धन होगा ता क अगर एक आदमी को सौ द नार दए जाए तो भी वह असत ट

रहगा और आपक बीच लश होगा जो कसी भी मि लम घर को अछता नह रखगा फर आपक

और रोमन क बीच एक स ध

होगी फर व आपको धोखा दग और असी बनर क साथ आपक ख़लाफ़ माच

करग िजनम स यक क तहत बारह हज़ार सनक हग -(18) नबी क भ व यवाणी म बीमार का उ लख उमर इबन ख़तताब क खलाफत क दौरान हआ वष 18 H 639 CE म एक सय अभयान क दौरान अमावस -

(19) फलसतीन बत अलमखदस(ज सलम) स 30

26

फट पड़ा और नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कई साथी पी ड़त हए अलजौहर न कहा यह इ लाम का पहला लग था

(2 0 ) जसा क नबी (सिलअलाह अलह व सिलम) वारा भ व यवाणी क गई थी उस समय क ख़ल फ़ा उमर न इसक बार म

सना और

उसक चता क कारण उनस मलन क लए नकल पड़ अ द ला इ न अ बास उन घटनाओ का वणन करत ह जब उमर इ न ख़तताब

न शाम (ल वाट फलस तन

वह शरग

नामक एक जगह पर पहच तो सना क कमाडर अब उबयदा इ न जराह और उनक

साथी उमर स मल और बताया क एक लग शाम म फल गया ह अदला इन अबास न कहा उमर न मझस कहा

थम महािजर (सबस श आती मि लम जो मद नाक अ वासी थ) को मर लए

बलाव मन उ ह बलायाएक लग शाम म पी ड़त ह व असहमत थ उनम कछ न कहा आप कसी मामल पर

नकल पड़ हऔर हम नह लगता क आपको इस स पीछ हटना चा हएदसर

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

18

अ लाह का फरमान ह

ا االرض نبات بہ فاختلط السماء من انزلنہ کماء الدنيا الحيوة مثل انما ا و الناس ياکل ممينت و زخرفہا االرض اذااخذت حتی النعام ل امرنا اتہا عليہا قدرون انہم اہلہا ظن و از

ل کذلک باالمس لمتغن کان حصيدا فجعلنہا نہارا او يال يت نفص يتفکرون لقوم اال द नयावी िज़दगी क मसल तो बस पानी क सी ह क हमन उसको आसमान स

बरसाया फर ज़मीन क साग पात िजसको लोग और चपाए खा जात ह (उसक साथ मल-जलकर नकल यहा तक क जब ज़मीन न (फसल क चीज़ स) अपना बनाव सगार कर लया और (हर तरह)

आरासता हो गई और खतवाल न समझ लया क अब वह उस पर यक नन क़ाब पा गए (जब चाहग काट लग) यकायक हमारा ह म व अज़ाब

रात या दन को आ पहचा तो हमन उस खत को ऐसा साफ कटा हआ बना दया क

गोया कल उसम कछ था ह नह जो लोग ग़ौर व फ़ करत ह उनक लए हम आयत को य तफ़सीलदार बयान करत ह (Quran 1024)

क ठनाइय स नपटन का मि लम दशन तब सावभौ मक ब धम ा को दशाता ह और अपन आप स पछता ह म या कर सकता ह एक

अनदखी तमान पर सवाल उठान और या यक गलतफहमी स खद

को पग बनान क बजाय ऐसा सवाल नह करना चाइय ldquoभगवान न

ऐसा य कयाrdquo

19

महामार रोग और लग का फख़ यह सवाल हम या कर सकत ह का चचा इ लामी व वान क बीच कया गया ह वह बीमार जो फलती ह या महामार वग़रह क लए जो स नत म इ तमाल क गई ह वह ह - तावन या वबा कभी-कभी यह श द को परसपार (अदल बदल स) इ तमाल कया जाता ह और अ य समय म यह कसी वशष कार

महामार या रोग जो क महामार क स मान हो या लग इययाद न कहा क ताऊन एक व श ट कार क बीमार

लए सद भत करता हिजस म शर र पर फोड़ फल जात और वबा सभी महामार बीमार क लए इ तमाल करत ह वबा को ताऊन कहा जाता ह य क वह मतय का कारण बन सकता ह

वबा ह ल कन हर वबा ताऊन नह ह - (12 ) म तसर तौर पर ताऊन और वबा एक दसर क बदल म

द य

20

थ म इनक बीच का अतर उस वख़त ज़ र ह जब व श ट हद स पर चचा कया जाता ह नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) का फ़रमान ह

म न (सपन म) दखा एक अनचाह बाल वाल नीरस अधर म हला मद ना स नकल कर महाइया म बसन क

तक क प म या या यत कया क यह मद ना स महाइया यानी अल-

जहफा क तरफ़ भजा जा रहा ह -(13)

यहा पर नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) वबा क तरफ़ इशारा कर रह थ - ख़ास कर मल रया और इ फ़लएनज़ा जो क उस व त मद ना म मौजद थाहा था और शहर इसस यापत था यहातक क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क दोन वालदन इसी बीमार क वजह स गजर ह ग य क इस शहर क साथ जड़ यह बीमार क कारण यहा वबा को बीमार क प मसद भत कया गया जो कई लोग को मारबीमार कर रहा था नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) शहर को इस बीमार स म त करन और श ध करन क व श ट ाथना करत

21

या अ लाह मद नाह को हम यारा बनाइए िजस तरह आप बनया और उस स भी अ धक और इस म होन वाल बख़ार को अल-

जोहफा म थानातरण कर दना ओअ लाह हमार मद औरत द

(भोजन और ावधान क लए वज़न क कार) - (14) और जब नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

ताऊन ( लग महामार क बीमार ) एक रजज़ ( वप ) सज़ा ह जो उसन तम स

पहल आन वाल को दया था और आयशा न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स ताऊन क बार म जानकार क ओर उ हन कहा

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस चाह उस भज दता ह ल कन अ लाह न इस व वा सय क लए एक दया बना दया ह यह दोन सदभ

ताऊन क महामार बीमार का उ लख करत ह नबी (सिल अलाह अलह व सिलम) मदना क तालजक़ स फ़रमात ह

मद ना क वश वार पर वगदत ह जो ताऊन ( लग) और दजजाल ( वरोधी मसीह) को इसम वश करन स रोकत ह -(15)

इस मामल म ताऊन महामार क व श ट बीमार या स धत करता ह ल कन मद ना सामा य महामार क बीमा रय स सर त नह ह

22

इमाम नववावी न कहा

यहा ताऊन का मतलब पीप स भर दान (फ़ोड़) जो शर र पर फटत ह य ऊसन ध या बगल यादत ह सजन और ती दद क साथ

ह ह -(16) यह हद स हमर समझ म मह वपण ह य क मद ना म लग वश होन स सर

ह ल कन महामार रोग स नह कई बार महामार बीमारवश

हई ह उमर (अलाह उनस सन हो) क ख़लाफ़त क समय सहत म का और मद ना क कछ महामार य क ऐ तहा सक समयरखा १३-१४ हजर (13-14H) क बीच -

अब अलअसवद ( स ध व वान िज ह न अरबी याकरण क नयम को नकाला) बयान करत ह

म मदना गया था जब बीमार का कोप हआ था और लोग तज़ी स मर रह थ म उमर क साथ बठा हआ था और वहा स एक अ तम स कार का जलस गज़रा (17)

23

१५२ हजर (152 H)

- इ तहासकार महममद अलमग़धा व वारा पाया गया एक महामार क राहत

क लए ाथना क एक च टान पर एक शलालख शलालख लखा ह

ओ अलाह मदना क लोग स वबा (महामार रोग) और कठनाई को दर कर लखा गया जमादा साल 152

७३५ (735 H)

- ड थी रया महामार न मद ना म पी ड़त हआ िजस स हर दन 15 लोग क मय होती थी उ ह न इस स पहल ऐसा कछ नह दखा था ७४९ (749 H) - महामार क बीमार न म का म पी ड़त हआ

24

1235 H (1814 CE) - महामार क कारण सामाय प स हजाज़ म 80 0 0 क मौत हो जाती ह 1246 H (1831 CE) - भारत स आई एक महामार क बीमार न म का म तीथया य क तीन चौथाई को मार दया 1252-1255 H (1837 CE-1840 CE) - म का म हज क अव ध म महामार रोग होत ह Pg १३ (13) TLI अमावस का लग - भ व यवाणी और मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय क जीवन म सबक़ नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न 9H म तबक क अ भयान क दौरान

कई

भवयवाणीया क उनम स एक लग जो उनक कई अनयायय को भावत करगा औफ़ बन मा लक अल-अशजाई न कहा

म तबक क अ भयान क दौरान अ लाह क रसल (सि लअ लाह अल ह व सि लम) क पास आया जब क वह चमड़ क बन हए तब म थन बठगया

25

रसलअ लाह (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

दाखल हो ओ औफ़ म कहा मसब या रसलअलाह उहन कहा

आप सभी फर उ ह न कहा

ओ औफ़ छह चीज़ याद रख जो अ तम घट स पहल घ टतक

मर मौत ह म इस स बहत हरान और दखी हआ उ हन कहा

इस पहल क प म गनो फर बतअलमख़दस ज सलम क वजय आएगी फर एक बीमार जो आपक बीच दखाई दगी और आपको औरआपक ब च को शह द क प म मरन का कारण बनगी आपक कम को श ध करगी फर आपक बीच बहत धन होगा ता क अगर एक आदमी को सौ द नार दए जाए तो भी वह असत ट

रहगा और आपक बीच लश होगा जो कसी भी मि लम घर को अछता नह रखगा फर आपक

और रोमन क बीच एक स ध

होगी फर व आपको धोखा दग और असी बनर क साथ आपक ख़लाफ़ माच

करग िजनम स यक क तहत बारह हज़ार सनक हग -(18) नबी क भ व यवाणी म बीमार का उ लख उमर इबन ख़तताब क खलाफत क दौरान हआ वष 18 H 639 CE म एक सय अभयान क दौरान अमावस -

(19) फलसतीन बत अलमखदस(ज सलम) स 30

26

फट पड़ा और नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कई साथी पी ड़त हए अलजौहर न कहा यह इ लाम का पहला लग था

(2 0 ) जसा क नबी (सिलअलाह अलह व सिलम) वारा भ व यवाणी क गई थी उस समय क ख़ल फ़ा उमर न इसक बार म

सना और

उसक चता क कारण उनस मलन क लए नकल पड़ अ द ला इ न अ बास उन घटनाओ का वणन करत ह जब उमर इ न ख़तताब

न शाम (ल वाट फलस तन

वह शरग

नामक एक जगह पर पहच तो सना क कमाडर अब उबयदा इ न जराह और उनक

साथी उमर स मल और बताया क एक लग शाम म फल गया ह अदला इन अबास न कहा उमर न मझस कहा

थम महािजर (सबस श आती मि लम जो मद नाक अ वासी थ) को मर लए

बलाव मन उ ह बलायाएक लग शाम म पी ड़त ह व असहमत थ उनम कछ न कहा आप कसी मामल पर

नकल पड़ हऔर हम नह लगता क आपको इस स पीछ हटना चा हएदसर

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

19

महामार रोग और लग का फख़ यह सवाल हम या कर सकत ह का चचा इ लामी व वान क बीच कया गया ह वह बीमार जो फलती ह या महामार वग़रह क लए जो स नत म इ तमाल क गई ह वह ह - तावन या वबा कभी-कभी यह श द को परसपार (अदल बदल स) इ तमाल कया जाता ह और अ य समय म यह कसी वशष कार

महामार या रोग जो क महामार क स मान हो या लग इययाद न कहा क ताऊन एक व श ट कार क बीमार

लए सद भत करता हिजस म शर र पर फोड़ फल जात और वबा सभी महामार बीमार क लए इ तमाल करत ह वबा को ताऊन कहा जाता ह य क वह मतय का कारण बन सकता ह

वबा ह ल कन हर वबा ताऊन नह ह - (12 ) म तसर तौर पर ताऊन और वबा एक दसर क बदल म

द य

20

थ म इनक बीच का अतर उस वख़त ज़ र ह जब व श ट हद स पर चचा कया जाता ह नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) का फ़रमान ह

म न (सपन म) दखा एक अनचाह बाल वाल नीरस अधर म हला मद ना स नकल कर महाइया म बसन क

तक क प म या या यत कया क यह मद ना स महाइया यानी अल-

जहफा क तरफ़ भजा जा रहा ह -(13)

यहा पर नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) वबा क तरफ़ इशारा कर रह थ - ख़ास कर मल रया और इ फ़लएनज़ा जो क उस व त मद ना म मौजद थाहा था और शहर इसस यापत था यहातक क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क दोन वालदन इसी बीमार क वजह स गजर ह ग य क इस शहर क साथ जड़ यह बीमार क कारण यहा वबा को बीमार क प मसद भत कया गया जो कई लोग को मारबीमार कर रहा था नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) शहर को इस बीमार स म त करन और श ध करन क व श ट ाथना करत

21

या अ लाह मद नाह को हम यारा बनाइए िजस तरह आप बनया और उस स भी अ धक और इस म होन वाल बख़ार को अल-

जोहफा म थानातरण कर दना ओअ लाह हमार मद औरत द

(भोजन और ावधान क लए वज़न क कार) - (14) और जब नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

ताऊन ( लग महामार क बीमार ) एक रजज़ ( वप ) सज़ा ह जो उसन तम स

पहल आन वाल को दया था और आयशा न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स ताऊन क बार म जानकार क ओर उ हन कहा

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस चाह उस भज दता ह ल कन अ लाह न इस व वा सय क लए एक दया बना दया ह यह दोन सदभ

ताऊन क महामार बीमार का उ लख करत ह नबी (सिल अलाह अलह व सिलम) मदना क तालजक़ स फ़रमात ह

मद ना क वश वार पर वगदत ह जो ताऊन ( लग) और दजजाल ( वरोधी मसीह) को इसम वश करन स रोकत ह -(15)

इस मामल म ताऊन महामार क व श ट बीमार या स धत करता ह ल कन मद ना सामा य महामार क बीमा रय स सर त नह ह

22

इमाम नववावी न कहा

यहा ताऊन का मतलब पीप स भर दान (फ़ोड़) जो शर र पर फटत ह य ऊसन ध या बगल यादत ह सजन और ती दद क साथ

ह ह -(16) यह हद स हमर समझ म मह वपण ह य क मद ना म लग वश होन स सर

ह ल कन महामार रोग स नह कई बार महामार बीमारवश

हई ह उमर (अलाह उनस सन हो) क ख़लाफ़त क समय सहत म का और मद ना क कछ महामार य क ऐ तहा सक समयरखा १३-१४ हजर (13-14H) क बीच -

अब अलअसवद ( स ध व वान िज ह न अरबी याकरण क नयम को नकाला) बयान करत ह

म मदना गया था जब बीमार का कोप हआ था और लोग तज़ी स मर रह थ म उमर क साथ बठा हआ था और वहा स एक अ तम स कार का जलस गज़रा (17)

23

१५२ हजर (152 H)

- इ तहासकार महममद अलमग़धा व वारा पाया गया एक महामार क राहत

क लए ाथना क एक च टान पर एक शलालख शलालख लखा ह

ओ अलाह मदना क लोग स वबा (महामार रोग) और कठनाई को दर कर लखा गया जमादा साल 152

७३५ (735 H)

- ड थी रया महामार न मद ना म पी ड़त हआ िजस स हर दन 15 लोग क मय होती थी उ ह न इस स पहल ऐसा कछ नह दखा था ७४९ (749 H) - महामार क बीमार न म का म पी ड़त हआ

24

1235 H (1814 CE) - महामार क कारण सामाय प स हजाज़ म 80 0 0 क मौत हो जाती ह 1246 H (1831 CE) - भारत स आई एक महामार क बीमार न म का म तीथया य क तीन चौथाई को मार दया 1252-1255 H (1837 CE-1840 CE) - म का म हज क अव ध म महामार रोग होत ह Pg १३ (13) TLI अमावस का लग - भ व यवाणी और मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय क जीवन म सबक़ नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न 9H म तबक क अ भयान क दौरान

कई

भवयवाणीया क उनम स एक लग जो उनक कई अनयायय को भावत करगा औफ़ बन मा लक अल-अशजाई न कहा

म तबक क अ भयान क दौरान अ लाह क रसल (सि लअ लाह अल ह व सि लम) क पास आया जब क वह चमड़ क बन हए तब म थन बठगया

25

रसलअ लाह (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

दाखल हो ओ औफ़ म कहा मसब या रसलअलाह उहन कहा

आप सभी फर उ ह न कहा

ओ औफ़ छह चीज़ याद रख जो अ तम घट स पहल घ टतक

मर मौत ह म इस स बहत हरान और दखी हआ उ हन कहा

इस पहल क प म गनो फर बतअलमख़दस ज सलम क वजय आएगी फर एक बीमार जो आपक बीच दखाई दगी और आपको औरआपक ब च को शह द क प म मरन का कारण बनगी आपक कम को श ध करगी फर आपक बीच बहत धन होगा ता क अगर एक आदमी को सौ द नार दए जाए तो भी वह असत ट

रहगा और आपक बीच लश होगा जो कसी भी मि लम घर को अछता नह रखगा फर आपक

और रोमन क बीच एक स ध

होगी फर व आपको धोखा दग और असी बनर क साथ आपक ख़लाफ़ माच

करग िजनम स यक क तहत बारह हज़ार सनक हग -(18) नबी क भ व यवाणी म बीमार का उ लख उमर इबन ख़तताब क खलाफत क दौरान हआ वष 18 H 639 CE म एक सय अभयान क दौरान अमावस -

(19) फलसतीन बत अलमखदस(ज सलम) स 30

26

फट पड़ा और नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कई साथी पी ड़त हए अलजौहर न कहा यह इ लाम का पहला लग था

(2 0 ) जसा क नबी (सिलअलाह अलह व सिलम) वारा भ व यवाणी क गई थी उस समय क ख़ल फ़ा उमर न इसक बार म

सना और

उसक चता क कारण उनस मलन क लए नकल पड़ अ द ला इ न अ बास उन घटनाओ का वणन करत ह जब उमर इ न ख़तताब

न शाम (ल वाट फलस तन

वह शरग

नामक एक जगह पर पहच तो सना क कमाडर अब उबयदा इ न जराह और उनक

साथी उमर स मल और बताया क एक लग शाम म फल गया ह अदला इन अबास न कहा उमर न मझस कहा

थम महािजर (सबस श आती मि लम जो मद नाक अ वासी थ) को मर लए

बलाव मन उ ह बलायाएक लग शाम म पी ड़त ह व असहमत थ उनम कछ न कहा आप कसी मामल पर

नकल पड़ हऔर हम नह लगता क आपको इस स पीछ हटना चा हएदसर

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

20

थ म इनक बीच का अतर उस वख़त ज़ र ह जब व श ट हद स पर चचा कया जाता ह नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) का फ़रमान ह

म न (सपन म) दखा एक अनचाह बाल वाल नीरस अधर म हला मद ना स नकल कर महाइया म बसन क

तक क प म या या यत कया क यह मद ना स महाइया यानी अल-

जहफा क तरफ़ भजा जा रहा ह -(13)

यहा पर नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) वबा क तरफ़ इशारा कर रह थ - ख़ास कर मल रया और इ फ़लएनज़ा जो क उस व त मद ना म मौजद थाहा था और शहर इसस यापत था यहातक क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क दोन वालदन इसी बीमार क वजह स गजर ह ग य क इस शहर क साथ जड़ यह बीमार क कारण यहा वबा को बीमार क प मसद भत कया गया जो कई लोग को मारबीमार कर रहा था नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) शहर को इस बीमार स म त करन और श ध करन क व श ट ाथना करत

21

या अ लाह मद नाह को हम यारा बनाइए िजस तरह आप बनया और उस स भी अ धक और इस म होन वाल बख़ार को अल-

जोहफा म थानातरण कर दना ओअ लाह हमार मद औरत द

(भोजन और ावधान क लए वज़न क कार) - (14) और जब नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

ताऊन ( लग महामार क बीमार ) एक रजज़ ( वप ) सज़ा ह जो उसन तम स

पहल आन वाल को दया था और आयशा न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स ताऊन क बार म जानकार क ओर उ हन कहा

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस चाह उस भज दता ह ल कन अ लाह न इस व वा सय क लए एक दया बना दया ह यह दोन सदभ

ताऊन क महामार बीमार का उ लख करत ह नबी (सिल अलाह अलह व सिलम) मदना क तालजक़ स फ़रमात ह

मद ना क वश वार पर वगदत ह जो ताऊन ( लग) और दजजाल ( वरोधी मसीह) को इसम वश करन स रोकत ह -(15)

इस मामल म ताऊन महामार क व श ट बीमार या स धत करता ह ल कन मद ना सामा य महामार क बीमा रय स सर त नह ह

22

इमाम नववावी न कहा

यहा ताऊन का मतलब पीप स भर दान (फ़ोड़) जो शर र पर फटत ह य ऊसन ध या बगल यादत ह सजन और ती दद क साथ

ह ह -(16) यह हद स हमर समझ म मह वपण ह य क मद ना म लग वश होन स सर

ह ल कन महामार रोग स नह कई बार महामार बीमारवश

हई ह उमर (अलाह उनस सन हो) क ख़लाफ़त क समय सहत म का और मद ना क कछ महामार य क ऐ तहा सक समयरखा १३-१४ हजर (13-14H) क बीच -

अब अलअसवद ( स ध व वान िज ह न अरबी याकरण क नयम को नकाला) बयान करत ह

म मदना गया था जब बीमार का कोप हआ था और लोग तज़ी स मर रह थ म उमर क साथ बठा हआ था और वहा स एक अ तम स कार का जलस गज़रा (17)

23

१५२ हजर (152 H)

- इ तहासकार महममद अलमग़धा व वारा पाया गया एक महामार क राहत

क लए ाथना क एक च टान पर एक शलालख शलालख लखा ह

ओ अलाह मदना क लोग स वबा (महामार रोग) और कठनाई को दर कर लखा गया जमादा साल 152

७३५ (735 H)

- ड थी रया महामार न मद ना म पी ड़त हआ िजस स हर दन 15 लोग क मय होती थी उ ह न इस स पहल ऐसा कछ नह दखा था ७४९ (749 H) - महामार क बीमार न म का म पी ड़त हआ

24

1235 H (1814 CE) - महामार क कारण सामाय प स हजाज़ म 80 0 0 क मौत हो जाती ह 1246 H (1831 CE) - भारत स आई एक महामार क बीमार न म का म तीथया य क तीन चौथाई को मार दया 1252-1255 H (1837 CE-1840 CE) - म का म हज क अव ध म महामार रोग होत ह Pg १३ (13) TLI अमावस का लग - भ व यवाणी और मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय क जीवन म सबक़ नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न 9H म तबक क अ भयान क दौरान

कई

भवयवाणीया क उनम स एक लग जो उनक कई अनयायय को भावत करगा औफ़ बन मा लक अल-अशजाई न कहा

म तबक क अ भयान क दौरान अ लाह क रसल (सि लअ लाह अल ह व सि लम) क पास आया जब क वह चमड़ क बन हए तब म थन बठगया

25

रसलअ लाह (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

दाखल हो ओ औफ़ म कहा मसब या रसलअलाह उहन कहा

आप सभी फर उ ह न कहा

ओ औफ़ छह चीज़ याद रख जो अ तम घट स पहल घ टतक

मर मौत ह म इस स बहत हरान और दखी हआ उ हन कहा

इस पहल क प म गनो फर बतअलमख़दस ज सलम क वजय आएगी फर एक बीमार जो आपक बीच दखाई दगी और आपको औरआपक ब च को शह द क प म मरन का कारण बनगी आपक कम को श ध करगी फर आपक बीच बहत धन होगा ता क अगर एक आदमी को सौ द नार दए जाए तो भी वह असत ट

रहगा और आपक बीच लश होगा जो कसी भी मि लम घर को अछता नह रखगा फर आपक

और रोमन क बीच एक स ध

होगी फर व आपको धोखा दग और असी बनर क साथ आपक ख़लाफ़ माच

करग िजनम स यक क तहत बारह हज़ार सनक हग -(18) नबी क भ व यवाणी म बीमार का उ लख उमर इबन ख़तताब क खलाफत क दौरान हआ वष 18 H 639 CE म एक सय अभयान क दौरान अमावस -

(19) फलसतीन बत अलमखदस(ज सलम) स 30

26

फट पड़ा और नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कई साथी पी ड़त हए अलजौहर न कहा यह इ लाम का पहला लग था

(2 0 ) जसा क नबी (सिलअलाह अलह व सिलम) वारा भ व यवाणी क गई थी उस समय क ख़ल फ़ा उमर न इसक बार म

सना और

उसक चता क कारण उनस मलन क लए नकल पड़ अ द ला इ न अ बास उन घटनाओ का वणन करत ह जब उमर इ न ख़तताब

न शाम (ल वाट फलस तन

वह शरग

नामक एक जगह पर पहच तो सना क कमाडर अब उबयदा इ न जराह और उनक

साथी उमर स मल और बताया क एक लग शाम म फल गया ह अदला इन अबास न कहा उमर न मझस कहा

थम महािजर (सबस श आती मि लम जो मद नाक अ वासी थ) को मर लए

बलाव मन उ ह बलायाएक लग शाम म पी ड़त ह व असहमत थ उनम कछ न कहा आप कसी मामल पर

नकल पड़ हऔर हम नह लगता क आपको इस स पीछ हटना चा हएदसर

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

21

या अ लाह मद नाह को हम यारा बनाइए िजस तरह आप बनया और उस स भी अ धक और इस म होन वाल बख़ार को अल-

जोहफा म थानातरण कर दना ओअ लाह हमार मद औरत द

(भोजन और ावधान क लए वज़न क कार) - (14) और जब नबी (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

ताऊन ( लग महामार क बीमार ) एक रजज़ ( वप ) सज़ा ह जो उसन तम स

पहल आन वाल को दया था और आयशा न कहा क वह रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) स ताऊन क बार म जानकार क ओर उ हन कहा

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस चाह उस भज दता ह ल कन अ लाह न इस व वा सय क लए एक दया बना दया ह यह दोन सदभ

ताऊन क महामार बीमार का उ लख करत ह नबी (सिल अलाह अलह व सिलम) मदना क तालजक़ स फ़रमात ह

मद ना क वश वार पर वगदत ह जो ताऊन ( लग) और दजजाल ( वरोधी मसीह) को इसम वश करन स रोकत ह -(15)

इस मामल म ताऊन महामार क व श ट बीमार या स धत करता ह ल कन मद ना सामा य महामार क बीमा रय स सर त नह ह

22

इमाम नववावी न कहा

यहा ताऊन का मतलब पीप स भर दान (फ़ोड़) जो शर र पर फटत ह य ऊसन ध या बगल यादत ह सजन और ती दद क साथ

ह ह -(16) यह हद स हमर समझ म मह वपण ह य क मद ना म लग वश होन स सर

ह ल कन महामार रोग स नह कई बार महामार बीमारवश

हई ह उमर (अलाह उनस सन हो) क ख़लाफ़त क समय सहत म का और मद ना क कछ महामार य क ऐ तहा सक समयरखा १३-१४ हजर (13-14H) क बीच -

अब अलअसवद ( स ध व वान िज ह न अरबी याकरण क नयम को नकाला) बयान करत ह

म मदना गया था जब बीमार का कोप हआ था और लोग तज़ी स मर रह थ म उमर क साथ बठा हआ था और वहा स एक अ तम स कार का जलस गज़रा (17)

23

१५२ हजर (152 H)

- इ तहासकार महममद अलमग़धा व वारा पाया गया एक महामार क राहत

क लए ाथना क एक च टान पर एक शलालख शलालख लखा ह

ओ अलाह मदना क लोग स वबा (महामार रोग) और कठनाई को दर कर लखा गया जमादा साल 152

७३५ (735 H)

- ड थी रया महामार न मद ना म पी ड़त हआ िजस स हर दन 15 लोग क मय होती थी उ ह न इस स पहल ऐसा कछ नह दखा था ७४९ (749 H) - महामार क बीमार न म का म पी ड़त हआ

24

1235 H (1814 CE) - महामार क कारण सामाय प स हजाज़ म 80 0 0 क मौत हो जाती ह 1246 H (1831 CE) - भारत स आई एक महामार क बीमार न म का म तीथया य क तीन चौथाई को मार दया 1252-1255 H (1837 CE-1840 CE) - म का म हज क अव ध म महामार रोग होत ह Pg १३ (13) TLI अमावस का लग - भ व यवाणी और मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय क जीवन म सबक़ नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न 9H म तबक क अ भयान क दौरान

कई

भवयवाणीया क उनम स एक लग जो उनक कई अनयायय को भावत करगा औफ़ बन मा लक अल-अशजाई न कहा

म तबक क अ भयान क दौरान अ लाह क रसल (सि लअ लाह अल ह व सि लम) क पास आया जब क वह चमड़ क बन हए तब म थन बठगया

25

रसलअ लाह (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

दाखल हो ओ औफ़ म कहा मसब या रसलअलाह उहन कहा

आप सभी फर उ ह न कहा

ओ औफ़ छह चीज़ याद रख जो अ तम घट स पहल घ टतक

मर मौत ह म इस स बहत हरान और दखी हआ उ हन कहा

इस पहल क प म गनो फर बतअलमख़दस ज सलम क वजय आएगी फर एक बीमार जो आपक बीच दखाई दगी और आपको औरआपक ब च को शह द क प म मरन का कारण बनगी आपक कम को श ध करगी फर आपक बीच बहत धन होगा ता क अगर एक आदमी को सौ द नार दए जाए तो भी वह असत ट

रहगा और आपक बीच लश होगा जो कसी भी मि लम घर को अछता नह रखगा फर आपक

और रोमन क बीच एक स ध

होगी फर व आपको धोखा दग और असी बनर क साथ आपक ख़लाफ़ माच

करग िजनम स यक क तहत बारह हज़ार सनक हग -(18) नबी क भ व यवाणी म बीमार का उ लख उमर इबन ख़तताब क खलाफत क दौरान हआ वष 18 H 639 CE म एक सय अभयान क दौरान अमावस -

(19) फलसतीन बत अलमखदस(ज सलम) स 30

26

फट पड़ा और नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कई साथी पी ड़त हए अलजौहर न कहा यह इ लाम का पहला लग था

(2 0 ) जसा क नबी (सिलअलाह अलह व सिलम) वारा भ व यवाणी क गई थी उस समय क ख़ल फ़ा उमर न इसक बार म

सना और

उसक चता क कारण उनस मलन क लए नकल पड़ अ द ला इ न अ बास उन घटनाओ का वणन करत ह जब उमर इ न ख़तताब

न शाम (ल वाट फलस तन

वह शरग

नामक एक जगह पर पहच तो सना क कमाडर अब उबयदा इ न जराह और उनक

साथी उमर स मल और बताया क एक लग शाम म फल गया ह अदला इन अबास न कहा उमर न मझस कहा

थम महािजर (सबस श आती मि लम जो मद नाक अ वासी थ) को मर लए

बलाव मन उ ह बलायाएक लग शाम म पी ड़त ह व असहमत थ उनम कछ न कहा आप कसी मामल पर

नकल पड़ हऔर हम नह लगता क आपको इस स पीछ हटना चा हएदसर

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

22

इमाम नववावी न कहा

यहा ताऊन का मतलब पीप स भर दान (फ़ोड़) जो शर र पर फटत ह य ऊसन ध या बगल यादत ह सजन और ती दद क साथ

ह ह -(16) यह हद स हमर समझ म मह वपण ह य क मद ना म लग वश होन स सर

ह ल कन महामार रोग स नह कई बार महामार बीमारवश

हई ह उमर (अलाह उनस सन हो) क ख़लाफ़त क समय सहत म का और मद ना क कछ महामार य क ऐ तहा सक समयरखा १३-१४ हजर (13-14H) क बीच -

अब अलअसवद ( स ध व वान िज ह न अरबी याकरण क नयम को नकाला) बयान करत ह

म मदना गया था जब बीमार का कोप हआ था और लोग तज़ी स मर रह थ म उमर क साथ बठा हआ था और वहा स एक अ तम स कार का जलस गज़रा (17)

23

१५२ हजर (152 H)

- इ तहासकार महममद अलमग़धा व वारा पाया गया एक महामार क राहत

क लए ाथना क एक च टान पर एक शलालख शलालख लखा ह

ओ अलाह मदना क लोग स वबा (महामार रोग) और कठनाई को दर कर लखा गया जमादा साल 152

७३५ (735 H)

- ड थी रया महामार न मद ना म पी ड़त हआ िजस स हर दन 15 लोग क मय होती थी उ ह न इस स पहल ऐसा कछ नह दखा था ७४९ (749 H) - महामार क बीमार न म का म पी ड़त हआ

24

1235 H (1814 CE) - महामार क कारण सामाय प स हजाज़ म 80 0 0 क मौत हो जाती ह 1246 H (1831 CE) - भारत स आई एक महामार क बीमार न म का म तीथया य क तीन चौथाई को मार दया 1252-1255 H (1837 CE-1840 CE) - म का म हज क अव ध म महामार रोग होत ह Pg १३ (13) TLI अमावस का लग - भ व यवाणी और मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय क जीवन म सबक़ नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न 9H म तबक क अ भयान क दौरान

कई

भवयवाणीया क उनम स एक लग जो उनक कई अनयायय को भावत करगा औफ़ बन मा लक अल-अशजाई न कहा

म तबक क अ भयान क दौरान अ लाह क रसल (सि लअ लाह अल ह व सि लम) क पास आया जब क वह चमड़ क बन हए तब म थन बठगया

25

रसलअ लाह (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

दाखल हो ओ औफ़ म कहा मसब या रसलअलाह उहन कहा

आप सभी फर उ ह न कहा

ओ औफ़ छह चीज़ याद रख जो अ तम घट स पहल घ टतक

मर मौत ह म इस स बहत हरान और दखी हआ उ हन कहा

इस पहल क प म गनो फर बतअलमख़दस ज सलम क वजय आएगी फर एक बीमार जो आपक बीच दखाई दगी और आपको औरआपक ब च को शह द क प म मरन का कारण बनगी आपक कम को श ध करगी फर आपक बीच बहत धन होगा ता क अगर एक आदमी को सौ द नार दए जाए तो भी वह असत ट

रहगा और आपक बीच लश होगा जो कसी भी मि लम घर को अछता नह रखगा फर आपक

और रोमन क बीच एक स ध

होगी फर व आपको धोखा दग और असी बनर क साथ आपक ख़लाफ़ माच

करग िजनम स यक क तहत बारह हज़ार सनक हग -(18) नबी क भ व यवाणी म बीमार का उ लख उमर इबन ख़तताब क खलाफत क दौरान हआ वष 18 H 639 CE म एक सय अभयान क दौरान अमावस -

(19) फलसतीन बत अलमखदस(ज सलम) स 30

26

फट पड़ा और नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कई साथी पी ड़त हए अलजौहर न कहा यह इ लाम का पहला लग था

(2 0 ) जसा क नबी (सिलअलाह अलह व सिलम) वारा भ व यवाणी क गई थी उस समय क ख़ल फ़ा उमर न इसक बार म

सना और

उसक चता क कारण उनस मलन क लए नकल पड़ अ द ला इ न अ बास उन घटनाओ का वणन करत ह जब उमर इ न ख़तताब

न शाम (ल वाट फलस तन

वह शरग

नामक एक जगह पर पहच तो सना क कमाडर अब उबयदा इ न जराह और उनक

साथी उमर स मल और बताया क एक लग शाम म फल गया ह अदला इन अबास न कहा उमर न मझस कहा

थम महािजर (सबस श आती मि लम जो मद नाक अ वासी थ) को मर लए

बलाव मन उ ह बलायाएक लग शाम म पी ड़त ह व असहमत थ उनम कछ न कहा आप कसी मामल पर

नकल पड़ हऔर हम नह लगता क आपको इस स पीछ हटना चा हएदसर

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

23

१५२ हजर (152 H)

- इ तहासकार महममद अलमग़धा व वारा पाया गया एक महामार क राहत

क लए ाथना क एक च टान पर एक शलालख शलालख लखा ह

ओ अलाह मदना क लोग स वबा (महामार रोग) और कठनाई को दर कर लखा गया जमादा साल 152

७३५ (735 H)

- ड थी रया महामार न मद ना म पी ड़त हआ िजस स हर दन 15 लोग क मय होती थी उ ह न इस स पहल ऐसा कछ नह दखा था ७४९ (749 H) - महामार क बीमार न म का म पी ड़त हआ

24

1235 H (1814 CE) - महामार क कारण सामाय प स हजाज़ म 80 0 0 क मौत हो जाती ह 1246 H (1831 CE) - भारत स आई एक महामार क बीमार न म का म तीथया य क तीन चौथाई को मार दया 1252-1255 H (1837 CE-1840 CE) - म का म हज क अव ध म महामार रोग होत ह Pg १३ (13) TLI अमावस का लग - भ व यवाणी और मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय क जीवन म सबक़ नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न 9H म तबक क अ भयान क दौरान

कई

भवयवाणीया क उनम स एक लग जो उनक कई अनयायय को भावत करगा औफ़ बन मा लक अल-अशजाई न कहा

म तबक क अ भयान क दौरान अ लाह क रसल (सि लअ लाह अल ह व सि लम) क पास आया जब क वह चमड़ क बन हए तब म थन बठगया

25

रसलअ लाह (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

दाखल हो ओ औफ़ म कहा मसब या रसलअलाह उहन कहा

आप सभी फर उ ह न कहा

ओ औफ़ छह चीज़ याद रख जो अ तम घट स पहल घ टतक

मर मौत ह म इस स बहत हरान और दखी हआ उ हन कहा

इस पहल क प म गनो फर बतअलमख़दस ज सलम क वजय आएगी फर एक बीमार जो आपक बीच दखाई दगी और आपको औरआपक ब च को शह द क प म मरन का कारण बनगी आपक कम को श ध करगी फर आपक बीच बहत धन होगा ता क अगर एक आदमी को सौ द नार दए जाए तो भी वह असत ट

रहगा और आपक बीच लश होगा जो कसी भी मि लम घर को अछता नह रखगा फर आपक

और रोमन क बीच एक स ध

होगी फर व आपको धोखा दग और असी बनर क साथ आपक ख़लाफ़ माच

करग िजनम स यक क तहत बारह हज़ार सनक हग -(18) नबी क भ व यवाणी म बीमार का उ लख उमर इबन ख़तताब क खलाफत क दौरान हआ वष 18 H 639 CE म एक सय अभयान क दौरान अमावस -

(19) फलसतीन बत अलमखदस(ज सलम) स 30

26

फट पड़ा और नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कई साथी पी ड़त हए अलजौहर न कहा यह इ लाम का पहला लग था

(2 0 ) जसा क नबी (सिलअलाह अलह व सिलम) वारा भ व यवाणी क गई थी उस समय क ख़ल फ़ा उमर न इसक बार म

सना और

उसक चता क कारण उनस मलन क लए नकल पड़ अ द ला इ न अ बास उन घटनाओ का वणन करत ह जब उमर इ न ख़तताब

न शाम (ल वाट फलस तन

वह शरग

नामक एक जगह पर पहच तो सना क कमाडर अब उबयदा इ न जराह और उनक

साथी उमर स मल और बताया क एक लग शाम म फल गया ह अदला इन अबास न कहा उमर न मझस कहा

थम महािजर (सबस श आती मि लम जो मद नाक अ वासी थ) को मर लए

बलाव मन उ ह बलायाएक लग शाम म पी ड़त ह व असहमत थ उनम कछ न कहा आप कसी मामल पर

नकल पड़ हऔर हम नह लगता क आपको इस स पीछ हटना चा हएदसर

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

24

1235 H (1814 CE) - महामार क कारण सामाय प स हजाज़ म 80 0 0 क मौत हो जाती ह 1246 H (1831 CE) - भारत स आई एक महामार क बीमार न म का म तीथया य क तीन चौथाई को मार दया 1252-1255 H (1837 CE-1840 CE) - म का म हज क अव ध म महामार रोग होत ह Pg १३ (13) TLI अमावस का लग - भ व यवाणी और मह मद (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थय क जीवन म सबक़ नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न 9H म तबक क अ भयान क दौरान

कई

भवयवाणीया क उनम स एक लग जो उनक कई अनयायय को भावत करगा औफ़ बन मा लक अल-अशजाई न कहा

म तबक क अ भयान क दौरान अ लाह क रसल (सि लअ लाह अल ह व सि लम) क पास आया जब क वह चमड़ क बन हए तब म थन बठगया

25

रसलअ लाह (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

दाखल हो ओ औफ़ म कहा मसब या रसलअलाह उहन कहा

आप सभी फर उ ह न कहा

ओ औफ़ छह चीज़ याद रख जो अ तम घट स पहल घ टतक

मर मौत ह म इस स बहत हरान और दखी हआ उ हन कहा

इस पहल क प म गनो फर बतअलमख़दस ज सलम क वजय आएगी फर एक बीमार जो आपक बीच दखाई दगी और आपको औरआपक ब च को शह द क प म मरन का कारण बनगी आपक कम को श ध करगी फर आपक बीच बहत धन होगा ता क अगर एक आदमी को सौ द नार दए जाए तो भी वह असत ट

रहगा और आपक बीच लश होगा जो कसी भी मि लम घर को अछता नह रखगा फर आपक

और रोमन क बीच एक स ध

होगी फर व आपको धोखा दग और असी बनर क साथ आपक ख़लाफ़ माच

करग िजनम स यक क तहत बारह हज़ार सनक हग -(18) नबी क भ व यवाणी म बीमार का उ लख उमर इबन ख़तताब क खलाफत क दौरान हआ वष 18 H 639 CE म एक सय अभयान क दौरान अमावस -

(19) फलसतीन बत अलमखदस(ज सलम) स 30

26

फट पड़ा और नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कई साथी पी ड़त हए अलजौहर न कहा यह इ लाम का पहला लग था

(2 0 ) जसा क नबी (सिलअलाह अलह व सिलम) वारा भ व यवाणी क गई थी उस समय क ख़ल फ़ा उमर न इसक बार म

सना और

उसक चता क कारण उनस मलन क लए नकल पड़ अ द ला इ न अ बास उन घटनाओ का वणन करत ह जब उमर इ न ख़तताब

न शाम (ल वाट फलस तन

वह शरग

नामक एक जगह पर पहच तो सना क कमाडर अब उबयदा इ न जराह और उनक

साथी उमर स मल और बताया क एक लग शाम म फल गया ह अदला इन अबास न कहा उमर न मझस कहा

थम महािजर (सबस श आती मि लम जो मद नाक अ वासी थ) को मर लए

बलाव मन उ ह बलायाएक लग शाम म पी ड़त ह व असहमत थ उनम कछ न कहा आप कसी मामल पर

नकल पड़ हऔर हम नह लगता क आपको इस स पीछ हटना चा हएदसर

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

25

रसलअ लाह (सि ल अ लाह अलह व सि लम) न कहा

दाखल हो ओ औफ़ म कहा मसब या रसलअलाह उहन कहा

आप सभी फर उ ह न कहा

ओ औफ़ छह चीज़ याद रख जो अ तम घट स पहल घ टतक

मर मौत ह म इस स बहत हरान और दखी हआ उ हन कहा

इस पहल क प म गनो फर बतअलमख़दस ज सलम क वजय आएगी फर एक बीमार जो आपक बीच दखाई दगी और आपको औरआपक ब च को शह द क प म मरन का कारण बनगी आपक कम को श ध करगी फर आपक बीच बहत धन होगा ता क अगर एक आदमी को सौ द नार दए जाए तो भी वह असत ट

रहगा और आपक बीच लश होगा जो कसी भी मि लम घर को अछता नह रखगा फर आपक

और रोमन क बीच एक स ध

होगी फर व आपको धोखा दग और असी बनर क साथ आपक ख़लाफ़ माच

करग िजनम स यक क तहत बारह हज़ार सनक हग -(18) नबी क भ व यवाणी म बीमार का उ लख उमर इबन ख़तताब क खलाफत क दौरान हआ वष 18 H 639 CE म एक सय अभयान क दौरान अमावस -

(19) फलसतीन बत अलमखदस(ज सलम) स 30

26

फट पड़ा और नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कई साथी पी ड़त हए अलजौहर न कहा यह इ लाम का पहला लग था

(2 0 ) जसा क नबी (सिलअलाह अलह व सिलम) वारा भ व यवाणी क गई थी उस समय क ख़ल फ़ा उमर न इसक बार म

सना और

उसक चता क कारण उनस मलन क लए नकल पड़ अ द ला इ न अ बास उन घटनाओ का वणन करत ह जब उमर इ न ख़तताब

न शाम (ल वाट फलस तन

वह शरग

नामक एक जगह पर पहच तो सना क कमाडर अब उबयदा इ न जराह और उनक

साथी उमर स मल और बताया क एक लग शाम म फल गया ह अदला इन अबास न कहा उमर न मझस कहा

थम महािजर (सबस श आती मि लम जो मद नाक अ वासी थ) को मर लए

बलाव मन उ ह बलायाएक लग शाम म पी ड़त ह व असहमत थ उनम कछ न कहा आप कसी मामल पर

नकल पड़ हऔर हम नह लगता क आपको इस स पीछ हटना चा हएदसर

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

26

फट पड़ा और नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कई साथी पी ड़त हए अलजौहर न कहा यह इ लाम का पहला लग था

(2 0 ) जसा क नबी (सिलअलाह अलह व सिलम) वारा भ व यवाणी क गई थी उस समय क ख़ल फ़ा उमर न इसक बार म

सना और

उसक चता क कारण उनस मलन क लए नकल पड़ अ द ला इ न अ बास उन घटनाओ का वणन करत ह जब उमर इ न ख़तताब

न शाम (ल वाट फलस तन

वह शरग

नामक एक जगह पर पहच तो सना क कमाडर अब उबयदा इ न जराह और उनक

साथी उमर स मल और बताया क एक लग शाम म फल गया ह अदला इन अबास न कहा उमर न मझस कहा

थम महािजर (सबस श आती मि लम जो मद नाक अ वासी थ) को मर लए

बलाव मन उ ह बलायाएक लग शाम म पी ड़त ह व असहमत थ उनम कछ न कहा आप कसी मामल पर

नकल पड़ हऔर हम नह लगता क आपको इस स पीछ हटना चा हएदसर

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

27

कहा आपक साथ बाक़ लोग क साथ-

साथ रसलअ लाह (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क सा थ भी ह

नह लगता क आप उ ह लग स अवगत कराऐ तब उमर न कहा रवाना हो फर उ ह न कहा

अनसार (मददगार मद ना क नाग रक

को शरण द) को मर लए बलाव और मन उह बलाया और उहन उनस सलाह ल उनक त या महािजर क तरह थी और व उ ह क तरह असहमत थ वह कह जावो फर उहन न कहा

उन लोग को बलाओ जो क़रश क बज़ग म स ह िज हन म का क वजय क वष को थानात रत कया तो मन उ ह बलाया और उनम स कोई भी इसक बार म

बोल

हमारा ख़याल ह कआपको यह लोग क साथ लौटना चा हए और उनह इस लग क ख़तर म नह लाना चा हए तब उमर न लोग क बीच एक घोषणा क

म सबह लौट रहा ह इसी लए आप भी वापस लौट अब उबादह इन जराह न कहा या आप अलाह क फरमान स भाग रह ह उमर न कहा काश आप क अलावा कसी और न यह कहा होता अब उबादह

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

28

हॉ हम अलाह क फरमान स अलाह क फरमान क तरफ़ भाग रह ह या आपको लगता ह क अगर आपक पास ऊट थ और व घाट म चल गए िज

सक द पहल थ िजनम सएक उपजाऊ था और दसरा बजरय द आप उ ह उपजाऊ ओर स चरत ह तो वह चराई अ लाह क फरमान स होगी और य द

आप उ ह बजर भम पर चरत तो वह चराई भी अ लाह क फरमान स ह होती

अ दल रहमान इ न औफ़ जो कसी काम क लए गए हएह मझ इस म द क बार म कछ जानकार ह म अ लाह क रसल (सि ल अ लाह

अल ह व सि लम) को यह कहत हए सना

जब आप सनत ह क एक भ म म लग ह तो उसक पासर यह उसी भ म म होता ह जहा आप पहल स ह ह तो इस छोड़ना नह इसस भागना नह उमर अ लाह क त त क (अपन सह नणय लन क कारण) और फर चल पड़ - (2 1) कथन क या या करना हम अ लाह क फरमान स भाग रह ह अ लाह क फरमान क तरफ़

इ न हजर न इस कथन क एक और स करण का उ लख कया ह जो इस और

पट करता ह उमर न कहा

य द हम आग बढ़त ह तो यह अ लाह क फरमान क मा यमद हम लौटत ह तो यह भीअ लाह क फरमान क मा यम स ह होगा

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

29

इ न हजर कहत ह अ लाह न हम सतक रहन और उन चीज़आ ा द ह जो हमार वनाश का कारण बनगी च क हम खद को ख़तर म डालन स तब धत कया गया ह हम आग नह बढ़ कर अलाह क फरमान को परा कर रह ह यह हमार लए पहल स ह नधारत था -(2 2 )

लग और महामार क बीमार स धम कस नपटत

अमावस क ताउन म कई आ याि मक सबक़ ह क कसर क सा थय क उदाहरण महामार क दःख क साथ यवहार कसा करता ह - अ लाह उन सब स स न

हो अब उबादह इ न अलजरराह नबी (सि ल अ लाह अल ह जो वो दस म स ह िज ह पग़मबर वारा वग का वादा कया गया था जब क वह अभी भी जी वत

थ क हए थ और अपन लोग क सहायता कर रह थ और उनक सवा म थ वह ममबर

पर चढ़ कर लोग को सा वना दत थ और कहत थ

ऐ लोग यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी कल नक गजरन वाल क (2 3) उसक बाद वह लग स पीड़त हो गए फर उहन

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

30

उन स कहा सईद इ नअलमसय यब बतात ह क जब अबड़त

हए तब उ हन अपन आसपास क ववासयको बलाया और कहा

म आप सभी को एक सलाह द रहा ह अगर आप सभी इस वीकार करत ह तोआप कभी भी अ छाई पर रहना बद नह करग ाथना था पत कर

क मह न म उपवास कर दान प य कर

ह अपन नताओ को सलाह द और उ ह धोखा न दद नयान न दभल ह कोई यि त एक हज़ार साल जी वत रह

खा रह हो - मर म य तक

पहचगअ लाह न आदम क ब च पर म य लखी ह और व गज़र जान क ि थत म हसब स ब धमान वह ह जो अपन अ लाह का आ ाकार करता ह और

जो अपन गत य कअ तम दन क ओर काम करत ह वससलाम अऐकम व रहमतललाह ओ मआज़ इ न जबल ाथना म लोग को नत व कर इसक बाद उनका नधन हो गया अ लाह उनस स न हो उनक अ तम स कार म लोग क सामन खड़ रह कर उ ह सबोधत करत हए कहा

ओ लोग अ लाह क तरफ़ लौटोजो भी सवक अपन पाप स प चाताप करता ह उस मास यो य होन का दावा ह िजनक पास कोई ऋण ह उ हअ लाहका एक सवक अपन ऋण को वापस दन क त ा क तहत आयोिजत

होता ह जो कोई भी आज जागा ह और अपन भाई को (असहम त और पीड़ा क कारण) छोड़

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

31

दया ह फर जाकर उनस मल औरसामज य था पत

कोई भी मि लम अपन भाई को तीन दन स अ धक समयतक छोड़ द ओ मसलमान

आप एक ऐस यि त क गज़र जान स य थत हो गए ह क म दावा नह करता क

मन ऐस अ लाह क सवक को अ धक कत य नषठ या खल दल का नह दाखा ह और (दसर क ओर) स दभा य को दर करन स अ धकअ धक यार और उनक लएशभकामनाए और उ ह सलाह दान वाला नह दखा उस क लए दया और ाथना कर -(2 4) मआज़ इ न जबल क ख़द गज़र जान स पहल अपन ब च और अपन प रवार

को खो दया पर समयसबर स कहत थ वह जो अब उबादहरत थ यह दःख आप सभी क लए एक दया ह नबी क दआ और तम स पहल नक गज़रन वाल क अलहा रस इ न हशाम पग़ बर क साथी (अ लाह उन सड़त होन स पहल शाम को चल गए थ उनक परवार क 70 सदय क साथ और उनम स सभी का नधन हो गया सवाय 4 क उनका भी नधन हो गया शरह ल इ न हसनह फा रस और रोमन सा ा य क वजय क महान सनाप त

और

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

32

बत अलमख़दस (ज सलम) क सना क व सनापतय म स थ इस लग म गज़र गए अलफदल इ न अ बास नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लमभी इसी लग स गज़रगए यज़ीद इ न अब स फ़यान भी गज़रपव इ लाम और

इ लाम क महान साथी और सचालक सहल इ न अमर अपन बट अब जनदल क साथ और अब मा लक अलअशर और कई अ य साथी और अ यधम प ष और म हलाए इस लग म गज़र गए ख़ा लद इ न वल द क प रवार क 40 सद य थ िजन क मौतम हई थी यह दज ह क 2 50 0 0

और कवल 60 0 0 बच गए कछ रपोट ह क नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क अज़ान करन वाल

बलाल इ न रबाह भी उन म स थ जो अमावस क लग क कारण दमशक म गज़र गए (और अ य का उ लख ह क उनका नधन बाद म ाक तक प म हआ ) - (2 5) अ य महान व वान जो लग स गज़र गए व ह महममद स ध श दकोश ताज अलअ स क लखक अब अल असवद अलदअल

स ध

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

33

याकरणकार िजसन अरबी याकरण क पहलनयम लख थ

69H म अल जर फ नामक एक अ य लग म नधन हो गया 819H म लग क कारणइ न हजार अल असकलानी जो हद स क स ध ववान थ उनक तीन ब च क म य हो गई यह उन कारण म स एक था िजसम उ ह न लग म नधन क प य क लए सम पत एक

प तक लखी बधलअल माउन फ़ फ़दल अल ताउन ऐस भी व वान ह िज ह न न लग क बार म लखा और उसक कारण उनका नधन हो गया ताजउद नअलसबक जज़उन फ़ अल ताउन लखा जो लग पर एक

व वतापरण काय ह 771 H म लग क कारण उनका नधन हो गया शहाब अल दन अल तलमसानी िजनका नधन 776

H म हआ अल त ब अल मसनन फ़ दफ़ अलताउन लखार क बीमार क कारण नधन हो गए साथ ह इ न अल वरद िज ह न अल नबा अन अल वबा लखा और 749H म बीमार स गज़र गए साथ ह महान

इ तहासकार अलसफ़द अल वाफ़ बल वफ़ायात क लखकक स कारण क

वपल लखक महामार लग क कारण 764 H म नधन हो गया

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

34

यज़ीद इ न नमाह न सनाया

अल जज़ीफ़ क लग म एक यवा लड़क का नधन हो गया उसक पता न उसक

म य क बाद उस एक सपन म दखा और उसस पछा

मर बट मझ अगल जीवन क बार म बताओ उसन जवाब दया

मर यार पता हमन एक गभीर महान मामल पर सपक कया ह अब हम जानत ह और काय नह कर सकत ह और आप सभी काय करत ह लकन नह जानत ह म अ लाहक क़सम खाती ह क एक या दो मरण (एक या दो बार

सभानअ लाह कहना) या एक या दो रकात नमाज़ मर करम क कताब म मझ पर द नया और इस म जो ह उस स भी य ह - (2 6) अतीत क धा मक न अ लाह प भरोसा करन क नि चतता क साथ दःख क

वा त वकता स नपटा और व वास क साथ क कछ भीह सवाय

उस क इ छा क साथ और कछ भी लया नह जा सकता ह सवाय इसक अनम त क बना उ ह अपन होन पर परा व वास था क एकइ सान को कोई नक़सान अगर लखा हआ ह तो वह हो कर

रहगाऔर जो कछ भी वह खो गया उनक लए कभी भी नह था और यह जीवन एक मा लौ कक

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

35

मह वपण ार भकचरण ह जो उ ह अगल िज़दगी क लए तयार करता ह जसा क हमार यार नबी (सि ल अ लाहअल ह व सि लम) न लग क बार म कहा था क-

यह एक सज़ा ह जो अ लाह िजस कसी पर भीचाहता ह उस भजता ह - और यह क उसन इस ममनीन क लए दया का पा बनाया और वह मि लमीन नह कहा यहा म मन उन लोग क व वास क एक उ च तर को सद भत करता ह जो एक ढ़ व वास ह कवल व वास स पर और इ लामस जस क व वास क तीन तर ह - इ लाम ईमान

या म मन को व वास क एक उ च तर क लए सद भत करता ह जो क द य नणय क ान को बताता ह और इस कवल अग क याओजीभ क कथन म ह नह बि क दय क काय और बयान क साथ

साथ अ लाह पर पण नभरता तकल परि थतय और कत ता क समय म धय यह हमार यार नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) क कथन को और भी शि तशाल बनाता ह ऐस व वासी हमार अ लाह क वचन को त व नत करत ह जो ऐस व वा सय क च ह का वणन ह पग़ बर सवशि तमान वारा सखाए गए सदश का तीक ह और एक आ याि मक सबक़ धानठन समय म आशा का सबस शि तशाल प ह ढ़ता सदश पर ण क मायम स और ान को जानन सबस दयाल सभी उ च

म ह

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

36

अ लाह न अपनपग़ बर को आदश दया क वह पग़ बर को मानवता और

व वासय को बतान क लए वय उस सदशको दान कर

کتب ما اال يصيبنا لن قل المؤمنون فليتوکل علی و مولىنا ہو لنا Qu ra n 9 51 (ऐ रसल) तम कह दो क हम पर हर गज़ कोई मसीबत पड़ नह सकती मगर

जो अ लाह न तमहार लए(तक़द र म) लख दया ह वह हमारा मा लक ह और

और ईमानदार को चाहए भी क अ लाह पर भरोसा रख (9 51) lsquo व छता व वास का आधा ह सा हrsquo - महामार स नपटन का पगबर का तर का नवारक उपाय नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा व छता व वास का आधा ह सा ह ndash (2 7) और िज मदारय का सबस बड़ा प यह ह क एक यि त

पर तरह स साफ रहता ह -

आतरक प स जसा क पहल चचा क गई थी और बाय प स पगबर का उ लख कया गया था 1 आरो यशा - हाथ धोना

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

37

सलमान अ फारसी न एक दन नबी स सपक कया और कहा

ldquoमन टोरा म पढ़ा भोजन म आशीवाद भोजन क बाद हाथ धोन म नहत ह

नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा भोजन म आशीवाद खान स

पहल और बाद म हाथ धोन म न हत हldquo- (2 8) य द खान स पहल और बाद म हाथ धोना ो सा हत कया जाता ह

तब महामार क बीमारय क लए हाथ धोना सबस महवपण ह 2 बीमार लोग को सगरोध करना चा हए और उन लोग क साथ इक ठा और

म ण स दर रहना चा हए जो बीमार नह ह नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा क जो भी व थ ह उस बीमार

क पास नह आना चा हए यह वशष प स मि जद जसी सभाओ क थान क

लए सल न था अ इ न शरद न अपन पता क अ धकार पर सनाया क एक त न धमडल

[पगबर स मलन क लए] सखफ़ स आया था िजसम एक यि त को कठ रोग था

[वह नबी स सपक करना चाहता था और अपनी न ठा क त ा दना चाहता था]

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

38

अलाह क रसल (सिल अलाह अलह व सिलम) न उस एक सदश भजा

हमन आपक नठा को वीकार कया ह इसलए वापस जाओ ndash (2 9) यह हद स सखाता ह क कसी यि त को बीमार को अनब धत न करन क

लए सामािजक दर करन का अ यास करना चा हए य क पगबर (सि ल

अ लाह अल ह व सि लम) न सखाया था एक व थ क साथ एक बीमार झड

को चर|ना न कर ndash (30 )

नबी न इसका उपयोग एक वणन क प म कया ह क व थ लोग को भी बीमार स दर रहना चा हए जब उनक बीमार स ामक हो नबी (सि ल अ लाह अल ह व सि लम) न कहा एक कोढ़ स दर भागना चा हए जस एक शर स दर भागता ह ndash (31) इसका मतलब यह ह क कसी को भी स ामक रोग क साथ कसी क साथ

म ण नह करना चाहए सवाय इसक क व सावधानी बरत या उह सहायता द रह ह [जस वा य कायकता]

3 फलन स रोकनाबचाना नय ण कना अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया य द तम सनत हो क कसी भ म म (भ म क कसी म)

ताऊrsquoन लग (महामार रोग) ह तो उसम दा खल मत हो ( वश न करो) और य द

कसी भ म म ताऊrsquoन फट पड़ और तम उसी जगह हो तो फर वहा स भाग-खड़ न

हो (भ म क उस स बाहर न जाओ)

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

39

इ न हज़र (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) न इस मामल पर अ धक व तार स

चचा क ह और कहा क वहा

िजस भ म पर लग हो रहा ह उस छोड़न क सबध म तीन प र य ह

a) जब कोई यि त इसस भागन क लए छोड़ता ह न क कसी अ य उ द य

स यह न सदह नषध म शा मल ह

b) जब वह इसस दर भागन क अलावा कसी उ द य क लए नकलता ह जस

काम और जस यह नह ह नषध म शा मल ह और यह वह णी ह िजसक

अनम त स सब धत ह-नवावी न बताया क व वान क सहम त थी

c) जब कोई यि त कसी काम क या अ य उ द य स लग वाल थान स

नकलता ह ल कन महामार स सर त होन क उ द य को भी उसस जोड़ता ह तो व वान न इस वषय म मतभद कया ल कन इ न हजार न कहा क

हज़रत उमर इ न ख ाब (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) का ि टकोण यह था क इस मामल म उस उस थान को छोड़न क अनम त हndash (32)

हमार समय म इसका उपयोग यह होगा क जस ह महामार क घोषणा क जाती ह त काल रो गय का सगरोधन कया जाए और भा वत क ओर साम हक

या ा पर तबध जाए साम हक या ा पर तबध लगान म दर करन म न तो समझदार होगी और न ह ब धम ा जब तक य बात नि चत न हो जाए क

महामार क रोकथाम हो चक ह

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

40

हमार समय म हम जो महामार क त या दख रह ह वह एक आलस स भर और

खोखल यास स अ धक क भी नह ह िजसका भाव दर तक पहचता ह (भार

नकसान उठाना पड़ता ह) जब महामार को फलन स रोकन क लए सावधानी नह

बरती जाती ह जसा क पग़बर क आदश म प ट प स उदाहरण म ता ह दोन

ह साधन धा मक आदश वारा व-सगरोधन और साम हक या ा पर तबध

को सख़ती क साथ लाग कया जाना चा हए ता क महामार पर सफलतापवक

नय ण हो सक

4 सावज नक थान को बद करना और मि जद म साम हक ाथना और

जमआह म भाग न लना कल और सावज नक काय म का बद करना ऐसी त याए ह िजनक लए सरकार सलाहकार और व वान क प रषद क

आव यकता होती ह

इ न क़दाम कहत ह और साम हक ाथन एव जमआ ाथना अदा न करन क

छट क लए एक वध कारण पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

क अनसार भयभीत होना भी ह आप न फ़मायाlsquoजो कोई भी अज़ान दन वाल को सनता ह उस कोई बात भी उ का जवाब दन स (अरथात मसिजद जाकर नमाज़

अदा कन स) नह रोकती सवाए वध कारण क लोग न पछा क वध कारण या ह आप न फ़माया डर या बीमार डर क तीन दरज ह

1 खद क लए डर

2 धन क लए डर

3 प रवार क लए डर ndash (33)

पर ण और क ठनाइय पर काब पान

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

41

हज़रत सहब न फ़रमाया क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया एक ईमान वाल का हर मामला आ चयजनक ह य क उसक लए हर काय म भलाई ह भलाई ह ऐसी प रि थ त सवाय उसक कसी और क नह जब वह सम ध पाता ह तब वह

अ लाह का श या अदा कता हआभार होता ह तो उसका भला होता ह और

जब वह कसी वप स पी ड़त होता ह तब वह धय धारण करता ह तो उसका भला होता ह ndash(34) पग़बर स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम फर

स जोर दत ह क इस तरह क समझ आ याि मक जाग कता क वकास स

आती ह यह आ चयजनक मामल क ि थ त एक मrsquo मन क लए ह कवल

मि लम क लए नह

हज़रत म मद इ न लबी न रवायत क य क अ लाह क रसल स ल लाह

अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह फर वह उ ह पर ाओ स वप य स पी ड़त करक

आज़माता ह जो कोई भी उन म धय का दशन कता ह तो उ क प रणाम म उ को तफल म ता ह तथा जो कोई भी अधीरता का दशन कता ह तो उस अधीरता

का दोष लग जाता हndash(35)

हज़रत मसअrsquoब इ न सअrsquoद न अ न बाप स रवायत क या क एक य ती न कहा ऐ अ लाह क रसल कस क़ौम पर सब स िज़यादा बलाए वप या आती ह आप

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया पगबर पर

फर व लोग जो (धा मकताप व ता म) उनक नकटतम ह (अथात

स द क़ नपरम स च) फर जो उनक नकटतम ह (अथात शहदास य एव

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

42

धम क लए अ न ाण क आह त दन वाल) हर यि त को उ क धा मकता क

अनसार आज़माया जाता ह य द उसका धम ठोस ह तो उसक

आज़मायाइश वप अ धक गभीर हो जाती ह और य द उसका धम कमज़ोर ह

तो वह अपन धम क अनसार पी ड़त होता ह भ त को वप या नह छोड़ती यहा तक क वह प वी पर च ता ह और उस पर कोई भी खतादोष बाक़ नह बचताndash(36)

हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न रवायत क या क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

फ़रमाया ldquoय द अ लाह अपन ब दसवक क लए अ छा चा ता ह तो जो भी उसक दोष होत ह वह इस द नया ह म उ क सज़ा दन म तज़ी कर दता ह और

य द वह अपन ब दसवक क लए भलाई नह चा ता ह तो उ क अपराध क साथ

उ को इस द नया म छोड़ रखता ह यहा तक क उ क अपराध क सज़ा उस नणय

क दन दगा

एक और रवायत स अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम न इरशाद फ़रमाया बशक ( क स ब दसवक क प य क) तफल क

अ धकता उ क (धय क साथ झल हई) वप या क अ धकता क साथ होती ह

जब अ लाह तआrsquoला कसी क़ौम स यार करता ह तो ( वप य स) उनको आज़माता ह तो फर जो इस पर (धय कर क) राज़ी रहता ह उ क लए (अ लाह

क ) रज़ामद होगी और जो इस पर (अधय हो कर) ो धत हो जाता ह उ क लए

(अ लाह का) ोध होगाndash(37)

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

43

महामार और बीमार क लए पगबर (हज़रत मह मद स ल लाह अrsquoल ह

वस लम क सखाई हई ाथनए)

य पगबर ाथनाए ह िजनस हम बीमार स द य सर ा चाहत ह कपया इ ह याद

कर अपन यजन पर पढ़कर फक ( याम क भा त दम कर फक) और

ब च को सखाए

1 हज़रत अबान इ न उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न फ़रमाया मन (हज़रत) उrsquo मान इ न अrsquo फान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) को यह कहत हए सना मन अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह

वस लम को यह कहत हए सना अगर कोई तीन बार कहता ह

الذي ال يضر مع اسمه شيء في األرض وال في السماء وهو السميع العليم بسم

बि म ल ह- लज़ी ला यज़ मअrsquo-स मह शउन फल-अिज़ वला फ समाइ

वहव- समीउrsquoल- अrsquoल म अ लाह क नाम स क िजसक नाम क साथ कोई भी चीज़ हानी नह पहचा सकती न ज़मीन म और ना ह आ मान म और वह ख़ब स न वाला ख़ब

जा न वाला ह

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

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फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

44

तो उस कोई भी चीज़ हा न नह पहचा सकती

हज़रत अबान इ न उrsquo मान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) शर र क एक तरफ

क प ाघातलक़व स पी ड़त थ जब रवायत स न वाला एक यि त उनक

पी ड़त शर र क ओर दखन लगा तो आपन उसस कहा आप मझ य या दख

रह ह अ लाह क कसम न मन उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) पर कोई

झठ बाधा ह और न ह उथमान (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न अ लाह क रसल

स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम पर कोई झठ बाधा ह परत िजस

दन म इस रोग स पी ड़त हआ वा तव म म ोध क कारणवश यह ाथना कहना भल गया था -(38)

2 हज़रत अनस इ न मा लक (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) रवायत कत ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना कया करत थ

اللهم إني أعوذ بك من البرص والجنون والجذام ومن سيئ األسقام

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मनल-बर स वल-जन न वल-जज़ा म व

मन स यइल-असक़ा म

ह अ लाह म तर शरण लता ह यकोडमा व ट लगो पागलपन

क ठरोगल सी और बर बीमा रय स ndash(39)

3 हज़रत िज़याद इ न इrsquoलाक़त (रहमत ला ह तआrsquoला अrsquoल ह) अपन चचा स

रवायत कत ह क अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम

यह ाथना कया करत थ

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

45

اللهم جنبني منكرات األخالق واألهواء واألعمال واألدواء

अ लाह म जि न नी म करा तल-अ ला क़ वल-अ वाइ वल-अअrsquoमा ल

वल-अ वाइ

ह अ लाह मझ द ट च र स बर इ छाओ स बर कम स और बर बीमा रओ स दर रखना ndash(40)

4 हज़रत ख़ौला बनत हक म सल मयया (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हा) स

रवायत ह उ ह न कहा म न अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम को यह कहत हए सना जब कोई कसी जगह पर उतरो फर यह

कह

ات أعوذ من شر ما خلق بكلمـات اللـه التام

अऊrsquoज़ ब क लमा त ला ह- ा मा त मन श र मा ख़लक़

म अ ला क शरण लता ह उसन जो कछ बनाया ह उसक बराई स

उस कोई भी चीज़ नकसान नह पहचा स ती जब तक वह उस जगह स चला नह जात हndash(41)

5 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम हर दन शाम और

सबह म इन ाथनाओ का उ चारण करन म कभी भी असफल नह हए

46

نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

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نيا واآلخرة اللهم إني أسألك العافي ة في الد

अ लाह म इ नी असअलकल-आrsquo फयत फ दनया वाल-आ ख़र ह अ लाह म तझस इस द नया म और आ ख़रत म क याण मागता ह

ودنياي وأهلي ومالي والعافية في دينياللهم إني أسألك العفو

अ लाह म इ नी असअलकल-अrsquo व वल-आrsquo फयत फ द नी व दनयाय व

अ ल व माल

ह अ लाह म तझस माफ मागता ह और अपन धम द नया प रवार और माल

म व थता मागता ह

عوراتي وآمن روعاتي اللهم استر

अ लाह म- तर औrsquoराती व आ मन र आrsquoती (आ मर आrsquoती)

ह अ लाह मर दोष भद को छपाए रखना और मझ उन चीज स सर त

रखना िजनस मझ डर लगता ह

ي وأعوذ بعظمتك ق وعن يميني وعن شمالي ومن فو اللهم احفظني من بين يدي ومن خلفي من أن أغتال من تحتي

अ लाह म- फज़नी मन ब न यद य व मन ख़ फ व अrsquoन यमीनी व अrsquoन

शमाल व मन फौक़ व अऊrsquoज़ बअrsquoज़म तक मन अन उ ताल मन त ती

ह अ लाह मर र ा करना मर आग स मर पीछ स मर दाए स मर बाए स

मर ऊपर स और म तर महानता क शरण लता ह इस स क म मार दया जाऊ

मर नीच स अथात म अवमान स नरादर स या अ या शत वप य स तर

महानता क शरण लता ह ndash(42)

6 हज़रत अrsquo द ला इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) स मव ह क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम यह ाथना या करत थ

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

47

ل عافيتك وفجاءة نقمتك وجميع سخطك اللهم إني أعوذ بك من زوال نعمتك وتحو

अ लाह म इ नी अऊrsquoज़ बक मन ज़वा ल नअrsquoम तक व तह व ल

आrsquo फय तक व फजाअ त न म तक व जमीइrsquo रख़ तक ह अ लाह म तर शरण लता ह तर वरदान क अत स तर द हई व थता क

अ व थता म बदल जान स तर सज़ा क अचानक आ जान स और तर सभी कार क अ स नता सndash(43)

7 हज़रत इ न उrsquoमर (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo हमा) न सनाया क अ लाह क

रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद फ़रमाया ldquoजो कोई

कसी पी ड़त को दख और यह ाथना कर

ن خلق تفضيال لني على كثير مم ا ابتالك به وفض الذي عافاني مم الحمد

अ ह द ल ला ह- लज़ी आrsquoफ़ानी मी म तलाक बह व फ़ ज़लनी अrsquoला क(सी) रन मी मन ख़लक़ तफ़ज़ीला

सभी शसा अ लाह क ह िजसन उस आपदा स मर र ा क िजस स आपको आज़माया और मझ अपनी बनाई हई सि ट म बहत ाणीय पर ाथ मकता

द ाथ मकता दन खबी क साथ

तो उस आपदा स उस सर त रखा जाएगा चाह वह कसी ह आपदा होrdquo-(44)

8 हज़रत सअद बन अबी व क़ास (रिज़य लाह तआrsquoला अrsquo ह) न कहा क

अ लाह क रसल स ल लाह अrsquoल ह व अrsquoला आ लह वस लम न इरशाद

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

48

फ़रमाया नन (पगबर यनस अrsquoल ह सलाम जोनाह) क ाथना जब उ ह न पकारा जब क वह हल मछल क पट म थ यह थी

) 2187( ال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين

ldquoला इलाह इलला अत सबहानक इ नी कत मन- ज़ा लमीनrdquo

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (पजा क यो य) नह ह त (हर

ऐrsquoब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह

कोई भी मि लम यि त कभी भी इस ाथना क मा यम स (अपन परवर दगार

स) कोई भी चीज़ नह मागता पर अ लाह उसक सन लता ह ( ाथना वीकार कर

लता ह)rdquo ndash(45)

9 हज़रत अब हररा (रिज़य लाह अ ह) स रवायत ह क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न फ़रमाया चार (चीज़ ) स अ लाह क पनाह मागो وشماتة األعداء (اللهم إنا نعوذ بك من) جهد البالء ودرك الشقاء وسوء القضاء

(ह अ लाह हम तर शरण चाहत ह) गभीर वप य क क ठनाइय स बर अत स

बर भा य स और अपन द मन क दभावनापण आनद सndash(46)

10 हज़रत उमम सलमा (रिज़य लाह अ हा) न अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम स इस कार व णत कया अगर कोई मसलमान जो कसी वप स पी ड़त ह वह कहता ह िजसक अ लाह न उस आ ा द ह

خيرا منه خلف لي وأ ي مصيبت رني في ج هم أ لل ن ا نا إليه راجعو إ ـه و ل إنا ل

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

49

ldquoहम अ लाह क ह और उसी क ओर हम लौटग ऐ अ लाह मर तकल फ क लए

मझ पा रतो षक द इस वप क पीछ मझ इसका अ छा बदल दrdquo

तो अ लाह उस उस खोई हई चीज़ स अ धक अ छ चीज़ दगा rdquo ndash(47)

11 हज़रत अनस (रिज़य लाह अ ह) न बताया क अ लाह क रसल स ल लाह

अल ह वस लम न कहा जब कोई यि त अपन घर स बाहर जाता ह और कहता ह

ة إال حول وال بسم هللا توكلت على هللا وال قو با

ldquo बि म ल ह तव कलत अल ला ह ला हौल वला क़ वत इ ला ब लाहrdquo

अ लाह क नाम स मन अ लाह पर अपना भरोसा रखा (अ छा करन क लए)

कोई शि त नह ओर (बराई स ब चन क लए) कोई बल नह पर अ लाह क

वारा

उस समय उसस कहा जाएगा त हारा बचाव कया जाता ह त हार सर ा क

जाती ह और त ह सर त कया जाता ह

फर शतान उसस अ धक दर भाग जाएग और एक शतान दसर शतान स कहगा तम उस आदमी स कस नपट सकत हो िजसका बचाव कया गया ह िजस क

सर ा क गयी ह और िजस सर त कया गया ह ndash(48)

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

50

12 अब उमामा (रिज़य लाह अ ह) न बयान कया क अ लाह क रसल

स ल लाह अल ह वस लम न कहाः जो हर ाथना (नमाज़) क बाद अयात-अल-

करसी का पाठ करता ह (पढ़ता ह) उस वग म वश करन स कोई चीज़ रोक नह पाती सवाय मौत क (इसका मतलब यह ह क मौत क आत ह वह वग म वश

करन का हक़दार हो जाता ह) -(49)

ه إال هو الحي القيوم ال تأخذه سنة وال نوم له ما في السماوات وم ال إل ا في األرض من ﴿ن علمه إال ذا الذي يشفع عنده إال بإذنه يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم وال ي حيطون بشيء م

[2255]بما شاء وسع كرسيه السماوات واألرض وال يؤوده حفظهما وهو العلي العظيم﴾

अ लाह ला इलाहा इ ला हवल-ह यल-ख़ यम ला ताख़ज़ह सनतन वला नौम

लह मा फ समावा त व मा फ ल-अज़ मनज़ लज़ी य फउ इदह इ ला ब

इज़ नह यालम मा बन ऐद हम वमा ख़ फ़हम वला यह तन बशइि मन

इि मह इ ला बमाशाअ व सअ कस यह- समावा त वल-अज़ वला यऊदह

ह ज़हमा वहवल-अ ल यल-अज़ीम

ख़दा ह वो ज़ात पाक ह क उसक सवा कोई माबद नह (वह) िज दा ह (और) सार

जहान का सभालन वाला ह उसको न ऊघ आती ह न नीद जो कछ आसमानो म ह

और जो कछ ज़मीन म ह (ग़रज़ सब कछ) उसी का ह कौन ऐसा ह जो बग़र उसक

इजाज़त क उसक पास कसी क सफ़ा रश कर जो कछ उनक सामन मौजद ह

(वह) और जो कछ उनक पीछ (हो चका) ह (खदा सबको) जानता ह और लोग उसक

इ म म स कसी चीज़ पर भी एहाता नह कर सकत मगर वह िजस िजतना चाह

( सखा द) उसक कस सब आसमान और ज़मीन को घर हय ह और उन दोन

(आसमान व ज़मीन) क नगाहदा त उसपर कछ भी मि कल नह और वह

आल शान बजग मरतब वाला ह (Quran 2255)

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

51

13 हज़रत श दाद बन औस (रिज़य लाह अ ह) न कहा पग़बर स ल लाह

अल ह वस लम न कहाः स यदल-इि तग़फार ( मा मागन क सबस अ छ

ाथना) यह ह क बदा यह कह

اللهم أنت ربي ال إله إال أنت خلقتني وأنا عبدك وأنا على عهدك ووعدك ما استطعت وأبوء بذنبي فاغفر لي فإنه ال يغفر أعوذ بك من شر ما صنعت أبوء لك بنعمتك علي الذنوب إال أنت

फर पग़बर स ल लाह अल ह वस लम न कहाः य द कोई यि त दन म इस

ढ़ व वास क साथ पढ़ता ह और उसी दन शाम स पहल उसक म य हो जाती ह

तो वह वग य लोग म स होगा और अगर कोई इस रात म ढ़ व वास क साथ

पढ़ता ह और सबह होन स पहल उसक म य हो जाती ह तो वह वग य लोग म स

होगा ndash(50)

14 हज़रत उथमान (रिज़य लाह अ ह) जब वह घायल हो गय थ और उ ह म य स पहल अ य धक मा ा म र तखन बह रहा था तब व कहतजात थ

ع ي م لى ج ع ك ن ي ع ت س أ و ك ي د ه ت س أ ي ن إ م ه لل اال إله إال أنت سبحانك إني كنت من الظالمين ي ر و م أ

س أ و ي ت ي ل لى ب ع ر ب الص ك ل أ

(परवर दगार) तर सवा कोई माबद-ए-बर-हक़ (स चा माबदभगवान) नह ह त

(हर ऐब स हर अवगण स हर दोष स) पाकम त ह बशक म ह क़सरवार ह ह

अ लाह म तझ स मागदशन क ाथना करता ह और अपन सभी मामल क लए

तझ स मददसहायता मागता ह और मर वप आपदा म मझ धय दान करन

क ाथना करता ह -(51)

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

52

अत म

बद उ ज़मा सईद नरसी अ लाह उन पर दया कर (म य-१९६० 1960) तक म

इ लाम क महान धम वप य स ा त हए कछ महान ानपण बात बतात

हए कहत ह

ldquoहा सब कछ जो अि त व म ह यहा तक क जो चीज़ सबस क प तीत होती ह

उसम भी वा त वक स दय का एक बद होता ह हर चीज़ जो कायनात ( माड)

म ह और हर घटना जो उसम घटती ह वह या तो जमील- बज़ा तह अथवा lsquoअपन आप सदरrsquo होती ह या फर जमील- बग़ रह अथवा lsquoदसर क वारा सदरrsquo होती ह

अथात उन प रणाम म स दय होता ह िजनका कारण यह चीज़ या घटना बनती ह

कछ घटनाए ऐसी होती ह जो प ट प स क प बढगी और क ट द तीत होती ह परत इसक आभासी पद और प ट घघट क नीच सदरता क सबस चमकदार

उदाहरण होत ह और कई कार क खर सदरता होती ह ज टल णा लय सट क

वयव था क आकार होत ह वसत ऋत म आप क चड़ धल तफान और भार

बा रश क आभासीका प नक पद को खोलत ह तो दखत ह क य क ठनाइया अपन पीछ चमक ल फल क वभवपण म कान छपाए हए ह तफान भकप

और वप य जसी घटनाओ क घघट तल छप हए कई नराकार अमत फल

कट होत ह कई मताओ क बीज जो वक सत नह हए ह ऐसी ह क प तीत

होन वाल घटनाओ क कारण अक रत होकर उगत ह और सदर होजात ह मानो सामा य उथल-पथल और सावभौ मक प रवतन सभी नराकार वषा ह परत

मन य य क प ट प स भा वत होता ह और वकि त होता ह वह ऐसी घटनाओ क कवल प ट वशषताओ पर वचार करता ह और उ ह क प होन का

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

53

घो षत करता ह च क वह वकि त होता ह वह कवल यह दखता ह क य

घटनाए उस कस भा वत करत ह इस लए उसक अनसार वह उनक क प होन का फसला करता ह हाला क उनक उ द य म स एक मन य स सब धत हो सकता ह हज़ार अ य उ द य अपन नमाता का नाम द शत करना होता हldquondash(52)

इमाम ग़ज़ाल रहमत ला ह अल ह न कहा जीवन क ज टल रा त म जब

क ठनाइय और वप य क ट का सामना कसी यि त को करना पड़ता ह और

क ठनाई और पीड़ा का अधकार लबा हो जाता ह वह धय ह होता ह जो एक मि लम

क लए काश का काय करता ह जो उस इधर-उधर भटकन स बचाए रखता ह

और उस नराशा शि तह नता और क ठा क क चड़ भर दलदल स बचाता हrdquo

प व करान म अ लाह तआला का फरमान ह

ابرين ونبلو أخباركم ]4731[ ولنبلونكم حتى نعلم المجاهدين منكم والص

और हम तम लोग को ज़ र आज़माएग ( नि चत प स त हारा पर ण करग)

ता क तमम जो लोग जहाद करन वाल ह और जो लोग (तकल फ़ झलन क उपरात

भी) धय रखन वाल ह उनक और दसर क बीच का अतर प ट कर द और हम

त हार मामल का पर ण करगत हार हालात जाचग (ता क झठ को स च स

और नाि तक को आि तक स अलग करद) (4731)

عون اء لعلهم يتضر ر ن قبلك فأخذناهم بالبأساء والض إذ فلوال ولقد أرسلنا إلى أمم معوا ولكن قست قلوبهم وزين لهم الشيطان ما كانوا يعملون جاءهم بأسنا تضر

]642-43[

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

Ref for Hindi translation of meaning of the Quran used by mms httpswwwaqurancomindexhtm

54

( य पग़बर) वा तव म हमन आपक सम अनक रा (कई उ मत व भ न

समदाय ) क ओर बहत स रसल दत पग़बर को भजा फर (जब उ ह न आ ा का उ लघन कयानाफ़रमानी क तो) हमन उनको सज़ा द स ती (अ य धक

ग़र बी या धन म हा न) स और तकल फ़ म गर तार कया ( वा य म हा न स

आपदाओ क साथ) ता क वह लोग ( वन तापण हमार शरण म आकर)

गड़ गड़ाए तो जब उन पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हआ तब वह लोग य नह गड़ गड़ाए ( क हम अज़ाब दफा कर दतहटा दत) मगर उनक दल तो स तकठोर हो गए थ ओर उनक कार ता नय को शतान न आरा ता (सशो भतसि जत) कर दखाया था ( फर वह य कर कस लए गड़ गड़ात)

(642)

بضر فال كاشف له إال هو وإن يمسسك بخير فهو على كل شيء قدير -6) وإن يمسسك

17)

और अगर अ लाह तम को कछ यातना स पी ड़त करता ह तो उसको छोड़ कर कोई

और उस यातना को हटा नह सकता ह और अगर वह त ह अपनी कपा स कछ

भलाई दान करता ह तो (भी कोई उस रोक नह सकता य क) वह हर चीज़ पर

क़ा दर ह सवशि तशाल ह (617)

ن الخوف ابرين ولنبلونكم بشيء م ر الص ن األموال واألنفس والثمرات وبش والجوع ونقص م وإنا إليه راجعون صيبة قالوا إنا الذين إذا أصابتهم م

और हम त ह कछ खौफ़ और भख स और माल और जान और फल क कमी स

ज़ र आज़माएगपरखग और (ऐ रसल इस आज़माएपर ण पर) स करन वाल

55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

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55

को खशख़बर द दो क जब उन पर कोई मसीबत आ पड़ी तो वह (बसा ता) बोल

उठ हम तो अ लाह ह क ह और हम उसी क ओर लौट कर जान वाल ह (2155-156)

अ धक पठन

बज़ल मााऊन फ फज़ ल ाऊन - इ न हजर

तोहफतरा ग़बीन फ बया न अ वाईन - ज़क रया अल

असार

(इ न हजर क उपरो त प तक का साराश)

कताबल-इअrsquo तबार - इ न कतबा (इ न मि क़ज़)

56

कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

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कताबल-मरज़ वल-क फारात - इ न

अबी दनया

मा रवाहल-वाउन फ अख़बा र ाउन - अ सयती

कताब ाउन वा अहकामह - अल-

मनि जमी

लग इन अरल इ ला मक ह - माइकल वा टर

डो स

ताउन ऐड वबा क स शनस ओफ लग ऐड पि टल स इन अरल इ लाम -

लॉरस ई कॉनराड

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